दिया और वैभव की । वैभव राठौर जो एक क्रूड बिजनेसमैन है। जो बाहरी दुनिया के लिए किसी यमराज से कम नहीं लेकिन उसकी फैमिली उसकी पहली प्रायोरिटी है वो अपने दोस्तो के लिए जान ले भी सकता है और दे भी सकता है। वही दूसरी तरफ, अनाथ आश्रम में रहने वाली दिया जो दि... दिया और वैभव की । वैभव राठौर जो एक क्रूड बिजनेसमैन है। जो बाहरी दुनिया के लिए किसी यमराज से कम नहीं लेकिन उसकी फैमिली उसकी पहली प्रायोरिटी है वो अपने दोस्तो के लिए जान ले भी सकता है और दे भी सकता है। वही दूसरी तरफ, अनाथ आश्रम में रहने वाली दिया जो दिखने में जितनी खूबसूरत है उतना ही तकलीफ उसकी जिंदगी में भरे है जो बाहरी लोगो के नजरो में 15 साल की उम्र में ही मर चुकी है वो अचानक 10 साल बाद शादी के जोड़े में राठौर मेंशन आती है। आखिर 10 साल तक दिया थी कहा, और वो राठौर मेंशन आई क्यू है, क्या ये कोई साजिश है राठौर फैमली के लिए, या कोई रिश्ता है दिया से, दिया की शादी किससे हो रही थी, आखिर दिया की असली पहचान क्या है, क्या वैभव को दिया की असलियत कभी पता चलेगा या वो पड़ जायेगा प्यार में।
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सर सर ने बोला," . Ek तेज आवाज़ पूरे घर में गूंजती है जब सब देखते है तो एक आदमी दौड़ते हुए अंदर आ रहा था । हॉल में काफी सारे लोग बैठे हुए थे । और वही जो लोग काम कर रहे थे वो भी इस आवाज़ को सुन कर देखने लगे है । जो आदमी जोर जोर से चिल्लाते हुए आ रहा था । अचानक से वो चुप हो जाता है । सामने देखता है किसी की लाल आंखे उसे घूर रही थी । देखते ही चिलाने वाला इंसान डर से कांपने लगता है । एक तेज आवाज़ सब के कानो में पड़ती है “क्या हुआ रमेश तुम इस तरह से चिल्लाते हुए क्यू आ रहे हो । आवाज़ काफी धीमी थी पर कड़क था कोई भी सुने तो एक बार डर ही जाए ।
रमेश वही जो अभी बाहर से चलाते हुए अंदर आए थे ।
"सर वो ने बोला," रमेश हकलाते हुए काफी हिम्मत कर के बोलता है ।आगे कुछ बोल नहीं पा रहा था ।सामने खड़े इंसान के सामने शब्द ही मुंह से बाहर नही आ रहा था ।
क्यू की सामने कोई और नहीं हमारे हीरो साहब खड़े थे । वैभव राठौर जो इस समय टीशर्ट और लोवर में थे । सांवला रंग, काली गहरी आंखे, पतले होठ , अच्छी खासी हाइट, उम्र 30 साल, दिखने में एकदम कहर। देखने वाले की तो नजर नहीं हटती है । वैभव जो अभी अभी जिम से बाहर आए थे । इतनी तेज आवाज़ सुन कर तुरंत नीचे की तरफ देखने आ गए।
रमेश वैभव के पर्सनल ड्राइवर है वैभव जब 5 साल के थे तभी से रमेश उनके लिए काम करते है बचपन से ही रमेश वैभव को कही भी जाना हो या आना हो वही जाते थे ।
रमेश के कानो में फिर एक आवाज़ आती है ,"कुछ बोलोगे की ऐसे ही खड़े रहोगे । "
"सर वो आपकी कार ." इतना बोला ही था की फिर से एक गुस्से भरी आवाज रमेश के कानो में पड़ती है," भाई की कार को क्या हुआ क्या तुमसे कुछ हुआ है ।"
वही सीढ़ियों के पास एक लड़का काफ़ी गोरा सा, गोल मटोल सा था। ये हमारे वैभव के छोटे भाई वरन है । इनकी उमर 25 साल दिखने में क्यूट टाइप के है।
रमेश , "नहीं sir मैने कुछ नहीं किया है वो तो कार में। "
वरन,"कार में क्या अरे भाई कहीं किसी ने तो आपकी कार में बॉम वाम तो नही लगा रखा है ?"
वैभव shut up."
वरन ने बोला," भाई मैं तो बस मजाक कर रहा था । "
मुंह फूला कर बोलता है ,तभी पीछे से एक हल्की दबी हुई आवाज आती है, रमेश जल्दी बताओं बात क्या है?"
रमेश देखता है तो ये 60 साल के एक बुजुर्ग आदमी है ये कोइ और नहीं वैभव के दादा जी थे। रमेश से पूछ रहे है । सब की नज़र रमेश की तरफ होता है जैसे सब पूछ रहे हो इतना चिल्ला कर आए हो तो कुछ बोलोगे भी की बस ऐसे सब को घूरते रहोगे । तभी रमेश वैभव को तरफ सिर झुका कर बोलता है ,”माफ करिएगा सर मैं थोड़ा डर गया था इसी लिए मुझे कुछ समझ में नहीं आया और मैं भागते हुए सीधा अंदर आ गया । "
वैभव ने बोला," तो तुम यह अपना डर खत्म करने आए हो इस तर भागते हुए ।"
रमेश ने बोला," नहीं sir ."
"फिर इस तरह भागते हुए क्यू आए हो आप?" जो बात है जल्दी बताओ” वैभव ने कहा ।
रमेश ने बोला," सर वो आप की कार की डिग्गी में एक लड़की सोई हुई है मैने काफी कोसिस की उठाने की पर वो उठने का नाम नहीं ले रही है । "
इतना बोल कर रमेश चुप हो जाते है।वही सब इतना सुनते ही सब वैभव की तरफ देखने लगते है । वैभव अभी भी शॉल में खड़े थे । वरन ने बोला," भाई क्या अपने किसी लड़की को किडनैप किया है?"
वैभव की तरफ देखते हुए बोलता है । खुद के ऊपर किसी की तबती नज़र पड़ती है देखते है तो वैभव अपनी लाल आंखो से घूर रहे होते है । वैभव के दादा जी बोलते है ने बोला," वैभव अगर तुम्हे कोई लड़की पसंद थी हमें बता देते हम खुद जा के ले आते उन्हें ऐसे लाने की क्या जरूरत थी । "
"नही दादा जी ऐसा कुछ नही है मुझे नहीं पता वो कौन है लगता है अपनी जान प्यारी नही है जो यहां आ गई है ।" वैभव बोलते है अपने दादा जी से ।
"पहले तो लड़किया सिर्फ बाहर से देखने आती थी । अब किसमे इतना दम हो गया है। जो घर के अंदर घुस गई है वो भी सीधे वैभव के कार में आ के ।" एक लड़का बोलता है । जिसकी उम्र 29 साल है । ये वैभव के बचपन के दोस्त अमन है । ये भी दिखने में कुछ कम नही है काफी हैंडसम बंदा है , अपनी फेमिल के साथ रहने के बजाए यहां वैभव के साथ रहते है
"मुझे लगता है किसी बड़े भाप की बिगड़ी हुई औलाद होगी जो यहां आने के हिम्मत कर दी है । "
राहुल सब की तरफ देखते हुए बोलता है । राहुल वैभव के एसिस्टेंट है । ये भी वैभव के साथ इसी घर में रहते है । राहुल अनाथ है बचपन में ही इनकी फेमिली की एक एक्सीडेंट में मौत हो जाती है । इन्हे अनंत आलय भेज दिया जाता है । बचपन में वैभव अपने दादाजी के साथ अक्सर अनाथ आलय जाया करते थे । वही पर इनकी मुलाकात हुई थी तभी से दोनो लोग दोस्त हो गए ।mr. राठौर ने राहुल को गोद ले लिया था अपने छोटे बेटे के रूप में तभी से राहुल वैभव के साथ रहने लगता है राहुल वैभव के लिए काम करने लगता है ।
अमन ने बोला," अब सब ऐसे बोलना बंद करो । चलो बाहर चल के देखते है की है कौन वो लड़की बाहर की तरफ जाते हुए बोलता है । सब लोग अमन के पीछे जाने लगते है । सारे लोग कार के पास आ के खड़े हो जाते है । अमन जैसे ही गेट खोलने को होता है पीछे से कोई उसका हांथ पकड़ लेता है । "
आखिर कार में कौन सी लड़की है ? और वो यहां क्या करने आई है ? अमन को गेट खोलने से किसने रोका है और क्यों ? वैभव अब उस लड़की को देख कर उसके साथ क्या करेगा ?
~
To Be Continued...
मुझे लगता है किसी बड़े भाप की बिगड़ी हुई औलाद होगी जो यहां आने के हिम्मत कर दी है । राहुल सब की तरफ देखते हुए बोलता है । राहुल वैभव के एसिस्टेंट है । ये भी वैभव के साथ इसी घर में रहते है । राहुल अनाथ है बचपन में ही इनकी फेमिली की एक एक्सीडेंट में मौत हो जाती है । इन्हे अनंत आलय भेज दिया जाता है । बचपन में वैभव अपने दादाजी के साथ अक्सर अनाथ आलय जाया करते थे । वही पर इनकी मुलाकात हुई थी तभी से दोनो लोग दोस्त हो गए ।mr. राठौर ने राहुल को गोद ले लिया था अपने छोटे बेटे के रूप में तभी से राहुल वैभव के साथ रहने लगता है राहुल वैभव के लिए काम करने लगता है ।
अमन.. अब सब ऐसे बोलना बंद करो । चलो बाहर चल के देखते है की है कौन वो लड़की बाहर की तरफ जाते हुए बोलता है । सब लोग अमन के पीछे जाने लगते है ।
सारे लोग कार के पास आ के खड़े हो जाते है । अमन जैसे ही गेट खोलने को होता है पीछे से कोई उसका हांथ पकड़ लेता है ।
अब आगे।।।।
अमन जब पीछे मुड़ कर देखता है तो वैभव ने उसका हांथ पकड़ रखा था । क्या हुआ तूने मुझे रोका क्यू अमन सवालिया लहजे में पूछता है । वैभव कुछ नहीं बोलता है और अंदर चला जाता है ।
बस सब वैभव को जाते हुए देख रहे थे । एक आदमी हस्ते हुए बोलते है । अमन तुम खोलो मैं भी देखना चाहता हूं आखिर मेरा बेटा किसको उठा लाया है कहने वाले इन्सान जिनकी उम्र 45 के आस पास है । इनका नाम वंश राठौर है अचानक से वैभव का चलते कदम वही पर रुक जाता है । पीछे मुड़ कर देखते है तो उनके डैड मजाक उड़ा कर हंस रहे है । वैभव एक बार सब को देखता है और अंदर चला जाता है ।
आह... बीना तुम मुझे मार क्यू रही हो वंश जोर से चिल्लाते है । इनकी खूबसूरत वाइफ अपनी कोहनी से वंश के पेट में मारा है जिससे उनकी चीख निकल गई । आप अपना मुंह बंद नहीं कर सकते है । मेरा प्यारा बेटा गुस्से में चला गया पता नही क्या करने वाला है, बीना वंश से कहती है ।
वरन .. अरे मॉम टेंशन मत लीजिए आप का प्यारे बेटे अभी आते होंगे।
तभी सब को वैभव आते हुए दिखाई देते है ।तभी सब की नजर वैभव के हांथ पर जाती है ये देख कर सब शॉक हो जाते है । सर ये गन क्यों लेके अरे है । राहुल , अमन से बोलता है । मुझे नहीं पता यार इसके दिमाक में क्या चल रहा है । वैभव की तरफ हैरानी से देखते हुए अमन बोलता है ।
बेटा ये सब क्या है । कोई लड़की है ना को कोई क्रिमिनल तुम गन क्यू लेके आए हो , वैभव की मॉम बोलती है।
क्या पता वो कौन है हो सकता है यहां किसी मकसद से आई हो हमारे किसी दुश्मन ने भेजा हो । ऐसे किसी पर भरोसा नहीं कर सकते है । वैभव ने कहा
लेकिन बेटा ... वैभव .. सब को एक नजर देखता है ।
सब थोड़ा पीछे हो जाइए । कार के ठीक गेट के सामने वैभव अपनी गन पॉइंट करके खड़ा हो जाता है । और सब एक कदम पीछे हो जाते है । वंश को भी वैभव की बात मान लेते है और पीछे हो जाते है बीना को अपने पीछे कर लेते है । दादा जी के पास रमेश खड़े थे । अमन के पीछे वरन जा के छिपा था ।ये सब ऐसे जा के खड़े थे जैसे कार के अंदर कोई अतंगबादी बैठा है ।
राहुल धीरे से गेट खोलो , वैभव राहुल से बोलते है ।
Ok sir , राहुल ने कहा
राहुल जैसे धीरे धीरे गेट खोलते जा रहे है उसी तरह सब की सांसे भी थमती जा रही है ये देखने के लिए आखिर अंदर है कौन, वरन से तो रहा नही जा रहा था । राहुल भाई जल्दी खोलो ना ये क्या इतने स्लोमोसन वीडियो की तरह खोल रहे हो जल्दी करो ना वरन , राहुल से बोलता है ।
तुम थोड़ी देर शांत ठीक से खड़े नही रह सकते हो । यही सेन हाल बीना का भी था । उनसे भी रहा नही जा रहा था । वंश के पीछे से उनकी शर्ट को खीच रही थी ।
ऐसा कहा जा सकता है दोनो मां बेटे एक जैसे है । दोनो लोगो से रहा नही जा रहा है । अमन दोनो मां बेटे को देखता है , जैसे मां वैसा बेटा दोनो लोग छोटे बच्चे की तर है अमन अपने मन में कहता है , फिर अपना सर दिला कर सामने देखने लगता है ।
राहुल एक झटके से कार के गेट को खोल देता है। बस सब आंखे फाड़े सामने के नजारे को देख रहे है । वैभव को तो जैसे कोई शाप सूंघ लिया हो, ऐसे खड़े है , वरन की आंखों के साथ साथ मुंह भी खुला की खुला ही रह गया है । राहुल तो बस एक तक सामने देखे जा रहा है । सब लोग आंखे फाड़े सामने देख रहे है ।
सामने कार के अंदर सादी के जोड़े में एक लड़की सो रही है।
लाइट पिंक रंग का लहंगा, हल्क सा मेकअप, पिंक लिपस्टिक, माथे पर बिंदी , गोला सा चेहरा , होठों के कोने पर एक छोटा सा तिल, जो खूबसूरती में चांद चांद लगा रहा था।
सब एक साथ बोलते है woww ... वरन आगे आते हुए बोलता है ये डॉल कौन है। कितनी खूबसूरत है ।
डॉल नही पागल अप्सरा बोल । अमन वरन को कंधे से खींचते हुए बोलता है , ऐसे ये लड़की है कौन रमेश कहते है ।
कोई भी हो पर है बहुत सुंदर, मैने अभी तक इतनी सुंदर लड़की नही देखी है राहुल सामने देखते हुए बोलता है। बस सब सामने देखे जा रहे थे जैसे कभी किसी ने खूबसूरत लड़की नही देखी हो ।
~
To Be Continued...
