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रूही:Reborn my innocent ex wife

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Anjana Singh

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सुबह के तीन बजे रहे थे चारों तरफ अंधेरा था,स्ट्रीट लाइट की जलती रोशनी में एक लड़की भागते हुए आ रही थी जिस रोड पर वह भाग रहीं थीं! उसके सहारे से ही एक नदी अपनी उफनती हुई धाराओं के साथ रह रही थी उसे नदी के बहते हुए पानी के शोर में उस लड़की की अनियमित च...

Total Chapters (2)

Page 1 of 1

  • 1. रूही:Reborn my innocent ex wife - Chapter 1

    Words: 1140

    Estimated Reading Time: 7 min

    सुबह के तीन बजे रहे थे चारों तरफ अंधेरा था,स्ट्रीट लाइट की जलती रोशनी में एक लड़की भागते हुए आ रही थी जिस रोड पर वह भाग रहीं थीं! उसके सहारे से ही एक नदी अपनी उफनती हुई धाराओं के साथ रह रही थी उसे नदी के बहते हुए पानी के शोर में उस लड़की की अनियमित चलती सांसों की आवाज दब गई थी! ये लड़की और कोई नहीं हमारी इस कहानी की मेन लीड रूही सिंह थी इस समय उसे लड़की की हालत बहुत ही ज्यादा खराब थी....




    वह लड़की उस नदी के दुसरी तरह सामने खड़े हुए एक घर के सामने आकर रूकती है इसे एक घर कहना गलत होगा क्योंकि यह एक आलीशान हवेली थी!




    वह लड़की जल्दी से गेट खटखटाती है !तो वहां से गार्ड निकाल कर बाहर आता है ,और उस लड़की को देखकर वह गॉर्ड अपनी आंखें सुकोड लेता है, जैसे कुछ नहीं पता नहीं कितनी घिन भरी चीज देख ली हो उसे देखकर ऐसा लग रहा था,जेसे वह इस दुनिया में सबसे ज्यादा नफरत इस लड़की से करता हो !



    वहीं उस गार्ड को देखकर लड़की बोलती है",मुझे रुद्र से मिलना है गेट खेलों ..!"




    "माफी चाहता हूं"


    उस लड़की की बात सुनकर उस गॉर्ड ने कहा",सर ने कहा है कि तुम कुत्तों से भी बदत्तर हो और घर में किसी कुत्ते के आने की अनुमति नहीं है तो फिर तुम कैसे अंदर आ सकती हो !"


    यह बोलते हुए वह उसे घूरने लगा वहीं उसकी बातों का मतलब वह लड़की बहुत अच्छे से समझ रही थी!




    उसने अपने दिल में उथल-पुथल महसूस की उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसके अंदर कुछ टूट रहा है और उसकी जान निकल रही है! लेकिन फिर भी निराशा से वह तेजी से रोते हुए बोलती है



    ",रुद्र बाहर आओ मुझे तुमसे बात करनी है !मुझे तुम्हें बताना है  दादाजी की मौत से मेरा कोई लेना-देना नहीं है! मैं उस वक्त बेहोश थी और जब उठी तो दादाजी का देहांत हो गया था......तुम मेरी बात सुन रहे हो ना....बाहर आओ मुझे तुमसे बात करनी है!"




    वहीं गार्ड उससे कुछ नहीं बोला लेकिन गुस्से में उसके घबराए हुए चेहरे को घूरता रहा जैसे उस लड़की के चीखने चिल्लाने से कोई मतलब ही नहीं था!




    "भूल जाओ !"



    इस एक धीमी सी आवाज उस गार्ड के पीछे से आई तो रूही नजर उठा कर देखती है तो एक सत्ताईस साल की लड़की लोहे के गेट के अंदर खड़ी हुई थी वह लंबी और पतली थी!




    "वह तुमसे नहीं मिलेगा,दादाजी का निधन हो गया है इसलिए यहां पर तमाशा मत करो क्योंकि हम सब शांति चाहते हैं!तुम यहां तमाशा करके क्या साबित करना चाहती हो?"



    यह बोलते हुए वह लड़की अपनी आंखों में नफरत लिए हुए रूही को घूरने लगी....यह वही थी  रुद्र की रखैल जिसका नाम दिया था! जिसे रूही ने कभी अपना सच्चा दोस्त माना था लेकिन उसने उसके ही पीठ में छुरा मार दिया और उसके हस्बैंड की फुल टाइम गर्लफ्रेंड या फिर बोले रखैल भोली बनने का नाटक करते हुए उसकी बीवी बन गई!




