Plz is story ko sirf 18+ log hi padhe isme romanch ke sath dark romance or bahot sare amazing twist bhi hai to chaliye le chalte hai apko season 3 me मैरिज हॉल एक शानदार और आकर्षक जगह, जो फूलों की सजावट, रंगीन लाइटों और झूमरों से सजा हुआ है। हॉल के अ... Plz is story ko sirf 18+ log hi padhe isme romanch ke sath dark romance or bahot sare amazing twist bhi hai to chaliye le chalte hai apko season 3 me मैरिज हॉल एक शानदार और आकर्षक जगह, जो फूलों की सजावट, रंगीन लाइटों और झूमरों से सजा हुआ है। हॉल के अंदर का माहौल एक शाही और भव्य वातावरण को दिखा रहा था । ताजे फूलों की माला और गुलदस्ते हॉल को एक सुंदर और आकर्षक रूप दे रहे थे । रंगीन लाइटें और झूमर हॉल को रोशन कर रहे थे । फूलों का एक लंबा स पर्दा जो निकाह के स्टेज को ओर भी खूबसूरत बना रहा था । एक तरफ दूल्हा एक शानदार शेरवानी पहनकर रेड फूलों से बना सेहरा साफा उसके शाही व्यक्तित्व को दिखा रहा था । दूसरी तरफ दुल्हन एक सुंदर गरारे में जो शाही रंग सुनहरे रंग का था। हार, कंगन, बाली और नथ शामिल होते हैं, जो उसकी सुंदरता को और निखर रहे थे । वही कुछ दूर पे से किसी लड़की की आवाज अराही थी ।"सानिया देखो न जीजू शरण रहे है जैसे निकाह करके यह तुम्हे नहीं तुम उन्हें ले जाओगी " इस आवाज में कुछ ऐसा जादू था कि वहां बैठे सारे के सारे मेहमानों की नजरे उसे लड़की पर ठहर गई थी जिस लड़की ने डार्क ब्लू कलर किया लहंगा पहना हुआ था और उसके ब्राउन हेयर करली उसकी कमर के नीचे लहरा रहे थे उसकी ice ब्ल्यू आइज बेहद खूबसूरत थी। वही उसका रंग समुद्र में सदियों से पड़े किसी सीट में पड़े चमकते हुए मोती की तरह पूरे हाल में चमक रहा था ऐसी सुंदरता जो कभी किसी ने देखी ना सुनी थी। वह मुस्कुरा कर अपनी दोस्त सानिया से बातें करती हुई सबके दिलों में उतर रही थी की तभी वहां गोली चलने की आवाज आती है। एक साथ मैरिज हॉल के बाहर रोल रॉयस गाड़ी खड़ी थी ब्लैक उसने से हर गाड़ी से ब्लैक यूनिफॉर्म पहने गॉड्स निकल रहे थे लेकिन उनमें से एक गाड़ी जो उनसे अलगथी।उसने से एक था वैराग्य सिंघानिया माफिया और किंग ऑफ बिज़नस। वैराग्य का लुक बहुत प्रभावशाली था। उसकीं आंखें तेज और गहरी हैं, जो उनके दिमाग की तेजस्विता को दर्शा रही थी उसके बाल काले और घने हैं, जो उनके चेहरे को और भी आकर्षक बना रहे थे । वैराग्य के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कराहट बनी थी जो उनके आत्मविश्वास और शांति को दर्शा रही थी। उसके कंधे चौड़े और मजबूत हैं, जो उनकी दबंग और शक्तिशाली व्यक्तित्व को दर्शा रहे थे । वैराग्य के पहनावे में एक अलग ही स्टाइल था।वह डार्क ग्रे रंग के कपड़े पहने किसी ग्रीक गॉड जैसा लग रहा था , जो उनकी दबंग और रहस्यमयी छवि को और भी बढ़ा थे। वैराग्य ने आगे बढ़ कर दूल्हे को उठाया और बोला " वैराग्य सिंघानिया के कुछ माफिया टाइप डायलॉग जो दूल्हे से कहे गए: - "तुम्हारी शादी नहीं होनी चाहिए, और अगर तुमने ऐसा करने की कोशिश की, तो तुम्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।" दूल्हा समीर खान बोला "
कनक अंबानी
Heroine
Page 1 of 1
Plz is story ko sirf 18+ log hi padhe isme romanch ke sath dark romance or bahot sare amazing twist bhi hai to chaliye le chalte hai apko season 3 me
मैरिज हॉल एक शानदार और आकर्षक जगह, जो फूलों की सजावट, रंगीन लाइटों और झूमरों से सजा हुआ है। हॉल के अंदर का माहौल एक शाही और भव्य वातावरण को दिखा रहा था ।
ताजे फूलों की माला और गुलदस्ते हॉल को एक सुंदर और आकर्षक रूप दे रहे थे ।
रंगीन लाइटें और झूमर हॉल को रोशन कर रहे थे ।
फूलों का एक लंबा स पर्दा जो निकाह के स्टेज को ओर भी खूबसूरत बना रहा था ।
एक तरफ दूल्हा एक शानदार शेरवानी पहनकर रेड फूलों से बना सेहरा साफा उसके शाही व्यक्तित्व को दिखा रहा था ।
दूसरी तरफ
दुल्हन एक सुंदर गरारे में जो शाही रंग सुनहरे रंग का था।
हार, कंगन, बाली और नथ शामिल होते हैं, जो उसकी सुंदरता को और निखर रहे थे ।
वही कुछ दूर पे से किसी लड़की की आवाज अराही थी ।"सानिया देखो न जीजू शरण रहे है जैसे निकाह करके यह तुम्हे नहीं तुम उन्हें ले जाओगी "
इस आवाज में कुछ ऐसा जादू था कि वहां बैठे सारे के सारे मेहमानों की नजरे उसे लड़की पर ठहर गई थी जिस लड़की ने डार्क ब्लू कलर किया लहंगा पहना हुआ था और उसके ब्राउन हेयर करली उसकी कमर के नीचे लहरा रहे थे उसकी ice ब्ल्यू आइज बेहद खूबसूरत थी।
वही उसका रंग समुद्र में सदियों से पड़े किसी सीट में पड़े चमकते हुए मोती की तरह पूरे हाल में चमक रहा था ऐसी सुंदरता जो कभी किसी ने देखी ना सुनी थी।
वह मुस्कुरा कर अपनी दोस्त सानिया से बातें करती हुई सबके दिलों में उतर रही थी की तभी वहां गोली चलने की आवाज आती है।
