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Trap in to the novel world

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Yamini Sharma

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याम्या, किताबों की दुनिया में खो जाने वाली, कहानियों से प्यार करने वाली एक साधारण लड़की थी। लेकिन एक सुबह, एक अद्भुत घटना घटी - वह उस उपन्यास के भीतर जा पहुँची जिसे वह पढ़ रही थी! चौंक जाने के बाद, याम्या को एहसास हुआ कि वह अब उस कहानी का हिस्स...

Total Chapters (50)

Page 1 of 3

  • 1. Trap in the novel world - Chapter 1

    Words: 1060

    Estimated Reading Time: 7 min

    एक बड़े से अंधेरे कमरे मे जहां एक एक माचिश की तिल्ली की भी रोशनी नहीं थी । उस कमरे के बीच में एक बड़ा सा पिंजरा रखा हुआ था ।  उस पिंजरे के अंदर एक लडकी बैठी हुई थी । जिसके हाथ और पेरो को जंजीरों से बांध रखा था । और उस लड़की की आंखो पर पट्टी बंधी हुई थी । उस लड़की को देख कर साफ पता चल रहा था कि किसी ने उस लड़की को यहां कैद कर रखा है । । ।

    तभी उस कमरे का दरवाज़ा खुलता है । और एक आदमी अपने हाथो में खाने की प्लेट ले कर अंदर आता है । उस आदमी के आस पास से एक बेहद खतरनाक औरा बाहर निकल रहा था । वह आदमी चल कर उस पिंजरे के पास आता है । और उस पिंजरे का दरवाज़ा खोलता हैं । । । ।

    दरवाज़ा खुलने की आवाज सुन कर वह लडकी रोते हुए बोली - " प्लीज मुझे जाने दो ।  प्लीज 🥺 leave me" ।  । ।

    मगर उस इंसान को उस लड़की के रोने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था ।  वह आदमी उस पिंजरे के अंदर आता है और अपने एक घुटने के बल बैठ कर  उस लडकी की आंखो पर से बंधी पट्टी को हटाते हुए बोला - " डिनर का टाइम हो गया बेबी गर्ल । "

    इतना कह कर वह आदमी खाने की प्लेट से खाने का एक बाइट तोड़ कर उस लडकी के मुंह की तरफ बढ़ाते हुए बोला - " चलो अब अच्छे बच्चे की तरह इसे खा जल्दी से तुम्हे पता है न कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूं और मैं तुम्हे किसी भी तकलीफ में नहीं देख सकता । "

    फिर वह आदमी उस लड़की के चेहरे पर हाथ फेरते हुए बोला -" तुम चिंता मत करो हम दोनो बहुत जल्द ही शादी करेंगे । । फिर हमारी भी एक स्वीट सी फैमिली होगी । "

    यह सब कहता हुआ वह आदमी एक साइकोपैथ लग रहा था । । ।

    उस आदमी की बात सुन कर वह लडकी गुस्से से अपना मुंह फेर लेती है । उस लड़की को ऐसे मुंह फेरता देख उस आदमी को गुस्सा आ जाता हैं और वह उस लड़की के बालों को पकड़ कर जबरदस्ती खाना उस लड़की के मुंह में घुसाने लगता है । । ।

    वह लड़की उस खाने को अपने मुंह से बाहर निकालते हुए गुस्से से बोली - " बंद करो अपना ये नाटक । न ही मैं तुमसे कोई प्यार करती हूं और न ही अपनी जिंदगी में कभी तुमसे प्यार करूंगी । तुम किसी का प्यार डिजर्व ही नहीं करते हो । और रही बात शादी की तो मेरे पास पहले से ही मेरा मंगेतर है तो मैं उसी से ही शादी करूंगी । ।"

    उस लड़की की बात सुन कर वह आदमी डेविल हंसी हंसने लगता हैं । उस आदमी को हंसता देख वह लड़की सवालिया नजरो से उसे देखने लगती हैं कि तभी वह आदमी उस लड़की के गले को पकड़ लेता है । और उसके गले को दबाते हुए अपनी बेहद सर्द आवाज में बोला - " तुम मुझे छोड़ कर कहीं नहीं जा सकती और रही बात शादी की तो वो तुम्हारी मुझसे ही होगी फिर इसके लिए मुझे तुम्हारे परिवार की लाशे ही क्यों न बिछानी पड़े और उन लोगो में सबसे पहली लाश होगी तुम्हारे उस मंगेतर की । "

    उस आदमी की बात सुन कर वह लडकी एक पल के लिए डर जाती हैं । मगर फिर वह लड़की अपने डर को काबू करते हुए बोली - " तुम सच में एक पागल इंसान हो । तुम जैसे इंसान से और उम्मीद ही क्या की जा सकती है । । तुम जैसा इंसान कभी कोई खुशी डिजर्व नहीं करता । तुम जैसे इंसानों को तो मर जाना चाहिए । तुम एक हैवान हो । । तुम एक साइकोपैथ इंसान हो । तुम "

    इसके आगे के शब्द उस लड़की के मुंह में ही रह जाते है । उस लड़की बात सुन कर वह आदमी गुस्से से उस लड़की का गला कश कर दबाने लगता हैं । वह आदमी उस लड़की का गला इतनी कश कर दबा रहा था कि वह लड़की बेहोशी की कगार पर आ गई थी ।  दम घुटने के कारण उस लड़की में अब इतनी हिम्मत नहीं की वह अपनी आंखे भी खोल पाए । उस लड़की की आंखे बंद होने लगती हैं । जब उस आदमी को इस बात का एहसास होता है कि वह लड़की कोई मूवमेंट नहीं कर रही हैं । तो वह आदमी जल्दी से उस लड़की को छोड़ देता है । आदमी के छोड़ते ही वह लड़की किसी टहनी से टूटे पत्ते की तरह जमीन पर गिर जाती हैं ।  । । । । ।

    लड़की को इस तरह निढाल होता गिरता देख उस आदमी का दिल थक सा रह जाता हैं । उसकी आंखों में उस लडकी को खोने का डर साफ दिख रहा था । वह आदमी उस लड़की के खोने के डर से अपनी जगह पर ही खड़ा रह गया उस आदमी के हाथ पैरों ने मानो जैसे उस का साथ ही छोड़ दिया हो ।  मगर फिर वह आदमी जल्दी से उस लड़की के पास जाता हैं और उसे अपनी गोद में उठा कर उस कमरे से बाहर निकल जाता हैं । । । । ।



    अगर स्टोरी  का पार्ट पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर और फॉलो जरूर करे । क्योंकि आपके एक कमेंट और फॉलो से मुझे मोटिवेशन मिलता है और खुशी भी । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।


    क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।


    जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।

    trap in the novel world । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।

  • 2. Trap in the novel world - Chapter 2

    Words: 1050

    Estimated Reading Time: 7 min

    लड़की को इस तरह निढाल होता गिरता देख उस आदमी का दिल थक सा रह जाता हैं । उसकी आंखों में उस लडकी को खोने का डर साफ दिख रहा था । वह आदमी उस लड़की के खोने के डर से अपनी जगह पर ही खड़ा रह गया उस आदमी के हाथ पैरों ने मानो जैसे उस का साथ ही छोड़ दिया हो ।  मगर फिर वह आदमी जल्दी से उस लड़की के पास जाता हैं और उसे अपनी गोद में उठा कर उस कमरे से बाहर निकल जाता हैं । । ।

    वह आदमी उस लड़की को बेड पर लेटा देता है और जल्दी से डॉक्टर को फोन करता है । कुछ ही देर में वहां एक डॉक्टर आ जाता हैं । वह आदमी उस डॉक्टर को उस लड़की के पास ले जाता हैं । डॉक्टर बेड की तरफ देखता है जहां एक खूबसूरत सी लड़की लेटी हुई थी ।  कुछ देर के लिए तो डॉक्टर भी उस लड़की की खूबसूरती में खो सा जाता हैं । मगर फिर डॉक्टर जल्दी से अपने सेंस में आता है क्योंकि दो आंखे उसे बेहद ही खतरनाक तरीके से देख रही थीं । उन आंखों में उसे मारने का इरादा साफ दिखाई दे रहा था । डॉक्टर डर से अपने थूक को निगलता है और उस लड़की को देखने लगता हैं । । । ।

    डॉक्टर ने उस लड़की को चेक कर के उसे एक इंजेक्शन लगाते हुए उस आदमी से बोला - " मैने इन्हें इंजेक्शन दे दिया है इन्हें कुछ ही देर में होश आ जाएगा । और ये अभी बहुत कमजोर है तो आपको इतनी डाइट का बहुत ध्यान रखना है । "

    वह आदमी डॉक्टर की बातो को सुन कर बस हां में सिर हिला देता है ।  उस आदमी को कुछ न बोलता देख वह डॉक्टर फिर वहां से जाने लगता हैं । ।

    डॉक्टर को जाता देख वह आदमी डॉक्टर को रोकते हुए बोला - " एक सेकंड डॉक्टर  अपनी फीस तो लेते जाइए । "

    उस आदमी की बात सुन कर डॉक्टर के कदम रुक जाते है । फिर डॉक्टर  जैसे ही पीछे मुड़ता है वह आदमी  टेबल पर रखे चाकू को उठाता हैं और उससे डॉक्टर के हाथ पर मार देता है ।  उस चाकू की धार इतनी तेज थी कि उस डॉक्टर का आधा हाथ कट कर नीचे लटक जाता हैं । डॉक्टर के हाथ से खून पानी की तरह बहने लगता हैं । और डॉक्टर दर्द से तड़पने लगता हैं । डॉक्टर को दर्द से तड़पता हुआ देख वह आदमी अपनी सनक भरी आवाज में बोला - " तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई मेरी जान को हाथ लगाने की । "

    उस आदमी की बात सुन कर डॉक्टर दर्द से तड़पते हुए बोला - " मिस्टर सिंघानिया ये आप कैसी बाते कर रहे हैं । बिना हाथ लगाए मैं उन्हें कैसे इंजेक्शन लगाता । "

    डॉक्टर की बात सुन कर उस आदमी को कोई फर्क नहीं पड़ा वह डॉक्टर की तरफ आगे बढ़ते हुए  किसी साइको की तरह बोला - " जो हाथ मेरी जान को छूने के लिए आगे बढ़ेंगे । मैं उन्हें काट दूंगा । जो आंखे मेरी जान को देखने के लिए उठेंगी मैं उन्हें भी निकाल दूंगा । "

    उस आदमी की बात सुन कर डॉक्टर हैरान हो जाता हैं उसकी आंखों में डर साफ साफ दिखाई दे रहा था अपनी मौत का जो आज इस हैवान के हाथो होने वाली थी । वही वह आदमी साइकोपैथ की तरह चलते हुए आता है और उस चाकू को उस डॉक्टर की आंख में घुसा देता है ।  और एक बेहद ही डरावनी खौफनाक चीख उस कमरे मे गूंज जाती हैं । वह इंसान उस चाकू को बाहर निकालता हैं और उस डॉक्टर की दूसरी आंख में घुसा देता है ।   डॉक्टर दर्द से तड़पता हुआ निढाल हो कर जमीन पर गिर जाता हैं । ।

    वही बेड पर लेटी लड़की जो कुछ होश में आई थी । वह ये सब हैवानियत देख कर फिर से बेहोश हो जाती हैं । ।

    डॉक्टर की दोनों आंखों में चाकू  घुसाने के बाद जब वह आदमी देखता है कि डॉक्टर जमीन पर बेजान सा पड़ा हुआ है तो वह आदमी डॉक्टर के कपड़ो से अपने हाथो पर लगे खून को साफ करता है और फिर टेबल पर रखे एक बटन को दबा देता है । ।

    बटन के दबाते ही दो गार्ड अंदर आते हैं ।  उन गार्ड की नजर नीचे थी क्योंकि वे लोग ऊपर देख कर अपनी मौत को न्यौता नहीं देना चाहते थे । ।

    वह आदमी अपनी जगह से खड़ा हुआ तो दोनों गार्ड अंदर आ कर उस डॉक्टर की बॉडी को वहां से ले जाते हैं और कुछ सर्वेंट आ कर उस जगह की सफाई कर के चले जाते हैं । वह आदमी बाथरूम में जा कर अपने आपको साफ कर के आता है क्योंकि उसके ऊपर खून लग गया था ।
    कमरा फिर से पहले जैसा हो जाता हैं जैसे कि यहां कुछ हुआ ही नहीं था । वह आदमी उस लड़की के पास जाता हैं और उसके साइड में बैठते हुए बोला - " जान तुम मेरी हो । तुम्हे देखने का तुम्हे छूने का हक सिर्फ मेरा है और मेरे अलावा अगर किसी ने तुम्हारी तरफ आंख उठा कर भी देखा तो मैं  उसकी आंखों को निकाल दूंगा । "

    अगर स्टोरी  पार्ट पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर और फॉलो जरूर करे । क्योंकि आपके एक कमेंट और फॉलो से मुझे मोटिवेशन मिलता है और खुशी भी । । । । । । । । । । । । । । । । । ।


    क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।


    जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।

    trap in the novel world । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।

  • 3. Trap in the novel world - Chapter 3

    Words: 1741

    Estimated Reading Time: 11 min

    वह आदमी अपनी जगह से खड़ा हुआ तो दोनों गार्ड अंदर आ कर उस डॉक्टर की बॉडी को वहां से ले जाते हैं और कुछ सर्वेंट आ कर उस जगह की सफाई कर के चले जाते हैं । वह आदमी बाथरूम में जा कर अपने आपको साफ कर के आता है क्योंकि उसके ऊपर खून लग गया था ।
    कमरा फिर से पहले जैसा हो जाता हैं जैसे कि यहां कुछ हुआ ही नहीं था । वह आदमी उस लड़की के पास जाता हैं और उसके साइड में बैठते हुए बोला - " जान तुम मेरी हो । तुम्हे देखने का तुम्हे छूने का हक सिर्फ मेरा है और मेरे अलावा अगर किसी ने तुम्हारी तरफ आंख उठा कर भी देखा तो मैं  उसकी आंखों को निकाल दूंगा । "

    इतना कह कर वह आदमी उस लड़की के चेहरे पर हाथ फिराते हुए आगे बोला -" और अगर तुमने किसी की भी तरफ देखा तो  उस इंसान को मैं इस दुनिया से हमेशा हमेशा के लिए गायब कर दूंगा । उसका नामो निशान भी इस दुनिया में नहीं बचेगा । "

    फिर वह आदमी उस लड़की के माथे को चूमते हुए आगे बोला -" तुम बहुत थक गई हो न इसलिए अभी आराम करो । मैं तब तक अपना कुछ  इंपॉर्टेंट काम कर के आता हूं । ठीक है जान । "

    इतना कह कर वह आदमी उस लड़की को ब्लैंकेट से अच्छे कवर कर के रूम से बाहर चला जाता है । आदमी के जाते ही कुछ देर बाद वह लड़की अपने होश आती हैं । वह धीरे धीरे कर के अपनी आंखे खोलती हैं । वह लड़की बेड पर उठ कर बैठ जाती है और कमरे में इधर उधर देखने लगती हैं । जब उसे यकीन हो जाता हैं कि कमरे मे उसके अलावा और कोई भी नहीं है तो वह बेड से उठती है और दरवाजे की तरफ जाती हैं । दरवाजे के पास पहुंच कर वह लडकी उस दरवाजे को खोलने लगती हैं मगर कमरे का दरवाज़ा उस लडकी से नहीं खुलता ।

    वह लड़की दरवाजे को खोलने की कोशिश करते हुए परेशान होते हुए बोली - " प्लीज प्लीज जल्दी खुल जा । प्लीज 🥺 । "

    मगर वह दरवाज़ा नहीं खुलता है वह लड़की कमरे की विंडो को भी खोलने की कोशिश करती हैं मगर विंडो भी वह आदमी लॉक कर के गया था । वह लड़की कमरे मे चारों तरफ देखते हुए परेशान होते हुए बोली -" समायरा जल्दी कुछ सोच इससे पहले की वो साइको इंसान यहां फिर से आ जाए तुझे यहां से निकलना होगा । वो एकाक्ष सिंघानिया एक पागल इंसान हैं वो एक साइकोपैथ है ।  समायरा तुझे यहां से कैसे भी कर के निकलना होगा इससे पहले कि वो एकाक्ष सिंघानिया वो साइकोपैथ यहां फिर से आ जाए और तुझे फिर से कैद कर ले । उससे पहले तुझे यहां से निकलना होगा । "

    इतना कह कर वह लडकी जिसका नाम समायरा था वह कमरे से बाहर निकलने के बारे मे उपाय सोचने लगी । मगर एकाक्ष ने उसकी सोच से भी आगे  कमरे के दरवाज़े और खिड़की को लॉक कर दिया था ।

