शहर की सर्द सुबह थी। हवा में हल्की सी नमी और कॉफी की खुशबू घुली हुई थी। कॉलेज के बाहर भीड़ धीरे-धीरे बढ़ रही थी, और उन्हीं चेहरों में एक चेहरा था — राही का। राही… एक साधारण सी लड़की, पर उसके ख्याल कुछ असाधारण थे। उसकी आँखों में हमेशा कुछ तलाश रहता था... शहर की सर्द सुबह थी। हवा में हल्की सी नमी और कॉफी की खुशबू घुली हुई थी। कॉलेज के बाहर भीड़ धीरे-धीरे बढ़ रही थी, और उन्हीं चेहरों में एक चेहरा था — राही का। राही… एक साधारण सी लड़की, पर उसके ख्याल कुछ असाधारण थे। उसकी आँखों में हमेशा कुछ तलाश रहता था — शायद अपनी मंज़िल, शायद खुद को। बचपन से ही उसे किताबों में सुकून मिलता था। वो जब भी उदास होती, किसी कहानी के पन्नों में खो जाती। उसका बैग हमेशा थोड़ा भारी रहता था — नोटबुक्स से नहीं, नॉवेल्स से। और उन नॉवेल्स में सबसे खास जगह थी — “अद्विक” की किताबों की। वो हर शब्द को ऐसे पढ़ती जैसे किसी ने उसकी अपनी कहानी लिख दी हो। कभी-कभी तो उसे लगता, “काश… इस लेखक को मैं एक बार मिल पाती।” पर कौन जानता था कि किस्मत ने वही चाहत उसके लिए लिख रखी है। --- शहर के दूसरी तरफ़, एक ऊँची बिल्डिंग के शांत फ्लैट में एक शख्स लैपटॉप के सामने बैठा था — अद्विक। कमरे में बिखरे कॉफी मग, कुछ नोट्स, और दीवार पर टंगे उसके बुक कवर पोस्टर्स — हर एक किताब, एक अलग इमोशन। पर वो, जो लाखों दिलों का पसंदीदा रोमांस राइटर था, अपनी असल पहचान किसी को नहीं बताता था। लोग सिर्फ़ उसके शब्दों से वाकिफ़ थे, चेहरे से नहीं। “लेखक अद्विक” एक नाम था — पर “इंसान अद्विक” किसी के लिए नहीं। वो मानता था, “प्यार को समझने के लिए उसे जीना नहीं, लिखना जरूरी है।” पर शायद, अब वक्त आने वाला था जब उसकी ये सोच बदल जाएगी। --- कॉलेज की लाइब्रेरी में उस दिन राही को एक नई बुक दिखी — “शब्दों के उस पार” — लेखक: अद्विक उसने किताब को ऐसे उठाया जैसे कोई पुराना दोस्त मिल गया हो। पन्ने पलटते ही मुस्कुराई — “ये इंसान लिखता नहीं, महसूस करवाता है…” वो वही किताब हाथ में लेकर कैंपस के बगीचे में बैठ गई। कुछ देर तक दुनिया थम सी गई थी। लोग बातें कर रहे थे, हँस रहे थे, पर राही के लिए बस वो किताब थी और उसके शब्द। उसे नहीं पता था कि ठीक उसी वक्त, उसके कुछ किलोमीटर दूर, वही लेखक अपने लैपटॉप पर अगली कहानी शुरू कर रहा था — एक लड़की के बारे में, जिसका नाम था राही। --- उस शाम जब सूरज शहर के शीशे जैसे टावरों के पीछे ढल रहा था, राही की दोस्त मिशा ने उसे छेड़ा — “तू तो उस लेखक के पीछे पागल है, नाम लिया नहीं कि चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।” राही ने हल्की सी हँसी के साथ कहा, “कभी-कभी लगता है, शायद वो समझता है जो मैं कभी कह नहीं पाई…” मिशा बोली, “तो मिल ले उससे, आजकल तो सबके पेज होते हैं सोशल मीडिया पर।” राही ने सिर हिलाया
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भाग 1 — “शब्दों के उस पार”
शहर की सर्द सुबह थी। हवा में हल्की सी नमी और कॉफी की खुशबू घुली हुई थी।
कॉलेज के बाहर भीड़ धीरे-धीरे बढ़ रही थी, और उन्हीं चेहरों में एक चेहरा था — राही का।
राही… एक साधारण सी लड़की, पर उसके ख्याल कुछ असाधारण थे।
उसकी आँखों में हमेशा कुछ तलाश रहता था — शायद अपनी मंज़िल, शायद खुद को।
बचपन से ही उसे किताबों में सुकून मिलता था। वो जब भी उदास होती, किसी कहानी के पन्नों में खो जाती।
उसका बैग हमेशा थोड़ा भारी रहता था — नोटबुक्स से नहीं, नॉवेल्स से।
और उन नॉवेल्स में सबसे खास जगह थी — “अद्विक” की किताबों की।
वो हर शब्द को ऐसे पढ़ती जैसे किसी ने उसकी अपनी कहानी लिख दी हो।
कभी-कभी तो उसे लगता, “काश… इस लेखक को मैं एक बार मिल पाती।”
पर कौन जानता था कि किस्मत ने वही चाहत उसके लिए लिख रखी है।
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शहर के दूसरी तरफ़,
एक ऊँची बिल्डिंग के शांत फ्लैट में एक शख्स लैपटॉप के सामने बैठा था — अद्विक।
कमरे में बिखरे कॉफी मग, कुछ नोट्स, और दीवार पर टंगे उसके बुक कवर पोस्टर्स —
हर एक किताब, एक अलग इमोशन।
पर वो, जो लाखों दिलों का पसंदीदा रोमांस राइटर था,
अपनी असल पहचान किसी को नहीं बताता था।
लोग सिर्फ़ उसके शब्दों से वाकिफ़ थे, चेहरे से नहीं।
“लेखक अद्विक” एक नाम था — पर “इंसान अद्विक” किसी के लिए नहीं।
वो मानता था, “प्यार को समझने के लिए उसे जीना नहीं, लिखना जरूरी है।”
पर शायद, अब वक्त आने वाला था जब उसकी ये सोच बदल जाएगी।
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कॉलेज की लाइब्रेरी में उस दिन राही को एक नई बुक दिखी —
“शब्दों के उस पार” — लेखक: अद्विक
उसने किताब को ऐसे उठाया जैसे कोई पुराना दोस्त मिल गया हो।
पन्ने पलटते ही मुस्कुराई — “ये इंसान लिखता नहीं, महसूस करवाता है…”
वो वही किताब हाथ में लेकर कैंपस के बगीचे में बैठ गई।
कुछ देर तक दुनिया थम सी गई थी।
लोग बातें कर रहे थे, हँस रहे थे, पर राही के लिए बस वो किताब थी और उसके शब्द।
उसे नहीं पता था कि ठीक उसी वक्त,
उसके कुछ किलोमीटर दूर, वही लेखक अपने लैपटॉप पर अगली कहानी शुरू कर रहा था —
एक लड़की के बारे में, जिसका नाम था राही।
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उस शाम जब सूरज शहर के शीशे जैसे टावरों के पीछे ढल रहा था,
राही की दोस्त मिशा ने उसे छेड़ा —
“तू तो उस लेखक के पीछे पागल है, नाम लिया नहीं कि चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।”
राही ने हल्की सी हँसी के साथ कहा,
“कभी-कभी लगता है, शायद वो समझता है जो मैं कभी कह नहीं पाई…”
मिशा बोली, “तो मिल ले उससे, आजकल तो सबके पेज होते हैं सोशल मीडिया पर।”
राही ने सिर हिलाया — “नहीं… कुछ लोग बस किताबों में अच्छे लगते हैं।”
पर शायद उसे नहीं पता था,
किताबों वाला वो “कोई” अब उसकी ज़िंदगी की कहानी में भी शामिल होने वाला है।
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दूसरे दिन, अद्विक अपने नए उपन्यास के लॉन्च इवेंट पर जाने वाला था —
पहली बार वो पब्लिक अपीयरेंस देने वाला था, पर एक फिक्शनल नाम से।
मंच पर वो होगा, पर चेहरा ढका हुआ।
“Advik A.” — यही नाम और यही पहचान।
और ठीक उसी दिन,
कॉलेज ने लिटरेरी फेस्ट में ऐलान किया —
“कल हमारे शहर में मशहूर रोमांस लेखक Advik A. आ रहे हैं, अपनी नई किताब ‘शब्दों के उस पार’ के साथ।”
राही ने ये सुनते ही किताब को सीने से लगा लिया —
“काश… मैं वहाँ जा पाती…”
और शायद यही सोच उसकी तक़दीर को आगे बढ़ाने वाली थी,
क्योंकि किस्मत को पसंद है ऐसी कहानियाँ,
जहाँ दो अनजान रास्ते, एक मोड़ पर आकर मिल जाते हैं।
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✨ जारी रहेगा...
(अगले भाग में: राही की पहली मुलाकात — बिना जाने, अपने पसंदीदा लेखक से 💞)
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भाग 2 — “वो पहली मुलाक़ात”
सुबह का सूरज धीरे-धीरे आसमान पर चढ़ रहा था,
और शहर की गलियों में रफ्तार लौट आई थी।
कॉलेज का कैंपस भी आज कुछ ज़्यादा ही चहक रहा था।
पोस्टर, बैनर, और हर कोने में एक ही नाम लिखा था —
“Meet the famous romance writer — ADVIK A.”
राही के लिए ये किसी सपने से कम नहीं था।
वो पिछले दो साल से अद्विक की किताबें पढ़ रही थी।
उसकी हर कहानी ने उसके दिल को छुआ था।
कई बार तो वो खुद अपनी नोटबुक में अद्विक के शब्दों को लिखती और सोचती,
“क्या कोई इतना गहराई से महसूस कर सकता है?”