एक साथ मैरिज हॉल के बाहर रोल रॉयस गाड़ी खड़ी थी ब्लैक उसने से हर गाड़ी से ब्लैक यूनिफॉर्म पहने गॉड्स निकल रहे थे लेकिन उनमें से एक गाड़ी जो उनसे अलगथी।उसने से एक था वैराग्य सिंघानिया माफिया और किंग ऑफ बिज़नस।
वैराग्य का लुक बहुत प्रभावशाली था। उसकीं आंखें तेज और गहरी हैं, जो उनके दिमाग की तेजस्विता को दर्शा रही थी उसके बाल काले और घने हैं, जो उनके चेहरे को और भी आकर्षक बना रहे थे ।
वैराग्य के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कराहट बनी थी जो उनके आत्मविश्वास और शांति को दर्शा रही थी। उसके कंधे चौड़े और मजबूत हैं, जो उनकी दबंग और शक्तिशाली व्यक्तित्व को दर्शा रहे थे ।
वैराग्य के पहनावे में एक अलग ही स्टाइल था।वह डार्क ग्रे रंग के कपड़े पहने किसी ग्रीक गॉड जैसा लग रहा था , जो उनकी दबंग और रहस्यमयी छवि को और भी बढ़ा थे।
वैराग्य ने आगे बढ़ कर दूल्हे को उठाया और बोला "
वैराग्य सिंघानिया के कुछ माफिया टाइप डायलॉग जो दूल्हे से कहे गए:
- "तुम्हारी शादी नहीं होनी चाहिए, और अगर तुमने ऐसा करने की कोशिश की, तो तुम्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।"
दूल्हा समीर खान बोला " कौन हो तुम क्यों ऐसे हमारी शादी में आकर डिस्टर्ब कर रहे हो ?"
वैराग्य" मैं कौन हूं तुम्हारा इससे कोई लेना देना नहीं ,
- "मैं तुम्हारे फैसले को बदलने के लिए तुम्हें एक मौका दे रहा हूं, अगर तुम नहीं मानते हो, तो तुम्हारी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी।"
- "तुम्हारी जिंदगी मेरी मर्जी से चलेगी, तुम्हारी अपनी मर्जी नहीं चलेगी।"
- ", अगर तुम मेरी बात नहीं मानते हो, तो तुम्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।"
- "तुम्हारी शादी का मतलब है मेरे लिए तुम्हारी जिंदगी का अंत, इसलिए मैं ऐसा नहीं होने दूंगा।"
वैराग्य ने समीर को मारना स्टार्ट कर दिया था । वही यह सब देख सनम जो सानिया की शादी अटेंड करने आई थी वह फोलो के पर्दे को हटाती हुई आकर जमीन पे गिरे हुए समीर को उठाने लगती है ।
ओर वैराग्य उसके लंबे बालों को जमीन पे बिखरे देख रहा था ।
वो लड़की जो बेपनाह खूबसूरत थी । उसने गुस्से में अपने बालों को झटका आकर वैराग्य के सामने खड़ी हो गई ।
क्या हो तुम इस तरह आकर तमाशा कर रहे चाहते क्या हो तुम इंसान नहीं जानवर हो तुम "
सनम बोले जा रही थी वही वैराग्य सनम के चेहरे में ऐसा खो गया था ।की वो बस उसे देख कर क्रिपी स्माइल दे रहा था ।
ओर सनम गुस्से में बोले जा रही थी । तभी वैराग्य कहता है " ओके नहीं मारता दुल्हन को बुलाओ यहां "
सनम " क्यों उसे भी मारना है क्या ..?"
वैराग्य " जितना कहा उतना करो "
सनम " बोलो जो बोलना है मुझसे मैं ही हूं दुल्हन "
इतना कहना था कि वैराग्य के चेहरे पे गुस्से की लकीरें पड़ गई थी ।
ओर सनम जिसने अपनी दोस्त को बचाने के लिए खुदको एक अंजान मुसीबत में डाल लिया था ।
वहां खड़े सभी हैरान थे वैराग्य ने सनम को अपने कंधों पे उठाया और उसको बेहोश किया ।
बाहर की तरफ ले जाने लगा तभी उसके इशारा करने पर उसका विदेशी असिस्टेंट मार्गो बोला " अगर किसी ने यह जो हुआ वो डिसकस किया तो वो अपनी जिंदगी से जाएगा "
कुछ ही देर में वहां से सारी गाड़िया जा चुकी थी ।
वैराग्य दर्शन के बड़े ताऊ सा का बेटा एक नो का खडूस ओर बदतमीज

वैराग्य सिंघानिया
सनम श्रीवास्तव निर्भय और निर्भय की खोई बेटी
एक दम त्रिशा जैसी या उससे भी सुंदर निर्भय की छवि

वैराग्य के इशारे पे सारी कार्स वहां के एक एयरपोर्ट पे रुकती है जहां वैराग्य का खुदका जेट रेडी होता है ।
I swear Main tumhari jindagi Hell banaa dunga"
वैराग्य यह कह कर सनम को अपनी गोद में उठता है उसे अजीब सा अहसास होता है ।जैसे उसने फूलों की टोकरी उठा रखी हो सनम से आती खुशबू उसके बालों की लटे वैराग्य के चेहरे पे वो एक पल को खुद पे हैरान हो गया था ।
सनम इतनी नाजुक थी कि वैराग्य को लग रहा था उसने किसी सॉफ्ट फूल को उठा लिया है ।
क्या लगता है दोस्तों आखिर क्या होने वाला है सनम के साथ क्या वैराग्य हकीकत जान पाएगा या वह सनम को गलत ही समझता रहेगा आखिर क्यों बैराग ने सनम की दोस्त सानिया की शादी करवाई थी इसके पीछे का राज क्या है और क्यों वह इस तरह से सनम को दुल्हन समझ कर उठा लाया था यह सब जानने के लिए बने रहिए मेरी स्टोरी के साथ इस स्टोरी को मैं रोज एक पाठ पोस्ट करूंगी अगर अच्छी रिव्यूइंग रही तो थैंक यू सो मच मुझे पढ़ने के लिए
इस समय वैराग्य राजस्थान पहुंच है चुका था उसने अपने प्राइवेट फॉर्म हाउस पे जेट की लैंडिंग करवाई थी ।
वो जैसे ही सनम को लेकर अंदर इंटर करता है सारे सर्वेंट हैरान थे जो वैराग्य लड़कियों से आज तक हाथ मिलना भी गुनाह समझता था ।वो अपने कंधे पे किसी लड़की को उठा लाया है ।
वैराग्य सनम को बेड पे लगभग फेंकते हुए बालकनी पे अचूका था । उसने सिगार जला कर अपने होंठो से लगा ली थी ।
तभी उसका फोन रिंग करने लगा था ।" बड़े सरकार वो लड़की कोई ओर थी उसने सुसाइड कर ली ..."
