"वो उसकी दुल्हन थी… लेकिन सिर्फ नाम की। उसकी आँखों में प्यार नहीं, नफरत जलती थी। शादी एक सौदा थी… और वो लड़की, उस सौदे की कीमत। अब वो कहता है—तू मेरी बीवी है, पर हक? भूल जा… इस रिश्ते में तुझे सिर्फ दर्द मिलेगा, मोहब्बत नहीं। और मैं तेरा प... "वो उसकी दुल्हन थी… लेकिन सिर्फ नाम की। उसकी आँखों में प्यार नहीं, नफरत जलती थी। शादी एक सौदा थी… और वो लड़की, उस सौदे की कीमत। अब वो कहता है—तू मेरी बीवी है, पर हक? भूल जा… इस रिश्ते में तुझे सिर्फ दर्द मिलेगा, मोहब्बत नहीं। और मैं तेरा पति नहीं, तेरी सजा हूँ।" --- 🔥 एक ऐसी कहानी जहां मंडप से शुरू होता है एक इश्क़ का नरक। वो रौब में था, हक़ में नहीं… वो टूटी थी, फिर भी झुकी नहीं… अब ये जंग है—नफरत बनाम मोहब्बत की। क्या ये दोनों कभी एक हो पाएंगे या नहीं
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"एक लड़की जो दुल्हन के जोड़े में बेहद खूबसूरत लग रही थी
और धीरे धीर मंडप की तरफ बढ़ रही थी।वही मंडप पर बैठा लड़का जो दूल्हे के लिबास में किसी महाराजा से कम नहीं लग रहा था"।
" लेकिन उसके चेहरे पर उस लड़की के लिए सिर्फ नफरत दिखाई दे रही थी।वो लड़की आकर उसके बगल वाली जगह बैठ जाती है"।
"और पंडित जी शादी के मंत्र शुरू कर देते है तभी वो लड़का जिसका नाम shourya Pratap Singh था।वो अपनी रॉब दार आवाज में बोला"
‘ मुझे इन सब में कोई दिलचस्बी नहीं है ये सब जल्दी खत्म करो पंडित डर गया। और जल्दी जल्दी सभी रस्म कराने लगा जल्द ही शादी संपन्न हुई,।
"पंडित जी ने सभी से आशीर्वाद लेने को कहा पर सभी उस लड़के की और देख रहे थे"।
‘मैं कभी किसी के सामने नहीं झुकता और ना ही ये शादी मेरे लिए मायने रखती है इतना बोल वो वह से चला जाता है"।
"सभी हैरानी से बस उसे जाते हुए देख रहे थे तभी उस लड़के के दादा जी राखुवीर प्रताप सिंह जी बोले अभी गुस्से में है थोड़ा टाइम दो उसे और दुल्हन को लेकर चलो"।
"वहीं वो लड़की जिसका नाम प्रतीक्षा था बदहवास सी खड़ी थी।उसकी आंखों से बेहिसाब आंसू बह रहे थे".
