मैं मरनी थी, या फीर कहें, की ओरिजनल हीरोइन तोह मरी थी। पर जब मैंने आंखें खोली तोह पाया कि मैं कहानी के अंदर थी - जाहां हीरो और विलेन एक ही है, जिसका शौक है सिर्फ लोगों को टॉर्चर करना ,और में उसकी सबसे बड़ी दुश्मन थी ।... मैं मरनी थी, या फीर कहें, की ओरिजनल हीरोइन तोह मरी थी। पर जब मैंने आंखें खोली तोह पाया कि मैं कहानी के अंदर थी - जाहां हीरो और विलेन एक ही है, जिसका शौक है सिर्फ लोगों को टॉर्चर करना ,और में उसकी सबसे बड़ी दुश्मन थी । सिंपल सॉल्यूशन ? उससे दूर रहो लेकिन प्रॉब्लम? वह हमेशा मेरे पीछे आ जाता है। लेकिन मैं इस कहानी की हीरोइन की तरह मारना नहीं चाहती !में जीना चाहती हूं ! मुझे हीरो से सौ कदम की दूरी में रहना है ,लेकिन यह नोबेल मुझे हमेशा उसके सामने लाकर खड़े कर देती है ! तो क्या हमारी फीमेल लीड सर्वाइव कर पाएगी? क्या वह अपने ट्रैजिक फेट को बदल पाएगी?या फिर फेट को उसके लिए कुछ और ही प्लेन है?! जानने के लिए पढ़ें -"cruel hero aur uski dramebaaz heroine" !🌷⭐✨🍀🌕
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इस कहानी में आपको सब देखने मिलेगा एक रोमांच,rom-com,तकरार,और ढेर सारा ड्रामा। ई हॉप आपको पसंद आएगी !!!
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क्या ?!? - एक लड़की शौक और गुस्से के मिले जुले इमोशंस से चिल्लाई।
फीमेल लीड ने सुसाइड कर लिया?! ये कैसी घटिया नोबेल है! लड़की को शुरुआत से अंत तक सिर्फ और सिर्फ सफरिंग ही मिलती है ?! रोमांस नोबेल के नाम पर लोग क्या दिखा रहे हैं ?! - एक लड़की जो कि लगभग २० साल की होगी खुद से गुस्से से बोलती है।
" इस नोबेल के राइटर को कीड़े पड़े, उसकी नींद उड़ जाए और उसका करियर तबाह हो जाए, और इस कहानी का मेल लीड अगर वह मेरे सामने होता तो में उसे बुरा भला बोलने से ज़रा सा भी नहीं चूकती !! अगर इस कहानी में , मुझे किसी पर सब से ज्यादा गुस्सा आया है तो वह मेल लीड है। कोई इतना खलनायक कैसे हो सकता है ?! और कोई किसी के साथ इतना टॉर्चर कैसे कर सकता है?!" - कही न कही वह अपनी मन की भड़ास निकाल रही थी।
"में भी क्यों ये नोबेल पढ़ रही थी? इस नोबेल में इतना खास क्या है, जो लोगों ने भर भर कर अच्छे रिव्यू लिखें है ?! यह आजतक की सबसे घटिया नोबेल है जो मैंने पढ़ी है- वह लड़की जिसका नाम इशानी था वह उस नोबेल को कोसते हुए उठी और किचेन की तरफ जाने लगी कुकर की सीटी बंद करने के लिए।
पर इससे पहले वह किचेन में जा पाती,वह जगह हिलने लगी! और सतह टूटने लगी और इससे पहले इशानी कुछ समझ पति वोह बिल्डिंग धस गई!
प्रेजेंट टाइम:
मुम्बई शहर रात के अराउंड 10 बजे एक आलीशान सा डार्क ब्ल्यू और वाइट कॉम्बिनेशन का विला जो चांद की रोशनी में जगमगा रहा था उसके सामने ही एक गार्डन था जहां तरह तरह के फूल लगे हुए थे, पेड़ लगे हुए थे। उस विला की एंट्रेंस पर साफ साफ गोल्डन लेटर्स में बड़े ही स्टाइलिश ढंग से लिखा हुआ था dé devil's villa । उस विला के एक अंधेरे और धीमी रोशनी वाले रूम में एक हैंडसम सा लड़का जो कि लगभग 26 साल का होगा ,एक कुर्सी पर एक राजा की तरह बैठा हुआ था । उसकी डार्क पर्सनेलिटी और aura ही कुछ ऐसा था कि दूसरों को उसकी और देखने पर मजबूर करदे । वोह लड़का एक वाइन का ग्लास लिए एक टक उसके सामने देखे जा रहा था जहां पर एक पिंजरे में एक लड़की लेटी हुई थी ।
उस कमरे में मोस्टली अंधेरा था पर लड़की के ऊपर स्पॉटलाइट पड़ रही थी और उस लड़के का चेहरा हल्का विजिबल था । वोह लड़का उस पिंजरे से ज्यादा दूर नहीं बैठा था ।
तब उस लड़के को ऐसे एक टक पिंजरे को देखता पा , वोह आदमी जो कि उस लड़के के ठीक बगल में खड़ा था वह उस लड़के से बोलता है , " बॉस क्या में इस लड़की को जगाऊं?"
तब वह लड़का बोला - "नहीं कोई जरूरत नहीं है सोने दे दो इसे थोड़ी देर बाद तोह इसकी नींद उड़नी ही है।" वोह लड़का यह सब एक डेविल स्माइल के साथ कह रहा था,जिसमें वोह बड़ा ही डेंजरस नजर आ रहा था। अपनी बॉस की ऐसी स्माइल देख कर उसके बगल में खड़े आदमी के पसीने छूटने लगे।
थोड़ी देर बाद भी जब वोह लड़की नहीं ही उठी तोह,उस लड़के ने लड़की की ओर इरिटेटिंग लुक देते हुए अपने आदमी से उसके मुंह पर ठंडा पानी डालने को कहा । उसका आदमी तुरंत लड़की के ऊपर एक बाल्टी ठंडा पानी डाल कर पीछे हट गया।
तब वोह लड़की जल्दी से ठंड से ठिठुरते हुए उठी और अपनी नींद भरी आंखों जिनमें नींद गायब हो गई थी इधर उधर देखने लगी और तब उसका ध्यान उसके ठीक थोड़ी दूर पर राजा की तरह बैठे आदमी पर गया । हालाकि उस कमरे में अंधेरा था लेकिन उस लड़की को उस आदमी का फेस साफ विजिबल आ रहा था , उसने अपनी आँखें छोटी कर ली । और फिर लड़के को ध्यान से देखने लगी और उसे रियलाइज हुआ कि यह तोह कोई और नहीं उस घटिया कहानी का मेल लीड है और उसे अपने सामने पा कर लड़की शौक हो गई ।
तब इशानी,(हां जी ,यह कोई और नहीं बल्कि इशानी ही है)ने अपने मान में कहा -
"यह तोह मेल लीड के जैसे दिख रहा है ,लेकिन यह रियल लाइफ में कैसे आ गया? ज़रूर यह कोई सपना है ! चलो atleast अगर reality में न सही तोह में इसको अटलीस्ट सपने में तोह बुरा भला और गाली दे ही सकती हूं " यह सब सोचते वक्त उसके चेहरे में अलग अलग इमोशंस झलक रहे थे। जिसे उसके थोड़ी दूर बैठा लड़का नोटिस कर रहा था और उसे गौर से देख रहा था , कि अब वह लड़की क्या करेगी?
तब इशानी उस पिंजरे बार को पकड़ी अपने चेहरे को उस आदमी की और किए बोली -
"कुत्ते!" यह सुन कर वोह लड़का और उसके बगल में खड़ा आदमी दोनों ही दंग रह गए और उस लड़की ने बिना किसी को कोई समझने का मौका दिए बोलना जारी किया ।
"कमाने,सूअर,तेरी हिम्मत कैसे हुए फीमेल लीड को इतना तड़पने की । यू bloody bastard, यू उल्लू के पठे,नीच आदमी!! अरे पागल आदमी उसकी बात तोह सुनता पर नहीं हर बात पे बस अपने ही चलानी थी,अरे जो यह अपना १०० किलो का दिमाग है उसमें क्या भूसा भरा था?! नहीं अगर अपने १०० किलो के दिमाग का एक परसेंट भी use किया होता तोह आसानी से पता चल जाता ,पर नहीं? इनको तोह यही लगता है कि अगर यह किसी की बात सुन लेंगे तो इनका स्टेटस नीचे गिर जाएगा,धरती फट जाएगी , इनकी इज्जत लुट जाएगी!अरे किस नाम के माफिया हैं यह, इनसे अच्छे तोह वोह राजेश धोबी है ,अटलीस्ट उसका दिमाग तोह काम करता है!!
उसने यह सब एक ही सांस में बोला था इसीलिए वोह हल्का हाफ रही थी और उस लड़के को घूर रही थी । उसने यह सब इतनी जल्दी बोला कि किसी को समझने का मौका ही नहीं मिला।और साथ ही साथ उसने तोह उस लड़के और उसके पीछे खड्डे आदमी को शौक में डाल दिया था , वोह आदमी जो अभी तक इशानी को उठने के बाद रोते,तड़पते हुए और उससे भीख मांगते हुए देखना चाहता था कि मुझे छोड़ दो मुझे जाने दो, उससे इस तरह की उम्मीद नहीं थी? यानी जिसके सामने पूरा Asia कॉन्टिनेंट कांपता था वहीं यह पिददी भर की लड़की बिना किसी डर के उसी के सामने उसकी बुराई कर रही थी ।जिसके सामने लोगों की उसको देखते ही पैंट गीली हो जाती थी, जिसके सामने किसी की भी नहीं चलती ,उसके सामने आज एक मामूली सी लड़की उसकी भेजती कर रही थी,उसे एक धोबी से कंपेयर कर रही थी।
थोड़ी ही देर में अपने सेंस में आते ही वोह लड़का गुस्से से अपना वाइन का गिलास जमीन पर फेंकते हुए, तम-तमतमाते हुए अपनी कुर्सी से उठा और इशानी के ठीक सामने आ उसका गला अपने एक हाथ में पकड़ लिया ! इशानी को समझने का मौका दिए बगैर उसका गला जोड़ों से दबाने लगा ,अब इशानी को तोह लगा था कि यह सपना है, पर फिर उसे सपने में दर्द क्यों हो रहा है ? वोह अपनी एक आंख बंद किए हुए कसमसाते हुए उस लड़के का हाथ अपने गले से छुड़ाते हुए उसे देखने लगी अब उसके चेहरे में दर्द की लकीरें साफ देखी जा सकती थी और थोड़ी ही देर में वोह निढाल सी बेहोश हो गई!
उस लड़के का गुस्सा तोभी कम नहीं हुआ और वोह लड़की के दोनों गाल को अपने एक हाथ में भर उसके मुंह को दबाते हुए,उसके चेहरे के पास अपना चेहरा ले जाते हुए,कहता है- ""तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे ही विला में होकर अपना मुंह चलने की ?!?! तुम वोह पहली इंसान हो जो अभी तक जिंदा है मेरे सामने इतना मुंह चलने के बावजूद वरना तोह उन लोगों की लाश भी नहीं मिलती जो कि मेरे सामने ओवर स्मार्ट बनते हैं। वोह तोह मुझे तुम से काम है इसलिए तुम बची हो ,पर dont worry में तुम्हे इतना तड़पाऊंगा कि तुम खुद अपनी मौत के लिए तरस जाओगी लेकिन फिर भी तुम्हे मौत नसीब नहीं हो गी।
यह सब कहते वक्त उस लड़के का चेहरा इतना डरावना था कि कोई देखे तोह उसकी रीड की हाडी में सिहरन दौड़ जाए । उसका आदमी जैसे ही उस सदमे से बाहर आया की उसके boss को किसी ने इतना सब कहा है ,और जैसे ही उसने अपने सामने का नजारा देखा तोह उसकी आंखों में डर झलकने।
तोह कैसी लगी आपको यह कहानी अभी तक? और कैसे आई थी इशानी वहां ? और कौन था यह शख्स जिसे इशानी मेल लीड बोल रही थी? और क्यों थी इशानी एक पिंजरे में ? जाने के लिए बने रहें दोस्तों!
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मुम्बई शहर सुबह के 10 बजे ,इशानी ने धीरे से अपनी नींद भरी आँखें खुलने की कोशिश करती है जो कि खुलने का नाम ही नहीं ले रही थी उसे अभी और सोना था ,पर उसे पता था कि उसे कॉलेज जाना है इसीलिए उसे उठना ही था । और वोह खुद से नींद में ही बोली -
"काश आज संडे होता तोह में चैन की नींद सो पाती वरना तोह लेक्चर्स ने जान ही ले ली है और फिर पार्ट टाइम जॉब पर भी तोह जाना है , चल इशानी अब उठ जा! वरना वोह प्रोफेसर तेरी खटिया खड़ी कर देगा।"
और वोह यह सब बड़बड़ाते हुए उठी तोह उसने पाया कि उसके गले में और गाल में बेहद दर्द हो रहा है । लेकिन फिर उसने सोचा जरूर यह काम की थकावट के चलते होगा क्योंकि उसे काम के चलते अक्सर हाथ पैर में दर्द होते रहते थे , तोह उसने इसको नजर अंदाज किया और अपनी आध खुली आंखों से ही बाथरूम की तरफ चल दी । और जैसा उसका डेली का रूटीन था उठ कर शीशे के सामने खड़े होकर ब्रश करने का , तोह वो बाथरूम में एक शीशे के सामने जाकर उसके बेसिन के साइड्स में अपने ब्रश को ढूंढने लगी , लेकिन वहां न तो उसका ब्रश स्टैंड था न ही उसका टूथपेस्ट या comb था । यह देख उसने खुद से ही मुंह बनाकर बोला - "यही तोह रखा रहता था, अभी कहां गया?"
और उस बेसिन के साइड्स में अपना ब्रश ढूंढने लगी। और इन्हीं सब में उसकी नजर शीशे पर पड़ी जो कि अभी तक शीशे पर नहीं पड़ी थी। और जैसे ही उसने शीशे में देखा उसकी आँखें छोटी हो गई, और जिन आंखों में अभी तक नींद थी वह उड़ गई और उसने अपनी आँखें अब जाकर रगड़ी और उसकी आँखें हैरानी से फैल गई।
और तभी उस बाथरूम में एक जोर सी चीख की आवाज गूंजी - AAAAAAAAAAAAAAAA और वोह शीशे से थोड़े पीछे हट गई।
क्योंकि जो इंसान उस शीशे में था वोह वो नहीं थी!?उसने खुद से ही डर के मारे बोला - "मेरे घर में कहीं भूत प्रेत तोह नहीं घुस आए?! पर में तोह रोज पूजा करती हूं ?!"
और उसने एक बार फिर शीशे में देखा तोह पाया कि जो इमोशंस वो कर रही थी , वो शख्स भी वही इमोशंस कर रहा था। यह देख वो दंग रह गई।और तब वोह शीशे में उस शख्स के चेहरे को गौर से देखने लगी,और उसे उस लड़की जो कि उस शीशे में थी उसका चेहरा जाना माना लगा और उसे याद आया कि यह शकल तोह उस कहानी की फीमेल लीड की थी ।
बड़ी-बड़ी गोल आँखें जिनकी मासूमियत इतनी की कोई खो जाए,लंबे घने बाल जो कि कमर तक आते हैं और नीचे से थोड़े curly हैं,छोटी सी नाक जो कि बेहद खूबसूरत थी जिसमें एक छोटी सी नोस पिन लगी हुई थी,आइब्रोज के बीच में एक छोटा सा तिल जो कि नजर के टीके का काम करता हो और गुलाबी होठ जिन्हें लिपस्टिक की कोई जरूरत नहीं थी ,और लगभग 20 साल की,एक ऐसी लड़की जिसे भगवान ने बड़े ही फुर्सत से बनाया हो।
लेकिन इशानी तोह इस सोच में थी की यह फीमेल लीड इस शीशे में क्या कर रही है? यह रियल लाइफ में कैसे आ गई ,तभी उसे कुछ हिट हुआ और फिर उसने बाथरूम को गौर से देखा तोह उसे रियलाइज हुआ कि यह तोह उसका बाथरूम था ही नहीं?!?! क्योंकि वोह खुद को शीशे में देखने से पहले आधे नींद में थी तोह उसने किसी बात पर कुछ खास गौर नहीं किया था। और वोह अपने बाथरूम को वहां न पाकर शौक में चली गई और जल्दी से बाहर आई और उसने देखा कि वोह कमरा भी उसका कमरा नहीं था वोह एक छोटा सा कमरा था जहां लाइट्स और एक टेबल और एक खिड़की जो कि थोड़े ऊपर में थी और एक अलमारी और उस बाथरूम के सिवाय कुछ नहीं दिखा।
यह देख कर उसे याद आया कि यह रूम तोह बिल्कुल कहानी की फीमेल लीड की रूम की तरह है जिसमें मेल लीड उसे टॉर्चर करने के लिए रखता है!