अब तक
सब एक साथ बोलते है woww ... वरन आगे आते हुए बोलता है ये डॉल कौन है। कितनी खूबसूरत है ।
डॉल नही पागल अप्सरा बोल । अमन वरन को कंधे से खींचते हुए बोलता है , ऐसे ये लड़की है कौन रमेश कहते है ।
कोई भी हो पर है बहुत सुंदर, मैने अभी तक इतनी सुंदर लड़की नही देखी है राहुल सामने देखते हुए बोलता है। बस सब सामने देखे जा रहे थे जैसे कभी किसी ने खूबसूरत लड़की नही देखी हो ।
अब आग
वरन .. आगे आते हुए बोलता है ये कितनी क्यूट है वरन अपने फिंगर से उस लड़की के गालों को टच करता है । जैसे ही उसने गालों को टच किया तभी उस लड़की ने अपने गालों पर अपने हाथों से रफ करने लगी । जैसे किसी मच्छर ने उसे कटा हो , गालों को टच करते हुए वो पलटती है और अपने पैरो को फैलाने की कोसीस करती है । जब कई जगह नहीं।मिलता है तो पैरो से कार को मारने लगती है ।
वैभव आंखे चोटी करके सब देख रहे थे । आज तक किसी की हिम्मत नही हुई है कर को टच करने की और ये लड़की अपनी पैरो से कार को मार रही इतना सोचते ही सब की नजर वैभव पर चली जड़ी है वैभव के चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नही था । वो बस सामने के नजारे को देख रहा था ।
वैभव ने गन को पीछे रखा और वही रखी पानी की पाइप को ले आया फिर उस लड़की के ऊपर बीन मौसम बरसात कर दिया । बिचारी इतने आराम से सो रही थी ऊपर पानी पड़ते है चिल्ला के उठ जाती जाती है
सामने अपनी बड़ी बड़ी नीली आंखों से सब को देखने लगती है देखते टाइम बार बार बस अपनी पलके झपका रही थी ।
सब एक साथ बोलते है woww ... वरन आगे आते हुए बोलता है ये डॉल कौन है। कितनी खूबसूरत है ।
डॉल नही ree पागल अप्सरा बोल । अमन वरन को कंधे से खींचते हुए बोलता है , ऐसे ये लड़की है कौन रमेश कहते है ।
कोई भी हो पर है बहुत सुंदर, मैने अभी तक इतनी सुंदर लड़की नही देखी है राहुल सामने देखते हुए बोलता है। बस सब सामने देखे जा रहे थे जैसे कभी किसी ने खूबसूरत लड़की नही देखी हो ।
वरन .. आगे आते हुए बोलता है ये कितनी क्यूट है वरन अपने फिंगर से उस लड़की के गालों को टच करता है । जैसे ही उसने गालों को टच किया तभी उस लड़की ने अपने गालों पर अपने हाथों से रफ करने लगी । जैसे किसी मच्छर ने उसे कटा हो , गालों को टच करते हुए वो पलटती है और अपने पैरो को फैलाने की कोसीस करती है । जब कई जगह नहीं।मिलता है तो पैरो से कार को मारने लगती है ।
वैभव आंखे चोटी करके सब को देख रहे थे । आज तक किसी की हिम्मत नही हुई है...कार को टच करने की और ये लड़की अपनी पैरो से कार को मार रही.. इतना सोचते ही सब की नजर वैभव पर चली जड़ी है वैभव के चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नही था । वो बस सामने के नजारे को देख रहा था ।
वैभव ने गन को पीछे रखा और वही रखी पानी की पाइप को ले आया फिर उस लड़की के ऊपर बीन मौसम बरसात कर दिया । बिचारी इतने आराम से सो रही थी ऊपर पानी पड़ते है चिल्ला के उठ जाती जाती है
सामने अपनी बड़ी बड़ी नीली आंखों से सब को देखने लगती है देखते टाइम बार बार बस अपनी पलके झपका रही थी ।
So cute... अचानक से वैभव के मुंह से निकलता है।
अब आगे...
वैभव तुरंत ही खुद को संभाल लेते है। अचानक से वैभव की नजरे जाके नीली आंखों से मिल जाती है , आज पहली बार वैभव के दिन में दर्द उठा है उन आंखो में काफी दर्द के साथ साथ खाली पन भरा था ।
“बेटा तुम कौन हो और यहां कैसे आई तुम्हरा नाम क्या है ..? दादा जी आगे बढ़ते हुए पूछते है । अपने पास किसी बूढ़े आदमी को देख कर वो लड़की अचानक से बेहोश होके गिरने वाली होती है को तभी किसी की दो मजबूत हाथों ने थाम लिया । ये वैभव और राहुल थे , जो हाल वैभव का था वही हाल राहुल का भी था।
राहुल को आज पहली बार किसी को देख कर अजीब सा एहसास महसूस होता है जैसे की इस लड़की को पहले से जानता हो उसे अपना पन महसूस हुआ ।।
तभी राहुल को खुद के ऊपर किसी की नजरे महसूस होती है , सिर ऊपर कर के देखा तो वैभव को अपनी काली आंखो से घूरते हुए पाया ।कहना चा रहा हो” तुम्हे पकड़ने की जरूरत नहीं है , मैं सम्भाल लूंगा तुम छोड़ सकते हो ।
राहुल अपने हाथो को वापस खीच लेता है वैभव उस लड़की को अपनी बाहों में उठा लेता है राहुल बस एक तक उस लड़की को देखने लगता है जो बेहोश वैभव के बाहों में पड़ी थी ।
वहा मौजूद हर कोई इंसान ये देख कर हैरान था । जो इंसान किसी लड़की को नज़र उठा कर देखता तक नही है , वो आज एक लड़की को अपने गोद में उठा रखा है
ये मेरा बेटा ही है ना मुझे यकीन नहीं हो रहा है , बीना वैभव को देखती हुई अपने हसबैंड से कहती है
हां ये तो हमारा ही बेटा है वंश राठौर ने कहा जो वैभव के पूज्य पिता श्री है
वैभव उस लड़की को अपनी बाहों में उठा कर सीधे अंदर चला जाता है , पहले सब एक दूसरे की सक्ल देखते है फिर वो भी पीछे पीछे अंदर चले जाते है ।
वैभव कमरे के बजाए...उसे लिविंग रूम के सोफे पर ही ठीक से लेटा देते है ...और खुद आके सामने वाले सोफे पर बैठ जाता है पैरो को एक दूसरे से उलझा कर टेबल पर रख कर हिलाते हुए बस सामने देखता है
एक एक कर के सब सोफे पे आके बैठ जाते है , और होश में आने का वेट करने लगते है , उस लड़की की आंखे 15_20 खुलती है तो सामने देख कर ,फिर से डर जाती है। दो काली आंखे घूर रही थी । इन आंखो में कोई भाव नहीं था।
~
To Be Continued...
अब तक
वैभव कमरे के बजाए...उसे लिविंग रूम के सोफे पर ही ठीक से लेटा देते है ...और खुद आके सामने वाले सोफे पर बैठ जाता है पैरो को एक दूसरे से उलझा कर टेबल पर रख कर हिलाते हुए बस सामने देखता है
एक एक कर के सब सोफे पे आके बैठ जाते है , और होश में आने का वेट करने लगते है , उस लड़की की आंखे 15_20 खुलती है तो सामने देख कर ,फिर से डर जाती है। दो काली आंखे घूर रही थी । इन आंखो में कोई भाव नहीं था।
अब आग
हेल्लो क्या तुम ठीक हो , तुम्हारा नाम क्या है अपना हाथ आगे करते हुए" वरन "ने पूछता ।
पहले तो थोड़ा घबराती है पर पता नही क्यू यहां पर उसे सेफ फील हो रहा था तो उसने धीरे से "वरन "की तरफ देखते हुए .. दिया धीरे से अपना नाम बताया।
दिया की आवाज़ इतनी प्यारी थी की वैभव जो सोफे पर आंखे बंद करके बैठे थे वो भी सामने की तरफ देखने लगते है ।
दिया हमारी स्टोरी की हीरोइन... जो अभी अभी शादी से भाग कर आई है । कल दिया की शादी थी , पर ये यहां अपने हीरो के पास में है ... भागने की वजह आगे जानेंगे।
अच्छा तो तुम्हरा नाम दिया है , बहुत प्यारा नाम है बिलकुल तुम्हारी तरह ,,बीना, दिया के बगल में बैठते हुए बोलती है ।
दिया धीरे से बस थैंक्यू बोल कर सिर नीचे कर लेती है ,बीना फिर से कुछ पूछने वाली होती है कि तभी एक तेज़ आवाज़ पूरे घर में गुज़ती है ।
तुम कहा से हो और मेरे कार में कैसे आई , वैभव ने दिया को अपनी काली आंखो से घूरते हुए बोला
दिया अचानक से इतना तेज़ आवाज़ सुन कर डर जाती है। दिया की हालत देख कर सब को बुरा लग रहा था , तेज़ आवाज़ की वजह से दिया ने बीना के हाथो को कस कर पकड़ रखा था । और उसके आंखो में आंसु भरे थे , डर की वज़ह से होठ काप रहे थे ।
तुम थोड़ा आराम से नही बोल सकते हो , बीना वैभव को गुस्से से घूरते हुए बोलतीं है ।
क्यू...वैभव थोड़ा गुस्से में बोलता है
दिया जो अभी तक अपने आंसुओ को रोक रखा था , वो अब गालों पर आ के गिर जाते है , अपनी भीगी आंखों से बस वैभव को देख रही थी ।
भाई रुको मैं पूछता हूं वरन, वैभव को देखते हुए बोलता है और जाके दिया के बगल में बैठ जाता है , ये देख कर दिया थोड़ा सा पीछे खिसक जाती है ।"वरन "की तरफ देखने लगती है ।
तुम वहा नही बैठ सकते हो, वैभव ,वरन से बोलता है पता नही क्यू पर वैभव वो बिलकुल अच्छा नहीं लगा कि" वरन" जा के दिया के पास बैठे ।
वरन "हैरानी से अपने भाई को देखता है, कि पूछना चाहता हो , क्यू नही बैठ सकता हूं मैं , वैभव , वरन की नजरो को समझ जाता है ।
वो कंफर्टेबल नही है वैभव ने वरन की तरफ देखते हुए कहा, वहा मौजूद सब लोग पहले एक दूसरे को देखते फिर वैभव को , सब को नज़रों को इग्नोर करके सामने देखते हुए वैभव ने कहा... तुम कहा से हो , इस बार आवाज थोड़ा सॉफ्ट था ।
इस बार सब और हैरान हो गए, वैभव को इसने सॉफ्ट टोन में बात करते हुए ।
तुम कहा से हो यहां कैसे आई , मैं दुबारा नहीं पूछूंगा। इस लिए जो पूछा है उसका सही से जवाब देना , झूठ बोलने की कोशिश मत करना , मुझे झूठ बोलने वाले पसंद नहीं है ।
टोन काफी सॉफ्ट था , पर किसी धमकी से कम नहीं था ।
मुझे भूख लगी है , मैने 3 दिनों से कुछ खाया नही है ।
दिया अपना सर नीचे कर के बोली , वैभव को दिया के चेहरे पर दर्द साफ नजर आ रहा था पर उसने कुछ नहीं कहा ।
बीना जी एक सर्वेंट को खाना लाने को कहा , बेटा तुम क्या खाना चाहोगी बातो , दिया सिर नीचे कर के ही बोली ... कुछ भी खा लूंगी ।
कुछ भी का मतलब बहुत कुछ होता है ...खाना के सिवा..तुम बताओ क्या खाना चाहोगी ।
बीना को आज अपना बेटा थोड़ा अलग विहेव करता हुआ नजर आया है , पर वो खुश थी किसी से तो उनका बेटा बात तो कर रहा है ।
नही तो ऐसे कितने दिन गुजर जाते थे वैभव किसी से बात तक नहीं करता ।
पर आज उनका बेटा एक लड़की से बात भी कर रहा है और खाने के लिए भी पूछा... बीना अंदर ही अंदर मुस्कुराने लगती है ।
दिया के सामने टेबल पर बहुत सारे अलग अलग तरह के डिशेज रखे हुए थे । टेबल पर इतना सारा भोजन देख कर दिया की आंखे तो बाहर ही आ गई थी ।
पहले वो टेबल पर रखे भोजन को देखती फिर वहा बैठे लोगो को.. बार बार वो ऐसा ही करती ।
अपनी पलकों को बार बार टिमटिमा कर सब के चेहरे को देखने लगती है ... क्या हुआ बेटा तुम्हे ये सब पसंद नहीं आया क्या ... बीना ने दिया के सिर पर हांथ फेरते हुए बोला
दिया अपनी पलके झपका कर , बीना जी की तरफ देखने लगती है .. उसकी ये हरकते सब को बहुत प्यारी लग रही थी ... क्यू की दिया जब भी अपनी पलके झपकाती है तो बहुत ज्यादा cute लगती है
क्या से सब मेरे लिए है ... ये सारा खाना मैं खा सकती हूं ...दिया बीना जी की तरफ अपनी नम आंखों से देखते हुए बोला ।
हां बेटा ये सब तुम्हारे ही लिए है तुम खा सकती हो जितना तुम्हे खाना हो ... बीना जी प्यार से दिया को समझती है ।
दिया एक बार वहा बैठे लोगो को फिर से एक नजर देखती है ... उसके बाद खाने पर ऐसे टूटी जैसे कई दिनों से उसने खाने को देखा नही हो ... और ये सही भी था,3 दिनों से दिया ने कुछ नही खाया था ।
अब कोई इंसान अपनी शादी से भागेगा.. तो कहा खाने का टाइम होगा उसके पास... वही हाल दिया का भी था भागने के चक्कर में बिचारी ने कुछ नही खाया था ।और अभी भूखे शेर की तरह खा रही थी।
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To Be Continued...
