ये कहानी है दो ऐसी शख्शियत की जिसमें एक तरफ है ऋषभ शेखावत,शेखावत इंडस्ट्री का मालिक और माफिया वर्ल्ड में राज करने वाला माफिया किंग पर इस बारे में इनके दोस्त के सिवा कोई नहीं जानता,वही दूसरी तरफ है जानवी मेहरा बेहद खूबसूरत,शांत,मासूम, और हमेशा लड़ाई झ... ये कहानी है दो ऐसी शख्शियत की जिसमें एक तरफ है ऋषभ शेखावत,शेखावत इंडस्ट्री का मालिक और माफिया वर्ल्ड में राज करने वाला माफिया किंग पर इस बारे में इनके दोस्त के सिवा कोई नहीं जानता,वही दूसरी तरफ है जानवी मेहरा बेहद खूबसूरत,शांत,मासूम, और हमेशा लड़ाई झगड़े से दूर रहने वाली हमेशा दूसरों में अपनी खुशियां ढूंढने वाली उसे देख कोई भी उस पर दिल हार बैठे पर उसका हैं एक गहरा राज जो आज तक सबसे छुपा हुआ है।ऐसा क्या है जो वो सबसे छुपा रही है, और क्या इन दिनों के प्यार की डोर बंद पाएगी—जानने के लिए पढ़िए Mafiya king ki hidden mafiya queen.
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एक अंधेरे कमरे में एक आदमी दर्द से तड़प रहा था ऐसा लग रहा था जैसे उसे बोहोत ज्यादा टॉर्चर किया गया हो उसकी बॉडी का कोई भी हिस्सा ऐसा नहीं था जहां जख्म के निशान न हो।
वो आदमी वहां खड़े गार्ड से अपनी मौत की भीख मांग रहा था पर वहां उसकी सुनने वाला कोई नहीं था।तभी वह एक गाड़ी के रुकने की आवाज आती है और सभी गार्ड एकदम से चौंकाने हो जाते है।
और वो आदमी और भी डर से कांपने लगता है तभी दरवाजा खुलता है और एक शख्स अंदर आता है।जिसने अपने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था वो उस आदमी को देख बोला तो खुराना तुम्हारी खातिरदारी अच्छे से तो हुई न कोई कमी तो नहीं रही
वो आदमी उसके पैरों गिर कर माफी मांग रहा था।किंग एक मौका बस एक मौका और दे दो मैं अब कभी आपके खिलाफ नहीं जाऊंगा।तभी वो शख्स जिसे सब किंग बोलते थे माफिया की दुनिया पर राज करने वाला किंग था।
बोला खुराना मैने मौका दिया था पर तूने गवा दिया और मैं दूसरा मौका किसी को नहीं देता तूने मुझे धोखा दिया और मुझे धोखेबाज लोग बिल्कुल पसंद नहीं तो तूने कैसे सोच लिया कि तू मेरी सारी इन्फोर्मेशन किसी और को देगा और मैं तुझे जाने दूंगा।
तेरा टाइम पूरा हो चुका है और जिसके कहने पर तूने ये सब किया है उसे भी ढूंढ कर बोहोत जल्द तेरे पास भेज दूंगा इतना बोल किंग ने एक गोली उस आदमी के सर के बीचों बीच मार दी और अपन गार्ड्स को कुछ इशारा कर वहां से निकल गया।
गार्ड्स भी उसके जाते ही वहां से उसकी लाश को ठिकाने लगाने में लग गए।
वही दूसरी तरफ एक कार एक ऊंची बिल्डिंग के सामने आकर रुकी ये बिल्डिंग शेखावत की बिल्डिंग थी और जो उस कार से बाहर आया था वो था शेखावत कॉरपोरेशन का ceo ऋषभ शेखावत जो बड़ी ही एरोगेंटली चल कर ऑफिस में एंटर कर रहा था।
सभी उसे गुड मॉर्निंग विश करते है और वो बिना किसी को जवाब दिए अपने केबिन में चला जाता है तभी केबिन का डोर नॉक होता है वो कम इन बोलता है और उसका असिस्टेंट अंदर आता है वो उसका शेड्यूल बताता है।
तभी ऋषभ उससे अपनी कड़क आवाज में साहिल मुझे उस की सारी इन्फोर्मेशन जल्द से जल्द चाहिए साहिल सिर्फ सर हिला कर वहां से चला जाता है तभी केबिन में एक और हैंडसम सा लड़का एंटर होता है।
ये है ऋषभ का दोस्त वैसी तो ये तीन दोस्त है आपको उसके बारे में बाद में पता चल जाएगा।
ऋषभ सामने देख आर्यन तुम नहीं सुधार सकते न कितनी बार कहा है कि मेरे केबिन में बिना नॉक किए मत आया करो।
तभी आर्यन शांत हों जा यार वैसे मुझे ऐसा क्यों लग रहा थे तुझे देख कर कि तू आज किसी को ऊपर भेज कर आया है।तभी ऋषभ टेढ़ी स्माइल करता है तभी आर्यन बोला वैसे अब किस ने अपनी मौत को दावत दी थी।
तभी ऋषभ बोला खुराना ने जी हा किंग कोई और नहीं ऋषभ ही है। (और ये बात इनके दोस्तों और असिस्टेंट के सिवाय कोई नहीं जानता इनके फैमिली में भी किसी को इस बारे में नहीं पता कि उनका बेटा माफिया की दुनिया पर राज करता है।)
आर्यन अच्छा तो उसका क्या जिसकी वजह से ये सब हुआ है ऋषभ उस भी बोहोत जल्दी ढूंढ निकाल वही भेज दूंगा।तभी आर्यन बोला अरे कब तक इस मर काट में लगा रहेगा।
अपनी शादी का तो सोच कब करेगा जब बूढ़ा हो जाएगा वैसे बूढ़ा होगा क्या तू तो बूढ़ा है तू एक दम बोरिंग है कैसे तुझे कोई लड़की पसंद करेगी ऊपर से तू बात बात पर गुस्सा करता है बाकी लड़की डर के भाग जाएंगी।
तभी उसे अपने ऊपर किसी की नजरो को तपिश महसूस होती है वो सामने देखता है जहां ऋषभ उसे बुरी तरह से घूर रहा था।मुझे लगता है तुम्हे जिन की इच्छा नहीं है अब तभी आर्यन अपने दांत दिखाते हुए।अरे मैं तो मजाक कर रहा था तू तो सीरियस ले गया।
ठीक है अब मैं चलता हु मुझे भी बोहोत काम है और वो वह से जल्दी ही नो दो ग्यारह हो जाता है और ऋषभ अपने काम में लग जाता है
Sabhi like kar dena or comment karke batana story kaisi lagi😊😊
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"तभी उसे अपने ऊपर किसी की नजरो को तपिश महसूस होती है वो सामने देखता है जहां ऋषभ उसे बुरी तरह से घूर रहा था।मुझे लगता है तुम्हे जिन की इच्छा नहीं है अब तभी आर्यन अपने दांत दिखाते हुए।अरे मैं तो मजाक कर रहा था तू तो सीरियस ले गया"।
"ठीक है अब मैं चलता हु मुझे भी बोहोत काम है और वो वह से जल्दी ही नो दो ग्यारह हो जाता है और ऋषभ अपने काम में लग जाता है"।
अब आगे।
"दूसरी तरफ एक बेहद खूबसूरत लड़की जिसकी नीली आंखे और पतली सी नाक गुलाब की पंखुड़ी जैसे होंठ देखने में किसी अप्सरा की जैसी लग रही थी। और आइने के सामने तैयार हो रही थी"।
"उसने बेबी पिंक कलर का फ्रॉक सूट पहना था और वो उसमें बिना मेकअप के भी कहर ढा रही थी तभी उसे कोई आवाज लगता है बेटा जानवी कितना टाइम लगेगा आफिस के लिए लेट हो जाएगा"।
