ये कहानी है आरव और नव्या की जो एक दूसरे से स्कूल के बक्त से प्यार करते थे । देखते ही देखते उनका कॉलेज भी खत्म हो गया। वो दोनों सब के लिए एक आइडल कपल थे। एक दिन जब नव्या बिन बताए आरव के घर गई तो उसने कुछ ऐसा सुन की उसका दिल बुरी तरह से टूट गया। उसे पत... ये कहानी है आरव और नव्या की जो एक दूसरे से स्कूल के बक्त से प्यार करते थे । देखते ही देखते उनका कॉलेज भी खत्म हो गया। वो दोनों सब के लिए एक आइडल कपल थे। एक दिन जब नव्या बिन बताए आरव के घर गई तो उसने कुछ ऐसा सुन की उसका दिल बुरी तरह से टूट गया। उसे पता चला कि आरव उससे कभी प्यार करता ही नहीं था । उस दिन के बाद नव्या मानो गायब ही हो गई । वो न तो अपने होस्टल गई और न ही घर । अब ये सच था या फिर उसकी गेलतफहमी ये जानने के लिए तो आपको कहानी पढ़नी पड़ेगी । आखिर कहां गई नव्या । क्या आरव से मिले धोखे के कारण उठा लिया उसने कोई गलत कदम ?
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Location:
मुम्बई के फेमस The Golden Crown Hotel, शहर का सबसे classy और luxurious banquet hall. चारों ओर champagne की खुशबू, शानदार music बज रहा है, और हॉल में हलकी dim रोशनी। हॉल में रौशनी थी, पर उस रौशनी से ज़्यादा चहचहाहट और हलचल थी। पुराने दोस्तों की हंसी, पुरानी यादों की गूंज, और नए-नए किस्सों की गर्माहट। सबके चेहरे पर एक अलग ही चमक थी — जैसे वक़्त थम गया हो।
हॉल में काफ़ी हलचल नज़र आ रही थी। तभी हॉल में धीरे से एक लड़का कदम रखता है, उसका नाम आरव मल्होत्रा था। आरव आज एक बहुत ही सफल बिजनेस मैन बन चुका था। वो मल्होत्रा इंडस्ट्रीज जो इस वक़्त देश की नंबर 1 इंडस्ट्रीज है उसका मालिक था। उसने आज वही ब्लैक कलर की shirt पहनी है जो उसने आख़िरी बार अपने कॉलेज farwell पर पहनी थी।
अचानक उसके कुछ दोस्त उसे आकर घेर लेते हैं। आरव का एक पुराना दोस्त उससे मज़ाकिया अंदाज़ में कहता है न कोई दुआ न कोई सलाम कहा था तू भाई। लड़कियों की तो नज़र ही नहीं हट रही थी। वे तो बस ये जानना चाहती थीं कि क्या आरव आज भी सिंगल है या नहीं। लेकिन आरव की नज़रे तो किसी और को ही ढूंढ रही थीं। आरव की नज़रे जिसे ढूंढ रही थीं वो थी नव्या - आरव की ex girlfriend। उसकी नज़रे बार बार दरवाज़े की तरफ़ ही जा रही थीं। आरव आज भी उसे बहुत याद करता था। उसकी ज़िंदगी में नव्या की जगह कोई नहीं ले सकता था।
उसकी एक ग़लती ने नव्या से उससे हमेशा के लिए दूर कर दिया। एक ऐसी ग़लती जिसे वो चाहकर भी बदल नहीं सकता था। नव्या के जाने का पछतावा आज भी उसे अंदर ही अंदर झकझोरता है। उसे आज भी वो पल अच्छे से याद है, जब उसने नव्या को आख़िरी बार देखा था। वो काँपती पलकों में भरा दर्द, वो भीगी आँखें जो उसे आज भी चैन से सोने नहीं देतीं।
तभी हॉल का दरवाज़ा खुला और एंट्री हुई अन्वी की। अन्वी नव्या की cousin है। अन्वी नव्या और आरव तीनों एक ही क्लास में थे। उसने सबको हाय कहा और बाते करने लगी। तभी स्वाति जो नव्या की एक बहुत अच्छी दोस्त थी उसने कहा अरे अन्वी तेरे साथ नव्या नहीं आई।
हमें तो लगा था तुम दोनों बहनें साथ ही आओगी। आरव भी उनकी बात ध्यान से सुनने लगा। उसकी दिल की धड़कने अचानक तेज़ हो गई। तभी अन्वी ने कहा वो क्या है न नव्या बहुत बिज़ी है और वो इस शहर में भी नहीं हैं तो वे नहीं आएगी। आरव का दिल धक से बैठ गया। आरव बहुत बिज़ी था पर वो इस रियूनियन पार्टी में सिर्फ़ इसलिए आया था क्योंकि उसे एक उम्मीद थी कि शायद यहाँ उसकी नव्या से मुलाक़ात हो जाए।
इन सालों में आरव ने कई बार नव्या को ढूँढने की कोशिश की थी। पर नव्या ने खुद तक पहुँचने के हर रास्ते को बंद कर लिया था। उसे नव्या के बारे में कोई खबर नहीं मिली थी। तभी स्वाति ने फिर अन्वी से कहा नव्या से मिले या बात किए तो सालों हो गए। मेरे पास तो अब उसका नंबर भी नहीं है। अन्वी क्यों ना तुम उसे वीडियो कॉल करो इसी बहाने हमारी उससे बात भी हो जाएगी। आरव भी अन्वी के जवाब का इंतज़ार करने लगा। तभी अन्वी आरव की तरफ़ देखकर कहती है वो क्या है न स्वाति नव्या यहाँ कुछ लोगों से बात नहीं करना चाहती है। स्वाति भी नव्या का इशारा समझ जाती है। मैं तुझे उसका नंबर दे दूँगी तू बाद में उससे बात कर लेना।
असल में नव्या और आरव के रिलेशनशिप के बारे में बहुत कम लोग जानते थे और स्वाति भी उनमें से एक थी। अन्वी की बाते सुनकर आरव के अंदर ही अंदर कुछ टूट रहा था। तभी अन्वी आरव के पास आती है, आरव की नज़रे अब भी दरवाज़े पर ही थी। तभी अन्वी दबी हुई आवाज़ में कहती है किसे ढूँढ रहे हो नव्या को। वो नहीं आएगी और शायद अब कभी नहीं आएगी। आरव पूछता है - तुम जानती हो वो कहाँ है। काश जानती...तुम्हारे कारण उसने बहुत कुछ झेला है।
सिर्फ़ तुम्हारे कारण मैने भी अपनी बहन को 7 साल से नहीं देखा है। तुम्हे पता उसका नंबर तो मेरे पास भी नहीं है।
वो कहाँ है ये भी नहीं जानती। जिंदा भी है या नहीं कोई नहीं जानता। उसे तो शायद ये भी नहीं पता होगा कि आज कॉलेज की रीयूनियन पार्टी है। यहाँ मौजूद किसी को भी उसकी कोई खबर नहीं है। सिर्फ़ तुम्हारे कारण उसने अपना सब कुछ छोड़ दिया और चली गई। अब तो खुश हो न तुम। अन्वी की बातें सुन के आरव का दिल छनी - छनी हो रहा था। अन्वी का एक एक शब्द आरव को तीर की तरह चुभ रहा था।
आरव चुप चाप अन्वी की कड़वी बातें सुन रहा था।
वो अपने मन ही मन कहता है बस एक बार कहीं से भी तुम आ जाओ नव्या। मैं सब ठीक कर दूँगा। तभी हॉल में एंट्री होती है अंकित की जो बहुत ही मज़ाकिया और आरव का बेस्ट फ्रेंड था। आते ही वो हॉल में आरव के पास आकर कहता है और भाई सुना है तू तो बहुत बड़ा आदमी बन गया है। और हम जैसे मामूली लोगों को तो तू अब भूल ही गया होगा। पास में खड़ी अन्वी भी उनकी बाते सुन रही थीं। तभी अंकित ने अन्वी से कहा और अन्वी डायन तुझे अपने लिए कोई तक राक्षस मिला या नहीं। या फिर तूने अभी भी पूरी दुनिया को डराने का जिमा अकेले ही ले रखा है।
अन्वी गुस्से में कहती हैं डायन किसे कहा तूने। तभी अंकित फट से जवाब देता है तुझे और किसे। कानपुर में हड़ताल है क्या तेरे। अन्वी अंकित की ये बात सुनकर अन्वी का चेहरा गुस्से में लाल हो जाता है और वे पैर पटकती हुई वहाँ से चली जाती है। तभी राहुल गहरी सांस लेता है और कहता है भाई ये लड़की सात साल बाद भी बिल्कुल नहीं बदली। तभी आरव कहता है तू भी तो नहीं बदला।
असल में जब अंकित ने अन्वी को अरब के पास कुछ बोलते देखा वे तभी समझ गया था कि वे क्या बोल रही होगी। वो जनता था कि आरव अपनी ग़लती के लिए पहले से ही बहुत गिल्ट में था। इसलिए उसने अन्वी को बहा से चिढ़ा कर भगा दिया। अंकित आरव से कहता है भाई मैं तेरे गिल्ट का बोझ समझ सकता हूँ। तूने पहले ही खुद को इतनी सज़ा दे दी अब बस कर। अगर भगवान ने चाहा तो शायद खुद ब खुद नव्या तेरे सामने आ जाएगी।
आरव कहता है काश ऐसा ही हो भाई। ये कहते हुए आरव की आँखें नम हो जाती हैं। अंकित बहुत अच्छे से जनता था कि आरव नव्या से कितना प्यार करता था। और ये भी की नव्या के जाने के बाद उसकी क्या हालत हुई थी। उसने पागलों की तरह कई महीने लगातार नव्या को ढूँढने की कोशिश की पर उसे कोई रास्ता नहीं मिला। ऐसा लगा मानो नव्या अचानक से इस दुनिया से ग़ायब हो गई।
इसी बीच DJ ऐलान करता है: "Attention everyone! Let’s raise a toast to the most unforgettable batch ever!"
सभी लोग ग्लास उठाते हैं, कैमरे फ्लैश करते हैं, हँसी ठहाकों का शोर गूंजता है — पर उन सबके बीच आरव की आँखों में सिर्फ़ सन्नाटा था।
तभी बगल में खड़ी अन्वी हल्के से कहती है:
अगर कभी नव्या से मिलो तो उससे अच्छे से माफ़ी ज़रूर माँगने। अन्वी की कड़वी बातें सुन कर इस बार आरव भी पलट कर जवाब देता है। तुम्हे मुझे बताने की ज़रूरत नहीं है कि नव्या से मुझे कैसे माफ़ी माँगनी है।
आख़िर ऐसी क्या ग़लती की आरव ने जिसके कारण हो गई नव्या उससे दूर? क्यों नव्या ने अपने ही परिवार से रिश्ता तोड़ दिया। क्या वो जिंदा भी है या नहीं?
क्या होगी आरव की ख़्वाहिश पूरी या रह जाएगी उसकी नव्या से मिलने की इच्छा अधूरी।
जानने के लिए पढ़ते रहिए काश एक दूजे से मिलते हीं नहीं।
पिछले अध्याय में, आपने देखा कि मुम्बई के एक शानदार बैंक्वेट हॉल में एक कॉलेज रियूनियन पार्टी चल रही है, जहाँ आरव मल्होत्रा एक सफल व्यवसायी के रूप में शामिल होता है। वे अपनी पूर्व प्रेमिका नव्या को ढूंढ रहा था, जिसे वे आज भी प्यार करता है। अन्वी, नव्या की चचेरी बहन, बताती है कि नव्या नहीं आएगी क्योंकि वे शहर में नहीं है। अन्वी आरव को बताती है कि नव्या ने उसके कारण बहुत कुछ झेला है और अब उससे मिलना नहीं चाहती। आरव को अंकित, उसका सबसे अच्छा दोस्त, दिलासा देता है। पार्टी में, आरव की आँखें नम हो जाती हैं, और अन्वी उसे बताती है कि अगर वे कभी नव्या से मिले तो उससे माफी मांगे।
अब आगे
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दूसरी तरफ दिल्ली में
एक बड़ी सी ऑफिस की बिल्डिंग के एक कमरे में एक चेयर पर एक सुंदर सी लड़की फॉर्मल कपड़ों में बैठी हुई थी। उसने अपने बालों का एक मेसी बन बना रखा था। वो लड़की नव्या ही थी। वो लगातार अपने लैपटॉप में कुछ टाइप कर रही थी। तभी उसके ऑफिस का दरवाजा खुला और श्रुति अन्दर आई। श्रुति ने अंदर आते हुए कहा डार्लिंग अब और कितना काम करोगी। पूरा ऑफिस खाली हो चुका है और तुम यहां excel की शादी powerpoint से कराने में बिजी हो यार। अब सिर्फ हम दोनों ही बचे है पूरे ऑफिस में। मेरा भी काम खत्म हो गया है बेबी। नव्या ने बिना ऊपर देखे जवाब दिया पहले तेरी शादी करा ले फिर बाकियों की भी करा लेंगे।
तभी श्रुति जाके उसकी टेबल पे बैठ जाती है और कहती है यार घर चल ना, पूरे महीने का काम तू आज ही कर लेगी क्या। तुझे एक्स्ट्रा काम करने के एक्स्ट्रा पैसे मिलते है क्या या फिर तुझे इसमें मजा आता है। अरे यार अभी तो यॉन्ग है बाहर निकल बॉयफ्रेंड बना उसके साथ मजे कर। ये सब क्या कर रही है। अगर तू ऐसे ही काम करती रही ना तो पक्का जल्दी ही बुड्ढी हो जाएगी।
तभी नव्या भी लैपटॉप बंद करके धीरे से मुस्कुराती है और कहती है अच्छा चल। श्रुति नव्या की बहुत अच्छी दोस्त थी। उसने नव्या की मदद तब की थी जब नव्या को सबसे ज्यादा मदद की ज़रूरत थी। नव्या इस कंपनी में लगभग 7 साल से काम कर रही है और वो अभी MD की पोस्ट पर पहुंच चुकी है। इस पोस्ट पर पहुंचने में कई लोगों को 15 साल से भी ज़्यादा लग जाता है। पर वो सिर्फ लगभग 6 साल के अंदर ही इंटर्न से MD की पोस्ट पर पहुंच गई। ये एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी।
नव्या अपना लैपटॉप बैग में रखती है और हंसती मुस्कुराती हुई श्रुति के साथ बाहर निकल जाती है। वे दोनों ऑफिस के पास के ही एक रेस्टोरेंट में जाकर बैठ गई। उन दोनों ने अपना ऑर्डर दिया और एक दूसरे के साथ हँसती मुस्कुराती बातें करने लगी। तभी वेटर उनका ऑर्डर लेके आया और दोनों बातें करते हुए अपना खाना खाने लगी। श्रुति नव्या को ऑफिस में हो रही चीजों के बारे में बताती हैं। उसी तरह से दोनों ने अपना खाना खत्म किया और बिल पे करके घर के लिए निकल गई।
Reuion पार्टी खत्म होने के बाद आरव अपने घर पहुंच के बाद शॉवर लेके सोने जा रहा था। तभी उसे MINI का कॉल आता है। MINI आरव की बड़ी बहन है, जिसे उसके पापा ने गोद लिया था। इन दोनों में बहुत अच्छा रिश्ता है। इस वक्त कंपनी की चेयरपर्सन मिनी ही है। मिनी आरव का एक बड़ी बहन की तरह बहुत अच्छे से ख्याल रखती थी। मिनी ने अपनी सारी पढ़ाई विदेश से ही पूरी की है। नव्या के न मिलने पर आरव को भी अपनी बाकी की पढ़ाई पूरी करने विदेश जाना पड़ा था। वो भी दो साल पहले ही वापस आया था।
आरव के फोन उठाते ही मिनी ने कहा आरव मुझे एक बहुत ज़रूरी काम से usa जाना है शायद मुझे कुछ महीने लग जाएंगे वापस आने में इसलिए हमारा दिल्ली का main ब्रांच तुम्हे संभालना होगा।
आरव पूछता है आप usa कब जा रही है। मिनी कहती है मेरी आज रात की ही फ्लाइट है क्योंकि वहां की कंपनी में कुछ प्रोबलेम हो गया है। मैने तुम्हारी कल सुबह की दिल्ली की फ्लाइट बुक कर दी है। आरव कहता है कल सुबह की लेकिन क्यों मैं दो तीन दिन में आ जाता वहां।
तभी मिनी कहती है मुझे कोई रिस्क नहीं लेना है एक तो वहां ऑलरेडी प्रोबलेम चल रही है कहीं मेरे absence में यहां भी कोई प्रोबलेम न हो जाए। डोंट वरी मैने तुम्हारे लिए घर और सेक्रेटरी दोनों का इंतज़ाम कर दिया है। आरव भी कहता है ठीक है मुझे टिकट सेंड कर दीजिए। मैं कल आ जाऊंगा। Mini तुरंत उसे टिकट सेंड करती है। आरव उसे देख कर कहता है सुबह 7 बजे की फ्लाइट। इतनी सुबह की फ्लाइट कौन बुक करता है। इतनी भी क्या जल्दी है आपको दीदी। मिनी ने फौरन आरव का फोन कट दिया। आरव भी सोने चला जाता है क्योंकि अब उसे सुबह कम से कम 4 बजे तो उठना ही पड़ेगा।
जैसे ही नव्या घर पहुंच कर अपना दरवाजा खोलती है एक बहुत ही प्यारी लेकिन गुस्से से भरी आवाज़ आती है, ये घर आने का कोई टाइम है एक बार घड़ी को तो देखो। ये नव्या की बेटी अध्या थी जो उसे डाट रही थीं। नव्या उसे देख के हस्ती है और कहती है ठीक है मेरी मां गलती हो गई। कल से पहले आ जाऊंगी। अध्या कहती है आप हर रोज़ यही कहती हैं। मुझे बहुत जोरो की भूख लगी है मम्मा। नव्या कहती है बस दो मिनिट बेबी। नव्या अपना लैपटॉप का बैग रखती है और अध्या के लिए खाना बनाती है। लगभग आधे घंटे में वो खाना बना कर तैयार कर देती है और अध्या को प्लेट में निकाल कर देती है।
तब अध्या कहती है मम्मा आप भी खाओ ना।
नव्या उससे अपना मुंह छुपा के कहती है सॉरी बेबी मैने आपकी श्रुति मासी के साथ ऑलरेडी डिनर कर लिया है। अध्या गुस्से में कहती है मम्मा ये बहुत गलत बात है आप बाहर का टेस्टी खाना खाओ और मैं ये घास फूस। फिर नव्या उसे प्यार से समझाती है देखो डॉक्टर ने आपको मना किया है ना बाहर का खाने से। और फिर नव्या बड़ी ही चलाकी से अध्या को अपने बातों में उलझा कर खाना खिला देती है। उसे पता भी नहीं चला कि कब उसकी मम्मा ने उसे पूरा खाना खिला दिया।
फिर नव्या अध्या को उसके कमरे में ले गई और उसे सुला दिया। उसे सुलाने के बाद नव्या भी शावर लेने चली गई। अपनी नाइट ड्रेस पहनने के बाद उसने अपना लैपटॉप खोला और फिर से कुछ काम करने लगी। काम करते करते कब उसकी आंख लग गई उसे पता भी नहीं चला।
दिल्ली में, नव्या, देर रात तक काम कर रही है जब उसकी दोस्त श्रुति उसे घर जाने के लिए कहती है। वे एक रेस्टोरेंट में डिनर करने के लिए जाते हैं और ऑफिस में हो रही बातों के बारे में बात करते हैं। बाद में, आरव को अपनी बहन मिनी का कॉल आता है, जो उसे बताती है कि उसे अमेरिका जाना है और आरव को दिल्ली में कंपनी का मुख्य ब्रांच संभालना होगा। मिनी आरव के लिए व्यवस्था करती है और वह अगले दिन दिल्ली के लिए उड़ान भरता है। इस बीच, नव्या घर जाती है, जहाँ उसकी बेटी अध्या, उसे डांटती है। नव्या अध्या को खाना खिलाती है और उसे सुलाती है, फिर काम करना जारी रखती है और सो जाती है।
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अगली सुबह
आरव अलार्म की आवाज़ पर चौंक कर उठ बैठता है।
उसने घड़ी की तरफ देखा — फ्लाइट के लिए लेट होने में बस कुछ मिनट बचे थे।
वो फुर्ती से उठा, फ्रेश हुआ, और अलमारी से अपना ब्लैक फॉर्मल सूट निकाला।
सूट के साथ उसने रेड टाई पहनी, जो उसके लुक को और भी शार्प बना रही थी।
आइने में खुद को देखकर उसने एक हल्की मुस्कान दी —
“चलो आरव, अब एक नई शुरुआत।”
एयरपोर्ट पर, लोग उसकी तरफ देखे बिना नहीं रह पा रहे थे।
वो उन लड़कियों की नज़रों के बीच से गुजरता हुआ…
मैगज़ीन पढ़ने में मशगूल था, जैसे इस दुनिया की भीड़ से दूर, अकेले।
उसने जल्दी-जल्दी में बस कुछ ज़रूरी कपड़े एक बैग में डालकर पैकिंग की थी।
उसका चेहरा शांत था… पर आंखों में एक अनकही बेचैनी।
दूसरी तरफ – नव्या का घर
नव्या सुबह जल्दी उठती है, और सबसे पहले अध्या को प्यार से उठाती है।
“गुड मॉर्निंग मेरी जान, चलो उठो… मम्मा के साथ ब्रश कर लो।”
अध्या नखरे करती है, लेकिन नव्या उसे गोद में लेकर ब्रश करवाती है।
उसके बाद नव्या दोनों के लिए नाश्ता तैयार करती है —
सिंपल पर हेल्दी — अध्या का फेवरेट आलू पराठा और एक ग्लास दूध।
फिर वो किचन के स्लैब पर हाथ रखती है और देखती है कि स्नैक्स, दालें और ग्रॉसरी खत्म हो चुकी है।
“उफ्फो! आज ही सब खत्म होना था? चलो कोई नहीं, शाम को ऑफिस से आते वक्त सब ले आऊंगी।”
वो अध्या को खाना खिलाते हुए कहती है,
“देखो बेबी, खाना किचन में रखा है… भूख लगे तो खा लेना, लेकिन घर गंदा मत करना प्लीज़।”
अध्या मुस्कराकर कहती है:
“मम्मा, आप इसे साफ कह रही हो तो गंदा किसे कहते हैं।
नव्या चारों तरफ नज़र घुमाती है —
सोफा पे तकिए बिखरे पड़े हैं, और किचन स्लैब पे भी कुछ crumbs पड़े हैं।
“हां हां, बहुत साफ है! लेकिन और मत फैलाना मेरी बच्ची।”
नव्या अध्या को एक प्यारी सी फ्लाइंग किस देती है और ऑफिस के लिए निकल जाती है।
दिल्ली एयरपोर्ट –
आरव की फ्लाइट दिल्ली पहुंचती है।
वो प्लेन से उतरते ही गहरी सांस लेता है —
“नई जगह, नए लोग, नई शुरुआत… पर क्या बीता कल पीछे छूट पाएगा?”
