अनंता एक ऐसी लड़की जिसने चार लोको की लड़कियों को अपना शिकार बना लिया वो दिखने में काफी खूबसूरत है लेकिन उसके शोक अविवाहित लड़कियों को अपना खाना बनाना बही माहिरा जो उसकी सहेली है वो उसके लिए लड़कियों का इंतजाम करती है। अनंता जहा भी जाती है बहा अपनी शक... अनंता एक ऐसी लड़की जिसने चार लोको की लड़कियों को अपना शिकार बना लिया वो दिखने में काफी खूबसूरत है लेकिन उसके शोक अविवाहित लड़कियों को अपना खाना बनाना बही माहिरा जो उसकी सहेली है वो उसके लिए लड़कियों का इंतजाम करती है। अनंता जहा भी जाती है बहा अपनी शक्तियों से राज करती है। माहिरा जो उसे अगला लोक पृथ्वी लोक बताती है। क्या अनंता बहा जाकर राज कर पाएगी? जानने के लिए पढ़िए, "A Girl From Hell"
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दूसरा लॉक ढूंढो ,,,,, एक महल जो दिखने में काफी सुंदर और काफी बड़ा लग रहा था उसके आस पास बहुत सारे हरे पेड़ पौधे भी थे। उसके आस पास की जगह किसी जन्नत से कम नहीं लग रही थी। देखने में ही कह सकते है की वो पृथ्वी लोक तो बिल्कुल भी नही। बही उस महल के अंदर भी कोई नही था वो बिलकुल सुनसान था लेकिन उसमें जो सामान रखा हुआ था वो सब अपनी अपनी जगह रखा हुआ था। तभी उस महल के मेन गेट से एक लड़की अपने हाथ में एक बड़ा सा थाल लिए हुए आ रही थी। उस थार में क्या था बो बता नही सकते क्योंकि उसमे जो सामान रखा हुआ था वो लाल रंग के कपड़े से छिपा हुआ था। बो लड़की जल्दी से अपने पैर चलाते हुए " जल्दी चल माहिरा अगर महारानी जाग आई तो बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो जायेगी। " बो लड़की जो दिखने में काफी सुंदर लग रही थी उसने एक काली रंग की साड़ी पहनी हुई थी। उसकी बड़ी बड़ी आंखे थोड़े पतले से मोटे होठ जिनपर लालिमा छाई हुई थी। उसके पैरो में कोई चप्पल नही थी बो नंगे पैर ही उस महल में चल रही थी। वो लड़की जिसका नाम माहिरा था वो जल्दी से उस महल के सबसे बड़े कमरे के गेट के सामने जाकर रुख जाती है और फिर एक लंबी सांस लेकर उस गेट को खोल देती है। कमरा भी दिखने में काफी सुंदर लग रहा था उस कमरे में भी चारो तरफ प्लांट लगे हुए थे। बही उस कमरे के बीचों बीच एक क्वीन साइज बेड बिछा हुआ था बही उसके ऊपर एक प्यारी सी लड़की सोई हुई थी जो दिखने में काफी मासूम लग रही थी। बही उसे ऐसे सोता देख कर माहिरा की जान में जान आती है। माहिरा उस लड़की के पास जाती है और अपना सर नीचे करते हुए " महारानी की जय हो सुबह हो गई आप जाग जाइए। " माहिरा की आवाज सुनकर वो लड़की अपनी आंखें खोल कर उनको मलते हुए " आज इतनी लेट कैसे आई " उस लड़की की बात सुनकर माहिरा जल्दी से अपने हाथ में पकड़ा थाल उसके सामने करते हुए " महारानी बो ये लाने में समय लग गया आज " लड़की मुस्कुराते हुए " आज क्या लाई हो मेरे लिए " माहिरा उदास होते हुए " माफ करना महारानी जी आज ऐसा कुछ खास नहीं मिला बस ये " इतना कह कर माहिरा उस लाल कपड़े को उस थाल से हटा देती है। और उस थाल में रखे छोटेसे खरगोश को उसके सामने कर देती है जो अभी बेहोशी की हालत में था। खरगोश को देख कर वो लड़की गुस्सा होते हुए " माहिरा तुमसे कितनी बार कहा है मुझे जानवर पसंद नही मुझे लड़किया चाहिए बो भी बिना शादी शुदा समझी तुम और मुझे कई दिन हो गए है इन सब को खाते में परेशान हो गई हूं। " इतना कह कर वो लड़की गुस्से से उस बेड पर से उतर कर उस कमरे से जुड़े स्नान घर में चली जाती है। और जोर से उसके गेट को लगा देती है। बही माहिरा बेचरियो का सा मुंह बनाते हुए " कहा फसा दिया मुझे मेरी मां ने खुद तो चली गई लेकिन मेरी जिंदगी खराब कर गई। " बही उस स्नान घर के अंदर वो लड़की बड़े गुस्से में थी उसकी आंखे जो पहले बहुत प्यारी लग रही थी वो अब बिल्कुल काली हो गई थी उसके आस पास भी काला धुंआ जो उसके शरीर से ही निकल रहा था। बो बहुत ही डरावनी लग रही थी। अगर कोई उसे देखले तो डर के मारे उसके सामने ही नही आए। बही माहिरा भी अभी भी बही खड़ी हुई थी। तभी वो लड़की स्नान घर से बाहर आती है। और माहिरा को देख कर। " क्यों नही मिली तुम्हे लड़की ये बता सकती हो मुझे। " वो लड़की अपना गुस्सा शांत करके कहती है। " महारानी राज्य में अब कोई लड़की नही बची ये चौथा लोक है जिसमें अब अविवाहित लड़किया नही है। " वो लड़की माही की बात सुनकर चिल्लाते हुए " चौथा पांचा मुझे इससे कोई लेना देना नही है और दूसरा लोक ढूंढो तुम समझी। " इतना कह कर वो लड़की कमरे की बालकनी में जाती है और अपनी आंखे बंद करके जैसे ही खोलती है तो बड़े बड़े पंख उसके शरीर से निकलते है। उस लड़की ने लाल कलर की गाउन पहने हुई थी लेकिन उसके पंख काले रंग के थे। बो लड़की अपने पंखों को हिलाते हुए उस महल से दूर निकल जाती है। बही माहिरा पहले उस जाती हुई लड़की को देखती है फिर अपने हाथ में पकड़े थाल को जिसमे अभी भी बो खरगोश पड़ा हुआ था। वो थाल को एक जगह पर रखती है फिर उस खरगोश की तरफ अपना हाथ करते हुए अपनी आंखो को मीच लेती है। और कुछ मंत्र बड़बड़ाने लगती है। कुछ ही देर हुए होंगे वो खरगोश उस थाल से गायब हो जाता है। तभी माहिरा अपने हाथ को पीछे लेते हुए " इतना भी बुरा नही लगता है ये खाने में " इतना कह कर वो उस कमरे से बाहर निकल जाती है। लेकिन उसके होठों के किनारे से थोड़ा खून निकलता है तो वो उसे अपनी जीभ निकाल कर अंदर ले लेती है। तो ये है महरलोक और इसकी महारानी है अनंता जो अभी बाहर गई थी उस महल से। अनंता की उम्र करीब 1267 साल है लेकिन दिखने में वो बिलकुल किसी 25 , 26 साल की लड़की लगती है। इसके तीखे नैन नक्श लाल चट्ट होठ प्यारी और मासूम सी शक्ल गौरा रंग। वो किसी एंजल सी लगती है लेकिन वो कोई आम लड़की नही उसके अंदर बहुत सारी शक्तियां है। उसे खाने के लिए लड़किया चाहिए होती है। अनंता ने अब चार लोको की लड़किया खा ली थी। वो जहा जाती है बहा के लोग उससे बहुत परेशान हो जाते है लेकिन उससे कुछ कह भी नही सकते क्योंकि वो अपनी शक्तियों का इस्तमाल कर उनको मार सकती है। बही माहिरा अनंता की बचपन की सहेली है वो उसके साथ हर दम रहती है। माहिरा भी उसी की उम्र की है ये भी दिखने में काफी सुंदर है। इसके अंदर भी शक्तियां है लेकिन अनंता से कम इसकी मां ने इसे खास संदेश दिया हुआ है अनंता के साथ रहने का इसलिए बो उसके साथ रहती है उसके लिए लड़कियों का भी इंतजाम करती है। अनंता माहिरा से भले ही लड़ती है लेकिन उससे प्रेम भी उतना ही करती है। मिलते है अगले पार्ट में ...............
पृथ्वी लोक ............ भारत हैदराबाद शाम के 7 बजे ............ थाने के अंदर सभी पुलिस कर्मचारी एक तरफ खड़े हुए थे और सामने की तरफ चल रहे सीन को देखने में लगे हुए थे। लोकअप के अंदर दो लड़कियां जिन्होंने बर्दी पहनी हुई थी। उन्होंने अपने हाथो में डंडे लिए हुए थे और एक लड़के को मारे जा रही थी। एक लड़की " बता साले कहा है वो लड़की बता " इतना कह कर वो उस लड़के को मारने लगती है। बो लड़का चिल्लाते हुए " आ आ आ आ आ मुझे नही पता मेम मत मारिए मत मारिए मैने किसी भी लड़की को नही उठाया है। " एक लड़की उससे दूर हो जाती है और जाकर उस लॉकअप में लगे बेंच पर बैठ जाती है। और उस लड़की को देखने लगती है। बही दूसरी लड़की उस लड़के के बालो को पकड़ कर उसकी मुंडी ऊपर करती है। जिससे उस लड़के की चीख निकल जाती है। " आआ आआ आआ मेम प्लीज " " साले लड़कियों को उठाने का बड़ा शोक है और फिर उन्हें उठाकर बता भी नही रहा है की कहा है। " इतना कह कर वो लड़की उस लड़के के बालो को झटके से छोड़ देती है। " चल पीहू अभी चलते है। " फिर उस लड़के को देख कर " सोच ले बेटा तुझे बताना तो पड़ेगा ही नही तो अपनी जान से है धो बैठेगा। " इतना कह कर वो लड़की उस पीहू नाम की लड़की के साथ उस लॉकअप से बाहर आ जाती है। बही वो लड़का उस लड़की की बात सुनकर एक कोने में जाकर बैठ जाता है उसके हाथ पैर डर के मारे अभी भी कप कपा रहे थे। बही उन्हे आते देख सभी लोग जो बहा खड़े थे वो जाकर जल्दी से अपने अपने कामों में लग जाते है। पीहू और वो लड़की जाकर एक टेबल पर बैठ जाते है वो दोनो आमने सामने बैठी हुई थी। बो दोनो अपने जेवो से रुमाल निकाल कर अपना पशिना पोछने में लगी हुई थी तभी पीहू अपने जेब में रुमाल रखते हुए। " यार आर्या एक बात बता हमे यहां आए ज्यादा दिन नहीं हुए है और आए दिन लड़किया गायब हो रही है। ये कैसे हो रहा है। " आर्या जो अपना पसीना पोंछ कर " मुझे भी नही पता यार जहा तक लड़कियों को जो लोग उठबाते है या उनको बेचते है। उनके पास मिल जायेंगी लेकिन उनको कितना भी मार लो कुछ बताते ही नही है " इतना कह कर आर्या उस लड़के की तरफ देखती है जिसकी हालत बहुत खराब हो चुकी थी। उस लड़के के कपड़े जगह जगह से फटे हुए थे उसके हाथ पैरो में भी चोट लगी हुई थी उसका मुंह भी मार की वजह से सुझा हुआ था यहां तक की उसकी पेंट भी गीली हो चुकी थी मार की वजह से। और उसका शरीर भी पसीने से भीगा हुआ था। आर्या एक पुलिस इंस्पेक्टर है कहे तो वो इस थाने की दरोगा है। 5 फूट 6इंच की हाइट ना ज्यादा पतली ना ज्यादा मोटी वो बिलकुल परफेक्ट थी। दिखने में बहुत ही खूबसूरत पतले होठ तीखे नैन नक्श बालो का जुड़ा बनाया हुआ था। उम्र 25 साल इनकी अभी कुछ महीने पहले ज्वाइनिंग हुई है। बही पीहू इनकी ट्रेनिंग में बनी दोस्त जो इनके साथ ही इस थाने में ड्यूटी करती है। वो भी आर्या की पोस्ट की ही है। ये भी दिखने में बला की खूबसूरत लगती है। इनकी हाइट 5 फुट 5 इंच है। और उम्र 25 साल। ये दोनो हैदराबाद में हो रही लड़किया गायब उनके बारे में पता लगा रही है लेकिन अभी तक इनके हाथ में कुछ भी ऐसे सबूत नहीं आए है जिनसे पता लग जाए की ये हो क्या रहा है लड़किया कहा गायब हो रही है। बही दूसरी और हैदराबाद के घने जंगलों में जहा कोई आता जाता नही है। बो जंगल देखने में बड़ा भयानक लग रहा था। बहा पर पानी के गिरने की आवाजे भी आ रही थी जिससे पता लगाया जा सकता है की आस पास कोई झरना जरूर है। जंगल में काफी सारे जंगली जानवरों के साथ अलग अलग प्रजाति के पंछी भी थे जो बहा के पेड़ो की डालियों पर बैठे हुए कुछ अपने बच्चो को खाना खिला रहे थे तो कुछ आराम फरमा रहें थे। उन्हे ऐसे कुछ देर ही हुई होंगी तभी वो पंछी जो बच्चो को खाना खिलाने में लगे हुए थे वो खाना खिलाना छोड़ इधर उधर देखने लगते है बही और भी पंछियों के साथ साथ जानवर भी अपनी अपनी जगहों से खड़े होकर इधर उधर होने लगते है। तभी उस जंगल के बीचों बीच काली धुंआ सी इकठ्ठी होने लगती है उसे देख कर बहा के जानवर और पंछी बहा से भाग जाते है। वो काली धुंआ एक लड़की में परिवर्तित हो जाती है उस लड़की की मुंडी नीचे थी उसने अपने हाथो को भी सीधा किए हुए था वो लंबी लंबी सांसे ले रही थी वो दिखने में किसी चुड़ैल से कम नहीं लग रही थी उसके लंबे लंबे नाखून खुले हुए बाल उसके दांत जो उसके मुंह से भी बाहर निकल रहे थे उसकी काली आंखे और साथ में उसने काले कपड़े भी पहने हुए थे। वो लड़की एक झटके से अपनी मुंडी को ऊपर करती है और एक हाथ को आगे करके जोर से चिल्लाते हुए। " अवंतिकाआआआआ " उसके ऐसे चिल्लाने से एक लड़की प्रकट होती है लेकिन वो कुछ बोलती है ना कुछ करती है क्योंकि उस लड़की ने उसकी गर्दन को अपने हाथो से दवोचा हुए था और उसकी पकड़ भी कसी हुई थी। उस लड़की के हाथो से भी काला धुंआ निकल रहा था। तभी वो लड़की जिसका नाम अवंतिका है वो अपने हाथ पैर चलाने लगती है क्योंकि अपनी गर्दन पर पकड़ होने से वो कुछ बोल नहीं पा रही थी। वही वो लड़की उसे ऐसे तड़पता देख पहले तो कुछ देर रुकती है फिर उसे झटके से दूर फेंक देती है जिससे अवंतिका जाकर एक पेड़ से टकरा जाती है। " आ आ आ आ आ " उसके मुंह से इतना ही निकलता है की तभी वो लड़की जल्दी से उसके पास जाकर अपने घुटनों के बल बैठते हुए " ये चिल्लाने से कुछ नही होगा समझी मुझे भूख लगी है खाना चाहिए समझी तू कितने दिन हो गए है लेकिन अभी तक तूझपर एक लड़की नही लाई गई मेरे लिए" इतना कह कर वो लड़की खड़ी हो जाती है और उस लड़की से पीठ कर लेती है। लेकिन तभी उसकी नज़र दूर खड़े एक सांप पर जाती है जो ना जाने कब से उसे देख रहा था। वो लड़की उस सांप की नजरो में कुछ देर देखती है जिससे सांप अपने आप उसके आस पास आ जाता है और उसके पैरो से चढ़ता हुए उसके गले में लिपट जाता है। लेकिन दोनो का आई कॉन्टेक्ट नही टूटता है। अभी भी सांप अपना सर आगे किए हुए उस लड़की की आंखों में देख रहा था बही बो लड़की उसे देख कर अपना मुंह खोल देती है उसका मुंह फार नॉर्मल इंशानो से चार गुना बड़ा था। उसके मुंह को खुला देख कर वो सांप धीरे धीरे उसके अंदर जाने लगता है लेकिन जैसे ही उसकी पूंछ जाने बाली होती है तो वो लड़की उस पूंछ को पकड़ कर अपने दांतो से काट देती है और उसे दूर फेंक देती है। बही अवंतिका वो दृश्य पेड़ से लगे हुए देख रही थी उसके चेहरे पर कोई भी भाव नही थे। बही महर लोक में ................... अनंता अपने कमरे में लगे प्लांटो में पानी दे रही थी बही माहिरा उसके पास खड़े होकर " महारानी हमे दूसरे लोक में जाने से पहले हमे अपने जन्म स्थान जाना होगा नर्क लोक में फिर बड़ी महारानी से आज्ञा लेनी होगी तभी हम दूसरे लोक में जा सकते है। " माहिरा की बात सुनकर अनंता के हाथ एक जगह रुख जाते है वो अपने हाथ में लिए एक जग को उसे एक टेबल पर रख देती है और जाकर अपने बेड पर बैठा जाती है। " तुम्हे पता है ना हम मां से बिना पूछे किसी लोक में नही जाते है तो पहले हम अपने लोक ही जायेंगे फिर वो हमे बता भी देगी की कोनसा लोक पर अब हमे जाना " माहिरा अनंता की बात सुनकर अपना सर हां में हिला देती है और फिर अपने मन में " हम भी अपनी मां से कह कर तुमसे छुटकारा पा लेंगे हमारी तो पूरी जिंदगी ही निकल गई इसकी सेवा करने में " बही अनंता तो बेड पर बैठ कर अपने नाखूनों को साफ करने में लगी हुई थी वो उनपर फूंक मारते हुए " तुम हमसे कभी भी पीछा नही छुड़ा पाओगी समझी। " इतना कह कर अनंता अपने पैरो के नाखूनों को साफ करने लगती है। तभी माहिरा मुंह बनाते हुए " पता है मुझे गलत टाइम था जब हम मिले और आपसे दोस्ती की और साथ ही जिंदगी भर साथ रहने का वचन किया " माहिरा की बात सुनकर अनंता को हसी आ जाती है उसको ऐसे हस्ते देख माहिरा " कभी ऐसे हस भी लिया करो बड़ी प्यारी लगती है बिल्कुल भोली भाली सी " माहिरा की बात सुनकर अनंता हंसना बंद कर देती है और मुंह बनाने लग जाती है। माहिरा - महारानी एक और बात हम जिस लोक में जायेंगे हमे उसी तरह रहना होगा बहा की भाषा भी बोलनी होगी और काफी चीजे भी करनी पड़ सकती है। अनंता माहिरा की बात सुनकर अपनी एक आई ब्रो उछालते हुए " कुछ भी से मुझे लेना देना नही माहिरा मुझे जहा भी जाना है बहा राज करना है बस बहा के लोग मेरी बातो का पालन करे में जो कुछ कहूं बो सब करने को तैयार हो जाए या तो अपनी मर्जी से या फिर मेरी मर्जी से समझी तुम। " माहिरा अपना सर हां में हिलाते हुए " ठीक है महारानी आपकी जैसी मर्जी " इतना कह कर वो जाने लगती है तभी अनंता उसे रोकते हुए " मेरी उस पागल बहना का पता चला क्या तुम्हे अभी तक " अनंता की आवाज सुनकर माहिरा रुख जाती है और पीछे मुड़ते हुए " नही महारानी हमे अभी पता नही चला है लेकिन हमने अपने जासूस भेजे हुए है उन्हे ढूंढने के लिए जल्द ही पता चल जायेगा। " इतना कह कर माहिरा बहा से चली जाती है। लेकिन अनंता बेड पर बैठी हुई अपने आप से बात करते हुए " ये लड़की ना जाने कहा है इसका भी कुछ पता नहीं जब से मां ने इसे दंड दिया है तबसे इसका कुछ पता नही चल रहा है। वो ठीक होगी भी या नही ये भी नही कह सकते है। " अनंता अपनी बहन के लिए फिक्र कर रही थी क्योंकि किसी बात पर अनंता की मां ने उसे दंड दे दिया था जिससे गुस्सा होकर बो नर्क लोग से चली तो गई थी लेकिन अभी तक उसका कोई अता पता नही चल रहा था। मिलते है अगले पार्ट में .......... पार्ट पसंद आया हो तो लाईक करे कमेंट करे और साथ ही रेटिंग भी देकर जाए ............