"तभी वो लड़की बोली आई पापा और अपना पर्स ले कर रूम से निकल जाती है ये है जानवी जो बेहद मासूम और सब का दिल जीत लेने वाली ये अपने पापा के साथ उनकी एक छोटी सी कंपनी है मेहरा इंडस्ट्री उसे संभालती है"।
"वो जल्दी से नीचे आ कर डाइनिंग टेबल पर बैठ जाती है और ब्रेकफास्ट करने लगती है तभी कारण जी बोलते है बेटा आज बोहोत इंपोर्टेंट मीटिंग है लेट नहीं हो सकते जल्दी करो"।
"जानवी जी पापा बस हो गया आप बाहर गाड़ी में मेरा वेट करो मैं बस अभी आई कारण जी बाहर चलाए जाते है तभी पीछे से जानवी तेज कदमों से चल कर आती है और ड्राइविंग सीट पर बैठ जाती है वो दोनों ही ऑफिस के लिए निकल जाते है"।
"शेखावत कॉरपोरेशन केबिन में बैठा ऋषभ अपना काम कर रहा था तभी उसका फोन बजता है वो स्क्रीन पर फ्लैश हो रहे नाम को देखता है तो उसे उसकी मोम कॉल कर रही थी"।
"वो फोन उठता है तभी सामने से अर्पिता जी की आवाज आती है ऋषभ शुभ की तबियत ठीक नहीं है और वो खाना भी नहीं खा रहा है।वो बस तुमसे मिलने की जिद्द कर रहा है"।
"इतना सुन ऋषभ मैं आ रहा हु और कॉल कट कर वहां से जल्दी घर के लिए निकल जाता है।वो घर जाकर देखता है तो पूरी फैमिली और डॉक्टर सभी शुभ के रूम के बाहर खड़े है"।
"वो सीधा शुभ के पास जाता है तो शुभ उसे देख उसके गले लग जाता है ऋषभ को एहसास होता है कि शुभ को बोहोत तेज बुखार है।वो डॉक्टर को कुछ इशारा करता है डॉक्टर अपने काम में लग जाते है"।
"तभी शुभ अपनी मीठी आवाज में बोला पापा मुझे भी मम्मा चाहिए मेरे सब फ्रेंड्स के पास उनकी मम्मा है ऋषभ उसे समझते हुए बेटा आप के पास भी तो मम्मा है शुभ आप हमेशा मुझसे झूठ कहते हो मुझे वो स्टार वाली मम्मा नहीं रियल वाली मम्मा चाहिए"।
"सब उसकी बातें सुन थोड़ा इमोशनल हो जाते है ऋषभ उसे समझा कर सुला देता है और जाने लगता है तभी पिछे से अर्पिता जी कब तक उसे ऐसे ही बहलाते रहोगे उसे अब वो बड़ा हो रहा है"।
"शुभी को गए 5 साल हो गए अब तो शादी कर लो शुभ के लिए ही सही मोम आप जानती है मैं शुभी के अलावा किसी के बारे में नहीं सोच सकता और मेरी शुभी जैसी कोई हो भी नहीं सकती और अगर मैंने शुभ के लिए शादी कर भी ली तो क्या वो शुभ को अपनाएगी"।
"उसे सगी मां जैसा प्यार देगी क्या गारंटी है वो सौतेली जैसा व्यवहार नहीं करेगी।अर्पिता जी बेटा सब एक जैसे नहीं होते है।
मोम मैं इस बारे मैं ज्यादा बात नहीं करना चाहता"।
" ऋषभ वहां से जाने लगता है तभी अर्पिता जी पिछे से बोली देखना एक दिन ऐसी लड़की जरूर मिलेगी जो शुभ को भी अपनाएगी और तुम्हे भी बदल देगी"।
"ऋषभ ये सुन वहां से चुप चला जाता है।वही दूसरी तरफ मेहरा इंडस्ट्री में मीटिंग रूम में सभी आज की प्रेजेंटेशन देख जानवी से काफी खुश थे"।
"मीटिंग खत्म हो गई थी जानवी अपने केबिन में जा रही थी तभी उसे एक कॉल आता है वो कॉल पिक करती है उधर कुछ कहा जाता है जानवी मैं अभी आती हु।वो अपने पापा को किसी काम का बोल ऑफिस से चली जाती है"।
"एक अनजान जगह पर एक अंधेरे कमरे में एक शख्स जो अपने चेहरे पर मास्क लगाए बैठा सामने देख रहा था या कहे कि देख रही थी"।
" क्योंकि उसके फिगर और बैठने के तरीके से पता चल रहा था ये कोई लड़की है जिसका चेहरा तो नहीं दिख रहा था पर उसकी बॉडी लैंग्वेज और उसके फिगर को देख कर लग रहा था ये लड़की बोहोत ही खूबसूरत होगी"।
"पर उसके ओरा को देख कोई भी डर जाए क्योंकि वो बोहोत ही गुस्से में अपने सामने खड़े इंसान को देख रही थी। और अपनी एक दम ठंडी मगर रौबदार आवाज में बोली अब कुछ बोलोगे या ऐसे ही खड़े रहोगे"।
"वो आदमी जिसका नाम रॉकी था वो अपना पसीना साफ करते हुए बोला क्वीन वो खुराना मारा गया आपने कहा था कि आप उसे सजा देना चाहती है पर वो पहले किंग के आदमियों के हाथ लग गया"।
" ये किंग भी न बीच में आने से बाज नहीं आयेगा उसे मारना हीं था तो मार देता पर मुझे जो इन्फोर्मेशन चाहिए थी वो तो मुझे निकालने दे सकता था।वो गुस्से से वहां रखा वास जमीन पर पटक देती है"।
"आज फिर मैं उसके बारे में नहीं जान पाई तभी वो रॉकी से बोली खुराना मर गया पर अब मुझे वो चाहिए जिसके इशारों पर वो नाच रहा था"।
"वो भी उस किंग से पहले वरना ऊपर जाने का अगला नंबर तुम्हारा होगा ये बात सुन रॉकी की हालत खराब हो रही थी वो डरते हुए अपना सर हा में हिलाता है।
और वो लड़की वहां से जल्दी ही कार में बैठ निकल जाती है"।
आपको स्टोरी कैसी लगी कमेंट में बताना और लाइक शेयर भी कर देना मैं जानती हु अभी आपको कहानी में ज्यादा कुछ पसंद न आ रहा हो पर आगे आपको सच में कहानी बोहोत पसंद आयेगी।
आज फिर मैं उसके बारे में नहीं जान पाई तभी वो रॉकी से बोली खुराना मर गया पर अब मुझे वो चाहिए जिसके इशारों पर वो नाच रहा था
वो भी उस किंग से पहले वरना ऊपर जाने का अगला नंबर तुम्हारा होगा ये बात सुन रॉकी की हालत खराब हो रही थी वो डरते हुए अपना सर हा में हिलाता है।
और वो लड़की वहां से जल्दी ही कार में बैठ निकल जाती है।
अब आगे।
ऋषभ अपने ऑफिस पहुंच गया था वो अपने काम में बिजी था कि तभी उसके केबिन का डोर नॉक होता है और वो अंदर आने की परमिशन देता है।
और उसका असिस्टेंट साहिल अंदर आता है और बोलता है बॉस उस खुरान के बारे में क्वीन भी पता लगा रही थी पर उससे पहले ही आपने वो इतना बोल रुक जाता है।
तभी ऋषभ बोला क्वीन को खुराना से क्या चाहिए था तभी साहिल बॉस इतना ही नहीं क्वीन उसके बारे में भी इन्फोर्मेशन निकलवा रही है कोई तो ऐसी बात है जो हम नहीं जानते।
वरना क्वीन ऐसे ही किसी में इतना इंट्रेस्ट नहीं लेती ऋषभ अपनी ही सोच में आखिर ये क्वीन है कौन पहले इसने अंडर वर्ल्ड में कभी भी कोई दिलचस्बी नहीं दिखाई और अब कुछ सालों में ऐसा क्या बदल गया।
वो अभी सोच ही रहा था कि साहिल की आवाज से वो अपनी सोच से बाहर आया बॉस अब आगे क्या करना है ऋषभ जैसा बताया है वैसा करो और जरा क्वीन के बारे में पता करो आखिर ये क्वीन है कौन