एयरपोर्ट पर उसका असिस्टेंट खड़ा था, जिसने उसे पहचानते ही विनम्रता से कहा:
“गुड मॉर्निंग सर, मैं रोहन, आपकी टीम का असिस्टेंट। कार रेडी है।”
आरव हल्की मुस्कान के साथ उसकी तरफ बढ़ा।
कार में बैठते हुए उसने विंडो से बाहर देखा —
नई शहर की रफ्तार में भी कुछ पुराने जख्म उसके साथ चल रहे थे।
नव्या का ऑफिस –
ऑफिस में दो इंटर्न आपस में खुसर-पुसर कर रही थीं:
“तू जानती है, मिस नव्या की एक 6 साल की बेटी है?”
“पर उनकी तो शादी भी नहीं हुई थी... मतलब शादी से पहले ही प्रेग्नेंट हो गई?”
“इतनी सख्त दिखती हैं लेकिन ऐसी बातें... और सुन, सिर्फ छे साल में इंटर्न से MD बन गईं। समझ तो गई होगी ना कि कैसे बनी है ये। दिखने में तो बहुत शरीफ लगती है लेकिन हरकते तो देखो।
वे दोनों इस बात से अंजान थीं कि नव्या और उसकी बेस्टफ्रेंड श्रुति ठीक उनके पीछे खड़ी हैं।
श्रुति गला साफ करते हुए बोली:
“लगता है आजकल इंटर्न्स के पास गॉसिप्स के लिए बहुत वक्त है। काम नहीं है तुमलोगो के पास ज़रा अपनी डेस्क्स पे भी बैठ जाया करो।”
वे दोनों सॉरी कहती हुई भाग गईं।
श्रुति कहती है Just ignore them.
नव्या एक गहरी सांस लेकर बोली:
“चिल बेब्स, I don’t care. मैं अपने लिए जि़ंदगी जीती हूं, दुनिया के लिए नहीं।”
श्रुति मुस्कराई,
“अच्छा सुन, आज मैं तेरे साथ चल रही हूं ग्रॉसरी लेने। कुछ बिस्किट्स भी लेने हैं अध्या के लिए।”
थोड़ी देर बाद नव्या कॉफी लेने बाहर जाती है। तभी सामने से प्रथम आता है — उसकी ही कंपनी की दूसरी डिपार्टमेंट का MD।
“ओह हो, मिस नव्या! फॉर्मल में भी आप इतनी हॉट लगती होंगी ये मैने सोचा नहीं था।”
नव्या मुस्कराकर उसके पास जाती है:
“थैंक यू फॉर द कॉम्प्लीमेंट…”
…और धीरे से हाथ में पकड़ी कॉफी उसके पैरों पर गिरा देती है।
“ओह सॉरी मिस्टर प्रथम! क्या करें, कॉफी बहुत गर्म थी, हाथ से फिसल गई।” Its not my fault.
ऑफिस स्टाफ सब हँसने लगा।
प्रथम गुस्से से तिलमिला गया, लेकिन कुछ कह नहीं पाया।
नव्या आंखों में ठंडक लिए मुस्कराकर वहां से चली गई।
“तुम्हें तो मैं देख लूंगा…” — प्रथम मन ही मन सोचता रह गया ।
उसके बाद उसने अपना सारा गुस्सा स्टाफ पे निकाल दिया ।
सुपरमार्केट
आरव आज जल्दी ऑफिस से निकल आया था।
घर पर खाना बनाने का मन नहीं था, तो पास के सुपरमार्केट में कुछ सामान लेने चला गया।
वो शेल्फ से सामान उठा ही रहा था कि उसकी नजर एक बिस्किट पर पड़ी —
वही बिस्किट जो नव्या को बहुत पसंद था।
जिसे वो हमेशा कहती थी —
“ये बिस्किट मुझे बचपन की याद दिलाता है।”
आरव ने बिस्किट उठाया ही था कि किसी और ने भी उसी पैकेट को पकड़ लिया।
“मैंने पहले उठाया।” — आरव
“मैंने पहले देखा।” — सामने वाली लड़की
वो लड़की थी श्रुति, जो नव्या के साथ शॉपिंग करने आई थी।
“इतने सारे ऑप्शन्स हैं, तुम कोई और ले लो।” — आरव
“तो तुम क्यों नहीं ले लेते?” — श्रुति
“ये मेरी बेस्टफ्रेंड की फेवरेट है, मैं उसके लिए ले रही हूं।”
आरव ने गुस्से में आंखें दिखाईं।
श्रुति ने मुस्कुराते हुए कहा:
“यार, एक बिस्किट ही तो है, इतना गुस्सा क्यों?”
तभी पीछे से आवाज़ आई:
“श्रुति, किससे लड़ रही हो?” — नव्या
बस देख न नव्या एक बिस्किट के लिए लड़ रहा है, जैसे मैंने इसकी सारी प्रॉपर्टी छीन ली हो!”
आरव ने जैसे ही वो जानी-पहचानी आवाज़ सुनी, उसकी सांस रुक सी गई।
वो पीछे मुड़ा… और नव्या उसके सामने थी।
नव्या की आंखें भी उसे देखकर भर आईं।
दोनों की आंखें मिलीं — और जैसे वक़्त थम सा गया।
आरव की आंखों में बीते सात सालों की टीस झलक रही थी।
नव्या के चेहरे पर भी अनगिनत जज़्बातों की परछाइयाँ दौड़ रही थीं।
क्या होगा उनके इस मुलाकात का अंजाम। क्या आरव माफी मांग पाएगा नव्या से या फिर से दूर हो जाएगी उससे नव्या।
जानने के लिए पढ़ते रहिए हमारी कहानी काश एक दूजे से मिलते हीं नहीं।
नव्या की आंखों के सामने उसकी और आरव की आख़िरी मुलाकात किसी फिल्म की रील की तरह घूमने लगी।
आरव के ज़हन में भी वो पल आज भी वैसा ही ताज़ा था — जब नव्या की वो मासूम आंखें आंसुओं से भरी थीं… और उसका सवाल आज भी उसकी कानों में गूंज रहा था —
"आरव, मैंने सिर्फ़ एक सवाल पूछा है — हाँ या ना?"
"मैने जो सुना वो सच है या नहीं?"
आरव ने धीमी, मगर गिल्ट से डूबी आवाज़ में जवाब दिया था
"हाँ... तुमने जो सुना, वो सब सच था..." मगर
बस इतना सुनते ही नव्या की आँखों में रुके हुए आँसू झरझर बहने लगे। आरव उसके पास जाना चाहता था, उसे चुप कराना चाहता था, लेकिन उसमें अब इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि वो उससे अपनी नज़रें मिला सके।
नव्या ने कांपती आवाज़ में कहा,
"चले जाओ यहाँ से। मैं तुम्हारी शक्ल भी नहीं देखना चाहती..."
आरव ने उस वक़्त नव्या को अकेले छोड़ देना ही ठीक समझा ।
लेकिन किस्मत का खेल तो देखो — उस दिन के बाद वो नव्या को ढूँढता रह गया, हर जगह… पर वो तो जैसे इस दुनिया से ग़ायब हो गई थी।
…और आज, सात साल बाद, अचानक किस्मत ने उसे फिर से वहीं ला के सामने खड़ा कर दिया।
आरव हैरान था —
क्या ये वही नव्या है?
जो कभी एक सीधी-सादी, कम बोलने वाली ,शर्मीली लड़की हुआ करती थी …
आज वो बिल्कुल अलग ही लग रही थी ,एकदम स्टाइलिश और फ़ैशनेबल। उसके चेहरे और आवाज़ में एक अलग ही कॉन्फ़िडेंस था जो पहले उसमें नहीं हुआ करता था । इस नव्या को देखकर कोई अंदाज़ा भी नहीं लगा सकता कि वो पहले कितनी सिंपल हुआ करती थी।
उसके चेहरे पर अब पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ था — मगर उसकी आँखों में…
वो अनकहा दर्द आज भी ज़िंदा था।
आरव कुछ कहने ही वाला था कि नव्या ने श्रुति के हाथ से बिस्किट लेकर सीधा उसके हाथ में थमा दिया:
"मुझे नहीं चाहिए। तुम ही ले लो।"
और बिना उसकी आँखों में देखे, श्रुति का हाथ पकड़कर वहाँ से चल दी।
"बस हो गई शॉपिंग। अब मुझे घर जाना है।"
श्रुति थोड़ा हैरान हुई।
"अरे, रुक तो सही! नव्या, क्या हुआ तुझे? तू उस लड़के को जानती थी क्या? एक मिनिट कहीं... वो ही तो तेरा एक्स नहीं था?"
"क्या एक्स वैक्स! मुझे नहीं पता कौन था ये ।" मैं तो इसको जानती भी नहीं । और तू भी क्या किसी से भी एक बिस्किट के लिए लड़ने लगती है।
"ओह गॉड, पर कितना हैंडसम था यार! वो बंदर जैसी शक्ल वाला तुझे किस एंगल से हैंडसम लगता हैं। श्रुति कहती है तू जो भी बोल हैंडसम तो है यार ।
नव्या गुस्से से बोलती है,
"अगर इतना ही हैंडसम लग रहा है तुझे तो जा शादी कर ले उससे और जा जाके बीबी बन जा उसकी ।
श्रुति - तू इतना क्यों चिढ़ रही है तुझे तो कोई फर्क नहीं पड़ता ना, तू तो उसको जानती भी नहीं है
नव्या -
"…हाँ, मुझे फ़र्क नहीं पड़ता। जा तुझे जो करना है कर!"मुझे क्या है।
श्रुति मुस्कुराते हुए कहती है,
"ठीक है,मतलब तू नहीं मानेगी ,मत मान, !"मत बता खुश , लेकिन अगर कभी बताने का मन करे न तो सबसे पहले मुझे ही बताना , समझी खबरदार जो मुझसे पहले इस हैंडसम के बारे में किसी और को बताया । मैं तुझे छोडूंगी नहीं ।
दोनों फिर घर की ओर बढ़ जाती हैं।
उधर, आरव ने नव्या के पीछे जाने की कोशिश की —
पर भीड़ में वो फिर से कहीं खो गई थी।
सुपरमार्केट से बाहर निकलने के बाद उसने इधर-उधर देखा,
ढूँढा… लेकिन वो उसे कहीं भी नहीं दिखी।
थक-हारकर आरव भी घर लौट गया — लेकिन उसके चेहरे पर एक अजीब सी शांति थी।
"कम से कम उसे देखा तो… वो ज़िंदा है, ठीक है।"
इन सात सालों में ना जाने कितनी बार आरव के मन में ये ख़याल आता था कि —
"कहीं नव्या ने खुद को कुछ कर तो नहीं लिया?"
इमोशनल होके कोई ग़लत कदम तो नहीं उठा लिया ।
लेकिन आज — उसे इस बात का तो सुकून था कि वो जहाँ भी है ठीक है ।
आरव - किस्मत ने हमे फिर से एक साथ लाके खड़ा कर दिया है। मैं तुम्हे ढूँढ ही लूँगा ।अब तो हम दोनों एक ही शहर में है ।
"अब चाहे जो हो जाए… मैं नव्या को मना के ही दम लूँगा।
अबकी बार, उसे खुद से कहीं दूर नहीं जाने ही दूँगा…"
नव्या का घर -
घर पहुँचते ही जिन आंसुओं को नव्या ने अपने आँखों में रोककर रखा था वो झर झर बहने लगे । उसने अपने आँखों को साफ़ किया और अध्या के कमरे में गई तो देखा कि अध्या बड़े ही सुकून से सो रही थी।
उसने अपने टेबल पर एक बड़े से पेपर में स्केच पेन से लिखा था कि "मम्मा मैने खाना खा लिया है और अब सोने जा रही हूँ। आप भी खाना खा लेना और प्लीज़ आप अपने रूम में सोना । अब मैं भी बड़ी हो गई हूँ, मुझे भी थोड़ी प्राइवेसी चाहिए होती है। " ये देखकर नव्या के होठों पे छोटी सी स्माइल और आँखों से आँसू गिरने लगते हैं। अध्या के सर पे प्यार से हाथ सहलाते हुए कहती है , हम हमेशा ऐसे ही एक दूसरे के साथ खुश रहेंगे ।
तुम्हे मुझसे कोई अलग नहीं कर सकता है ।
उसके बाद बो अध्या के कमरे से बाहर आती है और उसके दरवाज़ा धीरे से बंद करती है ताकि उसकी नींद न खुल जाए ।
फिर कमरे में जाने के बाद वो सीधे अपने वॉशरूम में जाकर शावर ऑन कर देती है और उसकी आँखों से अब आँसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे।
अपनी उसी रोती हुईं आवाज़ में कहती है क्यों आरव आखिर क्यों तुम मेरी ज़िंदगी में वापस आ गए । तुम्हारे बिना जीना सिख गई थी ना मैं । और शायद अब मैं तुम्हारे बिना भी बहुत खुश थी । तुम्हे मेरी ज़िंदगी में वापस आने की क्या ज़रूरत थी । तुम चले क्यों नहीं जाते मेरी ज़िंदगी से । तुम्हारी वजह से मैने अपने सब अपनो को खुद से हमेशा के लिए दूर कर दिया । काश एक दूजे से हम मिलते ही नहीं तो आज भी मैं पहले की तरह ही अपनी ज़िंदगी जी रही होती ।
किस्मत भी कैसे अजीब - अजीब खेल खेलती है ना। कब किसको किससे मिला दे और कब उनको जुदा कर कर कोई नहीं कह सकता । कुछ ऐसी ही है इन दोनों की भी कहानी । एक दूजे से सच्ची मोहब्बत करके भी जुदा है , पर लाकर खड़ा कर दिया किस्मत ने फिर से एक दूजे के सामने । क्या आरव ढूँढ पाएगा इतने बड़े शहर में नव्या को या फिर किस्मत कोई और नया खेल खेलेगी इनके साथ । जानने के पढ़ते रहिए हमारी कहानी काश एक दूजे से मिलते हीं नहीं।
अगली सुबह
नव्या जब उठी तो उसकी आँखें लाल और सूजी हुई थी। कोई भी उसकी आँखों को देख कर बता सकता था कि वो रात भर रोई है। नव्या उठने के बाद ऑफिस के लिए तैयार हो जाती है। अध्या को आज उसने नहीं उठाया था क्योंकि अगर वो नव्या की लाल आँखें देखती तो दस सवाल करती । उसने खाना बना के रख दिया था। उसे पता था कि अध्या उठने के बाद खा लेगी । इस वक़्त अध्या की स्कूल की छुट्टियाँ चल रही थी।
उसकी आँखों की सूजन काफ़ी कम हो गई थी , लेकिन फिर भी उसने अपने आँखों पे sunglasses लगा लिए ताकि कोई उसकी आँखों को ना देख पाए । वो अपना बैग लेके बाहर जाने ही वाली थी कि घर की बेल बजती है। उसने अपने मन में ही कहा "ओहो अब इतनी सुबह सुबह मेरे घर कौन आ गया ।"
उसने जैसे ही दरवाज़ा खोला सामने उसका पड़ोसी अर्जुन खड़ा था । अर्जुन एक डॉक्टर है नव्या ने अर्जुन को देखते ही ओह अर्जुन तुम हो । मुझे तो लगा पता नहीं इतनी सुबह कौन आ गया मेरे घर । अर्जुन ने हँसते हुए कहा कहीं मैने तुम्हें डिस्टर्ब तो नहीं कर दिया ना।
नव्या ने हँसते हुए कहा नहीं नहीं और सोफे पे बैठते हुए कहा और बताओ इतनी सुबह क्या काम था । अर्जुन ने कहा वो सब छोड़ो पहले ये बताओ तुमने घर पे sunglasses क्यों लगाए हुए है।नव्या उससे कहती है वो क्या है न मेरी आँखों में इन्फेक्शन को गया था। तुमने मुझे बताया क्यों नहीं ।अर्जुन उससे पूछता है तुमने चेक कराया या नहीं ।
नव्या उसे रोकते हुए कहती है हाँ हाँ मैने चेक करा लिया है । और कुछ भी बस माइनर आ इन्फेक्शन है एक दो दिन में ठीक हो जाएगा।
वैसे हाँ मैं तुम्हें ये बताने आया था कि अध्या की रिपोर्ट्स आ गई है और वो बिल्कुल ठीक है। तुम उन रिपोर्ट्स को हॉस्पिटल से याद से कलेक्ट कर लेना । हॉल में हो रही आवाज़ों के कारण अध्या की भी नींद खुल गई। वो अपने कमरे से बाहर आई और जैसे ही उसने अर्जुन को देखा वो उछल के उसकी गोद में बैठ गई । और प्यार से उसे एक kiss देते हुए कहा हेलो mr padosi इतने दिनों से कहाँ थे आप । आपको मेरी याद भी नहीं आई अर्जुन अंकल । आप बहुत बुरे हो जाओ मैं आपसे बात नहीं करती। नव्या को ये सीन देखके खूब हँसी आ रही थी ।
अर्जुन ने प्यारी सी शक्ल बनाते हुए कहा बेबी को गुस्सा आ गया I'm so sorry. वो क्या है ना बच्चा मैं बहुत बिजी थी, लेकिन मेरे पास आपके लिए एक गुड न्यूज़ है। अध्या कहती है क्या ।
अर्जुन कहता है अब आप बाहर का खाना खा सकती हैं। डॉक्टर ने आपको परमिशन दे दी। अध्या खुशी से अपने दोनों हाथों को हवा में उछाल कर कहती हैं ये अब मैं बाहर का खाना खा सकती हूँ। मम्मा आपको मुझे मेरा फेवरेट pasta खिलाना पड़ेगा ।
नव्या थोड़ा गुस्सा करते हुए कहती है अर्जुन "क्या ज़रूरत थी तुम्हें इसको बताने की " । कम से कम इस बहाने ये घर का खाना तो खाती। अर्जुन और अध्या दोनों ही हँसने लगते हैं। मम्मा its too late . और अध्या और ज़ोर ज़ोर से हँसने लगती है तो अर्जुन उसके कान में कहता है बेबी इतना मत हँसो अगर तुम्हारे मम्मा को गुस्सा आ गया तो तुम्हारा पास्ता कैंसिल हो जाएगा ।
अध्या भी ये सोच के तुरंत चुप हो जाती है। नव्या सोफे से उठते हुए कहती है लगे रहो दोनों । मैं चली ऑफिस । अर्जुन कहता है कोई नहीं बेबी आज आप अपने mr padosi ke घर चलो हम वहाँ खूब एन्जॉय करेंगे । अध्या भी कहती है ठीक है चलो । नव्या भी चिढ़ते हुए कहती है,हाँ हाँ जाओ जाओ । अध्या कहती है , मुझे कहीं से तो जलने की बुंह आ रही है। ये सुनते ही अर्जुन की हँसी निकल जाती है। नव्या को अपनी तरफ घूरते हुए देख कर अर्जुन अपनी हँसी कंट्रोल करता है ।
फिर नव्या उन दोनों को देखकर अपने पैर पटक के बाहर जाने लगती है, तभी अध्या पीछे से कहती है मम्मा मेरा पास्ता मत भूलना । नव्या उसे गुस्से में देख के कहती है ठीक है मेरी माँ । नहीं भूलूँगी तेरा पास्ता । ये कहके नव्या कस के दरवाज़ा बंद कर देती है। उसके बाद अध्या और अर्जुन एक दूसरे के चेहरे देखते है और ज़ोर ज़ोर से हँसने लगते हैं।
नव्या टैक्सी लेके पहले हॉस्पिटल के लिए निकल जाती है क्योंकि वो जानती थी कि उसने अगर रिपोर्ट्स अभी नहीं लिए तो वो भूल जाएगी । और फिर अर्जुन को ही ये रिपोर्ट्स उसके जगह पे लाना पड़ेगा। इसलिए उसने पहले हॉस्पिटल जाने का फैसला किया । हॉस्पिटल पहुँचने के बाद नव्या ने जल्दी से अध्या के रिपोर्ट्स कलेक्ट किए और निकलने लगी की तभी उसे श्रुति का कॉल आया । कॉल पे बात करने के चक्कर में वो के किसी से टकरा गई और उसके रिपोर्ट्स गिर गए। उसने I'm sorry कहा और फोन काट कर रिपोर्ट्स उठाने लगी ।
जैसे ही उसने उस इंसान का चेहरा देखा वो बही जम गई । ये कोई और नहीं आरव ही था जो वहाँ किसी official काम से आया था । आरव ने इस वक़्त एक फॉर्मल सूट पहना हुआ था । इस वक़्त बो दिखने में इतना हैंडसम लग रहा था कि हर लड़की का उसपे दिल आ जाए । पर नव्या तो नव्या थी, जो उसेसे नफ़रत करती थी ।नव्या ने भले ही आँखों में sunglasses लगा रखे थे पर आरव पर आरव उन ग्लासेस के पीछे के आँसुओं को साफ़ महसूस कर सकता था। उसे बिसबास नहीं हो रहा था कि इतने बड़े शहर में आज फिर नव्या उससे टकरा गई । और नव्या जो अभी अर्जुन और अध्या की खट्टी मीठी नोक झोंक में कुछ पलो के लिए आरव को भूल गई थी। किस्मत ने फिर से उसको वहीं लाके खड़ा कर दिया था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि सात साल बाद ये किस्मत उसके साथ कैसा खेल खेल रही थी।
नव्या को अपने सामने देख के आरव के ज़ुबान में जैसे शब्द ही नहीं बचे थे। उसने सोचा था कि जब नव्या उससे मिलेगी तो वो उससे बहुत कुछ कहेगा पर अब जब बो उसके सामने खड़ी है तो मानो जैसे उसके शब्द ही खत्म हो गए हो । नव्या ने अपने रिपोर्ट्स उठा के फाइल में रखा ही था कि आरव ने कहा नव्या कैसी हो तुम । नव्या ने उसे देखते हुए कहती है मैं कैसी हु ये पूछने वाले तुम होते कौन हो । नव्या के ये शब्द आरव के दिल को छनी करने के लिए काफ़ी थे । आरव कुछ बोलने ही बोला था कि उसके पीछे उसका सेक्रेटरी आ कर कहता है सर काम हो गया । और नव्या इसी मौके का फ़ायदा उठा के वहाँ से निकल जाती है।
आरव उसकी पूरी बात सुने बिना ही नव्या के पीछे दौर जाता है।
क्या इस बार आरव ढूँढ पाएगा नव्या को या खो देगा उसको हमेशा हमेशा के लिए । क्या किस्मत सच में उन्हें एक और मौका देना चाहती है या फिर ....