हैदराबाद रात के समय ........... रात के करीब दस बज रहे होने एक घर के सामने आकर एक जीप रखती है जीप के रुकते ही उसमे से पीहू निकलती है और ड्राइविंग सीट पर बैठी आर्या को बाय करते हुए " ठीक है तो मिस आर्या अब में चलती हूं आज काफी रात हो गई है" पीहू इतना कह कर आर्या को बाय करके अपने घर के लिए निकल जाती है बही उसे जाता देख आर्या भी कार स्टार्ट करके अपने घर के लिए निकल जाती है। पीहू जैसे ही घर के अंदर पहुंचती है तो उसकी मां उसे सोफे पर बैठी दिखाई देती है। उसे देख कर पीहू " क्या बात है मम्मी आज आप ऐसे क्यों बैठी है वो भी मुंह फुलाए " पीहू की बात सुनकर भी बो औरत कुछ नही कहती है उलटा उससे मुंह फेर लेती है। उसको ऐसे करता देख पीहू को कुछ समझ नही आता है इसलिए बो सीधा जाकर अपनी मम्मी के बगल में बैठ जाती है और अपने हाथो से उसके चेहरे को अपनी तरफ करते हुए " अरे क्या हुआ मधु देवी क्यों मुंह फुलाया हुआ है। " " अरे मेने इनको इनके पसंद की साड़ी नही दिलाई इनके पसंद की इसलिए मुंह फुलाया हुआ है। " ये आवाज सुनकर पीहू किचन की तरफ देखती है तो पाती है उसके पापा अपने हाथ में एक चम्मच लिए दिबार से टिक कर खड़े हुए थे उन्हें ऐसे देख कर " आप किचन में क्या कर रहे है पापा " उसके पापा जिनका नाम सतीश है। सतीश - अरे बेटा तुम्हारी मम्मी तो हो गई नाराज तो खाना कोन बनाएगा मुझे ही बनाना पड़ रहा है। इतना कह कर वो मधु की तरफ देखने लगता है जिसने अभी भी अपना चहरा दूसरी साइड किए हुए था। पीहू अपनी मम्मी को मानते हुए " कोई बात नही मम्मी आप और में कल एक साथ चलेंगे शॉपिंग करने तब आप उससे भी अच्छी साड़ी लेकर आना ओके " वो इतना ही कहती है तभी मधु खुश होते हुए पीहू का हाथ पकड़ लेती है " सच में बेटा लेकिन " फिर मधु उंगली सतीश की तरफ करते हुए " इनको मत लेकर चलना में इनके साथ अब कभी नही जाऊंगी " मधु की बात सुनकर सतीश का भी मुंह बन जाता है वो किचन में घुसते हुए " अरे तुम्हारे साथ जाना भी कोन चाहता है हुन " मधु सतीश की बात सुनकर फिर से गुस्सा हो जाती है और गुस्से से चिल्लाते हुए " अरे तुम्हे लेकर कोन जायेगा जो तुम हमारे साथ जाओगे " मधु की आवाज सतीश फिर से कुछ बोलने बाला होता है की तभी पीहू चिल्लाते हुए " पापा आप कुछ नही बोलेंगे मम्मी से और मुझे भूख लगी है जल्दी से खाना बना लीजिए। " और फिर मधु की तरफ देख कर " आप भी शांति से बैठी रहना आप चिल्लाएंगी फिर वो भी चिल्लाने से पीछे नहीं रहेंगे और वे फालतू की लड़ाई बढ़ेगी समझी आप " पीहू की बात सुनकर दोनो लोग चुप हो जाते है और अपने अपने कामों में लग जाते है बही पीहू उन दोनो को शांत देख कर सीढ़ियों से होती हुई अपने कमरे की तरफ निकल जाती है। बही आर्या अभी भी गाड़ी चलाते हुए अपने घर की तरफ जा रही थी तभी उसकी नज़र एक क्लब बार की तरफ जाती है लेकिन वो उस पर बिना ध्यान दिए बहा से निकल जाती है और थोड़ी ही देर में वो अपने घर पहुंच जाती है। वो घर देखने में ज्यादा बड़ा नहीं था वो सिर्फ दो मंजला और छोटा सा गार्डन और गाड़ी रखने जगह। आर्या जीप को लेजा कर एक साइड लगा देती है। और उसमे से उतर कर अपने घर के लिए चली जाती है। वो गेट के पास जाकर पहले तो घंटी बजाती है लेकिन अंदर से कोई रिस्पॉन्स नही मिलता इसलिए वो एक दो बार और बजाती है तब भी कोई आकर गेट नही खोलता है जिससे वो जल्दी से अपने बैग से एक्स्ट्रा चाबी निकालती है और जैसे ही गेट खोल कर देखती है तो उसका पारा हाई हो जाता है और गुस्से में वो अंदर जाती है और अपने हाथ में पकड़े बैग को एक साइड पटक कर सोफे की तरफ बढ़ती है बही सोफे पर एक 18 , 19 साल का लड़का जिसके कानो में हेडफोन लगे हुए थे और अपने हाथ में मोबाइल लेकर बो वीडियो देखने में लगा हुआ था। उसका पूरा ध्यान मोबाइल में चल रहे सीन पर ही था की तभी आर्या उसके पीछे जाती है और उसके बालो को पकड़ कर उसकी मुंडी हिलाने लगती है। " आ आ आ आ आ आ मम्मी चुड़ैल आ गई चुड़ैल आर्या उसके पीछे थी इसलिए उसे उसका पता नही तो और वो बिना काम के चिल्लाए ही जा रहा था। " तभी आर्या उसके बालो को छोड़ कर उसके सर से हेडफोन निकालते हुए " कुत्ते चुड़ैल लगती हूं में तुझे हां " इतना कह कर आर्या उस लड़के के सामने आ जाती है। बही वो लड़का जब आर्या को अपने सामने देखता है तो जल्दी से अपने हाथ में पकड़े फोन को एक साइड रखते हुए " अरे दीदी आप कब आई और बिना गेट खोले कैसे अंदर आ गई।" आर्या उस लड़के की बात सुनकर अपने कमर पर हाथ रखते हुए " बेटा तू जब ये मोबाइल में घुसा हुआ था ना तब आई और तू तो गेट खोलने से रहा तो मेने सोचा क्यों ना हवा में उड़ कर ही आ जाऊं मेरे पास शक्तियां है ना " आर्या की बातो को सुनकर वो लड़का खुशी से सोफे से उठते हुए " सच में दीदी मुझे भी उड़ा सकती है क्या हवा में , में भी उड़ना चाहता हूं। " उस लड़के की बात सुनकर आर्या उसके कान को पकड़ कर मरोड़ते हुए अपने हाथ में पकड़ी चाबी को दिखाते हुए " सेंस ना की भी कोई चीज होती है मेरे भाई चाबी से खोला गेट समझे। " " आआ आआ दीदी में तो मजाक कर रहा था आप तो गंभीर हो गई " उस लड़के की बात सुनकर आर्या उसके कान छोड़ते हुए " मम्मी कहा गई है वो भी दिखाई नहीं दे रही " वो लड़का - आपको नही पता क्या पास वाली आंटी ने जगराता कराया है उनके पास गई है। उस लड़के की बात सुनकर आर्या अपने सर पर हाथ मारते हुए " ये मम्मी भी ना घुटनो में दर्द होते हुए भी बाहर गई है क्या जरूरत थी उनको जाने की। " वो लड़का मुंह बनाते हुए " मेने भी मना किया पर बो नही मानी " आर्या उसकी तरफ देख कर अपनी एक आई ब्रो उछालते हुए। " अच्छा ठीक है अब जाकर पढ़ाई भी कर ले " वो लड़का आर्या की बात सुनकर सोफे पर से मोबाइल उठाने लगता है की तभी। " मोहित बेटा इस मोबाइल को यही रहने दे समझा और जाकर पढ़ाई कर " आर्या की बात सुनकर मोहित अपने दांत दिखाते हुए मोबाइल को छोड़ कर बहा से चला जाता है। बही मोहित के जाते ही आर्या भी अपने रूम में चली जाती है। बही उस क्लब बार के अंदर ये बही बार है जो आर्या ने आते वक्त देखा था उसे खुले ज्यादा दिन नहीं हुए होंगे लेकिन उसमे भीड़ बहुत ही दिखाई दे रही थी। उसके अंदर बहुत सारे लड़के लड़कियां डांस कर रहे थे कुछ तो नशे में ज्यादा ही धूत थे की जिसकी वजह से वो कही भी पड़े हुए थे कुछ लोग आ रहे थे तो कुछ लोग जा रहे थे। तभी उस क्लब के अंदर एक लड़का और लड़की अंदर आते है लड़की ने कुछ ज्यादा ही शॉर्ट ड्रेस पहनी हुई थी की जिसकी वजह से उसका आधे से ज्यादा शरीर दिख रहा था। बही उस लड़के ने कुछ स्टाइलिश लुक लिए हुए था और उस लड़की के कमर में हाथ लपेटे हुए चल रहा था। लड़की उस क्लब को देखते हुए " बेबी ये इतना भी बड़ा नहीं है जितना तुम इसकी बढ़ाई कर रहे थे। " उस लड़की की बात सुनकर वो लड़का " यार कितना अच्छा है मुझे पसंद आया इसलिए तुझे लेकर आया हूं। " लड़की मुंह बनाते हुए " हूं ठीक है जल्दी चलो फिर जल्दी से मुझे घर भी जाना है मम्मी को झूट बोल कर आई हूं " लड़का हस्ते हुए " अरे डार्लिंग चलो तो सही तुम्हे जाने की बड़ी जल्दी रहती है हर दम " इतना कह कर वो लड़का उस लड़की को अपने साथ उस क्लब के अंदर ले जाता है। उन लोगो को कुछ ही देर हुए होंगे की उस क्लब के अंदर धीरे धीरे काला धुंआ आने लगता है वो धुंआ सभी के पैरो में होकर गुजर रहा था की तभी वो धुंआ एक जगह जाकर रुख जाता है जहा बो लड़की और लड़का एक साथ डांस कर रहे थे। वो धुंआ धीरे धीरे उस लड़की के चारो तरफ घूमने लगता है उसके ऐसे घूमने से वो लड़की डांस करते करते ही रुख जाती है उसको ऐसे रुकते देख लड़का " क्या हुआ डार्लिंग मजा नही आ रहा क्या डांस करने में रुख क्यों गई " बही वो लड़की उसकी एक भी बाते नही सुन रही थी लेकिन वो उस डांस स्टेज पर से उतर कर मेन गेट की तरफ जाने लगती है। उसको ऐसे जाते देख बो लड़का भी उसे रोकते हुए " अरे डार्लिंग कहा जा रही हो अभी तो अच्छे से डांस भी नही किया " बही वो लड़की उसकी एक भी नही सुन रही थी या ये कहे की वो लड़की उस काले धुंए के बस में आ चुकी थी जिससे उसे कुछ भी सुनाई नही दे रहा था। मिलते है अगले पार्ट में .......... आपको क्या लगता है ये लड़की बच जाएगी या बन जायेगी उस चुड़ैल का शिकार ........ कमेंट करके जरूर बताएं आज का पार्ट कैसा लगा .......
क्लब के अंदर .......... वो लड़का अभी भी उस लड़की को जाते हुए देख रहा था लेकिन वो कुछ सोचते हुए उसके पीछे जाने लगता है वो लड़की क्लब से बाहर ही निकली होगी की बो लड़का उसके हाथ को पकड़ कर रोकते हुए " यार तू ये अकेली कहा जा रही है और इतनी जल्दी " वो इतना कह कर उस लड़की के चेहरे की तरफ देखता है तो उसे थोड़ा अजीब लगता है। क्योंकि वो लड़की अपनी बिना पलके झपकाए सामने की तरफ देखती है और ना ही कुछ बोलती है लड़की उस लड़के से अपना हाथ छुड़ाती है और जाने लगती है। बही उसको ऐसे देख कर लड़के को गुस्सा आने लगता है वो गुस्से से उस जाती हुई लड़की को देखता है फिर उसके हाथ को पकड़ कर अपनी तरफ खीचते हुए " साली कहा जा रही है इतने दिनो बाद तो हाथ लगी है और तू ऐसे ही चली जायेगी क्या मेरे हाथो से " वो इतना कह कर लड़की को अपने साथ जबरदस्ती ले जाने लगता है लेकिन बो लड़की टस से मस नहीं होती है लेकिन उस लड़के के हाथ को अपने हाथ से छुड़ा कर एक जोर दार धक्का देती है जिससे वो लड़का पास में ही रखी गाड़ी से जाकर टकरा जाता है। " आआ आआ आआ कुट्टी कही कही की साली इतना दम कहा से आया तुझमें " बही आस पास के लोग इस दृश्य को देख कर हक्का बक्का हो जाते है। और उस लड़की को अचरज भरी नजरो से देखने लगते है। बही वो लड़की उस लड़के को धक्का देकर फिर से आगे बढ़ने लगती है की तभी वो लड़का जल्दी से खड़ा होता है और चिल्लाते हुए " साली कमिनी इतनी आसानी से तुझे जाने नही दूंगा " वो इतना कह कर आगे बढ़ने लगता है। और फिर से उस लड़की को पकड़ने की कोशिश करता है लेकिन वो लड़की जल्दी से अपने पैरो को चलाकर बहा से निकल जाती है उसको ऐसे जाते देख एक बार फिर सभी लोग चौंक जाते है अबकी बार तो बो लड़का भी सोच में पड़ जाता है। की ये लड़की इतनी जल्दी कैसे चली गई। लेकिन वो अपने ख्यालों को झटकते हुए बहा से निकल जाता है। बही वो लड़की चलती हुई एक जगह रुख जाती है बहा आस पास भी कोई नही था। चारो बगल अंधेरा छाया हुआ था और बहा पर सड़क बाली लाइट भी नही जल रही थी। बही बो काला धुंआ उससे अलग होता है और दूर जाकर एक लड़की का रूप ले लेता है वो धुंआ और कोई नही अवंतिका ही थी। बही धुंआ के दूर होते ही बो लड़की होश में आती है और चारो बगल देखते हुए डर जाती है और चीखते हुए " आ आआ आआ मम्मी में कहा आ गई और नितिन कहा है " वो लड़की इतना कह कर इधर उधर देखने लगती है लेकिन इसे बहा कुछ भी नही दिखाई देता है क्योंकि चारो तरफ घना अंधेरा छाया हुआ था। लेकिन तभी चारो तरफ तेज हवाएं चलने लगती है और बहा का मौसम भी थोड़ा थोड़ा खराब हो जाता है और बिजली कड़कने लगती है। बही मौसम को अचानक बिंगड़ता देख वो लड़की डर जाती है और वो पीछे मुड़ कर सड़क पर जैसे ही चलने लगती है की तभी अवंतिका अचानक से उसके आगे आ जाती है अवंतिका को अपने सामने देख कर लड़की डर जाती है और डर के मारे उसकी तेज चीख निकल जाती है। " आआ आआ आआ आआ आआ आआ आआ चुड़ैल चुड़ैल मुझे कोई बचाओ " वो लड़की इतना कह कर अपने कदमों को पीछे लेने लगती है उसके चेहरे पर डर साफ दिखाई दे रहा था। जिससे उसके चेहरे पर पसीने की कुछ बूंदे झलक आई थी। क्योंकि अवंतिका का रूप ही कुछ ऐसा था वो किसी चुड़ैल से कम नहीं लग रही थी उसके शरीर की चमड़ी ऐसी लग रही थी जैसे उसे किसी ने आग से जलाया हो कही कही उसकी खाल भी लड़की हुई थी उसकी आंखे लाल आई बाल भी खराब हुए थे। अवंतिका अपने कदम उस लड़की के पास ले जाने लगती है बही वो लड़की अवंतिका को अपने पास आता देख जल्दी से मुड़ कर आगे की तरफ भागने की कोशिश करती हैं लेकिन आगे के दृश्य को देख कर तो उसके पैर ही ठिठक जाते है क्योंकि उसे अब अपने सामने अपनी मौत दिखाई दे रही थी। क्योंकि उसके सामने एकता खड़ी हुई थी वो भी अपने बड़े बड़े पंखों को खोले हुए उसे यकीन ही नहीं हो रहा था की दुनिया में ऐसी चीजे होती है। एकता अपने चेहरे पर शैतानी मुस्कान लिए उसे ही देखते हुए " क्या बात है अवंतिका बड़ी जल्दी तूने मेरे लिए शिकार ढूंढा है देखने में तो बड़ा स्वादिष्ट भोजन लग रहा है। " बही एकता के मुंह से अपने लिए भोजन सुनकर वो लड़की डर से अपने हाथ एकता के सामने जोड़ लेती है और अपने घुटनो के बल बैठ कर " प्लीज प्लीज मुझे जाने दीजिए मेने कुछ नही किया प्लीज " वो लड़की अपनी आंखो में आंसू लिए गिड़गिड़ाए जा रही थी लेकिन उसके ऐसे रोने से एकता को कुछ भी फर्क नही पड़ता है। बही नर्क लोक .............. नर्क लोक दिखने में बहुत भयानक लग रहा था चारो तरफ लावा और कही कही हड्डियां पड़ी हुई थी कई लोग जगह जगह बैठ कर कुछ न कुछ कर रहे थे बहा के लोग किसी राक्षस से कम नहीं लग रहे थे उनका शरीर भी जगह जगह से जला हुआ था जैसे अवंतिका का जला हुआ है। बही नर्क लोक में एक महल भी है बहा पर काफी सारे घर भी है लेकिन सभी घर काले या अजीब कलरो से पुते हुए थे। बहा चारो तरफ गंदगी मची हुई थी। महल के अंदर एक कमरे में एक औरत लेटी हुई थी बही उसके पैरो के पास एक औरत बैठ कर उसे पैर दबाने में लगी हुई थी। वो औरत जो लेटी हुई थी " अरे थोड़ा जोर लगा के दबा पैरो को कही तेरी अभी से ही जान निकल गई क्या। " उस औरत की बात सुनकर वो हस्ते हुए " अरे बड़ी महारानी अभी उम्र ही क्या हुई है हमारी जो जान निकल जाएगी " वो इतना ही कहती है तभी " अरे और जी कर क्या करोगी आप मेरी जिंदगी तो खराब कर दी आपने " वो दोनो आवाज को सुनकर चारो तरफ देखने लगते है तभी उनकी नज़र बालकनी की तरफ पड़ती है तो पाती है अनंता और माहिरा दोनो एक साथ बालकनी से होते हुए आ रही थी माहिरा जिसने ये बात कही थी उसने अपना मुंह बनाया हुआ था। उसकी सकल को देख कर ही लग रहा था की वो चिढ़ी हुई है। बही वो औरत माहिरा को देख कर " अरे बेटा तुम कब आए और वो भी अचानक से " माहिरा उस औरत की बातो पर ध्यान नहीं देती है लेकिन चलते हुए वो बड़ी महारानी के पास आती है और उनके गले लगते हुए " आपकी बहुत याद आई बड़ी महारानी मुझे " अवंतिका की बात सुनकर बड़ी महारानी जी उसे अपने गले से लगाते हुए " बेटा मुझे भी आपकी याद बहुत आई लेकिन कर ही क्या सकते है हम। " बही अनंता जो दूर खड़ी ये दृश्य देख रही थी " कुछ भी मत कीजिए हमे नया लोक चाहिए रहने के लिए और पेट भरने के लिए " अनंता की बात सुनकर वो औरत चौकते हुए " क्या आपने इतनी जल्दी उस लोक की लड़कियों को खत्म कर दिया" माहिरा उसकी बात पर " अरे में रोज लड़किया लाती हुई थक जाती हूं फिर बड़ी महारानी की तरफ देखते हुए " आप कुछ ऐसा कीजिए ना जिससे ये अपनी भूख पर कंट्रोल कर ले जिससे मुझे लड़किया लाने के लिए टाइम मिल जाए " माहिरा की बात सुनकर अनंता उसे आंखे दिखाने लगती है लेकिन जब माहिरा बडी महारानी के साथ होती है तो किसी से भी नही डरती है। तभी वो औरत " बड़ी महारानी आप कुछ ऐसा भी कर सकती है जिससे महारानी लड़कियों के साथ साथ लड़के भी खा ले इसमें भी कोई बुराई नही है " उस औरत की बात सुनकर माहिरा " क्या बात है मां मेने सोचा नहीं आप में इतना दिमाग है ये भी सही है " इतना कह कर बो बड़ी महारानी की तरफ देखती है जो किसी सोच में डूबी हुई थी। बही लडको की बात सुनकर अनंता का तो मुंह ही बन गया था लेकिन उसे जहा तक पता है वो लडको का शिकार नही कर सकती थी। मिलते है अगले पर में ...............