पर वोह यहां क्या कर रही है?और वोह जल्दी से एक बार फिर बाथरूम जा अपने आप को शीशे में देखती है तोह वाहन वो नहीं बल्कि फीमेल लीड थी ?! और वोह अपने हैरानी से अपने चेहरे को छूती है तो पति है कि यह चेहरा भी उसका नहीं है,उसे बड़ा अंजना अंजना सा फील हो रहा था।और फिर उसे रियलाइज होने में देर नहीं लगती कि वोह फीमेल लीड की बॉडी में है!!!!
यह रियलाइज होते ही उसकी एक बार फिर चीख निकल जाती है !!
और खुद को शांत करते हुए उसने बोला-
"यह नहीं हो सकता पक्का में सपना देख रही हूं और जैसे ही में अपनी आँखें बंद करूंगी में इस बुरे सपने से जाग जाउंगी! और उसने अपनी आंखों को कास कर बंद कर लिया ओर थोड़ी देर बाद खोला तो पाया कि वोह अभी भी उसी जगह पर ही थी!
फिर इशानी थोड़ा सा टैंशन में आते हुए बोली - "अगर यह सपना है तोह यह इतना असली क्यों लग रहा है और अभी तक खत्म क्यों नहीं हुआ?!"इशानी ने अपने हाथ पर छोटी सी चिमटी काटी और उसकी हल्की सी आह निकल गई,उसे दर्द हुआ लेकिन यह सपना खत्म नहीं हुआ। तब जाकर इशानी को पता चला कि यह कोई सपना नहीं बल्कि हकीकत ही है।
और इशानी को धीरे धीरे कल रात की सारी बातें याद आने लगी कि कैसे उसने उस नोबेल को कोसा था और कैसे उसके घर में अचानक से भूकंप आ गया था और उसमें उसकी घर की छत टूट कर उसके ऊपर गिर गई थी,तोह उसकी मौत हो जानी चाहिए थी ! लेकिन फिर वोह यहां इस नोबेल वाली दुनिया में, फीमेल लीड की बॉडी में क्या कर रही है??!
वोह कुछ देर तक तोह सदमे में ही थी।और फिर इस सदमे से बाहर आकर खुद से बोल पड़ी-
"नहीं यह नहीं हो सकता! में फीमेल लीड की बॉडी में नहीं हो सकती ! मुझे मेरी बॉडी वापस चाहिए!अगर यह कोई सपना है तोह please यह जल्दी से खत्म हो जाए और में अपनी आँखें दोबारा से अपनी बॉडी में खोलूं !"
पर ऐसा कुछ होने ही नहीं वाला था और उसे सिर्फ और सिर्फ खामोशी ही मिली !उसे अब अपनी इस सच्चाई को एक्सेप्ट करना ही था कि वह अब फीमेल लीड की बॉडी में है।
फिर उसने रोनी सी शकल बनते हुए उस बाथरूम से बाहर आ जमीन पर बैठ गई और अपने सिर पर हाथ रख बोली-
"है भगवान क्या यह मेरा कर्मा है क्योंकि मैंने लेखक को इतना बुरा भला जो बोला था? और अगर आपको मुझे फिर से किसी बॉडी में जीवन दान देना ही था तोह आप मुझे किसी अच्छे कैरेक्टर में भी तोह डाल सकते थे ना?आपको सिर्फ और सिर्फ फीमेल लीड की बॉडी ही मिली थी ?भगवान जी इससे अच्छा होता की आप मुझे जीवनदान ही नहीं देते,माना की मेरी किस्मत में खोट था लेकिन इतना बड़ा....,की में इस फीमेल लीड की बॉडी में आ गई जिसकी डेस्टिनी में सिर्फ और सिर्फ दुख और दर्द ही लिखा है?"उसे अपनी इस किस्मत पर बेहद रोना आ रहा था।
"में भी यह नोबेल क्यों पढ़ रही थी?! सच में बेहद बेकार नोबेल थी। अगर मैं इस नोबेल को पढ़ती ही नहीं तोह शायद यह सब होता ही नहीं !!
और इशानी इस नोबेल की स्टोरी याद करने लगी-
flashback
"इस कहानी का मेल लीड जिसका नाम राजवीर मल्होत्रा होता है वोह एक बहुत बड़ा एशिया का जाना माना माफिया होता है जिससे सब डरा करते हैं,अच्छे अच्छे मिनिस्टर और पॉलिटिशियन तक सब इसके सामने झुका करते हैं। वोह बचपन से अपनी फैमिली के कुछ खास करीब नहीं था और बचपन से ही cruel, हार्टलेस और इमोशनलेस था उसकी स्माइल शायद ही किसी ने देखी होगी। अगर उसकी आँखें कोई देख ले तो उसे मासूमियत की जगह सिर्फ कला अंधेरा पान झलकता था एक ऐसा अंधेरा जो किसी को भी ले दुबे। जो कि उसके फैमिली के दुश्मनों को डरने के लिए काफी था। उसने 12 की उमर में ही काफी नाम कमाया था लोग उसे cruelty के दूसरा नाम से भी जानते थे। उसका एक बड़ा भाई था और mom,dad और dadaji थे और फिर मामा मामी थे उसके फैमिली में ।
राजवीर की लाइफ में सिर्फ तीन चीज मैने रखती थी respect,obidence और profit, अगर कोई चीज उसके हिसाब से नहीं चलती थी तोह वोह उसे तोड़ कर रख दिया करता था। वोह उन लोगों में आता था जो कि अगर कुछ पाने का ठान ले तो पा कर ही रहेंगे।
फिर उसकी लाइफ में एंट्री होती है fl की जो कि इशिता शर्मा होती है शर्मा खानदान की दूसरी बेटी ।उसकी फैमिली उसे पसंद नहीं करती थी क्योंकि उन्हें हमेशा से एक ही बेटी चाहिए थी और वोह उनकी नशे में की गई mistake से ज्यादा और कुछ नहीं थी लेकिन वे दुनिया के सामने यही शो करते थे कि उनके बीच कितना लाद प्यार है ।
लेकिन एक बार जब एक बड़ी बिजनेस पार्टी थी ,वो उसे लेकर तोह नहीं जाना चाहते थे लेकिन उन्हें कुछ कारणों के चलते उसे लेकर जाना पड़ा और उस पार्टी में राजवीर भी आया था । और तब पहली बार राजवीर इशिता से मिला था और इशिता को देखते ही वोह अपना दिल दे बैठा था,और उसने ठान ली थी की वोह इशिता को अपना बनाकर रहेगा,लेकिन उस पार्टी से वापस आते वक्त जिस गाड़ी में राजवीर बैठा था उसके ब्रेक्स फेल हो गए थे और गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया और उसकी यादें चली गई कि इशिता कौन थी उसे कुछ याद नही रहा याद रहा तोह सिर्फ उसकी धुंधली धुंधली यादें, जिसके बलबूते पर वोह उसे आज तक ढूंढ रहा था। और उसे कुछ क्लू मिला कि उसकी बटरफ्लाई शर्मा खानदान से रिलेटेड हैं , और क्योंकि वोह उसके फैमिली के बिजनेस राइवल्स थे तोह उसे लगा कि ज़रूर उन्होंने उसकी बटरफ्लाई के साथ कुछ किया है और इसीलिए उसने शर्मा परिवार की छोटी बेटी को किडनैप कर अपना निशाना बनाया क्यूंकि उसे लगा कि इशिता उस फैमिली की लाडली बेटी हो गी इसीलिए उसने उसे किडनैप कर टॉर्चर किया तड़पाया,इशिता को रियलाइज हो गया था कि यह वही छोटा बच्चा है ,कहीं न कहीं इशिता भी उसे बचपन में जब वोह 6 साल की थी तब से वोह भी उसे पसंद करती थी,उसने उसे यकीन दिलाने की कोशिश की कि वहीं उसकी बटरफ्लाई है लेकिन राजवीर को हमेशा लगा कि वोह झूठ बोल रही थी,और फीमेल लीड को सिर्फ और सिर्फ दुख और दर्द ही दिया हर एक टाइम जब वोह उसे रियलाइज करवाना चाह रही थी।
और at the end फीमेल लीड दुख और दर्द के चलते सुसाइड कर लेती है। और मेल लीड को अंत में पता चलता है कि यही उसकी बटरफ्लाई थी और वोह बहुत रिग्रेट करता है ,दुख करता है,रोता है। क्योंकि उसने उसकी बात नहीं सुनी थी,उसे झूठा माना।"
flashback end
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अब इशानी यह सब याद करते हुए मुंह बनाकर मेल लीड को एक बार फिर कोसने लग गई! -
"किस नाम का माफिया था यह जो अपनी ही चाइल्डहुड लव को पहचान न पाया और लोगों ने इतने भर भर कर स्टोरी को पसंद क्यों किया था ?सच उसके सामने ही था लेकिन बंधे को तोह एक्सेप्ट ही नहीं करना था अब चली गई ना फीमेल लीड उसकी जिंदगी से!"
फिर उसे वापस से रियलिटी का एहसास हुआ कि वोह अभी फीमेल लीड की ही बॉडी में है और फिर से उसका दुखड़ा चालू हो गया और रोनी शकल बनकर खुद से बोली -
"और अब में ही उस फीमेल लीड की बॉडी में हूं,जिसकी डेस्टिनी में मारना और टॉर्चर ही लिखी है,नहीं पर में मारना नहीं चाहती 😥😥न ही तड़प तड़प कर जीना चाहती हूं मेरी तोह अभी अभी जवानी शुरू हुई है अभी तोह मैंने दुनिया डारी भी अच्छे से देखी नहीं है, शादी भी नहीं हुई है। है भगवान कहां डाल दिया अपने!"
"नहीं नहीं में फेट को बदलने की पूरी कोशिश करूंगी अभी जाकर मेल लीड को बता देती हूं कि मैं ही उसकी चाइल्डहुड लव हूं!"
फिर कुछ याद कर उसने मुंह बनते हुए कहा -
"अरे इशानी तू पागल है क्या? नोबेल की फीमेल लीड ने भी यही करने की कोशिश की थी और मेल लीड ने उसे इसके लिए कितन टॉर्चर किया था? और एक तोह फीमेल लीड ने थोड़ी दिनों बाद रियलाइज करवाने की कोशिश की थी में तोह किडनैप होते ही अगर उसके सामने यह कहूंगी तोह उसे पक्का यही लगेगा कि में झूठ बोल रहीं हूं और मुझे टॉर्चर करेगा,ये मेल लीड पूरा पागल है उसकी तितली के पीछे ये नहीं चाहेगा कि कोई उसकी जगह ले",अब इसमें मेरी क्या गलती है कि अगर वो सच एक्सेप्ट ही नहीं करना चाहता?"
इशानी को कुछ याद आया और उसने अपने मुंह पर हाथ रख बोला-
"एक मिनिट अगर यह सब सपना नहीं है तोह इसका मतलब!! कल रात जो मैंने मेल लीड के सामने बुरा भला बोला था वोह भी सपना नहीं था ?!? ओह तेरी इससे कहते हैं अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारना! उसे तोह बिल्कुल पसंद नहीं की कोई उसकी disrespect करे और खासकर लड़कियां तोह उसे पसंद ही नहीं है ? अब तोह मेरा जिंदा बचना पक्का cancel है,अब तोह मेरी मौत पक्की है वोह भी दर्द नाक वाली!!😥😖"
और इशानी को याद आता है कि कैसे एक बार एक बिजनेस मेन ने राजवीर को बस यही बोला था कि कैसे वोह बस अपनी फैमिली के बल बूते पर उछलता है , और तब मेल लीड जो कि सिर्फ 15 साल का था उसने एक पेन की नव उसके गले में घुसा दी थी और उसकी ऑन स्पॉट मौत हो गई थी उसे लोग ऐसे ही क्रुएलिटी का दूसरा नाम नहीं कहते थे और उसने तोह उसे धोबी से कंपेयर किया था न जाने क्या क्या बोला था।
अब इशानी खुद में ही बोली-
"अगर उसने ऐसे उस बिजनेस मेन के साथ इतनी छोटी सी बात पर उस उमर में किया था तोह वोह अभी 26 का होगा तोह न जाने क्या क्या करेगा मेरे साथ?!😰😰"
"इससे बेहतर है कि में यहां से भाग जाऊं " और वोह अपनी जगह से खड़ी होती है और उस खिड़की को देखती है जो कि थोड़े ऊपर में थी,और वोह हमेशा सोचा करती थी कि फीमेल लीड इस खिड़की से भी तोह भाग सकती थी लेकिन वोह कभी क्यों नहीं भागी? इसीलिए उसने सोचा"चलो अगर फीमेल लीड नहीं भागी तो में ही भाग जाऊंगी!" और उसने दरवाजे के पास जा कर उसे अच्छी तरह से लॉक कर दिया।
और उसने टेबल को खिसकते हुए उस खिड़की के नीचे ले गई और उस टेबल पर चढ़ उसने पैरों को ऊंचा किया और खिड़की को खोलने की कोशिश करने लगी लेकिन खिड़की खुल ही नहीं रही थी तोह उसने अपने आस पास देखा तब उसने नोटिस किया उसके बालों में एक बॉबी पिन लगी हुई थी ।और उसने उस बॉबी पिन को बालों से निकल खिड़की के लॉक को खोलने की कोशिश की और वोह खुल भी गया।वोह खिड़की उतनी बड़ी थी कि एक इंसान उससे बाहर निकल सके।
उसके चेहरे पर एक खुशी एक उम्मीद की किरण झलक गई और उसने वोह खिड़की पूरी खोल कर स्लाइड की और बाहर कूदने के लिए तैयार हुई तोह उसने देखा कि वोह एक्चुअली में सेकंड फ्लोर की खिड़की थी और अगर वोह नीचे गिरी तो उसकी मौत के बहुत ज्यादा चांसेज थे यह देख उसकी चेहरे की खुशी एक झटके में गायब हो गई।
इशानी खुद से बड़े ही दुखद हो कर बोली-
"भगवान जी आप भी मेरा साथ नहीं दे रहे न यहां से भागने में? सारी मेहनत पर पानी फिर गया।खैर उस खलनायक के हाथ लगने से तोह बेहतर ही है यहां से खुद कर जान दे दूं ,रोज टॉर्चर होने से तोह बेहतर ही है एक ही बार में सारा दुख उतार दूं।"
लेकिन वोह जगह बेहद ऊपर में थी और उतनी ऊंचाई को देख जितनी जल्दी इशानी के दिमाग में यह ख्याल आया था उतनी ही जल्दी चला भी गया।और वोह sad मुंह बनाकर बोली -
"कितनी ऊंचाई है मुझसे जान नहीं दी जाएगी।न ही ढंग से अपनी जान दी जा रही है न ही कोई सॉल्यूशन निकाल पा रही हूं । पूरी तरह से बस फंस गई हूं ,लगता है मेरे पास और कोई ऑप्शन नहीं है स्टोरी को कंटिन्यू करने के सिवाय।"
फिर इशानी इज्जत से वोह खिड़की बंद करती है और नीचे उतर उस टेबल पर बैठ कर कुछ सोचने लगती है।
"मुझे फीमेल लीड की तरह अगर सफर नहीं करना है तोह मुझे मेल लीड से बहुत दूर रहना होगा लेकिन मैंने नोबेल में आते साथ ही उससे पंगा ले लिया है !!!मुझे यह वाला सीन नोबेल का याद है ,यही तोह स्टार्टिंग का सीन रहता है मेल लीड फीमेल लीड को उसके कॉलेज से किडनैप करवा लेता है और एक पिंजरे में उसे कैद कर मेल लीड के सामने लाया जाता है।लेकिन उस सीन में फीमेल लीड बहुत रोटी है गिड़गिड़ाती है और बेहोश होने के बाद उसे इस कमरे में डाल दिया जाता है, मैंने तोह एक दम ऑपोजिट किया है।🫢"वैसे भी में इशिता थोड़ी हूं में तोह इशानी हूं,और में उस मेल लीड के सामने क्यों ही गिड़गिड़ाऊंगी?"