जानने के लिए पढ़ते रहिए हमारी कहानी काश एक दूजे से मिलते हीं नहीं।
नव्या हॉस्पिटल से बाहर निकल के सीधे अपनी टैक्सी में बैठ जाती है और कहती है "भैया जल्दी चलिए यहाँ से"। आरव भी उसके पीछे भागता है लेकिन जब तक वो नव्या के पास पहुँचता तब तक वो वहाँ से जा चुकी थी। आरव फिर से नव्या से बात नहीं कर पाया। इस वक़्त तो उसे अपने सेक्रेटरी पे इतना गुस्सा आ रहा था कि वो उसे उसकी जॉब से ही निकाल दे। लेकिन वो कहीं ना कहीं जनता था कि उसकी कोई गलती नहीं थी। वो तो बस अपना काम ही कर रहा था।
तभी आरव के पीछे उसका सेक्रेटरी रोहन कहता है क्या हुआ सर आप इतना तेज़ क्यों भागे जैसे आपके पीछे कुत्ते पड़े हैं।
उसकी ये बात तो सुनके आरव का गुस्सा सातवें आसमान पे पहुँच चुका था। आरव गुस्से में कहता है तुम्हारा इस महीने का बोनस कट। रोहन गिड़गिड़ाते हुए कहता है लेकिन सर मैंने क्या किया। गलती क्या है मेरी। सर मुझे तो आपने जो कहा मैंने तो वही किया जो आपने कहा था। आरव गुस्से में कहता - हाँ कभी अपना भी दिमाग लगा लिया करो। जब मैं किसी से बात कर रहा था तो तुम्हें बीच में बोलने की क्या ज़रूरत थी। चली गई न अब वो कहाँ ढूँढू अब उसे इतने बड़े शहर में।
यहाँ का काम तो हो गया तो गाड़ी निकालो अब चलो कंपनी वापस। रोहन भी यश सर कहके उसके लिए गाड़ी निकालने के लिए चला जाता है।
नव्या का ऑफिस
नव्या ने taxi से उतरने से पहले अपना हुलिया ठीक किया और बिल्कुल अपने पुराने बोल्ड अंदाज़ में गाड़ी से बाहर आई। वो अपने ऑफिस से अंदर जा ही रही थी कि उसे याद आया श्रुति ने उसे आते वक़्त उसका पार्सल भी ऑफिस से कलेक्ट करने कहा था। एम्प्लॉइज़ के पार्सल ऑफिस के एक सेक्शन रखा जाता था और जो भी एम्प्लॉइज़ पार्सल लेते थे उन्हें वहाँ अपना नाम लिखना होता था। जब वो वहाँ अपना पार्सल लेने पहुँची तो उसने देखा कि एक इंटर्न जिसका नाम प्रीति था वो नाम नोट करके पार्सल दे रही थी। नव्या ने देखा कि प्रथम भी वहीं खड़ा था और पार्सल लेने के बहाने उससे बतमीज़ी करने की कोशिश कर रहा था।
तभी वहाँ नव्या भी आई और उसने प्रीति से कहा कि मेरा और श्रुति का पार्सल दे दो। नव्या को देखकर प्रथम शांति से बस खड़ा था। नव्या जाने को हुई लेकिन फिर उसने कहा एक काम करो तुम मुझे mr pratham का पार्सल भी दे दो। मैं जाते वक़्त उनके ऑफिस में रखते जाऊंगी क्योंकि उनको बॉस ने अभी अभी अपने ऑफिस में याद किया है। ये कहके उसने प्रथम के तरफ एक प्यारी सी लेकिन शातिर भरी मुस्कान दी। प्रथम जल्दी जाओ क्या है न बॉस का मूड बहुत गर्म है कहीं सारा का सारा गुस्सा तुम पर ही ना उतर जाए। अगर तुम्हारी ये बात झूठ निकली तो देख लेना मैं क्या करूँगा, प्रथम ने गुस्से में कहा। नव्या ने बड़ी ही शांति से कहा - ठीक है देख लेना लेकिन अभी निकलो यहां से ।
नव्या की ये बात सुनकर प्रथम वहाँ से गुस्से में चला गया। उसे इस वक़्त नव्या पे बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन वो उसकी बात को इग्नोर भी नहीं कर सकता था क्योंकि अगर नव्या की बात सच निकली तो उसको प्रॉब्लम हो जाएगा। फिर नव्या ने पीछे मुड़ कर प्रीति को कहा - "बोलना सीखो प्रीति वरना ये दुनिया तुम्हें गूंगा समझ लेगी। जब तक तुम कुछ बोलोगी नहीं कोई तुम्हारी मदद नहीं करेगा।" प्रीति ने थोड़ी धीमी आवाज़ में कहा मैम बॉस क्या सच में उनको बुला रहे हैं। नव्या ने अपना सर ना में हिला दिया। प्रीति ने डरते हुए कहा मैम तो फिर...
नव्या ने उसे एक प्यारी सी स्माइल देते हुए कहा तुम चिंता मत करो, मैं उसे देख लूँगी। वो मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। नव्या वहाँ से जाने लगती है तब प्रीति ने उसे कहा थैंक्यू वेरी मच मैम। नव्या ने कहा I hope कि अगली बार तुम्हें किसी और की मदद की ज़रूरत ना पड़े। ये कहके नव्या वहाँ से चली जाती है।
नव्या का केविन
नव्या जैसे ही अपने केविन में आती है हो देखती है श्रुति वहीं बैठी हुई थी। श्रुति उसे देखते ही उसके गले लगती हुए कहती है, हाय बेबी कैसी हो। जैसे ही नव्या कुछ बोलने वाली थी उसके कविन का दरवाज़ा खुलता है और राहुल अंदर आता है। दोनों की नज़र उधर चली जाती है। राहुल उन दोनों का बॉस और कंपनी का ऑनर भी। राहुल उन दोनों का बहुत अच्छा दोस्त है लेकिन ये बात ऑफिस में किसी को नहीं पता है कि नव्या और श्रुति उसे पर्सनली जानती है।
सबकी नज़र में वो बहुत ही कोल्ड और रूड पर्सनेलिटी का इंसान है, जिससे सभी डरते हैं। लेकिन असल में बहुत ही कुल पर्सनेलिटी का इंसान है। राहुल और श्रुति दोनों कॉलेज टाइम से फ्रेंड्स है, और नव्या की दोस्ती भी राहुल से श्रुति के कारण ही हुई थीं। राहुल अंदर आते ही कहता है हेलो गर्ल्स। नव्या और श्रुति भी उसे स्माइल करते हुए हेलो बॉस कहती है। राहुल बहुत ही फनी अंदाज़ में कहता है क्या यार कम से कम यहाँ तो बॉस मत बोलो तुम दोनों। यहाँ हम तीनों के अलावा और है ही कौन। ये बात सुनते ही नव्या और श्रुति ज़ोर ज़ोर से हँसने लगती है।
राहुल - हे नव्या तुमने ऑफिस के अंदर सनग्लासेज क्यों लगा रखे हैं। अब ये मत बोलना कि तुम्हें यहाँ भी धूप लग रही है।
श्रुति - अरे हाँ, ये तो मैंने ध्यान ही नहीं दिया।
नव्या उन दोनों से अपनी नज़रे चुराते हुए कहती है वो मेरे आँख में छोटा सा इन्फेक्शन हो गया था इसलिए डॉक्टर ने मुझे ग्लासेस लगाने के लिए बोले हैं।
श्रुति - ओ मतलब डॉक्टर अर्जुन से मिली थी तू चेकअप के बहाने, हाँ सही है।
नव्या उसे कहती है चुप कर।
राहुल कहता है वो सब छोड़ो यार मेरे पास एक गुड न्यूज़ है, तुम दोनों जिस प्रोजेक्ट पे साथ काम कर रही थी आखिर कार उसके लिए इन्वेस्टर मिल ही गया। नव्या तुम उस प्रोजेक्ट की हेड हो तो पार्टी तो बनती हैं। ये सुनते ही नव्या खुशी से कहती है ऑफकोर्स। ये भी कोई कहने की बात है। नव्या उस प्रोजेक्ट पे पिछले 6 महीने से काम कर रही थी इसलिए ये सुनते ही उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था। मैं तुम्हें उस कंपनी का एड्रेस और सारी डिटेल्स सेंड कर दूंगा वहाँ जाके ऑफिशियल पेपर्स साइन करवा लेना।
तभी श्रुति के फोन पे अध्या का कॉल आता है, श्रुति के फोन पे नव्या भी अध्या का नाम देख लेती है तो कहती अब ये तुझे क्यों कॉल कर रही है। फोन स्पीकर पे रख। श्रुति भी उसकी बात मानकर फोन स्पीकर पे उठाती है, तो उधर से प्यारी सा आवाज़ आती है "हेलो ब्यूटीफुल मासी, कैसी हो आप"। मैं ठीक हु आप कैसी हो मेरी एंजेल। अध्या कहती है मेरी मम्मा तो नहीं है न आपके पास। नव्या ने श्रुति को इशारा किया नहीं। राहुल को ये सब देख के खूब हसी आ रही थी। श्रुति भी नहीं बोल देती है, फिर अध्या कहती है तो ठीक है। आप न मम्मा को आज जल्दी घर भेज देना क्योंकि उन्होंने आज मुझे पास्ता खिलाने का बादा किया है। अगर आपने उनको घर नहीं भेजा तो फिर से मुझे घर का घास फूस खाना पड़ेगा।
हेलो everyone there is a humble request अगर आपको कहानी पसंद आ रही है तो प्लीज कुछ कमेंट्स करे।
जैसे ही श्रुति ने अध्या का फोन कट किया, वैसे ही अचानक किसी ने उनके केबिन का दरवाज़ा खोला। दरवाज़ा खोलते ही सबका ध्यान सबकी तरफ चला गया। वहां से गुस्से में तमतमाता हुआ प्रथम आ रहा था। जिसने आते ही नव्या से गुस्से में कहा कि तुम खुद को समझती क्या हो? आखिर तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई कि तुम मुझसे झूठ बोलो? तुम्हें अंदाज़ा भी है क्या कि अगर मैं तुम्हारी इस बात की शिकायत बॉस से करूं तो क्या होगा?
