ये कहानी है एक बेहद एरोगेंट, यूरोप के टॉप 5 बिजनेसमैन में से एक (काल्पनिक) प्लेबॉय , N.R.I. अंबर खुराना की ! जिसके लिए प्यार कोई फीलिंग नहीं बल्कि चीज है! और हर चीज की कीमत होती है.....!! इसलिए ना किसी चीज से अटैचमेंट है ना किसी से प्यार सिवाय अपने द... ये कहानी है एक बेहद एरोगेंट, यूरोप के टॉप 5 बिजनेसमैन में से एक (काल्पनिक) प्लेबॉय , N.R.I. अंबर खुराना की ! जिसके लिए प्यार कोई फीलिंग नहीं बल्कि चीज है! और हर चीज की कीमत होती है.....!! इसलिए ना किसी चीज से अटैचमेंट है ना किसी से प्यार सिवाय अपने दादाजी के ....!!! दूसरी तरफ है मिडिल क्लास धरा मेहरा ...!! जिसके लिए प्यार ही सब कुछ है...!! प्यार साथ हो तो हर मुश्किल आसान है...!! और ये उसने कर भी दिखाया था अपने बचपन के प्यार क्षितिज के लिए एक अच्छे खासे बिजनेस क्लास फैमिली के डॉक्टर बेटे के आए रिश्ते को ठुकरा कर....!! और अपने चाचा चाची को क्षितिज के लिए मनाकर ,जिनके आगे वो कभी सर उठा कर बोलती भी नहीं थी...!!और अब जल्द ही उसकी और क्षितिज की शादी होने वाली थी....!! पर क्या होगा जब अंबर से टकराएंगी धरा की राहें....?? क्या धरा और क्षितिज के प्यार को मिलेगी उसकी मंजिल.......??? मोहब्बत जीतेगी या जुनून हारेगा......?? क्या कहा ....??मतलब एक ही है दोनों बातों का लेकिन ये मतलब कुछ अलग ही मतलब से निकलेगा......!! कैसे.....?? जानने के लिए तो इस कहनी के सफर का हमसफर बनना पड़ेगा ना.....!! इस कहानी के सफर पर निकलेंगे तो इसके भी दो मतलब समझा देंगे हम.....!!
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एक शानदार बिल्डिंग की पार्किंग में तीन ब्लैक कलर की Rolls Royce कार आकर रूकती है। आगे वाली कार से 4 लोग निकलते हैं और उतने ही लोग पीछे वाले कार से भी उतरते हैं। सभी की हाइट 6 फीट के आसपास थी......!! सभी ने ब्लैक पेंट, ब्लैक कोट, आंखों पर गोगल्स, कान में ब्लूटूथ, चेहरे से सभी एकदम भाव विहीन ....!! सभी की पर्सनैलिटी ऐसी थी कि किसी का भी ध्यान खींचने में सक्षम थी......!! पास से गुजरते हर इंसान की नजरें उन पर जम जाती है......!!
वो 8 लोग तुरंत बीच वाली कार को चारों तरफ से घेर लेते हैं ......!! और इन चारों में से एक आगे बढ़कर झुकते हुए कार का दरवाजा खोलता है .....!!
कार से वाइट सूट में एक 6 फीट 2 इंच का शख्स उतरता है.......!! उम्र यही कोई 28 के आसपास...!! अच्छे से सेट किए हुए ब्राउन हेयर .....!! बालों के रंग को मैच करती बड़ी बड़ी आंखें जिनमें एक अलग सी तपिश थी !!एक आग थी !! दुनिया जीत लेने की..........!!
कार से उतरते ही वो चुटकी बजाकर इशारा करता हुआ आगे बढ़ जाता है और एक शख्स जो उसी के साथ कार के दूसरी तरफ से उतरा था तुरंत उसके पीछे लगभग दौड़ते हुए बोलना शुरू कर देता है।
ये वाइट सूट वाला कोई और नहीं बल्कि यूरोप के टॉप 5 बिजनेसमैन में से एक अंबर खुराना है।
और उसके पीछे बोलते हुए दौड़ने वाला शख्स है ,,,"एम.पी " यानि कि मिलन पुरोहित जिसे अंबर "मल्टी परपज "बुलाता है। क्योंकि अंबर कि मीटिंग्स से लेकर उसके मूड तक सभी कुछ वो संभालता है। और फिलहाल थोड़ी देर में अन्दर जाकर अंबर को आज जो एक नई घोषणा करनी है उसी की डिटेल बता रहा था।
इधर अंदर ऑफिस में कुछ सेकंड पहले ही अपने अपने डेस्क छोड़कर हॉल में इकट्ठा होने की सूचना सभी को दी गई थी.....!! सभी सहकर्मी धीरे-धीरे एक दूसरे के नजदीक पहुंचकर कान में फुसफुसा रहे थे और जानने की कोशिश में थे कि आज का एजेंडा क्या है.......?? पहला सवाल ही उछल कर बाहर आ पाया था कि क्या किसी की जबरदस्त वाली शामत आई है या ...............
इससे पहले कि दूसरा सवाल अपने पर फड़फड़ाता ऑफिस के एक सिरे से इशारे की लहर उठती है और पिन ड्रॉप साइलेंस छा जाता है....!!
महज कुछ पल बाद ही सारे कर्मचारी जो दो लाइनों में एक दूसरे की तरफ मुंह किए हुए खड़े थे उनके बीच में एक तूफान आ कर ठहरता है और सभी लोग अपनी सांसें थाम कर अंबर खुराना नाम के तूफान के बोलने का इंतजार कर रहे होते हैं।
लेकिन आगे बढ़कर बोलना शुरू करता है,,, अंबर खुराना का P.A. मिलन पुरोहित.......!!
आप सभी को ये जानकर खुशी होगी कि खुराना ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज ने एक नया टेकओवर किया है......!! और इसी टेकओवर के साथ अब हमारी कंपनी ने एशिया का रुख किया है।
ये सुनते ही सभी की अटकी हुई सांस लौट आती है और सभी बेहद खुश होकर ताली बजाते हैं......!! ये खुशी नए टेकओवर की तो थी ही पर इस खुशी में एक और खुशी का रंग था कि आज किसी पर गाज नहीं गिरने वाली थी......!! किसी की बहुत बुरी वाली शामत नहीं आई थी.....!!
एम.पी. सबको हाथ के इशारे से शांत रहने के लिए बोलकर आगे बोलता है,,,,,,,,, ये नया टेकओवर इंडिया में किया है। और जैसा कि हमारे सीईओ का नियम है की नई कंपनी को जाकर पहले हमारे कुछ एफिशिएंट ऑफिसर्स देखते हैं। और वहां पर काम करने वाले लोगों की एफिशिएंसी चेक करके कौन कंपनी में रहेगा और कोई निकाला जाएगा इसकी लिस्ट बनाते हैं। तो उसी प्रोसेस के तहत कुछ लोगों के नाम यहां शॉर्टलिस्ट किए गए हैं....!! जिन्हें 2 दिन बाद ही इंडिया के लिए फ्लाइट पकड़नी है....!! उनमें से अगर कोई छुट्टी पर गया है तो उनकी छुट्टी भी अगले 6 महीने तक के लिए कैंसिल कर दी गई है। हमारे बॉस सब कुछ सेटल होने के बाद आप लोगों को 15 दिन बाद कंपनी देंगे.....!! अगले 6 महीने तक आपको इंडिया में ही रहना है।
इतना बोलकर एम.पी. लोगों के नाम की लिस्ट पढ़ना शुरू करता है.....!!
जिस जिसका भी नाम लिस्ट में शामिल था वही बेहद खुश था जैसे उसकी लाटरी निकल गई है क्योंकि इस मौके का मतलब था बहुत बड़ी हाइक मिलना.....!! सिवाय एक बंदे के.......!!!
बधाइयों का दौर चलता है और सभी लोग आगे बढ़कर (आगे बढ़कर का मतलब बढ़-चढ़कर लेकिन अपनी ही जगह पर खड़े रहकर अंबर खुराना को विश कर रहे थे।)
और बदले में कुछ शब्द गूंजते हैं ,,,,,,,,, थैंक यू ....!! इनफ फोर नाउ........!! गेट बैक टू योर वर्क फास्ट.....!!
सारी आवाजों को शांत करने के लिए काफी थे ये शब्द और सभी तुरंत रोबोट की तरह अपने अपने डेस्क की तरफ बढ़ने लगते हैं।
लेकिन तभी एक दबी दबी सी आवाज आती है,,,,,,, एक्सक्यूज मी सर......!!
अंबर खुराना के बढ़ते कदम ठहर जाते हैं,,,,,
अंबर खुराना घूमते हुए अपने गोगल्स उतारकर उस बंदे को घूर कर देखता है......!!और फिर अगले ही पल बड़े आराम से बोलता है,,,,,, यस पीटर.......??
अंबर की टोन सुनकर पीटर को थोड़ी हिम्मत आती है और वो थोड़ा हकलाते हुए बोलता है...!! सर 10 दिन बाद मेरे डैड का ऑपरेशन है और वो चाहते हैं कि एक हफ्ते बाद मेरी शादी हो जाए और मैंने छुट्टी के लिए पहले से ही..............
अंबर खुराना :(पीटर की बात बीच में ही काटते हुए) तो तुम इंडिया वाले प्रोजेक्ट पर नहीं जा रहे हो.........??
पीटर :(घबराते हुए सिर झुका कर धीरे से) जी.........!!
अंबर खुराना : ओके नो प्रॉब्लम.......!! एम.पी....!! एकाउंट्स डिपार्टमेंट से पीटर के फादर के ऑपरेशन के खर्चे के अलावा 10,000 यूरो फादर के ऑपरेशन के बाद के इलाज के लिए ............
पीटर : सर इसकी जरूरत नहीं है आप पहले ही बहुत कुछ.........
अंबर खुराना :(अभी मेरी बात खत्म नहीं हुई है) जरूरत पड़ेगी तुम्हें .....!! हां तो मैं कह रहा था ,,,,,,,,1000 यूरो पीटर की शादी का गिफ्ट और 20,000 यूरो दो महीने की सैलरी ......!!! और साथ ही मिस्टर पीटर का टर्मिनेशन लेटर.......!! शादी के बाद हनीमून के लिए भी समय चाहिए होगा ना......??
पीटर जिसके घबराहट भरे चेहरे पर थोड़ी देर पहले अंबर की बात सुनकर हल्की सी मुस्कुराहट आने लगी थी तुरंत ही हड़बड़ाकर घबराते हुए जल्दी से बोलता हैं
पीटर : सर प्लीज़ ऐसा........
अंबर : वक्त और मेरे फैसलों की कद्र ना करने वाले लोगों की मेरी कंपनी में कोई जगह नहीं है।
कैसी लगी अंबर खुराना से पहली छोटी सी मुलाकात.....?? अपनी प्यारी प्यारी समीक्षा देकर बताइएगा अगर गुस्सा आ रहा है अंबर की हरकत पर तो क्रोध भी दिखा सकते हैं मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है लेकिन ON YOUR OWN RISK....!!
नेक्स्ट पार्ट में अंबर को थोड़ा और जानेंगे....!!
क्रमशः
मोनिका
अंबर खुराना :(अभी मेरी बात खत्म नहीं हुई है) जरूरत पड़ेगी तुम्हें .....!! हां तो मैं कह रहा था ,,,,,,,,1000 यूरो पीटर की शादी का गिफ्ट और 20,000 यूरो दो महीने की सैलरी ......!!! और साथ ही मिस्टर पीटर का टर्मिनेशन लेटर.......!! शादी के बाद हनीमून के लिए भी समय चाहिए होगा.......!!
पीटर : सर प्लीज़ ऐसा........
अंबर : वक्त और मेरे फैसलों की कद्र ना करने वाले लोगों की मेरी कंपनी में कोई जगह नहीं है।
इतना बोलकर अंबर अपने कदम आगे बढ़ाता है।
पीटर : सर प्लीज़ ऐसा मत करिए.....!! सर मुझे टर्मिनेट मत कीजिए....!! सर 7 दिन क्या मैं सात जन्म में भी शादी नहीं करूंगा......!!
पीटर गिड़गिड़ाता रह जाता है लेकिन अंबर खुराना पर जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ता.....!!! और वह तेज कदमों से वहां से चला जाता है । उसने एक बार जो बोल दिया वो पत्थर की लकीर हो जाता है।
मारिया :(एक करीब 55 साल की औरत) क्या जरूरत थी शादी शब्द बोलने की....?? पता नहीं है शादी शब्द से ही एलर्जी है इस इंसान को......!! जो शादीशुदा औरत इसके संपर्क में आ गई उसका तलाक निश्चित है। फिर भी पता नहीं क्यों इसके करीब जाती हैं .......??
कैट : आंटी शादी से एलर्जी है...!! शादीशुदा औरतों से एलर्जी नहीं है ना अपने बॉस को.....!! बोलकर अपनी एक आंख दबा देती है......!! और बाॅस थोड़े ही शादीशुदा औरतों के पीछे जाते हैं....! क्या कुंवारी क्या शादीशुदा सब बाॅस के पीछे ऐसे घूमती हैं जैसे
स्वीट पर हाउस फ्लाई भिनभिनाती हैं।
वैन्डी :(एक 20 साल की लड़की जिसने 2 दिन पहले ही ज्वाइन किया था) मारिया आंटी मैंने सुना है जो लेडी इनके साथ एक रात गुजार लेने के लिए मरी जाती हैं वो बाद में इन्हें भर भर कर गालियां देती है.....!!
कैट : ये बात आंटी कैसे बता सकती हैं....?? अब उनकी उम्र नहीं है कि वो बाॅस को रिझाकर उनकी एक रात अपने नाम कर ले....!! एक काम कर ना तू ट्राई करके देख ले.....!! पता चल जाएगा.....!!
वैन्डी : (कैट से) आपने ट्राई नहीं किया कभी......??
कैट : (एक आह भरते हुए) हाय ...!! दिन-रात बस यही सपना देखती हूं पर कमबख्त देखे तो सही.......!! एक बार भी नहीं देखता.....!!
शुक्र मानो अभी तक नहीं देखा.....!! वरना जैसे तुम काम छोड़कर बाकी सब कुछ करती हो तो जिस दिन बॉस की नजर में आ गई तो तुरंत तुम्हारा बोरिया बिस्तर गोल हो जाएगा इस ऑफिस से......!! नमन जो अंबर के लिए कॉफी लेने आया था पीछे खड़ा उनकी बात सुनकर गुस्से से बोलता है....!!
मिलन के डांटने पर तुरंत तीनों लेडी हड़बड़ा कर वहां से खिसक लेती हैं और अपने अपने काम में लग जाती हैं.....!!
मिलन , अंबर के केबिन में कदम ही रखता है कि तभी उसका फोन बज उठता है,,,,,,,
मिलन एक नज़र अपने फोन की स्क्रीन को देखता हैं और दूसरी नज़र अपने लैपटॉप पर नज़रें जमाए अंबर की तरफ देखता है और फिर जैसे ही कॉल उठाने के लिए अपनी उंगली फोन की स्क्रीन की तरफ बढ़ाता है तो.......
खबरदार अगर दादाजी को पूरा अपडेट दिया तो......!! अंबर लैपटॉप की स्क्रीन पर नजरें गड़ाए हुए ही बेहद सख्त लहजे में मिलन को वार्न करते हुए बोलता है......!!
मिलन : देखो.....!! दादा जी से मैं झूठ नहीं बोल सकता...!!
अंबर :(गहरी निगाहों से देखते हुए) मैं तुमसे झूठ बोलने के लिए कहां बोल रहा हूं....!! सिर्फ खामोश रहने के लिए बोल रहा हूं......!! एंड इट्स एन ऑर्डर...!!
मिलन : (अपना थूक निगल कर धीरे से)मैं क्यों मानूं तुम्हारा आर्डर......??
अंबर :ये भी बताना पड़ेगा.....?? बाॅस हूं मैं तुम्हारा......!! मेरा हर आर्डर मानना तुम्हारा फर्ज है वरना........अंबर बेहद शांति के साथ एक-एक शब्द चबाते हुए और अपनी आखिरी लाइन को अधूरा छोड़ कर धमकी भरे लहजे में बोलता है।
मिलन : ( अगले शब्दों को बोलने से पहले चौकन्नी नजरों से खुद को अंबर के अगले रिएक्शन से बचाने के लिए जगह तलाशते हुए) तो ....?? क्या करोगे हां.....??
जिस काम के लिए तुमने मुझे रखा है वो मैं अच्छे से कर रहा हूं.....!!
अंबर अपने दोनों हाथ डेस्क पर मारते हुए तुम वो भी कर रहे हो जिसके लिए मैंने तुम्हें नहीं रखा है।
मिलन :उसके लिए मुझे दादा जी ने रखा है.....!! बोलते हुए मिलन नीचे झुक जाता है क्योंकि उसकी इसी लाइन के साथ टेबल पर रखा वास हवा में लहराता हुआ उसकी तरफ बढ़ता है.....!! और साथ ही आवाज आती है 1009........!!
ये 1009 वी बार है जब तुमने मुझ पर निशाना लगाने का अपना शौक पूरा किया है...!! अंबर के वार से बचने के लिए नीचे झुकते हुए मिलन बोलता है।
मिलन के नीचे झुकने पर उसकी उंगली गलती से फोन की स्क्रीन पर घूम जाती है और काल रिसीव हो जाता है,,,, ना सिर्फ रिसीव हो जाता है बल्कि स्पीकर पर भी चला जाता है।
बलजीत खुराना (दादाजी) :ओए खोटे दे पुत्तर.....!! कितना टाइम लगदा है फोन उठाने में ........?? अगली बार अगर देर की ना तो मैं तैनू गोली मार देना है.....!!
मिलन :(खींजते हुए) एक काम करिए दादा जी आप मार ही दीजिए गोली......!! और कर दीजिए किस्सा खत्म......!! मुझे पता है एक ना एक दिन मरना तो मुझे दादा पोते में से किसी एक के हाथ ही है.....!! आपको रिपोर्ट ना करूं तो आप गोली मार देंगे आप के पोते की रिपोर्ट कर दूं तो वो सर फोड़ देगा.....!! ये रोज-रोज की टेंशन से अच्छा है खत्म कर दीजिए मुझे.....!! पूरे दिन तलवार के साए में रहता हूं और सुबह शाम आपकी बंदूक की गोली के निशाने पर......!!
बलजीत खुराना :ओए चुप कर खोटे दे पुत्तर.....!! काम की गल एक नहीं बताएगा.....!! जब देखो नौटंकी करने बैठ जाएगा.....!! माहौल बता....!! माहौल कैसा है.....??
मिलन ये सुनकर एक बार अपने आस पास टूट कर बिखरे वास की तरफ देखता है और एक बार अंबर की तरफ देखता है जो हाथ में पेपरवेट लेकर उसे उछाल रहा था साथ ही अपनी गुस्से भरी लाल आंखों से मिलन को घूर रहा था.....!!
मिलन थूक सटकते हुए बोलता है,,,,,,,बहुत अच्छा है....!! बादल गरज रहे हैं....!! बिजली चमक रही हैं.....!! और कभी भी गिर सकती है.....!!
बलजीत खुराना मिलन की बात सुनकर कंफ्यूज होते हुए बोलते हैं,,,,,,,बादल गरज रहे हैं ....?? और यह बोलते हुए बलजीत खुराना आसमान की तरफ अपने बंगले की खिड़की से देखते हैं लेकिन आसमान को एकदम साफ देखकर नाराजगी के साथ आगे बोलते हैं,,,,,,किधर बादल गरज रहे हैं ....??इधर तो आसमान साफ है एकदम नीट एंड क्लीन ......!! कमला हो गया है क्या......??
मिलन जो बुरी तरह से खीज गया था, बेहद धीरे से बुदबुदाता है.....दोनों दादा पोते की खींचतान में जल्दी ही हो जाऊंगा ......!
बलजीत जी : पुत्तर जी किन्नी बार दस्सु....?? जरा जोर से बोलो.....!! थोड़ा ऊंचा सुनता है मैंनु.....!!
अब तक अंबर , मिलन को घूरते हुए उसकी तरफ कदम बढ़ा कर उसके बेहद नजदीक आ जाता है और फोन के स्पीकर पर हाथ रखते हुए धीरे से मिलन के कान में बोलता है,,,,,,, शाम को डिनर टेबल पर अपने हाथों से अपना डिनर खत्म करना चाहते हो तो जुबान बंद रखना......!!