    पिछले पांच सालों से दिया रुद्र की बाहों को पकड़े हुए  हर जगह उसके साथ जाती थी मीडिया और बाहरी लोगों की नजरों में वही रुद्र की पत्नी थी उसने रूही का टाइटल यांनी की मिसेज राजपूत की जगह वास्तविक रूप में ले ली थी!



    और दूसरी ओर रूही एक सजावटी सामान से कुछ भी अधिक नहीं थी जो घर में सजावट के लिए रखा जाता है उसे घर से बाहर भी जाने की अनुमति नहीं थी क्योंकि राजपूत परिवार नहीं चाहता था की रूही दुनिया की नजरों में आए!





    उन लोगों की नजरों में अगर रुद्र की असली पत्नी कोई थी तो बस दिया ही थी !और रूही की वजह से दिया को किसी भी परेशानी का सामना करना पड़े तो पूरी दुनियां उन पर हस्ती क्योंकि बाहरी दुनिया की नजर में दिया ही रुद्र की पत्नी मिसेज राजपूत थी रूही दुनिया वालों की नजरों में आती तो सच्चाई खुल जाती, फिर दिया को सब रुद्र की रखैल बोलते जो उसके परिवार को मंजूर नहीं था आखिर रूद्र उनका लाडला था और वह दिया से प्यार जो करता था..!



    दिया धीरे-धीरे करके उस दरवाजे से बाहर निकल कर आने लगी वही उसे दिया को बाहर आते हुए देखकर उस गार्ड ने आदरपूर्वक उसके सामने अपना सिर झुकाकर पूरा गेट खोल दिया!



    इस समय दोनों महिलाओं को उस गॉर्ड का इज्जत देने का तरीका अलग-अलग था! वह रूही से उतनी ही नफरत करता था !जितना दिया की इज्जत या उससे भी ज्यादा नफरत करता था वही यह सब देखकर रूही को दिया से हद से ज्यादा नफरत होने लगी!



    "तुम दोनों जाओ और कुछ और काम करो मैं इससे अकेले में बात करना चाहती हूं !"



    दोनों गॉर्ड ने एक दूसरे की ओर देखा फिर सिर हिलाया और वहां से निकल गए!



    "मैंने दादाजी को नहीं मारा...!" रूही ने उसे गुस्से से घूरते हुए कहा!



    "मैं जानती हूं!,बेशक तुमने उन्हें नहीं मारा!


    दिया मुस्कुराते हुए उस गेट से बाहर चलकर आ गई जल्दी ही वह उसे नदी के पास आ गई जो रुद्र के घर के सामने बने रोड के दुसरी तरफ थी!



    वहां पर कोई भी लाइट नहीं थी तो यह बताना कठिन था कि वास्तव में दिया कहां खड़ी हुई है वही उसकी बात सुनकर रूही को लगा जैसे कुछ गड़बड़ है !



    उसने जल्दी से दिया का पीछा किया और पूछा" क्या मतलब है तुम्हारा?"



    "बेशक तुमने दादाजी को नहीं मारा मैंने ही तो तुम्हें घर से बाहर निकलवाने के लिए यह सब किया है फिर तुम घर में दादा जी को कैसे मार सकती हो क्योंकि जिस वक्त दादाजी की मौत हुई तुम तो उस वक्त घर पर ही नहीं थी !"वह सारकास्टिक तरीके से मुस्कुराते हुए बोली!



    वही रूही दिया को जेसे ही यह सब बोलते हुए देखा और कहां "तो वह तुम थी!"



    "बेशक !" दिया ने अपनी उंगली उसके होठों पर रख दी और मुस्कुराते हुए कहा!



    "क्या वास्तव में वह तुम ही थी....यू बिच...तुम कुतिया कहीं की.....दादाजी तुमसे कितना अच्छा व्यवहार करते थे! तुम्हें कितना प्यार करते थे तुमने ऐसा क्यों किया उन्हें मार कर तुम्हें क्या मिल गया?"



    "अच्छा?" दिया ने बात को बीच में ही काटते हुए कहा"अगर वह बूढ़ा नहीं होता तो रुद्र की पत्नी तुम्हारे बजाय मैं होती..! वह बूढ़ा मुझे तब से जानता था जब मैं छोटी बच्ची थी उसने मुझे कभी पसंद नहीं किया उसे तो बहुत पहले ही मर जाना चाहिए था उसकी हिम्मत भी कैसे हुई मेरे रुद्र की शादी तुमसे कराने की.."



    "तुम बहुत विश्वासघाती हो....तुमने जिस थाली में खाया उसी में छेद किया! मैं जाकर रूद्र को तुम्हारे किए गए सब गुनाह बताऊंगी..!"