    समायरा उन खिड़की और दरवाजे को देखते हुए खुद से ही बोली - " ये तो सभी बंद है । अब मैं यहां से कैसे बाहर निकलूंगी । पता नहीं वो कौन सी मनहूस खड़ी थी जहां मैं इस साइकोपैथ इंसान की कंपनी में काम करने गई थी । न मैं वहां जाती और न ही इस सनकी इंसान की मुझ पर नजर पड़ती और न ही ये मेरे पीछे आता और न ही ये मुझे कैद कर पाता । पता नहीं मां पापा कैसे होंगे । "

    ये कहते ही समायरा का गला भर आता है उसकी आंखों से आशु बहने लगती हैं । मगर फिर समायरा हिम्मत कर के उठती हैं और अपने आंसुओं को अपने हाथो से साफ करते हुए बोली - " नहीं समायरा तू इतनी जल्दी हिम्मत नहीं हार सकती अगर तू इस तरह से हार मान लेगी तो तेरी फैमिली का क्या होगा । "

    समायरा ये सब कह ही रही थी कि तभी उसके दिमाग में कुछ आता है ।

    समायरा  कुछ सोचते हुए कहा - " हां अब वही मेरी मदद कर सकता है । इस सनकी इंसान के चंगुल से निकलने में अब वही इंसान मेरी मदद कर सकता । "

    इतना कह कर समायरा अपने आस पास कुछ ढूंढने लगती हैं । समायरा बेड पर रखे तकिए और गद्दे को हटा कर देखने लगती हैं । ।


    समायरा अभी तकिए को हटा ही रही थी कि तभी बेड के गद्दे के बीच उसे कुछ दिखता है । । । समायरा जल्दी से उस चीज को बाहर निकालती हैं और बोली - " मिल गया । "

    वह एक फोन था जिसे समायरा ने एकाक्ष से छिपा कर रखा हुआ था । समायरा उस फोन को ऑन कर उसमें कुछ  ढूंढने लगती हैं । तभी उसकी आंखों में किसी चीज को देख कर चमक आ जाती हैं । ।   समायरा फोन से किसी कॉल लगाती हैं । ।  थोड़ी देर घंटी जाने के बाद कोई फोन को उठा लेता है । । ।

    फोन के दूसरी तरफ से एक भारी आवाज आई । । ।

    " हेलो । "

    आवाज को सुन कर समायरा ने कहा - " मैं तुम्हारा काम करने को तैयार हूं । । बस तुम मुझे कैसे भी कर के इस साइको इंसान के चंगुल से बाहर निकाल कर मुझे कही दूर भेज दो । । जहां पर ये साइको इंसान  मुझे ढूंढ तक भी न पाए । । "

    समायरा की बात सुन कर फोन के दूसरी तरफ वाले इंसान ने हल्की हंसी हंसते हुए कहा -"  ओह समायरा तुमने बहुत वक्त लगा दिया ये डिसीजन लेने में । । मैने तुम्हे ऑफर देने के बाद तुम्हारा कितना इंतजार किया था कि कब तुम मेरे प्रपोजल को ऐक्सेप्ट  करोगी । । मगर तुमने इतना वक्त लगा दिया । । अब तो वो प्रपोजल । ।  "

    इतना कह कर फोन के दूसरी तरफ वाला आदमी चुप हो जाता हैं । ।  वही उस आदमी की अधूरी बातों को सुन कर समायरा परेशान होते हुए भरे गले से बोली - " देखो तुम मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते । ।  मैं तुम्हारा प्रोपोजल ऐक्सेप्ट करती हूं । ।  प्लीज कैसे भी कर के मुझे यहां से बाहर निकाल दो ।  । "

    समायरा  के गिड़गिड़ाने को सुन कर फोन के दूसरी तरफ वाले आदमी ने कहा -" समायरा समायरा समायरा तुम इस तरह से मेरे सामने रोओगी  तो कैसे चलेगा । ।  तुम जानती हो न कि मैं लड़कियों को अपने सामने रोते हुए नहीं देख सकता ।  । और अगर लड़की खूबसूरत हो  । तो और नहीं देख सकता ।  । ठीक है मैं तुम्हे वहां से बाहर निकालूंगा । चलो अब जल्दी से रोना बंद करो ।  because I hate tear "

    फोन के दूसरी तरफ वाले आदमी की बात सुन कर समायरा ने कहा -" तुम्हारा बहुत बहुत धन्यवाद मैं तुम्हारा ये एहसान जिंदगी भर नहीं भूलूंगी । । "

    समायरा की बात पर  फोन पर दूसरी तरफ वाले आदमी ने कहा -" इसमें एहसान की क्या बात है समायरा आखिर दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है । ।  "

    इतना कह कर फिर वह आदमी समायरा को वह काम बताने लगता हैं  । । जिसे समायरा को करना था । ।

    उस आदमी के काम को सुन कर समायरा परेशान होते हुए बोली - " ये मैं कैसे कर सकती हूं । । "

    फोन के दूसरी तरफ वाले आदमी ने कहा - " I don't know, nor do I care about it. कि तुम ये कैसे करोगी । ।  तुम्हे आजादी चाहिए और ये काम तुम्हारी आजादी की  चाबी हैं । । अब ये तुम्हे तय करना है । कि तुम्हे इस काम को अंजाम दे कर इस ताले को खोलना है या फिर जिंदगी भर उस आदमी की कैद में रहना है ।   Choice is yours"

    फोन के दूसरी तरफ वाले उस आदमी की बात सुन कर समायरा ने अपना बिना एक भी पल  सोचने में गवाए जल्दी से बोली - " ठीक है मैं तुम्हारा काम कर दूंगी ।  । "

    समायरा की बात सुन कर फोन के दूसरी तरफ वाले उस आदमी ने कहा - " good dicision"

    और इतना कह कर वह आदमी फोन रख देता है । । वही समायरा अब ये सोचने लगती हैं कि कैसे काम को अंजाम दिया जाए क्योंकि एकाक्ष सिंघानिया कोई आम इंसान नहीं हैं ।   । वो एक शैतान है जिससे खुद शैतान भी डरता है । । समायरा अभी अपनी सोच में गुम ही थी कि तभी उसे किसी के कदमों की आवाज सुनाई देती हैं । । कदमों की आवाज को सुन कर समायरा अपनी सोच से बाहर आती हैं । और जल्दी से बेड पर जा कर लेट जाती है और अपनी आंखे बंद कर लेती हैं । ।

    तभी कमरे का दरवाज़ा खुलता है । और एकाक्ष अन्दर आता है । एकाक्ष की नजर बेड पर जाती हैं जहां समायरा लेटी हुई थी । समायरा को देख कर एकाक्ष समायरा के पास जाता हैं और उसके साइड में बैठते हुए समायरा के चेहरे को बहुत ध्यान से देखने लगता हैं । कुछ देर तक यू ही समायरा के चेहरे को देखते रहने के बाद एकाक्ष के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान तैर जाती है ।

    एकाक्ष शैतानी मुस्कान लिए समायरा को देखते हुए बोला - " तो जान मेरे साथ खेलना चाहती है ।  । "



    अगर स्टोरी  पार्ट पसंद आए तो लाइक कमेंट शेयर और फॉलो जरूर करे । क्योंकि आपके एक कमेंट और फॉलो से मुझे मोटिवेशन मिलता है और खुशी भी । । । । । । । । । । । । । । । । । ।


    क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।


    जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।। । ।


    trap in the novel world । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।

  • 4. Trap in the novel world - Chapter 4

    Words: 1100

    Estimated Reading Time: 7 min

    एकाक्ष शैतानी मुस्कान लिए समायरा को देखते हुए बोला - " तो जान मेरे साथ खेलना चाहती है ।  । "

    इतना कह कर एकाक्ष समायरा को देखता है फिर वह समायरा के ऊपर से ब्लैंकेट को हटा देता है । एकाक्ष धीरे धीरे अपने हाथ को समायरा के पेट से ऊपर की तरफ ले जाने लगता हैं । समायरा जो बेहोशी में होने का नाटक कर रही थी । एकाक्ष के हाथ को महसूस कर वह जल्दी से अपनी आंखे खोलती है और एकाक्ष के हाथ को पकड़ लेती हैं । समायरा को जागते देख एकाक्ष ने कहा - " तुम जाग गई जान । चलो डिनर करते हैं । "

    समायरा एकाक्ष की बातो का कोई जबाव नहीं देती हैं ।  समायरा को कुछ न बोलता देख एकाक्ष समायरा को अपनी गोद में उठा लेता है और उसे नीचे डाइनिंग एरिया में ले जाने लगता है । समायरा चुप चाप एकाक्ष की गोद में होती है क्योंकि समायरा में इतनी हिम्मत नहीं थी कि वो अभी एकाक्ष से फाइट कर सके और फिर उसे अभी अपना वो काम भी तो करना था । एकाक्ष समायरा को चेयर पर बैठा देता है । और उसके लिए खाना परोसने लगता हैं । । ।

    एकाक्ष को खाना परोसते देख समायरा ने कहा - " बाकी सब कहां है । "

    समायरा की बात पर एकाक्ष खाने की प्लेट को समायरा के आगे टेबल पर रखते हुए बोला - " मैं नहीं चाहता कि मेरे अलावा तुम्हे कोई और देखे  इसलिए मैने सभी को छुट्टी दे दी है ।  यहां सिर्फ हम दोनो है । "

    समायरा एकाक्ष की बात सुन कर उसे हैरानी से देखने लगती हैं । समायरा को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर उसके सामने बैठा इंसान किस हद तक उसके लिए पागल है । क्या उसके पागलपन की कोई सीमा है भी या नहीं । ।

    समायरा को यू अपनी तरफ देखता देख एकाक्ष बेहद ही आकर्षक आवाज में स्माइल करते हुए बोला - " if you are staring me like that so I will loose my control" .

    एकाक्ष की बात सुन कर समायरा जल्दी से अपनी नजरे एकाक्ष से हटा लेती हैं और फिर अपना डिनर करने लगती है । समायरा को डिनर करता देखता एकाक्ष भी उसे देखते हुए अपना डीनर करने लगता है ।  थोड़ी देर बाद उन लोगो का डिनर हो जाता हैं । एकाक्ष समायरा को फिर से गोद में उठा लेता है और बेडरूम की तरफ जाने लगता हैं ।  कमरे में आ कर एकाक्ष समायरा को बेड पर बैठा देता है और फिर अलमारी में से  मोटी जंजीर को निकालता हैं और उसे ले कर समायरा के पास चला जाता है । एकाक्ष उस जंजीर से समायरा को बांधने लगता हैं । ।

    समायरा उन जंजीरो को देखते हुए  एकाक्ष से बोली - " इन जंजीरों से बेहतर मैं तुम्हारी बाहों मे कैद होना चाहती हूं । । "

    समायरा की बात सुन कर एकाक्ष के हाथ वही रुक जाते है  ।  और वह समायरा को देखने लगता हैं । एकाक्ष को अपनी तरफ देखता देख समायरा ने कहा - " मैं जानती हूं कि तुम मुझे कहीं भी नहीं जाने दोगे । और न ही मैं यहां से भाग सकती हूं । अगर भाग भी गई तो तुम मुझे कहीं से भी ढूंढ निकालोगे और फिर मुझे कैद कर लोगे और मैं कब तक ऐसे ही कैद में रहूंगी  । मरने तुम मुझे दोगे नहीं  इसीलिए मैंने हार मान ली है और मैं अब तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं । "

    समायरा के यू अचानक बदले बर्ताव को एकाक्ष समायरा को अपनी शक भरी नजरो से ऊपर से नीचे तक  देखने लगता हैं । वह समायरा में आए यू अचानक बदलाव के बारे जानना चाहता है क्योंकि समायरा इतनी जल्दी हार मानने वालों में से नहीं थी  और सबसे बड़ी बात ये कि इस दुनिया में वह सबसे ज्यादा जिससे नफरत करती हैं वो है एकाक्ष सिंघानिया और ये बात एकाक्ष अच्छे से जानता था और समायरा उसी के साथ रहने की बात कर रही है । ।

    एकाक्ष ने समायरा को देखते हुए अपनी एक आईब्रो को उठाते हुए बोला - " what do you want."


    एकाक्ष के सवाल को सुन कर समायरा ने बेहद ही हसीन आवाज में कहा - " I want  you मैं तुम्हे चाहती हूं । तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं । हमेशा हमेशा के लिए । "

    समायरा की बात सुन कर एकाक्ष समायरा के दोनों हाथों को पकड़ कर उसके सिर के ऊपर कर उसकी कमर को पकड़ कर समायरा को अपने करीब खींचते हुए बोला - " and I want you  badly."

    इतना कह कर एकाक्ष समायरा के होठों पर अपने होठ रख देता है और उसे चूमने लगता है । एकाक्ष समायरा को बेहद ही जूनून और गहराई से चूम रहा था । एकाक्ष समायरा के होठों को चूमने के बाद वह उसकी गर्दन को चूमता हुआ नीचे की तरफ बढ़ने लगता हैं । एकाक्ष के होठों की छुअन बेहद ही जुनूनी और वाइल्ड थी । एकाक्ष की हर छुअन से समायरा की सांसे गहरी होती जा रही थी । एकाक्ष समायरा को चूमते हुए उसके शरीर पर अपने  जुनूनी प्यार के निशान भी छोड़ रहा था । ।

    एकाक्ष अपने शरीर से अपनी शर्ट को अलग कर देता है और समायरा के ऊपर आ जाता है ।  और उसे चूमने लगता है । कमरे का माहौल बहुत इंटेंस हो जाता हैं । कुछ ही देर में दोनों के कपड़े कमरे मे इधर उधर पड़े हुए थे और कमरे में समायरा की हसीन सिसकियों की आवाज आने लगती हैं । ।











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    क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।


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  • 5. Trap in the novel world - Chapter 5

    Words: 1040

    Estimated Reading Time: 7 min

    एकाक्ष अपने शरीर से अपनी शर्ट को अलग कर देता है और समायरा के ऊपर आ जाता है ।  और उसे चूमने लगता है । कमरे का माहौल बहुत इंटेंस हो जाता हैं । कुछ ही देर में दोनों के कपड़े कमरे मे इधर उधर पड़े हुए थे और कमरे में समायरा की हसीन सिसकियों की आवाज आने लगती हैं । ।


    अगली सुबह ।


    खिड़की से आती सूरज की रोशनी से समायरा के चेहरे पर आती हैं । जिससे उसकी नींद खुल जाती हैं । समायरा अपनी आंखे धीरे धीरे खोलती हैं और फिर अपने साइड में देखती है । जहां कोई नहीं था । अपने साइड में एकाक्ष को न देख कर समायरा बेड पर उठ कर बैठ जाती हैं  । उसकी आंखों के सामने रात के वो सारे पल किसी फिल्म की तरह चल जाते है ।  ये सब याद कर समायरा की आंखे गुस्से और आशुओं से भर जाती है । समायरा बेड से उठती हैं और बाथरूम में चली जाती हैं ।  बाथरूम में जा कर समायरा खुद को शीशे में देखती हैं । जहां उसके शरीर पर कल रात एकाक्ष के दिए हुए वो रात के पल की निशानी थी । समायरा के शरीर पर एकाक्ष की दी हुई लव बाइट थी । जो कि अब नीली पड़ चुकी थी ।

    समायरा खुद को शीशे में देख कर उन निशानों को अपने हाथो से छूते हुए गुस्से और नफरत से बोली - "  एकाक्ष सिंघानिया आज तुम्हारी मुझे अपने इस जिस्म का सौदा करना पड़ा । मुझे वो करना पड़ा जो मैं कभी नहीं करना चाहती थी। और तुमने मुझे ये सब करने पर मजबूर किया । तुमने मेरे साथ जो भी किया तुम्हे इन सब की कीमत चुकानी पड़ेगी । और बहुत जल्द मैं तुमसे तुम्हारा सब कुछ  छीन कर तुम्हे बर्बाद कर दूंगी । "

    इतना कह समायरा शावर चला कर उसके नीचे खड़ी हो जाती हैं । समायरा अपने हाथो से अपने पूरे शरीर को बहुत ही बुरे तरीके से  घिसने लगती है । जैसे कि वह गंदा हो गया हो । उसकी आंखों से बहते हुए आंसु शॉवर के पानी में गुम हो रहे थे । समायरा कुछ देर तक ऐसे ही शॉवर के नीचे खड़ी रहती हैं । फिर शॉवर को बंद कर खुद को नॉर्मल करती हैं । उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था । वह बाथरॉब को पहनती हैं और बाथरूम से बाहर निकल जाती है ।