नर्क लोक में ......... अभी भी बड़ी महारानी सोच में डूबी हुई थी तभी अनंता उसके पास आते हुए " मां आपने कुछ सोचा है की अगला लोक कोनसा है जिसमे में जा सकती हूं " अनंता की बात सुनकर बड़ी महारानी कुछ बोलती उससे पहले ही वो औरत जल्दी से कह देती है। " पृथ्वी लोक सही है तुम्हारे लिए " उस औरत के मुंह से पृथ्वी लोक सुनकर बड़ी महारानी अपने होश में आती है और जल्दी से " नही ये बहा नही जा सकती है " अनंता अपनी मां की बात सुनकर " क्यों नही जा सकती हूं मां में बहा बहा पर ऐसा क्या है " बड़ी महारानी उसकी बात सुनकर बिस्तर पर बैठते हुए " बेटा तू नही समझती है हम एक काली सकती है लेकिन बहा हमे रोकने वाले भी बहुत है और हमे नष्ट करने वाले भी। " बड़ी महारानी की बात सुनकर अनंता अपने एटीट्यूड में " मां हमे रोकने वाला अभी तक पैदा नही हुआ है और ना ही हमे काबू करने बाला जिस दिन ऐसा इंसान आ जायेगा ना उसी दिन हम ये खाना छोड़ कर वो लोकेट पहन लेंगे " इतना कह कर अनंता बहा से जाने लगती है तभी उसे बड़ी महारानी आवाज देते हुए " ठीक है तो बेटा तुम पृथ्वी लोक पर ही जाओ लेकिन उस लोकेट के साथ ही समझी। " अनंता रखते हुए " पर क्यों मुझे नही चाहिए बो " वो इतना ही कहती है तभी पीछे से आवाज आती है। " बेटा वो जरूरी है आपके लिए समझी आप " उस आबाज को सुनकर सभी लोग दरवाजे की तरफ देखते है जहा पर एक आदमी खड़ा हुआ था वो दिखने में ठीक ठाक ही लग रहा था उम्र बता नही सकते क्या होगी लेकिन वो डरावने भी लग रहे थे। उस आदमी को देख कर माहिरा भागते हुए " महराज मेने आपको बहुत याद किया " वो इतना कह कर उन्हे गले लगा लेती है बही वो आदमी जिसे माहिरा महाराज कह रही थी वो भी उसे गले से लगाते हुए कहते है। " मेरा बच्चा कितने दिनों बाद आया है। " बही अनंता मुंह बनाते हुए " अरे हम भी है यहां कोई हमे भी देख लो हम भी बहुत दिनो में आए है " अनंता की ऐसी बाते सुनकर सभी लोग हसने लगते है बही वो आदमी माहिरा से अलग होकर अनंता के पास जाता है और उसे गले लगा कर " मेरा बच्चा कैसी है तू अब " अनंता " में अच्छी हूं पापा मुझे अब दूसरे लोक जाना है बस और कुछ नही और पता नही ये लोग क्या कह रहे है ? महाराज जो अनंता के पिता है। " क्या कह रहे है ये लोग " अनंता मुंह बनाते हुए " ये कह रहे है लडको को भी खा सकते है में नही खाऊंगी मुझे अच्छे नही लगते है " महाराज अनंता की बात पर हस्ते हुए " बेटा वो सही कह रहे है कब तक लड़कियों को शिकार बनायेगी अपना लडको को भी बना लो " अनंता मुंह बनाते हुए " सोचूंगी इसके बारे में " माहिरा " लेकिन उस लोकेट को जरूर पहन लेना जिससे तुम्हारी भूख कंट्रोल हो जाए " बही अगली सुबह उसी क्लब के सामने ............ आर्या और पीहू सुबह जल्द ही यहां आ गए थे क्योंकि उन्हें पता चल गया था की फिर से एक और लड़की गायब हुई है बो भी यही आस पास से आर्या का पहला सक यही गया था क्योंकि यहां पर ज्यादा तर लड़के लड़कियां मोज मस्ती करने आते है। वो दोनो गाड़ी में से उतर कर क्लब के अंदर जाने लगते है उन्होंने बर्दी नही पहनी हुई थी फॉर्मल कपड़े ही पहने हुए थे। पीहू चलते हुए " यार ये हो क्या रहा है पता ही नही चल रहा इन लड़कियों का कुछ क्लू भी तो नही छोड़ता इन्हे उठने बाला जिससे पता चल जाए थोड़ा चांच परताल कर ले " आर्या उसकी बात सुनकर " यही तो प्रोब्लम है यार की कुछ छोड़ते ही नही है " आर्या बाते हाथो को इधर उधर हिलाकर करती है जिससे पीहू की नजर उसकी कलाई पर पड़ती है तो बो उसकी कलाई को पकड़ते हुए " यार ये धागा कहा से पहन लिया तूने तू तो ये सब नही पहनती है फिर " पीहू की बात पर आर्या मुंह बनाते हुए " मम्मी को तो तू जानती ही है कल जगराते में है थी तो बहा पर देवी मां के ऊपर चढ़ाया हुआ धागा सभी औरतों को दिया तो बो मेरे लिए और देते लिए भी लाई " इतना कह कर वो अपने जेब में हाथ देकर एक धागे को निकालती है और पीहू के हाथ में बांध देती है। पीहू हस्ते हुए " अरे आंटी हमारी फिक्र करती है इसलिए और इसे बांधने में क्या जाता है पता नही कब हमारी रक्षा कर ले" वो दोनो ऐसे ही बात करते हुए उस क्लब के अंदर चले जाते है उस क्लब में अभी भी कई सारे लड़के लड़कियां डांस कर रहे थे ये दिन में भी चालू था। आर्या और पीहू जाकर एक जगह खड़े हो जाते है जहा पर पहले से ही एक लड़का खड़ा हुआ था वो शायद बहा काम करने बाला ही था। लड़का -जी मेम आपको कुछ चाहिए। पीहू तो चारो तरफ अपनी नजरे फिराने लगती है लेकिन एक जगह जाकर उसकी आई ब्रो ऊंची हो जाती है। क्योंकि जहा उसकी नजरे जाती है बहा एक कपल एक दूसरे को किस करने में लगे हुए थे उनकी ऐज ज्यादा नही होगी वो दिखने में बच्चे ही लग रहे थे। बही आर्या उस लड़के की बात सुनकर अपने जेब से एक कार्ड निकाल कर उसे दिखाती है। बही उसे देख कर वो लड़का डरते हुए " सॉरी मेम" आर्या उस कार्ड को रखती है और अपने जेब से फोटो निकाल कर उस लड़के की तरफ करते हुए " ये कल यहां आई थी लेकिन किसके साथ आई ये पता नही क्या कुछ जानते हो इसके बारे में " बो लड़का उस फोटो को अपने हाथ मे लेते हुए " ये लड़की देखी देखी सी लग रही है " बही पीहू का ध्यान अभी भी उन कपल की तरफ ही था बही आर्या की नजर जैसे ही पीहू पर पड़ती है तो वो उसकी निगाहों का पीछा करती है तो उसकी आंखे अपने आप ऊंची हो जाती है। मिलते है अगले पार्ट में .............. आज का पार्ट कैसा लगा जरूर बताएं .........
पृथ्वी लोक हैदराबाद ........... अभी भी बो लड़का अपने हाथ में फोटो को पकड़े हुए देख रहा था क्योंकि उसने बो लड़की देखी हुई थी। बही आर्या उस कपल को देखती है फिर पीहू के सर पर मरती है जिससे पीहू करहारते हुए " आआ आआ पागल क्या है " आर्या - किसी को ऐसे देखना अच्छी बात नही है जिस काम के लिए आए है ना उसे कर ले ते है। इतना कह कर आर्या जैसे ही उस लड़के की तरफ देखती है तो उसकी नजर दीवार के कोने में लगे कैमरा पर जाती है जिसे देख कर आर्या उस लड़के से फोटो खींचते हुए " अबे ढक्कन जब कैमरा है तो सीसीटीवी फुटेज दिखा ना " आर्या की बात पर लड़का जल्दी से " सॉरी मेम बो भूल गया की हमारे पूरे क्लब में कैमरा लगे हुए है बाहर भी लगे हुए है" " लगने से कुछ नही होगा जल्दी से फुटेज दिखा " इतना कह कर पीहू फिर से उस कपल पर अपनी निगाह मारती है तो पाती है वो लोग बहा पर नही थे। जिससे पीहू सामने की तरफ देखने लगती है। बही वो लड़का जल्दी से अपने लैपटॉप में कुछ करता है जो उसके पास ही था। कुछ देर लगे होंगे उसने लैपटॉप आर्या और पीहू की तरफ कर दिया था उसमे तीन चार जगह दिख रही थी एक तो क्लब के अंदर की और बाहर के एरिया की और पीछे भी जहा पर कुछ लोग बैठ कर दारू पीते है। आर्या लैपटॉप पर उंगली चलाती है और कल की सीसीटीवी फुटेज निकालती है पहले बो 9 बजे की निकालती है जिसमे कुछ लड़के लड़कियों का आना जाना हो रहा था बही पीहू भी उसके पास आकर देखने लगती है। उन्हे वीडियो देखते कुछ देर ही हुए होंगे तभी वो लड़की और लड़का पीहू को आते दिखाई देते है जिससे बो जल्दी से कहती है। " आर्या वो देख वो लड़की किसी लड़के के साथ आ रही है।" आर्या जल्दी से उस फुटेज को रोकती है और उसे थोड़ा जूम करके देखती है तो नितिन का चेहरा बिल्कुल साफ नजर आ रहा था। जिसे देख कर आर्या अपनी पॉकेट से फोन निकालती है और उसका फोटो ले लेती है। फिर उसे जेब में रख कर आगे की वीडियो चला देती है। पीहू उसे देख कर " तूने उसका फोटो क्यों लिया " आर्या - बाद में साफ फोटो मिले या नही इसकी आगे वीडियो देख पहले। इतना कह कर आर्या वीडियो देखने लग जाती है बही पीहू भी। वो आगे देखते है वो दोनो अंदर जाते है डांस करते है लेकिन अचानक से उस लड़की के रुख जाने पर आर्या और पीहू एक दूसरे को देखते है फिर आगे देखने लगते है। वो लड़की अचानक से रुख कर बाहर जाने लगती है। बही वो लड़का उसके पीछे जाने लगता है और उसे रोकने की भी कोशिश करता है। आर्या और पीहू बड़े ध्यान से देख रहे थे। तभी वो लड़की क्लब के बाहर आ जाती है तो बो जल्दी से फुटेज को चेंज करके बाहर का चालू कर देती है। बही बाहर उनको बही सीन दिख जाता है जिसमे बो लड़का उस लड़की से जबरदस्ती करने में लगा हुआ था उसे अपने साथ ले जाने के लिए उसे देख कर आर्या जल्दी से उस फुटेज को रोक कर पीहू की तरफ देखती है और कहती है। " इस लड़के की फोटो इसलिए ली मेने साला सकल से ही दरिंदा लगता है तो इस फोटो को भेजते थाने जिससे हम बहा पहुंचे तो बो हमे बही मिले ओके " इतना कह कर आर्या उस लैपटॉप को उस लड़के की तरफ करते हुए " थैंक्स हमारी मदद करने के लिए " लड़का आर्या की बात पर हस्ते हुए " अरे इसमें मदद की क्या बात है मेम हमारा फर्ज है ये तो। " आर्या और पीहू तो उसकी बात सुनकर बहा से चले जाते है अपने थाने की और। नर्क लोक .................. अनंता और माहिरा दोनो पृथ्वी लोक पर जाने के लिए तैयार हो चुके थे बही वो औरत जिसका नाम पल्लवी था वो माहिरा की मां थी बही बड़ी महारानी का नाम दित्या और महाराज का नाम मांड्या था। दित्या उन्हे देख कर ............ तुम लोगो को उन्ही की तरह रहना है और बहा पर राज करने की बात रही तो बता दू तुम्हे बहा के लोगो से तुम ये कहोगी ना की तुम मेरा काम करो नही तो सजा मिलेगी उल्टा वो तुम्हे इतना सुनाएंगे और वो कोई सीधे साधे लोग भी नही है और लोको की तरह " अनंता दित्या की बात सुनकर " तो बहा ऐसा क्या है जिससे में राज कर सकती हूं। " मांड्या बीच में बोलते हुए " पैसा पैसा चलता है बहा जिसके पास जितना पैसा बही बहा का राजा बन जाता है बहा पैसे के लिए तो लोग तुम्हे आगे से लड़किया भी लाकर देंगे " माहिरा हस्ते हुए " महाराज ये तो हमारे हाथ का काम है " पल्लवी उसकी बात पर " अच्छा है तुम्हारे हाथ का काम है ठीक है तुम्हे निकलना चाहिए और थोड़ा अपने कपड़ो का हुलिया और खुद का भी हुलिया बदल लेना जिससे लोगो को अजीब ना लगे समझे। " अनंता - हां बो तो हम कर लेंगे लेकिन एकता का कुछ पता चला क्या आपको " एकता का नाम सुनकर मांड्या और दित्या को गुस्सा आ जाती है दित्या गुस्से से " उसके बारे में बात ना करो तो बेहतर ही होगा बो कहा है उससे हमे कोई लेना देना नही है वो बस तुम्हारा सामने नही आनी चाहिए और हो सके तो तुम भी उसके पास ना जाओ तो बेहतर ही होगा समझी तुम। " इतना कह कर दित्या उस कमरे से बाहर निकल जाती है। बही सभी लोग उसको जाते हुए देखने लगते है। मांड्या उनको देख कर " उसके बारे में बात ना ही करो तो अच्छा है तुम यहां की रानी बनोगी कुछ सालो बाद ये खत्म हो जाएगा तुम भी ठीक हो जाओगी लेकिन उसे हम यहां बिलकुल भी भटकने भी नही देंगे " इतना कह कर वो भी बहा से निकल जाता है। अनंता और माहिरा उन्हे जाते हुए देखते रह जाते है। बही हैदराबाद के जंगलों में ............ ये बही जगह थी जहा पहले अवंतिका और एकता आए हुए थे ये जंगल देखने में भी भयानक ही था अभी भी बहा पर बैठे पंछी नही थे सभी जगह खाली थी। एकता एक चेयर पर बैठी हुई थी उस चेयर से काली धुंआ निकल रही थी बही अवंतिका उसके पैरो में बैठ कर पैर दबाते हुए " महारानी जी कैसा लगा शिकार आपको " एकता अपने दांतो को कुरेदते हुए " हम्मम अच्छा था " अवंतिका उसकी बात सुनकर मुस्कुराते हुए " वैसे महारानी आपको नर्क लोक की याद नही आती है क्या ?" अवंतिका का इतना ही कहना था की तभी एकता गुस्से से उसको अपने पैरो से हटा कर लात मार देती है। लात मारने के कारण अवंतिका दूर जाकर गिरती है " आआ आआ आआ" वो इतना ही चीखती है तभी एकता चिल्लाते हुए " चुप कर साली इतना चिल्ला क्यों रही है इतनी सी चोट से कोई चिल्लाता है क्या और मुझे बहा की याद नही आ रही है बहा की याद करके मुझे बदला याद आता है समझी तू , तू नही जानती उन्होंने मुझे कितना बेइज्जत किया है उस हर एक बेइज्जती का बदला लेकर रहूंगी उन सभी से वो भी उनके मौत से " इतना कह कर एकता जोर जोर से सांस लेने लगती है उसकी नज़र अवंतिका पर नही थी जिसके चेहरे पर एक जहरीली मुस्कान थी। बही थाने के अंदर ......... पीहू और आर्या अपनी अपनी जगह बैठ कर चाय की चुस्कियां ले रही थी तभी एक औरत दन दनाते हुए थाने के अंदर आती है और चिल्लाते हुए " कहा है मेरी बेटी आपको कुछ पता भी नही चला कैसा पुलिस प्रशासन है एक लड़की को अभी तक नही ढूंढ पाए और क्या बहादुरी करेंगे तुम लोग" बही आर्या और पीहू को जब ये आवाज आती है तो वो दोनो जल्दी से अपनी टेबल पर चाय का कप रखते है और उस औरत की तरफ देखते है जो उन्ही के पास आकर आर्या की टेबल पर हाथ रखती है। बही आर्या उसे देख कर " क्या बत्मीजी है आपकी ये पुलिस स्टेशन है पॉलिटिक्स नही जो आप कही भी चिल्लाती रहे कोई कुछ नही कहेगा " आर्या की बात पर पीहू को थोड़ी हसी आ जाती है जिससे बो औरत पीहू की तरफ घूरने लगती है लेकिन पीहू को इससे कोई फर्क नही पड़ता है। वो औरत " मेरी बेटी कहा है अभी तक मिली क्यों नही। " आर्या अपने एटीट्यूड में आकर " देखिए वैसे तो 24 घंटे से पहले रिपोर्ट दर्ज नहीं करते है लेकिन हमने की और जांच पड़ताल करके इतना पता चला है की आपकी लड़की किसी लड़के के साथ रात को क्लब गई थी। तभी से वो फरार है।" आर्या की बात सुनकर वो औरत चिल्लाते हुए अपने हाथ टेबल पर मारते हुए " इनफ आपको क्या लगता है मेरी बेटी कोई आवारा है जो इधर उधर रातों को डोले फिरे हम एक इज्जत दार खानदान से है समझी तुम। " पीहू फिर से चाय के कप को उठाते हुए " अच्छा जी आपकी बेटी की कुछ वीडियो है हमारे पास " वो इतना ही कहती है तभी दो हबलदार एक लड़के को घसीटते हुए अंदर लाता है और उसे आर्या के सामने पटकते हुए " मेम ये लीजिए उस लड़के का ब्वॉयफ्रेंड बड़ी मुस्किल से हाथ आया है। " मिलते है अगले पार्ट में ........... आज का पार्ट कैसा लगा जरूर बताएं प्लीज कमेंट जरुर करे और रेटिंग भी जरूर दे ..........
हैदराबाद ............ थाने में अभी भी वो औरत और आर्या की बातो से बहस हो रही थी तभी दो हबलदार एक लड़के को घसीटते हुए लाते है और आर्या की टेबल के पास लाकर पटकते हुए " मेम ये रहा उस लड़की का ब्वॉयफ्रेंड " हब्लदार इतना कह एक उसे छोड़ देते है और बही पर खड़े हो जाते है। आर्या एक नज़र उस लड़के को देखती है फिर उस औरत की तरफ देख कर " आपकी बेटी बहुत सीधी है ना तो देखिए ये है उसका बॉयफ्रेंड " वो औरत कुछ नही कहती बस गुस्से से आर्या को देखने लगती है फिर उस लड़के को देख कर " कहा है मेरी बेटी " बो लड़का नितिन ही था और कोई नही उसके शर्ट के ऊपर के बटन टूटे हुए थे क्योंकि उसे बड़ी मुश्किल से बो लोग पकड़ कर लाए थे तो हाथा पाई में टूट गए। वो लड़का डरते हुए " मुझे नही पता वो कहा है वो तो तभी निकल ली बहा से " वो इतना ही कहता है की तभी वो औरत उसको एक थप्पड़ लगाते हुए " तुम्हे नही पता तो किसे पता है। " बही थप्पड़ मारने से नितिन का चेहरा एक साइड हो जाता है बही आर्या अपनी चेयर पर से उठते हुए " मिस शालिनी जी आप यहां आकर किसी पर हाथ नही उठा सकती है समझी आप " वो औरत जिसका नाम शालिनी है " देखिए कुछ दिनो में इलेक्शन है तो मेरी बेटी मुझे चाहिए " पीहू चेयर पर बैठी हुई अपने हाथो की उंगलियों को फसाते हुए " आप लड़ रही है इलेक्शन या आपकी बेटी " पीहू की बात पर शालिनी उसे घूरते हुए " देखो मुझे मेरी बेटी चाहिए बो भी सही सलामत नही तो में क्या करूंगी पता नही। " इतना कह कर शालिनी अपने पैर पटकते हुए बहा से चली जाती है। बही आर्या उसे जाते हुए देख रही थी तभी पीहू उसके पास आकर उसके कंधे पर हाथ रखते हुए " उसे छोड़ पहले इसको देख लेते है इसका क्या करना है। " आर्या उस लड़के की तरफ देखती है जिसकी आंखों में खौफ साफ नजर आ रहा था। " करना क्या है जब तक मुंह नहीं खोलेगा तब तक पिटेगा साला " इतना कह कर आर्या और पीहू उसे लॉकअप के अंदर ले जाते है। बही बाहर जो कांस्टेबल काम कर रहे थे फिर से उनकी भीड़ बहा इकठ्ठी हो जाती है तमाशे को देखने के लिए। बही नर्क लोक में ...................... अनंता और माहिरा अभी भी उसकी कमरे में खड़े हुए थे बही उनके पास पल्लवी खड़ी हुई थी। पल्लवी - बहा जा तो रही हो तुम दोनो लेकिन अपना ध्यान रखना समझी। इतना कह कर पल्लवी बहा से चली जाती है बही अनंता माहिरा को देख कर " में मम्मी से मिलकर आती हूं अगर तू चलना चाहती है तो चल सकती है। " इतना कह कर अनंता उस कमरे से निकल जाती है बही माहिरा भी उस कमरे से निकल कर अनंता के पीछे पीछे चल देती है। बही हैदराबाद .......... आर्या और पीहू ने उस लड़के में बहुत ही भयंकर मार भर दिया था जिससे बो लड़का बिल्कुल बेहोशी की हालत में पहुंच गया लेकिन उसने फिर भी उस लड़की के बारे में बताया नही की बो कहा है। वैसे भी उसे पता नही था तो बताएगा कहा से ..... आर्या और पीहू लॉकअप से बाहर आते है तो उनकी नजरे बहा पर खड़े लोगो पर जाती है जिससे आर्या चिल्लाते हुए । " यहां खड़े खड़े क्या देख रहे हो कुछ काम धंधा है या नही इतनी सारी लड़कियां गायब हो चुकी है एक का भी पता नही चल रहा है कहा पर है। और तुमको यहां सीन देखना है। " आर्या की बात सुनकर सभी लोग जल्दी से अपनी अपनी जगह बैठ जाते है। बही पीहू भी जाकर जैसे ही अपनी चेयर पर बैठती है तो उसका फोन बजने लगता है लेकिन जैसे ही वो फोन को देखती है तो उसकी आंखे फटी की फटी रह जाती है। बही उसको ऐसे देख कर आर्या " क्या हुआ तेरी सकल पर बारह कैसे बज गए" पीहू अपने चेहरे पर डर के भाव लाते हुए अपना फोन आर्या की तरफ करते हुए " यार मम्मी से कहा था की उनके साथ कल शोपिंग पर चलूंगी लेकिन इस कैस की वजह से आज सुबह जल्दी ही घर से निकल आई बो भी उन्हे बिना बताए अब क्या होगा " वो इतना ही कहती है की तभी फोन बज कर बंद हो जाता है लेकिन साथ ही दोबारा बजने लगता है। आर्या हस्ते हुए अपनी चेयर पर बैठ जाती है बही पीहू जल्दी से फोन उठाकर जैसे ही कान से लगाती है तो उसकी मम्मी उसपर जोर जोर से चिल्लाने लगती है। " दोनो बाप बेटी एक जैसे है क्या कहा कल शोपिंग पर चलेंगे और सुबह उठकर देखा तो घर पर ही नही थी तुमने मुझसे झूठ कहा आ तू आज घर तेरी टांगे ना तोड़ दु तो मानियो " मधु गुस्से में आकर पीहू से कुछ ना कुछ कहे जा रही थी बही पीहू ने फोन अपने कान से हटा कर टेबल की एक साइड रख दिया था जिससे उसे आवाज तो आए पर कम। उसने अपने कानो में उंगलियां भी दी हुई थी बही आर्या को तो इतनी हसी आ रही थी जिससे उसने अपने हाथो से अपना पेट पकड़ा हुआ था। कुछ देर बाद पीहू का फोन कट जाता है तो वो गुस्से से घूरते हुए आर्या को " तुझे बहुत हसी आ रही है हां काम कर ले कल बुलाया है हमे मीटिंग होगी और न्यू ऑफिसर भी आने बाला है यहां काम के लिए " पीहू की बात सुनकर आर्या की हसी गायब हो जाती है और वो सीरियस होते हुए " क्या बात कर रही है तूने मुझे अब बताया है हमे फाइल्स इकट्ठा भी करनी है अब तक जितनी लड़किया गायब हुई है उनकी और ये न्यू ऑफिस कोन है कुछ पता है क्या " पीहू अपने हाथो को घुमाते हुए " मुझे नही पता यार ये तो कल ही पता चलेगा " आर्या उसकी बात पर " यार हम कर तो रहे थे हैंडल फिर जरूरी है क्या और कोई " पीहू - अरे कोई बात नही एक से भले दो और दो से भले तीन हम तीनो मिलकर उस इंसान को कोई भी हो उसे जरूर जल्द ही पकड़ लेंगे। आर्या पीहू की बात पर कुछ सोचते हुए "हम्मम सही कह रही है तू ये बात तो देखते है कल क्या होता है। मिलते है अगले पार्ट में ..............