बदले में मिलन अंबर को ऐसे देखता है जैसे अभी रो देगा.....!!
और अब मिलन कॉल डिस्कनेक्ट करते हुए अंबर से बोलता है,,,,,,
बदले में मिलन अंबर को ऐसे देखता है जैसे अभी रो देगा.....!!
और अब मिलन कॉल डिस्कनेक्ट करते हुए अंबर से बोलता है,,,,,, पता नहीं कौन सी मनहूस घड़ी थी जब तेरे जैसे खड़ूस से मैंने दोस्ती की.....!! दोस्ती क्या की तेरी गुलामी एक्सेप्ट कर ली ...!! ये मत समझना कि तुझ से डरता हूं मैं....!! बस दोस्ती का फर्ज निभा कर तेरी आधी हरकतें दादा जी को बताता नहीं हूं.....!! साले मेरी बद्दुआ है तुझे....!! ये जो तू प्यार शब्द पर भरोसा नहीं करता है ना एक दिन यही शब्द तेरी जिंदगी बन जाएगा......!!
लोगों की शादियां तुड़वा देता है...!! घर बर्बाद कर देता है उनके.....!! अबे क्यों ले रहा है सब की इतनी बद्दुआएं.....??
अंबर कुछ बोलने के लिए मुंह खोलने वाला होता है।
तभी मिलन का फोन फिर से बज उठता है....!! तो अंबर खामोश रह जाता है और अपने ट्राउजर की जेब में हाथ डालकर वापस अपनी कुर्सी की तरह बढ़ जाता है....!!
और मिलन स्क्रीन की तरफ देखते हुए बोलता है,,,,,,, अबे यार ये सीनियर सिटीजन को भी चैन नहीं है....!! कभी कभी मेरा मन करता है कि बर्लिन के टीवी टावर से कूदकर सुसाइड कर लूं......!!
यह सुनकर अंबर के होठों पर हल्की सी मुस्कुराहट आ जाती है और वो तुरंत बोलता है,,,,,,,, कभी-कभी बड़े नेक ख्याल आते है तेरे दिमाग में.....!! अबकी बार जब ये विचार आए तो मुझे बता देना...!! इससे पहले कि ये विचार तेरे दिमाग से निकले मैं अपने प्राइवेट जेट से तुझे वहां पहुंचा दूंगा........!!
मिलन : (बुरी तरह से चिढ़ते हुए) जानता हूं साले तू तो चाहता ही है तेरे रास्ते का कांटा हट जाए पर मैं तेरा पीछा छोड़ने वाला नहीं हूं......!! और तब तक तो बिल्कुल नहीं जब तक मेरी मन्नत पूरी ना हो और तुझे तेरी कर्मों की सजा ना मिले.....!! जब तक तेरे इस घमंड से ऐंठे हुए सिर को इश्क की गलियों में झुकते हुए ना देख लू मैं कहीं नहीं जाने वाला समझा तू........?? बोलते हुए मिलन अंबर के बेहद नजदीक पहुंच जाता है ।
और यही वो बहुत बड़ी गलती कर देता है क्योंकि फोन अभी भी बज रहा था तो अंबर मिलन के हाथ में पकड़े फोन पर धीरे से अपनी उंगली घुमाकर काॅल कनेक्ट कर देता है और साथ ही बेहद काम वॉल्यूम में रिक्वेस्ट करते हुए बोलता है,,,,,,,,, दादा जी का कॉल बहुत देर से आ रहा है मुझे धमकाने की बजाय उनका कॉल अटेंड कर ले .....!! वरना तू जानता है ना.....??
मिलन :(इस बात से अनजान शेखी बघारते हुए ) हां जानता हूं ....!!क्या कर लेंगे मिस्टर सीनियर सिटीजन डरता नहीं हूं मैं किसी से.....!!
मिलन के इतना बोलते ही अंबर के चेहरे पर डेविल स्माइल आ जाती है और वो मिलन को इशारे से अपना फोन देखने के लिए बोलता है। और साथ ही मिलन के कॉल को स्पीकर पर कर देता है।
मिलन जैसे अपने फोन की स्क्रीन की तरफ देखता है तो उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो जाती हैं।
दूसरी तरफ से दादाजी के दहाड़ने की आवाज आती है .......... खोटे दे पुत्तर आज तू शाम को घर आ .....!! बहुत दिन से छित्तर नहीं खाए तूने.......!! इसलिए दिमाग खराब हो गया है। आज मार मार के तेरे मुंह का नक्शा ना बिगाड़ दिया और तेरे दिमाग को सही नहीं कर दिया तो बलजीत खुराना नाम नहीं है मेरा..........!! इतना बोल कर दादाजी फोन कट कर देते हैं।
जहां मिलन बुरी तरह से हैरान-परेशान खड़ा था वहीं अंबर जोर जोर से हंस रहा था......!!
मिलन : (अंबर को यूं हंसते देख मन में) बहुत कम ऐसा मौका होता है यार जब तू ऐसे खुल कर हंसता है तेरी इस हंसी के लिए तो मैं रोज छित्तर खाने को तैयार हूं.......!! काश कोई ऐसी तेरी जिंदगी में आए जो तेरे चेहरे की ये टेंपरेरी मुस्कुराहट को परमानेंट कर दे......!!
इंडिया (मुम्बई)सुबह 6 बजे
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दादी मां आपकी चाय ....!! बोलकर चाय का कप बेड के सिरहाने रखते हुए धरा कमरे के कर्टेंन हटाती है.....!! और साथ ही टीवी ऑन करके उस पर आस्था चैनल लगा देती है......!!
कमला जी (दादी मां) : (उठकर चाय का कप अपने हाथ में थाम ते हुए) पुत्तर जी बड़ी चंगी खुशबू आ रही है......!! आज इतनी सुबह सुबह क्या बना दिया.......??
धरा : अपने दुपट्टे को अपनी उंगली पर लपेटते हुए और अपनी नजरें झुका कर शर्माते हुए) वो दादी मां हमने आपको बताया था ना कल रात कि क्षितिज अपने नए स्टार्टअप के लिए बैंक से लोन की बात करने जा रहे और इसी सिलसिले में उनकी मीटिंग है! तो हमने सोचा हम मंदिर में जा कर पूजा करा लेते हैं !माता रानी का आशीर्वाद होगा तो उनका काम अच्छे से हो जाएगा ....!!तो इसलिए भोग के लिए प्रसाद बनाया था। और क्योंकि पूजा में समय लग जाएगा तो इसलिए हमने नाश्ते के लिए छोले, रायता ,सलाद सब कुछ रेडी कर दिया है। मंदिर से आकर हम गरम गरम भटूरे बना देंगे......!! और फिर अगले ही पल धरा अपने माथे में हाथ मारते हुए बोलती है,,,,,,, दादी मां कितनी बातें करती हैं आप......?? देखिए लगा लिया ना आपने हमें बातों में .....!!अभी हम चाचा जी को चाय भी नहीं देकर आए हैं.....!! और चाची जी के तो सिर में दर्द होने लगेगा.......!! हम चलते हैं आपसे बाद में बात करेंगे.......!! पहले चाचाजी और चाचीजी को चाय दे आए मंदिरा और मंत्रा का पेपर भी तो है उन्हें भी तो जगाना है। बोलकर धरा तेजी से कमला जी के रूम से निकल जाती है.....!!
धरा के रूम से निकलते ही कमला जी बड़बड़ाती हैं,,,,,,,,, पुत्तर जी कभी भी चाय लेकर जाना उस पायल के सिर का दर्द नहीं निकलने वाला। यह ड्रामा करके मेरी फूल सी बच्ची को काम में लगाए रखती है ! बेचारी मेरी बच्ची सारा काम करके ऑफिस जाती है। फिर दिनभर ऑफिस में काम करती है ।और शाम को आकर फिर वही काम...!! फिर महारानी को कुछ ना कुछ हुआ रहता है.....!! पूरा दिन मस्ती से काटती है सुबह और शाम में ही बीमार पड़ जाती है.....!! बस थोड़े दिन और...!! फिर मेरी बच्ची शादी करके अपने घर चली जाएगी। रब की मेहर है जो क्षितिज जैसा चंगा मुंडा मिला है....!! बस उसकी मां मुझे सही नहीं लगती.....!! लेकिन क्षितिज के होते कोई टेंशन नहीं है। मेरी मासूम से बच्चे को अच्छे से रखेगा।
और दूसरी तरफ धरा अपने चाचा जी के रूम का दरवाजा खटखटाते हुए बोलती है,,,,,,, चाची जी दरवाजा खोलिए हम चाय लाए हैं.......!!
पायल जी : अरे दरवाजा खुला है जल्दी ले आ मेरा सर फटने को तैयार हो रहा है।
धरा ...!!कितनी बार कहा है तुझसे चाय समय पर दे दिया कर......!!देख तो पूरे 2 मिनट लेट है.....!! हो गया मेरा तो पूरा दिन खराब......!!
धरा जल्दी से चाय का कप अपनी चाची जी की तरफ बढ़ाते हुए सॉरी सॉरी चाची जी आप चाय पी लीजिए ....!!हम आपके माथे पर बाम लगा देंगे......!!
पुत्तर तू एक काम किया कर...!! रात को ही एक थरमस भर के चाय अपनी चाची के सिरहाने रख दिया कर क्योंकि तेरी चाची का सिर दर्द चाय का बहुत बड़ा शौकीन है .....!! आज तो पट्ठा 2 मिनट पहले ही आ गया कल 1 सेकंड से जीत गया था परसों 2 सेकंड से ...!! राजन जी चिढ़ कर मजाक उड़ाते हुए बोलते हैं।
पायल जी :(मुंह बनाते हुए )आप मजाक उड़ा रहे हैं मेरे सिर दर्द का.....?? आपको क्या लगता है मैं झूठ बोल रही हूं.....?? पायल जी नाराजगी के साथ बोलती है।
धरा चाय का कप अपने चाचा जी को पकड़ा कर उनका न्यूज़पेपर उनके सामने रखती है और अगले ही पल साइड टेबल से उनका चश्मा उठाकर उन्हें पकड़ाते हुए बोलती है,,,,,,,,
पिछले अध्याय में आपने देखा कि मिलन अंबर को ऐसे देखता है जैसे अभी रो देगा। मिलन कॉल डिस्कनेक्ट करते हुए अंबर से कहता है कि उसने गलत समय पर उससे दोस्ती की और अब उसकी गुलामी स्वीकार कर ली है। वह अंबर को बद्दुआ देता है कि वह भी प्यार के लिए तड़पेगा। तभी मिलन का फोन फिर से बजता है और अंबर खामोश हो जाता है। मिलन सीनियर सिटीजन से परेशान है और आत्महत्या करना चाहता है। अंबर उसे चिढ़ाता है और कहता है कि वह उसे प्राइवेट जेट से वहां पहुंचा देगा। मिलन कहता है कि वह अंबर को सबक सिखाकर ही मानेगा। अंबर दादाजी का कॉल कनेक्ट कर देता है। दादाजी मिलन को डांटते हैं। मिलन हैरान है, जबकि अंबर हंस रहा है। मिलन सोचता है कि काश अंबर हमेशा ऐसे ही हंसता रहे।
सुबह 6 बजे, धरा दादी माँ के लिए चाय और नाश्ता लाती है। वह क्षितिज के लिए माता रानी से आशीर्वाद लेने मंदिर जाने की बात करती है। धरा कमला जी के कमरे से निकलकर चाची और चाचा को चाय देने जाती है। पायल जी को सिरदर्द है। राजन जी पायल जी के सिर दर्द का मजाक उड़ाते हैं।
अब आगे
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पिछले अध्याय में आपने देखा कि मिलन अंबर को घृणा से देखता है। मिलन कॉल काटते हुए कहता है कि उसने अंबर के साथ दोस्ती करके गलती की। वह अंबर से डरता नहीं है, बस दोस्ती निभा रहा है। वह अंबर को श्राप देता है कि वह प्यार शब्द को समझेगा।
अंबर कुछ कहने वाला था तभी मिलन का फोन बजता है। मिलन कहता है कि वह सुसाइड करना चाहता है। अंबर उसे बर्लिन जाने में मदद करने का प्रस्ताव देता है। मिलन कहता है कि वह अंबर को तब तक नहीं छोड़ेगा जब तक उसे प्यार का एहसास नहीं हो जाता।
अंबर चालाकी से मिलन का फोन स्पीकर पर चालू कर देता है जिससे दादाजी का कॉल आता है। दादाजी मिलन को डांटते हैं। अंबर हंसता है। मिलन कहता है कि वह अंबर की हंसी के लिए कुछ भी करने को तैयार है।
फिर अध्याय में धरा दादी माँ को चाय देती है। धरा बताती है कि वह क्षितिज की नौकरी के लिए प्रार्थना करने जा रही है। दादी माँ पायल के बारे में सोचती हैं। धरा चाची पायल को चाय देती है। राजन जी मज़ाक उड़ाते हैं।
अब आगे
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धरा चाय का कप अपने चाचा जी को पकड़ा कर उनका न्यूज़पेपर उनके सामने रखती है और अगले ही पल साइड टेबल से उनका चश्मा उठाकर उन्हें पकड़ाते हुए बोलती है,,,,,,,, चाचा जी गलती हमारी है.....!! हम रोज ही लेट हो जाते हैं ।और चाची जी के सर दर्द की वजह बन जाते हैं ।हमारी वजह से कितना परेशान हो जाती है चाची जी......!!
पायल जी : (झूठी नाराजगी दिखाते हुए) वही तो....!! एक तो सिर दर्द मेरी जान खा लेता है। दूसरा मेरी धरा को काम करना पड़ता है ये सोच कर तो मेरा सर फटने को हो जाता है......!! क्या मुंह दिखाऊंगी मैं वसुंधरा दीदी को ......?? वाहेगुरु...!! या तो मेरे सिर दर्द नू अपने पास बुला लो ...!!या मैनू......!! दुनिया क्या कहेगी बिन मां की बच्ची से काम कराने के लिए सिरदर्द का बहाना पा के बैठ जान्दी है....!! और दुनिया तो जी बाद में कहेगी....!! यहां तो जिसके नाल बयाही गई वो ही ताने मार रहे हैं......!! धरा तू एक काम कर पुत्तर लेजा...!! ये चाय तू ले ही जा...!! अब मेरे सिर में दर्द हो या सिर दर्द से फट जाए पर मैं चाय बाद में पियूंगी पहले सारे घर का काम करूंगी......!!
धरा : कैसी बातें कर रही है आप चाची जी आप चाय पीजिए और आराम कीजिए....!! चाचा जी तो बस मजाक कर रहे थे....!! अपनों की बातों का भी कोई बुरा मानता है क्या......??
पायल जी : नहीं नहीं अब चाय का एक घूंट मेरे गले से नीचे नहीं उतरेगा....!! अब तो मैं पहले सारा काम करूंगी ....!!उससे पहले चाय तो छोड़ ,पानी का घूंट भी मेरे गले से नीचे नहीं उतरेगा.......!!
धरा :चाची जी आपकी तबीयत ठीक नहीं है...!! आप आराम कीजिए ....!!और वैसे भी सारा काम हो गया है......!!
पायल जी (हैरान होकर अपनी आंखें फैलाते हुए) हअअ...! सारा काम हो गया मतलब तुमने नाश्ता वास्ता सब तैयार कर दिया .....??इतनी जल्दी......??? कैसे......??
राजन जी : कभी-कभी किचन में खाने के अलावा बनाने के लिए पैर भी रख दिया करो। वरना एक दिन ये भी पूछोगी कि खाने जैसी चीज किचन नाम की जगह पर बनती है क्या......??
पायल जी : (चिढ़ते हुए) सही कहा है किसी ने सारे रिश्ते मतलब के होते हैं। जवानी में दौड़ दौड़ कर काम करती थी तब अपरेट (अप्रिशिएट) नहीं किया...!! अब उम्र ढल रही है ...!!बच्चों को पालने में खुद की परवाह नहीं की.....!! जिसका नतीजा है कि बीमार रहने लगी हूं.....!! अब काम नहीं होता, तो बैठकर खाने के ताने ही खाने को मिलेंगे.......!! पायल जी रूआसी होकर बोलती है.....!!
धरा :चाची जी आप अपना मूड खराब मत कीजिए.....!! आप जानते हैं ना चाचा जी मजाक करने की कोशिश करते हैं...!! लेकिन उन्हें मजाक आता ही नहीं है करना ......!!
पायल जी : (अनजान बनने की एक्टिंग करते हुए राजन जी की तरफ देखकर) सच में मज़ाक कर रहे थे ना......??
राजन जी कुछ बोलने के लिए मुंह खोलने वाले होते हैं कि तभी धरा पर उनकी नजर पड़ती है और धरा हाथ जोड़कर कुछ भी उल्टा सीधा ना बोलने के लिए इशारे से बोलती है......!!
राजन जी : अरे भई....!! इतने साल हो गए शादी को .....!!तुम अब तक नहीं समझ पाई....?? मज़ाक ही तो कर रहा था.....!!(राजन जी धरा के रिक्वेस्ट करने पर अनमने से बोलते है)
पायल जी :(खुश होते हुए प्यार से रूठने वाले अंदाज में राजन जी के कंधे पर हाथ मारते हुए) जाइए आप भी ना हर वक्त मजाक करते हैं.....!! कभी सायरस (सीरियस) भी हो जाया कीजिए.......!! [दरअसल चाची जी को इंग्लिश बोलने की बीमारी है जिसे वो बड़े गर्व से गलत अंदाज में बोलती हैं।]
दोनों का झगड़ा खत्म कराकर धरा अपनी दोनों चचेरी बहनों के कमरे की तरफ बढ़ती है....!! धरा और उसकी दोनों चचेरी बहनों का कमरा पहली मंजिल पर था जबकि चाचा चाची और दादी मां का कमरा ग्राउंड फ्लोर पर.....!!
जैसे ही धरा अपनी बहनों के कमरे में जाती है तो उसकी चीख निकल जाती है और हाथ से ट्रे छूट कर गिर जाती है.......!!
जैसे ही धरा अपनी बहनों के कमरे में जाती है तो उसकी चीख निकल जाती है और हाथ से ट्रे छूट कर गिर जाती है.......!!
और उसका हाथ खुद ब खुद अपने सीने पर चला जाता है.......!!
मंत्रा और मंदिरा जिन्होंने अपने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था ...!! धरा को यूं घबराते देख जोर जोर से हंसने लगती हैं .....!! और धरा के घबराए चेहरे को देखकर एक दूसरे को हाई-फाईव देती है ( दोनों ही अपनी शरारतों से धरा को परेशान करने का एक मौका हाथ से नहीं जाने देती हैं....!! दोनों बहने जुड़वा है और धरा से मात्र 1 साल छोटी है लेकिन ग्रेजुएशन का फर्स्ट ईयर ही दोनों से क्लियर नहीं हो पा रहा है क्योंकि पढ़ाई को छोड़कर बाकी सब चीजों में इनका ध्यान रहता है )
धरा : किसी दिन हार्ट अटैक हो जाना है हमें.....!!
मंदिरा अपने मन में बोलती है,,काश कि हो ही जाए.....!! फिर क्षितिज मेरा हो जाएगा! मन में यह सोचने के बाद तिरछी मुस्कुराहट के साथ बोलती है,,,,, हमें तो ऐसे बोलती हो जैसे मोहल्ले के दो चार लोगों को साथ में लेकर जाना है...??
यह सुनकर मंत्रा ताली बजा कर खिल खिलाते हुए बोलती है,,,,,,, वाओ यार सामूहिक हत्या और आत्महत्या तो सुनी थी सामूहिक हार्ट अटैक पहली बार देखूगी...!!
धरा : आज के दिन तो बस करती.....!! हमने आपको पढ़ने के लिए जल्दी उठाया था....!! और आप दोनों ये लीपा पोती करके बैठी हो ........!!इस साल भी पास नहीं होना है क्या......?? सोचा है आप लोग अगर फेल हो गई तो चाचा जी को कितना दुख होगा.......!!
मंत्रा : हैलो मिस ज्ञान गंगा कहीं और बहो जाकर......!! तुम्हारी लाइफ तो सेट है.....!! जिस दिन हमारी सेट हो जाएगी हम भी यही ज्ञान औरों को दे देंगे .....!!
धरा :इसीलिए तो बोल रहे है पढ़ो......!! लाइफ सेट करने के लिए पढ़ना पड़ता है।
मंदिरा :ओ हेलो ....!! लाइफ सेट करने के लिए बंदा सेट करना पड़ता है......!!
