यह कहानी सिम्मी नाम की एक प्यारी सी लड़की की है। जो अपनी शादी से भाग रही थी और रास्ते में वह एक गैंगस्टर से टकराकर बेहोश हो जाती गई। जब उसे होश आया, तो उसे पता चलता है कि वो अब उसी गैंगस्टर की गुलामी की जंजीरों में फंस चुकी है। उसकी ये गुलामी की जंजी... यह कहानी सिम्मी नाम की एक प्यारी सी लड़की की है। जो अपनी शादी से भाग रही थी और रास्ते में वह एक गैंगस्टर से टकराकर बेहोश हो जाती गई। जब उसे होश आया, तो उसे पता चलता है कि वो अब उसी गैंगस्टर की गुलामी की जंजीरों में फंस चुकी है। उसकी ये गुलामी की जंजीर कैसे प्यार की डोर में बदलेगी? ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~
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दोपहर का समय था पूरी सड़क सुनसान सी थी ।। ओर इसी सुनसान रोड पर एक लड़की अपनी 100 की स्पीड से भागती हुई जा रही थी ।। जिसे कहा जाना है कहा नही कुछ भी नही पता था ।। वह जितनी तेज दौड़ सकती थी उतनी तेज दौड़ती हुई जा रही थी ।।
काफी देर से दौड़ने के बाद उसे अब भागा नही जा रहा था ।। वह काफी कमजोर खुद को महसूस कर पा रही थी ।। भागते भागते उसके आखों के सामने अंधेरा सा छाने लगा उसे दिखाई नही दे रहा था कि आगे कोई खड़ा है वह जाकर उससे लड़ जाती है और वही पास गिरने ही वाली होती है कि तभी वो व्यक्ति उसे पकड़ लेता है ।।
ओर उसे हॉस्पिटल लेकर जाता है ।। कुछ ही देर में वहा उस लड़की को होश आ जाता है ।। तभी डॉक्टर उस लड़के को जो लड़की को लेकर यहां आया था को बताते है कि लड़की को होश आ गया है ।। ये लड़का कोई और नही बल्कि एक बड़ी गैंग का लीडर किंग अभय सक्सेना था ।। जिसके नाम से अच्छे खासे लोग डर से कांपने लगते हैं ।। किसी की भी हिम्मत नही है जो कि उससे पंगा ले सके ।।
यह सुनकर कि लड़की को होस आ गया है तो अभय वहा से फोरन उस लड़की के केबिन में चला जाता है ।। वहा जाकर देखता है कि वो लड़की सिकुड़कर बैठी रो रही है ।। ओर जब वह अभय के पैरो की आहट पाती है तो वह अपना फेश ऊपर उठाकर उसे देखती है ।। ओर कहती है – प्लीज मुझे जाने दो मुझे छोड़ दो ।। मैं आपसे जानबूझकर नहीं टकराई थी मुझे सामने कुछ दिखाई नही दे रहा था इसलिए लड़ गई सॉरी ।। मुझे माफ कर दो ।।
अभय उसके शब्दों को सुनकर गुस्से से कहता है – व्हाट तुम्हे पता भी है मैं कोन हूं ।। ओर तुम्हे लगता है कि मैं तुम्हारा ये नाटक देखकर तुम्हे माफ कर दूंगा तो ऐसा बिल्कुल भी नही होगा ।। समझी तुम ।।
अभय की बात सुनकर उमा डर जाती है और इनोसेंट सा फेश बनाकर उसे देखने लगती है ।। जिसे देखकर अभय अपनी भौंहे सिकोड़ लेता है ।। जिसे देखकर वो लड़की फिर से रोने लगती है और कहती है – मैने आप से कहा था कि मुझे यहां लेकर आओ वही छोड़ देते आपके सिर मारने का पाप भी नही चढ़ता और मैं मर जाती तो आपका बदला भी पूरा हो जाता ।। अब मैं यहां की फीस कैसे भरूंगी इतने बड़े और महेंगे हॉस्पिटल में लाकर जो तुमने डाल दिया ।।
अभय उसकी बात सुनकर अपने ही मन में कहता है – ये लड़की पागल है छोड़ इसे कहा टाइम बर्बाद कर रहा है ।। यह सोचकर अभय उसे घूरते हुए कहता है – मैने इस हॉस्पिटल का पूरा पेमेंट कर दीया है ।। ओर अब तुम्हे मेरे घर काम करना होगा ।।
अभय की बात सुनकर वो लड़की यानी इस स्टोरी की हमारी क्यूट हीरोइन मिस सिम्मी मेहता उसकी बात सुनकर कहती है – मुझे कब तक आपके यहां पर काम करना होगा ।। अभय – जब तक तुम्हारी सजा पूरी नही हो जाती ।। सिम्मी – वो कब पूरी होगी ।। अभय – कभी नही ।।
सिम्मी – पर ऐसा तो नही होता है हर सजा का एक न एक एंड होता है ।।
अभय – हां कुछ की मौत भी होती है क्या तुम्हे चहिए ।।
सिम्मी – नही मुझे नही चहिए ।।
अभय – तो चुपचाप बैठी रहो ।।
सिम्मी थोडी देर के लिऐ शांति से बैठ जाति है लेकिन फिर कुछ देर बाद खुद ही बोल देती है – मैने इतनी बड़ी भी गलती नही की है कि आप मेरी जिंदगी भर गुलाम बना दे ।।
अभय उसकी ऐसे बिना किसी प्रकार के डर के बोलते देख गुस्से से लाल हुए जा रहा था ।। वह सोच रहा था – न जाने किस मिट्टी की बनी है ।। इसे जरा भी डर नही लग रहा है ।। शायद इसे पता नही है कि मुझसे उलझने का नतीजा क्या होता है ।। कोई बात नही बहुत जल्द ही पता चल जाएगा तुम्हे कि अभय सक्सेना क्या चीज है ।।
अभय – उठो अब से तुम्हारी सजा सुरु ।। अभय की बात सुनकर सिम्मी उठ खड़ी होती है और अभय के पीछे पीछे जाने लगती है ।। हॉस्पिटल के बाहर कई सारी कारे खड़ी थी जिन्हे देखकर सिम्मी वही जम सी जाती है ।। ।। जिन्हे देखकर सिम्मी जैसे जम सी जाती है उसे इतनी सारी कारे देखकर डर लग रहा था ।। जब अभय को लगता है कि सिम्मी उसके पीछे नही आ रही है तो वह पीछे घूम कर देखता है उसे एक पास खड़ा देखकर अभय वापस उसके पास जाता है और उसका हांथ पकड़कर चलते हुए कहता है क्या हुआ कदम रुक क्यों गए ।।
अभय की आवाज सुनकर सिम्मी उसकी एक बाह जोरो से पकड़ लेती है ओर कहती है – प्लीज इनके साथ मुझे मत भेजो मैं तुम्हारे यहां जीवन भर काम कर लूंगी लेकिन इनके साथ मुझे मत भेजो ये लोग बहुत बुरे है प्लीज प्लीज मुझे बचा लो ।।
अभय उसकी बातों को सुनकर कुछ समझ नही पाता है और कहता है कोन है यहां जिससे बचा लूं हां ।। अभय की बात सुनकर सिम्मी अपनी अंगुली उन कारों के सामने करते हुए कहती है – उनसे ।। अभय – ये सब तुम्हे कुछ नही करेंगे तुम बस आगे बढ़ो ।। अभय की बात सुनकर वो अपने कदम आगे बढ़ाने लगती है लेकिन अभी भी वह अभय की एक बाह को पकड़े हुए थी ।।
अभय को ये सब बहुत अजीब लग रहा था इसलिए वह उससे कहता है – मुझे छोड़ो ।। अभय की बात सुनकर सिम्मी उसकी तरफ देखती ओर कहती है – व्हाट ।। अभय अपनी सर्द आवाज से कहता है – मैने कहा मुझे छोड़ो तुम मेरी मेड हो ओर तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई मेरी बाह पकड़ने की ।। सिम्मी उसकी सर्द आवाज सुनकर डर जाती है और तुरंत उसका हांथ छोड़ देती है और अपने मन ही में कहती है – सिर्फ हांथ ही तो पकड़ा था वो भी डर लग रहा था इसलिए कोन सा हग कर लिया था जोकि मुझे मेरी ओकात बता रहा था ।।
अभय अपनी कार के पास जाकर डोर खोलता है और अंदर बैठ जाता है ।। लेकिन सिम्मी की कुछ भी समझ में नही आ रहा था कि वो किस कार में बैठे क्योंकि अगर वह अभय की कार में बैठे तो वह उसी तरह फिर से डाट कर भगा न दे जैसे अभी डाटा था ।। इधर अभय उसको इधर उधर देखता देखकर इरिटेट हो रहा था ।। इसलिए वह सिम्मी की तरफ का डोर खोलकर उससे कहता है – इधर उधर क्या देख रही हो यहां तुम्हारी कोई भी मदद नहीं करेगा ।। इसलिए अंदर आओ मेरे पास फालतू टाइम नही है ।। अभय की गुस्से भरी आवाज सुनकर वह तुरंत अंदर बैठ जाती है ।।
सिम्मी के बैठे ही कार स्टार्ट हो जाती है ।। कार रास्ते पर दौड़ रही थी और उसमे बैठी सिम्मी कार की खिड़की से रोड के किनारे लगी दुकानों को देख रही थी एक्चुअली उसे बहुत जोर की भूख लगी थी ।। जिसके कारण वह बाहर की खाने वाली चीजों को देखकर अपनी होठों पर अपनी जुबान फेर लेती ।। उसे ऐसे करते देख पहले तो अभय कुछ समझ नही पाता है ।। लेकिन जब वह बाहर की ओर देखता है तो उसे समझ आता है कि सिम्मी ने कल रात से कुछ खाया नही है और उसे अब भूख लग रही है ।। ।।।।
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सिम्मी के बैठे ही कार स्टार्ट हो जाती है ।। कार रास्ते पर दौड़ रही थी और उसमे बैठी सिम्मी कार की खिड़की से रोड के किनारे लगी दुकानों को देख रही थी एक्चुअली उसे बहुत जोर की भूख लगी थी ।। जिसके कारण वह बाहर की खाने वाली चीजों को देखकर अपनी होठों पर अपनी जुबान फेर लेती ।। उसे ऐसे करते देख पहले तो अभय कुछ समझ नही पाता है ।। लेकिन जब वह बाहर की ओर देखता है तो उसे समझ आता है कि सिम्मी ने कल रात से कुछ खाया नही है और उसे अब भूख लग रही है ।। इसलिए वह बाहर की दुकानों को देखकर अपनी लिप्स चाट रही थी ।।
अभय अपनी रौबदार आवाज में सिम्मी से कहता है – जब तुम्हे भूख लगी है तो बोल दो यूं ऐसे ही बैठने से तुम्हारा पेट नही भरने वाला ।। सिम्मी – मैं आपसे खाना कैसे मांग सकती हूं आप मेरे कोन है जो आप से मैं खाने के लिए मांगू ।। अभय उसके इस जवाब को सुनकर उसे अजीब तरीके से घूरते हुए कहता है – क्यों ।। सिम्मी – क्योंकि आप से तो मेरा कोई रिश्ता नहीं है जिससे था वो लोग काम के बदले कुछ खाने को देते थे और जिस दिन कोई काम न करूं उस दिन भूखे ही रहना पड़ता था ।।
अभय उसकी बात सुनकर असमंजस में था कि अपनो के साथ ऐसा रूड बिहेव कोन करता है ।। सिम्मी की बात सुनकर अभय अपने ड्राइवर को ऑर्डर देते हुए कहता है – कार को पास के रेस्टोरेंट में लेकर चली ।। ड्राइवर अभय की बात सुनकर बड़ी ही नरमी के साथ कहता है – येस सर ।। ओर वह कार को यू टर्न लेटे हुए रेस्टोरेंट की ओर ले जाने लगा ।।
कुछ ही देर में अभय की कार एक बड़े रेस्टोरेंट के पास पहुंच चुकी थी ।। अभय सिम्मी से कहता है – चलो उतरो ।। अभय के कहे अनुसार सिम्मी कार से उतर जाती है ।। ओर अभय भी कार से निकलता है तो वह देखता है कि सिम्मी अभी भी वही पर खड़ी रेस्टोरेंट को देख रही थी जहा एक से बढ़कर एक लोग जा रहे थे ।। उन लोगो का ड्रेसिंग सेंस देखकर सिम्मी खुद को देखती है ।। हां वो आज काफी सुंदर लग रही थी क्योंकि वह एक दुल्हन के जोड़े में थी लेकिन उसे ये काफी हेवी ड्रेस लग रही थी ।। तभी उसके कानो में अभय की आवाज सुनाई पड़ती है ।। जो उससे कहता है – अब अंदर भी चलना है या यही पर खड़ी होकर घूरती रहोगी ।।
अभय के इतना कहने से सिम्मी अपने होश में आती है और रेस्टोरेंट के अंदर जाने लगती है ।। सिम्मी पहेली बार इतने बड़े रेस्टोरेंट में आई थी उसे घबराहट हो रही थी ।। अभय भी उसी के साथ फुल कॉन्फिडेंस से चल रहा था जिसे वहा की सारी लड़कियां देख रही थी ।। पर उसके साथ सिम्मी को देखकर वे सभी आपस में बाते कर रही थी – ये लड़की कोन है जो mr. अभय के साथ चल रही है वैसे तो ये कभी किसी लड़की को देखता भी नही न जाने इसमें उसे ऐसा क्या दिख गया ।। देखो तो जिसे चलने का भी कोई सेंस नही है ऐसे चल रही है जैसे कोई भीगी बिल्ली ।।
लेकिन अभय को इस चीज से जैसे कोई फर्क ही नही पड़ रहा था ।। कि उसका नाम किसी से जोड़ा जा रहा है ।। लेकिन सिम्मी को इन सबकी बातें जरा भी अच्छी नही लग रही थी ।। वह चाहती तो अभी के अभी यहां से भाग जाती लेकिन अगर वह वहा से भाग के चली जाती तो उसे अभय के गुस्से को सहना होता ।। इसलिए वह अभय से धीरे से कहती है – प्लीज यहां से चलो हमे नही कुछ खाना है प्लीज चलो ।। अभय उसकी बात सुन उसकी और मुड़ते हुए कहता है – पर मुझे खाना है ।। सिम्मी – तो मैं जाऊं ।। अभय सिम्मी की बात सुनकर उसका हांथ पकड़कर अपनी चेयर पर बैठ जाता है ।। सिम्मी भी अपना चेयर पर बैठ जाती है ।।
अभय को सिम्मी का हांथ पकड़ते देख वहा पर बैठी एक लड़की बहुत ज्यादा जल भुन रही थी ।। वह चाहती तो सिम्मी का वही पर भर्ता बना देती ।। पर वह चुपचाप वही पर बैठी रहती है क्योंकि अभय के सामने वह वैसे भी सिम्मी को कुछ कह भी नही सकती थी ।।
अभय के बैठते ही उनके पास एक वेटर आत है और अभय को मेनू कार्ड देता है ।। अभय वह मेनुकार्ड सिम्मी को पास करते हुए कहता है – लो तुम्हे जो खाना है वो ऑर्डर कर लो ।। सिम्मी वो मेनू कार्ड देखती है और उसमे पड़ी रेट को देखकर वह एक नजर अभय को देखती है तो अभय उसकी नजरों को पहचानते हुए कहता है – तुम्हे जो खाना है वो ऑर्डर कर लो और रेट को मत देखो बिल मैं पे कर दूंगा ।।
अभय की बात सुनकर सिम्मी वेटर को ऑर्डर देते हुए कहती है – वन प्लेट मोमोज , वन पेस्टी ।। वेटर – ओके मैम एंड सर आपके लिए ।। अभय – वन पिज्जा ।। वेटर – ओके सर और वहा से चला जाता है ।।
ओर कुछ ही देर में अभय और सिम्मी का ऑर्डर उनके टेबल पर आ जाता है ।। सिम्मी जल्दी से अपना खाना फिनिश करती है और अभय से कहती है – मैं अभी वॉशरूम होकर आई ।। अभय – ओके ।। सिम्मी वहा से वाशरूम चली जाती है वह इस चीज से बेखबर थी कि कोई उसे चोट पहुंचाने के लिए उसके पीछे ही आ रहा है ।।
सिम्मी बेफिक्री के साथ वहा से वाशरूम की ओर जाती है जब वह वहा पहुंचती है और वाशरूम से होकर आ रही होती है तभी सिम्मी के कंधे पे कोई हांथ रखता है ।। जिससे सिम्मी जब पीछे मुड़कर देखती है तो वहा पर उसे टिया रनौत दिखती हैं ।। जिन्हे देखकर वह कहती है – अरे मैम आप मैं आपकी। बहुत बड़ी फैन हूं ।।
सिम्मी – मैम मैं आपकी बहुत बड़ी फैन हूं।। मैं आपके सारे गाने सुनती हूं ।। टिया – ओह अच्छा ।। और उसे एक खीच के जोरदार थप्पड़ मार देती है ।। सिम्मी को कुछ भी समझ नही आ रहा था कि आखिर उसे थप्पड़ क्यों पड़ा ।। सिम्मी – मैम आपने मुझे थप्पड़ क्यों मारा ।। यह बात सुनकर टिया फिर से खींचकर एक चाटा सिम्मी के गालों पे जड़ देती है और कहती है – तुझे जानना है न कि आखिर मैंने तुझे थप्पड़ क्यों मारा तो सुन अभय से दूर रहो समझी ।। ।।
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सिम्मी – मैम मैं आपकी बहुत बड़ी फैन हूं।। मैं आपके सारे गाने सुनती हूं ।। टिया – ओह अच्छा ।। और उसे एक खीच के जोरदार थप्पड़ मार देती है ।। सिम्मी को कुछ भी समझ नही आ रहा था कि आखिर उसे थप्पड़ क्यों पड़ा ।। सिम्मी – मैम आपने मुझे थप्पड़ क्यों मारा ।। यह बात सुनकर टिया फिर से खींचकर एक चाटा सिम्मी के गालों पे जड़ देती है और कहती है – तुझे जानना है न कि आखिर मैंने तुझे थप्पड़ क्यों मारा तो सुन अभय से दूर रहो समझी ।। नही तो तुम्हारा वो हाल कर दूंगी कि खुद के पैरो पे खड़े होने के लायक भी नही बच पाओगी मेरी बात ध्यान रखना ।।
सिम्मी उसकी बाते सुनकर शॉक्ड रह जाती है और वह उससे कहती है – नही नही आप जो सोच रही है ऐसा कुछ भी नहीं है ।। टिया – अच्छा तो फिर अभय के साथ तुम डिनर पर क्या कर रही हो मैं तुम जैसी लड़कियों को बहुत अच्छी तरह से जानती हूं ।। अपने भोलापन दिखाकर अमीर लड़कों को फसाती हो ।। सिम्मी को कुछ भी समझ नही आता है और वह उसका हांथ पकड़ते हुए कहती है – मैम आप गलत सोच रहे हो ऐसा कुछ भी नही है ।।
सिम्मी के हांथ पकड़ने से टिया को बहुत बुरा लगता है ।। इसलिए वह उसके हांथ को झटक देती है और अपना हांथ उसके हाथों से छुड़ाकर अपना हांथ सिम्मी को मारने के लिए उठाती है तभी कोई उसका हांथ पकड़ लेता है ।।
फ्लैशबैक ।। ।।
सिम्मी के वहा से जाने के बाद अभय एक कॉल अपने असिस्टेंट के पास करता है और कहता है – वीर मैने तुम्हे एक पिक्चर सेंड की है उसकी पूरी कुंडली निकलकर मुझे सेंड करो जितना जल्दी हो सके ।। अभय जानना चाहता था कि कही ये किसी की कोई चाल तो नही मुझे फसाने की ।।
कुछ ही देर मैं अभय के फोन पर एक मैसेज आ जाता है जब वह उसे खोलकर देखता है तो उसकी आखें गुस्से से भर जाती है ।। सिम्मी एक बिजनेस मैन की लड़की थी उसे उसके माता पिता ने एक प्रिंसेज की तरह पाला था ।। लेकिन उनकी मौत के बाद उनके चाचा चाची ने उससे उसका सब कुछ छीन लिया ।। और उसकी सादी एक सनकी इंसान से करवाने वाले थे कि तभी वह घर से भाग गई ।। उस सनकी इंसान ने सिम्मी से उसकी सादी करवाने के लिए उन्हे काफी सारे रुपए भी दिए थे ।।
