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" रहस्यमय किताब "

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सोफिया और एरियाना बचपन से एक-दूसरे की जान हैं — एक बुद्धिमान और चतुर दिमाग वाली, तो दूसरी अनुपम सुंदरता की मूरत। दोनों की दोस्ती का आधार है एक-दूसरे के प्रति अटूट विश्वास और रहस्यमय जगहों को खोजने का जुनून। एक दिन एरियाना के दादाजी की पुरानी पुस्त...

Total Chapters (5)

Page 1 of 1

  • 1. " रहस्यमय किताब " - Chapter 1

    Words: 1283

    Estimated Reading Time: 8 min

    Chapter 1 – “रहस्यमयी किताब” शहर की सुबह आज कुछ अलग थी। हवा में हल्की ठंडक थी, पर Ariana और Sophia के घरों में एक अजीब-सी बेचैनी फैली हुई थी। दोनों बचपन से एक ही गली में पली-बढ़ी थीं —

    मगर स्वभाव, सोच और दुनिया को देखने का नज़रिया, बिल्कुल अलग। Sophia तेज दिमाग वाली, हर मुश्किल में हल ढूंढ लेने वाली।

    Ariana दिल से जीने वाली,, hot, sexy, बहुत ही खूबसूरत और निडर। Sophia का चेहरा सादगी से भरा था, तो Ariana की आँखों में वो चमक थी जो हर किसी का ध्यान खींच ले ।

    पर दोनों की दोस्ती कुछ ऐसी थी, जिसे ना वक्त बदल पाया, ना फासले। एक-दूसरे की हँसी में खुशी, और एक-दूसरे के डर में सुकून खोज लेना —

    यही उनकी पहचान थी। ---

    उस दिन Ariana अपने दादाजी की पुरानी लाइब्रेरी में थी। पुरानी लकड़ी की अलमारियाँ, धूल जमी किताबें, और दीवारों पर लटके पुराने नक्शे —

    सब कुछ जैसे बीते ज़माने की कहानी सुना रहे थे।

    “यार Sophia, दादाजी को अजीबो-गरीब चीज़ें रखने का बहुत शौक था,” Ariana ने हँसते हुए कहा।

    Sophia ने मुस्कराते हुए जवाब दिया, “हर पुरानी चीज़ में कोई राज़ छिपा होता है, बस देखने की नज़र चाहिए।”

    इतना कहते ही ऊपर की शेल्फ से एक भारी किताब नीचे गिरी। कवर पर सुनहरी अक्षरों में लिखा था —

    “The Hidden Castle of Shadows.”

    लिखावट कुछ ऐसी थी जैसे किसी ने नुकीले औज़ार से उकेरी हो। Ariana ने उत्सुकता से कहा,

    “Wow… सुनने में ही mysterious लग रही है।” Sophia ने धीरे से किताब खोली —

    अंदर कुछ नक्शे, अजीब प्रतीक और एक पुराने जंगल का ज़िक्र था —

    Blackwood Jungle। किताब के अंत में लिखा था: > “जो इस राह पर निकलेगा, वो या तो दुनिया बदल देगा… या खुद बदल जाएगा।” Ariana की आँखों में चमक आ गई,

    “OMG Sophia!

    चलो इस जगह को ढूँढते हैं, adventure के बिना life boring लगती है।” Sophia ने गहरी साँस ली —

    “तू हमेशा पागलपन के ideas लेकर आती है… पर ठीक है, इस बार भी चल।” दोनों हँस पड़ीं —
    और शायद किस्मत भी मुस्करा उठी, क्योंकि उनका ये फैसला उनकी ज़िंदगी बदलने वाला था। ---

    अगली सुबह उन्होंने अपना mini backpack तैयार किया —

    पानी, कैमरा, torch, compass, और वही रहस्यमयी किताब। Ariana ने mirror के सामने खड़े होकर कहा,

    “Ready for the adventure queen look!”

    Sophia ने चुटकी ली, “बस makeup से ज़्यादा brains साथ ले चल।” गाड़ी से दोनों शहर के किनारे पहुँचीं — जहाँ से जंगल शुरू होता था।

    Blackwood Jungle नाम ही डर पैदा करने के लिए काफी था। पेड़ों की शाखाएँ इतनी घनी थीं कि सूरज की रोशनी भी नीचे नहीं पहुँच पाती थी।

    हवा में अजीब सी ठंडक और मिट्टी की गंध थी। कहीं दूर किसी जानवर की चीख सुनाई दी, और माहौल एक पल में डरावना हो गया।

    “Yeh horror movie start hone wali vibe hai,”

    Ariana ने हँसते हुए कहा। Sophia बोली, “बस background music missing है।”

    दोनों हँसी, पर हँसी ज़्यादा देर तक टिक न सकी। अचानक हवा का झोंका चला और किताब उनके बैग से गिर गई। Sophia चौंकी —

    “Ye तो अंदर थी!” Ariana ने किताब उठाई, पर ये अपने आप खुल गई। नए पन्ने पर लिखा था — >

    “दो रूहों ने सफर शुरू कर दिया है… अब रास्ता उन्हें खुद दिखाएगा।” Sophia के चेहरे से हँसी गायब हो गई। “किताब खुद खुली… और ये लिखा भी खुद से।”

    Ariana हँसने की कोशिश करती रही, “शायद हवा से पन्ना पलट गया होगा…” पर अंदर से वो भी असहज थी। दोनों आगे बढ़ीं — रास्ता और घना होता जा रहा था।

    पेड़ों की शाखाएँ ऐसे लटक रही थीं जैसे किसी ने जानबूझकर जाल बुन दिया हो। हर कदम पर पत्तों की सरसराहट गूंजती थी, पर जब वे रुकतीं —

    तो आवाज़ें भी रुक जातीं। Sophia ने फुसफुसाया, “Ariana… क्या तुझे भी लग रहा है कोई हमें देख रहा है?” Ariana बोली, “शायद… या फिर imagination है।”

    कुछ देर बाद उन्हें एक टूटा हुआ पत्थर का गेट दिखा। उस पर उकेरा था —

    “Castle of Vareen.”

