अरे मैं कह रही हूं न ,,, कि आज मेरी जॉब का पहला दिन है ,,, मेरा बस अप्वाइंट लेटर खो गया है ,,, लेकिन तुम मान ही नहीं रही हो यार । अब बताओ ,,, मै कहां से लाऊं ,,, नया अप्वाइंटमेंट लेटर , इतनी जल्दी । मै कब से कह रही हूं कि एक बार मैनेजमेंट में HR डिप... अरे मैं कह रही हूं न ,,, कि आज मेरी जॉब का पहला दिन है ,,, मेरा बस अप्वाइंट लेटर खो गया है ,,, लेकिन तुम मान ही नहीं रही हो यार । अब बताओ ,,, मै कहां से लाऊं ,,, नया अप्वाइंटमेंट लेटर , इतनी जल्दी । मै कब से कह रही हूं कि एक बार मैनेजमेंट में HR डिपार्टमेंट से कॉल करके पूछ लो सारी कन्फ्यूजन क्लियर हो जाएगी ,,, लेकिन तुम भी जिद्द पकड़ के बैठ गई हो । "अजीब ढीठ इंसान हो तुम भी ,,, मेरी बात तुम्हे समझ क्यों नहीं आ रही । ", एक लड़की ने ये सब बोल के पूरे रिसेप्शन के साथ - साथ ऑफिस को भी सिर पे उठा रखा था। ये कहानी है युविका की जिसके जिंदगी में बहुत सारे राज है और क्या होगा जब वो मिलेगी अयांश कपूर से जिससे वो पहले ही मिल चुकी है लेकिन बस उसका नाम नहीं जानती थी । क्या बनेगी वो अयांश की मोहब्बत या फिर नफरत की वजह ।
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कपूर इंडस्ट्रीज (दिल्ली)
अरे मैं कह रही हूं न, कि आज मेरी जॉब का पहला दिन है, मेरा बस अपॉइंटमेंट लेटर खो गया है, लेकिन तुम मान ही नहीं रही हो यार। अब बताओ, मैं कहां से लाऊं नया अपॉइंटमेंट लेटर इतनी जल्दी। मैं कब से कह रही हूं कि एक बार मैनेजमेंट में HR डिपार्टमेंट से कॉल करके पूछ लो सारी कन्फ्यूजन क्लियर हो जाएगी, लेकिन तुम भी जिद्द पकड़ के बैठ गई हो।
"अजीब ढीठ इंसान हो तुम भी, मेरी बात तुम्हें समझ क्यों नहीं आ रही।" एक लड़की ने ये सब बोल के पूरे रिसेप्शन के साथ-साथ ऑफिस को भी सिर पे उठा रखा था। उस लड़की ने एक सिंपल सी कुर्ती के साथ जींस पहना हुआ था। हाथों में एक घड़ी और कुछ चूड़ियां, लंबे बाल, माथे पे बिंदी, गोरा रंग, गोल चेहरा और दिखने में बहुत ही सुंदर लग रही थी। लेकिन ऐसा लग रहा था जैसे लंबी journey तय करके सीधे ऑफिस ही आ धमकी थी, वो भी अपने लगेज साथ, इसलिए ऑफिस के सब लोग उसे अजीब नजरों से देख रहे थे।
लेकिन सब के उन अजीब नजरों का उस लड़की पे कोई असर नहीं हो रहा था। वो बस अपनी बात पे अड़ी हुई थी, अकेले सब को परेशान करके रख दिया था उसने।
वहां की लड़कियां जो किसी पार्टी में जाने की तरह सज-धज के आई थी, शॉर्ट ड्रेस के साथ हिल्स और चेहरे पे भर-भर के मेकअप और ऊपर से एट्टियूड कूट-कूट के भरा हुआ था। वे तो उस लड़की को घिन भरी नजरों से देख रही थीं।
एक लड़की ने उसके पास आते हुए कहा, "ओह हेलो मिस ग़बार, ये तुम्हारा कोई गांव की डाउनमार्केट जगह नहीं है, जो तुम अपना झोला उठा के चली आई हो। अभी भी कह रही हूं, निकलो यहां से बरना गार्ड्स से कह के धक्के मार के निकलवा दूंगी।
उस लड़की ने अपनी भौंहें उठाते हुए कहा - "ओय दो फुटिये हाइट वाली लड़की खुद कौन सी बड़ी अप मार्केट हो तुम, पहली बात तो मुझसे तमीज से बात करना क्योंकि बतमीजी मुझे पसंद नहीं। और दूसरी बात कोई हाथ तो लगा के दिखाए, अगर मैने उसका हाथ न तोड़ दिया, तो मेरा नाम भी युविका नहीं।"
उसकी ये बात सुन के सब उस लड़की (युविका) को हैरानी से देख रहे थे कि इसे किसी बात का डर नहीं लग रहा था। युविका की बात सुन के उस लड़की को बहुत गुस्सा आता है, वे अपने दांत पिस्ते हुए आगे बढ़ती है कि तभी उसके साइड में ही खड़ा लड़का कहता है, जिया ये सब क्या कर रही हो, अगर बॉस ने ये सब देख लिए तो इस लड़की का तो कुछ नहीं होगा, लेकिन हमलोगों का बैंड बज जाएगा। ये सुन के वो लड़की जिया चुप गई।
हेलो देखो बहन जी, बिना अपॉइंटमेंट लेटर के तुम्हें यहां जॉब नहीं मिल सकती, "समझी"। और वैसे तुम्हें देख के लगता नहीं, "तुम्हारे अंदर इस कंपनी में काम करने के लिए कोई भी टैलेंट होगा", जिया ने नाक चढ़ाते हुए कहा।
युविका - तेरी तो मैं .... लेकिन तभी उसका फोन बजा तो उसके चेहरे पे थोड़ी परेशानी आ गई। वो इन लोगों से लड़ के अपना टाइम वेस्ट नहीं करना चाहती थी, वैसे भी वो समझ चुकी थी कि ये लोग उसकी कोई हेल्प नहीं करने वाले, उल्टा सिर्फ उसका मजाक ही बनाएंगे।
ये लोग चाहते तो युविका की मदद कर सकते थे, लेकिन वे कहते हैं न कि कुछ लोगों कि आदत होती है अपने से नीचे लोगों का मजाक उड़ाना या फिर उनकी खिल्ली करना लेकिन चाहे कुछ भी हो जाए उनकी मदद नहीं करते।
बाहर जाके युविका फोन उठाती है तो दूसरी तरफ कुछ कहा जाता है - वो बस कहती है, "ठीक है, अब मैं रखती हूं।" ये कहकर वो गुस्से में कंपनी से बाहर चलती जा रही थी, की तभी एक कार से उसकी टक्कर हो जाती है, और वो जमीन पे गिर जाती है।
ड्राइवर तुरंत अपनी गाड़ी को रोककर बाहर आया - "मैम आप ठीक तो हैं", ड्राइवर ने युविका को नीचे से उठाते हुए कहा। युविका जिसे ज्यादा चोट नहीं आई थी लेकिन गिरने के कारण हाथ और पैर थोड़े छिल गए थे।
सॉरी सॉरी मैम, आपको लगी तो नहीं ड्राइवर ने चिंता जताते हुए पूछा। अरे भैया गलती आपकी नहीं, गलती तो मेरी है जो मैं यहां आ गई, युविका ने खड़े होते हुए कहा। अपने हाथों पे लगे चोट को थोड़ी फूंक मार रही थी, उसके आंखों से आंसू भी बह गए थे।
मैम आपको तो चोट लग गई है, चलिए मैं आपको डॉक्टर के पास लेके चलता हूं, ड्राइवर ने फिर चिंता जताते हुए कहा। अरे नहीं ... नहीं... भैया मेरी ही गलती थी मैने ही ध्यान नहीं दिया था। आपने पूछ लिया यही बहुत है बरना कुछ लोग तो मुसीबत में उनपे हंसना जानते हैं या फिर उनकी मुसीबतें बढ़ाते हैं। युविका ने अपने दुपट्टे से अपनी चोट को साफ करते हुए थोड़ा उदास होकर कहा।
आप ऐसा क्यों कह रही हैं मैम, एनी प्रॉब्लम। क्या आप इस कंपनी में काम करती हैं, ड्राइवर ने चिंता जताते हुए पूछा। प्रॉब्लम, मेरी लाइफ में तो सिर्फ प्रोबलेम ही प्रोबलेम है। क्या बताऊं अब भैया आपको। मैं दूसरे शहर से अपना घर छोड़ के इस कंपनी में काम करने आई, इस जॉब के भरोसे। लेकिन मेरी फूटी किस्मत तो देखिए, मेरा ज्वाइनिंग लेटर ही खो गया मुझसे।
युविका रोते सुबकते हुए अपना दुखड़ा सुना रही थी। रोने की वजह से इस वक्त उसका चेहरे थोड़ा लाल हो गया था लेकिन उसकी सुंदरता में कोई कमी नहीं आई थी। बहुत प्यारी लग रही थी। अब आप ही बताओ भाई साहब, ऐसे हादसे तो किसी के साथ भी हो सकते हैं न, अब मैने जान बुझ के तो नहीं किया न।
लेकिन ये कंपनी वाले मेरी एक नहीं सुन रहे हैं, ऐसा कैसे कर सकते हैं। सब के सब एक नंबर के बेवकूफ हैं। अगर एक बार HR डिपार्टमेंट में बात कर लेते इन्हें मेरा अपॉइंटमेंट लेटर फिर से मिल जाता और ज्वाइनिंग की डिटेल्स भी मिल जाती। मैने कितनी बार कहा लेकिन इन कमबख्तों ने मेरी एक नहीं सुनी।
उल्टा ये लोग मुझ पे हस रहे थे, मेरी ड्रेसिंग सेंस पे हस रहे थे, खुद तो क्लब में जाने वाले कपड़े ऑफिस में पहन रखे थे और मुझे गबार बोल रही थी। युविका ने मुंह बनाते हुए कहा - अरे अपने शहर के कॉलेज में हमेशा टॉप करती थी मैं, तभी तो इतनी बड़ी कंपनी से ऑफर आया था मुझे जॉब के लिए।
लेकिन अब क्या करूं, कहां जाऊं, कुछ समझ नहीं आ रहा, मैं तो इस शहर में पहली बार आई हूं। मैम डोंट वरी सब ठीक हो जाएगा, ड्राइवर ने समझाते हुए कहा।
तभी कार से एक लड़का बाहर आता है जो काफी देर से अंदर बैठे-बैठे परेशान हो चुका था।
आज के लिए बस इतना ही पढ़ के अच्छे -अच्छे समीक्षा देना न भूले।
पिछले अध्याय में आपने देखा कि युविका अपनी नौकरी के पहले दिन कपूर इंडस्ट्रीज (दिल्ली) के रिसेप्शन पर पहुँचती है, जहाँ उसका अपॉइंटमेंट लेटर खो जाता है। वह प्रबंधन से HR डिपार्टमेंट से संपर्क करने का आग्रह करती है, लेकिन रिसेप्शन पर मौजूद कर्मचारी और अन्य महिलाएँ उसका मज़ाक उड़ाती हैं और उसे अपमानित करती हैं। वे उसकी ड्रेसिंग सेंस पर भी सवाल उठाते हैं। निराश होकर, युविका कंपनी से बाहर निकलती है और एक कार से टकरा जाती है। ड्राइवर उसकी मदद करता है और वह अपनी आपबीती सुनाती है, जिसमें वह अपनी नौकरी खोने और शहर में अकेली होने पर निराशा व्यक्त करती है।
अब आगे
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एक लड़का कार से बाहर आता है जो कार में बैठ कर बोर हो गया था कहता है ,मै कब से अंदर बैठ के इंतेज़ार कर रहा था कि कार अब चलेगी ,,, अब चलेगी ,,, लेकिन तुम तो यहां गपे मार रहे हो । उधर मेरा गेम भी ओवर हो गया लेकिन तुम दोनों की बाते ही खत्म नहीं हो रही । जीउस लड़के ने उन दोनों के पास आते हुए कहा । अभी भी गाड़ी से एक आदमी इन सब को देख रहा था लेकिन वो बाहर नहीं आया ।
जैसे ही उस लड़के की नजर युविका के रोते हुए चेहरे पे गई । उसने तुरंत युविका को देखते हुए कहा - हे ब्यूटी आप रो क्यों रही हो। यू नो रोते हुए ब्यूटीफुल लड़कियां अच्छी नहीं लगती हैं। क्या इसने (ड्राइवर की तरफ इशारा करते हुए कहा ) आपको रुलाया । मै अभी इसकी खबर लेता हूं ।
युविका - ये क्या कह रहे हैं आप ,,,ये मुझे क्यों रुलाएंगे बल्कि ये तो कितने अच्छे हैं जितने देर से खड़े होकर,,, मेरी आप बीती सुन रहे हैं । किसी को अपना दुखड़ा सुना के मेरा अब मेरा मन थोड़ा हल्का हुआ है। वैसे भी रुलाया तो मुझे इस कंपनी के मालिक ने है , युविका ने मुंह बनाते हुए कहा ।
कंपनी के मालिक सुन वो दोनों ही एक दूसरे की तरफ कन्फ्यूजन से देखने लगे। ऐसा क्या कर दिया उस कंपनी के मालिक ने मिस ब्यूटी , उस लड़के ने पूछा । क्या नहीं किया वो पूछो ,,, उस कंपनी के मालिक ने वहां ऐसे - ऐसे नमूनों को रखा है जिसे किसी की कोई कदर नहीं ।
