भीड़ भरी दुनिया में उसकी तलाश में भटकता रहा, हर चेहरा देखकर ठहर सा जाता। रात की खामोशी में भी उसका नाम ही जुबां पर आता है। हर मोड़, हर रास्ता मुझे उसी की याद दिलाता, जैसे वो यहीं कहीं पास हो। हवाओं में उसकी खुशबू मिलती है, जैसे वो छुपकर मुझे... भीड़ भरी दुनिया में उसकी तलाश में भटकता रहा, हर चेहरा देखकर ठहर सा जाता। रात की खामोशी में भी उसका नाम ही जुबां पर आता है। हर मोड़, हर रास्ता मुझे उसी की याद दिलाता, जैसे वो यहीं कहीं पास हो। हवाओं में उसकी खुशबू मिलती है, जैसे वो छुपकर मुझे देख रही हो। उसकी हँसी की गूंज अब भी कानों में है, मगर वो खुद कहीं गुम हो गई है। दिल कहता है वो कहीं न कहीं मेरी ही ओर लौट रही होगी। मैं वादा करता हूँ, चाहे अंधेरे हों या दूरी—मैं उसे ढूंढकर ही सांस लूँगा। हर कदम पे यक़ीन है—मेरी खोज वहीं खत्म होगी जहाँ वो मुझे मिलेगी।
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एक क्लब के बाहर बेहद भीड़ थी और उस क्लब को पुलिस ने पूरी तरह से घेर रखा था। वहाँ भीड़ में मीडिया के लोग भी थे। पर पुलिस के कारण वो क्लब के अंदर जाने में नाकाम थे।
"यहाँ इतनी भीड़ क्यों है?" भीड़ में मौजूद एक आदमी ने माँझरा जानने की कोशिश की।
"मुझे खुद नहीं पता! मैं तो खुद अभी यहाँ आया हूँ।" उस आदमी ने जवाब दिया और सामने की तरफ देखने लगा। तभी उनकी बातें सुन रहे तीसरे आदमी ने कहा। "यहाँ किसी का कत्ल हुआ है! सुना है वो बहुत बड़े बाप की औलाद है। इसलिए तो इतनी पुलिस है।" उस आदमी की बात सुनकर बहुत लोगो ने उसे घेर लिया। मानों उसे ही सारी जानकारी है और अब वो सब कुछ जान ही लेंगे।
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अगली रात,
रात का समय,
एक आलीशान से रूम की बालकनी में अंधेरा छाया हुआ था और रूम में रौशनी फैली हुई थी। इतनी रौशनी के बाद भी रूम में कोई नहीं था। पर अंधेरे में डूबे हुए उस बालकनी में एक शख्स खड़ा था।
सांवला सा वो लड़का जिसपर चाँद अपनी रोशनी बिखेर रहा था। वो अलग ही आकर्षण का केंद्र बना हुआ था। बाल उसके माथे पर बेतरतीब से बिखरे थे जो उस पर बखूबी जच रहे थे। उसने ब्लू फूल स्लीव्स वाली टी सर्ट पहनी हुई थी, जिसकी स्लीव्स उस लड़के ने फोल्ड कर के चढ़ा रखी थी। उसकी कलाई में सिल्वर कलर का कड़ा था जिस पर एन लिखा हुआ था। बालकनी की रेलिंग पर ही उसका फोन रखा हुआ था। उसी पल उसके फोन की स्क्रीन जल उठी। शायद कोई नोटिफिकेशन था। उसके फोन की वॉल पर एक बेहद खूबसूरत सी लड़की की पिक्चर लगी हुई थी। जिसकी सिर्फ आँखें ही दिख रही थी। गहरी और भूरी आँखें जिनमें कोई भी डूब जाए।
वो लड़का अपनी बालकनी की रेलिंग से टिका एकटक आसमान में मौजूद आधे चाँद को देख रहा था। उसने फोन पर कोई ध्यान नहीं दिया।
"कहाँ हो तुम प्रिया?" उस लड़के ने आसमान में मौजूद चाँद को देखते हुए कहा। जिसमें उसे उस लड़की का अक्श दिखाई दे रहा था। मासूम सी मुस्कुराहट और प्यारा सा चेहरा।
"निक! हमें अभी मुंबई के लिए निकलना है।" पीछे से आते हुए एक लड़के ने कहा। जो लगभग उसी की उम्र का ही था।
"गाड़ी निकालो।" निक ने उस लड़के से कहा और अपना फोन ले कर वो रूम से बाहर निकल गया। उसके पीछे वो लड़का भी तेजी से किसी को फोन करते हुए निकला।
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रात का समय,
अनजान जगह,
एक छोटे से बन्द पड़े कमरे में एक लड़की कुर्सी में बेहोश पड़ी थी। उसके हाथ बुरी तरह से बंधे हुए थे और पैर भी। उसके सामने एक लड़का उसे घूरते हुए सिगरेट के कश ले रहा था।
गोरा रंग और अट्रैक्टिव लुक लिए वो लड़का ठीक ठाक दिख रहा था पर उसके गाल पर अजीब सा कट का निशान था। जो उसे खतरनाक लुक दे रहा था। वो अपने सामने मौजूद उस लड़की को बुरी तरह घूर रहा था।
सामने बैठी लड़की का चेहरा ठीक से दिख नहीं रहा था। क्योंकि उसके आधे बाल उसके चेहरे पर बिखरे हुए थे। पर फिर भी उसकी पर्सनाल्टी बेहद अट्रैक्टिव थी।
वो लड़का उस लड़की को घूर ही रहा था। तभी उस लड़की की बॉडी ने हरकत की और धीरे से उस लड़की ने अपनी आँखें खोली। पर जैसे ही उसकी नज़र सामने बैठे शख्स पर पड़ी। उसने झट से अपनी पूरी आँखें खोल ली और सीधी होते हुए बोली। "त..... तुम?" कहते हुए उसकी नज़र खुद पर गई।
"तुम मुझे यहाँ क्यों लाये! और! और..... तुमने मुझे बांध क्यों रखा है?" उस लड़की ने गुस्से में वापस से उस लड़के की तरफ देखते हुए कहा।
"रिलैक्स स्वीटहार्ट! अच्छा लगा जान कर! की तुम अब तक मुझे भूली नहीं हो और ना ही भूल सकती हो। क्योंकि मैं ऐसा होने दूंगा ही नहीं।" उस लड़के ने मुस्कुराते हुए कहा और फिर उसने सामने बंधी लड़की की तरफ अपना हाथ बढ़ाया ही था कि इतने में ही उस लड़की ने अपना चेहरा फेरते हुए कहा। "हाथ मत लगाना मुझे!"
"ओह्ह! अकड़ कम नहीं हुई अब तक प्रिया बेबी की।" कह कर वो लड़का मुस्कुराने लगा और अपनी जगह से उठ कर लड़की के पास आ गया। इससे पहले प्रिया कुछ समझती उस लड़के ने झटके से उसे उसके बालों से पकड़ लिया और बोला। "तुम बहुत अच्छी तरह से जानती हो तुमने क्या किया है। अब तो तुम भूल ही जाओ की तुम अहीर के जहर से बच सकती हो।"
"लिव मि! मैंने कुछ नहीं किया! सुना तुमने! कुछ नहीं किया है मैंने, ये सब मिहिर की गलती थी।" प्रिया ने गुस्से में कहा।
"अच्छा! उसे जान से मारने के बाद भी तुम्हारी इतनी हिम्मत की तुम कह सको! की तुमने कुछ नहीं किया।" इतना कहते ही अहीर ने प्रिया के बालों को झटके से छोड़ दिया।
प्रिया ने कस के अपनी आँखें भींच ली।
अहीर गुस्से से वहाँ से चला गया। प्रिया छटपटाते हुए खुद को रस्सियों से छुड़ाने की कोशिश करने लगी पर छुड़ा नहीं पाई।
बाहर आते ही अहीर ने एक आदमी से कहा। "इसे और ज्यादा हाई डोज़ दो। ये अब, तब तक होश में नहीं आनी चाहिए जब तक हम इंडिया से बाहर ना निकल जाएं।" सामने वाले आदमी ने हाँ में अपनी गर्दन हिला दी।
अंदर मौजूद प्रिया ने अहीर की बात सुन ली और उसने उसी पल चिल्लाते हुए कहा। "मैंने मिहिर को नहीं मारा है।" पर अहीर ने प्रिया की बात सुन कर भी अनसुनी कर दी।
"कहाँ हो तुम निक! प्लीज़ हेल्प मि।" प्रिया ने खुद से ही कहा और उसकी आँखों से आँसु बह कर गालो पर लुढ़क आये।
अगले ही पल एक आदमी अंदर आया। प्रिया की आँखें हैरानी से बड़ी हो गई। क्योंकि उस आदमी के हाथ में इंजेक्शन था।
"नहीं!" प्रिया चीख पड़ी। पर उस आदमी को तो जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा। उसने आगे बढ़ कर प्रिया की बाह पर इंजेक्शन लगा दिया।
"Congratulations मिसेस ओबोरॉय यु आर प्रेग्नेंट।" ये आवाज़ अचानक प्रिया के कानों में गूँजी और उसी के साथ प्रिया बेहोश हो गई।
वो आदमी वहाँ से चला गया और अब वहाँ बस प्रिया ही रह गई थी। जिसे कोई होश नहीं था।
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"वो वहिं मिलेगा ना, अनीष?" निक ने गाड़ी ड्राइव कर रहे अपने असिस्टेंड अनीष से कहा तो अनीष ने अपनी गर्दन हिलाते हुए कहा। "यस सर! वो वहाँ किसी की तलाश में गया है। शायद उसे मारने।" अनीष ने कहा तो निक ने कुछ सोचते हुए कहा। "किसके पीछे गया है वो?"
"राधिक चौहान के पीछे सर।" असिस्टेंड मनीष ने कहा तो निक अपना लैपटॉप ले कर बैठ गया।
To be continue:-
मुम्बई,
निक एक होटल में रुका हुआ था और कल वो उस शख्स से मिलने वाला था। जिसके लिए वो यहाँ था। निक की आँखों में नींद बिल्कुल भी नहीं थी। उसे अनीष की कहीं बातें याद आने लगी।
"सर! ये सब पिछले न्यू ईयर में हुए उस हादसे से रिलेटेड है! जिसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। शाइर क्लब में एक हादसा हुआ था। जो बाहर आने से पहले ही दबा दिया गया था। बहुत कम लोग ही इस बारे में जानते हैं, उनमें से एक है ज़ोग्राज़! शाइर क्लब इसी का था तब शायद। या अब भी है। कुछ कन्फर्म नहीं है, पर ये हमें उस हादसे के बारे में बता सकता है जो कि मिसेस ओबोरॉय से भी रिलेटेड है।"
निक ने अपना सिर झटका और बेड पर जा कर लेट गया। लेकिन अभी भी उसकी आँखों में नींद नहीं थी। पूरी रात उसने अपनी आँखों में ही काट दी।
सुबह होते ही निक बिना अनीष को बताए ही होटल रूम से बाहर निकल गया। अनीष उसके बगल वाले रूम में ही स्टे कर रहा था। पर निक ने अनीष को कुछ नहीं बताया और गाड़ी ले कर वहाँ से चला गया।
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कुछ देर बाद,
सुनसान रास्ते पर एक कार तेज़ी से आ कर रुकी और उसके ठीक बाद एक और कार उस कार के बगल में आ कर रुकी।
एक कार से निक और दूसरे कार से एक आदमी बाहर आया।
उस आदमी ने निक की तरफ देखते हुए गुस्से में कहा। "क्या चाहिए तुझे? और मेरे बारे में तुझे कैसे पता?" उस आदमी की बात सुनकर निक मुस्कान बिखरते हुए बोला। "मुझे क्या? तेरे बारे में तो राधिक चौहान को भी पता है, कि तु कहाँ है? पर मुझे बस इतना बता की पिछले साल की न्यू ईयर की रात में जो शाइर क्लब (काल्पनिक नाम) में हादसा हुआ था। उसके पीछे कौन था?" निक ने आराम से कहा और अपनी पॉकेट से सिगरेट निकाल ली। निक ने अपने होंठो पर सिगरेट दबाई और उस आदमी कि पॉकेट से उसने लाइटर निकाल कर अपनी सिगरेट जला ली।
वहीं उस आदमी के माथे पर बल पड़ गए थे निक की बात सुनकर।
"देख जल्दी मुँह खोल! वरना बाद में तेरी बॉडी के पास मौका नहीं होगा और तेरी आत्मा पछता रही होगी।" निक ने कहा और सिगरेट का धुँआ अपने सामने खड़े आदमी के मुँह में छोड़ दिया।
उस आदमी ने तुरन्त अपनी गन निकाल कर निक की तरफ पॉइंट कर दिया। पर निक पर कोई असर नही हुआ वो अब भी वैसे ही खड़ा था।
उस आदमी ने हँसते हुए कहा। "मुझे अभी जिंदा रहना है तो तु उस रात की बात भूल जा इसी में तेरी भलाई है।" कहते हुए उस आदमी ने ट्रिगर पर उंगली रखी ही थी कि इतने में ही उसके कानों में निक की आवाज़ पड़ी।
"मेरी गाड़ी में बॉम है। गोली चलते ही धमका हो सकता है क्योंकि ये बॉम हर छोटी हरकत पर रिएक्ट करता है। मैंने इसे एक्टिव भी कर रखा है। ताकि तुम्हारी जीने की ख्वाहिश खत्म कर सकूँ।" निक ने आराम से कहा। ये सुनकर उस आदमी के माथे पर पसीने आ गए और वो वहाँ से जाने लगा।
वो आदमी जैसे ही वहाँ से जाने को हुआ। वैसे ही निक ने उसके हाथ से गन छीन ली।
"तेरी ज़िंदगी वैसे भी खत्म होने वाली है। तो जल्दी बक। अकेले आ कर तो पहले ही गलती कर चुका है। अब और गलती करने का सोचना भी मत क्योंकि मैं अकेले बिल्कुल भी नहीं आया हुँ।" निक ने बस इतना ही कहा था कि वहाँ एक और गाड़ी आ कर रुकी और उस गाड़ी से बहुत सारे आदमी बाहर आ गए। जिनके पास बहुत से हथियार थे।
जोग्राज़ ने हैरानी से सब की तरफ देखा तो सबके होंठो पर एक मुस्कुराहट थी।
उस आदमी को अपने बचने का कोई तरीका सूझ ही नहीं रहा था।
"तुम आखिर चाहते क्या हो?" उस आदमी ने आखिर हार मानते हुए कहा।
"उस रात क्या हुआ था।" निक ने उस आदमी के सिर पर गन पॉइंट करते हुए कहा।
उस आदमी ने जल्दी से अपना फोन निकाला और तुरन्त अपना मेल बॉक्स ऑपन कर के निक की तरफ बढा दिया।
"ये उस रात की फुटेज है!" उस आदमी ने कहा तो निक ने वो फुटेज खुद को मेल की और उसके फोन से डिलीट कर के उसे फोन वापस कर दिया।
उस आदमी ने अपना फोन अपने हाथ में ले लिया और तेज़ी से अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ गया। निक चुप चाप अपनी जगह पर ही खड़ा था। उस आदमी ने अपनी गाड़ी में बैठते ही एक बार पलट कर निक की तरफ देखा जो शांति से खड़ा था और उसके लोग भी। ये देखकर उस आदमी ने तेज़ी से अपनी गाड़ी वहाँ से निकाल ली।
उसके जाते ही निक ने किसी को कॉल किया।
"अभी अभी ज़ोग्राज़ यहाँ से निकला है। वो ज़िंदा बचना नहीं चाहिए।" दूसरी तरफ से कॉल रिसीव होते ही निक ने कहा और कॉल एंड कर दिया।
ज़ोग्राज़ ने अपनी गाड़ी तेज़ी से वहाँ से निकाल ली। कुछ दूर जा कर ज़ोग्राज़ ने अपनी गाड़ी टर्न की और उसी के साथ एक तेज़ी से आती ट्रक ने उसकी गाड़ी को टक्कर मार दी। इससे पहले जोग्राज़ सम्भलता उसी ट्रक ने उसे एक और बार टक्कर मारी और जोग्राज़ की गाड़ी सामने बड़े से पत्थर से टकरा कर पलट गई। गाड़ी की हालत ऐसी हो गई थी कि दूर से ही पता चल रहा था कि गाड़ी में मौजूद शख्स के बचने की कोई उम्मीद नहीं है।
उसके तुरन्त बाद निक का फोन बज उठा। निक ने कॉल रिसीव किया तो सामने से आवाज़ आई। "काम हो गया सर!" इतना सुनते ही निक ने कॉल एंड किया और अपनी गाड़ी स्टार्ट कर के वो दूसरी तरफ रुख कर के वो भी वहाँ से निकल गया।
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दिल्ली,
पुलिस स्टेशन,
"सर! खबर मिली है कि अहीर इंडिया से बाहर जाने का प्लान कर रहा है।" एक ऑफिसर ने अपने सामने बैठे एस पी से कहा।
एस पी शिवेन शर्मा! ये नाम सामने बैठे शख्स के टेबल पर रखे नेम प्लेट पर चमक रहा था। दिखने में एकदम अट्रैक्टिव पर्सनाल्टी थे मिस्टर शिवेन शर्मा।
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अनजान जगह,
"बॉस! दिल्ली वाला माल पकड़ा गया। रघु ने धोका दे दिया। साला पुलिस वालो से मिल गया था।" एक आदमी ने अहीर के सामने आते हुए कहा।
सामने बैठे अहीर ने अपनी गन उठाई और अगले ही पल वहाँ गोली चलने की आवाज़ गूँज उठी।
To be continue:-
"इसकी लाश को ठिकाने लगाओ जल्दी और यहाँ जितने भी माल डिलीवरी के लिए बाकी हैं उन्हें गोडाउन में रखवा दो।" अहीर ने अपने सामने पड़े आदमी की लाश को घूरते हुए कहा जो कुछ देर पहले उसे उसके माल के बारे में खबर करने आया था।
वहाँ मौजूद किसी के मुँह से आवाज़ नहीं निकली। दो आदमी सामने आए और वहाँ पड़ी लाश को खींच कर ले गए।
अहीर ने किसी को कॉल किया और बोला। "रघु को पुलिस ने पकड़ लिया है। जल्द से जल्द उसे बाहर निकालो।"
"जी बॉस।" सामने से आवाज़ आई तो अहीर ने कॉल एंड कर दिया। तभी एक आदमी भागते हुए आया और अहीर के सामने आते हुए बोला। "बॉस! ज़ोग्राज़ मारा गया।"
अहीर ने उस आदमी को जाने का इशारा कर दिया तो वो हल्के से सिर झुका कर वहाँ से चला गया।
"पता करो ये किसने किया?" अहीर ने वहाँ मौजूद टेबल पर रखे सिगरेट के पैकेट से एक सिगरेट निकालते हुए कहा और सिगरेट अपने होंठो पर दबा दिया।
सिगरेट जलाने के बाद अहीर ने वहाँ मौजूद आदमियों को वहाँ से भेज़ दिया और खुद सोफे पर सिर पीछे टिका कर बैठ गया।
सिगरेट के कस लेते हुए अहीर अपनी पिछली यादों में चला गया।
फ़्लैश बैक,
एक शानदार से बंगले के हॉल में बैठा अहीर अपने लैपटॉप पर काम कर रहा था। जब मिहिर तेज़ी से उसके सामने आ कर खड़ा हो गया। इस वक़्त अहीर के चेहरे पर कोई निशान नहीं था और वो दिखने में बहुत स्मार्ट लग रहा था। स्मार्ट तो दिखने में मिहिर भी था। पर उसका फेस बिल्कुल बच्चो की तरह था और क्यूट भी।
"भाई! चलो ना भाई प्लीज़! मुझे वो गाड़ी बहुत पसंद है मुझे वही गाड़ी चाहिए।" मिहिर ने अहीर से ज़िद करते हुए कहा।
"तुम रघु के साथ चले जाओ मिहिर।" अहीर ने प्यार से कहा।
"अगर आप मेरे साथ नहीं गए! तो मैं अब आपकी कोई बात नहीं मानूंगा और अपने मन की करूँगा।" मिहिर ने नौटंकी करते हुए कहा। तो अहीर ने उसे घूरते हुए कहा। "तुम अब भी अपने मन की ही करते हो।"
"भाई!" कह कर मिहिर पैर पटकते हुए वहाँ से जैसे ही जाने को हुआ अहीर ने उसे रोक लिया। "जल्दी आ तैयार हो कर मैं बाहर गाड़ी में वेट कर रहा हुँ।"
अहीर की बात सुनकर मिहिर खुश हो गया और तेज़ी से अपने कमरे में चला गया। उसे ऐसे देखकर अहीर मुस्कुरा दिया।
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कुछ देर बाद एक कार शो रूम के सामने अहीर की गाड़ी आ कर रुकी और उस गाड़ी की पिछली सीट से अहीर और मिहिर बाहर निकले।
मिहिर ने अहीर का हाथ पकड़ा और उसे खींच कर शो रूम के अंदर ले गया और रघु गाड़ी पार्क करने चला गया।
एक कार के पास आ कर मिहिर रुक गया। गोल्डन कलर की वो कार देखने में बेहद खूबसूरत और अट्रैक्टिव थी। उसी वक़्त एक लड़की की आवाज़ दोनों भाइयों के कानों में पड़ी।
"मे आई हेल्प यु?"