    यानी वही नाम जो किताब में था। Ariana ने उत्साहित होकर कहा, “यानी किताब सच थी!” Sophia बोली, “मतलब ये जगह वाकई मौजूद है…”

    गेट के पार घना अंधेरा था। जमीन पर धुंध सी फैल रही थी, और दूर कहीं किसी दीपक जैसी हल्की रोशनी चमक रही थी। Ariana ने मुस्कराते हुए कहा,

    “Adventure ke bina life boring hai, baby. Let’s go!”

    Sophia ने कहा, “ठीक है, लेकिन अगर कुछ गलत हुआ, तो ज़िम्मेदारी तेरी।”
    दोनों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़ा और गेट पार किया। अंदर का माहौल ठंडा और भारी था।

    कहीं से एक पुरानी दीवार गिरने की आवाज़ आई, और हवा में धूल के साथ किसी पुरानी गंध का अहसास। महल बिल्कुल वैसा ही था जैसा किताब में लिखा था —

    टूटी दीवारें, झूलते झूमर, और फर्श पर पुराने पैरों के निशान। जैसे कोई अभी-अभी गुज़रा हो। Sophia ने कहा, “ये सब… ऐसा लगता है जैसे कोई हमें देख रहा हो।”

    Ariana बोली, “या शायद कोई पहले से यहाँ है।” उसी पल पीछे से दरवाज़ा “धड़ाम” से बंद हो गया। दोनों चौंक पड़ीं। Ariana ने डरते हुए पुकारा —

    “कौन है वहाँ?” पर जवाब में सिर्फ गूँज मिली —
    “हूँ… हूँ…”
    Sophia ने काँपते हुए torch उठाई और दीवारों पर रोशनी डाली। पुराने चित्र लटके थे —
    हर चित्र में किसी महिला का चेहरा, पर एक बात अजीब थी —

    हर पेंटिंग की आँखें जैसे उनके साथ घूम रही थीं। Ariana ने डरते हुए कहा,

    “Sophia… मुझे लग रहा है ये पेंटिंग हमें देख रही हैं।” Sophia बोली, “हो सकता है ये optical illusion हो… या शायद…”

    वो रुक गई। “या शायद?” Ariana ने पूछा। Sophia ने धीमी आवाज़ में कहा, “या शायद… यहाँ कोई और है।” कमरे में सन्नाटा छा गया। अचानक ऊपर की मंज़िल से कदमों की आहट आई —

    धीरे-धीरे नीचे आती हुई… फिर रुक गई।

    Ariana ने फुसफुसाया, “क्या तूने भी सुना?” Sophia ने सिर हिलाया, “हाँ… और जो भी है, वो हमें देखने नहीं चाहता।”

    दोनों एक-दूसरे को देखती रहीं। Ariana ने धीरे से कहा, “चलो ऊपर चलते हैं।” Sophia बोली, “अगर ये trap हुआ तो?” Ariana हँसी — “फिर भी,

    adventure तो यही है न?” वे सीढ़ियाँ चढ़ने लगीं। हर कदम के साथ लकड़ी की सीढ़ियाँ चर्र-चर्र की आवाज़ कर रही थीं। ऊपर पहुँचकर उन्हें एक कमरा दिखा —

    दरवाज़ा थोड़ा खुला था, अंदर हल्की नीली रोशनी झिलमिला रही थी। Sophia ने दरवाज़ा खोला — अंदर सिर्फ एक मोमबत्ती जल रही थी, और उसके पास ज़मीन पर वही किताब रखी थी। Ariana बोली, “ये कैसे? ये तो मेरे बैग में थी…”

    Sophia के होंठ सूख गए, “मतलब कोई… हमें रास्ता दिखा रहा है।” किताब अपने आप खुली, और इस बार लिखा था — > “तुम अकेली नहीं हो… वो भी यहाँ हैं।”

    Ariana ने डरते हुए पूछा, “कौन ‘वो’?” पर कमरे में सिर्फ हवा थी, और दूर से आती कोई हल्की सी हँसी — जो धीरे-धीरे गूँज में बदल गई। Sophia ने फुसफुसाया —

    “अब तो साफ है, Ariana… इस महल में हम दो नहीं हैं।” दोनों के चेहरों पर सन्नाटा था, और मोमबत्ती की लौ काँप रही थी —

    जैसे किसी ने उस पर फूँक मारी हो। दरवाज़े के बाहर किसी के कदमों की आहट आई… धीरे-धीरे पास आती हुई… और वहीं रुक गई। Sophia ने हिम्मत जुटाकर दरवाज़ा खोला — पर बाहर कोई नहीं था।
    बस फर्श पर एक पुराना लॉकेट पड़ा था, जिसमें किसी अजनबी लड़के की फीकी-सी तस्वीर थी।

    Ariana ने फुसफुसाया, “शायद यही है… पहला सुराग।” Sophia ने कहा, “या शायद… ये सिर्फ शुरुआत है।” और उसी वक्त महल के भीतर से वो आवाज़ फिर गूँजी — >

    “Welcome… I was waiting for you.”

    मोमबत्ती बुझ गई। अंधेरा छा गया। ---

    🕯️ To be continued — Chapter 2: “दो Strangers से मुलाकात”

  • 2. " रहस्यमय किताब " - Chapter 2

    Words: 1060

    Estimated Reading Time: 7 min

    ---

    🕯️ Chapter 2 – “दो Strangers से मुलाकात”

    महल के अंदर अब सन्नाटा ज़िंदा लग रहा था। दीवारों के पीछे से आती ठंडी हवा जैसे किसी की अदृश्य साँस बन चुकी थी।

    Ariana और Sophia सावधानी से आगे बढ़ रही थीं—हाथों में torch, दिलों में डर, और आँखों में वही सवाल—“हम यहाँ क्यों हैं?”