इशानी इतना सोच ही रही होती है तभी उसके रूम के दरवाजे पर कोई जोर जोर से खटखटाता है ।वोह रूम का दरवाजा खोलना तोह नहीं चाहती थी लेकिन उसे पता था अगर उसने दरवाजा नहीं खोला तो पका जो कोई था वोह दरवाजा तोड़ कर अंदर ही आ जाएगा।
फिर इशानी ने दरवाजा खोला तो पाया कि दरवाजे पर एक 50 वर्षीय महिला खड़ी थी जिसने अपने बालों की एक लंबी सी छोटी कर रखी थी और बेहद गुस्से में तम तमाई नजर आ रही थी।वोह उसकी और देख बोली-
"ए लड़की दरवाज़ा खोले ब इतके टाइम लगे का?!ई बात मस्तक में बैठा ली बा तू साहब के कैदी है कैदी कोई मेहमान नाही जो तोके खातिर हम वेट करेंगे।अब अपना हुलिया ठीक कर साहब ने तोके लेवाई खातिर हमको भेजा है।"
इशानी उस औरत के इतने गुस्से वाले टोन से स्तब्द रह गई और फिर उसे याद आता है कि यह औरत कोई और नहीं बल्कि कहानी की एक सपोर्टिंग कैरेक्टर है, ममता ताई।
यह इस विला की हेड मेड है।यह बहुत स्ट्रिक्ट है और खडूस हैं।बॉस की आज्ञाकारी,यह इस विला को संभालती आ रही हैं।इनके बिना कोई मेड ज़रा सा भी आराम नहीं कर सकती।और हां इनकी चील जैसी नजरें चारों दिशाओं में गाड़ी रहती हैं।
इशानी यह सब याद कर ही रही थी कि ममता ताई क्योंकि पहले से ही इशानी के लेट दरवाजा खोलने से गुस्से में थी,अब उसका उसे कुछ जवाब न देते देख और किसी और ही दुनिया में खोया देख ममता ताई गुस्से से आग बबूला हो बैठी।और उन्होंने उसके सामने अपने हाथ से चुटकी बजाते हुए बोला -
"कहां खो गई महारानी ?हिंदी समझ नहीं आवे का? अब टोके खातिर गुजराती ए मराठी में बात करना पड़ी का?जब हम तोके बोले कि अपना हुलिया ठीक करो तो काहे पुतले की तरह खड़ी हो?! हमरा चेहरा देखकर तुम्हारा हुलिया ठीक नहीं हो जाएगा!"
अब इशानी जो कि अपनी सोच में गुम थी ममता ताई के ऐसे फटकार लगाने से तुरंत सोच से बाहर आ बोली-
"हां.. हां में तोह बस ,अभी करती हूं!" और फिर बाथरूम की तरफ इशारा कर तुरंत बाथरूम में घुस गई।
और इशानी ने बाथरूम में घुसते ही खुद से बोला -"ये ममता ताई यहां क्या कर रही हैं?" और उसे याद आता है कि ज़रूर ममता ताई राजवीर के ऑर्डर पर उसे लेने आई होगी।मतलब स्टोरी स्टार्ट हो चुकी है।पर यहीं से तोह फीमेल लीड को सफर करना पड़ता है ! ओह नो और मैंने तोह आते साथ ही हीरो से दुश्मनी का मोड ले लिया है...! में तोह गई काम से।और फिर इशानी imagine करने लगती है,की कैसे राजवीर उसको देख कर रिएक्ट करेगा- "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे गाली देने की?मुझे कुत्ता बुलाने की?और साथ ही साथ तुमने तोह मुझे धोबी से भी कंपेयर किया है,तुम्हे पता है मुझे तुम्हारी यह सांसें बड़ी चुभ रही हैं क्यों न में इन्हें रोक दूं। " और उसने अपनी हाथ में पेन ले इशानी के गले में घुसाने ही वाला था कि इशानी जो कि कितने देर से यह सब सोच रही थी वोह जोर से चिलाती है-nahiiiiii !
वहीं ममता ताई जो कि थोड़े टाइम से इशानी का वेट कर रही थी सोचने लगती हैं कहीं यह लड़की नहाने तोह नहीं बैठ गई या फिरसे कहीं दूसरी दुनियां में तोह नहीं खो गई। या फिर भागने की कोशिश तोह नहीं कर रही है? लेकिन ममता ताई को भी पता था कि दूसरे फ्लोर की बिल्डिंग से उतनी ऊंचाई से भागने की कोशिश कोई पागल ही करेगा। ममता ताई जानती थी कि राजवीर को वेट करवाने वाले पसंद नहीं और इशानी तोह कैदी थी। "यह लड़की मुझे फसाएगी एक तोह पहले से लेट दरवाजा खोला ऊपर से मुंह धोने में भी इतना टाइम लगा थी है।"
इसीलिए ममता ताई ने दरवाजे के बाहर से इरिटेट होते हुए कहा-"कितना टाइम लगता है मुंह ठीक करने में अरे मुंह ठीक करने बोला था तुम तोह लगता है नहाने ही बैठ गई।अब तुम बाहर आती हो कि हम अंदर आएं?!"
इशानी ममता ताई की बात सुनकर इरिटेट होते हुए खुद से बोलती है-"यहां मेरी मौत पर बन आई है,और इस औरत को लगता है कि में यहां नहा रही हूं!अरे कौन सा कैदी मौत के मुंह में जाने से पहले आराम से नाहटा है,और अगर मुझे जान से मारना ही है इन लोगों को तोह मेरा हुलिया ठीक करने क्यों बोल रहे हैं,ताकि अच्छी सी मरी फोटो मेरे परिवार वालों को भेज पाएं ?"
पर इशानी ने जल्दी से अपना मुंह धोया और अपने कपड़ों को थोड़ा ढंग से किया ।क्योंकि वोह थोड़ा सा रोई थी,लेकिन उसका चेहरा लाल पड़ गया था,इसीलिए ममता ताई ने उसके कपड़े और चेहरे को ठीक करने को कहा।
और फिर इशानी तुरंत बाथरूम से बाहर आई और वोह जाना तोह नहीं चाहती थी लेकिन उसके पास कोई ऑप्शन भी तोह नहीं था।ममता ताई उसका हुलिया ठीक हुआ देख उसे तुरंत बाजू से पकड़ी खींच कर लेकर जाने लगती हैं।इशानी उनके इस तरह बाजू पकड़ लेके जाने पर मुंह बनाकर सोचती है-"अब इन्हें कुछ भी नहीं बोलना ?इतने टाइम से तोह दरवाजा तोड़ने की कोशिश कर रहीं थी।और अब मुझे बच्चे के जैसे खींच कर लेकर जा रही हैं कैदी वाली फिलिंग तोह आ ही नहीं रही है।" इशानी फिर से वापस आती है कि अभी कुछ देर बाद उसके साथ क्या होने वाला है... और इशानी सोचने लगती है कि कैसे इस सिचुएशन से बाहर निकला जाए अपने दिमाग के घोड़े दौड़ाने लगती है ।
"सोच इशानी सोच! वरना तू आज तोह गई!एक काम करती हूं,रूम से तोह बाहर आ ही गई हूं अपना हाथ छुड़ा भाग जाती हूं,लेकिन इस विला से अगर बाहर निकल भी गई तोह इस विला के बाहर कितने सारे गार्ड्स होंगे उनका क्या??या फिर एक काम करती हूं एक्टिंग करती हूं बेहोश होने का और फिर मुझे रूम में फिर से फेक दिया जाएगा?"अब इशानी इतना सब सोच ही रही होती है कि न जाने कब वोह डेविल विला के टॉर्चर रूम में पहुंच जाती है जहां पर मेल लीड अपने दुश्मनों के साथ पूछताछ और टॉर्चर करता था।
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क्या लगता है अब क्या होगा? क्या राजवीर इशानी को मार देगा? दोस्तों बने रहें नोबेल के साथ !✨💞💞💞💞✨
इशानी ये सब प्लान कर ही रही होती है, कि न जाने कब ममता ताई उसे खींचते हुए टॉर्चर रूम में ले आती है। हालाँकि इशानी को दर्द हो रहा था इस तरह से खींचे जाने पर, लेकिन फिलहाल वो यहां से जल्द से जल्द कोई सॉल्यूशन ढूंढ बचना चाहती थी। लेकिन उसे सोचने में ही इतना टाइम लग गया।
जैसे ही वे लोग कमरे के अंदर पहुंचे, ममता ताई ने राजवीर को देख उसके सामने सर झुका कर ग्रीट किया, पर राजवीर को बहुत गुस्सा आ रहा था क्योंकि पूरे 12 मिनट बाद ममता ताई इशानी को लेके आ रही थी। राजवीर का ध्यान इशानी की ओर गया जो कि ठीक ममता ताई के बगल में थोड़े पीछे खड़ी थी और किसी और ही दुनिया में खोई हुई थी!
अब राजवीर की आँखें छोटी हो गई, क्योंकि जितने भी कैदी आते थे टॉर्चर रूम में वे या तो डरते रहते थे या फिर रोते रहते थे, क्योंकि सब जानते थे कि इसके बाद उनकी दर्दनाक मौत लिखी है। राजवीर इशानी के चेहरे में डर के एक्सप्रेशंस देखना चाहता था, लेकिन ये लड़की तो अलग ही दुनिया में थी।
लेकिन ममता ताई अब हल्का कांपने लगी थी क्योंकि राजवीर का aura बेहद खतरनाक हो चुका था इशानी को देखते ही।
इशानी किसी की गहरी नजरें फील कर उसका ध्यान टूटता है और अब जाकर उसका ध्यान उस कमरे पर जाता है। जहाँ पर राजवीर एक किंग साइज chair पर राजा की तरह बैठा हुआ था और उसके बगल में उसका असिस्टेंट राघव खड़ा था और आस पास कुछ बॉडी गार्ड्स थे। अब इशानी राजवीर को देखती है जो कि उसे ही गुस्से में घूर रहा था और उसके हाथ में एक पेन थी जिसे वो कांस्टैंटली दबा रहा था जैसे अपना पूरा गुस्सा उस पेन पर निकल रहा हो, जिसे देख इशानी की बॉडी में सिहरन सी दौड़ गई। और उसे याद आने लगा जो उसने कुछ समय पहले इमेजिन किया था।
अब ममता ताई क्योंकि समझ चुकी थी कि राजवीर किस बात से इतना गुस्से में है इसीलिए वह तुरंत इशानी की बाजू पकड़ उसे सामने कर कहती है -"राजवीर साहब इसी लड़की के कारण लेट हुआ था ये नखरे मार रही थी आने के लिए और भागने की भी कोशिश कर रही थी! इसीलिए तो में इसे खींच कर लेकर आई हूं!" अब जैसे ही ममता ताई ने ये बोला इशानी का मुंह हैरत में खुल गया और वो ममता ताई को आँखें बड़ी करके देखने लगी!
और इशानी के मुंह से अनजाने में निकल गया -" ये झूठ.."
राजवीर इशानी की बात काटते हुए बोला- "क्या मैंने तुम्हें बोलने की इजाजत दी है?"
फिर इशानी धीरे से बोली -"नहीं तो...? और फिर राजवीर ममता ताई की ओर देखते हुए कोल्ड वॉयस में कहता है जिसमें गुस्सा साफ झलक रहा था! -" ये कैदी है यहाँ कोई मेहमान नहीं जो कि इसके लिए मेहमान नवाजी की जा रही थी, when i said i want her, then i want her here at any cost!"
इशानी राजवीर की ऐसी बात सुन कर मुंह बनते हुए मन में बोली-"तभी सोचूं की सर्वेंट्स इतने रुड क्यों है?जिसका मालिक ही इतना रुड है तोह सर्वेंट्स तोह ऐसे होंगे ही,और अगर इतना ही मुझे कैदी घोषित करना ही था तोह मुझे कमरे में क्यों डाला मुझे directly सलाखों के पीछे डाल देना चाहिए था handcuffs के साथ!"इशानी को लग रहा था कि उसने यह बात मान में बोली थी लेकिन फ्लो फ्लो में उसके मुंह से ही निकल गई थी यह बात।
इसीलिए सब इशानी को घूर घूर के देख रहे थे,जैसे उसे कच्चा चबा जाएंगे!इशानी सब की नजरें खुद पर देख कन्फ्यूज हो जाती है।राजवीर इशानी की यह बात सुन अपनी एक आईब्रो उठा कहता है-" अच्छा तोह तुम्हें सलाखों के पीछे जाना है?वोह भी हैंडसफा के साथ?ठीक है तुम्हारी यह आखिरी इच्छा में जरूर पूरी करूंगा,उसके बाद तुम कल का सूरज देखने लायक भी नहीं बजेगी...."
इशानी को अब जाकर रियलाइज होता है कि सभी ने उसकी बात सुन ली है! और वोह awakward स्माइल करते हुए राजवीर को कहती है-"नहीं नहीं मेरे लिए आपका दिया कमरा काफी है...."
इन सब के बीच ममता ताई भी इशानी को घूर घूर कर देख रही थी और फिर ममता ताई राजवीर से कहती हैं-"राजवीर साहब हमको माफ कर दीजिए यह गलती दोबारा नहीं होगी"
इसके बाद राजवीर ममता ताई को जाने का इशारा कर देता है और ममता ताई एक आखिरी बार इशानी की तरफ देखते हुए चली जाती है।
इशानी मन में -"घूर कर तोह ऐसे देख रही है,की न जाने अगर में इनको अकेले में मिली तोह जान से मार देंगी..एक तोह मेरे कारण लेट हुआ था? मैंने कहा था न इनको ,में अपना हुलिया ठीक कर के आती हूं ताकि में राजवीर बॉस पर line मार पाऊं?चोर उल्टा कोटवाल को डाटे।"ईशान मुंह बना बना कर ममता ताई की जाती पीट को कोस रही थी।
राजवीर की आँखें फिर से छोटी हो गई इशानी के फेस के एक्सप्रेशन देख कर क्योंकि उसने अभी अभी तोह उसने इस लड़की को जान से मारने की धमकी दी थी पर यह है कि!
इशानी अब राजवीर की और देखती है और राजवीर अब सख्त एक्सप्रेशन के साथ इशानी से कहता है-"ए लड़की इधर आओ!मेरी बातों का सही सही जवाब दो तोह में तुम्हें थोड़ी कम टॉर्चर के साथ मारूंगा!"
इशानी राजवीर की बात सुन स्टैब्ट रह जाती है और सोचने लगती है-"क्या? मौत? इतनी जल्दी?कम टॉर्चर का क्या मतलब है? एक तोह इसके हाथ में पेन है.. और ऊपर से इसकी यह काली काली आँखें कितनी डरावनी हैं....यह तोह ऐसे ही मार डालेगा मुझे अपनी इन आंखों से घूर घूर कर...।"
और इशानी को फिर से अपनी ही धुन में खोया देख और उसकी बात को अनसुना करते देख राजवीर गुस्से में बोलता है -"अगर तुम अभी मेरे पास नहीं आई तो इसका अंजाम ठीक नहीं होगा" राजवीर की ऐसी आवाज़ सुन कर वहाँ का हर एक शक्श दर से कांप गया! और इशानी भी तुरंत उसके ऑर्डर पर जल्दी से उसके पास जाने लगी लेकिन जल्द बाजी के चक्कर में उसका पैर लड़खड़ा गया और वो सीधा राजवीर के थाई पर गिर पड़ी!
