कुछ किस्मतें भागकर भी बच नहीं पातीं। आरैना इसे सिर्फ़ एक डरावना सपना समझती थी—जंगल, खून से रंगा चाँद, और एक अनजान आवाज़ जो उसे उसके पुराने नाम से पुकारती थी। लेकिन सच उससे कहीं ज्यादा गहरा था। वह दो दुनिया के बीच फँसी एक आत्मा थी—एक इंसान के रूप में... कुछ किस्मतें भागकर भी बच नहीं पातीं। आरैना इसे सिर्फ़ एक डरावना सपना समझती थी—जंगल, खून से रंगा चाँद, और एक अनजान आवाज़ जो उसे उसके पुराने नाम से पुकारती थी। लेकिन सच उससे कहीं ज्यादा गहरा था। वह दो दुनिया के बीच फँसी एक आत्मा थी—एक इंसान के रूप में जन्मी, लेकिन चाँद की चुनी हुई रक्षक। जब उसका रास्ता रहस्यमय और खतरनाक रेहान से टकरा, उसकी जिंदगी अचानक बदल गई। उसके अंदर सोई हुई शक्तियाँ जागने लगीं, और अतीत की यादें धीरे-धीरे लौटने लगीं। उसे पता चला कि सदियों पहले किसी ने उससे प्यार किया था… और उसे खोकर शाप बन गया था। अब रिवान, पहला शापित, उसे वापस पाना चाहता है। और एक काला अस्तित्व—Morvian—चाहता है कि वह फिर से मरे। ये सिर्फ़ प्यार की कहानी नहीं। ये पुनर्जन्म, शक्ति, और नियति के खिलाफ़ लड़ाई है।
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Deheradun....
देहरादून के बाहर, पहाड़ों की गहराई में एक घाटी थी — ब्लैकवुड वैली।
लोग कहते थे, वहाँ पेड़ों के बीच ऐसी ठंडक रहती है जो हड्डियों में उतर जाती है।
कुछ कहते थे, वो जगह खूबसूरत है… तो कुछ कहते थे, वो जगह श्रापित है।
कहते हैं, वहाँ की मिट्टी में चाँदनी बसती है — और जहाँ चाँदनी बस जाए, वहाँ साये भी ज़िंदा हो जाते हैं।
उसी ब्लैकवुड वैली में उस रात एक लड़की पहुँची थी — आरैना मेहरा।
अठारह साल की, मासूम पर हिम्मती।
नैनीताल की रहने वाली, देहरादून आई थी फोटोग्राफी कॉलेज में दाख़िला लेने।
लोग कहते थे कि ब्लैकवुड फॉरेस्ट के पास मत जाना — वहाँ रातों में कुछ दिखता है, जो इंसान नहीं होता।
पर आरैना को डर नहीं था, उसे तो बस एक परफेक्ट फोटो चाहिए थी।
उसने कैमरा ट्राइपॉड पर रखा, आसमान देखा — बादल धीरे-धीरे हट रहे थे और चाँद पूरा निकलने ही वाला था।
हवा में ठंडक थी, और कोहरे की हल्की परत ज़मीन पर फैलने लगी थी।
“बस एक अच्छी शॉट मिल जाए…” उसने खुद से कहा।
उसकी उंगलियाँ ठंडी थीं, पर दिल में एक अनजानी बेचैनी थी।
रात के ग्यारह बजे थे।
जंगल शांत था, इतना कि अपनी साँसें सुनाई दे रही थीं।
तभी अचानक, जैसे किसी ने जंगल का स्विच ऑफ कर दिया —
हवा थम गई, पत्ते रुक गए, और झींगुरों की आवाज़ गायब हो गई।
आरैना ने कैमरे के लेंस से देखा —
पेड़ों के बीच कुछ हल्का-सा हिलता दिखा, जैसे कोई साया।
वो झिझकी, फिर बोली, “कोई है वहाँ?”
कोई जवाब नहीं आया।
उसने टॉर्च ऑन की, रोशनी फैलाई — कुछ नहीं।
“शायद कोई जानवर…” उसने खुद से कहा।
लेकिन तभी उसके कैमरे की स्क्रीन झिलमिलाई —
और कुछ तेज़ी से लेंस के सामने से गुज़रा।
इतना तेज़ कि उसकी आँखें झपकना भूल गईं।
वो पलटी, दिल तेज़ धड़कने लगा।
“कौन है?” उसने पुकारा।
और तभी, हवा में एक गहरी, भारी आवाज़ गूँजी —
“तुम्हें यहाँ नहीं आना चाहिए था।”
आरैना की साँसें अटक गईं।
आवाज़ पास से आई थी।
उसने टॉर्च उस दिशा में घुमाई, और…
वहाँ, धुंध के बीच एक आदमी खड़ा था।
ऊँचा, चौड़े कंधे, काले कपड़े, और आँखें —
ऐसी सुनहरी जैसे किसी जानवर की हों, या शायद चाँद की परछाई।
वो कुछ नहीं बोला, बस आरैना को देखता रहा।
उसके चेहरे पर अजीब सी उदासी थी —
जैसे वो बहुत कुछ कह सकता हो, पर कुछ कहना नहीं चाहता।
“आप… कौन हैं?” आरैना ने हिम्मत जुटाकर पूछा।
वो कुछ पल चुप रहा, फिर कहा —
“जो इस जंगल में आता है, वो लौटकर नहीं जाता।”
“मुझे बस फोटो लेनी थी,” उसने कहा,
“मैं फोटोग्राफर हूँ, मैं यहाँ कॉलेज के लिए आई हूँ।”
उसने धीमे कदम बढ़ाए —
हर कदम पर पत्ते ऐसे दबते जैसे किसी अदृश्य शक्ति का भार हो।
“फोटो?” उसकी आवाज़ गहरी थी, “कभी-कभी तस्वीरें वो दिखा देती हैं, जो इंसान को नहीं देखना चाहिए।”
आरैना का डर अब जिज्ञासा में बदल गया।
“आप डराते क्यों हैं?”
वो हल्का मुस्कुराया, पर उस मुस्कान में दर्द था।
“डरना ज़रूरी है। डर तुम्हें ज़िंदा रखता है।”
चाँद अब पूरा निकल चुका था।
चाँदनी की रोशनी में उसका चेहरा साफ़ दिखा —
तेज़ नक्श, आँखों के नीचे हल्के घाव, और एक दाग़ जो गर्दन तक जाता था।
पर सबसे अलग था उसकी आँखों में छिपा सन्नाटा —
जैसे सदियों की थकान।
आरैना को लगा, वो जाना-पहचाना है।
पर कहाँ देखा था? याद नहीं आया।
“आप यहाँ रहते हैं?” उसने पूछा।
वो हंसा, लेकिन बिना खुशी के।
“मैं यहाँ नहीं रहता… मैं यहाँ से बँधा हुआ हूँ।”
“मतलब?”
वो कुछ कहता, इससे पहले झाड़ियों से एक ठंडी हवा का झोंका आया।
चाँद के नीचे उसकी आँखें एक पल के लिए लाल चमकीं —
जैसे उसके अंदर कोई दूसरा चेहरा हो।
आरैना पीछे हटी।
“आपकी… आँखें?”
उसने सिर झुका लिया।
“तुमने नहीं देखना चाहिए था।”
“क्यों?”
“क्योंकि मैं इंसान नहीं हूँ।”
वो एक कदम और पीछे गई।
उसने कुछ कहने के लिए मुँह खोला, पर आवाज़ नहीं निकली।
“झूठ…” उसने फुसफुसाया।
वो पास आया।
“झूठ वो होता है जो किसी को बचा ले, सच्चाई हमेशा जलाती है।”
उसके इतने करीब आने से आरैना को उसकी साँसों की गर्माहट महसूस हुई।
“तुम कौन हो?” उसने आख़िरी बार पूछा।
वो बोला —
“नाम जानकर क्या करोगी? लोग मुझे ‘रेहान’ कहते हैं… पर असल में मैं वो हूँ जिसे चाँद ने श्राप दिया।”
“श्राप?”
“हाँ। चाँदनी रात में मैं वो बन जाता हूँ जिससे दुनिया डरती है… एक भेड़िया।”
आरैना का दिल तेजी से धड़कने लगा।
“आप… मज़ाक कर रहे हैं।”
वो झुका, उसकी आँखों में देखा, और धीमे से बोला —
“काश, मैं कर रहा होता।”
एक पल के लिए हवा थम गई।
चाँद की किरणें उसके चेहरे पर पड़ीं — और उसकी परछाई ज़मीन पर बदलने लगी।
हड्डियाँ खिंचने की आवाज़, और उसकी आँखें अब पूरी तरह सुनहरी हो गईं।
आरैना चीखने ही वाली थी कि उसने उसकी ओर हाथ बढ़ाया —
“भागो मत। मैं तुम्हें नुकसान नहीं पहुँचाऊँगा।”
वो बस देखती रही — उसकी आँखों में डर था, पर अजीब बात ये थी कि दिल में कहीं एक भरोसा भी।
“क्यों… क्यों मुझसे मिलवाया इस जंगल ने?” उसने खुद से कहा।
रेहान ने एक पल उसकी तरफ देखा, जैसे कुछ याद कर रहा हो।
“क्योंकि किस्मत दोबारा खेल रही है…”
“मतलब?”
“कुछ अधूरे वादे फिर पूरे होने वाले हैं।”
हवा फिर चलने लगी।
पेड़ हिलने लगे।
रेहान पलटा और कहा —
“आज की रात भूल जाओ, आरैना। अगली बार चाँद पूरा हुआ तो… तुम खुद को पहचान नहीं पाओगी।”
“आपको मेरा नाम कैसे पता?”
वो रुका, हल्का मुस्कुराया —
“क्योंकि ये पहली बार नहीं है जब हम मिले हैं।”
आरैना के कदम वहीं जम गए।
उससे पहले कि वो कुछ पूछती, कोहरा घना हो गया —
और रेहान गायब था।
सिर्फ़ उसकी खुशबू बाकी थी — मिट्टी, बारिश और रहस्य की।
आरैना ने काँपते हुए कैमरा उठाया।
स्क्रीन ऑन की — और जो देखा, उसकी रगें जम गईं।
तस्वीर में वो खुद खड़ी थी…
और उसके पीछे रेहान की परछाई, साफ़ दिखाई दे रही थी —
जबकि वो तो गायब हो चुका था।
उसने कैमरा बंद किया, सांसें तेज़ थीं।
लेकिन अजीब बात ये थी — अब वो डर नहीं रही थी।
बस एक अजीब जुड़ाव महसूस हो रहा था…
जैसे उसकी जिंदगी का कोई अधूरा हिस्सा अचानक लौट आया हो।
उसने आसमान की ओर देखा।
चाँद पूरा था — और लगा जैसे वो मुस्कुरा रहा हो।
आरैना के होंठों से धीरे निकला —
“वो कौन था… और क्यों लगा जैसे वो मुझे पहले से जानता हो?”
और कहीं दूर, उसी जंगल के साए में, रेहान खड़ा था —
आँखें आसमान पर टिकाए हुए।
उसके होंठों पर बस इतना फुसफुसाया —
“क्योंकि तुम ही वो हो… जिसे चाँद ने मेरे लिए चुना है।”
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देहरादून...
पिछले अध्याय में आपने देखा कि ब्लैकवुड वैली में आरैना मेहरा नाम की एक युवा लड़की रात में एक तस्वीर लेने गई। वहाँ उसकी मुलाकात रेहान से हुई, जो एक रहस्यमय व्यक्ति था और जो खुद को चाँद का श्रापित बताता था। रेहान ने चेतावनी दी कि उसे वहाँ नहीं आना चाहिए था। उनकी बातचीत में, आरैना को पता चला कि रेहान एक भेड़िया है जो पूर्णिमा की रात को बदल जाता है। आरैना को यह जानकर डर लगा, लेकिन रेहान ने उसे भागने से रोका। अंत में, रेहान गायब हो गया, लेकिन आरैना को उसकी परछाई वाली एक तस्वीर मिली, और उसे लगा कि वह पहले से ही उसे जानता है।
अब आगे ....
आरैना नैनीताल की रहने वाली थी — झीलों के शहर की शांति में पली-बढ़ी। लेकिन जब उसे “मॉर्निंग डेल यूनिवर्सिटी” में एडमिशन मिला, तो उसे देहरादून आना पड़ा।
नए शहर, नए चेहरे — और उस अनजान सी बेचैनी के साथ, जो पिछले कुछ महीनों से उसके अंदर पल रही थी।
उसे बचपन से ही एक ही सपना आता था —
वो किसी घने जंगल में भाग रही है, चाँद उसके ऊपर टंगा है, और कोई उसे नाम लेकर पुकार रहा है... “आरैना…”
हर बार वो जाग जाती, दिल धड़कता रहता। उसे नहीं पता था कि वो सपना था या कोई याद।
पहली रात देहरादून में भी वैसी ही थी — ठंडी हवा, खिड़की से आती चाँदनी और वही पुकार।
सुबह जब उसने खुद को आईने में देखा, तो आँखों में अजीब चमक थी — जैसे किसी ने उसके भीतर कोई निशान छोड़ दिया हो।
“शायद थकान है,” उसने खुद से कहा, पर मन नहीं माना।
कॉलेज का पहला दिन था। मॉर्निंग डेल यूनिवर्सिटी की इमारतें पुराने राजमहल जैसी लगती थीं, और उसके पीछे फैला ब्लैकवुड फ़ॉरेस्ट — इतना शांत कि जैसे किसी रहस्य को छुपाए बैठा हो।
“बस अब सब नॉर्मल रहेगा,” आरैना ने खुद से कहा और क्लास की ओर बढ़ गई।
लेकिन किस्मत को नॉर्मल चीज़ें पसंद नहीं होतीं।
लाइब्रेरी के बाहर भीड़ थी। सब किसी नए लड़के की बातें कर रहे थे।
“वो देखा? नया ट्रांसफर स्टूडेंट।”
“सुना है कोई बहुत rich family से है…”
आरैना ने बस यूँ ही नज़र उठाई — और उसकी साँस थम गई।
वो वही था। वही चेहरा, वही आँखें।
वही जो उसके सपनों में आता था — वही जो जंगल में मिला था।
रेहान।
वो काले टी-शर्ट और ग्रे जैकेट में था, उसकी चाल में एक अजीब सी ठहराव थी, जैसे वो किसी और वक़्त से आया हो।
एक पल को उसकी नज़र आरैना से मिली — और हवा जैसे रुक गई।
आरैना ने जल्दी से मुँह फेर लिया, पर दिल की धड़कन बेकाबू हो गई।
“हाय, तुम नई हो न?”
आवाज़ पीछे से आई।
वो थी माया, उसकी रूममेट और जल्दी दोस्त बनने वाली लड़की।
“हाँ, आरैना। नैनीताल से आई हूँ,” आरैना ने मुस्कराकर कहा।
“नैनीताल? वाह! झीलों का शहर! मैं तो हमेशा वहाँ घूमने जाना चाहती हूँ,” माया बोली।
दोनों के बीच हल्की सी हँसी छिड़ी, तभी रेहान फिर सामने से गुज़रा।
माया ने भी देखा और धीरे से बोली —
“वो रेहान है। कोई नहीं जानता कि कहाँ से आया है। चाँद वाली रातों में गायब हो जाता है…”
आरैना चौंक गई। “गायब?”
“हाँ,” माया ने कहा, “कहते हैं वो ब्लैकवुड फ़ॉरेस्ट में जाता है। पर कोई हिम्मत नहीं करता पीछे जाने की।”
आरैना ने खिड़की से बाहर जंगल की ओर देखा — वही पेड़, वही रास्ता…
वो जगह उसे बहुत जानी-पहचानी लगी।
क्योंकि वो जगह उसके सपनों में थी।
शाम को हॉस्टल लौटते वक्त मौसम अचानक बदल गया।
आसमान पर बादल छा गए, हवा में ठंडक बढ़ गई।
आरैना ने छाता निकाला ही था कि उसके पीछे से वही भारी, धीमी आवाज़ आई —
“तुम डरती क्यों हो मुझसे?”
वो पलटी।
रेहान वहाँ खड़ा था — बारिश की बूँदें उसके बालों से फिसलती हुई, आँखों में वही गहराई।
“कल रात जो हुआ, वो मैं समझा नहीं सकता,” उसने कहा, “पर मैं तुम्हें कोई नुकसान नहीं पहुँचाऊँगा।”
आरैना की आवाज़ काँप गई — “तुम कौन हो?”
रेहान ने बस हल्की मुस्कान दी — “अगर बताऊँ, तो शायद तुम फिर डर जाओगी।”
“डर तो पहले ही लग चुका है,” आरैना बोली।
वो एक पल के लिए उसके और क़रीब आया।
“कभी-कभी सच छिपाया नहीं जाता… बस सही वक़्त आने तक रोका जाता है।”
और इतना कहकर वो मुड़ा और जंगल की तरफ चला गया — ब्लैकवुड फ़ॉरेस्ट की ओर।
उस रात आरैना खिड़की के पास बैठी थी। माया कमरे में आई तो बोली —
“अब भी नहीं सोई? सुबह जल्दी क्लास है।”
“नींद नहीं आ रही…”
“किस सोच में हो?”
आरैना ने बस मुस्कराकर कहा, “कुछ नहीं।”
लेकिन उसकी आँखें झूठ बोल रही थीं।
खिड़की के बाहर पेड़ झूम रहे थे, और चाँद बादलों के बीच से झाँक रहा था।
उसे लगा किसी ने फिर उसे देखा —
जंगल की दिशा से, वही सुनहरी आँखें, वही परछाई।
अगली सुबह कॉलेज पहुँची तो सब किसी नए हादसे की बात कर रहे थे।
“ब्लैकवुड फ़ॉरेस्ट के पास किसी पर हमला हुआ…”
“गार्ड घायल मिला है…”
“कह रहे हैं कोई बड़ा जानवर था।”
आरैना के हाथ से किताब गिर गई।
माया ने उसका चेहरा देखा — “क्या हुआ?”
“कुछ नहीं…” आरैना ने कहा, लेकिन दिल में डर की जगह अब एक खिंचाव था —
जैसे वो उस रहस्य का हिस्सा बन चुकी हो।
शाम को जब वो अकेली कॉलेज के पीछे वाले रास्ते से निकल रही थी,
कहीं दूर से फिर वही आवाज़ आई —
“आरैना…”
वो पलटी — रेहान वहाँ था।
“तुम्हें ब्लैकवुड के पास नहीं जाना चाहिए,” उसने कहा।
“क्यों?”
“क्योंकि वहाँ जो है… वो अब जागने लगा है।”
उसने उसकी कलाई पकड़ी — और उस छुअन से आरैना की साँसें अटक गईं।
दिल की धड़कनें तेज़ थीं, लेकिन अब उसे डर नहीं लग रहा था।
“तुम कुछ छिपा रहे हो…”
रेहान की आँखों में चाँद की झिलमिलाहट उतर आई —
“और तुम वो राज़ हो, जिससे मैं बच नहीं सकता।”
वो पल जैसे समय में ठहर गया।
अब आरैना जान चुकी थी कि ये मुलाक़ातें इत्तेफ़ाक़ नहीं हैं —
कुछ ऐसा है जो उन्हें जोड़ता है… किसी पुराने श्राप की तरह।
और चाँद के नीचे — दोनों की तकदीरें अब एक धागे से बँध चुकी थीं।
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To bi continue ✍️......
रात के दो बज रहे थे। हॉस्टल के कमरे में हर चीज़ चुप थी, लेकिन आरैना की आँखों में नींद कोसों दूर थी।
कितनी भी कोशिश करती, उसके दिमाग में सिर्फ एक ही सवाल घूम रहा था —
रेहान कौन है? और मेरे सपने सच क्यों हो रहे हैं?
बार-बार खिड़की से बाहर झांकती। हवा पेड़ों के बीच अजीब तरह से घूम रही थी, जैसे कोई अदृश्य चीज़ चल रही हो।
माया गहरी नींद में थी, पर आरैना का दिल बेचैन था।
उसे दिल में हल्का सा डर भी था…
पर उससे ज़्यादा खिंचाव। कोई ताकत उसे खींच रही थी, जंगल की ओर।
“शायद मैं पागल हो रही हूँ…” उसने खुद से कहा।
लेकिन अंदर से आवाज़ आई — नहीं, यह कुछ बड़ा है।
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सुबह क्लास में पहुँची तो हर कोई उसी रात की बात कर रहा था।
“गार्ड ने कहा वो कोई जंगली भेड़िया था।”
“पर इतनी बड़ी चोट? भेड़िया नहीं हो सकता।”
“कुछ तो बहुत गलत है।”
आरैना चुपचाप सुन रही थी। तभी प्रोफेसर हॉल में आए और बोले —
“ब्लैकवुड फ़ॉरेस्ट के पास जाने पर फिलहाल रोक है। कल रात एक अजीब घटना हुई है।”
आरैना ने तुरंत रेहान की तरफ देखा, जो पीछे शांत बैठा था, जैसे उसे सब पहले से पता हो।
उसकी नज़र एक पल के लिए आरैना से मिली, और उसके चेहरे पर एक अजीब गंभीरता थी।
क्लास खत्म होने पर रेहान उठकर बाहर जाने लगा।
आरैना के कदम खुद-ब-खुद उसके पीछे चल पड़े।
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“रेहान!” उसने आवाज़ दी।
रेहान रुका, मगर मुँह फेरकर बोला —
“तुम्हें मेरी बात माननी चाहिए थी। जंगल से दूर रहो।”
“तुम हर बार अजीब बातें करते हो। अगर कुछ जानता हो, बता दो,”
आरैना ने मजबूती से कहा।
रेहान एक पल चुप रहा। हवा जैसे भारी हो गई।
“कुछ बातें… जितनी देर छुपी रहें, उतना बेहतर,” उसने धीमी आवाज़ में कहा।
“तो फिर मुझे क्यों खींचती है वो जगह?”
“मेरे सपने… मेरे मन में ये बेचैनी क्यों?”
रेहान ने गहरी साँस ली।
“क्योंकि तुम्हारा इस सब से रिश्ता है। तुम्हें याद नहीं, लेकिन तुम्हारी कहानी इस जंगल से जुड़ी है।”
आरैना के पैरों तले ज़मीन जैसे खिसक गई।
“क्या मतलब?”
रेहान कुछ कहने ही वाला था कि अचानक किसी ने आवाज़ लगाई —
“Excuse me! You’re Arenaa, right?”
आरैना पलटी। एक लड़की खड़ी थी, गोरे चेहरे पर कोमल मुस्कान, भूरे बाल और हाथ में sketchbook।
“Hi, मैं रिया हूँ। Fine Arts Department से।”
रिया बोली,
“मैंने सुना तुमने जंगल के पास कुछ देखा था। मैं nature sketches बनाती हूँ, कभी साथ चलेंगे न?”