असल में प्रथम ने वहां राहुल को देखा ही नहीं था क्योंकि वो उसकी दूसरी किनारे में सोफे पर बैठा हुआ था। नव्या ने प्रथम की बात सुनते ही बड़ी बेखबरी से कहा, "मैंने तुमसे कब और कौन सा झूठ बोला?" प्रथम ने बहुत ही गुस्से में नव्या को कहा, "अब और कितना झूठ बोलोगी? अगर तुम्हें विश्वास नहीं हो रहा तो खुद बॉस से पूछ लो," और उसने राहुल की ओर अपने हाथ से इशारा किया। जब प्रथम ने उसके हाथ की ओर अपनी आंखें कीं तो उसका शरीर वहीं जम गया। उसे समझ नहीं आ रहा था कि राहुल यहां क्या कर रहा था।
तभी नव्या ने कहा, "जब तुम बॉस के बुलाने के बाद भी उनके ऑफिस नहीं गए, तो बॉस को तुम्हें ढूंढने खुद यहां तक आना पड़ा।" और वो यहां तुम्हारा ही इंतज़ार कर रहे थे। अगर विश्वास नहीं है तो खुद पूछ लो । ये सुनते ही राहुल ने भी अपने चेहरे पे नकली गुस्से के भाव ले आया। ये देख के प्रथम का तो पूरा शरीर ही सुन पड़ गया।
तभी राहुल सोफे से खड़ा होते हुए प्रथम की ओर गुस्से से देखता है। और फिर कहता है, "कब बुलाया था मैंने तुम्हें ,और तुम कब आ रहे हो? खुद को समझते क्या हो तुम?" प्रथम के मुंह से एक शब्द भी नहीं निकल रहा था। उसका चेहरा एकदम देखने लायक था। नव्या सोच रही थी कि अगर इस वक़्त प्रीति ने प्रथम की ऐसी शक्ल देख ली तो वो खुद को हंसने से रोक नहीं पाती। वैसे तो अंदर से उसे भी बहुत हंसी आ रही थी।राहुल ने प्रथम से गुस्से से कहा, "निकलो यहां से और जाकर मेरा इंतज़ार मेरे केबिन में करो।" प्रथम भी राहुल की बात सुनते ही वहां से दुम दबा कर किसी भीगी बिल्ली की तरह भाग गया।
उसके वहां से भागते ही कमरे में थोड़ी देर तक शांति बनी रही और तीनों एक दूसरे के चेहरे को देखने लगे। और अचानक फिर उस कमरे में हंसी की आवाज़ गूंजने लगी। तीनों एक दूसरे को देखकर ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगे। फिर राहुल भी बाय करते हुए उस केबिन से बाहर निकल जाता है। और फिर श्रुति ने भी नव्या को याद दिलाते हुए कहा, "हमारी पार्टी मत भूलना।" और फिर वो भी चली गई।
रात का समय
ग्रीनहाउस रेस्टोरेंट
ये दिल्ली का एक बहुत ही बड़ा आलीशान रेस्टोरेंट था। जहां एक टेबल पे श्रुति और राहुल अकेले बैठे हुए थे। वो दोनों बिल्कुल किसी कपल की तरह लग रहे थे। बहुत से लोग उन दोनों को घूर-घूर के देख रहे थे। राहुल इस वक़्त बिल्कुल फोन में बिजी था, और इसी कारण इस टेबल पे अजीब सा माहौल बना हुआ था।
उसने अपने मन में बड़बड़ाते हुए कहा कि ये नव्या हमें बुलाकर खुद ही गायब है। फिर उसके मन में ये कहा कि क्या ज़रूरत थी मुझे इतनी जल्दी आने की? श्रुति अपने मन ही मन इस वक़्त नव्या को कोस रही थी। उसने नव्या को अभी तक बहुत सारे मैसेज किए थे पर नव्या ने तो अभी तक उसके एक भी मैसेज को देखने तक की ज़हमत नहीं उठाई थी। उसे इस वक़्त नव्या पे बहुत गुस्सा आ रहा था।
उसकी नज़रें बार बार बाहर एंट्रेंस पे ही जा रही थीं। तभी अचानक उसके होठों पे स्माइल आ गई। ये स्माइल उसके होठों पे इसलिए आई थी क्योंकि वहां से नव्या आ रही थी और उसके पीछे से ही अर्जुन भी आ रहा था, जिसने अपने गोद में अध्या को उठा रखा था। अगर इस वक़्त कोई भी इन तीनों को एक साथ देखे तो ये बिल्कुल किसी परफेक्ट फैमिली की तरह दिख रही थी। राहुल भी अपने फोन को छोड़ के इन्हें ही देखने लगा।
राहुल जब भी नव्या को देखता था तो उसे ये लगता था कि नव्या ने छोटी उम्र में नादानी कर ली थी और इसी का नतीजा अध्या थी। लेकिन उसने कभी भी इस वजह से नव्या को जज नहीं किया था, वो जियो और जीने दो पे विश्वास रखता था। वैसे भी अब उसे नव्या को जानते हुए इतने साल हो गए थे कि वो इतना तो जान गया था कि नव्या एक बहुत ही अच्छी और सुलझी हुई लड़की है।
तब तक नव्या वहां आके श्रुति के बगल बैठ जाती है। वहीं अर्जुन राहुल के बगल में जाके बैठ जाता है। अध्या भी अर्जुन के गोद से उतर के तुरंत श्रुति की गोद में चली जाती है। अध्या ने बड़े ही प्यार से श्रुति को हेलो मासी कहा और गाल पे एक प्यारी सी किस दे दी। उसने बड़े ही प्यार से कहा, "मासी आप इतने दिनों से मुझे मिलने क्यों नहीं आईं?" श्रुति ने भी प्यार से लेकिन नव्या को ताना मारते हुए उसे कहा, "बेटा आपकी मम्मा मुझे घर बुलाती ही नहीं है।
नव्या ने उससे चिढ़ते हुए कहा अच्छा मैने तुझे कब माना किया घर आने से । श्रुति ने भी हस्ते हुए कहा अच्छा तो तूने बुलाया भी तो नहीं । नव्या ने फिर हार मानते हुए कहा ठीक है मेरी मां तू जीती और मैं हारी। खुश । राहुल ने उनका बहस रोकते हुए कहा अगर तुम दोनों का हो गया हो तो हम खाना ऑर्डर करे ।
श्रुति ने भी जल्दबाजी में कहा हां हां जल्दी करो मुझे बहुत भूख लगी है।
तभी अर्जुन ने एक वेटर को बुलाया और उनसे मेन्यू कार्ड मंगवाया । फिर अर्जुन ने वो मेन्यु कार्ड श्रुति को दे दिया । मेन्यु कार्ड को श्रुति के हाथ में देखते ही अध्या ने उछलते हुए कहा मासी मेरे लिए इटालियन पास्ता ही ऑर्डर करना । श्रुति ने थम्स अप का इशारा कर दिया । खाना ऑर्डर करने के बाद सभी एक दूसरे से बातें करने लगे । तभी राहुल को किसी मैसेज आया और देखके उसकी आँखें खुली की खुली रह गई ।
आखिर ऐसा क्या मैसेज आया राहुल को जिसे देखके वो हैरान रह गए।
ऑर्डर देने के थोड़ी ही देर बाद अध्या का पास्ता टेबल पर आ गया । उसने सबसे पहले अध्या के लिए प्लेट में पास्ता सर्व किया। वैसे तो बाकी खाना अभी तक नहीं आया था लेकिन अध्या ने बड़ी ही खुशी से पास्ता खाना शुरू कर दिया । उसके इस तरह के पास्ता खाने के अंदाज को देखकर एक पल के लिए नव्या को उसमें आरव की झलक दिखने लगी । उसकी झलक देखते ही एक पल के लिए उसके आंखों में नमी आ गई । लेकिन उसने तुरंत अपनी आंखों की नमी को छुपा लिया ताकि कोई ये देख न सके ।
तभी राहुल के फोन में एक मैसेज आया जिसे देखके उसे अपनी आंखों पे विश्वास नहीं हो रहा था। और अचानक हीं उसके मुंह से what निकल गया। उसकी इस आवाज से सब का ध्यान उसी की तरह हो गया । सब हैरानी से उसके चेहरे की तरफ ही देखने लगे । फिर उसने excusme कह के वहां से थोड़ी दूर चला गया और फिर उसने किसी को फोन किया ।
जैसे ही दूसरी तरफ के इंसान ने फोन उठाया तो राहुल ने थोड़े गुस्से से कहा, कहां है तू । दूसरे तरफ के इंसान ने थोड़ी धीमी लेकिन झिझक भरी आवाज में कहा दिल्ली में । तब राहुल गुस्से लेकिन थोड़ी खुशी से कहा , कमाने तू दिल्ली में है और मुझे बताने तक की जरूरत नहीं समझी । दूसरे इंसान ने कहा सॉरी मैं तुझे बताना भूल गया । मैं कल ही दिल्ली आया था यार । थोड़ा बिजी था इसलिए भूल गया।
राहुल ने गुस्से में कहा मैं कुछ नहीं जानता तू जहां कहीं भी यहां आ, मेरे पास ,अभी । तुझे मिलना हो या न लेकिन मुझे तुझसे मिलना है । उसने उसे करेंट लोकेशन भेजी और कहा तू मुझे दस मिनट के अंदर मुझे इस लोकेशन पर चाहिए । तभी उस इंसान ने परेशानी लेकिन गुस्से भरी आवाज में कहा इतनी जल्दी में वहां कैसे आऊं। राहुल ने भी उसपे चिल्लाते हुए कहा अगर आज तू यहां नहीं आया तू फिर भूल जाना हमारी दोस्ती को । तभी दूसरे इंसान ने झुंझलाते हुए कहा ठीक है , आता हु ।
फोन रखने के बाद राहुल के पास चेहरे पर बहुत बड़ी स्माइल आ गई और फिर वो सबके पास जाकर बैठ गया । लेकिन उसकी स्माइल रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। तभी उसे श्रुति ने थोड़ा चिढ़ाते हुए कहा कोई खजाना मिल गया क्या तुझे जो इतना हस रहा है। राहुल ने अपनी हसी रोकते हुए कहा वो क्या है न मेरा बचपन का दोस्त सालों बाद वापस आया है।
श्रुति ने उसकी बात समझते हुए कहा ओहो लगता है तुम दोनों कुछ ज्यादा ही जिगरी हो । राहुल ने भी उसकी बात में हां मिलते हुए कहा, सही कहा तुमने । वो मेरा बचपन का दोस्त है वैसे तो हमलोग ज्यादा मिलते नहीं हैं लेकिन हम फिर भी बहुत जिगरी हैं। तब अर्जुन ने कहा फिर तो देखना पड़ेगा आखिर कार है कौन जो तुम्हारा इतना जिगरी है। वैसे नाम क्या तुम्हारे इस जिगरी दोस्त का । राहुल ने हस्ते हुए कहा जब आएगा तो खुद ही पूछ लेना । उसकी बात को सुन के सब हंसने लगते हैं।ऐसे हीं उनके बीच हँसी मजाक चलता रहा।
पर तभी अध्या ने जल्दबाजी के चक्कर में अपने कपड़ों पे थोड़ा सा खाना गिरा लिया । अध्या इस बक्त अर्जुन के गोद में बैठी हुई थी इसलिए थोड़ा खाना अर्जुन के कपड़ो पर भी गिर गया ।
नव्या दूसरी तरफ से उठकर अध्या के पास जाने लगी पर अर्जुन ने उसे वहीं रुकने का इशारा किया । बो अध्या को वॉशबेशिंग के पास ले गया और फिर पहले उसने अध्या के कपड़ो से दाग साफ किया । फिर उसने अपने कपड़ो से भी खाना साफ करने लगा । पर तभी अध्या ने बहुत दर्द भरी आवाज में अर्जुन से कहा अंकल मेरा पेट बहुत दर्द दे रहा है । और ये कहते हीं अध्या बेहोश होने लगी ।
अर्जुन ने उसे बेहोश होने से पहले ही अपनी गोद में उठा लिया । उसे बेहोश देख कर अर्जुन का चेहरा सफेद पड़ने लगा । उसने उसके चेहरे पे पानी के छीटें मारे पर फिर भी वो होश में नहीं आई । उसने उसे गोद में उठा के सीधे बाहर ले गया और एक टैक्सी में बैठ कर उसे सीधे हॉस्पिटल के लिए निकल गया । जब बहुत देर तक दोनों नहीं आए तो नव्या ने चिंता भरी आवाज में कहा ये लोग अभी तक आए क्यों नहीं ।
तब उसने अर्जुन को कॉल किया । अर्जुन ने नव्या का कॉल देखते ही अपने इमोशंस को कंट्रोल किया और उसने उसका कॉल उठा कर उससे कहा कि मेरे घर पे एक दोस्त आ गया है इसलिए मुझे जाना पड़ा और अध्या भी मेरे साथ ही है । उसने पास्ता खा लिया था और जब उसने मेरी बात सुनी तो वो भी घर जाने की जिद्द करने लगी । उसने तो मुझे तुम्हे भी बताने नहीं दिया ।
अर्जुन ने नव्या से झूठ बोल दिया था क्योंकि बो जनता था कि अगर इस बक्त नव्या को ये पता चला तो उसकी हालत भी बहुत खराब हो जाती।ऐसे ही धीरे धीरे आधा घंटा बीत गया और फिर तभी टेबल पे वेटर ने बाकी के डिशेस भी सर्व कर दिया । और अब सब लोग राहुल के दोस्त का इंतेज़ार कर रहे थे । तभी एक हैंडसम सा लड़का उनके टेबल के पीछे आकर खड़ा हुआ ।
राहुल उसे देखते ही खड़े होकर उसे सबके सामने लाकर introduce कराया। उस आदमी को देखकर नव्या और श्रुति हैरान रह गई। ये लड़का कोई और नहीं बल्कि आरव मल्होत्रा था । आरव भी नव्या को वहां देखकर हैरान रह गए। उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि ये शहर कितनी छोटी है जिसने तीन दिन में ही उसे तीन बार नव्या से मिला दिया था । उसकी खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था।
तो क्या होगा नव्या और आरव के बीच । क्या सबको पता चल जाएगा उन दोनों के रिश्तों के बारे में। आखिर क्या हुआ अध्या को और क्या होगा जब उसकी इस हालत के बारे में पता चलेगा नव्या को ।
आरव को देखते हीं नव्या की आंखे लाल हो गई लेकिन उसने फिर तुरंत अपने इमोशंस को काबू किया । राहुल ने आरव से श्रुति की तरफ इशारा करते हुए कहा - ये मेरी कॉलेज फ्रेंड है और ऑफिस कलीग भी । श्रुति ने उसे हस्ते हुए कहा, उड़ा लो मेरा मजाक अपनी ऑफिस कलीग बोलके । आरव असल में तो हमलोग का बॉस है। आरव ने भी उसे हस्ते हुए कहा ये गधा ऐसा ही है । श्रुति ने भी हस्ते हुए कहा चलो कोई तो है जिसमें इतनी तो हिम्मत है कि हमारे बॉस को गधा कह सके ।
आरव और श्रुति भले ही इस वक्त एक दूसरे से बात कर रहे थे लेकिन दोनों ही तिरछी नजरों से नव्या को देख रहे थे। श्रुति को पूरा - पूरा शक था कि आरव ही नव्या का ex boyfriend है। आरव ने भी श्रुति को अच्छे से पहचान लिया कि वो बही लड़की है जिससे एक दिन पहले उसकी बिस्किट के लिए लड़ाई हुई थी ।राहुल इस वक्त नव्या और आरव के रिश्ते से पूरी तरह अंजान था ।
फिर राहुल ने आरव को नव्या से इंट्रोड्यूस करते हुए कहा - ये है नव्या मेरी और श्रुति बहुत अच्छी दोस्त और साथ ही में हमारी कलीग भी । नव्या इस वक्त बिल्कुल ऐसे बिहेव कर रही थी जैसे कि वो आरव को जानती ही नहीं है और जैसे वो उससे पहली बार मिल रही है। आरव भी उसकी इस हरकत से समझ गया कि वो उसे उनलोगों के सामने नहीं पहचानना चाहती थी।
उसकी इस हरकत से उसके दिल में एक दर्द होने लगा लेकिन फिर उसकी इच्छा का मान रखते हुए उसने भी उससे बिल्कुल ऐसे ही बिहेव किया जैसे कि वो उससे पहली बार मिल रहा था ।
आरव ने नव्या को हेलो कहा । जिसके जवाब में नव्या ने भी उसे हेलो कहा और फिर अपने फोन में बिजी हो गई । जैसे कि वो उससे कोई बात ही नहीं करना चाहती थी। लेकिन आरव को तो बस इस बात की ही खुशी थी कि नव्या कम से कम उसके सामने थी । और अब उसे नव्या को इतने बड़े शहर में ढूंढने की जरूरत नहीं थी ।
हॉस्पिटल में
इस बक्त अध्या हॉस्पिटल के एक बेड पे लेटी हुई थी और अर्जुन के चेहरे पे बहुत सारी फिक्र दिख रही थी। जैसे ही डॉक्टर अन्दर आए अर्जुन ने उनसे हड़बड़ाते हुए कहा क्या हुआ अध्या को । ये डॉक्टर शर्मा थे जो कि अर्जुन के बहुत अच्छे दोस्त थे । डॉक्टर शर्मा ने हस्ते हुए कहा अरे अर्जुन तुम खुद एक डॉक्टर हो , और एक नॉर्मल आदमी के तरह डर रहे हो ।
उसने हस्ते हुए कहा देखो कुछ भी नहीं हुआ है इसे , ये बिल्कुल ठीक है, तुम तो जानते ही हो कि अध्या ने बहुत दिनों के बाद कुछ बाहर का खाना खाया बस इसलिए उसके पेट को डाइजेस्ट करने में प्रोबलेम होने लगी। बस इसलिए इसके पेट में थोड़ा दर्द होने लगा और उसी दर्द के कारण में ये बेहोश हो गई ।
चिंता की कोई बात नहीं है इसे घर ले जाओ और सुला दो । सुबह तक बिल्कुल ठीक हो जाएगी ।
अर्जुन ने जब डॉक्टर की बात सुनी तब उसकी जान में जान आई । उसने सोचा अच्छा ही हुआ कि उसने नव्या को कुछ नहीं बताया । बो खामखां चिंता करने लगती । उसने अध्या को अपनी गोद में उठाया और उसे घर ले जाने लगा क्योंकि अगर उनके पहुंचने से पहले नव्या पहुंच गई तो उसे सब कुछ पता चल जाएगा।
नव्या अपनी जगह से खड़ी होकर वॉशरूम चली गई। उसने आरव को देख के खुद को बड़ी ही मुश्किल से कंट्रोल किया था पर जैसे ही हो वहां से दूर आई उसके आंखों से आंसू गिरने लगे । उसने रुआंसी आवाज में खुद से ही कहा क्या मेरी किस्मत इतनी खराब है जो बार बार मै तुमसे ही टकरा जाती हूं। एक बार फिर हम दोनों एक दूसरे के आमने सामने आ गए।
तभी पीछे से श्रुति की आवाज आई मतलब मैं सही ये आरव ही है न तेरा ex boyfriend. बाहर कितना सीधा बन रहा था जैसे कि तुझे जनता ही नहीं है। अगर मैं इससे पहले भी मिली होती तो शायद मैं भी धोखा खा जाती । इसको बिजनेस मैन नहीं इसको तो एक्टर होना चाहिए था।नव्या ने उससे आंखे छुपाते हुए कहा ये क्या बोल रही है तू । श्रुति भी उसके पास आते हुए बोलती है अब ये मत बोलना कि तेरी आंखों में कुछ चला गया है।
बहुत ही बेकार बहाना है ये । तेरी आंखे देख के कोई भी बता सकता है कि तू झूठ बोल रही है। अगर तू इसको नहीं जानती तो बता इतना फर्क क्यों पड़ रहा है तुझे इसके यहां होने से । आजतक तो तुझे कभी किसी के होने से फर्क नहीं पड़ा । जितना तू खुद को जानती है न मै तुझे उससे कहीं ज्यादा जानती हूं।
इसके बाद नव्या के आंसू थमे ही नहीं बो लगातार गिरने लगे । ये देख के श्रुति ने उसे तुरंत अपने गले लगा लिया । और कहा बस अब बहुत हो गया । अब रोना बंद कर, मैं हु न तेरे साथ। नव्या ने भी अपने आंसू पोछते हुए कहा थैंक्स श्रुति तूने उस वक्त मेरी मदद की थी जब मैं सबसे ज्यादा कमजोर और मजबूर थी । और इतने सालों में कभी भी तूने कुछ पर्सनल जानने की कोशिश नहीं की । श्रुति ने कहा चल अगर अब तू इतनी ही थैंकफूल है तो उस गधे के बारे में बता जो बाहर बैठा है । और ये बता उसे अध्या के बारे में पता है क्या ।
नव्या ने अपना सिर ना में हिलाते हुए कहा नहीं उसे अध्या के बारे में कुछ भी नहीं पता है। तो फिर तूने उसे बताया क्यों नहीं । बॉयफ्रेंड था न तेरा अगर ब्रेकअप भी हो गया दोनों का तो एक बार बता तो सकती थी। नव्या ने भी रुआंसी आवाज में कहा उसे कोई हक ही नहीं है अध्या के बारे जानने का क्योंकि वो न तो मुझसे प्यार करता था और न ही भरोसा। सालों पहले मैं उसके लिए सिर्फ एक खिलौना थी । उसी के कारण मैं आज यहां दिल्ली में हु सबसे दूर अपने परिवार और अपनों से दूर। चाह के भी मैं उनसे मिल नहीं सकती , बात नहीं कर सकती।
अच्छा ही है कि उसे अध्या के बारे में कुछ भी नहीं पता , मै उसे कभी पता लगने भी नहीं दूंगी कि अध्या उसकी बेटी है । ये सुनके श्रुति आह भरने लगी।
आखिर क्या है नव्या और आरव के अतीत का सच । ऐसा क्या किया था आरव ने पास्ट में जिसका उसे अभी भी गिल्ट है । क्या सच में आरव नव्या से प्यार नहीं करता है। या फिर ये नव्या की कोई गलतफहमी है।
नव्या ने अपना हुलिया ठीक किया और श्रुति से साथ वापस जाने लगी । तभी अचानक उन्हें एक लड़की देखी जिसे देखकर दोनों हैरान रह गए । वो लड़की एक टेबल पे अकेली बैठी थी और किसी से फोन पे बात कर रही थी और कह रही थी कि तुम ऐसा कैसे कर सकते हो। मैं यहां तुम्हारा पिछले 1 घंटे से इंतेज़ार कर रहीं हु और तुम अब बोल रही हो कि मैं वापस चली जाऊं। उसका चेहरा दिखने में ऐसा लग रहा था जैसे कि वो अभी ही रो देगी ।
उसे देखकर नव्या और श्रुति तुरंत उसके पास गई । इस लड़की का नाम अंकिता था जो कि नव्या की असिस्टेंट थी । नव्या और श्रुति को देखकर अंकिता भी हैरान हो गई । उसने तुरंत खड़े होते हुए कहा मैम आप दोनों यहां ? श्रुति तुरंत उसके पास गई और कहा क्या हुआ तेरा बॉयफ्रेंड तुझे छोड़ के भाग गया क्या ?
