ये कहानी है आश्वी और दर्शित oberoi कि। अपने ही होने वाले पति से धोखा खाने के बाद आश्वि ने अनजाने में ही बिताई एक रात किसी गैर की बाहों में! ,,और वो हो जाती है उसके बाद प्रेगनेंट! वही दुसरी तरफ है, दर्शित ओबेरोई,जो ऐशिया का नंबर वन बिजनेस मैन है और सा... ये कहानी है आश्वी और दर्शित oberoi कि। अपने ही होने वाले पति से धोखा खाने के बाद आश्वि ने अनजाने में ही बिताई एक रात किसी गैर की बाहों में! ,,और वो हो जाती है उसके बाद प्रेगनेंट! वही दुसरी तरफ है, दर्शित ओबेरोई,जो ऐशिया का नंबर वन बिजनेस मैन है और साथ में ही एक माफिया किंग भी ,जो है ये राज दुनिया से छुपा। और जब दर्शित पहली बार ही वो आश्वि को देखता है ,तो पहली ही नजर में आश्वि उसकी दीवानगी,,पागल पन,, जूनून,सब बन जाती है ,,जिसे वो कोई भी कीमत पर पाना चाहता था। तो कैसे दर्शित ओबेरॉय,, आश्वि को अपना जुनून बनाएगा?? क्या आश्वि उस बच्चे को जन्म देगी?? क्या आश्व्वी जान पाएगी , की उस रात को वो किसके बाहों में थी?? कोन होगा , आश्वि के पेट में पल रहे बच्चे का बाप?? क्या होगा आश्वी का फैसला उस रात के बाद? आखिर किस हद तक जाएगा दर्शित ओब्रॉई, आश्वी को पाने के लिए?? जानने के लिए पढ़ते रहिए "
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Club night एक क्लब जहां बहुत ही ज्यादा शोर सराबा हो रहा था और चारों तरफ सब लोग नशे में चूर होकर नाच रहे थे । हर तरफ बस शोर ही शोर हो रहा था । और उसे क्लब के अंदर हल्की हल्की डिम लाइट जगमंगा रही थी। किसी को होश नही था बस सब अपने msti me मग्न थे। और वहां पर बड़ी तेज म्यूजिक बज रहा था । वही इसी क्लब के सेकंड फ्लोर के एक कमरे के अंदर एक शख्स अपने पैर पर पैर चढ़ा कर बैठा हुआ था। और उसके आसपास ही और भी लोग खड़े हुए थे ।वही वह शख्स किसी राजा महाराजा की तरह ही बैठा हुआ था और वह वाइन के गिलास से सिंप ले रहा था । बेहद ही हैंडसम और हॉट पर्सनालिटी का वह हैंडसम हंक कयामत ढा रहा था।वही उसके सामने सोफे पर तीन लोग और बैठे हुए थे। उनमें से एक जिसका नाम सतीश था वह बोला ," तो मिस्टर ओबेरॉय क्या सोचा है आपने ? क्या यह deal पक्की समझे? तो क्या हम आपको जो चीज देने वाले हैं वह चीज आपको दे दे ?" वही इतना सुनते ही दर्शित ओबेरॉय सोफे पर ठीक से बैठते हुए ही वाइन का गिलास नीचे रखता है और फिर वह टेबल पर पड़ी हुई सिगरेट को उठाता है और सिगरेट को उठाते हुए ही अपने मुंह में रखकर वह सिगरेट को जलाकर उसके कश लेने लगता है।वही सब लोग दर्शित को ही देख रहे थे ।और उसके बोलने का इंतजार कर रहे थे।आखिर उसके एक जवाब पर ही वह deal tiki हुई थी।वही उस रूम के अंदर पूरा सन्नाटा फैला हुआ था। वही दर्शित ओबेरॉय अपनी सिगरेट से कश लेते हुए ही धुआं वहीं पर ही हवा में छोड़ता है और फिर वह अपनी आंखें गोल गोल घुमाते हुए अपनी ब्राउन आइज से सामने बैठे उन तीनों को ही देखते हुए ही बोला ," हा हा क्यों नहीं यह deal मुझे मंजूर है। इस deal में मुझे प्रॉफिट ही प्रॉफिट दिख रहा है । और वैसे भी जहां प्रॉफिट होता है वहीं पर ही दर्शित ओबेरॉय अपनी डील करता है ।" वही सामने बैठे वह तीनों ही शख्स के चेहरे पर पसीना आ रहा था ।वह बार-बार अपना पसीना पोंछ रहे थे ।तभी दर्शित उन उन तीनो को ही देखते हुए ही सिगरेट के कश लेते हुए बोला ," अरे डोंट वरी , don't worry , चिंता ना करें । "आप लोगों को किस बात की टेंशन हो रही है ?इतना पसीना क्यों आ रहा है आप सबको?फिर वह अपने पास में ही खड़ी लड़की यानी की सनाया जो की उसकी पर्सनल सेक्रेटरी थी और दोस्त भी थी, उसे देखते हुए ही बोला ,"सनाया जरा मेहमानों को टिशु पेपर तो दो पसीना पोंछने के लिए।" वही तभी सामने बैठे उन तीनों में से सतीश बोला," अरे नहीं सर आप बस deal फिक्स करिए । और हम जो ची....चीज आपको देने वाले हैं वह दे देते हैं। इतना सुनते ही दर्शित बोला ," अरे सतीश साहब किस बात की टेंशन हो रही है आपको। किस बात का इतना खौफ है जो आप ठीक से बोल भी नहीं पा रहे?" वही इतना सुनते ही सतीश अपने चेहरे से पसीना पोंछने हुए ही बोला ," जी सर ऐसी बात नहीं है । लेकिन बस वह थोड़ा सा सफोकेशन हो रहा है और बस और कुछ बात नहीं है ।" वही इतना सुनते ही दर्शित वहां पर जोर-जोर से हंसने लगता है ।और वह एक डेविल की तरह हंस रहा था । वह हंसते हुए ही बोला ," आखिर सच सच क्यों नहीं बोल देते की आपको दर्शित ऑब्रॉयस से डर लग रहा है । और वैसे भी दर्शित ओबेरॉय से सब को डर लगना ही चाहिए ।" वही इतना सुनते ही वह तीनों ही अपने आसपास देखने लगते हैं । वही तभी सतीश बोला ," sir प्लीज आप जल्दी से deal फिक्स कीजिए ना।" दर्शित हंसते हुए ही एक डेविल स्माइल करते हुए ही बोला ," क्या जल्दी है इतनी? थोडा enjoy kare आप। " तभी सतीश बोला," वह सर आजकल वो जासूस हमारे पीछे बहुत लगे हुए हैं । वह किसी भी वक्त आ सकते हैं । इसीलिए अगर डील जल्दी से फिक्स हो जाए तो अच्छा रहेगा ।" दर्शित बोला ," ठीक है फिर दे दीजिए bag सनाया को।" दर्शित बोला ," सनाया चेक करो उसे बैग को।" इतना सुनते ही सतीश वह बैग सनाया को दे देता है।और फिर सनाया चेक करती है उस bag में हीरे थे । और वह हीरे किसी भी हाल में दर्शित को चाहिए थे । इसीलिए उसने सतीश को मुंह मांगे रकम देने को बोला भी था ,हीरे के बदले। और यह deal एक illegal deal थी । सनाया बोली ," सब कुछ ठीक ही है।" तभी दर्शित सनाया को देखते हुए ही इशारा करता है ।वही सनाया उसका इशारे को समझकर फिर वह वहां से पीछे हट जाती है । और उस bag को लेकर इस कमरे से बाहर निकल जाती है ।वही फिर दर्शित सामने सतीश को देखते हुए ही बोला ," आपको यकीन तो है ना मिस्टर सतीष श्रीवास्तव,की आपको आपके पैसे मिल जाएंगे। " इतना सुनते ही सतीश थोड़ा चिंतित होते हुए ही बोला ," जी जी mr Oberoi, अभी आप पैसे दे दिजिए हमे थोडी जल्दी है।" तभी दर्शित हंसते हुए ही बोला ," hmm आपको आपके पैसे आपके घर पे मिल जायेंगे। " तो सतीष बोला ," अरे लेकिन मिस्टर ओबरॉय आपने तो बोला था कि आप मुझे यहां पर ही पैसे देंगे । वह क्या है ना मुझे अभी पैसों की बहुत जरूरत है तो आप अभी ही दे दे तो अच्छा रहेगा।" इतना सुनते ही दर्शीत हंसते हुए ही बोला," तुम्हें क्या लगता है क्या मैं तुम्हें पागल लगता हूं ? जो मैं तुम्हें इतने पैसे यहां पर ही दे दूंगा ? यहां पर कुछ भी हो सकता है । कुछ भी मतलब कुछ भी । तुम जेल भी जा सकते हो । और अगर तुम चाहो जेल जाना तो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है।" तभी सतीश अपने आसपास हुए ही दर्शित को देखते हुए बोला ," लेकिन मिस्टर ओबेरॉय इसमें क्या गलत बात है । सिर्फ पैसे ही तो है । " तभी दर्शित एक डेविल स्माइल करते हुए ही बोला ," वो पैसे भी जेल भिजवा सकते है। और ठीक है फिर 5 मिनिट रुककर अगर देखना चाहते हो तो देखो। सिर्फ 5 मिनट में देख लो।" इतना बोलते हुए ही वह सिगरेट के कश लेने लगता है। और अब उस कमरे के अंदर पूरा सन्नाटा हो गया था।वही इंतजार था उस 5 मिनट में क्या होने वाला है। तभी अभी ठीक से 3 मिनट भी नहीं बीते थे कि उसे कमरे का दरवाजा कोई खटखटाता है।तभी इतना सुनते ही दर्शित हंसने लगता है । और वह सिगरेट की कश लेते हुए ही धुएं को हवा में छोड़ते हुए ही बोला ," देख लो मिस्टर सतीश श्रीवास्तव । " तभी सतीश और उसके साथ दो लोग जो सोफे पर बैठे हुए थे वह सामने देखते हैं। वही सामने दर्शित का एक बॉडीगार्ड जाकर कमरे का दरवाजा खोलना है । तो सामने चार लोग खड़े हुए थे। और वह चारों लोग में से दो लडकी और दो लडके खडे हुए थे।उन चारो में से एक लड़की आगे आते हुए बोली," hello,I am agent नेहा शर्मा। मुझे आपके कमरे की तलाशी लेनी है हमें खबर मिली है कि आपका कमरे में एक इल्लीगल डील हो रही है।" इतना सुनते ही वह बॉडीगार्ड बोला ,"लेकिन यहां ऐसा कुछ नही हो रहा आप यहां से जा सकते हैं।" तभी दर्शित बोला ," आने दो उसे अंदर।" इतना सुनते ही बॉडीगार्ड पीछे हट जाता है ।और वही वह चारों लोग ही अंदर आ जाते हैं। और वह दर्शित के सामने ही खड़े हो जाते हैं । तभी darshit उन चारों को देखते हुए ही हंसते लगता है। और वह हंसते हुए ही बोला ," wah to आप यहां पर आ ही गए। मुझे पता तो था कि आप आएंगे ही लेकिन नेहा जी आपना है बार गलती कर देती है । बार-बार आप aa jati है मुझे हराने के लिए। नेहा जी आप ना बार बार हारने के बाद कुछ तो सिख लीजिए। या फिर इतना कीजिए अपने दिमाग में एक बात बिठा लीजिए की दर्शित ओबेरॉय को हराना नामुमकिन है। अभी इस दुनिया में कोई ऐसा पैदा नहीं हुआ जो दर्शित ओबरॉय को हरा सके। इतना सुनते ही नेहा अपने दांत पीसते हुए ही बोली ," वो तो वक्त ही बताएगा सब कुछ । फिलहाल मिस्टर ओबेरॉय आप अपना काम कीजिए। और हमें अपना काम करने दीजिए।" इतना बोलते हुए ही नेहा बोली ," समीर राकेश प्रीति सब तलाशी लो इस कमरे की। और कुछ भी छूटना नहीं चाहिए।" इतना बोलकर वह भी तलाशी लेने लगती है उसे कमरे की और हर bag अलमारी और सब कुछ जो वहां पर पड़ा हुआ था उसे चेक करने लगते हैं ।वही सतीश तो उन चारों को देखकर ही चौंक गया था। और वह तो वैसे ही सुन्न सा बैठा हुआ था।वही दर्शित सतीश को देखते हुए ही डेविल स्माइल करते हुए ही फिर से अपना सर पीछे सोफे पे टिका देता है। और वह आराम से सिगरेट के कश लेने लगता है। वही नेहा प्रीति समीर राकेश उन चारों ने पूरा कमरा छान मारा लेकिन वहां पर कुछ भी मिल नहीं रहा था। तभी दर्शित बोला ," अगर कुछ मिल जाए तो मुझे भी बता देना नेहा जी। वैसे मुझसे ना यह बार-बार आपकी हार बर्दाश्त नहीं होती है । लेकिन क्या करूं आदत से मजबूर हूं, हारना कभी सीखा ही नहीं दर्शित ओबेरॉय ने।" वही नेहा उसे देखते हुए ही बोली ," आप जैसे घटिया इंसान मैंने आज तक नहीं देखा।" तभी दर्शित नेहा को देखते हुए ही बोला ," और देखोगी भी नहीं ।" इतना बोलकर वह नेहा को एक आंख मार देता है। और वह हंसने लगता है। वही नेहा गुस्से से अपनी मुठिया कश लेती है । वही तभी दर्शित सामने बैठे उन तीनों को ही देखते हुए ही बोला ," अब आप जा सकते हैं मिस्टर सतीश । यह लोग तो वैसे भी तलाशी लेते ही रहेंगे इसके हाथ कुछ लगने वाला नहीं है।" वहीं नेहा बोली ," नहीं अभी यह नहीं जा सकते उनकी तलाशी लेनी है ।" तभी दर्शित बोला ," आप ऐसे बिना वारंट के या फिर बिना कोई आर्डर के ऐसे किसी की भी तलाशी नहीं ले सकती समझ में आई बात ऐसे आपको अगर कोई भी खबर मिली हो और आप चली आती है। लेकिन में आपको रोकता नही हु आखिर दिल के हाथों मजबूर हु। " तभी नेहा बोली ," मिस्टर ओबरॉय आप बहुत ज्यादा ही बेशर्म है ।" तभी उसे एक आंख मारते हुए ही बोला ," हद से ज्यादा बेशर्म हू।" वही तभी सतीश और उनके साथी वो तीनों ही वहां से उसे कमरे से बाहर निकल जाते हैं।वहीं दर्शित अपने बॉडीगार्ड को भी इशारा करता है ।तो वह लोग भी कमरे से बाहर चले जाते हैं। अब उसे कमरे में सिर्फ दर्शित और वो चार लोग ही थे।दर्शित डेविल स्माइल करते हुए ही उनको देख रहा था। वही पूरे कमरे की पूरी तरह से तलाशी ले जा चुकी थी और उन लोगों के हाथ कुछ भी लगा नहीं था । तभी नेहा बोली ," प्रीति समीर ,राकेश चलो यहां से।" इतना वह गुस्से से ही बोलती है।तभी वह तीनों भी आगे बढ़ जाते हैं । तभी दर्शित बोला ," अरे रुके तो सही नेहा जी ।आपसे बात करनी है ।" नेहा , दर्शित को देखते हुए ही गुस्से से ही प्रीति राकेश और समीर को देखते हुए बोली," आप तीनों बाहर जाओ में अभी आती हूं। " वही वह तीनों ही कमरे से बाहर निकल जाते हैं । वहीं अब उस कमरे में नेहा और दर्शीत ही थे ।तभी दर्शित अपनी सिगरेट को पैरों तले दबाता है और उसे बुझा देता है । फिर वह खड़े होते हुए ही नेहा के पास आकर उसके चारों तरफ चक्कर लगाते हुए ही बोला ," वैसे आप खूबसूरत तो बहुत है । लेकिन वह क्या है ना आपके पास दिमाग की कमी है। " वही नेहा अपनी मुठिया कश लेती है। और वहीं पर ही खड़ी रहती हैं।वहीं दर्शित नेहा के चक्कर लगा रहा था और फिर वह उसके पीछे जाकर एकदम उसके कंधों के पास अपना चहरा रखते हुए ही बोला ," वैसे एजेंट नेहा मैं आपको यह बोल रहा था कि आप जितनी बार चाहे उतनी बार आप मुझे हराने की कोशिश कर सकती है ।लेकिन मैं आपको यह बात भी बता दूं कि आप उसमें सफल नहीं हो पाएगी। " तभी नेहा गुस्से से ही उससे दूर जाने लगती है । वही दर्शित उसकी कमर को कस के पकड़े हुए ही उसके कान के पास जाकर बोला ," वैसे तुम्हारा गुस्सा bhot अच्छा लगा मुझे तुम कहो तो इस गुस्से को खूसी में तबदील कर सकता हूं । अगर तुम चाहो तो इस रात को अच्छे से साथ में बिता सकते हैं। और तुम्हें में इस रात में में तुम्हे पूरी खुशी दूंगा। अगर तुम चाहो तो इतना सुनते ही नेहा दर्शित के पेट में कोहनी मारती है और उससे दूर हो जाती है ।" वहीं दर्शित अपना पेट सहलाते हुए ही बोला ," वैसे नेहा आप wild बहुत हो। और आपको पता है मुझे वाइल्ड लोग बहुत पसंद है । इतना बोलते हुए वह फिर से उसे एक आंख मारता है।" वही नेहा गुस्से से उसको देखते हुए बोली ," मिस्टर ओबरॉय इतना ज्यादा हवा में उड़ना भी अच्छी बात नहीं है। कभी ना कभी तो इंसान गिरता जरूर है । और वह जमीन पर आकर ऐसे गिरता है कि उसकी औकात तक नहीं रहती उठने की।और कोई तो आएगा आपको जमीन पर मुंह के बल गिराने।" इतना सुनते दर्शित अपनी सीरियस आवाज में बोला ," और तुम भी एक बात सुनती जाओ ,मिस एजेंट नेहा । दर्शित ओबरॉय अपने दम पर खड़ा हुआ है । और उसे कोई गिरा सके ऐसा कोई माई का लाल पैदा नहीं हुआ आज तक इस दुनिया में ।समझ में आई बात।अब चलो निकलो यहां से । " इतना सुनते ही नेहा गुस्से से ही पैर पटकते हुए ही बाहर चली जाती है ।वही दर्शित फिर सोफे पर बैठ जाता है और वह एक गिलास में व्हिस्की डालते हुए ही पीने लगता है। वह ऐसे ही बैठे-बैठे ही दो गिलास व्हिस्की पी चुका था। उसकी ब्राउन आइज में अब नशा पूरी तरह से हावी था । और वह फिर भी इतना हैंडसम लग रहा था उसके माथे पर बिखरे हुए उसके बाल हल्की सी बियर्ड-गुलाबी से होंठ और उसने जो ब्लैक सूट पहना था उसमें तो वह कहर लग रहा था। दर्शित अभी शराब पी ही रहा था कि तभी उस कमरे का दरवाजा खुलता है और उस कमरे के अंदर सनाया चल कर आती है । सनाया दर्शित के सामने खड़ी होते हुए ही बोली ," काम पूरा हुआ। " इतना सुनते ही दर्शित सनाया को देखते हुए ही बोला ," i need your body 's"
सनाया,, दर्शित के सामने खड़ी होते हुए ही बोली __ काम पूरा हुआ,। इतना सुनते ही दर्शित ,,सनाया को देखते हुए ही बोला __ " i need your body 's। अब आगे,,🔥🔥🔥 वही इतना सुनते ही सनाया बोली __ दर्शित मेरी बात सुनो । अभी फिलहाल मेरी तबीयत ठीक नहीं है तो में तुम्हारे करीब नहीं आ सकती । इतना सुनता ही दर्शित की आंखें गहरी हो जाती है। और वह जो उसने अपने हाथ में ग्लास पकड़ा हुआ था उसे गुस्से से ही वही जमीन पर फेंक देता है । और दर्शित ,, सनाया को देखते हुए ही बोला __ मुझे उससे मतलब नहीं है मुझे तुम चाहिए हो समझ में आई बात। वही इतना सुनते ही सुनाया बोली __ मेरी बात तो सुनो तुम इतना गुस्सा क्यों हो जाते हो बाद एक छोटी सी बात है। लेकिन नहीं तुम्हें समझ में ही नहीं आती। इतना सुनते ही दर्शित गुस्से से ही सनाया को देखते हुए बोला _ सनाया तुम दोस्त हो मेरी लेकिन तुम्हें पता होना चाहिए कि मुझे कब और क्या ,क्यों चाहिए । इतना सुनते ही सुनाया उसके पास आकर उसके सोफे पर बैठते हुए उसके चेहरे पर हाथ रखते हुए ही बोली ___ मुझे पता है तुम्हें अभी जरूरत है एक body ki ,, लेकिन अभी मेरी तबीयत ठीक नहीं है। मुझे weaknes फील हो रही है। aur तबीयत पिछले दो दिन से ठीक नहीं थी ।इसलिए अभी मैं बहुत ज्यादा weak फील कर रही हूं। लेकिन देखो तुम चिंता मत ना करो । मैं अभी 10 मिनट के अंदर ही इंतजाम करती हूं दूसरी लड़की तुम्हारे पास आ जाएगी। इतना सुनते ही दर्शित उसे अपने से दूर करते हुए ही बोला ___ फिर ठीक है चलो जाओ यहां से 10 मिनट सिर्फ तुम्हारे पास 10 मिनट है । 11 वि मिनट नहीं होनी चाहिए। इतना सुनते ही सनाया पल दो पल के लिए दर्शित को देखती हैं और फिर वह अपनी आंखों में आई नमी को छुपाते हुए ही वहां से आगे बढ़ जाती है ।और कमरे से बाहर निकल जाती है। वहीं दर्शित दूसरा गिलास उठाकर वह फिर से शराब पीने लगता है । वही सनाया नीचे क्लब में आकर किसी को कॉल करती है । तभी सामने से आवाज आई हां बोले मैडम । तभी सनाया बोली __ अभी 5 मिनट के अंदर मुझे एक लड़की इस क्लब के अंदर चाहिए । इतना सुनते ही सामने से आवाज आए मैडम ठीक है ।उस क्लब के अंदर बहुत सारी हमारी लड़कियां काम करती है तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। अभी बस 2 मिनट के अंदर आपके पास एक लड़की आएगी आपको जो भी जरूरत है उसे पूरा कर लेना । इतना सुनते ही सनाया एक राहत की सांस लेती है और कॉल रख देती है । वही सनाया वहीं पर ही क्लब में सब चारों तरफ देखते हुए ही वह उस लड़की का इंतजार करने लगती है। सनाया अपने मन में सोच रही थी दर्शित कितना गुस्से वाला है उसका गुस्से को कौन जेल पाएगा इसके पास कौन ही लड़की आएगी और कौन लड़की होगी जो इससे शादी करेगी । इतना सोचते हुए ही वह इधर से उधर घूम रही थी । तभी उसके पास एक अपनी उसके पास एक लड़की आती है ।और वह बोली __सनाया mam.....। itna कितना सुनते ही सनाया सामने देखती है वह लड़की बहुत ही खूबसूरत थी और उसने बहुत शॉर्ट कपड़े पहने हुए थे ।वह बड़े अदाओं के साथ सनाया को देखते हुए ही बोली___ क्या आपको कोई काम है आपने मुझे बुलाया है । किसको जरुरत है मेरी ?? इतना सुनते ही सनाया बोली _ देखो तुम आ गई अच्छा हुआ जल्दी से आ गई और मैं तुम्हें यह बताना चाहती हूं कि तुम जिसके पास जा रही हो वह बहुत ही ज्यादा गुस्से वाला है और तुम उसे पहचानती तो होगी ही। लेकिन उसका गुस्सा इतना ज्यादा है कि तुम झेल नहीं पाओगे । बस इतना ख्याल रखना कि उसे गुस्सा ना आ जाए और उसे पूरी तरह से खुश कर देना । वही वह लड़की अपना सर हा में हिलाती है और वह मुस्कुराते हुए सनाया का साथ ही आगे बढ़ जाती है । वही सनाया दर्शित के कमरे के बाहर आती है वहीं आसपास बॉडीगार्ड खड़े थे। सनाया कमरे का दरवाजा खोलकर उस लड़की को देखते हुए ही बोली जाओ अंदर जाओ। वही वह लड़की चलकर अंदर जाती है। उसने बहुत शॉर्ट कपड़े पहने हुए थे । वहीं दर्शित सामने अपनी नजर उठाकर उसे लड़की को देखता है और फिर वह उसे इग्नोर करते हुए शराब पीने लगता है। वो लड़की बड़ी अदाओं के साथ आई थी लेकिन दर्शित ने कुछ ज्यादा ध्यान नहीं दिया था उस लड़की पर। वही वह लड़की कमरे में आकर अंदर से दरवाजा बंद करती है ।और दर्शित के पास आते हुए ही उसके पास आकर सोफे पर बैठती है और फिर वह दर्शन दर्शित को गौर बोर से देखती है । और फिर वह उसे देखते हुए ही उसे पहचान जाती है वह अपने मन में बोलिए ___ अरे यह तो दर्शित ओबरॉय है....! इतना सोचते हैं उसके चेहरे पर एक डिवाइस में ला जाती है । और वो लडकी फिर दर्शित के करीब एकदम करीब और झुक अपने जिस्म की नुमाइश करते हुए ही वो दर्शित के सीने पर हाथ रखते हुए ही बोली __ वैसे आप बहुत ही ज्यादा हैंडसम और हॉट लग रहे हैं । आज बहुत ही बड़ा ज्यादा मजा आने वाला है इस रात में। तो दर्शित उसका हाथ अपने सीने से हटाते हुए ही बोला __पहले मुझे खुश तो करो तुम । मुझे तुम कुछ बोरिंग सी लग रही हो। कुछ मन नहीं हो रहा है तुम्हारे करीब आने का। इतना सुनते ही वह लड़की हैरान जाती है और वह अपने मन में सोचने लगती है । मैं इतनी ज्यादा खूबसूरत हो और इतनी हॉट लग रही हु । फिर वह अपने आप को देखती है और और फिर वह कुछ सोचते हुए ही खड़ी हो जाती है ।और फिर वह आगे बढ़कर बड़ी अदाओं के साथ वहां पर म्यूजिक प्लेयर रखा हुआ था उसे ऑन कर देती है। वही दर्शित उसे देखने लगता है साथ में वह शराब पी पी रहा था। उसकी आंखें नशे से लाल हो चुकी थी । उसकी वह ब्राउन आइज एकदम लाल डायमंड की तरह चमक रही थी और उसके माथे पर बिखरे हुए उसके बाल ,,,,,उसका वह चेस्ट जो उसके शर्ट के तीन बटन खुले हुए थे वह दिख रहा था और उसी के साथ ही वो शराब पी रहा था,,, जिससे उसकी आंखों में उसका नशा साफ rikh rha था। दर्शित सच में एक आग लग रहा था। सॉन्ग ऑन होता है । वही सॉन्ग कौन होते हैं वह लड़की अपने जिस्म को बड़े ही अदाओं के साथ ही जुकाते हुए ही उसका जिस्म दर्शित को दिखे वैसे ही वह डांस करने लगती है। और फिर वह दर्शित के करीब आकर उसके आसपास उसके चक्कर लगाते हुए ही उसके सीने पर उसके गले पर उसके चेहरे पर हाथ फेरते हुए ही उसके करीब आने की कोशिश करती है। वहीं दर्शित उसे ही देख रहा था । song,,,,, कैसे बताएं, कैसे जताएं सुबह तक तुझमें जीना चाहें ,, भीगे लबों की, गीली हसीं को पीने का मौसम है पीना चाहें वही दर्शित उसे लड़की को कमर के पकड़ता है और फिर उसे वह खुद से दूर करता है ।और वह खड़ा होकर । वहा से खिड़की की तरफ आ जाता है और बाहर देखने लगता है । वही वो लड़की आगे बढ़कर दर्शित के करीब आकर एकदम खिड़की से सटकर उसके सामने आ जाति है और उसे देखते हुए डांस step karne लगती है। एक बात कहूं क्या इजाज़त है ,, तेरे इश्क़ की मुझको आदत है , एक बात कहूं क्या इजाज़त है , तेरे इश्क़ की मुझको आदत है ओ आदत है.. आदत है ओ.. आदत है.. वही दर्शित वहा से दूर हो जाता है और वो फिर से सोफे के पास आ जाता है वही वो लड़की दर्शित के पास आकर दर्शित के शर्ट के तीन बटन खुले थे तो वो लड़की आगे बढ़कर अप वही दर्शित us लड़की को ही देख रहा था तो दर्शित us लड़की को दूर करके सोफे पर बैठ जाता है।और शराब का गिलास अपने होंठो से लगा देता है। एहसास तेरे और मेरे तो एक दूजे से जुड़ रहे,,, एक तेरी तलब मुझे ऐसी लगी,, मेरे होश भी उड़ने लगे , फिर वह लड़की आकर दर्शित की गोद में आकर बैठ जाती है और वह उसके सीने पर हाथ रखते हुए उसके हाथ उसके चेहरे पर रखती है और फिर वह दर्शित के हाथ में से वह शराब का गिलास लेकर वह टेबल पर रख देती है । और दर्शित को देखते हुए ही उसके होठों की तरफ बढ़ जाती है ।