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★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★

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Description

ये कहानी है पोजेसिव लड़की की जो अपने चाचा के प्यार में हद से ज्यादा पागल है। इस पागलपन के चलते उसके चाचा बाहर अमेरिका भेज देते हैं,शायद दूर रहकर उसके दिमाग से ये पागलपन उतर जाए ,,,लेकिन वहां जाकर उसके प्यार के बदले ,,बदले की भावना आ जाती हैं ,,,जिसके...

Characters

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AAKARTY HEROINE KAM VILLAIN JYADA😈🥀

Villain

Total Chapters (56)

Page 1 of 3

  • 1. ★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★ - Chapter 1

    Words: 1567

    Estimated Reading Time: 10 min

    ये कहानी है पोजेसिव लड़की की जो अपने चाचा के प्यार में हद से ज्यादा पागल है। इस पागलपन के चलते उसके चाचा बाहर अमेरिका भेज देते हैं,शायद दूर रहकर उसके दिमाग से ये पागलपन उतर जाए ।


    आकृति सिंघानिया - ( उमर - 18 years) कॉलेज की डॉन... दुनिया इसे बिगड़ी शहजादी के नाम से जानते हैं पर रियल में क्या है ये सिर्फ आकृति या उसके दोस्त ही जानते हैं,,,,बंदी दिखने में क्यूट ,,मासूम है पर उतनी ही डेंजरस ,,डेविल है, दोस्तों की रानी साहिबा है मोहतरमा,,,, कुटाई धुलाई में नंबर वन,,पढ़ाई में भी टॉप है ,,,पर क्लासेज बंक मारने में भी टॉप पर हैं।



    FRIENDS FOREVER 💗


    1. वंशिका ठाकुर - ये भी आकृति की तरह ही हैं,, उमर 18 YEARS,,,, कॉलेज की सेकंड टॉपर,,,मां बाप की इकलौती संतान है ,,,


    2. ध्रुव मल्होत्रा - 18 YEARS,,, थर्ड टॉपर,,, मल्होत्रा खानदान का बेटा,,,इनकी एक बड़ी बहन है ,,,धरा मल्होत्रा जो कि बिजनेस संभाल रही है उमर (24) ,,दोनों भाई बहन का चेहरा मिलता जुलता है,,,भाई जितना मस्त मौला है बहन उतनी ही डेंजरस है।


    आकृति की फैमिली -


    पापा - आतिश सिंघानिया
    मम्मी - शिविका सिंघानिया
    भाई - आकर्षक सिंघानिया
    दादी - गरिमा सिंघानिया

    चाचा URF हीरो -   अधिराज सिंघानिया - 31 YEARS OLD ,,, रंग सांवला,,,दिखने में हीरो टाइप बंदा,,,,उमर के हिसाब से हैंडसम है ,,जिम में बनाई हुई बॉडी ,,,पूरी दुनिया को इशारों पर नचाने वाला,,पर इसको हमारी हीरोइन ने परेशान कर रखा है 😼😂,,,AS इंडस्ट्री का मालिक ,,इसका खुद का बिजनेस है,,अपने भाई भाभी को ज्यादा मानता है।


    दोस्त -

    दक्षिण राजावत - इनकी उमर 30 साल है,,,ये भी राजावत कॉरपोरेशन का मालिक है,,,इनकी एक छोटी बहन है,,,ये भी बहुत हैंडसम हैं,,,इनकी बहन युविका राजावत प्रिंसेस की तरह क्यूट और मासूम पर हरकतें किसी डेविल से कम नहीं । युविका कॉलेज में स्टडी कर रही है।



    वंशिका ठाकुर फैमिली

    वंश ठाकुर - अंशिका ठाकुर


    ध्रुव AND धरा मल्होत्रा फैमिली

    ऋषि मल्होत्रा - श्रेया मल्होत्रा









    अमेरिका यूनिवर्सिटी,,,



                                     पूरी यूनी में हड़कंप मचा हुआ था,,एक लड़की अपने पास वाली लड़की से पूछती है " क्या हुआ सब ऐसे क्यों भाग रहे हैं..."


    दूसरी लड़की " अरे तुम नईं हो इसलिए तुम्हे पता नहीं ,,वो डेविल्स की गैंग आ रही है,,इसलिए सभी भागकर क्लास में जा रहे है,,,चलो हम भी चले वरना हमारी खैर नहीं.." इतना कहकर पहली वाली लड़की हाथ पकड़कर ले जाती है।

    पहली लड़की " पर बताओ तो कौन है वो ..."

    दूसरी लड़की " डेविल गैंग में तीन मेंबर हैं,,उनकी लीडर आकृति सिंघानिया है ,,बाकी दो वंशिका ठाकुर,,और ध्रुव मल्होत्रा.. बस इन तीनों से दूर रहना ,,तीनों ही बहुत खतरनाक है ,,,सॉरी पर में तुम्हे अपना नाम बताना भूल गई,, हाय मैं शालीन अरोरा.." उसने बैंच पर बैठते हुए कहा।


    पहली लड़की ने सिर हिलाकर " मैं युविका राजावत..फ्रेंड्स.."

    शालीन सिर हिला देती है इतने में क्लॉस में प्रोफेसर आ जाते हैं।


    इधर पार्किंग में डेविल गैंग अपनी बाइक पार्किंग में लगाकर क्लास की तरफ जाते हैं,,वंशिका पूरे ग्राउंड में एक नजर देख " यार रानी साहिबा हमारा खौफ तो बहुत है इन स्टूडेंट्स में.... देख ना कैसे हमारे आने से पहले सारे क्लास रूम में चले गए ,,,,सो इनोसेंट..."


    वंशिका की बात सुन ध्रुव ने कहा " पगली डेविल गैंग है,,रही बात स्टूडेंट्स की हमारे ज्वॉइन करने से पहले क्या हालत थी इन लोगों की कोई भी पढ़ाई को सिरियस नहीं लेता था,,,अब देखो ना कैसे हमारी यूनी टॉप में हैं।.."


    वंशिका भी उसकी बात पर सहमति जता देती है,,तीनों क्लास रूम के गेट पर आकर रुकते हैं,,बिना परमिशन लिए तीनों क्लास रूम में चले जाते हैं,,तभी उन्हें एक कड़क आवाज सुनाई देती है" रुको.."


    सभी प्रोफेसर की तरफ देखते हैं जो गुस्से से डेविल गैंग को घूर रहा था फिर डेविल गैंग की तरफ देखते हैं जो प्रोफेसर की तरफ पीठ करके खड़े थे,तीनों ने ब्लैक जींस के ऊपर ब्लैक टी शर्ट पहनी थी ,उनके साथ मैचिंग ब्लैक शूज,,टी शर्ट के ऊपर वाइन कलर की लैदर जैकेट पहन रखी थी ,,एक हाथ में रिच वॉच और दूसरे महादेव का कड़ा पहन रखा था ।

    अब तीनों मुड़कर पीछे प्रोफ़ेसर को देखते हैं जो अब भी उन तीनों को ही घूर रहा था,,आकृति वंशिका और ध्रुव को बैठने का इशारा करती है तो वो दोनों बैंच के ऊपर बैठ जाता है,जिससे प्रोफेसर का गुस्सा और बढ़ जाता है,,पर वो दोनों तो आराम से आगे होने वाले एंटरटेनमेंट को देखने के लिए उत्सुक थे...

            आकृति प्रोफेसर के बिल्कुल सामने जाकर उसकी आंखों में आंखे डालकर " एनी प्रॉब्लम ,मिस्टर न्यू प्रोफेसर.."


    प्रोफेसर गुस्से से " बिना परमिशन लिए क्लास में आना कहा कि समझदारी है मिस..एक तो आप तीनों लेट आए फिर बिना परमिशन लिए सीधा मुंह उठाकर क्लास में घुस गए..."


    "उफ्फ ,, पहली बात तुम्हारा गुस्सा,,तेवर और एटीट्यूड वहां दिखाना जहां काम आए ,,मिस्टर न्यू प्रोफेसर,,,दूसरी बात ये यूनी तेरे बाप की नहीं ,,जो ये लेक्चर झाड़ रहा है तू.."आकृति ने अपने बालों पर हाथ फेरकर कहा ।

    सभी स्टूडेंट्स को अब प्रोफेसर की फिक्र हो रही थी कि उसके साथ क्या होगा ,,वही दो नमूनों को इन सब से कोई मतलब नहीं था वो तो सिर्फ लड़ाई के मजे ले रहे थे,,,आखिर आकृति कभी कभी ही लड़ाई झगड़े करती थीं,वो भी तब जब मसला बड़ा हो..!


    " बिहेव योरसेल्फ ,,लड़की हो पढ़ाई पर ध्यान दो ,,,यही बेहतर होगा तुम्हारे लिए,,अगर ये मेरे बाप की यूनी नहीं तो तेरे बाप की भी नहीं है.."  प्रोफ़ेसर ने टेबल पर हाथ मारकर कहा।

    आकृति अपनी गर्दन की पीछे से अपने हाथ से मसलते हुए" बताओ कोई इन महाशय को ,,ये यूनी मेरे बाप ,,उफ्फ सिंघानियज की है... इसलिए पहली बात बहुत प्यार से समझाई थी कि गुस्सा ,,तेवर वहां दिखाना जहां काम आए,,,आगे से कभी भी डेविल गैंग के मैटर में बीच में मत पड़ना ,, तेरे लिए बहुत ही नुकसान देह होगा,,, कही ये प्रोफेसर गिरी दिखाते दिखाते,,अपना नुकसान करा लो.."  इतना कहकर वो ध्रुव और वंशिका को चलने का इशारा करती है और बाहर निकल जाती हैं।



       बाहर आकर ध्रुव आकृति से " ऐ रानी साहिबा तूने उसे ऐसे ही क्यों छोड़ दिया... "

    वंशिका उसके कंधे पर हाथ रख" क्योंकि वो नया है यार ,,,अभी कुछ नहीं पता उसे कॉलेज के बारे में इसलिए छोड़ो और कैंटीन में कुछ खाते हैं.." तीनों कैंटीन में चले जाते है।



    प्रोफेसर क्लास से निकल प्रिंसिपल के केबिन में जाकर आज के इंसीडेंट को बताता है,,तो प्रिंसिपल उसे समझाते हुए " प्रोफेसर राजावत ,,आप उनसे पंगा मत लो ,,जबसे वह तीनों यूनी में आए हैं हमारी यूनिवर्सिटी टॉप में हैं,,पहले यह स्टूडेंट्स रैगिंग ,,और गलत कामों में मशहूर था ,,, और फिर ये यूनी भी सिंघानिया खानदान की है हम कुछ नहीं कर सकते हैं,,।



    प्रोफेसर राजावत " ऐसे कैसे कुछ नहीं कर सकते ,,वह प्रोफेसर से किस तरह से बात कर रही थी,,आपको पता भी है,,उन्हें देख देख बाकी सब स्टूडेंट्स भी ऐसा करेंगे,,,हम यहां पढ़ाने आते है इनकी बतमीजिया सहने नहीं ,,,,  मै इनके घरवालों के पास कंपलेन  कर रहा हूं.." इतना कहकर प्रोफेसर अपने केबिन में चला जाता है।
    फिक्र में छोड़ जाता है प्रिंसिपल को😂😂



    प्रोफेसर राजावत अपने केबिन में बैठा मिस्टर आतिश सिंघानिया से कॉल पर बात कर रहा होता है" देखिए मिस्टर सिंघानिया,,आपकी बेटी ने प्रोफेसर के साथ मिस बिहेव किया है,,हम यहां पढ़ाने आते है उनसे अपमान करवाने नहीं.."


    मिस्टर सिंघानिया " मै समझ गया आपको कुछ भी कहने की या बताने की जरूरत नहीं ,,,मुझे उसकी पल पल की खबर पहुंच जाती हैं मिस्टर राजावत,, मेरा छोटा भाई अभी अमेरिका में है ,,तो मैं उसे यूनी में भेजता हूं,," आतिश सिंघानिया इतना कहकर फोन काट देते हैं। प्रोफेसर राजावत सोफे पर बैठ गहरी सांस लेता है।



    आधे घंटे बाद कारों का काफिला यूनिवर्सिटी के गेट पर आता है उसमें से हैंडसम आदमी निकल कर बाहर आता है उसने ब्लैक फॉर्मल पेंट के साथ व्हाइट शर्ट पहन रखी थी शर्ट के तीन बटन खुले थे,,बाज सी नजर तेज तरार ,,शेर की चाल,,सीधे कदम प्रोफेसर राजावत के केबिन की तरफ बढ़ा देता हैं,,अपने गार्ड्स को केबिन से बाहर रुकने का कह खुद अंदर चला जाता है। उसे देख प्रोफेसर राजावत खुश होकर गले मिलता है " ओए अधि तू यहां,,,


    अधिराज सिर हिला कर" हा ..."


    " क्या ही बताऊं यार ,,एक लड़की है यूनी में सुबह से उसने मूड खराब करके रख दिया..." दक्षिण ने मुंह बनाकर कहा।


    अधिराज पानी का गिलास उठाकर" ऐसा भी क्या कर दिया उसने.." इतना कहकर पानी पीने लगता है।

    दक्षिण उसे सुबह का सारा इंसीडेंट सुना देता है,,अधिराज के मुंह से सारा पानी बाहर निकल जाता है,,और उसको खांसी आ जाती हैं।

    "पागल है क्या आराम से पी.." दक्षिण उसे डांटते हुए कहता है।


    " वैसे कौन है वो लड़की बुला उसे.. जरा मैं भी तो देखूं.." अधिराज गहरी सांस लेकर कहता है।


    दक्षिण पीयून को कॉल कर आकृति को बुलाता है। थोड़ी देर बाद प्यून आकर " सर वो रानी साहिबा कैंटीन सो रही है,,उनके दोस्त होते तो उठा देते ,,पर वो दोनों बाहर चले गए ,,अगर उसे किसी ने उठाया तो,,वो कभी भी उठने जैसा नहीं रहेगा,,, प्लीज सर .." इतना कहकर पियुन भाग जाता है,वही अधिराज और दक्षिण के चेहरे पर अब गुस्सा दिखने लगता हैं , वो दोनों कैंटीन में जाते हैं।



    कैंटीन में टेबल पर फोन और बैग रख कर,, कानों  में इयरफोन लगा कर ,,आराम से बैंच पर लेटी आकृति अपनी सपनों की दुनिया में खोई हुई थी,,वही वो दोनों उसे गुस्से से घूर रहे थे,,सभी स्टूडेंट्स की नजर उन दोनों पर थी लड़कियां तो दोनों पर फिदा हो चुकी थी । वहीं आधे स्टूडेंट्स को डर भी था अब क्या होगा।

  • 2. ★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★ - Chapter 2

    Words: 1096

    Estimated Reading Time: 7 min

    अधिराज ने उसके चेहरे को रुमाल से ढका देख रुमाल उठा देता है,,धूप की आधी किरण से चमकता चेहरा,,निचले होठ की नीचे काला तिल,,, गालों पर दो लटे .. दो मिनट के लिए तो अधिराज उसमें खो जाता है। वहीं दक्षिण अपने दोस्त को देख हैरान हो जाता है,,जो आज तक किसी लड़की को टच नहीं करने देता था आज वो खुद आगे चलकर आया बल्कि एकटक उसमे खो सा गया ।



    अधिराज होश में आकर वहां से चेयर लेकर उसके चेहरे के करीब बैठ जाता है,,कुछ देर पहले जो गुस्सा था वो अब छू मंतर हो गया था,,दक्षिण भी दूसरी तरफ बैठ जाता है।

    अधिराज उसको दो तीन आवाज लगाता है जब वो नहीं उठती तो पास पड़ा जग उठाकर उसके चेहरे पर उड़ेल देता है,, आकृति हड़बड़ाकर " किस साले की मौत आई है,,,बहन का..." आधे शब्द उसके मुंह में ही रह जाते है जब वो सामने अधिराज को देखती हैं,,जल्दी से अपने एयरफोन निकाल कर टेबल पर रखती है,, अधिराज उसके  होठों पर पानी की बूंदे देख उसका दिल मचलने लगता है पर वो खुद को कंट्रोल कर लेता हैं।


    अधिराज गहरी सांस लेकर कड़क आवाज में " ये मैं क्या सुन रहा हूं,,तूने प्रोफ़ेसर के साथ मिस बिहेव किया.."


    आकृति खड़ी होकर सिर झुका के हा में सिर हिला देती हैं।
    सभी आकृति का ये रूप देख दंग रह जाते हैं,,वही दक्षिण कभी आकृति को देखता कभी अधिराज को ।


    "और वजह क्या थी अक्की..." अबकी बार अधिराज नरमी से कहता है।

    " डोंट कॉल मी अक्की,,मिस्टर अधिराज सिंघानिया,,, ओनली आकृति आतिश सिंघानिया,,दूसरी बात जब आपको इन महाशय उफ्फ मिस्टर न्यू प्रोफेसर ने बुला ही लिया तो वजह भी बताई होगी.." इतना कहकर अपनी गर्दन मसलने लगती है,,अधिराज अब समझ जाता है कि उसे गुस्सा आ रहा है,,उसका गुस्सा अपने डैड पर गया है,,ज्यादातर आता नहीं जब आता है तो किसी की नहीं सुनती है इसलिए प्यार से मसला संभालने की कोशिश करता है। वहीं दक्षिण अक्की नाम सुनकर सब समझ जाता है इसलिए चुप रहना ही बेहतर है।


    "देखो आकृति वह तुम्हारे प्रोफेसर हैं,,उनको समान दिया जाता है,,उनके साथ मिस बिहेव नहीं करते..." अधिराज कहता है।


    आकृति उसे देख " अब आप मुझे समझाएंगे,,की मुझे क्या करना है क्या नहीं..."


    उसकी बात सुन अधिराज के तन बदन में आग लग जाती है,,गुस्से में " जरूरत पड़ी तो वह भी करूंगा ,,मुझे पसंद नहीं कोई मेरी बात टाले,,तुम्हे मेरी बात माननी होगी.."


    "मुझे भी किसी की बात सुनने या मानने में बिल्कुल भी पसंद नहीं..." आकृति ने उसी टोन में कहा और अपना बैग और फोन उठाकर बाहर जाने लगी। तभी अधिराज उसकी कलाई पकड़ अपनी तरफ खींच लेता है,,दोनों की धड़कने तेज चलने लगती हैं।आकृति सीधा उसके सीने में आ जाती है पर अपने हाथ छाती पर रख दूरी mantain कर लेती हैं,,ये देख अधिराज की भौंहे तन जाती है।

    "अगर तुम चाहती हो परमानेंट इंडिया जाना तो अपने प्रोफेसर से सॉरी मांगो.." अधिराज ने कहा ।

    आकृति उससे दूर होकर " मुझे ना तो इंडिया जाना है, ना ही किसी से सॉरी मांगनी है,,,आपको शायद काम नहीं होगा ,,पर मुझे बहुत है.."


    " ओह रियली अभी तक तुम अपने सपनों की दुनिया में खोई हुई थी,,तब तो तुम्हे कोई काम नहीं था,,फिर अब तुम्हे काम याद आ गए.." उसने तंज कसते हुए कहा।


    आकृति अपना माथा सहला कर " मेरी लाइफ मैं कुछ भी करूं आपको क्या.." तभी उसके फोन पर डेविल नाम शो हो रहा था,,एक नजर अधिराज को देख अपना फोन उठाकर गहरी सांस लेकर बैंच पर बैठ जाती हैं,,
    ऑन द कॉल डेविल " हैलो प्रिंसेस ,,

    आकृति " हा डेविल..कैसे है आप.." बैंच के पीछे सिर रख कान पर फोन लगाकर आंखे बंद कर लेती हैं।


    डेविल " मैं तो ठीक हूं ,,,मैने सुना तुमने फिर कांड कर दिया.."

    आकृति " हा..छोटी छोटी बातों का भूचाल बना लेते हैं ये घरवाले,,,बाहर भी चैन से जीने नहीं देते हैं.."

    डेविल हंसते हुए " अभी तुम गुस्से में हो,,और तेरे सामने चाचू है ,राइट .."


    आकृति " हा.."

    "सच्ची तो क्या कहा चाचू ने.." डेविल उर्फ आकर्षक सिंघानिया ने कहा।


    आकृति " मै sorry मांगू,, प्रोफेसर से.."


    डेविल " तो मांग ले..."

    आकृति " बिल्कुल भी नहीं.."

    उनकी बातों से चिढ़कर अधिराज ने सारे स्टूडेंट्स को जाने का इशारा किया ,, लड़कियों का जाने का मन तो नहीं था फिर भी चली गई,,कुछ को तो आकृति से जलन हो रही थी थी।

    अभी तक फोन में लगे देख एक नजर दक्षिण को देख फिर आकृति के हाथ से फोन छीनकर " तुम दोनों बहन भाई की बातें खत्म नहीं होने वाली ,ये तो मैं जानता हूं पर अगले एक सेकंड में तूने फोन नहीं काटा तो तुझे अफ्रीका की सैर मै कराऊंगा..." उसकी बात सुन आकर्षक फोन काट देता है,अधिराज गहरी सांस लेता है,फिर वो दोनों की तरफ देखता है जो उसे ही घूर रहे थे।

    आकृति उसकी तरफ हाथ बढ़ाती हैं,,तो अधिराज उसके हाथ पर हाथ रख देता हैं,,जिससे आकृति की भौंहे उठ जाती है " फोन देने का कष्ट करेंगे आप.."


    अधिराज हड़बड़ा कर फोन देता हैं और खुद बैठ जाता हैं अब उसकी नजरें जमीन पर थी ,,आकृति उसकी हालत समझ कर " अब क्या चाहते हैं आप ..."


    उसे देखते हुए " बस सॉरी मांग लो उससे .." आकृति उसकी बात सुन दो सेकंड सोचती हैं फिर खड़ी होकर सिर झुकाकर " आज पहली बार आपसे मिस्टर न्यू प्रोफेसर सॉरी मांग रही हूं,,क्योंकि मै किसी का blood प्रेशर बढ़ाना नहीं चाहती ,,,आगे से कभी भी मेरे मैटर में मत बोलना ,,उसकी गारंटी मेरे घर वाले भी नहीं लेने वाले.." अपना बैग और फोन उठाकर अधिराज की तरफ देखती हैं जो स्माइल कर रहा था, नागवारी में सिर हिलाकर अपनी बाइक लेकर कॉलेज से चली जाती हैं।



    दक्षिण उसे जाता देख " ये क्या था,,सॉरी मांगी या धमकी देकर गई.."


    अधिराज उसे देख " जो मिल गया उसी में सब्र करले.. हा आगे से उससे पंगे मत लेना,,उसके सामने मेरी भी हवा टाइट हो जाती हैं..."


    दक्षिण हंसते हुए " सच में मतलब तू भी,,,यार क्या सुन रहा हूं मैं तू उससे डरता है.."


    " ज्यादा नौटंकी मत कर मै नहीं डरता उससे,, बस बचपन से वो मेरी लाड़ली रही है इसीलिए.." अधिराज ने उसके सिर पर चपत लगाकर कहा।


    दक्षिण शक भरी निगाहों से " पर मुझे तो कुछ ओर ही लगता है..बता बता क्या बात है,,मुझसे क्या छिपाना.." उसके कंधे पर कंधा मारकर कहा ।


    "ऐसा कुछ नहीं ,, मुझसे दूर रहे वो,,उसके लिए यही सही है,,,भाई को कितना भरोसा है मुझ पर ,,भाभी वो मां के सम्मान है मेरे लिए,,कभी भी भाभी ने फर्क नहीं किया मुझमें और आकर्षक में,,,तो उन्होंने कैसे धोखा दे सकता हूं.." अधिराज ने सिरियस होकर कहा ।

  • 3. ★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★ - Chapter 3

    Words: 1449

    Estimated Reading Time: 9 min

    दक्षिण उसका हाथ पकड़ पार्किंग की तरफ ले जाते हुए" प्यार कभी भी रिश्ते ,उमर या रंग देख नहीं होता अधि,,ये तो बस हो जाता है, मैने देखा उसकी आंखों में तेरे लिए बेहद, बेइंतेहा,बेहिसाब मोहब्बत,,,वक्त आने पर शायद वो तुझे भी समझ आ जाए.. जब तुम उस पर गुस्सा कर रहे थे तो उसने भी तेरी ही टोन में जवाब देती गई पर जब तूने गहरी सांस लेकर बैठ गया तो उसे तेरी फिक्र होने लगी और उसने मुझसे सिर झुकाकर माफी मांगी ताकि तेरा ब्लड प्रेशर ना बढ़ जाए..."


    अधिराज ड्राइविंग सीट पर बैठ कर " जानता हूं,,पर मुझे मेरे खानदान की भी फिकर,,मै अपनी फैमिली की इज्जत पर एक भी खरोंच बर्दाश्त नहीं कर सकता,,,इसलिए उसे खुदसे दूर किया मैने..आज भाई के कहने पर आना पड़ा.."

    दक्षिण भी उसकी बात पर सहमति जता देता हैं,और उसे कंपनी चलने को कहता है।




    AVD कॉरपोरेशन,,COMPNY


                        बड़ी सी पचास मंजिला इमारत में सबसे ऊपरले माले पर बड़े बड़े छः केबिन बने हुए थे ,,तीन केबिन बॉस के और तीन उनके PA के थे ।


    AS केबिन के डोर बड़ी सी गोल्डन की प्लेट लगी हुई थी,,सोफे पर सिर झुकाकर आकृति बैठी हुई थी ,,उसके पास ही ध्रुव बैठा था,जो अपने लैपटॉप पर हाथ चला रहा था,दूसरी तरफ वंशिका उसके पास ही चहलकदमी कर रही थी...!


    " यार बता ना क्या कहा चाचू ने,, ज्यादा गुस्सा तो नहीं किया,,बोल यार मुझे फिक्र हो रही है.." वंशिका ने एक जगह रुक के कहा।


    ध्रुव " बता दे रानी साहिबा,,वरना उसकी परेड ऐसे ही चलती रहेगी.."


    " कुछ नहीं कहा बस माफी मांगनी थी,,वो मांग ली मैने.." आकृति ने लंबी सांस लेकर कहा।


    वो दोनों शोक होकर " तूने माफी मांगी ,, द ग्रेट आकृति सिंघानिया ने.."