अभय को ऐसे लोगो से सख्त नफरत थी जो अपने स्वार्थ के चलते किसी की बलि दे सकते थे ।। भले ही वह एक बड़ा गैंगस्टर था लेकिन उसने कभी भी किसी सही इंसान को चोट नही पहुंचाई थी ।। उसने अपनी गैंग बनाई ही इसलिए थी कि वह उन लोगो को खत्म कर सके जो बुराई से पूरी तरह भरे हुए हों ।।
तभी उसे सिम्मी की याद आती है कि उसे कई देर हो गई है गए हुए अब तक तो आ जाना चाहिए था ।। वह ये सोचकर वॉशरूम की तरफ जाने लगता है वहा टिया को सिम्मी पर हांथ उठाते हुए देखकर उसका गुस्सा और भी ज्यादा बढ़ जाता है और वह उसके हांथ को पकड़ते हुए उसके चेहरे पर एक जोरदार थप्पड़ रसीद देता है जिससे टिया के चेहरे पर अभय की पांचों उंगलियां छप जाती है ।।
टिया इस एकदम के इंसीडेंट से संभल नही पाई और उसके मुंह से भी खून निकल आया ।। टिया गुस्से से अपने सामने देखती है वहा अभय को देखकर वो घबरा गई ।। तो अभय उस पर दंत कसते हुए कहा – तुम्हे ये अच्छी तरह से पता होगा कि मैं उन लोगो की कैसे सेवा करता हूं जो मेरे साथ रहने वाले लोगो पर अपनी बुरी नजर डालते है ।। माफी मांगो ।। टिया अभय से सॉरी बोलती है तो अभय उससे कहता है – मुझसे नही सिम्मी से सिम्मी से मांगो माफी से सॉरी ।। टिया सिम्मी को दंत कसते हुए सॉरी बोलती है ।।
तो अभय कहता है – अगली बार ऐसी कोई गलती भूल कर भी न करना नही तो तुम्हारा क्या हाल होगा वो तुम अच्छी तरह से जानती होगी ।। ये बात सुनकर टिया सिम्मी को घूर कर देखती है ।। तो अभय कहता है – लगता है तुम्हे कुछ सुनाई नही दिया ।। अभय की गुस्से भरी आवाज सुनकर वह वहा से चली जाती है ।। सिम्मी तो अभी भी वहा ये सब देखकर जम सी गई थी ।।
अभय उसके सिर पर हल्का सा मारते हुए कहता है तुम्हे घर नही जाना है क्या ।। घर का नाम सुनते ही सिम्मी होश में कहती है – नही ।। अभय – व्हाट तो क्या तुम्हे यही रहना है ।। सिम्मी – हम्म नही ।। अभय – ये क्या नही नही लगा रखा है तुमने ।। तो सिम्मी कहती है – वो आपने कहा था न कि मुझे आपके घर काम करना पड़ेगा ।। अभय – चलो ।। सिम्मी – कहा ।। अभय – मेरे घर ओर कहा ।। सिम्मी – हां चलती हूं ।। यह कहकर वह अभय के पीछे पीछे ही चल देती है ।।
कुछ ही देर में अभय एक बड़े से बंगले में पहुंच चुका था ।। वहा पहुंचकर अभय एक मैड से कहती है – तुम इन्हे अपना रूम दिखा दो ये तुम्हारे स्टाफ की न्यू मेंबर है ।। अभय की बात सुनकर वो मैड सिम्मी को एक कमरे में लेकर जाती है यह रूम बहुत बड़ा था इस रूम में सारी गर्ल्स मैड रहती थी ।। उनकी अपनी एक ड्रेस थी जिसे उन्हे वर्क टाइम में पहनना होता था ।।
ब्लू शर्ट एंड ब्लैक पेंट इनकी ड्रेस थी ।। वो मैड सिम्मी को भी उसकी ड्रेस देते हुए कहती है – चेंज कर लो इसे ।। सिम्मी अपनी गर्दन हां में हिलाती है और ड्रेस चेंज कर वापस आती है ।। मैड उसे देखकर कहती है – वैसे तुम वाकई में बहुत खूबसूरत हो ।। सिम्मी – थैंक्यू ।। वैसे आपका नाम क्या है ।। मैड – अमृता ।। सिम्मी – नाइस नेम ।। अमृता – एंड यू ।। सिम्मी – आई एम सिम्मी ।। ।। ।। ।
अमृता – सिम्मी बहुत प्यारा नाम है तुम्हारा ।। सिम्मी – थैंक्यू ।। आप बहुत अच्छी है , आपने भी क्या कोई गलती की थी ।। ।। ।। ।।
सिम्मी – क्या आपको भी कोई सजा मिली है ।। अमृता सिम्मी की बात सुनकर चोकते हुए कहती है – क्या ये आप क्या कह रही है सजा कोन सी सजा ।। सिम्मी को लगा कि उसने कुछ ज्यादा ही बोल दिया है – उसने अपने अल्फाज सुधारते हुए कहा – मेरा मतलब है कि आप को ये नोकरी कैसे मिली ।। ।। ।।
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सिम्मी – क्या आपको भी कोई सजा मिली है ।। अमृता सिम्मी की बात सुनकर चोकते हुए कहती है – क्या ये आप क्या कह रही है सजा कोन सी सजा ।। सिम्मी को लगा कि उसने कुछ ज्यादा ही बोल दिया है – उसने अपने अल्फाज सुधारते हुए कहा – मेरा मतलब है कि आप को ये नोकरी कैसे मिली ।। ।। ।।
अमृता – इसके लिए सर ने काबिलियत को पहले जांचा उसके बाद उन्होंने हमे ये जॉब दी ।। यहां जॉन पाने के लिए कई सारी लड़कियां आई थी लेकिन उनको निराशा के साथ जाना पड़ा ।। वैसे तुम ये सब क्यों पूछ रही हो तुम्हे कैसे ये जॉब मिली ।। सिम्मी – एक्चुअली सर को मुझ पर तरस आ गया इसीलिए उन्होंने मुझे ये जॉब दे दी ।। ।।
अमृता को कुछ अटपटा सा लग रहा था – क्योंकि वो अभय को अच्छी तरह से जानती थी कि एक बार पत्थर भी पिघल सकता है लेकिन अभय कभी नही फिर ये लड़की कह रही थी कि अभय को उस पर तरस आ गया इसीलिए उन्होंने वो जॉब सिम्मी को दी है ।। ।।
फिर उसने अपने मन ही में सोचा कि जरूर इसे कोई सजा मिली होगी इसीलिए सर इसे यहां लेकर आए हैं ।। यही सोचकर वह उसे काम के तौर पर कुछ ज्यादा ही काम दे देती है ।। जिसे देखकर सिम्मी कांप गई और कहा – क्या ये सब काम मुझे अकेले ही करना पड़ेगा ।। इतना काम अकेले मैं कैसे करूंगी ।। अमृता – सॉरी पर जब तक आप ये काम नही कर डालोगी तब तक तुम्हे खाना भी नही मिलेगा ।।
सिम्मी ये बात सुनकर तुरंत काम करने के लिए लग गई ।। वह खुश थी क्योंकि उसे पता चल चुका था कि इतना काम करने के बाद खाना पक्का मिल जाएगा ।। क्योंकि ऐसा उसके साथ पहले नही होता था कि कोई काम करने के बाद उसे खाना मिल भी जाएगा ।। ।।
सिम्मी को काम बताने के बाद अमृता वहा से चली जाती है ।। शाम के वक्त जब अभय विला में आता है और अपने कमरे में जाकर शॉवर लेने चली जाती है ।। शॉवर लेने के बाद वह बाहर डाइनिंग टेबल पर आ जाता है ।। अभय के डाइनिंग टेबल पर आते ही अमृता आकर अभय को डिनर सर्व करने लगती है ।। ।।
अभय अमृता से पूछता है – जो लड़की आज मॉर्निंग में मेरे साथ आई थी वह कहा है ।। अभय अच्छे से जानता था कि उसके साथ आज कुछ भी अच्छा नही हुआ होगा क्योंकि वह इतनी सीधी थी कि कोई भी उसे कुछ भी सुना देता था ।। अभय की बात सुनकर अमृता कहती है – वो अपना काम कर रही है ।। अभय – इस वक्त उसे काम करने को किसने कहा ।। अमृता – किसी ने तो नही ।। अभय – वो कहा है ।। अमृता – सर वो अभी आपके मवेशियों के पास है ।। अभय अपनी चेयर से उठकर अपने मवेशियों के पास चला जाता है वहा जाकर वह जो देखता है उसे देखकर वह एक दम शॉक्ड रह जाता है ।। ।।
सिम्मी मवेशियों को नहला रही थी ।। ओर वह खुद भी काफी भीगी हुई थी ।। सिम्मी को यह जरा भी नही पता था कि अभय अभी उसके पास ही खड़ा था ।। ।। सिम्मी ऊपर से नीचे तक पूरी तरह सराबोर थी ।। अब उसे इतनी ठंडी में काफी ठंडी लग रही थी जिससे उसके हांथ पैरो ने काम करना भी बंद कर दिया था वह गिरने वाली ही थी कि तभी अभय ने उसे पकड़ लिया ज्यादा ठंडी के कारण सिम्मी का शरीर सुन हो चुका था ।।
अभय उसे उठाकर एक रूम में लेकर आया और एक लेडी से उसके कपड़े चेंज करवाए सिम्मी के पास खुद के तो कोई कपड़े थे नही इसलिए अभय ने अपने कपड़े उसे पहननाने के लिए दिए।। के बाद वह उसके पास गया ।। उसका शरीर अभी पूरी तरह से कांप रहा था ।। अभय उसे एक मोटे से कंबल से कवर कर दिया ।। लेकिन इसके बावजूद भी सिम्मी कांप रही थी सर्दी के मौसम में पानी में कई देर तक रहने से उसे जुकाम और बुखार भी हो गया था ।। अभय ने उसे एक और कंबल से कवर किया तब कही सिम्मी को थोड़ी गर्माहट मिली धीरे धीरे उसका शरीर गर्म होने लगा ।।
जब सिम्मी को होश आया तो वह अपने सामने अभय को देखकर अपने दोनो हांथ जोड़ते हुए कहती है – प्लीज मुझे मारना मत मैं काम करने से पहले नही आराम करूंगी ।। मैं आपका पूरा काम खत्म कर दूंगी लेकिन आप मुझे मत मारो ।। प्लीज ।। कहकर वह रोने लगती है ।।
अभय को सिम्मी की बात सुनकर गुस्सा आने लगा था । वह सिम्मी से पूछता है – तुमसे ये किसने कह कि यहां बिना काम किए तुम खाना नही खा सकती या रेस्ट नही ले सकती ।। सिम्मी अभय की बात सुनकर ओर भी ज्यादा डर जाती है लेकिन उसके आंसू बंद हो चुके थे वो किसी छोटे बच्चे की तरह उसे घूर रही थी ।।
अभय उसे अपनी ओर घूरता पाकर कहता है – अब क्या है क्यों घूर रही हो मुझे ।। मैने जो पूछा उसका उत्तर क्यों नही दे रही हो तुम ।। सिम्मी – आप मुझे मरोगे तो नही न ।। सिम्मी बड़ी मासूमियत के साथ पूछती है ।। तो अभय कहता है – नही मारूंगा और न ही डाटूंगा पर मुझे मेरे सवाल का उत्तर दे दो उसके बाद ।।
सिम्मी – वो वो अमृता जी ने कहा था कि जब तक मैं अपना काम नही कर डालूंगी तब तक मुझे खाना नही मिलेगा ।। अभय को ये बात सुनकर गुस्सा अपने आपे से पार होने लगा ।। वह अपने पास खड़ी लेडी से कहता है – जाओ अमृता के साथ सभी सर्वेंट्स को बुलाकर लाओ ।। सभी लोग कुछ ही देर में वहा पहुंच जाते है तभी अमृता को अभय बुलाता है और एक जोरदार थप्पड़ अमृता के रसीद देता है जिससे अमृता खुद को संभाल नही पाती है ओर गिर जाती है ।।
अमृता इस एकदम के इंसीडेंस से खुद को संभाल नही पाती है ।। तो वह गिर पड़ती है ।। अभय उससे गुस्से से पूछती है – तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ये कहने की कि जब तक ये अपना काम न कर ले इसे खाना नही मिलेगा ।। मैने तुमसे कुछ कहा था ऐसा ।। अमृता घबराते हुए – no सर ।। अभय तो किसके कहने पर तुमने ये धमकी दी ।। ।।
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अमृता इस एकदम के इंसीडेंस से खुद को संभाल नही पाती है ।। तो वह गिर पड़ती है ।। अभय उससे गुस्से से पूछती है – तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ये कहने की कि जब तक ये अपना काम न कर ले इसे खाना नही मिलेगा ।। मैने तुमसे कुछ कहा था ऐसा ।। अमृता घबराते हुए – no सर ।। अभय तो किसके कहने पर तुमने ये धमकी दी ।।
अमृता – सिम्मी ने कहा था कि आपने उसे सजा के रूप में नोकरी दी है इसीलिए मैंने ।। अमृता इतना ही कह पाई थी तभी अभय की सर्द आवाज अमृता के कानों में पड़ती है – ओह तो तुमने उसे ये सजा दे दी वैसे मुझे एक बात बताओ मिस अमृता बरनवाल तुम होती कोन हो उसे सजा देने वाली मत भूलो कि तुम एक मैड से ज्यादा कुछ नहीं हो ओर आज के बाद अगर तुमने अपनी हद पार की तो मैं तुम्हारी वो हालत करूंगा जिसे तुमने कभी सपने में भी नही सोचा होगा समझी तुम ।। अब दफा हो जाओ यहां से इससे पहले की तुम मेरी गुस्से की मोहताज हो जाओ ।। इतना सुनते ही अमृता वहा से नौ दो ग्यारह हो जाती है ।।
अभय सभी की तरफ देखते हुए कहता है – ओर तुम सभी भी ये अच्छे से अपनें दिमाग में बिठा लो कि अगर मुझे आगे से कुछ ऐसा सुनने को मिला तो आज मैने छोड़ दिया लेकिन आगे से उसकी सजा बहुत महंगी पड़ेगी ।। कोन क्या काम करेगा और कोन काम नही करेगा ये मैं डिसाइड करूंगा तुम नही समझी अब निकलो यहां से ।।
इतना सुनकर सभी servants वहा से निकल जाते हैं ।। अब पूरे कमरे में सिम्मी और अभय ही बचे थे ।। अभय उन सभी के जाते ही सिम्मी की तरफ पलटता है सिम्मी जब अभय को अपनी तरफ देखता पाती है तो वह फिर से रोने लगती है उसे लगता है कि अब अभय उसे डाट लगाएगा ।। अभय उसे रोते देख सर्द आवाज में कहता है – शट अप अगर तुमने ये रोना बंद नही किया तो मैं ।।
अभय इतना ही कह पाया था कि तभी वह देखता है कि सिम्मी शांत हो गई है और अपनी बड़ी बड़ी आखों से उसे ही घूरे जा रही थी ।। अभय उसे ऐसे शांत होते देख अंदर ही अंदर मुस्करा रहा था पर वह बाहर शो नही कर रहा था ।।
अभय अपने उसी सख्त चेहरे के साथ सिम्मी के पड़ोस में जाकर बैठ जाता है ।। सिम्मी उसे देखकर काफी डर रही थी इसलिए वह अपना सिर कंबल से ढक लेती है ।। सिम्मी को ऐसा करते देख अभय कहता है – तुम इतना क्यों डर रही हो हां चलो अपना फेस खोलो ।। सिम्मी डरते हुए अपना फेश से कंबल हटाती है ।। तो अभय उसके फेश को टच करता है सिम्मी को अभी भी बुखार था जिसे देखकर अभय एक कॉल करता है और डॉक्टर को बुलाता है ।। सिम्मी उसे अपनी इतनी केयर करते देख अपने ही मन में कहती है – ये ऐसे क्यों बिहेव कर रहे है जैसे मुझे बहुत अच्छे से जानते हो लेकिन मैं तो अभी अभी ही मिली हूं इनसे तो ऐसा कैसे हो सकता है ।।
सिम्मी ये सब सोच ही रही थी कि तभी अभय कहता है – सिम्मी वैसे नाम तो बहुत अच्छा है ।। अभय की आवाज सुनकर सिम्मी कहती है – ह आपको मेरा नाम कैसे पता चला मैने तो नही बताया ।। अभय कुछ कहता कि उससे पहले ही डोर नॉक होता है ।।
अभय – कम इन ।। अभय के इतना कहते ही एक लेडी डॉक्टर अंदर आती है ।। ओर वह सिम्मी के पास आकर उसको देखती है फिर उसे कहती है – इन्हे काफी कमजोरी है लगता है ये समय पर खाना नही खाती है ।। ओर इसी कमजोरी के कारण ही इन्हे बीमारी है ।। वैसे मैं इन्हे कुछ दवाए सजेस्ट करती हूं ।। जिनसे इनका बुखार खत्म हो जाएगा लेकिन अगर ये अपनी हेल्थ को लापरवाही पूर्वक रखेगी तो इन्हे आगे चलकर कई बड़ी परेशानियों से जूझ सकती है ।। इतना कहकर डॉक्टर अभय को एक पर्ची दवाई की देकर वहा से चली जाती है ।। डॉक्टर के जानें के बाद अभय अपने फोन से वो सारी दवाई ऑर्डर कर देता है ।।
अभय – क्या हम फ्रेंड बन सकते हैं ।। सिम्मी – फ्रेंड हम ।। अभय – क्यों तुम्हे फ्रेंडशिप में भी कोई दिक्कत है क्या ।। सिम्मी – अ हां हम फ्रेंड बन सकते है ।। अभय – अच्छा तुम कहा रहती हो चलो मैं तुम्हे तुम्हारे घर छोड़ दूंगा ।। सिम्मी ये सुनकर चोक जाती है और कहती है – क्यों मुझसे क्या कोई गलती हो गई है ।। अभय – नही मेरा मन कहता है कि मैं तुम्हे माफ कर दूं तुम्हे सजा क्या दूं भगवान ने तो तुम्हे पहले से ही इतनी बड़ी सजा दे चुके है ।।
सिम्मी – क्या कोन सी सजा ।। अभय – लापरवाही जो तुम्हे दे दी है जिसने तुम्हे पहले से ही इतना कमजोर कर दिया है ।। सिम्मी अभय की बात सुनकर कहती है – पर मैं अपने घर नही जा सकती ।। अभय – क्यों क्यों नही जा सकती तुम अपने घर ।। क्या तुम्हारे घर वाले रूड है ।। सिम्मी – नही बात ये है कि मैं अपने घर से भागकर आई हूं इसलिए दुबारा नही जा सकती ।। अभय फेक सर्प्राइज होते हुए कहता है – क्या तुम घर से भागी हो तो तुम भागी किसलिए थी हां तुम सादी से भागकर आई हो न ।। सिम्मी अपना सिर मासूमी से झुकाते हुए कहती है – हम्म ।।
अभय – तो तुम सादी से भागी क्यों थी ।। सिम्मी मासूमियत भरा चेहरा बनाते हुए कहती है – क्योंकि मैं सादी नही करना चाहती मैने भी सपने देखे हैं मुझे भी पूरे करने है ।। अभय – अच्छा क्या तुम कभी सादी करोगी ही नही ।। सिम्मी – अम्म्म नो नेवर मुझे सादी एक बरबादी से ज्यादा कुछ नही लगती है ।। अभय – क्या सच में तुम्हारे सादी से भागने का यही कारण था ।। सिम्मी थोड़ा झिझकते हुए – अम्म वो जिससे सादी हो रही थी वह एक बहुत बड़ा गैंगस्टर था ।। एक ये भी कारण था ।।
अभय सिम्मी की बात सुन उससे कहता है – तो तुम्हे गैंगस्टर पसंद नही ।। सिम्मी अपना सिर न में हिलाते हुए – हम्म मुझे गैंगस्टर बिलकुल भी नही पसंद है ।। अभय – क्यों ।। सिम्मी – क्योंकि वो बहुत बुरे होते है उनकी वजह से कई बच्चों की जिंदगी खराब हो जाती है ।। ओर ऐसे लोग नफरत के ही लायक होते है ।। ।। ।। ।।
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To Be Continued...