अब सीन कुछ ऐसा था कि इशानी अपने घुटनों पर थी लेकिन उसका सर और हाथ राजवीर की गोद में था।
इशानी गिरने के डर से अपनी आँखें बंद किए हुए राजवीर के कोट को अपने दोनों हाथों से कस कर पकड़ लेती है। राघव और राजवीर के आदमी बहुत शौक हो जाते हैं, राजवीर खुद भी बड़ी हैरानी से उस लड़की को देख रहा था जो कि उसके गोद पर अपना सिर रखी हुए उसके कोट को कस कर पकड़े हुए थी।
कुछ देर बाद जब इशानी को feel हुआ कि वो नहीं गिरी है, तो उसने धीरे से अपनी दोनों आँखें खोली तो उसकी आँखें शौक से बड़ी बड़ी हो गई, और उसकी आँखें सीधा राजवीर की आँखों से जा टकराई। राजवीर के इतने करीब आज से पहले कोई लड़की नहीं आई थी, हालाँकि राजवीर हैंडसम तो था लेकिन उसकी personality के कारण सब डरा करते थे और अगर कोई करीब आने की कोशिश भी करती थी तो राजवीर उसे दुनिया से ही गायब करवा देता था, राजवीर को लड़कियाँ बचपन से ही पसंद नहीं थी सिवाय उसकी बटरफ्लाई के।
लेकिन इशानी को अपने इतने करीब देख राजवीर को घिन महसूस नहीं हुई बल्कि उसे इशानी की आँखें कुछ अपनी अपनी सी लगी जैसे उसने उन आँखों को पहले भी कहीं देखा हो, पल भर में राजवीर के अंदर जो भी तूफान उभर रहा था वो शांत हो गया जैसे किसी ने आग के ऊपर ठंडा पानी डाल दिया हो। वो बस उन आँखों में खो आ जाना चाहता था ऐसा लग रहा था कि उनके आस पास का वक़्त बस थम सा गया हो। वहीं इशानी को भी राजवीर की आँखों में जहाँ पहले सिर्फ कालापन था वहाँ अब नरमी और कुछ एहसासों ने जगह बना ली थी जिसे इशानी देखते देखते कहीं खो गई।
लेकिन ये खामोशी का सिलसिला ज्यादा टाइम तक न चला और राजवीर थोड़े ही देर बाद अपने होश में आया और उसे इशानी पे बेहद गुस्सा आया कि ये लड़की कैसे उसे अपने ओर आकर्षित कर सकती है?!
राजवीर के हिलने डुलने से इशानी भी अपने होश में वापस आई और उसे सिचुएशन का रियलाइज़ हुआ और इशानी जल्दी से उठने लगी लेकिन इससे पहले वो उठ पाती राजवीर ने एक हाथ से उसके बालों को कस कर पकड़ लिया और उसका चेहरा अपने चेहरे के पास ले आया।
राजवीर के इतने कस कर पकड़ने से इशानी की आह निकल गई और अब उसकी आँखों में डर झलकने लगा था यही तो था जो कि राजवीर देखना चाह रहा था।
राजवीर उसकी तरफ देख गुस्से से बोला- "how dare you..?! तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई मुझे इस तरह से अपनी ओर आकर्षित करने की?! मुझे छूने की भी कोशिश मत करना वरना जो ये मेरा हाथ हैं वो तेरी सांसें भी रोक सकते हैं।"
ये सब कहते कहते राजवीर ने उसके बालों को छोड़ उसका गला पकड़ लिया था।
इशानी तो राजवीर के उसे ऐसे डरने से जम सी गई थी। उसकी आँखों में हद से ज़्यादा दर भर चुका था। उसे राजवीर उस वक़्त बिल्कुल पिशाच ही नज़र आ रहा था। उसकी पूरी बॉडी कांप रही थी!
राजवीर इशानी की कांपती बॉडी को देख कर एक sarcastic स्माइल करते हुए बोलता है - "अब क्या हुआ? what happened now? कल तो बड़ा बोल रही थी कि में ऐसा हूं वैसा हूं.. और तुमने तोह अभी अभी मुझे रुड भी कहा, अब क्यों भीगी बिल्ली बनी हुई हो?" राजवीर को इशानी की कल की कही बात पूरी तरह तो समझ नहीं आई थी लेकिन उसे इतना समझ आया था कि इशानी ने उसे बुरा भला बोला है, गाली दी है।
इशानी कुछ बोलने जा ही रही थी कि राजवीर ने इशानी को "shhhhh" कहा और बोला-"तुमने मेरा ऑलरेडी बहुत सा टाइम वेस्ट कर दिया है, और मेरे लाइफ में टाइम के मुकाबले तुम्हारी कोई औकात नहीं है, इसीलिए डायरेक्टली पूछ रहा हूं! where is my butterfly? अगर तुमने झूठ बोलने की कोशिश की तो तुम्हारे पूरे खानदान की जिंदगी ज़हनुम बनवाने में मुझे देर नहीं लगेगी।"
इशानी इसी question से तो डर रही थी क्योंकि इशानी को इसका जवाब क्या बोलना है पता ही नहीं था, अगर वो झूठ बोलने की कोशिश करेगी तो उसके सामने बैठा ये पिशाच उसे जान से मारने में एक वक़्त भी नहीं गंवाएगा और अगर सच बोलने की कोशिश करेगी तोह भी कोई फायदा नहीं है।
राजवीर इशानी को चुप देख गुस्से से चिल्लाता है-"ANSWER ME DAMN IT!!"
इशानी तो डर से सिहर उठी लेकिन उसके मुंह से एक भी शब्द बाहर न निकल सका।जिसे देख राजवीर कुछ कहने ही वाला था तभी इशानी अपनी टूटी फूटी आवाज में बोलती है-"आ-अगर आप म-मुझे छोड़ेंगे तब तोह ब-बोलूंगी!"इशानी की बात समझ राजवीर उसे छोड़ता है और दूसरे ही पल इशानी फर्श पर गिर जाती है और जोरों से सांस लेने के साथ कहती है-"मेरी तोह जान ही निकल जाती!"
राजवीर उसकी यह बात सुन कर डेंजरस वॉयस में कहता है-"अगर तुमने मुझे अभी और इसी वक्त नहीं बताया कि मेरी बटरफ्लाई कहां है तोह तुम्हारी रूह को तुम्हारे शरीर से अलग करते मुझे देर नहीं लगेगी!"
इशानी राजवीर की बात सुन कर एक लंबी सास भारती है और फिर पूरे एक्टिंग में उतर कहती है-"कौन बटरफ्लाई? आप किसकी बात कर रहें हैं मुझे समझ नहीं आ रहा...लगता है आप लोगों को कुछ गलत फहमी हो गई है गलत इंसान को उठा लिया है शायद...।"
"ओह...तोह तुम्हें समझ नहीं आ रहा लेकिन शायद अब तुम बता पाओ कि मेरी बटरफ्लाई कहां है",और एक चुटकी बजाता है और राजवीर के जितने भी आदमी थे इशानी को घेर लेते हैं और उसके ऊपर बंदूक तान देते हैं।इशानी जो कि इस वक्त फर्श पर घुटनों के बल थी इतनी सारी बंदूकें उसकी ओर देख डर जाती है और सरेंडर पोज में बोलती है-"देखिए मुझे नहीं पता कि आपकी तितली कहां उड़ कर गई और तितली भी कोई पालने की चीज होती है मुझे तोह यह भी आज पता चला है,खैर आप लोग कुछ और क्यों नहीं पाल लेते जैसे बिल्ली,कुत्ता...? "
राजवीर इशानी की यह बात सुन कर गुस्से में उबल जाता और फिर उसकी ओर उंगली प्वाइंट करते हुए कहता है-"मेरी बटरफ्लाई कोई पालने की चीज नहीं है! तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई उसे जानवरों से कंपेयर करने की?!"इशानी राजवीर की यह बात सुन कर असमंजस से कहती है -"आ-अच्छा?ठीक है,हां तितली तोह एक इंसेक्ट है मुझे उसे इंसेक्ट से कंपेयर करना चाहिए...?"
राजवीर का पारा हाई हो जाता है और वोह अपनी chair से उठ गुस्से से इशानी को देखने लगता है क्योंकि उसे लग रहा था कि इशानी उसके पेशंस से खेल रही थी।और अपने आदमियों से कहता है-"मार दो इसे जान से,कोई काम की नहीं है यह में अपनी बटरफ्लाई को खुद ही ढूंढ लूंगा!"इशानी राजवीर की यह बात सुन कर राजवीर से डरते हुए कहती है-"देखिए में सच में कोई बटरफ्लाई को नहीं जानती,और अगर आपको लग रहा है कि में आपकी बटरफ्लाई को जानती हूं या मुझे उसके बार में कुछ पता है तोह मुझे उसकी थोड़ी ब्रीफ डिस्क्रिप्शन दीजिए ऐसे पूछेंगे कि मेरी बटरफ्लाई कहां है तोह में क्या कोई और भी नहीं बता पाएगा!"
इशानी की जबान यह सब कहते हुए थोड़ी सी लड़खड़ा रही थी..क्योंकि उसकी मौत जो सामने थी,इशानी को नहीं पता कि यह बात कहां तक जाएगी लेकिन फिलहाल तोह वोह बस बचने की कोशिश कर रही थी इसीलिए जो उसके मन में आ रहा था बोले जा रही थी।
राजवीर इशानी की और देखते हुए अपने गुस्से को शांत कर कोल्ड एक्सप्रेशन के साथ कहा-"hmm..फाइनली कुछ कम की हो तुम...में उस लड़की की बात कर रहा हूं जो कि 13 साल पहले सिंघानिया पार्टी में आई थी और मेरे पास उसकी एक चीज है" और उसने अपना हाथ दिखाया राघव को और राघव उसके हाथ में एक सुंदर सा ब्लू पर्ल ब्रेसलेट थमा देता है जिसमें बीच बीच में बटरफ्लाई charms और गोल्डन बीड्स लगे हुए थे व्हाइट पर्ल्स के साथ।और वोह उसे इशानी के सामने दिखाते हुए कहता है-"यह दुनिया में सिर्फ दो ही बने हैं जो कि आर्टिस्ट विहान मेहता ने हैंडमेड बनाया था तुम्हारी फेमिली के लिए,तोह मेरी बटरफ्लाई का लिंक तुम्हारी फेमिली के साथ हो रहा है और इसी के जरिए में आज तुम तक पहुंचा हूं।"'
इशानी को याद आता है कि कैसे नोबेल में विहान मेहता इशिता को जानते थे और वोह शर्मा फैमिली के खास लोगों में आते थे। vihaan Mehta रिश्ते में इशानी के अंकल थे क्योंकि वोह उसके पिता माहिर शर्मा के दोस्त थे लेकिन vihaan को पता था कि इशिता को मेंशन में किस तरह से नकारा जाता है,इसीलिए जब इशिता का 5वा जनम दिन था ,और कोई उसके जनम दिन पर खास ध्यान नहीं दे रहा था तब vihaan ने उसको स्पेशल फील करवाने के लिए उसे दो ब्रेसलेट्स गिफ्ट किए थे।
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in novel(इशिता अपनी तोतली आवाज में)
"इशिता-आपने मुझे दो ब्रेसलेट क्यों दिए हैं uncle?"
"Vihaan- ताकि अगर मेरी प्रिंसेस से एक खो जाए तो उसके पास दूसरा रहे और ताकि उसके दोनों हाथ हमेशा सजे रहें!
"इशिता-योर दी बेस्ट अंकल इन थे वर्ल्ड!!"
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और विहान ने smoothly चीजें हैंडल करते हुए ब्रेसलेट के बारे में जब माहिर जी ने पूछा तोह उसने कहा कि मैने तोह यह ब्रेसलेट स्पेशली तुम्हारी फेमिली के लिए बनाया था लेकिन भाभी ब्रेसलेट पहनती नहीं और anaya को ब्रेसलेट कुछ खास पसंद नहीं आया तोह मैंने इशिता को गिफ्ट कर दिया। जो कि साफ झूठ था,क्योंकि विहान ने मलाइका जी और anaya से पूछा ही नहीं था और फिर माहिर जी ने इस भी इस पर कुछ खास ध्यान भी नहीं दिया।अब विहान ने ऐसा इस लिए किया था क्योंकि अगर वोह इशिता को फेवरेट्स दिखाता तोह शायद इशिता को शर्मा फैमिली और न पसंद करती।इसीलिए यहां पर राजवीर को भी यही पता चला कि यह ब्रेसलेट शर्मा फैमिली को गिफ्ट किया गया था ये नहीं कि किसे गिफ्ट किया गया था!
और यही ब्रेसलेट इशिता ने राजवीर को दी थी पार्टी में गिफ्ट के तौर पर!लेकिन इशिता को क्या पता था कि उसका यही एक्ट उसको एक दिन रिग्रेट करने पर मजबूर कर देगा!
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आज के लिए इतना ही मेरी लवली ऑडियंस!कमेंट करना मत भूलना ताकि मुझे पता तोह चले कि नोबेल लग कैसी रही है!
लेकिन अब राजवीर ने बोलना बंद कर दिया था और वोह इशानी के जवाब का वेट कर रहा था इशानी ने बात को इतना लंबा तोह खींच लिया था लेकिन आगे क्या बोलना था यह तोह उसे पता ही नहीं था।
राजवीर इशानी को गुस्से से वार्निंग देते हुए बोलता है-"अब मैने तुम्हे बता दिया है,अब मुझे बताओ कहां है मेरी बटरफ्लाई कहीं तुम लोगों ने उसके साथ कुछ किया तोह नहीं है?!मुझसे झूठ बोलने की कोशिश भी मत करना! "
इशानी असमंजन में सोच रही थी कि उसे अब क्या बोलना चाहिए।राजवीर अक्सर अपने कैदियों को अपने असिस्टेंट को सांप दिया करता था पूछताछ के लिए।लेकिन इस बार मामला इंपॉर्टेंट होने के चलते वोह इसे खुद हैंडल कर रहा था,और शायद ही उसने कभी किसी भी कैदी को इतना देर झेला होगा।
इशानी को इस तरह कोई जवाब न देते देख राजवीर का पारा हाई हो गया और उसने इशानी की बाजू पकड़ ऊपर एक झटके से उठते हुए इशानी की आंखों में आँखें डाल बोला-"तुम मेरा ऐसे ही बहुत सारा टाइम वेस्ट कर चुकी हो!लगता है तुम ऐसे नहीं बताओगी, तुम्हें टॉर्चर क्या होता है वोह आज पता चलेगा...क्या होगा जब तुम्हारा यह जो हाथ है इसे में अपने शेरा को खिला दूं? या फिर तुम्हारे यह टांगे तोड़ कर तुम्हारी फेमिली को पार्सल कर दूं...?!राजवीर यह सब बिल्कुल ही डरावने तरीके से बोल रहा था।
राजवीर की इस धमकी से इशानी तोह क्या वहां जितने भी लोग खड़े थे वोह सारे डर का घुट पीते रह गए थे।इशानी का तोह बुरा हाल हो गया था और इशानी को अभी भी कुछ न कहते देख राजवीर ने अपने असिस्टेंट की ओर देख बोला-"राघव मुझे एक चुका देना तोह" इशानी राजवीर के यह बोलते ही तुरंत बोल पड़ी-"मुझे अभी याद आया!"राजवीर ने जो अपना हाथ आगे किया था वोह वापस लेते हुए इशानी की और सवालिया नजरों से देखा।
इशानी ने बात आगे बढ़ते हुए कहा-"आपका जो यह ब्रेसलेट है वोह मुझे कहीं देखा देखा लग रहा था(ब्रेसलेट की और इशारा करते हुए।)और अभी याद आया कि यह ब्रेसलेट तोह मेरी दीदी के पास भी था!विहान अंकल ने दिया तोह फैमिली गिफ्ट के तौर पर था पर बनाया तोह उन्होंने स्पेशली दीदी के लिए ही था।और वोह हमारे साथ सिंघानिया पार्टी में भी गई थी उसके बाद से मैंने उनके पास सिर्फ 1 ही ब्रेसलेट देखा था। ज़रूर उन्होंने ने ही आपको दिया होगा?"
राजवीर की भौहें सिकुड़ जाती है इशानी कि यह बात सुन कर और वोह उसके हाथों पर अपनी पकड़ कसते हुए सकती से कहता है-"ए लड़की यह क्या बोल रही हो?!तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई अपनी बहन को मेरी बटरफ्लाई बता कर बचने की...?!"
इशानी बोली-"देखिए सच आपके सामने ही है,क्या आपको मेरी आंखों में झूठ दिखाई दे रहा है,और में क्यों ही अपनी जान के साथ खेलूंगी?अगर आप मुझे आपकी बटरफ्लाई के अप्रियंस बताएंगे तो ये और भी कन्फर्म कर सकती हूं!"