    " हा क्योंकि वो थके हुए लग रहे थे,,मीटिंग्स से सीधा कॉलेज आए थे,,,मुझे उनकी हालत ठीक नही लगी तो मैने माफी मांगना ही ठीक समझा.." इतना कहकर ध्रुव से लैपटॉप ले लेती हैं।


    वो दोनों समझ जाते हैं अधिराज की तबियत ठीक नहीं होगी इसलिए उसने माफी मांगी..!


    " ध्रुव इसमें सभी फीचर अच्छे से भर दिए ना,,कोई कमी तो नहीं ,,मुझे नई कार लांच करनी है ये जल्द से जल्द ..."आकृति ने कहा।


    ध्रुव " हा यार मैने अच्छे से कार डिजाइन कर दी है,,ये सबसे बेस्ट कार होगी ,,इसकी फर्स्ट कार की कीमत अरबों मै होगी.."


    " उसकी जरूरत नहीं ,,पहली कार मैं खुद ही खरीदूंगी.."आकृति ने उन दोनों की तरफ देख कहा।

    " Wow फिर तो मजे ही मजे है ,,रानी साहिबा.."वंशिका ने दांत दिखाते हुए कहा।

    "हा.." आकृति का हल्का सा जवाब सुन दोनों चुप होकर अपने लैपटॉप पर काम करने लगते हैं।
    कुछ देर काम करने के बाद में तीनों थक्क हारकर बैठ जाते हैं,,,आकृति उन दोनों से " क्लब जाऊंगी मैं तुम दोनों को चलना है तो चलो.."

    दोनों ही सिर हिला देते हैं,,वंशिका एकदम से " सुन ना अक्की तेरा डेविल कब आ रहा है,,


    ध्रुव उसे टीज करते हुए " तुझे क्या लेना,,,तुम्हारा कौनसा उसके बिना दिल नहीं लग रहा.."


    वंशिका अपने ख्वाबों में " दिल ही तो नहीं लग रहा,,ध्रुव बाबू.."


    "यार क्या तुम दोनों एकतरफा प्यार में पिस रहे हो,,,कुछ नहीं मिलने वाला इस प्यार व्यार में,,,अच्छी जिंदगी चल रही है,,पर नहीं अपने ऐजी ओजी के ख्वाबों में बैठी रहती हो..मै कह रहा हूं सच में ये बर्बाद कर देगा प्लीज अभी संभल जाओ..." ध्रुव कह ही रहा होता है,, आकृति अपनी बाइक की चाबी उठाकर बाहर निकल जाती हैं उसके पीछे ही वंशिका चली जाती है " अबे भूतनियों मुझे छोड़कर कहा जा रही हो.." इतना कहकर वो भी पीछे भाग जाता है।





    दूसरी तरफ ऑफिस में अधिराज और दक्षिण मीटिंग में बीजी होते हैं तभी वहां फोन की रिंग सुनाई देती हैं,,सब अपना अपना फोन चेक करते हैं,फिर सभी अधिराज की तरफ देखते हैं,,सबको अपनी तरफ देखता पाकर भौंहे उठाकर देखता है तो दुबारा से फोन को आवाज आती हैं,,तो पॉकेट से अपना फोन निकाल कर देखता है भाभी नाम शो हो रहा था,, एक्सक्यूज मी कहकर बात करने चला जाता है।



    अधिराज फोन उठाकर " नमस्ते भाभी.."


    दूसरी तरफ से शिविका सिंघानिया " नमस्ते अधि,,कैसे हो.."

    अधिराज " ठीक भाभी आप बताओ.."

    शिविका " ठीक हूं अधि ,,कहां हो तुम..."

    " भाभी मीटिंग में था,,,कुछ काम था क्या ..." अधिराज ने पूछा ।


    उसकी टेंशन को समझते हुए शिविका ने कहा " सॉरी अधि मैने तुम्हे डिस्टर्ब कर दिया,,अच्छा तुम पहले मीटिंग करलो,,हम बाद में बात कर लेंगे.."


    अधिराज " नहीं भाभी दक्षिण है आप बताओ क्या बात है..तब तक मुझे फिक्र लगी रहेगी.."


    "अरे ज्यादा बड़ी बात नहीं है,,वो मुझे लगा तुम कॉलेज गए थे अक्की के वो तुम्हारे साथ होगी,,मुझे बात करनी थी.." शिविका ने कहा ।


    " नहीं भाभी वो मेरे साथ नहीं हैं,,पहले ही मुझसे चली गई थी,, आप फोन कर लो उसको.." अधिराज ने शिविका की टेंशन समझते हुए कहा।




    " यही तो पंगा है अधि उसका,,वो लड़की ना तो मेरा फोन उठाती ,, ना ही ज्यादा मुझसे बात करती हैं,,मैने विला में फोन लगाया था काकी को उसने बताया वो तीनों महाशय अभी तक घर नहीं आए.." शिविका ने शिकायती अंदाज में कहा ।



    अपनी भाभी की शिकायत को वह अच्छे से समझ गया,,उसने स्माइल करते हुए कहा " भाभी मै बस अभी घर जाऊंगा,,तो आपकी बात करा दूंगा.. आप फिक्र ना करे.."




    शिविका थोड़ी देर बात करके फोन काट देती हैं,,,वही अधिराज के चेहरे पर स्माइल जाने का नाम नहीं ले रही थी ,,,सभी उसे इस तरह देख हैरान हो जाते हैं,,सबको लगता हैं जरूर अधिराज की गर्लफ्रेंड होगी ,,दक्षिण उसके कान में " भाई सभी तेरी तरफ देख रहे हैं,,,भाभी ने ऐसी भी क्या गुड न्यूज दे दी,,जो तो इतना खुश हो रहा है,,,,




    उसकी बात सुन अधिराज चारों तरफ देखता है जो उसको देखने में ही खोए हुए थे ,,उनको इग्नोर कर दक्षिण को " मीटिंग खत्म हो गई .." तो दक्षिण हा में सिर हिलाता है फिर अधिराज आगे बोलता है " तो चलो मुझे घर जाना ,,भाभी को उससे बात करनी है .." सबसे हैंडशेक कर बाहर पार्किंग की तरफ चले जाते हैं।




    दक्षिण ड्राइव करते हुए" सच सच बताना अधि भाभी ने ऐसा क्या कहा कि तेरे चेहरे पर इतनी बड़ी स्माइल आ गई.."


    अधिराज सीट के पीछे सिर टिकाकर" भाभी की शिकायतें सुन हंसी आ रही थी ,,,यार ये लड़की कमाल है,घर में सबको परेशान करती रहती है,,भाई तो आप रोज रोज उसके कांडों से तंग आ गया,,,और भाभी भाई को कहती है,, आपने हमारी बच्ची को बिगाड़ के रख दिया,,हफ्ते में दस पंद्रह लोगों को वो हॉस्पिटल भेज ही देती है,,फिर इलाज भी खुद कराती हैं,,, वहीं आकर्षक उससे बड़ा है ,,, जहां ये गंभीर, लड़ाकू है ,,एक वो सीधा साधा और समझदार हैं..."




    "शायद तू भूल रहा अधि ,,पहले वो ऐसी नहीं थी ,, दक्षिण ने कहा ।



    " मेरी वजह से ,,अक्की उस टाइम तेरह साल की थी,,,उसने कहा था चाचू मैं आपके बिना नहीं रह सकती,, मैं उसका अट्रैक्शन समझ इग्नोर करता रहा,जब उसका पागलपन बढ़ गया मैने भाई से कहकर यहां अमेरिका भेज दिया,,पांच साल हो गए,,,पूरे परिवार को मिलना तो दूर देखना भी नहीं चाहती.." अधिराज ने खोए हुए कहा।





    " घर आ गया,,,,अधि एक बात कहूं,,अगर उसका अट्रैक्शन होता तो शायद कॉलेज में कितनी ही हैंडसम बॉय है तो कम हो जाता ,,,पर उसकी आंखों में देखा उसका जनून तुम्हारे लिए पहले से दुगुना हो गया.."दक्षिण ने उसकी परेशानी समझते हुए कहा।




    अधिराज उसे घर के अंदर ले जाते हुए " नहीं दक्षिण जो सपने पूरे नहीं होते ,,उन्होंने देखना का कोई फायदा नहीं,, मैं उसे अपने लिए इतनी नफरत भर दूंगा ,,वह मेरी तरफ देखना भी पसंद नहीं करेगी,,,,




    दक्षिण " ये तो वक्त बतायेगा अधि,,वो तुमसे नफरत करेगी या तुम उससे प्यार..."


    उसकी बात सुन अधिराज ना में सिर हिला देता है,,घर में आकर मेड से " काकी अक्की घर आ गई क्या.."




    मेड " अरे अधि बेटा आप ,,अक्की बिटिया तो सुबह से अभी तक घर नहीं आई ,,आप बैठो में पानी लेकर आती हूं.."



    वो दोनों सोफे पर बैठ जाते हैं काकी पानी लेकर आती है दोनों पानी पीकर दक्षिण पूछता है " तो क्या काकी आपको पता होगा वो इस टाइम कहां होगी.."




    काकी " बेटा वो कभी कभी बहुत लेट आती है,,बिटिया ने बताया था कि न्यू कार लांच करने वाली है,,तो देर होती रहती हैं,, हा पर जब तीनों दोस्त साथ होते हैं तो ब्ल्यू मून क्लब चले जाते है.."




    "ये कार लांच करना,,,क्या कोई उसका कार्स का बिजनेस है क्या.." दक्षिण ने कन्फ्यूज होकर पूछा।




    अधिराज उसे देख " मुझे भी नहीं पता आज तक ,,शायद हो सकता है,,क्योंकि जब से वो अमेरिका आई है,,कभी भी हमसे मनी नहीं मांगी ,मुझे लगा आकर्षक उसे देता होगा पर अब लगता कुछ तो ये खतरनाक खेल खेल रही है.. क्लब चलते हैं,, वहां मिल जाए शायद.." इतना कहकर दोनों क्लब की तरफ निकल जाते हैं।

  • 4. ★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★ - Chapter 4

    Words: 1028

    Estimated Reading Time: 7 min

    ब्ल्यू मून क्लब

                               काउंटर पर बैठे तीनों ड्रिंक पे ड्रिंक किए जा रहे थे,,,तभी ध्रुव उन दोनों को देख " यहां शोर में मजा नहीं आ रहा,,,मेरी भूतनियों,,,हम न वही चलते हैं एकांत में..."


    वंशिका उसकी नाक छूकर " बात तो सच बोल रहा है,,मेरी जान,,,चल तीन बोतल ले ,,फिर हम हमारे अड्डे पर चलते हैं.."

    तीनों क्लब से बाहर निकल जाते हैं,,अपनी बाइक पर बैठ एक सुनसान रोड पर बाइक साइड खड़ी करके रोड पर आराम से लेट जाते हैं,,आकृति बोतल को अपने मुंह से लगाकर " साला हम उन्हें बुलाने के लिए इसका सहारा लेते हैं,,,पर जो नशा उसमें है वो इसमें कहा🍷.. उफ्फ उनकी कातिल निगाह हमारे दिल पर कंजर की तरह लगती हैं..."



    ध्रुव नशे में " कमबख्त जिस सताए बीमारी से तुम दोनों झूल रही हो ,,,पता नहीं वो हमें कब होगी,,,, मैं भी तुम्हारी तरह इस एकतरफा प्यार में फना होना चाहता.. मेरे दिलजलों ❤️‍🔥😁




    " मत पड़ना यार तुम इस चक्कर में ,हम भी पछता रहे हैं,,दिल टूटता जा रहा है,,प्यार मुक्ता जा रहा है... यार जब उनको नहीं हमारी जरूरत तो हम क्यों उनके लिए अपने दिल को सताए,,,ये साला दिल भी ,, हमारे पीछे पूरी यूनी पागल है कि हमें ये एक नजर ही देख ले,,पर ये दिल सिर्फ उनको देखने की चाह रखता है जो हमारी कद्र नहीं करते.." वंशिका ने ध्रुव की बांह पर सिर रख लेटते हुए कहा। ध्रुव की दूसरी बांह पर आकृति का सिर था ।





    " पैसा , पावर, दोस्त ,, लक्जरी लाइफस्टाइल सब है मेरे पास ,,बस दो चीजों की कमी है एक फैमिली ,,तो दूसरा सुकून.." वो क्या ही पूछेंगे हमारा हाल ,,,जिनकी वजह से हम बेहाल रहते हैं,,, उसने हमें खुद से इतना दूर कर दिया,,,जहां मैं एक पल भी उससे दूर रहने का सोचती तो मेरी जान निकल जाती,,,पांच साल उसकी यादों में पल पल तड़पते हुए बीता दिए,,,,," आकृति ने अपने दिल पर रख दर्दभरी मुस्कान के साथ कहा ।





    वहीं कुछ दूरी पर खड़े दो लोग उनको एक टक देखते हुए उनकी सारी बातें बड़े ध्यान से सुन रहे थे ,,वही इन सब से बेखबर वो तीनों अपनी ही बातों में मशगूल थे,,,,( हुआ कुछ यूं कुछ देर पहले दोनों अपनी कार से इसे रास्ते से क्लब की तरफ जा रहे थे तभी तीन बाइक दिखाई दी तो उनके नंबर प्लेट देख अधिराज समझ गया ये बाइक आकृति की है,,तभी से उनके बातों को सुन रहे थे..)





    ध्रुव आकृति को देख " मैने कहा है तुम्हे तुम मूव ऑन करो यार,,,चाचू कभी भी तुम्हे नहीं समझेंगे,,,उन्हें अब भी लगता हैं कि तुम्हारा अट्रैक्शन है,, यार तुम उसे देखो ना बिजनेसमैन धैर्य सूर्यवंशी को तुमने कितनी बार उसे पीट दिया ,,फिर भी वो तुम्हारे पीछे दीवाना हुआ घूमता है.. कितना प्यार करता है वह तुमसे,,, देखा नहीं उस दिन जब कैफे में तुमने उन लड़कों को पीट रही थी वो कैसे तुम्हे प्यार भरी नजरों से देख रहा था,,,,"





    उसकी बात सुन अधिराज के सीने में आग लगने लगती है,,उसके गुस्से वाले औरे को देख दक्षिण उसकी तरफ देखता है जो गुस्से से लाल पीला हो रहा था " भाई तुझे क्यूं जलन हो रही है 😂 कही दिल में अरमान तो नहीं जाग रहे.."





    " ऐसा कुछ नहीं है,, मैं तो बस उसे खुद से दूर रखना चाहता हूं.."अधिराज ने उसको देखते हुए कहा।




    " ओह रियली,,,पर मुझे तो लगता धैर्य सूर्यवंशी का नाम सुन तेरे यहां दिल में आग लग गई..." दक्षिण ने कहा तो अधिराज उसे घूर कर देखता है तो वो चुप हो जाता है।





    दूसरी तरफ आकृति " नहीं रे पागल जिस दिन तुझे " किसी लड़की को देख दिल में धड़कने सौ की स्पीड से चलने लगेगी,,और यहां दिल में सुकून होगा,,,उसको देखने के लिए तड़पेगा,,,बस हर पल हर वक्त उसका ही ख्याल रहेगा तुझे,,,सारी दुनिया घूम लेना पर चैन तुम्हे उसे देखने के बाद ही मिलेगा.. ऐसा होता है प्यार, इश्क़ ,मोहब्बत...पता है मुझे भी शुरू शुरू में गलत लगता था कि ये गलत है मै कैसे अपने ही डेडा के भाई से प्यार कर सकती हूं,,कैसे वो मेरे चाचू है सगे,,,,पर फिर धीरे धीरे समझने की कोशिश की,,, द आकृति सिंघानिया तुझे हो गया है,,,अपने ही ग्रेट चाचू बिजनेस किंग द मोस्ट हैंडसम मेन अधिराज सिंघानिया से इश्क़ हो गया..."





    वंशिका उसकी बात का रिस्पॉन्स देते हुए" ओए अगर वो बिजनेस का किंग है तो ,,तू भी तो बिजनेस क्वीन है बस फर्क इतना है सभी ने उनका चेहरा देखा है,,पर तू पर्दे के पीछे रहती हैं,, हमारे मीडिया के सारे काम फायर 🔥देखता है...इसीलिए खुद को चाचू से कम मत समझना.."





    " पागल है क्या कुछ भी बकती है किसी ने सुन लिया तो,,वैसे ही सारे AVD के तीनों बॉस के चेहरे देखने को उतावले हैं,,, कभी तो देख के मुंह खोला कर.." ध्रुव ने उसे डांटते हुए कहा,,उसकी बात सुन वंशिका अपने होठों पर उंगली रख लेती हैं।





    वहीं वो दोनों हैरानी से उन तीनों को ही देख रहे थे,,,सभी को लगता है कि AVD कंपनी की ऑनर्स ज्यादा उमर के होगे पर यहां उनके उल्ट इतने young होगे किसी ने नहीं सोचा था,,हैरानी हो रही थी उसे जिसको वो दूर रखने की कोशिश कर रहा वो उसको इतना चाहती है,,अधिराज खुद को बीच में फंसा हुआ महसूस कर रहा था,,एक तरफ उसकी फैमिली जो उसे खुदसे भी ज्यादा प्यार करते हैं,,वही दूसरी तरफ उसकी भतीजी जिसे बचपन से उसे अपने हाथों से पाला वो उसे इस कदर चाहने लगी कि उसके लिए पल पल तड़प रही है,,,उसे यहां खड़ा होना मुश्किल हो रहा था तभी उसके फोन की रिंग सुनाई देती है एक नजर फोन को देख उनकी तरफ कदम बढ़ा देता हैं दक्षिण भी उसके पीछे पीछे चला जाता है।



    अधिराज उनके पास जाकर खड़ा हो जाता है फिर गहरी सांस लेकर " तुम तीनों यहां कर रहे हो,,,वो भी इतनी रात को.."


    आकृति उसकी बात बीच में काट कर " बस करो यार यहां तो एकांत में शांत रहने दो,,, यहां भी आ गए तुम,,कभी तो अपने ख्यालों से दूर रहने दिया ,,,वैसे ही तुम्हारे बिना मुश्किल जीने की सोचती हूं,,,और तुम भटके हुए मुसाफिर की तरह मेरे सामने आकर खड़े हो जाते हो,,,,दिल के हाथों मजबूर हूं वरना मुझे आकृति सिंघानिया को अपने वश में करने के जुर्म में जिंदा गाड़ देती ... "

  • 5. ★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★ - Chapter 5

    Words: 2160

    Estimated Reading Time: 13 min

    सभी उसे मुंह फाड़कर हैरानी से देख रहे थे,,जिस इंसान के सामने लोग नजर उठाकर देख नहीं सकते ,,ये उसे जिंदा गाड़ने का कह रही हैं,,अधिराज उसकी बात सुन गुस्से से अपना माथा सहलाता है,, फिर उसकी कलाई पकड़ खींच लेता है,, आकृति सीधा उसके सीने से लगती है,,दोनों की धड़कने सभी को सुनाई दे रही थी,,अपनी छाती पर आकृति की सांसे महसूस कर उसके शरीर में हलचल होने लगती है,,अलग अलग ख्याल आने लगते हैं,,उसे खुद पर हैरानी हो रही थी वो ऐसे कैसे ख्याल अपने मन में ला सकता है,,वही वो तीनों तो बस उन दोनों को ही देख रहे थे,,आकृति को समझते देर नहीं लगी कि वो सच में उसके सामने इसलिए उसे धक्का देकर दूर हो जाती हैं,,अधिराज कभी उसे देखता है,जो नजरें इधर उधर कर रही थी,,कभी अपने खाली हाथ को,,,फिर सिर झटक कर """ हा अब बोलो क्या कह रही थी तुम,,,की मुझे जिंदा गाड़ दोगी.."


    "मैने तो ऐसा कुछ नहीं कहा चाचू,,,आपको गलतफहमी हुई होगी,,,लगता हैं आपके कान खराब हो गए हैं..." आकृति ने नीचे देखते हुए कहा,,उसकी बात सुन अधिराज को गुस्सा आता है ,,बाकी तीनो हंसने लगते हैं,,वो तीनों को घूर के देखता है,,तो वो चुप हो जाते हैं,,धीरे धीरे उसकी तरफ कदम बढ़ाकर उसके बिल्कुल करीब आ जाता है " नहीं मेरे कान तो सही सलामत है,,,पर लगता है तुम्हे ख्याली दुनिया से बाहर निकालने का वक्त आ गया.."


    आकृति सिर उठाकर उसकी आंखों में देख " मतलब.."


    अधिराज उसकी आंखों में गहराई से देखते हुए " वही जो तुम चाहती थी..."


    " आप में इतना दम नहीं मिस्टर अधिराज सिंघानिया जो आप कुछ मुझे दे सकते ,,,, और हा बार बार मेरे रास्ते में आना बंद करे आप ,,वरना भूल जाऊंगी हमारा कोई रिश्ता भी है.." आकृति इतना कहकर बाइक की तरफ चली जाती हैं अब अधिराज का गुस्सा सातवें आसमान पर था,,वही तीनों को तो अब बड़े जंग का ऐलान हो रहा था,,,उन दोनों की फिक्र हो रही थी एक शेर है तो दूसरा सवा शेर,,,।



    अधिराज उसको गुस्से में उसके पेट पर हाथ रख उसकी पीठ अपने सीने से सटा लेता है,,,उफ्फ दोनों को अहसास तो बहुत हो रहे थे पर गुस्से से चलते इगनोर करना ही बेहतर समझा ,,,आकृति  जितना उससे छुड़ाने की कोशिश करती है उतना ही वो खुद से और चिपका लेता हैं,,,उसे ऐसा करता देख आकृति लम्बी सांस लेकर " चाचू क्या रहे हो आप,,छोड़ो मुझे.."


    अधिराज " वही तो कर रहा हूं जो तुम चाहती थी,,करीब तो आना चाहती थी तुम मेरे,,,अब आ रहा हूं तुम्हे क्या दिक्कत हो रही .."



    "चाचू बिहेव आप क्या बोल रहे आप समझ रहे हैं,,,, " आकृति ने एक एक शब्द चिभाकर कहा।


    " अभी तो तुमने कहा था कि मेरे में दम नहीं ,,अब देखो मेरे में क्या क्या करने का दम है.." इतना कहकर उसके गले पर दांत गड़ा देता है दर्द तो होता पर वो रिएक्ट नहीं करती ,फिर वही पर सूखे होठ महसूस कर पूरे शरीर में कम्पन पैदा हो जाती हैं,,,उसे ऐसे देख अधिराज उसके कान में """ देख लिया अधिराज सिंघानिया का दम ,,,अभी और भी दिखाऊं या.." उसकी बात सुन आकृति के माथे पर त्योरियां चढ़ जाती है दाएं हाथ की कोहनी को सीधा अधिराज के पेट पर मारती है,,जिससे उसकी पकड़ छूट जाती हैं पेट पर हाथ रख कराहने लगता हैं,,उसे इग्नोर कर उसके गले को एक हाथ से पकड़ कर अपनी बाइक की सीट पर लेटाकर " मेरे सबर का इम्तिहान मत लेना ,,अधिराज सिंघानिया,,कहा था मैने मैं उस टाइम रिश्ता भी भूल जाऊंगी,,,एक और बात कान खोल के सुन लो,,,,हम में सिंघानियज का खून भले ही है फर्क इतना की मेरे में डेविल और एंजल दोनों का खून है,,जो वक्त आने पर रंग दिखाता है,,जब तक तक एंजेल बनना चाहती हूं तो वो बनने दो,,मुझे डेविल बनने पर मजबूर मत करो,,,प्यार करती हूं,,करती थी,,करती रहूंगी,, ना तो वो तुम्हारे कहने पर खत्म होगा ना ही तुम्हारी फैमिली के,,,,दूरी बनी हुई हैं हमारे बीच इसे कायम रहने दो,,,,वरना मैं अपने पर आई तो हमारा खानदान भी मुझे तुमसे अलग नहीं कर पाएगा,,,😈❤️‍🔥" तभी दक्षिण ध्रुव और वंशिका उसके पास आकर अधिराज से दूर करते हैं,, दूर होने के बाद कभी अपने हाथ की तरफ देखती हैं तो कभी उसकी तरफ जो दक्षिण के गले लगा हुआ था,,उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी,उसकी आंखों में नमी देख कर वो समझ गई कि उसने अपने हाथ की पकड़ उसके गले पर तेज थी,,,उसे दर्द में देख अब आकृति को खुद पर बहुत ही गुस्सा आ रहा था ,,उसने उसी हाथ का पंच बनाकर भी बाइक पर मारा,,
    वंशिका की तरफ देख " उसे कहो इसे लेकर जाए,,,उसकी हालत ठीक नहीं है..."


    वहीं वंशिका गुस्से में " ओह रियली अब तुम्हे उनकी फिक्र हो रही है,,तब कहा थी जब उसके गले को इतनी कस के पकड़ रखा था... यही गुस्से की वजह से मुझे तुमसे बहुत डर लगता है,, आकृति क्यों नहीं समझती तुम कभी तो खुद पर कंट्रोल रखा करो.."




    उन्हें इगनोर कर ध्रुव की पॉकेट से उसकी बाइक की चाबी लेकर बाइक को स्टार्ट करती हैं एक नजर अधिराज को देखती है जो अब खुद को रिलैक्स फील कर रहा था,,फिर बाइक लेकर अपने घर की तरफ निकल जाती है,,ध्रुव "पागल है तू तुझे दिखता नहीं वो पहले ही स्ट्रेस में रहती हैं एक तू उसे सुनाने लगी ,, तुझसे ये उम्मीद नहीं थी मुझे,,,( फिर उन दोनों की तरफ देख)" सर आप दोनों घर चले जाए,,हम भी जा रहे है.." वो दोनों सिर हिला कार की तरफ चले जाते हैं चारों घर की तरफ निकल जाते है।


    कार में दक्षिण " अधि तू ठीक तो है ना.."

    अधिराज उसकी तरफ हा में सिर हिला देता है,,उसे खुद की हरकत पर गुस्सा आ रहा था,,वो तो उससे दूर रहना चाहता था फिर क्यों उसके करीब आया,,,,उसे अपनी सोच में गुम देख पूछा" तू मेरे साथ घर चल रहा है.."



    " नहीं  मुझे उससे बात करनी है,,तू मुझे सिंघानिया विला छोड़ दे तुम चले जाना,,प्रिंसेस वेट कर रही होगी..." अधिराज ने उसको कहा


    " अधि वो अभी गुस्से में है,, मैं तुम्हे उस सनकी पास नहीं छोड़ सकता,,,कल बात कर लेना ..." दक्षिण ने गुस्से से कहा।


    अधिराज उसे घूरते हुए" वो सनकी नहीं है,,,मैने ही ऐसी हरकत की थी ,,इसलिए उसने मुझ पर गुस्सा किया..."


