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आरव राठौड़ बिजनेसमैन और एक बेरहम गैंगस्टर, एट्रेक्टिव पर्सनैलिटी हैंडसम, डेसिंग और रिच अमीरजादा जिसकी जिद और गुस्से के सामने कभी कोई नही टिक पाया खुद उसके माँ बाप भी नही जो खुद आरव के जूनून और एटीट्यूड में झुलस ही जाते। आरव जिसको लड़कियां पाने केलि... आरव राठौड़ बिजनेसमैन और एक बेरहम गैंगस्टर, एट्रेक्टिव पर्सनैलिटी हैंडसम, डेसिंग और रिच अमीरजादा जिसकी जिद और गुस्से के सामने कभी कोई नही टिक पाया खुद उसके माँ बाप भी नही जो खुद आरव के जूनून और एटीट्यूड में झुलस ही जाते। आरव जिसको लड़कियां पाने केलिए तरस जाती है जो आरव पर अपनी खूबसूरती और अपना जिस्म तक लुटाने को तैयार रहती हैं पर आरव उन्हें छूना तो दूर उनकी तरफ देखता भी नही वह बस उसके साथ ही रात गुजारता जिसे वह खुद चुनता। और ऐसे ही आरव राठौड़ का दिल आ जाता है ऐली खन्ना पर लेकिन जब तक आरव को पता चलता है कि ऐली उसके दुश्मन की बेटी है तब तक तो ऐली आरव को बंधी बना लेती है और उसे बताती है कि वह उसके साथ प्यार का नाटक कर रही थी लेकिन फिर आता है स्टोरी में नया ट्विस्ट जब आरव ऐली की छोटी और बेहद इनोसेंट बहन सरगुन को उठा लेता है और उससे जबर्दस्ती शादी करके उसे घर ले आता है जहाँ वह ऐली को दिखाकर सरगुन के साथ जब्सर्दस्ती रोमांस भी करता है और सरगुन मासूम सी उसकी बातो में आ जाती है। तो क्या ऐली शांत रह जायेगी, क्या आरव की तानाशाही बढ़ती जायेगी और क्या होगा सरगुन की जिंदगी का फैसला तो क्या ऐसा ही होगा कहानी का अंत या यह अंत नही शुरुआत का वह जालिमाना क्रूरर एक्शन का रिएक्शन होगा जो किसी ने सोचा ना होगा, जो किसी को पता नही होगा कि कब, कौन, कहाँ, किसकी साजिश में फंसने वाला है और कौन फंसाने वाला क्या होगा इनोसेंट से क्रुएल, जबर्दस्ती से जुल्म और प्यार से नफरत का अंजाम…
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एक तहखाना सी काली कोठरी चारों तरफ छाया काला अंधेरा उस काल कोठरी में चारों तरफ सन्नाटा ही सन्नाटा था, एक अच्छे भले इंसान को अगर उसमें दो पल के लिए भी अकेला छोड़ दिया जाए तो शायद वह ख़ौफ़ से ही तनहाई में मर जाए जो कमरा दिखने में कोई कारावास से काम नहीं था।उस छोटे से अंधेरे कमरे के बीचों-बीच में खड़ा एक जख्मी हालत में पसीने और खून से लथपथ लड़का जिसकी उम्र शायद 30 या 32 साल की थी जिसके दोनों हाथ ऊपर छत से बंधे हुए थे जबकि उसके दोनों पैर भी अलग-अलग दूर-दूर करके इस तरह से बंधे हुए थे जिससे वह लटका था और दर्द की थकान से चूर बेहाल हुआ जा रहा था, जुबान जो शायद तालुक से चिपक गई थी और उसके खुश्क सूखे होंठ जिन पर छोटे-छोटे कट के निशान थे उसके चेहरे पर भी जो जख्म के निशान थे उनमें से हल्का-हल्का खून रिस रहा था और उसके होठों पर बस एक ही नाम था… पानी,, पानी, पानी चाहिए पानी चाहिए मुझे,, वह लड़का आंखें बंद किया बेहाल सा अपनी हल्की-हल्की आवाज में पानी की सदा लगा रहा था जब उस काल कोठरी का दरवाजा एकदम से खुला और एक लड़की अंदर आई थी, उस लड़के ने आहट पर अपना सर ऊपर उठाया और अपनी हल्की-हल्की आंखों को खोलते हुए जब उसने सामने देखा तो एक कमसिन 19 से 20 साल की लड़की हाथ में पानी का गिलास लिए खड़ी थी जिसने इस वक्त एक सिंपल सा व्हाइट चूड़ीदार सूट पहन रखा था जिसका दुपट्टा उसके कंधे पर लहराते हुए जमीन तक झूल रहा था। वह लड़का उस लड़की को देखने के बजाय बस उसके हाथ में पानी के गिलास को देख रहा था और उसने धीरे से अपनी जबान अपने होठों पर फेरने की कोशिश की थी लेकिन उसकी सूखी जुबान भी उसके सूखे होठों को तर नहीं कर पाई थी। वह लड़की चलते हुए उस बंधे हुए लड़के के जस्ट सामने आ गई… आपको प्यास लगी है? उस लड़की ने बेहद आहिस्ता और नजाकत से पूछा था और उसकी वह धीमी मधुर सी खनकती आवाज जैसे उस लड़के के कान में किसी महकती खुश्बू की तरह सुनाई दी थी, वह लड़का बस धीरे से मुस्कुरा दिया। क्या नाम है तुम्हारा बेबी डॉल? सरगुन,,उस लड़की ने धीरे से जवाब दिया था। सरगुन वाव,, उस लड़के ने भी उसके नाम को अपने होठों पर दोहराया था और उसी तरह मस्तमौला बेफिक्री में हल्का सा मुस्कुराते हुए बोला… सरगुन तुम यहां क्या कर रही हो कौन हो तुम? मैं विनय खन्ना की बेटी हूं सरगुन खन्ना। ओह, यानी तुम उस तीखी मिर्च ऐली की बहन हो! जी, जी हां मैं उनकी छोटी बहन हूं और मुझे पता है उन्होंने आपको धोखा देकर यहां ऐसे फसाया है उन्होंने आपके साथ गलत किया लेकिन… लेकिन आपने भी मेरे और ऐली दी के साथ बहुत गलत किया है आप बेड बॉय हो। वह लड़की सरगुन बहुत ही क्यूटनेस और मासूमियत से बोल रही थी और उसके चेहरे पर जो मासूमियत और नजाकत थी उसे वह लड़का जैसे एकटक देखते ही रह गया जबकि उस लड़की ने अपने हाथ में पकड़ा पानी उसके होठों तक ले जाते हुए कहा.… तुम्हारे पापा अमर राठौड़ की वजह से मेरी मम्मी की डेथ हो गई, तुम जानते हो क्या? उस लड़की ने इस बार थोड़ी सी मासूमियत के साथ-साथ मायूसी से कहा था और जैसे ही उस लड़के को पानी पिलाने वाली थी कि एकदम से ही किसी ने पानी के गिलास पर जोर से मारा था जिससे पानी का गिलास दूर जा गिरा और वह लड़की डर के मारे दो कदम पीछे हट गई जबकि वह लड़का जो अभी भी उसी तरह रस्सियों से बंधा हुआ था उसने अपनी कुटिर मुस्कुराहट को कायम रखते हुए सामने देखा तो एक अधेड़ उम्र का आदमी और उसके साथ एक कातिल सी बला की खूबसूरत लड़की खड़ी थी। उस लड़के ने कॉन्फिडेंटली एटीट्यूड भरी अपनी नशीली आँखों से पहले सरगुन की तरफ देखा फिर उस आदमी से बोला… क्यों खन्ना क्या खाकर पैदा किया था तूने इन दोनों को यार दोनों में बड़ी ही अलग अलग अदा है एक शहद तो दूसरी मिर्च? उस लड़के की नजर अब उस दूसरी वाली मगरूर क़तील हसीना जैसी मिनी स्कर्ट पहने लड़की की तरफ थी और उसी तरह हंसते हुए बोला… खन्ना जरूर तूने कोई अच्छे कर्म किए हैं वरना सरगुन जैसी महादेवी बेटी और तेरे जैसे पापी के घर, इम्पॉसिबल यार? उस लड़के ने जिस अकड़ रॉब वाली बेपरवाह सी मुस्कुराहट से कहा था उससे तो जैसे विनय और उसके पीछे खड़ी उसकी दूसरी बेटी जिसका नाम ऐली था जैसे उन दोनों का खून ही ख़ौल गया। विनय ने सर झुकाए घबराई घबराई मासूम सी सरगुन की तरफ देखते हुए कहा… सरगुन तुम्हारा दिमाग खराब है तुम एक दुश्मन को पानी पिला रही हो जानती हो यह कौन है तुम्हारे बाप के दुश्मन का बेटा? तो क्या हुआ पापा इन्हें प्यास लगी थी तो मै…!! चुप कर तू और जा यहां से!!… सरगुन ने अभी अपनी सफाई में कुछ कहना ही चाहा था कि जब विनय ने उसे गुस्से में डपट दिया जिससे उसकी आंखों में आंसू आ गए जिन्हें देख कर विनय फौरन नरम हो गए थे और वह अब फौरन सरगुन के सर पर हाथ फेरने लगे। अरे मेरा बच्चा तू नहीं समझती यह लड़का बिल्कुल सही नहीं इसके बाप की वजह से तुम्हारी मां की जान गई है और अब मैं इसकी जान लेकर तुम्हारी मां का बदला लूंगा तुम इसे पानी पिला रही हो जो जहर पिलाने के काबिल है सरगुन? लेकिन पापा यह कब तक चलेगा आप इनके लोगों को मारते हैं यह हमारे लोगों को मारते हैं ऐसे तो यह लड़ाई कभी खत्म ही नहीं होगी! और तुम्हें लड़ाई खत्म क्यों करनी है सरगुन? इस बार विनय के पीछे खड़ी ऐली फॉरेन सरगुन के सामने आ गई थी और उसने सरगुन का चेहरा अपने दोनों हाथों में भरते हुए कहा… तुम्हें यहां आने को किसने कहा था, सरगुन तुम जितना इस इंसान से और इस मैटर से दूर रहोगी तुम्हारे लिए उतना ही अच्छा होगा मेरी जान, समझी तुम? जी हां दी। सरगुन ने सर झुकाए हुए ही धीरे से सर हां में हिला दिया था और ऐली ने उसके बालों में हाथ फेरते हुए अब प्यार से कहा… गुड, चलो अब जाओ यहां से। सरगुन ने पहले अब एक नजर सामने बंधे पर तनकर खड़े उस लड़के की तरफ देखा और फिर चुपचाप वहां से चली गई। सरगुन के जाते ही अब ऐली ने उस लड़के को घूरती निगाहों से देखा था जिस पर उस लड़के ने अपने होंठ गोल करके उसे फ्लाइंग किस करते हुए बड़े ही नॉटी अंदाज में जैसे हंस कर उसे छेड़ा था जिसकी हंसी पर ही ऐली का खून खौल गया और उसने झट से उस लड़के के बाल पकड़ कर नोंच डालें। मैं मेरी बहन की तरह नहीं हूं समझे तुम मिस्टर आरव राठौड़ जान से मार दूँगी तुझे। अरे नहीं मेरी जान तुम सरगुन की तरह हो भी नहीं सकती तुम तो वह कातिल हसीना हो जिसके सामने मेरे जैसे आशिक कत्ल होने को हर वक्त तैयार हैं, तो बताओ कत्ल अपनी इन नशीली आंखों से करोगी या फिर इन रसीले खूबसूरत होठों से बंदा हाजिर है तुम पर फ़िदा होने को? जी तो करता है कि मैं तेरी जान ले लूं क्योंकि तू उस अमर राठौड़ का बेटा है जिससे मुझे बेइंतहा नफरत है आरव राठौड़। ऐली ने उस लड़के आरव के बाल नोचते हुए उसे झटक कर छोड़ दिया था फिर उसने अपने पीछे खड़े अपने बाप विनय की तरफ देखा। पापा आपने इसे जिंदा क्यों छोड़ा है आपने तो बोला था जिस दिन मैं इसे यहां लेकर आऊंगी आप उसी दिन इसका काम खत्म कर देंगे ताकि इसके बाप अमर राठौड़ को भी तो पता चले की दुश्मन से दुश्मनी आखिर कितनी महंगी पड़ सकती है? विनय ने आगे बढ़कर ऐली के शोल्डर पर हाथ रखकर थपथपाते हुए उसे समझाने के अंदाज से कहा… अरे सब हो जाएगा मेरे बच्चे तुम इतना हाईपर क्यों हो रही हो अब तो यह हाथ आया है अगर इसे इतनी जल्दी मार देंगे तो फिर इसके बाप को तड़पायेंगे कैसे, इसकी मौत पर वह एक दिन रोएगा लेकिन इसकी तड़प पर वह हर दिन तड़पेगी ऐली किसी को मारने से ज्यादा बड़ी सजा है उसे तड़पाना और वही अब हम इसके बाप के साथ करेंगे? अरे क्या माय डियर ससुर जी मेरे बाप को तड़पाने की क्या जरूरत है अपनी बेटी की तड़प ही देख लो मेरे लिए किस तरह से बेचैन हो रही है यह? आरव ने एक बार फिर से हंसी में कहकहा लगाते हुए बड़ी ही रौबदार शरारती तंज किया था विनय पर जिससे उनकी मुठिया कस गईं और वह गुस्से में वहां से चले गयें। ऐली इसकी शक्ल भी मुझसे देखी नहीं जाती बेटा इसकी अकड़ इसका यह तेवर तुम तोड़ सकती हो बस यह क्यों इतना निडर है? विनय के जाते ही अब आरव ने वापस अपने सामने खड़ी ऐली को देखते हुए उसी एटीट्यूड और स्टाइल में हंसते हुए कहा… क्या हुआ जान अब तो अकेली हो ना आओ मेरे पास थोड़ा करीबी तो महसूस करते हैं? हाँ आउंगी तो जरूर तुम्हारे पास आरव राठौड़ लेकिन जब मैं तुम्हारे पास आऊंगी ना तो तुम्हारी सांसे नहीं रहेंगी तुम्हारे पास, ऐली गुस्से में दांत पीसते हुए आरव के सामने आ गई थी। क्या हुआ मजनू की औलाद प्यास लगी है तुम्हें? हां लगी तो है जानेमन लेकिन पानी की नहीं तुम्हारे इन मक्खन जैसे होठों की जरा चखा दो ना। जान ले लूंगी मैं तुम्हारी क्यों तुम इतना बेख़ौफ़ हो आरव, आखिर क्यों? ऐली ने एक बार फिर से गुस्से में उसके बाल पकड़ लिए थे जब अगले ही पल उस लड़के ने अपने बंधे हुए हाथों को इस तरह गोल राउंड किया कि ऐली जैसे उसके और भी करीब आ गई और इसी बीच उसने ऐली के होठों पर अपने होंठ रखकर उसे चूम लिया, इससे पहले ऐली कुछ समझ पाती की आरव ने एक साथ कई बार उसको किस कर लिया था और ऐली ने उसे झटक कर खुद से दूर कर दिया। तेरी हिम्मत कैसे हुई मुझे छूने की आरव राठौड़? अरे क्या कहा हिम्मत, बेबी मेरी बेबी जान, दो साल तक हम लोगों ने यही तो किया है ना तुम्हें तो दिनों रात मेरी बाहों की जरूरत होती थी दिन में तुम्हें एक पल भी मेरे बिना चैन नहीं था और रात को तुम्हें मेरे बिना नींद ही कहां आती थी यह रोमांस तो हमारे लिए कोई नया नहीं हमने तो इससे भी ज्यादा बहुत कुछ किया है एक दूसरे के साथ अब शर्माना कैसा आओ मेरे पास आओ आज भी मैं तुम्हें इस हाल में भी खुश कर सकता हूं? आरव ने अपना एक-एक लफ्ज बड़ी ही अदा से हंसते हुए इंजॉय करते कहा था और उसका हर एक लफ्ज ऐली को तीर की तरह चुभ रहा था। मैंने दो साल जो भी तेरे साथ टाइम स्पेंड किया वह सिर्फ मेरे प्लेन का हिस्सा था आरव मैंने तुझे अपने प्यार के जाल में इसलिए फसाया था ताकि तुझे यहां ला सकूं और तुझे और तेरे बाप को किए की सजा दे सकूं। हां तो क्या हुआ प्यार भले ही तुम्हारे लिए तुम्हारा प्लान था ऐली रानी लेकिन मजे तो मैंने तुम्हारे साथ भरपूर लिए हैं ना मेरी जान हर रोज इंजॉय किया है तुमको? ऐली के गुस्से भरी बात पर उसे लड़के ने जो जवाब दिया था उस जवाब से ऐली जैसे लाजवाब सी रह गई और वह गुस्से में बस आरव को घूरती रह गई थी जब आरव ने फ्लाइंग किस करते हुए उसे हवा में चूम लिया जिससे ऐली गुस्से में चीख उठी… अनुज,, ऐली की आवाज सुनते ही एक आदमी अनुज जल्दी-जल्दी दौड़ते हुए उसके पास आया था जिसके हाथ में चाबुक था ऐली ने उस आदमी के हाथ से वह चाबुक ले लिया और अपने हाथों पर लपेटते हुए सामने बंधे बेख़ौफ़ तनकर खड़े आरव को गुस्से में खा जाने वाली नजरों से देखते हुए बोली… तो बहुत शौक है ना तुम्हें अकड़ दिखाने का यह चाबुक आज तुम्हारी सारी अकड़ मिटा देगा मिस्टर आरव राठौड़। ऐली ने कस कर एक के बाद एक कई सारे कोड़े आरव को जड़ दिए थे जिससे उसके जिस्म पर जो जख्म हुए थे उनमें से खून आने लगा लेकिन फिर भी आरव के होठों पर उफ़ तक नही था सिवाय मुस्कान और शरारत के और जो मुस्कुराहट उसके चेहरे पर थी वह अपनी उसी कातिल मुस्कान से ऐली को देख रहा था जो गुस्से में लाल हुई जा रही थी और उसे गुस्से में ऐली और भी ज्यादा हसीन लग रही थी। तुम्हें दर्द नहीं होता क्या आरव? ऐली जब मारते मारते थक गई थी तो उसने चाबुक वहीं फेंक दिया और आरव का मुंह पकड़ कर दबाते हुए उसके चेहरे के जस्ट सामने आकर बोली… क्यों तुम हंस रहे हो आरव क्यों? क्या है यार मेरी जान तुम्हारे नाजुक हाथों की दी हुई चोट मुझे खूबसूरत लग सकती है दर्द नहीं दे सकती? आखिर तुम किस मिट्टी के बने हो आरव, तुम्हें दर्द क्यों नहीं होता मैं तुम्हें तड़पाना चाहती हूं तुम क्यों हंस रहे हो? क्योकि मै एक शेरदिल हूँ मर्द हूँ ऐली और ऐसी कोई चाबुक या ऐसा कोई हथियार नहीं बना जो आरव को तोड़ सके।। और आगे………… तो यह मेरी पहली ऐसी स्टोरी है रिबर्थ, रिवेंज जिसमें सनक है, पागलपन है, गुस्सा है, नफरत है और प्यार से ज्यादा इसमें रिवेंज है एक दूसरे से नफरत, मुहब्बत का बदला। एक ऐसी गर्लफ्रेंड एक ऐसी बीवी एक ऐसी नफरत वाला मोहब्बत का रिश्ता जो शायद आप लोगो को पढ़ने में बेहद इंट्रेस्टिंग लगने वाला है और मुझे उम्मीद है आप लोगों को यह स्टोरी जरूर पसंद आएगी😊 लेकिन अगर आप लोगों को पसंद आती है तो कमेंट करना बिल्कुल ना भूले कमेंट, लाइक और फॉलो, प्लीज्🤗🤗
