उत्तराखंड की वादियों में गूंजती है एक अनकही कहानी — रिद्धि, मासूम पर दिल में आग लिए, और विवान राणा, अमीर घर का बिगड़ा बेटा। उनकी पहली मुलाकात एक थप्पड़ से होती है, जो न सिर्फ घमंड तोड़ता है बल्कि दिलों में एक खौफ और जज्बात जगाता है। नफरत की आंच धीरे-... उत्तराखंड की वादियों में गूंजती है एक अनकही कहानी — रिद्धि, मासूम पर दिल में आग लिए, और विवान राणा, अमीर घर का बिगड़ा बेटा। उनकी पहली मुलाकात एक थप्पड़ से होती है, जो न सिर्फ घमंड तोड़ता है बल्कि दिलों में एक खौफ और जज्बात जगाता है। नफरत की आंच धीरे-धीरे प्यार में बदलती है, और बदला बन जाता है उनके रिश्ते की खामोश धड़कन। दोस्ती, जुनून और खतरे के बीच, क्या दोनों अपने दिल की आवाज़ सुन पाएंगे? क्योंकि प्यार और बदला कभी एक साथ सुलगते हैं। जानने के लिए बने रहे मेरे साथ सिर्फ स्टोरी मनिया पर....
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उत्तराखंड की घाटियों में सुबह का पहला उजाला धीरे-धीरे फैल रहा था। पहाड़ों से टकराती ठंडी हवा में एक मीठी सी खुशबू घुली हुई थी — जैसे प्रकृति खुद किसी कहानी की शुरुआत में सांस ले रही हो।
रिद्धि अपनी खिड़की पर खड़ी थी, हाथ में चाय का प्याला, लेकिन चाय पीने पर ध्यान नहीं था। उसकी आंखें दूर-दूर तक फैली घाटी में टिकी हुई थीं। उसके दिल में एक अजीब सी बेचैनी थी — मानो आज कुछ बड़ा, कुछ अलग होने वाला हो।
"आज… कुछ बदलने वाला है," उसने खुद से धीरे से कहा।
रिद्धि के परिवार की मान्यता थी — "हमारी इज्जत ही हमारी ताकत है।" लेकिन आज रिद्धि के दिल में डर और चुनौती दोनों थीं।
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गाँव का मेला हर साल की तरह इस बार भी रंग-बिरंगे झूले, मिठाइयों की खुशबू और चहल-पहल से भरा था। बच्चे हंस रहे थे, बाज़ार में चूड़ियां, चश्मे और खिलौनों की दुकानें लगी थीं, और महिलाओं की हंसी चारों तरफ गूंज रही थी।
रिद्धि अपने दोस्तों के साथ मेला घूम रही थी, तभी उसके आगे एक थार तेजी से आकर रुकी, जिससे उसके ऊपर कीचड़ की छींटे आकर गिर पढ़ी। रिद्धि ने ज़ब ये देखा तो वो बहुत गुस्से. मे आ गयीं उसका वो छोटा सा गोल सा चेहरा गुस्से मे भर कर लाल हो गया। उसने आव देखा ना ताव एक ईंट लेकर थार के शीशे पर फेंक दिया जिससे उसका सीसा चकनाचूर हो गया ज़ब उस गाड़ी मे बैठे इंसान ने ये देखा तो वो गाड़ी से निकल कर रिद्धि से नतमीजी करने लगा ये देख रिद्धि ने एक थप्पड़ उस सखश के गाल पर जड़ दिया ये देख उस इंसान की आँखे गुस्से मे लाल हो गयीं।
वो सखश गुस्से मे चिल्लाया "how dare you" तुम्हे पता है तुमने किस पर हाथ उठाया है। ठाकुर विवान राणा नाम है मेरा और तुमने विवम राणा पर हाथ उठाया है जिसे कोई नजर उठा कर नहीं देखता और तुमने उसी विवान राणा पर हाथ उठा दिया इसकी kimet तुम्हे बहुत जल्द अपनी जान देकर चुकानी होंगी,।
विवान राणा — गाँव में एक नाम था जो हर मामले में दबंग और रहस्यमयी भूमिका निभाता था। अमीर, घमंडी और बदले की आग में जला हुआ। उसका चेहरा ठंडा था, उसकी आँखों में कुछ अनकहा था। उसकी चाल में आत्मविश्वास और खतरे का मिश्रण था।
जैसे ही उनकी नज़रें मिलीं, रिद्धि को अचानक चुभन-सी महसूस हुई। यह सिर्फ आंखों का मिलना नहीं था — यह एक चुनौती थी।
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मेले में एक मामूली झगड़ा अचानक बढ़ गया। लोग अपनी-अपनी बातें छोड़ कर इधर-उधर देखने लगे। रिद्धि ने देखा कि सब लोग उसे और विवान को ही देख रहे हं।
उसने कदम बढ़ाया और सीधे उसकी ओर बढ़ी। उसकी आवाज़ ठंडी थी लेकिन गहरी — “तुम्हें लगता है तुम यहाँ आकर सब पर राज कर सकते हो?”