    "अच्छा वैसे तो वो प्यार प्यार अलापती रहती हैं,,अगर तुमने कुछ भी दिया तो क्या हो गया ,,प्यार में तो ये सब चलता है.." दक्षिण ने कहा


    " यही फर्क है दक्षिण उसमें ओर तुम में,, पांच साल किसी के बगैर जीना बिना उसे देखे,,बिना उसके बात किए,,,वो भी तब जब हम उस इंसान के साथ हमारी सुबह और शाम एक साथ होती हो,,,उसने मुझ पर गुस्सा इसलिए किए  अगर वो भी मेरे करीब आती तो वो मेरे बिना रह नहीं पाएगी,,,वादा किया उसने भाई और भाभी से जब तक पढ़ाई पूरी नहीं होगी,,,इंडिया में कदम नहीं रखेगी,,,इसलिए उसने मुझे दर्द देकर अपने एहसासों को दूर किया,,,"अधिराज ने खोए हुए कहा।


    " इतना ही समझता है तो उसे अपना क्यों नहीं लेता.." दक्षिण ने कहा


    " ऐसा नहीं है दक्षिण, मैने उसे सिर्फ पाला है अपने हाथों से इसलिए,,, बाकी वो वाला प्यार नहीं करता मै उससे.." कड़क आवाज में कहा।


    दक्षिण ने मुंह बनाकर " ओह तो वो क्या था ,जब बार बार उससे चिपक रहे थे,,,मुझे तो लगा था कि तुम आज रात ही सुहाग मना लोगे.."


    " शट अप,,क्या बकवास कर रहा है तो,,ये बकवास उसके सामने मत करना..." अधिराज ने कहा


    " अधि भाई मेरे यार तू समझ ,, तुझे प्यार हो गया आकृति से,,,कैसे तू उस धैर्य के नाम से जलने लगा,,फिर जब उसने जब तुम्हे खुद से दूर किया तो तुझे गुस्सा आ गया,,,तेरी आंखों में जज्बात दिखते हैं,,समझ यार..." दक्षिण उसे समझाते हुए कहा।



    " बस कर दे यार,,,,जो रिश्ता कभी जुड़ ही नहीं सकता उसे क्यूं बार बार उसे प्यार का नाम दे रहा है,,, मैं कल ही इंडिया चला जाऊंगा ना ही मैं उसके करीब रहूंगा ना ही उसे कोई उम्मीद होगी..." अधिराज ने चिल्लाते हुए कहा।


    फिर थोड़ा रुक कर " एक काम कर दक्षिण अभी जेट रेडी करो ,,मै अभी इंडिया जा रहा हूं,,"
    दक्षिण उसे समझाने की कोशिश करता है पर वो नहीं सुनता कुछ देर बाद वो अपने जेट में बैठ कर इंडिया के लिए निकल जाता है।



    धीरे धीरे समय बीत जाता है एक साल पूरा हो जाता है वही  डेविल गैंग की ग्रेजुएट हो जाती है,, दक्षिण भी अपनी बहन के साथ इंडिया शिफ्ट हो जाता है। वहीं ध्रुव और वंशिका की फैमिली भी उसे इंडिया बुलाने लगती है,,वही आकृति इंडिया नहीं जाना चाहती थी पर उसकी गैंग इंडिया जा रहे थे उसने भी इंडिया जाने का मन बनाया।

    वंशिका अपने लगेज को घर से बाहर निकाल कर " जल्दी इंडिया आना हम दोनों तुम्हारा वेट करेंगे जान..."

    ध्रुव भी उसके गले लग " राइट रानी साहिबा आपके बिना हम दोनों ही अधूरे हैं,,,,मै तो अभी चाहता हूं तुम साथ ही चलो.."


    " फिलहाल तुम दोनों जाओ ,,बहुत जल्दी आऊंगी कि मैं इंडिया,,,आखिर वहां मेरी बहुत कीमती चीज जो है,,,.." आकृति इतना कहकर दोनों को कार में बैठाकर खुद घर के अंदर चली जाती हैं,,वो दोनों एयरपोर्ट निकल जाते हैं।




    इंडिया ,,,



                 सिंघानिया विला में  पूरी फैमिली डायनिंग टेबल पर बैठे हुए थे,,शिविका अपने पति से " आप कब तक मेरी बेटी से दूर रखने का इरादा है,,,अब तो उसे इंडिया आने को कहो..."



    आतिश अपनी पत्नी शिविका की तरफ देख " जब तक उसका मन नहीं होगा वो यहां नहीं आयेगी,,,जबसे उसका कॉलेज खत्म हुआ मै उसे कॉल ही कॉल कर रहा हूं,,मजाल है उस लड़की ने कॉल पिक किया हो..."



    " छः साल हो गए उसे देखे बिना ,,और कितना दूर रहूं अपनी बेटी से,,,पता नहीं कैसी होगी मेरी बेटी ,,,,दिखने में क्यूट है या अपने बाप की तरह डेविल.." शिविका ने मुंह बनाकर कहा।



    " तुम्हें में डेविल लगता हूं,,,आज रात दिखाता हूं अपना डेविल रूप..." इतना कहकर आतिश खाना खाने लगता हैं।


    वहीं उसकी बात सुन शिविका हैरानी से उसे देखती है जो चुपचाप खाना खा रहा था,,फिर अपने देवर,,बेटे और सास की तरफ देखती हैं,जो मुंह फाड़े आतिश को देख रहे थे,,,सभी की अपने ऊपर निगाह महसूस कर " मुझे घूरना हो गया तो खाना खाओ अपना...आकर्षक तुम फोन करो उसे कल तक मुझे वो इंडिया चाहिए ,,वरना तेरी और अधि की खैर नहीं.."



    आकर्षक सिर हिला देता हैं और अधिराज शोक होकर आतिश की तरफ " पर भाई मैने क्या किया ,,, मुझे तो वैसे ही वो काटने को दौड़ती है.."




    आतिश उसे घूर कर" सब जानता हूं मैं जो पिछली बार तू कांड करके आया ,,मुझे सब पता है, ,,,



    अपने भाई की बात सुन अधिराज के गले में खाना फंस जाता है,,तो शिविका उसे पानी पिलाती हैं " आराम से अधि ,,ऐसा भी क्या कांड कर दिया जो अब याद आ गया..." अधिराज अपनी भाभी को देख भाई की तरफ नजरें उठाता है जो उसे ही घूर रहा था,,आतिश " बेटा ये तब ही होता है जब हम कुछ बड़ा करते हैं,,,पर मुझे अच्छा लगा मेरी बेटी का गुस्सा मेरे पर गया ... मेरे भाई पर मेरी बेटी भारी पड़ रही है 😂.."



    अपने पापा की बात सुन आकर्षक जोर जोर से हंसने लगता है वही आतिश के फेस पर स्माइल आ जाती हैं,,पर अपनी मां और पत्नी की नजरों को देख चुप हो जाता है।



    अधिराज अपने मन में " दोनों बाप बेटी शैतान है ,,दोनों की एक टीम बन जाएगी मुझे परेशान करने को ,,, आह मतलब भाई सब जानते है,,अपनी बेटी की करतूतों को बढ़ावा दे रहे है.."



    आतिश उसके मन की बात समझ "ज्यादा मत सोच एक तो तेरे मै दिमाग है ही कम ऊपर से उसे use कर और घटा लेगा,,,,मेरी बच्ची गलत नहीं है,,,,उसे गलत समझना बंद कर,,पूरी दुनिया उसके खिलाफ हो जाए ,,पर मै उसके साथ हमेशा रहूंगा,,,



    " भाभी आप भाई को आज रूम से बाहर रहने देना ,,,कुछ ज्यादा गर्मी चढ़ गई है उन्हें,,,,खुली हवा में रहेंगे तो अच्छा है दिमाग ठिकाने में आयेगा..." अधिराज ने अपनी भाभी की तरफ देख कहा तो शिविका हा कह देती है,,वही आतिश की भौंहे सिकुड़ जाती हैं।




    आकर्षक " क्या चाचू आप तो मिंगल होने से रहे ,,,डैड और मोम में क्यों कबाब की हड्डी बन रहे हो,,,,क्यों दादी.."




    गरिमा ( दादी) " एकदम प्रोफेक्ट बोला रे तू छोरे,,,पता नहीं मै इस नालायक को शादी शुदा देखूंगी भी या नहीं.."




    आतिश " मां आपका सपना मुझे जल्दी पूरा होने वाला लगता है,,,वैसे भी आपकी पोती आपके छोटे बेटे की अक्ल को अच्छे से ठिकाने लगाएगी.."



    अधिराज उसे घूरने लगता है,,उनकी बात सुन शिविका " ये तुम दोनों किस बारे में बात कर रहे हो,,,बार बार अक्की क्यों बीच में आ जाती है,,,वो अपने चाचू कैसे ठिकाने लगा सकती है, बोलो.."




    " अरे माता आप किनकी बातों पर गोर आजमा रही हैं,,,इन दोनों भाइयों को तो आदत है मेरी प्रिंसेस को बीच में लाने की आप खाना खाओ,,,वैसे भी प्रिंसेस बहुत जल्दी आने वाली है,,दोनों को देखना कैसे सीधा करती हैं। आकर्षक ने कहा



    शिविका और गरिमा जी उसकी बात सुन रिलैक्स फील करते हैं वही वो दोनों भाई उसे आंखे निकाल कर उसे घूर रहे थे तो आकर्षक ने उसे इगनोर किया।

  • 6. ★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★ - Chapter 6

    Words: 1101

    Estimated Reading Time: 7 min

    आतिश आकर्षक और अधिराज को देख " तुम दोनों मुझे स्टडी रूम में मिलो ,,अभी के अभी.." इतना कहकर वो अपने स्टडी रूम में चला गया। उसके पीछे ही वो दोनों ही भाग कर गए।



        " मां इनका कुछ नहीं हो सकता... दुनिया देखेगी तो क्या सोचेगी की क्या यही तीनों बिजनेसमैन हैं जो घर में बच्चों की तरह झगड़ रहे..." शिविका अपनी सास को रूम में छोड़ते हुए कहा।


    " शिवि यही तो प्यार है,,,,, बस अब मेरी पोती आ जाए फिर सब खैर ही खैर.." गरिमा ने कहा।


    गरिमा को कंबल उड़ाते हुए शिविका " सही कहा मां आपने.."

    " तुम भी सो जाओ बच्चे,,," गरिमा  ने कहा तो शिविका ने उन्हें गुड नाइट कहकर अपने रूम में चली गई।




    स्टडी रूम


                   तीनों आमने सामने सोफे पर बैठे एक दूसरे को घूर रहे थे,,,अधिराज चिढ़कर " अगर घूरने का कॉम्पिटीशन हो गया हो तो,, काम की बात करें.."


    " बिल्कुल बेटा इसीलिए तो तुम दोनों को बुलाया,,,,वरना मुझे कौनसी आरती उतारनी थी..." आतिश ने तंज कसते हुए कहा।


    " डैड तंज कस लिया हो तो,,बताने का कष्ट करेंगे..." अब आकर्षक पूछता है।


    बिना देरी किए कहा " कबसे चल रहा है ये सब,,,और मुझे बताना भी जरूरी नहीं समझा..."


    " ये तो आप अपनी बेटी से ही पूछ लो ,,वो क्यों मेरे पीछे पड़ी है,,,आप तो उसकी पल पल की खबरें रखते है,,फिर इसकी खबर आपको ना हो,,ये तो हो नहीं सकता..." अधिराज ने तल्खी से कहा ।



    " मेरी बेटी ने तुम्हे निशानी तो नहीं दी,,,जो तुम देकर आए उसका क्या.." आतिश ने भी उसी टोन में कहा ।


    " हा तो वो गुस्सा दिलाने का एक भी मौका नहीं छोड़ती तो मैं क्या करता,,, जहां बात दम की आती है वहां अधिराज सिंघानिया कभी नहीं झुकता.." उसने तेवर से कहा।


    आतिश " मेरे खून का असर भी तुमने देख लिया होगा.."


    उसकी बात सुन अधिराज को खांसी आने लगती हैं,,आकर्षक और आतिश उसे ऐसे देख मुस्कुरा रहे थे।
    उसे ऐसे देख आकर्षक" क्या हुआ चाचू ,,सब ठीक तो है..."


    " भतीजे जहां तुम्हारी बहन और बाप हो ,, वहां मेरा जैसा मासूम इंसान कैसे ठीक रह सकता है.." अधिराज ने भोलेपन से कहा।



    " ये तो रोता ही रहेगा,,,तुम प्रिंसेस को फोन करो ,,फोन स्पीकर पर रखो..." आतिश ने कहा तो,,,,आकर्षक ने कॉल लगाया दो रिंग जाने के बाद कॉल पिक होता है" क्या है डेविल सोने भी नहीं देते यार,,,,



    उसकी बात सुन अधिराज मन में " इसका कुछ हो नहीं सकता,,,मुझे तो काटने को दौड़ती है अपने डेविल के साथ कितने प्यार से बात कर रही हैं।

    आतिश उसके कान में" क्यूं अपना दिल जला रहा है छोटे उसके सामने तो तेरी बोलती बंद हो जाती हैं.." अधिराज अपने भाई को घूर के देखता है।


    आकर्षक " उठजा मेरी मां ,, कभी तो इंसानों की तरह टाइम पर सोया खाया कर..." 
    अधिराज बड़बड़ाता है " ये इंसान है ही कब,,जंगली बिल्ली.." आतिश " सुन रहा हूं मैं..."  उन दोनों को खुसर फुसर करते देख आकर्षक घूर के देखता है,,तो दोनों चुप हो जाते हैं।


    " साले मैं इंसान ही हूं ,,तुम लोगों की प्रजाति की हूं... " आकृति ने चिढ़कर कहा।


    "अच्छा सुन तो,,,कल तू इंडिया आयेगी,,ये मैं चाहता हूं,,तुम्हे देखे बिना मेरा क्या हाल है ये सिर्फ मै ही जानता हूं.." उसने अपने डैड और चाचू की तरफ आई ब्लिंक करते हुए कहा,,दोनों खा जाने वाली आंखों से उसे देख रहे थे।


    आकृति टीजिंग वॉयस में " ओह मेरा बेबी ,,,तू तो मेरा बिछड़ा हुआ आशिक लगता है...इतना ही मिलने का दिल कर रहा तो खुद आ जाओ,,,मै नहीं आने वाली.."



    "यार समझो ,, यहां मुझे काम से फुर्सत नहीं मिलती,,साथ में तुम यहां मेरा हाथ बटाना,,, मैं भी चाहता हूं मेरी बहन मेरी साथ रहे ,,,,उसने कहा।



    " आप क्यों जिद कर रहे हो डेविल ,, मैं नहीं आना चाहती,,, यहां अकेली मैं बहुत खुश हूं,,वेरी वेरी हैप्पी.." आकृति ने कहा


    "तो मेरा क्या डेडा की जान,,,हम तुम्हारे बिना बिल्कुल भी नहीं हैप्पी,,,वापिस आ जाओ जान,, यहां मेरा ,,तुम्हारी मां,, दादी,,डेविल और कोई बहुत ही खास इंसान तुम्हारे बिना हैप्पी नहीं है,,," उसने अधिराज को घूरते हुए कहा जो पहले से ही अपने भाई को देख रहा था यूं कहूं घूर रहा था।


    " नो हैंडसम डेडा,,, आपने ही मुझे दूर किया,,,अब मैं कभी भी वहां नहीं आऊंगी ,,,मुझे इंडिया मैं कदम भी नहीं रखना...आपने दूर भेजा अपनी मर्जी से,,,पर अब मै खुद कैपेबल हूं,,, मैं नहीं आना चाहती तो नहीं आना,,,उसने गुस्से से कहा ।


    आतिश सख्ती से " तुम्हें मेरी कसम कल तुम मुझे इंडिया मैं चाहिए तो चाहिए,,,वरना तुम मेरे मरा हुआ मुंह देखोगी ,,,,"


    " WHAT THE FUCK ,,,, क्या बकवास कर रहे हो आप,,,, इतना ही मुझसे प्यार था तो भेजा क्यों खुदसे दूर,,,अब तुम लोगों के बगैर जीना सीख गई तो,,आपको मेरी याद आ गई,,,,,डेविल दुबारा कॉल मत करना मुझे.. पहले मेरी नींद खराब की अब दिमाग भी खराब कर दिया.." इतना कहकर फोन काट कर एरोप्लेन मोड लगा देती है।



    " ये आप ने क्या किया डैड वो अब मेरा फोन भी नहीं उठायेगी,,ऐसा कौन करता है,,,," आकर्षक बोला।


    अधिराज टोंट मारते हुए " देख लिया भाई उसने आपको भी नहीं छोड़ा,,,,कुछ ज्यादा ही आपका रंग चढ़ा है उस पर...""


    आतिश गुस्से में " तुम तो चुप ही रहो ,,,ये सब तुम्हारी वजह से हुआ,,,,बाकी कल देखो होता है क्या,,,,बहुत अच्छी तरह जानता हूं मेरी शेरनी को,,,,मैने उसे कसम दी है,,,जो वो कभी भी नहीं तोड़ने वाली..." उसके फेस पर गहरी स्माइल आ जाती हैं।


    " भाई मेरी वजह से नहीं ,,,उसकी खुद की हरकतें ही ऐसी हैं,,,अपने ही चाचा से भले कौन प्यार करता है,,दूसरा आप दोनों उसका साथ दे रहे हो... भाभी को पता चला तो वो आपकी बेटी को तो बादमें पहले साथ देने वाले को छोड़ेगी नहीं..." अधिराज बोला ।



    " प्यार रिश्ता देख के नहीं होता छोटे,,, बस हो जाता है,,फिर एक झलक में हो या ,,, सालों बाद हो,,,मेरी शेरनी ने कोई गुनाह नहीं किया,,जो उसका बाप उसके खिलाफ हो... मुझे तो मान है उस पर उसने एक शेर को अपने वश में किया..." आतिश ने smirk करते हुए कहा ,,,ये सुन आकर्षक के फेस पर स्माइल आ जाती है,,की उसका डैड अपने भाई को छोड़ अपनी बेटी के साथ है ,,जहां लोग बेटियों का साथ छोड़ देते हैं।



    " भाई आप क्यों उसे उम्मीद दे रहे हो ,,,ऐसा कभी नहीं हो सकता ,,, दुनिया वाले क्या कहेंगे,, फिर भाभी और मां क्या सोचेगी,,,,, फिर उमर का भी तो कितना फर्क है..."अधिराज थक्की आवाज में बोला ।


    "बस करो यार ,,,आप दोनों रेस्ट करो,,, सो जाओ,,,कल देखेंगे क्या होगा,,,आप आगे की प्लैनिंग कर रहे है,,,कल किसने देखा,,,सो अब बहस बंद ओनली नींद.." आकर्षक ने उनकी बातचीत को रोकते हुए कहा।

  • 7. ★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★ - Chapter 7

    Words: 1140

    Estimated Reading Time: 7 min

    " अधि मुझे दुनिया से मतलब नहीं ,,मेरी बेटी और भाई की खुशी चाहिए,,, और तू कबसे दुनिया वालों की परवाह करने लगा,,, तुम चाहो तो पूरी दुनिया को अपने कब्जे में कर सकते हो,,फिर किस चीज का डर.. इतना कमजोर तो सिंघानिया का खून नहीं है,,,जहां डर मेरी बेटी को होना चाहिए वहां उसे तो कोई परवाह नहीं,,तुम मर्द होकर डर रहे हो,,,बाकी तेरी भाभी और मां की चिंता को छोड़ ,,उन दोनों की खुशी भी तुम्हारी खुशी में ही है,,,,अब मै चलता हूं मेरी वाइफी❤️इंतजार कर रही होगी,,,,तुम लोग तो कुंवारे हो ,,कहां समझोगे ये सब😉.." आतिश आई विंक कर आपने कमरे की तरफ कदम बढ़ा देता है।


    " चाचू ये डैड कुछ ज्यादा ही नहीं रोमांटिक हो रहे ,,, यां हमारे जले पर नमक छिड़क रहे हैं..." आकर्षक मुंह फाड़े दरवाजे की तरफ देखते हुए कहा।



    " मुंह बंद करले भतीजे ,,,तेरा बाप ऐसा ही है,,,खुद तो एंजेल लेकर बैठा है,,मुझे शेरनी के मुंह में हाथ देने को कह रहा है,,," अधिराज ने उसकी तरफ देख कर कहा।



    आकर्षक हंसते हुए" वो तो चाचू आपको वैसे भी नहीं छोड़ने वाली.."


    " अब तू मत शुरू हो,,सोजा चुप करके,,,गुड नाइट,,,मेरी तो गुड होने से रही अब.." इतना कहकर वो भी चला जाता है,,,पीछे से आकर्षक कंधे उचकाकर वो भी अपने कमरे में चला जाता है।



      

       अगली सुबह


                         घर में सभी बैठे गप्पे लड़ा रहे थे,,, गरिमा,,आतिश ,,,शिविका और आकर्षक बैठे अपनी कॉफी एंजॉय कर रहे थे,,,, तभी बाहर कार के टायर की आवाज आती हैं,  सभी एक दूसरे की तरफ देखते हैं आखिर इतनी सुबह कौन आया,,,तो वो ना में सिर हिला देते हैं,,,,तभी ब्लैक कपड़ों में एक लड़की घर में एंटर होती हैं,,जिसे देख सबके चेहरे खिल जाते हैं,,, आकर्षक भाग कर उस लड़की के गले लग जाता है,,लड़की उसको बैक हग करते हुए " डेविल .."

    आकर्षक उसके माथे को चूम " हां प्रिंसेस.."


    "डेविल आप रो क्यों रहे हो..." उसने पूछा

    " पागल तुझे इतने सालों बाद देख रहा हूं,,,,सिर्फ वीडियो कॉल पर ही देखा था.." आकर्षक ने मुस्कुरा कहा ।


    " उफ्फ डेविल आप भी ना,,,छोटी छोटी बातों पर सेंटी हो जाते हो क्यों डैड,,," इतना कहकर वो आतिश के गले लग जाती है।


    आतिश उसके गाल पर किस कर " येस डेडा की जान,,,मेरा बच्चा कितना क्यूट हो गया.." उसकी बात पर खिलाखकर हंसने लगती हैं,,,शिविका आतिश को दूर कर " तुम अपने डेविल और डैड से ही मिलोगी,,मां की याद नहीं आती.."


    " ओह मेरी प्यारी मां,,,,मेरी एंजेल हो आप तो,,,,आपको तो मैं झप्पी भी दूंगी और पप्पी भी.." इतना कहकर उसके चेहरे पर  किस करने लगती हैं,,फिर अपनी दादी की तरफ जाती हैं जो मुंह फुलाकर बैठी थी,,उसकी गालों को खींचकर "" ओह दादी आप तो नाराज हो गई,,,आपको नहीं जानना मैने आपको कितना मिस किया ,,,और आपके प्यारे प्यारे गालों की तो बात ही अलग थी,,,मेरी गरिमा..." अपनी दादी को गले से लगा लेती हैं,,,तभी उसे सीढ़ियों पर खड़ा अधिराज दिखता है,,जो उसे ही देख रहा था,,,जबसे वो आई थी तब वो भी नीचे आ ही रहा था ,,पर आकृति को देख उसके कदम वही रुक गए,,,उसे ऐसे देख आकृति के फेस पर गहरी स्माइल आ जाती हैं,,जिसे देख अधिराज अपनी नजरे घुमा लेता है।

    " बस कर नौटंकी ,,सच बात तो ये कि तू हमें भूल ही गई थी.." गरिमा जी ने कहा।


    " कैसी बात कर रही हो दादी ,,अपनों को भला कोई भूलता है क्या..." वहीं मुस्कुराहट के साथ आकृति ने कहा ,,फिर अधिराज की तरफ वो कदम बढ़ा लेती हैं " क्या बात है चाचू आप नहीं अपनी भतीजी को गले लगाएंगे.."


    अधिराज सबको देखता है जो उसकी तरफ ही देख रहे थे,,पर आतिश और आकर्षक के चेहरे पर स्माइल थी,,,
    फिर आकृति को घूर के "" क्यों नहीं जरूर लगाऊंगा,,भतीजी आई हैं मेरी इतने सालों बाद,,"


    आकृति उसे टीज करते हुए " आपके तेवर देख के तो लगता है आपने मुझे इतु सा भी याद नहीं किया.." फिर उसके गले लग कान के पास " पर कोई बात नहीं मैंने तुम्हे बहुत याद किया,, जानम ❤️,,पूरे छः सालों में जितना तुम्हारे लिए तड़पी हूं,,उसे दुगुना तड़प का बदला लुंगी.."  इतना कहकर दूर हो जाती हैं,,फिर अपने डेडा के पास जाकर बैठ जाती हैं।



    अधिराज अपनी मां के पास बैठते हुए" अक्की तुम रात तो यहां आने के लिए मना कर रही थी,,,फिर अब यहां कैसे..."



    मासूम सी शक्ल बनाकर " क्यों चाचू मेरे आने से आपको खुशी नहीं हुई..."


    " बस करो यार अधि क्यो मेरी बेटी को तुम परेशान कर रहे हो,,,ट्रैवल करके आई है वो ,,उसे खाने पीने दो..." आतिश ने घूरकर अधिराज को देखा,,,तो वो चुप हो जाता है।


    आकृति उनको इग्नोर कर शिविका से " मां आपके हाथ की ब्लैक कॉफी चाहिए मुझे.." शिविका सिर हिलाकर किचन में चली जाती हैं।


    आकृति अपनी मोम की पीठ देखते हुए" डैड मोम पहले सेब ज्यादा खूबसूरत हो गई ,,उफ्फ पिंक साड़ी में क्या कातिल हसीना लग रही है,,पतली कमर,,,लंबे बाल,,, कजरारी सी आंखे,,पतले होठ,,,गोरे गोरे पैर... क्या कमाल की खूबसूरती है मोम की ,,,आपकी तो लॉटरी ही लग गई..." जहां उन तीनों की आँखें बाहर आने को थी ,,,वही आतिश उसे गुस्से से" मेरी बीवी पर गंदी नजर मत डालो,,,, वो सिर्फ मेरी है.."



