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His EX ARDHAGGINI

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Dark Roseze

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Description

"His EX ARDHAGGINI" अवंतिका ने कभी नहीं सोचा था। की जब वो एक call girl बनेगी तो सबसे पहले उसकी मुलाकात उसके EX Husband अविनाश से हो जाएगी। अविनाश एरोगेंट रूड जिसे बस अपनी मनमर्जी करना आता है। अपनी ही EX BiWi को ऐसे काम करते हुए देखकर आग बबूला हो जाता...

Characters

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Avinash Malhotra

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AVANTIKA DESHMUKH

Heroine

Total Chapters (11)

Page 1 of 1

  • 1. His EX ARDHAGGINI - Chapter 1

    Words: 1103

    Estimated Reading Time: 7 min

    आज से तुम मेरी हो,, पुरी की पूरी मरी हो पूरे 6 महीने के लिए मैंने तुम्हें खरीद लिया है हर रोज तुम मेरे बिस्तर को गर्म करोगी‌‌। मुझे सेटिस्फाई करोगी। और इस 6 महीने के दौरान तुम किसी भी और के साथ दिख गई तो समझ लेना तुम्हारा क्या हाल होगा। किसी ओर की तरफ नजर उठा कर देखने की हिम्मत भी मत करना।

    अविनाश मल्होत्रा जो अवंतिका के कानों के पास आकर बहुत ही सेडक्टिव आवाज़ में बोला जिससे अवंतिका के रोंगटे खड़े हो चुके थे। यह सब कुछ अविनाश उसके बेहद करीब आकर बोल रहा था। उसके हर एक शब्द में जैसे बदले की आग जल रही हो।

    कुछ देर पहले।

    "सोच ले अवंतिका अपने मा की जान बचानी है तो तुझे यह करना ही पड़ेगा। कुछ नहीं बस हर रात एक नए बिजनेसमैन के साथ इसमें तुझे बहुत सारे पैसे मिलेंगे। तू है भी इतनी खूबसूरत कि तेरे लिए करोड़ यू दे सकता है।

    एक मिडल एज औरत जसने सिंपल सी साड़ी पहन रखी थी। और मेकअप लाइट था उसका। एक छोटे से कमरे में बैठी हुई, शैलजा रेड्डी सामने बैठी अवंतिका देशमुख से बोल रही थी। यह औरत एक सर्विस चलती है। हां वही सर्विस दुनिया के सामन तो वो एक क्लब है,लेकिन रात के अंधेरे में वहां पर हजारों लड़कियों कि सर्विसिंग होती है, वहां पर आई सभी लड़कियां अपनी मर्जी से आई होती है किसी के भी साथ जबरदस्ती नहीं की जाती।

    वही पर सामने बैठी हमारी अवंतिका देशमुख। जो सिर्फ अभी 18 साल की है, चेहरा इतना गोरा कि चांद भी शर्मा जाए। और उसका फिगर इतना परफेक्ट था कि कोई मॉडल भी उसके सामन फेल हो जाएं ‌। आंखें बिल्कुल बड़ी-बड़ी ओर पलकें तितली की पंखुड़ियां की तरह। और उसके होंठ बहुत ही ज्यादा पिंक ओर सोफ्ट थे।

    आंखों में आंसू लिए वह बैठी हई थी। क्योंकि उसकी मां जिंदगी और मौत से लड़ रही हैं। मां की सर्जरी के लिए उसे बहुत सारे पैसे चाहिए थे जिस वजह से वो इस काले साए में आने के लिए, तैयार हो जाती है। "आंटी मे तैयार हूं। मैं आज रात को क्लब पहुंच जाऊंगी। अवंतिका ने अपने नम और धरे आवाज में कहां।

    "ठिक है फिर मैं चलती हूं रात को टाइम पर आ जाना और अच्छे से तैयार होकर आना। इतना बोलते हुए, सेलजा रेड्डी उसके छोटे से घर से बाहर चली गई।

    रात के आठ बजे।

    एक बड़े से कमरे में, एक बड़े से सोफे पर एक आदमी बैठा था। उसके समने बहुत सारी लड़कियों की लाइन लगी हुई थी। सारी की सारी लड़कियों एक से एक थी। बेहद खूबसूरत। और हर लड़की के चेहरे पर एक सेडक्टिव सइल थी। यहां पर उन्हें एक खास आदमी के सामने पेश किया गया था। जो उनके आंखों के ठीक सामने बैठा हआ था। और वो आदमी कोई और नहीं दुनिया का और एशिया का नंबर वन बिजनेसमैन अविनाश मल्होत्रा था। उम्र 28 साल दिखने में बहुत ही ज्यादा हैंडसम और हॉट। उसकी शक्ल सूरत और उसकी पर्सनालिटी। और उसकी अट्रैक्टिव बॉडी किसी भी लड़की को अपने तरफ़ अट्रैक्ट करने के लिए काफी थी।

    और इन शख्स के लिए प्यार शब्द कुछ नहीं भाता था। इन्होंने जिंदगी मे कोई भी रिश्ता बनाया है। तो सिर्फ और सिर्फ अपने मतलब और अपने फायद के लिए। प्यार क्या होता है, उनको उसका कोई आईडिया नहीं है। और इनका सबसे फेवरेट चीज कुछ है तो वह और सिर्फ और सिर्फ इनका एटीट्यूड इनका रुतबा है यह इमोशनल चीजों पर बिलीव नहीं करते। इन्हें प्रैक्टिकल रहना ज्यादा पसंद है। वो अपनी गहरी काली आंखों से सामने खड़ी सभी लड़कियों को स्कैन कर रहा था।

    उसके पास में ही बैठी थी। इस क्लब की ओनर सेलजा रेड्डी जो अविनाश से बोली "यह हमारे क्लब की कुछ खूबसूरत डांसर है आप इनमें से जिसे चाहे, आज रात अपने एंटरटेनमेंट के लिए सिलेक्ट कर सकते हैं, मैं आशा करती हूं कि हमारे क्लब की यह लड़कियां आपको निराश नहीं करेंगी।

    और वहीं पर अविनाश अपने हाथ में शराब का गिलास लिए, उन सभी लड़कियों कि तरफ नजर डालता है। सभी लड़कियां बहुत ही अच्छे से तैयार होकर आई थी। उन लोगोंको जैसे ही पता चला कि अविनाश उनके क्लब में आया है। हर लड़की के आखों में एक अलग ही चमक और एक्साइटमेंट ओर कहीं ना कहीं नर्वसनेस भी थी। हर लड़की बस यही चाह रही थी,कि वह सिलक्ट हो जाएं। सभी की सभी लड़कियां पागल थी अविनाश के लिए। सभी अपनी कातिल आना अदाओं से अविनाश का अटेंशन लेने की कोशिश में लगी हुई थी।

    वहीं पर दूर में हमारे अविनाश के चेहरे पर कोई खास रिएक्शन नहीं थे। "बकवास सब बकवास है अगर कुछ नया हो तो दिखाओ ऐसी पुरानी और use की हुई चीजों पर मेरा दिल नहीं आता है।

    अविनाश की इतनी बुरी तरीके से रिजेक्शन के बाद सारी लड़कियों का एकदम मुंह उतर जाता है। अविनाश सच में एक पत्थर दिल इसान था। जिसे जो चाहिए उसे अपने के लिए किसी भी हद तक जा सकता था। लेकिन उसकी आंखों को इतनी आसानी से कोई चीज पसंद नहीं आती थी। वह बड़ा ही सलेक्टेड इंसान था और उसकी पसंद भी बहुत ज्यादा रेयर होती थी।

    सेलजा रेड्डी तुरंत बोली "अरे आप चिंता क्या करते हैं, हम अपने क्लब का सबसे फ्रेश माल आपके सामने पेश करते हैं।

    वो सभी लड़कियां वहां से चली गई। शैलजा रेड्डी एक गार्ड को बोलती है। "क्लब में जिन नई लड़कियों कि एंट्री हई है,उन सब को यहां भेजो।

    थोड़ी देर बाद हाल में सभी नई लडकियां आ चुकी थी। अविनाश की नजर जैसे ही उन नई लड़कियों में पड़ती है उनमें से एक खास लड़की पर जाकर उसकी नजर टिक जाती है। ब्लैक कलर का गाउन पहने हुए एक बेहद ही खूबसूरत चेहरे पर जीरो एक्सप्रेशन लेकर लड़कियों के बीच में खड़ी हुई थी, उस लड़की को देखकर अविनाश अपनी आइब्रोज सीकोड लेता है वह लड़की कोई और नहीं अवंतिका देशमुख थी।

    अवंतिका अविनाश की ex wife thi...!! इसके बारे में कोई नहीं जनता था। शिवाय चंद लोगों के। अविनाश ने अवंतिका को डाइवोर्स दे दिया था। क्योंकि उसकी शादी उसके मर्जी के खिलाफ हुई थी।

    अविनाश भीड़ में से अवंतिका हाथ पकड़ कर उसे खींच कर बाहर निकलता है अपने दूसरे हाथ से उसकी कमर को जोर से पकड़ लेता है अवंतिका अविनाश के सीन से जा चिपकी । लेकिन वह अभी अविनाश को नजरे उठाकर नहीं देख रही थी। अविनाश के चेहरे पर एक सेडक्टिव स्माइल आ जाती है। "I want her...!!

    अविनाश की बात सुनकर, शैलजा जी बहुत खुश हो जाती है। कि आखिर उन्हें कोई तो पसंद आ गई। वहीं पर बाकी सभी लड़कियां अवंतिका से बहुत जल रही थी।


    TO BE CONTINU

    I hope you like it..

  • 2. His EX ARDHAGGINI - Chapter 2

    Words: 1341

    Estimated Reading Time: 9 min

    हल्की सी हवा उस हॉल की खामोशी में एक झटका बनकर गूंज रही थी, जहां अब सिर्फ दो लोग थे। अविनाश और अवंतिका।

    उसका हाथ अब भी अवंतिका की कमर पर था, और वो कंपकंपा रही थी… शायद डर से, शायद उस पुराने रिलेशनशिप से जो बहुत पहले टूट चुका है। वो अब अविनाश की अर्धांगिनी नहीं। बल्कि अब वह अविनाश की ex ardhangini थी।

    “छह महीने... हर दिन, हर रात... मेरी होगी तुम। "
    अविनाश ने उसके कानों में लो सेडक्टिव वइस से कहा। उसका लहजा ऐसा था जैसे हुक्म नहीं, बदले का एलान कर रहा हो।

    अवंतिका की आंखों से आंसू बह निकले, पर वो कुछ नहीं बोली। बस आंखें झुकी रही। "जितनी जल्दी मेरी बीवी से एक क्लब डांसर बन गई।”

    उसकी बातों में जहर था,जो अंतर ही अंतर अवंतिका को तड़ रही थी। लेकिन अवंतिका वह अविनाश के सामने डट के खड़ी थी। "डाइवोर्स मैं नहीं आपने मुझे दिया था, ओंर वैसे भी मेरे भी कुछ शौक है, उसे पूरे करने के लिए, में कुछ भी कर सकती हूं।" "अवंतिका जो अंदर से कुछ और थी लेकिन बाहर कुछ और दिखाने की कोशिश कर रही थी।

    अविनाश ने उसका चीन पकड़कर ऊपर किया, उसकी आंखों में झांका। “हो तो अब अपने शौक पूरा करने के लिए, हर रात तुम इस बिस्तर पर होगी, और हर सुबह मेरी आंखों के सामने।” उसके लहजे में क्रूरता नहीं थी, बल्कि वो दर्द था जो खुद उसने भी छुपा रखा था।

    अवंतिका उसकी आँखों में देख रही थी। वही आँखें जिनसे कभी प्यार किया ही नहीं था, अब उन्हीं आँखों से घिन और गुस्सा झलक क्यों झलक रहा था।

    अविनाश ने एक पेपर उसकी ओर बढ़ाया एक कॉन्ट्रैक्ट। "छह महीने, पूरे 180 दिन, तुम सिर्फ मेरी होगी। चाहे जो हो,।

    अवंतिका ने कांपते हाथों से कॉन्ट्रैक्ट साइन किया। एक आँसू उसके गाल से लुढ़का लेकिन वह अपने चेहरे पर एक डीसेंट से स्माइल को बरामद रखती है। उस रात सिर्फ एक कॉन्ट्रैक्ट नहीं, बल्कि उसकी आत्मा बिक चुकी थी।

    रात 11:45PM

    अविनाश ने अपने पेंटहाउस का दरवाजा खोला। अंदर लक्ज़री और सन्नाटा दोनों मौजूद थे। अवंतिका बिना कुछ बोले अंदर आई। "कपड़े बदल लो... कमरे में सब रेडी है,"

    वो बस इतना कहकर अपने ड्रिंक की ओर बढ़ गया।

    लेकिन अवंतिका अभी भी दरवाजे के पास खड़ी थी। डरी, सहमी, मगर टूटी नहीं। "बोल क्यों नहीं रहीं ?"

    अविनाश ने चुभती निगाहों से पूछा। "मैं बस यही सोच रही हूं कि आप मुझे सेटिस्फाई तो हो जाएंगे, पर मैं शायद सेटिस्फाई नहीं हो पाऊं,,!!

    उसकी आवाज़ धीमी, पर सीधी थी। अविनाश चौंक गया। इसका मतलब यह कि वह पहले भी कई लड़कों के साथ रात गुजर चुकी है। यह सुनते ही अविनाश का चेहरा गुस्से से लाल पर जाता है वह गुस्से में अपने दांत को भींचते हुए बोला "let's have sex, उसके बाद ही पता चलेगा कि, मैं तुमसे सेटिस्फाई हो पाया कि नहीं, और तुम मुझसे कितनी ज्यादा सेटिस्फाई हुई,,,!!

    वो बस उसे घूरता रह गया। अवंतिका अंदर चली गई उसकी चाल में डर नहीं था, ताकत थी, शायद नफ़रत की शायद अपनी सच्चाई की।


    अवंतिका अंदर गई। उसकी चाल में कोई भी डर नहीं था, बल्कि एक अजीब सी एटीट्यूड और अकड़ था। जैसे वो खुद को किसी ब्लाइंड स्टॉर्म के हवाले कर रही हो। कमरे में हल्की सी लाल रौशनी थी। वो पलटी भी नहीं थी कि पीछे से अविनाश की मौजूदगी ने कमरे की हवा बदल दी।

    "Shut the door," अविनाश की आवाज काकी डेंजरस थी।
    अवंतिका ने धीमे से दरवाज़ा बंद किया, लेकिन उसकी धड़कनों ने तेज़ी पकड़ ली थी।

    अविनाश ने उसकी ओर कदम बढ़ाए ।उसकी पीठ से कुछ इंच की दूरी पर आकर रुक गया। “Do you remember this room?” उसने फुसफुसाकर पूछा, जैसे हर वर्ड उसकी स्किन को छू रहा हो।

    अवंतिका की साँस अटक गई। ये वही रूम था जहाँ... पहली बार उसने खुद को अविनाश के हाथों सौंपा था। पर उस रात अविनाश उसके पास कभी आया ही नहीं। “I created this space for the woman who once belonged to me,” अविनाश ने उसके बालों को साइड किया, उसकी गर्दन पर अपने होंठ रखे, लेकिन किस नहीं किया। "Now she's standing here as a stranger, signed and sold."

    अवंतिका ने अपनी आँखें बंद कर लीं। अविनाश के हर एक शब्द अवंतिका के अंदर तक को तोड़ रही थी। पर वो आंखों में वही एटीट्यूड लाते हुए। “Then take what’s yours, Mr. Avinash Malhotra …”

    उसकी आवाज़ में हिम्मत थी, लेकिन उस हिम्मत के नीचे दर्द और चाहत सब कुछ एक साथ धड़क रहे थे। Avinash ने उसकी कमर कसकर पकड़ी और उसे दीवार से टिका दिया। उसकी आँखों में आग थी। नफरत की, longing की, और उस प्यार की जो कभी था... या शायद अब भी था। “Now come on, satisfy me, let me also see your beautiful and soft body?.”

    उसने अवंतिका की ठुड्डी को पकड़कर ऊपर किया। उनकी आँखें मिलीं। ओर फिर अविनाश उसके होंठों पर टूट पड़ा। अवंतिका ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। वो भी अविनाश को इंप्रेस करने के लिए अपने दोनों हाथों से उसके नेक को पकड़ उसे डीप किस करने लगी। लेकिन अविनाश जिस तरीके से उसके हाठों को मुंह में भर कर वाइल्ड किस कर रहा था। जैसे वह अपनी भड़ास निकाल रहा हो।

    उसने एक एक कर के उसके सारे कपड़े उतार दीए। ओर उसके हिप को पकड़ते हुए। उसे दिवाल से चिपका दिया। ओर उसके बूब्स को चूसने लगा। अवंतिका के दोनों हाथ अविनाश के सोल्डर पर थे। वहीं पर अविनाश बिल्कुल पागलों की तरह उसके दोनों बूब्स को चूस रहा था। उसके मीडियम साइज के बूब्स बिल्कुल रेड हो गए थे।

    अवंतिका को दर्द तो बहुत हो रहा था। उसके आंखों के कॉर्नर से हल्का आंसू भी निकल जाता है। लेकिन वो अविनाश के सामने ये नहीं दिखाती है कि उसे दर्द हो रहा है। वो अविनाश को और ज्यादा उकसाने के लिए। "Suck harder. Umm,,ahh ahah I am not enjoying aah it. Please press my breast umm.. aahh too hard. And bite it too. I am not interested in you..!!

    वहीं पर अवंतिका के ऐसे words अविनाश का खून खोला रहे थे। यह सब सोच सोच कर की ऐसे ही कितने सारे लड़के उसके साथ ऐसे ही करते हो गए। ओर क्या सच में वह उसे और भी ज्यादा जोर से करते होंगे। अवंतिका के ऐसे शब्द उस के कान में अभी भी गूंज रहे थे। वहीं वो रूका हुआ था। अचानक से वो उसे उठाता है। ओर उसके शोल्डर पर धक्का देते हुए, उसे बैठ पर धक्का दे देता है।

    अवंतिका की सांसें तेज हो रही थी। वह पूरे तरीके से ओपन थी। अविनाश उसके नग्न ओंर कोमल से भी सोफ्ट body or perfect figure को अपनी नशीली ओंर अंगार से भरी हुई आंखों से देख रहा था। एलईडी लाइट में उसका बदन चांद से भी ज्यादा चमक रहा था। अरे इतनी परफेक्ट उसकी बॉडी बहुत ही ज्यादा पतली सी। ये साफ कहा जा सकता था कि उसकी यह फिगर अभी पूरी तरीके से डेवलप्ड नहीं हुई है।

    और टीनएजर 18 साल में वो कहां से किसी मेच्योर लड़की की तरह दिखती लेकिन फिर भी। उसका गोरा रंग और इतनी ग्लोइंग स्किन किसी को भी अपनी तरफ अट्रेक्ट कर सकती थी। " Get ready to endure me all night long. When this dick goes inside your pussy, then I want to hear your scream.


