मीरा ऐक फेमस एक्ट्रेस ओर सिक्रेट साइंटिस्ट थी लेकिन ऐक दिन मीरा के अपनो ने ही उसकी जान ले ली लेकिन उसका रिबॉर्न ऐक नोवल में हुआ वो भी विलेन कैरेक्टर में जिसमें विलेन की मौत दर्दनाक हुई थी अब देखना यह हे कि मीरा कैसे इस नोवल की दुनिया में अपने आप को... मीरा ऐक फेमस एक्ट्रेस ओर सिक्रेट साइंटिस्ट थी लेकिन ऐक दिन मीरा के अपनो ने ही उसकी जान ले ली लेकिन उसका रिबॉर्न ऐक नोवल में हुआ वो भी विलेन कैरेक्टर में जिसमें विलेन की मौत दर्दनाक हुई थी अब देखना यह हे कि मीरा कैसे इस नोवल की दुनिया में अपने आप को बचाएगी ये सब जानने के लिए मेरी ये नोवल रिबॉर्न ऑब्सेसिव लव पढ़ते रहिए
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ऐक अंधेरे कमरे में ऐक लड़की बेहोशी के हालत में लेटी हुई थी तभी कोई उस कमरे का दरवाजा खोल कर अंदर आता हे ओर लाइट ऑन करते हे वो तीन लोग थे ऐक औरत जो 50 साल की थी उसका चेहरा मेकप से सना हुआ था उसके साथ दो लोग थे ऐक लड़का जिसकी उम्र 25 साल थी देखने में हैंडसम था उसके पास ही ऐक लड़की थी 23 साल देखने में ठीक ठाक थी उसका चेहरा भी मेकप से सना था वो तीनों उस कमरे में बेहोश पड़ी लड़की की तरफ देखते हे हो जो अभी भी बेहोश थी फिर तीनों ऐक दूसरे की तरफ़ देखते हे ओर घटिया स्माइल करते हे वो लड़की उस बेहोश पड़ी लड़की की तरफ जाती हे ओर पास ही पड़ा पानी का जग उठाकर बेहोश पड़ी लड़की पर उड़ेल देती हे पानी गिरते ही वो बेहोश पड़ी लड़की की आंख खुल जाती हे ओर वो उठ कर बैठ जाती है और खांसने लगती हैं और आसपास देखती हे तो हैरान हो जाती हे क्योंकि उसके सामने उसकी मां बहन ओर उसका बॉयफ्रेंड खड़े थे जो घटिया स्माइल करते हुऐ उसे ही देख रहे थे वो लड़की कोई ओर नहीं बल्कि मीरा सेहगल थी जो फेमस एक्ट्रेस ओर सिक्रेट साइंटिस्ट थी मीरा हैरानी से सामने देखते हुऐ मां ,, रितिका,, राज,आ,,, आप तीनों उसकी आवाज निकल ही नहीं रही थी उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसकी मां ओर बहन ओर उसके बॉयफ्रेंड ने उसे यहां क्यू लेके आये हे वो चारों तो होटल में डिनर के लिये गये थे फिर यहां वो आगे कुछ सोचती के उससे पहले उसको जोर की खासी आई उसके मुंह से खून निकल ने लगा वो हैरानी से उन तीनों को देखने लगी वहीं वो तीनों स्माइल करते हुऐ उसे ही देख रहे थे मीरा बहुत मुश्किल से अपने मुंह से शब्द निकाले क,,, कू क्यू वही वो 50साल की औरत मीरा के सवाल पर शैतानी हसी हस्ते हुए क्यू ये कहकर अचानक अपनी आंखों में नफरत भरकर क्योंकि में तुझसे नफरत करती हु मीरा मीरा सवालिया आंखों से अपनी मां को देखने लगी उसकी सवालिया आंखे देख वो औरत मीरा के बाल पकड़ कर उसका सर ऊंचा किया ओर नफरत से