    इतना बोल रही जैसे ही जाने के लिए मुड़ती है तो दिया को बिल्कुल भी डर नहीं लगा वह धीमे से मुस्कुराई और बोली "तुम्हें लगता है कि वह तुम पर विश्वास करेगा?"



    रूही रुक गई और जहां थी वहीं ठहर गई इस समय उसका पूरा शरीर कांप रहा था..........

  • 2. रूही:Reborn my innocent ex wife - Chapter 2

    Words: 1186

    Estimated Reading Time: 8 min

    "तुम बहुत विश्वासघाती हो....तुमने जिस थाली में खाया उसी में छेद किया! मैं जाकर रूद्र को तुम्हारे किए गए सब गुनाह बताऊंगी..!"



    इतना बोल रही जैसे ही जाने के लिए मुड़ती है तो दिया को बिल्कुल भी डर नहीं लगा वह धीमे से मुस्कुराई और बोली "तुम्हें लगता है कि वह तुम पर विश्वास करेगा?"



    रूही रुक गई और जहां थी वहीं ठहर गई इस समय उसका पूरा शरीर कांप रहा था




    "ऐसा ही हुआ था ना जब तुमने सबको यह समझाने की कोशिश की थी कि तुमने रूद्र को ड्रग्स नहीं दी थी किसी ने भी तुम्हारा विश्वास किया था रूही!"


    ये सब बोलते समय दिया की नजर उस बहती हुई नदी की पर टिकी हुई थी और उसके साथ उस नदी के किनारे लगी हुई उस रेलिंग पर !"



    रूही जल्दी से मुड़ी और दिया को आश्चर्यचकित होकर देखने लगी जैसे उसके कही हुई बात का उसे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा था!



    दिया ने उसके चेहरे के हाव-भाव को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया और कहा",और वह तुम ही थी ना जिसने कहा था कि तुमने आग नहीं लगाई पर किसी ने तुम पर विश्वास किया था!"



    "इसका मतलब दिया!" रूही को अचानक वास्तविकता का एहसास हुआ" वह तुम थी.!"



    "ऑफ कोर्स डार्लिंग वह मैं ही थी!"




    दिया ने कहा"तो क्या हुआ क्या?तुम्हें याद है जब तुम मेरे घर से गई थी मैं लगभग गैस लीक से मारने वाली थी! तुमने कहा कि तुमने कुछ नहीं किया लेकिन क्या किसी ने तुम्हारा विश्वास किया था ?और बाद में जब  रुद्र का अपहरण एक गिरोह ने किया और एक खाली गोदाम में उसे जलाने की कोशिश की गई,सभी ने देखा मैंने उसे बचाया था लेकिन तुम्हें उस जगह पर बेहोश पाया गया था!तुमने कहा कि तुमने आग नहीं लगाई लेकिन किसने वहां पर तुम्हारा विश्वास किया था?"



    अतीत में जो कुछ भी हुआ था वह सब सुनकर रूही ने अनजाने में अपने चेहरे को छुआ उसे उम्मीद नहीं थी कि उसकी सबसे अच्छी दोस्त उसके साथ ऐसा करेगी उस वक्त उसने अपनी पूरी ताकत से रूद्र को आग से बाहर धकेल दिया था लेकिन वह खुद समय पर उस आग से निकल नहीं पाई थी!



    उस आग ने उसके आधे चेहरे जला दिया जिससे उसका पूरा जीवन बर्बाद हो गया था क्योंकि उसके आधे जले हुए चेहरे को देखकर सभी को उससे नफरत हो गई थी और नफरत होती भी क्यों नहीं वह सिंह परिवार की अवैध बेटी जो थी!




    जब अठारह साल की उम्र में वह अपने परिवार में लौटी थी तो उसे पता था जिस आदमी से वह शादी करेगी उसका नाम रुद्र राजपूत था हालांकि उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि उसकी एक बचपन की प्रेमिका भी थी जिसका नाम दिया वर्मा था!



    बीस साल की उम्र में रुद्र से शादी करने के बाद उसकी तुलना लगातार दिया से होती रही थी !दिया एक प्रतिष्ठित और मासूम महिला होने का दिखावा करती थी जब कि सब की नजरों में रूही असभ्य थी !



    दिया दयालु और सुंदर थी जबकि रूही विश्वासघाती,दिया विदेश से अपनी पढ़ाई खत्म करके इंडिया लौट के आई थी और दूसरी और रूही ने रुद्र से शादी करने से पहले कॉलेज से स्नातक भी नहीं किया था वह बस इंटर पास थी!"