    अविनाश इतना बोलकर अपने सारे कपड़े टेक ऑफ कर देता है। उसकी मस्कुलर चेस्ट और इतनी ब्रेड बॉडी। किसी भी लड़की को अट्रैक्ट करने के लिए काफी थी। ऐसे ही थोड़ी ना सभी लड़कियां उसपर मरती थी। वह अपने गार्डन को हल्का टेढ़ा करते हुए। बेड पर पड़ी अवंतिका के ऊपर आ जाता है। ओर फिर से उसके बूब्स को चूसने लगा। वो एक हाथ से उसके मिडियम साइज़ के बूब्स को अपने बड़े-बड़े हाथों में जकड़कर मिस रहा था। ओर दूसरे बूब्स को अपने मुंह में पूरा भरटर चूस रहा था। ऐसा करते हुए उसकी आंखों में एक डेविल स्माइल थी। वहीं पर सारे दर्द को झेलते हुए अवंतिका चेहरे पर सेडक्टिव स्माइल लाती है।

    To Be Continued...

    please guys comment karo 🩷✨... chapter kese tha..

    love you all

    yours darkroseze 💅🏻🎀

  • 3. His EX ARDHAGGINI - Chapter 3

    Words: 1110

    Estimated Reading Time: 7 min

    Episode- 3

    It's so tight, it doesn't look like you've ever had sex before,,!!

    जब बहुत देर तक उसका मन उसके बूब्स को शक करने के बाद भर गया। तो वो उठा और पीछे जाते हुए। उसके  दोनों पैरों को फैला दिया। वो उसके प्राइवेट पार्ट की तरफ देखने लगा। वह बहुत ही नशीली आंखों से उसके प्राइवेट एरिया को देख रहा था। वहीं पर दूसरी तरफ अवंतिका की आंखें बंद थी। ओर उसके चेस्ट में भयंकर दर्द हो रहा था लेकिन फिर भी वह उसको सहन करते हुए चुपचाप बिस्तर पर लेटी हुई थी। "Please hurry up, I am unable to control myself.

    अवंतिका ने ऐसे जाताया कि उसके अंदर आग लगी हो। और यही सभी बातें अविनाश को गुस्से में लाल कर देती थी। वह तो अवंतिका को थोड़ा रेस्ट देने की कोशिश कर रहा था। लेकिन अवंतिका के ऐसा बोलते ही उसको गुस्सा सातवें आसमान पर चला गाया। वो उसके सॉफ्ट ओर पतले से शरीर के ऊपर चढ़ गया और उसके Pussy में अपने दो लिटिल फिंगर डाल दिए। जिससे ही उसके फिंगर उसके pusssy के अंतर गए। अविनाश का चेहरा पूरे तरिके से सोक्ट था। क्योंकि अवंतिका कि pusssy बहुत ही ज्यादा टाइट था।

    अविनाश को वहां पर अपनी ऊंगली डालते हुए, बहुत मज़ा आ रहा था। वहीं पर अवंतिका को बस उसके दो फिंगर के use करने पर ही इतना दर्द हो रहा था। वो सोच रही थी। कि वो अविनाश को पूरी रात किस तरह से झेलें गी। वहीं अविनाश उसके pusssy में फिंगर को ऊपर नीचे करते हुए। अपनी गर्म सांसें अवंतिका के गले पर छोड़ते हुए। "It's so tight, it doesn't look like you're ever had sex before,,!!

    वहीं पर हर पल अवंतिका की सांस तेज हो रही थी। उसके मुंह से आवाज तक नहीं निकल रही थी। "Aaahh वो क्या है ना,,  ummm आप जैसे लोगों के लिए, बहुत सर्जरी करवाई है,aah  तब जाकर आपको मजा आ रहा है,,!! Uhh सभी को यही लगता है जब भी वो मेरे साथ होते हैं,,!!

    वहीं पर एक बार फिर से अविनाश को अवंतिका के मुंह से इतनी घटिया घटिया शब्द सुनकर। सर फटा जा रहा था। उसे न जाने पर यह सुनते ही खून खोल जाता था कि अवंतिका ऐसा सब-कुछ पहले भी किसी और के साथ कर चुकी है। वो अब ओर भी ज्यादा आउट ऑफ़ कंट्रोल होकर अपने थ्री फिंगर का use करने लगा। वो उसके प्राइवेट पार्ट में बहुत ही ज्यादा तेजी से फिंगर को अंदर और बाहर कर रहा था जिससे अवंतिका की सिसकियां धीरे-धीरे निकाल रही थी वो जानबूझकर ऐसा दिख रही थी कि यह उसका फर्स्ट टाइम नहीं है, इसीलिए वो अपनी आवाजों का दबाने की कोशिश कर रही थी।  

    वहीं अब अविनाश बहुत ही ज्यादा गुस्से में था। वो उसके ऊपर से उठा और उसके नाजुक से सोल्डर को पकड़ते हुए। नीचे बैठाया और खुद घुटने के बल खड़ा हो गया। वो उसके सर को बालों को अपने हाथों में जकड़ते हुए। "Come on now suck it quickly and satisfy me, it will fit completely in your mouth, right? Because you must have taken it before, right?

    अवंतिका अपने दोनों पैर को फेलाते हुए नीचे बैठ गई। वो उसके हार्डनेस को देख रही थी जिसे देखकर उसकी आंखें खली की खुली रह जाती है क्योंकि वह सच में बहुत बड़ा था। वह अब भी यही सोच रही थी। कि आज उसका क्या होगा। जब वो उसके साथ जानवरों की तरह सेक्स करेगा। क्योंकि अवंतिका ने हद से ज्यादा ही अविनाश को गुस्से में ला दिया था। जिसे अवंतिका भी अच्छे से समझ रही थी, लेकिन वह अभी कुछ नहीं बोलता। ओर उसके हार्डनेस को अपने दोनों हाथों से पकड़ते हुए। उसे अपने मुंह के अंदर पूरा लेने की कोशिश करती है।

    ओर उसे पूरे तरीके से सेटिस्फाई करने के लिए। उसके हार्डनेस को अपने मुंह के अंदर लेकर चूस रही थी। वहीं पर अविनाश के एक हाथ अवंतिका के सर के बालों पर थे। उसकी भी सांसें तेज हो रही थी। हां ना जाने उसने कितने लड़कियों के साथ सेक्स किया होगा। पर उसने कभी भी अपने हार्डनेस को किसी लड़की के मुंह के अंदर नहीं डाला था। जिस वजह से अविनाश के लिए भी यह एक्सप्रेशंस नए थे। और उसे काफी ज्यादा मजा भी आ रहा था जब अवंतिका के हार्डनेस को अपने छोटे-छोटे दोनों हाथों से पकड़े हुए अपने मुंह में लिए हुए शक कर  रही थी।

    चाहे अवंतिका कितना भी कोशिश कर ले यह सब कुछ तो उसके लिए नया था और सबसे पहले पहले भी। वह उसके हार्डनेस को अपने मुंह के अंदर ले तो लेती है।पर पूरे अच्छे तरीके से नहीं। तभी अविनाश उसके शोल्डर को पकड़ते हुए फिर से बेड पर धक्का दे देता है। ओर उसके ऊपर आते हुए,उसके पैरों को फिर से फैलाते हुए।

    "So now it is my turn, I will suck and eat your pussy in such a way that you have never felt it with anyone.You will also enjoy a lot today, and after this my hardness will go inside her,,!!

    ओर इतना बोलते हुए। अपने मुंह को उसके प्राइवेट एरिया में ले जाते हुए, पहले अपने दोनों हाथों से उसको फैला कर उसके अंदर अपने जीभें को डालने लगा। वहीं पर अवंतिका के पूरे शरीर में सिहरन दौड़ उठीं। उसके पेट के पास ऐसा फील हुआ जैसे कितनी सारी बटरफ्लाई उसके ऊपर से उड़ रही हो। उसकी आंखें बंद थी और चेहरे के एक्सप्रेशन बिल्कुल सेटिस्फाइड वाले। वही पहले तो अविनाश स्लोली स्लोली कर रहा था। लेकिन अचानक से फिर से उसके दिमाग में अवंतिका के कहे हुए शब्द आने लगे जिस वजह से वह उसके प्राइवेट एरिया को बहुत जोर से चूसते हुए वहां पर अपने दांत के निशान भी छोड़ देता है।

    जिससे अवंतिका की एक ahhhh mm...

    निकल गई। लेकिन वो तुरंत ही अपने आप को संभालते हुए। बोली "what are you doing, why are you cutting?

    "I have given you money for your entire body, I will do whatever I want to do!! Little cat..!!

    अविनाश इतना बोलते हुए। फिर से उसके ऊपर के पास आ गया और। उसके बूब्स को अपने हाथों में जकड़ते हुए। उसके नेक पर बाइट करने लगा। अवंतिका ने अपना फेस टर्न कर लिया। उसके बाल भींग गए थे। उसके लंबे-लंबे बाल उसके चेहरे से चिपक रहे थे। अविनाश उसके बालों को अपने हाथों में लेते हुए उसे साइड करता है और फिर से उसके गले और कॉलर बोन और उसके लिप्स पर टूट पड़ता है।

    To be continued…

    Aaj ka chapter kaisa laga, Lovelies?

    Kaun sa scene aapko sabse zyada pasand aaya —

    the intensity… the confusion… ya woh unspoken pull?

    Mujhe comments me zaroor batana,

    your one word can make my whole day bloom.

    With love & a shade of darkness,

    Your DarkRoseze

  • 4. His EX ARDHAGGINI - Chapter 4

    Words: 1101

    Estimated Reading Time: 7 min

    “मैं चीख सकती थी… पर तू लायक नहीं, मैं बता भी सकती थी कौन हूँ… पर तुझे हक़ नहीं। मैंने प्यार को हथेली पर रखा और तूने उसे कीचड़ में फेंक दिया, जैसे मैं कुछ थी ही नहीं।” “आज तू मुझ पर ग़ुस्सा करता है? तू? जो मेरे टूटने का सबब था? सुन… मैं तेरी नहीं रही तेरी नफ़रत ने ही मुझे आग बनाया, और अब मैं उसी आग की राख हूँ।” “हाँ… प्यार था तुझसे, जो जलकर ख़ाक हो गया, और नफ़रत? वो अब मेरी साँसों में पलती है। तेरी तरह ज़हरीली, और मेरे दर्द जितनी गहरी।” ____________________________________________________________________________________________________________ Chapter -4 अविनाश अवंतिका के ऊपर था और अब वह उसके boobs को सहला रहा था...वो अचानक से अपनी कठोरता को उसकी pussy के अंदर डाल देता है.. उसकी pussy बहुत ज्यादा टाइट थी.. बहुत ज्यादा टाइट थी.. और अब तो अविनाश को बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा है कि ये अवंतिका का फर्स्ट टाइम नहीं है..वो एक नजर उसकी pussy के तरफ देखता है लेकिन वहां पर खून नहीं निकलता.. वो उसके कानो में ढेरी आवाज में बोलता है। "Ye कितना ज्यादा टाइट है.. मुझे सच में यकीन नहीं हो रहा है कि ये तुम्हारा फर्स्ट टाइम नहीं है.. पर अवंतिका जो दर्द जो वह सह रही थी वह सिर्फ उसे पता था। फ़िर भी वाह रवैया वाह घमंड वाह अपने चेहरे से नफरत नहीं है और अपनी आवाज़ को आकर्षक बनाते हुए बोलते हैं. "वो क्या है ना आप जैसे लोगों के लिए सर्जरी बहुत करवा चुके हैं मैंने.. तभी तो आपको लग रहा है कि हां मेरा फर्स्ट टाइम है..!! और वैसे भी आप लोगों को सेटिस्फेक्शन लेना है, तो आप थोड़ी ना प्रोटेक्शन use करेंगे वहां पर अविनाश को गुस्सा आ रहा था.. क्या सच है कि इतनी कम उम्र में उसने सर्जरी करवा ली थी..ये सब उसे बहुत गुस्सा दिला रही थी..वो अब अपनी कठोरता को निकलता है और अपने हाथ को उसकी pussy के अंदर डाल देता है वहां का जगह हल्का हल्का गिला हो गया था.. अविनाश दोनो हाथ से उसके निपल को दबा रहा था और। बहुत तेजी से अपनी कठोरता को उसकी pussy के अंदर बाहर अंदर बाहर कर रहा था.. वाह इतनी स्पीड से कर रहा था कि अवंतिका की सिस्किया निकल रही थी..व़ खुद को बहुत कंट्रोल करने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसकी आवाज अपने आप ही निकल रही थी। Aaah ...ummm..aaah hhhh aaaah ahhhh ..!! अविनाश के हार्डनेस से निकल रहा पानी उसकी pussy के अंदर चलाय जा रहा था और दोनों के पानी आपस में मिक्स हो रहे थे और वहां पूरा का पूरा गिला हो गया था..!! लेकिन अवंतिका की pussy से खून नहीं निकल रहा था.. क्योंकि वह साइकिलिंग बहुत करती थी जिस वजह से उसकी सील पहले ही टूट गई थी..ओर ये बात अवंतिका को पता थी. ये बात है अवंतिका को पता थी इसलिए तो वाह ऐसे रिएक्ट कर रही थी जैसे वाह बहुत पहले ही ये सब कुछ कर चुकी है..!! अविनाश ने उसकी चूत को लगभाग 2 से 3 घंटे तक.. एक ही पोजीशन में सेक्स करता रहा.. लेकिन जब वो थोरा रुका तभ अवंतिका उसे इम्प्रेस करने के लिए पीछे मुड़ी और अपनी हिप उसकी तरफ जुगाड़ी और वाह पीछे मुड़कर झुके बैठ गई.. अविनाश ने रुका नहीं वो भी उसकी कमर को पकड़ कर। उसके asshole के अंदर अपनी कठोरता डाल कर बहुत ज्यादा स्पीड से अंदर बाहर अंदर बाहर करने लगा.. अवंतिका ने कहा "oil लगागो तब ज्यादा मजा आ गया...!!" अवंतिका की आवाज इतनी सेलेक्टिव थी कि कोई भी उससे मदहोश हो जाए वहां पर उसकी इतनी बेशर्मी सब बातों से तो अविनाश को बहुत गुस्सा आ रहा था उसके दिमाग में बार-बार यही चल रहा था। ये सब कुछ पहले भी कर चुकी हैं सब कुछ पहले किसी और के साथ हो चुका है..!! वो बोलता है "मेरा spit ही काफी है.. फिर वो अपने थूक को वहां पर डाल देता है.. ओर बहुत ही जानवरो की तरह उसके साथ वो उसकी कमर को पकड़ के वाइल्डनेस की चरम सीमा को भी पार कर देता है। अब 1 घंटे बाद वाह रुका..या बोला "चलो अब मुझे वॉशरूम में करना है.. अवंतिक गहरी सांसें ले रही थी..तब अविनाश ने अपनी बाहों को उठा लिया था जो पूरी तरह से अभी ओपन थी.. अविनाश जब अवंतिका को ले जा रहा था। उसकी नज़रें उसके चेहरे पर थी। उसका चेहरा इतना खूबसूरत इतना मासूम कोई नहीं बोल सकता कि वो ऐसे काम कर सकती हैं। और उसका बदन मखम से भी ज्यादा मुलायम उसके पूरे बदन को देखते हुए तो एक सेकंड के लिए अविनाश की आंखों में हल्की सी नमी आ जाती है। उसे भी नहीं पता क्यों वो इस लड़की के लिए इतना क्रुएल बन रहा था। यह बात बिल्कुल सच थी की उसी ने उसे डिवोर्स दिया था। फिर अब वो चाहे जो भी करें इसमें उसका कोई भी इंटरफ्रेंस नहीं होना चाहिए। लेकिन उसे बर्दाश्त क्यों नहीं हो रहा था...उसके समझ के बाहर था। वहीं अवंतिका उसकी बाहों में छोटी सी डॉल लग रही थी। लेकिन उसकी आंखें गुस्से और दर्द से भरी हुई थी फिर भी उसने अपने चेहरे को कोल्ड बना रखा था। वो क्यों ही अपनी तकलीफ एक ऐसे इंसान को बताएं जो उसे पहले ही एक बार छोड़ चुका था। इसलिए उसने डिसाइड कर लिया था अब चाहे कुछ भी हो जाए वो उसकी स्लेव बन जाएगी लेकिन अपनी तकलीफ नहीं बताएगी। अविनाश अवंतिका को वॉशरूम में लाता है। ओर तुरंत ही शावर ऑन कर देता है। शावर ऑन करते ही पानी दोनों के ऊपर बहने लगते हैं। पानी की बूंदें अविनाश की बॉडी से होकर नीचे गिर रहे थे.. जो उसे और भी ज्यादा हॉट बना रहा था। लेकिन अवंतिका भी कम नहीं लग रही थी। 18 इयर्स की ओल्ड में भी उसकी बॉडी गजब की हॉट सुडौल परफेक्ट लग रही थी। कोई भी उसे ऐसे देखे तो पागल ही हो जाए जैसे कि अभी अविनाश हो रहा था। वो झुक कर उसकी सुडौल सी पतली कमर को पकड़ कर तुरंत ही वॉशरूम के वॉल पर सटा देता है। ओर उसकी legs को अपने हिप्स के अराउंड कर लेता है। अवंतिका गहरी गहरी सांस लेने लगती है। उसकी आंखों में आंसू के बूंद टपक रहे थे लेकिन शावर ऑन होने की वजह से कुछ पता नहीं चल रहा था। अविनाश एक बार फिर से उसकी गर्दन और बूब्स को सक करने लगता है।


    𝗧𝗼 𝗯𝗲 𝗰𝗼𝗻𝘁𝗶𝗻𝘂𝗱𝗲........ HLO darkise 💅🏻🎀... How did you all like the chapter...? Was it boring...? Was it too dark...?You guys tell me in the comments. Don't forget to comment, or I'll forget to post the chapter. With love & a shade of darkness, Your DarkRoseze

  • 5. His EX ARDHAGGINI - Chapter 5

    Words: 1127

    Estimated Reading Time: 7 min

    दर्द ए दिल शायद तुझसे बयां कर पाती...
    पर अफसोस तू उस काबिल ही नहीं महबूब....