अभय सिम्मी की बात सुन उससे कहता है – तो तुम्हे गैंगस्टर पसंद नही ।। सिम्मी अपना सिर न में हिलाते हुए – हम्म मुझे गैंगस्टर बिलकुल भी नही पसंद है ।। अभय – क्यों ।। सिम्मी – क्योंकि वो बहुत बुरे होते है उनकी वजह से कई बच्चों की जिंदगी खराब हो जाती है ।। ओर ऐसे लोग नफरत के ही लायक होते है ।।
अभय – ओर जो लोग बुरे लोगों को मारते है उनसे ।। सिम्मी – वे तो सच में मोहब्बत के काबिल है ।। सिम्मी का जवाब सुनकर अभय को भी काफी अच्छा फील होता है ।।
अभय – अच्छा तो तुम्हे आगे क्या करना है ।। उमा – मुझे मुझे मजबूत बनना है ।। अभय – अच्छा तो उसके लिए तुम क्या करोगी ।। हां ।। अभय की बात सुनकर उमा कहती है – ये to मुझे भी नही पता है कि मुझे कैसे मजबूत बनना है ।। तुम तो काफी मजबूत हो ।। तुम कैसे खुद को ऐसे कर लेते हो लोगो से इतनी सख्त आवाज में बात ।। अभय – अम्म मुझे लगता है कि अब तुम्हे सो जाना चाहिए ।। काफी रात हो चुकी है ।।
उमा – हां मुझे तो अपना काम भी पूरा करना होगा ।। इतना सारा काम मुझे सो जाना chahiye ।। अभय मुड़ते हुए – तुम्हे कोई काम करने की जरूरत नही है तुम अपना लक्ष्य पूरा करना चाहती हो उस पर फोकस करो और कोई जरूरत होगी तो मुझे बता देना ।। ओके ।।
इतना कहने के बाद अभय अपने कमरे में चला जाता है ।। वहा जाकर वाह भी अच्छे से सो गया ।। अगली सुबह अभय अपना डेली रूटीन को पूरा करने में लग जाता है ।। जिम जाता है और लगभग आधा घंटे के बाद वह जिम से बाहर निकल के आता है ।।
इधर सिम्मी भी उठकर अपना काम करने लगती है वह उठकर फ्रेस होती है अपनी योगा क्लास कंप्लीट करती है ।। इसके बाद वह ब्रेकफास्ट करने के लिए अपने रूम के बाहर आ जाती है ।। सिम्मी को अब बिल्कुल भी डर नही लग रहा था वह खुद को आराम फील करती है ।। आखिर अभय ने खुद कहा था कि वह अपनी तैयारी पर फोकस करे न कि फालतू के कामों पर ।।
सिम्मी जाकर डाइनिंग टेबल पर बैठ जाती है उसे ऐसे देखकर कोई था जो जला भुना जा रहा था ये कोई और नही बल्कि अमृता ही थी जो सिम्मी को घूरे जा रही थी ।। सिम्मी जब अमृता को देखती है तो उसे थोड़ा बुरा लगता है उसे लगता है कि जो भी कल हुआ वो ठिक नही था अमृता को इतना ज्यादा नही सुनाना चाहिए था ।।
तभी अभय भी वहा आ जाता है अभय सिम्मी को कही देखता पाकर उसकी नजरों का पीछा किया ।। तो उसे पता लगा कि वो अभी अमृता को देख रही थी ।। अभय उसे देखकर कहता है – क्या हुआ तुम्हे बुरा फिल हो रहा है अमृता के लिए ।। सिम्मी अपना सिर हां में हिलाती है और कहती है –हां मेरी वजह से इसे इतना कुछ सुनना पड़ा ।। अभय – अच्छा उसने तुम्हारे साथ भी तो अच्छा बिहेव नही किया थ उसकी वजह से तुम्हे जोरो का बुखार आ गया था तुम बीमार हो गई थी और तुम्हे फिर भी उसके लिए बुरा लग रहा है ।।
सिम्मी अपना सिर झुका लेती है ओर कहती है – गलती तो किसी से भी हो सकती है लेकिन उस गलती के लिए किसी को अगर सजा मिले तो वह गलती गुनाह लगने लगती है ।। अभय – लेकिन अगर गलती की सजा न दी जाए तो व्यक्ति उन गलतियों को आगे भी दोहराता है ।। इसलिए सजा देना जरूरी होता है ।। ओर तुम तो कल कह रही थी कि तुम मजबूत बनना चाहती हो बताओ ऐसे ही मजबूत बन जाओगी ।।
सिम्मी मासूमियत के साथ – तो मुझे क्या करना चाहिए ।। अभय – हम्म तुम्हे अगर मजबूत बनना है तो तुम्हे सबसे पहले अपने निश्चय पर अटल रहना चाहिए जिसे सोचो उसे पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत उसमे लगा दो ।। सिम्मी – मुझे कुछ समझ नही आया ।। ।
अभय उसके सिर पर हल्के से मारते हुए कहता है – ओह तुम्हें समझाना इतना कठिन क्यों है ।। सिम्मी – बताओ न ।। अभय – तुम मजबूत किसलिए बनना चाहती हो हम्म ।। सिम्मी – मुझे मजबूत बनना है क्योंकि मैं चाहती हूं कि मैं अपने लिए खुद लड़ सकू ।। क्योंकि जो लोग भोले होते है उनके लिए इस दुनिया में कोई स्थान नही है ।। क्योंकि हमेशा ही ऐसे लोग मारे जाते है ।।
अभय – ओके तो तुमने जब खुद को मजबूत बनाने का डिसीजन ले ही लिया है तो मैं तुम्हारी पूरी मदद करूंगा तुम्हारी कल से क्लास सुरु हो जाएगी आज तुम्हे जितने मजे करने है कर लो ओके ।। सिम्मी – कल से मेरी क्लास सुरु मतलब मुझे अपनी लाइफ का टीचर मिल गया ।। थैंक्यू सो मच ।।
अभय उसकी बात सुनकर मुस्कुराता है और वहा से चला जाता है ।। सिम्मी भी बहुत खुश थी और एक्साइटेड भी कि कल से वह अपने ऐम पर काम करना शुरू कर देगी ।। वह अपने कमरे में जाती है और एक नई शुरुआत करने की खुशी में वह एक पेंटिंग बनाना स्टार्ट कर देती है उसे पेंटिंग बनाना काफी पसंद था जब भी वह कोई नई शुरुआत करती थी तो एक पेंटिंग बनाती थी ।।
अभय वहा से निकलने के बाद अपने असिस्टेंट को फोन करता है और कहता है – क्या हुआ मैने जो तुम्हे काम दिया था वो हो गया न ।। दूसरी तरफ से आवाज आती है – येस सर वो अब हमारी गिरफ्त में है ।। अभय – ओके उसे मेरे हेल मेंशन में ले आओ ।। मै अभी वही पहुंच रहा हूं कहकर अभय कॉल कट कर देता है और अपनी कार में बैठकर वहा से निकल कर चला जाता है ।।
अभय अपनी कार में बैठकर वहा से निकल जाता है जब वह अपने हेल मेंशन पहुंच जाता है ।। जहा पर कई सारे ब्लैक ड्रेस पहने कामांडव खड़े थे ।। जो अभय को ग्रीट करते है और अभय अंदर जाता है अंदर एक रूम था अभय जब उसमे जाता है तो एकदम से उसके कानों में कुछ आवाजे पड़ती है ।। जो रूम के बाहर नही सुनाई दे रही थी ।। जैसे ही अभय वहा पहुंचता है वैसे ही वहा का माहोल शांत हो जाता है ।।
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अभय अपनी कार में बैठकर वहा से निकल जाता है जब वह अपने हेल मेंशन पहुंच जाता है ।। जहा पर कई सारे ब्लैक ड्रेस पहने कामांडव खड़े थे ।। जो अभय को ग्रीट करते है और अभय अंदर जाता है अंदर एक रूम था अभय जब उसमे जाता है तो एकदम से उसके कानों में कुछ आवाजे पड़ती है ।। जो रूम के बाहर नही सुनाई दे रही थी ।। जैसे ही अभय वहा पहुंचता है वैसे ही वहा का माहोल शांत हो जाता है ।।
जो लोग अभी मार रहे थे एक लड़के को उन्होंने मारना बंद कर दिया था ।। अभय उस लड़के की ओर देखता है और कहता है – ओह बेचारा लड़कियों का रेप करना तुझे बहुत पसंद है न बड़े बाप की बिगड़ी ओलाद कानून से तो तेरा बाप तुझे बचा लेगा लेकिन मुझसे तो तुझे भगवान भी नही बचा सकता साले ।।
कहकर वह बड़ी रौनक अंदाज में पास पड़ी चेयर पर बैठता है ।। उस लड़के की आखें खुल नही रही थी वह समझ चुका था कि शायद अब ये आखें कभी खुल नही पाएगी पर कहते है न कि गधा को चाहे कितना भी सजा दो वो कभी घोड़ा नही बनता ।। ठीक वैसे ही बुरा कभी भी अच्छा नही बन सकता फिर चाहे जो हो ।।
वह वैसे ही गुस्से में चिल्लाया – एक अकेले लड़के को इतने लोग मिलके मार रहे हो अगर हिम्मत ही है तो अकेले लड़कर बताओ ।। अभय उसकी बात सुनकर हंसते हुए कहता है – अच्छा तो मैं ये मान लू कि तू किसी आदमी के हाथों मरना ही नही चाहता है हां कोई बात नही हम में से कोई भी तुझे हांथ तक नही लगाएगा कल तक सिर्फ कल तक फिर कल तेरे साथ जो होगा वो तू अगले जन्म भी नही भूल पाएगा ठीक है न ।।
अभय ने भले ही यह बात हंसी के साथ कही थी लेकिन यह बात उस लड़के की रूह को पूरी तरह से कंपकंपा देती है ।। अभय अपने गार्ड्स की ओर देखता है और कहता है – कल तक इसकी अच्छे से खयाल रखना कही भाग न पाए ।। कल इसका ऑपरेशन होगा ।।
इतना कहकर अभय वहा से निकल जाता है ।। इधर सिम्मी अपने कमरे में खुशी से झूम रही थी मानो अपने बचपने को वह आज खुलकर जी रही हो क्योंकि कल से वह इस तरह खेल झूम नही पाएगी क्योंकि कल से उसकी क्लास सुरु हो जाएगी ।। वह ऐसे ही खेल रही थी कि उसे पता ही नही चला कि कब उसके कमरे के बाहर भीड़ लग गई जब उसकी नजर दरवाजे के पास खड़ी भीड़ पर पड़ी तो वह चुपचाप सीधी खड़ी हो गई बिलकुल उसी प्रकार जैसे कोई छोटा बच्चा चोरी कर रहा हो और वह चोरी करते वक्त पकड़ लिया जाए ।।
सिम्मी को अपनी ओर देखता पाकर सभी वर्कर्स को लगा कि सिम्मी नाराज हो गई है उनसे और वह अभय से शिकायत कर देगी इसी डर से सभी वर्कर्स फिर से अपने काम पर लग जाते है ।।
सिम्मी जब उन्हे ऐसे जाते देखती है तो वह भी सहम जाती है उसे लगता है कि ये सब लोग मेरी अभय से शिकायत कर कर देगे ।। यही सोचकर वो चुपचाप खामोशी से बैठ जाती है वह डर रही थी घबरा रही थी कि जब अभय को ये पता चले तो उसे डाट न पड़े ।। क्योंकि ये उसका अपना घर नही था जो वह जो चाहे सो करे इसीलिए वह सांति से बैठकर अभय के आने का वेट करने लगी ।।
साम के समय जब अभय घर आया तो उसने घर को बहुत शांत महसूस किया हमेशा की तरह उसने एक्सपेक्ट किया था कि सिम्मी आज बहोत खुश होगी और वह उछल कूद कर रही होगी ।। जहां तक अभय ने समझा था सिम्मी ऐसी ही लड़की थी ।। लेकिन घर की शांति देखकर वह सिम्मी के कमरे में जाकर देखता है जहां सिम्मी मुंह लटकाए हुए बैठी थी ।। सिम्मी का लटका हुआ सिर देखकर अभय कुछ समझ नही पाता है वह उसके पास जाता है और पूछता है – अब क्या हुआ ।।
सिम्मी अभय की आवाज सुनकर अभय की ओर देखती है और कहती है – आप आप यहां ।। अभय – क्यों नही होना चाहिए था मैं यहां ।। सिम्मी – नही वो अचानक ।। अभय अपनी भौंहे सिकोड़ते हुए कहता है – आज तुम्हारा लास्ट डे है अपनी मर्जी खुद पर चलाने का ।। कल से फिर तुम्हारी क्लास सुरु हो जाएगी न ।।
सिम्मी के चेहरे पर ये सुनकर एक मुस्कान आ जाती है वह अभय से बड़े उत्साह से पूछती है – क्या मैं कुछ भी कर सकती हूं ।। अभय चोकते हुए सिम्मी से कहता है – बिलकुल तुम कर सकती हो पर आज ही कल से तुम्हे मेरी बात माननी होगी ।। अभय की बात सुनकर सिम्मी खुश होते हुए कहती है – थैंक्यू थैंक्यू सो मच ।।
अभय – इट्स ओके ।। अभय इसके बाद वहा से अपने रूम में चला जाता है और सिम्मी अपने कमरे में पहले की ही तरह उछलने लगती है अपने सॉफ्ट से गद्दे पर चढ़कर उछल कूद करने लगती है ।। पूरा बिस्तर अस्त व्यस्त हो जाता है और पिलो को वो उठाकर उससे खेल ही रही थी कि तभी वह बेड से नीचे गिर जाती है और उसके घुटनो में चोट लग जाती है जिसके कारण उसके मुंह से हल्की सी चीख निकल जाती है पड़ोस के रूम में अभय था वह जब कुछ गिरने की आवाज सिम्मी के रूम से सुनता है तो वह उस कमरे में जाकर देखता है जब उसकी नजर सिम्मी पर पड़ती है तो उसको ऐसे नीचे पड़ा देखकर अभय को जोरो की हंसी आ जाती है और वह हंसने लगता है उसे हंसते देखकर सिम्मी शॉकिंग फेस के साथ उसे देखने लगती है ।।
अभय को जब फील होता है कि सिम्मी को चोट लगी है तो वह अपनी हंसी को कंट्रोल करते हुए कहता है – तुम ठीक तो हो न ।। सिम्मी अभी भी शॉक्ड थी ।। इसलिए अभय उसके फेस के आगे चुटकी बजाते हुए कहता है – ओ हेलो कहा खोई हो ।।
सिम्मी होश में आते हुए कहती है – हां ।। अभय उसको अजीब तरीके से घूरकर देखता है है और कहता है – क्या हुआ है तुम्हे ऐसे क्यों रिएक्ट कर रही है जैसे दुनिया का आठवां अजूबा देख लिया हो ।। सिम्मी अभी उसी तरह उसे देखते हुए कहती है – हां ।। अभय अपनी आखें सिकोड़ते हुए कहता है – क्या ।। सिम्मी उठते हुए कहती है – वो आप कभी हंसते नही है न तो ये दुनिया का आठवां अजूबा ही हुआ न ।। ।।
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सिम्मी होश में आते हुए कहती है – हां ।। अभय उसको अजीब तरीके से घूरकर देखता है है और कहता है – क्या हुआ है तुम्हे ऐसे क्यों रिएक्ट कर रही है जैसे दुनिया का आठवां अजूबा देख लिया हो ।। सिम्मी अभी उसी तरह उसे देखते हुए कहती है – हां ।। अभय अपनी आखें सिकोड़ते हुए कहता है – क्या ।। सिम्मी उठते हुए कहती है – वो आप कभी हंसते नही है न तो ये दुनिया का आठवां अजूबा ही हुआ न ।।
सिम्मी की बात सुनकर अभय को खयाल आता है कि वह अभी क्या कर रहा था वह अभी हंसा था मतलब आज वह किसी के कारण हंसा था वह सिम्मी की ओर पलटकर देखता है और कहता है – हम्म मानना तो पड़ेगा कि तुममें साहस बहोत जिस अभय मल्होत्रा को लोग एंग्री मैन से जानते है तुमने उसे हंसा दिया दैट स अमेजिंग ।। ।।
तभी अभय की नजर सिम्मी के हांथ में पड़ी जिसमे उसने पिलो पकड़ रखा था पिलो से कॉटन बाहर निकल रही थी जब अभय ने कॉटन देखा तो उसने सिम्मी से कहा – ये पिलो कैसे फटा ।। सिम्मी ने जब पिलो को फटा हुआ देखा तो वह डर गई और उसे फेक देती है लेकिन दुर्भाग्य से सिम्मी के नाखून उसमे फंस जाते है जिससे सिम्मी के नाखून टूट जाते है और पिलो भी काफी ज्यादा फट जाती है जिससे पिलो की रूई पूरे कमरे में फैल जाती है ।।
नाखून टूटने से सिम्मी के मुंह से एक चीख निकल जाती है ।। अभय को लगता है कि वह डर गई है इसलिए चीखी है तो अभय वही पर खड़े खड़े ही कहता है – तुम ये बात बात पर डरना बंद करो मैं तुम्हे खा नही जा रहा हूं ।। अभय की बात पर बिना ध्यान दिए सिम्मी अपना हांथ पकड़कर रोने लगती है ।। उसके रोने से अभय को इरीटेशन होने लगती है और वह जैसे ही कुछ कहने के लिए उस की ओर देखता है उसे अपना हांथ पकड़े देखकर वह उसके पास जाता है और कहता है – ये इतने बड़े बड़े नाखून कोन रखता है ।।
अगर ये छोटे होते तो यूं फसते नही यही पर बैठो मैं अभी तुम्हे दवाई लगा देता हूं ।। अभय को इतना केयरिंग देखकर वह सोचती है – हे प्रभु क्या होने वाला है ऐसा तो नही ये मेरी बलि देना चाहता है ऐसे तो केयर लोग केवल बलि के बकरे की ही करते है ।।