ये बात सुनते ही अंकिता ने कहा मैम ये आप क्या कह रही हैं मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है।
तभी नव्या भी उसे छेड़ते हुए कहती है अच्छा तो तू अभी अपने भाई से बात कर रही थी क्या ? उसने गिड़गिड़ाते हुए कहा मैम वो मेरा बॉयफ्रेंड नहीं मेरी बेस्टफ्रेंड थी जिसने मुझे यहां बुलाया था । मुझे बुलाकर वो खुद अपने बॉयफ्रेंड के साथ डेट पे चली गई। बस एक बार बो मुझे मिल तो जाए मैं उसे छोडूंगी नहीं । श्रुति हस्ते हुए कहती है आह चलो अच्छा है कि मेरी बेस्टफ्रेंड का तो कोई बॉयफ्रेंड नहीं है। ये बात सुनके नव्या उसे गुस्से से देखने लगती है।
पर तभी श्रुति बात बदलते हुए अंकिता से पूछती है अच्छा ये बताओ तुमने खाना खा लिया। अंकिता श्रुति को कहती है मैम माना कि मैं बहुत कॉन्फिडेंट हूं लेकिन इतनी भी कॉन्फिडेंट नहीं हूं कि यहां अकेली बैठ के खाना खाऊं। इसलिए मैं अब घर चलती हु । नव्या ने उसे रोकते हुए कहा अरे अब तुमने भी ही खाया है तो एक काम करो हमें जॉइन कर लो हमलोग भी यहां अपने फ्रेंड्स के साथ डिनर ही करने आए है । अंकिता ने हिचकिचाते हुए कहा पर मैम मैं तो आप लोगो के दोस्तों को जानती ही नहीं ।
श्रुति ने उसे हस्ते हुए कहा नहीं जानती तो क्या हुआ चलो जान जाओगी । ये कहकर उसने उसके जवाब का भी इंतेज़ार नहीं किया और खींचते हुए अपने साथ ले गई । श्रुति और नव्या जाकर अपनी अपनी जगह पर बैठ गई। उनके बगल में ही अंकिता भी बैठ गई लेकिन जैसे ही अंकिता की नजर सामने बैठे राहुल पर गई वो हैरानी भरी नजरों से श्रुति और नव्या को देखने लगी । उसने मन ही मन खुद को कोसते हुए कहा तुझे यहां आने की क्या जरूरत थी अंकिता । कोई कुल्हाड़ी पे पैर मारता है पर मैने तो अपने ही पैर पे कुल्हाड़ी मार दी ।
राहुल भी अंकिता को देख कर स्माइल किया और हैरानी भरी नजरों से श्रुति और नव्या को देखने लगा । दोनों ने ही उसकी हैरानी को इग्नोर कर दिया । अंकिता की नजर जब आरव पर गई तो उसे लगा कि जैसे कि उसने उसे कहीं देखा है। फिर श्रुति ने अंकिता को आरव की तरफ इशारा करते हुए कहा अंकिता ये है हमारे बॉस के जिगरी दोस्त आरव मल्होत्रा । ये नाम सुनते ही अंकिता कुछ सोचने लगी।
फिर उसने आरव को गौर से देखकर कहा - आरव मल्होत्रा । आपका मतलब यंगेस्ट बिजनेस मैन ऑफ द ईयर । राहुल ने हस्ते हुए कहा - हां वही है । मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा मै आपसे मिल रही हूं। श्रुति ने हैरानी से पूछा तुम इसे कैसे जानती हो। अरे मैम आप ये कैसे भूल सकती है कि मैं पहले जर्नलिस्ट थी । सर का इंटरव्यू लेना तो उस टाइम मेरा ड्रीम था । लेकिन अनलकली ले ही नहीं पाई ।
अगर मैंने किसी दोस्त को ये बताया न कि मैने आपके साथ डिनर किया है तो वो लोग तो विश्वास ही नहीं करेंगे । आरव भी ये सुन आह भरने लगा । उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि ऐसा भी किसी का ड्रीम हो सकता है।तो श्रुति ने कहा एक काम करो अभी ही इसका इंटरव्यू ले लो । तुम्हारा ड्रीम पूरा हो जाएगा इसी बहाने । एक काम करो मैं रिकॉर्डिंग ऑन करती हु और तुम क्वेश्चंस पूछना चालू करो ।
अंकिता ने कहा मैम अब ये सब क्या क्या फायदा । मैने तो वो जॉब ही छोड़ दी । तभी वेटर ने डिशेज सबके प्लेट में डिशेज सर्व कर दी । सब उसी तरह की खट्टी मीठी नोक झोंक के साथ खाना खाने लगे । लेकिन नव्या तो बस उस डिनर का जल्द से जल्द खत्म होने का इंतजार कर रही थी। बातों ही बातों में अंकिता ने आरव से कहा सर वैसे मैने सुना था कि आपकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है । क्या ये सच है ? उसकी इस बात ने सबका ध्यान खींच लिया ।
अंकिता की इस बात ने आरव को हैरान ही कर दिया था । इस वक्त नव्या भी आरव को ही देख रही थी। कहीं न कहीं बो भी इस बात का जवाब जानना चाहती थी । नव्या की आंखों में देखते हुए हुए आरव ने जवाब दिया । हां , ये सच है मै अभी भी सिंगल हूं। नव्या ने अपनी नज़रे उसपे से तुरंत हटा ली।
अंकिता - मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा कि आपके इतने हैंडसम होने के बाबजूद भी आपकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है । ऐसा कैसे हो सकता है। आप हमेशा से सिंगल ही थे क्या ।
तब श्रुति ने कहा क्या सच में तुम हमेशा से सिंगल ही थे । आजतक कभी तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं बनी ।
तब आरव ने आह भरते हुए कहा - मैने कहा मैं सिंगल हूं इसका मतलब ये थोड़ी की मेरी कभी कोई गर्लफ्रेंड थी ही नहीं। आरव की इस बात पर नव्या उसे ही देखने लगी । आरव भी इस बक्त उसे ही देख रहा था। जैसे ही अंकिता ने ये बात सुनी उसने एक्साइटेड होते हुए पूछा कौन थी वो। लेकिन आपका ब्रेकअप क्यों हुआ ।
क्या पता चल जाएगा सबको नव्या और आरव के पास्ट के बारे में ?
अंकिता बार - बार आरव से उसके ब्रेकअप 💔 का रीज़न पूछने लगी । फिर अंकिता ने खुद से ही कहा जरूर लड़की ही धोखेबाज होगी नहीं तो इतने अच्छे इंसान को कैसे छोड़ सकता है। आरव बार बार बोलने की कोशिश कर रहा था लेकिन अंकिता उसे कुछ बोलने ही नहीं दे रही थी । वो लगातार कुछ न कुछ बोलते ही जा रही थी ।मैं तो अगर उससे कभी मिली न तो उसे छोडूंगी नहीं । उसे तो मैं अच्छा सबक सिखाऊंगी ।
नव्या इस वक्त पानी पी रही थी और अंकिता की इस बात को सुन कर अचानक खांसने लगती है ।श्रुति उसके पीठ पे हाथ से सहलाती है और पूछती है तू ठीक तो है। इससे सबका ध्यान नव्या पे चला जाता है। सब उसे ही देख रहे थे। नव्या अपने एक प्यारी सी स्माइल लाके कहती है carry on guys . तभी अंकिता कहती देखो वो लड़की तो इतनी मनहूस है कि उसकी नाम लेते ही नव्या मैम के गले में पानी फंस गया और खासी आने लगी ।
आरव फिर से कुछ बोलने के लिए अपना मुंह खोल ही रहा था कि इस बार नव्या अंकिता को देखकर बोलती है - अंकिता जरूरी तो नहीं कि गलती हर बार लड़की की हो । क्या पता गलती mr. malhotra की हो । क्या पता उन्होंने ही उस लड़की को धोखा दिया हो । आखिर हम जिस बारे में नहीं जानते हमे बोलना ही नहीं चाहिए । नव्या की बात सुनके अंकिता शांत हो जाती है लेकिन फिर कहती है मैं नहीं मानती कि गलती उस लड़की की नहीं होगी ।
अरे mr. Malhotra इतने अच्छे इंसान है वो कैसे किसी को धोखा दे सकते हैं। नव्या फिर कुछ बोलने बाली थी लेकिन राहुल उन्हें चुप कराते हुए कहता है अरे यार तुमलोग भी किस बात पे लड़ने लगे । जिसके बारे में बात हो रही उसी से पूछ लो न । बेचारा आरव यही पे है, उसे भी तो कुछ बोलने दो , आखिर girlfriend तो उसी की थी । उसने अभी तक तो हमे उसके बारे में कुछ बताया ही नहीं और हमने पहले ही उस लड़की के बारे में गलत राय बना ली ।
राहुल की बात सुनकर नव्या चुपचाप बिल्कुल पहले की तरह फिर से अपना खाना लगी ।अंकिता , श्रुति और राहुल आरव के कुछ बोलने का इंतजार करने लगे। खामोशी को तोड़ते हुए राहुल ने पूछा चल बेटा अब ये बता की तुझे प्यार हुआ कब ? सच सच बताना वरना। आरव उसकी तरफ देखकर कहता है मैं डरता नहीं हु तुझसे । राहुल अपनी आंखे दिखाते हुए कहता है - अच्छा बेटा ।
तब आरव खींच भरी आवाज में बोलता है ठीक है बताता हु। मैं उससे पहली बार 8 क्लास में मिला था। ये बात सुनके श्रुति चुपके से नव्या की तरफ देख रही थी। जिसके चेहरा अभी बिल्कुल इमोशनलेस लग रहा था । लेकिन वो जानती थी अंदर इतना ही बड़ा तूफान चल रहा होगा । उसने वापस अपनी नजर आरव की तरफ कर ली । फिर राहुल ने दूसरा सवाल पूछा - तू सच में उससे प्यार करता था।
आरव ने होंठो पे एक मुस्कान और आंखों में थोड़ी सी आंसू के साथ कहा अगर मैं उससे प्यार नहीं करता था तो शायद इस दुनिया में मै फिर किसी से प्यार नहीं करता । उसकी इस बात से राहुल समझ गया कि आरव सच में उससे बहुत प्यार करता था। राहुल अपना तीसरा सवाल पूछता है - अच्छा चल अब उस लड़की के बारे में तो बता जिससे तुझे इतना जायदा प्यार हो गया ।
आरव ने चुपके से एक बार नव्या को देखा फिर बोलना शुरू किया कि ऐसा समझो कि मुझे प्यार का मतलब उसी ने मुझे सिखाया । प्यार जैसा खूबसूरत पल का एहसास कराया ।
जो मेरे उदास होने से उदास हो जाती थी और मेरे खुश होने से खुश हो जाती थी। मुझे हंसाने के लिए किसी भी हद तक चली जाती थी । मेरे दिल में उसने ऐसी जगह बनाई है कि मेरे दिल पे आज भी उसी का कब्जा है।
नव्या की तरफ देखते हुए आरव कहता - मैं उससे बहुत प्यार करता हूं बहुत ज्यादा । उसकी जगह कोई नहीं ले सकता मेरी जिंदगी में । मैं आज भी उसका इंतजार कर रहा हूं। नव्या धीरे से मन में ही कहती है अगर इतना ही प्यार करते तो मुझे धोखा नहीं देते । तुम्हारे इस प्यार की ही सजा काट रही हूं अपने परिवार से दूर रह के । आरव को देखकर और उसकी बातें सुनकर इतना तो श्रुति को भी समझ आ गया कि या तो आरव बहुत ही अच्छा एक्टर है या फिर नव्या और आरव के बीच कोई बहुत बड़ी गलतफहमी है ।
लेकिन उसे अब भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ऐसा क्या हो सकता है इन दोनों के बीच जिससे इनमें इतनी दूरी आ गई । ऐसा क्या हुआ इनके बीच जिससे नव्या इतनी ज्यादा नाराज है । राहुल फिर से कुछ बोलने वाला था कि श्रुति उसे रोकते हुए आरव से पूछती है - अगर इतना ही प्यार करते थे तो फिर उससे breakup क्यों किया । आरव को इसकी बात से ऐसा लगा जैसे शायद श्रुति उसके बारे कुछ तो जानती थी ।
अपनी सोच से बाहर आते हुए उसने जवाब दिया मेरी एक गलती के कारण वो मुझसे हमेशा के लिए दूर चली गई। तो श्रुति ने तुरंत अपना दूसरा सवाल पूछ दिया - तो फिर उसे रोका क्यों नहीं । आरव ने नव्या की तरफ देखते हुए कहा उसने मुझे समझाने या रोकने का मौका हीं नहीं दिया। सीधे मुझे सजा दे दी , खुद से दूर जाके । वहां से तो ऐसे गायब हो गई जैसे कि वो कहीं थी नहीं ।
श्रुति फिर कहती है - तो फिर उसे ढूंढा क्यों नहीं । आरव उसे देखकर कहता है तुम्हे क्या लगता है मैने उसे ढूंढने की कोशिश नहीं की इतने सालों में । बहुत ढूंढा हर जगह । पर वो ऐसे गायब हुई जैसे वो इस दुनिया में कभी थी ही नहीं । अबकी बार अंकिता कहती है - अच्छा अब हमने जिसकी इतनी तारीफ सुनी उसका नाम भी तो बता दीजिए आरव सर। सॉरी गाइस लेकिन उसका नाम नहीं बता सकता। राहुल उसे घूरते हुए कहता है अच्छा सब बता दिया लेकिन नाम नहीं बता सकता ।
आरव कहता है अब चाहे तो जो बोल लेकिन उसका नाम तो नहीं बता सकता । अगर उसे कभी पता चला न कि उसकी मर्जी के बिना मैने उसका नाम बताया है तो मेरी तो खटिया खड़ी कर देगी ।
राहुल और अंकिता ने उस लड़की का नाम पूछने की बहुत कोशिश की पर तभी नव्या ने कहा छोड़ो न राहुल, जब वो नहीं बताना चाहता है तो जबरदस्ती क्यों कर रहे हो। राहुल भी फिर नव्या की बात मानते हुए कहता है - अच्छा ठीक है। अब तुम कह रही हो तो नहीं पूछते हैं। आरव ये देख के अपने मन में कहता है - वाह, चालाकी तो कोई इससे सीखे। वैसे इतने सालों में तेज तो बहुत हो गई हो । पर हो तो तुम अभी भी हो वही जिससे मैं प्यार करता था।
अब श्रुति कहती है, अब अगर सबका खाना हो गया हो तो घर चले। सब लोग उठ के हाथ धोने चले जाते हैं फिर राहुल बिल पे करने लगता है तो वेटर ने उसे बताया कि बिल ऑलरेडी पे हो गया है। जब उसने पूछा कि किसने किया है तो वेटर ने नव्या की तरफ इशारा किया। तब राहुल नव्या के पास जाकर कहता है तुम्हें बिल पे करने की क्या जरूरत थी नव्या। मैं था न, मुझे करने देती। नव्या हँसते हुए कहती है अरे यार, पार्टी मैने दी थी तो बिल तुम्हें कैसे पे करने देती।
लेकिन यार, पार्टी में तो मैने अपने दोस्त को भी बुला लिया वो भी तुम लोगों से बिना पूछे। तो कम से कम बिल तो मुझे पे करने देती। तभी श्रुति उसकी इस बात को सुन कर बोलती है, अगर इतना ही ज़्यादा बुरा लग रहा है तो एक काम करो, हमारी सैलरी बढ़ा दो। उसकी इस बात पे तो नव्या को भी हँसी आ गई। अंकिता भी कहती है not a bad idea sir.
तभी आरव भी वापस आ जाता है - और कहता है, चले। सब बाहर निकल जाते है। तब राहुल अपनी कार निकालता है और श्रुति से कहती है, तुम्हारा घर तो मेरे रास्ते में ही पड़ेगा तो चलो। फिर आरव से कहता की एक काम कर, नव्या और अंकिता का घर एक ही रास्ते में है तो उन दोनों को घर तू छोड़ दे। श्रुति भी बाय बोलके चली जाती है। नव्या अपने फोन से टैक्सी बुक कर रही थी। पर तभी आरव कहता है - चलो तुम दोनों, मैं घर छोड़ देता हूं।
नव्या कहती हैं नो थैंक्यू। पर आरव उसकी कोई बात सुनता ही नहीं है और गाड़ी निकालने चला जाता है। तभी अंकिता कहती है मैम, जब Mr. Malhotra बोल रहे हैं कि हमें घर छोड़ देंगे तो फिर आप टैक्सी क्यों बुक कर रही हैं। मैम, taxi आने में टाइम लगेगा और अध्या भी तो घर पे अकेली होगी। नव्या नहीं चाहती थी कि आरव को अध्या के बारे में कुछ भी पता चले। इसलिए वो भी मान जाती है। फिर उसने ये भी सोचा कि अगर अंकिता आरव के साथ जाएगी तो बातों बातों में कहीं अध्या के बारे में न कुछ बोल दे।
नव्या इस बक्त गाड़ी में पीछे बैठी थी। और अंकिता आरव के साथ फ्रंट सीट पर। गाड़ी में बिल्कुल शांति बनी हुई थी। इस शांति को तोड़ते हुए अंकिता कहती है यार, आप लोग इतने शांत क्यों हो। ऐसा लग रहा है जैसे आप लोग किसी का मातम मना रहे हो। एक काम करती हूं, मैं ही गाना बजा लेती हूं। ये कहके उसने गाना बजाना शुरू किया। और थोड़ी ही देर में अंकिता का घर आ गया। वो गाड़ी से बाहर निकलती है और फिर अपने घर चली जाती है।
तब आरव पीछे मुड़ के नव्या को आगे आने के लिए कहता है।
पर नव्या मना कर देती है। तो आरव कहता है, अब तुम्हें आगे आने में क्या दिक्कत है। नव्या पलट कर उसे जवाब देती है - मेरे आगे न आने से तुम्हें क्या दिक्कत है। वो क्या है न, मैं किसी को पीछे बैठा के गाड़ी नहीं चलाता , आरव ने जवाब दिया । नव्या भी गुस्से में कहती है - ठीक है, मत चलाओ। मैं खुद जा सकती हूं। ये कहके वो गाड़ी का दरवाजा खोलने लगती है पर आरव ने तुरंत दरवाजा लॉक कर दिया।
तुम्हारे गुस्से की आदत न अभी तक नहीं गई, बिल्कुल पहले जैसे। हर पल गुस्सा नाक पे बैठा रहता है। बिल्कुल भी नहीं बदली हो तुम, एकदम पहले जैसी ही हो। मजाल है कि मेरी कोई बात मान लो। नव्या कहती है - हाँ, नहीं मानूंगी तुम्हारी बात तो क्या। तुम जब तक आगे नहीं आओगी न तो मैं गाड़ी चलाने वाला हूँ और न ही गाड़ी अनलॉक करने वाला हूँ। तो डिसाइड तुम्हें करना है कि तुम्हें घर जाना है या फिर सारी रात मेरे साथ गाड़ी में बितानी है।
ठीक है, मैं आगे आती हूँ। तो गाड़ी तो अनलॉक करो। तब आरव कहता है मुझे तुमपे भरोसा नहीं है - क्या पता गाड़ी से निकलने के बाद तुम यहां भाग जाओ। नव्या - तुम भी बिल्कुल नहीं बदले। पहले भी मुझपे भरोसा नहीं था, आज भी नहीं है।
भरोसा किया था मैने कि तुम मुझे कम से कम समझाने का एक मौका दोगी। पर तुमने क्या किया, मुझे हमेशा - हमेशा के लिए छोड़ के चली गई।
आरव - मैं तुमसे sorry बोलना चाहता था। तुम्हें चुप कराना चाहता था, तुम्हारे आंसू पोछना चाहता था, पर तुमने तो मुझे कुछ बोलने का मौका ही नहीं दिया। नव्या - आंसू दिए किसने थे। तुमने न। तुमने पहले कभी नहीं सोचा था कि अगर मुझे पता चलेगा तो क्या होगा। आरव के आँखों से आंसू गिरने लगते हैं और वो कहता है क्या तुम मुझे समझाने का एक मौका भी नहीं दे सकती थी। मुझपे गुस्सा करती, नाराज़ होती, बात करना बंद कर देती, मुझे सज़ा देती। पर मुझे छोड़ के जाने की क्या ज़रूरत थी नव्या।
मैं होती कौन हूँ तुमसे नाराज़ होने वाली या फिर तुम्हें सज़ा देने वाली। मुझे अपनी गलती सुधारने का मौका तो देती। तुमने जो किया था न आरव उसे गलती नहीं पाप कहते हैं। मेरे दिल को अपना खिलौना समझ के खेला था तुमने। अरे, अगर उस दिन मैं तुम्हारे उन दोस्तों की बातें नहीं सुनती तो मुझे तो सच का कभी पता ही नहीं चलता।