वैराग्य हैरान होकर कहता है" क्या सबूत है तुम्हारे पास ?"
सरकार आपको इस लड़की की बहन की वीडियो भेज रहा हूं "
वैराग्य अंदर आकर अपने बेड के सामने वाले सोफे पे किसी राजा की तरह बैठ जाता है और लैपटॉप ऑन करके देखने लगता है।
सामने इस लड़की की बहन एनी बंधी हुई रोते हुए कह रही थी " देखो यह लड़की भले ही मेरी बहन है लेकिन........… मैं क्या ही कहूं इसके बारे में इसके वजह से मैं हमेशा परेशानी में रहती हूं"""""""""यह इतने खराब कैरेक्टर की है कि इससे बहन कहते हुए भी शर्म आती है मुझे इसका चक्कर मेरे बॉयफ्रेंड के साथ भी था................... और मेरे बॉयफ्रेंड के दोस्त के साथ भी था तुम्हें यकीन नहीं आता तो मेरे फोन में वीडियो देख लो इसकी लड़कों के साथ यह लड़की हर किसी को अपना दीवाना बना लेती है ना जाने कितनों के साथ सो चुकी है इसे खुद गिनती याद नहीं होगी और इसने अपनी दोस्त के बॉयफ्रेंड को भी फसाने की कोशिश की थी जब वह फंसा नहीं तो उसने अपनी दोस्त से उसका ब्रेकअप कर दिया
"
यह सब देख कर वैराग्य का दिल गुस्से से भर गया था उसने एक नजर बेड पे पड़ी बेहोश सनम को देख ओर गुस्से में अपनी मुट्ठियों को कस लिया । I can't believe this ye ladki aisi nahin ho sakti Na jaane kyon Mera Dil Kah Raha Hai"तभी उसके दिमाग में अपने असिस्टेंट की कही हुई बात याद आती है।
और उसके बहन की कही हुई बातें उसके दिमाग में चलने लगते हैं कुछ ही देर में लैपटॉप में एक वीडियो चल रही थी जिसमें सनम ना के बराबर कपड़ों में बेड पर लेटी हुई अंगड़ाइयां ले रही थी और उसके बगल में एक लड़का था जो अपनी शर्ट उतार रहा था यह देखकर उसका गुस्से से बुरा हाल था उसने लैपटॉप उठा कर फेंक दिया था।
इतनी मासूम दिखने वाली लड़की इतनी घटिया कैसे हो सकती है इसे तो मैं ऐसा सबक सिखाऊंगा की यह याद रखेगी"
मुझे एक बार इस लड़की से बात करनी ही होगी"
वह उसे लड़की को होश में लाने का बहुत कोशिश करता है लेकिन वह लड़की तो ऐसे रिएक्ट कर रही थी जैसे वह नशे में हो ऐसा कैसे हो सकता था। उसने गुस्से में पानी से भर जग सनम के ऊपर डाल दिया था इससे भी जब सनम को होश नहीं आया तो उसने सनम को उठाया और अपने सामने खड़ा करने की कोशिश की तभी उसे सनम की आवाज सुनाई दी जो पूरी नशे में डूबी हुई लग रही थी।"क्या कर रहे हो तुम प्लीज मुझे सोने दो मेरा सर बहुत घूम रहा है"
इतना सुना था कि वैराग्य को और भी गुस्सा आ गया था वह उसे लेकर सीधा वॉशरूम के अंदर आ गया था अब उसने शावर ऑन किया और उसके सामने सनम को खड़ा खड़ा कर दिया शावर का पानी सनम के ऊपर पढ़ने लगा था अब सनम का जिस कांपने लगा था अब वह पूरी तरह से भी कर कांप रही थी।
वैराग्य की नजरे उसके पंखुड़ी जैसे होंठो पे ठहरी बूंदों पे थी उसका दिल जोर से धड़का था ।
वह उसे यूंही देख रहा था किस तरह उसके नाजुक जिस्म पर बूंदें गिर कर खुश हो रही थी उसे भिगो कर ओर उसके कपड़े उससे ऐसे चिपके थे जैसे वो कभी उसे नहीं छोड़ेंगे।
एक पल को वैराग्य का दिल हुआ कि उसके कपड़ो को उससे अलग कर दे फिर उसने खुदको ही डांटते हुए कहा " क्या सोच रहा है फालतू का वैराग्य इसे होश में लाना है "
वही सनम अपनी आंखों को खोलने की कोशिश करते हुए " पानी पानी मैं मर जाऊंगी आह.....आह,,,,,plz,,,,,,,, बचाओ मुझे "
उसके कांपते हुए होंठो को वैराग्य अभी देख ही रहा था कि सनम खुद ही उससे चिपक कर खड़ी हो गई थी ।
और जैसे ही सनम मुझसे चिपकी तो सनम के भीगे हुए नाजुक जिस का कमल सा एहसास वैराग्य की वह धड़कने बढ़ाने में कामयाब हो गया था जिसे वह कब से कंट्रोल कर रहा था।
उसने अपने हाथ बढ़ाकर उसके बालों को पड़कर पीछे किया जिससे सनम के भीगे हुए कांपते हुए वोट ठीक उसके होंटो के सामने थे और वह इतना करीब थे कि एक दूसरे की सांस एक दूसरे के चेहरे पर महसूस कर रहेथे।
वैराग्य अब अपना कंट्रोल होने लगा था उसने अपने होठों को उसके कापते हुए होठों पर रख दिया था और एक आंख से उसके दिल में लग गई थी आज तक उसने कभी किसी लड़की का हाथ तक नहीं पड़ा था और अचानक उसे यह फीलिंग आना और इस तरह किसी को लड़की को किस करना बहुत एक्साइटेड कर रहा था।