    बाथरूम से बाहर आते ही कोई समायरा को अपनी तरफ खींच लेता है । अचानक खींचे जाने से समायरा खुद को संभाल नहीं पाती और उस इंसान के सीने से टकरा जाती हैं । उस आदमी की पकड़ समायरा की कमर पर कसी हुई थी । वह आदमी समायरा के शरीर में से आती हुई खुशबू को सूंघते हुए बोला- " you know what जान तुम्हारे बदन से आती ये भीनी भीनी महक मुझे तुम्हारा और भी दीवाना बनाती हैं । ये मुझे मजबूर करती है कि मैं तुम्हे और भी टूट कर प्यार करूं । "


    उस आदमी की बात सुन कर समायरा गुस्से से अपनी मुट्ठी भींच लेती हैं । मगर फिर अपने भावों को नॉर्मल करते हुए अपने सिर को ऊपर उठाते हुए बोली -" तो रोका किसने तुम्हे किसने हैं । मैं तो चाहती हूं कि तुम मुझे अपनी बाहों में कैद कर लो एकाक्ष । "

    समायरा की बात सुन कर एकाक्ष डेविल स्माइल आ जाती हैं । एकाक्ष समायरा की गर्दन को पकड़ कर समायरा के होठों को अपने होठों की गिरफ्त में ले लेता है । और उसे चूमने लगता है । एकाक्ष के हाथ समायरा के  बाथरोब की नोट की तरफ बढ़ जाते है और वह उसकी बॉथरॉब की गांठ को खोल देता है । और फिर एकाक्ष समायरा को चूमते हुए नीचे की तरफ बढ़ने लगता हैं । समायरा के हाथ एकाक्ष के बालों में घूम रहे थे और एकाक्ष की छुअन के साथ साथ समायरा की सांसे भारी होने लगती हैं । एकाक्ष समायरा के शरीर से उसके बॉथरॉब को अलग कर देता है और उसे अपनी गोद में उठा कर बेड की तरफ जाने लगता है ।  एकाक्ष समायरा को बेड पर लेटा देता है और उसके ऊपर आ जाता हैं । और उसके शरीर के हर एक अंग को चूमने लगता है । कमरे का माहौल बहुत ही इंटेंस हो गया था ।  एकाक्ष अपने कपड़ों को भी अपने शरीर से निकाल देता है और समायरा में समा जाता है । कमरे में एक बार फिर से समायरा की सिसकियों गूंजने लगती हैं ।


    शाम का समय । । । । ।


    एकाक्ष का कमरा । । । । ।



    बेड पर समायरा खुद को चादर में लपेटे लेटी हुई थी ।  उसमें इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि वह अपनी आंखे भी खोल पाए । एकाक्ष उसके साथ लगातार इंटिमेट जो हो रहा था । समायरा अभी लेटी हुई ही थी कि तभी कमरे का दरवाज़ा खुलता है और एकाक्ष खाने की ट्रॉली लिए कमरे में आता है । एकाक्ष खाने की ट्रॉली को साइड में रखता है और समायरा के पास बैठ कर उसके चेहरे पर हाथ रखते हुए बोला - " जान उठ जाओ  । देखो मैं तुम्हारे लिए तुम्हारा फेवरेट खाना ले कर आया हूं । "




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    trap in the novel world । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।

  • 6. Trap in the novel world - Chapter 6

    Words: 1050

    Estimated Reading Time: 7 min

    एकाक्ष खाने की ट्रॉली को साइड में रखता है और समायरा के पास बैठ कर उसके चेहरे पर हाथ रखते हुए बोला - " जान उठ जाओ  । देखो मैं तुम्हारे लिए तुम्हारा फेवरेट खाना ले कर आया हूं । "

    समायरा जिसमें हिलने तक की भी हिम्मत नहीं थी । उसने अपनी थकान भरी आवाज में कहा -"नहीं मुझे अभी भूख नहीं लगी और न हीं अभी मेरा मन नहीं है खाने का । "

    समायरा की बात सुन कर एकाक्ष ने स्माइल करते हुए कहा -" जान अगर तुम खाना नहीं खाओगी तो तुम्हारे शरीर को एनर्जी कैसे मिलेगी  और अगर तुम्हारे शरीर में एनर्जी नहीं होगी तो तुम मुझे कैसे हैंडल करोगी । "

    समायरा जिसकी आंखे अब तक थकान और कमजोरी से बंद थी । एकाक्ष की बात सुन कर वह झटके से अपनी आंखे खोल देती हैं और एकाक्ष को देखती है जो डेविल स्माइल लिए उसे ही देख रहा था । समायरा खुद को ब्लैंकेट में ही कवर कर जल्दी से उठ कर बैठ जाती हैं ।

    एकाक्ष की डेविल स्माइल को देख कर समायरा डरते हुए अपने मन में खुद से ही बोली - " ये आदमी सच में इंसान नहीं है । इंसान के भेस में राक्षस है ।  सुबह से इतनी बार वो सब कुछ कर लिया  फिर भी इसके दिमाग में अभी भी ये सब ही चल रहा है । "

    एकाक्ष जो समायरा के चेहरे को ही देख रहा था । वह उसके चेहरे बदलते हुए हाव भावो को देख कर समझ रहा था कि समायरा क्या सोच रही है ।

    एकाक्ष समायरा के मन की बात को समझते हुए भारी और डरावनी आवाज में बोला -" yes you are right Jaan. I am not a human. I am a beast . The devil beast . "

    फिर एकाक्ष समायरा के ठोड़ी  पर उंगली रख कर समायरा के चेहरे को ऊपर उठाते हुए बोला -" और इस बीस्ट को तुम्हारी लत लग चुकी है जान । "

    फिर एकाक्ष समायरा के होठों की तरफ बढ़ते हुए आगे बोला -" और ये लत हर एक सेकंड तुम्हारे लिए बढ़ती ही जा रही है । जान । "

    इतना कह कर एकाक्ष समायरा के होठों पर अपने होठ रख देता है और उसे पूरी शिद्दत और जुनून के साथ चूमने लगता है । एकाक्ष   समायरा को बहुत ही गहराई से चूम रहा था । जिससे समायरा को सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी । मगर एकाक्ष का मन समायरा को छोड़ने का अभी तो बिल्कुल भी नहीं था । एकाक्ष अपने  हाथो को धीरे धीरे कर समायरा के ब्लैंकेट के अंदर डालने लगता हैं । और उसके शरीर को छूने लगता हैं । एकाक्ष अपने हाथो को समायरा की कमर से होता हुआ ऊपर समायरा के उभरे हुए शरीर की तरफ ले जाने लगता हैं ।

    एकाक्ष को हाथों को अपने शरीर पर महसूस कर समायरा की आंखे डर से बड़ी हो जाती हैं । वह दोबारा से वह सब कुछ नहीं करना चाहती थी   । एकाक्ष पहले ही उसके साथ वो सब कुछ बहुत बार कर चुका था इसीलिए समायरा में अब इतनी हिम्मत नहीं कि वो फिर से वो सब कुछ कर पाए । समायरा एकाक्ष को धक्का दे कर खुद से दूर करती हैं । अचानक यू धक्का देने से एकाक्ष खुद को संभाल नहीं पाता है और वह  पीछे गिरते हुए बचता है । एकाक्ष समायरा को गुस्से से देखने लगता हैं ।

    एकाक्ष की गुस्से भरी नजरो को देखते हुए समायरा जल्दी से बोली - "  मुझे माफ कर देना वो एक्चुअली मुझे भूख लग गई थी इसलिए । "

    इतना कह कर समायरा जल्दी से खाने की प्लेट ले कर खाना खाने लगती हैं । समायरा को खाना खाता देख एकाक्ष का गुस्सा शांत हो जाता है ।  एकाक्ष समायरा के पास ही बैठ जाता हैं । वही समायरा एकाक्ष को अपने पास बैठा देख धीरे धीरे खाना खाने लगती हैं ।

    समायरा अपने मन में बोली - " ये बीस्ट यहां कब तक बैठेगा । अगर मैने खाना जल्दी खा लिया तो ये बीस्ट मुझे खाने लगेगा फिर । अब मैं क्या करूं ।"

    और शायद आज समायरा की किस्मत भी अच्छी थी कि समायरा ये सब कुछ अभी सोच रही थी कि तभी एकाक्ष का फोन बजता है । एकाक्ष अपने फोन को उठाता हैं और कान पर लगाता है ।

    फोन के दूसरी तरफ वाले आदमी ने एकाक्ष से कुछ कहा जिसे सुन कर एकाक्ष ने अपनी ठंडी आवाज में बोला - " मैं अभी आ रहा हूं । "

    इतना कह कर एकाक्ष फोन काट देता है  । और क्लोजेट रूम में चला जाता है । एकाक्ष को जाता देख और उसकी जाने की बात सुन कर समायरा मन ही मन बहुत खुश हो रही थी । एकाक्ष अपने बदल कर बाहर आता है । समायरा ने भी अब तक खाना खा लिया था । एकाक्ष समायरा के पास आता है और उस के हाथो को बेड पर जंजीरों से बांधने लगता हैं । ।

    एकाक्ष को फिर से खुद को यू बांधता देख समायरा चिल्लाते हुए बोली - " मैं कोई जानवर नहीं हूं जो तुम मुझे ऐसे बांध रहे हो । मैं भी एक इंसान हूं । "

    समायरा को फिर से पहले जैसा बर्ताव करता देख एकाक्ष समायरा को देखने लगता हैं । वही समायरा को भी एहसास होता है कि उसने जल्दबाजी और खुशी में क्या बोल दिया है । ।




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    क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।


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  • 7. Trap in the novel world - Chapter 7

    Words: 1051

    Estimated Reading Time: 7 min

    समायरा को फिर से पहले जैसा बर्ताव करता देख एकाक्ष समायरा को देखने लगता हैं । वही समायरा को भी एहसास होता है कि उसने जल्दबाजी और खुशी में क्या बोल दिया है । ।

    एकाक्ष को अपनी तरफ देखता देख समायरा जल्दी से अपनी बातों को ठीक करते हुए एकाक्ष से प्यार से बोली - " तुम मुझे अभी भी ऐसे क्यों बांध रहे हो । अब तो हम साथ रहते है न और मैंने कहां है न कि अब मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी । मैं कभी नहीं भागूंगी यहां से । मैं जानती हूं कि मैंने जो पहले किया इस वजह से तुम्हारा मुझ पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल है  । लेकिन मैं सच कह रही हूं । मैने खुद को बदल लिया है और मैं खुद और भी बदल रही हूं । तुम्हारे लिए । "

    समायरा की बात पर एकाक्ष ने तिरछी स्माइल करते हुए कहा - " तुम्हे क्या लगता है जान कि तुम मेरे पीठ पीछे प्लानिंग करोगी और मुझे पता भी नहीं चलेगा । "

    एकाक्ष की बात सुन कर समायरा हैरान हो गई और वह डर से अंदर ही अंदर कांपने लगी । समायरा हकलाते हुए बोली - " ये ये तुम क्या कह रहे हो एकाक्ष ।  कैसी प्लानिंग और भला मैं कोई प्लानिंग क्यों करूंगी । ये जानते हुए भी कि  मैं कब सांस लेती हूं । इसकी खबर भी तुम तक पहुंच जाती हैं तो मैं कोई प्लानिंग कैसे कर सकती हूं । "

    समायरा की बात सुन कर एकाक्ष डेविल स्माइल करते हुए समायरा के गालों पर हाथ रख कर बोला - " तुम्हारे लिए यही बेहतर होगा वरना तुम एकाक्ष सिंघानिया का वो रूप देखोगी जोकि मैं नहीं चाहता कि तुम देखो । "

    एकाक्ष की धमकी सुन कर समायरा अन्दर तक कांप जाती है । वह डरते हुए अपना सिर जल्दी से हां मे हिला देती हैं । ।

    समायरा को हां में सिर हिलाता हुआ देख एकाक्ष ने कहा - "  गुड जान । "

    फिर एकाक्ष समायरा के माथे को चूमता है और वहां से चला जाता है । एकाक्ष के जाते ही समायरा जल्दी से बेड से उठती हैं और खिड़की से नीचे देखती है ।  जहां एकाक्ष कार में बैठ गया था और फिर कार वहां से चली जाती हैं । एकाक्ष सच में चला गया है । ये कन्फर्म होते ही समायरा कमरे से बाहर निकलती हैं । और इधर उधर देखती हैं । जहां कोई नहीं था । समायरा सीढ़ियों से ऊपर जाती हैं । और एक दरवाजे के सामने से खड़ी हो जाती हैं । समायरा उस दरवाजे को खोलती हैं ।

    समायरा उस कमरे के अंदर चली जाती हैं । और उस कमरे मे कुछ ढूंढने लगती हैं । तभी समायरा के हाथ से एक बुक नीचे गिर जाती हैं । किताब के नीचे गिरते ही बुक सेल्फ की दीवार खिसकने लगती हैं । समायरा डर कर पीछे हट जाती हैं । तभी उसकी नज़र बुक सेल्फ के बीच में जाती हैं । जहां एक तिजोरी थी । समायरा उस तिजोरी के पास जाती हैं । और उसे देखते हुए बोली - " वो जरूर यही होंगे । "

    इतना कह कर समायरा उस तिजोरी को खोलने लगती है मगर उस पर एक पासवर्ड लगा हुआ था । तिजोरी पर लगे पासवर्ड लॉक को देख कर समायरा खुद से ही बोली - " यहां तो पासवर्ड लगा हुआ है । अब कैसे खोलू इसे । पासवर्ड क्या हो सकता है अगर गलत डाला तो उस राक्षस को पता चल जाएगा । आखिर क्या हो सकता है पासवर्ड । समायरा सोच जल्दी  । तुझे फिर यहां से सब कुछ ले कर निकलना भी है । "

    इतना कह कर समायरा पासवर्ड सोचने लगती हैं मगर तभी उसके दिमाग में कुछ  आता है और वह जल्दी से बोली -" हां ये हो सकता है । इस दिन को मैं कैसे भूल सकती हूं । आखिर ये ही तो वो दिन था जिसे मेरी आजादी का आखिरी दिन बना दिया था इस इंसान ने और मुझे यहां हमेशा के लिए कैद कर के रख दिया । "

    इतना कह कर समायरा उस दिन  की डेट को डालती जिस दिन वह एकाक्ष से पहली बार मिली थी ।  पासवर्ड डालते ही तिजोरी का दरवाज़ा खुल जाता हैं । तिजोरी को खुलता देख कर समायरा के चेहरे पर एक मिस्टीरियस स्माइल आ जाती हैं । वह अपने पास से अपना फोन निकालती हैं और किसी को कॉल लगा देती हैं । ।

    कॉल उठते ही समायरा ने कहा - " मुझे वह मिल गया जो तुम्हे चाहिए था । "

    फोन के दूसरी तरफ वाले आदमी ने कहा - " वाओ इंप्रेसिव  लगा नहीं था कि तुम इतनी जल्दी इस काम को खत्म कर दोगी । "

    "  अब तुम्हारी बारी है । अपना काम करने की । " समायरा ने कहा । ।

    समायरा की बात सुन कर फोन पर दूसरी तरफ वाले आदमी ने कहा - " तुम वो सारे डॉक्यूमेंट ले कर घर से बाहर आओ कुछ दूरी पर ही  मेरे आदमी कार ले कर खड़े हैं । तुम उस कार में बैठ जाना ।   "

    समायरा " ठीक है । " कहती हैं और फिर फोन रख देती हैं । फोन रखने के बाद  समायरा उस तिजोरी में रखे सारे डॉक्यूमेंट को बाहर निकाल कर एक बैग में भर देती हैं । और फिर जल्दी से कमरे से बाहर निकल जाती हैं ।



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    trap in the novel world । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।

  • 8. Trap in the novel world - Chapter 8

    Words: 1070

    Estimated Reading Time: 7 min

    समायरा " ठीक है । " कहती हैं और फिर फोन रख देती हैं । फोन रखने के बाद  समायरा उस तिजोरी में रखे सारे डॉक्यूमेंट को बाहर निकाल कर एक बैग में भर देती हैं । और फिर जल्दी से कमरे से बाहर निकल जाती हैं । ।

    कमरे से बाहर निकल कर समायरा छत पर जाती हैं । क्योंकि एकाक्ष ने सभी घर के दरवाज़े बाहर से लॉक कर दिए थे । इसीलिए समायरा छत पर जाती हैं  । समायरा देखती हैं कि घर के चारों तरफ गार्ड्स तैनात हैं । मगर घर के बैक यार्ड साइड में गार्ड कम है तो समायरा पीछे से भागने की सोचती हैं । समायरा छत की बाउंड्री से नीचे देखने लगती हैं । हाइट ज्यादा थी ।  समायरा को डर लग रहा था मगर फिर भी समायरा हिम्मत कर के छत से नीचे उतरने लगती हैं । समायरा छत की दीवार से उतर कर पाइप पर आ जाती हैं । समायरा पाइप को ठीक से पकड़ नहीं पाती है जिस वजह से वह नीचे गिर जाती हैं । ऊंचाई ज्यादा नहीं थी तो समायरा को चोट नहीं आती मगर उपर से गिरने की वजह से उसका पैर मूड जाता हैं ।