कितनी अच्छी एक्टिंग करते हो न तुम पहले भी और अभी भी। तुम्हें बिजनेस मैन नहीं एक्टर होना चाहिए था। तुम्हारे करियर तो सेट हो जाता। तुम्हारी एक्टिंग और रियलिटी में कोई फर्क ही कर पाता है। किसी को भी तुम्हारी इन चिकनी चुकरी बातों पे विश्वास हो जाएगा। शायद बचपन में मै भी इन्हीं बातों में फँस गई और दे दिया तुम्हें अपना दिल खेलने के लिए। तुमपे तो मुझे कभी भरोसा करना ही नहीं चाहिए था । मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती है तुमसे प्यार करना , जिसका पछतावा आज भी है मुझे ।
लेकिन अब बस बहुत हुआ । मैं कोई खिलौना नहीं हु जिसे जब मन किया तुम सीने से लगा लो और जब मन करे उसे खुद से दूर कर दो । और वैसे भी मैं तुम्हे भूल के जिंदगी में बहुत आगे बढ़ चुकी हूं। मेरी जिंदगी में अब तुम्हारी कोई जगह नहीं है।नव्या की इन कड़वी बातों से आरव के आंखों में भी आंसू आ गए । लेकिन उसे एक बात की खुशी थी कि नव्या उसपे गुस्सा कर कर रही थी लेकिन कम से कम बात तो कर रही थी। वो जनता था इन सात सालों में उसने बहुत कुछ सहा था जिसका जिम्मेदार कहीं न कहीं आरव था ।
तभी नव्या का फोन बजने लगा। उसके फोन पे नाम लिखा था नीरजा दी । नीरजा उसकी बड़ी बहन जैसी थी उसे ये नहीं समझ आ रहा था कि इस बक्त बो उसे कॉल क्यों कर रही थी ।
उसने तुरंत अपने आंसू पोछे और उनका फोन उठाया। उसने फोन उठा कर कहा हेलो कहा । तब उधर से नीरजा की आवाज आई - कहां है तू नव्या । मैं कब से तेरा इंतजार कर रही घर पे । वो तो अच्छा है कि अर्जुन के पास तेरे घर की एक्स्ट्रा चाबी थी वरना मुझे तो बाहर ही तेरा इंतजार करना पड़ता ।
इंतजार करते करते तो अब बेचारी अध्या भी सो गई । मैने सोचा था कि मैं तुझे सरप्राइज़ दूंगी पर यहां तो तूने मुझे हो शॉक दे दिया । नव्या थोड़ी हसी के साथ कहती है दी मैं बस आ ही रही हूं। रास्ते में ही हु । और मुझे क्या पता कि आप मेरा घर पे इंतजार कर रहे हो। नीरजा फोन रखते हुए कहती है अच्छा ठीक है तू जल्दी आ । नव्या फोन रखते ही आरव को देखती है और कहती है अगर अब तुम्हारा ड्रामा हो गया हो तो गाड़ी चालू करो और मुझे घर पहुचाओ।
आरव भी एक फेक स्माइल के साथ कहता है ठीक है तो आगे आओ । ये कहके गाड़ी अनलॉक कर देता है। नव्या भी अपने दांत पिस्ते हुए आगे आ जाती हैं। आगे आने के बाद के बीच बिल्कुल साइलेंस बरकरार रहती है । नव्या बस आरव को अपने घर का रास्ता बताने के लिए ही कुछ बोलती । और फिर चुप हो जाती । आरव ने जब देखा कि नव्या कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं थी तब अंत में उसने ही बोलना शुरू किया।
इतनी रात को किसके यहां गेस्ट आते हैं। नव्या ने कहा मेरे यहां आते है , तुमको क्या प्रोबलेम है । आरव - नहीं मुझे क्या प्रोबलेम होगा । वैसे ये तुम्हारी कौन सी नई दीदी पैदा हो गई । जहां तक मैं जनता हूं तुम्हारी तो एक ही दीदी है न और उसका का नाम तो सुमेधा है तो फिर ये नीरजा नाम की दीदी कहा से टपक गई । नव्या - तुम्हे क्या है मेरी दीदी का नाम नीरजा हो या सुमेधा । तुम मेरी बाते सुन रहे थे। और तुम तो सुमेधा दीदी का नाम तो अपनी जबान से मत ही लो ।
आरव - अब भगवान ने कान दिए हैं तो कोई कुछ बोलेगा तो सुनाई तो देगा ही न और क्यों न लू मै सुमेधा दीदी का नाम । तुम्हारी दीदी मतलब मेरी दीदी । और तभी नव्या की कॉलोनी आ गई । आरव ने जैसे ही गाड़ी रोकी नव्या तुरंत बहा से निकल गई और कहा एक काम करो दीदी के नाम की माला बनाओ और उसे जपते रहो । उसने एक बार भी पीछे मुड़ कर नहीं देखा । इससे आरव को दुख तो बहुत हुआ लेकिन फिर भी उसके होठों पे एक सुकून भरी मुस्कान थी।
ये मुस्कान इस बात की थी कि सालों के बाद आखिर अब नव्या उसके सामने थी । धीरे धीरे ही सही लेकिन वो उसे मना लेगा इस बात का कहीं न कहीं विश्वास था उसे । उसके आंखों में आज भी बो दर्द और गुस्सा बहुत ताजा है लेकिन उन्हीं आंखों में वो प्यार और भरोसा भी कहीं न छुपा है ।
उसने खुद से ही कहा भले ही तुम मुझे माफ न करो लेकिन मैं तुम्हारा पीछा कभी नहीं छोड़ूंगा। आखिरी दम तक तुमसे ही प्यार करूंगा । सालों पहले मुझसे जो गलती हुई थी उसका पछतावा है मेरे मन में।कैसे समझाऊं तुम्हे उस दिन का मंजर आज भी मेरी यादों में ताजा है। मुझे आज भी तुम्हारे आंसू से भरे आंख याद है। आज भी बो मुझे आधी रात में नींद से जगा देते हैं।
कास मैं वक्त में पीछे जाकर अपनी गलती सुधार सकता । ये कह के वो गाड़ी स्टार्ट कर के वापस चला जाता है। दूर से नव्या उसे जाते हुए देख रही थी फिर अपने मन में कहा कास तुमने सच में मुझसे प्यार किया होता बिना किसी धोखे के , तो शायद हम आज साथ होते और हमारी एक प्यारी सी फैमिली होती । लेकिन अफसोस की तुम्हारे प्यार की नींव ही झूठी थी।तो प्यार भला सच्चा कैसे हो सकता है। तुम्हारे एक झूठ ने मुझे जिंदगी भर का न भूलने वाला ग़म दे दिया ।
ये कहकर नव्या अपनी बिल्डिंग की तरफ फिर जाती है । जैसे ही उसने अपने गेट का दरवाजा खोला उसे कुछ जलने की तेज बदबू आने लगी । उसने अपने स्लीपर्स उतारे और सीधे किचेन की तरफ चली गई । उसने देखा कि पूरा किचेन गंदा हो गया था । एक लड़की कुछ बनाने की कोशिश कर रही थी तो एक बच्ची उसे इंस्ट्रक्शंस दे रही थी। नव्या ने ये देखते ही अपना सर पीट लिया । है भगवान नीरजा दी क्या है ये सब ।
नीरजा ने जैसे ही नव्या को देखा उसने राहत की सांस लीं और कहा अच्छा हुआ कि तू आ गई वरना तो आज तेरी बेटी मुझे मास्टरशेफ बना के दम लेती । ये तो सो गई थी लेकिन अचानक उठ के मुझे कहने लगी कि इसको बहुत भूख लगा है और इसे डोसा खाना है पर देख न डोसा जल गया । तभी नव्या ये सुन के गुस्से से अध्या के तरफ देखा । वो समझ गई कि उसके घर पे न होने के कारण अध्या जानबूझ कर नीरजा को तंग कर रही थी।
लगता है पास्ता से तुम्हारा पेट भी भरा , कोई बात नहीं मम्मा की मार खाके जरूर भर जाएगा । नीरजा भी गुस्से से अध्या की तरफ देखने लगती है और कहती है अध्या कि बच्ची तुझे तो मैं छोडूंगी नहीं । अध्या भी हस्ते हुए कहती है पहले पकड़ो तो । नीरजा थोड़ा उदास होकर नव्या से कहती है बेकार में मैने तेरा काम बढ़ा दिया । नव्या ने हस्ते हुए कहा क्या दो आप भी चिल कीजिए । वैसे आप अचानक इतनी रात को सब ठीक तो है ।
जब नीरजा ने नव्या की बात सुनी तो वो जाकर सोफे पे बैठ गई और कहा क्या बताऊं अब तुझे । मैने अपनी जॉब छोड़ दी। ये सुन नव्या अपनी हैरानी काबू नहीं कर पाई और सहसा ही उसके मुंह से निकल गया लेकिन क्यों । आपको जॉब छोड़ने की क्या जरूरत पड़ गई । आपका जॉब तो आपको बहुत पसंद था न ।
क्या बताऊं अब तुझे । तू तो मेरे कंपनी के बॉस को जानती ही है कि बो कितना घटिया इंसान है । हर पल उसकी नजर लड़कियों पर ही रहती है। ऐसे ही कुछ दिन पहले उसने मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की । जब मैने मना किया तो मुझे जॉब से निकालने की धमकी देने लगा ।
तो गुस्से में मैने ही उसे रेजिग्नेशन लेटर दे दिया । लेकिन जब मम्मी पापा को पता चला कि मैने जॉब छोड़ दिया तो अब वो लोग चाहते है कि मैं शादी कर लू । ऐसा थोड़ी होता है यार । और आज तो उन्होंने हद ही कर दी । उन्होंने मुझसे कहा कि घर पर पापा के दोस्त अपनी फैमिली से मिलने आ रहे है इसलिए तैयार हो जाओ । उनके आने के बाद पता चलता है कि बो लोग कोई पापा के दोस्त नहीं बल्कि लड़के वाले थे।
ऐसा लगता है जैसे मेरे मां बाप हाथ मुंह धो के मेरी शादी करने के पीछे पड़ गई है । इसलिए जैसे ही मुझे मौका मिला बैग में कुछ कपड़े लेके घर से भाग गई । घर से भागने को तो भाग गई लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं कहा जाऊं जहां मुझे कोई ढूंढ न सके। ये सुन के नव्या को नीरजा के लिए थोड़ा बुरा भी लग रहा था और थोड़ी सी हसी भी आ रही थी ।
नीरजा बोलना जारी रखती है - वो तो मुझे रास्ते में अर्जुन मिल गया तो मुझे तेरी याद आई । क्योंकि मम्मी पापा मुझे मेरे दोस्तों के घर में जरूर ढूंढेंगे लेकिन वो सोच भी नहीं सकते कि मैं तेरे घर पे हू। अब मुझे एक नई जॉब ढूंढनी है और तब तक बचके रहना है जबतक मेरे मां बाप के सर के मेरे शादी का भूत न उतर जाए ।
ये सुन नव्या को हसी आ गई और उसने कहा दी अब जाके आप सो जाइए और मैं अब सोने जाती हु क्योंकि आपने तो जॉब छोड़ दी लेकिन मुझे तो कल ऑफिस जाना है , नहीं तो मेरा बॉस मुझे न ऑफिस से निकाल दे । वैसे ये डोसा तो जल गया लेकिन आपने खाना खाया या नहीं । नीरजा ने अपने पेट को देखकर कहा वैसे भूख तो लगी है लेकिन कोई बात नहीं। तू भी थक गई है जा सो जा ।
नव्या हस्ते हुए कहती है क्या दी आप भी । अब अभी खाना नहीं बना सकती तो क्या मेरे रहते तो मैं आपको भूखे भी नहीं सोने दूंगी । नीरजा उसे देखते हुए कहती तू क्या कोई जादूगर है जो मेरे लिए कोई जादू से खाना ले आएगी । दी खाना लाने के लिए जादू की क्या जरूरत है।
और ये कहके उसने तुरंत किचेन से कुछ डिब्बे निकाले जिसमें बहुत सारे स्नैक्स रखे थे। बो डिब्बा उसने सीधा नीरजा के हाथ में पकड़ा दिया और कहा आज तो आपको स्नैक्स से ही पेट भरना पड़ेगा दी । नीरजा उन्हें देख के कहती हैं डूबते को तिनके का सहारा ही काफी होता है और तूने तो मुझे पूरा डिब्बा ही पकड़ा दिया ।
नव्या ने कहा अब आप भी खा कर आराम से सो जाइएगा। मैं चली सोने । गुड नाइट । सुबह मिलते है। ये कहके नव्या सोने के लिए अपने कमरे में चली जाती है। स्नैक्स से पेट भरने के बाद आखिरकार नीरजा भी सोने के लिए गेस्ट रूम चली गई। बो जानती थी यहां उसे कोई नहीं ढूंढ सकता था। इसलिए वो भी सुकून से सोने चली गई।
दूसरी तरफ
आरव अपने रूम में सोने की कोशिश कर रहा था पर उसे नींद ही नहीं आ रहा थी। इसलिए वो बार बार अपने पलंग पर करवटें ले रहा था । नींद नहीं आने के कारण आखिर उसने अपनी रूम के लाइट्स ऑन किया और अपने ड्रॉअर से एक एल्बम निकाली। इस एल्बम में बहुत सारी तस्वीरें थी लेकिन वो सब तस्वीरें एक ही लड़की की थी ।
ये लड़की और कोई नहीं हमारी प्यारी कहानी की हीरोइन नव्या ही थी । आरव उसकी तस्वीरों को प्यार से देख रहा था उसे छू रहा था ।उन तस्वीरों को देख के न जाने क्यों उसकी आंखों से आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। उसके मुंह से रुआंसी आवाज निकली आखिर तुम मुझे मिल ही गई ।
तुम्हे पता भी है तुमने मुझे कितना डरा दिया था। मैं जनता हु इन सालों में तुमने बहुत कुछ झेला है पर अब बस, मैं आ गया हूं न । मैं अब ठीक कर दूंगा । मुझसे न मिलना तो समझ आता है पर अपने परिवार से तुम दूर क्यों चली गई। उनसे दूर जाने की वजह क्या थी । आखिर ऐसा भी क्या हुआ जिसके कारण तुम पापा के अंतिम संस्कार में भी नहीं आई ।
क्या तुम्हे पता भी है कि इन सालों में क्या हुआ तुम्हारे परिवार के साथ । जहां तक मैं जनता हूं अगर तुम्हें पता होता तो तुम जरूर जाती । इसका मतलब तो साफ है कि तुम्हे कुछ पता ही नहीं है । पर तुम सबसे इतनी दूर क्यों चली गई नव्या । अब जब मैं दुबारा सोचता हूं तो पता नहीं क्यों मुझे लगता है कि कहानी का कोई दूसरा हिस्सा भी था जिसके बारे में मै कुछ नहीं जानता । शहर छोड़ने का कारण और सबसे दूर जाने कारण तो सिर्फ मै नहीं हो सकता ।
तो क्या कुछ ऐसा है जो तुम सबसे छुपा रही हो । कोई बात नहीं तुम जो कुछ भी छुपा रही हो मैं बो भी पता लगा के रहूंगा । ऐसे ही धीरे धीरे नव्या की तस्वीर से बात करते करते कब आरव की आंख लग गई उसे पता भी नहीं चला ।
कैसी होगी इन दोनों की कहानी । क्या सचमुच नव्या के घर छोड़ने का कारण के पीछे का राज आरव के धोखे के अलावा कुछ और भी है । और अगर है तो ऐसा क्या जिसने एक बेटी को उसके मां बाप से दूर कर दिया ।
अगली सुबह
सुबह के 5 बजे नव्या का अलार्म क्लॉक बजने लगा और
उसकी नींद टूट गई। उसे उठने का बिल्कुल मन नहीं कर रहा था
लेकिन उसे पता था कि उठना तो पड़ेगा । इसलिए वो तुरंत उठ के ब्रश करती है और अपने रूम से बाहर निकल कर धीरे से नीरजा और अध्या का कमरा खोलती है। तो उसे नजर आता है दोनों चैन की नींद सो रहे थे। फिर बो धीरे से दरवाजा बंद करती है ताकि उनकी नींद न खुल जाए।
उन्हें देख के नव्या कहती हैं कास ऐसी नींद मुझे भी नसीब होती । फिर खुद से ही कहती है चल नव्या अभी बहुत काम है तुझे ।ये सोचने का कोई फायदा नहीं है। फिर वो किचेन जाकर कल रात की सारी चीजों को साफ करती है और फिर घर में झाड़ू लगाती है। फिर किचेन में जाके खाना बनाने के लिए सब्जियां काटती है। और रोटियों के लिए आटा का डो बना लेती है ।
इतना सब कुछ करते करते 6:30 बज जाता है। जब बो घड़ी में टाइम देखती है तो तुरंत शॉवर लेने चली जाती है। थोड़ी देर में वो ऑफिस के कपड़ो में तैयार भी हो जाती है। अब लगभग 7 बज गए थे लेकिन अभी भी नीरजा और अध्या सो ही रहे थे। नव्या खुद से ही कहती है इन दोनों को तो देखकर लगता है कि पूरे साल भर की नींद आज ही पूरी कर लेंगे ।
नहाने के बाद नव्या ने अपने घर के मंदिर में पूजा की और फिर उसने जल्दी जल्दी खाना भी बना लिया । और फिर उसने खाना खा लिया । बाकी का खाना उसने फ्रिज में रख दिया । फिर एक स्टिकी नोट में कुछ लिखकर चिपका दिया । उसमें लिखा था जब दोनों की कुंभकरण जैसी नींद पूरी हो जाए तो उठकर खाना खा लेना। मैने खाना बना दिया है और फ्रिज में रखा है ।
इसके बाद नव्या अपने शूज पहन कर ऑफिस के लिए निकल जाती है।
दूसरी तरफ आरव का घर
आरव अपने बेड पर सोया हुआ था और अभी भी उसने हाथ में कल रात बाला एल्बम था । उसने उस एल्बम को नींद में ऐसे पकड़ कर रखा हुआ था जैसे कोई उससे वो एल्बम छीन लेगा ।
सोते हुए बो बहुत प्यारा लग रहा था पर तभी उसका फोन बजने लगता है। जिसके उसकी नींद टूट जाती है। इस वक्त उसकी आँखें थोड़ी लाल थी। उसने जब फोन पे नाम देख तो उसे पता चला कि उसका सेक्रेटरी रोहन उसे फोन कर रहा है। ये देखकर उसने अपने मन में ही कहा अब इतनी सुबह सुबह कौन सा पहाड़ टूट पड़ा जो ये मुझे फोन कर रहा है।
उसने कच्ची नींद में ही फोन उठाया और पूछा क्या हुआ इतनी सुबह सुबह क्यों फोन किया । रोहन ने चौंकते हुए कहा सर सुबह के 8 बजने वाले और आज 8:30 दूसरी कंपनी के साथ आपकी इंपॉर्टेंट मीटिंग है । आपको याद तो है न सर। कहीं आप भूल तो नहीं गए । ये सुनते ही उसने अपने आंख को मसलते हुए घड़ी की तरफ देखा और सहसा ही उसके मुंह से oh shit निकल गया। और फिर उसने तुरंत रोहन का फोन काट दिया।
जब उसने समय देखा तो उसकी नींद एक ही पल में उड़ गई । आरव ने तुरंत फोन काटा और अपने वॉशरूम की तरफ भगा । वो तुरंत ऑफिस जाने के लिए तैयार होने लगा । तैयार होने के चक्कर में उसने अपना पूरा रूम बर्बाद कर दिया । तैयार होके बो तुरंत बिना खाना खाए ऑफिस के लिए कार लेके निकल गया ।
नव्या का ऑफिस
नव्या जैसे ही अपने ऑफिस आती ही वो देखती है श्रुति उसके ऑफिस के सोफे पर बैठी हुई थी। उसने जैसे ही नव्या को देखा वैसे ही कहा अच्छा हुआ कि तू आ गई । अगर तू नहीं आती तो मैं तुझे ही कॉल करने वाली थी । नव्या ने चौंकते हुए कहा लेकिन किसलिए । श्रुति ने उसके माथे पे टपली मरते हुए कहा लगता है तेरी याददाश कमजोर हो गई है। आज हमलोग को अपना प्रेजेंटेशन बॉस को सबमिट करना है।
तूने प्रेजेंटेशन तो बनाया है न अब ये मत बोलना प्लीज कि तू ये भी भूल गई। क्योंकि अगर ऐसा हुआ न तो तुझे कोई नहीं बचा सकता । नव्या उसे देख कर कहती मै तेरी तरह नहीं हूं जो एक रात पहले प्रेजेंटेशन बनती है। मैने अपना प्रेजेंटेशन बहुत पहले ही बना लिया था । चल अब मीटिंग रूम । कास वो प्रथम का बच्चा आज कुछ गलती कर दे तो मजा आ जाएगा ।
नव्या उसके एक्सप्रेशन को देख कर हस रही थी। नव्या को हस्ते देख के श्रुति उससे थोड़े बनावटी गुस्से से कहती है "हां,मन ही मन तू भी यही चाहती है" ऐसे बाते करते हुए दोनों मीटिंग रूम में पहुंच जाते हैं। और फिर दोनों अपने - अपने सीट पे जाके बैठ जाते हैं। प्रथम अभी तक मीटिंग रूम में नहीं आया था। श्रुति ने नव्या को मैसेज किया कि कास वो प्रथम का बच्चा लेट हो जाए मुझे तो मजा आ जाएगा ।