    Chapter -5

    अविनाश की वाइल्डनेस वॉशरूम में भी चलती रही.. अवंतिका भी उसे कोई भी  डिस अपॉइंटमेंट नहीं देती.. वह पूरी कोशिश करती  वो ऐसा दिखा सके कि वो बहुत ज्यादा बोल्ड है और इन सभी कामों में बहुत ही ज्यादा परफेक्ट भी..अवंतिका वो सब दिखा रही थी जो अविनाश देखना चाहता था। बोल्डनेस… परफेक्शन… बेपरवाही…
    सिर्फ़ इतना कि वो उसे कभी कम न समझे।  उसे नहीं पता था की अविनाश को कितना ज्यादा प्वाइंट आउट कर रही थी।  उसे कितना गुस्सा आ रहा था अंदर से आग जल रही थी। उसकी वही परफेक्शन अविनाश की नसों में चुभन बनकर दौड़ रही थी। और वह सारा गुस्सा उसे फिजिकल निकल रहा था।


    वो जितना मुस्कुराती उसके भीतर की आग उतनी ही उठती।  वॉशरूम का सेशन चलने के बाद बेडरूम में भी उनका सेशन रुकता नहीं है.. काफी देर तक सब कुछ होते रहता है और अवंतिका की सिसकियां जो वो लाख रोकने की कोशिश करती है लेकिन फिर भी उस रूम में निकलती रहती है।

    फिर कहीं तीन चार बजे जाकर वह आवाज रूकती है।



    Next Morning…

    जब अविनाश की आंखें खुलती हैं, सबसे पहले तो उसका खुद का ही रूप उस पर भारी पड़ जाता है। उसकी बॉडी…
    उसके सिक्स-पैक… और वो सुबह उठकर भी उतना ही हॉट, उतना ही रॉ, जैसे कोई किंग बस नींद से उठा हो।उसकी चार्मिनेस उसकी नसों तक से दिख रही थी।
    एडम्स एप्पल ऊपर नीचे होता… बाल हल्के-से बिखरे हुए… वो सच में किसी ग्रीक गॉड जैसा लग रहा था।

    लेकिन उसकी आंखों में एक हल्की गुस्से की परत साफ़ दिख रही थी। क्योंकि बेड पर अवंतिका नहीं थी।
    दांत भींचते हुए वो बेड से उठ ही रहा था कि वॉशरूम से  आवाज आई। वो अपनी शर्ट उठाकर जैसे ही वॉशरूम की तरफ बढ़ने वाला था . वॉशरूम का दरवाज़ा खुला। और वहाँ… अवंतिका खड़ी थी।

    छोटी-सी मिनी स्कर्ट… फिट पेप्लम फुल-स्लीव टॉप…
    उसका ओवरऑल लुक उसे और भी ज्यादा सेक्सी बना रहा था। उसके फेस एक्सप्रेशन uff… कयामत। अविनाश एक सेकंड के लिए सीधा उसी पर रुक गया। डार्क रेड लिप्स… हल्का मेकअप… एक हाथ में फोन…दूसरे में उसके बैंगल्स की सॉफ्ट आवाज़… वो स्टाइलिश अंदाज़ में खड़ी थी. ऐसे जैसे इस कमरे की मालकिन वही हो।

    वो मुस्कुराई… एक सेडक्टिव, बेबाक, बिल्कुल शरमलेस स्माइल। “Hello Mr. Malhotra,” उसने अपनी आवाज़ में जान डालते हुए कहा, “I hope रात मैंने आपको disappoint नहीं किया। अब अगर मेरे पैसे मिल जाएं… तो मैं निकलूं?
    मेरे दूसरे clients भी मेरा इंतज़ार कर रहे होंगे। आपको पता ही है… मुझसे night spend करने के लिए सब लोग पहले से appointment लेते हैं।”

    उसके एक-एक शब्द अविनाश के दिल को चीर रहे थे। गुस्सा उसकी रगों में उबल रहा था। बॉडी की हर मसल टाइट हो चुकी थी। नसें साफ़ दिखने लगी थीं। उसने अपनी मुठ्ठियाँ कस लीं इतनी कसकर कि शायद खुद की ही स्किन में नाखून चुभ गए हों। बिना एक भी शब्द बोले वह वॉर्डरोब के पास गया… चेक निकाला… साइन किया…

    और वो चेक सीधे अवंतिका के चेहरे की तरफ फेंक दिया।
    “जितने पैसे ऐड करने हैं… कर लो।” उसकी आवाज़ टूटती भी थी… कठोर भी।


    अवंतिका उसी शेमलेस स्माइल के साथ नीचे पड़ा हुआ चेक उठाती है। हल्की-सी तिरछी मुस्कान…के साथ वो अविनाश से बोली- "Mr. Malhotra… वन नाइट की जितनी मेरी प्राइस है, मै उतनी ही लूंगी… खैरात के पैसे लेना मुझे पसंद नहीं। जितना काम किया है उतने ही लूंगी। आई होप… आप मुझे दोबारा ज़रूर टेस्ट करना पसंद करेंगे।”

    उसने अपनी आइब्रो उठाते हुए सीधे उसकी आंखों में आंखें डालकर और भी ज्यादा चिढ़ाया… जैसे जानबूझकर उसके गुस्से पर घी डाल रही हो।

    अविनाश अब सच में फटने वाला था। उसके गले की नसें ऊपर आ चुकी थीं… मुट्ठियाँ इतनी कसकर बंद जैसे खुद को ही तोड़ देगा। गुस्से में उसने दांत भींचकर कहा—
    “मुझे किसी use की चीज़ को… फिर से यूज़ करने का कोई शौक नहीं है…!! Get out of my room, you bloody—”

    उसकी बात पूरी होने से पहले ही अवंतिका हल्की-सी ठंडी मुस्कान के साथ बोली—“Mind your language, Mr. Rathore… मुझे भी कोई शौक नहीं है आपके कमरे में रहने का।”

    और अपनी ही रॉयल attitude में सैंडल की टक-टक के साथ वह मुड़कर चली जाती है। अविनाश बस वहीं खड़ा रह जाता है… उसकी सांस भारी हो रही थी। उसकी आंखे जलती हुई दिख रही थी। और वो दूर जाते उसके कदमों को
    गुस्से में घूरता ही रह जाता है।

    वह… वही लड़की, जो कभी उसकी वाइफ थी। उसकी अर्धांगिनी। जिससे उसने शादी की थी लेकिन कभी पास नहीं गया। कभी एक पल भी नहीं। कभी उसे “अपनी” नहीं कहा। और आज… पहली बार वो उसके इतने करीब आई थी बट उसकी वाइफ बनकर नहीं  कॉल गर्ल बनकर।
    उसके दिमाग में जैसे कोई बम फट गया हो।

    यह सोच-सोचकर कि अब वह किसी और के पास जाएगी… किसी और के साथ होगी… कोई और उसे इस तरह छुएगा।  बस यही सोचकर उसकी नसें तक भर गई थीं। "उसने अभी भी कहा कि वो अपने क्लाइंट से मिलने जा रही है..?  क्या सच में कोई और उसे वैसे ही टच करेगा जैसे वह मेरे साथ कल नाइट थी....!! What the fuck...!! I don't care about..!! वह कहीं पर भी जाए किसी भी लड़के के साथ रंगरेलियां मने मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। दांत भींचकर उसने अपनी आंखें बंद कर लीं “I hate that girl…
    That bloody b****  bloody girl… पहली बार… पहली बार मुझे लगा मैंने उसे डाइवोर्स देकर गलती की थी। फर्स्ट टाइम मुझे अपने डिसिशन पर रिग्रेट हुआ था। लेकिन अब…मुझे कोई रिग्रेट नहीं....!! वह भी उन्हीं लड़कियों में से है गोल्डी गर्ल....

    इतना कहकर वह अपनी ही आग में जलता हुआ वॉशरूम में चला जाता है।


    अवंतिका की शादी अविनाश से इसलिए हुई थी। क्योंकि दोनों के ग्रैंडपेरेंट्स की आखिरी ख्वाहिश थी। अविनाश ने शादी की तो सही लेकिन कभी उसे पत्नी की तरह अपनाया नहीं। कभी बात नहीं की। कभी साथ नहीं दिया। और दूसरी तरफ अवंतिका को अविनाश से लव एट फर्स्ट साइड हो गया था वह तो उसके प्यार में पहली बार ही गिर गई थी। बहुत खुश थी वह शादी को लेकर, लेकिन उसे क्या पता था कि अविनाश उसे एक दिन डाइवोर्स दे देगा।

    और जैसे ही अविनाश के ग्रैंडफादर की डेथ हुई। उसने अवंतिका को डायवर्स दे दिया। उसे थोड़ा guilt हुआ तो पैसे दिए थे।  पर अवंतिका ने सीधे लौटा दिए… और आज जब उसे पता चला कि अवंतिका अब कॉल गर्ल है।वह अंदर से टूट गया। और उसी टूटन में उसे और भी ज्यादा गुस्सा आने लगा।


    𝗧𝗼 𝗯𝗲 𝗰𝗼𝗻𝘁𝗶𝗻𝘂𝗲𝗱….

    Hlo my darklings 💅🏻🎀
    Chapter kaisa laga…?
    Tell me everything in the comments, okay?
    Comment mat bhoolna, warna next chapter bhi shayad bhool jaaun~

    With love & a shade of darkness,
    Your DarkRoseze

  • 6. His EX ARDHAGGINI - Chapter 6

    Words: 1825

    Estimated Reading Time: 11 min

    उसके दर्द की ख़ामोशी…**
    ___________________________________________________________________________________________________________

    CHAPTER -6

    अवंतिका जैसे-तैसे अपने छोटे से कॉटेज वाले घर में पहुंच गई। सबसे पहले उसने मिनी स्कर्ट को हटाकर अपनी आराम वाली कुर्ती–जींस पहन ली। उस स्कर्ट में वो इतना अनकंफर्टेबल महसूस कर रही थी कि खुद को आईने में देखना भी मुश्किल लग रहा था। वो वैसे भी कभी इतनी बोल्ड नहीं रही… पता नहीं कैसे अविनाश के सामने उसे खुद को स्ट्रॉन्ग दिखाने की इतनी टेंशन हो गई थी।

    दिल तो उसका रो-रो कर एक ही बात कह रहा था। वो एक ऐसे इंसान से अपने दुःखों का सैलाब क्यों बताएं जिसे कोई फर्क नहीं पड़ता वो जिए चाहे मारे..

    अवंतिका ने गहरी सांस ली। “अब नहीं… अब कुछ नहीं बताऊँगी उसे। मेरे दुखों की कहानी सुनकर उसे क्या फ़र्क पड़ेगा…” यही सोचते हुए उसने आँखें बंद कीं और एक पेन-किलर खा ली।

    अविनाश आज उसके साथ इतना वाइल्ड था… ऊपर से ये उसका फर्स्ट टाइम… दर्द उसके बस से बाहर हो रहा था। पूरा शरीर जैसे टूटा हुआ लग रहा था। आँखों के कोने से दो-तीन आँसू टपक भी गए, पर उसने जल्दी से पोंछ लिए। वो खुद को टूटता हुआ दिखाना नहीं चाहती थी।


    उसी समय बाहर से किसी के कदमों की आवाज आई।
    “दीदी… आप नाइट में आई क्यों नहीं? मैं कितनी देर तक आपका वेट करती रही…” अंशिका कमरे में झांकते हुए बोली।

    अवंतिका ने झट से अपना चेहरा नॉर्मल किया और उसकी तरफ देखते हुए बोली “अरे… बताया था ना, मैं लेट नाइट नहीं आ पाऊंगी। नई पार्ट-टाइम जॉब मिली है, तो टाईम थोड़ा गड़बड़ रहता है। फिर देर हो गई तो मैं अपनी फ्रेंड के घर पर ही रुक गई… उसका घर वहीं पास में है।”

    उसने बहाना तो जैसे-तैसे बोल दिया, पर उसे डर था कि अंशिका कहीं उसके चेहरे की हालत पढ़ ना ले।

    अंशिका, जो अभी बस 16 साल की थी और 10th में पढ़ती थी, मासूम सी, बिल्कुल अवंतिका का छोटा वर्ज़न लगती थी। वही चेहरे की कट, वही आँखें, बस थोड़ी छोटी, प्यारी और चुलबुली। “ओके दीदी, मैं अभी रेडी होकर आती हूँ,” अंशिका ने कहा। “मॉम से मिलने के बाद मैं स्कूल चली जाऊंगी। आपको भी तो कॉलेज जाना होगा, ना?”

    अवंतिका ने थोड़ा गहरी सांस लेकर खुद को संभाला और बोली “हाँ, मैं भी निकलूँगी। तू पहले जल्दी से रेडी हो जा।”

    अंशिका मुस्कुराते हुए बाहर चली गई। जैसे ही दरवाज़ा बंद हुआ… अवंतिका ने फिर से हाथ अपना पेट पर रखा और धीमे से झुक गई दर्द अभी भी कम नहीं हुआ था।


    थोड़ी देर बाद दोनों तैयार हो गए। अवंतिका ने अपनी वही लॉन्ग कुर्ती और जींस पहन रखी थी। बाल हल्के-से खुले थे और कंधे पर उसका लॉन्ग बैग था। दर्द अभी भी था, पर उसने इसे चेहरे पर आने नहीं दिया।

    अंशिका अपनी स्कूल ड्रेस में थी बाल पोनीटेल में बंधे हुए,
    पीठ पर बैग, चेहरे पर मासूम-सी मुस्कान… वो उतनी ही प्यारी और एडोरेबल लग रही थी, जैसे हमेशा लगती थी।

    दोनों रिक्शा लेकर सिटी हॉस्पिटल पहुँचे। सावित्री जी पिछले कुछ समय से एक सीरियस बीमारी से जूझ रही थीं।
    उन्हें एक्यूट हार्ट वाल्व फेलियर था। डॉक्टरों ने साफ कह दिया था। सर्जरी तुरंत करानी पड़ेगी… वरना रिस्क बहुत ज्यादा है।


    यही वो वजह थी जिसने अवंतिका को तोड़ दिया।
    उसे वो रास्ता चुनना पड़ा…वो रास्ता, जिसे छूने तक का उसने कभी सोचा नहीं था। अपने शरीर को बेचने का फैसला उसके अंदर का हर हिस्सा तोड़ रहा था। कॉफी शॉप की नौकरी से सिर्फ घर चलता था… मॉम को ऑपरेशन इंपॉसिबलथा। माँ की जान उसके लिए सबसे ऊपर थी।
    बस इसलिए उसने खुद को मजबूरी में धकेल दिया।

    वार्ड की तरफ जाते हुए उसकी चाल थोड़ी डगमगाई, दर्द फिर से उभर आया… पर उसने खुद को कसकर संभाल लिया। कमरे में दाखिल होते ही माँ गहरी नींद में थी।
    उनका चेहरा पहले से ज्यादा कमजोर दिख रहा था।

    अवंतिका और अंशिका दोनों पास जाकर खड़े हो गए।
    कुछ सेकंड बाद सावित्री जी की आँखें धीरे-धीरे खुलीं।
    उन्होंने दोनों को देखा और हल्का-सा मुस्कुराईं। “अरे… तुम दोनों आ गए? मैं कब से तुम दोनों का ही इंतज़ार कर रही थी।”

    अंशिका जल्दी से उनके पास जाकर बैठ गई। उसने अपना बैग साइड में रखा और मम्मी का हाथ पकड़ लिया। “मॉम… अब कैसा लग रहा है? आप थोड़ी ठीक महसूस कर रही हो?” सावित्री जी ने प्यार से अंशिका की उँगलियाँ दबाईं।
    “मैं ठीक हूँ, अशू। तू बता, पढ़ाई कैसी चल रही है?”

    अंशिका तुरंत गर्व से बोली “मॉम, आप मेरी पढ़ाई की टेंशन मत किया करो। मैं अपने क्लास की टॉपर हूँ।”

    सावित्री जी हल्का-सा मुस्कुराईं… पर उनकी आँखों के अंदर की डर अभी भी साफ झलक रहा था। अपने दोनों बच्चों का भविष्य… उन्हें छोड़कर जाने का ख्याल उन्हें अंदर तक हिला देता था। अवंतिका ने अपने दर्द को छुपाते हुए चेहरे पर हल्की मुस्कान लाई। “आज शाम आपकी सर्जरी हो जाएगी।ज्ञमैंने पैसे डिपॉज़िट कर दिए हैं।”

    ये सुनते ही सावित्री चौक गईं। अंशिका भी एकदम खामोश हो गई। क्योंकि उन्हें पता था इतने पैसों का बंदोबस्त रातों-रात होना आसान नहीं। सावित्री जी हैरानी से बोलीं—
    “पैसे डिपॉज़िट कर दिए? लेकिन इतने सारे पैसे आए कहाँ से? अवि बेटा… मैंने कहा था ना कि तुम्हें कुछ नहीं करना।
    तुमने क्या किया? कहीं तुम—”

    इससे पहले कि वो वाक्य पूरा कर पातीं, अवंतिका जल्दी से बोल पड़ी— “मम्मी, प्लीज। जैसा आप सोच रही हैं वैसा कुछ भी नहीं है। मैंने लोन लिया है। और मैं जल्दी चुका दूँगी। एक और पार्ट टाइम जॉब भी कर रही हूँ। लोन भी कम अमाउंट में मिल गया था… इसलिए ले लिया। आप टेंशन मत लो, ठीक है?”

    सावित्री बेचैनी में बोलीं “पर बेटा, मैं नहीं चाहती तुम मेरे ऊपर इतना खर्च करो… मुझे नहीं लगता मैं बच पाऊँगी।
    तुम्हें अपने और अपनी बहन का ख्याल रखना है। अगर मैं चली गई… तो अंशिका की ज़िम्मेदारी तुम्हारे ऊपर होगी।
    तुम्हारे पापा भी चले गए… और अब मैं भी—”

    “मम्मी!” अंशिका की आँखें भर आईं। “प्लीज ऐसी बातें मत करो। आपको कुछ नहीं होगा। आप ठीक हो जाओगी।
    और हम तीनों साथ रहेंगे। फिर से ऐसी बातें की ना… तो मैं आपसे बात नहीं करूँगी।”

    अंशिका सीधे माँ से जाकर चिपक गई। उसकी मासूमियत देखकर सावित्री की आँखें नम हो गईं। दूसरी तरफ से अवंतिका भी माँ को पकड़ लेती है और कहती है। “मम्मी, आप कहीं नहीं जा रही हो। हम तीनों साथ रहेंगे। हम सब ठीक हो जाएगा।”

    सावित्री ने दोनों बेटियों के गाल सहलाए और बोलीं“अच्छा बाबा, कहीं नहीं जा रही मैं। पर अगर तुम लोग यहीं बैठे रहे तो तुम दोनों जरूर लेट हो जाओगे।”

    अंशिका और अवंतिका तुरंत पीछे हटती हैं,अपनी आँखों के आँसू पोंछती हैं और हल्की मुस्कान के साथ माँ को देखती हैं। अवंतिका बोली “मम्मी, मैं शाम को शायद ना आ पाऊँ।
    न्यू पार्ट टाइम जॉब शुरू किया है… अगर लेट गई तो प्रॉब्लम हो जाएगी। अंशिका तुम आ जाना, ठीक है?
    सर्जरी जब शुरू हो तब तुम यहाँ रहना।”

    अंशिका ने तुरंत कहा—“हाँ दीदी, आप टेंशन मत लो… मैं आ जाऊँगी।”

    लेकिन सावित्री की चिंता बढ़ गई। वो अवंतिका की तरफ देख कर बोलीं—“तू कौन-सी पार्ट टाइम जॉब कर रही है अब?”