    " नो डैड जब तक मैं दूर थी तब तक वो आपके पास थी,,,पर अब मेरे पास होगी,,,,आपकी बीवी मुझे पसंद आ गई..." आकृति ने आतिश की तरफ आंख मारते हुए कहा।


    अधिराज तो बौखला जाता है कैसी लड़की है ये अपनी मां पर लाइन मार रही है 😂 कोई शर्म है या नहीं।



    " देखो तुमने अगर मेरी बीवी पर नजर डाली तो मैं तेरी कीमती चीज छीन लूंगा,,," आतिश ने कहा तो आकृति उसे गुस्से से घूरते हुए" सोचना भी मत डैड ,वो सिर्फ मेरे है मेरे ही रहेंगे,,,,किसी में इतनी हिम्मत नहीं जो उसे मुझसे दूर कर सके,,,फिर इसलिए तो मैं यहां आई हूं..." आकृति ने लास्ट वाली लाइन डेविल मुस्कान के साथ अधिराज को देखते हुए कही,,उसकी आंखों में अपने लिए जुनून देख अधिराज नजरें फेर लेता है,,उसे नजरे फेरते देख " नजरें फेर लेने से सच नहीं बदल जायेगा..." उसकी बात का मतलब सब अच्छे से समझ रहे थे शिवाय दादी के।



    आतिश उसे देख " जैसे तुम उसके लिए पोजेसिव हो मै भी अपनी बीवी के लिए पोजेसिव हूं..."



    आकृति " कुछ तो शर्म करो डैड,,,वो मेरी मां हैं,,अगर मै उसे नहीं देखूंगी तो पड़ोसन को देखूं..."


    " किसी को क्यों देखना ,,,सामने देखो तेरा अपना ही है वो,,,उसे जी भरके ताड़ों..." अधिराज को देख आतिश ने कहा ,,,उसकी बात पर जहां आकृति और आकर्षक के चेहरे पर हसीं के भाव थे वही अधिराज अपने भाई को घूरने लगा।



    आकृति सोफे के पीछे सिर टिका कर " मुझे कोई दिक्कत नहीं पर शायद उसे हो,,,मुझे पता है वो मेरा है,,आपको बताने की जरूरत नहीं.."

    उन दोनों की बढ़ती बहस को देख आकर्षक चिढ़कर " क्या मिलता है एक दूसरे से लड़कर,,,जगह,, टाइम,,,कुछ तो देखा करो जब देखो बस बहस बहस करनी होती हैं.."






             






        

  • 8. ★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★ - Chapter 8

    Words: 1022

    Estimated Reading Time: 7 min

    "तुझे क्यों चिढ़ मच रही है बेटा,, बाप बेटी का मामला है.. जलकुक्कड़े.." आतिश ने मुंह बनाकर कहा।


    अधिराज  आकर्षक को देख " रहने दे भतीजे ,, दीवारों से सिर नहीं भिड़ाया जाता है,,,लड़ने ,,,झगड़ने के अलावा इन दोनों को क्या ही आता है,,,"



    " रोमांस,,, आप कहे तो दिखा दे ,,,वो क्या है ना कहने से ज्यादा हम करने पर विश्वास रखते हैं,,चाचू..." आकृति ने चाचू शब्द पर कुछ ज्यादा ही जोर दिया ।


    अधिराज मन में " बेशर्म लड़की.."  आतिश और आकर्षक तो खुद को हंसने से रोक नहीं पा रहे थे,,,पीछे से शिविका आकर आकृति को कॉफी देती है " इतना ही रोमांस से भरी हो तो ,,हमें जमाई से मिला ही दे ,,,ये नालायक तो बहु देने से रहा.."



    " मोम बहु कोई Amazon से नहीं मिलती ,,जो लाकर आपके सामने रख दूं,,,जब किस्मत में होगी मिल जायेगी.." आकर्षक अपना नाक सिकोड़ लेता है।


    शिविका का मुंह बन जाता है,,आकृति अपनी मां को देख " अरे छोड़ो इसको,,, मैं मिलाऊंगी आपको अपने जमाई से ,,,आप चाचू को ही देख लो,,, बस पूरी डिटो कॉपी है..वही तेवर,,वही गुस्सा,,वही शक्ल,, बस इतना ही मां ,,,बाकी मै बयान नहीं कर पाऊंगी,,,नहीं तो कुछ लोग मुझे बेशर्म,,निहायती बतमीज कहने लगेंगे..." आखिरी लाइन अधिराज की तरफ तंज कसते हुए कही,,, आतिश और आकर्षक की हंसी छूट जाती है,,,दादी और शिविका पहले आकृति को हैरानी से देखते हैं फिर उन दोनों को,,,,


    अधिराज जो जो खुद को कंट्रोल कर रखा था,,अपने भाई और भतीजे की हंसी सुन उसका गुस्सा फूट पड़ता है" हो गया तुम लोगों का ,,,, काम धाम खत्म हो गए क्या,,,जो कबसे गप्पे पे गप्पे लड़ा रहे हो,,,," फिर उन दोनों को देख " आप दोनों की तो मीटिंग थी ,,,फिर यहां क्यों बैठे हो,,,जाना नहीं क्या ऑफिस..."



    " आज हम कही नहीं जाने वाले,,मेरी मानो तो तुम भी न जाओ,,,क्योंकि किसी का दिल नहीं लगेगा तुम्हारे बिना,,वो गाना है ना " इक दिल ❤️नहीं लगदा तेरे बिन,,इक अख👁️ नी सौंदी राताँ नू.." उसने खिली मुस्कान के साथ कहा।


    " भाई आपकी उम्र हो गई ,,,इस कारण आपका दिमाग सटक गया,,,भाभी कोई अच्छे से डॉक्टर के पास लेकर जाओ..." अधिराज ने भाभी से कहा ।


    आकृति लास्ट कॉफी का सिप लेते हुए " ह्म्म मोम अपने देवर को भी ले जाना साथ में,,,दिल के डॉक्टर से चेकअप करवाना कही ,,भगवान ने दिल की जगह पत्थर तो नहीं फिट कर दिया ,,,," फिर कंधे उचकते हुए अपने कमरे की तरफ बढ़ जाती हैं ,,

    " चाचू बस करिए आप नहीं जीत पाएंगे उससे,,, क्यूं अपनी उतारने पर तुले हुए हैं..." आकर्षक हंसते हुए बोला ,, अधिराज उससे चिढ़ते हुए " बत्तीसी दिखाना बंद कर,,,उससे तो मैं बादमें निपटूंगा..."


    " ह्म्म छोटे ,,अच्छे से खबर लेना,,,फुर्सत से,,, बाय बीवी मैं चलता हूं,,," आतिश शिविका को किस करके चला जाता है,,," पर खाना.." शिविका कहती है पर वह तब तक बाहर निकल गया था,,।


    अधिराज " भाभी आज ऑफिस में खा लेंगे,,,आप टेंशन फ्री रहो..." फिर आकर्षक को लेकर बाहर निकल जाता है।






    ,,,,आकृति रूम में सोफे पर बैठी खुद को बाहों में अधिराज को अंदर तक महसूस कर रही थी "" फाइनली ,, मैं तुम्हारे पास आ गई,, तुम्हारी फ्रेगरेंस मेरे जिस्म पर महसूस हो रही है 😙,,मेरी करीबी से तुम्हारी बढ़ती धड़कनों का शोर,,, तुम्हें सिर्फ मेरा होने का अहसास दिलाती है,,,तुम्हारी गहरी सांसे,,, आग🔥 सा तपता बदन,,,उफ्फ ,,तेरी हर अदा कयामत है मेरे सनम❤️,,,,बहुत जल्द तेरी रूह ,, बदन,,,और सांसों पर सिर्फ मेरा हक होगा,,,आकृति सिंघानिया का,,,, मेरी सांसे तेरी सांसों में कुछ इस तरह घुल जाएगी,,, चाहकर भी मुझसे दूर नहीं हो पायेगा,,राज🔥❤️,,,सिर्फ मेरा राज❤️😈


    " मेरी जिद है तुझे पाने की,,,तेरे जिस्म से लेकर रूह तक समाने की,,,, मेरे बिना जीना तो दूर,,,तू एक पल भी मेरे बगैर रह नहीं पायेगा,,,, कुछ इस कदर चाहत है तुझे अपना बनाने की,,,,,😈 मेरे राज पर सिर्फ मेरा राज होगा🔥..."    किसी सनकी की तरह लग रही थी ,,,चेहरे पर शातिर मुस्कान,,,आंखों में जिद और जुनून,,,आग सा औरा पूरे रूम में गर्मी सी महसूस हो रही थी,,,
          थोड़ी देर बाद फ्रेश होकर,,खाना खाने नीचे जाती हैं फिर अपने रूम में जाकर सो जाती हैं।
           ऐसे ही शाम हो जाती हैं सात बजे उसकी आंख खुलती है,फिर फ्रेश होकर,, रेड क्रॉप टॉप और व्हाइट पेंट पहनती हैं,,फिर नीचे आती हैं,,डायनिंग टेबल के पास खड़ी शिविका को पीछे से हग कर " मोम मैं क्लब जा रही हूं,,आप इंतजार मत करना मेरा खाना रख देना ,,मै आकर खुद खा लूंगी,,," उसकी गाल पर किस कर देती हैं।


    शिविका उसके हाथ पर हाथ रख " बिल्कुल भी नहीं.. आज तू कहीं नहीं जायेगी.. सब मिलके डिनर करेंगे.."


    " पर मम्मा मुझे जाना है..." आकृति ने कहा ही था कि तभी उसे आकर्षक की आवाज आती है " क्लब गया भाड़ में ,,प्रिंसेस तेरे लिये गुड न्यूज,, इधर आ.."


    वो उनकी तरफ देखती है,,जहां तीनों ऑफिस से थक्क हारकर आकर बैठे थे,,फिर अपने कदम आकर्षक की तरफ ले लेती हैं,,उसके पास बैठ " ऐसा भी कौनसा भूचाल आ गया डेविल,, जो आते ही चिल्ला रहा है.."


    " मेरी मां  ,,इसको देख ,,आज तो मजे ही मजे है ,,तेरे स्टंट जो देखने को मिलेगे लाइव... प्लीज डैड को  मना लेना,,," आकर्षक होठों का पाउट बना लेता हैं।


    उसके होठों को अंगूठे और उंगली के बीच पीस देती है,,जिससे आकर्षक मुंह से "आह " निकलती हैं,,आकृति की हंसी निकल जाती है,,आतिश और अधिराज उन दोनों को अजीब नजरों से देखते हैं,,तो आकर्षक डरते हुए " मैने कुछ नहीं किया ,,वो तो इसने मेरे होठों को पीस दिया,,इसलिए बस आवाज निकल गई.." आकृति का हंस हंस कर बुरा हाल था,, अधिराज तो आकृति खा जाने वाली आंखों से देख रहा था,,उसकी तपिश महसूस कर उसके चेहरे पर डेविल स्माइल आ जाती है।



      "डैड मुझे आपसे कुछ कहना है,, बस आप अपनी बीवी को मत बताना,,,सुनो ना.." आकृति अपने डैड आतिश की शर्ट को एक कोने से खींचते हुए कहती है ,,आतिश उसे आइब्रो उठाकर पूछता है,,क्या कहना है,, तो वो आगे बोलती है " आज रात को बाइक रेसिंग है ,बस मुझे वही जाना है,,आपकी बीवी को पता चला तो मुझे जाने नहीं देगी,,,,"



    " अच्छा ,, इस बार कौनसी रेस है,,पिछली बार तूने कांटो पर बाइक राइडिंग को थी ,,अबकी बार कौनसा प्लान है.." आतिश ने मुंह बनाकर कहा।

  • 9. ★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★ - Chapter 9

    Words: 1265

    Estimated Reading Time: 8 min

    पप्पी फेस बनाकर आकर्षक " आग पर🔥..." उसे आकृति घूर के देखती है तो आतिश " बिल्कुल भी नहीं ,,मै रिस्क नहीं ले सकता ,,,नहीं जाने दूंगा,,,जान नहीं खतरे में डालने दूंगा तुझे.."  पीछे से शिविका आते हुए " सुनिए ,,किसकी जान खतरे में हैं.." उसने घबरा कर कहा ,,,,वो तीनों सिर नीचे झुका कर चुप हो जाते हैं।


    वहीं अधिराज जो अभी तक चुप था वो बोला " भाभी इनके तो मुंह पर ताले लग गये,, मैं बताता हूं.." अब आकृति को अपने प्लान पर पानी फिरता देख जल्दी से जाकर एक हाथ सिर के पीछे रख दूसरे हाथ से उसका मुंह बंद करके अधिराज का सिर अपने सीने से लगा लेती हैं,,ये सब जल्दबाजी में हुआ देख,,शिविका,,आकर्षक और आतिश तो बस उन दोनों को एक दूसरे चिपके हुए देख रहे थे,,,वही दूसरी और अधिराज उसकी सॉफ्ट सॉफ्ट सीने को महसूस कर उसकी सांसे अटक जाती है,,पूरे हॉल में उन दोनों की धड़कनों का शोर सुन रहा था,,हाल तो आकृति का भी बुरा था ,,उसने खुद को कंट्रोल कर उसके चेहरे के एकदम करीब जाकर ,, उसके होठ अधिराज के नाक के पास थे,,उसकी नशीली आंखों में आंखे डाल " अगर मां को कुछ भी बताया तो,,ये जो सांसे तुम्हारे चेहरे पर है ये तुम्हारे अंदर घुली हुई मिलेगी,, तुम्हें पता है मैं कितनी सनकी हूं,,तुम्हारा मुंह बंद करने में एक सेकंड भी नहीं लगाऊंगी,,, you know मुझे तुम्हारे इन होठों को टेस्ट😋🤤 करने की बहुत तलब है.." इतना कहकर दूर हो जाती हैं और अपनी मोम के कंधे पर हाथ रखती हैं,,जो अभी भी आंखे फाड़ उधर ही देख रही थीं,, बाकी सबकी तरफ देखती हैं जो अभी भी खोए हुए थे,,बेचारा अधिराज तो अपने चेहरे पर हाथों को रख खुद को कंट्रोल कर रह था,,ये लड़की कभी नहीं सुधर सकती है,,,पता नहीं कब क्या करदे ..! यही सोच रहा था


    आकृति सख्ती से " घूरना हो गया हो तो ,,खाना खा ले ,,, ताकिं मैं बाहर जा सकूं,,अगर दस मिनट में सभी डायनिंग टेबल पर ना पहुंचे तो मैं चली जाऊंगी.." इतना कहकर डायनिंग टेबल की चेयर पर बैठ जाती है,, बाकी सब भी होश में आकर कमरे में फ्रेश होकर नीचे आते हैं,,शिविका गरिमा जी को रूम से लेकर आती हैं,,डिनर करके शिविका गरिमा जी को रूम में छोड़ने जाती हैं,,अधिराज और आतिश भी अपने रूम में चले जाते हैं।



    अधिराज का कमरा बहुत बड़ा था,,बेड के ऊपर बहुत बड़ी फोटो लगी हुई थीं,,जिसमें वो शर्टलेस होकर कार की बोनट पर बैठा सिगरेट पी रहा था.." व्हाइट क्लर का रूम था ,,शर्ट उतार कर बेड पर लेट जाता है" मत करो अक्की,,,अब मेरा कंट्रोल खोता जा रहा है,, तुम्हारे सॉफ्ट सॉफ्ट सीने से लग कर जो मेरी बॉडी ने हीट किया,,, मैं आज आउट ऑफ कंट्रोल हो गया,,,अभी तक तेरी सांसे मेरे चेहरे पर महसूस हो रही है,,,इतने गंदे गंदे खयाल मै सोच भी कैसे सकता हूं,,,नो नो नो तुम कंट्रोल कर रही हो मुझे,,,,मेरे पर हक जमाना बंद करो,,,क्यों तुम्हारे सामने मैं कमजोर हो जाता हूं,,,क्यों मिलता है मुझे तुम्हारी बाहों में सुकून...हम एक दूसरे के कभी नहीं हो सकते..."


    " तुम्हें किसने कहा कि हम एक नहीं हो सकते,,,राज❤️ तुम सिर्फ मेरे हो ,,,तेरे पीछे तो मैं पागल हूं ,,," आकृति ने उसके पास बैठते हुए कहा।


    अपने पास महसूस कर वो खड़ा हो जाता है" तुम यहां क्या कर रही हो,,,मेरे रूम में निकलो यहां से.." उसने कहा।



    आकृति उसे ऊपर से नीचे तक देखती हैं,,बिना शर्ट के उसकी चेहरे पर हल्की बियर्ड,,माथे पर आते बाल,,बॉडी की V शेप ,,, नीचे पतली सा ट्राउजर ,,जिसमें उसके नीचे वाला हार्ड पार्ट की शेप दिखाई दे रही थी,,उसे देख आकृति को कुछ कुछ होने लगता है,,वो अपनी नजरें फेर लेती हैं,,लेकिन बार बार उसका ध्यान उस तरफ ही जा रहा था,,,उसके हर मूवमेंट को अधिराज अच्छे से महसूस कर रहा था,,जब देखता है कि उसकी बार बार नजर उसके नीचे जा रही है 😂 तो वो शर्म से पानी पानी हो जाता है फिर खुद को सख्त करके " उस तरफ देखना बंद करो,,, बेशर्म लड़की,,,,शर्म नहीं आती ये सब देखते हुए.."


    " जब आपको शर्म नहीं आई दिखाते हुए ,,तो मै क्यों करूं,,," उसने भी उसकी ही टोन में कहा।


    " बच्ची हो अभी,,, बच्ची वाली हरकतें करो,,, छिछोरों वाली आदतें बंद कर दो.." अपनी सख्ती बनाए रखते हुए कहा।


    आकृति ने उसके हाथ को पकड़ खींच लेती हैं अधिराज उसके ऊपर गिर जाता हैं,,, उसका चेहरा आकृति के सीने में आ जाता है,,उसकी क्लीवेज पर सख्त होठ छू जाते हैं दोनों को शरीर में झुनझुनाहट पैदा हो जाती हैं,,अधिराज तो बिल्कुल ब्लैंक पड़ जाता हैं,,आकृति उसके गर्दन के पीछे हाथ रख चेहरे अपनी तरफ उठाती हैं  " सुनो अपनी धड़कनों को ,,,मेरे करीब आने से ही ये शोर करती हैं,,तुम्हे ये बताने के लिए की तुम सिर्फ मेरे हो,,,,हमेशा हमेशा के लिए.." फिर दोनों गालों पर हाथ रख उसकी आंखों में खोए " तुम्हारी इन नशीली आंखों में मुझे वो दिखता है,,जो तुम इग्नोर कर रहे हो,,,कोई ना मै हूं ना,,जो तुम छिपा रहे हो,,बहुत जल्द वो तुम्हारे मुंह पर होगा,,,तब तक के लिए सब्र ही सही.." इतना कहकर उसे खुद से सटा लेती हैं,,,!



    अधिराज छुड़ाते हुए " तेरी तो सटकी हुई है बेशर्म लड़की,,,मुझे छोड़ ,,,वरना तेरे कान के नीचे लगाऊंगा एक तो अक्ल ठिकाने आ जायेगी.." अभी कह ही रहा था तभी आकृति का फोन रिंग करने लगा ,,कॉल उठाकर स्पीकर पर करती हैं,,और उसे चुप रहने का इशारा कर देती है "" ह्म्म डेविल बोल.."


    "आकृति की बच्ची आधा घंटा रहा ,,, रेस स्टार्ट होने में,,,अगर रोमांस कर लिया हो तो जल्दी आ ,,वरना मम्मी ने देख लिया तो लेने के देने पड़ जायेंगे,, मैं बाहर वेट कर रहा हूं.." इतना कहकर फोन काट देता है।


    आकृति उसके माथे पर किस कर छोड़ देती हैं,,तो वो जल्दी से खड़ा होकर दूर हो जाता है,,इतनी जल्दी दूर होता देख आकृति की भौंहे तन जाती हैं,,फिर बाहर की तरफ जाने लगती हैं,,तभी अधिराज उसका हाथ पकड़ पीछे खींच लेता है और सीने से लगा लेता है,, आकृति के फेस पर डेविल मुस्कान आ जाती हैं,,उससे दूर होकर बिना देखे बाहर निकल जाती है,,उसका इग्नोर करने से अधिराज का चेहरा काला पड़ जाता है
    अपने मन में " जब देखो तब मेरे करीब आती रहती,,,जब मैं कुछ करता हूं तो मुझे इग्नोर कर देती है,,,नजरअंदाज करने का बदला तो मैं लेकर रहूंगा,,वेट मुझे इतनी बेचैनी क्यों हो रही है,,जैसे मेरा कोई अपना मुझसे दूर जा रहा,,,कहीं ये पागल लड़की ,,,नो अधिराज उसे कुछ नहीं हो सकता,,,वो स्ट्रोंग है,,फिर आकर्षक भी तो है साथ.." जब उसकी बेचैनी खत्म नहीं होती तो वो अपने पर्सनल बॉडीगार्ड को फोन करके उनकी सेफ्टी के लिए कहता है,,और खुद बेड पर ओंधे मुंह लेट जाता है,, उसके और आकृति के करीबी वाले पल बार बार रिवाइंड हो रहे थे,,किसी फिल्म की तरह उसकी आंखों के सामने चल रहे थे,,,फिर उसकी बेशर्मी भरी बातों को सोच मुस्कराए बिना नहीं रह सका " कितनी बेशर्म लड़की है,,जो भी होता सीधा मुंह पर बोल देती हैं,,ये भी नहीं सोचती कि सामने वाला उसे गलत समझेगा,,,,मुझे उसका असर हो रहा है,,तू कैसे उसके बारे में ऐसा सोच सकता है अधि एक तो वो तेरे भाई की बेटी फिर तेरे से तेरह साल छोटी,,,पर उसकी फिंगर और बॉडी देख कोई नहीं कहेगा कि वो अठारह साल की है,, पूरा दुनिया पर हुकूमत करने वाला अपनी ही भाई की बेटी के सामने कमजोर पड़ जाता हैं,,,पागल मत बन अधि,,, वो भी तेरे से कम नहीं,,, सही कहती हैं वो डेविल और एंजेल का अंश है ,,, जो अपने परिवार के सामने एंजेल और बाहर डेविल बन जाती हैं,,,,अगर वो जिंदगी में आ भी गई तो क्या करेगा तू,,,उफ्फ क्या हो गया मुझे,,,," इग्नोर.."इतना कह  सिर झटक लेता है

  • 10. ★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★ - Chapter 10

    Words: 1427

    Estimated Reading Time: 9 min

              दूर अंधेरे में बाइक राइडिंग कैंप में कुछ लोग मौजूद थे,,,जैसे किसी का इंतजार कर रहे हो,,,बाइक पर बैठे लड़के के पास खड़ी लड़की बोलती है " यार सभी आ गये,,पर ये दो अभी नहीं आये,,,इनको रूल्स भी पता क्या ,,,""  सामने आते लड़के ने कहा ।




    रूही उसे देख " ओह प्लीज ,,,राहुल ,,,मुझे क्या लेना ,,, मैं तो बस उनको हारते और मेरे MD को जीतते हुए देखना चाहती हूं,," उसने अपने पास वाले लड़के की तरफ इशारा करके कहा।



    फिर राहुल ने सिर हा में हिलाकर बात को बढ़ाना सही नहीं समझा,,, तभी कुछ देर में  बाइक और एक कार आती है,,कार में एक लड़का और लड़की उतरते हैं,, दूसरी बाइक पर बैठा लड़का " प्रिंसेस तेरी बाइक राइड कभी मेरी जान ले लेगी,,,थोड़ा धीरे नहीं चला सकती ,,,,"  तो आगे बैठी लड़की " चिल डेविल ,,एक ही जिंदगी उसमें ये रिस्की काम नहीं करेंगे तो कब करेंगे,,,,"


    उसे देख आकर्षक नाग्वारी में सिर झटकता है जैसे इसका कुछ नहीं हो सकता,,,कार वाले लड़का लड़की उन दोनों के पास आकर दोनों लड़की को गले लगा लेते हैं,,ये दोनों ध्रुव और वंशिका थे ,," यहां आकर हमें भूल गई ,,,या फिर फैमिली कुछ ज्यादा ही पसंद आ गई..." वंशिका आकर्षक को देख बोली ।



    खुद पर वंशिका की आंखों की तपिश महसूस कर,,उसे अजीब सी सिरहन हो रही थी,,इगनोर कर ध्रुव से बात करने लगा ,,," ओह हेलो तुम लोगों का मेल मिलाप हो गया हो ,,,तो यहां पधारने का कष्ट करोगे..." पीछे से रूही बोली।


    उसे देख ध्रुव " इसे क्यों जलन हो रही ,,,देख तो सही कैसे नागिन  की तरह घूर रही है 😂।


    " बच्ची है ध्रुव ,,,चिल मार,,, सौ आती हैं दो सौ जाती है,,," वंशिका बोली ।



    "" चुपचाप चलो,,," आकृति ने बाल झटककर कहा । थोड़ी देर बाद रेड लाइन पर बाइक लिए खड़े थे ,,तभी एक लड़का कहता है " क्या जमाना आ गया भाई,,,अब लड़कियां भी रेस में भाग लेने लगी..."