साहिल सर इस सब का कोई फायदा नहीं क्वीन को आज तक किसी ने नहीं देखा यहां तक कि अंडर वर्ल्ड के लोगो के बीच जो मीटिंग होती है क्वीन उसमें भी कभी मौजूद नहीं होती पर फिर भी उसे सब के बारे में सब पता होता है।
ऋषभ इंट्रेस्टिंग कोई तो बात है इसमें इतना बोल वो साहिल को जाने का इशारा करता है। और कुछ देर ऐसे की सोच फिर अपने काम में लग जाता है।
दूसरी तरफ मेहरा इंडस्ट्री में जानवी अपने केबिन में जा रही थी कि तभी उसे एक प्यून आकर मेम आपको सर ने बुलाया है जानवी उसको वहां से जाने का बोल कारण जी के केबिन की तरफ जाने लगती है।
वो डोर नॉक करती है तभी उसे अंदर है आवाज आतीं है और वो अंदर जाती है पापा आपने मुझे बुलाया है हा बेटा जानवी वो एक मीटिंग के लिए हैदराबाद जाना होगा।
पापा आप बेफिक्र हो कर जाइए मैं तब तक यह सब संभालने की कोशिश करूंगी तभी कारण जी इस बार मैं नहीं तुम जा रही हो लेकिन पापा मैं कैसे आप तो जानते है मैं कंपनी में आपके सभी काम को कर सकती हूं।
पर किसी मीटिंग के लिए शहर से बाहर नहीं गई इफेक्ट आप अच्छे से जानते है मुझे अनजान लोगो के बीच घबराहट होने लगती है।तभी कारण जी बोले जनता हु बोहोत अच्छे से और इसीलिए मैं चाहता हूं कि इस बार तुम जाओ
बेटा कब तक अकेले दुनिया से दूरी बना के रहोगी तुम्हे सब के बीच रहना सीखना होगा अपने डर पर काबू करना होगा मुझे नहीं पता मैं कब तक तुम्हारे साथ हु।
आज के टाइम में कोई अपना नहीं है इसलिए सभी सिचुएशन को फेस करना सीखो और मुझे पूरा भरोसा है तुम सब सम्भल लोगी बिल्कुल अपनी मां की तरह जानवी धीरे से अपना सर हिला कर वहां से जाती है तभी पीछे से आवाज आई
दो दिन बाद ही जाना है तो तुम आज ऑफिस से हाफ ले सकती हो अपने फ्रेंडस के साथ थोड़ा एंजॉय करो फिर पैकिंग करना।जानवी वहां से सीधे अपने केबिन में जाती है।और अपने फोन से किसी को कुछ मैसेज करती है।
और अपना सामान ले कर निकल जाती है शाम के वक्त कारण जी जब घर पहुंचे तो उन्हें जानवी किचन में खाना बनाती मिली बेटा तुम अपने दोस्तो के साथ नहीं गई पापा वो आज माही थोड़ा बिजी है।
इसीलिए सोचा कल जाऊंगी आज आपके साथ ही थोड़ा वक्त बिता लेती हु वैसे भी काम की वजह से नहीं आपको टाइम मिलता और न ही मुझे तो मैने सोचना क्यों न आज आपके पसंद का खाना बनाया जाए।
कारण जी खुश हो कर ठीक है मैं जल्दी ही फ्रेश हो कर आता हु बेटा वही दूसरी तरफ ऋषभ अभी भी काम कर रहा था जब सी उसकी वाइफ शुभी इस दुनिया से गई थी उसने पूरी दुनिया से किनारा कर लिया था।
तभी उसका फोन रिंग होता है उसने देखा उसे घर से कॉल आ रही है वो जैसे ही कॉल उठता है दूसरी तरफ से एक मीठी सी आवाज आती है पापा आप कब आएंगे मैं कब से आपका वेट कर रहा हूं।
ऋषभ पापा आ रहे है बेटा फिर हम मिल कर मस्ती करेंगे शुभ ये सुन खुश हो जाता हैं और ओक बोल कर फोन रख देता है।
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कारण जी खुश हो कर ठीक है मैं जल्दी ही फ्रेश हो कर आता हु बेटा वही दूसरी तरफ ऋषभ अभी भी काम कर रहा था जब सी उसकी वाइफ शुभी इस दुनिया से गई थी उसने पूरी दुनिया से किनारा कर लिया था।
तभी उसका फोन रिंग होता है उसने देखा उसे घर से कॉल आ रही है वो जैसे ही कॉल उठता है दूसरी तरफ से एक मीठी सी आवाज आती है पापा आप कब आएंगे मैं कब से आपका वेट कर रहा हूं।
ऋषभ पापा आ रहे है बेटा फिर हम मिल कर मस्ती करेंगे शुभ ये सुन खुश हो जाता हैं और ओक बोल कर फोन रख देता है।
अब आगे।
ऋषभ घर पहुंच चुका था वो सामने देखता है शुभ अभी भी उसका ही वेट कर रहा था वो एक नौकर को खाना उसके रूम में लाने का बोले शुभ को अपने साथ ऊपर ले जाता है।
दोनों बाप बेटे साथ में डिनर करते है और फिर साथ में खेलते है वैसे तो शुभ से सब बोहोत प्यार करते थे पर जब तक वो अपने पापा के साथ समय न बिता ले उसे नींद नहीं आती थी।
कुछ टाइम बाद ऋषभ शुभ को सुला रहा था शुभ पापा आप मेरी मम्मा को लेकर आएंगे ना ऋषभ अब क्या ही बोलता उसने अपना सर हा में हिलाया और शुभ खुश होकर सो गया।
अगली सुबह जानवी डाइनिंग टेबल पर बैठी ब्रेकफास्ट कर रही थी कारण जी भी वही थे पापा पक्का ऑफिस का काम आप अकेले देख लेंगे ना तभी कारण जी बेटा तुम चिंता न करो।
चिंता कैसे न करूं आप काम के आगे अपना ध्यान रखना भूल जाते है इसलिए मुझे आपकी फिक्र रहती है मैं घूमने जाने का प्लान कैंसिल कर देती हूं।अरे नहीं बेटा तुम जाओ प्रोमिस तुम्हे कोई शिकायत का मौका नहीं दूंगा।
आप ऐसा कर भी नहीं पाओगे मैने पहले ही सब इंतजाम कर दिया है अब मैं चलती हु।माही को भी उसके अपार्टमेंट से पिक करना है।
इतना बोल वो वहां से चली जाती है वहीं दूसरी तरफ ऋषभ ऑफिस के लिए रेडी हो रहा था तभी शुभ वहां आता है उसे पता था उसके पापा काम में कितने बिजी रहते है भले ही वो 5 साल का हो पर वो कुछ हद तक सब बाते समझता था।
पापा क्या आज मैं स्कूल के बाद दादी के साथ पार्क जा सकता हु।ऋषभ भी हां बोल देता है क्योंकि वो चाहता था कि शुभ का माइंड तोड़ा डायवर्ट हो।शुभ खुश हो जाता है।
ऋषभ ऑफिस जाते हुए शुभ को स्कूल छोड़ देता है।
जानवी माही को कॉल कर अरे मेरी मां कितना टाइम लगाएगी आने में हम घूमने जा रहे है तेरे लिए लड़का देखने नहीं कब से नीचे वेट कर रही हु अब जल्दी आ माही जल्दी से अपने अपार्टमेंट को लॉक करते हुए बस आ गई।
माही जैसे ही आती है जानवी कार का गेट खोल देती है दोनों ही वहां से निकल जाते है वहीं उसके जाने के बाद कोई था जो उन पर नजर रखे हुए था वो किसी को कॉल कर सर वो आज अपनी दोस्त के साथ कही घूमने जा रही है।
वही दूसरी तरफ से आवाज आई तुम बस उस पर नजर रखो मुझे उसकी एक एक पल की खबर चाहिए इतना बोल कॉल कट कर देता है और एक अंधेरे कमरे में दीवार पर एक लड़की की बड़ी सी फोटो लगी थी।