अब तक
हां बेटा ये सब तुम्हारे ही लिए है तुम खा सकती हो जितना तुम्हे खाना हो ... बीना जी प्यार से दिया को समझती है ।
दिया एक बार वहा बैठे लोगो को फिर से एक नजर देखती है ... उसके बाद खाने पर ऐसे टूटी जैसे कई दिनों से उसने खाने को देखा नही हो ... और ये सही भी था,3 दिनों से दिया ने कुछ नही खाया था ।
अब कोई इंसान अपनी शादी से भागेगा.. तो कहा खाने का टाइम होगा उसके पास... वही हाल दिया का भी था भागने के चक्कर में बिचारी ने कुछ नही खाया था ।और अभी भूखे शेर की तरह खा रही थी।
अब आग
पागल लड़की ... ऐसे भला कौन खाता है ,आराम से नही खा सकती .. ऐसे खाए जा रही की कोई लेके भाग जायेगा ... वैभव , दिया को देखते हुए अपने मन में कहा ।
वहा मौजूद हर कोई इंसान हैरानी से दिया को देख रहे थे ... जो अजीबो गरीब तरीके से खा रही थी ... दिया पराठे को एक हांथ में पकड़ रखा था और दूसरे से तोड़ रही थी ... आचार को तो पूरे मुंह में डाल कल खाती फिर से चाटने लगती थी ।
उनकी इन सब हरकतों को सब लोग ध्यान से देख रहे थे ...ये लड़की सच में पागल है इतने गंदे तरीके से कौन खाता है ... क्या इसे खाना खाने नही आता है ।
वैभव मन में ये सारी बाते सोच रहा होता है .. भाई ये कितनी क्यूट लग रही है मैने तो किसी को खाते समय इतना क्यूट लगते हुए कभी नहीं देखा है .."वरन " धीरे से वैभव की तरफ झुकते हुए कहा ।
वरन ... को जब खुद के ऊपर किसी की नजरो की तपिश महसूस हुई ... तो उसने सामने देखा तो वैभव को घूरते हुए पाया ।
उधर राहुल देख तो रहा था पर उसके मन में कुछ और ही चल रहा था क्या वो तो अब वही जाने ।
"बीना जी और" वंश पहले एक दूसरे को देखते फिर" दिया" को देखते हुए ...अगर हमारी कोई बेटी होती हो वो भी इतना ही क्यूट होती.. वंश जी , बीना की तरफ देखते हुए बोलते है ।
"बीना जी, दिया को देखते हुए बस ... Hmm कहा।और प्यार से "दिया को देखने लगी .. इस समय वहा मौजूद हर किसी के मन में कुछ न कुछ चल रहा था । पर सब का ध्यान बस "दिया पर ही टिकी हुई थी ।
आप लोग मुझे ऐसे क्यू देख रहे हो ..अभी ये सारा खाना बस मेरे लिए आया है तो मैं किसी को देने वाले नही हूं .. दिया सब की तरफ देखते हुए बोलती है ।
दिया की बातो से सब का ध्यान टूटा ..सामने खाते हुई लड़की को देखते हुए सब मुस्कुराने लगते है ।
नही बेटा किसी को खाना नही चाहिए .. वंश जी बोलते है .. तो आप लोग मुझे ऐसे क्यू देख रहे है .. दिया वंश जी की तरफ देखते हुए पूछती है ।
क्यू की तुम बहुत क्यूट लग रही हो ... अमन, दिया को देखते हुए कहा ... दिया ऊपर से नीचे तक अपनी नजरे अमन के ऊपर घुमाती है ... क्या हुआ तुम मुझे ऐसे क्यू देख रही हो .. दिया के देखने पर अमन पूछता है ।
कुछ नही बस ऐसे ही... खाते हुए" दिया ने लापरवाही से जवाब देती है फिर से अपने खाने पर फोकस करने लगती है ।
सब हैरानी से टेबल को घूर रहे थे ... इतना सारा खाना अकेले खा लिया .. फिर भी देखने में इतनी पतली है जाता कहा है सब ... वैभव, दिया को देखते हुए मन में बोलते है जो अभी अपना मुंह साफ कर रही थी वो भी अपने लहंगे के दुपट्टे से।
अब तुम्हारा खाना भी हो गया बताओ कहा से हो मेरे कार में कैसे आई... वैभव ने पूछा ।
मुझे नहीं पता.. दिया ने पप्पी सा फेस बनते हुए कहा।
नही पता क्या मतलब है ... तुम्हे देख कर लग रहा है तुम शादी से भाग कर आई हो ... और तुम्हे पता नही है। वैभव ने थोड़ा गुस्से में कहा।
आंटी मैं बहुत ज्यादा थक गई हूं क्या मैं आप के घर में रेस्ट कर सकती हूं ... दिया ने "बीना जी के हाथो को पकड़ते हुए कहा.. वो क्या है न ये लहंगा काफी भारी है इसकी वजह से मैं ज्यादा थक गई हूं। दिया, ने कहा।
हां क्यू नही बेटा पहले तुम चेंज कर लो ... तुम्हे हल्का महसूस होगा । "बीना जी, ने दिया के सर पर प्यार से हांथ फेरते हुए कहा ।
वैभव बस अपनी मां को देख रहे थे ... ये मेरी ही मां है न मुझसे बीना पूछे हां बोल दिया... वैभव अपनी मां को घूरते सोचने लगा ।
बीना जी, समझ गईं उनका प्यारा बेटा गुस्से में घूर रहा है ... पर वो एक बार भी वैभव की तरफ देखा नही और वहा से दिया को लेके अपने रूम में चली गई ।
तुम जानबूझ कर मेरी बातो को इग्नोर कर रही हो... नही बताओगी तो भी मैं पता कर लूंगा ... वैभव राठौर के घर में आई हो इतनी आसानी से बच जाओ गी तो ये तुम्हारी भूल है.. वैभव ने अपने होठों को तिरछा स्माइल करते हुए कहा।
वैभव ने फोन में किसी को msg किया और अपने कमरे की तरफ चले गए ... राहुल ने अपना फोन देखा तो वैभव का ही मैसेज था .. वो भी वैभव के पीछे पीछे कमरे की तरफ चला जाता है ।
पर राहुल के माइंड में अभी कुछ चल रह था... काफी सारे उलझन था उसे समझ में नहीं आ रहा था ... ये हो क्या रहा है ... फिर अपने सर को झटक कर आगे की तरफ जाने लगा.. तभी किसी की पीछे से आवाज आती है .... क्या हुआ मेरे भाई तुम इतना परेशान क्या हो... अमन ने कहा था जो अभी राहुल के पास आया ही था ।
नही ऐसा कुछ नही है ... बस मुझे इस लडको को देख कर कुछ अजीब लग रहा है ... राहुल उदास होते हुए कहा।
क्यू .. वो इतनी प्यारी तो है...अमन ने सीढ़िया चढ़ते हुए कहा। मुझे नहीं पता...राहुल इतना बोल कर कुछ सोचते हुए आगे बड़ जाता है ।
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To Be Continued...
अब तक
पर राहुल के माइंड में अभी कुछ चल रह था... काफी सारे उलझन था उसे समझ में नहीं आ रहा था ... ये हो क्या रहा है ... फिर अपने सर को झटक कर आगे की तरफ जाने लगा.. तभी किसी की पीछे से आवाज आती है .... क्या हुआ मेरे भाई तुम इतना परेशान क्या हो... अमन ने कहा था जो अभी राहुल के पास आया ही था ।
नही ऐसा कुछ नही है ... बस मुझे इस लडको को देख कर कुछ अजीब लग रहा है ... राहुल उदास होते हुए कहा।
क्यू .. वो इतनी प्यारी तो है...अमन ने सीढ़िया चढ़ते हुए कहा। मुझे नहीं पता...राहुल इतना बोल कर कुछ सोचते हुए आगे बड़ जाता है ।
अब आग
दोनो कि सारी बाते वैभव ने सुन लिया था ... दूसरे लोगो से सुनने की छमता वैभव की थोड़ी ज्यादा थी। दूर से ही लोगो की बाते समझ में आ जाती थी ।
वैभव सोफे पर ... राहुल ठीक सामने और अमन बेड पर बैठ कर बात करने लगते है ... तभी तीनों लडको के कानो में एक प्यारी सी आवाज आती है ।
क्या भाई आप लोग मुझे भूल गए ... आप ने कहा था अब से मैं आप के सारे कामों में आपके साथ रहूंगा ...और यहां आप लोग अकेले बैठ कर बात कर रहे है ... मुझे बुलाया भी नही ... वरन अंदर आते हुए कहा और आके वैभव के बगल में बैठ जाता है ।
हो गई तुम्हारी नौटंकी पूरी ... राहुल हस्ते हुए वरन से कहा।
अबे तू अपना मुंह बंद रखा कर समझे... वरन गुस्से से राहुल से कहा ।
दोनो को जब लगा की कोई उन्हे गुस्से से घूर रहा है तो दोनो चुप हो जाते है और सामने देखने लगते है ... कोई और नहीं वैभव ही दोनो को घूर रहे थे ।
मुझे उस लड़की की पूरी इन्फॉर्मेशन चाहिए ... दो दिन के अंदर .. वैभव ने राहुल को इंस्ट्रक्शन दिया । और तुम उसपर नजर रखोगे ... 24 घंटे समझे ... वरन ... को समझाते हुए कहा।
Hayee.... Kuch भी कहो लेकिन लड़की काफी क्यूट है ... "अमन ने ऊपर सिलिंग को घूरते हुए कहा😊.... कही भाई आप को प्यार तो नही हो गया ... क्यूटी से... वरन ... ने बेड पर बैठते हुए कहा ।
पता नही छोटे पर ... कोई तो बात है इस लड़की में .. अमन ने वरन के कंधो पर हांथ रखते हुए कहा और कुछ सोचने लगा ।
अमन की बातो से दो लोग जल भुन रहे थे ... एक हमारे वैभव राठौर जिसका मन कर रहा था की अभी जा के अमन का सिर फोड़ दे।
और वही दूसरी तरफ राहुल का भी वही हाल था....बस सिर की बदले गला दबाने का मन कर रहा था । राहुल ने सब को एक नजर देखा फिर अपना काम करने के लिए बाहर चला गया ।
वैभव ने पॉकेट से एक सिगरेट निकाल कर अपने होठों के बीच में रख लिया ।
इधर दो लोग अपने ही ख्यालों में busy थे। सिगरेट का कश लेके के बाद वैभव वाशरूम में फ्रेश होने चले गए ।
अभी सुबह का ही टाइम था तभी इतना सब हुआ है ... इस लिए सब अपने अपने कमरे में फ्रेश होने चले जाते है .. आज ऑफिस के लिए काफी देर हो चुकी थी।
थोड़ी देर बाद सब टेबल पर आके बैठ जाते है... और ब्रेकफास्ट करने लगते है..
ये" बीना जी कहा रह गई है अभी तक आई नही... वंश ने टेबल पर अपनी पत्नी को न देखन पर कहा । एक सर्वेंट को बुलाने के लिए कहा ही था तभी पीछे से किसी की आवाज आती है ।
हम आ गए ... जब सब ने आवाज की दिशा में मुड़ कर देखा ,तो बीना जी के बगल में एक खूबसूरत सी लडकी खड़ी थी ... जिसने इस समय ब्लू कलर की साड़ी पहनी थी ।
फेस पर कोई मेकअप नही ,न गले में और न ही कानो में, कुछ पहन रखा था ... इतने सिंपल में भी दिया अप्सरा लग रही थी ।
बस सब आंखे फाड़ कर देखे जा रहे थे ...वैभव जो अभी पहला निवाला अपने मुंह में डालने ही वाला था ...दिया को देख कर हाथ हवा में ही रुक गया था ।
टेबल पर सब को इस तरीके से देखते हुए देखा तो " दिया ने खुद को पूछने से रोक नही पाई ... क्या मैं अच्छी नहीं लग रही हूं जो आप लोग ऐसे देख रहे है मुझे, दिया ने उदास होते हुए कहा ।
अमन जल्दी से दिया के सामने खड़ा होके कहा ।, अरे नही तुम तो इसमें भी काफी प्यारी लग रही हो ...इतना सुनते ही दिया खुशी से उछलने लगती है ... क्या सच में" दिया ने" अमन के सामने अपने दोनो हाथों को अपने गालों पर रख कर पूछे लगी ... इस हरक़त से वो और भी ज्यादा क्यूट लग रही थी ।
अमन ने " दिया के गालों को खींचते हुए , हां में सिर हिला दिया और जाके अपने चेयर पर बैठ गया ।
वो भी सब के साथ चेयर पर बैठ जाती है ... तुमने अभी तो इतना सारा खाया था... क्या फिर से तुम्हे भूख लग गई है ?.... " वरन ने खाते हुए दिया से पूछा ।
दिया ने हां में अपना सिर हिला ,दिया ने खाने की तरफ देखने लगी ।... पर अभी कुछ देर पहले ही तुमने इतना सारा ब्रेकफास्ट किया था ... वैभव ने खाते हुए दिया से पूछा?
हां तो मुझे खाए काफी टाइम हो गया है तो मुझे फिर से भूख लगी है ... मैं यहां से इतने ऊपर सीढ़िया चढ़ कर गई हूं, फिर नहाया ... इतनी मेहनत से कपड़े पहने तो इतना काम करते करते मुझे भूख लग गई तो... क्या अब मैं दुबारा नहीं खा सकती हूं ... वैसे भी आप इतने अमीर है मेरे खाने से आपका राशन खत्म तो हो नहीं जाए ।।। दिया ने वैभव की तरफ देखते हुए कहा ।
दिया ने एक सांस में इतना सब बोल दिया था वो भी वैभव से बीना डरे... Mr. वंश और उनकी वाइफ के तो फूले ही नहीं समा रहे थे ।
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To Be Continued...
