रितिका जिसकी जान अपने दोस्ती के अंदर बस्ती थी लेकिन इसे नहीं पता था उसके ही दोस्त उसकी जान लेंगे । लेकिन कुदरत को ये मंजूर नहीं था रितिका को मिली दूसरी जिंदगी एक दूसरे शारीर में ,, जो मासूम अपने ही भाई के कर्मों की सजा पर चढ़ गई सूली ,, उसकी शादी एक... रितिका जिसकी जान अपने दोस्ती के अंदर बस्ती थी लेकिन इसे नहीं पता था उसके ही दोस्त उसकी जान लेंगे । लेकिन कुदरत को ये मंजूर नहीं था रितिका को मिली दूसरी जिंदगी एक दूसरे शारीर में ,, जो मासूम अपने ही भाई के कर्मों की सजा पर चढ़ गई सूली ,, उसकी शादी एक ऐसे शख्स से हुई ,, जो प्यार नहीं सिर्फ नफरत करता था लेकिन रितिका ने जब लिया उसके ही शरीर में जगह इतिहास ही बदल गया ,, क्या रितिका लेकिन पाना बदला कौन है वो लड़की जिसने शरीर ने जन्म किया रितिका ने ? किस्से हुई रितिका की शादी ?
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हर इंसान सोचता है की उसकी मौत खुबसूरत तरीके से हो जिससे उसकी आत्मा को शांति मिल सके लेकिन जब वही मौत अपनो के धोखे और दर्द से भरा हो तो इंसान मर के भी मर नही पता है वो जहा भी जिस भी दुनिया के रहता है वो तड़पता ही रहता है लेकिन कुछ लोग भगवान के भरोसे रहते है की वो उनके दुश्मोनो को सजा देंगे लेकिन कुछ लोग खुद पर यकीन करते है और जो खुद पर यकीन करता है वही अपनी जिंदगी जी पता है ।।
रात के अंधेरे के खाली सड़क पर एक बाइक काफी तेज रफ्तार से आगे बड़ रही थी इतनी तेज़ की अगर बगल में कोई आए तो वो हवा से ही उड़ जाए उसी बाइक को चला रही लड़की जो हवा से भी तेज बाइक चला रही थी उसके कानो के ब्लूटूथ लगा था उसने एक नजर पीछे देखते हुए कहा " वो लोग मेरे पीछे ही है तुम लोग माल लेके किसी और रास्ते से पुराने अपार्टमेंट में जाओ मैं उन्हें डाइवर्ड कर के सीधे वही आती हूं मैं अब देखती हूं साले चूजे ब्लैक क्वीन को हराते कैसे है ।
तभी दूसरी तरफ से एक लड़की ने कहा" रितिका ज्यादा स्टाइल दिखाने की जरूरत नहीं है प्लीज अपना ध्यान रखना अगर वो लोग उनलझे तो तुम खुद पीछे हो जाना प्लीज यार तू हमारी जान है और हां हम सब बेस्ब्री से यहां पर तेरा इंतज़ार कर रहे है तू जल्दी से आजा फिर जीत की पार्टी करेंगे "
रीतिका जो बाइक चला रही थी उसनेकहा " ठीक है मेरी जान अब तुमने कह दिया तो मैं ध्यान रखूंगी ok बाय "
उसके इतना कह के फोन कट गया।। रितिका की बाइक हवा की तरफ भाग रही थी वही उसके पीछे तीन बाइक जो रितिका का पीछा कर रही थी तभी एक बाइक वाले ने रफ्तार तेज कर रितिका के बगल में आ गया और चिल्लाते हुए कहा " क्या आज तेरे दोस्त नही आए बचाने के लिए "
तभी उसके बगल में एक और ने आके कहा " बिचारी आज अकेले ही हमसे भिड़ने के लिए आ गई आज तो तेरा बचना मुस्किल है "
इतना कह के दोनो हसने लगते है तीनो बाइक वाले ने रितिका को पीछे और साइड से घेर लिया और बार बार उसके बाइक में वार करने लगे वही रितिका ने उनकी बात सुन के गुस्से से कहा " अबे सालो तुम लोगो ने क्या मुझे खेत की मूली समझ रखा है जो आके खा जाओगे मैं रितिका हूं जिसके आगे बड़ो बड़ो की पेंट गीली हो जाति है और आज तुम चूज़े मुझे मारोगे तो ये सपना देखना छोड़ दो क्युकी ऐसा कुछ नही होने वाला है "
इतना कह के रितिका ने बाइक की रफ्तार और तेज कर दिया वही जैसे ही उन लड़को ने देखा तभी पीछे से एक ने आके रितिका के बाइक में जोर की टक्कर मारी जिससे अचानक से रितिका का बैलेंस बिग गया और बाइक सिल्प खा के गिर के घिसते हुए कुछ दूरी तक जाने लगी जिसे देख कर तीनो ने अपनी रफ्तार कम कर के रितिका को देखने लगे ।
तीनो काफी खुश थे रितिका के बाइक के टायर से चिंगारिया निकलने लगी वो सड़क पर घिस रही थी ।। रितिका की बाइक कुछ दूरी पर जाके रुकती है ।।
कुछ वक्त बाद ...
एक अंधेरा कमरा जिसमे सिर्फ हल्की रोशनी बिखरी हुई थी उसी कमरे में एक लड़की रस्सी से कुर्सी पर बंधी थी वो बार बार एक ही बात चिल्ला रहा थी " मुझे यहां कौन लेके आया है एक बार सामने तो आओ ये रितिका तुम्हारा वो हाल करेगी की तुम्हारी सात पुस्ते भी याद रखेगी उस अबे कोई सामने तो आओ कोई या मेरे सामने आने के डर लग रहा है "
ये कोई और नहीं रितिका थी जो कुछ को छुड़ाने की काफी कोशिश कर रही थी पर वो खुद को छुड़ा नही पा रही तभी उसके कानो के गेट खुलने की आवाज जाति है जिसे सुन के रितिका खुद को छुड़ाना बंद कर के सामने देखने लगती है ।। वही गेट से तीन परछाई उसके करीब बड़ रही थी लेकिन रितिका के चेहरे पर कोई डर के भाव नहीं थे वो गुस्से से देख रही थी जैसे ही वो उन परछाई को रुकते हुए देखती है तो वो गुस्से से चिल्लाते हुए कहती है "
अबे सालो क्या डर गए वही तक आने की हिम्मत थी तुम्हारे अंदर सामने क्यू नही आ रहे हो ,,दम है तो सामने तो आ " उसके कहते ही वो तीनो परछाई अंधेरे को चीरते हुए रितिका के सामने आके खड़े हो जाते गई वही रितिका जैसे ही उन तीनो के चेहरे को देखती है उसके पैरों तले जमीन खिसक जाती है क्युकी उसके सामने उसके तीनो दोस्त थे , मनीष, विपुल, नैना ये वो दोस्त है जिनके लिए रितिका अपनी जान देते वक्त एक बार भी न सोचे।।
" तुम लोग " रितिका ने हैरानी से कहा तभी उसने मन के कहा " नही नही ये मुझे धोखा नहीं दे सकते है" ये उसने मन में कहा तभी उसने उन सब को देखते हुए कहती है " क्या तुम तीनो मुझे बचाने आए हो "
उसके ऐसा कहते ही तीनो अजीब तरह से जोर जोर हसने लगते है तभी नैना हस्ते हुए कहती है "तुम कितनी अंधी हो मुझे नही पता था द मोस्ट गैंगस्टर लड़की को प्यार में बेवकूफ बनाना इतना आसन है ये मुझे नही पता था लेकिन आज देख भी लिया "
इनकी बाते सुन के रितिका पूरी तरह टूट जाती है आखिर ये इसके दोस्त नही भाई बहन थे जिन्हे वो अपना मानती थी तभी रितिका ने हैरानी से कहती है " ये तुम लोग कैसी बाते कर रहे हो आखिर ये सब क्या है मुझे यहां से बाहर निकालो "
मनीष कहता है " भूल जाओ यहां से बाहर जाने के बारे में आज तुम्हारा मरना तय है तुम्हे कोई नही बचा सकता है कोई भी नही "
रितिका ने गुस्से से कहा " तुम लोग धोखे बाज निकलोगे मैने सोचा नही था मैं इतने दिनो से तुम जैसे सांप को पाल रही थी अगर मुझे पता होता तो मैं उसी वक्त तुम लोगो को मार देती जब मेरी जिंदगी के आए थे तुम तीनों ।।
उसकी बाते सुन के गुस्से से विपुल कहता है " जब पता होता तब करती ना अभी तो हमारी कैद में है तू तो अपनी बारे में सोच "
इन कह के वो साथ में ले आए ठंडे पानी उसके ऊपर डालने कहते है वह लगातार डालते है जिससे रितिका जम सी जाति है ।।
रितिका ठंड की वजह से कांपते हुए कहती है " तुम लोग ऐसा क्यू कर रहे हो आखिर हम दोस्त है हम एक दूसरे से प्यार करते है फिर क्यू कर रहे "
उसकी बात सुन के नैना कहती है " क्युकी हमे तुमसे नफरत है इतनी नफत की तुम्हारी मौत के बाद ही ये खत्म होगा ,, कब और कैसे ये नफ़रत क्यू है चलो हम खुद ही बता देते है "
कहते हुए तीनो आके सोफे पर बैठ जाते है एक पैर दूसरे पैर पर करते हुए वही रितिका के आंखो के आंसू आ जाते है अपने दोस्तो को ऐसे देख कर ।। अपनी बात आगे करते हुए नैना कहती है " काम हम सब साथ में कहते थे लेकिन लीडर कौन बना तुम जिससे मैं प्यार करती थी उसे तुम्हे धोखेबाज कह के मार दिया जब भी हम कुछ करते मेहनत कुछ करते उसकी मालकिन तुम बन जाती जैसे की हमारी कोई वैल्यू ही नही थी इसी लिए अपना हकnपाने के लिए तुम्हे रास्ते से हटाना जरूरी था ।।
इन की बात सुन के रितिका अंदर तक टूट जाती है आज तक उसने जो किया बस अपने दोस्तो के खातिर किया था उसे क्या पता था ये लोग ही उसे गलत समझ के इस कद्र नफरत करने लेंगे ।। रितिका कहती " मैने कभी ये सब नही सोचा है जितना मेरा है उतना ही तुम्हारा लेकिन अब मुझे तुम सब से नफ़रत हो रही है मैं गलत थी मैने गलत लोगो को अपना दोस्त समझा था "
वो कहते कहते अचानक से दर्द से कहराने लगी उसका शारीर जलने लगा ऐसी जलन हो रही थी की रितिका बर्दाश नही कर पा रही वो जोर जोर से चिल्लाने लगती है पूरे कमरे में बस उसके दर्द भरी चीख सुनाई देने लगी वही तीनो खड़े होके हसने लगते है ।।
रितिका दर्द से कहराते हुए कहता है " तुम लोगो ने अच्छा नही किया ऐसा नहीं करना चाहिए था मुझे धोखा दे के रितिका कभी अपने दुश्मनों को नही छोड़ती है "
नैना कहती है " आखिर तुम कर भी क्या लोगी हमारा " कहते हुए उसके चेहरे पर अजीब जी स्माइल आ जाती है और वो बिपुल के तरफ देखने लगती है तभी मनीष आगे आके कहता है " अब तुम इसी तरह जलते हुए धीरे धीरे तड़प के मार जाओगी "
असल में जो पानी रितिका के ऊपर डाला था वो तेजाब से भरा था लेकिन ठंडे पानी के होने के कारण कुछ देर बाद उसने अपना काम दिखाया और हुआ भी ऐसा ही अब वो अपनी असर दिखाने लगा जिससे रितिका धीरे धीरे जलने लगी उसका शरीर झुलसना सुरु हो गया ।। इस वक्त उसके आंखो से लगा तार आंखो से आंसू बह रहे थे उसके आंखो के सामने वो हर एक पल जो उसने इन सब के साथ गुजरी थी सब कुछ एक एक कर जलने लगा था ।।
जारी..
रितिका दर्द से कहराते हुए कहती है " तुम लोगो ने अच्छा नही किया ऐसा नहीं करना चाहिए था मुझे धोखा दे के रितिका कभी अपने दुश्मनों को नही छोड़ती है और तुम्हे भी नही छोड़ेगी "
नैना कहती है " आखिर तुम कर भी क्या लोगी हमारा " कहते हुए उसके चेहरे पर अजीब जी स्माइल आ जाती है और वो बिपुल के तरफ देखने लगती है तभी मनीष आगे आके कहता है " अब तुम इसी तरह जलते हुए धीरे धीरे तड़प के मार जाओगी "
असल में जो पानी रितिका के ऊपर डाला था वो तेजाब से भरा था लेकिन ठंडे पानी के होने के कारण कुछ देर बाद उसने अपना काम दिखाया और हुआ भी ऐसा ही अब वो अपनी असर दिखाने लगा जिससे रितिका धीरे धीरे जलने लगी उसका शरीर झुलसना सुरु हो गया ।। इस वक्त उसके आंखो से लगा तार आंखो से आंसू बह रहे थे उसके आंखो के सामने वो हर एक पल जो उसने इन सब के साथ गुजारी थी सब कुछ एक एक कर जलने लगा था ।।
अब आगे ...
रितिका जहा तड़प रही थी वही उसके दोस्त उसे देख कर हस रहे थे तभी सभी के कानो में एक चीख पड़ी ये आवाज गेट के तरफ से आई थी सभी उसी तरफ देखने लगे जहा पर एक लड़की खड़ी थी वो चीखते हुए अंदर के तरफ आ रही थी
" रितिका रितिका " उस लड़की ने रितिका का नाम लेते हुए सीधे इसके पास आई और उसके सर को अपने गोद में रख के कहा " रितु ये तुझे क्या हो गया है " कहते हुए वो जोर जोर से रोने लगी तभी उसने गुस्से से उन तीनो को घूरते हुए कहा " धोखे बाज जिसकी थाली में।खाया उसकी के थाली को छेद कर दिया और अहसान फरामोशो इसके आज तक खुद के लिए कुछ न कर के हमारे लिए किया है हर बार खुद की जान दाव में लगा के हम चारो की हिफाजत किया लेकिन तुम तीनो ने मिल के ये प्लान बनाया "
ये लड़की वो चौथी दोस्त है जो रितिका की दोस्त कम उसकी सगी बहन से ज्यादा बड़ के है रोमा अगर रितिका कह देती सोने के लिए तो रोमा पूरे दिन सोती अगर वो खड़े रहने के लिए कह दे दो वो पूरे दिन खड़ी रहती रोमा वो लड़की है जो रितिका की बात एक पैरों पर खड़ी होके सुनती थी ।।
रोमा की बात सुन के नैना ने गुस्से से पीछे से उसके बालो को पकड़ते हुए कहा " रितिका की चमची तुझसे किसी ने ज्ञान नही मांगा है तो अपना मुंह बंद रखा कर समझी "
तभी मनीष ने कहा " क्यू ना उसकी तरह इसकी चमची को भी मार दे दोनो का एक साथ खेल खत्म "
नैना ने हस्ते हुए कहा " नेकी और पूछ पूछ ले बिपुल तुझे ये पसन्द थी ना जा लेके कर ले अपनी मर्जी "
इन सब की बात सुन के रितिका ने गुस्से से तिलमिलाते हुए कहा " उसे हांथ मत लगना तुम्हारी दुश्मनी मेरे साथ है उससे नही तो मुझे मारो ना उसे सजा क्यू दे रहे हो अगर उसे कुछ भी हुआ तो मैं तुम तीनो को ज़िंदा नही छोडूंगी ।
" छोड़ने के लिए तू ज़िंदा भी तो होनी चाहिए " नैना ने कहा वही विपुल रोमा को अपने साथ ले गया उसने कितनी बार रोकने की कोशिश करी लेकिन कोई फ़ायदा नहीं वही रितिका इस तरह से झुलस गई की वो एक कदम चलना क्या हिल तक नही पा रही थी बस रोमा की दर्द भरी चीखे उसके कानो के जा रही थी वो अपनी बहन की इस तरह से चीख बर्दाश नही कर पा रही ।। इसी लिए उसने रोमा की गन जो की उसके पास थी उसे उठा लिया और अपने कनपट्टी पर रखते हुए कहा " ये मत सोचना तुम लोग जीत गए हो मैं अपना बदला लेने जरूर आऊंगी और हर एक चीज का बदला लूंगी तुम सब को ऐसी मौत दूंगी की तुम्हारी रूह तक कांपेगी "
वही सामने खड़े मनीष और नैना ने जब रितिक को गन लगाते हुए देखा तो उसने कहा " तुम इतनी कायर हो हमे पता नही था लेकिन हम ऐसा करने नही देंगे तुम तड़प कर हो मरोगी "
कहते हुए जैसे ही नैना ने रितिका के तरफ बड़ी रितिका ने गनचला दिया एक पल के लिए तेज आवाज के साथ पुरे कमरे में सन्नाटा छा गया आज दर्द और धोखे से भरी जिन्दगी से रितिका पूरी तरह आजाद हो गई ।। लेकिन भगवान को उसकी ये मौत अच्छी नहीं लगी इसी लिए उन्होंने रितिका के बदले में साथ देने के लिए उसे एक नई जिन्दगी दिया उसका पुनर्जन्म हुआ ...
Rebirth...
हॉस्पिटल के VIP वाड़ के एक लड़की लहंगे के जोड़े में बेहोश पड़ी थी उसके हाथों में चूड़ियां और चेहरे पर हल्का सा मेकअप बेहोशी के हालत में भी उसका चहरा चांद की तरह चमक रहा था और शारीर संगमरमर की तरफ बेड पता था ।। वही बगल में नर्स जो की मशीन चेक कर रही थी अचानक से उसका ध्यान लड़की पर गया जो धीरे धीरे अपनी आंखे खोल के सब कुछ देख रही ।।
डॉक्टर डॉक्टर नर्स ने चिल्लाया था एक डॉक्टर दौड़ते हूं अंदर आए तभी नर्स ने कहा " डॉक्टर पेसेंट को होश आ रहा है देखिए "
उसके कहते ही डॉक्टर उस लड़की को चेक करने लगा थोड़ी देर तक देखने के बाद उसने कहा " आज हमारी किस्मत अच्छी है जो ये लड़की बच गई वरना वो राक्षस हमे सुनी पर चढ़ा देता "
" कौन राक्षस आप किसकी बात कर रहे है और मैं कहा हूं इस वक्त " लड़की ने उठने की कोशिश करते हुए कहा तभी नर्स ने उस लड़की को सहारा देते हुए कहा " आप हॉस्पिटल में है क्या आप अब ठीक है आप को लग रहा है "
उस लड़की ने कहा " मैं हॉस्पिटल मतलब मुझे यहां कौन लाया है तभी उसने मन में कहा " मैं तो मर चुकी थी फिर यहां कैसे कौन " ये कोई और नहीं रितिका थी अभी वो सोच ही रही थी की उसके हांथ अपने पहने कपड़े पर गया जिसे देख वो चौक गई उसने पहने लहंगे को और चूड़ियों को हिलाते हुए कहा " ये सब क्या है मैने ये सब कब पहना है और मैं यहां कौन लाया है मुझे "
उसकी बात सुन के डॉक्टर और नर्स एक दूसरे का चेहरा देखने लगे उन्हे समझ नही आ रहा था की अचानक से क्या हुआ है फिर से रितिका ने उनसे पूछा " मैं कुछ पूछ रही हूं मैं यहां कैसे आई और मुझे ये कपड़े क्यों पहनाए गए है "
उसकी बात सुन के नर्स कुछ कहती उससे पहले ही एक दमदार आवाज पूरे कमरे में गुज गई ।
जारी...✍️
रितिका किसकी बॉडी में आई है .? कौन है ये शख्स..?
उसकी बात सुन के डॉक्टर और नर्स एक दूसरे का चेहरा देखने लगे उन्हे समझ नही आ रहा था की अचानक से क्या हुआ है फिर से रितिका ने उनसे पूछा " मैं कुछ पूछ रही हूं मैं यहां कैसे आई और मुझे ये कपड़े क्यों पहनाए गए है "
उसकी बात सुन के नर्स कुछ कहती उससे पहले ही एक दमदार आवाज पूरे कमरे में गुज गई ।
" क्युकी आज आप की शादी हमारे साथ होने वाली है आप हमारी पत्नी बनेंगी" ये आवाज गेट के पास से आई जिसे सुन के नर्स और डॉक्टर की रीड की हड्डियां तक सीधी जो गई और वही लड़की ने अपनी आंखे सिकोड़ के गेट की तरफ देखते हुए कहा " अबे तू है कौन ? जो मुझसे शादी करेगा ।
उसके ये शब्द मानो उस कमरे को मौत का अखाड़ा बना दिया हो वहा की गर्मी अचानक से बड़ गई और वहा पर खड़े लोग पसीने से इस कद्र भीगे की जैसे किसी ने बाल्टी का पानी डाल दिया हो ।।
वही उस शख्स की मुठिया कस गई और वो से अंदर आते हुए कहा " आप की हिम्मत कैस हुई हमसे इस तरह से बात करने की हम आप को जबान खिच सकते है "
उस शख्स की आवाज इतनी गुस्से से भरी थी की डॉक्टर और नर्स के साथ साथ इस बार वो लड़की भी एक पल के लिए डर गई पर दूसरे ही पल उसके आंखो के गुस्सा छा गया जब उस शख्स ने अपनी मुट्ठी में लड़की के बाल भर के कहा " हमे राक्षस बनने पर मजबूर न करे नही तो अभी तो आप से बस शादी कर रहे है कही ऐसा ना हो की कुछ और कर बैठे और आप अच्छा न लगे इसी लिए जब तक शादी नही होती है अपनी जबान बंद कर रखना समझी आप अमृता चौहान"
शख्स के ममुंह से किसी और का नाम सुन के लड़की हैरान सी उसे देखने लगी ।।
वही अपनी बात कर के उस शक्श ने बाल छोड़ के बाहर जाते हुए डॉक्टर से कहा " जितनी जल्दी हो सके इन्हे यहां से डिस्चार्ज कर देना वरना मैं आप को कर दूंगा "
( मैं पहले ही बता देती हूं हमारे हीरो साहब सभी से आप के बात करते है )
उस शख्स की बात सुन के डॉक्टर ने अपने थूक गटकते हुए अपना सर हिला दिया वही वो शख्स बाहर निकल गया तो लड़की ने अपने बगल में रखे टूल्स को नीचे फेक के गुस्से के कहा " आखिर ये चमगादड़ की औलाद है कौन और मुझे धमकी देके गया है रि.... वो आगे बोलती की अचानक से उसके दिमाक में उस शख्स के बोले शब्द गए अमृता चौहान ये शब्द याद आते ही अचानक से रितिका की आंखे चमक गई उसने कहा " इस आदमी ने मुझे अमृता क्यू कहा ये अमृत कौन है ?
" आप का नाम अमृता है मैम क्या आप अपना नाम भूल गई " नर्स ने रिक्तिका की बाते सुन के कहा । वही रितिका उसे अजीब नजरो से देखने लगी तभी इस नर्स ने कहा " क्या हुआ मैम आप मुझे ऐसे क्यू देख रही है
रितिका कहती है " क्या आप मुझे कुछ बता सकती है जो मैं पूछूं आप से "
नर्स कहती है " जी पूछिए क्या पूछना है आप को ?
रितिका ने कहा " मेरा नाम अमृता चौहान है मैं यहां कैसे आई और मुझे क्या हुआ था ।
रितिका का सवाल सुन के एक पल के लिए नर्स शांत हो गई और मन में कहा " अजीब लड़की है खुद मरने की कोशिश कर के मुझसे पूछ रही है ।
रितिका " क्या हुआ आप क्या सोचने लग गई ।
नर्स" कुछ नही मैम हां क्या पूछ रही थीआप का ही नाम अमृता चौहान ही है आप ने सुसाइड करने की कोशिश किया था खुद गाड़ियों के सामने आ गई थी और किसी गाड़ी ने टक्कर मार दिया वो तो आप की किस्मत अच्छी थी जो आ बच गई ज्यादा चोट नहीं आई ।
नर्स की बात सुन के रितिका ने कहा " इसका मतलब मैं रितिका नही अमृता हूं और इसका मतलब मेरी नही नही मतलब इस लड़की की शादी उस चमगादड से होने वाली थी और वो चाहती नही थी शादी करने के लिए इसी लिए सुसाइड करने की कोशिश किया वैसे भी उस सुअर से कौन शादी करेगा इतना सड़ा है की दूर से बदबू आ रही थी ।।
फिर उसने खुद के हाथों को देखते हुए कहा " मैं तो बिलकुल थी हूं क्या मेरा पुनर्जन्म हुआ है क्या सच में ऐसा होता है भी हैं हां रितिका होती है तभी तो तू किसी और का नाम ले लिया है ।। मुझे अपने दुश्मनों से लड़ने के लिए दूसरा जन्म मिला है ।।
वो अपने ख्यालों के थी की नर्स ने उसे वर्तमान में लाते हुए कहा " आप का डिस्चार्ज पेपर रेडी हो गया है चलिए मैं आप को बाहर तक छोड़ देती हूं
नर्स की बात पर रीतिका यानी अमृता ने कुछ नही कहा बस लहंगे में ही बेड से नीचे उतर के कमरे से बाहर चली गई वो अभी भी उलझन में थी उसे क्या करना चाहिए कुछ समझ नही आ रहा था वो किसके शारीर में है तभी अचानक से उसके पैर रुक गए उसने अपने बगल में लगे आईने में देखा तो उसकी आंखे हैरानी से बड़ी हो गई वो अपने चेहरे पर हांथ रख ध्यान से मिरर में देखने लगी वो पहले से ज्यादा खुब्दलसूरत लग रही थी लेकिन उम्र सिर्फ 20 साल लग रहे रितिका बड़े ध्यान से देखने लगी तभी उसने मन में कहा। " ये किसका चेहरा है ये मेरा नही है मैं पूरी तरह बदल गई हूं "
इस चेहरे को देखते हुए उसने कहा तभी उसे कुछ धुंधला सा याद आने लगा ।। जो तस्वीर उसके सामने आ रही थी काफ़ी धुंधली थी लेकिन रितिका अच्छे से याद करने लगी और उसके आंखे के सामने सब कुछ आने लगा जिसमे एक लड़की जो बेतहाशा रो रही थी और बार बार कह रही थी "मुझे शादी नही करनी है प्लीज मुझे यहां से जाने दे " लेकिन उस लड़की की एक बात भी कोई नही सुना रहा और उसे जबरजस्ती रेडी किया गया लेकिन वो ये सब नही करना चाहती थी इसी लिए घर से भाग गई वो बेसुध से सड़क पर चल रही थी तभी अचानक से एक गाड़ी आके उसे थक्का मार दिया जिससे लड़की थोड़ी दूरी पर जाकर गिरी ।। उस वक्त उसके सिर से काफी खून बन रहा था ।।
धीरे धीरे रितिका को सब कुछ याद आने लगा और उसने अपने चेहरे को देखते हुए कहा " इस लड़की के साथ कितना गलत हुआ है उसकी शादी जबरन इस आदमी से हो रही है अजीब लोग है ये लोग ऐसा कैसे कर सकते है इस मासूम की जिन्दगी बर्बाद कर रहे है लेकिन तुम अमृता चिंता मत करो अब जब मैं आ गई हूं तो तुम्हारे साथ कुछ गलत नही होने दूंगी मैं भी देखती हूं कौन क्या क्या करता है "
जारी...✍️
धीरे धीरे रितिका को सब कुछ याद आने लगा और उसने अपने चेहरे को देखते हुए कहा " इस लड़की के साथ कितना गलत हुआ है उसकी शादी जबरन इस आदमी से हो रही है अजीब लोग है ये लोग ऐसा कैसे कर सकते है इस मासूम की जिन्दगी बर्बाद कर रहे है लेकिन तुम अमृता चिंता मत करो अब जब मैं आ गई हूं तो तुम्हारे साथ कुछ गलत नही होने दूंगी मैं भी देखती हूं कौन क्या क्या करता है "
( वैसे अब मैं रितिका को अमृता ही बोलूंगी )
अब आगे ...