"यहां के लोग खुद को गबार और दूसरों को इंस्टीन समझते हैं। " मेरा तो मन करता है इन सब का मुंह तोड़ दूं । किसी की मुसीबतों को कम करने की बजाय और बढ़ा देते हैं। जब कंपनी के लोग ऐसे हैं,,,तो न जाने कंपनी का मालिक कैसा होगा ।
जॉब के लिए आई थी,,, घर से दूर,,, माना कि लेटर खो गया लेकिन क्या ये लोग एक बार मेरी बात भी नहीं सुन सकते थे।
उल्टा बात सुने बगैर ही इन लोगों ने मुझे घर से निकाल दिया ।
ओह नो ये तो सच में ट्रेजेडी हो गई आपके साथ , उस लड़के ने अफसोस जताते हुए कहा । लेकिन एक बात तो सही कही आपने इस कंपनी का बॉस सच में एक नंबर का खडूस इंसान है। यहां के लोग तो बस उसे देखकर ही डर से कांपने लगते हैं।
इतने डरावने दिखते हैं क्या , युविका ने पूछा । तो उस लड़के ने कहा,,, नहीं दिखते तो हैंडसम ही है लेकिन अंदर से पूरा राक्षस है । सच बताऊं तो आप इतने खडूस बॉस से बच गई , उस लड़के ने कार की तरफ देखते हुए कहा। उसकी बात सुन के ड्राइवर ने कहा - सर ये क्या कह रहे हैं आप ।
ओह तुम चुप करो यार , पता भी है तुम्हे काम करा - करा के,,, उस जल्लाद ने मेरा जीना हराम कर दिया है।
वो ड्राइवर भी उस लड़के बात पर अपनी मुंडी हिलाने लगा जैसे कह रहा हो ये नहीं सुधरेंगे । वो लड़का भी अपने बॉस के तारीफों के पुल बंधे जा रहा था । पता नहीं मैं कैसे बचूंगा इससे ,उस लड़के ने एक लंबी सांस लेते हुए कहा ।लेकिन बॉस है उनको तो कुछ कह भी नहीं सकते ।
गुस्से का घुट पीके रह जाता हूं। मुझे तुमसे हमदर्दी है , युविका ने उसके कंधे को थपथपाते हुए कहा । लेकिन आप एक काम कर सकते हैं। तो उस लड़के ने पूछा क्या ? आप अपने बॉस को जी भर के गाली दे सकते हैं मन में । आपका गुस्सा भी शांत हो जाएगा और किसी को पता भी नहीं चलेगा ।
इतनी देर में युविका अपना दुख भूल के सामने खड़े इंसान को एडवाइस देने लगी । और वो कैसे , उस लड़के ने पूछा । जैसे जब बारिश हो और मेरे बॉस को कहीं जाने की जरूरत हो तो उनके छाते में छेद हो जाए और बो भीग जाए । भगवान करे जब वो खाना खाए तो उन्हें जोर की मिर्ची लगे और जैसे भी वो ग्लास उठाए वो भी गिर के टूट जाए ।
घर में पोछा लगे और वो फिसल कर गिर जाए और उसकी दो चार हड्डी टूट जाए । भगवान करे वो नहाने जाए,,, उसके आंखों में साबुन लगा हो और टंकी में पानी खत्म हो जाए । युविका एक - एक ताने और गालियां नॉन स्टॉप सुनाए जा रही थी। वो लड़का और वो ड्राइवर आंखे फाड़े देख रहे थे । जैसे कि वो लड़की अपना सारा गुस्सा और फ्रस्ट्रेशन अपने बॉस को गालियां देके निकाल रही हो ।
हाय इसकी गालियां भी इसी की तरह कट और फनी है,ये कह के वो लड़का जोर जोर से हंसने लगता है। ड्राइवर को भी युविका की बात सुन के हसी आ रही थी लेकिन वो अपने मालिक पे हंसना नहीं चाहता था।
अरे मैने कोई जोक मारा क्या जो आप ऐसे हंस रहे हैं,,,, अरे नहीं ...नहीं... अपने कोई जोक नहीं मारा । मै तो बस अपने बॉस को उन सिचुएशंस में इमैजिन करके हस रहा था।
ये कह के वो और जोर - जोर से हंसने लगा । उसकी इस बात से युविका के चेहरे पे भी स्माइल आ जाती है।
आज के लिए बस इतना ही मिलते है अगले भाग में । तब तक के लिए गुड बाय एंड टेक केयर ।
पिछले अध्याय में आपने देखा कि एक लड़का कार से बाहर आता है और युविका को रोते हुए देखकर पूछता है कि क्या हुआ। युविका कंपनी के मालिक और वहाँ के लोगों के व्यवहार के बारे में बताती है, जो उसकी मदद करने के बजाय उसका मज़ाक उड़ाते हैं। लड़का भी उस कंपनी के बॉस के बारे में बुराई करता है। युविका अपने बॉस को मन ही मन गाली देने के तरीके बताती है। वह अपने बॉस के लिए कई मज़ेदार कल्पनाएँ करती है, जिससे लड़के को हँसी आती है और वह और उसके ड्राइवर को देखकर मुस्कुराते हैं।
अब आगे
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कपूर इंडस्ट्रीज
कपूर इंडस्ट्रीज इंडिया के टॉप बिज़नेस कंपनीज में से एक या फिर सबसे पावरफुल कंपनी कहना भी गलत नहीं होगा। जैसे ही ड्राइवर गाड़ी पार्क करता है, वही लड़का फिर बाहर निकलता है, जिसने युविका से थोड़ी देर पहले काफी बातें की थी।
निकलने के बाद उसने तुरंत दूसरी तरफ का दरवाज़ा खोला जिससे कूपर इंडस्ट्रीज का द ग्रेट आयांश कपूर बाहर निकलता है। थ्री पीस सूट के साथ, हल्का गोरा रंग, जेल से सेट हेयर्स, गले में टाई, वेल मेंटेंड बॉडी के साथ चेहरे पे नो इमोशंस।
तो चलिए अयांश कपूर के बारे में थोड़ा जान लेते हैं, उम्र -26 साल, अयांश कपूर का सिक्का सिर्फ बिजनेस वर्ल्ड में ही नहीं, बल्कि अंडरवर्ल्ड में भी उसका दबदबा था। माफिया वर्ल्ड में ARS के नाम से जाना जाता है। ARS का नाम ही किसी को खौफ दिलाने के लिए काफी था।
अब वापस चलते है कहानी पे, अयांश बिना किसी इमोशंस के साथ अन्दर जाने लगा। जैसे ही ऑफिस के एम्प्लॉयज को उसके आने की खबर मिली सब जल्दी - जल्दी अपने काम में लग गए। क्योंकि अयांश को काम नहीं करने वाले लोग बिल्कुल पसंद नहीं है।
अयांश अपने प्राइवेट लिफ्ट से सीधे अपने केबिन में चला जाता है। वो लड़का जिसने युविका से बात की थी वो भी अयांश के पीछे - पीछे चला जाता है। केबिन में पहुंचने के बाद अयांश उस लड़के से कहता है - करण तुम्हे नहीं लगता कि इस वक्त तुम्हे अपनी कंपनी में होना चाहिए।
करण (हँसते हुए) - लेकिन ऐसा क्यों।
अयांश (थोड़ा चिढ़ के) - क्योंकि मुझे काम करना है।
करण - तो करो न मैने कौन सा तुम्हारा हाथ पकड़ा हुआ है।
तभी अयांश का असिस्टेंट केबिन का डोर ओपन करके अंदर आता है - इसका नाम वेद था। वेद ने अंदर आते हुए कहा - सर फॉरेन के क्लाइंट्स एंट्रेंस पे आ गए हैं। करण कहता है - ठीक है चलो हमलोग आते हैं।
करण सिंघानिया अयांश का बेस्ट फ्रेंड और सिंघानिया ग्रुप का सीईओ था। सिंघानिया ग्रुप भी काफी बड़ी कंपनी थी लेकिन करण लगभग हर टाइम अयांश से चिपका रहता था। वैसे तो करण हमेशा अयांश से साथ रहता था लेकिन वो उसके जैसा खडूस बिल्कुल नहीं था वो बहुत ही मजाकिया था।
करण और वेद ऑफिस के नीचे वाले फ्लोर पर फॉरेन क्लाइंट्स को रिसीव करने आते हैं लेकिन तभी फिर अलार्म बजने लगता है और पूरे फ्लोर पे स्प्रिलर्स चालू हो जाते है। और पानी की बारिश हो जाती है। इस वक्त आयांश भी वहां आ चुका था। पानी की बारिश से सब पूरी तरफ भीग चुके थे। अयांश के इमोशनलेस चेहरे पे साफ गुस्सा नज़र आ रहा था।
आयांश (गुस्से में) - क्या ड्रामा है, ये बंद करो ये सब। और किसकी हरकत है ये, पता करो।
थोड़ी देर में ही वेद ने तुरंत सब कुछ साफ कराया और फिर उसने अयांश को रिपोर्ट किया कि सर गलती से किसी ने ऑफिस के मंदिर के दिए को जला दिया इसलिए फायर अलार्म बज गया और ये सब हो गया।
अयांश - उस इडियट को फायर करो अभी के अभी। Got it
अयांश और कारण ने बड़ी मुश्किल से फॉरेन क्लाइंट्स को एक बार प्रेजेंटेशन को देखने लिए मनाया था।
थोड़ी देर बाद मीटिंग में
कॉन्फ़्रेंस रूम में हल्की रोशनी थी। दीवार पर लगा प्रोजेक्टर चालू होते ही स्क्रीन चमक उठी।
शनाया आत्मविश्वास से खड़ी थी — इस प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन उसी ने तैयार किया था, और सारे क्लाइंट्स उसकी तरफ़ देख रहे थे। उसने मुस्कुराते हुए कहा,
“गुड मॉर्निंग एवरीवन, लेट्स बिगिन विथ द प्रेज़ेंटेशन।”
उसने लैपटॉप पर Enter दबाया।
पर जैसे ही वीडियो चला, कमरा सन्न हो गया।
स्क्रीन पर चल रहा था — “लाल टमाटर बड़े मज़ेदार, आहा टमाटर बड़े मज़ेदार…”
और उस गाने के साथ… वही क्लाइंट्स किसी क्लब में कुछ लड़कियों के साथ नाचते हुए नज़र आ रहे थे!
शनाया के चेहरे का रंग उड़ गया।
उसके हाथ काँपने लगे। उसने घबराकर लैपटॉप बंद करने की कोशिश की — पर सिस्टम जैसे जाम हो गया था।
“नहीं… ये क्या—” वो बस इतना ही बोल पाई थी कि करण ने तुरंत उठकर प्रोजेक्टर का स्विच ऑफ़ कर दिया।
कमरे में खामोशी छा गई।
सबकी निगाहें शनाया पर थीं।
अयांश के जबड़े भींचे हुए थे, आंखों में गुस्से की लाल चमक थी।
वो कुछ कहने ही वाला था कि एक फ़ॉरेन क्लाइंट ने खड़े होकर ठंडे लहजे में कहा —
“Mr. Kapoor and Mr. Singhania… we didn’t expect this kind of disrespectful act from you .” The deal is over now .
ये कह के क्लाइंट्स गुस्से में वहां से चले गए
शनाया की सांसें भारी हो गईं। करण ने धीरे से कहा,
“अब भगवान ही बचाए इस शनाया को… डेविल से।”
अयांश ने गुस्से में शनाया को कहा - you are fired . Get lost from here , now ?
ये सुनते ही शनाया के आंखों से आंसू गिरने लगे। उसने रोते हुए कहा - सर नो सर प्लीज। पता नहीं ये सब कैसे हो गया। मैने सब सही ही बनाया था। मेरी की गलती नहीं है।
अयनांश ने गुस्से में जवाब दिया - तुम्हारी गलती नहीं है तो क्या, मेरी गलती है इसमें।
इससे पहले कि आयांश उस लड़की पे और गुस्सा होता कारण ने उस लड़की को कहा - जाओ अभी तुम यहां से। करण अच्छे से जनता था कि अयांश को बात - बात पे रोने सुबकने बाली लड़कियां बिल्कुल भी पसंद इसलिए वो नहीं चाहता था कि ये लड़की और जायदा डांट सुने।
वो लड़की रोते हुए ही कॉन्फ्रेंस रूम से बाहर चली जाती है।
अयांश ने गुस्से में, god damn it... ये कहकर गुस्से में अपना हाथ टेबल पे पटक दिया।
फिर उसने वेद को ऑर्डर देते हुए कहा - पता करो किसने किया है ये। पहले फायर अलार्म और अब ये प्रेजेंटेशन के साथ छेड़खानी।
मुझे अगले पंद्रह मिनट में वो इंसान अपने आंखों के सामने चाहिए जिसने भी ये सब किया है।
I will make sure that he would pay for it .