आरैना कुछ बोलती उससे पहले ही रेहान ने कठोर आवाज़ में कहा —
“नहीं। जंगल कोई घूमने की जगह नहीं है।”
रिया थोड़ी हैरान हुई, फिर बोली,
“Okay… chill! पूछने में क्या बुरा था।”
वो मुस्कुराकर चली गई।
आरैना का ध्यान फिर रेहान पर गया —
“तुम इतने protective क्यों हो? हम जानते भी नहीं एक-दूसरे को।”
रेहान की आँखों में एक पल के लिए दर्द चमका।
“काश… तुम ये कह सकती रहतीं।”
और वो चला गया।
आरैना वहीं खड़ी रह गई।
दिल में एक अनजाना दर्द।
जैसे बहुत पहले भी कुछ छूटा था… और फिर वही खोने का डर लौट आया हो।
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शाम को हॉस्टल में जब माया मेकअप करते हुए फिल्म देख रही थी,
आरैना की नज़र अचानक अपनी कलाई पर पड़ी।
उसे वहाँ बहुत हल्का, चाँद जैसा सफेद निशान दिखा।
वो पहले नहीं था।
जब उसने हाथ फेरा तो निशान हल्की रोशनी सा चमका…
और उसी पल उसके दिमाग में एक तेज़ चमक जैसी आई —
एक पुरानी याद।
जंगल… चाँद… और एक आवाज़ —
“तुम मेरा वचन हो।”
आरैना हड़बड़ा कर पीछे हट गई।
दिल धक्क-धक्क करने लगा।
“ये क्या हो रहा है मेरे साथ…?”
वो घबराकर washroom की ओर दौड़ी और ठंडा पानी छिड़का।
आईने में अपने चेहरे को देखा —
आँखें थकी हुई थीं, पर उनमें एक गहराई, एक बदलाव था…
जो उसे डराने लगा।
---
रात को अचानक हॉस्टल के बाहर शोर मचा।
“किसी ने जंगल के पास कोई अजीब आवाज़ सुनी है!”
“Guard ने बताया कि पेड़ों के बीच से भेड़िया जैसी गर्जना आई।”
माया भागती हुई आई —
“आरैना! चल बाहर देखते हैं!”
आरैना बोलने ही वाली थी कि उसके कानों में फिर वही धीमी, परिचित आवाज़ पड़ी —
“आरैना… बाहर मत आना।”
ये आवाज़ सिर्फ उसे सुनाई दे रही थी।
रेहान की आवाज़।
कुछ उसके अंदर बोला — उसकी बात मानो
लेकिन दिल ने कहा — नहीं, अब सच जानना है।
वो चुपचाप कमरे से निकली और हॉस्टल के पिछले गेट तक पहुँच गई।
वहाँ ठंडी हवा थी, पेड़ हिल रहे थे — और जंगल की ओर से एक हल्की गुर्राहट सुनाई दे रही थी।
अचानक झाड़ियों में हरकत हुई —
और रेहान बाहर आया। लेकिन ये वो रेहान नहीं था जिसे दिन में देखा था।
उसकी आँखें सुनहरी चमक रही थीं।
उसकी साँसें भारी थीं।
और उसके कपड़ों पर मिट्टी और थोड़े खून के निशान थे।
आरैना डर से पीछे हट गई।
“तुम… तुम इंसान हो भी या नहीं?”
रेहान की आवाज़ भारी, टूटती हुई थी —
“मैं तुमसे दूर रहने की कोशिश करता हूँ… पर तुम मेरी तकदीर हो। और आज चाँद उगा है। मैं खुद को रोक नहीं पा रहा।”
आरैना काँप गई।
“क्या तुम वही थे जिसने गार्ड पर हमला किया?”
रेहान ने सिर झुकाया —
“नहीं। वो मैं नहीं था। लेकिन जो किया, वो मेरे जैसा है।
और वो अब जाग चुका है।”
“कौन?”
रेहान ने उसकी ओर देखा — आँखों में भयानक सच्चाई के साथ।
“वो… जो कभी मेरा अपना था।
वो जो इस श्राप का पहला वाहक है।
और… जो तुम्हें ढूंढ रहा है।”
आरैना की साँसें रुक गईं।
“मुझे क्यों?”
रेहान धीरे से आगे बढ़ा, और फुसफुसाया —
“क्योंकि इस दुनिया में सिर्फ तुम उसके श्राप को तोड़ सकती हो।”
हवा में अक अचानक ठंडक फैल गई।
चाँद बादलों से बाहर आ गया।
घंटी सी आवाज़ कानों में गूंजने लगी।
जंगल की दिशा से एक भयानक गुर्राहट फिर सुनाई दी —
इस बार ज्यादा करीब।
रेहान के चेहरे पर गुस्सा और डर साथ-साथ उभर आया।
“कमरे में वापस जाओ, आरैना।
आज रात… वो तुम्हारे पीछे आएगा।”
आरैना के पैरों में जैसे जान ही नहीं रही।
पर एक सवाल उसके होठों पर आ ही गया —
“और तुम…? तुम क्या करोगे?”
रेहान ने अपनी आँखों में जंगली चमक छुपाते हुए कहा —
“मैं लडूँगा। क्योंकि अगर आज वो तुम्हें पा गया…
तो चाँद हमेशा के लिए खून से रंग जाएगा।”
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To bi continue ✍️.....
पिछले अध्याय में आपने देखा कि आरैना को रात में अजीब सपने आ रहे थे, और उसे रेहान के बारे में जानने की उत्सुकता थी। सुबह, ब्लैकवुड फ़ॉरेस्ट में हुई घटना की खबर फैली और प्रोफेसर ने वहाँ जाने से मना किया। आरैना ने रेहान से बात की, जो उसे जंगल से दूर रहने के लिए कहता है, और खुलासा करता है कि उसका उस जगह से गहरा संबंध है। रिया नाम की लड़की के आने से बातचीत बाधित हो जाती है। आरैना को अपनी कलाई पर एक निशान दिखाई देता है, और उसे एक पुरानी याद आती है — “तुम मेरा वचन हो”। रात में जंगल से अजीब आवाज़ें आती हैं। रेहान एक बदलते रूप में प्रकट होता है, और बताता है कि एक बुराई जाग गई है जो आरैना को ढूंढ रही है, क्योंकि वह ही श्राप को तोड़ सकती है। रेहान उससे कमरे में वापस जाने को कहता है, क्योंकि वह उसके लिए लड़ेगा।
अब आगे
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हवा अचानक बहुत तेज़ चलने लगी। पेड़ ऐसे कांप रहे थे जैसे किसी को खतरे की चेतावनी दे रहे हों।
रेहान की आँखों में सुनहरी चमक और गुस्सा दोनों थे, पर उसके भीतर एक अजीब बेचैनी भी थी—किसी अपने को खोने का डर।
“आरैना, अंदर जाओ,” उसकी आवाज़ टूट रही थी।
लेकिन आरैना वहीं खड़ी रही।
“नहीं। अब मैं भागूँगी नहीं। सच जानना है।”
रेहान ने उसे देखा—गहराई से। ऐसा लग रहा था जैसे आँखों में सदियों पुराना दर्द भरा हो।
“सच हर किसी के लिए नहीं होता। ये तुम्हें तोड़ सकता है।”
“तो टूटने दो,” उसने धीमी आवाज़ में कहा, “इससे बुरा डर और क्या होगा कि मुझे खुद नहीं पता मैं कौन हूँ?”
एक पल को सब शांत हो गया। फिर दूर जंगल की तरफ़ से लंबी, भयानक चीख गूँजी। जैसे कोई दानव जन्म ले रहा हो।
रेहान ने आँखें बंद कीं, ज़मीन को पंजों से दबाया जैसे अपने भीतर के जानवर को रोक रहा हो।
“वो आ गया…”
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आरैना का दिल जोर से धड़क रहा था।
“कौन आ गया?”
रेहान की आवाज़ भारी थी—
“पहला श्रापित… वो, जिसने इस अंधकार की शुरुआत की थी।”
हवा में जगह-जगह सूखी पत्तियाँ उड़ने लगीं। चाँद पूरी तरह लाल नहीं था, पर उसमें हल्का लालपन उभर रहा था।
अचानक रेहान ने आरैना का हाथ पकड़ा और उसे हॉस्टल के पीछे पुराने रास्ते की तरफ खींचा।
“तुम्हें यहाँ रुकना खतरनाक है। जंगल चलो। वहीं सच है।”
“जंगल?”
“हाँ। वहीं सब शुरू हुआ था। और वहीं खत्म होगा।”
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दोनों पत्थरों से भरे पुराने रास्ते पर जा रहे थे। पेड़ों के बीच अँधेरा गहरा होता जा रहा था।
बाहर की आवाज़ें जैसे गायब हो रही थीं—बस पत्तों की सरसराहट और दूर कहीं कोई चीख।
आरैना ने धीरे से पूछा,
“ये श्राप है क्या?”
रेहान कुछ पल चुप रहा, फिर बोला—
“जब चाँद रक्त से रंगा हो और किसी आत्मा की पुकार अधूरी रह जाए… तब जन्म होता है शापित का।”
“किस आत्मा की?”
रेहान ने नज़र हटाई।
“जिससे वो प्यार करता था। और जिसे उसने खो दिया।”
आरैना का दिल बेचैन हो उठा।
“तुम ये ऐसे बता रहे जैसे सब अपने सामने देखा हो…”
रेहान रुका। उसकी आँखों में ऐसा दर्द था जैसे कोई पुराना ज़ख्म जिंदा हो गया हो।
“क्योंकि मैंने देखा है। मैं वहीं था। मैं उसका भाई था।”
आरैना का शरीर सिहर उठा।
“तुम… उसके भाई?”
रेहान ने सिर हिलाया।
“उसका नाम रिवान था। वो जंगल का रक्षक था। एक योद्धा। लेकिन उसे एक इंसान से प्यार हो गया… और वो इंसान उससे कभी नहीं मिली।”
आरैना ने धीरे कहा,
“उसे धोखा मिला?”
“नहीं,” रेहान ने गहरी साँस ली, “उसे मारा गया। उसे उसके सामने छीन लिया गया। और रिवान का दिल… पागल हो गया। उसने चाँद को श्राप दिया और खुद पहला शापित बना।”
आरैना ने धीरे पूछा,
“वो लड़की कौन थी?”
रेहान के कदम रुक गए। उसने धीरे—बहुत धीरे—कहा,
“तुम।”
आरैना सुन्न रह गई।
“म-मतलब… मैं?”
“हाँ। तुम्हारा जन्म अभी हुआ है, पर तुम्हारी आत्मा पुरानी है। तुम वही हो—जिसके लिए वो पागल हुआ। जिसकी मौत ने उसे शापित बना दिया।”
आरैना को लगा सांस रुक गई हो।
उसने आँखें बंद कीं तो एक चमकदार दृश्य सामने आया—एक पुरानी दुनिया… चाँदनी से भरा जंगल… एक योद्धा, जो उसे बाजुओं में लेकर रो रहा है।
“री–वान…” उसने अनजाने में फुसफुसाया।
रेहान ने उसकी तरफ देखा।
“तुम्हें याद आने लगा है।”
आरैना डर से काँप उठी,
“लेकिन मैं कैसे मर—”
उसकी बात पूरी नहीं हुई क्योंकि अचानक झाड़ियों से एक भारी दहाड़ सुनाई दी। धड़कन जैसे रुक गई।
घने अंधेरे से कुछ बाहर आया—आँखें आग जैसी लाल, शरीर इंसान जैसा पर हाथ में नुकीले नाखून, और पूरे शरीर से भेड़िए की गंध।
पहला शापित। रिवान।
वो धीरे-धीरे आगे बढ़ा, उसकी गुर्राहट हवा को चीर रही थी।
“तुम… लौट आई…”
आरैना का पूरा शरीर कांप गया।
उसका दिल दर्द से भरा हुआ था, डर से नहीं—एक अजीब सी पहचान, एक पुराना रिश्ता, जैसे दिल किसी खोए हुए को पहचान रहा हो।
रेहान उसके सामने खड़ा हो गया।
“पीछे रहो। वो अब वही नहीं रहा।”
रिवान ने चीख मारकर कहा—
“दूर हट जाओ रेहान! वो मेरी है!”
रेहान ने दाँत भींचे, आँखें चमकीं।
“तुम उसे फिर कभी नहीं छूओगे।”
रिवान पागलों की तरह हँसा, आवाज़ जंगल में गूँज गई।
“तुम भी मुझे नहीं रोक पाओगे। ये चाँद देखो—ये खून मांगता है!”
वो आरैना की ओर बढ़ा। एक तेज़ हवा चली, पत्ते उड़े, जमीन हिली।
आरैना का दिल धड़कने लगा। उसे लग रहा था जैसे वो गिर जाएगी—पर उसी क्षण उसकी कलाई पर चाँद जैसा निशान चमक उठा।
एक सफ़ेद रोशनी उसके हाथ से फूटी।
रिवान चीख उठा, पीछे हट गया।
रेहान हैरान था।
“तुम्हारी शक्ति… जाग रही है।”
आरैना को खुद कुछ समझ नहीं आ रहा था।
“ये मेरे साथ क्या—”
रेहान ने उसका हाथ पकड़ा।
“तुम सिर्फ इंसान नहीं हो। तुम चाँद की दागदार रक्षक हो। तुम वो हो जो श्राप तोड़ सकती है।”
रिवान गुर्राया,
“और जो मेरी है!”
रेहान दहाड़ा—
“वो तुम्हारी कभी नहीं थी!”
दोनों शापित ताकतों में तनाव भर गया। हवा बिजली जैसी तड़कने लगी।
जंगल चीख रहा था। चाँद खून की तरह चमक रहा था।
आरैना की आँखों में आँसू आ गए।
“रुक जाओ… मैं नहीं चाहती कोई मरे…”
रिवान ने नरम होकर उसकी तरफ देखा—एक पल को वो इंसान जैसा लगा।
“मैं मर नहीं सकता… मैं सिर्फ… वापस पा सकता हूँ।”
रेहान बोला—
“और वो तुम्हारी नहीं है। ये उसकी नई जिंदगी है।”
रिवान की आँखें फिर लाल हो गईं।
“तो फिर ये रात–पिछली चाँदनी की तरह खून से भरेगी!”
वो छलांग मारकर आगे बढ़ा और रेहान भी उसी वेग से उसका सामना करने कूदा।
दोनों भिड़ गए—दहाड़ें, झाड़ियों का टूटना, हवा का चीरना।
आरैना स्तब्ध खड़ी थी।
उसके दिल में डर नहीं—बल्कि एक अजीब सा दर्द था। जैसे दो हिस्सों में बँट रही हो।
वो चीखी—
“बस!!”
और उसके अंदर से तेज़ सफेद चाँदनी निकली जिसने पूरा जंगल रोशन कर दिया।
एक पल को दोनों शापित रुक गए।
आरैना गिरने लगी पर रेहान उसे पकड़ लिया।
“तुम्हारी शक्ति जाग गई है।”
दूर रिवान छाया में खड़ा था—उसकी आँखों में जुनून और लालसा दोनों।
“मैं वापस आऊँगा… चाँद पूरा होते ही।”
वो अंधेरे में गुम हो गया।
आरैना की धड़कन तेज थी।
“रेहान… अब क्या होगा?”
रेहान ने उसकी आँखों में देखा—
“अब सच्ची जंग शुरू होगी। और तुम अकेली नहीं हो।”
चाँद बादलों में छिप गया।
जंगल शांत हो गया।
पर हवा बता रही थी—यह सिर्फ शुरुआत थी।
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पिछले अध्याय में आपने देखा कि आरैना को रेहान ने बताया था कि एक बुराई जाग गई है जो उसे ढूंढ रही है, और उसे कमरे में वापस जाने के लिए कहा।
अचानक हवा तेज हो गई और आरैना ने सच जानने का फैसला किया। रेहान ने बताया कि पहला शापित आ गया है, और आरैना को जंगल ले जाने का फैसला किया। वहाँ रेहान ने खुलासा किया कि वह रिवान का भाई था, और आरैना वही लड़की है जिसे रिवान प्यार करता था और जिसकी मृत्यु ने उसे शापित बना दिया। शापित रिवान प्रकट होता है, आरैना को अपनी बताता है, और रेहान से लड़ता है। आरैना की शक्ति जागती है, और वह उन्हें रोकती है, लेकिन रिवान वादा करता है कि वह वापस आएगा।
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सुबह की ठंडी हवा पेड़ों की पत्तियों को हल्का-हल्का हिला रही थी। हॉस्टल के सामने घास पर ओस अभी भी चमक रही थी, पर आरैना का मन बिल्कुल शांत नहीं था। उसकी रात की यादें साफ़ थीं—रिवान की लाल आँखें, रेहान की दहाड़, और उसके हाथ से निकली चमकती चाँदनी।
वो बिस्तर पर लेटी थी, छत घूरते हुए।
“मैं कौन हूँ? आखिर हूँ क्या?”
फोन बार-बार वाइब्रेट हो रहा था—मेसेज, missed calls—लेकिन उसे किसी से बात करने का मन ही नहीं था।
तभी दरवाज़े पर हल्की दस्तक हुई।
“आरैना…” आवाज़ वही थी जो अब उसे दूर से भी पहचान में आने लगी थी। रेहान।
वो उठकर दरवाज़ा खोलती, इससे पहले ही रेहान खुद अंदर आ गया।
काली टी-शर्ट, गले में चाँदी का पेन्डेंट, चेहरा थका हुआ लेकिन आंखों में वही सुरक्षा, वही बेचैनी।
“तुम ठीक हो?” उसने पूछा।
आरैना ने धीरे सिर हिलाया—“शायद… नहीं।”
आँखों में हल्की नमी थी, पर उसकी आवाज़ में अब डर नहीं, सिर्फ़ उलझन थी।
रेहान ने हाथ बढ़ाया—“चलो। हमें शुरू करना है।”
“कहाँ?”
“फॉरेस्ट। तुम अब नॉर्मल इंसान नहीं हो, आरैना। तुम्हें अपनी शक्ति संभालनी होगी वरना वो तुम्हें निगल लेगी।”
वो थोड़ा डर गई। पर साथ ही curiosity, excitement भी थी।
“तो शुरू करो,” उसने खुद को मजबूत बनाते हुए कहा।
रेहान ने एक पल उसे देखा, आँखों में गर्व सा चमक आया।
“Good. तुम अब भागने वाली लड़की नहीं हो।”
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दोनों जंगल की ओर बढ़ रहे थे। रास्ता शांत था, हवा हल्की-हल्की चल रही थी।
चलते हुए आरैना ने पूछा,
“तुमने कभी सोचा कि ये सब खत्म हो सकता है?”
रेहान हंसा, थोड़ी कड़वाहट के साथ।
“हम श्रापित लोग सपनों की luxury afford नहीं कर सकते।”
“लेकिन… तुम लड़ते हो।”
“क्योंकि किसी को तो लड़ना पड़ेगा। और…”
वो रुका, उसकी तरफ देखा—
“क्योंकि तुम हो।”
दिल एक पल को रुक सा गया। नजरें टकराईं।
आरैना ने जल्दी से नज़रें हटा लीं।
“अच्छा… अब ट्रेनिंग?”
रेहान मुस्कुराया—“हाँ, Miss Moon Warrior.”
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जंगल के बीचों-बीच एक खुली जगह थी जहाँ धूप पेड़ों की टहनियों से छनकर पड़ रही थी।
ज़मीन पर पत्ते फैले थे, और हवा में शांति… लेकिन साथ में एक अनजाना रहस्य भी।
रेहान ने उसके सामने खड़े होकर कहा—
“जो तुम्हारे अंदर है, वो सिर्फ रोशनी नहीं। वो संतुलन है—चाँद की शक्ति और तुम्हारी आत्मा का मिलना।”
आरैना ने भौंह उठाई—“मतलब मैं कोई fairy princess नहीं हूँ?”
रेहान ने हंसते हुए सिर हिलाया—
“ना ही princess, और ना ही helpless human. तुम guardian हो। वो जो श्राप तोड़ सकती है।”
“और मैं कैसे सीखूँगी?”
“अपनी भावनाओं को नियंत्रित करके।”
“मतलब रोना मना है?”
“रोना allowed है,” उसने नरमी से कहा, “भय allowed है। पर surrender नहीं।”
उसने उसकी कलाई पकड़ी।
वही निशान… चाँद जैसा… हल्का चमकने लगा।
“ध्यान करो,” रेहान ने कहा।
“आँखें बंद करो। अपने अंदर झाँको। याद करो… तुम कौन थी। और कौन हो अब।”
आरैना ने आँखें बंद कीं।
पहले सिर्फ़ अंधेरा… फिर धीरे-धीरे आवाज़ें—हवा की, पत्तों की, दूर पानी की।
फिर एक अलग आवाज़… जैसे किसी ने उसे पुराने नाम से पुकारा—
"आरविया…"
उसकी सांस अटक गई।
एक पुरानी याद—सफेद कपड़े, चाँदनी, लकड़ी का पुल, और कोई जो उसे बांहों में थामे हँस रहा है।
उसने हाथ बढ़ाया, और उसी पल उसके हाथ से रोशनी निकली।
तेज़ लेकिन गर्म, जैसे चाँद खुद मुस्कुरा रहा हो।
रेहान चौंक गया—
“तुम इतनी जल्दी जाग गई…”
आरैना की साँसें तेज़ थीं।
“ये… ये मेरा है?”
“हाँ। और ये सिर्फ़ शुरुआत है।”
पर अचानक हवाओं में बदलाव आया।
पेड़ झूमने लगे।
रेहान ने तुरंत उसे पीछे किया।
“कोई आ रहा है।”
झाड़ियों से एक लड़का निकला—19–20 का, थोड़ा रफ लुक, कंधे पर bow लटका, गले में wolf necklace।
चाल में arrogance, पर आँखों में loyalty।
“Rehan!” उसने कहा। “तुम अकेले नहीं कर पाओगे।”
आरैना चौंकी।
रेहान ने सधे हुए स्वर में कहा—“ये आयान है। मेरा दायां हाथ। दूसरा protector.”
आयान ने आरैना को देखा—सिर्फ़ curiosity से, बुरा नहीं।
“तो ये वो है…”
आरैना नाराज़—“वो? मेरी कोई पहचान नहीं?”
आयान मुस्कुराया—“पहचान इतनी बड़ी है कि नाम छोटा पड़ जाए।”
रेहान ने आँखें तरेरीं—
“उससे मज़ाक मत करना। वो नई है।”
आयान ने हाथ उठाया—“ठीक है, ठीक है. I’m friendly.”
आरैना ने धीरे पूछा—
“क्या ये भी… तुम्हारे जैसा?”