हैदराबाद के एयरपोर्ट पर एक लड़का अपने हाथो में बोर्ड लिए खड़ा हुआ था। और अपनी नजरे चारो तरफ दौड़ा रहा था। बही दो लड़कियां जिन्होंने अपने हाथो में ट्रॉली बैग लिए हुए थे और थोड़े स्टाइलिस कपड़े पहने हुए एयरपोर्ट से बाहर की तरफ आ रही थी। एक लड़की दूसरी लड़की से " यार ये लोग ऐसे आधे अधूरे कपड़े क्यों पहनते है मुझे तो कुछ समझ नही आ रहा है। " उस लड़की की बात सुनकर दूसरी लड़की थोड़ा आराम से चलते हुए क्योंकि उसने हील्स पहनी हुई थी मुझे भी नही पता महारानी में भी तो यहां पहली बार ही आई हूं उसकी बात सुनकर पहली बाली लड़की चलते हुए ही " वैसे माहिरा कुछ भी कहो यहां आते ही दो लड़कियों का डिनर कर लिया वैसे स्वादिष्ट बहुत थी वो। तो हां ये अनंता और माहिरा ही है जिन्होंने अब पृथ्वी लोक पर एंट्री ले ली है वो भी दो लड़कियों का डिनर करके क्योंकि इनको यहां पर किसी की तो जगह लेनी थी। इसलिए इंडिया की मोस्ट पावरफुल बिजनीस वूमेन बनकर आई है यहां पर। " तभी बो लड़का जो बोर्ड लिए खड़ा हुआ था उसकी नजरे उन दोनो लड़कियों पर जाती है तो वो जल्दी से उस बोर्ड को आगे करते हुए अपने हाथ हिलाने लगता है। बही माहिरा और अनंता की नज़र उसपर पड़ती है तो अनंता माहिरा से " ये हमे देख कर हाथ क्यों हिला रहा है इसको मरना है क्या। " माहिरा -ऑफो महारानी आप भी ना बो हमे लेने आया है चलो उसके पास ॥ माहिरा और अनंता दोनो जाकर उस आदमी के पास जाती है बही बो लड़का उनको देख कर अपने मन में " साली दिखने में कितनी सुंदर है बे " बही अनंता जो उसकी आंखो में देख रही थी उसे बहुत गुस्सा आ रहा था क्योंकि उसने उसके मन की बाते जो सुन ली थी। अनंता अपने हाथ में पकड़ी ट्रॉली बैग को उस लड़के की तरफ करते हुए " इसे लो हाथ दुख गए मेरे " वो लड़का अपने चेहरे पर मुस्कान लिए माहिरा और अनंता पर से बैग लेकर " चलिए मेम आप दोनो मेरे साथ " इतना कह कर वो लड़का उन दोनो के आगे चलने लगता है बही अनंता और माहिरा उसके पीछे चलने लगते है। माहिरा मन में ही " महारानी ये कहा लेकर जा रहा है हमें " अनंता जिसने माहिरा की मन की बात सुन ली थी " चल जहा लेकर चल रहा है वैसे पापा ने कहा उसके बारे में सोच रही हूं में " ये बात वो मन में ही कहती है। अनंता और माहिरा मन में ही बात कर रही थी। उन दोनो के पास शक्तियां है तो वो कुछ भी कर सकती है। माहिरा अनंता की बात सुनकर " क्या करने की सोच रही है। " अनंता हस्ते हुए " लड़कियों के साथ साथ लडको का भी शिकार " माहिरा - हां ये कर सकती है। वो दोनो बाते करते हुए चल रहे थे तभी वो लड़का एक कार के पास जाकर रुखता है और पीछे जाकर दिग्गी में बैग्स रख कर उन दोनो के बैठने के लिए गेट खोल देता है। बही गेट खुलते ही अनंता और माहिरा उस कार में बैठ जाती है तो वो लड़का गेट बंद करके ड्राइविंग सीट पर बैठ कर कार स्टार्ट करके कार को आगे बढ़ा देता है। बही दूसरी जगह मीटिंग हॉल में ...... मीटिंग हॉल में बहुत सारे ऑफिसर्स बैठे हुए थे बही पर पीहू और आर्या भी बैठी हुई थी। उन लोगो मे कुछ बात चल रही थी तभी उन सब से बड़ा पुलिस ऑफिसर जो सबसे मेन चेयर पर बैठ हुआ था वो खड़े होते हुए " आप लोगो को अभी तक उस क्रिमिनल के बारे में पता नही चला जो लड़कियों को उठवा रहा है। " उस ऑफिसर की बात सुनकर आर्या अपनी चेयर पर से उठकर " सर हम पूरी कोशिश कर तो रहे है हमने उन लोगो को भी पकड़ा था जो उसमे शामिल हो सकते है और उनको मार मार कर भी पूछा लेकिन उन्होंने कुछ उगला ही नही तो अब क्या करे " वो ऑफिसर आर्या की बात पर " अगर बो कुछ बोल नहीं रहे तो उन्हे मार मार कर बिलकुल ही मार दोगी क्या तुम। " उस ऑफिसर की बात सुनकर आर्या चुप चाप अपनी सीट पर बैठ जाती है। तभी एक लड़का जिसने बर्दी पहनी हुई थी वो उस हाल में आते हुए " सॉरी सर बो लेट हो गया माफ करना " उस लड़के की आवाज सुनकर सभी लोग गेट की तरफ देखते है। लेकिन उस लड़के को देख कर आर्या और पीहू का मुंह बन गया था। तभी वो ऑफिसर " अरे आओ निशांत तुमसे भी कुछ बात करनी है। और इनसे भी " ये बात वो पीहू और आर्या को देख कर कहते है। बाकी के ऑफिसर तो बस मूर्ति बने बैठे हुए थे। निशांत जल्दी से अंदर आता है और आर्या के बगल में पड़ी खाली चेयर पर बैठ कर उसको एक हल्की सी स्माइल पास कर देता है लेकिन आर्या उसकी स्माइल का कोई जवाब नही देती है। ऑफिसर निशांत को देख कर " अब तुम्हे ये आगे का कैस संभालना है समझे। " ऑफिसर की बात सुनकर आर्या और पीहू अपनी जगह पर से उठकर " पर उसे हम संभाल रहे है ना तो ये क्यों संभालेगा। " निशांत उन दोनो की बात पर कुछ नही कहता है बस धीरे से मुस्कुरा देता है। ऑफिसर उन दोनो की तरफ देखते हुए " क्योंकि तुमको कुछ और काम दिया जा रहा है वैसे तुम्हे इस पर भी काम करना है लेकिन तुम्हे किसी की देखभाल भी करनी है " आर्या और पीहू आराम से चेयर पर बैठते हुए " किसकी करनी है सर " ऑफिसर उन दोनो की तरफ देखते हुए " इंडिया की दो मोस्ट पावरफुल बिजनेस वूमेन आई है यहां पर अपना बिजनेस के लिए उन्होंने यहां काम करने के लिए तैयार हुई है इसलिए तुमको उनके साथ रहना है वो भी कल से समझी। " आर्या ऑफिसर को देख कर " पर वो बॉडीगार्ड भी तो रख सकती है ना " ऑफिसर - नही बिलकुल भी नही हमे उनकी सेफ्टी के लिए कहा है इसलिए तुम दोनो को मेने उनके लिए हायर किया है। पीहू - ओके सर हम तैयार है इसके लिए। बही एक बड़े से बंगले के सामने एक कार आकार रुकती है उसमे से अनंता और माहिरा बड़े स्टाइल से बाहर निकल कर उस बगले की तरफ चली जाती है बही बो लड़का उन दोनों को जाते देखता है और फिर दिग्गी में से बैग निकाल कर अंदर ले जाने लगता है। अंदर बंगले में कोई भी नही था ना कोई नौकर जो बहा काम करे सफाई वाले भी नही थे। वो लड़का अंदर जाकर इधर उधर देखने लगता है तो उस बंगले को देख कर " यहां पर तो कोई भी नही है ये दोनो लड़किया यहां अकेले ही रहती है क्या और कोई बॉडीगार्ड भी नही। " तभी अनंता जो बहा एक चेयर पर बैठी हुई उसे ही देख रही थी। " क्या हुआ ये सामान रखो और निकलो यहां से " वो लड़का अनंता की बात सुनकर कुछ नही कहता है लेकिन उसे मन ही मन बहुत गुस्सा आ रहा था। लेकिन अपने गुस्से को कंट्रोल कर बो लड़का बैग्स को रख कर बहा से चला जाता है। बही माहिरा उस बंगले को देख कर " वैसे काफी बड़ा है ये बंगला मेने सोचा नहीं की यहां भी इतने बड़े बंगले मिलते है। " अनंता अपने पहने हुए जींस में हाथ डालती है और उसमे से एक लोकेट को निकाल कर देखने लगती है। बही माहिरा की नजर जब उसपर पड़ती है तो " महारानी पहन लीजिए इसे आप काम देगा आपको " अनंता माहिरा की बात पर " अभी नही मुझे पता चला है कल दो शिकार और आने बाली है घर तब उसके बाद पहन लूंगी। " माहिरा हस्ते हुए " हां ठीक है देखते है कल क्या होता है वैसे जगह बहुत अच्छी है यहां की। " अनंता उसकी बात पर " जगह तो अच्छी है लेकिन यहां के लोग अच्छे नही लग रहे है। " माहिरा " हमे इनसे क्या लेना देना महारानी हमे तो अपना काम करना है बस। " अनंता " हम्मम मिलते है अगले पार्ट में ...............
अगले दिन हैदराबाद .... उस बंगले के अंदर अनंता अपने बड़े से बेडरूम में सो रही थी तभी माहिरा उसके पास आती है और उसे उठाते हुए " महारानी ओह महारानी उठ जाइए आपको ऑफिस भी जाना है। " माहिरा की बात पर अनंता अंगड़ाई लेते हुए बिस्तर से उठती है और अपने चेहरे पर प्यारी सी स्माइल लिए " अरे माहिरा ये ऑफिस क्या होता है मुझे नही जाना कही आराम करना है बस " माहिरा अनंता की बात सुनकर " महारानी ये ऐसी ही जगह है जहां कुछ न कुछ करना ही पड़ता है और राज करना है तो हम शक्तियों से भी कर सकते है लेकिन कुछ वैसे काम भी करने पड़ते है जिससे लोगो को हम पर सक ना हो। " अनंता उसकी बात पर " चल ठीक है पर ऐसे कपड़े कोन पहनता है मुझे तो बिल्कुल ही पसंद नही है। " माहिरा -कोई नही महारानी पर पहनने तो पड़ेंगे ? अनंता -ठीक है तुम मेरा बाहर इंतजार करो में थोड़ी ही देर में तैयार होकर आती हूं और तुम भी तैयार हो जाना ओके मेरी बहना " इतना कह कर अनंता हसने लगती है। बही माहिरा भी उसकी बात पर हसने लगती है और बहा से निकल कर अपने कमरे में चली जाती है। में आपको बता दू की अनंता माहिरा को बहन क्यों कह रही है जिनको इन्होंने शिकार बनाया ना बो दोनो बहने ही थी। बही आर्या अपने घर से तैयार होकर पीहू के घर चली जाती है आज उसने व्हाइट शर्ट और ब्लैक पेंट पहनी हुई थी और हाथ में नॉर्मल वॉच पोनी टेल बांधा हुआ था। और होठों पर लिप बाम लगाया हुआ था। आर्या खाने की टेबल पर बैठी हुई थी। बही पीहू अपने हाथ की वॉच को बांधते हुए सीढ़ियों से उतर रही थी बही उसकी मम्मी जो किचन में उन लोगो के लिए खाना बना रही थी। पीहू जाकर आर्या की टेबल के पास जाकर बैठ जाती है उसने भी ब्लैक शर्ट के साथ ब्लैक पेंट पहना हुआ था अपने बालो को पोनी टेल बांधा हुआ था। पीहू अपनी मम्मी को आवाज देते हुए " अरे मम्मी खाना कितनी देर में बनेगा काफी टाइम हो गया है यार " पीहू की आवाज सुनकर मधु अपने हाथो में दो प्लेट लाती है और उन दोनो के सामने रखते हुए " पीहू ये यार यार मत बोला कर समझी में तेरी कोई यार नहीं हूं। " बही आर्या मधु की बात सुनकर " अरे आंटी आज कल सब चलता है !" मधु - आज कल कुछ भी चले पर मेरे घर के कुछ नही चलेगा समझी ! मधु इतना कह कर अपनी किचन में चली जाती है। बही पीहू जो अपना खाना खाने में लगी हुई थी बही आर्या खाते हुए " यार इस निशांत का यहां आना जरूरी है क्या साला जहा देखो बहा टपक पड़ता है। " पीहू - कोई बात नही हम भी तो देखे ये इस कैस को कैसे संभालता है। ! वो दोनो अपनी अपनी बाते करते हुए खाना खत्म करती है और बहा से पहले निकल जाती है ऑफिस के लिए। बही दूसरी और उन जंगलों में ....... एकता उसी बड़ी सी चेयर पर बैठी हुई थी और अवंतिका उसके पैरो को दबाने में लगी हुई थी। " हम्मम क्या सोचा तूने अवंतिका अब " अवंतिका एकता के पैर दबाते हुए " किस बारे में महारानी " " अरे अगले शिकार के बारे में " " अभी तो कुछ नही पर जल्दी ही में आपके लिए इंतजाम कर दूंगी। " एकता - ठीक है पर ये दुनिया बड़ी अजीब है ना "? अवंतिका एकता की बात पर " महारानी वो तो है क्योंकि यहां के लोग जैसे दिखते है वैसे नही है मतलब आप समझ गई होंगी में कहना क्या चाहती हूं। " एकता अवंतिका की बात पर हस्ते हुए " अरे क्या हुआ यहां के लोग भागबानों को पूजते है लेकिन कुछ दिन बाद हमको पूजेंगे " एकता की बात पर अवंतिका बस अपना सर हां में हिला देती है लेकिन उसके चेहरे को देख कर लग नही रहा था की को एकता की बातो पर ध्यान भी दे रही हो। ! बही पुलिस थाने के अंदर निशांत अपनी चेयर पर बैठा हुआ था उसके लिए एक टेबल और चेयर का इंतजाम कर दिया था निशांत अब तक के हुई लड़कियों की किडनैपिंग के बारे में जानकारी निकाल रहा था कही कोई क्लू हि मिल जाए। वो फाइल्स देखने में लगा हुआ था की तभी थाने के बाहर जीप के रखने की आवाज आती है जिसे सुनकर निशांत फाइल को नीचे रख कर अपने चेहरे पर एक बड़ी स्माइल लिए गेट के सामने की तरफ देखने लगता है जिसमे से आर्या और पीहू अपने चेहरे पर चस्मा चढ़ाए बड़े स्टाइल से अंदर आ रही थी उन्होंने निशांत पर बिलकुल भी ध्यान नही दिया था और सीधा जाकर लॉकअप में जाती है जहा पर अब एक की जगह दो लोग पड़े हुए थे जब उन दोनो की नज़र आर्या और पीहू पर पड़ती है तो बो जल्दी से अपनी अपनी जगह पर से खड़े हो जाते है और अपने हाथो को बांध कर खड़े होते हुए " मेम हमे नही पता उन लड़कियों का हम नही जानते बो कहा है। " आर्या उस लॉकअप में लगी बेंच पर बैठते हुए " बेटा बता क्यों नही देते " पीहू - हां बता दो ना " वो इतना ही कहती है की तभी निशांत लॉकअप के अंदर आते हुए " अब इनको हैंडल करना मेरा काम है आप लोगो को अपने काम पर जाना चाहिए। " निशांत जिसने बर्दी पहनी हुई थी बंदा दिखने में बड़ा डेसिंग लग रहा था। आर्या और पीहू उसकी बात सुनकर उसकी तरफ देखती है और कुछ ना कहर लॉकअप से बाहर निकल जाती है। बही उनको निकलता देख निशांत भी जल्दी से लॉकअप को लोक करके उनके पीछे से ही बाहर निकल आता है और उनको आवाज देते हुए " अरे आप दोनो कहा जा रही है रुको तो सही कुछ चाय पीकर ही जाती " निशांत की बात पर पीहू " कुछ नही चाहिए हमे ठीक है। अब हमे जाने दो रोको मत समझे। " इतना कह कर वो दोनो थाने से बाहर निकल जाती है। और कार में बैठ कर निकल जाती है अनंता और माहिरा के बंगले की तरफ
हैदराबाद अनंता के बंगले में ।।।।।।।।। अनंता और माहिरा डिनर टेबल पर बैठी हुई थी अनंता तो कुछ नही खा रही थी बही माहिरा मैंगो ज्यूस पीते हुए " महारानी यहां का खाना तो बड़ा स्वादिष्ट है आप एक बार खा कर तो देखिए " इतना कह कर वो अपने सामने रखी प्लेट से ब्रेड का टुकड़ा उठाकर अनंता की तरफ कर देती है। अनंता उसकी तरफ मुंह बनाते हुए अपने हाथ को आगे कर देती है और उस प्लेट की तरफ देख कर एक बार चुटकी बजाती है जिससे वो प्लेट सीधा जाकर दीवार से टकरा जाती है और उसके टुकड़े टुकड़े हो जाती है। बही माहिरा उसे ऐसे करते देख " आप भी ना अगर आपको पसंद नही है तो मत खाओ ना मुझे तो अच्छा लगा " अनंता उसकी बात पर " उसे छोड़ अभी तक मेरा डिनर नही आया क्या बात है। " वो इतना ही कहती है तभी उस बंगले के बाहर गाड़ी के रखने की आवाज आती है जिसे सुनकर अनंता के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान आ जाती है। माहिरा अपने ज्यूस को खत्म करते हुए " लो आ गई दो और शिकार " इतना कह कर वो भी हसने लगती है। बही बंगले से बाहर को कार आकार रूखी थी वो किसी और की नही आर्या और पीहू की ही थी वो दोनो जैसे ही कार से बाहर निकलती है तो उन्हे कुछ अजीब लगता है लेकिन बो उसपर बिना ध्यान दिए घर के अंदर जाने लगती है। वो दोनो चलते हुए पीहू " यार कुछ अजीब नही लग रहा तुझे। " आर्या उसकी बात पर " हां यार इतने बड़ी बिजनेस वूमेन है फिर भी कोई नौकर नही अजीब तो लगेगा ही। " आर्या और पीहू जैसे ही अंदर जाती है तो उनकी नजरे सीधा डिनर टेबल पर जाती है जहा पर पहले से ही माहिरा और अनंता बैठी हुई थी। उन दोनो के चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान थी जिसे देख कर आर्या और पीहू पहले एक दूसरे की तरफ देखती है फिर अपने कदम उनकी तरफ बढ़ते हुए चल देती है। अनंता जो बड़े स्टाइल में बैठी हुई थी वो तो सिर्फ आर्या को ही देख रही थी क्योंकि बो चल ही इतने स्टाइल से रही थी की कोई भी उसे देखे बगेहर ना रहे। बही माहिरा की नजरे पीहू पर ही थी जो अपनी वॉच में टाइम देखते हुए आ रही थी। बो दोनो जाकर टेबल के पास जाकर खड़ी हो जाती है पीहू अपना हाथ अनंता की तरफ बढ़ाते हुए " हेलो मिस अनंता हम आपके प्रोटेक्सन के लिए आए है " वो इतना कह कर जैसे ही अनंता से हाथ मिलाती है बही अनंता भी अपना हाथ आगे बढ़ाती है लेकिन माहिरा बीच में ही आकर पीहू से हाथ मिलाती है लेकिन वो जैसे ही हाथ मिलाती है उसे एक तेज झटका लगता है जिससे बो चेयर समेत पीछे जाकर गिरती है। उसे ऐसा गिरता देख अनंता चोक जाती है बही पीहू पहले माहिरा की तरफ देखती है फिर अपने हाथ की तरफ और जल्दी से वो माहिरा के पास जाकर जैसे ही उसे उठाने के लिए हाथ लगाती है तो माहिरा जल्दी से पीछे शर्कते हुए " नही ,, नही रहने दो " उसके ऐसे कहने से पीहू के हाथ एक जगह ही रुख जाते है बही अनंता इस दृश्य को देख कर अचंभे में पड़ जाती है की ये हुआ क्या। लेकिन उसकी नज़र जब आर्या की कलाई पर बंधे धागे पर जाती है तो उसे कुछ कुछ समझ आता है की ये हुआ क्या। बही माहिरा जिसकी नजरे अभी भी पीहू पर ही टिकी हुई थी लेकिन अपने आप को नीचे पाता देख बो जल्दी से नीचे से खड़ी होती है और अनंता की तरफ देखती है जो उसे आंखो से शांत रहने के लिए इशारा करती है। आर्या पहले अजीब नजरो से माहिरा को देखती है फिर अपना हाथ बढ़ा कर अनंता की तरफ देखती है जो उसे अजीब नजरो से देखने में लगी हुई थी। अनंता ने पहले माहिरा की हालत को देखा जिसे देख कर उसने अपना हाथ ना बढ़ाते हुए सिर्फ सर ही हिला दिया और फिर माहिरा की तरफ जाकर उसके हाथ को पकड़ कर उसे उठा देती है। माहिरा उन दोनो को देख कर " अब हमे ऑफिस के लिए निकलना चाहिए " इतना कह कर वो और अनंता उनके आगे से होकर निकल जाती है। आर्या उन्हे जाते हुए देख रही थी लेकिन जब उसकी नजरे पीहू पर पड़ती है जो अपने हाथ को ही देखने में लगी हुई थी। तो आर्या उसके पास जाकर उसके हाथ को पकड़ते हुए ले जाती है। " अरे चल तू तो अपना हाथ ऐसे देख रही है जैसे कोई शक्ति आ गई हो। " पीहू उसके साथ चलते हुए " अरे उस मेम को देख कर लग रहा था की सच में मुझमें कोई शक्ति आ गई है। " आर्या उसके सर पर चपत लगाते हुए " ज्यादा दिमाग मत चला समझी वो दोनो हम से पहले यहां से निकल गई। " बही बाहर अनंता और माहिरा अपनी गाड़ी से टेक लगाए हुए खड़ी थी। अनंता माहिरा से " करंट लगा क्या तुझे उस लड़की के छूते ही। " माहिरा हो अपने हाथ को सहलाने में लगी हुई थी उसके हाथ पर थोड़ा काला निशान हो गया था जिसे उसने रुमाल से छुपा लिया था। " पता नही उसके छुने से ना बहुत तेज झटका लगा। " उसकी बात पर अनंता हस्ते हुए " वैसे मैने सुना है प्यार में भी किसीको को छूने से करंट लगता है। " माहिरा अपना मुंह टेंडा करते हुए " महारानी कुछ भी मत बोलिए आप " इतना कह कर वो सामने की तरफ देखती है जहां से आर्या और पीहू चलते हुए आ रहे थे। उनको अपने पास आता देख माहिरा थोड़ा पीछे हो जाती है जिसे देख कर पीहू को हसी तो आती है लेकिन वो उसे जाहिर नही होने देती है। वो दोनो उनके पास जाकर खड़े होते हुए " तो चलिए मेम आपके ऑफिस " अनंता उन दोनो को देखते हुए " तुम दोनो हमारे ही साथ चलोगी " आर्या अपना सर हिलाते हुए " यस मेम आपकी सेफ्टी जरूरी है हमारे लिए " अनंता - तो ठीक है तुम दोनो आगे बैठ जाओ हम दोनो पीछे बैठ जायेगे। इतना कह कर अनंता और माहिरा अपनी महंगी गाड़ी में बैठ जाती है बही पीहू आर्या को देख कर " में ड्राइव करती हूं तू इधर बैठ जा " वो दोनो भी जल्दी से गाड़ी में बैठ जाती है और गाड़ी को भगा देती है ऑफिस की और ....….... मिलते है अगले पार्ट में............