और वो आदमी उस फोटो को देख अजीब सी स्माइल कर रहा था
जो लोग वहां नजर रख रहे थे वो भी उस कार का पीछा करने लगते है।
वही जानवी और माही एक मॉल के बाहर आकर रुकते है दोनों पहले मूवी देखने का डिसाइड करते है फिर शॉपिंग करने का वो दोनों मूवी देखने के लिए थिएटर एरिया में चली जाती है।
कुछ टाइम बाद मूवी खत्म होती है और अपनी शॉपिंग में बिजी हो जाती है वहीं शुभ अपनी दादी के साथ स्कूल से पार्क जा रहा था जो उसी मॉल के पास में ही था।
वो दोनों अपनी शॉपिंग करके जा ही रही थी तभी माही की नजर एक केक शॉप पर पड़ती है माही बोली जानवी चल न यहां का चाकलेट केक बोहोत टेस्टी होता है वो दोनों उस तरफ चली जाती है।
आज दोनों ने काफी एंजॉय किया था वो वापस जाहि रही थी कि
जानवी को एक बच्चा दिखता है जो रोड क्रॉस कर रहा था और एक गाड़ी उसकी तरफ आ रही थी।
पर तभी जानवी उस बच्चे की तरफ दौड़ लगती है और उस बच्चे को बचा लेती है वहीं दूसरी साइड खड़ी लेडी वो ये सब देख थोड़ा घबरा जाती है।
फिर जल्दी से उस तरफ जाती है जानवी बच्चा आप यहां अकेले क्या कर रहे हो आपको अभी चोट लग जाती तो वैसे कौन है आपके साथ और आपका नाम क्या है।
वो बच्चा अपनी मीठी सी आवाज में बोला मेरा नाम शुभ है और मैं दादी के साथ आया था।जानवी तो बेटा आपकी दादी कहा है आप खो गए हो क्या नहीं आंटी वो पप्पी है ना उसको चोट लगी है।
मैं उसके पास जा रहा था इसलिए दादी से अलग हो गया तभी वहां अर्पिता जी आ गए जाती है शुभ बेटा तुम ठीक तो हो वो शुभ को अच्छे से देखने लगती है।तभी जानवी बोली आंटी आप फिक्र मत कीजिए ये बिल्कुल ठीक है।
तभी शुभ हां दादी ये एंजल आंटी है ना इन्होंने मुझे बचा लिया अर्पिता जी जानवी को थैंक यू बोलती है जानवी अरे आंटी इसकी जरूरत नहीं है ये तो मेरा फर्ज था। और मिस्टर छोटू आप अब घर जाओ उस पप्पी को डॉक्टर के यहां मैं ले जाऊंगी।
शुभ अपना क्यूट सा फेस बना कर आंटी मेरा नाम शुभ है छोटू नहीं जानवी उसके गाल खींचते हु ओके शुभ अब ठीक है शुभ अपनी गर्दन हां में हिला देता है।आंटी आप सच में इसे डॉक्टर के ले जाओगे ना।हां बेटा अब आप दादी के साथ जाओ।
अर्पिता जी के मन में जानवी को देख कुछ और ही चल रहा था पर क्या अब वो ही जाने जानवी उस पप्पी को लेकर वहां से चली जाती है अर्पिता जी भी अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ जाती है शुभ दादी वो आंटी कितनी स्वीट थी ना वो बिल्कुल एंजल की तरह लगती है।
वो उसकी हां में हां मिला रही थी उन्होंने देखा था आज शुभ कितना खुश था।वो वहां से अपने घर के लिए निकल जाती हैं
Aj ka chapter kaisa laga jarur batana comment mai or like bhi kar dena aap sab saport karenge tabhi to mujhe bhi likhne mai acha lagega🤗🤗
"शुभ अपना क्यूट सा फेस बना कर आंटी मेरा नाम शुभ है छोटू नहीं जानवी उसके गाल खींचते हु ओके शुभ अब ठीक है शुभ अपनी गर्दन हां में हिला देता है।आंटी आप सच में इसे डॉक्टर के ले जाओगे ना।हां बेटा अब आप दादी के साथ जाओ"।
"अर्पिता जी के मन में जानवी को देख कुछ और ही चल रहा था पर क्या अब वो ही जाने जानवी उस पप्पी को लेकर वहां से चली जाती है अर्पिता जी भी अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ जाती है शुभ दादी वो आंटी कितनी स्वीट थी ना वो बिल्कुल एंजल की तरह लगती है"।
"वो उसकी हां में हां मिला रही थी उन्होंने देखा था आज शुभ कितना खुश था।वो वहां से अपने घर के लिए निकल जाती हैं "।
अब आगे।
"रात का वक्त ऋषभ जैसे ही मैंशन में एंटर करता है वो सबसे पहले शुभ को देखता है और अपनी मोम से पूछता है कि शुभ ठीक है उसे चोट तो नहीं आई उसे अपने गार्ड से आज के इंसीडेंट के बारे में पता चल गया था"।
"अर्पिता जी बोली बेटा शुभ बिल्कुल ठीक है वो तो भला हो उस लड़की का जो सही टाइम पर वहां आकर शुभ को सम्भल ली
ऋषभ अपनी मोम की तरफ देख कुछ पूछता"
"उससे पहले ही शुभ बोला पापा मैं आपको बताता हु आज मैं एक आंटी से मिला, और उन्होंने ही मुझे बचाया, और उस पप्पी को भी बचा लिया वो आंटी न बिल्कुल एंजल की तरह दिखती है"।
"तभी ऋषभ बोला अच्छा...तो ऐसा है तो आप मुझे नहीं मिलवाएंगे अपनी उस एंजल से,शुभ मिलवाना तो है पर मुझे नहीं पता वो कहा रहती है।शुभ का उतरा चेहरा देख ऋषभ बोला कोई बात नहीं पहले हम खाना खाते है"।
"फिर आइसक्रीम खाने चलेंगे, शुभ खुशी से उछाल पड़ता है और भागते हुए डाइनिंग एरिया ही तरफ जाता है"।
"वही दूसरी तरफ जानवी अपने घर पहुंची तो कारण जी जो उसका कब से वेट कर रहे थे ‘वो उसे देख बोले बेटा इतना लेट कैसे हो गया‚?
"जानवी उन्हें आज की सारी बात बताती है,कारण जी वो बच्चा तो ठीक हैं ना? हां पापा वो बिल्कुल ठीक है और वो पप्पी भी ठीक है"।
"जानवी चलिए पापा डिनर करते है फिर आइसक्रीम खाने चलेंगे,दोनों अपना डिनर खत्म करते है और घूमने निकल जाते है"।
"ऋषभ और शुभ भी गाड़ी में बैठ आइसक्रीम पार्लर की तरफ चल देते है शुभ खुश होकर पापा आई विश की...ऋषभ कि क्या बेटा आगे भी कुछ बोलो,शुभ कि एंजल आंटी फिर से मुझे मिल जाएं"।
"ऋषभ मुस्कुरा देता है तभी उसकी गाड़ी रुकती है और शुभ भाग कर अंदर जाता है ऋषभ भी उसके पीछे ही था वही जानवी कारण जी भी यहां आए हुए थे"।
"जानवी अपनी आइसक्रीम लेकर वहां से कारण जी के साथ बाहर निकल जाती है और दोनों इस वक्त पैदल चल रहे थे,कारण जी जानवी से कुछ बातें कर रहे थे"।
"शुभ भी बाहर आ कर अपनी कार की तरफ जा रहा था ऋषभ को किसी का कॉल आ जाता है, और वो फोन पर बात करने लगता है शुभ किसी को देख खुश हो जाता है और उस तरफ दौड़ लगा देता है"।
"और चिल्लाने लगता है एंजल आंटी… जानवी आवाज सुन इधर उधर देखने लगती है तभी उसे अपने पैरों में किसी की हलचल महसूस होती है वो नीचे देखती हैं,तो एक स्माइल के साथ शुभ बेटा तुम यहां क्या कर रहे हो‚?