    अचानक पीछे से किसी भारी चीज़ के गिरने की आवाज़ आई—“धड़ाम!”

    दोनों मुड़ीं, torch की रोशनी दीवार पर टकराई… और वहाँ एक परछाई थी—लंबी, मुड़ी-तुड़ी, दो सिरों वाली!

    Ariana ने दबी आवाज़ में कहा, “Sophia… वो… क्या तू भी देख रही है?”

    Sophia बोली, “हाँ… और ये इंसान नहीं लग रहा।”

    अगले ही पल दीवार की दरार से दो चमकती रोशनी निकलीं—मशालें!

    और फिर… कदमों की आवाज़—धीरे, ठहर-ठहर कर।

    Ariana ने झट से पास पड़ी टूटी तलवार उठाई, और Sophia ने पुराना भाला। दोनों किसी भी कीमत पर तैयार थीं।

    " Sophia जैसे ही शैतान सामने आए हमला कर देना""

    जैसे ही वो परछाई करीब आई—दोनों ने बिना सोचे-समझे हमला कर दिया!

    धातु से धातु टकराई—“छन्न्न्न्!”

    मशाल हवा में घूमी, और उसकी रोशनी जब ज़मीन पर पड़ी, तब सच्चाई सामने आई—

    वो कोई शैतान नहीं, दो जवान लड़के थे।

    “रुको! हम दुश्मन नहीं हैं!” एक ने चिल्लाया।

    Ariana और Sophia ठिठक गईं। मशाल की लौ में उनके चेहरे नज़र आए—

    दोनों लगभग छह फुट लंबे, मजबूत कंधों वाले, पुराने कपड़ों में, पर आँखों में चमक जैसे किसी रहस्य से भरी हो।

    Sophia ने तलवार नीचे करते हुए कहा, “तुम लोग कौन हो?”

    पहले युवक ने शांत आवाज़ में जवाब दिया,"ये ही सवाल मेरा है आखिर तुम ही कौन"

    दोनों गुस्से में बोला पहले तू बोलो नहीं तो हमले के लौट तैयारी हो जाओ क्रूर आंखों के साथ दोनों ने धमकी दी।

    -- अरे अरे रूखो रखो "शांत हो जाओ please"

    "मेरा नाम Aryan… और ये Arman।”

    Arman ने धीरे से कहा, “हम भी यहाँ रास्ता खोजने आए हैं।”

    Ariana ने चौकते हुए पूछा, “मतलब? तुम भी किताब के पीछे आए हो?”

    "aryan मतलब तुम भी ....???"

    Aryan ने अपनी जेब से वही पुरानी रहस्यमयी किताब निकाली — जिसका कवर “The Hidden Castle of Shadows” जैसा ही था।

    Sophia और Ariana दोनों के चेहरों पर हैरानी उभरी।

    Sophia ने कहा,

    “यानी ये किताब… तुम्हारे पास भी है?”

    Aryan ने सिर हिलाया, “हाँ… और अजीब बात ये है… हमारी किताबों में रास्ते और चिन्ह अलग-अलग हैं, लेकिन मंज़िल एक ही है।”

    दोनों किताबें साथ-साथ रखी गईं।

    तभी, उन पन्नों पर बने चिन्ह एक साथ चमक उठे — सुनहरी रोशनी से।

    पन्ने अपने आप पलटने लगे, और एक वाक्य उभर आया —

    > “दो किताबें, दो रास्ते, पर एक ही रहस्य।

    जब दोनों मिलेंगी, तभी सच्चाई जागेगी।”

    Ariana ने हैरानी से कहा, “मतलब ये महल… हमें जोड़ना चाहता है?”

    Sophia बोली, “या शायद… हमें परखना।”

    चारों ने एक-दूसरे की ओर देखा — अब डर कम था, पर रहस्य और गहराई से बढ़ गया था।

    महल के अंदर हवा का बहाव बदल गया। दीवारों से अजीब सरसराहट उठी—जैसे कोई फुसफुसा रहा हो।

    फिर ज़मीन पर एक सुनहरी रेखा उभरी, जो दोनों किताबों से जुड़ गई।

    Aryan ने धीरे से कहा, “अब पीछे मुड़ना मुमकिन नहीं है।”

    Arman बोला, “अब ये महल खुद हमें रास्ता दिखाएगा।”

    लेकिन तभी, अचानक Sophia के पैरों के नीचे की ज़मीन थोड़ी धँस गई — एक गुप्त चक्र सक्रिय हुआ।

    Ariana ने झट से उसे खींच लिया।

    Arman बोला, “सावधान! ये महल अपने रहस्य की रक्षा करता है।”

    Ariana ने गुस्से में कहा, “और शायद उन लोगों को भी जो झूठ बोलते हैं।”

    वातावरण में तनाव जम गया।

    Sophia ने फुसफुसाया, “हमें कैसे पता कि ये दोनों सच बोल रहे हैं?”

    Aryan की आँखें ठंडी पड़ गईं — “और हमें कैसे पता कि तुम दोनों वो नहीं हो जिन्होंने ये सब शुरू किया?”