    वही किसी चीज के गिरने की आवाज को सुन कर बैक यार्ड साइड के गार्ड अंदर देखने आते है । मगर समायरा पेड़ के पीछे छिप गई थी जिस वजह से गार्ड्स को वहां कोई नहीं दिखता है । कुछ देर तक गार्ड्स वहां देखते हैं मगर जब उन्हें कोई नहीं दिखता है तो वह वापस चले जाते है ।

    समायरा पेड़ के पीछे से बाहर निकलती हैं और फिर गार्ड्स की नजरो से बचते हुए घर से बाहर निकल जाती हैं । समायरा घर कुछ दूर आ गई तो उसे सामने एक कार खड़ी दिखाई देती हैं । जैसा कि उस फोन वाले इंसान ने बताया था ।

    समायरा उस कार में जा कर बैठ जाती हैं । और कार वहां से चली जाती हैं ।  थोड़ी देर बाद कार एक कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग के सामने आ कर रूकती है । बिल्डिंग अभी बनी नहीं थी । उस में काम चल रहा था । समायरा कार से बाहर निकलती हैं और उस बिल्डिंग के अंदर चली जाती हैं । समायरा अन्दर देखती हैं तो उसके सामने चेयर पर एक आदमी बैठा हुआ था । उस आदमी ने काले कपड़े पहन रखे थे और उसके चेहरे पर मास्क लगा हुआ था ।

    समायरा को देख कर वह आदमी अपनी चेयर से खड़े होते हुए बोला - " आओ समायरा  आओ । तुम्हारा स्वागत है । "

    उस आदमी की बात सुन कर समायरा ने कहा -" जो तुमने कहां था वो सब कुछ इस बैग में है । अब हमारी शर्त के मुताबिक तुम्हे मुझे और मेरी मम्मा को यहां से दूर भेजना होगा  । "


    समायरा की बात सुन कर वह आदमी बोला -" हां जरूर सब कुछ वैसा ही होगा जैसी हमारी बात हुई थी मगर । "

    उस आदमी के मुंह से मगर शब्द सुन कर समायरा थोड़ा घबराते हुए बोली -" मगर क्या अभ्यांत ।"

    वह आदमी जिसका नाम अभ्यांत था वह तिरछी स्माइल करते हुए बोला -" मगर ये समायरा सब कुछ वैसा ही होगा मगर मैंने प्लान में बस कुछ चेंज कर दिया है । "

    अभ्यांत की बात सुन कर समायरा हैरान होते हुए बोली -" चेंज कैसा चेंज । "

    " इतना घबराने की जरूरत नहीं है बस थोड़ा सा चेंज है । " इतना कह कर अभ्यांत फिर समायरा को कुछ बाते बताता है जिसे सुन कर समायरा के चेहरे पर डर और घबराहट के भाव आ जाते है ।

    समायरा डरते हुए बोली -" नहीं अभ्यांत  हम ये नहीं कर सकते । तुम नहीं जानते कि मैं कितनी मुश्किल से उस नर्क से  निकल कर आई हूं । अगर एकाक्ष यहां आ गया तो वो मुझे अपने साथ ले जाएगा और फिर से कैद कर देगा ।  नहीं  हम ऐसा नहीं करेगे । "

    समायरा की बात सुन कर अभ्यांत ने कहा -" अगर तुम ऐसा नहीं करोगी तो वो एकाक्ष सिंघानिया तुम्हे पाताल से भी ढूंढ निकलेगा । आखिर कब तक तुम अपनी बीमार मां को ले कर एकाक्ष से भागती रहोगी । एक न एक दिन तो एकाक्ष तुम्हे ढूंढ ही लेगा । And I sure कि अगर तुम इस बार गलती से भी उसके हाथ लग गई तो तुम्हे सूरज की रोशनी देखना तक नसीब नहीं होने देगा वो । "

    अभ्यांत की बाते समायरा को सोचने पर मजबूर कर देती हैं । ।



    वही दूसरी तरफ । ।




    एकाक्ष की कार घर में आती है । एकाक्ष कार से बाहर निकलता हैं और घर के अंदर चला जाता है । एकाक्ष सीधे अपने कमरे मे जाता हैं । कमरे मे जा कर वह देखता है कि समायरा वहां नहीं है ।  एकाक्ष समायरा को बाथरूम में चेक करता है मगर समायरा वहां भी नहीं थी । समायरा को न देख कर एकाक्ष का गुस्सा और उसके पागलपन उसके दिमाग पर हावी होने लगा था ।

    एकाक्ष अपनी गर्दन पर हाथ रख कर गर्दन पर मारते हुए दांत भींचते हुए बोला -" नहीं नहीं नहीं जान । तुम भाग नहीं सकती ।  तुम नहीं जानती कि तुमने यहां से भाग कर अपने लिए कितनी बड़ी प्रोबलेम खड़ी कर ली हैं ।    अब आगे जो भी मैं तुम्हारे साथ करूंगा इसकी जिम्मेदार तुम खुद होगी जान । "

    फिर एकाक्ष एक साइको स्माइल करते हुए बोला -" now ready for punishment jaan "

    इतना कह कर एकाक्ष कमरे से बाहर निकल जाता हैं ।

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    क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।


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  • 9. Trap in the novel world - Chapter 9

    Words: 1040

    Estimated Reading Time: 7 min

    इतना कह कर एकाक्ष कमरे से बाहर निकल जाता हैं ।

    कमरे से बाहर निकल कर एकाक्ष जितने भी गार्ड्स दरवाजे पर खड़े थे उन सभी को बुलाता है । थोड़ी ही देर में सभी गार्ड्स एकाक्ष के सामने खड़े थे ।

    एकाक्ष अपनी सर्द आवाज में बोला - " where is she " ?

    एकाक्ष की बात सुन कर गार्ड्स थोड़ा कन्फ्यूज हो गए ।

    गार्ड्स को चुप देख एकाक्ष गुस्से से दहाड़ते हुए बोला - " answer me damm it"

    एकाक्ष की दहाड़ को सुन कर सभी गार्ड्स डर जाते है । वह डरते हुए बोले - " मैडम अंदर ही है सर । "

    " ओह रियली । "   एकाक्ष ने बेहद ही खतरनाक तरीके से कहा -" अगर अंदर है तो कहां है । "

    एकाक्ष की बात सुन कर गार्ड्स की हालत और खराब हो जाती हैं क्योंकि उन्हें पता है कि एकाक्ष सिंघानिया कोई इंसान नहीं बल्कि इंसान के भेस में एक राक्षस है जो किसी को भी मारने से पहले एक बार भी नहीं सोचता है और वह लोगों को कितनी बेदर्द मौत देता है उससे भी सभी गार्ड्स अच्छी तरह से वाकिफ थे ।

    एकाक्ष सभी गार्ड्स को अपनी खतरनाक नजरो से देखते हुए बोला - " तुम लोगो के रहते कैसे भाग गई वो । "

    " We don't know that how did she run away " गार्ड्स ने डरते हुए कहा ।

    गार्ड्स की बात सुन कर एकाक्ष ने कहा -" तुम लोगो की यहां क्या जरूरत है जब  तुम्हारी नाक के नीचे से एक लडकी तक भाग गई और तुम लोगो को पता भी नहीं चला । "

    एकाक्ष की बात सुन कर सभी गार्ड्स अपना सिर नीचे झुका लेते है और एकाक्ष से सॉरी कहते है । गार्ड्स की माफी को सुन कर एकाक्ष बोला -" अगर आज की रात अपनी जिंदगी की आखिरी रात नहीं बनाना चाहते हो तो किसी भी हाल में समायरा को ढूंढ कर मेरे सामने लाओ । "

    एकाक्ष की धमकी को सुन कर सभी गार्ड्स एक साथ बोले -" yes sir "

    और इतना कह सभी गार्ड्स समायरा को ढूंढने के लिए चले जाते है । । ।

    एकाक्ष समायरा को ढूंढने के  लिए पूरे देहरादून में नाका बंदी करा देता है । एयरपोर्ट से ले कर रेलवे स्टेशन और लोकल बस एरिया सब जगह एकाक्ष के गार्ड्स मौजूद थे । एकाक्ष के गार्ड्स सभी जगह समायरा को ढूंढने लगते है । मगर उन्हें समायरा कही नहीं मिलती है ।

    वही दूसरी तरफ एकाक्ष की तेज नजर लगातार अपने सामने लगी  बड़ी सी स्क्रीन पर जमी हुई थी । उस बड़ी सी स्क्रीन पर वही फुटेज चल रही थी जब समायरा घर से भागी थी । एकाक्ष देखता है कि समायरा घर से भागने के बाद एक ब्लैक कार में बैठी  थी ।

    एकाक्ष के कार के नंबर को देखता है और अपने गार्ड्स से बोला - " ट्रेस दिस कार"  ।

    गार्ड जल्दी से सारे एरिया के सीसीटीवी फुटैज देखने लगता हैं जहां से वह कार गुजरी थी । और उन्हें पता चल जाता हैं कि समायरा कार से कहां उतरी थी । समायरा का पता चलते ही एकाक्ष जल्दी से अपनी कार में बैठता है और उस कंट्रक्शन बिल्डिंग के लिए निकल जाता हैं । एकाक्ष अभी कार ड्राइव कर ही रहा था कि तभी उसका फोन बजता है । एकाक्ष फोन को उठाता हैं तो फोन के दूसरी तरफ से किसी की हंसने कि आवाज आती हैं । ।

    किसी आदमी के हंसने की आवाज को सुन कर एकाक्ष बोला - "  अपनी हार का पता चल गया है क्या जो अभी से इतनी खुशी मना रहे हो । "

    एकाक्ष की बात सुन कर फोन के दूसरी तरफ वाले इंसान की हंसी बंद हो जाती हैं और फिर वह बोला - " हार किसकी होगी ये तो तुम्हे बहुत जल्द पता चल जाएगा एकाक्ष सिंघानिया । मगर मैने अभी तुम्हे कुछ  और बताने के लिए फोन किया है । "

    " तुम मुझे कुछ बताना चाहते हो । स्ट्रेंज । " एकाक्ष ने व्यंग भरे स्वर में कहा । ।

    एकाक्ष की व्यंग भरी बात को सुन कर फोन के दूसरी तरफ वाले इंसान ने कहा - " अब क्या ही कर सकते है तुम्हारा शुभ चिंतक जो हु । "

    एकाक्ष ने खतरनाक हंसी हंसते हुए कहा -" अभ्यांत खुराना कब से मेरा शुभ चिंतक हो गया । "

    " जब दुश्मन की मौत करीब हो तो उसे पहले ही बता देना चाहिए । क्योंकि पीठ पीछे वार करना ये अभ्यांत खुराना का स्टाइल नहीं । " अभ्यांत ने कहा । ।

    अभ्यांत की बात सुन कर एकाक्ष ने कहा -" तुम्हारा स्टाइल क्या है ये एकाक्ष सिंघानिया बहुत अच्छे से जानता है और जो तूने ये चाल चली है अभी कुछ ही देर में इसका हिसाब करने आ रहा हूं मैं । " 

    इतना कह कर एकाक्ष बिना अभ्यांत की बात सुने फोन को काट देता है । और कार और तेजी से चलाने लगता हैं । कुछ ही देर में एकाक्ष की कार उस  कंट्रस्शन बिल्डिंग के सामने पहुंच जाती है । एकाक्ष कार से बाहर निकलता हैं और उस बिल्डिंग के अंदर चला जाता है । बिल्डिंग के अंदर जाते ही एकाक्ष के इधर उधर समायरा को देखने लगता हैं । तभी उसकी नजर सामने जाती हैं । जहां देख कर उसका दिल धक से रह जाता है । । ।



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    trap in the novel world । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।

  • 10. Trap in the novel world - Chapter 10

    Words: 1100

    Estimated Reading Time: 7 min

    इतना कह कर एकाक्ष बिना अभ्यांत की बात सुने फोन को काट देता है । और कार और तेजी से चलाने लगता हैं । कुछ ही देर में एकाक्ष की कार उस  कंट्रस्शन बिल्डिंग के सामने पहुंच जाती है । एकाक्ष कार से बाहर निकलता हैं और उस बिल्डिंग के अंदर चला जाता है । बिल्डिंग के अंदर जाते ही एकाक्ष के इधर उधर समायरा को देखने लगता हैं । तभी उसकी नजर सामने जाती हैं । जहां देख कर उसका दिल धक से रह जाता है । । ।

    समायरा चेयर से बंधी हुई थी  और उसकी शरीर पर चोटों के निशान भी थे । समायरा को देख कर एकाक्ष सिंघानिया समायरा की तरफ तेजी से बढ़ता है लेकिन तभी वहां एक गोली चलने की आवाज आती हैं ।

    गोली की आवाज को सुन कर एकाक्ष सिंघानिया के कदम रुक जाते है । एकाक्ष सिंघानिया गोली की दिशा में देखता है जहां से अभ्यांत खुराना अपने हाथ में बंदूक लिए आ रहा था । अभ्यांत खुराना समायरा के पास आता है और फिर समायरा के चेहरे को अपने हाथ में पकड़ते हुए एकाक्ष सिंघानिया से बोला - " इतनी भी क्या जल्दी है अपनी माशूका से मिलने की ।  जरा हम से भी तो थोड़ी गुप्त गु कर लो । "

    अभ्यांत खुराना की बात सुन कर एकाक्ष सिंघानिया गुस्से से बोला-" अपने गंदे हाथ दूर हटा उससे । "

    "  किससे ओह । " इतना कह कर अभ्यांत खुराना समायरा के चेहरे पर हाथ फेरते हुए उसकी गर्दन को पकड़ते हुए आगे बोला - " ओह तेरी माशूका से । "

    फिर अभ्यांत खुराना शैतानी हंसी  हंसने लगता हैं । फिर अभ्यांत खुराना ने समायरा की सिर पर बंदूक को रखते हुए बोला - " ठीक है मैं तेरी माशूका को न हाथ लगाऊंगा और न ही उसे कुछ करूंगा लेकिन उससे पहले तुझे अपनी सारी प्रॉपर्टी और यहां तक की सिंघानिया ग्रुप भी मुझे देना होगा । "

    "   खुली आंखों से सपने देखना छोड़ दे  खुराना ।  ऐसा कुछ नहीं होने वाला । " एकाक्ष सिंघानिया ने कहा ।

    एकाक्ष सिंघानिया की बात सुन कर अभ्यांत खुराना बड़े ही आराम से बोला -" ठीक है तो मैं तेरी इस माशूका की यमराज से अप्वाइंट फिक्स कर देता हूं । "

    इतना कह कर अभ्यांत खुराना ट्रिगर पर उंगली रख देता है । समायरा पर गन प्वाइंट होता देख कर एकाक्ष सिंघानिया का दिल घबराहट और डर से भर जाता है ।  एकाक्ष सिंघानिया घबराते हुए बोला - " नहीं तुम उसे कुछ मत करो । मैं सब कुछ तुम्हे देने को तैयार हु । "

    " वेल देर आए दुरुस्त आए ।  " इतना कह कर अभ्यांत खुराना अपने आदमी से डॉक्यूमेंट लाने को कहता है । अभ्यांत खुराना का आदमी डॉक्यूमेंट को एकाक्ष सिंघानिया को देता है और एकाक्ष सिंघानिया उन डॉक्यूमेंट पर साइन कर देता हैं ।

    साइन करने के बाद एकाक्ष सिंघानिया ने कहा - " अब समायरा को छोड़ दें । "

    गार्ड उन डॉक्यूमेंट को ले जा कर अभ्यांत खुराना को दे देता है । डॉक्यूमेंट को देख कर अभ्यांत खुराना डेविल स्माइल करते हुए बोला - " मुझे नहीं पता था कि एकाक्ष सिंघानिया अपनी माशूका की प्यार में इस कदर पागल है कि उसके लिए अपना सब कुछ देने को भी तैयार हो जाएगा । लेकिन __

    " लेकिन क्या फायदा इस प्यार का जब माशूका ही तुम्हे धोखा दे दे तो । "

    एकाक्ष सिंघानिया अभ्यांत खुराना की बात सुन कर हैरान होता है लेकिन उसे अभी भी ये विश्वास नहीं था कि समायरा ऐसा कुछ कर सकती हैं  लेकिन एकाक्ष सिंघानिया के विश्वास को अपने पैरो तले रौंदते हुए समायरा चेयर से खड़ी होती हैं और बोली -" क्या हुआ चौंक गए । तुम्हे क्या लगा कि मैं तुमसे प्यार करने लगी हूं ।  बिल्कुल भी नहीं और तुमने सोच भी कैसे लिया जिस इंसान ने मुझे कैद किया मेरी आजादी छीन ली मेरे साथ जबरदस्ती रिश्ता बनाया मैं उससे प्यार करने लगूंगी ।  नहीं  । मैं सिर्फ तुमसे नफरत करती हूं वो भी बेइंतहा और ये सब कुछ मेरा प्लान था और अब मैं तुमसे अपने उस हर दर्द का बदला लूंगी जो तुमने मुझे दिया था । "

