एक ऐसी लड़की जिसके पास सब कुछ होते हुए भी एक अनाथों की तरह जिंदगी जीने लगी ,,,, उसके अपनों कोई परवाह नहीं थी ,,,चाहे वो मरे या जिये,,, यहां तक कि उसकी जन्म देने वाली मां ने भी मुंह मोड़ लिया ,,,खुद का सहारा खुद बनी अकेली,,,,ऐसी क्या थी मां की मजबूरी... एक ऐसी लड़की जिसके पास सब कुछ होते हुए भी एक अनाथों की तरह जिंदगी जीने लगी ,,,, उसके अपनों कोई परवाह नहीं थी ,,,चाहे वो मरे या जिये,,, यहां तक कि उसकी जन्म देने वाली मां ने भी मुंह मोड़ लिया ,,,खुद का सहारा खुद बनी अकेली,,,,ऐसी क्या थी मां की मजबूरी जिसने अपनी बेटी को खुद से दूर कर दिया,,,या फिर वो उसकी बेटी ही नहीं है,,। उसके ऊपर नाजायज का टैग लग गया,,,आगे क्या होगा उसकी जिन्दगी में,,,? क्या नाजायज औलाद के टैग के साथ ही जिएंगी,,,या मिटा देगी नाजायज औलाद का शब्द ही अपनी जिंदगी से,,,,देखते हैं आगे क्या होता है,,,।
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Hiiii....... I hope aap sbhi thik honge.... Mai is kahani ki shuruaat karne lagi hu.... So pahli "POSSESIVE LOVE WITH UNCLE 💗🥀" wali story se bhi jyada support karna 🫣,,, aur aik baat meri story's kuch khas riston me hi banti h ,,,so start karte h......
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कहानी शुरू होती है दिल्ली से ,,दिल्ली की सड़क पर ब्लैक कार सड़क पर दौड़ रही थी,,,उस कार को देख कोई नहीं कह सकता था कि वो नॉर्मल होगी,,,,उसके फीचर हाई लेवल के थे,,,सड़क पर चलने वाले लोग मुड़ मुड़ के देख रहे थे उस कार को,,,,उस कार में बैठे सख्श को किसी से मतलब नहीं था ,,वो तो अपनी ही धुन में ड्राइव कर रहा था,,, तभी उस शख्स की निगाह बाहर की तरफ जाती है सबको अपनी तरफ पाकर शख्स ने कार का शीशा डाउन कर देता है,,उसको देख सभी हैरान हो जाते हैं,,,अंदर बैठा शख्स कोई लड़का नहीं बल्कि लड़की थी,,,उस लड़की के होठों पर डेविल स्माइल आ जाती हैं
वो दिखने में इस तरह लग रही थी,,,

उसकी एक स्माइल ही काफी थी,,,लड़कों के दिलों को घायल करने के लिए,,,,, सभी उसकी अदा पर फिदा हो जाते हैं,,,उस लड़की ने सबको इग्नोर कर कार की फुल स्पीड कर हवा के झोंके की तरह ले जाती हैं,,,उसकी कार एक बड़े सी यूनिवर्सिटी के आगे रुकती है,,कार से उतर कर वो एक नजर यूनिवर्सिटी को देखती हैं,,,अपने कदम अंदर की तरफ बढ़ा देती है,,,जैसे जैसे वो आगे बढ़ रही थी,,,सारे स्टूडेंट उसे देखने लगते हैं उसका औरा ही ऐसा था कोई भी उसकी तरफ अट्रैक्ट हो जाता,,,सारे स्टूडेंट उसे ही देखने लगते है लड़के तो उस पर दिल ही हार जाते हैं,दिखने में वो कयामत थी ,,वही लड़कियां तो उसकी खूबसूरती और पर्सनैलिटी से जल भून जाती है,,,,पर वो सभी को इगनोर कर प्रिंसिपल के ऑफिस में चली जाती हैं,,,प्रिंसिपल उसे देख खड़ा हो जाता है,,,उसकी तरफ हाथ बढ़ाकर *" आइए आइए मिस राजवंशी ,,, मैं आपका ही इंतजार कर रहा था,,,बैठिए,,,"*
वो लड़की बिना किसी भाव के प्रिंसिपल के सामने वाली कुर्सी पर बैठ जाती है,,,प्रिंसिपल भी उसके ना बोलने से शर्मिंदा होकर बैठ जाता है,, उसकी तरफ एक फाइल बढ़ा देता है,,वो लड़की फाइल लेकर रीड करने लगती है पांच मिनट रीड करने के बाद खड़ी होकर बोली * " चलती हूं बहुत जल्द आऊंगी,,,इंतजार करना हमारा,,,,"* वो बड़े ही स्टाइल से पीछे मुड़ कर चली जाती हैं,,उसके इस तरह बोलने से प्रिंसिपल थोड़ा कांप सा जाता है,,,उसकी आवाज में एक ठंडापन था,,जो किसी की भी सांस रोक सकता था,,,,।
प्रिंसिपल अपने माथे पर आया पसीना पोंछकर बोला " hash बच गया,,,,, ये लड़की है या तूफान,,,मुझे तो इसकी कोल्डनेस से ही डर लग रहा था,,,पता नहीं इसके घर वाले कैसे झेलते होंगे,,,अब तो ये परमानेंट ही यहां आ जायेगी,,,तो क्या होगा,,, चलो बच्चों को तो सुधारेगी,,,,भगवान बचाना इस साइको से,,," * वो अपना चेहरा ऊपर की और कर हाथ जोड़ देता है,,,जैसे कह रहा हो भगवान प्लीज बचा लेना😁।
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उसने अपनी कार बड़े से विला के सामने रोकी,,,ड्राइवर को चाबी पकड़ा अंदर चली जाती है,,,वो सीढ़ियों से होकर ऊपर जा ही रही थी कि पीछे से किसी ने गुस्से से चिल्लाकर कहा *" बतमीज तो तुम पहले से ही थी पर बड़ों का आदर समान भी करना भूल गई,,,घर में मेहमान आये है उनके पैर छूने तो दूर बुलाना भी जरूरी नहीं समझा,,,,"*
उसने अपनी आंखों में ज्वाला का तेज लेकर पीछे घूमी,,,देखा कि सामने उसके 50 साल का आदमी खड़ा था,,दिखने में फिट था इतनी उमर में भी,,,उसके चेहरे पर गुस्सा था,,,उसने आदमी को ऊपर से नीचे तक स्कैन कर और होठों पर तीखी स्माइल लाकर *" वो क्या है ना मिस्टर हमको ना किसी ने तमीज नहीं सिखाई,,, बस उसी का असर ,,,इसलिए तो हम पैदाइशी बतमीज हुए है,,,सो आपके लिए भी भलाई है इस बतमीज से दूर ही रहिए,,,कही इस बतमीजी का शिकार न होना पड़ जाए,,," कहते कहते उसकी आवाज में गुस्सा और सख्ती आ जाती है,,,।
*" बकवास बंद करो कायनात वो तुम्हारा बाप है तुम उसके साथ इस तरह बात नहीं कर सकती ,,माफी मांगो अभी और इसी वक्त,,,"* पीछे से 47 साल की औरत ने आते हुए कहा वो दिखने में सामने खड़ी कायनात की तरह ही लग रही थी,,, ।