    " चिल कर,,,इसको भी अपना शौंक पूरा करने दे,,,विनर तो MD ही होगा,,,मुझे आज तक ना तो कोई हरा पाया ,,, ना ही मेरे से जीत पाया,,," दूसरे लड़के MD ने कहा ।



    उन दोनों की बातें सुन जहां सभी के चेहरे पर हंसी वाली मुस्कान थी वही आकृति की आंखों में ही डेविल शैतानी थी,,, तीन काउंट करने पर रेस स्टार्ट होती हैं,,सभी की बाइक आगे थी पर आकृति ने बाइक अभी तक आगे नहीं बढ़ाई,,,उसे ऐसे करते देख लोगो ने तो उसकी हार ही मान ली,,तभी एकदम तूफान की तरह उसकी बाइक गायब हो जाती हैं कुछ ही दूरी पर आग की तेज लपटें निकलती हैं,,,जिसे देख सभी समझ जाते हैं,,आकृति की बाइक आग की चपेट में आ गई ,, जहां आकर्षक के चेहरे पर टेंशन ले भाव थे ,,उसके विपरीत ध्रुव और वंशिका के चेहरे पर स्माइल थी,,, दूसरी और एक आदमी टेंशन से भरा चेहरा लेकर किसी को सारी घटना फोन के जरिए बता रहा था ,,की तभी एक बाइक तेजी से आकर लाइन क्रॉस कर लेती हैं,,सभी का चेहरा हैरानी से भर जाता हैं,,की देर में बाकी बाइक भी आ जाती हैं।






    पहली बाइक पर बैठे आदमी ने हेलमेट उतारा तो,,उसके लंबे घने बाल खुल जाट है,,गोरा चेहरा को देख सभी हैरान रह जाते है ,, आकर्षक,,ध्रुव और वंशिका उसे आकर गले लगा लेती हैं,,बाकी सभी तो इन तीनों बड़े खानदान के वारिसों को देख शोक में थी,,,आकृति MD के पास जाकर " कैसी लगी हार,वो भी एक लड़की के हाथों,,गुस्सा और तेवर वहां दिखाना जहां काम आए,,आकृति सिंघानिया के सामने तो कतई भी ना,,," इतना कहकर उन तीनों को लेकर आगे बढ़ जाती हैं,, पीछे रह जाते हैं सभी हैरान परेशान।





    कुछ देर बाद चारों घर चले जाते है,,,कमरे में आकृति अपने बेड पर लेटी अधिराज की छवि को आन बंद कर देख रही थी,,,जाने से पहले जो उसका गुस्सा,,इगनोर करना,,,फिक्र,,, चिढ़ना,,ये सब याद कर उसके चेहरे पर स्माइल आ जाती है,,तभी उसे कोई अपने पास महसूस होता है "" चाचू शर्म नहीं आती,,किसी लड़की के कमरे में आते हुए,,"




    अधिराज उसे अपने करीब खींच कर " यही बात अगर मै कहूं कि तुम भी तो आई थी,,"



    उसके चेहरे को करीब से देखते हुए" मैं तो बेशर्म हूं,,,,आपका क्या कहना है इस बारे में,,"


    " तेरी हिम्मत कैसे हुई,,खुद की जान खतरे में डालने की ,,, ह्म्म अगर कुछ हो जाता तो,,, डांट खाने के लिए तैयार रहना,,,अबकी बार भाभी को बताकर रहूंगा,," आकृति के चेहरे को भींच कर बोला ।




    उसके हिलते नीले होठों को देख आकृति मदहोश हो जाती है,,अपना चेहरा उसके हाथ से छुड़ा कर उसके तपते होठों पर अपने नर्म होठ रख देती हैं,,,उसके इस एक्शन से अधिराज शॉक्ड हो जाता है,,धड़कनों को रफ्तार बढ़ने लगती हैं,,शरीर में हलचल होने लगती है,,,आकृति उसके होठों को चूसने से लगती हैं,,धीरे धीरे उसकी छोटी सी किस पैशनेट किस में बदल जाती है,,,अधिराज भी सबकुछ भूल बस किस में खो जाता है। दस मिनट बाद जब दोनों की सांसे उखड़ने लगती हैं,,तो अलग हो जाते है,,अधिराज का लाल चेहरा देख उसे अपने सीने में छुपा लेती है।,,,ऐसे करते ही उसके पूरे शरीर में करंट दौड़ जाता है,,उसे सुकून महसूस होता है।




    " लगता हैं बूढ़े हो गए आप ,,तभी तो छोटी सी किस में आपका ये हॉल है.." आकृति ने शरारती मुस्कान लाकर कहा ।


    अधिराज उसके सीने पर दांत गड़ाकर"" अब भी बहुत स्टेमिना हैं मुझ में,,,हफ्ते तक मैं वो सब कर सकता हूं,,समझी तुम..."


    आकृति कन्फ्यूज होकर " क्या वो सब ,,"


    "मुझे पता है तू मुझे परेशान कर रही है अक्की,,, तू सब जानती है फिर भी मेरे मुंह से सुनना चाहती हैं.." अधिराज को उसकी शरारतों को समझते देर नहीं लगी ।


    आकृति हंस कर " राज ❤️ आप सच में इस वक्त बहुत मासूम और क्यूट लग रहे हो,,," अधिराज को कसकर अपनी बाहों में जकड़ लेती हैं।



    " बहुत ज्यादा मेहरबानी तेरी,, जो तुम्हे मेरी ये खुबी दिखी,,,अब बताओ वो क्या था सब,,,तुम्हे, तुम्हें कोई चोट तो नहीं आई,,,," अधिराज ने अब गंभीर आवाज में पूछा ।




    आकृति उसके सिर को पिलो के ऊपर रख आंखों में देख " आपको मेरी चिंता हो रही हैं,,, चाचू ,,,"




    " सवाल नहीं ,जवाब चाहिए,,,," उसकी कमर पर हाथ रख अपने ऊपर करते हुए।




    "ह्म्म ,,,तो उसे लगा कि MD के बिना कोई जीत ही नहीं सकता,,,उस आग में रेस करना मेरा ही प्लान था,,,देखो में फिट एंड फाइन हूं,,,,"  आकृति ने कहा




    " अगर तुम्हे कुछ हो जाता तो मेरा क्या होता सोचा है कभी,,,क्यों पागलपन पर उतारू रहती हैं,,,,जब में वहां पहुंचा तुम तो दोस्तों के साथ मस्ती में थी,,,मेरा दिल किया कि तुम्हारे पास आकर कान के नीचे दो लगाऊं,,," गुस्से से अधिराज ने कहा।




    आकृति उसकी आंखों में अपने लिए फिक्र देख सकती थी ,,,उसकी आंखों में खोने का डर था,,," आप कौनसा मुझसे प्यार करते हैं,,झूठी हमदर्दी दिखाना बंद करो,,"






    उसकी बात सुन अधिराज गुस्से में तमतमा जाता है,,उसे पलट कर खुद उसके ऊपर और उसे नीचे कर " ह्म्म करता हूं प्यार,,,,fucking love you,,,, हद्द से भी ज्यादा,,,,नहीं देख सकता तुम्हें दर्द में,,,,डरता हूं तुझे खोने से,,,इतने साल भले ही खुदसे दूर किया तुम्हें,,पर तुम्हारी हर खबर मेरे पास होती थी,कब क्या करती हो,,कहां रहती हो,,क्या खाती हो,,,किसके साथ हो,,,सब कुछ,,, यही सुनना चाहती थी,,,,"





    आकृति ह्म्म में सिर हिला कर " ह्म्म ,,,इसी का तो इंतजार किया मैने,,,कितना कुछ किया तुम्हें पिघलाने की,,,पर आज आखिर कामयाब हो गई,,,लव यू टू राज❤️,,," उसके माथे को चूम लेती है।




    " अब सो जाओ,,,कल से तुम्हें भी ऑफिस ज्वॉइन करना.." उसके सीने पर सिर रख लेट जाता है।आकृति भी उसके बालों को सहलाते सहलाते सो जाती है।








    अगली सुबह,,,






                       छः बजे आकृति की नींद खुल जाती हैं,,अपने पास देखती है तो अधिराज नहीं था ,,कल रात को बात याद कर खुश हो रही थी,,कुछ देर बाद जिम जाती है वहां पर उसे कोई नहीं मिलता " शायद सभी चले गए,,, लेट हो गई अक्की तू.." इतना कहकर एक्सरसाइज करने लगती हैं।






          थोड़ी देर बाद आकृति पुश अप करने लगती हैं,,व्हाइट टी शर्ट पहनी थी जो उसकी बॉडी से चिपकी हुईं थीं,,पसीने से भीगे होने के कारण उसकी ब्रा विजिबल हो रही थी ,,फिर भी वो पुश अप करने पर ध्यान देती है,,तभी कोई अंदर आता है,,उसे लगता हैं कि उसकी मां उसके लिए प्रोटीन शेक लेकर आई होगी,," मोम वहां टेबल पर रख दु,,,और ह्म्म आप जल्दी से ब्रेकफास्ट रेडी कर देना,,,मुझे किसी काम से बाहर जाना है,,,"








    अधिराज जो आते ही उसमें खो सा गया,,,खूबसूरत चेहरा पसीने से भीगा हुआ,,उसके गालों पर आती दो जुल्फें,,,व्हाइट टी शर्ट जिसमें उसकी बॉडी की शेप विजिबल हो रही थी,,,उसको देख उसके शरीर में हलचल होने लगती है,,सांसे ऊपर नीचे हो रही थी,,,उसकी आवाज सुन होश में आता है,," सुबह सुबह कौनसा काम.."




















    "

  • 11. ★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★ - Chapter 11

    Words: 1035

    Estimated Reading Time: 7 min

    आकृति पुश अप करती रुक जाती हैं,,उसकी आँखें चमकने लगती है,,खुद को इस तरह घूरता पाती हैं तो वो खुद को देखती हैं,शॉक्ड होकर उसके हाथ छूट जाते हैं,,और मुंह के बल गिर जाती हैं " aahhhh""







    अधिराज भाग कर उसके पास आता है,,उसे उठाकर देखता है दर्द से उसकी आँखें बंद कर रखी थी,, ठोड़ी पर निशान आ गए,," अब लग गई ना,,इतनी भी क्या आफत आ गई ,,,जो तुमने इस तरह रिएक्ट किया.."






    "सुबह सुबह हैंडसम बंदा इतना हॉट बनकर आयेगा,,तो लड़की पर तो आफत ही आयेगी,,,और फिर इतनी तपिश भरी नजरों से तुम देख रहे थे,,,,अब दर्द हो रहा है मुझे कुछ करो.." आकृति उसे इस तरह प्रीटेन करती है जैसे उसे बहुत ही ज्यादा दर्द हो रहा,,।









    " मै फर्स्ट एड बॉक्स लेकर आता हूं,," वो जाने लगता हैं,तो आकृति उसकी कलाई पकड़ खुद के नजदीक करती हैं,," मुझे दवाई की जरूरत नहीं ,,इसकी जरूरत है,," उसके होठों पर अंगूठा रख कहती है।






    अधिराज उसकी चोट वाली जगह पर होठ रख सक करने लगता है,,आकृति तो उसके बदन से आती खुशबू खो जाती हैं,,उसके होठ तो अधिराज के नाक को छू रहे थे,,,जिससे उसका और भी पागलपन बढ़ रहा था।








       अगर फोन की रिंग ना बजती तो,,ये अपने होश पूरी तरह से खो जाते है,,आकृति अपने फोन को देखती हैं जिसमें ध्रुव का नाम शो हो रहा था,,उसे एक टैक्स्ट मैसेज टाइप कर देती है,,आकृति बाहर की तरफ कदम बढ़ाती तो अधिराज जाकर उसके सामने खड़ा हो जाता है" शायद तुम्हे गुड मॉर्निंग बोलना नहीं सिखाया,,,अक्की"









    सिर ना में हिलाकर " आप ही सिखादो..." इतने में अधिराज उसका मुंह बंद कर देता है अपने होठों से ,,पूरे जीम रूम में सिर्फ उनकी सांसों और धड़कनों की आवाज ही सुनाई दे रही थी। पांच मिनट बाद अलग होकर " ऐसे करते हैं,,गुड मॉर्निंग जान❤️🫣,,,"








    "उफ्फ ,,आपका तरीका बहुत ही लाजवाब है,,हमें बहुत ही पसंद आया ,,अभी मुझे देर हो रही है,,इसका जवाब ऑफिस में दूंगी,,,बहुत बेहतरीन से ,,फिलहाल वेरी गुड मॉर्निंग सनम❤️,,,," आकृति इतना कहकर बाहर निकल जाती है,,वही अधिराज की तो धड़कने का रुख और भी तेज हो गया,,,फिर अपनी एक्सरसाइज कर फ्रेश होने चला गया,,, ऑफिस के लिए तैयार होकर नीचे जाता है।



    अधिराज तैयार होकर नीचे आता है,,,आस पास देखता है कि आकृति उसे कही भी दिखाई नहीं दी,,,किसी को शक ना हो ,इसलिए वह पूछ भी नहीं सकता,,वही डायनिंग टेबल पर बैठे आतिश ने अपने भाई की मन की बात जान ली,," अधि,,अक्की किसी काम से गई ,,, दस बजे ऑफिस आ जायेगी,,और ह्म्म अनाउसमेंट कर देना आज कांफ्रेंस होगी.." इतना कहकर वो नाश्ता करने लगता है।




               "ह्म्म भाई,," इतना बोल अधिराज भी अपनी चेयर पर बैठ जाता है,,शिविका उसे खाना सर्व कर देती हैं,,खाना खाकर तीनों ऑफिस निकल जाते हैं,,,शिविका और गरिमा अपनी बातों में लग जाती हैं।




         

               एक सुनसान सी जगह पर बेसमेंट बना हुआ था,,,वहां पर तीन शख्स थे,,,जो किसी गंभीर मुद्दे पर बातचीत कर रहे थे,,,एक शख्स जो लैपटॉप पर तेजी से उंगलियां चला रहा था,,,दिखने वो लड़का था,,मास्क से छुपा चेहरा ,,अपने पास खड़े शख़्सों से दोनों लड़कियां थी,,," A हमें समझ नहीं आ रहा,,ये चीफ हमारे पीछे क्यों पड़ा है,,इंडिया में आते ही यहां के गैंगस्टर को खत्म करने का मिशन दे दिया,,"




       A " मिस्टर D इसलिए हमने यह ज्वॉइन की ,,ताकि वर्ल्ड में देश को बर्बाद करने वालों का खात्मा कर सके,,,आज तक पता नहीं कितने ही क्रिमिनलों को मौत के घाट उतारा फिर ये तो है ही क्या,,,"



    तीसरी लड़की  V " ओह हेलो A तू ऐसे ही थोड़ी अंडरवर्ल्ड में मौत की देवी मानी जाती,,,पता नहीं ये लोगों को तुमसे ही क्यों पंगा लेना होता है,,,"


    A " काम पर ध्यान दो,,मेरा ऑफिस का पहला दिन है,,मुझे अपनी बेइज्जती नहीं करवानी,,,"



    V आँखें चढ़ाकर " सीधा कह ना अपने आशिक़ को देखे बिना नहीं रह सकती ,,हम भी वेहले नहीं मेडम ऑफिस हम भी जाते हैं,,,"



    A " ह्म्म तो मैं नहीं रह सकती ,उसके बिना इसमें मेरी क्या गलती,,,"



    D उनकी बातों को काट" चुप करो तुम,,,ये देखो हमें जानकारी मिली है,,आज रात को उनकी डील होने वाली है,,पर जगह का पता शाम तक मिल जायेगा,,,तब तक के लिए वेट करना होगा,,,"



    " ठीक है फिर ,,मुझे बता देना ,,और ह्म्म हथियार तैयार रखना,,,बहुत सी जिंदगियां जाने वाली हैं आज,,," A ने शातिर मुस्कान से कहा ।



    V " पता नहीं कब तू ये खून बहाना बंद करेगी,,,कभी तो मैं भी डर जाती हूं,,,"



    A" डर हमारी जिंदगी में नहीं है V तुम बहुत अच्छी तरह जानती हो,,, ना ही मौत से और ना ही किसी के बाप से,,," तभी A का फोन पर मैसेज आता है जिसे देख उसकी धड़कने रुक सी जाती हैं,," मुझे जाना होगा बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो गई ऑफिस में,,,तुम दोनों भी जाओ ,," इतना कहकर वो तेजी से बाहर चली जाती हैं।



    D "V" की तरफ देख " इसको क्या हुआ,,,बताकर भी नहीं गई,,,ऐसे कौन करता है,,मुझे फिक्र हो रही है,,,"


    " डोंट वरी ,, ध्रुव वो सब संभाल लेगी,,,फिक्र तो मुझे भी है,,पर उस पर भरोसा भी ,,चल हम भी चलते हैं,,,शाम को खुद बता देगी,," v ध्रुव के साथ अपने अपने ऑफिस चले जाते हैं।




    जल्दबाजी में ऑफिस पहुंचती हैं,,सीधा कांफ्रेंस रूम में जाकर डोर खोलती हैं,,,अचानक से डोर खुलने पर सबका ध्यान उस तरफ हो जाता है,,,वही उसका चेहरा तो सिर्फ अधिराज की तरफ था ,,जो सिर झुकाए बैठा था,,जैसे कोई गुनाह किया हो,,,उसको देख आकृति के सीने में दर्द होने लगता है,,जैसे किसी ने हजारों खंजर मार दिए हो,,, आकर्षक भागकर उसके पास आता है,,उसके गले लग" princess चाचू गलत नहीं ,,सभी उन पर झूठा इल्ज़ाम लगा रहे है,,,और डैड भी नहीं समझ रहे ,,,तुम समझाओ ना,,,"। वो एक सांस में बोले ही जा रहा था ।




    " डेविल रिलैक्स,,  कुछ नहीं होगा,, मैं सब कुछ ठीक कर दूंगी,,,डैड को मै समझा लुंगी,,,डोंट वरी ह्म्म,,," उसकी पीठ थपथपाकर कहती हैं। फिर अपने कदम अधिराज की तरफ ले लेती हैं,,जो नमी भरी आंखों से उसे देख रहा था,,,उसे डर था कि कही वो उनकी बातों पर विश्वास कर उसे छोड़ ना दे,,, आकृति उसके पास खड़ी हो जाती है,,उसका चेहरा अपने पेट से लगा लेती है,,,क्योंकि अधिराज चेयर पर बैठा था,,और आकृति खड़ी थी,,अधिराज अपने हाथ उसकी पीठ पर कस देता है,,। वहीं लड़कियां ये देख जल भून जाती हैं,,पहले आकर्षक के करीब जाना फिर अधिराज के ,,

  • 12. ★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★ - Chapter 12

    Words: 1272

    Estimated Reading Time: 8 min

    " आप इतने कमजोर नहीं हो,,,किसी ऐरी गैरी के इल्ज़ाम लगाने से टूट जाओ,,,मुझे बताओ क्या बात हुई ,, ट्रस्ट मी सब ठीक कर दूंगी,,,मुझे तुम पर खुद से भी ज्यादा भरोसा है,,," आकृति ने उसके बालों को सहलाते हुए कहा।





    एक लड़की रोते हुए " अरे ये सर क्या बताएंगे मैं बताती हूं,,, सर ने मुझे गलत टच किया,,,आज सुबह में सर को प्रेजेंटेशन दिखने केबिन में गई तो ,,इन्होंने मेरी कमर को टच किया और तो और कह रहे थे कि मेरे साथ वन नाइट स्टैंड करो,,तुम्हे मुंह मांगी रकम दूंगा,,,आपको अब भी लगता है ये सर सही है,,,"




    उसकी बात सुन आकर्षक और आतिश के हाथ की मुठिया कस जाती हैं,,वही आकृति अधिराज से दूर हो जाती हैं,,ऐसे दूर होते देख अधिराज को डर लगने लगता है,,उसे घबराहट होने लगती है,,पर आकृति बिना उसे देखे उस लड़की को देखती हैं,जिसने ऑरेंज क्रॉप टॉप और व्हाइट स्कर्ट पहन रखी थी,,उसकी आंखों में आंसू देख कोई भी धोखा का जाए,,,पर ये तो आकृति सिंघानिया थी ,,सिंघानिया परिवार उड़ती हुई चिड़िया के पंख गिन सकते हैं,,,फिर ये तो उसकी चाल थी,,




    " मैने तुमसे पूछा ,,नहीं ना,,तो ये बीच में अपनी चोंच अड़ाना बंद कर,,,वरना तेरी जुबान को अलग करने में दो मिनट नहीं सोचूंगी,,,,और क्या कहा था कि इसने तुम्हे,,नो नो तुम्हारी कमर को टच किया,डिस्गस्टिंग,,,और वन नाइट स्टैंड छी छी छी यार,,कितन बेपरवाही से तुम बोल रही हो,,, उसकी आंखों में देखो सब ,,तुम लोगों को लगता है,,जो इंसान अपनी भाभी को मां समान समझता हो,,वो किसी लड़की को छुएगां,,," आकृति ने ताली बजाते हुए कहा।




    वो लड़की गुस्से में आकृति पर चिल्लाते हुए" तुम अमीर हो ,,तुम्हे तो क्या ही पता होगा कि लड़कियों की इज्जत कितनी प्यारी होती हैं,,,तुम लड़की होकर लड़की की इज्जत को खुदार रही हो,,,शर्म नहीं आती,,,उस आदमी का साथ देते हो ,,,"





    " शट अप बेहूदा लड़की,,,,और क्या कहा तुम्हारी इज्जत में बताती हूं तुम्हारी इज्जत कितनी है कितनी नहीं,,,ह्म्म हूं मैं अमीर परिवार से,,आकृति सिंघानिया को ऊंची आवाज बिल्कुल नहीं पसंद,,,आगे से जुबान को कंट्रोल रखना,,,तेरे बारे में अभी दिखाती हूं जस्ट वेट एंड वॉच ,," आकृति ने चिल्लाकर कहा ,,सभी उसकी तरफ ही देख रहे थे ,,,आकर्षक और आतिश तो खुश हो रहे थे,,आखिर हो भी क्यों ना उनकी शेरनी अपने प्यार और परिवार पर कितना भरोसा करती है हर प्रॉब्लम को सोल्फ कर देती है,,,अब उस लड़की को घबराहट होने लगती है,, क्योंकि अब उसका प्लान फैल होने वाला था,मिसेज अधिराज सिंघानिया बनने का,,,वही अधिराज तो बस आकृति की तरफ देख रहा था जो लैपटॉप पर कुछ कर रही थी,,, कुछ ही देर में LED पर एक वीडियो चल रही थी ,,वो लड़की जबरदस्ती अधिराज के करीब आ रही थी ,,जब आतिश और आकर्षक केबिन में आते तो ,,अधिराज का हाथ पकड़ उसकी कमर पर रख देती है और खुद उससे छुड़ाने की कोशिश करती ।






    जहां सारे एम्प्लॉय के मुंह खुले थे,,और उस लड़की के चेहरे पर डर,,,आकर्षक उस लड़की पास आकर " तो कैसा लगा मिस रिया,,,सरप्राइस,,,तुम्हे लगा कि तुम चाचू को अपना बनाकर,,सिंघानिया की बहु बन जाओगी,,,पर तुम्हारे प्लान पर तो पानी पानी फिर गया,,,"






    आतिश आकृति के पास आकर " तुम्हे कैसे पता चला ये सब,,,और ये वीडियो कैसे क्योंकि केबिन के कैमरे में तो ऐसा लग रहा था,,की जैसे अधिराज इसके करीब है,,,"






    आकृति अपने डैड की बात सुन अधिराज और आकर्षक की तरफ देखती है" मेरे भोले डैड,,, मैं अपनी चीज पर उंगली तो क्या नजर भी बर्दाश्त नहीं करती ,,, डेविल ने मुझे मैसेज करके बताया सारी घटना के बारे में,,,और मैने इनके केबिन में चारों तरफ मिनी कैमरे लगा रखे हैं,,आप तो जानते हैं इन्हें देखे बगैर मेरा दिन नहीं जाता,,,फिर फायर को कहकर सारे कैमरे की फुटेज ली,,और ये नजारा देखा मैने,,," इतना कहकर रिया की तरफ घूम जाती हैं और खींचकर थप्पड़ लगाती है एक थप्पड़ से ही वो नीचे गिर जाती हैं,,पूरे कांफ्रेंस रूम में डर की लहर दौड़ जाती है,,थप्पड़ की गूंज ही इतने जोर की थी।
    नीचे बैठ बेरहमी से उसके बाल पकड़ जोर से खींच देती हैं जिससे उसकी चीखें निकलने लगती है,,फिर उसके चेहरे को बुरी तरह दबाकर " क्या सोचा तूने,,,इतना बड़ा इल्ज़ाम लगाने के बाद तुझे जिंदा छोड़ देंगे,, कतई ना रे बाबा,,,तुझे तो मैं तड़पा तड़पा कर मारूंगी,,,,तेरी वजह से आज मैने उसकी आंखों में नमी देखी,,,सिर्फ तेरी वजह,से,, बेहूदा लड़की,,, तेरी इज्जत के बारे में सुनना चाहती थी ना, मैं सुनाती हूं तुझे,,तू हर रात नए नए लड़कों के साथ रंगीन करती है,,,किसी से पैसे लेती है तो किसी से अपनी प्यास बुझाती है,,,,तेरी रंगीन रातों की वीडियो मेरे पास है,,कल तक तो पूरे वर्ल्ड में फैमस हो जायेगी,,,," उसके बाल छोड़ देती हैं और एक गार्ड को बुलाकर उसको हेल में भेज देती हैं।






    फिर खुद माइक लेकर अनाउसमेंट करती है" इसको देख तो आप लोग समझ गये होंगे,,,,की गलती करने वालों का क्या हाल होता है,,,सम्भल के रहना,,, यहां सिर्फ तुम लोगों की वर्किंग स्किल्स देखी जायेगी न कि ये बहु हरकते,,,जो अपने बॉस को जाल में फंसाने की ,,,,ओनली काम से मतलब रखना,,," इतना कहकर आतिश के पास जाकर " डैड आप और डेविल घर जाए में इन्हें लेकर जाती हूं शाम तक आ जाऊंगी,," फिर सभी को काम करने का कहती हैं और खुद अधिराज के पास जाकर" कब तक मौन रहने का इरादा है तुम्हारा,,,








    " मेरा मन नहीं है अक्की,,,  तुम जाओ" इतना कहकर वो बाहर निकल जाता है,,आकृति भी उसके पीछे पीछे केबिन में चली जाती है,,पूरे केबिन में कोई नहीं दिखता तो वाशरूम में देखती हैं तो वहां अधिराज शॉवर के नीचे खड़ा था,,पानी से भीग रहा था,,,उसकी ब्लैक शर्ट शरीर से चिपक गई थीं,, सभी ख्यालों को इग्नोर कर उसके सीने से लग जाती है " राज इसमें तुम्हारी गलती नहीं,,बंद करो ये सब करना,,,क्यों खुद को तकलीफ दे रहे हो,,,तुमसे ज्यादा दर्द मुझे  हो रहा है,,,"





    अधिराज कुछ नहीं बोलता ,,उसकी पकड़ आकृति पर कस जाती है ,उसे दीवार से लगाकर उसकी गले पर बेतहाशा किस करने लगता ,,उसकी किस में तलब,,तड़प,, बेचैनी,,आकृति ने महसूस कर ली थी,,वो अपने हाथों से उसकी पीठ से लेकर गर्दन मसलने लगती हैं,,किस के साथ उसकी गर्दन पर निशान भी दे रहा था,,सांसों की आवाज और उसकी ऊपर नीचे होते सीने को देख ,,अधिराज का अंदर का जानवर जागने लगता हैं,,उसके सीने पर बने काले तिल पर जोर से बाइट कर देता हैं,, "आह्ह, राज धीरे करो,,,क्यों जानवर की तरह काट रहे हो,,," आकृति ने झुंझलाकर कहा।




