ये कहानी है आश्वी और दर्शित oberoi कि। अपने ही होने वाले पति से धोखा खाने के बाद आश्वि ने अनजाने में ही बिताई एक रात किसी गैर की बाहों में! ,,और वो हो जाती है उसके बाद प्रेगनेंट! वही दुसरी तरफ है, दर्शित ओबेरोई,जो ऐशिया का नंबर वन बिजनेस मैन है और सा... ये कहानी है आश्वी और दर्शित oberoi कि। अपने ही होने वाले पति से धोखा खाने के बाद आश्वि ने अनजाने में ही बिताई एक रात किसी गैर की बाहों में! ,,और वो हो जाती है उसके बाद प्रेगनेंट! वही दुसरी तरफ है, दर्शित ओबेरोई,जो ऐशिया का नंबर वन बिजनेस मैन है और साथ में ही एक माफिया किंग भी ,जो है ये राज दुनिया से छुपा। और जब दर्शित पहली बार ही वो आश्वि को देखता है ,तो पहली ही नजर में आश्वि उसकी दीवानगी,,पागल पन,, जूनून,सब बन जाती है ,,जिसे वो कोई भी कीमत पर पाना चाहता था। तो कैसे दर्शित ओबेरॉय,, आश्वि को अपना जुनून बनाएगा?? क्या आश्वि उस बच्चे को जन्म देगी?? क्या आश्व्वी जान पाएगी , की उस रात को वो किसके बाहों में थी?? कोन होगा , आश्वि के पेट में पल रहे बच्चे का बाप?? क्या होगा आश्वी का फैसला उस रात के बाद? आखिर किस हद तक जाएगा दर्शित ओब्रॉई, आश्वी को पाने के लिए?? जानने के लिए पढ़ते रहिए "
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Club night एक क्लब जहां बहुत ही ज्यादा शोर सराबा हो रहा था और चारों तरफ सब लोग नशे में चूर होकर नाच रहे थे । हर तरफ बस शोर ही शोर हो रहा था । और उसे क्लब के अंदर हल्की हल्की डिम लाइट जगमंगा रही थी। किसी को होश नही था बस सब अपने msti me मग्न थे। और वहां पर बड़ी तेज म्यूजिक बज रहा था । वही इसी क्लब के सेकंड फ्लोर के एक कमरे के अंदर एक शख्स अपने पैर पर पैर चढ़ा कर बैठा हुआ था। और उसके आसपास ही और भी लोग खड़े हुए थे ।वही वह शख्स किसी राजा महाराजा की तरह ही बैठा हुआ था और वह वाइन के गिलास से सिंप ले रहा था । बेहद ही हैंडसम और हॉट पर्सनालिटी का वह हैंडसम हंक कयामत ढा रहा था।वही उसके सामने सोफे पर तीन लोग और बैठे हुए थे। उनमें से एक जिसका नाम सतीश था वह बोला ," तो मिस्टर ओबेरॉय क्या सोचा है आपने ? क्या यह deal पक्की समझे? तो क्या हम आपको जो चीज देने वाले हैं वह चीज आपको दे दे ?" वही इतना सुनते ही दर्शित ओबेरॉय सोफे पर ठीक से बैठते हुए ही वाइन का गिलास नीचे रखता है और फिर वह टेबल पर पड़ी हुई सिगरेट को उठाता है और सिगरेट को उठाते हुए ही अपने मुंह में रखकर वह सिगरेट को जलाकर उसके कश लेने लगता है।वही सब लोग दर्शित को ही देख रहे थे ।और उसके बोलने का इंतजार कर रहे थे।आखिर उसके एक जवाब पर ही वह deal tiki हुई थी।