    मशाल की लौ काँपी — दीवार पर चारों की परछाइयाँ आपस में उलझने लगीं, जैसे कोई अदृश्य शक्ति उन्हें टकराने पर मजबूर कर रही हो।

    अचानक, किताबों के पन्नों में से एक काला धुआँ निकला और हवा में शब्द बने —

    > “सच्चाई पर भरोसा मत करो,

    क्योंकि झूठ ही अक्सर सच्चाई का पहला चेहरा होता है…”

    चारों ने एक-दूसरे की ओर देखा — अब सवाल सिर्फ किताब या महल का नहीं था…

    अब सवाल भरोसे का था।

    Ariana ने कहा, “अगर हमें साथ चलना है, तो कुछ छिपाना नहीं होगा।”

    Arman मुस्कुराया — “हर रहस्य सच्चाई नहीं होता, Ariana।”

    Sophia बोली, “लेकिन यहाँ हर रहस्य जानलेवा हो सकता है।”

    उसके ये शब्द बोलते ही हवा में घंटियों की आवाज़ गूँजी—कहीं दूर से।

    महल के दरवाज़े धीरे-धीरे कराहने लगे, जैसे कोई जाग गया हो।

    चारों के सामने फिर वही चार दरवाज़े उभरे—

    🔮 आँख, 🕸️ टूटी ज़ंजीर, ⚖️ उलटी सीढ़ी, और 🩸 रक्त जैसा लाल वृत्त।

    Aryan ने धीरे से कहा, “किताब कहती है कि जो दरवाज़ा चुनेगा, वो अपनी सच्चाई से नहीं बच पाएगा।”

    Sophia ने कहा, “तो चलो… देखते हैं कौन कितना सच्चा है।”

    चारों ने हाथ मिलाए, पर अब उन हाथों में भरोसे से ज़्यादा सतर्कता थी।

    जैसे ही उन्होंने लाल निशान वाले दरवाज़े की ओर कदम बढ़ाया —

    दरवाज़ा खुद ब खुद खुल गया।

    अंदर अंधेरा, पर कहीं दूर नीली रोशनी झिलमिला रही थी… और उसी में, दोनों किताबें अपने आप हवा में तैरने लगीं।

    अचानक दीवार से एक आवाज़ आई —

    > “तुम्हें ही चुना गया है।

    क्योंकि तुम्हारा अतीत… इसी महल में दफन है।”

    चारों ने एक साथ एक-दूसरे की ओर देखा।

    Sophia की आँखें फैल गईं — “क्या मतलब… हमारा अतीत?”

    Ariana की आवाज़ काँप गई — “क्या हम पहले भी… यहाँ आ चुके हैं?”

    Aryan और Arman एक-दूसरे को देखने लगे — जैसे उनके चेहरों पर कोई पुरानी याद झिलमिला रही हो।

    मशाल की लौ काँपी… और बुझ गई।

    अब बस वही दो किताबें हवा में तैर रहीं थीं —

    और हवा में लिखा उभर आया —

    > “किताबें तो एक ही कहानी कहती हैं…

    बस किरदार हर युग में बदलते हैं।”

    अंधेरा गहराता गया।

    चारों की परछाइयाँ दीवारों पर खिंच गईं — एक-दूसरे से जुड़ती हुईं, जैसे किसी पुराने वादे की गवाही दे रही हों।

    ---

    🔥 और अब…

    उनके मन में सिर्फ एक सवाल गूंज रहा था —

    “ये दो किताबें एक जैसी क्यों हैं?”

    “महल ने इन्हें ही क्यों चुना?”

    “क्या इन चारों के बीच कोई अनदेखा रिश्ता है?”

    “या ये सब किसी अधूरे वादे की शुरुआत है…?”

    सारे जवाब उस अंधेरे रास्ते के पार छिपे थे…

    📖 जानने के लिए पढ़िए — Chapter 3 – “रहस्यमयी दरवाज़े की खोज”

    ---

  • 3. " रहस्यमय किताब " - Chapter 3

    Words: 1310

    Estimated Reading Time: 8 min

    🌀 Chapter 3 – “रहस्यमयी दरवाज़े की खोज”

    दरवाज़े के पार वो अंधेरा रास्ता खुल चुका था—नीली धुंध से भरा, ठंडी हवा से काँपता और दीवारों पर झिलमिलाते चिन्हों से सजा हुआ।
    चारों के कदमों की आहट उस सन्नाटे में गूँज रही थी, जैसे हर आवाज़ किसी और आवाज़ को जगाने का डर रखती हो।

    Ariana ने धीरे से कहा, “ये रास्ता तो महल के नीचे जा रहा है…”
    Sophia बोली, “या शायद महल इसी रास्ते का हिस्सा था।”
    Arman ने मशाल उठाते हुए कहा, “अब सवाल ये है—ये रास्ता हमें कहाँ ले जाएगा?”
    Aryan चुप था, लेकिन उसकी आँखों में एक बेचैनी तैर रही थी—मानो उसने कुछ महसूस कर लिया हो जो बाकी तीनों नहीं कर पाए।

    जैसे-जैसे वो आगे बढ़ते गए, दीवारों पर उकेरे गए निशान चमकने लगे।
    हर कदम पर एक हल्की फुसफुसाहट सुनाई देती—“वापस लौट जाओ… या सब कुछ खो दोगे…”

    Sophia ने मुड़कर कहा, “तुम लोगों ने ये सुना?”
    Ariana ने घबराकर कहा, “हाँ… पर ये आवाज़ किसी इंसान की नहीं थी।”

    तभी अचानक ज़मीन हिली—“धड़ाम्म्म!”
    सामने की दीवार फटकर दो हिस्सों में बँट गई, और वहाँ दिखाई दिया—एक पत्थर का विशाल दरवाज़ा, जिस पर रहस्यमयी चिन्ह खुदे थे।
    उसके बीचोंबीच सुनहरे अक्षरों में लिखा था—

    > “सच्चाई का द्वार,
    जो दिल से खुलेगा,
    पर झूठ से जल जाएगा।”



    Arman ने धीरे से कहा, “मतलब… इस दरवाज़े को खोलने के लिए हमें किसी तरह की परीक्षा देनी होगी।”
    Aryan ने सिर हिलाया, “या फिर… ये हमारे अंदर की सच्चाई को परखेगा।”

    Sophia बोली, “लेकिन ये कैसे खुलेगा?”
    Ariana ने अपनी किताब निकाली। उसके पन्ने अपने आप पलटने लगे और एक पंक्ति उभरी—