अभय जोकि उसे दवाई लगा रहा था वह कहता है – डोंट वरी मैं न कुछ भी ऐसा करने वाला नही हूं ।। ओर रही बात केयर की तो कहकर वह चुप हो जाता है ।। अभय को आधा सेंटेंस बोलते देख सिम्मी बड़ी नरमी से झिझकते हुए कहती है – तो तो क्या ।। अभय – तो तो ये कि हम फ्रेंड्स है और मैं हर किसी को फ्रेंड्स नही बनाता और जिसे बनाता हूं उसे पूरे दिल से निभाता हूं ।। ओर हां हम फ्रेंड है इसलिए ये मैं कर सकता हूं ।।
सिम्मी जब फ्रेंड की बात सुनती है तो वह बहुत ही ज्यादा खुश हो जाती है क्योंकि उसे कभी भी नही लगा था कि कोई उसे भी अपना फ्रेंड बना सकता है ऐसी ओल्ड फैशन गर्ल को ।। अभय उसकी और देखता है फिर एक नजर पिलो पर डालता है जोकि अभी पूरी तरह से खाली पड़ी थी ।। फिर सिम्मी की ओर देखता है ।। सिम्मी अभय को अपनी ओर देखता पाकर हकलाते हुए कहती है – वो वो मैने जानबूझकर नही किया था ।। अभय – अच्छा तो कैसे फट गई ।। सिम्मी अपना सिर झुकाते हुए लगभग रोने के अंदाज में कहती है – सॉरी , रियली सॉरी , सो सॉरी बड़ा वाला सॉरी बस मुझे इस बार माफ करदो ।। अभय उसकी और देखता है और कहता है – अच्छा माफ कर दूं तो तुम्हे मेरा काम करना होगा ।।
सिम्मी ने अभय की ओर देखते हुए पूछा – क्या कोन सा काम ।। अभय – ये सॉरी बोलना छोड़ दो तुम बहुत सॉरी बोलती थोड़ा कम बोला करो सॉरी जिससे इसकी वैल्यू हो ।। सिम्मी अभय की बात सुन चौकते हुए कहती है – क्या मैं सॉरी न बोलूं ।। क्यों ।। ।। क्योंकि ज्यादा सॉरी बोलने से सॉरी की वैल्यू चली जाती है ।। अभय ने उसे समझाते हुए कहा ।। ।।
अभय की बात सुनकर सिम्मी कहती है – ठीक है मैं कोशिश करूंगी ।। अभय – अच्छा ठीक है मैं जा रहा हूं तुम अपना ये आज का दिन एंजॉय करो ।। अभय की बात सुन सिम्मी उसका हांथ पकड़ते हुए कहती है तुम क्या करने जा रहे हो ।। अभय इतनी रात को कोई बंदा क्या करेगा आखिर सोने जा रहा हूं ।। क्यों क्या तुम्हे कोई प्रोब्लम है ।। सिम्मी ने अपनी गर्दन हां में हिलाते हुए कहती है – मुझे डर बहुत लगता है इसलिए तब तक रुक जाओ जब तक मैं सो न जाऊं फिर तुम चले जाना ।। अभय उसकी बात सुनकर अपनी गर्दन हां में हिला देता है और कहता है – ठीक है तुम सो जाओ मैं हूं यहां पर बैठा ।। ।।
अभय कई देर तक बैठा रहता है उसके बाद जब सिम्मी सो जाती है तो वह उसे कंबल से कवर करके अपने कमरे में चला जाता है ।। ।।
सुबह के वक्त अभय 4 बजे उठ जाता है लेकिन सिम्मी सो रही थी आज से सिम्मी की ट्रेनिंग सुरु थी ।। इसलिए वह सिम्मी के कमरे में जाता है और सिम्मी को जगाने की कोशिश करता है लेकिन जब सिम्मी नही उठती है तो अभय उसे उठाकर स्विमिंग पूल में छोड़ देता है जिससे सिम्मी की नींद खुल जाती है ।। वह चिलाते हुए कहती है – बाढ आ गई बाढ़ आ गई भागो भागो ।। सिम्मी की बाते सुनकर अभय का मन तो हो रहा था कि वह अभी अपना सिर पीट ले ।। जब सिम्मी अपनी आखें खोलती है तो वह खुद को स्विमिंग पूल में पाती है ।। यह देखकर उसकी आखें चौड़ी हो जाती है ।। ।।
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वह जब अपनी आखें खोलती है तो खुद को स्विमिंग पूल में पाती है जिससे उसकी आखें चौड़ी हो जाती है और वह छटपटाने लगती है क्योंकि उसे तैरना नही आता था ।। ओर स्विमिंग पूल भी काफी गहरा था ।। अभय को जब लगा कि सिम्मी को तैरना नही आता है तो वह उसका हांथ पकड़कर बाहर निकालता है ।। ओर गुस्सा करते हुए कहता है – तुम्हे कुछ आता भी है ।। सिम्मी जो कि अभी अभी मौत के मुंह से निकल कर आई थी अभय की बात सुनकर गुस्से से घूरते हुए कहती है – आपने मुझे स्विमिंग पुल में क्यों फेका ।। अभय उसके बिलकुल सामने फेश करके कहता है – कुंभकरण को जगाने के लिए कुछ ऐसे ही काम करने पड़ते है ।। सिम्मी अभय के इतने करीब होने से डर रही थी इसलिए उसने धक्का देते हुए कहा – दूर रहो मुझसे ।। अभय इस तरह के रिएक्शन के लिए बिल्कुल भी तैयार नही था इसलिए वह खुद को संभाल नही पाता है और स्विमिंग पूल में गिर जाता है ।। अभय पूल से बाहर आकर सिम्मी से कहता है –तुम पागल हो गई हो मुझे धक्का क्यों दिया ।। सिम्मी ने डरते हुए बड़ी मासूमियत के साथ कहा – मैने धक्का नही दिया था मैंने तो केवल दूर हटने के लिए कहा था मुझे नही पता था कि आप पूल में गिर जाएगै ।।
मैं तुम्हारे पास कब आया था हां अभय ने उसे घूरते हुए पूछा ।। सिम्मी को अब समझ में नही आ रहा था कि अब वह क्या कहे अभय से क्योंकि अभय तो केवल उसके फेश के सामने था न कि उसके पास ।। अभय की सख्त नजरे अभी भी सिम्मी पर ही थी जो अपने सवाल के जवाब को पाने के लिए लालायित थी ।। अभय की नजरो की सख्ती को देखकर वह और भी ज्यादा डर रही थी – देखो आप मुझे ऐसे घूरा मत करो ।।
अभय ने नासमझी से अपनी आखें सिकोड़ते हुए पूछता है – क्यों मेरी आखों में कोई बीमारी है जो तुम्हे हो जाएगी हां ।। सिम्मी हकलाते हुए कहती है – मुझे वो डर लगता है ।। आप इतने कठोर है आपकी नजरे उससे भी ज्यादा कठोर है ।।
अभय एक मुस्कुराहट के साथ कहता है – तुम अपना डर छोड़ दो मैं अपना एटीट्यूड नही बदलूंगा ।। बदलना तुम्हे है मुझे नही जो मैं खुद को बदलता फिरूंगा ।। अभय की बात सुनकर सिम्मी को लगता है कि वैसे अभय कह तो सही रहा है बदलना मुझे खुद को है तो वो क्यों खुद को बदले ।।
अभय रूम से जाते हुए कहता है – शायद तुम्हे पता नही है कि आज से तुम वही करोगी जो मैं कहूंगा ।। सिम्मी अपने धीरे अल्फाजो में कहती है ,– मुझे पता है ।। अभय ने सिम्मी को ऑर्डर देते हुए कहा – तो जल्दी से तैयार हो जाओ हमे आधे घण्टे बाद चलना है और हां टाइम एक सेकंड भी ज्यादा नही लगना चाहिए ।। समझी ।।
अभय यह कहकर कमरे से चला जाता है ।। इधर सिम्मी वॉशरूम के अंदर जाती है और शावर लेकर तैयार हो जाती है आधा घंटा पूरा होने से पहले ही सिम्मी अपने कमरे से निकलकर हाल में आ जाती है ।। जहा अभी अभय बैठा सिम्मी के आने का इंतजार कर रहा था ।।
अभय यहां पर बैठो और कुछ खा लो फिर चलते है ।। वहा टेबल पर कुछ फ्रूट्स रखे हुए थे ।। सिम्मी ने कुछ फ्रूट्स एक प्लेट में लेकर खा लिए और कहा मेरा हो गया अब चले ।। अभय ने जब उसे देखा तो कहा – तुम फ्रूट्स भी सही से नही खा पाती हो अपना मुंह साफ करो पहले ।। सिम्मी को इस बात के लिए थोड़ा सा खुद के लिए बुरा लगा कि उसे खाना भी अच्छे से खाना नही आता है ।।
वह अपना फेश साफ करती है और अभय से कहती है – अब चले ।। अभय पहले उसके फेश को देखता है फिर अपना सिर हां में हिलाकर कहता है – हम्म चलो ।। अभय बाहर आता है कहा एक कार पहले से ही उसके लिए खड़ी थी ।। अभय एक तरफ का डोर खोलकर कार में बैठ जाता है और सिम्मी भी दूसरी साइड से कार में बैठ जाती है कुछ देर बाद ही वह कार एक ब्लैक कलर के मेंशन के पास जाकर रुकती है ।। यह बाहर से काफी डरावना दिख रहा था जैसे किसी घोस्ट का यह घर हो ।।
सिम्मी उस मेंशन को देखकर अपने कदम आगे बढ़ाना ही भूल जाती है ।। अभय ने जब सिम्मी को देखा तो वह उसका हांथ पकड़कर आगे बढ़ा सिम्मी उसके पीछे पीछे डरती हुई चल रही थी ।। सिम्मी को अभी तक यह पता ही नही था कि उसे यहां क्यों लेकर आया गया था ।। अभय जैसे जैसे अंदर जा रहा था वैसे वैसे ही सभी बॉडीगार्ड उसे ग्रीट कर रहे थे ।।
सिम्मी उन सभी से डर रही थी और अभय को सिम्मी की हालत देखकर हंसी आ रही थी साथ ही उसे थोड़ा दुख भी था कि वह अभी जो उससे करवाने वाला था वह काफी बुरा होने वाला था ।। अभय और सिम्मी दोनो रूम में एंटर हुए तो वहा के सभी गार्ड्स जो कि किसी पर लाठी चार्ज कर रहे थे साँति से खड़े हो जाते है ।। ओर अपना सिर झुकाकर अभय को ग्रीट करते है अभय उन सबसे वहा से जाने के लिए कहता है ।।
अभय के ऑर्डर को सुनकर सभी गार्ड वहा से निकल जाते है अब केवल उस रूम में सिम्मी अभय और वह व्यक्ति था ।। अभय ने सिम्मी को देखा और कहा ।। मेरा ये ऑर्डर है कि तुम इसे सूट करो अभी के अभी अगर तुम्हे मुझ पर विश्वास है तो तुम इसे सूट करो क्योंकि एक टीचर तभी अपने कामयाबी तक पहुंच सकता है जब स्टूडेंट को उस पर विश्वास हो मैं देखना चाहता हूं कि तुम्हे मुझ पर विश्वास है या नही ।।
सिम्मी अभय की बात सुनकर कहती है – ये कैसी बात रही विश्वास को किसी की जान लेकर थोड़ी न बताया जाता है ।।
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To Be Continued...
अभय ने सिम्मी की ओर देखकर कहता है – ओह रियली तुम्हे लगता है कि जो मैं कर रहा हूं वो गलत है ।। सिम्मी ने नाराजगी से कहा – ऑफकोर्स तुम गलत कर रहे हो किसी को बेवजह मारना गलत ही तो है ।। ।। ।। ।। ।।
तो क्या मैं ये मान लूं कि तुम्हे मुझ पर विश्वास नही है और अगर ऐसा है तो तुम गन नीचे रखकर जा सकती हो तुम्हारा जहा मन करे ।। सिम्मी ने मन में कुछ सोचा कि अगर अभय बुरा होता तो अभी तक वह शायद जैसे खड़ी है वैसे वहा खड़ी न होती ।। ।। ।। ।। ।
फिर वह अपने सामने पड़े आदमी को देखती है जिसकी सकल से जाहिर हो रहा था कि वह कोई आवारा लड़का है लेकिन किसी की सकल को देखकर किसी के बारे में कुछ राय नही बनाई जा सकती उसके बाद वह अभय को देख रहा था जो अभी उसी की ओर देख रहा था ।। ।। ।। ।।
सिम्मी नेआज तक किसी को जवाब तक नही दिया था आज उसे किसी को मारना पड़ रहा था लेकिन अब सिम्मी बदल चुकी थी वह उस आदमी को मारने की राय बना चुकी थी ।। सिम्मी को वही पर खड़ा देखकर कहता है – सूट हिम ।। सिम्मी बंदूक अपने हाथों में उठाती है और उस व्यक्ति की ओर तान देती है लेकिन उसकी बंदूक पकड़ने के तरीके को देखकर अभय उसे रोकते हुए कहता है – रुको क्या कर रही हो ये तुम ।। सिम्मी उसके एकदम से रोकने से सोचती है – अब क्या हुआ ।। अभय उसके हांथ से बंदूक लेकर उसे सीधी बंदूक पकडाते हुए कहता है – ये ऐसे पकड़ना है इसे ।। सामने वाले को मारना है तुम्हे खुद को नही समझी ।। ।।
सिम्मी ने गन सीधी उस आदमी की तरफ तान देती है और अपनी पूरी ताकत के साथ सूट करने की कोशिश करती है ।। वह सूट करती है और वो गोली सीधे उस आदमी के सीने में उतर जाती है ।। ।। ।। ।। ।।
जब वह आदमी मर गया तो सिम्मी को समझ आया उसने क्या किया है और वह कांपने लगी और अभय पर गुस्सा करते हुए बोली – आज तुम्हारी वजह से मैने अपने हांथ गंदे कर लिए मैने किसी को मार दिया जान ले ली किसी की मैने ।। कहकर वह रोने लगती है ।। अभय वही पर खड़ा उसे ही देख रहा था बिना उसे तंग किए ।। कुछ देर बाद जब सिम्मी शांत हो गई थी तो अभय ने धीरे से कहा – तुम्हे पता है इस इंसान ने क्या किया था ।। ।। ।। । ।।
अभय की बात सुनकर सिम्मी अपना सिर ऊपर उठाती है जैसे पूछ रही हो कि ऐसा भी क्या किया था कि उसे मार दिया गया ।। अभय ने एक फेक स्माइल पास करते हुए कहा – वो उसने कई लड़कियों को चीट किया था उनकी जिंदगी को तबाह कर दिया था अब बताओ तुम ही कि क्या उसे जीने का कोई हक था ।। ।। ।। ।
सिम्मी ने जब ये बात सुनी तो उसने अपने आसू पोछ्ते हुए कहा – तो ये बात तुम मुझे पहले भी तो बता सकते थे तो क्यों नही बताया मुझे ।। अभय – बिना कुछ बोले एक स्माइल कर देता है ।। ।। ।। ।।
अभय – अच्छा उठो अब अभी बहुत से काम बाकी है ।। सिम्मी अपनी आईब्रो सिकोड़ते हुए कहती है – अब क्या काम है ।। अभय – डरो मत अब कोई एनकाउंटर नही करवाना है चलो ।। सिम्मी अभय का हाथ पकड़कर खड़ी होती है और अभय के साथ चलने लगती है ।। ।। ।। ।।
सिम्मी ने अभय से पूछा अब हम कहा जा रहे है – अभय तुम्हारी पहली स्टेज पर ।। सिम्मी – मैं समझी नही ।। अभय ने खिड़की से बाहर की ओर देखते हुए ही कहा – थोड़ा सब्र करो सबकुछ समझ में आ जाएगा ।। ।। ।। ।।
कुछ देर बाद अभय एक विला के सामने आकर रुकता है ।। ओर कार से बाहर निकलते हुए वह सिम्मी से कहता है – बाहर आ जाओ ।। सिम्मी जब बाहर आकर देखती है तो वह हैरान रह जाती है वह इस जगह को देखकर गेस भी नही कर पा रही थी आखिर वह उसे यहां क्यों लेकर आया था क्योंकि यहां पर कई ऐसी चीजें थी जिनको देखकर ये लगता था कि ये अभय का पर्सनल जिम हो लेकिन वह ये समझ नही पा रही थी कि आखिर अभय उसे यहां क्यों लेकर आया है ।।
तभी अभय की आवाज सिम्मी के कानो मे गूंजती है जिसे सुनकर वह चौक जाती है ।। क्योंकि अभय ने उससे कहा था कि वह आज से यही रहेगी ।। सिम्मी ने हैरानी से अभय से पूछा मैं मैं यहां क्या करूंगी मेरा यहां क्या काम ।। ।। ।।
सिम्मी की बात सुनकर अभय की एक भोंह ऊपर उठ जाती है और वह अपनी कोल्ड वाइस में सिम्मी से कहता है – तुम यहां रहोगी आज से क्योंकि तुम्हे स्ट्रॉन्ग होने के लिए एक्सरसाइज करनी पड़ेगी ।। ओर यहां एक्सरसाइज करने का सारा सामान है ।। ओर हां मैने तुम्हारे लिए सीखने के लिए एक लड़की को भी रख लिया है ।। यहां पर जो बनेगा वही खाना पड़ेगा ।। ।। ।।
सिम्मी ने जब ये सब सुना तो वह अपने मन ही में रोते हुए कहती है – बहुत अच्छे सिम्मी बहुत अच्छी जगह फसी हो ।। अब जो ठाना है उसे तो पूरा करना ही होगा स्ट्रोंग बनना है तो ये सब सहना पड़ेगा ।। ।। ।।
सिम्मी अभी अपने मन में ये सब सोच ही रही थी तभी अभय की आवाज फिर से उसके कानो में गूंजती है ।। अभय कहता है – गुड गर्ल अच्छा सोच रही हो तुम तुम्हे स्ट्रॉन्ग बनना है ।। तो त्याग करना ही पड़ेगा ।। अच्छा मैं चलता हूं तुम अब खुद को संभालना मैं तो जा रहा हूं ।। ।। ।।
सिम्मी ने जब यह सुना तो वह अभय से बोली – आप कहा जा रहे है मत जाइए मुझे अकेले डर लगता है ।। अभय ने सिम्मी को समझाते हुए कहा – मुझे अभी ऑफिस जाना है इसलिए मुझे जाना पड़ेगा ।। मै रात होने से पहले आ जाऊंगा ok ।।
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To Be Continued...