    अवंतिका एक सेकंड रुक गई। उसे समझ नहीं आ रहा था क्या बोले। लेकिन अगले ही पल उसने खुद को सम्हालते हुए कहा  “माँ, वो… एक होटल में वेटर का पार्ट टाइम जॉब मिला है। बस वही। आप बिल्कुल टेंशन मत लेना।
    मैं अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान दे रही हूँ।”

    सावित्री की आँखें भर आईं। “मेरी बच्ची… इतनी छोटी उम्र में क्या-क्या झेलना पड़ रहा है तुम्हें। भगवान जल्दी से मुझे ठीक कर दे… बस उसके बाद सब ठीक हो जाएगा।”

    अंशिका ने बैग उठाया और बोली “देखना मम्मी… सब कुछ ठीक होगा। चलो दीदी, चलते हैं। बाय मम्मी!”

    औरफिर दोनों धीरे-धीरे वार्ड से निकल गईं। सावित्री जी उन दोनों को जाते हुए देखती रहीं… उनकी आँखों में प्यार भी था… और डर भी।


    वहीं दूसरी तरफ…

    अविनाश अपने केबिन में बैठा था। व्हाइट शर्ट, ब्लैक कोट, ब्लैक टाई, लेदर शूज़… और उसका वो खतरनाक सा हैंडसम चेहरा सचमें कोई भी उसे एक बार देख ले तो नज़र हटाए बिना ना रह पाए। उसके केबिन की विंडो से पूरा शहर नीचे दिखता था। एकदम ड्रीमी सा व्यू… जैसे किसी ड्रीमकंट्री की बिल्डिंग में बैठा हो।

    पर उसका दिमाग  पूरा उलझा हुआ। अवंतिका की बातें बार-बार उसके कानों में गूंज रही थीं। क्या वो अभी किसी और क्लाइंट के साथ होगी? क्या सच में वो किसी और के साथ…? उसकी मुठ्ठियाँ कस गईं। और गुस्से में उसने हाथ टेबल पर दे मारा। “व्हाट द हेल हो गया है मुझे…? मैं उस ब्लडी बिच के बारे में क्यों सोच रहा हूँ? वो कुछ भी करे, किसी के साथ भी चले जाए… मुझे उससे क्या फर्क पड़ता है? क्यों वो बार-बार दिमाग में आ रही है? क्यों मैं उसके बारे में इतना सोच रहा हूँ? अखिर मुझे हो क्या गया है… अविनाश मल्होत्रा को? एक मामूली सी लड़की के लिए मैं ऐसे क्यों बिहेव कर रहा हूँ?”

    वह खुद से ही नाराज़ था। जैसे खुद को समझाने की कोशिश कर रहा हो और खुद ही फेल भी हो रहा हो। तभी उसका फोन वाइब्रेट हुआ। स्क्रीन पर नंबर देखते ही उसका मूड और भी खराब हो गया। आँखें सिकुड़ गईं… जबड़ा भी कस गया।

    उसने कॉल उठाई। दूसरी तरफ से एक्साइटमेंट से भरी आवाज़ आई। “अवि, तुम्हें याद तो है ना? आज हमारी इंगेजमेंट है। आई नो तुम बिजनेस मीटिंग में बिजी थे इसीलिए मैंने रिंग सेलेक्ट कर ली है। मैंने सब कुछ देख लिया है। बस टाइम पर आ जाना, ठीक है?”

    स्नेहा थी। वही लड़की जिसके साथ आज उसकी इंगेजमेंट थी। ये रिश्ता प्यार-व्यार कुछ नहीं था।  दोनों की फैमिली, दोनों के स्टेटस सब मैच करता था। इसलिए उन्होंने डेट भी किया और शादी की भी प्लानिंग थी।

    लेकिन अभी। अविनाश का दिमाग किसी और से भरा हुआ था। उसने कड़क आवाज़ में कहा— “I know that. मुझे बार-बार याद दिलाने की ज़रूरत नहीं है।”

    स्नेहा हँसते हुए बोली “हां पता है, तुम इतनी इंपोर्टेंट डे थोड़ी भूल सकते हो..? मुझे तो बस आंटी ने कहा था remind करने को…”

    अविनाश ने बिना दूसरा शब्द बोले कॉल काट दिया। स्नेहा को फर्क नहीं पड़ा। वो अविनाश के ठंडे रवैये की आदत डाल चुकी थी। वो जानती थी। उसे इन सब चीज़ों से कोई मतलब नहीं। न रोमांस… न इमोशन्स… बस काम।
    बस बिज़नेस।

    कॉल कट होते ही अविनाश फिर से उसी टेंशन में डूब गया— “No… never. वो किसी और के पास नहीं जा सकती।
    उसे मेरे पास ही आना होगा।”

    उसकी आँखों में कुछ तो था पॉज़ेसिवनेस? गुस्सा?
    या कुछ ऐसा… जो वो खुद भी समझ नहीं पा रहा था।


    To be Continue…

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    🧁✨ Aaj ka chapter kaisa laga, Lovelies?
    Kaun sa moment aapko sabse zyada cute laga (˶ᵔ ᵕ ᵔ˶)💞

    🍬💌 Comments me zaroor batana, kyunki aapka ek chotu sa word bhi mujhe poora din teddy-bear jaise soft bana deta hai (๑˃ᴗ˂)ﻭ

    🎀✨ And maybe…
    agar aap apna favourite scene bataoge,
    toh next chapter me ek special surprise mile 😉🌷

    With love & a shade of darkness,
    Your DarkRoseze

  • 7. His EX ARDHAGGINI - Chapter 7

    Words: 2723

    Estimated Reading Time: 17 min

    दूसरी ओर…

    अंशिका अपने स्कूल के सामने का रूकी, क्यों की अंशिका बचपन से ही टॉपर स्टूडेंट रही है। उसी वजह से उसे एक बहुत अच्छे, हाई-स्टैंडर्ड वाले स्कूल में एडमिशन मिला था। यहां ज़्यादातर बच्चे अमीर घरों से थे, लेकिन अंशिका को स्पेशल स्टूडेंट के तौर पर बुलाया गया था क्योंकि उसने इस स्कूल के लिए कई अवार्ड जीते थे। इसलिए स्कूल उसकी पढ़ाई और खर्च खुद उठाता था।

    अंशिका टैलेंटेड होने के साथ-साथ ब्रेव और समझदार भी थी। वह स्कूल के गेट पर पहुंच ही रही थी कि रोड क्रॉस करते समय अचानक एक तेज़ स्पीड वाली लैम्बॉर्गिनी उसकी तरफ आती दिखी। इतना अचानक हुआ कि उसे रिएक्ट करने का भी टाइम नहीं मिला। वह डर के मारे वहीं जड़ हो गई और बस अपनी आंखें कसकर बंद कर लीं।

    ठीक उसी पल एक लड़का फुर्ती से आया और उसे पकड़कर साइड में खींच लिया। इस झटके में उसके हाथ की कोल्ड-ड्रिंक लड़के की शर्ट पर गिर गई और शर्ट पूरा खराब हो गया। पर गाड़ी तो तेज़ी से निकल गई।

    अंशिका हांफते हुए आंखें खोलती है और जब उसे समझ आता है कि वह बच गई है‌। तभी उसे अहसास होता है कि वह एक लड़के की बाहों में है। और फिर जब वो चेहरा देखती है… तो बस देखती ही रह जाती है। लड़का इतना क्यूट था कि उसकी हार्टबीट ही तेज़ हो गई। वो हल्की सी निगलकर खड़ी रह जाती है।

    लड़का उसे देख कर पूछता है, "तुम्हें लगी तो नहीं?"

    लेकिन अंशिका तो जैसे उसकी शक्ल पर ही अटक गई थी। वो लड़का फिर से पूछता है, थोड़ा भौंहें उठाकर "हेलो? ठीक हो? कहीं चोट तो नहीं लगी?"

    तभी अंशिका अपने ख्यालों से बाहर आती है और जल्दी से बोलती है। "हां हां, मैं ठीक हूं… थैंक यू… मुझे बचाने के लिए।"

    लड़का बस हल्के से सिर हिलाता है। "ओके। लेकिन अगली बार रोड देखते हुए क्रॉस करना, वरना कुछ भी हो सकता था।"

    और उसके बाद वो चल देता है। अंशिका उसकी पीठ देखते हुए वहीं खड़ी रह जाती है।कुछ कह भी नहीं पाती।
    फिर खुद को संभालकर स्कूल के अंदर जाती है और सोचती है। "ओ माय गॉड… ये हमारे स्कूल का है? आज तक तो इसे नहीं देखा!"


    थोड़ी देर बाद अंशिका अपने क्लास में पहुंचती है। पर उसका दिमाग अभी भी उसी लड़के में अटका हुआ था। उसका चेहरा, उसकी आवाज़, सब कुछ। उसके गाल खुद-ही हल्के-हल्के लाल हो रहे थे।

    तभी क्लास में उसकी बेस्ट फ्रेंड अनु आती है।  वो जैसे ही अंशिका के लाल गाल देखती है, तुरंत आइब्रो ऊपर उठाकर उसके बगल वाली बेंच पर बैठ जाती है। "क्या बात है मैडम? आज किसके ख्यालों में खोई हुई हो?"
    अनु छेड़ते हुए कहती है।

    उसकी बात सुनकर अंशिका झट से उसकी तरफ मुड़ती है— "यू नो व्हाट अनु… आज क्या हुआ? मैं स्कूल आ रही थी और तभी एक कार तेज़ी से मेरी तरफ आ रही थी… और इससे पहले कि वो मुझे मार देती एक लड़का बिल्कुल हीरोस्टाइल में आया और मुझे पकड़कर साइड में खींच लिया!"

    वो बोलते-बोलते खुद ही dreamy हो जाती है। "यार, वो बहुत हैंडसम था। पर वो हमारे स्कूल का है? किस क्लास में होगा…?"

    अनु उसकी बातें सुनकर पहले तो उसे घूरती है… फिर जोर-जोर से हंसने लगती है। "सीरियसली अंशिका!? तू किसी लड़के की बातें कर रही है? हमारी टॉपर को प्यार हो गया?!"

    अंशिका तुरंत मुंह बनाती है। "अरे नहीं पागल! प्यार नहीं हुआ… बस थोड़ा सा क्रश आ गया है। इतना फिल्मी हीरो स्टाइल में आया था, कैसे ना लगे!"

    और वो अपना चेहरा पकड़कर शर्माते हुए, "Heeey 😩…" करती है।

    अनु कुछ और बोलती इससे पहले ही स्कूल की बेल बज जाती है। और सभी क्लासेस को असेंबली के लिए ग्राउंड में जाना होता है। तो दोनों हंसते-हंसते उठती हैं और बाहर निकल जाती हैं।

    असेंबली शुरू होते ही सभी अपनी-अपनी क्लास के हिसाब से लाइन में लगने लगते हैं। अनु धीरे से अंशिका के कान के पास मुंह ले जाकर फुसफुसाती है। "अच्छा, वो दिखता कैसा है? बताना तो यार! उसका नाम पता है क्या? कौन है वो?"

    अंशिका हल्की मुस्कान दबाते हुए उतना ही धीरे बोलती है। "अरे मुझे कुछ भी नहीं पता! बस उसने मुझे पकड़कर बचाया… मैं तो उसे कुछ पूछ ही नहीं पाई। बस इतना पता है कि वो हमारे ही स्कूल का है। उसने वही यूनिफॉर्म पहनी हुई थी।अब बस ये नहीं पता कि किस क्लास में है…"

    अनु अपनी आँखें गोल करके कहती है। "Oooooo… तो ऐसे करते हैं। आज स्टूडेंट काउंटिंग करने के लिए तू ही चली जाना। सब क्लास के बच्चे लाइन में होंगे… वहीं दिख जाएगा तेरा हीरो किस सेक्शन में है!"

    अंशिका की आँखें एकदम चमक उठती हैं। "ओह येस! ये तो मस्त आइडिया है!"

    स्कूल की प्रेयर जैसे ही खत्म हुई, सभी क्लासेस अपनी-अपनी लाइनों में खड़ी थी। अंशिका काउंटिंग के लिए आगे आता है। वो हल्की सी नर्वस लेकिन एक्साइटेड थी, क्योंकि उसके दिमाग में बस वही एक लड़का घूम रहा था। वो एक लाइन… फिर दूसरी… फिर तीसरी…

    और जैसे ही वह 12th स्टैंडर्ड की लाइन के पास पहुंची—
    उसकी नज़र सीधा उस पर पड़ी। बस। दिल धड़ाम। उसकी हार्टबीट इतनी तेज होने लगी कि उसे खुद महसूस होने लगा। गाल अचानक से गुलाबी से चेरी-रेड हो गए।
    उसके पैर वहीं ज़मीन पर रुक गए। जैसे कोई मूवी का फ्रेम फ्रीज़ हो गया हो।

    वो लड़का भी उसे देख रहा था सीधे आँखों में। क्लियर, शार्प, थोड़ा कन्फ्यूज़… लेकिन नोटिस करता हुआ। अंशिका के हाथ में पकड़ी लिस्ट हल्के-हल्के कांप रही थी।
    वह ना गिन पा रही थी… ना बोल पा रही थी… बस उसे देखती जा रही थी।

    लड़का हल्का सा आगे आया और धीरे से बोला “Excuse me…?”

    लेकिन अंशिका तो अपने ही ड्रीमी वर्ल्ड में खोई हुई थी।
    तभी उसने हल्के से उसका हाथ टच किया सिर्फ एक हल्का सा स्पर्श… पर अंशिका के लिए वो टच किसी इलेक्ट्रिक शॉक जैसा था। दिल की धड़कन इतनी तेज कि मानो छाती से बाहर निकल आए।

    उसके गाल और भी लाल हो गए…साँसें अटक गईं…
    और अगले ही पल उसकी आँखें बंद हुईं और वह वहीं बेहोश होकर नीचे गिर पड़ी। पूरा ग्राउंड हल्का सा हंगामे में बदल गया। टीचर्स भागते हुए आए। लड़का कुछ सेकंड उसे देखता ही रह गया उसकी आँखों में एक अजीब सा घबराया हुआ शेड था जैसे वो खुद भी नहीं समझ पा रहा था कि ये सब उसके टच से हुआ… या कुछ और।

    थोड़ी देर बाद अंशिका क्लास में थी। टीचर अभी तक नहीं आई थीं, और बेचारी हमारी अंशिका का चेहरा… पूरा टमाटर जैसा लाल। वो खुद को मन ही मन कोस रही थी‌।
    "Ooh God… मैं अपने क्रश के सामने बेहोश हो गई…
    कितनी बड़ी इडियट हूँ मैं!!"

    उधर उसकी बेस्ट फ्रेंड अनु अपनी हँसी रोक-रोककर पागल हो रही थी। उसकी आँखों से पानी तक निकल रहा था हँसते-हँसते। “सीरियसली अंशिका?? अपने क्रश को देखकर बेहोश?? तेरा पूरा इज़्ज़त का कचड़ा हो गया।
    वो क्या सोच रहा होगा तेरे बारे मे..?

    अंशिका गुस्से और शर्म में उसका हाथ दबा देती है, लेकिन उसके गाल और लाल हो जाते हैं। तभी क्लासरूम का दरवाज़ा खुलता है।

    अंदर आती हैं उनकी क्लास टीचर, रेणुका मैम। लेकिन… उनके पीछे-पीछे एक लड़का भी अंदर आया। जैसे ही वो क्लास में एंटर करता है। पूरी क्लास में हल्की सी हलचल हो जाती है। लड़का दिखने में… हद से ज्यादा हैंडसम। शार्प आँखें, ब्लैक हेयर, स्कूल यूनिफॉर्म में भी पूरा हीरो लग रहा था।

    और लड़कियों का रिएक्शन?? सभी के एक्सप्रेशन ही चेंज हो जाते हैं सभी आंखें फड़ा कर उसे देखने लगती है।
    वो YW Band का main singer!!! अधीर मल्होत्रा है ना शिट यार, ये हमारे स्कूल में?? और हमारी क्लास में???”

    क्लास literally फुसफुसाहटों से भर गई। आँखें फटी… मुँह खुले… कुछ तो सीट पर खिसक-खिसक कर उसे अच्छे से देखने लगे। अधीर मल्होत्रा 16-17 साल की उम्र में ही इंडिया में धमाका मचा देने वाला teen star।
    उसका band viral था, concerts थे, insta पर लड़कियां फैन थीं।

    रेणुका मैम ने सबको शांत किया और बोलीं। “क्लास, meet your new classmate  Aarav Mehra.
    He has recently shifted to India. Say hello to him.”

    पूरा क्लास गूंज गया— “Hellooo Aadheer!!”

    अंशिका को कोई परवाह ही नहीं वो तो अभी भी अपने क्रश वाली बेहोशी वाली घटना याद कर रही थी। आधीर आया है या आलू उसे फर्क ही नहीं पड़ता।आरव अपना इंट्रोडक्शन देता है, हल्की confident smile के साथ
    और क्लास फिर से उसकी तारीफ में फिसल जाती है।

    तभी रेणुका मैम ने अनु की तरफ देखा और बोली—“अनु, stand up. तुम पीछे जाकर बैठो।”

    अनु का चेहरा गिर जाता है। उसे तो अपनी अंशिका के पास बैठना था। फिर मैम ने अधीर की तरफ देखा “Aadheer, you go and sit with Aashika.
    She is our class topper. If you need any help, ask her.”

    पूरा क्लास फिर से शोर. । “ओहोоо, यार ये अंशिका कितनी लकी है.. अधीर उसके पास बैठेगा उसका डैक्स मेट मन गया यार..?

    अनु पीछे जाती हुई ऐसे मुँह बना रही थी जैसे अभी रो पड़ेगी। उधर अंशिका को तो कोई फर्क ही नहीं पड़ा। वो आराम से बोर्ड देख रही थी… पेन घुमा रही थी… और उसके दिमाग में अभी भी वही क्रश-वाला रेस्क्यू-सीन चल रहा था। लिटरली, पूरी फिल्म 10 बार रिप्ले हो चुकी थी उसके दिमाग में।

    तभी अधीर उसके पास वाली सीट पर आकर चुपचाप बैठ गया। बहुत ही नॉर्मल तरीके से ना कोई हीरो एंट्री, ना कुछ। लेकिन हमारी अंशिका? उसे तो इससे जरा भी फर्क नहीं पड़ा। वो तो बस पीछे बैठी अनु को ही देख रही थी, जो दूर होने की वजह से ऐसे एक्सप्रेशन दे रही थी जैसे बैकग्राउंड में “जुदाई… जुदाई…” वाला गाना चल रहा हो।

    अंशिका की तरफ से इतना ज्यादा इग्नोर मिलना देखकर अधीर थोड़ा सरप्राइज़ हो गया। क्योंकि क्लास की बाकी सारी लड़कियाँ तो बस उसे ही घूर रही थीं। पर अंशिका?
    जैसे उसके लिए वो कोई नॉर्मल लड़का हो।

    अधीर हल्का सा सिर उसी दिशा में किए बैठा रहा, लेकिन आँखें घुमा के उसने चोरी से अंशिका को देखा—ये चेक करने के लिए कि सच में ये लड़की उसे नोटिस भी कर रही है या नहीं।

    उसके दिमाग में बस यही चल रहा था। “ये… सच में excited नहीं है? मेरे पास बैठा हूँ और इसे कोई फर्क ही नहीं?”