‘वो अपने मन में बोली हे महादेव आप हमेशा मेरे साथ ही ऐसा क्यों करते है,।
"कब तक मुझे अकेले रहना होगा पहले आपने मेरी मां मुझसे छीन ली और अब पति भी ऐसा दिया जो हमसे नफरत करता है।कुछ ही देर में सभी गाड़ियां वह से निकल जाती हैं”।
"सभी गाड़ी एक बोहोत ही आलीशान mention के सामने आकर रुकती है और एक औरत जो कि शौर्य की मां नीलिमा जी थी।आकर बीच वाली गाड़ी से दुलहन को बार निकालने में मदद करती है"।
"और उसका गृह प्रवेश कराया जाता है सबको लगा था कि शौर्य घर ही आया होगा पर वो अभी तक घर नहीं लौटा था।
सभी के चेहरे थोड़े उतरे हुए थे"।
रात बोहोत हो गई थी इसलिए नई दुल्हन को उसके रूम में भेज सभी आराम करने चले जाते है वही दूसरी तरफ वो लड़का
नशे में चूर था,
‘उसने अपनी कार अपने घर की तरफ मोड़ ली और जल्दी ही घर पहुंच गया।वो तेज कदमों से अपने रूम की तरफ बढ़ रहा था बाकी सब लोग सो चुके थे,
‘उसने रूम का दरवाजा खोला तो सामने का नजारा देख उसका गुस्सा और बढ़ गया वो अंदर गया और उसने प्रतीक्षा को बेड से नीचे गिरा दिया,।
"वो बोला बेशक से तुम मेरी बीवी बन चुकी हो पर पर कभी तुम्हे वो हक नहीं मिलेगा, तुम्हारी इतनी औकात नहीं है।तुमने गलती कर दी तुम नहीं जानती तुम ने किस नरक में खुद को धकेला है"
"तुम्हे बोहोत शोक है न मेरी बीवी बनने का अब तुम देखती जाओ मैं तुम्हारी जिंदगी नरक बना दूंगा"।
"दादा जी ने तुमसे शादी करने को कहा था वरना वो मुझे पूरा बिजनेस कभी नहीं देते,उसने एक इविल स्माइल के साथ कहा बात शादी की हुई थी"।
"दादा जी ने ये कभी नहीं कहा कि तुम्हे खुश रखूं तुम्हारा ख्याल रखूं फिर वो एक इविल स्माइल 😏के साथ बोला इसलिए मैं जो चाहे वो तुम्हारे साथ कर सकता हु"।
"और कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ था तो बीवी अब तैयार हो जाओ खून के आंसू रोने के लिए और मैं वादा करता हु तुम्हे इतना मजबूर कर दूंगा कि तुम खुद ही इस रिश्ते को तोड़ कर मेरी ज़िंदगी से चली जाओगी"।
"प्रतीक्षा बोहोत बुरी तरह से रो रही थी पर शौर्य को उसके रोने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था वो जाकर अपने बेड पर आराम से सो गया,
प्रतीक्षा खुद को संभालते हुए उठी और अपने लिए उस रूम मे जगह देख रही थी जो उसका होते हुए भी उसका नहीं था"।
"वो जाकर सोफे पर लेट गई सोफा इतना बड़ा था कि एक इंसान आराम से सो सके वो बेचारी इतनी थकी हुई थी उपर से इतना ज्यादा रोने की वजह से उसे जल्दी ही नींद आ गई"।
"प्रतीक्षा के सोने के बाद शौर्य उठा और एक तक उसे देखता रहा पर उसकी आंखों में कोई प्यार या नर्म भाव नहीं थे
थी तो बस नफरत जो बयां कर रही थी कि वो प्रत्यक्ष को किस हद तक तोड़ना चाहता है"।
"उसने अपने हर एक शब्द पर जोर देते हुए कहा मैने तुम्हे पहले ही आगाह किया था फिर भी तुम नहीं मानी मैने इतनी लालची और बेशर्म लड़की आज तक नहीं देखी,
कोई बात नहीं तुम्हारी वो हालत करूंगा कि तुम्हे अपने ही फैसले पर पछतावा होगा"।