अभय सिम्मी को समझाकर चला जाता है ।। अभय के जाने के बाद सिम्मी उन डम्बल को उठाने की कोशिश करने लगती है ।। ओर इधर अभय अपनी कार में बैठकर कही जा रहा होता है ।। ।। ।। ।। ।।
तभी रास्ते में एक कार उसका पीछा करने लगती है ।। अभय अपनी कार को कुछ दूर ले जाकर किनारे पर रोक देता है और उसे फॉलो कर रही कार से भी एक लड़का निकलकर अभय के पास आता है ।। ।। ।। ।। ।।
अभय के पास पहुंचकर वह अभय को ग्रीट करता है और अभय उससे पूछता है – हम्म बोलो क्या हुआ ।। ।। ।। ।।
उस आदमी ने अभय के सामने सिर झुकाते हुए कहा – सर आपको पता ही है कि इस समय आप के कितने लोग दुश्मन है और आप फिर भी एक लड़की को अपने साथ रख रहे है ।। आपके दुश्मनों को ये भनक लग गई है कि वो लड़की के लिए आप कितने पोसेसिव हो ।। ।। ।। ।। ।।
वो उसे चोट पहुंचाने की पूरी कोशिश करेगे आप उसे क्यों रख रहे है अपने पास ।। ।। ।।
अभय – मैं उसे रखता हूं क्योंकि उसे मेरी जरूरत है और रही बात कि उसे मेरे पास रहेने से उसकी जान को खतरा है तो उसके लिए सेफ जगह भी कोई नही है और मैं उसे नही भेज रहा कही भी ।। ।। ।। ।। ।।
यह सुनकर वह इंसान थोड़ा परेशान होते हुए कहता है – तुम्हारा उससे ऐसा भी क्या रिश्ता है कि उसे भेज नही सकते ओर कितने दिन से उसे जानते हो ।। ।।
अभय अब गुस्से से उसे घूरते हुए कहता है – थोड़ा कम बोल तुझे जानना है कि वह मेरी कोन है तो मैं बताता हूं वो मेरी पसंद है ओर बहुत पुरानी समझा ।। ।। ।। ।। ।।
अब एक और शब्द बोला न उसके बारे में तो मुझसे बुरा कोई नही होगा ।। यह सुनकर वह लड़का अपना मुंह नीचे झुका लेता है ।। ओर वहा से चला जाता है ।। ।। ।।
अभय को अपने वे पुराने दिन याद आने लगते है जब अभय लगभग 15 years का था उस समय उसकी एक बेस्ट फ्रेंड थी वह दोनो हमेशा मस्ती करते थे वे थे तो फ्रेंड ही पर लोग उन दोनो को जब साथ खेलते देखते तो उन्हे एक कपल की तरह देखते ।। ।। ।। ।।
अभय और वो लड़की दोनो इन लोगो की गलत नजरो से अनजान हंसते खेलते थे लेकिन एक दिन वो लड़की नही आई पता करने पर पता चला कि अब उसका घर से निकलना बंद कर दिया गया है लेकिन किसलिए ये उसे नही पता था ।। ।। ।।
ओर आज उसे उनकी बाते समझ आ रही थी और लोगो के गलत नजरो से उसे नफरत थी ।। ।। ।। ।।
लेकिन एक बार फिर उसे वही दोस्ती मिली थी तो वह आखिर कैसे उसे छोड़ सकता था सिम्मी ही अभय की बचपन की फ्रेंड थी ।। ।। ।।
बचपन की उस घटना के बाद उसका सबकुछ उससे जाता ही जा रहा था उसके मां पापा की भी मृत्यु हो गई थी और वह पूरी तरह से टूट गया था ।। ।। ।।
कहते है जो टूट चुका हो फिर उसके लिए कुछ भी असंभव नही रहता है वह सब कुछ कर सकता है ।। ।। ।।
ठीक वैसे ही अभय अब बदल चुका था वह एक अच्छा लड़का की जगह एक बड़ा गैंगस्टर बन चुका था ।। ।। ।।
अभय को जब अपने ह्रदय को हल्का फील हुआ तो वह अपनी कार में बैठकर अपने घर की ओर जाने लगता है अब सूर्यास्त होने में कुछ ज्यादा समय नहीं था ।। ।। ।।
अभय अपनी कार में बैठा हल्की हल्की ठंडी हवा को महसूस कर रहा था जो बाहर से आ रही थी ।। ओर मन को सुकून पहुंचा रही थी ।। कुछ ही देर बाद अभय अपने विला पहुंच जाता है ।। ।। ।।
जब अभय विला पहुंचता है तो वह सिम्मी को बाहर ही पा जाता है अभय सिम्मी से पूछता है – तुम यहां क्या कर रही हो अंदर क्यों नही गई ।। ।। ।।
सिम्मी ने जवाब देते हुए कहा – वो मुझे इतने बड़े घर में अकेले डर लगता है इसीलिए बाहर थी ।। पर तुम इतना क्यों चिल्ला रहे हो ।। ।। ।। ।।
अभय – देखो मैं तुम पर चिल्ला नही रहा हूं मेरी बात को समझने की कोशिश करो तुमने जिस का एनकाउंटर किया है वह विधायक का लड़का था अगर उन्हे पता चला न तो क्या होगा ये तुम अच्छी तरह से जानती हो कि ये लोग कैसे होते है कही का भी नही छोड़ेंगे ।। ।। ।।
सिम्मी – अच्छा तो जब सिक्योर नही कर सकते थे तो आखिर उसे मरवाया क्यों बताइए हमे ।। ।। ।।
सिम्मी की बात सुनकर अभय ने कहा – मुझे किसी से डर नही लगता है और हां मैने तुम्हारी सिक्योरिटी पूरी कर रखी है अगर लेकिन यदि तुम ही मोत को न्योता दोगी तो मैं क्या करूंगा मैने तुमसे घर के अंदर रहने के लिए कहा था तो तुम घर के अंदर रहो न बाहर क्या जरूरत थी खड़े होने की ।। अभय की बात सुनकर सिम्मी कहती है – ठीक ठीक है समझ गई हूं मैं।। ।। ।।
अभय – तो अब घर चले ।। अभय की बात सुनकर सिम्मी हां में अपनी गर्दन हिलाती है और कहती है – हां हां मैं चलती हूं ।। अभय – क्या अभी मैड नही आई थी कोई ।। सिम्मी – आई थी न अपना काम करके चली गई ।। अभय – अच्छा तुम खाना खा चुकी हो ।। ।। ।। ।।
सिम्मी ने अपनी गर्दन न में हिलाते हुए कहती है – नही मुझे तो यह भी नही मालूम कि उन्होंने बनाया क्या है ।। अभय – ओके चलो अभी पता चल जाएगा ।। तुम यही टेबल पर बैठो मैं अभी डिनर लेकर आया ।। ।। ।। ।।
अभय की बात सुनकर सिम्मी टेबल के पास बैठ जाती है ।। ओर अभय किचन में चला जाता है ।। कुछ ही देर में अभय अपने हाथों में दो प्लेट में खाना लेकर आता है ।। ।। ।।
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सिम्मी ने अपनी गर्दन न में हिलाते हुए कहती है – नही मुझे तो यह भी नही मालूम कि उन्होंने बनाया क्या है ।। अभय – ओके चलो अभी पता चल जाएगा ।। तुम यही टेबल पर बैठो मैं अभी डिनर लेकर आया ।। ।। ।। ।।
अभय की बात सुनकर सिम्मी टेबल के पास बैठ जाती है ।। ओर अभय किचन में चला जाता है ।। कुछ ही देर में अभय अपने हाथों में दो प्लेट में खाना लेकर आता है ।। ।। ।।
अभय अपने हाथों में दो प्लेट में खाना लेकर आता है और कहता है – हम्म तो आज फिर कितनी प्रैक्टिस की ।। सिम्मी ने अपनी गर्दन न में हिलाते हुए कहती है – नही आज मेरी जिम ट्रेनर नही आई थी ।। अभय – ओके कोई बात नही आज तुम आराम कर लो कल से प्रैक्टिस सुरु ।। अभय की बात सुनकर सिम्मी कहती है – क्या तुम सच में आज जो हुआ वो सब भूल चुके हो ।। सिम्मी ने ये बात काफी सीरियसली पूछती है ।। ।। ।। ।। ।।
अभय ने जब यह सुना तो अपना ध्यान खाने से हटाकर सिम्मी की ओर देखता है और बोलता है – तुम किस बारे में बात कर रही हो हां ।। कुछ हुआ है इधर मेरे जाने के बाद ।। सिम्मी ने अपनी नरम आवाज में कहा – नही नही तो यहां कुछ भी नही हुआ था ।। अभय – तो फिर तुम किसके बारे में बात कर रही हो ।। ।। ।। ।।
सिम्मी हिचकिचाते हुए – वो वो जो आज मैने एनकाउंटर किया उसके बारे में ।। अभय ने बोरियत के साथ कहा – ओ तो तुम अभी भी उसी के बारे में सोच रही हो छोड़ो उन सब बातो को और आगे बढ़ो ।। अभय की बात सुनकर सिम्मी कहती है – मैने आज तक किसी से ऊंची आवाज में बात तक नही की थी और आज तुम्हारे कारण मुझे किसी का मर्डर करना पड़ा माना कि मुझे स्ट्रॉन्ग बनना है लेकिन एकदम से इतना बड़ा परिवर्तन को बर्दास्त करना भी तो आसान नही होता है ।। ।। ।। ।।
अभय ने एक्सेप्ट करते हुए कहा – हम्म मैं समझ सकता हूं तुम इस समय क्या फील कर रही हो ओर ऐसे समय में मैं केवल एक ही सजेशन दे सकता हूं कि जो हुआ उसे इग्नोर कर दो और आगे बढ़ो ।। अभय का ये कहना ही था कि तभी सिम्मी की रोने की आवाज उसके कानो में सुनाई पड़ती है जिसे सुनकर अभय एक लंबी सांस लेता है और सोचता है – अब क्या करूं मैं ।। अभय ब्लूटूथ लाकर सिम्मी के कानो में लगा देता है और उसमे पैन रिलैक्सिंग सॉन्ग लगा देता है जिसके लगने के बाद सिम्मी रोना बंद कर देती है और धीरे धीरे सॉन्ग सुनते सुनते ही सो जाती है ।। ।। ।। ।।
सोते हुए वह बहुत क्यूट सी लग रही थी ।। लेकिन उसके चेहरे पर अभी भी एक उदासी झलक रही थी ।। लग रहा था कि वह सोते वक्त भी किसी पैन में है ।। आखिरकार लड़कियां होती भी तो है जिद्दी अगर कोई जिद्द एक बार पाल ले उसे फिर जब तक पूरा न कर ले तब तक वे रुकने वाले नही होती है ।। अभय सिम्मी के सिर पर हाथ फेरते हुए मुस्कुराता है और कहता है – ये दूसरी मुलाकात है हमारी दोस्ती की ।। ओर उसमे भी तुम मेरे पास खुद को बदलने के लिए आई ।। ।। । ।।
वह सिम्मी को अपनी बाहों में उठाकर उसे उसके कमरे में सुला देता जाकर है ।। और ब्लूटूथ निकलकर अलग रख देता है ।। अभय ने उसे लिटाया ओर खुद भी अपने कमरे में चला गया ।। ।। ।। ।।
अभय अपने कमरे में जाकर अपना फोन खोलकर उसमें अपनी मम्मा पापा की तस्वीर देखता है और अपने बचपन को याद करता है और सोचता है – कि काश मैं बड़ा नही होता कभी ये पता न चलता दुनिया की काली छाया ।। फिर वह अपने आखों में आए आंसुओं को साफ करके अपना फोन एक साइड रख देता है और खुद भी सो जाता है ।।
एक अंधेरे कमरे में एक व्यक्ति बैठा अपने सामने खड़े लोगो से कहता है – तुम लोग एक काम भी सही से नही कर सकते एक लड़की को नही पकड़ पाए ।। एक बात जान लो कि मुझे जल्द से जल्द वो लड़की चाहिए और अगर तुम लोगो ने ये काम नही किया तो मरने के लिए तैयार रहना ।।
सामने के खड़े लोग अपना सिर झुकाए बस उसकी बाते सुन रहे थे ।। जब कुर्सी पर बैठा सख्स ने उन्हे जाने को कहा तो वह सब बाहर आ गए ।। ।। ।। ।।
बाहर निकलकर वे लोग आपस में ही कहते है – पता नही ये लड़की कहा चली गई धरती निगल गई या आसमा खा गया ।। एक लड़की के कारण हम सबकी बलि चढ़ेगी ।। न जाने सर ने ऐसा क्या देख लिया उस लड़की में कि अब चाहिए तो वही लड़की कोई और नही ।। ।। ।। ।। ।।
इधर सिम्मी सुबह सुबह उठ चुकी थी वह गार्डन में घूम रही थी ।। सुबह की ताजा ठंडी हवा बह रही थी जोकि उसके शरीर को एक नई एनर्जी प्रदान कर रही थी ।। तभी अभय उससे कहता है ये टाइम तुम्हारा टहलने का नही है ।। सिम्मी – क्या ।। अभय ने कहा – क्या क्या तुम्हारी जिम ट्रेनर आ गई है और तुम्हे इस टाइम पर जिम पे होना चाहिए ।। ।। ।।
अभय की बात सुनकर सिम्मी अपना सिर हां में हिलाती है और कहती है – ओके मैं जा रही हूं ।। अभय ने उसके बाल बिगाड़ते हुए कहा – गुड गर्ल ।। सिम्मी ने ऐसा कुछ एक्सपेक्ट नही किया था कि अभय इतना ज्यादा लविंग एंड केयरिंग हो सकता है ,– क्योंकि वह हर किसी पर चिल्लाते रहता था और अब वह उसके साथ ऐसा बिहेव कर रहा था जैसे वह काफी पुराना और बेस्ट फ्रेंड् हो ।। ।। ।। ।।
सिम्मी को ऐसे कही खोया हुआ देखकर कहता है – क्या हुआ कहा खोई हुईं हो ।। सिम्मी अभी के कहने पर होश में आई और कहा – कही भी तो नही बस ऐसे ही ।। अभय ने सिम्मी के बालो पर हांथ फेरते कहा – कोई बात नही अच्छा अब तो चलो ।। ।। ।। ।।
सिम्मी अपनी गर्दन हां में हिलती है और कहती है हम्म ।। ।। ।। सिम्मी और अभय दोनो एक साथ अपने जिम में चले जाते है ।। ।। ।। ।।
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सिम्मी आज पहली बार जिम आई थी अभय भी एक तरफ वही जिम में एक्सरसाइज कर रहा था ।। सिम्मी की जिम ट्रेनर उसे एक्सरसाइज करना बताती है और उसकी मदद करती है एक्सरसाइज को कंप्लीट करने में ।। पहले टीना अभय को साइक्लिंग करना बताती है और उसके बाद मसल्स बनाने के लिए उसे डम्बल देती है ।।
आज पहली बार सिम्मी डम्बल उठा रही थी इसलिए उसके हांथ भी कांप रहे थे ।। वह बड़ी मुस्कील से उन्हे उठा पा रही थी क्योंकि ये अभय का खुद का पर्सनल जिम था और इसीलिए यहां ज्यादा सामान भारी ही था ।।
सिम्मी के हांथ ने जवाब दे दिया और आखिरकार उसके हांथ से वो डम्बल नीचे उसके पैर पर गिर गया जब तक टीना उसे संभाल पाती वो डम्बल सिम्मी के पैर पर गिर गया ।। जिससे टीना के पैर में काफी ज्यादा बुरी तरह से चोट लग गई और उसके पैर से खून निकल आया ।।
अभय ने जब डम्बल गिरने की आवाज सुनी तो वह सिम्मी की ओर देखता है सिम्मी के पैर को देखकर वह हैरान रह जाता है उसे काफी जोर का गुस्सा आता है उसका मन होता है कि वह जाकर अभी टीना का सिर फोड़ दे लेकिन वह ऐसा नही कर सकता था ।। क्योंकि वह नही चाहता था कि सिम्मी को ऐसा फील हो कि उसकी ये चोट उसके लिए बहुत बड़ी है ।। क्योंकि फिर वह स्ट्रॉन्ग तो नही ही बन पाएगी ।।
जब सिम्मी अभय की ओर देखती है तब तक अभय अपनी नजरे उस पर से फेर चुकी थी ।। सिम्मी अभय को देखती है जो कि काफी भारी भारी डम्बल उठा रहा था ।। उसे इतने भारी भारी डम्बल उठाते देखकर उसके अंदर भी जोश आ जाता है और अब उसे अपने वो डम्बल काफी छोटे व हल्के दिखाई दे रहे थे ।। अब तक वह अपने पैर की चोट भूल चुकी थी लेकिन जैसे ही वह डम्बल उठाने वाली होती है तभी उसे टीना रोकते हुए कहती है – मैम पहले आप अपने पैर पर पट्टी बंधवा लीजिए ।। उसके बाद आप डम्बल उठाने की प्रैक्टिस कर लेना ।। आप के पैर से खून बह रहा है ।।
टीना की बात सुनकर सिम्मी अपने पैर को देखकर कहती है – हम्म तुम जाओ मैं कर लूंगी ।। इसके बाद टीना वहा से चली जाती है सिम्मी फर्सट्रेड बॉक्स से कॉटन निकालकर पहले घाव को साफ करती है और उसके बाद घाव पर दवाई लगाती है ।। ओर पट्टी करती है लेकिन पट्टी की गांठ वो नही बांध पाती है तो वह अभय की ओर देखती है जो कि अभी उसी की तरफ देख रहा था ।। जब अभय ने देखा कि सिम्मी को उसकी जरूरत है तो वह सिम्मी की ओर बढ़ता है ।। ओर सिम्मी के पास बैठकर उसकी पट्टी बांधते हुए कहता है – तुम्हे ध्यान रखना चाहिए आज जो हुआ वो इससे ज्यादा बुरा हो सकता था ऐसा भी हो सकता था कि तुम्हारे पैर की हड्डी टूट जाती ।।
इसलिए ध्यान रखा करो अपना हम्म अभय ने काफी ज्यादा केयरफुल वॉइस में बोल रहा था ।। जिसे सुनकर सिम्मी का बुझा हुए चेहरे पर एक स्माइल आ गई ।। सिम्मी को अचानक से मुस्कुराते देखकर अभय उससे पूछता है – क्या हुआ ।। सिम्मी अपना सिर न में हिलाते हुए कहती है – कुछ नही ।। अभय – ओके अब मैं जा रहा हूं अभी तुम्हारे पैर में काफी गहरा घाव है तो तुम कुछ देर आराम कर सकती हो ।। सिम्मी – आराम नही मुझे आराम नही करना है मुझे ।।
अभय – क्यों क्या हुआ ।। सिम्मी – अकेले खाली बैठना या पड़ा रहना बहुत बोरिंग होता है क्या मैं यही पर बैठ सकती हूं ।। अभय – जैसा तुम चाहो ।। अभय की बात सुनकर सिम्मी खुश होते हुए वही पास बैठ जाती है ।। ओर अभय को एक्सरसाइज करते हुए देखने लगती है ।।
आज जो चोट लगी थी उसके कारण सिम्मी कुछ दिन तो पक्का था कि कोई भी एक्सरसाइज न कर पाए ।। लेकिन वह देख सकती थी ।। अभय जब पूरी एक्सरसाइज कंप्लीट कर ली तो वह वहा से जाने लगा जब सिम्मी ने उसे जाते देखा तो उसे लगा कि अब उसे भी चलना chahiye क्योंकि अभय तो उसे ले जाने आएगा नही ।।
सिम्मी उठने का प्रयास करती है लेकिन जैसे ही पंजे पर दबाव पड़ा दर्द के कारण उसके मुंह से चीख निकल गई ।। अभय ने जब चीख सुनी तो वह वापस पलटा और सिम्मी को देखकर वह बोला – तुमसे थोड़ी देर बैठा नही रहा जाता है ।। हमेशा कोई न कोई कारनामे करती रहती हो ।। मै जब हूं तो तुम्हे क्या जरूरत है अपने आप उठने की ।।
अभय थोड़ा गुस्से में सिम्मी से कहती है ।। सिम्मी अभय की बात सुनकर शॉक्ड सी उसी की तरफ देख रही थी ।। अभय ने जब यह महसूस किया तो वह बिना उसकी और देखे ही बोला – अब मुझे घूरना बंद करोगी ।। अभय की बात सुनकर सिम्मी को होश आया और उसने अपनी गर्दन दूसरी ओर घुमा ली ।। अभय उसे लाकर उसे व्हील चेयर पर बिठा देता है एक्चुअली ये चेयर काफी ज्यादा अलग थी इस पर बैठकर इंसान बिना उठे अपने कई सारे काम कर सकता था ।। ओर इसे चलाने के लिए किसी दूसरे की जरूरत नही पड़ती थी ।। ये व्हीलचेयर अभय ने अपने उस बुरे टाइम के लिए रखी थी ।।
कि अगर कभी वह किसी कारण से खड़ा न हो पाए तो उसे अपने दैनिक काम करने के लिए किसी और का सहारा न लेना पड़े ।। ओर आज वही चेयर सिम्मी के काम आ रही थी ।। सिम्मी ने उस चेयर पर बैठकर अपने कमरे में चली गई ।। उसे इस व्हील चेयर पर बैठकर काफी अच्छा लग रहा था इसलिए वह उसे अपने पूरे कमरे में चला रही थी कही उसे ऊपर की ओर खड़े होने के लिए ओपन करती तो कही वह उसमे लगी रिंग को बजाती ।। वह सभी से पुरी तरह से बेखबर थी उसे कही कोई देख रहा है या नही ।। अभय ने जब उसे ऐसे देखा तो उसके चेहरे पर एक स्माइल आ गई ।। ।
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To be Continued...
