ये कहानी है मासुम सी लड़की मुस्कान की जिसका नाम भले ही मुस्कान हो पर उसके चेहरे पर कभी मुस्कुराहट नही आई। मुस्कुराना क्या होता है उसे पता ही नही। सिधी - साधी सिम्पल सी मुस्कान की जिंदगी उसकी खुद की ही फैमीली ने ही नर्क बना रखी थी, हद तो तब हो गई उसके... ये कहानी है मासुम सी लड़की मुस्कान की जिसका नाम भले ही मुस्कान हो पर उसके चेहरे पर कभी मुस्कुराहट नही आई। मुस्कुराना क्या होता है उसे पता ही नही। सिधी - साधी सिम्पल सी मुस्कान की जिंदगी उसकी खुद की ही फैमीली ने ही नर्क बना रखी थी, हद तो तब हो गई उसके खुद मे बाप ने चालिस लाख के लालच मे आकर बाइस साल की उर्म मे उसकी शादी एक गुंडे से करा दी। अपनी सुहागरात के दिन मुस्कान हिम्मत करके उस नर्क से भागने का सोचती है ओर फस जाती है एक अंजान शख्स के चंगुल मे। जिसके बारे मे मुस्कान कुछ जानती थी। क्या वो अनजान शख्स ला पायेगा कभी मुस्कान के चेहरे की गायब को चुकी मुस्कुराहट या बना देगा उसकी जिंदगी ओर भी बद्तर? जानने के लिए पढ़ते रहिए " We meet again"
शिवराज चौहान
Hero
मुस्कान
Heroine
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Hii guy's so let's start the story 😊😊😊 एक घर के छोटे से कमरे मे एक लड़की आइने के सामने बैठी अपने जख्मो से भरे शरीर को निहार रही थी उसके माथे पर हल्की खुन की बुंदे थी जो सुख चुकी थी हाठो के किनारो पर भी खून लगा हुआ था । गौरे से गाल पर थप्पड़ के निशान की वजह से लाल हो गये थे । उसने साधारण सा हल्दी रंग का सुट पहन रखा था जिसकी बाजु फटी हुई थी ओर नीचे कुछ छेद थे । इसके अलावा उस सुट के पिछे का हिस्सा भी फट रहा था जिसमे से उसकी लाल हो चुकी पिठ दिख रही थी । जिस कमरे मे वो लड़की बैठी थी उस कमरे मे एक टुटी ही चारपाई थी जिस पर फटा-पुराना गदा डाल रखा था । चारपाई को लोहे के तारो से बांध रखा था एक छोटी सी लकड़ी की चेयर थी जिसकी लकड़ी को काफी हद तक दिमक ने खा रखा था । ओर एक लकड़ी का छोटा सा आइना था जिसके बिच मे भी दराद आ रही थी । सीसे के पास ही एक लोहे का सूटकेस रखी थी ओर उसके उपर कुछ पुराने हो चुके स्टील के बर्तन । भले ही बर्तन पुराने थे पर फिर भी वो साफ सुधरे थे । ठिक उस कमरे की तरह जो दिखने मे छोटा सा था पर उतना ही साफ था। आइने के सामने बैठी लड़की अपने चेहरे पर हाथ फिरा रही थी वो दिखने मे सुंदर थी । गुलाब की पंखुड़ीयो से नाजुक होठ , गोल चेहरा, छोटी सी नाक, काली गहरी आंखे जिन्हे देख कर लगे की जैसे लैंस डाल रखे हैं । कमर से नीचे तक आती चोटी ओर दुबली पलती सी , जिसे देखने भर से पता ही चल रहा हो कि उसने काफी वक्त से भरपेट खाना नही खाया हैं । ये थी मुस्कान । वो बाइस साल की हो जायेगी कुछ दिन बाद ओर आज ही उसकी शादी फिक्स कर दी गई । उसके परिवार मे उसके पिता उसकी मां ओर उसका भाई हैं ओर तीनो ही उसे पसंद नही करते । उसे नही पता उसकी क्या गलती है पर जब से उसने होश संभाला है तब से ही उसे अपने परिवार से सिर्फ नफरत ओर मार-पिट मिली है । वो घर की चारदिवारी मे कैदी की तरह रहती है उसे बहार जाने की इजाजत नही हैं ना ही वो किसी बहार वाले से बोल सकती हैं । उसे नही पता वो आखिरी बार घर की दहलीज़ लांघ कर कब बहार गई थी । सायद बचपन मे जब उसकी दादी जिंदा थी उसे एक धुंधली सी याद आज भी याद है जब वो मुस्कुराते हुए गलियो मे बच्चो के साथ खेला करती थी उस वक्त वो सायद आठ - दस साल की थी । उसके बाद उसकी दादी कही चली गई उसे छोड़कर , तब से ही वो जिलत भरी जिंदगी जीती आ रही थी जहां उसे हर रोज पुरे घर का काम करना पड़ता है ओर खाने को खाना भी नही मिलता । अपने जख्मो को कुछ वक्त