रेहान—“नहीं। ये guardian है। पर इंसान। loyal इंसान।”
आयान ने कहा—
“और मैं आया इसलिए हूँ क्योंकि आज रात खतरा है।”
आरैना चौकी—
“रिवान?”
आयान ने सिर हिलाया—
“रिवान से भी ज्यादा खतरनाक। वो जो उसका दिमाग ज़हर बनाता है।”
रेहान की आँखें बदल गईं—गुस्से से भरी।
“Morvian…”
आरैना ने पूछा—“कौन?”
रेहान की आवाज़ ठंडी हो गई—
“वो जिसने रिवान को श्राप दिया। पहला अंधकार। वो जो चाहता है तुम फिर मर जाओ।”
आरैना का दिल डूब गया।
“क्यों?”
“क्योंकि तुम्हारी ज़िंदगी ही उसकी हार है।”
हवा अचानक ठंडी हो गई। पेड़ कांपे।
दूर बहुत गहरी आवाज़ गूँजी—जैसे धरती गरज रही हो।
रेहान उसके पास आया।
“आज रात… तुम मेरे साथ रहोगी।”
आयान बोला—“मैं भी। वो लड़की नहीं—moon-bearer है।”
आरैना चुप।
उसकी हथेली हल्की चमक रही थी।
पर इस बार उसे डर के अलावा एक और एहसास था—जिम्मेदारी।
रेहान ने धीरे कहा—
“तुम इस युद्ध का कारण नहीं हो, आरैना।
तुम इसका अंत हो।”
आरैना ने उसकी आँखों में देखा—
“मैं डरती हूँ। पर मैं भागूंगी नहीं।”
रेहान के चेहरे पर हल्की मुस्कान आई।
“Good. अब तुम सच में जाग रही हो।”
वो कदम पीछे हटने लगा—
“आज शाम तैयार रहना। ट्रायल शुरू होगा।”
आरैना ने गहरी सांस ली।
“और अगर मैं असफल हुई?”
रेहान उसकी ओर झुका।
आवाज़ धीमी, गहरी, almost फुसफुसाहट—
“तो मैं तुम्हें गिरने नहीं दूँगा। ये वादा है।”
एक पल दोनों की नजरें टकराईं। चुप्पी में भी जुड़ाव था।
जैसे किस्मत ने धागा बाँध दिया हो।
आयान ने खाँसा—
“Guys… romance बाद में, apocalypse पहले?”
आरैना और रेहान दोनों थोड़ा झेंपे।
पर दिल में एक अजीब गर्मी थी।
आज रात युद्ध था।
आज रात… उसकी किस्मत का पहला इम्तहान था।
लेकिन इस बार—वह अकेली नहीं थी।
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पिछले अध्याय में आपने देखा कि आरैना ने अपनी शक्तियों को जागृत किया और रिवान से मिली, जो शापित था, और रेहान से लड़ा।
इस अध्याय में, आरैना सुबह उठती है और रेहान उसे जंगल में ले जाता है ताकि वह अपनी शक्तियों का उपयोग करना सीख सके। रेहान खुलासा करता है कि आरैना एक अभिभावक है, जो श्राप को तोड़ सकती है। आरैना अपनी शक्ति को जगाती है, और फिर आयान प्रकट होता है, जो रेहान का सहयोगी है। वे बताते हैं कि एक बड़ा खतरा आ रहा है, मोर्वियन, जो रिवान को शापित करने वाला था और आरैना की जान लेना चाहता है। रेहान वादा करता है कि वह उसे गिरने नहीं देगा, और दोनों आज रात युद्ध के लिए तैयारी करते हैं।
Now Next
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ब्लैकवुड वैली की रातें हमेशा रहस्यमयी रही हैं,
पर उस रात का सन्नाटा कुछ अलग था —
जैसे हवा भी डर से थमी हो।
आरैना खिड़की के पास बैठी थी,
उसकी नज़रें आसमान पर टिक थीं जहाँ चाँद आधा ढका हुआ था।
पिछली रात के बाद से उसके मन में कई सवाल थे,
पर जवाब... कोई नहीं।
वो खुद से बुदबुदाई,
“क्यों मुझे लगता है कि ये सब मैंने पहले जिया है?”
उसके हाथ में वो पुरानी तस्वीर थी —
वही जो उसे कॉलेज की लाइब्रेरी में मिली थी।
तस्वीर में वही घाटी, वही जंगल,
बस फर्क इतना कि उस तस्वीर में एक लड़की खड़ी थी...
जो बिल्कुल आरैना जैसी दिखती थी।
उसकी रीढ़ में सिहरन दौड़ गई।
वो तस्वीर उलटते ही पीछे एक पुराना नाम लिखा था —
"एलिना"।
“एलिना?” उसने फुसफुसाया।
“कौन थी ये... और ये नाम मुझे इतना जाना-पहचाना क्यों लग रहा है?”
तभी कमरे का दरवाज़ा धीरे से खुला।
अंदर उसकी रूममेट मायरा आई —
वो ब्लैकवुड की लोककथाओं की दीवानी थी।
“फिर से वही जंगल वाली फोटो देख रही है?” मायरा ने हँसकर पूछा।
आरैना ने सिर हिलाया, “मायरा, तुमने कभी एलिना नाम सुना है?”
मायरा के चेहरे से मुस्कान गायब हो गई।
“एलिना?” वो ठहरी।
“क्यों पूछ रही हो?”
“बस ऐसे ही… ये नाम इस फोटो पर लिखा है।”
मायरा ने तस्वीर हाथ में ली, ध्यान से देखी,
और धीरे-धीरे बोली,
“एलिना… वो नाम ब्लैकवुड की सबसे पुरानी कहानी से जुड़ा है।
लोग कहते हैं, सदियों पहले एक लड़की थी, जिसने चाँद को चुनौती दी थी।”
“चाँद को… चुनौती?” आरैना ने चौंकते हुए पूछा।
मायरा ने सिर हिलाया,
“हाँ, वो किसी से प्यार करती थी — एक ऐसे व्यक्ति से जो इंसान नहीं था।
चाँद का शाप उसी दिन शुरू हुआ जब उसने उसे खोया।”
आरैना की साँसें रुक गईं।
दिल की धड़कन तेज़ हो गई।
“और वो लड़का?”
मायरा ने काँपते हुए कहा,
“कहते हैं उसका नाम रेहान था।”
कमरा एकदम खामोश हो गया।
आरैना के हाथ से तस्वीर गिर गई।
वो अविश्वास में बोली,
“रेहान…”
“क्यों, तुम जानती हो उसे?” मायरा ने पूछा।
आरैना ने कुछ नहीं कहा।
बस खिड़की की ओर देखा,
जहाँ चाँद अब पूरा निकल आया था —
और उसे लगा, जैसे कोई उसे देख रहा हो।
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अगले दिन कॉलेज में सब कुछ सामान्य लग रहा था,
पर आरैना के भीतर तूफ़ान चल रहा था।
हर जगह उसे वही नाम, वही एहसास पीछा कर रहा था।
क्लास के बाद वो सीधा ब्लैकवुड की तरफ निकल गई।
हवा में वही जानी-पहचानी मिट्टी और बारिश की खुशबू थी।
“रेहान…” उसने धीरे से पुकारा।
कुछ देर सन्नाटा रहा, फिर हवा की दिशा बदली।
उसके पीछे से वही आवाज़ आई —
“तुम फिर आ गई।”
आरैना पलटी —
वो वहाँ था, जैसे कभी गया ही न हो।
वही सुनहरी आँखें, वही रहस्यमयी आभा।
“मुझे जवाब चाहिए,” उसने कहा।
“तुम कौन हो? और ये एलिना कौन थी?”
रेहान ने गहरी साँस ली।
उसकी आँखों में सदियों की थकान थी।
“तुम वो सवाल पूछ रही हो जिनके जवाब तुम्हारे अंदर ही हैं।”
“मतलब?”
“तुम वही हो, आरैना…” उसने धीरे कहा।
“तुम ही एलिना हो।”
उसके शब्दों ने आरैना को पत्थर बना दिया।
“क्या?”
“सदियों पहले, तुमने मुझे बचाने के लिए चाँद को चुनौती दी थी।
तुमने कहा था कि प्रेम किसी श्राप से बड़ा होता है।
पर चाँद ने तुम्हें शाप दिया —
हर जन्म में तुम मुझे भूल जाओगी,
और मैं हर जन्म में तुम्हें पहचानता रहूँगा।”
आरैना की आँखें भर आईं।
“तो ये सब... सच है?”
रेहान ने हल्की मुस्कान दी,
“सच वही होता है जिससे भागा न जा सके।”
“लेकिन मैं इंसान हूँ, मैं ये सब कैसे मान लूँ?”
वो पास आया, उसके माथे पर उँगली रखी।
“क्योंकि तुम्हारी आत्मा अब भी वही है।
वो देखो…”
उसने आसमान की ओर इशारा किया।
चाँद पर हल्की-सी लाल लकीर उभर रही थी।
“वो क्या है?”
“वो Moon’s Warning है —
हर बार जब चाँद तुम्हारे नाम को पहचान लेता है,
श्राप दोबारा जागने लगता है।”
आरैना पीछे हटी,
“मतलब अब… फिर वही सब होगा?”
रेहान ने सिर झुका लिया।
“हाँ… अगर मैंने तुम्हें दूर नहीं रखा तो।”
“पर मैं अब भागूँगी नहीं,”
उसने दृढ़ता से कहा,
“अगर ये श्राप मेरे प्यार से जुड़ा है,
तो मैं इसे तोड़कर रहूँगी।”
रेहान ने उसकी आँखों में देखा,
उसकी आवाज़ टूटी हुई थी —
“तुम समझती नहीं, आरैना…
इस बार सिर्फ़ चाँद नहीं, Morvian भी लौट आया है।”
“कौन Morvian?”
“वो जिसने ये श्राप बनाया था।
वो जो अब भी चाहता है कि तुम मर जाओ।”
आरैना का चेहरा सफ़ेद पड़ गया।
“मतलब वो हमें ढूँढ रहा है?”
“हाँ, और इस बार वो बहुत पास है।”
पेड़ों के बीच अचानक कुछ हिला।
ठंडी हवा चली,
और दूर किसी के कदमों की आहट गूँजी।
रेहान ने आरैना का हाथ पकड़ा।
“चलो, अभी।”
“कहाँ?”
“जहाँ चाँद नहीं देख सके।”
दोनों जंगल की गहराई में भागने लगे।
चाँदनी अब लाल सी चमकने लगी थी —
जैसे आसमान खुद गवाही दे रहा हो कि श्राप फिर जाग गया है।
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आरैना के कदम काँप रहे थे,
पर दिल में एक ही बात थी —
अब चाहे जो हो, वो सच्चाई जाने बिना नहीं रुकेगी।
उसने पीछे देखा,
और उस पल उसकी नज़र एक पेड़ पर जमी —
जहाँ खून से लिखा था:
“Welcome back, Elina.”
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पिछले अध्याय में आपने देखा कि आरैना ने अपनी शक्तियों को जगाया और रिवान से मिली, जो शापित था, और रेहान से लड़ा।
इस अध्याय में, आरैना को पता चलता है कि वह एलिना है, जो सदियों पहले रेहान से प्यार करती थी और उसे शाप से बचाने के लिए चाँद को चुनौती दी थी। रेहान उसे बताता है कि चाँद ने उसे शाप दिया कि वह हर जन्म में उसे भूल जाएगी, जबकि वह उसे पहचानता रहेगा। चाँद की चेतावनी फिर से जाग गई है, और मोर्वियन, जिसने शाप बनाया था, वापस आ गया है और आरैना को मारना चाहता है।
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Blackwood forest......
जंगल में हवा का रंग बदल चुका था।
पेड़ों की टहनियाँ किसी अदृश्य डर से काँप रही थीं।
चारों ओर कोहरा घना होता जा रहा था,
जैसे रात खुद आरैना और रेहान को निगल लेना चाहती हो।
रेहान के हाथ की पकड़ मज़बूत थी,
पर उसके चेहरे पर बेचैनी साफ़ थी।
वो किसी चीज़ से डर रहा था —
पर वो डर अपने लिए नहीं था।
“रेहान…” आरैना हाँफते हुए बोली,
“आख़िर हो क्या रहा है?”
वो बिना उसकी ओर देखे बोला,
“वो लौट आया है, आरैना। Morvian… वो हमारे पीछे है।”
आरैना ठिठक गई,
“कौन है वो? और वो मुझसे क्या चाहता है?”
रेहान रुका,
उसने गहरी साँस ली और कहा —
“वो वही है जिसने मुझे शाप दिया… और तुम्हें मुझसे छीना।”
“लेकिन मैं तो…”
“हाँ,” उसने कहा,
“इस जन्म में तुम आरैना हो।
पर पिछली ज़िंदगी में तुम एलिना थीं —
और Morvian तुमसे प्यार करता था।”
आरैना की आँखें चौड़ी हो गईं।
“क्या?”
“वो तुम्हें पाने के लिए चाँद से टकरा गया था।
पर तुमने मुझे चुना।
उसने बदले में मुझे शाप दिया कि
हर जन्म में मैं वो बनूँगा जिससे तुम डरोगी…
और तुम हर बार मुझे भूल जाओगी।”
रेहान की आवाज़ काँप रही थी,
पर उसकी नज़रें दृढ़ थीं।
“इस बार वो चाहता है कि इतिहास खुद को दोहराए —
कि तुम फिर से मर जाओ।”
आरैना की साँसें भारी हो गईं।
“मतलब वो मुझे मारना चाहता है?”
“हाँ, ताकि चक्र पूरा हो जाए।”
हवा अचानक ठंडी पड़ गई।
पेड़ों के बीच से एक अजीब सी काली धुंध फैलने लगी।
रेहान ने उसकी ओर देखा,
“भागो मत। जो भी हो, मेरे पीछे रहना।”
वो दोनों धीरे-धीरे पीछे हटे।
कोहरे में कुछ हिल रहा था —
एक साया, जो इंसान से बड़ा था।
वो आकृति जैसे धुएँ से बनी हो,
पर उसकी आँखें चमक रही थीं…
काली, बिल्कुल गहराई में डूबती हुई।
एक भारी आवाज़ गूँजी —
“कितनी बार कहूँ, रेहान…
वो मेरी थी, है, और रहेगी।”
आरैना का दिल थम गया।
उस आवाज़ में कुछ ऐसा था
जो उसके अंदर की रूह तक काँप उठी।
रेहान गुर्राया,
“Morvian, अब पीछे हट जाओ!”
धुएँ की परछाई हँसी —
“अब तो बहुत देर हो चुकी है।
चाँद ने उसे पहचान लिया है,
अब वो फिर मेरी होगी।”
आरैना ने डर से पीछे हटते हुए कहा,
“मैं तुम्हें नहीं जानती! मुझे छोड़ दो!”
Morvian की आवाज़ और गहरी हो गई,
“लेकिन मैं तुम्हें जानता हूँ, एलिना…”
आरैना की आँखों में आँसू थे।
वो पीछे हट रही थी,
पर तभी उसके पाँव के नीचे कुछ चमका —
एक पुरानी चाँदी की निशानी,
जिस पर अजीब से प्रतीक उकेरे थे।
रेहान चौंका,
“आरैना, उस पर मत खड़ी होना!”
पर अब देर हो चुकी थी।
जैसे ही उसके पैर ने उस प्रतीक को छुआ,
ज़मीन से एक हल्की नीली रोशनी उठी
और उसके चारों ओर घूमने लगी।
आरैना चीख पड़ी,
“ये क्या हो रहा है!”
रेहान ने दौड़कर उसका हाथ पकड़ा,
पर एक झटका लगा —
वो दूर जा गिरा।
Morvian हँस पड़ा,
“चाँद ने चुनी है ये,
पर अब इसे मेरी रातें मिलेंगी।”
आरैना के शरीर से हल्की नीली लपटें उठ रही थीं,
उसके बाल उड़ रहे थे,
आँखों में चाँद की चमक उतर आई थी।
वो काँपते हुए बोली,
“रेहान… मैं जल रही हूँ…”
रेहान ने जमीन से उठते हुए कहा,
“नहीं, आरैना! तुम जल नहीं रही,
तुम जाग रही हो!”
“क्या?”
“तुम्हारे अंदर चाँद की शक्ति है।
वही शक्ति जो एक समय मुझे बचाई थी।
अब वो तुम्हें बचाएगी।”
Morvian की परछाई गुस्से में चिल्लाई,
“नहीं! ये फिर वैसा नहीं होगा!”
उसने अपने हाथ फैलाए और उसके आसपास की हवा गहरी होने लगी।
पेड़ झुक गए, मिट्टी उड़ने लगी।
पर आरैना अब डर नहीं रही थी।
उसने आँखें बंद कीं,
और उसके शरीर से चाँदनी निकलने लगी।
रेहान चकित होकर देखता रहा।
वो वही ऊर्जा थी जो सदियों पहले एलिना के अंदर थी।
वो वही प्रकाश था जिसने कभी शाप को रोका था।
आरैना ने अपनी आँखें खोलीं —
अब उनमें हल्की नीली रोशनी थी।
उसने काँपती आवाज़ में कहा,
“अब ये खेल खत्म होगा।”
उसने अपने हाथ हवा में उठाए,
और Morvian की परछाई पीछे हटने लगी।
हर किरण जैसे उसे जला रही थी।
Morvian दर्द से गरजा,
“तुम मुझे नहीं रोक सकती, एलिना!”
“मेरा नाम आरैना है,” उसने दृढ़ता से कहा,
“और इस जन्म में मैं डरकर नहीं जीऊँगी।”
उसके शब्दों के साथ एक तेज़ चमक हुई।
जंगल रोशनी में नहा गया।
कुछ पल बाद सब कुछ शांत हो गया।
कोहरा हट गया, हवा थम गई।
Morvian की परछाई गायब थी —
सिर्फ़ उसकी जली हुई गंध हवा में रह गई।
रेहान उसके पास दौड़ा,
“आरैना, तुम ठीक हो?”
वो थकी हुई थी,
उसकी साँसें भारी थीं।
“मुझे नहीं पता मैंने ये कैसे किया…”
रेहान ने उसके हाथ थामे,
“क्योंकि ये तुम्हारी ही शक्ति थी।
तुम्हारे अंदर हमेशा से ये थी,
बस अब चाँद ने तुम्हें याद कर लिया।”
आरैना की आँखों से आँसू बह निकले।
“तो अब क्या… फिर वही श्राप?”
रेहान चुप रहा,
फिर धीरे से बोला,
“अब श्राप जाग चुका है।
हम दोनों को फिर वही रास्ता तय करना होगा —
या तो इसे तोड़ना…
या इसके साथ मर जाना।”
आरैना ने उसकी ओर देखा,
“और अगर मैं इसे तोड़ दूँ?”
रेहान मुस्कुराया,
“तो शायद पहली बार,
चाँद भी किसी से हार जाएगा।”
दोनों के बीच एक सन्नाटा था —
पर उस सन्नाटे में अब डर नहीं,
बल्कि वादा था।
वो दोनों चाँदनी के नीचे खड़े थे,
जहाँ सब कुछ शांत था —
पर हवा के उस मौन में कहीं दूर
एक हल्की फुसफुसाहट गूँजी —
“ये अंत नहीं… ये शुरुआत है।”
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पिछले अध्याय में आपने देखा कि आरैना ने अपनी शक्तियों को जगाया, रेहान से मिली, और रेहान से लड़ा।
इस अध्याय में, आरैना को पता चलता है कि वह एलिना है, जो रेहान से प्यार करती थी और उसे शाप से बचाने के लिए चाँद को चुनौती दी थी। रेहान बताता है कि चाँद ने उसे शाप दिया कि वह हर जन्म में उसे भूल जाएगी, जबकि वह उसे पहचानता रहेगा। मोर्वियन, जिसने शाप बनाया था, वापस आ गया है और आरैना को मारना चाहता है। आरैना अपनी चाँद की शक्ति को जगाती है और मोर्वियन को भगा देती है। रेहान और आरैना अब शाप को तोड़ने का फैसला करते हैं।
Now Next .......
Moonvale Ruins........
जंगल में सुबह का उजाला मुश्किल से उतर पाया था।
कोहरे की परत अब भी ज़मीन से लिपटी थी, जैसे रात की आखिरी सांसें बाकी हों।
आरैना की आँखों के नीचे नींद का कोई निशान नहीं था।
पिछली रात की घटनाएँ उसके दिमाग में बार-बार घूम रही थीं — वो अजीब प्रतीक, चाँदी की वेदी, और वो काली परछाई जिसने उसका नाम लेकर फुसफुसाया था — “एलिना…”
वो धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी, रास्ते के हर मोड़ पर एक अनजाना डर था,
पर साथ ही किसी अजीब खिंचाव ने उसे रोकने नहीं दिया।
रेहान ने मना किया था — “उस जगह मत जाना, आरैना। वहाँ जो सोया है, वो जाग जाएगा।”
पर वो नहीं रुक सकी।
कभी-कभी डर भी जवाब खोजने पर मजबूर कर देता है।
घने पेड़ों के बीच से सूरज की हल्की रोशनी छन रही थी।
जंगल अब शांत था, लेकिन हवा में कुछ था —
एक पुरानी याद, जैसे कोई गीत जो बरसों पहले सुना हो।
करीब आधे घंटे के सफर के बाद उसे वो जगह दिखाई दी —
Moonvale Ruins.
पत्थरों से बना एक विशाल चबूतरा, आधा टूटा हुआ,
बीच में पुरानी दीवारें जिन पर कुछ अजीब सी आकृतियाँ बनी थीं।
किसी ने कहा था ये कभी एक मंदिर हुआ करता था —
जहाँ लोग “चाँद की देवी” की पूजा करते थे।
पर अब बस वीरानी थी।
आरैना ने कदम आगे बढ़ाया,
उसका हाथ दीवार के पत्थर को छुआ —
ठंडा, लेकिन अजीब तरह से जिंदा महसूस हुआ।
जैसे वो पत्थर भी साँस ले रहा हो।
तभी उसके भीतर कुछ हल्का सा कंपन हुआ।
आँखों के आगे एक झिलमिलाती सी धुंध छा गई,
और फिर—
दुनिया बदल गई।
अब वो वहीं थी, लेकिन सब कुछ अलग था।
दीवारें नई थीं, मंदिर रोशनी से भरा था,
और चारों ओर लोग थे —
सफ़ेद वस्त्रों में, चाँद के प्रतीक लिए।
बीच में वही जगह थी जहाँ अब सिर्फ़ मलबा था,
और वहाँ एक लड़की खड़ी थी… ठीक उसी के जैसी।
वो खुद को देख रही थी — एलिना।
वो मुस्कुरा रही थी, और उसके सामने एक युवक था —
काले बाल, गहरी आँखें, वही चेहरा… रेहान का।
लेकिन वो रेहान नहीं था — वो कोई और था,
उसकी चाल में राजसी ठहराव था, और आँखों में एक दुखद वादा।
“एलिना,” उसने कहा, “जब तक ये चाँद चमकेगा, मैं तुम्हारा रहूँगा।
कभी कोई अंधकार हमें अलग नहीं कर सकेगा।”
एलिना ने हँसकर उसका हाथ थामा, “और अगर चाँद खुद अंधकार बन जाए?”