आवाज़ सुनकर दोनों भाई ने पलट कर देखा।
"हमें ये गाड़ी चाहिए।" मिहिर ने फौरन कहा। पर अहीर तो जैसे उस लड़की में ही खो गया था, इसलिये उसने कुछ नहीं कहा।
गोरा रंग, सुंदर गोल चेहरा और प्यारी सी आँखें जो घनी पलकों के नीचे ढकी हुई थी। हाई पोनी के साथ बालो की हल्की लटें जो उसके गालो को चूम रही थी। खूबसूरत से हल्के कलर के सिम्पल से सूट में वो बहुत प्यारी लग रही थी।
मिहिर की बात सुनकर उस लड़की ने मुस्कुराते हुए सिर हिला दिया। उसके मुस्कुराते ही उसके गाल पर पड़ते डिम्पल की वजह से उसके गाल में मौजूद तिल भी थोड़ा छुप गया। उसी पल अहिर के दिल की धड़कने एकदम से बढ़ गई।
"प्रिया! तुझे बॉस ने बुलाया है, तुझे छुट्टी मिल गई है।" एक लड़के ने प्रिया के पास आ कर कहा तो उसकी आँखों में चमक आ गई।
"तुम कस्टमर हैंडल कर लो मुझे जाना होगा।" कह कर प्रिया बिना उस लड़के की बात सुने वहाँ से भाग गई। अहीर तो बस उसे देखता ही रह गया।
फ़्लैश बैक खत्म,
अहीर अपनी यादों से बाहर आते हुए खुद से ही बोला। "उस दिन तुम्हें देखकर तो कोई भी पागल हो जाता।" कहकर अहीर मुस्कुरा दिया।
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निक वापस अपने रूम में आ गया पर उसने अनीष से कोई बात नहीं कि और ना ही उसने उसे बुलाया। जबकि अनीष तो निक को ढूँढने में ही बिजी था।
निक ने अपना फोन लैपटॉप से कनेक्ट किया और फुटेज चेक़ करने लगा।
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प्रिया को जब दोबारा होश आया तो वो अब दूसरे जगह पर थी और आस पास कोई नहीं था। ये देखकर प्रिया ने एक गहरी साँस ली। प्रिया इस वक़्त एक अनजान से फ्लैट में थी।
आस पास नज़रें घुमा कर प्रिया कुछ ढूंढने लगी। पर उसे ऐसा कुछ भी नहीं मिला जो वो ढूंढना चाहती थी। तो वो मायूसी से फिर बैठ गई। पर उसकी नज़रें अभी भी इधर उधर घूम रही थी।
अगले ही पल प्रिया की नज़र उसके पास के ही टेबल में मौजूद छोटे से लैम्प पर पड़ी। उसे देखते ही प्रिया की आँखों में एक अलग सी चमक आ गई।
प्रिया ने एक गहरी साँस ली और अपने हाथ की तरफ देखा जो आपस में जुड़े बंधे हुए थे। वो एक चेयर पर बैठी थी। पर वो चेयर से बंधी नहीं थी। उसके पैर और हाथ ही आपस में जुड़े बंधे थे। प्रिया ने अपना हाथ बढ़ाया और उस लैंप को पकड़ने की कोशिश करने लगी। कुछ पल कोशिशों के बाद लैंप टेबल से गिर कर टूट गया। प्रिया ने कस के अपनी आँखें बंद कर ली। उसे डर था। कि कहीं कोई आवाज़ सुनकर अंदर ना आ जाये। पर कोई नहीं आया। ये देखकर प्रिया ने एक गहरी साँस ली और झुक कर उसने फर्श पर बिखरे हुए काँच का एक टुकड़ा उठा लिया।
प्रिया ने ब मुश्किल काँच को सहिं से पकड़ा और अपने हाथ में बंधी रस्सी काटने लगी।
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अहीर अपने फोन में प्रिया की हरकतें देख कर बस मुस्कुराए जा रहा था। उसके हाथ में अभी भी जलती हुई सिगरेट थी। उसने सिगरेट वहिं फेंक दी और अपने जूते से उसे मसलते हुए उसने अपना फोन बन्द कर के पॉकेट में डाल लिया। फर्श पर वैसे ही ना जाने कितने ही सिगरेट के टुकड़े बिखरे पड़े थे। उन सब को कुचलते हुए अहीर उस रूम से बाहर निकल गया।
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प्रिया अपने हाथ की रस्सियां काटने में बिजी थी। पर तभी उसके कानों में दरवाज़े की आवाज़ पड़ी और उसके हाथ से काँच छूट कर गिर गया।
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प्रिया ने अपनी नज़रें उठाई तो दरवाज़े से लग कर अहीर खड़ा उसे ही देख रहा था। उसके होंठो पर मुस्कान थी। जिसे देख कर प्रिया को उसपर बेहद गुस्सा आ रहा था।
"तुम आखिर चाहते क्या हो?" प्रिया ने गुस्से में कहा।
"तुम्हें! इसलिए तो तुम यहाँ हो और इसलिए ही तुम्हारी इतनी हिम्मत है कि तुम मेरे सामने अपना मुँह खोल सको।" अहीर ने कहा तो प्रिया ने अपना चेहरा फेर लिया। अहीर की नजरें अभी भी प्रिया पर ही थी।
"तुम्हारी कोशिश बेकार है, उस दिन मिहिर की बात मान कर तुम उसके साथ मेरे पास आ जाती! तो ऐसा कुछ नहीं होता।" कहते हुए अहीर ने अपने कदम प्रिया की तरफ बढ़ा दिए।
"मैंने तुमसे कितनी बार कहा है, आई लव नि........!" कहते कहते प्रिया के शब्द उसके गले में ही अटक गए। क्योंकि अहीर ने उसके चेहरे को एक हाथ से दबा दिया था।
"तुम भी मेरे सामने उसका नाम मत लिया करो।" अहीर ने गुस्से में कहा। तो प्रिया कसमसा गई। अहीर उसे छोड़ कर चला गया। तो वहिं प्रिया गुस्से से अहीर को घूरती ही रह गई।
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"मुझे जल्द से जल्द प्रिया के साथ यहाँ से निकलना है।" अहीर ने कॉल पर किसी से कहा।
"सर! अभी आप शहर से बाहर नहीं जा सकते। कोर्ट के ऑर्डर्स हैं। अगर आप शहर से बाहर गए तो उनका शक यकीन में बदल जायेगा और वो.......!" सामने से आवाज़ आई पर इससे पहले वो अपनी बात पूरी करता अहीर ने उसे टोक दिया।
"तुम कर क्या रहे हो। जो अब तक एक छोटा सा मैटर भी शॉल्व नहीं कर पाए।" अहीर ने गुस्से में कहा और फोन पटक दिया।
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"तुम यहाँ हो और मैं तुम्हें ना जाने कहाँ कहाँ ढूँढ आया।" अनीष ने निक के सामने आते हुए कहा। जो कि अपने रूम में बैठा लैपटॉप पर फुटेज देख रहा था।
अनीष को देखते ही निक ने अपना लैपटॉप बन्द कर दिया।
"तुम्हें इस वक़्त अपने रूम में होना चाहिए।" निक ने कहा तो अनीष ने उसे घूरते हुए कहा। "तुम मेरे बिना उस ज़ोग्राज़ के पास गए थे?"
"मैंने तुमसे पहले ही मना किया था। कि इन सबसे दूर रहो।" निक ने नाराजगी से कहा।
"तुम भूल रहे हो! तुम्हारा दोस्त और असिस्टेंड मैं बाद में हुँ पहले मैं प्रिया का भाई हुँ। तो उसे ढूंढने मैं भी चलूँगा। इस बार मैं उस अहीर को ज़िंदा नहीं छोड़ूँगा।" अनीष ने गुस्से में कहा।
"पहले पता तो कर ले कि आखिर वो छुप कर कहाँ बैठा है।" निक ने कहा तो अनीष ने भी उसी लहज़े में जवाब दिया। "मुझे पता चल गया कि वो कहाँ है।"
निक की नजरें एकदम से अनीष पर ज़म गई। मानो जो उसने कहा उसपर यकीन करना चाहता हो।
"अहीर यहीं है, इसी होटल में! मैंने डिटेल्स भी निकलवा ली है, ये होटल भी अहीर का है और वो इस होटल के सबसे टॉप फ्लोर पर है।" अनीष ने अपनी बात कही ही थी कि इतने में ही निक रूम से बाहर निकल गया और सीधे लिफ्ट की तरफ बढ़ गया।
अनीष भी तेजी से निक के पीछे ही लिफ्ट की तरफ बढ़ गया।
लिफ्ट सीधे टॉप फ्लोर पर आ कर रुका और अनीष के साथ निक भी तेज़ी से लिफ्ट से बाहर आया।
वो फ्लोर पूरा का पूरा खाली था। निक को डाउट हुआ पर उसने ध्यान नहीं दिया और आगे बढ़ गया।
एक हल्के से धक्के से ही उस फ्लोर में मौजूद उस एकलौते रूम का दरवाज़ा खुल गया। वो रूम पूरी तरह से खाली था। तभी वहाँ एक आवाज़ गूँजी।
"ओह्ह.....! निक ओबरॉय इज़ हियर! बट आई एम रियली सॉरी! अब प्रिया तुम्हारे पास कभी नहीं आएगी। अलविदा दोस्त।" उसी के साथ आवाज़ आनी बन्द हो गई।
आवाज़ के बन्द होने से पहले वो डिवाइस ढूंढ ली जिसमें से वो आवाज़ आ रही थी। निक ने गुस्से में उस डिवाइस की वहिं पटक दिया। उन्हें पता था कि वहाँ कोई नहीं है। पर निक को ऐसा लग रहा था मानो उसकी प्रिया यहीं कहीं है।
"मतलब यहाँ प्रिया नहीं है।" अनीष ने कहा।
"प्रिया यहीं है अनीष।" निक ने कहा और पूरे रूम में वो प्रिया को ढूंढने लगा। उस रूम में अटैच सात बड़े बड़े कमरे और भी थे। उन सभी में निक और अनीष ने अच्छी तरह से ढूँढ लिया पर वहाँ कोई भी नहीं था। थक कर निक और अनीष फिर वहिं खड़े हो गए जहाँ वो पहले थे। निक के पीछे ही दीवार से चिपका हुआ एक बड़ा सा आईना था। जो देखने में बेहद खूबसूरत था। उसी आईने के ठीक पीछे रूम में बैठी प्रिया निक को देख रही थी। पर निक उसे देख नहीं पा रहा था। प्रिया के सामने भी सेम आईना था पर उसमें किसी का अक्श नहीं बल्कि दूसरे कमरे का नज़ारा नज़र आ रहा था। प्रिया की आँखों से आँसु बहने लगे। वो वहाँ से चिल्ला चिल्ला कर थक चुकी थी। पर निक ने उसे नहीं सुना।
"अब इसमें रोने वाली क्या बात है जान! देखो तुम्हारा सो कोल्ड हसबैंड कितना बेवकूफ है।" अहीर ने कहते हुए प्रिया के आँसु पोछने चाहे पर प्रिया ने नफरत से अपना चेहरा फेरते हुए कहा। "डॉन्ट टच।"
अहीर ने गुस्से में प्रिया का चेहरा पकड़ कर दबाते हुए कहा। "जितना जल्दी हो सके तुम उस निक को अपने दिलो दिमाग से निकाल दो तो ही तुम्हारे लिए अच्छा है। वरना मुझे ज़रा भी देर नहीं लगेगी। उसे ऊपर भेजने में। तुम्हें पता है मैं ऐसा कर सकता हुँ।"
निक की बात पूरी होते होते में ही प्रिया उसे हैरानी से देखने लगी।
"क्या तुम्हें याद नहीं......!" अहीर ने उसे छोड़ कर उसके बाल ठीक करते हुए कहा। जबकि प्रिया अभी भी उसे एकटक देख रही थी।
"याद दिलाना पड़ेगा क्या?" कहते हुए अहीर प्रिया के चेहरे के एकदम करीब आ गया। जबकि घबराहट में प्रिया की साँसें तेज़ हो गई थी और उसकी आँखों के सामने जलता हुआ घर आ गया।
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"लगता है मुझे ही कुछ गलतफहमी हुई है। तुम चलो।" अनीष ने निक से कहा और उसे वहाँ से ले गया।
"पूरे दो दिन.....! पूरे दो दिन हो गए। मेरी प्रिया को मुझसे दूर हुए। वो मेरे बिना कैसी होगी। मुझे उसे अकेले भेजना ही नहीं था।" निक ने खुद से ही कहा। वो अब अपने रूम में था।
वहिं अनीष भी अपने रूम में था और उसकी आँखों में नमी थी।
"आई एम सॉरी प्रिया! मैंने तुम्हें उस दिन अकेला छोड़ दिया। आई एम रियली सॉरी।"
फ़्लैश बैक......
To be continue:-
फ़्लैश बैक,
पन्द्रह महीन पहले,
सुंदर सा मगर सलीके से सज़ा हुआ दो मंजिला घर था वो। जहाँ मिसेस एंड मिस्टर बजाज रहते थे। वे दोनों सोफे पर बैठे थे और उनके ठीक सामने अपने हाथ बाँधे उन्हें घूरते हुए खड़ी थी। प्रिया!
सफेद सलवार सूट के साथ येल्लो दुपट्टे में वो बहुत प्यारी लग रही थी। ऊपर से उसकी गुस्से से भरी भुरी आँखें उसे और भी ज्यादा अट्रैक्टिव बना रही थी।
"माँ पापा! आप दोनों मुझसे प्यार करते भी हैं या नहीं। जो मेरे लिए लड़का ढूँढ रहे हैं। आपको तो पहले भाई की शादी करनी चाहिए। वो बड़े है ना?" प्रिया अपने मम्मी पापा के सामने खड़ी गुस्से में उन्हें घूरते हुए बोली तो पीछे से अनीष ने उसके सिर पर चपत लगाते हुए कहा। "तु हर चीज़ लेट ही समझती है मोटी। तुझे नहीं पता! पर माँ पापा सिर्फ मुझसे प्यार करते हैं।"
"भाई!" प्रिया ने खीजते हुए कहा।
"पापा देखो ना भाई को!" प्रिया ने रोनी सी सूरत बनाई।
"अरे मोटी जा! जाकर तैयार होजा! क्या पता आज तु उन्हें पसन्द आ जाये। किसी की तो पसन्द बन जा मोटी।" अनीष ने प्रिया को चिढ़ाते हुए कहा तो प्रिया अब चिड़ कर उसे मारने उसके पीछे भागी। पर अनीष घर से बाहर भाग गया। प्रिया बस अपने पैर पटक कर ही रह गई।
"मुझे कोई शादी वादी नहीं करनी।" कह कर प्रिया मुँह फुला कर अपने रूम में चली गई।
मिसेस एंड मिस्टर बजाज ने एक दूसरे की तरफ देखा और मुस्कुरा उठे।
प्रिया रूम में आ कर अपने बेड पर बैठी ही थी। कि इतने में ही उसका फोन घनघना उठा।
"बोल!" प्रिया ने फोन रिसीव कर के कहा उसके लहज़े से ही लग रहा था कि उसका मुड़ कुछ खास ठीक नहीं है।
"तुझे क्या हुआ अब! तु तो छुट्टी पर है ना?" सामने से आवाज़ आई।
"छुट्टी पे हुँ तो क्या नाचूँ?" प्रिया ने चिड़ कर कहा।
"तु गुस्सा क्यों हो रही है। क्या हुआ ये बता?" सामने से फिर आवाज़ आई।
"कोई लड़का देखने का रहा है, तुझे पता है ना! मुझे कोई शादी वादी नहीं करनी यार।" प्रिया ने परेशान हो कर कहा।
"पहले एक बार लड़के से मिल तो ले! क्या पता तुझे वो पसन्द आ जाये। फिर तुम्हारे बीच इलु इलु.....!" सामने वाली अपनी बात पूरी करती उससे पहले ही प्रिया ने चिड़ कर कॉल एंड कर दिया और फिर से मुँह फुला कर बैठ गई और बड़बड़ाने लगी। तभी उसे अनीष की कही बात याद आई। "अरे मोटी जा! जाकर तैयार होजा! क्या पता आज तु उन्हें पसन्द आ जाये। किसी की तो पसन्द बन जा मोटी।"
प्रिया बेड से उठी और आईने के सामने खड़ी हो गई। "क्या मैं मोटी हुँ?" प्रिया ने शीशे में खुद को देखते हुए कहा।
"क्या मैं सुंदर नहीं?" प्रिया अब भी शीशे में खुद को निहार रही थी और खुद से ही सवाल जवाब कर रही थी। पर अगले ही पल उसने अपना सिर झटका और वापस आ कर बेड पर बैठ गई। दरवाज़े की तरफ उसकी पीठ थी।
लगभग पच्चीस मिनट तक प्रिया इंतजार करती रही पर कोई भी उसे मनाने नहीं आया। जिस वजह से उसका छोटा सा मुँह और ज्यादा फूल गया। कुछ देर बाद ही किसी ने प्रिया के दरवाज़े पर दस्तक दी तो प्रिया के होंठो पर स्माइल आ गई। पर उसने जल्द ही अपनी स्माइल छुपा ली और गुस्से से बोली। "मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी भाई! आप जाओ।" प्रिया ने पलट कर भी नहीं देखा। तभी फिर से दरवाज़े पर दस्तक हुई।
"क्या है.....?" कहते हुए प्रिया गुस्से में पलटी पर सामने देखते ही उसकी बोलती बंद हो ही। क्योंकि पीछे अनीष नहीं था। बल्कि उसका बॉस और दोस्त निक खड़ा था।
सामने खड़ा सांवला सा वो लड़का दिखने में बेहद अट्रैक्टिव था। वाइट सर्ट ब्लैक फॉर्मल पेंट! माथे पर बिखरे उसके बाल और उसकी वो कातिल स्माइल। प्रिया को उसपर से अपनी नज़रें हटाने के लिए मना कर रही थी।
निक एक एक कदम चल कर प्रिया के सामने आ कर खड़ा हो गया।
"हाय!" निक ने स्माइल करते हुए कहा। तो प्रिया एकदम से हड़बड़ा गई।
"अ....... आ.... आप! आप यहाँ कैसे?" प्रिया ने हैरानी से कहा।
"आपसे ही मिलने आया था।" निक ने कहा तो प्रिया असमंजस में उसे देखने लगी। तभी पीछे से अनीष ने आते हुए कहा। "मेरे बॉस पागल हो गए हैं, जो उसे तुझ जैसी झल्ली पसंद आ गई।" अनीष ने कहा तो प्रिया के साथ साथ निक भी उसे घूरने लगा।
"तु मुझे घुरेगा ना! तो मैं अपनी मोटी बहन की शादी तुझसे नहीं करवाऊंगा। समझा?" अनीष ने निक को धमकाते हुए कहा तो निक ने उसकी गर्दन पकड़ ली। ये देख कर प्रिया वहाँ से जाने को हुई पर निक ने उसकी कलाई पकड़ ली।
"तु क्यों कबाब में हड्डी बन रहा है, तुझसे मेरी बात पहले ही क्लीयर हो चुकी है तो अब क्यों बीच में आ कर सब खराब कर रहा है। अब जल्दी जा यहाँ से। मुझे प्रियु से बात करनी है।" निक ने धीरे से अनीष के कान में कहा। जबकि उसकी प्रियु हैरान परेशान सी बस अपने हाथ को ही देखे जा रही थी।
"छोड़ ना! तब तो जाउंगा।" अनीष ने कहा तो निक ने उसे छोड़ दिया।
"जल्दी आना मोटी।" कहकर अनीष भाग गया और प्रिया बस उसे घूरती रह गई। तभी निक ने प्रिया को अपने सामने खड़ा किया और उसका हाथ छोड़ते हुए बोला। "सॉरी मुझे तुम्हारा हाथ ऐसे नहीं पकड़ना था। पर मुझे तुमसे बात करनी थी। इसलिए मैंने तुम्हें रोक लिया।"
प्रिया ने कुछ नहीं कहा बस एकटक निक को ही देख रही थी।
"तुम जब अनीष के साथ पहली बार ऑफिस आई थी। मुझे तुम तब से ही पसंद हो। मैं कभी किसी के घर जाना पसंद नहीं करता। पर उस दिन के बाद तुम्हारे घर आ जाता था। ताकि तुम से मिल सकूँ और तुम्हें देख सकूँ। पर तुम भी जॉब पर जाती हो।" कहते हुए निक प्रिया के और भी करीब आ गया। "तो मैं वहिं आने लगा।" निक ने जैसे ही ये कहा। प्रिया की आँखें हैरानी से बड़ी हो गई।
"तुम सहिं सोच रही हो। वो गाड़ी मेरी है।" निक ने कहा तो प्रिया ने हैरानी से कहा। "तो इसलिए भाई का काम बढ़ गया।"
"हम्ममम्म! तुम चाहती हो तो उसका काम कम कर सकती हो।" निक ने प्रिया के पीछे आते हुयर कहा तो प्रिया तुरंत उसकी तरफ पलट कर बोली। "कैसे?"