निहारने के बाद मुस्कान उठती है ओर कमरे के बहार की साइड बने बाथरुम मे अपना चेहरा साफ करती है वो जैसे ही अपने चेहरे पर पानी के छिटे मारती है एक तेज दर्द की लहर उसके चेहरे पर दौड जाती है। ये जख्म उसकी सजा हैं । उसने आज पहली बार किसी चीज के लिये मना किया था ओर ये उसकी सजा थी । मना करने की सजा । उसकी मां ने उसके बाल पकड़ कर उसके सर को दिवार से दे मारा । उसके बाद उसके भाई ने उसे बहुत सारे थप्पड़ मारे पर सायद इतने से उनका मन नही भरा तो उसके बाप ने उसे बेल्ट से पिटना शुरु कर दिया । वो रोती रही चिलाती रही पर किसी ने उसकी चिखे नही सुनी ओर तब तक पिटते रहे जब तक उसके मुंह से शादी को लिये हां नही निकल गई । दो दिन बाद उसकी शादी है शहर के मसहुर गुंडे़ से । दो दिन बाद वो उस हैवान की बिवी बन जायेगी ओर वो हैवान हर रोज उसे नोचेगा । वो चाहकर भी कुछ नही कर सकती थी । उसका नाम देवराज है पर सायद ही उसमे कोई देवताओ के गुंण होंगे । मुस्कान उसके बारे मे कुछ नही जानती लेकिन उसने उस हैवान को अपने घर पर देखा है बहुत बार ओर वो जितनी भी बार आता है उसकी घुरती नजरो से मासुम सी मुस्कान अंदर तक कांप जाती है । जैसे तैसे मुस्कान अपने चेहरे को साफ करती है और उसके बाद अपने कमरे मे आ जाती है अपने बिस्तर के नीचे से वो एक छोटी सी ट्यूब निकालती है ओर अपने जख्मो पर लगा लेती है ये उसे दुग्ध वाले काका चुपके से देकर गये थे । वो अपने चेहरे ओर पेट पर बने घावो पर दवाई लगा लेती है पर पिठ पर वो नही लगा पाती उसके हाथ वहा तक नही पहुंच रहे थे ओर ना ही उसमे हिम्मत बची थी । वो दवाई को वापस उसी जगह रख देती है ओर उठकर कमरे की खिड़की से पास आ जाती है वो सो नही सकती क्योकी उसकी पिठ दर्द कर रही है । खिड़की के पास बैठकर वो आसमान मे चमक रहे तारो को देखने लगती है ओर उन्हे देखते देखते ही उसकी आँख लग जाती है । अगले पल उसकी आंखे एक तेज दर्द के अहसास से खुली थी किसी ने उसके उपर गर्म पानी डाल दिया था । वो जैसे तैसे खुद को चिखने से रोकती है ओर डरी हुई आंखो से पिछे मुडकर देखती है पिछे उसकी मां थी । उसके हाथ मे केतली थी जिसमे से अभी भी भाप निकल रही थी । इससे पहले मुस्कान कुछ हो बोलती उसकी माँ उसे घुरते हुए बोलती है " आराम फर्माना हो गया हो तो महारानी उठकर नास्ता बना दे " मुस्कान डरते डरते हां मे सर हिलाती है ओर बाथरुम की तरफ चली जाती है अपने कपड़े चेंज करने । उसके पास सिर्फ तीन जोडी़ सुट थे जो बुरी तरह से घिस चुके थे पर वो कुछ नही कर सकती थी । वो वही फटा हुआ सुट पहनकर जल्दी से किचन की तरफ बढ़ जाती है उसे बहुत जलन ओर दर्द हो रहा था दर्द की वजह से उसकी आंखो मे नमी आ गई थी पर फिर भी कोई उस पर रहम नही दिखा रहा था । वो रोज की तरह सबके लिये नास्ता बनाती है उसके बाद घर की सफाई करती है फिर सबके कपड़े धोती है ओर दौपहर का खाना बनाती है । सबके खाने के बाद झुठे बर्तन साफ करती है और उसके बाद वो बचा हुआ खाना खाती है एक रोटी ओर थोडी़ सी सब्जी जो उसकी माँ ने अपनी प्लेट मे छोड़ दी थी उसी का झुठा वो खाती हैं क्योकी ओर खाना नही बचा था उसने कल रात से कुछ नही खाया था और आज भी दौपहर हो गई थी उसे बहुत भुख लगी थी । वो वही झुठा खाना खाती है ओर फिर से काम पर लग जाती है । अगला दिन भी इसी तरह बित जाता है ओर उसकी शादी का दिन आ जाता है आज ही के दिन वो पुरे बाइस साल की हो गई थी । आज सालों बाद उसे नये कपड़े पहने को मिल रहे थे उसके होने वाले पति ने उसके लिये एक लाल शादी का जोड़ा भेजा था उसकी माँ उसे वो पहनाती हैं और उसे तैयार करती है पिठ पर लगे जख्मो की वजह से वो ब्लाउज उसे तकलीफ दे रहा था पर वो