वह उसे दीपली किस तरह करने लगा था। जो वक्त के साथ बहुत ही पैशनेट हो गई थी और अब सनम को हल्का-हल्का दर्द भी दे रही थी क्योंकि वह किसके साथ उसके लिप्स को बाइट भी कर रहा था।
तकरीबन 20 से 25 मिनट के बाद जैसे ही वैराग ने महसूस किया की सनम की सांस फूलने लगी हैं उसने उसे छोड़ दिया ऐसा होते ही सनम जो लगभग नशे में थी वह एकदम से अपने सीने पर हाथ रखकर जोर जोर से सांस लेने लगती है उसे ऐसा करते देखा वैराग्य कादिल और जोरो से धड़कने लगा था और वह बेकार बेकरार हो गया था उसने एक झटके से सनम को अपनी ओर खींचा और अपने हाथों को उसकी कमर से होते हुए उसकी पीठ पर ले जाने लगा और अगले ही पल उसने उसकी आंखों में देखते हुए उसके ब्लाउज की डोरी खींच दी थी।
दूसरी तरफ
एक आलीशान बंगला जिसे देखकर देखने वाले की आंखें फटी की फटी रह जाए।
उसे बंगले के सामने कई सारी रोल्स-रॉयस गाड़ियां आकर रुकती हैं।
एक गाड़ी को छोड़कर बाकी सारी गाड़ियों से ब्लैक कलर की यूनिफॉर्म पहने ढेर सारे आदमी निकाल कर बची हुई गाड़ी को घेर लेते हैं।
और इधर जल्दी-जल्दी से एक गार्डन गेट खोल देता है और सेल्यूट करके खड़ा हो जाता है।
यह सारे ब्लैक यूनिफॉर्म वाले आदमी गॉड्स होते हैं और सलूट करने वाला गार्डन इन सब का बॉस होता है वह बढ़कर गाड़ी के पास जाकर अंदर बैठे हुए एक आदमी को इशारा करता है और अंदर बैठा हुआ आदमी कोई और नहीं उनके मालिक का असिस्टेंट था जिसका नाम पीटर था।
यह देखने में 8 फीट का लंबा चौड़ा इंसान जो की असिस्टेंट से ज्यादा गार्ड बॉडीगार्ड लगता था वह उसे गार्ड का इशारा पाते ही कहता है अपने बगल में बैठे हुए अपने बॉस से सर हम विला पहुंच चुके हैं"
वही उसका बस जो बैठा लैपटॉप पर कुछ कर रहा था । पीटर की बात सुनकर लैपटॉप बंद करके किनारे रख देता है और वही उसका जो पर्सनल बॉडीगार्ड था जिसका नाम तेज था वह जाकर दरवाजा खोलता है।
वही दरवाजा खुलते ही अंदर बैठा शख्स अपना पांव एक बाहर निकलता है उसके पैरों में पड़ा हुआ ब्रांडेड जूता चमकता हुआ और वह जब बाहर आता है तो उसने थ्री पीस सूट पहन रखा था जो डार्क ब्लू था वह उसकी पर्सनालिटी को और चार चांद लग रहा था
यह शख्स भी कम सुंदर नहीं होता लंबी चौड़ीकत काठी किसी बॉडीबिल्डर की तरह चमकती हुई आंखें वह काफी ज्यादा स्मार्ट लग रहा था किसी राजकुमार की तरह।
जैसी वह शख्स बाहर आता है वह तेजी से बड़ी पूर्ति के साथ विला के अंदर एंट्री कर जाता है उसके साथ उसके दोनों का और गार्ड भी अंदर आ जाते हैं।
यह शख्स जो इन सब का बॉस था और अंदर बड़ी पूर्ति से आया था यह कोई और नहीं बल्कि वीर रघुवंशी था।
और वीर सिर्फ मुंबई पर ही नहीं इंडिया पर ही नहीं पूरे वर्ल्ड का माफिया किंग था जिसे ईगल के नाम से अंडरवर्ल्ड में जाना जाता था।
वीर रघुवंशी कट सिक्स फीट रंग हुआ बेहद शानदार पर्सनैलिटी जो का ज्यादातर टाइम जिम में या ऑफिस में बीता था पर्सनालिटी ऐसी की कोई लड़की देखे तो बेहोश हो जाए यह कोई और नहीं मृदंग रघुवंशी और मुग्धा रघुवंशी का बेटा था।

Veer raghuvanshi
तृषा जैसी उसको देखते हैं खुशी से दौड़ कर आती है और उसे गले लगाते हुए कहती है "आ गया मेरा गबरू जवान"
वीर "हां दादीसा आखिर आना ही पड़ा आप मानने वाली कहां होतीहैं। आप कभी मेरी सुनती भी है,,,,?"
उसकी बातों में हल्की-हल्की नाराजगी साफ दिख रही थी।
वही तृषा बेपरवाह सी मुस्कुरा रही थी और उसने आवाज लगाई "मुग्ध मुग्ध बेटी जरा आओ तो देखो ना तुम्हारा चांद पूरे 6 महीने बाद निकल आया है"
मुग्धा जैसे ही चंद सुनती है तुरंत भाग कर आती है क्योंकि नीली आंखों के वैसे वीर को घर में सब प्यार से चांदी बुलाते थे।
मुग्धा आंखों में आंसू लिए वीर को देख रही थी"मॉम इसे का दीजिए कि मैं इस बात नहीं करूंगी मैं इससे नाराज हूं"
वीर "ऐसे कैसे बात नहीं करेंगे ठीक है मैं फिर चला जाता हूं"
मुग्धा गुस्से में उसके सीने पर मारते हुए "खबरदार फिर जाने की बात की तो ऐसी रह गया ना तो मैं मम्मी जी की जगह कभी नहीं ले पाऊंगी"उसने मुस्कुरा कर तृषा की ओर देखा था और बोली थी है ना मॉम,,,?"