"प्रतीक्षा को और कितना सहना पड़ेगा क्या शौर्य कभी उसे अपनाएगा या प्रतीक्षा उसकी नफरत में जल कर रह जाएगी।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए–नफरत बनाम मोहब्बत की।
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"वो जाकर सोफे पर लेट गई सोफा इतना बड़ा था कि एक इंसान आराम से सो सके वो बेचारी इतनी थकी हुई थी उपर से इतना ज्यादा रोने की वजह से उसे जल्दी ही नींद आ गई"।
"प्रतीक्षा के सोने के बाद शौर्य उठा और एक तक उसे देखता रहा पर उसकी आंखों में कोई प्यार या नर्म भाव नहीं थे
थी तो बस नफरत जो बयां कर रही थी कि वो प्रत्यक्ष को किस हद तक तोड़ना चाहता है"।
"उसने अपने हर एक शब्द पर जोर देते हुए कहा मैने तुम्हे पहले ही आगाह किया था फिर भी तुम नहीं मानी मैने इतनी लालची और बेशर्म लड़की आज तक नहीं देखी,
कोई बात नहीं तुम्हारी वो हालत करूंगा कि तुम्हे अपने ही फैसले पर पछतावा होगा"।
अब आगे।
"अगली सुबह शौर्य को सुबह जल्दी उठने की आदत थी क्योंकि उसे फिट रहना पसंद था। इसलिए वो सुबह में जिम में ही रहता था"।
"वो जिम के लिए रेडी होकर जा रहा था तभी उसकी नजर प्रतीक्षा पर पड़ी जो सोफे पर किसी छोटे खरगोश जैसी लग रही थी।
उसे देख शौर्य के चेहरे के भाव एकदम से बदल गए"।
"उसने टेबल पर रखा पानी का जग उठाया और प्रतीक्षा के ऊपर डाल दिया वो एकदम से हड़बड़ा गई और उठ कर इधर उधर देखने लगी"।
"तभी उसके कानों में शौर्य की आवाज पड़ी तुम अभी तक सो रही हो…तुम्हे बड़ा शोक है। ना मेरी बीवी बनने का तो चलो।
"आज से मेरा सारा काम तुम करोगी कोई सर्वेंट नहीं समझी… उसके चिल्लाने से प्रतीक्षा ने जल्दी से अपना सर हां में हिलाया"।
"तुम्हे सुबह मुझसे पहले उठना है और ठीक 6 बजे मुझे मेरा प्रोटीन शेक चाहिए जरा भी लेट हुई तो सजा के लिए तैयार रहना
मेरे कपड़े रेडी करना ब्रेकफास्ट सब काम तुम करोगी"।
"जरा भी चूक हुई तो तुम जानती नहीं हो तुम्हारे साथ क्या हो सकता है प्रतीक्षा बस डरी सहमी सी उसके ऑर्डर सुन रही थी"।
"शौर्य मेरे वापस आने तक सब रेडी होना चाहिए इतना बोल वो वहां से चला गया।प्रतीक्षा ने एक गहरी सांस ली और घड़ी की तरह देखा तो 5.20 हो रहे थे"।
"टाइम देख प्रतीक्षा को शौर्य की वार्निंग याद आई और वो जल्दी से तैयार होने चली गई।फिर शौर्य के कपड़े निकालने लगी उसने एक बार फिर से टाइम देख तो 5.45 हो रहे थे"।
"वो बेचारी जल्दी से किचेन की तरफ भागी और वहां नौकरों से समान पूछने लगी और जल्दी से शौर्य का प्रोटीन शेक तैयार किया और रूम की तरफ चली गई"।
"सामान से शौर्य आ रहा था उसने उसके हाथ में प्रोटीन शेक देखा फिर अपनी वॉच में टाइम अभी भी 2 minut बाकी थे।
वो उसके हाथ से प्रोटीन शेक ले कर आगे बढ़ गया"।
"प्रतीक्षा रूम सही कर रही थी तभी डोर नॉक हुआ उसने डोर खोला तो सामने रूही हाथों में कुछ सामान लिए खड़ी थी।
भाभी आपको मां ने तैयार होने को बोला है"।