फिर भी चुप रहती है वो आज के दिन मार नही खाना चाहती थी । तैयार होने के कुछ देर बाद उसे शादी को मंडप मे बिठाया जाता हैं जहां उसके साइड़ मे उससे दुगनी उर्म का शक्स बैठा था उसके चेहरे पर एक गंदी सी स्माइल थी और आंखे मुस्कान के उपर से नीचे तक घुर रही थी उसके देखने भर से मुस्कान कांपने लगती है । वो बैठने का हिम्मत नही कर पाती है पर उसकी माँ उसे जबरदस्ती बैठा देती है उसके बैठते ही वो देवराज उसका हाथ पकड़ लेता है । देवराज के हाथ पकड़ते ही मुस्कान की आंखो से आंशु बहने लगते हैं । वो ये शादी नही करनी चाहती थी पर फिर भी कुछ ही देर मे उसकी शादी हो जाती है । जैसे ही शादी खत्म होती है देवराज के आदमी उसके बाप के हाथ मे एक बैग थमा देते हैं ये वो रकम थी जिसके बदले देवराज को मुस्कान दी गई थी चाालिस लाख रुपये । continune ....... 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Hii guy's so Let's strart the story 😊😊😊 जैसे ही उसकी नजरे मुस्कान के चेहरे पर जाती है वो उसे देखता ही रह जाता है कुछ पल मुस्कान को देखने के बाद वो उसे गोद मे उठा लेता है ओर अपनी कार की तरफ जाते हुए कॉल्ड वॉइस मे बोलता है " हॉस्पीटल " अगले ही पल सारे बॉडीगार्ड हरकत मे आ गये थे | एक ने जाकर जल्दी से दरवाजा खोला ओर बाकी कारस मे बैठ गये ओर कारो का वो काफिला तुंरत वहा से फुल स्पीड़ मे निकल गया | कार के अंदर वो शक्स बहुत ही ध्यान से मुस्कान को लिये बैठा था उसने मुस्कान के सर को अपनी छाती से लगा रखा था ओर वो उसके सर से बह रहे खुन पर रुमाल बांध रहा था | उसके चेहरे पर किसी तरह से कोई भाव नही थे | ड्राइविंग सीट पर बैठा ड्राइवर अपने बिगबॉस को देखकर शोक मे था उसका बिगबोस किसी लड़की को अपने आस-पास तक नही आने देता | उसके बॉडीगार्डस से लेकर नोकर तक सब मेल है यहा तक उसके घर मे कोई फिमेल नही हैं ओर यहा अंजान शहर मे अंजान लड़की के लिये इतना फिक्र दिखा रहे हैं उसकी केयर कर रहे हैं ये उन लोगो के लिये किसी सदमे से कम नही था | कुछ ही देर मे कारो का काफिला हॉस्पीटल पहुंचता है | जहां पहले से ही डॉक्टर एंट्रस पर खड़े होकर उनका इंतजार कर रहे थे | वो शक्स कार से बहार निकल कर मुस्कान को स्ट्रेचर पर लेटा देता है ओर डॉक्टरस के साथ अंदर चला जाता है | करीब बारह घंटे बाद - वो शक्स मुस्कान के गोद मे उठाये एक बड़े से मेंसन के अंदर लेकर आ रहा था उसके पिछे बॉडीगार्डस थे जो वही एंट्रस पर रुक गये थे | मुस्कान ने हॉस्पीटल गाउन पहन रखा था ओर वो बेहोश थी | वो शक्स जैसे ही लिविंग रुम मे आता है वो देखता है वहां पर पहले से काफी सारे लोग बैठे हैं जो उसे देखकर हैरान थे | सबको इग्नोर मारता हुए वो स्टेयरस से एक रुम की तरफ बढ़ जाता है | रुम मे जाकर वो मुस्कान को बहुत ही आराम से बेड़ पर लेटाता है | उसने मुस्काना को साइड़ से लेटाया था उसकी पिठ ओर पेट दोनो तरफ उसने तकिया लगा दिया ओर उसे बैलेंकट से कवर कर दिया | जब उसे यकिन हो गया मुस्कान को उसने अच्छे से कंफर्टेंबली लेटा दिया है वो वहा से चला जाता है | जाते वक्त रुम का दरवाजा बहार से लोक कर देता है | वो हॉल मे पहुंचता है तो वहा पर सभी लोग अभी भी सदमे मे उसे ही घुर रहे थे | ये है शिवराज चौहांन उर्फ एसआर - उर्म 31 साल , 6'2 हाइट दिखने मे हैंडसम ओर वैल मैनर्ड | बिजनेस वल्ड मे उसे सभी किंग एसआर के नाम से जानते हैं शार्प माइडेंड ओर हार्टलैस | इसके लिये कुछ रियुमर्स भी हैं लोगो का मानना है कि यो गेय हैं क्योकी किसी ने भी आजतक इसे किसी लड़की के साथ नही देखा ओर इसके आस-पास सारे बॉइज ही रहते हैं | इसी की तरह हैंडसम और वैल मैनर्ड । अभिमन्यु