पर आज...
आज वो उसके ही शहर में था।
वो लेखक, जिसके शब्दों में उसने खुद को ढूंढा था।
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राही की सबसे अच्छी दोस्त मिशा ने सुबह से ही उसे परेशान कर रखा था।
“सुन, तू तो पागल है इस अद्विक पर! आज तो चल ना उस इवेंट में!”
राही ने कॉफी का मग पकड़े-पकड़े जवाब दिया,
“मिशा… वहाँ भीड़ होगी, और वैसे भी… मैं बस उसकी किताबों की फैन हूँ,
वो असल में कैसा है, पता नहीं।”
मिशा ने शरारती मुस्कान दी —
“और अगर वही तेरा soulmate निकला तो?”
राही ने आँखें घुमाईं —
“सोलमेट्स किताबों में अच्छे लगते हैं, रियल लाइफ़ में नहीं।”
लेकिन उसकी हँसी में भी एक हल्का-सा कंपकंपाता हुआ ख्याल था।
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दूसरी तरफ़ — शहर के एक आलीशान होटल में,
Advik अपने कमरे की खिड़की के पास खड़ा था।
उसकी आँखों में नींद नहीं थी — बस बेचैनी थी।
आज पहली बार वो अपने readers के बीच जा रहा था।
वो जो हमेशा अपने शब्दों के पीछे छिपता था,
अब सामने आने वाला था — भले नकाब के साथ।
उसने शीशे में खुद को देखा, और मुस्कुराया —
“लोग मेरे शब्दों से मुझे जानते हैं… शायद इतना ही काफी है।”
उसने अपना चेहरा ढकने वाला आधा मास्क उठाया।
काला, सादा, बिना किसी पहचान के।
वो नहीं चाहता था कि दुनिया उसका चेहरा याद रखे —
वो चाहता था कि लोग उसकी कहानियाँ याद रखें।
उसकी असिस्टेंट ने दरवाज़े पर दस्तक दी —
“सर, गाड़ी तैयार है। कार्यक्रम शुरू होने में सिर्फ़ एक घंटा बचा है।”
Advik ने गहरी साँस ली, अपनी किताब की एक कॉपी उठाई,
और धीरे से कहा —
“शायद आज किसी को मेरी कहानी में खुद की झलक मिले…”
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कॉलेज का ऑडिटोरियम खचाखच भरा हुआ था।
हर चेहरा उत्सुक, हर आवाज़ में उत्साह।
राही और मिशा भी भीड़ में किसी तरह जगह बना चुकी थीं।
मंच पर हल्की लाइटें टिमटिमा रही थीं,
और पर्दे के पीछे सब तैयारियाँ पूरी हो चुकी थीं।
घोषक की आवाज़ गूँजी —
“लेडीज़ एंड जेंटलमेन, प्लीज़ वेलकम द मोस्ट लव्ड रोमांस राइटर ऑफ़ द टाइम — Advik A.”
तालियों की गड़गड़ाहट गूँज उठी।
और उसी तालियों के बीच,
वो मंच पर आया — काले सूट में, चेहरे पर आधा मास्क,
और आँखों में एक अजीब-सी शांति।
राही की नज़र उसी पर टिक गई।
वो नहीं जानती थी कि उसे क्यों लगा —
कि इस इंसान की मौजूदगी में कुछ जाना-पहचाना है।
जैसे उसके शब्दों की गर्मी इस शख्स से निकल रही हो।
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Advik ने माइक संभाला।
“कभी-कभी, प्यार उन शब्दों में नहीं होता जो हम कहते हैं,
बल्कि उन खामोशियों में होता है जो हम सुन नहीं पाते।”
उसकी आवाज़ धीमी थी, मगर गहराई से भरी हुई।
राही के हाथ अनजाने में काँप गए।
वो मुस्कुराई —
“ये तो बिल्कुल उसी की तरह बोलता है… जैसे मेरी किताबों का अद्विक।”
मिशा ने कान में फुसफुसाया,
“राही, यही तो वो है!”
राही ने सिर झुकाकर किताब को सीने से लगा लिया।
“काश… मैं इस पल को रोक पाती।”
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कार्यक्रम के बाद बुक साइनिंग सेशन शुरू हुआ।
भीड़ लंबी थी। हर कोई एक ऑटोग्राफ चाहता था।
राही और मिशा भी लाइन में लग गईं।
राही के दिल की धड़कनें तेज़ थीं।
उसके हाथ में वही किताब थी — “शब्दों के उस पार”
जिसे उसने अनगिनत बार पढ़ा था।
हर पन्ने में जैसे अद्विक का चेहरा देखा हो।
लाइन आगे बढ़ती गई।
और आखिर… राही की बारी आई।
Advik ने सामने देखा —
एक लड़की, साधारण कपड़ों में, लेकिन आँखों में कुछ बहुत गहरा।
उसने मुस्कुराकर पूछा,
“नाम?”
राही ने धीरे से कहा —
“राही।”
Advik के हाथ ठिठक गए।
“राही…”
वो नाम जैसे उसके अंदर कहीं पहले से लिखा था।
उसे याद आया — उसने अपने नए उपन्यास में भी तो यही नाम चुना था।
“राही — एक लड़की जो शब्दों में खो जाती है…”
उसने सिर उठाया, आँखों से हल्की मुस्कान दी —
“खूबसूरत नाम है।”
राही ने पलटकर कहा —
“आपके शब्दों जितना नहीं।”
Advik का दिल कुछ पल को थम गया।
वो जवाब नहीं दे सका। बस किताब पर साइन किया,
और नीचे वही लिखा जो उसके दिल से निकला —
“To Raahi… sometimes readers are the reason writers believe in love.”
राही ने साइन देखा और कुछ सेकंड वहीं ठिठक गई।
वो नहीं जानती थी क्यों, लेकिन उसके दिल में एक सिहरन-सी दौड़ गई।
उसने धीरे से कहा,
“आपके शब्द… दिल में उतर जाते हैं।”
Advik ने मुस्कुरा कर जवाब दिया,
“शायद इसलिए क्योंकि वो दिल से ही निकलते हैं।”
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राही बाहर आई तो उसके कदम जैसे ज़मीन पर नहीं थे।
उसके हाथ में साइन की हुई किताब थी, और दिल में हज़ार धड़कनें।
मिशा ने चुटकी ली —
“लगता है तू सच में प्यार में पड़ गई है, राही।”
राही ने जवाब नहीं दिया। बस आसमान की तरफ देखा और बोली —
“प्यार… शायद वो होता है, जब कोई तुम्हारे दिल की बातें बिना जाने लिख दे।”
उसे नहीं पता था कि वो जो शब्द पढ़ती है,
वो अब उसके लिए लिखे जाने वाले हैं।
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रात को घर आकर उसने किताब खोली।
साइन के नीचे लिखी वो एक पंक्ति बार-बार पढ़ती रही।
हर बार उसे लगा, जैसे कोई उसकी तरफ हाथ बढ़ा रहा हो।
वो नहीं जानती थी कि उसी वक्त,
Advik अपने फ्लैट में लैपटॉप खोलकर लिख रहा था —
> “आज पहली बार मुझे लगा,
मेरी कहानी किसी और की आँखों में पूरी होती है।”
स्क्रीन पर उसने टाइप किया —
Chapter 1: वो लड़की, जो मेरी किताब में थी।
और पेज के नीचे उसने वही नाम लिखा —
राही।
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🌙 जारी रहेगा...
(अगले भाग में — “राही की जिंदगी में अद्विक का नाम फिर लौटेगा, लेकिन इस बार किसी किताब के पन्ने से नहीं, उसकी असली दुनिया में…”)
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भाग 3 — “इंतेज़ार और नज़दीकियाँ”
शहर की सड़कों पर हल्की सर्दी और हल्की धूप का संगम था।
कॉलेज के गेट के पास राही अपने दोस्तों के साथ बैठी थी।
उसके हाथ में वही किताब थी — “शब्दों के उस पार” — और आँखें अभी भी उस दिन की स्मृति में खोई थीं।
साइन की हुई पंक्ति बार-बार उसके मन में गूंज रही थी:
"To Raahi… sometimes readers are the reason writers believe in love."
मिशा ने उसके कंधे पर हाथ रखा, मुस्कुराते हुए कहा,
“तू अब भी सोच रही है उसी आदमी के बारे में, राही?”
राही ने हल्की हँसी के साथ सिर हिलाया,
“मिशा… उसे मैं जानती तक नहीं, पर फिर भी… ऐसा लगता है जैसे वो मुझे समझ गया हो।”
मिशा ने आँखें मटकाईं —
“चल, आज ट्यूशन के बाद हम तुम्हें उसके इवेंट की और क्लिप दिखाएँगे। लेकिन याद रखना,
तुमसे मिलना आसान नहीं होगा। वो लेखक… वो सिर्फ़ किताबों में रहता है।”
राही ने सिर झुका लिया, लेकिन उसके चेहरे पर हल्का सा सपना चमक रहा था।
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कॉलेज के बाद राही बगीचे में किताब पढ़ने बैठी थी।
सर्द हवा उसके बालों को खेला रही थी।
वो हर शब्द को बड़े ध्यान से पढ़ रही थी, जैसे हर वाक्य उसके अंदर उतर रहा हो।
तभी अचानक उसके पास एक छाया आई।
राही ने उठकर देखा — सामने Advik खड़ा था।
लेकिन चेहरा आधा ढका हुआ था, जैसा इवेंट में था।
उसकी आँखों में वही शांत और गहरी चमक थी, जो उसने किताबों में महसूस की थी।
राही का दिल जोर से धड़क उठा।
“ये… ये कैसे?” उसने धीरे से पूछा,
“आप… आप वही हैं?”