करण भी समझ गया था कि ये सब किसी की सोची समझी चाल थी ताकि क्लाइंट्स नाराज़ हो जाए और डील कैंसिल हो जाए।
तभी अयांश के फोन में एक मैसेज आता है जिसे देखकर सबकी आंखे फटी रह जाती है
आज के लिए बस इतना ही, पढ़ कर समीक्षा देना न भूले ।
पिछले अध्याय में आपने देखा कि अयांश कपूर, कपूर इंडस्ट्रीज का मालिक, एक गंभीर और शक्तिशाली व्यक्ति है। वे अंडरवर्ल्ड में भी जाना जाता है। फायर अलार्म वाले दुर्घटना के बाद, अयांश और करण, उसका सबसे अच्छा दोस्त, एक प्रेजेंटेशन में गड़बड़ी का सामना करते हैं। एक विदेशी क्लाइंट सौदे को रद्द कर देता है और अयांश शनाया को नौकरी से निकाल देता है। अयांश, जो गुस्से में है, वेद को इस सब के पीछे के व्यक्ति को खोजने का आदेश देता है और तभी अयांश के फोन पे किसी अननोन नंबर से मैसेज आता है।
Now Next
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ये मैसेज पढ़ते ही अयांश और करण दोनों के ही होश उड़ जाते हैं। उसमें लिखा था तुम्हारे केबिन में टेबल के राइट ड्रॉर में बॉम्ब रखा है। दोनों ये मैसेज पढ़ते ही सीधे अयांश के केबिन की तरफ भागते हैं लेकिन जैसे ही वो टेबल के राइट ड्रॉर को खोलते है तो उन्हें उसमें एक पेपर के इलावा और कुछ नजर नहीं आता है।
अयांश और करण एक दूसरे को एक पल के लिए देखते हैं फिर उस पेपर को खोलते हैं तो उसमें लिखा था ।
ह...ह.. ह... मजा आया अयांश कपूर। इस बार बॉम्ब नहीं था लेकिन अगली बार हो सकता है। खैर छोड़ो। मेरी तुमसे कोई दुश्मनी तो है नहीं । इसलिए बस वार्निंग देके छोड़ रही हूं। मेरा सिर्फ एक ही उसूल है मौत के बदले मौत और खून के बदले खून। इसलिए प्रोजेक्ट के बदले प्रोजेक्ट। इसलिए अपने प्यारे दुलारे एम्प्लॉयज को समझा दो कि अगली बार हमसे किसी प्रोजेक्ट को छीनने के लिए न टेढ़ा रास्ता न अपनाए। बरना ..... उनके किए की सजा तुम्हे भुगतनी पड़ेगी और इस बार तो सिर्फ ट्रेलर था। वैसे मैने सोचा नहीं था कि अयांश कपूर के ऑफिस में दिनदहाड़े घुस के इतनी आसानी से निकल जाऊंगी। कैमरा मत चेक करना क्योंकि कोई फायदा नहीं है।
आई हॉप की तुम्हे हमारे इंतेज़ाम पसंद आए होंगे। और अगर ढूंढ सको तो ढूंढ लो .....
अयांश ने गुस्से में इस लेटर को मरोड़ कर फेक दिया। उसने गुस्से में कहा - damn it.
मेरे ऑफिस के अंदर आके कोई ये लेटर रख के चला जाता है और तुमलोगो को पता भी नहीं चलता है। कल को कोई सच में बॉम्ब लगा के भी चल जाएगा तो भी तुमलोगो को पता नहीं चलेगा। वेद ने अपना सिर नीचे झुका लिया और कहा - सर मै अभी सीसीटीवी चेक करता हूं। अयांश ने गुस्से में कहा कोई फायदा नहीं है।
करण तो मन ही मन उसकी तारीफ कर रहा था जिसने भी ये किया था। उसे ये बेखौफ अंदाज काफी पसंद आया। जो भी हो हिम्मत तो बहुत है इसमें।
वहीं दूसरी तरफ युविका अपना सामान लेके एक मंदिर के आगे बैठी हुई थी। तभी पीछे से किसी ने उसके कंधे पे हाथ रखा। वो जैसे ही पीछे मुड़ी उसके पीछे उसकी बेस्टफ्रेंड स्वरा खड़ी थी। युविका के पीछे मुड़ते ही स्वरा ने तुरंत उसे गले लगा लिया।
अरे बाह मेरी छमक छल्लों क्या एक्टिंग की है तूने आज कपूर इंडस्ट्रीज में अपना अपॉइंटमेंट लेटर खोने की। आग लगा दी तूने तो आज। एक पल को मुझे शक हो गया था कि ये तू थी भी कि नहीं। तू गलत लाइन में आ गई यार, तुझे तो एक्टर होना चाहिए था। बाई गॉड तूझे पक्का बेस्ट एक्टर के लिए अवॉर्ड मिलता मेरी जान।
"अच्छा बस हो गया, घर चले अब" युविका ने शांती से जवाब दिया। इस वक्त ये युविका आज सुबह जब वो ऑफिस में झगड़ा कर रही थी उससे काफी अलग लग रही थी। जहां उसमें चेहरे पे मासूमियत नजर आ रही थी तो अभी उसके चेहरे पे कोई मासूमियत नजर नहीं आ रही थी बल्कि ये बहुत ही कोल्ड लग रही थी।
स्वरा ने उसका सूटकेस पकड़ा फिर कहा - अच्छा ये बता तूने अयांश कपूर को ऑफिस आने से कैसे रोका ? मै तो बस पकड़ाते - पकड़ाते बची। स्वरा का ये सवाल पूछ युविका ने कहा - "बस मत पूछ"। तेरे इस प्लानिंग के चक्कर में मुझे क्या - क्या करना पड़ा है। ये कह के उसे सारी बातें याद आने लगी कि कैसे उसने स्वरा को थोड़ा और टाइम देने के ड्राइवर और फिर उस लड़के को बात में उलझाया।
स्वरा - अच्छा वैसे मैने सुना अयांश कपूर बहुत हैंडसम है, तू उससे मिली क्या ?
युविका ने गुस्से में उसे देखा फिर बोली नहीं .... और मुझे उससे मिलना भी नहीं है।
स्वरा - कहीं तुझे ये डर तो नहीं की तुझे पहली नजर में ही उसपे दिल आ जाएगा।
इस बार जब युविका ने उसे घूर के देखा तो स्वरा खिसियानी हसी हस्ते हुए बोली अरे मैं तो मजाक कर रही थी तुझे सीरियस होने की क्या जरूरत है।
इन दोनों की बातों से ये क्लियर होता है कि अयांश के साथ जो भी हुआ था वो इन दोनों का ही किया धरा था। युविका ने जान बुझ के रिसेप्शन पे ड्रामा किया ताकि सबका ध्यान वहां जाए और स्वरा इसी मौके का फायदा उठा के अयांश के प्राइवेट लिफ्ट से होके बचते - बचाते ऊपर उसके केविन में पहुंच कर वो लेटर रख देती है।
स्वरा जब ऊपर ही थी कि युविका को उसके आदमी ने फोन करके बताया कि अयांश बस ऑफिस पहुंचने ही बाला है, इसलिए युविका वहां से निकल गई और फिर जान बुझ कर उनके गाड़ी के सामने आ गई और उनके साथ बातें कर के उनका टाइम वेस्ट किया ताकि स्वरा आसानी से वहां से निकल सके। और स्वरा ने आते वक्त मंदिर में वो दिया भी जला दिया था ताकि उनका गुस्सा थोड़ा और बढ़ा सके।
(उन्होंने ऐसा क्यों किया ये आपको कहानी में आगे पता चलेगा।)
थोड़ी देर में दोनों एक फ्लैट के पास आके रुकती और डोर बेल बजाती है। डोर बेल बजने के तुरंत बाद उन्हीं की उम्र की एक लड़की ने दरवाजा खोला। दरवाजा खोलते ही उसने कहा - दीदी आप यहां। आप तो कल आने वाली थी न।
युविका - क्यों आज नहीं आ सकती।
ये कहके स्वरा और युविका अंदर जाते है तो देखते है पूरा घर फैला पड़ा था। सोफे पे कपड़े पड़े थे तो टेबल पे ढेर सारे पेपर्स उन्हीं के ऊपर चिप्स।
युविका थोड़े गुस्से में किट्टू क्या है ये सब। स्वरा ने कृतिका के कंधे पे हाथ रखते हुए कहा - अरे बाह किट्टू तू तो मोज कर रही है वो भी अकेले - अकेले। अपनी इस स्वरा दीदी को भूल गई तू। कटी मै तुझसे बात नहीं करूंगी , स्वरा ने प्यार सा पप्पी फेस बना कर कहा।
आज के लिए बस इतना ही मिलते है अगले भाग में। पढ़ कर समीक्षा देना न भूले।
पिछले अध्याय में आपने देखा कि अयांश कपूर को एक धमकी भरा मैसेज मिलता है जिसमें उसके केबिन में बम होने की बात लिखी होती है। अयांश और करण केबिन में जाते हैं, लेकिन उन्हें बम के बजाय एक धमकी भरा पत्र मिलता है। पत्र में अज्ञात व्यक्ति ने अयांश को चेतावनी दी और बदला लेने की बात कही। इधर हमें पता चलता है कि युविका और उसकी दोस्त स्वरा ने ही मिलकर अयांश के लिए वो साजिश रची थी। युविका ने रिसेप्शन पर हंगामा किया और स्वरा ने अयांश के केबिन में पत्र रखा। वे इस योजना में सफल रहीं, और अब वे युविका के छोटी बहन कृतिका के घर पर जाती हैं।
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कृतिका ने पूरा घर को फैला रखा था, एक भी सामान सही जगह पे नहीं था जिसके लिए युविका कृतिका को डांटती है तो वहीं स्वरा माहौल को थोड़ा लाइट बनाने के लिए किट्टू को थोड़ा छेड़ती है।
स्वरा - अच्छा छोड़ न युवी, ये सब, अभी अंदर चल मुझे जोरों की भूख लगी और नींद भी आ रही है।
युविका सोफे पे से कुछ समान को हटा कर साइड करती है फिर जब किचेन में जाके देखती है तो वहां भी बस झूठे बर्तन और मैगी के कुछ पैकेट्स पड़े थे।
युविका ने पानी बॉयल किया और मैगी बनाने लगी। और उसने सारे झूठे बर्तन भी धो दिए फिर मैगी को तीन bowl में लेके बाहर गई।
स्वरा और कृतिका तो तुरंत उस खाने पे टूट पड़ी। फिर युविका ने अपना सामान अंदर रूम में रखा और जोर से कहा - किट्टू मै सोने जा रही हूं, इससे पहले कि मैं उठूं, पूरा घर साफ होना चाहिए। बरना तेरी तो खैर नहीं।
यूवी अपने कमरे में चली गई उसके पीछे ही स्वरा भी उसके कमरे में गई और उसने गेट को अंदर से लॉक कर लिया। और एक सोफे पे बैठ गई। अब उसके चेहरे पे वो मजाक या इनोसेंट बाला लुक नहीं था जो अभी बाहर कृतिका के सामने था।
उसने सीरियस होते हुए युविका से कहा - तूने मुझे जो ज्वेलरी कंपनी खरीदने को कहा मैने उसे खरीद लिया है लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा कि तूने उस कंपनी को क्यों खरीदा।
पिछले 6 महीने से वो कंपनी लगातार इतनी लॉस में जा रही है कि हमें इसे खरीद के कोई फायदा नहीं होगा।
युविका - डोंट वरी,
उसने अभी बस इतना ही कहा था कि कृतिका गेट पे नॉक करने लगी। उसने कहा - दीदी, ये बाहर डिलीवरी बाला खाना देके गया है। आपने ऑर्डर किया था क्या?