चौहांन उर्फ़ अभी - शिवा का छोटा भाई । उससे पांच साल छोटा हैं दिखने मे हैंडसम ओर स्मार्ट पर अपने भाई से स्वीट हैं घर मे छोटा होने को वजह से थोडा़ सा शैतान भी हैं | दुसरो के घरेलू मामलो मे नाक घुसाना इसका जन्मसिद्ध अधिकार है कहने को तो जनाब कंपनी के वाइस प्रसिडेंट है पर हरकते सारी बच्चे वाली है इनका एक ही सपना है अपने बड़े भाई शादी मे नागिन डांस करना | अक्षत जिंदल - शिवा का दोस्त, उसी की उर्म का ओर उसी की तरह हैंडसम और सिंगल भी | जिंदल परिवार का इकलोता बेटा | सक्षम ऑबेरॉय - शिवा का मैनेजर मयंक गुप्ता - शिवा का असिसेंट तरुण - अभीमन्यु का असिसेंट व्यास मलिक - लिगल एडवांइजर रॉमी - बॉडीगार्ड हेड़ तनमय - शिवा के चाचा जी का लड़का जो अभि से तीन साल बड़ा है इसके अलावा उदित, ओजस, ग्रवित, ओम ओर परम है जो शिवा के लिये काम करते हैं | लिविंग एरिया मे इस वक्त सभी लोग मौजुद थे ओर सबसे साथ थे शिवा को पिता आकाश चौहान | जिनकी उर्म करीब साठ साल के आसपास हैं | शिवा जैसे ही हॉल मे आता है अभी साइलेंस को ब्रेक करते हुए बोलता है " भाई आप तो मीटिंग के लिये गये थे ना तो ये साथ मे क्या लेकर आये हो " तनमय बोला - सटअप बियर दिख नहीं रहा तुम्हे वो लड़की हैं फिर भी फालतु को सवाल कर रहे हो अक्षत - यार जहां तक मुझे पता है तुझे तो गर्लस से एलर्जी है ना फिर तु इसे घर मे क्यु लाया हैं | मयंक - बिगबॉस आप शादी करने वाले हो क्या हो सक्षम - अरे वाह! फिर तो हमे दावत खाने को मिलेगी | बिगबॉस खाने मे ठेर सारी मीठिया जरुर रखना | व्यास - अबे चुप करो गंधो उसे बोलने तो दो पहले ही शुरु हो गये | ग्रवित 🥺 - पर हम तो अभी चुप हैं रॉमी बिच मे ही अंगडाई लेते हुए बोलता है " जिसे जो करना है जल्दी करो यार, मुझे निंद आ रही है " इससे पहले शिवा कुछ बोलता या एक्सप्लेन करता अचानक से आकाश जी खुश होते हुए बोलते हैं " मुझे लड़की पसंद है तुम कब शादी कर रहे हो ? कहो तो कल ही पंडित जी से बात कर लुं " आकाश जी किसी भी हालत मे अपने बेटे की शादी करवाना चाहते थे आज जब पहली बार घर मे कोई लड़की आई थी तो वो ये मौका कैस जाने दे सकते थे वो बस जल्दी जल्दी से शादी करवा देना चाहते थे अपने बेटे की | आकाश जी की बात सुनकर तनमय बोलता है " डैड आपने उसे ठिक से देखा भी नही हैं आप शादी के लिये हां कैसे कर सकते हो " तभी सबको झटका देते हुए शिवा बोलता है " मुझे कोई प्रोबलम नही हैं शादी से , आप जब चाहो करवा सकते हो " ओर वहा से अपने कमरे की तरफ बढ़ जाता है | उसका फैसला सुनकर सारे सदमे चले गये थे | इस घर मे हर प्राणी को पता है शिवा को लड़कियो से कितनी ज्यादा नफरत है | अक्षत - मुझे ना दाल मे कुछ काला लग रहा है | सक्षम - मुझे तो पुरी दाल ही काली लग रही है | दोनो की बात सुनकर पास खडा़ ओम बोलता है " पर हम दाल देख ही क्यु रहें हैं हमे तो बिगबॉस की लाई हुई लड़की को देखना है आखिर वो हमारी लेडी़ बॉस बनेगी " तभी अभि अपना नाक घुसाते हुए बोलता है " दाल, कोनसी दाल हैं और कोन पक्का रहा है दाल, प्लीज मुझे भी देना खाने को ओर हां तड़का लगाके | उसके साथ अगर फलके भी हो जाते तो बात ही कुछ ओर हैं " दोनो की बाते सुनकर तनमय इरिटेट होते हुए बोलता है " पता नही भाई ये नमूने कहां से उठा लाये | घर मे एक क्या कम था जो चार ओर ले आये | " पर बॉस आपको मिलाकर भी हम तीन ही हुए, आपने चार क्यु कहां " ओम अपने ओर अभी का तरफ इशारा करते हुए बोलता है उसकी बात सुनकर सभी को हसी आ जाती है| वही आकाश जी पहले ही अपने रुम मे जा चुके थे | सारे एक एक बहस करते हुए अपने रुम मे चले जाते है | अब जो जो होगा वो सुबह ही होगा | Continue.... 