अभय को यह सब देखकर काफी अच्छा लग रहा था कि सिम्मी खुश है ।। सिम्मी ऐसे ही इधर उधर अपने रूम में अपनी चेयर पर बैठ कर घूम रही थी ।। तभी अभय पर उसकी नजर पड़ती है जोकि उसे ही घूर रहा था ।। सिम्मी ने जब देखा तो वह उससे कहती है ।। तुम्हारे पास ऐसी भी कोई चेयर थी मुझे बताया क्यों नही ।। ये कितनी अच्छी है ।। अभय सिम्मी की बातो को नजरंदाज करते हुए सिम्मी के पास जाता है और इमोशनलेस वाइस में कहता है – सिम्मी तुम्हारे पैर में चोट लगी है तुम्हे आराम करना चाहिए न कि सैतानी ।। चलो अब सो जाओ ।। तुम्हारे पैर में चोट लगी है इसका मतलब ये नही है कि तुम्हे कल सुबह कोई काम नही है ।। ।।
सिम्मी को अभय से ऐसी बात की कोई एक्सपेक्टेशन नही थी जब उसने अभय की इतनी रूड वाइस सुनी तो उसका मुंह लटक गया ।। अभय ने फिर भी वैसी ही रूड वॉइस में कहा – तुम्हे सुनाई नही दिया क्या कि मैंने क्या कहा ।। सिम्मी जो अभय की बातो से हर्ट हुई थी उसकी बात सुनकर कहती है – आप ऐसा बिहेव क्यों कर रहे हो ।। आपको पता है न कि मुझे ऊंची आवाज से डर लगता है ।।
अभय – तुम्हे ऊंची आवाज सुनना और बोलना दोनो ही चीजे सीख लेना चाहिए ।। तुम स्ट्रॉन्ग तभी बनोगी ।। सिम्मी अपना मासूम सा चेहरा बनाते हुए कहती है – क्या स्ट्रॉन्ग बनना इतना कठिन होता है ।। अभय ने अपनी गर्दन हां में हिलाते हुए कहता है – ऑफकोर्स येस मुझे तो लगता ही था कि ये सब तुमसे नही हो पाएगा ।। आखिरकार तुम एक लड़की जो ठहरी ।। अभय ने इस बात पर काफी जोर दिया था ।।
सिम्मी ने जब ये सुना कि अभय उसके लड़की होने का मजाक उड़ा रहा है तो वह गुस्से से कहती है – मैं लड़की हूं इसका मतलब ये नही है कि मैं स्ट्रॉन्ग नही है यह पुरुषों की गलतफहमी होती है कि हम लड़कियां कमजोर होती है ।। ओर इतना कहकर वह अपने आप चेयर पर से उठने की कोशिश करती है ।। अभय जैसे ही अपने कदम आगे बढ़ाता है सिम्मी की मदद करने के लिए वैसे ही सिम्मी उसे रोकते हुए कहती है – मैं अपने आप कर सकती हूं ।। कहकर वह अपने आप अपने बेड पर जाकर लेट जाती है इसके बाद अभय भी वहा से चला जाता है ।।
अभय के जाने के बाद सिम्मी लाइट्स ऑफ कर देती है इस समय उसके मन में काफी गुस्सा भरा हुआ था ।। वह अभय पर काफी ज्यादा गुस्सा था आखिर हो भी क्यों नही उसने काम ही ऐसा किया था ।। इधर अभय सिम्मी के कमरे से निकलने के बाद अपने मन ही में कहता है – पागल जरा भी खयाल नही रखती है खुद का पता नही हांथ किस चीज के बने एक छोटा सा डम्बल संभाला नही गया गिरा लिया पैर पर ।।
अगली सुबह अभय जब जिम में जाता है तो वहा का नजारा देखकर वह काफी ज्यादा चौक जाता है क्योंकि सिम्मी उससे पहले वहा पहुंच चुकी थी और वह अपनी पूरी एक्सरसाइज करने की कोशिश कर रही थी ।। हालांकि उसके पैर में काफी ज्यादा दर्द हो रहा था लेकिन गुस्से के आगे मानो वह दर्द कही गायब सा हो गया था ।।
जब अभय ने यह सब देखा तो एक क्षण के लिए उसे लगा कि वह दुनिया का सबसे युवा कमजोर इंसान है जो अपने एक दोस्त की रक्षा नही कर सकता है ।। लेकिन फिर खुद के vicharo को कंट्रोल करते हुए अभय बिना किसी प्रकार का रिएक्ट किए जाकर अपनी एक्सरसाइज कंप्लीट करने लगता है ।।
अभय कुछ कुछ देर बाद सिम्मी को देखता है क्योंकि वहउसके पैर में काफी गहरा घाव होने के बावजूद वह एक्सरसाइज कर रही थी वह कभी कभी लड़खडाती भी थी ।। लेकिन वह गिव अप नही कर रही थी ।। वह जब वही डम्बल जिससे उसे पिछले दिन चोट लगी थी को उठाने लगती है वह जब उसे उठाती है तो उसके हांथ से डांबल छूट जाता है इस बार उसका पैर बच जाता है ।।
जब अभय यह देखता है तो वह ट्रेनर पर गुस्सा करते हुए कहता है तुम्हारा ध्यान कहा रहता है हां क्या कर रही थी तुम । ।। अभय उसको बहुत बुरा भला सुनाता है और कहता है – अच्छा होगा अगर तुम यहां से जल्द से जल्द निकल जाओ क्योंकि मुझे भी नही पता है कि मैं तुम्हारा क्या हाल करूंगा अगर तुम यहा कुछ देर ओर रुकी ।।
आई सेड गो ।। ट्रेनर टीना अभय की गुस्से भरी आवाज़ सुनकर वहा से फोरन नो दो ग्यारह हो गई ।। एक्चुअली जब सिम्मी को टीना एक्सरसाइज करा रही होती थी तब उसका आधा से ज्यादा ध्यान अभय की तरफ रहता था ।। कल भी सिम्मी को इसीलिए चोट लगी थी और आज भी इसीलिए सिम्मी को चोट लगने वाली थी ।।
अभय को ये नही पता था कि टीना सच में सिम्मी की ओर ध्यान नही दे रही थी बल्कि उसका ज्यादा ध्यान अभय की ओर था ।। अगर ये बात अभय को पता लगती तो उसे यमराज के द्वारे पहुंचाने से कोई नही रोक पाता । ।
टीना के वहा से जाने के बाद सिम्मी एक नजर अभय को गुस्से से घूरकर देखती है लेकिन वह अपना ज्यादा समय बर्बाद होने से पहले वही डम्बल फिर से उठाने की कोशिश करने लगती है जब अभय उसे डम्बल उठाते देखता है तो उसे रोकते हुए कहता है – तुम aabhi कुछ दिन डम्बल न ही उठाओ तो ठीक रहेगा ।।
सिम्मी अभय की बात को पूरी तरह से इग्नोर करते हुए उस dambal को उठाने की कोशिश करती है लेकिन वह जैसे ही थोड़ा ऊपर डंबल उठाती है तो फिर से वह डम्बल नीचे गिर जाता है ।। लेकिन गिरने से पहले ही अभय उसे पकड़ लेता है ओर कहता है – मैने कहा न कि तुम अभी डम्बल उठाने की कोशिश न करो तुम्हे समझ नही आता है ।। ।।
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To be Continued...
अभय की बात सुनकर सिम्मी उस पर गुस्सा करते हुए कहटी है – क्यों तुम से क्या मै जो मन हो सो करूं ।। अभय सिम्मी की बात को समझते हुए कहता है – क्यों मुझे कोई मतलब क्यों नही है ।। सिम्मी अभय को जवाब देते हुए कहती है – ओर यही अगर मै पूछूं कि तुम्हे फर्क क्यों पड़ता है तो तो क्या तुम्हारे पास कोई जवाब है ।।
सिम्मी के सवालों से परेशान होते हुए अभय उससे कहता है – क्या हुआ क्यों इतना गुस्सा दिखा रही हो बताओ अभी कल तो इतने अच्छे से बोल रही थी अब क्या हुआ हां ।। सिम्मी अभय की बात का जवाब देते हुए कहती है – अच्छा ये याद है कि कल मैं इतने अच्छे से बात कर रही थी लेकिन तुम्हे ये जरा भी नही पता है कि कल तुम कैसा बिहेव कर रहे थे ।।
अभय अब अच्छी तरह से समझ चुका था कि सिम्मी इतना क्यों गुस्सा दिखा रही है ।। अभय अपनी गलती को स्वीकारते हुए कहता है – हां मैने कहा था कि तुम्हे स्ट्रॉन्ग बनने के लिए कड़क शब्दों को सुनना और बोलना आना चाहिए लेकिन इसका मतलब ये तो नही न कि तुम बातो को समझना ही छोड़ दो ।। ओर ये क्या बात हुई कि तुम मुझी पर अपना गुस्सा दिखाए जा रही हो ।।
अब अभय थोड़ा उसे डराने के अंदाज में उससे कहता है – अगर तुम्हारी जगह यहां कोई और होता तो वह किसी और ही लोक के चक्कर लगा रहा होता मैं तुमसे अच्छे से बात कर रहा हूं इसका मतलब ये नही है कि तुम मुझसे कैसे भी बात कर सकती हो समझी।। ओर वरना तुमने उस आदमी को तो देखा ही था न ।। अभय की बात सुनकर सिम्मी उस आदमी को याद करती है जिसे उसने ही मारा था लेकिन उसके मारने से पहले उसकी हालत जो थी वह किसी को भी डरा सकती थी ।।
सिम्मी जो अभी तक शेर की तरह दहाड़ मार रही होती है वह अब डर से कांपने लगती है और उसके आंखों में आसूं आ जाते है ।। सिम्मी उससे कहती है – तुम क्यों ये सब कर रहे हो ।। क्यों मुझे इतना परेशान कर रहे हो ।। सिम्मी बराबर रोए जा रही थी अभय ने जब उसे रोते देखा तो उसने ऐसे रिएक्ट किया जैसे उसे कोई फर्क ही नही पड़ा था लेकिन सत्य तो यह था कि वह भी नही चाहता था कि सिम्मी रोए ।। लेकिन वह उसका सहारा बनकर उसे कमजोर नही करना चाहता था ।। वह वही सिम्मी के पड़ोस में ही बैठकर सिम्मी के सांत होने का इंतजार करने लगा ।।
कुछ देर रोने के बाद सिम्मी शांत हो गई और व्हीलचेयर पर बैठकर जाने लगी जब अभय ने उसे जाते देखा तो उसे रोकते हुए कहा – रुको ।। सिम्मी वही पर रुक जाती है और अभय के बोलने का इंतजार करने लगती है ।। अभय थोड़ी स्लो एंड स्वीट वाइस में कहता है – क्या तुम अब ठीक हो ।। सिम्मी को यह सवाल सुनकर समझ नही आ रहा था कि वह क्या जवाब दे ।।
अभय को लगा कि उसने कुछ गलत बोल दिया तो वह अपना सेंटेंस क्लियर करते हुए कहा – मेरा मतलब है कि तुम तैयार हो जाओ हमे कही चलना है ।। सिम्मी पलटते हुए कहती है – कहा चलना है ।। अभय – मिशन पर ।। सिम्मी को अब और भी ज्यादा रोना आ रहा था क्योंकि वह उसे ऐसी हालत में जब वह ठीक से चल भी नही सकती तब उसे मिशन पर ले जा रहा है ।। लेकिन वह बिना कुछ कहे वहा से चली जाती है ।। ओर अपने कमरे में जाकर शावर लेती है ओर तैयार होकर रूम के बाहर आ जाती है ।।
सिम्मी को मेकअप करना पसंद नही था इसलिए वह बिना मेकअप के हो रहती थी । ओर वह ऐसे ही काफी सुंदर लगती थी ।।
सिम्मी जब बाहर डाइनिंग टेबल पर आई तो उस समय उसका घाव खुला हुआ था सिम्मी उस पर पट्टी करना भूल गई थी ।। इसलिए सभी वर्कर्स उसी की ओर घूम घूम कर देख रहे थे उनके ऐसे देखने से सिम्मी को uncomfartable फील हो रहा था ।। उसकी समझ में ही नही आ रहा था कि सभी उसे ऐसे क्यों देख रहे है ।। लेकिन वह उन सबको इग्नोर करती हुई डाइनिंग टेबल पर जाकर बैठ जाती है ।। अभय भी उसे ही घूर रहा था क्योंकि उसने अभी तक सिम्मी के पैर का घाव देखा नही था जिसे उसने अभी देखा था ।। उसे देखकर अभय का मन भी दहल उठा क्योंकि घाव काफी ज्यादा गहरा था लेकिन इतने बड़े घाव के होने के बावजूद सिम्मी को उस घाव का जरा भी खयाल नही था अगर किसी लड़की को खरोच लग जाती है तो वह पूरी धरती सिर पर उठा लेती है लेकिन ये ये तो सबसे अलग ही थी इतनी गहरी चोट लगने के बाद भी वह इतना relaxiv दिख रही थी जैसे उस चोट का उस पर कोई प्रभाव ही नही पड़ता था ।।
अभय को भी अपनी ओर इस तरह घूरता देखकर सिम्मी उससे पूछती है – क्या हुआ तुम मुझे ऐसे क्यों घूर रहे हो ।। अभय तो जैसे कुछ बोल ही नही पाता है ।। सिम्मी उसे भी इग्नोर करते हुए जल्दी जल्दी बस ब्रेकफास्ट करने लगती है ।।
ब्रेकफास्ट के बाद सिम्मी अभय से कहती है – चलें ।। सिम्मी की बात sunkar अभय जल्द बाजी में कहता है – नो नो तुम यही रुको मैं मैं अभी आया तुम यही रहना कही जाना मत ।। सिम्मी अभय का ऐसा बिहेवियर देख कर कुछ समझ नही पाती है ओर अपने मन ही में बुदबुदाती है अब इसे क्या हुआ ये ऐसे कहा चला गया ।। सिम्मी वही पर बैठकर अभय का वेट करने लगती है ।। कुछ देर बाद उसे अपने पैर पर कुछ महसूस होता है वह नीचे देखती है और अपना पैर दूर करते हुए उससे कहती है – क्या कर रहे तुम ।। अभय सिम्मी के पैर को फिर से हांथ में पकड़ते हुए कहता है – परेशान मत करो मुझे ।। सिम्मी अभय की कड़क आवाज सुनकर अपना पैर बिना हिलाए वही पर बैठ जाती है ।।
अभय उसे पट्टी करते हुए कहता है – तुम्हे इतनी ज्यादा चोट लगी है तुमने बताया क्यों नही ।। तुम्हे टिटनेस भी हो सकता है चलो पहले हम हॉस्पिटल चलेंगे ।। अभय की बात सुनकर सिम्मी अपनी गर्दन न में हिलाते हुए कहती है – नही मुझे नही जाना कही भी ।। अभय उसके फेश को देखते हुए पूछता है – तुम चाहती क्या हो आखिर बताओ मुझे क्यों नही जाना तुम्हे हॉस्पिटल ।। सिम्मी बच्चों सा मुंह बनाते हुए कहती है – तुम अपनी पूरी फौज लेकर जाओगे वहा पर पूरा सिस्टम गड़बड़ा जाएगा अगर तुम वहा पर एक अच्छे इंसान की तरह चलोगे तो मैं चलूंगी वो तुम्हाबायरी फौज हमारे साथ नही जाएगी ।।
अभय इस बात पर ज्यादा न सोचते हुए कह देता है – ओर कोई शर्त है या चलें ।। सिम्मी अपनी गर्दन न में हिलाते हुए कहती है – नही ।। चलो अब ।। अभय उसे लेकर बाहर आ जाता है आज वह बिना किसी फौज के बाहर जा रहा था ।। वह अपनी कार में बैठकर सिम्मी को लेकर वहा से निकल जाता है ।।
अभय का ऐसे अकेले जाना काफी रिस्की था क्योंकि उसके जगह जगह पर दुश्मन थे ।। ओर इसीलिए उसे इस तरह कही अकेले जाना खतरे से खाली नही था लेकिन वह सिम्मी के जिद के कारण अकेले जाने के लिए राजी हो गया था ।।
वह जब हॉस्पिटल पहुंचा तो वहा के डॉक्टर नर्स तुरंत अभय की ओर दौड़ते हुए आ गए और अभय से सिर झुका कर पूछ ने लगे – सर आप क्या काम करना है सर बताइए आपके काम को सबसे पहले पूरा किया जाएगा ।। जब सिम्मी ने ये नजारा देखा तो उसे लगा कि ये चाहे अकेले आए या अपनी फौज के साथ लेकिन डिस्टर्ब सबको कर देगा ।।