तो दर्शित उसे अपने होंठो से दूर कर देता है। मुझे मिलता सुकून तेरी बाहों में, जन्नत जैसी एक राहत है, कुछ पल बाद दर्शित इस लड़की को बालों से कसके पकड़ लेता है और उसे अपने सामने करते हुए वो उसके गले pe अपने होंठ रखकर चूमता है एक बात कहूं क्या इजाज़त है ,, तेरे इश्क़ की मुझको आदत है ,, एक बात कहूं क्या इजाज़त है , तेरे इश्क़ की मुझको आदत है , ओ आदत है.. आदत है ओ.. आदत है.. जिससे वो लड़की मदहोश होने लगती हैं।और उसकी सांसे गहरी हो जाती है। कुछ पल बाद दर्शित खडा होकर बेड के पास आ जाता है।और उस लड़की को देखते हुए ही वह अपने शर्ट के बटन खोलते लगता है । वही वह लड़की भी उसे देखते हुए ही मुस्कुराते हुए देखती है और आगे बढ़ती है वही दर्शित फिर अपनी शर्ट को उतारकर फेंक देता है । वहीं बिना शर्ट के दर्शित बहुत ही ज्यादा कातिलाना लग रहा था । उसके सिक्स पैक एप्स,,,, उसकी बॉडी वह एकदम फिट बॉडी ,जिससे पता चल रहा था कि वह उसने जिम में कितने घंटे बिताए होंगे और परफेक्ट हाइट और वह एक आग का गोला लग रहा था । वही वह लड़की उसे देखते हुए ही पीछे से जाकर उसे बाहों में भर लेती है। क्यूँ सबसे जुदा, क्यूँ सबसे अलग अंदाज़ तेरे लगते बेसाखता हम साये से तेरे हर साम लिपटते हैं , दर्शित उस लड़की का हाथ पकड़ कर उसे अपने सामने करता है और उसे लड़की को देखते हुए ही वह उसे धक्का दे देता है । वही वह लड़की आकर bed पर गिरती है। वो लड़की कातिलाना अदाओं के साथ दर्शित को देखने लगती है । वहीं दर्शित उसे उपर से नीचे देखते हुए ही उसके पैरों पर अपनी उंगलियां चलाते हुए ही वही वो लड़की अपनी आहे भरते हुए ही वह इधर से उधर कसमसा ने लगती है । वही दर्शित उसके पेट पर किस करते हुए उसके ऊपर आ जाता है । और उसे उसके कंधो पर और उसके उसके गले पर अपने होंठ रखकर उसे चूमना लगता है। वही वह लड़की भी आगे बढ़ते हुए उसका साथ देने लगती है। और उसकी पीठ हाथ रखकर उसे अपनी बाहों में भर लेती है । वही दर्शित उसे किस और bite bhi कर रहा था । और ऐसे ही वह दोनों एक दूसरे में ही खो जाते हैं । वही उसे लड़की की चीखे पूरे कमरे में गूंज रही थी। हर वक़्त मेरा कुर्वत में तेरी जब गुजरे तो इबादत है एक बात कहूं क्या इजाज़त है , तेरे इश्क़ की मुझको आदत है , एक बात कहूं क्या इजाज़त है , तेरे इश्क़ की मुझको आदत है ओ आदत है.. आदत है ओ.. आदत है.. एक बात कहूं क्या इजाज़त है, तेरे इश्क़ की मुझको आदत है, एक बात कहूं क्या इजाज़त है तेरे इश्क़ की मुझको आदत है ओ आदत है.. आदत है ओ.. आदत है.. करीब 2 घंटे बाद दर्शीत उस लड़की को छोड़ता है और वही वह लड़की वहीं पर ही थक कर सो जाती है...। . वही दर्शित उसे लड़की को एक पल सब देखकर फिर उस पर चादर डालकर । वह खुद को एक वहां पर पड़े हुए टॉवल पहनकर और वहां से उठकर वॉशरूम चला जाता है । करीब आधे घंटे बाद वह फ्रेश होकर बाहर निकलता है ।और वह उस कमरे की खिड़की के पास जाकर खड़ा हो जाता है ।और वहां टेबल पर पड़ी हुई थी सिगरेट उठाकर वह सिगरेट जलाकर उसके कश भरने लगता है ।और आसमान को देखने लगता है,,, जैसे कि वह आसमान को घूर रहा हो और साथ में अपने सवालों के जवाब ढूंढ रहा हो वैसे ही वह आसमान को देख रहा था। वह चांद को जैसे घूर रहा था । और अभी दर्शित ने सिर्फ पैंट पहनी हुई थी । उसके सरीर का ऊपरी हिस्सा खुल्ला था। उसने शर्ट नहीं पहनी थी और चांद की रोशनी उस पर पढ़ रही थी जिससे वह एक चमकता हुआ तारा नजर आ रहा था। और दर्शित बस आसमान में देखते हुए ही ,, धुएं को हवा में उड़ा रहा था। निचे club में,,,, वही सनाया क्लब में आकर बैठी हुई थी। और वह शराब पी रही थी। उसके मन में बहुत कुछ चल रहा था और वह सब दर्शित से जुड़ा हुआ था । और दर्शित की ही बातें उसके मन में घूम रही थी । उसे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था वैसे ही वह एक जगह पर ही सुन्न सी देख रही थी। जैसे उसके दिल में भी दर्द हो रहा हो एयर फिलहाल उसके इमोशंस खुलकर बाहर आ रहे थे। वरना तो वह दर्शित ओबरॉय के साथ रहती थी।तो इतनी स्ट्रांग पर्सनैलिटी की साथ रहकर वह भी bhot strong थी। और दर्शित जितनी ही हार्टलेस भी। सनाया किसी पर भी दया या फिर रहम नहीं करती थी । और वो हसीन भी उतनी ही थी।लेकिन अभी फिलहाल सनाया कोई सोच में डूबी हुई थी। दूसरी तरफ,,एक अनाथ आश्रम एक अनाथ आश्रम के गार्डन में एक लड़की आसमान में चांद को देख रही थी और वह वहां पर ही बैठी हुई थी। वह भी आसमान में अपने सवालों के जवाब ढूंढ रही हो वैसे ही उसकी नजरों में सवाल थे। तभी उसके पास एक 50 साल के आसपास की एक औरत आती है । और उस लड़की के कंधे पर हाथ रखते हुए ही बोली __आश्वि बेटा !! कब तक यहां पर बैठे रहने का इरादा है? तुम चलो खड़ी हो जाओ और चलो सो जाओ बहुत रात भी हो चुकी है । और ऐसे आसमान में देखने से तुम्हारे सवालों के जवाब तुम्हें नहीं मिल जाएंगे। और वैसे भी कल तुम्हारे मंगेतर यानि की कुनाल का बर्थडे भी है । तो तुम्हे उसके साथ भी जाना है ना? और तुम्हें कॉलेज भी जाना है । चलो अब खड़ी हो जाओ और सो जाओ वही इतना सुनते ही आश्वि उस औरत को देखते हुए ही एक स्माइल करती है। और बोली __ अभी आती हूं आप जाओ ना अम्मा। आश्वि घुंघराले लंबे बाल ,,, blue Aankhen परफेक्ट हाइट बॉडी,,, perfect heart shape होंठ,,, अप्सरा भी उसके पास कम पड़ जाए ऐसा उसका हुस्न । "____ बोले तो एक हुस्न की परी लग रही थी । कयामत लग रहि थी। तभी अम्माजी बोली___ नहीं ! अभी चलो कल तुम्हें कॉलेज के बाद office जाकर जॉब से छुट्टी भी लेनी है। इतना सुनते ही आश्वि बोली__" हां चलो चलते हैं। आप मुझे लिए बिना तो जाओगे नहीं ना। इतना बोलते हुए ही वह मुस्कुराते हुए उस औरत के साथ ही चलने लगती है। और वह दोनों ही आगे बढ़ जाती है। अभी वो दोनो ही चलकर कुछ दूरी पर आए ही थे कि तभी आश्वि का फोन बजता है । आश्वी अपने फोन को देखती हैं तो उसके फोन पर नाम शो हो रहा था कुनाल । यह देखकर अम्माजी बोली _आशु बेटा तुम कुणाल से बात करके आओ। मैं अब जाती हूं सोने के लिए।"_(आश्वि को सब प्यार से आशू बुलाते थे,, ये उसका निकनमे था।)" वही आश्वि अपना सीर हिला देती है और वह अपना फोन उठाती है। तो सामने से एक शक्श की आवाज आई यानी कि कुणाल की आवाज आई,, जो आश्वि का मंगेतर था । कुणाल बोला ___ क्या कर रही हो आश्वी ? क्या तुम अभी आ सकती हो मुझे मिलने के लिए ?? इतना सुनते ही आश्वि बोली___ इतनी रात को कुनाल?? तभी कुणाल बोला __ हां मैं तुम्हें लेने आता हूं तुम्हारे आश्रम के बाहर में तुम्हें लेने के लिए अभी पहुंच रहा हूं। तभी आश्वि बोली __ लेकिन अभी इस वक्त में नहीं आ सकती bhot देर हो चुकी है। कुनाल बोला ___ बस कुछ ही देर की बात है । थोडी देर में चली जाना plz ना मान जाओ एक बार। इतना सुनते ही आश्वि बोली___ ठीक है ठीक है। फिर आ जाओ । वही कुनाल फोन रखता है। और car ko आश्रम की तरफ़ ले जाता है। कुणाल car चला रहा था उसके साथ ही उसका एक दोस्त बैठा हुआ था । कुणाल का दोस्त एक कुटिल मुस्कान के साथ बोला__ तो क्या तुमने प्लान बना ही लिया है की तुम आज आश्वि को हासिल करके ही रहोगे?? तभी कुनाल उसे देखते हुए ही बोला ___ तुमहे तो पता ही है मैं उसके साथ क्यों हूं ? आखिर जिस्म पर मरता हूं में । और मुझे आश्वि बहुत ही ज्यादा ब्यूटीफुल लगती है । इसीलिए मैं प्यार का नाटक कर रहा हु । फिर कुणाल कुटिलता से मुस्तकुराते हुए बोला __मुझे जिस्म चाइए आश्वि का ,,,में उसे पाना चाहता हूं । और यह प्यार व्यार मेरे पल्ले नहीं पड़ता भाई । तभी वह कुनाल का दोस्त बोला __ ठीक है भाई तेरी तो जिंदगी में मजे ही मजे है। इतना बोलते हुए वो उसे एक आंख मार देता है😜। आगे जारी है।
फिर कुणाल कुटिलता से मुस्तकुराते हुए बोला __मुझे जिस्म चाइए आश्वि का ,,,में उसे पाना चाहता हूं । और यह प्यार व्यार मेरे पल्ले नहीं पड़ता भाई । तभी वह कुनाल का दोस्त बोला __ ठीक है भाई तेरी तो जिंदगी में मजे ही मजे है। इतना बोलते हुए वो उसे एक आंख मार देता है😜। अब आगे,,,🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥 वही कुणाल अपने दोस्त की बात सुनकर वह मुस्कुराता है । और फिर वह कार लेकर आगे बढ़ जाता है । कुछ ही देर बाद वो कार को लेकर अनाथ आश्रम के बाहर कर रोकता है । और होरन बजाता है । वहीं आश्वि आसपास ही थी जब वह हॉर्न की आवाज सुनती है। तो वह आगे बढ़ जाती है और वह गेट के पास जाकर सामने car को देखती हैं। और वो कुणाल की कार थी । यह देखकर वह गेट के बाहर जाती है ।और कार के पास जाकर कुणाल के साइड जाते हुए ही बोली __ बताओ कुणाल क्या काम है तुम्हें ??क्या काम था मेरा ?? बताओ। इतना सुनते ही कुणाल बोला ___ कर में बैठो कहीं पर ले जाना है तुम्हें थोड़ी देर के लिए। इतना सुनते ही आश्वि बोली __इतनी रात हो चुकी है । तुम एक बार देखो तो सही मैं अभी इस वक्त नहीं आ सकती। तुम्हें पता है ना यहां के rules kaise है। इतना सुनते ही कुणाल बोला ___वह सब कुछ तो ठीक है । मैं अम्मा जी को कॉल कर दूंगा । अगर कोई प्रॉब्लम हुई तो । तुम बैठो । देखो हमारे साथ मेरा दोस्त भी है। वही आश्वि देखती हैं तो वहीं पास में ही उसका कुणाल का दोस्त बैठा हुआ था। वो उसको देखते हुए हल्की स्माइल के साथ बोले __ लेकिन फिर भी अभी जाना ठीक नहीं है ! तभी कुणाल बोला __ तुम्हें ट्रस्ट नहीं है ना मेरे ऊपर?? ये फिर मेरे ऊपर जरा सा भी भरोसा नहीं करती तुम? इतना सुनते ही आश्वि बोली __ठीक है चलो जल्दी से वापस आ जाएंगे!! इतना सुनते ही कुणाल बोला __ ठीक है। और आश्वी आगे बढ़कर कार में बैठ जाती है। वही कुणाल के चेहरे पर और उसके दोस्त के चेहरे पर एक कुटिल स्माइल थी । जो आश्वि नहीं देख पा रही थी। वही कार कुछ ही दूरी पर चली थी कि तभी कुणाल के दोस्त के फोन पर किसी का फोन आता है ।और वह बोला __ अच्छा-अच्छा ठीक है मैं आ रहा हूं । फिर वह कुणाल की तरफ देखते हुए बोला __ कुणाल वह मेरा जाना जरूरी है मेरे घर पर कोई प्रॉब्लम हो चुकी है । तो तुम मुझे यहीं पर ही उतार दो । मैं चलता हूं घर पर । मुझे बहुत जरूरी काम आ गया है। वही आश्वि इतना सुनते ही थोड़ी अनकंफरटेबल हो जाती है । और वह कुणाल के दोस्त को और फिर कणाल को देखने लगती है । वही कुणाल बोला __ ठीक है यार अगर तुझे जाना है तो कोई बात नहीं तू प्रोब्लम सॉल्व कर ले जाकर। इतना बोलकर वह car रोकता है और उसके दोस्त को उतार देता है । वही उसका दोस्त भी उतरकर उसे आंखों से एक इशारा करता है और एक कुटिल इस्माइल पास करते हुए ही वहां से आगे बढ़ जाता है । वही कुणाल भी उसे एक स्माइल पास करता है और फिर कुणाल car aage बढ़ा देता है । वही आश्वि बोली __ कुणाल हम कहां पर जा रहे हैं ?? चलो ना फिर से आश्रम चलते हैं। तुम मुझे आश्रम छोड़ दो। फिर कल बात करेंगे जो भी बात करनी है । वही कुणाल बोला _ अब बस यही पर ही थोड़ी दूर ही जाना है । जहां पर मैं तुम्हें चाय पीने के लिए ले जा रहा हूं। इतना बोलते हुए ही वह car आगे बढ़ा देता है। और कुछ मिनट में वह एक ढाबे के पद car रोकता है जहां पर बस कुछ गिने चुने ही लोग थे । और वहां पर आसपास बहुत ही अंधेरा था उसके आसपास बहुत कम दुकान थी। और वह दोनों ही उतरकर उसे ढाबे में जाते हुए टेबल पर जाकर कुणाल दो चाय ऑर्डर करता है। वही वहां पर चाय आ जाती है ।तो वह दोनों ही पीने लगते हैं। आश्वी बोली __ बताओ ना तुम क्या बात करने वाले थे?? बहुत रात हो चुकी है। मुझे जल्दी जाना है वापस है । इतना सुनते ही कुणाल बोला __तुम्हें बहुत जाने की जल्दी है यार कुछ देर इंजॉय करो ना मैं तुम्हारे साथ टाइम स्पेंड करना चाहता हूं । इतना बोलते हुए वह आश्वि का हाथ पकड़ लेता है । वही आश्वि थोड़ा अनकंफरटेबल हो जाती है ।और वह जबरदस्ती स्माइल करते हुए ही बोली_ कुणाल तुम समझ रहे हो। मैं एक लड़की हूं और अभी मेरा बाहर यहां पर इस वक्त होना ठीक नहीं है। वही कुणाल बोला __ठीक है चाय खत्म कर लो हम चलते हैं घर वापस . । इतना सुनते ही आश्वि जल्दी-जल्दी अपनी चाय खत्म करती है। वही कुणाल भी अपनी चाय खत्म करता है । कुछ ही देर में वह दोनों ही खड़े होते हैं । और पैसे देकर वहां से car की तरफ आने लगते हैं । वही car थोड़ी दूरी पर रुकी हुई थी । जहां पर कोई आ जाता नहीं था । वह दोनों ही car के पास आ जाते हैं । अभी आश्वि car का दरवाजा खोलने ही वाला थी कि तभी कुणाल उसका हाथ पकड़ कर उसे car से एकदम से सटाकर उसे खड़ा कर देता है । वहीं आश्वि भी हैरानी से कुणाल को देखने लगती है । वही कुणाल बोला _ क्या यार तुम भी थोड़ा मुझ पर भी तरस खाया करो और मेरे साथ कुछ रोमांटिक होया करो यार मैं भी तुम्हारे करीब आना चाहता हूं । तुम्हें महसूस करना चाहता हूं । तुम समझ रही हो ना मैं क्या कह रहा हूं। इतना बोलते हुए वह उसके चेहरे पर हाथ रखता है और उसके चेहरे पर हाथ रखकर उसका गाल सहलाने लगता है । वही आश्वि हैरानी से कुणाल को देखते हैं और कुणाल के टच से उसे कुछ अच्छा नहीं लगता वह बोली ___ कुणाल अभी ठीक नहीं है। तुम चलो ना वापस । वही कुणाल उसके करीब आते हुए अपना चेहरा उसके चेहरे की तरफ बढ़ाते हुए ही बोला ___ क्या ठीक नहीं है हम दोनों का पास आना?? क्यों ठीक नहीं है?? बताओ मुझे ?? इसमें क्या गलत है?? हम दोनों आखिर इंगेज्ड है ? और हम दोनों की शादी भी बहुत जल्द होगी !!! तो इसमें गलत क्या है?? तुम बताओ मुझे? वही आश्वि बोली __ कुणाल प्लीज। वही कुणाल जबरदस्ती उसके करीब आने की कोशिश करता है । और अपने चेहरा उसके चेहरे की तरफ बढ़ा रहा था ,,,जिससे आश्वि को अच्छा नहीं लगता और वह उसे ज़ोर से धक्का दे देती है । जिससे कुणाल उसे दो-तीन कदम पीछे हट जाता है । और वह जैसे ही पीछे हो जाता है तो वह गुस्से से ही आश्वि को देखते हुए ही बोला __ तुम्हारी प्रॉब्लम क्या है ?? तुम बताओ मुझे ?? ना कभी अपने आप को टच करने देती हो ना कभी करीब आने देती हो । इतना सती सावित्री बनकर क्यों फिरती रहती हो? टाइम के साथ चला करो ना । लोग कितने मॉडर्न हो चुके हैं। और तुम यहां पर ही अटकी हुई हो। मैं तुम्हारे करीब आने की कोशिश करता हूं। लेकिन नहीं तुम ही तो मुझसे दूर ही रहना है। तो रहो दूर । अब में कभी तुम्हारे करीब नहीं आऊंगा । इतना बोलते हुए वह गुस्से से ही ड्राइविंग सीट पर बैठ जाता है। वही आश्वी की आंखों में भी हल्के से आंसु आ चुके थे और वह भी फिर जाकर उसके पास वाली से सीट पर ही बैठ जाती है। आश्वी बोली __ कुणाल मेरी बात तो सुनो। तुम समझने की कोशिश करो ......वह इतना ही बोली थी कुणाल बोला __ नहीं समझना मुझे तुम्हे और ना ही मुझे तुमसे बात नहीं करनी। इतना वह गुस्से से ही बोलता है । वही आश्वि की आंखों में आंसू बह जाते हैं और वो चुप रहती है । और वैसे ही अपना सिर झुकाए बैठी रहती है। वही कुणाल car आगे बढ़ा देता है और वह दोनों ही car में चुपचाप बैठे हुए थे । करीब 1 घंटे के आसपास वह दोनों ही फिर से वापस आश्रम में आ जाते हैं । कुनाल आश्रम के बाहर car rokta है। वही आश्वि नीचे उतर जाती है और आश्रम के अंदर चली जाती है । वहीं कुणाल भी गुस्से से अपनी कार मोड़ता है और वहां से चला जाता है । वही आश्वि अपने आंसू पोंछे हुए ही कुणाल को जाते हुए देखते ही और फिर वह अंदर आ जाती है। और आश्रम में आकर वह अपने कमरे में चली जाती है। उसकी आंखों से अभी भी आंसू भी रहे थे और वह अपने आप से ही सवाल करते हुए ही बोली___ क्यों मेरे साथ ही सब लोग क्यों बुरा करते रहते हैं। क्यों क्या गलती है मेरी क्या मैं खुश नहीं रह सकती । अभी कुणाल भी मुझ पर इतना गुस्सा हो गया सब लोग मेरे साथ गलत करते हैं । इतना बोलते हुए वह रोते-रोते ही ऐसे ही सो जाती है। वहीं दूसरी दूसरी तरफ club me दर्शित दूसरे कमरे में सोया हुआ था। और सुबह होते ही वह करीब 6:00 बजे उसकी आंखें खुलती है । तो वह अपने आंखे खोलकर इधर-उधर देखकर वह अपनी आंखें मसलते हुए ही बेड पर उठकर बैठ जाता है। दर्शित रात को ही जब खिड़की के पास आसमान को देख रहा था । और फिर जब उसका मन भर गया तो वह उस कमरे से उसके साइड वाले कमरे में ही आ गया था जो उसने ही बुक किया हुआ था । वहां पर आकर वह सो चुका था । दर्शित उठकर सीधा वॉशरूम में फेस होने चला जाता है । नहाने के लिए चला जाता है करीब आधे घंटे बाद वह नहा कर फ्रेश होकर कमरे में आता है । और आईने के सामने जाकर वह तैयार होने लगता है । पूरी तरह से तैयार होकर वह कमर से बाहर निकलता है । तभी उसकी नजर अपने साइड वाले कमरे में जाती है । जिसे खोलकर वह अंदर जाता है वही वह लड़की भी उठ चुकी थी और वह आईने के सामने तैयार हो रही थी। दर्शित अंदर आकर उस लड़की को देखते हुए ही बोला __ बताओ अपनी कीमत कितनी है ?? इतना सुनते ही वह लड़की मुड़ती है और दर्शित को देखते हुए ही मुस्कुराते हुए ही दर्शित के करीब आने लगती है। वहीं दर्शित उसे हाथ दिखाकर उसे रोकते हुए ही बोला ___अभी नहीं बस इतना बताओ अपनी कीमत कितनी है। वही वह लड़की मुस्कुराते कुटिल मुस्कान करते हुए ही बोली ___ क्यों करीब आउंगी तो आप बहक जाएंगे??? इतना सुनते ही दर्शित एक डेविल स्माइल करते हुए ही बोला __ दर्शित ओबरॉय के उपर सिर्फ उसकी ही मर्जी चलती है । अगर वह चाहे तब ही वो बेहकता है। वरना उसके सामने चाहे कोई भी आ जाए ,,उसे कोई फर्क नहीं पढ़ता । वही वह लड़की इतना सुनते ही एक स्माइल करती है और बोली ___ तो इस दर्शित ओबरॉय के ऊपर सिर्फ उसकी ही मर्जी चलती है ,, तो आप देख लेना कभी वो आएगी । और आप पर सिर्फ उसकी मर्जी चलेगी। उसकी मर्जी आप पर चलेगी । ऐसी भी नोबट आएगी । जब उसके इशारों पर आप नाचोगे । इतना सुनते ही दर्शित पागलों की तरह हंसने लगता है । और वह एक डेविल की तरह हंस रहा था । वह हंसते हुए ही बोला ___ तुम्हें क्या लगता है दर्शित ओबेरॉय को कोई कंट्रोल कर सकता है। कभी नहीं इस दुनिया में कोई ऐसी बनी ही नहीं मेरे लिए ", जो कभी मुझे कंट्रोल कर सके। इतना बोलते हुए वह अपने पेंट की जेब में से एक नोटों की गड़ी निकलता है और फिर वह सोफे पर फेंकते हुए ही बोला __ यह लो तुम्हारी कीमत ले लो । इतना सुनते ही वह लड़की आगे बढ़कर वह पैसे उठा लेती है । और फिर दर्शित को देखते हुए ही बोली ___ तो क्या सच में वह जो खबरें मीडिया में और टीवी पर आए दिन चलती रहती है कि आपकी गर्लफ्रेंड बनी है । वह बात गलत है ?? इतना सुनते ही दर्शित से बोला __ मैंने कहा तो सही की। अभी ऐसी लड़की कोई आई ही नहीं मेरी लाइफ में जो खुद मुझे उसके करीब जाने पर मजबूर कर सके । मैं खुद उसके करीब जाने पर मजबूर हो जाऊं। वह ना चाहे तब भी मैं उसे पाना चाहूं । ऐसी वह आई ही नहीं अभी तक। तभी वह लड़की हंसते हुए ही बोली __ तो फिर संभल कर रहे नवाबजादे " क्योंकि ऐसी बहुत जल्द आपकी लाइफ में आएगी और आपको पता भी नहीं चलेगा । और आपके दिल पर वह राज भी करेगी। " " darshit oberoi ke Dil par raz kregi "aur तब आप उसके निशाने पर नाचोगे । इतना सुनते ही दर्शित एक डेविल स्माइल करते हुए ही बोला __ देखते हैं दर्शित ओबेरॉय के दिल पर कौन राज करता है । इतना बोलते हुए ही वह उस कमरे से बाहर चला जाता है । वही वो लड़की दर्शित को जाते हुए देखकर बोली __ किस्मत का खेल होता है मिस्टर ओब्रोई ,, आप न चाहते हुए भी उससे इश्क करोगे। इतना बोलते हुए वो हंसते हुए ही आईने के सामने जाकर तैयार होने लगती हैं। वही दर्शित अभी बाहर निकला ही था कि दरवाजे के पास ही उसे सनाया मिलती है । दर्शित बोला __ सनाया जाकर कमरा अच्छे से क्लीन करवा और कुछ भी वहां पर छूटना नहीं चाहिए। और उसे लड़की को भी समझा देना । वही सनाया बोली __ तुम बेफिक्र रहो । तुम जाओ car नीचे रेडी है और मैं भी कुछ ही देर में अति हूं। दर्शित बोला __ ठीक है । इतना बोलकर वह वहां से आगे बढ़ जाता है। वही सनाया उसे जाते हुए देखटी है और फिर कमरे में आ जाती है । और पूरा कमरा वह नौकरों से साफ करवाती है । वही सनाया उस लड़की को देखते हुए बोली __ अपना मुंह बंद रखना और बीती रात जो तुमने उसके साथ बिताई थी उसे भूल जाना । वहीं वह लड़की भी अपना सिर हिलाते हुए ही बोली__ मैडम राज, राज ही रहेगा। इतना बोलकर वो वहां से चली जाती है । वही दर्शित निचे आ जाता है उसके पीछे ही उसके बॉडीगॉर्ड भी आ गए थे। दर्शित aakr car me बैठता है। car चल पड़ती है आगे। दर्शित जिस car me बैठा था वो car bhot महंगी थी। उसके car l के पीछे दो कर बॉडीगार्ड की और आगे दो cars बॉडीगार्ड की,,, चार कार चल रही थी और बीच में दर्शित की car चल रही थी । दर्शित एटीट्यूड से एक किंग की तरह car में पीछे की सीट पर बैठा हुआ था और वह अपने फोन में कुछ कर रहा था । वही उसकी car तेज रफ्तार से सड़क पर दौड़ रही थी। सब लोगों की नजरे बस उसे car पर ही थी,, कि वह सब car पॉश car थी। जो बहुत मुश्किल से ही देखने को मिलती है । सब लोग पलट पलट कर सभी कार्स को देख रहे थे। वहीं करीब 2 घंटे बाद वह सारी कार्स आकर एक साथ एक बड़े से बंगले जैसे घर के अंदर इंटर होती है। और सारी कर आकर उस बंगले जैसे घरके मेंन गेट के पास आकर रूकती है । वहीं car रुकते ही सारे बॉडीगार्ड्स बाहर निकल जाते हैं । और अपनी-अपने पोजीशन ले लेते हैं। उस बंगले के आस पास हर तरफ bodyguard तैनात थे उन सबके पास guns bhi थी। और वो सब trained the । वही दर्शित car से बाहर निकलता है और वह एक राजा की तरह चलते हुए ही घर की तरफ आ जाता है। घर के मेन गेट से होते हुए वह अंदर जाता है । वह अभी घर के दरवाजे से अंदर आया ही था कि तभी सामने से एक शक्श जो सीडीओ से नीचे उतर रहा था। उसकी उम्र करीब 55 साल के आसपास की होगी लेकिन वह अभी दिख रहा था एकदम फिट और फाइन जैसे 40 साल की उम्र हो उसकी वैसा ही। वो शक्श सामने से दर्शित को आता हुआ देखकर बोला ___ आ गया मेरा शेर !!!!!!!!!!! आगे जारी है।