अमृता ने मिरर में देखते हुए खुद से कहा उसे कुछ चीजे याद आने लगी थी जिससे उसे काफी गुस्सा भी आया वही अमृता इस चेहरे में इतना खो गई की बगल में खड़ी नर्स कब से आवाज दे रही है उसे सुनाई ही नही दे रहा " मैम क्या हुआ है आप ऐसे क्यू देख रही है चलिए ना "
नर्स ने अमृता को कन्धे से पकड़ के हिलाते हुए कहा जिससे वो अपने होश में आके कहती है " हां क्या हुआ क्यू भौंक रही हो यार "
अमृता ने इतना तेज़ बोला की एक पल के लिए नर्स बिचारी सहम सी गई और उसे देखने लगी तभी अमृता ने खुद से कहा " यार रितिका नही नही अमृता क्या कर रही है देख बिचारी डर गई अपनी ये गुंडा गिरी कुछ दिन तक संभाल के रख सायद आगे काम आए वैसे भी कमजोरो पर तू वार नही करती "
कहते हुए उसने नर्स को प्यार से कहा " प्लीज तुम बुरा मत मानना अब तुम्ही बताओ मैं ठहरी 20 साल की नादान परिंदा जो बस उड़ना जानती है और मेरी शादी किसी बूढ़े से हो रही है तो मैं क्या करूं सब बच्चे को गुस्सा तो आयेगा ही ना मेरा कोई इरादा नही था तुम्हे तारीफ देने की लेकिन क्या करूं यार हो जाति है गलती "
उसकी बात सुन के नर्स ने स्माइल के साथ कहा " कोई बात नही मैम आप ने।मुझसे इतने प्यार से बात किया वही मेरे लिए काफी है नही तो ऐसे तो कितने लोग कुछ न कुछ सुना के चले जाते है पर आप बहुत अच्छी हो वैसे आप के सच कहा आप की शादी सीधे जल्लाद से हो रही कैसे...
वो आगे न बोल सकी क्युकी बोलते वक्त उसकी नजर अचानक से केबिन के बाहर खड़े शख्स पर चली गई जो अपनी ज्वाला मुखी भरी आंखो से नर्स को घूर रहा था वही नर्स की हालत खराब होने लगी तभी फिर से उसकी नजर पीछे खड़े डॉक्टर पर चली गई जो इशारे से अपने हाथो को दिखा के कह रहे थे की " भाग जाओ वरना ये जल्लाद तुम्हे यही अपनी आंखो से मार डालेगा "
नर्स ने जैसे ही डॉक्टर के बातो को समझा वो आस पास देखने लगी कहा भागे असल में उस शख्स की नजर इतनी तेज थी की वो कुछ समझ ही नही पा रही थी वही उसकी इस हरक़त को देख अमृता ने कहा " क्या हुआ तुम ऐसे क्यू देख रही हो आस पास कुछ है क्या ????
अमृता के सवाल सुन के नर्स फिर से उस शख्स को देखा तो अपनी नजर नीचे कर लिया वही उसकी नजर का पीछा कर के अमृता ने देखा तो उसे डर तो नही लगा us शख्स के नजरो से बल्की उसने अपना मुंह बना के कहा " छी ये कितना गन्दा है इसका चेहरा देख लग रहा है की कही से जल भुन के आता हो "
सोचते हुए अजीब तरह से अपना मूंह बनाने लगी वही शख्स ने उसके करीब आके कहा " आप का हो गया हो तो चलो यहां से "
उसकी आवाज सुन अमृता अपने होश में आई और जैसे ही कुछ कहने को हुई की फिर से उस शख्स ने कहा " अगर भूल से भी अब आप ने अपनी जबान यहां खोली न तो यही पर पहले जबान कटवाऊंगा उसके बाद आपसे शादी करूंगा वैसे भी मुझे ज्यादा बोलने वाले इंसान पसंद नही है पूरी जिन्दगी गूंगी बजा मैं रख सकता हूं अगर सलामती चाहती हो तो शांत रहो"
उसकी की धमकी सुन एक पल के लिए अमृता डर गई उसने मन में कहा " क्या ये सच में ये ऐसा कर सकता है ??? हां अगर कर दिया तो , कहते हुए वो खुद को अमेजिन करने लगती है " वो किसी नौकर से पानी मांग रही है ईई आ एलएलएलएल " पानी पीने और कुछ बोलते हुए वो इशारा करने लगी तभी फिर से उसके कानो के उसी शख्स की आवाज गई " अगर सोच लिया हो तो चलो मेरे पास इतना टाइम नही है मैं यहां खड़ा रह सकूं "
इतना कह के वो आगे बड़ गया वही अमृता ने जो अपने ख्यालों के थी एक बार फिर बाहर निकल के उसे जाते हुए देखते हुए कहती है " चल इसके साथ अमृता वैसे भी अभी तो तेरे पास रहने के लिए कोई जगह तो है नही देखते है पहले ये शादी क्यू कर रह है मेरे से "
उतना कह के वो उस शख्स के पीछे भागी जैसे ही उसके जस्ट पीछे पहुंची उसने अपना मुंह टेडा कर के कहा " मेरे पास इतना टाइम नही है "
उस शख्स के ही बातो को रिपीट करते हुए वो आगे बड़ गई वही हॉस्पिटल के सामने एक कार आके रुकी थी ड्राइवर ने गेट खोला तो पहले वो शख्स जाके बैठा उसके बाद अमृता बैठी उनके बैठते ही कार स्टार्ट होके अपनी मंजिल के तरफ बड़ गई वही अमृता ने कार के अंदर देखते हुए कहा " क्या आदमी है यार गाड़ी में भी पूरे कमरे की फिलिंग आ रही है ऐसा लग रहा है किसी बड़े होटल रुम मे आई हूं वैसे तो इससे कम तो गाड़ी मेरे पास भी नही थी मेरी चमेली इससे तो अच्छी थी ये भी ठीक ही है "
( चमेली यानी रितिका की बाइक)
बाइक से याद आते ही उसे फिर से सब कुछ याद आने अलग जी उसके साथ हुआ था वो कहती है " खैर तुम लोगो ने मेरे साथ जो किया वो सायद मैने सोचा तो नही था पर इसकी कीमत तुम तीनो को चुकानी होगी क्युकी मैं आवास आ गई हूं मेरे दोस्तो अब ये रितिका नही अमृता बदला लेगी रितिका की ओर रितिका लेकिन अमृता के साथ गलत करने वाले लोगो की बस तुम सब देखो मैं धीरे धीरे कैसे खत्म करती हूं तुम्हे "
सोचते हुए उसके चेहरे पर एक तिरछी मुस्कान आ गई तभी उसकी नजर बगल के वैसे शख्स पर चल गया जो बाहर देख रहा था ।। अमृता ने देखा और कहा " वैसे तुमने अपना नाम नही बताया क्या नाम है तुम्हारा "
अमृता की बात सुन के बैठा शख्स उसकी तरफ अजीब तरह से देखने लगा जैसे कोई अजूबा देख लिया हो ।।
जारी. ✍️
सोचते हुए उसके चेहरे पर एक तिरछी मुस्कान आ गई तभी उसकी नजर बगल के वैसे शख्स पर चल गया जो बाहर देख रहा था ।। अमृता ने देखा और कहा " वैसे तुमने अपना नाम नही बताया क्या नाम है तुम्हारा "
अमृता की बात सुन के बैठा शख्स उसकी तरफ अजीब तरह से देखने लगा जैसे कोई अजूबा देख लिया हो ।।
" मैने नाम पूछा है मुझे ऐसे क्यू देख रहे हो जैसे नाम नही तुम्हारी प्रॉपर्टी के बारे में पूछ लिया हो "
उस शख्स के देखने पर अमृता ने कहा जिसे सुन के सामने। बैठें दो लोग मुंह दबाये हसने लगे उनकी हसी की आवाज अमृता के कानो में गई तो उसने गुस्से से कहा " तुम दोनो अपना दांत अंदर कर लो नही तो उन्हे बाहर करने में मुझे देर नही लगेगी समझे "
उसके धमकी देते ही दोनो बैठे इंसान शांत हो गए जैसे की कभी हंसे तक नही है ।। वही बगल में बैठा शख्स जो बड़े ध्यान से अमृता के तरफ देख रहा था उसने मन में कहा " इनफॉर्मेशन के हिसाब से ये तो ज्यादा किसी से बात नही करती थी और काफी डरी सहमी सी रहती है लगता है डॉक्टर के कहने के मुताबिक कार से टक्कर की वजह से कोई नस ढीली हो गई है इसी लिए ऐसा बिहेब कर रही है ।।
असल में जब अमृता ने खुद के बारे में नर्स से पूछ रही थी तो उस शख्स ने सुन लिया था उसने डॉक्टर से पूछा तो डॉक्टर ने सर पर चोट लगने की वजह बताई शायद अमृता की मेमोरी चली गई है अब डॉक्टर को कौन बताए की एक टक्कर की वजह से यादाश नही जाति है वैसे तो गलती डॉक्टर बिचारे की नही है अब अमृता के अंदर रितिका आ गई है ये सब हरकते करने के लिए तो बिचारा क्या ही करे ।खैर आगे चलते है ।।
" क्या हो गया कहा खो गए कुछ पूछ रही हूं यार कब से मुझे घूर रहे हो अगर ऐसे ही घूरते रहे ना तो पक्का तुम्हारी नजर लाएगी मुझे " अमृता ने उस शख्स के आगे अपना हांथ हिलाते हुए कहा जिसे सुन के एक डेविल लुक दे कर अमृता को देखता है और कहता है " रक्षित सिंघानिया"
" अब ये कौन है ? अमृता ने अपनी आईब्रो ऊपर कर कहा ।। उसकी बात सुन सामने बैठे शख्स को गुस्सा bor हैरानी दोनो हुई उसने दांत पीसते हुए कहा " नाम है ये "
अमृता कहती है " तो मैं क्या करूं नाम है तो मुझे तुम्हरा नाम जानना है किसी और का नही "
अमृता की बाते सुन के शख्स पूरी तरह झल्ला जाता है और एक एक शब्द पर जोर डाल के कहता है " रक्षित.....सिंघानिया..... मेरा .... नाम .... है समझी "
अमृता अपनी एक उंगली रक्षित के तरफ दिखाते हुए कहती है " अच्छा अच्छा तुम्हरा नाम है रक्षित ओ अच्छा नाम है किसने रखा था "
रक्षित जो खिड़की के बाहर देखने लगा था एक बार फिर अमृता की बात उसे चौका देती है वो उसकी तरफ घूरने लगता है जैसे किसी पागल को देख रहा हो वैसे इस वक्त अमृता पागल से कम थोड़ी ना लग रही तभी आगे बैठे एक आदमी ने कहा " वो उनकी दादी ने रखा था वह बहुत प्यार करती थी बॉस से " उस ने खुश होते हुए कहा ।।
जिसे सुन के अमृता ने गुस्से से कहा " क्या मैने तुमसे पूछा ? उसके कहते ही सामने बैठ आदमी ने ना में सर हिला दिया उसके ऐसा करते ही अमृता करती है " जब नही पूछा तो मेढक की तरह टर टर क्यू कर रहे हो शांति से बैठ नही सकते हो"
अमृता की बात सुन के सामने बैठे शख्स का मुंह बन गया तभी अमृता ने अपने पैर से सामने की सीट पर हल्के से मारते हुए कहा " वैसे तुम दोनो का नाम क्या है अब अपने बॉस की तरह सड़ा मुंह लिए मत बताना की सुनने में भी मजा ना आए "
अमृता ने ये शब्द जिस तरीके से बोला था उसे सुन के रक्षित क्या सामने बैठे दोनो मुड़ के उसकी तरफ देखने लगते है तभी सामने बैठे शख्स ने मन में कहा " क्या होने वाली लेडी बॉस को हमारे बॉस से डर नहीं कह रहा है उनके मूंह पर बेज्जेत्ती कर रही है वैसे सही ही है "
" यार तुम लोग कहा खो जाते हो मेरे पास ज्यादा पेसेन्स नही है जल्दी बताओ अपना नाम " अमृता ने कहा और सीट पर एल्थी पलथी मार के बैठ गई वही सामने बैठे आदमी ने कहा " मेरा नाम हर्ष और इसका ,, फिर हर्ष कार ड्राइव कर रहे आदमी के बाजू को हिलाते हुए कहता है " तू अपना नाम बता क्या है " उसकी बात सुन के कार ड्राइव कर रहे आदमी ने कहा" युग नाम है मेरा "
" अच्छा रक्षित, हर्ष और युग तुम तीनो करते क्या हो ? अमृता ने पूछा और अपने सवाल के जवाब लेने के लिए बैठी रही जब किसी ने कुछ नही बोला तो अमृता फिर से कुछ बोलने को हुई की तभी रक्षित ने गुस्से से उसकी तरफ देखते हुए कहा " आप शांति से यहां बैठ नही सकती है अगर एक शब्द भी अब आपने कहा तो यही से उठा के फेक दूंगा समझी तुम कब से बोले जा रही हो "
रक्षित ने इतने गुस्से से कहा की इस बार अमृता कुछ पल के लिए डर गई और शांति से बैठ गई लेकिन मन में रक्षित को हजार गलियां दे रही थी " भागड़ बिल्ला कही का बस नाम और काम ही तो पूछा है इतना भड़कने वाली क्या बात है इतना गुस्सा दिखा रहा है जैसे प्रॉपर्टी के बारे में पूछ लिया हो "
(" जैसे प्रॉपर्टी के बारे में पूछ लिया हो ये अमृता यानी रितिका के है जो हर बात पर कहने की आदत है उसे )
इस बार अमृता कुछ ना बोल के शांति से बैठ जाति है तभी कुछ देरी में कार जाके एक विला के बाहर रुकती है जैसे ही कार गेट के पास पहुंचती है तो गार्ड तुरंत ही गेट को खोल देते है और कार अंदर के तरफ बड़ जाति है जिसे तो अमृता ने ध्यान नहीं दिया था लेकिन जब कार अंदर आई तो वो बड़ी बड़ी आंखे कर के विला को देखने लगी जिसे इस वक्त दुल्हन की तरह सजाया गया था हर तरफ लाईट और फूल लगे थे लेकिन कोई भिड़ नही थी देखने में खूबसूरत तो था लेकिन लोग न होने की वजह से अमृता को कम पसन्द आया उसे अपना मुंह बना के कहा_
" ये कोई घर है यह तो लोग तक नही है कैसे रहते होंगे इस भूतिया घर के कोई "
वो सोच ही रही थी की कार जाके सीधे मेन दरवाजे की सामने रुकतीहै और एक एक कर के सभी कार से बाहर आते है वही अमृता भी अपना लहंगा संभालते हुए कार से बाहर निकल जाति है और चारो तरफ देखने लगती है ।।
तभी उसके पास हर्ष ने बड़ी सी स्माइल लेके कहा " चलिए भाभी अंदर चलते है सभी हमारा इंतजार कर रहे है "
उसने इतना कहा ही था की अचानक से उसके गाल पर एक धमाके दार थप्पड़ पड़ता है जिससे हर्ष सीधा जाके जमीन पर गिर के मुंह से मिट्टी उठाने कहता है ।।
और वही रक्षित, युग हैरानी से हर्ष को गिरते हुए देख रहे थे ।।
जारी....✍️
अमृता कार से बाहर निकल के अपने लहंगे को संभालते हूं चारो तरफ देखने लगती है आज तक उसने इतना बड़ा घर और इतनी शानो शौकत नही देखी थी ऐसा नही था की उसके पास पैसे नहीं होते थे बहुत थे पर ज्यादा तर वो पैसे आश्रमों में दे देती थी ।। इसी लिए कभी उसे ऐसे शौक नही पाने ,, बड़ा घर बड़ी गाड़ी ,, बाइक उसकी फेवरेट थी जहा जाति बाइक से ही जाति थी ।।
अमृता चारो तरफ देख रही थी और बाकी सब भी कार से बाहर निकल गए थे तभी हर्ष ने अमृता के तरफ आके कहा " चलिए भाभी अंदर चलते है सभी हमारा इंतज़ार कर रहे है "
उसके कहते ही एक जोर दार थप्पड़ उसके गले पर लगता है और वो सीधा जमीन पर गिरता है वही रक्षित और युग जो अंदर के तरफ बड़े ही थे इस आवाज को सुन दोनो पीछे मुड के हर्ष को देखने लगते है जो मुंह से मिट्टी उठा रहा था ।।
वही हर्ष डर भरी नजरो से आपने गाल पर हांथ रख के अमृता को देख रहा था जो गुस्से के उसी को घूर रही थी ।।
" क्या कहा तूने मुझे भाभी ! हम्मम अबे साले मैने पहले ही कहा था ना मुझे भाभी मत कहना और साले तूने भाभी कहा अब अगर आगे तूने कभी मुझे भाभी कहा न तो थप्पड़ के साथ साथ हांथ पैर भी तोड के रख दूंगी मुझे वो लोग बिलकुल पसंद नहीं है जो मेरी बाते ना माने अगर कोई मेरे खिलाफ जाता है तो उसकी वो हालत.....
" नही नही भाभी सॉरी अमृता जी गलती से मुंह से निकल गया आज से कभी नही ऐसा होगा भाभी मैं आज क्या फ्यूचर में भी कभी नही कहूंगा सॉरी" अमृता के बातो को बीच में काटते हुए हर्ष ने कहा और खड़ा होके अमृता के लहंगे को ठीक करते हुए कहा " वो आप का लहंगा मुड़ गया है मैं ठीक कर देता हूं "
अमृता का गुस्सा और उसका थप्पड़ खा के जैसे हर्ष पागल हो गया था जो समझ में आया वही करने लगा नही तो पता नही आगे अमृता उसके साथ क्या करे ।।
अमृता और हर्ष को वही दो आंखे हौरनी से देख रहे थे रक्षित और युग इस वक्त युग को कोई देखे के तो यही कहेगा भाई मुंह बंद कर ले नही तो मक्खी चली जायेगी लेकिन कौन ही कहे क्यू की जब पास खड़े रक्षित ने नही कहा दोस्त होके खैर रक्षित भी युग की तरह हैरान था और उसने सो नही होने दिया चेहरे पर बीना कोई इमोशन लिए खड़ा था लेकिन अंदर से काफी हैरान था वही उसे तो यकीन नही हो रहा की अमृता किसी को थप्पड़ मार सकती है जब उसने पहली बार अमृता को देखा था तो वो डरी सहमी सी थी पर अचानक से इतनी कैसे बदल गई ये सब सोचते हुए वो किसी ख्यालों में खो गया ।।।
एक अंधेरे कमरे में लड़की कुर्सी से बंधी गई थी उसके मुंह पर टेप लगा था वो बस डरी सहमी सी बैठी थी उसे देख ऐसा लग रहा की वो लड़की डर से यही मर न जाए डर से वो कांप रही थी ये कोई और नहीं अमृता थी जो इस वक्त छोटे बच्चे की तरह डर रही थी तभी उस कमरे के अपनी दमदार रुतबा लेके राक्षित अंदर आया उसके पिछे युग और कुछ बॉडीगार्ड थे युग रक्षित का PA है जो हर वक्त उसके साथ रहता है ।। रक्षित के आने से कमरे में गर्मी और बड़ गई ऊपर से गुस्से से लाल हुई आंखे उसकी जो अच्छे खासे इंसान को डराने के लिए काफी था ।।
रक्षित जैसे ही अंदर आके अमृता के तरफ देखता है तो उसके चेहरे पर अजीब सी स्माइल आ जाति है वो हस्ते हुए कहता है" मैं यही डर देखना चाहता था आखिर तुम ही हो मेरे दुश्मन की बहन अच्छा लगा तुमसे मिल के अब तुम्हारे भाई को पता चलेगा की अपनो के खोने का दर्द क्या होता है इस बार तुम्हारे भाई को अहसास होगा उसने क्या किया है? जिसकी कीमत उसे चुकानी होगी ।।
अपनी बात कह के रक्षित अमृता को देखने लगता है जिसके आंखे नम हो चुकी थी पर उसे रक्षित को कोई फर्क नही पड़ रहा तभी रक्षित फिर से कहता है " जिस तरह तुम्हारे भाई ने मेरी बहन से शादी कर के उसे धोखा देके भाग लेकिन मैं वैसा कुछ नही करूंगा लेकिन हां मैं तुमसे शादी जरूर करूंगा और इतना तड़पाऊंगा की तुम्हारी सात पुस्तेे भी याद रखेगी "
उसने जिस तरीके से कहा था अमृता के लिए किसी श्राप से कम नही था वही उसे यकीन नहीं हो रहा था उसके भाई ने इतनी बड़ा कांड किया है उसकी वजह से क्या क्या हो सकता है " उसका तो बचपन से बस एक ही सपना था लोगो की हेल्प करना उसकी सेवा करना लेकिन वो तो ऐसे किसी इंसान के बीच और दोनो लोगो के नफरत के बीच फस गई है ।।
वही रक्षित ने अमृता को डरी सहमी सी देख के उसके फेस पर स्माइल आ गई वो पीछे युग को देखते हुए कहा " इसे कल तक यही भूखे प्यासे रहने दो और कल रेडी कर के विला लेके आना कल वही शादी होगी "
इतना कह के रक्षित वहा से निकल गया और उसकी बात सुन के अमृता डरी सी बैठी रही ।।
ये सब सोच के रक्षित ध्यान से अमृता को देखते हुए कहता है " कोई एक दिन में कैसे इतना बदल सकता है कल तक डरी सहमी सी लड़की आज झांसी की रानी बनी है पर कैसे ? ये सवाल रक्षित के मन में आया वो युग की तरफ देखने लगता है वही युग की जैसे ही किसी की नजरे महसूस होती है वो अपना सर तिरछा कर के रक्षित को देखता है जो गहरी नज़रों से उसे घूर रहा था ,वही युग जैसे उसकी नजरो को समझ में मन में कहता है " मैने तो सही इन्फॉर्मेशन निकाला था अब ये एंग्री बर्ड बन गई है तो इसमें मेरी क्या गलती है " कहते हुए वो अपना मासूम सा मुंह बना लेता है ।। दोनो जहा अपनी ही नजरो के खोते थे ।।
लेकिन अगले ही पल उन्हे अमृता की आवाज सुनाई पड़ी..।।। " ठीक ठीक है अब चलो इतनी नौटंकी करने की जरूरत नहीं है बस आगे से ध्यान रहना "
उसने कहा तो हर्ष ने हां में सिर हिला दिया वही अमृता अंदर के तरफ बड़ गई उसे एक नजर देख रक्षित भी उसके साथ चला गया उधर इसके जाते ही हर्ष ने अपने गालों पर हांथ रख के रोने जैसी सकल बना के कहा " सोच था मासूम भोली भली भाभी आयेगी मेरे डेविल भाई को काबू करेगी लेकिन मासूम के चक्कर में खुद डेविल भाभी नही गैंगस्टर भाभी मिल रही है अब तो भगवान जी बचाए इनसे "
वो खुद से बड़बड़ाए जा रहा तभी उसके कंधे पर हांथ रख के युग ने कहा " कोई बात नही सपना समझ के भूल जा "
हर्ष ने उसकी तरफ देख के कहा " हां"
युग ने कहा " हम्मम"
इधर अमृता जिसने इन भरी लहंगा पहन रख था वो ठीक से चल नही पा रही थी और झल्लाते हुए वो आगे बड़ रही थी तभी अचानक से उसके पैर लहंगे में फस जाता है जिससे वो संभल नहीं पाती और जैसे ही गिरने को होती है की तभी कोई आके उसे थाम लेता है ।
जारी...✍️
आप को कॉमेंट कर के बताओ ये कौन हो सकता है जिसने अमृता को गिरने से बचाया है ? वैसे क्या अमृता रक्षित से शादी करेगी ?
इधर अमृता जिसने इतना भारी लहंगा पहन रख था वो ठीक से चल नही पा रही थी और झल्लाते हुए वो आगे बड़ रही थी तभी अचानक से उसके पैर लहंगे में फस जाता है जिससे वो संभल नहीं पाती और जैसे ही गिरने को होती है की तभी कोई आके उसे थाम लेता है ।।।
एक पल के लिए अमृता घबरा जाति है और अपनी आंखे बंद कर लेती है पर जैसे ही उसे अहसास होता है की वो गिरी नही है तो वो धिरे से अपनी एक आंख खोल के देखती है ।। वो इस वक्त थोड़ा तिरछे होके खड़ी थी जिससे उसे सामने कोई दिखाई नहीं दिया वही जब उसने देखा की किसी ने उसे पकड़ के रखा है तो वो अपनी दोनो आंखे खोल के बगल में देखती है जहा पर एक लड़की जिसने बेबी पिंक कलर का लहंगा पहन रखा था और चेहरे पर हल्का सा मेकअप भी कर रखा था इस लुक में वो काफी खूबसूरत लग रही थी जिसे अमृता आंखे फाड़ के देख रही थी ।।
जैसे उसके सामने कोई लड़की नहीं भूत खड़ी हो वही उस लड़की ने अमृता को ठिक से खड़ा करते हुए कहा " क्या तुम ठीक हो ?
अमृता ने उसके बातो का कोई जवाब नही दिया बस एक टक उसे देख रही थी वही तब तक अंदर हर्ष और युग भी आ गए थे वही बगल में रक्षित खड़ा होके अमृता को हैरान देख रहा था उसे समझ में नहीं आया अमृता इतनी हैरान क्यू है ।।
" भाई इसे क्या हो गया ये मेरी बहन को क्यू घूर रही है कही उसने भी तो भाभी नही कह दिया " हर्ष ने धिरे से युग के कानो में कहा
युग कहता है " कहा होता तो अब तक झापड़ उसको भी पड़ चुका होता "
हर्ष हस्ते हुए कहता है " तुम्हारे मुंह में घी शक्कर एक बार पड़े और मैं इसे मार खाते हुए देखूं "
ये सुन युग उसे घूर के देखता है जिससे हर्ष अपनी बत्तीसी चमका देता है 😁
वही अमृता के सामने हर्ष की बहन " हर्षी खड़ी थी ।।जिसे अमृता हैरान होके देख रही थी ।। अब तक उसके आंखो मे आंसू भी भर आए थे
जब हर्षी ने अमृता को कोई जवाब देते नही देखा तो उसने फिर से कहा " भाभी क्या आप ठीक है ? कुछ हुआ है
भाभी सुन जहा अमृता अपने होश में आई वही युग और हर्ष एक दूसरे का चेहरा देख हर्षी के तरफ भागे " मानो जैसे अमृता अभी हर्षी को थप्पड़ मरेगी लेकिन वो उसके पास आते उसे पहले ही सामने का नजारा देख दोनो के कदम रुक गए ।। वही आंखे और मुंह खोले सामने का नजारा देख के रक्षित के पास जाके खड़े हो गए वही दोनो की तरह रक्षित का भी वही हाल था ।।
I'm sorry'" अमृता ने हर्षी से कहा ये काफी धीमे से कहा था जो हर्षी सुन नही पाई वही अमृता के इस बिहेव से हर्षी कन्फ्यूज होके बस अपने भाई रक्षित को देख रही थी जैसे कहना चाहती हो " उन्हे क्या हुआ ऐसे क्यू रो रही है ?