Advik मुस्कुराया, उसकी मुस्कान में हल्की शर्म और गर्माहट दोनों झलक रही थी।
“शायद हाँ… शायद नहीं। नाम के आगे मास्क लगा हुआ है, पर मैं वही हूँ जो तुम्हारी किताब पर साइन किया था।”
राही थोड़ी हिचकिचाई, फिर उसने किताब अपने हाथ में पकड़ ली।
“तो आप वही लेखक हैं… वो… जो मेरी किताबों में… वो सब लिखा करता है?”
Advik ने सिर हिलाया, “हाँ, वही। लेकिन अब मैं चाहता हूँ कि तुम मुझे सिर्फ लेखक के रूप में ना देखो… मैं भी इंसान हूँ, राही।”
राही की सांस अटक गई।
वो कभी नहीं सोच सकती थी कि उसका पसंदीदा लेखक इतने करीब, इतनी असलियत में सामने होगा।
“मैं… मैं…”
शब्द उसके होंठों पर ठहर गए।
Advik ने हल्का हँसते हुए कहा,
“तुम चुप क्यों हो? शब्दों की लड़की… शब्दों में खो गई?”
राही ने किताब हाथ से पकड़े रखा, आँखें जमीन पर गड़ाईं।
“मैं… बस… आपसे… सच में मिलना चाहती थी।”
Advik ने उसके हाथ से किताब gently ली,
और साइन की पंक्ति को देखते हुए बोला,
“और अब हम मिल गए हैं… तो क्या लगता है, मेरी कहानी को तुम्हारी दुनिया में जगह मिल सकती है?”
राही ने उसकी आँखों में देखा —
वो वही गहराई थी, जो उसने हर पन्ने में महसूस की थी।
“शायद… हाँ,” उसने धीरे से कहा।
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अगले कुछ दिनों में राही और अद्विक के बीच बातचीत बढ़ती गई।
वो उसके कॉलेज में अक्सर दिखाई देते, कभी-कभी बिना पहचान के।
Advik चाहता था कि राही उसे वैसे जान पाए जैसे वो इंसान है, लेखक नहीं।
और राही भी धीरे-धीरे महसूस करने लगी कि वो सिर्फ़ शब्दों का दीवाना नहीं है —
वो उस इंसान से जुड़ रही है, जिसने उसके दिल को छू लिया था।
एक शाम, बगीचे में बैठकर राही ने किताब खोली और बोली,
“आपकी किताबें… मुझे लगता है आप हर शब्द में खुद को छोड़ देते हैं।”
Advik ने मुस्कुराकर कहा,
“और तुम हर शब्द को जीती हो, राही… यही मेरी कहानी का असली मज़ा है।”
राही की आँखों में चमक थी।
वो महसूस कर रही थी कि अब कहानी सिर्फ़ किताबों तक सीमित नहीं रही —
ये उसकी और अद्विक की दुनिया में भी जीवंत हो रही थी।
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कुछ हफ्तों बाद, अद्विक ने राही को अपने फ्लैट में बुलाया।
वो चाहता था कि वह देखे कि लेखक की दुनिया भी उतनी ही असली है, जितनी उसकी किताबें।
राही ने पहली बार महसूस किया कि उसका दिल तेजी से धड़क रहा है।
वो कमरे में कदम रखी — चारों ओर किताबें, नोटबुक्स, और पुराने sketches बिखरे हुए थे।
Advik ने उसकी ओर देखा और धीरे से कहा,
“ये जगह मेरी किताबों की तरह है… लेकिन अब मैं चाहता हूँ कि तुम मेरी असली दुनिया भी देखो।”
राही ने मुस्कुरा कर सिर हिलाया।
“मुझे यकीन है… आपकी दुनिया किताबों से कम नहीं है।”
Advik ने उसकी आँखों में देखा, और बोला,
“और शायद… तुम्हारी दुनिया मेरी किताबों से भी ज्यादा खूबसूरत है, राही।”
राही का चेहरा लाल हो गया।
उसने किताब को थोड़ा सीने से लगाया और बोली,
“शायद… हमारी कहानी अभी शुरू हुई है।”
Advik ने धीरे से उसकी तरफ़ हाथ बढ़ाया।
राही ने उसका हाथ पकड़ा, और उसी पल उसे लगा कि
किताबों के उस पार भी प्यार सच में मौजूद है।
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🌙 जारी रहेगा…
(अगले भाग में — उनके बीच छोटे-छोटे पल, कॉलेज लाइफ और cityscape रोमांस, और पहला इमोशनल ट्विस्ट)
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भाग 4 — “शहर की रोशनी और दिल की बातें”
शहर की गलियों में शाम का सुनहरा रंग फैल रहा था।
सड़कों पर हल्की-हल्की बत्तियाँ जल रही थीं, और कहीं-कहीं कारों की हेडलाइट्स चमक रही थीं।
राही अपने कॉलेज से निकलकर कॉफ़ी शॉप की ओर जा रही थी।
उसके हाथ में वही किताब थी — “शब्दों के उस पार” — और मन में हल्की-सी बेचैनी।
आज अद्विक ने उसे कॉल किया था।
“चलो, थोड़ी हवा में चलते हैं। शहर की रोशनी देखो और बातें करें।”
राही ने सिर हिलाया। उसके दिल में उत्साह था, लेकिन डर भी —
क्योंकि अब वह जान चुकी थी कि लेखक और इंसान दोनों एक ही व्यक्ति थे।
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कॉफ़ी शॉप में पहुँचते ही अद्विक उसे पहले ही इंतजार कर रहा था।
काले कोट में, हाथ में किताब की कॉपी, और मुस्कान जैसे सुबह की पहली किरण।
राही ने हल्की मुस्कान दी, और उन्होंने साथ में बाहर पार्क की ओर कदम बढ़ाए।
पार्क की वो जगह, जहां शाम के रंग और शहर की हलचल दोनों मौजूद थे,
आज कुछ अलग महसूस हो रही थी।
Advik ने पूछा,
“तुम्हें लगता है कि किताबों में लिखी बातें असली दुनिया में भी महसूस हो सकती हैं?”
राही ने जवाब दिया,
“अगर लेखक दिल से लिखे, और पाठक दिल से पढ़े… तो क्यों नहीं?”
Advik ने उसकी आँखों में देखा और धीरे कहा,
“और अगर लेखक चाहें कि वही पाठक उसकी दुनिया में भी शामिल हो जाए?”
राही का दिल तेजी से धड़क गया।
वो कुछ पल के लिए चुप रही।
फिर उसने धीरे से कहा,
“शायद… ये भी हो सकता है।”
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शाम बढ़ रही थी, और दोनों बेंच पर बैठकर शहर की रोशनी देखते रहे।
Advik ने उसकी तरफ़ हाथ बढ़ाया और कहा,
“तुम जानती हो, मैं अपनी किताबों में सब कुछ बोल देता हूँ… लेकिन अब मैं चाहता हूँ कि तुम सुनो, असली बातें।”
राही ने उसकी आँखों में झाँका।
“कौन सी बातें?” उसने पूछा।
Advik ने धीरे से कहा,
“प्यार, डर, खुशियाँ… सब वो जो मैं किताबों में नहीं लिख पाता।”
राही ने हँसते हुए कहा,
“तो आज आप किताबों के बाहर भी लिख रहे हैं?”
Advik ने हल्की मुस्कान दी और उसके हाथ में अपनी उँगली रख दी।
“हाँ… और तुम इसका हिस्सा हो।”
राही की सांस थम गई।
उसने महसूस किया कि उसकी जिंदगी में वो पल आ गए हैं,
जो सिर्फ किताबों में होते थे — अब असली थे।
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अगले कुछ हफ्तों में, राही और अद्विक ने शहर की गलियों, कैफे, बुकस्टोर्स और पार्कों में कई पल बिताए।
हर मुलाकात, हर बातचीत, हर छोटी मुस्कान उनके बीच नज़दीकियाँ बढ़ा रही थी।
राही को अब पता चल गया था कि लेखक और इंसान के बीच फर्क सिर्फ़ पन्नों में नहीं,
दिल में भी होता है।
एक दिन, कॉलेज के बाहर, राही अपने दोस्तों के साथ बैठी थी।
मिशा ने उत्सुक होकर पूछा,
“तो, कैसी है आपकी एडवेंचर की कहानी शहर में?”
राही ने मुस्कुराते हुए कहा,
“ये कहानी अलग है… हर पल असली है। और कुछ पन्नों में लिखा नहीं गया।”
तभी उसके फोन पर एक मैसेज आया — “पार्क में मिलना है? कुछ खास बातें हैं।”
राही ने तुरंत जवाब दिया — “हाँ, मिलती हूँ।”
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पार्क में पहुँचते ही अद्विक ने उसकी तरफ़ देखा।
उसके हाथ में वही किताब थी, लेकिन आज उसके चेहरे पर हल्की गंभीरता भी थी।
“राही… कुछ बातें हैं जो मैंने अभी तक किसी से नहीं साझा कीं।”
राही ने उसकी आँखों में देखा और धीरे कहा,
“आप मुझसे भी साझा कर सकते हैं।”
Advik ने गहरी साँस ली और बोला,
“मुझे लगता है कि मेरे शब्दों में जितना प्यार लिखा है, उतना मैं खुद महसूस नहीं कर पाया।
तुम्हारे साथ… ये महसूस करना अलग है।
लेकिन सच ये है कि… मेरी जिंदगी में कुछ ऐसे लोग हैं, जो मेरी किताबों से जुड़ी हुई हैं।
और मैं नहीं चाहता कि वो… कोई गलती हो जाए।”
राही ने उसकी बात समझी।
उसने धीरे से कहा,
“आपका मतलब… किताबों की दुनिया और असली दुनिया में कुछ अंतर है?”
