ये कहानी एक ऐसी लड़की की हैं जिसने अपने प्यार के लिए अपना नाम, करियर,पैसा रुतबा सब छोड़ दिया, और अब वो उससे शादी करने जा रही थी लेकिन शादी के दिन ही उसका प्रेमी उसे किसी और के लिए धोखा दें देता हैं और शादी करने से मना कर देता हैं.... लेकिन उस लड़की को व... ये कहानी एक ऐसी लड़की की हैं जिसने अपने प्यार के लिए अपना नाम, करियर,पैसा रुतबा सब छोड़ दिया, और अब वो उससे शादी करने जा रही थी लेकिन शादी के दिन ही उसका प्रेमी उसे किसी और के लिए धोखा दें देता हैं और शादी करने से मना कर देता हैं.... लेकिन उस लड़की को विश्वाश नहीं होता हैं तभी अचानक कुछ ऐसा होता हैं कि वो दुनियां के सबसे पावरफुल आदमी से उसी दिन अचानक शादी कर लेती हैं... आखिर क्या थी उसके अचानक किसी और से शादी करने की वजह........और कौन था वो आदमी जिससे उसने शादी की थी..
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आज मौसम बहुत ही सुहाना था चाँद पूरे आसमान में शान से चमक रहा था और अब रात के 11 बज चुके थे वहीं मुंबई की गगनचुंबी सबसे ऊँची इमारतों के बीच, 'एलीट टॉवर' की 40वीं मंज़िल पर स्थित,एक आलीशान पेंटहाउस के कमरे में बिल्कुल सन्नाटा पसरा हुआ था.....
और ये सन्नाटा किसी शांति का नहीं लगा रह था बल्कि आने वाले तूफ़ान से पहले की ख़ामोशी नजर आ रही थी वहीं एक सुन्दर से बेडरूम के अंदर, जहाँ शहर की जगमगाहट खिड़की से झाँक रही थी, वहीं आज किसी की जिंदगी में तूफान आने को था.......
वहीं उस कमरे में थोड़ी दूर बेड के दूसरी तरफ सोफे पर एक लड़की बड़े ही आराम से सो रही थी तभी धीरे धीरे अचानक से उसकी आँखें खुलने लगती हैं............
जैसे ही उसके अपनी आँखों को खोला तो सबसे पहले उसे कुछ भी दिखाई नहीं दिया इसलिए उसने अपनी आँखों को दोबारा बन्द करके फिर से खोला..............
जैसे ही उसने दोबारा अपनी आँखों को खोला तो पहले तो खुद को अनजान कमरे में देखकर चौंक गई इस लड़की का नाम आन्या चौहान हैं.........
वहीं अचानक उठने की वजह से आन्या को ऐसा लग रह था जैसे उसका सिर दर्द के मारे फट ही जाएगा और ये दर्द उसे कल रात की वजह से हो रहा था.........
कल रात आन्या और उसके बॉयफ्रेंड की बेचलर पार्टी थी वहीं बैचलर पार्टी में रोहन ने उसे ज़िद करके कुछ ड्रिंक्स पिला दी थी जिसके पीने के कुछ देर बाद आन्या बेहोश हो गई थी.............
और अब जाकर उसकी आँख खुल रही थी उसने अपने चारों तरफ गौर से देखने की कोशिश की, कि आखिर वो इस बक्त कहाँ और कौन सी जगह पर हैं............
कमरे को अच्छे से देखने पर उसे याद आया ये कमरा तो उसके पेंटहाउस का कमरा है जिसे उसने रोहन के बर्थडे पर उसे गिफ्ट किया था............