    " सॉरी बेबी ,,मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा,,,तुम्हारी स्किन बहुत टेस्टी है,,,मेरा खाने का बहुत ही मन कर रहा है,,,तुम्हे दर्द झेलना होगा,,,,loose my control,,," इतना बोल उसके सीने को मसलते हुए ,, तिल पर किस करता है।




    "आउच,,सनकी इंसान आज तो मेरे शरीर को लाल करके ही छोड़ेगा,,," आकृति उसकी शर्ट के बटन खोल शर्ट उतार देती हैं,,वही अपने नाखून उसकी पीठ पर गड़ाने लगती है,,,इससे अधिराज की डिजायर और बढ़ने लगती है वो गले को छोड़ होठों पर टूट पड़ता है,,,जैसे पता नहीं कितने ही सालों का भूखा हो..वही आकृति को दर्द तो हो रहा था पर वो खुश थी ।



    "आज तुझे नहीं छोड़ सकता,,जान,,मुझे बहुत जरूरत है तेरी,,,i need u,,, बेहद ही,,,तेरी बॉडी को महसूस करना चाहता हूं,,तुझे और तेरी सांसों को अंदर तक फील करना चाहता हूं,,,आह ,,मेरी बॉडी हीट कर रही अक्की,,," सेड्यूसिंग आवाज में कहता ,,अधिराज की बात सुन आकृति का चेहरा बेहद लाल हो जाता है शर्म के मारे,,वो जल्दी से शॉवर बंद कर उसे गले लगाकर शांत करती हैं "  शांत हो जाओ ,,,चाचू शांत,,,अपने अंदर के शैतान को कंट्रोल करो ,,,सही टाइम नहीं है,,,अभी.."
    धीरे धीरे अधिराज शांत हो जाता है,,कुछ देर बाद उसे केबिन के अंदर बने रूम में ले जाती है,,उसे कपड़े चेंज करने का कह ,,खुद के लिए कपड़े मंगवाने के लिए फायर  कॉल करती हैं।

  • 13. ★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★ - Chapter 13

    Words: 1247

    Estimated Reading Time: 8 min

                       सिंघानिया विला में सभी डिनर कर रहे थे,,,दादी और शिविका बार बार अक्की और अधिराज की तरफ देख रहे थे,,,दोनों ही उनकी नजरें महसूस कर रहे थे,,दादी अधिराज की तरफ देख कर " कल मेरी दोस्त और उसकी फैमिली हमारे घर आ रही है,,,सभी को घर पर रहना,,,खासकर तू अधि ,,,मुझे कोई बहाना नहीं चाहिए,,,"






    अधि ( अधिराज को अधि कहूंगी) " पर मां मेरा क्या काम है,,,, आपकी दोस्त है आप मिलना,,,"




    " वो तुझे देखने आ रहे हैं,,,अपनी बेटी के लिए,,," दादी ने कहा ।





    " मां मै कोई शो पीस नहीं हूं,,जो मुझे देखने आ रहे हैं,,और आपको मैने कितनी बार कहा है कि मुझे शादी वादी नहीं करनी है,,क्यों पीछे पड़ी हो आप,,,," अधि ने थोड़े गुस्से से कहा ।






    आकर्षक भी अधि की बात पर सहमति जताते हुए" हम्मम दादी ,,जब चाचू को करनी होगी शादी ,,तब कर लेंगे ,,आप क्यों फोर्स कर रही हो,,,"







    दादी उनकी बातों से चिढ़ जाती है" चुप करो तुम लोग,,,मैने किसी की राय नहीं मांगी ,,और तू मैं बहुत अच्छी तरह जानती हूं क्यों नहीं करना चाहता शादी,,आज जो ऑफिस में हुआ मुझे सब पता,,,क्या चल रहा है तुम दोनों में..." लास्ट वाली बात अक्की और अधि की तरफ देख कर बोली ।








    अधि को तो ठस्का लग जाता है,,अक्की उसको पानी देती है,,अधि कभी पानी को देखता है तो कभी अक्की को जो बेफिक्र होकर खाना खा रही थी ,,जैसे उसे इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता,,,आतिश अपने भाई की हालत को बहुत अच्छी तरह समझ जाता है"" मां क्या हो गया,,आप किस तरह की बातें कर रही हैं,,,"






    दादी की जगह अबकी बार शिविका " आप तो ना ही बोले अच्छा है,,,आपके ऑफिस में क्या हो रहा है,,ये तुम्हे ही नहीं पता,,,और तुम अधि मुझे तुमसे ये उम्मीद नहीं थी,,,इसका तो मैं जानती हूं सनकी,,,पागल,,है ,,फिर तुम तो समझदार थे,,,,"






    आतिश तो अपनी बीवी की गुस्से भरी आवाज सुन चुप हो जाता है,,, जहां आकर्षक तो सदमे में था,,वही अधि को घबराहट हो रही थी,,किसी अनहोनी का डर था,,, पर हमारी मेडम तो बेपरवाह थी,,,अधि अपने डर पर काबू पाकर " पर भाभी उसमें मेरी कोई गलती नहीं थी ,,,वो मुझ पर झूठा इल्ज़ाम लगा रही थी,,और तो और वह सब क्लियर हो गया,,,,"






    दादी कड़क आवाज में " हम इसकी बात नहीं कर रहे हैं,,अधि ये जो आप दोनों का चक्कर का चक्कर चल रहा है, वो क्या है,,,,"





          " प्यार दादी,,,प्यार,,,क्यों उसे नर्वस कर रही है आप,,,चेहरा देखो उसका बेचारा डर रहा है,,,रही बात शादी की उन्हें मना करदे कोई रिश्ता नहीं होगा,,," अक्की खड़ी होकर कहती हैं।






    तभी चटाक की आवाज आती है,, शिविका ने आकृति को थप्पड़ मारा था,,,पूरे हॉल में गूंज उठी,,,अक्की का चेहरा एक तरफ हो गया ,,उसने आंखे कसके बंद करली,,,वही सब मुंह खोल कभी शिविका देखते तो कभी अक्की को,,शिवि गुस्से में " चुप बिल्कुल चुप,,,तुझे शर्म नहीं आती ,,,अपने ही डैड के भाई से ये सब करते हुए,,चाचा लगता हैं वो तेरा,,, क्या मुंह दिखाएंगे हम दुनिया को,,यही संस्कार दिए हैं मां बाप ने,,,"





    अधिराज का सिर झुक जाता है,,और आकृति की आँखें कठोर हो जाती हैं,,," प्यार रिश्ते देख कर नहीं होता,,,इसको जितनी जल्दी हो सके आप समझ लीजिए,,,दुनिया से हमें कतई मतलब नहीं है,,,समझ आई बात,,," आकृति इतना कहकर ऊपर अपने कमरे में चली जाती हैं।





    आकर्षक उसे जाता देख शिविका से " मोम आपको ये नहीं करना चाहिए था,,,प्यार करना गलत नहीं है,फिर आप और डैड की भी तो लव मैरिज हुई हैं,,,"





    " शिवि तूने मेरी बच्ची पर हाथ क्यों उठाया ,,,मुंह से भी बात हो सकती थी,,," आतिश भी अपने बेटे की हम्म में हम्मम मिलाकर कहा।








    " अपनी बहन और बेटी की तरफदारी हो गई हो तो एक बात ध्यान से सुन लो ,,, मैं हरगिर्ज वो नहीं होने दूंगी,,जो वो चाहती है,,तुम दोनों ने उसे सिर चढ़ा रखा है,,,इसलिए उसे समझा देना,,,मै बार बार ये सब बर्दाश्त नहीं करूंगी,,,और अधि तुमने तो मेरा दिल तोड़ दिया,, कितना भरोसा करती थी तुम पर ,,तुमने ये सिला दिया मेरे को,,,शर्म आती हैं मुझे तुम्हे अपना देवर कहते हुए,,,तुम्हे अपने बेटे से भी ज्यादा प्यार किया और,,तुमने मेरी बेटी पर ही नजर रखी,,," शिविका ने कहा ,,,शिविका के एक एक बोल अधिराज के खंजर की तरह लग रहे थे,,फिर भी चुपचाप सबकुछ सुन रहा था।







    आतिश को अपनी बीवी पर गुस्सा आ गया,,अपने भाई की हालत देख" बस करो शिवि बहुत बोल लिया,,, मेरे भाई ने नहीं नजर रखी तुम्हारी बेटी पर,,, बल्कि वो खुद पागल है मेरे भाई के पीछे,,,इसमें इसकी कोई गलती नहीं ,,,सो प्लीज अधि को ब्लेम करना बंद करो,,,अगर वो ये शादी नहीं करना चाहता तो मैं इसके साथ हूं,,,"  आतिश अधिराज का कंधा थपथपा देता है।








       अधिराज एक नजर अपने भाई को देख " आप को जो ठीक लगे वो करो,,, मैं इस शादी के लिए तैयार हूं,,," इतना कहकर अपने रूम को तरफ कदम बढ़ा देता है।





    " मिल गया तुम दोनों को सुकून ,,पता नहीं क्यों  तुम लोगों को उनकी खुशियां रास आती है,,,अगर कल को उसने कुछ भी किया तो फिर मत कहना बताया नहीं,,, वो जब तक शांत है तब तक तुम अपनी मर्जी करो ,,, " आतिश जी ने उन दोनों को घूर कर बोला।




      दादी उसे इग्नोर कर "  बस मुझे कुछ नहीं सुनना ,, ये शादी होगी ,,चाहे किसी भी हालत में हो ,,"


          
             






                      आकृति के रूम में आकर्षक ने पूरे तमाशे😂🫣की वीडियो बनाकर भेजी थी,,उसे देख आकृति के तन बदन में आग की ज्वाला उमड़ने लगी ,,आपने आप से " बहुत गलत किया आप दोनों ने हमारे बीच आकर,,, मेरा राज सिर्फ मेरा है,,,हमारे बीच किसी को नहीं आने दे सकती हैं,,,चाहे मुझे किसी को यमराज के पास ही क्यों ना भेजना पड़े,,, आहहहह सोच भी कैसे लिया तूने मिस्टर अधिराज सिंघानिया मेरे करीब आकर किसी और से शादी कर लोगे,,,,, पागल हुई फिरती हूं तेरे पीछे,,,इतनी आसानी से कोई कैसे तुम्हे मुझसे छीन लेगा,,, किसी को अपनी जान प्यारी नहीं क्या,,,सजा तो तुम्हे भी मिलेगी,,मुझसे दूर जाने की ,,,बराबर की मिलेगी सजा😈😼दुबारा सोचोगे भी नहीं मुझसे दूर जाने का,,, हा हा हा हा हा हा हा... डेविल क्वीन इज द बैक...😎🔪🍷"






                  " ये कायनात ,,, ये दुनिया,,,बदल सकती हैं,,,पर कभी भी अक्की का अपने राज ❤️ के लिए जनून,,,सनक,,और ये पागलपन नहीं बदलेगा,,,,जब जब संसार में अक्की जन्म लेगी तब तब उसका जनून सिर्फ राज रहेगा,,,ऑलवेज राज❤️🍷,,,मौसम बदलेगा,,,हवा बदलेगी,,,नाम बदलेगा,, पहचान बदलेगी,,,पर दिल ,,,मोहब्बत ,,,जनून में एक ही रहेगा ,,सिर्फ राज❤️❤️‍🔥मेरा राज..."  वो किसी सनकी की तरह लग रही थीं,,,अगर इस वक्त कोई उसे देख लेता तो बेहोश ही हो जाता,,,,दुनिया सच कहती हैं जब मोहब्बत दिल और दिमाग पर छा जाती है तो उसे पाने के लिए पागलपन भी बढ़ जाता है और दुश्मन भी पैदा हो जाते है।












                   दूसरी और अधिराज कमरे में बैठा खुद में ही खोया हुआ था,,अपनी भाभी की बातों को याद कर दुखी हो रहा था ,,, अपने फोन में आकृति की तस्वीर देख " यही वजह थी तुझसे दूर रहने की,,,इस बात का दुख था जब भाभी को पता चलेगा तो क्या सोचेगी वो मेरे बारे में,,, वही हुआ जिससे मैं आज तक दूर भागता रहा,,, जानता हूं तुम्हारे बिना रहना कठिन होगा,,,नहीं की पाऊंगा तेरे बिना,,, तुम्हारे साथ भी नहीं रह सकता,,हिम्मत नहीं है मुझमें भाभी और मां को धोखा देने की,,,मैने सोच लिया कल शादी के लिए ह्म्म करके हमेशा के लिए तुझे खुद से दूर कर दूंगा,,,,यही हमारी लाइफ के लिए ठीक होगा जान ,,,जरूरी नहीं होता जिसे हम चाहे वो हमारे हिस्से ही आए,,,कभी कभी खोकर भी बहुत कुछ पा सकते है,,, आई लव यू अक्की ,,,ऑलवेज लव यू,,,,मेरा तुमसे दूर जाना ही बेहतर है,,,,"

  • 14. ★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★ - Chapter 14

    Words: 1040

    Estimated Reading Time: 7 min

                          " नहीं जाने दूंगी तुम्हें खुद से दूर,,,,हमारे बीच आने वाली हर शख्स को इस दुनिया से मिटा दूंगी,,,किस्मत के सहारे चलने वालों में आकृति सिंघानिया नहीं,,,अपनी किस्मत मैं खुद लिखती हूं,,,," 😈😼आकृति ने नुकीले खंजर को अधिराज की बड़ी सी फोटो पर चलाते हुए कहा,,,वो किसी पागल से कम नहीं लग रही थी,,।







                   अगली सुबह  सभी हॉल में बैठे थे,,बस आकृति और आकर्षक को छोड़ ।  जहां शिविका और गरिमा के चेहरे पर खुशी थी,वही आतिश और अधिराज के चेहरों पर परेशानी दिख रही थी,,,तभी कार रुकने की आवाज आई,,,एक बूढ़ी औरत ,, एक कपल और उनके साथ एक लड़की थी,,जो दिखने में सुंदर थी,,उसने साड़ी पहन रखी थीं,,,सभी एक दूसरे से मिलते हैं,,,दादी सभी को बैठने का कहती हैं और शिवि चाय और नाश्ता लेने किचन में चली जाती हैं।





    इंट्रोडक्शन.......





                       बुजुर्ग औरत घर की हेड -  नीलिमा ठाकुर ( वंशिका ठाकुर की दादी,,और ध्रुव की नानी मां) 65 साल की एकदम मस्तमौला है ।अपने पोती और नातिनो से बहुत प्यार करती हैं,,, इनके तीन बच्चे हैं दो बेटियां एक बेटा,,




    बड़ी बेटी - श्रेया मल्होत्रा ,,,शिविका की बेस्ट फ्रेंड है,, ये एक डॉक्टर है,,इनके पति ऋषि मल्होत्रा, मल्होत्रा कंपनी का सीईओ है,,,आकृति और  इनकी बहुत ही जमती है,, धरा और ध्रुव इनके बच्चे हैं।





    वंश ठाकुर - ठाकुर इंडस्ट्रीज का मालिक ,,एकदम का सख्त स्वभाव के हैं,,, ठाकुर परिवार में वंशिका , ये और इनकी पत्नी  ही आकृति को जानते हैं,, आकृति और देव बिजनेस पार्टनर है।






    अंशिका ठाकुर - दिखने में अप्सरा ,,,वंशिका लुक में इन पर गई है,,,ये एक प्रोफेसर है,,,इनके लिए अगर वंशिका बेटी है तो आकृति इनके लिए बेटा है। दोनों में कोई फर्क नहीं करती ,,।






    रिया मल्होत्रा - आकृति की सौतन,,, दिखने में सुंदर हैं पर आकृति से ज्यादा नहीं,,, ये जिद्दी किस्म की औरत है,,घर में छोटी होने के कारण बिगड़ गई ,,पर कोई नहीं हमारी हीरोइन कम विलेन ज्यादा इसे सुधार देगी,, ये भी अपने भाई के साथ बिजनेस संभालती हैं,, इनकी और हमारी हीरोइन की बिल्कुल भी नहीं बनती ,,,श्रेया और रिया में दिन रात का अंतर है।






               अब आते हैं कहानी पर सभी बैठे बातें कर रहे थे तभी आकृति नीचे आती है सभी को गुड मॉर्निंग कहती हैं बिना किसी को देखे सीधा किचन में चली जाती हैं,,ये चीज अधिराज ने भी नोटिस की ,,जब से वो सीढ़ियों से उतर रही थी उसका ध्यान सिर्फ आकृति पर था ये चीज रिया ने भी देख ली ,,,जिसे देख वो जल भून गई।







            कुछ देर बाद वो कॉफी का कप लेकर हॉल में आती हैं,,जाने पहचाने चेहरों को देख वो शौक हो जाती हैं,,वही वंश और अंशिका के फेस पर स्माइल थी।






    वंश उसे ऐसे देख " पार्टनर मुंह बंद कर लो, नहीं तो मक्खी घुस जायेगी,,।






    " आप दोनों यहां आ रहे थे,,तो मुझे बता तो देते,,,बताना भी जरूरी नहीं समझा,,," आकृति  ने वंश को घूर कर कहा।





    " बेटा सरप्राइस नाम की भी चीज होती हैं,," वंश बोला





    " आपको तो सरप्राइस के बारे में बादमें बताऊंगी,,,और मासी आप भी अपने सो कोल्ड पति की बातों में आ गई
    ." वंश को गले लगाने के बाद अंशिका को गले लगाते हुए कहा।






    अंशिका जी माथा चूमकर " बेटा में भी आपको शॉक्ड होते देखना चाहती थी,," इतना कहकर दांत दिखा देती हैं।





    वहीं उन तीनों को ऐसे बातें करते देख सभी हैरान थे आखिर ये तीनों ऐसे बातें कर रहे थे जैसे बहुत टाइम से जानते हो,, आकृति मुंह फुलाकर " वो दोनों नालायक कहां हैं... उनकी भी क्लास लेनी है,,,"






    " बच्चे आपके दोनों नालायक दोस्त अभी तक सो रहे थे,,पता नहीं रात को कौनसा ढाका मारने गए थे,,," अंशिका ने गालों को पिंच करके कहा ।






    वहीं अंशिका की बात सुन आकृति के चेहरे पर कुछ भाव आकर चले जाते है तीन लोगों ने बहुत अच्छे से नोटिस किया,,आतिश,अधिराज और वंश ने,,, वो वंश को कुछ इशारा करती हैं,, जिसे देख वो संभाल लेगा इतना कहकर हाथ दिखा देता है,,, अधिराज उनकी सारी हरकतों को देख रहा था,,उन दोनों पर उसे शक हो गया,,,जिससे उसकी भौंहे तन जाती,,एक नजर भी आकृति ने उसे नहीं देखा,,,जिसे देख उसका गुस्सा बढ़ रहा था,,,यहां तक कि आकृति ने शिविका और गरिमा को भी इगनोर किया ।





      नीलिमा गरिमा की तरफ देख " ये बच्ची कौन हैं गरिमा,,,"





    " नीलू ये मेरी पोती है,,आतिश और शिवि की बेटी आकृति,,," फिर आकृति की तरफ देख " अक्की ये मेरी दोस्त नीलिमा ठाकुर है,,,"




    आकृति बिना किसी की तरफ देखे" तो मैं क्या करूं.."





    उसका जवाब सुन दादी ,शिवि ,नीलिमा और रिया का चेहरा काला पड़ जाता हैं,,वही बाकियों के चेहरे पर स्माइल आ जाती है,,फिर अपने डैड की तरफ देख" डैड डेविल कहां हैं,,"






    " प्रिंसेस आप के डेविल ऑफिस गये,," इतना सुनकर आकृति पहले तो अपने डैड की गाल पर किस करती हैं,,फिर वंश के गाल पर किस करके " कल को मिलते हैं स्वीटहार्ट अपने अड्डे पर.." आई विंक कर अंशिका को गले लगाकर उसके दोनों गालों पर किस कर " मासी आप बहुत स्वीट और हॉट है,,,मुझे जल्दी जाना है नहीं तो आपके साथ फुल टाइम इंजॉय करती ,,, प्रोफेसर साहिबा ,,बाकी स्वीटहार्ट के साथ आ जाना आप भी,,," इतना कहकर बाहर भाग जाती हैं फिर वापिस आकर अपनी मोम को गले लगाकर उसके माथे को चूमकर,,," गुस्सा नहीं हूं आपसे बस थोड़ी नाराजगी है,,,पर जो आप चाहती है वो मै कभी नहीं होने दूंगी,,,आपको समझना ही होगा,,जलने की जरूरत नहीं आप मेरी मां हैं तो वो मेरी मासी ,,आउट ऑफ कंट्री मासी और स्वीटहार्ट ने ही मुझे संभाला था,,, बाय एवरीवन मिलते हैं नए धमाके के साथ,,,,शाम तक काम हो जाना चाहिए स्वीटहार्ट ,,," इतना कहकर बाहर निकल जाती है।








               

                 आकृति तो चली गई,,पर अधिराज के मन में बार बार उसका इग्नोर करना ,,, खल रहा था,,," सच में उसे फर्क नहीं पड़ता,इस रिश्ते से,,,नहीं अधि जब उसे नहीं फर्क पड़ रहा तो तुझे क्यों तकलीफ हो रही है,,,कैसे इगनोर कर सकती हैं,, छोडूंगा नहीं उसे मैं,,हिम्मत कैसे हुई मुझे अनदेखा करने की,,,"






                      अधिराज अपनी ही सोच में डूबा हुआ था,,दादी बार बार उसे आवाज दे रही थी,,लेकिन उसे तो कुछ सुनाई नहीं दे रहा था।  आतिश ने उसे ऐसे देख कंधे से मार कर गरिमा की तरफ देखने को कहा ,,उसने अपनी नजर गरिमा की तरफ की,,,



    गरिमा " अधि तुम और रिया अकेले में मिल लो,,, तुम दोनों की जान पहचान हो जायेगी,,।


           
                  

  • 15. ★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★ - Chapter 15

    Words: 1146

    Estimated Reading Time: 7 min

    अधिराज उसकी बात सुन परेशान हो जाता,,,जितना ही वो इस समस्या से भाग रहा उतनी ही करीब आ रही हैं,,उसने सिर हिलाकर रिया को अपने साथ चलने को कहा ।






    टेरेस पर एक तरफ अधिराज खड़ा था उसका ध्यान सामने था ,,पर रिया तो बस पागलों की तरह उसे ही देखे जा रही थी,,,इस तरह देखने से अधिराज को इनसिक्योर फील होने लगा ।





    उसने सीधा और साफ कहा" मैं ये शादी नहीं करना चाहता,,तुम मना करदो,, मैं तुम्हें पसंद नहीं करता ।






    "पर मैं तो करती हूं तुम्हे पसंद,,,शादी करना चाहती हूं तुमसे,,,अच्छे लगने लगे हो तुम,," रिया ने कहा





    अधिराज कुछ कहने ही वाला होता है,,तभी पीछे से आवाज आती है " तुम्हारे करने से कुछ नहीं होता मोहतरमा,,,वो मेरा है,,तेरे बाप की जमीर नहीं,,,जो तूने कह दिया और वो तुम्हे मिल गया,,,उसकी तरफ देखना का हक भी तुम्हे नहीं,,,"







    उसकी आवाज सुनने से ही अधिराज की धड़कन धक्क धक्क करने लगती हैं,,उसे सुकून सा मिल गया । वहीं रिया तो उसे देख जल भून जाती हैं,,उसने गुस्से से कहा" तुम्हे शर्म नहीं आती ,,वो तुम्हारा चाचा है,, और उससे शादी तो मै ही करूंगी,,हर बार तू मेरे मसले के बीच नहीं आ सकती,,,"






    " किसने कहा मैं बीच में आई ,,,हमारी कहानी में तू आई है बीच में,,,सपने देखती रह जायेगी तू,,पर उसकी मंजिल तो मैं हूं,,, अगर मेरे रास्ते का कांटा बनी तो तेरे टुकड़े करके अपने शेरा को खिला दूंगी,,,उस दिन ट्रेलर तो तूने देखा ही है,," आकृति किसी साइको की तरह बोली।








    उसकी बात सुन एकदम से रिया डर गई,,पर उसने हार ना मानते हुए कहा" तुझे लगता हैं मैं तेरी धमकी से डर जाऊंगी,,नहीं रे तू छोटी बच्ची है,,,एक  बार जो चीज पसंद आती हैं वो मेरी होती हैं,समझी तू,,"








    अधिराज तो उनको सौतनो की तरह लड़ता देख रहा था,,,जैसे कोई आठवां अजुबा हो,,,वही आकृति के फेस पर डेविल स्माइल आ जाती हैं,,उसने अधिराज को अपनी तरफ किया,,उसके इस तरह रिएक्ट करने से वो हैरान हो गया,,अचंभे की तरह उसे देखने लगा,,जैसे कि उसका आगे का स्टेप क्या होगा,,, आकृति ने उसकी टाई खींच कर झुकाया और सिर को पीछे से पकड़ अपने चेहरे को टेढ़ा कर उसके होठों को कैप्चर कर लिया ।







    उसके एक्शन से अधिराज की धड़कनों का शोर पूरे टेरेस पर गूंजने लगा,,,रिया तो मानो गुस्से से पगला गई,,,उसने आकृति से अधिराज को दूर करने के लिए हाथ बढ़ाया,पर  अधिराज आकृति को लेकर घूम गया और दीवार से सटाकर deeply किस करने लगा,,,जैसे मानो लॉलीपॉप चूस रहा हो,,अधिराज के घूमने से आकृति ने पीछे रिया के घुटने पर किक किया जिससे वो धड़ाम से नीचे गिर गई,,उन दोनों ने उसे नजरअंदाज कर खुद में खोए हुए थे।