वही हर्षी के नजरो का मतलब समझ के रक्षित ने अपना मुंह बिचक दिया जैसे कहना चाहता हो " मुझे क्या पता इसे क्या हुआ है ???
" भाभी क्या हुआ क्या किसी ने कुछ कहा ???! हर्षी ने अमृता को खुद से अलग करते हुए कहा वही अमृता ने हर्षी के मुंह से भाभी सुन के उसे अहसास हुआ की वो क्या कर रही है उसने हर्षी को देखते हुए मन में कहा " तुम बिल्कुल मेरी रोमी की तरह दिख रही हो शायद उसका चेहरा ही बस मिलता है मेरी तरह उसका रिबर्थ नही हुआ लेकिन मैं एक बार फिर अपनी रोमी को पाके बहुत खुश हूं उसने मेरे लिए अपनी जान दे दिया और मैं कुछ नही कर पाई शायद इसी लिए भगवान ने मुझे दूसरा मौका दिया है अपनी रोमी के लिए कुछ करने के लिए "
अमृता हर्षी के गालों पर हांथ फेरते हुए उसे ऊपर से नीचे तक देखते हुए मन मे सारी बाते कह रही वही हर्ष ने युग के कानो में कहा " मुझे ऐसा क्यू लग रहा है की जैसे ये अपनी बिछड़ी हुई बहन से मिल रही हो "
युग भी हर्ष की तरफ झुक के कहता है " लग तो मुझे भी रहा है "
ये सुन हर्ष ने उसकी तरफ देख के कहा " हां
उसकी अंदाज में युग ने कहा " हां
हर्षी ने अमृता को ऐसे देखा तो उसे कुछ समझ में नहीं आया उसने एक बार फिर अमृता की कन्धे से पकड़ के कहा " क्या हुआ भाभी सब ठीक है ना ??उसके यूं पूछने पर एक पल के लिए अमृता शांत हो गई और दूसरे ही पल आंखो में आए हुए आंसू को साफ कर उसने अपने पुराने अंदाज में आते हुए कहा " वैसे तुम अच्छी लग रही हो बस मेकअप कम किया करो और अच्छी लगोगी "
उसकी ये बात सुन सभी मुंह फारे हर्ष युग के साथ इस बार हर्षी भी देखने लगी उसने मन में कहा " ये क्या था ? वही अमृता ने अंदर जाते हुए घर को देखने लगी जहा पर एक बड़ा सा मंडप बना था और कुछ लोग वही खड़े होके बस उसे देख रहे थे ।। जो रक्षित के फैमिली वाले थे पर कोई उसके पास नही आया ।।
( मैं थोड़ा शॉर्ट में उसकी फेमिली के बारे के बता देती हूं ,,, रक्षित की मॉम , डैड, और उसकी बहन इस दुनिया में नही है वही हर्ष और हर्षी दोनो भाई बहन है उसकी मम्मी,, सुरवी सिंघानिया और डैड संस्कार सिंघानिया,,, जहा रक्षित बिजनेश संभालता है वही संस्कार जी एक आर्मी ऑफिसर है रक्षित सूरवी जो को अपनी मां का दर्जा देता है )
( अभी के लिए इतना ही आगे और बहुत कुछ है जानने को धीरे धीरे पता चल जायेगा )
तभी रक्षित ने आके कहा " अगर तुम्हारा देखना हो गया हो तो चल के मण्डप में बैठो "
ये सुन अमृता जी घर वालो को देख रही उसने रक्षित के तरफ देखते हुए कहा " तुम किससे कह रहे हो मुझसे क्या???
उसकी बात सुन के रक्षित गुस्से से उसे घूरने लगा तभी अमृता ने अपनी मुड़ी टेडी कर के कहा " अगर मैं शादी करने से मना कर दू तो ???
उसका ये अंदाज किसी साइको से कम नही कहा था ।
ये बात सुन के रक्षित ने अपने दांत पिस्ते हुए कहा " वैसे तुम यहां से भाग नही सकती और ना तुममें इतनी हिम्मत है की तुम इस शादी को करने से मना कर पाओ और अगर तुमने ऐसा किया भी तो मैं तुम्हारा और तुम्हारी उस फेमिली का वो हाल करूंगा जो तुमने कभी सोचा नही होगा वैसे मैं तुम्हे एक बात याद दिला दूं की कल मेरे आदमियों ने बस तुम्हे ट्रेलर दिखाया था अगर शादी नही करनी है तो बता दो मैं पूरी पिक्चर दिखा सकता हूं वो भी अभी "
ये सुन अचानक से अमृता के अभी के सामने कुछ धुंधला सा दिखाई देने लगता है ,, अमृता दीदी प्लीज हमे बचा लीजिए प्लीज कुछ बच्चे घर में लगी आग के बीच में खड़े थे वो रोते हुए चिल्ला रहे थे वही आग बड़ती जा रही थी वही उसके आस पास काफी लोग खड़े थे जो बार बार पेट्रोल उस आग में डाल रहे थे वही आग में 15_20 बच्चे खड़े बुरी तरह रोते हुए बचाने के लिए भीख मांग रहे थे ।
ये याद आते ही अमृता ने गुस्से से रक्षित का कॉलर पकड़ लिया और कहा " तेरी इतनी हिम्मत की तू बच्चो के साथ ऐसा करेगा मैं तेरी तो ... बीच में रक्षित ने कहा " सोचना भी मत वरना ।। अपनी बात कह के अमृता के गुस्से से जल रहे आंखों में देखने लगा वही अमृता को अब तक सब कुछ याद आ चुका था ( मींस रितिका को अमृता के लाइफ के बारे में सब कुछ याद आ चुका था वो कौन है यहां क्यू है और कैसे है ?)
जारी...✍️
कल तक
ये याद आते ही अमृता ने गुस्से से रक्षित का कॉलर पकड़ लिया और कहा " तेरी इतनी हिम्मत की तू बच्चो के साथ ऐसा करेगा मैं तेरी तो ... बीच में रक्षित ने कहा " सोचना भी मत वरना ।। अपनी बात कह के अमृता के गुस्से से जल रहे आंखों में देखने लगा वही अमृता को अब तक सब कुछ याद आ चुका था ( मींस रितिका को अमृता के लाइफ के बारे में सब कुछ याद आ चुका था वो कौन है यहां क्यू है और कैसे है ?)
अब आगे ...
असल में अमृता की मां ने एक आश्रम बनवाया था अपनी मां के मरने के बाद अमृता अक्सर वहा जाया करती थी उसके घर पर अमृता के भाई और डैड बहुत ज्यादा रोक टोक करते इसी लिए वो मां के याद के बहाने उस आश्रम में जा के रहती और कोई कुछ न कहता वहा रहना उसे पसंद था वही जब रक्षित अपनी बहन के मौत का बदला लेने के लिए कहता है तब जाके उसे अमृता के बारे के पता चलता है इसी लिए अपना बदला लेने के लिए रक्षित अमृता को किडनैप कर लेता है वैसे उसने पहले सोच था की वो डरा धमाका के शादी के लिए मान जायेगी और वैसा ही हुआ अमृता मान गई थी मगर जब उसका भाई रक्षित से लड़ के उसे लेने आया तो अमृता को जाने से रोक के लिए रक्षित ने आश्रम के बच्चो को आग के बीच में खड़ा कर दिया जिससे अमृता डर से शादी के लिए मान गई और इसी सब के चक्कर में उसका एक्सीडेंड हो गया ।।
अमृता और रीतिका बच्चों में मायने में कमजोर पड़ जाती है जहा अमृता का खुदे का आश्रम था वही रितिका एक अनाथ की ही थी वो जिस आश्रम में रहती थी उसे को हर महीने पैसे भेजा करती और उसे बच्चो से काफी लगाव भी था ।।
कुछ वक्त बाद ...
हॉल में बने मंडप में एक तरफ रक्षित और दूसरी तरफ अमृता बैठे थे वही पूरे हॉल में पंडित के मंत्रो की आवाज सुनाई पड़ रही इधर एक तरफ फैमिली खड़ी थी दो दूसरी तरफ घर के नौकर वैसे तो सिंघानिया मेंशन में नौकरी की भी काफी इज्जत होती है ।।
इस वक्त रक्षित का हांथ अमृता के हाथों में था वही पंडित की मंत्रो का उच्चारण करते हुए उसने अक्षत डालते है कुछ देर यूं रस्मो के बाद पण्डित जी कहते है " अब वर वधु फेरो के लिए खड़े हो जाए "
ये सुन रक्षित खड़ा हो जाता है वो अभी भी अपने बिजनेश सूट में था उसने कोड़े चेंज नहीं किए रक्षित खड़ा होके अमृता को देखता है जो कही खोई हुई अभी भी बैठी थी ये देख उसे काफी तेज गुस्से आया अमृता की बाजू पकड़ के उसने जोर से उसे खड़ा कर दिया वही उसके ऐसा करते ही अमृता अपने होश में आई जैसे ही उसने खुद का हांथ पकड़े रक्षित को देखा गुस्से से उसने उसका हांथ झटक दिया ।।
और कहा " मुझे कमजोर समझने के बारे में सोचना भी मत शादी कर तो रही हूं पर इसका ये मतलब नही है की तुम जीत गए रीति.... अमृता कभी अपने दुश्मनों से हारती नही है बल्कि उन्हे हराने के साथ साथ उनका अस्तिव मिटा देती है समझे मेरे... होने... वाले ...पतिदेव.. जी मुझसे शादी तो कर रहे हो लेकिन बच के रहना कही ऐसा ना हो की अगले ही दिन टररर हो जाओ "
अमृता ने अपना हांथ हवा में हिलाते हुए कहा वही उसकी बात सुन के रक्षित ने गुस्से से घूरते हुए कहा " तुम... बीच में अमृता ने कहा " चलो फेरे के लिए देर हो रही है ,, फिर उसने पंडित जी को देखते हुए कहा ,, हैं न पण्डित तो जल्दी फेरे होने चाहिए ना ,, उसकी बात सुन के पण्डित जी जल्दी से काफी लंबा अपना सर हिला देते है
" बिचारे पण्डित जी तुमने उन्हे भी डराने से पहले एक बार नही सोचा देखो कितने मुरझा गए ही " अमृता ने अपने मुंह अजीब सा बना के कहा वही रक्षित उसकी बात सुन के वही लाल आंखो से पण्डित जी को देखा तो उनका पूरी शरीर पानी पानी हो गया ।।
( सैंया ने देखा ऐसे मैं पानी पानी हो गई 😁 )
बस इसी तरफ रक्षित के देखने पर पंडित जी पानी पानी हो गए 🤣
जल्दी से पंडित जी ने अग्नि के घी डालते हुए कहा " जजमान जल्दी करिए मूहर्त का टाइम निकल जा रहा है "
बिचारा पण्डित उसके अलावा कर भी क्या सकता है खुद को बचाने के लिए वैसे भी उसे यहां जबरजस्ती लेके आया गया है वो तो पहले से डरा है इसी लिए यहां से हिलना सही समझा ।
इनकी बात सुन रक्षित आगे और अमृता पीछे चलने लगी उधर हर्ष जो अभी भी अपने गलो को पकड़ के बैठा था वही युग और हर्षी दोनो पर फूल फेक रहे थे इधर बगल में रक्षित के मॉम डैड यानी उसके चाचा चाची खड़े थे जिन्हे देख कर ही कह रहा था की दोनो बिल्कुल खुश नही है शादी से कुछ देर देखने के बाद दोनो लोग अपने कमरे में चले गए ।।
जैसे उन्हे उससे कोई फर्क नही पड़ रहा की घर में शादी हो रही है या नही ,,,इधर 6 फेरा खत्म हो चुका था लास्ट जो की अमृता आगे थी उसने अपने कदम बड़ते हुए जगा " मैं ये शादी बस अपने बदले के लिए कर रही हूं अभी मुझे उसकी जरूरत है जो मिस्टर रक्षित सिंघानिया के पास में है उसके बीना मैं अपना बदला नहीं ले पाऊंगी दूसरी की अब जब ये शारीर मुझे मिल ही गया तो मैं इसके साथ कैसे गलत होते हुए बर्दाश कर सकती हूं तुमने शादी तो कर लिया लेकिन ....
अपने शब्द बीच के ही रोक दिया और इसी के साथ फेरे खतम हुए दोनो बैठे पंडित जी ने सिंदूर पहनाने के लिए कहा रक्षित ने सिक्के से सिंदूर उठाया और अमृता के मांग में भर दिया उसके ऐसा करने से अमृता ने अपनी आंखे बंद कर लिया ।।
" दीदी जब आप की शादी होगी ना तो हम सब आके डांस करेंगे खूब सारी मस्ती करेंगे पर दीदी आप शादी कब कर रहे हो " एक बच्चे के पूछा ।।
अमृता ने प्यार से उसे अपने गोद में लेते हुए कहा " जब करूंगी ना तो सबसे पहले तुम्हे ही बताऊंगी ok "
अमृता की बात सुन के बच्चे खुशी से तालिया बजाने लगते है वही अमृता भी उन्हे के साथ हसने लगती है ।।
अमृता ने जब आंखे बंद कर लिया तो उसे ये सब याद आने लगा जो रियल अमृता के साथ हुआ था उसके आंखो के आसू भर गए वैसे कुछ भी हो लेकिन अब दोनो एक दूर से जुड़ गए है एक दूसरे के इमोशन को अच्छे से समझ सकते है उन्हे फील कर सकते है इसी लिए अमृता के आंखो में आंसू भर गए ।
पण्डित जी ने जो कहा रक्षित ने वही वह किया और कुछ देर में शादी पूरी हो गई पंडित जी ने दोनो को देखते हुए कहा " अपने दोनो अपने बड़ो का आशीर्वाद लीजिए "
उनकी बात सुन रक्षित ने साइड में देखा जहा पर उसके चाचा चाची जा चुके थे जाते हुए रक्षित ने उन्हे नही देखा तो उसने मन में कहा " ये दोनो भी न बच्चो की तरह छोटी छोटी बात पर नाराज हो जाए है "
इतना कह के उसने अमृता का हांथ पकड़ और उसे लिविंग एरिया में ले आया वही अमृता ने गुस्से से एक बार फिर से रक्षित के हाथों को दूर करना चाहा लेकिन कर नही पाई क्युकी इस बार रक्षित पहले से जान गया था इसी लिए अपनी पकड़ काफी मजबूत कर दिया हिस्से अमृता को काफी दर्द महसूस होने लगा ।।
मेरा हांथ जोरो दर्द कर रहा है " अमृता ने अपने हाथों को छुड़ाते हुए कहा लेकिन रक्षित ने नही छोड़ा वही उन दोनो के पास हर्ष हर्षी और युग भागते हुए पहुंच गए अमृता ने फिर से जाग " मैने कहा मेरा हांथ छोड़ो वरना अच्छा नही होगा तुम्हारे लिए "
उसने लग भाग चिल्लाते हुए कहा जिसे सुन के रक्षित ने अपने दांतो को पिस्ते हुए अपना चेहरा अमृता के थोड़ा करीब ले गया और कहा " मुझ पर चिल्लाने की हिम्मत गलती से भी मत करना समझी "
ये सुन अमृता ने मन में कहा " अब बहुत हुआ इसे तो मैं बताती हूं की किस्से शादी हुई है इसकी ,,ये कह के अमृता ने एक जोर दार लात रक्षित को मारा जो सीधा जाके सोफे पर गिरा वही बाकी सब आंखे और मुंह खोले देखने लगे कभी अमृता को देखते तो कभी रक्षित को ।।
जारी..✍️
ये सुन अमृता ने मन में कहा " अब बहुत हुआ इसे तो मैं बताती हूं की किस्से शादी हुई है इसकी ,,ये कह के अमृता ने एक जोर दार लात रक्षित को मारा जो सीधा जाके सोफे पर गिरा वही बाकी सब आंखे और मुंह खोले देखने लगे कभी अमृता को देखते तो कभी रक्षित को ।।
सामने का नजारा देख के हर्षी ने अपने मुंह पर हांथ रखा था वह हर्ष ने युग से कहा " भाई आज क्या क्या देखने को मिल रहा है ? कही हम किसी दूसरे लोक के तो नही आ गए ना ।।
युग कहता है " नहीं रे पगले सही लोक में है बस लोक के इंसान सही नही है "
कहते हुए दोनो ने एक नजर एक दूसरे को देखा फिर सामने गिरे पड़े रक्षित को देखने लगे ।।
वैसे सामने का नजारा ही कुछ ऐसा था की रक्षित सोफे पर ऐसा गिरा जैसे अंगूर के पेड़ पर लटका लंगूर 😂 रक्षित का एक एक हांथ और एक पैर सोफे पर और दूसरे नीचे चहरे पर बेहद गुस्सा और आंखे लाल होके अमृता को देख रही वही सामने खड़ी अमृता जो दोनो हांथ बांध के खड़ी थी उसे देखने में लग रहा जैसे उसे रक्षित के गुस्से से कोई फर्क ही नही पड़ रहा हो ।।
" हाउ डेयर यू " रक्षित ने लगभग चिल्लाते हुए कहा और गुस्से से खड़ा होके अमृता के तरफ बड़ के अपनी एक उंगली उसके तरफ कर के कहा " तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे मारने की ,,
अमृता ने अपने चेहरे के सामने रक्षित के उंगली में अपनी ऊंगली फसाते हुए कहा " जैसे तुम्हारी हिम्मत हुई मेरा हांथ पकड़ने की वैसे ही और सुकर करो सिर्फ लात मारी है वरना ...
वरना क्या ? रक्षित ने दांत पीसते हुए कहा तो अमृता ने अचानक से उसका हांथ पकड़ के उसे गुमा दिया और कहा " वरना वो हाल करूंगी की ये जो दादा गिरी तुमने मेरे ऊपर दिखाया है ना कुछ देर पहले वो एक मिनट में खत्म हो जाएगा समझे "
इन कह के उसने झटके से रक्षित को छोड़ दिया और वो बिचारा मुंह के बल निचे गिरा,, जिसे देख युग और हर्ष देख रहे थे जैसे कोई बिखरी उनके पैरों के पास के गिरा हो दोनो की आंखों बड़ी हो गई थी ।। दोनो के सामने तो जैसे कोई घर घर की टीवी सीरियल चल रह हो जिसमे बहु ने सास को मारा और सास ने बेटे से बताया बेटा गया बहु को मारने बहु ने मारा बेटा को और घर की इज्जत गई नाली में ,यही हाल मचा था ।।
अमृता ने घूरते हुए कहा " अब से मेरे से दूर रहना शादी करनी थी सो हो गई लेकिन इसका मतबल ये नही है की मैं तुम्हारी हर बात मानूंगी"
अपनी बात कह के जैसे ही अमृता जाने को हुई की हर्ष ने आगे आके कहा "ये सब तो ठीक है लेकिन ऐसे कैसे कोई मतलब नही होगा आज शादी हुई है भाई आप की तो पहली सुहागरात है ना तो " फिर उसने गिरे हुए रक्षित के तरफ देख के कहा ।।
वैसे अगर इस वक्त रक्षित के चाचा चाची अपने बेटे का हाल देखते तो बिचारे कोमा में चले जाते ।।
खैर हर्ष के बातो से अमृता जिसके कदम रुक गए थे उसने जलती निगाहे हर्ष पर डाल के कहा " उसकी पहली है तो क्या मेरी दूसरी है जो उसकी पहली बता रहे तो "
(बिचारी अमृता को बुरा लग गया 😂)
हर्ष कहता है " मतलब आप को सुहागरात माननी है "
उसकी बात सुन अमृता सकपका जाति है वो घबराते हुए कहती " मेरा वो मतलब नही था " अपनी बात कह के तेज कदमों से बाहर जाने को हुई की पीछे से रक्षित ने उसे पकड़ लिया अमृता कुछ देखती या समझती उसे पहले ही रक्षित ने अमृता का हांथ पकड़ के उसे कंधे पर लटका के हर्ष के तरफ देखे कहा ..
पहली बार तुम्हे कोई अच्छा काम किया है अब मैं इसे बताता हूं मेरी ऊपर हांथ उठाने का अंजाम क्या होता है अब मैं बदला लूंगा अपना " इस वक्त उसके फेस कर जंग जीतने की खुशी थी ।। जैसे कोई करोड़ों से ज्यादा प्रॉफिट हुआ हो आज उसका 😂 ।
इतना कह के वो आगे बड़ जाता है वही अमृता उसके पीठ पर मारते हुए कहती गई " छोड़ो मुझे कहा ना छोड़ो "
वो जितना चिल्ला रही रक्षित उतना ही इग्नोर कर के तेज कदमों से कमरे के तरफ जाने लगा वह नीचे खड़े तीनो बस मुंह खोले देख रहे थे तभी हर्षी ने कहा " भाई तो पड़े फॉस्ट निकले यार मैं तो भाई की सीधा साधा समझती थी पर आज तो कमाल हो गया "
उसकी बात पर बाकी दोनो ने बस अपना सर हिला के सीढियो से जा रहे रक्षित और अमृता को देखने लगे जहा अमृता खुद को छुड़ाने की नाकाम कोशिश किए जा रही थी । और रक्षित उसे छूटने का एक मौका तक नहीं दे रहा ।। आखिर रक्षित और अमृता में आदमी औरत का फर्क है तो थोड़ी ताकत रक्षित के अंदर ज्यादा होगी ।।
" धड़ाम" की आवास के साथ कमरे का गेट खुला और रक्षित ने बोरी की तरह अमृता को बेड पर फेका ,,
तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे हांथ लगने की मैं तुम्हरा हांथ छोड़ दूंगी " अमृता ने पिलो को रक्षित के तरफ फेकते हुए कहा ।।
लेकिन रक्षित को एक भी लगा नही वो हर बार बच गया तभी उसने टेडी मुस्कान के साथ कहा " मेरी जंगली बिल्ली इतना गुस्सा सेहत के लिए अच्छा नही है बीमार पड़ गई तो मजा नही आयेगा क्युकी तुम्हारे मुकाबले मैं ज्यादा स्ट्रॉन्ग हूं ok "
अमृता कहती है " सोचना भी मत वरना वो होगा जो तुम्हे कभी सपने में भी नही सोचा होगा "
रक्षित उसकी बात सुन के स्माइल के साथ ब्लेजर को निकाल के सोफे पर फेका है और शर्ट के बटन को खोलते हुए कहा " जगली बिल्ली मैं सोचता तो बिलकुल नही हूं बस करता हूं और आज भी करूंगा वो जो तुम्हे कभी नही सोचा होगा वैसे भी हम अब पति पत्नी है आज हमारी पहली रात है मेरा तो पूरा हक है तुम्हारे साथ वो सब करने का और रक्षित सिंघानिया कभी अपना हक ना दूसरो को देता है और ना छोड़ता है तो तुम भूल ही जाओ की आज मुझसे बच सकोगी वैसे भी अगर तुम्हे मेरे ऊपर हांथ नही उठाया होता तो एक बार छोड़ने के बारे में सोच लेता लेकिन अब तो बिल्कुल नही "
अपनी बात कहते हुए रक्षित ने शर्ट निकाल के जमीन पर फेक दिया वही इस वक्त वो सिर्फ पैंट में अमृता के सामने था उसका कठिला बदन अमृता के सामने था जिसे वो अपना सीना चौड़ा कर और दिखाने की कोशिश कर रहा लेकिन उसके उलट अमृता जो उसे देख अपना मुंह बनाते हुए कहती है ।
" वो सूखे हुए आम के गुठली अपना ये बॉडी किसी और को जाके दिखा मेरे सामने अपना अंग प्रदर्शन मत करो नही तो जो ये बॉडी बनी है ना कल तक टूट कर हॉस्पिटल में पड़ा होगा "
उसकी बात सुन के रक्षित मन में कहता है " इसने मेरे बॉडी को क्या कहा आम का गुठली इसे पता नही है क्या इसे देखने के लिए लड़किया लाइन के लगी रहती है और मैं खुद उसके सामने हूं और ये तोड़ने की बात कर रही है "
वो अपने ख्यालों के था ही की उसके चेहरे पर आके एक पिलो लगती है जिससे रक्षित अपनीआंखे बंद कर के अपनी मुट्ठी कस लेता है और कहता है " बहुत हुआ अब इसे बताना ही पड़ेगा "
इतना कह के वो बेड पर चढ़ जाता है जिसे देख के अमृता पीछे की तरफ खिसकनेलगती है तो रक्षित उसके पैर पकड़ के खीच लेता है और अपने नीचे दबा लेता है उसकी इस हरकत से अमृता की दिल की धड़कन काफी तेज हो जाति है (प्यार से नही डर से) वो आंखे फाड़ के रक्षित को देखने लगती है तभी रक्षित उसके उपर आके उसके चेहरे के पास कहता है " मेरी गैंगस्टर वाइफी ज्यादा फुदका मत करो नही तो ये को नाजुक से तुम्हारे अंग है ना अगर कही से टूट गए तो मैं पूरी जिंदगी तड़प के रह जाऊंगा क्युकी मैं दूसरी लड़कियो को हांथ नही लगाता और ना लाऊंगा अब तो तुमसे शादी हुई है जो भी हो अब तो सारा काम तुमसे ही चलाना पड़ेगा ना इसी लिए फिट फट रहो जिससे मेरा काम चलता रहे मैं भी खुश रहूं और तुम भी "
( रक्षित बाबू इतना शायर न बनो की अगली सुबह फूटी आंखों से देखना पड़े 😂)
जारी ..✍️
आगे क्या होगा ... क्या रक्षित सुरक्षित तरीके से सुहागरत माना पड़ेगा 😂??? ,, क्या वो टूटेगा ?? क्या करेगी रक्षित के साथ अमृता ???
इतना कह के वो बेड पर चढ़ जाता है जिसे देख के अमृता पीछे की तरफ खिसकनेलगती है तो रक्षित उसके पैर पकड़ के खीच लेता है और अपने नीचे दबा लेता है उसकी इस हरकत से अमृता की दिल की धड़कन काफी तेज हो जाति है (प्यार से नही डर से) वो आंखे फाड़ के रक्षित को देखने लगती है तभी रक्षित उसके उपर आके उसके चेहरे के पास कहता है " मेरी गैंगस्टर वाइफी ज्यादा फुदका मत करो नही तो ये को नाजुक से तुम्हारे अंग है ना अगर कही से टूट गए तो मैं पूरी जिंदगी तड़प के रह जाऊंगा क्युकी मैं दूसरी लड़कियो को हांथ नही लगाता और ना लाऊंगा अब तो तुमसे शादी हुई है जो भी हो अब तो सारा काम तुमसे ही चलाना पड़ेगा ना इसी लिए फिट फट रहो जिससे मेरा काम चलता रहे मैं भी खुश रहूं और तुम भी " ।।
अब आगे ...