अब तक
हां तो मुझे खाए काफी टाइम हो गया है तो मुझे फिर से भूख लगी है ... मैं यहां से इतने ऊपर सीढ़िया चढ़ कर गई हूं, फिर नहाया ... इतनी मेहनत से कपड़े पहने तो इतना काम करते करते मुझे भूख लग गई तो... क्या अब मैं दुबारा नहीं खा सकती हूं ... वैसे भी आप इतने अमीर है मेरे खाने से आपका राशन खत्म तो हो नहीं जाए ।।। दिया ने वैभव की तरफ देखते हुए कहा ।
दिया ने एक सांस में इतना सब बोल दिया था वो भी वैभव से बीना डरे... Mr. वंश और उनकी वाइफ के तो फूले ही नहीं समा रहे थे ।
अब आग
उनके बेटे से बीना डरे कोई इतना सब बोल दिया वो भी सीधे मुंह पर दोनो एक दूसरे को देख कर है रहे थे ... अब तो हमे " दिया को अपनी तरफ हो रखना होगा ,जिससे हम अपने इस नालायक बेटे को लाइन पर ला सके... वंश ने बीना जी की तरफ देखते हुए कहा ... जो अभी पहला निवाला खा ही रही थी ...वो अपने मुस्कुराते हुए पति को देखने लगती है ।
इसका क्या मतलब है ... वो तो पहले से हमारी तरफ है " बीना जी ने खाते हुए अपने पति से कहा।
दिया पहले की तरह फिर से खाने में जुट गई थी ।दादा जी ने दिया को आराम से खाने को कहा .... दिया डर गई ।
Sorry मैने आपको नाराज कर दिया ... मैं ऐसा नहीं करना चाहती थी , बस खाने को देख कर मुझसे रहा नही गया ... क्या मेरा खाना अपनी अच्छा नहीं लगा ?... आप बता दीजिए मैं यहां से चली जाती हूं ... दिया जैसे उठने वाली होती है कि तभी किसी ने उसका हांथ पकड़ कर फिर से बैठा दिया... मुड़ कर देखा तो वैभव ने उसका हांथ पकड़ रखा था दादा जी के कहने से वो काफी ज्यादा डर गई थी , पर जब वैभव ने पकड़ा उससे अच्छा लग रहा था वो अपने ही ख्यालों में कही खो गई ।
दादा जी का कहने का वो मतलब नहीं था वो बस तुम्हे आराम से खाने को कह रहे थे .... वैभव ने दिया की तरफ देखते हुए कहा ।
हां बेटा पापा बस तुम्हे आराम से खाने को कह रहे थे ... बीना जी ने परेशान होते हुए कहा ।
मेरी बाते अगर तुम्हे बुरा लगा हो तो sorry बेटा तुम खाना आराम से दादा जी ने उदास होते हुए कहा।
नही नही आप सॉरी क्यू बोल रहे है ? गलती मेरी है मुझे आपको ऐसे नही कहा चाहिए था बस मैं थोड़ा डर गई थी ... कही आप नाराज़ ना हो गया हो ... नही तो मुझे 2 दिन तक कुछ खाने को नहीं मिलता ... मैं हमेशा अच्छा बिहेव करने की कोशिश करती हूं पर खाने को देख कर मैं खुद को कंट्रोल नही कर पाती ... दिया ने अपना सिर नीचे करते हुए कहा।
सब अब उसके उदास चेहरे को देख रहे थे ... दिया का यूं उदास होना किसी को भी अच्छा नहीं लग रहा था ... वैभव के माइंड में बस एक बात घूम रही थी 2 दिन तक खाने को नहीं मिलेगा ... वो खुद को सोचने से रोक नही पा रहा था की ऐसे कौन लोग है जो ठीक से न खाने पर इस तरह की सजा देते है .... ये सब सोचते हुए उसे और गुस्सा आ रहा था ।
दिया जो सिर नीचे कर के बैठी थी अचानक से अपने सिर पर कुछ भारी sa महसूस होता ही ... जब सिर उठा कर देखा तो दादा जी प्यार से उसके सिर पर हांथ फेर रहे थे .... तुम्हे मुझसे डरने की जरूरत नहीं है जैसे चाहो इस घर में रह सकती हो जो खाना है किसी को भी बोल कर तुम बनवा लेना ok ... जब तक इस घर में बिलकुल आराम से रहो... प्यार से दादा जी ने दिया को समझाया
दिया ने उनकी तरफ देखते हुए एक प्यारी सी स्माइल दिया ....फिर सब ब्रेकफास्ट करके अपने अपने कमरे चले गए ... वैभव ऑफिस चला गया उसके साथ अमन भी चला गया ... वरन को घर पर ही रहना था तभी तो वो दिया पर नजर रख सकता था ... जो करने के लिए उसके प्यारे भाई ने कहा था ।
कैबिन का गेट खोल कर राहुल अंदर आके वैभव के सामने वाली चेयर पर बैठ जाता है ... वैभव अभी भी अपनी नजर राहुल पर नही रखा था वो बस अपने लैपटॉप पर टाइप कर रहा था ...ये दिया की फाइल... राहुल ने टेबल पर रखते हुए कहा ....मैने तुम्हे दो दिन का टाइम दिया था तो तुम आराम से कर सकते थे वैभव ने फाइल लेते हुए कहा।
पहले तुम फाइल तो देखो उसके बाद मुझे पूछना ... राहुल ने स्माइल करते हुए कहा ... क्यू ऐसा क्या है इसमें ? अमन ने दोनो के पास में बैठे हुए कहा ।
खुदी देख लो तुम दोनो राहुल ने अमन की तरफ देखते हुए कहा ।
वैभव जैसे जैसे फाइल को पढ़ रहा था उसकी आंखे सख्त होते जा रही थी ।
क्या हुआ तुम इसने गुस्से में क्यू लग रहे हो ? अमन ने वैभव के हांथ से फाइल लेते हुए कहा।
अमन ने जब फाइल को देख तो वो शॉक्ड रह गया ... ये सब क्या है ?... अमन ने राहुल की तरफ देखते हुए कहा .... वही जो तुम देख रहे हो , राहुल ने अपनी आंखे बंद करते हुए कहा ।
तुम हो कौन? ... वैभव ने सिर को चेयर पर टिकाते हुए कहा ।
अमन ने परेशान होते हुए कहा ... इस फाइल के हिसाब से दिया 10 साल पहले ही मर चुकी है , और न उसकी कोई फैमिली है वो अनाथ है , अगर वो मर चुकी है तो क्या हमारे घर में "दिया की कोई भूत है .... वही तो मैं भी सोच रहा हूं 10 साल कुछ होता है इनफॉर्मशन के हिसाब से दिया 15 साल की थी तभी एक्सीडेंड में उसकी मौत हो गई थी । बचपन से ही वो अनाथ थी । तो वो 10 साल तक थी कहा और हमे जिस हालत में मिली है उसके हिसाब से इसकी शादी होने वाली थी ।....राहुल ने टेबल पर अपने फिंगर को टैब करते हुए कहा ।
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अब तक
अमन ने परेशान होते हुए कहा ... इस फाइल के हिसाब से दिया 10 साल पहले ही मर चुकी है , और न उसकी कोई फैमिली है वो अनाथ है , अगर वो मर चुकी है तो क्या हमारे घर में "दिया की कोई भूत है .... वही तो मैं भी सोच रहा हूं 10 साल कुछ होता है इनफॉर्मशन के हिसाब से दिया 15 साल की थी तभी एक्सीडेंड में उसकी मौत हो गई थी । बचपन से ही वो अनाथ थी । तो वो 10 साल तक थी कहा और हमे जिस हालत में मिली है उसके हिसाब से इसकी शादी होने वाली थी ।....राहुल ने टेबल पर अपने फिंगर को टैब करते हुए कहा ।
अब आग
ऐसा भी तो हो सकता है किसी ने उसको मरा बोल कर उससे शादी करना चाहता हो और वो मौका देख कर भाग गई हो , और जब से वो हमारे घर पर आई है तब से एक चीज कॉमन है कि उसे खाने के लिए दिया नही जाता था तभी तो , किस तरह से खाने पर मर रही थी । और जब दादा जी ने कहा तो वो डर गई थी ।.... अमन ने वैभव की तरफ देखते हुए कहा ।
क्यू सुबह कुछ हुआ था क्या ? राहुल ने अमन से पूछा ... राहुल के जाने के बाद जो कुछ हुआ था उसके सब बता दिया ।
तभी राहुल ने कुछ सोचते हुए कहा ... जैसा लोगो को दिखाया जा रहा है वैसा कुछ है नही दाल पूरी काली लग रही है ।
हां मुझे भी लगता है ... अमन ने कहा ।
वैभव ने दोनो की तरफ देखते हुए कहा ।राहुल तुम एक बार फिर से चेक करो सारी चीजे कुछ भी मिस होना नही चाहिए ... पहले वो किस अनाथायल रहती थी उसका पता करो वहा से कुछ तो मिले ... कोई तो है जो नही चाहता की हमे उसके बारे में कुछ पता चले ।
वैभव ने अमन से कहा। तुम दिया पर नजर रखो.. वरन को तुमने पहले ही ये काम दे रखा है ...तो वही मुझे क्यू?... अमन ने कन्फ्यूज होते हुए पूछा .... हां मैंने कहा है पर तुम तो उसकी हरकतें जानते ही हो न ... वैभव ने चेयर से उठते हुए कहा और जाके विंडो के पास खड़ा हो गया ... जहां से पूरा भोपाल शहर दिखाई दे रहा था ।
राहुल फाइल लेके बाहर चला जाता है ... अमन वैभव के बगल में खड़ा हो जाता है ... जो भी हो उस लड़की के बारे में मुझे नही पता पर वो बहुत मासूम है उसका फेस देख कर ये कोई भी कह सकता है हो सकता ही उसके साथ कुछ गलत हुआ हो ... वैभव के कंधे पर हांथ रख कर कैबिन से बाहर चला जाता है ।
वैभव अभी भी खिड़की के बाहर ही देख रहा था उसके माइंड में बार बार दिया का उदास फेस ही आ रहा था ।
वही दूसरी तरफ... दिया गार्डन में इतने सारे फूलों को देख कर खुश हो गई थी कभी उनके साथ फोटो क्लिक करवाती नही तो उन्हे अपने बालो में तोड़ कर लगा लेती इस सब से वो ज्यादा थक गई थी , कब नीद आ गई उसे पता ही नही चला और वो वही सो गई ।
राठौर मेंशन के सामने 5_6 गाड़िया आके रुकती है बीच वाली कार का गेट खोल कर एक आदमी बाहर आता है और पीछे का गेट खिलता है ... ब्लू कलर के 3 पीस सूट में एक लड़का बाहर आता है आंखो पर गोगल्स लगा हुआ था ।
बगल में दो लड़के और खड़े थे ... सभी एक साथ मेंशन के अंदर चले जाते है ... वैभव , राहुल और अमन जैसे ही अंदर आते है वहा का माहौल देख कर सब डर जाते है ... घर के अंदर पूरा अफरा तफ़री मची थी ... सारे नौकर इधर से उधर भाग रहे थे वरन और बीना जी रो रहे थे ... दादाजी वरन को और वंश अपनी पत्नि को शांत करा रहे थे ।
वरन ने रोते हुए कहा... भाई वो मिल नही रही है ।
इतना सुनते ही वैभव की आंखे सक्त हो जाती है ... मिल लगी रही है इसे क्या मतलब है ... अमन ने अंदर आते हुए कहा ।
सब लोग अंदर चले जाते है ... बीना जी , ने वैभव को देखा तो वो सोफे से खड़ी हो गई और इसके पास जा के कहा ... "दिया ,गार्डन में ही थी ।।।फिर पता नही अचानक से वो कहा गायब हो गई ... हमने पूरा गार्डन और घर ढूंढ लिया पर वो कही नही मिली ... गार्ड ने बाहर जाते हुए भी नही देखा और न ही अंदर किसी को आते हुऐ... मुझे समझ नही आ रहा है वो कहा जा सकती है ।
आप इतना परेशान मत होइए ... जल्दी मिल जायेगी वो ... वंश ने, बीना जी के कंधे पर अपना हांथ रखते हुए कहा ।
वैभव ने cc tv फुटेज देखने चला गया ... अमन , राहुल , वरन , और वंश , बीना भी उनके पीछे चले गए ।
दादा जी को इस बारे में कुछ नही बताया गया था ।
उन्हे पहले से हार्ट की प्रॉबलम थी।।। इस वजह से कोई भी उनको कानो कान खबर नहीं होने दिया गया ।
सब लोग काफी ध्यान से फुटेज देख रहे थे , वीडियो के एक जगह पर सब की नजर पड़ जाती है ... सब साथ में ही गार्डन की तरफ चले जाते है ।
गार्डन काफी बड़ा था ... यहां कई सारे प्लांट लगे हुए थे कुछ तो झाड़ियों की तरह थी ... दिखने में जितना खूबसूरत था उतना खतरा रहता था ... कई सारे छोटे छोटे जानवर आ कर वहा चूपा करते थे ।
इस लिए इन झाड़ियों के आस पास रोज साफ होती थी... जिससे कोई भी यहआए ।।।।तो उसे कोई प्राइबल्म न हो क्यू की वो झाड़ियां इतनी खूबसूरत थी की हर कोई उसके पास आता ही था ।
वीडियो में सब लोगो ने "दिया को उन्ही झाड़ियों के पास जाते हुए देखा था ... इस लिए बीना देरी किए सब un झाड़ियों के पास पहुंचते ही "बीना जी की आंखो में आंसु आ जाते है।
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अब तक
इस लिए इन झाड़ियों के आस पास रोज साफ होती थी... जिससे कोई भी यहआए ।।।।तो उसे कोई प्राइबल्म न हो क्यू की वो झाड़ियां इतनी खूबसूरत थी की हर कोई उसके पास आता ही था ।
वीडियो में सब लोगो ने "दिया को उन्ही झाड़ियों के पास जाते हुए देखा था ... इस लिए बीना देरी किए सब un झाड़ियों के पास पहुंचते ही "बीना जी की आंखो में आंसु आ जाते है।
अब आग
दिया झाड़ियों के पीछे सो रही थी ... पर नीद में होते हुए भी वो काफी ज्यादा रो रही थी ... पूरी बॉडी पसीने से भीगी थी ... दादा जी मैने कुछ नही किया है ... Plz... मुझे मत मरिए मुझे दर्द हो रहा है ..दिया नीद में बस बडबडा ते हुए रो रही थी ।
दिया की ऐसे हालत देख कर सब को बहुत बुरा लग रहा था ... सुबह दादा जी से दिया इतना घबरा क्यू रही थी ।।।उसकी वजह अब सब के सामने था ... अमन जैसे ही अपने कदम दिया की तरफ बढ़ाया था कि तभी वैभव को देख कर कर शॉक्ड था ।
किसी को इस बात का अंदाजा बिलकुल भी नहीं था कि वैभव "दिया को अपनी बाहों में उठाएगा ... बस सब लोग वैभव को जाते हुए देख रहे थे , जिसके बाहों में एक खूबसूरत सी लडकी थी ।
dr.. दिया का चेकअप कर रहे थे और वही सारे फैमिली मेंबर खड़े थे ... अमन ने आगे बढ़ते हुए dr. से पूछा ...अर्ध क्या वो ठीक है कोई सीरियस प्रोब्लम तो नही है ( dr. अर्ध हार्ट सर्जन , अमन का कजन है ) ... अर्ध ने सब को एक नजर देखा और कमरे के बाहर चला गया उसके पीछे पीछे अमन, राहुल और वैभव भी बाहर आ गए ... अब सारे लोग हॉल में बैठे हुए थे ।
वाही दिया के पास बीना जी रुक गई थी ... कुछ घंटों में ही दिया ने सभी घर वाले का दिल जीत लिया था ... ज्यादा तो बीना , वंश और वरन से लगाव हो गया था ।
और कुछ लोग घर के बाहर थे ... और दादा जी सुबह से अपने कमरे में थे ।... हॉल में सब एक साथ बैठ कर अर्ध के बोलने का वेट कर रहे थे ।
पर अर्ध के मुंह से कुछ न निकलते देख अमन ने पैनिक होते हुए कहा ... क्या अब तुम हम सब को यहां बस घूरने के लिए बुलाया है ? ...कुछ बोल भी यार अब ... अमन ने झल्लाते हुए कहा ।
अर्ध ने एक गहरी सांस लिया फिर बोलना शुरू किया ... जैसे जैसे वो अपनी बाते बोल रहा था वैसे अमन और राहुल को काफी बुरा लग रहा था ।।। दिया के लिए ।।।।पर वही वैभव बीना कोई भाव के सारे बाते सुन रहा था ।
वैभव का दिल आज काफी बेचैन हो गया था... अर्ध ने अपनी बात खतम कर के सोफे से खड़ा हुआ और तीनो की तरफ देखते हुए कहा ... मैं बस अंदाजे से बस इतना ही बता सकता हूं .. एक्जेक्ट उसके साथ हुआ क्या है वो सारे टेस्ट होने के बाद ही पता चलेगा ।
उसका ध्यान रखना अब मैं चलता हूं अर्ध अपना बैग लेके बाहर जाने लगता है तभी अमन ने उसके बैग लेते हुए कहा ।।।चल मैं तुझे बाहर तक छोड़ देता हूं ... अर्ध ने कुछ नही कहा क्यू की वो जनता था अमन को उससे कोई बात करनी है इसी लिए वो उसके साथ बाहर तक जा रहा है नही तो अमन किसी को पर्सन छोड़ने जाए ऐसा कभी नहीं हो सकता है ।
अमन ने अर्ध की तरफ देखते हुए कहा.... क्या वो कभी ठीक नहीं हो सकती है ?.... अर्ध ने उसे परेशान होते देखा तो... क्या हुआ तुम इस लड़की के लिए इतना परेशान क्यू हो रहे हो ? ... हमे नही पता है उसके साथ क्या हुआ है पर जो भी है बहुत बुरा है ।
अर्ध ने अमन के कंधो पर अपना हांथ रखते हुए कहा ।
नही ऐसी कोई बात नही है बस मुझे उसके लिए काफी बुरा लग रहा है ... वो काफी मासूम है बस इस लिए ... सच में क्या बस यही वजह है अर्ध ने अपनी एक आईब्रो उठाते हुए कहा ... अमन ने बस हां में अपना सिर हिला दिया ।
इतना कह कर अर्ध हॉस्पिटल के लिए निकल जाता है आज उसकी एक सर्जरी थी ... अमन ने जल्दी से राठौर मेंशन आने को कहा था।।। तो वो अपने सारे काम छोड़ कर आ गया था उसे लगा दादा जी की तबियत फिर से ज्यादा खराब हो गई है ।
अमन हॉल से होते हुए सीधा दिया के कमरे में चला जाता है ... राहुल ने उसे काफी आवाज दी पर उसे सुनाई नही दिया वो तो अर्ध की उन्ही बातो पर ध्यान था वो कुछ टाइम पहले उसने कहा था ... कि वो।दिया के बारे में इतना सोचता क्यू है ? ....सोचते हुए वो कब दिया के कमरे तक पहुंच गया उसे खुद पता नही चला ... कमरे के बाहर ही उसके कदम रुक गए उसके पीछे पीछे तब तक राहुल भी कमरे तक आ गया था ।
दोनो ने जब कमरे में देखा तो उन्हे कुछ समझ नही आ रहा था ये हो क्या रहा है ? ... दिया का सिर वैभव के गोद में था और वही वैभव का हांथ उसके सिर पर दोनो को यकीन नहीं हो रहा था कि वो लोग कभी ऐसा भी नज़ारा देखेंगे।
दोनो एक नज़र कमरे को देखा कर बाहर गार्डन की तरफ चले जाते है दोनो ने एक शब्द नही बोला था बस चांद को देख रहे थे ... रात काफी ज्यादा हो गई थी किसी ने कुछ नही खाया था दादा जी को कुछ पता न चले इस लिए आज उनका डिनर कमरे में ही गया था ।
दूसरी तरफ काफी देर हो गया था लेकिन फिर भी दिया वैसे ही लेटी थी उसे काफी अच्छा लग रहा था .... वैभव ने कुछ नही कहा था ... जब से अर्ध ने उसकी कंडीसन बताई थी .... वो काफी दुखी हो गया था ।
अर्ध की बातो को सोचने में वैभव खुद को रोक नही पा रहा था ।...