वो मुस्कुराया, “तो मैं भी अंधकार बन जाऊँगा… तुम्हारे साथ।”
अचानक दृश्य बदल गया —
रोशनी बुझ गई, और वही जगह अब जल रही थी।
आग, धुआँ, चीखें।
वो युवक — अब उसका चेहरा ग़ुस्से से भरा था,
और उसके हाथ में वही प्रतीक था — चाँदी का चिह्न,
जो आरैना ने पिछली रात वेदी पर देखा था।
वो गरजा, “तुमने मुझे धोखा दिया, एलिना!
तुमने चाँद के वादे को तोड़ दिया!”
एलिना रो पड़ी, “नहीं! मैंने तुम्हें बचाने के लिए…”
लेकिन उसकी बात पूरी नहीं हुई।
उसके चारों ओर काले धुएँ की लहरें उठीं,
और वो युवक — अब Morvian बन चुका था।
उसके शब्द आग में गूँजे —
> “मैं तुम्हें नहीं छोड़ूँगा… न इस जन्म में, न अगले में।”
और उसी पल वो सब फिर गायब हो गया।
आरैना ने हाँफते हुए आँखें खोलीं —
वो फिर से उसी खंडहर में थी।
पसीने में भीगी हुई, आँखों में आँसू।
“क्या… वो मेरा अतीत था?”
उसने खुद से पूछा,
लेकिन दिल जान चुका था — हाँ।
पीछे से किसी की आहट हुई।
वो पलटी — रेहान खड़ा था।
चेहरा सख्त, आँखों में चिंता।
“मैंने कहा था न, यहाँ मत आना,” उसने धीमे पर सख्त स्वर में कहा।
आरैना काँप गई, “मैंने कुछ देखा… वो सब… मैं थी, रेहान। मैं वही लड़की थी। एलिना।”
रेहान ने उसकी ओर देखा, जैसे वो कुछ कहने की कोशिश कर रहा हो, पर शब्द गले में अटक गए।
“तुम्हें नहीं पता तुमने क्या जगा दिया है,” वो बोला।
“वो दृश्य जो तुमने देखा — वो सिर्फ़ याद नहीं, वो दरवाज़ा है।
Morvian अब जाग चुका है।”
आरैना ने सिर झुका लिया।
“वो मुझे पुकार रहा है,” उसने कहा, “हर रात उसकी आवाज़ सुनती हूँ मैं।”
रेहान उसके करीब आया।
“तुम समझ नहीं रही, आरैना। ये पुकार तुम्हें अपनी तरफ़ खींचेगी —
और एक बार अगर तुमने कदम बढ़ा दिया,
तो वापस लौटना नामुमकिन होगा।”
उसकी आँखों में सच्चा डर था।
वो डर जो सिर्फ़ किसी अपने को खोने से होता है।
आरैना ने हल्की आवाज़ में कहा,
“अगर मैं वही हूँ… तो शायद मुझे ये सब खत्म करना होगा।”
रेहान चुप रहा।
उसके भीतर की जंग साफ़ थी —
वो उसे बचाना चाहता था, लेकिन किस्मत के आगे कोई ढाल नहीं थी।
धीरे से उसने कहा,
“अगर तुम्हें जाना है, तो मैं साथ चलूँगा।
क्योंकि जो वादा मैंने किया था, वो सिर्फ़ पिछले जन्म का नहीं है।”
आरैना ने उसकी ओर देखा —
चाँदनी उनके चेहरों पर गिर रही थी।
और उसी रोशनी में दोनों के बीच वो अनकहा रिश्ता एक बार फिर ज़िंदा हो उठा।
दूर कहीं जंगल में भेड़िये की आवाज़ गूँजी।
हवा फिर ठंडी हो गई।
और खंडहर की दीवारों पर वो पुराना प्रतीक हल्के से चमक उठा।
मानो इतिहास फिर खुद को दोहराने जा रहा हो…
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पिछले अध्याय में आपने देखा कि आरैना ने अपनी शक्तियों को जगाया, रेहान से मिली, और रेहान से लड़ा। इस अध्याय में, आरैना को पता चलता है कि वह एलिना है, जो रेहान से प्यार करती थी और उसे शाप से बचाने के लिए चाँद को चुनौती दी थी। वह Moonvale Ruins में जाती है और अतीत देखती है, जहाँ उसे पता चलता है कि मोरवियन वापस आ गया है और उसे मारना चाहता है। रेहान बताता है कि मोरवियन अब जाग चुका है। आरैना को लगता है कि उसे इस सब को खत्म करना होगा, रेहान उसके साथ जाने के लिए सहमत होता है।
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blackwood forest....
रात का तीसरा पहर था।
ब्लैकवुड पर हल्का-हल्का कोहरा उतर रहा था,
और हवा में एक अजीब-सी बेचैनी थी।
आरैना की साँसें भारी थीं — वो उस दिशा में चल रही थी जहाँ से रेहान की आख़िरी आवाज़ आई थी।
उसके कदमों के नीचे सूखे पत्ते चरमराए।
हर कदम के साथ उसका डर और जिज्ञासा दोनों बढ़ते जा रहे थे।
उसे ऐसा लग रहा था जैसे जंगल उसे अपने अंदर खींच रहा हो।
वो रुकना चाहती थी… पर कोई अदृश्य शक्ति उसे आगे बढ़ने पर मजबूर कर रही थी।
चाँद पूरा था।
उसकी सफ़ेद रोशनी पेड़ों की शाखाओं से छनकर ज़मीन पर गिर रही थी,
और हवा में एक अजीब चमक पैदा कर रही थी।
“रेहान!” आरैना ने पुकारा।
उसकी आवाज़ कोहरे में गुम हो गई।
लेकिन अगले ही पल — एक धीमी गुर्राहट सुनाई दी।
वो ठिठक गई।
कहीं पास में कुछ हिला।
वो काँपती हुई पीछे हटी,
तभी अचानक उसके सामने एक परछाई उभरी —
लाल आँखें, नुकीले पंजे, और वह आकृति…
जैसे कोई इंसान नहीं, बल्कि किसी जानवर की आत्मा हो।
आरैना का गला सूख गया।
वो बस एक कदम पीछे हटी ही थी कि पीछे से एक हाथ ने उसे पकड़ लिया।
“मत डर,” आवाज़ आई —
वही जानी-पहचानी, गहरी और सुकून देने वाली।
वो रेहान था।
उसके चेहरे पर वही रहस्यमयी शांति थी,
पर इस बार उसकी आँखें सुनहरी नहीं, चमकदार नीली थीं —
जैसे चाँद ने उन्हें रोशन किया हो।
“तुम यहाँ क्यों आई?” उसने धीरे से पूछा।
“तुम्हें सच जानना था, है ना?”
आरैना की आँखों में डर और सवाल दोनों थे।
“मुझसे कुछ मत छुपाओ, रेहान,” उसने कहा।
“मैंने वो सब देखा है… वो तस्वीरें, वो निशान… और वो रात, जब तुम—”
रेहान ने हाथ उठा कर उसे रोक दिया।
“तुम जितना देख चुकी हो, वो बस शुरुआत है।”
वो उसकी ओर बढ़ा, और जब वह करीब आया,
हवा का तापमान अचानक गिर गया।
“इस जंगल का श्राप मुझसे जुड़ा है, आरैना।
मैं वही हूँ… जिसे इस चाँद ने बाँध रखा है।”
आरैना ने उसकी आँखों में देखा —
वहाँ न कोई क्रोध था, न अभिमान।
बस एक दर्द… जो सदियों पुराना लगता था।
“मुझे सब बताओ,” उसने कहा।
“ये श्राप क्या है?”
रेहान ने गहरी साँस ली।
“कई साल पहले,” उसने शुरू किया,
“ब्लैकवुड में एक पुजारी रहता था, और उसकी बेटी — लूना।
वो देवी चाँद की आराधना करती थी।
लेकिन जब उसने अपने प्रेमी के लिए उस व्रत को तोड़ा,
देवी ने उसे श्राप दिया — कि उसका प्रेमी इंसान नहीं रहेगा,
बल्कि हर पूर्णिमा पर वो उस चाँद की आत्मा का रूप धारण करेगा —
जो न मर सकता है, न जी सकता है।”
आरैना की आँखें फैल गईं।
“तो तुम… वही हो?”
रेहान ने सिर झुका लिया।
“हाँ, और तुम… वो हो जिसने उस व्रत को तोड़ा था।”
आरैना के पैरों तले ज़मीन खिसक गई।
“क्या… मैं… लूना?”
रेहान ने धीरे से उसका चेहरा अपने हाथों में लिया।
“तुम्हारी आत्मा वही है, आरैना।
हर जन्म में तुम लौटती हो — मुझे ढूँढ़ने,
मुझे मुक्त करने के लिए… पर हर बार,
ये चाँद हमें फिर अलग कर देता है।”
उसकी आवाज़ टूट गई।
“हर जन्म में मैं तुम्हें खो देता हूँ।”
आरैना की आँखों से आँसू बह निकले।
वो अब डर नहीं रही थी,
बस एक सवाल उसके दिल में था —
“क्या इस बार हम इस श्राप को तोड़ सकते हैं?”
रेहान ने कुछ नहीं कहा।
वो बस आसमान की ओर देखने लगा —
चाँद अब और भी तेज़ चमक रहा था।
अचानक, हवा में एक अजीब कंपन हुआ।
जंगल की ज़मीन काँपने लगी।
दूर कहीं से एक गूंज उठी —
“व्रत को तोड़ने वाली आत्मा… लौट आई है!”
आरैना ने पीछे देखा —
कोहरे से एक आकृति निकल रही थी,
सफ़ेद चादर में लिपटी, आँखों में चमक —
वो देवी लूना थी।
उसने कहा,
“हर बार की तरह तुम दोनों ने फिर सीमा लाँघी है।
प्यार तुम्हारा वरदान था… पर अब वो तुम्हारा दंड बनेगा।”
रेहान उसके सामने खड़ा हो गया,
“उसे मत छुओ! श्राप मुझे दो, उसे नहीं।”
देवी मुस्कुराई, “तुम्हें लगता है श्राप सिर्फ़ तुम्हारा है?
वो भी उतनी ही बँधी है इस चाँद से जितना तुम।”
आरैना काँप गई।
रेहान ने उसका हाथ कसकर थामा।
“मैं वादा करता हूँ, इस बार मैं तुम्हें नहीं खोऊँगा।”
देवी की आँखों में आग सी चमकी।
“तो तैयार रहो, क्योंकि इस बार चाँद खुद तुम्हारी किस्मत लिखेगा।”
अगले ही पल, तेज़ रोशनी फैली।
चारों ओर गूंज, हवाएँ चीखने लगीं।
रेहान और आरैना दोनों हवा में उठे —
उनके शरीर पर चाँदी जैसी चमक फैल गई।
आरैना की आँखें बंद हो गईं,
और उसे महसूस हुआ कि वो किसी और दुनिया में खिंच रही है।
जब उसने आँखें खोलीं,
वो किसी पुराने मंदिर के सामने थी —
दीवारों पर वही प्रतीक जो उसने सपनों में देखे थे।
रेहान उसके पास था, पर अब उसका चेहरा अलग था —
उसकी आँखों में इंसान नहीं, एक भेड़िए की झलक थी।
“अब समझ आई?” वो फुसफुसाया,
“ये चाँद सिर्फ़ श्राप नहीं… ये मेरी कैद है।”
आरैना ने उसके चेहरे को छुआ,
“और मैं वो हूँ जो हर बार तुम्हें छुड़ाने आती है…”
दोनों के बीच एक सन्नाटा था —
लेकिन उस सन्नाटे में एक वादा था,
एक अनकहा एहसास कि शायद इस बार
प्यार, श्राप से ज़्यादा ताकतवर साबित होगा।
दूर आसमान में चाँद लाल हो गया था —
और उसकी रोशनी में उनके बीच की दूरी घुलती जा रही थी।
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पिछले अध्याय में आपने देखा कि आरैना ने अपनी शक्तियों को जगाया, रेहान से मिली, और रेहान से लड़ा। इस अध्याय में, आरैना और रेहान ब्लैकवुड जंगल में मिलते हैं, जहाँ रेहान खुलासा करता है कि वह उस पुजारी का शापित प्रेमी है जिसे आरैना, जो अब लूना के रूप में जानी जाती है, ने धोखा दिया था। वे दोनों चांद से जुड़े शाप को तोड़ने के लिए संघर्ष करते हैं, जो उन्हें अलग करता रहता है, इस उम्मीद में कि इस बार उनका प्यार प्रबल होगा।
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चाँद अब पूरी तरह लाल हो चुका था।
आसमान आग की तरह जल रहा था,
और हवा में एक अजीब-सी बेचैनी थी —
मानो प्रकृति भी उस श्राप की गवाही दे रही हो जो अब दोबारा जाग चुका था।
आरैना ने धीरे से अपनी आँखें खोलीं।
उसके सामने वही पुराना मंदिर था —
दीवारों पर खुदे हुए चाँदी के प्रतीक हल्की नीली रोशनी में चमक रहे थे।
हवा में धूप और राख की मिली-जुली गंध थी।
उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था।
रेहान कुछ कदम दूर खड़ा था, लेकिन अब वो इंसान नहीं लग रहा था।
उसका शरीर आधा इंसानी, आधा भेड़िए का रूप ले चुका था —
आँखें नीले से सुनहरी, फिर सुनहरी से लाल हो रही थीं।
“रेहान…” आरैना की आवाज़ काँपी।
वो एक कदम उसकी ओर बढ़ी, पर उसने हाथ से इशारा किया —
“मत आना, आरैना। जब तक रक्त चाँद है, मैं खुद को काबू में नहीं रख पाऊँगा।”
उसकी आवाज़ गहरी और टूटी हुई थी,
जैसे हर शब्द उसके भीतर की पीड़ा से निकल रहा हो।
आरैना की आँखों में आँसू भर आए।
“तुम सोचते हो मैं डर जाऊँगी? नहीं, रेहान।
मैंने तुम्हारा सच देखा है, और मैं कहीं नहीं जाऊँगी।”
रेहान ने सिर झुका लिया।
“तुम समझती नहीं हो… ये सिर्फ़ मेरे अंदर का श्राप नहीं है,
ये वो ताकत है जो मुझसे सब कुछ छीन लेती है —
हर बार… जब तुम लौटती हो।”
जंगल से अचानक हवा का एक झोंका उठा।
मंदिर की मशालें खुद-ब-खुद जल उठीं।
वो आवाज़ — वही गूँज जो हमेशा श्राप की रात में सुनाई देती थी —
फिर गूँज उठी।
“रक्त चाँद की रात… आत्माएँ फिर जाग उठेंगी।”
आरैना ने चारों ओर देखा।
छायाएँ ज़मीन से उठ रही थीं, जैसे कोई अदृश्य शक्ति उन्हें बुला रही हो।
मंदिर की दीवारें कांपने लगीं।
रेहान ने दहाड़ लगाई — उसकी आवाज़ इतनी तेज़ थी कि हवा रुक गई।
वो अब पूरी तरह अपने श्राप के नियंत्रण में था।
उसकी आँखें अब इंसान की नहीं रहीं —
वो उस प्राणी की थीं जिसने सदियों तक चाँद की कैद झेली थी।
आरैना पीछे नहीं हटी।
वो उसके पास आई, और धीमे से बोली —
“अगर ये चाँद हमें अलग करने आया है,
तो मैं इसे गवाह बनाऊँगी कि इस बार हम अलग नहीं होंगे।”
रेहान ने उसकी तरफ देखा, उसकी सांसें भारी थीं।
“तुम क्यों बार-बार मुझे बचाने आती हो?”
आरैना ने मुस्कुरा कर कहा —
“क्योंकि शायद मेरी आत्मा को चैन ही तब मिलता है जब वो तुम्हें आज़ाद कर सके।”
उसी वक्त, मंदिर की मूर्ति के पीछे से एक चाँदी की रोशनी फूटी।
आरैना की नज़र उस पर गई।
वो वही “चाँदी का प्रतीक” था — देवी लूना का प्रतीक,
जिसे देखकर रेहान का शरीर काँपने लगा।
“ये वही है…” उसने कहा, “जो व्रत का केंद्र है।”
“अगर मैं इसे तोड़ दूँ तो क्या श्राप खत्म होगा?” आरैना ने पूछा।
रेहान ने सिर हिलाया, “नहीं…
इस श्राप को तोड़ने के लिए किसी एक आत्मा को बलिदान देना होगा।”
आरैना चुप रही।
उसके चेहरे पर अजीब-सी शांति थी।
उसने धीरे से कहा —
“तो आज वो आत्मा मैं दूँगी।”
रेहान चीख उठा, “नहीं!
तुम ऐसा नहीं कर सकती, मैं तुम्हें दोबारा नहीं खोऊँगा!”
लेकिन आरैना ने उसके हाथ से अपनी उंगलियाँ छुड़ा लीं और उस प्रतीक की ओर चली गई।
हर कदम के साथ मंदिर की दीवारें और गूंजने लगीं।
देवी लूना की मूर्ति की आँखें नीली चमक में जगमगाने लगीं।
“हे देवी,” आरैना ने कहा,
“अगर ये प्रेम पाप है, तो मैं इस पाप को स्वीकार करती हूँ।
बस उसे मुक्त कर दो… हमेशा के लिए।”
रेहान ने दौड़कर उसे पकड़ने की कोशिश की,
लेकिन उसके पैर ज़मीन से बँध गए —
श्राप की शक्ति ने उसे वहीं रोक दिया।
आरैना ने प्रतीक को अपने दोनों हाथों में थामा।
वो पल भर में जल उठा,
और मंदिर के चारों ओर तेज़ रोशनी फैल गई।
रेहान चिल्लाया —
“आरैना, नहीं!!”
लेकिन उसकी आवाज़ उस रोशनी में डूब गई।
जैसे ही प्रतीक टूटा, चाँद की लाल रोशनी सफेद में बदलने लगी।
आसमान साफ हो गया, हवाएँ थम गईं।
श्राप टूट गया था।
लेकिन जब सब शांत हुआ —
मंदिर के बीच सिर्फ़ रेहान खड़ा था।
आरैना… गायब थी।
वो ज़मीन पर गिर पड़ा।
उसके आँसू मिट्टी में मिल गए।
“तुमने फिर वही किया,” उसने फुसफुसाया,
“तुमने खुद को मिटाकर मुझे बचा लिया…”
अचानक हवा में एक हल्की खुशबू फैली —
वही मिट्टी और बारिश की महक जो आरैना के साथ आती थी।
रेहान ने ऊपर देखा —
चाँद अब बिल्कुल शांत था,
उसकी रोशनी में एक आकृति उभरी — आरैना की।
वो मुस्कुरा रही थी,
“मैं गई नहीं रेहान… मैं बस चाँद का हिस्सा बन गई हूँ।
जब भी तुम आकाश की ओर देखोगे,
मैं वहीं रहूँगी — तुम्हारे पास।”
रेहान ने अपनी आँखें बंद कीं,
और उसके चेहरे पर पहली बार शांति आई।
उसकी सुनहरी आँखें अब नीली हो चुकी थीं —
शायद श्राप के साथ उसका अंधकार भी मिट गया था।
चाँद की रोशनी धीरे-धीरे मंदिर पर उतर आई।
और उस रात, ब्लैकवुड के जंगलों में पहली बार कोई गुर्राहट नहीं गूंजी।
सदियों बाद, वो जगह शांत थी।
कहा जाता है,
उस रात के बाद से ब्लैकवुड का चाँद कभी लाल नहीं हुआ।
लोग कहते हैं —
जब भी पूर्णिमा की रात होती है,
चाँद की रोशनी में दो परछाइयाँ दिखती हैं —
एक इंसान की और एक भेड़िए की —
जो अब सदा साथ हैं।
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मंदिर शांत था।
वो शांति, जो सदियों बाद ब्लैकवुड ने महसूस की थी।
रेहान मंदिर के बीचों-बीच खड़ा था,
उसके चेहरे पर चाँद की ठंडी सफेद रोशनी गिर रही थी।
लेकिन उसके भीतर तूफान चल रहा था—
कुछ टूट चुका था, और कुछ जाग भी चुका था।
आरैना की परछाई अभी भी हवा में तैर रही थी।
वो मुस्कुराई थी… और फिर रोशनी में घुल गई थी।
रेहान की उंगलियाँ हवा को ऐसे छू रही थीं
मानो वह उसे पकड़ लेना चाहता हो,
उसे वापस अपनी बाहों में भर लेना चाहता हो—
लेकिन उसके हाथ खाली ही रह गए।
उसने फुसफुसाया,
“तुम गई कहाँ…?”
उसकी आवाज़ टूट चुकी थी,
जैसे हर शब्द में उसकी आत्मा का भार हो।
कुछ देर बाद हवा फिर चली।
मंदिर की मशालें बुझ गईं।
पेड़ों की शाखाएँ हिलने लगीं।
और जंगल में वही पुरानी मिट्टी और बारिश की खुशबू फैल गई—
वही, जो सिर्फ आरैना के आने पर आती थी।
रेहान ने आँखें बंद कीं।
“तुम यहीं हो, है ना?”
बाहर से कोई जवाब नहीं आया,
पर हवा ने उसके गाल को हल्के से छुआ—
जैसे किसी ने प्यार से हाथ फेरा हो।
श्राप टूट चुका था।
लेकिन उस श्राप ने उसके जीवन से सबसे कीमती चीज़ ले ली थी।
वो चुपचाप मंदिर से बाहर निकला,
जैसे उसकी चाल में सदियों की थकान हो।
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पहले यह जंगल डराता था—
अब वह अजीब तरीके से शांत लग रहा था।
कहीं कोई गुर्राहट नहीं,
कोई छाया पीछे नहीं दौड़ रही,
ना कोई अदृश्य आँखें उसे देख रही थीं।
रेहान धीरे-धीरे उस रास्ते पर चला
जिससे होकर आरैना आई थी…
जिससे होकर वे दोनों पहली बार मिले थे।
हर कदम पर यादें जिंदा हो रही थीं—
वो रात जब उसने उसे “यहाँ मत आना” कहा था,
वो चमकीली रोशनी,
वो तस्वीरें जो अपने-आप कैमरे में कैद हुई थीं।
सब कुछ बुरी तरह याद आ रहा था।
हर कदम पर यादें जिंदा हो रही थीं—
वो रात जब उसने उसे “यहाँ मत आना” कहा था,
वो पल जब आरैना हँसकर बोली थी,
“डर लगता है क्या?”