रक्षित के बोलता चला गया वही खुद को उसकी पकड़ से छुड़ाने की अमृता नाकाम कोशीस करने लगी अमृता ने रक्षित के सीने पर हांथ रख के उसे दूर करते हुए कहा " हटो मेरे ऊपर से मैं टूट जाऊं या मरूं तुमसे कोई लेना देना नही है समझे "
रक्षित अमृता के हाथों को अपने हाथों में जकड़ लिया और कहा " ऐसे कैसे मुझसे कोई मतलब नही होगा तुम मेरी हो और जो चीज मेरी है उसका मतलब भी मुझसे होगा "
अमृता अपने हाथों को छुड़ाते हुए कहती है " मेरा हांथ छोड़ो और हटो मेरे ऊपर से "
रक्षित कहता है " तुम कहोगी और मैं छोड़ दूंगा तो भूल जाओ इस जन्म में ऐसा कुछ होने वाला है क्यू की अब तुम मेरी हो और आज मैं तुम्हे पूरी तरह से अपना बना के रहूंगा "
अपनी बात कह के रक्षित ने अमृता के पैरों को और तेज अपने पैरों से दबा दिया और उसके हाथो को बेड के ऊपर कहा लिया उसके ऐसा करने से अमृता हिल तक नही पा रही थी ये देख के रक्षित के चेहरे पर तिरछी मुस्कान बिखरा गई वो अमृता के तरफ देखते हुए कहा " अब ठीक है हम सब कुछ शांति से करते है बहुत मजा आयेगा 🤭
उसकी बात सुन के अमृता ने अपनी एक आईब्रो ऊपर कर तिरछी मुस्कान के साथ कहा " शान्ति से क्यू कुत्तों की तरह करते है ना एक दूसरो को नोच खाते है ऐसे में और मजा आयेगा मेरे इडियट हब्बी "
" ठीक है जैसे तुम्हारी मर्ज़ी,, हां तुम्हे मुझे इडियट कहा ? रक्षित ने अचानक चौकते हुए कहा ।।
उसी मुस्कान के साथ अमृता ने कहा " हां कहा मैने मेरे इडियट हब्बी,, नही ये सूट नही कर रहा है ,, इडियट पतिदेव ये थोड़ा ठीक ठाक है।
( वैसे कॉमेंट में आप लोग बताओ क्या होना चाहिए 😂)
रक्षित दांत पीसते हुए कहता है " तुम्हारी इतनी हिम्मत तुम मुझे .... बीच में अमृता ने कहा " अरे यार तुम्हारे पास कोई और डायलॉक नही है जो हर बार बस एक ही बोलते हो ,, तुम्हारी इतनी हिम्मत ,, इसी का रट लगा के रहा है ,, हां भाई है मेरे में हिम्मत इतना है की तुम देखोगे तो तुम्हारी ये जो बटन जैसी आंखे है ना फूट जायेगी "
रक्षित उसी अंदाज में कहता है " तुम्हारी ये जो जुबान है ना कुछ उठा कैंची की तरह चल रही है इतना न बोलो की मैं इसे काट दूं,, फिर कहता है " लगता है पहले इसी को बंद करना पड़ेगा मुझे "
इतना कह के वो अमृता के तरफ झुकने लगता है अमृता जैसे ही रक्षित को खुद के होंठो के करीब आते देखती है उसकी आंखे गुस्से में जलने लगी वो मन में कहती है " बूढ़ा मुझे किस करेगा इसकी तो... इतना कहते ही अचानक से अमृता अपने पैर के नाखून रक्षित के पैरों में घुसा देती है जिससे रक्षित हल्के से अपने पैरों को ढीला छोड़ देता है जिसका फायदा उठा के अमृता पैरो को मोर के रक्षित को बेड के दूसरी साइड फेक देती है ।।
रक्षित कुछ समझता उसके साथ अभी अभी क्या हुआ है उसके मुंह से एक दर्द भरी चीख निकल गई " आआह्ह्ह"
दरअसल रक्षित को पलटते ही अमृता ने झपटते हुए उसके बालो को पकड़ लिया और खींचते हुए कहा " किस करोगे मुझे मेरे होंठो को छुओगे तुम्हारी इतनी औकात है मेरे इतने करीब आने की तेरे जैसे मैने बहुत देखे है तू खुद को समझता क्या है की मेरे करीब आओगे मैं कुछ कर नही पाऊंगी मैं कोई अबला नारी नही हूं जो तुम मुझे डरा धमाका के अपनी मनमानी करोगे मैं अमृता हूं जो दूसरी को अपने इशारों पे नाचती है खुद नही नाचती " फिर कहती है " मैं तुम्हारी सुहागरात मनाने का सारा भूत उतरती हूं अभी बस देखते जाओ "
अमृता ने रक्षित के बाल दोनो हांथ से पकड़ रखा था वही उसके हाथों को पकड़ के रक्षित अपने बाल छुड़ाने की कोशिश कर रहा है ।।
रक्षित कहता है " पागल औरत मेरे बाल छोड़ों अगर मेरे बाल एक भी टूटा ना तो मैं तुम्हे तोड़ दूंगा "
अमृता कहती है " अबे औरत किसे बोला बे मैं अभी नादान लड़की हूं औरत नही बनी हूं "
रक्षित कहता है " नही नही तुम औरत नही औरत के नाम पर कलंक हो "
अमृता और तेज से खींचते हुए कहती है " मर्द में नाम।पर तुम कलंक हो जो मासूमों के साथ जबर्दस्ती करता है बेकार मर्द"
रक्षित कहता है " मैं बेकार मर्द हूं या नहीं चाहो तो मैं अभी साबित कर देता हूं फिर तुम्हे पता चल जायेगा मैं किस टाइप का मर्द हूं "
अमृता बालो को पाकड़ के रक्षित को पलट लेती है और उसके ऊपर चादर डाल के उसके ऊपर आके कहती है " बहुत सुन लिया तुम्हारी बकवास अब तुम अंदर हो घुट के मर जाओ और तुम्हारा सारा मर्द गिरी यही निकल जायेगी "
रक्षित कहता है " अब तुम मुझसे नही बचने वाली हो ... इतना कह के वो और जोर से अमृता को झटकने की कोशिश करता है लेकिन वो अपनी पूरी ताकत लगा के उसके ऊपर बैठी थी वैसे भी ये रीतिका है और रितिका ऐसे ही नही किसी की लीडर बन के। घूम रही थी और अगर अमृता आज होती तो शायद ही डर के एक कोने में बैठी होती लेकिन रीतिका है ।
काफी देर तक रक्षित उठने की कोशिश करता रहता है वही जब अमृता को लगा की अब वो ज्यादा देर तक नही संभाल सकती है वो खुद के छुपने की जगह ढूंढने लगी तभी रक्षित ने झटके से उठा जिससे अमृता बेड के नीचे गई रक्षित उसे देखता उससे पहले ही अमृता वॉशरूम में घुस के अंदर से गेट लॉक कर लिया ।।
लॉक की आवाज जैसे ही रक्षित के कानो में गई वो वॉशरूम के तरफ भागा लेकिन तब तक देर हो चुकी थी ।।
" गेट खोले तुम मुझसे बच नहीं सक्ति हो " रक्षित ने गेट पर हांथ मारते हुए कहा । वही अंदर अमृता अपनी तेज सांसे को काबू करते हुए कहती है " भूल जाओ की आज ये गेट खुलेगा " फिर मन में कहती है " भगवान किस घर में और किस सौतन के घर में भेज दिया यार थोड़ी तो अपनी इस नादान बालिका पर रहम तो करते पर नही यहां इस जल्लाद के पास भेज दिया वो तो अच्छा है सही टाइम पर यहां आ गई अगर इस बार हांथ आती ना तो पक्का वो मुझे नही छोड़ने वाला था ।। हाए मेरी इज्जत बच गई 😂
वो खुद से बडबडा रही थी वही रक्षित लगातार गेट पर आना हांथ मार रहा " अगर तुम बाहर नही आई ना तो मैं गेट तोड़ दूंगा मैं आखिरी बार कह रहा हूं बाहर आ जाओ "
उसकी बात सुन के एक पल के लिए अमृता घबरा जाति है अगर सच में वो तोड़ के आ गया तो वो क्या करेगी यही सोच अमृता खाली बाथ टब में जाके बैठ जाति है और कहती है। " अगर तुमने ये किया ना तो इस बार बाल खींचा है इसके बाद पता नही क्या करूंगी ,,वैसे भी जो भी करूंगी तुम्हारे लिए तो बिलकुल अच्छा नही होगा इस लिए शांति से जाओ यहां से "
उसकी बात सुन के रक्षित मन में कहता है " सही है मेरा क्या जाता है ये रहे पूरी रात अंदर कल तक खुद ही दिमाक ठिकाने आ हो जायेगा पानी में रहने से "
एक तिरछी मुस्कान दे के रक्षित बेड की तरफ बड़ा गया तभी अचानक से उसकी नजर गेट पर पड़ी जहा से कुछ परछाई आ रही थी एक पल के लिए रक्षित उसे देखता रहा फिर धीरे कदमों से जाके जैसे ही गेट खोला " एक धड़ाम की आवाज से तीन लोग एक दूसरे के ऊपर गिरते पड़ते कमरे में लुढ़क गए🤦🏼♀️ जिसे देख के रक्षित ने गुस्से से कहा " तुम तीनो यहां क्या कर रहे हो ?
सामने गिरे तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा थे 😂, हर्ष,हर्षी और युग थे तीनो अपनी बत्तीसी चमकाए खड़े थे 😁रक्षित को देखते हुए कहते है " हम तो भाभी को देखने आए थे " तीनो ने साथ में कहा जिसे सुन के रक्षित अपनी आंखे सिकोड़ के कहता है " मैने आते टाइम क्या जहा था मेरी सुहागरात है मुझे परेशान मत करना लेकिन तुम तीनो यहां तक पहुंच गए "
हर्ष अपने बालो को खुजाते हुए कहता है " लेकिन भाई आप ने तो बस सुहागरात ही कहा था और कुछ तो नही कहा "
कहते हुए हर्ष रक्षित को देखने लगा वही रक्षित को काफी गुस्सा आया ये लोग एक तो उसके कमरे के बाहर जासूसी कर रहे है ऊपर से उसे ही सावल,, रक्षित कुछ कहता उससे पहले ही हर्ष ने फिर से कहा " भाई आप के बाल ऐसे बिखरे हुए क्यू है और ये बिस्तर ऐसे खराब क्यू है जैसे यहां पर कोई लड़ाई हुई हो ,,क्या फिर से भाभी ने आप को मारा "
( अब तो हर्ष बाबू गया 🤣😂)
जारी...✍️
अब क्या होगा आगे..? रक्षित क्या करेगा हर्ष का और अमृता का ???
हर्ष ने रक्षित पर और कमरे में अपनी नज़रे दौड़ा के कहा " भाई यहां पर सब कुछ इतना बिखरा क्यू है जैसे किसी की लड़ाई हुई हो "
उसकी बात सुन के सभी देखने लगे फिर से हर्ष ने कहा " भाई कही भाभी ने फिर से तो नही मारा आप को हा हा हा! कहते हुए हर्ष जोर जोर से हसने लगा।। लेकिन उसकी खुशी ज्यादा देर तक नही टिक सकी क्यू की रक्षित की तेज नजरे उसे ऐसे घूर रहे थे जैसे अभी कच्चा ही निगल जाये ।।
रक्षित के नजरो का तपिश महसूस कर के हर्ष अपना दांत दिखाना बंद कर देता है वही रक्षित तीनो को घूर के कहता है " अगर तुम तीनो का हो गया हो तो बाहर जाओ मुझे सोना है "
उसकी बात सुन के तीनो एक दूसरी को देखते है उसके बाद हर्षी कहती है " भाई भाभी नही दिख रही है कहा है " हर्षी ने बोला तो लेकिन डरते हुए वो जानती है उसके भाई को गुस्सा आ गया तो उनका काम तमाम है ।।
खैर अब तो रक्षित को किसी भी कीमत पर जवाब देना ही था वो ऐसे बात पलट नही सकता और सच भी नही बता सकता बिचारे की इज्जत चली जायेगी रक्षित ने अपना गला साफ करते हुए कहा " अमृता वॉशरूम गई है "
फिर थोड़ी अकड़ में कहा " हो गया ना अब निकलो चलो बाहर "
रक्षित ने गेट के तरफ इशारा करते हुए कह वही तीनो ने अपना मुंह बना लिया तभी हर्ष ने अपना अगला सावल कर लिया जिसे सुन रक्षित अंदर तक जल गया ।।
हर्ष कहता है " भाभी वॉशरूम के क्यू है ऐसा क्या हो गया ?
अब ये सब रक्षित के सर के ऊपर से जा रहा उसने अपने गुस्से का घोर पिया क्युकी इस वक्त गुस्से से काम लेने पर उसका ही नुकसान होने वाला था इसी लिए उसने अपने बालो में हांथ फेरते हुए कहा " मैंने तुम्हारी भाभी को थोड़ा ज्यादा हर्ट कर दिया है इसी लिए वो वॉशरूम गई है अब ये मत पूछना की क्या किया है वरना अगली सुबह तुम नही देख पाओगे "
हर्ष कहता है " भाई मैं ये नहीं पूछने वाला था मैं तो कहने वाला था की ... फिर उसने अपने दांत दिखाते हुए कहा 😁" भाई आप तो बड़े फार्स्ट निकले क्या बात है थोड़ा आराम से भाभी नाजुक है "
हर्ष ने तो मजाक में कहा लेकिन उसने सोते हुये शेर को उठा दिया जिसकी आंखे लाल और मुट्ठी कस गई थी लोग सही कहते है किसी से प्यारा से चार बाते क्या कर लो सर पर चढ़ जाते है वही हाल हर्ष का हो गया रक्षित ने प्यारा से बात क्या कर लिया कैसे कैसे सवाल करने लगा है ।।
" इससे पहले मैं कुछ करूं मेरे आंखो से दूर हो जा वरना आज के आज तुझे यही पर मार डालूंगा " रक्षित ने बेहद गुस्से में कहा जिसे सुन के तीनो के पसीने छूट गए और तीनो जिस रास्ते से आए थे उसी से वापस जाने लगे तभी रक्षित ने फिर से कहा " अगर तुम तीनो दुबारा यहां आए तो एक एक को वो सजा मिलेगी जो बर्दाश नही कर पाओगे "
उसकी बात सुन तीनो ने अपना सिर झुका के कहा " सॉरी बॉस गलती हो गई दुबारा नहीं आयेंगे " तीनो ने एक साथ कहा और कमरे से बाहर निकल गए ।।
रक्षित ने बालो में हांथ फेरा और एक नजर वॉशरूम के गेट को देख के बिस्तर पर लेट गया ।।
उधर बाथ टब में अमृता आराम से सो चुकी थी उसे देख कर ये कोई ये नही कह सकता है की वहा सोने से उसे कोई प्रॉबलम हो रही है बड़े आराम से सो रही थी ।।
अगली सुबह...
अमृता जो बाथ टब में सोई थी अचानक से उसके कानो के खट खट की आवाज आने लगी उस आवाज से अमृता की नीद टूट गई वो अपने आंखो के मसलते हुए उठ के बैठ गई ।।
" यार अब सुबह सुबह कौन पिटना चाहता है मेरे हाथों से ये लोग ना ऐसे काम ही करते है की मैं इन्हे पीट दूं" खुद से बड़बड़ाते हुए अमृता ने जमाई लिया और बाथ टब से बाहर निकल के वॉशरूम का गेट खोल के कमरे से झांका जब कोई नही दिखा तो आराम से अंदर आते हुए कहती है " चलो अच्छा हुआ सुबह सुबह बंदर की सकल देखने को नही मिला अरे अरे अमृता कैसे नाम।ले रही है सुबह सुबह बजरंग बली के रुम का नाम नही लेते है सॉरी भगवान जी अपने इस बहादुर भगत हो क्षमा प्रदान करे "
खुद से कह अमृता कमरे में आ गई तभी फिर से बाहर से किसी ने गेट नॉक किया एक पल के लिए अमृता घबरा गई कही रक्षित तो नही आ गया कल का बदला लेने लगा तो अमृता कुछ सोच के धीरे से जाके गेट खोलती है बाहर खड़े इंसान को देख उसके चहरे पर बड़ी सी स्माइल आ जाती है ।।
तुम?? अमृता ने कहा ।।
"" भाभी आप कहा चली गई थी मैं कब से गेट नॉक कर रही हूं पर कोई खोल नही रह है ।। हर्षी ने अंदर आते हुए कहा और हांथ में पकड़ा थाली टेबल पर रख के खड़ी हो गई तभी अमृत ने कहा " वो मैं वॉशरूम में थी इसी लिए सुनाई नही दिया सॉरी "
हर्षी कहती है " अरे इसमें sorry की क्या बात है भाभी "
अमृता कुछ देर उसके चेहरे को निहारती है और कहती है " क्यू नही जरूरत है सॉरी की ,,, अपनी गलतियां सभी को एक्सेप्ट करनी चाहिए चाहे वो कोई भी हो ।।
हर्षी कहती है " हम्मम" उसने थाली टेबल पर रख तो अमृता ने पुछा " ये क्या है ?
हर्षी ने कहा " मम्मी ने आज पहनने के लिए आप के लिए साड़ी और कुछ गहने दिए है आप इसे पहन के तैयार हो जाइए।।
अमृता कहती है " क्यों आज कुछ है क्या ?
हर्षी स्माइल के साथ कहती है " भाभी कल ही तो आप की शादी हुई है और शादी के बाद कुछ रस्मे होती है जो पूरा करना होता है आप ये साड़ी पहन के नीचे आ जाइए आज कुछ लोग आप को देखने आ रहे है आखिर अब आप सिंघानिया परिवार की बड़ी बहु बन गई है तो रिश्तेदारों को तो आप जानती ही है ...
अमृता कहती है " रिश्तेदार मतलब मैं कुछ समझी नही मेरे मुंह दिखाई से उनका क्या लेना देना "
हर्षी एक पल थमती है उसके बाद कहती है " क्या आप को रिश्तेदार के बारे में नही पता है ।।
अमृता ना में सिर कर के कहती है " मेरा कोई था नही इस लिए मुझे नही पता है 😌
हर्षी कहती है " कोई बात नही आप जल्दी से रेडी होके नीचे आ जाइए उसके बाद आप सब कुछ समझ जायेगी । रिश्तेदार होते कौन है ? ।
अपनी बात कह के हर्षी कमरे से बाहर चली जाती है और अमृता साड़ी को देख के अपना रोने जैसा मुंह बना के कहती है " साड़ी मैं कैसे पहनूंगी मुझे तो आती भी नही अगर उसे कहती तो क्या सोचती मेरे बारे में मैं इतना बोलती हूं और साड़ी पहननी नही आती ,, हम्मम अब मुझे ही कुछ करना पड़ेगा"
कुछ सोच के साड़ी लेके अमृता वॉशरूम में चली जाती है कुछ देर बाद अमृता रेडी होके खुद को मिरर में देख के कहती है " हाय किसी की नजर जा लगे कितनी प्यारी लग रहूं हूं मैं हम्मम अब तो सब मुझे देखते ही रह जायेंगे "
वो खुद से बड़बाड़ा रही थी तभी हर्षी ने अंदर आके कहा " भाभी आप तैयार हो .... उसकी नजर जैसे ही अमृता पर पड़ी वो अपनी जगह पर ही रुक गई और उसका मुंह खुला का खुला रहा गया ।।
अमृता ने जब हर्षी को कुछ ना बोलता देखा तो अपना मूंह बना के कहा " हर्षी क्या मैं अच्छी नही लग रही हूं "
उसकी बात सुन हर्षी ख्यालों से बाहर आके कहा " भाभी आप तो पूरी वो लग रही है क्या कहते है लल्लनटॉप 😍
सच मे भाई ने देख लिया ना तो उनके तो होश ही उड़ जायेंगे " भाई का नाम सुन अमृता का मुंह बन गया उसने सोचा " भाड़ में जाए उसको मैं खुद को ना देखने दूं हम्मम "
अमृता ने अपना सर झटका और मिरर में खुद को देखने लगी फिर थोड़ी देर में हर्षी अमृता को लेके नीचे की तरफ बड़ गई वही नीचे लिविंग रूम में औरते की भिड़ लगी थी सब हाथों में जूस का ग्लास पकड़ के हस हस के बात कर रही थी ।।
एक ने कहा " सुरवी अगर तुम्हारे छोटे बेटे ने शादी का स्टेटस नही कहा होता तो हमे तो पता ही नही चलता की तुमने आपने बड़े बेटे की शादी ऐसे चोरी छुपे करवा दिया है
उनकी बात सुन सुरवी रक्षित की मां जो सिल्क की शादी पहन रखा था गले में महंगे डायमंड की नेकलेस वो बस स्माइल देते हुए बैठी थी वैसे भी कौन सा वो इस शादी से खुश थी इस लिए नही की लड़की पसंद नही है बल्की दुश्मन के घर की बेटी है उसके भाई ने तो घर की खुशियां छीन लिया पता नही वो भी सब कुछ बर्बाद न कर दे इसी लिए वो खुश नहीं बस लोगो को दिखावाकर रही थी खुश रहने की ।।
वही दूसरी औरत ने कहा " अरे भाई पहले इनकी बहु तो देखे कैसी है हम जब अपनी बेटियो का रिश्ता लेके आए थे तो उन्होंने ये कह के माना कर दिया की इनके बेटे को हमारी बेटियां नही पसंद है तो देखते है इनका बेटा कहा की हूर पारी लेके आया है "
औरत की बात सुन के एक बार फिर सभी औरते मिल के जोर जोर से हसने लगे वही बगल के बैठे हर्ष,, और संस्कार जी बैठे थे इन सभी की बात सुन उनका तो मुंह ही हैं गया था ।। हर्ष तो सब का जवाब देना चाहता था लेकिन उसकी मां ने पहले से ही माना कर दिया था की कोई कुछ नही कहेगा बस रश्म कर के कैसे भी सब को बाहर भेजना है ।।बस कोई गड़बड़ न हो जिससे उनके घर की इज्ज़त जाए ।।
अब जो है अमृता के हाथों में है ।।।
खैर सभी बात करने के लगे थे तभी सब के कानो में हर्ष की आवाज गई " भाभी आ गई ।। उनकी बात सुन सभी एक साथ सीढियों से आ रही अमृता को देखने लगे उसे देख सभी अपनी जगह से खड़े हो गए ।।
जारी..✍️
क्या होगा आगे ?? क्या अमृता बिना गड़बड़ किए रह सकती है देखते है ?? 😁
इस वक्त सब की नजर अमृता पर टिकी थी जो रेशमी मखमल की रेड साडी पहन के नीचे ही आ रही थी ।। चलते वक्त उसके पैरो की पायल की आवाज पूरे घर के सोर मचा रही वही नीचे खड़े लोगो की नजर जैसे उस पर जम जी गई थी भले ही अमृता ने इस वक्त घूंघट ले रखा था लेकिन उसकी पर्सनैलिटी ऐसी थी की उसके मोर जैसी चाल ,, साड़ी में उसकी बॉडी की उभर रहे शेप सभी के आंखो के बस गए थे ,, इसी लिए किसी को उसके चेहरे से ज्यादा उसकी चलने की चाल पसंद आ रही थी ।।
एक औरत ने अमृता को देख के कहा " मुझे लगता है सुरवि की बहु बहुत खूबसूरत है इसी लिए उसने अपने बेटे की शादी चोरी छुपे से करवाई थी ।।
वही दूसरी ने कहा " ये बात उसी सामने मत कहना नही तो इतराने लगेगी हम्मम
वही हर्षी ने अमृता को एक साइड से पकड़ रखा था क्युकी अमृता के सिर पर घूंघट हर्षी ने ही रखवाया था ।।
कुछ देर पहले ...
" हर्षी तुम ये क्या कर रही हो " अमृता ने साड़ी के पल्लू को हर्षी के हाथों से लेते हुए कहा वही हर्षी ने फिर से अमृता के हाथों से साड़ी का पल्लू लेके ऊपर सिर पर रखते हुए कहा " भाभी मम्मी ने कहा है की आप नीचे सिर पर घूंघट कर के आएंगी क्युकी वो सब आप को देखने आते है हालांकि हम सब ने देख है आप को लेकिन वो लोग तो नही देखे है ना इसी लिए अभी के लिए ये जरूरी है "
अमृता अपना मुंह बना के कहती है " लेकिन हर्षी मुझे कुछ दिखेगा नही मैं कैसे चलूंगी "
हर्षी कहती है " आप टेंशन ना लो मैं हूं ना मैं आप को लेके चलूंगी मेरे होते हुए आप गिर नही सकती है "
उसकी बात सुन के अमृता स्माइल कर देती है और दोनो वहा से नीचे के तरफ बड़ जाति है ।।
प्रजेंट टाइम ...
हर्षी अमृता को नीचे लेके आई और एक बड़ा सा सोफा जो अमृता के बैठने के लिए ही रखा गया था हर्षी उसी पर बैठा देती है और सारी औरते भी अपनी अपनी जगह पर बैठ जाति है और अमृता को गौर से देखने लगती है ।। तभी एक औरत जो अमृता को ऊपर से लेके नीचे तक देख रही थी उसके फेस पर तिरछी स्माइल आ जाति है ।।
वही अमृता का घुंघट के अंदर उसका दम घुटने लगा था और उसके कमर में अजीब सी खिचाव भी होने लगा।। उसने कमर से साड़ी थोड़ा नीचे करते हुए कहा " ये इतना कसा है बस छूटे ना बड़ी मुस्किल से पहना है " कहते हुए वो सोचने लगती है ...
अमृता साड़ी पहनने की कोषिश कर रही थी पर उसे हो नही रहा था उसने फोन में देख के पहनने की भी कोषिश करी लेकिन पेटीकोट की वजह से उसे चलने में दिक्कत होने लगी तभी उसके दिमाक की बत्ती जली उसने पेटी कोट निकाल के नीचे जींस पहन लिया लेकिन जींस पर साड़ी टिकना मुश्किल था इसी लिए रक्षित के बेल्ट को निकाल के उसने कमर में बांध लिया और उसमे साड़ी फसा के टिका दिया ।।
प्रजेंट टाइम...