    > “रास्ता वहाँ नहीं जहाँ दरवाज़ा दिखता है,
    रास्ता वहाँ है जहाँ डर शुरू होता है।”



    सब एक-दूसरे की ओर देखने लगे।
    अचानक, मशाल की लौ नीली हो गई… और दरवाज़े के पास की दीवार गायब हो गई—वहाँ खुला अंधेरा था, मानो किसी गहरी खाई का मुँह।

    “यही है असली रास्ता,” Aryan ने कहा।

    चारों ने एक-दूसरे का हाथ थामा और कदम उस अंधेरे में रख दिया।


    ---

    🌑 अंधेरे का रास्ता

    रास्ता सँकरा था, दीवारों से टपकता पानी और ठंडी हवा उनकी हड्डियों तक उतर रही थी।
    कुछ दूर जाने के बाद अचानक सैकड़ों चमगादड़ें निकल पड़ीं—“फड़फड़ फड़फड़!”
    Ariana चीख उठी, “आआह!!”
    Aryan ने तुरंत उसे अपनी बाँहों में खींच लिया।

    वो काँपती हुई बोली, “थ…थैंक यू…”
    Aryan मुस्कुराया, “अभी तो सफर शुरू हुआ है, डरो मत।”
    पर अंदर से वो खुद काँप रहा था—क्योंकि हर बार जब वो Ariana को छूता था, दिल में कोई पुरानी याद सी जाग उठती थी।

    दूसरी ओर, Arman और Sophia साथ-साथ चल रहे थे।
    Sophia ने कहा, “लगता है ये रास्ता सीधा नहीं, गोल घूमता है।”
    Arman बोला, “हाँ, पर ये चिन्ह—देखो—हर कुछ दूरी पर बदल जाते हैं। शायद ये कोई कोड हो।”

    वो किताब निकालते हैं—उसमें एक नई पंक्ति चमकने लगती है:

    > “तीन मोड़, तीन सवाल,
    जो सही बोलेगा, वही आगे जाएगा।”



    Arman ने कहा, “तो पहला मोड़ पास ही होगा।”

    जैसे ही वो आगे बढ़े, उनके सामने एक चमकदार गोला हवा में तैरता दिखा।
    वो गोला नीली आग जैसा था, और उसके अंदर एक चेहरा दिखाई दिया—किसी स्त्री का चेहरा, पर उसकी आँखें शून्य जैसी थीं।

    उसने कहा,

    > “पहला सवाल—तुम में से किसने पहली बार झूठ बोला था इस सफर में?”



    चारों जम गए।
    Ariana की आँखें Aryan पर गईं, Sophia ने Arman की ओर देखा।
    कुछ सेकंड की खामोशी के बाद Aryan ने गहरी साँस ली,
    “मैंने… जब कहा था कि मुझे डर नहीं लगता—वो झूठ था।”

    गोले ने तेज़ चमक छोड़ी और रास्ता आगे खुल गया।

    Sophia बोली, “मतलब ये रास्ता सच्चाई से खुलता है।”


    ---

    🔥 दूसरी परीक्षा – “विश्वास की राख”

    आगे बढ़ते ही दीवारों पर अग्नि की लपटें उभर आईं।
    हवा गर्म हो गई, और एक आवाज़ गूँजी—

    > “जो किसी पर भरोसा नहीं करेगा, वो राख बन जाएगा।”



    Arman ने कहा, “अब क्या करें?”
    Sophia ने मशाल को नीचे रखा—“शायद हमें एक-दूसरे पर भरोसा साबित करना होगा।”

    अचानक ज़मीन पर दरारें पड़ीं, और चारों के बीच एक अग्नि की दीवार उठ गई।
    हर एक को अलग कर दिया गया।

    Ariana चिल्लाई, “Aryan!!”
    Aryan ने चीखा, “डरो मत! मैं यहीं हूँ!”

    Sophia और Arman अपनी ओर फँसे थे।
    Arman बोला, “Sophia! मुझ पर भरोसा है?”
    “है… पर कैसे?”
    “आँखें बंद करो—और तीन कदम आगे बढ़ो।”

    Sophia काँपते हुए आगे बढ़ी—तीन कदम…
    तीसरे कदम पर वो सीधी Arman की बाँहों में गिर पड़ी—और आग बुझ गई।

    दूसरी ओर, Ariana भी काँप रही थी।
    Aryan ने कहा, “मुझे अपनी आवाज़ पर भरोसा रखो—मेरी ओर चलो!”
    वो आँखें बंद कर उसके स्वर की ओर बढ़ी, और जैसे ही उसके हाथ Aryan की उँगलियों से मिले—आग पूरी तरह बुझ गई।

    फिर चारों एक साथ खड़े थे—पर इस बार, कुछ बदल गया था।
    उनकी आँखों में अब डर की जगह विश्वास था।


    ---

    🕯️ तीसरी परीक्षा – “समय का द्वार”

    रास्ते के अंत में एक विशाल गोल दरवाज़ा उभरा—जो पानी की तरह झिलमिला रहा था।
    उस पर अंकित था:

    > “यह है समय का द्वार।
    इसे खोलने के लिए,
    तुम्हें अपने अतीत का सामना करना होगा।”



    चारों एक-दूसरे की ओर देखने लगे।
    Ariana ने पूछा, “मतलब हम जो थे… वो दिखेगा?”
    Aryan ने कहा, “शायद… या वो जिसे हमने भुलाया है।”

    दरवाज़ा धीरे-धीरे खुलने लगा।
    एक नीली रोशनी चारों को निगल गई।


    ---

    🌌 अतीत की परछाइयाँ

    Ariana ने आँखें खोलीं—वो किसी पुराने बगीचे में थी। हवा में वही महल की सुगंध थी।
    पर वहाँ कोई और थी—उस जैसी ही एक लड़की, जो उसी किताब को पकड़े थी… और उसके सामने खड़ा था—Aryan जैसा कोई लड़का, पर और पुराना।