नव्या उसका मैसेज देखकर स्माइल करने लगी लेकिन फिर अचानक उसके एक्सप्रेशन अजीब हो गए । नव्या ने तुरंत अपना फोन लेके उसे मैसेज किया बेवकूफ तूने हमारे फ्रेंड्स ग्रुप पे मैसेज किया है । डिलीट कर उसको इससे पहले कि राहुल देखे । वो हड़बड़ा के अपने फोन से मैसेज डिलीट करने लगी । मैसेज डिलीट होने के बाद वो राहत की सांस लेने लगी । लेकिन तभी उसके पर्सनल व्हाटअप पे राहुल का मैसेज आता है कि लगता है कल रात नींद पूरी नहीं हुई तुम्हारी ।
उसका मैसेज देखते ही श्रुति का फोन उसके हाथ से उसका फोन गिरते - गिरते बचता है । श्रुति ने जब अपना सर उठा देखा तो राहुल उसे अजीब नजरों से देख रहा था । श्रुति के फेस पे एक जबरदस्ती की मुस्कान आ गई । इस वक्त उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया था। राहुल लगातार इस वक्त उसके इस हालत का मजा ले रहा था। श्रुति को इस वक्त चुल्लू भर पानी में डूब मरने का मन कर रहा था।
तभी राहुल कहता है गाइस मीटिंग शुरू करते हैं। लेकिन ये सुनते ही श्रुति मन ही मन खुद होने लगती है। और उसके फेस पे तो एक स्माइल भी आ जाती है। लेकिन फिर उसकी नज़रे राहुल से मिल जाती है और बो अपनी स्माइल को कंट्रोल करती है।
मीटिंग शुरू होने बाद राहुल ने सबसे पहले श्रुति को ही प्रेजेंटेशन देने के लिए कहा । श्रुति अपनी जगह से उठ के सबके सामने गई फिर उसने प्रेजेंटेशन देना शुरू किया । सभी लोग उसके प्रेजेंटेशन को बहुत अच्छे से सुन रहे थे। पर तभी कांफ्रेंस रूम का दरवाजा खोल के प्रथम अंदर आता है।
उसने राहुल की तरफ देखकर धीरे से सॉरी कहा और अपने जगह पे जाके बैठ गया । पर तभी राहुल ने श्रुति को रुकने का इशारा किया। और प्रथम के तरफ गुस्से से देखकर कहा ये ऑफिस है या तुम्हारा घर की जब तुम्हारा मन किया आ गए और जब मन किया चले गए।
तुम्हारी नजर में हमारे टाइम की कोई कीमत है या नहीं । या फिर तुम खुद को यहां का बॉस समझते हो जो कभी भी आ सकते हो और जा सकते हो । ये सारी बातें राहुल बिल्कुल एक्सप्रेशन लेस चेहरे के साथ बोल रहा था। उसकी बातों से बहुत सारे एम्पलाइज तक को डरने पे मजबूर कर दिया ।
प्रथम को समझ नहीं आ रहा था कि आज राहुल को क्या हो गया ।प्रथम कोईं पहला इंसान नहीं था जो कि मीटिंग में लेट हुआ था पर राहुल अक्सर इन छोटी मोटी बातों पर गुस्सा नहीं करता था । वो इन बातों को इग्नोर कर देता है। लेकिन ऐसा लग रहा था जैसे कि उसका सारा गुस्सा आज प्रथम पे हो उतर गया ।
फिर राहुल ने श्रुति को वापस अपनी जगह पे जाने का इशारा किया । और फिर राहुल ने प्रथम को अपना प्रेजेंटेशन शुरू करने के लिए कहा । प्रथम अपनी जगह से खड़ा होकर सबके सामने गया और फिर प्रेजेंटेशन देना शुरू किया ।
लेकिन जब प्रथम ने अपना प्रेजेंटेशन देना शुरू किया तब राहुल उसमें से हर एक छोटी छोटी गलती निकलता और उसे डांटना शुरू कर देता । वो उसे ऑफिस के उसके सारे कॉलीग के सामने डांट रहा था । जिससे उसे सबके सामने बहुत बेइज्जत महसूस हो रही थी । अंत में जब प्रथम ने अपना प्रेजेंटेशन खत्म किया तब राहुल ने उसे कहा कल वो इस प्रेजेंटेशन ठीक करके वापस उसके ऑफिस में जमा कर दे ।
आज तो सबके सामने उसकी जितनी बेइज्जती हुई थी उतनी आजतक कभी नहीं हुई थी। उसके प्रेजेंटेशन खत्म होने के बाद वो वापस अपनी जगह पर जाके बैठ गया। उसके बाद बारी बारी सब ने अपनी प्रेजेंटेशन दे दी । लेकिन राहुल ने किसी को भी प्रथम कि तरह नहीं डाटा । उसने तो कई लोगों की तारीफ तक की । हद्द तो तब हो गई जब उसने प्रथम को उसकी एक जूनियर से सीखने की सलाह दी ।
बहुत सारे लोगों को उसकी इस हालत से मन ही मन खुशी हो रही थी। न जाने क्यों आज सब लोगों में खासकर लड़कियों को बहुत ज्यादा खुशी हो रही थी। वो तो मन ही मन यही मना रही थी कि कास बॉस इसे आज थोड़ा और डांटे। हालांकि किसी के भी चेहरे पे भी खुशी दिख नहीं रही थी लेकिन कोई सोच भी नहीं सकता था कि मन ही मन वो कितने खुश है ।
मीटिंग खत्म होने के बाद ये गॉशिप का मेन टॉपिक बन गया था । उस मीटिंग में बहुत सारे एम्पलाइज नहीं थे लेकिन इन गॉसिप्स के चक्कर में ये बात सभी को पता चल गया। प्रथम जहां भी जाता उसके पीछे से धीरे धीरे सारे एम्पलाइज छुप के उस पर हस रहे थे और उसके बारे में ही बात कर रहे थे।
प्रथम को पता था कि सब उसके बारे में ही बात करके हस रहे हैं लेकिन वो अपनी दांत भींचने के अलावा और कुछ नहीं कर पाया । वो चाह के भी किसी को कुछ कर सकता था। उसने मन ही मन खुद से कहा तुमलोगो को तो मैं देख लूंगा।
दूसरी तरफ राहुल ने श्रुति को मैसेज किया । और बताओ अब तुम्हारी इच्छा पूरी हुई या नहीं । श्रुति ने जब अपने केबिन में बैठे हुए इस मैसेज को देखा तो उसके चेहरे पे एक प्यारी सी मुस्कान आ गई । फिर उसने रिप्लाई में कहा बिल्कुल। तुमने तो आज मेरी इच्छा ही पूरी कर दी । मुझे तो ऐसी फीलिंग आ रही थी जैसे मेरे हाथों अलादीन के चिराग का जिन लग गया हो।
राहुल इस मैसेज का कुछ भी रिप्लाई नहीं देता । तो फिर श्रुति ने भी अपना फोन वापस डेस्क पे रखकर अपना काम करने लगी। लेकिन उसी वक्त राहुल अपने केबिन में उसी मैसेज को देख रहा रहा था । और उसके चेहरे पे एक बहुत ही सुकून भरी मुस्कान थी जिसे शायद ही किसी ने कभी देखा होगा ।
पर तभी वो कुछ पुराने खयालों में खो गया जब वो और श्रुति एक साथ कॉलेज में पढ़ते थे। वो दो ओ बहुत अच्छे दोस्त थे । राहुल मन ही मन श्रुति को हमेशा से पसंद करता था और वो उसे प्रोपोज भी करने वाला था लेकिन उसी दिन उसे पता चला कि उससे पहले किसी और ने श्रुति को प्रोपोज किया और उसने उसका प्रपोजल एक्सेप्ट भी कर लिया ।
इसलिए उसने उसे प्रोपोज नहीं किया और फिर कुछ दिनों बाद कॉलेज छोड़ के हमेशा के लिए चला गया। लेकिन किस्मत तो देखो कुछ सालों बाद श्रुति उसके ही कंपनी में आ गई । राहुल ने हर बार उससे दूरी बनाकर ही रखने की कोशिश की ताकि कभी भी उसकी फीलिंग्स के बारे में उसे कभी पता न चले । कुछ टाइम बाद उसे पता चला कि श्रुति के प्रोपोजल एक्सेप्ट करने के कुछ दिन बाद ही उसका ब्रेकअप भी हो गया ।
वो ये नहीं जानता था कि उनका ब्रेकअप क्यों हुआ लेकिन इसके बाद भी राहुल में अब बो हिम्मत ही नहीं थी कि वो उसे प्रोपोज करे क्योंकि अब वो कॉलेज के कोई छोटे बच्चे नहीं थे । अगर उसका प्रपोजल रिजेक्ट हुआ तो उनके दोस्ती और साथ ही साथ उनके काम पे भी असर पड़ेगा। इसलिए वो श्रुति का एक बहुत अच्छा दोस्त बनकर ही खुश था । वो हमेशा उसका पूरा ध्यान रखने की कोशिश करता था।
और जब आज उसने उसकी इच्छा के बारे में सुना तो वो पहले थोड़ा हैरान तो हुआ लेकिन वो जनता था कि जरूर प्रथम ने कुछ ऐसा किया है जिसने उसे बहुत गुस्सा दिलाया है।
नव्या आराम से अपने केबिन में बैठी हुई थीं कि उसे नीरजा का कॉल आया कि अध्या बेहोश हो गई और वो इस वक्त उसे हॉस्पिटल लेके जा रही है। नव्या ये सुनते ही ऑफिस का सारा काम छोड़ के तुरंत हॉस्पिटल के लिए भागती है।
हॉस्पिटल पहुंचने के बाद वो देखती है कि अध्या इस बक्त होश में थी और उसके बगल में नीरजा बैठी हुई थी। और साथ ही में अर्जुन भी डॉक्टर का कोट पहने हुए वहां खड़ा था। अध्या वहां अपनी मम्मा को देख कर एक्साइटेड हो गई और फिर कहा मम्मा मुझे यहां नहीं रहना । मुझे घर जाना है । नव्या ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा बिल्कुल हम घर जाएंगे पर एक बार तुम अच्छे से ठीक हो जाओ ।
अध्या से थोड़ी बाते करने के बाद नव्या वहां से उठ कर अर्जुन के पास गई और उसने पूछा क्या हुआ है अध्या को । अर्जुन ने अपनी आवाज में सीरियसनेस के साथ कहा देखो नव्या अभी मै कुछ भी नहीं कह सकता । मेरी बात मानो अध्या को कुछ दिनों के लिए हॉस्पिटल में ही रहने दो ।
मैं खुद यहां इसका ध्यान रखूंगा । इस बार मैने अध्या का फुल बॉडी चेक उप करवाया है और रिजल्ट्स भी कल तक आ जाएंगे। फिर नव्या ने नीरजा को कहा दो आप घर जाइए मैं कुछ देर तो यहीं रुकूंगी ।
नीरजा उसकी बात मानने में थोड़ा झिझक रही थी लेकिन फिर उसने सोचा कि यहां रह के वो बेकार में ही उसकी मुसीबतें बढ़ाएगी । अगर वो घर जाएगी तो कम से कम घर के काम तो कर ही सकती थी।
नीरजा ने खुद से ही मै तो सोच भी नहीं सकती कि तू ये सब अकेले कैसे मैनेज करती थी । फिर वो अपना पर्स लेके घर चली गई।
नव्या वहीं अध्या के पास बैठी रही । इस वक्त दोपहर के लगभग 12 बज चुके थे। नव्या को ऑफिस से एक इंपॉर्टेंट कॉल आया । इसलिए वो बात करने के लिए थोड़ी दूर चली गई ।और इसी बीच अध्या अपने बेड से उठकर वॉशरूम के लिए बाहर चली गई ।
वॉशरूम से बाहर आने के बाद जब वाॅश वाशिंग पे अपने हाथ धो रही थी तो वहीं एक आदमी भी भी हाथ दो रहा था। ये दोनों बिल्कुल एक जैसे ही अपने हाथ के मूवमेंट्स कर रहे थे। हाथ धोने के तुरंत बाद दोनों ने ही अपने हाथों को अपने बालों में फेरा ।
ये आदमी कोई और नहीं बल्कि आरव था । वो इस वक्त ब्ल्यूटूथ से किसी से बात कर रहा था तभी अध्या ने उसे देख कर कहा तुम मुझे कॉपी कर रहे हो। आरव ने भी उस बच्ची को देखा था पर उसने उससे कुछ भी नहीं कहा था। तब आरव ने कहा अच्छा लेकिन मुझे तो ऐसा लग रहा की तुम मुझे कॉपी कर रही हो ।
पर तभी अध्या ने थोड़ा आगे बढ़ने की कोशिश की लेकिन उस चक्कर में वो जिस स्टूल पे खड़ी थी उसपे से गिरने वाली थी तो आरव ने उसे पकड़ लिया और अपनी गोद में उठा लिया।
फिर उसे वो हॉस्पिटल के कॉरिडोर के तरफ ले गया और उसे एक चेयर पे बैठा के पूछा आप ठीक हो तो बदले ने अध्या ने कहा आप सिंगल हो । आरव के मुंह से व्हाट निकल गया।
उसने कहा ये आप क्या कह रही हो । तो अध्या ने कहा आपकी कोई गर्लफ्रेंड है। अगर नहीं है तो आप मेरे पापा बनोगे । तो आरव ने उसे कहा देखो तुम ऐसे ही किसी को भी अपना पापा नहीं बोल सकती ।
और तभी वहां डॉक्टर अर्जुन आ जाता है।इस वक्त उसने डॉक्टर का कोट पहन रखा था ।उसने कहा अध्या तुम यहां हो । तुम्हारी मम्मा तुम्हारे लिए परेशान हो रही है। तो आरव ने अध्या से पूछा बेटा आप इनको जानते हो। तो अध्या ने अपना सिर हिलाते हुए कहा हां ये तो मेरे प्यारे डोडो है ।
अध्या प्यार से डॉक्टर अर्जुन को कभी कभी डोडो बुलाती थी। जब आरव ने अध्या से सुन की वो उसको जानती थी तो उसने उसे अर्जुन के गोद में दे दिया ।
असल नव्या कॉल कट करने के बाद जब अध्या को वहां नहीं देखती है तो बहुत परेशान हो जाती हैं तो डॉक्टर अर्जुन ने उसे वहीं रुकने बोला और वो खुद अध्या को ढूंढने के लिए चला गया ।
अध्या को अपने गोद में उठा कर डॉक्टर अर्जुन उसकी वार्ड की तरफ जाने लगता है । तभी उसे वहीं नव्या नजर आती है। डॉक्टर अर्जुन तुरंत अध्या को उसकी पास लेके जाते है । नव्या ने थोड़े गुस्से से कहा कहां थी तुम । इससे पहले कि वो कुछ और कहती अध्या कहती है मम्मा इतना गुस्सा करोगी तो तुम्हारे चेहरे पे झुर्रियां आ जाएगी और तुम बुड्ढी दिखने लगोगी।
उसकी इस बात पे नव्या ने कहा ये सब कहां से सिखा है तुमने । तभी वो तुरंत डॉक्टर अर्जुन की तरफ अपना इशारा कर देती हैं। अर्जुन ने तुरंत खुद का बचाव करते हुए कहा अरे मैने तुम्हे ये सब कब सिखाया नन्हीं शैतान।
तो अध्या ने नव्या को मानने के लिए उसके गाल पे तुरंत एक किस्स कर दिया । वहीं दूसरी तरफ आरव जो कि वहां से गुजर रहा था उसने भी इनकी सारी बातें सुनी और उसके आंखों में एक पल के लिए आंसू आ गए। उसने कहा मतलब तुमने शादी कर ली और अब तुम्हारी एक बच्ची भी है । तुम तो बकाई बहुत खुश हो नव्या अपनी जिंदगी में ।
इससे पहले कि नव्या उसे देखती वो तुरंत वहां से चला गया। डॉक्टर अर्जुन अध्या को वैसे ही गोद में उठाके उसके बार्ड में ले गए और उसे बेड पे लेटा दिया ।
मम्मा आपको पता है मैने मिस्टर ब्यूटीफुल से से पूछा कि आप मेरे पापा बनोगे लेकिन तभी वहां डोडो आ गए बरना वो पक्का हां कह देते । नव्या ने उसे समझाते हुए कहा अध्या तुम ऐसे किसी को भी पापा बनने के लिए नहीं पूछ सकती ।
तभी डॉक्टर अर्जुन ने कहा तुम्हे पापा की क्या जरूरत है तुम्हारे पास तुम्हारा डोडो है न । तो अध्या कहती डोडो और डैडी में बहुत फर्क होता है इतना तो मैं भी जानती हूं। और तुम चिंता मत करो तुम मेरे फेवरेट हो हमेशा ही रहोगे । ड
उसने बड़े हीं प्यार से अर्जुन को एक चॉकलेट देते हुए कहा गुस्सा मत अगर मुझे डैडी मिल गए तब भी तुम मेरे फेवरेट ही रहोगे । तो फिर डॉक्टर अर्जुन ने कहा ठीक है फिर प्रॉमिस करो कि तुम डॉक्टर की सब बात मानोगी तो फिर मैं और तुम्हारी मम्मा तुम्हे एम्यूजमेंट पार्क लेके जाएंगे ।
अध्या कहती तो फिर मुझे रोलर कोस्टर राइड पे लेके जाओगे । अर्जुन ने कहा हां बिल्कुल । तो अध्या ने खुशी में उसके गाल पे एक किस्स कर दिया।
नव्या और डॉक्टर अर्जुन अध्या के रूम से बाहर आए। फिर नव्या ने कहा कल मुझे बहुत ही इंपॉर्टेंट मीटिंग में जाना है पर मैं डेफिनेटली रिपोर्टस आने से पहले आ जाऊंगी ।उससे पहले....
अर्जुन ने नव्या की बात को रोकते हुए कहा अध्या को तुम मुझ पर छोड़ दो । नव्या ने स्माइल करते हुए कहा यही कहना चाहती थी मैं। शुक्रिया।
अर्जुन ने उसे अध्या की दी हुई चॉकलेट ऑफर करते हुए कहा चॉकलेट खाओगी।" नहीं मुझे मीठा नहीं पसंद", नव्या ने जवाब दिया ।
आरव अपने रूम में गुस्से में बॉक्सिंग कर रहा था। उसके आंखों के सामने अध्या अर्जुन और नव्या की खट्टी मीठी बाते किसी फिल्म के रिल की तरह चल रही थी।
उस बार बार वही सब याद आ रहा था कि तीनों कैसे आपस में खुशी से बात कर रहे थे ।थक कर उसने अपने बॉक्सिंग ग्लव्स उतर कर बेड पे फेक दिए और पानी पीने लगा।
वो शादी सुधा है और वो भी एक बच्चे के साथ । उसने तो कहा था कि बुरा वक्त चल रहा है काफी अच्छा वक्त चल रहा है इसका तो ।
अगले दिन
नव्या जिम में बॉक्सिंग कर रही थी और श्रुति ने उसके पंचिंग बैग को पकड़ रखा था । श्रुति ने कहा लास्ट टाइम तुम्हे इतना कमजोर मैने हमारी कंपनी ज्वाइन करते बक्त देखा था।
ये सुनते ही नव्या को वो इंटरव्यू का पल याद आ गया जब श्रुति ने उसकी ली थी और नव्या ने लास्ट में कहा था कि मैं प्रेग्नेंट हूं। मैं पूरी कोशिश करूंगी कि मेरी प्रेग्नेंसी काम को बिल्कुल भी अफेक्ट न करे ।
और मैं ये भी जानती कि.. इससे पहले नव्या अपना सेंटेंस पूरा करती श्रुति ने अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा आपका स्वागत है मिस नव्या । नव्या ने उससे हाथ मिलते हुए कहा शुक्रिया ।
Present time
श्रुति ने कहा मै तुम्हारी जिंदगी में दखल अंदाजी नहीं करना चाहती लेकिन शायद इन सालों में तुमने बहुत कुछ झेला है ।नव्या ने बॉक्सिंग रोकते हुए कहा मुझे पता था तुम बहुत पोलाइट थी तुमने पर्सनल कुछ भी नहीं पूछा था।
नव्या ने अपने हाथों से बॉक्सिंग ग्लव्स निकालते हुए कहा क्या तुम जानना चाहती हो कि सालों पहले क्या हुआ था । श्रुति तुरंत कहा हां बिल्कुल ।
दोनों एक साथ लॉबी में जाकर बैठती है तो नव्या उसे पूरी बात बताती है। सारी बात को सुन के श्रुति कहती है ये तो बहुत ड्रामेटिक है टीवी सीरियल से भी ज्यादा ।
ये सुन के नव्या ने कहा कभी -कभी तो लगता है कि कास ये सिर्फ एक ड्रामा होता । श्रुति ने कहा अगर जिंदगी तुम दोनों को दुबारा मौका दे तो । आखिर तुम उसके लिए ही तो ये सब कर रही हो न ।
तो नव्या ने कहा मै उससे कुछ भी नहीं चाहती कुछ भी नहीं ।
कुछ दिन बाद
अध्या एक चेयर पे बैठ के बैठ के सारे बच्चों को खेलते हुए उदासी से देख रही थी। तो अर्जुन ने उसकी मन की फीलिंग्स को समझते हुए कहा - बेटा अभी आप नहीं खेल सकते।
पर कोई बात नहीं जब आप ठीक हो जाओगे तो मैं खुद आपको खेलने के लिए लेके जाऊंगा । अध्या ने नव्या को देखते हुए कहा - मैं पिछले एक हफ्ते से हॉस्पिटल में हूं और अब तो ठीक हूं न । मम्मा....