    इतना कह कर समायरा एकाक्ष सिंघानिया के हाथ पर गोली चला देती हैं । और फिर दूसरे हाथ पर और फिर पैरों पर । एकाक्ष सिंघानिया अपने घुटने के बल जमीन पर गिर जाता हैं लेकिन उसकी नजरे अभी भी समायरा पर ही थी । शायद एकाक्ष सिंघानिया अभी भी इस पर विश्वास नहीं करना चाहता था कि जो समायरा वो समायरा जिस लड़की से वो इतना प्यार करता है वो उसके साथ ऐसा खेल खेलेगी लेकिन जो हकीकत थी वो एकाक्ष सिंघानिया के सामने थी जिसे वो चाह कर भी नहीं ठुकरा सकता था ।  अंत में समायरा एकाक्ष सिंघानिया के सीने पर गोली चला देती है । एकाक्ष सिंघानिया की सांसे वही रुक जाती है और वह जमीन पर गिर जाता है ।

    अभ्यांत खुराना समायरा की हाथ से बंदूक लेते हुए बोला - "  बहुत बढ़िया वैसे किसी ने सच ही कहा है कि गद्दार और माशूका दोनों एक ही नस्ल के होते हैं साला दोनों ही इंसान को बर्बाद कर देते है । "

    " अपनी ये फिलोसॉफी बंद करो और जो हमारे बीच 🤝 डील हुई थी वो पूरा करो  । " समायरा ने कहा ।

    समायरा की बात सुन कर अभ्यांत समायरा की तरफ देखता है फिर डेविल स्माइल करते हुए बोला -"  गुनाह करने के बाद अभ्यांत खुराना  सारे सबूत मिटा देता है । "

    अभ्यांत की बात सुन कर समायरा हैरानी से अभ्यांत की तरफ देखती हैं । जो उसे ही अपनी तेज नजरो से देख रहा था ।  । । । । ।



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  • 11. Trap in the novel world - Chapter 11

    Words: 1140

    Estimated Reading Time: 7 min

    समायरा की बात सुन कर अभ्यांत समायरा की तरफ देखता है फिर डेविल स्माइल करते हुए बोला -"  गुनाह करने के बाद अभ्यांत खुराना  सारे सबूत मिटा देता है । "

    अभ्यांत की बात सुन कर समायरा हैरानी से अभ्यांत की तरफ देखती हैं । जो उसे ही अपनी तेज नजरो से देख रहा था । 

    अभ्यांत की नजरो की चालाकी को समझते हुए समायरा डरते हुए बोली - " नहीं तुम ऐसा नहीं कर सकते । तुमने जैसा कहा था मैने सब वैसा किया तुमने कहा था कि एकाक्ष को मारने के बाद तुम मुझे जाने दोगे । तुम अपनी बात से नहीं पलट सकते । "

    मगर अभ्यंता पर समायरा की बातो का कोई असर नहीं होता वह अपनी बंदूक निकलता हैं और सीधे समायरा के  सिर पर प्वाइंट कर गोली चला देता है । गोली लगते ही समायरा की सांसे वही रुक जाती हैं । समायरा की मृत्यु हो जाती हैं और इसी के साथ कहानी का अंत हो जाता हैं ।

    कहानी के अंत को देख कर एक लडकी जोर से चिल्लाती है ।

    " नहींहीहीहीहीहीही । ऐसा नहीं हो सकता । "

    चिल्लाने की आवाज को सुन कर एक लड़की नींद में ही से नीचे गिर जाती हैं । वह लड़की अपनी कमर को पकड़ते हुए दर्द से करहाते हुए बोली - " आह मम्मी मर गई । "

    फिर वह लड़की उस लड़की को देखते हुए बोली - "  क्या हुआ तुझे इतनी जोर से क्यों चिल्लाई । "

    दूसरी लड़की की बात सुन कर पहली लड़की  जोर जोर से रोने लगती हैं । लड़की को रोता देख दूसरी लड़की पहली के पास आती हैं और उसे चुप कराते हुए बोली - " क्या हुआ याम्या  तू रो क्यों रही है । "

    याम्या रोते हुए बोली - " वो मर गया । उसने उसे मार दिया  । मेघा । "



    मेघा थोड़ा डरते हुए बोली - " कौन मर गया और किसने किसे मार दिया । "

    याम्या की बात सुन कर मेघा का दिल बैठा जा रहा था उसे किसी अनहोनी के होने का डर लगने लगा । वह याम्या के चेहरे पर प्यार से हाथ रखते हुए बोली -" नहीं याम्या रोते नहीं  । चुप हो जाओ और मुझे बताओ क्या हुआ है । क्या तुमने कोई बुरा सपना देखा । "

    मेघा की बात सुन कर याम्या अपना सिर न मे हिला देती हैं । तो मेघा फिर से बोली -" तो क्या हुआ है  याम्या तुम इस तरह से रो क्यों रही हो । "

    " वो मर गया वो ऐसे कैसे मर सकता है । " याम्या रोते हुए बोली ।

    मेघा ने कहा -" कौन मर गया । "

    " एकाक्ष ।  लेखक उसे कैसे मार सकती हैं ।  ये सब कुछ उस हिरोइन की वजह से हुआ है उसने ही दुश्मन के साथ मिल कर प्लानिंग की थी । " याम्या रोते हुए बोली । ।

    वही याम्या की बात सुन कर मेघा याम्या को ऐसे देखने लगती है जैसे कि वो किसी पागल को देख रही हो ।  वही याम्या अभी भी रोए जा रही थी । ।

    मेघा याम्या के सिर पर मारते हुए बोली - " खोदा पहाड़ और निकली नोबेल । तू इस फालतू की नोबेल के चक्कर में इतनी रात में इतनी जोर से चिल्लाई । तुझे पता भी है तेरे चिल्लाने से मे कितना डर गई थी । "

    याम्या रोते हुए ही बोली - " तुझे ये फालतू की नोबेल लगती हैं । एक तो लेखिका ने मेरे प्यारे हीरो को मार दिया । पता नहीं उस लेखक को हीरो से क्या दुश्मनी थी । कितना प्यार करता था वह हिरोइन से । उस लेखिका  को हीरो की खुशी बर्दाश्त नहीं हुई । जरूर अपनी जिंदगी में उसे अपना प्यार नहीं मिला होगा इसलिए वह सबका प्यार अधूरा ही रखती है । बेचारा मेरा हीरो । मार दिया उसे  उस चुडैल राइटर ने । "

    वही याम्या की बात सुन कर मेघा अपना माथा पीट लेती हैं । वह याम्या से थोड़ा गुस्से से बोली -" ये सिर्फ एक नोबेल है और एकाक्ष इस नोबेल का सिर्फ एक कैरेक्टर है तो इसमें इतना रोना धोना करने की क्या जरूरत है । और राइटर स्टोरी लिखी है तो कुछ सोच समझ कर ही लिखी होगी । "

    याम्या ने कहा - " तेरे लिए होगी ये सिर्फ एक नोबेल लेकिन मेरे लिए तो मेरा प्यार थी मेरी भावना अटैच थी इस नोबेल से  और उस हिरोइन को तो मैं छोडूंगी नहीं एक बार मेरे सामने आ जाए वो । अरे आखिर हीरो ने उसे सब कुछ  दिया था बस बदले में थोड़ा सा प्यार ही तो मांगा था । मगर उसने हीरो की सारी अच्छाइयों को दरिया में बहा दिया  । लेकिन ऐसा कर क्या मिला उसको । बाबा जी का ठुल्लू । मर गई न खुद भी । अब अगर हीरो के साथ होती तो मज़े की जिंदगी जी रही होती न । "


    याम्या की बात सुन कर मेघा ने कहा -" इसमें हीरोइन क्या गलती है । स्टोरी तो राइटर ने लिखी है न और  वैसे भी अगर कोई तुम्हारी आजादी तुमसे छीन कर तुम्हे कैद कर ले तो जाहिर तुम्हे उससे नफरत हो ही जाएगी । "

    " अरे तो हीरो ऐसा थोड़ी ही न था वो तो उसी अतीत में उसके साथ बुरा हुआ था जिस वजह से वो ऐसा बन गया । अगर हीरोइन उसे थोड़ा समझने की कोशिश करती तो ऐसा कुछ भी नहीं होता । " मेघा की बात पर याम्या ने कहा । ।

    याम्या की बात सुन कर मेघा अपना सिर अफ़सोस से न मे हिला देती है और बोली -" तेरा कुछ नहीं हो सकता । तू यहां बैठ कर आराम से हीरो के मरने का मातम मना । मैं तो चली सोने कल इंटरव्यू है । मुझे जल्दी उठना है । "

    इतना कह कर मेघा सोने चली जाती हैं । वही याम्या नोबेल को देख कर बार बार रोने लगती हैं ।








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  • 12. Trap in the novel world - Chapter 12

    Words: 1080

    Estimated Reading Time: 7 min

    इतना कह कर मेघा सोने चली जाती हैं । वही याम्या नोबेल को देख कर बार बार रोने लगती हैं । रोते रोते कब याम्या की आंख लग जाती हैं । उसे पता ही नहीं चलता है । मौसम ने अपना रुख बदलना शुरू कर दिया था । जहां आसमान कुछ देर पहले तारो और चाँद की रोशनी से जगमगा रहा था । अब वहां काली घटा छाने लगी थी । और देखते ही देखते मौसम खराब हो गया था । तेज बारिश होने लगी थी । और बहुत जोर से बिजली चमकने लगती हैं । बिजली इतनी जोर से चमकी थी कि पूरे देहरादून में एक पल में सबेरा सा हो गया था ।




    अगली सुबह ।



    बारिश होने के बाद मौसम बिल्कुल सुहावना हो गया था । सूरज अपनी किरणे चारों तरफ बिखेर रहा था । वही सूरज की रोशनी याम्या के ऊपर आ रही थी । याम्या सूरज की रोशनी से परेशान हो कर खुद को चादर से कवर करते हुए नींद में कसमसाते हुए बोली - " मेघा खिड़की बंद कर न । बहुत धूप आ रही है । "

    याम्या की बात सुन कर मेघा नींद में ही अपनी जगह से उठती हैं ।  और खिड़की को बंद करने जाती हैं । मेघा खिड़की बंद करती कि तभी एक कार बहुत तेजी से हॉर्न देते हुए मेघा की तरफ आ रही होती हैं । इतने तेज हॉर्न की आवाज को सुन कर मेघा परेशान होते हुए बोली - " इसकी बहन की आंख कौन सुबह सुबह कान फोड़ रहा है । "

    इतना कह कर मेघा गुस्से से अपनी आंखे खोलती है मगर जैसे ही वह अपनी आंखे खोलती है तो उसकी आंखे हैरानी से बड़ी हो जाती हैं ।  और वह जोर से चिल्लाती है । मेघा के चिल्लाने की आवाज को सुन कर याम्या की भी आंखे भी झट से खुल जाती हैं । याम्या आंखे खोल कर जल्दी से इधर उधर देखते हुए बोली - " क्या हुआ ऐसे चिल्लाई । "

    याम्या इससे आगे कुछ कहती कि उसके आगे शब्द उसके मुंह में ही रह गए । वो हैरानी से अपने चारों तरफ देखने लगती है । वही मेघा भी याम्या के पास  भाग कर आती हैं । याम्या मेघा से बोली - " ये हम रोड पर कैसे आ गए और हमारा अपार्टमेंट कहां गया । "

    " हां वो ही तो हम यहां कैसे आ गए । " मेघा हैरानी से बोली । ।

    मेघा की बात सुन कर याम्या मेघा से बोली -" तूने अपार्टमेंट का किराया टाइम से नहीं दिया था क्या । जो हम रोड पर आ गए । "

    याम्या की बात सुन कर मेघा उस के मारते हुए बोली -" मैं किराया टाइम से पहले और देती हूं । और अगर हम रोड पर आए हैं तो जाहिर है किसी ने हमे उठा कर निकाला होगा लेकिन हम तो ताला लगा कर सोए थे न । "

    मेघा की बात सुन कर याम्या अपने सोचते हुए बोली -" बात तो सही है  । "

    " बात तो सही है ही लेकिन पहले ये सोच कि हम कहां हैं और ये कौनसी जगह है । और हम यहां कैसे पहुंचे । " मेघा ने कहा । ।

    याम्या ने कहा - " हां सही कहा तुमने । "

    इतना कह याम्या और मेघा दोनों अपनी जगह से खड़ी होती है और इधर उधर देखने लगती हैं । वह जैसे ही वे दोनों अपने आस पास के लोगों को देखती है उनकी आंखों में डर आ जाता हैं ।

    याम्या डरते हुए मेघा के गले लगते हुए बोली - " मेघा कहीं हम मर तो नहीं गए । यहां तो सब जगह भूत ही भूत है । "

    याम्या की बात सुन कर मेघा भी डरते हुए बोली - "  नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता । "

    " अगर ऐसा नहीं है तो ये इन लोगो के चेहरे क्यों नहीं है और बिना मुंह के ये खा पी कैसे रहे हैं । " याम्या डरते हुए बोली ।  ।

    मेघा ने कहा -" मुझे क्या पता मेरे रिश्तेदार थोड़ी ही है । "

    " लेकिन हमें पता तो करना होगा न । " याम्या ने कहा । ।

    मेघा डरते हुए बोली -" मुझे इतनी जल्दी नहीं मरना । "

    " मरेंगे तो तब पहले ये तो पता कर लें कि हम जिंदा है भी या नहीं । "  याम्या डरते हुए बोली ।

    मेघा ने कहा -" बात मैं प्वाइंट है तेरी । "

    इतना कह कर मेघा और याम्या फिर आगे बढ़ने लगती हैं । कि तभी एक बॉल आ कर मेघा के सिर मे लगती हैं । बॉल लगते ही मेघा दर्द से अपना सिर पकड़ते हुए बोली -" आह कौन है ये आंख का अंधा । जिसे रस्ते पर चलते लोग दिखाई नहीं देते । "

    मेघा को दर्द होता देख याम्या खुश होते हुए बोली -" वाओ मेघा तुझे दर्द हुआ । "

    मेघा दर्द से करहाते हुए बोली -"  मुझे दर्द हो रहा है तो तुझे ये कहां से खुश होने वाली बात लग रही है जो तू इतना उछल रही है । "

    " अरे खुश होने वाली ही तो बात है कि तुझे दर्द हो रहा है मतलब हम मरे नहीं है । हम जिंदा हैं । " याम्या खुशी से उछलते हुए बोली ।  ।

    याम्या की बात सुन कर मेघा भी खुश होते हुए बोली -" हां यार ये तो मैने सोचा ही नहीं । "

    वो दोनो जिंदा हैं ये सोच कर वे दोनों अभी खुश हो ही रही थी कि तभी कोई उनके पास आता है ।  ।



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  • 13. Trap in the novel world - Chapter 13

    Words: 1110

    Estimated Reading Time: 7 min

    वो दोनो जिंदा हैं ये सोच कर वे दोनों अभी खुश हो ही रही थी कि तभी कोई उनके पास आता है । 
    उस आदमी ने कहा - " I am sorry वो गलती से मेरी बॉल आपको लग गई । "

    आवाज को सुन कर याम्या और मेघा आवाज की तरफ देखती है । तो उनकी आँखें हैरानी से खुली की खुली रह जाती है । उनके सामने लगभग पच्चीस या छब्बीस साल का एक गबरू जवान खड़ा था।  उसने हॉफ स्लीव टीशर्ट पहन रखी थी जिससे उसकी बायसेप्स साफ दिख रही थी ।

    याम्या उस लडके को अपनी ललचाई नजरो से देखते हुए मेघा से बोली - " यार अगर पता होता कि भूत इतने हैंडसम होते हैं तो मैं तो कब का टपक लेती इस दुनिया से । "

    याम्या की बात पर मेघा भी अपनी सहमति जताते हुए वांटेड मूवी की पुलिस वाले की तरह बोली - " हां यार ये तो चलता फिरता कोकीन है कोकीन । जी तो चाहता है कि इसे एक बार चख कर देख लू । "

    " हां यार क्या बाल है । क्या हॉट बॉडी है ।  क्या आवाज है । क्या माल है यार । " याम्या शक्ति कपूर बनते हुए उस लडके को ऊपर से नीचे तक देखते हुए बोली ।

    मेघा ने कहा - " एक दम कड़क माल है । "