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दूसरी तरफ काफी देर हो गया था लेकिन फिर भी दिया वैसे ही लेटी थी उसे काफी अच्छा लग रहा था .... वैभव ने कुछ नही कहा था ... जब से अर्ध ने उसकी कंडीसन बताई थी .... वो काफी दुखी हो गया था ।
अर्ध की बातो को सोचने में वैभव खुद को रोक नही पा रहा था ।...
अब आग
फ्लैसबैक....
हॉल में सब लोग एक दुसरे के सामने बैठे थे .... अर्ध ने एक गहरी सांस लेके बताना शुरू किया .... सारा टेस्ट होने के बाद ही पता चलेगा की कितने टाइम से वो डिप्रेशन में है उसके दिमाग पर काफी गहरा असर पड़ा है .... काफी बार सायद वो सुसाइड करने की कोशिश कर चुकी है .... उसे खुश रहने की जरूरत है अगर इसी तरह वो परेशान रहेगी तो वो अपना बैलेंस भी खो सकती है यानी वो पागल हो सकती है ... उसे किसी बात का बहुत बड़ा शॉक लगा है इसे वो अभी तक एक्सेप्ट नही कर पा रही है .... जैसे अभी तुम लोगो ने उसके पास्ट के बारे में बताया है इस हिसाब से सायद ये 10 साल से है ... इसका कोई न दवाई है ना कोई इलाज बस अगर वो इन सब चीजों को भुला कर आगे बड़े और भूलने की कोशिश करे तो ठीक हो सकती है ।
"दिया ने जब वैभव को देखा तो उसे कही और खोए हुए पाया .... आप क्या सोच रहे है ...दिया ने वैभव के सामने बैठते हुए कहा ...वैभव जब अपने ख्यालों से बाहर आया तो सामने बैठी लड़की को देखने लग गया जो इस समय ब्लू साड़ी में बेहद खुबसूरत लग रही थी ... वैभव जब कमरे में दिया को देखने आया था तो बेड पर बैठ कर दिया रोए जा रही थी .... उसने जब वैभव को देखा तो उसके गले लग कर रोने लगती वैभव को पता नही था कि कैसे शांत करवाना है ... प्यार से उसकी पीठ को सहला रहा था ।
वैभव के दिमाग में अर्ध की बाते घूमने लगी तो दिया के पास जाके बेड के किनारे पर बैठ गए ... अचानक से दिया ने अपना सिर वैभव के गोद में रख दिया ... वैभव का दिल काफी तेज धड़क रहा था ....उसके हांथ कब दिया के सिर पर चले गए पता ही नही चला वो दिया के चेहरे में कही खो सा गया था ।
मुझे भूख लगी है दिया ने क्यूट सा फेस बनते हुए कहा ... क्या खाओगी ? वैभव ने बेड से उठते हुए कहा ... दिया ने एक नज़र वैभव को देखा और बेड पर खड़ी हो गई ... क्या मैं जो बोलूंगी आप मुझे खाने देंगे? ...दिया ने क्यूरियस होते हुए पूछा।
हां क्यू नही ?... जो तुम्हारा मन करे वो खा सकती हो ... वैभव ने दिया को प्यार से देखते हुए कहा ... इतना सुनते ही दिया खुश होकर बेड पर कूदने लगती है ... वैभव ने दिया का हांथ पकड़ कर नीचे खड़ा करते हुए कहा ... कूदना बंद करो चलो नीचे खाने के लिए .... इतना बोल कर वो आगे बड़ जाता है पर जब अहसास हुआ की पीछे कोई आ नही रहा है तो पीछे पलट कर देखा "दिया उसे जगह पर खड़ी थी .... क्या हुआ तुम चल क्यू नही रही हो ?
वैभव ने दिया के पास आते हुए पूछा .... क्या सब लोग डिनर कर चुके है ? ... "दिया ने वैभव के पास आते हुए कहा ... दिया को अपने इतने पास देख कर वैभव ने अपने कदम पीछे ले लिए ... और दिया की तरफ ध्यान से देखने लगा ...
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दिया ने जब वैभव को देखा तो उसे कही और खोए हुए पाया .... आप क्या सोच रहे है ...दिया ने वैभव के सामने बैठते हुए कहा ...वैभव जब अपने ख्यालों से बाहर आया तो सामने बैठी लड़की को देखने लग गया जो इस समय ब्लू साड़ी में बेहद खुबसूरत लग रही थी ... वैभव जब कमरे में दिया को देखने आया था तो बेड पर बैठ कर दिया रोए जा रही थी .... उसने जब वैभव को देखा तो उसके गले लग कर रोने लगती वैभव को पता नही था कि कैसे शांत करवाना है ... प्यार से उसकी पीठ को सहला रहा था ।
वैभव के दिमाग में अर्ध की बाते घूमने लगी तो दिया के पास जाके बेड के किनारे पर बैठ गए ... अचानक से दिया ने अपना सिर वैभव के गोद में रख दिया ... वैभव का दिल काफी तेज धड़क रहा था ....उसके हांथ कब दिया के सिर पर चले गए पता ही नही चला वो दिया के चेहरे में कही खो सा गया था ।
मुझे भूख लगी है दिया ने क्यूट सा फेस बनते हुए कहा ... क्या खाओगी ? वैभव ने बेड से उठते हुए कहा ... दिया ने एक नज़र वैभव को देखा और बेड पर खड़ी हो गई ... क्या मैं जो बोलूंगी आप मुझे खाने देंगे? ...दिया ने क्यूरियस होते हुए पूछा।
हां क्यू नही ?... जो तुम्हारा मन करे वो खा सकती हो ... वैभव ने दिया को प्यार से देखते हुए कहा ... इतना सुनते ही दिया खुश होकर बेड पर कूदने लगती है ... वैभव ने दिया का हांथ पकड़ कर नीचे खड़ा करते हुए कहा ... कूदना बंद करो चलो नीचे खाने के लिए .... इतना बोल कर वो आगे बड़ जाता है पर जब अहसास हुआ की पीछे कोई आ नही रहा है तो पीछे पलट कर देखा "दिया उसे जगह पर खड़ी थी .... क्या हुआ तुम चल क्यू नही रही हो ?
वैभव ने दिया के पास आते हुए पूछा .... क्या सब लोग डिनर कर चुके है ? ... "दिया ने वैभव के पास आते हुए कहा ... दिया को अपने इतने पास देख कर वैभव ने अपने कदम पीछे ले लिए ... और दिया की तरफ ध्यान से देखने लगा ...
तुम बार बार मेरे पास आने की कोशिस क्यू कर रही हो ?.... वैभव ने दिया को देखते हुए सोचा .... क्या हुआ आप कुछ बोल नहीं रहे है ? .... दिया ने वैभव की तरफ कन्फ्यूज होते हुए पूछा ।
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To Be Continued...
अब तक
वैभव ने दिया के पास आते हुए पूछा .... क्या सब लोग डिनर कर चुके है ? ... "दिया ने वैभव के पास आते हुए कहा ... दिया को अपने इतने पास देख कर वैभव ने अपने कदम पीछे ले लिए ... और दिया की तरफ ध्यान से देखने लगा ...
तुम बार बार मेरे पास आने की कोशिस क्यू कर रही हो ?.... वैभव ने दिया को देखते हुए सोचा .... क्या हुआ आप कुछ बोल नहीं रहे है ? .... दिया ने वैभव की तरफ कन्फ्यूज होते हुए पूछा ।
अब आगे
वैभव ने दिया से कहा।।। नही अभी किसी ने नहीं खाया है ।।।तुम चलो सब आजाएंगे।।।।दोनो साथ में ही खाने के टेबल पर जा के बैठ जाते है ।।।।
वैभव ने सर्वेंट से कह कर सब को डिनर के लिए बुलाने को कहा ।।।।एक एक कर के सब टेबल पर एक बैठ जाते है ।
दियू क्या तुम ठीक हो ... वरन ने कहा ।।।सब वरन को ऊपर से लेके नीचे तक देखने लग गए ।।।। दियू.... अमन ने वरन की तरफ देखते हुए कहा ।।।।
हां प्यार से वरन भाई मुझे दियु बुलाते है .... ये कब हुआ ।।।राहुल ने पूछा ।।।।सुबह ही जब आप लोग घर पर नहीं थे ।।।।दिया ने जवाब दिया ।।।।
ना रहने पर अभी पता नही क्या क्या होगा ।।।। वैभव ने अपना सिर हिलाते हुए कहा ।।।।
दियू तुम उन झाड़ियों में क्यू सो रही थी घर में आके सोना चाहिए था न ।।।वरन ने अपनी प्लेट में सर्व करते हुए कहा ।।।। वरु भाई आप ने बोला था कि आप थोड़ी देर में आने वाले है तो मैं आप का वेट कर रही थी पता नही मुझे कब नीद आई हैं मैं वही सो गई ।।।।।
वरु भाई ।।। राहुल और अमन ने एक साथ कहा और एक दूसरे को देखने लगे ।।।।।ये क्या क्या हो रहा है ।।।तुम दोनो इतना क्लोज हो गए हमे पता ही नही चला ।।।।अमन ने अपनी एक ईब्रो उठाते हुए कहा ।।।।।
वरन ने धीरे से अमन के कानो में कहा ।।।।अब भाई नजर रखनी है तो थोडा तो क्लोज आना तो बनता है न ।।।।अमन ने घूर कर देखा जैसे कहना चाहता हो ।।।।इन सब की इतनी जरूरत नहीं है समझे ।।।।
क्या हुआ भाई आप ऐसे घूर क्यू रहे है ।।।।दिया ने अमन की तरफ देखते हुए कहा ।।।।दिया का भाई बोलते ही अमन जो अभी पानी पी ही रहा था सारा पानी उसके गले में ही अटक जाती है और वो जोर जोर से खांसने लगता है ।।।।
कोई नहीं कभी कभी होता है ये नही तो कोई और मिल जायेगी तुझे ।।।।राहुल ने पीठ सहलाते हुए कहा ।।।वैभव और राहुल ने पहले एक दूसरे को देखा ।।।फिर दोनो नीचे सिर कर के मुस्कुराने लगते है ।।।
और वही बाकियों को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि इन लड़कों के बीच में चल क्या रहा है ।।।।
दिया ने अमन की तरफ देखते हुए पूछा क्या मैं आप को भाई बुलाऊं तो कोई प्रॉबलम तो नही होगी ना ।।।अमन ने बस अपना न में सिर हिला दिया और खाने लगा ।।।।पर अचानक से उसके दिमाग में कुछ आया और वो अपना सिर ऊपर कर के "दिया को देखने लगा ।।।।
दिया को जब खुद के ऊपर किसी की नजर महसूस हुई तो उसने अपना सिर ऊपर करके देखा तो अमन ही मुस्कुराते हुए उसे घूर रहा था ।।।
क्या हुआ आप मुझे घूर क्यू रहे है ।।।दिया ने पूछा ।।।।अमन ने कहा ।।।।कुछ नही मैं सोचा रहा था कि तुम अभी 25 साल की हो तो यह पर सब तुमसे बड़े है न ।।।दिया ने बस हां में अपना सिर हिला दिया ।।।।तो मैं क्या कह रहा था क्यू ना तुम हम चारो को भाई बोलो।।।। इतना सुनते ही राहुल और वैभव ने घूर के देखा ।।।।अमन ने बस अपनी दांत दिखा दी ।।।।
क्या तुम्हे कोई प्रॉबलम है बोलने में ।।।दिया ने बस न में अपना सिर हिला दिया ।।।।तो चलो एक बार सब को।भाई बोलो ।।।अमन ने खुश होते हुए कहा ।।।।दिया ने एक बार राहुल और वैभव को देखा जो पहले से उसी को घूर रहे थे ।।।।।
दिया तो वरन को पहले से ही भाई बोलती थी ।।। और अमन को तो अभी बोला था बस राहुल और वैभव बचे थे ।।।।उसने पहले राहुल को देखा और कहा ।।। रेहू भाई ।।।।और आप अमु भाई ।।।।दिया ने राहुल और अमन की तरफ देखते हुए कहा ।।।।राहुल ने कन्फ्यूज होते हुए दिया से पूछा ।।।तुम हमे शॉर्ट फॉम में क्यू बुला रही हो ? ।।।।
वो क्या है ? ना इतने बड़े नाम लेने में बोरिंग लगते है ।।। इस लिए मैंने शॉर्ट में बोल दिया।।।। क्या आप लोगो को अच्छा नहीं लगा ? ।।।दिया ने मासूम सा सकल बनते हुए पूछा ।।।नही हमे अच्छा लगा काफी अच्छा नाम है ।।। दोनो ने साथ में कहा ।।।।
तब ठीक है ।।।।इतना बोल कर दिया खाने लगती है आज उसकी फेब्रेट गाजर का हलवा जो बना था ।।।।दिया को इस्पाइसी खाना ज्यादा पसंद है इस लिए आपने लिए उसने यही सब बनवाया था ।।।।।
अरे तुमने तो वैभव को भाई बोला ही नहीं।।।।अमन ने झूठा मुठा नाराज़ होते हुए कहा ।।।।
दिया ने पहले अमन को।देखा फिर वैभव की तरफ जो अपनी लाल आंखो से उसे हि घुर रहा था पहले से ही ।।।।तुमने अगर मुझे भाई बोला ना तो मैं तुम्हे इस घर से अभी बाहर फेंक दूंगा समझी तुम ।।।।आंखो से ही दिया को वार्निग मिल रही थी भाई न बोलने के लिए ।।।।।
दिया ने कुछ नही कहा और खाने लगी उसे पता था अगर वो अब कुछ कहा तो सच में वो घर से बाहर होगी अभी वो घर से बाहर जाना नही चाहती है ।।।। उसे इस घर में रहना है ।।।।वो भी 3 महीने तक ।।।।उसके बाद वो अपने घर खुद ही चली जायेगी ।।।।पहले तो यह पर वो रुकना नही चाहती थी उसे डर था कि यहां के लोग कैसे है पर थोड़ी देर में सब उसके अपने लगने लगे थे ।।।।इस लिए उसने डिसाइड किया की वो यही 3 महीने कैसे भी कर के यही रहेगी ।।।।इस लिए उसे बच कर रहना है ।।।।।
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अब तक