तभी सामने से एक शक्श जो सीडीओ से नीचे उतर रहा था। उसकी उम्र करीब 55 साल के आसपास की होगी लेकिन वह अभी दिख रहा था एकदम फिट और फाइन जैसे 40 साल की उम्र हो उसकी वैसा ही। वो शक्श सामने से दर्शित को आता हुआ देखकर बोला ___ आ गया मेरा शेर !!!!!!!!!!! अब आगे 🔥🔥🔥🔥🔥🔥 दर्शित सामने देखता है तो सामने उसके पापा धवल ओबेरॉय खड़े थे परफेक्ट बॉडी हाइट बॉडी,, और फिट और फाइन। वह एक गुरुर के साथ खड़े थे और वह दर्शित को देखकर बोले ___ मेरा शेर आ गया देखो चलो ,,अब नाश्ता लगाओ । इतना बोलते हुए ही वह घर में नौकरों को आवाज लगा देते हैं । वही तभी एक औरत हाथों में पूजा की थाली लेकर आती है और वह बोलिए __अब बस बस बहुत हो गया बाप बेटे का चलो दोनो दर्शित बेटा नाश्ता कर लो । चलो सब लोग चलते हैं नाश्ता करने । इतना बोलते हुए ही वह आगे बढ़ जाती है। वह औरत कोई और नहीं बल्कि दर्शित ओबेरॉय की मॉम नीलम जी ही थी। वही दर्शित अपने पापा को देखते हुए एक डेविल स्माइल करता है और वह आगे बढ़ जाता है। और आगे बढ़कर वह सीडीओ से होते हुए उनके पास चलकर जाता है और उसके सामने ही वह भी सीना तानकर खड़ा होते हुए ही बोला ___ गुड मॉर्निंग पापा . इतना सुनते ही धवल जी एक एटीट्यूड के साथ बोले __ wah बेटे बाप के सामने ही एटीट्यूड कर रहा है। बाप बाप होता है और बेटा बेटा होता है। वही दर्शित हंसते हुए ही बोला __ हा पापा मुझे पता है । आप कोंसी टोन में बात कर रहे हो। इतना बोलते हुए उसके गले लग जाता है । वही घर के बाकी लोग भी यह देख रहे थे और वह सब यह देखकर मुस्कुराते हैं। दर्शित बोला __ चले अब में फ्रैश होकर आता हूं। इतना बोलकर वह अपने कमरे की तरफ थर्ड फ्लोर पर चला जाता है। वही तभी एक 20 साल के आसपास की लड़की वहां पर भागते हुए आती है और बोली ___ मम्मा मुझे कॉलेज जाने में लेट हो जाएगा प्लीज आप जल्दी करिए। इतना बोलकर वह डाइनिंग टेबल के पास आ जाती है। वही तभी डाइनिंग टेबल के पास दर्शित के पापा धवल जी ,, मम्मा नीलम,,, जी बहन तारा और दादी मां नैना जी,,, और उसके अंकल और आंटी उतने लोग डाइनिंग टेबल के ऊपर बैठ चुके थे। वहीं अभी वो सब खाना खाने बैठेथे और कुछ बात कर ही रहे थे कि तभी घरके में गेट से सनाया अंदर आती है और उसके हाथ में फाइल थी। सनाया वह फाइल लेकर सामने डाइनिंग टेबल पर एक नजर करती है और वह आगे बढ़ती है । तभी तारा ,, सनाया को देखते हुए ही बोली __ अरे सनाया दीदी आप कहां पर जा रही है । इतना सुनते ही सनाया बोली__ वो दर्शित के के रूम में जा रही हूं यह फाइल साइन करवानी है इसलिए। वही सब लोग सनाया को देखने लगते हैं । सनाया ज्यादातर दर्शित के साथ ही होती थी और दर्शित के room में सनाया और उसकी मॉम दोनों को ही वहां पर जाने की इजाजत थी बाकी इस घर में से थर्ड फ्लोर पर कोई भी नहीं जाता था। वह सिर्फ दर्शित का personal floor था। वही सनाया , दर्शित के रूम में आ जाती है। वहीं दर्शित अपने वॉशरूम में नहा रहा था। वही सनाया उसके कमरे में आ जाती है और वॉशरूम से जब पानी गिरने की आवाज सुनती है तो उसे पता चल जाता है की दर्शित shower le rha है। तो वह कुछ ना बोलते हुए ही उसके कमरे की बालकनी में चली जाती है। वहीं दर्शित थोडी देर बाद शॉवर लेकर पेंट पहनकर कंधे पे टॉवल लटका कर बाहर निकलता है। और वह अपने बालों को टॉवल से पोंछने लगता है। दर्शित अभी बाहर निकाला था कि तभी उसकी नजर बालकनी में खड़ी सनाया पर जाती है। सनाया नीचे देख रही थी। वही सनाया को देखते हुए ही दर्शित बोला_ तुम आ गई । वही इतना सुनते ही सनाया पीछे पलटकर दर्शित को देखती हैं और फिर वह कमरे में आ जाती है। सनाया दर्शित के पास आकर उसके हाथ से टावल लेती है और उसके बाल पोंछने हुए बोली ___ वह एक जरूरी फाइल थी जिसका साइन मुझे अभी चाहिए था तुम्हारा उसे कंप्लीट करनी है । इसलिए आना पड़ा। दर्शित आईने में से ही सनाया को देखते हुए ही बोला _ ठीक है मैं अभी साइन कर देता हूं । फिर तुम पर चलो मेरे साथ नीचे ब्रेकफास्ट करने । सनाया बोली ___ नहीं अभी मुझे देर हो रही है । तुम साइन कर दो मैं चली जाती हूं । दर्शित बोला _ नहीं अभी बिना खाना खाए तुम नहीं जा सकती । तुम्हें समझ में नहीं आई बात । इतना बोलते हुए ही वह उठta है और शर्ट पहन लेता है । वहीं कुछ ही देर में वह पूरी तरह से तैयार हो जाता है । और सनाया उसे ही देख रही थी । कुछ ही देर में वह उस फाइल पर भी साइन कर देता है। वही सुनाया उस file को ले लेती है । और सनाया और दर्शित दोनों ही फिर नीचे आ जाता है। वही नीचे आकर दर्शित सबको देखता है डाइनिंग टेबल पर सब लोग ब्रेकफास्ट कर रहे थे। वही दर्शित आकर मेन चेयर पर बैठ जाता है। उसके सामने ही धवल जी वहां पर बैठे हुए थे और उसके पास वाली चेयर पर दादी मां यानी कि नैना जी बैठी हुई थी और उसके पास ही बाकी के सब लोग भी बैठे हुए थे। वही सनाया भी उन सब के साथ ही नाश्ता करने दर्शित के पास बैठ जाती है। उसे थोड़ा अनकंफरटेबल महसूस होता है। लेकिन फिर वह कुछ ना सोचते हुए खाना खाने लगती है। वही सब लोगों की नजर Sanya पर ही थी । वही दर्शित सब लोगों की नजर सनाया के पर देखते हुए बोला ___क्या कुछ नया है आज सनाया में ?? तो मुझे बताइए मैं ,भी उसे देखता हूं । वही इतना सुनते ही सब लोग अपनी नज़रें इधर-उधर करते हुए खाना खाने लगते हैं ।और ऐसे ही वह सब लोग ब्रेकफास्ट करने लगते हैं । दूसरी तरफ आश्वि कब की उठ चुकी थी और वह तैयार होकर आश्रम का सारा काम कर रही थी। तभी वहां पर अम्मा जी आ जाती है और वह आश्वि के हाथ से झाड़ू पोछा की बाल्टी लेते हुए ही बोली __ लाओ बेटा , अभी मैं कर दूंगी । अभी तुम जो कॉलेज के लिए लेट हो जाएगा । चलो जल्दी से जाओ। वही आश्वी बोली_ अम्मा में काम कर देती हूं। अम्मा बोली_ नहीं बेटा जाओ कॉलेज और अच्छे से जाना ,, और ज्यादा कोई तुम्हें तंग करे तो उसे बोल देना डरने की इतनी ज्यादा जरूरत नहीं है। तुम क्यों डरी सहमी सी रहती हो। यह दुनिया शरीफ नहीं है। अगर तुम शरीफ बन कर रहोगी तो तुम्हें सब लोग डराएंगे । यहां पर थोड़ा रोब भी जमाना होता है। वरना लोग हमें कुचल कर चले जाएंगे । इतना सुनते ही आश्वि अपनी आंखों में हल्की नमी के साथ बोली__ लेकिन मैं इतनी ज्यादा स्ट्रांग नहीं हूं । मै क्या करूं मैं मुझे थोड़ा-थोड़ा डर लगता है। पता नहीं अंदर से ही में इतनी कमजोर हूं शायद । तभी अम्मा जी बोली __ तुम ना बेटा बिल्कुल पागल हो !! कोई बात नहीं भगवान तुम्हारे साथ ही है। चलो जल्दी से जाओ कॉलेज । वहीं आश्वि भी फिर मुस्कुराते हुए ही बोली हां ठीक है। और अम्मा जी में आज कॉलेज के बाद ऑफिस से छुट्टी लेने जाऊंगी और फिर उसके बाद में कुणाल को सरप्राइज देने के लिए उसके घर जाऊंगी । वह बहुत नाराज है मुझसे । इतना सुनते ही अम्मा बोली ___ कोई बात नहीं बेटा वह तुम्हारा कॉल भी नहीं उठा रखा होगा फिर तो.। आश्वि बोली __ हां उसने फोन भी नहीं उठाया ,,ममेने आज बर्थडे विश करने के लिए उसे फोन किया था। लेकिन उसने नहीं उठाया। लेकिन कोई बात नहीं मैं कॉलेज के बाद उसे मनाने जाऊंगी उसके घर। अम्मा जी बोली _ कोई बात नहीं । अब भी तुम जाओ लेट हो जाएगा। और फिर आश्वि अपनी कॉलेज के लिए निकल जाती है। वही कुछ देर बाद आश्वि अपनी कॉलेज पहुंचती है। और क्लास में चली जाती है। वही उसके कॉलेज में उसकी एक दोस्त जो अच्छी वाली दोस्त थी उसका नाम आराधना था । आराधना और आश्वि दोनों ही बहुत ही अच्छी दोस्त थी । वहीं आराधना बोली __ आश्वि आज तो तेरे would be हस्बैंड का बर्थडे है ना फिर तू क्या सोच रही है आगे??? क्या करेगी आज उसके लिए ?? इतना सुनते आश्वि बोली __ हां मैंने कुछ सोचा है। आज में उसे मनाने उसके घर जाऊंगी। उसे सरप्राइड दूंगी। इतना सुनते ही आराधना बोली __ ठीक है चली जाना । पहले क्लास अटेंड करते हैं। फिर वह दोनों ही क्लास में आ जाति है और उसकी क्लास पूरी हो जाती है । वह दोनों ही फिर अपनी कॉलेज खत्म करती है । वही आराधना बोली_ में घर जा रही हूं। ,, आश्वि बोली ___. में भी जा रही हूं ऑफिस वहां से छुट्टी लेकर आज में पूरा दिन जितना बाकी है वह पूरा दिन में कुणाल के साथ बिताऊंगी । इतना सुनते ही आराधना मुस्कुराते हुए बोली__ ohh अच्छा अच्छी बात है। चल जा मेरी तरफ से भी हैप्पी बर्थडे बोल देना। इतना बोलते हुए वह दोनों मुस्कुराते हुए अलग होती है। वही आश्वि अपनी ऑफिस के लिए निकल जाती है । कुछ ही देर बाद वह अपने ऑफिस में जाकर छुट्टी मांगती है मैनेजर से। तो मैनेजर उससे बोलता है कि अभी तुम्हें छुट्टी नहीं मिल सकती । अभी एक मीटिंग है तो उस मीटिंग के लिए हमें जाना जरूरी है । अभी तुम मेरे साथ चलो हम वह मीटिंग अटेंड करने जा रहे हैं दूसरे शहर । इतना सुनते ही आश्वी हैरान रह जाती है और उसका मुंह उतर जाता है। वह बोली__ plz sir मेरे मंगेतर का बर्थडे है मुझे जाना होगा प्लीज मुझे छुट्टी दे दीजिए ।प्लीज प्लीज । तभी मैंनेजर बोला ___ नहीं आश्वि बेटा । अभी यह पॉसिबल नहीं है प्लीज तुम भी समझो मुझे। वही आश्वि फिर उसकी भी मजबूरी समझते हुए बोले ___ ओके सर कोई बात नहीं इतना बोलते हुए वह अपना चेहरा लटकाए हुए ही वहां से अपनी केबिन की तरफ चली जाती है। केबिन में जाकर आश्वि फिर से कुणाल को फोन करती है। वही कुणाल आश्वि का फोन उठा लेता है । वही आश्वि बोली__ आई एम सॉरी कुनाल ।प्लीज मेरी बात सुन लो प्लीज। वही कुणाल बोला __ बोलो आश्वि बोली __ आई एम सॉरी एंड हैप्पी बर्थडे टू यू । गॉड ब्लेस यू। इतना सुनते ही सामने से कुणाल बोला ___ थैंक यू बट तुम आ रही हो ना मुझे बर्थडे विश करने के लिए मेरे घर पर। इतना सुनते ही आश्वी भी सर झुकाए हुए ही मायूस आवाज में बोली__ नहीं मैं अभी नहीं आ सकती । वह मुझे मीटिंग के लिए अभी दूसरे शहर जाना है । और वह मीटिंग बहुत जरूरी है । सर ऑफिस से छुट्टी नहीं दे रहे हैं। तुम समझ रहे हो ना। इतना सुनते ही कुणाल मायूस आवाज में बोल __ कोई बात नहीं तुम जाओ। काम ज्यादा जरूरी है वैसे भी हम साथ होते ही हैं । कभी ना कभी साथ बाहर घूमने चलेंगे ।अभी तुम काम पूरा कर लो। वही आश्वि भी हल्की सी स्माइल के साथ बोली__ ठीक है कोई बात नहीं। इतना बोलकर वह कॉल रख देती है। कुछ देर आश्वि काम करने लगती है। तभी वहां पर ऑफिस का मैनेजर आ जाता है और वो आश्वी को देखते हुए एक स्माइल के साथ बोला ___ आश्वि तुम जाना चाहती थी ना कहीं पर । तो तुम जा सकते हो। मेरे साथ दूसरी एम्पलाई आ रही है । में ने उससे बात की तो वह मेरे साथ चलने के लिए तैयार है। और उसे सब कुछ पता भी है तो वह मेरे साथ आएगी । तो। आश्वि तुम जा सकती हो अपने काम के लिए। इतना सुनते ही आश्वी muskurate hue boli__ आप सच कह रहे हैं?? मैनेजर बोला हां हां तुम जा सकती हो । आश्वि एक बडी सी स्माइल के साथ बोली__ थैंक यू सर थैंक यू सो मच । फिर आश्वि अपना बैग उठाती है और वह बाहर निकल जाती है । तभी उसे याद आता है कि उसने तो मना कर दिया था कुणाल को। आश्वी अपने आप से बोली .__ चलो एक काम करती हूं। मे कुणाल को अच्छा वाला surprise deti हु। इतना बोलते हुए ही हो मुस्कुराते हुए ही एक फूलों की शॉप के पास जाती है ।और एक बड़ा सा बुके लेती है और साथ में बहुत सारी चॉकलेट लेकर वह texi में बैठकर कुणाल के घर के लिए निकल जाती है । उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट थी और वह बुके को देखते हुए ही टैक्स में बैठे हुए ही सोच रही थी कि वह आज पूरा दिन कुणाल के साथ रहेगी और उसे खुश रखेगी । करीब 1 घंटे बाद वह कुणाल के घर के पास उतरती है । और टैक्सी ड्राइवर को पैसा देकर वह वहां से कुणाल के घर की तरफ आ जाती है। कुणाल भी इतना ज्यादा पैसे वाला नहीं था । कुनाल का एक छोटा सा बांग्ला था और उसके एक छोटी सी कंपनी थी। बस उसके पास उतना ही था। वही आश्वि ,,, कुणाल के घर के पास पहुंचती है तो उसके घर का दरवाजा हल्का सा खुला देखकर आश्वि हल्के से मुस्कुराते हुए उसके अंदर आ जाती है। और फिर वह घर की चारों तरफ देखती है ।वहां पर कोई भी उसे दिख नहीं रहा था। कुणाल अकेला ही रहता था । उसके मम्मी पापा वहां पर नहीं रहे थे । आश्वि आगे बढ़ती है और सब तरफ देखते हुए बोली __ कुणाल। लेकिन उसे किसी की आवाज नहीं सुनाई देती। तो आश्वी मुस्कुराते हुए ही वह बुके लिए वह सेकंड फ्लोर पर आ जाती है । आश्वि सेकंड फ्लोर पर आई तो उसने कुछ कदम आगे बढ़ाए ही थे कि तभी एक कमरे से कुणाल के बोलने की कुछ आवाज आती है। जिसे सुनकर आश्वि को लगता है कि उस कमरे में कुणाल है । तो आश्वि हलके कदम बढ़ाते हुए ही वह उस कमरे के पास जाती है । और फिर खुद को prepared करते हुए ही वह उस कमरे का दरवाजा झटके से खोलती है और वह उस बुके को अपने सामने रखते हुए ही बोली ____ कुणाल सरप्राइज ???!!!! वही इतना बोलकर वह सामने देखती है और सामने जो बेड पर जो हालत थी उसे देखकर आश्वि की हल्की सी चीख निकल जाती है। और वह उसके हाथों से वह बूके गिर जाता है और वह जल्दी से पलट कर अपनी आंखों पर हाथ रख लेती है। उसकी आंखों से टप टप आंसु गिरने लगते है।" आगे जारी है।
आश्वि की हल्की सी चीख निकल जाती है । और वह उसके हाथों से वह बूके गिर जाता है और वह जल्दी से पलट कर अपनी आंखों पर हाथ रख लेती है। उसकी आंखों से टप टप आंसु गिरने लगते है।" अब आगे 🔥🔥🔥🔥🔥🔥 आश्वि सामने देखती है तो सामने बेड पर कुणाल और उसके साथ कोई लड़की थी जो बहुत ही गलत अवस्था में दोनों साथ में थे । और वह दोनों ही जब सामने दरवाजा खोलने की आवाज और आश्वि की आवाज सुनते हैं तो वह जल्दी से अपने आप को ढकने लगते हैं । और वही कुणाल और वह लड़की दोनों ही खुद को चादर से कवर कर लेते हैं । वहीं कुणाल जब सामने देखता है तो सामने आश्वी को देखकर वह हैरान हो जाता है । और वह थोड़ी देर ऐसे ही शौक में रह जाता है। वही वह लड़की जो कुणाल के साथ बेड पर थी वो बोली __ ohh Tum आश्वि!! वही वो लड़की आश्वी को पहचान रही थी । और इतना सुनते ही आश्वि की आंखों से आंसू बह जाते हैं । वह ऐसे ही पलट कर खड़ी रहती है और जब वह आवाज सुनती है उसे वो आवाज जानी पहचानी सी लगती है । और वो ऐसे ही कुछ सोचने लगती है कि यह आवाज तो उसने कही सुनी है। तभी उसे याद आता है कि यह लड़की कोई और नहीं बल्कि प्रिया रंधावा थी जो उसके क्लास में ही कॉलेज में साथ में थी । और प्रिया रंधावा बहुत ही पैसे वाली थी। आश्वि ,,,प्रिया की आवाज पहचान जाती है तो वह ऐसे ही हैरानी से खड़ी रहती है ।और वह सामने एक तक सुन्न सी खड़ी देखने लगती है। वही कुणाल खुद को संभालता है और वह वहीं पर ही पड़ी हुई एक चादर खुद के शरीर पर लपेटकर और फिर वह अपने कपड़े उठाकर चेंज करने के लिए चला जाता है। वहीं आश्वि वैसे ही खड़ी थी और उसके आंखों से ऐसे ही आंसू बह रहे थे। उसका दिमाग सुन्न हो गया था उसके पैरो तले जमीन खिसक गई थी। और उसे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि वह क्या करें और क्या नहीं। आशवी का मन कर रहा था वो यह से कही और भाग जाए ,,,। वही सामने प्रिया बेड पर बैठी हुई थी । उसके चहरे पर हल्का सा भी मलाल नहीं था ,,कि उसने किया क्या है !!! उसके चेहरे पर तो बस एक कुटील स्माइल थी और वह बेशर्मी से स्माइल कर रही थी और वैसे ही वह बेड पर बैठी हुई बेड से टेक लगाए हुए ही आश्वी को देख रही थी । वही 2 मिनट बाद कुणाल बाहर कपड़े पहनकर बाहर आता है ।और वह आश्वी को देखते हुए ही बोला ___ आश्वी तुम,,, तुमne तो सच में मुझे सरप्राइज ही कर दिया .. वही आश्वि धीरे से पलटती है और कुणाल को देखते हुए वो एक नजर वह सामने bed कर बैठी हुई प्रिया को दिखती है। वही आश्वी कुणाल को देखते हुए ही बोली ___ इतना बड़ा धोखा देने की वजह क्या है कुणाल?? तुम मुझे धोखा दे रहे थे?? मुझे आज पता चला वही। तभी कुणाल हिरानी से आश्वी को देखते हुए ही बोला __ लेकिन तुम यहां पर कैसे आई और क्यों आई हो ? तुम तुम तो नहीं आने वाली थी ना । तो तुमने तो बताया था ना कि तुम नहीं आओगी। फिर यहां पर कैसे अचानक से तुम!?? इतना सुनते ही आश्वी भी एक नकली स्माइल करते हुए ही वह अपने आंखों में आंसू लिए हुए ही वह कुणाल को देखते हुए ही बोली ___ अच्छा हुआ ना आज मैं ऐसे आई । मैंने तुम्हें मना किया था कि मैं नहीं आने वाली। लेकिन जब मुझे छुट्टी मिली तो मैं तुम्हें सरप्राइज देने के लिए यहां पर आई। लेकिन देखो किस्मत का खेल सरप्राइज में तुम्हे देने आई थी लेकिन surprise तो मुझे ही मिल गया । अच्छा हुआ मैं यहां पर आई तुम्हारी असलियत तो मुझे पता चल गई । की कैसे तुम मुझे धोखा दे रहे थे । और पता नहीं कितनी लड़कियों के साथ तुम रहे होंगे। लेकिन भगवान ने आज मेरी आंखें खोल दी है । शुक्र है भगवान का । की। आज मैं इसे तुम्हे सुरप्राइस देने के लिए आई । वहीं तभी कुणाल उसे देखते हुए ही बोला ___देखो तुम जैसा सोच रही हो ऐसा नहीं है ...! सुनो मेरी बात ऐसी बात नहीं है । इतना सुनते ही आश्वि बोली __ अब सुनने को बाकी ही क्या रह गया है। बताओ तुम मुझे क्या बाकी है । बोल दो तुम जो भी बाकी है । सामने जो कुछ भी है वो सब बया कर रहा है। जो कुछ सामने है यह सब कुछ बताने के लिए काफी है की तुम एक घटिया इंसान हो । तुम मेरे पीठ पिछे ,,इस प्रिया के साथ ,,,,,... छी..छी। और यह प्रिया यह मेरे क्लास में ही पढ़ती है लेकिन तुम इसके साथ हो और इसके साथ मिलकर मुझे धोखा दे रहे हो । मुझे बेवकूफ समझ रहे हो। वही तभी प्रिया वही बेड पर से खुद को चादर में लपेटे हुए ही उन दोनों के पास जाते हुए ही बोले__ इसमें बेवकूफ समझने की क्या बात है। तुम तो सच में बेवकूफ हो हो। क्योंकि तुम ही इतना तक पता नहीं की कुणाल किसके साथ रह रहा है और क्या कर रहा है तुम्हें कुछ पता ही नहीं होता। बस तुम ही तो अपना काम करना होता है । तभी आश्वी बोली __तुम चुप रहो तुम अपना काम करो समझ में आई बात.. तभी प्रिया कुणाल के पास आ जाती है और वह उसके कंधे पर हाथ रखकर उसके बेहद करीब होकर चिपक कर अश्वि को देखते हुए ही बोली_ यह मेरा है और मेरा ही रहेगा। यह कभी ना तुम्हारा था और ना ही कभी तुम्हारा होगा। तभी आश्वी हैरानी से कुणाल को देखते हैं कि शायद कुणाल कोई सफाई दे। तभी कुणाल आश्वि को देखते हुए ही बोला ___ तो क्या करता मैं बताओ तुम ?!!? मेरा प्रिया के साथ हूं और वह प्रिया वैसे भी तुमसे ज्यादा पैसे वाली है । तुम तो अनाथ आश्रम में रहती हो । लेकिन प्रिया के पापा के दो-तीन बड़ी कंपनी से जिससे मुझे प्रॉफिट हो सकता है । और वैसे भी प्रिया तुमसे बहुत ज्यादा अच्छी है। तुम तो मुझे खुद से टच तक करने नहीं देती। जब में तुम्हारे करीब आता तब तुम मना कर देती हो। कि ऐसे नहीं शादी के बाद हम सब कुछ करेंगे दूर रहो मुझसे। खुद से टच तक नहीं करने दिया कभी । अब तक हम दोनों ने एक दूसरे को ठीक से hug तक नहीं किया । और ना ही एक दूसरे को किस किया है। फिर कुणाल एक नजर प्रिया को देखकर बोला __ ऐसा कहीं होता है किसी भी रिलेशनशिप में ऐसा नहीं होता है। तुम जैसी अनरोमांटिक लड़की के साथ कौन ही रहना चाहेगा। इतना सुनते ही आश्वी के आंखों से आंसू की धार बह जाती है और वह हैरानी से कुणाल को देखने लगती है। उसे तो कुणाल बहुत अच्छा और समझदारी लड़का लग रहा था । लेकिन अभी उसे कुणाल से ज्यादा घटीया कोई लग ही नहीं रहा था। आश्वि बोली __ तो फिर ऐसे धोखा देने का क्या मतलब है? तुम मुझे बता ही देते कि तुम्हें कि तुम मुझे पसंद नहीं करते। और ना ही तुम मेरे साथ ऐसे रहना चाहते हो । तो मैं खुशी-खुशी तुम्हारी लाइफ से चली जाती । ऐसे इतना बड़ा धोखा क्यों दिया तुमने ?? क्यों किया मेरे साथ इतना बड़ा धोखा ??? कुणाल बोला __ मैंने कोई धोखा नहीं किया है तुम्हारी गलती है इसमें। ना तुम मुझे ऐसे मना करती । और न ही मैं किसी और के पास जाता और ना ही मुझे प्रिया मिलती और अब में प्रिया के साथ बहुत ज्यादा खुश हूं। अच्छा हुआ तुम्हे आज सारी सच्चाई पता चल ही गई । वही प्रिया भी उसे देखकर मुस्कुराने लगती है ।वही आश्वि उन दोनों को ही देख रही थी और उसकी आंखों से आंसु टपक रहे थे। फिर भी वह खुद को संभाले हुए ही वहां पर खड़ी थी। आश्वि प्रिया को देखते हुए बोले ___ प्रिया देखना तुम भी एक दिन मेरी तरह ही ऐसे ही रोवोगि । और मेरी तरह तुमहै भी धोखा मिलेगा। अगर कुणाल मुझे ऐसे धोखा दे सकता है तो तुम क्या चीज हो। तुम्हें भी वह ऐसे ही धोखा देगा और तुम्हें भी अपनी लाइफ से निकाल कर फेंक देगा । वो किसी का नहीं हो सकता ,,,किसी का भी नही। वही प्रिया ,, आश्वी को देखते हुए ही बोली__ ज्यादा ज्ञान देने की जरूरत नहीं है मुझे पता है कुणाल सिर्फ मेरा है और मेरा ही रहेगा । इतना बोलकर वो कुणाल को देखकर स्माइल करती है। वही कुणाल उसके कमर पर हाथ रखकर उसे अपनी तरफ और ज्यादा चिपकाते हुए ही बोला ___ हां मैं सिर्फ तुम्हारा ही हूं बेबी। यह सिर्फ बकवास कर रही है और फिर वह आश्वि को देखते हुए ही बोला __ अब तुम जा सकती हो । तभी आश्वी कुणाल को देखते हुए ही बोली__ जरूर में जाऊंगी यहां से । लेकिन इससे पहले मैं सारे रिश्ते खत्म करके जाना चाहती हूं । इतना बोलकर वह अपने हाथों की उंगली से वह अंगूठी निकाल कर कुणाल के मुंह पर फेंकते हुए ही बोली __ आज से तुम्हारा मेरा रिश्ता खत्म है आज के बाद तुम ना मुझे जानते हो ,,,ना ही मैं तुम्हें जानती हूं । वही कुणाल एक पल तो हैरान रह गया उसके जहन में आया कि वह आश्वी को रोक ले। लेकिन फिर वह साथ में प्रिया भी खड़ी थी तो वह और कुछ नहीं बोल सकता था । इसलिए वह कुछ ना बोलते हुए आश्वी को देखने लगता है। कुनाल ने आश्वी को जब से जाना था तब से ही बो डरी सी सहमी सी रहती थी। लेकिन आज आश्वि उसे अलग lah रही थी। कुनाल बोला __ यह सब बातें बाद में कर लेंगे । अभी हम दोनों को और भी ज्यादा टाइम साथ में स्पेंड करना है तो तुम जाओ यहां से। तभी आश्वी नकली स्माइल करते हुए जबरदस्ती मुस्कुराते हुए ही बोली __ बाद में बातें कौन सी बातें??? हम दोनों के बीच अब कोई बातें रहे ही नहीं!! और जो एक रिश्ता बचा था उसे भी अब मेने खत्म कर दिया है । जाओ तुम क्या मुझे छोड़ोगे ,,, में ही आज से तुम्हे छोड़ती हु। हम दोनों के सारे रिश्ते खत्म । आज के बाद भूल जाना की हम दोनों कभी मिले भी थे ।