अपने कमरे से निकल कर सुनीता जल्दी-जल्दी हॉल की तरफ आई थी जिनकी आंखों में आंसू थे और चेहरे पर दर्द और परेशानी वह रुहांसी सी हॉल की तरफ आते हुए अपने पति अमर के सामने खड़ी हो गईं जो सोफे पर बैठे फोन पर किसी से बेहद गुस्से में बातें कर रहे थे। अमर ने जैसे ही सामने खड़ी सुनीता की तरफ अपनी एक नजर उठाई सुनीता फॉरेन जमीन पर उनके पैरों के पास बैठ गई और दर्द भरी आवाज में रोते हुए बोली… अमर, अमर प्लीज कुछ कीजिए ना आखिर आप कुछ करते क्यों नहीं आरव को गायब हुए आज दो दिन से भी ज्यादा हो गए हैं मेरा दिल बैठा जा रहा है मेरा बच्चा जाने कहां होगा? सुनीता के लहजे में ममता और ममता में छुपा दर्द साफ जाहिर हो रहा था उनकी आंखों में बेशुमार आंसू थे, अमर ने अपना एक हाथ उनके चेहरे की तरफ बढ़कर उनके आंसू पोछते हुए बेहद गुस्से में अपने फोन पर बात कर रहे किसी को डांट दिया था। हे, हे स्टूपिड तुम लोग किसी काम के नहीं हो मुझे शाम तक उस प्रोजेक्ट की सारी अपडेट चाहिए वरना जान ले लूंगा मैं तुम सबकी, समझे तुम? अमर ने अब कॉल पर उस शख्स को वार्निंग देते हुए गुस्से में कहा था और फिर फोन वही सोफे पर फेंकते हुए अब वह सुनीता की तरफ देखने लगे। हे यार तुम इतना परेशान क्यों हो रही हो सब ठीक हो जाएगा आरव ठीक ही होगा मैं उसे ढूंढ रहा हूं ना? हाँ ठीक होगा लेकिन अमर वह मेरे पास तो नहीं है ना। अरे बहुत जल्द वह तुम्हारे पास भी आ जाएगा सुनीता तुम फिक्र क्यों करती हो वह शेर है कमजोर नही, समझी तुम? अरे तो आप कुछ क्यों नहीं करते आप और आपके लोगों ने मिलकर अभी तक मेरे बेटे को नहीं ढूंढा? अरे यार ढूंढना क्या है सुनीता जब मैं खुद जानता हूं कि वह कहां है तो जब आप जानते हैं तो उसे लेकर क्यों नहीं आते अमर प्लीज् आप विनय को जो चाहिए उसे दे दीजिए पर प्लीज उससे मेरा बेटा वापस ले आइये कहीं उसने मेरे बेटे को कुछ कर दिया तो मै…!! सुनीता अभी अपनी बात पूरी कर पाती की अमर ने उनका चेहरा अपने दोनों हाथों में भर लिया और उनकी आंखों में आंखें डालते हुए बोली… तुम इतना फिक्र मत करो आरव मेरा खून है और मुझे मेरे खून पर पूरा भरोसा है सुनीता। अमर ने अब बेहद एटीट्यूड और मगरूर भरे लहजे से कहते हुए सुनीता को शोल्डर से पकड़ कर अपने पास सोफे पर बैठा लिया था। तुम्हारा बेटा बहुत जल्द तुम्हारे पास होगा सुनीता घबराओ मत। वही तो अमर आखिर कब तक मुझे इंतजार करना होगा, मुझे अब मेरा बच्चा चाहिए दो दिन हो गए हैं मैंने उसे देखा नहीं और आप इतना बेफिक्र हैं आपके लोगों से अगर कुछ नहीं होता तो आप कुछ कीजिए ना पर आरव को वापस लेकर आइये? सुनीता ने अमर के शोल्डर पर अपना चेहरा टिका दिया था और उनकी आंखों में भरे आंसू टूट कर अमर के ऊपर गिर रहे थे। अमर प्लीज मेरे बेटे को वापस ले आइए पता नहीं वह कहां होगा, किस हाल में होगा, क्या कर रहा होगा, मुझे बहुत फिक्र हो रही है मेरे बच्चे की जाने वह किस हाल में होगा? सुनीता रोते हुए अपने आप से ही बोल रही थी लेकिन उनकी मायूसी और दर्द भरी आवाज से अमर का खून खौल रहा था वह भले ही सुनीता के सामने बेफिक्र थे लेकिन उन्हें भी विनय पर गुस्सा आ रहा था जिसकी वजह से आरव आज उनके साथ नहीं था और सुनीता रोई थी। अमर ने सामने देखा तो सुनीता की तरह ही आरव की बहन यानि अमर की बेटी आरु भी खड़ी आंसू बहा रही थी।। यहाँ इधर दूसरी तरफ आरव जो अभी भी उस काल कोठरी नुमा छोटे से अंधकार कमरे के बीचो बीच में बंधा खड़ा था उसके जस्ट सामने खड़ी सरगुन उसे बड़ी ही मासूमियत भरी अपनी प्यारी प्यारी आंखों से देख रही थी। अरे क्या हुआ लिटिल फैरी मै पसंद आ गया क्या तुम्हें वैसे मैं चीज ही ऐसा हूं लड़कियां तो फिदा हो ही जाती है मुझ पर एक बार देखने के बाद वह अगर मेरी ना होना चाहे तो वह है ही क्या चीज? आरव ने बड़ी ही मगरूर और एटीट्यूड भरी शरारत वाली मुस्कुराहट से सरगुन से कहा था जिस पर सरगुन ने मुंह बनाकर उसे चिढ़ा दिया और आरव उसकी नाजुक सी शरारत पर कहकहा लगाकर हंस दिया। छिछि, मैंने ऐसा नहीं सोचा आपके बारे में और मै ऐसी लड़की नही, समझे आप? तो फिर क्या सोच रही हो जो इतनी गौर से मुझे देख रही हो तुम छोटी लड़की? मै, मैं तो सोच रही हूं कि आप बेड बॉय है ना? क्या, क्या बेड बॉय, यह किसने कहा तुमसे छोटी लड़की? मेरी ऐली दी और पापा ने बोला कि आप बेड बॉय हो और मैं आपसे दूर रहूं। अच्छा, तुम्हारी दी ने तुम्हें और कुछ नहीं बताया क्या मेरे बारे में? क्या नहीं बताया मेरी दी ने? अरे यही कि मैं तुम्हारा जीजू भी हूं लिटिल फैरी। नही, नहीं ऐसा नहीं हो सकता मेरी दी की तो अभी शादी भी नहीं हुई है। हाँ वही तो बात है ना मेरी जान माय लिटिल फेरी तुम्हारी दी से शादी किए बिना ही मै शादी के बाद वाले सारे काम शादी से पहले ही कर चुका हूं उसके साथ तो हुआ ना मै तुम्हारा जीजू और तुम्हारी दी का पति? नही बस, देखो तुम मेरी दी के बारे में ऐसा कुछ नहीं बोलोगे बेड बॉय वरना मैं तुम्हे मारूंगी! सरगुन मासूमियत से भरे गुस्से में आरव को बच्चे की तरफ डांटते हुए जल्दी से उसके सामने आ गई थी… तुम बहुत ही बुरे इंसान हो बेड बॉय हो तुम तुम्हारी वजह से मेरी दी और पापा परेशान है और तुम यहां हंस रहे हो। सरगुन आरव को अपनी प्यारी मासूम सी निगाहों से घूरते हुए अंगुली दिखा कर बोल रही थी जिसकी नजाकत और मासूमियत पर आरव को हंसी आ गई थी। अरे, अरे वह लिटिल फेरी तुम्हें भी बोलना आता है क्या? हां नहीं तो और क्या मैं तुम्हें मार भी.…? अभी इससे पहले सरगुन अपनी बात पूरी कर पाती कि आरव के हाथ जो ऊपर बंधे हुए थे उसने जल्दी से अपना एक हाथ रस्सी से निकालते हुए सरगुन की कमर में फंसाया और उसे झटके से अपने करीब खींच लिया। अरे जब तुम मेरे करीब आ जाओगी तो तुम्हें यह बहुत-बहुत और बहुत ही अच्छा लगने लगेगा छोटी लड़की। आरव बड़ी ही मगरूर तेवर से पर शरारती मुस्कुराहट से बोल रहा था जबकि सरगुन की तो आंखें ही बड़ी-बड़ी हो गई थी जब उसने आरव को इस तरह खुला हुआ पाया तो। ए, ए तुम्हारे हाथ तो बंधे हुए थे ना तुम!! सरगुन ने झट से आरव को देखते हुए कहा था जिस पर आरव ने धीरे से उसके बालों को चूम लिया। अरे माय लिटिल फेरी ऐसी कोई रस्सी या कोई जंजीर नहीं जो आरव राठौड़ को बांधकर रख सके, मैं तो दो दिन से सिर्फ यहां इसलिए रुका हूं क्योंकि वह मेरी मर्जी थी वरना तुम्हारी बहन और तुम्हारे बाप की इतनी औकात नहीं जो मुझे यहां रोक कर रख सके मैं जंगल का वह शेर हूं मेरी जान जो किसी चिड़िया घर वाले शेर की तरह पिंजरे में नहीं रह सकता? छोड़, छोड़ो मुझे तुम, छोड़ो।… सरगुन ने नजाकत में तिलमिलाते हुए आरव से अपने आपको छोड़ाना चाहा था लेकिन आरव ने उसे अपने दोनों हाथों से कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और जैसे ही उसे झटक कर अपने पास किया था उस की पीठ आरव के सीने से जा लगी और आरव ने उसके शोल्डर पर अपना चेहरा रख दिया। लिटिल फैरी जिसे आरव ने पकड़ लिया वह छूट नहीं सकता और अब तुम मेरी बाहों के कैद में हो। आरव ने कहते हुए उसके बालों में अपना चेहरा रब कर दिया था जबकि सरगुन मचल रही थी उससे छूटने के लिए। आरव ने उसे एक हाथ से अपनी बाहों में उठाया और उस काल कोठरी से बाहर निकल आया जैसे ही उसे विनय के लोगों ने कोठरी के बाहर देखा और आजाद खुला हुआ तो वह सब उसे रोकने के लिए आगे आ गए थे लेकिन किसी की इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि वह आरव पर वार करता या डारेक्ट उसके सामने आ जाता क्योंकि वह आरव राठौड़ था जिससे वह खुद भी डर रहे थे और उस पर गोलियां चलाने से भी डर लग रहा था क्योंकि आरव की बाहों में सरगुन थी। आरव किसी छोटी सी बच्ची की तरह सरगुन को अपनी एक हाथ से गोद में उठाये आगे बढ़ रहा था जबकि सरगुन चीख रही थी चिल्ला रही थी। छोड़ो, छोड़ो मुझे तुम बेड बॉय हो छोडो मुझे मै तुम्हारे साथ नहीं जाऊंगी मुझे छोड़ो वरना मेरी दी और पापा तुम्हें बहुत मारेंगे जाने दो मुझे। सरगुन की आवाज में जो नजाकत और बच्चों सी मासूमियत थी उससे आरव को हंसी आ रही थी लेकिन उसके सामने जो विनय के ढेर सारे गार्ड थे उन पर आरव अब किसी शेर की तरह टूट पड़ा था और एक हाथ से उसने सरगुन को जो अपनी बाहों में उठा रखा था दूसरे हाथ से वह विनय के लोगों को मार रहा था और वह सब जैसे आरव के सामने कमजोर ही पड़ गए थे। एक के बाद एक वह सब गिरते जा रहे थे और आरव आगे बढ़ रहा था उसने विनय की ही एक गाड़ी में सरगुन को लाकर डाल दिया और फिर खुद ड्राइविंग सीट पर बैठकर गाड़ी आगे बढ़ा ले गया उसकी मंजिल थी अब उसका घर यानी अमर मेंशन। देखो तुम मुझे जानते नहीं हो मुझे जाने दो वरना मैं तुम्हें बहुत मारूंगी बेड बॉय मुझे छोड़ दो। सरगुन उसके साथ वाली सीट पर बैठी उस पर छोटे हाथो से छोटे-छोटे मुक्के मार रही थी, कभी उसे हाथों से नोच रही थी तो कभी पैर चला रही थी लेकिन आरव की गाड़ी नहीं रुकी थी और वह स्टेरिंग घूमाता फुल स्पीड में गाड़ी आगे बढ़ाये जा रहा था जब सामने उसकी नजर एक मंदिर पर गई जिसे देखते ही उसकी शैतानी सोच में जाने ही क्या ख्याल आया था। उसने झट से गाड़ी मंदिर के पास लाकर रोक दी और खुद गाड़ी से बाहर आकर उसने सरगुन को भी अपनी गोद में उठाया और मंदिर के अंदर चला गया जहां उसने सरगुन से जबरदस्ती शादी की थी और शादी करते ही उसने पहले कॉल विनय को किया था उनकी बेटी से शादी करने की बधाई देने के लिए और जो तेवर जो अकड़ आरव की बातों में थी उससे विनय का खून खौल गया और वह दहाड़ उठे थे जबकि, इधर दूसरी तरफ मंदिर में आरव ने सरगुन को एक बार फिर से अपनी गोद में उठाया और गाड़ी में बैठकर अब उसे लिए अपने घर की तरफ निकल पड़ा।। और आगे……………
घर आते ही आरव ने गाड़ी रोक दी थी और जो उसके घर के बाहर उसके लोगों की भीड़ थी उन्होंने जैसे ही आरव को देखा सब में जैसे खुशी की लहर दौड़ गई जबकि आरव गाड़ी से बाहर आया और अपनी उन्ही मगरूर और सख्त तेवर से भरे डैशिंग कदम बढ़ाते हुए उसने गाड़ी का फ्रंट डोर खोला और उसमें डरी सहमी बैठी सरगुन का हाथ पकड़ कर उसे गाड़ी से बाहर निकाल लिया। आरव के साथ एक लड़की को देखकर उसके बहुत सारे लोग बहुत ही गौर से उन दोनों को देख रहे थे जबकि आरव सरगुन को अपने साथ लिए मेंशन की तरफ बढ़ने लगा था। सरगुन अभी भी डर से कांप रही थी उसका मासूम सा वजूद और खिला-खिला सा मासूम सा चेहरा जैसे मुरझाने लगा था उसकी आंखों में आंसू ही आंसू थे वह आरव के साथ कदम से कदम मिलाकर चल नहीं पा रही थी क्योंकि आरव के सामने उसकी कोई हस्ती ही नहीं थी? आरव ने पीछे पलट कर सरगुन की तरफ देखा और जाने क्या सोचकर उसने सरगुन को अपनी गोद में उठा लिया और बड़े ही ईगो और स्टाइल से वह घर के अंदर आ गया था? उसने घर के बीचो बीच में लाकर सरगुन को नीचे उतार दिया जबकि आरव को आता देखते ही अमर और सुनीता जल्दी से दौड़ते हुए उसकी तरफ आ गए थे। सुनीता ने तो फौरन आरव को गले से लगा लिया और रोते हुए उसके बालों में हाथ फेरने लगी… मेरा बच्चा मेरा बच्चा घर आ गया आरव, आरव तुम ठीक तो होना बेटे? सुनीता कभी आरव का चेहरा चूमती तो कभी उसके बालों में हाथ फेरती उसकी शर्ट पर जो उसके खून के धब्बे थे उन्हें देखकर सुनीता का दिल तड़प गया था। कैसी हालत की है उन जालिमो ने मेरे बच्चे की अमर देखिये ना आप!! सुनीता की आवाज भर आई थी और उनकी आंखों में भी बेशुमार आंसू थे जबकि आरव वैसे ही तनकर खड़ा था और उसके सामने थे अमर। अमर ने भी मुस्कुराते हुए आरव का स्वागत किया था.