"मेरी लाइफ में शामिल हो के!" निक ने प्रिया की आँखों में देखते हुए कहा।
To be continue:-
निक और प्रिया एक दूसरे की आँखों में खोए हुए थे। तभी पीछे से अनीष की आवाज आई। "बस अब हो गया। चलो।"
अनीष की आवाज सुनते ही निक और प्रिया जैसे होश में आए और उन दोनो ने ही अपनी अपनी नज़रे अनीष की तरफ उठाई।
अनीष प्रिया के पास आया और उसने प्रिया का हाथ थामते हुए कहा। "अब तुझे ये नालायक पसंद नहीं है तो कोई जबरदस्ती नहीं है। इसके लिए मैं कोई दूसरी गधी ढूंढ दुंगा।"
"भाई.....!" प्रिया ने चिड़ते हुए कहा।
"अब क्या हुआ?" अनीष ने मासूमी से कहा तो प्रिया ने उसे पुश करते हुए कहा। "आपने मुझे गधी कहा।"
"नहीं तो! मैने नहीं कहा।" अनीष ने कहा। वहीं निक भी अनीष को बुरी तरह घूर रहा था। पर अनीष को तो जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था।
"अनीष बेटे!" नीचे से मिस्टर बजाज की आवाज आई तो अनीष के साथ साथ प्रिया और निक भी नीचे चल दिए।
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प्रिया और निक सिर झुकाए खड़े थे और उनके ठीक सामने अनीष और उसके मोम डैड आराम से बैठे थे।
"इन्हें रहने देते हैं, दोनो के लिए दो नए नमूने ढूंढ लेते हैं।" अनीष ने हँसते हुए कहा। तो निक ने तेज आवाज में कहा। "अनीष।"
"यस सर!" अनीष किसी आज्ञाकारी बच्चे की तरह खड़े होते हुए बोला। उसे ऐसे देख वहां मौजूद सभी हंस पड़े और अनीष का मुंह बन गया।
अनीष के पापा ने निक को अपने पास बिठाया और उससे पूछ ताछ करने लगे। निक भी अपने बारे में सब बताने लगा।
निक की फैमिली में सिवाय उसकी दादी के कोई भी नहीं था। मगर दो साल पहले वो भी निक को छोड़ कर चली गई। निक अब एकदम अकेला था।
प्रिया के मोम डैड को निक बहुत पसंद आया और अनीष को तो वो पहले से ही पसंद था। तो उनकी एंगेजमेंट फिक्स हो गई।
यूहीं दिन बीत रहे थे। प्रिया और निक की एंगेजमेंट हो गई पर शादी कुछ महीने के लिए डिले हो गई। तो प्रिया ने अपनी जॉब कंटिन्यू रखी और अब तो निक उसे ड्रॉप और पिक भी करने लगा था।
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प्रिया रोज की तरह आज भी अपनी जॉब पर आई थी। वो अपना काम कर रही थी की उसका फोन बजने लगा। प्रिया ने फोन की तरफ देखा तो उसपर एन फ्लैश हो रहा था। जिसके पास हार्ट का इमोजी भी था। प्रिया ने मुस्कुराते हुए कॉल पिक कर लिया। पर इससे पहले प्रिया कुछ कहती सामने से निक की आवाज आई। "दोपहर को लंच साथ में!"
"पर........!" इससे पहले प्रिया कुछ कहती निक ने कॉल एंड कर दिया। क्योंकि यही निक का तरीका था। अपनी बात मनवाने का। वो प्रिया को इनकार करने का मौका देता ही नहीं था। ना बहाना बनाने का।
प्रिया ने फोन को देखते हुए अजीब सा मुंह बनाया। फिर उसने एक नजर अपने से कुछ दूर पर खड़े मैनेजर को देखते हुए मन ही मन कहा। "अब क्या बहाना बनाऊं। छुट्टी के लिए।" कुछ सोचते हुए वो मैनेजर के पास गई।
"सर! मुझे दो घंटे की छुट्टी चाहिए थी। मुझे अपनी फ्रेंड को देखने जाना है। वो हॉस्पिटल में है।" प्रिया ने मायूसी भरे लहजे में कहा। मैनेजर प्रिया को घूर के देखने लगा तो प्रिया ने अपना सिर झुका लिया और मन ही मन बोली। "पता नहीं ये खडूस अब छुट्टी देगा या नहीं।" तभी मैनेजर के पास पियुन आया।
"सर आपको बॉस बुला रहे हैं!" उस पियून ने मैनेजर से कहा तो मैनेजर ने प्रिया की तरफ देखते हुए कहा। "तुम कस्टमर को अटेंड करो। मैं अभी आया।" कहकर मैनेजर वहां से चला गया। उसके जाते ही प्रिया ने मैनेजर को घूर के देखा और कस्टमर अटेंड करने चली गई। उसके जाते ही दो कस्टमर आ कर शो रूम के सबसे महंगी गाड़ी के पास खड़े हो गए। तो प्रिया उन्हें अटेंड करने चली गई। ये कस्टमर कोई और नहीं बल्कि अहीर और मिहिर थे।
अहीर तो प्रिया को देखते ही जैसे सब भूल गया था। पर प्रिया का ध्यान अपने काम में था। वो उन्हें अटेंड करने लगी। तभी........
"प्रिया! तुझे बॉस ने बुलाया है, तुझे छुट्टी मिल गई है!" एक लड़के ने प्रिया के पास आ कर कहा।
उस लड़के की बात सुनते ही प्रिया के चेहरे पर अलग ही चमक आ गई।
"तुम कस्टमर हैंडल कर लो, मुझे जाना होगा।" कह कर प्रिया बिना उस लड़के की बात सुने ही भाग गई। सामने खड़ा अहीर प्रिया को वहां से जाते बस देखता ही रह गया।
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प्रिया जैसे ही बाहर आई। उसके सामने एकदम से एक ब्लैक कलर की गाड़ी आ कर रुकी। एक पल के लिए प्रिया चौंक गई। पर अगले ही पल उसने घूर कर निक की तरफ देखा जो ड्राइवर सीट पर बैठा विंडो के ग्लास नीचे कर के मुस्कुराते हुए उसे ही देख रहा था।
जब निक ने देखा की प्रिया गाड़ी में बैठने की बजाय अभी भी उसे घूर रही है। तो उसने फौरन गाड़ी का दरवाजा खोला और प्रिया के कुछ समझने से पहले ही उसे गाड़ी के अंदर खींच लिया।
जब तक प्रिया अपने सेंस में वापस आई वो निक की गोद में थी। उसकी आँखें हैरानी से बड़ी हो गई।
निक ने ग्लास ऊपर चढ़ाए और एकदम से प्रिया के इर्द गिर्द उसने अपनी बाहें लपेट दी।
"निक.....!" प्रिया ने लाचारी से कहा क्योंकि वो जरा सा भी नहीं हिल पा रही थी।
"हम्म्! कहो!" निक ने प्रिया की गर्दन पर अपने होंठ रब करते हुए कहा तो प्रिया की सांसों के साथ उसकी जुबान भी अटक कर रह गई।
"निक......! य....... ये.........!" प्रिया अभी कह ही रही थी की इतने में ही निक ने उसे टोकते हुए कहा। "श्श्श्श्श्..........! मैं कुछ नहीं कर रहा!" इतना कह कर निक ने प्रिया को छोड़ दिया। प्रिया ने खुद को नॉर्मल किया और जल्दी से निक की गोद से उतर के बगल वाली पैसेंजर सीट में बैठ गई। उसने निक की तरफ नहीं देखा और बाहर देखते हुए वो अपना निचला होंठ चबाने लगी। वहीं निक उसे देखते हुए मुस्कुरा रहा था। उसने हाथ बढ़ा कर प्रिया का हाथ पकड़ा और गेयर में रख कर उसपर अपना हाथ रख दिया। प्रिया ने फौरन निक की तरफ देखा! वो पहले से ही उसे देख रहा था।
निक ने स्माइल की और गाड़ी स्टार्ट कर के वो वहां से निकल गया।
वहीं अहीर ने भी शो रूम में गाड़ी के साथ साथ प्रिया की इनफॉर्मेशन भी ले ली थी।
To be continue:-
कुछ दिन बाद,
रात के करीब साढ़े ग्यारह बज रहे थे। जब प्रिया के मोबाइल का फ्लैश अचानक से जल उठा और उसके साथ ही उसका msg टोन भी।
प्रिया ने झट से फोन उठाया और msg देखने लगी।
"अपनी बालकनी में आओ जल्दी।" ये msg निक ने प्रिया को भेजा था।
प्रिया कुछ देर तक उस msg को घूरती रही फिर वो अपने बेड से उतर कर बालकनी की तरफ बढ़ गई।
बालकनी में अंधेरा था तो उसने स्विच की तरफ अपना हाथ बढ़ाया। पर तभी किसी ने उसका हाथ पकड़ लिया। प्रिया घबराहट में चीखने ही वाली थी पर सामने वाले शख्स ने उसके मुंह में हाथ रख दिया।
प्रिया की सांसे ऊपर नीचे हो गई। घबराहट की वजह से उसके माथे पर पसीने की कुछ बूंदे उभर आई।
"डरो मत ये मैं हुं। तुम्हारा निक..........!" प्रिया के कानों में निक की धीमी सी आवाज पड़ी। तो उसकी जान में जान आई।
जब निक ने देखा की प्रिया शांत हो गई है। तो उसने उसे धीरे से छोड़ दिया।
प्रिया ने छुटते ही निक के पेट में एक पंच जड़ दिया।
निक ने अपने होंठो को भींच लिया और खुद को चीखने से भी रोक लिया।
"स्टूपिड....... तुमने मुझे डरा दिया।" प्रिया ने गहरी सांस भरते हुए कहा। निक अब संभल चुका था। वो प्रिया के करीब आ कर खड़ा हो गया। वहां अब भी अंधेरा था। चांद भी बदलो में कहीं लुका छुपी खेल रहा था। जिस वजह से चांद की भी रौशनी नहीं थी। पर वो दोनों एक दूसरे की चमकती आँखों को आसानी से देख पा रहे थे।
"मैं तो बस तुमसे कुछ कहने आया था। पर अब उससे पहले तुम्हें कुछ देना है।" कहते हुए निक की आवाज बेहद सेडक्टिव थी। उसने प्रिया को उसकी कमर से पकड़ा और खुद से इस तरह चिपका लिया मानो वो उसी का ही हिस्सा हो। प्रिया की आँखें हैरानी से फैल गई। निक ने अपना दूसरा हाथ उसकी गर्दन पर रखा और उसका चेहरा अपने चेहरे के करीब कर उसने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिए। कुछ पल के लिए प्रिया की आँखें और बड़ी हो गई। पर फिर अगले ही पल उसने अपनी आँखें बंद कर ली।
निक प्रिया को छोड़ने के मूड में बिल्कुल भी नहीं था और ना ही प्रिया को सांस लेने में प्रॉब्लम हो रही थी।
पांच मिनट, दस मिनट, पंद्रह मिनट, बीस मिनट, पच्चीस मिनट बाद अचानक ही प्रिया के रूम के दरवाजे पर दस्तक हुई। जिस वजह से प्रिया निक से अलग हो गई और निक ने भी उसे फ्री कर दिया।
"तुम यहीं रहो।" कह कर प्रिया वहां से जाने लगी। पर निक ने उसी पल उसका हाथ पकड़ कर अपने करीब खींचा और उसे अपने सीने से लगाते हुए बोला। "हैप्पी बर्थडे जान! मैं तुम्हारा यहीं वेट कर रहा हुं। जल्दी आना।" कह कर निक ने प्रिया का माथा चूम लिया और उसे छोड़ दिया। प्रिया के फेस पर बड़ी सी स्माइल आ गई और वो वापस रूम में आ गई। उसने सबसे पहले बालकनी का दरवाजा बंद किया और दरवाजे के पास जा कर उसने दरवाजा खोल दिया।
दरवाजा खुलते ही अनीष झट से अंदर आया और उसने प्रिया को गले लगाते हुए कहा। "हैप्पी बर्थडे चूही!"
"भाई......!" प्रिया ने मुंह बनाते हुए कहा तो अनीष मुस्कुरा दिया। फिर प्रिया के मम्मी पापा ने भी उसे विश किया और प्रिया ने उनका आशीर्वाद लिया। फिर सब ने मिल कर रूम में ही केक कट कर के प्रिया का छोटा सा और प्यारा सा बर्थडे सेलीब्रेट किया।
अनीष ने प्रिया को एक सुंदर सी ड्रेस गिफ्ट करते हुए कहा। "कल इसे ही पहनना। ताकि तु कम से कम कल तो अच्छी लगी।"
अनीष की बात सुनते ही प्रिया का मुंह बन गया।
प्रिया के पापा ने उसे एक खूबसूरत सी पायल गिफ्ट की। क्योंकि प्रिया को पायल का बहुत शौक था।
प्रिया ने अब अपनी मम्मी के सामने अपने हाथ बढ़ाए।
"क्या?" प्रिया की मम्मी मिसेज बजाज ने अनजान बनते हुए कहा।
"मेरा गिफ्ट!" कहते हुए प्रिया ने अपनी आँखें टिमटिमाई। वो अभी बेहद मासूम और खूबसूरत लग रही थी।
"तुझे अभी भी गिफ्ट चाहिए?" मिसेज बजाज ने उसके हाथ में मौजूद गिफ्ट को देखते हुए कहा।
"मोम.........!" प्रिया ने अपने पैर पटके।
"अच्छा ठीक है, पर अब इसे हमेशा संभाल के रखना।" कहते हुए मिसेज बजाज ने प्रिया की तरफ एक खूबसूरत सा बॉक्स बढ़ा दिया।
उस छोटे से बॉक्स को देखते ही प्रिया एकदम खुश हो गई। उसने झट से वो बॉक्स ले लिया और उसे खोल के देखा। तो उसमें एक खूबसूरत सा कंगन था। जो की मिसेज बजाज की सास ने उन्हें गिफ्ट किया था। जब प्रिया छोटी थी। तब से उसे ये कंगन बहुत पसंद था और वो हमेशा कहती थी। की जब भी उसकी शादी होगी। तो वो यही कंगन पहनेगी। फिर किसी को वो ये कंगन नहीं देगी। उसकी ये जिद बड़े होने के बाद भी थी।
कंगन देख प्रिया बेहद खुश हो गई और उसने आगे बढ़ कर मिसेज बजाज को अपने गले से लगा लिया और कहा। "मोम! आई लव यू सो मच! आप वर्ल्ड की बेस्ट मोम हो।"
"चल अब ज्यादा मक्खन मत लगा।" मिसेज बजाज ने मुस्कुरा कर कहा।
"ये क्या मोम! कायदे से ये कंगन मेरी वाइफ के होते और आपने ये इसे दे दिए। ये गलत है।" अनीष ने मुंह बनाते हुए कहा। वो बिल्कुल किसी छोटे बच्चे की तरह लग रहा था।
अनीष की बात सुनते ही प्रिया ने झट से कंगन अपने पीछे कर लिया। ये देख कर मिस्टर एंड मिसेज बजाज मुस्कुरा दिए और अनीष उसे घूरने लगा।
"तु फिक्र मत कर तेरी वाइफ के लिए मैंने पहले से ही एक कंगन बनवा लिया है। जो इससे ज्यादा नहीं तो कम भी ख़ूबसूरत नहीं है।" मिसेज बजाज ने कहा तो अनीष खुशी से उनके गले लग गया। ये देख कर प्रिया भी मुस्कुरा दी। मिस्टर बजाज ने आगे बढ़ कर प्रिया का सिर थपथपा दिया।
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प्रिया के जाते ही निक बालकनी में इधर से उधर चहल कदमी कर रहा था। कुछ ही मिनटों में उसे ऐसा लगने लगा की ना जाने प्रिया ने उसे कितने ही घंटो इंतजार करवाया हो।
"इतनी देर हो गई। ये अभी तक वापस क्यों नहीं आई।" बड़बड़ाते हुए निक बालकनी के दरवाजे के पास आया। फिर वहीं नीचे टिक कर बैठ गया।
अभी लगभग पाँच मिनट ही हुए थे की निक ने खीजते हुए कहा। "और कितनी देर?" कुछ पल बाद ही उसने अपनी आँखें बंद कर ली।
To be continue:-
अपना बर्थडे सेलीब्रेट कर के प्रिया बेहद खुश थी। मिस्टर एंड मिसेज बजाज के साथ साथ अनीष भी प्रिया के रूम से जा चुका था।
प्रिया ने अपने गिफ्ट्स अपने बेड पर रखे ही थे। की तभी अचानक उसे निक का ख्याल आया और उसकी आँखें हैरानी से बड़ी हो गई।
गिफ्ट्स को वैसे ही छोड़ कर प्रिया तेज़ी से बालकनी की तरफ बढ़ गई।
बालकनी का दरवाजा खुलते ही निक ने अपनी बंद पलकें खोल ली और झट से प्रिया के सामने खड़ा हो गया। निक को देखते ही। प्रिया को उसका किस करना याद आ गया और वो झट से पलट कर खड़ी हो गई। उसकी हरकत पर निक के होंठो पर प्यारी सी स्माइल आ गई।
"बहुत रात हो गई है, अब तुम जाओ।" प्रिया ने अपने नाखून चबाते हुए कहा। उसकी आँखों के आगे बार बार वही लम्हा घूम रहा था और उसकी शक्ल भी लाल हो गई थी। जो की अंधेरे में निक नहीं देख सकता था। पर महसूस जरूर कर सकता था।
"मैं क्यों जाऊं! तुमने मेरे साथ तो अपना बर्थडे सेलीब्रेट ही नहीं किया।" निक ने कहा तो प्रिया हैरानी से उसकी तरफ पलटी। उसी पल निक ने बालकनी की लाइट्स ऑन कर दी।
प्रिया की आँखें और बड़ी हो गई।
"ये सब तुमने कब किया?" प्रिया ने हैरानी से पूछा।
"बस कुछ टाइम पहले ही।" निक ने नॉर्मली कहा।
पूरे बालकनी में बलूंस और फ्लावर्स से डेकोरेशन की हुई थी। उस छोटे से बालकनी के मिड में एक टेबल और उसपर कुछ कैंडल्स थे और एक बड़े से केक के साथ वहां एक गुलाब का खूबसूरत सा बुके भी था।
"अंधेरे में?" प्रिया ने बेहद मासूमी से पूछा।
"तुम्हें अच्छा नहीं लगा?" निक ने प्रिया की आँखों में देखते हुए कहा तो प्रिया जल्दी से बोल पड़ी। "नहीं! ये तो बहुत अच्छा है।"
प्रिया मुस्कुराई तो निक के फेस पर भी स्माइल आ गई। उसने प्रिया का हाथ थामा और उसे टेबल के करीब ले गया और वहीं चेयर पर बिठा दिया।
प्रिया एकटक निक को देख रही थी। निक ने टेबल पर रखी सारी कैंडल जला दी और फिर केक की तरफ इशारा करते हुए कहा। "तुम्हारे इंतजार में केक की भी सांसें अटकी हुई है। चलो अब जल्दी से कट करो इसे।"
प्रिया ने वहां रखा नाइफ उठाया और केक कट करने से पहले लिए निक की तरफ देखा। निक उसकी बात समझते हुए उसके पास आ गया और उसने उसका हाथ थाम लिया। दोनों ने मिल कर केक कट किया।
निक ने फौरन केक का पीस उठा कर प्रिया की तरफ बढ़ा दिया पर प्रिया ने उसके हाथ से केक ले कर उसके मुंह में डाल दिया। क्योंकि निक ने प्रिया को मुंह खोलने के लिए अपना मुंह खोल के ही इशारा किया था। जिसका प्रिया ने बखूबी फायदा उठाया था।। निक प्रिया को घूरने लगा तो प्रिया हंस पड़ी। ये देखकर अपने हाथ में मौजूद केक के क्रीम को निक ने प्रिया के फेस पर लगा दिया।
प्रिया की शक्ल रोनी हो गई। उसे रात के समय फेस वॉश करना पसंद जो नहीं था और अब उसे फेस वॉश करना पड़ेगा। उसने रोनी सूरत बना कर निक की तरफ देखा।
निक ने अपनी बत्तीसी दिखाई और आगे बढ़ कर उसने उसके दोनों गालों को चूमते हुए कहा। "बर्थडे में ये सब चलता है। अब ये रोनी सूरत बना कर मुझे मत देखो। मुझे डर लगता है।" प्रिया ने घूर कर उसे देखा।
"अच्छा क्या तुम्हें अपना गिफ्ट नहीं चाहिए?" निक ने अपनी आँखें मटकाते हुए कहा।
प्रिया की आँखें चमक उठी। उसने फौरन अपना हाथ आगे कर दिया। प्रिया की इस हरकत पर निक मुस्कुराया और उसने उसका हाथ पकड़ कर चूम लिया। प्रिया ने फौरन अपना हाथ खींच लिया। वो अब फिर से निक को घूरने लगी।
निक ने हंसते हुए कहा। "तुम तो रोमेंटिक हो नहीं। थोड़ा मुझे ही रोमेंस करने दिया करो।" निक ने कहा तो प्रिया दूसरे तरफ फेस कर के मुस्कुरा दी।
"ये रहा तुम्हारा गिफ्ट। बताओ कैसा लगा तुम्हें?" निक की आवाज सुन कर प्रिया ने दुबारा उसकी तरफ देखा।
"ये तो बेहद खूबसूरत है!" प्रिया ने अपने सामने मौजूद रेयर डायमंड के नेकलेस को देखते हुए कहा। वो नेकलेस बेहद सिंपल पतला और खूबसूरत था। उसमे के डायमंड की चमक बहुत ज्यादा थी।
"तुमसे कम!" कहते हुए निक ने वो नेकलेस बॉक्स से निकाल के प्रिया के गले में डाल दिया।
"मैं इसे रख देती हुं। कहीं मुझसे गुम हो गया तो?" प्रिया ने बेहद मासूमी से कहा और अपने गले से वो नेकलेस निकालने लगी। पर निक ने उसका हाथ थामते हुए कहा। "फिलहाल के लिए रहने दो। ये तुम्हारा बर्थडे प्रेजेंट है, कम से कम आज तो इसे खुद से अलग मत करो।" निक ने इतने प्यार से कहा की प्रिया मना ही नहीं कर पाई।
"चलो अब!" निक ने प्रिया को चेयर से उठाते हुए कहा।
"कहां?" प्रिया ने अपनी जगह से उठते हुए कहा।
"एक डांस! मेरे साथ।" कहकर निक ने अपने मोबाइल पर कम आवाज में सॉन्ग चला दिया। और प्रिया का हाथ थाम कर वो डांस करने लगा।
दोनों एक दूसरे के बेहद करीब थे और एक दूसरे की आँखो में खोए हुए ही थे। जब अचानक किसी के खांसने की आवाज से दोनों चौंक गए। दोनों उसी पल एकदम से अलग हो गए। उनकी नजर सामने खड़े अनीष पर पड़ी। जो उन्हें ही घूर रहा था।
अनीष को ऐसे देख आज तो निक की भी हालत लगभग खराब ही थी।
"इतनी रात को तुम दोनों यहां क्यों हो! और तुम अंदर कैसे आए हां?" अनीष ने निक को घूरते हुए कहा। तो निक अपने बॉसी अवतार में आते हुए बोला। "तुझे नहीं लगता। की तु अपनी बहन और जीजा के पर्सनल मूवमेंट्स खराब कर रहा है?"