विवान चुप रहा, बस उसकी ओर देखा। वह नज़रें झुका कर नहीं, बल्कि सीधे उसकी आँखों में देख रहा था — जैसे उसकी आँखों में कोई चुनौती देख रहा हो।
रिद्धि का दिल तेज़ी से धड़कने लगा। रिद्धि का चेहरा गुस्से से लाल था।
थप्पड़ एक धमाके की तरह था — आवाज़ में भी, दिलों में भी। भीड़ में सन्नाटा छा गया। सब लोग इस नज़ारे को देख चुप हो गए।
विवान के चेहरे पर झटका था। वह पल भर के लिए स्थिर रहा, फिर धीरे से पीछे हटते हुए बोला —
“तुम… समझती क्या हो कि यह तुम कर सकती हो?” उसकी आवाज़ में नफरत थी।
रिद्धि ने उसकी ओर घूरकर कहा —
“मैं वही करती हूँ जो सही लगता है। और मैं डरती नहीं।”
भीड़ में से लोग धीरे-धीरे हिलने लगे। कुछ चीख पड़े, कुछ सर पकड़े हुए खड़े थे। क्युकी सब मालूम था की अब से रिद्धि की जिंदगी मे परेशानिया आने वाली हे।
रिद्धि घर लौटते हुए सोच रही थी — “मैंने क्यों थप्पड़ मारा? क्या यह सिर्फ गुस्से का पल था या मेरे दिल की आवाज़ थी?” उसके मन में सवाल गूंज रहे थे।
वहीं विवान अपने कमरे में खड़ा था, थप्पड़ की गर्माहट अभी भी चेहरे पर महसूस कर रहा था। उसकी आंखों में गुस्सा था, लेकिन एक अजीब आकर्षण भी था — जैसे किसी ने उसके दिल में आग लगा दी हो।
“यह लड़की… कुछ अलग है,” वह खुद से कहता रहा।
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दरअसल, विवान के पिता और रिद्धि के परिवार के बीच कई सालों की पुरानी दुश्मनी थी। यह दुश्मनी सिर्फ संपत्ति या सम्मान की नहीं थी — यह एक कहानी थी, जो पीढ़ियों से चल रही थी।
रिद्धि जानती थी कि यह थप्पड़ केवल एक पल का गुस्सा नहीं था — यह एक संकेत था, एक संदेश कि वह डरती नहीं और वह लड़ सकती है।
विवान के लिए यह थप्पड़ एक चुनौती थी — एक ऐसा सवाल जो वह अनसुलझा छोड़ नहीं सकता था।
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6. दिल की हलचल
रिद्धि के दिल में उलझन थी। गुस्सा, नफरत, और कुछ अलग — शायद जिज्ञासा — सब एक साथ उमड़ रहे थे। लेकिन वह जानती थी कि यह सिर्फ शुरूआत है।
विवान भी उसी समय अपने मन में सोच रहा था — “क्यों यह लड़की इतनी बेधड़क है? क्यों उसने मुझे थप्पड़ मारा?” kyu me पलट कर उससे कुछ नहीं कहे पाया।
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रिद्धि अपने कमरे में खड़ी सोच रही थी — “क्या मैं अपने दिल की सुनूँ या अपने परिवार की?” वहीं विवान भी खिड़की के पास खड़ा, सोच रहा था — “यह लड़की… मेरे लिए कोई खेल नहीं है। यह कहानी बदले की और प्यार की होगी।”
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सूरज की पहली किरण घाटी में फैल रही थी। रिद्धि और विवान दोनों एक नई कहानी की ओर कदम बढ़ा रहे थे — एक कहानी जिसमें नफरत और प्यार साथ-साथ होंगे। जहाँ हर कदम पर सवाल होगा — "क्या हम अपने दिल की सुनेंगे या अपने बदले की?"
और इसी थप्पड़ ने उनकी कहानी को जन्म दिया — एक कहानी जिसका अंत दोनों के लिए भी अनजान था।
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to bi continue✍️✍️....
milte h next part me psnd aaye to like or समीक्षा jrure de. meei or srory padhne ke liyr mujhko page pr follow jrure kre dhnyawad .....