वही उस रूम के अंदर पूरा सन्नाटा फैला हुआ था। वही दर्शित ओबेरॉय अपनी सिगरेट से कश लेते हुए ही धुआं वहीं पर ही हवा में छोड़ता है और फिर वह अपनी आंखें गोल गोल घुमाते हुए अपनी ब्राउन आइज से सामने बैठे उन तीनों को ही देखते हुए ही बोला ," हा हा क्यों नहीं यह deal मुझे मंजूर है। इस deal में मुझे प्रॉफिट ही प्रॉफिट दिख रहा है । और वैसे भी जहां प्रॉफिट होता है वहीं पर ही दर्शित ओबेरॉय अपनी डील करता है ।" वही सामने बैठे वह तीनों ही शख्स के चेहरे पर पसीना आ रहा था ।वह बार-बार अपना पसीना पोंछ रहे थे ।तभी दर्शित उन उन तीनो को ही देखते हुए ही सिगरेट के कश लेते हुए बोला ," अरे डोंट वरी , don't worry , चिंता ना करें । "आप लोगों को किस बात की टेंशन हो रही है ?इतना पसीना क्यों आ रहा है आप सबको?फिर वह अपने पास में ही खड़ी लड़की यानी की सनाया जो की उसकी पर्सनल सेक्रेटरी थी और दोस्त भी थी, उसे देखते हुए ही बोला ,"सनाया जरा मेहमानों को टिशु पेपर तो दो पसीना पोंछने के लिए।" वही तभी सामने बैठे उन तीनों में से सतीश बोला," अरे नहीं सर आप बस deal फिक्स करिए । और हम जो ची....चीज आपको देने वाले हैं वह दे देते हैं। इतना सुनते ही दर्शित बोला ," अरे सतीश साहब किस बात की टेंशन हो रही है आपको। किस बात का इतना खौफ है जो आप ठीक से बोल भी नहीं पा रहे?" वही इतना सुनते ही सतीश अपने चेहरे से पसीना पोंछने हुए ही बोला ," जी सर ऐसी बात नहीं है । लेकिन बस वह थोड़ा सा सफोकेशन हो रहा है और बस और कुछ बात नहीं है ।" वही इतना सुनते ही दर्शित वहां पर जोर-जोर से हंसने लगता है ।और वह एक डेविल की तरह हंस रहा था । वह हंसते हुए ही बोला ," आखिर सच सच क्यों नहीं बोल देते की आपको दर्शित ऑब्रॉयस से डर लग रहा है । और वैसे भी दर्शित ओबेरॉय से सब को डर लगना ही चाहिए ।" वही इतना सुनते ही वह तीनों ही अपने आसपास देखने लगते हैं । वही तभी सतीश बोला ," sir प्लीज आप जल्दी से deal फिक्स कीजिए ना।" दर्शित हंसते हुए ही एक डेविल स्माइल करते हुए ही बोला ," क्या जल्दी है इतनी? थोडा enjoy kare आप। " तभी सतीश बोला," वह सर आजकल वो जासूस हमारे पीछे बहुत लगे हुए हैं । वह किसी भी वक्त आ सकते हैं । इसीलिए अगर डील जल्दी से फिक्स हो जाए तो अच्छा रहेगा ।" दर्शित बोला ," ठीक है फिर दे दीजिए bag सनाया को।" दर्शित बोला ," सनाया चेक करो उसे बैग को।" इतना सुनते ही सतीश वह बैग सनाया को दे देता है।और फिर सनाया चेक करती है उस bag में हीरे थे । और वह हीरे किसी भी हाल में दर्शित को चाहिए थे । इसीलिए उसने सतीश को मुंह मांगे रकम देने को बोला भी था ,हीरे के बदले। और यह deal एक illegal deal थी । सनाया बोली ," सब कुछ ठीक ही है।" तभी दर्शित सनाया को देखते हुए ही इशारा करता है ।वही सनाया उसका इशारे को समझकर फिर वह वहां से पीछे हट जाती है । और उस bag को लेकर इस कमरे से बाहर निकल जाती है ।