Advik ने सिर हिलाया।
“हाँ… और मुझे डर है कि मेरी दुनिया में तुम्हें चोट न लगे।
तुमने मेरी किताबों में तो सब कुछ पा लिया,
पर असली जिंदगी में सब कुछ उतना आसान नहीं होता।”
राही ने उसकी उँगली पकड़ते हुए मुस्कान दी,
“मैं जानती हूँ… लेकिन मैं तैयार हूँ, अद्विक।
शायद किताबों से बाहर की कहानी भी उतनी ही खूबसूरत होगी।”
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शहर की रोशनी, हल्की ठंडी हवा, और उनके बीच की नज़दीकियाँ…
सब कुछ उस पल को जादुई बना रहे थे।
Advik ने धीरे से कहा,
“तो हमारी असली कहानी… शुरू होती है।”
राही ने सिर हिलाया, और पहली बार महसूस किया कि
पसंदीदा लेखक और असली इंसान — दोनों अब उसकी दुनिया का हिस्सा बन चुके हैं।
लेकिन किस्मत की ओर से पहला ट्विस्ट अभी बाकी था —
एक ऐसा मोड़, जो उनकी जिंदगी में बदलाव लाएगा।
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अगले भाग में — पहला emotional twist आएगा:
राही को पता चलता है कि Advik के जीवन में कोई अतीत का रहस्य है,
जो उनकी नज़दीकियों को चुनौती देगा।
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भाग 5 — “रहस्य और एहसास”
शहर की हल्की बारिश गिर रही थी।
सड़कों पर पानी की बूँदें चमक रही थीं, और हल्की-हल्की हवाओं में ठंडक थी।
राही अपने कॉलेज से लौट रही थी, हाथ में किताब और दिल में हल्की बेचैनी।
आज का दिन कुछ अलग महसूस हो रहा था।
Advik के साथ बिताए गए पल उसके दिमाग में घूम रहे थे —
हर मुस्कान, हर झलक, हर शब्द।
लेकिन अब उसके दिल में एक हल्का सा डर भी था।
“क्या मैं उसकी दुनिया को पूरी तरह समझ पाऊँगी?”
उसने खुद से सवाल किया।
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उसी समय, अद्विक अपने फ्लैट में बैठा था।
लैपटॉप खुला, लेकिन स्क्रीन पर टाइप करने की बजाय उसकी आँखें कहीं दूर तक देख रही थीं।
उसके चेहरे पर हल्की गंभीरता थी।
वो जानता था कि राही अब उसकी जिंदगी में आ चुकी है,
पर उसे ये भी डर था कि उसका अतीत उनकी नज़दीकियों में बाधा बन सकता है।
Advik ने अपने हाथ में एक पुरानी किताब उठाई।
उसके पन्नों पर कुछ नोट्स और scribbles थे —
कुछ ऐसे शब्द जो उसने कभी किसी से साझा नहीं किए।
“राही को ये सब नहीं पता…” उसने खुद से कहा।
“क्या बताऊँ? क्या छुपाऊँ?
शायद सच वक्त आने पर ही सामने लाना चाहिए।”
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अगली सुबह, राही कॉलेज के बगीचे में बैठी थी।
उसे पता था कि आज अद्विक से मिलने का मौका मिलेगा।
उसने अपनी किताब अपने साथ रखी, लेकिन दिल थोड़ा भारी था।
Advik पार्क के उसी बेंच पर इंतजार कर रहा था।
उसकी आँखों में हल्की चिंता और गहराई थी।
राही ने आते ही उसकी तरफ देखा।
“नमस्ते,” उसने धीरे से कहा।
Advik ने हल्की मुस्कान दी, लेकिन उसकी आवाज़ में गंभीरता थी।
“राही… मैं चाहता हूँ कि आज मैं तुमसे कुछ बात करूँ।”
राही ने आँखों में उत्सुकता और थोड़ी बेचैनी लिए पूछा,
“क्या बात है?”
Advik ने गहरी साँस ली।
“मेरी किताबों में जो प्यार लिखा है… वो मेरी जिंदगी में हमेशा इतना सरल नहीं रहा।
मेरे अतीत में कुछ लोग हैं… कुछ रिश्ते हैं, जिन्हें मैं छोड़ नहीं पाया।
मुझे डर है कि ये तुम्हारे और मेरे बीच खाई पैदा कर सकते हैं।”
राही का दिल तेज़ी से धड़कने लगा।
“आप… मुझे डराना नहीं चाहते, है ना?” उसने धीरे से पूछा।
Advik ने सिर हिलाया, “नहीं… मैं सच बोल रहा हूँ।
मैं चाहता हूँ कि तुम मेरी दुनिया में कदम रखो, पर मैं चाहता हूँ कि तुम तैयार रहो,
क्योंकि ये प्यार सिर्फ़ किताबों जैसा आसान नहीं है।”
राही ने उसकी आँखों में देखा।
उसकी गंभीरता में एक सच्चाई और vulnerability थी।
“Advik… मैं आपके अतीत के बारे में नहीं जानती,
लेकिन मैं ये जानती हूँ कि मैं आपके साथ रहना चाहती हूँ।
शायद मुश्किलें आएँगी, पर मैं लड़ना चाहती हूँ।
क्योंकि… मेरा दिल ये कह रहा है।”
Advik की आँखों में एक हल्की चमक आई।
“राही… तुम समझती हो। यही बात मुझे सबसे ज्यादा पसंद है।
शायद किताबों के शब्द हमें जोड़ते हैं, पर असली समझ यही है।”
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अगले हफ्तों में, राही और अद्विक के बीच intimacy बढ़ी —
वे एक-दूसरे के छोटे-छोटे secrets साझा करने लगे।
राही ने उसे बताया कि कैसे उसकी किताबों ने उसकी जिंदगी बदल दी।
Advik ने अपनी जिंदगी की कुछ कमजोरियाँ और डर साझा किए।
लेकिन एक दिन, कॉलेज के एक छात्र ने राही से पूछा,
“क्या आप जानते हैं कि Advik का कोई अतीत है? कुछ ऐसा जो कभी सामने आया नहीं?”
राही को हल्की बेचैनी हुई, लेकिन उसने खुद से कहा,
“मुझे डर नहीं, मुझे बस सच जानना है।”
रात को, राही और अद्विक पार्क में बैठकर शहर की रोशनी देख रहे थे।
Advik ने धीरे से कहा,
“राही… तुम्हें मेरा अतीत जानना होगा।
कुछ लोग हैं जो मेरी जिंदगी में कभी खुशी नहीं लाए।
मैं नहीं चाहता कि वो तुम्हें नुकसान पहुँचाएँ।”
राही ने उसकी हाथ पकड़ते हुए कहा,
“Advik… मैं आपकी किताबों में जो प्यार पढ़ती हूँ, वही प्यार मैं असल में भी महसूस करना चाहती हूँ।
मैं आपके अतीत के डर से नहीं भागूंगी।”
Advik ने उसकी आँखों में देखा, और पहली बार पूरी तरह दिल खोलकर मुस्कुराया।
“शायद… यही मेरी सबसे बड़ी राहत है।
किसी ने मेरी दुनिया को समझा… और शायद उसे अपनाया भी।”
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शहर की रोशनी में, हल्की बारिश की बूंदें और उनके बीच की नज़दीकियाँ,
सब कुछ उस पल को जादुई बना रहे थे।
उनकी कहानी अब सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं थी —
ये उनकी असली जिंदगी बन चुकी थी।
लेकिन किस्मत के हाथ में हमेशा कुछ और twists रहते हैं —
अगले भाग में, उनका पहला बड़ी चुनौतीपूर्ण मोड़ आएगा,
जो उनके रिश्ते की मजबूती और प्यार की गहराई को परखने वाला होगा।
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भाग 6 — “पहली परीक्षा”
शहर की सुबह कुछ ठंडी थी।
सड़कों पर हल्की धूप और कहीं-कहीं हल्की कोहरे की परत थी।
राही कॉलेज के बाहर खड़ी थी, हाथ में किताब और मन में हल्की बेचैनी।
Advik के साथ बिताए गए पल उसके दिल में ताजा थे,
लेकिन अब उसके मन में एक अजीब सा डर भी था —
क्या वो तैयार है उसकी दुनिया की कठिनाइयों के लिए?
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अद्विक अपने फ्लैट में बैठा था, लैपटॉप के सामने।
लेकिन इस बार उसकी आंखों में हल्की चिंता और गंभीरता थी।
कल ही उसे एक फोन कॉल आया था —
एक publisher ने पूछ लिया था कि क्या वो किसी interview में अपनी असली पहचान दिखाएगा।
Advik जानता था कि अगर ये सामने आया तो उसकी जिंदगी और निजी दुनिया दोनों में हलचल मच जाएगी।
“राही को ये सब पता नहीं होना चाहिए,” उसने खुद से कहा।
“अगर उसे सच में प्यार है, तो वो समझेगी।
लेकिन क्या वो तैयार है?”
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कुछ ही घंटों बाद, कॉलेज के लिटरेरी क्लब में एक sudden event हुआ।
Publisher और कुछ journalists आए थे, और हर किसी के हाथ में कैमरा।
राही उसी दिन अपने दोस्तों के साथ बुक चर्चा में भाग लेने आई थी।
लेकिन जैसे ही उसने अद्विक को देखा, वह वहां भीड़ में घुसकर अपनी पहचान छुपा रहे थे।
अचानक एक journalist ने राही को देखा और बोला,
“आप राही? क्या आप जानते हैं कि आपका पसंदीदा लेखक आज सामने आ रहा है?”