हैदराबाद ........... एक बड़ी सी बिल्डिंग के आगे एक कार आकार रुकती है कार दिखने में बड़ी महंगी लग रही थी। कार के रुकते ही अनंता और माहिरा पीछे बाली सीट्स से बाहर निकलती है और उस बिल्डिंग को देखने लगती है बही आर्या भी गाड़ी में से उतर जाती है उनके उतरते ही पीहू गाड़ी को पार्किंगी में लगा देती है और उनके पास आते हुए " मेम अंदर चले " पीहू के कहते ही माहिरा अनंता की तरफ देख कर हां मे सर हिला देती है। सभी लोग अंदर जाने लगते है माहिरा और अनंता आगे आगे चल रही थी बही आर्या और पीहू उनके पीछे पीछे । नीचे के फ्लोर पर काम करने वाले लोग उन दोनो को देख कर खड़े होते हुए ग्रीट करने लगते है। बही अनंता उन्हे देख कर सिर्फ अपनी मुंडी हिला देती है। वो चारो जाकर लिफ्ट के अंदर घुस जाती है लेकिन बटन कोई भी प्रेस नही कर रहा था। तभी माहिरा उन दोनो को देख कर " अरे लिफ्ट चालू करो ना जिससे ऊपर जाए हम " पीहू - मेम कोन से फ्लोर पर चलना है ये तो बताइए " अनंता जिसकी नजरे सिर्फ आर्या पर ही थी " 16 फ्लोर पर" पीहू 16 फ्लोर का बटन दबा कर अपने हाथो को पीछे बांध कर खड़ी हो जाती है। कुछ ही देर में लिफ्ट के खुलने की आवाज आती है जिससे सभी लोग बाहर निकल जाते है उनके निकलते ही एक लड़का उनके सामने आता है ये लड़का बही है जो अनंता और माहिरा को एयरपोर्ट से घर छोड़ा था। बो लड़का उनके सामने आते हुए " गुड मॉर्निंग मेम " कहता है और अनंता और माहिरा को ही देखने लगता है। उसे ऐसे देखता पाकर आर्या अपने हाथो को बांधते हुए " हेलो मिस्टर आपके देखने का तरीका कुछ अच्छा नही लग रहा मुझे। " पीहू आर्या की बात पर हस देती है बही अनंता अपनी एक आई ब्रो ऊचका देती है। लेकिन बो लड़का " आप कोन मिस " उस लड़के की बात सुनकर आर्या के बोलने से पहले ही अनंता " ये हमारी प्रोटेक्सन के लिए है आप अपना काम कीजिए हमे हमारा केविन दिखाए " वो लड़का अपने हाथो की मुट्ठियां कसते हुए " जी मेम चलीए " उस फ्लोर पर भी काफी सारे लोग काम कर रहे थे। बो लड़का उन्हे एक जगह लेकर जाता है जहा पर दो केविन थे। उन दोनो के गेट्स पर नेम प्लेट भी लगी हुई थी एक पर अनंता और दूसरी पर माहिरा। बो लड़का इशारा करते हुए " ये केविन मेम आपका है और ये केविन आपका " माहिरा उस लड़के की बात पर " पर अलग अलग केविन की क्या जरूरत थी। " अनंता आर्या को देखते हुए " कोई नही तुम अपने केविन में रहो में अपने में ओके" वो लड़का तो इतना कह कर चला जाता है क्योंकि आर्या उसकी तरफ घूरे ही जा रही थी। अनंता अपने केविन में जाने से पहले " हेलो यू " पीहू जिसकी नजरे अनंता पर ही थी बो आर्या को हिलाते हुए" बो कुछ कह रही है" आर्या जल्दी से अनंता की तरफ देख कर " जी मेम बोलिए" अनंता " तुम मेरे केविन में आ जाना ओके" इतना कह कर अनंता अपने केविन में चली जाती है बही माहिरा भी पीहू को देख कर अपने केविन की तरफ निकल लेती है। पीहू - ऐ छोरी के देख रही है उधर ! पीहू की अटपटी बोली सुनकर " छोरी छोरा छोड़ और उस लड़के पर ध्यान देना जरा उसकी चाल ढाल ढंकी नही लग रही मुझे " पीहू उसकी बात पर अपने चेहरे पर उंगली रखते हुए " ई का बोल रही हो चाल ढाल तो छोरो बाली ही तो लागन है तन्ने के छोरी बाली लाग रही है। " " पीहू मजाक की बात मत कर यार मेरे कहने का मतलब है की ये लड़का मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा है ध्यान रखना इसपर कही पता चले अगला शिकार ये दोनो मेडम होए " आर्या ये बात चिल्लाते हुए कहती है क्योंकि पीहू अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही थी। पीहू - ठीक से इतना गुस्सा क्यों कर रही है। आर्या - चल तू माहिरा मेम के केविन में जा में अनंता मेम के केविन में जाती हूं ओके। बही थाने के अंदर .......... शालिनी निशांत के सामने एक चेयर पर बैठी हुई थी उनके हाथ में एक चाय का कप था जिसकी बो चुस्कियां लेते हुए " देखिए दरोगा जी हमारी बेटी का पता अभी भी नहीं चला है कुछ कीजिए आप तो जानते है कुछ दिन में इलेक्शन होने वाले है। " निशांत - अरे आप फिक्र ना कीजिए हमे कुछ दिन की मोहलत दीजिए हम अपनी पूरी कोशिश करेंगे। शालिनी चाय का कप टेबल पर रखते हुए खड़े होते हुए अपने दोनो हाथो को जोड़ते हुए " थैंक यू मिस्टर निशांत क्योंकि हमे उन दोनो पर तो कोई भरोसा नहीं है आप पर भरोसा कर रहे है आप हमे हमारी बेटी जल्दी ढूंढ कर लोटा देना " इतना कह कर शालिनी अपने पर्स में हाथ देकर वो नोटो का एक बंडल निकालती है और निशांत की टेबल पर पटक देती है। बही निशांत भी उन पैसों को देख कर स्माइल करने लगता है और उन्हें उठाकर अपने जेब में रख लेता है। बही शालिनी उन पैसों को देकर बहा से चली जाती है लेकिन बहा काम करने वाले कांस्टेबल निशांत को देख रहे थे और आपस में बाते करने लगते है। " पीहू मेम और आर्या मेम तो ऐसी बिलकुल नही है यार " " बिलकुल नहीं वो किसी से भी रिश्वत नही लेती है लेकिन ये इन्होंने तो आते ही रंग दिखा दिया। " " सही बोल रहा है भाई ये औरत भी कम नहीं है ये भी हर काम रिश्वत से ही करवाती है आर्या मेम ने रिश्वत लेने से मना किया तभी तो इनको बो बुरी लगती है। " वो लोग ऐसे ही बात करने में लगे हुए थे की तभी " अगर बुराई करना हो गया हो तो थोड़ा काम पर भी ध्यान दे लो काम तो तुम पर होता नही और बाते करवा लो " ये आवाज निशांत की थी जिसने अपने जेब से नोटो की गिड्डी निकाल ली थी और उनको गिनने में लगा हुआ था आखिरी नोट को गिनते हुए " यार एक लाख में एक पांसो का नोट कम दिया है। " फिर उन पैसों को जेब में रखते हुए " कोई नही दुबारा आएंगी तब मांग लूंगा लेकिन अभी थोड़ा काम पर फोकस करते है। " मिलते है अगले पार्ट में .......... कमेंट करना ना भूले ..........
हैदराबाद ..............… ऑफिस के अंदर ..... अनंता अपनी मेन चेयर पर बैठी हुई थी और फाइल्स को पढ़ने में लगी हुई थी। वैसे उसे इन चीजों में कुछ इंट्रेस्ट तो नही था लेकिन बेचारी के करने के लिए कुछ भी नही था और ऊपर से आर्या उसके सामने बैठ कर मोबाइल चला रही थी। अनंता कभी फाइल की तरफ देखती है तो कभी आर्या की तरफ उसे ऐसा करते हुए काफी टाइम हो गया था आर्या भी उसकी हरकतों को नोटिस कर रही थी लेकिन कुछ कह नहीं रही थी। बही माहिरा के केविन में ..... पीहू अपनी चेयर पर ना बैठ कर इधर उधर डोलते हुए " क्या केविन है मेम अपुन तो फिदा हो गया इस पर। " इतना कह कर पीहू जैसे ही माहिरा की चेयर पर हाथ रखती है लेकिन उससे पहले ही माहिरा अपनी जगह पर से खड़ी हो जाती है। और चिल्लाते हुए "तुम पागल हो क्या एक जगह बैठ नही सकती हो यार इधर से उधर लगी हुई हो। " पीहू अपने चेहरे पर शैतानी मुस्कान लिए माहिरा के पास जाते हुए " अरे मेम मुझे शांति से बैठना पसंद नही है " माहिरा उसके इरादो को भाप गई थी इसलिए " चुप चाप अपनी जगह पर बैठो ओके और मेरे पास आने की जुर्रत भी मत करना समझी। " पीहू - पर काहे ये तो बताबन हमको कछु हो जायेगा क्या। माहिरा - मेरा दिमाग मत खाओ और जिस काम के लिए आई हो वो करो और मुझे अपना काम करने दो। माहिरा इतना कह कर अपनी चेयर पर बैठ जाती है और लैपटॉप को खोल कर उसमे कुछ करने लगती है। " आप लोग सोच रहे होंगे की माहिरा और अनंता दूसरे लोक से आई है फिर भी ये कैसे पढ़ रही है लैपटॉप कैसे यूज कर रही थी। इनमे ऐसी बहुत सारी पावर है जिनसे ये लोगो के दिमाग को पढ़ सकती है और लोगो में अपने आप को ढाल लेती है जिस तरह लोग रहते है खाते है चलते है और उनके कामों को भी अपना लेती है। " पीहू भी अब अपना फोन लेकर उसमें गेम खेलने लगती है। बही माहिरा लैपटॉप पर तेज अंगुलिया चलाने लगती है जैसे जैसे उसकी स्पीड तेज होती जाती है उसी तरह उसके चेहरे की स्माइल भी बड़ी होती जाती है। बही पीहू जो उंगलियों के चलने की तेज आवाज सुनकर माहिरा की तरफ देखती है तो वो शोक हो जाती है क्योंकि माहिरा आम लोगो से बहुत तेज लैपटॉप पर उंगलियां दौड़ा रही थी। " अरे मेम आग लगाने का प्लेन है क्या आपका " माहिरा पीहू की आवाज से स्पीड थोड़ा कम करते हुए " अपने फोन पर ध्यान दो मेरे काम में टांग मत अड़ाओ ओके" शाम के समय .......... एक लड़की बुलेट पर सवार होकर सड़को पर दौड़ रही थी उसके बाल भी खुले हुए थे और हवा में उड़ रहे थे। उसके चेहरे पर छोटी सी मुस्कान थी वो भी अजीब लेकिन वो लड़की दिखने में बिल्कुल बबाल लग रही थी। वो लड़की थोड़ा आगे ही गई होगी की उसकी बुलेट ने चलना बंद कर दिया जिससे वो गुस्सा होते हुए " अब इसे क्या हो गया यार ये पूरा मूड खराब कर देती है लगता है इसको आग ही लगानी पड़ेगी। " वो लड़की इतना ही कहती है की तभी उसके पास एक जीप आकर रुकती है। जीप को देख कर " अब ये कोन है बे जो बिल्कुल मेरे ऊपर ही गाड़ी रोकी है। " जीप के रुकते ही उसमे से एक लड़का निकलता है और बो उस लड़की के पास जाके बड़े स्टाइल में " क्या हुआ मैडम आप अकेली और बो भी इतना लेट " बो लड़की उस लड़के की बात सुनकर " तुम कोन और तुम्हे क्या प्रोब्लम की में अकेली डोलू या दुकेली डोलु चलो निकलो यहां से मेरा दिमाग मत खराब करो। " बो लड़का " अरे मैडम आपको पता भी है क्या लड़किया सेफ नहीं है आज कल पता नही कहा गायब हो रही है और एक आप है की मुझसे ही उल्टा बोल रही है। " लड़की अपने बालो को झटकते हुए" मुझे भी पता है और ये भी पता है कैसी लड़किया गायब हो रही है एक तो वो सारी रात लडको के साथ घूमती है फिर गायब भी बही लड़के करते है लेकिन में ऐसी नही हूं समझे। " लड़का - आप मेरे साथ चलिए में आपको आपके घर छोड़ दूंगा आप मुझे एड्रेस दे देना। लड़की - में खुद चली जाऊंगी समझे आप जाओ यहां से। लड़का अपने जेब से एक कार्ड निकालते हुए " देखिए में कोई ऐरा गेरा लड़का नही हूं पुलिस ऑफिसर हूं। " तो ये कोई नही निशांत ही है जो अपनी ड्यूटी पूरी करके अपने घर के लिए निकल रहा था बीच में ये लड़की अकेली खड़ी मिली तो अपने जीप रोक दी बही पुलिस का तो काम है है किसी की मदद करना। लड़की निशांत की बात सुनकर " क्या आप पुलिस ऑफिसर है लेकिन फिर भी मुझे किसी की मदद नहीं चाहिए आप जा सकते है। " वो लड़की थोड़ा मुस्कुराते हुए कहती है बही निशांत " कोई बात नही आप नही जाना चाहती है लेकिन आपकी बाइक को क्या हुआ में इसे तो देख सकता हूं। " लड़की - अरे सर इसमें ज्यादा दिक्कत नही है आप जा सकते है ये थोड़ी ही देर में चालू हो जायेगी । निशांत अपने बालो में हाथ फिरते हुए " ठीक है तो में चलता हूं आप थोड़ा ध्यान से जाना। " इतना कह कर निशांत उस लड़की को एक नज़र देख कर अपनी जीप में बैठ कर चला जाता है बही उसके जाने के बाद बो लड़की बड़बड़ाते हुए " बड़ा आया पुलिस ऑफिसर सकल से तो इसके हवस नज़र आ रही है अगर इसके साथ चली जाती तो पता नही में मिलती भी या नही। " बो लड़की भी निशांत की बुरा करके अपनी बाइक पर बैठ कर उसे स्टार्ट करने लगती है और थोड़ी ही देर में बो चालू भी हो जाती है। बही ऑफिस के बाहर चारो लड़किया खड़ी थी माहिरा ने अपने हाथ में लैपटॉप पकड़ा हुआ था बही पीहू की नजरे भी उसी लैपटॉप पर ही थी। वो अपने मन में " क्या है ऐसा इस लैपटॉप में जो सुबह से देख रही हूं इसी के साथ है अभी तक दूर भी नही किया है देखना पड़ेगा इसे तो एक बार खोल कर तभी पता चलेगा " ये सब कहते हुए उसके चेहरे पर शैतानी मुस्कान थी। " बही आर्या भी अनंता को देख रही थी क्योंकि अनंता बहा खड़ी खड़ी ऑफिस से निकल रही लड़कियों को देखने में लगी हुई थी। बो ताड़ नही रही थी यार वो तो अपना शिकार देख रही थी। की अब किसे अगला शिकार बनाए लेकिन आर्या तो कुछ और ही लेकर जा रही थी। आर्या थोड़ा खाशते हुए " आ मेम चले काफी टाइम हो गया है हमे आपको घर छोड़ कर अपने भी घर जाना है। " आर्या की बात पर अनंता भी अपनी नजरे हटा कर उसकी तरफ देखते हुए " चलो " बो सभी लोग गाड़ी में बैठ कर बहा से निकल जाते है। पहले बो लोग अनंता के बंगले पर जाते है और उन दोनो को छोड़ कर अपनी जीप में बैठ कर अपने घर के लिए निकल जाती है। गाड़ी में पीहू जो अपने हाथो को बांधे बैठी हुई थी। " यार ये दोनो कुछ अजीब नही लगती है यार तुम्हे। " आर्या भी ड्राइविंग संभालते हुए " हां यार एक तो पता नही लड़कियों को ही ताड़ने में लगी हुई थी और तुम्हे पता है पूरे दिन में अनंता मेम ने एक घूंट पानी भी नही पिया। " पीहू " हम्मम यार पानी तो इसने भी नही पिया और में इसके पास जाती हूं ना तो मुझे भगा देती है और लैपटॉप में घुसी रहती है हर दम " आर्या - लैपटॉप में तो काम करते है यार ऐसे लोग तो ! वो दोनो बाते करते करते अपने घर पर पहुंच जाती है और अपने अपने कामों में लग जाती है। बही नर्क लोक में ............. दित्या एक चेयर पर बैठी हुई थी वो चेयर काफी बड़ी और सुंदर थी बही उसके बाद पल्लवी खड़ी हुई थी तभी जिस कमरे में ये दोनो थी उसी कमरे का गेट खुलता है और मांड्या कमरे में दाखिल होते है। और उन्हें देख कर " अनंता वो लोकेट लेकर गई है अपने साथ या नही। " दित्या - बड़ी मुस्किल से लेकर गई है अपने साथ कसम खिलाने के बाद ! मांड्या - चलो तो ये सही है थोड़ा भूख पर काबू तो करेगी नही तो जो सामने आएगा उसे ही खा जायेगी। पल्लवी मांड्या की बात पर हस्ते हुए " हां महराज ये बात आपने सही कही " वो सभी लोग कुछ ना कुछ बाते करने लगते है। अगली सुबह पृथ्वी लोक पर ............ हैदराबाद ............. सुबह के सात बज रहे थे आर्या अपनी प्लेट में खाना लिए सोफे पर बैठी हुई थी और टीवी देख रही थी। कुछ मूवी चल रही थी क्योंकि उसके बगल में उसका भाई बैठा हुआ था लेकिन वो जल्दी से रिमोट को लेकर चैनल चेंज कर देती है और न्यूज लगा देती है। " आज की ताजा खबर फिर से हुई एक लड़की गायब उस लड़की के मां बाप भी उसके लिए परेशान हैं क्योंकि वो उनकी एक लौती औलाद थी ये क्या हो रहा है इस शहर में आज कोई तो कल कोई ये कितने दिन तक चलने वाला है। कहा सो रही है पुलिस प्रशासन " एक लड़का अपने हाथो में माइक लिए सड़क पर खड़ा था उसके पास ही बाइक नीचे पड़ी हुई थी। तो ये बही बाइक है जिससे कल बो लड़की जा रही थी इससे आप सभी को अंदाजा तो हो गया होगा की ये लड़की बही है जिसे निशांत अपने साथ ले जाना चाहता था लेकिन बो लड़की नही गई थी। आर्या टीवी को देख कर चौंक जाती है और जल्दी से वो अपनी प्लेट को रख कर अपने जेब से फोन निकालती है और घर से बाहर निकलते हुए " पीहू जल्दी तैयार हो जा में तुझे लेने आ रही हूं। " वो इतना कह कर फोन काट देती है बही उसकी मम्मी उसे आवाज देने लगती है " बेटा कहा जा रही है अरे खाना तो खा कर जाती " बही आर्या अपनी मम्मी की बातो को बिना सुने बहा से निकल जाती है। बही अनंता और माहिरा भी टीवी न्यूज देख रही थी वो भी चौंक गई थी की वो तो अभी यहां आई है तो लड़कियों को गायब कोन कर रहा है। अनंता को तो थोड़ा थोड़ा शक होने लगा था लेकिन वो कुछ कहती नही है लेकिन माहिरा को देख कर " वो दोनो अभी तक आई नही और तूने मेरे लिए शिकार ढूंढा या नही अभी तक। " माहिरा ज्यूस पीते हुए " एक लड़की मिली है शाम तक आपके पास होगी " मिलते है अगले पार्ट में ........... स्टोरी अच्छी लगे तो कमेंट जरुर करे और रेटिंग भी देना ना भूले ..........