__" " और वैसे भी जिस्म पे मरने वाले इश्क नहीं कर पाते " इसलिए तुम जैसों से दूर रहना ही मेरे लिए बेहतर है । और यह मेरी लाइफ का सबसे बेस्ट डिसीजन होगा तुमसे दूर रहना । तुमसे रिश्ता खत्म करना । इतना बोलकर वह प्रिया को देखते हुए ही एक नकली स्माइल करते हुए ही वहां से मुड़ती है और वह आगे बढ़ जाती है। उसकी आंखों से आंसु की धार बह जाती है। वही प्रिया और कुणाल वहीं पर ही खड़े-खड़े आश्वि को हो जाते हुए देख रहे थे । वही आश्वी भागते हुए ही उसे घर से बाहर निकल जाती है । वही कुणाल के दिल में आता है कि वह एक बार जाकर आश्वी को रोक ले । लेकिन प्रिया उसे देखते हुए ही बोली __ कुणाल चलो अब फिर से चलो फिर। वह दोनों ही फिर से उसे कमरे में आ जाते हैं । वही आश्वी उसके घर से निकल कर अपने मुंह से आप पर हाथ रखते हुए ही रोने लगती है,, कि उसकी सिसकियां कोई सुन ना ले। इसीलिए वह अपने मुंह पर हाथ रखे हुए हैं वहीं पर ही एक मिनिट तक ऐसे ही रोती है। और फिर वह अपने आप को संभाल कर वहां से बाहर निकल जाती है।और वहीं पर ही रास्ते पर ही चलने लगती है। आश्वि ऐसे ही अपनी सुध बुध खोए हुए ही ,,ऐसे ही आगे बढ़ रही थी । उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह कहां पर जा रही है, क्या कर रही है। उसका दिमाग तो जैसे सुन्न सा हो गया था । उसे कुणाल से धोखे के कभी उम्मीद नहीं की थी। वह दोनों पिछले डेढ़ साल से साथ में थे और अन दोनों की आश्रम में इंगेजमेंट भी हुई थी। सबकी रजामंडी से । और अब इसे वह दोनों दूर हो चुके थे । आश्वी को यकीन नहीं हो रहा था कि कुणाल ने उसे इतना बड़ा धोखा दिया है। आश्वि ऐसे ही चल रही थी वह कितने वक्त तक ऐसे ही रास्ते पर चलती रहती है । और फिर वह थक जाती है तो वह वहीं पर ही एक गार्डन की बेंच पर जाकर बैठ जाती है। वहीं आसपास कोई भी नहीं थी बस कुछ गिने चुने लोग ही थे । जो आपने अपने कामों में लगे हुए थे । वहीं आश्वि उस बेंच पर बैठ जाती है और वह अपना सर झुका लेती है । उसकी आंखों से दर्द बहने लगता है। और वह अपने मुंह पर हाथ रखकर इस ही रोने लगती है। करीब 10 मिनट तक ऐसे ही रोने के बाद वह अपने आंसू पोंछती है और वह सामने एक तक देखने लगती है। तभी उसके पास कोई आकर बैठ जाता है वह आश्वि को साइड से देखते हुए ही बोला __क्या आप ठीक है ? इतना सुनने के बाद भी आश्वि कुछ नहीं बोलते । फिर वह शख्स फिर से पूछता है कि आप ठीक है ?? इतना सुनते ही आश्वि अपने होश में आती हैं और आस पास देखती है और तभी उसे अपने पास एक बेहद ही ज्यादा हैंडसम शख्स दिखता है वह उसके पास बैठा हुआ था । और उस शख्स को देखकर आश्वि एक पल हैरान रहती है। फिर वह अपने आप को संभालते हुए बोली __मैं ठीक हूं इतना बोलकर वह फिर से अपना सर झुका लेती है. तभी वह शख्स बोला __ क्या बात है आप इतनी परेशान क्यों है?? फिर और आप रो भी रही है । आप चाहे तो मुझे अपनी परेशानी बता सकती है । वही आश्वी एक नकली स्माइल करते हुए ही जबरदस्ती मुस्कुराते हुए ही बोली __ जब अपने ही दर्द देने लग जाए,, तब गैरों से मशवरे नहीं करते। तभी वह शख्स भी उसे उसी अंदाज में जवाब देते हुए ही बोला __ जब अपनों के दर्द हद से बढ़ जाए तो,,, गैर से ही दर्द साजा कर लेने चाइए ,,क्या पता उस दर्द का मरहम मिल जाए। उनसे सुकून के कुछ पल नसीब हो जाए। तभी उसकी बात सुनकर आश्वी हैरानी से उस शख्स को देखने लगती हैं और फिर उस शख्स को देखते हुए ही बोली __कौन है आप ?? तभी वह शख्स बोला __ मैं अंकित अहूजा हूं । और आप चाहे तो मुझे अपना दर्द बांट सकती है। वही आश्वि एक दो पल अंकित को देखते हैं और फिर वह अपनी नजर जुकाते हुए बोली __ कुछ दर्द ऐसे होते हैं ,,जिसे बाहर निकलने से अच्छे हो ,,सीने में दफन कर देने चाहिए। तभी अंकित मुस्कुराते हुए ही बोला ___ कोई बात नहीं !! आप अभी फिलहाल मुझे नहीं बताना चाहती तो कोई बात नहीं । लेकिन आप ऐसे रोए मत । आपको कोई भी हेल्प की जरूरत है तो आप मुझे बताएं। मैं आपको कोई भी हेल्प करने के लिए तैयार हूं । वही इतना सुनते ही आश्वी के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है । और वह बोली __ किस्मत भी कितनी अजीब है ना देखिए नसीब का खेल तो देखिए ,,,अपने दर्द देते हैं । और पराए आकर उसे दर्द को कम करने लगते हैं । तभी अंकित मुस्कुराते हुए ही बोला __ यही तो खेल है किस्मत का । किस्मत खेल ही ऐसा खेलती है कि हम खुद समझ नहीं पाते ,,कि हमें किस रास्ते पर चलना चाहिए। लेकिन हमें भगवान पर भरोसा रखना चाहिए वह हमें सही रास्ता बता ही देते है । वही आश्वि को अंकित की बात थी को थोड़ी-थोड़ी अच्छी लग रही थी । उसके चेहरे पर हल्की सी स्माइल आ जाती है । लेकिन उसके अंदर जो दर्द भरा पड़ा था । उसे वह संभालती नहीं पा रही थी । वह उस दर्द को बाहर निकालना चाहती थी जी भरकर रोना चाहती थी। लेकिन वह यहां पर अपना गम भी बाहर नहीं निकल पा रही थी । तभी अंकित आश्वी को gaur se देखता है तो वह उसे देखता ही रह जाता है। उसकी वह नीली आंखें ,पतले से होंठ ,,,गोरा रंग उसकी कंधे पर लहरा रहे uske घुंघराले खुले बाल " बेहद ही खूबसूरत लग रही थी आश्वि । उसके चेहरे पर आंसुओं के निशान थे,,, फिर भी वह चमक रही थी । वही अंकित को पहली नजर में आश्वि जैसे उसके दिल में उतर उतर गई हो। वह शिद्दत भरी नजर से आशवी को देखने लगता है । फिर अंकित ,कुछ सोचते हुए ही अपना हाथ आश्वि की तरफ बढ़ाते हुए ही बोला __ क्या हम दोस्त बन सकते हैं? तभी आश्वी हैरानी से अंकित को देखने लगाती हैं और वह अंकित को देखते हुए ही बोली __ अभी पहले ही मुलाकात हुई है और आप दोस्त बनना चाहते हैं। तभी अंकित ,, आश्वी को देखते हुए ही बोला ___ यकीन मानिए ,अगर दोस्ती हुई हमारी तो जिंदगी भर आपका भरोसा टूटने नही दूंगा। मे दोस्ती ऐसी निभाऊंगा। वही इतना सुनते ही आशवी अपने मन में बोली __ चलो अभी एक धोखा खा कर आई हूं,, जिसने पूरी तरह से मुझे तोड़ कर रख दिया है । लेकिन फिर भी मैं किसी और से dosti करने भरोसा तो कर ही सकती हूं। इतना वो अपने मन में बोलते हुए ही एक स्माइल के के साथ अंकित को देखते हुए ही बोले _ ठीक है । लेकिन फिर सोच लीजिएगा ,,अगर एक बार दोस्ती हो गई तो फिर दोस्ती निभाई भी पड़ेगी। वहीं अंकित मुस्कुराते हुए ही बोला __ वादा रहा जिंदगी पर नहीं पाऊंगा इस दोस्ती को । वही इतना सुनते ही आश्वि भी वैसे भी आगे बढ़ती है और वह अंकित से हाथ मिलाती है। वही आश्वि का हाथ अंकित के हाथों में आते ही अंकित की धड़कन एक पल धड़कना भूल जाती है। वही आश्वि फिर उससे हाथ अलग करती है और फिर वह अंकित को देखते हुए ही खड़े होते हुए बोली __ फिर ठीक है दोस्त ,,,फिर कभी मिलेंगे हम। अभी मुझे जाना होगा ।इतना बोलकर वह आगे बढ़ जाती है । वहीं अंकित उसे जाते हुए देखा ही रह जाता है। वह बोला ___ फिर हम कब मिलेंगे ?!!! हम दोस्तों बन चुके हैं ना!!लेकिन हम मिलेंगे कब । वही तभी आश्वि ऐसे ही बिना पलटे बोली ___अगर हमारी दोस्ती पक्की है तो हम जरूर मिलेंगे किस्मत में लिखा होगा हमारे दोस्ती ऐसे ही बनी रहे तो हम जरूर मिलेंगे ! इतना बोलकर वह वहां से आगे बढ़ जाती है । वहीं अंकित उसे हैरानी से उसे जाते हुए ही देखता रह जाता है। वही आश्वि जब उस गार्डेन से बाहर निकलती है तो उसे फिर से कुणाल की बातें और कुणाल का धोखा याद आ जाता है । उसने अभी अंकित के सामने अपने आंसु को संभाल रखा था। लेकिन अब उसे अपना दर्द कम करना था। कुणाल के धोखे से मिला दर्द जो उसके सीने में अभी दफन था,, वो उसे वह बाहर निकलना चाहती थी । वह जी भरकर रोना चाहती थी। चीखना चिल्लना चाहती थी ,,वो पूछना चाहती थी कि क्यों सब उसके साथ ही धोखा करते हैं। क्यों उसके साथ ही सब ऐसा क्यों करते हैं?????? आगे जारी है। finally next chapter में,, darshit oberoi 🔥 urf एक आग और आश्वी urf पानी ..,,, यानी की एक आग और पानी ,,,,,,दोनो की पहली मुलाकात होने जा रही है "तो जरूर पढ़िए अब धमाके ,,और दीवानगी की शुरुआत" अगर आज likes comments ज्यादा आए तो next chapter jaldi आयेगा "
कुणाल के धोखे से मिला दर्द जो उसके सीने में अभी दफन था,, वो उसे वह बाहर निकलना चाहती थी । वह जी भरकर रोना चाहती थी। चीखना चिल्लना चाहती थी ,,वो पूछना चाहती थी कि क्यों सब उसके साथ ही धोखा करते हैं।? क्यों उसके साथ ही सब ऐसा क्यों करते हैं?????? अब आगे,,,🔥🔥🔥🔥🔥 वही आश्वि वहीं पर ही चलने लगती है। और वह आगे बढ़ जाती है। तभी वहां पर एक taxxi आकर रूकती है । वही आश्वि जब टैक्सी को देखती तो वह टैक्सी रुक कर उसमें बैठ जाती है और बोली __ काका और लाल पहाड़ी है ना वहां पर ले चलिए । वहीं टैक्सी ड्राइवर जब आश्वि को देखता है तो उसकी आंखों में आंसू देख कर बोला __ बेटी तुम क्या ठीक हो ?? तभी आश्वी भी अपने आंसू पहुंचकर हल्की स्माइल के साथ बोली __ हां मैं बिल्कुल ठीक हूं प्लीज आप लाल पहाड़ी पर ले चलिए । वही इतना सुनते ही टैक्सी वाला ड्राइवर बोला ठीक है इतना बोलकर वह टैक्सी आगे बढ़ा देता है । वहीं दूसरी तरफ दर्शित वह अपनी ऑफिस में बैठा हुआ था। । और वह अपनी चेयर को इधर से उधर move करते हुए ही टेंशन फ्री होकर सामने सनाया जो फाइल में घुसी हुई थी उसे देखते हुए ही बोला __ मुझे बहुत बोरिंग सा महसूस हो रहा है मुझे कुछ देर के लिए बाहर जाना है। इतना सुनते ही सनाया बोली __ कहां पर जाना है ? अभी इतना सुनते दर्शित बोला_ जहा मेरा मन होगा वहां पर जाऊंगा। तुम्हे क्या है तुम तुम अपना काम करो ना । तभी सनाया उसके बात सुनकर अपना चेहरा फिर से अपनी फाइलों में घुसा लेती है। और वह काम करने लगती है । वही दर्शित snaya ऐसे देखता है तो वह बोला __ यार तुम् कितना काम करते रहती हो। मेरे साथ रहकर तुम भी सच में heartless सी हो गई हो। मैं तुम्हारे सामने बैठा हूं और तुम्हें कह रहा हूं कि मुझे कहीं बाहर जाना है तो मेरा कोई जवाब दिए बिना ही तुम फिर से फाइल में घुस गई। तभी सनाया बोली__ तुम्हें फालतू में जो टाइम वेस्ट करना है तुम करो । मुझे फाइल complete करनी है। फिर तुम ही मुझ पर गुस्सा होते हो तुम्हें पता है ना तो । तुम्हें जहां भी जाना है तुम जा सकते हो । फिलहाल मुझे काम करने दो। इतना सुनते ही दर्शित अपना सिर हिलाते हुए ही खड़ा हो जाता है । जैसे बोल रहा हो इसका कुछ नहीं हो सकता और वह ऑफिस से बाहर निकल जाता है। वही समाया एक नजर दर्शित को जाते हुए देखती है और फिर से वह फाइलों में घुस जाती है । वही दर्शित तो केबिन से बाहर निकाल कर वह ऑफिस से ही बाहर चल कर ,,ऑफिस से ही बाहर निकल जाता है । और फिर वह अपनी car के पास आता है । तभी उसके पास उसके सारे बॉडीगार्ड भी आ जाते हैं वही दर्शित उन सबको देखते हुए ही बोला __ अरे कहीं तो अकेला छोड़ दो । क्यों पीछे पड़े रहते हो । वही तभी उनमें से एक बॉडीगार्ड जो head प्रदीप था वह बोला __ सॉरी सर हम आपको अकेले नहीं छोड़ सकते । आपकी सिक्योरिटी का सवाल है । इतना बोलकर वह सब लोग भी उसके पीछे ही car में बैठ जाते हैं। और दर्शित अभी car में बैठकर वह खुद ड्राइव करने लगता है । वही उसके पीछे ही दो कर और भी बॉडीगार्ड की चलने लगती है । दर्शित car ऐसे ही सड़क पर दौड़ा रहा था जैसे वह कोई कार ना होकर एरोप्लेन हो। और उसकी car हवा से भी तेजी से आगे बढ़ रही थी । और रास्ते में बाकी सब लोग ek बार पलटकर उस car ko तो जरूर देखते ही थे । दर्शित मौज मस्ती में ही वह car चला रहा था जो जैसे बहुत ज्यादा खुश हो उसके अंदर एक खुशी ही उमड़ रही थी । दर्शित ऐसे ही अपनी car आगे बढ़ा देता है। वहीं दूसरी तरफ आश्वि भी लाल पहाड़ी पर पहुंचती है और वह ड्राइवर को पैसे देती है। वही ड्राइवर वहां से चला जाता है। वही वह लाल पहाड़ी के पास जाकर वह वही सब तरफ देखने लगती है। और वहीं आसपास कोई भी नहीं था । उसे लाल पहाड़ी पर बहुत ही कम लोग जाते थे जो भी वहां पर सुकून पाना चाहता हो । थोड़ी देर सुकून की सांस लेना चाहते थे बहि लोग ही वहां पर जाते थे। वहीं आश्वि भी आज इसी जगह आई थी । वह कई बार यहां पर आती थी जब उसे थोड़े कुछ सुकून के पल अपनी लाइफ में चाहिए हो तो वह खुद को शांत करने यहां पर ही आ जाती थी। वहीं आसपास कोई भी नहीं था । आश्वि चारो तरफ देखती है और चारों तरफ हरियाली थी और एक ठंडी हवाएं चल रही थी और बहुत ही सुकून था वहां पर। लेकिन आज आश्व्वी का दिल शांत नहीं था उसका दिल फुटफुट कर रोना चाहता था और खुद के दर्द को बाहर निकलना चाहता था। आखिर उसे उसके ही मंगेतर ने इतना बड़ा धोखा जो दिया था । इतना सोचते ही आश्वि के आंखों से फिर से जब वह कुणाल के बारे में सोचती है तो उसकी आंखों से फिर से आंसू बह जाते हैं और वह रोने लगती है । यहां पर कोई भी नहीं था जो उसकी उसका रोना उसकी आवाज सुन सके। उसकी चीखें सुन सके । तो जो आश्वी ने अपने दिल में दर्द छुपा लिया था वो उसे बाहर निकलते हुए ही जोर से चिल्लाती है और वह चिल्लाते हुए ही रोते हुए ही बोली __ क्यों ....क्यों ...क्यों ,,,मेरे साथ ही ऐसा होता है क्यों ऐसा होता है?? क्यों सब लोग मेरे साथ ही धोखा करते हैं?? क्यों मुझे अपना नहीं समझते???? क्यों मेरा दिल तोड़ कर चले जाते हैंक्या मुझे जीने का हक नहीं है ????क्या मुझे किसी से प्यार करने का हक नहीं है ????क्या मेरे पास दिल नहीं है ???क्यों....?? इतना बोलते हुए वह जोर से चिल्लाती है और चीखती है। उसकी आंखों से आज दर्द के आंसू बह रहे थे m और उसकी आंखों से वह दर्द बाहर निकल रहा था जो उसके दिल में दबा हुआ था । उसकी सारा दुख उसकी सारी घुटन बाहर निकल रही थी। और वह जोर से चिल्लाते हुए रोते हुए ही वहीं पर ही जमीन पर बैठ जाती है। और वह थोड़ी देर से ही जोर जोर से ही रोटी है। उसकी चिल्लाने की आवाज सुनकर शायद वहां पर जो सारे पेड़ लगे हुए थे वह भी एक पल के लिए कांप जाए चीख रही थी ,,, चिल्ला रही थी आश्वी । लेकिन उसकी चीख सुनने वाला उसका रोना सुनने वाला उसको शांत करने वाला वहां पर कोई भी नहीं था । वह ऐसे ही बैठी बैठी चिल्लाती रहती है । अपने आंसू बाहर निकलती रहती है । और ऐसे ही उसकी आंखों से ही उसके आंखों से बह रहे थे। थोड़ी देर इसे ही चीखने चिल्लाने से उसका वो सरा दर्द बाहर निकल गया था और लेकिन अभी उसका drd khtm nhu hua tha। वह खुद को शांत भी नहीं करती ऐसे ही वह अपने दिल का सारा गम बाहर निकलती है और उसकी आंखों से पानी की धार की तरह आंसु बह रहे थे और वह ऐसे ही रो रही थी । आश्वी इसे ही सर झुका लेती है । वह थोड़ी सी शांत हो चुकी थी । अब वह रो तो रही थी लेकिन अब उसकी आवाज नहीं निकल रही थी । उसकी सारा गम उसका सारा दर्द उसके आंसु ओके जरीए बाहर निकल चुका था। उसके दिल में जो भी घुटन थी जो दबी हुई थी वह उसने बाहर निकाल दी थी । और वह ऐसे ही अपनी अपना शीर झुकाए हुए हैं ऐसी ही रोती रहती है उसके आंसू वैसे ही बहते रहते हैं । वह खुद को रोकती भी नहीं है । वह घुटनों के बल बैठी हुई थी और वह रोती रहती है । वही दूसरी तरफ दर्शित car चलाते हुए ही अपनी car ko लेकर वह इस लाल पहाड़ी की तरफ मोड़ लेता है और वह आगे बढ़ जाता है। वही उसके पीछे ही वह दो car थी जो बॉडीगार्ड्स की ही थी और वह भी उनके पीछे ही आ जाती है । वही एक तेज रफ्तार के साथ दर्शित अपनी car को ले जाकर इस लाल पहाड़ी पर रोकता है और फिर उसी के साथ ही उसके पीछे जो बॉडीगार्ड थे उसकी car भी रूकती है । तो दर्शित car से बाहर निकलता है ।और सारे बॉडीगार्ड्स भी । वहीं दर्शित अपने बॉडीगार्ड को देखते हुए ही बोला __ यही पर ही तुम रखवाली करो यहां पर अब तो कोई है नहीं । तो थोड़ी देर मुझे सुकून की सांस भी लेने दो। थोड़ी पर मुझे यह शुद्ध हवाएं लेनी है। खुद को एक आजाद परिंदे की तरह महसूस करना है । इसीलिए थोड़ी देर यहीं पर ही खड़े रहो । और यहां पर मुझे कोई मारने वाला नहीं है । जो तुम सब मेरे पीछे ही आ जाओगे समझ में आई ना बात। यहीं पर ही रहना। वही सब phle to आसपास देखते हैं वहीं पर कोई भी दिख नहीं रहा था। यह देखकर वह सारे बॉडीगार्ड अपना सर हा में हिला देती है ।और वहीं आसपास ही वह सब लोग अपनी पोजीशन लेकर खड़े हो जाते हैं। वही दर्शित उन सबको देखकर वह एक डेविल्स स्माइल करते हुए ही आगे बढ़ जाता है और उसे लाल पहाड़ी की चोट पर आ जाता हैं उसे चोट पर से नीचे की सारी दुनिया देखने लगता है। लेकिन वहां उसे वह सारी दुनिया से ज्यादा तो वहां पर जो पेड़ पौधे लगे हुए थे । जहां पर सारी हरियाली थी तेज हवाएं चल रही थी । वहां उसे वह सब कुछ देखकर ही उसे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था । उसे एक सुकून मिल रहा था यहां पर । दर्शित वहां पर अपने आप अपनी पेंट की जेब में हाथ डालता है और फिर वह अपनी आंखें बंद करके ऊपर आसमान की तरफ देखते हुए ही वह एक वह एक गहरी सांस लेता है । और वह उसे हवाओं को महसूस करने लगता है । जैसे यहां पर सुकून हो वैसे ही इधर से अपने आप से ही बोला __ सच में यहां पर सुकून कमाल का मिलता है । इतना बोलकर वह एक डेविल स्माइल करता है और फिर वह अपनी आंखें खोलकर चारों तरफ देखने लगता है । और फिर वह थोड़ा सा आगे बढ़ जाता है। वही अभी आगे बढ़कर वह सब हरियाली देख रहा था और घूम ही रहा था कि तभी उसे वहां पर किसी की हल्की सी सिसकियों की आवाज सुनाई देती है ।तो दर्शित अपने आसपास देखता है और अपने आप से बोला ___यहां पर और कौन है मेरे सिवा !!!! इतना बोलकर वह थोड़ा और आगे बढ़ता है और जब वह सामने देखता है तो एक लड़की अपना सिर झुकाए हुए ही सिसकियां ले रही थी। और वह रो रही थी। वही यह देखकर दर्शित थोड़ा सा आगे बढ़ता है वह वहां पर जाकर वह एक पेड़ से टेक लगाकर खड़े होते हुए ही उस लड़की को एक बार देखता है जो जिसने अपना सर झुकाया हुआ था और वह उसे लड़की को देखते हुए ही एक डेविल स्माइल करते हुए ही बोला __ सच में दुनिया मतलबी बहुत है ।इतना बोलकर दर्शित इधर उधर देखने लगता है। वही वह लड़की यानी कि आश्वी भी किसी की आवाज सुनती है तो वह अपना चेहरा ऊपर करके सामने देखती है और किसी को देखकर वह चौक जाती है। लेकिन फिर वह अपना सीर फिर से नीचे झुका लेती है। तभी दर्शित अपनी अपनी बात का कोई जवाब ना सुनते हुए ही वह फिर से एक बार आश्वी को देखता है जिसके बालो ने उसका चेहरा ढक रखा था और वैसे भी आश्वि ने अपना से चेहरा जुका रखा था तो उसे उसका चेहरा दिखता नहीं है। वही फिर भी वो रो रही थी और उसकी हिचकीया निकल रही थी। यह देखकर दर्शित एक डेविल स्माइल करते हुए ही बोला__ ___ क्या हुआ ? Shyd इश्क के खेल में हार गई तुम!!! तभी आश्वी उसकी आवाज फिर से सुनकर सिर उठाकर सामने वाले शक्श को देखती है तो वो एक पल उसे देखती ही रह जाती है। फिर आश्वि खुद को संभाल कर बोली __ इश्क तो nhi lekin पसंद था वो मेरी ,, उसे ही चाहा था! दर्शित ने अभि आश्वि को देखा नही था,, आश्वि ने ने सिर झुका रखा था। दर्शित बोला __ क्या इश्क में इतना दर्द मिलता है? तभी आश्वि sarcastically हंसते हुए ही बोली __ एक दफा इश्क करके तो देखो ! इतना सुनते ही दर्शित ,, आश्वी को देखने लगता है और जब वो पहली बार आश्वी को देखता है तो देखता ही रह जाता है । उसकी पलके तक ना झपकती और वो बस आश्वि को अब एक जूनून के साथ देख रहा था। तभी दर्शित के के मुंह से अपने आप निकला __ हो गया है अब तो shyd । Itna सुनते ही आश्वि अपने चहरे पे जूठी मुस्कान लिए बोली__ फिर अपनी बर्बादी भी अपनी आंखों से देखने के लिए तैयार हो जाओ इतना बोलकर आश्वी खड़ी होती हैं और वो अपने आंसु पोंछकर वहा से आगे बढ़ जाती है। तभी दर्शित ,, आशवी को जाता हुआ देखकर एक devil smile करते हुए ही बोला __ लेकिन इस ishq ki इतनी औकात नही जो दर्शित ओबेरॉय को जूका सके ! दर्शित ओबेरॉय_ प्यार ,,मोहब्बत और इश्क से बहुत ज्यादा दूर है। उसे इन सब बे फालतू चीजों पर विश्वास ही नहीं है । लेकिन जुनून तुम बन चुकी हो मेरा । वही आश्वी अपने आप को संभल कर आगे बढ़ जाती है । तभी उसे वहां पर बहुत सारे बॉडीgaurd खड़े हुए दिखते हैं । यह देखकर आश्वि हैरान हो जाती है और उन सबको देखने लगती है । उसे एक दो पल के लिए तो डर लगता है । और वही प्रदीप बॉडीगॉर्ड का हेड आश्वी को वहा देखता है तो वो आगे बढ़ता है और आश्वी को घूरने लगता है । वही आश्वि ये देखकर वह अपने कदम पर पीछे लेती है । लेकिन तभी उसके पीछे ही दर्शित आकर खड़ा हो जाता है । और आश्वि जो अभी उसने दो-तीन कदम पीछे लिए ही थे वह उसे जाकर टकरा जाती है और वह गिरने लगती है। लेकिन वह गिरती उससे पहले ही दर्शित उसे अपनी बाहों में संभाल लेता है। वही आश्वि गिरने के डर से कसके दर्शित को पकड़ लेती है। वही दर्शित उसे अपनी बाहों में संभाले हुए हैं एक तक उसे देख रहा था। उसके चेहरे पर उसके बालों की लटे आ चुकी थी,,, तो दर्शीत उसके चेहरे से उसके बालों को लटो को हटाता है और उसे दूर करता है। वही आश्वि धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलती है तो सामने उसकी नजर दर्शित से जा मिलती है। वह दर्शित को देखकर उसकी आंखों में जैसे एक नशा हो वैसे ही वो एक दो पल के लिए उसकी ब्लू आईज में जैसे एक नशा हो वैसे हि वो खो चुकी थी । वह इधर दर्शित उसे अपनी बाहों