    वही मेघा और याम्या की नजरो से उस लडके को अनकंफर्टेबल फील होने लगता है । वह लडका अपने दोनो हाथों से खुद को कवर करते हुए थोड़ा घबराते हुए बोला - " दे दे देखिए, मेरी बॉल आपको गलती से लग गई थी इसलिए मुझे मेरी बॉल वापस दे दीजिए । "

    उस लडके की बात सुन कर मेघा उस लडके से फ्लर्ट करते हुए बोली - " अरे बॉल तो क्या तुम्हारे लिए हम खुद को भी देने को तैयार है । "

    " नहीं बस आप मुझे मेरी बॉल दे दीजिए । " उस लडके ने घबराते हुए कहा ।

    याम्या ने कहा - " अरे इतनी भी क्या जल्दी है थोड़ा हमारे साथ भी खेल लिजिए । "

    उन दोनो की ऐसी फ्लर्टी बाते सुन कर और मेघा और याम्या की अजीब नज़रे खुद पर महसूस कर वह लडका वहां से बिना बॉल लिए ही नौ दो ग्यारह हो जाता हैं ।

    वही उस लडके को ऐसे भागता देख मेघा चिल्लाते हुए बोली - " अरे कहां जा रहे हो कम से कम अपना नाम नंबर अता पता कुछ तो बताते जाओ । "

    मगर वह लडका तब तक वहां से गायब हो चुका था । याम्या की नजर अपने आस पास जाती हैं जहां मेघा के चिल्लाने से लोग उन दोनो को ही देखने लगे थे । ।

      याम्या मेघा के मुंह को अपने हाथो से बंद करते हुए बोली - " बंद कर अपना भोपू । सब हमे ही देख रहे हैं । चीख चीख कर सबको बता दें कि हम लड़कों को छेड़ते हैं । "

    याम्या की बात सुन कर मेघा ने कहा -" अरे देखेंगे तो तब न जब उनके पास देखने के लिए कुछ होगा । "

    याम्या अपनी नजरे चोरी चोरी चारों तरफ घुमाते हुए डरते हुए बोली -" अरे अब देखने को क्या अब उनके पास देखने के साथ साथ बोलने और सुनने के लिए सब है । "

    याम्या की बात पर मेघा भी अपने चारों तरफ देखती है तो वाकई जो लोग अब तक बिना चेहरे के थे उन सब के चेहरे बन गए थे और वे सभी मेघा और याम्या को ही देख रहे थे ।

    मेघा उन सभी लोगों के चेहरे बनते हुए देख कर डरते हुए बोली - " ये ये ऐसे कैसे इन सब के चेहरे बनते जा रहे हैं । "

    " अरे उन्हें देखना बंद कर पहले यहां से निकले की सोच । " याम्या ने मेघा को चुप कराते हुए कहा ।

    मेघा ने कहा -" हां तूने सही कहा चल जल्दी से निकलते हैं यहां से । "

    इतना कह कर याम्या और मेघा वहां से फुल स्पीड में भागती हैं । वही उन दोनो को ऐसे भागता देख आस पास के लोग उन्हें ही देख रहे थे । याम्या और मेघा भागते हुए बहुत दूर आ गई थी । अब वह काफी थक गई थी । मेघा एक जगह रुकते हुए हांफते हुए बोली - " बस यार अब नहीं भागा जाएगा मुझसे । "

    मेघा की बात सुन कर याम्या भी रुक जाती हैं और बोली - " हां यार बहुत थक गए । "

    याम्या इतना बोली ही थी कि तभी उसकी नजर अपने सामने गई जहां देख कर उसकी आंखे हैरानी से फटी की फटी रह जाती है । ।

    वही मेघा फुटपाथ पर बैठ जाती है और थकान से अपनी आंखे बंद करते हुए बोली - " पहले तो सिर्फ सुना था कि एक रात में क्या से क्या नहीं हो सकता ।  एक रात में इंसान राजा से रंक और रंक से राजा बन जाता हैं । और आज ये देख भी लिया । कहां हम अपने अपार्टमेंट में मस्त सो रहे थे और कहां सुबह ही भूतों के बीच फंस गए हैं । "

    इतना कह कर मेघा रोने लगती हैं मगर उसकी फूटी किस्मत कि उसकी आंखों से आंसु भी नहीं निकल रहे थे । अपनी आंखों से आंसु न निकलते देख मेघा बोली - " ये आंसु क्यों नहीं निकल रहे । "

    इतना कह कर मेघा अपनी आंखों में आंसु लाने की कोशिश करने लगती हैं कि तभी वह देखती हैं कि याम्या उसकी बातों का कोई जवाब नहीं दे रही है तो वह याम्या को देखती हैं । जो कि कहीं और ही देख रही थी । मेघा याम्या की नजरो का पीछा करती है तो उसकी भी आँखें खुली की खुली रह जाती है । ।



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  • 14. Trap in the novel world - Chapter 14

    Words: 1010

    Estimated Reading Time: 7 min

    इतना कह कर मेघा अपनी आंखों में आंसु लाने की कोशिश करने लगती हैं कि तभी वह देखती हैं कि याम्या उसकी बातों का कोई जवाब नहीं दे रही है तो वह याम्या को देखती हैं । जो कि कहीं और ही देख रही थी । मेघा याम्या की नजरो का पीछा करती है तो उसकी भी आँखें खुली की खुली रह जाती है । ।

    उन दोनो के सामने एक आसमान की ऊंचाई को छूती एक भव्य इमारत थी जिस पर बड़े बड़े अक्षरों में सिंघानिया ग्रुप लिखा हुआ था । मेघा उस इमारत को देखते हुए अपनी जगह से खड़ी होती हैं और याम्या के पास जा कर उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बोली - " मुझे नहीं पता था कि भूत प्रेतों का भी बिजनेस होता है । "

    मेघा की बात सुन कर याम्या ने कहा - " ये कोई भूत प्रेतों की जगह नहीं है । हम यहां नोवेल के अंदर आ गए हैं । "

    याम्या की बात पर मेघा पहले तो  याम्या को देखती है फिर जोर जोर हंसने लगती हैं ।  मेघा को यू पागलों की तरह हंसता देख याम्या उसे कन्फ्यूज हो कर देखते हुए बोली -" लगता हैं इसको सदमा लग गया है । "

    याम्या की बात सुन कर मेघा अपनी आंखे छोटी कर याम्या को देखती है फिर उसके सिर पर मारते हुए बोली - " मुझे सदमा नहीं लगा बल्कि तेरे दिमाग में वो नोबेल घुसी हुई है इसलिए तू ऐसी पागलों जैसी बात कर रही है । "

    " मैं पागलों जैसी बात नहीं कर रही हूं मैं बिल्कुल सच कह रही हूं अगर तुझे मुझ पर विश्वास नहीं है तो ले वो देख । " इतना कह कर याम्या मेघा का मुंह पकड़ दूसरी तरफ घुमा देती हैं ।

    याम्या के इस तरह मुंह घुमाने पर मेघा चिल्लाते हुए बोली - " अरे क्या मेरी गर्दन ही तोड़ कर मानेगी । "

    " अभी गर्दन को छोड़ पहले वो देख । " याम्या  एक बोर्ड की तरफ इशारा करते हुए बोली ।

    मेघा भी उस बोर्ड की तरफ देखती हैं जिधर मेघा ने इशारा किया था । मेघा उस बोर्ड को देख कर पढ़ने लगती हैं ।

    " सिंघानिया ग्रुप ।

    एकाक्ष सिंघानिया द सीईओ ऑफ सिंघानिया ग्रुप । "

    बोर्ड को पढ़ने के बाद मेघा ने कहा - " हां तो इसमें इतना हैरान होने वाली कौन सी बात है । कंपनी का नाम है सिंघानिया ग्रुप और एकाक्ष सिंघानिया इस कंपनी का मालिक है । "

    मेघा की बात सुन कर याम्या मेघा के सिर चट से  मारते हुए बोली - " वो तो मुझे भी पता है लेकिन ये सब कुछ  नोबेल में भी था और यहां पर सब कुछ बिल्कुल सेम है नोबेल से । "

    याम्या के मारने से मेघा अभी अपने सिर को सहला ही रही थी कि याम्या की बात सुन कर वह हैरानी से उस बोर्ड को देखते हुए बोली - " है ऐसा कैसे हो सकता है । "

    " हो सकता है नहीं है हो चुका है । " याम्या ने कहा ।

    मेघा कुछ सोचते हुए बोली -" लेकिन कोई इत्तेफाक भी तो हो सकता है न । और वैसे भी हमें तो ये भी नहीं पता कि हम कहां हैं । "

    " किसी ने सही कहां की तेरी अक्ल घुटनों में है । " याम्या ने कहा ।

    याम्या की बात सुन कर मेघा अपनी बाजुओं को ऊपर कर के भड़कते हुए बोली -" किसने कहा है कि मेरी अक्ल घुटनों मुझे बता फिर मैं बताती हूं अच्छे से उसे की कहां है मेरी अक्ल । "

    याम्या मेघा को शांत कराते हुए बोली -" शांत लेडी भीम शांत वो बस कहावत है । और चल । चल कर पता करते हैं क्या सच है और झूठ । "

    इतना कह कर याम्या मेघा का हाथ पकड़ कर सिंघानिया ग्रुप की तरफ बढ़ने लगती हैं । जो रोड के दूसरी साइड था । वे दोनों रोड क्रॉस करते हैं । और सिंघानिया ग्रुप के एंट्रेंस गेट पर पहुंचती हैं ।

    याम्या वहां खड़े गार्ड से बोली -" भईया ये कौन सी जगह है । "

    याम्या की बात सुन कर वह गार्ड याम्या को अजीब नजरो से देखने लगता है । गार्ड को याम्या की बातो का जवाब न देता देख मेघा ने कहा -" लगता हैं इन्हें हिंदी नहीं आती तो रुक मैं इंग्लिश में पूछती हूं । "

    इतना कह कर फिर मेघा उस गार्ड से इंग्लिश में पूछती है । ।

    " Which place is this?"

    मेघा की बातो पर भी गार्ड कोई जवाब नहीं देता है ।  बस उन दोनो को देखता रहता है । गार्ड को कुछ जवाब न देता देख याम्या मेघा के कान में बोली - " ये तो हिंदी इंग्लिश किसी में भी जवाब नहीं दे रहा है  । कहीं ये गूंगा तो नहीं । "

    याम्या की बात सुन कर मेघा उस गार्ड को ऊपर से नीचे तक देखते हुए याम्या से बोली -" मुझे भी ऐसा ही लगता है ।  तू रुक मैं इससे इशारे में पूछ कर देखती हूं । "

    याम्या भी मेघा की बातो पर हां में सिर हिला देती हैं । ।





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    trap in the novel world । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।

  • 15. Trap in the novel world - Chapter 15

    Words: 1040

    Estimated Reading Time: 7 min

    याम्या की बात सुन कर मेघा उस गार्ड को ऊपर से नीचे तक देखते हुए याम्या से बोली -" मुझे भी ऐसा ही लगता है ।  तू रुक मैं इससे इशारे में पूछ कर देखती हूं । "

    याम्या भी मेघा की बातो पर हां में सिर हिला देती हैं । ।

    फिर मेघा उस गार्ड से इशारे में बाते करने लगती है । वही मेघा को इशारे से बाते करता देख वह गार्ड बोला - " क्या तुम यहां किसी दूसरे गृह से आई हो । "

    गार्ड को बोलता देख कर याम्या और मेघा हैरान होते हुए बोली - " तुम बोल सकते हो । "

    " जी मैडम मै बहुत अच्छे से बोल भी सकते और सुन भी सकते है । " गार्ड ने कहा ।

    गार्ड की बात सुन कर मेघा ने बोली - " जब तुम अच्छे से बोल और सुन सकते हो  तो इतनी देर से गूंगे बनने का नाटक क्यों कर रहे थे । "

    मेघा  की बात सुन कर गार्ड ने कहा - " ओह वो तो मैं ये सोच रहा था कि तुम दोनो कौन से ग्रह से आई हो । "

    गार्ड की बात सुन कर मेघा  खुश होते हुए बोली-" चलो आपने तो हमें पहचाना कि हम यहां के नहीं हैं । हम पृथ्वी ग्रह से है और पता नहीं कि हम यहां अचानक से कैसे आ गए हैं । ये कौन गृह है । "

    मेघा की बात पर वह गार्ड बोला -"  ये तो मंगल ग्रह है । "

    गार्ड की बात सुन कर मेघा हैरान हो जाती है और फिर वह हैरानी से चारों तरफ देखते हुए बोली -" क्या ये मंगल ग्रह है । मंगल ग्रह इतना डेवलप हो गया है । लेकिन पृथ्वी पर तो अभी हमे सिर्फ ये ही बताया गया था कि मंगल ग्रह पर जीवन संभव है या नहीं । इसके लिए टेस्ट चल रहे हैं । "

    " नहीं नहीं उन्होंने आपको गलत बताया होगा यहां तो ये सब कुछ बहुत पहले से ही है आप खुद ही देख लीजिए हम कितने आराम से रह रहे हैं । देखिए हमें सांस लेने में भी कोई प्रोबलेम नहीं है । " गार्ड ने कहा ।

    गार्ड की बात सुन कर मेघा खुशी से लंबी लंबी सांसे लेते हुए बोली -" अरे हां आपने तो बिल्कुल सही कहा । मैं तो सांस बहुत अच्छे से ले पा रही हूं । "

    वही मेघा को पागलों जैसी हरकत करता देख याम्या अपना सिर पीट लेती हैं । वह मेघा को रोकते हुए बोली -" पागल हो गई है क्या ।  वो तुझे उल्लू बना रहे हैं और तू बन रही हैं । "

    याम्या की बात सुन कर मेघा  रुक जाती हैं और उस गार्ड को घूरते हुए बोली -" तुम हमे पागल बना रहे हो । "

    "  शुरुआत तो आपने ही की थी । " गार्ड ने कहा । ।

    गार्ड की बात पर मेघा ने कहा -" हमने कब की । हम तो बस आपसे सीधा सीधा पूछ रहे थे कि ये कौन सी जगह है । "

    " क्या आपको ये इतना बड़ा बड़ा बोर्ड पर लिखा हुआ दिखाई नहीं दे रहा है । " गार्ड ने एक बोर्ड की तरफ इशारा करते हुए कहा । ।

    गार्ड के इशारा करते ही मेघा और याम्या दोनों ही उस बोर्ड की तरफ देखती है । जहां बड़े बड़े अक्षरों में लिखा हुआ था । ।

    " एकाक्ष सिंघानिया द 👑 किंग ऑफ देहरादून । "

    बोर्ड को पढ़ते हुए मेघा ने कहा -" हैं क्या ये सच में हमारा देहरादून है ।  मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है । "

    मेघा की नौटंकी को देख कर वह गार्ड बोला -" देखिए मैडम हमे पता है कि आप यहां क्यों आई हैं । और आपके जैसी और भी बहुत सी लड़कियां यहां ऐसे आती रहती है लेकिन हम आपको पहले ही बता देते है कि आपका यहां आने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि हमारे एकाक्ष सर किसी भी लड़की को देखते तक नहीं है  । और अगर कोई लड़की उनके सामने गलती से आ भी जाती हैं या उन्हें छूने की  कोशिश भी करती हैं तो हमारे एकाक्ष सर उसे इस दुनिया से ही गायब कर देते हैं ।  तो अगर आपको अपनी जान प्यारी है तो यहां से अभी चली जाइए  । इससे पहले कि हमारे सर । "

    गार्ड की बात सुन कर मेघा ने कहा -" हम आपको ऐसी वैसी लड़की लगते हैं क्या ।  और आपका वो एकाक्ष सिंघानिया कोई आसमान से उतरा परा है जो उसके लिए हम गिरे जा रहे हैं कि आओ और हमे अपनी दुल्हन बना लो । "

    " देखिए मैडम हमारे सर के बारे में कुछ न बोलो अगर उन्होंने एक शब्द भी  सुन लिया तो आपके साथ साथ हमारी भी खैर नहीं है इसीलिए आप जाइए यहां से । " गार्ड ने कहा । ।

    इतना कह कर गार्ड फिर  मेघा और याम्या को वहां से बाहर करने लगता हैं ।  याम्या और मेघा गार्ड को रुकने के लिए कहती हैं मगर गार्ड उनकी नहीं सुनता है और उन्हें  कंपनी से दूर कर देता हैं । और फिर गार्ड वहां से जाने लगता है । गार्ड को जाता देख मेघा कुछ कहने के लिए मुंह खोल ही रही थी कि तभी वहां सात आठ काली कार आ कर रूकती हैं । ।








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  • 16. Trap in the novel world - Chapter 16