रेहान के होंठों पर हल्की-सी मुस्कान आई,
जो अगले ही पल टूट भी गई।
जंगल में उसके बिना सब खाली लग रहा था।
पहले ये रास्ते उसका पीछा करते थे,
अब ये उसे रोके हुए थे—
जैसे कह रहे हों,
“तुम अकेले नहीं हो… कोई अभी भी यहीं है।”
रेहान न जाने क्यों फिर वही पेड़ के पास रुक गया,
जहाँ आरैना पहली बार फिसली थी
और वो उसे बचाने आया था।
उसने पेड़ को हल्के से छुआ।
उसकी उंगलियों के नीचे एक अजीब सी गर्माहट थी।
जैसे पेड़ अभी भी आरैना की हँसी समेटे हुए हो।
वह फुसफुसाया—
“तुम गई नहीं हो… तुम कहीं पास ही हो।
है ना?”
और तभी—
हवा में एक हल्की चमक उभरी।
बहुत हल्की… जैसे किसी की साँस
ठंडी हवा से मिल रही हो।
रेहान ने पलटकर देखा।
जंगल की छाया में
एक धुंधली-सी रोशनी धीरे-धीरे आकार लेने लगी थी।
पहले एक धड़कन की हल्की आवाज़…
फिर किसी का हल्का साया…
फिर… वो।
आरैना।
वो चाँद की रोशनी जैसी थी—
काँच की तरह पारदर्शी,
पर पहचानने भर के लिए बिल्कुल अपनी।
रेहान का दिल धड़क उठा।
वह उसके पास जाने को बढ़ा,
पर फिर रुक गया—
कहीं यह सपना न हो जाए।
आरैना के चेहरे पर वही पुरानी मासूम चमक थी।
वह मुस्कुराई—
एक मधुर, हल्की, लेकिन गहरी मुस्कान,
जो उसके दिल को पिघला देने वाली थी।
“मैंने कहा था ना…”
उसकी आवाज़ हवा की तरह धीमी थी,
लेकिन साफ़—
“हमेशा के लिए नहीं जाऊँगी।”
रेहान की आँखें भर आईं।
“तुम… वापस आ गई हो?”
आरैना ने सिर झुकाया।
“पूरी तरह नहीं… अभी नहीं।
लेकिन मैं तुम्हें छोड़कर कहाँ जा सकती हूँ?”
वह पास आई।
इतनी पास कि रेहान उसकी महक महसूस कर सके—
बरसती मिट्टी, चाँद, और हल्का-सा लैवेंडर।
वह हाथ बढ़ाती है।
उसकी उंगलियाँ रेहान के हाथों की तरफ़ जाती हैं—
धीरे…
संभलकर…
जैसे पहली बार छू रही हो।
रेहान ने अपना हाथ आगे किया,
डरते हुए,
मानो अगर जल्दी की, तो वो टूट जाएगी।
उनकी उंगलियाँ एक-दूसरे से छू गईं—
नरम, ठंडी रोशनी जैसे त्वचा को छू रही हो।
वह स्पर्श—
ना इंसानी था,
ना पूरी तरह रूहानी—
बस प्रेम था।
रेहान ने फुसफुसाया,
“तुम्हारी इतनी याद आती थी कि लगता था…
मैं भी श्राप बन जाऊँगा।”
आरैना ने उसका चेहरा अपने पारदर्शी हाथ से छुआ।
उसका स्पर्श हल्का था,
पर दिल पर भारी।
उसने कहा—
“मैं गई थी श्राप मिटाने…
अब मैं लौटी हूँ तुम्हें पूरा करने।”
रेहान उसकी आँखों में देखता रहा—
वो आँखें अब भी वैसी ही थीं—
गहरी, चमकीली, और बिल्कुल उसकी।
वह उसके और करीब आया।
आरैना ने अपनी पारदर्शी बाहें उसके कंधों पर रखीं,
और पहली बार…
रेहान ने उसे अपनी बाँहों में लिया।
हाँ—
वो पूरी तरह ठोस नहीं थी,
पर अब वो पूरी तरह गायब भी नहीं थी।
वो उसके सीने से लगकर
एक हल्की-सी गर्माहट छोड़ रही थी—
एक ऐसा एहसास जो किसी मरती आत्मा को जिंदा कर दे।
कुछ पल…
दोनों बस खड़े रहे।
चाँद ऊपर चमकता रहा।
जंगल उनके चारों ओर एकदम शांत हो गया।
यह वो पल था
जिसे आरैना ने सदियों में कभी महसूस नहीं किया था।
वह धीरे से बोली—
“रेहान… मुझे एक चीज़ बतानी है।”
रेहान ने उसकी कमर पकड़कर उसे और करीब कर लिया,
मानो वह फिर से खो न जाए।
“क्या?”
आरैना की आवाज़ धीमी थी—
“मैं वापस लौट रही हूँ…
धीरे-धीरे…
रूप लेकर…
शरीर लेकर…”
रेहान की साँस रुक गई।
“मतलब… तुम फिर इंसान बन सकती हो?”
आरैना ने सिर हिलाया।
“हाँ।
और अगर ऐसा हुआ…
तो मैं सिर्फ तुम्हारे पास आऊँगी।”
रेहान ने उसका चेहरा अपनी उंगलियों से छूने की कोशिश की,
और इस बार…
उसने उसे थोड़ा महसूस किया।
हल्की गर्माहट…
हल्का स्पर्श…
लेकिन बिल्कुल वास्तविक।
वह मुस्कुराया।
“मैं इंतज़ार करूँगा।
दिन का… रात का… हर जन्म का।”
आरैना भी मुस्कुराई—
“पागल…”
उसकी आवाज़ में वही पुरानी शरारत लौट आई थी।
“मैं इतना इंतज़ार नहीं कराऊँगी।”
और तभी—
चाँद की रोशनी और तेज़ हो गई।
आरैना का शरीर हल्का-सा चमकने लगा।
वह पीछे हट गई।
रेहान बोला—
“नहीं… मत जाओ।”
आरैना ने आखिरी बार उसका हाथ पकड़ा—
और इस बार उसका हाथ
पूरी तरह ठोस महसूस हुआ।
उस स्पर्श में भविष्य था…
वादा था…
और प्रेम था।
वह बोली—
“मैं वापस आऊँगी, रेहान।
इस बार… अपने असली रूप में।”
और रोशनी एक घूमते सर्प की तरह
उसके चारों ओर फैली—
धीरे-धीरे
वह रोशनी में बदल गई।
लेकिन इस बार—
वह पूरी तरह गायब नहीं हुई।
चाँद में एक हल्का-सा निशान दिखा—
मानो किसी ने उस पर
आरैना की मुस्कान उकेर दी हो।
रेहान आसमान की तरफ़ देखता रहा।
उसके होंठों पर एक गहरी मुस्कान आई।
कई जन्मों बाद
उसके दिल में पहली बार
उम्मीद का सूरज उगा था।
“वह जाएगी…
लेकिन वापस आएगी।
क्योंकि हमारी कहानी अभी खत्म नहीं हुई।”
और इसी वाक्य के साथ—
रेहान ब्लैकवुड के अँधेरे में
पहली बार
हल्का-सा नाचता हुआ चला।
क्योंकि प्रेम…
अब श्राप नहीं रहा था।
वह अब उनका नया सवेरा था।
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Black wood forest...
चाँद उस रात अलग तरह का चमक रहा था—
मानो उसकी सफ़ेद रोशनी में किसी की धड़कन छिपी हो।
रेहान ब्लैकवुड फॉरेस्ट से निकलकर कस्बे की ओर चला।
दिल में एक हल्की-सी गर्माहट थी,
जैसे आरैना ने जाते-जाते
उसके सीने में एक दीपक जला दिया हो।
श्राप टूट चुका था।
और पहली बार—
जंगल डर नहीं, एक नई शुरुआत जैसा लग रहा था।
---
तीन हफ़्ते बाद — ब्लैकवुड टाउन
ब्लैकवुड में इन दिनों कुछ बदल गया था।
पहाड़ों पर सुबह की धूप
पहले से ज्यादा सुनहरी लगने लगी थी।
जंगल में न अजीब आवाज़ें आती थीं,
न अंधेरा पीछा करता था।
लोग कहते—
“सदियों पुराना श्राप शायद सच में हट गया है।”
रेहान सार्वजनिक रूप से तो शांत रहता,
लेकिन भीतर एक बेचैनी थी।
हर रात उसे वही सपना आता—
किसी की हल्की हँसी…
लैवेंडर की खुशबू…
और चाँद की धुंधली परछाई।
वह जानता था—
आरैना वापस आएगी।
यह कोई भ्रम नहीं था…
यह धड़कन का सच था।
एक सुबह, ब्लैकवुड के पुराने अस्पताल में
एक लड़की को लाया गया—
बेहोश, घायल, भीगी हुई,
जैसे कहीं दूर से भटककर पहुँची हो।
किसी को कुछ पता नहीं कि वह कहाँ से आई।
उसके कपड़े फटे हुए,
हाथों पर मिट्टी…
और कलाई पर एक हल्का-सा चाँदी का निशान—
बिल्कुल वही जो पहले आरैना के पास था।
जब वह होश में आई,
उसकी पहली धड़कन चाँद की तरह उजली थी।
डॉक्टर ने पूछा,
“तुम्हारा नाम?”
लड़की ने कुछ पल सोचा…
फिर धीमे से कहा—
“आर्या।”
हाँ—
आरैना नहीं।
पर उसकी आवाज़ में वही मिठास,
वही मासूमियत…
बस यादें गायब थीं।
या शायद…
वो उन्हें छिपा रही थी।
आँखों में वही पुरानी चमक—
बस आत्मा नई।
---
आर्या अस्पताल से ठीक होकर
ब्लैकवुड टाउन में ही रहने लगी।
डॉक्टर ने उसे कहा—
“अगर याद न आए, तो धीरे-धीरे सब खुद आ जाएगा।”
पर आर्या जानती थी—
उसे सब याद था।
वो श्राप,
वो मंदिर,
वो चाँद,
वो रेहान…
सब कुछ।
बस वह रेहान को सामने जाते ही
कमजोर नहीं पड़ना चाहती थी।
वो उसे अपने नए रूप के साथ
फिर से अपनाने देना चाहती थी।
इसलिए उसने पहचान छिपाई।
नया नाम।
नया घर।
नयी शुरुआत।
पर दिल?
दिल अब भी उसका रेहान था।
एक शाम रेहान ब्लैकवुड मार्केट से गुजर रहा था।
सर्द हवा चल रही थी।
अचानक…
एक हल्की-सी लैवेंडर की खुशबू आई।
वही, जो सिर्फ आरैना से आती थी।
वह रुक गया।
दिल की धड़कन तेज़।
आँखों में चमक।
“आरैना…?”
उसने चारों तरफ देखा—
लोग थे…
पर उसकी नजर सिर्फ एक लड़की पर अटक गई।
वो लड़की—
पैरों में सफ़ेद स्नीकर्स,
लंबे बाल…
और हवा में उड़ती हल्की-सी चमक।
रेहान पल भर को ठहरा—
पर लड़की मुड़कर चली गई।
उसका चेहरा नहीं दिखा,
पर उसकी चाल…
उसका अंदाज़…
उसकी साँसें तक—
सब कुछ आरैना जैसा था।
रेहान उसे पुकारना चाहता था,
पर खुद को रोक लिया।
“नहीं…
अगर वह है भी,
तो शायद उसने पहचान छुपाने का कोई कारण रखा है।”
लेकिन दिल मानता नहीं।
वह धीरे से बोला—
“तुम पास हो… मुझे पता है।”
अगले कुछ दिनों में
रेहान को उस लड़की की झलक कई बार दिखी—
• झील के किनारे एक स्केच बनाते हुए
• कस्बे की लाइब्रेरी में पुरानी किताब पढ़ते हुए
• मंदिर के रास्ते से गुजरते हुए
हर बार रेहान उसे देखता,
और हर बार वह पीछे मुड़कर
बस एक पल के लिए उसे देखती—
फिर तुरंत नज़रें चुरा लेती।
रेहान को ग़ुस्सा नहीं,
सिर्फ मुस्कान आती।
“ये वही है…
यहाँ से वहाँ घूमना…
और नज़रें चुराना।”
वो लड़की—
आर्या—
जानती थी कि रेहान समझ रहा है।
पर वो अभी सामने नहीं आ सकती थी।
उसे समय लग रहा था
अपने नए शरीर में ढलने में…
अपनी ताकत को पहचानने में…
और अपनी यादों को
फिर से जगह देने में।
उस रात ब्लैकवुड की पहाड़ियों पर
चाँद बिल्कुल गोल था—
ठीक वही जैसा
उस दिन था जब आरैना ने आखिरी बार
रेहान को छुआ था।
आर्या चुपचाप पहाड़ी पर खड़ी थी।
चाँदनी उसके चेहरे पर
एक हल्की-सी चमक उकेर रही थी।
उसी वक्त—
पीछे कदमों की आहट।
वह पलटी नहीं।
दिल धड़क रहा था।
वह जानती थी—
वही है।
रेहान धीरे से बोला—
“तुम… हमेशा चाँद के नीचे ही क्यों मिलती हो?”
आर्या का दिल तेज़ी से धड़का।
लेकिन उसने सामान्य स्वर में कहा—
“शायद… मुझे इसकी रोशनी पसंद है।”
रेहान पास आया।
बहुत पास।
इतना कि उसकी साँसें
आर्या की गर्दन को हल्के से छू जाएँ।
वह बोला—
“लैवेंडर की खुशबू भी…
या फिर सिर्फ एक खास इंसान की याद?”
आर्या के हाथ हल्के से कांपे।
वो पीछे हुई—
पर रेहान ने धीरे से उसका हाथ पकड़ लिया।
“तुम कोई और हो ही नहीं सकती…”
उसकी आवाज़ धीमी लेकिन यकीन से भरी थी।
“तुम मेरी ही हो।
आरैना।”
आर्या की आँखें भर आईं।
उसके शरीर से एक हल्की-सी चाँदनी चमकी—
जिसे रेहान ने देखा।
अब वो और छुपा नहीं सकी।
वह मुड़ी—
उसकी आँखों में वही पुरानी चमक।
वही गहराई।
वही बेचैनियाँ।
रेहान ने उसके गाल को हल्के से छुआ,
इस बार वह स्पर्श
पूरी तरह असली था।
आर्या की आवाज़ टूटी—
“मैं वापस आ गई हूँ…
जैसा वादा किया था।
नए रूप में…
नई साँसों के साथ…
पर दिल अभी भी तुम्हारा है।”
रेहान ने उसे बाँहों में खींच लिया—
जहाँ वो सच में थी,
जहाँ उसका होना तय था।
उसकी उंगलियाँ आर्या की कमर पर कस गईं,
वह उसके सीने पर सिर रखकर रो पड़ी—
सदियों का बोझ बह गया।
रेहान ने उसके बालों पर किस किया—
लंबा, गहरा,
ऐसा जैसे एक जन्म का इंतज़ार पूरा हो गया हो।
“मुझे पता था…”
वह फुसफुसाया,
“तुम लौटोगी।
क्योंकि हमारा प्यार—
किसी श्राप का नहीं,
किस्मत का हिस्सा है।”
आर्या ने धीरे-से उसकी शर्ट पकड़ी—
“मुझे फिर कभी मत छोड़ना…”
रेहान ने उसके होंठों पर अंगुली रखी।
“अब तुमसे दूर जाना…
मेरी दुनिया छोड़ देने जैसा है।”
और चाँदनी के नीचे—
जंगल के सन्नाटे में—
दोनों ने एक-दूसरे को ऐसे चूमा
जैसे सदियाँ बीत चुकी हों।
एक लंबा, गहरा,
रूह से रूह तक उतरता हुआ चुंबन।
यह उनका
पहला पूर्ण मिलन था—
बिना डर,
बिना श्राप,
बिना दूरी।
इस बार
ना रोशनी गायब हुई,
ना कोई टूटन—
सिर्फ
प्रेम।
---
To bi continue ✍️....
In previous chapter, you saw that रेहान ब्लैकवुड फॉरेस्ट से बाहर आया, श्राप टूट गया था, और उसे एक नई शुरुआत मिली। कुछ हफ़्ते बाद, ब्लैकवुड टाउन में बदलाव आया, श्राप हट गया था, लेकिन रेहान को आरैना के सपने आते रहे। एक लड़की, आर्या, ब्लैकवुड अस्पताल में मिली, जिसमें आरैना जैसा चाँदी का निशान था, लेकिन यादें नहीं थीं। आर्या ने पहचान छिपाई, लेकिन रेहान को एहसास हुआ कि वह आरैना ही है। आर्या ने रेहान को परखने के लिए दूरी बनाई, लेकिन अंततः, चाँदनी के नीचे, रेहान ने उसे पहचान लिया। दोनों का मिलन हुआ, और इस बार उनका प्यार हमेशा के लिए था।
Now Next
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Black wood forest....
चाँद रात के बीचों-बीच चमक रहा था।
उसकी ठंडी रोशनी रेहान और आर्या के चेहरे पर ऐसे गिर रही थी
जैसे खुद चंद्रदेवी उनकी वापसी को आशीर्वाद दे रही हो।
उनका चुंबन,
उनकी साँसें,
उनकी धड़कनें—
सब एक-दूसरे में घुल चुके थे।
जब दोनों अलग हुए,
तो उनके बीच एक अजीब-सी रोशनी मंडरा रही थी—
मद्धम, चाँद-सी सफ़ेद।
रेहान ने आर्या के चेहरे को दोनों हाथों से पकड़कर कहा,
“तुम सच में लौट आईं…
मैंने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी थी।”
आर्या ने उसके सीने से लगकर धीरे से कहा,
“मैंने भी नहीं…
बस रास्ता लंबा था।”
कुछ पल दोनों चुप खड़े रहे।
सिर्फ हवा,
चाँद
और उनके दिल—
जो अब एक साथ चल रहे थे।
अचानक
आर्या के हाथ में हल्की नीली चमक चमकी।
रेहान चौका,
“यह… क्या है?”
आर्या ने अपने हाथ को हैरानी से देखा।
रोशनी फड़क रही थी—
जैसे उसके अंदर कोई नई शक्ति जाग रही हो।
“मुझे नहीं पता…
ये पहले कभी नहीं हुआ।”
रेहान ने उसका हाथ पकड़ा—
और रोशनी तुरंत शांत हो गई।
वह मुस्कुराया,
“शायद… तुम मुझे पहचानती हो इसलिए।”
आर्या ने सिर हिलाया,
“नहीं।
यह कुछ और है।
मेरे अंदर कुछ… बदल रहा है।
जैसे कोई नई शक्ति खुल रही हो।”
रेहान ने गंभीर होते हुए कहा,
“श्राप टूटने की कीमत हमेशा कुछ अलग रूप में आती है।
तुमने श्राप से मुक्ति दिलवाई—
इसका मतलब है कि चंद्र शक्ति अब तुम्हारे अंदर प्रवाहित हो रही है।”
“लेकिन इसका मतलब क्या है?”
आर्या ने घबराकर पूछा।
“मतलब…”
रेहान ने धीरे से उसका चेहरा ऊपर उठाया,
“अब तुम सिर्फ इंसान नहीं रहीं।
तुम चाँद की संतान बन चुकी हो।”
आर्या की साँसें तेज़ हो गईं।
चाँदनी पर अचानक एक काली आहट पड़ी।
हवा का तापमान गिर गया।
जंगल की पत्तियाँ स्थिर हो गईं।
रेहान तुरंत सतर्क हो गया।
उसकी आँखों में पहले वाली सुनहरी चमक लौट आई।
“कुछ… आ रहा है।”
आर्या ने पूछा,
“कौन?”
अगले ही पल
जंगल के बीच काले धुएँ जैसी एक आकृति उठी—
लंबी, पतली,
और उसकी आँखें अंगारों जैसी लाल।
रेहान ने दाँत भींचे,
“Shadow King…”
आर्या का दिल धड़क उठा।
“ये कौन है?”
रेहान धीरे से बोला,
“चंद्रदेवी के श्राप का असली रक्षक।
वो जिसने सदियों तक सुनिश्चित किया
कि श्राप पूरा हो…
और कोई उसे तोड़ न सके।”
“और अब…
क्यों आया है?”
आर्या ने एक कदम पीछे लेते हुए पूछा।
रेहान ने उसका हाथ पकड़ा।
“क्योंकि तुमने श्राप तोड़ा है।
और Shadow King यह स्वीकार नहीं करेगा।”
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वह आकृति उनके सामने स्थिर हो गई।
उसकी आवाज़ गूंज जैसी थी—
“रूहों का मिलन…
श्राप का टूटना…
और चंद्र शक्ति का एक नए पात्र में जागना—
यह संतुलन नहीं है।”
रेहान ने तल्खी से कहा,
“तुम्हारा संतुलन हमें नहीं चाहिए!”
Shadow King ने हँसते हुए कहा,
“यह कहानी तुम दोनों की नहीं…
चाँद की है।
आरैना, या कहूँ—
आर्या—
अब तुम्हारे अंदर ताकत है।
लेकिन यह ताकत…
चंद्रदेवी ने तुम्हें नहीं दी।
तुमने इसे छीन लिया है।”
आर्या काँप गई।
“मैंने कुछ नहीं छीना…”
“झूठ।”
धुएँ की आकृति उसके चारों ओर घूम गई।
“तुम मर चुकी थीं।
देवी ने तुम्हारी आत्मा को मुक्त किया था।
पर तुम वापस लौटी—
एक नए शरीर में।
यह प्राकृतिक नहीं है।”
रेहान गुस्से से आगे बढ़ा।
“वो मेरे पास वापस आई है!
यह बस इतना ही है!”
Shadow King की आवाज़ और भारी हो गई—
“और यही विनाश की शुरुआत है।
एक पुनर्जन्मित आत्मा
चंद्र शक्ति को स्थिर नहीं रख सकती।
तुम्हारा प्रेम…
तुम दोनों की दुनिया नष्ट कर देगा।”
आर्या की आँखें नम हो गईं।
“हम किसी को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहते…”
“लेकिन तुम पहुँचाओगी ही।
भविष्य का ताना-बाना टूट चुका है।”
अचानक Shadow King का हाथ उठा—
काले धुएँ का भंवर आर्या की तरफ बढ़ा।
रेहान चिल्लाया,
“आर्या! पीछे!”
वह उसके सामने खड़ा हो गया,
और धुएँ की लपटें उसके सीने से टकराकर
धूल में बदल गईं।
रेहान गरजा—
“उस पर हाथ मत लगाना!”