बोली तेरे पिता ने मरते समय सारी जायदाज तुम्हारे नाम करदी थी उसे हासिल करने के लिये मैने तुझे अबतक जिंदा रखा था लेकिन तुमने कल ही अपनी सारी जायदाज हमारे नाम करदी ये सुनकर तो मीरा हैरानी से अपनी मां को देखने लगी जो कि उसकी सगी मां भी नहीं थी सौतेली मां थी लेकिन उसने अपनी सौतेली मां को भी अपनी सगी मां माना था फिर मीरा अपनी सौतेली बहन रितिका ओर राज की तरफ देखा जो ऐक दूसरे का हाथ थामे खड़े थे रितिका ने जब मीरा को अपनी तरफ देखता पाया तो शैतानी मुस्कराहट आ गई और उसने राज को अपनी तरफ खींचा और किस करने लगी राज भी उसको किस करने लगा मीरा अपने सामने ही अपने प्यार को किसी ओर के साथ किस करता देख उसकी आंखों में आंसू आ गए उसका दिल हजारों टुकड़ों में टूट गया वो कैसे बर्दाश्त करती जिसे वो दिलों जान से चाहा वो किसी ओर किस कर रहा हे थोड़ी देर में रितिका ओर राज थोड़े अलग हुऐ और गहरी गहरी सांसे लेने लगे वही वो औरत उन दोनों की तरफ देखकर स्माइल करते हुऐ अब तुम दोनों बादमें कंटिन्यू करना लेकिन पहले मीरा की तरफ इशारा करते हुऐ इसे खत्म करते हे ये सुनकर राज ओर रितिका शैतानी मुस्कराहट करते हे ओर मीरा को देखने लगते हे जो पत्थर की तरफ सिर नीचे किए बैठी थी मीरा की आंखे सर्द हो गई थी वो जानती थी की वो अब बच नहीं सकती क्योंकि यहां से अपने लैब जाके इस जहर का इलाज करना सम्भव नहीं था वो ज्यादा देर तक जिंदा नहीं रहेगी क्योंकि उन तीनों ने पहले से ही उसे जहर दे दिया है और उसका असर भी हो चुका हे लेकिन वो ऐसे ही उन तीनों को नहीं जाने देने वाली थी इसलिए जब उसने देखा की उन तीनों का ध्यान उसकी तरफ नहीं हे तो उसने अपनी जिंस की पिछली पॉकेट मे से ऐक छोटा सा बॉक्स निकाला ओर ओपन किया तो उसमें छोटी सी गन थी मीरा ने उन तीनों की तरफ देखा ओर डेविल स्माइल करते हुऐ बोली अब तुम तीनों का खेल खत्म ये कहकर मीरा ने उन तीनों की तरफ अपनी गन पॉइंट कर दी भी वो औरत राज ओर रितिका की आंखे डर से बड़ी हो गई उन्होंने सोचा नहीं था कि मीरा के पास गन होगी वो तीनों कुछ बोलते उससे पहले गन की गोलियां तीनों के सर के आर पार हो गई ओर तीनों की मौत हो गई वही मीरा अपनी सर्द आंखों से उन तीनों की डेडबॉडी देख रही थी तभी उसे जोर से खासी आ गई वो जमीन पर लेट गई ओर अपनी जिंदगी के बारे सोचने लगी और उसकी आंखों में आंसुओं की धारा निकल ने लगी ओर ऐसे ही उसकी आंखे बन्ध हो गई ओर मीरा की मौत हो गई लेकिन क्या यही अंत था या कोई नई शुरुआत?