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Hii guy's so let's start the story 😊😊😊😊 करीब आधे घंटे बाद फिर से मुस्कान की आंखे खुलती है वो पहले की तुलना मे अब काफी हद तक शांत लग रही थी | वो धिरे से अपने दर्द को सहते हुए वो उठकर बैठ जाती है तभी शिवा फिर उसके पास आता है ओर बोलता है " अब कैसा लग रहा है तुम्हे " मुस्कान बिना उसकी तरफ देखे धिरे से बोलती है " मै ठिक हूं" हूं, आज हमारी शादी हैं, मुझे पता है तुम्हारी पहले भी शादी हो चुकी हैं ओर तुम शादी से भाग कर आ रही थी, मुझे फर्क नही पड़ता जब तुम्हारे उपर मेरा कर्ज रहेगा, तुम्हे वही करना होगा जो मै कहूंगा " मुस्कान उसकी बाते सुन कर फिर से डर जाती है ओर धिरे से अपना सर हिला देती है | " गुड़ , चलो अब यहा पर सिग्नेचर करो " शिवा उसके सामने एक फाइल रखते हुए बोलता है " उन पेपरस को देख कर मुस्कान कंफ्युज हो जाती है ओर शिवा को देखने लगती है |उसे ऐसे खुद को देखता पाकर शिवा बिना किसी एक्सप्रेसन के बोलता है " ये मैरिज कॉनट्रक्ट हैं जैसे ही तुम मुझे पे कर दो दोगी, तुम इस शादी से आजाद हो जाओगी " मुस्कान एक फिर उसे देखने लगती है क्योकी उसे कुछ भी समझ नही आया वो कभी स्कुल नही गई तो उसे पढ़ना लिखना नही आता | हां उसे अपना नाम लिखना आता है उसने बचपन मे सिखा था | शिवा उसके चेहरे को गौर से देखता है ओर आंखे छोटी करते हुए बोलता है " तुम्हे पढ़ना नही आता? " उसने ये सवाल इसीलिए पुछा था क्योकी फाइल मे साफ लिखा था मुस्कान कभी घर से बहार नही गई आस-पास के लोगो ने उसे कभी देखा है नही | मुस्कान इस बार धिरे से हां मे सर हिला देती है | फिर कुछ सोचते हुए जल्दी से बोलती है " मुझे मेरा नाम लिखना आता है मैने सिखा था " शिवा गहरी सांस लेते हुए उसके हाथ मे पेन पकड़ा देता है ओर पेपरस पर इशारा करते हुए बोलता है " चलो अब यहा पर अपना नाम लिख दो " मुस्कान ज्यादा ना सोचते हुए जैसा शिवा ने कहां वैसे ही पेपरस पर अपना नाम लिख देती है | पेपरस पर सिग्नेचर करवाने के बाद शिवा फोन उठाता है ओर एक कॉल करता है | वो वहा से बालकनी मे चला जाता है | उसके जाते ही मुस्कान अपनी नजरे चारो तरफ फेरने लगती है उसने पहली बार इतना आलिसान कमरा देखा था | वो धिरे से अपने हाथो से बेड़ की मैटरस को छुती है तो उसे वो बहुत सॉफ्ट लगती है | अचानक से वो अपना हाथ हटा लेती है फिर धिरे से वापस उस मैटरस को छुती है वो बार बार ऐसा ही करती है जैसे उसे यकीन नहीं हो कि वो मैटरस सच मे बहुत सॉफ्ट हैं ओर वो उसके उपर बैठी है | अचानक से उसकी नजरे अपने पैरो पर पड़ी बैलेंकट पर जाती है वो हिम्मत करके उसे छुती है और अगले ही पल उसे पकड़ कर हग कर लेती है उसे ये बैलेंकट भी बहुत स्मुथ लग रही थी | तभी शिव अंदर आ जाता है वो मुस्कान को ऐसी हरकते करता देख कॉल्ड वॉइस मे बोलता है " तुम क्या कर रही हो " उसकी आवाज सुनते ही मुस्कान, जल्दी से उस बैलेंकट के खुद से दुर कर देता है ओर सर नीचे करके बैठ जाती है उसकी आंखो मे नमी आ जाती है | शिवा उसे ऐसा करता देख उसके पास आने लगता है | शिवा को अपने पास आता देख मुस्कान डर जाती है ओर रोने लगती है वो रोते हुए बोलती है " मै मै बस उसे छुकर देख रही थी मैने उसे गंदा नही किया प्लीज मुझे मारना मत | मै, मै अभी उसे साफ कर दुंगी " वो रोते हुए बस बोले ही जा रही थी | उसे बाते सुनकर शिवा अपनी ही जगह पर रुक जाता ओर मुस्कान को गौर से देखने लगता है जो रो रही थी उसका पुरा चेहरा लाल हो चुका था ओर अपने हाथो से वो शिवा को दुर रहने के लिये बोल रही थी | कुछ पल उसे देखने बाद शिवा जल्दी से उसके पास आता है ओर उसे हग कर लेता है