युविका तुरंत गेट खोलती है और कहती नहीं मैने तो ऑर्डर नहीं किया फिर वो स्वरा की तरफ देखती है तो वो भी ना में इशारा कर देती है। तो किट्टू कहती है लेकिन दीदी ऐड्रेस अपने ही घर का है, इसलिए मैने ले लिया, मुझे लगा आप दोनों में से किसी ने किया होगा।
स्वरा - किट्टू कहीं ये खाना तेरे बॉयफ्रेंड ने तो तेरे लिए ऑर्डर नहीं किया।
इस बात पे युविका घूर के कृतिका को देखने लगी क्योंकि उसने उसे कॉलेज खत्म होने से पहले डेटिंग करने से साफ मना किया था।
स्वरा तो अपना मुंह छुपा के हस रही थी। कृतिका चिढ़ के कहती है स्वरा दीदी चेक कर लो कहीं आपके बॉयफ्रेंड ने तो खाना ऑर्डर नहीं किया।
कृतिका ने इतना ही कहा था कि स्वरा का फोन बजने लगा।
उसपे लिखा था - My love ❤️
स्वरा के फोन पे लिखा My love ❤️ युविका और कृतिका ने भी देख लिया। स्वरा तो टेबल से अपना फोन लेने बाली थी कि युवी ने उसे पकड़ लिया। इसी मौके का फायदा उठा के कृतिका ने फोन ले लिया।
स्वरा खिसियानी मेमनी बाली हसी हंसने लगी।
किट्टू ने तुरंत वो फोन उठाया और स्पीकर पे कर दिया।
दूसरी तरफ से एक डीप मैग्नेटिक वॉयस आई - डार्लिंग कैसा लगा मेरा सरप्राइज़। कहीं तुम मुझे मिस तो नहीं कर रही न। मुझे पता था कि तुम्हे भूख लग जाएगा इसलिए मैने सब तुम्हारे फेवरेट ही ऑर्डर किया है। युविका ने स्वरा का मुंह बंद कर रखा था ताकि वो कुछ बोल न पाए। जब दूसरी तरफ से स्वरा उसकी कोई आवाज नहीं आई तो उसे कुछ अजीब लगा।
"Baby are you alright. Tumhe meri awaj aa rahi hai।"
अपने बॉयफ्रेंड की बाते सुन के तो स्वरा को चुल्लू भर पानी में डूबने का मन कर रहा था। उसने मन में कहा - क्या जरूरत थी इसको बिना दूसरे तरफ की बात सुने इतना बकबक करने की।
कृतिका ने फोन पे कहा - जीजा जी, लगता है आपको दीदी हमारे बारे बताना भूल गई तभी तो आपने सिर्फ उनके लिए खाना ऑर्डर किया पर कोई बात नहीं हम उसी में काम चला लेंगे। अभी रखती हूं बाद में बात कीजियेगा अपनी होने बाली बीबी। अभी वो थोड़ा बिजी है।
युविका - बाबू सोना डार्लिंग एंड आल। तुझे तो ये सब बिल्कुल पसन्द नहीं था। कब बताने बाली थी तू?
स्वरा - मैं बस मिलवाने ही बाली थी तुमलोगो को उससे। युविका ने घूरते हुए कहा - कब मुझे मासी बनाने के बाद।
दोनों बहने स्वरा को खा जाने वाली नजरों से घूर रहे थे फिर एक साथ कहा - कब से चल रहा है ये सब हमारी पीठ के पीछे से।
दूसरी तरफ
जैसे ही कृतिका ने स्वरा के फोन से उसके बॉयफ्रेंड का कॉल कट किया। उसके माथे पे थोड़ी टेंशन की लकीरें आ गई। उसने कहा - अब पक्का स्वरा मुझपे गुस्सा करेगी। उसके सामने इस वक्त दो और लोग बैठे हुए थे। ये कोई और नहीं अयांश और करण बैठे हुए थे।
करण ने हस्ते हुए कहा - तेरी गर्लफ्रेंड फिर गुस्सा हो गई क्या।
उसने जिससे ये कहा था उसक नाम दक्क्ष मेहरा था और यही था स्वरा का बॉयफ्रेंड। तो चलिए थोड़ा सा दक्क्ष के बारे में भी जान लेते है - उम्र 24 साल, गोरा रंग, फिट मस्कुलर बॉडी। ये एक बहुत ही फेमस डॉक्टर है। इसकी फैमिली मेडिसिनल बिजनेस में है।
अब कहानी पे चलते हैं - दक्क्ष ने स्वरा का बचाव करते हुए कहा अरे नहीं फोन शायद उसकी बहन ने उठा लिया था। और उसने अभी किसी को मेरे बारे नहीं बताया है तो पक्का अब वो मुझपे गुस्सा करने बाली है।
दोनों बाते कर ही रहे थे कि तभी उनका ध्यान अयांश पर जाता है जो एक फाइल पढ़ रहा था और उसके चेहरे एक स्माइल थी और उसने कहा - इंटरेस्टिंग।
उन दोनों का ध्यान अपनी बातों से हट कर अयांश की तरफ चला जाता है। अयांश ने जैसे ही उन दोनों की निगाहे खुद पे महसूस की उसने तुरंत अपने चेहरे को इमोशनलेस कर लिया।
इससे पहले कि वो दोनों कुछ कहते अयांश ने दक्क्ष को कहा - करण को तो अपने कंपनी की कोई चिंता नहीं है, तुमने भी अपना हॉस्पिटल छोड़ने का डिसाइड किया है क्या?
दक्क्ष को उसकी बातों में तंज साफ समझ आ रहा था लेकिन फिर भी उसने हस्ते हुए कहा - वो छोड़ तू ये बता ऐसा क्या है उस फाइल में जिसे पढ़ के तेरे चेहरे पे स्माइल आ गई।
आज के लिए बस इतना ही मिलते है कल अगले पार्ट में। गाइस प्लीज़ अच्छे अच्छे कमेंट्स करो ताकि मुझे लिखने में मोटिवेशन मिले।
अब तक आपने पढ़ा कि फाइल पढ़ते वक्त अयांश के चेहरे पर काफी गुस्से भरे एक्सप्रेशंस नजर आ रहे थे जिसके बाद उसने एक स्माइल के साथ कहा - इंटरेस्टिंग।
तो इस बात के कारण करण और दक्क्ष दोनों का ही ध्यान उसकी तरफ चला जाता है - अब आगे।
अयांश ने कुछ नहीं कहा बस वो फाइल करण की तरफ बढ़ा दी। करण ने जब वो फाइल पढ़ी तो उसके तो होश ही उड़ गए। उसने उस फाइल को देखकर कहा - तू इसे देख के मुस्कुरा रहा है, तुझे तो गुस्सा होना चाहिए। तेरा दिमाग खराब हो गया है क्या अयांश।
ये काम जरूर तेरे चाचा का ही होगा, है न। तो चलिए सस्पेंस को ज्यादा न बढ़ाते हुए बता देते है कि उस फाइल में क्या था। उस फाइल में अयांश के शेयर ट्रांसफर के पेपर्स थे जिनमें किसी ने चुपके से न्यू क्लॉज ऐड करवाए थे। वो क्लॉज ये थे कि अयांश को पच्चीस साल होने से पहले शादी करनी होगी।
वरना उसे सीईओ की पोजीशन से रिजाइन करना होगा। करण ने कहा ये सब वो लोग जान बुझ के कर रहे हैं ताकि तुझे सीईओ की पोजीशन से हटा सके। अगर तूने शादी की तो पक्का तेरी ही बीबी को तेरे खिलाफ ही इस्तेमाल किया जायेगा क्योंकि वो लोग अच्छे से जानते है कि तेरी जिंदगी में कोई और नहीं है ।
दक्क्ष - तू क्या करने की सोच रहा है, कहीं तू शादी तो नहीं करने वाला। लेकिन ऐसी लड़की तुझे मिलेगी कहां, जो कपूर फैमिली के सामने स्ट्रांगली टिक सके और उनके जाल में भी न फंसे। अयांश के परिवार में उसकी दादी जानवी कपूर के अलावा उसे और कोई पसंद नहीं करता था। बाकी सब तो उसके खिलाफ ही थे।
ऐसी बहुत सी लड़कियां थी जो अयांश के पीछे लट्टू थीं लेकिन वक्त आने पे वो उन्हें धोखा भी दे सकती थीं। लेकिन पांच दिन बाद ही तेरा बर्थडे है, मतलब तेरे पास 120 घंटे हैं अपने लिए लड़की ढूंढने के लिए।
अयांश ने कुछ नहीं कहा लेकिन इस बात की चिंता तो उसे भी थी।
लेकिन तभी वेद अंदर आता है - उसने कहा सर आज सुबह जो भी हुआ उसके बारे में पता चल गया है। फिर उसने एक लैपटॉप आगे कर दिया और उसमें आज सुबह की फुटेज चलने लगी। उसने कहा - सर ये हमारे कंपनी के सीक्रेट कैमरा के फुटेज है, जो इमरजेंसी के लिए है। बाकी जितने भी कैमराज हैं उन्हें बंद कर दिया गया था।
उस फुटेज में दिख रहा था कि कैसे युविका लड़ रही थी रिसेप्शन पे और उसी मौके का फायदा उठा के कोई लड़की जिसने मास्क पहना था, वो प्राइवेट लिफ्ट में चुपके से घुस गई। युविका की सिर्फ पीठ ही नजर आ रही थी कैमरे में इसलिए उसका चेहरा नजर नहीं आया।
अयांश ने कहा ज़ूम करो इस दूसरी लड़की का चेहरा।
दूसरे कैमरा में स्वरा का चेहरा काफी अच्छे से नजर आ रहा था बस उसने एक मास्क लगा रखा था। अयांश और करण उसे नहीं पहचान पाए लेकिन दक्क्ष ने तुरंत उसे पहचान लिया और कहा - ये तो स्वरा है।
अयांश और करण दोनों उसे ही देखने लगे। दोनों को पता था कि दक्क्ष की एक गर्लफ्रेंड है जिसका नाम स्वरा है, लेकिन उन दोनों ने कभी उसे देखा नहीं था।
दक्क्ष - देखो मैं उससे बात करूंगा उसने ये क्यों किया.... आई प्रॉमिस.... प्लीज उसे छोड़ दो अयांश।
क्योंकि दक्क्ष अच्छे से जनता था कि अयांश पता नहीं क्या करेगा इनके कारण उसकी इतनी बार डील चली गई और ऊपर से क्लाइंट्स के सामने इंसल्ट भी हुई।
फिर वेद ने बाकी कैमरा एंगल से भी दिखाया आखिर कार एक कैमरा में युविका का भी चेहरा दिख ही गया। उस चेहरे को अयांश पता नहीं क्यों बड़े ही ध्यान से देख रहा था जैसे पहले भी देखा हो। तभी करण ने कहा - अरे ये तो मिस ब्यूटीफुल है।
अयांश और दक्क्ष एक साथ - कौन मिस ब्यूटीफुल।
करण (ज़बरदस्ती हंसते हुए) - बही जो आज सुबह हमारी गाड़ी के सामने आ गई थी और उसका जॉइनिंग लेटर खो गया था।
दक्क्ष - मतलब मिस ब्यूटीफुल ने तुम्हे फूल बना दिया।
अयांश - एक अजीब सी हंसी के साथ कहता है, दो लड़कियां तुम दोनों को बेवकूफ बना देती हैं और तुम्हे पता भी नहीं चलता।
अयांश वेद से कहता है अगले तीन घंटे में ये दोनों लड़की मुझे मेरे आंखों के सामने हिल विला में चाहिए।
हिल विला वो जगह थी जहां अयांश अपने दुश्मनों को टॉर्चर करता था।
दक्क्ष - देख प्लीज, मै स्वरा से बात करूंगा, उससे पूछूंगा कि उसने ऐसा क्यों किया।
अयांश ने दक्क्ष को कोई जवाब नहीं दिया बस इतना कहा कि मैं घर जा रहा हूं क्योंकि उसे पता था कि ज़रूर घर पे कोई ड्रामा हो रहा होगा क्योंकि ये शादी के न्यू क्लॉज ऐड करने वाली बात दादी को भी पता चल चुकी है।
वहीं दूसरी तरफ युविका और कृतिका को स्वरा ने सारी बात बता दी कि वो कैसे दक्क्ष से मिली और रिलेशनशिप में आ गई। उसके बाद युविका ने कृतिका को वापस घर साफ करने को कहा और दोनों तैयार होके बाहर निकल गई।
इस वक्त युविका ने एक टी शर्ट और जींस पहन रखा था साथ में खुले बाल और कैजुअल शूज। इस बक्त उसने अपने आंखों के लेंसेस निकाल दिए थे जिससे उसकी रियल आई कलर नजर आ रही थी जो नेचुरली ब्लू थे।
उसने अपने चेहरे पे एक मास्क और साथ में सिर पे एक कैप पहन रखा था। स्वरा ने एक सिंपल सी टॉप और ब्लू डेनिम जींस के साथ हाई पोनीटेल के साथ एकदम कहर लग रही थी।
स्वरा ने अपने फेस को बिल्कुल कवर नहीं किया था। दोनों एक ज्वेलरी कंपनी के सामने रुकीं। ये वही कंपनी थी जिसे युविका ने खरीदा था। स्वरा ने उस कंपनी की तरफ दिखाते हुए कहा इसकी टोटल 21 ब्रांच पूरे दिल्ली में फैली हुई हैं लेकिन सब लॉस में जा रहा है। नीचे ज्वेलरी स्टोर है और इसी बिल्डिंग में ऊपर इसका हेड ऑफिस भी है।
इसके लॉस में जाने का रीज़न इनके डिज़ाइनज़ हैं जो थोड़े ओल्ड फैशन्ड हैं और दूसरा रीज़न कहके सामने एक और स्टोर को दिखाकर कहा। दूसरा रीज़न ये दूसरा ज्वेलरी स्टोर है जो बिल्कुल इसके सामने खुला हुआ है। जिसके कारण भी इन्हें काफी लॉस हो रहा है।
इतना सुनने के बाद युविका ने कहा - ठीक है, अंदर चलो।
युविका और स्वरा दोनों स्टोर के अंदर चली गई , युविका चुप चाप स्वरा के पीछे खड़ी थी। मास्क और कैप के कारण उसका चेहरा पहचानना नामुमकिन था । स्वरा ने वहीं की एक स्टाफ को कुछ ज्वेलरी दिखने को कहा ।
वो स्टाफ लगभग 45 साल की औरत थी जिसने खूब भर - भर के मेकअप थोप रखा था। उस औरत ने स्वरा और उसके पीछे खड़ी युविका को ऊपर से नीचे तक देखा फिर धीरे से मन ही मन कहा - पता नहीं कहां -कहां से आ जाते हैं। खरीदने की औकात तो है नहीं बस टाइम वेस्ट करते हैं।