ऐक हॉस्पिटल में एक लड़की बेड पर लेती हुई थी तभी अचानक उसकी पलके हिलने लगी और कुछ देर में उसने अपनी आंखे खोल दी और बेड पर बैठ गई वो अपने चारों तरफ देखने लगी और फिर खुदसे बोली क्या किसीने मुझे बचा लिया था लेकिन मेरे शरीर में तो वो जहर पूरी तरह से फेल गया था तो में कैसे वो आगे कुछ सोचती उससे पहले डोर ओपन कर नर्स अंदर आई ओर ऐसे उस लड़की को बैठा देख वो लड़की के पास जाके बोली मिस कपूर आप को होश आ गया आप ठीक हे ना रुकिए में अभी डॉक्टर को बुला लाती हु ये कहकर वो बिना उस लड़की की बात सुने बाहर चली गई वहीं नर्स की बात सुन वो लड़की हैरानी से खुदसे ये मुझे मिस कपूर क्यू बुला रही हे मेरा नेम तो मीरा सहगल हे तो फिर हा ये हमारी मीरा ही थी जिसका रिबॉर्न उस लड़की में हुआ था मीरा फिर खुदसे शायद नर्स से गलती हो गई होगी ये कहकर वो बेड से खड़ी होती हे ओर वॉशरूम में चली जाती हे वॉशरूम में जाके वो खुदके मुंह पर पानी की छीटें मारती हे लेकिन तभी उसका ध्यान सामने मिरर पर जाता हे तो वो हैरानी से मिरर में देखने लगती हे मिरर में ऐक 15 साल की लड़की थी वो अपने पीछे देखती हे तो वहां कोई नहीं था वो फिर मिरर में देखती हे ओर अपने हाथ मिरर पर लगा कर वह खुदको देखती हे ओर अपनी आंखे बड़ी बड़ी करके ये मेरा शरीर नहीं हे तभी उसके सर में दर्द होता हे वो अपना सर पकड़ लेती हे ओर उसकी आंखों के सामने इस 15साल की लड़की की सारे यादें चलने लगती हे थोड़ी देर में इस लड़की की यादें मीरा देख लेती हे ओर अपने सर पर से हाथ हटा लेती हे मीरा खुदसे मेरा रिबॉर्न हुआ ओर वो भी नोवल की विलेन में ये सब अभी बोल ही रही थी कि उसको बाहर से नर्स की आवाज आती हे मिस कपूर आप अंदर हे क्या तब मीरा अपने आप हो शांत करती हे ओर वॉशरूम से बहार आ जाती हे तो सामने नर्स, डॉक्टर ओर ऐक बूढ़े व्यक्ति खड़े थे तभी वो बूढ़ा व्यक्ति मीरा के पास आता हे ओर उसके सर पर हाथ रखकर जन्नत बच्चे अब आप कैसी हे क्या आप को कही दर्द तो नहीं हो रहा हे ना मीरा उस बूढ़े व्यक्ति को देखती हे जो इस जन्नत के दादाजी राजीव कपूर थे जो अब उसके भी दादाजी थे अब मीरा को जन्नत कहेंगे जन्नत दादाजी कि तरफ देखकर अपनी प्यारी आवाज में दादाजी में ठीक हु मुझे कही भी दर्द नहीं हो रहा आप मेरी चिंता मत कीजिए जब राजीव जी ने सुना तो चेन की सांस ली और जन्नत को पकड़ कर बेड पर बैठा दिया ओर डॉक्टर की तरफ देखा तो डॉक्टर जल्दी से आगे आया ओर जन्नत का चैकप करने लगा और कुछ सवाल भी पूछा जिसके जवाब में जन्नत ने आराम से जवाब भी दे दिया कुछ समय बाद डॉक्टर ओर नर्स बाहर चले गए अब सिर्फ दादाजी ओर जन्नत ही थे राजीव जी ने जन्नत की तरफ देखा ओर प्यार से जन्नत के सर पर हाथ रखकर बोले जन्नत बच्चे आप आराम करो में डॉक्टर से पूछ के आता हु कि आपका डिस्चार्ज कब होगा नूर ने राजीव जी की तरफ़ देखा ओर अपनी गर्दन हा में हिला दी फिर राजीव जी बहार चले गये जन्नत ने अपनी आंखे