त्रिशा "हां और क्या यार पता है मुग्धा बेटी मुझे तो लगता है कि मेरे सारे पोते अपने दादाजी को पड़ गए हैं इनका क्या होगा यह भगवान ही जाने"
तभी वीर हंसते हुए कहता है"अच्छा-अच्छा,,,, अभी बहुत हुआ आपका फैमिली ड्रामा मुझे अब आपके हाथ का खाना खाना है जल्दी से मुझे खिलाई तो,,,,, बहुत जोरों की भूख लगी है"
जैसी दिशा ने वीर की यह शब्द सुने थे वह खुशी-खुशी किचन की तरफ सर्वेंट को खाना सर्वे करने का खाने के लिए चली गई थी।
*************
वही राजस्थान का एक बहुत ही मशहूर और बड़ाकॉलेज
जिसमें सारे बॉयज एंड गर्ल्स शूटिंग कर रहे थे और स्टेज पर बैंड्स लगे हुए थे म्यूजिक चल रहा था।
उन आवाज़ों को गौर से सुनने में पता चल रहा था। वह किसी कृपार्थ कृपार्थ के नाम की हुटिंग कर रहे थे।
गर्ल्स उसमें ज्यादा एक्साइटेड लग रही थी बॉयज भी कुछ काम नहीं थे कुछ ही देर में वहां एक बड़ा ही स्मार्ट सा लड़का जिसकी उम्र लगभग 19 20 साल होगी हाथों में गिटार लिए स्टेज पर आता है और अपनी जैकेट को उतार कर घूमते हुए ऑडियंस की तरफ देखा है ऐसा होते ही सारी लड़कियां एक दूसरे पर गिर पड़ी थी और हुटिंग और तेज हो गई थी।
उसे लड़के ने गिटार की धुन बजाते हुए गाना स्टार्ट किया।
हे हे लाललल लाला ,,,,,,,,,,
लाला हे हे हे है है लल्ला""""""
ए मेरी ए मेरी कॉलेज की नटखटी लड़कियों,,,,,"
यू मोहब्बत से मुझको ना देखा करो,,,,"
उसके गाने का शुरू होना ही था कि पूरे कॉलेज में तालियों की आवाज हूटिंग के साथ तेज हो गई थी ।
मेरी मेरी चाहत मेरी आरजू के लिए,,,,,,,,
मेरी चाहत मेरी आरजू के लिए,,,,,,
अपनी मासूमियत को ना रुसवा करो,,,,,,,
गर्ल्स जोर जोर से हूटिंग कर रही थी और बॉयज झूम रहे थे ।
ए मेरी ए मेरी कॉलेज की नटखटी लड़कियों,,,,,"
यू मोहब्बत से मुझको ना देखा करो,,,,"
रहा हूं मैं तुम्हें मशवरा काम का,,,,,,,,
जो भी सोचा है मैंने तुम भी सोचा करो,,,,,,,
ए मेरी ए मेरी कॉलेज की नटखटी लड़कियों,,,,,"
यू मोहब्बत से मुझको ना देखा करो,,,,"
एक लड़की स्टेज पे चढ़ कर आकर उसे हग करने वाली होती है तभी वो हाथों से न का इशारा करते हुए गया है ।
जो बदल जाए मैं वह ज़माना नहीं,,,,,,,,
जो फिसल जाए मैं वह दीवाना नहीं,,,,,,,
वार जाएंगे तेरे यह खाली सभी,,,,,,,,,,,,,
तीर नजरों का मुझ पर ना मारा करो,,,,,,
ए मेरी ए मेरी कॉलेज की नटखटी लड़कियों,,,,,"
यू मोहब्बत से मुझको ना देखा करो,,,,"
एक लड़की उसके तरफ फ्लाइंग किस करती है वह उसे देखकर गाता है।
हर किसी को यह दिलदार मिलता नहीं,,,,,,
इतनी आसानी से प्यार मिलता नहीं,,,,,,,,,,
सॉन्ग खत्म होते ही वो स्टेज से नीचे आता है उसके गार्ड्स उसको घेर लेते है भीड़ से बचकर वो अपनी कार में बैठ कर चैन की सांस लेता है ।
उसके पीछे लड़कियां इस कदर पागल थी कि वह आत्महत्या भी करने को तैयारथी। होती भी क्यों ना वह कोई आम इंसान तो ही ना था वह तो कृपा और दर्शन का इकलौता बेटा था कृपार्थ सिंघानिया जूहू बहू कृपा की कॉफी था और नेचर उसका दर्शन जैसा था लड़कियों से दूर रहने वाला।
तो क्या लगता है दोस्तों मृदंग और मुग्धा के बेटे वीर की लाइफ में कैसी लड़की आनी चाहिए आप सब कमेंट में जरूर बताना
और कृपा के बेटे के लिए किस तरह की लड़की चाहिए आप सब का सजेशन चाहती हूं
दे
उसके पीछे लड़कियां इस कदर पागल थी कि वह आत्महत्या भी करने को तैयारथी। होती भी क्यों ना वह कोई आम इंसान तो ही ना था वह तो कृपा और दर्शन का इकलौता बेटा था कृपार्थ सिंघानिया जूहू बहू कृपा की कॉफी था और नेचर उसका दर्शन जैसा था लड़कियों से दूर रहने वाला।
अब आगे .......
मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया
अंजान आइलैंड
एक आलीशान कमरे में बिना शरट के एक लड़का लेटा हुआ था।
उसके चेहरे पर हल्की शिकन थी शायद कल रात का नशा अभी भी नहीं होता था , उसने एक गहरी सांस ली और फिर से सो गया लेकिन शायद अब उसकी नींद पूरी हो चुकी थी उसने एक झटके में अपने ऊपर पड़ा ब्लैंकेट नीचे फेंक दिया और अचानक की उसकी आंखें खुली थी उसकी आंखें डार्क ब्लू कलर की थी चेहरे पर हल्की-हल्की ब्लैक बियर्ड उसकी आंखें लाल हो रही थी शायद कल रात के नशे की वजह से या फिर बहुत ज्यादा गुस्से की वजह से, उसके होंठ परफेक्ट शेप में इस तरह से कि वह उसकी खूबसूरती में चांद चांद लगाते थे और किसी को भी अपने और आकर्षित कर सकते थे ।
उसका रंग मीडियम था न ज्यादा फेयर न उससे कम था । उसकी हाइट इसका चौड़ा सीना शायद दुनिया की हर लड़की का ख्वाब था।
उसको देखकर पता चल रहा था कि वह किस कदर हैंडसम था। लेकिन उसकी पर्सनालिटी और औरा बेहद ठंड और खतरनाक था।
वह लड़का बिना सोते समय वॉशरूम में घुस गया था और कुछ की देर बाद वह वापस आया तो परफेक्ट बिजनेस सूट में था जिसमें उसकी पर्सनालिटी और भी अट्रैक्टिव हो गई थी।
उसने खुद को शीशे में देखा वह बेहद हॉट लग रहा था। वह एक नजर शीशे को देखकर बाहर निकल गया था।
उसके बाहर निकलते ही उसका पर्सनल सेक्रेटरी जो बाहर सर झुकाए खड़ा था वह बोला"बस आज फिर से मुंबई में व्यक्तियों का अवार्ड इवेंट है और हम इस बार भी नॉमिनेटेड है"
उसकी बात सुनते ही वह लड़का गुस्से में बोला"तो इसमें इतना काटने की कौन सी बात है अगर है तो होने दो???"
सर आपको लगता है यह बहुत बड़ी बात नहीं है?" वह अपने पसीने को पूछते हुए कह रहा था"लेकिन यह बहुत बड़ी बात है इससे पहले आप ऑस्ट्रेलिया में थे और इस अरसे में यहां बहुत कुछ बदल चुका है"
अब आपकी पापा की कंपनी टॉप में नहीं है अब हमारे कंपटीशन में कोई बहुत ही स्ट्रांग आ गया है"
आपने अभी-अभी बिजनेस में कदम रखा है और कोई है जो 4 सालों से यह अवार्ड अपने नाम कर रहा है"
की बात सुनकर इस लड़के के चेहरे पर गुस्से से भरी लिखी है आ गई थी और तुरंत उसने पूछा"कौन है वो?"
बस उसको आज तक किसी ने नहीं देखा है और यही उसकी खासियत है कि उसे किसी ने नहीं देखा"
वह लड़का हंसते हुए कहता है"कैसा आदमी है उसको तुम स्ट्रॉन्ग कह रहे हो"
उसका असिस्टेंट"बॉस को कोई लड़का नहीं लड़की है जो हर किसी से मीटिंग में मास्क लगाकर मिलती है"
अब तुम मेरे सामने मेरी बराबरी में एक लड़की को ले आओगे तुम्हें लगता है कोई लड़की मेरे बराबर खड़ी हो सकती है अभी तक इस लड़की का टाइम था क्योंकि मैं इस फील्ड में नहीं था अब मैं इस फील्ड में हूं उसका टाइम एंड होता है"
क्या पता तुम्हारी वह मुंह छुपाने वाली लड़की यह अवार्ड खरीद लेती हो लेकिन अब उसे पता चलेगा कि उसका पाल किसी ऐसे वैसे से नहीं बल्कि रुद्राक्ष रघुवंशी " से पड़ा है"
रुद्राक्ष रघुवंशी।
बेहद अट्रैक्टिव पर्सनैलिटी और अपने कोल्ड और खतरनाक औरे से जाना जाता था । जिसकी पर्सनालिटी बेहद मिस्टीरियस थी।
इसकी डार्क ब्लू आईज में हमेशा ऐसा लगता था कि जैसे कोई आग जल रही है वह इतनी गहरी थी जो उसे काफी अट्रैक्टिव बनती थी जो लड़की उसको देखी थी वह उसकी दीवानी हो जाती थी उसकी सारी पढ़ाई लिखाई अब तक बाहर हुई थी।
दुनिया दिखाए के लिए वह बहुत ही शांत और सीधे स्वभाव का इंसान था लेकिन वह तो अंदर की बात उसका असिस्टेंट किया उसके घर वाले ही जानते थे कि वह कितना अंदर से डार्क और कितना खतरनाक था।
वह एक शैतान था मानो वह कब क्या करता था क्या सोचता था कोई नहीं जानता था वह अपने घर वालों को बिना बताए एक अपने ही आईलैंड पर चला आया था।
निर्भय रघुवंशी का इकलौता बेटा और उनकी बीवी निर्भया कितना चाहती थी कि वह इंडिया लौट आए लेकिन वह नहीं आया था और वह भी मिस्टीरियस था।
लेकिन आखिरकार कल रात उसके दर्द में उसे इमोशनल ब्लैकमेल करके उसे ऑस्ट्रेलिया का पूरा बिजनेस अंपायर की जिम्मेदारी सौंप दी थी अब वह पूरे अंपायर का अकेला मलिक था।
ऐसा नहीं था कि निर्भय रघुवंशी के सिर्फ एक ही बेटा ही था उनकी एक बेटी भी थी।जो खो गई थी ।
त्रिशा उसको वापस इंडिया में चाहती थी । इसलिए निर्भय उसे इंडिया बुलाना चाहता था ।

रुद्राक्ष रघुवंशी
वही दूसरी तरफ लोनावला
एक सुनहरी सुबह ख़ुसूरत से बंगले की बालकनी से होकर जाती धूप जो उस रूम के बेड पे लेटी शख्सियत को उठाने में कामयाब नहीं हो पाई थी ।
कमरे में हर तरफ ढेर सारे पेपरो का अंबार बिखरा पड़ा था जिस बात की गवाही दे रहा था की रात भर मेहनत करने वाले को अपनी मेहनत पसंद नहीं आई थी।