हैदराबाद। ......... आर्या अपने घर से निकल कर जल्दी से कार स्टार्ट करती है और सीधा पीहू के घर के लिए निकल जाती है और थोड़ी ही देर बाद पीहू के घर पहुंच कर वो कार को रोकती है और सीधा घर के अन्दर चली जाती है। लेकिन जैसे ही अंदर जाती है तो पता चलता है पीहू पहले से ही तैयार होकर टीवी के सामने बैठी हुई थी। लेकिन अचानक से गेट खुलने की आवाज सुनकर वो गेट की तरफ देखती है तो जल्दी से खड़ी होती हुई " तू आ गई यार फिर से एक लड़की गायब हो गई हमे जल्दी से पुलिस स्टेशन चलना चाहिए चल " पीहू अपनी जगह से चलते हुए आर्या के पास आ जाती है और दोनो ही घर से बाहर निकल जाती है पुलिस स्टेशन के लिए। बही पुलिस स्टेशन के अंदर .......... ऑफिसर निशांत अपनी चेयर पर बैठा हुआ था क्योंकि उस लड़की के गायब होने की वजह से उसे जल्दी आना पड़ा। बही उस लड़की के मां बाप भी बही बैठे हुए थे और रोए जा रहे थे। " हमारी बच्ची कहा है ऑफिसर उसे ढूंढ दीजिए पता नही कहा होगी कल रात से घर नही आई है कुछ पता कीजिए ना। " निशांत जिसके हाथ में उसी लड़की की फोटो थी बो उसे देखते हुए " ये सब आपकी लड़की की जिद्द की वजह से हुआ है मेने उससे कहा था की मेरे साथ चलो तुम्हे तुम्हारे घर छोड़ दूंगा लेकिन वो नहीं मानी तो ये तो होना ही था। " " क्या होना था मिस्टर निशांत आप उसे अपने साथ नही ले जा सके तो क्या हुआ उसका पीछा तो कर सकते थे ना " ये आवाज सुनकर सभी लोग गेट की तरफ देखते है क्योंकि आवाज बही से आई थी। आर्या अपने जेब में हाथ डाले खड़ी हुई थी बही पीहू भी उसके पास खड़ी थी। उन दोनो को देख कर निशांत का तो मुंह ही बन जाता है और अपने मन में " ये दोनो नही होती गायब ये हो जाए तो फंद कटे इन काली बिल्लियों से " बही उस लड़की की मां जल्दी से अपनी जगह से खड़े होती हुई आर्या की तरफ जाती है उसके हाथो को पकड़ते हुए " मेरी बेटी का पता लगा दीजिए प्लीज आप " वो औरत इतना कह कर रोने लगती है बही आर्या उस औरत को संभालते हुए " प्लीज मेम आप रोइए मत हम पूरी कोशिश करेंगे आप टेंशन मत लीजिए। " बही अनंता के बंगले में................ अनंता सोफे पर बैठी हुई थी और टीवी न्यूज ही देख रही थी बही माहिरा भी उसी के साथ थी। " महारानी क्या लगता है आपको मुझे सच बताना इन लड़कियों को गायब कोन कर रहा है हमे यहां आए ज्यादा दिन नही हुए है। फिर ये सब " अनंता - तुम्हे अच्छे से पता है की में क्या सोच रही हूं फिर भी मुझसे ही पूछ रही हो। अनंता अपनी गर्दन टेंडी करते हुए माहिरा की तरफ देखती है तो माहिरा भी उसी की तरह करते हुए " मतलब आपकी बहन और मेरी बहन यही है कही आस पास ही हमारे " अनंता - हम्मम लेकिन कहा है बो पता करना पड़ेगा। माहिरा - वो तो है एकता महारानी हमारी बात माने तो सही होगा आप उन्हें समझाना। अनंता - वो मेरी बाते मानती हु कहा है पता नही वो तुम्हारी बहन ने ना जाने क्या पोल पट्टी से उसे अपनी बातो में उलझाया हुआ है की वो हमारी बाते मानती ही नही है और ऊपर से मम्मी पापा भी उससे नफरत करने लगे है। माहिरा - कोई बात नही एक बार हमे वो मिले तो सही बाद में देख लेंगे। बही पुलिस स्टेशन में आर्या और पीहू अंदर जाकर निशांत के पास जाती है और पीहू अपना हाथ टेबल पर मारती है जिससे निशांत चिहुक जाता है। " अगर घूस खाने से ही सब कुछ नही होता मिस्टर निशांत थोड़े हाथ पैर चलाने से भी कुछ होगा समझे तुम। " निशांत मुंह बनाते हुए " थोड़ा रिस्पेक्ट से यार मेरी भी थोड़ी इज्जत है। " आर्या ;- थोड़ी क्या तुम्हारी बिलकुल भी नहीं है समझे अगर तुमसे इस कैस को संभालना नही हो रहा तू हम इसे संभालेंगे समझे। ! निशांत - वैसे तुम्हे लेट नही हो रहा क्या पहले ये बताओ। निशांत की बात सुनकर आर्या और पीहू एक दूसरे की सकल देखती है और जल्दी से बहा से बाहर निकल जाती है। बही निशांत उनको ऐसे जाता देख हसने लगता है लेकिन जब उसे एहसास होता है की उसके सामने उस लड़की के मां बाप बेचारी सी सकल लिए बैठे है तो वो हंसना बंद कर " आप परेशान मत होइए हम आपकी लड़की को जरूर ढूंढ कर आपके पास पहुंचा देंगे। " कुछ देर बाद। ......... " तुम्हे ड्यूटी ही नही करनी तो बोल दो हम तुम्हारी जगह किसी और को अपने लिए रख लेंगे। " ये और कोई नही अनंता है जो आर्या और पीहू पर चिल्ला रही थी क्योंकि वो आने में लेट जो हो गई थी। बही माहिरा को बड़ा आनंद आ रहा था क्योंकि पीहू की सकल देखने लायक थी। आर्या अपनी चुप्पी तोड़ते हुए " माफ कीजिए मेम वो कुछ काम था थाने में इसलिए लेट हो गए आगे से पूरा ध्यान रखेंगे आपको कोई शिकायत नही होगी। " अनंता अपने हाथो को बांधते हुए " हम्मम आगे से होना भी नही चाहिए । अब चलो ऑफिस हमे लेट हो रहा है। " अनंता इतना कह कर बाहर की और अपने कदम बढ़ा देती है और उसके साथ ही बाकी तीनों भी पीछे चल देती है। थोड़ी देर बाद ऑफिस में..........……… बो लड़का जिसका नाम जीत था वो अपने हाथो में एक कॉफी मग लाता है और अनंता की केविन की तरफ बढ़ जाता है और केविन तक पहुंचते ही उसके गेट को नोक करते हुए " मेम मे आए कम इन " अनंता उसकी आवाज सुनकर " कम इन " जीत जल्दी से अंदर जाता है और अनंता की टेबल पर कॉफी रखते हुए " मेम आपके लिए कॉफ़ी लाया हूं। " वो ये बार मुस्कुराते हुए कह रहा था बही अनंता उस पर बिना ध्यान दिए " मुझे नही चाहिए कॉफी तुम इसे आर्या को दे दो वो पी लेगी। " आर्या - नही मेम मुझे नही चाहिए। अनंता - में कह रही हूं ना तो पी लो। जीत अपने मन में कहते हुए कॉफी आर्या के पास रखते हुए। " इस लड़की को तो काबू में लाना ही होगा कभी अकेले मिलेगी ना तब बताऊंगा इसे तो।" इतना कह कर जीत बहा से चला जाता है बही आर्या कॉफ़ी का शिप लेते हुए " मेम आप कुछ पीती नही है कुछ खाती नही है खाना बगेराह " फिर हस्ते हुए " तो आप खाती क्या है इंशानों को क्या। " अनंता फाइल्स में नजरे गढ़ाते हुए " लड़किया खाती हूं में और तुम्हे भी खा जाऊंगी। " इतना कह कर वो अपनी नजरे फाइल्स से हटा कर अनंता की तरफ देखती है जिसका हाथ हवा में ही रह जाता है और आंखे खुली। अनंता उसे ऐसे देख कर हस्ते हुए " अरे में तो मजाक कर रही थी मुझे काम के समय खाने पीने की आदत नही है ना इसलिए लेकिन तुम्हारी सकल को देख कर तो ऐसा लग रहा है जैसे में सच में लड़कियों को खाती हूं। " आर्या जल्दी से अपना सर ना में हिलाते हुए " अरे नही बो तो वैसे ही वैसे भी लड़किया कोई चीज है खाने की और आपको देख कर भी नही लगता आप नॉनवेज खाती होंगी। " बही दूसरे केविन में ....... माहिरा तो फिर से अपने लैपटॉप में लगी हुई थी बही पीहू उसे परेशान करते हुए " वो मेम मुझे भूख लग रही है " माहिरा लैपटॉप में काम करते हुए " तो में क्या करू तुम्हारे लिए खाना बनाऊं बाहर केंटीन में कुछ खा कर आ जाओ। " पीहू - पर मुझे आपके पास रहना है ना इसलिए में बाहर नही जा सकती हूं। माहिरा - यहां कोई नही आ रहा तुम आराम से जाकर कुछ खाकर आ सकती हो लेकिन यहां बैठकर मेरा दिमाग मत खाओ नही तो में तुम्हे कच्चा ही खा जाऊंगी। ! माहिरा ये बात गुस्से से कहती है क्योंकि एक तो उसका काम नही हो रहा ऊपर से पीहू उसे परेशान करने में लगी हुई थी। पीहू भी उसकी गुस्से भरी आबाज सुनकर बहा से निकल लेती है केंटीन की और अपना पेट भरने के लिए। मिलते हैं अगले पार्ट में.............…
हैदराबाद के उन्ही जंगलों में.......... एकता इधर उधर घूमते हुए " क्या बात है अवंतिका अब तो तुम मेरे लिए एक दो दिन में खाना लाती रहती हो। " अवंतिका अपने चेहरे की स्माइल को छुपाते हुए " अरे महारानी अगर में आपको निराश करूंगी तो क्या आप मुझे दंड नही देंगी क्या मुझे आपसे बहुत डर लगता है क्योंकि आप शक्तिशाली ही नही महा शक्तिशाली हो। तो आपसे डरना तो निश्चित है। " एकता हस्ते हुए " ये बात तो सही है में शक्तिशाली तो हूं " और फिर थोड़ा गंभीर होते हुए " और इस शक्ति से में उन सभी को नष्ट कर दूंगी। लेकिन कुछ समय बाद क्योंकि अभी मेरे पास पूरी शक्तियां नही नही जब में उस श्राप से मुक्त हो जाऊंगी तब ही ऐसा हो पायेगा। " बही ऑफिस के अंदर पीहू केंटीन से आकर सीधा केविन में जाती है तो पाती है बहा माहिरा थी ही नही लेकिन उसका लैपटॉप जरूर बही टेबल पर रखा हुआ था जिसे देख कर उसके दिमाग में कुछ आता है और बो जल्दी से उस लैपटॉप के पास जाती है और उसे खोल कर चालू करती है लेकिन उसपर पासवर्ड लगा होने के कारण बो कुछ नही कर पाती लेकिन अपने आप से " ट्राय करने में क्या जाता है लेकिन क्या हो सकता है इसका पासवर्ड। " " हां मिस माहिरा होगा जरूर आज कल लड़किया अपने नाम ही लिखती है। " वो इतना कह कर लैपटॉप पर उंगलियां चलाने लगती है और उस पासवर्ड को लगती है लेकिन वो रोंग पासवोर्स था। " ये नही तो फिर बर्थ डेट होगी क्या लेकिन मुझे उनकी बर्थ डेट क्या है वो तो पता ही नही। " फिर अपने चेहरे पर उंगली से टेप करते हुए " क्या हो सकता है कही ब्यूटी क्वीन तो नही क्योंकि लगती बड़ी सुंदर है ये " अपनी बात पर हस्ते हुए " में भी क्या पागल हूं यार " इतना कह कर वो दो चार पासवर्ड और लगाती हैं लेकिन सभी के सभी गलत थे अगर वो एक और बार ट्राय करती तो शायद वो लोक हो जाता इसलिए पीहू जल्दी से उस लैपटॉप को बंद करके जैसे ही अपनी साइड आती है तभी उस केविन में अटैच बाथरूम का दरवाजा खुलता है और माहिरा उसमे से अपना चेहरा पोछते हुए बाहर आती है वो टावल को एक साइड फेंकती है और पीहू की तरफ देखती है जो पहले तो उसे ही देख रही थी लेकिन जल्दी से इधर उधर देखने लगती है। माहिरा उसे एक नज़र देख कर अपनी चेयर पर बैठ जाती है और जैसे ही लैपटॉप को खोलती है तो उसे कुछ एहसास होता है जिससे वो गुस्सा भारी नजरो से पीहू को देखती है लेकिन कुछ कहती नही है और कुछ पासवर्ड डाल कर उसे अनलॉक कर फिर से उसपर उंगली दौड़ाने लगती है। पीहू उसे देख कर अपने मन में " ओह यार बच गई इसकी सकल देख कर तो ऐसा लग रहा था चुड़ैल मुझे मार डालेगी मुझे " फिर सोचते हुए " क्या इसने चुड़ैल पासवर्ड डाला होगा क्या। " बही अनंता के केविन में ............ अनंता अपनी पकड़ी फाइल को टेबल पर पटकते हुए " वैसे आर्या तुमसे एक बात पूछूं क्या। " आर्या - जी मेम पूछिए ना। अनंता अपनी उंगली से इशारा आर्या के हाथ की कलाई की तरफ करते हुए " तुम भगवानों में विश्वास रखती हो क्या " आर्या हस्ते हुए " वैसे तो नही लेकिन थोड़ा बहुत रखना पड़ता है नही तो। " इतना कह कर वो रुख जाती है। लेकिन अनंता " नही तो क्या " आर्या - नही तो मम्मी मेरी मुझे मारने दौड़ती है अगर उनके भगवान के बारे में कुछ कह दूं तो। " और फिर अपने हाथ को ऊपर करते हुए " और ये कलाई में बंधा धागा देख रही है आप मुझे उन्होंने जबरदस्ती पहनाया है ये कह कर की ये तुम्हारी सुरक्षा करेगा। " फिर से हस्ते हुए " ये भी चीज कोई सेफ्टी करती है क्या आज कल " अनंता अपनी आई ब्रो को खुजाते हुए अपने मन में " क्या पागल लड़की है अभी तक इस धागे से ही बची हुई है नही तो कब का मेरा खाना बन जाती " लेकिन फिर अपने चेहरे पर टेंडी मुस्कान लिए " अगर तुम्हे विश्वास नही है तो इसे उतार कर फेंक दो ना क्यों पहने हुए हो। " आर्या उसकी बात पर जल्दी से " अरे नही बाबा नही अगर मम्मी को पता चला ना की मेने उसे उतारने के बारे में सोचा तो मुझे जान से मार देंगी और घर में घुसने नही देंगी जो अलग। " ये कहते हुए आर्या की आंखो में डर साफ नजर आ रहा था की वो अपनी मम्मी से कितना डरती है जिसे देख कर अनंता के चेहरे पर एक छोटी से स्माइल आ जाती है। शाम के समय थाने में ......... निशांत अपना कुछ सामान रख कर टेबल से उस लड़की का फोटो उठाते हुए " अगर मेरे साथ चलती तो गायब नही होती पता नही ऐसा क्या है मेरी सकल में जो मुझे देख कर लड़किया मुंह बना लेती है वैसे दिखने में किसी हीरो से कम भी नही हूं लेकिन लड़किया ऐसे देखती है जैसे हवस का पुजारी हूं में। " इतना कह कर निशांत उस फोटो को अपने बैग में रख लेता है और उसे कंधे से टांगते हुए थाने से बाहर निकल जाता है आज वो बाइक से आया था इसलिए उसे जाना भी बाइक से पड़ता है। तो वो अपनी बाइक पर बैठ कर निकल जाता है अपने घर के लिए। बही ऑफिस से भी आर्या और पीहू अनंता और माहिरा को उनके बंगले तक छोड़ कर वो भी अपने घर की तरफ निकल लेती है। पीहू - तुझे पता है आज मेने क्या किया ? आर्या गाड़ी पर फॉक्स करते हुए " तूने किया है तो मुझे क्या पता होगा यार थोड़ा लॉजिक से बात किया कर कोई तुझे पागल समझेगा। " पीहू - वो छोड़ तू सुन आज मेने ना माहिरा मेम के लैपटॉप को खोलने की कोशिश की। पीहू इतना ही कहती है की तभी झटके से साथ कार रखने की आवाज आती है। जिससे पीहू का सर आगे जाकर लगता है। पीहू चिल्लाते हुए " अरे क्या हुआ गाड़ी क्यों रोक दी तुमने अगर रोकनी ही थी तो पहले कह देती यार। " आर्या जो आगे की तरफ देख रही थी। लेकिन जल्दी से जीप में से निकलती है और आगे की तरफ सड़क पर चलने लगती है। बही पीहू भी जब सामने देखती है तो वो भी जल्दी से निकल कर आर्या के पीछे ही चल देती है। बही एक लड़की जो उसी सड़क पर किसी बेजुबान जानवर की तरह चल रही थी उसे कोई भी होस नही था क्योंकि उसके चारो तरफ काला धुंआ था। लेकिन बो किसी को दिख नही रहा था। बो लड़की जैसे ही उस सड़क से उतर कर जंगल में जाने बाली होती है तभी कोई उसका हाथ पकड़ लेता है जिससे वो लड़की अपने होस में आते हुए चारो तरफ देखने लगती है। " तुम यहां क्या कर रही हो वो भी अकेली " मिलते हैं अगले पार्ट में.............
वो लड़की जैसे ही सड़क पर से उतरने को होती है तभी कोई आकर उसका हाथ पकड़ कर रोक लेता है जिसे वो लड़की होस में आते हुए चारो तरफ देखने लगती है। " तुम यहां क्या कर रही हो वो भी अकेले। " ये आवाज किसी और की नही आर्या की थी जिसने उस लड़की को जंगल की और जाते देख लिया था जिससे वो जल्दी से कार रोक कर उसकी तरफ भाग जाती है। वो लड़की घबराते हुए " में में कहा हूं मुझे कोन लाया यहां पर आप कोन हो। " पीहू भी उनके पास आते हुए " हे आर्या ये कोन है। " आर्या उस लड़की के हाथ को पकड़ कर कार के पास लाते हुए " तुम बैठो इस कार में में तुम्हे तुम्हारे घर छोड़ दूंगी। चलो बैठो। " वो लड़की बिना कुछ बोले सीधा कार में बैठ जाती है लेकिन पीहू और आर्या अभी भी बाहर ही थी। आर्या - इस लड़की को देख कर तो ऐसा लग रहा है की अगर हम नही आते तो शायद अगला नंबर इसी का होगा। पीहू अपने हाथो को बांधते हुए " ऐसा करते हमे यहां थोड़ी छान बीन करनी चाहिए क्या पता कुछ पता चल जाए। " आर्या - तुम सही कह रही हो चलो कुछ देखते है। इतना कह कर आर्या कार के पास जाती है और लड़की की तरफ देखती है जो पीछे की सीट पर बैठी हुई थी थोड़ी डरी हुई लग रही थी क्योंकि उसे पता ही नही चल रहा था की उसके साथ हो क्या रहा है। आर्या - तुम इस कार से मत निकलना ओके हम थोड़ी ही देर में आते है ठीक है। इतना कह कर बो आगे आकर जीप में कुछ देखती है फिर गन मिलने पर वो उनको अपने साथ लिए बाहर आती है और पीहू की तरफ गन देते हुए " कोई भी हो उड़ा देना ओके " पीहू - अरे टेंशन मत ले यार एक बार हाथ तो लगे साला है कोन। बही दूर खड़ी अवंतिका जो ये सब देख रही थी उसे इन दोनो पर गुस्सा तो आ रहा था लेकिन फिर हस्ते हुए " महारानी जी खुश हो जायेंगी आज तो " फिर इठलाते हुए " हुन काहे कि महारानी साली पागल लड़की है। " इतना कह कर वो अपने हाथ को ऊपर की तरफ करती है और फिर उसमे काला धुंआ लाने लगती है जब पूरे हाथ में काला धुंआ आ जाता है तो वो अपने हाथ को अपने चेहरे की तरफ लाती है और आर्या पीहू की तरफ देख कर को अभी भी कुछ बाते करने में लगी हुई थी। वो उनकी तरफ वो काला धुंआ एक फूंक मारकर उन्हे अपने बस में लाने के लिए फेंकती है। वो काला धुंआ जैसे ही उनके पास जाता है वैसे ही हवा में जाकर मिल जाता है। वो उनको छूं भी नही पाता है जिससे अवंतिका अचंभित हो जाती है। लेकिन उसे पता है की ये क्यों हुआ है क्योंकि वो कई सालो से यहां रह रही है इसलिए वो शांति से बहा से निकल जाती है की यहां रखने से कोई भी फायदा नही है। बही आर्या और पीहू अपनी अपनी गन अपने साथ लेकर इधर उधर देखने लगती है लेकिन उन्हे बहा कुछ नही दिखता है। आर्या जंगल के अंदर जाने लगती है लेकिन पीहू उसे रोकते हुए " ओए छोरी किधर जा रही है " आर्या रखते हुए " अंदर जाकर देख कर आते है क्या पता कुछ मिल जाए " पीहू - इस समय कुछ दिखेगा भी नही और जंगली जानवर होंगे उनका शिकार बन जायेंगे और कभी आकर देखते है। " आर्या पीहू की बात सुनकर " चल ठीक है तू सही कह रही है हमे चलना चाहिए काफी टाइम हो गया है उस लड़की को भी उसके घर छोड़ना है। " इतना कह कर वो दोनो जीप के पास आती है। और उसमे बैठ कर उसे स्टार्ट कर बहा से निकल जाती है। कार अभी भी सड़क पार चल रही थी वो लड़की शांति से बैठी हुई थी लेकिन पीहू की नजर जब उसपर पड़ती है तो वो " वैसे एक बात बताओ तुम यहां कैसे आई " वो लड़की अपनी नजरे ऊपर करते हुए " मुझे नही पता मेम में तो पार्टी में थी लेकिन में यहां कैसे आई मुझे कुछ पता नही। " पीहू - कोई नशा बसा किया है जो तुम्हे पता नही है की तुम यहां कैसे आई। वो लड़की जल्दी से " नही .... नही मेम में कोई नशा नही करती हूं।" वो इतना ही कहती है की तभी कार रुख जाती है। पीहू - कार क्यों रोक दी यार। आर्या उस लड़की को देखते हुए " घर आ गया तुम्हारा। " वो लड़की भी जल्दी से इधर उधर देखती है तो उसे एहसास होता है तो सच में उसका घर आ चुका था वो जल्दी से उसमे से उतर जाती है और उन दोनो को देखते हुए "थैंक यू मेम आपका बहुत बहुत शुक्रिया आपने मुझे मेरे घर पहुंचाया। " आर्या - ये तो हमारा काम है तुम अपने घर जाओ तुम्हारी मम्मी पापा तुम्हारा इंतजार कर रहे होंगे और आइंदा से अकेली घर से बाहर मत निकलना क्योंकि तुम्हे पता तो होगा ही क्या चल रहा है शहर में। लड़की - जी मेम आपकी बात का ध्यान रखूंगी। वो लड़की इतना कह कर जैसे ही जाने को होती है तभी अरे फिर से उसे रोकते हुए " अरे रुखो जरा यहां आना। " वो लड़की आर्या के पास आते हुए " जी मेम बोलिए " आर्या - तुम भगवानों को मानती हो क्या " वो लड़की " नही मेम मुझे किसी भगवान पर भरोसा नहीं है इसलिए में नही मानती हूं। " आर्या उसकी बाते सुनकर कुछ सोचते हुए " हम्मम चलो कोई नही तुम जाओ अपने घर। " उस लड़की के जाने के बाद आर्या भी जीप स्टार्ट करके निकल जाती है। पीहू - क्या सोच रही है जानेमन ? आर्या - यही की जो लड़की गायब हो रही वो भगवानों को नही मानती है। आर्या और पीहू कुछ ना कुछ बाते करते हुए अपने अपने घर के लिए निकल जाती है। आर्या पहले पीहू को उसके घर छोड़ती है फिर अपने घर के लिए निकल जाती है बही निशांत भी अपने घर पहुंच जाता है। बही अवंतिका बेचारी चुप चाप एकता के सामने खड़ी हुई थी बही एकता उसपर चिल्लाए जा रही थी। मिलते हैं अगले पार्ट में............. स्टोरी पसंद आ रही है तो कॉमेंट्स जरूर करे .....