बन्द की ओर इस नोवल के बारे में सोचने लगी जिसको उसने ऐक हफ्ते पहले ही पढ़ी थी इस नोवल का नेम ऑब्सेसिव लव था जिसमें मेल लीड अभय राणा ऐक क्रूर ओर सनकी था फीमेल लीड प्रिया से उसकी शादी होने वाली थी जन्नत ऐक विलेन थी जो अभय राणा को पागलों की तरह प्यार करती थी जब उसे पता चला कि अभय राणा की शादी प्रिया से होने वाली हे तब उसने प्रिया की जान लेने के लिये उसका एक्सीडेंट कर दिया लेकिन उससे प्रिया बच गई थी ओर अभय राणा को ये सब बता दिया था तब अभय राणा ने जन्नत को किडनैप कर उसे बहुत टॉर्चर किया ओर अंत में जन्नत को दर्दनाक मौत दी अभय राणा प्रिया से कोई प्यार व्यार नहीं करता था लेकिन प्रिया से उसकी शादी होने वाली थी इसलिए उसने जन्नत को सजा दी ये नोवल पढ़कर मीरा को बहुत गुस्सा आया था उसने उस नोवल की राइटर को काफी गाली भी दी थी लेकिन अब उसका रिबॉर्न इस नोवल में ही हो गया था जन्नत ने फिर खुदसे कहा में इस सनकी अभय राणा से ओर प्रिया से दूर ही रहूंगी और अपनी इस लाइफ में अच्छे से इंजॉय करूंगी ये कहकर उसने अपनी आंखे बंद कर दी कुछ ही देर में जन्नत गहरी नींद में चली गई कपूर फैमिली राजीव कपूर कपूर परिवार के हेड ओर जन्नत के दादाजी उम्र 70 ये बहुत सख्त स्वभाव के हे ये अपनी छोटी पोती जन्नत से बहुत प्यार करते हे इनकी पत्नी की डेथ 10साल पहले ही हो चुकी हे सुरेश कपूर ये जन्नत के पिता उम्र 40 इनका भी स्वभाव अपने डैड जैसा ही हे रागिनी कपूर ये जन्नत की माता उम्र 38 ये सबसे ज्यादा प्यार अपनी बड़ी बेटी रिया से करती हे अयान कपूर ये जन्नत के बड़े भाई उम्र 20 नयन कपूर ये जन्नत के बड़े भाई उम्र 18 रिया कपूर इनको रागिनी कपूर और सुरेश कपूर ने एडॉप्ट किया हे इनकी उम्र 17 जन्नत कपूर उम्र 15 इनके परिवार में कोई भी जन्नत से प्यार नहीं करता सिवाय जन्नत के दादाजी के जबसे रागिनी जी ओर सुरेश जी ने रिया को एडॉप्ट की या हे तबसे जन्नत को तो सब जैसे भूल ही गए हो कि उनकी खुद की बच्ची भी हे जन्नत देखने में अप्सरा से भी ज्यादा खूबसूरत हे गोरी स्किन जिसे कोई जरा सा भी छूले तो लाल हो जाए उसकी गहरी ब्लू ओसियन आइस जो कोई एक बार देखे तो अपनी नजरे भी ना हटा पाए गुलाबी पंखुड़ियों जैसे होठ छोटी सी नोज खूबसूरती की कोई मूरत होती तो वो जन्नत ही होती
इस वक्त जन्नत गहरी सोच में थी वो अपनी आंखे बंद कर नोवल की जन्नत की इस 15साल की ज़िंदगी के बारे मे सोच रही थी नोवल की जन्नत 10साल तक जन्नत के पास सबकुछ था मॉम डैड ओर भाई ओ का प्यार जन्नत ने 10साल तक प्रिंसेस लाइफ जी थी लेकिन फिर सब कुछ बदल गया जब सुरेश कपूर ओर रागिनी कपूर ऐक 12साल की रिया को एडॉप्ट किया वो सब अब जन्नत से ज्यादा रिया का ध्यान रखने लगे सबको