प्रिया ने कस के निक का हाथ पकड़ लिया ताकि वो अनीष को कुछ भी ना कहे।
निक की बात सुनकर अनीष ने अपनी भवें सिकोड़ते हुए कहा। "अभी तुम मेरे जीजा बने नहीं हो! तो जरा तमीज से और वैसे भी यहां तुम नहीं! मैं बॉस हुं।" अनीष ने अपने बालो पर हाथ फेरते हुए कहा।
"टाइम क्या हुआ है?" निक ने अचानक से पूछा तो अनीष के साथ साथ प्रिया भी निक को अजीब नज़रों से देखने लगी।
"नहीं! मैं इसलिए पूछ रहा था। की कहीं शीतल जाग तो नहीं रही ना!" कहते हुए निक ने टेबल में मौजूद अपना फोन उठा लिया।
To be continue:-
निक के ऐसा करते ही। अनीष ने झट से वहां से पलटते हुए कहा। "अचानक मुझे बहुत नींद आ रही है। और हां शीतल पहले ही सो चुकी है। तो उसे डिस्टर्ब मत करो।" इतना कह कर अनीष तेज़ी से वहां से चला गया।
वहां खड़ी प्रिया! वो बस यही सोच रही थी। की अभी अभी हुआ क्या?
"ये क्या था?" प्रिया ने हैरानी से पूछा।
"तुम्हारे भाई का मुंह बंद करने का एक खास तरीका। मेरे ऑफिस की इंप्लॉय। शीतल।" निक ने कहा तो प्रिया ने मुंह बना कर कहा। "झूठ! मुझे तो इस बारे में कुछ नहीं पता।"
"क्योंकि उसने किसी को नहीं बताया और ना ही शीतल को। बस ताड़ता रहता है उसे।" निक ने अजीब से एक्सप्रेशन के साथ कहा तो प्रिया को हंसी आ गई।
"तुम्हें बहुत हंसी आ रही है।" निक ने उसे घूर कर देखा तो प्रिया एकदम से चुप हो गई। पल अगले ही पल उसकी फिर हंसी छूट गई।
"तुम....!" कहते हुए निक ने प्रिया को पकड़ना चाहा। पर प्रिया भाग कर रूम में आ गई।
निक भी तेज़ी से प्रिया के पीछे आया। प्रिया ज्यादा देर निक से भाग ना सकी। निक ने पीछे से उसे उसकी कमर से पकड़ लिया।
प्रिया एकदम से चिहुंक उठी और उसके हाथ निक के हाथो में कस गए।
"सॉरी!" प्रिया ने धीरे से कहा। पर निक ने उसपर अपनी पकड़ कसते हुए कहा। "नो सॉरी! ओनली पैनिशमेंट.....! आज का पूरा आधा दिन तुम मेरे साथ रहोगी।"
प्रिया ने खुद को छुड़ाया और पलट कर निक को देखने लगी।
"क्या?" निक ने उसकी सवाल भरी आँखों को देखते हुए कहा।
"आधा दिन क्यों?" प्रिया ने कन्फ्यूज होते हुए पूछा।
"बाकी का आधा दिन तुम अपनी फैमिली के साथ रहना। मुझे पता है फैमिली की इंपोर्टेंस।" निक ने प्यार से प्रिया के गाल पर हाथ रखते हुए कहा। तो प्रिया ने उसके हाथ पर हाथ रखा और मुस्कुरा कर बोली। "तुम भी इसी फैमिली का हिस्सा हो।" निक के चेहरे पर भी बड़ी सी स्माइल आ गई।
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"तुम बहुत बिजी हो गए हो! जबसे हमारी शादी की डेट नजदीक आई है। तुम बिजी हो गई। अब तो बस दो दिन ही बाकी है। फिर तो रश्मे भी शुरू हो जाएगी।" प्रिया ने नाराजगी से कहा।
"इंपोर्टेंट मीटिंग है बाबू! हम कल पक्का शॉपिंग पर जायेंगे।" निक ने प्रिया को मनाते हुए कहा।
प्रिया ने निक की बात सुनते ही गुस्से में कहा। "कोई जरूरत नहीं है। इतनी मेहरबानी की। मैं माँ के साथ चली जाऊंगी।" इतना कह कर प्रिया ने गुस्से में कॉल एंड कर दिया।
निक लाचारी से फोन को घूरता रह गया। तभी अनीष ने उसके पास आते हुए कहा। "मीटिंग की तैयारी हो चुकी है सर! क्लाइंट्स भी आ चुके है। मेहरबानी होगी जो आप मेरी बहना को थोड़ी चैन की सांस लेने दे।"
अनीष की बात सुनते ही निक ने उसे घूर कर देखा। तो अनीष ने अपनी बत्तीसी चमका दी और निक के कुछ करने से पहले ही वो वहां से भाग गया।
निक भी मीटिंग के लिए चला गया। साथ ही उसके दिमाग में ये भी था। की अब वो कैसे प्रिया को मनाएं।
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"ये अच्छी नहीं है माँ!" प्रिया ने मुंह बनाते हुए कहा। वो अपनी मम्मा के साथ शॉपिंग पर आई थी और वो दोनों ही एक साड़ी की शॉप में थे। सामने खड़ी सेल्स गर्ल ने सारी साड़ियां हटाई और फिर दूसरी साड़ी प्रिया के सामने रखने लगी।
"तु साड़ियां देख। मैं बगल के शॉप में देख लेती हूं की हमारी चेन तैयार हुई या नहीं।" प्रिया की माँ ने कहा तो प्रिया ने हां में सिर हिला दिया।
प्रिया की माँ वहां से चली गई। उनके जाते ही प्रिया साड़ियों में अपना सिर खपाने लगी। उसे ले दे कर कुछ साड़ी पसंद आ भी गई। पर वो अभी भी साड़ी ही देख रही थी। सेल्स गर्ल्स उसे साड़ी दिखा दिखा कर लगभग बेहोश ही होने वाली थी। तभी किसी ने प्रिया के सामने एक पतली बॉर्डर वाली पर्पल कलर की साड़ी रखी। प्रिया उस साड़ी को देखते ही खुश हो गई। उसने अपनी नजरें उठाई तो सामने अहीर था। जिसे प्रिया पहचानती भी नहीं थी।
"सॉरी! मुझे लगा की......?" प्रिया अपनी बात पूरी करती उससे पहले ही अहीर ने कहा। "ये मैं नहीं ले रहा।"
"ओह........! इसका मतलब ये मैं रख सकती हूं।" प्रिया ने मुस्कुरा कर अहीर से कहा और सारी साड़ी सेल्स गर्ल को पैक करने के लिए कहा। अहीर बस वहीं खड़ा प्रिया को देखता ही रह गया। उस सेल्स गर्ल ने सारी साड़ियां पैक कर दी और प्रिया को बिल काउंटर की तरफ जाने का इशारा कर दिया।
प्रिया बिल काउंटर की तरफ बढ़ गया। जबकि उसी पल उस शॉप में मिहिर आया और अपने भाई के पास आ कर उसने शिकायती लहजे में कहा। "क्या भाई! आप मुझे छोड़ कर इस शॉप में क्यों है?"
फिर जैसे मिहिर के माइंड में स्पार्क हुआ। उसने अपनी नजरें घुमा कर अहीर की नजरों का पीछा किया। तो सामने प्रिया को देखते ही उसने मन ही मन कहा। "मैने इसे कहीं तो देखा है!"
"ये लड़की कौन है भाई! क्या वो आपकी गर्ल फ्रेंड है?" मिहिर ने प्रिया की तरफ देख कर अहीर के कान के पास धीरे से फुसफुसाते हुए कहा।
मिहिर की बात सुनकर अहीर उसे खींच कर वहां से ले गया।
"भाई.....!" मिहिर कहता रहा पर अहीर ने उसकी एक ना सुनी और उसे वहां से ले गया।
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"देखो! ज्यादा नाराज रहना सेहत के लिए अच्छा नहीं। इससे खाना डाइजेस्ट नहीं होता। समझ में आई बात। अब चलो चुप चाप खाना खाओ।" निक ने प्रिया के सामने स्पून बढ़ाते हुए कहा। जिसमें राईस और ग्रेवी थी।
निक की बात सुनकर प्रिया उसे घूर घूर कर देखने लगी। वो दोनों इस वक्त बेहद खूबसूरत और छोटे से रेस्टोरेंट में थे। वहां ज्यादा लोग भी नहीं थे। निक ने अपने टेबल को स्पेशली डेकोरेट करवाया था। उसने प्रिया की शॉपिंग होते ही उसे पिक कर लिया था। माँ साथ में थी तो प्रिया ने तब नाराजगी नहीं दिखाई पर वो निक से नाराज़ थी।
"अच्छा बाबा सॉरी! चलो अब खा भी लो। काम की वजह से मैंने सुबह से सिर्फ दो सेनविच ही खाए है। एंड आई स्वेर...... मुझे सच में बहुत भूख लगी है।" निक ने इतनी मासूमियत से कहा की प्रिया का नाराज रहना नामुकिन था और वो अपने निक को भूखे कैसे रहने दे सकती थी भला।
To be continue:-
निक और प्रिया डिनर कर के घर लौट चुके थे। इन दिनों दोनो के ही चेहरे पर अलग सी चमक थी।
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अगले दिन प्रिया अपनी फ्रेंड के घर गई थी। उससे कुछ डिस्कस करने। अनीष नहीं था तो मिस्टर बजाज उसे वहां छोड़ आए। पर घर जाते वक्त वो अकेली हो गई। क्योंकि उसका घर पास ही था। तो उसने किसी को बुलाया नहीं। वो अभी कुछ ही दूर चली थी। की अचानक उसके सामने एक कार आ कर रुकी।
प्रिया ने अपना रुख बदल लिया।
"एक्सक्यूज मि।" अचानक आई आवाज सुनकर प्रिया रुक गई। उसने पलट कर देखा। तो सामने अहीर खड़ा था। उसे देखकर प्रिया को वो कुछ जाना पहचाना तो लगा। पर उसने ज्यादा गौर नहीं किया।
"मुझे आपसे कुछ बात करनी है।" अहीर ने प्रिया की तरफ कदम बढ़ाते हुए कहा।
"मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी। मैं तो आपको भी जानती भी नहीं।" प्रिया ने हैरानी से कहा।
"तो जान जाओगी।" अहीर ने मुस्कुरा कर कहा। प्रिया को अब बहुत अजीब लग रहा था।
"माय नेम इज.......!" अहीर ने अपना मुंह खोला ही था। की प्रिया ने उसे टोकते हुए कहा। "देखिए मिस्टर! आपका नाम चाहे जो हो! मुझे जानने में कोई इंट्रेस्ट नहीं है। तो अब आप यहां से जा सकते हैं। और मैं उम्मीद करती हूं की ये हमारी आखरी मुलाकात हो।" प्रिया ने रूखे अंदाज में कहा और अहीर का रिएक्शन देखे बिना वो तेज़ी से रोड क्रॉस कर अपने घर चली गई।
अहीर प्रिया को वहां से जाते हुए बस देखता ही रह गया। फिर वो वापस अपनी गाड़ी में बैठ गया। उसके बगल में बैठे मिहिर ने मुंह बना कर कहा। "भाई! आपको नहीं लगता की इस लड़की में कुछ ज्यादा ही घमंड है?"
अहीर ने कुछ नहीं कहा। बस अपना फोन निकाल कर उसने किसी को कॉल किया।
"मैं एक पिक्चर भेज रहा हुं। तुम उस लड़की की सारी इंफॉर्मेशन मुझे जल्द से जल्द भेजो।" इतना कह कर अहीर ने कॉल एंड किया और उसी नंबर पर उसने प्रिया की इमेज सेंड कर दी। जो उसने मॉल पर चुपके से ली थी।
"आपको इस लड़की के बारे में कुछ नहीं पता?" मिहिर ने हैरानी से कहा।
"मैने पहले पता ही नहीं किया! पर अब पता चल जायेगा।" अहीर ने गाड़ी से बाहर देखते हुए कहा।
"मैं तीन दिन के लिए शिमला जा रहा हुं। तुम यहां सब संभाल लेना।" अहीर ने मिहिर से आगे कहा तो मिहिर ने हां में अपनी गर्दन हिला दी और वो दोनों वहां से चले गए।
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आज शादी का दिन था। प्रिया दुल्हन के लिबास में सजी अपने कमरे में बैठी थी। नजरें नीचे थी। उसके चेहरे में शर्माहट घबराहट और झिझक के मिले जुले भाव थे।
"क्या मैं अंदर आ सकता हुं?" अचानक ये आवाज प्रिया के कानों में पड़ी तो उसने अपनी नजरें उठा कर सामने देखा। "सामने अनीष खड़ा था।" अनीष को देखते ही प्रिया की आँखें नम हो गई। ये देखकर अनीष तेज़ी से प्रिया के पास आया और उसने प्रिया के आंसू साफ करते हुए कहा। "अब क्या मैं इतना बुरा हुं। की मुझे देख कर अब तुझे रोना आने लगा।" अनीष ने कहा तो प्रिया ने उसके सीने में मुक्का जड़ते हुए कहा। "आप बहुत बुरे हो भाई।" प्रिया की बात सुनकर अनीष ने उसे अपने सीने से लगा लिया। "पर तु तो सबसे ज्यादा बुरी है। इतनी जल्दी छोड़ कर जा रही है।" अनीष की आँखें भी भर आई थी।
"मैं जाऊंगी। तभी तो आप शीतल भाभी को घर ला पाओगे।" प्रिया ने शरारत से कहा। तो अनीष के लब मुस्कुरा उठे और उसने एक हल्की सी चपत प्रिया के सिर पर लगा दिया।
"हम भी यहीं है!" अपने मम्मी पापा की आवाज सुनते ही प्रिया और अनीष ने दरवाजे की तरफ देखा तो सामने मिस्टर एंड मिसेज बजाज खड़े थे। उनकी आँखें भी नम थी। उन्हें देख अनीष और प्रिया दोनों ने अपनी बाहें फैला दी।
ये देख कर मिस्टर एंड मिसेज बजाज उनके पास आए और दोनों ही अपने बच्चों से लिपट गए। वहां का माहौल थोड़ा सेड हो गया था। ये देखकर अनीष ने अपना गला साफ करते हुए कहा। "बस! अब बहुत हुआ। नो मोर रोना धोना। चलो अब शांति से ये शादी इंजॉय करो। वरना मैं ये शादी कैंसल कर दूंगा और नीचे मंडप में बैठे उस खडूस को आप लोग समझाते रहना।"
मिस्टर बजाज ने अनीष के कान मरोड़ते हुए कहा। "मुझे लगता है। अब तेरी भी बैंड बज़वानी पड़ेगी।"
अनीष एकदम से हड़बड़ा गया और उसे ऐसे देख प्रिया को हंसी आ गई। उसी पल एक मीठी सी आवाज उनके बीच गूंज उठी।
"एक्सक्यूस्मी अनीष सर! निक सर आपको बुला रहे है। और पंडित जी भी दुल्हन को मंडप पर बुला रहे है।" आवाज सुनकर सबने उस तरफ देखा। सामने लाल और सुनहरे रंग का पटियाला सूट पहने एक सिंपल सी लड़की खड़ी थी। अपने लंबे बाल की चोटी बना कर उसने सामने की तरफ कर रखा था। वो लड़की दिखने में बेहद मासूम और भोली सी थी।
अनीष पलकें झपकाते हुए उसे ही देख रहा था।
शीतल को जब कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। तो वो वहां से जाने लगी।
"मिस शीतल!" अनीष ने एकदम से उसे पुकारा तो शीतल रुक गई। मिस्टर एंड मिसेज बजाज के साथ साथ प्रिया भी अनीष को अजीब नज़रों से घूरने लगी। पर अनीष का ध्यान इनपर था ही कहां। वो तो मुस्कुराते हुए शीतल की तरफ ही देख रहा था।
"जी सर!" शीतल ने अपनी पलकों को टिमटिमाते हुए कहा।
"प्रिया को माँ के साथ तुम मंडप पर ले जाओ।" अनीष ने कहा तो शीतल ने हैरानी से खुद की तरफ इशारा करते हुए कहा। "मैं.....?"