फिर उसने कुछ ज्वेलरी दिखना स्टार्ट किया । वो बड़े ही बेरुखी तरीके से दिखा रही थी। युविका ने स्वरा को कुछ इशारा किया तो उसका इशारा समझ के स्वरा ने उस औरत कुछ और दिखने कहा ।
स्वरा - ये कुछ खास अच्छा नहीं है , मुझे कुछ और दूसरे ज्वेलरी दिखाए। असल में युविका यहां के डिजाइंस और उनके लॉस में जाने का कारण अच्छे से जानना चाहती थी क्योंकि युविका सारी प्रोबलेम को जड़ से मिटाना चाहती थी। इसलिए स्वरा ने उसे दूसरे डिजाइंस दिखाने को कहा ।
उस अटेंडेंट ने इस बार गुस्से में कहा - ये कोई ठेला है क्या जो तुमलोग मुंह उठा के चली आई हो । इसमें से कुछ खरीदने की भी औकात है तुम्हारी ।
युविका ने उस अटेंडेंट का नाम उसके बैच में से देखा, उसका नाम सीमा चंदेल लिखा था । वो अटेंडेंट इससे पहले कि कुछ और कहती एक दूसरी अटेंडेंट जिसका नाम सुप्रिया था और उम्र लगभग 23 साल थी , उसने सीमा से कहा - आप कस्टमर से कैसे बात कर रही हैं।
फिर उसने युविका और स्वरा को ग्रीट करते हुए कहा - सॉरी मैम , चलिए मैं आपको दिखाती हूं। तभी सीमा ने बढ़कते हुए कहा तुम्हे दिखाई नहीं दे रहा क्या ये दोनों लड़कियों की औकात एक चांदी का सिक्का खरीदने भर की भी नहीं है और बड़ी आई नेकलेस खरीदने ।
सुप्रिया ने चुप चाप से उन्हें नेकलेस के न्यू डिजाइन दिखने लगी । तभी फिर से सीमा टाउंट मार्टी है , अरे देखो देखो , सिर्फ देखने की ही औकात है तुमलोग की , कहीं छू मत देना , अगर टूट गया तो मुआवजा भी नहीं दे पाओगी ।
अब बस उस अटेंडेंट सीमा की बाते अब युविका के पेशेंस से बाहर हो गई थी इसलिए इस बार युविका ने उस लड़की सुप्रिया से कहा - क्या आप मैनेजर को बुला सकती हैं। लड़की डरते हुए कहती है , मैम क्या मुझसे कोई गलती हो गई। प्लीज मेरी शिकायत मैनेजर से मत कीजिए , मेरी नौकरी चली जाएगी ।
स्वरा उसे समझाते हुए कहती है डोंट वरी , हमे उनसे आपकी शिकायत नहीं करनी है। हम बस उनसे कुछ बात करना चाहते हैं। तो सुप्रिया वहां से तुरंत मैनेजर को बुलाने चली गई। सुप्रिया के जाने के बाद सीमा ने उन दोनों को फिर कहा, बड़ी आई मैनेजर को बुलाने बाली, देखना वो खुद ही तुम दोनों को धक्के मार के निकाल देगा ।
थोड़ी देर में मैनेजर भी वहां आ गया। जैसे ही मैनेजर वहां आया , वो तुरंत स्वरा को पहचान गया क्योंकि डील के वक्त वो भी वहां पर ही था । सीमा ने घड़ियाली आंसू बहते हुए कहा - सर देखिए न ये दोनों लड़कियां फालतू का तमाशा कर रहीं हैं, खरीदना तो कुछ है नहीं बस टाइम पास कर रही है।
मैनेजर को उसकी बाते सुन के डर लग रहा था,कि कहीं स्वरा उसे ही जॉब से न निकाल दे । उसने तुरंत सीमा को एक जोरदार थप्पड़ जड़ दिया और कहा - सैलरी लो निकलो यहां से । फिर मैनेजर ने स्वरा और युविका की तरफ इज्जत से कहा - मैम प्लीज आप मेरा ऑफिस में वेट कीजिए , मै ये मामला सुलझा कर आता हूं।
सीमा ने कहा - सर आप इन दो कौड़ी की लड़कियों के लिए मुझे फायर कर रहे हैं। मै यहां 15 साल से काम कर रही हूं । और है कौन वो दोनों । मैनेजर ने उसे गुस्से से कहा जिनकी अभी तुम भेजती कर रही थी न वही इस कंपनी की नई owner है।
तो सीमा ने थोड़ी अचंभे और डर से कहा - सर मुझे कैसे पता होगा इन दोनों ने इतनी मामूली कपड़े पहने थे तो किसी को भी गलत फहमी हो जाए । मैनेजर ने उसे गुस्से और चिढ़ से कहा - तुमने कभी कस्टमाइज़ ड्रेस का नाम सुना है ।
अब मेरा दिमाग मत खाओ और निकलो यहां से । इसके बाद मैनेजर वापस अंदर गया और युविका के साथ काफी ऑफिशियल बाते की । फिर युविका ने उसे कुछ डिजाइन दिए और कहा - ये काम अगले तीन दिन में पूरा हो जाना चाहिए और न्यू कलेक्शन भी लॉन्च हो जाना चाहिए। और हां लास्ट चीज अगली बार से मुझे सीमा जैसे स्टाफ नजर नहीं आने चाहिए ।
इसके बाद वो वहां से चली गई । युविका और स्वरा दिल्ली की सड़कों पे पैदल ही चल रही थी कि तभी युविका का फोन बजता है, जब उसने उस फोन पर नाम देखा तो उसे बहुत गुस्सा आया , उसका मन तो किया कि फोन ही फेंक दे लेकिन फिर कुछ सोच कर फोन उठा लिया। ये फोन उसकी मां का था । बाकियों की तरह उसकी मां उससे प्यार नहीं करती थी बल्कि एक हादसे के कारण नफरत करती थी।
युविका ने फोन उठा कर सीधे तौर पे पूछ लिया , बोलिए क्यों फोन किया मुझे , ऐसी कौन सी जरूरत आन पड़ी मिसेज भूमि महाजन ।
भूमि - सारी तमीज भूल गई हो बाहर रह के , मां हूं मैं तुम्हारी , अपनी मां को ऐसे कोई नाम लेके बुलाता है ।
युविका - अपनी सकल आईने में देखी है कभी आपने, खुद को मेरी मां कहने से पहले । मेरी मां मेरे लिए अठारह साल पहले ही मर चुकी हैं । न तो मेरा आपसे कोई रिश्ता है और न ही आपके खानदान से । और रही बात आपलोगों से दूर रहने की , तो वो आपलोगों ने खुद किया था।
भूमि - तुम्हारी गलती के कारण ही तुम्हे हमने घर से दूर किया था , ताकि तुम्हे कुछ सबक मिले , उल्टा तुमने तो हमारे खिलाफ ही अपने मन में जहर भर लिया है। खैर मुझे इससे कोई मतलब नहीं है, मै चाहती हूं कि तुम की तुम शादी कर लो ।
युविका - क्या बकवास कर रही है आप ? आपका दिमाग तो ठिकाने पे है
आज के लिए बस इतना ही , मिलते है कल अगले भाग में ।
अयांश अपने घर पहुंच चुका था । उसके साथ करण और दक्क्ष भी आ गए थे। जैसे कि उन्हें उम्मीद थी थी घर पे तनाव का माहौल बना हुआ था । अंदर आते ही उन्होंने दादी की कड़क आवाज सुनी जो अयनांश के चाचा से कह रही थी, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे बिना पूछे और सबके पीठ पीछे , अयांश के शादी का न्यू क्लॉज जोड़ के ।
Family introduction
इस वक्त फैमिली के लगभग सारे मेंबर यहीं थे । तो चलिए पहले इनका इंट्रोडक्शन कर लेते हैं। अयनांश के पिता - रणधीर कपूर और उनकी दूसरी पत्नी ( यानी कि अयांश की सौतेली मां ) सुहाना कपूर जो अयनांश को बिल्कुल पसंद नहीं करती है। इनके दो बेटे और एक बेटी है। बेटे आर्यन कपूर , आशीष कपूर और बेटी रूही कपूर । ये तीनों भी अपनी मां बाप के तरह अयांश को बिल्कुल पसंद नहीं करते ।
रणधीर कपूर को अयांश की मां बिल्कुल पसंद नहीं थी , इसी कारण से वो अयांश को भी पसंद नहीं करते हैं। अब बात करते है , उसके चाचा रणविजय कपूर उनकी पत्नी सुहासिनी कपूर। उनके दो बच्चे है । बेटा कार्तिक कपूर और बेटी राशी कपूर । कार्तिक इस वक्त एब्रॉड में है और राशी यहीं है। भाई बहनों में अयांश की सिर्फ राशी और कार्तिक से ही बनती है।
Back to the story
रणविजय ने जवाब दिया - मां आप ही तो चाहती थी कि अयांश शादी कर ले , मैने तो बस आपका काम आसान किया है। आपको तो मुझे थैंक्यू बोलना चाहिए। इसी बहाने मेरे भतीजे का घर बस जाएगा और वैसे भी पांच दिन है उसके पास अपने लिए लड़की ढूंढने के लिए ।अगर अपलोग को अयांश के लिए लड़की नहीं मिल रही , तो मैं ढूंढ देता हूं। दादी को बहुत गुस्सा आ रहा था, वो कुछ बोलने ही बाली थी कि अयांश ने बिना किसी इमोशंस के साथ कहा - आप बिल्कुल सही कह रहे चाचू , इसी बहाने दादी की ख्वाहिश भी पूरी हो जाएगी और इस घर को बहु भी मिल जाएगी ।
चाचू आप चिंता मत कीजिए ,आपको लड़की ढूंढने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि अगले 12 घंटे के अंदर मेरी बीबी इस घर में होगी । इसके बाद अयांश दादी के व्हील चेयर को धक्का देते हुए उनके कमरे में ले जाता है । अयांश ने घुटनों पे बैठते हुए दादी से कहा आप आराम कीजिए , आपको इन चीजों की टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है। मै सब संभाल लूंगा ।
दादी ने उसके हाथ को पकड़ते हुए कहा - मै जानती हूं कि तुम्हारे जिंदगी में कोई लड़की नहीं है और ये लोग इसी बात का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। ये लोग शादी के जरिए तुम्हे कंट्रोल करना चाहते हैं। तुम चिंता मत करो लड़के , अगर पांच दिन है तो क्या , मै तुम्हारी शादी टक्कर के परिवार से कराऊंगी । मुझे जब इस बारे में पता चला मैने तब ही महाजन फैमिली से रिश्ता चलाने की बात कर ली ।
मैने तो भूमि महाजन से फोन पे बात भी कर ली है । और वो भी इस रिश्ते के लिए राजी है। अयांश ने उसकी बात को बीच में रोकते हुए कहा - दादी , आपको मेरे लिए कहीं बात करने की जरूरत नहीं है, मैने पहले ही लड़की ढूंढ ली है । दादी कुछ कहना चाहती थी लेकिन अयांश ने उन्हें रोकते हुए कहा , मैन कहा न मैं सब संभाल लूंगा ।
"मेरी वाईफ को कंट्रोल करना चाहते हैं ये लोग, ऐसी लड़की को अपनी बीबी बना के लाऊंगा जो इनलोगों की ईट से ईट बजा देगी । ", ये सोचकर ही आयांश के चेहरे पे तिरछी मुस्कान थी ।
अगली सुबह
दादी हॉल के सोफे पे बैठी हुई थी, तभी सुहासिनी वहां अपनी बहन की बेटी परी के साथ आती है, और दादी से मिलबाते हुए कहती है , मम्मी जी ये मेरी दूर की बहन की बेटी है, बड़ी संस्कारी है। अगर आप चाहो तो अयांश की शादी इससे करवा सकती हैं। इससे अयांश की सारी प्रॉब्लम खत्म हो जाएगी ।
दादी ने उस लड़की परी को देखते हुए कहा - हां दिख ही रहा है , की कितनी संस्कारी है , जो अपने से बड़ी का पांव भी नहीं छूती । परी ने तुरंत दादी के पैर छुए और कहा नहीं - नहीं दादी , मुझे लगा आप काफी मॉडर्न है , इन सब बातों में विश्वास नहीं करती होंगी ।
तभी सुहासिनी ने बात को संभालते हुए कहा छोड़िए न मां जी , वैसे भी अयांश और परी एक दूरी से बचपन में कई बार मिल चुके हैं, किसी अंजान से शादी करने से तो अच्छा तो जान पहचान वाले से हो । परी तो अभी से ही अयांश की दुल्हन बनने के ख्वाब देख रही थी।
तभी बाहर गाड़ी के रुकने की आवाज आई और अयांश अपने गले में वरमाला डाले हुए एक लड़की के साथ गेट पे आकर खड़ा हो गया। ये लड़की कोई और नहीं युविका थी जिसके गले में भी एक वरमाला के साथ मांग में सिंदर और गले में मंगलसूत्र । उसके चेहरे पे इस वक्त कोई एक्सप्रेशंस नहीं थे । युविका खुद भी इस वक्त अयांश के फीमेल वर्जन जैसी लग रही थी।
तभी आशी अन्दर से एक कलश में चावल और उसके पीछे ही एक मेड थाल में आलता लेकर आती है और रख देती है। युविका बिना किसी भाव के चावल को लात मारती है और फिर थाल में पांव रख के अंदर जाती है और फिर अयनांश और युविका दोनों दादी के पैर छूते है । परी तो ये सब देख के बेहोश हो जाती है क्योंकि उसके सारे सजाए हुए सपने उसके आंखों के सामने चूर जो हो गए ।