यही लगा कि रिया अनाथ हे इसलिए रिया को उनकी ज़्यादा जरूरत हे वो सब रिया को राजकुमारी की तरह रखते उसे हर वक्त ध्यान रखते लेकिन इन सब में वो खुद अपनी बेटी ओर बहन को तो जैसे भूल ही गए ओर धीरे धीरे सब ने जन्नत से बात कर ना भी बंद कर दिया था कि रिया उदास न हो जाए कि वो अपनी खुद की बेटी को ज्यादा प्यार करते हे वो छोटी 10साल की बच्ची अपनी फैमिली को किसी ओर पर प्यार लुटाते हुऐ देखती रहती ओर रोती रहती लेकिन कोई उसपर ध्यान नहीं देता सिवाय राजीव कपूर के जिस जन्नत को देखे बगैर उन सब की सुबह नहीं होती थी वो अब जन्नत घर पर हे भी की नहीं ये तक उन सब को नहीं पता होता था सबके आंखों सिर्फ रिया के प्यार की पट्टी बंधी थी की उन्हें अपनी बेटी ओर बहन के आंसु तक नहीं दिख रहे थे ऐसे ही 2साल बीत गए ओर सब रिया की फिक्र में अपनी खुद की बेटी ओर बहन को भूल ही गए थे जो जन्नत पूरे दिन मुस्कुराती रहती थी अब उसके चेहरे पे उदासी ने जगह ले ली थी वो अपनी सुनी आंखों से अपने फैमिली को देखती जो रिया को प्यार लुटा रहे थे जब जन्नत 12साल की हुई तब अपने सामने विला में राणा फैमिली सिफ्ट हुई तब पहली बार जन्नत ने अभय राणा को देखा था वो उससे अट्रैक्ट हो गई थी वो हर वक्त अभय राणा से बात करने की कोशिश करती लेकिन अभय राणा उसकी तरफ देखता तक नहीं था लेकिन तब भी जन्नत उससे बात करने की कोशिशें करती रहती ऐसे ही 3साल बीत गए ऐक दिन जन्नत ने अभय राणा को प्रपोज कर दिया की वो उसे पसंद करती हे ओर बड़ी होके उससे शादी करना चाहती हे लेकिन अभय ने उसकी बहुत बज्जती की वो उसे देखना भी पसंद नहीं करता ओर उसने जन्नत को धमकी भी दी के आगे से मुझसे बात तक करने की कोशिश मत करना वरना वो उसकी फैमिली को बर्बाद कर देगा और बिना उसकी तरफ देखे वो चला गया जन्नत घर आके अपने रूम में जाके बहुत देर तक रोती रही रात को जन्नत के दादाजी राजीव कपूर जन्नत के रुम में आए क्योंकि जन्नत ने आज डिनर नहीं किया था इसलिए वो उसके रुम में आए लेकिन जन्नत को ऐसा जमीन पर गिरा देख वो उसके पास आए लेकिन उन्होंने जब जन्नत के सर को छुआ तो वो भट्टी की तरह तप रहा था उन्होंने बिना देर किए जन्नत को गोद में उठाकर विला के बहार आ गए ओर कार लेके हॉस्पिटल ले गए रात का समय था इसलिए कपूर परिवार के मेंबर अपने कमरे में थे तीन दिन हो गए थे जन्नत को ऐडमिट हुऐ लेकिन राजीव कपुर के अलावा कोई जन्नत को देखने हस्पताल नहीं आए थे आएंगे भी कैसे उनको तो ये तक नहीं पता था कि 2दिन से उनकी बेटी घर पर नहीं हे ओर राजीव कपूर ने भी जन्नत के बारे में किसीको नहीं बताया था क्योंकि उनको भी पता था अगर वो उनको जन्नत के बारे बताएंगे भी तब भी उन लोगों को कुछ फर्क नहीं पड़ेगा