दिया ने कुछ नही कहा और खाने लगी उसे पता था अगर वो अब कुछ कहा तो सच में वो घर से बाहर होगी अभी वो घर से बाहर जाना नही चाहती है ।।।। उसे इस घर में रहना है ।।।।वो भी 3 महीने तक ।।।।उसके बाद वो अपने घर खुद ही चली जायेगी ।।।।पहले तो यह पर वो रुकना नही चाहती थी उसे डर था कि यहां के लोग कैसे है पर थोड़ी देर में सब उसके अपने लगने लगे थे ।।।।इस लिए उसने डिसाइड किया की वो यही 3 महीने कैसे भी कर के यही रहेगी ।।।।इस लिए उसे बच कर रहना है ।।।।।
अब आग
अमन ने "दिया को कुछ बोलते नही देखा तो उसने कुछ नहीं कहा और खाने लगा ।।।।।अमन और राहुल को दिया का भाई बोलना बुरा नही लगा बल्कि अंदर ही अंदर ही काफी खुशी हुई है ।।। वो दोनो समझ नही पा रहे है दिया से इतना लगाव क्यू होता है ।।।उसे न वो कभी मिले है न कभी देखा है बस एक दूसरे का दर्द और खुशी महसूस कर सकते है ।।।।
सब ने अपना अपना डिनर किया और थोड़ी देर तक हॉल में बैठ कर बाते करे उसके बाद अब अपने अपने कमरे में सोने चले गए ।।।।।
काफी रात हो गई थी ।।।तीनो लडको की आंखो में नीद कही नही था ।।।बस सब अपने अपने ख्यालों में गुम थे ।।।।
जहां अमन ये सोच रहा था कि वो दिया को काफी टाइम से जनता है वो पहले मिल चुके है ।।।और वही राहुल भी यही सोच रहा था की वो दिया से कहा मिला है ।।।।जब से उसने देखा था वो यही याद करने की कोशिश करता की दिया को।कहा देखा है ।।।।
और वही दूसरी तरफ वैभव किसी और ही ख्याल में था उसे तो बस एक बार दिया को देखने का मन।था ।।।।पता नही पर ऐसा लग रहा था की वो अभी दर्द में है पर एक तरफ दिमाग कर रहा था कि दूर रहने में ही भलाई है ।।।।।
ऐसे किसी के पास जाना सही नही है ।।।। पर बार दिल कर रहा था जाने के लिए थक हार कर लास्ट में जाने का ही सोचा की बस देख कर वापस आ जाऊंगा ।।।।
देखने का ख्याल अमन और राहुल भी आया इस लिए ।।।।तीनो अपने अपने कमरे से बाहर निकल कर दिया के कमरे की तरफ बड़ गए ।।।।अचानक से तीनो एक दूसरे के आमने सामने आए तो एक दूसरे को देखने लगे ।।।।
तीनो समझ गए थे की वो लोग जा कहा रहे है ।।।पर किसी ने कुछ नही कहा ।।।। तीनो लड़के दिया के कमरे की तरफ बड़ गए ।।।। जैसे ही वो लोग कमरे के अंदर पहुंचे किसी के रोने की आवाज आ रही थी ।।।।
तीनो घबरा कर एक दूसरे को देखने लगे ।।।। पुरे रूम में देखा तो कोई नही था ।।।।आवाज की दिशा में गए तो दिया अलमीरा के पीछे बैठ कर रो रही थी।।।।
दोनो घुटने के बीच में अपना सिर छिपा कर जोर जोर से रो रही थी ।।।।
क्या हुआ तुम ऐसे हो क्यू रही हो .... अमन ने पैनिक होते हुए पूछा ।।।।दिया ने जब किसी की आवाज सुनी तो अपना सर ऊपर करके देखा तो उसके सामने तीन हैंडसैम लड़के खड़े थे ।।।।
दिया की आंखे पूरी लाल हो गई थी ये देख कर कोई भी बता सकता था कि वो काफी देर से रो रही है ।।। राहुल ने दिया को उठाते हुए कहा क्या हुआ है तुम इतना क्यू रो रही हो ? क्या कोई प्रोब्लम है तो हमे बताओ।।।।
राहुल ने काउच पर बैठते हुए पूछा ।।।।वैभव बस दोनो को इस तरह से देख रहा था ।।।।पता नही इन दोनो का दिया के पास होना उसे अच्छा नहीं लग रहा था ।।।।थे तो तीनो दोस्त ही ।।।।पर इस बार वैभव के मन में कुछ अलग ही था ।।।।
दिया ने पहले तीनो लड़को को देखा फिर कहा ।।।मेरे पेट में दर्द हो रहा है ।।।। रुवासी आवाज में कहा ।।।
जब इतना खाओगी तो यही होगा न ।।।एक सक्त आवाज दिया के कानो में पड़ी ।।।देखा तो वैभव ने उसे घूरते हुए कहा ।।।।
दिया ने अपने सिर नीचे कर लिए ।।।और रोते हुए कहा ।।।। हां मुझे पता है मैने आज ज्यादा खा लिया है मुझे लगा आप लोग मुझे मेरे घर पर छोड़ देंगे तो फिर से मुझे खाना नही मिलेगा तो मैने सोचा मैं पहले से ही खा लेती हूं जब तक मुझे मिलेगा नही तो मैं भूखी नही रहूंगी ।।।।नही तो दो तीन दिन हो जाते है दादा जी मुझे कुछ खाने नही देते है ।।।।जब मैं ज्यादा रोने लगती हूं तो वो मुझे मिर्ची से भरे खाने को मुझे देते है तो मैं ठीक से खा नही पाती।।।।।
इस लिए मैंने जब आज इतना सारा देखा तो मेरा मन ही नही किया मैं किसी चीज को छोडूं ।।।दिया ने सिसकी लेते हुए कहा ।।।।
जब किसी ने कुछ नही कहा तो ।।।।दिया ने अपना सिर ऊपर कर के कहा ।।।मुझे अपनी बहुत दर्द हो रहा है ।।।।
जहा तीनो अभी मन में दिया के दादाजी को मारने का प्लान बना रहे थे ।।। वही जब दिया ने कहा तो तीनो अपने ख्यालों से बाहर आते ।।।।
राहुल ने दिया को खाने के लिए अर्ध से पूछ कर एक पेंकिलर दिया और उसे सोने को कह के कमरे के बाहर चले गए ।।।।
अपनी अपनी सोच में ही तीनो अपने कमरे में चले जाते है ।।।।जैसे ही पेट के दर्द में आराम मिला" दिया गहरी नीद में चली गई ।।।।उसे पता ही नही चला की उसके कमरे में एक परछाई उसे घूर रही है ।।।।
और वही दूसरी तरफ किसी के आंखो मे नीद का एक कतरा भी नही था किसी को पता ही नही चला ख्यालों में रहते ही कब सुबह हो गई ।।।।।।
राहुल ने काउच पर पर बैठते हुए पूछा ।।।।वैभव बस दोनो को इस तरह से देख रहा था ।।।।पता नही इन दोनो का दिया के पास होना उसे अच्छा नहीं लग रहा था ।।।।थे तो तीनो दोस्त ही ।।।।पर इस बार वैभव के मन में कुछ अलग ही था ।।।।
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अब तक
अपनी अपनी सोच में ही तीनो अपने कमरे में चले जाते है ।।।।जैसे ही पेट के दर्द में आराम मिला" दिया गहरी नीद में चली गई ।।।।उसे पता ही नही चला की उसके कमरे में एक परछाई उसे घूर रही है ।।।।
और वही दूसरी तरफ किसी के आंखो मे नीद का एक कतरा भी नही था किसी को पता ही नही चला ख्यालों में रहते ही कब सुबह हो गई ।।।।।।
राहुल ने काउच पर पर बैठते हुए पूछा ।।।।वैभव बस दोनो को इस तरह से देख रहा था ।।।।पता नही इन दोनो का दिया के पास होना उसे अच्छा नहीं लग रहा था ।।।।थे तो तीनो दोस्त ही ।।।।पर इस बार वैभव के मन में कुछ अलग ही था ।।।।
अब आग
दिया ने पहले तीनो लड़को को देखा फिर कहा ।।।मेरे पेट में दर्द हो रहा है ।।।। रुवासी आवाज में कहा ।।।
जब इतना खाओगी तो यही होगा न ।।।एक सक्त आवाज दिया के कानो में पड़ी ।।।देखा तो वैभव ने उसे घूरते हुए कहा ।।।।
दिया ने अपने सिर नीचे कर लिए ।।।और रोते हुए कहा ।।।। हां मुझे पता है मैने आज ज्यादा खा लिया है मुझे लगा आप लोग मुझे मेरे घर पर छोड़ देंगे तो फिर से मुझे खाना नही मिलेगा तो मैने सोचा मैं पहले से ही खा लेती हूं जब तक मुझे मिलेगा नही तो मैं भूखी नही रहूंगी ।।।।नही तो दो तीन दिन हो जाते है दादा जी मुझे कुछ खाने नही देते है ।।।।जब मैं ज्यादा रोने लगती हूं तो वो मुझे मिर्ची से भरे खाने को मुझे देते है तो मैं ठीक से खा नही पाती।।।।।
इस लिए मैंने जब आज इतना सारा देखा तो मेरा मन ही नही किया मैं किसी चीज को छोडूं ।।।दिया ने सिसकी लेते हुए कहा ।।।।
जब किसी ने कुछ नही कहा तो ।।।।दिया ने अपना सिर ऊपर कर के कहा ।।।मुझे अपनी बहुत दर्द हो रहा है ।।।।
जहा तीनो अभी मन में दिया के दादाजी को मारने का प्लान बना रहे थे ।।। वही जब दिया ने कहा तो तीनो अपने ख्यालों से बाहर आते ।।।।
राहुल ने दिया को खाने के लिए अर्ध से पूछ कर एक पेंकिलर दिया और उसे सोने को कह के कमरे के बाहर चले गए ।।।।
अपनी अपनी सोच में ही तीनो अपने कमरे में चले जाते है ।।।।जैसे ही पेट के दर्द में आराम मिला दिया गहरी नीद में चली गई ।।।।उसे पता ही नही चला की उसके कमरे में एक परछाई उसे घूर रही है ।।।।
और वही दूसरी तरफ किसी के आंखो मे नीद का एक कतरा भी नही था किसी को पता ही नही चला ख्यालों में रहते ही कब सुबह हो गई ।।।।।।
कमरे की लाइट बिलकुल हल्की थी ।।।खिड़की से बस एक हल्की सी रोशनी" दिया के ऊपर पड़ रही थी ।।।।
एक परछाई धीरे धीरे "दिया की तरफ बढ़ता है ।।।बड़े गौर से वो "दिया को देख रहा था ।।।।चांद की रोशनी में दिया का चेहरा पूरा चमक रहा था कुछ बालो की लट उसके ऊपर पड़ रही थी ।।। जिससे वो और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी ।।।।
वो आदमी धीरे से दिया के चेहरे पे आए हुए लटो को हटाता है ।।।।।और उसे प्यार से देखने लगता है ।।।।।
ऐसा क्या है तुम्मे जो मुझे तुम्हारी तरफ खींचता है ।।।मैं खुद को रोक क्यू नही पता तुम्हे बारे में सोचने से ।।।।वैभव प्यार से दिया के चहरे को देखते हुए कहा।।।।
वैभव अपने कमरे तक गए थे पर फिर वापस दिया को देखने कमरे में आ गए थे ।।।।काफी टाइम तक दिया के बनते बिगड़ते चेहरे को ऐसे ही देखते रहे ।।।। जितना वो खाते टाइम क्यूट लगती है उससे कई ज्यादा रोते टाइम लगती है ।।।एक बार कोई ऐसे हालत में देख ले तो पक्का वो अपना दिल हर जायेगा ।।।।।
ऐसे ही सब की सुबह निकल गई ।।।। सुबह सब फ्रेश होके नीचे एक ब्रेकफास्ट कर के अपने अपने कामों पर निकल गए ।।।। वरन का बस काम दिया को देखना था ।।।।
ऐसे ही 1 महीना निकल गया ।।।।।अब दिया से सब प्यार करने लगे थे और वो कही भी अकेले नहीं जाति थी अमन या वरन के साथ जाती थी ।।।
दादाजी से भी अब काफी दोस्ती हो गई थी ।।।।शाम गार्डन में दिया दादाजी के साथ मिल कर चेस खेला करती थी ।।।।।
पहली बार ये देख कर सब हैरान थे की दिया इतना अच्छा चेस खेलती है ।।।।दादाजी कॉलेज टाइम से चेस के चैंपियन रह चुके है ।।।। आज तक कोई उन्हे हरा नही पाया है ।।।।
पर दिया ने फस्ट टाइम में ही हरा दिया था ।।।।।वो कभी कभी इस तरह से फसा देती थी कि दादाजी कनफ्यूज्ड हो जाते थे ।।।।और वो हर जाते थे सारी गोटी अपना ।।।।
बीना जी और वंश ने अपनी बेटी मान लिया था ।।।। प्रिंसेस की तरफ रहने लगी थी ।।।।किसी को लगता ही नहीं था की वो इस घर की नही है ।।।।
घर से बाहर जाने के लिए डरती थी ।।। वरन हमेशा अपने साथ शॉपिंग पर ले जाया करता था ।।।।
दिया की हेल्थ में भी काफी सुधार हो गया था ।।।।।अर्ध ने सारे टेस्ट किए थे ।।।।दिया की बॉडी पर बहुत सारे पीटने के निशान थे ।।।। पीठ पर , पैरो पर और हाथों पर जलने के भी निशान थे ।।।।
अर्ध ने कुछ ऐसे दवाइयां दी थी जो कुछ महीनो में सारे निशान हल्के हो जायेंगे ।।।।।बस जो हाथों पर जलने के निशान है उन पर कभी कभी काफी ज्यादा जलन होती थी ।।।।।इस बात को सारे फैमिली में ध्यान रखते थे ।।।।
अरे सर्वेंट को बता दिया गया था जब भी दिया को जलन लगे उसे ठंडे पानी में थोड़ी देर रहना है ।।।कभी कभी ज्यादा देर रहने से उसे फेवर हो जाता था ।।।।
वैभव हर रात में एक बार दिया को देखने रोज आता था ।।।।इन महीनो में दिया को इस बात का बिलकुल भी अहसास नही हुआ की कोई उसके कमरे में आता है ।।।।ऐसा नहीं है की वो घोड़ा बेच कर सोचती है ।।।।वैभव आते ही दिया को बेहोश कर देते थे जिससे उसे पता न चले और वो जी भर के देखे ।।।।
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अब तक