"शुभ मैं अपने पापा के साथ आइसक्रीम खाने आया था और आप मुझे यह मिल गई जानवी उसके गाल पर एक किस्स करते हुए बेटा ऐसे अकेले इधर उधर मत जाया करो"।
"आपके पापा परेशान हो गए तो आपको अपने पास न पा कर तभी शुभ बोला पापा तो यही है वो रहे पर अभी फोन पर बिजी है जानवी उस तरफ देखती है,ऋषभ की पीठ उसकी तरफ थी"।
"वहां से जैसे ही अपना चेहरा घूमती है, ऋषभ उसकी तरफ देखता है वो देखता है शुभ किसी से बात कर रहा हैं कारण जी भी उन दोनों को देख स्माइल करने लगते है"।
"जानवी उससे बातें कर वहां से जाने लगती है,शुभ उसे बाय कर रहा था,इतने ऋषभ वहां आया जानवी वहां से जा चुकी थी शुभ बेटा आप किस से बाते कर रहे थे"।
"कितनी बार कहा है अजाना लोगों से बातें नहीं करते,तभी शुभ पापा वो अंजान नहीं थी वहीं तो एंजल आंटी थी ऋषभ अच्छा ठीक है अब घर चले वो अपनी कार की तरफ चले जाते है"।
"अगली सुबह जानवी रेडी हो रही थी क्योंकि आज उसे हैदराबाद वाली मीटिंग के लिए जाना था,वो तैयार हो नीचे आती है और अपने पापा से मिल एयरपोर्ट के लिए निकल जाती है"।
"कारण जी उसके साथ एयरपोर्ट तक जाना चाहते थे पर जानवी ने ही उन्हें मना कर दिया था तभी वहां माही आ जाती है,माही को देख कारण जी हैरान हो जाते है"।
"कारण जी बेटा तुम यहां? हां अंकल मुझे जानवी ने आपका अच्छे से ध्यान रखने के लिए बोला है कारण जी समझ जाते है कि उस दिन जानवी ने ये क्यों कहा था (मैने पहले ही सब इंतजाम कर दिया है) ये सोच उनके फेस पर स्माइल आ जाती है"।
"दूसरी तरफ ऋषभ अपने केबिन में बैठा साहिल को जानवी के बारे में पता लगाने को बोलता है,ऋषभ साहिल मुझे उसके बारे में जानना है कौन है क्या करती है,?
मैं नहीं चाहता कोई भी मेरे बेटे के करीब आए और उसे नुकसान पहुंचाए साहिल हां में अपना सर हिला कर वहां से निकल जाता है और आपके काम में लग जाता है"।
"उसे समझ नहीं आ रहा था उसके बॉस हर किसी पर इतना शक क्यों करते है बेचारा साहिल अपने काम में लग हुआ था उसे ऑफिस का काम भी देखना था "।
"उस लड़की की सारी इंफोर्मेशन भी निकलनी थी वरना उसका बॉस उसे सीधे ऊपर पहुंचा देगा"।
"वही ऋषभ अपने काम में बिजी था उसकी उंगलियों लगातार उसके लैपटॉप के कीबोर्ड पर चल रही थी और वो ऐसे काम करते हुए बेहद हैंडसम, और अट्रैक्टिव लग रहा था"।
Hello friends aap sahi se comment to kar hi sakte hai jisse mujhe pta chal sake apko story pasand aa rhi hai ya nhi or star ✨ bhi de diya karo.
"उसे समझ नहीं आ रहा था उसके बॉस हर किसी पर इतना शक क्यों करते है बेचारा साहिल अपने काम में लग हुआ था उसे ऑफिस का काम भी देखना था "।
"उस लड़की की सारी इंफोर्मेशन भी निकलनी थी वरना उसका बॉस उसे सीधे ऊपर पहुंचा देगा"।
"वही ऋषभ अपने काम में बिजी था उसकी उंगलियों लगातार उसके लैपटॉप के कीबोर्ड पर चल रही थी और वो ऐसे काम करते हुए बेहद हैंडसम, और अट्रैक्टिव लग रहा था"।
अब आगे।
जानवी वेटिंग एरिया में बैठी हुई थी उसकी फ्लाइट अनाउंस होने में अभी टाइम था तभी उसको किसी का कॉल आता है और वो बात करने साइड में चली जाती है।
"दूसरी तरफ एक लड़का किसी से फोन पर बात कर रहा था,वो कोई और नहीं रॉकी था जो इस टाइम क्वीन से बात कर रहा था तभी उसे एक गुस्से भरी एक आवाज आती है"।
‘तुमसे कितनी बार कहा है ऐसे ही मुंह उठा कर कभी भी फोन मत किया करो, "लगता है तुम्हारा अब अपनी जिंदगी से मन भर गया है"।
"तभी रॉकी हकलाते हुए क्वी…क्वी…क्वीन वो बात जरूरी थी इसीलिए कॉल किया वो कुछ तो प्लान कर रहा है उसने अपने आदमी भी काम पर लगाए हुए है"।
"तभी दूसरी तरफ से हंसने ही आवाज आती है जिसे जो करना है करने दो उन्हें इस गलत फहमी में जीने दो की हमे कुछ पता नहीं है।सही वक्त आने पर ‘एक-एक को उसकी औकात ना दिखाई तो मैं भी क्वीन नहीं‚।
"तुम्हे कुछ करना नहीं है बस सब पर नजर रखो और आगे से कॉल करने से पहले अच्छे से सोच लेना वरना सबसे पहले तुम ऊपर जाओगे,रॉकी जी जी क्वीन बोल कॉल रख देता है"।
"दूसरी तरफ बोहोत हो गया चूहे बिल्ली का खेल अब बहुत जल्द आमना–सामना होगा बस कुछ दिन और सभी के चेहरे से पर्दा उठेगा और हर एक को अपने किए ही सजा मिलेगी ये बोल वो अपने फोन पास पकड़ का देती है"।
"वही जानवी की भी फ्लाइट अनाउंस हो गई थी वो जल्दी से अपना सामान ले चली जाती है"।
"दूसरी तरफ ऋषभ के केबिन में साहिल एक फाइल लिए ऋषभ के सामने खड़ा हुआ था और ऋषभ अभी कॉल पर किसी से बात कर रहा था"।
"तभी ऋषभ फोन रख तो बताओ क्या पता चला उसके बारे में सर जैसा आप सोच रहे है ऐसा कुछ नहीं है वो कारण मेहरा की इकलौती बेटी है"।
"जो उनके साथ उनके छोटे से बिजनेस को संभालने में मदद करती है और सारी इन्फोर्मेशन के हिसाब से वो काफी इनोसेंट है इसलिए शुभ को उनसे कोई भी खतरा नहीं है"।
"ऋषभ हां में सर हिला देता है और साहिल को वहां से जाने का इशारा करता है साहिल भी तुरन्त वहां से चला जाता है"।
"तभी ऋषभ की नजर सामने सोफे पर पड़ती है जहां आर्यन और यश बैठे हुए थे, और आर्यन के फेस पर एक शैतानी मुस्कुराहट थी"।
"जरा हमे भी बता दो आज कल किस की इन्फोर्मेशन निकाली जा रही है लगता है तुमने मेरी बात मान ली इसी लिए तू लड़की पसंद कर रहा है"।
"हमे भी जरा मिलवा दे आखिर हम भी तो देखे कौन है वो बेचारी जिसकी किस्मत में तुझ जैसा खडूस लिखा है,वही यश नीचे फेस कर हंस रहा था"।
"तभी ऋषभ तुम दोनों किस्से पूंछ कर अंदर आए मेरे पास बकवास बातों के लिए टाइम नहीं है,यश ऋषभ शान्त हो जा तुझे तो पता है ये पागल है"।
"अरे मैं तो तुझे कुछ बताने आया था ये बोल वो ऋषभ के सामने एक फाइल कर देता है ऋषभ उस फाइल को देख रहा था।उस फाइल को अच्छे से पढ़ने के बाद ऋषभ बोला"।
"अगर हमें उसका पता करना है तो इसके खास आदमी को टारगेट करना होगा और जब हमे पता है कि उसके आदमी कहा है तो तुम्हे एक कम करना होगा"।
"ऋषभ उन दोनों को अपना प्लान समझाने लगता है और फिर वो दोनों वहां से जाने लगते है तभी आर्यन पीछे देख वैसे भाभी का नाम ही बता दे ऋषभ इरिटेट हो कर पेपर वेट उठा कर उसकी तरफ मरता है"।