    टीचर पढ़ाना स्टार्ट कर चुकी थी, और फर्स्ट बेल होते ही अधीर ने फिर से एक बार curiosity के साथ अंशिका की तरफ देखा। लेकिन जैसा हमेशा अंशिका के चेहरे पर एक्सप्रेशन से ना ही एक्साइटमेंट ना ही साइनस बस नॉर्मल से एक्सप्रेशन थे।

    तभी अधीर खुद ही थोड़ा आगे झुककर धीरे से बोला,
    "Hello… मेरा नाम अधीर है. नाम तो तुमने सुना ही होगा?"

    अंशिका ने अपना फेस उठाया… उसे एक सेकंड देखा… और एक बहुत ही नॉर्मल फ्रेंडली स्माइल देते हुए बोली- 
    "No… मैंने नहीं सुना। वैसे मेरा नाम अंशिका है."

    और फिर वापस अपनी कॉपी पर ध्यान दे दिया।
    सही मतलब में उसे दो सेकंड से ज्यादा importance भी नहीं दी। अब ये बात अधीर को दिल पे नहीं… ego पे लग गई।

    इतना बड़ा नाम… इतनी fan following… पूरे स्कूल की लड़कियाँ उस पर मर रही हैं, literally उसके आते ही पूरी क्लास की हवा बदल गई थी। और ये लड़की?
    सीधा-सीधा बोल रही है कि उसने उसका नाम तक नहीं सुना। अधीर के दिमाग में बस यही घूम रहा था। "यह सीरियसली मुझे नहीं जानती ना फैन रिएक्शन जो एक्साइटमेंट कुछ भी नहीं.?


    और पहली बार… किसी ने उसे इस तरह इग्नोर किया था।

    *******

    वहीं दूसरी ओर…Club…

    अवंतिका कॉफी शॉप का काम कंप्लीट करने के बाद। यहां आ गई थी। उसका सच में बिल्कुल मन नहीं था आने का… पर उसे आना ही था। पैसे चाहिए थे… और इतने पैसे काफी नहीं थे उसकी मॉम के ऑपरेशन के बाद भी बहुत सारे पैसे लगने वाले थे।

    यही सोच उसे अंदर तक डरा रही थी। आज किसके साथ जाना पड़ेगा… कौन उसे खरीदेगा… क्या होगा—
    कुछ भी predictable नहीं था। लेकिन फिर भी… उसने खुद को नॉर्मल दिखाने की कोशिश की। मिनी स्कर्ट, bold makeup…और अपने असली इमोशंस कहीं अंदर गहराई में दबा दिए। चेहरा तो तैयार था, पर अंदर से वो आज भी वही थी। डरी हुई, टूटी हुई… मजबूर।

    तभी उसके सामने शैलजा रेड्डी आई। हमेशा की तरह एक हल्की मुस्कान, और हमेशा की तरह वही टॉक्सिक स्वीटनेस के साथ। “अरे तुम आ गई? कब से इंतज़ार कर रही थी तुम्हारा। मानना पड़ेगा… अविनाश मल्होत्रा लगता है तुमसे काफ़ी ज्यादा satisfy हुआ है,” उसने आंख दबाते हुए कहा। “उसने तुम्हें आज फिर बुक किया है। और इस बार तो तुम्हें डबल पैसे देने को भी ready है।”

    अवंतिका का दिल जैसे सेकंड भर के लिए थम गया।
    शैलजा ने आगे कहा “अच्छी बात है ना? किसी और के पास नहीं जाना पड़ेगा। कम से कम कोई बुड्ढा या creepy आदमी नहीं… इतना handsome बंदा है। इसके साथ night बिताना तुम्हारे लिए तो jackpot ही है।”

    अवंतिका बस चुप खड़ी रही। उसके लिए ये जैकपॉट नहीं… बस एक और रात की मजबूरी थी। लेकिन उसके दिमाग में एक ही सवाल घूम रहा था। आखिर अविनाश मल्होत्रा चाहता क्या है उससे? एक्जेक्टली करना क्या चाहता है। वो उसके पीछे क्यों पड़ा है?उसे दोबारा क्यों बुला रहा है?

    पर फिर उसने खुद को समझाया।  कम से कम किसी और अजनबी के साथ जाने से तो अच्छा है यही…
    अविनाश के पास जाने पर थोड़ा सा… पता नहीं क्यों, लेकिन उसे थोड़ा सा नॉर्मल फील होता है।  हाँ, वो उसे गुस्सा भी दिलाता था… लेकिन फिर भी आखिर वो उसका एक्स-हसबैंड तो था।

    थोड़ी कन्फ्यूजन, थोड़ा डर, थोड़ा गुस्सा सबको एक छोटी सी फेक स्माइल में बदलकर अवंतिका क्लब से बाहर निकल गई… फिर से उसी रेड रूम वाली रात के लिए।


    थोड़ी देर बाद… अविनाश का पेंटहाउस आ गया। बाहर खड़े होकर उसने बेल दबाई। अंदर हॉल में बैठा हुआ अविनाश कई मिनटों से उसी का इंतज़ार कर रहा था। इवेन उसने आज तक किसी के लिए भी इतना डेसपरेटली वेट नहीं किया था। हाथ में ड्रिंक लिए… पर आँखें बार-बार दरवाज़े की तरफ।

    बेल बजते ही उसका दिल एक पल को तेज हो गया। पर ओबवियसली  वो तुरंत उठकर दरवाज़ा थोड़े खोल देता?
    इतना बड़ा बिजनेसमैन और किसी लड़की के लिए इतना डेसपरेट उसकी ईगो को यह मंजूर नहीं था। वह तुरंत जाकर डोर ओपन कर देता तो उसका इगो हर्ट हो जाता ना।

    इसलि नॉर्मल एक्ट करने के लिए वह पूरे 5 मिनट तक वैसा ही बैठा रहा। फिर आखिरकार बहुत ही कैजुअल तरीके से जाकर उसने डोर ओपन किया।


    लेकिन जैसे ही उसने डोर खोला उसकी सांसें सच में रुक गईं। सामने अवंतिका खड़ी थी। ब्लैक टॉप मिनी स्कर्ट स्टॉकिंग ,ओर उसकी आईं बोल्ड मेकअप में और भी शार्प दिख रही थी। उसकी पूरी की पूरी वाइब ही अलग आ रही थी। इतनी हॉट इतनी खूबसूरत इतनी सेक्सी की एक सेकंड के लिए अविनाश जेनुइनली शोक में आ गया।


    जब वो उसकी वाइफ थी। उसकी अर्धांगिनी थी। सिंपल सी साड़ी चूड़ियां सिंपल से लुक में रहती थी। वो अलग बात थी कि उसने कभी प्रॉपर्ली उसे देखा नहीं था। और अगर देखा होता तो शायद डाइवोर्स देने का फैसला नहीं करता। 🤣

    पर अब… उसका चेहरा उसका गोरा रंग उसके फैसियल फीचर्स यहां तक की उसका कॉन्फिडेंट होकर बोलना। उसका स्टाइल सब कुछ अविनाश को हिप्नोटाइज कर रहा था। 
    तभी अवंतिका की आवाज से वो उसकी रूप माया से बाहर आता है।  “Hello Mr. Malhotra, मुझे लगा नहीं था आप फिर बुलाएँगे। लगता है आप बहुत सेटिस्फाई हो गए थे मुझसे… राइट?”

    उसकी ये शर्मिलेश बात… उसका ये एटीट्यूड, स्ट्रैंथ अविनाश की नसों पर जाकर लगता है। उसकी जॉब लाइन टाइट हो जाती है और वो उसे बड़ी खतरनाक नजरों से देखता है।

    आज उसने बस ब्लैक शर्ट पहन के रखी थी। ऊपर के दो बटन खुले हुए थे उसका ब्राड चेस्ट नजर आ रहा था।अवंतिका की नज़र उसपर गई और… ना चाहते हुए भी हट नहीं सकी। सीधा नहीं देख रही थी, पर फिर भी एक अजीब सा नर्वसनेस उसके अंदर दौड़ गया था।

    फिर भी… चेहरे पर उसने वही बात छुपा देने वाला बोल्ड लोक रखा था।  जैसे कुछ फर्क ही नहीं पड़ा हो उसे।

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    To be Continue…

    So, darkies 💅🏻🎀,
    Kaisa laga aaj ka chapter..?
    Ab Avinash kya karega…?
    Aur uski engagement ka kya hoga…?
    New characters kaise lage, ye bhi zaroor batana… ✨

    Ek aur chapter aa raha hai…
    Aur iss baar full dark romance 🖤
    So yahan se bina comment kiye aage mat badhna, okay? 😼💋

    With love & a shade of darkness,
    𝒀𝒐𝒖𝒓 𝑫𝒂𝒓𝒌𝑹𝒐𝒔𝒆𝒛𝒆 🥀

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  • 8. His EX ARDHAGGINI - Chapter 8

    Words: 2032

    Estimated Reading Time: 13 min

    अविनाश अपनी बर्निंग इरिटेशन को रोक नहीं पता है।

    वो दांत भींचते हुए आगे बढ़ता है और अचानक उसकी बांह पकड़ लेता है। ज़ोर से। इतना कि अवंतिका को पेन होता है… फिर भी वो अपनी तकलीफ़ दिखाती नहीं।

    बस हल्की कड़वी मुस्कान के साथ कहती है। “मैं यहाँ आपको सेटिस्फेक्शन देखने आई हूं। ओर आप मुझ पर डोमेस्टिक वायलिन जैसा कुछ ट्राई नहीं कर सकते मिस्टर मल्होत्रा, क्योंकि मैं आपकी वाइफ नहीं हूं। जो चुपचाप सुन लूंगी..!! I hope you understand that very well.”

    ये सुनकर अविनाश को ऐसा लगता है। जैसे किसी ने उसके गाल पर तमाचा मार दिया हो। वो उसकी बांह छोड़ देता है… और अंदर आने का इशारा करता है।

    अवंतिका एक ट्वीट स्माइल के साथ अंदर चलती है।

    बालों को साइड फ्लिप करते हुए कॉन्फिडेंट वोक में कसम से वो इतनी सेक्सी लग रही थी। कि कोई भी देखकर खुद का कंट्रोल लूज कर दे।

    अविनाश भी एक पल को बिखर जाता है। लेकिन उसकी कड़वी बातें फिर उसी में आग लगा देती हैं। वो सोफे पर बैठता है, एक पैर दूसरे पर डालता है। और बिना टाइम वेस्ट किया एक कांट्रेक्ट पेपर उसकी तरफ बढ़ा देता है।

    “6 months. 6 months तक तुम किसी और लड़के के साथ नहीं जाओगी। हर नाइट सिर्फ मेरे साथ होगी।

    I want you for myself. I want to make you my sex slave. In return, you’ll get whatever price you ask for.”

    ये सुनकर अवंतिका हंस पड़ती है। एक सारकास्टिक शार्प हंसी। पहले तो उसकी सुंदरता देखकर अविनाश का दिमाग ब्लैक हो जाता है… लेकिन जब वो देखता है कि वो किस तरह मजाक उड़ा रही है…उसका गुस्सा फट पड़ता है

    “I’m not joking!”

    अवंतिका पहले तो अविनाश को देखते हैं और अपनी आंखों को रोल करते हुए वह कॉन्ट्रैक्ट को देखते हैं और अविनाश से बोलता है। "मैं सिर्फ वन नाइट स्टैंड करती हूं मिस्टर मल्होत्रा कांटेक्ट साइन करने का कोई मूड नहीं है मेरा..!!

    उसकी ये बात अविनाश के मेल ईगो में गहरे जाकर चुभती है। वो मुट्ठियाँ भींचता है और धीमे पर डेंजरस स्टोन में उससे बोलना है।  “10 lakhs. One month के लिए। 6 months पूरे हुए… तो total 1 crore.

    सोचो तुम उतना पैसा 6 मंथ में भी शायद नहीं कमा पाओगी। Am I right?”

    ये सुनकर अवंतिका के पैर तले सच में जमीन खिसक जाती है। एक करोड़… ये रकम उसने कभी देखी तक नहीं थी। बाहर से वो बोल्ड बनी रहती है, लेकिन अंदर अंदर उसके दिमाग में माँ का ऑपरेशन के बाद का खर्चा… बहन की स्टडी.. अपनी खुद की law की पढ़ाई… सब दौड़ रहा था।

    उसने  फीस की वजह से एडमिशन नहीं लिया था। वो कॉफी शॉप पर काम करती घर में सब को बोलते कि वह कॉलेज जाती है कोई नहीं जानता था कि वो आगे की पढ़ाई नहीं कर रही थी। और अब… ये मौका उसके सामने था। ज्यादा सोचे बिना वो कॉन्ट्रैक्ट उठा लेती है, बिना पढ़े ही साइन करती है और क्लैमली बोलती है। “Okay fine.

    बट मेरी भी कुछ रूल्स हैं. You’ll call—I’ll come.

    बट मेरी एग्जिट करती है उन्हें इग्नोर नहीं कर सकती।"

    अविनाश उसकी आँखों में देखता है। वो सारकास्टिक हंसी के साथ। - “तुम जैसे लोगों की फैमिलीज भी होती हैं?”

    फिर वो साइन किया हुआ कॉन्ट्रैक्ट उठाता है। अरवंतिका उसे देख रही थी। उसकी आंखों में गुस्सा हद से ज्यादा गुस्सा था। मन की वो उसे कुछ भी बताना नहीं चाहती है लेकिन क्या वह जानना नहीं चाहता है कि वो किस लिए ऐसे काम कर रही है। खैर अब उसे अविनाशी कोई भी फर्क नहीं पड़ता है.. उसके लिए जो उसके दिल में फीलिंग थी वह कब की मर चुकी थी। वो इंसान जिसने कभी उसकी फीलींगस की परवाह नहीं की…और अब भी सिर्फ जिस्म के सौदे की बात कर रहा है।

    लेकिन अब कुछ भी हो डील साइन हो चुकी थी। 6 months. One crore. And she was his. Only his.

    अविनाश कुछ बोलने ही वाला था कि अवंतिका  ने उसे एक सेकंड का भी मौका नहीं दिया। वो धीरे से अपनी मिनी स्कर्ट को ऊपर सरकाती है। अपनी स्मूथ थाई रिवील करते हुए। बिल्कुल कॉन्फिडेंट एक्सप्रेशन के साथ सेडक्टिव वे में बोली- "तो बताइए मिस्टर मल्होत्रा अब मैं आपको सेटिस्फेक्शन कहां से देना स्टार्ट करूं.?? वह क्या है ना मैं अपने कामों में काफी ज्यादा अप्ट हूं...

    Delay बिल्कुल नहीं करनी चाहिए  right?”

    अविनाश उसकी ये शेमलेस बातें सुनकर गुस्से में आ जाता है। उसकी मुठ्ठियाँ कस जाती हैं, आँखें लाल हो जाती हैं। अगले ही पल वो उसके क़रीब आता है, उसकी नाज़ुक कमर पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचता है—

    और बिना कुछ कहे उसे फ़ोर्सफुल तरीके से किस करना स्टार्ट कर देता है।

    उसके अचानक से टूट पड़ने पर तो अवंतिका का बैलेंस बिगड़ जाता है। लेकिन वो रूकती नहीं है। ओर वो भी उसे बहुत ही अच्छे से रिस्पांस देती है। वह पूरी तरीके से बोल्ड बनने की कोशिश करती है। ओर वही अविनाश उसके नाजुक से होठों को अपने लबों के अंदर लैटर तार तार कर रहा था‌। उसे जरा सा भी अवंतिका पर रहम नहीं आ रहा था।

    उसके अंदर का मेल एगो जो हर्ट हो गया था। उसकी ब्रांड बॉडी अवंतिका की नाजुक बदन को दबाने लगती है। अवंतिका को दर्द होता है। पर वो दिखते नहीं देती है। अविनाश ने अवंतिका के गर्दन को कस के पकड़ रखा था।ओर ब्रूटली किसिंग करता जा रहा था।

    अवंतिका की सिसकियां भी बड़ी मुश्किल से निकल पा रही थी। अविनाश अपने दूसरे हाथ को उसकी क्रॉप टॉप के अंदर डालते हुए, उसकी ब्रा स्ट्रेप को खोल देता है।और उसकी मखमली पीठ पर अपने हाथों को फेरने लगता है। उसकी ऐसी हरकतों से अवंतिका ना चाहते हुए भी काफी एंजॉय कर रही थी।

    अविनाश की बॉडी थी इतनी अमेजिंग और उसके हाथ uff, इतने रफ टफ थे की उसके स्ट्रांग Hand को वो भूल नहीं पाई थी। उसके हाथ के Vein बहुत अमेजिंग थे। कल नाइट के बारे में सोच कर ही उसके रोंगटे खड़े हो रहे थे... अविनाश अब ओर भी तेजी से अपने हाथ से उसकी मखमली सॉफ्ट बॉडी को टटोलने लगता है।

    ओर अवंतिका भी कोई कसर नहीं छोड़ती है वह अपने मुलायम हाथों से उसके सच के बटन को खोल देता है। और जैसे ही उसकी आंखें अविनाश के ब्रांड चेस्ट पर जाता है। उसकी पूरी बॉडी में अजीब से सेंसेशंस होने लगते हैं। वो अपना सलाइवा घटक लेती है। ओर एक सेकंड के लिए तो उसकी मस्कुलर बॉडी को फ्रिज होकर देखते रह गई।

    वहीं उसकी आंखों को फॉलो करते हुए। एक स्मार्ट स्माइल करता है और खुद पर प्राउड फील करता है। यह सोचकर कि अवंतिका उसे अट्रैक्ट हो रही है। लेकिन अगले ही पल वो नोटिस करता है। अवंतिका बोल्ड तरीके से उसके नेक पर किस करने लगी थी। जिसकी ये हरकत एक बार से उसके माइंड डायवर्ट कर देता है...ओर फिर से उसके मन में हजारों थॉट्स आने लगते हैं क्या अवंतिका किसी दूसरे मर्द के साथ भी ऐसे ही हरकत करती होगी उसे उकसाने के लिए। यह सब कुछ सोच-सोच कर ही उसका खून खौल रहा था पता नहीं क्यों वह उसके लिए इतना पॉजेसिव बिहेव कर रहा था यह बात वह खुद भी नहीं समझ पा रहा था।

    लेकिन अवंतिका का उसे इस तरीके से किस करना उसे बहुत मज़ा भी ले रहा था। वो भी उसकी कमर को टाइटली पकड़ लेता है। ओर पगली पाल वह एक झटके में उसके टॉप को निकाल देता है और उसे ग्रंथि अपने उसे बड़े से टेबल पर लेट आते हुए खुद उसके ऊपर आ जाता है अब अवंतिका उसके सामने हाफ नेक्ड थी। वो गुस्से और जलन से भरी हुई आंखों से उसकी बॉडी को देख रहा था कल रात के लव बर्ड्स के निशान अभी भी दिखाई दे रहे थे।

    वो एक बार फिर उसके b*** को अपने मुंह में पर लेता है। जोरो से suck करने लगता है। अवंतिका की फिर से सच किया निकलने लगती है। उसके हाथ अपने आप ही उसके बालों पर चले जाते हैं। ओर वो उसे फील करते हुए काफी तड़प भी रही थी।  अविनाश दूसरे हाथों से उसके दूसरे b*** को मसल रहा था‌। ओर पागलों की तरह उसके बूब्स को सक करते हुए कट करता है।

    जिससे अवंतिका की आह निकल जाती है। उसे काफी पेन होता है लेकिन फिर भी वह बोल्ड बनते हुए। "Aahh yahhh I'm enjoying.... Suck faster…this is nothing, you are very slow....