अरे सर्वेंट को बता दिया गया था जब भी दिया को जलन लगे उसे ठंडे पानी में थोड़ी देर रहना है ।।।कभी कभी ज्यादा देर रहने से उसे फेवर हो जाता था ।।।।
वैभव हर रात में एक बार दिया को देखने रोज आता था ।।।।इन महीनो में दिया को इस बात का बिलकुल भी अहसास नही हुआ की कोई उसके कमरे में आता है ।।।।ऐसा नहीं है की वो घोड़ा बेच कर सोचती है ।।।।वैभव आते ही दिया को बेहोश कर देते थे जिससे उसे पता न चले और वो जी भर के देखे ।।।।
अब आग
कुछ दिनों से दिया ने खाना बनाना सीख रही थी ।।।जब पहली बार उसने खाना बनाया था तो पूरा किचेन बर्बाद कर दिया था ।।।।ऐसा हाल बना था कि किचेन में महाभारत का युद्ध हुआ हो ।।।।।
उस दिन से बीना जी ने खुद दिया को खाना बनाना सीखा रही थी ।।। दिया को एक डिस बनाने में कम से कम 2 _ 3 दिन लगते थे ऐसा नहीं है वो रोज नही बनती थी ।।।।रोज बनाने के बाद भी कोई न कोई कमी उसमे रह ही जाती थी ।।।।
दिया के हांथ का बना खाना बस वरन , राहुल और अमन को ही टेस्ट करने को मिलता था ।।।।और किसी घर वाले को नही ।।।।
दिया तो बहुत प्यार से अपने भाइयों को अपने हांथ से बना डिनर करवाती थी पर उसे कहा पता ।।। कि उसके खाने को खाने वाले की हालत खराब हो जाती थी ।।।।कभी नामक ज्यादा तो कभी मिर्ची तो कभी कभी न मीठा और न तीखा ।।।।पता ही नही चलता था की वो खाना है या पानी ।।।।कभी तो बिल्कुल भी खाने लायक नही रहता था ।।।।
दिया की खुशी के लिए सभी लोग चुप चाप खा लेते थे ।।।।और वही घर वाले सब तीनो लड़को को देख कर बस मजा लेते थे ।।।।।
ये लड़की हमे भाई के नाम पर चुना लगा रही है ।।।।प्यार से भाई भाई बोल कर अपना ये जहर वाला खाने खिला देती है ।।। वरन ने धीरे से अमन के कानो में कहा ।।।।चुप हो जा अगर उसने सुन लिया न तो पूरा घर सर पर उठा लेगी तो अपनी जिंदगी आज की बर्बाद हो जायेगी ।।।।।अमन ने वरन से कहा ।।।।
अचानक से अमन की चीख निकल जाती है ।।।।सब उसकी तरफ देखने लगते है ।।।।तभी वेद जी ने पूछा क्या हुआ तुम ऐसे चिल्ला क्यू रहे हो ( वेद यानी वैभव के दादा जी का नाम है )
कुछ नही दादू ये थोड़ा ज्यादा खा लिया है ।। राहुल ने अमन की तरफ अपने दांतो को पिसते हुए कहा ।।।।
फिर शांति से सब अपना अपना ब्रेकफास्ट करने लगते है और अपने कामों पर चले जाते है ।।।।
दिया अपने कमरे की बालकनी से गार्डन को देख रही थी जहा पर अलग अलग फ्लावर लगे थे ।।।।। आज काफी ज्यादा गबराहट हो रही थी ।।। उसे लग रहा था कोई उसका अपना किसी मुसीबत में है पर पता नही कोन।।।।।
मेरा तो सब कुछ मुझसे छीन गया है तो अब क्या लेना चाहते हो भगवान जी मैने आप से आज तक कुछ नही मांगा ।।।।अपने मुझे जैसे रखा जो दिया मैने उसे खुशी खुशी अपनी किस्मत समझ कर एक्सेप्ट कर लिया ।।।।।
पर आज मुझे ये घबराहट क्यू? ।।।अब क्या बाकी है होने के लिए ??. ।।।।दिया ने सामने देखते हुए अपने मन में कहा ।। वो बार बार खुद को हाथो से हवा दे रही थी ।।।।ऐसा लग रहा था की उसकी सांस धीमे हो रही है ।।।।
वही दूसरी तरफ ।।।।
एक आलीशान बंगला था जिसमे कई सारे नौकर एक लाइन से खड़े थे ।।।।वही हेड चेयर पर एक 60_65 साल का बूढ़ा आदमी बैठा है ।।।
और उसके पैरो के नीचे एक लड़की का सिर था वो बार बार अपना खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी ।।।। वही थोड़ी ही दूरी पर एक औरत जोर जोर से रोए जा रही थी ।।।।
मालिक plz .... छोड़ दीजिए उसकी कोई गलती नही है जो किया मैने किया है ।।।। आप मुझे जो सज़ा देंगे मुझे मंजूर है ।।।। मालिक वो अभी बच्ची है ।।।।हम पर रहम करिए ।।।।
जो लड़की जमीन पर पड़ी थी वो उस औरत की बेटी थी ।।।जो अभी 24 साल की है ।।।।
दिया अभी भी बाहर की तरफ ही देखे जा रही थी ।।।।।आज बार बार उसे प्रिया का ख्याल आ रहा था ।।।। 1 महीने बाद उसे प्रिया से मिलने का मन कर रहा था ।।।
अभी वो ये सब सोच ही रही थी की तभी अचानक से उसकी नजर कुछ दूरी पर खड़े एक आदमी पर जाती है ।।। उस आदमी को देखते ही "दिया डर से कांपने लगती है ।।। वो पीछे की तरफ जाने लगती है ।।।अचानक से उसके पैर लड़खड़ा जाते है और वो जमीन पर गिर जाती जाती है ।।।।
इस समय वो जैसे सांस लेना हो भूल गई थी ।।।।।काफी लंबी लंबी सांसे ले रही थी।।।।वो अपने कमरे से ऐसे भागी की कोई उसके पीछे जंगली कुत्ते छोड़े हो ।।।।
वो भागते हुए आगे बड़ी जा रही थी और बार बार पीछे देख रही थी जैसे कोई उसके पीछे ही हो ।।।।अचानक से वो।सामने अरे किसी से टकरा जाती है और वही जमीन पर गिरने ही वाली होती है कि तभी किसी की मजबूत हाथों ने उसे थाम लिया था ।।
एक आलीशान बंगला था जिसमे कई सारे नौकर एक लाइन से खड़े थे ।।।।वही हेड चेयर पर एक 60_65 साल का बूढ़ा आदमी बैठा है ।।।
और उसके पैरो के नीचे एक लड़की का सिर था वो बार बार अपना खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी ।।।। वही थोड़ी ही दूरी पर एक औरत जोर जोर से रोए जा रही थी ।।।।
मालिक plz .... छोड़ दीजिए उसकी कोई गलती नही है जो किया मैने किया है ।।।। आप मुझे जो सज़ा देंगे मुझे मंजूर है ।।।। मालिक वो अभी बच्ची है ।।।।हम पर रहम करिए ।।।।
जो लड़की जमीन पर पड़ी थी वो उस औरत की बेटी थी ।।।जो अभी 24 साल की है ।।।।
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अब तक
और उसके पैरो के नीचे एक लड़की का सिर था वो बार बार अपना खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी ।।।। वही थोड़ी ही दूरी पर एक औरत जोर जोर से रोए जा रही थी ।।।।
मालिक plz .... छोड़ दीजिए उसकी कोई गलती नही है जो किया मैने किया है ।।।। आप मुझे जो सज़ा देंगे मुझे मंजूर है ।।।। मालिक वो अभी बच्ची है ।।।।हम पर रहम करिए ।।।।
जो लड़की जमीन पर पड़ी थी वो उस औरत की बेटी थी ।।।जो अभी 24 साल की है ।।।।
अब आग
दिया अभी भी बाहर की तरफ ही देखे जा रही थी ।।।।।आज बार बार उसे प्रिया का ख्याल आ रहा था ।।।। 1 महीने बाद उसे प्रिया से मिलने का मन कर रहा था ।।।
अभी वो ये सब सोच ही रही थी की तभी अचानक से उसकी नजर कुछ दूरी पर खड़े एक आदमी पर जाती है ।।। उस आदमी को देखते ही "दिया डर से कांपने लगती है ।।। वो पीछे की तरफ जाने लगती है ।।।अचानक से उसके पैर लड़खड़ा जाते है और वो जमीन पर गिर जाती जाती है ।।।।
इस समय वो जैसे सांस लेना हो भूल गई थी ।।।।।काफी लंबी लंबी सांसे ले रही थी।।।।वो अपने कमरे से ऐसे भागी की कोई उसके पीछे जंगली कुत्ते छोड़े हो ।।।।
वो भागते हुए आगे बड़ी जा रही थी और बार बार पीछे देख रही थी जैसे कोई उसके पीछे ही हो ।।।।अचानक से वो।सामने अरे किसी से टकरा जाती है और वही जमीन पर गिरने ही वाली होती है कि तभी किसी की मजबूत हाथों ने उसे थाम लिया था ।।
अब आगे।।।।
दिया डर की वजह से अपनी आंखे कस के बंद कर रखा था ।।।जब उसे एहसास हुआ की वो नीचे नही गिरी है तो अपनी आंखे खोल कर देखा आमने वैभव जो पहले से ही उसे काफी ध्यान से देख रहे थे ।।।।।
दोनो एक दूसरे के आंखो में खो से जाते है ।।।।।अचानक से दिया को कुछ याद आता है तो वो सीधे खड़ी होती है ।।।।।
तुम इस तरह से भाग क्यू रही हो ।।।।वैभव ने दिया के पीछे देखते हुए पूछा ।।।।। वो बाहर कोई है जो मुझे देख रहा था उसकी आंखे काफी डरावनी थी।।।।।दिया ने डरते हुए कहा ।।।।।
कहा पर।। वैभव ने पूछा ।।।। गार्डन के बाहर ।।।।दिया ने कहा ।।।।।फिर से वैभव ने पूछा मुझे पूरी बात बताओं क्या हुआ ।।। फिर दिया ने पूरी बात बता दी ।।।।।
वैभव दिया को लेके उसके कमरे में चला जाता है ।।।।।बालकनी में खड़ा होके बाहर देखता है तो कोई नही होता ।।।।दिया डर की वजह से कमरे में ही थी बस वही से इसारा कर के पूछ रही थी ।।।।।क्या वो दिखा।।।।।
वैभव ने पहले डर में खड़ी दिया को देखा उसके बाद बाहर ।।।।।।क्या हुआ आप कुछ बोल क्यू नही रहे हो? ।।।।। दिया ने वैभव के पास आते हुए पूछा ।।।।
वो हमारा ही आदमी है अभी नया आया है न इस लिए तुमने कभी देखा नहीं होगा ।।।।।वैभव ने दिया को अंदर लाते हुए कहा ।।।जो फिर से वैभव के हाथो को पकड़ कर बाहर देखने की कोशिश कर रही थी ।।।
वैभव ने उसे पकड़ कर सोफे पर बैठा कर उसके बगल में आके बैठ गया ।।।।।क्या तुम उस आदमी को जानती हो जिसे तुमने बाहर देखा था ।।।। वैभव ने दिया को बड़े गौर से देखते हुए पूछा ।।।।जिसके सवाल से डर की वजह से दिया के होठ कांप रहे थे ।।।।।।
ना..... नही ... मे....मैने कभी नहीं देखा है मैं तो आज पहली बार देख रही हूं ।।।।बस पता नही क्या ?? आंखे जानी पहचानी लगी है और काफी डरावनी थी इस लिए मैं डर गई ।।।।
दिया ने घबराटते हुए कहा और फिर अपने नाखून चबाने लगी ।।।।।वैभव उसकी हर एक हरकत को नोटिस कर रहे थे ।।। उन्हे पता था की दिया झूठ बोल रही है ।।।।।पर उसने कुछ नही कहा ।।।।
बस चुप चाप से दिया को देखने लगा जो अपने पलके बार बार ऊपर नीचे कर रही थी और कुछ सोचते हुए। ।।।नाखून चबाए जा रही थी ।।।।।
वैभव ने दिया के चीन को पकड़ा और उसके चेहरे को अपने और करीब कर लिया ।।।।मेरी तरफ देखो ।।।।वैभव ने दिया को देखते हुए कहा ।।।।
दिया ने अपनी आंखे खोली तो सीधा वैभव की आंखो से जा मिला ।।।।दिया की धड़कन हवा की तरह काफी तेज चल रही थी ।क्या कोई ऐसे बात है जो तुम मुझे बताना चाहोगी ।।।।वैभव ने दिया से प्यार से पूछा ।।।।।
दिया तो बस वैभव को देखने में ही खो गई थी ।।।।उसे तो कुछ सुनाई ही नही दे रहा था ।।।।।आज पहली बार वो वैभव को इतने पास से देख रही थी ।।।।उसके चेहरे में ही खो सी गई ।।।।
वैभव जो पहले से ही उसके हर हरकत पर नज़र रखी थी ।।।।दिया को खुद को इस तरह से देखना ।।।उसे काफी अच्छा लग रहा था ।।।।वैभव के फेस पर एक प्यारी सी स्माइल आ जाती है ।।।।पर तुरंत ही उसे छिपा लेता है ।।।।।।
क्या हुआ तुम मुझे ऐसे क्यू देख रही हो ।।।।मैं जानता हूं कि काफी हैंडसंम हूं मैं ।।।इस तरफ से देखोगी तो मुझे नजर लग जायेगी ।।।।।वैभव ने शरारती अंदाज में दिया से कहा ।।।।
इतना सुनते ही दिया को जैसे किसी ने उसकी चोरी पकड़ ली हो ।।।।।अरे नही नही मैं आप को थोड़े ना देख रही थी मैं तो बस ऐसे ही वो वो मैं ।।।।।दिया ने घबराते हुए कहा ।।।।
वैभव ने फिर उसके चेहरे के पास आते हुए कहा ।।।। अच्छा मुझे नही देख रही थी तो क्या कर रही थी अभी तक।।।।दोनो का चेहरा इतने पास था की एक दूसरे की सांसे खुद के चेहरे पर महसूस हो रही थी ।।।।
वो वो आप ।।।।दिया ने कहने की कोशिश किया ।।।पर उसकी आवाज आज गले में ही रह गया ।।।।।दिया ने देखा वैभव उसे काफी ध्यान दे देख रहा थे ।।।।वैभव की नजरो का पीछा किया तो उसकी आंखे बड़ी हो गई ।।।।
वैभव चेरी जैसे दिया के होठों को घूर रहा था ।।।।काफी टाइम से उसे अपना गला सूखता हुआ महसूस हो रहा था ।।।।।
~
To Be Continued...