… यह है मेरा बेटा एक मर्द की औलाद एक मर्द होता है सुनीता और मर्द को दर्द नहीं होता तुम क्यों रो रही हो यार? अमर भी तो आखिर आरव के ही पिता थे जिनके अंदर एटीट्यूट, एगो और वही तेवर थे वही बादशाहत वही गुरुर उन्होंने आरव के बालों में हाथ रख दिया… वेलकम होम माय सन मुझे पता था तुम खुद अकेले काफी हो विनय पर इसलिए मैंने किसी को भी तुम्हारे लिए नहीं भेजा क्योंकि मुझे पता है मैंने एक मर्द को जन्म दिया है जो कभी कमजोर नहीं पड़ सकता? अमर की बातों पर आरव बस मुस्कुरा दिया था उसने अब सुनीता के हाथों को थाम लिया… ओफ्फो मॉम क्या है आप फिर से रोने लगी आप इतना रोती क्यों है आप मेरी मॉम है आपको इतना नाजुक या कमजोर नहीं होना चाहिए? आरव मै एक मां हूं मेरा दिल तड़प जाता है तुम्हें तकलीफ में देखकर। अरे हां आप एक मां है लेकिन आप आरव राठौड़ की मां हैं आप यह मत भूला करें। आरव ने सुनीता के आंसू पूछते हुए उन्हें अपने सीने से लगा लिया था… मॉम किसी कैद की इतनी औकात नहीं जो आपके बेटे को कैदी बना सके मैं तो खुद वहां पर अपनी मर्जी से था और जब मेरा मन वहां से भर गया तो लो मैं आपके पास आ गया? आरव ने बड़ी खुशदिली से हंसते हुए कहा था जैसे कोई बात ही ना हो जबकि उसके पूरे शरीर पर जख्म ही जख्म थे। यह कौन है भाई? आरव की बहन आरु जो थोड़ी दूर पर आरव के पीछे खड़ी सरगुन को के पास खड़ी उसे गौर से देख रही थी उसने उसे नीचे से ऊपर तक देखते हुए हैरत से आरव से पूछा था जिस पर अब आरव, अमर और सुनीता सबकी नज़रें सरगुन पर जा रुकी जो खामोश ख़ामोश सी डरी सहमी अपने में ही दुबकी हुई थी। सरगुन को देखकर जहां सुनीता भी हैरान रह गई थी अमर की भी आंखें हैरत से फैल गई वही आरव के चेहरे पर अब एटीट्यूड भरी गहरी मुस्कुराहट आ गई और उसने आगे बढ़कर सरगुन का हाथ पकड़ लिया और उसे लाकर सुनीता के सामने खड़ा कर दिया। लो मॉम आपका बेटा आज आपके लिए बहू लेकर आया है, बताइये कैसी लगी? क्या कहां बहू? सुनीता ने सवालिया नजरो से पहले आरव को देखा था और फिर सरगुन को… क्या कह रहे हो तुम आरव? जी हां मॉम आपकी बहू। आरव ने सुनीता को हंस कर एक निगाह देखा था और फिर शरारत में अमर से बोला… डैड यह विनय खन्ना की बेटी है और ऐली की छोटी बहन सरगुन जिसे मैं वहां से उठा कर लाया हूं और मैंने इससे शादी भी कर ली है मंदिर ले जाकर। आरव इस तरह बता रहा था जैसे कोई बड़ी बात ही ना हो फिर उसने सुनीता से कहा… तो बताइये मॉम कैसी लगी आपको अपनी बहू? हां यह तो बहुत ही खूबसूरत है बेटा और बहुत ही नाजुक सी लेकिन तुम इसको ऐसे क्यों लाये आरव, यह तुम्हें कहां से मिल गई? अरे मॉम कहा ना मैंने विनय खन्ना की बेटी है यह! क्या उस दुश्मन की बेटी से शादी करके आए हो तुम आरव? हां तो क्या हुआ मॉम बेटी किसी की भी हो बहू तो अब से यह आपकी ही है पर हां इसमें विनय खन्ना के कोई भी गुण नहीं लगता है विनय खन्ना ने इसे बहुत ही अच्छे कर्मों पर गॉड गिफ्ट के रूप में पाया है मॉम उस हैवान जैसे इंसान ने एक देवी जैसी बेटी को भी जानम दिया है मुझे भी अब पता चला है और जब पता चला तो मैं इसे अपने साथ ले आया अब से यह आपके साथ रहेगी आज से और अभी से यह मेरी पत्नी है? अरे वाह शाबाश माय सन फिर तो तुम्हें एक और बधाई देनी बनती है एक तो तुम दुश्मन को धूल चटा कर आए हो और ऊपर से उसकी बेटी से ही शादी की यह हुई ना मर्दों वाली बात आरव तुम सच में मेरे खून हो बेटे? अमर ने आरव के शोल्डर पर फख्र से हाथ रखते हुए कहा था जबकि सुनीता अभी भी सरगुन को देख रही थी जो डरी हुई थी। आप क्या बात करते हैं अमर एक लड़की के साथ गलत कर रहा है आपका बेटा और आप इसका साथ दे रहे हैं? अरे भई क्या गलत किया है मेरे बेटे ने सुनीता शादी ही तो की है ना इसने अब क्या हुआ कि यह लड़की इसके दुश्मन की बेटी है वैसे दुश्मन की बेटी से शादी करना और उसे उन्ही की नजरों के सामने से उठाकर लाना जिगर चाहिए सुनीता जो हमारे आरव के ही पास है? लेकिन अमर यह लड़की तो बहुत छोटी सी मासूम सी लग रही है बेचारी को देखिये आप डर रही है यह। डर रही है तो क्या हुआ मुझे इससे क्या मेरा बेटा इसे अपनी मर्जी से लाया है अपने दम पर जीतकर सुनीता और अब यह रहेगी तो आरव को ही होकर चाहे कुछ भी कर ले विनय? अमर आप तो अपने बेटे को इंसान नही जल्लाद बना चुके हैं जल्लाद नही यह मर्दानगी है सुनीता जाओ अब अपनी बहू का स्वागत करो तुम। अमर ने सुनीता की बात को नजर अंदाज कर दिया था और आरव के शोल्डर पर हाथ फेरते हुए वह बड़ी शान और फख्र से बोल रहे थे। आरव ने आरु की तरफ देखते हुए कहा… आरु अपनी भाभी को अंदर ले जाओ। जी ठीक है भाई।… आरु ने धीरे से जवाब दिया था और सरगुन को थामकर अंदर जाने लगी जब आरव ने उसे पीछे से आवाज दी। अरे आरु इसे वहां कहां लेकर जा रही हो तुम? भाई आपने ही तो कहा ना भाभी को अंदर ले जाऊं। हां तो मेरा कमरा ऊपर है ना तुम इसे मेरे कमरे में लेकर जाओ, शादी करके लाया हुआ इसे अकेले थोड़े रहूंगा अब मै यह भी तो मेरे साथ ही रहेगी? आरव ने उसी मगरूर मगर बेफिक्र और मुस्कुराहट से कहा था जिस पर आरु बस उसे देखकर रह गई और सुनीता ने उसका कान पकड़कर मरोड़ दिया। ए बदमाश क्या कहा तुम्हारे कमरे में एक तो जबरदस्ती बेचारी को तुम उठा कर ले आए उसकी मर्जी के बगैर तुमने उससे शादी की उसके घर वालों से दूर कर दिया उसे और अब तुम उसको? अरे हां तो क्या मॉम मेरी पत्नी है तो मेरे साथ ही रहेगी ना। तुम्हारी पत्नी है लेकिन रीति रिवाज भी कोई चीज होते हैं आरव और अब जब तुम इसे अपने साथ ले ही आए हो तो शादी हमारे तरीके से होगी यह क्या मंदिर में चोरों की तरह शादी करना तुम इसे तुम शादी कहते हो? मॉम अब शादी तो हो चुकी है ना और आरव राठौड़ फालतू के रीति रिवाज या फिर तौर तरीकों को नहीं मानता वह खुद अपने तौर तरीके बनाता है और खुद ही उन्हें तोड़ता भी है, अब यह लड़की मेरी पत्नी है और मैं इसके साथ वह सब करूंगा जो मेरा दिल चाहेगा। आरव ने सुनीता से कहते हुए अपनी बहन आरु की तरफ देखा था… जाओ आरु इसे मेरे कमरे में ले जाओ और हां एक काम करना तुम्हें जो भी चाहिए अपने भाई से मांग लो लेकिन तुम आज मेरी दुल्हन को इस तरह तैयार करो कि इसे देख कर मेरा दिल बेकरार हो जाए इसके पास आने को, समझी ना तुम? भाई मुझे जो चाहिए वह आप देंगे क्या?… आरु ने भी इस बार मुस्कुराते हुए आरव को देखा था जिस पर आरव ने पलके झपका कर सर हाँ में हिला दिया। बिलकुल आरु, तुम्हें जो चाहिए वह सब दूंगा और साथ ही जितना खर्च करना है तुम इस लड़की को सजाने में उतना खर्च भी कर लो लेकिन अपनी इस भाभी को अपने भाई के लिए आज बहुत ही अच्छे से सजा कर रखना यह तुम्हारी जिम्मेदारी है अब? आरव ने उसी तरह मगरूर और एटीट्यूड से मुस्कुराते हुए आरु से कहा था जिस पर आरु बस हंस कर रह गई और उसने सरगुन का हाथ पकड़ा और उसे लिए वहां से चली गई । उनके जाते ही आरव ने सुनीता की तरफ देखा था तो उन्होंने उसके सर पर थप्पड़ मार दिया… नालायक लड़के तुम कब सुधरोगे आरव? अरे मॉम जब आप डैड को नहीं सुधार पाई तो मुझे क्या सुधारेंगी मैं भी तो आपके ही पति की औलाद हूं? आरव ने शरारत से कहा था और जिस पर सुनीता ने उसे घूर कर देखा था और आरव के साथ ही अमर भी हंस दिए थे तो सुनीता अब अमर पर भी नाराज हो गई। तीनो अब बातो में लग गए थे कि इसी बीच घर के बाहर उन्हें कोई शोर शराब और किसी के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनाई दी थी जो सुनकर आरव फौरन घर के बहार बढ़ गया था और उसके पीछे ही अमर और सुनीता भी थे? वह तीनों जब घर के बाहर आए तो बाहर विनय और ऐली खड़े थे और उनके साथ ही उनके बहुत सारे लोग जिन पर आरव के लोगों ने बंदूके तान रखी थी और उन लोगो ने भी आरव के लोगो को निशाना बनाया हुआ था। आरव को देखते ही उसके पीछे खड़े अमर पर विनय गुस्से में चीख उठे… क्या चोरों की तरह छुपा बैठा है नामर्दों जैसे घर में अमर राठौड़ हिम्मत है तो मेरे सामने आ? सामने ही तो आया हूं ना ससुर जी क्यों इतना गुस्सा कर रहे हो यार? आरव ने बड़ी एटीट्यूड भरी एक स्टाइल से चलते हुए विनय के सामने आकर जैसे उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया था जिस पर विनय का खून ही खौल गया। बोलिये ना ससुर जी इतना हाईपर क्यों हो रहे हो अब तो सन इन लॉ हूँ मै तुम्हारा अफ्ट्रोल तुम्हारी दोनों बेटियों का इकलौता पति हूँ मै? और आगे………… नई स्टोरी है और कमेंट ना के बराबर ऐसा क्यों, क्या पसन्द नही आ रही क्या किसी को😏🤔🤔
आरव को देखते ही उसके पीछे खड़े अमर पर विनय गुस्से में चीख उठे… क्या चोरों की तरह छुपा बैठा है नामर्दों जैसे घर में अमर राठौड़ हिम्मत है तो मेरे सामने आ? सामने ही तो आया हूं ना ससुर जी क्यों इतना गुस्सा कर रहे हो यार? आरव ने बड़ी एटीट्यूड भरी एक स्टाइल से चलते हुए विनय के सामने आकर जैसे उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया था जिस पर विनय का खून ही खौल गया। बोलिये ना ससुर जी इतना हाईपर क्यों हो रहे हो अब तो सन इन लॉ हूँ मै तुम्हारा अफ्ट्रोल तुम्हारी दोनों बेटियों का इकलौता पति हूँ मै, एक के साथ बिना शादी के दो साल तक मैंने वफादारी से रिश्ता निभाया है उसे अपनी पत्नी जैसे प्यार देकर और अब दूसरी के साथ शादी करके उससे भी ख्वाइशें पूरी करूँगा मै ताकि…!! आरव अपनी बात पूरी कर पाता कि विनय चीख उठा था। ए आरव अपनी जबान को लगा दे वरना मैं तेरी जान ले लूंगा। सोच लो माय प्यारे ससुर जी अगर तुम मेरी जान लोगे तो तुम्हारी बेटी का ही नुकसान होगा।… आरव बड़ी अदा से टेढ़ा मुस्काया था। क्या बकवास कर रहा है तू आरव?… विनय नासमझ से मगर अहंकार से चिल्लाये थे। नही तो ससुर जी बकवास नहीं यह सच है मैंने सरगुन से शादी कर ली है और अब तुम मेरे ससुर जी ही तो हुए ना विनय खन्ना। आरव ने जैसे ही कहा था विनय जैसे गुस्से में तिलमिला उठे और उन्होंने ऐली की तरफ देखा था तो वह भी मगरूर और सख्त घूरती निगाहों से आरव को घूर रही थी। ऐली आज इस वक्त भी अपने उन्हें छोटे-छोटे हॉट कपड़ों में बेइंतहा हॉट और खूबसूरत कोई क़तील हसीना सी लग रहा थी जिसे देखकर आरव ने शरारत से उसे आंख मारी थी जिस पर ऐली ने उसे पँच मारने का इशारा किया था। कमीने मै तेरे सारे दांत तोड़ दूंगी आरव राठौर अगर तूने मेरी बहन को कुछ किया तो? अरे नहीं नही ऐली मेरी जान अभी तो कुछ नहीं किया है मैने लेकिन उसके साथ बहुत कुछ करने का सोच रहा हूँ मेरा मन कर रहा है मै उस कली के साथ भौरें जैसा खेल ही जाऊँ आज? आरव कहते हुए ऐली के पास उसके सामने आकर खड़ा हो गया था। तो तुम क्या कहती हो ऐली उस कली को आज मै फूल बना ही दूँ क्या? आरव अपनी वही मस्त मौला बेपरवाह सी शरारती हंसी में जैसे ऐली का मजाक बनाया था और फिर उसने अपना एक हाथ ऐली के बालों में पीछे फंसाकर खींच लिया था जिससे ऐली का चेहरा ऊपर उठ गया और विनय गुस्से में उसकी तरफ आने वाला था जब आरव के लोगों ने फौरन विनय पर गन्स तान दी और वह रुक गए साथ ही विनय के लोगों ने भी आरव के लोगों पर अपना निशाना बना लिया था। आरव अब ऐली का चेहरा अपने चेहरे के जस्ट सामने लाकर उसकी आंखों में आंखें डालते हुए बेहद मगरूर और एटीट्यूड भरे सख्त लहजे में सरसराती आवाज से बोला… यू क्नो ऐली बहुत प्यार करने लगा था यार मैं तुमसे सच में प्यार। आरव ने ऐली के करीब आकर उसके कान के पास बड़े ही सख्त ओट मगरूर लफ्जो में कहा था कि ऐली सुन्न पड़ गई। हाँ ऐली, आज तक यह आरव राठौर कभी किसी लड़की की तरफ नही झुका उसके करीब नही गया किसी के लिए तड़पा नहीं लेकिन तुम्हारे लिए तड़पा था और यह आरव राठौड़ जिसने कभी किसी लड़की की तरफ पलट कर नहीं देखा उसने तुम्हारे प्यार में अंधे होकर तुम पर जान छिड़कने को तैयार था, तुम पर बेशुमार यकीन किया लेकिन तुमने क्या किया… तुमने मेरे यकीन और मेरे दिल दोनों को तोड़ दिया ऐली और अब मेरे इस टूटे हुए इस दिल के हर टुकड़े से प्यार करूंगा मैं तुम्हारी फूल सी नाजुक बहन सरगुन के साथ और तुम कुछ नहीं कर पाओगी, ऐली तूने मुझे प्यार में धोखा दिया है और अब इसकी सजा तुम्हे जरूर मिलेगी, क्या कमी रह गई थी मेरे प्यार में यार लेकिन तुमने प्यार के नाम पर मेरे साथ खेल खेला मेरी फिलिंग्स की कदर नही की और मेरा इस्तेमाल करती रही मेरे बाप को नीचा दिखाने के लिए? आरव ऐली को बालो से पकड़े उसके जस्ट सामने खड़ा उसके चेहरे से अपना चेहरा जोड़े उसकी आंखों में देखते हुए अपना एक-एक लफ्ज़ बेहद जुनून, सनक, नफरत और गुस्से में बोल रहा था जबकि ऐली के चेहरे पर दर्द था उसके बाल जो आरव खींच रहा था। अगर मुझे पहले पता होता कि तुम इस जहरीले सांप विनय खन्ना की बेटी एक जहरीली नागिन हो ऐली तो मैं शायद तुम्हे उसी वक्त गोली मार देता जिस वक्त तुम पहली बार मेरे करीब आई थी और अपने प्यार के नाटक की शुरुआत की थी लेकिन मैं तेरे उस ढोंगी प्यार को सच मानकर तुझे प्यार और बहुत प्यार देने लगा पर अब तू मेरी सजा भी नहीं झेल पाएगी ऐली खन्ना मेरी नफरत तो बहुत दूर की बात है और अब तुझे बहुत मजबूत बनना पड़ेगा वरना आरव राठौर की नफरत का सामना नहीं कर पाएगी तू? आरव ने ऐली की आंखों में आंखें डालते हुए अपने मन की जो भड़ास और जो नफरत उसके सामने रख दी थी उससे ऐली खामोश शॉक्ड सी रह गई और वह फटी फटी आंखों से बस आरव को देखे जा रही थी जो एकदम उसके करीब था और उसका चेहरा उसके चेहरे से इस तरह टिका हुआ था कि उसकी सांसे भी ऐली की सांसों से टकरा रही थी। आरव ने अब झटक कर उसको खुद से दूर कर दिया और अब बुलंद आवाज में जोर-जोर से विनय और बाकी सब को सुनाते हुए बोला… ए, चलो अब निकलो सब के सब यहां से यह कोई धर्मशाला नहीं जो मुंह उठाये चले आए यह मेरा घर है जहां मेरी मर्जी के बगैर परिंदा भी पर नहीं मार सकता फिर तुम सब तो वह जानवर हो जिसे मैं बहुत नफरत करता हूं? बहुत गुरूर है तुझ में आरव राठौर।… विनय गुस्से में आरव के सामने आकर खड़े हो गए थे। आरव हंसते हुए बोला… गुरुर होना भी चाहिए अच्छी चीज होती है खन्ना तू भी किया कर। मेरी बेटी कहां है आरव?