    "मैं बेवकूफों के जैसे अठारह से पच्चीस वर्ष की आयु तक दिया को एक अच्छी दोस्त के रूप में देखती रही हालांकि उसे उस समय इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि उसके पास जो कुछ भी था वह  दिया ने नष्ट कर दिया था क्योंकि वह उसे खुश नहीं देखना चाहती थी!"



    हर कोई जानता था की रूही ने दिया को उकसाने के लिए अपने पति को शादी की रात ड्रग्स दिया था उसने आग भी लगाई थी जिसने दिया को लगभग मार ही डाला था! वह जानबूझकर सीडीओ से गिरी ताकि रूद्र को अपने बच्चों को खोने का जिम्मेदार बता सके!



    उसकी पहले से बनी छवि ने सबको इस तरह से अंधा कर दिया कि उसने रुद्र के साथ तालमेल बनाने के लिए क्या किया ? जब उसने रुद्रा के प्रस्ताव को संशोधित करने के लिए देर की और वह बीमार हो गई तो उन्होंने कहा कि वह पाखंडी थी !उसने रुद्र के पेट दर्द का इलाज करने की कोशिश की और काढ़ा बनाना सी सीखा तो सब की नजरों में वह साजिश करने वाली बन गई जो रुद्र की नजरों में आना चाहती थी !जब उसने रुद्र के दादा की एक परपोते की इच्छा को साकार करने की कोशिश की और घर में रहकर खुद का खयाल रखना चाहा वह तो उन्होंने कहा कि मैं आलसी थी!"



    सिंह परिवार का दिवाला निकल जाने के बाद उन्होंने कहा कि वह एक सामाजिक भार और बदचलन है उसका गर्भपात होने के बाद उन्होंने कहा कि उसने इतने बुरे काम किए हैं कि वह गर्भवती होने के योग्य नहीं थी इसलिए भगवान ने उससे उसका बच्चा छीन लिया बाद में वह धीरे-धीरे समझ गई की दिया हमेशा सही थी और वह हमेशा गलत!



    उसे समझ आ गया था कि दिया के कहने पर जो उसने अपनी अच्छी छवि बनाने की कोशिश की थी उसे तो दिया ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया था क्योंकि वह दोस्त के भेष में छुपी हुई भेड़िया थी वह उसके साथ रहती और पीठ पीछे उसी के खिलाफ  सबके कान भरती रहती,जिसकी वजह से उसका पूरा परिवार उसके खिलाफ हो गया!




    यह सब उसके साथ कल तक हुआ था लेकिन जब वह सो कर उठी और पहली मंजिल की सीढ़िया पर जैसे ही उसकी नजर दादा जी के मृत शरीर पर गई तो वह हैरान रह गई उसे समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ!




    वह उस वक्त दूसरी मंजिल पर खड़ी थी और नीचे देख रही थी तभी पुलिस आई और स्वाभाविक रूप से उसे कातिल मान लिया क्योंकि वह दूसरी मंजिल पर खड़ी थी जबकि दादाजी का मृत शरीर पहली मंजिल पर पड़ा था सभी की नजरों से देखा जाए तो उनका मानना था की रूही ने उन्हें दुसरी मंजिल से धक्का देकर मार दिया !




    "तुम कुतिया! तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया ?



    "क्योंकि मैं नफरत करती थी तुमसे रूही! तुम्हारी वजह से मेरा रूद्र मुझसे दूर हो गया बचपन से लेकर आज तक हम दोनों एक दूसरे से बेपनाह प्यार करते थे लेकिन तुम्हारी वजह से हम दोनों अलग हो गए! रुद्र के बच्चे को मैं जन्म देना चाहती थी लेकिन तुमने अपने पेट में उसके बच्चे को रखने की हिम्मत भी कैसे की,तुम्हारे बच्चे को तो मरना ही था और वह बूढ़ा सबसे ज्यादा नफरत तो मुझे उस थी इसलिए उसे मार दिया !उसकी हिम्मत भी कैसे हुई थी मेरे रुद्र की शादी तुम जैसी दो कौड़ी की लड़की से कराने!"



    की यह सब बोलते हुए दिया की आंखों में रूही के लिए बेशुमार नफरत दिखाई दे रही थी!.





    वहीं उसकी बात सुनकर रूही गुस्से से पागल हो कर उसे मारने के लिए आगे गई वहीं दिया ने मार्शल आर्ट सीखा था उसने धोखे से रूही को चकमा दिया और उसकी गर्दन को दबोच लिया..



    वही उसके ऐसे करते ही रूही की आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है क्योंकि उसे साफ-साफ दिखाई दे रहा था कि दिया उसे नदी के तरफ धक्का देने की कोशिश कर रही थी....