    Words: 1090

    Estimated Reading Time: 7 min

    इतना कह कर गार्ड फिर  मेघा और याम्या को वहां से बाहर करने लगता हैं ।  याम्या और मेघा गार्ड को रुकने के लिए कहती हैं मगर गार्ड उनकी नहीं सुनता है और उन्हें  कंपनी से दूर कर देता हैं । और फिर गार्ड वहां से जाने लगता है । गार्ड को जाता देख मेघा कुछ कहने के लिए मुंह खोल ही रही थी कि तभी वहां सात आठ काली कार आ कर रूकती हैं । ।

    याम्या और मेघा उन कार को देखने लगती हैं । सभी कार में से ब्लैक यूनिफार्म पहने गार्ड्स बाहर निकलते हैं । सभी गार्ड्स के हाथो में गन थी  और वे सभी गार्ड्स आ कर एक लाइन में खड़े हो जाते है । उन में से एक गार्ड आगे आता है और बीच वाली लग्ज़री कार का दरवाज़ा खोलता हैं ।  दरवाज़ा खुलते ही उस कार में से बेहद ही हैंडसम नौजवान ब्लैक टैक्सीडो पहने बाहर निकलता है । उस नौजवान आदमी को देख कर सभी अपना सिर उसके सम्मान में नीचे झुकाते हैं ।

    वही याम्या और मेघा भी अपनी आंखे बड़ी बड़ी कर हैरानी से उस आदमी को ही देख रही थी जो इस वक्त  किसी हीरो से कम नहीं लग रहा था ।

    मेघा उस आदमी को देखते हुए बोली - " क्या  मस्त एटम है लेकिन ये है कौन । "

    मेघा की बात सुन कर याम्या ने उधर उस आदमी को ही देखते हुए कहा - " एकाक्ष सिंघानिया । "

    याम्या की बात सुन कर मेघा याम्या को देखते हुए अपने सिर पीटते हुए बोली - " ये नोबेल न तेरे दिमाग में घुस गई है । इसलिए जहां देखो तब तुझे वो ही साइको इंसान नजर आता रहता है । "

    याम्या ने कहा - " ऐसा कुछ नहीं है मैं बिल्कुल सही कह रही हूं । इस आदमी पर्सनेलिटी बिल्कुल नोबेल वाले एकाक्ष सिंघानिया से ही मिलती हैं ।  तू मान या न मान लेकिन हम नोबेल में ही हैं । "

    याम्या की बात सुन कर मेघा याम्या को ऐसे देखने लगती है जैसे किसी पागल को देख रही हो ।  वही याम्या उधर कंपनी के अंदर जाते हुए आदमी को देखते हुए बोली -" एकाक्ष सिंघानिया ये अभी जिंदा है इसका मतलब है कि ये अभी तक उस विलेन जैसी हीरोइन से नहीं मिला है । "

    इतना कह कर फिर याम्या खुश होते हुए बोली -" ओह वाओ ये तो बहुत अच्छी बात है । "

    लेकिन इतना कहने के बाद याम्या के चेहरे के एक्सप्रेशन खुशी से परेशानी में बदल जाते है । वह फिर थोड़ा परेशान होते हुए बोली - "  एकाक्ष अगर जिंदा है तो इसका मतलब वो विलेन जैसी हीरोइन भी जिंदा होगी । अगर वो जिंदा होगी तो वो मेरे प्यारे हीरो को फिर से मार देगी । नहीं नहीं मैं ऐसा नहीं होने दे सकती । मुझे कैसे  भी कर के अपने प्यारे हीरो को उस विलेन जैसी हीरोइन से मिलने से रोकना होगा । न दोनों मिलेंगे और न ही मेरा हीरो उस विलेन जैसी हीरोइन के पीछे पड़ेगा और न ही उसकी मौत होगी । हां मुझे ये ही करना होगा । "

    याम्या को खुद से बाते करता देख मेघा उसे अजीब नजरो से देखते हुए बोली -" ओए कहीं तू पागल तो नहीं हो गई या फिर तुझे कोई सदमा वदमा तो नहीं लग गया । देख अगर ऐसा तो अभी बता दें । मैं अभी तुझे किसी मेंटल हॉस्पिटल में भेज दूंगी । वैसे भी मेरे पास अभी एक फूटी कौड़ी नहीं है तेरे इलाज के लिए । "

    मेघा की बात सुन कर याम्या ने कहा -" न ही मैं पागल हु और न ही मुझे कोई सदमा लगा है ।  चल अब जल्दी । "

    इतना कह कर याम्या मेघा का हाथ पकड़ कर उसे सिंघानिया ग्रुप की तरफ ले जाने लगती हैं ।  याम्या को इस तरह भागता देख मेघा ने कहा -" लेकिन हम कहां जा रहे हैं । "

    " जॉब पर । " याम्या ने कहा ।

    याम्या की बात सुन कर मेघा हैरान हो जाती अपनी जगह पर ही रुद्र जाती हैं । और फिर याम्या को देखते हुए बोली -" और हम जॉब कहां करेंगे । "

    " यहां । " याम्या ने सिंघानिया ग्रुप की तरफ इशारा करते हुए कहा । ।

    याम्या को सिंघानिया ग्रुप की तरफ इशारा करता देख मेघा ने खुश होते हुए कहा - " ओह वाओ हम यहां जॉब करेंगे । "

    इतना कह कर फिर मेघा याम्या को घूरते हुए बोली - " यहां जॉब क्या तेरा फूफा दिलाएगा । "

    " मेरा फूफा तो नहीं लेकिन तेरा फूफा तो दिला ही देगा । " याम्या ने  स्माइल करते हुए कहा ।

    याम्या की बात सुन कर मेघा मुंह बनाते हुए बोली -"  मेरा फूफा कहां से दिलाएंगे वो तो पहले ही मेरी बुआ को ले कर फरार हो गया । बताओ यार एक दावत भी ले गया । अरे शादी की न सही कम से कम भगाने की ही पार्टी दे देता । कंजूस फूफा कही का । "

    मेघा की बात सुन कर याम्या अपना सिर न मे हिला देती हैं और फिर याम्या ने कहा -" अपने उस कंजूस फूफा को छोड़ और चल जल्दी हमे  यहां जॉब करनी है । क्योंकि जब तक यहां है तब तक पेट भरने के लिए कुछ तो करना होगा न । "


    याम्या की बात पर मेघा हां में सिर हिला देती है । फिर दोनो सिंघानिया ग्रुप में जाने लगते है । मेघा और याम्या अभी सिंघानिया ग्रुप में जाते कि उससे पहले ही उन्हें वही गार्ड रोक लेता है जिसने उन्हें पहले यहां से बाहर निकाला था । ।





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  • 17. Trap in the novel world - Chapter 17

    Words: 1010

    Estimated Reading Time: 7 min

    याम्या की बात पर मेघा हां में सिर हिला देती है । फिर दोनो सिंघानिया ग्रुप में जाने लगते है । मेघा और याम्या अभी सिंघानिया ग्रुप में जाते कि उससे पहले ही उन्हें वही गार्ड रोक लेता है जिसने उन्हें पहले यहां से बाहर निकाला था । ।

    गार्ड उन दोनो को देखते हुए बोला - " आप दोनो फिर से यहां आ गई देखिए हमने कहां न कि हमारे सर किसी भी लड़की में कोई इंट्रेस्ट नहीं दिखाते तो आप समझती क्यों नहीं है ।  "

    " हम यहां आपके सर पर डोरे डालने नहीं आए बल्कि हम तो यहां इंटरव्यू के लिए आए हैं । " याम्या ने कहा ।

    याम्या की बात सुन कर गार्ड याम्या और मेघा को ऊपर से नीचे तक देखते हुए बोला -" अच्छा तो आप यहां इंटरव्यू देने आए हैं । "

    गार्ड के सवाल पर याम्या और मेघा हां में सिर हिला देती हैं । तो गार्ड ने कहा -" अगर आप यहां इंटरव्यू देने आई है तो फिर आपके डॉक्यूमेंट कहां है । "

    गार्ड की बात सुन कर याम्या और मेघा अपने हाथो को देखती हैं जो कि खाली थे फिर वह अपने आप को देखती हैं दोनों ही नाइट ड्रेस में थी । दोनों ही एक दूसरे को देख कर समझ जाती है कि गलती कहां है ।

    मेघा  अंजान बनते हुए याम्या से बोली - " अरे हां यार हमारे डॉक्यूमेंट कहां गए । कहीं तूने गिरा तो दिए । "

    " नहीं मैने तो नहीं गिराया तू ही कहीं पर गिरा कर आई होगी । " याम्या ने कहा ।

    याम्या की बात सुन कर मेघा अपनी कमर पर हाथ रख कर याम्या को घूरते हुए बोली - " तू कहना क्या चाहती है कि मैं लापरवाह हूं । जिसे अपनी किसी भी चीज का ध्यान नहीं रहता और वो कहीं भी ऐसे ही अपनी चीजें यहां वहां गिराती रहती है । "

    मेघा की बात सुन कर याम्या ने कहा - " मैने तो ऐसा कुछ नहीं कहा लेकिन अगर तुझे ऐसा लगता हैं तो सही ही लगता होगा । "

    याम्या और मेघा को इस तरह लड़ता देख गार्ड उन दोनो को वहां से जाने के लिए बोलते हुए बोला -"  देखिए मैडम आप दोनो कहीं और जा कर लड़ाई कीजिए यहां यू कंपनी के सामने ड्रामा क्रिएट न कीजिए । "

    गार्ड की बात सुन कर मेघा ने कहा - " मैं ड्रामा क्रिएट रही हूं ।  ___ मैं,  अरे ड्रामा तो ये क्रिएट कर रही है मुझ पर इस तरह इल्ज़ाम लगा कर । "

    " ओह मैं इल्ज़ाम लगा रही हूं ।  मैं इल्ज़ाम नही बल्कि हक़ीक़त बता रही हूं । " याम्या ने मेघा की बात पर चढ़ते हुए कहा ।

      ऐसे ही दोनों फिर लड़ने लगते है । वही गार्ड उन दोनो को शांत कराने लगते हैं लेकिन उल्टा याम्या और मेघा का झगड़ा बढ़ जाता हैं और इतना की बात हाथा पाई पर आ जाती है । कभी मेघा याम्या को मारती तो कभी याम्या मेघा को दोनों ऐसे ही लड़ रही थी और गार्ड बेचारा उन दोनो के बीच पिस रहा था । याम्या और मेघा जब देखते हैं कि गार्ड थक गया है तो  याम्या मेघा को मार कर  उस गार्ड को चकमा दे कर जल्दी से कंपनी के अंदर घुस जाती हैं ।

    वही याम्या के पीछे पीछे मेघा भी याम्या पर गुस्सा करते हुए कंपनी में अंदर घुस जाती हैं । वही गार्ड बेचारा उनके जाते ही एक लंबी सास लेते हुए बोला - " चलो बला टली वरना पता नहीं और कितनी देर उन दोनो को बर्दाश्त करना पड़ता । "

    गार्ड वापस से अपनी जगह पर आ कर खड़ा हो जाता हैं उसे पता ही नहीं चलता कि मेघा और याम्या उसे चकमा दे कर कंपनी में घुस गई है ।

    वही कंपनी के अंदर पहुंच कर याम्या और मेघा एक पिलर के पीछे छिप कर लंबी लंबी सांसे लेने लगती हैं ।

    मेघा हांफते हुए याम्या से बोली - " उस गार्ड को तो पागल बना कर हम कंपनी में घूस आए लेकिन हमें जॉब कैसे मिलेगी यहां । "

    मेघा की बात सुन कर याम्या ने कहा - " तू उसकी चिंता न कर उसका भी इलाज है मेरे पास बस तू मेरे साथ चलती जा । "



    वही दूसरी तरफ । ।


    डिजाइनिंग डिपार्टमेंट में । । ।


    एक लड़की टेबल पर सिर रख कर सो रही होती है । तभी उसके बराबर में बैठी उसकी कॉलिंग उसे उठाते हुए बोली -" हे समायरा उठो ये सोने का वक्त नहीं है । कुछ देर में मीटिंग शुरू होने वाली है । हमे वहां टाइम से पहले जाना होगा । वरना सर का गुस्सा हम पर फूटेगा । "

    अपने कोलिंग की बात सुन कर वह लडकी अपनी आंखे खोलती हैं और अंगड़ाई लेते हुए इधर उधर देखते हुए बोली है३" मैं कहां हूं । क्या ये स्वर्ग है । "

    समायरा की बात सुन कर उसकी कॉलिंग उसे अजीब नजरो से देखने लगती हैं । जैसे कि वो किसी पागल को देख रही हो ।  वही उस कोलिंग को अपनी तरफ यू देखता देख समायरा कन्फ्यूज होते हुए बोली - " क्या हुआ । "





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  • 18. Trap in to the novel world - Chapter 18

    Words: 1190

    Estimated Reading Time: 8 min

    समायरा की बात सुन कर उसकी कॉलिंग उसे अजीब नजरो से देखने लगती हैं । जैसे कि वो किसी पागल को देख रही हो ।  वही उस कोलिंग को अपनी तरफ यू देखता देख समायरा कन्फ्यूज होते हुए बोली - " क्या हुआ । "

    कोलिंग ने कहा - " क्या तुम सुबह सुबह चढ़ा कर आई हो । "

    " मतलब । " कलिग की बात को सुन कर समायरा कन्फ्यूज होते हुए बोली । ।

    कलिग ने कहा - " ध्यान से देखो कि तुम कहां हो । "

    कलिग की बात सुन कर समायरा अपनी गर्दन को इधर उधर घुमा कर देखने लगती है तो वह हैरान हो जाती हैं । वह जल्दी से अपने फोन निकाल उस में डेट देखती हैं तो वह और भी हैरान हो जाती है । समायरा को कुछ समझ नहीं आ रहा कि उसके साथ किया हुआ है । समायरा खुद को नोच कर देखती है तो उसे दर्द होता है । समायरा उस जगह को सहलाते हुए बोली - " इसका मतलब मेरा सच  में दोबारा जन्म हुआ है । मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि मेरा रिबार्थ हुआ है । और तारीख भी वही है  । "

    इतना कह कर समायरा खुश हो जाती हैं और वह फिर खुद से ही बोली - " अगर भगवान ने मुझे दोबारा मौका दिया है तो अब मैं वो गलती नहीं करूंगी जो मैने पहले की थी । अब मैं उस  अभ्यांत खुराना की बातो में नहीं आऊंगी उससे दूर रहूंगी । "

    इतना कह कर फिर समायरा के चेहरे पर नफरत के भाव आ जाते है । समायरा बेहद ही नफरत से बोली - " और उस एकाक्ष सिंघानिया से भी । उसने मुझे मेरी मां के नाम ब्लैकमेल कर के मुझे कैद कर किया था और मुझे मेरी जिस्म तक का सौदा भी उससे करना पड़ा था लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं होगा । इस बार न तो मैं उसके केबिन में जाऊंगी और न ही उस साइको इंसान की नजर मुझ पर जाएगी । और न ही वो सनकी इंसान मेरे पीछे पड़ेगा । हां अब मैं ऐसा ही करूंगी । "
    इतना कह कर समायरा खुश होने लगती हैं । ।


    वही कंपनी के दूसरी तरफ । । ।


    मेघा और याम्या गार्ड से बचते हुए कंपनी के अंदर घुस गए थे ।  और वॉशरूम में आ कर दोनों छुप गए थे ।

    मेघा याम्या से बोली -" कंपनी के अंदर तो आ गए लेकिन अब यहां इंटरव्यू कैसे देंगे क्योंकि डॉक्यूमेंट तो हमारे पास है नहीं और सबसे बड़ी बात कि हम अपने कपड़ों का क्या करेंगे क्योंकि नाइट ड्रेस में कोई भी हमे जॉब पर नहीं रखने वाला । "

    मेघा की बात सुन याम्या ने कहा -"  कपड़ों की तू चिंता न कर उसका इंतजाम है मेरे पास बस तू इंटरव्यू पर ध्यान दे । "

    " तेरे पास कपड़े हैं । " मेघा ने कहा । ।

    याम्या ने कहा -" मेरे पास नहीं है लेकिन इस कंपनी में एक ड्रेस सेक्शन है वो एम्पलाइज के लिए होता है तो हम वहां से ड्रेस चुरा सकते है । "

    " अच्छा चल फिर तो हमे जल्दी करना होगा । " मेघा ने कहा ।

    याम्या अपना सिर हां मे हिलाते हुए बोली -" लेकिन उससे पहले हमे ये कपड़े बदलने होगे जिससे कि हम यहां एम्पलाइज की नजरो में न आए । "

    "  तो क्या अब हमे मिस्टर इंडिया बनना पड़ेगा । लेकिन यार मेरे पास तो कोई जादुई शक्ति ही नहीं है । " मेघा परेशान होते हुए बोली । ।