    Ariana समझ गई—ये उनका पिछला जन्म था।

    वो देख रही थी—दो आत्माएँ, एक वादा, और एक अधूरा अंत।

    > “अगर हम अलग हुए, तो अगले जन्म में इस महल में फिर मिलेंगे।”
    “वादा?”
    “वादा।”



    नीली रोशनी तेज़ हुई और Ariana की आँखों के सामने सब गायब हो गया।

    वो फिर उसी सुरंग में थी—Aryan के सामने।
    दोनों एक-दूसरे को देख रहे थे, बिना बोले, पर सब समझ चुके थे।

    Sophia और Arman ने भी अपनी-अपनी परछाइयाँ देखी थीं—शायद वो इस महल के रखवाले थे, जो पिछले जन्म में उस रहस्य की रक्षा करते करते मारे गए थे।

    अब सबको समझ आया—

    > “ये महल सिर्फ एक जगह नहीं,
    ये समय का चक्र है,
    जो उन्हीं को बुलाता है जिनसे कोई अधूरा वादा बाकी हो।”



    Aryan ने कहा, “इसलिए किताबें हमें मिलीं।”
    Ariana बोली, “और इसलिए महल ने हमें चुना।”


    ---

    ⚔️ चरम क्षण – “अदृश्य दुश्मन”

    जैसे ही सच्चाई खुली, दरवाज़ा काँपने लगा।
    काले धुएँ से एक आकृति बनी—चेहरा छिपा हुआ, आवाज़ गूँजती हुई—

    > “वादा पूरा नहीं हुआ था…
    इसलिए तुम लौटे हो…
    लेकिन इस बार… तुममें से कोई नहीं बचेगा।”



    दीवारें हिलने लगीं, ज़मीन फटने लगी।
    चारों ने अपनी किताबें उठाईं—उनसे नीली और सुनहरी रोशनी निकली।
    Aryan चिल्लाया, “किताबें मिलाओ!!”

    जैसे ही किताबें टकराईं, एक तेज़ प्रकाश हुआ।
    अंधकार पीछे हटा, पर वो परछाई हँसी—“तुम सोचते हो ये अंत है? नहीं… ये तो बस पहला परीक्षण था।”

    और अगले ही पल, सब कुछ गायब हो गया।


    ---

    🕳️ अंत – अगली शुरुआत

    चारों ने खुद को फिर उसी गुफा में पाया—पर अब दीवार पर कुछ नया लिखा था:

    > “पहली परीक्षा पूरी हुई।
    अब खोजो—‘रहस्यमयी दरवाज़े की चाबी’।
    क्योंकि उसके बिना, समय तुम्हें निगल जाएगा…”



    चारों ने एक-दूसरे की ओर देखा।
    Ariana बोली, “मतलब… अब असली सफर शुरू होगा।”
    Arman ने हँसकर कहा, “और हमने सोचा था कि ये अंत है!”

    Aryan ने कहा, “अब कोई पीछे नहीं हटेगा।”
    Sophia ने मशाल उठाई, “चलो… देखते हैं, इस बार महल हमें कहाँ ले जाता है।”

    धीरे-धीरे चारों उस नीले रास्ते में आगे बढ़ गए…
    पीछे दीवार पर वही पुराना वाक्य झिलमिला रहा था—

    > “किताबें तो एक ही कहानी कहती हैं,
    बस किरदार हर युग में बदलते हैं…”



    और उसी के साथ हवा में घंटियों की आवाज़ फिर गूँजी—
    इस बार और डरावनी, और रहस्यमयी।


    ---

    📖 To Be Continued in Chapter 4 — “रहस्यमयी दरवाज़े के चाबी की खोज” 🔮

  • 4. " रहस्यमय किताब " - Chapter 4

    Words: 1519

    Estimated Reading Time: 10 min

    🌘 Chapter 4 – “रहस्यमयी दरवाज़े की चाबी की खोज”


    🌑 प्रारंभ – “भूख और प्यास की परीक्षा”

    चारों उस अंधेरे रास्ते में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे।
    अब न कोई दीवारों पर निशान चमक रहे थे, न हवा में कोई आवाज़ थी—बस सन्नाटा और ठंडक।

    भूख और प्यास ने जैसे शरीर की सारी ताक़त चूस ली थी।
    Sophia की आँखें सूख चुकी थीं, Arman की साँसे भारी चल रही थीं।
    Ariana ने लड़खड़ाते हुए कहा,
    “यार Sophia… अब मुझसे और नहीं चला जाएगा… कोई दरवाज़ा या चाबी आए या ना आए,
    पर मेरे साँसों के आख़िरी दिन ज़रूर आ गए हैं…”

    उसकी आवाज़ में थकान थी, पर डर भी छुपा था।

    Sophia ने बचे हुए पानी की बोतल निकाली—जिसमें बस दो बूंदें थीं।
    वो बोली, “ले… थोड़ा पी ले। शायद तुझे राहत मिले।”
    Ariana ने काँपते हाथों से बोतल पकड़ी, होंठों पर लगी बूंद ने जैसे थोड़ी जान लौटा दी।

    Aryan और Arman की बोतलें भी लगभग खाली थीं।
    Arman ने बोला, “यार ऐसे तो हम मर जाएंगे।”
    Ariana की आँखें भर आईं।

    Sophia ने कहा, “हिम्मत रख, बेबी… तू तो हमेशा सबसे मज़बूत रही है। ऐसे हार नहीं मानते।”

    Aryan ने धीरे से आगे बढ़कर Ariana के गाल से आँसू पोंछे।
    “Please… हम कुछ ना कुछ करते हैं तेरे लिए,” उसने कहा।
    उसकी आँखों में एक अजीब सा अपनापन था—बिना बोले भी सब कुछ कहने वाला।

    Arman ने माहौल हल्का करने की कोशिश की,
    “भाई, भूखा-प्यासा तो मैं भी हूँ, मेरे लिए भी कुछ कर दे…
    मत भूल, तेरे साथ तेरे भाई जैसा दोस्त भी चल रहा है।”