"तभी आर्यन नीचे झुक जाता है अरे यार तू इतना भड़क क्यों रहा है दिखा ले जितनी अकड़ दिखानी है एक बार तेरी लाइफ में भाभी की एंट्री हो गई ना तब सारी अकड़ धरी की धरी रह जाएगी"।
"दूसरी तरफ एक प्लेन लैंड होता है और एयरपोर्ट से एक लड़की बाहर निकल रही थी जो देखने में बेहद खूबसूरत थी वहां आस पास के लोग उसे ही देख रहे थे"।
"क्योंकि वो किसी मॉडल से कम नहीं लग रही थी वो लड़की कोई और नहीं जानवी ही थी वो वहां से कैब में बैठ अपनी मंजिल की तरफ निकल जाती है"।
"वो थोड़ी नर्वस थी क्योंकि आज वो अपने पापा के बिना कही बाहर आई थी वो भी एक मीटिंग के सिलसिले में उसे अपने पापा की बात याद आती है ‘अपनी मां की तरह बनना सीखो कभी भी डर लगे या कोई काम लगे कि तुम नहीं कर सकती तो अपनी मां को याद करना क्योंकि वो हमेशा कोई न कोई रास्ता निकल ही लेती थी‚।
"वो आंखे बंद कर अपनी मां आयशा जी के बारे में सोचती है ‘बेटा कोई काम,कोई प्रॉब्लम इतनी बड़ी नही होती जिसे हम सॉल्व ना कर सकें‚वो ये सोच ही रही थी कि उसके आंखों से एक बूंद आंसू गिर जाता है पर जल्दी ही वो खुद को नॉर्मल करती है"।
"वो जल्दी ही एक बिल्डिंग के सामने पहुंच जाती है और अंदर जाने लगती है मीटिंग रूम में वो आंखे बंद कर गहरी सांस लेती है वहां बैठे कुछ लोग यही सोच रहे थे कि आज उनका यहां टाइम वेस्ट ही होगा"।
"तभी उन्हें जानवी की आवाज आती है जो फुल कॉन्फिडेंस के साथ प्रेजेंटेशन दे रही थी और धीरे धीरे सब उससे इंप्रेस होने लगते है"।
"जल्दी ही मीटिंग खत्म होती है और वहां तालियां बजने लगती है जानवी अपना सर हिला कर अपनी जगह पर बैठ जाती है फिर बाकी सारी फॉर्मेलिटी पूरी कर वहां से निकल जाती है "।
"आज वो बहुत खुश थी वो अपने पापा को फोन कर रही थी जिससे कि उन्हें आज की सारी बातें बता सके पर कारण जी फोन नहीं उठा रहे थे वो फोन रख देती है कि शायद किसी काम में बिजी होंगे"।
"तभी उन्हें जानवी की आवाज आती है जो फुल कॉन्फिडेंस के साथ प्रेजेंटेशन दे रही थी और धीरे धीरे सब उससे इंप्रेस होने लगते है"।
"जल्दी ही मीटिंग खत्म होती है और वहां तालियां बजने लगती है जानवी अपना सर हिला कर अपनी जगह पर बैठ जाती है फिर बाकी सारी फॉर्मेलिटी पूरी कर वहां से निकल जाती है "।
"आज वो बहुत खुश थी वो अपने पापा को फोन कर रही थी जिससे कि उन्हें आज की सारी बातें बता सके पर कारण जी फोन नहीं उठा रहे थे वो फोन रख देती है कि शायद किसी काम में बिजी होंगे"।
अब आगे।
" कारण जी सोफे पर बैठे हुए थे और उनके सामने दो लोग बैठे हुए थे,देखिए अंकल बात ये कि मेरा दोस्त अभी यहां शिफ्ट हो रहा है और इसे कुछ टाइम के लिए एक कमरा रेंट पर चाहिए"।
"क्योंकि इसका घर अभी तैयार नहीं हुआ है और इसका एक बच्चा भी है जिसे ये ऐसे ही अकेले नहीं छोड़ सकता इसलिए हमें ऐसे घर की तलाश थी जहां एक फैमिली रहती हो"।
"और ये अपने बच्चे को आराम से वहां छोड़ ऑफिस जा सके तो अगर आपको कोई प्रॉब्लम ना हो तो, तभी कारण जी नहीं नहीं मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है"।
"ये तो अच्छा ही है हमे भी इस घर में कोई ऐसा चाहिए था जिससे ये घर सुन ना लगे आप जब चाहे तब यहां शिफ्ट कर सकते है"।
"वो दोनों लड़के खुश हो जाते है तभी वो लड़का बोला जी अंकल कल ही शिफ्ट कर लेंगे वो दोनों वहां से चले जाते है बाहर आ कर दोनों एक दूसरे को देख ये काम तो हो गया"।
"अब बाकी यहां शिफ्ट होने के बाद शुरू करेंगे वैसे ऋषभ यहां शुभ को लाना सेफ रहेगा उसे कुछ…आगे के शब्द उसके गले में ही रह गए"।
"जी हां ये दोनों ऋषभ और यश ही थे जो यह अपने दुश्मन पर नजर रखने के लिए आए है,ऋषभ ऐसा कुछ नहीं होगा शुभ बिल्कुल सेफ रहेगा"।
"वो दोनों वहां से निकल जाते है वहीं कारण जी जब अपने फोन को देखते है तो उसमें जानवी की मिस्ड कॉल्स पड़ी हुई थी"।
"वो तुरंता उसे कॉल बैक करते है कॉल रिसिव होते ही कैसा है मेरा बच्चा कोई परेशानी तो नहीं हुई ना दूसरी तरफ से जानवी खुश होते हुए"।
"पापा पहले आप बताइए आपने खाना टाइम से खाया और दवाई टाइम से ली या नहीं तभी कारण जी तुमने अपनी जासूस जो भेजी थी लगता है वो कुछ गलती कर सकती है अपने काम में माही ने बोहोत अच्छा खयाल रखा है"।
"तुम बताओ सब कैसा रहा जानवी खुश होते हुए पापा सब अच्छा रहा मीटिंग रूम में सब मेरे से बोहोत ज्यादा इंप्रेस भी थे"।
"कारण जी मुझे पता था कि तुम सब सम्भल लोगी बेकार ही डरती हो तुम अपने डर पर काबू करना सीखो बेटा इतना इनोसेंट होना भी अच्छा नहीं है"।
"समझ रही हो न मैं क्या कहना चाहता हु बेटा,जी पापा मैं अब से खुद को बदलने की कोशिश करूंगी।आप तो जानते है जब से वो हादसा हुआ है"।
"तभी से मुझे ये भीड़ भाड़ और अंजान लोग पसन्द नहीं, तभी कारण जी बेटा तुम्हे कुछ बताना था तो बताइए पापा कोई प्रॉब्लम तो नहीं है ना आप बताओ मैं अभी यहां से निकलती हु"।
"नहीं बेटा ऐसा कुछ नहीं है वो बात ये है कि मैने तुम्हारे साथ वाला रूम किसी को रेंट पर दे दिया है तुम्हे कोई एतराज तो नहीं है ना"।
"पापा आप भी कैसी बात कर रहे है आपको जैसा सही लगे मुझे क्यों कोई एतराज होगा भला पापा मैं कल शाम तक आ जाऊंगी अभी मैं फोन रखती हु"।
"ठीक है तुम आराम करो बेटा जानवी फोन रख होटल रूम की बालकनी में खड़ी आसमान को देख रही थी उसके दिमाग में कुछ धुंधली यदि चल रही थी"।
"जिसे सोच कर उसके आंखों के कोने से आंसू बह रहे थे वो अपने आंसू साफ कर ऊपर देख कर मां के बाद तूने मुझे समझा हर कदम पर साथ दिया लेकिन तूने भी मेरा साथ छोड़ दिया"।
"तू चिंता मत करना जैसा तूने चाहा था वैसा जरूर होगा मैं वादा करती हु तुझसे, ये बोल वो रूम में जा कर अपने लिए डिनर का ऑर्डर दे वाशरूम चली जाती है"।
"दूसरी तरफ ऋषभ कल की तैयारी कर रहा था उसे जल्द से जल्द उन लोगों तक पहुंच ना था तभी उसके रूम का डोर नॉक होता है"।
"ऋषभ की मोम रूम में आतीं है ऋषभ तुम कहीं जा रहे हो बेटा ऋषभ हा मोम कुछ काम है और मैं सोच रहा हूं शुभ को भी ले जाऊं वो हर बार जिद्द करता है"।