    मेघा की बात सुन कर याम्या अपना सिर पीट लेती हैं । फिर याम्या मेघा के सिर पर मारते हुए बोली - " मिस्टर इंडिया तेरा मामा लगता हैं जो बोल रही हैं कि शक्ति नहीं हैं  गायब होने वाली । "

    " अरे मामा नहीं लगता है तभी तो बोला कि गायब होने वाली शक्ति नहीं है मेरे पास । " मेघा ने कहा ।

    मेघा की बात पर याम्या ने कहा -" तो क्या मेरा मामा लगता है जो मेरे पास शक्तियां होगी । "

    " तूने कभी बताया नहीं कि नानी का अफेयर था । " मेघा याम्या के कंधे पर हाथ रखते हुए बोली ।

    याम्या मेघा को घूर कर देखती हैं और फिर उसके हाथ को अपने कंधे से झटकते हुए बोली - " पागल औरत मैं कपड़े बदलने की बात कर रही हूं । "

    " ओह अच्छा तो ये बोल न । " मेघा ने कहा । ।

    मेघा की बात पर याम्या भड़कते हुए बोली - " मैं तो ये ही बोल रही थी तू ही पता नहीं क्या क्या और कहां तक सोच रही थी । "

    मेघा याम्या को शांत कराते हुए बोली - " अच्छा अच्छा ठीक है अब शांत हो जा और बता कि हम बाहर कैसे जाएंगे । "

    मेघा की बात सुन कर याम्या मेघा को एक तरफ इशारा करते हुए बोली - " हम वो पहन कर बाहर निकलेंगे । "

    याम्या की बात सुन कर मेघा उधर देखती हैं जिधर याम्या ने इशारा किया था तो उसकी नजर कुछ ट्रैक सूट पर जाती है । मेघा उन ट्रैक सूट को देखते हुए बोली - " ओह वाओ एम्पलाइज को फिट रखने के एक्सर्साइज करने के उन के ट्रैक सूट भी हैं यहां । ये तो काफी अच्छी कंपनी है एम्पलाइज का कितना ध्यान रखती है । "

    " वो सफाई कर्मचारी के कपड़े है । " याम्या ने कहा । ।

    याम्या की बात सुन कर मेघा याम्या को देखते हुए बोली - " है सच में । "

    याम्या हां में सिर हिला देती है तो मेघा उस ट्रैक सूट के पास जा कर उसे देखते हुए हैरान होते हुए बोली - " वाह यार इन्होंने तो क्लीनिंग स्टाफ के लिए कितनी अच्छी यूनिफार्म रखी है । "

    इतना कह कर मेघा उस यूनिफार्म को पहन लेती है । और फिर उस यूनिफार्म को छूते हुए खुश हो कर बोली -" देख यार इसका कपड़ा भी कितना मुलायम है और आराम दायक है । "

    मेघा की बात सुन कर याम्या अपना सिर हां में हिला देती है और फिर वह भी उस सूट को पहन लेती है और फिर दोनो वॉशरूम से बाहर निकल जाती हैं । ।


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    क्या होगा आगे । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।


    जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।


    trap in to the novel world । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।

  • 19. Trap in to the novel world - Chapter 19

    Words: 1210

    Estimated Reading Time: 8 min

    मेघा की बात सुन कर याम्या अपना सिर हां में हिला देती है और फिर वह भी उस सूट को पहन लेती है और फिर दोनो वॉशरूम से बाहर निकल जाती हैं । । । ।

    याम्या और मेघा पहले इधर उधर देखती हैं कि कहीं उन्हें कोई पहचान तो नहीं रहा है । जब वे दोनों पूरी तरह से संतुष्ट हो जाती है कि कोई भी उन्हें नहीं पहचान रहा है तो फिर वे दोनों स्टाफ लिफ्ट के अंदर चली जाती है ।  लिफ्ट में मेघा और याम्या ही थी । । ।

    मेघा याम्या से बोली - " लिफ्ट में तो आ गए अब । "

    " अरे रुक जा न मैं सोच रही हूं कि नोबेल में कौन से फ्लोर पर डिजाइन डिपार्टमेंट था क्योंकि सारी ड्रेस वही पर रखी जाती हैं । " इतना कह कर याम्या फिर डिजाइनिंग डिपार्टमेंट का फ्लोर नंबर याद करने लगती हैं ।

    कुछ देर याद करने के बाद याम्या खुशी से बोली -" हां याद आ गया । "

    इतना कह कर याम्या ने लिफ्ट के इक्कीस नंबर के बटन को दबा देती हैं । कुछ ही देर में लिफ्ट   इक्कीस वे माले पर आ कर खुलती हैं । मेघा और याम्या लिफ्ट से बाहर निकलती हैं और सफाई करने के बहाने से डिजाइनिंग डिपार्टमेंट के अंदर चली जाती हैं । । ।



    वही दूसरी तरफ । । । । ।


    बीस वे फ्लोर पर बहुत गरमा गर्मी का माहौल था । सभी लोगों के चेहरे पर डर था ।

    एकाक्ष कुछ पेपर को हवा में उड़ा कर  गुस्से से  बोला - "  किस बात की सैलरी मिलती है तुम लोगो को कि ये इन्हीं बेकार से डिजाइन की । क्या ये ही है तुम लोगो की पिछले तीन महीनों की मेहनत । क्या ये डिजाइन दिखाओ तुम फैशन शो । बोलो जवाब दो । "

    एकाक्ष  के गुस्से को देख कर वहां खड़े सभी एम्पलाइज  घबराने लगे । किसी में भी हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह आगे जा कर एकाक्ष की बातो का जबाव दे सके । वही एकाक्ष अपनी गुस्से से भरी आंखों से सभी को घूर रहा था । । ।

    किसी को जवाब न देता देख एकाक्ष अपने असिस्टेंट से बोला - " अहम । "

    एकाक्ष के अहम कहते ही एक लड़का जिसने अपनी आंखों पर मोटे लेंस का चश्मा लगा रखा था वह जल्दी से आगे आता है  और अपना सिर झुका कर बोला - " जी सर । "

    " यहां जितने भी लोग है इन्हें अभी के अभी फायर कर दो और नए एम्पलाइज को हायर करो । " एकाक्ष सभी लोगों को गुस्से से देखते हुए बोला । ।

    एकाक्ष की बात सुन कर सभी एम्पलाइज शॉक्ड हो जाते हैं और वे सभी एकाक्ष के आगे गिड़गिड़ाते हुए बोले - " प्लीज सर हमे फायर मत कीजिए हम और मेहनत करेंगे और अच्छी डिजाइन रेडी करेंगे प्लीज सर हमे नौकरी से मत निकालिए । "

    मगर एकाक्ष को उन लोगो के गिड़गिड़ाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है वह अपनी चेयर पर बैठ कर सिगरेट के कश लेने लगता है । ।



    वही इक्कीस वे माले पर । । । ।


    मेघा और याम्या अपनी आंखे बड़ी बड़ी कर के चारों तरफ हैरानी से देख रही थी ।  मेघा ने कहा - " यार मुझे नहीं पता था कि नोबेल वर्ल्ड में इतनी मस्त मस्त ड्रेस भी मिलती है । सारी की सारी एक से बढ़ कर एक है । मन तो करता है कि सारी ही अपने साथ ले जाऊं । "

    मेघा की बात सुन कर याम्या ने कहा - " हां ले जाएंगे लेकिन अभी एक ड्रेस सलेक्ट और जल्दी निकल यहां से इससे पहले कि कोई यहां आ जाए और हमें देख ले । "

    मेघा हां में सिर हिला देती हैं फिर दोनों जल्दी से एक  एक ड्रेस को निकाल कर पहन लेती हैं । और वहां से निकल जाती हैं ।

    मेघा और याम्या जैसे ही वहां से बाहर निकलती हैं तो तभी एक आदमी चिल्लाते हुए बोला - " तुम दोनो रुक जाओ वही पर । "

    चिल्लाने की आवाज को सुन कर मेघा और याम्या सामने देखती है तो उनके सामने वहीं गार्ड खड़ा था जिसने उन्हें कंपनी के बाहर रोका था । गार्ड को देख कर याम्या मेघा के कंधे पर हाथ मारते हुए बोली - "   मेघु भाग । "

    इतना कह कर मेघा और याम्या वहां से जल्दी भागने लगते हैं । वही उन दोनो को भागता देख गार्ड भी उनके पीछे भागने लगता हैं । ।


    वहीं एकाक्ष मीटिंग रूम से निकल कर अपने केबिन में जाने के लिए अपनी पर्सनल लिफ्ट की तरफ जाने लगता है ।   याम्या और मेघा भी भागते हुए उधर ही आ रही थी ।

    याम्या मेघा से बोली - " तू सीधे फिफ्थ फ्लोर पर जा कर इंटरव्यू दे ।  मैं तब तक उस गार्ड अंकल का ध्यान भटकाती हूं । "

    " ठीक है । " मेघा ने कहा और फिर मेघा स्टाफ लिफ्ट से सीधे फिफ्थ फ्लोर पर चली जाती हैं ।

    वही याम्या गार्ड को चकमा देने के लिए अपना चेहरे पर मास्क लगा लेती हैं जिससे सिर्फ उसकी आंखे ही दिखाई दे रही थी ।  याम्या वहां से जाती कि तभी उसकी नजर एकाक्ष पर जाती हैं । एकाक्ष को देख कर याम्या की आंखो में चमक आ जाती है वह खुश होते हुए बोली - " मेरा हैंडसम हीरो । "

    याम्या अभी एकाक्ष को देख खुश हो ही रही थी कि तभी उसकी नजर समायरा पर जाती हैं जो उधर ही आ रही थी । समायरा को देख कर याम्या का मुंह बन जाता हैं ।  फिर याम्या एकाक्ष की तरफ देखते हुए खुद से बोली - " ये विलेन जैसी हीरोइन मेरे हीरो की ही तरफ बढ़ रही है । अरे नहीं ऐसा नहीं हो सकता मुझे इन दोनो को मिलने नहीं देना मुझे कैसे भी कर इन्हें रोकना होगा वरना इनकी तो लव रिवेंज स्टोरी फिर से शुरू हो जाएगी  और मेरे हीरो की मौत हो जाएगी । नहीं नहीं याम्या तुझे रोकना होगा इन्हें एक दूसरे के सामने आने से ।  सोच जल्दी याम्या कुछ सोच । "

    वही समायरा का ध्यान एक फाइल पर था जिस वजह से उसे नहीं पता था कि  उससे कुछ दूरी पर एकाक्ष खड़ा है । समायरा हर एक कदम से याम्या की सांसे घबराहट से तेज हो रही थी । ।






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  • 20. Trap in to the novel world - Chapter 20

    Words: 1030

    Estimated Reading Time: 7 min

    वही समायरा का ध्यान एक फाइल पर था जिस वजह से उसे नहीं पता था कि  उससे कुछ दूरी पर एकाक्ष खड़ा है । समायरा हर एक कदम से याम्या की सांसे घबराहट से तेज हो रही थी ।

    समायरा एकाक्ष के पास आ पाती या एकाक्ष समायरा को देख पाता उससे पहले ही याम्या तेजी से भागते हुए  एकाक्ष की तरफ आती हैं लेकिन तभी याम्या का पैर उसके दूसरे पैर में फंस जाता हैं जिससे कि एकाक्ष को धक्का लग जाता हैं । और एकाक्ष सीधे जा कर मुंह के बल लिफ्ट के अंदर गिरता है और याम्या उसके ऊपर  जा गिरती हैं । लिफ्ट बंद हो जाती हैं ।

    एकाक्ष जिसे कुछ समझ नहीं आया था कि उसके साथ अभी क्या हुआ  ।

    वही याम्या एकाक्ष के ऊपर गिरे हुए ही खुद को अच्छे से देखते हुए बोली - " आह चलो शुक्र है कि चोट नहीं आई । "

    तभी उसकी नजर अपने नीचे गिरे हुए एकाक्ष पर जाती हैं । एकाक्ष को देख कर पहले तो याम्या खुश हो जाती है कि वो अपने फेवरेट हैंडसम हीरो को इतने पास से देख रही हैं लेकिन जब उसे एहसास होता है कि वह अभी नोबेल में है और इस वक्त जो उसका हैंडसम हीरो है वह गुस्से में शैतान बना हुआ है तो उसकी आंखे डर और हैरानी से बाहर आने को होती हैं ।


    वही एकाक्ष अपने होश में आता है और जब उसे एहसास होता है कि कोई उसके ऊपर है तो उसकी आंखे गुस्से से भर जाती हैं  ।  एकाक्ष गुस्से से बोला - " who the hell are you. और तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई मुझे इस तरह धक्का देने की । "


    याम्या जो अभी भी सदमे में थी । एकाक्ष की बात सुन कर वह अपने होश में आती हैं और खुद से ही घबराते हुए बोली -" ले याम्या फेल गया रायता कहां तू अपने इस हैंडसम हीरो को मौत से बचाने आई थी लेकिन अब ये तेरा हैंडसम हीरो तुझे ही मौत घाट उतार देगा । "

    याम्या को खुद से ही बाते करता देख एकाक्ष फिर से गुस्से में बोला -"  मेरे ऊपर से खुद से ही हटोगी या फिर मैं तुम्हे धक्का दे कर हटाऊ । "

    एकाक्ष की बात सुन कर याम्या घबराते हुए खुद से ही बड़बड़ाते हुए बोली -" अब क्या करेगी तू याम्या आज तो तू गई काम से । जल्दी कुछ सोच इससे पहले कि  तेरा ये हैंडसम हीरो तुझे यमराज के पास भेज दे । "

    याम्या को अपने ऊपर से उठता न देख एकाक्ष गुस्से से पलटने लगता हैं कि तभी लिफ्ट खुल जाती हैं । लिफ्ट को खुलता देख याम्या चीते की तेजी से उठती हैं और जल्दी से लिफ्ट से बाहर भाग जाती है ।

    वही एकाक्ष जो अभी भी जमीन पर लेटा हुआ था वह याम्या को भागता देख जल्दी से उठता है और उस के पीछे जाने लगता है लेकिन कुछ दूरी पर जा कर वह रुक जाता है क्योंकि अब उसे वहां याम्या तो क्या उसकी परछाई तक नहीं दिख रही थी । एकाक्ष इधर उधर गुस्से से देखने लगता है लेकिन उसे याम्या कहीं भी दिखाई नहीं देती हैं ।

    एकाक्ष को इधर उधर गुस्से देखता देख अहम एकाक्ष के पास आता है और अपना सिर झुका कर एकाक्ष से बोला - " आप क्या देख रहे सर । "

    अहम की बात सुन कर एकाक्ष इधर उधर याम्या को देखते हुए बोला - " वो लड़की । "

    एकाक्ष के मुंह से लड़की का जिक्र सुन कर अहम हैरान हो जाता हैं क्योंकि आज तक कभी भी एकाक्ष किसी लड़की के पास  जाना तो दूर उनसे सीधे मुंह बात तक नहीं करता तो फिर आज वो एक लडकी को ढूंढ रहा है वो इतना डेस्परेट हो कर ये अहम के लिए सदमे की बात थी ।

    अहम थोड़ा झिझकते हुए बोला - " कौन सी लड़की सर । "

    अहम की बात एकाक्ष बोला - "  पता नहीं कौन थी मैने उसका चेहरा नहीं देखा । "

    इतना कह कर फिर एकाक्ष अहम से बोला - "  कुछ देर पहले की पूरी कंपनी की सीसीटीवी फुटैज चेक करो और पता लगाओ कि वो लड़की कौन थी । "

    एकाक्ष की बात पर अहम जी सर कहता है तो फिर एकाक्ष वहां से चला जाता हैं । एकाक्ष के जाने के बाद अहम भी सारी सीसीटीवी फुटेज चेक करने के लिए चला जाता हैं ।

    वही एक पेड़ के पीछे से एक सिर बाहर निकल कर आता है और वह एकाक्ष को जाते हुए देखते हुए खुद से बोला - " याम्या बेटा अच्छा हुआ तूने नोबेल अच्छे से पढ़ रखी थी  इसीलिए तूने पहले ही सारे सीसीटीवी फुटैज डिलीट कर दिया वरना आज तो तू पकड़ी जाती । "

    फिर याम्या थोड़ा रुक कर बोली -" वैसे ये मेघा कहां है । क्या अभी तक इसका इंटरव्यू खत्म नहीं हुआ । "

    इतना कह कर फिर याम्या दबे पैर वहां से मेघा के पास जाने लगती हैं । ।



    वही सिक्योरिटी रूम में । ।



    अहम डर और हैरानी से अपने सामने चल रही बड़ी सी स्क्रीन पर एक वीडियो को देख रहा था । उस वीडियो को देखते हुए अहम अपने चेहरे पर आए पसीने को पोंछते हुए बोला - " ये सब क्या है । "









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