ये सुन कायनात की आंखे सिकुड़ जाती है,,,जिस इंसान को देखकर ही उसका खून खोल जाता है,वो उसे उसका बाप कह रही है और माफी भी मांगने को ,,impossible,,, उसने उस औरत को घूर कर कहा " पहली बात तो वो मेरा बाप नहीं है सिर्फ आपका हसबैंड है और दूसरी बात ये कि आप होती कौन है मुझे बताने वाली की मुझे किससे कैसे बात करनी है ,,," उसका गुस्सा देख एक बार तो वो औरत भी डरकर दो कदम पीछे हो जाती हैं,,मगर उस आदमी से रहा नहीं जाता ,,वो बोला " शर्म करो वो तुम्हारी मां है,, उसके साथ तो इतनी बतमीजी से पेश मत आओ,,,"
कायनात ने तंज भरे लहजे में कहा * " मेरी मां अच्छा मजाक कर लेते हो,,,मेरी मां का तो मैंने उसी दिन संस्कार कर दिया था जिस दिन उसने आपसे शादी की थी,,,समझे ,, हमारे रिश्ता का भी उसी दिन संस्कार हो गया था,,,"
वो औरत धक सी रह जाती है अपनी बेटी के कड़वे बोल सुन,,,वो गिरने ही वाली होती है,,वो आदमी उसे संभाल लेता है और सोफे की तरफ लेजाकर उस पर बिठा देता है,,, और पास पड़े टेबल से पानी का गिलास उठाकर औरत की तरफ बढ़ाता है तो देखता है कि वो सिर नीचे झुकाए सिसक रही थी,,, पास बैठे लोग जो शायद रिश्तेदार थे वो भी उनके तमाशे को भरपूर मजे से देख रहे थे,,,उन सभी को लग रहा था कि लड़की बड़ी ही बतमीज है कोई उसे घमंडी समझ रहा था,,,पर उनमें एक इंसान था जो कायनात की आंखों में गुस्से को नहीं दर्द को देखा,,,पता नहीं क्यों पर वो इंसान बार बार ऊपर देख रहा था जहां से कायनात गई थी,,,।
So हो जाए सभी का इंट्रोडक्शन इस पार्ट में अकेली हीरोइन का ही इंट्रो दूंगी बाकी का दूसरे पार्ट में.....
प्रोफेसर साहिबा 👑 🌸 कायनात राजवंशी
दिखने में अप्सरा है,,,पर इसकी आंखे देख ले तो वहीं अप्सरा मौत लगने लगती है,,,बाहर से शांत मगर तब तक ही जब तक उसे गुस्सा ना आये,,,,उमर २५ साल की है ,,प्रोफेक्ट बॉडी क्या फिगर है यार लड़की का,,,मतलब इतनी की कोई भी एक बार देख ले तो साला नजर ही ना हटा पाए,,,,दिल्ली के टॉप कॉलेज में इनकी ज्वाइनिंग हुई है,,,,।
बाकी अगले पार्ट में ,,,
मुझे नहीं पता ये स्टोरी कैसी होगी,,,पर आप सभी लोग साथ दो तो शायद बेहतर से बेहतर भी हो जाए,,, ज्यादा से ज्यादा सपोर्ट करना और समीक्षा देकर बताना पहला पार्ट कैसा लगा ,,,बड़े शब्दों में😁
PENDING......
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हीरोइन का इंट्रो हो गया ,,,,वो आदमी था विराज जिंदल ,,, जिंदल कंपनी का सीईओ,,, ये कायनात का सौतेला बाप है,,,इनकी और कायनात की बिल्कुल नहीं बनती,,,, ये कायनात को कभी भी नीचा दिखाने से चूकते नहीं थे,उसका जवाब कायनात बहुत ही अच्छे से देती थी,,,,इनकी कंपनी घाटे में चल रही थी ,,जिसका फायदा इन्होंने विनाया ओबेरॉय से शादी करके उठाया,,,,कायनात के नाना नानी की मौत होने के बाद ये ओबेरॉय मेंशन में ही रहते हैं,,,।
विनाया जिंदल ,,,कायनात की सिर्फ कहने से ही मां है,,,पर उसके लिए प्यार तो इसने कभी दिखाया नहीं,,,,जबसे शादी हुई थी ये अपने ससुराज जिंदल मेंशन में रहती थीं और कायनात अपने नाना नानी के पास,,,उसके नाना नानी ने ही उसे पाल पोसकर बड़ा किया है,,, इसलिए कायनात इनको जूती के बराबर भी नहीं समझती,,,, इनके दो बेटे और एक बेटी है,,,,ओबेरॉय खानदान की असली वारिश कायनात है मगर उसके नाना नानी ने 20% ही विनाया के नाम की है जायदाद,,,,शायद इसलिए ही सभी कायनात से जलते हैं और उस जायदाद को ये सब हड़पना चाहते हैं।
बड़ा बेटा आरिश जिंदल ,,,,इनकी उम्र १३ साल की है,,,ये भी कायनात को पसंद नहीं करते हैं,,,क्योंकि इनका कहना है कायनात नाजायज औलाद है,,,इसलिए अपने छोटे भाई बहनों को भी उससे दूर रखते हैं,,जैसे वो कोई गंदी चीज हो अगर छू लिया तो हाथ गंदे हो जायेंगे,,ये अभी कॉलेज के लास्ट ईयर में है,,,।
किरांश जिंदल " उमर २१साल की है ये और इसकी छोटी बहन जुड़वा है सिर्फ दस मिनट का ही अंतर है,,, किरांशी जिंदल ,,ये दोनों हमेशा ही लड़ते झगड़ते रहते हैं,,,। दोनों एक साथ first ईयर में है,,,आरिश इन दोनों को बहुत ही प्यार करता है,,ये हमेशा कायनात को जलाने की कोशिश करते रहते हैं मगर कायनात को अब इनसे कोई फर्क नहीं पड़ता,,,बचपन में तो वो बहुत रोती थी,,,उसे भी उनके साथ खेलने के लिए,,,जैसे जैसे वो बड़ी होती गई ,,वो कोल्ड और हार्टलेस बन गई,,,अब वो उनकी तरफ रत्तीभर भी ध्यान नहीं देती,,,,।
आइए अब मिलते हैं रिश्तेदारों से वो जो सोफे पर औरत बैठी थी वो थी विनाया की एक साल छोटी बहन रिचा अग्निवंशी,,, फेमस फैशन डिजाइनर ,,,उन्हें ये देख बहुत ही अच्छा लगा कि कायनात उनको अपनी मां नहीं समझती,,,क्योंकि इन्होंने कायनात को अपनी बच्ची ही समझ प्यार किया,,,वो इसे साथ ले जाना चाहती थी मगर कायनात गई नहीं,,उसने कहा कि जब मां ही मेरी अपनी नहीं हुई तो मुझे अब हर रिश्ते से भरोसा उठ गया,,, इनके पति की मौत हो गई है,,,इनके दो बेटे हैं विहान अग्निवंशी उमर २३साल की है ये अग्निवंशी बिजनेस को संभाल रहा है,,,ये आरिश का दोस्त है इसको भी कायनात बतमीज और गुस्सैल लगती है,,,इसकी आदत रिचा को कभी कभी गुस्सा दिला देती है।