    Aryan मुस्कुराया, “अरे नहीं यार, वो बात नहीं—”

    “तो कौन-सी बात है भाई?” Arman ने शरारत भरी मुस्कान के साथ पूछा।

    Aryan ने थोड़ा झिझकते हुए कहा,
    “अरे यार, देख न… इतनी खूबसूरत और प्यारी दोस्त हमारी साथ चल रही है…
    कम से कम उसे तकलीफ़ तो नहीं होने दे सकता।”

    Arman हँस पड़ा, “हा हा, ज़रूर भाई, क्यों नहीं।
    तू दिल से निकलेगा तो चाबी भी खुद आ जाएगी।”

    दोनों के बीच हँसी के बावजूद कुछ अनकहा रह गया—
    Aryan के मन में Ariana के लिए कुछ और था,
    जो अब धीरे-धीरे उसकी नज़रों से झलकने लगा था।


    ---

    🌲 रहस्यमयी पेड़ और गुफा का द्वार

    कुछ देर बाद वो एक विशाल पेड़ के पास पहुँचे।
    वो पेड़ इतना बड़ा था कि उसकी जड़ें ज़मीन को चीरती हुई अंदर तक जाती थीं।
    ऐसा लगता था जैसे किसी ने उस पेड़ के बीच से रास्ता बनाया हो।

    Aryan ने मशाल उठाई और देखा—
    पेड़ के तने में किसी गुफा जैसी आकृति उभरी थी।

    Arman बोला, “लगता है ये रास्ता किसी ने जानबूझकर बनाया है।”
    Aryan ने मशाल जलाई, अंदर झाँका—अंधेरा और नमी भरा रास्ता था।

    Arman ने कहा, “तुम दोनों यहीं रुको, हम ज़रा आसपास देखते हैं।”
    Sophia बोली, “नहीं, हम भी चलेंगे।”
    Aryan ने सिर हिलाया, “नहीं। अगर कोई खतरा हुआ तो पहले हम देखेंगे।”
    Ariana ने कहा, “ठीक है, पर जल्दी लौट आना।”

    दोनों लड़के आगे बढ़ गए।


    ---

    🍂 भोजन की खोज

    काफी देर तक चलने के बाद Arman ने ऊपर की ओर देखा—
    “भाई, उधर देख… ये तो बेर के पेड़ हैं!”

    Aryan ने कहा, “हाँ, लेकिन थोड़े ऊँचे हैं। चल, कोशिश करते हैं।”
    दोनों ने शाखों को हिलाया, कुछ बेर नीचे गिरे।
    Arman ने हँसते हुए कहा,
    “भाई, इतनी मेहनत बस तेरी प्रिय Ariana के लिए?”

    Aryan मुस्कुराया, “वो भूखी है यार, और कुछ नहीं।”
    Arman बोला, “अरे तू तो पूरा caring mode में चला गया है।
    भाई, ध्यान रखना, और गहराई में न उतर जाना।”

    Aryan ने हल्के से हँसते हुए कहा,
    “बस इतना जानता हूँ कि अगर उसने ‘थैंक यू’ फिर कहा…
    तो शायद मेरा दिल यहीं छोड़ दूँ।”

    थोड़ी दूरी पर उन्हें एक और पेड़ मिला—सेबों से भरा हुआ,
    जो रात की चाँदनी में भी चमक रहा था।

    Arman बोला, “चल भाई, अब तो खुदा भी साथ दे रहा है।
    तेरी ‘खास दोस्त’ के लिए सेब तोड़ते हैं।”

    Aryan हँसते हुए बोला, “चलो, दोनों के लिए कुछ ले चलते हैं।”
    दोनों ने जेबें भर लीं और लौटने लगे।


    ---

    🌒 पेड़ का रहस्य

    इधर Ariana और Sophia पेड़ के पास इंतज़ार कर रही थीं।
    Ariana बोली, “यार Sophia, पता नहीं वो दोनों कहाँ रह गए।”
    Sophia मुस्कुराई, “आराम कर… Aryan ज़रूर आएगा।”

    Ariana ने उसे देखा, “क्यों, तुझे इतना भरोसा है उस पर?”
    Sophia ने मज़ाक में कहा, “अरे, उसने तेरे लिए जो बोला था न—वो सुना था मैंने।”
    Ariana बोली, “क्या बोला?”
    Sophia ने हँसते हुए कहा, “कुछ ज़्यादा ही ‘care’ दिखा रहा था तेरे लिए।”
    Ariana ने सिर झुका लिया, “अरे, वो बस… दोस्ती है।”
    Sophia ने आँख मारकर कहा, “हम्म… दोस्ती ही सही, पर spark तो है।”

    तभी Ariana की नज़र एक लकड़ी के टुकड़े पर पड़ी।
    “Sophia, ये देख… ये लकड़ी कुछ अलग लग रही है।”

    दोनों ने उसे उठाया—वो एक अजीब आकार का टुकड़ा था,
    जो पास के पेड़ की जड़ों के बीच एकदम फिट बैठता था।

    Ariana ने कहा, “चल, इसे लगाते हैं।”
    जैसे ही उन्होंने लकड़ी का टुकड़ा लगाया,
    पेड़ की जड़ों में हल्की गूँज हुई और एक चमक निकली—
    फिर एक गोल दरवाज़ा सा बन गया।

    Sophia बोली, “ये तो गुफा का रास्ता लग रहा है!”
    Ariana ने धीरे से कहा, “मुझे लगता है हम यहीं रात गुज़ार सकते हैं।”

    दोनों अंदर चली गईं,
    वो जगह सुरक्षित और गर्म थी—जैसे कोई पुरानी शरणस्थली हो।


    ---

    ⚡ उधर – Aryan और Arman की उलझन

    दूसरी ओर Aryan और Arman लौटे,
    पर जहाँ उन्होंने लड़कियों को छोड़ा था, वहाँ अब बस वही पेड़ था—रास्ता गायब।

    “यार, यही तो जगह थी ना?” Arman ने घबराकर कहा।
    Aryan बोला, “हाँ… पर रास्ता कहाँ गया?”