खुद ने तो इतना हैंडसम बंदा पटा लिया ....!! और हमें यूजलेस सी किताबें हाथ में थमा कर ज्ञान की त्रिवेणी में गोता लगाने के लिए बोल रही हो.....!!
धरा : देखो पूरे साल तो आप दोनों यही करती हो....!! एग्जाम टाइम में थोड़ा तो पढ़ लो.....!! पढ़ लोगी तो अच्छे लड़कों की कमी नहीं होगी.......!! पिछले 3 साल से एक ही क्लास में हो.....!! कॉलेज जाती हो तो थोड़ा...........
मंदिरा : (धरा के बात को बीच में काटते हुए) माते सुबह-सुबह आस्था चैनल सुनने के मूड में नहीं है हम....!! दादी का चला दिया ना उतना काफी है.....!!और हां तुम हमारी चिंता मत करो कॉलेज हम जिस काम के लिए जाते हैं उस काम को बखूबी कर रहे हैं.....!! हमें ज्ञान देने का इतना ही शौक है तो प्लीज़ हमें बताओ ना क्षितिज को कैसे पटाया था ......?? मंदिरा, धरा के गाल को खींचकर अपनी एक आंख दबाते हुए बोलती है.....!!
फिर मंदिरा मंत्रा की तरफ देखते हुए बोलती है,,,,,,,, देख ना मंत्रा जो ज्ञान हमें चाहिए नहीं वो तो ये बार-बार देती है। और जिस सवाल के जवाब की हमें दरकार है बस उसी का जवाब नहीं देती......!!
और भी पता नहीं क्या कुछ बोल कर दोनों धरा को परेशान करने लगती हैं और धरा उनके सवाल-जवाब से अनकंफरटेबल होने लगती हैं....!!
लेकिन अचानक तभी मंदिरा हल्के से मंत्रा को कोहनी मारती है और साइड में इशारा करते हुए बोलती है,,,,, दी प्लीज आप हमें डिस्टर्ब मत कीजिए .....!! अभी बहुत रिवीजन बाकी है । इतना बोल कर मंदिरा, धरा (जो कि उनके रूम के दरवाजे पर ही खड़ी थी) को हल्का सा पीछे धकेलते हुए दरवाजा बंद कर देती है....!! और गहरी सांस लेते हुए बोलती है,,,,,, थैंक गॉड दादी ने हमारे पुते चेहरे नहीं देखे वरना एक का लेक्चर बंद हुआ नहीं था और दूसरी का शुरू हो जाता.....!! और दादी तो पापा को बुला लेती....!!
अपनी बहनों के इतना कुछ बोलने के बाद भी धरा दोबारा से दोनों के लिए लेमन टी बनाती है और इस बार उनके रूम के बाहर वाले स्टूल पर रखकर दरवाजा खटखटा कर चाय उठाने के लिए बोल कर चली जाती है....!!
घर के छोटे-मोटे काम निपटा कर धरा पूजा का सामान और प्रसाद लेकर अपनी स्कूटी पर मंदिर के लिए निकल जाती है.....!!
मंदिर में पूरे विधि विधान से पूजा करती है.....!! पूजा के बाद पंडित जी उसे मंदिर प्रांगण में ही बने कुएं से जल लेकर 21 बार शिवलिंग का उस जल से अभिषेक करने के लिए बोलते हैं.....!!
धरा खुशी-खुशी ये सब करती है हालांकि कुएं से बार-बार चल खींचना और फिर लगभग 35-40 सीढ़ियां चढ़कर मंदिर में जाना और जल चढ़ाना इतना भी सरल नहीं था....!! ऐसा करते करते धरा के चेहरे पर थकान साफ दिख रही थी लेकिन चेहरे पर फिर भी एक मुस्कुराहट थी। पूजा संपन्न होने पर धरा पंडित जी के पास आती है तो.....
पिछले अध्याय में आपने देखा कि मिलन अंबर को नीचा दिखाता है और उसे श्राप देता है कि वह भी प्यार के लिए तरसेगा। अंबर के दादाजी के कॉल से मिलन की पोल खुल जाती है। मिलन हैरान है, जबकि अंबर हंसता है। धरा सुबह उठकर दादी माँ के लिए चाय और नाश्ता लाती है। वह क्षितिज की नौकरी के लिए प्रार्थना करने मंदिर जाती है। पायल जी को सिरदर्द होता है और राजन जी उनका मजाक उड़ाते हैं। धरा दोनों बहनों के कमरे में जाती है, जहां वह मास्क लगाए हुए अपनी बहनों को देखकर चौंक जाती है।
अब आगे
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पंडित जी : बेटा जिसके लिए पूजा की है वो कहा है.....?? उसे भी तो बुलाओ....!! उसे हम ये रक्षा सूत्र बांधेगे तो उसकी राह की सारी बाधाएं हट जाएंगी....!!
धरा :(अपनी घड़ी की तरफ देखते हुए) पंडित जी वो बस आने ही वाले हैं....!!
धरा को इंतजार करते-करते 10 मिनट हो जाते हैं लेकिन क्षितिज नहीं आता.....!!
पंडित जी :(रक्षा सूत्र धरा की तरफ बढ़ाते हुए) बेटा हम चाहते थे कि हम अपने हाथ से रक्षा सूत्र बांधे और तुम्हारे होने वाले पति को आशीर्वाद दें! लेकिन हमें कहीं पूजा कराने जाना है। पहले ही लेट हो गए है तो ये तुम अपने हाथों से उसकी कलाई पर बांध देना......!! बोलते हुए पंडित जी रक्षा सूत्र धरा की तरह बढ़ा देते हैं......!!!
धरा चाहती तो थी कि ये रक्षा सूत्र पंडित जी के हाथ से ही बंधे! लेकिन उनकी भी अपनी मजबूरी थी! उसने आधे घंटे पहले क्षितिज को आने के लिए कहा था! लेकिन क्षितिज अभी तक नहीं आया था.....!!
इधर पंडित जी निकलते हैं और उधर क्षितिज मंदिर की सीढ़ियां चढ़ते हुए आता दिखाई देता है.....!!
धरा जो थोड़ी देर पहले तक क्षितिज के ना आने पर परेशान थी क्षितिज को देखते ही उसका चेहरा खिल उठता है.....!!
क्षितिज को देखते ही धरा तेजी से उसकी तरफ बढ़ती है लेकिन अगले ही पल लड़खड़ा जाती है......!! लेकिन इससे पहले कि धरा या उसके हाथ से पूजा की थाली नीचे गिरती क्षितिज तेजी से धरा और उसकी पूजा की थाली दोनों को संभाल लेता है....!!
क्षितिज को देखते ही धरा तेजी से उसकी तरफ बढ़ती है लेकिन अगले ही पल लड़खड़ा जाती है......!! लेकिन इससे पहले कि धरा या उसके हाथ से पूजा की थाली नीचे गिरती क्षितिज तेजी से धरा और उसकी पूजा की थाली दोनों को संभाल लेता है....!!
क्षितिज : (धरा को संभालते हुए) आराम से धरा ....!! इतनी फुर्ती दिखाने की क्या जरूरत थी .....??तुम्हारे पास ही आ था.....!! अभी अगर गिर जाती तो चोट लग जाती ना......?? क्षितिज बेहद परवाह के साथ बोलता है।
धरा :(मुस्कुराते हुए) ऐसे कैसे गिर जाते .....?? हमारी माता रानी है ना.....!! उनके रहते हम कभी गिर ही नहीं सकते....!! उन्होंने आपको हमारी जिंदगी में भेजा ही इसीलिए है कि हम अगर ग़लती से गिरे भी तो आप हमें थाम ले......!!
क्षितिज : (अपनी गर्दन दाएं बाएं हिलाते हुए) तुम और तुम्हारी माता रानी.......!!
धरा :देखिए क्षितिज हमने आपसे कितनी बार कहा है ,आप माता रानी को लेकर कुछ नहीं कहेंगे ......!! हमें उन पर पूरा भरोसा है.....!! वो हमारे साथ है तो हमारे साथ कभी कुछ गलत नहीं हो सकता.......!!( धरा हल्की नाराजगी के साथ बोलती है)
क्षितिज : (मुस्कुरा कर अपने कान पकड़ते हुए)ओके....!! सॉरी बाबा .....!!नहीं बोलूंगा कुछ भी......!! तुम करो अपनी माता रानी पर भरोसा पर मुझे तो तुम पर भरोसा है.....!! तुम बेशक माता रानी के दर्शन करने आई हो, लेकिन मैं यहां सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे लिए आया हूं....!! तुम्हें देख लिया तो काम हो ही जाएगा....!! "You are my lucky charm" क्षितिज कशिश भरी नजरों से धरा को देखते हुए बोलता है।
धरा :(शर्माते हुए) आप भी ना क्षितिज कुछ भी बोलते हैं......!!
क्षितिज : दीवाने ऐसे ही होते हैं.....!! और इसमें मेरी कोई गलती नहीं है ,,,,, सारा कसूर तुम्हारा है.....!! तुम हो ही इतनी अच्छी कि कोई भी तुम्हारा दीवाना हुए बिना रह नहीं सकता.....!!
धरा : आप और आपकी बातें हमेशा हमें जरूरी काम भुलवा देते हैं ....!! पहले तो आप लेट आए...!! हमें आप पर बहुत गुस्सा आ रहा था....!! लेकिन आपकी बातों के चक्कर में हम आप पर गुस्सा करना ही भूल गए .....!!और आज जिस जरूरी काम से हमने आपको बुलाया था इससे पहले कि हम उसे भी भूल जाए हम वो कर लेते हैं.....!! बोलकर धरा अपनी पूजा की थाली में से रक्षा सूत्र उठाती है और क्षितिज के हाथ में से थाली लेकर उसे मंदिर की सीढ़ियों के पास वाली दीवार पर रख देती है और आगे बोलती है,,,,,,, लाइए हाथ दीजिए......!!
क्षितिज : (धरा की आंखों में प्यार से देखते हुए) कब का तुम्हें दे दिया.....!!
धरा :हमारा मतलब है हाथ आगे कीजिए....!!
क्षितिज :(चौकने की एक्टिंग करते हुए) तो ऐसे बोलो ना जान.....!!
क्षितिज अपना हाथ आगे करता है और धरा मंत्र बोलना शुरू करती है,,,,,,,,
ॐ एन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:तेन त्वा मनुबधनानि रक्षे माचल माचल "
और उपरोक्त मंत्र के साथ क्षितिज के हाथ पर रक्षा सूत्र बांध देती है।
फिर क्षितिज को प्रसाद और चरणामृत देती है....!!
प्रसाद ग्रहण करने के बाद क्षितिज,,,,,,,, सब कुछ हो गया ना....?? तो अब मैं चलूं.....??
धरा : हम्म्म.....!! गुड लक.....!! क्षितिज को जाते देख धरा बोलती है......!!
धरा की बात सुनकर क्षितिज जाते जाते मुड़कर मुस्कुराते हुए धरा की तरफ इशारा करते हुए बोलता है,,,,,,, मेरे गुडलक की तस्वीर मेरे वॉलेट में है जो 2 महीने बाद मेरी जिंदगी में परमानेंट आने वाली है .....!!
धरा : मीटिंग के बाद प्लीज़ कॉल करना......!!
क्षितिज : जो आज्ञा बॉस ....!!और कोई आदेश हो तो वो भी दे दीजिए .....!!
धरा :जब आप फोन करके हमें खुशखबरी सुनाएंगे ......... बोलती बोलती धरा अचानक से रुक जाती है और फिर अपनी कही बात बदलते हुए धरा बोलती है ,,,,,नहीं फोन पर नहीं शाम को जहां हमसे हमेशा मिलते हैं वहीं मिलेंगे और वही मिलकर आपके मुंह से खुशखबरी सुनना चाहेंगे ...!! और बाकी का आदेश भी तभी देंगे.....!!
क्षितिज : ओके मैम ......!! वैसे तुम नहीं आ रही हो......??
धरा : नहीं हम अभी प्रसाद बांट कर आएंगे.....!!
क्षितिज :जैसी सरकार की इच्छा बोलते हुए एक फ्लाइंग किस्स धरा की तरफ उछाल देता है। और बदले में धरा क्षितिज को आंखें दिखाते हुए हल्की नाराजगी के साथ बोलती है,,,,,,,, क्षितिज आप भूल रहे हैं आप मंदिर में खड़े हैं......!! अब जाइए प्लीज़.......!!
क्षितिज अपनी गर्दन झटकते हुए गहरी सांस लेकर बोलता है,,,,,,,,तुम और तुम्हारे रूल......!! और इतना बोल कर तेज कदमों से चला जाता है.....!!
धरा भी मंदिर में प्रसाद बांट कर अपने घर चली जाती है वहां पर सबको नाश्ता करा कर जल्दी-जल्दी अपना टिफिन पैक करती है और अपनी स्कूटी उठाकर ऑफिस के लिए निकल जाती है.....!!
ऑफिस में पहुंचते ही उसके डेस्क के बराबर में बैठने वाली उसकी फ्रेंड नीरा तुरंत धरा के कान में फुसफुसाती है,,,,,,, तू आज फिर लेट हो गई....!! कल से अपनी ये समाज सेवा बंद कर दे....!! वरना तुझे फुल टाइम समाज सेवा करने का फुल मौका मिलेगा....! सुना है जिसने ये कंपनी टेक ओवर की है बहुत सनकी है......!! अपनी गलती जानकर सामने वाला सॉरी का स भी नहीं बोल पाता उससे पहले टर्मिनेट कर देता है.....!! और कई बार तो सामने वाले को ठीक से पता ही नहीं होता कि उसने क्या गलत कर दिया और उसे बाहर का रास्ता दिखा देता है...!! बहुत ही मूडी इंसान है.....!! और भी पता नहीं क्या क्या सुना है जिसे सुनकर मेरे तो हाथ पैर कांप रहे है....!!
धरा : (बेपरवाही से) हम सुनी सुनाई बातों पर यकीन नहीं करते....!! और ना ही उनके आधार पर किसी को जज करते हैं।
नीरा : कंफर्म खबर पर तो यकीन करती है ना मैडम आप.....?? कंपनी के नए सीईओ ने अपने कुछ एफिशिएंट लोगों को भेजा है जो लिस्ट बना रहे हैं कि कौन कंपनी में रहेगा और कौन कंपनी से आउट होगा.......??
वैसे इतने समझदार तो आप हैं ही की समझ गए होंगे कि जल्दी ही अंबर की एंट्री होने वाली है अब देखना है कि कौन सा तूफान आएगा इन दो प्रेमियों की जिंदगी में..??
अगर कहानी पसंद आ रही है तो कृपया फॉलो कीजिए और कमेंट करके भी बताइए अगर नहीं पसंद आ रही है तो भी क्या कमी है कृपया बताइए ।
पिछले अध्याय में आपने देखा कि धरा मंदिर जाती है और अपनी बहनों को मास्क लगाए हुए देखकर चौंक जाती है।
अब इस अध्याय में, धरा क्षितिज का इंतज़ार करती है, जो आखिरकार मंदिर पहुँचता है। क्षितिज और धरा प्यार से बातचीत करते हैं, और धरा उसे रक्षा सूत्र बांधती है। क्षितिज मीटिंग के लिए निकल जाता है, जबकि धरा प्रसाद बांटने में लग जाती है। ऑफिस पहुँचने पर, धरा को पता चलता है कि कंपनी के नए सीईओ के कारण छंटनी होने वाली है, और अंबर के आने की संभावना है।
अब Next
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नीरा : कंफर्म खबर पर तो यकीन करती है ना मैडम आप.....?? सुना है कंपनी के नए सीईओ ने अपने कुछ एफिशिएंट लोगों को भेजा है जो लिस्ट बनाएंगे कि कौन कंपनी में रहेगा और कौन कंपनी से आउट होगा.......??
धरा : इसमें डरने वाली क्या बात है....?? अब अगर कंपनी टेकओवर की है तो नुकसान उठाने के लिए तो की नहीं है .....!!और सीधी सी बात है काबिल लोगों की जरूरत उन्हें भी होगी......!! आप टेंशन मत लीजिए....!! हम अपना काम अच्छे से और ईमानदारी से करते हैं! आपको या हमें टेंशन लेने की जरूरत नहीं है......!! घबराए वो जो अपना काम सही से नहीं करते हैं.......!!
नीरा :तू तो सबको अपने जैसा समझती है पर ये पैसे वाले लोग बहुत सनकी होते हैं.....!! अब नए सीईओ को इतना समय तो होगा नहीं कि वो एक एक इंसान की काबिलियत को परखें....!! जो रिपोर्ट उनके भेजे हुए लोग उसे सौंपेंगे उसी के हिसाब से काम करेगा......!! तू तो 2 दिन से छुट्टी पर थी....!! इसलिए तुझे नहीं पता ! 2 दिन से हमारा पूरा ऑफिस स्टाफ उन लोगों की चापलूसी करने में लगा हुआ था.....!! सुन क्यों ना हम लोग भी उन्हें थोड़ा इंप्रेस करने की कोशिश करें.......?? थोड़ी मक्खन बाजी करके.....?? अपनी आइब्रो उचकाते हुए नीरा सवाल करती है....!!
धरा :हम इस ऑफिस में अपनी चापलूसी की वजह से नहीं है अपने काम की वजह से है.....!! और रही मक्खन बाजी की बात तो हमें मक्खन ब्रेड पर ज्यादा अच्छा लगता है.....!! जिसे जो करना है करें। लेकिन हम ऐसा वैसा कुछ नहीं करेंगे......!! बोलकर धरा अपने काम में बिजी हो जाती है!
धरा .....!! लंच टाइम हो गया है चल ना लंच कर ले....!! नीरा अपना टिफिन उठाते हुए बोलती है।
धरा : आप कर लीजिए नीरा हमें ये फाइल कंप्लीट करनी है......!!
नीरा :काम बाद में होता रहेगा.....!! लंच टाइम में तो लंच कर ले यार.....!!
धरा : हम 2 दिन से छुट्टी पर थे तो काफी काम पेंडिंग है......!!
नीरा मुझे कुछ नहीं सुनना है...!! काम बाद में...!! पहले लंच....!! बोलते हुए नीरा धरा का टिफिन धरा के मना करते करते भी उसके बैग में से निकालने लगती है और टिफिन उठाते ही नीरा टिफिन को हिलाते हुए बोलती हैं,,,,,,,,, मतलब मैडम आज भी किसी भूखे को खिला आई आप अपना टिफिन.......!! तभी तुम्हें भूख नहीं लग रही है.......!!
धरा : कैसी बातें कर रही है आप नीरा....??हमें सच में भूख ही नहीं लगी है और हमारा काम काफी पेंडिग पड़ा है.....!! आज नाश्ते में छोले भटूरे बनाए थे ना तो ज्यादा हैवी हो गया.....!!
नीरा : कोई बात नहीं मैं हल्का सा लेकर आई हूं तो हल्का सा खाकर हल्का हो जाएगा....!! नीरा कंधे से पकड़कर धरा को जबरदस्ती उठाते हुए बोलती हैं....!!
धरा : कोई लॉजिक है क्या आपकी बात में नीरा......??
नीरा :(मासूम सा चेहरा बनाकर) पापी पेट के आगे कोई लाॅजिक नहीं चलता मैडम.......!! मुझे बहुत जोर से भूख लगी है और अकेले मैं बिल्कुल खाने वाली नहीं हूं .....!!इत्तू सा खा ले ,लेकिन साथ दे दे मेरी जान.......!! वरना भूख से अगर मैं मर गई तो मेरी मौत का इल्जाम तेरे सर पर होगा ......!! मेरे साथ पूरे 1 दर्जन मौतों की जिम्मेदार भी तू ही होगी.......!! एक कोई बेचारा जिसे भगवान ने नीचे धक्का ये कह कर दिया होगा, देख तू नीचे जा तेरे लिए क्यूट सी नीरा भेजूंगा....!! वो तो बेचारा कुंवारा ही मर जाएगा...!! उसकी जिम्मेदार भी तू ही होगी.......!!
धरा : मैडम नौटंकी! ये तो समझ में आया लेकिन एक दर्जन और लोगों की हत्या कैसे..........??