रिवान अग्निवंशी " इसे किसी से कोई मतलब नहीं है इनकी उमर २१ साल है ,,,ये मस्तमौला टाइप के है ,,,मगर गुस्सा आ जाए तो ये टाइगर श्रॉफ को भी फेल कर देते हैं,,,ये किरांश और किरांशी के दोस्त भी हैं ये एक साथ ही कॉलेज में है,,पर आज तक कायनात से मिले नहीं थे ,,, जब उसको देखा तो होश ही खो बैठा था बाकी आगे कहानी में पढ़ेंगे,,,,।
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रिचा को अपनी बहन के आंसु घड़ियाल लग रहे थे,,,विराज ने विनाया को गले से लगाकर बोले " चुप हो जाओ ,,,जान ,,,तुम उस बतमीज की बातों से इतना क्यों रिएक्ट कर रही हो ,,,सब जानते हैं उसे की वो कैसी है,,,किसी से मतलब नहीं है उसे ,,वो एक नंबर की खुदगर्ज इंसान है,,," विराज कायनात के बारे में भला बुरा बोलते ही जा रहे थे,,पता नहीं क्यों पर रिवान को उस पर बहुत ही गुस्सा आ रहा था,,ये वो खुद भी नहीं समझ पा रहा था,,,वही रिचा से बर्दाश्त नही होता ,,उसने कहा " बस करिए जीजू,,,अपने ही उसे रोक था,,,जब पता है उसकी किसी की नहीं सुनती तो क्यों बार बार उस पर हुकुम चलाते हो,,,"
उसकी बात वहां बैठे किसी भी इंसान को अच्छी नहीं लगती,,, सिवाय रिवान को छोड़कर,,,सब अच्छी तरह जानते थे कि रिचा कायनात से प्यार करती हैं,,इसलिए उन सबको ये अच्छा नहीं लगता था,,,।
विराज को ये अच्छा नहीं लगा,,,उसने थोड़ा खींझ कर कहा " रिचा तुमने देखा नहीं उसने कैसे बात की है हमसे,,,और आपको भी तो इगनोर किया,,,फिर भी तुम उसकी साइड ले रही हो,,,"
" उसने अपने डिफेंस में किया जो भी किया,,,मुझे उसका ये करना बिल्कुल भी गलत नहीं लगा,,,,वो उसकी मर्जी है किसको बुलाना है किसको नहीं,,,इसमें बतमीजी वाली बात कहां से आ गई जीजू,,,," रिचा ने भी अपने वाले औरे में आकर कहा ,,,कायनात को बार बार बतमीज कहना उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं आया,,,इसलिए उसने सीधे ही अपनी बात को रख दिया,,।
विनाया से अब उनकी बहस बर्दाश्त नहीं हो रही थी " बस करो तुम दोनों,,ये क्या डिफेंस डिफेंस खेल रहे हो,,,और तुम रिचा यहां मिलने आई हो,,,तो बातें करो,,,बहस क्यों कर रही हो,,," उसने रिचा की तरफ इशारा कर के कहा,,, रिचा की आंखे सिकुड़ जाती है ये सुनकर साथ में ही उनके बेटो की भी,,,उनको भी पसंद नहीं आया अपनी मां के लिए ऐसा सुनकर,,,रिचा बोली " आप भूल रही हैं दी ,,ये घर मेरे भी मां बाप का है,,,अगर तुम लोग इस घर में रहने लगे तो क्या अपना ही हक समझ के बैठ गए,,,किस बात के ताने दे रही हो आप,,आपको तो हर बात पर अपना ही पति ही सही लगता हैं,,,तभी तो आप अपनी पहली बेटी को भूल गई,,," इस बार रिचा ने भी विनाया पर तंज कसकर कहा,,, उसका आपा खुद से बाहर हो गया ,,।
" रिचा माइंड your लैंग्वेज,,," विनाया चिल्लाकर बोली,,, रिचा टेढ़ी स्माइल कर " क्या हुआ दी अगर आप बोले तो वाह वाह,,अगर हमने कह दिया तो माइंड your लैंग्वेज,,," रिचा ने तालियां बजाकर कहा,,,।
पता नहीं क्यों मगर विहान को बिल्कुल भी नहीं अच्छा लगा ऐसे कायनात की साइड लेना,,,इसलिए वो उठकर बाहर चला जाता है एक तो आरिश, किरांश और किरांशी नहीं थे ऊपर से इनकी बहस,,,वही रिवान तो खुश था अपनी मां का मुंह तोड़ जवाब सुन,,,,।
पर कोई था जो जल भूनकर राख हो गए थे,,वो थे विराज और विनाया,,,,इनके तो तन बदन में आग ही लग जाती है,,,दिल कर रहा था कायनात को मार दे पर कर नहीं सकते थे क्योंकि जायदाद जो प्यारी थी,,,।
उनको ऐसे चुप देख रिचा तो हवा में उड़ रही थी,,,उनके जले पर नमक जो छिड़क दिया था,,,वही रिवान को अब कोई इंटरेस्ट नहीं रह जाता ,,वो भी उठ कर ऊपर की और चला जाता है बेचारे को वाशरूम में जो जाना था,,,वो लेफ्ट साइड के सबसे लास्ट वाले कमरे में चला जाता है,,,डोर लॉक नहीं किया था,,,इसलिए ज्यादा समय भी लगा वो जैसे ही अंदर जाता है,,उसकी आँखें हैरानी से फैल जाती हैं,,,।
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बाकी अगले पार्ट में,,,,, सो रीडर्स समीक्षा देकर बताना की पार्ट कैसा लगा,,,,।।।
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रिवान कमरे के अंदर चला जाता है,,,कमरा खाली था इसलिए उसने ज्यादा ध्यान न देकर वॉशरूम का डोर ओपन किया,,,डोर ओपन भी हो जाता है,,, लॉक होने के कारण डोर खुल जाता हैं वो अंदर जाकर डोर लॉक करता है,,,जैसे ही उसका ध्यान पीछे जाता है,,उसकी चीख निकल जाती है,,,उसकी चीख सुन सामने वाला इंसान उसे आंखे छोटी कर घूरने लगता है,,,
रिवान ने अपनी आंखों पर हाथ रख लेता है,,,क्योंकि उसके सामने नेक्ड कायनात खड़ी थी,,,कायनात ने नहाकर शॉवर ऑफ ही किया था कि रिवान अंदर आ गया,,।
" तुम कौन हो ,,,और यहां क्या कर रहे हो,,,," कायनात ने थोड़ा गुस्से से पूछा,,,,उसे भी पसंद नहीं आया उसका यूं उसके कमरे के वॉशरूम में आना,,,,क्योंकि किसी को भी परमिशन नहीं थी उसके रूम में आने की,,,इसलिए शायद उसका डोर खुला ही रहता था,,,।
रिवान उसकी गुस्से भरी आवाज सुन थोड़ा घबरा जाता है,,क्योंकि गलती उसकी ही थी,,नॉक करके आना चाहिए था,,,इसलिए वो पीछे मुड़ता है मगर जब देखा कि अभी तक उसने कपड़े नहीं पहने तो फिर से डोर की तरफ मुंह कर लेता है,,," पहले आप कपड़े पहनिये,,,वो मुझे नहीं पता था कि आप होगी,,, मैं खाली रूम देखकर यहां आ गया,,,am sorry,,,"