    और उसकी ऐसी ऐसी बातें अविनाश को इतना उकसा रही थी कि पूछो मत...वो और भी तेजी से उसके बूब्स को अपने मुंह में भरकर तेजी से सक करने लगता है। इतना की अवंतिका सच में बहुत तड़पना लगती है लेकिन उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। और सच कहूँ तो… अविनाश को गुस्सा दिलाते हुए,अवंतिका को ना जाने कौन-सा अजीब-सा सुकून मिल रहा था…!! जैसे उसके हर रिएक्शन से वो और ज़्यादा सैटिस्फाइड हो रही हो।

    अविनाश अगले ही पल उसके ऊपर से उठता है। ओर उसके बूब्स पर स्लैप करते हुए। "Now it's your gold-digger bitch..!!

    उसके ऐसा करने से और उसकी इतनी घिनौना शब्द से अवंतिका अपनी आंखों को कसकर बंद कर लेती है।ओर अपने आंसुओं को कंट्रोल कर लेती है... वही अविनाश अपनी पेंट उतार कर साइड फेंक देता है और उसके सामने खड़ा हो जाता है... अवंतिका भी टेबल पर से नीचे आ जाती है और घुटने के बल बैठ जाती है। उसके हाथ कांप रहे थे.. लेकिन अविनाश ने गुस्से में उसके बालों को पकड़ते हुए कहा- "इन सब कामों में तो तुम बहुत पर्फेक्ट होगी ना इतना क्यों सोच रही हो..?Hurry up!I don't like to wait, take it in your mouth quickly.

    उसकी बात को सुनकर अवंतिका की रूह कांप रही थी। पर वो अपने दर्द को नहीं दिखाना चाहती थी.. वो उसके सामने टूटना नहीं चाहती थी। वो खुद को स्ट्रांग बोल्ड दिखाने की कोशिश कर रही थी। लेकिन फिर भी उसके हाथ कांप रहे थे। आज तक उसने कभी भी ऐसी चीज नहीं की थी। एक तो उसका फर्स्ट टाइम कुछ ऐसा होने वाला था और ऊपर से एक ऐसे इंसान के साथ जिसके साथ वो बिल्कुल भी कंफर्टेबल नहीं है। एक ऐसे इंसान के साथ जिसकी वो अभी सेक्स स्लेव से ज्यादा कुछ भी नहीं है..

    लेकिन पूरी हिम्मत दिखाते हुए वो उसके बक्सर को नीचे कर देती है। ओर फिर अविनाश की d*** जो बहुत पहले से ही रेडी थी डेसपरेट होकर टर्न हो चुकी थी। वो सीधे अवंतिका के फेस पर लगती है। उसकी तो आंखें बाहर आ जाती है। सी नो की वो उसके साथ पहले भी इंटिमेट हो चुकी है। लेकिन उसने ध्यान से उसके d*** को नहीं देखा था... वो सच में बहुत बड़ा था। उसकी तो सांस हलक में आ गई थी कि वो उसे मुंह में कैसे लगी....!!

    वहीं अविनाश तड़प रहा था। उसे बहुत पेन हो रहा था। उसका बिग टाइगर काफी ज़्यादा टाइट हो चुका था। ओर उसपर इतने सारे Vein थे..की पूंछ मत.. अविनाश तड़पते हुए एकदम से अवंतिका के बालों को कसकर पकड़ लेता है। ओर झुक कर उसकी आंखों में देखने लगता है। अवंतिका की आंखों में एक सेकंड पहले हैरानी और दर भरा हुआ था। लेकिन अभी एटीट्यूड दिखाई दे रहा था। अविनाश चिल्लाते हुए बोला- "लगता है, तुम्हें सुनाई नहीं देता मैंने कहा इसे मुंह में लो...?? Have you never seen such a big d***? Right..?

    ओर फिर अजीब तरीके से इस्मार्क करते हुए खुद पर प्राउड फील करने लगता है। लेकिन उसी पल उसके बदम में आग लगाने के लिए। अवंतिका उसके d*** को अपने हाथ में लेती है। उसके ऐसा करते ही अविनाश को तो जैसे जन्नत महसूस होने लगता है। उसके सॉफ्ट हाथ को वो फील कर रहा था। ओर फील करते हुए अपनी आंखें बंद कर लेता है। लेकिन अवंतिका के शब्द उसके बदन में आग लगा देती है। "I was thinking... Mr Malhotra की आप कुछ खास निकलेंगे, but don't mind, देख तो मैं इससे भी बड़े है.. और मुझे वही पसंद आते हैं..जो jo… well… handle hi na ho पाए.”

    ओर फिर उसकी d*** को अपने मुंह में ले लेता है। लेकिन उसकी तीखी बातों से तो अविनाश का माथा ठनक गया था। उसका दिमाग हद से ज्यादा खराब हो जाता है। इस वक्त उसका खून खोल रहा था।

    To be Continue.........

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    So, darkies 💅🏻🎀, Kaisa laga aaj ka chapter..?
    bina comment kiye aage mat badhna, okay? 😼💋

  • 9. His EX ARDHAGGINI - Chapter 9

    Words: 1203

    Estimated Reading Time: 8 min

    ओर फिर उसकी d*** को अपने मुंह में ले लेता है। लेकिन उसकी तीखी बातों से तो अविनाश का माथा ठनक गया था। उसका दिमाग हद से ज्यादा खराब हो जाता है। इस वक्त उसका खून खोल रहा था।

    अवंतिका उसके सामने तो बोल्ड बन‌ रही थी। पर अविनाश की d** को वो टॉलरेट नहीं कर पा रही थी। वह सच में बहुत बड़ा था। वहीं अविनाश अवंतिका के कहे हुए शब्द की वजह से बिल्कुल पागल सा हो गया था। पता नहीं क्यों वह यह बात एक्सेप्ट क्यों नहीं कर पा रहा है कि अवंतिका किसी और के साथ भी सब कुछ कर चुकी है‌। क्यों इतना बौखला रहा है वह उसकी बातों को सुनकर था।

    वो बस इस वक्त इतना जान रहा था कि उसे बस गुस्सा आ रहा है हद से ज्यादा गुस्सा आ रहा है। इसीलिए वह अपने आप को उसके मुंह के अंदर और भी ज्यादा पुश करता है और उसके बालों को अपने हाथों में जो करते हुए उसे और भी अंदर पुश करता है। उसके ऐसा करने से अवंतिका की कान लाल हो रहे थे। वह उसके बिग टाइगर को अपने मुंह के अंदर फिट नहीं कर पा रही थी उसका पूरा मुंह लाल-लाल हो गया था पसीने से पूरी भीग चुकी थी।

    उसके होंठ भी फूल फूल लग रहे थे। कसम से वह इस वक्त बहुत ही ज्यादा सेक्सी लग रही थी लेकिन उसकी ऐसी हरकतें जिस तरीके से वो अविनाश को सेटिस्फेक्शन दे रही थी पूरी बोल्ड बनकर तेजी से उसके बिग टाइगर को मुंह से अंदर बाहर करते हुए सक कर रही थी। सब कुछ इतनी तेज़ intensity में था कि अविनाश को एक साथ
    गुस्सा भी आ रहा था और अजीब सा satisfaction भी।
    उसके दिमाग में बस एक बात घूम रही थी ये सब… इससे पहले किस-किस के साथ कर चुकी होगी.



    अविनाश को सेटिस्फेक्शन के साथ-साथ गुस्सा भी आ रहा था। यह सोच सोच कर की यह सब कुछ पहले भी किसी और के साथ कर चुकी है।

    और अविनाश को यही सोच–सोचकर गुस्सा चढ़ रहा था।
    उसकी नसें सच में भेड़िए की तरह उबल रही थीं।
    एक तो खुद शर्टलेस खड़ा था… ऊपर से अवंतिका की वो bold–bold moves तो जैसे उसकी आग में पेट्रोल डाल रही थीं।

    हर सेकंड उसे यही खाए जा रहा था कि ये सब… वो पहले भी किसी और के साथ कर चुकी है। उसके अंदर का जानवर और भड़का देता है।

    अगले ही पल अविनाश का कंट्रोल सच में टूटता है।
    वो एक झटके में अवंतिका के बालों को पकड़ता है,
    और कसकर और भी अपने आप को उसके अंदर पुश कर देता है। अवंतिका को ऐसा लगता है कि अब वह सांस नहीं ले पाएगी। लेकिन अविनाश उसकी आँखें पूरी तरह लाल गुस्से से भरी हुई… और उसके हाथों की पकड़ बताती थी कि वो कितना उबल रहा है।

    अविनाश एकदम से अपना सिर पीछे झटक देता है।‌उसकी सिसकियां निकल रही थी। कसम से वह हद से ज्यादा हॉट लग रहा था बॉडी पर आए पसीने के बूंद चमक रहे थे। ओर फिर वो अवंतिका के माउथ में ही cum हो जाता है। ये इतना intense release था कि अवंतिका भी एक सेकंड के लिए रुक गई।

    लेकिन… अवंतिका ने अपनी बोल्डनेस जरा भी कमी नहीं आने दी। उसके चेहरे पर वह से शैतानी टीजिंग एक्सप्रेशन बने रहते हैं। उसकी स्किन पर अभी भी अविनाश की गर्माहट फैली हुई थी। चेहरा पूरा लाल-लाल हो गया था। उसके लिप्स पर cum लगे हुए थे..जिसे वो बड़ी ही बोल्डनेस के साथ कि से साफ करती है‌। वो सब बिना किसी hesitation के कर रही थी ‌इतने कॉन्फिडेंस, इतनी shameless teasing के साथ कि अविनाश की नसें फिर से तड़क उठीं।

    अवंतिका ने धीरे से उसकी आँखों में देखते हुए मुस्कुराया
    वो वही किलर स्माइल… जैसे जान-बूझकर उसे फिर से भड़काना चाहती हो।

    एक बार फिर वो उसके अपने हाथों d** को लेकर out-in करने लगती है। अविनाश की साँसें अभी तक भारी चल रही थीं। गुस्सा, जलन और वो अजीब-सी तड़प… सब कुछ उसके चेहरे पर साफ दिख रहा था। उसकी आँखें लाल थीं सीधे अवंतिका पर टिक गई थीं, जैसे वो उसे पूरी तरह खा जाएगा।

    और अवंतिका…उसके लिप्स पर वो कर्व्ड, बोल्ड-सी स्माइल… अभी भी बनी हुई थी। ओर वो उसे सेटिस्फेक्शन देने में कोई कमी नहीं छोड़ रही थी। वो बहुत shameless हो कर अपनी इनोसेंस की सारी लिमिट क्रॉस कर रही थी। वो अपने होंठों से लिक्विड को धीरे से पोंछती है, फिर अविनाश की आँखों में देखते हुए धीरे से हँस देती है। एकदम सार्कास्टिक, एकदम शर्मलेस, एकदम जानबूझकर चिढ़ाने वाली।

    उसकी यह हरकत… अविनाश की नसों में सच में आग लगा देती है। वह एकदम से उसकी तरफ बढ़ता है‌। ओर फिर उसकी नाजुक सी कमर को पकड़ कर उसे फ्लोर पर ही ले डाउन कर देता है। फिर वो उसकी मिनी स्कर्ट को खोलने की कोशिश करता है। पर वो खुल नहीं रहा था। इस वक्त वह हद से ज्यादा गुस्से में था और इरिटेट भी हो रहा था। वो उसकी स्कर्ट को फ़ाड़ को जाती है लेकिन उससे पहले ही अवंतिका उसका हाथ पकड़ते हुए सारकास्टिक हंसी इसके साथ बोली।- "वेट मिस्टर मल्होत्रा में खोल देता हूं... आपको मेरे कपड़े फाड़ने की जरूरत नहीं है..!!


    ओर फिर वो बिना टाइम वेस्ट किया अपनी स्कर्ट खोल देती है.. अब वह सिर्फ पें** में थी। ओर उसके गोरे मुलायम पैर बिल्कुल खुले थे। उसके बूब्स हिल रहे थे। जब वो स्कर्ट को खोल रही थी और अविनाश उसके चेहरे के इतने क्लोस था.. कि वो खुद को कंट्रोल नहीं कर पाता और उसके बूब्स को एक बार फिर से अपने हाथों से मसलते हुए मुंह में भर लेता है।

    उसके और उसका दूसरा हाथ उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी p*** को सहलाने लगता है। वह और भी जोरों से उसके बूब्स को अपने मुंह के अंदर दांतों से दबा लेता है। और उसके p** के स्किन को स्क्रब करने लगता है। इससे अवंतिका मचलने लगती है उसका पेन भी हो रहा था और अजीब सी सेंसेशंस भी। अविनाश के हाथ बहुत ही ज्यादा कठोर और रफ थे। उसकी टू फिंगर जैसे ही उसकी p** में जाती है। अवंतिका सिसकियां लेने लगती है। ओर उसे सेडक्टिव आवाज में बोली- "Do fast Mr Malhotra...? I can't believe, umm aahh uumm आप दिखने में तो इतने ब्रांड है,ahh आप इतनी स्लो कैसे हो सकते हैं..?


    ओर ये सुनने की देरी थी अविनाश को वो झटके से अपनी फोर फिंगर उसके p*** के अंदर एक साथ डाल देता है। अवंतिका को लग रहा था.. अब तो उसकी जान ही चली जाएगी..वो अपनी आंखें बंद कर लेती है। अविनाश बिना रुके नॉनस्टॉप अपनी फिंगर को इंसाइड ओर आउटसाइड करता रहता है और साथ में उसके बूब्स को भी नहीं छोड़ता.. "I didn't know you would be such a slut...bitch...!! I promise no one will be able to give you satisfaction like me.


    ओर अविनाश गुस्से की आग में जलता हुआ। उसकी p** में अब अपने बिग हैंड को बूरा इंसर्ट कर देता है। और यह पेन सच में अवंतिका के लिए हद से ज्यादा था.. वो कसकर अपनी आंखें बंद कर लेती है उसके आंखों के कॉर्नर से आंसू भी निकल जाते हैं। चीख को दबाने के लिए वह अपने होठों को दांतों के नीचे दबा लेती है।


    To be Continue.......

  • 10. His EX ARDHAGGINI - Chapter 10

    Words: 2475

    Estimated Reading Time: 15 min

    अविनाश गुस्से की आग में जलता हुआ। उसकी p** में अब अपने बिग हैंड को बूरा इंसर्ट कर देता है। और यह पेन सच में अवंतिका के लिए हद से ज्यादा था..

    अवंतिका ने अपनी आँखें कसकर बंद कर लीं। इतना कसकर… जैसे अगर खोलेगी तो टूट जाएगी। उसकी साँसें तेज़ हो गई थीं। सीने में एक अजीब सा दर्द, एक डर…

    और फिर भी कुछ ऐसा जो उसे रोक भी नहीं रहा था।

    उसके आँखों के कॉर्नर से एक पतला सा आँसू नीचे गिरा… चुपचाप, बिना आवाज़ के। चीख न निकल जाए।

    इसलिए उसने अपने होंठों को दाँतों के नीचे दबा लिया।

    इतना ज़ोर से… कि उसका निचला होंठ हल्का लाल हो गया।

    अविनाश ने वो आँसू देखा। उसकी साँस एक सेकंड को रुक गई। जैसे किसी ने उसके अंदर कुछ झकझोर दिया हो। लेकिन अवंतिका ने सिर घुमा लिया। उसे नहीं चाहिए था कि वो उसकी कमजोरी देखे। उसकी आवाज़ बहुत धीमी, काँपती हुई, पर फिर भी एटीट्यूड के साथ निकली। "I'm fine, Mr Malhotra, आप कंटिन्यू रखीऐ...