अमृता की मुंह दिखाई स्टार्ट हो गई एक औरत आगे बड़ अमृता को देखने उसने धीरे से घूंघट उठा के अमृता का चेहरा देखा तो उसी पर थम सी गई वही अमृता ने अपनी नजरे नीचे कर संस्कारी लड़की की तरह बैठी थी क्युकी उसे ये सब हर्षी ने करने को कहा इसी लिए वो बैठी थी।।
वही उस औरत ने कहा " सुरवी तुम्हारी बहु तो बहुत सुंदर है पर नाग बहुत लम्बी है " फिर से मिल के सारी औरते हसने लगी वही सुरवी जी ने बस स्माइल कर दिया कुछ कहा नही ।।
उधर उनकी बात सुन अमृता तुरत अपनी नाक चेक करने लगी और बड़बड़ाया " मेरी नाक इतनी छोटी तो है फिर भी ये पागल औरत बड़ा कह रही है अंधी कही की इतनी प्यारी और खुबसूरत लड़की देखी नही होगी कभी हम्मम ।।
" आंटी जो आप सही से देखिए मेरी भाभी बहुत सुंदर है "" हर्ष ने कहा ।। तो सूरवी जी उसे घूर के देखने लगी तो हर्ष चुप होके अपनी जगह पर बैठ गया
अब धीरे धीरे सभी औरतों ने अमृता को देख के उसके हाथों के लिफाफा दे दिया और साथ में उसके चेहरे में एक एक कमी भी बताती गई जिससे अमृता बुरी तरह झल्ला गई थी और साथ हर्ष और हर्षी को भी उन औरतों की बात अच्छी नहीं लगी वो लोग लगा तार अमृता को नीचे दिखा रहे थे ।।
" ये लोग रिश्तेदार है " अमृता ने धिरे से हर्षी से पुछा तो उसने कहा " ह्मम्म्म यही होते है रिश्तेदार खुद का अच्छा दूसरा का बुरा सोचने वाले अच्छा है तुम्हारे पास नही है "
अमृता कहती है " हम्मम सही कहा भाड़ में जाए इनकी तो मन तो कर रहा है की एक एक को यही से उठा के बाहर फेक दूं "
दोनो आपस में बात कर ही रहे थे की एक औरत चल के अमृता के पास आके खड़ी हो गई और कहा " बेटा नाचना गाना तो आता हो होगा "
अमृता ने उस औरत के पास देखा तो मन में कहा " अरे आंटी क्या बात पूछ लिया डांस तो मेरा फेवरेट है " अमृता को डांस करना उतना ही पसंद है जितना अब के टाइम में लोगो का फोन से चिपके रहना 😂 मेरा भी हाल वही है 😁
बात सुन अमृता जल्दी में हां में सर हिला देती है तो वो औरत कहती है " आती है ये तो अच्छी बात है फिर देर किस बात की चलो थोड़ा हम भी देखे की सिंघानिय खानदान की बहु कैसा नाचती है " हा हा हा।
अमृता की उनका टोन कुछ खास पसन्द नही आया लेकिन वो तो डांस करने की खुशी के ज्यादा ध्यान न देके डांस करने के लिए खड़ी हो गई ।। और धीरे से हर्षी को गाना भी बताया दिया किसपर उसे डांस करना है ।।
थोड़ी देर के लिविंग रोम के बीचों बिच अमृता खड़ी थी और उसके आस पास सारी औरते हर्ष हर्षी भी वही थे बस उनके डैड अपने स्टडी रुम में चले गए थे ।
अमृता इशारा करती है तो हर्षी साउंड चालू कर देती है "
बिच्छू मेरे नैना बड़ी ज़हरीली आँख मारे
कमसिन कमरिया साली
इक ठुमके से लाख मारे
नोट हज़ारों के, खुल्ला छुट्टा कराने आई
हुस्न की तिल्ली से
बीड़ी-चिल्लम जलाने आई
आई चिकनी चमेली
छुप के अकेली पव्वा चढ़ा के आई
आई चिकनी चमेली
छुप के अकेली पव्वा चढ़ा के आई
अमृता के सर पर अभी भी घुंघट था और वो उसे लेके बड़े अच्छे से डांस कर रही थी वही सारी औरतों के साथ घर वाले भी थोड़ा हैरान और खुश भी थे ,, वो एक एक स्टेप बड़े अच्छे से कर रही थी उसके साथ साथ हर्ष और हर्षी भी अपने जगह पर ठुमकने लगे थे ।।
जंगल में आज मंगल करुँगी
भूखे शेरों से खेलूंगी मैं
मक्खन जैसी हथेली पे जलते
अंगारे के लुंगी मैं
हाय गहरे पानी की मछली हूँ राजा
घाट घाट दरिया में घूमी हूँ मैं
तेरी नज़रों की लहरों से हार के
आज डूबी हूँ मैं
होए जानलेवा जलवा है देखने में हलवा
है प्यार से परोस दूँगी टूट ले ज़रा
ये तो trailer है पूरी फिल्लम दिखाने आई
हुस्न की तिल्ली से बीड़ी-चिल्लम जलाने आई
आई चिकनी चमेली
छुप के अकेली पव्वा चढ़ा के आई
आई चिकनी चमेली
छुप के अकेली पव्वा चढ़ा के आई
आई चिकनी चमेली
छुप के अकेली पव्वा चढ़ा के आई
आई चिकनी चमेली
स्टेप खत्म होने के बाद वो म्यूजिक पर गोल गोल घुमने लगी तभी पीछे से एक औरत उसके आस पास घूमते घूमते उसके बेहद करीब आ गई लेकिन अमृता ने उस पर ध्यान नही दिया बस नाचने में लगी रही ।। वही उस औरत ने बाकी औरतों को देखा तो सब ने आंखो से कुछ इशारा किया तो वो औरत अमृता के तरफ अपना पैर बड़ा के उसके साड़ी के प्लेट को पैरों से दबा देती है जिससे अचानक से अमृता की साड़ी उसके कमर से छूट जाती है ।।एक पल के लिए सब कुछ थम सा जाता है।।
अमृता की साड़ी के पास ऊपर का पल्लू उसके सिर पर था बाकी जमीन पर जितना अमृता हैरान थी उतना ही बाकी घर वाले भी थे । इस वक्त अमृता सब के सामने खुद को बहुत मजबूर समझने लगी ।।उसके आंखो के आंसू भर गए खुद की हालत देख के वो उसी तरह खड़ी रही ।।
तभी एक औरत ने हंसते हुए कहा " सुरवी तुमने अपनी बहु को साड़ी पहनना नही सिखाया था क्या ??
दूसरी ने कहा " वो क्यू सिखाएगी ये तो मां बाप करते है कहता है इस लड़की आई मां बाप ने कुछ नही सिखाया हा हा हा!
तीसरी ने कहा " लेकिन सच में आज से पहले ऐसी मुंह सिखाई नही देखी थी पहली बार ये नजारा देखने को किया बहु की तो साड़ी ही छूट गई ,, देखो तो पेटीकोट की जगह जींस पहन रखा है मैडम ने " हा हा हा!
सभी फिर से हसनेे लगी तभी सब के कानो में एक बेहद कड़क और गुस्से से भरी शब्द गई " बस"
जारी...✍️
इस आवाज को सुन के सभी गेट की तरफ देखने लगे जहा से रक्षित अंदर के तरफ आ रहा था उसके पीछे युग इस वक्त वो बेहद गुस्से के लग रहा वही औरते रक्षित को देख के डर से एक जगह पर आके खड़ी हो गई इधर हर्ष अपनी नज़रे फेर के खड़ा अमृता की को ऐसे हालत नही देख सकता और वही हर्षी उनकी मां तो अभी सदमे में ही थी ।
असल में रक्षित ऑफिस के लिए निकल गया था लेकिन अचानक से उसकी एक इंपोर्टेंट फाइल घर पर ही रह गई थी जिसे लेने वो यहां आया था और उसे सुबह ही पता चल चुका था की आज अमृता की मुंह दिखाईं है फाइल के बहाने वो ये सब भी देखना चाहता था ।।
खैर रक्षित ने आगे आया और े अमृता के साड़ी को उठा के उसके ऊपर डाले उसे ढक दिया और उसे साइड से पकड़ के खड़ा हो गया ,,।।लेकिन अमृता ने कुछ नही कहा वो बस ऐसे ही खड़ी रही उसके आंखो के सामने इस वक्त कुछ दूंधली यादें चल रही थी जिसे याद कर उसके आंखो मेे आंसू भर गए थे ।।
" प्लीज मेरी आंटी के साथ ऐसा मत करिए प्लीज" एक छोटी सी बच्ची जो महज 10 साल की होगी वो घुटनो के बल बैठ के अपने हांथ जोड़ के रो रही थी उसी सामने दो से चार हट्टे कट्टे आदमी हांथ में हॉकी लेके खड़े थे ।। जिन्हे देख वो बच्ची रोते हुए इनसे रिक्वेस्ट करने लगी लेकिन जैसे उन आदमियों को कोई फर्क ही नही पड़ रहा हो हस्ते हुए कहते है _
" क्या मैडम अपने आश्रम के बच्चो को कुछ सिखाया नही है क्या आप ने ऐसे बड़ो के बीच नही आते है इसे कहिए की यहां से जाए े हम बच्चो पर हांथ नही उठाते है अगर ये यही हमारे काम के बीच में आई तो हम खुद को रोक नही पाएंगे कुछ गलत हो गया तो बाद में हमे दोष मत दीजिएगा "
उन आदमियों के लीडर ने कहा ।।
तभी सामने कॉटन की सफेद साड़ी में जो औरत खड़ी थी उसने उस बच्चे को पकड़ के खड़ा करते हुए कहा " रितिका बेटा आप अंदर आओ "
रितिका कहती है " नही आंटी मैं आप को अकेले छोड़ के नही जाऊंगीी ये लोग अच्छे नही है "
रीतिका की बात सुन वो औरत भावुक हो जाति उनके आंखो से आंसू निकल के गालों ी पर आ जाए है वो सोचती है " तुम इतनी छोटी होके मेरे बारे में सोच रही हो और यहां खड़े लोग बस तमासा देख रहे है "
इस औरत ने अपने आंसू साफ कर कहा " बेटा आप की आंटी कह रही है ना अंदर जाओ बाकी बच्चो के पास मैं इनसे बात करती हूं "
रितिका उनकी बात मान के अंदर के तरफ जाने लगती है तभी वो आदमी उस औरत से कहता है " चलिए मैडम हमारे बाकी पैसे दीजिए और थोड़ा जल्दी हां क्यू की टाइम नही है हमारे पास "
वो औरत कहती है " मुन्ना भाई अभी तो पैसे नहीं है बच्चो की पढ़ाई में खर्चे हो गए बस एक महीने का और समय दे दीजिए इस बार पक्का दे देंगे "
वो आदमी कहता है " वो मैडम जी 6 महीने से यही सुन रहा हूं हां अब बस पैसे दो वरना हमारे आदमी आप।के साथ कुछ भी कर सकते है "
उस आदमी की बात सुन के डर जाती है और अपनी पलके नीचे झुका लेती है जिसे देख वो आदमी समझ जाता है पैसे नही मिलेंगे वो वहा से जाते हुए अपने आदमियों से कहा है " कुछ भी करो पैसे लिए बीना मत आना " अपनी बात कह के वो आदमी वहा से चला जाता है और उसके आदमी जो इस औरत को अजीब नजरो से ही देख रहे थे उसके पास बड़ने लगते है वही आश्रम के अंदर जा रही रितिका के कदम वही रुक जाते है वो पीछे मुड़ के उन आदमियों को देखने लगती है ।।
वही वे आदमी उस औरत से पैसे मांगते है पर जब वो कुछ नही कहती तो भरी समाज के सामने उसकी साडी पकड़ के खीच लेते है जिसे देख रितिका गुस्से से एक पत्थर उठा के उस आदमी के ऊपर मार देती है वही देख सब हैरान हो जाते है लेकिन रितिका रुकती नहीं है नीचे से लगा तार पत्थर उठा के उनके ऊपर फेकते हुए कहती है " पैसे चहिए ना तो मैं दूंगी तुम सब को अभी यहां से जाओ अगर मेरे आंटी के साथ गलत किया ना तो मैं तुम सब को मार डालूंगी "
भले ही रितिका छोटी थी लेकिन उसका गुस्सा और धमकी सुन के सभी डर गए और वहा से भाग गए ।। ये रितिका यानी अमृता के बचपन का वो पास्ट था जो आज उसके साथ आज तक एक कोने में दफन था उस दिन से रितिका की पूरी ज़िंदगी बदल जाती है
प्रजेंट टाइम....
"मेरी बीबी के साथ ऐसा बर्ताव करने की आप लोगो की हिम्मत कैसे हुई " रक्षित ने साइड से अमृता को पकड़े कहा जिसे सुन एक पल के लिए सारी औरते डर गई लेकिन दूसरे ही पल उन्ही में से एक ने कहा " तुम हम सब पर चिल्ला के अपनी बीबी के गलती को छुपा नहीं सकते हो किसी के घर की बहु भला ऐसे लोगो के सामने आती है " ।।
दूसरी औरत ने कहा " हां और नहीं तो क्या अरे हम तो यहां नई नवेली दुल्हन को देखने आए थे हमे क्या पता था साड़ी ही छूट जाएंगे "हा हा हा!
फिर से एक साथ सभी हसने लगी वही इन सब की बकवास सुन रक्षित गुस्से से अपनी मुट्ठी कस लेता है और बोलने को हुआ की अमृता ने अपने पास से उसे दूर झटक दिया ।। ये इतना अचानक था रक्षित खुद को गिरने से संभालने की कोशिश करने लगा तभी युग पीछे से आकेे उसे पकड़ लेते है है और हैरानी से अमृता की तरफ देखने लगता है ।। वो तो हेल्प ही कर रहा था फिर उसने क्यू किया ी ??? वो यही सोच रहा तभी अमृता नेउसकी तरफ देखते हुए कहा "पहले अपना डायलॉग चेंज कर के आओ उसके बाद बोलना " उसकी बात सुन हर्ष हर्षी युग तीनों मुंह दबाए हसने लगते है वही अमृता फिर सेे सब के सामने मुड़ के कहती है _
" आप सब ने सही कहा आप लोग तो यहां नई नवेली दुल्हन को देखने के लिए आए है तो ठीक से देखिए "
उसकी बात किसी को समझ नही आई तभी अमृता ने सर पर रखे पल्लू को एक झटके में निकल के और बची खुची साड़ी को भी खुद से अलग कर के दूर फेक दिया ।।
वो सभी के सामने जींस और ब्लाउस में खड़ी हो गई और बाकी सब देख के हैरान हो गए रक्षित ने देखा तो जल्दी से उसने पहले युग के आंखो पर हांथ रखा जैसे उसके बीबी को कोई ऐसे देख ना ले।।
" रक्षित क्या कर रहा है हांथ हटा" युग ने रक्षित के हाथों को आंख पर से हटाते हुए कहा ।।
रक्षित कहता है " अपनी आंखे खोलने की कोशिश भी मत करना वरना इस महीने की सैलिरी कट ,, मेरी बीबी अभी काली बनी है और तू उसे नही देख सकता है "
युग कहता है "अरे लेकिन क्यू कम से कम इसी बहाने मैं भी काली मां के दर्शन कर लूं ।।😁
रक्षित कहता है " कोई जरूरत नहीं है चुप चाप आंखे बंद कर के खड़े रहना जब तक खोलने के लिए मैं ना कहूं"
रक्षित उधर युग की आंखे बंद करने में लगा था तभी उसके कानो में ऐसे आवाज गई जिसे सुन के वो पूरी तरह जल भुन गया ।।
" भाई भाभी इस लुक में कितनी हॉट 🔥 लग रही है ना " हर्ष ने रक्षित के पास आके कहा वही रक्षित उसे खा जाने वाली नजरो से देखने लगा जिसे महसूस कर हर्ष ने आपने प्यारे भाई केे काले चेहरे को देखा तो दांत दिखाते हुए खड़ा हो गया 😁
इधर तो अमृता सच के काली का का रूप रह रही बाल हवा से उड़ रहे और आंखे खून की तरह लाल आज अमृता को खुद के सामने उसके बचपन के वही गुंडे दिख रहे थे जो वर्षो पहले आए थे जिसने उसकी जिंदगी ही बदल के रख दिया ।।
" वैसे किस किस ने मुझे नही देखा था ठीक से अब देख लीजिए और बताइए मैं कैसे लग रही हूं अच्छी न और जिसे ना लागू तो वो मेरे मुंह पर बोल सकता है वो क्या है ना मुझे झूठे तारीफ करने वाले पसंद नही है " अमृता कहते हुए अपने एक एक कदम उन औरतों के तरफ ले जाने लगी वही अमृता को इसे देखा सारी औरते का गला सूखने लगा डर से ।।
फिर अमृता कहती है " अरे क्या हुआ आप लोग कुछ बोल क्यू नही रही है अच्छा चलिए ठीक है किसी को नही बोलना है तो मैं फोर्स नही करूंगी बस ये बताइए की मेरी साड़ी किसने खींची "
अपनी बात कह वो हांथ बांध के खड़ी हो गई वही सारी औरते एक दूसरे को देखने लगे ।। उधर रक्षित दोनो की आंखे बंद कर के खड़ा था बिचारे देख नही पा रहे थे और अमृता की आवाज सुन उन्हे अंदाजा हो गया कुछ मजे दार ही होगा इसी लिए बॉस और भाई का डर इग्नोर कर के रक्षित के हाथों को दोनो ने पकड़ के नीचे कर दिया और अमृता के तरफ देखने लगे ।।
इधर एक औरत घबराते हुए आगे आई और कहा " सुरवीी तुमने अपनी बहु को शर्म हया के साथ साथ तमीज भी नही सिखाई है ा जो हम बड़ो से वो ऐसे बात कर रही है "
वो औरत बोल तो रही थी लेकिन डर भी उतना ही लग रहा था वही सुर्वी जी ने कुछ नही कह वो तो अंदर ही अंदर खुश थी जो अमृता के साथ हुआ उन्हे भी पसंद नही आया था । भले ही वो घर की इज्जत को बरकरार रखने के लिए कुछ नही बोलती लेकिन अमृता को रोका भी नही ।।
।
तभी अमृता कहती है " आप मुझसे बात करिए उनसे नही वैसे आप ही थी जा को मेरे आस पास घूम रही थी आप ने ही मेरी साड़ी खींची है "
औरत कहती है " तू... तू... पागल हो गई हो मैं ऐसे काम नही करती हूं वो तो ये थी ,,। उन्होंने दुसरी औरत को इशारा किया अमृता ने उन्हे देखा तो वो सकपका के अपनी आंखे गोल गोल घुमा लगी तभी अमृता उनके पास जाके उनके पल्लू को पकड़ के खींचने लगी ।। जिसे देख वो औरत अपनी साड़ी को कस के पकड़ लिया और घबराते हुए कहा " तुम क्या कर रही हो मेरी साड़ी छोड़ो ,, सूरवी तुम्हारी बहु पागल हो गई है रोको इसे "
" वो कुछ नही करेंगी और घबरादार कोई बीच में आया तो आज उन्हे भी तो पता चले इज्जत और शर्म क्या चीज है जब एक औरत के इज्जत पर आती है तो उसे कैसा महसूस होता है " अमृता ने दांत पीसते हुए कहा और साड़ी खींचने लगी ।।
और वही डर से किसी ने कुछ कहा नही बस चुप चाप खड़े होके दोनो का खींचा तानी देखने लगे इधर अमृता और उस औरत में छीना झपटी के साथ साथ चूहा बिल्ली का खेल होने कहा ,, वो औरत पुरे लिविंग रूम में भाग रही खुद को बचाने के लिए और अमृता उसे पकड़ने के लिए बाकी सब बस देख रहे थे ।
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अमृता ने उन औरतों को ऐसे निकाला जैसे घर से कूड़ा निकाल के बाहर फेक दो ,, आज अमृता से कोई नाराज नही था क्युकी उसने जो किया सही किया ।।
" बेटा ये सब मेरी गलती है मुझे उन्हे आना ही नही देने चाहिए था अगर मैने उसी वक्त पर माना कर दिया होता तो ऐसे कुछ नही होता मुझे माफ कर दीजियेगा " सुरवी जी ने अमृता के सामने अपने हांथ जोड़तेे हुए कहा ।।
अमृता उन्हे ऐसे करते देख उनका हांथ पकड़ के नीचे किया और कहा " नही आंटी जी इसने आप की गलती नही है वैसे भी वो औरते ही ऐसेी है मुझे तो पता ही नही था रिश्तेदार ऐसे होते है पर मेरा ऐसा.... बोलते वक्त अमृता बीच में रुक गई और कुछ सोचने लगी "
ये मैं क्या कहने जा रही हूं मैं भूल कैसे गई मैं रितिका नही अमृता हूं । तभी उसके दिमाक में कुछ हिट करता है और कहती है
" ओ नो मैने यही बात हर्षी से भी कहा था पता नही वो क्या सोच रही होगी ,, नही लगता है उसने ज्यादा ध्यान नही दिया था मेरी बातो पर नही तो वो पूछती ,,
कहते हुए वो एक बार हर्षी के तरफ देखती है जो उसी को देख रही थी उसके चेहरे पर खुशी के अलावा कोई भाव नहीं था जिसे देख अमृता थोड़ा रिलैक्स होती है और अपनी बात पूरी करती है _
" मेरा मतलब है की मै हमेशा अपने रिश्तेदारों से दूर रही हूं तो मुझे कभी पता नही चल ये सब ऐसे होते है "
उसकी बात सुन एक पल रुक के सभी उसकी तरफ देखने लगे जैसे उन्हे समझ मे ही नही आया हो अमृता क्या बोल रही है वो खुद एक अमीर परिवार से है और घर में ही रहती थी तो वो कैसे किसी से दूर रह सकती है ।।
पर किस नेी कुछ कहा नही बस सुरवी जी ने कहा " अच्छा जो हो गया सो होगा अब ऐसा कुछ नही होगा तुम जाके थोड़ा आराम कर लो थक गई होगी "
अमृता ने अपना सिर हिला के कहा " जी आंटी जी "
कह के जाने लगती है तभी सुरवी जी उसका हांथ पकड़ के रोक लेती है अमृता उनके तरफ सवालिया नजरो से देखने लगती है तब सुरवी जी कहती है " आंटी नही मां आज से तुम मां कहोगी समझी "
अमृता कहती है " पर आंटी
मां मैने कहा ना ।।
" जी म... आ... मां "
" गुड गर्ल आज जाके आराम करो लो मैं वही खाने के लिए कुछ भेज देती हूं " सुरवी जी ने उसके गालों पर हांथ रख के कहा ।।
उनके बातो से और इस तरफ प्यार करने से अमृता को बहुत अच्छा लगा लेकिन वो खुद के भावनाओ को छुपा के वहा से कमरे में चली गई ।। किसी नौकर ने उसके कमरे में नाश्ता ले गया जिसे कर अमृता ने खा के उसके बाद कपड़े बदले थोडी देर आराम किया आज उसका मन आश्रम जाने का कर रहा था इसी लिए उसने घर पर बताया तो सुरवी जी ने उसे हर्ष के साथ बाहर भेज दिया ।।
दोनो कार में बैठ के आश्रम के लिए निकल गए जहा हर्ष डाइविंग कर रहा वहा अमृता खिड़की के बाहर देख रही अभी उसके साथ जो हुआ वो उसके बारे में ही सोच के कहती है " कितना अजीब है ना जिंदगी जब जरूरत थी प्यार की तो कोई नही आया ,, और जिसे प्यार किया पैसे और पॉवर के लिए मुझे मार दिया और एक ने जन्म दिया जब खुद अकेले चलना सीख गई हूं तो सब प्यार करने।वाले मिल रहे है आज मां मिली ,, और जिन्होंने जन्म दिया उनका चेहरा तक पता नही कभी देखा है या नही याद भी नही है मुझे "
वो यही सब सोच रही की उसके कानो के हर्ष की आवाज गई , अमृता जी हम आ गए "
उसकी आवाज सुन अमृता कार से निकल के बाहर आ गई तबाही उसे याद आया की आश्रम किस तरफ से जल गया था उसे याद कर उसके दिल में दर्द होने लगा ,, मैं कुछ न कुछ करूंगी फिर से आश्रम को सही करने में " अमृता सोचते हुए आगे बड़ गई पर जब वो गेट पार कर के अंदर गई तो वहा का नजारा देख उसकी आंखे फटी की फटी रह गई ।। वो हैरानी से सब कुछ देखने लगी ।।
तभी हर्ष ने आ के कहा " अच्छा है ना भाई ने करवाया "
अमृता ने हैरानी से उसके तरफ देखा जैसे पूछना चाहती हो क्या तुम सच कर रहे हो ।।
जिसे समझ के हर्ष ने कहा " अगर तुम्हे यकीन न हो तो अंदर चल के पूछ सकती हो ये सब मेरे भाई ने करवाया है ।।
अमृता कहती है " लेकिन मुझे याद है ये सब तो जल गया था ना यहां तो आश्रम के नाम पर बस चले गए ईट बचे थे तो ये सब जब और कैसे ? मतलब एक रात में इतना सब "
हर्ष कहता है " जब आप ने भाई से शादी के लिए हां कह दिया था उसके बाद ही भाई ने सारे बच्चों को दूसरी जगह सिफ्ट कर के पूरा आश्रम को फिर से पहले जैसा बनाया और उन्हे यहां ले आए वो तो बस आप को डराने चाहते थे उनका बच्चो को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नही था वो बस अपना बदल लेने केलिए किया े आपके भाई को।उन्हे अहसास दिलाना चाहते थे की जब खुद की बहन दूर जाति है तो कैसा लगता है ?
अपनी बात कह हर्ष उदास हो गया पर अमृता ने कोई जवान नही दिया और अंदर के तरफ चली गई वही जब बच्चो ने उसे देख तो उसकी तरफ भागते हुए आने लगे " अम्मू दीदी आ गई ,, अम्मू दीदी ,, अम्मू दीदी ,
अमृता बड़ी सी स्माइल लिए वही घुटनो के बल बैठ गई और सारे बच्चे आके उसके गले लग गए ।। मेरे पप्पू टापू , खप्पू,, लप्पू, सब कैसे हो ।।
उसकी बात सुन सारे बच्चे शांत खड़े हो गए और एक दूसरे को देखने लगे वही अमृता भी उन्हे देख रही थी तभी सारे बच्चे एक साथ कहते है " हम ठीक है अम्मू दीदी आप कैसे हो "
अमृता स्माइल के साथ गैती है " मैं भी बिलकुल ठिक हूं ।।
उन्ही बच्चो के भीड़ में से एक बच्चा अमृता के पास एक कहता है " दीदी हम आप से नाराज है .
अमृता कहती है " पर क्यों मैने क्या किया है ?
वो बच्चा कहता है " आप ने हमारे लिए इतने सारे सामान भेजे पर कल आप नही आई और शादी कर लिया हमे समान नही आप के शादी में आके नचाना था "
अमृता उसके गाल खींचने हुए कहती है " ओ मेरा लप्पु तुम्हे डांस करना था I'm sorry बच्चे वो गलती मेरी नहीं है मेरे पति ही खराब है उन्होंने मुझे आने ही नही दिया तो मैं क्या करूं "
तभी दूसरी बच्ची कहती है " दीदी आप झूठ बोल रही है मेरे हैंडसम bf ऐसा नही कर सकते है वो बहुत अच्छे है हमारे लिए नया घर बनवाया है और कितने सारे खिलौने भी लेकेे आए है आप ही उनके साथ आप अच्छा नहीी करती है "
अमृता कहती है " ओ चुहिया तुमने क्या कहा वो तुम्हरा bf है और मैं उनकेें साथ अच्छा नही करती हूं किसने कहा "
चुहिया कहती है " आज मेरे bf आते थे उन्होंने बताया है आपने जंगली बिल्ली की तरफ उन्हे मारा था हम तो आप से नाराज भी है"
वही उसकी बात सुन के हर्ष ने सोचा " मैं सही था कल भाई की पिटाई हुई थी घर चल के हर्षी और युग भाई को बताता हूं की मैं सही था ।।
इधर अमृता सोचती है " ओ तो अब उसने मेरे ही बच्चो को मेरे खिलाफ भड़का दिया ,, ऐसे नही जीत पाए तो वैसे कोई बात नही कई भी अमृता हूं इतनी आसानी से हार नही मानने।वाली हूं और जो तुमने किया है उसका बदल तो घर जाके लूंगी "
" भाभी देख लो आप के बच्चे भाई के दीवाने हो गए है " हर्ष ने कहा तो अमृता उसे घूर के देखने लगी तो हर्ष अपने दांत दिखाते हुए कहता है " मैं एक कॉल कर के आता हूं "
इतना कह के वो दूसरी तरफ चला गया और अमृता बच्चों से बात करने लगी ।। थोड़ी ही देर में अमृता ने बच्चो को अपने साइड भी कर लिया और उनके साथ खेलने में लग गई ।।
काफी वक्त तक अमृता उनके साथ खेलती रही और हर्ष वही अपने फोन में लगा था ।। अब तक शाम होने को आई थी आज अमृता की बहुत खुशी मिल रही थी एक वही उसके अपने थे जिनके साथ उसे अपना सा लगा था ।।
वही बच्चों ने उसे वो सब भी दिखाया जो रक्षित ने उन्हे लिए लेके आया था अमृता खुश जितना थी उससे ज्यादा हैरान भी थी की उसने ये सब बच्चो के लिए किया है लेकिन उसे रक्षित की ये बात पसन्द नही आई की उसने उसके बच्चों की भड़काया है उसके खिलाफ ।। उसका तो बदला लेगी।।
अमृता थक के एक जगह जाके बैठ जाति है तभी उसके पास एक औरत जो की आश्रम की करता धर्ता थी वो उसके पास आके कहती है "
कैसी हो अमृता "
अपनी हो बच्चो को देख स्माइल कर रही जब वो ये आवाज सुनती है तो उनके तरफ देखने लगती है और कहती है " मैम मैं ठीक हूं आप कैसी है ?