… विनय ने आरव की आंखों में आंखें डालते हुए गुस्से से पूछा था। आरव ने पहले ऐली की तरफ देखा और फिर हंसते हुए बड़े ही गुरुर और एटीट्यूड में बोला… तेरी बेटी जहां भी है सेफ है और अब तुझे उसकी फिक्र करने की जरूरत नहीं खन्ना क्योंकि वह तेरी बेटी नहीं मेरी पत्नी है और अपनी पत्नी की सेफ्टी अब मेरी जिम्मेदारी है तो तू अब उसकी टेंशन लेना छोड़ दे। आरव राठौड़ मै तेरी जान ले लूंगी बोल कहां है मेरी बहन वरना!! ऐली ने भी गुस्से में आकर आरव का कॉलर पकड़ लिया था जब आरव ने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उसकी आंखों में आंखें डाल दी। ए लड़की आरव राठौर का कॉलर कोई राह चलते किसी भिखारी का कटोरा नहीं जो तू थाम ले, आइंदा ऐसा किया तो...? आरव ने झटक कर ऐली का हाथ अपने कॉलर से दूर कर दिया था… आइंदा मुझे छूने या फिर मेरे करीब आने से पहले सौ बार सोचना तू वरना मैं नहीं सोचूंगा की तू एक लड़की है, समझा। आरव की बात में जो जुनून जो नफरत थी उससे ऐली खामोश रह गई जबकि विनय ने अब आरव की तरफ देखते हुए कहा… मेरी बेटी मुझे वापस कर आरव वरना तेरे लिए अच्छा नहीं होगा। अरे, अरे क्या ससुर जी मैंने कहा ना बेटी तुम्हारी अब मेरी हुई और मैं अपनी चीज किसी को नहीं देता फिर वह तो मेरी पत्नी है अभी तो सिर्फ शादी की है आज तो उसके साथ मेरी फर्स्ट नाइट है यानी मेरा रोमांस अभी अधूरा है और तुम उसे ले जाने भी आ गए? आरव ने जुनून और एटीट्यूड से कहते हुए एकदम से ही हंसते हुए ऐली की तरफ देखा था और फिर विनय को देखते हुए बोला… अभी तो मैं उसके साथ हनीमून पर भी जाऊंगा इतनी जल्दी में तुझे उसको वापस कैसे कर सकता हूं खन्ना अब तो तू उसकी एक झलक भी देखने को तरस जाएगा क्योंकि मेरी पत्नी को मेरे अलावा कोई और देखें यह मुझे गवारा नहीं, चलो अब दफा हो जाओ यहां से वरना एक-एक को मौत से मिलवा दूंगा खन्ना आई स्वैर कोई नहीं बचेगा लाशों को कंधा देने के लिए? आरव ने विनय को धक्का दे दिया था जिससे वह लड़खड़ा कर गिरने लगे थे कि ऐली ने फौरन उन्हें थाम लिया "पापा,, नही ऐली मैं ठीक हूं बेटा।… विनय ने ऐली को देखते हुए जवाब दिया जबकि ऐली गुस्से में आरव को देख रही थी। आरव यह घमंड बहुत महंगा पड़ेगा तुझे। अरे हां और सस्ती चीजे मुझे पसंद भी नहीं, चल अब निकल यहां से तेरी शक्ल भी मुझे नहीं देखनी मेरी नफरत बढ़ जायेगी तो तेरी सजा भी। आरव ने ऐली को भी बेभाव जवाब दिया था जब ऐली आरव की तरह बढ़ने लगी थी जिसे विनय ने जल्दी से पकड़ लिया और आंखों के इशारे से नहीं में सर हिला दिया। नही ऐली जाने दो बेटा, चलो यहां से सरगुन अभी भी इसके पास है। ऐली और विनय आरव के घर के ग्राउंड से बाहर जाने लगे थे और उनके पीछे ही उनके बहुत सारे वह लोग भी जो उनके साथ आए थे पर आए तो थे वह सरगुन को लेने लेकिन जा रहे थे खाली हाथ क्योंकि सामने उनके आरव था और आरव से जीत पाना इतना आसान नहीं था चाहे वह एक होते दो या फिर एक हजार आरव सब पर एक ही भारी था यह सब को पता था इसलिए विनय और ऐली वहां से खाली हाथ लौटे थे। और हां सुनो ससुर जी सोचूंगा मैं तेरे बारे में तो शायद तेरी बेटी को कल तक तेरे पास भेज दूं लेकिन हां सिर्फ एक दिन के लिए उसके दूसरे दिन यानी परसों तक अगर तूने वापस मेरी पत्नी को मेरे घर नहीं भेजा तो मैं पूरी बारात लेकर तेरे घर आ जाऊंगा आफ्टरवल तेरे घर का दामाद हूं मैं और तेरी बेटी का पति। आरव ने बड़े ही मजाकिया फनी अंदाज में तेज तेज बुलंद आवाज से कहा था जिस पर अमर और उनके लोगों को हंसी आ गई थी जबकि विनय, ऐली और उनके लोगो का गुस्से में खून खौल रहा था। उनका बस नहीं चल रहा था वह आरव का मुंह तोड़ दे या फिर उसकी जान ही ले ले लेकिन अफसोस था कि सरगुन आरव के पास थी और विनय एंड ऐली अब वाकई लाचार और बेबस थे। वह सब खामोशी से वहां से चले गए जबकि उनके जाते ही आरव जो घर की तरफ वापस आ रहा था एकदम से ही उसे जैसे चक्कर आ गया और वह लड़खड़ाकर वहीं जमीन पर गिर गया था। आरव के गिरते ही अमर और सुनीता उसके पास आए थे तब तक आरव अपने होश खो बैठा था, अमर ने उसको पकड़ कर हिलाया लेकिन वह बेहोश था जिससे सुनीता रोते हुए उससे लिपट गई। अमर ने पास में खड़े अपने आदमियों की तरफ देखते हुए जोर से आवाज दी… हे, कोई डॉक्टर को बुलाओ जल्दी मेरे बेटे को क्या हुआ? और आगे……………… पसन्द आ रही है ना स्टोरी, है ना, है ना… अरे तो फिर कमेंट, और स्टिकर्स क्यों नही आ रहे और फॉलोवर्स भी🤔😇😇😊😊😊 हमको पैसे चाहिए इसलिए ज्यादा से ज्यादा स्टिकर देना स्टार्ट कर दीजिए क्योंकि आप लोगों ने कभी हमें स्टिकर नहीं दिए क्योंकि हमने कभी मांगे ही नहीं थे🙆 बट अब मैं मांग रही हूं तो अब तो आपको देने ही पड़ेंगे
देखो सरगुन तुम ऐसे रोना बंद करो प्लीज अगर तुम ऐसे रोती रहोगी तो आरव भाई को और गुस्सा आ जाएगा और उनके गुस्से का उन्हें भी नहीं पता होता है कि वह गुस्से में क्या कर बैठते हैं? आरू सरगुन के पास खड़ी उसे समझाने की कोशिश कर रही थी जो बेड पर बैठी दोनों हाथों से अपना चेहरा ढके बरबस रोए जा रही थी वह जब से यहां आई थी तब से आरू उसके पीछे-पीछे कदम से कदम मिलाकर चल रही थी उसे हर तरह कंफर्टेबल फील करने के लिए लेकिन सरगुन यहां पर डरी सहमी सी ही लग रही थी और वह डर तो आरू से भी रही थी जो आरव की बहन थी और सरगुन केलिए एकदम अजनबी? आखिर तुम इतना रो क्यों रही हो सरगुन बस करो, ओके मैं जानती हूं कि मेरे भाई ने तुम्हारे साथ गलत किया है लेकिन अब वह तुम्हारे……!! क्या लेकिन, आपके भाई ने मेरे साथ गलत नहीं बहुत ज्यादा वाला गलत किया है दी और वह बेड बॉय है बहुत ही बुरे है वह? सरगुन ने आरू की बात कट करते हुए झट से सर उठाकर उसकी तरफ देखा था और अपने उसी मासूम से गुस्से में आरू को डांटते हुए बोली… बहुत गंदे है वह उन्होंने मेरे साथ जबरदस्ती शादी की है मुझे मेरे घर जाना है, मुझे जाने दीजिए। देखो यह तो अब मुमकिन नहीं सरगुन तुम अपने घर नहीं जा सकती। अच्छा, पर क्यों नही जा सकती मै, मुझे यहां नही रहना? यह क्योकि अब यह तुम्हारी ससुराल है सरगुन और मेरे भाई तुम्हारे हबी है। … आरू बहुत ही प्यार से और नरम लहजे में सरगुन को समझाते हुए उसके पास ही बेड पर बैठ गई थी। "देखो सरगुन तुम अपने घर जाने कि जिद अब प्लीज् छोड़ दो यार। पर क्यों छोड़ दूं मुझे मेरे घर जाना है मतलब जाना है आरू दी मुझे जाने दीजिए? यह भी तो अब तुम्हारा ही घर है ना सरगुन। नहीं यह मेरा घर नहीं है यह बेड बॉय का घर है मुझे मेरे घर जाना है। अच्छा, पर अब वह बेड बॉय तुम्हारे पति है ना और यह उनका घर है तो तुम्हारा भी हुआ। नही, नहीं यह मेरा घर नहीं है मैंने कहा ना मैं यहां नहीं रहना चाहती। तो फिर कहां जाओगी तुम सरगुन? दी मैं अपने घर जाऊंगी और कहां? देखो सरगुन तुम अपने घर नहीं जा सकती अब तुम्हें भाई यहां लेकर आए हैं और अब जब तक उनकी परमिशन नहीं होगी तुम अपने घर जाना तो क्या इस घर से एक कदम भी बाहर नहीं निकाल सकती? क्यों सब कुछ उनकी मर्जी से ही होगा क्या भला? हाँ फिलहाल तुम्हारी लाइफ में तो अब जो भी होगा सरगुन वह सब उनकी ही मर्जी से होगा। क्यों आरू दी मै उनकी जागीर तो नही। जागीर होती तो शायद भाई तुम्हे जाने भी देते पर तुम उनकी वाईफ हो अब वह तुम्हे तो छोड़ने से रहें सरगुन। पर मै उनको जानती तक नही हूँ आरू दी। तो जाएं जाओगी बस थोड़ा वक्त दो सरगुन। नही बस मुझे कुछ नहीं पता मुझे मेरे घर जाना है बस, देखिए आरू दी आप मेरे लिए मेरी ऐली दी की तरह है प्लीज आप कुछ कीजिए ना?… सरगुन ने मासूमियत से अब आरू का हाथ थाम लिया था। आरू को वह छोटी सी लड़की सरगुन काफी इनोसेंट और क्यूट लग रही थी जिस पर उसे दिल से तरस और प्यार आया था पर वह जल्दी से छिटककर बोली… सॉरी मैं कुछ नहीं कर सकती सरगुन? मैं उसे रक्षस के साथ नहीं रहना चाहती आरू दी वह मुझे जबरदस्ती उठा कर लाए हैं मै तो उन्हें जानती तक नहीं थी मैंने उन्हें कभी नही देखा आज से पहले। वही तो सरगुन तुम इसलिए ऐसा बोल रही हूं क्योकि तुम उन्हें अभी जानती नही पर जिस दिन तुम उन्हें जान जाओगी वही राक्षस तुम्हें दुनिया में सबसे प्यारे लगने लगेंगे क्योकि वह बुरे नही बहुत अच्छे है सरगुन मेरे भाई बहुत अच्छे दिल के हैं। आप उनकी बहन है इसलिए तो आप ऐसा बोल रही है आरू दी। अरे नही, नहीं मैं उन्हें जानती हूं इसलिए ऐसा बोल रही हूं सरगुन जिस दिन तुम उन्हें जान जाओगी तुम्हारे लिए वह मुझसे भी ज्यादा प्यारे हो जाएंगे। नही दी देखिए प्लीज मुझे यहां से जाने दीजिए वरना मैं यहां से भाग जाऊंगी। अच्छा गुड, पर तुम ऐसा सोचना भी मत सरगुन वरना तुम्हारा अंजाम जो होगा उसकी जिम्मेदार तुम खुद होगी तुम इस घर से भाग नहीं सकती यहां पर कदम-कदम पर पहरा है और सबसे बढ़कर पहरा जो है वह है आरव भाई की नजर जो तुम पर हर वक्त रहेगी भले ही वह तुम्हारे साथ ना हो लेकिन वह तुम्हारे आस पास जरूर होंगे ऐसा हमेशा तुम याद रखना? आरू सरगुन के आंसुओं को पोछते हुए उसका चेहरा अपने दोनों हाथों में लिए प्यार से उसे समझा रही थी जबकि सरगुन बस सिसकियों से रोए जा रही थी। वही यहां दूसरी तरफ आरव जो बेड पर सीधा लेटा हुआ था उसे अभी कुछ देर पहले ही होश आया था और अभी-अभी उसे डॉक्टर चेक करके वहां से गए ही थे कि वह झट से उठकर बैठ गया, उसे होश में आता देखकर अमर और सुनीता के दिल को भी चैन आया था, वह दोनों फौरन उसके आसपास आकर बैठ गये थे। बेटा अब तुम्हारी तबीयत कैसी है? सुनीता ने आरव के बालों में हाथ फेरते हुए उसके माथे पर चूम लिया था और आहिस्ता से बोली… आरव मेरे बच्चे तुम्हें देखकर तो मेरी तो जान ही निकल गई थी जब तुम अचानक से गिर गए थे और बेहोश हो गए थे। जी मॉम मै ठीक हूं मेरी फिक्र क्यों करती हैं आप इतना?… आरव ने हल्का सा मुस्कराकर जवाब दिया जबकि उसके चेहरे पर अब भी वही तेज था। अच्छा क्या खाक ठीक हो तुम आरव जगह-जगह तो तुम्हें घाव लगे हैं बेटा पूरी बॉडी तुम्हारी जख्मी है? सुनीता ने आरव के माथे पर बंधी पट्टी और उसके जिस्म पर उन छोटे छोटे घाव को देखते हुए आंखों में आंसू लिए आहिस्ता से बोली थी जबकि आरव अपने सामने खड़े अमर को देख रहा था जिनकी आंखों में जुनून और एक अलग ही नफरत थी। क्या हुआ डैड?… आरव ने उनसे पूछा था। अमर ने आरव के जख्मो से लरजकर मगर बेहद गुस्से में जवाब दिया… आरव मैं सोच रहा हूं कि विनय ने अपनी चाल तो चल दी बेटा तुम्हे चोट पहुंचाकर लेकिन शायद वह भूल गया कि जिस दिन मैं अपनी चाल चलूंगा उसका भागना मुश्किल हो जाएगा। नो डैड आप कुछ नहीं करेंगे क्योकि उसके लिए तो मैं अकेला ही काफी हूं?… आरव ने अम्र से कहते हुए सुनीता से अपने आप को छुड़ाया और बेड से उठने लगा था जब सुनीता ने उसे वापस पकड़ कर बेड पर बैठा दिया। आरव कहां जा रहे हो तुम तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है बेटा प्लीज् आराम करो अभी? मॉम आप यह क्यों भूल जाती है हर बार कि मैं आरव राठौर हूं और यह मामले से छोटे-मोटे जख्म मेरे कदम नहीं रोक सकते और ना ही यह दर्द आरव राठौर को तोड़ सकता है? आरव एक बार फिर से बेड से उठकर खड़ा हो गया था और अब अमर की तरफ देखते हुए बोला… डैड विनय ने अपनी चाल तो चल दी और अब बारी मेरी है एंड आई एम श्योर जब मैं अपनी चाल चलूंगा ना तो विनय सह नहीं पाएगा? ऐसा क्या करोगे तुम आरव? वही तो डैड आई डोन्ट क्नो क्नोकी मैं करने से पहले खुद नहीं सोचता तो फिर आपको क्या बताऊं हां लेकिन मैं जो भी करूंगा विनय के लिए बहुत ही खतरनाक साबित होगा और उसकी बेटी के लिए भी बेहद मुश्किल होगा सहना? आरव की आंखों में जुनून और वही एटीट्यूड था जो इस वक्त अमर की आंखों में था, आरव ने अमर की आंखों में आंखें डालते हुए अपना एक-एक लफ्ज़ बेहद दृढ़ता से कहा और बिना सुनीता की तरफ देख कमरे से बाहर निकल गया था जबकि सुनीता उसके उसके पीछे पीछे आई थी। आरव रुको आरव कहां जा रहे हो बेटा आरव आराम करो तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है मेरी बात क्यों नहीं सुनते आखिर? सुनीता आरव को पुकारती हुई इससे पहले आरव के पीछे कमरे से बाहर जा पाती की अमर ने उनका हाथ पकड़ लिया था। रुको सुनीता जाने दो उसे वह फौलाद है तुम्हारे रोकने से नहीं रुकेगा। गॉड, अमर आप ही उसे कुछ समझाइए ना उसकी तबीयत ठीक नहीं है ऐसे में वह भला…!! नही सुनीता उसने कहा ना ऐसे दर्द उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते तो तुम भी उसकी फिक्र मत करो वह आरव है मेरा बेटा? अमर की आवाज में गुरुर था जबकि सुनीता बस उन्हें देखती सर झटककर रह गईं। इधर बाहर आरव जब कमरे से निकाल कर बाहर आया तो उसे सामने ही सीढ़ियों पास लिविंग में सरगुन मिल गई जो जल्दी-जल्दी कदम बढ़ाते हुए बिना आरव पर ध्यान दिया आगे बढ़ रही थी और एकदम से ही वह आकर अकस्माद आरव के सीने से टकरा गई जिससे लड़खड़ा कर वह पीछे की ओर गिरने लगी थी जब आरव ने उसे पकड़ कर अपनी बाहों में थाम लिया।। और आगे………………… प्लीज् फ्रेंड्स रीड माय स्टोरी एं व्यूज,