वही फिर दर्शित सामने सतीश को देखते हुए ही बोला ," आपको यकीन तो है ना मिस्टर सतीष श्रीवास्तव,की आपको आपके पैसे मिल जाएंगे। " इतना सुनते ही सतीश थोड़ा चिंतित होते हुए ही बोला ," जी जी mr Oberoi, अभी आप पैसे दे दिजिए हमे थोडी जल्दी है।" तभी दर्शित हंसते हुए ही बोला ," hmm आपको आपके पैसे आपके घर पे मिल जायेंगे। " तो सतीष बोला ," अरे लेकिन मिस्टर ओबरॉय आपने तो बोला था कि आप मुझे यहां पर ही पैसे देंगे । वह क्या है ना मुझे अभी पैसों की बहुत जरूरत है तो आप अभी ही दे दे तो अच्छा रहेगा।" इतना सुनते ही दर्शीत हंसते हुए ही बोला," तुम्हें क्या लगता है क्या मैं तुम्हें पागल लगता हूं ? जो मैं तुम्हें इतने पैसे यहां पर ही दे दूंगा ? यहां पर कुछ भी हो सकता है । कुछ भी मतलब कुछ भी । तुम जेल भी जा सकते हो । और अगर तुम चाहो जेल जाना तो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है।" तभी सतीश अपने आसपास हुए ही दर्शित को देखते हुए बोला ," लेकिन मिस्टर ओबेरॉय इसमें क्या गलत बात है । सिर्फ पैसे ही तो है । " तभी दर्शित एक डेविल स्माइल करते हुए ही बोला ," वो पैसे भी जेल भिजवा सकते है। और ठीक है फिर 5 मिनिट रुककर अगर देखना चाहते हो तो देखो। सिर्फ 5 मिनट में देख लो।" इतना बोलते हुए ही वह सिगरेट के कश लेने लगता है। और अब उस कमरे के अंदर पूरा सन्नाटा हो गया था।वही इंतजार था उस 5 मिनट में क्या होने वाला है। तभी अभी ठीक से 3 मिनट भी नहीं बीते थे कि उसे कमरे का दरवाजा कोई खटखटाता है।तभी इतना सुनते ही दर्शित हंसने लगता है । और वह सिगरेट की कश लेते हुए ही धुएं को हवा में छोड़ते हुए ही बोला ," देख लो मिस्टर सतीश श्रीवास्तव । " तभी सतीश और उसके साथ दो लोग जो सोफे पर बैठे हुए थे वह सामने देखते हैं। वही सामने दर्शित का एक बॉडीगार्ड जाकर कमरे का दरवाजा खोलना है । तो सामने चार लोग खड़े हुए थे। और वह चारों लोग में से दो लडकी और दो लडके खडे हुए थे।उन चारो में से एक लड़की आगे आते हुए बोली," hello,I am agent नेहा शर्मा। मुझे आपके कमरे की तलाशी लेनी है हमें खबर मिली है कि आपका कमरे में एक इल्लीगल डील हो रही है।" इतना सुनते ही वह बॉडीगार्ड बोला ,"लेकिन यहां ऐसा कुछ नही हो रहा आप यहां से जा सकते हैं।" तभी दर्शित बोला ," आने दो उसे अंदर।" इतना सुनते ही बॉडीगार्ड पीछे हट जाता है ।और वही वह चारों लोग ही अंदर आ जाते हैं। और वह दर्शित के सामने ही खड़े हो जाते हैं । तभी darshit उन चारों को देखते हुए ही हंसते लगता है। और वह हंसते हुए ही बोला ," wah to आप यहां पर आ ही गए। मुझे पता तो था कि आप आएंगे ही लेकिन नेहा जी आपना है बार गलती कर देती है । बार-बार आप aa jati है मुझे हराने के लिए। नेहा जी आप ना बार बार हारने के बाद कुछ तो सिख लीजिए। या फिर इतना कीजिए अपने दिमाग में एक बात बिठा लीजिए की दर्शित ओबेरॉय को हराना नामुमकिन है। अभी इस दुनिया में कोई ऐसा पैदा नहीं हुआ जो दर्शित ओबरॉय को हरा