" जब रूम में छोड़ों,,वॉशरूम मे आ ही गए हो तो अब शर्माने की क्या जरूरत,,,, सब देख तो लिया ही है,,," कायनात भौंहे सिकुड़कर कहा,,,वही उसकी बेशर्मी देख रिवान थोड़ा चौंक जाता है,,," देखिए मैंने कुछ नहीं देखा,,,आप गुस्सा मत करिए,,,"
कायनात जो अपनी बॉडी पर टॉवेल लपेट रही थी उसकी आँखें छोटी हो जाती हैं " तुम क्या चाहते हो अगर नहीं देखा तो दोबारा दिखाऊं,,," ये सुन रिवान को खुद पर ही गुस्सा आ रहा था वो क्यों बोला,,,फिर उसने बात को संभालते हुए कहा " मेरा वो मतलब नहीं था,,," तभी उसे अपनी गर्दन पर गर्म सांसे महसूस होती है,,,जिसको फील कर रिवान की पूरी बॉडी कंपकपा जाती है,,," तो क्या मतलब था तुम्हारा,,," इतना बोल उसने अपना हाथ को हाथ में लेकर डोर के लॉक पर रख देती है,,,
उसके हाथ को अपने हाथ पर महसूस कर रिवान की घबराहट बढ़ जाती है,,,उसका प्राइवेट पार्ट एक्टिव हो जाता है,,,जिसे महसूस कर वो आंखे बंद कर कायनात की करीबी को फील करने लगता है,,।
कायनात डोर अनलॉक कर देती है जब देखती है कि वो हिल नहीं रहा एक जगह ही जम गया तो उसने उसके कान पर बाइट कर कहा " इतना भी मत एहसासों में खो जाना कि खुद को भूल ही जाओ,,,,अब यही रहने का इरादा है क्या जिंदगी भर ,,," फिर थोड़ा रुक बोली " जिस काम के लिए आए थे वो तो कर लो,,," इतना कह खुद बाहर चली जाती है,,,अंदर रह जाता है रिवान,,,उसे तो लग नहीं रहा था कि ये वही कायनात है जो नीचे गुस्से में आग बनी हुई थी और अब बेशर्मों की सरताज,,, उसे याद आता है कि वो किस काम के लिए आया था,,उसने अपना माथा पीट लिया,,,इस बेशर्म लड़की के कारण भूल ही गया था,,,,।
कायनात कपड़े पहन लिए थे,,,उसने ब्लैक ट्राउजर और रेड क्रॉप टॉप पहन रखा था,,,तभी रिवान बाहर आता है,,,उसे देख रिवान के कदम रुक जाते हैं,,,कायनात उसकी तरफ ही आ रही थी,,ये देख वो पसीने से तरबतर हो जाता है,,,,अपनी तरफ आता देख उसने घबराकर कहा " आप मेरी तरफ क्यों आ रही हो,,," कहते कहते रिवान बेड पर गिर जाता है,,,तब तक कायनात उसके बेहद करीब आ जाती है,,,कायनात उसके चेहरे के अपना चेहरा करीब कर उसकी नाक को उंगली से टच कर बोली " मेरी मर्जी,,," उसने इतना ही कहा था कि तभी कोई दनदनाते हुए कमरे में घुस जाता है ये देख कायनात की आंखे गुस्से से लाल हो जाती है,,,वही कमरे में आने वाला शख्स विहान था,,,जो रिवान को ढूंढते ढूंढते यहां आया था,,,जब रिवान के करीब कायनात को देखता है तो उसका गुस्सा आपे से बाहर हो जाता है,,,,,।
विहान ने कायनात को धक्का दे देता है ये देख रिवान घबरा जाता है,,, क्योंकि कायनात को धक्का लगने के कारण उसका सिर टेबल से टकरा जाता है,,, रिवान उसकी तरफ एक ही कदम बढ़ाता है विहान उसका हाथ पकड़ पीछे कर बोला " खबरदार ,,आगे कदम मत बढ़ाना रिव,,,,कुछ नहीं हुआ एक नंबर की ड्रामेबाज लड़की है,,,सभी सच ही कहते हैं नाजायज के साथ साथ तुम लड़कों के साथ अय्याशी करने में भी नंबर वन हो,,,"
रिवान हैरानी से अपने भाई की तरफ देखता है,,आज तक उसने अपने भाई का ऐसा रूप नहीं देखा था ,,,कायनात के बारे में ऐसे शब्द सुन उसे भी गुस्सा आ रहा था,,,बड़ा भाई होने के कारण कुछ बोल भी सकता था,,,इधर कायनात के माथे पर चोट लग जाती है,,,उसने नजर उठाकर टेबल की नोक पर देखा जहां उसे अपना लाल blood देखा,,,उस blood को देख उसका साइकोपन जागने लगा,,,दूसरे उसकी बात ने कसर पूरी करदी,,,,उसने बिना कोई रिएक्ट किए,,,पंच सीधा विहान के चेहरे पर मारा ,,,पंच जोर से लगने के कारण विहान बेड पर लुढ़क जाता है,,, रीवान तो मुंह पर हाथ रख लेता है,,, उसका इतना जल्दी एक्शन देख वो तो सदमे में ही चला गया,,,कोई लड़की इतनी ताकतवर कैसे हो सकती है,,,की उसके एक पंच से ही विहान अग्निवंशी जिसके सामने दुश्मन टिक नहीं पाते उसे एक लड़की ने एक ही पंच में गिरा दिया,,,।
विहान के होठों से खून निकले लगा,,,,उसने अपने गाल पर हाथ रख लिया और कायनात को देखा जो लाल आंखों से उसे ही घूर रही थी,,इसका रूप इतना भयंकर था कि कोई भी उसे देख डर सकता था,,, रिवान भी डर कर दो कदम पीछे हट जाता है,,, कायनात ने गुस्से में उसका चेहरा पकड़ कर एक एक शब्द को चबाकर कहा " ह्म्म हूं मैं नजायज,,,,उससे तुम्हारी क्यों जलती है,,,तुम्हे तो खुद पर प्राउड फील होना चाहिए कि जायज औलाद हो ,,,, आगे से कभी भी मेरे सामने ऊंची आवाज में मत बोलना,,,,वरना ये नाजायज तुम्हारी जायज जुबान काटकर तुम्हारे ही हाथ में दे देगी,,,," इतना कह उसने उसका चेहरा छोड़ दिया और दूसरी तरफ मुंह कर खुद को कंट्रोल करने लगी,,,।
विहान ने उठते हुए कहा " इसकी कीमत तुम्हें चुकानी होगी मिस कायनात राजवंशी,,,,और मेरे भाई से दूर रहना,,," इतना कह उसने रिवान का हाथ पकड़ा और बाहर की तरफ लेकर जाने लगा,,, रिवान किसी कठपुतली की तरह विहान के पीछे चलने लगा,,,मगर उसने कायनात से नजर नहीं हटाई ,,पता नहीं क्यों वो चाहता था कि कायनात एक बार उसे पीछे मुड़कर देख ले,,,जब कायनात ने नहीं देखा तो वो उदास होकर कमरे से बाहर निकल जाता है,,,,।
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पार्ट को पढ़कर जरूर बताना की कैसा लगा,,,,,, i hope स्टोरी आपको अच्छी लगे,,,,,,?