    उसके शब्दों में दर्द था, लेकिन अंदर वही ज़िद वो कभी नहीं चाहती थी अविनाश को पता चले कि वह सच में हर्ट है। वो अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती है, आँसू पोंछने की कोशिश भी नहीं करती। क्योंकि वो नहीं चाहती

    कि अविनाश को दिखे कि उसका कोई इफेक्ट उस पर पड़ा है।

    लेकिन इफेक्ट… पड़ा था। बहुत गहरा। अविनाश धीरे से उसकी ठुड्डी पकड़कर उसका चेहरा अपनी तरफ घुमाता है। उसकी आँखें गुस्से से नहीं बल्कि एक अजीब, अनकहा सा टेंशन से भरी हुई थीं।

    अविनाश उसे कोई सवाल कर पाता उससे पहले अवंतिका अचानक अविनाश के होंठ अपने होंठों में ले लिए। तेजी से कॉन्फिडेंट के साथ बिना किसी हेसिटेशन के।

    अविनाश एक सेकंड के लिए रुक गया जैसे उसे समझ ही नहीं आया कि ये क्या हो रहा है। पर अगले ही पल… उसके अंदर का वो पुराना जानवर, वो गुस्सा, वो possessiveness। सब एक साथ ऊपर आ गया।

    उसने उसके चेहरे को दोनों हाथों से पकड़कर उसके होंठों को अपने होंठों में और भी ज़ोर से कैद कर लिया।

    किस में कोई सॉफ्टनेस नहीं थी। सिर्फ तड़प, गुस्सा, खींचाव… जैसे दोनों एक-दूसरे से बदला ले रहे हों

    या एक-दूसरे पर हक जता रहे हों।

    अवंतिका की उंगलियाँ उसके सोलडर को पकड़ चुकी थीं।

    और अविनाश उसकी सांसों को अपने साथ खींच रहा था।

    ये किस… कोई रोमांस नहीं था। ये एक लड़ाई थी। दो टूटे हुए लोगों की, जो किसी भी तरह अपनी फिलिंग्स छुपाने की कोशिश कर रहे थे..पर कर नहीं पा रहे थे।

    अविनाश नॉन-स्टॉप उसके लिप्स को चूस रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे उसकी सांसें खींच लेगा। उसके हाथों का प्रेशर भी लगातार बढ़ रहा था। हर मूव में गुस्सा, हक, और कुछ अनकही सी बेचैनी थी।

    अवंतिका की साँसें तेज़ हो चुकी थीं। कमर पर उसकी पकड़…ऑलमोस्ट दर्द दे रही थी। वो हल्का-सा पीछे खिंची, पर अविनाश ने उसे फिर अपनी तरफ खींच लिया..ओर बिग टाइगर जूस कब से बेचैन था। उसके बॉडी के अंदर जाने के लिए वह झटके से अपनी d** को उसके अंदर इंसर्ट करता है।

    अवंतिका की कमर अनचाहे ही आगे की तरफ आ गई।

    और उसकी आँखें कसकर बंद हो गईं। एक तेज़ झटका…

    और उसके शरीर में एक साथ डर, दर्द और कुछ अनजाना सा एहसास दौड़ गया।

    उसने होंठ काट लिए… आँखें पानी से भर गईं… साँस रुक सी गई। पर अविनाश जैसे उसे कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा था। वो सिर्फ उसी इंटेंसिटी में… उसी गुस्से और तड़प में आगे बढ़ता जा रहा था।

    अविनाश के अंदर पता नहीं कौन-सा तूफ़ान उठ चुका था। वह अपनी स्पीड को हद से ज्यादा बढ़ा रहा था वह फुल कर पा रहा था कि अवंतिका सच में बहुत ज्यादा टाइट है.. लेकिन फिर भी वो जानवरों की तरह उस पर अपनी भड़ास निकाल रहा था और वाइल्डनेस की सभी सीमा को पार कर रहा था।

    वो की साँसों के बीच अब कोई फ़ासला नहीं बचा था।

    अवंतिका की धड़कनें तेज़ थीं, पर उसकी आँखों में वही जिद… वही आग… जो अविनाश को और भड़काती जा रही थी। अविनाश के तेज सको से उसका पूरी बॉडी वाइब्रेट कर रही थी। ओर उसके बूब्स भी हिल रहै थे।

    अविनाश को वो पसीने से भीगी हुई बिखरी हुई बालों में और भी हसीन लग रही थी। वह दांत पिसती हुई आवाज़ में  अवतिका से बोला- "अब बोल नहीं पा रही हो, hmm?” उसके शब्दों में एक खतरनाक सा सुकून था। जैसे उसे उसकी हर बेअदबी का जवाब मिल गया हो।

    अवंतिका ने कुछ कहना चाहा, पर उसकी आवाज़ हल्की सी टूट गई। "Aahh umm Mr Malhotra ,आप तो सच में अमेजिंग निकले ऐसा एक्सपीरियंस मैं आज तक सिर्फ एक शख़्स के साथ फुल किया था आज दोबारा फील कर रही हूं.....

    अविनाश का चेहरा उसके बिल्कुल पास था। इतना कि उसकी गर्म साँस हर पल उसकी नब्ज़ को तेज़ करती जा रही थी। उसकी उँगलियों की पकड़ में एक ऐसी शक्ति थी जैसे वो उसकी हर लिमिट को चैलेंज कर रहा हो। अभी-अभी जो वह थोड़ा बहुत रिलैक्स हुआ था अवंतिका की बातों ने फिर से उसे गुस्से में ला दिया था।

    लेकिन फिर… ना जाने क्यों, अविनाश की रफ़्तार अचानक रुक जाती है। उसके अंदर जलता हुआ तूफ़ान एक पल के लिए ठहर जाता है। जैसे कुछ ने उसकी साँस पकड़ ली हो। उसकी नज़रें अनायास ही अवंतिका के चेहरे पर अटक जाती हैं।

    पसीने की पतली बूंदें उसके गालों से नीचे फिसल रही थीं… उसका छोटा-सा चेहरा बिल्कुल लाल... सांसों की गर्मी से टेंशन से उसे पाल की इंटेंसिटी से।

    और अवंतिका… वो आँखें बंद किए हुए थी, होंठ काँपते हुए… उसकी पलकों पर हल्की नमी थी, शायद दर्द की, शायद इमोशंस की, शायद कुछ और गहरी चीज़ की।

    और पता नहीं क्यों… अवंतिका का वो चेहरा, वो हालत देखकर अविनाश की पूरी intensity अचानक रुक जाती है। वो एक झटके से खुद को पीछे करता है। जैसे किसी एहसास ने उसे एक सेकंड के लिए जकड़ लिया हो।

    एक सेकंड… बस एक सेकंड, पर उतना काफी था उसे रोकने के लिए।

    वो गहरी सांस लेकर खड़ा होता है,चेहरे पर वही तिरछी, कड़क नज़र… लेकिन अंदर कहीं कुछ खटक रहा था।

    कुछ ऐसा, जिसे वो खुद भी मानना नहीं चाहता था।

    वो बिना कुछ बोले अपनी शर्ट उठाता है, तेज़ी से पहनता है, फिर अवंतिका की तरफ देखकर धीमे, भारी लहजे में कहता है। “Now you can go… और हां मैं जब भी बुलाऊँगी, तुम्हें आना ही पड़ेगा.”

    उसके शब्दों में हुक्म भी था, नफरत भी… और एक अजीब-सी पकड़ भी, जिसे वो खुद भी समझ नहीं पा रहा था। अवंतिका के चेहर पर उसकी वो तिरछी नजर टिक जाती है एक पल लिए… जैसे वो कुछ पढ़ने की कोशिश कर रहा हो या शायद खुद से नज़र बचाने की।

    और फिर, अपने ही आप पर हल्का-सा गुस्सा आते हुए,

    जबड़ा भींचते हुए वह मुड़ जाता है। बिना कुछ और बोले…

    बिना एक बार भी पीछे देखे… वो बस वहाँ से चला जाता है।

    हॉस्पिटल – रात 11:00 बजे

    सावित्री का ऑपरेशन आखिरकार हो चुकी थी ।और वो सक्सेसफुल भी रही। लेकिन डॉक्टर के चेहरे पर आराम नहीं था। वो हल्की सख्त आवाज़ में अंशिका से कहता है। “तुम्हारी दीदी आ जाए तो बोलना… दो और सर्जरी करवानी पड़ेगी। और हाँ, जल्दी से पैसे डिपॉजिट करवा दे।”

    अंशिका घबराई हुई थी। स्कूल खत्म होने के बाद वह यहीं पर आ गई थी। और शाम से वह यहीं पर बैठी हुई है...सी जींस और टॉप में वो बेहद सिंपल पर प्यारी लग रही थी।बाल पोनी में बंधे हुए, चेहरे पर बेचैनी साफ-साफ दिख रही थी। ऑपरेशन में पूरे 5–6 घंटे लग गए थे। अब रात के 11:00 बज रहे थे।

    वो जल्दी से अपनी माँ के पास जाती है। ऑक्सीजन मास्क लगा हुआ था…सावित्री बिल्कुल शांत लेटी थी, जैसे नींद में भी दर्द पकड़कर बैठा हो। अंशिका उनकी तरफ देखकर धीरे से बोलती है‌। “मम्मी… आप बहुत जल्दी ठीक हो जाओगी, ठीक है?”

    लेकिन डॉक्टर की बात याद आते ही उसका दिल फिर से बैठ जाता है। हाथ कांपते हुए वो अपना छोटा सा कीपैड फोन निकालती है। वो अवंतिका का नंबर डायल करती है।

    रिंग बस दो बार ही गई थी। कि तभी दरवाज़ा खुलता है।

    अवंतिका अंदर आ जाती है। अंशिका की आँखें चमक उठती हैं। “दीदी, तुम आ गई… मुझे तो लगा आज फिर नहीं आओगी।”

    अवंतिका ने सिंपल सूट पहन रखा था… वो नॉर्मल दिखने की कोशिश कर रही थी। पर आँखों में थकान, दर्द और एक अजीब-सी खालीपन साफ झलक रहा था। वो क्या झेल कर आई है, ये उसकी आँखें खुद ब खुद बता रही थीं।

    पर अंशिका इतनी परेशान थी कि वो कुछ नोटिस ही नहीं करती। वो भागकर अवंतिका के गले लग जाती है। उसकी आवाज़ टूटी हुई थी। “दीदी… ऑपरेशन सक्सेसफुल रहा है… पर डॉक्टर ने कहा है कि दो और ऑपरेशन करने होंगे… इतने सारे पैसे हम कहाँ से लाएँगे…?”

    अवंतिका उस पल बिल्कुल चुप खड़ी रह जाती है। उसकी आँखें एक सेकंड के लिए बंद हो जाती हैं।जैसे अंदर कुछ फट चुका हो।

    अंशिका छोटे बच्चे की तरह अपनी दीदी से चिपकी हुई थी। उसकी सांसें तेज थीं… चेहरे पर साफ घबराहट।अवंतिका उसके पीठ पर हल्के-हल्के हाथ फेरते हुए बोली  "तू… टेंशन क्यों लेती है? तू बस अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे। मैं इतनी सारी पार्ट-टाइम जॉब क्यों कर रही हूँ? पैसे आ जाएंगे। जिस जगह काम कर रही हूँ न… वहाँ अच्छे-खासे पैसे मिल रहे हैं। जल्दी मिल जाएंगे… मैं अडवांस ले लूंगी।

    तू बस फालतू सोच मत।”

    अंशिका को थोड़ी राहत मिलती है। वो अपनी दीदी से अलग होती है और दोनों माँ के पास जाते हैं। सावित्री बेहोशी में पड़ी थीं… शायद दवाइयों का असर था या थकान का। दोनों बहनें चुपचाप उन्हें देखती रहती हैं।

    उनकी सांसों की आवाज ही रूम में सबसे ज्यादा सुनाई दे रही थी।

    थोड़ी देर बाद दोनों वापस घर आ जाती हैं।

    घर पर – लेट नाइट

    अंशिका वैसे भी रात में पढ़ाई करने की आदी थी। अपना बैग खोलकर वो स्टडी पर बैठ जाती है। अवंतिका meanwhile किचन में चली जाती है। रात बहुत हो चुकी थी… तो वो सिंपल सा कुछ बना लेती है।

    काम करते वक्त उसके हाथ, कमर, पैर पूरा शरीर दर्द से जल रहा था… लेकिन वो सब इग्नोर कर देती है। कुछ देर बाद दोनों छोटे से डाइनिंग टेबल पर बैठकर खाना खाने लगती हैं। तभी अंशिका धीरे से बोलती है। “दीदी… actually स्कूल से ट्रिप के लिए ले जा रहे हैं…

    लेकिन मैं नहीं जाऊंगी। वैसे भी ट्रिप में क्या ही हो जाता है… तो मैंने नाम भी नहीं लिखवाया।”

    अवंतिका उसकी मासूमियत को देखकर चुप सी मुस्कुरा देती है। उसे पता था, अंशिका जाना चाहती है… बस पैसे की वजह से चुप है। वो नरमी से बोलती है। “अगर तुझे जाना है न… तू जा सकती है। पैसों की टेंशन मत ले।

    मैंने कहा न… मुझे अच्छी जॉब मिल गई है।”

    अंशिका थोड़ी देर कन्फ्यूज़ रहती है… फिर होंठ काटते हुए बोली “रियली दीदी? नहीं… मैं नहीं जाऊंगी। मम्मी के ऑपरेशन के लिए आप इतनी मेहनत कर रही हो… अगर मैं चली जाऊंगी ना… तो उनका ध्यान कौन रखेगा? नहीं, मैं नहीं जाऊंगी… बस ऐसे ही बोल रही थी।”

    अवंतिका उसके बालों पर हाथ फेरते हुए मुस्कुराती है—

    “पागल… मैं हूँ न। मैं सब संभल लूंगी। तुझे जाना है तो तू जा सकती है, बस।”

    अंशिका की आँखों में चमक आ जाती है। उसकी दीदी उसके लिए पूरी दुनिया थी। वो झट से अवंतिका के गले लगती है। “I love you दीदी… I love you sooo much… You are the best in the world!”

    अवंतिका उसे प्यार से धकियाती है। “हां हां… बस बहुत हो गया। ज़्यादा मस्का नहीं लगाओ।”

    दोनों हँस पड़ती हैं। कुछ देर बाद अंशिका सो जाती है…

    लेकिन अवंतिका की आँखों में नींद का नामोनिशान नहीं।

    शरीर के हर हिस्से में दर्द चुभ रहा था… लेकिन वो बिना आवाज़ किए सह रही थी। वो धीरे से उठती है, वार्डरोब खोलती है। और एक पेन-किलर निकालकर खा लेती है।

    उसकी आँखें कसकर बंद हो जाती हैं… आँखों के कोनों से आँसू निकल आते हैं। पर वो उन्हें पोंछती भी नहीं।

    कमरे की हल्की पीली रोशनी में, अवंतिका की परछाईं भी टूटी हुई लग रही थी।

    मल्होत्रा मेंशन – इंगेजमेंट नाइट

    मल्होत्रा मेंशन आज रात किसी रॉयल पैलेस से काम नहीं लग रहा था। हर तरफ लाइट्स ग्लास डेकोरे, फूलों की खुशबू और बीचों-बीच में ग्रैंड स्टेज, जहां पर अविनाश मल्होत्रा के इंगेजमेंट चल रही थी।

    बड़ी-बड़ी बिजनेस फैमिली, हाई प्रोफाइल लोग, मीडिया, कैमरा फ्लैश सब मौजूद थे। स्नेहा मित्तल ने एक ब्यूटीफुल सा shimmering गाउन पहन रखा था।

    सॉफ्ट मेकअप, कर्ली हेयर। और बहुत ही प्यारी मुस्कान…

    सच में, बिल्कुल परफेक्ट लग रही थी।

    और वहीं, अविनाश मल्होत्रा…ब्लैक ड्यूक, ओपन कॉर्नर शॉप ऑनलाइन कलर ओरा भाई उसकी हैंडसमनेस तो literally अलग ही थी। हर लड़की उसे देख के दिल पकड़ ले। पूरे शहर का वह ड्रीम बॉय था।

    लेकिन… अविनाश का दिमाग इंगेजमेंट में नहीं था। उसकी सोच… उसके विजुअल्स… सब किसी और पर अटके हुए थे। अवंतिका पर... उसका लाल पड़ चुका छोटा सा चेहरा… उसकी आंखों की चमक… आवाज…

    उसकी त्वचा पर पसीना… और वो सब कुछ जो कुछ घंटे पहले उसके पेंटहाउस में हुआ था…

    अविनाश जितना चाहता था कि दिमाग हटे… उतना ही वो और अंदर जा रहा था। उसे याद आ रहा था कि कैसे वो उसकी हर बात पर गुस्से में फट रहा था… और कैसे फिर भी वो उसे छोड़ नहीं पा रहा था।

    रिंग एक्सचेंज का टाइम हुआ। सब ताली बजा रहे थे।

    स्नेहा खुश थी... और अपनी किस्मत पर बहुत प्राउड फील कर रही थी.. पर अविनाश उसको कुछ होश ही नहीं था।

    वो रिंग पकड़े हुए भी किसी और ही खयाल में था।

    जैसे उसका दिमाग इंगेजमेंट में नहीं…किसी दूसरी रात में फंसा हुआ हो। तभी स्नेहा उसकी तरफ झुककर हल्की मुस्कान में बोलती है। “What happened, Avi?

    कहाँ खोए हुए हो…? फोटोग्राफर कब से कह रहा है स्माइल करो यह हमारी इंगेजमेंट है...?

    अविनाश जैसे अचानक होश में आता है। उसे महसूस होता है कि वो कितनी देर से मैच नहीं कर रहा था। सब लोग उसे देख रहे थे। वो बस हल्की सी general-सी smile देता है। एकदम फोर्सड सी।और फिर स्नेहा के साथ फोटोस क्लिक करवाता है।

    फोटोग्राफर कहता जाता है। “Sir, little close… perfect… smile…”

    लेकिन अविनाश के चेहरे पर फेक स्माइल चिपकी हुई थी। उसकी आँखों में सिर्फ एक ही चीज गूँज रही थी। अवंतिका। जिससे वो दूर भी रहना चाहता था...और भाग भी नहीं पा रहा था।

    _________________________________________________________________________

    𝐓𝐎 𝐁𝐄 𝐂𝐎𝐍𝐓𝐈𝐍𝐔𝐄....

    𝗦𝗼...𝘁𝗲𝗹𝗹 𝗺𝗲, 𝗟𝗼𝘃𝗲𝗹𝗶𝗲𝘀...—

    Was it the darkness he carried… या वो silent obsession जो हर लाइन के बीच छुपकर तुम्हें घूर रहा था?

    Sometimes a story isn’t written with ink…

    कभी-कभी वो desire, rage और unspoken chemistry से खुद को लिख देती है—

    और आज की रात वही थी।

    तुम्हारे हर कमेन्ट से मेरी दुनिया और भी intense हो जाती है, तो बताना ज़रूर… किस scene ने तुम्हें अंदर तक हिला दिया?

    Until the next shadowed breath—

    – 𝘠𝘰𝘶𝘳 𝘋𝘢𝘳𝘬𝘙𝘰𝘴𝘦𝘻𝘦 🌹🖤

  • 11. His EX ARDHAGGINI - Chapter 10

    Words: 2475

    Estimated Reading Time: 15 min

    अविनाश गुस्से की आग में जलता हुआ। उसकी p** में अब अपने बिग हैंड को बूरा इंसर्ट कर देता है। और यह पेन सच में अवंतिका के लिए हद से ज्यादा था..

    अवंतिका ने अपनी आँखें कसकर बंद कर लीं। इतना कसकर… जैसे अगर खोलेगी तो टूट जाएगी। उसकी साँसें तेज़ हो गई थीं। सीने में एक अजीब सा दर्द, एक डर…

    और फिर भी कुछ ऐसा जो उसे रोक भी नहीं रहा था।

    उसके आँखों के कॉर्नर से एक पतला सा आँसू नीचे गिरा… चुपचाप, बिना आवाज़ के। चीख न निकल जाए।

    इसलिए उसने अपने होंठों को दाँतों के नीचे दबा लिया।

    इतना ज़ोर से… कि उसका निचला होंठ हल्का लाल हो गया।

    अविनाश ने वो आँसू देखा। उसकी साँस एक सेकंड को रुक गई। जैसे किसी ने उसके अंदर कुछ झकझोर दिया हो। लेकिन अवंतिका ने सिर घुमा लिया। उसे नहीं चाहिए था कि वो उसकी कमजोरी देखे। उसकी आवाज़ बहुत धीमी, काँपती हुई, पर फिर भी एटीट्यूड के साथ निकली। "I'm fine, Mr Malhotra, आप कंटिन्यू रखीऐ...