इधर दूसरी तरफ आरव जब कमरे से निकाल कर बाहर आया तो उसे सामने ही सीढ़ियों पास लिविंग में सरगुन मिल गई जो जल्दी-जल्दी कदम बढ़ाते हुए बिना आरव पर ध्यान दिया आगे बढ़ रही थी और एकदम से ही वह आकर अकस्माद आरव के सीने से टकरा गई जिससे लड़खड़ा कर वह पीछे की ओर गिरने लगी थी जब आरव ने उसे पकड़ कर अपनी बाहों में थाम लिया।। "अरे अरे आराम से मय लिटिल फैरी इतनी जल्दी में कहां जा रही हो स्वीटहार्ट? आरव के चेहरे पर जो अभी कुछ देर पहले सख्ती, नफरत और एटीट्यूड था और आंखों में जुनून था कुछ कर गुजरने की सनक वही अब सरगुन को देखकर उसके होठों पर एक प्यारी सी इनोसेंट स्माइल आ गई थी और वह इस वक्त बिलकुल ही किसी खूंखार आरव राठौड़ से एक दिल फेंक आशिक बन गया था जिसने सरगुन का चेहरा अपने दोनों हाथों में भर लिया और एकटक उसे निहारता रहा। "तुम कितनी छोटी सी हो यार सरगुन आई लव यू बेबी मेरी जान? आरव ने शरारत से सरगुन के हिल रहे होंठो को अपने अंगूठे से रब किया था जो डरी हुई सी थी फिर हंसकर बोला… "सरगुन तुम इस तरह उछलती रहोगी यहां वहां तो बेबी किसी के पैरों तले आ जाओगी मेरे माय लिटिल डॉल माय फैरी? "छोड़ो मुझे मै आपसे गुस्सा हूँ। सरगुन ने गुस्से में आरव को उसी के पीछे धक्का दे दिया था जिससे आरव अपने पीछे एक पिलर से जा टकराया और सरगुन भी दो कदम पीछे जाते हुए उसे जैसे उसे डांटकर बोली… "मुझे छूने की हिम्मत भी मत करना आप और ना ही मेरे पास आना आप बेड बॉय हो और बहुत ही गंदे हो आप? "अच्छा मैं गंदा हूं लेकिन क्यों स्वीटहार्ट मैने क्या किया है? आरव ने प्यार से पूछा था क्योकि उसके सामने सरगुन थी वरना तो आरव को कोई धक्का देना तो दूर छूने की भी गलती नही कर सकता था जिसका अंजाम बहुत ही ख़ौफ़नाक होता। "हां आप बहुत गंदे हो और मैं यहां से भाग जाऊंगी। "अच्छा, पर तुम्हें लगता है कि तुम यहां से भाग कर जा सकती हो?… सरगुन के क्यूट से गुस्से पर भी आरव को हंसी आ रही थी। "हाँ बिल्कुल जा सकती हूं क्योंकि मैं यहां नहीं रहूंगी मुझे मेरे घर जाना है।… सरगुन ने अपने बालों को अपनी शोल्डर के पीछे करते हुए जिद्दी बच्चे सा कहा था। "अरे लेकिन लिटिल फैरी यहां प्रॉब्लम क्या है तुम्हे। "प्रॉब्लम है यहां पर क्योकि यहां पर आप हैं और आपसे बड़ी क्या प्रॉब्लम होगी मुझे आपसे डर लगता है? "ओह्ह अच्छा, लेकिन मैंने तो अभी कुछ किया भी नहीं और तुम्हें डर भी लगने लगा मुझसे सोचो जब मैं तुम्हारे साथ कुछ करुंगा तो क्या करोगी तुम बेबी डॉल? "क्या, आप क्या करोगे मेरे साथ? "बहुत कुछ करूँगा मै तुम्हारे साथ माय लिटल फैरी इसीलिए तो मै तुमको यहां लाया हूँ? आरव बड़ी ही शरारत से मुस्कुराते हुए सरगुन के बालों की एक एक लट उसके शोल्डर के आगे पीछे कर रहा था जब सरगुन ने उसका हाथ पकड़ कर झटक दिया और उसकी बात बीच में ही कट करते हुए बोली… "आप मेरे साथ अगर कुछ करोगे तो मैं आप को मार डालूंगी, समझे आप? "अच्छा छोटी सी चिड़िया में इतनी हिम्मत वेरी गुड आरव राठौर को पसंद आई तुम्हारी यह अदा आखिर आरव राठौड़ की वाईफ हो तुम सरगुन तो कुछ तो बात होनी ही चाहिए तुम्हारे अंदर? "आप मुझे यहां क्यों लेकर आए हैं?… सरगुन में इस दफा नजाकत से लरजकर पूछा था। "क्योंकि तुम मेरी वाइफ हो इसलिए लाया हूँ।… आरव ने उसके चेहरे पर अपनी कातिल सी मुस्कुराहट बिखेरते हुए जवाब दिया था। "हां तो तुमने मुझसे जबरदस्ती शादी की है बेड बॉय आपने यह शादी मेरी मर्जी के बगैर की है। "शादी से शादी होती है ना लिटिल फैरी जबरदस्ती शादी हो या फिर मर्जी से। "लेकिन मैं आपसे बहुत गुस्सा हूं अब।… सरगुन ने मुंह बनाते हुए अपनी उसी क्यूट सी मासूमियत से कहा था जबकि आरव तो उसके चेहरे की खूबसूरती में खोया था और उसकी नजर इस वक्त सरगुन की गर्दन पर थी जिसकी गोरी गुलाबी गर्दन पर एक छोटा सा काला तिल इस वक्त बेइंतेहा खूबसूरत लग रहा था और जिसे देखकर ही आरव का दिल मचल गया। आरव बेख्याल सा अब जाने कितनी देर तक सरगुन के उस तिल को और सरगुन के प्यारे से मासूम चेहरे को देखता रहा जब सरगुन ने उसे एक बार फिर से उंगली दिखाते हुए गुस्से में डांट दिया। "आप सुन रहे हैं ना मैं आपसे गुस्सा हूं, आप कहाँ खोए हुए हैं बेड बॉय? "तो अगर मैं तुम्हें घुमाने ले जाऊंगा तो मान जाओगी ना स्वीटी? आरव सरगुन की तरफ उसके नजदीक आते हुए मदहोश आवाज में बोला था पर उसकी निगाहें अभी भी सरगुन की गर्दन पर थी और जब उससे और कंट्रोल नहीं हुआ तो उसने जरा सा झुककर सरगुन के गले पर उस तिल को चूम लिया और मदहोश सा बोला… "यार तुम कितनी हसीन हो लिटिल फेरी बिल्कुल किसी मॉम की नाजुक गुड़िया की तरह। आरव ने अपनी नशीली आंखों से सरगुन के चेहरे की तरफ देखा था जो कहीं और ही खोई हुई थी? "क्या हुआ बेबी क्या सोच रही हो? "आप मुझे सच में घूमाने ले जाएंगे क्या? सरगुन ने जैसे बड़ी उम्मीद से सवाल किया था जबकि आरव को इसी बीच मौका मिल गया था तो उसने उस मौके का फायदा उठाते हुए एक बार फिर से सरगुन की गर्दन में अपने होंठ जमा दिए और सरगुन की खुशबु जैसे उसे अपनी तरफ़ खींचे ले रही थी। सरगुन जैसे उसकी छुअन से सिहर तो गई तो पर उसे इतना समझ नही आया था वह तो खुश हो गई आरव की बात से ही और उसने दुबारा क्यूटनेस से पूछा… "आप सच में मुझे घुमाने ले जायेंगे क्या बैड बॉय सच बताओ? "हाँ जरूर ले जाऊंगा जा क्योंकि तुम्हारा यह बेड बॉय अच्छा भी है।… आरव ने धीरे से उसकी नेक पर अब अपने हल्के होंठो से बाइट करके छोड़ दिया था। "आप मुझे बाइट क्यों कर रहे हैं बेड बॉय आप मुझे खा जाएंगे क्या? "ऐसा ही समझो जान तुम बहुत ही नमकीन हो मेरा दिल नही भर रहा तुमसे। "आप सच में मुझे घुमाने लेकर जाएंगे ना?… सरगुन मासूमियत में जैसे चहक ही उठी थी और सब कुछ भुलाये उसने आरव को उंगली दिखाते हुए खुश होकर पूछा था जिस पर आरव ने उसकी उस नन्ही सी अंगुली अपने होंठो पर रखकर चूम लिया। "हां जरूर लेकर जाऊंगा स्वीटहार्ट। "प्रॉमिस कीजिये। "हां पक्का प्रॉमिस। "मुझे तो यकीन नही होता मुझे घूमने जाना बहुत पसन्द है पर दी डांटती है ज़्यादा बाहर जाने नही देती। "तुम्हारी दी की भी अब हम हिम्मत नही जो तुम्हे कुछ कह सके सरगुन?… आरव ने इस बार तनकर जवाब दिया था क्योकि वह ऐली के नाम पर जल उठा था। सरगुन ने उसे सवालिया देखते हुए पूछा… "पर क्यों, दी मुझे अब क्यों कुछ नही कह सकती भला? "क्योकि अब तुम मेरी हो सरगुन, यू आर ओनली माइन कोई तुम्हे कुछ कहना दूर मेरी मर्जी के बगैर देख भी नही सकता फिर चाहे वह तुम्हारे दी हो या तुम्हारा बाप किसी की औकात नही अब तुम्हे डांटने की? आरव ने पहले उसे तरह एटीट्यूड में सरगुन से कहते हुए जैसे अपने आपको मजूबत किया था फिर सरगुन के बालो में चूमते हुए बोला… "आज शाम को तुम तैयार रहना माय लिटिल फेरी आज हम घूमने जाएंगे, ठीक है। "वाव, फिर तो मजा आ जाएगा मुझे घूमना बहुत पसंद है वह भी आजादी से जहां कोई गार्ड ना हो, तो हम लॉन्ग ड्राइव पर जाएंगे ना बेड बॉय? "जरूर जायेंगे, जहां तुम कहोगी ले जाऊंगा और आज रात को ही तो मैं तुम्हारा हो जाऊंगा और तुम पर मेरी मुहर होगी। आरव ने जाने क्या सोचते हुए सरगुन के बालों में हाथ फेरते हुए मदहोश आवाज में कहा था जबकि सरगुन को उसकी बात समझ नहीं आई थी वह तो बस इसी बात पर खुश हो गई थी कि वह आज उसके साथ घूमने जाएगी जबकि आरव की चाहत उसकी बात और उसकी सोच कुछ और ही थी। उसने सरगुन का गाल थपथपाया और वहां से चला गया और जाते हुए उसने एक बार फिर से सरगुन को फ्लाइंग किस की थी और बुलंद आवाज में बोला शाम को रेडी रहना स्वीटहार्ट। ★ ★ ★ ★ ★ ★ हाँ तो क्या होगा आज रात, अब आगे यह जानने के लिए हम पढ़ेंगे इसका आगे आने वाला यानी नेक्स्ट एपिसोड😊 क्या चल रहा है आरव के दिमाग में जो सरगुन बिल्कुल नहीं समझ पाई... क्या होगा यह् आरव का कोई प्लान जिसमें सरगुन फ़ंस जाएगी या फिर आरव फंसा लेगा सरगुन को हमेशा केलिए अपने दिल में ((पार्ट थोड़ा रोमांटिक हो सकता है) क्या होगा इस जोड़ी का अंजाम, इनोसेंट वाइफ एक क्रुएल हस्बैंड की इस शादी का अंजाम, जबर्दस्ती शादी एक अनोखी शादी का अंजाम क्या होगा क्या रूप लेने वाला है यह रिश्ता यह जानने के लिए हम पढ़ेंगे इस स्टोरी का नया एपिसोड जो बहुत जल्द अपलोड होने वाला है लेकिन आप लोग प्लीज कमेंट करते रहिए अगर आप लोग कमेंट करेंगे तभी तो मुझे पता चलेगा कि आपको स्टोरी पसंद आ रही है और मैं यह स्टोरी के एपिसोड जल्दी-जल्दी लाने लगूंगी और भी जल्दी और और जल्दी साथ ही स्टिकर्स भी दीजिये (( जो पहले मैने कभी नही मांगे किसी स्टोरी पर नही पर आप लोगो ने मुझे एकदम फ्री ही समझ लिया कभी स्टिकर्स कोई देता ही नही ऐसा क्यों🙄)) जब पढ़ते हो तो मुझे भी स्टिकर्स दिया करो गाइज पैसे सबको चाहिए होते हैं मुझे भी चाहिए😊😊
आरव ने जो सरगुन को टाइम दिया था शाम का वह उससे थोड़ा लेट आया था लेकिन जब वह आया तो उसे कमरे में सामने ही सरगुन मिल गई जो इस वक्त पूरी तरह बाहर जाने को रेडी थी और उसे रेडी किया था आरू ने जिसे आरव ने पहले ही कॉल करके सब बता दिया था कि वह सरगुन को तैयार रखें और जैसा उसने चाहा था आरू ने बिल्कुल ही सरगुन को उसी तरह तैयार किया था जिसे देखकर आरव का दिल मचल गया और वह बस अपने दिल पर हाथ रखकर सरगुन को देखता रह गया था जो इस वक्त एक मेहरून छोटी सी ऑफ़ शोल्डर फ्रॉक में बेइंतेहा खूबसूरत लग रही थी सरगुन अभी भी मिरर के सामने बैठी थी और उसके ही पास आरू खड़ी थी, आरू ने जैसे ही आरव की तरफ देखा अपनी पलके झपकाते हुए शरारत से बोली… क्या हुआ भाई दिल करा सम्भाल कर रखिये जैसा आपने बोला था ठीक वैसे ही तैयार कर दिया मैने भाभी को तो बताइये आपको कैसी लग रही है मेरी भाभी, है ना एकदम ऑसम? यह तो हमेशा ही मुझे हसीन लगती है आरु तुम्हारे भाई का दिल लूट लिया इसने पहले ही नजर में अब लगता है जान ही लेकर मानेगी। आरव यह बात कह जरूर आरू से रहा था लेकिन उसकी नज़रें मिरर पर थी जिसमें सरगुन का अक्स देखते हुए वह अपने सीने पर हाथ रखे जैसे मदहोश हुआ जा रहा था, सरगुन की खूबसूरत, उसका वह दिलनशी चेहरा इस वक्त सरगुन आरव को अपने दिल में उतरती महसूस हो रही थी। "अरे कमाल कर दिया तुमने तो आरू और जो पहले से ही इतनी हसीन थी उसे ऐसा लुक देकर तुमने तो अपने भाई का अपनी इस भाभी से कत्ल ही करने का पूरा इरादा बना दिया इसकी यह कातिलाना सूरत कहीं मेरी जान ही ना ले ले आरू। "क्या कहा आपने आरव भाई इसका मतलब है मैंने जो इन्हें रेडी किया है इतनी मेहनत से उसका कोई मायने नहीं बनता आपको लगता है यह पहले से ही इतनी खूबसूरत थी यानी इन पर जो मैंने इतनी मेहनत की है वह सब वेस्ट हो गई? "नही आरू मैंने ऐसा तो नहीं कहा एक चमकते चांद को तुमने थोड़ी सी और चांदनी दे दी बस वर्ना चाँद तो चाँद था चाँद ही रहेगा। "अच्छा तो फिर मेरा नेग कब मिलेगा भाई?… आरू ने अब चहकते हुए आरव से पूछा था जो अभी भी सरगुन को देख रहा था। "बोलो क्या चाहिए तुम्हें आरू इस चमकते चांद पर तो मैं कुछ भी निछावर करने को तैयार हो जाऊं?… आरव ने अपनी नशीली आँखों से सरगुन को देखते हुए अपनी बेहद मदहोशी से चूर आवाज में पूछा था। "भाई मुझे आप शॉपिंग पर लेकर जाएंगे क्या, प्लीज् मुझे और कुछ नही चाहिए? "अरे, तो तुम वैसे शॉपिंग पर नहीं जाती हो क्या आरू कितना तो शॉपिंग करती हो तुम? इस बार आरव ने आरू को आंखें दिखाते हुए कहा था जिस पर आरू मुंह बनाते हुए चहक कर बोली… "जाती तो हूं लेकिन अगर आपके साथ जाऊंगी तो बात ही कुछ और होगी भाई? "क्यों मेरे साथ कुछ और बात होगी से क्या मतलब है तुम्हारा?… आरव में इस बार नजर उठाकर आरू को देखते हुए पूछा था। "मतलब आपके साथ जाऊंगी तो लोगों में मेरा रॉब बढ़ेगा भाई सब मुझसे डरेंगे कि मै आरव राठौड़ की बहन हूँ सबको पता चलेगा कि मैं आरव राठौर की बहन आखिर क्या चीज हूं भाई और क्या भाई आप इतना भी नहीं समझते क्या? आरू ने बड़ी नजाकत से जैसे नखरे दिखाते हुए पर अदा से कहा था जिस पर आरव ने सर हिला दिया। "ठीक है तुम्हें तुम्हारी बख्शिश मिल जाएगी आरू मै ले जाऊंगा तुमको बाहर घुमाने, अब जाओ यहां से मुझे मेरी वाईफ के साथ अकेले छोड़ दो यार। आरव के कहते ही आरू सरगुन का आखिरी टच अप करते हुए कैमरे से बाहर निकल गई। आरू के जाते ही आरव अब सरगुन के पीछे आ गया था और उसने झट से पीछे से ही सरगुन को अपनी बाहों में भर लिया जो इस वक्त किसी नाजुक मॉम की सफेद गुड़िया जैसी लग रही थी। "क्या मेरी जान इतनी खूबसूरत होना जरूरी था क्या तुम्हें तुम्हारा यह दीवाना पागल हुआ जा रहा है? आरव ने सरगुन की ठुड्डी पकड़ कर उसका चेहरा ऊपर किया और अगले ही पल उसके होठों पर अपने होंठ रख देने चाहे थे कि सरगुन ने उसके होंठो पर अपना हाथ रखकर उसे उसके ही पीछे धक्का दे दिया। "छोड़िए मुझे, आप इतनी लेट क्यों आए हैं, आपने तो कहा था आप जल्दी आ जाएंगे फिर हम घूमने बाहर जाएंगे मैं कब से आपका वेट कर रही थी बेड बॉय? सरगुन ने आरव को मासूमियत से अपनी उसी इनोसेंट और नजाकत आवाज में डांट दिया था और गुस्सा करते हुए आरव से थोड़ी दूर हट गई जबकि आरव को तो जैसे सरगुन का दूर जाना सहा ही नहीं जा रहा था वह कितना और कितना करीब आ जाना चाहता था इस वक्त सरगुन को जो इस वक्त बेइंतहा खूबसूरत लग रही थी और उस पर फ़िदा आरव शायद उसे बस अपनी बाहों में भरकर बेतहाशा चूम डालना चाहता था और उसे कितना ही प्यार कर डालना चाहता था लेकिन उसने खुद को कंट्रोल कर रखा था। "जाइये आप बेड बॉय मै आपसे बात नही करूँगी अब। "तो तुम मुझसे नाराज हो लिटिल गर्ल? "हाँ और नहीं तो क्या आप इतनी लेट क्यों आए हैं? "ओके, तो अभी तुम्हारे नाराजगी दूर कर देता हूं मै चलो मेरे साथ आओ तुम्हें घूमने जाना है ना, राइट? आरव ने सरगुन का हाथ पकड़ा और उसे अपने साथ कमरे से बाहर लाते हुए बोला था जबकि सरगुन उसके साथ उसके पीछे-पीछे चलते हुए खुश हो रही थी और उसकी खुशी उसके मासूम से चेहरे को और भी प्यारा बना रही थी जिसमें आरव जैसे और पागल हुआ जा रहा था। वह दोनों जब हाल में आए तो सुनीता फॉरेन सरगुन के सामने आ गईं थी और उन्होंने मुस्कुराते हुए सरगुन के कान के पीछे काजल का टीका लगाते हुए उसकी बलाये ही ले डाली… "उफ्फ कितनी प्यारी लग रही है मेरी बहू इसे किसी की नजर ना लगे। "अरे क्या अम्मी इसे किसी की नजर कैसे लग सकती है भला जब कोई इसे नजर उठा कर देख ही नहीं सकता सिवाय आपके बेटे के?… आरव ने सुनीता की तरफ देखते हुए शरारत से कहा था। "हां यह बात तो तुमने सही कही आरव किसकी इतनी हिम्मत जो तुम्हारी दुल्हन पर नजर डाले? सुनीता ने भी हंसकर आरव के सर पर हाथ फेर दिया था और फिर हंसते हुए डांटती नजरो से देखती हुई उसे उंगली दिखा कर बोली… "वैसे आज तुम्हारा पहला दिन है आरव मेरी बहू को ज्यादा परेशान मत करना, समझे तुम। "नो मॉम बस यह मेरा दिल रख ले तो ठीक है।… आरव ने एक आंख ब्लिकन करके शरारत से कहा था जिसका मतलब समझकर सुनीता हंस दी जबकि सरगुन बस मासूमियत से उन्हें देखती रह गई थी। "ओके, जाओ और इंजॉय करो आरव आज तो तुम दोनों का दिन है।… सुनीता आरव के साथ-साथ सरगुन के भी सर पर हाथ फेरते हुए वहां से चली गईं थी जबकि आरव अब सरगुन को लिए घर के बाहर आ गया था। बाहर खड़े आरव के ढेर सारे लोगों की नज़रे अभी उन दोनों पर जाने ही वाली थी कि आरव ने जैसे ही अपनी सरकास्टिक नजर से उन सब की तरफ एटीट्यूड और रौबदार वाली नजर उठाई कि वह सब फॉरेन जैसे डर से सर झुका कर रह गए और अब आरव ने वापस मुस्कुराते हुए सरगुन को देखा था जो क्यूट लग रही थी। और आगे……………