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कायनात ने रिवान का उदास देख लिया ,,,,,लेकिन उसकी तरफ देखा तक नहीं,,,,उसके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था,,,उसके बगैर शायद ही कोई समझ पाता,,,वो क्या करने की सोच रही है,,,,अपना सिर झटक कायनात नीचे चली जाती है,,,
उसको आता देख पूरे हॉल में शांति फेल जाती है,,,मगर उसकी आँखें किसी और को तलाश रही थी,,,जो कुछ देर पहले ही चला गया था ,,,।
अपनी मौजूदगी का असर उन सभी पर देख ,,, कायनात की स्माइल गहरी हो जाती है,,,और बाहर की तरफ चली जाती है,,,,।
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दिल्ली के फेमस बार में रात को बहुत ही लाऊड आवाज में म्यूजिक चल रहा था,,,,वहां काउंटर पर बैठी कायनात शॉर्ट पे शॉर्ट लगा रही थी,,,पर दो जोड़ी आंखे उसे गुस्से भरी नजरों से घूर थे,,,,उनमें से एक शख्स बोला " ये यहां क्या कर रही है,,,,“
" पी रही होगी ,,अपने किसी आशिक के ग़म में,,,और तो क्या ही आता है इस नाजायज को,,,," दूसरा शख्स ने नाक सिकोड़कर कहा,,,,,उसकी बातों में कायनात के लिए नफरत झलक रही थी,,,उससे साफ साफ पता चलता था कि वो इंसान कितनी नफरत करता है।
" क्या बकवास कर रहे हो विहान,,,,मैने देखा आज तक उसने कभी भी किसी लड़के को करीब नहीं आने दिया,,," उसने दूसरे शख्स यानि विहान को घूर कर कहा,,,उसे उसकी बात ज्यादा अच्छी नहीं लगी,,,।
" बकवास नहीं आरिश यही सच है,,,,आज जो मैने देखा अगर वही तुम देखते तो समझ आता कि मैं किसलिए base पर कह रहा हूं,,,," विहान ने उस पल को याद कर कहा ,,,जब उसने कायनात को रिवान के बेहद करीब देखा था,,।
आरिश उसकी कड़वाहट आई देख लेता है,,," ऐसा भी क्या देख लिया विहान जो तेरा चेहरा सड़े हुए टमाटर की तरह बन गया,,,,"
उसकी बात सुन विहान पहले तो उसे घूर कर देखता है,,,विहान उसे आज की सारी बात बता देता है,,,जिसे सुन आरिश को भी कायनात पर गुस्सा आता है,, तभी कायनात उठ ऊपर रूम में चली जाती है,,वो दोनों भी उसके पीछे पीछे चले जाते है,,,,,कायनात बेड पर बैठी अपने सिर को हाथों में पकड़ रखा था,,,, तभी कोई दरवाजा खोल कर अंदर आ जाता है,,,उन्हें बिना देखे कायनात बोली " तो आ गए तुम दोनों,,,,मुझे पता ही था कबसे जंगली कुत्तों की तरह घूर रहे थे,,," ।
अपने लिए कुत्ते सुन दोनों का चेहरा देखने लायक था कोयले की तरह काला पड़ गया,,,,उनका दिल कर रहा था इस लड़की को उठा उठा कर मारे,,,पर अफसोस ये उनके सपने ही रह गए,,,।
आरिश ने आगे बढ़कर उसको गुस्से से देख बोला " तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई रिवान के करीब जाने की,,,,शर्म नहीं आती ,,,अपने से छोटे लड़के को जाल में फसाते हुए,,,"
कायनात ने सिर उठाकर आरिश की तरफ देखा जो उसे ही गुस्से से देख रहा था,,,ये देख उसके फेस पर डेविल स्माइल आ गई " अरे कोई अपने छोटे बच्चे से भी पूछ लो वो मेरे कमरे में बिना नोक किए कैसे घुस गया,,,और तो और मेरे वॉशरूम मे भी अंधा होकर चला गया,,,इसमें मेरी तो कोई गलती नहीं है,,," ये बातें उसने बड़े ही बेशर्मी से कही थी,,,जिसे सुन उन दोनों का चेहरा लाल भट्ठी की तरह हो गया,,,,,कैसे वो लड़की होकर ऐसी बातें बेशर्मी से कह सकती हैं,,।
मगर हमारी हीरोइन को तो इन सब से कोई मतलब नहीं था,,,,विहान को अपने भाई के लिए ये सब सुन रास नहीं आया,,,,उसने गुस्से से उसकी तरफ उंगली कर बोला " बकवास बंद करो,,, रिव ऐसा कभी नहीं कर सकता,समझी तुम ,,,,खुद को सही दिखाने के लिए मेरे भाई को गलत ठहरा रही हो,,,,बेशर्म लड़की,,,"
कायनात ने अपना माथा सहला उसकी उंगली को मरोड़ दिया,,,,एक जोरदार चीख विहान की गूंज गई,,,,कायनात ने चिढ़कर अपने कानों पर हाथ रख लिया,,,आरिश भागकर उसके पास जाता हैं,,,उसके हाथ पकड़ उंगली को देखता है जो लाल हो रखी थी,,,उसे गुस्सा आ जाता है,,अपने दोस्त को दर्द में देख ,,,आरिश ने झट से कायनात का गला पकड़ लिया,,,,गुस्से से आरिश ने पकड़ का दी मगर कायनात ने कोई रिएक्ट नहीं किया बल्कि वो तो स्माइल दे रही थी,,,,जिसे देख आरिश के तन बदन में आग लग रही थी,,,," अगर कुछ कह नहीं रहे इसका मतलब ये नहीं कि हम कमजोर हैं,,," लड़की हो उसका लिहाज किया मगर तुम सिर पर ही चढ़ गई,,,,बेवकूफ नाजायज लड़की,,,,अपना हाथ नहीं गंदा करना चाहता था तुम्हे छूकर,,,,लेकिन तेरी हरकतें देख करना पड़ा,,,,"
कायनात ने अपना राइट हाथ से पंच बनाकर उसकी पकड़ वाले हाथ की कोहनी पर जोरदार पंच मारा,,,,आरिश की बांह सुन पड़ जाती है,,,,उसका हाथ भी गले से छूट जाता है,,,कायनात ने उसके चेहरे पर दर्द देख बोली " ओह माय डियर,,,,क्या हुआ ,,एक लड़की को नहीं संभाल पाए,,,,कैसे मर्द हो तुम,,,,आगे से ध्यान रखना में कच्ची कली नहीं हूं जो तुम जैसे फटीचर भाई तोड़ दोगे,,,, मैं वो आग हूं जो खुद भी जलेगी और तुम जैसों को भी साथ में जलायेगी,,,"