यह देखकर उसे तसल्ली होती है कि वहीं कहीं किसी और के कमरे में नहीं बल्कि अपने ही पेट हाउस के कमरे में है..देखा वो एक कमरे में हैं उस कमरे में मद्धम रौशनी थी तभी अचानक उसकी नज़र सामने वाले बिस्तर पर पड़ी और सामने देखकर ही उसका खून जम गया
आन्या को लगा जैसे उसका सिर हज़ारों टुकड़ों में बिखर जाएगा। उसके गले में सूखी हुई मिठास का एक कड़वा स्वाद था।
यह सब रोहन की ज़िद का नतीजा था। उसकी बैचलर पार्टी, जिसमें उसने "सिर्फ़ एक छोटा पेग" कहकर कुछ ड्रिंक्स पिलाई थीं, और जिसके बाद अंधेरा छा गया था।
उसने मुश्किल से अपनी पलकें खोलीं। कमरे में सिर्फ़ डिम, एम्बर रंग की नाइट लैंप की रौशनी थी, जिसने सच्चाई को और भी भयानक बना दिया
जैसे ही उसकी धुंधली नज़र सामने राजा-आकार के बिस्तर पर पड़ी, उसका ख़ून जम गया। उसकी आँखें फैल गईं, और एक ठंडी लहर उसके रीढ़ की हड्डी से नीचे उतर गई—मानो समय ठहर गया हो।
बिस्तर पर, अर्धनग्न अवस्था में दो लोग एक-दूसरे में खोए हुए थे, अपनी दुनिया में बेसुध।
वे कोई और नहीं, बल्कि उसका मंगेतर रोहन और उसकी सबसे बड़ी व्यावसायिक प्रतिद्वंद्वी उसकी दुश्मन दुश्मन, ईशा थी
आन्या का दम घुटने लगा। वह चीखना चाहती थी, लेकिन उसके गले से सिर्फ़ एक सूखी, बेजान आवाज़ निकली।
"रोहन, रुको... आन्या यहीं सोफे पर सो रही है," ईशा ने फुसफुसाते हुए कहा, लेकिन उसकी आवाज़ में डर की जगह एक घिनौनी और क्रूर मज़ाक छिपा था उसकी आँखों में विजय की चमक थी, जैसे किसी शिकारी ने अपने शिकार को फँसा लिया हो।
रोहन ने लापरवाही से ईशा की कमर को और कसकर पकड़ा। "उसे सोने दो, वह वैसे भी बेहोश है," रोहन ने अपनी आवाज़ को गहरा करते हुए कहा। "वैसे भी कल हमारी शादी है, आज की रात तो मुझे आज़ादी चाहिए—इस 'बंधन' से पहले आख़िरी बार खुलकर जीने की आज़ादी।"
यह सुनकर ईशा ने अपने होंठों को मोड़ते हुए एक नखरे वाली मुस्कान दी। "कल शादी? तुम सच में उस लड़की से शादी करोगे?
रोहन, मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनने वाली हूँ। यह पेंटहाउस, यह कंपनी, यह शोहरत—ये सब मेरा होना चाहिए!" ईशा ने रोहन के सीने पर अपनी उंगलियाँ फेरते हुए कहा।
सोफे पर लेटी आन्या के शरीर में एक ज्वालामुखी धधक उठा। उसने अपनी मुट्ठियाँ इतनी ज़ोर से भींचीं कि उसके नाखून हथेलियों में गड़ गए, खून की बूँदें मुश्किल से बचीं। यह दर्द शारीरिक कम, आत्मिक ज़्यादा था।
तीन साल पहले... आन्या भारत की एक टॉप मॉडल थी, फैशन पत्रिकाओं के कवर पर उसका राज था। उसने रोहन की डूबती हुई, क़र्ज़ में डूबी हुई कंपनी 'स्टारडस्ट एंटरटेनमेंट' को बचाने के लिए अपना चमकता करियर छोड़ दिया
उसने पर्दे के पीछे रहकर, अपनी सारी कला और कनेक्शन का इस्तेमाल करके, ईशा को रोहन की कंपनी का नया 'स्टार' बनाया। उसने सोचा था कि वह रोहन के लिए बलिदान कर रही है, अपने प्यार को एक नया जीवन दे रही है।
और आज? उसे अपने त्याग का यह घिनौना सिला मिल रहा था।
"चिंता मत करो बेबी," रोहन ने ईशा के माथे को चूमते हुए कहा, उसकी आवाज़ में शुद्ध, नग्न लालच था। "शादी सिर्फ़ एक दिखावा है। आन्या मेरे लिए एक 'सोने की चिड़िया' है, जिसके पंखों से स्टारडस्ट को फ़ंड मिलता रहेगा। लेकिन मेरा दिल और मेरा बिस्तर सिर्फ़ तुम्हारे लिए है। कल शादी के बाद भी, राज तो तुम्हारा ही चलेगा।"
आन्या ने अपनी आँखों से बहते गर्म आँसुओं को पोंछने की ज़हमत नहीं उठाई। वह दर्द को महसूस करना चाहती थी। इस धोखे की तीव्रता को आत्मा में समा लेना चाहती थी।
एक पल के लिए, उसकी आँखें खुलीं। उसने रोहन की पीठ और ईशा की मुस्कुराती हुई विजयी आँखों को देखा। उसने कसम खाई कि वह रोएगी नहीं—फिर कभी नहीं। उसका प्यार, उसकी वफ़ादारी, उसका बलिदान—यह सब एक घटिया, छल से भरा झूठ था।
इस रात, रोहन ने न सिर्फ़ आन्या का दिल तोड़ा, बल्कि एक शांत और प्यारी लड़की के भीतर की रानी को जगा दिया। आन्या ने आँखें बंद कर लीं और एक ठंडी, क्रूर प्रतिज्ञा ली: यह शादी कल होगी, लेकिन यह रोहन का नहीं, बल्कि उसके पतन का पहला दिन होगा।