    कुछ देर बाद जब दोनों अलग हुए तो उन दोनों ने नीचे गिरी हुई रिया को देखा जिसके पैर में मोच आ गई थी,,उसकी आंखों में आंसू थे,,,तो आकृति ने उसकी तरफ झुकते हुए कहा " आगे से उसे टच करने का सोचना भी मत डार्लिंग,,,अभी तो बस पैर मुड़ा है,,आगे हाथ भी टूट सकता,,सो be carefully 😼," इतना कहकर  उसने अधिराज के गले में बाहें डाली,,अधिराज तो तभी से बस किसी पागल दीवाने की तरह उसे ही देखे जा रहा था,," तुम्हारी ही हूं,,, जब चाहो तब देख सकते हो,,,पर पहले मुझे ये बताओ तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई,,किसी और की तरफ नजर उठाकर देखने की,,और तो और शादी के लिए ह्म्म भी की,, इसकी पुनिशमेंट तो मिलेगी ही,,"






     

       अधिराज की नजर अभी भी उसके चेहरे पर ही टिकी हुई थी,,उसने उसकी कमर से पकड़ खुद से सटा लेता है,,और उसके गालों पर होठों से रगड़ते हुए बोला " तुम्हारी सजा तो सर आंखों पर मेरी जान,,,पर तुम्हें जब जब देखता हूं तो पागल सा हो जाता है,,दिल करता है तुम्हे हमेशा हमेशा के लिए अपना बना लू,,तुम्हारी बॉडी मुझे वो करने पर मजबूर करती हैं,,जिसके बारे में मैने कभी सोचा भी नहीं""" उसने सेड्यूसिंग आवाज में कहा।वही आकृति के चेहरे पर न दिखने वाली मुस्कान थी,,,







    दूसरी तरफ रिया तो उसकी बेशर्म भरी बातें सुन हैरान हो गई,,जो इंसान किसी लड़की को अपने पास नहीं आने देता था,,वो अपनी ही भाई की बेटी के साथ वो सब करना चाहता है,,,how पॉसिबल,,, चाचा भतीजी कैसे रिलेशनशिप में आ सकते हैं,,," रिया तो उनके बारे में अनाप शनाप सोच रही थी,,पर उसे क्या पता कि इनका रिश्ता चंद पलो का नहीं बल्कि जन्मों जन्मों का है,,,दूर रहकर भी इन दोनों ने कभी किसी और की तरफ नजर उठाकर भी नहीं देखा ।









        जहां ये दोनों पागल दीवानें दीदार कर रहे थे,,,वही हॉल में रिश्ता पक्की होने की खुशी में झूम रहे थे,,तभी रिया आती हैं लगंडाकर चलते हुए,,जब उसने उन लोगों को खुशी मनाते हुए देखा,,तो वो उन लोगों से बोली " आप सबको लगता किस चीज की खुशी हो रही,,,आपको पता भी आपका बेटा और पोती का अफेयर चल रहा है,,,उसने शादी करना तो दूर मेरी तरफ नजर उठाकर भी नहीं देखा ,,और वो उस आकृति को मेरे सामने ही किस किया,,कितनी बेशर्मी वाली बात है ना चाचा भतीजी सीक्रेट रिश्ता ,,क्या टाइम आ गया,,आजकल रिश्तों की भी कोई इज्जत छोड़ी नहीं,,आपकी पोती ने,,,"







    रिया की बातें सुन आतिश ,वंश और अंशिका गुस्से से लाल पीले हो गए,,वही दादी और शिविका का सिर शर्म से झुक गया।  नीलिमा ने रिया को डांटते हुए कहा " क्या बकवास कर रही हो ,, तुम रिया,,,"







    रिया अपनी मां से " मोम मैं कोई बकवास नहीं की,,खुद आंखों से देखा और तो और उस आकृति की बच्ची ने मुझे गिराया भी,,"






    गिराने वाली बात सुन शिविका को गुस्सा आ,,उसने नीचे आती हुई आकृति को थप्पड़ मारने के लिए हाथ उठाया,,पर उसके पीछे ही अधिराज आ रहा था उसने शिविका का हाथ पकड़ लिया" बस बहुत हुए भाभी,, मैं और बर्दाश्त नहीं कर सकता,,"






    शिविका अपना हाथ छुड़ाकर"तुम कौन होते हो,,मुझे रोकने वाले ,,उसकी मां हूं मैं,,, और ये सब जो भी हो रहा है तेरी वजह से हो रहा है,,,दूर क्यों नहीं चला जाता मेरी बेटी से,,,"







    "बस मां,,, बस शिवि"  आकृति और आतिश एक साथ बोले,,आकृति बिना देर किये अधिराज का हाथ अपने हाथ में लेकर ,,आतिश के सामने खड़ी हो जाती हैं" आपको कोई दिक्कत है हमारे रिश्ते से डैड,," तो आतिश ना में सिर हिलाकर दोनों को गले से लगा लेता है।







    आकृति उनसे दूर होकर शिविका के सामने आंखों में आंखे डालकर " एक बात कान खोलकर सुन लीजिए,,मां हैं आप मेरी ,भाग्य विधाता नहीं ,,जो मेरी लाइफ को अपने हाथों से चलाना चाहती हैं,,,राज मेरा प्यार नहीं,,जिद और जुनून भी है,,,उसके लिए मैं जान दे भी सकती हूं,तो ले भी सकती हूं,,,आगे से उसके खिलाफ एक शब्द भी मत कहना वरना भूल जाऊंगी ,,आप मेरी मां हैं,," उसने एक एक शब्द सर्द आवाज में कहा।







    उसकी बातों से शिविका के आंखों में आंसू झर झर बहने लगे,,आतिश और आकृति ने उन्हें इगनोर कर दिया,,,पर अधिराज को ये देख दुख भी हो रहा था,,वही गरिमा को तो किसी चीज की सुध बुध नहीं थी,,,कैसे वो अपने बेटे और पोती को इस तरह के बंधन में देख सकती,,।

  • 16. ★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★ - Chapter 16

    Words: 1182

    Estimated Reading Time: 8 min

                वहीं रिया जो आकृति को थप्पड़ पड़ते हुए देखना चाहती थी,,पर अधिराज का बीच में आना उसे पसंद नहीं आया उसने अपनी बातों में जहर घोलते हुए बोली " तुम्हें शर्म नहीं आती,,अपनी मां से लड़ रही हो,,इसके लिए,,, मुझे तो उस दिन ऑफिस में ही पता चल गया था,,,जब तुम मीटिंग रूम में बिना नोक किए घुस गई,,,,पर इतनी बेशर्म और बतमीज होगी ये नहीं पता था,,,"




                 


                     अधिराज आकृति के बारे सुन गुस्से से पगला जाता है,,उसने पंच बनाकर सीधा उसके मुंह पर मारा,,,पंच लगते ही वो अपनी मां के ऊपर ओंधे मुंह गिर गई,,, अचानक हुए हमले से कुछ लोग खुश थे,,वही गरिमा जी को भी अब गुस्सा आने लगा अधिराज पर " बस करो अधि,,,और कितना गिरोगे तुम ,,यही संस्कार दिए थे ,,, तुमने तो मेरी परवरिश पर भी कलंक लगा दिया,,,शर्म तो बहुत पहले ही त्याग चुके हो अब संस्कार भी बेच दिए क्या,,,क्या है उसमें जो बाकियों लड़कियों में नहीं,,,तेरे बड़े भाई को बेटी है वो,,,चल वो तो जिद्दी है,,पर तू तो समझदार था,,,कैसे कर लिया तूने,,,,हमारे,,इज्जत के बारे में एक बार भी ख्याल नहीं आया,,, तेरी भाभी की तरफ देख नजर उठाकर,,,क्या बिगाड़ा था उसने,,,तुझे अपने बेटे से भी ज्यादा प्यार किया,,,और तुमने ये सिला दिया उसका,,,"  वो धम से नीचे बैठ जाती है किसी बेसहारा की तरह । 






    अपनी मां की बातों से अधिराज सोचें लगा " क्या सच में मैने कोई गलती की,,,  सच ही तो है मैने सभी को धोखा दिया,,,दूर रहना चाहता था पर हर बार दिल से मजबूर हो जाता और उसके करीब चला जाता,,,क्या सही में हमारा फ्यूचर नहीं,,," इतना सोच उसने अपने बड़े भाई की तरफ देखा जो उसे ही देख रहा था।






    आतिश उसके हावभाव देख अच्छे से समझ गया,,,की वह कुछ गलत सोच रहा है उसने उसकी परेशानी को खत्म करते हुए कहा" अधि तुम्हें इस तरह परेशान होने की जरूरत नहीं,,,तू मेरा भाई है किसी के हाथ की कठपुतली नहीं,,, तुझे जैसा ठीक लगे वो करो,,,पर किसी के दबाव में आकर कोई गलत फैसला मत लेना,,,/"








    रिया तो मजे से सिंघानिया परिवार की लड़ाई देख रही थी,,,एकदम से आकृति की नजर जब उस पर जाती हैं तो वह सब समझ जाती है कि वो घर में हो रहे क्लेश का लुत्फ उठा रही हैं,,,उसने भी गहरी स्माइल से उसको देख कहा " तो मिस रिया ठाकुर अब तो आप समझ गई होगी,,,ये रिश्ता किसी भी हाल में नहीं हो सकता,,सो गेट लॉस्ट,,, आगे से उसके पास आना तो दूर देखने का भी मत सोचना,,,समझ गई या फिर सिंघानिया वाले अवतार में समझाना पड़ेगा..." उसकी गहरी और सर्द आंखे देख तो एकबार सभी डर गए,,फिर रिया तो चीज ही क्या है।वो अपनी जगह से दो कदम पीछे हट गई,,,उसे ऐसे हटता देख आकृति की आँखें मुस्कुराने लगी ।








                   नीलिमा से जब अपनी बेटी की बेइज्जती बर्दाश्त नहीं हुई तो वो बोली " गरिमा यहां हमें हमारी बेइज्जती करने के लिए बुलाया,,,और ये जिसे तुम अपनी पोती कह रही हो ,,किसी प्रकार से भी नहीं लगती,,,"








      " बस करिए मां,, जिसके बारे में आप बोल रही हैं,वो मेरे बेटे के समान हैं,,,मैने पहले ही रिया को इस रिश्ते के लिए मना किया था,,,पर उसे तो जिद्द करनी थी,,उसकी जिद्द में आपने भी साथ दिया,,,लास्ट बार कह रहा हूं,,,मेरे बेटी पर हर उठने वाली उंगली को तोड़ दूंगा मैं,,," वंश ने गुस्से से चिल्लाकर कहा,,,वो कबसे हो रहे तमाशे को देख रहा था ,,उसके गुस्से को देख सब हैरान हो गए,,क्योंकि वो ज्यादातर शांत ही रहता था।  उसने सभी को चलने का इशारा किया,, सभी को अपने साथ लेकर चला गया । सिंघानिया को उसका इस तरह जाना अच्छा नहीं लगा,,,पर आकृति सब समझ गई ,,की उसके स्वीटहार्ट ने ऐसा क्यों किया ।









                  उसने शिविका और गरिमा कि तरफ देख कहा " आप दोनों को जो तमाशा करना था कर लिया,,,आज के बाद कोई भी तमाशा क्रिएट मत करना,,,और ये सब आपकी वजह से हुआ डैड,,मैने कहा था आपको अगर एक बार इंडिया आ गई,,तो आपके भाई को मेरा होने से कोई नहीं रोक सकता,,,फिर भी अपने बुलाया,,,पहले आपने मुझे दूर किया,,अब ये दोनों करना चाहती है ,,,आप लोग क्यों नहीं समझते मैं प्यार करती हूं इससे,,,मेडली लव विद राज ❤️ ,,,नहीं रह सकती इनके बिना,,,जबसे आंखे खुली हैं बस इन्हें ही अपने करीब पाया है,,,जनून,, सुकून,,चैन सब है वो मेरा,,,,जब वो मेरे पास नहीं होते,,गुस्सा छाने लगता है मुझ पर,,कोई भी चीज अच्छी नहीं लगती,,,उसको बिना देखे बेचैन हो जाती हूं,,एक बार ,,नहीं हजार बार नहीं बार बार कहूंगी,,सबके सामने वो सिर्फ मेरा है,,अधिराज के बिना आकृति का कोई वजूद नहीं,,, अगर फिर भी आप लोगो ने उसे मुझसे छीनने की कोशिश की तो मेरा मरा हुआ मुंह देखोगे, नहीं तो पूरी दुनिया में तबाही होगी,,,आखिरी वार्निंग है""  वो बिना किसी को देखे अपने रूम में चली गई ।







    आतिश भी अपनी बीवी और मां के सामने ना मै सिर हिलाकर बाहर चला जाता है,,उन दोनों के सिवा अधिराज था ,,वो भी किसी पुतले की तरह खड़ा था,,,शिवि ने उससे बात करनी चाही ,,पर वो इगनोर कर आकृति ले पीछे ही चला गया।







    शिवि ने गरिमा की तरफ देखा,,जो खाली आंखों से ऊपर की तरफ देख रही थी,,जहां से अधिराज गया था। शिवि ने उनके कंधे पर हाथ रख " मां क्या हो रहा है सब,,,वह दोनों ही नहीं समझ रहे,,ये सब ठीक नहीं है,,दुनिया क्या सोचेगी हमारे बारे में,,क्या इज्जत रहेगी मां,,,मै अपनी बेटी और बेटे समान देवर को दुखी भी नहीं देख सकती,,," शिवि किसी कांच की तरह बिखर कर अपनी सास के गले लग रो रही थी ।








    उसे इस तरह टूटा हुआ देख  उनकी आंखों में भी आंसु की धारा बहने लगी । आखिर उन्हें भी पता था प्यार के बिना रहना कितना मुश्किल होता है, आखिर उन्होंने भी तो प्यार किया था,,यही सोच सोच दोनों रो रही थीं कि आगे क्या होगा,,,उनके बच्चों की जिंदगी में।








    गरिमा ने उसकी पीठ थपथपा कर " शिवि बच्चा हमने आज तक अपने बच्चों की खुशी देखी है,,फिर अब कैसे उन्हें अनदेखा करदे,,,वही होगा जो वो चाहते हैं,,,हमें ना तो कल कोई समाज की फिक्र थी ना आज है,,बस अपने बच्चों को समझने में देर हो गई,,,अब और नहीं दूरी बर्दाश्त करने देंगे.." गरिमा की बात सुन शिवि के चेहरे पर 440 वाट की मुस्कान आ गई,,आखिर उसने आज तक अपनी सास के गुस्से के कारण ही तो अपनी बेटी और देवर को भला बुरा कहा । पर जब उसने ह्म्म करदी तो अब कोई फिक्र नहीं थी । 







    वहीं आकर्षक  जो सुबह ही मीटिंग के लिए बाहर चला गया था,,अभी आया था अपनी मां और दादी की बात सुन उसे भी बहुत खुशी हुई,, वो भी तो बस उन दोनों की खुशी चाहता था ।
    आखिर ऐसा कौनसा भाई होगा जो अपनी बहन को दुखी देख सके,,फिर आकृति तो उसकी बहन कम जान ज्यादा थी,,आज तक अपने से पहले हर बार उसका ही पहले सोचा है,,,क्योंकि उसकी बहन नहीं छोटा भाई ज्यादा थी,,जब भी उसे जरूरत पड़ी थी,,वो हमेशा एक भाई की तरह ढाल बनकर खड़ी थी,,,फिर अब वो कैसे उसे दुखी होते देख सकता था,,,।चाहती तो आकृति बिना अपने परिवार की मर्जी से अधिराज को अपना बना लेती,,,पर वो चाहती थी कि उसका परिवार उसका साथ दे,,उसकी खुशी में साथ खड़े,,जैसे हमेशा रहते थे ।

  • 17. ★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★ - Chapter 17

    Words: 1167

    Estimated Reading Time: 8 min

                    आकृति अपने रूम के भीतर बने म्यूजिक रूम में बैठी गिटार बजा रही थी,,,उसकी बंद आंखों के सामने वो लम्हैं चल रहे थे,,,जो की अधिराज के साथ बिताये,,,उसकी नशे में डूबी हुई आंखे,,,नीले होठ जो सिगरेट पीने की वजह से नीले हो गए,,,स्माइल करते वक्त गालों पर पड़ता डिम्पल,, आकृति गिटार बजाते हुए उसके एहसासों में इतनी डूबी थी कि अपने पीछे खड़े अधिराज को भी नहीं पहचान पाई।







                        अधिराज तो बस उसकी धुन में खड़ा खड़ा  होश खो बैठा ,,उसने पीछे से हग कर लिया,,,ऐसे गले लगाने से आकृति के जिस्म में सरसाहट दौड़ गई,,, " मुझे नहीं पहचान पाई जान,,,,इतना भी एहसासों में डूबना सही नहीं है,,, तुम्हें पता तुम मेरी जिंदगी का वो खूबसूरत हिस्सा हो,,जिसे मैं पाना तो चाहता हूं पर खोना नहीं,,,प्लीज मुझे अकेला मत छोड़ना,,, तुम्हारे बिना जीने का मैं सोच नहीं सकता ,,," उसे खोया हुआ देख अधिराज बोला ।







    आकृति ने बंद आंखों से कहा" आपकी मां और मेरी मां कभी भी हमें एक नहीं होने दूंगी,,, ये जानती हूं मैं!!  फिर भी तुम्हे खुद से अलग नहीं होने दूंगी,,,बस इतना याद रखो तुम सिर्फ मेरे हो,,, "
    इतना कहकर आकृति अधिराज की तरफ पलट जाती हैं उसकी बेल्ट को पकड़ खुद के करीब कर लेती है,,वही अधिराज की सांसे गहरी होने लगती है,,,क्योंकि उसका खड़े होने के कारण अधिराज को प्राइवेट पार्ट आकृति के होठों से छू जाता है,,आकृति पेंट के ऊपर से ही उसके प्राइवेट पार्ट पर दांत गड़ा देती हैं,, उसके इस एक्शन से अधिराज के अंदर की हवस जागने लगती हैं,, उसकी सांसे ऊपर नीचे हो जाती हैं,, वो खुद पर बड़े ही मुश्किल से कंट्रोल करता है ,,,,


    उसे इस तरह तड़पता देख आकृति मुस्कुराने लगती है,,,जब अधिराज उसकी तरफ देखता है,,,तो वो समझ जाता है,उसने शरारत की है,,अधिराज भी उसकी शरारत का जवाब देने को होता है,,लेकिन हमारी मैडम कहां किसी के हाथ आने वाली,,वो तेजी से भाग जाती है,,जैसे ही वो दरवाजा खोलने वाली होती है,,,अधिराज उसकी कलाई पकड़ दीवार से सटा लेता है ,,उसे इस तरह देख आकृति की स्माइल और गहरी हो जाती हैं,,,








    "ऐसे क्या देख रही हो,,,मेरा अंदर की हवस को जगाकर खुद मैडम भागने की फिराक में थी,,,this is not fair डार्लिंग,, ऐसा नहीं होता,,,"  अधिराज उसकी बूब्स पर जीभ फिराकर बोला ।








    " प्यार की जंग में सब कुछ जायज होता है सनम,,फिर बंदा इतना हॉट हो तो,,और भी मजा आता है,,,और आप अपना अस्त्र को थोड़ा संभाल करिए ना,,उसे बाहर निकलने की कुछ ज्यादा ही जल्दी है,,," उसने उसके प्राइवेट पार्ट को मुठ्ठी में भरके कहा ।









    "जान हाथ हटाओ,,, वरना आज तुम्हे moaning करने से कोई नहीं रोक पायेगा,,, बेड पर तुम मेरे नीचे होगी,,और मैं तुम्हारे अंदर  ,,, फिर तुम मेरे नाम की aahhhhhen भरोगी जान,,, तड़पाना बंद करो,,,मेरे शरीर की गर्मी बढ़ रही है 😂,,,"  अधिराज तड़प के बोला ।








    उसे तड़पते देख आकृति के लब मुस्कुराने लगे,,तभी उसकी आह निकल जाती है,, क्योंकि अधिराज ने उसकी छाती पर बाइट कर ली,," दूर हटो,,,मुझे नहीं करना तुमसे प्यार,,,जब खुद चाहो करीब आ जाते हो,,अगर मैं आऊं तो तुम्हें दिक्कत होने लगती है,," आकृति उसे धक्का देकर बाहर निकल जाती हैं।









        कमरे में अधिराज पहले वाशरूम जाता है,,,वहां चेहरे पर पानी डाल खुद को रिलैक्स करता है,,जब वो आइने में देखता है,,तो उसे अभी के सीन याद आने लगे " ओह शीट,,मेरी जान नाराज हो गई,,,और मैं यहां उसकी यादों में खोया हुआ हूं,,, जान को मनाना मतलब ,,यमराज के दर्शन करने के बराबर है,,,क्या महादेव आपको भी मेरे दिल की धड़कन इसे ही बनाना था,,,, आपके जैसे ही रौद्र रूपी है,,,पता नहीं सारी जिंदगी कैसे झेलूंगा मैं गरीब,,,," वो अपनी ही जान की बुराई भर भर के कर रहा था,,,तभी  उसे फोन को रिंग सुनाई देती है,,,पॉकेट से फोन निकाल देखता है उसकी जिगरी यार दक्षिण की कॉल आ रही थी।









    फोन उठाकर कान से लगाता है तो उधर से दक्षिण " साले कितने दिन होंगे मिले हुए,,,कभी तो याद कर लिया कर,,या फिर उसे भुलाता भुलाता मुझे भी भूल गया,,,,"







    " बस कर यार,,,आज पहले ही मेरा दिन बहुत बुरा है ऊपर से तू बकवास किये जा रहा,,, भूलने ही कहां देती हैं वो,,,सारा दिन एरोगेंट,खडूस , डेविल बनी रहती है,,, तुझे तो कोई मेरी फिक्र ही नहीं,,,तू क्या जाने मेरे साथ क्या क्या बीत रहा,,, मां मुझे किसी और का बनाना चाहती है,और वो मुझे खुद से दूर नहीं जाने देती,,,और तो और गुस्सा इतना ज्यादा करती है कि कभी कभी तो मुझे भी उसमें यमराज दिखने लगता है भाई,,,, " अधिराज उसको अपने दुखड़े सुनाने लगा ।








    उसकी बातों से दक्षिण की हंसी छूट जाती है,,वो जोर जोर से हंसने लगता है ,,वही अधिराज का मुंह बन गया,,,दक्षिण अपनी हंसी को कंट्रोल कर " भाई तो तू सास से तंग आई बहु के जैसे बोल रहा,,, उस दिन बड़ा बोल रहा था,, मैं उसके करीब नहीं जाऊंगा,,, ना ही उसे कभी प्यार करूंगा,,,अब कैसे हो गया,,, ह्म्म बोल बोल,,,"









    " प्यार तो बहुत पहले से ही था,,,बस पता अब चला ,,,अब तो उसके बिना एक पल भी दूर नहीं रहा जाता यार,,,, जब वो मेरे पास नहीं होती ना तो ऐसे लगता है जैसे सूखा हुआ रेगिस्तान जैसा लगता है,,,मेरे जीने की वजह ही वो बन गई,,, उसकी आंखों में जो नशा है ना वो किसी शराब में भी नहीं,,,,और उसके होंठ तो मेरे अंदर की आग है ना उसको बुझाने का काम करते हैं,,,उसे देखकर मेरे अंदर की वो हवस, तड़प और वो सब करने की उत्तेजना बढ़ा देती हैं,,,तो बता कैसे ना होगा मुझे प्यार उससे,,,"  अधिराज किसी पागल आशिक की तरह बोल रहा था या मानो की वो आकृति को अपने सामने बिना कपड़ो के इमैजिन कर रहा था ।









    उसकी बातों से दक्षिण को तो जोर का झटका लगता है,,, उसने कभी सोचा भी नहीं था कि अधिराज कभी किसी लड़की के लिए ऐसी भावना रखेगा वो भी अपनी सगी भतीजी के लिए,, वो होश में आकर बोला " आखिर बन ही गया तू पागल आशिक दीवाना,,,,अच्छा लगा सुन के,,मेरे यार को भी प्यार हो ही गया,,, जिस तरह से तूने गुणगान किया लगता तेरे अंदर का जानवर जाग रहा है,,, वैसे भाई जिस तरह तू भाभी के ख्यालों में खोया हुआ था,,तो अपने नीचे भी ध्यान दें,,वो भी खड़ा हो गया होगा,, उसको थोड़ा वश में रखियो,, कहीं भाभी तुम्हे पीट ना दें,,,"





        दक्षिण बात सुन अधिराज नीचे देखता है,जहां उसका प्राइवेट पार्ट तनकर बाहर निकलने को हो रहा था,,, उसका शरीर आग 🔥की तरह तपने लगता है,, वो बेड पर लेट कर पेंट की जिप खोल देता है,,ताकि गर्माहट कम हो,,,फिर दक्षिण से बोला """ साले सच में मेरे अंदर आग तप रही है,,, उफ्फ गर्म हो रखा है समान ,,,बता ना कैसे कम करूं,,,"





    दक्षिण हंसकर " भाभी को बुला ले ,,वो कम कर देगी,,,,"



    अधिराज चिढ़कर " शट अप,,,जितना पूछा है उतना बता,,,"



    " अच्छा ठीक है,,, जा ठंडे पानी से नहाले जाके,,,थोड़ा आराम मिलूंगा,,," दक्षिण बोला और फिर फोन काट देता है।




    दूसरी तरफ अधिराज वाशरूम में जाकर शॉवर ऑन करके ठंडे पानी के नीचे खड़ा हो जाता है,,,जैसे जैसे पानी शरीर पर पड़ता गया,,,वैसे ही गर्मी शांत होती गई।।







       

  • 18. ★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★ - Chapter 18

    Words: 1089

    Estimated Reading Time: 7 min

                 अधि को नहाने के बाद  रिलैक्स फील होता है,, वो अपना फोन उठाकर आकृति को कॉल लगाता है,,लेकिन फोन बंद बता रहा था,,,जिसे देख अधि को अंदाजा हो गया कि वो बहुत ही नाराज है, जैसे ही कमरे से बाहर जाता है तो उसे आकर्षक मिल जाता है,,, उसे देख वो पूछता है " कर्ष तुम कब आये ,, और ये क्या हाल बना रखा है,,,?