में पकड़े हुए ही उसे एक डेविल स्माइल करते हुए देख रहा था । तभी आश्वी अपने होश में आती है और फिर वह खुद को संभालते हुए खड़े होते हुए बोली ___ आई एम सॉरी माफ कर दीजिए मुझे । इतना बोलकर वह उसे थोड़ी सी दूर होती है। और फिर वह उन सारे बॉडीगार्ड को देखते हुए ही बोली __ यह सब कौन है ।??? तभी उसे देखते हुए ही बोला__ बॉडीगार्ड है दिख नहीं रहा क्या ?? इतना सुनते ही आशवी हैरान सी दर्शित को देखने लगती है और फिर वह बोली __ मुझे पता है मुझे दिख रहा है लेकिन क्या यह आपके है। तभी दर्शित बोला _ हां क्यों तुम्हें कुछ और काम है उन सब से तो बताओ मैं तुम्हें उनसे मिलवा देता हूं । वही आश्वि भी यह सुनकर वह जल्दी से बोले _ नहीं नहीं मुझे मुझे बस घर जाना है। और आप उनसे कही न की मुझे घूरे ना,,उनसे डर लगता है मुझे। तभी दर्शित सामने देखता है तो प्रदीप आश्वी को शक भरी नजरो से घूर रहा था ये देखकर दर्शित एक नजर Aashi ko dekhta है जो एक मासूमियत से एक उम्मीद से उसे देख रहि थी। वही दर्शित ,,प्रदीप को देखकर बोला __ प्रदीप ...! इतना सुनते ही प्रदीप अपना सिर हिलाकर वो पिछे हट जाता है। वही ये देखकर आश्वि,,दर्शित को देखकर एक जबरजस्ती की स्माइल करते हुए बोलि_ थैंक यू। इतना बोलकर वह आगे बढ़ जाती है । वही दर्शित तो उसकी आवाज सुनकर जैसे मदहोश हो गया था। वह जैसे उसकी आवाज के बिना कुछ सुन ही नहीं रहा था कि वह क्या बोल रही है। वहां से आगे बढ़ जाती है । वही सारे बॉडीगार्ड्स जब दर्शित को ऐसे किसी और लड़की के पास देखते हैं तो वह सब लोग पहले एक पल के लिए हैरान हो जाते हैं और उनका हेड जो था बॉडीगार्ड्स था प्रदीप वो भी शोक रह जाता है। दर्शित जाते हुए आश्वी को ही देख रहा था । और वह अपने बालों में हाथ फिरते हुए ही बोला __ इस लड़की में कुछ तो अलग सा है मुझे दीवाना बना रही है अपना। darshit ओबेरॉय को दीवाना बन गई और अब यह मुझसे दूर नहीं जा सकती। कहीं पर भी नही जा सकती अब ।" darling _ दर्शित ओबेरॉय का जुनून जो बन चुकी हो तुम " वही आश्वि वहां से आगे बढ़ जाती है और वही वह रोड के पास आ जाती है और वह रोड के पास आकर एक टैक्सी रुकती है और फिर उसमें बैठकर वहां से आगे बढ़ जाती है। तभी दर्शित अपने सामने खड़े जो सारे बॉडीगार्ड का हेड था ,,उसे अपने पास बुलाता है और बोला __ प्रदीप वह जो लड़की अभी गई है वह कहां पर जाती है और क्या करती है और वह क्या है उनके बारे में मुझे छोटी से छोटी डिटेल चाहिए। तुम समझ रहे हो मैं क्या कह रहा हूं। मुझे उसकी पूरी की पूरी इनफार्मेशन चाहिए । कुछ ही देर में मुझे उसकी पूरी इनफार्मेशन चाहिए । और वह कहां पर जा रही है वह सबसे पहले याद रहना चाहिए कि तुम मुझे बताओगै । की अभी वह कहां से कहां जाए जा रही है । और वह क्या कर रही है। इतना सुनते ही प्रदीप एक पल के लिए चौक जाता है । लेकिन फिर वह अपना सर हा में हिलाते हुए ही बोला __ ठीक है आपको कुछ ही देर में सारी इनफार्मेशन मिल जाएगी । वहीं दर्शित driving sit pe बैठ जाता है। तो उसके सामने उसकी नजरों के सामने बस आश्वी का ही चेहरा आ रहा था। उसके घुंघराले बाल,,, उसके पतले से गुलाबी से होंठ,,, उसकी नीली आंखें,,,, उसकी वह गोरा सा चेहरा वह सब कुछ उसके नजरों के सामने ही घूम रहा था। तो दर्शित आकर फिर पीछे car की पीछे वाली सीट पर बैठ जाता है ।और बोला __ड्राइव करो कोई car को । इतना बोलकर वह पीछे की सीट पर अपना सिर टिका लेता है और उसकी जेहन में पूरी तरह से आश्वी बस चुकी थी । वहीं दर्शित ऐसे ही पीछे सिर टिकाए हुए ही अपने आप से बोला__ सच में darling ,, तुमने मुझे पागल कर ही दिया । लेकिन अब तुम मुझे ऐसे दीवाना बना कर मुझसे दूर नहीं जा सकती । और में तुम्हे अपने से दूर जाने भी नहीं दूंगा " अब दीवानगी में तुम्हें कैद करने का टाइम आ गया है। अब darshit oberoi ki deewangi से तुम दूर नही भाग सकती ! आगे जारी है। तो क्या होगा आगे? क्या कुणाल को पछतावा होगा?? क्या आश्वि फस जायेगी दर्शित की कैद में? कैसी होगी दर्शित की दीवानगी ? और कोन है अंकित अहूजा?? आश्वि जो इतना डरती है वो क्या दर्शित जो इतना खूंखार शेर है उसके साथ रह पाएगी??
सच में darling ,, तुमने मुझे पागल कर ही दिया । लेकिन अब तुम मुझे ऐसे दीवाना बना कर मुझसे दूर नहीं जा सकती । और में तुम्हे अपने से दूर जाने भी नहीं दूंगा " अब दीवानगी में तुम्हें कैद करने का टाइम आ गया है। अब darshit oberoi ki deewangi से तुम दूर नही भाग सकती ! अब आगे,,,,🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥 दर्शित ओब्रोइ को सच में पागल करने वाला अब कोई आ गया है इतना बोलते हुए ही वो मुस्कुराने लगता है। वही एक बॉडीगार्ड आकर car ड्राइव करता है और उसके पीछे है उसके बाकी के सारे gaurds भी चलने लगते है। वह तीनों कार्स फिरसे रोड पर आ जाती हैm और वैसे ही वह हवा की तेज गति के साथ ही चलने लगती है । करीब 1 घंटे बाद सारी कार्स जाकर ओबेरॉय इंडस्ट्रीज के बाहर रूकती है। वही वहां पर car रुकते ही दर्शित और उसके साथ ही उसके बॉडीगार्ड सब बाहर निकलते हैं । वही दर्शित अपने ऑफिस के अंदर चला जाता है । आज उसके चेहरे पर एक चमक दिख रही थीm अभी जो चमक थी उसके चहरे पे वो यहां से बहार जब वो गया था तब nhi थी। लेकिन अभी उसका चहेरा shine kar rha था । जैसे ब्लशर लगाने से shining आती हैं चहरे पे वैसे ही उसका चहेरा चमक रहा था। दर्शित अपने केबिन के अंदर आता है। तो वही सामने उस केबिन में आकर देखता है कि सामने सनाया उसकी चेयर पर बैठी हुई थी और वह लैपटॉप में कुछ कर रही थी । वही तभी दर्शित केबिन में आते हुए ही दरवाज़ा बंद करता है और फिर वह सनाया को देखते हुए ही बोला __ तो काम अच्छा चल रहा है लगता है । इतना बोलते हुए उसके चेहरे पर एक मुस्कान थी,,, वह देखकर सनाया हैरान हो जाती है। और वह हैरानी से दर्शित को देखte हुए ही बोली__ क्या बात है ?? कहां से होकर आए हो अभी तुम जो इतना शाइनिंग कर रहे हो?!!! तुम्हारा चेहरा क्यों इतना चमक रहा है। और यह स्माइल कोई खुशी की बात हुई है क्या ?? जो इतना स्माइल कर रहे हो?? इतना सुनते ही दर्शित ने कहा __ हां तो खुशी की ही तो बात है । तभी सनाया हैरानी से बोली__ पर बताओ तो सही क्या बात है? क्या खुशी है? तभी दर्शित बोला __ यू समझ लो कि तुम्हारे दोस्त को उसका जुनून ", उसकी दीवानगी मिल गई । वही इतना सुनते ही सनाया हैरानी से दर्शित को देखने लगती है ,,और वो उसकी बात समझने की कोशिश करते हुए बोली __ क्या बोल रहे हो?? क्या जुनून दीवानगी क्या मतलब है तुम्हार?? ठीक से बोलो! मुझे कुछ सुनाई नहीं दे रहा ,,कुछ समझ में नहीं आ रहा । इतना सुनते ही दर्शित बोला __ तुम्हे कुछ समझ में नहीं आएगा रहने दो तुम। तुम्हे सिर्फ काम ही समझ आता है। इतना बोलकर वहअपने चेयर के पास आ जाता है। वहीं सनाया उसकी चेयर से खड़ी होती है और फिर वह दूसरे चेयर पर जाकर बैठते हुए ही दर्शित को देखने लगती है । और उसे समझने की कोशिश करती है । वही दर्शित सच में उसका चेहरा बहुत ही ज्यादा चमक रहा था। वही सनाया कुछ नहीं बोलती और फिर वह लैपटॉप लेकर उसमें काम करने लगती है। लेकिन उसका दिमाग इसी बात में ही घुसा हुआ था कि आज दर्शित कहां से होकर आया है । जो इतना वह आज मुस्कुरा रहा है । वरना उसके चेहरे पर कभी कभी ही हल्की स्माइल होती थीं,,वो मुस्कुराता ही नही था। लेकिन आज उसके चेरे पर हल्की सी शाइनिंग देखने को मिल रही थी । एक चमक देखने को मिल रही थी । यह देखकर वह थोड़ी सी हैरान थी। वरना rarely होता था कि दर्शित कभी स्माइल करता था या फिर वह उसका चेहरा चमकता था। दर्शित अपने अपने चेयर पर बैठता है और वह अपने लैपटॉप में कुछ काम करने लगता है । तभी सनाया लैपटॉप बंद करती है और फिर वह केबिन से बाहर चली जाती है। और किसी से बाहर निकल कर वह ऑफिस से भी बाहर आ जाती है और अपने आसपास देखती है । वहीं पर ही उसे सामने एक बेंच पर सभी बॉडीगार्डों का head प्रदीप देखने को मिलता है । "तो वह उसे देखते हुए ही उसकी तरफ बढ़ जाती है . और उसके पास जाकर प्रदीप को देखते हुए ही बोली __ प्रदीप मैं तुम्हें कुछ पूछना चाहती हूं क्या तुम बताओगे मुझे??? इतना सुनते ही प्रदीप बोला __ हां क्या क्या बोलना क्या पूछना चाहती हो बोलो!! सनाया बोली __ वह मैं पूछना चाहती हूं कि अभी दर्शित बाहर घूमने के लिए गया था थोड़ी देर के लिए,, तो उसके साथ क्या तुम गए थे ? इतना सुनते ही प्रदीप बोला _ हां मैं गया था । तभी सनाया बोली _ तो अगर तुम उसके साथ गए थे तो तुम मुझे बता सकते हो कि वहा पर उसके साथ क्या-क्या हुआ और वो किसके साथ था?? इतना सुनते ही प्रदीप को सब कुछ याद आ जाता है जो लाल पहाड़ी पर हुआ था। और वो सनाया को देखता और फिर धीरे से ही बोला __ हा , हम लाल पहाड़ी पर गए थे और फिर सर थोड़ी देर वहां पर घूमे और फिर हम वापस आ गए। तभी सनाया बोली __ तो उसके बीच में कुछ हुआ था क्या ?? तभी इतना सुनते ही प्रदीप बोला__ नहीं बीच में तो कुछ भी नहीं हुआ और अगर कुछ हुआ भी हो तो आप सर से ही पूछ लीजिए ,, तो वह ज्यादा बेहतर रहेगा। इतना सुनते ही सनाया समझ जाती है कि जरूर कुछ तो हुआ है । लेकिन प्रदीप उसे बताइएगा नहीं। इसलिए वह कुछ ना बोलते हुए ही फिर से मुड़ जाती है और फिर से वह ऑफिस में आ जाती है। वहीं सनाया ऑफिस के अंदर आने लगती है। वही दर्शित अपनी केबिन के अन्दर अपने चेयर पे बैठा था और अभी उसने अपने फोन को हाथ में ही लिया था कि तभी उसके फोन पर किसी का मैसेज आता है और यह मैसेज किसी और का नहीं बल्कि प्रदीप का ही था । उसने सारी इनफार्मेशन निकाल ली थी आश्वि के बारे में । और उसने दर्शित को vo सारी information दर्शित को भेज दी थी। वहीं दर्शित वह मैसेज ओपन करता है वह सब कुछ पढ़ने लगता है। उसमें जो जो लिखा हुआ था , वह सब पढ़ रहा था तो दर्शित के चहरे के हावभाव बदल ने लगते है । कभी उसका गुस्से से चेहरा लाल होता तो ....,,,,,कभी वह मुस्कुराता है ,,,,,,,कभी वह चिढ़ जाता है ,,,,,वैसे ही वो सब कुछ आश्वि के बारे में पढ़ लेता है। लेकिन वह सब कुछ पढ़ कर खुश तो था ही लेकिन गुस्सा भी था साथ में । अब दर्शित को आश्वि के बारे में अब उसे सब कुछ पता चल गया था। दर्शित अपनी चेयर से खड़ा होता है और फिर वह सिगरेट लेकर वह उसे जलाते हुए ही खिड़की के पास जाकर वह उसे सिगरेट के कश लेकर उसे धुएं को हवा में छोड़ते हुए ही सीक्रेट पीने लगता है । और वह बाहर की दुनिया को देखने लगता है। वह कुछ सोच रहा था। वही तभी सनाया उसकी केबिन में आती है और बोली __ तुम मुझे बता सकते हो कि तुम इतना साइन क्यों कर रहे हो?? लाल पहाड़ी पर क्या हुआ था? इतना सुनते ही दर्शित मुड़ता है और खिड़की से टेक लगाए हुए ही वह सनाया को देखते हुए बोला_ क्या हुआ जासूसी चल रही है मेरी लगता तो यही है । इतना सुनते ही सनाया बोली__ हां तो कर रही हु तुम्हारी जासूसी । क्या गलत है इसमें । तुम्हारी सिक्योरिटी करना ,,मेरा फर्ज है।अब बताओ मुझे क्या हुआ था लाल पहाड़ी पर ?? तभी दर्शित एक डेविल स्माइल करते हुए ही बोला __ बड़ी जल्दी है तुम्हें जानने की। इतना समझ लो कि जो भी हुआ था बहुत अच्छा हुआ था। इतना बोलकर वह फिर से मुड़ जाता है और फिर से बाहर देखने लगता है । वही सनाया उसका जवाब सुनकर चिढ़ जाती है और वह गुस्से से ही पैर पटकते हुए वहां से बाहर निकल जाती है । वही सनाया को गुस्से में जाते हुए देखकर दर्शित बिना पीछे मुड़े हुए ही एक डेविल स्माइल करता है। और वो ऐसे ही सिगरेट पीता रहता है। वही ऐसे ही टाइम भी जाता है । और शाम होने लगती है । वही आश्वी ऐसे ही रोड पर चली जा रही थी। कहां पर जाना है उसे समझ नहीं आ रहा था । वह फिलहाल तो आश्रम तो जाना ही नहीं चाहती थी । और अम्मा जी का सामना तो वह बिल्कुल नहीं करना चाहती थी । क्योंकि उसे पता था कि अगर वह आश्रम जाएगी तो अम्मा जी उसे सवाल पूछेगी की उसने कुणाल का बर्थडे कैसे मनाया ?? क्या क्या सेलिब्रेशन किया ?? वह सब कुछ उससे पूछेगी । और वह क्या जवाब देगी ? उसे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था । आश्वि ऐसे ही वहा रोड पर ही चली जा रही थी । और उसने सुबह से कुछ खाया भी नहीं था । वह थोड़ी सी कमजोरी भी हो गई थी । लेकिन फिर भी वह फिर भी वो आश्रम नहीं जा रही थी। और उसे कहां जाना है उसे खुद नहीं पता था उसकी आंखों से अभी भी कुणाल के बारे में सोचते ही आंसू आ जाते थे । आज वह खुद को इतना लाचार और इतना बेबस मेहसूस कर रही थी की उसने कभी भी इतना ज्यादा खुद को लाचार महसूस नहीं किया था। वही आश्वि अभी आगे बढ़ ही रही थी कि तभी वह किसी से टकरा जाती है । और सामने कोई और नहीं एक लड़की थी जो पूरी तरह से नशे में धुत होकर चल रही थी और उसके हाथ में एक शराब की बोतल भी थी । और वह एक क्लब से बाहर निकली थी और वो चलते हुए ही शराब की बोतल से शराब पीते हुए ही चल रही थी। तो वह आश्वि से टकरा गई। वह लड़की टकराते ही बोली __ अरे तुम भी अंधी हो गई हो क्या?? जो मुझसे टकरा गई । वहीं आश्वि उस लड़की को देखकर हैरान होते हुए बोली __ क्या हुआ ?? आप ठीक तो है ! ऐसे आप गिर जाते ,,,ऐसे नहीं चलते और आप शराब क्यों पी रहे हो ?? इतना सुनते ही वह लड़की एक सरकास्टिकली हंसते हुए ही बोली __ क्या करूं आखिर गम छुपाने का भी तो कोई जरिया चाहिए। वो लड़की फिर आश्वी को देखते हुए ही बोली _ तुम्हे पता है,, तुम्हें पता है यह जो दिल है ना यह बड़ी ही बुरी चीज है । और मैं कहती हूं की ये दिल " यह हमारे शरीर में होना ही नहीं चाहिए। यह बहुत दर्द करता है । जब दिल टूटता है ना तो । बहुत दर्द करता है ऐसा घाव हो जाता है इस दिल में की ,,को घाव कभी भरता ही नही। " और फिर उस जख्म को उस दर्द को मिटाने के लिए शराब का सहारा लेना पड़ता है। तुम देख रही हो आज मेरी हालत क्या है उसने तोड़ दिया। पूरा तोड़ कर रख दिया मुझे। इतना सुनते ही आश्वि हैरान हो जाती है और वह उस लड़की के चेहरे पर हाथ रखते हुए उसके आंसू पोनछते हुए ही बोली __ अब आप अपने होश में आए और ध्यान रखिए अपना । " आप ऐसे कहीं पर भी गिर जाएगी तो आपको चोट लग जाएगी। तभी वह लड़की आश्वि का हाथ अपने चेहरे से हटाती है और उसकी आंखों में फिर आंसू आ जाते है और वो बोली__ चोट और कितनी चोट लगने बाकी है ,,और कैसी चोट लगेगी ? वैसे भी जो चोट लगेगी ,,,उस चोट से तो बेहतर ही होनी चाहिए। ये दिल पर जो चोट लगी है ना,,,,,, वह मेरी जान ले रही है। लेकिन कमबख्त पूरी तरह से जिस्म से जान भी नहीं ले रही ,,,ना मुझे चैन से जीने दे रहि है।_" कम्भख्त मुझे तड़पा रही है। " फिर वो लड़की अपनी नज़रे उठाकर आश्वी को देखकर बोली__ काश मेरी जान चली जाए । इस दर्द को सह नहीं पा रही हूं मैं । तभी आश्वि की आंखों से भी आंसु बह जाते है और वो बोली__ ये कैसी बात कर रही है आप । क्या बोल रही है,,, क्या हो गया है आपको ? आप ठीक तो है ना?? तभी वह लड़की बोली __ कैसे ठीक हो सकती हूं । _ तुम ही बताओ कैसे ठीक हो सकती हूं "_ ishq के खेल में हारे हुए लोग कभी ठीक नहीं हो सकते। जिसे पुरी तरह से तोड़ कर ,, रख दिया हो वो ,, वो टूटे हुए कभी फिर से जुड़ नहीं सकते । अगर वह जुड़ भी जाए ,,तो एक दरार तो उसमें रह ही जाती है ,,,,,,जो कभी नहीं भरती । और फिर वह लड़की आश्वि के चेहरे पर हाथ रखते हुए ही बोली __ तुम कभी ishq ke खेल में मत पड़ना । यह बहुत बुरी चीज है । कमबख्त तोड़ कर रख देती है । इतना सुनते ही आश्वि हैरान हो जाती है और वो , उस लड़की का दर्द खुद में महसूस कर सकती थी। उसकी आंखों से आंसु बह रहे थे। " आश्वि उस लड़की को ठीक से पकड़ कर खड़ी करते हुए ही बोली __ तुम्हारा जैसा ही हाल हुआ है मेरा । मैंने भी किसी को दिल से पसंद किया था । लेकिन तोड़ दिया उसने । " अब मुझे भी समझ नहीं आ रहा है कि कैसे अपने दिल के इस दर्द को बाहर निकालू " मुझसे भी ये दर्द सहा नही जा रहा। फिर आश्वि कुछ पल रुककर बोली_ " सचमे एक मासूम सी गुड़िया टूटकर बिखर ही गई " आश्वि का दर्द अभी भी था ,,उसके दिल में एक दर्द की लहर उठ रही है जो उससे संभाली नहीं जा रही थी। तभी वह लड़की , आश्वि का हाथ पकड़ कर उसे थोड़ा आगे ले जाती है और फिर उसे क्लब दिखाते हुए ही बोली __ अगर दर्द नहीं संभाल रहा तो दर्द की दवा यह है। यहां पर ,पूरे टेंशन फ्री होकर जी लो अपनी जिंदगी । इतना बोलते हुए बो लड़की आश्वि को ,, शराब की बोतल उसे दिखाती है। आश्वि हैरानी से बोली __ शराब शराब पीकर क्या गम मिटाया जा सकता है ?? तभी वह लड़की बोली __ शराब एक सहारा है जिसे पीकर थोड़ी देर के लिए सुकून मिलता है । थोड़ी देर के लिए ही सही लेकिन दिल को एक राहत एक सुकून मिलता है । एक चैन की नींद आती है। जो यादें रात भर सोने नहीं देती,,वो यादों को शराब मिटाकर एक चैन की नींद देती है उसके लिए यह सुकून की नींद लाती है , शराब । फिर वो लड़की शराब की एक घूंट पीकर ,, आश्वी को देखते हुए ही बोली __ एक बार पीकर तो देखो। खुद में ही खुद खो जाओगी । इतना बोलते हुए ही वह लड़की आगे बढ़ जाती है । और फिर तभी आश्वि उस लड़की को जाते हुए हैरानी से देख रही थी। तभी उस लड़की के पास उसका ड्राईवर आता है। और उसे वहां से ले जाता है और car में बिठाकर उसे वहां से लेकर चला जाता है। वही आश्वी फिर उस क्लब की तरफ हैरानी से देखने लगती है । और फिर वह कुछ सोचते हुए ही बोली __ क्या सच में शराब एक सुकून देती है। क्या सच में मेरे दर्द को कम करेगी शराब ?? इतना सोचते हुए ही वो थोड़ी देर कुछ सोचती है । और उसकी आंखों से अभी भी आंसु बह रहे थे । वह फिर थोड़ी देर ऐसे ही खड़ी रहती है और फिर वह अपने दिल के हाथों मजबूर होकर उस क्लब के अंदर चली जाती है। वहीं अब शाम हल्की-हल्की हो चुकी थी और उसे क्लब में कुछ थोड़े-थोड़े लोग भी आ चुके थे जो शराब पी रहे थे। और वहां पर बार डांसर, डांस भी कर रही थी। और वहां पर वैसे तो बहुत ही लोग थे जो वहां पर अपने-अपने टेबल पर बैठे हुए थे और ड्रिंक कर रहे थे । वहीं आश्वी अन सब लोगो को देखती है जो शराब पी रहे थे,,और कुछ लोग नशे में धुत भी थे। और इतने लोगों को देखते ही आश्वी तो वह थोड़ी सी डर जाती है और अपने कदम पीछे लेने लगती है । लेकिन तभी उसे कुणाल का धोखा याद आता है तो फिर वह खुद को मजबूत करते हुए ही आगे बढ़ जाती है । उसके पास उसका पर्स तो था ही जिससे वह पेमेंट कर सकती थी जिस जितना भी बिल है उतना वह पेमेंट तो कर सकती थी । इसीलिए उसे कोई चिंता नहीं थी और वह आगे बढ़कर एक टेबल पर जाकर बैठ जाती है । तभी वहां पर बेटर आता है। आश्वि वेटर को देखते हुए ही बोली __ एक स्ट्रॉन्ग wiskey और एक bottle wine। इतना सुनते ही वो वेटर हैरान हो जाता है और वह वेयर एक दो पल तो आश्वी को हेरानी से देखता है और वह अपने मन में सोचता है यह मासूम सी खूबसूरत सी परी जैसी लड़की ऐसे ऐसे माहौल में कैसे आ गई। और फिर से वो वैटर कंफर्म करने के लिए आशवी से पूछता है। मैडम की आप ठीक तो है ना ??आप ऐसी जगह पर शायद पहली बार आई हुई है,, तो क्या आप सच में स्ट्रांग विस्की पीना चाहती है?? क्या आप सच में यही ऑर्डर करना चाहती है ?? इतना सुनते ही आश्वि बोली __ हा और स्ट्रांग से ज्यादा स्ट्रांग मेरे लिए wishkey लेकर आओ । जितना भी पेमेंट होगा मैं कर दूंगी । वही इतना सुनते ही वेटर और फिर कुछ नहीं बोलता और वहां से उसके लिए whiskey लेने के लिए चला जाता है । और फिर वह व्हिस्की और वाइन लाकर उसके टेबल पर रखता है । वहीं आश्वी भी फिर कुछ ना सोचते हुए ही वह पूरा गिलास व्हिस्की का भर्ती है और फिर वह एक घूंट पीती है । तो उसे पहले ही घूंट उसे इतना कड़वा लगता है इतना कड़वा लगता है जैसे वह कोई जहर खा रही हो । फिर आश्वि ऐसे उसे गिलास को नीचे रखकर अपने आसपास दिखती है और बोलिए __ ये इतना कड़वा क्यों है?? इतना बोलकर वह अपना सर झटकती है उसे हल्का चक्कर जैसा महसूस होता है । लेकिन फिर वह अपने आसपास देखती है जो सब लोग मजे से शराब पी रहे थे यह देखकर वह कुछ नहीं सोचती और गिलास उठाकर वह अपने मुंह से लगाकर एक झटके में ही वह पूरा का पूरा गाल ग्लास गले से नीचे उतार देती है । " और ऐसा होते ही उसे हलका सा चक्कर जैसा महसूस होता है। उसके सामने हल्का सा अंधेरा छा जाता है । लेकिन फिर वह धीरे-धीरे ठीक हो जाती है और फिर से वाइन का गिलास लेती है और धीरे-धीरे वह वाइन पीने लगते हैं। वही आश्वि ने तो ड्रिंक के साथ कुछ लिया भी नहीं था । वह तो इतनी स्ट्रांग व्हिस्की वैसे ही कड़क ही पी रही थी। और उसे उसकी आंखों में अब हल्का-हल्का नशा भी चढ़ने लगा था। उसने कभी भी शराब पी नहीं थी । पहली बार था तो अब उसके हल्का नशा होना तो लाजमी ही था । तभी इस क्लब के बाहर एक car आकर रूकती है m उसी के साथ तीन car और आकर रूकती है। और उस car se दर्शित ओबेरॉय बहार निकलता है । जिसने बेहद अट्रैक्टिव three पीस शूट पहना हुआ था जो कि एकदम ही डार्क ब्लैक था । और उसने अपने आंखों पर चश्मा लगाए हुए थे,,,, ब्लैक कलर के शूज पहने हुए थे और वह रिस्ट वॉच अपने हाथों में बंधी हुई थी । एक हाथ में आईफोन था और वो आगे चलकर क्लब के तरफ आ जाता है ।और क्लब के अंदर भी आ जाता है। उसके पीछे उसके सारे बॉडीगार्ड भी आ जाते हैं । और आगे बढ़ जाते हैं वही तभी सभी लोगों की नजर दर्शित पर ही चली जाती है। आखिर वो इतना अट्रैक्टिव जो लग रहा था ।। वही सारी लड़कियां दर्शित को देखती है तो ,, वो देखते ही रह जाती है। वहीं दर्शित अपनी नज़रे उधर उधर कर रहा था,,,,,,की तभी उसकी नजरे सामने शराब पी रही आश्वि पर पड़ जाती है । तो उसकी आंखें गहरी हो जाती है । आगे जारी है। तो क्या होगा आगे?? क्या आश्वि नशे में चूर हो जायेगी?? क्या आध्वी अपना गम भुला पाएगी?? दर्शित क्या करेगा अब आश्वी को ऐसे देखकर??