प्रेजेंट टाइम ये सब याद कर जन्नत अपनी आंखे खोलती हे अब सर्द हो गई थी ओर उसमें बेपनाह नफरत थी जो कपूर फैमिली के लिये थी वो अपने आप से कहती हे अब में तुम सब को खून के आंसु नहीं रुलाए तो मेरा नाम भी मीरा उर्फ जन्नत नहीं ओर वो ऐक क्रिपी स्माइल करती हे कोई अगर इस वक्त जन्नत को देखता तो डर के मारे बेहोश ही हो जाता जन्नत इस वक्त बहुत खतरनाक लग रही थी तभी कोई डोर ओपन करता हे जन्नत जल्दी अपने चेहरे के एकफ्रेशन सही करती हे ओर डोर की तरफ देखती हे डोर ओपन कर राजीव कपूर अंदर आते हे ओर जन्नत को अपनी तरफ देखता देख वो उसके पास आते हे ओर उसके सर पर हाथ रख कर प्यार से बोलते हे जन्नत बच्चे चलो तुम्हारा डिस्चार्ज हो गया हे अब हम घर चलते हे जन्नत अपना सर हिला देती हे राजीव कपूर जन्नत को खड़े होने में मदद करते है और हॉस्पिटल से बाहर आकर कार में बैठ जाते हे ड्राइवर कार कपूर विला की तरफ दौड़ा देता हे कुछ ही वक्त में कार कपूर विला के आगे रुकती है राजीव कपूर ओर जन्नत कार से बाहर निकलते हे ओर विला के अंदर चले जाते हे जन्नत आसपास हर चीज ऑब्जव करते हुए विला के अंदर चली जाती हे
कपूर विला राजीव कपूर ओर जन्नत हॉल में आते हे तो सब कपूर फैमिली के सदस्य पहले से ही वहां सोफे पे बैठे होते हे सुरेश कपूर के हाथ में ऐक फाइल थी जो वह देख रहे थे अयान कपूर वहां सिंगल सोफे पर बैठा अपने लैपटॉप पर अपना काम कर रहा था वहीं नयन कपूर ओर रिया कपूर ऐक सोफे पे बैठे अपना मोबाइल फोन चला रहे थे वहीं रागिनी कपूर किचन में थी जन्नत ओर राजीव कपूर को आया देख सब उन दोनों को देखने लगते हे लेकिन जन्नत सबको इग्नोर कर दादाजी की तरफ देखकर दादाजी में अपने रूम में आराम करने जा रही हु राजीव कपूर अपना सिर हिला देते हे जन्नत अपने रुम में चली जाती हे राजीव कपूर भी सबको इग्नोर कर अपने रुम में चले जाते है वहीं अभी तक सब जन्नत को ही देख रहे थे जो सबको इग्नोर करके अपने रुम में चली गई थी वहीं सुरेश कपूर ओर अयान कपूर ओर नयन कपूर के चेहरे पर ऐक बेचैनी सी छाई हुई थी जन्नत का उनको इग्नोर करके चले जाना उनके दिल में दर्द सा उठता हे लेकिन वो अपने दर्द को इग्नोर कर देते हे ओर अपने काम फिरसे करने लगते है वहीं रिया जन्नत को ऐसे जाते देख ऐक पल के लिये शॉक रह जाती हे क्योंकि जन्नत कभी भी ऐसे सबको इग्नोर करके नहीं जाती थी लेकिन फिर वो सोचती हे कि शायद उसकी अभी तबियत ठीक नहीं होगी इसलिए वो चली गई होगी लेकिन जब वो सुरेश कपूर अयान कपूर ओर नयन कपूर के चेहरे पर बेचैनी ओर जिस तरफ जन्नत गई थी वहा देखता देखती हे तो उसके आंखों में गुस्सा आ जाता हे लेकिन वो अपना गुस्सा कंट्रोल करती हे ओर मासूमियत से सुरेश कपूर को देखकर बोलती हे