राही का दिल जोर से धड़कने लगा।
“न…नहीं…,” उसने धीरे से कहा।
लेकिन भीड़ बढ़ गई, कैमरे की चमक और journalists के सवालों ने उसे और डरा दिया।
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Advik ने भीड़ में राही को देखा।
उसके चेहरे पर हल्की चिंता और उलझन थी।
वो जानता था कि ये पल unavoidable है।
उसने राही के पास जाकर धीरे से कहा,
“राही… तुम यहाँ कैसे?”
राही ने आंखें झुकाई, हाथ में किताब पकड़े हुए।
“मैं… मैं बस… अपनी किताब के discussion के लिए आई थी…”
लेकिन आवाज़ में हिचक थी।
Advik ने उसकी तरफ़ हाथ बढ़ाया।
“चलिए बाहर चलते हैं। यहाँ भीड़ ज्यादा है।
तुम्हें परेशानी नहीं होनी चाहिए।”
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दोनों बाहर आए और थोड़ी दूर पार्क में चले।
राही ने सवाल किया,
“आपने… ये सब कैसे संभाला?
मुझे पता ही नहीं चला कि आप यहाँ हैं।”
Advik ने गहरी सांस ली।
“राही… कभी-कभी हमारे अतीत और हमारी पहचान,
हमारे सामने आने वाली कठिनाइयों से बड़ा मोड़ ले आती है।
मैं नहीं चाहता कि तुम इसे अकेले महसूस करो।”
राही ने उसका हाथ थामा।
“मैं अकेली नहीं हूँ।
जो भी होगा, मैं आपके साथ रहूँगी।
आपकी किताबों में जो प्यार लिखा है, वही मुझे असली दुनिया में भी चाहिए।”
Advik ने उसकी आँखों में देखा और मुस्कुराया।
लेकिन उसके दिल में हल्की चिंता थी।
ये पहला twist था —
पहली चुनौती, जो उनकी कहानी को और मजबूत बनाना थी।
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कुछ दिन बाद, शहर के media में चर्चा फैल गई।
Advik की असली पहचान सामने आने लगी।
कुछ लोग खुश थे, लेकिन कुछ jealous भी थे।
राही को खबर मिली और उसने खुद से कहा,
“अब मैं देखूँगी… क्या मैं सच में इस प्यार के लिए तैयार हूँ?”
वो शाम, राही और अद्विक पार्क में बैठे।
हवा में हल्की ठंडक थी, और बारिश की बूंदें कभी-कभी गिर रही थीं।
Advik ने राही की तरफ देखा।
“राही… मैं जानता हूँ कि ये सब अचानक है।
लेकिन अगर तुम मेरे साथ रहना चाहो, तो मैं वादा करता हूँ —
मैं तुम्हें कभी अकेला नहीं छोड़ूँगा।”
राही ने उसका हाथ मजबूत पकड़ लिया।
“मैं जानती हूँ… और मैं तैयार हूँ।
हमारा प्यार, चाहे कितनी भी मुश्किलों में फंसे,
हम इसे संभाल लेंगे।”
Advik ने उसकी आँखों में देखा और मुस्कराया।
“तो हमारी कहानी अब और भी खास होने वाली है।
शायद ये twist हमें और करीब लाएगा।”
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शहर की रोशनी में दोनों खड़े थे।
बारिश की बूँदें उनके चारों ओर खेल रही थीं।
हर मुश्किल, हर challenge, हर media का pressure…
कुछ भी अब उनके प्यार को रोक नहीं सकता था।
लेकिन किस्मत की किताब में अभी कई और twists बाकी थे —
और हर twist उन्हें एक-दूसरे के करीब और मजबूत बनाएगा।
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✨ जारी रहेगा…
(अगले भाग में — नया twist, कॉलेज और city-life में mini-adventures, और उनके प्यार में नए challenges आएँगे।)
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भाग 7 — “छोटे पल और बड़ी भावनाएँ”
शहर की सुबह हल्की धूप और हल्की ठंडी हवा लेकर आई थी।
कॉलेज का कैंपस हर रोज़ की तरह हलचल से भरा था,
लेकिन राही का मन आज कुछ अलग महसूस कर रहा था।
अद्विक के साथ पिछले हफ्ते बिताए गए पल उसके दिमाग में घूम रहे थे —
हर मुस्कान, हर छेड़छाड़, हर खामोश पल।
उसने अपने बैग में किताब रखी,
लेकिन दिल के किसी कोने में हल्का सा डर था —
“क्या हमारी दुनिया, जो किताबों में इतनी सरल थी,
असल जिंदगी में भी इतनी खूबसूरत रहेगी?”
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कॉलेज के बगीचे में राही अकेली बैठी थी,
अद्विक अभी थोड़ी देर में मिलने वाला था।
वो किताब पढ़ते-पढ़ते अचानक महसूस करती है कि
कभी-कभी शब्दों से ज़्यादा, छोटे पल मायने रखते हैं।
जैसे हवा की हल्की सरसराहट, पेड़ों की ठंडी छाया,
और सामने बैठे व्यक्ति की मुस्कान।
Advik वहाँ पहुँचते ही मुस्कुराया।
“सुबह की हवा ठीक लग रही है, राही?”
राही ने हल्की मुस्कान दी, “हाँ… और आपकी company भी।”
Advik ने उसकी आँखों में देखा और कहा,
“आज तुम्हें कुछ नया दिखाऊँ?”
राही ने उत्सुकता से सिर हिलाया।
“क्या?” उसने पूछा।
Advik ने हाथ पकड़कर उसे पार्क की ओर ले गया।
“छोटे रास्ते, शहर की छोटी-छोटी गलियाँ…
जहाँ कोई नहीं, बस हम और शहर की रोशनी।”
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गली में चलते-चलते राही ने देखा कि शहर की हल्की रोशनी और हवादार रास्ते
उनकी कहानियों से कम रोमांचक नहीं थे।
Advik ने उसके हाथ को कसकर थामा।
“राही… ये शहर, ये रास्ते, ये पल…
मुझे लगता है, हमारे प्यार के लिए ये perfect हैं।”
राही ने हल्की हँसी के साथ कहा,
“Advik… आप हमेशा हर चीज़ को रोमांटिक बना देते हैं।”
Advik ने आँखों में चमक और हल्की मुस्कान दी।
“शायद… मैं यही करता हूँ — दुनिया को थोड़ा और प्यार से भर देता हूँ।”
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लेकिन city-life में हमेशा छोटे twists आते हैं।
कुछ कदम आगे बढ़ते ही, राही की किताब जमीन पर गिर गई।
Advik झुककर उठाने लगा, तभी एक और छात्र वहाँ आया और थोड़ी टकराहट हुई।
राही ने हल्की शर्मिंदगी महसूस की,
और उसे लगा कि शायद ये city-life उसके लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण है।
Advik ने उसकी ओर देखा, मुस्कुराया और कहा,
“देखा, ये भी हमारे छोटे-छोटे रोमांच हैं।
हर पल perfect नहीं होता, पर हर पल असली होता है।”
राही ने सिर हिलाया और उसकी आँखों में देखा।
“आप सच में… हर चीज़ को special बना देते हैं।”
Advik ने धीरे से कहा,
“और तुम मेरे साथ होने से हर पल और भी special हो जाती हो।”
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कुछ दिनों बाद, कॉलेज और city-life में उनके बीच छोटी misunderstandings आईं।
एक दिन राही ने देखा कि अद्विक किसी और लड़की के साथ बहस कर रहे थे।
दिल ने तुरंत जोर से धड़कना शुरू किया।
उसने खुद से कहा,
“शायद मैं overthinking कर रही हूँ… पर दिल कुछ और ही कह रहा है।”
Advik ने जब राही को देखा, उसने तुरंत उसकी तरफ़ हाथ बढ़ाया।
“राही… तुम मेरी नजर में हमेशा वही हो — सिर्फ़ तुम।”
राही ने उसकी आँखों में देखा और धीरे मुस्कुराई।
“तो फिर… सब ठीक है?”
Advik ने सिर हिलाया, “हाँ… और मैं हमेशा तुम्हारे लिए यहीं हूँ।”
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शहर की गलियों में हल्की बारिश शुरू हो गई।
राही और अद्विक एक बेंच पर बैठे, बारिश की बूंदों में भीगते हुए,
एक-दूसरे की आँखों में खोए।
“Advik… ये city-life भी उतनी ही खूबसूरत है, जितनी आपकी किताबों की दुनिया।”
Advik ने उसकी उँगली पकड़ते हुए कहा,
“और तुम्हारे साथ ये सब और भी सुंदर लग रहा है।”
राही ने महसूस किया कि city-life romance में,
छोटे पल, छोटे misunderstandings, और city की हल्की रोशनी…
सभी उनकी कहानी को और मजबूत बना रहे हैं।
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लेकिन किस्मत हमेशा linear नहीं चलती।
अगले भाग में, उनके बीच पहला emotional conflict,
जो उनके प्यार और भरोसे की परीक्षा लेगा, आएगा।
ये twist उनकी कहानी को और रोमांचक और गहराई से भर देगा।
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भाग 8 — “पहला बड़ा मोड़”
शहर की शाम हल्की ठंडी थी।
बारिश की बूंदें अभी भी कुछ जगहों पर गिर रही थीं, और हवा में मिट्टी और बारिश की खुशबू थी।
राही अपने कमरे में खड़ी थी, हाथ में वही किताब और मन में भारीपन।
वो सोच रही थी — “क्या अद्विक सच में मेरे लिए उतना ही गहरा है, जितना मैं सोचती हूँ?”