अब तक
वो वो आप ।।।।दिया ने कहने की कोशिश किया ।।।पर उसकी आवाज आज गले में ही रह गया ।।।।।दिया ने देखा वैभव उसे काफी ध्यान दे देख रहा थे ।।।।वैभव की नजरो का पीछा किया तो उसकी आंखे बड़ी हो गई ।।।।
वैभव चेरी जैसे दिया के होठों को घूर रहा था ।।।।काफी टाइम से उसे अपना गला सूखता हुआ महसूस हो रहा था ।।।।।
अब आग
और वही दिया की तो डर से हालत खराब हो रही थी ।।।।वैसे तो वैभव को अपने ऊपर सेल्फकंट्रोल काफी अच्छा है ।।।पर आज दिया के इतने पास होके उसे रुका नहीं जा रहा थे ।।।।
वो धीरे धीरे दिया के होठों के पास में बढ़ता जा रहा था ।।।दोनो की नाक एक दूसरे से टच हो रही थी ।।।।काफी पास में आ गए थे दोनो ।।।।अचानक से वैभव उठ कर बाहर जाने लगता है ।।।।दिया जो अपनी आंखो को बंद कर रखा था ।।।।जब वो अपनी आंखे खोलती है तो सामने किसी को न पा के इधर उधर देखने लगती है ।।।।
जब कमरे के बाहर देखती है तो ।।।वैभव अपने कमरे में जाते हुए दिखाई देता है ।।। दिया आके बेड पर बैठ जाती है ।।।।
ये मुझे क्या हो गया था मैं ऐसे कैसे कर सकता हूं मुझे उससे दूरी बना कर रखना होगा ।।।।।न मैं किसी के पास जा सकता हूं ना किसी को अपने पास आने दे सकता हूं ।।।।मैं ऐसे ही किसी के लिए खुद का सेल्फकंट्रो खो नही सकता ।।।।मुझे इसका ध्यान रखना होगा ।।।।।
वैभव ने सोचते हुए पेट के बल बेड पर गिर जाता है और अपना चेहरे को पिलो से ढक लेते है ।।।।।
दिया का भी वही हाल था ।।।।बेड पर बैठ कर वो इसी बारे में सोच रही थी कि अचानक से उसे हो क्या गया था ।।।।वो ऐसे कैसे करने से खुद को रोक नही पाई।।।।।
मुझे इस चीज का काफी अच्छे से ध्यान रखना होगा ।।।।अभी मैं इन सब में नही पड़ सकती।।।।मुझे अपनी लाइफ में और भी कुछ करना है ।।।।कैसे भी करके ये 3 महीने बीत जाए ।।।।एक महीना तो अच्छे से गुजर गया पता नही आगे का क्या होगा ।।।।।
ही भगवान जी बस अब सब आप के हाथो में है ।।।। इस बार मेरा साथ दे दीजिएगा प्लीज।।।। मैं अपने को तो को चुकी हूं पर को मुझसे जुड़े है और मेरे लिए जो काम करते है बस उनकी रक्षा करिएगा।।।।।।
अपने इस भग्त पर विशेस कृपा करिए प्रभु ।।।।।दिया ने अपने हांथ जोड़ कर ऊपर की तरफ देखते हुए भगवान से प्राथना करने लगती है ।।।।
फोन के रिंग से वैभव अपनी दुनिया से बाहर आते है ।।।।दिया के कमरे से निकलते ही राहुल को मैसेज कर दिया था ।।।। फोन को कान पर लगते ही किसी की आवाज आती है ।।।। सर वो आदमी मिल गया है ।।।।
इतना सुनते ही वैभव ने अपना ब्रेजर लिया और कार लेके ब्लैक हाउस के लिए निकल गए ।।।।।।ब्लैक हाउस वैभव का ही है ।।।।ये इनके दादा जी ने ही बनाया था ।।।।
अपने दुश्मनों के लिए ।।।।यही पर सब को सजा दी जाती थी ।।।।ऐसा कह सकते है वैभव अपने दादा जी पर ही गया है ।।।।।
यह दिया " वैभव के बारे में सोचते सोचते कब नीद aa jati है उसे पता भी नही चलता है और वो गहरी नीद में चली जाती है ।।।।।और अपने सपनो की दुनिया में खो जाती है ।।।।
उस आदमी के बारे में अमन को भी पता चल गया था इस लिए वो राहुल के साथ ही ब्लैक हाउस आया था ।।।।और सब लोग वैभव के आने का वेट कर रहे थे ।।।।।।
एक ब्लैक कार बाहर आके रुकती है ।।।।तभी एक बॉडीगार्ड ने कार का गेट खोला उसमे से वैभव बाहर आके सीधा अंदर चला जाता है ।।।।।
कार की आवाज से सब जान गए थे कि उनका बॉस आ गया है सब को us बिचारे पर तरस आ रहा था ।।।। राहुल और अमन ने काफी बार बोला था बताने के लिए पर उस आदमी ने अपना मुंह नही खोला।।। अब तक सब को इस बात का पता चल चुका था कि वो आदमी अपना मुंह तभी खलेगा जब वैभव उसके सामने होगा ।।
ही भगवान जी बस अब सब आप के हाथो में है ।।।। इस बार मेरा साथ दे दीजिएगा प्लीज।।।। मैं अपने को तो को चुकी हूं पर को मुझसे जुड़े है और मेरे लिए जो काम करते है बस उनकी रक्षा करिएगा।।।।।।
अपने इस भग्त पर विशेस कृपा करिए प्रभु ।।।।।दिया ने अपने हांथ जोड़ कर ऊपर की तरफ देखते हुए भगवान से प्राथना करने लगती है ।।।।
फोन के रिंग से वैभव अपनी दुनिया से बाहर आते है ।।।।दिया के कमरे से निकलते ही राहुल को मैसेज कर दिया था ।।।। फोन को कान पर लगते ही किसी की आवाज आती है ।।।। सर वो आदमी मिल गया है ।।।।
इतना सुनते ही वैभव ने अपना ब्रेजर लिया और कार लेके ब्लैक हाउस के लिए निकल गए ।।।।।।ब्लैक हाउस वैभव का ही है ।।।।ये इनके दादा जी ने ही बनाया था ।।।।
अपने दुश्मनों के लिए ।।।।यही पर सब को सजा दी जाती थी ।।।।ऐसा कह सकते है वैभव अपने दादा जी पर ही गया है ।।।।।
यह दिया " वैभव के बारे में सोचते सोचते कब नीद aa jati है उसे पता भी नही चलता है और वो गहरी नीद में चली जाती है ।।।।।और अपने सपनो की दुनिया में खो जाती है ।।।।
उस आदमी के बारे में अमन को भी पता चल गया था इस लिए वो राहुल के साथ ही ब्लैक हाउस आया था ।।।।और सब लोग वैभव के आने का वेट कर रहे थे ।।।।।।
एक ब्लैक कार बाहर आके रुकती है ।।।।तभी एक बॉडीगार्ड ने कार का गेट खोला उसमे से वैभव बाहर आके सीधा अंदर चला जाता है ।।।।।
कार की आवाज से सब जान गए थे कि उनका बॉस आ गया है सब को us बिचारे पर तरस आ रहा था ।।।। राहुल और अमन ने काफी बार बोला था बताने के लिए पर उस आदमी ने अपना मुंह नही खोला।।। अब तक सब को इस बात का पता चल चुका था कि वो आदमी अपना मुंह तभी खलेगा जब वैभव उसके सामने होगा ।।
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अब तक
एक ब्लैक कार बाहर आके रुकती है ।।।।तभी एक बॉडीगार्ड ने कार का गेट खोला उसमे से वैभव बाहर आके सीधा अंदर चला जाता है ।।।।।
कार की आवाज से सब जान गए थे कि उनका बॉस आ गया है सब को us बिचारे पर तरस आ रहा था ।।।। राहुल और अमन ने काफी बार बोला था बताने के लिए पर उस आदमी ने अपना मुंह नही खोला।।। अब तक सब को इस बात का पता चल चुका था कि वो आदमी अपना मुंह तभी खलेगा जब वैभव उसके सामने होगा ।।
अब आगे।।।।।।
दिया बेड पर बैठे बैठे ही सो जाती है ।।।।शाम के 6 बजे जाके दिया की आंखे खुली ।।।।टाइम देखते ही वॉशरोम में भाग जाती है ।।।।
आज घर में ज्यादा लोग थे नही सब बाहर गए थे ।।।।दिया आज अकेली थी इस लिए उसे समझ में नहीं आ रह था की वो क्या करे ।।।।।
थोड़ी देर tv देखा फिर गार्डन में चली गई ।।।ऐसे ही रात के 8 बज चुके थे पर अभी तक घर पर कोई नही आया था ।।।।।दिया ने जाके सर्वेट से पूछा तो पता चला सब आज किसी फ्रैंड के पार्टी में गए है ।।।।दादाजी जी भी गए है ।।।।आने में सब को रात हो जायेगी।।।।।
दिया ने आके डिनर किया और हॉल में सब का वेट करते हुए बैठ गई अब काफी रात हो गई थी पर कोई नही आया था वैभव भी नही आए। ।।।।दिया को लगा सायद वो भी पार्टी में गए है ।।।।।
इस लिए वही बैठे बैठे उसकी आंख लग गई ।।।।।।उसे ऐसा लगा काफी देर से कोई उसे घूर रहा है ।।।जब उसने अपनी आंखे खोल कर देखा तो एक बार के लिए डर गई ।।।।और अपने सीने पर हांथ रख कर लंबी लंबी सांसे लेने लगी ।।।।।।
आप कब कब आए" दिया ने अपनी सांसे कंट्रोल करते हुए पूछा ।।।।अभी आया जब तुम सो रही थी ।।।।वैभव ने कहा ।।।।।अच्छा " दिया ने कहा ।।।।
वैभव उठ कर अपने कमरे में जाने लगता है ।।।। उसके पैर वही पर रुक जाते है दिया की बात सुन कर।।।क्या अपने खाना खाया ? ।।।।। पीछे मुड़ कर देखा तो दिया उसे ही देख रही थी ।।।।।।
नही तुमने खाया ।।।।वैभव ने कहा ।।।। हां " आप चेंज करके आओ मैं टेबल लगाती हूं ।।।।।।।।दिया ने कहा और उठ कर किचेन की तरफ जाने लगी ।।।।
वैभव ने कुछ नही कहा और अपने कमरे में जाके सावर के नीचे खड़ा हो गया ।।।।।
आज सुबह जब वैभम ब्लैक हाउस पहुंचा तो वह पर एक 45 साल का आदमी कुर्सी पर बांधा हुआ था ।।।।उसकी हालत बहुत खराब थी ऐसा लग रहा था उसे काफी पीटा गया हो ।।।।
वैभव जाके अपने हेड चेयर पर बैठ जाता है ।।।।।sir ये कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है हमने बहुत कोशिश की पर ये अपना मुंह नही खोल रहा है ।।।।।राहुल ने वैभव के कान में थोड़ा झुक कर कहा ।।।।।
उस आदमी को देखने पर लग रहा था की वो काफी खतरनाक है उसके चेहरे पर काफी सारे कट लगे थे ।।।। बॉडी पर काफी सारे चोट के निसान थे ।।।।कही कही गोलियां लगी थी ।।।।।
आंखे पूरी लाल उस आदमी को देख कर ये कोई भी बता सकता था की ये कोई क्रिमिनल है ।।।।
वैभव थोड़ा उसके पास जाता है ।।।।पहले उसके चेहरे को ध्यान से देखता है ।।।।।
तुम मेरे घर के बाहर क्या कर रहे थे ? वैभव ने सीधे खड़े होते हुए पूछा ।।।।तब भी इस आदमी ने कोई जवाब नही दिया ।।। मैं एक ही बात बार बार नही पूछता हूं ।।।। वैभव ने थोड़ा गुस्सा होते हुए कहा ।।।।
फिर भी उस आदमी ने कुछ नही कहा ।।।।वैभव ने एक पैर उस आदमी को मारा ।।।।वो सीधे जमीन पर जा गिरा फिर उसके हाथो पर अपना पैर रख दिया ।।।।।फिर भी उस आदमी ने कोई रिएक्ट नही किया ।।।।।थोड़ा सा अजीब लग रहा था सब को ।।।। ये आदमी कुछ बोल क्यू नही रहा है ?
तभी सब के दिमाग़ की बत्ती जलती है अचानक से अमन उस आदमी के पास आता है ।।।और उसके चेहरे को पकड़ कर कहा ।।।।क्या तुम बोल नही सकते हो ?
तब भी इस आदमी ने कुछ नही कहा ।।।।।अमन ने उसका मुंह खोल कर देखा तो उस आदमी की ज़बान काट दी गई थी ।।।।।ये देख कर एक बार सब थोड़ा सा आचार्य हो जाते है ।।।।।राहुल कुछ इशारा किया तो उस आदमी ने भी इशारा किया ।।।
अब ये बात कन्फर्म हो गई थी वो आदमी न तो सुन सकता है और न ही बोल सकता है ।।।।।राहुल ने वैभव की तरफ देखते हुए कहा ।।।।
अब हमें पता कैसे चलेगा की ये है कौन ? ।। ये तो कुछ बोलेगा नही।।।।तभी उस आदमी ने इशारा करके कुछ बताने की कोशिश की ।।।।लेकिन किसी को भी कुछ समझ में नहीं आया ।।।।
एक ऐसे आदमी को बुलाया गया जो साइन लैंग्वेज समझ सके ।।।।पहले पूछो ।।।तुम हो कौन और मेंशन के सामने क्या कर रहे थे ? राहुल ने उस आदमी ने पूछने के लिए रोमो से कहा ।।।।। रोमाे वही है जिसे राहुल लेके आया है ।।।।।
रोमो ने इशारा करके पूछा ।। उस आदमी ने इशारा समझ।कर जवाब दिया ।।।। रोमो ने राहुल को देखा फिर कहा ।।।।वो बोल रहा है कि " दिया को देखने आया था ।।।।।
इसी तरह रोमो ने इशारे से सारी बाते पूछे ।।।।।पर कुछ बाते उस आदमी की समझ में आ रही थी और कुछ नही ।।।।।तभी अचानक से us आदमी ने इशारा करना बंद कर देता है ।।।।।
वैभव ने जब गौर से देखा तो वो आदमी मर चुका था ।।।।।राहुल उस आदमी के पास गया और उस उठने की कोशिश की पर कोई जवाब नही मिला ।।।।अचानक से राहुल को अपने हाथों पर कुछ गीला सा महसूस हुआ तो अपनी हाथो को सामने करते हुए देखते ही आंखे बाहर ही आ गई थी। ।।।।।
वाही खड़े अमन की भी हाल ऐसे ही था उसे समझ में नहीं आ रहा थे इस आदमी को गोली कब और कैसे लगी ।।।।।गोली लगने की वजह से वो आदमी मर चुका था ।।।।वैभव को ये पहले ही पता चल गया था ।।।।
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To Be Continued...