अभय बिना कुछ बोले अपने पॉकेट में हांथ डाले खड़ा था ।। उसने सिम्मी को देखा ।। डॉक्टर अभय की नजरो को समझते हुए सिम्मी से पूछते है – मैम ham आपकी क्या मदद कर सकते है ।। सिम्मी ने अपने पैर को आगे करते हुए कहती है – मेरे पैर में चोट लगी है ।। सिम्मी का इतना कहना था कि सभी नर्स इधर उधर दौड़ी और 5 मिनट के अंदर वहा पर सारा सामान सुव्यवस्थित पहुंच जाता है और डॉक्टर सिम्मी को टिटनेस का इंजेक्शन लगाते है और साथ ही वे सिम्मी के पैर में पट्टी भी अच्छे से कर देते है ।।
अभय सिम्मी को लेकर वहा से जब बिना पेमैंट किए जाने लगता है तो सिम्मी उसे रोकते हुए कहती है – आपने पेमैंट क्यों नही किया ।। अभय ने जब ये सुना तो वह बोला – पेमैंट करने की कोई जरूरत नही है ।। सिम्मी उसे वही पर रुकते हुए – क्यों ।। अभय एक लंबी सांस छोड़ते हुए – क्योंकि ये मेरा ही हॉस्पिटल है और यहां पर कोई फीस ज्यादा नही है बस एक रुपए में सारा काम हो जाता है यहां पर ।।
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अभय की बात सुनकर सिम्मी के मन में अभय के लिए एक अच्छी इमेज की नीव पड़ जाती है ।। वह अपने मन ही में सोचती है – वैसे ये जितना खुद को खडूस दिखाते है उतने है नही क्या हो अगर ये थोड़ा अच्छे से रहे ।। सिम्मी ये सब सोच ही रही होती है कि तभी उसके कानो में अभय की आवाज सुनाई दी जो कह रहा था – तुम कुछ ओवर थिंकिंग नही कर रही ।। अभय की बात सुनकर सिम्मी शांत हो जाती है और अभय उसे कार में बैठाकर कहता है – तुम यहां से कही भी मत जाना कोई भी आ जाए पर कार का डोर मत खोलना ।।
अभय की बात सुनकर सिम्मी अपना सिर हां में हिला देती है और कहती है – ओके ।। पर तुम कहा जा रहे हो ।। अभय मैं अपना एक काम निपटा कर आता हूं तुम बस यही रहना और अगर कोई काम हो तो काल कर लेना ओके ।। इतना कहकर अभय वहा से चला जाता है ।।
अभय के जाने के बाद सिम्मी वही पर बैठकर गेम खेलने लगी ।। अभय थोड़ी दूरी पर जाकर अपने बॉडीगोर्ड्स को बुलाता है ।। ओर इसके बाद अभय सिम्मी के पास वापस आ जाता है ।। अभय के आते ही सिम्मी चैन की सांस लेती है ।। अभय हालांकि उससे ज्यादा दूर नही गया था लेकिन फिर भी वहा पर बहुत ज्यादा खतरा था और अभय जरा भी रिस्क नही लेना चाहता था क्योंकि वह अब सिम्मी को खोना नही चाहता था ।। इसलिए नही कि अब उसके पास कोई ओर नही था सिवाय सिम्मी के बल्कि इसलिए क्योंकि अब सिम्मी के पास भी कोई ओर नही था सिवाय अभय के ।। ओर ऊपर से सिम्मी को खतरा भी था ।।
जब अभय अपनी कार में आकर बैठा तो सिम्मी को एक राहत की सांस आई अभय उसे घबराया हुआ देखकर उससे पूछता है क्या हुआ सिम्मी तुम इतनी डरी ओर घबराई हुई क्यों हो ।। सिम्मी ने जवाब देते हुए अभय से कहा – वो तुमने कहा था कि मैं यहां से कही न जाऊ तो मुझे लगा कि हम किसी खतरे में फंस गए है और हमारी जान खतरे में है ।। ।।
अभय सिम्मी की बात सुनकर आश्चर्य के साथ पूछता है – ओर तुम्हे ऐसा क्यों लगा कि हम लोग फंस गए है हम्म ।। सिम्मी – वो मैने न मूवी में देखा है इसीलिए ।। अभय – मैने तुमसे कहा था न कि तुम ओवर थिंकिंग न किया करो ।। मूवी में तो ये भी दिखाते है कि नायिका को जब घबराहट होती है तो नायक मर जाता है तो मैं भी मर जाऊंगा ।। अभय का इतना कहना था कि तभी अभय की कार के सीसे पर एक गोली आकर लग जाती है ।। जब सिम्मी ने ये देखा तो वह और भी ज्यादा घबरा गई और बोली अब हम क्या करेंगे ।। अभय उसे शांत कर वाने के अंदाज में कहता है – तुम चिंता मत करो ये कार बुलेटप्रूफ है किसी को भी कुछ नही होगा न तुम्हे न हमे ठीक है ।। सिम्मी – लेकिन ऐसे कितनी देर हम इनका सामना करेंगे ।। अभय – मेरी फौज आ जाएगी कुछ ही देर में और अगर न भी आई तो तुम्हे तो बिलकुल भी कुछ नही होगा ।।
अभय की बात सुनकर सिम्मी शॉक्ड होते हुए – तुम इतने लोगो से मुकाबला कर लोगे ।। अभय मुस्कुराते हुए कहता है – ऐसा कुछ नही जो अभय सक्सेना न कर सके ।। डोंट वरी ।। सिम्मी उसके ऐसे विपरीत परिस्थिति में मुस्कुराते हुए देखकर और भी ज्यादा शॉक्ड हो गई तभी उसके पास वाली खिड़की में फिर से एक गोली आकर लग जाती है जिससे सिम्मी डर के मारे अभय की ओर झुक जाती है ।। ओर वह उसका हांथ जोर से पकड़ लेती है ।। अभय कुछ देर तक तो कुछ नही बोलता जब उसे लगता है कि सिम्मी अब शांत हो है है अभय सिम्मी से कहता है – हांथ छोड़ो मुझे चलाने में दिक्कत हो रहो है ।। सिम्मी अभय की यह बात सुनते ही उसका हांथ छोड़ देती है ।। उसे अब बुरा लग रहा था ।।
अभय की कार के पीछे अभी काफी ज्यादा गोलियां चलने की आवाज आ रही थी ।। जिससे सिम्मी डर रही थी सिम्मी को डरा हुआ देखकर अभय कहता है – क्या हुआ तुम्हे भरोसा नही है या फिर भरोसा करना ही नही चाहती हो ।। अभय की बात सुनकर सिम्मी अपना सिर न में हिलाते हुए कहती है – वो इतनी गोलियां चलने की आवाज दिल को दहला रही है मैं क्या करूं अब डर लगता है तो लगता है ।। अभय सिम्मी को अब सवालिया नजरो से देखते हुए पूछता है – क्या तुम अब भी स्ट्रॉन्ग बनना चाहती हो ।। सिम्मी जिसका डर की वजह से दिमाग काम नही कर रहा था ने जब जब अभय की बात सुनी तो वह बोली ,– मुझे नही समझ में आ रहा है कि मैं क्या करूं ।। अभय अपनी कुल वॉइस में कहता है – अच्छा अगर तुम स्ट्रॉन्ग बनना चाहती हो तो एक बात mau तुम्हे बताना चाहूंगा तुम्हे अपना बचपना अपनी मासूमियत और सरलता खोनी पड़ेगी ।। अगर तुम ये चीजे छोड़ दो तो तुम्हे स्ट्रॉन्ग बनने से कोई नही रोक सकता ।। अभय की बात सुनकर सिम्मी अब अपने आप को ek ऐसी जगह फंसी हुई महसूस कर रही थी जो आगे बढ़े तो भी खाहि और पीछे बढ़े तो भी खाहि ।। अब सिम्मी के जोर जोर से रोने का मन kar रहा था वह अभय से पूछती है
क्या तुम मुझे कही छिपा दोगे प्लीज ।। अभय नासमझी के साथ – क्या ।। सिम्मी – मेरा रोने का मन कर रहा है प्लीज मुझे छिपा दो ।। अभय सिम्मी की बात सुनकर अपनी जैकेट उतरकर सिम्मी के सिर पर डाल देता है ।।। सिम्मी उसी जैकेट में अपना सिर छुपाकर जोरो से रोने लगी ।। सिम्मी अभी तक कई बार अभय के सामने रोई थी लेकिन आज उसके रोने की आवाज जरा सी भी सुनाई नही दे रही थी लेकिन वह इतनी जोरो से कभी रोई नही थी उसके आसूं se अभय का जैकेट भी भीग गया था ।। ओर सिम्मी रोते रोते ही सो गई जब किसी भी गतिविधि को होते नही देखा अभय ने तो उसने अपना जैकेट सिम्मी के सिर के ऊपर से हटा लिया ।।
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क्या तुम मुझे कही छिपा दोगे प्लीज ।। अभय नासमझी के साथ – क्या ।। सिम्मी – मेरा रोने का मन कर रहा है प्लीज मुझे छिपा दो ।। अभय सिम्मी की बात सुनकर अपनी जैकेट उतरकर सिम्मी के सिर पर डाल देता है ।।। सिम्मी उसी जैकेट में अपना सिर छुपाकर जोरो से रोने लगी ।। सिम्मी अभी तक कई बार अभय के सामने रोई थी लेकिन आज उसके रोने की आवाज जरा सी भी सुनाई नही दे रही थी लेकिन वह इतनी जोरो से कभी रोई नही थी उसके आसूं se अभय का जैकेट भी भीग गया था ।। ओर सिम्मी रोते रोते ही सो गई जब किसी भी गतिविधि को होते नही देखा अभय ने तो उसने अपना जैकेट सिम्मी के सिर के ऊपर से हटा लिया ।।
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जब अभय अपनी जैकेट को सिम्मी के सिर से हटाता है तो उसे सिम्मी का क्यूट सा फेस दिखाई देता है जिसका फेस रोने के कारण आंसुओ से पूरी तरह से भीगा हुआ था ।। जोकि देखने में काफी ज्यादा सुंदर दिखाई दे रहा था ।। सिम्मी का क्यूट सा फेस देखकर उसके फेस पर एक स्माइल आ जाती है लेकिन धीरे धीरे उसकी वो चहरे की मुस्कान गायब हो जाती है और उसकी जगह उसकी आखों में कब आंसू आ जाते है उसे भी पता नही लगता ।।
अभय अपने आखों के आंसुओ को साफ करता है और फिर से एक मुस्कुराहट के साथ वह कार ड्राइव करने लगता है अभी पीछे से गोलियों का शोर पूरी तरह से गायब हो चुका था ।। अभय अभी भी ये जानने के लिए उत्सुक था कि सिम्मी क्या अभी भी स्ट्रॉन्ग बनने के पीछे भागेगी ।।
अभय नही चाहता था कि वो सिम्मी को और भी ज्यादा हर्ट करे और स्ट्रॉन्ग बनना केवल बॉडी बनाने से नही बनते बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी काफी कठोर होना पड़ता था ।। ओर मानसिक रूप से कठोर होना बहुत मुश्किल काम होता है ।। इसमें जिंदगी निरंगी हो जाती है किसी चीज का भी कुछ ज्यादा महत्व नही रह जाता ।।
ये जिंदगी अभय काफ़ी अच्छी तरीके से जी चुका था और उसे पता था कि इसमें कितनी तकलीफ होती है वह नही चाहता था कि सिम्मी भी वो दुख वो प्रोब्लम फेस करना पड़े इसलिए वह यही चाहता था कि सिम्मी स्ट्रॉन्ग बनने की जिद छोड़ दे और अपने अंदर के बचपने में खुल के जिए क्योंकि अभय को पता था कि केवल बचपने में ही सुख होता है बाकि हर जगह दुख ही दुख है ।। ।।
कुछ ही देर में अभय अपने विला पहुंच जाता है और वह सिम्मी को ले जाकर उसके कमरे में बेड पर अच्छे से लिटा देता है और खुद वहा से बाहर निकल आता है ।। अभय के चेहरा अब काफी हार्ड और भयानक था ।। उसकी आखें जैसे आग उगल रही हो वह अपनी कार में बैठकर वहा से निकल जाता है और कुछ देर बाद वह अपने हेल मेंशन में पहुंच जाता है वहा पर कुछ लोग वहा पर पहुंचते ही अभय को जोर जोर से आवाजें आ रही थी चिल्लाने की ।।
अभय जब वहा पहुंचा तो उसके सारे आदमी पीछे हट गए और वहा पड़े आदमियों ने जब यह देखा तो वे उठ खड़े हुए ।। अभय गुस्से से एक एक शब्द चबाते हुए बोलता है – how dare you तुमने मुझ पर अटैक करने की कोशिश भी कैसे की ।। बहुत हिम्मत है न तुममें चलो आज वो सब निकल जाएगी ।। अभय की बात सुनकर उन आदमियों में से एक बोला – हुह अगर इतनी ही हिम्मत थी और खुद को शेर समझते थे तो भाग क्यों रहे थे सामना करते हमारा ।। अभय ने जब भागने की बात सुनी तो वह और भी क्रोध से भर गया और उन सबकी और सरसरी निगाह डालते हुए बोला – चलो मैं तुम्हारी ये भी गलत फहमी दूर कर देता हूं कि मैं तुमसे भाग रहा था ।।
अभय अपने गार्ड्स से कहता है – तुम में से कोई भी नही मारेगा इन्हे ।। ये कहकर वो उन लोगो को देखता है और कहता है – जरा देखूं तो इन कुत्तों में कितनी हिम्मत है जोकि शेर के सामने खड़े है ।। अभय का कहना था कि तभी एक आदमी दौड़ता हुआ आकर एक पंच अभय के मुंह पर करता है जिससे अभय के मुंह से खून निकल आता है और अभय उन सब पर अपनी एक नजर डालता है और एक बिजली की स्पीड से पंच सामने वाले सख्श के मुंह पर मार देता है और उसके मुंह की हड्डियां टूट जाती है जिससे वह तुरंत बेहोश हो जाता है जब बाकी के सभी लोग यह नजारा देखते गई तो उनकी आखें फटी की फटी रह जाती है ।। ।।
अब उनकी पुंगी बच जाती है लेकिन फिर भी उसमें से दूसरा शख्स आगे आता है वह जैसे ही मारने वाला होता है कि तभी अभय उसका हांथ पकड़कर उसके पेट पर एक जोरदार हिट करता है जिससे वह व्यक्ति कुछ दूर पर जाकर गिरता है ।। ।। ।।
उसकी ऐसी हालत देखकर एक आदमी उसके सामने आकर खड़ा हो जाता है और वह पैर से किक मारने वाला होता है ।। कि तभी अभय उसके पैर को ही अपने पैर से बिंधा कर तोड़ देता है और उसके बाद उसके फेस पर एक जोरदार पंच मारता है जिससे वह वही पर गिर जाता है एक लास्ट में जो बच गया था वह यह सब देखकर रोने लगा क्योंकि वह बहुत ज्यादा कमजोर था और साथ ही उसे यह भी पता था कि अगर उससे लड़ा तो वह मारा जाएगा ।। इसलिए वह अपना अंतिम विकल्प समर्पण कर देना ही था ।। ।। ।।
जब अभय ने उसे अपने सामने झूकते हुए देखा तो वह एक टेडी मुस्कान के साथ उससे बोला अच्छा तुम्हारी अकल का ताला खुल गया लेकिन सॉरी अगर तुम्हे लगता है कि मैं तुम्हे छोड़ दूंगा क्योंकि तुम्हे तो मरना ही होगा हर हाल में ।। । ।।
अभय की बात सुनकर वह इंसान गिड़गिड़ाकर अभय के आगे हांथ जोड़कर बोलता है –मेरे छोटे छोटे बच्चे है मेरी बीवी और मां बाप है मुझे उनकी संभालना है उनके लिए सिर्फ ओर सिर्फ मैं ही हूं प्लीज आप मुझे मत मारिए ।। अपनी घर का पेट भरने के लिए मैं ये काम करता हू ये हमारी मजबूरी है कि हम ये काम करना पड़ रहा है ।। प्लीज मुझे छोड़ दीजिए मुझे ।। अभय ने जब यह सुना तो उसे सिम्मी की याद आ गई ।। जिसके बिना उसका कोई नही था ।। किसी व्यक्ति की बात सुनकर आज पहली बार अभय उसे छोड़ रहा था वरना हर किसी को वो मौत के घर पहुँ चाने में देर नहीं लगाता था ।। लेकिन आज अभय उसकी बाते सुनकर उसे छोड़ रहा था ।। सभी लोग ये देखकर काफी हैरान थे ।। ।। ।।
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To be Continued...