"हां! तुम.....!" कहकर अनीष वहां से चला गया और वहां मौजूद लोग एक दूसरे की शक्ल देखने लगे।
मिसेज बजाज ने शीतल को अपने पास बुलाया और उसके ही साथ वो प्रिया को मंडप पर ले गई।
डार्क पर्पल और रेड कलर के लहंगे में प्रिया बेहद खूबसूरत लग रही थी। निक की तो नजरें मानों जम सी गई थी।
"ज्यादा मत घूर! वरना तेरी आँखें बाहर आ जायेगी। अब नजर मत लगा मेरी बहन को समझा।" अनीष की आवाज कानों में पड़ते ही निक उसे घूरने लगा। तो अनीष ने भी एटीट्यूड के साथ कहा। "अभी मैं तुम्हारा इम्लोय नहीं हुं तो घूरने से कुछ नहीं होगा।"
"बहुत ज्यादा नहीं बोल रहे हो अब तुम!" निक ने कहा तो अनीष मुस्कुरा दिया।
To be continue:-
जल्द ही शादी की रश्में भी शुरू हो गई और कुछ घंटे बाद निक और प्रिया हमेशा हमेशा के लिए एक दूसरे के हो गए। निक और प्रिया ने मिस्टर एंड मिसेज बजाज के साथ अनीष का भी आशीर्वाद लिया।
"हमेशा साथ रहो और खुश रहो।" अनीष ने आशीर्वाद दिया।
"तुम्हारी भी शादी जल्द ही शीतल से हो।" निक ने धीरे से अनीष के कान में कहा। तो उसने मुस्कुरा कर कहा! "तेरे मुंह में गुड शक्कर!" निक हल्के से मुस्कुरा दिया।
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कुछ देर बाद वो घड़ी भी आ ही गई जब घर से प्रिया की बिदाई होनी थी।
प्रिया अपनी माँ के गले लग कर फुट फुट कर रो रही थी। और मिस्टर बजाज नम आँखों से उसे संभाल रहे थे। अनीष की पलकें भी भीग चुकी थी। अगले ही पल प्रिया अपने पापा से लिपट गई। उन्होंने भी प्रिया को संभाल लिया।
"मैं भी हुं!" अनीष ने नम आँखों से मुस्कुराते हुए कहा। तो प्रिया फौरन उसके पास गई और उसके गले लगते हुए बोली। "आप तो हमेशा रहोगे भाई।"
"अपना ख्याल रखना और निक पर खास तरह से नजर रखना कहीं तेरे हाथ से निकल ना जाए।" अनीष ने प्रिया का मूड लाइट करने के लिए कहा।
"भाई!" प्रिया ने मुंह बना कर कहा। तो अनीष ने उसके आंसू पोछते हुए कहा। "अब नो रोना धोना। समझी।"
प्रिया ने कुछ नहीं कहा। तभी निक ने वहां आते हुए कहा। "और कितनी बुराई करेगा मेरी?"
"तेरी बुराई! तेरी बुराई कर ही कौन रहा है। मैं तो तेरी तारीफों के पुल बांध रहा हुं।" अनीष ने कहा तो निक ने उसे आँखों ही आँखों में वार्निग दी। पर अनीष पर तो जैसे इसका कोई असर ही नहीं पड़ा था। वो अपनी बहन के साथ बिजी था।
अपने फैमिली वाले से मिलने के बाद प्रिया निक के साथ वहां से जा चुकी थी।
पर घर का माहौल अभी भी वैसा ही था।
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एक आलीशान घर के सामने निक की गाड़ी आ कर रुकी।
गाड़ी के रुकते ही प्रिया ने अपनी नजरें उठाई तो सामने लाइट्स से जगमगाता वो खूबसूरत सा घर देखते ही उसके होंठो पर हल्की सी स्माइल आ आई। उसने उसी पल निक की तरफ देखा तो वो उसे ही देख रहा था।
निक गाड़ी से बाहर आया और प्रिया की तरफ का दरवाजा खोल कर उसने प्रिया की तरफ अपना हाथ बढ़ा दिया। अगले ही पल प्रिया का हाथ निक के हाथ में था। निक प्रिया का हाथ थामे घर की तरफ बढ़ गया।
घर के दरवाजे पर पहुंचते ही निक ने प्रिया को रोक लिया और खुद घर के अंदर चला गया। प्रिया बस पलकें झपकाते हुए वहीं से घर को देखने लगी। जितना वो घर बाहर से खूबसूरत था। उतना ही वो घर अंदर से भी खूबसूरत था।
कुछ ही पलो बाद निक प्रिया के सामने आया उसके हाथ में आरती की थाली के साथ एकस्ट्रा थाली भी थी और चांवल से भरा कलश भी।
निक ने चांवल से भरा कलश दरवाजे पर रखा और फिर एक थाल उससे कुछ दूरी पर और फिर उसने एक शीशी आरती की थाल से उठाई और उसमें मौजूद आलता उसने उस खाली थाल में डाल दी। फिर आरती की थाल लिए वो प्रिया के सामने खड़ा हो गया।
प्रिया हैरानी से अपना मुंह खोले एकटक निक को ही देख रही थी।
"एक नई बहू का स्वागत ऐसे ही होता है ना?" निक ने कहा तो प्रिया नम आँखों के साथ मुस्कुरा उठी और उसने हां में अपना सिर हिला दिया।
निक ने प्रिया की आरती उतारी और उसका तिलक किया। वो थाल वापस रखता उससे पहले ही प्रिया ने उससे थाल वापस ली और खुद उसका तिलक किया। निक मुस्कुरा कर रह गया।
प्रिया से थाल वापस ले कर निक ने वहीं साइड में मौजूद वास टेबल पर रखा। फिर प्रिया ने उसका हाथ पकड़ा और अपने पास उसे खड़ा किया।
निक ने अपने हाथ से प्रिया को कलश गिराने का इशारा किया। तो प्रिया निक का हाथ थामे आगे बढ़ी और उसने अपने पैर से चावल से भरा कलश गिरा दिया। फिर आगे बढ़ कर प्रिया ने अपने पैर आलते वाली थाल पर रखे। प्रिया ने अभी भी निक का हाथ थाम रखा था और निक भी उसके साथ ही चल रहा था।
अपने पैरो के निशान छोड़ते हुए प्रिया अब हॉल में आ चुकी थी। जहां सोफे के सामने मौजूद टेबल पर दूध से भरा बड़ा सा एक बर्तन था जिसमें गुलाब की पंखुड़ियां थी।
निक और प्रिया जा कर सोफे पर बैठ गए।
"अब इस गेम के रूल्स तो तुम्हें पता होंगे ना?" निक ने प्रिया से पूछा तो प्रिया ने हां में अपना सिर हिला दिया।
"सॉरी हमें चेयर करने के लिए यहां कोई नहीं है। तुम्हारे साथ टाइम स्पेंड करने के लिए मैंने सर्वेंट्स को एक हफ्ते की लिव दे दी।" निक ने कहा तो प्रिया ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा। "वो तो ठीक है! पर प्लीज तुम मुझसे जितना मत।" प्रिया ने बेहद मासूमी से कहा तो निक उसे अपनी आँखें छोटी कर के घूरने लगा।
"ठीक है मत मानों मेरी बात।" कहकर प्रिया ने मुंह बना लिया।
"चलो अब स्टार्ट करते है। ये स्वीट गेम....!" निक ने कहा ही था की प्रिया ने झट से अपना हाथ सामने मौजूद दूध से भरे बर्तन के अंदर डाल दिया। निक प्रिया की स्पीड देख कर हैरान था। वो भूल ही गया था की उसे भी रिंग ढूंढना है। जब तक निक को होश आया। प्रिया ने वो रिंग ढूंढ ली थी। ये देखकर निक ने प्रिया को घूरते हुए कहा। "तुमने चीटिंग की है स्वीटहार्ट।"
निक की बात सुनकर प्रिया का मुंह हैरानी से खुल गया। "पर मैने क्या किया?"
प्रिया के इस सवाल का निक के पास कोई जवाब नहीं था। वो क्या ही कहता। की प्रिया की स्पीड की वजह से वो सदमें में चला गया और हार गया। कतई नहीं। इसलिए वो बस प्रिया को घूर कर ही रह गया।
"अब रेडी बोलने पर ही हाथ अंदर डालना।" निक ने कहा तो प्रिया ने फौरन हामी भर दी।
निक ने रिंग बर्तन में डाली। उसी पल प्रिया ने एकदम से कहा। "रेडी!" और फिर उसने अपना हाथ उसने बर्तन में डाल दिया।
निक को तो जैसे समझ ही नहीं आया की अभी अभी हुआ क्या और इस बार भी उसके समझने से पहले प्रिया उस बर्तन से रिंग निकाल चुकी थी।
To be continue:-
"नो.........!" कहते हुए अहीर ने गुस्से में अपने रूम में मौजूद कांच के उस शो पीस को जमीन में पटक कर तोड़ दिया। जो उस कमरे की शान थी। पूरे रूम मे कांच बिखर गया।
अहीर ने गुस्से में अपनी मुट्ठियाँ भींच ली वहां मौजूद बाकी का सामान भी तोड़ने लगा। वहीं पास में ही निक के साथ प्रिया की फोटो पड़ी थी। पर अलग अलग। देख कर ही लग रहा था की वो फोटो एक थी और किसी ने बेरहमी से उसे अलग कर दिया था। वो एक फोटो नहीं थी। उसके साथ और भी कई सारी फोटोज वहां फर्श पर बिखरी पड़ी थी। जो सारी निक और प्रिया की थी और वो सारी फोटोज टुकड़ों में बटी हुई थी।
अहीर ने नीचे पड़े निक की एक फोटो पर अपना पैर रख दिया।
"निक ओबोरॉय........!" अहीर गुस्से से चीख उठा और वहां पास पड़ी प्रिया की तस्वीर उसने अपने हाथ में उठा ली। बिजनेस के सिलसिले में वो काफी बिजी था। पर एक पल नहीं था जब उसे प्रिया का ख्याल ना आया हो। कुछ हफ्तों के लिए बिजनेस के सिलसिले में वो बाहर भी गया हुआ था। जिस वजह से उसने प्रिया की कोई खबर नहीं ली। यहां आते ही उसे पता चला की प्रिया ने अपनी जॉब छोड़ दी है। तो उसने अपने आदमी से कह कर प्रिया के बारे में पता लगवाया। तो उसे इन तस्वीरों के साथ प्रिया की शादी की भी खबर मिली।
"ये सब क्या है भाई.....?" बाहर खड़े मिहिर ने हैरानी से कहा। उसने अपने भाई को कभी इतने गुस्से में नहीं देखा था।
अहीर ने एक नजर मिहिर की तरफ देखा। फिर आगे बढ़ कर उसने मिहिर के मुंह पर दरवाजा बंद कर दिया। मिहिर हैरानी से बस दरवाजे को घूर रहा था। उसने उसी पल अहीर के खास आदमी को कॉल किया। जो कुछ देर पहले ही यहां से गया था।
कॉल रिसीव होते ही मिहिर ने गुस्से में कहा। "तुम भाई से क्यों मिलने आए थे अभी?"
सामने से कही बात सुनते ही मिहिर ने कहा। "मुझे अभी के अभी उसके बारे में सारी डिटेल्स दो।" बात करते करते मिहिर अपने रूम में चला गया। मिहिर के जाते ही अहीर अपने रूम से बाहर आया। वो इस वक्त काफी फ्रेस लग रहा था। पर चेहरे पर गुस्से के भाव अभी भी थे।
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"तुम कहां हो प्रियू?" निक जो अपने केबिन में बैठा फाइलों में उलझा हुआ था। उसने प्रिया के कॉल रिसीव करते ही पूछा।
"मैं हमारे घर के पास वाले कॉफी शॉप पर हुं। स्वाति से मिलने आई थी। मैने जॉब छोड़ दी ना। तो ये मुझसे मिलने की जिद कर रही थी।" प्रिया ने अपने सामने बैठी लड़की को घूरते हुए कहा। जो उसे देखते हुए मुस्कुरा कर अपनी कॉफी इंजॉय कर रही थी।
"अच्छा ठीक है। घर पहुंच कर कॉल करना। मेरी अभी मीटिंग है। तो मैं तुमसे घर पर मिलता हुं।।" निक ने कहा तो प्रिया ने भी मुस्कुरा कर कहा। "बाय! जल्दी आना।" कह कर उसने कॉल एंड कर दिया।
"तु तो सेट हो गई। अब तुझे नहीं लगता की तुझे मेरे बारे में भी थोड़ा सोचना चाहिए।" स्वाति ने अपनी आई विंक करते हुए कहा।
स्वाति की बात सुनकर प्रिया मुस्कुराते हुए बोली। "तेरा कुछ नहीं हो सकता। तु जा कर विकास से कहती क्यों नहीं की तु उसे पसंद करती है। तुझे शायद पता नहीं है। पर विकास की मम्मा उसके लिए लड़की ढूंढ रही है और अब अगर तूने उसे अपने दिल की बात नहीं कही। तो फिर तु उसके शादी की रिसेप्शन की छोले पूरी खाने की तैयारी कर ले।" प्रिया ने कॉफी का एक सिप लेते हुए कहा। तो स्वाति उसे खा जाने वाली नज़रों से घूरने लगी।
स्वाति का रिएक्शन देख कर प्रिया को हँसी आ गई।
"ठीक है मत कर तु मेरी हेल्प।" कहकर स्वाति अपना बैग ले कर वहां से चली गई।
"लगता है ज्यादा हो गया।" प्रिया ने अपने सिर पर चपत लगाते हुए खुद से ही कहा और टेबल पर कॉफी के पैसे रख कर वो तेज़ी से कॉफी शॉप से बाहर निकलने लगी। जल्द बाजी में वो अंदर आते शख्स से टकरा गई।
"सॉरी!" कहते हुए प्रिया हड़बड़ी में बाहर निकल गई। प्रिया ने बाहर आते ही स्वाति को आवाज दी, पर वो अपनी स्कूटी लिए और प्रिया को अनसुना करके वहां से चली गई।
"ये लड़की भी ना! थोड़ी थोड़ी बात पर मुंह फूला लेती है। कोई बात नहीं। इसे तो मैं मना लूंगी। पर इस विकास को कैसे मनाऊं?" प्रिया खुद से ही बड़बड़ कर रही थी। जब किसी ने उसके कंधे पर हाथ रखा।
प्रिया झट से पलटी तो पीछे अहीर खड़ा था। प्रिया उसे पहचानने की कोशिश करने लगी।
"जी....?" प्रिया ने सवालिया नजरों से अहीर की तरफ देखते हुए कहा।
अहीर प्रिया को देख हल्के से मुस्कुराया। प्रिया को वो अजीब लगा इसलिए वो वहां से जाने के लिए पलट गई पर तभी अहीर ने उसका हाथ पकड़ लिया। अहीर की ये हरकत प्रिया को गुस्सा दिला गई और उसने एकदम से पलट कर अहीर की थप्पड़ जड़ दिया।
अहीर के हाथ से प्रिया का हाथ छूट गया और वो एकटक प्रिया को देखने लगा।
प्रिया ने अहीर की तरफ अपनी फिंगर प्वाइंट करते हुए कहा। "डोंट टच मि!" प्रिया काफी गुस्से में थी वो दुबारा वहां से जाने लगी। वहां आस पास कुछ लोग जमा हो गए थे। उसके बावजूद अहीर ने प्रिया को अब की बार उसके बालों से पकड़ लिया। प्रिया उसकी इस हरकत से हैरान थी। और हैरान थी उस भीड़ से को वहां खड़ा बस तमाशा देख रहा था।
प्रिया ने अपनी मुट्ठी भींच ली। क्योंकि अहीर ने प्रिया के बालों को ज्यादा जोर से नहीं पकड़ा था। इसलिए प्रिया पलटी और अपने घुटने से उसने अहीर के मेन पार्ट पर वॉर कर दिया।
दर्द से बिलबिलाते हुए अहीर ने प्रिया को छोड़ दिया। तो प्रिया बिना रुके वहां मौजूद भीड़ को घूरते हुए निकल गई।
कुछ ही पल में भीड़ छट गई और अहीर गुस्से में अपनी गाड़ी में जा कर बैठ गया। उसके ठीक पीछे मौजूद गाड़ी में बैठे मिहिर की आँखों में भी बे हिसाब गुस्सा था।
"मेरे भाई पर हाथ उठा कर तुमने ठीक नहीं किया!" मिहिर ने गुस्से में स्टेयरिंग पर हाथ मारते हुए कहा और अहीर की गाड़ी वहां से जाते देख उसने भी अपनी गाड़ी स्टार्ट की और अहीर के पीछे ही चला गया।
To be continue:-
"कौन था वो! उसे देख कर ही अच्छी फिलिंग नहीं आ रही थी। बेहतर होगा। मैं ये सब भूल जाऊं!" गाड़ी में बैठी प्रिया मन ही मन खुद से ही बातें कर रही थी। "क्या निक को इस बारे में बताना चाहिए। शायद नहीं।" प्रिया ने खुद से ही कहा।
"मैम घर आ गया।" प्रिया को अपने ही ख्यालों में गुम देख कर ड्राइवर ने उसे आवाज दी।
"हां....!" प्रिया ने अपने ख्यालों से बाहर आते हुए चौंक कर कहा और गाड़ी से बाहर निकल गई।
अंदर आते ही प्रिया की नज़र अपने मॉम डैड पर पड़ी तो वो खुशी से चीख उठी और जा कर उनके गले लग गई।
"आप दोनों कब आए और मुझे कॉल क्यों नहीं किया। मैं घर पे ही रुक जाती।" प्रिया ने अपने मॉम डैड से शिकायत करते हुए कहा।
"हम तो तुम्हें सरप्राईज देने आए थे। पर घर पर कोई भी नहीं था। तो हम ही सरप्राईज हो गए।" मिस्टर बजाज ने हँसते हुए कहा तो मिसेज बजाज के साथ साथ प्रिया भी हँस दी।
प्रिया वहीं बैठ कर अपने मम्मी पापा से बातें करने लगी। कुछ ही देर में सर्वेंट्स उनके लिए जूस और स्नेक्स ले आए।
बातों बातों काफी टाइम हो गया। उन सभी का ध्यान भंग हुआ निक की गाड़ी की आवाज से।
कुछ देर बाद निक अनिष के साथ अंदर आया तो सामने मिस्टर एंड मिसेज बजाज को देखते ही उसकी मुस्कान बड़ी हो गई और उनके पास आ कर उसने उनका आशीर्वाद लिया।
निक और अनिष भी अब उनमें शामिल हो चुके थे। कुछ देर बाद डिनर का टाइम हो गया था तो सब ने साथ में ही डिनर किया।
"अच्छा अब हम चलते है तुम दोनों अपना ख्याल रखना और मिलने आती रहना।" मिस्टर बजाज ने प्रिया के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा और फिर निक के सिर पर भी हाथ रखा तो निक मुस्कुरा दिया।
मिस्टर एंड मिसेज बजाज के वहां से जाते ही प्रिया भी मुस्कुराते हुए अपने रूम की तरफ बढ़ गई। निक ने वहां मौजूद सर्वेंट्स को इशारे से वहां से जाने के लिए कह दिया तो सभी अपना सिर हिला कर वहां से चले गए। उनके जाते ही निक भी तेज़ी से प्रिया की तरफ बढ़ गया।
प्रिया ने जैसे ही रूम में कदम रखा। वैसे ही निक ने उसे पीछे से अपनी बाहों में भर लिया। एक पल के लिए प्रिया एकदम से चौंक गई। पर अगले ही पल उसके होंठो पर प्यारी सी मुस्कान बिखर गई।
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ब्लू नाइट क्लब,
नशे में धुत्त अहीर अभी भी अपनी शराब की बोतल खाली कर रहा था।
"भाई! घर चलो! बहुत टाइम हो गया है।" मिहिर ने अहीर का हाथ पकड़ते हुए कहा।
ये क्लब अहीर का ही था। इसलिए क्लब बंद होने के वक्त में भी बंद नही किया गया था। सिर्फ और सिर्फ अहीर की वजह से।
अहीर ने मिहिर के हाथ से अपना हाथ झटक दिया और फिर से ग्लास उठा कर एक सांस में पी गया।
"समझती क्या है खुद को........ वो दिन दूर नहीं जब मैं उसे अपने बेड पर पटकूंगा और फिर उसकी वो हालत करूंगा की वो खुद से भी नजरें नहीं मिला पाएगी।" अहीर नशे में क्या क्या बकवास कर रहा था। उसे खुद को कुछ होश नहीं था।
"मैं खुद उसे आपके सामने ला कर खड़ा कर दूंगा भाई। आप पहले घर चलिए। प्लीज।" मिहिर ने अहीर से रिक्वेस्ट करते हुए कहा।
"नहीं!" अहीर ने साफ इंकार करते हुए कहा और जैसे ही उसने काउंटर पर रखा ग्लास उठाना चाहा। मिहिर ने झट से ग्लास उठाया और उसे फर्श पर पटकते हुए कहा। "बस भाई बहुत हुआ!"