वो उसके बालो को प्यार से सहलाते हुए बोलता है " रोना बंद करो किटन, कोई नही पिगेटा तुम्हे ओके , अब रोना बंद करो " मुस्कान बिना कुछ बोले सिसकिया ले रही थी | तभी रुम का दरवाजा खुलता है ओर अभी अंदर आता है वो जैसे ही देखता है कि मुस्कान रो रही है वो जल्दी से उसके पास आता है उसके हाथो मे खाने की ट्रॉली थी जिसे वो साइड से रख देता है ओर जल्दी से बेड़ के पास आकर बोलता है " भाई क्या किया है आपने भाभी के साथ , वो रो क्यु रही हैं " अभी की आवाज सुनकर मुस्कान अपना चेहरा उठकार देखती है वो जैसे ही अभी तो अपने सामने देखती है डर से कस कर शिवा को पकड़ लेती है | " अरे भाभी मुझसे डरने की जरुरत नही हैं जिससे आप फिलहाल चिपक रहे हो ना उससे डरने की जरुरत हैं पुरे घर मे सबसे डरावना प्राणी यही हैं और आप फिर भी मुझसे डर रहे हो | क्या मेरी शक्ल आपको राक्षस जैसी दिख रही है जो आप इतना डर रही हो | पर मै सबसे क्युट ओर स्वीट प्राणी हूं घर का, मुझसे तो बच्चे भी नही डरते " अभी अपने आप मे ही बस बोले जा रहा था उसकी बाते सुन कर मुस्कान थोडा़ सा शिवा दुर होती है उसके अंदर का डर थोड़ा कम हो गया था | वही मुस्कान को अपने से दुर जाता देख शिवा का आंखे छोटी हो जाती है वो घुर कर अभि को देखता है और उठकर वहा से चला जाता है | अपने भाई को जाता देख अभी के चेहरे पर डेविल स्माइल आ जाती है वो जल्दी से फुड़ ट्रे से खाना निकलता है और बेड़ पर मुस्कान के सामने रखते हुए बोलता है " वैसे तो भाई ने मुझे शक्त ऑडरस दिये थे कि आपको सिर्फ खिचड़ी या दलिया ही देना है पर आप खुद सोचो वो कितना बेस्वाद होता है इसलिए मैने ना मिक्सवेजिटेबल खिचड़ी बनाई आपके लिये | मेरी स्पेसल रेसीपी के साथ , आप जल्दी से फिनिस करो इससे पहले भाई आ जाये ओर दोनो को डाट लगा दे " मुस्कान का ध्यान अभी की बातो पर नही था उसका पुरा ध्यान अपने सामने रखे खाने पर था उसने सायद तीन दिन से खाना नही खाया था ओर सायद बारह-तेरह साल से पेट भर नही खाया था | वो एक टक उस खिचडी़ के बाउल को देखने लगती है | Continue ... Please like comment or share jarur kre thank you....
Hii guy's so let's start the story 😊😊😊 शादी खत्म होते ही देवराज मुस्काना का हाथ पकड़ कर उसे घर से बहार लेकर जाने लगता है वो बहुत जल्दी जल्दी जा रहा था उसके पिछे मुस्कान लगभग घसिटते हुए जा रही थी। वो रुकना चाहती थी वो अपना हाथ छुटवा कर यहा से भागना चाहती थी पर उसमे इतनी हिम्मत नही थी वो रोने के अलावा कुछ नही कर सकती थी । कुछ देर बाद वो कार मे बैठकर देवराज का हेवली आ जाती है जहां पर बहुत सारे लोग बैठे थे उनके हाथो मे हथियार थे ओर चेहरे पर गंदी सी हसी । देवराज मुस्कान को लेकर एक कमरे मे जाता है और उसे वही फर्स पर पटक देता है फिर उसके चेहरे को अपने हाथो मे टाइटली पकड़ते हुए बोलता है " बहुत सालो से नजर थी तेरे पर आखिर कार आज जाकर मैने तुझे हासिल कर ही लिया पुरे चालिस लाख खर्चे हैं तबतक वसूल करुंगा जब तक तु मर नही जाती " ओर झटके के साथ उसका चेहरा छोड़ देता है । मुस्कान का आंशुओ से भरा वो मासुम सा चेहरा डर से एक बार फिर कांप जाता है । देवराज उसे डरता देख जोर से हसता है ओर उसे वही छोड़कर बहार चला जाता है । वो नीचे जाकर अपने साथियों को बैठ जाता है और ड्रिंक करने लगता है । अदर होल मे ड्रिंक के साथ कुछ नाचने वाली भी थी । जो सबको अपना नाच दिखा रही थी । कमरे के अंदर मुस्कान रोते हुए खुद की किस्मत को कोश रही थी तभी उसकी नजरे खिड़की पर जाती है वो अपनी जगह से उठती है ओर खिड़की के पास चली जाती है खिड़की हैलेवी के पिछे की साइड़ थी । अंधेरा होने को आया था