राजवीर को इशानी की बातों पर अभी भी यकीन नहीं हो रहा था लेकिन उसको इशानी की आंखों में झूठ भी नहीं दिख रहा था,और उसने इशानी का जवाब दे कहा-"तब वोह शायद 6 या 7 की थी।उसने पार्टी में एक ब्लू कलर की सिल्की ड्रेस पहनी थी जो कि उसके घुटनों तक आ रही थी,बाल खुले थे और उसने व्हाइट कलर के शूज पहने थे।"
इशानी ने उसका डिस्क्रिप्शन सुन बोला-"ब्लू कलर के ड्रेस तोह मेरी दीदी के पास भी थी बचपन में जो उन्हें गिफ्ट में मिली थी और साथ ही साथ मेरी दीदी के पास एक जोड़ी व्हाइट शूज भी थे।बाल खुले का तोह पता नहीं लेकिन,उस पार्टी से आने के बाद मैंने कई बार उस ब्रेसलेट को निहारते देखा है! और कई बार वोह उस ब्रेसलेट से बातें करते भी सुन था,जैसे वोह किसी को याद कर रही हो!और जब मैंने anaya दी से पूछा था कि आपके पास का दूसरा पैर कहां गया तोह उन्होंने मुझे कहा था,की मैंने वोह किसी खास को दिया था।"
राजवीर को यकीन नहीं हो रहा था कि कैसे उसकी दुश्मन की बेटी उसकी बटरफ्लाई हो सकती है?!उसने इशानी से कहा-"तुम...तुम झूठ बोल रही हो ऐसा नहीं हो सकता!"
इशानी राजवीर की आगे की बात काटते हुए-"जी हां ऐसा हो सकता है!अब यह आपके हाथों में है कि आप इस सच को अपनाए या फिर अपनी बटरफ्लाई को हमेशा दूर रखें जब की वोह आपकी बेहद करीब ही है!"
राजवीर इशानी की बात सुन एक आईब्रो उठते हुए बोला-"पर मैंने तुम्हें कुछ देर पहले ही तोह ब्रेसलेट दिखाया था और तुम्हे अभी अभी सब कुछ इतना क्लियरली कैसे याद आ रहा है?!और ऊपर से तुमने तोह बचने के लिए मुझे अभी अभी सिड्यूसेज करने की कोशिश की थी और फिर अभी मेरी बटरफ्लाई को अपनी बहन का नाम दे रही हो,और तुम क्यों ही अपने परिवार के दुश्मन और बहन को मिलवाना चाहोगी?तुम्हें नहीं लगता कि यह सारी चीजें यह साफ दर्शा रही है कि तुम बचने की कोशिश कर रही हो झूठ बोल कर।"
इशानी को इतना तोह समझ आ गया था कि राजवीर को उसकी बातों में लाना आसान नहीं होगा लेकिन अब वोह जो चीज शुरू कर चुकी थी उससे पीछे भी नहीं हट सकती थी।इशानी को गुस्सा भी आ रहा था राजवीर की सिड्यूस वाली बात पर लेकिन उसने अपना गुस्सा कंट्रोल कर कहा-
"पहली बात में अपनी बहन के साथ ही बड़ी हुई हूं लेकिन मैंने यह ब्रेसलेट कभी कभार ही देखा था और मुझे यह ब्रेसलेट मेरी दीदी चुने तक नहीं दिया करती थी इसीलिए थोड़ा लेट से याद आया और जहां तक बात ड्रेस और शोज की है तोह वोह ड्रेस और शूज मेरी दीदी ने बहुत बार पहनी है तोह वे मुझे अच्छे से याद थे!"
"और दूसरी बात भले ही आप जैसे भी हों में अपनी दीदी की खुशी पहले देखती हूं! अगर वोह आपको इतने सालों से याद कर रही हैं तोह जरूर उनके दिल में आपके लिए कुछ होगा!"
"और हां जहां तक सिड्यूस की बात है,मेरा पैर गलती से हड़बड़ी के चलते लड़खड़ाया था और में गिर गई थी,समझे आप!"
इशानी ने राजवीर के एक एक सवाल का अच्छे से जवाब दे दिया था और राजवीर को इशानी की बात लॉजिकल भी लगी।लेकिन वोह बिना सबूत के या बिना पता करवाए अंधाधुन इशानी की बातों पर यकीन भी नहीं कर सकता था इसीलिए उसने इशानी को अभी के लिए कैदी बनाए रखने का ही सोचा और इशानी का जो बाजू छोड़ उससे बोला-"ठीक है...में तुम्हें अभी के लिए जाने दे रहा हूं लेकिन अगर मुझे पता चला कि तुमने मुझे धोखा देने की कोशिश की है तोह उसी वक्त में तुम्हें जान से मार दूंगा...!"राजवीर ये सब बड़ी इंटेंस्ली कह रहा था।
इशानी अब जल्द से जल्द अब बस इस कमरे से निकलना चाहती थी और राजवीर का वेट कर रही थी कि कब वोह उसे जाने के लिए बोले।और राजवीर ने अपने असिस्टेंट राघव से कहा-"इससे ले जाओ और तहखाने में लॉक कर दो और इसे बस इतना खाना देना की यह जिंदा रहे!"
इशानी जो अब थोड़ा सा खुश हो रही थी यहां से छूटने पर,पर जैसे ही उसने राजवीर की बात सुनी उसकी हवाइयां उड़ गई और उसने राजवीर से हड़बड़ी में बोला-"अरे,मैंने आपको जो बताना था बता तोह दिया!आपको मुझे अब जाने देना चाहिए!"
राजवीर इशानी की बात सुन डेविल स्माइल करते हुए बोला-"वोह तुम्हे मेरा टाइम और मुझे बुरा भला बोलने से पहले सोचना चाहिए था!तुम्हे तोह खुश होना चाहिए की तुम अभी तक जिंदा हो...वरना तुमको में एक सेकंड नहीं गंवाता मारने के लिए।"
इशानी बोली-"लेकिन मेरी दीदी आपकी बटरफ्लाई है!भले आपको अभी यकीन नहीं लेकिन बाद में जब आपको यकीन हो जाएगा और उन्हें पता चलेगा कि अपने मुझे कैदी जैसे रखा था तोह वोह बहुत नाराज़ हो जाएंगे और आपसे दूर चली जाएंगी मुझे नहीं लगता आपको रिस्क लेना चाहिए! वैसे भी इतने सालों बाद आप लोग मिलेंगे फिर ऊपर से वोह नाराज हो गई तोह???"एक तरह से इशानी राजवीर का उसकी बटरफ्लाई के लिए प्यार का अच्छे से इस्तेमाल कर रही थी वोह जानती थी राजवीर कभी यह नहीं चाहेगा...।इसीलिए उसने विनिंग कार्ड फेंका!
राजवीरने इशानी की बात सुनी तो उसके दिल के किसी कोने में दर्द सा हुआ यह सोच के भी की उसकी बटरफ्लाई उससे रूठ जाएगी...लेकिन वोह इस लड़की पर अंधाधुन विश्वास भी नहीं कर सकता था और अभी के लिए जाने भी नहीं दे सकता था।इसीलिए राजवीर ने कोल्ड वॉयस में कहा-"hmm...तुम्हारी बात तोह सही है में कभी नहीं चाहूंगा कि मेरी बटरफ्लाई मुझसे रूठ जाए लेकिन में तुम्हें फिलहाल खुले आम भी नहीं छोड़ सकता इसीलिए तुम्हे मेरे मेंशन में मेड बनना होगा ताकि में तुम पर कड़ी निगरानी कर सकूं और में sure हूं बटरफ्लाई मेरे रीजन को समझेगी।"
इशानी का मुंह ही खुल गया शौक से,राजवीर की बात सुन और उसने राजवीर से तुरंग कहा-"देखिए अगर आपको मुझे रखना ही है तोह मेहमान जैसे रखिए न?क्या कोई अपने मेहमानों को ऐसे रखता है?!जबकि फ्यूचर मे,में आपकी साली हूं!"
राजवीर ने इशानी की बात सुन कहा-"तुम यहां मेहमान नहीं हो अभी भी कैदी ही हो,और जब तक मेरे पास साबुत नहीं आता में तुम्हें जाने तोह नहीं दूंगा।इसीलिए ये ऑफर लो या फिर तहखाने में सड़ना पसंद करो?।"
इशानी का मुंह बन जाता है क्योंकि उसे यह दोनों ही ऑप्शंस नहीं चाहिए थे।लेकिन इससे पहली इशानी कुछ बोलती राजवीर ने कहा-"ठीक है तोह तुम मेड बनना पसंद कर रही हो!राघव इसे ममता ताई के पास भेजवा दो ताकि वे इसे रूल्स और काम समझा सके! और हां मुझे इस पर कड़ी निगरानी चाहिए अगर यह कुछ भी सस्पिशियस हरकत करे तो मुझे तुरंत इनफॉर्म करोगे!"
राघव ने कॉल लगाया और 2 maids तुरंत वहां आ गए और इशानी के दोनों हाथों को पकड़ लिया इशानी अब बेबसी में कभी उन मैड्स को देखती तोह कभी राजवीर को जो अपने असिस्टेंट से बात करने में बिजी था।इशानी ने तुरंत कहा -"अरे प्लीज़ मुझे दोनों ही ऑप्शंस चूस नहीं करने थे!मुझे जाने दो प्लीज़!मेरा हाथ छोड़ मुझे मेड नहीं बनना!!!"
राजवीर ने एक नजर इशानी की ओर देखा जो कि झटपटा रही थी छूटने के लिए, फिर उसने एक डेविल स्माइल की।
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क्या लगता है क्या चल रहा है राजवीर के मान में,जो उसने इशानी को मेड बने कहा और क्या इशानी भाग पाएगी?क्या होगा जब राजवीर को सच का पता चलेगा कि इशानी ने उसे धोखा दिया है?
इशानी को दो मैड्स पकड़ कर ममता ताई के पास ले जा रही थी।इशानी मन में सोची-"मुझे मेड भी नहीं बनना था,और उसने मेरी बात को अनसुना कर दिया!खैर तहखाने में लॉक होने से तोह अच्छा ही होगा कि में मेड बन जाऊ। thank God की में कॉलेज में ड्रामा ग्रुप में थी,मेरी एक्टिंग की तोह शाबाशी मिलनी चाहिए!और मैंने एक तीर से दो निशाने मार दिए!anaya इस कहानी की सेकंड विलेनेस है जो कि राजवीर को बचपन से चाहती है,तोह वोह मना थोड़ी करेगी राजवीर के लिए उसकी बटरफ्लाई बनना!मैंने अच्छे से अपने आप को फ्रेम से ही निकल दिया है!"
"लेकिन में अभी भी सैफ नहीं हूं!क्या पता उस सनकी मेल लीड को कब पता चले इसीलिए मुझे जल्द से जल्द यहां से कोई निकलने का रास्ता खोजना पड़ेगा!यहां रुक कर रिस्क लेने से बेहतर ही है!"
इशानी को वे दोनों मेड सर्वेंट क्वार्टर ले आए जहां ममता ताई एक मेड को कुछ काम समझा रही थी।वे दोनों मैड्स ने ममता ताई से कहा-"ममता ताई sir ने इसे यहां काम पर रखा है",और वो मैड्स वहां से चली गई।जैसे ही ममता ताई यह बात सुन पीछे मूडी और उन्होंने इशानी को वहां खड़ा देखा,तोह उनका मुंह बन गया और इशानी को ऊपर से नीचे देख पूछा-"राजवीर साहब ने तोका तहखाने में फेंकने के बजाय हमारे पास कहे भेज दिया ?लगता है साहब को कोनो गलत फहमी हो गई है?वरना तुम्हारी तोह यहां काम करने की भी हैसियत नहीं है।"
ममता ताई की ऐसी बात सुन इशानी को गुस्सा आता है और वोह गुस्से से बोलती है-"लगता है आप अपने मालिक को गलत मान रही हैं,क्यों न उनसे ही एक बार और पूछ लीजिएगा क्या पता आपकी कमजोर यादाश्त को तसल्ली मिल जाए कि आपके बास बे फालतू में कुछ नहीं बोलते?"
ममता ताई इशानी की बात सुन गुस्से से कहती है-"तुम मेड बन गई हो तोह ये मत समझना कि तुम्हारे ऊपर से कैदी का निशान हट गया है,तुम अभी भी यहां कैदी ही हो,और में हेड मेड हूं तुम्हारी बॉस और तुम्हें मेरी ही बात माननी है,तोह अपना मुंह कम चलाओ।"
इशानी भी कोई कम थोड़ी थी,इशानी ने भी जवाब दिया-"जब से आई हूं मुंह तोह आप चलाए जा रहीं हैं,दो शर्बत क्या बोल दिए आपको तोह बुरा ही लग गया और जहां तक बात आपका मेरा बॉस होने की है! तोह में आपको मेरा बॉस नहीं मानती,मेरा मान चलता तोह में यहां खड़ी हो आपकी बक बक भी नहीं सुनती पर मजबूर हूं..। इशानी यह सब मुंह बनाकर कह रही थी।जिसे देख ममता ताई का गुस्से से बुरा हाल हो गया,क्योंकि वे दोनों सर्वेंट क्वार्टर के अंदर खड़े थे इसीलिए बहुत सारी मैड्स उन्हीं की बातें सुन रही थी और इशानी को ही देख रही थी जो कि ममता ताई को जवाब देने में बिजी थी!
ममता ताई सब के नजरें फील कर इशानी की और उसे एक थप्पड़ मारने बड़ी लेकिन इशानी ने उनका हाथ हैव में ही रोक दिया।जिसे देख ममता ताई जोर से बोली-"कैसी बदतमीज लड़की है!"इशानी हल्का सरकास्टिक स्माइल कर बोली-'"जब से आई हूं बतमीज आप बनी बैठी हैं और इल्जाम हम पर ही लगाए जा रही हैं,और दूसरी और में जैसी भी हूं अभी यहां ही रहने वाली हूं,तोह बच के रहिएगा क्योंकि मेरी ज़बान कैची नहीं है बल्कि चाकू हकि तरह चलती है!आप बड़ी हैं इसीलिए इज्जत से बोल रही हूं,अपने हाथों और जुबान पर लगाम लगाए वरना...!"इशानी ने ममता ताई का हाथ झटक दिया जिससे ममता ताई हल्का झुक गई।उन्हें तोह इशानी को देख कर लगा था कि वोह बिल्कुल इनोसेंट होगी और वोह उसे इंसल्ट कर सकती है और वोह कुछ भी नहीं बोलेगी लेकिन यहां तोह अलग ही हो रहा था!
ममता ताई ने इशानी को वार्निंग देते हुए कहा-"तुम पहले ही दिन मुझसे पंगा लेकर ठीक नहीं कर रही हो! तुम्हे यह बहुत -!"इशानी ममता ताई की बात को काटते हुए बोली -"आपको नहीं लगता आपको एक्टिंग क्लास जाना चाहिए ठीक से तोह आप धमकी भी नहीं दे सकती...लेकिन आपकी एक्टिंग से मेरा दिमाग जरूर पीस चुका है इसीलिए क्या आप कृपया कर कष्ट करेंगी मुझे-।"ममता ताई सब की नजरें फील कर वहां और खड़ी न रह पाई और तुरंत वहां से गुस्से में चली गई!इशानी ने अपनी सारी मान की भड़ास उतर दी थी!
इशानी खुद से बोली-"छोटे बच्चे भी इतना ओवर रिएक्ट नहीं करते जितना यह कर के गई हैं,कितना दिमाग खाती हैं!यहां की मैड्स इन्हें कैसे झेलती होंगी?"फिर उसने अपने आस पास देखा और क्योंकि सब कोई उसे मुंह खोले देख रहे थे उसकी नजर अपनी और होते देख फौरन वहां से चले गए।
"अरे,क्या मैंने इनको भी डरा दिया?खैर वो तोह चली गई अब मुझे काम कौन बताएगा?"और इशानी की नजर एक लड़की पे पड़ती है जो कि कहीं जा रही थी!इशानी उसे गौर से देखती है और उसे याद आता है कि यह तोह माइनर विलेन कैरेक्टर है!यह भी यहां जब से काम कर रही थी तब से राजवीर को पसंद करती थी और fl से जलती थी और इशिता को कितने ही बार फसाने की कोशिश की थी! और उसमें यह कामयाब भी हो गई थी!