नीरा : अरे मेरी नादान सखी ...!! पूरे 1 दर्जन निक्के निक्के से बच्चे भी तो पैदा करने है उसके साथ मुझे......!! मेरे नन्हे मुन्ने बच्चे जो हर रात मेरे सपने में आते है .......!! हकीकत में इस दुनिया में आंखें खोलने के लिए बेकरार है.....!! उन्हें ये दुनिया देखने से तू रोक देगी......!! तो हो गई ना मेरे अजन्मे बच्चों की.............
और इससे पहले कि नीरा अपनी बातों का रायता और फैलाती धरा उसका टिफिन खोलकर उसमें से खाने की एक बाइट उसके मुंह में ठूंस देती है......!! और अगला टुकड़ा अपने मुंह में डालते हुए बोलती हैं,,,,,,, आपकी बातें सुनकर पेट के साथ-साथ हमारा सर भी भारी हो जाए उससे अच्छा है कि हम अपने पेट में थोड़ा सा और भार बढ़ा लेते हैं ........!! और हां इतने ड्रामे की जरूरत नहीं थी....!! आज सच में हमें भूख नहीं है.....!! हम जानते हैं आप ये सारा ड्रामा ये सोच करती हैं कि हम अपना टिफिन किसी ना किसी को रास्ते में खिला आते हैं ....!! लेकिन जब हमें भूख होती है तो हम आपके टिफिन में से खा भी तो लेते हैं ......!! इतनी फॉर्मेलिटी वाला रिश्ता नहीं है हमारा.....!! हम कॉफी ले आते हैं आपका साथ देने के लिए......!! हम कॉफी ले लेंगे....!! आप अपना टिफिन खत्म कीजिए.....!! कहते हुए धरा ,नीरा की तरफ उसका टिफिन बढ़ा देती है।
कॉफी पीते पीते धरा अपना फोन चेक करती है और वापस रख देती है....!!
2 मिनट बाद धरा फिर से अपना फोन चेक करती है।
नीरा : क्या प्रॉब्लम है...??
धरा :कुछ नहीं......!!
नीरा : कुछ नहीं तो ये बार फोन चेक क्यों कर रही है मैडम आप.......?? किसी स्पेशल का फोन आने वाला है या मैसेज आने वाला है.....??
धरा : वो क्षितिज............
यस ऑफकोर्स ......!!मैं भी क्या बेकार की बात पूछ रही हूं ......??एक ही तो स्पेशल बंदा है तेरी लाइफ में........!! आपके मंगेतर क्षितिज.......!! ये बेचैनी ये बेकरारी उसके अलावा किसके लिए हो सकती है.....??आज फोन नहीं आया ....??कोई बात नहीं तू कर ले.......!! वैसे भी मेरा खाना हो गया है मैं जा रही हूं काॅफी लेने !तो जितना शोना ,बाबू ,लव यू , मिस यू ,किस्स यू...!! करना है आराम से कर ले......!! नीरा अपनी आई विंक करते हुए बोलती है......!!
धरा : (गहरी सांस लेते हुए) चुप हो जाइए भगवान के लिए.....!! ऐसी कोई बात नहीं करनी है हमें........!!
नीरा : क्या लड़की है ये....?? अपने मंगेतर से ऐसी कोई बात नहीं करनी है....!! शादी के बाद बोलेगी वैसी कोई बात नहीं करनी है....!! तो बच्चे क्या इंटरनेट से डाउनलोड करेगी.......??
धरा : नीरआआआआआआ.......!!
ओके...... ओके..... ओके....!! इससे पहले कि ये शांत झरना , ज्वालामुखी बनकर फटे मैं निकलती हूं......!! बोलकर नीरा वहां से खिसक लेती है.....!!
कहानी पसंद आ रही है तो कृपया फालो और कमेंट कीजिए
पिछले अध्याय में आपने देखा कि धरा मंदिर जाती है और अपनी बहनों को मास्क लगाए हुए देखकर चौंक जाती है।
अब इस अध्याय में, धरा क्षितिज का इंतज़ार करती है, जो आखिरकार मंदिर पहुँचता है। क्षितिज और धरा प्यार से बातचीत करते हैं, और धरा उसे रक्षा सूत्र बांधती है। क्षितिज मीटिंग के लिए निकल जाता है, जबकि धरा प्रसाद बांटने में लग जाती है। ऑफिस पहुँचने पर, धरा को पता चलता है कि कंपनी के नए सीईओ के कारण छंटनी होने वाली है, और अंबर के आने की संभावना है। नीरा धरा को बताती है कि कंपनी के कुछ लोग नए सीईओ के लोगों की चापलूसी कर रहे हैं, लेकिन धरा ऐसा करने से इनकार करती है। नीरा धरा को लंच करने के लिए मनाती है, और अंत में धरा मान जाती है। धरा क्षितिज के फोन का इंतज़ार कर रही है।
अब Next
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नीरा के जाने के बाद धरा एक बार फिर फोन उठाकर खुद से बोलती है,,,,,,,,क्या करे कॉल करे कि नहीं.......?? अब तक तो क्षितिज की मीटिंग हो जानी चाहिए .....!! लेकिन उनका अभी तक ना ही कॉल आया और ना ही मैसेज.....!! हो सकता है अभी मीटिंग खत्म ना हुई हो ....!! हमें इंतजार करना चाहिए....!! हमारा ऐसे में कॉल करना सही नही होगा.....!! यही सही रहेगा.....!! हम इंतजार करेंगे ......!!
लेकिन धरा की खुद को समझाने की कोशिश बेकार हो जाती है और फिर वो खुद ही खुद के डिसीजन को नकारते हुए बोलती है,,,,, मैसेज तो कर ही सकते है.....!! बिजी होंगे तो तुरंत रिप्लाई नही करेंगे लेकिन फ्री होते ही हमारा मैसेज देखकर रिप्लाई कर देंगे........!!
ऐसा सोच कर धरा, क्षितिज को ऑफिस के बाद उनका फेवरेट मीटिंग प्वाइंट , वर्सोवा बीच मिलने के लिए मैसेज करती है.....!! और थोड़ी देर बाद अपने ऑफिस के काम में बिजी हो जाती है.....!!
धरा का ऑफिस 5:00 बजे खत्म हो जाता है...!! ठीक 5:00 बजे नीरा अपनी चेयर से उठते हुए बोलती हैं,,,,,,,, घर नही चलना है....?? समय हो गया है......!!
धरा : आप निकलिए ....!! हमें 5 मिनट और लगेंगे आखिरी फाइल बची है इसे और अपलोड कर दे.......!!
नीरा : ठीक है फिर मैं निकलती हूं ......!! मेरा डेंटिस्ट से आज अपॉइंटमेंट है और तू भी 5 मिनट में निकल ही जाना ,कभी काम में खो जाए.....!!
बदले में धरा मुस्कुरा कर हां में गर्दन हिला देती है.....!!
लेकिन काम में उसे समय का ध्यान ही नहीं रहता......!! क्योंकि जिस फाइल को धरा अपलोड करने बैठी थी उसकी जगह गलती से अकाउंट्स की फाइल आ जाती है.....!! ऐसा तब हुआ था जब धरा अपनी फाइल लेकर आ रही थी और मिस्टर विकास से टकरा जाती है.....!! और क्योंकि धरा को अपने चाचा जी की वजह से एकाउंट्स की भी बहुत अच्छी नाॅलिज थी तो धरा को उसमें बहुत सारी गड़बड़ नजर आती है.....!! धरा वो फाइल लेकर एकाउंट्स डिपार्टमेंट में जाती है लेकिन एकाउंट्स हैड मिस्टर विकास जा चुके थे.....!! लौटते वक्त धरा को अपनी फाइल वहीं पर स्टूल के नीचे पड़ी दिखती है जहा वो मिस्टर विकास से टकराई थी ...!! और वो उसे अपलोड करने के लिए बैठ जाती है.....!! 5:45 पर जब फाइल पूरी भी नहीं हुई थी कि तभी धरा का फोन बजता है और उस पर क्षितिज का नंबर फ्लैश होता है.....!!
धरा जैसे ही फोन अटेंड करती है तो तुरंत ही फोन स्विच ऑफ हो जाता है......!!
धरा ऑफिस की घड़ी की तरफ देखती है तो अपने माथे में हाथ मारती है और बोलती है हमने आज क्षितिज को ऑफिस के बाद वर्सोवा बीच मिलने बुलाया था .....!!लगता है क्षितिज वहां पहुंच गए और हमें वहां ना पाकर वो हमें कॉल कर रहे थे......!! 5:45 हो गए हैं....!! उफ्फ ये फोन भी डिस्चार्ज हो गया है...!! हम एक काम करते हैं ऑफिस के फोन से उन्हें कॉल कर देते हैं.....!! लेकिन धरा जैसे ही कॉल करती है तो क्षितिज का फोन इंगेज आता है कई बार ट्राई करने पर भी जब फोन इंगेज आता है तो धरा जल्दी से ऑफिस से यह सोच कर निकल जाती है कि कॉल कनेक्ट होने का इंतजार करने से अच्छा है हम निकल ही जाते हैं .....!!
लेकिन धरा जैसे ही कॉल करती है तो क्षितिज का फोन इंगेज आता है कई बार ट्राई करने पर भी जब फोन इंगेज आता है तो धरा जल्दी से ऑफिस से ये सोच कर निकल जाती है कि कॉल कनेक्ट होने का इंतजार करने से अच्छा है हम निकल ही जाते हैं .....!!
इधर जैसे ही धरा ऑफिस से निकलती है क्षितिज का फोन आता है जिसे चपरासी उठाता है.......!!
क्षितिज चपरासी से धरा को मैसेज देने के लिए बोलता है.....!!
चपरासी जोकि किसी काम से अंदर गया था धरा को जाते हुए नहीं देख पाता और क्षितिज से मैसेज कनवे करने के लिए बोल देता है....!!
लेकिन जब चपरासी धरा से यह बोलने के लिए आता है कि क्षितिज आज नहीं आ पाएगा.....!! किसी काम में बिज़ी है तो धरा को अपनी जगह पर ना पाकर समझ जाता है कि धरा निकल गई है....!! और यह समझने के दो कारण थे एक तो धरा का पर्स उसकी जगह पर नहीं था दूसरा धरा जब भी सुबह ऑफिस आती तो अपने साथ कोई ना कोई फूल जरूर लेकर आती जो उसने बड़ी मेहनत से अपने टेरेस गार्डन पर उगाए हुए थे और ऑफिस से जाते हुए उन्हें अपने साथ वापस भी ले जाती थी.....!! जो इस वक्त धरा की डेस्क पर नहीं था......!!
चपरासी बाहर की तरफ दौड़ता है .....!! लेकिन तब तक धरा अपनी स्कूटी स्टार्ट करके निकल लेती है और चपरासी आवाज देता रह जाता है......!!
वर्सोवा बीच
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एक लड़की :(लगभग गिड़गिड़ाते हुए) तुम ऐसा नहीं कर सकते मेरे साथ ......!!
तुम्हारे लिए मैंने सब कुछ छोड़ दिया......!!अब अगर तुम ऐसे बिहेव करोगे तो मैं कहां जाऊंगी.......??
लड़का : (बेहद सर्द आवाज में)क्या ऐसा करने के लिए मैने तुमसे कहा था.....?? मैने कहा था कि सब कुछ छोड़ कर आओ.....?? नहीं ना.....!! हिम्मत कैसे हुई तुम्हारी ऐसा करने की....?? वो भी तब जबकि तुम अच्छे से जानती हो कि झूठे लोगो से मुझे सख्त नफरत है......!!और तुम मुझ पर झूठा इल्जाम लगा रही हो .....!! ( इस बार वो लड़का नाराजगी भरे लहजे में बोलता है.....!!)
लड़की : सॉरी सॉरी मुझे माफ कर दो.....!! तुमने ऐसा कुछ नहीं कहा था....!! मानती हूं सारी गलती मेरी ही है लेकिन अब तुम ही बताओ मैं क्या करूं.....?? तुम अगर मुझे ठुकरा दोगे तो मैं कहां जाऊंगी......?? प्लीज़ मुझसे मुंह मत मोड़ो .....!! और ये बोलते हुए वो लड़की अपने घुटनों पर आ जाती है।
लड़का : (हल्का सा झुककर उस लड़की के चेहरे के थोड़ा नजदीक आते हुए) ये तो तुम्हे पहले सोचना चाहिए था.......!! तुम मेरा काफी समय खराब कर चुकी .....!! तुमने मिलने के लिए जो समय मांगा था उससे कहीं ज्यादा दे चुका .....!! अब मेरे पास तुम्हे देने को कुछ नही है ना समय और ना ही मेरी सिंपैथी .......!! इससे पहले कि मैं तुम्हे यहां से फिकवाऊ तुम जा सकती हो .....!! और इस बार उस लड़के की टोन इस हद तक सर्द थी कि उसमें गुस्से की तपिश आग से भी ज्यादा झुलसाने वाली थी......!!
पिछले अध्याय में आपने देखा कि धरा मंदिर जाती है और अपनी बहनों को मास्क लगाए हुए देखकर चौंक जाती है।
अब इस अध्याय में, धरा क्षितिज के आने का इंतजार करती है। वे प्यार से बात करते हैं, धरा उसे रक्षा सूत्र बांधती है। क्षितिज मीटिंग के लिए जाता है, धरा प्रसाद बांटती है। कंपनी में छंटनी की खबर मिलती है, और अंबर के आने की संभावना है। धरा नीरा से लंच करने के लिए मान जाती है। धरा क्षितिज के फोन का इंतजार कर रही थी और उसे वर्सोवा बीच मिलने का मैसेज भेजती है। धरा काम में व्यस्त हो जाती है और गलती से अकाउंट्स की फाइल में फंस जाती है। क्षितिज का फोन आता है, लेकिन वह स्विच ऑफ हो जाता है। धरा क्षितिज से मिलने के लिए निकल जाती है। चपरासी क्षितिज का मैसेज देने के लिए दौड़ता है, लेकिन धरा जा चुकी होती है। वर्सोवा बीच पर एक लड़का एक लड़की को अस्वीकार कर देता है।
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लड़का : (हल्का सा झुककर उस लड़की के चेहरे के थोड़ा नजदीक आते हुए) ये तो तुम्हे पहले सोचना चाहिए था.......!! तुम मेरा काफी समय खराब कर चुकी .....!! तुमने मिलने के लिए जो समय मांगा था उससे कहीं ज्यादा दे चुका .....!! अब मेरे पास तुम्हे देने को कुछ नही है ना समय और ना ही मेरी सिंपैथी .......!! इससे पहले कि मैं तुम्हे यहां से फिकवाऊ तुम जा सकती हो .....!! और इस बार उस लड़के की टोन इस हद तक सर्द थी कि उसमें गुस्से की तपिश आग से भी ज्यादा झुलसाने वाली थी......!!
जिसे महसूस करते हुए वो लड़की रोते हुए तेजी से खड़ी होती है और दौड़ते हुए अपने कदम आगे बढ़ाती है लेकिन अगले ही पल किसी से टकरा जाती है......!!
वही वो लड़का अपना मुंह घुमा कर खड़ा हो जाता है और दूर बहुत दूर लहरों को देखने लगता है......!!
लड़की टकराने वाली का चेहरा कुछ पल देखती है और अपने आंसू पोंछते हुए मुड़कर उस लड़के की तरफ देखती है और फिर व्यंगात्मक हंसी उसके होंठो पर तैर जाती है और वो धीरे से बोलती है,,,,,,,ओह तो तुम हो उसका नया टाइम पास......!! इतना बोल कर वो लड़की वहां से दौड़ते हुए चली जाती है।
वो लड़की दौड़ते हुए जिस लड़की से टकराती है वो कोई और नहीं धरा थी और इससे पहले की धरा उसकी बात का जवाब देती वो लड़की दौड़ते हुए वहां से जा चुकी थी......!!
धरा जो क्षितिज से मिलने पहुंची थी और उन दोनों का कन्वर्सेशन सुनकर और उसके बाद उस लड़की का रोना सुनकर खुद को वहां जाने से नहीं रोक पाती है।
वो लड़की तो जा चुकी थी लेकिन धरा उस लड़के की तरफ बढ़ती है जो धरा की तरफ पीठ किए समुंदर की उठती गिरती लहरों को देख रहा था......!!
धरा : शर्म नहीं आती आपको किसी के दिल से खेलते हुए......??
लेकिन वो लड़का जब धरा की बात पर रिएक्ट नहीं करता तो धरा उसके कंधे पर टैप करते हुए बोलती है,,,,,, हम आप ही से बात कर रहे हैं......!! कानों में रुई डाल के रखी है क्या.....??
धरा की बात सुनकर वो लड़का गुस्से से घूमता है और बोलता है,,,,,, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई अंबर खुराना से इस तरह से बात करने की......??
सही बात कहने के लिए किसी से हिम्मत उधार लेने की जरूरत नहीं पड़ती है हमे.....!!
लेकिन कुछ लोग इतने बेशर्म होते हैं कि गलत हरकत करने के बाद भी बेशर्मी और ढिटाई से आंखों में आंखें डाल कर जब बात करते हैं...!! तब हमें हैरानी जरूर होती है कि ऐसे लोग इतनी हिम्मत लाते कहां से है......??
जमीर जैसी कोई चीज होती भी है उन लोगों में.....?? धरा गुस्से से अंबर की आंखों में आंखें डालते हुए बोलती है।
अंबर : (गुस्से में) हू दा हेल आर यू......?? पागल खाने से छूट कर आई हो.....?? हो कौन तुम.....?? और क्या बकवास किए जा रही हो.....??
धरा : बकवास करने का ना तो हम पर समय है और ना ही शौक.....!! आपको सारी दुनिया पागल नजर आती है ना .....??बहुत अकलमंद मानते हैं ना खुद को ....?? दिलों से खेल कर मजा आता है ना आपको...?? वो लड़की आपके सामने रो रही थी.....!! अपने प्यार की भीख मांग रही थी....!! आपके लिए अपना सब कुछ छोड़ कर आई थी ....!! और आपने क्या किया.....?? दिल तोड़ दिया उस लड़की का.....!! कल तक जो प्यार उनके दिल में खूबसूरत अहसास बनकर उनकी जिंदगी को महका रहा था आपने एक झटके में उसे एक डरावनी हकीकत बना दिया......!!
ये सुनकर अंबर जोर से हंसता है......!!
अंबर को यूं हंसते देख कर धरा का गुस्सा बढ़ जाता है और धरा बेहद गुस्से से बोलती है,,,,,,, बहुत हंसी आ रही है आपको.....?? किस क़िस्म के इंसान हैं आप.....?? एक हंसती मुस्कुराती लड़की को दर्द के दरिया में धक्का देकर कैसे हंस सकते हैं आप.....?? उनके दर्द का एहसास तो क्या होता....!! आपको देखकर लगता है कि रत्ती भर भी अफसोस नहीं है आपको....!! प्यार नहीं किया आपने....!!उस मासूम लड़की के दिल से खेला है आपने.......!! लेकिन क्या उन्हें इस तरह रोते देखकर इतना सा बुरा भी नहीं लगा आपको......??कोई इतना पत्थर दिल कैसे हो सकता है.....?? सच्ची मोहब्बत बेहद मुश्किल से मिलती है...!!और आज जिस प्यार को आप ठुकरा रहे हैं ना कल तड़पेगे उसी मोहब्बत के लिए.....!!
अंबर : (अत्यंत व्यंग भरे अंदाज में) सच्ची मोहब्बत.......?? ऐसी कोई भी चीज इस दुनिया में मौजूद नहीं है......!!
धरा : चीज .......??पहली बात मोहब्बत कोई चीज नहीं है ....!!अहसास है....!! जो किसी के लिए महसूस किया जाता है यहां से.....!! बोलते हुए धरा ,अंबर के सीने की तरफ अपनी उंगली प्वाइंट करती है और फिर आगे बोलती है,,,,,, दूसरी बात इस अहसास सॉरी आपके हिसाब से चीज को महसूस करने के लिए यहां पर एक और चीज की जरूरत होती है ,जिसे दिल कहते है .....!! जो हमे नही लगता कि आपके पास है ......!! क्योंकि अगर होता तो मोहब्बत ना सही उस लड़की के आंसुओं को देखकर इंसानियत के नाते ही सही थोड़ा तो कुछ महसूस होता आपको.....!! लेकिन अफसोस तो छोड़िए बेशर्मी से हंस रहे है आप........!!जिस हाल में वो थी ,हमें डर है कि कहीं वो कुछ कर ना बैठे......!! अच्छे से उनका चेहरा देखा है हमने....!!कल अगर न्यूज़ पेपर में कुछ गलत छपा ना तो कसम से कह रहे है..... हम आपको छोड़ेंगे नहीं.......!! आपको काॅलर से घसीट कर ले .............