तो नव्या ने कहा अध्या देखो तुम्हारे डोडो अंकल अभी माना कर रहे है न तो नहीं खेलना है।
वैसे भी अब हम वार्ड में जाएंगे काफी देर से यहां बैठे हुए हैं न। डॉक्टर को अपसेट मत करना ।
अध्या ने गुस्से में कहा तुमलोग मुझे अपने साथ लेके नहीं जा रहे क्योंकि तुम्हे मजे करने हैं।
आरव फिर से हॉस्पिटल आया था शेयर होल्डर्स के साथ किसी इंपॉर्टेंट मीटिंग के कारण और जब वो वापस आ रहा था तो उसने नव्या अर्जुन और अध्या को हॉस्पिटल के बाहर देखा।
तभी उसके असिस्टेंट ने उन्हें देखते हुए कहा वो लोग बहुत क्यूट है न । आरव ने गुस्से में उसे घूर के देखा।
उसने हॉस्पिटल की डायरेक्टर पूनम को फोन किया और कहा मै सोच रहा था कि वो चेक उप करवा ही लूं। थोड़ी देर आरव अर्जुन के केबिन में बैठा था।
अर्जुन ने उसकी रिपोर्ट्स को स्टडी करने के बाद कहा सिर आप प्लीज़ थोड़ा आगे आ जाइए। आरव को पूरी तरह से चेक करने के बाद अर्जुन ने कहा दिखने में तो सब सही लग रहा है।
तो आरव ने कहा लेकिन फिर भी मेरे सिर में दर्द रहता है। तो अर्जुन ने कहा exactly आपके साथ क्या हो रहा है बता सकते हो ।
आरव ने मन ही मन सोचा ये तो की प्रोफेसनल भी नहीं है फिर ये मुझ से कैसे बेटर हो गया । फिर उसने अर्जुन से कहा बस कुछ ठीक नहीं लग रहा क्या बताऊं आपको ।
डायरेक्टर पूनम ने कहा था कि आप यहां के बेस्ट डॉक्टर हो । अर्जुन ने कहा तो क्या मैं आपके लिए 24 हॉर्स का ऑब्जर्वेशन अरेंज करूं।
आरव ने उसका मजाक उड़ाने वाली टोन में कहा न तो तुम मेरा डायग्नोसिस कर प रहे हो और मेरा टाइम भी बेस्ट कर रहे हो। डायरेक्टर पूनम ने कहा था कि आप यहां के बेस्ट डॉक्टर हैं।
तो अर्जुन ने कहा मिस्टर मल्होत्रा मेरे हिसाब आप बिल्कुल फिट एंड फाइन है अगर आपको मेरी बात पे विश्वास नहीं है तो 24 हॉर्स के लिए एडमिट हो सकते हैं। या फिर यहां और भी बहुत सारे अच्छे डॉक्टरस है आप चाहे तो उनसे जाके चेक उप कारबा सकते है।
मैं जनता हूं कि आपका टाइम बहुत कीमती है लेकिन मेरा टाइम भी बहुत कीमती है । बाहर बहुत सारे पेशेंट्स मेरे लिए रुके हैं।
तो आरव ने कहा मुझे कुछ और काम है यहीं खत्म करते हैंऔर ये कह के वो कुर्सी से उठ गया ।
तभी दरवाजे से नव्या अध्या को व्हीलचियर के साथ अर्जुन के केबिन में बोलते हुए आती है - अर्जुन ये आद्य के खिलौने...
उसने इतना ही कहा था कि उसकी नजर वहीं आरव पर पद जाती है।दोनों की नज़रे आपस में मिल जाती है।
तभी अध्या कहती है - Mr. Beautiful
आज के लिए बस इतना ही, मिलते हैं अगले भाग में।
जैसे ही अध्या ने आरव को Mr. Beautiful कह के बुलाया । आरव ने अध्या से कहा है लड़कों को ब्यूटीफुल नहीं बोलते। तभी डॉक्टर अर्जुन अध्या के पास आकर घुटनों पे बैठते हुए बोलते हैं अध्या मैने कितनी बार तुम्हे समझाया है तुम ऐसे किसी को भी निकनेम्स दोगी तो वो लोग गुस्सा हो जाएंगे ।
तो नव्या ने अध्या का सर सहलाते हुए कहा डॉक्टर बिल्कुल सही बोल रहे हैं।तो नव्या ने ठीक है आगे से मै ऐसा कभी नहीं करूंगी ।
ये सब देख के आरव ने कहा तो मेरे चेक उप के लिए आपके पास टाइम नहीं है लेकिन अपनी बेटी के साथ खेलने बैठने के लिए बहुत टाइम है ।
ये सुनते ही डॉक्टर अर्जुन खड़े होते हुए कहता है मिस्टर मल्होत्रा क्या आपको मुझसे कोई पर्सनल प्रॉब्लम है । मुझे लग रहा है आप यहां बे वजह प्रॉब्लम खड़ी कर रहे हो। अगर डायरेक्टर पूनम रिकमंड नहीं करती तो......
आरव ने गुस्से के साथ कहा - "डॉक्टर ये कैसा एटिट्यूड है , क्या इस हॉस्पिटल में सभी के साथ ऐसे ही बर्ताव होता है।
ये सब सुनकर व्हीलचेयर पर बैठी अध्या ने गुस्से से कहा मेरे डोडो को कुछ मत कहो । मैं तुम्हे पसंद नहीं करती । आज के बाद कभी तुम्हे ब्यूटीफुल भी नहीं बोलूंगी ।
अध्या की बात सुनकर आरव गुस्से में वहां से चला जाता है।
आरव के पीछे जाते हुए नव्या ने कहा - " अगर तुम्हें मुझसे कोई प्रोबलेम है तो तुम डायरेक्ट मुझसे बात कर सकते हो ।"
इसमें तुम्हे किसी और को इन्वॉल्व मत करो ।
आरव - किसी और को इन्वॉल्व न करूं... सच में ।
नव्या - अर्जुन एक बहुत अच्छे डॉक्टर हैं । हमारे पास्ट के चक्कर में तुम उन्हें मत घसीटो ।
आरव - सच बताना नव्या क्या पिछले सात सालों में कभी अपने परिवार को एक बार भी याद किया है तुमने ? मुझे लगता था कि तुम मेरे कारण सबसे दूर चली गई। इसके लिए मैं खुद को हर पल कोसता था । पर यहां तो तुमने अपनी अलग ही एक हस्ती खेलती दुनिया बसा ली है ।
क्या तुम्हे अपने परिवार की बिल्कुल भी चिंता है । नहीं बिल्कुल भी नहीं अगर होती तो तुम यहां शादी करके इतना खुश कैसे रह पाती तुम ? तुमने तो इसके बारे में भी अपने परिवार को नहीं बताया होगा । है न।
कुछ कहने को नहीं है न । ठीक है । शायद तुम्हे पता है कि तुम क्या कर रही हो । ये कड़वी बाते कह के आरव वहां से चला गया।
ये सारी बातें सुन के नव्या के आंखों में आंसू आ गए । उसने तुरंत अपनी आंखों से आंसू पोछ कर अपने इमोशंस को कंट्रोल किया । तभी उसका फोन बज उठा ।
उसने फोन उठाया तो श्रुति ने कहा कहां हो तुम । नव्या ने जवाब दिया आ रही बस ।
थोड़ी देर बाद
कई सारी कंपनी के इंपॉर्टेंट लोग एक साथ बैठे हुए थे उनमें से एक ने कहा Grn hospital के बीड लिए आए इसके लिए आपका धन्यवाद। नव्या और श्रुति भी अपनी कंपनी की तरफ से इस मीटिंग में आई थी ।
हमारे हॉस्पिटल के चेयर होल्डर्स में कुछ चेंजेज हुए हैं इसलिए हमारे मेजर शेयर होल्डर जो कि मल्होत्रा कॉर्पोरेशन के सीईओ हैं मिस्टर मल्होत्रा इस बीड का इवैल्यूएशन करेंगे ।
तभी आरव कुछ लोगों के साथ अन्दर आता है सब लोग खड़े हो जाते हैं । फिर वो हेड की चेयर पर बैठते हुए कहता है चलिए शुरू करते हैं। आरव ने एक बार नव्या की तरफ देखा लेकिन फिर ऐसे बिहेव किया जैसे वो उसे नहीं जानता है।
सबसे पहले नव्या ने अपने प्रोजेक्ट मिस्ट का प्रेजेंटेशन दिया ।उसने लास्ट में कहा मिस्ट के बारे में सुनने के लिए या कॉपरेट करने के लिए आपका शुक्रिया । आरव ने कोल्ड एक्सप्रेशन के साथ कहा - क्या बस इतना ही था । ये प्रोजेक्ट मिलियंस का है और तुम्हारे पास बस 15 मिनिट का पीपीटी है ।
नव्या ने जवाब दिया "Mark Zuckerberg तो बस 5 मिनिट लगाते है उनके इन्वेस्टर को कन्वेंस करने के लिए । "तो आरव ने जवाब दिया" लेकिन फेसबुक ने पूरा इंटरनेट चेंज किया ।"
"तो मिस्ट भी पूरे सीएचडी ट्रीटमेंट को चेंज करेगी" नव्या ने जवाब दिया । आरव ने फिर कहा फॉरेन कंपनीज 5 साल से इस पर काम कर रही है फिर भी उन्होंने क्लिनिकल ट्रायल चालू नहीं की है । तुमने कितने साल सोचे है।
सभी लोग इस वक्त नव्या को थोड़ी दया की नजरों से देख रहे थे । लेकिन नव्या ने इस सिचुएशन को बड़ी ही camly हैंडल करते हुए अपने फेस पे एक जेंटल स्माइल लाके कहा ।
मिस्टर मल्होत्रा आपको स्विमिंग आती है ? आरव ने कहा हां बिल्कुल । तो नव्या ने पूछा क्या आप इसमें वर्ल्ड चैंपियन हो ?
"ऑफकोर्स नहीं ", आरव ने जवाब दिया । तो नव्या ने कहा अगर आप वर्ल्ड चैंपियन नहीं हो तो ये सोचते हो कि दूसरे भी नहीं हो सकते । विजन ही फ्यूचर होता है। मिरेकलस तो हर रोज होते हैं। तो फिर वो हम क्यों नहीं जो मिरेकल करें।
आरव ने खड़े होते हुए कहा - तुम काफी अच्छा बोल लेती हो। लेकिन बोलना और एक प्रोजेक्ट के लिए इससे कहीं ज्यादा चीजों की जरूरत होती है। मिस्ट की टेक्नोलॉजी के बारे में तुमने बात की लेकिन बाकी के फैक्टर्स कंसीडर किए है तुमने ।
फोर एग्जांपल ऑपरेटिंग कॉस्ट , ऑपरेटिंग एनवायरनमेंट ,रेट ऑफ एलिमिनेशन , एरर रेट्स । हम यहां स्क्रीनिंग की बात कर रहे हैं। एक बार हमने टेक्नोलॉजी इंप्लांट कर दी तो सारे पेशेंट्स की रिस्पांसिबिलिटी हमे लेनी होगी।
श्रुति ने धीरे से कहा ये पक्का हमे परेशान करने आया है। जो लोग नव्या और श्रुति के कॉम्पिटिटर्स थे वो तो बहुत ही ज्यादा खुश थे। आरव के हर सवाल का जवाब नव्या बखूबी दे रही थी।
लास्ट में नव्या ने कहा मुझे यकीन है कि मिस्ट किसी भी इवैल्यूएशन प्रोग्राम में बहुत अच्छा करेगा । आप इसके बारे में चिंता मत करिए एंड दैट थैंक्यू।
नव्या वापस अपनी जगह पे बैठ गई । दोनों ने छुप के एक दूसरे को ताली दी ।
फिर दूसरी कंपनीज ने भी जाके प्रेजेंटेशन दिया लेकिन आरव ने उनमें से किसी से भी एक सवाल तक नहीं पूछा ।
तो क्या नव्या की कंपनी जीतेगी ये बीड या फिर आ जाएगा कहानी में कोई नया ट्विस्ट । जानने के लिए पढ़ते रहिए काश एक दूजे से मिलते हीं नहीं।
मीटिंग खत्म होने के बाद श्रुति ने नव्या से कहा ये तो तुम दोनों का झगड़ा है वह तुमसे बिल्कुल भी प्यार से बात करने की कोशिश नहीं कर रहा था । तो नव्या ने जवाब दिया मैंने तो तुमसे पहले ही कहा था तुमने ही विश्वास नहीं किया ।
तो श्रुति ने कहा तुमने उसे कब झगड़ा किया तुमने सुने मीटिंग में उसने कैसे सवाल पूछे । उसे सवाल पूछना नहीं झगड़ा करना बोलते हैं । फिर उसने धीरे से पूजा दूसरी कंपनी की एम्पलाई की तरफ इशारा करते हुए कहा उससे तो उसने एक भी सवाल नहीं पूछा । ऐसा क्यों किया उसने ।
तो नव्या ने कहा मुझे पता था कि वह मेरे लिए मुश्किल है खड़ी करेगा । मुझे नहीं लगता कि हमें इसके बारे में सोचना चाहिए ।
उनलोगों ने जो टेक्नोलॉजी के बारे में बताया वो इंप्लीमेंट करना बहुत मुश्किल है। भले ही वो दिनों धीरे आवाज में बात कर रही थी लेकिन पूजा फिर भी उन्हें घूर के देख रही थी।
तभी गेट खुलता है और कुछ स्टाफ अंदर से आते है तो सबका ध्यान उनकी तरफ चला जाता है। वो कहते है सुनिए सब वोटिंग खत्म हो गई कुछ ही दिनों में हम ऑफिशियल नोटिस निकलेंगे ।आने के लिए शुक्रिया ।
उनका सेंटेंस खत्म करने के बाद श्रुति उन्हें गुड बाय बोलते हैं तो वह लोग भी उन्हें जवाब में टेक केयर बोलकर वापस चले जाते हैं। उन लोगों के जाने के बाद पूजा श्रुति पर कमेंट करती है मुझे नहीं लगता कि इतने धक्के खाने के बाद खड़ा रह पाएगा ।
तो नव्या उसकी मजाक उड़ाने वाली आवाज में कहती है पूजा तुम्हें इतना कॉन्फिडेंस आता कहां से है कि तुम ये टेंडर जीत जाओ । फिर नव्या श्रुति की तरफ देखकर बोलती है जिसे कुछ नहीं पता उसे किस बात का डर । है ना।
क्या मजाक है कहकर पूजा वहां से पैर पटकते हुए चली जाती है । उसके जाने के बाद श्रुति और नव्या भी एक साथ चलना शुरू कर देती है लेकिन नव्या श्रुति को देखते हुए कहती है, श्रुति तुम्हें नहीं लगता कि इस बार कुछ गड़बड़ है । तुम्हें नहीं लगता कि पूजा इस बार कुछ ज्यादा ही कॉन्फिडेट है ।
श्रुति ने उसे शांत करते हुए कहा इतना मत सोचो मैं उनकी कंपनी के पीछे कुछ आदमी लगाए हुए हैं। उनके और मल्होत्रा कंपनी के बीच कोई बातचीत नहीं है । "ऐसा है क्या" , नव्या ने कहा ।
श्रुति ने नव्या को कहा 1 मिनट और फिर सामने से आते हुए आरव से के पास जाते हुए बोली हेलो मिस्टर मल्होत्रा मैं श्रुति MKL इंडस्ट्री की जनरल मैनेजर । मुझे आपसे मिलना था । आपको तो याद होगा ही हम उस दिन डिनर पे भी मिले थे।
आरव ने नव्या की तरफ देखते हुए कहा ओ मिलकर अच्छा लगा । क्या आपको हमारा प्रजेंटेशन अच्छा लगा अगर इसमें कोई प्रॉब्लम है तो वह हम खाना खाते हुए डिस्कस कर सकते हैं ।
अरब में श्रुति को मना करते हुए कहा मुझे और भी बहुत सारे काम है । श्रुति ने जवाब दिया जानती हूं मीटिंग में आपको हमारे प्रोजेक्ट मिस्ट के बारे में काफी सारे सवाल थे ।इसलिए मैं सोच रही थी कि खाना खाते हुए मैं आपको सब कुछ डिटेल में बताऊं ताकि आप उस पर सजेशन दे और हम उस पर काम करें ।
मेरे सजेशन काफी प्रेशियस है मैं किसी को भी नहीं देता ।
बिल्कुल मिस्टर मल्होत्रा मुझे पता है आप इन्वेस्टमेंट की दुनिया में टॉप पर हैं । आपका सजेशन बहुत कीमती है आपके तो बस उंगली उठाने से बैंड कंपनी चालू हो सकती है और एक छोटी कंपनी को आप बहुत बड़ी बना सकते हैं ।
उन दोनों की बाते सुन के नव्या को हसी आ रही थी। श्रुति ने आरव की तारीफ करते हुए कहा आपको पता है मै आपकी किस बात से इंप्रेस हूं। आपको तो मेडिकल फील्ड के बारे में भी काफी knowledge है। आप अमेजिंग हैं। आप बहुत ज्यादा प्रोफेशनल है ।
अगर मेरा बस चलता तो आपको जरूर अपना एडवाइजर बनाती । आपका एक शब्द भी मार्केट के एक साल के रिसर्च के बराबर है ।
आरव पहले नव्या की तरफ देखता है फिर श्रुति को देखकर कहता है मिस्ट की टेक्नोलॉजी का तो पता नहीं लेकिन आपलोग काफी अच्छा बोल लेती हैं। मैं बिजी हूं निकलता हूं।
गुड बाय मिस्टर मल्होत्रा । सी यू ।
फिर नव्या पीछे से आके श्रुति के कंधे पे हाथ रख के बोलती है काफी अच्छे से हैंडल किया । तो श्रुति ने भी अपनी सेगी बघारते हुए कहा बिल्कुल तुम्हे तारीफ करनी चाहिए इन जैसे घमंडी लोगों की अगर तुम्हें इन्हें हराना है तो। कुछ सीखो मुझसे । चलो खाना खाने चलते हैं।
फिर उसने अपनी घड़ी की तरफ देखा तो कहा अरे नहीं मुझे कुछ काम था । मुझे जाना पड़ेगा । मैं तुमसे बाद में मिलती हूं बाय बाय ।ये कह के वो नव्या को वहीं छोड़ के भाग जाती है।
नव्या ने श्रुति......
लेकिन तब तक वो जा चुकी थी । उसने अपने साथ ही खड़ी एक एम्पलाइ से कहा क्या चल रहा है। उस लड़की ने इशारे से कहा अगर आपको नहीं पता तो मुझे कैसे पता होगा कि क्या चल रहा है।
आरव को उसका सेक्रेटरी उसके घर के फर्नीचर को दिखा के कह रहा था जैसे अपने कहा था मैने सब चेंज कर दिया । तो आरव ने चारों ओर देखते हुए कहा हां अच्छा है।
फिर उसने पूछा हॉस्पिटल के बीडइंग का क्या हुआ । रिजल्ट निकला ।तो उसके सेक्रेटरी रोहन ने कहा हां सिर निकल गया ।तो आरव ने पूछा रिजल्ट क्या है। तो रोहन ने बताया बिल्कुल वैसे ही जैसे आपने कहा था कि आप उनके डिजाइंस को रिस्पेक्ट करेंगे और आपको कुछ भी बदलने की जरूरत नहीं है ।
तो आरव ने उसे घूरते हुए कहा मैने तो ये भी कहा था कि तुम्हारी सैलरी बहुत ज्यादा है । वो तुम्हे क्यों नहीं याद है ।तो रोहन ने अपना फोन निकलते हुए कहा मैं अभी फोन करता हूं।
तो आरव ने कहा छोड़ दो । सब कुछ प्रोसेस के हिसाब से होने दो ।