मैम जिनका नाम कविता है वो कहती है " मैं ठीक हूं बस तुम्हे थैंक्यू कहना था "
अमृता कॉन्फिस्ड होके कहती है " थैंक्यू किस लिए ??
कविता जी कहती है " आओ मेरे साथ " कहते हुए वो अमृता की अपने साथ लेके जाति है ।।
फिर थोड़ी देर में अमृता उनके साथ बाहर आती है और कहती है " मुझे अभी चलना होगा ,, मैं फिर कभी आऊंगी "
कविता जी कहती है " हम्मम पर एक।बार उसके बारे में सोचना जो मैने कहा है "
अमृता कुछ नही कहती और सभी से विदा लेके वहा से गेट के तरफ चली जाती है ।।
ये हर्ष कहा है ? अमृता ने अपने आस पास देखते हुए कहा पर उसे हर्ष कही नजर कही आया उसने देखने के लिए अमृता थोड़ी आगे गई ।
तो उसकी नजर एक कार पर पड़ी जिससे टेक लगा के एक लडकी किसी से फोन पर बात कर रही थी इसे देख अमृता की मुट्ठी गुस्से से कस गई ,, ।।
इस्तना कस की उसके नाखून हंथेली में धसने लगे थे वही आंखो में अंगारे जैसे किसी को अभि जला के भस्म कर दे ।।
जारी..✍️
आखिर अमृता से क्या कहा कविता जी ने ??
कौन है वो लड़की जिसे देख अमृता गुस्सा हो गई है ..?
क्या होगा रक्षित के साथ अब??
अब आगे ...
अमृता ने उन औरतों को ऐसे निकाला जैसे घर से कूड़ा निकाल के बाहर फेक दो ,, आज अमृता से कोई नाराज नही था क्युकी उसने जो किया सही किया ।।
" बेटा ये सब मेरी गलती है मुझे उन्हे आना ही नही देने चाहिए था अगर मैने उसी वक्त पर माना कर दिया होता तो ऐसे कुछ नही होता मुझे माफ कर दीजियेगा " सुरवी जी ने अमृता के सामने अपने हांथ जोड़तेे हुए कहा ।।
अमृता उन्हे ऐसे करते देख उनका हांथ पकड़ के नीचे किया और कहा " नही आंटी जी इसने आप की गलती नही है वैसे भी वो औरते ही ऐसेी है मुझे तो पता ही नही था रिश्तेदार ऐसे होते है पर मेरा ऐसा.... बोलते वक्त अमृता बीच में रुक गई और कुछ सोचने लगी "
ये मैं क्या कहने जा रही हूं मैं भूल कैसे गई मैं रितिका नही अमृता हूं । तभी उसके दिमाक में कुछ हिट करता है और कहती है
" ओ नो मैने यही बात हर्षी से भी कहा था पता नही वो क्या सोच रही होगी ,, नही लगता है उसने ज्यादा ध्यान नही दिया था मेरी बातो पर नही तो वो पूछती ,,
कहते हुए वो एक बार हर्षी के तरफ देखती है जो उसी को देख रही थी उसके चेहरे पर खुशी के अलावा कोई भाव नहीं था जिसे देख अमृता थोड़ा रिलैक्स होती है और अपनी बात पूरी करती है _
" मेरा मतलब है की मै हमेशा अपने रिश्तेदारों से दूर रही हूं तो मुझे कभी पता नही चल ये सब ऐसे होते है "
उसकी बात सुन एक पल रुक के सभी उसकी तरफ देखने लगे जैसे उन्हे समझ मे ही नही आया हो अमृता क्या बोल रही है वो खुद एक अमीर परिवार से है और घर में ही रहती थी तो वो कैसे किसी से दूर रह सकती है ।।
पर किस नेी कुछ कहा नही बस सुरवी जी ने कहा " अच्छा जो हो गया सो होगा अब ऐसा कुछ नही होगा तुम जाके थोड़ा आराम कर लो थक गई होगी "
अमृता ने अपना सिर हिला के कहा " जी आंटी जी "
कह के जाने लगती है तभी सुरवी जी उसका हांथ पकड़ के रोक लेती है अमृता उनके तरफ सवालिया नजरो से देखने लगती है तब सुरवी जी कहती है " आंटी नही मां आज से तुम मां कहोगी समझी "
अमृता कहती है " पर आंटी
मां मैने कहा ना ।।
" जी म... आ... मां "
" गुड गर्ल आज जाके आराम करो लो मैं वही खाने के लिए कुछ भेज देती हूं " सुरवी जी ने उसके गालों पर हांथ रख के कहा ।।
उनके बातो से और इस तरफ प्यार करने से अमृता को बहुत अच्छा लगा लेकिन वो खुद के भावनाओ को छुपा के वहा से कमरे में चली गई ।। किसी नौकर ने उसके कमरे में नाश्ता ले गया जिसे कर अमृता ने खा के उसके बाद कपड़े बदले थोडी देर आराम किया आज उसका मन आश्रम जाने का कर रहा था इसी लिए उसने घर पर बताया तो सुरवी जी ने उसे हर्ष के साथ बाहर भेज दिया ।।
दोनो कार में बैठ के आश्रम के लिए निकल गए जहा हर्ष डाइविंग कर रहा वहा अमृता खिड़की के बाहर देख रही अभी उसके साथ जो हुआ वो उसके बारे में ही सोच के कहती है " कितना अजीब है ना जिंदगी जब जरूरत थी प्यार की तो कोई नही आया ,, और जिसे प्यार किया पैसे और पॉवर के लिए मुझे मार दिया और एक ने जन्म दिया जब खुद अकेले चलना सीख गई हूं तो सब प्यार करने।वाले मिल रहे है आज मां मिली ,, और जिन्होंने जन्म दिया उनका चेहरा तक पता नही कभी देखा है या नही याद भी नही है मुझे "
वो यही सब सोच रही की उसके कानो के हर्ष की आवाज गई , अमृता जी हम आ गए "
उसकी आवाज सुन अमृता कार से निकल के बाहर आ गई तबाही उसे याद आया की आश्रम किस तरफ से जल गया था उसे याद कर उसके दिल में दर्द होने लगा ,, मैं कुछ न कुछ करूंगी फिर से आश्रम को सही करने में " अमृता सोचते हुए आगे बड़ गई पर जब वो गेट पार कर के अंदर गई तो वहा का नजारा देख उसकी आंखे फटी की फटी रह गई ।। वो हैरानी से सब कुछ देखने लगी ।।
तभी हर्ष ने आ के कहा " अच्छा है ना भाई ने करवाया "
अमृता ने हैरानी से उसके तरफ देखा जैसे पूछना चाहती हो क्या तुम सच कर रहे हो ।।
जिसे समझ के हर्ष ने कहा " अगर तुम्हे यकीन न हो तो अंदर चल के पूछ सकती हो ये सब मेरे भाई ने करवाया है ।।
अमृता कहती है " लेकिन मुझे याद है ये सब तो जल गया था ना यहां तो आश्रम के नाम पर बस चले गए ईट बचे थे तो ये सब जब और कैसे ? मतलब एक रात में इतना सब "
हर्ष कहता है " जब आप ने भाई से शादी के लिए हां कह दिया था उसके बाद ही भाई ने सारे बच्चों को दूसरी जगह सिफ्ट कर के पूरा आश्रम को फिर से पहले जैसा बनाया और उन्हे यहां ले आए वो तो बस आप को डराने चाहते थे उनका बच्चो को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नही था वो बस अपना बदल लेने केलिए किया े आपके भाई को।उन्हे अहसास दिलाना चाहते थे की जब खुद की बहन दूर जाति है तो कैसा लगता है ?
अपनी बात कह हर्ष उदास हो गया पर अमृता ने कोई जवान नही दिया और अंदर के तरफ चली गई वही जब बच्चो ने उसे देख तो उसकी तरफ भागते हुए आने लगे " अम्मू दीदी आ गई ,, अम्मू दीदी ,, अम्मू दीदी ,
अमृता बड़ी सी स्माइल लिए वही घुटनो के बल बैठ गई और सारे बच्चे आके उसके गले लग गए ।। मेरे पप्पू टापू , खप्पू,, लप्पू, सब कैसे हो ।।
उसकी बात सुन सारे बच्चे शांत खड़े हो गए और एक दूसरे को देखने लगे वही अमृता भी उन्हे देख रही थी तभी सारे बच्चे एक साथ कहते है " हम ठीक है अम्मू दीदी आप कैसे हो "
अमृता स्माइल के साथ गैती है " मैं भी बिलकुल ठिक हूं ।।
उन्ही बच्चो के भीड़ में से एक बच्चा अमृता के पास एक कहता है " दीदी हम आप से नाराज है .
अमृता कहती है " पर क्यों मैने क्या किया है ?
वो बच्चा कहता है " आप ने हमारे लिए इतने सारे सामान भेजे पर कल आप नही आई और शादी कर लिया हमे समान नही आप के शादी में आके नचाना था "
अमृता उसके गाल खींचने हुए कहती है " ओ मेरा लप्पु तुम्हे डांस करना था I'm sorry बच्चे वो गलती मेरी नहीं है मेरे पति ही खराब है उन्होंने मुझे आने ही नही दिया तो मैं क्या करूं "
तभी दूसरी बच्ची कहती है " दीदी आप झूठ बोल रही है मेरे हैंडसम bf ऐसा नही कर सकते है वो बहुत अच्छे है हमारे लिए नया घर बनवाया है और कितने सारे खिलौने भी लेकेे आए है आप ही उनके साथ आप अच्छा नहीी करती है "
अमृता कहती है " ओ चुहिया तुमने क्या कहा वो तुम्हरा bf है और मैं उनकेें साथ अच्छा नही करती हूं किसने कहा "
चुहिया कहती है " आज मेरे bf आते थे उन्होंने बताया है आपने जंगली बिल्ली की तरफ उन्हे मारा था हम तो आप से नाराज भी है"
वही उसकी बात सुन के हर्ष ने सोचा " मैं सही था कल भाई की पिटाई हुई थी घर चल के हर्षी और युग भाई को बताता हूं की मैं सही था ।।
इधर अमृता सोचती है " ओ तो अब उसने मेरे ही बच्चो को मेरे खिलाफ भड़का दिया ,, ऐसे नही जीत पाए तो वैसे कोई बात नही कई भी अमृता हूं इतनी आसानी से हार नही मानने।वाली हूं और जो तुमने किया है उसका बदल तो घर जाके लूंगी "
" भाभी देख लो आप के बच्चे भाई के दीवाने हो गए है " हर्ष ने कहा तो अमृता उसे घूर के देखने लगी तो हर्ष अपने दांत दिखाते हुए कहता है " मैं एक कॉल कर के आता हूं "
इतना कह के वो दूसरी तरफ चला गया और अमृता बच्चों से बात करने लगी ।। थोड़ी ही देर में अमृता ने बच्चो को अपने साइड भी कर लिया और उनके साथ खेलने में लग गई ।।
काफी वक्त तक अमृता उनके साथ खेलती रही और हर्ष वही अपने फोन में लगा था ।। अब तक शाम होने को आई थी आज अमृता की बहुत खुशी मिल रही थी एक वही उसके अपने थे जिनके साथ उसे अपना सा लगा था ।।
वही बच्चों ने उसे वो सब भी दिखाया जो रक्षित ने उन्हे लिए लेके आया था अमृता खुश जितना थी उससे ज्यादा हैरान भी थी की उसने ये सब बच्चो के लिए किया है लेकिन उसे रक्षित की ये बात पसन्द नही आई की उसने उसके बच्चों की भड़काया है उसके खिलाफ ।। उसका तो बदला लेगी।।
अमृता थक के एक जगह जाके बैठ जाति है तभी उसके पास एक औरत जो की आश्रम की करता धर्ता थी वो उसके पास आके कहती है "
कैसी हो अमृता "
अपनी हो बच्चो को देख स्माइल कर रही जब वो ये आवाज सुनती है तो उनके तरफ देखने लगती है और कहती है " मैम मैं ठीक हूं आप कैसी है ?
मैम जिनका नाम कविता है वो कहती है " मैं ठीक हूं बस तुम्हे थैंक्यू कहना था "
अमृता कॉन्फिस्ड होके कहती है " थैंक्यू किस लिए ??
कविता जी कहती है " आओ मेरे साथ " कहते हुए वो अमृता की अपने साथ लेके जाति है ।।
फिर थोड़ी देर में अमृता उनके साथ बाहर आती है और कहती है " मुझे अभी चलना होगा ,, मैं फिर कभी आऊंगी "
कविता जी कहती है " हम्मम पर एक।बार उसके बारे में सोचना जो मैने कहा है "
अमृता कुछ नही कहती और सभी से विदा लेके वहा से गेट के तरफ चली जाती है ।।
ये हर्ष कहा है ? अमृता ने अपने आस पास देखते हुए कहा पर उसे हर्ष कही नजर कही आया उसने देखने के लिए अमृता थोड़ी आगे गई ।
तो उसकी नजर एक कार पर पड़ी जिससे टेक लगा के एक लडकी किसी से फोन पर बात कर रही थी इसे देख अमृता की मुट्ठी गुस्से से कस गई ,, ।।
इस्तना कस की उसके नाखून हंथेली में धसने लगे थे वही आंखो में अंगारे जैसे किसी को अभि जला के भस्म कर दे ।।
जारी..✍️
आखिर अमृता से क्या कहा कविता जी ने ??
कौन है वो लड़की जिसे देख अमृता गुस्सा हो गई है ..?
क्या होगा रक्षित के साथ अब??
दोपहर के कुछ 2 _3 हो रहे थे वही ऑफिस में रक्षित बैठा कुछ पेपर्स चेक कर रहा था तभी वहा पर युग ने आके कहा " सर हमे मिटिंग के लिए निकलना चाहिए ,, क्लाइंड पहुंच गए है "
रक्षित ने सुना तो अपना सिर हिला के चेयर से उठ गया और अपना ब्लेजर लिया ा एक हांथ में दूसरे हांथ में फोन लेके दोनो ऑफिस से निकल गए ।।
कार में जो की रक्षित लैपटॉप पर काम कर रहा था तभी युग ने कहा " सर वो .... इतना कह के युग रुक गया तभी रक्षित ने कहा " हम्मम बोलो क्या कहना चाहते हो "
युग एक गहरी सांस लेता है और कहता है " वो जीत शादी कर रहा है अगले मंथ "
रक्षित ने जैसे ही सुना उसके हांथ रुक गए उसकी आंखे लाला होने लगी उसने युग के तरफ देखा जो पहले से उसे देख रहा था ।। पल।के लिए युग घबरा गया लेकिन फिर खुद को संभाल के कहा " ये इनफॉर्मेशन सही है मैने खुद इसकी जांच की है वो अगले मंथ फोट में शादी कर रहा है ।।
रक्षित कहता है " लड़की कौन है और इतनी जल्दी उसके बाप ने शादी के लिए हां कैसे कर दिया "
युग कहता है " वो उसका बाप हॉस्पिटल में है इस वक्त बेटी की शादी का सदमा लगा है हॉस्पिटल में एडमिट है और उनके सुपुत्र जिन्हे बाप से कोई मतलब ही नहीं है वो उनके खिलाफ जाके शादी कर रहे है ,, और जहा तक लड़की की बात है तो उसके बारे में ज्यादा इनफॉर्मेशन मिल नही पाया है इसके बारे में बहुत कम ही चीज़े पता चली है "
रक्षित कहता है " कैसी चीज़े???
युग कहता है " पहले वो किसी अनाथ आश्रम में रहती थी पर एक रात अचानक से पांच बच्चे उस आश्रम से गायब हो चुके थे जिनमे से दो लड़के थे और तीन लड़किया थी मगर पुलिस को उनके बारे के कुछ पता नही चला उन पांचों के से ये वही लड़की है जो जीत के साथ शादी कर रही है ।।
इस बात पर रक्षित ने जब कोई जवाब नही दिया तो युग ने उसकी तरफ देख के कहा " क्या करना है क्या लड़की को उठा ले ये फिर ... बीच में रक्षित ने कहा " उस लड़की के बारे में पता करो कौन है उसके बाद सोचते है ,, वैसे भी मैं इसे इतनी आसानी से खुश नहीं रहने दे सकता इसने मेरा सब कुछ लिया है तो मैं चैन से कैसे रहने दे सकता हूं इसे भी तो अपनो के खोने की कीमत पता चले ,, इसनेे मेरी बहन को छीना है तो मैं बस बहन नही बल्कि इसका सब कुछ मतलब सब कुछ ले लूंगा जिससे वो खुद घुट घुट कर मरे तभी मेरी बहन को शांति मिलेगी "
( वैसे मैं बता दूं,, जीत अमृता का भाई है उसकी बात हो रही है )
उधर अमृता ने सामने खडी लड़की को देख बेहद गुस्से के आ गई थी ,, जो सामने सड़क के दूसरी तरफ किसी से फोन पर बात कर रही थी भले ही अमृता उसकी बात सुन नही पा रही लेकिन उसके चेहरे की खुशी वो देख पा रही थी उसने इस वक्त एक शर्ट और ट्राउजर पहन रखा था बालो का पोनीटेल बना था वही ड्राइवर जो कार के बोनट को खोल के कुछ चेक कर रहा था ।।
अमृता ने उसे देख के सोचा " नैना यहां क्या कर रही है और ये कार किसकी है जहा तक मैं जानती हूं उनके पास तो इतना सब था नही तो ये सब कहा से ,,
फिर वो उसे ऊपर से लेके नीचे तक देख के कहती है " ये अचानक से इतनी अमीर कैसे हो गई मुझे पता करना पड़ेगा "
( नैना अमृता यानी रीतिका की वो दोस्त जिसका उसे मारने में भी हांथ है )
वही सामने खड़ी नैना ड्राइवर से कहती है " क्या हुआा ?
तभी ड्राइवर कहता है " जी मैं हो गया चलिए . मैम"
इतना कह दोनो कार के अंदर बैठने लगते है जिसे देख अमृता भी उनके साथ जाने की कोशिश करती है पर उसकी गाड़ी कहा थी पता नही ना ही हर्ष दिखाई दे रहा था तभी अमृता थोड़ा आगे बड़ के जल्दी से एक ऑटो लेती है और कहती है " भैया उस कार का पीछा करना है "
वो ऑटो वाला उसकी बात मान के उस कार का पीछा करता है उसे देख अमृता सोचती है " तुम सब मुझे मार के काफी खुश हो ना लेकिन ज्यादा दिन तक नही क्युकी मैं अपना बदला लेने वापस आ गई हूं वैसे भी यहां का मामला खत्म। करने के बाद तुम सब के।पास ही आने वाली थी लेकिन लगता है भगवान जी को जल्दी है इसी लिए तुम्हे सीधा मेरे सामने लेके आए मगर एक तरह से अच्छा है अब जब तुम आ ही गई वो तो तुम्हारे साथ साथ और भी लोग आ जायेंगे "
इस वक्त अमृता का मन।कर रहा था की वो पकड़ के यही कूट दे नैना कोे लेकिन उसे अभी बहुत कुछ जानना था इसी लिए वो जल्दी नही कर सकती उसे दिमाक से काम।लेना होगा अब सब कुछ उसे पहले जैसा नही दिख रहा है सबसे बड़ी चीज अचानक से नैना इतनी अमीर कैसे हो गई मतलब पैसों की कमी तो पहले भी नही थी बट रोल्स रॉयस में घूमने।की औकात तो अभी नही हुई थी ।।
यही सब सोच वो आगे बड़ी जा रही थी तभी ऑटो वाले से कहती है " भैया थोड़ा तेज चलाइए न वो कार आगे निकल जायेंगी "
ऑटो वाला कहता है " मैडम तेज तो चला रहा हूं अब कितना तेज चलाऊं"
इतना कह वो आगे बड़ता ही पर अचानक से उसका ऑटो रुक जाती हैै जिसे देख अमृता थोडी पैनिक हो जाति है और गुस्से से ऑटो वाले से कहती है " क्या हुआ आप रुक क्यू गए चलाइए न "
ऑटो वाला।कहता है " मैडम आप गुस्सा क्यू कर रही है मैं तो चल ही रहा था पर आप के पूछने के चक्कर के मेरी ऑटो खड़ा हो गई "
अमृता चौकते हुए कहती है " क्या कहा ??? मेरी वजह से खैर मेरे पास इन फालतू के चीज के लिए टाइम नही है आप को फिर कभी देखती हूं पहले टूटी फुटी ऑटो लेके चलाओ फिर मैडम के ऊपर इलजाम लगा दो अच्छा है आप लोगो का ।।
ऑटो वाला कहता है " क्या मैडल??? सही बोल रहा हूं तो आप को बुरा लग रहा है मेरे पैसे दीजिए और जाके।किसी और की ऑटो में बैठ जाइए "
अमृता कहती है " किस चीज के पैसे " वो वो कार के तरफ देखती है जो काफी आगे निकल रही थी उसे देख वो दुबारा बिना कुछ कहे हजार का नोट निकाल के उसे दे देती है ।।
और वहा से आगे बड़ जाति है वो छुट्टे लेने।के लिए भी नही रुकती वही वो ऑटो वहा पैसे देख के कहता है " पगला लड़की हम्मम "
इतना कह वो ऑटो स्टार्ट कर के टर्न कर जाने।लगी है वही अमृता ज्यादा दूर नहीं गई थी जैसे ही वो ऑटो की आवाज सुनती है और पूछे मुड़ के उसे देखती है तो उसकी आंखे हैरानी से फट जाती है 😳
वो कहती है " कमीना मुझे ठग गया कोई न कभी तो मिलेगा तब वसुल लूंगी इस झूठ का "
अमृता का मोए मोए हो गया 😂🤣
खैर वो चारो तरह देखती है पर कोई ऑटो वाला नही दिखाता तभी उसकी नजर एक बाइक पर जाति है जिसे देख उसके चेहरे पर तिरछी मुस्कान आ जाति है और वो कहती है " अब आयेगा मजा चल रितिका अपने असली रूप में "
इतना कह वो बाइक के पास जाके देखती है चाभी उसमें लगे थे उस पर बैठ वो जैसे ही जाने को होती है पीछे से एक लड़का जो अपना मूंह धूल रहा था वो आके।कहता है " ये चोरनि मेरी बाइक लेके।कहा जा रही है ।।
अमृता उसे एक।नजर देखती है और।कहती है " चोरनी तेरी मां साले"
लड़का कहता है " मां पर मत जान।वरना "
अमृता कहती है " वरना और तरना के।लिए मेरे पास वक्त नहीं है मुझे जाना है "
"ये मारी बाइक है "
" तो।मैने।कब कहा मेरी है बस मुझे कही जाना है और तू बीच के मत आ नही तो इस बाइक के।साथ साथ तुझे भी फोड़ के रख दूंगी "
अमृता की बात सुन वो लड़का थोड़ा डर जाता है और बाइक पर बैठ के कहता है " मैं भी चलूंगी "
अमृता कहती है " ठीक है अच्छे से पकड़ ले नही तो रास्ते में गिरा तो मेरी गलती नही है समझा "
वो लड़की जल्दी से अमृता के कमर को पकड़ लेता है तो अमृता झल्ला के कहती है " अबे लड़की देखी नही छेड़ना शुरू मुझे नही पीछे पकड़ मुझे पकड़ा ना तो तेरे हांथ कही और चले जायेंगे "
वो लड़का फिर से डर जाता है और पीछे पकड़ के बैठ गया अमृता बाइक स्टार्ट कर के रफ्तार काफी तेज कर दिया और कुछ देर मेे उस कार के। पिछेे पहुंच गई उसे इतनी तेज चलाते देख लड़का पहले से अपना दिल हांथ में ले लिया था ।।
कुछ देर में नैना की कार एक रेस्टोरेंट के सामने रुकती है ।।
दुसरी तरफ रक्षित और युग भी रेस्टोरेंट के सामने रुक के कार से बाहर निकल जाते है और अंदर की तरफ बड़ने लगते है ।।
इधर कार का पीछा कर अमृता भी रेस्टोरेंट तक पूछ जाति है ।।
इधर रक्षित युग से कुछ discussion करते हुए आगे बड़ रहे थेा की अचानक से दोनो के सामने से तेज रफ्तार में एक बाइक जाके थोड़ी दूरी पर रुकती है वो इतनी तेज में गुजारी की एक पल के लिए रक्षित और युग दोनो जम।से गए तभी युग गुस्से में जैसे ही बाइक वाले को कुछ बोलना चाहाा की वहा पर अमृताा को देख दोनो हैरान हो गए और एक दूसरे की सकल देखने लगे ..।।
जारी...✍️
कहानी कैसीे है कॉमेंट में जरूर बताइएगा आप सब वैसे अगर किसी को बोरिंग लग रही हो तो वो भी प्लीज बताना ओके ☺️
क्या होगा आगे ..??
क्या करेगी अमृता नैना के साथ ..?
रक्षित क्या करेगा अमृता को ?
क्या अमृता रक्षित को देखा है ??