वही सारी लड़कियां दर्शित को देखती है तो ,, वो देखते ही रह जाती है। वहीं दर्शित अपनी नज़रे उधर उधर कर रहा था,,,,,,की तभी उसकी नजरे सामने शराब पी रही आश्वि पर पड़ जाती है । तो उसकी आंखें गहरी हो जाती है । अब आगे,,,🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥 वही आश्वि वही टेबल पर ही बैठी हुई थी । और वह शराब पी रही थी । वहीं दर्शित अपने बॉडीगार्ड के साथ वहां पर आ चुका था । और वो आश्वी को गहरी नजरों से देख रहा था। दर्शित की आंखों में अब हल्का-हल्का गुस्सा झलकने लगता है। और वही उसके साथ ही उसके बॉडीगार्ड आसपास हर जगह पर जाकर खड़े हो जाते हैं । और वही दर्शित अभी इतना अट्रैक्टिव लग रहा था कि वह सब की नजरे अभी वहीं पर ही थी। और सब की नजर उस पर ही ठहरी हुई थी । वही दर्शित आगे बढ़ जाता है । लेकिन अभी वह आगे बढ़ा ही था कि तभी आश्बी के पास उसकी दोस्त आराध्या आती है । और वह आश्वी को हैरानी से देखते हुए ही बोली __ यह तू यहां पर क्या कर रही है?? ये tu hai आश्वि?? ईतना बोलकर वह आशिक को हैरानी से देखने लगती है। वही आश्वी अपनी नशे भरी नजरो के साथ आराध्य को देखती है। वही आराध्या आध्वि को देखते हुए ही बोली __ तू तो यहां पर क्या कर रही है?? बता मुझे tu यहां पर क्या कर रही है कैसे आई??? किसके साथ आई ?? और तू यह क्या पी रही है ??? इतना बोलकर वह उसके हाथ से गिलास ले लेती है। वही तभी आश्वि भी उसके हाथ से फिर से गिलास छीनते हुए ही बोली __ मुझे यह बता तू यहां पर क्या कर रही है ?? वही तभी आराध्य बोली __ मैं अपने कजिन ब्रदर के साथ यहां पर आई हूं । मैं भी ऐसी जगह पर आना ही नहीं चाहती थी। लेकिन उसने इतना फोर्स किया कि मुझे आना ही पड़ा । तुझे पता है कि मैं कभी यहां पर नहीं आती । लेकिन मुझे यह बता तू यहां पर किसके साथ है और क्यों आई है ?? ऐसी बेकार जगह पर ?? वही आराध्या की बात सुनकर आश्वी नशे में ही अपनी आंखें उठाकर आराध्य को देखते हुए ही बोली __ में टैक्सी करके यहां पर आई हूं । और मैं कुछ ही देर में फिर से यहां से चली जाने वाली हूं। लेकिन तू यहां पर क्या कर रही है । अपने भाई के पास चलीजा और मुझे तो डांटना मत । प्लीज। इतना बोलकर आश्वि अपना मासूम सा चेहरा बना लेती है । अब तो वहां पर पूरी तरह से शाम भी हो चुकी थी और हर तरफ शोर शराब और लोग बहुत ज्यादा लोग थे। वही दर्शित खड़ा-खड़ा यह सब देख रहा था और दर्शित ,, aaradhya की आंखों में आश्वी के लिए फिकर देख रहा था। वहीं दर्शित वही पर ही रुका हुआ था । वही सब लड़कियों की नजर वहा पर ही थी। तभी एक लड़की दर्शित की तरफ आते हुए ही वो लड़की बोली__ heyy हैंडसम। यहां पर क्या कर रहे हो ?? चलो ना हमारे साथ डांस करते हैं ना । इतना बोलकर वह उसे एक आंख मार देती है और एक शराब का गिलास लेते हुए ही वो उसे देते हुए बोली __ ये लो यह वाइन पिओ। वही दर्शित उस लड़की को इग्नोर करता है । लेकिन वह लड़की उसका पीछा नहीं छोड़ने वाली थी । वो लड़की उसके करीब आते हुए ही उसके सीने पर हाथ रखने ही वाली थी कि तभी दर्शित उसका हाथ पकड़ कर उसे दूर झटकते हुए ही बोला _don't you dare अपने हद में रहो । तुम्हें समझ नहीं आ रहा कि मुझे तुम्हें कोई इंटरेस्ट नहीं है। तो अपनी हद में रहो और दूर रहो मुझसे समझी । वही वह लड़की अपनी इंसल्ट होती हुई देखकर वह वहां से पैर पटकते हुए ही चली जाती है । वही बाकी की लड़किया ,us लड़की की इंसल्ट होती देखकर दर्शित के पास आना चाहती थी ,लेकिन अब किसी की भी हिम्मत नही हो रही थी दर्शित के पास जाने की। वही दर्शित फिर से अपनी गहरी नजरे आश्वी ही पर डालता है । वही आश्वी पूरी तरह से नशे में चूर हो चुकी थी। और और फिर दर्शित aaradhya ko आश्वि ke sath देखकर वह कुछ नहीं बोलता और वह आगे बढ़कर वहां से आगे बढ़ जाता है। वह एक कमरे की तरफ चला जाता है और उसके सारे बॉडीगार्ड आसपास फैल जाते हैं । वही आश्वि भी आराध्या की एक बात नहीं मान रही थी । और वह फिर उसने बहुत ज्यादा शराबी पी ली थी और उसे नशा पुरी तरह से चढ़ चुका था। और आश्वि का पूरी तरह से सिर घूम रहा था। और उसे सारे लोग घूमते हुए ही नजर आ रहे थे । तभी आराध्या उसके बाजू को कसके पकड़ते हुए ही बोली__ चलो खड़ी हो जाओ। मुझे तुम्हारी एक बात नहीं सुननी । ऐसा कौन करता है ऐसी घटिया जगह पर आना ही नहीं चाइए था तुम्हें । इतना बोलते हुए ही वो वही पर ही उसे खड़ा करती है और वहां से आगे ले जाने लगती है। वहीं आश्वि भी लड़खड़ाते हुए ही उसके साथ चलने लगती है । और वह बोलि __ मुझे नहीं जाना तुम्हारे साथ। तुम क्यों नहीं समझ रही मैं अपने आप चली जाऊंगी । मैं चली जाऊंगी मेरी बात सुनो ना आराध्या प्लीज। आराध्या उसे पड़े हुए ही एक कॉरिडोर से ले जाती है आगे ले जाती है जहां से बाहर जाने का रास्ता था,,,पीछे के दरवाजे से ही वह उसे बाहर ले जाने वाली थी । पास के कमरों से गुजरते हुए ही आराध्या,, आश्वी को आगे ले जा रही थी। वही तभी आश्वि उन सब कमरों के पास से गुजरते हुए ही आराध्या कहां झटक देती है और बोली __ क्यों तुम मेरी बात नहीं समझ रही । मुझे यहां पर रहना है मैंने मुझे अपना पूरा गम भुला देना है। मुझे यहां पर ही रहना है । मुझे नहीं जाना किसी के साथ । तभी आराध्या हैरानी से आश्वि को देखती है और वह बोली__ तुम्हें कौन सा गम भुलाना है और तुम तो कुणाल के पास जाने वाली थी ना उसके साथ टाइम बिताने वाली थी तो यहां पर तुम क्या कर रहे हो ?? मुझे कुछ बताओ भी । जब आश्वी ,कुणाल का नाम सुनती है तो वो बोली _नही मुझे नहीं सुनना कुछ भी plz उसका नाम भी मत लो । और तुम भी जाओ यहां से । मुझे अपने आप में अकेले रहने दो । आराध्या उसके उसे फिर से कंधो से पकड़ती है और बोली __ जिद न करो और चलो मेरे साथ । इतना सुनते ही आश्वि कुछ सोचते हुए ही बोली__ ठीक है लेकिन मुझे प्यास लगी है । बहुत ज्यादा लगी है तुम मेरे लिए एक गिलास पानी लेकर आओ। मैं तब तक यहां पर ही हूं। आराध्या बोली__ तुम चलो मेरे साथ में तुम्हें पानी पिलाती हूं । तभी आश्वी बोलि __ में यहां पर खड़ी हूं ना तुम जाओ। वहीं आराध्या आसपास देखती है । लेकिन उसे अपनी आसपास पानी नजर नहीं आता तो वह एक दीवार के साथ आश्वी को ठीक से खड़ा करती है । और फिर वह पानी का गिलास लेने के लिए चली जाती है। वहीं आश्वी इधर से उधर डोल रही थी और वह पूरी तरह से नशे में चूर थी । और उसके पूरे शरीर में अजीब सी हलचल हो रही थी उसे पसीना भी बहुत ज्यादा रहा था । उसने पहली बार शराब पी थी और उसने इतनी पी ली थी कि उसे अब शराब का पूरा नशा हो चुका था । आश्वि को होश तक nhi tha ki वह कहां पर है !! क्या कर रही है ! वह क्या बोल रही है ,,किसके साथ है उसे कुछ भी पता नहीं था । आश्वी डोलते हुए ही अभी आगे बढ़ने वाली थी और तभी उसका पैर लडखडा सा जाता है और वह एक दरवाजे का सहारा लेकर खुद को संभालने की कोशिश करती है । लेकिन वह दरवाजा खुल जाता है और आश्वि भी सीधा जाकर किसी की बाहों में गिरती है और वह शक्श भी उसे बाहों में थाम लेता है और अंदर से कमरे का दरवाजा बंद कर देता है। आश्वी भी us शख्स को पकड़ लेटी है और फिर उस शख्स को ही हैरानी से देखने लगती है। उस कमरे में बहुत ही गहरा अंधेरा था और हल्की डिम लाइट जल रही थी । जिसमें उस शख्स का चेहरा चमक रहा था । और सिर्फ उस वक्त की आंखें ही दिख रही थी जो आश्वि को अपनी तरफ खींच रही थी। आश्वि तो पूरी तरह से नशे में चूर थी तो वो वह इस शख्स को देखते हुए ही हल्की स्माइल के साथ उस शक्श के चेहरे पर हाथ रखती है और बोली __ your eyes is so beautiful and attractive " वही वह शख्स कुछ बोलना नहीं और आश्वि को अपनी बाहों में लिए ही उसे ठीक से खड़ा करता है। वही आश्वि भी उसके गले में बाहें डालकर उस शख्स के करीब जाते हुए ही उसके बेहद करीब आ जाती है। वही वह शख्स भी उसकी कमर पर हाथ रख लेता है। और उसे अपनी तरफ खींच लेता है। वही वह दोनों बेहद ही करीब थे और वह शख्स फिर आश्वी को दीवार के सहारे खड़ा करता है और उसके बेहद करीब आ जाता है । वही आश्वि जिसे कुछ smj नहीं आ रहा था की वह क्या कर रही है । किसके साथ है और ये क्या करने जा रही है ,,वो तो बस अभी सुकून की तलाश में थी। वही आश्वि उस शख्स के करीब आकर बोली_ तुम सच में bhot हैंडसम होंगे,,अभी तुम मुझे ठीक से दिखाई nhi दे रहे लेकिन हेंडसम ही होगे तुम । वही वो शक्श आश्वि को देखकर एक डेविल स्माइल करता है । और फिर आश्वि की आंखो में देखते हुए ही बोला __ बेबी तुम मुझे मेरा कंट्रोल होने पर मजबूर कर रही हो। वही आश्वि जब उस शख्स की आवाज सुनती है तो जैसे वह मदहोश सी होकर उस शख्स की बाहों में ही खुद को ढीला छोड़ देती है और फिर वह उसे शख्स के करीब जाते हुए ही बोली ___ तो कौन कह रहा है कि कंट्रोल कीजिए। मैं खुद आपकी बाहों में पिघलना चाहती हूं। आप मेरे करीब आकर मुझे पिघला दीजिए । इतना बोलते हुए ही आश्वी उस शख्स के गले लग जाती है । वही वह शक्श भी आधवी को पूरी तरह से अपनी बाहों में भर लेता है और फिर कुछ पल ऐसे ही रहकर वह शख्स अपना चेहरा आश्वि के कंधों की तरफ ले जाता है । और उसके कंधे पर अपने होंठ रख देता है। वही आश्वी एकदम से ही सिहर सी जाती है और वह कसमसाते हुए ही us शख्स के और करीब चली जाती है और उसे शख्स की शर्ट को अपनी मुट्ठियों में भर लेती है। वही वह वो शख्स आश्वी के गले पर और उसके कंधे पर चूम रहा है । और और धीरे धीरे वो ऊपर उसके chhre की तरफ आ जाता है। वही आश्वि अपनी मदहोशी भरी आवाज में बोली," मुझे... गर्मी लग रही हैं ।" व्ही वो शक्श , आश्वि के चहरे पे हाथ रखकर उसके गालों पर पकड़ बनाते हुए, उसके होठों को कैप्चर कर लेता हैं । वही आश्वि को तो किस करना भी nhi aata tha वो तो ,, फिर वो भी धीरे धीरे उसे किस करने लगटी है। वही अब आश्वि के हाथ इस उस शख्स के बालो में थे । वही us शख्स का एक हाथ आश्वि की गर्दन पर था । तो, वही दूसरा हाथ उसकी पीठ पर । दोनो एक दूसरे को बेहद पेंशन के साथ किस कर रहे थे । वो शख्स ,, आश्वी के लोअर लिप को सक कर रहा था । कुछ ही पल बाद दोनो की टंग आपस में उलझने लगी थी । दोनो की धड़कन इस वक्त तेज चल थी ।। वही वक्त के साथ ही आश्वी की बेचैनी बढ़ रही थी। वही दूसरी तरफ,,, us कमरे के बाहर आराध्य,, आश्वि को ढूंढ रही थी जब से वो पानीं का गिलास लेकर आई तब से उसे वहा पर आश्वि ना दिखी तो अब उसे और भी ज्यादा आश्वी की चिंता हो रही थी। वो इधर से उधर उसे ढूंढ रही थी बाकी सब से भी पूछ रही थी लेकिन उसे आश्वि नही मिलती । वही उसी क्लब में अंकित अहूजा एक बॉडीगार्ड के पास पूछता है दर्शित कहा है?? वो bodyguard बोला _ प्रदीप सर से पूछे आप। वही अंकित उससे दूर खड़ा प्रदीप के पास पहुंचकर बोला _ दर्शित कहा है। वही अभी प्रदीप कुछ बोलता उससे पहले ही अंकित का फोन बजता है और वो अपना फोन देखकर फोन उठकर कर बात krta hai to vo jaldi se वहा से भागते हुए ही आगे बढ़ जाता है। और भागते हुए ही किसी से टकरा जाता है। वही सामने aaradhya थी जो अंकित से टकराई थी ,,और वो गिरती उससे phle hi अंकित उसे पकड़r thik se खड़ा करता हुए ही बोला __ i am sorry miss,,, में जल्दी में hu , फिर कभी मौका मिला तो आपसे अच्छे से माफी मांग लूंगा ,इतना बोलते हुए ही वो भागते हुए ही बाहर निकलकर अपनी car lekar vaha से चला जाता है। दरअसल अंकित को उसके पापा ने कॉल किया था की , कंपनी का कुछ data चोरी हुआ है और भी कुछ फाइल्स जो इंपॉर्टेंट थी को चोरी हुई है इसलिए ये सुनकर अंकित bhgte हुए ही जा रहा था। वही आराध्या phle हैरानी से अंकित को देखती है लेकिन फिर वो उसकी आवाज आई बात सुनकर उसे देखती ही रह जाती है। उसली धड़कन रुकी हुई थी अंकित को देखकर आज phli बार आराध्या के साथ esa हुआ था। फिर आराध्या खुद को संभाल कर आश्वि को ढूंढने के लिए आगे बढ़ जाती है। वही दूसरी तरफ कमरे में,, वो शख्स और आश्वि के ड्रेस को उसके कंधो से निचे उतर देता है और तभी वो होश में आ जाता हैं । जिससे वो जल्दी से आशवी से दूर होकर अपना सिर झटकता हैं । लेकिन आशवी की बेचैनी बढ़ गई । और वो उस शख्स के सीने पर हाथ रख लेती हैं । वही वो शख्स , आश्वि के चेहरे को देख रहा था । जो बहुत खूबसूरत लग रहा था । वो शख्स आश्वि को एक झटके में अपनी गोद में उठा लेता है और फिर वो आशवी को ले जाकर बेड पर लेटा देता हैं । और उसे ब्लैंकेट से कवर कर देता हैं । । फिर वो शख्स आश्वी को देखते हुए ही उसे दूर जाने लगता है । लेकिन तभी आश्वि उसका हाथ पकड़ते हुए उससे अपने उपर खींच लेती हैं । जिससे वो शख्स खुद को संभाल n पाता और वो आकर आशबी के ऊपर गिरता है। आश्वि अपनी धीमी आवाज में बोली," प्लीज मुझसे दूर मत जाओ मुझे डर लग रहा हैं ।" वो शख्स बोला __ तुम गलत कर रही हो बेबी ,, तुम जो कर रही हो उसमे तुम्हे पछतावा bhot hoga " fir me tumhe छोडूंगा नहीं। वही आश्वि नशीली आंखों के साथ बोली, तो फिर मुझे पकड़े रखो न " में भी चाहती हु की तुम मुझे पकड़े रखो ". इतना बोलते हुए ही आश्वि उसके इर्द गिर्द अपनी पकड़ बना ली थी । वही उस शख्स की नजर एक बार फिर उस लड़की के होठों पर रुक गई । इस बार वो अपनी धीमी आवाज में बोला," तुमने मुझे खुद मजबूर कर दिया हैं । अपने करीब आने के लिए और अब जो कुछ भी होगा उसके लिए तुम मुझे ब्लेम नहीं कर सकती ।" इतना कहते हुए वो अपने होठों को उसके होठों पर रख चुका था । कुछ ही देर बाद आश्वि के जिस्म पर भी एक भी कपड़ा नहीं था । आश्वि के सीने पर इस वक्त उस शख्स के दिए हुए लव बाइट के निशान थे । वही वो शख्स अश्वी को चूम रहा था bite kar rha tha।जिसकी वजह से आश्वी आहे भर रहे थी । उसने अपनी आंखे कस कर बंद कर ली थी । उसके आंखों के कोणों से आंसु बह रही थे ।। आश्वि के हाथ उस शक्श के बालों में घूम रहे थे । वहीं वो शख्स ,, आश्वी को किस करते हुए ,अपने हाथो को उसकी गर्दन पर चला रहा था । दोनों की ही सांसे आपस में उलझने लगी थी और धड़कने बढ़ चुकी थी । वो शख्स एक झटके के साथ आश्वी को बेड पर लेता देता है । वही आश्वि लागतार गहरी गहरी सांसे लेने लग रही थी । वो शख्स पूरी ने आश्वि के पूरे बदन पर अपने होंहतो के निशान छोड़े थे। वही वो शख्स हलका सा उपर उठकर आश्वी को देखता है तो आश्वि bhot प्यारी और खुबसूरत लग रही थी। वो शख्स आश्वि से थोडा दूर होने लगा ही था की तभी आश्वि आगे बढ़कर उसके होठों पर होंठ रखकर us शख्स को किस करने लगती हैं । अब आश्वी ,,us शख्स के के ऊपर थी । उसे एक पल भी बर्दाश नही हो रहा था की वो शख्स और उसके बीच अब कोई दूरी रहे। वही अब वो शख्स भी जल्दी से आश्वि के उपर आता हैं और अपनी एक बार फिर से आश्वी को किस करने लगता हैं । वहा बिलकुल शांति पसरी हुई थी और कुछ सुनाई दे रहा था । बस us शख्स और आशवी के तेज सांसों की आवाज और कुछ ही देर बाद वहा दोनो की आहे भी गूंजने लगती हैं । को शख्स एक झटके के साथ खुद को आश्ववि के अंदर एंटर कर लेता हैं । जिससे आश्वि के मुंह से एक दर्द भरी चीख निकल जाती हैं । जिसे सुनते हुए वो शख्स अपनी कमर को तेजी से मूव करने लगता हैं । us शख्स के के ऐसा करने से आश्वी के आहे तेज होने लगी थी । वो शख्स हर बीते पल के साथ एग्रेसिव हो रहा था । क्योंकि वो पूरा कंट्रोल खो चुका था । उसके दोनों हाथ आश्वि के हाथो से मिले हुए थे दोनो की उंगलियां आपस में फसी हुई थी । आश्वि की कमर बेड से कुछ उपर उठ चुकी थी । उसके नाखून में अब us शख्स की कमर पर गड़ने लगे थे । वो शख्स एक डेविल स्माइल करते हुए ही उसके होठों को rub करते हुए बोला, " मुझे अपने पास बुलाना तुम्हारी मर्जी थी और तुमसे दूर जाना मेरी मर्जी होगी तो, एंजॉय बेबी ।" वही आश्वि और तेजी से आहे भर रही थी । आश्वि बेडशीट को अपने हाथो में जकड़ लेती हैं उस कमरे का माहोल had se jyda गर्म था। और वो दोनो अपनी ही दुनिया में पूरी तरह खोने लगे थे ।और एक दूसरे को प्यार कर रहे थे। लगभग दो घंटे बाद... आश्वि थककर उस शख्स के बाहों में सो चुकी थी। और वो शख्स एक तक आश्वि को देख रहा था उसके चेहरे पर तिरछी मुस्कान थी । और वो एक डेविल स्माइल करते हुए आश्वी को पुरी तरह से अपनी बाहों में समेटे हुए ही सो जाता है।" आगे जारी है।🔥🔥 तो क्या होगा सुबह जब आंखें खुलेगी आश्वि की ,और जिस बारे में उसने कभी सपने में भी नही सोचा वो हरकत उसने की है। और आश्वि के साथ रात बिताने वाला वो शख्स kon hai ?? कहा है दर्शित ओबेरॉय?? क्या आराध्या ,,ne अंकित से दिल लगा लिया?