अंबर जो काफी देर से धरा की बातें सुन रहा था इसलिए नहीं कि पहली नजर में ही धरा की आंखों में खो गया था उसकी बातों में खो गया था .....!!ना....ना....!! ऐसा सोचने की गलती भी मत करना पहले ही बताया ना प्यार डिक्शनरी में नहीं है बंदे की......!! और ना ही ऐसी कोई डिक्शनरी है....!! तो प्यार के पहले छोटे-छोटे सिम्टम्स होने का सवाल ही पैदा नहीं होता.......!! अंबर खामोश था क्योंकि हमारी हीरोइन जो वैसे तो एकदम परफेक्ट है और ज्यादा मुंह नहीं खोलती है....!! खासतौर से अपने मामले को लेकर.....!! लेकिन धरा किसी दूसरे के साथ गलत होते हुए नहीं देख सकती और जब ऐसा होता है तो फिर वो सामने वाले की सुनती ही नहीं है.....!! एकदम बुलेट ट्रेन की तरह दौड़ती चली जाती है.....!! और यही हो रहा था....!! धरा ,अंबर को बोलने का मौका ही नहीं दे रही थी......!!
कहानी अगर पसंद आ रही है और उसका अपडेट मिलता रहे इसके लिए कृपया फालो कीजिए और कैसी लग रही है समीक्षा करके बताइए😊🙏🏼
पिछले अध्याय में आपने देखा कि धरा क्षितिज से मिलती है, उनसे प्यार से बातें करती है, और फिर काम में व्यस्त हो जाती है।
अब इस अध्याय में, धरा वर्सोवा बीच पर क्षितिज से मिलने जाती है, लेकिन क्षितिज का फोन बंद हो जाता है। वहाँ, वह एक लड़की को अस्वीकार करते हुए अंबर को देखती है। धरा अंबर से भिड़ जाती है, उसे लड़की के दिल तोड़ने के लिए फटकार लगाती है। अंबर को कोई पछतावा नहीं है और वह सच्ची प्रेम की अवधारणा पर सवाल उठाता है। धरा अंबर को चेतावनी देती है कि लड़की को चोट लग सकती है, और फिर कहानी आगे बढ़ती है।
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धरा किसी दूसरे के साथ गलत होते हुए नहीं देख सकती और जब ऐसा होता है तो फिर वो सामने वाले की सुनती ही नहीं है.....!! एकदम बुलेट ट्रेन की तरह दौड़ती चली जाती है.....!! और यही हो भी रहा था.....!! धरा अंबर को बोलने का मौका ही नहीं दे रही थी......!!
अंबर का गुस्सा कंट्रोल से बाहर होता जा रहा था। धरा बोले जा रही थी और अंबर का पूरा ध्यान धरा के शब्दों और उसके आगे नाचती उसकी उंगली पर था ......!!जिसे धरा अंबर को दिखा दिखा कर बातें सुनाए जा रही थी.......!! और जैसे ही धरा अंबर को कॉलर से पकड़कर घसीट कर ले जाने की बात करती है, तो धरा की लाइन कंप्लीट होने से पहले ही अंबर गुस्से से धरा की कलाई पकड़ता है और धरा को घुमाकर खुद के नजदीक करते हुए धरा की कलाई को मोड़ कर उसकी पीठ से लगा देता है......!! जहां धरा की कलाई उसकी पीठ से लगी हुई थी वही धरा की पीठ अंबर के सीने के बेहद करीब......!! इतनी करीब कि अंबर के गुस्से की तपिश का साथ पाकर अंबर के सांसों की गर्मी काफी बढ़ चुकी थी जिसे धरा और अपनी गर्दन पर महसूस कर रही थी.......!! अंबर की गुस्से से लबरेज़ गर्म सांसे धरा की गर्दन से टकरा रही थी।
हिम्मत तो दिखा दी धरा ने लेकिन अंबर का ऐसा रिएक्शन देखकर धरा की ना सिर्फ आंखें चौड़ी हो गई थी बल्कि उसकी सांसे भी अटकने लगी थी.......!!
लेकिन फिर भी धरा हिम्मत करके बोलती है,,,,,,,, हाथ छोड़िए हमारा.....!!
हमारे मंगेतर आते ही होंगे ....!!
अगर उन्होंने आपको ऐसे देख लिया ना तो आपके अच्छे खासे चेहरे का नक्शा बिगाड़ देंगे......!!
अंबर : शट अप.....!!बहुत बोल ली तुम .....!! इतना ना मुझे सुनने की आदत है और ना ही मैं किसी को परमिशन देता हूं.....!! क्या बोला तुमने आंखों में आसूं नही दिखे ......?? हां...!! मुझे नहीं दिखे आंखों में आसूं....!! लेकिन तुम्हें सिर्फ आंसू नजर आए .....!!उसके गले में पड़ा मंगलसूत्र नही दिखा ........??
अंबर के इतना बोलने पर धरा जब उस लड़की से टकराई थी, उस पल को याद करती है और वो सारा सीन उसकी नजरों के सामने घूम जाता है और धरा रियलाइज करती है कि अंबर जो बोल रहा था, एकदम सही था....!! मंगलसूत्र पहना तो था उस लड़की ने.....!!
दूसरी तरफ अंबर का गुस्सा अब सातवें आसमान पर था........!!
अंबर : जवाब नहीं दिया तुमने.....!! आंसूओं के साथ मंगलसूत्र नजर आया था कि नहीं.....??
क्या बोला तुमने ....??सच्ची मोहब्बत.....?? माय फुट.....!! ऐसी कोई चीज इस दुनिया में एग्जिस्ट ही नहीं करती....!! लव मैरिज हुई थी उसकी .....!!इससे पहले भी वो अपनी पूरी दुनिया छोड़ कर आई थी......!! एक बार फिर उसे सच्ची मोहब्बत हुई और फिर से सब कुछ छोड़ आई.....!!ये मोहब्बत का सफर यही रुकने वाला नही है....!!
पहली बात समय नही है मेरे पास और दूसरी बात तुम्हारे जैसी पगलेट को कोई एक्सप्लेनेशन देना मैं जरूरी नहीं समझता......!!
धरा :देखिए आप..........
अंबर धरा को इससे आगे कुछ और पाने का मौका देते हुए आगे बोलता है,,,,,,,,, देखोगी भी तुम और सुनोगी भी तुम ही. ।!और रही तुम्हारे सो कॉल्ड मंगेतर की बात ! तो तुम इस बात से डरो कि तुम्हें मेरे साथ इस हाल में देखकर कहीं वो गलत समझ लिया तो एक और सच्ची मोहब्बत करने वाली का दिल टूट जाएगा......!! और फिर तुम्हें अपना दिल एक प्लेट में सजाकर किसी और उल्लू के पट्ठे को ढूंढना होगा! जिसे तुम जो चीज एक्जिस्ट ही नहीं करती यानि कि तुम्हारी सो कॉल्ड सच्ची मोहब्बत ....!!उसका यकीन दिलाओगी ....!! पहली मेहनत बर्बाद हो जाएगी.....!! और दूसरे में समय बहुत खर्च हो जाएगा....!! तब तक तुम्हें महंगे गिफ्ट कौन देगा....?? ये तो कुछ ऐसे ही होगा ना जैसे तुम्हारा एटीएम खो गया हो........?? ये आखरी कुछ लाइनें अंबर बेहद व्यंगात्मक अंदाज में बोलता है.....!!
धरा : मत छोड़िए.....!! लेकिन आपकी जानकारी के लिए हम बता दें...!! हम जो बोल रहे हमारा मतलब वही था.....!! मुंह तोड़ देंगे वो आपका .....!! सिर्फ इसीलिए आप से अपना हाथ छुड़ाने के लिए कह रहे हैं। और रही बात भरोसे की तो हर रिश्ते की बुनियाद भरोसा होता है। और हमारे क्षितिज को हम पर खुद से भी ज्यादा भरोसा है ।और उतना ही हमें भी है.....!! लेकिन ये बात आप नहीं समझेंगे......!! क्योंकि रिश्तों को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल की जरूरत पड़ती है......!!
बेशक गलती हुई हमसे उन्हें समझने में.....!! लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आपने जो किया वो सही हो जाएगा.......!!
जो बात आप हमें बोल रहे हैं, क्या आपको नहीं मालूम थी......?? क्या अफेयर करने से पहले आपको नही दिखा उनके गले में पड़ा मंगलसूत्र.......??
अंबर : शुक्र मानो मैंने तुम्हारे पहले सवाल का जवाब दिया वरना अंबर खुराना किसी को जवाब देने का आदि नही है .....!! सवाल मैं करता हूं और जवाब दुनिया देती है वो भी सिर और आंखें झुका कर......!! अंडरस्टैंट .....?? इतना बोलकर अंबर धरा का हाथ छोड़कर तेजी से पलटता है और तेज कदमों से वहां से निकल जाता है।
वहीं दूसरी तरफ अंबर जैसे ही धरा का हाथ छोड़ता है तो कुछ पल के लिए धरा अपनी कलाई पकड़ कर उसे सहलाने लगती है और फिर गुस्से से अंबर की तरफ घूम कर बोलती है,,,,,, नजरें वो झुकाते होंगे जिनकी..................
इतना बोल कर धरा अपनी पलकें झपकाते हुए इधर-उधर देखती है और खुद से बोलती है कहां गए......?? और जब साइड में थोड़ी दूरी पर नजर डालती है तो देखती है कि अंबर इतनी देर में करीब 20-25 मीटर दूर जा चुका था......!!
सुनिए हमारी बात कंप्लीट नहीं हुई है......!! धरा जोर से चिल्ला कर बोलती है । जिसे सुनकर अंबर बिना पीछे घूमे चलते हुए ही अपना हाथ हवा में उठाता है और अपने अंगूठे के पास अपनी सारी उंगलियों को ले जाता है और फिर उन्हें दूर कर देता है और इसी प्रोसेस को तीन चार बार दोहराता है । और अपनी गर्दन झटकते हुए निकल जाता है।
अंबर के इशारे को देखकर धरा की आंखें चौड़ी हो जाती है और मुंह कुछ पल के लिए खुला रह जाता है। और फिर धरा मुंह बनाते हुए बोलती है,,,,,,,, हिम्मत तो देखिए हमें बकबक करना बता रहे हैं खुद तो जैसे मुंह पर ज़िप लगी हुई थी......!! बदतमीज इंसान.......!! इतने एरोगेंट और बदतमीज इंसान से क्या सोचकर उस लड़की ने इश्क़ किया......!!
नहीं....!! एक्चुअली कर सकती है.....!! क्यों नहीं कर सकती.....??दोनों एक ही थाली के चट्टे बट्टे जो ठहरे......!! हम भी कहां बिना मतलब सिंपैथी का पिटारा खोल कर बैठ गए.....?? नीरा सही कहती है पागल है हम......!!
दो निहायत ही गलत लोगों के बीच में सही करने निकले थे......!!
to be continued.....
पिछले अध्याय में आपने देखा कि धरा और अंबर के बीच बहस होती है जब धरा अंबर को एक लड़की का दिल तोड़ने के लिए फटकार लगाती है। अंबर को कोई पछतावा नहीं होता है और वह सच्चे प्रेम की अवधारणा पर सवाल उठाता है।
अब इस अध्याय में, धरा और अंबर के बीच झड़प जारी है, अंबर धरा को चुप रहने के लिए कहता है और सच्चे प्रेम पर अपने विचार व्यक्त करता है। धरा अंबर को जवाब देती है, यह दावा करते हुए कि उसका मंगेतर उसकी रक्षा करेगा। अंबर धरा को अपमानित करता है, उसे और उसके तथाकथित मंगेतर दोनों को खारिज करता है। धरा अंबर से बहस करती है, यह कहते हुए कि रिश्तों को समझने के लिए दिल की जरूरत होती है। अंबर पलट जाता है और चला जाता है, जिससे धरा गुस्से में अकेली रह जाती है, उस पर बदतमीज होने का आरोप लगाती है।
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क्षितिज भी तो कितनी बार हमें समझा चुके हैं पर हम हैं कि हमें अक्ल ही नहीं है......!! बेवजह अपना समय बेकार के लोगों पर खराब कर दिया......!!!
इतना बोलकर धरा जैसे नींद से जागती है और अपने माथे में हाथ मारते हुए बोलती है ,,,,,, हे देवी मां इन सिरफिरे एरोगेंट बंदे और इनकी गर्ल फ्रेंड के चक्कर में तो हम क्षितिज को भूल ही गए ......!!
फिर धरा अपनी घड़ी की तरह देखती है और बोलती है,,,,,,, अब तक तो क्षितिज को आ जाना चाहिए था । उनका कॉल आया था तो हमें लगा वो हमारे यहां इंतजार कर रहे हैं। लेकिन वो तो कहीं भी नजर नहीं आ रहे....!! हमारा फोन भी तो डेड है......!! बोलकर धारा इधर उधर नजर घूमाती है और फिर पास से गुजरते एक अंकल जी को देख कर तेजी से उनकी तरफ बढ़ती है और बोलती है,,,,,, अंकल जी हमारा फोन डेड हो गया है क्या हम आपके फोन से कॉल कर सकते हैं......??
बुजुर्ग अंकल : क्यों नहीं....?? बोलते हुए धरा की तरफ अपना मोबाइल बढ़ा देते हैं।
धरा क्षितिज को कॉल करती हैं,,,,,,
दूसरी तरफ से फोन कोई लेडी उठाती हैं ......!! लेकिन उस लेडी के हेलो बोलने से पहले ही धरा उतावली हो कर बोलती है कहां है आप क्षितिज.....?? हम कब से आपका वेट कर रहे है......!!
बेटा जी क्षितिज वॉशरूम में है.....!! क्या तुम दोनों आज मिलने वाले थे......?? रीमा जी क्षितिज की मम्मी दूसरी तरफ से जवाब देती हैं
धरा जो थोड़ी देर पहले बड़े उत्साह से बोल रही थी हिचकिचाते हुए बोलती है,,,,,,,,, वो आंटी जी ..............
रीमा जी : बेटा जी इंगेजमेंट हो गई है अब तो मम्मी जी कहने की आदत डाल लो......!! और उससे पहले बड़ों को पैरी पोना करना भी सीख लो.......!!
रीमा जी की बात सुनकर धरा बुरी तरह से सिटपिटा जाती है.......!! और घबराते हुए बोलती है स...सो... सॉरी आंटी म...मतलब मम्मी जी (धरा जल्दी से बोलती है)
रीमा जी : तू मैनू एक गल दस आंटी का मतलब मम्मी जी कब से हो गया......??
वो...वो..... धरा की सुई वही अटक जाती है दरअसल क्षितिज की मम्मी बेहद सख्त मिजाज थी और धारा हमेशा से ही उनके सामने जाने से घबराती थी.......!! लेकिन आज रीमा जी कुछ अलग ही अंदाज में थी....!!
रीमा जी अपनी टोन को बेहद नरम करते हुए बेटा जी इतना घबराओगी तो मेरे पूत नू कैसे संभालोगी.......?? वैसे ही बेचारा आज बहुत उखड़ा हुआ है.......!!
ये सुनते ही धरा बेचैन होते हुए बोलती हैं,,,,,,, क्या होगा उनके बैंक का काम हुआ या..........
रीमा जी : पता नहीं मुझे कॉफी को बोलकर अपने रूम में आ गया और कॉफी बना कर लाई तो वॉशरूम में है......!!
क्षितिज घर भी आ गए .....!! हम से मिलने क्यों नहीं आए....?? धरा मन में इतना ही सोच पाती है कि.........
तभी कुछ जोर से गिरने की आवाज आती है.......!! और रीमा जी घबराकर वॉशरूम की तरफ देखती हैं.........!!!और बोलती है........
तभी कुछ जोर से गिरने की आवाज आती है.......!! और रीमा जी घबराकर वॉशरूम की तरफ देखती हैं.........!!!
और बेहद घबराते हुए बोलती हैं,,,,,, बाबा जी महर करी......!! जब भी मेरा बच्चा टेंशन में होता है तो अपना सारा गुस्सा वॉशरूम में पानी बहा कर और चीजें तोड़कर ही निकालता है।
दूसरी तरफ धरा रीमा जी की बात सुनकर घबराते हुए पूछती है,,,,,,क्या हुआ है मम्मी जी.......??
रीमा जी : धरा बेटा मुझे माफ कर दे ....!! मैं नहीं बता पाऊंगी......!! क्षितिज ने तुझे बताने के लिए मना किया है......!! तू तो जानती है कितना चाहता है तुझे.....!! तुझ तक अपनी परेशानी पहुंचने नहीं देना चाहता.....!! खुद कितनी भी परेशानी में हो लेकिन तेरे चेहरे पर मुस्कुराहट देखकर उसे सुकून मिलता है.....!!! क्षितिज पहले ही परेशान है अब अगर उसकी परेशानी सुनकर तू भी परेशान हो जाएगी तो मेरे बेटे का तो सुकून ही चला जाएगा......!!
धरा : मम्मी जी हमारे सुकून का क्या......?? क्षितिज परेशानी में है ये जानकर हमें सुकून मिलेगा क्या.......?? आपको हमारी कसम मम्मी जी प्लीज़ बताइए ना......!!धरा परेशान होते हुए बोलती है।
रीमा जी : ये क्या कर दित्ता तुसी पुत्तर जी......!! एक तरफ बेटे ने बताने ने के लिए मना कर दिया है। दूसरी तरफ तुमने कसम दे दी......!! ये मरजानी मां करे तो क्या करें.....?? एक तरफ बेटे का दर्द नहीं देखा जा रहा दूसरी तरफ बेटी जैसी बहू की कसम नहीं तोड़ी जाएगी.....!! रीमा जी अपनी आवाज में बेचारगी और दर्द की मिलावट करते हुए बोलती है।
इतना बोल कर रीमा जी थोड़ा फुसफुसाते हुए बोलती है,,,,,, लगता है पुत्तर जी क्षितिज बाहर आ रहा है .....!! बेटा जी आप एक काम करो कल संडे में मुझे मंदिर में मिलो वही तुम्हें बताऊंगी और क्षितिज से इस बात का जिक्र बिल्कुल मत करना.......!! बाय बेटा जी इतना बोल कर रीमा जी फोन डिस्कनेक्ट कर देती है और उनके चेहरे पर डेविल स्माइल आ जाती है.....!!
धरा अंकल जी को थैंक यू बोल कर उनका फोन लौटा देती है और बोझिल कदमों से अपनी स्कूटी की तरफ बढ़ती है......!!
पूरे रास्ते धरा के दिमाग में रीमा जी की कही बातें गूंजती रहती है....!! धरा घर पहुंच कर अपनी स्कूटी स्टैंड पर खड़ी करके जैसे ही घर में कदम रखती है तो सामने ही उसकी दादी मां और चाचा जी सोफे पर बैठे होते हैं लेकिन टेंशन में धारा का ध्यान उस तरफ जाता ही नहीं है.....!!
पुत्तर क्या हुआ......?? ठीक तो है ना तू......?? कमला जी (धरा की दादी मां) धरा को यूं खोई खोई सी जाते देखकर बोलती है....!!
कमला जी की आवाज सुनकर धरा अपने ख्यालों से बाहर आती है और मुस्कुराने की कोशिश करते हुए बोलती है जी दादी मां हम एक दम ठीक है हमें क्या हुआ है....??
कमला जी अपने हाथ के इशारे से धरा को अपनी तरफ बुलाते हुए बोलती है इधर आ मेरा पुत्तर.....!!
कमला जी के बुलाने पर धरा अपने चाचा जी को नमस्ते करते हुए कमला जी के पास बैठ जाती है......!! कमला जी प्यार से धरा का सिर सहलाते हुए सह लाते हुए कुछ नहीं हुआ है तो फ्री मेरे पुत्तर का हमेशा गुलाब की तरह खिला चेहरा क्यों उतरा हुआ है.......?? कोई तो बात जरूर है.....!! बता क्या बात है.....?? कमला जी जोर देते हुए बोलती हैं......!!
वो दादी मां ...!! इतना बोल कर धरा कुछ पल खामोश रह जाती है, लेकिन उसका दिमाग बोलना बंद करने के बाद भी तेजी से चल रहा था....!!