इशानी खुश होते हुए कहती है-"जस्ट परफेक्ट!!!"और उस मेड के पीछे चली जाती है!
अब इशानी ने परफेक्ट इसीलिए बोला था क्योंकि,यह मेड ममता ताई से भी नहीं डरती थी और डेयरिंग भी थी और ये प्लानिंग करने में उस्ताद है।हालाकि इस मेड की कोई दोस्त नहीं थी लेकिन अगर इशानी इसकी दोस्त बन गई तोह उसका ही फायदा है!वैसे तोह इशानी को इस मेड से दूर जाना चाहिए था लेकिन उसने उस लड़की से फ्रेंडशिप करने की ठान ली क्योंकि वही एक थी जो उसे इस विला से बाहर ले जा सकती थी!
वहीं दूसरी तरफ
राजवीर ने पहले ही इशानी की बात सुन अपने खास आदमी वीर को काम पर लगा दिया था anaya की डिटेल्स निकलवाने में।
राजवीर कार में था,और इशानी की हर एक बात गौर से सोच रहा था!और खुद से कहता है-"क्या मुझे इस लड़की पर यकीन करना चाहिए?"राजवीर ने अपने असिस्टेंट राघव से पूछा-"शर्मा फैमिली की तरफ से क्या खबर है?क्या उन्होंने कुछ एक्शन किया?"
राघव जो कि कार की आगे सीट में बैठा था बोला-"बॉस हालाकि उनकी छोटी बेटी को गायब हुए 1 दिन होने को आए हैं और अब तक पता चल जाना चाहिए था लेकिन अभी तक उनकी तरफ से कोई एक्शन नहीं हुआ है।"
राजवीर बोला-"hmm...अगर कुछ होता है तोह मुझे तुरंत इनफॉर्म करना।"और राजवीर हाइड्रेट से सर टीका अपनी धुंधली यादें में खो जाता है।
"सिंघानिया पार्टी 13 साल पहले"
राजवीर 12 साल का,वोह दूर खड़ा था पार्टी की भीड़ से उसका बटलर उसे देख कहता है-"छोटे मालिक क्या आप अपनी फैमिली को ज्वाइन नहीं करेंगे आप वैसे भी दूसरे विला में रहते हैं और इतने टाइम बाद मिल रहे हैं।"
राजवीर दूर खड़े कुछ लोगों को जो कि wine पी रहे थे उन्हें देख कहता है-"ज्वाइन परिवार वालों को किया जाता है उन लोगों को नहीं जिन्हें मुझसे बचपन से कोई मतलब नहीं था आप भी जाएं उनको आपकी जरूरत हो सकती है।"
राजवीर की यह बात सुन बटलर कहता है-"पर मालिक_"
राजवीर बटलर की बात काट कहता है-"अब क्या तुम अपने ही मालिक की बात अनसुनी करोगे?जाओ मुझे कुछ अकेला टाइम चाहिए।"बटलर रुकना तोह चाहता था लेकिन राजवीर का गुस्सा भी जनता था अगर उसकी बात कोई नहीं माने।
राजवीर अपनी फैमिली के इसीलिए भी क्लोज नहीं था क्योंकि उसे पता था,उसकी फैमिली बस पावर चाहती है उससे और कुछ नहीं।वोह तोह बस अपने दादाजी के कहने पर इस पार्टी में आया था ।
राजवीर पार्टी को देख ही रहा होता है,की उसकी नजर एक लड़की पे पड़ती है जो अकेले पार्टी से थोड़ा दूर एक पेड़ के नीचे खड़ी थी!जिसके बाल खुले थे और उसने एक प्यारी सी ब्लू ड्रेस पहनी थी,वोह अपनी प्लेट के गुलाब जामुन को बहुत ही खुशी से देख रही थी और अपने होठों को जीभ से रगड़ रही थी।राजवीर तोह बस उसकी क्यूटनेस में खो गया हालांकि राजवीर ने पहले भी कई लड़कियों को देखा था,पर कभी उसे किसी तरह का कुछ भी महसूस नहीं हुआ लेकिन उसे देखने पर उसका दिल मचलने लगा राजवीर ने अपने एक हाथ से दिल को छुआ।
और उस लड़की की तरफ वापस नजरें गड़ाई लेकिन वोह अब वहां नहीं थी जिसे देख राजवीर चिंता से हर जगह देखने लग गया।फिर राजवीर को पीछे से किसी ने tap किया।राजवीर गुस्से से पीछे मूड़ा,की किसकी इतना हिमत हुई उसके पर्सनल टाइम में दखल देने की।
तोह उसने देखा कि वही लड़की अपनी मासूम आंखों से राजवीर को देख रही थी उसके हाथ में एक गुलाब जामुन की प्लेट थी,और राजवीर का गुस्से वाला मुंह देख sad हो गई।
और रोने लग गई।राजवीर उसे रोता देख हैरान परेशान हो गया कि उसे कैसे चुप कराए और उसने उससे बोला-"hey!क्यों रो रही हो?!क्या हुआ?किसी ने कुछ बोला तुम्हें?"हालाकि राजवीर को बच्चे पसंद नहीं थे लेकिन उस लड़की को रोता देख उसके दिल में टीस सी उठी।
राजवीर किसी को चुप कैसे कराते हैं नहीं आता था।क्योंकि उसे तोह बस लोगों को रुलाना आता था। इशिता रोते हुए राजवीर को देख कहती है-"आप कितने डरावने हो!"
राजवीर को अब समझ आता है कि यह लड़की उसको देख के डर रही है,फिर वोह अपने एक घुटने पर आ इशिता के चेहरे से उसके हाथ हटता है और एक हल्की स्माइल के साथ कहता है-"क्या तुम्हें अभी भी डर लग रहा है?"
इशिता अब चुप हो जाती है और राजवीर उसके आसूं अपने रुमाल से पोछता है। और फिर वोह लड़की कहती है-"आपने मुझे रुलाया है,अब आपको मेरी प्लेट से गुलाब जामुन खाना पड़ेगा!"राजवीर उसको अजीबो गरीब डिमांड सुन हक्का बक्का रह जाता है।
इशिता राजवीर को गुलाब जामुन न खाते देख,फिर से रोने ही वाली होती है कि राजवीर जल्दी से उसकी प्लेट से गुलाब जामुन उठा खा लेता है।जिसे देख उस लड़की के चेहरे पर एक बड़ी से स्माइल आ जाती है।
"अब आप मेरे दोस्त हो! क्योंकि अपने मेरे प्लेट से खाया है।" और फिर राजवीर खड़ा हो उसकी अजीब बात सुन कहता है-"क्या?पर मैंने कब कहा-"
लेकिन इशिता उसकी बात काट कहती है-"अब आप मेरे बेस्टफ्रेंड हो!"और उसे अपने हाथ से एक बटरफ्लाई ब्रेसलेट निकल पहना देती है।और खुशी से स्माइल करने लगती है।
राजवीर उसके चेहरे में खुशी देख पता नहीं क्यों वोह भी स्माइल करने लगता है,और इशिता उसकी स्माइल देख कहती है-"wow!आपकी स्माइल कितनी प्यारी है!"जिसे सुन राजवीर को रियलाइज होता है कि वोह स्माइल कर रहा है और उसके गाल श्रम से लाल हो जाते हैं।
और इशिता इससे पहले कुछ और कहती राजवीर का ख्वाब झट से टूट जाता है गाड़ी के ब्रेक लगाने से।
राजवीर ड्राइवर को खा जाने वाली नजरों से देखता है, ड्राइवर डर से पीछे मूड बोलता है-"बॉस वोह अचानक से ब्रेकर आ गया था!"
राजवीर अपने गुस्से पर काबू कर अपनी पेंट की पॉकेट से वोह ब्रेसलेट निकलता है और उसे घूरने लगता है फिर कहता है-"कहां हो तुम बटरफ्लाई में फिर से तुम्हारे साथ मुस्कुराना चाहता हूं!जहां भी हो,तुम जल्दी ही मेरे पास होगी।"
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राजवीर की गाड़ी कुछ ही देर बाद मल्होत्रा इंडस्ट्रीज के नीचे रुकी और वोह गाड़ी से अपना कोट ठीक कर निकला और बिल्डिंग के अंदर चला गया।
सभी एम्प्लॉय को पता था कि राजवीर जरा सा भी अगर किसी को अपने वर्किंग टाइम पर कुछ और करता देख ले तोह उसकी आधी सैलरी काट लेता है इसीलिए सब तुरंत अपनी वर्क पोजीशन पर आ गए थे।
राजवीर एक नजर चलते हुए उन सब को देखता है, हालाकि सब राजवीर से डरते थे और उसकी और नहीं देखना चाहते थे लेकिन उसकी पर्सनैल्टी और चरम ही कुछ ऐसा था कि उसे अनदेखा कर पाना बस इंपोसिबल।
हल्की beard विथ क्लीन शेप, शार्प jawline,काली आँखें स्ट्रेट आईब्रो,thin लिप्स,और एक लंबी चौड़ी पर्सनेलिटी जिसका चरम ही कुछ ऐसा था कि देखने पर मजबूर कर दे।
इसीलिए सब स्टाफ काम करते साथ उस पर ही नजरें गड़ाए थे और लड़कियां तोह आहें भर रही थी,जो राजवीर भी देख रहा था और रुक उनकी और देख कहता है-"अपने काम में
ध्यान दें तोह बेहतर रहेगा,में पैसे आपको मुझे देखने के नहीं देता!"
राजवीर की आवाज उस ऑफिस में फैली शांति को चीर कर रख दिया।जो लड़कियां आहें भर रहीं थीं वोह तुरंत अपने काम पर फोकस डालीं।
और राजवीर आगे बढ़ गया,राजवीर का केबिन सब से ऊपर वाले फ्लोर पर था यानी 22nd फ्लोर पर और वोह लिफ्ट से अपने केबिन के अंदर गया जिसका दरवाजा खुला हुआ था।
जिसे देख राजवीर जानता था अंदर कौन है क्योंकि बिना परमिशन के एक ही इंसान उसके केबिन के अंदर आ सकता है।
और वोह जेब में हाथ डाल अपने केबिन के अंदर आत है और देखता है कि कैसे एक लड़का बड़े ही आराम फ़माए हुए उसकी ऑपोजिट chair पर बैठा हुआ था।जिसे देख राजवीर उसके सामने अपनी चेयर पर बैठ उसे घूरने लगता है।
वोह लड़का कहता है-"अरे यार क्या ऐसे घूर रहा है?तेरा ही दोस्त हूं ,karan Sehgal!"
यह भी बहुत हैंडसम है विथ ए चार्मिंग पर्सनेलिटी आए दिन लड़कियां इसे प्रोपोज करती रहती हैं,यह हमारे राजवीर को बचपन से जनता है और यह भी माफिया वर्ल्ड में अपनी पहचान रखता है और इसका खुद का सक्सेसफुल बिजनेस भी है।पर यह मस्त मौला रहता है और थोड़ा playboy टाइप का है।
राजवीर उसकी बात सुन बोला-"तुझे कोई काम नहीं है?जो बिनभुलाए मेहमान की तरह हमेशा प्रकट हो जाता है?"
करन-"अरे यार कैसी बात कर रहा है तू? किसी को तोह तुझपर ध्यान रखना पड़ेगा न?"
राजवीर-" no thanks,में अपना ध्यान खुद रख सकता हूं,और अब अगर तेरे पास कोई काम नहीं है तोह तू जा सकता है,क्योंकि मुझे बहुत काम है।"
करन मजाकिया लहजे में-"अभी भी खडूस का खडूस ही है,में तोह बस यह चेक करने आया था कि मेरा lover बॉय को उसकी बटरफ्लाई मिली कि नहीं मिली और एक बात बता कोई किसी से 13 साल से एक तरफ प्यार कैसे कर सकता है और ऊपर से तुझे उसका चेहरा तक याद नहीं,तू किसी और लड़की-"
राजवीर उसकी बात काटते हुए कोल्ड वॉयस जिसमें गुस्सा साफ झलक रहा था कहता है-"मेरा प्यार उसके लिए सच्चा है,मुझे उसकी स्माइल आज भी याद है,वोह एक मुस्कान मेरे दिल में हलचल पैदा करने के लिए काफी है!मुझे मेरे दिल के हर दरवाजे पर बस उसकी ही दस्तक चाहिए....भले ही मुझे पूरी दुनिया छानी पड़ जाए लेकिन में उसे पा कर ही रहूंगा!इसीलिए आइंदा ऐसी बेकार बात मेरे सामने मत करना।"
karan उसके डराने वाले लहजे से काफी दर गया था और एक घुट पी कहता है-"म-मुझे चलना चाहिए! क-काम बहुत हैं!" और वोह राजवीर के कैबिन से तुरंत बाहर आ बोला-"angry young man,अभी ऐसा बिहेव कर रहा है तोह उसे पाने के बाद कैसा करेगा?कभी कभी तोह लगता है कि यह मेरा दोस्त है कि नहीं!"और वोह वहां से अपने असिस्टेंट के साथ चले जाता है।
वहीं दूसरी तरफ डेविल विला में
इशानी उस लड़की के सामने खड़ी हो जाती है।अब क्योंकि वोह लड़की जल्दी में थी और अचानक इशानी के सामने आ जाने से डर जाती है।
इशानी एक प्यारी सी स्माइल के साथ हल्का हफ्ते हुए कहती है-"आपका नाम अनम है न?"
अनम अपने सामने खड़ी उस लड़की को कन्फ्यूजन से देखती है और बोलती है-"हां क्या आपको मुझसे कोई काम था?"
इशानी अनम से कहती है-"में इशानी हूं यहां नई आई हूं,क्या आप मेरी मदद कर सकती हैं मुझे अभी काम बताया नहीं गया है!"
अनम बोली-"सॉरी पर में आपकी मदद नहीं कर सकती,आपको ममता ताई के पास जाना चाहिए वही आपको काम बता देंगी।"
इशानी जानती थी कि अनम को अपने आस पास लोग कुछ खास पसंद नहीं है तोह वोह मना ही करेगी लेकिन इशानी इसके लिए भी प्रिपेयर्ड थी और बोली-"ममता ताई ने ही मुझे यहां भेजा है,क्योंकि वोह बिजी थी तोह उन्होंने कहा आप मुझे काम बता दें।"
अनम सोच में पड़ जाती है क्योंकि अगर कोई न्यू मेड वहां आती तोह उसे पता होता लेकिन उसे इशानी के बारे में नहीं पता था लेकिन क्योंकि ममता ताई ने बोला था और वोह खुद भी विला की ट्रस्टेड मैड्स में से आती थी तोह उसे करना ही था इसीलिए अनम ने बोला-"ठीक है मेरे पीछे आओ में तुम्हें न्यू मेड के हिसाब से काम बताती हूं।"
अनम गुप्ता,एक्चुअली में एक अमीर लड़की थी,उसके grandfather ने उसके लिए बहुत सी अमानत छोड़ी थी।लेकिन वोह राजवीर से पहली दफा वाला प्यार कर बैठी लेकिन वोह यह भी जानती थी कि राजवीर कौन था,तोह उसके आस पास रहना इतना भी आसान नहीं था इसीलिए उसने राजवीर के विला में राजवीर को रोज देखने के लिए मेड बन गई,एक तरह से वोह राजवीर को स्टॉक ही कर रही थी।और नोबेल में अनम की डेथ पकड़े जाने पर हुई थी जब वोह इशिता को फसाने की कोशिश कर रही थी।
इशानी ने जल्दी से अनम की बात पर सर हिलाया और उसकी साथ चल दी,और चलते वक्त इशानी अपनी पूरी कोशिश कर रही थी अनम से बात चीत करने की ताकि दोस्ती का हाथ बड़ा सके लेकिन अनम थी कि सिर्फ हां या न में ही जवाब दे रही थी।
इशानी मन में-"अरे इशानी यूं तोह तेरा मुंह कितना चलता है,लेकिन अब जब चलाने की जरूरत है तब तोह चल ही नहीं रहा है ऐसे में यह मुझसे दोस्ती कैसे करेगी,नोबेल में तोह इसे किसी से कोई मतलब ही नहीं था...तोह ये मेरी दोस्त क्यों ही बनेगी,तू हिम्मत मत हार इशानी पट ही जाएगी ये!"