सके। इतना सुनते ही नेहा अपने दांत पीसते हुए ही बोली ," वो तो वक्त ही बताएगा सब कुछ । फिलहाल मिस्टर ओबेरॉय आप अपना काम कीजिए। और हमें अपना काम करने दीजिए।" इतना बोलते हुए ही नेहा बोली ," समीर राकेश प्रीति सब तलाशी लो इस कमरे की। और कुछ भी छूटना नहीं चाहिए।" इतना बोलकर वह भी तलाशी लेने लगती है उसे कमरे की और हर bag अलमारी और सब कुछ जो वहां पर पड़ा हुआ था उसे चेक करने लगते हैं ।वही सतीश तो उन चारों को देखकर ही चौंक गया था। और वह तो वैसे ही सुन्न सा बैठा हुआ था।वही दर्शित सतीश को देखते हुए ही डेविल स्माइल करते हुए ही फिर से अपना सर पीछे सोफे पे टिका देता है। और वह आराम से सिगरेट के कश लेने लगता है। वही नेहा प्रीति समीर राकेश उन चारों ने पूरा कमरा छान मारा लेकिन वहां पर कुछ भी मिल नहीं रहा था। तभी दर्शित बोला ," अगर कुछ मिल जाए तो मुझे भी बता देना नेहा जी। वैसे मुझसे ना यह बार-बार आपकी हार बर्दाश्त नहीं होती है । लेकिन क्या करूं आदत से मजबूर हूं, हारना कभी सीखा ही नहीं दर्शित ओबेरॉय ने।" वही नेहा उसे देखते हुए ही बोली ," आप जैसे घटिया इंसान मैंने आज तक नहीं देखा।" तभी दर्शित नेहा को देखते हुए ही बोला ," और देखोगी भी नहीं ।" इतना बोलकर वह नेहा को एक आंख मार देता है। और वह हंसने लगता है। वही नेहा गुस्से से अपनी मुठिया कश लेती है । वही तभी दर्शित सामने बैठे उन तीनों को ही देखते हुए ही बोला ," अब आप जा सकते हैं मिस्टर सतीश । यह लोग तो वैसे भी तलाशी लेते ही रहेंगे इसके हाथ कुछ लगने वाला नहीं है।" वहीं नेहा बोली ," नहीं अभी यह नहीं जा सकते उनकी तलाशी लेनी है ।" तभी दर्शित बोला ," आप ऐसे बिना वारंट के या फिर बिना कोई आर्डर के ऐसे किसी की भी तलाशी नहीं ले सकती समझ में आई बात ऐसे आपको अगर कोई भी खबर मिली हो और आप चली आती है। लेकिन में आपको रोकता नही हु आखिर दिल के हाथों मजबूर हु। " तभी नेहा बोली ," मिस्टर ओबरॉय आप बहुत ज्यादा ही बेशर्म है ।" तभी उसे एक आंख मारते हुए ही बोला ," हद से ज्यादा बेशर्म हू।" वही तभी सतीश और उनके साथी वो तीनों ही वहां से उसे कमरे से बाहर निकल जाते हैं।वहीं दर्शित अपने बॉडीगार्ड को भी इशारा करता है ।तो वह लोग भी कमरे से बाहर चले जाते हैं। अब उसे कमरे में सिर्फ दर्शित और वो चार लोग ही थे।दर्शित डेविल स्माइल करते हुए ही उनको देख रहा था। वही पूरे कमरे की पूरी तरह से तलाशी ले जा चुकी थी और उन लोगों के हाथ कुछ भी लगा नहीं था । तभी नेहा बोली ," प्रीति समीर ,राकेश चलो यहां से।" इतना वह गुस्से से ही बोलती है।तभी वह तीनों भी आगे बढ़ जाते हैं । तभी दर्शित बोला ," अरे रुके तो सही नेहा जी ।आपसे बात करनी है ।" नेहा , दर्शित को देखते हुए ही गुस्से से ही प्रीति राकेश और समीर को देखते हुए बोली," आप तीनों बाहर जाओ में अभी आती हूं। " वही वह तीनों ही कमरे से बाहर निकल जाते हैं । वहीं अब उस कमरे में नेहा और दर्शीत ही थे ।