    आकर्षक अधि की तरफ सिर उठाकर " क्या ही बताऊं चाचू,,,बस ट्रैवल की वजह से थोड़ी थकान हो गई,,,वैसे आप क्यूं परेशान हो,,,"








    " तेरी प्रिंसेस की वजह से,,, जब देखो तब ही खडूस मेरे सिर पर बैठी तांडव करती रहती है,,,अभी अभी मुंह फुलाकर चली गई,,,कॉल भी लगाई,,,मजाल है फोन ओपन करले,,,पता नहीं क्या होगा इस लड़की का,,," अधि उसको शिकायत लगाने लगा ।








    अधि बेसुध होकर बस शिकायत किए जा रहा था,,पर आकर्षक पीछे की तरफ देख मुस्कुराने लगा,,,अधि को इस बात का अंदाजा नहीं हुआ कि जिसकी वो इतने देर से तारीफ कर रहा,,वो पीछे खड़ी बस उसे ही घूर रही थी,,आकृति ने आकर्षक को इशारे से रेस्ट करने को कहा,तो वो अपने रूम की तरफ चला गया,, उसके जाते ही आकृति अधि को खींच कमरे में लेजाकर दरवाजा बंद कर उससे लगा देती है,,इस अचानक से हुए हमले को वो समझ नहीं पाया,,आकृति की आवाज से वो होश में आया।





    " ह्म्म तो मेरी तारीफों के पुल बांधे जा रहे थे,, मैं खडूस हूं,,,और तुम्हारे सिर पर तांडव करती हूं,,,यही बोला था,,," उसने बिल्कुल अधि के करीब आकर कहा ।








    " नहीं जान ,ऐसा कुछ नहीं है,, मैं तो बस मजाक कर रहा था,,प्यार में इतना तो चलता है,," अधि ने खिसियानी हंसी के साथ बोला ।








    आकृति उसकी बात सुन गहरी स्माइल कर ,उसके सीने से लेकर नीचे कमर तक हाथ ले जाते हुए बोली " प्यार में तो और भी बहुत कुछ होता हैं तो वो भी हम करे.."  वो बेल्ट की नोक से खेलने लगी,,अधि की तो जान हल्क में आ जाती है,,उसकी धड़कने एक्सप्रेस ट्रेन की तरह चलने नहीं दौड़ने लगती है,,ऊपर नीचे होती सांसे आकृति को और भी पागल बना रही थी ,,उसने अट्रैक्टिव और सेड्यूस भरी आवाज में कहा " जान अगर इस तरह तुम अपनी सांसे मेरे चेहरे पर छोड़ोगे,,,तो मैं और भी पागल हो जाऊंगी,, फिर इस बंद अंधेरे कमरे में ,,तुम और मैं और हमारी गहरी सांसे होगी,,,"





    वहीं अधि तो उसके इस तरह बोलने से पागल सा हो जाता है,,बिना देरी किये राइट साइड का हाथ उसकी कमर में डालकर थोड़ा ऊपर उठा कर फिर लेफ्ट हाथ उसकी गर्दन के पीछे रख अपने होठ उसके होठों पर रख देता है,,, आकृति जो अधि को तंग करके मजे कर रही थी पर वही अब खुद उसी सिचुएशन में फंस गई,,अब वही हाल उसका था,, आकृति को सारी मस्ती चकनाचूर हो गई,,,क्योंकि अधि उसे बहुत ही रफ और हार्ड किस कर रहा था,, अधि की हवस धीरे धीरे उसे जानवर बनने पर मजबूर कर रही थी,, ।






         उसके होठों को रफ़्लि चूसने सारे रस को पीकर ही दम लेगा,, हार्ड किस से आकृति की सांसे उखड़ने लगी,,,उसकी छाती अधि के सीने से जोर जोर से टकराने लगी,, जिससे अधि की हवस और भी बढ़ती है,, जैसे की वो होठों केढ़ती गई,,, आकृति को सूखे रेगिस्तान की तरह महसूस हो रहा था,,उसका पागल आशिक उसके होठों का सारा रस जो पीने लगा हुआ था,,




    वही आकृति की गर्मी भी बढ़ने लगी जब उसे अपनी टांगों के नीचे हार्ड हार्ड महसूस होने लगा,,,आग जैसा तपता अधि का प्राइवेट पार्ट तनकर कपड़े से बाहर निकलने को था,,,वो आंखे बंद कर महसूस करने लगी,,उसके माइंड में डर्टी थॉट आने लगे,,,अधि ने आधे घंटे बाद उसके होठों को छोड़ा,,पर हमारी हीरोइन तो अब भी बस खोई हुईं उसे ही महसूस कर रही थी,,




    अधि ने जब उसकी बंद आंखे देखी तो,,उसने कान के पास जाकर " जान महसूस करने से कुछ नहीं होता,,अगर तुम ह्म्म करो तो तुम्हारे अंदर डाल दूं,,," और कान पर बाइट कर लेता है।









    आकृति होश में आकर इधर उधर देखने लगती है,,तो उसे देख वो दोबारा बोला " जान शर्माना किस लिए वो तुम्हारे लिए तो ही हैं,, तुम्हें खुश करने के लिए,, अगर तुम मंजूरी दो तो मैं तुम्हें अभी खुश कर सकता हूं,,आज तो हम फ्री भी है,,और मूड भी हैं,,क्या बोलती हो,,"







    आकृति थोड़े गुस्से में घूर कर " तुम कुछ ज्यादा नहीं बेशर्म हो गए,,, पहले तो तुम्हे दिक्कत थी अब खुद ही बकवास कर रहे हो,,,"









    अधि अपनी कमर उसकी कमर के साथ रगड़कर " जान पहली बार था और मैने मना थोड़ी किया था,,तुम ही नाराज होकर मुझे छोड़ गई थी,,अब बोलो ना वो भी असली मूड में हैं और हम भी,,"  जिस तरह से वो कमर रगड़ने लगा था,, उन दोनों को अपने प्राइवेट पार्ट गर्म हुए महसूस हो रहे थे ।










    आकृति अधि को बेड के करीब लाकर,,उसे बेड पर धक्का दे देती है और खुद डोर को अच्छे से लॉक कर,,उसके पास जाती है,,अधि के पैर बेड के नीचे लटके हुए थे और वो आधा बेड पर लेटा हुआ था,, एक साइड घुटना रखकर आकृति उसके ऊपर झुक जाती है,,और उसकी नजर एक तरफ ठहर जाती है,,अधि को उसकी नजर अपनी गर्दन पर महसूस होती है,, आकृति नजर हटाकर उसकी शर्ट खोल देती है,, उसका गठीला बदन देख बिना एक पल गवाए उसके ऊपर लेट  उसकी गर्दन पर होठ रख देती है,,जैसे जैसे वो उसकी गर्दन को सक करती वैसे ही अधि की सिसकारियां निकलने लगी,, उसका भी खुद पर कंट्रोल खोने लगा । उसके होठ गर्दन से लेकर नीचे कमर तक आ जाते है,, वही अब अधि पूरी तरह से खुद पर कंट्रोल खो देता है,,वो आकृति ऊपर खींच कर पलट देता,,,आकृति उसके नीचे वो उसके ऊपर था,,





    उसकी टी शर्ट खींचकर निकाल देता है फिर ब्रा की हुक खोल उसे भी अलग कर देता है,,उसके बूब्स को पहले अपने हार्ड हाथों से मसलता है,,वही आकृति की aahhhhh निकल जाती है " धीरे धीरे करो ना जान..* ,,उसकी आह सुन अधि की उत्तेजना और भी बढ़ जाती है,,अपनी जीभ को उसके निप्पल पर चलाने लगा ,, जैसे जैसे वो आगे बढ़ा ,,वैसे ही आकृति की सांसे और भी गहरी होती गई ।





        वो धीरे धीरे कर उसके पेट से लेकर कमर तक आ जाता है,,,अपने मुंह से उसकी पेंट को खोल उतार देता हैं,,वो उसके नीचे वाला कपड़ा भी उतारने वाला होता  है,,तभी बाहर से आतिश की आवाज आती है,,तो दोनों होश में आते है ,, वही आकृति अपने कपड़े उठाकर वाशरूम में भाग जाती हैं,,उसे इतनी हड़बड़ाते देख अधि की हंसी निकल जाती है,,तो आकृति उसे घूर के देखती हैं तो वो चुप हो जाता है।






    KAISA LGA ROMANTIC PART,,,,

  • 19. ★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★ - Chapter 19

    Words: 1129

    Estimated Reading Time: 7 min

    KYA KRU MAI,,,, NA TO KOI FOLLOW KARTA HAI,, NA HI SAMIKSHA,,,, BAS CHAR HI PYARE PYARE DOST HAI JISNE SAMIKSHA DI,,,, SACH BTAU MERE LIKHNE KA BILKUL BHI MAN NHI KARTA ,,,PTA HAI KYO,,,,, KYOKI SUPPORT  MIL RAHA MUJHE,,,, MOTIVATION NHI MIL RAHA ..... HONSLA NHI MIL RAHA,,,,, BAS PADH LIYA,,, AUR CHL LIYE AUR RASTE....  BHAI HUM VEHLE NHI HAI,,,,  STORIES LIKHNE KE LIYE DIL,,,,, DIMAG,,,,, IMOTION,,,, CHAHIYE,,,, KITNI MATHAPCCHI KARNI PADTI HAI,,,FIR KAHI JAKR STORI KA AIK AIK PART LIKHTE HAI,,,, AAP LOGON NE TO BILKUL SHARM UTAR RAKHI HAI,,,,,FOLLOW KAR LOGE TO TUMHATI PROPTY KAM NHI HO JAYEGI,,,, NONSENSE PEOPLE 😼😤😤😤😤.... RATING DEKH K SARA DIMAG KA DAHI HO JATA HAI.....।।



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                अधि कपड़े पहन बालकनी के रास्ते से अपने रूम में चला जाता है,,, आकृति वाशरूम में कपड़े पहन कर आकर दरवाजा खोलती है,,,तो अपने सामने आतिश को पाती है,,, वो बोली " डैड आप यहां कुछ काम था क्या,,,"




    आतिश जी भौंहे उठाकर " क्यों मैं बिना काम के नहीं आ सकता ,,,"





    उसके इस तरह बोलने से आकृति घबरा जाती है,,,वह बात को संभालते हुए " नहीं डैड ऐसी बात नहीं है,,,आप  कबसे दरवाजा खटका रहे थे,,,तो मुझे लगा कुछ काम होगा,,,,,"




    " ओह ये बात है,,,मुझे लगा मेरा आना तुम्हें अच्छा नहीं लगा,,,वैसे इतनी देर से क्या कर रही थी,,,," उसने एरोगेंट बाप की तरह पूछा ।







    आकृति हड़बड़ा जाती है,,उसने खुद को संयम कर " कुछ नहीं डैड,,, वो मैं फ्रेश हो रही थी,,,," उसने अपने माथे पर उंगली रगड़ते हुए कहा।






    " Ohhhh,,, मैंने सुना तुम कल से कॉलेज जा रही हो,,, जानता हूं, तुमने ग्रेजुएट के तीन साल तो कंप्लीट तो कर लिए,, लेकिन दो साल तुम यही खत्म करोगी,,,कॉलेज के बाद ऑफिस आया करोगी..." आतिश बोला ।







    " बिल्कुल डैड,,,, शायद आप भूल रहे हैं,,मैने ऑफिस कबसे ज्वॉइन कर लिया,,, लगता है आपकी उम्र हो गई  है,,,जो भूलने की बीमारी जो लग गई,,,," आकृति ने उनको चिढ़ाते हुए कहा।






    " ऐ प्रिंसेस ,, मेरी उमर पर मत जाना,,, मै आज भी उतना ही जवान हूं जितना पहले था,,," आतिश थोड़ तेज आवाज में बोले ।






    आकृति तेज आवाज सुन चिढ़ जाती है,,,वह अपने कानों पर हाथ रख " डैड ,,,धीरे बोलिए ना,,, तेज बोलने से उमर कम नहीं होगी,,, हड्डियों को झटका जरूर लग सकता है..."








    " ड्रामेबाज,,,, जब देखो तब ही मेरी उमर पर आ जाती हैं खडूस कहीं की,,," आतिश जी अपने मुंह में बुदबुदाते है,,,पर ये सब आकृति सुन लेती हैं,,वही अपना ना में सिर हिला देती है,, फिर अंदर की तरफ कदम बढ़ाती है,,,तो आतिश  जी उसका हाथ पकड़ लेते हैं,, वह अपनी आइब्रो उठा देती है,,,तो आतिश जी बोले " आज एक जरूरी मीटिंग है,,,आकर्षक ट्रैवल करने की वजह से थक्का हुआ है,,उसकी जगह तुम चलोगी,,, सो बीस मिनट है तुम्हारे पास,,, नीचे आना जल्दी,,,"  बिना आकृति की बात सुने नो दो ग्यारह हो जाता है । वहीं आकृति कुढ़ कर रह जाती है।






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         आधे घंटे बाद आकृति तैयार होकर नीचे आती हैं,,, हॉल में चारों तरफ देखती हैं,,तो उसे आतिश दिखाई नहीं देता " मुझे तैयार होने का कहकर खुद बुर्ज खलीफा बन गए,,, पता नहीं कहां गायब हो गये,,, अरे जाना ही था तो मुझे क्यों डिस्टर्ब किया,,,, पता नहीं चाहते क्या है मुझसे,,,,जबसे आई हूं जीना हराम कर कर दिया सालों ने,,,,,,"






    तभी पीछे से " जिस साले को आप गाली दे रही है,,,बेटी,,, वो कबसे चले गए,,,, अब जल्दी जाओ तुम भी वरना वो तुम्हे छोड़ने वाले नहीं हैं,,,तुम्हे एड्रेस सेंड किया वही जाना है,,, " उसने पीछे मुड़ कर देखा तो शिविका थी ,,जिसके हाथ में एक कटोरी थी ,,,उसमें दही के साथ शक्कर मिली हुई थी,,, वो एक चमच दही शक्कर खिलाती है,,फिर माथे को चूम उसे ब्लेसिंग देती है।







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    थोड़ी देर में आकृति की व्हाइट चमचमाती कार एक बड़े से महलनुमा रेस्टोरेंट के सामने रुकती हैं,,जिसका नाम था ब्ल्यू डायमंड रेस्टोरेंट,,,, उस रेस्टोरेंट में बड़े बड़े अमीर घर के लोग ही सकते थे,,, क्योंकि गरीब तो उसका खर्च उठा नहीं सकते थे,,, कार पार्किंग कर आकृति अंदर चली जाती हैं वहां रिसेप्शन से रूम नम्बर पूछकर ऊपर के फ्लोर पर जाती है वहां लास्ट में एक रूम था ,,जैसे ही वो रूम का डोर ओपन करती है,,,वहां हो रही बातचीत एकदम रुक जाती हैं,पूरे रूम में सन्नाटा छा जाता हैं ,,क्योंकि आकृति किसी डेविल से कम नहीं लग रही थी,,, अधि के सामने रहने वाली आकृति और इस आकृति में दिन रात का फर्क था,,, उसे देख क्लाइंट्स का तो गला सूखने लगता है,मेहरून कलर की पेंट ,,ऊपर व्हाइट कलर की शर्ट ,,हाथ में मेहरून कलर का ब्लेजर थामे,,, आंखों में ब्लैक शेड्स,,,पैरों में व्हाइट शूज,,, राइट हाथ में ब्रांडेड वॉच,,, लेफ्ट हाथ में महादेव का कड़ा,,,वो इस रूप में पूरी कयामत ढा रही थी,, ऊपर से उसके फेस के सीरियस एक्सप्रेशन को देख किसी की भी जान निकल सकती है,,,वो धीमी गति से आगे बढ़ने लगी,,,,, वो जैसे जैसे आगे बढ़ी ,वैसे ही वहां बैठे हर इंसान की सांसे थम गई,,, ।






                वो आगे बढ़कर आतिश और अधिराज के बीच सोफे पर क्वीन की तरह बैठ जाती हैं,,,,, कुछ ही देर में मीटिंग शुरू होती हैं,,, वही सामने वाले सोफे पर बैठा एक लड़का जो वीर खुराना का बेटा देवीश खुराना की नजर आकृति पर थी,,, ये बात उन तीनों को ही पता थी पर किसी ने कोई रिएक्ट नहीं किया,,,, ।





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             घंटे बाद मीटिंग खत्म होती हैं,,, पर देवीश अभी भी प्यार भरी नजरों से उसे ही देख रहा था,,,जिसे देख अधिराज गुस्से से बौखला जाता है,,उसने कड़क भरी आवाज में " मिस्टर खुराना अपने बेटे को कहो,,,अपनी नजरों को काबू में रखे,,, वरना मुझे काबू करने बहुत अच्छे से आता है,,,"






                 मिस्टर खुराना अधिराज की बात सुन घबरा जाता है,,, उसे ऐसे घबराते देख आतिश के चेहरे पर डेविल स्माइल आ जाती है,, अपने बाप को डरता देख देवेश गुस्से से अधिराज की तरफ देख " तुम कौन होते हो,, मुझे रोकने वाले मेरी नजर मैं किसी पर भी डालूं,,, तुम्हे क्यों जलन हो रही है,,,,"





     

        आतिश और अधिराज एक साथ देख कर बोले " अब तो गया ये,,,लगता कुछ ज्यादा ही जल्दी है मरने की,,," उनकी बात देवेश को समझ नहीं आई,,, पर मिस्टर खुराना अच्छी तरह समझ गए,,उन्हें भी अब डर लगने लगा।







       वहीं आकृति अपनी आइब्रो सहलाकर देवेश की तरफ कदम बढ़ा देती हैं,,, उसके सामने जाकर " तुम्हारा बाप इसलिए डरा,,, क्योंकि उसे पता था ,,, आकृति सिंघानिया ना तो गलती करती है ना ही गलती करने वालों को छोड़ती है,,,जब उसने कहा कि नजरों को काबू में रखो,,तो क्यों नहीं रखा,,, और तो और हिम्मत कैसे हुई ,,,उसके सामने बोलने की,,, लगता है तुम्हें मौत कुछ ज्यादा ही प्यारी है,,," उसकी बात में इतनी  आग थी कि उन दोनों की रीढ़ की हड्डी तक कांपने लगी,,,,,बिना देरी किये उसके गले को दबा देती हैं,,उसकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि देवीश का दम घुटने लगा,,,।

  • 20. ★"Niece's passion for her uncle😈🥀"★ - Chapter 20

    Words: 1012

    Estimated Reading Time: 7 min

               


                   " अपने बेटे को तड़पता देख ,,, मिस्टर खुराना   आतिश के पैरों में गिरकर माफ़ी मांगने लगता है,,, " प्लीज मिस्टर सिंघानिया ,,, मेरे बेटे को छोड़ दीजिए,,,, इकलौता बेटा है मेरा,,,, जानता हूं उसने गलती की है,,उसकी तरफ से मैं माफ़ी मांगता हूं,,,,, वो मर जायेगा बिटिया को कहो उसे बख्श दे,,, मैं आपके आगे हाथ जोड़ता हूं,,," वो अपनी बेटे की जान की भीख मांगने लगा। 










                 जब आकृति का गुस्सा चर्म सीमा पर आ जाता है,, तो आतिश जी अधिराज को इशारे से उसके पास जाने को कहता है,,, अधिराज गहरी सांस लेकर ,,, उसके हाथ को पकड़ अपनी तरफ खींच लेता,,, और उसे गले से लगा लेता है,,,, धीरे धीरे उसका घुस शांत होने लगता है,,, वही देवीश एकदम से छूटकर नीचे गिर जाता है,,अपने गले को पकड़कर जोर जोर से खांसने लगता है ,,मिस्टर खुराना भागकर उसके पास जाते हैं और उसे पानी पिलाता है,,,, जहां आकृति ने खुद पर काबू पाया,,, वहीं देवीश अंदर बदले की भावना लिये उन दोनों को ही घूर रहा था।








                मिस्टर खुराना अपने बेटे को लेकर चले जाते हैं,,, आतिश उन दोनों को घूर कर " ये मेरे सामने चिपका चिपकी मत किया करो,,,,तुम दोनों,,,, और तुम अक्की तुम्हारा बाप सामने खड़ा है,,,और तुम अपने आशिक़ के गले लगी हुई हो ,,,जरा शर्म नाम की चीज है क्या तुम के,,,"







       आकृति ने अधिराज को और कसके गले लगाते हुए " डैड ये शर्म कहां मिलती है,,,मुझे नहीं पता ,,,और मेरे पास तो बिल्कुल भी नहीं है,,,, आप क्यों जल रहे हो,,, मम्मी को गले लगाते वक्त आपने की कभी शर्म ,,,नहीं ना,,तू मुझसे भी उम्मीद मत करिए,,,,"







    " waah बेटा वाह ,,,बाप की बराबरी करती हो,,,बहुत आगे जाओगी,,, खडूस कहीं की,,," आतिश चिढ़कर बोला ।




    "जानती हूं,,," बिना किसी भाव के कहा ।






    अधिराज उन दोनों की बहस से तंग आ गया ,,उसने आकृति को दूर कर ,,टेबल पर हाथ मारकर " बस,,,, बच्चे नहीं हो तुम दोनों,,, जो ऐसे झगड़ रहे हो,,,माहौल और जगह तो देख लिया करो,,,समझ नहीं आता ,,भाभी कैसे तुम दोनों को संभालती हैं,,,अब एक शब्द भी मुंह से निकला तो मुझसे बुरा कोई नहीं,,," ।





    वह दोनों बच्चों की तरह मुंह बनाकर " huh वैसे भी तुमसे बुरा कोई नहीं है,,," अधिराज दोनों को घूरता है,,तो दोनों मुंह पर उंगली रख चुप हो जाते है।





       "आज जो कांड हुआ ,,, मुझे नहीं लगता अब वह बिजनेस करने के लायक भी रहेंगे,,," अधिराज आकृति को घूरते हुए बोला ।







    आकृति सकपकाकर " ज्यादा कुछ नहीं बस उनका सारा बिजनेस बैक्रम्प्ट हो जायेगा,,,उनको खुशहाल जीने का कोई हक नहीं,,, जो मेरी जान को एक नजर भी उठाकर देखे,,,"
    " वो दीवानी ही क्या जो प्यार में फना ना हो...,,,वो मेरी आखिरी सांसे होगी जिसमें तुम्हारा नाम ना हो...."






    "इतना भी पागल पन अच्छा नहीं होता,,, मेरी जानेजहां😌❤️,,,कभी कभी यही पागलपन हमारी मंजिल छीन लेता है,,," आतिश जी ने उसे समझाते हुए कहा, वहीं अधिराज सिर पर हाथ रख एक तरफ बैठ जाता है।







    " जो भी मेरे और मेरी मंजिल के बीच आयेगा,,,उसका आखिरी पल होगा,,,,जो भी किया अपने दम पर किया,,,किसी की इतनी हिमाकत नहीं कि मेरी चीजों पर नजर ही डाल ले,,,, उनकी आंखों की गोठली निकाल लूंगी,,," उसने किसी शैतान की भांति कहा,, उसकी बातों और ओरे से वहां का मौसम एकदम से बदलने लगा,,, पूरे रूम में ठंड सी छाने लगी।








    अधिराज चिढ़कर बिना उन दोनों को देखे बाहर की तरफ निकल जाता है,,आतिश भी उसके पीछे पीछे दुम दबाकर भाग जाता है,,अब उसे भी आकृति की बातों से डर सा लगने लगा था,,,, वही आकृति उन दोनों को जाते देख स्माइल करने लगी " मैं अपने और राज के बीच किसी को नहीं आने दे सकती,,, छः साल के इंतजार के बाद उसे अपना बनाया,,,अब दूर नहीं जाने दे सकती,,,उसकी हर धड़कन और सांस पर सिर्फ मेरा नाम है,,,,रहेगा हमेशा के लिए,,,



    " जुनूनी इश्क़ है वो मेरा❤️,,,, जन्मों जन्मों के लिए,,,, उसे छोड़ना गवारा नहीं मुझे😈..."

    " मेरे अंदर की आग को ,,उसके तपते हुए होठ ही बुझा सकते हैं,,, वरना पानी में इतना दम ही कहा कि वो पैट्रोल को सह जायें,,,"





    आकृति की आवाज में गहरा जनून था,,, जो शायद ही कभी कम होने वाला होगा,,,, वो किसी साइको से कम नहीं थी,,,जब भी उसका जुनून उसके दिल और दिमाग में छाता है तो उसे बस एक ही चीज याद रहती है वो सिर्फ उसका प्यार अधिराज❤️😈,,,,







    दिखने में 19 साल की लड़की है,,वो पर वक्त आने पर वो शैतान थी,,,, जो अपने दुश्मनों और राइवल्स के लिए एक डेविल साइको थी,,, उसने इस छोटी सी उमर में पता नहीं कितने ही लोगों को मौत के घाट उतारा था,,, कई लोग तो इसकी खूबसूरती की वजह से ही निपटे गए,,,।
    कहते हैं दिखने में जो चीज खूबसूरत होती हैं,,वो उतनी ही खतरनाक भी होती है😈,,, ये बिल्कुल आकृति के लिए ही कही गई है,क्योंकि वो एंजेल में छुपी हुई डेविल थी।







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    वो खिड़की के पास जाकर सिगरेट जलाकर अपने होठों के बीच रख कस लेने लगती है,,,कस लेने से उसके अंदर चल रही उथल पुथल शांत हो जाती है,,वो सोच रही थी कैसे वो अपनी दादी और मां को कन्विंस करे अपने प्यार के लिए,,, अगर वो ना मिला तो ,तबाही आनी पक्की है।








    आज उसका मूड बहुत खराब सा था ,,उसने घर ना जाने का फैसला किया,, वो अपनी कार में बैठ सीधा क्लब की तरफ मोड लेती हैं,,, वो ही था एक उसके मूड को सही करने का जरिया,,,जब भी उसे किसी चीज की कमी महसूस होती वो क्लब चली जाती ,,, फिर कितने दिन हो गए अपने दोस्तों से भी नहीं मिली ।







    कहने को वो दोस्त थे,,, पर उसके हर राज के हकदार थे,,,एक जान तो दूसरा सांस है,,,जितनी फैमिली जरूरी थी उतनी ही दोस्ती,,,, आकृति हर रिश्ते को बड़ी अच्छी तरह निभाना जानती थी,,, उसका एक चीज पर कंट्रोल नहीं था सिर्फ गुस्सा,,, जब भी आता सामने अपने और पराए में कभी फर्क नहीं दिखता,,,, गुस्सा ही उसकी ताकत और कमजोरी दोनों था,,,, बहुत मुश्किल से कंट्रोल होता ,,, कभी कभी तो जान लेने के बाद भी गुस्सा नहीं शांत होता तो वो खुद को चोट देती,,ताकि जितना दर्द ज्यादा होगा ,,तो गुस्सा शांत हो....।