बाहर खड़े आरव के ढेर सारे लोगों की नज़रे अभी उन दोनों पर जाने ही वाली थी कि आरव ने जैसे ही अपनी सरकास्टिक नजर से उन सब की तरफ एटीट्यूड और रौबदार वाली नजर उठाई कि वह सब फॉरेन जैसे डर से सर झुका कर रह गए और अब आरव ने वापस मुस्कुराते हुए सरगुन को देखा था जो क्यूट लग रही थी। "तुम्हें सिर्फ मैं देख सकता हूं मेरी जान कोई और नहीं यू आर ओनली माइन?… आरव ने कहते हुए सरगुन को अपने करीब खींच लिया और रक झटके से उसे अपनी गोद में उठा लिया था। आरव सरगुन को बाहों में उठाये गाड़ी की तरफ आ गया था जबकि सरगुन उसकी गोद में किसी चिड़िया के जैसे मचल रही थी। "मैं खुद चल सकती हूं आप मुझे बार-बार गोद में क्यों उठा लेते हैं मैं कोई छोटी बच्ची नहीं हूं। सरगुन ने मुंह बनाकर कहा था जिसे अनसुना किये आरव ने उसको गाड़ी की फ्रंट सीट पर बैठा दिया था जब सरगुन ने मुंह बनाते हुए आरव को देखा… "ओफ्फो आप बार-बार ऐसा क्यों करते हैं मुझे गॉड में क्यों उठा लेते हैं आप? "क्योंकि मुझे अच्छा लगता है मेरी लिटिल फेयरी मैं चाहता हूं तुम हमेशा मेरी बाहों में रहो।… आरव ने उसकी नाक पर अपनी उंगली से टच किया और ड्राइविंग सीट संभालते हुए गाड़ी आगे बढ़ा ले गया। "तो जान चलो बताओ अब तुम कहां जाना चाहोगी पहले? "कहीं भी बस मुझे घूमना पसंद है आप कहीं भी ले चलिए?… सरगुन सामने स्टेट देख रही थी जबकि आरव गाड़ी ड्राइव करते हुए बार-बार अपने पास में बैठी सरगुन को देख रहा था जिसकी खूबसूरती और खुशबू में आरव अब पागलो सा जैसे खुद को भूल रहा था वह जैसे बस मानो पागल ही हो गया था अब। "वैसे लिटिल गर्ल, तुम मेरा वेट कर रही थी क्या सचमे? "हां और नहीं तो क्या और आप इतना लेट आए हैं बेड बॉय आपको पता है मुझे भूख भी लगी है? "अच्छा, लेकिन क्यों तुमने खाना नहीं खाया क्या? "नहीं खाया, आपकी मॉम ने बोला कि मैं आपके साथ ही खाना खाऊं। "अच्छा लेकिन वह क्यों भला? "क्योंकि आपकी मॉम ने कहा कि पति के खाने से पहले पत्नियों को खाना नहीं चाहिए जैसे वह आपके पापा के बगैर खाना नहीं खाती वैसे ही मुझे भी आपके बगैर नहीं खाना चाहिए इसलिए। सरगुन मासूमियत से बता रही थी जबकि आरव बस उसे देखता रह गया था जो कितनी छोटी सी और मासूम बच्ची लग रही थी। "तुम्हें सच में भूख लगी है हां लिटिल फैरी? "और क्या आप मुझे बाहर खाना खिलाएंगे ना?… सरगुन ने अब आरव की तरफ पलट कर बैठते हुए चहककर उससे सवाल किया था। आरव ने एक हाथ से गाड़ी की स्टेरिंग संभाली और दूसरा हाथ सरगुन के गाल पर रखते हुए मदहोशी से कभी उसके होंठ तो कभी उसके गाल पर अपना अंगूठा रब करने लगा, उसकी आंखों में इस वक्त नशा था और चेहरे पर एक अलग ही मदहोश ख्याल उसने झटके से सरगुन को अपने और करीब खींच लिया। "तुम्हें बाहर खाना खिलाऊंगा लेकिन उसके साथ ही तुम्हें भी मेरे लिए कुछ करना होगा जान, बोलो करूँगी? "क्या करना होगा, क्या आपने भी अभी तक खाना नहीं खाया क्या? "नहीं तो, नही खाया जान तुम खिलाओगी? "हाँ जरूर आप भी मेरे साथ खाना खा लीजिएगा। "खाना नहीं मुझे कुछ और खाना है, वह खिलाओगी क्या? "अच्छा, लेकिन क्या खाना है आपको बेड बॉय? "वही तो बताऊंगा आज तुम्हे माय लव और खाकर भी दिखाऊंगा चाहे प्यार से या जबर्दस्ती तकरार से। आरव ने सरगुन के होंठ पर अपना अंगूठा रब करते हुए मदहोश निगाहों से सरगुन को देखा था जबकि सरगुन को उसकी बात समझ नहीं आ रही थी। आरव ने अब एक हाथ से उसकी ठुड्डी पकड़ कर उसे झट से अपने करीब खींचते हुए उसे अपनी गोद में बिठा लिया था और अब एक हाथ से वह गाड़ी की स्टेरिंग संभाले अपने दूसरे हाथ से उसके बालों में रब कर रहा था। "माय लिटिल डॉल आज तुम्हें सब पता चल जाएगा मुझे क्या चाहिए आज तुम्हारी ही नहीं मेरी भी भूख मिट जाएगी जिसके लिए मैं काफी वक्त से भूखा और प्यासा हूं। …आरव ने मदहोशी से हंसकर अपने आपसे ही कहा था। "मतलब, आप कहना क्या चाहते हैं मैं समझ नहीं पा रही?… सरगुन ने क्यूटनेस से उसे देखते हुए पूछा था। "अरे हाँ, आज तुम सब समझ जाओगे सरगुन सब कुछ बस एक बार जो तुम मेरे पास आओगी ना सब समझ जाओगी।… आरव ने सरगुन को अपने सीने मे कस कर दबोच लिया था और उसकी गाड़ी अब एक होटल के सामने आकर रुकी थी। आरव गाड़ी से बाहर आया और उसके साथ ही सरगुन भी वह दोनों जब होटल के अंदर गए तो सामने ही रिसेप्शन था। आरव ने रिसेप्शन पर जाकर वहां पर बैठे उस आदमी के हाथों में नोटों की कई सारी गड्डियां रखते हुए अपनी आंखों के इशारे से सरगुन की तरफ देखा जिस पर उस आदमी ने भी हां में सर हिला दिया था जैसे वह आरव का इशारा समझ गया हो।।। और आगे. . . . . . . तो क्या है सरगुन को लेकर आरव के दिल में ऐसा, प्यार या कुछ और जो सरगुन तो समझ ना पाई लेकिन वह अब आरव की बाहों में आ चुकी हैं, किसी नन्ही सी चिड़िया की तरह वह आरव के पिंजरे में है, क्या आरव उसे प्यार करेगा या उसे उसकी ही नजरो में गिरा देगा... जानने केलिए पढेंगे उसका न्यू एपिसोड बहुत जल्द🤗✍️✍️ हे गाइस आप लोग मेरी स्टोरी पर कमेंट क्यों नहीं करते हैं क्या आप लोगों को मेरी स्टोरी पसंद नहीं आ रही हैं 🤔 मैं इस ऐप पर भी नई आई हूं और आप लोगों को मैं निराश नहीं करूंगी अगर आप लोग मुझे फॉलो करेंगे तो मैं आप लोगों को अच्छी-अच्छी कहानियां जरूर दूंगी 😊 मैं कोशिश करुंगी कि आप लोगों के लिए मैं एक से बढ़कर एक स्टोरी लेकर आऊं लेकिन... मेरी स्टोरी पर अभी भी एक भी कमेंट नहीं आया है 😞 और ना ही आप लोग मुझे फॉलो करते हो ऐसा क्यों🤔🤔
आरव ने अब एक हाथ से उसकी ठुड्डी पकड़ कर उसे झट से अपने करीब खींचते हुए उसे अपनी गोद में बिठा लिया था और अब एक हाथ से वह गाड़ी की स्टेरिंग संभाले अपने दूसरे हाथ से उसके बालों में रब कर रहा था। "माय लिटिल डॉल आज तुम्हें सब पता चल जाएगा मुझे क्या चाहिए आज तुम्हारी ही नहीं मेरी भी भूख मिट जाएगी जिसके लिए मैं काफी वक्त से भूखा और प्यासा हूं। …आरव ने मदहोशी से हंसकर अपने आपसे ही कहा था। "मतलब, आप कहना क्या चाहते हैं मैं समझ नहीं पा रही?… सरगुन ने क्यूटनेस से उसे देखते हुए पूछा था। "अरे हाँ, आज तुम सब समझ जाओगे सरगुन सब कुछ बस एक बार जो तुम मेरे पास आओगी ना सब समझ जाओगी।… आरव ने सरगुन को अपने सीने मे कस कर दबोच लिया था। "आप मुझे इतना प्यार क्यों करते है किसी बच्ची की तरह मै अब बच्ची नही हूँ? "बच्ची नही यार तुम तो मेरी फेवरेट बच्ची हो जिससे मै नही मेरा दिल बड़ा प्यार करता है तुम मेरी जरूरत पूरी कर दो आज तो और भी मेरे दिल की रानी बन जाओगी तुम माय क्यूट लिटिल डॉल। "कैसी जरूत आपकी?… सरगुन ने क्यूटनेस से पलके झपकाते हुए पूछा था। "आज तुम्हे सब पता चल जायेगा माय लिटिल क्यूट डॉल जब मै तुम्हे अपने करीब कर लूंगा आज!… आरव ने नॉटी इस्माइल से कहा और उसकी गाड़ी अब एक होटल के सामने आकर रुकी थी। आरव गाड़ी से बाहर आया और उसके साथ ही सरगुन भी वह दोनों जब होटल के अंदर गए तो सामने ही रिसेप्शन था। आरव ने रिसेप्शन पर जाकर वहां पर बैठे उस आदमी के हाथों में नोटों की कई सारी गड्डियां रखते हुए अपनी आंखों के इशारे से सरगुन की तरफ देखा जिस पर उस आदमी ने भी हां में सर हिला दिया था जैसे वह आरव का इशारा समझ गया हो। अब आरव ने उस आदमी को अपनी जेब से और भी जाने कितने सारे पैसे निकाल कर दे दिए और उसी तरह अपनी सारकास्टिक आवाज में बोला… "आज रात इस हॉटेल में पुलिस की रेड पड़नी चाहिए, समझे तुम और जैसा मैंने कहा है ऐसा होगा तो तुम्हें और पैसे मिलेंगे वरना अपनी जान देने के लिए तैयार रहना तुम? "अरे नही, नहीं सर आप जो कहेंगे वैसा ही होगा मैने सारा बंदोबस्त कर रखा है आपकी वाईफ केलिए जब यह अकेली होंगी तो पुलिस की रेड…!! उसे आदमी ने भी सर हाँ में हिलाते हुए अपनी बात को अधूरी ही छोड़ दिया था और इस वक्त आरव जो जाने कैसे, क्या और क्यों प्लान कर रहा था उससे सरगुन बिल्कुल भी अनजान थी वह तो बस होटल को चारों तरफ से देख रही थी जबकि आरव किसी शातिर खिलाड़ी की तरह किसी ग्लैमर की तरह अपने गेम अपनी चाल को अंजाम देने को तैयार था। दो-चार बातों के बाद आरव ने उस रिशेप्सना??%
वह सरगुन को बिस्तर पर डाले खुद उसके ऊपर था और मदहोश सा उसके गले और चेहरे को चूम रहा था तो कभी उसके होंठो को अपने होठों से सख्ती से खींच रहा था जिससे सरगुन तड़प रही थी, उसने आरव के सीने पर अपने दोनों हाथ रखकर अपनी पूरी ताकत से उसे धक्का दे दिया तो जिससे आरव संभल नहीं पाया। "आप यह क्या, क्या कर रहे हैं आप मेरे साथ, छोड़िए मुझे बेड बॉय ऐ हैट यू? "क्यों तुम्हें नहीं पता मैं क्या कर रहा हूं बेबी?… आरव ने अपने होंठ पर लगी सरगुन के होंठो की लिपिस्टक अपनी जीभ से साफ की थी "नहीं मुझे बिल्कुल नहीं पता है आप यह क्यों कर रहे हैं आपने तो कहा था कि आप मुझे खाना खिलाने ले जाएंगे और आप तो…!! सरगुन ने सामने बैठे आरव को अपनी लंबी लंबी क्यूट और मासूम सी पलके झपकाते हुए गुस्से में देखा था जबकि आरव उसे वापस अपनी बाहों में ले लिया। "बेबी मै तुम्हे खाना चाहता हूँ और तुम्हे अपने खाने की पड़ी है।… आरव उसे गोद में लिए बैठा बस उसके चेहरे को निहार रहा था जिसके चेहरे पर उसके दिए अभी अभी के दाग से सरगुन का गोरा गुलाबी चेहरा मुरझाने लगा था। आरव ने उसके चेहरे पर बिखरे उसके बालों को अपने हाथो से पीछे करते हुए उसके गाल पर चूम लिया… "बेबी खाना खाने भी जाएंगे मेरी जान पहले मेरी भूख तो मिटा दो तुम उसके बाद तुम जो कहोगी तुम्हें खिलाऊंगा। आरव ने मदहोश लहजे में कहते हुए अपनी नशीली आंखें सरगुन की आंखों में गड़ा दी थी और अगले ही पल एक बार फिर से उसे लेकर वह बेड पर गिर गया और बरबस उसे चूमने लगा था जिससे सरगुन एक बार फिर से मचल गई और उसने आरव को खुद से दूर धक्का दे दिया "नही बैड बॉय छोड़िए मुझे आप बहुत गंदे इंसान हैं मेरी दी और पापा ने सही कहा था आप बेड बॉय हैं और बेड बॉय ही रहेंगे। "अच्छा तुम तो ऐसे नखरे दिखा रही हो जैसे कि यह सब तुम्हारे लिए पहली बार है या फिर मैं कुछ नया कर रहा हूं आज तुम्हारे साथ जाने कितनो को तुमने अपनी ऐली दी की तरह अपने जिस्म से खेलने की इजाजत दी होगी और अपने अरमान पूरे किए होंगे पर आज मेरे साथ ऐसा नाटक कर रही हो जैसे बहुत ही अंजान हो हर चीज से तुम कुछ जानती ही नही? "नहीं मैं सच कह रही हूं मैं ऐसी लड़की नहीं हूं आप प्लीज मेरे साथ ऐसा मत कीजिए अच्छा किसी लड़की नहीं हो तुम यही जैसी आप सोच रहे हैं मैं अच्छे से जानता हूं और मैं वही सोच रहा हूं जो तुम हो वरुण ने सरगुन का चेहरा अपने दोनों हाथों में भर लिया था उसकी होठों की तरफ अपने होंठ बढ़ा दिए थे पर शुरू होने फॉरेन उसके होठों पर अपना हाथ रख दिया प्लीज मुझसे दूर रहिए मै ऐसी लड़की नहीं हूं क्यों तुम ऐली की बहन नहीं हो क्या जो लड़कों को अपने कपड़ों की तरह बदलता है हर रोज उसे एक नया बंदा चाहिए मैं जानता नहीं हूं क्या और तुम भी उसकी ही बहन हो तो आरो बड़े ही मजाक किया अंदाज में सरगुन का मजाक बनाते हुए जिसे उसे पर तंज कर रहा था जबकि सरगुन की आंखों में आंसू थे और वह बस बेबसी से आरव को देख रही थी। "मेरे सामने ज्यादा इनोसेंट बनने की जरूरत नहीं है तुम ऐली की बहन हो और जब उसे मर्दों के साथ सोने में इतना मजा आता है तो फिर तुम पीछे कैसे रह सकती हो? "देखिये मुझे पता है कि मेरी ऐली दी कैसी है आप प्लीज मुझे मत बताइए और मैं यह भी जानती हूं कि वह क्या करती हैं और उनकी पर्सनल लाइफ कैसी है लेकिन मुझे उससे कोई मतलब नहीं लेकिन वह जैसी है मैं उनके जैसी बिल्कुल नहीं मैं उनकी तरह ऐसा कुछ भी नहीं करती मेरा यकीन कीजिए मुझे तो इन सब से इतना डर लगता है कि मेरी मम्मी और ऐली दी ने मेरा एडमिशन भी गर्ल्स कॉलेज में करवाया है? सरगुन अपनी भरी भरी नम आवाज में बोलती आरव को अपनी मासूम और भीगी भीगी नम आंखों से देख रही थी… "मुझे सच में लड़कों से डर लगता है बेड बॉय और अपक्क जैसे लड़को से तो बहुत और मैंने ऐसा कभी नहीं किया