अगले दिन ऑफिस में .............. आर्या अपनी चेयर पर बैठी हुई थी और अपने सामने बैठी हुई अनंता को देख रही थी जो अपनी फाइल रीड करने में लगी हुई थी। अनंता - ऐसे मत देखो यार तुम्हे प्यार ना हो जाए कही मुझसे। " अनंता ये बात थोड़ी हस्ते हुए कहती है लेकिन आर्या उसकी बात को सुनकर जल्दी से अपनी नजरे हटा लेती है और इधर उधर देखने लगती है। लेकिन अनंता टेबल पर फाइल रख कर अपनी चेयर पर से उठकर आर्या की तरफ आती है और टेबल पर हाथ रख कर थोड़ा उसकी ऊपर झुकते हुए " वैसे में दिखने में कैसी लगती हूं जरा बताओगी। " आर्या जो अनंता के ऐसे करने से अपनी मुंडी पीछे ले लेती है लेकिन वो उसकी आंखो में देखते हुए " आप दिखने में तो काफी अच्छी है लेकिन मुझे आपसे अच्छी बाईब्स नही आती है पता नही क्यों। " अनंता उसकी बात पर थोड़ा और उसके ऊपर झुकते हुए " क्यों ऐसा क्यों है " अनंता उसके करीब तो जा रही थी लेकिन उसको बिलकुल भी टच नही कर रही थी क्योंकि उसे पता है अगर उसे बो छुएगी तो उसे एक जोर दार करंट लग सकता है। आर्या उसे अपने इतने करीब देख कर थोड़ा हिचकते हुए" मेम ये आप मेरे इतने करीब क्यों आ रही है मुझे अजीब लग रहा है। " अनंता - क्या अजीब लग रहा है तुम्हे। आर्या चिढ़ते हुए अपने हाथ को थोड़ा ऊपर उठाकर जैसे ही अनंता को धक्का देने बाली होती है तभी अनंता उसे दूर होकर " नो... नो छूना भी नही मुझे " इतना कह कर वो बहा से जाकर अपनी सीट पर बैठ जाती है और आर्या को देखने लगती है जो उसे ही अजीब नजरो से देखने में लगी हुई थी। बही दूसरे केविन में ..........…….. पीहू भी माहिरा को देखते हुए " मेम आपसे एक बात पूछनी थी पूछूं क्या " माहिरा लैपटॉप में उंगली चलाते हुए " हम्मम पूछो क्या पूछना है। " पीहू - वो एक लड़की आपके ऑफिस में काम करती है वो आज दिखन नही रही समायरा नाम की " पीहू की मुंह से समायरा का नाम सुनकर माहिरा के हाथ एक जगह रुख जाते है और बो अपनी नजरे उठाकर पीहू की तरफ देखती है जो उसकी तरफ अपनी एक आई ब्रो ऊंची कर देती है। " क्या आपको पता है समायरा कहा है। " माहिरा जल्दी से " मुझे क्या पता में अपने हर एंप्लॉई के बारे में थोड़ी खबर रखती हूं कुछ प्रोब्लम हो गई होगी घर में या उसके मां बाप बीमार होंगे इसलिए नही आई होगी। " माहिरा ये बात बड़े सफाई से कहती है लेकिन ये सारी बाते झूठी थी। क्योंकि वो अच्छे से जानती है की समायरा अब इस दुनिया में नही है क्योंकि बो अनंता का शिकार जो बन चुकी थी। पीहू अपने हाथो को फोल्ड करते हुए " मेम उसका इस दुनिया में कोई भी नही है पहली बात। " माहिरा चिढ़ते हुए " तो तुम ये बाते मुझे क्यों बता रही हो मेने तुमसे उसके बारे में पूछा क्या " पीहू हस्ते हुए " अरे नही मेम में तो बस ऐसे ही पूछ रही थी ये तो हमारा काम है ना की कोन क्या कर रहा है कोन नही वैसे भी आज कल लड़किया गायब हो रही है और वो भी नास्तिक जो भगवानों को नही मानती है। " ये बात पीहू थोड़ा माहिरा के चेहरे पर गौर देते हुए कहती है लेकिन माहिरा तो माहिरा है अपने चेहरे पर एक भी शिकिन नही आने देती है और पीहू से कहती है। " भगवानों को तो में भी नही मानती हूं तो इसका मतलब में क्या समझू बोलो " पीहू - कुछ मत समझिए आप हम तो वैसे भी आपके साथ रहते है। आपको क्या प्रोब्लम है वैसे भी। पीहू की बात पर माहिरा अपने मन में " तू ही है मेरी सबसे बड़ी प्रोब्लम तो " पीहू - आपने कुछ कहा क्या ? माहिरा उसकी बात पर " मैने कुछ नही कहा लेकिन तुम्हारे कान कुछ ज्यादा ही बज रहे है। " फिर अपने मन में " ये कही हमारी तरह मन की बाते तो नही पढ़ लेती है। " उधर दूसरी तरफ थाने में........ निशांत अपना सर पकड़े हुए बैठा था बही उसे ऐसा बैठा देख बहा पर काम कर रहे कांस्टेबल को हसी आ रही थी। क्योंकि हुआ कुछ ऐसा था की जैसे ही निशांत थाने में आया तभी उससे कुछ देर बाद शालिनी थाने के अंदर आती है और निशांत को कुछ ना कुछ सुनाने लगती है क्योंकि अभी उसकी बेटी जो नही मिली थी और पैसों का भी धौंस जमाने लगती है। " तुम्हे पैसे भी दे दिए फिर भी तुमसे काम नही हो रहा है। और पैसे चाहिए तो बोलो कितने चाहिए लेकिन मेरी बेटी मुझे जल्द ही चाहिए " शालिनी इतना कह कर फिर से एक नोटो की गड्डी निशांत की तरफ फेंक देती है और बहा से चली जाती है। निशांत अभी भी अपना सर पकड़े हुए था की तभी एक हबलदा उसके पास आता है और अपनी हसी को करते हुए। " सर आपके सर में दर्द हो रहा था तो आपके लिए चाय मंगबाऊं क्या " निशांत अपने सर से हाथ हटाकर उस हबलदार को घूरते हुए " तुझे बड़ी चिंता हो रही है मेरी जा जाकर चाय मंगा मेरे लिए और कुछ खाने के लिए भी। " निशांत की बात सुनकर हवलदार बहा से चला जाता है। कुछ एक महीना गुजर गया था निशांत ने पूरी कोशिश की शालिनी की बेटी को ढूंढने की और लड़कियों को भी लेकिन उसे कुछ भी नही मिलता है ना ही कुछ सुराग और ना ही कुछ। बही माहिरा और अनंता भी काफी लड़कियों को खा चुकी थी बही एकता भी जिससे पूरे शहर में एक तरीका से खोफ फैला हुआ था। कई लोग अपनी बेटियो को घर से बाहर नही निकलने दे रहे थे क्योंकि उन्हें भी यही डर था की उनकी बिटिया गायब हो जायेंगी। दूसरी और आर्या और पीहू भी पूरा पूरा ध्यान रखा हुआ था माहिरा और अनंता पर उन्हें उन पर कुछ ज्यादा ही सक होने लगा था क्योंकि उनकी बाते और उनके आने से कुछ ज्यादा ही लड़किया गायब हो रही थी। वो भी नास्तिक " लेकिन ज्यादा उन्हे भी ऐसा नहीं मिल रहा जिससे बो उन्हे अरेस्ट कर ले। " उधर दूसरी तरफ नर्क लोक में दित्या और पल्लवी को ये पता चल चुका था की एकता और अवंतिका पृथ्वी लोक पर ही है जिससे उन्हें थोड़ा डर था की कही एकता अनंता को चोट ना पहुंचा दे। मिलते है अगले पार्ट में..........
हैदराबाद सुबह के समय ........... आर्या और पीहू जीप से अनंता के बंगले की और जा रही थी ये उनका रोज का हो गया था घर से अनंता के बंगले फिर बहा से ऑफिस और फिर अनंता के बंगले और फिर अपने घर। पीहू - यार ऐसा क्या पासवर्ड हो सकता है उस लैपटॉप का जो एक ही बार में खुल जाए। आर्या गाड़ी चलाने पर फोकस करते हुए " हम गलत पासवर्ड डालेंगे तो बो लोक हो जायेगा क्यों ना ऐसा करते है तुम माहिरा मैडम के पीछे एक मिरर लगा देना जिससे तुम्हे पता चल जाए की क्या पासवर्ड है। " पीहू आर्या की बात पर चहकते हुए " अमेजिंग आइडिया यार ये सही है " लेकिन फिर उदास होते हुए " लेकिन बो चुड़ैल कही जाती ही नही है बिलकुल भी एक सेकंड के लिए भी उस लैपटॉप को छोड़कर " आर्या कुछ सोचते हुए " उसकी तुम टेंशन मत लो में कुछ कर लूंगी ओके " पीहू - बो तो है लेकिन थोड़ा ध्यान से क्योंकि मुझे वो दोनो बिलकुल सीधी साधी नही लगती है वो कही जाती भी नही है यार ! आर्या - ऐसा करते है आज इन्हे कही लेकर चलते है जबरदस्ती जैसे मंदिर चलते। पीहू हस्ते हुए " हां यार ये सही है पहले उन्हे पिकअप करते है उनके बड़े से बंगले से " आर्या - हम्मम और क्या ही कर सकते है उस बुड्ढे ने कहा ड्यूटी लगा दी हमारी बढ़िया कैस संभाल रहे थे लेकिन उन्हें कहा अच्छा लगता है हमे सुख से जीता देख। वो दोनो ऐसे ही बात करते हुए बंगले तक पहुंच जाते है और जीप से उतर कर पहले वो एक दूसरे को देखती है फिर अंदर की तरफ बढ़ जाती है। बही अनंता और माहिरा भी उन्ही के आने का इंतजार कर रही थी उनके आने के बाद वो चारो बहा से निकल जाती है ऑफिस के लिए। गाड़ी सड़क पर चल रही थी वो अभी ऑफिस के रास्ते पर जा ही रहे थे की तभी आर्या दूसरे रास्ते पर गाड़ी मोड़ लेती है। उसे रास्ता चेंज करता देख माहिरा उसे टोक देती है। " ये किस रास्ते से लेकर जा रही हो तुम हमे " पीहू थोड़ा अपना गला खरासते हुए " वो मेम सोट कट रास्ता है इससे जल्दी पहुंच जाएंगे। " अनंता आर्या को मिरर में देखते हुए " कोई नही किसी भी रास्ते से लेकर चलो पहुंचना तो अपनी मंजिल पर ही है। " अनंता की बात सुनकर आर्या जैसे ही मिरर में देखती है तो उसकी नजरे अनंता की नजरो से जाकर मिलती है जिससे बो जल्दी से अपनी नजरे उस मिरर से हटा लेती है। बही उसे ऐसा करता देख अनंता के चेहरे पर छोटी से मुस्कुराहट आ जाती है। माहिरा जिसकी नजरे अनंता पर ही थी वो अपने मन में अनंता से कहती है। " क्या कर रही हो महारानी जी कैसे अकेले अकेले मुस्कुरा रही हो अपने शिकार को देख कर। " अनंता जिसने माहिरा की मन की बात सुन ली थी। " शिकार तो में इसका करूंगी लेकिन कुछ अलग तरीके से इसमें कुछ अलग बात है। " माहिरा - अलग तो इस लड़की में भी है मुझे तो कुछ ज्यादा ही परेशान करती है मन तो करता है में ही इसको अपना शिकार बना लूं ! अनंता - ऐसा कर तू बना लेना इसे तुम शिकार ! माहिरा - ओह थैंक यू महारानी। अनंता माहिरा की बात पर अपनी एक आई ब्रो ऊंची करते हुए " बाह क्या बात है कितनी जल्दी यहां की भाषा भी सीख गई " वो इतना ही कहती है तभी गाफी एक तेज झटके से साथ रुकती है। गाड़ी को रखते देख माहिरा बाहर की तरफ देखती है तो उसकी आंखे बड़ी हो जाती है। बही दूसरी तरफ उस जंगल के पास सड़क पर पुलिस की जीप खड़ी हुई थी बही उसके बॉन्ट पर निशांत बैठा हुआ था उसने अपने हाथ में सिगरेट ली हुई थी वो उसी हाथ से चुटकी बजाते हुए " अरे ओह टीटू तुझे क्या लगता है इस जंगल के बारे में " टीटू जो हबलदार है उसने अपने हाथ में डंडा पकड़ा हुआ था वो उस डंडे को जमीन पर मारते हुए। " साहब जितनी भी लड़किया गायब हुई है यहीं इस जंगल के आस पास ही हुई है मुझे तो ऐसा लगता है यहां इस जंगल के अंदर कोई अड्डा होगा जहा पर लड़किया होंगी। और उन्हें पकड़ने वाले भी। " टीटू की बात सुनकर निशांत गाड़ी से एक जंप के साथ उतरते हुए " मतलब इस जंगल में ही है जो कुछ है क्यों ना चलते है इसके अंदर " टीटू थोड़ा घबराते हुए " पर साहब हम दोनो तो अकेले ही है और बहा पर ज्यादा लोग हुए तो कैसे संभालेंगे। " निशांत टीटू के कंधे पर मारते हुए " अरे यार में हूं ना और फिर अपनी बैक से बंदूक निकालकर " और ये है ना तो फिर डरने की क्या बात है कोई भी सामने आए उड़ा देंगे सालो को। " टीटू निशांत की बात पर " ठीक है सर तो चलते है। " निशांत और टीटू जंगल के अंदर घुस जाते है अंदर अभी भी एकता और अवंतिका दोनो मौजूद थी लेकिन अभी उन्हे पता नही था की कोई जंगल के अंदर आया हुआ है। निशांत और टीटू जंगल के काफी अंदर आ चुके थे लेकिन अभी उन्हे कुछ नही मिला था उन्हे उस जंगल में घूमते हुए करीब आधा घंटा हो चुका था। टीटू एक जगह रखते हुए " साहब यहां तो कुछ नही मिल रहा है मुझे तो लगता है यहां कोई नही है। " निशांत अपनी कमर पर हाथ रखते हुए " अबे साले अभी आधा घंटा ही हुआ है और तुझे इतनी जल्दी कोई मिल जायेगा क्या " वो इतना ही कहता है तभी कुछ जोर दार आबाज आती है जैसे की कोई बड़ी सी टहनी टूटी हो पेड़ की। उस टूटने की आवाज सुनकर निशांत और टीटू पहले उस आवाज की तरफ देखते है जहां से उन्हें आवाज आई थी फिर एक दूसरे की तरफ देखते है। " चल जल्दी से उधर देखते है क्या है बहा पर " इतना कह कर निशांत आगे की तरफ बढ़ जाता है बही टीटू भी उसके पीछे चल देता है उसने अपने हाथ में पकड़ा हुआ डंडा थोड़ा कसके पकड़ा हुआ था जैसे कोई उसके सामने आयेगा और वो उसे खीच कर मार देगा। निशांत और टीटू एक जगह जाकर रुख जाते है और सामने की तरफ देखते है तो पाते है सच में ही एक पेड़ की टहनी जो काफी बड़ी थी और उस पेड़ के सबसे ऊपरी टहनी थी जो अब जमीन पर पड़ी हुई थी बहा आस पास कोई भी नही था निशांत उस टहनी के पास जाकर टीटू से कहता है। " ये टहनी कैसे टूट गई ना आंधी तूफान चल रहा जिससे टूट जाए और ना ही कोई आस पास है फिर कैसे टूट गई। " टीटू थोड़ा घबराते हुए " अरे सर कोई जंगली जानवर ने तो नही किया ये " निशांत अपनी आई ब्रो को खुजाते हुए टीटू को देखता है और थोड़ा चीखते हुए " से पागल दिमाग नाम की कोई चीज है क्या जानवर कैसे तोड़ेगा और चलो तोड़ भी दे लेकिन इतने ऊपर की टहनी कैसे तोड़ेगा " टीटू थोड़ा सोचते हुए " हां सर ये बात भी सही है तो फिर कोन हो सकता है। " निशांत थोड़ा इधर उधर डोलने लगता है और अपनी नजरो से चारो तरफ देखने लगता है लेकिन उसे कुछ दिखता नही इसलिए वो हार कर " चलो टीटू कभी और आकर देखेंगे मुझे तो लगता नही कुछ होगा यहां पर " बही कोई था जो एक पेड़ के पीछे छुपा हुआ था वो निशांत को देख कर मुस्कुरा रहा था। वैसे बो मुस्कुरा रहा था नही मुस्कुरा रही थी वो और कोई नही एकता ही थी उसकी नजरे निशांत पर टिक चुकी थी उसने अपना एक हाथ हवा में उठा रखा था क्योंकि उसने अवंतिका को उस हाथ की पावर से ऊपर उठाया हुआ था बही अवंतिका हवा में ही हाथ पैर चला रही थी लेकिन उससे कुछ नही हो पा रहा था उसकी नाक से खून निकल रहा था और माथे पर भी थोड़ी थोड़ी चोट लगी हुई थी। वैसे में बता दू एकता ने ही अवंतिका को उस पेड़ की तरफ फेंका था जिससे वो टहनी टूट गई थी। लेकिन अचानक ही किसी के आने की आहट सुन कर वो जल्दी से बहा से निकल कर एक जगह छुप जाती है क्योंकि वो किसी के सामने नही आना चाहती थी जिससे उसे कुछ प्रोब्लम हो। मिलते हैं अगले पार्ट में............ अगर स्टोरी अच्छी लग रही है तो कमेंट जरुर करे और रेटिंग भी दे ........