विहान जो अब तक अपने दर्द से उभर गया था ,,,उसने आरिश को संभालकर कहा " गलतफहमी है तेरी,,,जिस दिन तू मरी हमारे हाथों ही मरेगी,,,जितना उड़ना है उड़ले,,,,वो वक्त ज्यादा दूर नहीं जिस दिन तू पैरों में गिरकर हमसे माफी मांगेगी,,,मगर हम तुम्हे उसी पैरों तले से कुचल देंगे ,,," उसे सच में अब बहुत ही गुस्सा आ रहा था कायनात पर ,,सुबह से ही उनको फटे ढोल की तरह बजा रही थी,,,।
कायनात को अब उनकी कोई भी बकवास सुनने में इंटरेस्ट नहीं था,,,पता नहीं क्यों मगर उसे रिवान का चेहरा उसके बार बार आंखों के सामने आ रहा था,,,जिससे वो खीझी हुई थी,,,ऊपर से ये दोनों ही बेवकूफ उसका दिमाग खा रहे थे,,,,,वो जितना उसे भूलने की कोशिश करती उतना ही उसका दिल बेचैन हो रहा था,,,,उसकी ग्रे कलर की आंखे,,,,मासूम सा फेस ,,,ये ख्याल आते ही उसकी हार्टबीट तेज हो रही थी,,,कायनात का मन कर रहा था कि एक बार देख आए उसे,,, उसका उदास चेहरा उसके दिल में टीस उठा रहा था,,,,मगर फिर दिमाग कहता कि ये सब गलत है,,,,दिल और दिमाग के बीच में फंसी कायनात को अब गुस्सा आ जाता है,,जो निकलता है उन दोनों पर " ऐ तुम दोनों मेरा मुंह क्यों देख रहे हो,,,निकलो यहां से,,,,साले देखो तो सही कैसे घूर रहे हैं जैसे आंखों से ही कत्ल कर देंगे,,,,"
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दोनों गुस्से से उबलते हुए बाहर निकल जाते हैं,,,,उनको कायनात से बेहद ही नफरत हो रही थी,,, अगर उनको एक कत्ल माफ होता तो शायद वो कायनात का कत्ल ही कर देते,,,,,दोनों कार में बैठकर घर की तरफ निकल जाते हैं,,,,,।
यहां कायनात के पास अलग ही माहौल था,,,,जो लड़की आज तक अकेली रही कभी भी किसी दूसरे इंसान की जरूरत तक नहीं पड़ी पर आज उसे अकेलापन महसूस हो रहा था,,,,कायनात का मन किसी चीज में नहीं लग रहा था,,,दिमाग और दिल में सिर्फ रिवान चल रहा था,,,,उसका दिल कर रहा था उसके पास जाए और भर भर के प्यार करें,,,,,," तुम गलत कर रहे हो छोटे पैकेट,,,,मेरे दिल में जगह बनाकर,,,जहां सिर्फ और सिर्फ अकेलापन था,,,वही आज तुम उसमें अपने लिए एहसास पैदा कर रहे हो,,,,जो आने वाले वक्त में तुम्हारे लिए ठीक नहीं ,,,,, तुमने मेरे मरे हुए दिल को जगा दिया,,,जिसमें अभी रिश्तों के लिए नफरत ही नफरत थी,,,,मेरा पागलपन मत बन जाना ,,,,वरना तुम कभी भी मुझसे दूर नहीं हो पाओगे,,,, रिवान ❣️,,," उसने बड़े ही दीवानगी से उसका नाम लिया,,,,,वो महसूस करवाना चाहती हो कि मेरा है सिर्फ मेरा,,,,।
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अगली सुबह यूनिवर्सिटी में एक लड़का आगे भाग रहा था,,उसके पीछे ही एक लड़का और लड़की भी दौड़ रहे थे,,,,पहले वाला लड़का लाइब्रेरी से गुजर ही रहा था,,की कोई बिना आवाज किए अचानक से उसे खींच लाइब्रेरी के पीछे वाली रो में ले जाता है,,,एकदम से वो लड़का घबरा जाता है,,और गुस्सा भी आता है कि आज तक किसी की हिम्मत भी उसे देख भी ले मगर आज उसको छुआ,,,,।
बाहर लाइब्रेरी के डोर के पास लड़की खड़ी सांसों को नॉर्मल कर रही थी,,,उसने अपने पास वाले लड़के से कहा " ये रिव कहां गया,,, अंश,,,अभी तक तो यही था,,,*
वो लड़का " क्रियांशी तुम जानती हो रिव कितना नौटंकी है,,,गायब हो गया होगा,,,,चलो क्लास में आ जायेगा,,," ह्म्म ये दोनों क्रियांश और क्रियांशी ही थे जो रिव के पीछे दौड़ रहे थे,,,क्रियांश की बात मानकर क्रियांशी भी उसके साथ ही क्लास की तरफ चल देती है,,।
इधर लाइब्रेरी में कुछ बोलने ही वाला होता है कि कायनात ने उसके होठों पर अपनी ठंडी और सॉफ्ट उंगली रख चुप रहने का इशारा कर देती है " मेरे दिल को बेचैन करके खुद मस्ती में झूम रहे हो,,this is not fair छोटा पैकेट,,," कायनात ने उसी उंगली को उसके दोनों होठों के बीच लेजाकर मुंह में डाल कहती है,,,।
" आप आप तो वही है ना,,,जिसने उस दिन मुझे परेशान किया था,,,,ह्म्म मैं छोटा पैकेट नहीं हूं,,," रिवान पहले तो उसकी आवाज सुन हैरान रह जाता है फिर अपने लिए छोटा पैकेट सुन चिढ़ जाता है,,,उसकी उंगली पर दांत गड़ा देता है,,,,।
कायनात अपनी उंगली पीछे खींच लेती है,,उसे थोड़ा दर्द हुआ था मगर फिर उसके चेहरे पर मुकुराहट आ जाती है " ना जान परेशान मैने नहीं तुमने किया था,,,मेरे वाशरूम में आकर,,,," फिर थोड़ा सोच बोली " मुझे तो तुम बड़े किसी एंगल से दिखते नहीं,,,कोई है सबूत,,,"
रिवान उसकी बातों में उलझ जाता है उसने कहा " क्या सबूत चाहिए आपको,,,," ,,,कायनात उसकी बात सुन डेविल स्माइल कर देती है और उसके बेहद ही करीब चली जाती हैं इतना करीब की उन दोनों के बीच हवा निकलने की भी जगह नहीं थी,,," सच में दोगे सबूत,,,बाद में अपनी बात से मत मुकरना,,,"
रिवान पहले तो उसकी करीबी से घबरा जाता है,,उसका दिल जोरो से धड़कने लगा,,सांसे ऊपर नीचे होने लगी,,,अपनी करीबी का इतना इफेक्ट पड़ते देख कायनात मन ही मन मुस्कुरा रही थी,,, रिवान जल्दबाजी में बिना सोचे समझे ह्म्म में सिर हिला देता है,,,, वो उसकी ह्म्म सुन कायनात पीछे हो जाती है,,रिवान की तो सांस में सांस आती है जैसे वो किसी मायाजाल के सम्मोहन से निकला हो,,,।