अनम इशानी को विला के kitchen में ले आई जो कि खाली था और उसने कहा-"यहां हर किसी मेड का टाइम to टाइम शिफ्ट्स होते हैं,और हर किसी की टास्क लिस्ट होती है कि एक दिन में क्या क्या करना है।लेकिन क्योंकि तुम नई हो और मुझे किसी ने इनफॉर्म भी नहीं किया है तोह मेरे पास तुम्हारे हिसाब से टास्क लिस्ट नहीं है लेकिन इस वक्त जिस मेड का यह सब काम था वोह बीमार होने के चलते कुछ दिनों के लिए नहीं आएगी तोह तुम उसकी शिफ्ट ले सकती हो!और जब वोह आ जाएगी तोह में तुम्हें तुम्हारी नई टास्क लिस्ट दे दूंगी!और एक और बात तुम्हारी मेड यूनिफॉर्म कल तक आ जाएगी।"
इशानी ने हां में सर हिला दिया और अनम ने उस मेड की टास्क लिस्ट थमा दी और जाने लगी तभी इशानी फिर से अनम के सामने आ बोली-"क्या आप मेरी दोस्त बनेंगी मुझे काफी अकेला अकेला सा फील होगा इस बड़े से विला में!"
अनम इशानी की बात का जवाब दे बोली-"नहीं मुझे दोस्त बनाना पसंद नहीं है तुम किसी और को बना लेना।" और इशानी को कुछ और बोलने का मौका देने से पहली ही वहां से चली गई।
इशानी का मुंह बन गया और वोह खुद से बोली-"इसीलिए तोह इसके कोई दोस्त नहीं थे,इसके इतने एरोगेंट बिहेवियर के चलते!यह बिल्कुल भी आसान नहीं होने वाला।"और पीछे मुड़ती है,तोह इशानी को बर्तनों का ढेर मिलता है जिसे देख उसका मुंह ही खुल जाता है!
इशानी-"इस विला में तोह सिर्फ मेल लीड ही रहता है न,तोह फिर इतने सारे बर्तन क्यों है यहां-?!?!" खैर उसे अब धुलने ही थे और वोह धीरे धीरे सारे काम उसकी टास्क लिस्ट के हिसाब से करने लगती है और और काम करते करते 3 बज जाते हैं इशानी को सुबह से बहुत भूख लगी थी और यह वक्त मैड्स का लंच टाइम था,मैड्स का खाना भी किचेन में अलग से बनता था।
तोह फाइनली इशानी खाना निकलती है और वोह गार्डन एरिया में आ एक पेड़ के नीचे बैठ खाने ही लगती है लेकिन उसने जैसे ही पहला निवाला खाया कि उसे जोरों से खासी आने लगती है और उसे वोह खाना बहुत तीखा लगता है! इशानी की पूरी जीभ में आग लग जाती है और इशानी तुरंत उस निवाले को उगल देती है और तुरंत उसके पास रखे ग्लास में से पानी पीने लगती है,और लंबी लंबी सासें लेती है। कुछ मैड्स की उसे हंसने की आवाज आती है।और इशानी अपने आस पास देखती है तोह उसे थोड़ी ही दूरी पर खड़ी 2-3मैड्स दिखती है जो उसे ही देख कर हस रही थी।
जिसे देख इशानी को समझने में देर नहीं लगी कि यह सब उन्हीं का किया धारा है,अब इशानी का गुस्सा सातवें आसमान पर चले जाता है क्योंकि इशानी को कितने ही वक्त से भूख लगी थी और अब जब उसे खाना मिला था तोह वोह उसे खा भी नहीं पाई!
इशानी अपनी जगह से उठती है और अपना हाथ धूल कर उन मैड्स के पास आ जाती है,इशानी एक शांत लहजे में पूछती है-"क्या आप लोगों ने मेरे खाने के साथ कुछ छेड़ छाड़ किया है तोह बता दीजिए,वरना-"
उन मैड्स में से एक लड़की अपने हाथ बांध इशानी की बात काट कहती है-"ओह रियली,में तोह डर गई?अगर मैंने कुछ किया भी हो तोह? पीददी सी हो और क्या ही कर लोगी तुम!" और वहां खड़ी बाकी की मैड्स उस मेड की बात सुन हसने लगी।
इशानी उनकी बात गौर से सुन रही थी और फिर sarcastic टोन में बोली-"तुम लोगों का लेवल देख कर तोह मुझे piddi भी क्वीन लग रहा है!और में अभी बताती हूं कि में क्या कर सकती हूं!"उसकी बात सुन वोह मैड्स चीड़ जाती है।लेकिन उन मैड्स को डर नहीं लगता क्योंकि उन्हें लगा कि इशानी क्या ही कर लोगी।
और इशानी गार्डन में ही लगे एक नल के पास जाती है जिसमें एक पाइप कनेक्ट था।और वोह एक शातिराना स्माइल करती है!और बिना किसी को कोई समझने का मौका दिए,इशानी वोह नल ऑन कर उन मैड्स पर पानी फेंकने लगती है!
जिसे देख वे मैड्स अब चिल्ला चिल्ला कर भागने लगती है पर पानी की आवाज में उनकी आवाज छिप सी गई थी ।लेकिन इशानी उन्हें जाने का एक मौका ही नहीं देती और वोह भी उन्हें भाग भाग कर भिगोने लगती है।इशानी को तोह इन सब में बहुत मजा आ रहा था।
वहीं राजवीर की कार अपने विला पर रुकती है।राजवीर जो कुछ काम के चलते अपने विला आया था,उसे अपने गार्डन एरिया से कुछ आवाज़ें सुनाई देती हैं।राजवीर को पता था अभी लंच टाइम है तोह कोई मैड्स गार्डन एरिया में नहीं होनी चाहिए इसीलिए वोह अपने कदम गार्डन एरिया की तरफ मोड लेता है।
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आज के लिए इतना ही!
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राजवीर जैसे ही गार्डन एरिया में आया,वोह हैरान रह गया।राजवीर ने देखा कि इशानी एक पाइप लेके तीन मैड्स पर पानी फेक रही है जो कि उस वक्त बहुत भीग गई थी और
भागते हुए चिल्ला रही थी।इशानी को तोह बहुत मजा आ रहा था,लेकिन राजवीर का गार्डन खराब हो रहा था।जिसे देख राजवीर को बहुत गुस्सा आया।
और उसने अपनी रौबदार आवाज से कहा-"यहां क्या हो रहा है?!"लेकिन पाइप की आवाज में राजवीर की आवाज उन मैड्स या इशानी तक नहीं पहुंची।राजवीर का पेशेंस अब टूट रहा था और वोह गुस्से से गार्डन एरिया के और अंदर गया लेकिन इससे पहले वोह कुछ भी बोलता इशानी भागते वक्त गलती से उसे ही मैड् समझ पानी डाल दी पाइप से। लेकिन जैसे ही उसे रियलाइज हुआ कि जिसके ऊपर उसने पानी फेका है वोह राजवीर था,उसकी आँखें फैल गई और पाइप हाथ से ही छूट गई!
और राजवीर को शौक के मारे टुकुर टुकुर देखने लगी जो कि आग बबूला हो गया था ऐसा किए जाने पर,बाकी सब मैड्स जो कि भाग रही थी वोह भी अपनी जगह पर रुक गई और डर कर राजवीर के सामने सर झुका खड़ी हो गई।
वहीं इशानी का तोह राजवीर के उसे घूरने मात्र से डर से बुरा हाल हो गया था, उसका मुंह डर से उतर गया था,उसका चेहरा उस वक्त ऐसा लग रहा था जैसे उसने किसी भूत को देख लिया हो!
अगले ही पल वे लोग हाल में थे और राजवीर उन चारों के झुके सर पर चिल्ला रहा था,राजवीर गुस्से से पूछता है-"क्या कर रहे थे तुम सब वहां पर? किसने इजाजत दी तुम लोगों को होली खेलने की मेरे गार्डन में,किस बात के पैसे देता हुं में?ताकि तुम लोग मेरे गार्डन को खराब कर दो?!"
वहां ममता ताई और कुछ गार्ड्स भी मौजूद थे जिनकी यह रिस्पांसिबिलिटी थी विला की देख रेख करना!राजवीर की बातों का किसी ने जवाब नहीं दिया क्योंकि राजवीर की आवाज ही इतनी गुस्से वाली थी।
राजवीर ने ममता ताई और वहां खड़े कुछ गार्ड्स की और देख गुस्से से पूछा -"क्या तुम लोगों responsibility नहीं है?विला में क्या हो रहा है नोटिस करना?तोह तुम लोग कहां थे जब यह सब हो रहा था?!अगर मैंने नहीं देखा होता तोह यह मेरे गार्डन का नक्शा कदम ही बिगड़ देते!"
गार्ड्स राजवीर की बात सुन डरते हुए बोले-"बॉस वोह लंच टाइम था,पता नहीं था तोह हमे लगा गार्डन में कोई पौधों पर पानी डाल रहा होगा इसीलिए ज्यादा द्यान नहीं दिया...।"
राजवीर गुस्से से बोला-"idiots इतने सालों से काम कर रहे हो टाइम नहीं पता?!"
ममता ताई ने बोला-"बॉस मैंने तोह इन लोगों को इशानी को देखने को कहा था कि उसे कुछ दिक्कत तोह नहीं आ रही है काम में!उसके बाद इशानी ने ही इन लोगों पर पानी फेका!"
और राजवीर अब गुस्से से इशानी को देखते हुए पूछा -"क्या यह जो कह रहीं है,सच है?"और उसकी बात सुन उन में से एक मेड भी बोल पड़ी-"हां बॉस हम तो इसका हाल चाल जानने आए थे कि न्यू मेड है तोह कोई दिक्कत तोह नहीं आ रही, लेकिन इसने तोह-"राजवीर ने उसे हाथ दिखा कर रोक दिया।
अब राजवीर इशानी की तरफ देखने लगा,जिसे महसूस कर इशानी ने मुंह खोल जैसे ही बोलना चाहा।राजवीर ने उसकी बात काट कहा-"अब तुमने ही क्योंकि गार्डन का नक्शा बिगड़ा है,तोह अब तुम्ही गार्डन को ठीक करोगी और हां अगर गार्डन कल तक ठीक नहीं हुआ तो फिर तुम जानती हो क्या होगा....।"
इशानी का मुंह हैरियट में खुल गया क्योंकि वोह गार्डन बेहद बड़ा था,और उसे उस गार्डन को ठीक करने में बड़ी मेहनत लगने वाली थी... इसलिए इशानी ने जल्दी से बोला-
"लेकिन.!"लेकिन राजवीर उसकी बात सुने बिना पीछे मूड बोला-"तुम सब अब यहां से जा सकते हो और हां इस बार सिर्फ पनिशमेंट दे रहा हूं अगली बार मौत के घाट उतारने से पहले सोचूंगा तक नहीं।"और वाहन से अपने भारी कदम लेकर चल गया।
गार्ड्स भी सब अपने अपने काम पर लग गए।ममता ताई ने इशानी की और देखा जो कि बेहद परेशान लग रही थी।ममता ताई ने मजाकिया लहजे में कहा-"अब में क्या ही कर सकती हूं अगर कुछ लोगों को होली खेलने का बहुत शोक है।"और बाकी की मैड्स भी इस बात पर हस ही रही थी।
तभी इशानी ने उन मैड्स की ओर देखा और उनका हंसना बंद हो गया,क्योंकि वोह भूले नहीं थे इशानी का उनको भिगोना।और थोड़ा डर गए लेकिन ममता ताई ठहरी ममता ताई बोली-"ऐसे का देख रही हो? तुम्हरे देखने से हम डरने वाले तोह नहीं।इसीलिए जाओ अपना काम करो!"
इशानी ममता ताई के पास आकर खड़ी हुई और बोली-"आप फसेंगी बहुत बुरा..देखिएगा"और एक डेविल स्माइल पास कर चली गई।
इशानी की धमकी सुन ममता ताई को कही न कही हल्का सा डर लगने लगा लेकिन उन्होंने इस बात को झटक दिया और वोह भी चली गई बाकी मैड्स भी काम पर लग गई क्योंकि लंच टाइम खत्म जो हो गया था।
यह सब कोई बहुत दूर से द्यान से देख रहा था,और चला गया।इशानी मेंशन के गार्डन एरिया में पहुंची उस समय श्याम हो चुकी थी और उसने थकान भरी सांस ले उदासी से उस गार्डन को देखने लगी क्योंकि जितना उसने सोचा था उस गार्डन की हालत उससे भी बदतर दिख रही थी ऐसा लग रहा था कि वहां किसी ने घास पर बुलडोजर चला दिया हो और पौधों पर stampede हो गई हो!
इशानी खुद से-"क्या मुझे इस पूरे गार्डन को अकेले ही खुद से ठीक करना है,मेरा मतलब कांड भी तोह मैने ही किया है!अब यह इतना बड़ा गार्डन एक दिन में कैसे ठीक हो गा है भगवान कोई करिश्मा कर दो!"
लेकिन अगले ही पल इशानी घास पर बैठी होती है और गुस्से से खराब पौधों को काट खुद से बोलती है-"हाई मेरी किस्मत! करिश्मा जैसा कुछ नहीं होता!वोह मैड्स नहीं बल्कि चुडैल है चुडैल। और महा पिशाचनी तोह वोह ममता ताई है पता नहीं कौन सी खानदानी दुश्मनी कर बैठी हैं भैंस कहीं की!खुद तोह कुछ काम कच करना है नहीं बस सुनाने बोल दो!और इन सब से भी महान तोह इनका बॉस कलिया नाग है मेरी एक न सुनी...कितना favouritism है।मुझे यहां फंसा दिया एक तोह सुबह से काम कर मेरी हालात पंचर हो गई है अब बस इसी की कमी थी,मेरा बस चलता तोह इसी कैची से उन लोगों का सर कलम कर देती।"
तभी इशानी को अपने पीछे से किसी की जोर जोर से हसने की आवाज आई।इशानी पीछे कन्फ्यूजन से मुड़ी और उसने देखा कि एक लड़का जो की मैड्स की यूनिफॉर्म में था अपना पेट दबा कर हस रहा था।
इशानी को उसे न समझी के भाव से देखने लगी।थोड़े देर हस लेने के बाद वोह लड़का अपना सर उठाया और इशानी की और देख अपनी हंसी कंट्रोल कर स्माइल के साथ बोला-"मुझे नहीं पता था कि आप जिसके यहां काम करती हैं उन्हीं का सर कलम करने के बारे में सोचती हैं।"
इशानी को उसकी बात पर गुस्सा आ गया एक तोह उसका मूड ऑलरेडी खराब था अब यह उसके सामने बकवास बातें कर दिमाग चबा रहा था।इशानी खड़ी हुई और उसको कैची दिखाते हुए बोली-"ए mister कौन हो तुम,और क्या तुम्हें भी उन लोगों की बिरादरी में शामिल होना है?तोह बता दो तुम्हें में पहले खत्म करूंगी!"
उस लड़के की हंसी एक झांकते में छू मंतर हो गईं और उसने हल्का डरते हुए बोला-"सॉरी हां ,तुम्हारी बातों पर हसने के लिए,पर क्या तुम सच में मेरा सर कलम कर दोगी?"
इशानी उसकी बात सुन हस पड़ी,इशानी को हस्त देख वोह लड़का जिसका नाम वरुण था दंग रह गया।
इशानी ने हंसते हुए ही बोला-"अरे यार मजाक कर रही थी में क्या तुम्हें सीरियल किलर दिखती हूं जो तुम्हें मौत के घाट उतार देगी?"वरुण इशानी की बात सुन एक स्माइल कर कहता है-"तोह क्या हम दोस्त हैं?"