लेकिन उस दिन, उसका दिल हल्का नहीं था।
कॉलेज में एक छोटी बातचीत ने उसके मन में शक पैदा कर दिया था।
एक सहपाठी ने casually कहा,
“तुम्हें पता है? Advik… वह बहुत famous है। और उसके कई fans हैं।
कभी-कभी लगता है कि उसकी दुनिया तुम्हारे लिए थोड़ी complicated हो सकती है।”
राही की आँखों में हल्की बेचैनी दौड़ गई।
वो जानती थी कि अद्विक का अतीत और उसकी popularity,
उनके रिश्ते में पहली चुनौती बन सकती है।
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अद्विक भी अपने फ्लैट में चिंतित था।
वो जानता था कि राही को उसकी दुनिया समझने में मुश्किल हो सकती है।
लेकिन उसका डर था कि अगर उसने सच समय से पहले बताना शुरू किया,
तो राही पीछे हट सकती थी।
उसने अपनी किताबें और नोटबुक्स देखी।
हर पन्ने पर वही शब्द, वही प्रेम और वही vulnerability थी।
“राही को ये सब धीरे-धीरे पता चलेगा…
लेकिन क्या वो इस city-life romance की intensity को संभाल पाएगी?”
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शाम को पार्क में दोनों मिलने आए।
राही ने चेहरे पर मुस्कान लगाई,
लेकिन अद्विक ने उसकी आँखों में हल्की उलझन देखी।
“राही… कुछ हुआ क्या?” उसने धीरे से पूछा।
राही ने गहरी साँस ली।
“Advik… मुझे लगता है कि आपकी दुनिया, आपकी popularity,
और सब कुछ… कभी-कभी मुझे डराता है।
मैं… मैं नहीं चाहती कि हमारी कहानी मुश्किलों में फँस जाए।”
Advik ने उसकी बात सुनी और धीरे से कहा,
“राही… यही पहला बड़ा मोड़ है।
हमारे प्यार में कभी-कभी दुनिया की परवाह करनी पड़ती है।
पर मैं चाहता हूँ कि तुम जानो — चाहे कुछ भी हो,
मैं तुम्हारे लिए हमेशा यहीं हूँ।”
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राही ने उसकी आँखों में देखा।
उसके शब्द दिल को छू गए, लेकिन मन में हल्की चिंता बनी रही।
“मैं… मैं भी चाहती हूँ कि हम साथ रहें।
लेकिन कभी-कभी मुझे डर लगता है कि आपकी दुनिया में मैं खो सकती हूँ।”
Advik ने उसकी हाथ पकड़ते हुए कहा,
“राही… ये city-life और challenges हमारे प्यार को परखेंगे।
लेकिन मैं वादा करता हूँ — मैं तुम्हें कभी अकेला नहीं छोड़ूँगा।
हमारी कहानी, चाहे कितनी भी कठिनाइयों में फँसे,
हम इसे साथ में लिखेंगे।”
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लेकिन किस्मत की राह आसान नहीं थी।
अगले ही दिन, एक media controversy सामने आई।
Advik की पहचान और अतीत को लेकर कुछ गलत बातें social media पर फैल गईं।
राही ने जब ये सुना, तो उसका मन डगमगा गया।
उसने सोचा — “क्या मैं सच में इस दुनिया के लिए तैयार हूँ?”
शाम को दोनों पार्क में मिले।
Advik ने उसकी आँखों में देखा और धीरे कहा,
“राही… ये पहली बड़ी परीक्षा है।
तुम्हें choice करनी है — डर के पीछे छुपो या मेरे साथ रहो,
क्योंकि प्यार सिर्फ़ आसान रास्तों में नहीं,
मुश्किल रास्तों में भी साथ निभाने में होता है।”
राही ने उसकी हाथ मजबूती से पकड़ ली।
“Advik… मैं डर सकती हूँ, लेकिन मैं पीछे नहीं हटूँगी।
हमारा प्यार… चाहे कितनी भी मुश्किलों में फँसे,
हम इसे साथ में संभालेंगे।”
Advik ने उसकी आँखों में देखा और पहली बार पूरी तरह से मुस्कुराया।
“यही मेरी सबसे बड़ी खुशी है।
हमारी कहानी अब और भी गहरी होने वाली है।”
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शहर की बारिश और हल्की रोशनी में,
दोनों खड़े थे — डर, uncertainty, और first emotional conflict के बावजूद।
ये twist उनके प्यार की मजबूत नींव बन गया।
अब उनकी कहानी सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रही,
बल्कि असली जिंदगी में भी सच और प्यार के साथ आगे बढ़ रही थी।
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🌙 जारी रहेगा…
(अगले भाग में — City-life romance, छोटे adventures, और उनका प्यार और गहरा होगा।
साथ ही कुछ नए characters और mini challenges आएँगे।)
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भाग 9 — “शहर की रातें और छोटे-छोटे पल”
शहर की शाम अपने पूरे रंग में थी।
सड़कें चमक रही थीं, हल्की-हल्की हवा में बारिश की बूंदों की खुशबू थी।
कॉफ़ी शॉप, छोटे बुकस्टोर्स, और पार्क की बेंचें —
हर जगह शहर की हल्की हलचल और लोगों की हँसी थी।
राही अपने दोस्तों के साथ बैठी थी, हाथ में किताब और मन में हल्की बेचैनी।
उसने खुद से कहा,
“आज अद्विक से मिलना है… और मैं तैयार हूँ, लेकिन कुछ डर भी है।”
वो जानती थी कि city-life और उसके romance में हर दिन नया मोड़ ला सकता है।
वो किताब पढ़ते-पढ़ते अचानक महसूस करती है कि कभी-कभी जीवन की सबसे खास चीज़ें किताबों में नहीं, बल्कि असली पल में होती हैं।
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Advik पार्क में पहले से इंतजार कर रहे थे।
वो हाथ में किताब नहीं, बल्कि अपने camera और notebook लिए खड़े थे।
“तुमने मेरी city-life की छोटी-छोटी चीज़ें देखी हैं?” उन्होंने पूछा।
राही ने उत्सुकता से सिर हिलाया, “नहीं… आज दिखाएँगे?”
Advik ने मुस्कुराया और उसका हाथ पकड़ा।
“आओ… आज तुम्हें शहर की वो गलियाँ दिखाऊँ, जहाँ कोई नहीं आता।
जहाँ हमारी कहानी खुद लिखी जाएगी।
राही और अद्विक शहर की संकरी गलियों में चल पड़े।
बारिश की हल्की बूंदें उनके बालों और कपड़ों पर गिर रही थीं।
हर मोड़ पर हल्की रोशनी और पुराने इमारतों की दीवारें उनके बीच intimacy को बढ़ा रही थीं।
राही ने धीरे से पूछा,
“आप हर चीज़ में क्यों रोमांस ढूँढ लेते हैं?”
Advik ने हल्की हँसी के साथ कहा,
“क्योंकि जब आप उस पल को special मानते हो,
तो छोटी-छोटी चीज़ें भी बड़ी यादें बन जाती हैं।”
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गली के एक छोटे café में दोनों रुके।
Advik ने अपनी signature coffee ऑर्डर की और राही को पसंदीदा hot chocolate दी।
“ये सिर्फ coffee नहीं है,” उन्होंने कहा,
“ये पल हमारी कहानी का हिस्सा है।”
राही ने उसकी आँखों में देखा।
“तो हम अपनी city-life romance को किताब की तरह लिख रहे हैं?”
Advik ने मुस्कुराया, “हाँ… पर असली किताब में कहीं भी erase नहीं होता।”
वे café में बैठकर थोड़ी देर सिर्फ़ एक-दूसरे को देखते रहे।
शब्दों की जरूरत नहीं थी,
क्योंकि उनकी आँखों ने ही सब कुछ कह दिया था।
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काफी देर बाद, दोनों बाहर निकले और पार्क की ओर चल पड़े।
बारिश की बूंदें अब हल्की हो गई थीं, लेकिन हवा में ठंडक बनी थी।
Advik ने राही का हाथ अपने हाथ में लिया और कहा,
“राही… कभी-कभी मैं सोचता हूँ कि हम कितनी जल्दी जुड़े हैं।
पर फिर लगता है… सही लोग सही समय पर ही मिलते हैं।”
राही ने मुस्कुराते हुए कहा,
“और मैं चाहती हूँ कि ये city-life romance और भी गहरा हो,
हर मुश्किल, हर challenge के बावजूद।”
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अगले दिन, कॉलेज में एक छोटा literary event हुआ।
Advik और राही दोनों वहाँ गए।
Event के दौरान, कुछ misunderstandings हुईं —
राही ने देखा कि अद्विक किसी दूसरे student के साथ किताबों पर discussion कर रहे थे।
दिल में हल्की बेचैनी हुई।
राही ने event के बाद पार्क में इंतजार किया।
Advik थोड़ी देर बाद आया, हाथ में वही किताब।
“राही… मैं जानता हूँ कि तुमने मुझे देखा।
पर मैं चाहता हूँ कि तुम जानो — मेरे लिए सिर्फ़ तुम ही मायने रखती हो।”
राही ने उसकी आँखों में देखा और धीरे मुस्कुराई।
“तो सब ठीक है?”
Advik ने सिर हिलाया, “हाँ… और मैं वादा करता हूँ —
हमारे बीच कोई भी misunderstanding हमारे प्यार को नहीं तोड़ सकता।”
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शाम को शहर की गलियों में चलते हुए,
Advik ने उसकी तरफ़ देखा और कहा,
“राही… कभी-कभी मैं सोचता हूँ कि city-life romance सिर्फ मज़ाक नहीं है।
ये छोटे-छोटे पल, ये छोटी-छोटी बातें,
ही हमें एक-दूसरे के और करीब लाती हैं।”
राही ने मुस्कुराते हुए कहा,
“और मैं चाहती हूँ कि हम इन छोटे-छोटे moments को याद रखें।
क्योंकि ये ही हमारी कहानी को special बनाते हैं।”
Advik ने उसका हाथ कसकर थामा।
“तो फिर, आज से हम हर पल को अपनी किताब की तरह जीते हैं?”