    उसके शब्दों में दर्द था, लेकिन अंदर वही ज़िद वो कभी नहीं चाहती थी अविनाश को पता चले कि वह सच में हर्ट है। वो अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती है, आँसू पोंछने की कोशिश भी नहीं करती। क्योंकि वो नहीं चाहती

    कि अविनाश को दिखे कि उसका कोई इफेक्ट उस पर पड़ा है।

    लेकिन इफेक्ट… पड़ा था। बहुत गहरा। अविनाश धीरे से उसकी ठुड्डी पकड़कर उसका चेहरा अपनी तरफ घुमाता है। उसकी आँखें गुस्से से नहीं बल्कि एक अजीब, अनकहा सा टेंशन से भरी हुई थीं।

    अविनाश उसे कोई सवाल कर पाता उससे पहले अवंतिका अचानक अविनाश के होंठ अपने होंठों में ले लिए। तेजी से कॉन्फिडेंट के साथ बिना किसी हेसिटेशन के।

    अविनाश एक सेकंड के लिए रुक गया जैसे उसे समझ ही नहीं आया कि ये क्या हो रहा है। पर अगले ही पल… उसके अंदर का वो पुराना जानवर, वो गुस्सा, वो possessiveness। सब एक साथ ऊपर आ गया।

    उसने उसके चेहरे को दोनों हाथों से पकड़कर उसके होंठों को अपने होंठों में और भी ज़ोर से कैद कर लिया।

    किस में कोई सॉफ्टनेस नहीं थी। सिर्फ तड़प, गुस्सा, खींचाव… जैसे दोनों एक-दूसरे से बदला ले रहे हों

    या एक-दूसरे पर हक जता रहे हों।

    अवंतिका की उंगलियाँ उसके सोलडर को पकड़ चुकी थीं।

    और अविनाश उसकी सांसों को अपने साथ खींच रहा था।

    ये किस… कोई रोमांस नहीं था। ये एक लड़ाई थी। दो टूटे हुए लोगों की, जो किसी भी तरह अपनी फिलिंग्स छुपाने की कोशिश कर रहे थे..पर कर नहीं पा रहे थे।

    अविनाश नॉन-स्टॉप उसके लिप्स को चूस रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे उसकी सांसें खींच लेगा। उसके हाथों का प्रेशर भी लगातार बढ़ रहा था। हर मूव में गुस्सा, हक, और कुछ अनकही सी बेचैनी थी।

    अवंतिका की साँसें तेज़ हो चुकी थीं। कमर पर उसकी पकड़…ऑलमोस्ट दर्द दे रही थी। वो हल्का-सा पीछे खिंची, पर अविनाश ने उसे फिर अपनी तरफ खींच लिया..ओर बिग टाइगर जूस कब से बेचैन था। उसके बॉडी के अंदर जाने के लिए वह झटके से अपनी d** को उसके अंदर इंसर्ट करता है।

    अवंतिका की कमर अनचाहे ही आगे की तरफ आ गई।

    और उसकी आँखें कसकर बंद हो गईं। एक तेज़ झटका…

    और उसके शरीर में एक साथ डर, दर्द और कुछ अनजाना सा एहसास दौड़ गया।

    उसने होंठ काट लिए… आँखें पानी से भर गईं… साँस रुक सी गई। पर अविनाश जैसे उसे कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा था। वो सिर्फ उसी इंटेंसिटी में… उसी गुस्से और तड़प में आगे बढ़ता जा रहा था।

    अविनाश के अंदर पता नहीं कौन-सा तूफ़ान उठ चुका था। वह अपनी स्पीड को हद से ज्यादा बढ़ा रहा था वह फुल कर पा रहा था कि अवंतिका सच में बहुत ज्यादा टाइट है.. लेकिन फिर भी वो जानवरों की तरह उस पर अपनी भड़ास निकाल रहा था और वाइल्डनेस की सभी सीमा को पार कर रहा था।

    वो की साँसों के बीच अब कोई फ़ासला नहीं बचा था।

    अवंतिका की धड़कनें तेज़ थीं, पर उसकी आँखों में वही जिद… वही आग… जो अविनाश को और भड़काती जा रही थी। अविनाश के तेज सको से उसका पूरी बॉडी वाइब्रेट कर रही थी। ओर उसके बूब्स भी हिल रहै थे।

    अविनाश को वो पसीने से भीगी हुई बिखरी हुई बालों में और भी हसीन लग रही थी। वह दांत पिसती हुई आवाज़ में  अवतिका से बोला- "अब बोल नहीं पा रही हो, hmm?” उसके शब्दों में एक खतरनाक सा सुकून था। जैसे उसे उसकी हर बेअदबी का जवाब मिल गया हो।

    अवंतिका ने कुछ कहना चाहा, पर उसकी आवाज़ हल्की सी टूट गई। "Aahh umm Mr Malhotra ,आप तो सच में अमेजिंग निकले ऐसा एक्सपीरियंस मैं आज तक सिर्फ एक शख़्स के साथ फुल किया था आज दोबारा फील कर रही हूं.....

    अविनाश का चेहरा उसके बिल्कुल पास था। इतना कि उसकी गर्म साँस हर पल उसकी नब्ज़ को तेज़ करती जा रही थी। उसकी उँगलियों की पकड़ में एक ऐसी शक्ति थी जैसे वो उसकी हर लिमिट को चैलेंज कर रहा हो। अभी-अभी जो वह थोड़ा बहुत रिलैक्स हुआ था अवंतिका की बातों ने फिर से उसे गुस्से में ला दिया था।

    लेकिन फिर… ना जाने क्यों, अविनाश की रफ़्तार अचानक रुक जाती है। उसके अंदर जलता हुआ तूफ़ान एक पल के लिए ठहर जाता है। जैसे कुछ ने उसकी साँस पकड़ ली हो। उसकी नज़रें अनायास ही अवंतिका के चेहरे पर अटक जाती हैं।

    पसीने की पतली बूंदें उसके गालों से नीचे फिसल रही थीं… उसका छोटा-सा चेहरा बिल्कुल लाल... सांसों की गर्मी से टेंशन से उसे पाल की इंटेंसिटी से।

    और अवंतिका… वो आँखें बंद किए हुए थी, होंठ काँपते हुए… उसकी पलकों पर हल्की नमी थी, शायद दर्द की, शायद इमोशंस की, शायद कुछ और गहरी चीज़ की।

    और पता नहीं क्यों… अवंतिका का वो चेहरा, वो हालत देखकर अविनाश की पूरी intensity अचानक रुक जाती है। वो एक झटके से खुद को पीछे करता है। जैसे किसी एहसास ने उसे एक सेकंड के लिए जकड़ लिया हो।

    एक सेकंड… बस एक सेकंड, पर उतना काफी था उसे रोकने के लिए।

    वो गहरी सांस लेकर खड़ा होता है,चेहरे पर वही तिरछी, कड़क नज़र… लेकिन अंदर कहीं कुछ खटक रहा था।

    कुछ ऐसा, जिसे वो खुद भी मानना नहीं चाहता था।

    वो बिना कुछ बोले अपनी शर्ट उठाता है, तेज़ी से पहनता है, फिर अवंतिका की तरफ देखकर धीमे, भारी लहजे में कहता है। “Now you can go… और हां मैं जब भी बुलाऊँगी, तुम्हें आना ही पड़ेगा.”

    उसके शब्दों में हुक्म भी था, नफरत भी… और एक अजीब-सी पकड़ भी, जिसे वो खुद भी समझ नहीं पा रहा था। अवंतिका के चेहर पर उसकी वो तिरछी नजर टिक जाती है एक पल लिए… जैसे वो कुछ पढ़ने की कोशिश कर रहा हो या शायद खुद से नज़र बचाने की।

    और फिर, अपने ही आप पर हल्का-सा गुस्सा आते हुए,

    जबड़ा भींचते हुए वह मुड़ जाता है। बिना कुछ और बोले…

    बिना एक बार भी पीछे देखे… वो बस वहाँ से चला जाता है।

    हॉस्पिटल – रात 11:00 बजे

    सावित्री का ऑपरेशन आखिरकार हो चुकी थी ।और वो सक्सेसफुल भी रही। लेकिन डॉक्टर के चेहरे पर आराम नहीं था। वो हल्की सख्त आवाज़ में अंशिका से कहता है। “तुम्हारी दीदी आ जाए तो बोलना… दो और सर्जरी करवानी पड़ेगी। और हाँ, जल्दी से पैसे डिपॉजिट करवा दे।”

    अंशिका घबराई हुई थी। स्कूल खत्म होने के बाद वह यहीं पर आ गई थी। और शाम से वह यहीं पर बैठी हुई है...सी जींस और टॉप में वो बेहद सिंपल पर प्यारी लग रही थी।बाल पोनी में बंधे हुए, चेहरे पर बेचैनी साफ-साफ दिख रही थी। ऑपरेशन में पूरे 5–6 घंटे लग गए थे। अब रात के 11:00 बज रहे थे।

    वो जल्दी से अपनी माँ के पास जाती है। ऑक्सीजन मास्क लगा हुआ था…सावित्री बिल्कुल शांत लेटी थी, जैसे नींद में भी दर्द पकड़कर बैठा हो। अंशिका उनकी तरफ देखकर धीरे से बोलती है‌। “मम्मी… आप बहुत जल्दी ठीक हो जाओगी, ठीक है?”

    लेकिन डॉक्टर की बात याद आते ही उसका दिल फिर से बैठ जाता है। हाथ कांपते हुए वो अपना छोटा सा कीपैड फोन निकालती है। वो अवंतिका का नंबर डायल करती है।

    रिंग बस दो बार ही गई थी। कि तभी दरवाज़ा खुलता है।

    अवंतिका अंदर आ जाती है। अंशिका की आँखें चमक उठती हैं। “दीदी, तुम आ गई… मुझे तो लगा आज फिर नहीं आओगी।”

    अवंतिका ने सिंपल सूट पहन रखा था… वो नॉर्मल दिखने की कोशिश कर रही थी। पर आँखों में थकान, दर्द और एक अजीब-सी खालीपन साफ झलक रहा था। वो क्या झेल कर आई है, ये उसकी आँखें खुद ब खुद बता रही थीं।

    पर अंशिका इतनी परेशान थी कि वो कुछ नोटिस ही नहीं करती। वो भागकर अवंतिका के गले लग जाती है। उसकी आवाज़ टूटी हुई थी। “दीदी… ऑपरेशन सक्सेसफुल रहा है… पर डॉक्टर ने कहा है कि दो और ऑपरेशन करने होंगे… इतने सारे पैसे हम कहाँ से लाएँगे…?”

    अवंतिका उस पल बिल्कुल चुप खड़ी रह जाती है। उसकी आँखें एक सेकंड के लिए बंद हो जाती हैं।जैसे अंदर कुछ फट चुका हो।

    अंशिका छोटे बच्चे की तरह अपनी दीदी से चिपकी हुई थी। उसकी सांसें तेज थीं… चेहरे पर साफ घबराहट।अवंतिका उसके पीठ पर हल्के-हल्के हाथ फेरते हुए बोली  "तू… टेंशन क्यों लेती है? तू बस अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे। मैं इतनी सारी पार्ट-टाइम जॉब क्यों कर रही हूँ? पैसे आ जाएंगे। जिस जगह काम कर रही हूँ न… वहाँ अच्छे-खासे पैसे मिल रहे हैं। जल्दी मिल जाएंगे… मैं अडवांस ले लूंगी।

    तू बस फालतू सोच मत।”

    अंशिका को थोड़ी राहत मिलती है। वो अपनी दीदी से अलग होती है और दोनों माँ के पास जाते हैं। सावित्री बेहोशी में पड़ी थीं… शायद दवाइयों का असर था या थकान का। दोनों बहनें चुपचाप उन्हें देखती रहती हैं।

    उनकी सांसों की आवाज ही रूम में सबसे ज्यादा सुनाई दे रही थी।

    थोड़ी देर बाद दोनों वापस घर आ जाती हैं।

    घर पर – लेट नाइट

    अंशिका वैसे भी रात में पढ़ाई करने की आदी थी। अपना बैग खोलकर वो स्टडी पर बैठ जाती है। अवंतिका meanwhile किचन में चली जाती है। रात बहुत हो चुकी थी… तो वो सिंपल सा कुछ बना लेती है।

    काम करते वक्त उसके हाथ, कमर, पैर पूरा शरीर दर्द से जल रहा था… लेकिन वो सब इग्नोर कर देती है। कुछ देर बाद दोनों छोटे से डाइनिंग टेबल पर बैठकर खाना खाने लगती हैं। तभी अंशिका धीरे से बोलती है। “दीदी… actually स्कूल से ट्रिप के लिए ले जा रहे हैं…

    लेकिन मैं नहीं जाऊंगी। वैसे भी ट्रिप में क्या ही हो जाता है… तो मैंने नाम भी नहीं लिखवाया।”

    अवंतिका उसकी मासूमियत को देखकर चुप सी मुस्कुरा देती है। उसे पता था, अंशिका जाना चाहती है… बस पैसे की वजह से चुप है। वो नरमी से बोलती है। “अगर तुझे जाना है न… तू जा सकती है। पैसों की टेंशन मत ले।

    मैंने कहा न… मुझे अच्छी जॉब मिल गई है।”

    अंशिका थोड़ी देर कन्फ्यूज़ रहती है… फिर होंठ काटते हुए बोली “रियली दीदी? नहीं… मैं नहीं जाऊंगी। मम्मी के ऑपरेशन के लिए आप इतनी मेहनत कर रही हो… अगर मैं चली जाऊंगी ना… तो उनका ध्यान कौन रखेगा? नहीं, मैं नहीं जाऊंगी… बस ऐसे ही बोल रही थी।”

    अवंतिका उसके बालों पर हाथ फेरते हुए मुस्कुराती है—

    “पागल… मैं हूँ न। मैं सब संभल लूंगी। तुझे जाना है तो तू जा सकती है, बस।”

    अंशिका की आँखों में चमक आ जाती है। उसकी दीदी उसके लिए पूरी दुनिया थी। वो झट से अवंतिका के गले लगती है। “I love you दीदी… I love you sooo much… You are the best in the world!”

    अवंतिका उसे प्यार से धकियाती है। “हां हां… बस बहुत हो गया। ज़्यादा मस्का नहीं लगाओ।”

    दोनों हँस पड़ती हैं। कुछ देर बाद अंशिका सो जाती है…

    लेकिन अवंतिका की आँखों में नींद का नामोनिशान नहीं।

    शरीर के हर हिस्से में दर्द चुभ रहा था… लेकिन वो बिना आवाज़ किए सह रही थी। वो धीरे से उठती है, वार्डरोब खोलती है। और एक पेन-किलर निकालकर खा लेती है।

    उसकी आँखें कसकर बंद हो जाती हैं… आँखों के कोनों से आँसू निकल आते हैं। पर वो उन्हें पोंछती भी नहीं।

    कमरे की हल्की पीली रोशनी में, अवंतिका की परछाईं भी टूटी हुई लग रही थी।

    मल्होत्रा मेंशन – इंगेजमेंट नाइट

    मल्होत्रा मेंशन आज रात किसी रॉयल पैलेस से काम नहीं लग रहा था। हर तरफ लाइट्स ग्लास डेकोरे, फूलों की खुशबू और बीचों-बीच में ग्रैंड स्टेज, जहां पर अविनाश मल्होत्रा के इंगेजमेंट चल रही थी।

    बड़ी-बड़ी बिजनेस फैमिली, हाई प्रोफाइल लोग, मीडिया, कैमरा फ्लैश सब मौजूद थे। स्नेहा मित्तल ने एक ब्यूटीफुल सा shimmering गाउन पहन रखा था।

    सॉफ्ट मेकअप, कर्ली हेयर। और बहुत ही प्यारी मुस्कान…

    सच में, बिल्कुल परफेक्ट लग रही थी।

    और वहीं, अविनाश मल्होत्रा…ब्लैक ड्यूक, ओपन कॉर्नर शॉप ऑनलाइन कलर ओरा भाई उसकी हैंडसमनेस तो literally अलग ही थी। हर लड़की उसे देख के दिल पकड़ ले। पूरे शहर का वह ड्रीम बॉय था।

    लेकिन… अविनाश का दिमाग इंगेजमेंट में नहीं था। उसकी सोच… उसके विजुअल्स… सब किसी और पर अटके हुए थे। अवंतिका पर... उसका लाल पड़ चुका छोटा सा चेहरा… उसकी आंखों की चमक… आवाज…

    उसकी त्वचा पर पसीना… और वो सब कुछ जो कुछ घंटे पहले उसके पेंटहाउस में हुआ था…

    अविनाश जितना चाहता था कि दिमाग हटे… उतना ही वो और अंदर जा रहा था। उसे याद आ रहा था कि कैसे वो उसकी हर बात पर गुस्से में फट रहा था… और कैसे फिर भी वो उसे छोड़ नहीं पा रहा था।

    रिंग एक्सचेंज का टाइम हुआ। सब ताली बजा रहे थे।

    स्नेहा खुश थी... और अपनी किस्मत पर बहुत प्राउड फील कर रही थी.. पर अविनाश उसको कुछ होश ही नहीं था।

    वो रिंग पकड़े हुए भी किसी और ही खयाल में था।

    जैसे उसका दिमाग इंगेजमेंट में नहीं…किसी दूसरी रात में फंसा हुआ हो। तभी स्नेहा उसकी तरफ झुककर हल्की मुस्कान में बोलती है। “What happened, Avi?

    कहाँ खोए हुए हो…? फोटोग्राफर कब से कह रहा है स्माइल करो यह हमारी इंगेजमेंट है...?

    अविनाश जैसे अचानक होश में आता है। उसे महसूस होता है कि वो कितनी देर से मैच नहीं कर रहा था। सब लोग उसे देख रहे थे। वो बस हल्की सी general-सी smile देता है। एकदम फोर्सड सी।और फिर स्नेहा के साथ फोटोस क्लिक करवाता है।

    फोटोग्राफर कहता जाता है। “Sir, little close… perfect… smile…”

    लेकिन अविनाश के चेहरे पर फेक स्माइल चिपकी हुई थी। उसकी आँखों में सिर्फ एक ही चीज गूँज रही थी। अवंतिका। जिससे वो दूर भी रहना चाहता था...और भाग भी नहीं पा रहा था।

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    𝐓𝐎 𝐁𝐄 𝐂𝐎𝐍𝐓𝐈𝐍𝐔𝐄....

    𝗦𝗼...𝘁𝗲𝗹𝗹 𝗺𝗲, 𝗟𝗼𝘃𝗲𝗹𝗶𝗲𝘀...—

    Was it the darkness he carried… या वो silent obsession जो हर लाइन के बीच छुपकर तुम्हें घूर रहा था?

    Sometimes a story isn’t written with ink…

    कभी-कभी वो desire, rage और unspoken chemistry से खुद को लिख देती है—

    और आज की रात वही थी।

    तुम्हारे हर कमेन्ट से मेरी दुनिया और भी intense हो जाती है, तो बताना ज़रूर… किस scene ने तुम्हें अंदर तक हिला दिया?

    Until the next shadowed breath—

    – 𝘠𝘰𝘶𝘳 𝘋𝘢𝘳𝘬𝘙𝘰𝘴𝘦𝘻𝘦 🌹🖤