दादी वहीं किसी मूर्ति की तरह खड़ी थी, उन्हें तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि अयांश ने जैसा कहा था, उसने 12 घंटे के अंदर शादी कर ली । उनके मन में कई सारे सवाल थे जैसे कि ये लड़की कौन थी , क्या करती थी और अयांश के साथ क्या रिलेशन है और कैसे जानती है।
आज के लिए बस इतना ही पढ़ कर समीक्षा जरूर करे । और हां प्लीज़ कमेंट्स करना न भूले । युविका की शादी अयांश से कैसे हुई ये आपको अगले भाग में पता चलेगा ।
Sorry my dear cute readers 🎀 मैं थोड़ी सी busy थी इसलिए chapter नहीं दे पाई। I hope you'll understand. जल्दी से आज का chapter पढ़ो बहुत मज़ा आने वाला है।
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Flashback
युविका और स्वरा दिल्ली की सड़कों पे पैदल ही चल रही थी कि तभी युविका का फोन बजता है, जब उसने उस फोन पर नाम देखा तो उसे बहुत गुस्सा आया, उसका मन तो किया कि फोन ही फेंक दे लेकिन फिर कुछ सोच कर फोन उठा लिया। ये फोन उसकी मां का था। बाकियों की तरह उसकी मां उससे प्यार नहीं करती थी बल्कि एक हादसे के कारण नफरत करती थी।
युविका ने फोन उठा कर सीधे तौर पे पूछ लिया, बोलिए क्यों फोन किया मुझे, ऐसी कौन सी जरूरत आन पड़ी मिसेज भूमि महाजन।
भूमि - मैं चाहती हूं कि तुम शादी कर लो।
युविका - क्या बकवास कर रही है आप? आपका दिमाग तो ठिकाने पे है? आप कहेंगी और मैं शादी कर लूंगी। भूल जाइए।
युविका ने इतना ही कहा था कि किसी ने पीछे से उसके चेहरे पे रुमाल रख दिया। वो छटपटाती इससे पहले ही वो बेहोश हो गई और उसका फोन भी उसके हाथ से छूट कर वहीं गिर गया।
जब उसे होश आया तो वो किसी अंधेरे कमरे में एक कुर्सी रस्सी से बंधी हुई थी। युविका को आस -पास अंधेरे के कारण कुछ नजर नहीं आया। वो तो ये भी समझ नहीं आ रहा था कि उसके साथ ऐसा कौन कर सकता था।
उसने चिल्लाते हुए कहा - कौन मुझे यहां लेकर आया है। सामने आओ। मैने कहा, सामने आओ। उसकी रस्सियों को हाथ और पैर में बहुत जोर से बांधा गया था। वो हिल भी नहीं पा रही थी। लेकिन वहां किसी की कोई आवाज नहीं आई।
लगभग एक घंटे बाद वहां किसी के जूतों की आवाज आनी शुरू हुई। वो समझ गई कि कोई इसी तरफ आ रहा है। युविका के दिल की धड़कन काफी हो चुकी थी। कभी न डरने वाली युविका के चेहरे पे भी डर के भाव नजर रहे थे।
एक आदमी सामने दूसरी चेयर पे उससे थोड़ी दूर बैठ जाता है। उसके पीछे काफी सारे गार्ड्स खड़े थे। युविका उसे देख के गुस्से में पूछती है कौन हो तुम और मुझे यहां लेकर क्यों आए हो।
जो आदमी युविका के सामने चेयर पे बैठा था वो कोई और नहीं हमारा वन एंड ओनली हीरो अयांश कपूर है। उसने एक नजर युविका को देखा फिर सभी गार्ड्स को बाहर जाने का इशारा किया। उसका इशारा देखकर सारे गार्ड्स बाहर चले गए। अंधेरे के कारण युविका को उस इंसान का चेहरा नजर नहीं आ रहा था। युविका को बस अयांश की आवाज सुनाई दे रही थी जो काफी जानी पहचानी लग रही थी।
गार्ड्स के बाहर जाने के बाद अयांश ने युविका को देख कर कहा - तुम्हे नहीं पता कि मैं कौन हूं।
युविका उसे गुस्से में देख कर कहती है अगर मुझे पता होता तो मैं तुमसे पूछती क्यों?
अयांश ने अपनी आंखे चढ़ा कर उसे देखा फिर कहा पता नहीं है तो पता चल जाएगा। फिर उसके सामने एक वीडियो ऑन करता है, ये वही वीडियो था जिसमें युविका ऑफिस वालों से झगड़ा करके उनका ध्यान भटका रही थी तो वहीं स्वरा चुपके से अंदर जा रही थी। इस वीडियो को देख के युविका को समझ आ रहा था कि यहां लाने वाला ये सख्स कौन हो सकता है।
अब अयांश ने युविका को घूरते हुए कहा "अब कुछ याद आया रानी साहिबा।" आप ही हैं न इस वीडियो में जो झांसी की रानी की तरह लड़कर सबका ध्यान भटका रही हैं।
युविका ने हड़बड़ाते हुए कहा इस वीडियो में तो मैं ही हूं लेकिन तुम कौन हो और मुझे यहां लेकर क्यों आए हो। अरे मेरा तो बस ज्वाइनिंग लेटर खो गया था, इसलिए मैं उनसे लड़ रही थी।
ये सुन कर अयांश ने अपनी भौहें चढ़ा कर कर "क्या बकाई तुम इतनी भोली हो, या भोली बनने का नाटक कर रही हो।"
ये कहते हुए अयांश अपनी जगह से आगे आया और तब युविका को उसका चेहरा साफ नजर आया। युविका जो भी बोलने वाली थी, उसके शब्द तो गले में ही अटक गए। उसके मुंह से बस एक ही शब्द बाहर निकला - ARS
ये सुन अयांश के चेहरे पे तिरछी स्माइल आ गई और फिर उसने कहा चलो तुम्हारी याददाश तो अच्छी है, जो मुझे अभी तक भूली नहीं। वरना मुझे तो लगा था कि अब तुम ये नाटक करोगी कि तुम मुझे जानती ही नहीं हो, slayer उर्फ़ युविका।
वैसे मुझे नहीं पता था कि तुम्हारा असली नाम युविका है, चलो इसी बहाने तुम्हारा असली नाम पता तो चला। बकाई सबके साथ मुझे भी लगा था कि तुम दो साल पहले मर गई। लेकिन देखो तुम तो जिंदा हो।
युविका ने भी कोई नाटक किए बिना सख्त भाव से कहा - क्या चाहते हो मुझसे। इस वक्त युविका का और बिल्कुल ठंडा हो गया था। उसका ये कोल्ड ओरा किसी को भी डराने के लिए काफी था।
अयांश उसके पास जाते हुए कान में बोलता है, शादी कर लो मुझसे। युविका ने तुरंत उसका कोलर अपने हाथ से पकड़ कर दूर ढकेल दिया और बोली लगता है तुम्हारा दिमाग भी ठिकाने पे नहीं है ARS। चाहो तो मैं तुम्हे अच्छे साइकैट्रिस्ट का नंबर दे सकती हूं।
अयांश ने मुस्कुराहट के साथ कहा - इंटरेस्टिंग, इसलिए तो मैं तुम्हे इतना पसंद करता हूं। तुमने अपने हाथों की रस्सियां खोल ली वो भी बिना किसी के पता चले।
युविका ने अपनी बाकी की रस्सियां भी खोली और फिर वहां से खड़ी होकर जाने लगी तभी अयांश ने युविका का हाथ पकड़कर खींचा और उसे दीवार से सटा दिया फिर उसके बिल्कुल नजदीक जाके बोला, शादी तो आपको मुझसे करनी ही पड़ेगी मिस युविका, by hook or by crook। युविका को दीवार से लगाने वक्त अयांश ने खास खयाल रखा था कि उसे बिल्कुल भी चोट न लगे।
लेकिन युविका ने तो उसे तुरंत उसे खुद से दूर ढकेल दिया और बोली डरती नहीं हूं, मैं तुमसे। समझे। अपने ये ARS होने की धौंस न कहीं और जमाना।
आज के लिए बस इतना ही, मिलते हैं अगले भाग में। युविका अयांश को कैसे जानती है, ये आपको कहानी में आगे पता चलेगा।
युविका ने तो उसे तुरंत उसे खुद से दूर ढकेल दिया और बोली डरती नहीं हूं , मैं तुमसे । समझे । अपने ये ARS होने की धौंस न कहीं और जमाना ।
ये कहकर युविका वहां से दरवाजे की तरफ बढ़ने लगी लेकिन तभी अयांश ने एक चुटकी बजाई और प्रोजेक्टर पे अब स्वरा अपने बॉयफ्रेंड के साथ नजर आने लगी जो इस वक्त एक गार्डन में खड़ी थी और उसके ऊपर लेजर लाइट नजर आ रहा था।
अयांश ने टेढ़ी मुस्कान के साथ कहा - तुम यहां से बेशक जा सकती हो लेकिन तुम्हारे इस रूम से कदम बाहर रखते ही , तुम्हारी दोस्त जिंदगी से बाहर हो जाएगी ।
युविका ने गुस्से में अपनी मुट्ठियां भींच ली । उसने गुस्से में कहा चाहते क्या हो तुम ।
तो अयांश ने हस्ते हुए कहा अभी तो बताया कि शादी करना चाहता हूं। फिर अयांश ने अपने फोन पे कुछ मैसेज किया तो तुरंत एक आदमी अन्दर आया जिसके हाथ में एक बैग था । वो बैग अयांश ने युविका को देकर कहा - अगर अपनी दोस्त की सलामती चाहती हो तो इसे पहन कर तैयार हो जाओ ।
अगर कोई भी चलाकी दिखाई तो उसकी कीमत तुम्हारी प्यारी दोस्त को चुकाना पड़ेगा , अयांश ने युविका को धमकाते हुए कहा । युविका को इस वक्त बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन वो कुछ नहीं कर सकती थी।
अब बेचारी युविका को तो पता ही नहीं है की दक्क्ष अयांश का बेस्टफ्रेंड है । इसलिए वो उसे या उसकी गर्लफ्रेंड को तो कुछ नहीं करने बाला । बेचारी का तो पोपट हो गयो।
Present time
सुहासिनी ने अयांश पर थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए कहा ये कौन है और ऐसे कैसे किसी से भी शादी कर सकते हो तुम । ये शादी है कोई गुड्डे गुड़ियों का खेल नहीं । अयांश ने बस सुहासिनी जी को घूर कर देखा और कहा ये कौन है इससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। आपलोग बस ये जान लीजिए कि ये मेरी बीबी है। और मुझे भी पता है कि ये कोई गुड्डे गुड़ियों का खेल नहीं है , इसलिए तो पूरी रीति रिवाज से शादी की है ।
तभी वहां सुहाना जी भी आ गई और सारे तमाशे को देखने के बाद उन्होंने युविका को देखकर ए लड़की कौन है तू । नाम बता । युविका ने एक नजर उन्हें देखा लेकिन कुछ भी बोलना जरूरी नहीं समझा । युविका बहुत पहले से ऐसे लोगों को आदत थी इसलिए वो तो इन्हें मुंह तक नहीं लगाती थी ।
लेकिन युविका की इस चुप्पी को दादी ने कुछ और ही समझ लिया । दादी बिल्कुल नहीं चाहती थी कि अयांश किसी कमजोर और मासूम लड़की से शादी करे क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो वो लड़की अयांश की भी कमजोरी बन जाएगी । उन्हें ऐसी लड़कियों बिल्कुल पसंद नहीं थी जो खुद के लिए आवाज भी न उठा सके और उन्हें युविका भी वैसी ही लड़की लग रही थी।
जब से युविका घर के अंदर आई थी उसने एक शब्द भी नहीं बोला था। तभी जो परी बेहोश हो गई थी वो भी होश में आते ही अयांश के पास जाकर बोलती है तू...तुम ऐसा कैसे कर सकते हो मेरे साथ । तुम्हे तो मुझसे शादी करना चाहिए था न हम बचपन से साथ पले हैं।
अयांश ने तुरंत परी का हाथ झटककर बोलता है क्या बकवास कर रही हो तुम और हो कौन तुम । मै तो तुमसे मिल ही पहली बार रहा हूं। अयांश की बात सुन कर सुहासिनी जी ने बीच में आते हुए कहा बेटा ये क्या कह रहे हो तुम, बच्चों में तुम परी से कहा करते थे कि तुम बड़े होकर उससे शादी करोगे ।
अयांश ने तुरंत उनकी बात को नकारते हुए कहा मुझे तो ऐसा कुछ भी याद नहीं है। ये कहकर वो युविका का हाथ पकड़ के ऊपर अपने कमरे की तरफ जाने लगा । लेकिन तभी सुहाना ने युविका का दूसरा हाथ पकड़ लिया और कहा मैने कुछ पूछा तुमसे नाम बताओ अपना । मुंह में जवान नहीं है क्या ।
तभी परी ने भी उनके आगे आ गई और अयांश से कहा ऐसा क्या है इस लड़की में जो मुझमें नहीं है । अयांश उन सब को चुप कराने वाला था लेकिन तभी युविका ने आखिर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए सुहाना से कहा हाथ छोड़िए । लेकिन सुहाना ने उसकी बात को इग्नोर कर दिया ।
तो युविका ने बेहद ही कोल्ड वॉयस में कहा मैने कहा मेरा हाथ छोड़िए , बरना इसके बाद जो भी होगा उसकी जिम्मेदार आप खुद होंगी । उसकी इस आवाज से एक पल के लिए खुद सुहाना भी डर गई लेकिन फिर उसने अपनी हिम्मत के साथ कहा - क्या कर लोगी तुम , सुहाना ने उसका मजाक उड़ाने वाले लहजे में कहा ?