इधर रक्षित युग से कुछ discussion करते हुए आगे बड़ रहे थे की अचानक से दोनो के सामने से तेज रफ्तार में एक बाइक जाके थोड़ी दूरी पर रुकती है वो इतनी तेज में गुजारी की एक पल के लिए रक्षित और युग दोनो जम।से गए तभी युग गुस्से में जैसे ही बाइक वाले को कुछ बोलना चाहा की वहा पर अमृताा को देख दोनो हैरान हो गए और हैरानी से एक दूसरे की सकल देखने लगे ..।।
" ये यहां क्या कर रही है ? रक्षित ने अमृता को देख के कहा ।।
युग जो अमृता को ही देख रहा था वो कहता है " मुझे क्या पता ? वैसे भाभी अच्छी लग रही है 😁
अपनी बात कह दोनो फिर एक बार एक दूसरे को देखने लगे ।।
उधर अमृता ने बाइक रोकी और जल्दी जल्दी निचे उतरने लगी लेकिन पीछे लड़के के बैठने की वजह से उसका पैर फस गया।।।
" ओ योग देवता के शिस्य ये योगा करने की जगह नही है नीचे उतर और घर जाके करना समझा " अमृता ने पीछे बैठे लड़के को देख के कहा जिसे देखने में ऐसा लग रहा था की बिचारा सदमे में चला गया वो पीछे हांथ कर आंखे बड़ी कर के बैठा था ।। शारीर पूरी तरह अकड़ी हुई लग रही थी ।।
अमृता ने जब उसे कुछ बोलते हुए नही देखा तो एक पैर नीचे कर खड़ी हो गई और दूसरा पैर ऊपर के अपनी कोहनी से उसे एक जोर दार किक मारी जिससे बिचारे में मुंह से एक चीख निकल गई " आह्ह्ह्हह्ह"
मार खाने से बिचारा होश में आ चुका था उसने अमृता के तरफ देख जो गुस्से से घूर रही थी ।।
" अब देखना बंद कर निचे उतर" अमृता ने गुस्से से कहा तो लड़का डर से अकड़ी हुई शारीर के साथ नीचे खड़ा हो गया और अमृता ने बाइक उसे पकड़ा के अंदर के तरफ बड़ गई ।
दूसरी तरफ नैना अंदर एक टेबल के पास गई जहा पर एक लड़का बैठा था वो इस वक्त बिजनेस सूट में था उसे देख नैना आगे बड़ के कहती है " जीत बेबीी"
हां ये लड़का अमृता का भाई जीत है ,, अपना नाम सुन जीत ने पीछे मुड़ के देखा जहा पर नैना खड़ी थी ।।
"बेबीी आखिर तुम आज मुझसे मिलने आ ही गई मुझे लगा की कल डायरेक्ट कोर्ट शादी करने ही आओगी" ना फोन उठाती हो और ना ही करती हो तुम्हे तो।मेरी याद भी नही आती होगी " जीत ने नैना को गले से लगाते हुए कहा ।।
तो नैना कहती है " सॉरी बेबी तुम जानते ही हो नाा इस वक्त मैं कितना बीजी हूं मेरे पास बिलकुल वक्त नही रहता है तो मैं कैसे आती मिलने। बट प्रोमिस हां अब ऐसा कुछ नही होगा ok " उसने स्माइल के साथ कहा जो दिखने में झूठी ही लग रही थी ।।
जीत कहता है " हां हां मुझे पता है मैं तुमसे ज्यादा दिन दूर नही रह सकता हूं इसी लिए कल हीो शादी करने का डिसीजन लिया है मैने वैसे तो चाहता था की डैड ठीक हो जाय फिर करूंगा लेकिन तुम्हारी जिद के आगे मैं कुछ नही कर पाता "
नैना बस हम्मम कहती है और चेयर पर आके बैठ जाति है और कहती है " बेबी मुझे आज तुमसे कुछ इंपोटेंट बात करनी है "
जीत बैठते हुए कहता है " हां बोलो क्या बात है "
नैना कहती है " तुम तो आर्मी वालो को जानते ही हो काफी पहचाना भी है तुम्हारी और .... बीच में जीत कहता है " पहले हम कुछ ऑडर करते है इसके बाद बात करते है । हम्मम।। नैना के चहरे के कुछ भाव बदल जाते है लेकिन फिर भी वो स्माइल के साथ aona सिर हिला देती ही ।। वही जीत वेटर को बुला के कुछ ऑडर करने लागत है ।।
इधर अमृता अंदर के तरफ जाति ही है की पीछे से लड़का कहता है " ओ मैडम पेट्रोल के पैसे तो देती जाओ "
उसकी बात सुन अमृता अपनी आंखे छोटी कर उसके तरफ देखती है वही रक्षित और युग भी अब तक उनके पास पहुंच चुके थे पहले तो रक्षित को काफी गुस्सा आया अमृता को किसी और लड़के के साथ देख के पर जब उसने उनकी बात सुनी तो अंदर ही अंदर उसे काफी बहुत खुशी महसूस हुआ मगर जब लड़के ने पैसे मांगे तो फिर से उसका माथा चढ़ने लगा ।।
वही अमृता ने अपनी आंखे छोटी कर के कहा " क्या कहा तूने एक बार फिर कहना "
वो लड़का कहता है " यही की इतनी तेज मेरी बाइक लेके आई हो पेट्रोल के पैसे देदो फिर जहा जाना हो जाओ "
उसकी बात सुन अमित अपनी बाजू फोर्ड करने लगती है और उसकी तरफ बड़ते हुए कहती है " तुझे पेट्रोल के पैसे चाहिए रुक मैं उसी पेट्रोल में आज तुझे डुबो डुबो के मारूंगी साले सुयर की औलाद मेरे चहेरे पर बेवकूफ लिखा है ना जो जिसे देखे मुझे ही आज ठगने के लिए आ रहा है अभि तो एक नमुना गया है और अब तू आ गया रुक तुझे बताती हूं "
अमृता की बात सुन यहां रक्षित और युग आंखे फाड़ के देख रहे थे वैसे तो पहले भी इसकी दादा गिरी देख चुके है लेकिन ऐसीे बाते नही सुनी थी और ऊपर से गाली बाप रेरे दोनो के कान खड़े हो गए थे वही उस लड़के की ऐसी फटी की बीना एक पल वहा वक्त गवाइए बाइक वाईक छोड़ के ऐसे भाग ऐसे भाग ,, बहुत तेज भागा 😁🏃
उसे भागते हुए रक्षित और युग मासूम सी सकल बना के देख रहे थे आज तो उनकी हैरानी की कोई अंत ही नही था अमृता बीना वक्त गवाए अंदर के तरफ चली गई ।।
वही रक्षित ने युग के तरफ देखते हुए कहा " यही इनफार्मेशन लेके आए थे "
युग कहता है " सर लाया तो सही था पर पता नही लड़की शायद बदल गई "
रक्षित खा जाने वाली नजरो से घूरते हुए कहता है " शट अप "
इतना कह दोनो अंदर के तरफ चले जाते है ।।
इधर अमृता ने अंदर जाके चारो तरफ देखा तो उसे एक टेबल पर नैना बैठी मिली कहा पर जीत भी था लेकिन जीत का चेहरा अमृता ने नही देखा क्यू की उसकी तरफ उसका सिर्फ पीठ था अमृता ने सोचा " लगता है एक के साथ एक फ्री है कोई बात कही आज तो दोनो को देखती हूं वैसे भी बड़े वक्त गुजर गए दोनो को देखे मगर अमृता ध्यान से अभी तू रितिक नही है अमृता है तो तुझे अमृता बन के ही लड़का पड़ेगा ,,
असल के अमृता को लग रहा की उसका दुसरा दुश्मन विपुल भी यही है क्युकी अक्सर वो बिजनेस सूट पहन ले रेडी रहता था ।।
अपनी बात कह वो आगे बड़ के नैना के बगल के खड़ी होके जैसे ही कुछ कहने को हुई की उसके कानो के जीत की आवाज गई जो उसे देख के हैरान था ।
" अम्मू तू यहां" अमृता ने इस आवाज के तरफ देखा जीत अपनी सीट से खड़ा होके उसे देख रहा था इस वक्त उसकी आंखे काफी बड़ी हो गई थी ।।
अमृता एक बार अपनी आंखे सिकोड़ के देखती है फिर उसे याद आता है ये कौन है पहले तो ओ पहचाना नही पाई थी जब पहचान के आया तो गुस्से से उसकी मुठिया कस गई और सीधे जाके जीत के कॉलर को पकड़ लेती है ।।
वही रक्षित और युग भी अंदर आ चुके थे अमृता को जीत का कॉलर पकड़ता देख फिर से दोनो सदमे के जाने लगे क्युकी ये बात दोनो अच्छे से जानते है की अमृता अपने भाई से कितना प्यार करती है जब रक्षित ने उसे बताया की उसके भाई ने उसकी बहन के साथ क्या किया था तो अमृता मानने के लिए तैयार ही नहीं थी उसके आंखो पर प्यार कि पट्टी बंधी थी उसका भाई कभी कुछ गलत नही कर सकता है ।।
" मेरी जिंदगी बर्बाद कर के यहां डेट कर रहे हो " अमृता ने अपने दांत पिस्ते हुए कहा ।।
तो जीत ने हैरानी से कहा " अम्मू तू कैसे बाते कर रही है ये क्या तरीका है हां अपने बड़े भाई से बात करने की ,,मेरा कॉलर छोड़"
उसने अमृता के हाथों से कॉलर छुड़ाते हुए कहा तो अमृता की पकड़ और कस गई और अपनी तरफ थोड़ा खींचते हुए कहा " अभी तो सिर्फ कॉलर पकड़ा है सुकर करो की दांत नही तोड़े तेरी वजह से दो दो लड़कियो की जिंदगी बर्बाद हो गई और तू बोल रहा है की क्या हुआ ?? अरे तूझे तो भाई कहते हुए शर्म आ रही है तेरे होने से अच्छा कोई भाई ही जा हो "
उधर अमृता की बात सुन सभी हैरान थे यहां तक की नैना भी अपनी सीट से खड़ी हो गई थी उसके माथे पर कुछ पसीने की बुंद आ गई उसने मन में कहा " ये रितिका की तरह बात क्यू कर रही है नही वो मर चुकी है मैं भी न पता नही क्या सोचने लग गई कमीनी मरने के बात भी पीछाा नही छोड़ रही है "
रितिका अपने में एक थी अक्सर लोग उससे मिलने के बाद यही कहते थे की वो इस दुनियां में अकेली पीस है और थी भी उसके जैसी हिम्मत और लडने की क्षमता किसी के अंदर नही था जो नैना भी अच्छे से जानती है आखिर बचपन से साथ में बड़े हुए है तो जाहिर ही बात है एक दूसरे के होने ना होने का अहसास होता ही है उसे अमृता में रितिका नजर आ रही थी जिससे खुद बखुद उसके अंदर डर पैदा हो गया वैसे भी चोर अगर चोरी कर के कही चुप जाए तो उन्हे लगता है कभी पकड़े नही जायेंगे लेकिन डर हमेशा से उनके अंदर ही रहता है हर पल ," वही नैना के अंदर भी है "
जारी....✍️
क्या करेगी अमृता अब ..?
क्या नैना को पता चल जायेगा ..?
क्या रक्षित अमृता की माफ कर देगा ..?
शाम के कुछ 8 के आस पास हो रहे थे अमृता ऑटो पकड़ के सीधे शहर के बाहर वाले इलाके के तरफ जाने लगी वैसे तो वहा का रास्ता सुन के ऑटो वाला पहले ही घबरा गया था लेकिन अमृता ने ज्यादा पैसे देने के लिए कहा तो वो मान गया उसके सीधे ले जाके अमृता को शहर के बाहर छोड़ा अमृता ऑटो से निकल के बाहरी इलाके के तरफ जाके खड़ी हो गई उसने सामने देखा तो खाली मैदान के अलावा कुछ नही था बस कुछ जगह घास या पेड़ थे छोटे छोटे और बड़े कुछ पत्थर थे ,,
अमृता ने उस जगह को देख के कहा " आज से तुम सब की बर्बादी सुरु,, बहुत शौक है ना दौलत का सबसे पहले मैं वही खत्म करूंगी ।।
ये कह अमृता के चहरे पर अजीब सी स्माइल आ गई उसने गहरी सांस लिया और आस पास देखने लगी जब उसे कोई दिखा नही तो उन बड़े पत्थरो के ढेर के पास जाके बैठ गई और वही नीचे एक छीटा स पौधा था दिखने में काफी खुबसूरत लग रहा उस पौधे में एक खास बात यह थ कीी वो लग तो रहा था सभी पौधे की तरह लेकिन हवा का जब भी जोर झोका आता वो अपनी जगह से एक इंच भी नही हिलाताा न चुकता देखने में तो पौधा था लेकिन।काफी अलग है खैर अमृता ने अपने उस पौधे को थोड़ा हाथों से सहलाया फिर उसनेे उसे दुसरी तरफ खीच लिया उसके ऐसा करते ही अचानक से पैथरो के ढेर एक एक कर खिसकने लगे ।।
और थोड़ी देर में पत्थर हटने सेें वहा पर एक रास्ता दिखने लगा अमृता ने फिर से आस पास देखा और अंदर के तरफ चली गई इस वक्त अमृता ने अपने चहरे को मास्क से ढक रखा था ।।
वो थोड़ी ही दूरी पर जाके एक मिसाल उठती है और वही पत्थर से आग को।जला देती है वैसे अमृता के लिए ये सब करना कोई बड़ी बात नहीं है बचपन से पैसे कमाने और आश्रम के बच्चो के लिए उनसे बहुत सारे काम किए है खैर वो मिसाल लेके अंदर के तरफ चली गई ।।
थोड़ी दूर जाने के बाद रास्ता खत्म हो जाता है वही बगल में नीचे की तरफ एक सीढ़ी जाति है लेकिन उसमें भी खास बात ये थी कीी सामने सीडी दिख तो रही थी लेकिन वो सामने।ना होने के बावजूद दूसरी तरफ था यानी वो उसकी परछाई थी अमृता उसी परछाई को देख एक टेढ़ी मुस्कान देती है फिर दूसरी तरफ मिसान लेके चली जाती हैै तो उसे सीडी साफ साफ दिखने लगा ।।
वो उन सीड़ियो से सीधे अंदर के तरफ चली जाती है और वही बहुत सारे लकड़ी के बॉक्स रखे थे अमृता एक बॉक्स खोलती है जिसमे सिर्फ सोने। के सिक्के थे उनसे देख उसके आंखो के कोई लालच नही आता है बस एक नजर देख उन सिक्को में से दो तीन लेके फौरन वहा से बाहर निकल।जाती है ।।
कुछ देर में अमृता एक पहाड़ी पर खड़ी थी जहा से वो नीचे लोगो की भिड़ को देख रही थी उन्हे देख वो सिक्के को देख के कहती है " मेरे दुश्मनों को बर्बाद करने में तुम।मेरा साथ दोगे "
इतना कह वो नीचे चली जाती है और एक स्टॉल के पास मेे खड़ी हो जाति है ,, असल के ये कोई गांव आ शहर नही था बल्कि ये एक चोर बाजार था जो सिर्फ रात को लगती है यहां पर कोई भी चीज़ बेचने पर अच्छे दाम मिलते है और कोई नाम।या पता नही पूछता,,कोई भी कही से भी आ सक्त है ।। वैसे आस पास काफी सारे स्टॉल लगे थे जहा तरह तरह के सामन। बिग रहे और कुछ लोग बेचने आए थे
वही अमृत ने स्टॉल के आदमी के सामने तीनो सिक्के करते हुए कहा " इसका अच्छा दाम लगाओ "
उस दुकान दार नेे पहले अमृता को देखा जिसका चेहरा मास्क से ढका था उसने कहा"तुम हों कौन ?
ये सुन अमृता कहती है " इस बाजार में जहा तक मैं जानती हूं किसीी का नाम।और पता नही पूछा जाता है क्या नियम बदल गए है अगर ऐसा है तो लाइए मैं कही और चली जाती हूं "
अमृता की बात सुन वो दुकान दार स्माइल के साथ कहा है " नही मैडम ऐसी बात कही है तुम जो ये सिक्के लेके आई हो यहां पर मिलना मुस्किल है मेरा मतलब ये है की ये पहले से समय में होते थे पर अब तो पूरी तरह खत्म हो गए है अगर किसी के पास है तो जहा तक हम जानते है कुछ दो तीन सरकार के पास है लोगो को दिखाने के लिए इसी लिए पूछा आप कौन है कौन है। ? "
अमृता जो अपने सर को नीचे कर रखा था उसने बालो को चेहरे पर थोड़ा और करते हुए कहती है " सही कहा लोगो को दिखाने के लिए लेकिन जरुरी नही हो की एक दो ही हो चलिए छोड़िए पहले इसका दाम लगाओ "
इस बार वो आदमी भी कुछ नही कहता और चस्मा लगा के अच्छे से पलट के सिक्के को देखने लगता है वही अमृता आस पास देखती है तो एक बाइक की दुकान थी ।
तभी वो आदमी कहता है " लीजिए मैडम आप के सिक्को का दाम "
अमृता देखती है तो उसके आमने कई सारे हजार के गड्डियां थी वो तुरंत उन्हे जैकेट में डालती है और वहा से सीधे बाइक के पास चली जाती है वही वो आदमी गौर से अमृता को देख रहा था तब ही उसके पास एक दूसरे ने आके कहा " क्या हुआ उसे जानते हो क्या?
आदमी उसी तरह खोए हुए कहता है " लग रहा है जैसे ये यहां पर पहले भी आ चुकी है "
ये आदमी सही कह रहा है रितिका यहां पर कई बार आ चुकी है उसने अपनी बाइक और काफी सारे समान यहां पर बेचे है इसी लिए उसे इस जगह के बारे में इतना सब पता था ।।
इतना कह वो आदमी फिर से कस्टमर को देखने लगता है वही अमृता उसी चोर बाजार से एक बाइक लेके सीधे वहा से निकल जाति है और खाली सड़क पर बाइक काफी स्पीड से भागते हुए कुछ देर के वो शहर क एके छोटे इलाके में पहुंचती है ।।
उसने बाहर ही अपनी बाइक खड़ी कर सामने घर के अंदर घुस जाती है जो दिखने के बहुत बड़ा नही था ,,वही वो अन्दर जाके देखती है तो कुछ लोगो की लास जमीन पर पड़ी थी और।कुछ तड़प रह थे मरने के लिए ।।
अमृता इन सब पर ज्यादा ध्यान न देके।अंदर एक कॉरिडोर था उसी के तरफ चली जाती है और तभी एक आदमी बीच में ही रोक के कहता है " ये लड़की कह जा रही है ये तेरा घर नही भाई का अड्डा है ऐसे घुसेगी न तो मारी जायेंगी क्युकी भाई अभी किसी कीा सटका ही रहे है "
अमृता उसकी बात सुन पहले उसके हाथों को देखती है जो उसके कन्धे पर थे उन्हे देख वो गुस्से से उस आदमी को देखती है तो वो आदमी डर से अपना।हांथ हटा पीछे खीच लेता है और हकलाए कहता है " सॉरी हां गलती से हुआ .।
अमृता उसकी तरफ देखते हुए कहती है " पहली बात मुझे पता है ये मेरा घर नही भाई का अड्डा है और मैं उनसे ही मिलने आई हूं और दूसरी बात मुझे मारने वाला अभी पैदा नही हुआ है समझा और तीसरी मोस्ट इंपोटेंट इस बार छोड़ रही हूं अगली बार हांथ रखा ना तो यही हांथ उखाड़ के फेक दूंगी और तेरा भाई भी कुछ नही कर पायेगा इसी लिए चल रास्ते से हट दुबारा अपुन के रास्ते में नही आने का वरना "
इतना कह अमृता उसके ऊपर इशारे से गन चलाने चलती है और एक आंख मार के वहा से अंदर के तरफ चली जाती है ।।
दूसरी तरफ हर्ष परेशान सा इधर से उधर टहल रहा था तभी उसे गेट से रक्षित और युग आते हुए दिखे वो जल्दी से उनके पास जाके कहता है। " भाई अमृता भाग गई "
उसकी बात सुन दोनो चौक जाते है तभी रक्षित कहता है " क्या बकवास कर रहे हो ऐसे कैसे वो भाग सकती है अभी तो... बीच मे हर्ष कहता है " हां भाई मैं सही कह रहा हूं आप ने घर से बाहर जाने के लिए मना किया था लेकिन उहोंने मॉम से कह के आश्रम जाने के लिए कहा तो मॉम ने मुझे कहा की मैं अमृता को लेके जाऊं और मैं अपने साथ लेके गया वहा पर आप की सारी महानता भी दिखाई और सुनाया ,,
"फिर उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ देर वहा पर बच्चो के साथ में रहना है तो मैने भी कह दिया ठीक है मगर भाई जब शाम होने कोई आई मैं बाहर गेम खेल रहा था उसके बाद अंदर जाके पता। किया तो अमृता नही थी और ना किसी को पता था वो कहा गई है बल्कि हेड ने कहा की वो घर जाने को कह के गई है और जब मैं घर आके देखा तो वो है ही नही भाई मुझे लगता है वो अपने भाई के पास गई होगी।ऐसा नही करना चाहिए था ये गलत है ना "
अपनी बात कह के वो दोनो के तरफ देखने लगता है जो बिल्कुल नॉर्मल होके खडे थे जैसे कुछ हुआ ही नहीं असल के उसके बाद ही अमिता रेस्टोरेंट गई जो रक्षित और युग दोनो ने देखा ही था ।।
इस लिए दोनो ने कुछ न बोल के कमरे के तरफ चले गए जिसे देख हर्ष अपनी सर को खुजातेे हुए कहा।" मैं इन्हे कुछ बता रहा हूं और ये है की चले गए अरे भाई सुनो तो" हर्ष ने आवाज देते हुए रक्षित के तरफ भागा ।।
वही रक्षित को चिंता हुई की अमृता इतनी रात तक बाहर है क्युकी अब तक राज के 10 पार होने को आए है उसे लग रहा की शायद अपने भाई की बात सुन अमृता दुखी है इस लिए घर अभी तक नही आई।है।। हो।सकता है कुछ देर में आ जाए इसी लिए बीना कुछ बोले कमरे के तरफ चला गया पर उसे क्या पता कितना झोल चल।रहा है ।। उसकी जिन्दगी में 😂
जारी...✍️।
आखिर अमृता किससे मिलने लगी है और इस लिए ..?.क्या रक्षित को पता चलेगा अमृता के बारे में ..? हर्ष की बात सब अमृता को ओटाचलेगा तो वो क्या करेगी ..?
रितिका अपने में एक थी अक्सर लोग उससे मिलने के बाद यही कहते थे की वो इस दुनियां में अकेली पीस है और थी भी उसके जैसी हिम्मत और लडने की क्षमता किसी के अंदर नही था जो नैना भी अच्छे से जानती है आखिर बचपन से साथ में बड़े हुए है तो जाहिर ही बात है एक दूसरे के होने ना होने का अहसास होता ही है उसे अमृता में रितिका नजर आ रही थी जिससे खुद बखुद उसके अंदर डर पैदा हो गया वैसे भी चोर अगर चोरी कर के कही चुप जाए तो उन्हे लगता है कभी पकड़े नही जायेंगे लेकिन डर हमेशा से उनके अंदर ही रहता है हर पल ," वही नैना के अंदर भी है "
अब आगे ....
अमृता की बात सुन के जीत हैरान तो था ही बट उसे गुस्सा भी बहुत आ रहा उसने गुस्से से कहा " अम्मू ये क्या तरीका है मुझसेे बात करने की क्या उस घर मेे जाके तुम ये सिख के आई हो और मेरा कॉलर छोड़ो ,,अब तुम बड़े और छोटे में लिहाज ही भूल गई हो "
जीत ने जोर से खींच के अपना कॉलर छुड़ा लिया लेकिन जिस तरीके से किया था की अमृता दो कदम पीछे हो गई इस वक्त उसके आंखो में जैसे अंगारे वर्ष रहे थे ।।
वही अभी तक नैना को ये नहीं पता था की अमृता जीत की बहन है क्युकी कभी जीत ने उसे बताया नही था बल्कि नैना ने कभी जानने की कोशिश तक नही कि।। आज जब जीत ने भाई कहा तो नैना को पता चला अमृत उसकी बहन है ।।
मगर फिर भी वो अंजान बनते हुए कहती है " जीत बेबी ये लड़की कौन है ? उसने मासूम सा चहेरा बना के कहा वही उसकी आवाज सुन अमृता की मुट्ठी कस गई और आंखे बंद कर लिया ।।
इधर जीत ने अमृता को एक नजर देख के कहा " छोटी बहन है मेरी पर अब बत्तमीज हो गई है "
जिसे सुन के नैना ने मासूम सी सकल बना के फिर से कहती है " ओ बेबी फिर ये आप से ऐसे बात कैसे कर सकती है ?? मुझे बिलकुल अच्छा नही लग रह है क्या तुम दोनो के बीच में कुछ हुआ है ?