वो दादी मां ...!! इतना बोल कर धरा कुछ पल खामोश रह जाती है, लेकिन उसका दिमाग बोलना बंद करने के बाद भी तेजी से चल रहा था....!!
क्या बताएं सभी को जबकि अभी तो परेशानी के बारे में वो भी सही से कुछ नहीं जानती....!! बेवजह उसकी दादी मां और चाचा जी परेशान हो जाएंगे यही सोचकर धरा असमंजस में थी और फिर अचानक धरा को आज ऑफिस में हुई बातें याद आती है.....!! और उसे रास्ता मिल गया था...!!
इधर धरा को ना बोलते देख धरा के चाचा जी जो साइड वाले सोफे पर बैठे थे उठकर धरा के पास आते हैं...! और बड़े प्यार से धरा के चेहरे को छूते हुए बोलते हैं.............. क्या बात है बेटा आज से पहले कभी तुझे इतना परेशान नहीं देखा.....?? हमसे अपनी परेशानी बताने में कब से तू झिझकने लगी.....?? अभी तो तेरी शादी भी नहीं हुई है अभी से हमें पराया कर दिया.....!! कोई बात हुई है........??
जिस ट्रैक पर धरा आपके चाचा जी और दादी जी को ले जाना नहीं चाहती थी उन्होंने अनजाने में शायद उसी पर कदम रख दिया था.....!! धरा की परेशानी का सबब उसकी होने वाली ससुराल से जुड़ा हुआ है ऐसा कैसे सोच सकते हैं चाचा जी.....?? सोच क्यों नहीं सकते हैं ....!! सोच तो सकते हैं.....!! इतना प्यार जो करते हैं.....!! समझते हैं अच्छे से......!! इससे पहले कि वो लोग शायद, किंतु ,परंतु जैसी संभावनाओं की गलियों से गुजरते हुए उस मुकाम पर पहुंचे जहां पता नहीं कौन सी परेशानी है जो क्षितिज को परेशान कर रही है.....!! धरा अपने घर वालों को बिना परेशानी को जाने उसका जिक्र करके उन्हें परेशान नहीं करना चाहती थी। सामने प्रत्यक्ष खड़ी परेशानी से ज्यादा परेशान संभावित परेशानी करती है और यही धरा नहीं चाहती थी। पहले वो उस परेशानी से रूबरू होना चाहती थी.....!! इसलिए धरा जल्दी से खुद को संभालती है और बोलती है..........वो चाचाजी हमने आपको बताया था ना हमारी कंपनी को टेकओवर कर लिया है क्योंकि आप छुट्टी पर थे तो हमें मालूम नहीं था लेकिन आज ऑफिस गए तो पता चला काफी लोगों को जाॅब से निकाल दिया जाएगा......!! बस वही...........
धरा अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाती है कि तभी बीच में ही उसकी दादी मां कमला जी बोल पड़ती हैं,,,,,,, अरे तो पुत्तर इसमें इतना परेशान होने वाली क्या बात है.....?? मेरी बच्ची को अगर उन्होंने निकाला तो कंपनी बंद पड़ जानी है उस खस्मा नू खाने नए मालिक की.....!!
धरा : दादी मांआआआ......!! आप तो ऐसे बोल रही हैं जैसे कंपनी चल ही अकेले हमारे भरोसे रही है। अपनी पोती से इतना प्यार भी सही नहीं है.....!! अगर कंपनी बंद हो गई तो कितने सारे लोग बेरोजगार हो जाएंगे......!! कभी सोचा है आपने.....??
कमला जी : बाबा जी अपनी मेहर हमेशा तुझ पर बनाए रखें ....!! खुद को छोड़कर सारी दुनिया की परवाह रहती है इस लड़की को.....!!देखो तो कैसे चेहरा उतर गया है.....??
चल अब दुनिया की टेंशन छोड़ और जल्दी से हाथ मुंह धो ले ....!!मैं तेरे लिए चाय लेकर आती हूं.....!! कमला जी प्यार से धरा के चेहरे को छूते हुए बोलती है!
धरा : (कमला जी के उसी हाथ को पकड़ कर अपने दोनों हाथों में लेते हुए )आप भी ना दादी मां जवान पोती के होते हुए बुड्ढी दादी किचन में काम करती हुई अच्छी लगेगी क्या.....?? रोज आप हमारे मना करने के बावजूद हमारे लिए पहले से चाय बना कर रखती है ....!! आज हम आपके लिए चाय बना कर लाते हैं.....!!!
बोलकर धरा किचन में चली जाती है और चाय के बाद डिनर बनाने लग जाती है । क्योंकि ऐज यूजुअल चाची जी की तबीयत ठीक नहीं थी ....!!
धरा जल्दी-जल्दी डिनर निपटाती है और अपने रूम में चली जाती है। रूम में जाते ही धरा सबसे पहले रीमा जी का नंबर डायल करती है.....!! क्योंकि जब से क्षितिज के परेशान होने की बात सुनी थी धरा को चैन नहीं था।
रीमा जी : क्या हुआ पुत्तर जी नींद नहीं आ रही.....?? बेटा जी अभी आराम से सो जाओ.....!! बोला तो कल मंदिर में बताऊंगी.......!!
धरा : आंटी .........साॅरी मम्मी जी ...!! जब तक हमें क्षितिज की परेशानी की वजह नहीं पता चलेगी और उसे दूर करने का तरीका नहीं मिलेगा तब तक हमें सुकून नही मिलेगा ....!! और ना ही हमें नींद ही आएगी......!! आप हमें अभी बता देंगी तो हो सकता है कि सुबह तक उनकी प्रॉब्लम का सल्यूशन ही मिल जाए.......!!
रीमा जी : कितना खुशनसीब है मेरा पूत जो इतना प्यार करने वाली जीवनसंगिनी मिल रही है.....!! सच बोलूं शुरू में मै नहीं चाहती थी कि तू मेरी नू (बहू) बने....!! यह बात तुझसे भी छुपी नहीं है कि बहुत नाराज थी मैं तुझसे....!! और ये नाराजगी तुझसे छुपी भी नहीं है.....!! क्योंकि मेरी जिंदगी का तो एक ही फंडा है ,,,,, जो जैसा है वैसा बोल दो दिल में कुछ और जुबान पर कुछ और बोलना मुझे आता ही नहीं है ।इसलिए कभी-कभी लोगों को बुरी लग जाती है मेरी बातें.....!! अपना मकसद हल करने के लिए अपने शब्दों को अपने स्वार्थ की चाशनी में लपेट कर बोलना नहीं आता ना मुझे......!! मुझे लगता था मेरे पूत के सपनों को पूरा करने के लिए अरोड़ा जी की बेटी सही है क्योंकि अपना बिजनेस खड़ा करने का मेरे पूत का सपना अरोड़ा जी ही पूरा कर सकते हैं....!!
लेकिन अब लगता है कि तू उसके साथ अगर ऐसे खड़ी रहेगी तो मेरी पूत का सपना जरूर पूरा होगा.....!!
मेरे पूत ने दो ही चीजों को तो शिद्दत से चाहा है.....!! एक तुझे और एक अपने बिजनेसमैन बनने के सपने को......!! तुम दोनों की शादी को हां बोलकर मैंने उसका एक सपना तो लगभग पूरा कर ही दिया .....!! और दूसरा सपना मेरी प्रार्थना और तेरे प्यार से पूरा हो जाएगा......!! और ऐसा जरूर होगा ....!! थोड़ा सा इंतजाम तो मैंने कर भी दिया है......!! बस उसी सिलसिले में तुम्हारी परमिशन चाहिए थी इसीलिए तुम्हें मंदिर बुला रही थी।
धरा ( अधीर होते हुए) साफ-साफ बताइए ना क्या परेशानी है.....??
रीमा जी : वो बेटा जी बैंक वालों ने क्षितिज के बिजनेस के लिए उसका लोन पास करने से पहले क्षितिज के अकाउंट में 10 लाख कैश और प्रोजेक्ट के हिसाब से 1000 गज का अपना प्लॉट होना जरूरी बताया है.....!! जबकि क्षितिज के पास 900 गज का प्लॉट है बराबर वाला 100 गज का प्लॉट खरीदने पर समस्या हल तो हो जाएंगी लेकिन उसके लिए पैसे नहीं है ....!! ऊपर से अकाउंट में 1000000 कैश भी होना चाहिए ....!! कुल मिलाकर 40 लाख की दिक्कत है।
पुत्तर 1000000 का इंतजाम तो मैं कल कर दूंगी अगर तुम इजाजत दो तो.....??
जारी है.......
मोनिका
पुत्तर 1000000 का इंतजाम तो मैं कल कर दूंगी अगर तुम इजाजत दो तो.....??
धरा : मम्मी जी आपको हमारी परमिशन की क्या जरूरत है आपको जो सही लगे करें.....!!
रीमा जी जरूरत है पुत्तर वो दरअसल तुम्हारी शादी के लिए जो मैंने जेवर बनवाए थे अगर मैं उन्हें बेचकर सेम उसी डिजाइन के नकली जेवर बनवा दू तो....??
तुमसे इसलिए पूछ रही हूं क्योंकि वो तुम्हारे जेवर है तुम्हारा हक है उन पर क्षितिज से पूछूंगी तो वो साफ मना कर देगा.....!! इसलिए तुमसे पूछ रही हूं क्योंकि वो जेवर तुम्हारे हैं तो उनके बारे में फैसला करने का हक भी तुम्हारा है.....!!
धरा :आपको जो सही लगे आप कीजिए जेवर का हम क्या करेंगे.....?? हमें तो वैसे भी इन सब का शौक नहीं है और हमारे लिए क्षितिज की मुस्कुराहट से बढ़कर कुछ नहीं है.....!!
दुनिया की सबसे खुशकिस्मत सास हूं मैं.....!! धन्य हो गई मैं तेरे जैसी नू पाकर.....!! रीमा जी बड़ी खनकती आवाज में चापलूसी करते हुए बोलती हैं........!! और अगले ही पल अपना पैंतरा बदलते हुए बड़ी मायूसी से बोलती है.............. अब कैसे भी करके 3000000 रुपए या फिर हजार गज का नया प्लॉट मिल जाए तो समस्या दूर हो जाएगी वरना तो मेरी चांँद के टुकड़े सी नू का अपने गहनों को लेकर किया त्याग भी बेकार जाएगा।
धरा :इतने सारे पैसों का इंतजाम कैसे होगा मम्मी जी......??
रीमा जी : यही सोच सोच कर तो मैं परेशान हूं....!! पैसों का इंतजाम ना हो पाए तो कम से कम प्लॉट का ही इंतजाम हो जाए ( रीमा जी प्लॉट पर जोर देते हुए बोलती है) पता नहीं कैसे होगा पर तू परेशान मत होना.....!!इसीलिए तो तुझे नहीं बताना चाह रही थी .....!!अभी तक सिर्फ मैं और मेरा पूत परेशान थे और देख अब तू भी परेशान हो गई । पुत्तर जो भी होगा देखा जाएगा तू परेशान ना हो....!! और एक बात बेटा ये जो तेरी मेरी बात हुई है इसका जिक्र गलती से भी क्षितिज के आगे मत करना.....!! बर्दाश्त नहीं कर पाएगा मेरा पूत। तुझे तो पता है ना तुझसे कितना प्यार करता है। दुनिया जहान की खुशियां तेरे कदमों में रख देना चाहता है ।खुद कितना भी परेशान रहे लेकिन परेशानी का एक कतरा भी तुझ तक नहीं पहुंचने देगा.....!! अगर उसे पता चला तू उसकी वजह से परेशान है तो पता नहीं वो क्या करेगा....?? मुझसे ही नहीं खुद से भी नाराज हो जाएगा.....!!!
तू तो जानती है ना पहले से ही अपने डैडी जी से नाराज है ...!!दोनों बाप बेटे में बात नहीं होती ....!!वरना थोड़ी बहुत मदद तो वो करते ही। लेकिन ना तो उन्हें अपने पूत से कोई मतलब है और क्षितिज भी अपने में ही रहता है.......!! तुझे दुनिया भर की खुशी देना चाहता है अगर उसे पता चला कि उसकी परेशानी का जिक्र मैंने तुझसे किया है तो पता नहीं कौन सा तूफान आ जाएगा । तू परेशान थी उसे लेकर तुझे बता बैठी । लेकिन पुत्तर जी मैं आपके आगे हाथ जोड़ती हूं गलती से भी क्षितिज को इस बारे में मत बताना.....!! वरना मुझ से भी नाराज होकर बैठ जाएगा । फिर कभी अपनी परेशानी किसी से बताएगा ही नहीं.......!! अच्छा पुत अब रखती हूं....!! ज्यादा टेंशन ना करी.......!! बाबा जी मेहर करेंगे तो कोई ना कोई रास्ता जरूर निकलेगा और मेरे पुत का सपना जरूर पूरा होगा....!!
धरा भी रीमा जी को गुड नाईट बोल कर फोन रख देती है।
इधर रीमा जी चिकनी चुपड़ी बातें बनाकर और धरा का चैन और उसकी नींदे उड़ा कर बार-बार चैन से सो जा कह कर असल में खुद गुनगुनाते और नाचते हुए घोड़े बेच कर सो जाती हैं.......!!
दरअसल रीमा जी एक बेहद लालची औरत थी उनकी नजर धरा के पापा ने जो धरा के लिए प्लॉट खरीदा था उस पर थी....!! उस प्लॉट की भनक रीमा जी को लग गई थी और अब किसी भी तरह से उन्हे वो प्लॉट चाहिए था....!! क्योंकि दबे शब्दों में उन्होंने इसका जिक्र धरा की चाची से किया था तो वो ऐसा कुछ भी होने से साफ मुकर गई थी......!! और अब उन्हे क्षितिज के लोन की आड़ में मौका मिल गया था.....!! क्योंकि ये बात वो भी अच्छी तरह से जानती थी कि ये बात धरा के चाचाजी के कानों तक पहुंचेगी तो वो बेहिचक इस प्लॉट को क्षितिज को दे देंगे......!!
रीमा जी उस प्लॉट के मिलने के सपने संजो रही थी इस बात से बेखबर कि जिस प्लॉट को हथियाने के लिए वो ये खेल खेल रहीं है उसमें धरा की चाची (पायल जी) पहले ही बाजी मार चुकी हैं......!!
धरा सारी रात करवटें बदलती रहती है क्षितिज की परेशानी उसे सोने नहीं दे रही थी......!! इतना प्यार क्यों करते हैं आप हमसे क्षितिज कि हमें परायापन महसूस होने लगता हैं।
आप अपनी परेशानी हमें बता कर परेशान नहीं करना चाहते। लेकिन आप नही जानते कि आपका हमें यूं अपनी परेशानियों से दूर रखना हमें ज्यादा परेशान करता है.....!!
आप बेशक हमें अपनी परेशानियां ना बताएं लेकिन आप हमें आपकी मदद करने से नहीं रोक सकते हैं.....!! आप नहीं चाहते कि आपकी परेशानी हम तक पहुंचे तो हम भी आपकी मदद आप तक इस तरह से पहुंचाएंगे कि आपको पता नहीं चलेगा.......!!
फिर धरा कुछ देर सोच विचार करके मन ही मन किसी निर्णय पर पहुंचती है और तुरंत उठकर अपनी दादी के रूम तक जाती हैं.....!! लेकिन तब तक कमला जी शायद सो चुकी थी....!!
उफ्फ....!! हम भी ना दादी मां तो अब तक सो जाती है....!! अब तो हमें सुबह होने का इंतजार करना ही पड़ेगा.....!!
टेंशन में धरा को ठीक से नींद नहीं आती है तो वो सुबह जल्दी ही उठकर सारे काम खत्म कर लेती है और फिर चाय बनाकर कमला जी के रूम में पहुंच जाती है.....!! थोड़ी देर कमला जी से बात करने और अपनी परेशानी शेयर करने के बाद धरा खुश होकर कमला जी के गले लग जाती है......!! कमला जी अपने पुराने बक्से जिस पर बहुत मोटा ताला लगा था उसे एक तरफ हल्का सा खिसकाने के लिए बोलती है। उसके साइड में जो छोटा सा बेहद पुराना लकड़ी का बक्सा रखा था जिस पर कोई ताला भी नहीं था और जो बेहद बेकद्री से एक साइड पड़ा था उसे निकालने के लिए बोलती है,,,,, धरा वो बक्सा खींचकर निकालती है और कमला जी के बेड पर रख देती हैं। कमला जी उसे खोलती हैं तो उसमें उनकी कुछ कॉटन की पुरानी साड़ियां पड़ी हुई थी । वो उन साड़ियों को हटाती हैं और फिर लकड़ी के एक छोटे से लट्टू को घुमाती हैं । और बॉक्स को किनारे से पकड़कर उठाने के लिए बोलती है ।
जैसे ही धरा बॉक्स को उठाती है उस बॉक्स के अंदर एक और बॉक्स था जो ऊपर से देखने से दिखाई नहीं देता था......!!
यह देखकर धरा की आंखें चौड़ी हो जाती है और वो बोलती है,,,,,,,, दादी मां ये तो बाॅक्स के अंदर एक और बॉक्स है .....!!
to be continued
देखकर धरा की आंखें चौड़ी हो जाती है और वो बोलती है,,,,,,,, दादी मां ये तो बाॅक्स के अंदर एक और बॉक्स है .....!!
कमला जी अपने होठों पर अपनी उंगली रखते हुए श्श्श्श्श्श्शश......!! धीरे बोल.....!! दीवारों के भी कान होते हैं....!! बोलकर कमला जी उस बॉक्स में से एक बैग निकलती है और धरा की तरह पढ़ाते हुए बोलते हैं ये तेरी ही अमानत है सालों से संभाल कर रखी है......!! तेरे काम आ जाए इससे अच्छी बात क्या होगी......!! लेकिन पुत्तर तुझे इन्हें सीधे क्षितिज को देना चाहिए था.....!!
धरा : दादी मां वो सामने से अपनी परेशानी हमें नहीं बता रहे हैं और हम इस तरह से उनकी मदद करेंगे तो शायद उन्हें अच्छा नहीं लगेगा ....!! हम उनकी self-respect को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते। ये ज्वेलरी रीमा आंटी क्षितिज को अपनी होने वाली बहू के लिए उनकी तरफ से बनवाए हुई बता कर दे या हम उन्हें हमारी तरफ से दे फर्क क्या पड़ता है ज्वेलरी तो हमारी ही है ना.....?? फिर बस सिक्योरिटी के लिए ही तो चाहिए .....!! कुछ दिन में वापस आ जाएगी।
कमला जी :धरा के माथे को चूमते हुए बोलती हैं जैसा तू सही समझे.....!!! क्षितिज की वजह से ये दे रही हूं वरना उसकी मां मुझे बिल्कुल चंगी नहीं लगती.....!! अगर क्षितिज नहीं होता तो रीमा को मैं तेरी सास हरगिज़ नहीं बनाती.....!!इस पायल की एक बात मुझे सउर की नहीं लगती लेकिन रीमा के मामले में मेरी राय भी पायल से अलग नहीं है.....!! पता नहीं मेरी बच्ची को कैसे रखेगी.....?? बस यही सोचकर भी कभी मन उदास हो जाता.....!! फिर क्षितिज को देखकर तसल्ली हो जाती है....!!
धरा : दादी मांआआआ......!! इतनी भी बुरी नहीं है वो......!! बस थोड़ा तेज स्वभाव की है......!! और आपको पता है, प्यार में बहुत ताकत होती है....!!
कमला जी : रहने दे....!! बहला मत मुझे...!! चाहे रीमा हो या पायल ऐसी औरतें कुत्ते की दुम होती है जो नलकी में रखने से सीधी नहीं होती है...!! प्यार की भाषा इन्हें समझ में नहीं आती है। एक नंबर की चुड़ैल है....!! तूने वो कहावत तो सुनी ही होगी ना कि मार के आगे भूत भी नाचता है तो इनके लिए तो लट्ठ में ताकत होनी चाहिए....!!
धरा : बस बस दादी मां कंट्रोल कीजिए....!! इस उम्र में प्रभु का नाम लेना चाहिए वायलेंस की बातें बंद कीजिए.......!!
कमला जी : सब जानती हूं मैं कोई तुझे कितना भी कुछ सुना दे तू फिर भी नहीं सुधरने वाली है....!! जमाना बहुत खराब है। और खराब लोगों के साथ थोड़ा खराब होने में कोई खराबी नहीं है....!! आज के समय को देखते हुए इतना अच्छा होना भी ठीक नहीं होता....!! आपकी अच्छाइयां देखकर किसी का हृदय परिवर्तन नहीं होता.....!! बल्कि लोग फायदा उठा लेते हैं......!!