जो आप सोच रहे हैं मै वैसी नहीं हूं, प्लीज मुझसे दूर रहिए? "अच्छा तो तुम ऐसे नहीं और तुमने ऐसा कभी नहीं किया है आरव ने सरगुन की आंखों में आंखें डालते हुए सरकास्टिक आवाज में पूछा था जिस पर सरगुन ने डर से हाँ में सर हिला दिया। "ओह तो ऐसा है क्या यानी फिर तो तुम एकदम प्योर हो और तुम कितनी प्योर हो यह भी अभी पता चल जाएगा आज मैं तुम्हारी खूबसूरती का पहला हकदार बनने जा रहा हूं? आरव ने कहते हुए एक बार फिर से सरगुन को अपनी आगोश में भर लिया था सरगुन छटपटा रही थी मचल रही थी लेकिन आरो जो इस बार पूरी तरह टूट पड़ा था वह अब उसे अपनी बाहों में भारी पूरी तरह उसे पर हावी होने लगा था और धीरे-धीरे वह सरगुन में पूरी तरह खो गया था वह छटपटा रही थी आरव से छूटने के लिए तड़प रही थी पर आरव उसे कसकर अपनी बाहों में पकड़े उसके दोनों हाथों को बेड पर ऊपर लगाए उसके साथ जबरदस्ती कर रहा था। अभी कुछ हीं पल गुजरे थे जब सरगुन बेहोश हो गई, उसका बदन ठंडा पड़ गया था और उसे इस तरह ढीला महसूस कर आरव ने फौरन उसे छोड़ दिया और उससे दूर हुआ तो उसकी आंखों में चमक आ गई थी सरगुन जो उसके सामने बेड पर बदहवास बेहाल सी आंखें बन्द किये दुनिया जहां से बेखबर बेहोश पड़ी थी आरव उसे देखते हुए हंस दिया। "ओह तो इसका मतलब है माय लिटिल फेरी तुम्हारी बात बिल्कुल सच थी तुम वाकई अनछुई प्योर हो। आरव ने सरगुन को अपनी गोद में उठाकर उसे कंफर्टेबल बेड पर लिटा दिया था और उसके कपड़े ठीक करते हुए वह हंसते हुए अपने आप से ही चहक कर बोला… "यानि विनय खन्ना की पहली बेटी तो मेरे लिए भले ही झूठी थी लेकिन उसकी छोटी बेटी मुझे आज बिल्कुल प्योर मिल गई पर कोई नही अब तो यह मेरी हो ही गई है तो अब प्योर अनछुई बिलकुल नही रहेगी यह बस मेरी रहेगी? आरव ने झुक कर सरगुन के होठों पर चूम लिया था जिसके होठों के किनारे से अब भी खून की हल्की बूंदें टपक रही थी जिन्हें आरव ने अभी कुछ देर पहले सकती से किस किया था और साथ ही बाइट। आरव बेहद खुश लग रहा था और अपनी खुशी में उसने सामने बेड पर बेहोश पड़ी सरगुन के बालों में हाथ फेरा और उसे ब्लैंकेट से अच्छे से कवर करते हुए वहां से उठकर चला गया।। और आगे…………… आप लोग कमेंट करते रहिए कमेंट बहुत काम आ रहे हैं ऐसा क्यों
काफी वक्त गुजर जाने के बाद जब सरगुन को होश आया था तो उसने खुद को कमरे में बिस्तर पर पाया और उसकी बॉडी पर ब्लैंकेट था सरगुन खुद को बहुत ही निढाल सा महसूस कर रही थी, उसने दोनों हाथों से अपना सर पकड़ लिया और बेड पर बैठ गई। वह अभी कुछ देर पहले हुए अपने साथ के मंजर को याद कर रही थी और उसकी आंखों में आंसू आ गए थे जब उसकी नजर सामने कमरे में पड़े सोफे पर बैठे आरव पर गई। आरव इस वक्त अपना फोन यूज कर रहा था और जब उसने सरगुन को उठते हुए देखा तो खुद ही अपना मोबाइल जेब में रखते हुए वह सरगुन के पास आ गया और बेड पर चढ़कर उसने सरगुन को वापस अपनी बाहों में भर लिया। "हे, आर यू फील बेटर नाउ माय लिटिल गर्ल?… आरव ने उसका चेहरा अपने दोनों हाथों में भरते हुए उसकी आंखों में आंखें डालकर बहुत ही अपनेपन से पूछा था जिस पर सरगुन खामोशी से बस उसे देखती रह गई। आरव ने अब उसके बालों में अपना हाथ फेरा और प्यार से उसके गाल पर चूमते हुए बोला… "तुमने सच कहा था माय डॉल तुम वाकई अपनी बहन की तरह नहीं हो सरगुन आई लव यू डियर। "बेड बॉय आपने मेरे साथ ऐसा क्यों किया आप वाकई बेड बॉय हैं पहले मुझे सिर्फ ऐसा लगता था लेकिन अब मैं समझ चुकी हूं कि आप बिल्कुल भी अच्छे इंसान नहीं है आपने मेरे साथ…!! सरगुन की आंखों में आंसू आ गए थे और दर्द में उसकी आवाज उसके हल्क में ही अटक कर रह गई थी वह बस अपनी भरी भरी आंखों से सामने बैठे आरव को देखते रही जो उसे अपनी बाहों में लिए हुए था। "आपने मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं मैने आपका क्या बिगाड़ा है बेड बॉय? "अरे, अरे माय डॉल पर मैंने क्या किया है मैं तो कितना प्यारा सा इंसान हूं फिर भी तुम मुझे बेड बॉय बोलती हो जान? आरव ने क्यूट सा मुंह बनाते हुए सरगुन के माथे पर चूम लिया था और उसके बालों में अपना हाथ फेरते हुए बोला… "चलो बेबी अब जल्दी से खाना खा लो मैंने तुम्हारे लिए पहले ही खाना ऑर्डर कर दिया है अभी आता ही होगा खाना खाकर तुम सो जाना तुम्हें रिलैक्स फील होगा, ठीक है। आरव अब इस वक्त कहीं से भी वह पहले वाला अहंकारी रौबदार, गुस्सेल या एटीट्यूड से भरा खतरनाक सा आरव नहीं लग रहा था बल्कि वह जो अभी कुछ देर पहले सरगुन के साथ किसी हैवानो की तरह हो गया था वह अब बेहद प्यार और अपनेपन से सरगुन को ट्रीट कर रहा था जिसे सरगुन समझ नहीं पा रही थी कि आरव वाकई में है क्या चीज? वह आरव है जो अभी कुछ देर पहले उसके साथ था डरावना सा था या फिर यह आरव है जो अब उसके साथ कितना केयरिंग कितना प्यारा मुस्कुराता हुआ चेहरा था, सरगुन समझ नहीं पा रही थी कि आखिर सच क्या है और क्या है दिखावा? "आप मुझे यहां इसलिए लेकर आए थे ना आपने तो कहा था कि आप मुझे खाना।खिलाएंगे घुमाएंगे बस।… सरगुन ने सिसकते हुए कहा था और उसकी बात पूरी होने से पहले ही आरव ने उसके होठों पर अपने होंठ रखकर आहिस्ता से चूम लिया और फिर उसे उठाकर अपनी गोद में बैठा लिया। "लाया तो नहीं था तुम्हें इसके लिए लेकिन तुम्हें देखकर मैं अपना कंट्रोल खो बैठा वैसे भी लिटिल फेरी अब तुम मेरी वाइफ हो और इतना तो मेरा तुम पर हक बनता ही है कि मैं तुम्हें जब चाहूं जितना चाहूं प्यार कर सकता हूं। आरव सरगुन को गोद में लिए किसी छोटे बच्चे की तरह बेला रहा था जो आंखों में आंसू लिए उसे देख रही थी जब कमरे के दरवाजे पर किसी ने नॉक किया था। "एक मिनट बेबी शायद तुम्हारा खाना आ गया तुम यही बैठो मै लेकर आता हूं, ओके ना। आरव ने सरगुन को अंगुली दिखाते हुए प्यार से कहा और उस को गोद से उठाकर बेड पर बैठाया और खुद दरवाजे की तरफ बढ़ गया, उसने दरवाजा खोला तो सामने ही एक लड़का हाथ में खाने का सामान लिए खड़ा था आरव ने खाना लिया और उसे वहां से जाने का इशारा करते हुए उसने वापस दरवाजा बंद कर लिया था फिर सरगुन के पास बेड पर आ गया। आरव ने अपने हाथ से सरगुन को खाना खिलाना चाहा था लेकिन सरगुन ने चेहरा दूसरी तरफ फेर लिया… "मुझे नहीं खाना कुछ भी आप जाइये? सरगुन ने अपनी आंखों में आए आंसुओं को अपने हाथों से साफ कर लिया था और आरव से थोड़ी दूर खिसकने ही वाली थी जब आरव ने उसे झटक कर अपनी तरफ खींचा और एक पल में उसे अपनी गोद में बैठा लिया जिससे सरगुन मचलने लगी थी। "छोड़िये मुझे आप मै आपसे बात नही कर रही। "ऐसे कैसे नहीं खाओगी खाना बेबी तुमने ही तो कहा था तुम्हें भूख लगी है और अब तुम खाना नहीं खाओगी? "हां कहा था मैंने लेकिन मैं अब थक गई हूं मुझे दर्द हो रहा है मैं आपको…!! सरगुन अपनी बात पूरी नहीं कर पाई थी जब आरव ने अपने हाथ से उसके मुंह में निवाला डाल दिया… गुस्सा बाद में कर लेना जान चलो तुम नहीं खा सकती हो तो मैं खिला देता हूं तुम्हे, तुम खाना खाकर थोड़ी देर रेस्ट कर लेना, ठीक है। आरव उसे अपने हाथ से खाना खिलाते हुए अपना दूसरा हाथ उसके सर पर फेरता जा रहा था जिससे सरगुन ने अब कोई रिएक्ट नहीं किया था और चुपचाप खाना खाने लगी, आरव ने पूरा खाना उसे अपने हाथों से खिलाया था और फिर उसने सरगुन को अपनी गोद में उठाया और उसे लिये उठकर बेड की दूसरी तरफ आ गया। वह सरगुन को अपनी गोद में उठाए हुए ही उसे लिए बेड पर लेट गया था, सरगुन को उसने अपने ऊपर कर लिया था जिससे सरगुन का सर एकदम ही उसके सीने पर आ गया था और सरगुन उसके पेट पर लेटी हुई किसी छोटे से मासूम बच्चे की तरह आंखों में आंसू लिए। उसने अब खामोशी से आरव के गर्दन में अपने दोनों हाथ फंसा दिए जिससे आरव के होठों पर मुस्कुराहट आ गई जैसे वह यही तो चाहता था, उसने भी अब कसकर सरगुन को अपनी बाहों में जकड़ लिया और झट से बेड पर ही पलटते हुए सरगुन को बेड पर करके खुद उसके ऊपर आ गया। सरगुन उसकी बाहों में थी और वह उसको अपने सीने से लगाए उसके सर पर धीरे-धीरे अपने हाथ से थपकियां देने लगा था। "सो जाओ तुम माय लिटिल प्रिंसेज् मै हूँ ना तुम्हारे साथ कुछ नही होगा अब आई प्रॉमिस? आरव बहुत ही सॉफ्टली प्यार से सरगुन को ट्रीट कर रहा था जिससे सरगुन जो पहले से ही डरी हुई सहमी सहमी थी वह अगले ही पल गहरी नींद में चली गई और उसके सोते ही आरव ने उसका पूरा चेहरा चूम डाला और उसे वही बेड पर छोड़कर वह हंसते हुए ख़ामोशी से कमरे से बाहर निकल गया। सरगुन जो एक बार फिर से सो गई थी दोबारा उसकी जैसे नींद ही नहीं खुली और वह जाने कितनी देर तक यूं ही गहरी नींद में सोती रही जब उसे अपने कानों में कोई शोर सुनाई दिया था और वह एक बार फिर से झट से उठकर बैठ गई, अभी वह अपने आपे में आती या कुछ समझ पाती कि उसे कमरे के बाहर जोर जोर से किसी के चीखने चिल्लाने की आवाजे सुनाई देने लगी। सरगुन का दिल घबरा गया था और वह बेड से जल्दी से उठकर दरवाजे पर आ गई, उसने कमरे का दरवाजा खोल कर जब बाहर झाँका तो पूरे होटल में भगदड़ मची हुई थी सब इधर से उधर भाग रहे थे। सरगुन को कुछ समझ नहीं आया वह क्या करें उसने जल्दी से वापस कमरे का दरवाजा बंद कर लिया और पूरे कमरे में आरव को ढूंढने लगी जो उसे कहीं नजर नहीं आया था, उसने बालकनी से लेकर बाथरूम और बाथरूम से लेकर पूरा कमरा छान डाला था लेकिन उसे आरव कहीं नहीं मिला जिस वजह से सरगुन अपने दोनों हाथों से सर पकड़े घबराई घबराई सी इधर-उधर परेशान सी दौड़ती भागती रही। उसके पास मोबाइल भी नहीं था कि वह आरव को कॉल कर पाती लेकिन आरव की गैर मौजूदगी सरगुन की जान निकाल रही थी भले ही आरव उसके साथ था तब वह परेशान थी लेकिन अब आरव उसके साथ नहीं था तो वह और भी ज्यादा परेशान हो गई थी। वह डर रही थी कि क्या करें उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था जब कमरे पर किसी की दस्तक हुई उसने डरते हुए दरवाजा खोला तो सामने पुलिस खड़ी थी और उस पुलिस वाने ने उसे जाने क्या समझा था कि उसे नीचे से ऊपर देखने लगा। सरगुन ने उसे कुछ समझाना चाहा उससे बात करना चाहा था पर उससे पहले ही उसे पुलिस वाले ने अपने पीछे खड़ी लेडी पुलिस को इशारा किया और उसने जल्दी से सरगुन को दबोच लिया।। और आगे…………… तो क्यों आप लोग कमेंट नही करते हो ना ही फॉलो और व्यूज देते हो और स्टिकर्स तो बिलकुल नही फिर इतनी लंबी डिमांड क्यों करते हो कि मै पार्ट डेली के डेली दूँ और वह भी लॉन्ग🤔🙄🙄 मेरा लिखने का मन बहुत करता है पर सच कहूं तो आप लोगो की बेमुरव्वती की वजह से ही मै ऐसा करती हूँ, फिर भी मै पार्ट जल्दी जल्दी दे रही हूँ लेकिन आप लोग मुझे ऐसे ही प्रोत्साहन दिए बिना कमेंट, प्रोत्साहित किये बिना पढेंगे तो मेरा दिल भी उजात हो जायेगा ना😞 क्योकि हर कोई चाहता है उसे उसकी मेहनत का प्यार और पैसा, शाबासी और तरक्की मिले, राइट☝️
सरगुन को कुछ समझ नहीं आया वह क्या करें उसने जल्दी से वापस कमरे का दरवाजा बंद कर लिया और पूरे कमरे में आरव को ढूंढने लगी जो उसे कहीं नजर नहीं आया था, उसने बालकनी से लेकर बाथरूम और बाथरूम से लेकर पूरा कमरा छान डाला था लेकिन उसे आरव कहीं नहीं मिला जिस वजह से सरगुन अपने दोनों हाथों से सर पकड़े घबराई घबराई सी इधर-उधर परेशान सी दौड़ती भागती रही। उसके पास मोबाइल भी नहीं था कि वह आरव को कॉल कर पाती लेकिन आरव की गैर मौजूदगी सरगुन की जान निकाल रही थी भले ही आरव उसके साथ था तब वह परेशान थी लेकिन अब आरव उसके साथ नहीं था तो वह और भी ज्यादा परेशान हो गई थी। वह डर रही थी कि क्या करें उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था जब कमरे पर किसी की दस्तक हुई उसने डरते हुए दरवाजा खोला तो सामने पुलिस खड़ी थी और उस पुलिस वाने ने उसे जाने क्या समझा था कि उसे नीचे से ऊपर देखने लगा। सरगुन ने उसे कुछ समझाना चाहा उससे बात करना चाहा था पर उससे पहले ही उसे पुलिस वाले ने अपने पीछे खड़ी लेडी पुलिस को इशारा किया और उसने जल्दी से सरगुन को दबोच लिया था। सरगुन उससे छूटने के लिए हाथ पैर चला रही थी साथ ही वह जोर-जोर से रोने लगी थी ऐसी कंडीशन उसे समझ तो आ गई थी लेकिन अब इस कंडीशन से वह कैसे बाहर आएगी वह नही समझी थी जिससे उसका दिल हॉल गया। एक ऐसी प्रॉब्लम में फस गई थी वह जिस प्रॉब्लम को उसने पहले कभी फेस नहीं किया था और यह ऐसी प्रॉब्लम थी शायद जिससे वह बाहर आ पाती इतना उसके लिए यह आसान भी नहीं था। वह लेडी पुलिस वाली सरगुन को खींचते हुए अपनी गाड़ी की तरफ ले जाने लगी तो सरगुन चीखने लगी और जोर-जोर से रोते हुए पुलिस वालों से उसे छोड़ देने के लिए भीख मांग रही थी पर कोई आज उस वक्त उस पर मेहरबान ही नही था। सरगुन बार-बार पुलिस वालों से कहती रही कि वह ऐसी लड़की नहीं है वह यहां अपने पति के साथ आई है पर पुलिस वालों ने हंसते हुए उसका मजाक बना दिया कि यह कोई ऐसा होटल नहीं है जहां वह अपने पति के साथ घूमने आएगी या फिर हनीमून पर यह होटल एक रेड लाइट एरिया है और अब पुलिस वाले की बात सरगुन को जैसे आवाक कर गई थी। वह पागलों सी कभी पुलिस वालों को देखती तो कभी पूरे होटल के चारों तरफ शायद कहीं उसे आरव नजर आ जाये पर आरव वहां था ही नहीं तो उसे मिलता कैसे जो अपने घर में अपने बड़े से आलीशान कमरे के बेड पर आराम से सोया हुआ था। रात से सुबह हो गई थी और सुबह से दिन ढलने लगा था आरव जो अपने घर में अपने कमरे के बिस्तर पर ओंधे मुंह पड़ा सोया हुआ था जब उसे किसी का मैसेज आया उसने जब वह मैसेज पढ़ा तो उसके चेहरे पर एक शैतानी गहरी अजीब सी एटीट्यूड भरी मुस्कराहट आ गई और उसने मोबाइल वही बेड पर रखा और बाथरूम की तरफ चला गया। थोड़ी देर बाद वह शॉवर लेने के बाद फ्रेश होकर कमरे से बाहर आया और गाड़ी की चाबी लेकर पुलिस स्टेशन की तरफ निकल गया था। पुलिस स्टेशन में उसे सरगुन मिली थी जहां वह अपनी बड़ी बहन ऐली से लिपटी जरोकतार रो रही थी और ऐली उसे समझाने चुप कराने की कोशिश कर रही थी जबकि वहीं विनय पुलिस वालों से बात कर रहे थे कि सरगुन उनकी बेटी है और वह ऐसी नहीं है जैसा वह समझकर उसे यहां लाये हैं लेकिन पुलिस वाले उनकी एक भी बात सुनने को तैयार नहीं थे क्योंकि उनको आरव का जो इशारा मिल गया था। आरव को पुलिस स्टेशन में आता देखकर आरव और विनय जहां गुस्से से तप गए थे वही सरगुन ने भरी-भरी निगाहों से आरव को एक नजर देखा और एक बार फिर से ऐली से लिपटकर रोने लगी वहीं पुलिस वालों ने जब आरव को देखा तो वह सब खुश हो गये। आरव आंखों पर गूगल लगाए सीधा पुलिस वाले के पास आया था और पुलिस वाले ने बड़ी ही इज्जत से उसके लिए चेयर लाकर रख दी। आरव चेयर पर बैठते हुए पुलिस वाले के सामने पड़ी डेस्क पर अपने दोनों पैर रखकर बड़े ही एटीट्यूड से बैठ गया और अब विनय और ऐली की तरफ देखते हुए इस एटीट्यूड और रॉबरदार आवाज में पुलिस वालों से बोला… "तो बोलो, क्या हुआ ऑफिसर एनी प्रॉब्लम? "इसकी तो मैं इसे छोडूंगी नही कमीने को।