राही ने सिर हिलाया, “हाँ… हर पल।”
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उस शाम, दोनों शहर की छत पर बैठे।
नीचे city की रोशनी और हल्की हवा थी।
Advik ने उसकी आँखों में देखा और धीरे कहा,
“राही… तुम्हारे साथ ये city-life romance सबसे सुंदर लग रहा है।
और हर मुश्किल, हर challenge, अब हमारे लिए सिर्फ़ एक adventure है।”
राही ने महसूस किया कि city-life romance में,
छोटे पल, छोटी misunderstandings, और city की हल्की रोशनी…
सभी उनकी कहानी को और मजबूत और खूबसूरत बना रहे थे।
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लेकिन किस्मत हमेशा linear नहीं होती।
अगले भाग में, एक बड़ा twist आएगा —
एक ऐसा challenge जो उनके प्यार और भरोसे को और परखने वाला होगा।
राही और अद्विक के लिए city-life romance की असली परीक्षा अभी बाकी थी।
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🌙 जारी रहेगा…
(अगले भाग में — नया बड़ा twist, emotional drama और city-life की और रोमांचक घटनाएँ आएँगी।)
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भाग 10 — “पहला बड़ा चुनौती और रात की बातें”
शहर की रात अपनी सारी चमक के साथ थी।
सड़कों पर हल्की रोशनी और बारिश की बूँदों की खुशबू हर जगह थी।
राही अपने कमरे की खिड़की से बाहर देख रही थी,
हाथ में किताब, लेकिन दिल में हल्की बेचैनी और उत्सुकता।
“आज… अद्विक के साथ रात बितानी है,” उसने खुद से कहा।
लेकिन साथ ही मन में एक डर भी था —
“क्या हमारी city-life romance इतनी perfect रहेगी?”
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अद्विक पार्क में पहले से इंतजार कर रहे थे।
उनके चेहरे पर हल्की गंभीरता थी, लेकिन आँखों में वही चमक थी।
जैसे ही राही पहुँची, उन्होंने मुस्कराते हुए कहा,
“तुम आखिरकार आईं! मैंने सोचा था कि तुम आज भी किताब में खोई रहोगी।”
राही ने हँसते हुए जवाब दिया,
“और आप… हमेशा अपनी रोमांटिक lines के साथ?”
Advik ने उसकी तरफ़ झुककर कहा,
“बस तुम्हारे लिए।”
राही की आँखों में झलक गई — दिल की धड़कन तेज़ हो रही थी।
“Advik… कभी लगता है कि ये city-life romance असली नहीं है?”
Advik ने उसकी उँगली अपने हाथ में लिया,
“राही… जब तुम्हारी आँखों में ये चमक देखता हूँ,
तो समझ जाता हूँ — ये romance बिल्कुल असली है।”
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बारिश की हल्की बूँदों में दोनों पार्क की बेंच पर बैठे।
Advik ने धीरे से कहा,
“राही… मैं चाहता हूँ कि आज हम सिर्फ़ हम हों।
कोई कहानी, कोई किताब, कोई external world नहीं।
सिर्फ़ तुम और मैं।”
राही ने उसकी आँखों में देखा और धीरे कहा,
“तो फिर… अब हम अपने पल खुद बनाएँगे?”
Advik ने मुस्कुराते हुए सिर हिलाया,
“हाँ… और हर पल को यादगार।”
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कुछ देर बाद, अचानक शहर में एक हल्की हलचल हुई।
एक journalist और कुछ photographers park में आ गए,
Advik की private life को capture करने के लिए।
राही ने हल्की चिंता महसूस की।
“Advik… ये क्या है?” उसने पूछा।
Advik ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा,
“राही… ये city-life के external challenges हैं।
लेकिन आज… मैं सिर्फ़ तुम्हारे लिए हूँ।
कोई cameras, कोई duniya… नहीं।”
राही ने उसकी आँखों में देखा।
“तो फिर… मुझे डरने की जरूरत नहीं?”
Advik ने मुस्कुराते हुए कहा,
“बस मुझे थामे रहो, यही काफी है।”
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बारिश में भीगते हुए, दोनों शहर की छत पर पहुँचे।
नीचे city की रोशनी, ऊपर तारों की चमक।
Advik ने उसकी उँगली अपनी उँगली में लपेटते हुए कहा,
“राही… तुम्हें पता है? तुम्हारे साथ ये city-life romance
कितनी खूबसूरत और real लग रही है।
तुम्हारी हर मुस्कान, हर नजर… मेरे लिए एक कहानी है।”
राही ने धीरे से कहा,
“Advik… मैं भी यही महसूस करती हूँ।
आपके साथ हर पल, हर बारिश, हर गलियों की रोशनी…
सब कुछ जादुई लग रहा है।”
Advik ने उसके चेहरे के करीब झुककर कहा,
“तो फिर… आज रात हम इसे अपनी किताब की सबसे romantic scene बनाएँ?”
राही ने हल्की हँसी के साथ सिर हिलाया,
“हाँ… और मैं promise करती हूँ कि हर पल आपके साथ special होगा।”
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कुछ देर बाद, Advik ने उसकी तरफ़ झुककर धीरे कहा,
“राही… मैं हमेशा चाहता हूँ कि तुम मुझे सिर्फ किताबों में नहीं,
असल जिंदगी में भी जानो।
और आज… मैं तुम्हें अपना सबसे personal secret बताऊँगा।”
राही ने उत्सुकता से पूछा,
“क्या secret?”
Advik ने मुस्कराते हुए कहा,
“मेरा डर… मेरा अतीत… और मेरी दुनिया के challenges।
लेकिन मैं चाहता हूँ कि तुम जानो — मैं तुम्हारे लिए हमेशा लड़ूंगा।”
राही ने उसकी आँखों में देखा और धीरे कहा,
“Advik… मैं आपके साथ हूँ।
चाहे कितनी भी मुश्किलें आएँ,
हम इसे साथ में संभालेंगे।
ये city-life romance सिर्फ किताबों में नहीं,
हमारी असली जिंदगी में भी special है।”
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शहर की रात में हल्की हवा और बारिश की बूंदें थी।
Advik ने उसकी उँगली अपनी उँगली में कसकर पकड़ ली।
“राही… ये पहला बड़ा external challenge था।
लेकिन तुम्हारे साथ… अब मुझे लगता है कि कोई भी मुश्किल हमें अलग नहीं कर सकती।”
राही ने धीरे मुस्कुराते हुए कहा,
“Advik… अब मैं समझ गई हूँ — city-life romance का मज़ा सिर्फ प्यार में नहीं,
बल्कि हर छोटी-छोटी बाधाओं में एक-दूसरे के साथ रहने में है।”
Advik ने उसकी आँखों में देखा, और धीरे से बोला,
“तो फिर… चलो इस रात को अपनी सबसे romantic कहानी बनाते हैं।”
राही ने सिर हिलाया, और उनके होंठों ने एकदम धीमे और हल्के kisses में मिलकर
city-life romance को और गहरा कर दिया।
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शहर की बारिश, हल्की हवा, और उनके दिल की धड़कन…
सब कुछ उस रात को जादुई बना रहा था।
पहला external challenge आया और गया,
लेकिन उनकी कहानी अब और भी मजबूत और गहरी हो गई थी।
राही और अद्विक समझ गए —
city-life romance में सबसे बड़ा magic सिर्फ़ प्यार नहीं,
बल्कि एक-दूसरे के साथ हर पल को जीने की चाहत है।
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🌙 जारी रहेगा…
(अगले भाग में — city-life romance में और intimate moments, नए mini challenges, और उनका प्यार और गहरा होगा।)
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भाग 11 — “छोटे पल, बड़ी नज़दीकियाँ”
शहर की सुबह हल्की धूप और ठंडी हवा के साथ आई थी।
सड़कों पर हल्की हलचल और café की खुशबू थी।
राही अपने कॉलेज के बैग के साथ बाहर निकल रही थी,
लेकिन मन में हल्की excitement और दिल में धड़कन थी।
“आज… अद्विक के साथ थोड़ी extra time बिताना है,” उसने खुद से कहा।
उसका दिल तेजी से धड़क रहा था, जैसे हर कदम उसके और अद्विक के बीच नज़दीकियों को बढ़ा रहा हो।
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अद्विक पार्क में पहले से इंतजार कर रहे थे।
हाथ में उनका कैमरा और हल्की मुस्कान।
जैसे ही राही आई, उन्होंने उसकी तरफ़ झुककर कहा,
“राही… आज मैं तुम्हें शहर की एक secret जगह दिखाऊँगा।
कोई नहीं, सिर्फ हम।”
राही की आँखों में उत्सुकता और हल्की चंचलता झलक गई।
“Secret जगह? Advik… आप हमेशा रोमांस ढूँढते हैं, है ना?”
Advik ने मुस्कुराते हुए कहा,
“बस तुम्हारे लिए। आज रात हमारे लिए unforgettable होगी।”
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वे narrow streets और गली-मोहल्लों की ओर चल पड़े।
छोटी-छोटी गलियाँ, शहर की हल्की रोशनी, और बारिश की बूंदें…
हर चीज़ उनके रोमांस को और intimate बना रही थी।
Advik ने धीरे से कहा,
“राही… कभी-कभी मुझे लगता है कि ये city-life romance सिर्फ मज़ाक नहीं है।
हर छोटी चीज़, हर पल हमारे प्यार को strengthen कर रहा है।”
राही ने हल्की हँसी के साथ कहा,
“और मैं चाहती हूँ कि ये small adventures हमेशा ऐसे ही याद रहें।”
Advik ने उसकी उँगली अपनी उँगली में लपेटते हुए कहा,
“तो फिर आज… हम इस पल को अपनी सबसे romantic कहानी बनाएँ?”