हैदराबाद .......... आर्या गाड़ी को एक झटके के साथ रोकती है बही गाड़ी को रुकते देख माहिरा जैसे ही अपना सर खिड़की के बाहर की तरफ देखती है तो उसकी आंखे बड़ी हो जाती है। बही अनंता भी बाहर की तरफ देखती है तो उसके चेहरे पर छोटी सी मुस्कान आ जाती है वो अपनी मुस्कान को सजाए हुए " यहां गाड़ी क्यों रोकी है जरा बता सकती हो तुम " आर्या थोड़ा हस्ते हुए " बो मेम मुझे मंदिर जाना था वो मेरी मम्मी ने कहा था जाने के लिए इसलिए यहां गाड़ी रोकी है।" अनंता ; - तो यहां क्यो बैठी हो जाओ और जल्दी आओ। पीहू - मेम आप भी चलिए ना मंदिर ? माहिरा - हम नही जाते हम भगवानों को नही मानते है इसलिए। पीहू और आर्या पहले एक दूसरे को देखती है फिर कार का गेट खोल कर मंदिर की सीढ़ियों की तरफ अपने कदम बढ़ा देती है। मंदिर दिखने में काफी बड़ा और सुंदर था आस पास की जगह भी बहुत साफ सुथरी थी लोगो की मंदिर में ज्यादा भीड़ नही थी आस पास सीढ़ियों की तरफ कुछ साधु महात्मा बैठे हुए थे शायद वो अपनी तपस्या में लगे हुए थे। आर्या और पीहू कुछ सीढ़िया ही चढ़ी होंगी तभी उन्हें एक आवाज आती है। " रुख जाओ बच्चो " उस आवाज को सुनकर आर्या और पीहू सीढ़िया चढ़ती रुख जाती है और अपने साइड की तरफ देखती है जहा एक महात्मा बैठे हुए थे उन्होंने अपनी आंखे अभी भी बंद की हुई थी। " क्या करने जा रही हो तुम दोनो " इतना कह कर वो महात्मा अपनी आंखे खोल देता है और उन दोनो की तरफ देखने लग जाता है। आर्या - आप कहना क्या चाहते है बाबा हम तो कुछ नही कर रहे है। बो महात्मा थोड़ा हस्ते हुए " पागल लड़कियों तुम्हे कुछ पता भी नही है तुम क्या कर रही हो जिसकी तुम सचाईं जानने में लगी हुई हो वो कोई आम लड़किया नही है ।" पीहू ;- बाबा हमे भी पता है वो एक बिजनेस वूमेन है। महात्मा अपनी आंखो को एक बार बंद करके दोबारा खोलते हुए " बेटा वो एक बुरी शक्ति है। " आर्या - बाबा आप कैसी बाते कर रहे हो आज के जमाने ये कुछ नही होता है। महात्मा -अभी तुम बच्ची हो तुम्हे नही पता क्या सही और क्या गलत है लेकिन तुम अभी तक बची हुई हो सिर्फ और सिर्फ इस धागे की वजह से ! इतना कह कर वो महात्मा आर्या की कलाई की तरफ इशारा करता है जिसमे वो माता रानी का धागा बंधा हुआ था। " नही तो वो बुरी शक्तियां अभी तक तुम्हारा नामो निशान मिटा देती जैसे और लड़कियों का मिटाया है। " पीहू अपने धागे को देखने लगती है। बही माहिरा गाड़ी में बैठी हुई थी उसकी नजरे जैसे ही उन पर पड़ती है तो वो अनंता से कहती है। " महारानी ये दोनो एक जगह कैसे रुख गई और क्या कर रही है। " अनंता जिसने अपने गले में एक लॉकेट पहना हुआ था वो उससे खेलते हुए " उन्हे फोन करो और कहो जल्दी आए नही तो अच्छा नही होगा। " माहिरा जल्दी से फोन निकाल कर पीहू को डायल कर देती है एक दो रिंग जाती है। पीहू - जी मेम बोलिए। माहिरा - कहा हो और कितना टाइम लगेगा आने में। पीहू एक नजर आर्या को देखती है जो उस बाबा से बात करने में लगी हुई थी। " पांच मिनट में आती हूं मेम " इतना कह कर बो फोन काट देती है। पीहू - यार जल्दी चल मेम ने फोन किया है उन्होंने बुलाया है। आर्या - बाबा ऐसा कुछ नही है। महात्मा - बेटा उनसे दूर ही रहो तुम दोनो मेरी बात मानो। आर्या - ठीक है बाबा अब हमे चलना चाहिए। इतना कह कर वो और पीहू मंदिर के अंदर चली जाती है देवी मां के दर्शन करने के लिए। बही बो महात्मा उन्हे जाते हुए देख रहा था। वो अपने मन में " तुम्हे थोड़ा संभलना होगा बच्चो " बही आर्या और पीहू जल्दी से दर्शन करके आती है और कार में बैठ जाती है और उसे स्टार्ट कर ऑफिस के लिए निकल जाती है। बही दूसरी तरफ जंगल के बाहर निशांत और टीटू अपनी गाड़ी के पास खड़े हुए थे। निशांत - अरे यार मिला तो कुछ नही ऐसा जिससे पता चले की लड़किया यहां से गायब हुई है। टीटू - तो अब क्या करे सर यहां तो कुछ नही है। निशांत उसे देख कर " चलो थाने चलते है और क्या ही कर सकते है। " जीप के अंदर बैठ जाता है बही टीटू भी ड्राइविंग सीट पर बैठ जाता है। लेकिन गाड़ी स्टार्ट करने से पहले " सर लेकिन बहा शालिनी मेम और होंगी फिर बो आपको कुछ ना कुछ सुनाएंगी जरूर " निशांत - क्या कर सकते है सुन लेंगे अब तो आदत हो गई है सुनने की वैसे भी वो नही सुनाती है तो वो दोनो आकर सुना देती है। टीटू गाड़ी स्टार्ट करके उसे सड़को पर दौड़ाने लगता है और जीप का रुख थाने की तरफ कर लेता है जहा पहले से ही एक चुड़ैल निशांत का इंतजार कर रही थी। वो और कोई नही शालिनी ही थी। बही दूसरी और ऑफिस के अंदर ...... पीहू माहिरा के सामने बैठी हुई थी वो इंतजार कर रही थी की कब वो जाए और वो उसकी टेबल के पीछे एक मिरर रख दे जिससे उसे पासवर्ड का पता चल सके। लेकिन माहिरा थी जो उस चेयर को छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं थी। लेकिन कुछ पांच मिनट हुए होंगे तभी उसके केविन का दरवाजा नॉक होता है और एक लड़का अपने हाथ में ऑरेंज जूस का ग्लास लाता है। उस लड़के के माथे पर पसीने की कुछ बूंदे थी और उसकी सकल को देख कर लग रहा था की बो काफी डरा हुआ है। वो लड़का माहिरा के पास जाता है " मेम आपका ज्यूस" माहिरा उस लड़के की तरफ देख कर हल्की मुस्कान के साथ जैसे ही अपना हाथ बढ़ाती है तभी वो लड़का उस ग्लास को उसके हाथो में थमाते हुए थोड़ा हिला देता है जिससे उस ग्लास का थोड़ा बहुत ज्यूस माहिरा की शर्ट पर गिर जाता है। " ये क्या किया तुमने बिलकुल अंधे हो गए हो क्या जब में अपना हाथ आगे बढ़ा रही हूं तो तुम्हे क्या चुल्ल मची है इसे मेरे ऊपर पटकने की। " माहिरा जो अपनी चेयर से खड़ी होकर अपनी शर्ट को साफ करने लगती है। वो लड़का थोड़ा घबराते हुए " सो सो सॉरी मेम बो थोड़ी जल्दी थी इसलिए गलती से हो गया। " माहिरा - इतना भी कितनी जल्दी थी जो मेरे ऊपर ही ज्यूस का ग्लास गिरा दिया। पीहू जो अपने सामने चल रहे ड्रामे को देख रही थी वो अपने मन में " अरे रे रे बेचारा लड़का भी ना आर्या ने गलत फसा दिया इस लड़के को। " माहिरा उससे केविन से बाहर जाने के लिए कहती है और खुद भी बाथरूम में चली जाती है। पीहू जो इस समय का कब से इंतजार कर रही थी। वो जल्दी से अपनी चेयर से उठती है और एक मिरर जो दीवार में लगा हुआ था उसे जल्दी से बहा से उतर कर मजीरा की चेयर के पीछे लगा देती है जिससे पूरी टेबल और उसपर रखा लैपटॉप साफ साफ दिख रहा था। बही वो लड़का जैसे ही बाहर निकलता है तो उसे बही उस केविन के बाहर खड़ी लड़की दिखाई देती है। तो वो उसके पास जाकर " क्या मेम आप भी ना मुझसे कितना लड़ी माहिरा मेम वो तो शुक्र है उन्होंने नौकरी से निकालने के लिए नही कहा नही तो मेरे घर वाले मुझे फांसी पर लटका जरूर देते। " वो लड़की अपनी जेब से कुछ पांसो के नोट निकालती हैं और उस लड़के की तरफ बढ़ाते हुए " अगर ये तुम्हे नौकरी से निकाल देती ना तो में रख लेती ओके अब तुम जाओ यहां से समझे " इतना कह कर बो लड़की बहा से चली जाती है और वो लड़का भी। अनंता अपनी चेयर पर बैठी उस लोकेट को देखे जा रही थी तभी अचानक केविन का गेट खुलता है और आर्या अंदर आती है। " इतना टाइम कहा लगा दिया तुमने " आर्या हस्ते हुए " कुछ नही मेम वो एक फोन आ गया था जिसकी वजह से थोड़ा लेट हो गई। " इतना कह कर वो आकर चेयर पर बैठ जाती है। बही माहिरा भी बाथरूम से आ चुकी थी। और पीहू भी अपना काम करके अपनी चेयर पर बैठ गई थी उसके चेहरे पर एक रहस्यमई मुस्कान थी लेकिन माहिरा उसपर ज्यादा ध्यान ना देकर लैपटॉप को खोलती है। बही उसको लैपटॉप खोलता देख पीहू भी अपनी मोबाइल ऊपर उठा लेती है और उसमे कैमरा ऑन कर लेती है और पूरा फोकस उस मिरर पर देती है जिससे उसे पासवर्ड का पता चल जाए। मिलते है अगले पर में .......... अगर स्टोरी पसंद आ रही है तो कमेंट जरुर कर और रेटिंग भी दे..................
हैदराबाद ....... ऑफिस के अंदर माहिरा अपनी शर्ट को साफ करके बाथरूम से बाहर आ चुकी थी और वो जाकर अपनी चेयर पर बैठ जाती है बही पीहू भी उसे देख कर जल्दी से अपना फोन निकाल लेती है और उस मिरर की तरफ कर देती है। बही माहिरा लैपटॉप को खोल कर उसमे पासवर्ड डालती है और उसे अनलॉक कर देती है। पीहू ने भी उस पासवर्ड को देख लिया था और अपनी मोबाइल में रिकार्ड भी कर लिया था लेकिन उसे थोड़ी हसी आ रही थी उस पासवर्ड को देख कर वो अपने मन में " ये भी कोई पासवर्ड है यार कितना अजीबो गरीब है। " बही दूसरी तरफ थाने के अंदर कई सारे औरत और आदमी बैठे हुए थे। वो बहा हल्ला करने में लगे हुए थे। " हमारी बच्चियां कहा है आप क्या कर रहे हो उन्हे ढूंढो। " पुलिस कांस्टेबल उन लोगो को चुप करने में लगे हुए थे लेकिन वो लोग चुप होने की बजाए और हल्ला मचा ने लग जाते है तभी पुलिस स्टेशन के बाहर एक जीप के रुकने की आवाज आती है। बही जीप में से निशांत और टीटू बाहर निकलते है टीटू थाने के अंदर इतनी भीड़ को देख कर " ये क्या हो रहा है सर कही लोगो की बाढ़ तो नही आ गई " निशांत अपने चश्मे को उतार कर हाथो को कमर पर रखते हुए " लगता है आज शामत आने बाली है अपन लोगो की चल अंदर चलते है क्या हो रहा है मुझे तो मामला गंभीर लग रहा है। " इतना कह निशांत और टीटू थाने के अंदर जाते है निशांत उन लोगो को साइड करके अपनी टेबल के पास पहुंच जाता हैं। वो चिल्लाते हुए " क्या हुआ तुम लोग इस तरह इकट्ठा क्यों हुए हो " एक औरत आगे आते हुए " हमारी बेटियो को क्यों नही ढूंढ रहे है आप बता सकते है हैं। " निशांत उन्हे शांत करते हुए " देखिए आप पहले शांत रहीए और हम पूरी कोशिश तो कर रहे है और क्या कर सकते है हम। " वो औरत " आप कुछ भी नही कर रहे है सर आपको कुछ तो करना होगा ऐसा थोड़ी होता है हमारी बेटियां कहा है किसी को पता नही चल रहा है। " निशांत - हम क्या करे जब आपको आपकी बेटीयो का पता ही नही है। की बो कहा जाती है कहा नही। एक आदमी चिल्लाते हुए " अरे ऐसे कैसे बोल रहे हो तुम हम सब ध्यान रखते है लेकिन हम अपनी बेटियो पर रोक टोक तो नही लगा सकते है समझे तुम। " निशांत - अच्छा तो हम भी तो पूरी जान लगा रहे है आपकी लड़कियों को ढूंढने में अगर वो मिल ही नही रही तो क्या कर सकते है। बहा कुछ देर और बाते होती है और थोड़ी ही देर बाद पूरा पुलिस स्टेशन खाली हो जाता है बहा पर आए लोग अपने अपने घरों के लिए निकल जाते है। बही पुलिस वाले भी अपने काम में लग जाते है। और निशांत अपनी फाइल्स खोलने। शाम के समय ........... बही रोज की तरह आर्या और पीहू उन दोनो को उनके घर छोड़ कर अपने अपने घर के लिए निकल जाती है। पीहू हस्ते हुए " मुझे पासवर्ड का पता चल गया यार " आर्या - अच्छी बात है कभी उस लैपटॉप को लेकर भी आना जिससे पता चल सके समझी। " पीहू अपनी शर्ट की कॉलर चढ़ाते हुए " अरे तू फ़िक्र मत कर कल ही उससे लेकर आ जाऊंगी। " आर्या कार को रोकते हुए " चल उतर अब तेरा घर आ गया है। " पीहू गाड़ी से उतरते हुए " जरा ध्यान से जाना ओके पता चले तू ही ना मिले कल मुझे। " आर्या - अरे मुझे गायब करने बाला अभी तक पैदा नही हुआ है यार जा तू आंटी इंतजार कर रही होंगी तेरा जा " पीहू - जा रही हूं यार। पीहू बहा से अपने घर के अंदर चली जाती है बही आर्या भी अपने घर के लिए निकल जाती है। आर्या जैसे ही घर पहुंचती है तो पाती है उसका भाई मोहित एक लड़की के सत्य बैठ कर पढ़ाई कर रहा था बो लड़की मोहित को कुछ क्वेश्चन समझा रही थी जिससे वो उसके थोड़ा करीब थी। उन्हे ऐसे देख कर आर्या जल्दी से उनके पास जाती है। " ये क्या हो रहा है बच्चो वो भी इतना पास होकर। " आर्या की आवाज सुनकर मोहित और वो लड़की चौकते हुए पीछे देखते है। मोहित - दीदी आप कैसे आ गई। आर्या चलते हुए " अपने पैरो से कुत्ते " मोहित अपने लिए कुत्ता सुनकर चिढ़ जाता है बही बो साथ बैठी लड़की को थोड़ी हसी आ जाती है। मोहित - दीदी ........ वो दीदी शब्द पर थोड़ा जोर देता है। " मेरा मतलब आप अचानक ऐसे कैसे आ गई। वो भी दरवाजा बिना खटखटाए। " आर्या - बेवकूफ तुझे कितनी बार समझाऊं मेरे पास एक्स्ट्रा चाबी है। मोहित इतना सुन कर उस लड़की से " चलो प्रिया मुझे सवाल को समझा दो " प्रिया मोहित की बात सुनकर अपना सर हां में हिला कर रफ की तरफ देखती है। तभी आर्या उनके पास आती है और सामने वाले सोफे पर बैठ कर " बच्चो काफी टाइम हो गया है और ज्यादा रात के समय भार नहीं जाते है तो प्रिया इसे सवाल कल समझाना ओके तुम अपने घर जाओ " और फिर मोहित की तरफ देख कर " इसे इसके घर छोड़कर आना समझे आज कल का माहोल ठीक नही चल रहा है समझे। " " अरे आज कल के बच्चे माता रानी के दरबार ना जाकर पार्टी बगेहरा जाते है तो यही होगा ना। " इस आवाज को सुनकर सभी लोग दरवाजे की तरफ देखते है तो पाते है एक औरत जिसने एक सिल्की कॉटन की शादी पहनी हुई थी। वो भी बिलकुल सिम्पल माथे पर छोटी से थोड़ी बड़ी बिंदी हाथ में पूजा की थाली मांग में कोई सिंदूर नही हाथो में भी सिर्फ एक एक चूड़ी ही थी। उस औरत को देख कर प्रिया के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। " ताई जी आप अब आई है क्या घर से। " वो औरत घर के अंदर आते हुए " हां प्रिया बेटा क्या करू आज गीत कुछ ज्यादा ही गा लिए थे। इस लिए इतना लेट हो गए थे। वैसे बेटा तुम्हारी मम्मी तुम्हारा इंतजार कर रही है। " फिर मोहित की तरफ देख कर " ऐसा कर तू इसे घर छोड़ आ जा " आर्या - आ गई क्या मम्मी आप बो भी इतना लेट आपको कितनी बार मना किया है आराम कीजिए पर आप है की घर में टिकती ही नही है। आर्या बिना चुप हुए कुछ ना कुछ बोले ही जा रही थी जिससे उसकी मम्मी जल्दी से उसके पास आती है और थाली में रखा प्रसाद का लड्डू उसके मुंह में ठूंस देती है जिससे आर्या का मुंह बंद हो जाता है। मिलते है अगले पार्ट में ........
आर्या - आ गई क्या मम्मी आप बो भी इतना लेट आपको कितनी बार मना किया है आराम कीजिए पर आप है की घर में टिकती ही नही है। आर्या के ज्यादा बोलने से उसकी मम्मी उसके पास आती है और उसके मुंह में एक लड्डू ठूंस देती है। जिससे उसका मुंह बंद हो जाता है और उसे बो चबाने लगती है। साधना जो आर्या की मम्मी है। " कितना बोलती है तू कम बोला कर किसी दिन कोई तेरी बाते सुनकर ही न मर जाए। " आर्या लड्डू को निगलते हुए " क्या मम्मी आप भी आपको पता है ना मुझे मीठा ज्यादा पसंद नही है इससे मोटे होते है यार कैलोरी बढ़ती है। " साधना - मीठा खाने से ना इंसान मीठा बोलता है समझी। इतना कह कर साधना पूजा की थाली को एक जगह रख कर किचन की तरफ चली जाती है और खाना बनाने लग जाती है। बही मोहित और प्रिया अभी भी यही थे वो आर्या पर हस रहे थे जिससे आर्या चिढ़ते हुए सोफे पर से खड़ी होती है और उनकी तरफ बढ़ती है। आर्या को अपने पास आता देख वो दोनो जल्दी से खड़े होते है और घर से बाहर की तरफ भागने लग जाते है। उनको भागता देख आर्या रुख जाती है और फिर पलट कर अपने रूम की तरफ जाते हुए " मम्मी कुछ चटपटा सा बनाना आप मेरे लिए ओके " साधना - जा पहले कपड़े चेंज करले बनाती हूं तेरे लिए। निशांत के घर पर........... घर के सामने जीप आकर रुकती है और उसमे से निशांत निकलता हैं। उसके उतरते ही वो जीप बहा से चली जाती है। बही निशांत अपने घर के पास देखता है तो पाता है उसके घर पर पहले से ही एक कार खड़ी हुई थी। जिसे देख कर निशांत सोचते हुए " ये गाड़ी किसकी आ गई यार यहां घर पर " फिर घर के अंदर चलते हुए " अब तो घर के अंदर जाकर ही पता चलेगा। " निशांत मेन गेट के पास जाकर बेल को बजाता है। उसने एक दो बार ही बजाई होगी तभी गेट खुल जाता है। गेट को इतनी जल्दी खुलते देख निशांत चौकते हुए सामने की तरफ देखते है जहा उसकी मम्मी अपने चेहरे पर मुस्कान लिए ही खड़ी थी उन्हे देख कर निशांत अपने मन में " लगता है डाल में कुछ काला है। " " अरे बेटा बाहर क्यों खड़े हो अंदर आओ ना " निशांत - मुझे ऐसा क्यों लग रहा है आप मेरे ही इंतजार में खड़ी हो मम्मी। ? निधि मुस्कुराते हुए " अरे बेटा बाद की बाते बाद में कर लेंगे अंदर चलो ना " इतना कह कर निधि साइड में हो जाती है। और निशांत को अंदर आने का इशारा करती है। निशांत जैसे ही अंदर जाता है। और अंदर का माहोल देखता है तो वो जल्दी से अपने पांव पीछे लेने लगता है। उसको पीछे जाता देख निधि उसे आंख दिखाते हुए उसका हाथ पकड़ लेती है और अपनी गर्दन को हां में हिलाने लगती है। लेकिन निशांत ना में। निधि अपने दांतो को चबाते हुए " बेटा ये तो तुझे करना होगा काफी टाइम हो गया है तुम्हें और मौका भी दिया था लेकिन तुम ना जाने कहा रहते है उस मौके का फायदा भी नही उठाया। " निशांत थोड़ा धीरे बोलते हुए " मम्मी यार मुझे नही करना कुछ टाइम और दे दो ना आप " निधि -नही बिलकुल भी नहीं तुम्हारे पापा बहुत गुस्सा है अगर तुमने अबकी बार मना किया तो समझो तुम गए काम से बेटा। निशांत अपनी मम्मी की बात सुनकर डर जाता है। " क्या हो रहा है बहा पर अब अंदर भी आ जाओ " ये आवाज सुनकर तो अब दोनो मां बेटे डर जाते है और जल्दी से अंदर चले जाते है। वो आवाज किसी और की नही निशांत के पापा वेदांत की थी। अंदर एक औरत और एक आदमी बैठा हुआ था साथ ही एक प्यारी सी लड़की जो दिखने में काफी सुंदर और सुसील लड़की बैठी हुई थी। निधि और निशांत जाकर एक खाली पड़े सोफे पर बैठ जाते है बही वेदांत भी उन्ही के पास बैठा हुआ था। वेदांत - देखिए ये है हमारा बेटा निशांत एक पुलिस अधिकारी है। वेदांत की बात सुनकर बहा बैठा आदमी " हमे तो लड़का पसंद है भाई साहब। आपके लड़के को पूछ लो हमारी लड़की आपके बेटे को पसंद है की नही। " वेदांत निशांत की तरफ देखता है तो पाता है निशांत ने अपना सर नीचे किए हुआ था। " निशांत तुम अंजली को अपने साथ लेकर जाओ और उससे कुछ अकेले में बात कर लो " निशांत वेदांत की बात सुनकर पहले तो अपने पापा की तरफ देखता है फिर अपनी मम्मी की तरफ जो उसे आंखो ही आंखों से कह रही थी। " प्लीज बेटा इस बार कोई गलती मत करना जिससे हम दोनो को सुनना पड़े " निशांत अपनी मम्मी की बात समझ जाता है। जिससे वो उन्हे आंखो से शांत कर देता है। और सोफे पर से खड़ा होते हुए अंजली से कहता है। " चलिए ..... अंजली सोफे पर से खड़ी होती है और निशांत के साथ घर के बाहर बने छोटे से गार्डन में चली जाती है। गार्डन छोटा था लेकिन दिखने में काफी सुंदर था बहा पर लाइट लगी हुई थी जिससे अंधेरे में भी उजाला हो रहा था। निशांत और अंजली जाकर उस गार्डन में लगे झूले पर बैठ जाते है। अभी दोनो के बीच शांति पसरी हुई थी तभी अंजली बोलते हुए। " में आपसे रिश्ता नही जोड़ना चाहती हूं। " अंजली के ऐसे सीधा बोलने से निशांत शोक हो जाता है और आंखे फाड़े उसे देखने लगता है क्योंकि अभी तक ऐसी कोई लड़की नही थी जिसने आगे से निशांत के साथ शादी करने से मना किया था। हर बार बही लड़कियों को कोई ना कोई बहाने बना कर रिजेक्ट कर देता था। हां दो बार जरूर उसको किसी ने रिजेक्ट किया था और वो कोई और नही पीहू और आर्या ही थी लेकिन अब एक और हो गई। निशांत उसकी तरफ देखते हुए " पर आप मुझसे शादी क्यों नही करना चाहती है में हेंडसम हूं नौकरी है और आज कल चाहिए ही क्या। " अंजली थोड़ा मुस्कुराते हुए " में किसी और से प्यार करती हूं तो मुझे आपके हैंडसम और आपकी नौकरी से कोई फर्क नही पड़ता है। " निशांत थोड़ा चिढ़ते हुए " जब शादी ही नही करनी तो फिर यहां आई ही क्यों हो मेरी बैज्जती करने क्या " अंजली जल्दी से अपना सर ना में हिलाते हुए " नही नही ऐसा नहीं है। लेकिन में ये शादी नही करना चाहती हूं " निशांत झूले से उतरते हुए " तो ये बात मुझसे क्यों कह रही हो अपने मम्मी पापा से कहो ना शादी नही करनी शादी नही करनी अरे मुझे कोन सी तुमसे करनी है। " निशांत अंजली की बात सुनकर थोड़ा गुस्सा हो जाता है। अंजली भी झूले से उतर जाती है और उसे समझाते हुए। " देखो में मना नही कर सकती हूं इसलिए क्यों ना तुम मना कर दो हमारे रिश्ते के लिए प्लीज " अंजली थोड़ा रिक्वेस्ट करते हुए कहती है जिससे एक बार निशांत हां कहने को होता है लेकिन अपने पापा को याद करके वो जल्दी से " नही में तो नही कहने बाला में तो हां ही कहूंगा अब तुम्हारी मर्जी तुम्हे क्या कहना। " इतना कह कर निशांत घर के अंदर चला जाता है। और जाकर सीधा अपने पापा से कह देता है। " पापा मुझे लड़की पसंद है। और आप देख लीजिए " इतना कह कर निशांत अपने कमरे में चला जाता है बही उसे जाता देख निधि एक गहरी सांस लेते हुए अपने मन में " अच्छा किया हां बोल कर बेटा तूने " बही अंजली अपने चेहरे पर झूंठी मुस्कान लिए घर के अंदर आती है। उसे देख कर वेदांत " बेटा तुम्हे पसंद हैं ना लड़का। बताओ " अंजली कुछ ना कह कर सिर्फ अपना सर हां में हिला देती है जिसे देख कर सबके चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है। वेदांत हस्ते हुए " तो भाई साहब सगाई कब की जाए आप लोग बता दो। " वो आदमी " में पंडित जी से पूछ कर आप लोगो को बता दूंगा। ठीक है। " निधि - ठीक है भाई साहब। अंजली की मम्मी हाथ जोड़ते हुए " ठीक है बहनजी तो हम चलते है घर काफी टाइम हो गया है। " मिलते है अगले पार्ट में,।।।।।।।।। अगर स्टोरी पसंद आ रही है तो कमेंट करे और फॉलो करना भी ना भूले प्लीज ........