अभय उस आदमी की बात सुनकर उससे कहता है – जा मै तुझे एक मौका देता हूं सुधरने का लेकिन अगर आगे तूने कोई ऐसा काम किया तो अपनी जान गवाने के लिए तैयार रहना ।।
ओर मेरी बात को हल्के में मत लेना क्योंकि अभय सक्सेना किसी को छोड़ता नही है तुम्हे छोड़ रहा है तो दुबारा ऐसे कामों में पकड़ में नही आने चाहिए ।।
अभय की बात सुनकर सभी शॉक्ड थे क्योंकि अभय कभी भी किसी को छोड़ता नही था आज वह किसी को जिंदा छोड़ रहा था ।। ।।
अभय की बात सुनकर सामने वाला सख्श बहुत खुश हो जाता है और जल्दी से वहा से चला जाता है ।। अभय भी वहा से बाहर निकल आता है ।।
लेकिन आज अभय को कुछ सही नही लग रहा था जिस दिल को आज तक उसने पत्थर बनाकर रखा हुआ था उसमें कुछ फीलिंग्स जागने लगी थी लग रहा था उसका पत्थर दिल में जान आ रही है ।।
अभय जो कि आज तक एक हार्टलेस इंसान की तरह डिसीजन लेता था उसके डिसीजन में अब फीलिंग्स बाधा बन रही थी ।।
अपने अंदर इतने बड़े परिवर्तन से वह भी हैरान था उसका दिमाग और दिल दोनो आपस में लड़ रहे थे और अभय काफी ज्यादा परेशान हो रहा होता ।।
जब अभय घर पहुंचता है तो वह सीधा अपने कमरे में जाकर सबसे पहले शावर के नीचे खड़ा हो जाता है ।।
जब वह उसके शरीर पर हल्की हल्की बूंदे गिरती है जिन्हे महसूस करके अभय को थोड़ा रिलेक्स फील होता है और वह एक चैन की सांस लेता है ।।
लेकिन भले ही अब उसके मन में दिल दिमाग की लड़ाई बंद हो चुकी थी लेकिन अभी भी उसके मन में ये चीज चल रही थी कि कुछ ही दिनो मे उसमे कितना ज्यादा बदलाव हो गया क्या वह कमजोर हो रहा था नही वह अपने आप को कमजोर नही बनने देगा ।।फीर उसके लिए चाहे उसे कुछ भी करना पड़े ।। ।। ।।
अभय शावर ले ने के बाद बाहर आता है और सिम्मी के रूम में जाकर देखता है ।।
सिम्मी अभी अपने कमरे में बैठी हुई थी वह अपने फोन में कुछ कर रही थी कि तभी उसे रूम का डोर नॉक करना सुनाई दिया ।।
सिम्मी ने पूछा – कोन है वहा ।। अभय उसका जवाब देते हुए कहता है – मैं हूं दरवाजा खोलो ।।
अभय सिंह की आवाज सुनकर सिम्मी तुरंत बेड से उतरकर दरवाजा खोलती है जब वह अभय को अपने सामने देखता है तो वह कहता है – आप आ गए ।।
अभय – हम्म तुम ठीक तो हो न ।। सिम्मी अपना सिर हां में हिलाते हुए कहती है – हां मैं तो ठीक हूं पर आप कहा चले गए थे ।। ओर उसके मुंह पर चोट लगी देखकर वह पूछती है – ये चोट कैसे लगी ।।
अभय – चोट वह अपने होठ पर अंगुली फेरता है और कहता है – अरे बस छोटी सी चोट लगी है ठीक हो जाएगी ।। ।
सिम्मी – क्या ये छोटी चोट है खून बह रहा है तुम्हे ।। अभय परेशान होते हुए कहता है – डोंट वरी ठीक हो जाएगा कुछ दिनों में ।।
अभय की बातो को इग्नोर करते हुए सिम्मी पड़ोस से फ्रस्टेड बॉक्स को उठाकर कहता है – बैठो मैं दवाई लगा देता हूं ।। अभय सिम्मी की जिद को अच्छे से जानता था इसलिए वह बैठ जाता है ।।
सिम्मी कॉटन को लेकर साफ करने लगती है ।। सिम्मी घाव को साफ करते हुए सिसकी निकल जाती है ।। जिसे देखकर अभय के चहरे पर एक स्माइल आ जाती है ।।
वह सिम्मी के हाथ से कॉटन लेकर कहता है – छोड़ो मैं लगा लूंगा ।। अभय का स्माइली फेस को देखकर वह हैरानी से पूछती है – तुम्हे दर्द नही होता है ।।
अभय लगभग हंसते हुए – दर्द नही मुझे नही होता है ।। सिम्मी तुम गए कहा थे ।।
अभय अपने शांत स्वर में – मैं अपने काम पर गया था क्यों तुम ये सब क्यों पूछ रही हो ।।
सिम्मी अपने पैर की ओर देखते हुए कहती है – मेरा यहां कोई नही है और मेरे पैर में चोट लगी है जिसकी वजह से मुझे लोगो की हेल्प की ज्यादा जरूरत पड़ती है क्योंकि मैं चल भी नही सकती हूं ।।
अभय – ठीक है मैं तुम्हारे लिए केयर टेकर रख देता हूं जो तुम्हे हेल्प करेगी और हमेशा तुम्हारे पास रहकर तुम्हारी हेल्प करेगी ।। सिम्मी – ठीक है ।। आप खाना खा चुके है आपने आज कितनी देर कर दी है ।। ।।
अभय – नही अभी नही तुमने खा लिया है क्या ।।
सिम्मी अपनी गरदन न में हिलाते हुए कहती है – नही ।।
अभय – तो कब खाना है तुम्हे ।।
सिम्मी कुछ नही बोलती है और अपनी गर्दन झुका लेती है ।। तो अभय उससे फिर से कहती है – अच्छा कोई बात नहीं चलो अब साथ में खाते है चलके ।।
सिम्मी खुश होते हुए कहती है – येस ।।
अभय उसकी व्हीलचेयर को धक्का लगाते हुए डाइनिंग टेबल तक लाता है ।। ओर उसे उठने में सहायता करता है ।। ।।
इसके बाद दोनो डिनर करते है ।। अभय सिम्मी की ओर देखता है और पूछता है – तुमने फिर क्या डिसीजन लिया ।। सिम्मी नासमझी से उससे पूछती है – किस चीज के बारे में कोन सा डिसीजन ।। । ।।
अभय ने सिम्मी को याद दिलाते हुए – स्ट्रॉन्ग बनने का ।। यह सुनते ही सिम्मी की गले में ही खाना अटक जाता है और वह जोर जोर से खांसने लगती है ।। उसने सोचा नही था कि अभय कुछ ऐसा क्वेशन कर लेगा ।।
अभय उसे पानी देते हुए कहता है – तुम इसे पिलो ।। सिम्मी पानी पीती है तो उसकी खांसी बंद होती है और वह हकलाते हुए कहती – वो वो मैने ।।
सिम्मी को डरते हुए देखकर अभय उसे सांत्वना दिलाते हुए कहता है – डोंट वरी तुम चिंता मत करो मैं जानना चाहता हूं कि तुम क्या सोचती हो तुम क्या चाहती हो ।।
तुम घबरा क्यों रही हो तुम्हारा जो भी निर्णय होगा वो होगा मैं तुम्हे यहां से नही निकालुगा तुम यहां हमेशा रह सकती हो इसलिए घबराना पहले बंद करो ।।
जब सिम्मी को ये पता चलता है कि वह इस घर में हमेशा के लिए रह सकती है तो वह खुश हो जाती है और कहती हैं – एक्थुअली मुझे स्ट्रॉन्ग अब नही बनना है मैं अपना बचपना नही खोना चाहती हूं । क्योंकि बचपना ही है जिसमे सुकून होता है बाकि सारी जिंदगी भागादौड़ी की होती है ।।
मै अपने बचपने को जीना चाहती हूं ।। लेकिन अगर मै बचपना में जी तो फिर मुझे अपनी लाइफ के युद्धों से कैसे जीत पाओगी ।। इसलिए मुझे मजबूत तो बनाना ही पड़ेगा ।। मेरी कुछ समझ में नही आ रहा है कि मैं क्या चूज करूं ।। ।।
अभय ने जब यह सुना तो वह खुश हुआ ।। क्योंकि उसे जो अच्छा लगता था वो होने वाला था ।। ।।
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To be Continued...
अभय सिम्मी की बात सुनकर खुश होते हुए – अच्छा तो ठीक है तुम अपने बचपने के भरपूर आनंद लो और तुम्हे इस चीज की चिंता करने की जरा भी जरूरत नही है कि अगर तुम मजबूत नही बनी तो तुम हार जाओगी दुनिया की इस दौड़ में ।। अभय की बात सुनकर वह सिम्मी खुश होते हुए पूछती है – क्या सच में लेकिन आप ऐसे क्यों कह रहे है ।। अभय एक सुकून के साथ बताता है – मैने अपना बचपना खोया है इसलिए मुझे पता है कि बचपना के बिना जिंदगी कितनी कठिन हो जाती है मैं नही चाहता कि तुम भी अपना बचपना खो दो ।।
अभय की बात सुनकर सिम्मी थोड़ा सोचते हुए – लेकिन कोई भी इंसान बिना फायदे के कोई भी काम नही करता है फिर वह चाहे जितना भी अच्छा इंसान हो तो आप को मेरी मदद करने में क्या मिलेगा ।। अभय – मुझे मिलेगा बहुत कुछ ।। सिम्मी थोड़ा डरते हुए – क्या आप का मतलब क्या है ।।
अभय – अरे तुम डर क्यों रही हो मेरे कहने का मतलब है मुझे सुकून मिलेगा तुम्हारे बचपने को देखकर ।।
अभय की बात सुन सिम्मी एक राहत की सांस लेती है तभी उसे कल की बात याद आती है और वह अभय से पूछती है – वो वो कल जो गोली चल रही थी वो फिर क्या हुआ था ।। कही आप को लगी तो नही न ।। अभय – मैने तभी बताया था तुम्हे कि मेरे कार बुलेट प्रूफ है ऐसे कैसे लग जाती ।।
अभय – अच्छा अब तुम्हारा पैर कैसा है ।। सिम्मी खुश होते हुए कहती है – आज मैं खड़ी हो सकती हूं कहकर वह खड़ी हो जाती है ।। अभय उसे ऐसे देखकर मुस्कुराता है और कहता है – हम्म बैठ जाओ अभी ज्यादा उछल कूद नही ठीक हो जाओ उसके बाद जितना मन होगा खेलना कूदना ।।
अभय की बात सुनकर सिम्मी तुरन्त अपनी व्हीलचेयर पर बैठ जाती है ।। कि तभी डोर नॉक होता है अभय डोर ओपन करता है बाहर एक सर्वेंट अपने हांथ में एक गिटार लेकर आता है सिम्मी जैसे ही गिटार को देखती है उसका मन तो करता है कि वह अभी उछलने लगे लेकिन वह यह नही कर सकती है लेकिन इतना बड़ा सरप्राइज़ को वह ऐसे ही बैठे बैठे कहा सहन कर सकती थी वह एक झटके के साथ खड़ी होती है लेकिन पैर में दर्द की वजह से वह लड़खड़ा जाती है और गिर पड़ती है जब अभय सिम्मी के गिरने की आवाज सुनता है तो उसका ध्यान अपने पड़ोस में खड़ी सिम्मी पर जाता है जब वह उसे देखता है तो वह नीचे पड़ी हुई थी अभय उसको देखकर अपना माथा पीट लेता है और कहता है – मैने कहा था न तुमसे कि उछल कूद नही ।।
अभय की बात सुनकर सिम्मी मुंह बनाते हुए कहती है – आप तो बड़ी बड़ी बातें केवल करते है गिरने से तो बचा नही पाए अब गिरी हूं तो हांथ देकर उठाने की जगह सुना रहे है ।। अभय उसकी बात सुनकर अपना हांथ आगे बढ़ते हुए – अच्छा उठो ।। सिम्मी हांथ को देखती है और उसे पकड़कर उठती है ।। ।। उसके बाद वह गिटार को सर्वेंट से लेते हुए – आप को कैसे पता कि मुझे गिटार पसंद है ।। अभय उसके सवाल को सुनकर कुछ नही बोल पाता है और ऐसे ही खड़ा रहता है ।।
तभी सिम्मी कहती है – थैंक्यू सो मच मुझे ये बजाना बहुत पसंद है लेकिन कई सालो से मैने बजाया नही है ।। अभय उसकी बात सुनकर अपने मन ही में कहता है – मुझे सब पता है पर तुम चिंता मत करो अब जो तुम करना चाहती हो करो । मै तुम्हे सपोर्ट करूंगा ।।
अभय ये सब सोच रहा था और इसी बीच उसके चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल आ गई । जब सिम्मी ने ये देखा तो वह उसे ही घूरने लगी और बोली – अभय को जब किसी की नजरे खुद पर महसूस हुई तो वह सिम्मी की ओर देखता है और बोलता है – क्या हुआ तुम मेरी ओर ऐसे क्यों देख रही हो ।। अभय की बात सुन सिम्मी पूछती है – आप क्यों मुस्कुरा रहे है बेवजह बताइए जरा मुझे ।।
जब अभय ने सुना तो वह इमोशनलैस वॉइस के साथ वह सिम्मी से कहता है – क्यों ।। सिम्मी – मुझे डर लगता है जब आप ऐसे बिना किसी कारण के हंसते है तो ।। अभय – ओर वो क्यों ।। सिम्मी – क्योंकि मम्मा कहती है जो लोग बेवजह हंसते है उनमें ज्यादा दोष ही होता है ।। ओर उसमे भी सबसे ज्यादा उनकी गलत सोच होती है ।।
अभय – अच्छा तुम्हे मुझ पर भरोसा नही है ।। सिम्मी अपनी गर्दन झुकाकर – जब आप बेवहजह मुस्कुराते है तो भरोसा करने का मन नही करता आप छोड़ दीजिए न ।। सिम्मी की बात सुन अभय उसे बताता है – सिम्मी तुम मुझे समझ नही सकती हो इसलिए इन बातो पर ध्यान न ही दो वही ठीक है ।। बाकी मैं अपनी तरफ से पूरी तरह कन्फर्म कर देना चाहता हूं कि मैं तुमको कभी अनसेफ फील नही करवाऊंगा मैं ऐसा कोई काम नही करूंगा जिससे तुम्हे कोई ठेस पहुंचे ठीक है ।।
सिम्मी ने ऐसे जवाब की अपेक्षा नही की थी जो अभी उसे अभय से मिला था इसलिए वह अभी भी अभय को ही निहारे जा रही थी उसका मुंह खुला हुआ था ।। अभय ने जब उसे देखा तो बोला – अपना मुंह बंद कर लो नही तो मक्खी घुस जाएगी ।।
अभय की ये बात सुन सिम्मी होश में आतो है और अपना छोटा सा मुंह बंद करके कहती है – मैने ऐसा तो कुछ नही कहा था ।। तभी घड़ी बजती है जिसकी आवाज सुनकर सिम्मी को कुछ याद आता है और वह अभय से पूछती है – आज तारीख कितनी है ।। अभय – क्यों ।। सिम्मी बताइए न आज कितनी तारीख है ।। अभय – आज 15 तारीख है क्यों ।। ।। ।।
आज 15 तारीख है ।। ।। ।।
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सिम्मी – क्या आज 15 तारीख है मुझे कही जाना है प्लीज मुझे ले चलो प्लीज ।। अभय उसे इतने टाइम पर कही जाने की जिद करते देखकर पूछता है – क्या तुम्हे इस समय कही जाना है क्यों कहा जाना है तुम्हे ।।
सिम्मी समझाते हुए – वो बहुत जरूरी काम है प्लीज मुझे जाने दो प्लीज ।। अभय – तुम चल भी नही पाती हो और तुम्हे जाने दूं ।। सिम्मी – अपने पैरो को देखकर आप मुझे ले चलेंगे न प्लीज मुझे ले चलिए ।।
अभय – ठीक है कहा चलना है तुम्हे ।। सिम्मी – वो मुझे महादेव मंदिर जाना है ।। अभय – इतनी रात को महादेव मंदिर क्या करने जाना है ।। सिम्मि – अभी आप इतनी प्रश्न भी न पूछिए मुझे अभी चलना है मैं बाद में सब कुछ बता दूंगी ।। प्लीज चलो न ।।
सिम्मी की जिद देखकर अभय कहता है – ठीक है चलो ।। अभय की बात सुनकर सिम्मी खुश हो जाती है ।। वे दोनो बाहर आकर एक कार में बैठ जाते है और अभय कार स्टार्ट करके वहा से चला जाता है ।।
अभय जब महादेव मंदिर पहुंचती है तो सिम्मी एक्साइटेड होकर इधर उधर देखने लगती है ।। लेकिन उसे कोई भी दिखाई नही देता है ।। सिम्मी की नजरे फिर भी इधर उधर किसी को ढूंढ रही थी अभय उसे इस तरह उसे किसी को खोजते देख पूछता है – तुम किसे खोज रही हो ।।
सिम्मी निराशा के साथ कहटी है – मेरा बचपन के फ्रेंड ने कहा था कि वह यही पर आकर मुझे मिलेगा आज की ही तारीख पर पर वो आज तक नही आया ।।
सिम्मी की बात सुनकर अभय को कुछ याद आता है और वो कुछ बोलने ही वाला था कि तभी उसके कानो में एक आवाज सुनाई देती है – hey माय स्वीट ।। सिम्मी मुड़कर देखती है वहा एक अच्छी खासी पर्सनालिटी का व्यक्ति खड़ा था ।। जिसे देखकर सिम्मी के चेहरे पर एक न बया की जाने वाली खुशी दिखाई देती है ।।
वह उस शख्स के पास जाकर उसे हग करते हुए कहती है – तुम कहा थे बभू ।। वह व्यक्ति एक सरकास्टिक स्माइल के साथ कहता है – मैं तो कभी का तुम्हारे पास आ जाता पर तुमने ही मुझे दूर कर दिया ।।
सिम्मी उसे घूरते हुए – मैने कब तुम्हे डोर किया ।। सिम्मी की बात सुनते ही वह इंसान उसके सिर को ठोकते हुए कहती है – ज्यादा मत सोचो ।।
अभय उस व्यक्ति को देखकर गुस्से से भरा जा रहा था ।। वह अच्छे से जानता था कि वो इंसान उसका फ्रेंड नही है बल्कि वह झूठ बोल रहा है क्योंकि वो फ्रेंड जिसकी सिम्मी बात कर रही थी वो कोई और नही बल्कि अभय ही था ।।
लेकिन अब वह कहे भी तो सिम्मी उसकी बात का यकीन नही करेगी ।। इसलिए उसके पास सिवाय उसे देखने के अलावा कोई और उपाय नही था ।। फिर भी वह सिम्मी से कहता है – सिम्मी ये ।।
अभय इतना ही कह पाता है कि तभी सिम्मी उसकी बात को काटते हुए कहती है – हां ये मेरे बचपन के फ्रेंड है ।। अभय ने फिर से उसे टोकते हुए कहता है – सिम्मी ऐसे कैसे तुम इस पर bharosa कर सकटी हो ।।
सिम्मी – क्योंकि ये मुझे बचपन से स्वीट ही कहता आया है ।। अभय उसकी ये बात सुनकर चुप ही रहता है क्योंकि शायद उसे भी पता चल चुका था कि सिम्मी उसकी कोई बात नही सुनने वाली ।।
अभय सिम्मी से कहता है – सिम्मी अब हम घर चले काफी रात हो चुकी ।। सिम्मी अभय की बात सुनकर एक नजर उस सख्श को देखती है और फिर अभय की ओर देखकर थोड़ा सेड होते हुए कहती है – हम्म चचलती हूं ।।
अभय उसका लटका हुआ फेस देखकर समझ चुका था कि इस समय वो वहा से जाना नही चाहती है ।। अभय सिम्मी को अपने साथ लेकर घर चला जाता है ।।
रास्ते भर सिम्मी का मुंह लटका रहता है ।। वह बहुत ज्यादा निराश थी और हो भी क्यों नही आखिर वो अपने फ्रेंड से कितने साल बाद मिली थी ।। लेकिन दो पल के लिए ही अब उसका मन ही नही था अभय के साथ उसके विला में जाने का ।।
जब अभय उसे देखता है तो उससे पूछे बिना रहा नही जाता है इसलिए वह पूछता है –क्या हुआ तुम्हारा मुंह क्यों लटका हुआ तुम्हे कोई बात अच्छी नही लगी ।।
अभय की बात सुनकर सिम्मी बोलती है – मैं इतने दिनो बाद अपने बेस्ट फ्रेंड से मिली थी लेकिन आपकी वजह से मैं कुछ देर भी टाइम बाते भी न कर पाई ।।
सिम्मी की बात सुनकर वह उससे कहता है – तुम बेकार ही परेशान मत हुआ करो मुझे विश्वास है कि वो दुबारा फिर से आएगा ।। सिम्मी अभय की बात सुनकर अब जो आंसू अभी तक रोक रखे थे वो आखों से बाहर आ गए ।।
अभय ने जब सिम्मी को देखा तो उसकी समझ नही आ रहा था कि आखिर सिम्मी रो रही है या हंस रही है ।। अभय उससे कन्फ्यूजन में पूछता है – ये तुम क्या कर रही हो ।।
अभय की बात सुनकर सिम्मी को गुस्सा आ जाता है और वह खुश दुखी और गुस्सा के मिले जुले भाव के साथ अभय को मुक्के मारने लगती है ।।
अभय उसके इस रिएक्शन की जरा भी उम्मीद नही करता था ।। वह उससे बचते हुए कहता है – अगर तुम मुझे मारना बंद नही करोगी तो पक्का एक्सीडेंट हो जाएगा इसलिए अब ये बंद करो ।।
सिम्मी उसकी बात सुनकर उससे कहती है तुम कार रोको ।। अभय कार रोकता है और कहता है – हम्म बोलो क्या है ।। सिम्मी – मुझे रोना है ।। अभय – ओह गॉड अगर तुम्हे रोना ही था तो रोती पर कार क्यों रुकवाई ।।
सिम्मी – प्लीज तुम कार से चले जाओ मुझे अकेला छोड़ दो ।। अभय उसकी ये बात सुनकर कहता है – अभी कुछ देर में हम घर pahunch जाएंगे तब तुम्हे जितना रोना होगा रोना मैं तुम्हे नही रोकूंगा ।।
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To be Continued...