"आज आपकी मुंह दिखाई की रस्म है वो समान रख के चली गई और प्रतीक्षा रस्म के लिए रेडी होने लगी shourya नहाकर आया वो अपने बाल को टॉवल से पोंछ रहा था"।
"तभी उसकी नजर प्रतीक्षा पर गई जो पिंक कलर के लहंगे में बोहोत ही खूबसूरत लग रही थी।पर जल्दी ही उसने अपनी नजरे फेर ली ऐसा करते हुए"।
"प्रतीक्षा ने देख लिया इसलिए उसे थोड़ा बुरा लगा पर कुछ रिएक्ट नहीं किया तभी रूही रूम मे आई और बोली भाभी चलिए सब आपका वेट कर रहे हैं…
"सभी लोग हॉल में ही मौजूद थे प्रतीक्षा बीच में एक बड़ी सी चेयर पर बैठी थी जो देखने में सिंघासन जैसी लग रही थी।तभी शौर्य सीढ़ियों से आ रहा था नीलिमा जी के उसे अपने पास बुला"।
"और शौर्य से बोली बेटा प्रतीक्षा का घूंघट पहले तुम ही उठाओ तभी रस्म आगे बढ़ेगी शौर्य ने गुस्से से कहा मां मैं इसे अपनी बीवी नहीं मानता… और ना ही कभी मानूंगा"।
"वहां सभी लोग एक दूसरे से बाते करने लगे ये देख नीलिमा जी बोली तुम्हारे मानने ना मानने से कुछ नहीं होता शादी हुई है तुम्हारी और तुम्हे ये घूंघट उठाना होगा वरना तुम मुझे बोहोत अच्छे से जानते हो"।
"प्रतीक्षा अंदर ही अंदर रो रही थी शौर्य जा रहा था पर अपनी मां की जिद्द की वजह से रुका और एक झटके से उसका घूंघट उठा दिया"।
"और तेज कदमों से बाहर चला गया सभी प्रतीक्षा को देख रहे थे जो रोने के बाद भी बेहद खूबसूरत लग रही थी सभी उसकी तारीफे करने लगे और रस्म शुरू की"।
"ऐसे ही रस्म खत्म हो गई और नीलिमा जी ने रूही से कहा रूही प्रतीक्षा को उसके रूम मे ले जाओ मैं कुछ खाने को भिजवाती हु"।
"रूही बोहोत ही अच्छे से बात कर रही थी ये देख प्रतीक्षा को लगा कि कोई तो है जिससे वो अपने मनन की बात कर सकती है"।
"रूही भाभी आप भाई की बातों को दिल से मत लगाना वो थोड़े गुस्से वाले है बल्कि थोड़े नहीं बोहोत गुस्से वाले है देखना आप वो बोहोत जल्दी ही आपको अपना लेंगे"।
"और आप तो हो ही इतनी स्वीट प्यारी और बेहद खूबसूरत प्रतीक्षा ने हल्की सी स्माइल पास की रूही उसे रूम मे छोड़ कर उसके लिए खाना लेने चली गई"।
"प्रतीक्षा रूम को अच्छे से देख रही थी क्योंकि जब से वो आई थी उसने रूम को ध्यान से देखा ही नहीं था सभी समान एक्सपेंसिव था और सलीके से रखा हुआ था"।
इन दोनों में कभी प्यार होगा या नहीं या प्रतीक्षा अपने अकेलेपन के साथ ही रह जाएगी ।
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"रूही भाभी आप भाई की बातों को दिल से मत लगाना वो थोड़े गुस्से वाले है बल्कि थोड़े नहीं बोहोत गुस्से वाले है देखना आप वो बोहोत जल्दी ही आपको अपना लेंगे"।
"और आप तो हो ही इतनी स्वीट प्यारी और बेहद खूबसूरत प्रतीक्षा ने हल्की सी स्माइल पास की रूही इसे रूम मे छोड़ कर उसके लिए खाना लेने चली गई"।
"प्रतीक्षा रूम को अच्छे से देख रही थी क्योंकि जब से वो आई थी उसने रूम को ध्यान से देखा ही नहीं था सभी समान एक्सपेंसिव था और सलीके से रखा हुआ था"।
अब आगे।