अब तो अयांश भी जानना चाहता था कि आखिर युविका करेगी क्या ? क्योंकि भले ही उसे इस घर में कोई नहीं जानता था लेकिन अयांश उसे बहुत अच्छे से जानता था इसलिए वो जानता था कि युविका कमजोर या मासूम तो बिल्कुल नहीं है ।
युविका की धमकी के बाद भी सुहाना ने जब उसका नहीं छोड़ा तो युविका तुरंत अपने हाथ से सुहाना का हाथ पकड़ कर मोड़ दिया । सुहाना की तुरंत दर्द से एक जोर की आह.... निकल गई
फिर युविका ने अपने एक एक शब्द को चबा कर कहा मुझे खुद से ऊंची आवाज या बदतमीजी में बात करने वाले लोग बिल्कुल पसंद नहीं है । इसलिए अगली बार से बात करने से पहले अपनी टोन सुधार लीजिएगा । ये देखकर तो दादी की मायूस आंखों में तुरंत चमक आ गई। वो यही तो चाहती थी कि अयांश की बीवी ऐसी ही तो हो , जो घर में सबको सबक सिखा सके ।
जैसे ही युविका ने सुहाना का हाथ छोड़ा उसने चिल्लाते हुए कहा - मम्मी जी देख रही है आप कैसी लड़की से शादी करके आया है अयांश, इस लड़की के नजर जरा भी अपनी सास की इजात नहीं है। इससे पहले कि दादी कुछ कहती युविका ने कहा मेरा एक ही उसूल है , जो मेरे साथ जैसा बर्ताव करता है मै भी उसके साथ वैसा ही करती हूं। किसी दूसरे को कुछ बोलने से पहले एक नजर खुद को भी आइने में देख लेना चाहिए ।
युविका की इस बात पे तो सब को हसी आ रही थी। दादी ने मन ही मन कहा बाप रे, ये लड़की तो तीखी जुबान है । जब तक मुंह बंद है तब तक ही सही है। अयांश ने तो एकदम हीरा खोजा है हीरा ।
आज के लिए बस इतना ही, मिलते है अगले भाग में
Hello everyone sabse pehle meri es kahani pe itna pyar dikhane ke liye thanku so much and sorry ki mai ye episode itna late de rahi hu . Mai puri kosis karungi ki jaldi episodes de saku .
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युविका अपनी बात कह के चुप चाप वापस खड़ी हो गई जैसे कुछ , हुआ ही न हो । सुहाना ने दांत पिस्ते हुए देखा और मन में कहा " तुम्हे तो अगर मैने भी सबक न सिखाया न तो मेरा नाम भी सुहाना कपूर नहीं । " अयांश ने सबको ठंडी नजरों से देखा फिर कहा आपलोगों का हो गया हो रास्ते से हटिए ।
ये कहके उसने तुरंत युविका को वाहों में उठा लिया और सबके सामने से ही ऊपर अपनी रूम की तरफ बढ़ गया। युविका ने छूटने की कोई कोशिश नहीं की । सुहाना ने फिर दादी की तरफ देख के कहा - ये लड़का तो दिन व दिन बदतमीज के साथ - साथ बेशरम भी होते जा रहा है।
उसकी ये बात सुन के आशी ने बीच में कहा , "भाई ने ऐसी कौन सी बेशर्मी कर दी चाची ।" उनकी बीबी है वो और हक है उनका । तभी सुहासिनी ने आशी को डांटते हुए कहा " कितनी बार कहा है तुम्हे की बड़ों के बीच नहीं बोलते हैं, लेकिन तुम्हे समझ कहां आता है।" अपने कमरे में जाओ ।
आशी भी गुस्से में वहां से चुप चाप चली गई। उधर कमरे में अयांश ने युविका को बेड पे बिठा दिया और खुद बिना कुछ कहे अपना लैपटॉप खोल के मीटिंग करने लगा । युविका काफी देर वैसे ही बैठी अपना फोन चला रही थी फिर अपने फोन को बगल में रख कर उसने अपनी चारों तरफ देखना शुरू किया तभी उसकी नजर टेबल पे रखे एक गन पे गई ।
अयांश पूरी तरह से मीटिंग में डूब चुका था। उसने कई बार युविका को देखा मगर उसे फोन में बिजी देखकर उसने युविका की तरफ ध्यान देना बंद कर दिया था तभी उसे एक गुण शॉट की आवाज आती है जिससे उसका ध्यान तुरंत गन शॉट की आवाज की तरफ चला गया। उसने देखा कि युविका के हाथ में गन थी और उसने उस गन से एक फ्लावर वास पे निशाना लगाया था ।
अयांश ने तुरंत मीटिंग खत्म करके लैपटॉप बंद कर दिया और युविका को देखकर कहा "गन क्यों चलाया तुमने ।"
युविका ने उसे बेपरवाही से देखा फिर कहा " मै तो बस चेक कर रही थी कि ये चलती भी है या नहीं । या फिर तुमने बस ऐसे ही सजाने के लिए रखा है ।"
फिर वो बेड से खड़ी हुई और कहा मै घर जा रही शाम को वापस आ जाऊंगी । अयांश ने कहा , "चलो मैं छोड़ दूंगा।"
युविका ने उसे देखा फिर कहा "क्यों तुमने सीईओ की पोस्ट छोड़ के अब ड्राइवर का काम करना शुरू कर दिया है। वैसे इतनी बेवकूफ नहीं हूं मैं की भागने की बेकार कोशिश करूं इसलिए चिंता मत करो । मै खुद वापस आ जाऊंगी ।
ये कहकर युविका वहां से चली गई। ये सुन के अयांश को पास्ट की कुछ यादें याद आने लगी । मै तुमसे प्यार नहीं करती हूं और ना ही कभी करूंगी । तुमने बस एक बार मेरी जान बचाई थी और मैने तुम्हारी जान बचा के तुम्हारा एहसान चुका दिया है। मै उम्मीद करती हूं कि तुम मुझे भूल जाओगे और कभी मुझे ढूंढने की कोशिश नहीं करोगे । और हां आखिरी बात,,, मेरा असली नाम ईरा नहीं है । माफ करना मै तुम्हे अपना असली नाम भी नहीं सकती।मुझे तुम बस एक बुरा सपना समझ कर भूल जाओ । ऐसा मान लो कि तुम मुझसे कभी मिले ही नहीं ।
अयांश ने थोड़े आंसुओं के साथ कहा मै तुम्हे कभी भूल नहीं पाऊंगा ईरा / स्लेयर या फिर तुम जो कोई भी हो ।
प्रेजेंट में अयांश ने एक फीकी हसी के साथ कहा तुम उस वक्त भी ऐसे ही चली गई थी। क्या बकाई तुम्हे कुछ फील नहीं होता युविका । आखिर हम दुबारा मिल ही गए ईरा नहीं युविका। चलो कम से कम इस बार मुझे तुम्हारा असली नाम तो पता है।उस दिन तुम मेरा दिल भी तुम अपने साथ ही ले गई ।
युविका का घर
युविका अपने घर पहुंचते ही डोरबेल बजाने लगी । इस वक्त कृतिका घर पे नहीं थी क्योंकि वो कॉलेज जा चुकी थी। इस वक्त घर पे सिर्फ स्वरा ही थी । थोड़ी देर बेल बजाने के बाद भी जब स्वरा ने गेट नहीं खोला तो युविका ने कॉल करके गेट खोलने को कहा । स्वरा ने अपने कानो में हेडफोन्स लगा रखे थे। वो गेट खोल के डायरेक्ट अंदर जाकर सोफे पे बैठ गई। उसने एक नजर युविका की तरफ नहीं देखा था।
पर जैसे ही उसकी उसकी नजर युविका पे गई उसने तुरंत अपना हेडफोन कानों से निकल दिया और चिल्ला कर बोली ये क्या है। ये क्या हुलिया बना रखा है तूने । फिर वो उसके सामने गई और उसके सिंदूर और मंगलसूत्र को देख कर बोली य.... य...ये क्या है। त.. त..तूने शादी कर ली। युविका ने बस हां में सर हिला दिया।
पर कब.. और किससे की तूने शादी और क्यों । मुझे बताया तक नहीं । स्वरा को तो मानो अपनी आंखों पे विश्वास नहीं हो रहा था।
युविका ने बिना किसी भाव के कहा , " मुझे खुद नहीं पता था कि मेरी शादी होने बाली है तो तुझे क्या ख़ाख बताती मै ।
स्वरा ना समझी में पूछती है, "मतलब" । वो छोड़ तूने शादी किससे की है ।
युविका ने बस दो शब्द में जवाब दिया , " अयांश कपूर "
स्वरा कहा अच्छा तो लड़के का नाम अयांश कपूर है, लेकिन तभी उसके दिमाग में एक बात बॉम्ब कि तरह फूटती है और वो कहती है प्लीज डोंट टेल मी की तूने द अयांश कपूर से शादी की है ।
हां उसी से की है , युविका ने स्वरा की सारी उम्मीदों को तोड़ते हुए कहा।
आज के बस इतना ही , मिलते है अगले भाग में
Bye.
Thank you for reading.