कायनात ने अपने कंधे उचकाकर उसको झटका देकर कहा " तो निकालो अपनी पेंट,,,और दिखाओ तुम कितने बड़े हो,,," ये बात उसने बिना भाव के कही,,,जिसे सुन रिवान तो सदमे में ही चला गया,,,,उसे लगा शायद वो मजाक कर रही है इसलिए टालने के बहाने से बोला " आप मजाक कर रही हैं,,,ऐसे मजाक कौन करता है,,,"
" मैं कोई मजाक नहीं करती जान,,,अगर तुम्हें दिक्कत है तो मैं उतार देती हूं,,,," कायनात ने उसके पास आते हुए कहा,,रिवान घबराकर बोला " नहीं नहीं आप ऐसा नहीं कर सकती,,,,शर्म नहीं आती एक लड़के की इज्जत को उतारते हुए,,," उसने अपनी पेंट बटन पर दोनों हाथ रख लेता है,,,,।
" जब तुम मुझे नेकेड देख सकते हो तो मैं क्यों नहीं,,इसमें शर्म कहां से आई,,,अभी तुमने ह्म्म कहा था और अब तुम बात से मुकर रहे हो,,,,," कायनात ने आंखे छोटी कर घूरा,,,,।
" मुझे क्या पता था कि आपके मन में क्या चल रहा है,,,और उस दिन मै आपको नहीं देखना चाहता था,,,मगर हो गई गलती,,,," रिवान ने नजरें झुकाकर कहा,,,,।
" सीधा सीधा कहो ना,,जैसे तुम छोटा पैकेट हो वैसे ही वो भी छोटा पैकेट ही है,,,,मैने ही तुमसे उम्मीद ज्यादा लगा ली,,,,चल छोड़ो जाओ अपनी क्लास में,,," कायनात ने उसे इग्नोर करते हुए कहा,,,और बेरुखी से पीछे की तरफ मुड़ गई,,,, रिवान को पता नहीं क्यों उसका यूं बेरुखी से मुंह मोड़ना अच्छा नहीं लगा,,,पता नहीं उसे क्या सूझा वो उसके आगे जाकर खड़ा हो गया,,,अपने आगे खड़ा देख कायनात ने भौंहे उठा दी,,,,।
रिवान कुछ नहीं बोला उसके करीब जाकर उसका हाथ अपने पार्ट पर रख दिया,,वही अभी तक जो उसका पार्ट शांत था मगर कायनात का हाथ लगते ही तन जाता है,,,कायनात अपना हाथ पीछे खींचने ही वाली होती है मगर रिवान उसके हाथ पर अपना हाथ रख देता है " जब आग लगा ही दी है तो शांत भी करदो,,," ये बोलकर रिवान आह भर लेता है।
कायनात भी कहां किसी से कम थी उसने रिवान को दीवार से लगाकर उसके पार्ट को ऊपर से सहलाने लगी,,,जैसे जैसे उसका हाथ चल रहा था,, वैसे ही रिवान आहे निकल रही थी,,,कायनात घुटनों के बल बैठ रिवान की पेंट से ऊपर ही उसके पार्ट को अपने होठों से चूमने लगी,,,उसके होठों को सख्त जगह महसूस कर रिवान की आहे और भी भारी हो जाती हैं,,,उसका पार्ट बाहर निकलने की जद्दोजहद करने लगा ,,,,तभी किसी के कदमों की आवाज सुनाई दी,,,रिवान घबरा जाता है,,कायनात ने खड़ी होकर रिवान होठों पर कब्जा जमा लिया,,,,उसके होठों को रफ़्लि तरीके से चूमने लगी,,,,दोनों की ही किस में गर्मी थी ,,दोनों इतने रफ्ली किस कर रहे थे,,उनकी सांसे उखड़ने लगी,,रिवान अपनी पार्ट को कायनात की कमर से सहला रहा था,,,,।
" ओह शीट क्या देख लिया सुबह सुबह,,,,ओह बच्चों कही भी शुरू हो जाते हो,,,कुछ तो शर्म लिहाज करो,,," पीछे से लायब्रेरियन ने कहा,,,।
कायनात ने रिवान के चेहरे को अपने सीने में छुपाकर पीछे देखा ,,,की लाइब्रेरियन अपनी आंखों पर हाथ रख खड़ी थी,,,," आपको नहीं लगता मिस की आप गलत समय पर कहीं भी पहुंच जाती हैं,,," उसकी ठंडी आवाज सुन वो घबरा जाती है" अरे मेम आप,,,am सॉरी गलती हो गई,,, मैं किसी कुछ नहीं बताऊंगी,,,"
" बता देना मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता,,निकलो अब यहां से,,," उसने कड़क आवाज में कहा ,,तो लायब्रेरियन भाग जाती है,,,।
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" Control baby,,,,come down,,, इतना गुस्सा अच्छा नहीं होता सेहत के लिए,,," रिवान ने कायनात के सीने से चेहरा निकालकर उसके होठों को स्मूच कर कहा,,,,।
कायनात का ध्यान उस लायब्रेरियन से हटकर रिवान पर आ जाता है ,,कायनात ने अपनी नशीली आंखो से रिवान को देखने लगी,,,,उसकी गहरी नजरें खुद पर पाकर रिवान की हालत बुरी हो गई,,,," दिल की धड़कन को तो तुम control कर ही चुके हो,,,अब मुझे भी करना चाहते हो,,,," कायनात की आंखों की कशिश देख रिवान के रोंगटे खड़े हो जाते है,,,वो डरते हुए कहता है " मैं क्लास में जा रहा हूं,,, मेरे दोस्त वेट कर रहे होंगे,,,"
उसको इस तरह डरते देख कायनात को हंसी आ जाती है,,,,कायनात को अपने ऊपर हंसते देख रिवान मुंह बनाकर बोला " आप मुझ पर हंस रही है,,,,मैने कोई जोक मारा है क्या,,,," उसको चिढ़ता देख कायनात ने उसकी नाक को खींचकर बड़े ही प्यार से कहा " मेरे छोटे से बच्चे को गुस्सा आ रहा,,,सो स्वीट ,,,गुस्से में बड़े प्यारे लगते हो मेरे छोटे पैकेट,,,,," उसके बाल बिगाड़ देती है,,।