मिहिर ने अपने भाई को संभाला और कुछ गार्ड्स के साथ वो अहीर को वहां से बाहर ले गया।
गाड़ी की बैक सिर पर अहीर को लेटाए मिहिर उसके पास ही बैठ गया और अपने भाई का सिर उसने अपनी गोद में रखते ही उसने ड्राइवर को चलने का इशारा किया।
इशारा पाते हि ड्राइवर ने गाड़ी आगे बढ़ा दी।
मिहिर ने एक नजर अपने भाई पर डाली और फिर गुस्से से वो गाड़ी के बाहर देखने लगा। उसकी आँखों के सामने वो पल घूम गया। जब प्रिया ने उसके भाई की इंसल्ट की थी और उसपर हाथ उठाया था।
"यू बिच.....!" मिहिर एकदम से खामोश हो गया। क्योंकि अहीर जोर जोर से खांस रहा था।
मिहिर घबरा कर अहीर की पीठ सहलाने लगा।
ड्राइवर ने जल्दी से पानी की बोतल मिहिर की तरफ बढ़ा दी और मिहिर ने अहीर को सीधा बैठा कर उसे एक दो घुट पानी पिला दिया। अहीर अब काफी हद तक नॉर्मल था और अपनी नशे से बोझिल होती पलकों को खोलते हुए वो इधर उधर देखने की कोशिश कर रहा था।
कुछ देर बाद जब गाड़ी उनके बंगले के सामने आ कर रुकी तो मिहिर जल्दी से गाड़ी से बाहर आया और उसने अहीर को गाड़ी से बाहर निकालना चाहा। पर अहीर उसे साइड कर के खुद लड़खड़ाते हुए वहां से बंगले के अंदर चला गया। मिहिर भी जल्दी से अहीर के पीछे चला गया।
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"क्या हुआ! तुम इतनी चुप क्यों हो?" निक ने अपनी बाहों में लेटी प्रिया के जुल्फों से खेलते हुए कहा।
प्रिया ने अपनी नजरें उठा कर निक की तरफ देखते हुए कहा। "नींद आ रही है।"
निक कुछ पल तक प्रिया को घूरता रहा। फिर एकदम से उसके ऊपर आते हुए बोला। "तुम्हें आज कल कुछ ज्यादा ही जल्दी नींद आने लगी है। कोई बात नहीं। मेरे पास तुम्हारी नींद भागने का बेहतरीन तरीका है।" निक के लहजे में शरारत थी। जिसे महसूस कर प्रिया उसे घूरने लगी। पर निक की नजरों की तपिस ने प्रिया को अपनी पलकें झुकने में मजबूर कर दिया। वो दोनों अपने प्यार के खूबसूरत से पलों में खो गए।
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सूरज की तेज किरणें जैसे ही अहीर के चेहरे पर पड़ी। वो कसमसा उठा। ब मुश्किल उसने अपनी आँखें खोली। तो उसकी नजर सीधे मिहिर पर पड़ी जो वहीं खड़ा उसे घूर रहा था।
"इतनी सुबह सुबह तुम यहां क्या कर रहे हो?" अहीर ने अपने सिर पर अपनी उंगली और अंगूठे को रगड़ते हुए कहा।
"आपको नहीं लगता भाई! की हमें बात करने की जरूरत है?" मिहिर ने नाराजगी जताते हुए कहा।
"नहीं!" अहीर ने सपाट लहजे में कहा और अपने बिस्तर से उठ कर वो फ्रेस होने चला गया। जबकि मिहिर वहीं खड़ा अपने भाई को बस देखता ही रह गया।
उसके कुछ पल बाद ही मिहिर गुस्से में वहां से चला गया।
To be continue:-
एक फाइल के पन्ने पलटते हुए मिहिर बेहद सीरियस था। फिर एकदम से उसने वो फाइल पटकते हुए कहा। "मिसेज प्रिया ओबोरॉय!" कहते हुए उसके होंठो पर एक तिरछी स्माइल उभर आई।
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शाम का वक्त,
"अब तेरा ज्यादा हो रहा है, अब अगर तुने मेरी बात नहीं सुनी। तो जो मैने तेरे और विकास के लिए कैंडल लाइट डिनर प्लान किया है, वो कैंसल कर दूंगी।" प्रिया ने स्वाति को घूरते हुए कहा तो स्वाति मुस्कुराते हुए उसे देखने लगी।
"मतलब तुने विकास से बात की?" स्वाति ने खुशी से पूछा। तो प्रिया ने हां में अपना सिर हिला दिया।
"थैंक यू, थैंक यू, थैंक यू!" कहते हुए स्वाति एकदम से प्रिया के गले लग गई।
"ओए बस भी कर। इतना प्यार तु अपने विकास के लिए बचा और आज तु उससे कह ही दे की तु उससे प्यार करती है। समझी।" प्रिया ने कहा तो स्वाति ने हां में अपनी गर्दन हिला दी। तभी ड्राइवर ने उनकी तरफ देखते हुए कहा। "मैम हम पहुंच गए।"
प्रिया और स्वाति ने बाहर देखा तो सामने स्वाति का घर था।
"चल अब लेट मत कर मैने रेस्टोरेंट का नाम तुझे msg कर दिया है। अब तु जल्दी से रेडी हो और जा।" प्रिया ने कहा तो गाड़ी से निकलती स्वाति ने अपना सिर हिला दिया और प्रिया ने ड्राइवर को इशारा किया। की वो गाड़ी घर ले चले।
कुछ दूर जा कर ड्राइवर ने एकदम से गाड़ी रोक दी।
"क्या हुआ अंकल! आपने गाड़ी क्यों रोकी?" प्रिया ने बाहर उस सुन सान से रास्ते को देखते हुए कहा।
"अचानक से सामने कोई आ गया।" ड्राइवर ने सामने इशारा किया तो सामने डिक्की पर टिका एक आदमी ऐसे पड़ा हुआ था। जैसे वो अभी अभी गाड़ी से टकराया हो।
प्रिया और ड्राइवर जल्दी से गाड़ी से बाहर आए और जैसे ही वो उस शख्स के पास पहुंचे। वैसे ही वो शख्स खड़ा हो गया। वो कोई और नहीं बल्कि अहीर था।
अहीर को देखते ही प्रिया के चेहरे पर गुस्सा उभर आया।
"अंकल! चलिए यहां से।" कहते हुए प्रिया जैसे ही जाने लगी। वैसे ही अहीर ने प्रिया का हाथ पकड़ लिया। उसी वक्त गाड़ी में मौजूद प्रिया का फोन रिंग करने लगा। जिसपर निक का नाम फ्लैश हो रहा था।
"ये तुम क्या कर रहे हो! छोड़ो हमारी मैडम को!" ड्राइवर ने अहीर का हाथ पकड़ते हुए कहा तो अहीर ने गुस्से में उसकी तरफ देखा और प्रिया को छोड़ कर उसने ड्राइवर को पकड़ा और उसका सिर जोर से गाड़ी के डिक्की में मार दिया। ड्राइवर बुजुर्ग था। इसलिए वो ये हमला सह नहीं पाया और उसने वहीं अपना दम तोड दिया।
प्रिया ने अपने मुंह में हाथ रख लिया और वो नीचे पड़े ड्राइवर को देख रही थी। उसकी आँखों में नमी आ गई थी।
अहीर ने उसी पल प्रिया का हाथ दुबारा पकड़ा और उसे जबरदस्ती अपने साथ ले जाने की कोशिश करने लगा।
प्रिया ने अपनी पूरी ताकत लगा कर अहीर को धक्का दिया और जल्दी से अपनी गाड़ी के ड्राइविंग सीट पर जा कर बैठ गई। वहां आस पास उसे कोई नज़र नहीं आ रहा था। इसलिए उसे अपनी मदद खुद ही करनी थी। वैसे भी अगर लोग होते भी तो उसकी कोई गैरेंटी नहीं थी की वो प्रिया की मदद करते।
प्रिया जैसे ही गाड़ी स्टार्ट करने लगी। वैसे ही अहीर ने तेज़ी से आ कर उसकी गाड़ी से चाभी निकाल ली।
प्रिया एक पल के लिए घबरा गई। उसे समझ नहीं आ रहा था। की ये आदमी आखिर उसके पीछे क्यों पड़ा हुआ था।
अहीर ने गाड़ी का दरवाजा खोला और प्रिया की वापस जबरदस्ती गाड़ी से बाहर निकालने लगा। इस खींचा तानी में प्रिया की ड्रेस की बाजू भी हल्की सी फट चुकी थी। जिसे अहीर ने बेरहमी से खींच कर पूरा फाड़ दिया था।
प्रिया इधर उधर गाड़ी में कुछ देखने लगी। तभी उसकी नजर सामने पड़ी जहां एक छोटा सा ब्लेड जैसा कुछ था। प्रिया ने जल्दी से उसे अपने हाथ में लिया और बिना एक पल गवाएं उसने उस ब्लेड से अहीर के फेस पर हमला कर दिया। अहीर के हाथ से चाभी के साथ साथ प्रिया भी छूट गई और वो अपना फेस कवर किए पीछे हो गया।
प्रिया ने अहीर पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया और गाड़ी की चाभी ले कर वो जल्दी से गाड़ी में बैठी और गाड़ी स्टार्ट कर के वो तेज़ी से वहां से निकल गई।
गाड़ी की आवाज सुनते ही अहीर ने अपने फेस से अपना हाथ हटाया! तो उसका पूरा चेहरा खून से डूब चुका था। उसे ऐसे देख कर समझ ही नहीं आ रहा था। की आखिर कट लगा कहां है?
अहीर गुस्से में जाती हुई गाड़ी को देख रहा था।
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प्रिया ने गाड़ी रोकी और तेज़ी से घर के अंदर चली गई। उसने ध्यान नहीं दिया और सामने से आते निक से टकरा गई।
जहां निक प्रिया की ये हालत देख हैरान परेशान था। वहीं निक को अपने सामने देखते ही प्रिया के दिल में सुकून उतर आया। उसने कस के निक को अपने सीने से लगा लिया।
"ये क्या हुआ प्रिया और कैसे?" निक ने प्रिया को अपनी बाहों में भरते हुए कहा और उसे वैसे ही अंदर ले आया और वहीं सोफे पर बिठाते हुए उसने एक सर्वेंट को पानी लाने के लिए कहा।
प्रिया खामोश थी और निक उससे बात करने की कोशिश कर रहा था।
सर्वेंट ने पानी ला कर निक को दिया तो निक ने प्रिया को पानी पिलाया।
पानी पीते हुए प्रिया निक को ही देख रही थी। जो उसकी वजह से कितना परेशान था और शायद गुस्से में भी।
"क्या हुआ प्रिया। कुछ तो बताओ?" निक ने खुद को नॉर्मल कर के पूछा। तो अब की बार प्रिया खामोश नहीं रही और उसने निक को सब कुछ बता दिया।
"जब उसने पहले तुम्हारे साथ बत्तमीजी की! तुमने मुझे तब क्यों नहीं बताया?" निक ने नाराज होते हुए कहा।
"मैने सोचा। इतनी सी बात के लिए तुम्हें क्यों परेशान करूं?" प्रिया ने धीरे से कहा।
"अब वही इतनी सी बात इतनी बड़ी हो गई। मैं उसे छोडूंगा नहीं। तुम्हें उसका चेहरा तो याद है ना?" निक ने अपने गुस्से को जब्त करते हुए कहा। तो प्रिया ने। हां में अपना सिर हिला दिया।
उसके बाद निक ने प्रिया को आराम करने के लिए रूम भेज दिया और किसी को कॉल कर के उसने उस जगह पर भेज दिया जहां प्रिया के साथ वो एक्सीडेंट हुआ था। फिर वो खुद प्रिया के पास चला गया।
To be continue:-
ड्राइवर अंकल का अंतिम संस्कार निक ने ही किया। क्योंकि उनकी फैमिली में कोई नहीं था।
दो दिन बीत गए और फाइनली निक ने पता लगा ही लिया की प्रिया को परेशान करने वाला शख्स अहीर है। क्योंकि प्रिया को अहीर का नाम नहीं पता था। इसलिए उसने अपने कंपनी के स्केच आर्टिस्ट से प्रिया के जरिए उसका स्केच तैयार करवा लिया और अहीर का चेहरा निक के सामने आ गया। जो की उसकी ही तरह बिजनेस मैन है। निक के साथ साथ अनीष को भी सब पता चल चुका था। प्रिया के लिए भी निक ने सिक्योरिटी लगा दी थी। जिसे पहले प्रिया ने मना कर दिया था। पर अब वो चाह कर भी मना नहीं कर सकती थी। क्योंकि वो जानती थी की निक अब उसकी बात नहीं मानेगा।
दिन बीत रहे थे और देखते ही देखते अहीर और निक एक दूसरे के राइवल्स बन चुके थे।
प्रिया को कहीं भी जाने से पहले अब हजार बार सोचना पड़ता था। क्योंकि उसे ये सिक्योरिटी पसंद नहीं थी। इसलिए वो अब पहले की तरह ज्यादा बाहर भी नहीं जाती थी। पर आज स्वाति का बर्थडे था और उसने प्रिया को भी इनवाइट किया था। निक इन दिनों अहीर को बिट करने में काफी बिजी था। पर फिर भी वो प्रिया के साथ स्वाति के बर्थडे पर जाने के लिए तैयार हो गया।
कुछ देर बाद ब्लू कलर की साड़ी पहने प्रिया तैयार थी और निक ब्लू सूट में। क्योंकि पार्टी की थीम ही ब्लू थी और वो पार्टी एक क्लब में थी।
प्रिया और निक पार्टी प्लेस पर पहुंचे तो उन्हें मास्क दिया गया। जिन्हें पहन कर वो पार्टी में शामिल हो चुके थे। ये पूरी अरेजमेंट्स विकास ने की थी। अपनी स्वाति के लिए। स्वाति के प्रपोज करने से पहले उस दिन विकास ने हो उसे प्रपोज कर दिया था और तब से वो दोनों साथ में थे।
विकास और स्वाति ने प्रिया और निक का वेलकम किया और उनसे कुछ देर बात करने के बाद वो दूसरे गेस्ट्स को अटेंड करने चले गए।
कुछ देर बाद केक कटिंग के बाद ड्रिंक्स और डांस का सिलसिला शुरू हो गया। बेहद प्यारी सी धीमी धीमी धुन बज रही थी वहां। वहां ज्यादा शोर नहीं था। इसलिए प्रिया और निक को वहां का माहौल काफी अच्छा लग रहा था।
निक और प्रिया ने एक दूसरे का हाथ थाम रखा था और वो सामने मौजूद विकास और स्वाति का क्यूट रोमेंटिक डांस इंजॉय कर रहे थे।
तभी किसी ने प्रिया की कमर पर हाथ रखा। प्रिया की आँखें एकदम से बड़ी हो गई। वो अपने आस पास देखने लगी पर वहां कोई भी नहीं था। कुछ देर बाद दुबार प्रिया को वैसा ही महसूस हुआ और वो फिर अपने आस पास देखने लगी। तभी उसे खुद से कुछ दूर खड़ा एक लडका दिखा। जिसने अपना मास्क निकाल रखा था और वो प्रिया को बुरी तरह घूर रहा था। वो लड़का कोई और नहीं बल्कि मिहिर था। उसने अहीर के साथ उसकी कई बार फोटो देखी थी और तब उसने उसके बारे में निक से पूछा था। इसलिए उसे पता था की वो अहीर का भाई है।
प्रिया की पकड़ निक के हाथ में कस गई तो निक ने उसकी तरफ देखा।
"व्हाट हेपेंड प्रिया?" निक ने प्रिया का चेहरा अपनी तरफ किया तो घबराया हुआ चेहरा देखते ही वो परेशान हो कर बोला। "क्या हुआ प्रिया?"
"निक वो....!" कहते हुए प्रिया ने निक को कुछ बताने के लिए उस तरफ इशारा की जहां मिहिर खड़ा था। पर अब वहां कोई भी नहीं था। निक भी उस तरफ देख रहा था। फिर वापस प्रिया की तरफ देखकर बोला। "वो क्या प्रिया! वहां कोई नहीं है।"
"नहीं! अभी वो वहीं था। मैने उसे देखा।" प्रिया ने उस तरफ देखते हुए कहा।
"किसे देखा। प्रिया?" निक ने प्रिया के गाल पर हाथ रख कर पूछा।
"म....... मिहिर को!" प्रिया ने जल्दी से अपनी बात पूरी की तो निक की भवें इकट्ठी हो गई। क्योंकि मिहिर उसकी प्रिया को परेशान करेगा। ये नहीं सोचा था उसने। उसने अपनी मुट्ठियां भींच ली और स्वाति विकास से मिल कर वो दोनों वहां से निकल गए।
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दी ग्रीन स्काई.... (काल्पनिक नाम)
आज यहां मीटिंग थी। जिसके लिए आज बहुत से बिजनेस मैन यहां आने वाले थे। निक और अहीर भी। लगभग आधे घंटे में मीटिंग रूम में सभी बिजनेस मैन उपस्थित थे। अहीर बिल्कुल निक के सामने वाली चेयर पर बैठा था। अहीर के गाल पर अजीब से कट का निशान था जो ताजा नजर आ रहा था और सभी का ध्यान अपनी तरफ खींच रहा था। वो बुरी तरह से निक को घूर रहा था। निक की भी वो शांत और तीखी नजरें अहीर पर थी। उन दोनों का ही ध्यान वहां की मीटिंग पर नहीं था। जिस वजह से ना वो कुछ बोल रहे थे और ना ही किसी की तरफ देख रहे थे। निक के बगल में बैठा अनिष भी अहीर को ही घूर रहा था।
कुछ घंटों बाद मीटिंग खत्म हुई और सभी के साथ निक और अहीर भी अपनी अपनी जगह से उठ खड़े हुए। उनके साथ आए असिस्टेंड भी खड़े हो गए।
सबके जाने के बाद अहीर निक के पास से गुजरने लगा तो निक ने उसका रास्ता रोका और उसके सामने आते हुए उसने जैसे ही कुछ कहने के लिए अपना मुंह खोला वैसे ही अनिष ने आगे बढ़ कर अहीर के मुंह में एक मुक्का जड़ दिया। अहीर कुछ करता उससे पहले ही उसके पास खड़े एसिस्टेंड ने अनिष हाथ उठा दिया। पर निक ने उसका हाथ पकड़ कर उसे पीछे धकेल दिया।
कुछ लोग अभी भी वहां मौजूद थे और उन्होंने जल्दी से उन्हें एक दूसरे से अलग किया।
अहीर गुस्से से अनिष को घूर रहा था। वहीं अनिष भी उसे गुस्से से घूर रहा था। यहां बहुत से लोग थे। जिनके सामने वो अपनी रेप्यूटेशन को खराब नहीं कर सकते थे। इसलिए वो शांति से वहां से निकल गए।
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"ये क्या माँ! आज भी भिंडी। आपको तो पता है ना! मुझे भिंडी बिल्कुल भी नहीं पसंद।।" अनिष ने मुंह बनाते हुए कहा। तो उसकी माँ ने उसकी प्लेट में भिंडी की सब्जी डालते हुए कहा। "हां पता है पर ये प्रिया को बहुत पसंद है और इसलिए तु भी खाता है तो आज इतने नखरे क्यों?"