युविका ने स्वरा को सारी बातें बताई कि कैसे उसे रास्ते से अयांश के आदमियों ने किडनैप कर लिया था और उसके फोन से स्वरा को मैसेज किया कि वो उसका इंतजार न करे । उसे कुछ इंपॉर्टेंट काम है। फिर कैसे अयांश उसे अपने अड्डे पे ले गया और शादी न करने पे स्वरा को मारने की धमकी दी ।
स्वरा ने पूछा "फिर क्या हुआ तू मान गई ।"
ये सुन के युविका को याद आने लगा कि वहां क्या हुआ था ।
Flashback
जब अयांश उसे कपड़े देकर बाहर तो युविका ने भी उसकी बात मानकर कपड़े पहन लिए लेकिन उसके बाद वो धीरे से रूम देखने लगी । वहां अंधेरे के अलावा और कुछ नहीं था । कुछ लोगों ने दरवाजा खोला और उसे बाहर ले गए । बाहर एक मंडप तैयार था और अयांश दूल्हे की तरह बैठा हुआ था । वो लोग युविका को अयांश के पास छोड़ कर वहीं खड़े हो गए।
युविका भी वहां चुप चाप किसी मासूम बच्चे की तरह बैठ गई लेकिन उसकी नजर आस पास ही थी । पंडित जी मंत्र पढ़ना शुरू कर दिया। फिर उन्होंने उन दोनो को फेरो के लिए खड़े होने को कहा । अयांश खड़ा हुआ उसके बाद युविका भी खड़ी हो गई । जैसे ही अयांश ने दो कदम आगे बढ़ाए युविका ने तुरंत उसके एक आदमी से गन छीन ली और पीछे से अयांश पे बंदूक तान दी। उसकी इस हरकत पे अयांश के सभी आदमी सतर्क हो गए और उन लोगों ने युविका पे बंदूक तान दी ।
युविका मुस्कुराते हुए उन लोगों को देखा और कहा ,, लगता है तुम्हे अपने बॉस की जान प्यारी नहीं है। अगर अपने बॉस की जान प्यारी है न तो शांति से अपने गन नीचे करो । वरना कहीं मुझसे गलती से ट्रिगर न दब जाए । और फिर कहीं तुम्हारे बॉस स्वर्ग ओह सॉरी..सॉरी.. कहीं नर्क न सिधार जाए। क्योंकि स्वर्ग जाने जितने अच्छे कर्म किए नहीं होंगे इसने । सही कहा न।
अयांश युविका की तरफ मुड़ गया और उसने मुस्कुराते हुए कहा "मुझे तुमसे यही उम्मीद थी,अगर तुम ऐसा कुछ नहीं करती तो मुझे बकाई शक होता कि मैने गलत लड़की को उठा लिया है ईरा ,, सॉरी युविका उर्फ स्लेयर। ये उसने उसके कान के पास बड़े ही धीरे से कहा था ताकि उसके अलावा कोई और न सुन सके ।
अयांश ने अपने सब आदमियों को गन नीचे कर के वहां से जाने का इशारा किया। वो सब एक पल को हिचकिचा रहे थे लेकिन अयांश के घूरने से तुरंत वहां से नौ दो इगारा हो गए। फिर युविका ने पंडित जी की तरफ देखा और कहा ,, आपको क्या अलग से इनविटेशन देना पड़ेगा ,, पंडित जी ।
युविका अपने हाथ के गन को पकड़ के ऐसे बोल रही थी जैसे अगर वो पंडित वहां से नहीं गया तो तो वो उसे डायरेक्ट अर्थी पे भेज देगी । उस पंडित को भी युविका की सनक भरी बातों से डर लगने लगा इसलिए वो तुरंत वहां से उलटे पैर भाग गया।
उसके जाने के बाद युविका एक चेयर लेके बैठ गई । फिर उसने अयांश को देखकर कहा आप भी बैठ जाइए मिस्टर कपूर । तो चलिए अब बताना शुरू कीजिए मिस्टर कपूर कि ये सब क्या है । अयांश ने उसे एक नजर देखा फिर एक कॉन्ट्रैक्ट पेपर उसे पकड़ा दिया और कहा ,, पढ़ लो फिर मन करे तो साइन कर देना ।
युविका ने कॉन्ट्रैक्ट पेपर को पूरा पढ़ लिया । पढ़ने के बाद उसके एक्सप्रेशंस चेंज हो गए । उसके मुंह से एक ही शब्द निकला ,, मैरिज कांट्रैक्ट पेपर्स । आह तो तुम मुझसे कॉन्ट्रैक्ट मैरिज करना चाहते हो । Not bad .
चलो अब मुझे समझ आ गया कि तुम मुझसे शादी क्यों करना चाहते हो लेकिन ये बताओ कि मैं ही क्यों । दुनिया में लड़कियों की कमी पड़ गई है क्या । अयांश ने जवाब दिया क्योंकि मुझे नहीं लगता कि तुम्हारे अलावा और कोई लड़की होगी जो मेरे पीछे पागल न हो । और दूसरी बात मुझे नहीं लगता कि मेरी फैमिली में कोई नॉर्मल लड़की जिंदा भी बच पाएगी।
क्या तुम्हे इस बात का डर नहीं है कि मैं तुम्हारी जिंदगी जहन्नुम बना दूंगी , युविका ने जवाब दिया । तुम कुछ जायदा ही भरोसा नहीं कर रहे मुझपे। क्या हो अगर मैं ही तुम्हारे दुश्मनों से मिल जाऊं।
अयांश ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया ,, क्योंकि स्लेयर जो करती है सामने से करती है, पीठ पीछे नहीं । और जान बचाई थी मैने तुम्हारी , तो मुझे धोखा तो नहीं दोगी । इतने तो भरोसे के लायक तुम हो ही ।
जब तुमने मेरे सारे सवालों के जवाब पहले से ही ढूंढ रखे है तो ये भी बता दो कि मुझे तुमसे शादी क्यों करनी चाहिए। तो अयांश ने उसे देखकर कहा ,, वो तो तुम खुद भी जानती हो। अंडरवर्ल्ड की नजरों में खुद को मार दिया और किसी भी शहर में 2 महीने से जायदा नहीं रहती हो तुम । इसका साफ मतलब है कि तुम किसी से छुप रही हो। तो छुपने के लिए कपूर विला से अच्छी जगह नहीं मिलेगी तुम्हे ।
युविका ने कड़वी मुस्कान के साथ कहा मतलब तुमने मेरी पूरी इन्फोर्मेशन निकाल रखी है। सही है । मै तैयार हूं लेकिन एक शर्त पे तुम कभी मेरी पर्सनल लाइफ में कोई इंटरफेयर नहीं करोगे ।
Flashback end
युविका ने ये सारी बातें स्वरा को नहीं बताई । बस कह दिया हां तो मैं क्या कर सकती थी। तुझे मरने तो नहीं ही दे सकती थी न। खैर वो सब छोड़ किट्टू को इस शादी के बारे में बताने की कोई जरूरत नहीं है । स्वरा को सब बताते - बताते युविका ने अपना सामान पैक कर लिया था। अपना सामान पैक कर के वो दरवाजे की तरफ जाने लगी फिर उसने कहा याद रहे तुम्हारी जुवान अगर गलती से भी फिसली न तो फिर तुम कुछ बोलने लायक नहीं रहोगी ।
ये कह के वो अपना सामान लेके सीधे घर से बाहर चली गई । युविका एक टैक्सी लेके कपूर विला के लिए निकल गई।
Bye
Thank you for reading
युविका टैक्सी से कपूर विला के लिए निकल गई । वो आराम से टैक्सी में बैठी हुई थी और अपने फोन में कुछ काम कर रही थी।
युविका भले ही फोन में बिजी दिख रही थी लेकिन उसका ध्यान पूरी तरह से रस्ते पे ही था ।
फोन में तभी उसे महसूस हुआ कि टैक्सी वाला उसे कोई और रास्ते पे लेके जा रहा है।
ड्राइवर उसे किसी सुनसान इलाके की तरफ ले जा रहा था। युविका तुरंत टैक्सी वाले को बोली , कहां लेके जा रहे हो ये ।तो टैक्सी वाले एक अच्छी मुस्कान के साथ कहा , मैडम ये बस एक शार्टकट रास्ता है ।
युविका ने गुस्से में कहा , मैने तुम्हे कोई शार्टकट लेने के लिए नहीं कहा । मेन रोड से लेके चलो ।
लेकिन ड्राइवर ने उसकी बात को पूरी तरह से इग्नोर कर दिया। और वो उसे उसी सुनसान रस्ते पे चलता रहा ।
युविका गुस्से में चिल्लाते हुए बोली , तुम्हे सुनाई नहीं दिया कि मैने अभी क्या बोला।
जब युविका के किसी बातों का असर उस ड्राइवर पे नहीं हुआ तो उसने तुरंत अपने गले से दुप्पटा निकला और ड्राइवर के गले में डाल के सीट की तरफ खींचने लगी ।
उस ड्राइवर का दम घुटने लगा। युविका गुस्से में बोली , गाड़ी रोको ।
ड्राइवर ने इस बार तुरंत गाड़ी पे ब्रेक मार के रोक दी।
युविका ने वैसे ही उस ड्राइवर की गर्दन को अपने दुपट्टे के मदद से सीट से बांध दिया और फिर अपना दरवाजा खोल के बाहर निकल गई।
फिर उसने ड्राइविंग सीट के गेट को खोल दिया और ड्राइवर की तरफ झुकते हुए बोली , कहां लेके जा रहे थे तुम मुझे , और किसके कहने पे । उस ड्राइवर ने कोई की जवाब नहीं दिया ।
युविका ने फिर अपने बालों से एक पतली तार निकली और उसके हाथों को भी उससे बांध दिया । उसने उसके पैरों के साथ भी बिल्कुल वैसा ही किया।
फिर उसने ड्राइवर की तरफ मुस्कुराते हुए बोली इसे खोलने की कोशिश बिल्कुल मत करना क्योंकि तुम जितना इसे खोलने की कोशिश करोगे उतना ही तुम्हारा हाथ कटता जाएगा । वो तार बहुत पतले थे और किसी खास धातु से बने हुए लग रहे थे। फिर उसने तुरंत एक स्विफ्ट मूव से ड्राइवर के कंधे में मारा जिससे वो तुरंत बेहोश हो गया ।
उसने अपना सामान डिक्की से निकला फिर उसने गाड़ी की चाभी निकाल के गाड़ी को लॉक कर दिया । उसने तुरंत अपने फोन से किसको मैसेज किया और वहां से अपना सामान लेके मेन रोड की तरफ चली गई।
इस वक्त वो मेन रोड से जायदा दूर नहीं थी इसलिए का लगभग 5 मिनट में वो पहुंच गई । वहां से उसने एक दूसरी टैक्सी ली और कपूर विला पहुंच गई।
युविका के उस सुनसान जगह से जाने के लगभग 10 मिनिट बाद वहां कुछ काले कपड़े वाले लोग आए और गाड़ी से उस बेहोश ड्राइवर को निकाल के ले गए ।
कपूर विला के अंदर
युविका अपना सामान लेके सीधे अपने कमरे की तरफ जाने लगी लेकिन तभी परी उससे टकरा गई और गरम कॉफी युविका के पैर पर गिर गई।
परी को युविका से ऐसे रिएक्शन की बिल्कुल उम्मीद नहीं थी, उसने सोचा था कि जब उसके पैरों पे गर्म कॉफी गिरेगी तो वो दर्द में चीखेगी लेकिन उसे तो युविका के चेहरे पे कोई भाव नजर ही नहीं आए ।
परी वहां से युविका को इग्नोर करके जाने लगी जैसे कि अभी कुछ हुआ ही न हो लेकिन तभी युविका ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोली सॉरी बोलो और इसे साफ करो ।
परी ने बिल्कुल अंजान बनते हुए कहा , व्हाट ...
युविका ने बिल्कुल कोल्ड एक्सप्रेशन के साथ बोली , सुनाई नहीं दिया क्या । या फिर एक बार में सुनने की आदत नहीं है ।
परी उसे गुस्से से देखकर बोली , मै माफी नहीं मांगूंगी , जो करना है कर लो । तुम हो ही कौन जिससे मैं माफी मांगू ।
युविका उसे देखते हुए बोली , ठीक है जब तुम माफी नहीं मांगेगी तो मैं एक काम करती अयांश को बुलाती हूं। वहीं तुम्हे बताएगा कि मैं कौन हूं।
और तुम्हारी इस गलती सजा भी वही तय करेगा । कैसा आईडिया है । ये कह के वो अपना फोन निकालने लगी ।
तभी परी ने गुस्से से कहा , ठीक है सॉरी ।
उसकी आवाज में चिढ़ साफ पता चल रही थी। उसे माफी मांगने का मन तो बिल्कुल नहीं था। उसने ये सब पूरे बेमन से किया था।
अगर उसे अयांश का डर नहीं होता तो वो युविका से बिल्कुल माफी नहीं मांगती । उसकी सॉरी सुन के युविका बोली आज सुबह खाना भी खाया क्या। ऐसे तो बड़ा चीखते रहती हो अभी क्या हुआ , सॉरी बोलते टाइम मुंह से आवाज नहीं निकल रही है।
मुझे सुनाई नहीं दिया ,थोड़ा जोर से सॉरी बोलो। परी ने भी दांत पिस्ते हुए तेज आवाज में सॉरी बोली ।
फिर वो वहां से जाने लगी तो युविका ने फिर उसे रोक लिया। तो परी अब थोड़े गुस्से में कहा , सॉरी बोल तो दिया मैने अब क्या प्रॉब्लम है, तुम्हे ।
युविका ने बिल्कुल शांति से कहा , तुम बिल्कुल यहां से जा सकती हो लेकिन पहले ये जो कॉफी गिराई है उसे साफ करो ।
परी ने उसे देखा फिर बोली ठीक है , मै वो सर्वेंट्स को बोल देती हूं। तो युविका ने उसका हाथ कस के पकड़ते हुए बोली , जो गंदगी तुमने फैलाई है उसे साफ भी तुम ही करोगी । वरना आज तुम्हे अयांश से कोई भी बचा सकता है।
युविका बार - बार उसे अयांश के नाम से से परी को धमका रही जो उसे और भी जायदा गुस्सा दिला रहा था ।
परी ने गुस्से से वो कॉफी भी जमीन से साफ किया। उसके साफ करने के बाद ही युविका वहां से अपने कमरे में गई। परी ने उसकी तरफ देखते हुए मन में बोली , तुम्हे तो मैं छोडूंगी नहीं युविका ।
बस एक बार अयांश मेरा हो जाए उसके बाद मैं तुम्हे बताती हूं। अगर मैने इस बात का तुमसे बदला नहीं लिया तो मेरा नाम भी परी नहीं ।
आज के लिए बस इतना ही, मिलते है अगले भाग में।
इस चैप्टर को आने में बहुत टाइम लगा इसके लिए सॉरी लेकिन अब अगले चैप्टर में जल्दी - जल्दी अपडेट करूंगी । So just stay tuned with the story.
Thank you for reading 🫶🫶
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