उसके सॉफ्ट हाथ अपने बालों में फील कर रिवान को सुकून सा मिल जाता है,,,उसकी आंखों में अपने लिए एक जनून सा दिखाई दे रहा था,,,अपनी तरफ देखता पाकर कायनात ने सवालिया निगाह से उसे देखा तो रिवान ने ना में सिर हिला दिया,,, कायनात दो कदम पीछे हट जाती हैं उसे जाने का इशारा करती हैं,,, रिवान उसका यूं शांत रवैया देख हैरान परेशान सा उसे देखता है,,,मगर कायनात कुछ नहीं बोली,,बस चुपचाप उसे देखती रही,,,उसको बोलता ना देख रिवान लाइब्रेरी से बाहर निकल जाता है,,।
कायनात उसको जाते देखती रहती हैं,,,अपने बालों को झटककर एक बार वही दीवार को देखती हैं जिसमें कुछ देर पहले रिवान टिककर खड़ा था,,,कुछ देर यूं ही देखने के बाद बाहर निकल जाती है,,,।
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क्लास रूम में बैठा रिवान बहुत परेशान सा अपना सिर दोनों हाथों में पकड़ कर बैठा था,,,,,जबसे क्लास में आया था तबसे ही क्रियांश और क्रियांशी ने उस पर सवालों की झड़ी लगा रखी थी,,,," बस करो यार तुम दोनों,,,,जबसे आया हूं परेशान कर रखा है,,,, मैं बस लाइब्रेरी में अपनी फेवरेट किताब लेने गया था,,,"
उसकी बात सुन क्रियांश तो चुप कर देता है मगर क्रियांशी उस पर फिर सवाल दाग देती है " अच्छा लेकिन किताब तो तेरे हाथ में है नहीं,,,,या फिर रास्ते में ही भूल गया,,," वो आंखों को छोटी करके बोली,,,,।
रिवान जो अब तक उनको शांत देख खुद को रिलैक्स फील कर रहा था,,क्रियांशी की बेतुकी बातें सुन फिर से अपना सिर पकड़ कर बोला " मेरी मां क्यों तंग कर रही है,,,किताब लेने गया था लेकिन वो अभी तक आई नहीं,,,इसलिए ढूंढ़ने में वक्त लग गया,,,"
क्रियांशी को उस पर विश्वास हो जाता है वो आगे कुछ नहीं कहती ,,, तभी पूरी क्लास जो कुछ देर पहले अपनी बातों में मगरुर थी,,,मगर एक ऐसे शख्स की एंट्री हुई ,,,जिसे देख सब शांत हो गए,,,उसका औरा ही ऐसा था कोई भी उसके करीबी से डर जाए ,,,,रिवान ,,,
क्रियांश और क्रियांशी भी उसको देख हैरान हो जाते है,,,,वो शख्स कायनात ही थी ,,,,कायनात अब बिल्कुल अलग लग रही थी,,,शांत और सख्त ,,जिसे देख कोई भी डर जाता,,,,।
कायनात बिना किसी को देखे बोर्ड की तरफ चली जाती है,,,टेबल पर दोनों हाथ को रखकर टेबल की तरफ थोड़ा झुककर बोली " जब क्लास में टीचर आता है तो खड़े होकर रिस्पेक्ट दी जाती है,,, ना कि चुपचाप बैठकर बेशर्मों की तरह घूरा जाता है,,,," उसने सख्त और रूड वॉयस में कहा,,,जिसको सुन सभी स्टूडेंट्स के रोंगटे खड़े हो गए,,,,।
सभी खड़े होकर माफी मांगते हैं जिनमें वो तीनों भी थे,,,उन सबको बैठने का इशारा करती है,,सभी हैरानी से बैठ जाते हैं,,,उन्हें समझ नहीं आ रहा था इतनी छोटी उमर की भी टीचर हो सकती है,,,,वही क्रियांशी ने क्रियांश को देख कहा " ये यहां क्या कर रही है,,,और कबसे हमारी प्रोफेसर बन गई,,,," क्रियांश कंधे उचकाकर " मुझे नहीं पता,,, मैं तो खुद हैरान हूं,,,जितना हमने इसे बचपन में परेशान किया लगता अब ये टीचर बनकर हमें करेगी,,,," यही सोच कर उसके चेहरे पर डर दिखाई दे रहा था,,,जिसे वो दोनों ही महसूस कर सकते थे,,,।
उन दोनों को इतना डरते देख रिवान बोला " कौन है,,और तुम दोनों इतना क्यों डर रहे हो इससे,,,,जैसे भला वो तुम दोनों की जिंदा खा जायेगी,,," उसने थोड़ा मजाक में कहा,,,।
क्रियांशी उसको घूरकर कहती है " ये वही कायनात है मेरी मां की नाजायज औलाद,,,तुम जानते नहीं इसको ,,जीना हराम कर रखा है इसने हमारा,,, बचपन में इसको हमने बस थोड़ा हंसी मजाक कर लेते थे,,,उसी का बदला लेने के लिए ये यहां आई है,,,,"
" शट अप क्रियांशी,,, वो कोई नाजायज नहीं हैं,,, तुम लोगों को ऐसा क्यों लगता है कि वो तुम दोनों से बदला हो लेने आई हैं,,,हो सकता है उसका सपना हो पढ़ाने का,,,,मैने देखा है ये बहुत अच्छी है " रिवान ने प्यार भरी नजरों से कायनात को देखते हुए कहा,,,वही कायनात जो इंट्रो लेने में लगी हुई थीं उसे अपने ऊपर किसी गहरी नजरों की तपिश महसूस होती है,,,वो पूरी क्लास में नजर घुमाती है तो उसकी नजर क्रियांशी और क्रियांश के बीच बैठे रिवान पर चली जाती हैं,,जो अब नजरे झुकाकर बैठा था,,जैसे ही कायनात ने उसकी तरफ देखा तभी ही रिवान नजरे झुका लेता है,,,उसकी इस हरकत पर कायनात के लब मुस्कुरा जाते है,,,,।
वहीं उन दोनों को रिवान का कायनात की साइड बोलना बिल्कुल भी पसंद नहीं आया,,,,क्रियांशी ने जलन भरे लहजे में कहा " रिव तू उसकी तरफदारी कर रहा है,,,,दोस्त वो नहीं मैं हूं,,,,तुम जानते ही कितना हो उसे,,,,,धीरे धीरे तुम्हे भी उसकी असलियत पता चल जायेगी,,,," उसकी बात को सुन रिवान कुछ बोलने ही वाला होता है कि " किसकी तारीफ की जा रही है मोहतरमा,,,,, मैं यहां पढ़ाने आई हूं और तुम तीनों अपने में ही मग्न हो,,,अगर पढ़ने नहीं होता तो क्लास में मुंह उठाकर क्यों आते हो,,,," कायनात ने गुस्से से उनके बैच पर हाथ पटककर बोली,,,,, इस तरह बात करने से क्रियांशी उछल जाती हैं,, आज तक उसने ऊंची आवाज नहीं सुनी थी,,उसको इस तरह डरते देख क्रियांश को बहुत गुस्सा आता है,,,पर वो कुछ नहीं बोल सकता था,,,।
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