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वे शहर के एक secluded terrace पर पहुंचे।
नीचे city की चमक, ऊपर तारों की रोशनी और हल्की हवा थी।
Advik ने धीरे से कहा,
“राही… इस terrace पर मैं तुम्हें एक secret दिखाऊँगा।
देखो, ये city, ये lights… और हमारी कहानी।
हर पल यहाँ, हमारे प्यार का हिस्सा है।”
राही ने उसकी आँखों में देखा और धीरे कहा,
“Advik… आप हर चीज़ को magical बना देते हैं।
शायद यही city-life romance का असली charm है।”
Advik ने मुस्कुराते हुए कहा,
“और तुम्हारे साथ हर पल और भी special बन जाता है।”
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कुछ देर बाद, बारिश की हल्की बूँदें फिर गिरने लगीं।
Advik ने उसकी बाजू में हाथ डाला और धीरे कहा,
“राही… कभी-कभी मैं सिर्फ तुम्हें feel करना चाहता हूँ।
ना कोई किताब, ना कोई कहानी… सिर्फ हम।”
राही ने उसकी आँखों में देखा और धीरे कहा,
“Advik… मैं भी यही चाहती हूँ।
हर बारिश, हर हवा, हर terrace… सिर्फ तुम्हारे साथ।”
Advik ने उसकी तरफ़ झुककर कहा,
“तो फिर… आज रात हम इसे यादगार बनाते हैं।”
राही ने मुस्कुराते हुए सिर हिलाया।
और city-life की इस बारिश में दोनों एक-दूसरे के करीब आए।
उनकी नज़दीकियाँ, हल्की हँसी और धीमे whispers…
हर चीज़ उन्हें और intimate और romantic बना रही थी।
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उस terrace पर बिताया हर पल,
हर छोटी बात, हर हल्की touch और हर मुस्कान…
उनकी city-life romance की गहराई बढ़ा रही थी।
राही ने महसूस किया कि romance सिर्फ किताबों में नहीं,
बल्कि असली city-life के छोटे-छोटे moments में भी जादू भरता है।
Advik ने धीरे से कहा,
“राही… मैं चाहता हूँ कि हम हर पल को cherish करें।
हर गलती, हर challenge, हर छोटा adventure…
सिर्फ हमारे लिए।”
राही ने उसकी आँखों में देखा और धीरे मुस्कुराई।
“और मैं promise करती हूँ, हर पल आपके साथ special होगा।
चाहे city-life में कितनी भी मुश्किलें आएँ।”
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शहर की रात, terrace की ठंडी हवा, और बारिश की बूंदें…
सब कुछ उनके romance को unforgettable बना रही थी।
पहला external challenge और small misunderstandings के बावजूद,
उनका प्यार अब और भी मजबूत और intimate हो गया था।
राही और अद्विक समझ गए —
city-life romance में सबसे बड़ा magic सिर्फ़ प्यार नहीं,
बल्कि हर छोटे पल, हर intimate moment और
हर adventure में एक-दूसरे के साथ होने की चाहत है।
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🌙 जारी रहेगा…
(अगले भाग में — city-life romance में और romantic moments,
साथ ही कुछ नए mini challenges और emotional drama आएँगे।)
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भाग 12 — “शहर की रातें और दिल की बातें”
शहर की शाम हल्की ठंडी हवा और चमकती रोशनी के साथ आई थी।
राही अपने कॉलेज के बैग के साथ पार्क में पहुँची।
उसका मन हल्का घबराया हुआ था, लेकिन साथ ही excitement भी थी।
“आज… अद्विक के साथ थोड़ा ज्यादा समय बिताना है,” उसने खुद से कहा।
दिल तेज़ी से धड़क रहा था।
अद्विक पहले से ही वहीं बेंच पर बैठा था।
जैसे ही उसने राही को देखा, उसने मुस्कराते हुए कहा,
“तुम हमेशा late क्यों होती हो?”
राही ने आँखें चमकाते हुए कहा,
“Late? मैं बिल्कुल on time हूँ। बस… आपकी impatience ज़्यादा है।”
Advik हँसा, “Hmm… शायद मैं बस तुम्हें जल्दी देखना चाहता हूँ।”
राही ने हल्की हँसी के साथ कहा,
“इतना भी romantic होने की क्या जरूरत थी?”
Advik ने उसकी तरफ़ झुकते हुए कहा,
“तुम्हारे लिए तो हर दिन romantic होना चाहिए।”
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दोनों पार्क की बेंच पर बैठे।
राही ने उसकी आँखों में देखा और धीरे से कहा,
“Advik… कभी-कभी मुझे लगता है कि हम इतना जल्दी जुड़े हैं।
लेकिन फिर लगता है… सही लोग सही समय पर मिलते हैं।”
Advik ने उसकी उँगली अपनी उँगली में लपेटते हुए कहा,
“और मुझे लगता है कि मैंने अपनी पूरी ज़िंदगी तुम्हें खोजने में बिताई।”
राही ने मुस्कुराते हुए कहा,
“इतना dramatic मत बनो, आप किताबों के pages में भी इतने romantic नहीं थे।”
Advik ने हँसते हुए कहा,
“तो अब मैं real life में extra points ले रहा हूँ।”
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बारिश की हल्की बूँदें गिर रही थीं।
Advik ने धीरे से कहा,
“राही… कभी-कभी मैं सिर्फ तुम्हें feel करना चाहता हूँ।
ना कोई future, ना कोई past… सिर्फ़ हम।”
राही ने उसकी आँखों में देखा और धीरे कहा,
“Advik… मुझे भी यही लगता है।
हर बारिश, हर हवा, हर terrace… बस तुम्हारे साथ।”
Advik ने मुस्कुराते हुए कहा,
“तो आज… हम ये पल अपनी यादों में बसाते हैं?”
राही ने सिर हिलाया, “हाँ… और promise करती हूँ कि ये हमेशा special रहेगा।”
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कुछ देर बाद, terrace पर पहुँचते ही Advik ने उसकी तरफ़ देखा।
“राही… ये terrace सिर्फ़ view के लिए नहीं,
हमारे प्यार के लिए भी perfect है।”
राही ने मुस्कुराते हुए कहा,
“Perfect? मुझे तो लगता है आप हर जगह romantic sentences ढूँढ लेते हैं।”
Advik ने उसकी उँगली हल्की पकड़ते हुए कहा,
“बस तुम्हारे लिए। और तुम्हें पता है, तुम हमेशा perfect हो।”
राही ने हल्की हँसी के साथ कहा,
“Stop it… मैं blush कर रही हूँ।”
Advik ने मुस्कुराते हुए कहा,
“तो blush करो… मुझे अच्छा लगता है तुम्हारी ये innocent reactions।”
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शहर की रोशनी और हल्की हवा में,
दोनों खड़े थे।
Advik ने उसकी आँखों में देखा और धीरे बोला,
“राही… मैं चाहता हूँ कि तुम जानो — चाहे कितनी भी मुश्किलें आएँ,
मैं तुम्हारे लिए हमेशा fight करूँगा।”
राही ने उसकी आँखों में देखा और कहा,
“Advik… मैं भी यही चाहती हूँ।
हमेशा साथ, चाहे city-life कितनी भी complicated हो।”
Advik ने हँसते हुए कहा,
“तो फिर… क्या हम आज की बारिश में थोड़ा dance करें?”
राही ने मुस्कुराते हुए कहा,
“Dance? आप और मैं? शहर में लोग देख रहे हैं।”
Advik ने करीब आते हुए कहा,
“तो क्या हुआ? आज सिर्फ हमारे लिए है ये पल।”
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बारिश में दोनों slowly dance करने लगे।
राही ने हल्की हँसी के साथ कहा,
“Advik… ये आपके किताबों जैसा नहीं लग रहा, ये real है।”
Advik ने मुस्कुराते हुए कहा,
“Exactly… यही तो मज़ा है। Real life romance।”
राही ने उसकी आँखों में देखा और धीरे कहा,
“Advik… मैं डरती नहीं हूँ, सिर्फ… excited हूँ।”
Advik ने उसका हाथ कसकर थामते हुए कहा,
“और मैं भी… हर पल तुम्हारे साथ यही feel करता हूँ।”
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कुछ देर बाद terrace पर दोनों बैठ गए।
राही ने उसकी तरफ़ देखा और धीरे पूछा,
“Advik… कभी लगता है कि ये city-life romance complicated होगा?”
Advik ने मुस्कुराते हुए कहा,
“Thoda complicated होगा… लेकिन हमारे लिए fun भी होगा।
Aur sabse important — hum saath hain na?”
राही ने सिर हिलाया, “हाँ… बस यही सबसे ज़रूरी है।”
Advik ने उसकी आँखों में देखा और धीरे कहा,
“Rahi… tum mere liye sabse important ho. Aur main chahta hoon ki ye city-life romance hamesha humare liye special rahe.”
राही ने मुस्कुराते हुए कहा,
“Advik… main bhi wahi feel karti hoon. Har pal, har adventure, har mistake… sab tumhare saath special hai.”
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शहर की बारिश, terrace की ठंडी हवा, और उनकी धड़कन…
सब कुछ उनके city-life romance को unforgettable बना रहा था।
पहला external challenge और small misunderstandings के बावजूद,
उनका प्यार अब और intimate, real और romantic हो गया था।
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🌙 जारी रहेगा…
(अगले भाग में — city-life romance में और romantic adventures,
साथ ही उनके रिश्ते में और emotional bonding दिखेगी।)
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