अपनी बात कह के नैना सीधे जीत के बगल में आके खड़ी हो गईं और साइड से उसी बाजू को पकड़ लिया ।।
उधर अब अमृता के लिए बर्दाश करना मुस्किल था उसने झटके से अपनी आंखेे खोल सबसे पहले नैना पर डाली तो वो।डर से अपने थूक गटकने लगी क्युकी इस वक्त नैना की नजर अमृता पर थी ।। वही जीत भी शॉक में था आज से पहले उसने अपनी बहन को इतने गुस्से में नही देखा था ये पहली बार था इसी।लिए उसे सबसे ज्यादा झटका ।
आज तक उसनेे जो कहा उसकी बहन ने वो किया ना कभी सवाल किए ना कभी कुछ कहा पर आज सब अलग था ।।
जीत ने अमृता का गुस्सा शान्त करते हुए कहा " अम्मू पहले मेरी बात सुन मुझे पता है उस इंसान ने तुझे भड़काया है इसी लिए तू इतना गुस्सा कर रही है पहलेे मेरी बात सुन ले ... उसने इतना ही कहा था की अमृता ने आगे बड़ के नैना के हांथ बाजू को।पकड़ा और। उसे दूर झटक दिया ,, ये अचानक था की नैना संभाल नही पाई और मुंह के बल जमीन पर गिरी ।।
तभीी अमृता ने गुस्से से उसके तरफ उगली प्वाइंट कर के कहा _
" जब दो। बड़े बात कर रहे हो तो छोटी को बीच के नही आना चाहिए इसी लिए दुबारा ये बेबी लेबी वाली बात कही और जाके कर ना नही तो ये जो गोबर से लगा मुंह लेके आई हो उसे खराब करने के।मुझे वक्त नही लगेगा समझी "
अमृता की बात सुन नैना की मुट्ठी कस गई लेकिन इस वक्त वो कुछ बोल नहीं सकती थी क्युकी जीत उसके लिए बहुत इंपोटेंट इंसान है जिसे किसी भी कीमत पर नैनाे खो नही चहती है ।।
" अमृता ये क्या हरकत है ? जीत ने गुस्से से कहा और नैना को उठाने के लिए उसके पास चला गया वही अमृता ने उसके बाजू पकड़ के अपने तरफ खीचे लिया जिससे जीत का चेहरा अमृता के चहरे के सामने आ गई और वो उसे देख के कहती है " इस लड़की के लिए आप ने अपनी बहन की शादी तक होने दिया एक बार रोकने तक नही आए और डैड हॉस्पिटल में है मगर आप को शादी करनी है ना आप भाई बन पाए और ना ही बेटे और ना किसीके जीवनसाथी है।।
जीत एक पल रुकता है और फिर कहता है " मुझे पता है तुम किस बारे में बात कर रही हो ,, पहली बात हां मुझे नही फर्क पड़ता तुम्हारी शादी किस्से हुई है वैसे भी डैड तुमसे ज्यादा प्यार करते है आज तक मैं जो भी काम करता आया हूं उन्हे हर चीज मेरी गलत ही लगी है उनके लिए तो बस तुम थी और देखो सही भी है आज वो अपनी बेटी की शादी केे बारे में सुन के बर्दाश नही कर पाए और हॉस्पिटल पहुच गए और दूसरी बात मेरी वजह से रक्षित की बहन नही मरी है मैने तो बस मजाक।किया था अब अगर उसने प्यार समझ लिया तो उसमे मेरी गलती क्या हो सकती है वैसे भी मैने कभी नही कहा था की मैं उससे प्यार करता हैं वो खुद ही हर वक्त मेरे पीछे पड़ी रहती थी और तुम खुद बताओ जब कोई जवाब नही किसी लड़के के सामने बार बार आए और उसे चिपक के रहे तो लड़का कब तक खुद को कंट्रोल कर के रख सकता है ,, नही ना हार आयेगा इसी लिए मुझसे भी नही हुआ लेकिन फिर भी मैंने उसे।मौका दिया था जाने के लिए उसने ही कहा वो कंफर्टेबल है और उसने मेरे साथ एक रात गुजारी ,,, तो तुम बताओ इसमें मेरी क्या गलती है मैने थोड़ी ना कहा था की मेरे घर रिश्ता लेके आओ,,,लाने।से पहले।सोचना चाहिए था पर नही सीधा मुंह।उठा के चले है और वैसे भी मै उससे न कोई प्यार कहता था और।ना शादी करने वाला था इसी लिए ना कह दिया ,, ।।
जीत फिर रुका और हल्की मुस्कान।के साथ कहा " वो बेवकूफ थी जो।मेरे लिए खुद की जान।दे बैठी अगर उसकी जगह कोई और।लड़की होती तो ये सब भूल।के ज़िंदगी में। ऐस कहती पर नही इसे तो मर के।महान।बनना था ।।
जीत की बात सुन नैना को कोई हैरानी नही थी क्युकी वो इस बारे में।पहले से जाति थी लेकिन बाकी सब हैरान नही बेहाद गुस्से में।आ गए थे अमृता का खून गुस्से से उबलते लगा था वो ऐसे भाई की बहन।है उसे खुद पर घिन आने लगी थी ।।
वही दूर खड़ा रक्षित अपनी बहन के बारे में।ऐसी बाते सुन उसके हांथ की नक्शे इस कद्र तन गई थी की देखने ऐसा लगा अभि बाहर निकल।जायेंगे वही युग का हांथ फाइल में।कस गया था उसने बेहद गुस्से से कहा " रक्षित इसे उसी।दिन।मार देना।चाहिए था साले की हिम्मत तो देख हमारी मुंह पर हमारी बहन।के बारे में।बोल रहा है इसकी... वो।इतना कहा ही था की जीत के तरफ रक्षित ने अपने कदम बड़ा दिए ,,
तभी उस जगह पर एक आवाज गूंजी जो थप्पड़ का था इसे सुन।रक्षित के पैर अपनी जगह।पर ही रुक गए वो सामने।देखने लगा जहा पर जीत का चेहरा एक तरफ झुका और।होंठो से खून निकलने लगा था ।
असल।के।इतनी बकवास सुन अमृता का दिमाक खसक गयाा उसके सामने एक ऐसा इन्सान।खड़ा था जो किसी के प्यार को टाइमपास बता रहा और ये कह रहा गलती क्या है उसकी ,, , वह इतना शरीफ है लड़की खुद उसके पास आई है ,, ।। छी,,
अमृता इतनी घिनौनी बाते सुन कर खुद के गुस्से को काबू नही कर पाई और एक लगा दिया ।। अमृता ने गुस्से से कहा " तुम इतने घटिया हो ये बात मुझे नही पता था एक लड़की के बारे में इतनी घटिया बाते कभी ये भी नही सोचा होगा की तुम्हारी भी बहन है अगर उसके साथ खैर अब इन बातो का क्या ही फायदा है जो तुमने किसी और के बहन के लिए किया वो आज तुम्हारी बहन के साथ हो रहा है लेकिन हां मेरी एक बात याद रखना है पने किए की सजा तुम खुद भुक्तोगे मैं नही ।। तुमने ये सब किया तो सजा भी तुम्हे ही मिलेगी ।। और ऐसी मिलेगी की तुम बर्दाश नही पर पाओगे ।। ये अमृता का वादा है क्युकी मैं अपने दुश्मनों को किसी भी कीमत पर छोड़ती नही हूं और जहा तक इस थप्पड़ की बात है ये तो बस ट्रेलर दिखाया है पिक्चर के लिए तैयार रहना ।।
इतना कह वो नैना को देख के अपने मन में कहती है " तुम किसी से प्यार करो ये मैं कभी मान ही नही सकती अगर तुम्हे इस बेवकूफ को फसाया है तो जरूर इसके पीछे कोई राज है पहले तो मुझे वो जानना है नही तो तुम मेरी एक उगलि के बराबर हो तुम्हे खतम करने के मुझे वक्त नही लाएगा
।।
इधर रक्षित का गुस्से अचानक से पूरी तरह खत्म हो चुका था एक बार फिर उसे शॉक लग था अमृता के रिक्सशन को देख के उसका गुस्सा जीत की मरना लेकिन कही ना कही खुशी भी हुई थी ।।
खैर इधर अमृता ने एक नजर घूर के वहा से निकल गई अभी भी उसका ध्यान रक्षित पर नही गया ।। वही रक्षित भी युग के कहने पर मीटिंग के लिए चल गया ।।
बस वहा पर नैना और जीत खड़े थे जिन्हे अभी अभि क्या हुआ इसका होश ही नहीं था ।।
इधर अमृता रेस्टोरेंट से बाहर निकल के बाहर ऑटो लिया और वहा से निकल गई अब तक तो शाम होने को आई थी उसका घर जाने का बिल्कुल मुड़ नही था अपनी दुश्मन को सामने देख चाह कर इस वक्त वो कुछ कर कही पाई अगर करती भी तो क्या ज्यादा से ज्यादा मारती लेकिन इससे वो खुद प्रोब्लम में।चली जाती मार पिट के मामले में अभी तो उसे ठंडे दिमाक से काम।लेना है वो इतनी आसान मौत भी नही देना चाहती है अगर वो तड़प के मरी है तो उन्हे आसन मौत क्यू ?? वो लोग भी इससे कई ज्यादा तड़प के मारेंगे।
कुछ देर में अमृता ऑटो से निकल के शहर के बाहर एक खाली इलाके में खड़ी थी जहा के आस पास इस वक्त कोई नही था बस खाली मैदान अमृता तेज कदमों से उस जगह खड़ी होके कहती है ,,, आज से तुम सब की बर्बादी सुरु हो गई ।।।
जारी...✍️
क्या अमृता नैना के बारे में पता कर पाएंगे..???
अमृता जीत के साथ क्या करेगी ..?
कहानी स्टार्ट कहते है ....
" देखिए मैडम आप जो काम बता रही है वो इतना आसान नहीं है की हम यूं जाके पता करे और हम सब जानते है की वो ब्लैक लेडी की टीम है चाहे smuggling हो या फिर कोई ट्रक लाना हो इस सब मेे वो काफी तेज है अगर चाह कर भी पता करना चाहे तो हमारे आदमी कहा और कब मारे जायेंगे किसी को पता तक नहीं चलेगा इसी लिए आप यहां से जाइए और किसी और को ढूंढ लीजिए,, ये काम हम नही कर सकते "
सामने सिंगल सोफे पर बैठे आदमी ने कहा उसके गले मे सोने की मोटी मोटी चैन और हाथो के उंगलियों में मोटी मोटी रिंग उसे देख कर ये कोई भी कह सकता है वो इंसान से कम।सोने की दुकान लग रहा है 😂 ।।
उसके आस पास कई सारे बॉडी गार्ड खड़े थे जिनका शरीर लंबा चौड़ा है हट्टा कट्टा है 💪।
वही उस आदमी के सामने सिंगल सोफे पर अमृता बैठी थी किसी राजकुमारी की तरफ उसके एक पैर दूसरे पैर पर थे और हांथ साइड के रख के उंगलियों इसे टैब कर रही थी उसकी इस हरकत से सभी की आंखे सिकुड़ गई थी क्युकी उनका बॉस सामने बैठा है और ये लड़की उसके बॉस के सामने एटीट्यूड दिखा रही है कइयों की तो खून खौल रहा था लेकिन अपने बॉस के कारण चुप थे सभी।नही तो एक लड़की उनके सामने अकड़ दिखाए कोई मर्द कैसे बर्दाश कर सकता है ।।। ( कृपया कोई अपने ऊपर ना ले 😁)
अमृता ने जैसे ही उस आदमी की बात सुनी तो उसने बीना उसकी तरफ देखे जैकेट से नोटो की गड्डी निकाल के उसके सामने टेबल पर फेका फिर अपने हाथों को उंगलियों को आपस में उलझा के उन्हे बजाते हुए अपने मुंडी को दाए से बाय किया और फिर उनकी तरफ देखते हुए कहा " अगर इतने पैसे कम हो तो बातो "
इतना कह अमृता सोफे से खड़ी हो जाति है तभी वो आदमी पैरों की गड्डी को अमृता के तरफ सरकते हुए कहता है " तुम हमको कितने भी पैसे दे दो लेकिन हमने पहले ही कह दिया है की ये काम हमारे आदमी नही करेंगे तुम किसी और को ढूंढो लो"
अमृता ने अभी जाने के लिए मुड़ी हीो थी ये बात सुन उसके कदम रुक जाते है तभी वो उनकी तरफ मुड़ के कहती है " अगर ये काम खुद ब्लैक लेडी करने को कह रही हो तो क्या तब भी नही करोगे "
उसकी ये बात मानो उस जगह को हैरानी और खौफ से भर दिया हो सभी आदमी उसके तरफ हैरानी से देखने लगे और चेहरे पर उन्हे एक डर सा छा गया था वही सोफे पर बैठा आदमी झटके से खड़ा हो जाता है और हकलाते हुए कहता है " की... क्या... ये.... स... सच.. है ?
अमृता मास्क के अंदर टेडी मुस्कान के साथ कहती है " मानो तो सच है ना मानो तो नही है "
वो आदमी अपने माथे की पसीने को साफ कर के कहता है " मैं। समझा नही ,, अगर ये सच है तो फिर भी ब्लैक लेडी खुद इतनी ताकत वर है की उन्हे किसी और की जरूरत नही है और वो हमारे पास अपने ही लोगो के लिए क्यू आयेंगी ये हम समझ नही पाए "
अमृता फिर से अपनी मुंडी घुमा केे कुछ कहने को होती है की एक गार्ड बीच के कहता है " भाई ये लड़की झूठ बोल रही है लेडी बॉस को कौन नही जानता है आर्मी से लेके पुलिस यहां तक की वो गवर्मेंट खुद उन्हे अच्छे से जानती है तो ये लड़की अगर लेडी बॉस होती तो यहां क्यू आती वो आर्मी के पास जा सकती थी इसके लिए,, वैसे भी लेडी बॉस ने आर्मी के लिए भी कितने काम किए है "
( असल के रितिका कोई आम लड़की नही है वो एक पहेली की तरह है जो आगे आगे आप सब को पता चल जायेगा वैसे भी अगर किसी को मारा गया है तो सिर्फ़ पैसों के लिए तो नही करेंगे न ,,)
उसकी बात पर प्वाइंट था जिसे सुन के वो आदमी कहता है " सुंदर सही कह रहा है अगर लेडी बॉस होती तो हम जैसे मामूली गुंडे व जासूसों के पास कभी नही आती वो डायरेक्ट गवर्मेंट से मदद ले सकती है और ...
" बस" अमृता ने बीच में कहा तो सभी शांत हो गया तभी उसने उस सुंदर नाम के गार्ड को देख के कुछ कहा जिसे सुन सभी के सभी लगभग सदमे में जाने को हो गए फिर अमृता ने उस सुंदर के पास आके उसके कंधे पर हांथ रखा और कहा " ये काम तुम करोगे कोई भी गड़बड़ नहीं होनी चाहिए समझे जितनी जल्दी हो सके मुझेे पूरी अपडेट भी दे देना क्युकी काम चुराने वाले मुझे बिल्कुल नही पसंद है "
उसकी बात सुन सुंदर ने अपनी नज़रे नीचे कर कहा " जी लेडी बॉस "
अमृता उसके कन्धे को थपथपाते हुए कहती है " गुड"
इतना कह वो जाने के लिए मुड़ती है तभी वहा और मौजूद सभी घुटनो के बल बैठ जाते है जिसे देख अमृता अजीब स्माइल के साथ बाहर चली जाती ही वो अपने बाइक से फिर से घर के तरफ जाति है घर पहुंचने से पहले उसने एक गैरेज में कुछ बातेे कर पैसे दिए और अपनी बाइक वही पर छोड़ दी।।
रात के 1 के आस पास ..
रक्षित स्टडी रूम से बाहर निकल के कमरे में आया तो वहा अमृता नही देखा तो उसने अपने चस्मे निकाल के ड्रेसिंग पर रख वाशरूम चेक करने लगा लेकिन वहा भी अमृता नही थी ,, फिर बालकनी करी और नीचे जाके भी किया उसे अमृता कही नही दिखी फिर से वह कमरे के आके किसी को फ़ोन कर कुछ कहता है जिसे सुन दूरी तरफ से आवाज आती है " जी सर कल से सर्जरी है लेकिन उससे पहले आप का काम हो जायेगा "
रक्षित कहता है " गड़बड़ नही होनी चाहिए मैं कल।ही आता हूं "
इतना कह उसने फोन कट कर बेड पर रखा और कहा " ये लड़की कहा रहा गई अब तक रात के 1 बज रहे है कही हर्ष ने सही तो नही कहा भाग तो नही गई,, नही ,, मुझसे दूर जाना इतना आसान नहीं है उसके लिए "
रक्षित के चेहरे पर तीसरी मुस्कान तैर गई ये कह तभी बाहर से किसी के कदमों की आवाज उसके कानो में पड़ी तो उसने गेट के तरफ देख के कहा " लगता है आ गई "
इतना कह रक्षित जल्दी से जाके बेड पर लेट गया और ब्लैंकेट डाल के आंखे बंद कर सोने का नाटक करने लगा ।। तभी किसी ने गेट खोल के लड़खड़ातेे पैरो से अंदर आता उसके कदम ऐसे थे जैसे की वो अभी अभी चलना सीख रहा हो ।। उसने अंदर आकेे गेट बन्द कर बेड की तरफ बड़ गया ।। वही रक्षित बस किसी की आहट महसूस कर रह था उसने आंखे खोल के देखा नही कौन है ।???। ।। उसे लग रहा था की अमृता सोने के लिए बेड पर आ रही है लेकिन जो शख्स अंदर आयाा था उसने बेड के बजार रक्षित के तरफ मुड़ गया और उसके गेल को दबोच लिया ।।
जारी...✍️
आखिर कौन है ये ब्लैक लेडी??
कौनसा काम दिया अमृता ने उन्हे ..?
रक्षित किस्से मिलने की बात कर रह है ..?
कौन है जिसने रक्षित के गले को दबोचा है ..?
रक्षित सोने का नाटक करते हुए अपनी आंखे बंद कर लेटा था तभी कोई उसके कमरे के लड़खड़ाते पारो से अंदर आया और बेड के बजार सीधे उसके तरफ बड़ गया रक्षित बस महसूस कर सकता था क्युकी उसकी आंखे बंद थी ।।
तभी रक्षित कोे लगा की कोई उसके ठीक बगल के खड़ा है वो कुछ करता या समझता किसी ने उसके गले को दबोच लिया लेकिन फिर भी रक्षित ने अपनी आंखे नही खोली बल्कि बंद कर लेटा रहा ।। असल के जिसने उसका गला पड़ा था उसकी पकड़ कसी नही बल्कि ढीली थी जिस कारण रक्षित ने अपनी आंखे नही खोली ।।
" मन कर रह है यही पर तुम्हारा गला दबा के मार दू सारा खेल ही रही पर खत्म हो जाए ना पति रहेगा न पति के चोंचले काल से मैं चैन से सो रही पाई हूं पता नही तुम कहा से मेरी किस्मत में लिख गए " अमृता ने रक्षित के गले को आपने हाथों से बदबते हुए कहा ।। वो बार बार उसके गले को दबाती लेकिन उसका बल बहुत ज्यादा नही लगता ।।
हां ये अमृता ही थी जो इस वक्त घर आई है खैर अमृता की बात सुन रक्षित की मुट्ठी कस गई ब्लैंकेट पर लेकिन फिर भी उसने कुछ कहा नही क्युकी उसका दिल कर रहा था की वो अमृता की बाते सुने इसी लिए शांत रहा वही अमृता ने फिर से कहा " पता है मैने सोचा था की अपनी पूरी लाइफ में मैं कभी शादी नही करूंगी पता है क्यू क्युकी ये लड़के जो लड़कियो को शादी के बाद अपने इशारे पर नाचते है ना मुझे बिलकुल नही पसंद ,, ये क्या पहना है , क्या खाना है ,, कहा जाना है ,, इतना रोक टोक तो कोई नही करता र्जितना ये सब करते है "
इतना बोल अमृता चुप हो जाति है कुछ देर रक्षित के चेहरे को देख उसके बेहद करीब झुक जाती है जिससे रक्षित के दिल की धडकने अचानक से तेज हो गई वो अंदर ही अंदर अपने आंखों के पुतलियों को घूमने लगा कभी उसके नाक में कुछ अजीब सी बदबू जाति है जिससे उसकी नाक सिकुड़ गई उसने थोड़ा सा सूंघ के मन में कहा " क्या ये शराब पी के आई है ,, ये भी पीतीी है मुझे पता नही था पता नही अभि कितने राज खुद के अंदर छुपा रखा है इस लड़की ने "
वो खुद से कह हीो रहा था की तभी उसके कानो में फिर से अमृता की आवाज गई " तुम्हारी बहन के साथ जो हुआ मुझे अच्छा नही लगा किसी भी लड़की के साथ नहीi होनी चाहिए लेकिन उसके लिए तुमने मेरी लाइफ क्यू बर्बाद किया अगर तुम्हे बदला लेना ही था तो जिसने किया था उससेे लेना चाहिए था नाा मुझसे क्यू अच्छा चलो मुझसे ही के ले रहेे हो लेकिन मैं एक बात बोलूं "
अमृता बोल के हस्ते हुए देखती है और कहती है " तुम मुझे बदला नही ले पाओगी पूछो क्यूा ??? रुक के वो रक्षित को देखती है पर जब रक्षित नही बोलता तब कहती है " जाओ अगर तुम क्यों नहीं पूछ रहे तो मैं नही बताऊंगी पर एक बात मेरी कान खोल के सुन तो मेरे करीब मत आना नही तो अभी बस बाल खींचे थे तुम्हारी हड्डियां तोड़ने में मुझे वक्त नही लेगा तुम जैसे लड़को के मैं अच्छे से जानती हूं शादी करो फिर उनका इस्तेमान कर के फेक दो यही करना तुम्हारी फितरत है तुम एक नंबर के ठरकी हो"
अमृता की बात सुन रक्षित को बहुत गुस्सा आ रहा था आखिर ये लड़की उसके बारे में ऐसी बात कैसे कर सकती है खुद को समझी क्या है मैं इसे ठरकी दिखाई दे रह हूं ये मेरी हड्डियां तोड़ेगी ठीक से बोल तो पा नही रही है मुझे तोड़नेे चलेगी मन तो कर रह हैअभिी बताऊं ठरकी कैसे होते है ।। रक्षित ये सब मन में सोच रहा था ।।
इधर अमृता फिर से रक्षित के ऊपर झुक के उसके चेहरे पर अपनी फिंगर को गुमाते हुए कहती है " दिखने में तो ठीक ठाक हो लेकिन तुम्हारी सकल थोड़ा सुवर जैसी लगती है जैसे उनके नाक मोटे मोटे है उसी तरफ तुम्हारेे भी है "
बस अब तो रक्षित का दिमाक घूम ही गया आखिर ये लड़की उसके बारे में ऐसे शब्द कैसे बोल सकती है आज तक किसी लड़की ने उसके बारे में ऐसे शब्द नही कहे है और तो और एक बार कोई देख ले तो सीधे दीवानी हो जाति है और ये लड़की कह रही है की उसके नाक सुवर जैसे है ।
गुस्से से रक्षित ने जैसे ही अपनी आंखे खोली धड़ाम के साथ अमृता सीधे जाके उसके सीने पर गिरी रक्षित ने देखा तो अमृता के पैर नीचे ,,और हांथ , सर ऊपर ,, उसे देख उसने बड़बड़ाते हुए कहा " अभी मुझे सुवर कह रही थी अब इसी सुवर पर गिर के कैसे सो रही है बेवड़ी कही की मुझे मरेगी"
इतना कह उसने झटके से अमृता को दूसरी तरफ बेड पर फेक दिया वही अमृता नशे में इस कद्र थी के उसे अब कोई होश ही नहीं था रक्षित के फेकेंगे के बाद जाके आराम से सो गई वही रक्षित गुस्से से उसे घूरते हुए कहा " तुमने इतना सब मेरे बारे में कह दिया अगर किसी और ने कहा होता तो मैं उसके जबान खिच चुका होता अब तक वैसे तो तुम्हारी भी खींच सकता हूं मगर तुम तो वैसे भी बेहोश पड़ी गई जग रही होती तो मैं तुम्हे छोड़ो कोई नही कल देखता हू तुम्हे ं "
अपनी बात कह अमृता को वैसे ही छोड़ के रक्षित फिर से सोने लगा लेकिन तभी उसकीे नजर अमृता के हाथों पर गई जहा से हल्का हल्का खून निकल रहा रक्षित ने देखा तो झटके से उठ के बैठ गया और अमृता के हाथों को लेके देखने लगा जहा पर काफी सारी चोट लगी थी ।। उस चोट को देख के ऐसा लग रहा था की यहां तो किसी चीज़ को हांथ से तोड़ा गया है या फिर.... रक्षित ने सोच के कहा " क्या तुम किसी से लड़ाई कर के आई हो "
उसने हल्के से ही कहा था लेकिन उसके उल्ट अमृता ने नीद में ही जवाब दिया " आज उसका सर फोड़ के आई हूं साला बहुत जायदा बोल रहा था "
अमृता की बात सुन रक्षित की आंखे सिकुड़ गई उसने अपना सर हिलाया और बेड से नीचे उतर के फ़र्स्ट ऐड बॉक्स ले के अमृता के हाथों में पट्टी करने लगा वही अमृताा आराम से पेट के बल सोई थी इस वक्त रक्षित का चेहरा ठीक अमृता के चहरे के पास में ही था लेकिन रक्षित ने उसके चेहरे पर ध्यान न देके पट्टी करने लगा थोड़ी देर में पट्टी करने के बाद उसने एक नजर अमृता को देखा तो फिर से उसकी दिल की धडकने तेज़ हो गई और नजरे अमृता के होंठो पर टिक गई जो पाउच बना के सो रही थी सोते वक्त वो जंगली बिल्ली से क्यूट बिल्ली लग रही ।।
वही अमृता काी ये रूप देख ा रक्षित को अपना गला सूखता हुए अहसास हुआ उसने अपने गले पर हांथ लग थूक को गटका और मन में कहा " रक्षित कंट्रोल नही तो ये जंगली तेरे होंठों का वो हाल करेगी तू उसे क्या फिर किसी और को भी किस करने के लायक कही रहेगा उठ जा यह से लेकिन कैसे मन कर रह है की ... इतना बोल रक्षित अमृता के तरफ झुकने लगा।।
रक्षित खुद को काबू नही कर पा रहा उसने बहुत कोशिश की लेकिन आज उसने मौत से खेलने का मन बना लिया और अमृता के होंठ के करीब पहुंच गया दोनो के बीच में बस एक इंच का फासला था तभी अचानक से अमृता ने करवट लेके सीधी लेट गई जिससे अनजाने में ही अमृता के होंठ रक्षित के गालों को छू गए उसके चुने से रक्षित जैसे अपनी जगह पर जम सा गया उसका पूरा शारीर गर्म हो गया ।। जैसे गर्मी के मौसम में कोई धूप में खड़ा हो जाए उसी तरह ।।
रक्षित के हाथो सेें बॉक्स छूट गया उसके होंठ तक कांपने लगे उसकी दिल की धड़कन अपनी रफ्तार से इतनी तेज हो गई की रक्षित के माथे पर पसीने की बूंद टपकनेे लगी।।
रक्षित ने अपने भावनाओ को कंट्रोल कर बॉक्स वही छोड़ा और वॉशरूम के अंदर घुस गया वही अमृता हर चीज़ से बेखबर होके सो रही थी और अंदर रक्षित अपनी भावनाओं से लड़ के थोडी देर में बाहर आया उसने एक नजर भी अमृता को नही देखा और सीधे कपड़े पहन के ब्लैंकेट को अपने बॉडी के ऊपर से लेके नीचे तक ढक के सो गया ।।
अगली सुबह....
सुबह के कुछ 9 के आस पास अमृता की आंखे खुली उसने कसमसाते हुए अपनी नही खोल उठ के बैठ गई तभी उसके सिर के तेज दर्द हुआ ।
" अजह्हह ,, फिर से दर्द ,, एक तो।पीने से मन नही मानता और ये दर्द पीछा ही नही छोड़ रहा है रो... उसने इतना ही बोल के वो चुप हो गई और उसके आंखों में आसूं के कतरे आ गए ।।
अमृता ने तिरछी मुस्कान के साथ कहा " तुम मेरी जान बचाने के लिए तुमने।अपनी जान दे दिया लेकिन मैं तुम्हारे लिए कुछ नही कर पाई रोमी एक तुम थी जिसे पता था की कब मुझे क्या चाहिए "
असल के रितिका जब भी कभी कभी पीती तो रोमी हमेंशा से उसके सर दर्द की दवा लेके खड़ी रहती बस उसी के आदत से मजबूर अमृता ने उसका नाम ले लिया वैसे भी कोई जब हमारे दिल।के पास होता है वो। कितना भी दूर चल जाए उसकी याद हमेशा साथ ही रहती है ।।
अमृता केे होंठो पर मुस्कान बिखेरे बेड से नीचे उठने लगी उसने बेड पर हांथ रख उठने की कोशिश करी की फिर से उसके हाथों में।तेज।दर्द हुआ जिससे तुरत ही उसका ध्यान हांथो पर चली गई उसने हांथ पर बंधी पट्टी को देख कुछ सोचते हुए अचानक से उसके होंठों पर एक प्यारी सी मुस्कान बिखर गई जिससे अमृता खुद हैरान थी उसने बड़बड़ाया " मैं स्माइल कर रही हूं उस सुवर के लिए नो वे हम्मम मैने थोड़ी जा कहा था की वो मेरी पट्टी करे "
वैसे अमृत को अहसास हो गया था की ये काम रक्षित के अलावा कोई और नहीं कर सकता है ।।
इतना कह अमृता वॉशरूम में चली गई वही उसके जाते ही कोई अलमीरा के पास से बाहर आया एक नजर अमृता को जाते देख के ,, फिर धीरे कदमों से बेड के नीचे चला गया ,, अमृता को नही पता लेकिन उसके कमरे में पहले से कोई मौजूद थाा ।।
( कॉमेंट में बताओ कौन हो सकता है जिसकी इतनी हिम्मत हो गई है 😂)
जारी...✍️
आखिर अमृता को चोट कैसे लगी वो किसके साथ लड़ाई कर के आई है .???
कौन है अमृता के कमरे में ..?
अब क्या करेगी अमृता..?
क्या रक्षित को अमृता से प्यार हो रह है ..?