धरा : (अपनी दादी मां के गले में प्यार से अपनी बाहों को डालकर उनके गाल को चूमते हुए) फायदा ही उठाएंगे ना नुकसान तो नहीं.......??तो फिर ठीक है.....!! चलेगा......!! हमारी लाइफ में! हमारी वजह से ! किसी एक का भी हृदय परिवर्तन हो गया तो फिर तो चलेगा नहीं मैराथन दौड़ेगा........!! धरा कमला जी की बात हंसी में टालते हुए बोलती है.....!!
पता नहीं कब ये लड़की दुनियादारी सीखेंगी.....?? कमला जी अपने माथे में हाथ मारते हुए बोलती है....!!
कमला जी को ऐसा करते है देख धरा को जैसे कुछ याद आता है और वो झूटी नाराजगी दिखाते हुए बोलती है,,,,,,, दादी मां आज भी लगा लिया आपने अपनी बातों में ....!! आज फिर चाची जी के सिर में दर्द हो जाएगा......!! इतना बोल कर धरा वहां से जाने लगती है।
कमला जी :नहीं होगा सिर दर्द.....!!और अगर होगा भी तो उड़ छू हो जाएगा ......!! बता देना नाश्ता तैयार कर दिया है तूने.......!!
धरा मुंह घुमाकर एक बार फिर बनावटी नाराजगी दिखाते हुए बोलती है,,,,,,, दादी मां.......!!
कमला जी : वापस आ ......!!दादी मां की नासमझ पोती.....!! अपनी चाची के रूम में जाने से पहले एक जरूरी बात सुनती जा .....!!!
कमला जी : वापस आ ......!!दादी मां की नासमझ पोती.....!! अपनी चाची के रूम में जाने से पहले एक जरूरी बात सुनती जा .....!!!
कमला जी की बात सुनकर धरा वापस आती है तो.......
कमला जी : बेटा ये जो तेरे हाथ में है, पहले इन्हें संभाल कर अपने रूम में रख आ.....!! और इस सब के बारे में किसी से भी जिक्र मत करना .....!!! कमला चाहिए धरा के हाथ में पकड़े बैक की तरफ इशारा करते हुए बोलती हैं।
धरा : ऐसा क्यों दादी मां.......??
कमला जी : जरूरी तो नहीं है ना कि हर बात सभी को बताई जाए ......!!और हर बात में सवाल जवाब जरूरी नहीं होता बस ये जान ले , ये तेरी ही अमानत थी मेरे पास लेकिन पायल को अगर पता चलेगा तो वो बेवजह का तमाशा करेगी......!! इन पर भी अपनी गिद्ध दृष्टि जमाएगी .....!! बंँटवारे की बात करेगी....!! जबकि ये तेरी मां ने मुझे दिए थे उसकी अमानत थी मेरे पास.....!! इसमें किसी की भी कोई हिस्सेदारी नही है ....!! ये तेरी मां का आशीर्वाद है और आशीर्वाद का कभी बटवाराँ नही होता....!! समझी मेरी भोली ....??
ठीक है दादी मां ....!! ये बोलकर धरा उठती है और अपने रूम को तरफ बढ़ती है......!! पहले जिस उमंग से धरा बाहर जा रही थी अब उसके कदमों में ना तो वो उमंग ही थी और ना ही दिल में क्षितिज का काम हो जाने की उतनी खुशी ....!!
अपने दिल पर पत्थर रखकर धरा रूम से बाहर जाती है और फिर रीमा जी को मंदिर में बुलाती है.......!!
सब काम जल्दी से निपटा कर थोड़ी देर बाद ही धरा मंदिर में थी । रीमा जी तो पहले ही पहुंच गई थी । और बड़ी बेसब्री से धरा का इंतजार कर रही थी....!! और उनकी बेचैनी की वजह थी धरा का फोन पर ये बोलना कि उसने क्षितिज की प्रॉब्लम हल कर दी है.....!! और रीमा जी यह सोच सोच कर खुश थी कि धरा उसके नाम पर जो प्लॉट था उसके पेपर लेकर आ रही है ......!!
धरा रीमा जी को देखकर अपने सर पर दुपट्टा रखते हुए झुक कर उनके पैर छूती है.....!!
रीमा जी खुश होकर धरा को कंधों से पकड़ कर उठाती है और अपने गले लगाते हुए बोलती हैं,,,,,,,, ना...!!ना.....!! पुत्तर जी तुसी तो बस गले लग जाया करो.......!! बोलकर धरा को अपने आलिंगन में और कस लेती हैं .....!! धरा के गले लगे हुए भी रीमा जी की नजर धरा के कंधे पर लटके हुए उसके पर्स पर ही गड़ी हुई थी और वो अपनी खींसे निपोरते हुए आगे बोलती है,,,,,,,, हाय ठंड पै गई....!! तू मेरी नू नहीं धी (बेटी) है । पैर वैर ना छुआ कर ....!! गले लग जाया कर ...!! आगे से ध्यान रक्खी......!! रीमा जी कृत्रिम मुस्कुराहट के साथ बोलती है......!! लेकिन ललचाई नज़रों से वो धरा की नजर बचा कर बार-बार धरा के पर्स को ही देख रही थी।
to be continued
....!! तू मेरी नू नहीं धी (बेटी) है । पैर वैर ना छुआ कर ....!! गले लग जाया कर ...!! आगे से ध्यान रक्खी......!! रीमा जी कृत्रिम मुस्कुराहट के साथ बोलती है......!! लेकिन ललचाई नज़रों से वो धरा की नजर बचा कर बार-बार धरा के पर्स को ही देख रही थी।
रीमा जी धरा पर वारी-वारी जा रही थी और उस पर ऊपरी मन से आशीर्वाद की झड़ी लगा रखी थी,,,,,,,,
रीमा जी : बाबा जी तुझ पर अपनी मेहर हमेशा बनाए रखे....!! तेरी जिंदगी के हर कांटे को निकाल दे......!! खुशियों से तेरा दामन भरा रहे.....!! खुशियां इतनी मिले कि तेरा आंचल कम पड़ जाए.....!! ......................
और भी ना जाने क्या-क्या रीमा जी आशीर्वाद पर आशीर्वाद दिए जा रही थी ....!! उनके मन का मोर झूम झूम कर नाच रहा था....!! सच यहीं था कि उनसे अपनी खुशियां नहीं सम्भल रही थी.....!! और इस खुशी में ऐसे आशीर्वाद दे बैठती है जो कि उनके अगेंस्ट जा रहे थे। आशीर्वाद बेशक ऊपरी मन से दे रही थी पर इस बात से बेखबर कि मंदिर जैसी पवित्र जगह पर खड़े होकर आशीर्वाद वो बेशक ऊपरी मन से दे रही थी लेकिन धरा तो दिल से स्वीकार रही थी.....!! और इन आशीर्वाद में वो कहीं ना कहीं खुद को श्राप दे रही थी क्योंकि रीमा जैसी लालची, मौकापरस्त ,चापलूस औरत किसी भी लड़की के लिए शादी के बाद कांटा नहीं खंजर जैसी (अभिशाप कहे तो ज्यादा सही होगा) साबित होने वाली थी। फ्लो फ्लो में खुद को ही धरा की जिंदगी से निकाल फेंकने की बात कर रही थी.....!! ये भी नहीं सोच रही थी कि बाबा जी ने उसे तथास्तु बोल कर उसकी लाइफ लाइन कट कर दी तो क्या होगा 😜😜.....??
धरा क्योंकि मंदिर में अक्सर आती रहती थी और पंडित जी उसे बहुत मानते थे, तो धरा रीमा जी का हाथ पकड़कर उनके साथ मंदिर प्रांगण में ही बने कमरों की तरफ बढ़ जाती है और एक रूम के अंदर जाकर उसका दरवाजा बंद करते हुए रीमा जी की तरफ मुड़ कर अपने पर्स में हाथ डालती हैं और उसमें से गहनों से भरी पोटली निकालकर रीमा जी के सामने रखते हुए बोलती है,,,,,,, मम्मी जी ये हमारी माॅम की ज्वैलरी है....!! कुछ उन्होंने हमारे लिए बनवाई थी और कुछ उनकी शादी की है......!! प्लीज इन्हें अपने उसी सुनार के पास गिरवी रख दीजिएगा और उनसे कह कर सेम डिजाइन की इमिटेशन ज्वेलरी तैयार करवा दीजिए.....!!
हमारे ख्याल से इससे करीब 25 लाख का इंतजाम हो जाएगा........!! हमारे अकाउंट में भी है पैसे लेकिन हमारी शादी में अगर चाचा जी ने मांगे तो फिर हम कोई बहाना नहीं कर पाएंगे। बाकी जितने पैसे कम पड़े तो आप हमें बता दीजिएगा.....!! हम कंपनी से आज ही लोन के लिए अप्लाई कर देंगे......!! बोलते हुए धरा जेवर की पोटली नम आंखों से रीमा जी की तरह बढ़ा देती है।
ये सुनते ही रीमा जी पर तो जैसे घड़ों पानी गिर जाता है.......!! अचानक से उनके चेहरे के एक्सप्रेशन बदल जाते हैं....!! लेकिन धरा वो ये सब देख ही नहीं पाती..!! क्योंकि उसकी आंखों में पानी भरा था सब कुछ धुंधला दिख रहा था। क्योंकि अपनी मॉम की निशानी उनके जेवर...!! कमला जी के शब्दों में धरा की मॉम का आशीर्वाद धरा के लिए खुद से जुदा करना बेहद मुश्किल जो हो रहा था.....!!
वो ये सब देख ही नहीं पाती..!! क्योंकि उसकी आंखों में पानी भरा था सब कुछ धुंधला दिख रहा था। अपनी मॉम की निशानी उनके जेवर...!! कमला जी के शब्दों में धरा की मॉम का आशीर्वाद खुद से जुदा करना बेहद मुश्किल जो हो रहा था.....!!
ऐसे लग रहा था जैसे एक बार फिर उसकी मॉम उससे दूर हो रही है......!!
रीमा जी का गला कड़वाहट से भर जाता है लेकिनअपने गुस्से को कंट्रोल करके अपने चेहरे के एक्सप्रेशन सुधारते हुए बेहद प्यार से बोलती है,,,,,,,, पुत यह तेरी मां की आखिरी निशानी है यह मुझसे नहीं होगा कोई और रास्ता निकालते हैं......!!
धरा : इनकी कीमत एक बेटी से ज्यादा कौन समझेगा.....?? बोलते हुए धरा की आंखों में रूके आंसू उसके गालों पर आ जाते हैं लेकिन जल्दी ही वो खुद को संभालती है और इससे पहले कि उसके लिए यह फैसला और मुश्किल हो जाए धरा अपने आंसुओं को पोंछते हुए बोलती है,,,,,,,, इन जेवर से जो पैसे आएंगे वो क्षितिज के बिजनेस में लगेंगे इस तरह उन्हें भी माॅम का आशीर्वाद मिल जाएगा.....!! अगर वो होती तो वो भी यही करती .....!! प्लीज मम्मी जी मना मत कीजिएगा आसान नहीं था हमारे लिए ये फैसला लेना......!! लेकिन फिर हमने मॉम के नजरिए से सोचा ...!! अगर वो होती तो 1 बार भी नहीं सोचती और खुद आगे बढ़ कर यहीं फैसला लेती....!! और फिर हम इन्हें बेच कहां रहे हैं....?? सिर्फ गिरवी रखने के लिए बोल रहे हैं । धीरे-धीरे छुड़ा लेंगे। लेकिन प्लीज़ आप इनकी हूबहू नकल के नकली जेवर बनवा लीजिएगा क्योंकि हमने दादी मां को अधूरा सच बताया है....!!
रीना जी : लेकिन बेटा जी.........
धरा (रीमा जी की बात को बीच में ही काटते हुए) प्लीज़ मम्मी जी आगे और कुछ मत कहिए जितना बोलेंगी हमारे लिए मुश्किल होती जाएगी.....!! चलिए हम आपको ज्वैलर्स के यहां छोड़ते हुए अपने ऑफिस के लिए निकल जाएंगे......!!
रीमा जी मन में भुनती हुई धरा के साथ उसके स्कूटी पर जाकर बैठ जाती है।
स्कूटी चलाते-चलाते धरा कई बार भावनाओं में बहती है और हर बार उसकी आंखें नम हो जाती हैं....!! जिन्हें वो बार-बार साफ कर लेती है।
दूसरी तरफ रीमा जी के मन में भी अपने अच्छे खासे प्लान का बंटाधार होने पर गुस्से का तूफान उठा हुआ था....!!
रीमा जी :(मन में) कितना भोला समझती थीं मैं तुझे धरा........!! लेकिन तू तो बड़ी शातिर निकली रे ....!! जिन गहनों को तू शादी के बाद पहन कर आती , उन्हें शादी से पहले देकर मदद का नाम कर रही है.........!! अरे वो तो आज भी मेरे थे और कल भी मेरे होते......!! मुझे तो वो प्लॉट चाहिए था ....!! जिसे तेरी चाची किटी पार्टी में इतरा इतरा कर सबको बोल रही थी कि अपनी बेटियों की शादी में देगी......!!! मां के जेवर दे रही है जो हंड्रेड परसेंट तेरे साथ आते ही.....!! बाप का खरीदा प्लॉट उन्हीं लोगों के लिए छोड़ कर आएगी ...??ऐसे तो तुझे मैं फिर अपने घर में नहीं आने दूंगी.....!! प्लाॅट तो मैं लेकर ही रहूंगी आज का प्लान नाकाम हुआ तो क्या.......!! ऐसे कंगालो की तरह नहीं आ सकती तू मेरे इकलौते बेटे की जिंदगी में.......!!
रीमा जी के मन में नई योजनाएं पकने लगी थी कि तभी उनकी योजनाओं को विराम लगता है.....!!
रीमा जी : क्या हुआ पुत्तर जी ये स्कूटी क्यों रोक दी.....??
धरा : मम्मी जी शाॅप आ गई.....!!
रीमा जी : क्या हुआ पुत्तर जी ये स्कूटी क्यों रोक दी.....??
धरा : मम्मी जी शाॅप आ गई.....!!
रीमा जी उन ज़ेवरों को खुद से अलग नहीं करना चाहती थी लेकिन अब तक उनके खुराफाती दिमाग में नई साजिश ने जन्म ले लिया था। और वो मन ही मन में मुस्कुराती हुई स्कूटी से उतर जाती है और उदास चेहरा बनाकर धरा से बोलती है.......... पुत्तर जी अगर तुम दोनों बच्चों के भविष्य का सवाल नहीं होता तो मैं अपनी समधन के ये ज़ेवर अपने ही हाथों से कभी गिरवी नहीं रखती और ना ही तुम्हें रखने देती.....!! पर क्या करूं तुम्हारी जिद्द और क्षितिज की परेशानी के आगे मजबूर हूं......!! मेरा मन अंदर से हजारों टुकड़ों में कट रहा है.....!! और एक एक टुकड़ा मेरे दिल में शूल की तरह चुभ कर मेरी अंतरात्मा को लहूलुहान कर रहा है .....!! कितने शौक से उन्होंने ये ज़ेवर तुम्हारे लिए बनवाए होंगे....!! मैं भी एक मां हूं अच्छे से समझ सकती हूं कि जब एक मां पूरे दिल से अपने बच्चे के लिए कुछ करती है और वो वैसा ना हो तो आत्मा कितनी दुखती है.......!! समधन जी आत्मा तो आज स्वर्ण में भी रो रही होगी।
(सच तो ये था कि जो टुकड़े रीमा जी के दिल में चुभ रहे थे उन्हें वो सिंपैथी की आड़ में धरा के दिल में चुभो कर उसे लहूलुहान करने से बाज नहीं आ रही थी।)
रीमा जी की बातें सुनकर धरा अपने आपको बहुत ज्यादा गिल्टी महसूस कर रही थी......!! और अब उसके लिए वहां रुकना बेहद मुश्किल होता जा रहा था....!! इसलिए धरा , रीमा जी को ऑफिस के लिए लेट हो रहा है का बहाना देकर तुरंत वहां से निकल जाती है......!!
रीमा जी की बातें सुनकर धरा अपने आपको बहुत ज्यादा गिल्टी महसूस कर रही थी......!! और अब उसके लिए वहां रुकना बेहद मुश्किल होता जा रहा था....!! इसलिए धरा रीमा जी को ऑफिस के लिए लेट हो रही है का बहाना देकर तुरंत वहां से निकल जाती है......!!
वहीं धरा के जाने के बाद रीमा जी के चेहरे पर डेविल स्माइल आ जाती है और वो हंसते हुए बोलती है......... वो हजार गज का प्लॉट जिसकी कीमत 1 करोड़ के आसपास है सोचा था आज वो मेरे हाथ में आ जायेगा मेंने वकील साहब से भी बात करके रखी थी। लेकिन तूने जो आज मेरे मंसूबों पर पानी फेरा है उसके लिए इतना नमकीन पानी तो तेरी आंखों से बहना बनता ही है.....!!
तुझे क्या लगा मेरा दिल टुकड़े टुकड़े हो रहा था....??ये टुकड़े तेरे दिल में चुभेंगे...!!और तेरी मां की आत्मा दुखे.... ना दुखे.... पर तू ये सोच कर जरूर दुखी होगी की तूने अपनी मां की आखिरी निशानी ...!! उनका प्यार ! आशीर्वाद सब कुछ गिरवी रख दिया ......!!
तुझे क्या लगा मेरी होने वाली नू मैं तेरे दुख में दुखी थी ....??ना......!! रीमा दूसरों के दुख में झूमती है और खुद के दुखी होने पर दूसरों को खुद से ज्यादा रुलाती है......!! तू ब्याह के आ तो सही मेरे घर में....!! तेरी वजह से जो मेरा नुकसान हुआ है उसके बदले तुझे खून के आंसू ना रुलाया तो तू मेरा नाम बदल देना......!! कितने अच्छे अच्छे रिश्ते आए थे मेरे क्षितिज के लिए......!! अरे अरोड़ा जी की लड़की इतना बड़ा शोरूम है उनका दो बंगले हैं 4 गाड़ियां है....!! उनकी लड़की माना काली थी लेकिन किस्मत तो चमका देती.....!!
और वह मिस्टर खन्ना उनकी लड़की के पैर में इतना सा फर्क था......!! लेकिन उनकी 22 फैक्ट्रियां थे फार्म हाउस था 4 बंग्लो थे पर नहीं बेवकूफ लड़का इसकी खूबसूरती विलयट्टू हुआ पड़ा था.....!! जैसे तैसे मन मार के मैंने हां बोल दी चलो प्लॉट तो लेकर आएगी लेकिन उम्मीद भी धुंधली सी होती दिख रही है.....!! तेरी वजह से मेरा करोड़पति बनने का सपना टूटा है तो सजा तो तेरी बनती है बोलकर रीमा जी ज्वेलरी शॉप के अंदर चली जाती है ....!!
इधर धरा अपने विचारों में मग्न जा रही थी कि तभी एक चाय की टपरी के पास बूढ़ी अम्मा धरा को हाथ देती हैं......!! धरा स्कूटी के मिरर में बूढ़ी अम्मा को देखती है तो अपनी आंखें कसके बंद कर दी है और जोर से ब्रेक लगा देती है.....!! और इस सब में उसकी स्कूटी फिसल जाती है.....!!
दरअसल धरा रोज अम्मा के लिए खाना लेकर आती थी और अम्मा भी रोज धरा का इंतजार करती थी। लेकिन आज धरा विचारों में इतनी मग्न थी कि स्कूटी रोकना भूल जाती है....!!
धरा को फिसलते देखा अम्मा और चाय की दुकान पर बैठे हुए कुछ लोग दौड़ कर आते हैं.....!!
बूढ़ी अम्मा :मुझे माफ कर दे बिटिया मेरी वजह से तू गिर गई अम्मा आंखों में आंसू भर कर परेशान होते हुए बोलती है।
जरा आप परेशान मत हो यह अम्मा हम ही लापरवाही से जा रहे थे आपकी इसमें कोई गलती नहीं है.....!! और आपके आशीर्वाद से हमें कोई चोट भी नहीं लगी है.....!!