तभी दर्शित अपनी सिगरेट को पैरों तले दबाता है और उसे बुझा देता है । फिर वह खड़े होते हुए ही नेहा के पास आकर उसके चारों तरफ चक्कर लगाते हुए ही बोला ," वैसे आप खूबसूरत तो बहुत है । लेकिन वह क्या है ना आपके पास दिमाग की कमी है। " वही नेहा अपनी मुठिया कश लेती है। और वहीं पर ही खड़ी रहती हैं।वहीं दर्शित नेहा के चक्कर लगा रहा था और फिर वह उसके पीछे जाकर एकदम उसके कंधों के पास अपना चहरा रखते हुए ही बोला ," वैसे एजेंट नेहा मैं आपको यह बोल रहा था कि आप जितनी बार चाहे उतनी बार आप मुझे हराने की कोशिश कर सकती है ।लेकिन मैं आपको यह बात भी बता दूं कि आप उसमें सफल नहीं हो पाएगी। " तभी नेहा गुस्से से ही उससे दूर जाने लगती है । वही दर्शित उसकी कमर को कस के पकड़े हुए ही उसके कान के पास जाकर बोला ," वैसे तुम्हारा गुस्सा bhot अच्छा लगा मुझे तुम कहो तो इस गुस्से को खूसी में तबदील कर सकता हूं । अगर तुम चाहो तो इस रात को अच्छे से साथ में बिता सकते हैं। और तुम्हें में इस रात में में तुम्हे पूरी खुशी दूंगा। अगर तुम चाहो तो इतना सुनते ही नेहा दर्शित के पेट में कोहनी मारती है और उससे दूर हो जाती है ।" वहीं दर्शित अपना पेट सहलाते हुए ही बोला ," वैसे नेहा आप wild बहुत हो। और आपको पता है मुझे वाइल्ड लोग बहुत पसंद है । इतना बोलते हुए वह फिर से उसे एक आंख मारता है।" वही नेहा गुस्से से उसको देखते हुए बोली ," मिस्टर ओबरॉय इतना ज्यादा हवा में उड़ना भी अच्छी बात नहीं है। कभी ना कभी तो इंसान गिरता जरूर है । और वह जमीन पर आकर ऐसे गिरता है कि उसकी औकात तक नहीं रहती उठने की।और कोई तो आएगा आपको जमीन पर मुंह के बल गिराने।" इतना सुनते दर्शित अपनी सीरियस आवाज में बोला ," और तुम भी एक बात सुनती जाओ ,मिस एजेंट नेहा । दर्शित ओबरॉय अपने दम पर खड़ा हुआ है । और उसे कोई गिरा सके ऐसा कोई माई का लाल पैदा नहीं हुआ आज तक इस दुनिया में ।समझ में आई बात।अब चलो निकलो यहां से । " इतना सुनते ही नेहा गुस्से से ही पैर पटकते हुए ही बाहर चली जाती है ।वही दर्शित फिर सोफे पर बैठ जाता है और वह एक गिलास में व्हिस्की डालते हुए ही पीने लगता है। वह ऐसे ही बैठे-बैठे ही दो गिलास व्हिस्की पी चुका था। उसकी ब्राउन आइज में अब नशा पूरी तरह से हावी था । और वह फिर भी इतना हैंडसम लग रहा था उसके माथे पर बिखरे हुए उसके बाल हल्की सी बियर्ड-गुलाबी से होंठ और उसने जो ब्लैक सूट पहना था उसमें तो वह कहर लग रहा था। दर्शित अभी शराब पी ही रहा था कि तभी उस कमरे का दरवाजा खुलता है और उस कमरे के अंदर सनाया चल कर आती है । सनाया दर्शित के सामने खड़ी होते हुए ही बोली ," काम पूरा हुआ। " इतना सुनते ही दर्शित सनाया को देखते हुए ही बोला ," i need your body 's"