… ऐली गुस्से में दांत पीसते हुए आरव की तरफ बढी थी जो उसको तंजिया और मुस्कुराती नजरों से देख रहा था जिस पर ऐली का खून खौल गया था और वह सरगुन को वहीं छोड़कर शायद आरव की तरफ आते हुए उसका मुंह तोड़ देना चाहती थी जब विनय ने उसका हाथ पकड़ कर उसे उसकी भी जगह पर खड़ा कर दिया और आंखों के इशारे से उसे शांत रहने का इशारा किया था। "ऐली शांत हो जाओ बेटा। "पापा यह इतना अंजान क्यों बन रहा है इसने ही मेरी बहन को वहां फंसाया होगा? ऐली के गुस्से पर आरव को और भी हंसी आ गई थी वह ऐली के मजे ही तो ले रहा था उसे चिढ़ाकर, उसने अपनी आंखों पर लगा गोगल जरा सा ऊपर किया और ऐली को आंख ब्लिंक कर दी थी। आरव इस वक्त काफी अट्रैक्टिव लग रहा था जो अपनी पैनी नजरों से ऐली और विनय को देख रहा था। "ऑफिसर तुमने मुझे कॉल क्यों किया था?… आरव ने वापस उस पुलिस वाले से पूछा था। वह ऑफिसर अब अपने दोनों हाथ बांधकर सर झुकाए हुए बड़े ही इज्जत से बोला… "क्योंकि सर यह लड़की सरगुन खन्ना शायद आप इसे जानते हो यह हमें ऐसी जगह पर मिली है कि…!! पुलिस वाला अभी अपनी बात पूरी कर पाता कि आरव ने उसे तिरछी निगाहों से देखा था तो वह जल्दी से अपनी बात दुरुस्त करते हुए बोला… "जी मेरा मतलब है सरगुन आरव राठौड़ वहां पकड़ी गई हैं जहां पर हमने इनके जैसी कई सारी लड़कियों को अरेस्ट किया है यह लड़कियां जो वहाँ और धंदा…!! "ए ऑफिसर इंन्फ मेरी बहन है सरगुन और यह बिल्कुल भी ऐसी नहीं, समझा तू।… ऐली इस बार गुस्से में उस पुलिस वाले पर बरस पड़ी थी जबकि सरगुन अभी भी ऐली के सीने से लगी सिसकियों से रोए जा रही थी। पुलिस वाले ने ऐली की तरफ देखा और फिर आरव को देखते हुए बोला… "सर अब आप ही बताइए हम क्या करें इन लोगों का कहना है कि इनकी बेटी है यह और यह ऐसा कुछ नहीं कर सकती यह वहां गलती से पहुंची थी लेकिन अब हम अपनी तहकीकात तो करेंगे ही आखिर हमारी भी ड्यूटी है यह? "अरे तो उससे क्या पूछ रहा है ऑफिसर यह क्या इस पुलिस स्टेशन का किंग है जो उसके तलवे चाट रहा है तू, इधर तू मुझसे बात कर? ऐली ने फौरन गुस्से में पुलिस वाले को डांट दिया था जब उस पुलिस वाले ने ऐली को अंगुली दिखाते हुए उसे वॉर्न किया… "ए लड़की जरा आवाज नीची रखो तुम एक ऑन ड्यूटी ऑफिसर से इस तरह बदतमीजी से पेश नहीं आ सकती वरना हम तुम पर भी एक्शन लेंगे, समझी तुम! पुलिस वाले की बात पर ऐली गुस्से में उसकी तरफ बड़ी थी जब विनय ने एक बार फिर से उसे पकड़ लिया… "शान्त ऐली क्या कर रही हो खामोश रहो इस वक्त हमे ऐसे इससे नही भिड़ना बात सरगुन की है? विनय ने ऐली को आँखे दिखाई और फिर पुलिस वाले से बोले… "देखो ऑफिसर जो कुछ भी हुआ शायद वह बस एक मिसअंडरस्टैंडिंग थी यह हमारी बेटी है और मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं कि यह ऐसा काम बिल्कुल नहीं कर सकती है और यह वहां कैसे पहुंची यह तो मै नहीं जानता लेकिन इतना जरुर जानता हूं कि मेरी बेटी वहां अपनी मर्जी से नहीं गई होगी? विनय कह तो जरूर पुलिस वाले से रहे थे लेकिन गुस्से भरी निगाहें उनकी आरव पर थी जो अपनी क्यूट और सारकास्टिक मुस्कुराहट से विनय को ही देख रहा था और उसकी मुस्कुराहट विनय का खून ख़ौला गई थी। और आगे………… कमेंट का क्या बोलूँ आप लोग वैसे भी नही करेंगे☹️ देखो गाइज अगर आप, अगर आप लोगों को कमेंट नहीं करना है तो ना कीजिए लेकिन मुझे स्टीकर चाहिए😇क्योंकि मुझे पैसों की जरूरत है मुझे जल्दी से जल्दी अमीर बनना है🙆🙆 इसलिए आप लोग मेरी हर स्टोरी पर काम से कम 10 / 15 कोइंस् जरूर दिया कीजिए ताकि मैं जल्दी-जल्दी नए नए एपिसोड लेकर आती रहूं✍️🤗🤗
विनय ने ऐली को आँखे दिखाई और फिर पुलिस वाले से बोले… "देखो ऑफिसर जो कुछ भी हुआ शायद वह बस एक मिसअंडरस्टैंडिंग थी यह हमारी बेटी है और मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं कि यह ऐसा काम बिल्कुल नहीं कर सकती है और यह वहां कैसे पहुंची यह तो मै नहीं जानता लेकिन इतना जरुर जानता हूं कि मेरी बेटी वहां अपनी मर्जी से नहीं गई होगी? विनय कह तो जरूर पुलिस वाले से रहे थे लेकिन गुस्से भरी निगाहें उनकी आरव पर थी जो अपनी क्यूट और सारकास्टिक मुस्कुराहट से विनय को ही देख रहा था और उसकी मुस्कुराहट विनय का खून ख़ौला गई थी। "आरव यह तू अच्छा नही कर रहा। "अरे क्या सुसर जी अपने सन इन लॉ को कोई देखता है क्या उसे तो प्यार से देखा जाता है? "शटअप!! विनय ने आरव को डपट दिया तो वह कहकहा लगाकर हंस दिया था जबकि विनय पुलिसवाले की तरफ देखने लगे… "देखो ऑफिसर जो भी मैटर यही क्लोज करो और मेरी बेटी को मेरे साथ जाने दो। "अरे ऐसे कैसे आपके कह देने से मैटर क्लोज तो नहीं हो जाएगा हमें भी ऊपर जवाब देना होता है मिस्टर विनय खन्ना?… पुलिस वाले ने विनय की बात को नाकारते हुए बड़े ही अदा से कहा था और फिर आरव की तरफ आ गया। "तो सर जी आप बताइए क्या करना है सब तो आपके हाथ में है? ऑफिसर ने अहिस्तगी से आरव के कान में सरसराहट से कहा था जब आरव ने ऐली और विनय को देखा फिर उठकर खड़ा हो गया, उसने पुलिस वाले को और उसकी बात को नजरअंदाज किया और ऐली की तरफ बढ़ने लगा। ऐली आरव को ही गुस्से में घूर रही थी वही सरगुन ऐली की गर्दन में चेहरा छुपाए रो रही थी, आरव ने एटीट्यूड से आगे बढ़कर बड़े ही अधिकार से सरगुन का हाथ पकड़ा और उसे खींचकर अपने पास कर लिया। "अरे क्या हुआ माय लिटिल डॉल तुम रो क्यों रही हो और अगर रोना है तो तुम्हें मेरे कंधे पर सर रखकर रोना चाहिए मैं हूं ना तुम्हारे लिए? "नही बस छोड़िये मुझे, मुझे आपसे बात नहीं करनी आप बहुत ही बुरे हैं।… सरगुन ने अपनी कलाई आरव के हाथ से छुड़ाने के लिए उसे झटककर गुस्से में कहा था लेकिन आरव की पकड़ काफी सख्त थी तो इस बार सरगुन ने उसके हाथ पर दांत काट लिए। "बेड बॉय मैंने कहा न छोड़ो मुझे मैं आपसे बात नहीं करूंगी आप मुझे वहां ले गए थे और मुझे अकेला छोड़कर चले आए आपकी वजह से मुझे यहां आना पड़ा मेरी कोई गलती नहीं है फिर भी यह लोग मेरे साथ ऐसे बिहेव कर रहे हैं जैसे मैंने…?? सरगुन किसी छोटे से नादान बच्चे की तरह रोते हुए आरव से शिकायत कर रही थी जबकि आरव की एटीट्यूड भरी पैनी मुस्कुराती नजरे ऐली और विनय पर थी जो खून घूट कर आरव को देख रहे थे, उन्हें आरव का यह प्लान अच्छे से समझ आ गया था। आरव ने सरगुन को खींचकर अपने सीने से लगा लिया और उसके बालों में हाथ फेरते हुए बड़े ही नर्म लहजे से उसे हैण्डिल करते हुए बोला… "नही बेबी कोई बात नहीं मेरी क्यूट सी लिटिल वाइफ जो हुआ भूल जाओ मैं तुम्हें लेने आया हूं ना चलो अब हम घर चलते हैं मैं तुम्हें अकेला नहीं छोडूंगा, ठीक है? "नहीं मैंने कहा ना मैं आपसे बात नहीं करूंगी और ना ही मैं आपके साथ जाऊंगी मैं अपने घर जाऊंगी अपनी दी और पापा के साथ मुझे आपके साथ नहीं जाना आप बहुत बुरे हैं।… सरगुन ने आरव को पीछे धक्का देते हुए खुद उससे दो कदर पीछे हटना चाहा था लेकिन आरव ने कस कर उसे अपने सीने से लगा रखा था। आरव की जबरदस्ती और सरगुन को उसकी बाहों में छटपटाता देखकर ऐली ने जल्दी से आगे बढ़कर सरगुन का हाथ थाम लिया था और आरव को अंगुली दिखाते हुए गुस्से में बोली… "छोड़ो मेरी बहन को आरव राठौड़ यह तुम्हारे साथ नहीं जाना चाहती तो तुम इसके साथ जबरदस्ती नहीं कर सकते, समझे तुम? "अरे यार कौन किसके साथ जबरदस्ती कर सकता है या उसे अपने साथ जबरदस्ती रख भी सकता है यह तुम अच्छे से जानती होगी मिस ऐली मुझे बताने की जरूरत नही शायद?… आरव ने ऐली का हाथ सरगुन के हाथ से अलग झटक दिया था। "डोंट टच माय वाइफ उसे छूना भी मत दुबारा। "तुम्हारी वाईफ मेरी बहन है आरव राठौड़, दूर रहो मेरी बहन से। "दूर तो इससे अब शायद तुम रहो ऐली खन्ना क्योकि यह अब तुम्हारी बहन नहीं मेरी पत्नी है और अपनी पत्नी को मैं यहां से ले जाकर ही रहूंगा देखता हूं मुझे कौन रोकता है?… आरव ने बड़े ही एटीट्यूड से तनकर एली को देखते हुए कहा था और फिर विनय की तरफ देखने लगा। "मै भी तो देखूं जरा ऐसा कौन सा कानून है जो मुझे मेरी पत्नी को मेरे साथ ले जाने से रोक सके? आरव ने बड़े ही अहंकार से पर काफी इत्मीनान में हंसकर तंजिया कहा था और फिर पुलिस वाले की तरफ देखते हुए बोला… "तो बोल ऑफिसर क्या कोई ऐसा कानून है जो मुझे मेरी ही वाइफ से दूर रख सके? "अरे नही, नहीं सर बिल्कुल नहीं यह आपकी वाईफ है और आपको कोई इन्हें अपने साथ ले जाने से रोक नही सकता? "तो यह हुई ना बात ऑफिसर। अब पुलिस वाले की बात पर आरव ने हंसते हुए ऐली और विनय की तरफ देखा… "तो बताओ ससुर जी और मेरी प्यारी साली साहिबा क्या तुम रोकोगे मुझे मेरी वाइफ को ले जाने से? "आरव तुम यह ठीक नहीं कर रहे हो क्या बिगाड़ा मेरी बहन ने तुम्हारा, तुम्हारी दुश्मनी मुझसे है ना तो मेरी बहन को बीच में क्यों ला रहे हो तुम?… ऐली ने आरव की तरफ गुस्से में देखते हुए कहा था जब आरव हंस दिया जिससे ऐली चिढ गई थी। "आरव राठौड़ आखिर तुम चाहते क्या हो क्यों मेरी बहन की जिंदगी बर्बाद कर रहे हो तुम? "क्योकि यह बड़ी ही नमकीन है यार मजा आता है इसके साथ खेलने में और इसे खिलाने में। आरव ने हंसकर मजाक से कहा था और ऐली जलभुन गई जबकि आरव ने कसकर सरगुन को अपनी बाहों में समेट रखा था… "अरे मैंने तुम्हारी बहन की जिंदगी कहां बर्बाद की ऐली मेरी जान मैंने तो बस इससे शादी करके इसकी और अपनी दोनों की जिंदगी आबाद की है? "मेरी बहन तुम्हारे साथ नहीं जाएगी आरव राठौड़, बात खत्म। "अरे ऐसे कैसे नहीं जाएगी भई शादी की है मैंने इससे अब यह मेरी पत्नी है और मेरी पत्नी को मुझे…? आरव अभी अपनी बात पूरी कर पाता कि जो उसने जबर्दस्ती कसकर अपने सीने से सरगुन को लगा रखा था सरगुन ने उसके सीने पर अपने दोनों हाथ रखकर उसे उसके ही पीछे धक्का दे दिया और रोते हुए मासूमियत से बोली… "मैं आपकी पत्नी नहीं हूं मुझे नहीं रहना आपके साथ। सरगुन रोते हुए आरव से शिकायत कर रही थी जबकि आरव ने उसकी नजाकत पर हंसते हुए उसका चेहरा अपने दोनों हाथों में भर लिया और फिर उसके बालों में चूमते हुए वापस उसे अपनी सीने से लगा लिया… "अरे मेरी लिटिल फेरी तुम्हें लगता है तुम मुझसे दूर जा पाओगी, चलो अब हम घर चलते हैं मेरा बच्चा मै तुम्हे लेने आया हूँ। "मैं नहीं जाऊंगी आपके साथ छोड़िए मुझे। सरगुन ने एक बार फिर से आरव से खुद को छुड़ाने की कोशिश की थी लेकिन आरव ने अब झुक कर उसे अपनी गोद में उठा लिया और विनय और ऐली की तरफ देखते हुए जैसे उनको तंज करते हुए बोला… "मै मेरी पत्नी को मेरे साथ लेकर जा रहा हूँ विनय खन्ना दम है तो तू अपनी बेटी को रोक ले। "आरव यह मेरी बेटी है खबरदार जो तुमने दोबारा मेरी बेटी को रुलाया मैं तुझे…!! विनय अभी गुस्से में अपनी बात पूरी कर पाते की आरव ने जो सरगुन को अपनी गोद में उठा रखा था उसे अपनी गोद में ही उछालते हुए उसे अपने शोल्डर पर रखा और विनय की तरफ देखते हुए हंस कर बोला… "अपनी बेटी समझ कर मेरी पत्नी के करीब आने की कोशिश भी मत करना विनय खन्ना अच्छा नहीं होगा तेरे लिए और ना ही तेरी इस बेटी ऐली खन्ना के लिए सरगुन अब तेरी बेटी या बहन नहीं यह अब सिर्फ मेरी पत्नी है और मैं अपनी पत्नी के करीब तुम दोनों को नहीं चाहता? आरव उन दोनों को वार्निंग देता हुआ वहां से सरगुन को अपनी गोद में लिए चला गया था जबकि आरव के जाते ही ऐली का खून खौल गया था वह आरव के पीछे जाने वाली थी जब विनय ने उसे पकड़ लिया। "नही ऐली जाने दो उसे यह वक्त सही नहीं है अभी हमारी सरगुन उसके हाथ में है और सरगुन उसकी लीगल वाइफ है बस एक बार हमें मौका मिल जाए फिर देखना हम कैसे इस आरव के बच्चे को मजा चखाते हैं। आरव पुलिस स्टेशन के बाहर आया तो सामने ही उसकी गाड़ी खड़ी थी आरव को देखते ही उसके गार्ड ने फौरन गाड़ी का गेट खोल दिया था और आरव सरगुन को गोद में लिए हुए ही अंदर बैठ गया था जबकि ड्राइवर ने फौरन गाड़ी आगे बढ़ा दी।।।