अपनी माँ की बात सुनते ही अनिष ने बुरा सा मुंह बनाया और डिनर करने लगा। कुछ देर बाद उनका डिनर हो चुका था और वो तीनों सोफे पर बैठे एक साथ टीवी देख रहे थे। जब डोर बेल की आवाज ने उन सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा।
मिसेज बजाज ने जैसे ही दरवाजा खोला! सामने पुलिस को देख कर वो घबरा गई।
"मिस्टर अनिष बजाज का घर यही है?" सामने मौजूद एक ऑफिसर ने मिसेज बजाज से पूछा।
"जी....!" मिसेज बजाज ने बस इतना ही कहा था। की तभी सीनियर ने कुछ कांस्टेबल से घर की तलाशी लेने के लिए कहा। उसी पल कुछ कांस्टेबल तेज़ी से अंदर चले गए। उन्हें ऐसे जाते देख मिसेज बजाज भी तेज़ी से अंदर आई और सामने देखते ही उनकी आँखें बड़ी हो गई। वो कांस्टेबल अनिष से ना जाने क्या कह रहे थे। वो जल्दी से उनके पास आई।।
"मिस्टर अनिष आपको हमारे साथ चलना होगा।" सीनियर ऑफिसर ने सामने आते हुए कहा।
"क्यों! मैने क्या किया?" अनिष ने हैरानी से कहा।
"आपने मिस्टर अहीर पर हाथ उठाया है और उन्होंने आपकी कंप्लेंट की है।" ऑफिसर ने कहा। तो अब की बार अनिष बिना किसी बहस के उनके साथ चल दिया।
उनके जाते ही मिस्टर बजाज ने निक को कॉल किया।
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निक वकील के साथ पुलिस स्टेशन पहुंचा और उसने फॉरमेल्टी पूरी कर के फौरन अनिष को छुड़ा लिया। प्रिया भी उन्हीं के साथ थी।
To be continue:-
रात के करीब 12 बज रहे थे जब निक की गाड़ी अनिष के घर के सामने आ कर रुकी।
"तुम......!" निक ने जैसे ही कुछ कहना चाहा। वैसे ही एक जोर दार धमाके ने उनका ध्यान अपनी तरफ खींच लिया।
उन तीनों की आँखें हैरानी से फैल गई और उन्होंने घर की तरफ देखा। तो पूरा घर आग की लपटों में समाया हुआ था। वो तीनों एक पल के लिए अपनी जगह पर जम से गए। पर अगले ही पल उन्होंने खुद को संभाला और तेज़ी से गाड़ी से बाहर आए।
कुछ ही पल में वहां कुछ लोग धमाके की आवाज सुन इकट्ठा हो चुके थे।
प्रिया बिना किसी पर ध्यान दिए। घर के अंदर जाने लगी तो अनिष और निक ने उसे रोका।
"मम्मा! पापा!" कहते हुए प्रिया खुद को छुड़ाने की कोशिश करने लगी पर निक ने उसे नहीं छोड़ा। जबकि अनिष प्रिया को छोड़ चुका था और वो खुद घर के अंदर जाने की कोशिश कर रहा था। पर आज पूरी तरह से फैल चुकी थी।
वहां मौजूद लोगों ने अनिष को पकड़ लिया वरना वो खुद भी आग में कूदने वाला था।
लगभग पांच मिनट बाद वहां फायर ब्रिगेड पहुंची। पर आग काफी फैल चुकी थी और उसे बुझाने में आधे घंटे का समय लगा। पर अनिष एक पल ना रुक सका और घर के अंदर चला गया और उसके पीछे निक भी।
पूरे घर में निक और अनिष मिस्टर एंड मिसेज बजाज को ढूंढ रहे थे। पर उन्हें कहीं भी वो नजर नहीं आ रहे थे।
अनिष की आँखें एकदम लाल थी। उसे सब धुंधला धुंधला दिखाई दे रहा था। अनिष फिर भी आगे बढ़ रहा था। उसी पल एक रॉड उसके ऊपर आ गिरा और वो बेहोश हो कर गिर पड़ा।
"अनिष!" चिखकर निक अनिष के पास पहुंचा और उसे उठाने की नाकाम सी कोशिश की। तभी कुछ लोग अंदर आए और वो अनिष के साथ साथ निक को भी बाहर ले गए।
निक बाहर आते ही प्रिया के पास आया।
"निक! निक मम्मा! पापा! कहां है?" प्रिया ने निक की बाह पर अपनी पकड़ कसते हुए उससे पूछा।
"सर.....! अंदर हमें दो बॉडी मिली है।" अंदर से दो ऑफिसर्स बाहर आते हुए बोले। प्रिया का जी धक से रह गया।
कुछ ही देर में कुछ लोगो ने मिल कर बॉडी घर से बाहर निकाल दी थी और अब तक आग भी पूरी तरह से बुझा दी गई थी।
प्रिया की तो हिम्मत ही नहीं हो रही थी की वो पास जा कर देखे।
"इनका तो पूरा चेहरा जल चुका है।" वहां मौजूद भीड़ में से किसी की आवाज उभरी।
प्रिया की पकड़ निक पर कस गई और अब उसकी हालत का अंदाजा खुद निक को भी नहीं था।
कुछ पल बाद कुछ ऑफिसर्स के कहने पर निक और प्रिया दोनों वहां बॉडी के पास आ गए। निक ने प्रिया को अपनी बाहों में थाम रखा था और प्रिया ने भी निक को मजबूती से पकड़ हुआ था। पर उसकी पलकें झुकी हुई थी।
निक ने जब सामने देखा तो उसके कदम ठिठक गए और आँखें मानों पत्थर। सामने जो थे उन्हें पहचानना बहुत मुश्किल था। क्योंकि उनका शरीर पूरे तरीके से जल चुका था। निक की पकड़ खुद पर मजबूत होती महसूस कर प्रिया ने अपना चेहरा उठा कर निक की तरफ देखा जो अभी भी सामने देख रहा था।
प्रिया ने तुरंत निक की नजरों का पीछा किया और अगले ही पल उसकी चीख निकल गई और वो निक की बाहों में ही बेहोश हो गई।
"प्रिया!" निक प्रिया के गाल थपथपाने लगा।
कुछ देर बाद सब हॉस्पिटल में थे। प्रिया को होश आ चुका था और वो अपने मम्मा पापा के पास जाने की जिद कर रही थी। अनिष भी अब होश में था। निक ने सारी फॉरमेल्टी पूरी की। डी एन ए टेस्ट में साबित हो चुका था की वो दोनों मिस्टर एंड मिसेज बजाज हैं। ये सुन कर प्रिया और अनिष दोनों बुरी तरह टूट गए। निक ने ही उन्हें संभाला और अब पूरी फॉरमेल्टी के बाद उनकी बॉडी हॉस्पिटल वालो ने उन्हें शौप दी।
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इस हादसे हो दो हफ्ते बित गए। अनिष अपने घर के अलावा कहीं जाना नहीं चाहता था। इसलिए वो घर को रिनोवेट करवा रहा था। काम होते तक भी वो घर में ही रहा। निक ने भी उसे ब्रेक दिया हुआ था। प्रिया और निक दोनों ही हफ्ते में दो से तीन बार उससे मिलने आ जाया करते थे। स्वाति भी प्रिया को थोड़ा बेटर फील करवाने के लिए उसे मिलने आती थी और उसे अपने साथ बाहर चलने के लिए भी कहती थी। पर प्रिया कहीं भी जाने से मना कर देती थी।
ऐसे ही कुछ दिन और गुजर गए। आज भी स्वाति प्रिया से मिलने आई थी।
"प्रिया! चल ना यार कहीं बाहर चलते हैं!" स्वाति ने प्रिया से रिक्वेस्ट की पर प्रिया ने फिर भी उसे मना कर दिया।
कुछ देर बात कर के स्वाति वहां से चली गई और प्रिया रूम की बालकनी में जा कर खड़ी हो गई। वो जाने कब से वैसे ही खड़ी थी और उसे कोई होश ही नहीं था। सूरज डूब चुका था और चांद ने भी आसमान में अपना कब्जा जमा लिया था। प्रिया अभी भी वैसे ही खड़ी थी। जब अचानक निक ने पीछे से आ कर उसे अपनी बाहों में भर लिया।
प्रिया ने हल्का सा अपना चेहरा घुमा कर देखा। तो निक उसके कंधे पर अपनी चीन रखे आँखें बंद किए हुए था। उसके चेहरे से ही पता चल रहा था। की वो कितना थका हुआ है। तभी प्रिया को एहसास हुआ। इन दिनों उसने निक को पूरी तरह से इग्नोर किया था और निक पर भी काम का बहुत प्रेशर था। अनिष भी ऑफिस नहीं जा रहा था। जिस वजह से निक को सब कुछ अकेले ही हैंडल करना पड़ता था।
ये सब ख्याल आते ही प्रिया की आँखें नम हो गई और उसने निक के हाथों पर अपनी पकड़ कस दी। ये महसूस होते ही निक ने प्रिया को छोड़ दिया। "सॉरी!" निक ने कहा और जैसे ही वहां से जाने को हुआ। वैसे ही प्रिया ने उसकी तरफ बढ़ कर उसे पीछे से हग कर लिया। निक एक पल के लिए चौंक गया। पर अगले ही पल उसने प्रिया को खुद से दूर कर दिया।
इससे पहले प्रिया कुछ समझती। निक ने उसे अपनी तरफ घुमाया और उसे कस के अपने गले से लगा लिया।
To be continue:-
निक ने प्रिया को अपनी बाहों में भींच लिया तो प्रिया ने भी निक को अपनी बाहों में समेट लिया।
इतने दिनों की दूरी जैसे एक पल में मिट गई और ये रात उनके खूबसूरत पलों में सुमार हो गई।
सुबह का वक्त।
अलार्म की आवाज सुनकर निक की नींद खुली और उसने झट से अलार्म बंद कर दिया ताकि प्रिया डिस्टर्ब ना हो। पर प्रिया ने अपनी आँखें पहले ही खोल दी थी। जब निक ने उसकी तरफ देखा तो प्रिया ने फौरन अपनी आँखें बंद कर ली जिस वजह से निक को पता ही नहीं चला की वो जागी हुई है।
निक ने प्रिया को अपनी बाहों में सुकून से सोते देखा तो वो हल्के से मुस्कुराया और झुक कर उसने उसका माथा चूम लिया।
प्रिया के होंठो पर हल्की सी मुस्कान बिखर गई।
निक उठ कर फ्रेस होने चला गया था। तो प्रिया भी उठ कर बैठ गई।
निक रेडी हो कर आया तो प्रिया अपनी जगह पर बैठी उसे ही टुकुर टुकुर देख रही थी। उसे ऐसे देख निक मुस्कुराते हुए उसके पास आया और उसके लबों को हल्के से चूमते हुए बोला। "मुझे मेरी प्रिया वापस चाहिए। वही प्रिया जो हमेशा खुश रहती है। उदास नहीं।"
निक की बात सुनकर प्रिया मुस्कुरा दी और कुछ देर बाद निक वहां से चला गया।
निक के जाते ही प्रिया खुद को बिजी रखने के लिए काम करने लगी। जिससे उसका ध्यान बटा रहे।।
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"सर! अनिष सर! कब आयेंगे?" निक के केबिन में मौजूद शीतल ने हिम्मत कर के उससे पूछा।
शीतल की बात सुनकर निक हैरान था। उसने शीतल को गौर से देखा। फिर शीतल को ऐसे उससे नजरें चुरा कर इधर उधर देखते देखा तो उसने अपनी नजरें उसपर से हटाते हुए कहा। "अनिष को कॉल कर के कहो। की मेहतास् की मीटिंग आज है तो वो जल्दी ऑफिस पहुंचे।" इतना कह कर निक वापस से फाइलों में बिजी हो गया। तो शीतल ने वहां रखी डायरी में से अनिष का नंबर निकाल लिया। जिसमें सभी इंप्लॉयज का नंबर था और वहीं मौजूद फोन से उसने अनिष को कॉल किया।
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अनिष जिसने अभी अभी अपने लिए खाना ऑर्डर किया था। उसने खाने को वैसे ही ढक कर रख दिया और अपना फोन उठा लिया जो की बज रहा था।
"हेलो।" फोन रिसीव करते ही अनिष ने कहा।
"हेलो....!" सामने से आई इस आवाज को अनिष झट से पहचान गया। उसके होंठो पर हल्की सी मुस्कान उभर आई।
"कहिए मिस शीतल....!" अनिष ने कहा तो शीतल एक पल के लिए हड़बड़ा गई और उसने जल्दी से अपनी बात अनिष से कही।
"सर! आज मेहतास की मीटिंग है तो निक सर ने आपको ऑफिस बुलाया है।" शीतल ने अपनी बात पूरी की और अनिष के जवाब का इंतजार करने लगी।
"हम्मम! मैं आ रहा हुं।" कह कर अनिष ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया।
"अनिष सर आ रहे है सर!" फोन रखते हुए शीतल ने निक से कहा तो निक ने अपना सिर हिला दिया और उसे वहां से जाने का इशारा कर दिया।
शीतल भी जल्दी वहां से चली गई।
शीतल के जाते ही निक का फोन बजा। निक ने कॉल रिसीव किया तो सामने से किसी ने कुछ कहा। उसकी बात सुनते ही निक के एक्सप्रेशन बदल गए।
"क्या करना है सर?" सामने से दुबारा आवाज आई।
"फिलहाल कुछ नहीं। मैं नहीं चाहता इसके बारे में अनिष या प्रिया को कुछ पता चले। वो दोनों उस एक्सीडेंड को हादसा समझते है तो वहीं सहीं। अगर प्रिया को पता चला की इन सब के पीछे अहीर है। तो वो खुद को ही ब्लेम करेगी। तुम उसपर नज़र रखो और उसके कामों पर भी। क्योंकि उससे तो मैं अपने तरीके से ही निपटूंगा।।" कह कर निक ने कॉल कट किया और फिर उसने किसी और को कॉल किया।
"तुमने सारी इनफॉर्मेशन निकाल ली ना और तुम्हारे पास सारे प्रूफ भी हैं।।" कॉल रिसीव होते ही निक ने कहा।
"यस सर।" सामने से आई आवाज सुनकर निक के चेहरे पर मुस्कान बिखर गई।।
"तुम वो सारे प्रूफ सहीं जगह भेजवा दो।।" कह कर निक ने कॉल एंड किया और उसकी मुस्कान और बड़ी हो गई
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अहीर अपने बंगले में बैठा हुआ था। आज मिहिर के कहने पर वो घर पर ही रुका हुआ था।। तभी फोन की रिंग सुनकर अहीर ने कॉल रिसीव कर लिया।।
"व्हाट....?" सामने से आई आवाज सुनकर अहीर अपनी जगह से उठकर चीखते हुए बोला तो मिहिर भी अपनी जगह से खड़ा हो गया और अहीर की तरफ देखने लगा। जबकि अगले ही पल अहीर ने गुस्से में अपना फोन पटक दिया।
"क्या हुआ भाई?" मिहिर ने परेशान होते हुए अहीर से पूछा।
"हमारी सारी फेक्टरीज पर रेड पड़ गई है और उनमें से पांच फेक्ट्री पर ताला भी लग चुका है।" अहीर ने गुस्से में कहा।
"ये कैसे हुआ भाई?" मिहिर ने परेशानी से कहा।।
"ये सब उस निक की वजह से हुआ है।" अहीर ने गुस्से में कहा।
"क्या! पर उसने ये सब किया क्यों किया और कैसे?" मिहिर ने हैरानी से कहा।
"तुमने जो इतना प्लान कर के उसके सास ससुर को मारा था ना। उसका बदला ले रहा है वो और अब मैं उसे छोड़ने वाला नहीं हुं।" अहीर ने गुस्से में कहा।
"सॉरी भाई! पर मैं क्या करूं। उसकी हिम्मत भी कैसे हुई आप पर हाथ उठने की।" मिहिर ने भी अपने दांत पीसते हुए कहना जारी रखा। "मुझे तो उसकी जान लेनी थी पर उसकी किस्मत अच्छी थी जो वो उस वक्त घर पर नहीं था "
अहीर ने कुछ नहीं कहा और वहां से चला गया।
"तुम्हारी भी मौत मेरे ही हाथों लिखी है।" मिहिर ने गुस्से में कहा और वो भी अपने रूम में चला गया। आज वो अपने भाई के साथ टाइम स्पेंड करना चाहता था। पर अब उसका पूरा मुड़ खराब हो चुका था।
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"शीतल! मेरे साथ मीटिंग रूम में चलो।" अनिष ने ऑर्डर दिया और खुद वहां से चला गया। उसके जाते ही शीतल भी हड़बड़ी में उसके पीछे गई।
मीटिंग के खत्म होते ही फाइल्स ले कर शीतल वहां से चली गई।
"आप भी तो मुझे कॉल कर सकते थे ना सर!" अनिष ने निक के पास मौजूद चेयर पर बैठते हुए कहा।
"मैं कई बार घर आ कर तुझसे बोल चुका था और देख तु आया भी तो उसके एक कॉल से। पहले पता होता तो ये कॉल तुझे कब का पहुंच चुका होता।।" निक ने कहा तो अनिष ने उसे घूर कर देखा। तभी निक का फोन बज पड़ा।
निक ने कॉल इग्नोर कर दिया और अनिष को कुछ काम बोल कर वहां से निकल गया।
बाहर आ कर निक ने कॉल बैक किया।
"अहीर अभी अभी अपने घर से बाहर निकला है सर।" सामने से आवाज आई।
"जैसा कहा है वैसा ही करना।" इतना कह कर निक ने कॉल एंड कर दिया।
दूसरी तरफ अहीर की गाड़ी उसकी फेक्ट्री के सामने रुकी। अहीर गाड़ी से बाहर आया और तेज़ी से फेक्ट्री की तरफ बढ़ा। तभी एकाएक धमाका हुआ और सामने मौजूद फेक्ट्री आग की लपटों में समाने लगी।
अहीर लड़खड़ा गया। यहां उसने अपना सारा ब्लैक मनी रखा था। जिसकी खबर उसे और उसके सबसे भरोसे मंद आदमी को ही थी। जिसने उसे यहां बुलाया था। क्योंकि कुछ ही देर में यहां भी रेड पड़ने वाली थी और वो अपना सारा पैसा उसकी मदद से यहां से हटाने वाला था। पर अब वो सब कुछ उसके सामने जल कर खाक होने में तुला हुआ था।।
अहीर की मुट्ठियां भींच गई और उसने गुस्से में कहा। "निक! मैं तेरी जान ले लूंगा।।"
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निक के फेस पर बड़ी सी स्माइल थी और वो अपने हाथ में अपना फोन घुमा रहा था। कुछ देर पहले ही उसे अहीर की हालत के बारे में खबर मिली थी।
To be continue:-
"भाई! ये क्या हुआ?" मिहिर ने हैरानी से अहीर से पूछा। जो बेहद गुस्से में था। उसके कपड़े गंदे हो चुके थे।
अहीर बिना कुछ बोले ही अपने रूम में चला गया। इस वक्त उसके दिमाग में क्या चल रहा था। ये बता पाना मुमकिन नहीं था।
मिहिर वहीं खड़ा अहीर को वहां से जाते देखता ही रह गया।
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"मुझे उसके पल पल की खबर चाहिए। ये सब उस लड़की की वजह से ही हो रहा है।" मिहिर ने गुस्से में अपने दांत पीसते हुए कहा। वो इस वक्त काफी गुस्से में किसी से फोन पर बात कर रहा था और अपनी बात कह कर उसने कॉल एंड कर दिया।
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ओबरॉय हाउस,
"आज तो मेरे साथ चल! तुझे पता है। आज विकास का बर्थडे है और मैं उसका बर्थडे स्पेशल बनाना चाहती हुं, मैने उसे अब तक उसे विश भी नहीं किया है तो वो मुझसे थोड़ा नाराज है।।" स्वाति ने प्रिया से कहा तो प्रिया ना चाहते हुए भी उसके साथ जाने के लिए तैयार हो गई। वो दोनों शाम के समय घर से निकल गई थी।
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प्रिया स्वाति को ले कर एक खूबसूरत से रेस्टोरेंट में आई थी। वहां चारो तरफ फूलों की खुश्बू बिखरी हुई थी और वहां का माहौल भी काफी रोमांटिक था।
प्रिया ने मुस्कुराते हुए प्रिया की तरफ देख कर कहा। "वा....! ये जगह तो काफी खूबसूरत है।"
प्रिया की बात सुनकर स्वाति मुस्कुरा दी।
स्वाति और प्रिया के साथ साथ वहां विकास और स्वाति के कुछ और फ्रेंड्स भी आए हुए थे। पर विकास अभी यहां आया नहीं था। उन्होंने अपनी पार्टी के लिए। एक प्राइवेट रूम बुक कर रखा था। उस रूम को स्वाति ने विकास की पसंद के फूल से डेकोरेट करवाया था।
"हेलो विकास!" प्रिया ने कुछ टाइम बाद विकास को कॉल किया और थोड़ी घबराई हुई आवाज में उसने उससे बात की।
"क्या हुआ प्रिया?" सामने से विकास की परेशानी भरी आवाज आई।
"विकास! हम ब्लू रोज रेस्टोरेंट में डिनर के लिए आए हुए थे पर पता नहीं कैसे स्वाति बेहोश हो गई। प्लीज तुम जल्दी आ जाओ। यहां मैं किसी को नहीं जानती और फोन की बैट्री भी खत्म होने वाली है।" इतना कहते ही प्रिया ने झट से कॉल एंड किया और फोन बंद करते हुए उसने स्वाति की तरफ देखा।
"वा....! क्या कमाल की एक्टिंग की है तूने!" स्वाति ने प्रिया का कंधा थपथपाते हुए कहा तो प्रिया ने उसे घूरते हुए कहा। "बस हां! अब ज्यादा ड्रामा मत कर। एक तो तेरे चक्कर में मैने विकास से झूठ बोला।"
"चल कोई ना। तु ये खा।" कहते हुए स्वाति ने प्रिया के मुंह में एक पीस पेस्ट्री का छोटा सा टुकड़ा डाल दिया। वो छोटा सा टुकड़ा भी प्रिया के लिए बड़ा हो गया तो वो अपने फूले हुए मुंह के साथ स्वाति को घूरने लगी। तो उसका फेस देख कर स्वाति को हँसी आ गई।
प्रिया कुछ कह नहीं पाई तो उसने स्वाति की पीठ पर मुक्का जड़ दिया।
"लगती है!" स्वाति ने इस तरह से कहा की वहां मौजूद सभी को हँसी आ गई।
सब को हँसते देख स्वाति ने मुंह बना लिया।
"चल अब जा कर चेंज कर ले विकास आता ही होगा।" प्रिया ने कहा तो स्वाति ने हामी भरी और वहां से वॉशरूम में चली गई। तभी प्रिया का फोन बज पड़ा।
प्रिया ने स्क्रीन पर देखा! तो अननोन नंबर था। प्रिया एक पल के लिए सोच में पड़ गई। की कॉल रिसीव करे या ना करे। फिर उसने कॉल रिसीव कर ही लिया।
"हेलो! कौन बोल रहा है?" कॉल रिसीव करते ही प्रिया ने कहा।
"तुम्हारा शुभ चिंतक!" सामने से एक मर्दाना आवाज उभरी।
प्रिया की भवें इकट्ठी हो गई और वो सब को शांत रहने का इशारा कर के साइड में चली गई।
"अपनी बकवास बंद करो। और सच सच बताओ कौन हो तुम?" प्रिया ने इस बार बेहद गुस्से में पूछा।
"चिल....! मैं तो बस तुम्हें बताना चाहता था। की तुम्हारा पति तुम्हें धोका दे रहा है, ओह....! वो किसी लड़की के साथ इन्वॉल्व नहीं है तो ज्यादा सोचो मत! उसने बस तुमसे बहुत इंपोर्टेंट बात छुपाई है।" सामने से आई ये आवाज सुनते ही प्रिया ने जैसे ही कॉल डिस्कनेक्ट करना चाहा। तुरंत सामने से फिर आवाज आई। "ना! कोशिश भी मत करना कॉल काटने की।"
प्रिया रुक गई और आगे की बात सुनते ही उसकी आँखों के आगे अंधेरा छा गया।
"तुम्हें याद है ना तुम्हारे माँ बाप कैसे मरे........! या याद दिलाऊं?" फोन में मौजूद शख्स ने कहा। तो प्रिया के मुंह से शब्द ही नहीं निकले।
"अपने पति से पूछो......! कैसे मरे तुम्हारे माँ बाप....!" कह कर उस शख्स ने कॉल एंड कर दिया।
"स्वाति से कहना मुझे जरूरी काम है तो मैं जा रही हुं।" कह कर प्रिया हड़बड़ी में वहां से निकल गई। किसी को कुछ कहने का या उसे रोकने का मौका ही नहीं मिला।
प्रिया अपने फोन से निक का नम्बर डॉयल करते हुए बाहर आई तो सामने से आते अहीर से टकराते टकराते बची। प्रिया को देखते ही अहीर ने उसे अजीब सी स्माइल दी।
प्रिया दो कदम पीछे हो गई। सामने से निक ने कॉल रिसीव करते ही कहा। "हां प्रिया बोलो......!"