धरा अम्मा को टिफिन में से खाना निकाल कर देती है और अपनी स्कूटी उठाकर स्टार्ट करती हैं लेकिन स्कूटी स्टार्ट नहीं होती......!! जब कई बार ट्राई करने पर भी स्कूटी स्टार्ट नहीं होती तो धरा परेशान हो चाहती है और परेशान होकर बोलती है आपको बेबी खराब होना था आज हमें वैसे ही ऑफिस जल्दी जाना था......!! और मैकेनिक की दुकान भी पीछे 500 मीटर दूर है इसे खींच कर ले जाना । हे माता रानी आज तो हम पक्का लेट हो जाएंगे....!! और आज तो कंपनी के नए सीईओ भी आने वाले हैं.....!! पहले दिन इंप्रेशन खराब हो जाएगा.....!!
धरा को परेशान देखकर चाय वाला : बिटिया तुम यही स्कूटी छोड दो पीछे जो मैकेनिक की दुकान है मै यह स्कूटी वहां पर बनवा दूंगा....!! तुम टैक्सी लेकर चली जाओ......!!
चाय वाले कहां पर सुनकर धारा खुश हो जाती है और बोलती है थैंक यू अंकल तभी धरा को एक टैक्सी आते हुए दिखाई देती है और धरा तुरंत जल्दी से चाय वाले को अपनी स्कूटी की चाबी थम आते हुए टैक्सी की तरफ भागती है.....!!
चायवाला :अरे बिटिया आराम से टैक्सी इधर ही आएगी....!!
धरा :(टैक्सी की तरफ दौड़ते हुए) नहीं आएगी अंकल....!! वो देखिए.....!! बोलते और साथ ही दौड़ते हुए धरा एक शख्स की तरफ इशारा करती है जो अपनी कार के पास खड़ा उसी टैक्सी को हाथ दे रहा था.......!!
टैक्सी को हाथ देने वाला बंदा टैक्सी का गेट खोलकर टैक्सी में बैठता उससे पहले धरा दूसरी साइड का गेट खोलकर टैक्सी के अंदर बैठ जाती है........!!
हे यू......!! ये क्या बदतमीजी है .....??टैक्सी मैंने रोकी है......!! बाहर निकलो.....!! बोलते हुए वो शख्स टैक्सी की खिड़की से जैसे ही अंदर झांकता है तो जोर से चीखता है........... तुम.......??
धरा : हां हम.....!! लेकिन आप इतना चिल्ला क्यों रहे हैं......??? हम ही हैं....!! चिल्ला तो ऐसे रहे हैं जैसे किसी का भूत देख लिया हो....!! अगर यकीन नहीं हो रहा है तो खुद को पिंच कर लीजिए.....!!
अंबर : व्हाट.....??
धरा : इतनी सी बात समझ में नहीं आती है ठहरिए हम बताते हैं.....!! बोलकर धरा अंबर की साइड वाली खिड़की की तरफ खिसकती है और अगले ही पल अंबर के हाथ में चूटी काट देती है.....!!
अंबर : आउच......!! दिमाग नाम की चीज नहीं है क्या तुम्हारे पास.....?? अपने हाथ को झटकते हुए अंबर गुस्से से चींखकर बोलता है.......!!
ये तो बस झगड़े की शुरुआत भर है....!! टैक्सी का ये सफर दोनों को किस सफर पर ले जाएगा यह तो आने वाले पार्ट्स में पता चलेगा तो मिलते हैं नेक्स्ट पार्ट में.......!!
जारी है......
अंबर : आउच......!! दिमाग नाम की चीज नहीं है क्या तुम्हारे पास.....?? अपने हाथ को झटकते हुए अंबर गुस्से से चींखकर बोलता है.......!!
हमारे पास तो है लेकिन हमें लगता है आपके पास उसकी बेहद कमी है ....!! इसलिए जो थोड़ा बहुत है उसी का दिखावा करने में लगे हुए हैं......!! लेकिन हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिंच करने के लिए एक अंगूठा और एक उंगली की जरूरत होती है दिमाग की नहीं .....!! धरा बेहद मासूमियत से बोलती है......!!
तुम्हारी बकवास सुनने का समय नहीं है मेरे पास .....!! इससे पहले कि मैं अपना आपा खो बैठूं नीचे उतरो......!! अंबर गुस्से से बोलता है......!!
क्यों उतरे नीचे....?? और रही आपा खोने की बात तो है ही क्या आपके पास ?सभी कुछ तो खोया हुआ है तमीज, संस्कार, दिमाग सब कुछ....!! एक काम कीजिए आप खुद भी खो जाइए आई मीन यहां से नौ दो ग्यारह हो जाइए धरा भी उसी टशन में जवाब देती है। आए बड़े चलकर ,हुंह....भला हम क्यों उतरे....!!
क्योंकि मैं कह रहा हूं....!! अंबर खीजकर बोलता है।
कहीं के प्रधानमंत्री लगे हैं आप.......?? आए बड़े चलके....!! मैं कह रहा हूं.....!!हुंह....!! धरा अंबर की टोन से अपनी टोन की फ्रीक्वेंसी मैच करते हुए पहली लाइन बोलती है और फिर अगली लाइन में अंबर की नकल उतारते हुए बोलती है.......!!
अंबर :लुक मिस.........
धरा : धरा.....!! धरा नाम है हमारा.....!! और आप जैसे मगरूर, बदतमीज और आवारा लोगों के घमंड को धरा यानी कि धरती में मिला देते हैं! चाहे सामने वाले का घमंड अंबर से ऊंचा हो या उसका खुद का नाम अंबर हो........!!
अंबर : हाउ डेयर यू टू कॉल मी लाइक दिस......??
धरा : अपने 30 दांतों की जेड सिक्योरिटी में मौजूद अपनी मीठी सी जुबान का इस्तेमाल करके.....!! आपके चरित्र का आंकलन करने के पश्चात ....!! हमारी ये कहने की हिम्मत हुई.....!!
और हां इससे पहले कि आप हमें दांतो का गणित बता कर खुद को इंटेलिजेंट साबित करने की बेवकूफी भरी हरकत करें तो हम बता दें कि हमारे दो ही wisdom tooth निकले हैं......!! इसीलिए हमने 32 नहीं 30 दांत बोले.....!!अंबर को यूं अजीब नजरों से खुद को देखते देख धरा क्लेरिफिकेशन देती है।
अंबर : (बड़बड़ाते हुए ) पहले मालूम नहीं था कि wisdom tooth के आने से अक्ल आती है या चली जाती है......?? लेकिन आज कंफर्म हो गया......!! तभी तुम आधी पगलेट हो......!!मेरा भी आंकलन तुम्हारे बारे में एकदम सटीक था ....!! बचे हुए दो दांत भी आ जाएंगे तो पूरी पगलेट हो जाओगी......!!दो ही आए हैं तो नोच रही हो दो और आ गए तो कपड़े भी फाड़ने लगोगी........!!
धरा :(मुस्कुराने की एक्टिंग करते हुए) आप संभल कर रहिएगा.....!!
अंबर :इससे पहले कि मेरा गुस्सा तुम पर ज्वालामुखी बनकर फटे जस्ट गेट लॉस्ट....!!
धरा : वो तो हम हो ही जाएंगे.....!!
फिर धरा टैक्सी वाले से मुखातिब होते हुए बोलती है ,,,,,,भैया सुना नहीं आपने क्या कहा इन्होंने .....?? लापतागंज के प्रधानमंत्री जी गेट लॉस्ट होने को बोल रहे हैं ,तो चलिए टैक्सी बढ़ाइए ......!!
अंबर :( टैक्सी वाले को वार्न करते हुए) हे खबरदार अगर टैक्सी बढ़ाई तो......!! टैक्सी रोकने के लिए हाथ पहले मैंने दिया था।
धरा : आपने सिर्फ हाथ दिया था और हमने अपनी पूरी बॉडी टैक्सी में दे दी......!! उसका क्या.....??
अंबर : देखो टैक्सी से नीचे उतर जाओ मुझे बहुत देर हो रही है.....!!
धरा : देर हो रही है तो दादागिरी नहीं रिक्वेस्ट की जाती है रिक्वेस्ट कीजिए हम आपको लिफ्ट दे देंगे......!! आपके नाम से ऊंचा दिल है हमारा.....!!
अंबर : गो टू हेल विद योर ऊंचा दिल.......!!
धरा :ओह मतलब आप हमारा प्रपोजल मान रहे हैं .....??चलने के लिए तैयार है हमारे साथ.......?? चलिए वैसे तो हम हेल में जाना डिजर्व करते नहीं हैं.....!! लेकिन आपकी फ्रस्ट्रेशन बता रही है कि आपको भी कहीं बहुत जरूरी जाना है इसलिए हम आपके साथ ये टैक्सी शेयर करके अपना कुछ किलोमीटर का सफर हेल बनाने के लिए तैयार है......!!
अंबर : यूं.....!! अंबर गुस्से से अपनी उंगली दिखाता है लेकिन फिर कुछ बोलने से पहले अपनी आंखें बंद करता है और थोड़ा अपने आप को काम करते हुए बोलता है,,,,,मुझे कोई टैक्सी शेयर नहीं करनी है नीचे उतरो......!!
धरा : देखिए नीचे तो हम नहीं उतरेंगे...!! हम भी लेट हो रहे हैं....!! आप आना चाहे तो आ जाइए वरना टैक्सी वाले भैया आप टैक्सी चलाइए.......!!
टैक्सी वाला : साहब आकर बैठ जाइए कोई और टैक्सी नहीं मिलेगी.....!! मैं भी अपने घर की तरफ जा रहा हूं .....!! इस जगह पर वैसे भी खाली टैक्सी का मिलना बेहद मुश्किल काम है और आज तो टैक्सी वालों की स्ट्राइक है......!!
धरा और अंबर एक साथ : ये कब हुआ.....?? ऐसी तो कोई न्यूज़ नहीं थी.....!!
टैक्सीवाला : अभी-अभी मैसेज आया मेरे एक दोस्त का....!! 5 मिनट पहले ही ये डिसाइड हुआ है .....!! अब आप पूछताछ रहने दीजिए जल्दी बैठिए नहीं तो फिर मैं निकलता हूं.....!! आप अभी भी बैठ जाएंगे तो आप को पहुंचाना मेरा कर्तव्य है , बोल दूंगा पीछे से सवारी लेकर आ रहा था अब जो पहले से बैठा हुआ उसे तो उसके गंतव्य तक पहुंचा दू....!!नहीं तो स्ट्राइक के खिलाफ जाने का मेरा कोई इरादा नहीं है.....!! मैडम का सजेशन एकदम सही है .....!! आप दोनों ही बैठ जाओ.....!! दोनों को उनकी मंजिल तक पहुंचा दूंगा ....!! और अगर और झगड़ना है तो दोनों ऐसे ही झगड़ते रहो .....!!लेकिन रिजल्ट कुछ नहीं निकलेगा......!! फिर मैं किसी को लेकर नहीं जाऊंगा.....!!
अंबर को भी ऑफिस में सरप्राइज विजिट देनी थी क्योंकि कुछ पुरानी फाइल पलटते हुए अंबर को बहुत कुछ गड़बड़ नजर आया था.....!! हालांकि प्री डिसाइडेड प्लान के हिसाब से अगले चार दिन और अंबर का ऑफिस जाने का कोई इरादा नहीं था। अंबर नहीं चाहता था कि उसकी मौजूदगी का पता उसके स्टाफ को हो.....!! ऐसे ही नहीं अंबर टॉप के बिजनेसमैन में था अपने स्टाफ पर बराबर नजर रखता था....!! और समय-समय पर उनकी कार्यशैली को भी वॉच करता था....!! चाहे खुद से या फिर किसी की सर्विस लेकर......!!
इसलिए कोई रास्ता ना देख अंबर ना चाहते हुए भी धरा के साथ टैक्सी शेयर करने के लिए मजबूर हो जाता है , और गुस्से से धरा को घूरते हुए टैक्सी मैं बैठ जाता है।
फ्रेंड्स रोज ही चैप्टर आएगा इस स्टोरी का लेकिन अगर एक रीडर भी डेली मुझे फॉलो करने के लिए मिल जाएगा तो मैं पूरी कोशिश करूंगी डेली दो चैप्टर अपलोड करने की।
इसलिए कोई रास्ता ना देख अंबर ना चाहते हुए भी धरा के साथ टैक्सी शेयर करने के लिए मजबूर हो जाता है , और गुस्से से धरा को घूरते हुए टैक्सी मैं बैठ जाता है।
अंबर को यूं खुद को घूरते देखकर धरा, अंबर को आंखें दिखाते हुए बोलती हैं,,,,,,,,,, हमारे पर्स में हमेशा पेपर स्प्रे होता है.....!! अगर दुनिया देखने से बोर नहीं हुए हैं तो हम पर से नजरें हटा लीजिए.....!! हमें अगर इसी तरह से घूर कर देखेंगे तो हम आपको कुछ भी देखने लायक नहीं छोड़ेंगे......!!
अंबर : दिमाग में भूसा भरा है क्या......?? कुछ ज्यादा ही गलतफहमी नहीं पाल ली तुमने अपने बारे में......?? जिस तरह तुम सोच रही हो ना उस तरह नहीं देख रहा हूं मैं तुम्हें........!!
धरा :ना इस तरह...!! ना उस तरह .....!!आप हमें किसी भी तरह नहीं देखेंगे.....!! सामने देखिए.......!!
अंबर :अंबर खुराना ऑर्डर देता है ....!!लेता नहीं......!!
धरा : ओ...एम....जी.....!! इतना एटीट्यूड......?? वैसे हम आपको आर्डर नहीं एडवाइज दे रहे थे........!!
अंबर : अपनी एडवाइज अपने पास रखो.....!! क्योंकि मैं एडवाइज लेना भी पसंद नहीं करता खासतौर से किसी पगलेट से.......!!
धरा : एडवाइज ले ली होती ना तो थोड़ी सी तमीज आ जाती .....!!तभी आप ऐसे हैं.....!! जो तमीज की बात करें वो आपको पागल लगते हैं ....!! यू नो व्हाट आप खुद इतने बड़े वाले पागल है कि..............
शट अप .....!! तुम्हारी जैसी बदतमीज लड़की से तमीज का लेसन नहीं पढ़ना है मुझे.....!!अब अगर एक शब्द भी बोला ना तो फिर तुम मेरा पागलपन अच्छे से देखोगी.....!! अंबर चींखते हुए बोलता है......!!
अंबर इतनी जोर से चींखता है कि धरा एक बार के लिएअंदर से डर सी जाती है लेकिन अगले ही पल अपने डर पर काबू पाते हुए धरा बोलती है,,,,,,, चिल्लाना हमें भी आता है......!! लेकिन हम चिल्लाएंगे नहीं......!! क्योंकि हमारा मानना है कि जो लोग अंदर से कमजोर होते हैं ना वो अपनी कमी को छुपाने के लिए चिल्लाते हैं....!! वरना हर बात, बात करने से हल हो जाती है.....!!
धरा की बात सुनकर एक बार फिर अंबर गुस्से से धरा की तरफ घूरता है लेकिन धरा , अंबर की नजरों से अपनी नजरें मिलने से पहले ही मुंह घुमाकर बैठ जाती है.....!!
धरा के यूं नजरें चुराने पर अंबर भी अपना सिर झटकते हुए अपनी साइड वाली खिड़की से बाहर देखने लगता है.....!!
इधर जैसे ही धरा शांत होती है उसका फोन बोलना शुरू करता है......!!
धरा अपने पर्स से अपना फोन निकाल कर हैलो बोलती है तो दूसरी तरफ से नीरा बोलती है,,,,, धरा आज मैं ऑफिस नहीं आऊंगी.....!! और प्लीज़ तू भी ना आधे दिन का ऑफ लेकर मेरे घर आजा.....!! और सुन ऑफिस आने से पहले जिस मंदिर में तू रोज जाती है उस मंदिर में ना मेरे नाम से प्रसाद चढ़ा देना प्लीज़......!!
धरा : हुआ क्या है ....??आज कैसे प्रसाद चढ़ावाने लगी.....?? और अचानक ऑफिस से छुट्टी ....?? कोई प्रॉब्लम है क्या......??
नीरा :प्रॉब्लम नहीं है .....!!प्रॉब्लम सॉल्व होने वाली है .....!!एक बहुत ही हैंडसम सा लड़का मुझे आज देखने आने वाला है .....!! मैं तो रुकने वाली नहीं थी लेकिन लास्ट मिनट पर उसकी फोटो आई और मै चाहती हू कि वो मुझे पसंद कर ले तो इसलिए............
धरा :ओहो तो मैडम की शादी वादी की बात हो रही है......!! कांग्रेचुलेशन.......!!
नीरा : वो तो रिश्ता पक्का हो जाए तब करना ना कांग्रेचुलेट.......!! भगवान तेरी बहुत सुनते हैं ना....!! तो प्लीज़ तू चढ़ा देगी ना प्रसाद.....?? उनको बोल देना उससे अगर आज मेरी शादी तय हो गई तो नीरज पूरे 1008 चक्कर लगाएगा उनके मंदिर के.......!!
धरा :उसे चक्कर नहीं मैडम परिक्रमा कहते हैं......!!
नीरा :अरे यार मतलब वही है ....!! तू समझ गई ना ...??तो तेरे भगवान भी समझ जाएंगे उतना काफी है....!!
धरा : वो तो हम समझ गए...!! लेकिन ये नीरज कौन है.....??
नीरा : (शर्माने की एक्टिंग करते हुए)वही लड़का जो मुझे देखने आने वाला है!
धरा : मन्नत आप मांग रही हैं या आपके होने वाले वो मांग रहे हैं.......??
नीरा : (बेफिक्री के साथ) वो ना मांगे मेरी बला से....!! मैं मांग रही हूं यह क्या काम है और मेरी उसे मन्नत से उसकी भी तो किस्मत खुल जाएगी , मेरे जैसी अगर उसकी जिंदगी में आ जाएगी......!! और वैसे भी शादी के बाद हसबैंड वाइफ में कोई फर्क थोड़ी होता है ....??मन्नत मैने मांगी और उसे पूरा मेरे ऐजी सुनते हो ने कर दिया तो क्या फर्क पड़ता है.....?? तू बस भगवान से मेरी अर्जी लगा दे.....!!
नीरा का जवाब सुनकर अंबर के होठों पर हल्की सी मुस्कुराहट आ जाती है और वो धीरे से व्यंग में बोलता है,,,,,,, पति हो या बॉयफ्रेंड हलाल होना तय है....!! खुद कम पड़ जाती हैं जो भगवान को भी अपने इस प्रोग्राम में शामिल कर लेती हैं वो भी प्रसाद की रिश्वत देकर.....!! और ये तो और भी चार कदम आगे है हलाल होने वाले बंदे को ही मन्नत पूरी होने पर प्लेट में अपना सिर सजाकर रिश्वत के रूप में भगवान जी को चढ़ाना है....!!( दरसअल धरा के फोन की साउंड इतनी थी कि नजदीक बैठे होने की वजह से अंबर को नीरा की आवाज़ कुछ हद तक साफ साफ सुनाई दे रही थी)
अंबर का स्पेशल कमेंट सुनकर धरा तिरछी नजर से उसे देखती है और फिर अंबर को सुनाते हुए बोलती है,,,,,,, आप चिंता मत कीजिए नीरा हम शाम को लौटते वक्त मंदिर जाकर प्रसाद चढ़ा देंगे प्रार्थना करने के लिए मंदिर जाने की जरूरत नहीं है लेकिन ये बात कुछ ओवर स्मार्ट लोगों को समझ में नहीं आती है....!! भगवान से प्रार्थना करना और मन्नत पूरी होने पर उनका शुक्रिया अदा करने के लिए प्रसाद चढ़ाना कुछ लोगों को रिश्वत देना लगता है....!!
नीरा :ऑफिस से लौटते वक्त क्यों ....??इस वक्त तो तू मंदिर में ही होती है ना...?? अभी चढ़ा दे ना प्रसाद......!!
धरा :नीरा हम इस समय मंदिर में नहीं है हम ऑफिस के लिए आलरेडी निकल चुके हैं....!!
नीरा : इतनी जल्दी.....?? वैसे ये हुआ कब....?? तूने मुझे बताया नहीं ऑफिस की सफाई का कॉन्ट्रैक्ट ले लिया है क्या तूने ........??
नीरा का पहला डायलॉग सुनकर जहां अंबर केवल मुस्कुराया था अबकी बार तो जोर से हंस पड़ता है.....!!