"सोचा तो सही है पर कल व्योम लंदन से वापस आ रहा है और तुम जानते हो वो तुम्हारे हो शुभ के कितने क्लोज है कल ही जाना जरूरी है क्या उसे बुरा लगेगा"।
"मोम जरूरी नहीं होता तो मैं इस टाइम पैकिंग नहीं कर रहा होता और आप चिंता मत कीजिए मैं जल्दी ही वापस आ जाऊंगा और व्योम को मैं बाद में समझा दूंगा वो समझदार है"।
"सब समझ जाएगा अब वो बच्चा नहीं रहा बड़ा हो गया है और काफी मैच्योर भी आप उसकी टेंशन मत लीजिए अर्पिता जी ठीक है बोल वहां से चली जाती है और ऋषभ एक गहरी सांस ले अपने काम में लग जाता है"।
"जानवी फ्रेश होकर बाहर आ अपने फोन में कुछ कर रही थी तभी डोर नॉक होता है और जानवी डोर ओपन कर खाना ले कर काउच पर बैठ जाती है"।
"और खाना खत्म कर सोने चली जाती है वहीं दूसरी तरफ एक अंधेरे कमरे में एक लड़का बैठा हुआ था हाथ में वाइन का ग्लास ले एक लड़की की फोटो को देख रहा था"।
"वो अपनी शैतानी हंसी हंसते हुए बोला जब सामने दुश्मन इतना ख़ुबरूरत हो तो दुश्मनी निभाने में और भी मजा आता है अब तुमसे मिलने का वक्त आ गया है"।
"आ रहा हु तुम्हे बर्बाद करने गलती तुम्हारे बाप की और भुगतनी तुम्हे पड़ेगी इतना बोल वो एक ही सांस में अपना ग्लास खत्म कर देता है"।
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खाना खत्म कर सोने चली जाती है वहीं दूसरी तरफ एक अंधेरे कमरे में एक लड़का बैठा हुआ था हाथ में वाइन का ग्लास ले एक लड़की की फोटो को देख रहा था"।
"वो अपनी शैतानी हंसी हंसते हुए बोला जब सामने दुश्मन इतना खूबसूरत हो तो दुश्मनी निभाने में और भी मजा आता है अब तुमसे मिलने का वक्त आ गया है"।
"आ रहा हु तुम्हे बर्बाद करने गलती तुम्हारे बाप की और भुगतनी तुम्हे पड़ेगी इतना बोल वो एक ही सांस में अपना ग्लास खत्म कर देता है"।
अब आगे।
"अगली सुबह मेहरा हाउस की डोर बेल बजती है तभी कारण जी डोर ओपन करते है तो सामने ऋषभ और यश और शुभ खड़े थे अपने समान के साथ कारण जी उन्हें अंदर आने को बोलते है"
"उनके अंदर आते ही कुछ लोग उनका सामान अंदर लाने लगते है ऋषभ और यश अपना सामान सेट कर रहे थे आज पूरा दिन ऐसे ही रूम सेट करने में ही निकल गया था"।
"तभी कारण जी बेटा लगता है बोहोत थक गए हो यहां बैठो चाय पियोगे तो थकान दूर हो जाएगी तभी ऋषभ अंकल मैं चाय नहीं पिता कारण जी अच्छा तो काफी तो पी ही सकते हो"।
"अब इस समय कहा जाओगे बैठो इतना सुन ऋषभ और यश और कुछ नहीं बोलते और वहां बैठ जाते है शुभ भी साथ ही था कारण जी शुभ को देख पहचानने की कोशिश कर रहे थे"।
"क्योंकि उन्हें लग रहा था कि इस बचे को उन्होंने कही देखा है तभी शुभ की आवाज उनके कानो में पड़ती है अंकल मुझे चॉकलेट शेक पीना है"।
"तभी कारण जी बिल्कुल बेटा अभी लाते है वो अभी जा ही रहे थे कि एक बार फिर डोर बेल बजी वो डोर ओपन करने चले गए उनके फेस पर एक प्यारी सी स्माइल थी"।
"वो जैसे ही डोर ओपन करते है सामने जानवी थी जो एक दम से उनके गले लग जाती है जोर से बोलती है मैने आपको बोहोत…मिस किया पापा सभी पीछे देख रहे थे"।
"पर जानवी की पीठ ही दिखाई दे रही थी तभी जानवी कारण जी से अलग होती है कारण जी सब कैसा रहा,सब अच्छा रहा पापा जैसा सोचा था उससे भी अच्छा"।
"अच्छा ठीक है अब क्या यही खड़ी रहोगी या अंदर भी चलोगी वो जैसे ही अंदर जाती है उसे भी एक सरप्राइज़ मिलने वाला था वो जैसे ही अंदर आई शुभ एक दम से चिल्लाया एंजल आंटी…😃"
"खुशी और हैरानी से उसे देख रही थी तभी शुभ आ कर उसके पैरों से लिपट जाता है वही ऋषभ भी शोक में था कि वो उसी लड़की के घर आ गया जिससे मिलने की जिद्द शुभ करता रहता है"।
"उसने पीछे घूम कर देखा तो जानवी शुभ को हग कर रही थी उसने जैसे ही जानवी को देखा वो फ्रीज हो गया उसे आस पास का कुछ सुनाई नहीं दे रहा था"।
"उसके मुंह से अचानक ही निकला ब्यूटीफुल ये बात यश ने सुन ली थी और वो ये देख मुस्कुरा रहा था क्योंकि उसके दोस्त ने इतने टाइम बाद किसी लड़की को इतने ध्यान से देखा था और ब्यूटीफुल भी बोल दिया था"।
"वो उसके कंधे पर हाथ रख ओ भाई भाभी भी इसी घर में मिल गई तभी ऋषभ का ध्यान टूटा और वो यश को घूरने लगा यश बस अपने दांत दिखता 😁रह गया"।
"तभी कारण जी किचन की तरफ जाने लगे तो जानवी बोली पापा आप कहा जा रहे है और माही कहा है मैं उसे आपकी देख भाल के लिए छोड़ कर गई थी"।
"बेटा वो माही की तबियत ठीक नहीं थी तो मैने ही उसे वापस भेज दिया उस बेचारी ने तो बहुत ख्याल रखा मेरा तुम बैठो मैं कॉफी लेकर आता हूं "।
"जानवी नहीं पापा आप बैठिए मैं जाती हु लेकिन बेटा तुम अभी सफर से आई हो,जानवी तो क्या हुआ आप बैठिए मैं अभी आई"।
"कुछ ही देर में जानवी सब के लिए कॉफी और शुभ के लिए चॉकलेट शेक लेकर आती है सभी अपनी कॉफी पीते हुए बाते कर रहे थे"।
"तभी कारण जी ऋषि बेटा ये है मेरी बेटी जानवी ऋषभ और जानवी एक दूसरे को है सी स्माइल पास करते है"।
तभी जानवी अपने रूम मे चली जाती है और कारण जी डिनर की तैयारी करने जा रहे थे क्योंकि वो दोनों अकेले रहते थे इसलिए उन्होंने कोई सर्वेंट नहीं रखा हुआ था"।
"ऋषभ शुभ के साथ रूम में चला जाता है और यश अपने घर के लिए निकल जाता है पर जब वो घर जा रहा था उसने देखा कोई छुप कर इस घर पर नजर रख रहा है"।
"तुरन्त फोन निकाल ऋषभ कॉल कर सब बता देता है उधर से ऋषभ उसे पकड़ लो और सुबह तक मुझे सब इंफोर्मेशन चाहिए इतना बोल फोन रख देता है"।
"वही दूसरी तरफ कॉल पर एक लड़का थोड़ा हकलाते हुए बोला क्वी…क्वी…क्वीन वो बात ये है कि वो आने वाला है अपने लोगों से पता चला है"।
"कि अब वो सामने आने वाला है और आते ही आपको टार्गेट करेगा तभी उसके कानों में आवाज आई जिसे जो करना है करने दो किसी की इतनी औकात नहीं जो मेरा कुछ बिगड़ सके"।
"बस आस पास की सिक्योरिटी का अच्छे से ध्यान रखो बोहोत लोग है जो आस पास छुप कर बैठे है उन चूहों को बिल से निकल कर खत्म कर दो मेरे लोगो पर एक आंच भी नहीं आनी चाहिए"।