इशानी उसकी ओर देख बोली-"और तुम्हें मेरा दोस्त क्यों बनना है?"varun बोला-"यह भी कोई पूछने की बात है मैंने देखा कैसे आपने ममता ताई के सामने आवाज उठाई और उन मैड्स को मजा चखाया!में तोह आपका फैन हो गया!!आपकी जैसी दबंग औरत मैंने आज से पहले कभी नहीं देखी!!"ये सब कहते वक्त वरुण ने इशानी के दोनों हाथ को अपने दोनों हाथ में पकड़ लिया था।
और ये scene राजवीर अपनी बालकनी से देख रहा था।उसकी भौहें सिकुड़ गई,और उसने बोला-"अच्छा तोह यह छोटी चुहिया यहां पर इश्क लड़ा रही है!आज जो इसने मेरे साथ किया उसकी भरपाई तोह करनी पड़ेगी!"और एक कॉल अटेंड करने के लिए वापस अपने कमरे में चले जाता है।
और वहीं इशानी वरुण की यह बात सुनकर अपना सर proud से उठते हुए अपने हाथ बांध लेती है और बोलती है-"हैं नि!वे लोग डिजर्व ही करते थे लेकिन अब मुझे इसकी भरपाई भी करनी पड़ रही है यह गार्डन साफ करके...। "और इशानी का मुंह लटक गया।
"इसीलिए तोह में यहां आया हूं मैंने भी देखा था आपको बे बात की सजा मिली है,पर हां में यह सब फ्री में नहीं करूंगा आपको मेरा दोस्त बनना होगा!"
इशानी के चेहरे पर एक बड़ी स्माइल छा गई और वोह बोली-"नेकियों पूछ पूछ!मेरा नाम इशानी है!deal"
"deal!मेरा नाम वरुण है!"और वोह दोनों हैंडशेक करते हैं और फिर वरुण इशानी की मदद करने लगता है बहुत सी चीजों में और इशानी को पता चलता है कि वरुण 21 साल का है और उसे इस मेंशन में काम करते 5 महीने हो गए हैं।और ऐसे ही वोह ढेर सारी बातें करते करते काम करते हैं।
और टाइम कब बीत जाता है पता ही नहीं चलता और 8:40 बज जाते हैं।और गार्डन तब तक इशानी और वरुण के करने से कई हद तक ठीक हो गया था और बेहतर दिख रहा था।इशानी थक्का भरी सांस लेती है और वरुण से बोलती है-"यार वरुण अगर तुम नहीं होते तो में तोह मर ही जाती शायद ही आज से पहले इतनी मेहनत की होगी मैंने जितनी आज की है!"
वरुण इशानी की बात सुन कर स्माइल के साथ हफ्ते हुए कहता है-"हां पूरे पसीना से भीग गया हूं!लेकिन आज से पहले शायद ही मुझे यह मेंशन कम डरावना लग रहा हो!थैंक्स तो यू!"और इशानी ने स्माइल की और वरुण से एक लास्ट हेल्प मांगी और बोली-"क्या तुम्हारे पास एक extra गददा है?एक्चुअली मेरे रूम में है ही नहीं!"
वरुण ने उसकी बात सुन कहा-"हां मेरे पास है , थोड़ा पुराना है लेकिन सोने लायक है और सॉफ्ट भी है!"
और अगले पल में इशानी उस गड्ढे को लेकर जा रही थी सर्वेंट क्वार्टर से जो कि बिल्कुल भी सॉफ्ट नहीं था।इशानी खुद से बोली-"गड्ढा है कि क्या ह!इतना भारी ऊपर से उसने मदद भी नहीं की-यार उसको में वंडर वूमेन दिखाई पड़ती हूं? जो इतना बड़ा गड्ढा खुद से ले कर जाऊं वोह भी सीढ़ियों से!"वरुण इशानी की मदद इस लिए नहीं कर पाया था क्योंकि उसे कुछ काम आ गया था और वरुण के हिसाब से गड्ढा बिल्कुल भी भरी नहीं था।
लेकिन हमारी छोटी शरीर की इशानी के लिए चट्टान से कम नहीं था,वोह गड्ढे को बीच बीच में रुक कर धीरे धीरे ऊपर लेकर जा रही थी और जैसे ही ऊपर पहुंची एक सेटिस्फेक्टरी सांस भर खुद से बोली-"फाइनली"
"कौन हो तुम?और इस वक्त यहां क्या कर रही हो?"इशानी धप सी रह गई ,शायद ही यह आखिरी इंसान होगा जिससे इशानी टकराना पसंद करेगी!इशानी ने बोला-"जी! यह में हूं"
क्योंकि इशानी का सर गड्ढे के पीछे चिप गया था इसीलिए राजवीर उसे देख नहीं पाया।
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इशानी का सर गड्ढे के पीछे होने के चलते राजवीर को नहीं दिखता,वहीं इशानी मन में-"हां बस अब इसी की कमी थी मेरे खराब दिन को और बर्बाद करने की!"
राजवीर दूसरे शख्स का कोई जवाब न पाकर उस गड्ढे के दूसरे साइड जाता है तोह देखता है कि यह और कोई नहीं बल्कि इशानी थी जो कि उसकी ओर देख एक अवॉकवर्ड स्माइल दे रही होती है।
राजवीर इशानी को देखता है तोह उसे याद आ जाता है कि कैसे इशानी ने उसके ऊपर पानी डाल दिया था,जिसे याद कर उसे फिर से गुस्सा आने लग जाता है और वोह इशानी से बोलता है-"ये तुम इतने रात गए क्या कर रही हो और घूम क्यों रही हो ये मेरा विला है तुम्हारा कोई गार्डन नहीं जो घूमो!"
अब इशानी वैसे ही थकी हुई थी और उसे यह सब राजवीर के कारण ही करना पड़ रहा था इसीलिए इशानी को भी गुस्सा आ जाता है और वोह सर मोड बोल पड़ी-
"देखिए आपकी गरीबी के चलते ही मुझे ये सब करना पड़ रहा है एक पैसा नहीं है आपके पास मेरे कमरे में बेड लगवाने के लिए अब गड्ढा उड़ कर तोह नहीं आएगा मुझे खुद ही लाना पड़ेगा ना और आपका यह विला कोई शाह जहां का महल नहीं है ,जो में यहां घूमूं वैसे भी रात में तोह भूत पिशाच घूमते हैं और मुझे पिशाच थोड़ी बनना आपकी तरह आपको तोह रात में भी आने की जरूरत नहीं होती होगी ना? दिन में ही देख लें ही अगर कोई देख ले तो कोमा में चले जाएगा!!"इशानी यह सब गड्ढे को धीरे धीरे लेजाते वक्त बोल रही थी इसीलिए वोह उसके कमरे के दरवाजे के बहुत पास पहुंच गई थी।
वहीं राजवीर के तोह हवाइयां ही उड़ गई कहां वोह यहां इशानी की अच्छी खासी क्लास लगने आया था और खुद का ही मजाक बना गया।राजवीर इशानी को अब खा जाने वाली नजरों से देखने लगा। और अपने शोक से बाहर आ कहा-"तुम्हारी इतनी हिम्मत!तुमने मेरे बारे में इतना सब कहा भी कैसे?!?!"
इशानी अपना सर पीछे मोड़ एक प्यारी सी स्माइल के साथ बोली-"मुंह से!" और इससे पहले राजवीर इशानी की बाजू पकड़ता,वोह अपने कमरे के अंदर आ दरवाजा बंद कर देती है राजवीर के मुंह पर।
राजवीर का गुस्सा अब सातवें आसमान पर आ चुका था और वोह दरवाजे पे एक का कर मुक्का मार बोलता है-"तुम्हारे लिए ठीक नहीं होगा समझी तुम,मेरे घर में रह कर मुझसे ही ज़बान लड़ा रही हो!"
राजवीर खुद से"एक बार मुझे मेरी बटरफ्लाई का पता चल जाए फिर में इसे देखूंगा!" और वाहन से गुस्से में जिम रूम चले जाता है और पंचिंग बैग पर जोर जोर से मारने लगता है।वहीं इशानी जिसे किसी की न चिंता थी न परवाह वोह घोड़े बेच कर सो चुकी थी।
शर्मा विला
इशानी को गायब हुए हुए 1 और आधे दिन से भी ज्यादा हो गया था अब,लेकिन शर्मा फैमिली का ध्यान तोह कभी इशानी पर था ही नहीं वे तोह चाहते ही थे कि इशानी गायब हो जाए और अब जो कि इशानी सच में गायब हो गई थी तोह उन्हें लोग रहा था कि इशानी खुद ही घर छोड़ कर भाग गई है इसीलिए शर्मा फैमिली को कुछ खास फर्क नहीं पड़ा।न ही उन्होंने कुछ जांच पड़ताल करवाई।
अगली सुबह इशानी के कमरे के दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी लेकिन इशानी फिर से करवट बदल सो गई और ऐसा कई बार होने के चलते इशानी इरीटेशन से उठी और दरवाजा खोली,तोह पाया कि दरवाजे पर अनम खड़ी थी और इशानी ने कन्फ्यूज होते हुए कहा-"अरे आप यहां?कैसे आना हुआ?"
अनम इशानी का हुलिया देख समझ गई थी कि वोह बहुत नींद से उठ कर आई थी।अनम ने इशानी से कहा-"ये तुम्हारी यूनिफॉर्म और यह कुछ जरूरत का सामान है!"
इशानी ने स्माइल के साथ अनम के हाथ से वोह सारी चीजें ले उसे गुड मॉर्निंग बोला और कहा -"आपको मेरी इतनी परवाह थी जो अपने जरूरत का सामान लाकर दिया?थैंक यू!"
अनम ने इशानी की बात सुन कहा-"ओह,ये जरूरत का सामान मैने नहीं बल्कि वरुण ने भेजा था।और अब में चलती हूं मुझे काम है।"
इशानी जाती हुई अनम को hopelessly देखने लगी।इशानी खुद से -"गुड मॉर्निंग तक विश नहीं किया..मेरी नाव आगे क्यों नहीं बढ़ रही है?है भगवान यहां से बाहर जाने का टिकट आप मेरा कब बनवाएंगे!"और अंदर आ उन चीजों को रख नहाने चली जाती है और उस मेड यूनिफॉर्म को पहन बाहर आ अपनी टेबल से टास्क लिस्ट उठा काम पर न चाहते हुए भी चली जाती है!
वहीं राजवीर जिसका मूड आज हद से ज्यादा चिड़ा हुआ था और हो भी क्यों न क्योंकि इशानी ने उसे वोह सब बातें जो सुनाई थी। न उसे नींद आई थी न उसका अपने काम पर ध्यान जा रहा था।याद बस इशानी की इंसल्ट थी जिससे राजवीर हजम नहीं कर पा रहा था,और वोह गुस्से से अपने सर को रगड़ खुद से बोलता है-"में उस लड़की को झेल भी क्यों रहा हूं?इसकी सजा तोह उसे मिलेगी!"
और जाते वक्त सभी नौकर उसे ही देख रहे थे क्योंकि नॉर्मल के मुकाबले आज राजवीर कुछ ज्यादा ही गुस्से में लग रहा था,और एक नौकर से पूछता है तोह उसे पता चलता है कि इशानी गार्डन एरिया में है और वोह वहां चले जाता है।
वहीं इशानी जो कि एक कोने वाले दिवाल के ऊपर चढ़ी हुई थी।जिसे देख राजवीर को लगता है कि वोह भागने की कोशिश कर रही है,इसीलिए इशानी के पास जा कहता है-"तुम क्या कर रही हो?अभी और इसी वक्त मेरे पास आओ!तुम्हें क्या लगता है कि तुम भाग जाओगी?यह इतना आसान है?"
इशानी किसी की आवाज सुन नीचे देखती है और क्योंकि उसे राजवीर की बात सुनाई नहीं दी थी तोह उसके मुंह से सिर्फ kya!? निकलता है,और राजवीर की बात और गौर से सुनने के लिए वोह थोड़ा और बैंड होती है,लेकिन इसी चाकर में अपना बैलेंस खो देती है और नीचे डायरेक्ट राजवीर के ऊपर गर्ल पड़ती है।
राजवीर क्योंकि इस अचानक से होने वाले धक्के के लिए तैयार नहीं था वोह नीचे गर्ल पड़ता है इशानी के साथ।वोह दोनों घास पर गिरे हुए थे जहां इशानी राजवीर के ऊपर थी और इशानी के बन में बंधे हुए बाल खुल चुके थे जो राजवीर के चेहरे पर आ रहे थे। जिनकी खुशबू ही रूहानी थी।
राजवीर तोह उस खुशबू में खो सा गया था वहीं इशानी की बॉडी में दर्द हो रहा था और वोह हल्का सर उठा बोलती है-"हाय,मेरी नाजुक सी कमर किस चट्टान के ऊपर गिर गई!" जिस बात को सुन राजवीर इशानी को गुस्से में घूरने लगता है वहीं इशानी वाहन राजवीर को अपने नीचे देख उसकी आँखें शोक से बड़ी हो जाती हैं।
राजवीर उठ खड़ा होता है और अपने कपड़े झड़ा इशानी को गुस्से से घूर पूछता है-"क्या कर रही थी तुम वहां पर?भागने की कोशिश कर रही थी?!"
इशानी कन्फ्यूजन से अपनी पलके दो बार झपकती है और फिर बोलती है-"क्या मतलब?"
और राजवीर इशानी की कलाई पकड़ खड़ा कर कहता है-"क्या मतलब, क्या मतलब?इनोसेंट होने की अच्छी एक्टिंग कर लेती हो क्या लगता है मुझे पागल बना लोगी?"
इशानी राजवीर की बात पर मन में सोचती है-"कैसे बना सकती हूं इस महान शे को पागल जब ये पहले से ही पागल है?"
"देखिए आपको न कुछ गलत फहमी हुई है वहां पे अब में एंटीना ठीक करने तोह नहीं चढ़ी होंगी न जरूर कुछ काम ही होगा,वहां पे एक बिल्ली थी उसके पैर में छोटी लगी थी बस उसे ही पकड़ने की कोशिश कर रही थी।"
राजवीर उस ओर देखता है लेकिन वहां कोई बिल्ली नहीं होती और उससे लगता है कि इशानी उसे झूठ बोल रही है,और वोह इशानी से बोलता है-"वहां कोई बिल्ली नहीं है!तुम्हें सजा मिलेगी,दो दिनों तक तुम्हें कोई खाना नहीं मिलेगा आज तुम भूखी रहोगी!"
और राजवीर इशानी का हाथ छोड़ एक सेटिस्फेक्शन से जाने लगता है लेकिन इशानी तुरंत उसका हाथ पकड़ एक फॉर्स स्माइल के साथ कहती है-"देखिए हां में वहां एंटीना ठीक करने ही गई थी,आपने जो समझना है समझ लीजिए पर ऐसे मेरे साथ नाइंसाफी मत कीजिए-?"
जब इशानी यह सब बोल रही थी राजवीर का ध्यान तोह
इशानी के हाथों पर था जिससे इशानी ने राजवीर को थाल रखा था जिसे देख इशानी तुरंत अपना हाथ हटा कुछ बोलने ही वाली थी कि राजवीर उसे इग्नोर कर चले गया।
खुद को ऐसे इग्नोर करता देख इशानी मुंह बनाकर बोली-"खडूस कहीं का,मेरी गलती ही कहां थी वैसे भी?इसे क्या लगता है कि में इसकी बात मानूंगी?मुफ्त में यहां काम कर रही हूं ये कम है क्या??"
वहीं ये सब कोई दूर से देख रहा था और चले जाता है।
जहां इशानी का मूड किरकिरा हो चुका था राजवीर बेहद सेटिस्फाइड था अपनी पनिशमेंट के साथ।
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राजवीर अपने स्टडी रूम में होता है कुछ इंपॉर्टेंट डॉक्यूमें चेक कर रहा होता है तभी उसे एक कॉल आती है।कॉल में वीर बात करता है और राजवीर से कहता है-"बॉस उन मिस का बायो डेटा लेना इतना आसान नहीं है!इसीलिए मुझे दो दिन की और टाइम चाहिए।"
राजवीर को इस बात पर बहुत गुस्सा आता और वोह वीर से कोल्ड वॉयस में कहता है-"में तुम्हें सिर्फ और सिर्फ इस बार टाइम दे रहा हूं लेकिन अगली बार भी दूंगा! "
और कॉल वीर जी बॉस बोल एंड कर देता है,और राजवीर अपनी आँखें पीछे कर बटरफ्लाई के बारे में सोचने लगता है और उसकी आंखों के सामने इशानी की झील सी नीली आँखें आती है जिससे वोह अपनी आंख खोल इरीटेशन से कहता है-"मैंने उस चुहिया की आँखें क्यों देखीं?शायद में उसे टॉर्चर करना चाहता हूं इसीलिए!"और अपना सर झटक काम पर फोकस करने लगता है।