आश्वि थककर उस शख्स के बाहों में सो चुकी थी। और वो शख्स एक तक आश्वि को देख रहा था उसके चेहरे पर तिरछी मुस्कान थी । और वो एक डेविल स्माइल करते हुए आश्वी को पुरी तरह से अपनी बाहों में समेटे हुए ही सो जाता है।" अब आगे,,,🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥 वही अगली सुबह,," " अगली सुबह आश्वि की करीब 5:00 बजे उसकी नींद खुलती है और वह कसमसाते हुए ही इधर से उधर होती है लेकिन तभी उसे अपने बदन में हद से ज्यादा दर्द होता है। और वह उसकी आंखें एक पल में ही खुल जाती है । क्योंकि उससे पहले ऐसा दर्द कभी महसूस नहीं हुआ था। और वह अपनी आंखें खोलकर सामने देखती है। " और जब वह उसकी नज़रें सामने दीवारों पर जाती है तो और किसी अनजान जगह को देखकर वह चौंक जाती है और उसकी आंखें खुली की खुली ही रह जाती है । आध्वी जल्दी से अपने आप को इधर-उधर हिलाने की कोशिश करती है । लेकिन तभी उसे अपनी कमर पर किसी का हाथ महसूस होता है और उसे एक जकड़न महसूस होती है । तो आश्वि खुद को किसी के पास सोच कर ही उसकी सांसे हलक में अटक गई और उसकी शान से एक पल के लिए तो रुक सी गई । वहीं तभी इसी के साथ उसे एहसास होता है कि उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं है और वह नेकेड है । आश्वि ऐसे किसी को अपने और ऐसे नेक्ड महसूस करके उसकी धड़कन दो पल के लिए रुक चुकी थी उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह सांस ले भी रही है या नहीं। वह इस दुनिया में जी भी रही है या नहीं,,उसे यकीन nhi ho rha tha । क्योंकि उसने कभी सोचा ही नहीं था ऐसा भी पल उसके लाइफ में आएगा । जिसमें वह किसी के साथ,, किसके बाहों में और ऐसी अनजान जगह पर ,,,जहा का अता पता उसे नहीं होगा ,,। वो सोच रही थी की इसी पल उसकी मौत हो जाए और वो मर जाए। फिर वो खुड को संभाल कर us शख्स का हाथ अपने जिस्म से हटाती है वह धीरे से वह उठकर बैठ जाती है और तभी उसे अपने आंखों के आगे अंधेरा शा महसूस होता है और उसका सर पूरी तरह से घूमता हुआ उसे महसूस होता है । वह अपना सिर पकड़ लेती है दोनों हाथों से। और वह अपना सिर पकड़े हुए ही उसकी हल्की सी आह निकल गई । क्युकी उसका शरीर में एक दर्द की लहर सी उठ गई थी। उसकी एक हलकी आह निकल जाती है। वो अपने मन में बोली__ मेरा शरीर इतना दर्द क्यों कर रहा है । साथ में मेरा सर भी । इतना बोलते हुए वह अपना सर पड़कर अपने सर को जोर से दबाती है और फिर वह कुछ पल रुक कर अपनी आंखें धीरे-धीरे खोलकर अपने आस पास नजरे करती है । वही तभी उसकी नजरे अपने बेड के पास वाले हिस्से पर जाती है। जहां पर एक शख्स सो रहा था जो पेट के बल लेटा हुआ था और उसके कमर तक कंबल भी था और वह उस वक्त उसका का चेहरा दूसरी तरफ था और वह दूसरी तरफ चेहरा करके सोया हुआ था । वही उस शख्स के चेहरे पर उसके बाल बिखरे हुए थे। वही आश्वी ने उसका चेहरा तो नहीं देखा । लेकिन उसकी पीठ देखी और आशवी उसकी की पीठ को देखकर ही उसे पता चल गया कि उसके साथ किया हुआ है । क्योंकि उस शख्स के पीठ पर भी नाखून के खरोचने के निशान थे। जिसे देखकर ही आश्वी अपने मुंह पर अपने दोनो हाथ रख लेती है। और वह अपने मुंह को दोनों हाथों से ढक लेती है । आश्वि अपने आप से बोली __ ये ये,,,, ये,, ये मेने वह मैंने क्या किया ??? मुझसे ,,,,,मुझसे,,, ये कैसे हो सकता है?? उसकी आवाज़ लड़खड़ा रही थी। यह सब कुछ इतना वह अपने मन में बोलती है और उससे ठीक से बोला भी नहीं जा रहा था । आश्वि बोलि __ यह क्या हो गया मैं मैं यहां पर कैसे आई ??? मैं इस कमरे में कैसे आई?? में कहां पर हूं ?? और यह कौन सा कमरा है ???और यह शख्स कौन है मेरे साथ?? और हम दोनों के बीच ....." नहीं ....,,_"नहीं __नहीं ___नहीं " ऐसा नहीं हो सकता कभी भी ऐसा नहीं हो सकता। इतना बोलकर वह अपना सर झटक देती है और फिर वह उसके शरीर पर जो कंबल से उसने अपने आप को ढक रखा था । वह कंबल को हल्का सा दूर करती है तो उसके पूरे शरीर पर जो निशान थे वह गवाही दे रहे थे कि उसके और us शख्स के बीच क्या क्या क्या हुआ था । आश्वि के आंखों से आंसू बह जाते हैं और उसका सर भी बहुत दर्द कर रहा था । वह अपने आप को संभालती है और फिर वह खुद को पास में पड़े हुए एक कंबल से खुद को कवर करके वह ठीक से खड़ी होकर वह आवाज ना करते हुए ही वह अपने जो bed ke नीचे जो कपड़े पर पड़े हुए थे उसे उठाकर वह वॉशरूम में चली जाती है । और वॉशरूम में आकर वह अंदर से दरवाजा बंद करके वह दरवाजे से लग कर अपने मुंह पर हाथ रखकर रोने लगती है। और उसकी सिसकियां निकल रही थी। उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे । क्योंकि आश्वी ने सोचा भी नहीं था कि कभी कि वह किसी के साथ ऐसे किसी गैरों के बाहों में से रात गुजारेगी उसे याद तक नहीं था कि उसने किया क्या ?? उसे बस इतना ही याद था कि वह इस क्लब में आई थी उसने शराब पी थी और फिर उसे हल्की-हल्की चढ़ने लगी थी । उसके बाद उसके साथ क्या हुआ उसे खुद भी याद नहीं था आश्वि अपने आंसू पोंछकर कर आगे बढ़कर shower के नीचे खड़ी हो जाती है और वह shower का ठंडा पानी उसके सरिर पे gurta hai जिससे आश्वि के शरीर पर जो काटने के निशाn थे,, उस पर पानी गिरते ही उसे एक आराम सा मिलता है । लेकिन उसके दिल में एक आग लगी हुई थी जो शायद कभी ही बुझती। उस शॉवर से गिरते हुए पानी के साथ उसकी आंखे भी बह रही थी । और वह थोड़ी देर shower लेने के बाद अपने आप को संभाल कर फिर आईने के सामने आती है वह आईने के सामने जब वह खुदको देखती है तो उसके सीने के पास जो लव बर्ड्स के निशान थे उसके गले पर उसके कंधों पर love bite के निशान थे वह देखकर ही पता चल रहा था कि उस शख्स ने कितने शिद्दत से बीती रात उसे प्यार किया था। तभी आश्वी के जहन में वह बीती हुई रात की हल्की-हल्की तस्वीर जो धुंधली सी दिखाई दे रही थी वह दिखाई देती है जिसमें वह उसे शख्स के करीब जा रही थी वह शख्स उसे प्यार कर रहा था। वह शख्स उसे चूम रहा था और आश्वी भी उसके करीब जा रही थी । वह सब तस्वीर उसके जहन में हल्की धुंधली धुंधली सी दिखती है और यह देखकर आश्वि अपना सर झटक देती है । और वह अपने आंसू पहुंच कर जल्दी से अपने कपड़े पहनकर उस वॉशरूम से बाहर निकलती है । और फिर बाहर निकाल कर वह सामने बेड पर सो रहे शख्स को एक नजर देखटी है और फिर वह वहां से जल्दी से बाहर निकल जाती है । आश्वि वहा से बाहर निकल कर वह उसे कमरे से बाहर निकाल कर वहां से भागते हुए ही उसे क्लब से बाहर निकल जाती है । आश्वी ने अभी तक उस शख्स का चेहरा तक नहीं देखा था कि वह कौन था किसके साथ उसने रात बिताई थी। आश्वि को बस इतना पता था कि उसने गलत किया है उससे गलती हुई है। इतना जानकार ही वह वहां से भागने लगती है और वहां से वह रोड पर ही चलने लगती है। और वह वहां से आगे बढ़ रही थी। उसका शरीर हद से ज्यादा दर्द कर रहा था। उसका सिर फटा जा रहा था और आश्वी की आंखों से आंसू बहते ही जा रहे थे। आश्वि सड़क के किनारे बदहवास सी चल रही थी। वह अभी कुछ देर चल ही थी कि तभी कोई आकर उसका हाथ खींचना है। जिससे आश्वि एकदम चौंक जाती है और वह पीछे पलट कर देखती है तो सामने आराध्या खड़ी थी । और आराध्या हैरानी से आश्वि को देख रही थी । आराध्या आश्वी को देखते हुए ही बोली __ कहां थी तू पूरी रात?? मैंने तुझे कितना ढूंढा और कहां चली गई थी तू ?? और तूने अपनी क्या हालत बना ली है ,,तेरा चेहरा आंसुओं से भीगा हुआ क्यों है ?? और तू रो क्यों रही है ?? बता मुझे !! मे रात को अपने घर गई और फिर से तुझे ढूंढने यहां पर आई hu तो तू मुझे यहां पर मिली है ,,,अब तो बता आश्वि तू कहा पे थी पूरी रात???? वही इतना सुनते ही आश्वि ,,आराध्य को देखकर उसके गले लग जाती है और रोने लगती है । वही आराध्या हैरान रह जाती है । लेकिन फिर वह खुद को संभाल कर आश्वि को अपने गले लगा लेती है। और कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद आराध्या उसे अपने से दूर करती है। तभी आश्वी रोते हुए ही बोली __ मुझसे गलती हो गई है यार !! तभी आराध्या बोली _क्या हुआ है ?? अभी वह इतना ही बोली थी कि तभी आश्वी का फोन बजता है । वही आश्वि भी अपने आसपास दिखती है लेकिन उसके पास तो उसका फोन था ही नहीं । तभी आराध्या अपने पर्स से आश्वी का फोन निकलती है और आसवी को देते हुए ही बोली __ यह तू जब रात में नशे में थी तभी मैं ने तेरा फोन मेरे अपने पर्स में रख लिया था। यह ले और इसमें पता है अम्मा जी का कॉल कितनी बार call आ चुका है । तुझे अंदाजा नहीं है मैं ने कैसे संभाला है अम्मा जी को । वही अम्मा जी की बात याद आते हैं आश्वि को भी चौंक जाती है और उसे याद आता है कि उसने अम्मा जी को कुछ बताया ही नहीं था कि वह कहां पर जा रही है । कुणाल के साथ वह रुकने वाली थी बस इतना ही बताया था । उसके बाद तो उसने कुछ बताया ही नहीं था। इसलिए वह परेशान होगी और अम्मा जी ने आश्वि को फोन किया होगा । ये सोचकर ही आश्वि ,, आराध्या को देखती है । आराध्य बोली__ चिंता ना कर मैंने सब कुछ संभाल लिया है । और चल पहले मेरे घर चल सब कुछ वहां पर ही बात कर लेंगे हम दोनों । वही आश्वी और आराध्या फिर दोनों ही टैक्सी में बैठकर वहां से घर के लिए निकल जाती हैं । वहीं आश्वी ही पूरे रास्ते चुपचाप थी और उसकी आंखों से ना चाहते हुए भी आंसू बह रहे थे। क्योंकि आश्वी उन दूसरी लड़कियों जैसी नहीं थी कि किसी हैंडसम को देखा नहीं और उसकी बाहों में पिघल जाए या फिर वो एसो आराम करे अपनी जिंदगी में ,,वो ऐसी बिल्कुल नहीं थी। आश्वि उन सब लड़कियों से bahot ज्यादा ही अलग थी सबसे डर कर रहने वाली डरकर सहम जाने वाली थीं । उसमें बहुत ज्यादा हिम्मत नहीं थी वह ज्यादा भीड़भाड़ और अनजान लोगों से बहुत ज्यादा डरती रहती थी । लेकिन उसने धीरे-धीरे अपने आप को संभालना शुरू कर दिया था । लेकिन जिंदगी ऐसे कैसे किसी को खुश रहने देती है यह एक हादसा कहो या फिर कोई चुनौती जो आश्वी के सामने आकर खड़ी हो चुकी थी। वहीं आश्वी और आराध्या दोनों ही वह आराध्या के घर पहुंचती है । आराध्या के घर पर फिलहाल वह अकेली ही रह रही थी । आराध्या और आध्वी दोनों ही साथ में काम करती थी। और वह दोनों ही साथ में कॉलेज में ही थी । वही आराध्या , आश्वि को अपने घर पर बैठाकर कर उसे पानी देते हुए ही बोलिए __ ये लो और बताओ क्या हुआ बताओ ।अब क्या बात हुई है । तभी आश्वि में पानी पीकर कहा __ वह में कल ऑफिस से छुट्टी लेने के बाद कुणाल के घर गई थी। और फिर उसने वह सब कुछ बताया जो उसने कुणाल के घर पर देखा था । वही आराध्या हैरानी से आश्वि को देखते हुए ही बोली_ क्या उस कुणाल धोखेबाज ने तुम्हें धोखा दिया? मुझे वह पहले से ही ऐसा लग रहा था । लेकिन तुम्हें बताने की कभी हिम्मत नहीं हुई । लेकिन देखा उसने तुम्हे धोखा दे ही दिया ना । कोई बात नहीं चलो वह सब कुछ छोड़ो और बताओ । कल रात तुमने शराब पी थी फिर मैं तुमहै जब मैं अपने घर ले जा रही थी वहां से बाहर ले जा रही थी तब तुम कहां गई थी। इतना सुनते ही आश्वी की आंखों से आंसू बह जाते हैंm और वह अपनी नजर झुका लेती है । वही तभी आराध्या उसके आंसू पहुंच कर उसका चेहरा ऊपर करते हुए बोली __ बताओ आशु ,,क्या हुआ है ?? आश्वि ने कहा __ मुझसे गलती हुई है?!!! इतना सुनते ही आराध्य बोली_ क्या हो गया ??क्या गलती हुई है?? वही इतना सुनते ही आश्वि ने कहा _ मैंने पूरी रात किसी गैर की बाहों में गुजारी हैं। इतना सुनते ही आराध्या के हाथ में जो उसका फोन थाn वह गिर जाता है और उसकी आंखें चार हो जाती है और वह हैरानी से आशु को देखने लगती है। वही आश्वि की आंखों से आंसू बह रहे थे । वही आराध्याय ऐसे ही सुन्न रह जाती है उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें। वह थोड़ी देर बाद वह होश में आती है और आशु का चेहरा ऊपर करते हुए बोली__ क्या बोली?? तूने क्या बोला?? क्या यह सच है ?? तभी आश्वी ,, उसके गले लग जाती है और रोते हुए बोली _ हां यह सच है मेरे से गलती हुई है ।अब समझ नहीं आता में क्या करू. ।। वही आराध्या क्या सिर भी जैसे चकरा सा गया था और वो कुछ देर के लिए ऐसी ही रहने के बाद खुद को संभाल कर साध्वी को धीरे-धीरे संभालते हुए उसकी पीठ थपथपाती है और बोली___ कोई बात नहीं जो हो गया सो हो गया भूल जाओ उस रात को। रात गई बात गई बस। फिर आराध्य कुछ पल रुककर बोली__ अम्मा जी का बहुत बार कॉल आया था । और मैंने मैं उसे बताया है कि तुम अभी थोड़ी देर में मेरे घर से निकलने वाली हो। तुम पूरी रात मेरे साथ थी ऐसा batya hau मेने। इसलिए अभी तुम आश्रम जाजाओ । फिर सब कुछ जो होगा वह देखा जाएगा । अभी आम्म्मा जी वह बहुत परेशान है । इतना सुनते ही आश्वि भी अपने आप को संभालती है और वह अपने आंसू पहुंचने लगती है । वही आराध्या उसका चेहरा हाथ में भरकर उसके आंसू पहुंचने हुए ही बोली _जाओ जो कुछ भी हुआ उसे भूल जाओ में तेरे साथ हूं । और हमेशा ही रहूंगी ।बस इतना याद रख। कुछ हुआ ही नहीं है । तभी आश्वी ने कहा __ इतना आसान भी नहीं होता सब कुछ भूल जाना। आराध्याना ने कहा __ मुझे पता है लेकिन अब कुछ हो तो नहीं सकता ना जो हो गया तो हो गया। चल अब अपना हुलिया ठीक करो आश्रम के लिए निकल मैं ने टैक्सी बुक कर ली है अभी आती होगी नीचे । वही आश्वि भी फिर उठकर अपना चेहरा ठीक करके ठीक से तौयार होती है और फिर वह वहां से निकल जाती है आश्रम जाने के लिए । वहीं दूसरी तरफ क्लब में उस कमरे में से वह शख्स अपनी आंखें धीरे-धीरे खोलकर वह अपने बेड के ऊपर हाथ इधर से उधर फिर आता है लेकिन उसे वहां पर कोई भी दिखता नहीं तो वह शख्स उठकर बैठ जाता है और वह अपनी आंखें मसलते हुए ही अपने आसपास और कमरे में चारों तरफ नजरे दौड़ आता है । लेकिन वहां पर कोई भी नहीं था। । तो यह देखकर उस शख्स के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ जाती है। shyd उस शख्स को पता चल गया था कि वह लड़की अब इस कमरे से जा चुकी है । वही तभी उसकी नजर उस बेडशीट पर लगे उस ब्लड स्टेन पर उसकी नज़र जाती है जिससे पता चल चुका था कि वह लड़की का यह फर्स्ट टाइम था। और यह देखकर उस शख्स के चेहरे पर वो स्माइल और गहरी हो जाती है । फिर वो शख्स वह उठकर फिर वॉशरूम में चला जाता है। कुछ देर बाद उस कमरे में एक फीमेल सर्वेंट आती है और जो उसे कमरे को पूरी तरह से साफ करके उस शख्स के लिए वहां पर न्यू कपड़े रखकर चली जाती है। वही वो शख्स फिर थोड़ी देर बाद शावर लेकर आता है और फिर वह वहां पर पड़े हुए कपड़े उठाकर पहनकर वह तैयार होकर उस कमरे से बाहर निकल जाता है। वही us floor par वहां आसपास कोई भी नहीं था। वह पूरा फ्लोर खाली पड़ा हुआ था तो किसी ने भी उस शख्स को देखा नहीं और वह वहां से चला गया । दूसरी तरफ आश्वि कुछ वक्त बाद आश्रम पहुंचती है। और वह अपना चेहरा नीचे झुकाए हुए ही अपने आंसू पोंछटे हुए ही आगे बढ़ जाती है। ताकि किसी को शक ना हो । आश्वि अभी वह अपने कमरे की तरफ जा ही रही थी कि तभी अम्मा जी आश्वि को देख लेती है और बोली __ आशू बेटा तू आ गई। तो अम्मा जी की आवाज़ सुनकर वह सामने देखती है तो अम्मा जी के सामने से आ रही थी । वही यह देखकर आश्वि अपने आप को संभाल कर हल्की सी स्माइल करने की कोशिश करते हुए आगे बढ़ती है । तभी अम्मा जी मुस्कुराते हुए आश्बी के पास आकर उसके चेहरे पर हाथ रखकर बोले __ तो कैसी है रही तुम्हारी पार्टी और कैसे सरप्राइज दिया था तुमने कुणाल को?? इतना सुनते ही आश्वी बोली __ बस कुछ खास नहीं था ऐसे ही हमने बाहर रेस्टोरेंट में खाना खाया और फिर साथ में वक्त बिताया और आराध्य भी साथ ही थी तो मैं उसके घर चली गई थी सोने के लिए । रात हो गई थी तो आराध्या ने फिर मुझे यहां पर नहीं आने दिया। तभी अम्मा जी बोलिए __ हां मैं ने कल रात को बहुत कॉल किया था तुम्हें लेकिन तुमने कॉल उठाई नहीं । आराध्या ने बोला कि वह तुम्हारे साथ थी और तुम सोई हुई थी इसीलिए उसने मुझे यह सब कुछ बताया । तभी आश्वी भी अपनी नजर चुराते हुए ही बोली __ ha उसके साथ ही थी और फिर उसने बताया तो मैं यहां पर चली आई। आप अब परेशान ना हो बिल्कुल ठीक हूं में ,देखिए । तभी अम्मा जी बोली हां वो तो सब ठीक है लेकिन आज तुझे ऑफिस और कॉलेज नहीं जाना ??आज तुझे तू लेट नहीं हो गई क्या?? इतना सुनते ही आश्वि बोली__ हां वह थोड़ा सा सर घूम रहा है और हलका सिर दर्द तो है तो मैं आज छुट्टी ले ली है । तभी अम्मा जी चिंता करते हुए बोली__ क्या ज्यादा दर्द है?? आश्वि ने कहा __ कुछ हुआ नहीं आप चिंता ना करें । बस थोड़ा सा आराम करूंगी तो सब ठीक हो जाऊंगी । वहीं अम्मा जी बोले _ ठीक है बेटा अपने कमरे में जा कर आराम कर लेना । आश्वि बोली__ हा अभी जा थी हू इतना होकर वो वहां से आगे बढ़ जाती है और उसकी आंखों से फिर से आंसू बह जाते हैं। क्योंकि आज उसने पहली बार झूठ बोला था अम्मा जी से। वरना वह कभी झूठ नहीं बोलती थी । वही आश्वि आकर अपने कमरे में आ जाती है और फिर वह अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लेती है और अपने कमरे के दरवाजे से लगकर नीचे बैठ जाती है और सिसकने लगती है । उसकी सिसकियां निकल जाती है और उसके आंखों से आंसू बह रहे थे । वह अपना दर्द बाहर निकाल ना पा रही थी । एक दर्द जो उसे कुणाल ने दिया था वह उसका घाव अभी तक भरा भी नहीं था ,,us दिल के दर्द से वो बाहर निकलि भी नहीं थी कि उसे एक और दर्द एक और घाव मिल चुका था । जिसे भूलना शायद आश्वी के लिए नामुमकिन था । वही आश्वि ऐसे ही बैठे बैठे अपने घुटनों में अपना चेहरा छुपा लेती है और ऐसे ही रोती रहती है। वहीं दूसरी तरफ ओबेरॉय इंडस्ट्रीज के बाहर एक साथ black luxurious 5 car आकर रूकती है। ब्लैक चमचमाती हुई car में से दर्शित बहार आता है और उसके साथ ही प्रदीप और बाकी के सारे बॉडीगार्ड भी निकलते हैं । दर्शित ने black three पीस शूट पहना हुआ था जो की ब्लैक कलर का था और वह चलकर ऑफिस के अंदर आ जाता है । और उसके चेहरे पर glow था।,, एकदम उसका चेहरा चमक रहा था । वही दर्शित के चेहरे पर एक डेविल स्माइल थी जो शायद ही कोई देख सकता था। जो उसे गहराई से जानते वो वो ही उस स्माइल को देख सकते थे। वही दर्शित चलकर अपनी केबिन में आता है तभी उसे सामने सनाया खड़ी दिखती है जो अपने हाथ बंधे हुए ही खड़ी थी। सनाया दर्शित को देखते हुए ही बोली __ कहां गए थे तुम? इतना सुनते ही दर्शित हैरान होते हुए ही बोला _ में कहां गया था ??का क्या मतलब है, ये कैसा सवाल है?? अभी आ रहा हूं मैं तो घर से ! इतना सुनते ही सनाया बोली __ झूठ ना बोलो मुझे सब पता रहता है तुम आज घर पर तो नहीं थे। तभी दर्शित बोला __ मैं घर पे ही था। सनाया बोली _ में तुम्हारे घर पर आई थी । वह एक फाइल लेने के लिए । तभी इतना सुनते ही दर्शित बोला __ आज सुबह में थोड़ा जल्दी निकल गया था। वह मुझे एक जरूरी काम था जो निपटाना था इसलिए मैं जल्दी निकल गया था । इतना सुनते ही सनाया उसको गौर से देखते हुए ही बोली __ क्या तुम झूठ बोल रहे हो। तभी दर्शित बोला__ अरे नहीं तुम्हें ऐसा लग रहा है सिर्फ। यू तुम्हारा वहम है। सनाया बोली__ ठीक है मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है । तुम झूठ बोल या सच । लेकिन बस इतना जान लो कि तुम किसी लड़की के चक्कर में हो और अगर हो तो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है। लेकिन बस में इतना चाहती हूं कि तुम किसी के झाल में फंस मत जाना । तुम्हें इतना याद होना चाहिए कि तुम दर्शित ओबेरॉय हो। किसी की बातों में बातों में मत आ जाना । तभी दर्शित बोला _ohh come on Sanaya ,,तुम्हें लगता है कि मैं किसी के झाल में फंस सकता हूं ?? किसी की इतनी हिम्मत नहीं है कि वह दर्शित के सामने सर उठा सके । तो कौन क्या ही मुझे फसाएगा अपनी झाल में । और दर्शित ओबेरॉय की नजर बाज़ से भी तेज है जो सामने वाले इंसान की के मन में क्या चल रहा है वह तक जान सकता है। सनाया बोली __ तुमसे यही उम्मीद है और आगे भी यही उम्मीद रहेगी । बस मैं चाहती हूं कि तुम सेफ रहो। ठीक रहो और खुश रहो। वही तभी दर्शित मुस्कुराते हुए एक डेविल स्माइल करते हुए सनाया के पास आ जाता है और फिर वो उसके चेहरे से उसके बालों को लटो को हटाते हुए ही बोला __ मुझे पता है कि तुम मेरी चिंता क्यों करती हो ? और इतनी ज्यादा फिक्र क्यों है तुम्हें मेरी। तभी सनाया बोली __ तो तुम्हें अच्छे से याद ही है कि मैं तुम्हारी इतनी फिक्र क्यों करती हूं तो तुम्हें भी अपना खुद का ख्याल रखना चाहिए बस । इतना बोलकर सनाया दर्शित का हाथ हटाती है और फिर वह वहां से बाहर निकाल कर वहां से आगे बढ़ जाती है । वही तभी दर्शित उसे जाते हुए ही देखता है और फिट वो अपने कन्धे ऊंचका कर अपनी चेयर पर बैठकर पिछे सिर टिकाकर आंखे बंध कर लेता है तो उसके जहन में आश्वी की आंखे ,,उसके होंठ ,,उसकी बाते ,,uski आवाज ,उसका चेहरा ,घूमने लगता है। " वही दर्शित एक झटके के साथ उठकर ठीक से बैठ जाता है और वो अपना सिर झटकर,,बोला __ अब तुम्हे अपनी दीवानगी में कैद करने का टाइम आ गया है my heart" ab तुम,,और तुम्हारी यादें मुझे चैन से रहने ना दे रहे। " अब तुम्हे दर्शित ओबेरॉय के करीब आना ही होगा ,,my heart" आगे जारी है। तो क्या होगा आगे?? क्या आश्वि बीती रात को भूल जायेगी?? क्या दर्शित अपनी दीवानगी की सारी हदें पार करेगा?? kon hai वो अनजान शख्स?? क्या आश्वि, दर्शित के सामने हार जायेगी??