" ऐसे पूरे रूम को देखते हुए उसकी नजर शौर्य की बड़ी सी फोटो पर जाकर रुक जाती है। बेड के ऊपर शौर्य की बड़ी सी फोटो लगी थी"।
"जिसमें वो बोहोत ही हैंडसम लग रहा था उस फोटो में वो शर्टलेस था।जिसमें उसके 6 पैक एब्स और लेफ्ट शोल्डर पर टाइगर का टैटू जो देखने में जितना खतरनाक लग रहा था।उतना ही शौर्य को और भी अट्रैक्टिव बना रहा था"।
"प्रतीक्षा उस फोटो में खो सी जाती है तभी उसका ध्यान रूही की आवाज से टूटा जो उसके लिए खाना ले कर आई थी।रूही लीजिए भाभी आप खाना खा लीजिए और फिर आराम कीजिए"।
"मां ने कहा है किसी भी चीज की जरूरत हो तो आप बेझिझक बता सकती हैं।प्रतीक्षा बस हां में अपना सर हिला देती है,रूही वहां से चली जाती है"।
"प्रतीक्षा खाना खा कर आराम करना चाहती थी पर शौर्य के गुस्से को याद कर वो बेड की तरफ न जाकर सोफे पर ही लेट जाती है"।
"शाम का वक्त शौर्य घर वापस आता है उसे देख लग रह था जैस उसके दिमाग में कुछ चल रहा है।वो जा कर सोफे पर बैठ जाता है,वो अपनी नजरे इधर उधर घूमता है"।
"उसे सब नजर आ रहे थे सिवाय प्रतीक्षा के शौर्य अपने दादा जी और अपनी मां को देख बोला मैं और आपकी बहु अब यहां नहीं रहेंगे सभी उसे देखने लगते है"।
"तभी नीलिमा जी बोली ये क्या बोल रहे हो शौर्य बहु यहां नहीं तो कहा रहेगी,शौर्य मां मैं उसे अपने साथ अपने विला ले जा रहा हु।आप सब चाहते थे न कि मैं उसे अपना लूं उसे एक मौका दूं"।
"तो कोशिश कर रहा हूं न और मैं ये पूछ नहीं रहा हूं बता रहा हूं ये बात बोल वो अपने रूम की और जाने लगता है तभी पीछे से रघुवीर जी की आवाज आई"।
"तुमने कहा कि तुम बहु को एक मौका दे रहे हो तो एक बात हमारी भी सुन लो शौर्य अगर बहु को कोई भी परेशानी हुई या तुमने उन्हें नुकसान पहुंचाने की सोची तो याद रखना हम आपको छोड़ेंगे नहीं"।
"शौर्य बिना पीछे मुड़े एक टेढ़ी स्माइल 😏 कर चला जाता है और रूम मे जाकर अपनी नजरे इधर उधर कर प्रतीक्षा को ढूंढता है। तो उसे प्रतीक्षा सोफे पर सोती हुई दिखती है"।
"शौर्य प्रतीक्षा पर लगभग चिल्लाते हुए तुम्हे कहा था कि अब से मेरा सारा काम तुम ही करोगी तो तुम सो कैसे सकती हो।उसकी इतनी तेज आवाज सुन प्रतीक्षा हड़बड़ा के उठ जाती है"।
"और सामने देखती है जहां शौर्य गुस्से से उसे घूर रहा था शौर्य तुम्हे तुम्हारे घर वालो ने सिखाया नहीं कि जब पति ऑफिस से थक कर घर आए तो क्या करते है"।
"प्रतीक्षा जल्दी से उठ उसके लिए पानी लाती है और उसे दे चुप खड़ी हो जाती है शौर्य पानी पीते हुए सोफे पर बैठ बोला😏 ये शूज कौन उतारेगा"।
"प्रतीक्षा बिना किसी सवाल जवाब के शूज उतार कर जगह पर रख देती है शौर्य उसे बोहोत ध्यान से देख रहा था।उसकी हर एक हरकत को ऑब्जर्व कर रहा था"।
"उसकी इस मासूमियत को देख भी शौर्य की कोई फर्क नहीं पड़ा उसे तो बस ये सब प्रतीक्षा का दिखावा लग रहा था।वो प्रतीक्षा से बोला अपना सभी समान पैक कर लो जल्दी ही हम अभी यहां से निकल रहे है"।