Shadow King ने ठंडी हँसी हँसी—
“तुम उसे बचा नहीं पाओगे…
वह खुद अपने अस्तित्व से
अपना विनाश लिख रही है।”
धुआँ घूमा
और Shadow King
पेड़ों की छाया में गायब हो गया।
रेहान और आर्या स्तब्ध खड़े थे।
जंगल फिर सामान्य हो गया,
पर उनके दिल नहीं।
आर्या काँप रही थी।
रेहान ने उसे अपनी बाँहों में भर लिया।
“डरो मत…
जब तक मैं हूँ,
कोई तुम्हें छू भी नहीं सकता।”
आर्या ने आँसू रोकते हुए पूछा,
“क्या वो सच कह रहा था?
क्या मैं सच में विनाश लाऊँगी?”
रेहान ने उसके चेहरे को अपने हाथों में थामकर कहा—
“देखो मेरी आँखों में।
तुम वो हो…
जिसने मेरी रूह बचाई है।
तुम मेरे जीवन की रोशनी हो,
अँधेरा नहीं।”
आर्या उसकी छाती से लगकर रो पड़ी।
“मैं तुम्हें खोना नहीं चाहती।”
रेहान ने उसके माथे पर एक धीमा चुंबन दिया।
“और मैं तुम्हें फिर कभी जाने नहीं दूँगा।”
उस पल दोनों को पता था—
उनका प्रेम अब सिर्फ दो दिलों की कहानी नहीं रहा।
यह नियति का युद्ध था।
और आर्या के अंदर चमक रही रोशनी—
अब सिर्फ शक्ति नहीं,
बल्कि आने वाली लड़ाई का संकेत थी।
रेहान ने उसका हाथ थामकर कहा,
“अब हमें तुम्हारी शक्ति को समझना होगा।
क्योंकि Shadow King जो कह गया है…
वह कोई चेतावनी नहीं,
एक भविष्यवाणी है।”
आर्या ने चाँद को देखा—
उसकी आँखों में अब डर कम और दृढ़ता ज़्यादा थी।
“तो चलो, रेहान…
जो भी होना है,
हम साथ में लड़ेंगे।”
रेहान मुस्कुराया—
“साथ?
नहीं…
हमेशा साथ।”
और दोनों चाँद की रोशनी में
पहाड़ी से नीचे उतरने लगे—
जहाँ एक नई कहानी
उनका इंतज़ार कर रही थी।
---
To bi continue ✍️....
In previous chapter, you saw that रेहान returned from Blackwood Forest and reunited with Arya. After their reunion, they shared a moment under the moonlight. Then Arya's hand began to glow, and रेहान realized that she was no longer just human, but a child of the moon. Suddenly, the Shadow King appeared, claiming that Arya's return and the lunar power within her would destroy their world. He then attacked Arya, but रेहान protected her. The Shadow King disappeared, leaving Arya and रेहान worried and scared about the future, but they vowed to fight together. They decided to understand Arya's power, accepting the coming battle together.
Now Next
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और दोनों चाँद की रोशनी में पहाड़ी से नीचे उतरने लगे—
जहाँ एक नई कहानी उनका इंतज़ार कर रही थी।
चाँद की रोशनी उनके कदमों के साथ-साथ चल रही थी,
जैसे वह खुद उन्हें राह दिखा रहा हो।
पेड़ों की पत्तियों पर चाँद के हल्के सुनहरी कण चमक रहे थे—
कुछ ऐसा जो ब्लैकवुड में सिर्फ एक ही समय होता था…
जब कोई शक्ति जागने वाली हो।
रेहान ने चलते-चलते पीछे देखा।
आर्या के चारों ओर एक हल्की, चाँदी-सफेद आभा चमकने लगी थी।
थोड़ी-थोड़ी, लेकिन साफ़।
वह रुक गया।
“आर्या… तुम ये महसूस कर रही हो?”
आर्या ने आँखें झपकीं।
“क्या… क्या हो रहा है मेरे साथ?
मेरी त्वचा गर्म क्यों लग रही है?”
रेहान उसके करीब आया।
उसने उसकी हथेली को अपनी हथेली में लिया—
और एक हल्की-सी चिंगारी सी उठी।
आर्या के भीतर एक तेज़ साँस उठी।
“ये… ये क्या था?”
रेहान की निगाहें गंभीर हो गईं।
“ये तुम्हारी नई शक्ति है।
तुम्हारे भीतर चाँद की ऊर्जा लौट रही है, आर्या।
ये… awakening है।”
आर्या घबरा गई।
“लेकिन… मैं इसे संभाल पाऊँगी?”
रेहान ने धीरे से उसके दोनों हाथ थाम लिए।
“मैं हूँ तुम्हारे साथ।
हमेशा।
और ये शक्ति… तुमसे डरने के लिए नहीं,
तुम्हें बचाने के लिए है।”
आर्या की धड़कन तेज़ हो गई—
शायद शक्ति की वजह से,
शायद रेहान के इतने करीब होने की वजह से।
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जैसे ही वे नीचे उतरे,
जंगल की ज़मीन पर एक काली लकीर धीरे-धीरे फैलने लगी।
ऐसा लगा जैसे धरती की परछाई घुलकर
किसी एक जगह इकट्ठी हो रही हो।
पेड़ हिलने लगे।
हवा थम गई।
और उनके सामने
अंधेरे का एक गोलाकार धुआँ उठा—
Shadow King की आवाज़ आई।
“तो…
चाँद की वारिस जागने लगी है।”
आर्या का दिल धक से रुक गया।
उसकी नाड़ी तेज़ होने लगी।
लेकिन रेहान एक कदम आगे बढ़ गया—
उसका हाथ पीछे करके आर्या को अपने पीछे कर लिया।
“उसे कुछ नहीं होगा।”
रेहान की आवाज़ गुर्राहट जैसी थी—
डरावनी, लेकिन आर्या के लिए आश्वस्त करने वाली।
Shadow King की हँसी हवा में काँप उठी।
“तुम अब भी सोचते हो कि उसे बचा पाओगे?
तुम भूल जाते हो, Rehan…
तुम पर भी वो श्राप अभी पूरा नहीं टूटा है।”
रेहान की आँखें चमक उठीं।
लेकिन उससे पहले,
आर्या ने अचानक रेहान की बाँह पकड़ ली।
उसका स्पर्श गर्म था—
बहुत गर्म।
और उसी पल
एक चमकदार रोशनी आर्या की उंगलियों से निकली
और सीधे Shadow King की परछाई पर पड़ी।
अंधेरा पीछे हट गया।
रेहान स्तब्ध रह गया।
“…आर्या… तुमने ये कैसे किया?”
आर्या खुद डर गई।
“मैंने… मैंने कुछ नहीं किया!
ये खुद-ब-खुद—”
Shadow King की आवाज़ फिर आई,
लेकिन इस बार दूर से…
“ठीक है…
जाग जाओ, छोटी चाँद।
क्योंकि तुम मेरी भविष्यवाणी का आख़िरी हिस्सा हो।”
और परछाई गायब हो गई।
---
आर्या के कदम लड़खड़ा गए।
रेहान ने उसे पकड़ा।
“तुम ठीक हो?”
आर्या उसकी तरफ झुकी हुई थी—
गले के पास उसकी गर्म साँस पड़ रही थी।
दिल तेज़ धड़क रहा था।
रेहान के सीने से उसकी साँसें टकरा रही थीं।
“मैं… मैं डर रही हूँ, रेहान।”
रेहान ने उसकी कमर पकड़ी,
उसे अपने और करीब खींच लिया।
“मैं हूँ यहाँ।
जब तक मैं ज़िंदा हूँ,
तुम्हें छू भी नहीं सकता कोई।”
आर्या ने उसकी गर्दन पर हाथ रख दिया—
पहली बार…
अपनी इच्छा से।
“रेहान… तुम क्यों इतने… गुस्से में आ जाते हो
जब Shadow King मेरी बात करता है?”
रेहान ने जवाब नहीं दिया।
बल्कि उसकी आँखों में गहराई से देखा—
इतना गहरा कि आर्या खुद काँप गई।
“क्योंकि वो तुम्हें मुझसे दूर ले जाएगा।
और मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता।”
आर्या का दिल एक पल के लिए रुक गया।
उसकी सांस हल्की हुई।
और चेहरे पर हल्की गर्मी चढ़ गई।
“रेहान…”
उसकी आवाज़ धीमी थी,
थोड़ी काँपती हुई…
शायद डर से,
शायद… किसी नई भावना से।
रेहान ने उसके गाल को हल्के से छुआ।
“तुम नहीं समझती, आर्या…
तुम मेरे लिए क्या हो।”
और एक पल के लिए
दोनों के बीच सिर्फ चाँदनी थी—
सफेद, शांत, लेकिन गर्म।
---
अचानक आर्या का शरीर हल्का-सा चमका।
उसके बाल हवा में उठे।
उसके हाथों पर चाँदी की लकीरें उभर आईं।
“रेहान…!”
वो डर गई।
रेहान ने तुरंत उसे बाजुओं में भर लिया।
“फोकस करो!
अपने दिल पर ध्यान दो!”
आर्या ने आँखें बंद की…
और उसने महसूस किया—
चाँद की रोशनी जैसे उसकी नसों में बह रही है।
उसके भीतर एक चमक,
एक गर्म लहर,
एक शक्ति…
जो सोई हुई थी, अब जाग रही थी।
कुछ देर बाद आभा शांत हुई।
आर्या धीरे से रेहान की बाहों से बाहर आई।
“ये… क्या था?”
रेहान मुस्कुराया।
“तुम Moon-Blessed हो।
तुम चाँद की रक्षक हो।
और Shadow King इसलिए तुम्हें चाहता है—
क्योंकि तुम्हारी शक्ति
उसके अंधेरे को तोड़ सकती है।”
आर्या की आँखें फैल गईं।
“तो आने वाला युद्ध… मेरे लिए है?”
“नहीं।”
रेहान ने उसकी ठुड्डी उठाई।
“हम दोनों के लिए है।”
---
जंगल फिर से काँपने लगा।
दूर आसमान में काली लपटें उठीं।
पत्तों में एक अजीब सरसराहट दौड़ी।
रेहान की आँखें खतरनाक हो गईं।
“वो… आ रहा है।”
आर्या ने उसका हाथ थाम लिया—
इस बार मजबूती से।
“तो चलो, रेहान…
जो भी होना है,
हम साथ लड़ेंगे।”
रेहान मुस्कुराया—
धीमी, गहरी मुस्कान।
“साथ?
नहीं…
हमेशा साथ।”
और दोनों
चाँद की रोशनी में
आने वाले युद्ध की ओर बढ़ गए।
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In previous chapter, you saw that रेहान और Arya Shadow King के हमले के बाद भविष्य के बारे में चिंतित थे, लेकिन उन्होंने साथ लड़ने की कसम खाई और Arya की शक्ति को समझने का फैसला किया।
और दोनों चाँद की रोशनी में पहाड़ी से नीचे उतरने लगे— जहाँ Arya महसूस करती है कि उसकी शक्ति जाग रही है और रेहान उसे बताता है कि यह उसकी नई शक्ति है। फिर, Shadow King प्रकट होता है, Arya को चाँद की वारिस कहता है, और रेहान उसकी रक्षा करता है। Arya अपनी शक्तियों का उपयोग करती है और Shadow King गायब हो जाता है। रेहान Arya को बताता है कि वह Moon-Blessed है और Shadow King उसकी शक्ति को चाहता है। वे एक साथ आने वाले युद्ध का सामना करने के लिए तैयार होते हैं।
Now Next...
जंगल की हवा सामान्य नहीं थी।
वो ठंडी नहीं—भारी थी।
जैसे हर पेड़, हर शाखा आने वाले तूफ़ान के नीचे झुकने को तैयार हो।
रेहान और आर्या पहाड़ी के नीचे पहुँचे ही थे कि
आसमान में एक गहरी लकीर खुल गई—
काली, बिजली जैसी, मगर बिना रोशनी के।
अंधेरी, फटती हुई।
रेहान ने तुरंत आर्या का हाथ कसकर पकड़ा।
“युद्ध… शुरू हो चुका है।”
आर्या की उँगलियाँ खुद-ब-खुद गर्म होने लगीं।
उसे लगा उसके अंदर कोई सोया हुआ दरवाज़ा खुल रहा है,
धीरे-धीरे, लेकिन तेज़ी से।
उसने काँपती आवाज़ में पूछा—
“क्या सिर्फ हम दोनों…?”
रेहान ने उसकी आँखों में देखा।
“जब तक तुम मेरी ताक़त हो… मैं अकेला नहीं हूँ।”
उसने हल्के से मुस्कुराने की कोशिश की।
आर्या के दिल को अजीब-सी गर्मी लगी।
पर समय कम था।
अचानक ज़मीन फटी।
पेड़ों के बीच से एक काली धुँध उठी—
फिर दूसरी…
फिर तीसरी।
जैसे जंगल की हर परछाई जीवित हो उठी हो।
छायाएँ एक जगह इकट्ठी होने लगीं
और कुछ ही सेकंड में वह आकार बदलकर
एक काले, लंबे आकार में बदल गया—
Shadow King।
वह पूरी तरह दिखाई नहीं देता था,
लेकिन उसकी आँखें…
दो गहरी लाल अंगारे की तरह चमक रही थीं।
लहू जैसी चमक।
क्रोध जैसी गर्मी।
“Moon-Blessed…”
उसकी आवाज़ पेड़ों को थरथरा देती थी।
“तुम जाग चुकी हो।
आख़िरकार।”
आर्या एक कदम पीछे हटी।
रेहन ने उसका हाथ पकड़ा और आगे खड़ा हो गया।
“उससे दूर रहो।”
Shadow King हँसा—
लंबी, खतरनाक, काँपती हुई हँसी।
“तुम उसे बचा भी कैसे सकते हो, Rehan?
तुम तो खुद आधे-अधूरे हो।
अभी भी श्राप का हिस्सा।”
रेहान की आँखें चमकीं—
पीली, तेज़, भेड़िये जैसी।
उसने गुर्राया।
“मेरा श्राप… मेरी ताक़त है।”
और उसी पल,
उसका शरीर बदलने लगा—
पर इस बार पूरा नहीं, सिर्फ आधा।
उसकी पीठ पर काले फर उभर आए।
उसकी गर्दन और जबड़े का ढाँचा तेज़ हो गया।
उसकी उँगलियों से नुकीले पंजे निकले।
आर्या ने पहली बार उसे इस रूप में देखा।
वो डरी नहीं, बल्कि उसकी धड़कन तेज़ हो गई—
गर्व से?
खतरे से?
या… उसके लिए?
उसने धीमे से कहा—
“रेहान…”
रेहान ने पीछे मुड़कर कहा—
“डरो मत।
मैं हूँ।”
Shadow King ने अपनी परछाई-जैसी भुजा उठाई
और सीधा रेहान पर वार किया।
रेहान ने एक छलांग में आर्या को पीछे धकेला
और खुद सामने आ गया।
धमाक्क्क्क!
उसका शरीर पेड़ से टकराया।
पेड़ दो हिस्सों में टूट गया।
आर्या चीख पड़ी—
“रेहान!!”
रेहान ने दाँत भींचे,
गहरी साँस ली,
और फिर जमीन से उठ खड़ा हुआ।
“मैंने कहा था,
उसे छू भी मत।”
और वो Shadow King पर टूट पड़ा।
दोनों की टक्कर से जंगल काँप उठा।
ज़मीन फटने लगी।
पेड़ धराशायी होने लगे।
लेकिन Shadow King मजबूत था…
बहुत ज्यादा।
उसने रेहान को पकड़कर ज़मीन पर दे मारा।
फिर उसके ऊपर छाया का एक भाला बनाकर उठाया।
आर्या का दिल जैसे रुक गया।
“नहीं—!!”
उसके भीतर कुछ जल उठा।
गर्म, चाँदी जैसा।
उसने अपने हाथ फैलाए—
और उसके शरीर से
एक तेज़ रोशनी फूटी।
चाँदी की।
Moon-Blessed की।
वो रोशनी सीधा Shadow King को लगी।
वह कई कदम पीछे फिसल गया।
धुआँ छिटका।
अंधेरा काँपा।
आर्या की सांसें तेज़ थीं।
उसके हाथ काँप रहे थे।
लेकिन उसकी आँखें चमक रही थीं—
चाँद की तरह।
रेहान ने हैरानी से उसे देखा।
“…आर्या… ये तुमने—”
आर्या ने उसकी बांह पकड़ ली।
“मैं तुम्हें गिरने नहीं दूँगी।”
उस एक स्पर्श से
रेहान की दिल की धड़कन बदल गई।
उसकी आँखें नरम हो गईं।
“मैं भी तुम्हें नहीं।”
Shadow King फिर से उठा।
इस बार और ज्यादा शक्तिशाली।
उसके पीछे अंधेरा फैलने लगा—
पूरी धरती काली होने लगी।
“तुम दोनों…”
वह गरजा—
“मुझे रोक नहीं सकते!”
रेहान ने आर्या का हाथ पकड़ा।
“आर्या,
मेरी शक्ति अंधकार से है…
तुम्हारी रोशनी से।
हमें एकसाथ वार करना होगा।”
आर्या ने सिर हिलाया।
“साथ।”
रेहान मुस्कुराया—
गहरी, खूबसूरत,
जैसे उसके दिल का बोझ हल्का हो गया हो।
“हमेशा साथ।”
दोनों ने एक-दूसरे का हाथ थामा—
और उसी पल
दोनों की शक्तियाँ एक हुईं।
अंधेरा + चाँद की रोशनी।
Shadow King ने डर से पीछे कदम लिया।
“नहीं… ये नहीं हो सकता…!”
लेकिन देर हो चुकी थी।
दोनों ने साथ में वार किया।
“Moon Strike!!”
धमाक्क्क्क्क्क!!!
रोशनी और अंधकार का एक विस्फोट जंगल में फैल गया।
Shadow King चीखता हुआ पीछे फेंका गया
और कई परछाइयों में बिखर गया।
कुछ देर तक जंगल में सिर्फ
धुआँ… और सन्नाटा।
फिर रेहान ने धीरे से कहा—
“आर्या… तुम ठीक हो?”
आर्या उसके सीने पर गिर गई—
थकी हुई, पर सुरक्षित।
“क्योंकि तुम हो…”
उसने फुसफुसाया।
रेहान ने उसे अपनी बाँहों में कस लिया—
पहली बार
बिना डर के।
लेकिन तभी
हवा में एक आवाज़ गूँजी—
“युद्ध… अभी शुरू हुआ है, Moon-Blessed.”
ये आवाज़ Shadow King की थी—
लेकिन बहुत दूर से।
“ये तो बस पहला वार था।
अगला… तुम्हारा अंतिम होगा।”
रेहान और आर्या ने एक-दूसरे की ओर देखा—
थके हुए,
लेकिन अब पहले से ज्यादा एक।
आर्या ने उसका हाथ पकड़ा।
“तो चलो।
जो भी आएगा…
हम दो लोग लड़ेंगे।”
रेहान ने उसकी तरफ झुककर कहा—
“दो नहीं, आर्या…
एक।”
दोनों चाँद की ओर देखते हैं—
और आने वाले युद्ध के लिए तैयार खड़े है।
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blackwood forest...
जंगल की आग अब बुझ चुकी थी।
पेड़ों की जली हुई गंध हवा में फैलती जा रही थी,
और पूरी घाटी उस भारी युद्ध की गूँज से काँप रही थी
जो कुछ मिनट पहले हुआ था।
रेहान ने अब भी आर्या को अपनी बाँहों में पकड़ा हुआ था।
उसकी साँसें धीमी लेकिन स्थिर थीं।
रेहान का दिल अभी भी तेज़ी से धड़क रहा था—
डर, चिंता और…
कुछ और, जिसका नाम वह खुद नहीं जानता था।
आर्या ने धीरे-धीरे आँखें खोलीं।
उसने जैसे ही देखा कि वह रेहान की बाँहों में है,
उसका चेहरा हल्का-सा लाल हो गया।
“रे…हान… मुझे नीचे उतारो,”
वो बमुश्किल बोल पाई।
रेहान ने उसे धीरे से खड़ा किया,
लेकिन उसका हाथ अब भी छोड़ नहीं पाया।
“तुम ठीक हो?”
उसकी आवाज़ भेड़िये जैसी भारी थी,
पर उस heaviness के अंदर सिर्फ चिंता थी।
आर्या ने सिर हिलाया,
“हाँ, पर रेहान… Shadow King—
वह पूरी तरह गया नहीं है।”
रेहान की आँखें सिकुड़ गईं।
“मुझे पता है।
उसकी छाया अभी भी हवा में है।”
और सच में—
ठंडी हवा में एक काला, धुँधला कंपन तैर रहा था,
जैसे किसी अदृश्य चीज़ की साँसें।
अचानक—
हवा घनी हो गई।
जंगल की चरमराहट बंद हो गई।
और कुछ ही पलों में
एक जगह की हवा पूरी तरह काली होने लगी।
आर्या ने रेहान का हाथ कसकर पकड़ा।
“वो… वापस आ रहा है।”
काली हवा एक जगह इकट्ठा होने लगी।
पहले एक छाया…
फिर एक आकार…
और फिर—
एक विशाल, भयावह आकृति।
Shadow King पहले जैसा नहीं लग रहा था।
इस बार वह पूरी तरह प्रकट हुआ था—
उसका चेहरा जैसे काली राख से बना हो,
आँखें लाल नहीं बल्कि खून जैसी चमकदार,
और उसके पीछे लहराते हुए
छाया के काले दैत्याकार पंख।
उसकी आवाज़ धरती को चीरती हुई—
“तुम दोनों ने सोचा… कि तुम मुझे हरा सकते हो?”
रेहान आगे बढ़ा,
“हमने सोचा नहीं—
हमने किया।”
Shadow King हँसा—
इतना गहरा कि जंगल में परछाइयाँ लहराने लगीं।
“ये तो बस मेरी परछाई थी, Rehan।
अब तुम मेरे असली रूप से लड़ोगे।”
आर्या का दिल तेज़ धड़कने लगा।
उसके हाथों में फिर वही चाँदी की गर्मी फैलने लगी,
लेकिन इस बार वह गर्मी तेज़ थी…
बहुत तेज़।
Shadow King ने अपना हाथ उठाया—
अंधकार का एक विशाल भाला सीधा आर्या की ओर फेंका।
रेहान चिल्लाया,
“आर्या—!!”
लेकिन इससे पहले कि वह उसे ढक पाता—
चाँदी की आग आर्या के चारों तरफ भभक पड़ी।
एक चमकदार, तेज़, जीवित आग—
Moon Flames
ये आग साधारण नहीं थी।
ये ठंडी थी,
लेकिन इतनी शक्तिशाली कि अंधकार को छूते ही चीर दे।
अंधकार का भाला उस आग से टकराया—
और चट्ssssssss!!