उसकी सुंदरता अद्वितीय थी। वह एक कामयाब बिजनेस वुमन बन गई थी, जिसकी आँखें हरी और गहरी थीं। उसके बाल रेशमी और लंबे थे, जो उसकी पीठ पर झूलते हुए एक सुंदर दृश्य प्रस्तुत करते थे। उसके चेहरे पर आत्मविश्वास और सफलता की चमक थी, जो उसे और भी आकर्षक बनाती थी।
वह एक अप्सरा की तरह सुंदर थी, जिसकी सुंदरता और व्यक्तित्व दोनों अद्वितीय थे। उसकी हरी आँखें जैसे कि एक जादुई दुनिया की खिड़की थीं, जो उसकी गहराई और भावनाओं को दर्शाती थीं।
तभी उसके दरवाजे पर नौकरी और वह गुस्से में अपनी हरि आपको खोलते हुए उठ बैठी थी किसी की हिम्मत नहीं थी उसके घर में कि उसे इस वक्त उठा देता।
उसने रिमोट का बटन प्रेस किया सामने उसकी सेक्रेटरी जारा खड़ी थी।
अपने हाथों को बने सब को झुकाए वह कहती है"मैं सॉरी तो डिस्टर्ब यू बट क्या करती अभी 1 घंटे बाद आपकी ऑस्ट्रेलिया वाले लोगों से मीटिंग है" और आपने ही कहा था, की यह मीटिंग आप .......आप खुद अटेंड करेंगी "
आज दिन में आपकी लगभग तीन मिटिंग है इसके बाद 1:00 बजे इटली वाली डेलिगेट्स के साथ मीटिंग है और शाम में 3:00 बजे के करीब मशहूर बिजनेसमैन जो अभी-अभी यहां शिफ्ट हुए हैं लंदन से उनके साथ मीटिंगहै"
उसकी सारी बातें सुनकर सामने बैठकर बैठी हुई लड़की ने अपने बालों को पड़कर लपेटा औरबोली"मुझे अच्छे से पता है मेरी कब कितने बजे किसके साथ हुई है तुम्हें टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है"
उसके अंदाज पर जारा अपना पसीना पूछते हुए घबरा कर वहां से जाने लगी थी क्योंकि सामने बैठी लड़की कोई और नहीं उसकी कंपनी की सीईओ के साथ डायरेक्टर भी हो गई थी।
काफी डरती भी क्यों नहीं क्योंकि सामने बैठी लड़की कोई और नहीं एक टाइम के जाने माने बिजनेसमैन अंबानी की बड़ी बेटी कनक अंबानी थी ।

कनक अंबानी
****************
इधर वैराग्य अब पूरी तरह सनम के हुस्न खो चुका था ।उसने सनम का ब्लाउज थोड़ा नीचे किया ।ओर उसके कंधे पे अपने प्यासे होंठ रख दिए ।
सनम जो बिल्कुल होश में होकर भी बेहोशी की हालत में थी ।उसने जैसे ही अपने कंधों पे किसी के गर्म होंठ महसूस किए तो तुरंत खुदको छुड़ाने लगी ।
" ये क्या कर रहे हो तुम घटिया आदमी दूर रहो मुझसे "
अभी सनम उससे अपने गुस्से ओर नफरत का इजहार कर ही रही थी कि तभी वैराग्य ने उसे अपने करीब खींच कर उसके ब्लाउज को उसके नाजुक हिस्से के नीचे कर दिया ओर उसके सॉफ्ट निप्प**** को पांच करते हुए बोला " यू hate me babe but your body loves me your nipple hard when I touch"
Itna kah kar vairagya ne Sanam ke bra ke andar se uske nipple ko pinch karna start ker diya tha jisse siya siskane lagi thi
सनम जो बिल्कुल होश में होकर भी बेहोशी की हालत में थी ।उसने जैसे ही अपने कंधों पे किसी के गर्म होंठ महसूस किए तो तुरंत खुदको छुड़ाने लगी ।
" ये क्या कर रहे हो तुम घटिया आदमी दूर रहो मुझसे "
अभी सनम उससे अपने गुस्से ओर नफरत का इजहार कर ही रही थी कि तभी वैराग्य ने उसे अपने करीब खींच कर उसके ब्लाउज को उसके नाजुक हिस्से के नीचे कर दिया ओर उसके सॉफ्ट निप्प**** को पांच करते हुए बोला " यू hate me babe but your body loves me your nipple hard when I touch"
Itna kah kar vairagya ne Sanam ke bra ke andar se uske nipple ko pinch karna start ker diya tha jisse sanam.siskane lagi thi
अब आगे ..........
मत करो pls तुम यह सब क्यों कर रहे हो pls मुझे छोड़ दो मेरी मोम मेरे लिए परेशान ओर डैड मुझे ढूंढ रहे होंगे
वो खुदको छुड़ाते हुए कह रही थी ।
वही वैराग्य जो उसे परेशं कर रहा था अब इसके जज्बातों में आग लग चुकी थी ।उसने सनम।की बर*** हटाई और उसके पिंकिश निप**** को अपने रफ होंठो में ले लिया ।
सनम को अपने पैरों के बीच मोइस महसूस हो रहा था ।
वो आपे नर्म गुलाबी होठों को अपने दांतों के बीच दबा कर आगे भरने लगी थी ।
तभी एक दम से मोबाइल की रिंगिंग सुनाई देती है । सनम होश में आते हुए छोड़ो मुझे तुमने किस हक से मुझे छुआ है ?"
ज़रूर तुमने मुझे कोई नशा दिया है तभी मैं आह,,,,,,,,"
वैराग्य ने एक नजर उसकी आंखों को देखा जिसमें नशे के साथ आंसू भी थे वो होश में आते हुए वहां से बाहर जाता है ।
कॉल अटेंड करके "बोलो अगर कोई जरूरी काम ना हुआ तो समझ लेना तुम्हारा आखिरी दिन है"
बैरागी ने अपनी शर्ट पहनते हुए कहा और दूसरी तरफ से इसका खास आदमी बोला"जो लड़कियां हमने सप्लाई की थी उनसे बात नहीं बनी,उसे कुछ अलग चाहिए तो क्यों न जिस लड़की को आप इंडिया से लिए है उसे,,,,,,,"
अभी उसकी बात पूरी भी नहीं हो पाई थी कि तभी गुस्से से वैराग्य चीखा तेरी बहन को भेज देते हैं?"