    दोनों इधर-उधर खोजने लगे।
    Aryan की आँखों में बेचैनी थी,
    “यार, Ariana… कुछ गड़बड़ है।”

    वो बैठ गया, सिर पकड़कर।
    Arman बोला, “भाई, घबराने की ज़रूरत नहीं—शायद वो पास ही हैं।”
    पर Aryan की आँखों में आँसू थे,
    “नहीं यार… मुझे डर लग रहा है।”

    तभी पेड़ की जड़ों से हल्की नीली रोशनी निकली।
    Sophia ने अंदर से देखा—
    “Ariana, वो दोनों बाहर हैं!”

    Ariana बोली, “चल, थोड़ा मज़ाक करते हैं।”
    उसने दरवाज़े को अंदर से बंद कर दिया।

    बाहर Aryan और Arman उस चमक की ओर बढ़े—
    अचानक पेड़ से तेज़ रोशनी फूटी।
    दोनों पीछे हट गए, आँखें ढँक लीं।

    तभी पेड़ के अंदर से आवाज़ आई—
    “SURPRISE!!”

    Ariana और Sophia हँस पड़ीं।
    Arman बोला, “अरे तुम दोनों… हमारी जान ही निकाल दी थी!”
    Aryan ने मुस्कुराकर कहा, “कम से कम अब पता चला कि तुम दोनों सुरक्षित हो।”


    ---

    🔮 गुफा के अंदर का रहस्य

    गुफा के भीतर दीवारों पर अजीब प्रतीक उकेरे थे।
    बीच में एक पत्थर का चबूतरा था, जिस पर चार खांचे बने थे।

    Sophia ने कहा, “ये देखो—चार खांचे, शायद हमारी किताबों के लिए।”
    चारों ने अपनी किताबें उस पर रख दीं।

    जैसे ही किताबें रखीं, नीली आग जल उठी।
    दीवार पर शब्द उभरे—

    > “भूख, प्यास और भय—पहली तीन परीक्षाएँ।
    अब अगली परीक्षा है — ‘साझा दिल की चाबी’।”



    Arman बोला, “मतलब अब हमें मिलकर कुछ करना होगा।”
    Ariana ने कहा, “शायद इस बार बात सिर्फ जादू या रास्ते की नहीं,
    हमारे अंदर के डर की है।”

    तभी किताबें अपने आप खुलीं,
    और हर किताब से एक वाक्य उभरा—

    > “जब चार दिल एक साथ धड़केंगे,
    तभी चाबी प्रकट होगी।”



    चारों ने एक-दूसरे का हाथ थामा।
    गुफा काँपने लगी,
    दीवारें नीली रोशनी से भर गईं।

    बीच में हवा में एक चमकदार वस्तु आकार लेने लगी—
    एक सुनहरी चाबी।

    Ariana बोली, “ये वही होगी… रहस्यमयी दरवाज़े की चाबी!”

    पर तभी—
    चमक के बीच एक काली छाया प्रकट हुई।

    > “चाबी? नहीं… ये तो जाल है…”



    वही अँधेरी आकृति जो पिछली बार दिखी थी,
    अब और स्पष्ट थी—
    उसकी आँखों में लाल लपटें, और आवाज़ बिजली जैसी भारी।

    > “जिसने वादा अधूरा छोड़ा,
    वो अब पूरा करेगा… अपनी जान देकर।”



    Aryan आगे बढ़ा, “हम अब नहीं डरते!”
    Arman ने किताब उठाई, “हम साथ हैं—हमेशा!”

    चारों ने किताबें एक साथ उठाईं—
    एक सुनहरी किरण निकली, जिसने छाया को पीछे धकेला।
    लेकिन छाया की हँसी गूँजती रही—

    > “तुम सोचते हो ये अंत है?
    नहीं… अब असली खेल शुरू होगा।”



    गुफा की दीवार फटी,
    चाबी ज़मीन पर गिर पड़ी और चमकते हुए अदृश्य हो गई।

    चारों हाँफते हुए एक-दूसरे को देखने लगे।

    Sophia ने कहा, “अब क्या?”
    Ariana ने धीरे से कहा, “अब हमें वो चाबी ढूँढनी होगी…
    क्योंकि वही हमारे अगले दरवाज़े की कुंजी है।”


    ---

    🌄 अंत – “नई सुबह, नई मुसीबतें”

    थकान से चूर चारों वहीं बैठ गए।
    थोड़े बेर और सेब खाए, पानी की आख़िरी बूंदें साझा कीं।
    गुफा में शांति थी, पर भीतर तूफ़ान।

    Ariana ने धीरे से कहा,
    “पता नहीं, कल क्या होगा…”
    Aryan ने जवाब दिया, “जो भी होगा, साथ झेलेंगे।”

    Sophia मुस्कुराई, “क्योंकि अब डर नहीं, बस सफर है।”
    Arman बोला, “और वो सफर अब शुरू होने वाला है।”

    धीरे-धीरे मशाल की लौ बुझ गई…
    गुफा में सिर्फ दीवार पर लिखे शब्द चमक रहे थे—

    > “हर चाबी एक रहस्य खोलती है,
    पर हर रहस्य एक क़ीमत माँगता है…”



    और जैसे ही सब नींद में डूबे,
    गुफा के कोने में वही सुनहरी चाबी फिर प्रकट हुई—
    धीरे-धीरे चमकते हुए हवा में उठी…
    और किसी अदृश्य हाथ ने उसे उठा लिया।


    ---

    📖 To Be Continued in Chapter 5 – “चाबी का श्राप”

  • 5. " रहस्यमय किताब " - Chapter 5

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