सीधे राख बन गया।
Shadow King पीछे हटा,
“यह शक्ति…!
Moon-Blessed की Flame Form…”
रेहान ने भी आश्चर्य में देखा,
“आर्या… तुम्हारे पास ये भी शक्ति है?”
आर्या खुद हैरान थी।
उसने अपने हाथों को देखा—
जिनसे चाँदी की लपटें उठ रही थीं
लेकिन उसे जल नहीं रही थीं।
“ये… अपने आप जागी है,”
उसने फुसफुसाया।
रेहान ने उसकी तरफ झुककर गंभीरता से कहा—
“इस शक्ति को संभालो।
ये तुम्हारा दूसरा रूप है—Moon Flames form।
तुम तैयार हो… आर्या।”
उसके कहने के तरीके में इतना विश्वास,
इतनी गर्माहट थी
कि आर्या का दिल एक पल को रुक गया।
Shadow King ने दहाड़ मारी—
“पर्याप्त!”
उसने दोनों हाथ फैलाए
और अंधेरा पूरी घाटी में फैल गया।
पेड़ एक-एक कर गिरने लगे,
धरती हिलने लगी,
और हवा में काले चिनगारियाँ उड़ने लगीं।
रेहान ने तुरंत आर्या का हाथ पकड़ा,
“मेरे पीछे रहो!”
पर आर्या ने उसका हाथ पकड़कर वापस अपनी ओर खींचा
“नहीं।
मैं अब छुपने वाली नहीं हूँ।”
उसकी आवाज़ में एक नई ताक़त थी।
वो आगे बढ़ी—
उसके चारों ओर Moon Flames की चाँदी आग
लहराती हुई।
Shadow King ने उसे देखते ही गुस्से से गुर्राया—
“तुम्हें यह शक्ति मिले…
ये कभी मेरा भाग्य नहीं था!”
आर्या का चेहरा कठोर हो गया।
“क्योंकि तुम अंधकार हो।”
“और मैं चाँद की बेटी।”
Shadow King उस एक वाक्य से कँपकँपा उठा।
और उसी पल वह आर्या पर टूट पड़ा।
Attack बहुत तेज़ था।
Shadow King ने छाया की तलवार बनाकर
सीधा आर्या के दिल पर वार किया।
आर्या खुद को संभाल पाती उससे पहले—
रेहान उससे पहले कूद गया।
उसकी पीठ पर Shadow King का वार लगा।
छक्!!
रेहान की दर्दभरी आवाज निकली।
“रेहान!!”
आर्या की आँखें चाँदी की चमक से भर गईं।
उसने गुस्से में दोनों हाथ फैलाए
और Moon Flames का एक विस्फोट Shadow King पर छोड़ा।
धड़ाम्म्म्म्म!!
Shadow King कई फीट पीछे जा गिरा।
आर्या भागकर रेहान के पास आई।
“रेहान… तुम घायल हो!”
रेहान ने धीमी मुस्कुराहट दी,
“तुम्हारी वजह से… मैं अभी भी जीवित हूँ।”
आर्या की आँखों से आँसू गिरने लगे,
“तुम हमेशा मुझे बचाते हो…
क्यों?”
रेहान ने उसका चेहरा अपनी उँगलियों से उठाया।
उसकी आवाज़ गहरी और सच्ची—
“क्योंकि तुम मेरी सबकुछ हो, आर्या।”
“मैं तुम्हें खोने का दर्द…
एक बार भी नहीं सह सकता।”
आर्या की साँस रुक गई।
उसका दिल तेज़ हो गया।
“रे…हान…”
उसकी आवाज़ काँप रही थी।
रेहान उसके और करीब आया।
इतना कि उसकी साँसें आर्या के होंठों को छू रहीं थीं।
“इस युद्ध में…
अगर मुझे किसी चीज़ से डर लगता है…
तो वो सिर्फ तुम्हें खोने का।”
आर्या की आँखें भर आईं।
उसने उसका चेहरा दोनों हाथों से पकड़ लिया—
“मैं भी तुम्हें खोने से डरती हूँ।”
दोनों एक पल तक बस एक-दूसरे को देखते रहे।
जंगल में शांति।
हवा में चाँद की रोशनी।
आसपास बिखरा हुआ अंधेरा।
रेहान धीरे से बोला—
“तो फिर… हमेशा साथ?”
आर्या—
“हमेशा साथ।”
उनकी आँखें बंद हुईं,
और उनके माथे एक-दूसरे से टिक गए।
एक ऐसा पल
जो किसी युद्ध से ज्यादा शक्तिशाली था।
पर उनका वो पल—
ज्यादा देर टिक नहीं पाया।
अचानक हवा फिर से काली हुई।
Shadow King ने जमीन से उठते हुए कहा—
“तुम दोनों को लगता है…
कि प्यार तुम्हें बचा लेगा?”
उसकी आवाज़ अब टूटी हुई थी,
पर उसमें एक क्रूर खुशी थी—
“असली युद्ध…
तो अब शुरू होगा।”
रेहान ने आर्या को पीछे किया।
“हम तैयार हैं।”
Shadow King ने अपने पंख फैलाए
और आसमान फट सा गया—
“पाँच रात बाद…
चाँद का रक्त-ग्रहण होगा।”
“और उस रात…
Moon-Blessed मरेगी।”
आर्या का दिल जम गया।
“रक्त-ग्रहण…?!”
रेहान ने उसके कंधे पर हाथ रखा,
“हम उसे होने नहीं देंगे।”
Shadow King चिल्लाया—
“तुम रोक नहीं सकते!!
भाग्य तय हो चुका है—
और तुम्हारी मौत…
मेरे हाथों लिखी है, चाँद की बेटी!”
और वह जोरदार विस्फोट के साथ गायब हो गया।
धुआँ छंटा—
जंगल शांत हो गया—
लेकिन हवा भारी थी।
बहुत भारी।
आर्या ने धीमे से पूछा—
“रेहान… अब क्या?”
रेहान ने उसका हाथ पकड़ा।
उसकी आँखों में विश्वास था—
और प्यार।
“अब?
अब हम तैयारी करेंगे।”
“जो भी आएगा…
हम दोनों मिलकर लड़ेंगे।”
आर्या ने सिर उसके कंधे पर रख दिया—
“हमेशा साथ?”
रेहान ने मुस्कुराकर कहा—
“हमेशा।
तुम… और मैं…
चाँद और अंधकार की तरह—
पर साथ।”
और दोनों चाँद की ओर देखते रहे—
जहाँ आने वाले रक्त-ग्रहण की चेतावनी
धीरे-धीरे उभर रही थी।
To bi continue ✍️...
तेज़ हवा चल रही थी। काले बादल आकाश में तैर रहे थे। और आर्या की हथेली अब भी हल्का-सा काँप रही थी…
वहीं, रिहान उसकी उँगलियों को कसकर पकड़े खड़ा था—जैसे उसका स्पर्श ही आर्या की ढाल हो।
जिस जगह पर Shadow King की अगली चाल का संकेत मिला था, वहाँ पहुँचकर वे दोनों ठिठक गए।
चारों तरफ सन्नाटा…
और बीच में काले पत्थरों से बनी एक विशाल गोल संरचना—Oblivion Ring।
आर्या ने धीमी आवाज़ में कहा—
“यही… यही से सब शुरू हुआ था, रिहान। Shadow King ने मेरी पहली जन्म की आत्मा को यहीं बाँधा था…”
रिहान ने चौंककर उसकी ओर देखा—
“आर्या… अगर ये सच है, तो इसका मतलब—”
आर्या ने सिर हिलाया।
“हाँ। यहाँ मेरी पिछली आत्मा के टुकड़े छिपे हैं… वो टुकड़े जो मुझे मेरी असली शक्ति देंगे।”
रिहान आगे बढ़ा, उसकी कमर पकड़कर हल्के से अपनी ओर खींचा।
“तो आज हम उन्हें वापस ले आएँगे। साथ में।”
आर्या ने धीमी मुस्कान दी।
लेकिन उसका दिल धड़क रहा था… तेज़।
और उस धड़कन में डर से ज़्यादा—खतरे की दस्तक थी।
जैसे ही आर्या Oblivion Ring के बीच पहुँची, पत्थर खुद-ब-खुद चमकने लगे।
नीली रोशनी… चांदी की चमक… और हवा में एक दबी हुई चीख।
रिहान बेचैन होकर बोला—
“आर्या, पीछे हटो—”
“नहीं,” आर्या की आवाज़ अचानक कठोर हो गई, “मुझे इसे महसूस होने दो।”
उसने आँखें बंद कर लीं। एक पल में पूरा दृश्य बदल गया—
वह खुद को एक पुराने युद्धक्षेत्र में खड़ा देख रही थी।
उसकी पिछली जन्म की परछाई—आरेना—काले वस्त्र, चांदी की तलवार, लाल आँखों के साथ उसके सामने खड़ी थी।
आरेना ने कहा—
“तुम लौट आई हो… आखिरकार।”
आर्या की सांस अटक गई।
“तुम… मेरे पिछले जन्म हो…?”
आरेना ने सिर हिलाया।
“और तुम्हारी असली शक्ति।
तुमने मुझे भूलने की कोशिश की।
लेकिन अब बिना मुझे अपनाए, तुम Shadow King को नहीं हरा सकती।”
आर्या ने trembling आवाज़ में पूछा—
“रिहान…? क्या वो भी इस स्मृति में है?”
आरेना का चेहरा अचानक कोमल हो गया—
“वो इस स्मृति में नहीं,
लेकिन तुम्हारे दिल की हर धड़कन में है।”
आर्या की आँखें भर आईं।
आरेना ने आगे बढ़कर अपने हथेली आर्या की हथेली पर रख दी—
और अचानक—
नीली ऊर्जा का विस्फोट!
आर्या की नसों में तेज़ गर्मी दौड़ने लगी।
उसके शरीर पर चांदी के निशान उभरने लगे।
उसकी आँखें एक पल को चमकीं—नीली आग जैसी।
आरेना की आवाज़ उसके कानों में गूंजी—
“अब… तुम पूरी हो।”
अचानक सब गायब हो गया।
आर्या ने आँखें खोलीं—
वह फिर Oblivion Ring के बीच में थी,
और उसके सामने रिहान घबराया हुआ खड़ा था।
“आर्या! तुम— तुम ठीक हो?”
उसने लगभग दौड़कर उसे पकड़ लिया, दोनों हाथों से उसके चेहरे को थामकर।
आर्या उसकी छाती से टिक गई, साँसें भारी थीं—
“मैंने… मैंने आरेना को देखा।”
रिहान की सांस रुक-सी गई।
“यानी… तुम्हारा पुनर्जन्म वाला संबंध सच है…”
आर्या ने सिर उसके दिल पर रख दिया—
“उसने कहा… तुम हमेशा मेरे साथ थे… मेरे हर जन्म में।”
रिहान ने उसे और कसकर पकड़ लिया—
“और इस जन्म में मैं तुम्हें खोने नहीं दूँगा, आर्या… कभी नहीं।”
उनकी साँसें आपस में मिलीं।
उनकी उंगलियाँ एक-दूसरे में उलझ गईं।
और पहली बार…
डर से ज्यादा, उनमें चाहत थी।
एक गहरी, खींचती हुई चाहत।
लेकिन तभी—
जमीन हिलने लगी।
Oblivion Ring से काला धुआँ उठा।
ठंडी हवा एक झटके में पूरे पहाड़ पर फैल गई।
और उसी धुएँ के बीच—
Shadow King की परछाई प्रकट हुई।
उसकी आवाज़ पत्थरों को चीरती हुई—
“तो… आरेना जाग चुकी है।”
रिहान तुरंत आर्या के सामने खड़ा हो गया—
“उसके पास मत आना।”
Shadow King ने हँसते हुए कहा—
“अरे, मैं क्यों आऊँ…
जब तुम्हारी प्यारी आर्या खुद मेरे पास आएगी?”
आर्या की मुट्ठी कस गई।
“तुम मुझे manipulate नहीं कर सकते अब। मेरी शक्तियाँ जाग चुकी हैं।”
Shadow King धीरे-धीरे पास आया—
“तुम्हारी शक्ति…?
नहीं, बच्ची।
ये शक्ति मेरी है।
क्योंकि आरेना की आत्मा मैंने ही कैद की थी।”
आर्या ने चीखकर कहा—
“उसका हक़ मुझ पर नहीं है!”
Shadow King की आवाज़ अचानक खतरनाक हो गई—
“लेकिन इसका एक और सच है, आर्या…
आरेना को मैंने सिर्फ कैद नहीं किया था—
मैंने उसे बनाया था।
और तुम्हें भी।”
रिहान और आर्या दोनों हिल गए।
“क्या मतलब?” रिहान गरजता हुआ बोला।
Shadow King पास आया, उसके कदमों की आवाज़ गूंज रही थी—
“तुम दोनों… मेरी रचना हो।
एक परछाई और एक रोशनी—
जो हमेशा एक-दूसरे को खोजते रहते हैं,
क्योंकि तुम दोनों का अस्तित्व मुझसे जुड़ा है।”
आर्या के कदम डगमगाए।
रिहान ने तुरंत उसे संभाल लिया।
“उसकी बात मत सुनो, आर्या।”
लेकिन Shadow King ने उँगली उठाई—
“अगर मैं न होता,
तो तुम दोनों का प्यार भी न होता।”
आर्या की आँखों में आँसू आ गए।
“तुम झूठ बोल रहे हो…”
Shadow King की हँसी अँधेरे में गूंजी—
“ओह, प्यारी आर्या…
अभी तुम्हें बहुत कुछ जानना है।”
रिहान ने उसका हाथ थामकर कहा—
“आर्या, उसकी बातें मत सुनो। तुम्हारी आत्मा तुम्हारी है।
तुम मेरी हो—किसी अँधेरे की नहीं।”
Shadow King ने गरजकर कहा—
“और तुम, रिहान… तुम तो बस उसकी ढाल हो—
जिसे मैं एक झटके में तोड़ सकता हूँ।”
रिहान की आँखें लाल चमक उठीं—
उसकी दानवी शक्ति निकलने लगी।
आर्या ने उसे अपनी ओर घुमाया—
“रिहान, नहीं! तुम उसे अकेले मुकाबला नहीं कर सकते।”
रिहान ने उसके माथे पर हाथ फेरते हुए कहा—
“मैं तुम्हें अपने से एक पल भी दूर नहीं जाने दूँगा।
तुम मेरी सबकुछ हो, आर्या।”
आर्या ने उसके हाथों को अपने गाल पर रखा—
“और तुम… मेरी सांस।”
उसी पल—
उनके बीच चांदी-नीली रोशनी उठी।
आर्या की शक्ति पूरी तरह जाग चुकी थी।
वह हवा में उठ गई।
उसके बाल हवा में लहराए, आँखे नीली आग से चमकीं।
Shadow King पीछे हटते हुए गुर्राया—
“यह… यह कैसे संभव है!?”
आर्या की आवाज़ अब पवित्र और शक्तिशाली दोनों थी—
“क्योंकि यह शक्ति मेरी आत्मा की है…
और मेरे दिल की—
जिसे तुम कभी छू भी नहीं सकते।”
उसने दोनों हाथ आगे बढ़ाए—
और एक विशाल नीली ऊर्जा का तूफ़ान Shadow King की ओर फेंक दिया।
धमाका हुआ—
ज़मीन फट गई, पत्थर उड़ गए, हवा गरज उठी।
Shadow King धुएँ में छिपते हुए चिल्लाया—
“तुमने युद्ध शुरू कर दिया है, आर्या…
और अब इसका अंत—
तुम्हारे प्यार से होगा!”
और वह धुएँ में गायब हो गया।
आर्या जमीन पर उतरी।
कमज़ोरी के मारे उसका संतुलन बिगड़ता,
लेकिन रिहान उसे संभालकर अपने सीने से लगा लेता है।
आर्या फुसफुसाई—
“रिहान… उसने कहा कि असली युद्ध अब शुरू होगा।”
रिहान ने उसकी कमर पकड़कर उसे और पास खींचा—
उसकी आवाज़ धीमी, मगर खतरनाक थी—
“तो मैं भी उसके लिए तैयार हूँ।
क्योंकि अगर उसने तुम्हें छूने की कोशिश भी की—
मैं दुनिया का हर अँधेरा जला दूँगा।”
आर्या मुस्कुरा दी…
हल्की, थकी, मगर दिल से।
“तो चलो,” उसने कहा,
“यूद्ध की तैयारी करते हैं…
एक साथ।”
रिहान ने उसके होंठों के पास झुककर फुसफुसाया—
“हमेशा… साथ।”
और दोनों चाँदनी में खड़े रहे—
जहाँ रोशनी और अँधेरा
पहली बार एक-साथ खड़े होकर
आने वाले लड़ाई का स्वागत कर रहे थे।
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blackwood forest...
रात की हवा बदली थी।
चाँदनी अब उतनी शांत नहीं थी जितनी कुछ देर पहले थी—उसमें हल्की लाल झलक उभरने लगी थी।
रिहान और आर्या अभी भी उसी ऊँचे पहाड़ी किनारे पर खड़े थे।
रिहान ने आर्या को अपनी बाहों में थाम रखा था, उसकी धड़कन अब सामान्य हो रही थी, पर उसकी आँखों की चमक अभी भी नीली जल रही थी—जैसे कोई दबी हुई आग जो अभी पूरी तरह बुझी नहीं।
“तुम ठीक हो?”
रिहान की आवाज़ धीमी थी, उसमें चिंता की गर्मी थी।
आर्या ने सर उसकी छाती पर टिकाकर कहा—
“मैं ठीक हूँ… लेकिन Shadow King लौटेगा। और इस बार… वो अकेला नहीं आएगा।”
रिहान ने उसके बालों पर उँगलियाँ फिराईं,
“तो आए… इस बार हम पहले से भी ज़्यादा तैयार हैं।”
आर्या ने उसकी ओर देखा—
“रिहान… अगर उसका हमला बहुत बड़ा हुआ तो तुम Dark Blood Mode—”
“बस।”
रिहान ने उसके होंठों पर उँगली रख दी।
“वो मोड मैं सिर्फ़ एक वजह के लिए खोलूँगा—तुम्हारी रक्षा।”
आर्या की आँखें पिघल गईं।
उसने उसका चेहरा पकड़ा, और उसके होंठों पर हल्का, धीमा, मगर गहरा kiss किया।
ये पल ऐसा था जैसे दुनिया रुक गई हो—अँधेरे और रोशनी के बीच बना उनका अपना छोटा सी दुनिया।
पर इस शांत पल में भी हवा में खतरे की गंध फैली हुई थी।
अचानक—झाड़ियों से सरसराहट हुई।
रिहान तुरंत आर्या के आगे आया।
जंगल की रेखा के पार—काली धुएँ से बनी आकृतियाँ उभरने लगीं।
पहले दस…
फिर बीस…
फिर दर्जनों।
Shadow King की Shade Army।
उनकी आँखें खून की तरह लाल थीं
और शरीर धुएँ जैसा—चिपचिपा, पर जीवित।
आर्या ने एक ठंडी साँस ली—
“ये… उसके सिपाही हैं। बिना आत्मा वाले।”
रिहान की आँखें हल्के लाल चमक उठीं।
“तो इन्हें मैं संभालता हूँ।”
आर्या ने उसका हाथ पकड़ा—
“रिहान, अकेले नहीं!”
“तुम पीछे रहो। मेरे साथ कुछ होगा नहीं।”
उसकी आवाज़ प्यार से भरी थी पर आदेश जैसी ठोस।
आर्या ने उसकी भुजा पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचा—
“मैं तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं रहूंगी। समझे?”
रिहान एक पल उसे घूरता रहा…
फिर उसकी कमर पकड़कर उसे बेहद पास खींच लिया।
“ठीक है। तो फिर हम दोनों… साथ में नर्क खोलेंगे।”
उसने उसकी माथे पर चुम्बन दिया और युद्ध शुरू हो गया।
पहला सिपाही तेज़ी से आर्या पर झपटा।
आर्या ने हाथ उठाया—
उसकी हथेली से नीली रोशनी निकली और सिपाही धुएँ के झोंके की तरह बिखर गया।
दूसरा आया—
आर्या ने एक घेरा बनाया,
चाँदी की ढाल हवा में खुली और वह उस ढाल के टकराते ही गायब हो गया।
रिहान ने यह देखकर मुस्कुराया—
“अब तो तुम मुझे भी डराने लगी हो।”
आर्या ने पलटकर कहा—
“डरना मत… बस साथ रहना।”
रिहान उसकी बात पर दिल से मुस्कुराया—
उसके भीतर का जानवर गर्जा, पर प्यार में भीग चुका था।
Shadow Army का तीसरा, चौथा, पाँचवाँ हमला
अब बहुत तेज़ हो चुका था।
एक सिपाही ने रिहान के कंधे पर वार किया।
रिहान एक पल झुका…
और अगली ही सांस—
उसकी आँखें जल उठीं।
पूरी तरह लाल।
उसके दाँत नुकीले हो गए।
नसों में काली आभा चमकने लगी।
हवा भारी हो गई।
आर्या ने फुसफुसाकर कहा—
“रिहान… तुम… बदल रहे हो।”
रिहान की आवाज़ अब गहरी, भेड़ियाई और टूटती हुई थी—
“आर्या… पीछे हट जाओ। मैं नियंत्रण खो सकता हूँ।”
आर्या आगे बढ़ी—
“तुम मुझे कभी चोट नहीं पहुँचाओगे।”
उसके ये पाँच शब्द
रिहान पर जादू की तरह गिरे।
अचानक—
रिहान की दानवी ऊर्जा उसके शरीर में घुलने लगी
पर उसकी आँखों में प्यार का रंग वापस आ गया।
उसने आर्या का चेहरा पकड़कर कहा—
“तुम… मेरे अंदर के जानवर को भी रोक सकती हो…
आर्या, तुम्हें अंदाज़ा नहीं है तुम मेरे लिए क्या हो।”
आर्या की सांस रुक गई।
इस पल में चारों तरफ अंधेरा था
पर उनके बीच—
सिर्फ रोशनी।
जब युद्ध की रफ्तार कम हुई,
सिपाही छटकर पीछे हटने लगे—
तभी
छाया से एक और आकृति निकली।
जीवित।
मानव।
किसी सैनिक जैसा।
जिसे देखकर रिहान की आँखें सिकुड़ गईं।
“कौन हो तुम?” रिहान गरजा।
वह आदमी घुटने टेककर बोला—
“मैं… आपके पिता की सेना का पुराना सदस्य हूँ…
आपको सच बताने आया हूँ।”
रिहान जड़ हो गया।
“मेरे पिता…? जो मर चुके हैं?”