"निक......! क्या मम्मा पापा का मर्डर हुआ था! क्या वो सब एक हादसा नहीं था?" प्रिया ने अहीर को शक की नजरों से देखते हुए कहा।
"हम इस बारे में घर पर बात करते हैं।" निक ने प्रिया को समझाने की कोशिश की तो प्रिया ने थोड़ी तेज आवाज में कहा। "मुझे अभी जानना है। मम्मा पापा के साथ ऐसा क्यों हुआ?"
निक ने एक गहरी सांस ली और प्रिया को सब कुछ बता दिया। क्योंकि निक को लगता था की ये सब अहीर ने किया है तो उसने प्रिया को भी वही बताया। और अहीर ने निक की गलतफहमी दूर भी नहीं की। क्योंकि वो किसी भी तरह से मिहिर को इन सब में नहीं पड़ने दे सकता था।
निक की बात सुनकर प्रिया ने बिना कुछ कहे कॉल एंड कर दिया और गुस्से से अहीर की तरफ बढ़ गई। पर इससे पहले वो अहीर के पास पहुंचती। कुछ गार्ड्स ने उसे कवर कर लिया।
"मैम! सर ने आपको अभी अपने ऑफिस बुलाया है।" एक गार्ड ने कहा।
"मुझे कहीं नहीं जाना।" प्रिया ने कहा पर गार्ड्स ने उसकी एक ना सुनी और उसे वहां से ले गए। अहीर वहां खड़ा बस देखता ही रह गया। जब उसका फोन रिंग होने लगा।
अहीर ने कॉल रिसीव किया। तो सामने से निक की आवाज आई.......!
To be continue:-
"मेरी वाइफ से दूर रहो समझ में आई बात?"
निक की बात सुनकर अहीर ने अपनी मुट्ठियां भींच ली और गुस्से में कहा। "मुझे क्या करना है। ये मुझे तुमसे जानने की जरूरत नहीं समझे।" इतना कहकर अहीर ने अपना फोन पटक दिया और वहां से चला गया।
वहां मौजूद लोग अहीर को अजीब तरह से अहीर को देखने लगे।
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प्रिया निक के ऑफिस पहुँची तो वो बिना नोक किए सीधे निक के केबिन में चली गई। निक जो अपना काम कर रहा था। वो एकदम से रुक गया और अपना सिर उठा के देखने लगा। सामने प्रिया गुस्से में खड़ी उसे ही घूर रही थी।
निक अपनी जगह से उठा और प्रिया के पास आ गया। उसने प्रिया को उसके कंधे से पकड़ा और साइड में मौजूद सोफे पर बिठाते हुए कहा। "तुम पहले शांत हो जाओ।" इतना कह कर निक जल्दी से अपने टेबल के पास गया और उसमें से उसने पानी का भरा ग्लास उठाया और वापस प्रिया के पास आ गया।
प्रिया को पानी पिलाते हुए निक ने उससे कहा। "तुम्हें क्या जरूरत थी। उस अहीर के पास जाने की। अगर तुम्हें कुछ हो जाता तो?"
"कब तक मैं ऐसे अकेले रहूं। मुझे नहीं पसंद ये सब दम घुटता है मेरा इतने गार्ड्स के बीच।" प्रिया ने बेबसी से कहा।
"बेबी!" निक ने कुछ कहना चाहा पर प्रिया बीच में ही बोल पड़ी। "मुझे घर जाना है। तुम्हारे गार्ड्स जबरदस्ती मुझे यहां ले आए। उनसे कहो की वो अब यहीं रहे। मैं घर खुद चली जाऊंगी।" प्रिया ने नाराजगी से कहा।
"पर प्रिया.......!" निक ने फिर से कुछ कहना चाहा तो प्रिया ने फिर से उसे टोक दिया। "मैने कहा ना मुझे अकेले जाना है।"
निक ने एक गहरी सांस ली और अपनी कार की उसके सामने करते हुए कहा। "तुम मेरी गाड़ी ले कर जाओ तभी तुम्हें अकेले जाने की परमिशन है।"
प्रिया ने एक नजर निक की तरफ देखा। फिर गाड़ी की चाभी ले कर वो वहां से चली गई।
प्रिया के जाने के कुछ पल बाद निक भी ऑफिस से निकल गया।
प्रिया ऑफिस से निकल गई और घर जाने की रुट की बजाय उसने दूसरा रुट लिया। निक जो की उसके पीछे ही था। उसकी भवें इकट्ठी हो गई।
प्रिया की गाड़ी पुलिस स्टेशन के सामने आ कर रुकी। ये देखते ही निक ने भी जल्दी से अपनी गाड़ी रोकी और तेज़ी से जा कर उसने प्रिया का हाथ पकड़ लिया और उसे खींच कर वापस गाड़ी में बिठा दिया और खुद ड्राइविंग सीट पर बैठ कर उसने गाड़ी स्टार्ट कर दी। ये सब इतनी जल्दी हुआ की प्रिया को तो कुछ समझ ही नहीं आया।
प्रिया ने हैरानी से निक की तरफ देखा। निक ने अपना फोन निकाला और किसी को कॉल कर के उसने पुलिस स्टेशन के सामने खड़ी गाड़ी वहां से ले जाने के लिए कहा।
निक ने अपनी बात खत्म की ही थी की प्रिया उसपर भड़कते हुए बोली। "तुम मुझे ऐसे कैसे ले आए निक। मुझे उस आदमी की पुलिस कंप्लेंट करनी है। मेरे मम्मा पापा को मार कर वो इतनी आसानी से कैसे घूम सकता है। मैं उसे नहीं छोड़ूंगी।"
"प्रिया! शांत हो जाओ। मैं तुम्हें इन सब में फंसने देना नहीं चाहता था। तुम्हें पता नहीं है। पर मैने पहले ही अहीर की कंप्लेंट कर दी है। पर पुलिस के पास उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। तो वो उसे गिरफ्तार भी नहीं कर सकते।" निक ने प्रिया को समझाते हुए कहा।
"तो क्या वो ऐसे ही खुलेआम घूमते रहेगा?" प्रिया ने सवाल किया तो निक ने उसे अपने सीने से लगाते हुए कहा। "बिल्कुल भी नहीं! मैं उसे ऐसे नहीं छोडूंगा।"
कुछ देर बाद प्रिया शांत हुई तो वो दोनों घर चले गए।
कुछ दिन यूं ही बीत गए....! अहीर अब निक को कोई मौका नहीं दे रहा था जिस वजह से वो उसे बिट कर पाए।
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"मिहिर! तुम यहां नहीं रहोगे। कुछ महीनों के लिए तुम बाहर चले जाओ। चाहे जिस भी सिटी या जिस भी देश में जाओ। पर यहां नहीं।" अहीर ने मिहिर के घर में आते ही कहा। वो रात भर बाहर था और अभी अभी आया था। इतनी सुबह।
अहीर की बात सुनकर मिहिर ने पहले हैरानी से उसकी तरफ देखा। फिर तुरंत इनकार करते हुए उसने अहीर से कहा। "मैं आपको छोड़ कर कहीं नहीं जा रहा भाई!" इतना कह कर मिहिर अपने रूम में चला गया और अहीर उसे देखता ही रह गया। उसकी हर जिद अहीर ने एक बार में ही पूरी की है। इसलिए वो आज इतना ज्यादा जिद्दी हो गया है।
अहीर ने अपना सिर झटका और वो घर से बाहर चला गया।
अहीर की गाड़ी की आवाज सुनकर मिहिर ने अपनी बालकनी से झांक कर देखा।
अहीर की जाती हुई गाड़ी को देख कर मिहिर ने खुद से ही कहा। "मुझे पता है भाई आप मुझे क्यों भेजना चाहते हैं, पर मैं भी तब तक यहां से नहीं जाऊंगा। जब तक उस लड़की को आपके सामने ला कर ना पटक दूं! बचपन से आपने मेरे लिए इतना कुछ किया है। उसके बदले में मैं तो इतना कर ही सकता हुं।" कहते हुए मिहिर के होंठो पर एक तिरछी स्माइल आ गई।
मिहिर ने अपना फोन लिया और किसी का नंबर डॉयल कर वो किसी से बात करने लगा।
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"मुझे कहीं नहीं जाना!" प्रिया ने मुंह बनाते हुए कहा।
"ठीक है, जैसी तुम्हारी मर्ज़ी। तुम कहीं मत जाओ।" निक ने प्रिया के सिर पर हाथ फेरा और वहां से ऑफिस चला गया।
निक के जाते ही प्रिया बोर होने लगी और उसने स्वाति को कॉल किया।
"हां पीयू क्या बात है?" स्वाति ने कॉल रिसीव करते ही खुशी से कहा।
"तु कहां है?" प्रिया ने स्वाति से पूछा।
"घर के पास एक नया रेस्टोरेंट खुला है, मैं वहीं हुं!" स्वाति ने जवाब दिया।
"ठीक है, मैं भी आ रही हुं।" कहकर प्रिया ने बिना स्वाति की बात सुने ही कॉल एंड कर दिया।
स्वाति ने एक पल अपने फोन को घूरा और बोली। "ये लड़की भी ना!"
प्रिया ने तैयार होते हुए निक को कई कॉल किए पर मीटिंग में होने की वजह से उसने अपना फोन साइलेंट पर रखा हुआ था।
प्रिया ने लास्ट में एक वाइस मैसेज निक को सेंड करने का सोचा।
"मैं स्वाति के पास जा रहीं हुं। फ्री हो कर कॉल करना!" इतना रिकॉर्ड कर के प्रिया ने मैसेज निक को सेंड कर दिया।
To be continue:-
प्रिया स्वाति के साथ रेस्टोरेंट में थी और इत्तेफाक से उसी रेस्टोरेंट में मिहिर भी था।
वो दोनों आपस में बातें कर रही थी। बाहर आ कर प्रिया को अच्छा महसूस हो रहा था। कुछ देर बाद विकास ने भी उन्हें ज्वाइन कर लिया। उसके साथ उसका कोई दोस्त भी था राहुल!
"यार चलो ना क्लब चलते हैं। वहां सारे फ्रेंड्स हैं।" कुछ देर बाद राहुल ने कहा तो विकास प्रिया और स्वाति की तरफ देखने लगा।
विकास के ऐसे देखते ही स्वाति मान गई पर प्रिया ने मना करते हुए कहा। "नहीं! मैं कहीं नहीं जा रही। मुझे घर जाना है।" प्रिया के कहने पर स्वाति जल्दी से उसके पास आ कर बोली। "चल ना यार! प्लीज।" स्वाति ने लगभग रिक्वेस्ट की। तो प्रिया कुछ देर उसकी शक्ल ही देखती रह गई। फिर कुछ सोच कर उसने अपना मोबाइल चेक किया। निक की अभी तक कोई कॉल नहीं आई थी। तो प्रिया ने वापस से स्वाति की तरफ देखा और मुस्कुरा दी।
प्रिया के मुस्कुराते ही स्वाति भी मुस्कुरा दी। क्योंकि वो समझ गई थी की प्रिया उनके साथ जाने के लिए मान गई है।
कुछ देर वो सब वहीं बैठे रहे और काफी बातें भी की। उसके बाद राहुल के फ्रेंड ने उसे कॉल किया तो उसने सबको अपने साथ चलने के लिए कहा।
प्रिया और स्वाति साथ साथ चलने लगी और उनके आगे विकास और राहुल।
राहुल ने सभी को अपनी गाड़ी में बैठने के लिए कहा तो सभी मान गए। सामने राहुल के साथ विकास बैठा था और पीछे स्वाति के साथ प्रिया।
प्रिया गाड़ी में बैठ ही रही थी की मिहिर की नज़र उस पर पड़ी। वो अभी अभी रेस्टोरेंट से बाहर आया था।
प्रिया को देखते ही मिहिर के होंठो पर एक अजीब सी मुस्कान आ गई। उसका ड्राइवर उसकी गाड़ी उसके सामने ले आया तो मिहिर झट से अपनी गाड़ी में बैठते हुए बोला। "उस गाड़ी के पीछे चलो फास्ट।" उसके बाद मिहिर ने किसी को कॉल किया और बात करने लगा।
अपनी बात खत्म करने के बाद मिहिर ने अपने भाई को कॉल किया।
अहीर इस वक्त अपने ऑफिस में बैठा। सिगरेट के कश ले रहा था। तभी उसका फोन बजा।
मिहिर का कॉल देखते ही अहीर ने कॉल अटेंड किया।
"भाई!"
मिहिर की आवाज से ही पता चल रहा था की वो बहुत खुश है।
"हां बोल....! क्या हुआ?" अहीर ने नॉर्मली पूछा।
"आज घर जल्दी आना भाई। आपके लिए सरप्राइज है।" मिहिर ने खुश होते हुए बोला।
"हम्म्! कोशिश करूंगा!" इतना कह कर अहीर ने कॉल एंड कर दिया।
"क्या भाई! मेरी पूरी बात तो सुन लेते। आपका सुरप्राइज आपकी प्रिया है, मैं उसे आज किसी भी तरह आपके सामने ला कर रहूंगा। चाहे इसके लिए मुझे कुछ भी क्यों ना करना पड़े।" इतना रिकॉर्ड कर के मिहिर ने अहीर को सेंड कर दिया।
मिहिर का ऑडियो मैसेज देख कर भी अहीर ने उसे इग्नोर कर दिया।
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निक की मीटिंग खत्म हुई तो वो अपने ऑफिस में आया। अनिष ने उसे उसका फोन और कुछ फाइल्स दी।
निक ने सबसे पहले अपना फोन चेक किया। फोन पर प्रिया के काफी सारे मिस्ड कॉल थे।
निक ने उसके मैसेज पर कोई ध्यान नहीं दिया और फौरन प्रिया को कॉल किया।
प्रिया जो की अभी भी गाड़ी में थी। निक की कॉल देख वो मुस्कुरा दी। उसने जल्दी से कॉल रिसीव किया तो सामने से निक आवाज आई। "क्या हुआ प्रिया! तुमने इतने कॉल क्यों किए! तुम ठीक तो हो ना?" निक ने एक साथ ही सारे सवाल पूछ लिए और बेसब्री से प्रिया के जवाब का इंतजार करने लगा।
"मैं बिल्कुल ठीक हुं। मैने तुम्हें ये बताने के लिए कॉल किया था की मैं स्वाति के साथ हूं और फिलहाल अभी क्लब जा रही हूं।" प्रिया का जवाब सुन निक थोड़ा रिलेक्स हुआ और उसने प्रिया से कहा। "तुम कहीं नहीं जा रही हो! ओके? मैं घर के लिए निकल रहा हुं तुम भी घर पहुंचो।" इतना कह कर निक ने कॉल एंड कर दी और अनिष की तरफ देख कर बोला। "ये सब तु हैंडल कर ले। मुझे अभी घर जाना है।" इतना कह कर निक फौरन केबिन से बाहर निकल गया। उसके जाते ही अनिष अपने काम में लग गया।
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"राहुल गाड़ी रोक दो। मुझे घर जाना है, घर से कॉल आई थी।" प्रिया के कहने पर राहुल ने गाड़ी रोक दी।
गाड़ी के रुकते ही प्रिया गाड़ी से बाहर निकल गई और उन्हें जाने के लिए बोल दिया।
"पक्का तू अकेली चली जायेगी ना?" स्वाति ने जैसे कन्फर्म करना चाहा।
"हां मैने ड्राइवर को कॉल कर दिया है। तुम लोग जाओ।" प्रिया ने मुस्कुरा कर कहा तो उन्होंने भी उसे मुस्कुराते हुए बाय किया और वहां से चले गए।
प्रिया साइड में चली गई और अपनी गाड़ी का वेट करने लगी। तभी उसके सामने एक डार्क ब्लू कलर की कार आ कर रुकी। प्रिया ने एकदम से अपने कदम पीछे ले लिए। क्योंकि वो काफी तेजी से आ कर रुकी थी ।
अगले ही पल तेज आवाज के साथ झटके से गाड़ी का दरवाजा खुला और मिहिर ने झट से प्रिया को गाड़ी के अंदर खींच लिया। इस अचानक हुए हमले से प्रिया को कुछ समझ ही नहीं आया की आखिर उसके साथ हुआ क्या?
कुछ पल बाद खुद को संभालते ही प्रिया ने जब अपने बगल में बैठे मिहिर को देखा तो वो हैरान रह गई और मिहिर ने गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी।
"तुम!" कहते हुए प्रिया ने गुस्से में मिहिर की एक थप्पड़ मार दिया।
दूसरी तरफ प्रिया को जब मिहिर ने गाड़ी में खींचा। तो पीछे से आते प्रिया के ड्राइवर ने ये सब देख लिया और उनकी गाड़ी का पीछा करते हुए उसने निक को भी कॉल कर दिया।
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थप्पड़ पड़ते ही मिहिर मानों बौखला गया। आज तक किसी की इतनी हिम्मत नहीं हुई थी। की उस पर हाथ उठा दे और इस मामूली सी लड़की ने उसपर हाथ उठाने की हिमाकत की। अगले ही पल गुस्से से भरे मिहिर ने गाड़ी रोकी। तो प्रिया गाड़ी का दरवाजा खोलने की कोशिश करने लगी। पर इसमें वो कामयाब ना हो सकी। क्योंकि गाड़ी लॉक थी।
मिहिर ने गाड़ी रोक कर प्रिया की बाह पकड़ी और उसे अपनी तरफ कर के उसने उसके दोनों गालों पर एक एक झापड़ मार दिया।
मिहिर की इस हरकत ने प्रिया को फिर से डरा दिया।
डर भरी नजरों से प्रिया मिहिर को देखने लगी थी। वो बस किसी भी तरह से यहां से भागना चाहती थी। पर भागे भी तो कैसे?
To be continue:-