वो लड़की सप्लाई नहीं होगी वो मेरे साथ इंडिया जाएगी ।
**************
Angel night club
वीर कम ऑन बेबी , तुम कब से यहां बैठे काम में बिजी हो चलो मैं डांस करते हैं , कितना काम करते हो इतना काम करने की जरूरत ही क्या है पूरी दुनिया तुम्हारी ही तो है ?
पलक में मुंह बनाते हुए कहा था । वहीं वीर ने अपनी गर्दन की तरफ उठाई और अपनी नीली आंखों से उसको देखा वह जो कब से बैठा लैपटॉप पर कुछ कर रहा था पालक की बातों से उसका ध्यान उसकी तरफ गया।
वह इस वक्त हल्का गुस्सा होते हुए बिखरे बालों के साथ अपनी नीली आंखों को उसे भूलने का काम में लाते हुए किसी कामदेव का अवतार लग रहा था।
वही वीर के सारे आदमी असिस्टेंट उसके बॉडीगार्ड चारों तरफ चल की निगाह रखे हुए वहां तैनात थे और होते भी क्यों ना वीर को आम इंसान से था नहीं आखिरकार वह मृदंक रघुवंशी का इकलौता बेटा जो था वीर रघुवंशी।
उसने अपनी नजरे उठाकर पलक को देखा ही था। उसके चेहरे पर अलग ही भाव आ गए थे वही पलक जानती थी वह एक साल से वीर रघुवंशी को डेट कर रही थी और उसने अपने मन में सोच रखा था कि वह उसी से शादी करेगी।
वही वीर ने अपने स्टाइल में और कोड वाइज में कहा "यस यू आर राइट काम तो मैं हर रोज ही करता हूं"
इतना कहकर वीर ने पलक को अपनी ओर खींचा और उसकी गर्दन में अपना चेहरा छुपा लिया।
पालक की सांस थम गई थी क्योंकि वीर कभी उसके करीब नहीं आता था और आता था तो उसे ऐसे ही पागल कर देता था।
वह बोली रूम में चलते हैं प्लीज यहां नहीं प्लीज सब देखेंगे"
वही वीर ने उसकी यह बातें सुनकर और उसकी बड़ी हुई सांसों को देखा तो बोला "यहां क्यों नहीं?"
मुझे किसी से डर नहीं लगता और आज तो मैं और तुम एक दूसरे की बाहों में यही रात गुजारेंगे"
इतना कहकर वीर ने पलक को सोकर पर गिरा दिया था और फिर उसके ऊपर आ गया था।
उसके करीब जाने लगा था कि तभी उसके मोबाइल में रिंग होने लगती है।
रिंग की आवाज सुनते ही पलक ने गुस्से भरी निगाहों से वीर को देखा क्योंकि वह दोनों एक साल से रिलेशन में थे लेकिन अब तक फिजिकल नहीं हुए थे और वह अब फिजिकल होना चाहतीथी।
वह गुस्से में चल की तरह उसके फोन को झपट हुई बोली यह तुम्हारा फोन ना मेरी सौतन हो गया है"
लेकिन भी नहीं जब उसकी यह हरकत देखी तो वह बोला "अपनी लिमिट क्रॉस मत करो ना जाने किसका फोन है" वह अपनी शर्ट के बटन बंद करते हुए बोला।
कौन मर गयाहै?"
वहीं दूसरी तरफ सैम जो जल्दी से डरते हुए बोला बॉस ग्रैंड मास्टर को पता चल गया है ,जल्दी आइए अब मुझसे हैंडल नहीं हो पा रहा है ।"
इतना सुनते ही वीर मोबाइल जमीन पर पटक दिया था ।
ओर गुस्से में वहां से चला गया था वही पलक का गुस्से में बुरा हाल था ।
************
वही दूसरी तरफ रुद्राक्ष मीटिंग अटेंड करके अपने आइलैंड वापस जाने की तैयारी कर रहा था तभी उसका मोबाइल रिंग हुआ था ।
रुद्राक्ष अपना मोबाइल उठते हुए नरमी से बोला हेलो दीदा किसी हो आप?"
मैं ठीक हूं तुम घर कब आ रहे हो ?"
कब तक तुम अपनी मोम को तड़पाओगे ?अपनी मोम के बारे में नहीं तो डैड का ही सोचो "
ओर उनका भी न सही तो मेरे सोचो ऐसा न हो मैं तुम्हारे इंतेज़ार में रहूं ही न ..."
अभी त्रिशा की बात खत्म नहीं हुई थी कि रुद्राक्ष गुस्से में बोला दीदा दोबारा मत कहना आप यह बात "
ओर ई थिंक dida आप सास बहु सीरियल्स देखने लगी हो तभी इतनी सेंटी बातें कर रही हो ,ओर कौन सी जिम्मेदारी नहीं उठाई मैने बताइए जरा मुझे ?"
कुछ ही देर में वह अपने आइलैंड पे था ।अपने विला के हॉल में बैठा किसी राजा जैसा लग रहा था ।सामने टीवी चल रही थी ।उसका सारा ध्यान टीवी पर था ।ओर कुछ ही देर में डिक्लेयर हो गया था कि बेस्ट बिजनेस अवॉर्ड गोज to कनक अंबानी ।
जैसे ही यह नाम अनाउंस हुआ था रुद्राक्ष की पकड़ रिमोट पे कस गई थी उसकी आंखें लाल हो गई थी ।
तभी उसका असिस्टेंट बोला जैसा मैने आपको बताया था "
उसकी बात पे रुद्राक्ष उसको घूरते हुए बोला " जरूरी नहीं कि हर बार वही हो जो होता अरह है "
इतना कह कर उसने उसे जाने का इशारा किया ओर गहरी सांस लेते हुए बोला " हर बार की तरह इस बार भी यह अवार्ड ले चुकी हो तुम कनक अंबानी, लगता है अब तुमसे मिलने का टाइम आगया है ,बहुत उड़ लिया अकेले आसमान में अब तुम्हारे पर करने अर्ह हूं"