आदमी ने कहा—
“वह ज़िंदा हैं, महाराज।”
उसने आर्या की ओर देखा, फिर बोला—
“और उन्होंने पहले ही Shadow King के साथ सौदा कर लिया है।”
आर्या को लगा ज़मीन खिसक गई।
रिहान की मुट्ठियाँ काँप उठीं—
“ये झूठ है। मेरे पिता—जो Shadow King से नफ़रत करते थे—वे उसकी तरफ कैसे…?”
आदमी ने गहरी साँस ली—
“क्योंकि Shadow King ने उन्हें एक वादा दिया है…”
उसने नजरें आर्या पर टिका दीं—
“कि अगर वे उसकी मदद करेंगे…
तो वह आर्या की शक्ति हमेशा के लिए सील कर देगा।”
आर्या की साँस एक पल को ठहर गई।
“मुझे… सील कर देगा?”
सिपाही ने कहा—
“हाँ। ताकि आप फिर कभी रिहान की ज़िंदगी में खतरा न बनें।”
रिहान ने दहाड़कर कहा—
“आर्या मेरे लिए खतरा नहीं—मेरी ज़िंदगी है!”
रिहान के शब्द हवा में गूँज गए।
आर्या की आँखें भर आईं।
लेकिन यह warm moment उसी पल टूट गया
जब आदमी ने कहा—
“और आपके पिता… इस वक्त यहाँ आ रहे हैं।”
रिहान हक्का–बक्का।
आर्या स्तब्ध।
हवा भयानक ठंडी।
पहाड़ी के नीचे से कदमों की भारी आवाज़ उठी—
कई सैनिकों की।
किसी राजा की।
रिहान की आँखें फैल गईं।
उसका कंठ सूख गया।
“नहीं…
ये…
ये मेरे पिता की मौजूदगी है।”
आर्या ने उसका हाथ थाम लिया—
“रिहान… तुम अकेले नहीं हो। जो भी सच होगा—हम दोनों मिलकर सामना करेंगे।”
रिहान ने उसे अपनी बाँहों में खींच लिया।
उसकी तलवार की नोक जमीन में धँस गई।
उसकी साँसें टूट रहीं थीं, पर उसकी पकड़ अटल थी—
“आर्या… जो भी हो… मत दूर जाना।”
आर्या ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा—
“कभी नहीं।”
लेकिन नीचे से आती परछाइयों में एक चेहरा था—
जो इस कहानी का सबसे बड़ा तूफ़ान बनने वाला था।
रिहान का पिता।
Shadow King का नया साथी।
और उसकी नज़र
सीधे आर्या पर टिकी थी।
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to bi continue ✍️...
psnd aaye to comment nd rating or mujhe follow jrure kre or niche pratilipi ki id h aap mujhe vha bi follow kr skte h meri nw novel vhi aayngi...
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Blackwood forest.....
रात की घनी खामोशी अचानक भारी होने लगी थी।
रिहान और आर्या अब भी उस पहाड़ी पर खड़े थे, जहाँ हवा में एक अजीब-सी कंपकंपी थी—मानो जंगल खुद उन्हें किसी अनजान खतरे के लिए चेतावनी दे रहा हो।
नीचे से आती कदमों की आवाज़ तेज़ हो रही थी…
कदम नहीं—कवच की गूँज।
रिहान का दिल एक पल के लिए थम गया।
पेड़ों की छाया के बीच से एक गहरी आकृति धीरे-धीरे पहाड़ी पर चढ़ती दिखाई दी—
काली चादर, भारी कवच, और चेहरे पर टूटा हुआ मुखौटा।
आर्या की उंगलियाँ रिहान की हथेली को कसकर पकड़ गईं।
“कौन है वो…?” उसकी आवाज़ काँप रही थी, पर आँखें नहीं।
रिहान की साँसें उखड़ गईं—
“नहीं… ये संभव नहीं…”
आकृति पास आई, और चाँदनी में उसकी आधी जली हुई दाढ़ी चमकी।
“…पिता?”
रिहान ने जैसे किसी गहरे जख्म को महसूस किया।
उसका पिता—देव्रान।
वो योद्धा जिसे पूरा राज्य मर चुका मान चुका था।
पर आज वो जिन्दा था…
और उसके चेहरे पर Shadow King का काला निशान जल रहा था।
आर्या ने फुसफुसाया—
“ये Shadow Mark है… इसका मतलब—”
देव्रान की आवाज़ भारी और टूटी हुई गूँजी—
“हाँ। मैं Shadow King का योद्धा हूँ।”
रिहान दो कदम पीछे हट गया, मानो उसकी रीढ़ में बर्फ भर गई हो।
“आपने… उसके साथ गठबंधन कर लिया? आपने कहा था कि कभी अंधकार के आगे नहीं झुकेंगे!”
देव्रान का चेहरा दर्द से खिंच गया।
“और तुमने कहा था कि परिवार कभी नहीं टूटेगा।”
उसकी आँखें लाल चमकीं—
“पर तुमने अपनी किस्मत खुद चुन ली है, रिहान। अब मैं अपनी निभा रहा हूँ।”
आर्या तुरंत रिहान के सामने आ गई—
“वो तुम्हें भड़काना चाहता है। अभी पीछे हटने का समय नहीं है।”
देव्रान ने आर्या की तरफ देखा, और उसकी आँखों में खतरे की गहराई दिखी।
“ये वही लड़की है… जिसकी वजह से तुम चाँद के श्राप के खिलाफ खड़े हुए? वही पुनर्जन्म के चक्र वाली?”
रिहान गुर्राया—
“उसे छूने की कोशिश भी मत करना!”
देव्रान थका हुआ हास्य हँसा—
“मैं उसे छूने नहीं आया… उसे ले जाने आया हूँ।”
आर्या की साँसें अटक गईं।
रिहान का चेहरा खून की तरह लाल हो गया—
“आप उसे नहीं ले जा सकते!! Shadow King को तुम्हारी वफादारी की कीमत चाहिए? तो मैं ही काफी हूँ!”
देव्रान की आवाज़ और ठंडी हो गई।
“Shadow King तुम्हें नहीं चाहता…
वो उसे चाहता है।”
आर्या स्तब्ध।
“मुझे… क्यों?”
देव्रान ने जवाब नहीं दिया, बस काले आकाश की तरफ देखा—
“क्योंकि उसकी आत्मा में वही रोशनी है जो अंधेरे को जला सकती है। और Shadow King अपनी मौत नहीं चाहता।”
रिहान का दिल डूब गया।
देव्रान ने आगे कदम बढ़ाया।
पहाड़ी की जमीन उसके भारी कदमों से कांप उठी।
रिहान तुरंत आर्या के सामने खड़ा हो गया—
“आप मेरे पिता हैं… लेकिन अगर आज आपने आर्या की तरफ एक कदम भी बढ़ाया—तो मैं आपको अपना दुश्मन मान लूँगा।”
देव्रान रुक गया।
उसकी आँखों में एक पल के लिए अजीब सी चमक उभरी—
दर्द… और प्यार… दोनों।
फिर वो ठंडी हो गई।
“तुमने पहले ही मुझे खो दिया था, रिहान… जिस दिन तुमने उसके लिए लड़ना चुना।”
आर्या ने एक कदम आगे बढ़ते हुए धीमी आवाज़ में कहा—
“आप गलत हैं। आपने अपने बेटे को नहीं खोया…
आपको बस उसे फिर से थामना था।”
देव्रान ने उसकी तरफ देखा—
और पहली बार उसका चेहरा नरम पड़ा।
उसकी आँखें जैसे कुछ याद कर रही थीं…
उस जिंदगी की झलक जो उसने कभी रिहान और उसकी माँ के साथ बिताई थी।
पर छाया का निशान झिलमिलाया—
उसका चेहरा फिर कठोर हो गया।
“देर हो चुकी है।”
देव्रान ने अपनी तलवार निकाली—
उसकी धार पर काली लपटें नाच रही थीं।
रिहान चीख पड़ा—
“पिता—!!”
पर देव्रान ने वार नहीं किया।
उसने तलवार जमीन पर गाड़ दी।
आर्या चौंक गई—
“ये… क्या कर रहे हो?”
देव्रान की आवाज़ धीमी, टूटी हुई थी—
“मैं तुमसे नहीं लड़ना चाहता, रिहान।
लेकिन अगर मैंने Shadow King की आज्ञा नहीं मानी…
तो वो तुम्हें मार देगा।
और मैं… मैं फिर से तुम्हें नहीं खो सकता।”
रिहान की आँखें भर आईं।
“तो आप क्या चाहते हैं? मैं क्या करूँ?!”
देव्रान की आवाज़ फुसफुसाहट बन गई—
“आर्या को मेरे हवाले कर दो।”
रिहान के भीतर कुछ टूट गया।
आर्या ने रिहान का हाथ थाम लिया—
“मैं खुद जाऊँगी, अगर इससे रिहान बच जाता है।”
“नहीं!!”
रिहान ने उसका चेहरा पकड़कर कठोरता से कहा—
“तुम कहीं नहीं जाओगी। मैं तुम्हें दूसरी बार नहीं खोऊँगा। यह जीवन है, और चाहे पुनर्जन्म हो या मौत—मैं हर जन्म में तुम्हें अपने साथ रखूँगा।”
आर्या की आँखों में आँसू चमके।
उसकी आवाज़ काँप गई—
“रिहान…”
देव्रान ने सिर झुकाया।
“भावना… यही तुम्हारी कमजोरी है।”
रिहान गरजा—
“और यही मेरी सबसे बड़ी ताकत भी।”
तभी—
हवा में काली राख घूमने लगी।
छाया का एक बड़ा शोर उठा—
Shadow King की आवाज़ पहाड़ी पर गूँजी—
“देव्रान… या तो लड़की को लाओ, या मैं खुद आऊँगा।”
आर्या काँप उठी।
रिहान ने तलवार उठा ली।
देव्रान ने ऊपर देखा—
“वो आ रहा है…
मेरे पास समय नहीं है।”
अचानक उसने आर्या की ओर कदम बढ़ाया—
रिहान चिल्लाया—
“रुको!!”
देव्रान उसकी तरफ नहीं मुड़ा।
उसका हाथ आगे बढ़ा…
आर्या की तरफ…
पर उसी पल—
उसका हाथ काँप गया।
उसकी उंगलियाँ मुड़ गईं।
उसके अंदर का इंसान—
अंधेरे से लड़ रहा था।
देव्रान दहाड़ा—
“नहीं!! मैं अपने बेटे को चोट… नहीं… पहुँचाऊँगा—”
उसकी नसें बाहर उभर आईं, Shadow Mark जल उठा।
वह दर्द से जमीन पर गिर गया।
रिहान दौड़कर उसके पास पहुँचा—
“पिता!!”
देव्रान ने मुश्किल से उसका हाथ पकड़ा। उसकी आवाज़ टूट रही थी—
“भागो… उसे लेकर… यहाँ से भाग जाओ…”
आर्या ने झुककर कहा—
“क्या Shadow King को हराने का कोई तरीका है?”
देव्रान ने काँपते हुए उसे देखा—
“उसकी हार… तुम्हारी… मौत… से खुलती है…”
आर्या सन्न।
रिहान का चेहरा सफेद पड़ गया।
“नहीं… ऐसा नहीं हो सकता…”
देव्रान ने आखिरी सांस जैसी आवाज़ में कहा—
“पर… अगर तुम दोनों साथ रहे…
तुम्हारा बंधन… Shadow King की शक्ति को… कमज़ोर कर सकता है…”
उसके शब्द टूट गए।
उसका शरीर अंधेरे की राख बनकर बिखरने लगा।
रिहान चीख पड़ा—
“पिताआआ!!”
आर्या रिहान को पकड़कर घुटनों पर गिर पड़ी।
उसने रिहान को कसकर गले लगा लिया, उसके बालों में हाथ फेरते हुए।
रिहान टूट चुकी आवाज़ में बोला—
“उसने मुझे फिर से बचाया…
आखिरी पल में भी…”
आर्या ने उसके चेहरे को हाथों में पकड़कर कहा—
“हम मिलकर Shadow King को हराएँगे।
तुम अकेले नहीं हो, रिहान।
मैं तुम्हारे साथ हूँ… हर जन्म में, हर बार, हर अंधेरे में।”
रिहान ने उसकी आँखों में देखा—
उसकी साँसें काँप रही थीं।
“तुम ही… मेरी रोशनी हो।”
पहाड़ी पर हवा तेज़ हुई…
परछाइयाँ काँपीं…
और कहीं दूर, Shadow King की गर्जना गूँजी—
“खेल अब शुरू हुआ है…”
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Black wood forest....
पहाड़ी की हवा अचानक भारी हो गई थी। रिहान अब भी अपने पिता की जली हुई राख को हवा में घुलते देख रहा था
हर कण उसके दिल में नए घाव छोड़ रहा था। आर्या ने उसका हाथ दबाया, मानो उसे उस अंधेरे से बाहर खींच रही हो।
“रिहान… हमें यहाँ से निकलना होगा।”
रिहान की आँखों में आँसू थे, पर आवाज़ ठोस—
“नहीं। अब भागना नहीं है।” वह उठा, तलवार अपने पिता की गिरी राख के पास से उठाई। धार पर हल्की-सी नीली चमक नाच उठी—जैसे देव्रान ने मरते वक्त तलवार पर अपनी शेष रोशनी छोड़ दी हो।
आर्या ने धीमी आवाज़ में कहा—
“Shadow King को अभी तुम्हारी कमजोरी चाहिए थी… तुम्हारा पिता।
अब वो और भड़क जाएगा।”
रिहान ने उसकी ओर देखा—
“तो उसे आने दो।”
तभी—
हवा में एक ठंडी कंपन फैली। पेड़ों की छाया लंबी होने लगीं…चट्टानें चरमराने लगीं…जमीन के नीचे से काली राख उठने लगी—और अचानक—
आकाश फटा। काले बादलों को चीरते हुए एक विशाल, धुँआदार आकृति उतरी।
लंबी सींगें…
चमकती लाल आँखें…
और शरीर मानो छाया का बना हो।
वह Shadow King था।
आर्या की साँस सीने में अटक गई। रिहान ने तलवार कसकर पकड़ी—इस बार डर नहीं था, बस गुस्सा।
Shadow King की आवाज़ गूँजी—
भारी, गहरी… और हड्डियाँ तोड़ देने वाली।
“आख़िरकार… तुम दोनों एक साथ खड़े हो। उसी तरह, जैसे पिछले जन्म में।”
आर्या सिहर उठी—
“तुम… हमें जानते थे?”
Shadow King हँसा—
“मैं तुम्हारे हर जन्म को जानता हूँ, लड़की। हर बार तुम रिहान के पास जाती हो…और हर बार तुम्हारी मौत… उसे मेरे पास ला देती है।”
रिहान गरज उठा—
“उसकी तरफ एक कदम भी बढ़ाया…
तो मैं हमेशा के लिए तुम्हारी छाया को मिटा दूँगा।”
Shadow King की छाया फैलकर आधी पहाड़ी को ढक गई। उसकी आवाज़ अब और ठंडी—
“तुम सोचते हो तुम्हारे पिता ने तुम्हें बचाया?
नहीं… वो मेरी कठपुतली था। मैंने उसे भेजा ताकि वह तुम्हारी कमर तोड़ दे।”
रिहान ने दाँत भींच लिए।
“चुप रहो।”
“सच चुभता है, रिहान।”
Shadow King आगे बढ़ा।
“तुम्हारे पिता ने आखिरी पल में मुझे धोखा दिया…
और धोखे की सज़ा सिर्फ़ मौत है।”
आर्या काँप गई। रिहान ने तलवार उठा ली—
“और ये तुम्हारी मौत की शुरुआत है।” Shadow King अचानक हवा में गायब हो गया।
आर्या चौंकी—वो कहाँ—”
एकाएक—
उसके पीछे से काली छाया निकली।
वह चीखी ही थी कि—रिहान पहले ही कूद चुका था।उसने Shadow King की कलाई पर तलवार मारी—छाया धुँआ बनकर फिसल गई।
Shadow King ने कहा—
“तुम तेज़ हो… ठीक अपने पिता की तरह।”
रिहान फिसलते हुए आर्या के पास पहुँचा—
“तुम ठीक हो?”
उसने सिर हिलाया—
“हाँ… पर वो बहुत शक्तिशाली है।”
रिहान ने उसकी कमर पकड़ी—
“हम मिलकर लड़ेंगे।”
Shadow King ने पहाड़ी के पत्थरों को हवा में उठाया—
वे काले तीरों की तरह दोनों की तरफ उड़ने लगे।
रिहान ने तुरंत आर्या को पीछे किया—जमीन पर स्लाइड करते हुए तलवार से सारे पत्थर तोड़ दिए—
धड़ाम! धड़ाम! धड़ाम!
आर्या ने अपना हाथ आगे बढ़ाया—
उसकी हथेली से नीली रोशनी की पतली किरण निकली—
Shadow King हैरान—
“रोशनी का जादू…? वो तुम्हें किसने दिया?”
आर्या खुद हैरान थी—
“म-मैंने तो—”
रिहान चौंक कर बोला—
“ये वही शक्ति है… जो तुम्हारी आत्मा में है। पुनर्जन्म की रोशनी।”
Shadow King गुर्राया—
“ये रोशनी मेरे साम्राज्य को जला सकती है…और इसलिए… तुम्हें मरना होगा।”
वह फिर गायब हुआ—इस बार और तेज़। आर्या ने डरी हुई आँखों से चारों ओर देखा—
“वो कहाँ—”
एक परछाईं उसके पैरों के नीचे उभरी—बिल्कुल काले पानी जैसी।
रिहान चिल्लाया—आर्या!! अलग हटो!!” पर छाया पहले ही उसके पैर पकड़ चुकी थी।
आर्या चीखी—
“रिहान!!”
रिहान ने छलांग लगाई, तलवार जमीन में गाड़ दी—नीली ऊर्जा फैलती गई, छाया जल उठी और टूट गई।आर्या उसके सीने में गिर गई—काँपती हुई—
“वो… इतना तेज़… मैं देख भी नहीं पा रही…”
रिहान ने उसका चेहरा पकड़कर कहा—
“मैं यहाँ हूँ। जब तक मैं साँस ले रहा हूँ… कोई तुम्हें छू भी नहीं सकता।”
Shadow King की आवाज़ फिर से गूँजी—इस बार गुस्से से—
तो मुझे तुम्हारी साँसें ही रोकनी होंगी।”
आसमान से काली बारिश गिरने लगी—जिससे जमीन धुँआ उठने लगा।
आर्या ने खुद को रिहान से चिपका लिया। रिहान ने उसे बाहों में लेकर ढाल बनायी—बारिश उसके ऊपर गिरते ही काले निशान छोड़ रही थी।
“ये जहर है!” आर्या बोली।रिहान ने उसे ढककर कहा—
“ये मुझे कुछ नहीं कर सकता।
पर तुम्हें छू भी गया तो—”
आर्या ने उसका मुँह पकड़ लिया—
“मेरे बारे में मत सोचो! लड़ो!”
रिहान की आँखें जल उठीं—
“मैं तुम्हें बचाते हुए… हर लड़ाई जीतूँगा।”
उसने आर्या को पास के पत्थर की आड़ में धकेला—
“छुप जाओ, मैं नहीं चाहता वो तुम्हें निशाना बनाए।”
आर्या ने विरोध किया—
“नहीं! मैं तुम्हें अकेले नहीं—”
रिहान ने उसका चेहरा पकड़कर चूमा—
जोर से, दर्द में, प्यार में।
“तुम मेरी कमजोरी नहीं… मेरी वजह हो।छुप जाओ।”
आर्या के पास मानने के अलावा रास्ता नहीं था। वह सरककर चट्टान के पीछे छिप गई।
जैसे ही वह छिपी—
रिहान का पूरा ध्यान Shadow King पर टिक गया।
Shadow King ने कहा—
“अब जबकि लड़की सुरक्षित है…
चलो देखते हैं तुम कितने मजबूत हो, राजकुमार।”
रिहान गरजा—
“उतना कि तुम्हारी छाया को हमेशा के लिए खत्म कर दूँ।”
Shadow King ने अंधकार का तूफान रिहान की ओर फेंका।
जमीन फटी—
पत्थर उड़े—
पेड़ झुक गए—
पर रिहान तेज़ था।
उसने छलांग लगाई, तलवार को घुमाया—
तलवार से निकलती रोशनी ने Shadow King को छूते ही उसकी परतें जला दीं।
Shadow King चीखा—
“ये तलवार… ये शक्ति… ये सिर्फ़ रोशनी नहीं है!”
रिहान गुर्राया—
“ये मेरे पिता की आखिरी साँस है।”
Shadow King ने पूरा अंधेरा समेटकर रिहान पर फेंक दिया—
इतना तेज़ कि हवा चीख उठी।
आर्या चिल्लाई—
“रिहान—!!”
पर रिहान नहीं गिरा। वह अंधेरे के बीच खड़ा था—तलवार चमक रही थी, और उसके पीछे एक हल्की आकृति…
देव्रान की छाया।
उसने कहा—
“मैं तुम्हारे साथ हूँ, बेटा।”
रिहान की आँखें नम हो गईं—
लेकिन उसने Shadow King की तरफ देखा—
अब डर नहीं, सिर्फ़ क्रोध।“ये लड़ाई अब शुरू हुई है।”
Shadow King पीछे हट गया—
पहली बार डरते हुए।
“मैं वापस आऊँगा…और अगली बार—तुम्हारी लड़की को लेकर जाऊँगा।” वह धुँआ बनकर गायब हो गया।
अंधेरा छँटने लगा। काली बारिश बंद हो गई। पहाड़ी पर सन्नाटा फैल गया।
आर्या दौड़कर रिहान के पास आई—
“तुम ठीक हो??”
रिहान ने उसे कसकर गले लगा लिया—“तुम्हारी वजह से… मैं ज़िंदा हूँ।” आर्या ने रिहान का चेहरा पकड़ा—उसकी आँखों में आँसू थे—
“वो तुम्हें मार सकता था…”
रिहान ने धीमे से कहा—
“वो चाहे जितना ताकतवर हो…पर मैं तुम्हें खो नहीं सकता।और जब तक ये डर मेरे अंदर है…
मैं उससे हर बार जीतूँगा।”
आर्या ने सिर उसके सीने पर रख दिया—
“अब क्या होगा…?”
रिहान ने दूर आकाश की तरफ देखते हुए कहा—
“अब हम उसे मारने का रास्ता ढूँढेंगे।
और इसके लिए… हमें डर से नहीं, अपने अतीत से लड़ना होगा।” उसकी आँखों में संकल्प था।
“अब बारी हमारी है, आर्या।
अब खेल… हम शुरू करेंगे।”
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