"उम्मीद है अच्छे से समझ गए होगे उधर से जी…जी…समझ गया मैं सब हैंडल कर लूंगा इतना बोल वो कॉल रख देता है"।
"वही कारण जी जानवी को डिनर के लिए बुलाने जाते है वो रूम जाते है तो देखते है जानवी रूम में नहीं थी उन्हें याद आता है जब जानवी थोड़ी परेशान होती है"।
"तो बालकनी में समय बिताती है वो उस तरफ बढ़ जाते है जानवी रेलिंग से लग कुछ सोच रही थी तभी पीछे किसी की प्रेजेंस फील कर पीछे देखती है तो कारण जी वहां खड़े थे"।
"जानवी बेटा कोई परेशानी है कोई बात तुम मुझे बता सकती हो बेटा बातों को ज्यादा मन में दबा कर नहीं रखना चाहिए जानवी पापा ऐसी कोई बात नहीं है"।
"आप बताइए आपको कुछ काम था, काम नहीं था बस डिनर के लिए बुलाने आया था जानवी पापा अपने क्यों बनाया मैं आ ही रही थी बस कारण जी तो क्या हुआ कल तुम बना देना दिनों डिनर के लिए जा रहे थे"।
"तभी कारण जी जानवी बेटा तुम चलो मैं जरा ऋषि को भी बुला लेता हु,जानवी हां में अपना सर हिला कर चली जाती है"।
"आप बताइए आपको कुछ काम था, काम नहीं था बस डिनर के लिए बुलाने आया था जानवी पापा अपने क्यों बनाया मैं आ ही रही थी बस कारण जी तो क्या हुआ कल तुम बना देना दिनों डिनर के लिए जा रहे थे"।
"तभी कारण जी जानवी बेटा तुम चलो मैं जरा ऋषि को भी बुला लेता हु,जानवी हां में अपना सर हिला कर चली जाती है"।
अब आगे।
"सभी डिनर कर रहे थे जानवी के पास शुभ बैठा था और दोनों अपनी ही मस्ती में लगे हुए थे।ऋषभ ये देख हैरान था कि उसका बेटा जो किसी से ज्यादा बात नहीं करता था"।
"उसके सिवा किसी के क्लॉस नहीं था वो आज उसे देख भी नहीं रहा वो सोच रहा था पर उसे कहीं न कहीं अच्छा भी लग रहा था कि उसका बेटा खुश है"।
"सभी अपना डिनर खत्म करते है और अपने अपने रूम मे चले जाते है रात को करीब 12 बजे ऋषभ शुभ को सुला कर चुपके से कही जा रहा था"।
"मगर कोई था जो उसे जाते हुए देख रहा था वो कोई और नहीं जानवी थी जो नींद न आने की वजह से टेरेस पर घूम रही थी"।
"मगर उसने कोई रिएक्ट नहीं किया वो शांत नजरो से उसे जाते देख रही थी वो तब तक उस ओर देखती रही जब तक उसकी गाड़ी नजरो से ओझल न हो गई"।
"कुछ समय बाद वो अपने रूम मे आ गई और अपना लैपटॉप ले कर काम करने बैठ गई"।
"वही दूसरी तरफ ऋषभ अपने फॉर्म हाउस के सामने आ कर रुकता है क्योंकि वो अपने दुश्मनों से डील यही करता था उन्हें सजा यही देता था"।
"वो गाड़ी से निकल सीधा अंदर जाता है तभी यश उसे देख तू इस टाइम यहां क्यों आया तुझे सुबह तक सब इंफोर्मेशन मिल जाती ऋषभ उसे हाथ दिखा चुप रहने का इशारा करता है"।
"और उस आदमी के बारे में पूछता है तो यश उसे एक रूम की तरफ जाने का इशारा करता है ऋषभ उस रूम मे जाता है जहां एक आदमी चेयर से बंधा था"।
"और बेहोश था ऋषभ अपने आदमियों को कुछ इशारा करता है और दो लोग उसके ऊपर पानी डाल देते है और वो आदमी झटपटा के उठ जाता है"।
"ऋषभ अपनी रॉब दार आवाज में किसके कहने पर यहां आए हो वो आदमी डरते हुए देखिए सर म.. म..मेरी कोई गलती नहीं है मैं तो बस अपने बॉस के कहने पर उस लड़की पर नजर रख रहा था"।
"ऋषभ ये सुन चौंक जाता है तुम उसके पिछे क्यों पड़े हो तभी वो आदमी सर हमे बस इतना कहा गया है कि उस लड़की की एक एक पल की खबर देनी है"।
"किसके कहने पर कर रहे हो ये सब,सर हमे नहीं पता वो कौन है हमारी बस कॉल पर बात होती है और टाइम से वो हमारे पैसे भेज देते है हम बस इतना ही जानते है"।
"ऋषभ वहां से बाहर निकल जाता है और यश को कुछ समझाता है और वहां से घर के लिए निकल जाता है जब वो वापस आया तब रात के 2 बज रहे थे"।
"अगली सुबह जानवी और कारण जी ब्रेकफास्ट कर रहे थे तभी ऋषभ और शुभ सीढ़ियों से आ रहे थे कारण जी उसे आवाज दे ब्रेकफास्ट करने को बोलते है"।
"सब ब्रेकफास्ट कर रहे थे पर ऋषभ चोर नजरो से जानवी की देख रहा था जानवी ने आज लाइट ब्ल्यू कलर का टॉप और डेनिम जींस केरी किया था"।
"जिसमें वो काफी खूबसूरत लग रही थी ऋषभ का ध्यान कारण जी की आवाज से टूटा जो कह रहे थे जानवी बेटा आज मुझे कही जाना है तो आज की मीटिंग तुम देख लेना"।
"मैं शाम तक आ जाऊंगा जानवी ओक पापा सभी अपने काम के लिए जा रहे थे पर ऋषभ बाहर जाके देखता हैं कि उसकी गाड़ी के टायर पंचर है"।
"वो ये देख हैरान हो जाता है कि ये किसने किया वही शुभ धीरे से मुस्कुरा रहा था क्योंकि ये सब उसी का किया धारा था भले ही वो अभी छोटा हो पर उसका दिमाग बाकी बच्चों से तेज था"।
"कारण जी ऋषभ को परेशान देख क्या हुआ ऋषि बेटा आप परेशान है ऋषभ कुछ नहीं अंकल वो बस मेरी गाड़ी तभी कारण जी गाड़ी की तरफ देखते है"।
"और बोले कोई बात नहीं तुम्हे जानवी तुम्हारे ऑफिस छोड़ देगी ऋषभ मना करता हैं पर कारण जी के बार बार कहने पर मान जाता है"।
"कारण जी दूसरी गाड़ी में बैठ निकल जाते है ऋषभ और शुभ जानवी के साथ उसकी कार में थे ऋषभ पैसेंजर सीट का था और शुभ पीछे बैठ हुआ था और बोहोत खुश था"।
"क्योंकि उसके दिमाग में कुछ तो चल रहा था पर क्या ये तो वहीं जाने जानवी बोहोत समुदली कार चला रही थी पहले वो शुभ को स्कूल ड्रॉप करती है"।
"फिर ऋषभ से पूछती है तो बताईये आपको कहा ड्रॉप करु ऋषभ जानवी से शेखावत इंडस्ट्री मैं वहीं जॉब करता हु"।
"जानवी अपना सर हां में हिला कार स्टार्ट कर देती है पर इस बार वो बहुत तेज ड्राइव कर रही थी ऋषभ हैरान था।जो लड़की अभी इतनी धीमे कार चल रही थी अब उसने कार को 😮एयरोप्लेन बना डाला"।
"कुछ टाइम बाद जानवी आप पहुंच चुके है ऋषभ अपने खयालों से बाहर आया और कार से उतरने लगा तभी जानवी बोली तो ऋषभ उसकी ओर देखने लगा"।
"जानवी वो आज मैने जैसे कार चलाई आप पापा को मत बताना वो क्या है न पापा साथ होते है तो वो मुझे एलाऊ नहीं करते पर आज पापा नहीं थे इसलिए थोड़ी स्पीड बढ़ा दी"।
"इतना बोल वो अपने दांत दिखा रही थी😁ऋषभ हल्की स्माइल के साथ ठीक हैं मैं किसी से कुछ नहीं कहूंगा पर आपको ध्यान रखना चाहिए ये कार है एयरोप्लेन नहीं है"।
"इतना बोल वो वहां से चला जाता है और जानवी अपने ऑफिस की तरफ निकल जाती है"।
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