वही दर्शित एक झटके के साथ उठकर ठीक से बैठ जाता है और वो अपना सिर झटकर,,बोला __ अब तुम्हे अपनी दीवानगी में कैद करने का टाइम आ गया है my heart" ab तुम,,और तुम्हारी यादें मुझे चैन से रहने ना दे रहे। " अब तुम्हे दर्शित ओबेरॉय के करीब आना ही होगा ,,my heart" अब आगे,,,🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥❤️ वही इतना बोलते हुए ही दर्शित एक डेविल स्माइल करता है। और वह वहां के मैनेजर को कॉल करता है। वही मैनेजर जब दर्शित का call देखता है तो वो हैरान रह जाता है और वों जल्दी से फोन उठा लेता है। फोन उठाते ही दर्शित बोला ___ अभी के अभी मेरी केबिन में आओ ..! वहीं मैनेजर को दर्शित की बात सुनकर हल्का सा कांप जाता है और वह बोला __ क्या हुआ सर ?? क्या ...क्या मुझसे कोई गलती हो गई है क्या ??? आप क्यों बुला रहे हैं मुझे?? तभी दर्शित बोला __ क्या मैं तुम्हारे पास आकर तुम्हें सब कुछ बताऊ ?? कि तुमने क्या करना है और तुमसे क्या हुआ है ?? वही तभी मैनेजर जल्दी से फोन रखते हुए बोला __ मैं आता हूं अभी आया में । इतना बोलकर वह फोन रख देता है और फिर वह अपने चेहरे पर आया हुआ पसीना पोंछते हुए ही वह जल्दी से अपनी केबिन से बाहर निकल कर वह दर्शन की केबिन की तरफ जाने के लिए आगे बढ़ जाता है । तभी उसे सामने से सनाया आती हुई दिखती है जिससे वह टकरा जाता है । वही सनाया उस manager ko पकड़ते हुए बोलिए __ ठीक से चलो । और क्या हुआ आप इतनी जल्दी में क्यों है ? तभी वह मैनेजर बोला ___ अरे वह उधर से दर्शित सर बुला रहे हैं । इसलिए जल्दी से जाना पड़ रहा है । तभी सनाया बोली__ दर्शित वह kyu बुला रहा है तुम्हे?? तभी मैनेजर बोला _ पता नहीं लेकिन उन्हें शायद कोई काम होगा । इसलिए मुझे जाना पड़ रहा है। इतना बोलकर वह जल्दी से आगे बढ़ जाता है । वही सनाया कुछ देर उसे देखते हैं और फिर वह भी आगे बढ़ जाती है । वही मेनेजर अब कुछ ही देर में दर्शित के सामने खड़ा था । और वह दर्शित को देखते हुए बोला ___ बोलिए सर ! क्या काम है आपको। वही दर्शित चेयर को इधर से उधर घूम रहा था और वह अपनी आंखें बंद किए हुए ही कुछ सोच रहा था। फिर वह अपनी आंखें झटके के साथ खोलता है और फिर सामने खड़े मैनेजर को देखते हुए ही बोला _₹_ यहां पर दो लड़कियां काम करती है । तभी इतना सुनते ही मैनेजर की आंखें हैंरानी से बड़ी हो जाती है और वह दर्शित को देखने लगता हैं। तभी दर्शित बोला __ एक का नाम आराध्या है और एक का नाम आश्वी । इतना सुनते ही मैनेजर को याद आ जाता है क्योंकि उसे अपने कंपनी में कर रहे हर एम्पलाई जो उसके नीचे काम करता था उसकी पूरी की पूरी डिटेल उसके पास होती थी और उसे उसका नाम और सब कुछ पता ही होता था। तभी दर्शित की बात सुनकर मेनेजर बोला __ हां हां मुझे पता है । आश्वी और आराध्या दोनों ही यहां पर ही काम करती है। दर्शित ने कहा ___ उन दोनों में से कोई यहां पर आज कंपनी आया है? तभी मैनेजर बोला__ हां आराध्या एक काम पर आई है। लेकिन आज पता नहीं वह भी थोड़ी सी परेशान लग रही है उसका भी कुछ ध्यान नहीं लग रहा आज काम में। वरना वह आराध्या और आशवी दोनों ही बहुत ही मेहनती लड़कियां है। वह अपना काम बहुत ही शिद्दत से करती है। लेकिन आज वह भी थोड़ी सी परेशान है । और आश्वी तो आज आई ही नहीं । उसने कॉल करके छुट्टी ले ली है । इतना सुनते ही दर्शीत अपने माथे पर उंगलियां फिरआते हुए ही बोला ___ फिर उसे बोलो कि वह आज कंपनी पर आ जाए। काम करने के लिए,,और उसका मन हो तब वह छुट्टी नहीं ले सकती । समझ में आई बात। इतना सुनते ही मैनेजर हैरान रह जाता है ।और वह बोला ___ लेकिन सर उसकी तबीयत ठीक नहीं है । तभी दर्शित बोला __ अगर ऐसे ही सबको छुट्टियां देते फिरेंगे तो ओबेरॉय इंडस्ट्रीज को ताला लगाना पड़ेगा। इसीलिए मैंने जैसा कहा है वैसा ही करो। समझ गए। तभी मैनेजर से तो फिर ज्यादा कुछ बोला ही नहीं गया। और वह बोला ठीक है अभी उन्हें बुला लेता हूं । और फिर वो वहां से मुड़ कर आगे बढ़ जाता है। तभी darshit ne कहा __ और वो आए तो उसे सीधा मेरे केविन में भेज देना। उससे कुछ बात करनी है । इतना सुनते ही मैनेजर बोला ठीक है सर इतना बोलकर वह आगे बढ़ जाता है और बाहर निकला जाता है। तभी maganer बाहर निकल कर अभी आगे बढ़ा ही था की तभी सामने से सुनाया आती हुई उसे दिखती है । और सनाया मैनेजर को देखते हुए बोली__ क्या हुआ ??क्या काम था दर्शित को तुमसे ?? मैनेजर ने कहा __ नहीं कुछ खास नहीं बस एक एंप्लॉय जो नहीं आई थी उसका उसका ही पूछ रहे थे सर। तभी सनाया बोली__ किसके बारे में पूछ रहा था वो? तभी मैनेजर बोला __ में आश्वि की बात kr रहा हूं और सर उसी के बारे में पूछ रहे थे। सनाया ने कहा __ आश्वि ये कौन है कौन सी लड़की है ? तभी मैनेजर बोला __ वह यहां पर ही काम करती है। वह भी कुछ देर में आ जाएगी तो तब मैं आपसे उनसे मिलवा दूंगा । अब मुझे जाने दीजिए वरना दर्शित सर मेरी कब्र यहीं पर ही गाड़ देंगे । इतना बोलकर वह जल्दी से आगे बढ़ जाता है । वही सनाया बोली__ ये दर्शित को आज कल कोनसा नया शौक चढ़ा है!!! इतना सोचकर वो अपना सिर ना में हिलाकर आगे बढ़ जाती है। वहीं दूसरी तरफ आश्रम में,,, आश्वि हैं अपने कमरे में अभी भी ऐसे ही रो रही थी । और उसने रो रो कर अपनी आंखें तक सुझा ली थी और उसकी आंखे पूरी तरह से लाल हो चुकी थी। आंखों के ऊपर नीचे सूजन भी आ चुकी थी। लेकिन फिर भी उसके आंसु नहीं रुक रहे थे । उसे अपने आप से घिन्न आ रही थी। वह सोच रही थी कि वह अपने आप को ही खत्म कर दे । और ये मामला यहीं खत्म krle। यह ख्याल उसके मन में आता है तो आश्वि फिर अपने आंसुओं को पोंछकर कर खड़ी होती है और वह खड़ी होकर अपने आसपास देखते हुए ही अपने मन में सोचती है मैं अगर मर गई तो यहां पर मेरा कुछ रह नहीं जाएगा। " मैं मर गई मैं तो यहां पर वैसे भी अम्मा जी और आराध्या के बिना और मेरी फिक्र करता ही कोन है " फोन मेरे पीछे रोएगा अगर मैं मर गई तो ,,किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन मुझे अपने आप से इतनी घिन्न हो रही है कि मैं जिंदा नहीं रह सकती । मुझे नहीं रहना जिंदा ,,इस दोगली दुनिया में । क्यों मुझसे इतनी बड़ी गलती हो गई क्यों ??? पहले कुणाल का धोखा और फिर इस बीती रात ने सब कुछ बदल दिया मेरी जिंदगी में। इतना सोचते हुए ही आश्वि भी आगे बढ़कर अपने आसपास देखती है लेकिन उसे कुछ भी दिखता नहीं है उसके के कमरे में इतना ज्यादा कुछ था ही नहीं उसका कुछ सामान ही था जो जरूरत का समान वहीं पड़ा हुआ था। आश्वि टेबल के पास कुछ ढूंढ ही रही थी कि तभी उसके हाथ में एक ब्लेड आ जाती है और ब्लेड को देखते हुए ही वो उस ब्लेड को अपने हाथ में लेकर उस ब्लेड को गौर से देखते हुए ही बोलि __ अब इससे ही मैं अपना किस्सा आज खत्म कर लेती हूं। मुझे नहीं जीना मुझे मर ही जाना है। मुझ जैसी लड़कियों को जीने का कोई हक नही । आज मुझे अपने आप से नजर मिलाने भी शर्मा आ रही है । मैं कैसे जिंदा रहूंगी । क्या करूंगी जिंदा रहकर। और वैसे भी अगर खुद से नफरत हो तो अपनी जिंदगी को खत्म ही कर देना चाहिए। इतना बोलते हुए ही उस ब्लड को आश्वी अपने दूसरे हाथ की कलाई तक ले जाती है। और उसके आंखों से बहुत ज्यादा पानी की तरह आंसू बह रहे थे । और उसे सब कुछ याद आ रहा था ,,,, जो उसने आश्रम में समय बिताया था,,, आराध्य के साथ कॉलेज के दिनों में जो टाइम बिताया था। आम्म्मां जी के साथ समय बिताया था वह सब अच्छे-अच्छे लम्हे उसे याद आ रहे थे । आश्वि को अब यही लग रहा था कि आज उसकी जिंदगी का किस्सा खत्म होकर ही रहेगा। आध्वी धीरे -धीरे ब्लेड को ले जाकर अपनी कलाइयां पर रखती है और वह एक झटके के साथ ही कलाई को काटने ही वाली थी और उसने अपनी कलाई पर ब्लड रखने वाली थी कि तभी उसका फोन बजता है। और तभी वह फोन की रिंगटोन से ही एकदम से चौंक जाती है और उसके हाथ से ब्लेड नीचे गिर जाती है। क्योंकि आश्वी डर चुकी थी कि उसे लगा की उसे किसी ने देख लिया या फिर पकड़ लिया है और वह डरकर लड़खड़ा si gai और दो कदम पिछे हट गई। फिर वह एक दो पल ऐसे ही टेबल को पकड़कर खड़ी रहकर खुद को संभाल कर अपने आंसुओं को पोंछकर सामने फोन को देखकर आगे बढ़कर फोन उठा कर बोली ___ मैनेजर साहब बोलिए। तभी सामने से मैनेजर थोड़ा लड़खड़ाते हुए ही बोला __ आश्वि, आश्वी ,,प्लीज तुम आज कंपनी aa jao। आज कंपनी में बहुत जरूरत है तुम्हारी ,,,वह आज जो भी नहीं आए हैं जिसने भी छुट्टी ली है उन सबको सर ने बुलाया है यानी कि इस कंपनी के सीईओ ने सबको,,, जो भी नहीं आए हैं उन सबको बुलाया है । वरना वह उनको नौकरी से निकाल दे रहे हैं । और उनके साथ जो भी हो उसे भी नौकरी से निकाल देते हैं । इसलिए प्लीज तुम आ जाओ। वही मैनेजर ने आश्वि से आज सफेद झूठ बोला था । phli बात तो मेनेजर डरा हुआ था और दूसरी बात की आश्वी कभी ही छुट्टी लेती थीं। जब bhot ज्यादा जरूररत हो तब ही। वरना वह कभी छुट्टी रखती ही नहीं थी। तो इसीलिए मैनेजर ने आश्वि से सफेद झूठ बोला था। वही आश्वि हैरानी से बोली __ क्यों सर लेकिन ऐसा क्या हो रहा है वहां पर?? जो मेरी जरूरत है ?? मैनेजर बोला मुझे नहीं पता प्लीज आश्वी जल्दी से आ जाओ प्लीज । मेरी नौकरी भी अब तेरे हाथ में है । इतना बोलकर वह फोन रख देता है । वही आश्वि कुछ सोचती है और फिर वह नीचे पड़ी हुई ब्लेड को एक नज़र देखकर वह बोली__ ऐसा क्या हो गया कि मैनेजर साहब और सब की नौकरी खतरे में है । और मेरे साथ जो होगा उसे भी यानी की आराध्य को भी जॉब से निकाल दिया जाएगा । नहीं नहीं मैं ऐसा नहीं कर सकती मेरी वजह से मैं दो लोगों की नौकरी नहीं छीन सकती । इतना वह सोचते हुए ही वह उस ब्लेड को एक नजर देखटी है और फिर उस ब्लेड को उठाकर वह उस टेबल पर रख देती है और फिर वह वहां से वॉशरूम में फ्रेश होने के लिए आगे बढ़ जाती है । कुछ देर में आश्वि तैयार होकर वह जल्दी से बाहर निकलती है। और फिर वह अपना बैग लेकर आश्रम से बाहर निकाल कर आगे बढ़ जाती है तभी सामने से उसे अम्मा जी दिखती है तो आश्वि उनके पास जाते हुए ही बोली__ मैं अभी कंपनी के लिए जा रही हूं कुछ अर्जेंट काम आ गया है। इतना बोलकर वो जल्दी से वहां से भी आगे बढ़ जाती है । आश्वी टैक्सी करके कुछ ही वक्त में ओबेरॉय इंडस्ट्रीज के बाहर आकर रूकती है । और फिर वह टैक्सी में से बाहर निकाल कर ओबेरॉय इंडस्ट्रीज के अंदर आ जाती है। वहीं दर्शित के सामने पूरी कंपनी का CCTV Live फुटेज चल रहा था। जिसमें जो कोई भी क्या-क्या कर रहा था वह सब कुछ दिख रहा था। वही अब दर्शित की नजर अब एक जगह जम चुकी थी। क्योंकि एंट्रेस्ट गेट से आश्वी को जल्दी से घबराते हुए ही कंपनी के अंदर आते हुए देखता है। वही आश्वि वहां से फिर चलते हुए आगे बढ़कर अपनी केबिन के पास आती है। जहां उसके केबिन के पास ही मैनेजर की केबिन भी थी उसकी तरफ चली जाती है । और मैनेजर की केबिन के अंदर जाते हुए वो बोली___ क्या हुआ सर ???आप आपने इतनी जल्दी क्यों बुलाया मुझे ?? इतना सुनते ही मेनेजर जल्दी से खड़ा होता है और उसके चेहरे पर अभी भी पसीना था वह पोंछकर मेनेजर बोला __ तुम जल्दी से दर्शित सर के केबिन में जाओ। तुम्हें बुला रहे हैं सर । तभी आश्वि बोली __ लेकिन वह उसका फ्लोर कौन सा है मुझे पता ही नहीं और मैं ने तो कभी उन्हें देखा ही नहीं,, वह कहां पर मिलेंगे ?? और उन्हें क्या काम है मुझसे?? इतना सुनते ही मैनेजर बोला __ अरे मेरी मां चुप हो जाओ बाद में इतने सारे क्वेश्चन पूछ लेना। अभी वहां पर तुमहे जाना है।तो जाओ जल्दी। आश्वी थोड़ी परेशान होकर बोली_ konse floor पर?? तभी मैनेजर बोला 15th फ्लोर पर चले जाओ । वहां पर उनकी ऑफिस मिल जाएगी । आश्वि बोली_ ठीक है सर में जाति hu । आश्वी कुछ परेशान हो जाती है लेकिन वो वहासे निकलकर वह जल्दी से लिफ्ट में आकर 15th फ्लोर पर बटन को प्रेस करती है और वह लिफ्ट ऊपर की तरफ चल पड़ती है । वही आश्वि लिफ्ट में भी सोच रही थी कि क्या काम होगा सर को ?? lift 15 में फ्लोर पर आकर रूकती है और आश्वि बाहर निकलती है। अभी के लिए आश्वि अपना गम भूल गई थी। आध्वी थोड़ी घबराई हुई लग रही थी। क्योंकि आज पहली बार वो इस कंपनी के 15 वे फ्लोर पर आ रही थी। जहां पर उसे कोई भी दिख नहीं रहा था । आश्वी घबराई हुई नजरों से अपने आसपास देखती है। लेकिन वहां पर कोई लोग भी नहीं थे । वह पूरा फ्लोर जहां पर शांति पसली हुई थी । और सब की आफिस बहुत ही लग्जरियस दिख रही थी । आश्वी अपने मन में बोली __ यहां पर तो देखो कितनी अच्छे-अच्छे ऑफिस बनी हुई है । लेकिन दर्शित सर की कौन सी वाली ऑफिस होगी?? इतना सोचते हुए वह आगे बढ़ जाती है । वह थोड़ी डरते डरते ही आगे बढ़ रही थी ।उसे बहुत ही ज्यादा घबराहट भी हो रही थी। वही ऑफिस में दर्शित लाइव फुटेज देख रहा था । जिसमें आश्बी घबराई हुई नजरों से चारों तरफ देख रही थी और आश्वि को देखकर दर्शित के मुंह से बस इतना ही निकलता है माय हार्ट बीट आ गई तुम आखिर मेरे पास । अब तुम्हें दूर जाने की इजाजत नहीं है। " तुम आई तो अपने मर्जी से हो " लेकिन जाओगे मेरी मर्जी से । और ....नहीं __नहीं__नहीं _ तुम आई भी मेरी मर्जी से ही हो" और जाओगी भी मेरी मर्जी से। इतना बोलते हुए ही वो हंसने लगता है और उस ऑफिस में उसकी डरावनी हंसी गूंज रही थी वही आश्वि धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी। तभी उसे दर्शित की केबिन दिखती है जिसके बाहर दर्शित ओबेरॉय लिखा हुआ था और आश्वी भी आगे बढ़कर उस केबिन के दरवाजे के पास जाकर खुद को शांत करती है और फिर वह एक दो बार भगवान का नाम लेकर गेट को nock करती है। तभी अंदर से दर्शित की आवाज आई_ कम इन.। आवाज सुनते ही पता नहीं क्यों लेकिन आश्वी की धड़कन तेज हो जाती है ।और वह अपने आप को संभालते हुए ही केबिन का दरवाजा खोलकर अंदर जाती है । और जब वह सामने देखती है तो सामने दर्शित चेयर पलट कर बैठा हुआ था । उसका चेहरा दीवार की तरफ था । और वह वैसे बैठे हुए ही बोला ___ आ गई तुम My little rabbit" । इतना सुनते ही आश्वि हैरानी से सामने देखने लगती है। वही दर्शित एक झटके के साथ ही पलटता है और वह धीरे-धीरे अपना चेहरा ऊपर करता है और वह डेविल स्माइल करते हुए ही आशवी को देखता है । वही आश्वि जब darshit ko देखती हैं तो उसे पता नहीं क्यों लेकिन उसे लगता है कि उसने पहले भी वो दर्शित से मिल चुकी है और उसने कहीं तो इन्हें देखा है । वह कुछ सोचने लगती है तभी उसे याद आता है कि हां इसे तो उसने लाल पहाड़ी पर देखा था। जब वह रो रही थी तभी इनसे बात हुई थी। आश्वी अभी सोच ही रही थी की कभी दर्शित अपनी चेयर से एक झटके च के साथ ही खड़ा हो जाता है,,वही आश्वि होश में आकर दो कदम पीछे हट जाती है। आश्वि हैरानी से दर्शित को देखने लगती है । तभी दर्शित आश्वी की तरफ जाते हुए ही बोला __ तो बताओ मैं तुम्हें कौन से नाम से बुलाऊं ?? " क्योंकि तुम जब मेरे करीब आती हो ना तो मेरी दिल की धड़कन तेज तेज धड़कने लगती है " तो मैं तुम्हें _____ My Heart" कहकर बुलाऊं या फिर____ My little rabbit" क्योंकि तुम हो ही इतनी मासूम एक खरगोश की तरह। तो क्या कहकर बुलाऊं में तुम्हे?? " या फिर दोनों ही नाम से बुलाऊं ??!!! वही आश्वि तो कुछ समझ ही नही पा आ रहा था वो तो हैरानी सुन रही थी। और उसे समझ नहीं आ रहा था वह क्या करें वह पीछे अपने कदम ले रही थी । और दर्शित उसकी तरफ आगे कदम बढ़ा रहा था। वही आश्वि बोली,_ सर आप इधर kyu AAA rhe hau ,,प्लीज सर आप क्या कर रहे हैं। आपको मुझसे जो काम है। वह बोले ना और ऐसी फालतू की बातें ना करें मुझसे। दर्शित ने कहा ___ My Heart " तुम्हें क्या यह फालतू की बातें लग रही है । अच्छा चलो कुछ अच्छी बातें करते हैं फिर चलो । इतना बोलते हुए वह आगे बढ़ने लगता है । वही आश्वि पीछे हट रही थी और वह दीवार से चिपक जाती है । और अब पीछे जाने का कोई रास्ता ही नहीं था,,, तो वह अपनी आंखों में हल्की नमी के साथ डरते हुए ही बोली __ सर क्या मैं जाऊं ,,आपको कुछ काम नहीं है तो ??? तभी दर्शित आगे बढ़कर उसके बेहद करीब आ जाता है। और उसकी कमर पर हाथ रखकर उसे एक झटके में ही अपने करीब खींच लेता है । और उसकी आंखों में आंखें डालकर उसे अपने बेहद करीब करते हुए ही बोला ___ अब तुम मेरी मर्जी के बिना मुझसे दूर नहीं जा सकती माय हार्ट। वही इतना सुनते ही आश्वि हैरानी से उसे देखने लगती है । उसे समझ में भिनाय की एक पल में हुआ क्या !! वो दर्शित के सीने पर हाथ रखकर उससे दूर जाने की कोशिश करती है और बोलि __ ये आप क्या कर रहे हैं?? ये क्या बदतमीजी है ??? वहीं दर्शित ,, आश्वी के बालो को स्मेल करते हुए ही ही बोला ___ मैं बदतमीजी कर रहा हूं?? अगर मे बदतमीजी करने पर आ गया ना तो तुम मुझे झेल nhi पाओगी my little Rabbit " आश्वि अपने आप को छुड़ाते हुए बोली__ ये क्या बदतमीजी है ?? आप ईस कंपनी के मालिक है तो इसका मतलब यह नहीं कि आप मेरे साथ जो चाहे वह करें । तभी दर्शित उसकी आंखों में आंखें डालकर उसके चेहरे से उसके बालों की लटो हटाते हुए ही उसके आंखों में आंखें डाल कर बोला ___ मैं तुम्हारे साथ जो चाहे वह कर सकता हूं rabbit " aur तुम मुझे रोक भी नहीं सकती । आश्वि हैरानी से दर्शित को देखते हुए ही वह डरते डरते ही अपने आंखों में आंसू लिए ही बोली___ प्लीज सर मुझे छोड़ दीजिए । ऐसी बदतमीजी ना करें मेरे साथ प्लीज़ छोड़ दीजिए । वह इतना ही बोली थी कि तभी दर्शित उसे एक झटके में ही उसे अपने गोद में उठा लेता है । वही आश्वी तो एक पल के लिए हैरान हो जाती है । कि यह एक दो पल में क्या उसके साथ ?? आश्वि कसमसाने लगती है । और वो बोली__ आप सच में बहुत ही निहायती किस्म के घटिया इंसान है छोड़िए मुझे । मुझे इस कंपनी में काम ही नहीं करना आपसे दूर जाना है । छोड़िए मुझे। इतना ही वह बोली थी कि तभी दर्शित उसे गोद में उठाए हुए ही वो जाकर चेयर पर बैठ जाता है । और उसे अपने गोद में बिठा लेता है । वहीं आश्वि दर्शित के गोद से उठने की कोशिश करती है लेकिन तभी फिर से दर्शित उसकी कमर को पड़कर उसे झटके में अपनी गोद में बैठा लेता है। और उसे कसके पकड़ते हुए ही वह एक हाथ से उसकी कमर को पकड़ता है और एक हाथ से उसके बालों में ले जाकर उसके बालों को कस्कर पड़कर आश्वी का चेहरा ऊपर करते हुए ही बोला ___ थोड़ा ध्यान से " My Heart " कहीं अगर तुम्हारे मुंह से निकले शब्द सुनके जो मेरे दिमाग है उसे बुरा लग गया ना तो तो फिर मेरे गुस्से से ,,में खुद भी तुम्हें नहीं बचा सकता । इतना सुनते ही आश्वि बोली ___ आप सच में बहुत बुरे हैं। ऐसे किसी अनजान लड़की को ऐसे कैसे आप उसके साथ बतमीजी कर सकते हैं ?? कैसे उसके साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं?? वही इतना सुनते ही दर्शित ,, आश्वी के बालो को और कसके पकड़ता है और जिससे आश्वि की हल्की आह निकल जाती है। आश्वी अपनी आंखों में नमी लिए ही बोली,___ " आह..." दर्द हो रहा है मुझे " दर्शित उसके बालों को कसके पकड़े हुए वैसे ही हल्के गुस्से के साथ बोला ___ अच्छा तो क्या तुम कभी किसी गैरों की बाहों में ,,,,किसी अनजान की बाहों में कभी नहीं गई ??? इतना सुनते ही आश्वी की आंखों से आंसू बह जाते हैं । और उस एक पल में ही बीती हुई रात याद आती है । जिसमें वह किसी ऐसे इंसान की बाहों में थी जिसे वो जानती भी nhi thi ,, वो किसी अनजान की बाहों में ही थी।"" जिसकी बाहों में उसने पूरी रात गुजारी थी।" दर्शित की एक लाइन ने आश्वि को फिर से दर्द की खाई में फेंक दिया था। दर्शित ने कहा ___ बोलो ना ,,little rabbit "" क्या तुम कभी नहीं गई किसी अनजान की बाहों में??? " आगे जारी है" । तो क्या होगा आगे ?? क्या आश्वी खुद को बचा पाएगी,, दर्शित की ज़िद से?? क्या आश्वी भुला पाएगी बीती रात को,?क्या करेगा अब आगे दर्शित? क्या वो आश्वी को अपने से दूर जाने देगा??