"प्रतीक्षा ने डरते हुए हिम्मत कर पूछा हम कहां जा रहे हैं शौर्य मेरे दूसरे विला अब जल्दी करो मुझे ज्यादा सवाल जवाब पसंद नहीं इसलिए जितना कहा है उतना करो वरना मेरे सामने ज्यादा बोलने की सजा के लिए तैयार रहना"।
"प्रतीक्षा ने डर की वजह से जल्दी जल्दी अपना सर हां में हिलाया और पैकिंग करने में लग गई,और शौर्य भी वॉशरूम के अंदर चल गया।नीचे सभी सोच में थे कि शौर्य क्या करना चाहता है"।
"वो प्रतीक्षा को कैसे रखेगा कही कुछ गलत न हो जाए तभी रूही बोली मां आप सब क्यों टेंशन ले रहे हो उन दोनों को अकेले थोड़ा टाइम चाहिए एक दूसरे को समझने के लिए सब अच्छा होगा ज्यादा मत सोचिए"।
"नीलिमा जी भी रूही की बात सुन मान जाती है सभी को रूही की बात सही लगी,तभी शौर्य और प्रतीक्षा सीढ़ियों से आते हुए दिखते हैं सभी को, शौर्य अपनी मां के पैर छू कर एक साइड हो जाता है"।
"पर प्रतीक्षा सभी बड़ी के पैर छूती है और सभी से मिल शौर्य के साथ बाहर की तरफ चली जाती है सभी उसे बहार तक छोड़ने आए थे।ये देख शौर्य को गुस्सा आ रहा था कि सभी इस कल की आई लड़की की कितनी फिक्र कर रहे हैं"।
क्या करना चाहता है शौर्य क्या प्रतीक्षा की मासूमियत बदल पाएगी शौर्य को।
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"नीलिमा जी भी रूही की बात सुन मान जाती है सभी को रूही की बात सही लगी,तभी शौर्य और प्रतीक्षा सीढ़ियों से आते हुए दिखते हैं सभी को, शौर्य अपनी मां के पैर छू कर एक साइड हो जाता है"।
"पर प्रतीक्षा सभी बड़ी के पैर छूती है और सभी से मिल शौर्य के साथ बाहर की तरफ चली जाती है सभी उसे बहार तक छोड़ने आए थे।ये देख शौर्य को गुस्सा आ रहा था कि सभी इस कल की आई लड़की की कितनी फिक्र कर रहे हैं"।
अब आगे।
"शौर्य और प्रतीक्षा वहां से जा चुके थे और पूरी फैमिली उन्हें विदा कर अंदर चले जाते है।तभी कावेरी जी रघुवीर जी से बोली अब आप अपनी दवाई ले कर थोड़ा आराम करिए"।
"और आप बहु की चिंता मत कीजिए हमे अपने पोते पर पूरा भरोसा है।वो इस रिश्ते को अच्छे से निभाएंगे, तभी रघुवीर जी आपको होगा उस नालायक पर भरोसा हमे नहीं है"।
"हमने उसकी आंखों में जो नफरत देखी है वो नफरत देख हमे डर है कि कही हमने प्रतीक्षा के साथ गलत तो नहीं कर दिया,कावेरी जी आप अब ज्यादा ही सोच रहे हैं"।
"प्रतीक्षा की मासूमियत से एक दिन शौर्य जरूर बदल जाएगा रघुवीर जी अब कुछ नहीं बोलते और अपने कमरे में चले जाते है"।
"वही दूसरी तरफ शौर्य की कार एक आलीशान बंगले के आगे आकर रुकती है शौर्य जल्दी से कार से निकल अंदर चल जाता है वो प्रतीक्षा के कार से उतरने का इंतजार भी नहीं करता।
"प्रतीक्षा धीरे कदमों से अंदर जाती है तो शौर्य हॉल में ही खड़ा था और नौकरों को कुछ इंस्ट्रक्शन दे रहा था।तभी शौर्य की आवाज सुन प्रतीक्षा उसके पास चली जाती है"।
"शौर्य आज से सभी सर्वेंट्स की छुट्टी उनकी सैलरी पहुंचा दी जाएगी आज से यहां का सारा काम ये लड़की करेगी फिर उसने प्रतीक्षा की तरफ देखा"।