जिस वजह से मुस्कान उंचाई का अंदाजा नही लगा पा रही थी पर वो सिडियो से कमरे मे आई है तो दुसरे फ्लोर पर तो होगी ही यही सोचकर मुस्कान बिना देर किये खिड़की से नीचे छलांग लगा देती है वो मरना चाहती थी उस राक्षस के हाथो हर रोज मरने से अच्छा है वो एक बार मे ही अपनी जान दे दे । घर के अंदर से तेज म्यूजिक की आवाजे आ रही थी । जिस वजह से मुस्कान के गिरने की आवाज किसी को सुनाई नही दी । मुस्कान जैसे ही नीचे गिरती है उसे अहसास होता है नीचे मिट्टी है ओर ज्यादा उचाई भी नही है उसे चोट नही लगी वो उठकर खड़ी होती है और चारो तरफ देखती है उसे चारो तरफ कोई नही दिखता । वो ज्यादा नही सोचती ओर वहा से बहार की तरफ निकल जाती है । जल्दी ही वो सड़क पर थी ओर भाग रही थी वो बार बार पिछे मुड़कर देख रही थी सर पर ओढ़ रखी चुन्नी रसते मे ही गिर गई थी । उसका लहंगा बहुत ज्यादा भारी थी जिस वजह से उसे भागने मे बहुत तकलीफ हो रही थी । वो उस सुनसान सड़क पर बस भागे जा रही थी उसे नही पता था उसे कहां जाना है ये रास्ता उसे कहां लेकर जायेग , उसे नही पता वो बस भागे जा रही थी । अचानक से भागते भागते वो एक कार से टक्करा जाती है । कार से टकराते ही वो कुछ फिट हवा मे उछलती है ओर सड़क के साइड़ मे आकर गिर जाती है । उसकी आंखो के सामने अंधेरा होने लगता है वो धिरे से बुदबुदाती है " क्या यही मेरा अंत हैं " ओर आंखे बंद कर लेती है उसे अब कोई दर्द महसुस नही हो रहा था । दुसरी तरफ जिस कार से मुस्कान टक्कराई थी वो अचानक से ब्रेक के साथ रुक जाती है उसके पिछे कारो का एक काफिला आ रहा था उसके रुकते ही पिछे की कारे भी दुरी बनाते हुए रुक जाती है । आगे की कार ड्राइवर जल्दी से कार के बहार निकलता है और बिच की कार के पिछे की सीट के सीसे पर टैप करता है । कुछ पल बाद बिच की कार के बैक सीट का सीसा खुल जाता है और अंदर से एक डिप वॉइस आती है " बोलो " " बिगबॉस कार के सामने कोई आ गया था और उसका एक्सीडेंट हो गया " ड्राइवर कांपती आवाज मे बोलता है । एक पल लिये वहा खामौशी जाती है जिसे देख कर वो ड्राइवर डरते हुए बोलता है " वो अचानक से अपने आप सामने आ गई मैने ब्रेक मारने की कोशिश की थी पर उससे पहले ही कार उसे हिट कर चुकी थी । जैसे ही ड्राइवर अपनी बात खत्म करता है अचानक से वहा का वातावरण खौफ़नाक हो जाता है वो ड्राइवर अपनी जिंदगी के लिये भगवान से प्राथना कर रहा था क्योकी उसके बॉस को लड़कियो से शक्त नफरत हैं वो किसी लड़की अपने आसपास तक नही भटकने देता । अचानक से कार का दरवाजा खुलता है ओर अंदर से एक काली परछाई बहार आती है कुछ पल के बाद उस परछाई के पिछे एक टॉल & हैंडसम शक्स बहार आता है उसने बैलक कलर का बिजनेस सुट पहन रखा था । वो बाहर आकर उस डायरेक्शन मे चलने लगता है जहां पर मुस्कान थी । उसके पिछे बाकी की कारस के अंदर बैठे बॉडीगार्डस भी बाहर आ जाते है ओर उसे कवर करने लगते है । वो शक्स जैसे ही मुस्कान हो पास पहुंचता है एक बॉडीगार्ड टॉर्च से मुस्कान पर लाइट मारता है । मुस्कान पेट के बल सड़क के किनारे पड़ी थी । उसके लंबे बाल , जिनका उसने जुड़ा बना रखा था वो खुल गये थे ओर बाल पिठ पर बिखरे रहे थे जिस वजह से उसकी पिठ के घाव नही दिख रहे थे । वो शक्स मुस्कान के पास वही घुटनो पर बैठ जाता है और उसके चेहरे को हल्का सा ट्रन करके देखने लगता है । जैसे ही उसकी नजरे मुस्कान के चेहरे पर जाती है वो उसे देखता ही रह जाता है कुछ पल मुस्कान को देखने के बाद वो उसे गोद मे उठा लेता है ओर अपनी कार की तरफ जाते हुए कॉल्ड वॉइस मे बोलता है " हॉस्पीटल " .... continue... please like comment or share jarur kre thank you...