"तो मेरी सो कोल्ड वाइफ आज से इस मेंशन का सारा काम तुम करोगी और मुझे किसी भी काम में कोई भी लापरवाही बिल्कुल पसंद नहीं है"।
"समझी मैने क्या कहा तभी प्रतीक्षा डर की वजह से अपना सर जल्दी से हां में हिला देती है,मैं अपने रूम मे जा रहा हु।तुम्हे जहां रहना है रहो और मेरे फ्रेश होकर आने तक डिनर रेडी हो जाना चाहिए"।
"शौर्य अपने रूम मे चल गया प्रतीक्षा वहां अकेले रह गई उसने वहां खड़ी एक थोड़ी उम्रदराज सर्वेंट से रूम के लिए पूछा तो उसने 2nd floor पर एक रूम में प्रतीक्षा का सामान रखवा दिया"।
"जबकि शौर्य का रूम 3rd floor पर था प्रतीक्षा जल्दी से कपड़े चेंज कर डिनर तैयार करने चली जाती है,और जल्दी ही पूरा डिनर बना भी लेती है।शौर्य सीढ़ियों से आ रहा था"।
"उसने देखा प्रतीक्षा ने अपना काम टाइम पर किया है वो जाकर डाइनिंग टेबल की हेडचेयर पर बैठ जाता है।प्रतीक्षा उसे खाना सर्व करती है"।
"और बगल वाली चेयर पर बैठ जाती है और अपने लिए खाना निकालने लगती है,क्योंकि उसे बहुत तेज भूख लगी थी।तभी शौर्य की तेज आवाज उसके कानो में पड़ी तुम्हारी इतनी औकात नहीं है… कि तुम मेरे बराबर में बैठ कर खाना खाओ"।
"आज तो छोड़ रहा हूं ये बात अपने दिमाग में बिठा लो जब तक मैं खाना खाऊंगा तुम मेरे पीछे खड़ी रहोगी और मेरे खाने के बाद खाना खाओगी वो भी जमीन पर बैठ कर समझी…प्रतीक्षा एक दम से सहम जाती है"।
"और जा कर शौर्य के पीछे खड़ी हो जाती है वो रोना चाहती थी पर शौर्य के डर की वजह से रो भी नहीं सकती थी।शौर्य अपना खाना खत्म कर चला जाता है"।
"शौर्य के जाने के बाद प्रतीक्षा खाना ले कर जमीन पर बैठ खाने लगती है वही शौर्य ऊपर से ये सब देख इविल स्माइल 😏 कर रहा था,ये तो शुरुवात है"।
"तुम्हे तो अभी बोहोत कुछ झेलना है बस देखती जाओ एक दिन तुम खुद इस रिश्ते को तोड़ कर जाओगी और फिर मैं सब से यही कहूंगा कि तुम इस रिश्ते में खुश नहीं थी"।
"शौर्य अपने रूम मे जा चुका था प्रतीक्षा अभी भी काम में लगी हुई थी वो जल्दी ही काम कर अपने रूम में चली जाती है। वो पहले अलार्म लगाती है जिससे सुबह टाइम से उठ सके"।
"उसे डर था अगर वो जरा भी लेट हुई तो शौर्य उसे कोई सजा जरूर देगा वो जल्दी से सो जाती है वही शौर्य अभी भी अपने ऑफिस का काम कर रहा था"।
"तभी शौर्य के पास किसी का कॉल आता है शौर्य जल्दी से कॉल उठता है तो दूसरी तरफ से एक लड़की की आवाज आती है शौर्य मैं कल आ रही हूं ये सुन शौर्य खुश हो जाता है"।
"वैसे शौर्य तू कहा हो ऐसा न हो मैं वहां और तुम बिजनेस के काम से बाहर चले जाओ शौर्य नहीं नहीं ऐसा नहीं होगा।और वैसे भी मैं तुम्हारे लिए हमेशा फ्री हुं।तुम आ जाओ मैं अपने दूसरे विला पर हु, और अपनी फ्लाइट का टाइम बताओ"।
"मैं तुम्हे खुद लेने आ जाऊंगा दूसरी तरफ से अरे नहीं मैं आ जाऊंगी तुम्हे तकलीफ उठाने की जरूरत नहीं है कुछ देर ऐसे ही बात करने के बाद शौर्य कॉल रख देता है"।
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