Hii guy's so let's start the story 😊😊😊 सुबह के करीब सात बजे मुस्कान की आंखे धिरे धिरे खुलती है उसे अपने सर मे बहुत तेज दर्द महसुस हो रहा था वो मुश्किल से अपनी आंखे खोल पाती है ओर देखती है पर उसे साफ नजर नही आता ओर वो फिर से बेहोश हो जाती है | तभी कमरे की दरवाजा तेजी से खुलता है ओर कुछ लोग गिरते पड़ते कमरे के अंदर दाखिल होते हैं | जिनमे सबसे आगे अभी था | वो अपने दांत दिखाते हुए सोफे पर बैठे शिवा से बोलता है " सॉरी भाई पर मुझे ना आपकी होने वाली वाइफ ओर मेरी हो चुकी भाभी की शक्ल देखनी थी |देखिये मै ना मुंहदिखाई के लिये गिफ्ट भी लाया हूं | अब जल्दी सो बता दो वो कहां हैं " अभी की बातो पर ज्यादा ध्यान ना देते हुए शिवा बेड़ की तरफ इशारा कर देता है उसे पहले से पता था जैसे ही सुबह होगी सारे बिना लगाम के घोडो़ की तरह या आ टपकेंगे ओर हुआ भी वैसा ही | शिवा का इशारा पाते ही अभी ओर बाकी सारे बिना इंतजार किये बेड़ की तरफ बढ़ जाते हैं | जहां अभी, ओम, ओजस, ग्रवित उदित, परम, मयंक ओर सक्षम को चेहरे पर एक्साइटमेंट थी वही बाकी चेहरो पर थोड़े कॉल्ड एक्सप्रेसन थे स्पेसली तनमय के चेहरे पर | सभी लोगो की नजर जब बेड़ पर बेहोश मुस्कान पर जाती है तो सारे कंफ्युज हो जाते है ओर शिवा का तरफ देखने लगते हैं | " उसका एक्सीडेंट हुआ था लास्ट नाइट " शिवा बिना उनकी तरफ देखे बोलता है वो इस वक्त एक फाइल मे लगा हुआ था| " इसका नाम क्या हैं ओर एक्सीडेंट कैसे हुआ " अक्षत सवाल करता है एक बार फिर पागलो की तरह सारे अपनी मुंडी मुस्कान से शिवा का तरफ घुमा लेते हैं | " हमारी कार के सामने आ गई थी ओर मुझे इसका नाम नही पता " शिवा फिर से जवाब देता है | क्या! सारे एक साथ शोक मे चिलाते हैं | ओर अगले ही पल चुप हो जाते है क्योकी शिवा उनकी तरफ घुर कर देख रहा था | तभी तनमय बोलता है " कहीं आप डैड की वजह से तो इसे नही लाये हो ना क्योकी वो आपको काफी वक्त से शादी को लिये बकमैल कर रहे हैं | " शिवा बिना किसी हैजिटेसन के हां कर देता है कोई आगे कुछ बोलता या सवाल करता उससे पहले ही शिवा कॉल्ड वॉइस मे बोलता है " गेटआउट " फिर वो रॉमी से बोलता है " इसकी डिटेलस " फिर वो व्यास की तरफ देखते हुए बोलता है " मैरिज कॉनट्रक्ट तैयार करो " " ओर हम क्या करे " बचे हुए सारे एक साथ बोलते हैं तभी अभी चिलाते हुऐ बोलता है " हम लोग आपकी शादी की तैयारीया करते हैं मै अभी पंडित को उठवाता हूं | ओम तु ना पार्टी का इंतेजाम कर | " ओर गाते हुए निकल जाता है " आज की पार्टी ,भाई की तरफ से " उसके पिछे बाकी लोग भी निकल जाते हैं | सबके जाते ही शिवा फाइल को टेबल पर पटक देता है ओर उठकर मुस्कान के पास आता हैं | मुस्कान धिरे धिरे फिर से अपनी आंखे खोल रही थी इसीलिए उसने सबको जाने के लिये बोला था | मुस्कान धिरे से अपनी आंखे खोलती है ओर चारो तरफ देखने लगती है | अचानक से वो घबरा जाती है ओर उठकर बैठ जाती है तभी उसकी नजरे अपने पास बैठे शिवा पर जाती है जिसे देखते ही मुस्कान ओर ज्यादा डर जाती है ओर पिछे खिसकने लगती है | " हिलना बंद करो तुम्हारे घाव खुल जायेंगे " शिवा कॉल्ड वॉइस मे बोलता है जिसे सुनते ही मुस्कान अपनी ही जगह पर जम जाती है ओर शिवा को देखने लगती है वो लिट्रली डर से कांप रही थी | शिवा फिर से कॉल्ड वॉइस मे बोलता " नाम क्या तुम्हारा " " म.. मु..मुस्.. मुस्कान, मुस्कान नाम हैं " शिवा - कल क्या हुआ याद है ना ? तुम मेरी कार के सामने आ गई थी | मुस्कान डरते डरते हां कर देती है | शिवां उसका जवाब सुनकर फिर से बोलता है " तुम्हारे हॉस्पीटल का खर्च पुरा तीस लाख रुपए हैं ओर यहा तक लाने का खर्च पांच लाख, मैडिसिन ओर बाकी चीजो को मिलाकर पांच लाख ओर जोड़ लो तो सारे हुए चालिस लाख रुपए | अगर तुम यहा से जाना चाहती हो तो तुम मुझे चालिस लाख दे सकती हो । उसके बाद मै तुम्हे फिर उसी रोड़ पर छोड़ आऊंगा " शिवा की बात सुनकर मुस्कान शोक हो जाती है वो अपने डर को भुल जाती है ओर घिरे से सर नीचे करते हुए बोलती है " मेरे पास इतने सारे पैसे नही है " " ठिक है फिर अगर तुम मुझे पैसे नही दे सकती तो तुम्हें बदले मे मुझसे शादी करनी होगी ओर जैसा मै कहूंगा वैसे ही करना होगा " शिवा एक स्ट्रसे फेस के साथ बोलता है उसकी बात सुनकर मुस्कान की आंखो मे आंशु आ जाती है ओर वो सिसकने लगती है । उसे रोता देख शिवा चौंक जाता है | " क्या हुआ तुम रो क्यु रही हो क्या तुम्हे कुछ चाहिए या कहीं दर्द हो रहा है " पर मुस्कान बिना कुछ बोले बस सिसकती रहती है ओर एक बार अनकोनसियय होकर बेड़ पर गिर जाती है | शिवा गहरी सांस लेते हुए उसे ठिक से लेटाता हैं पास के ड्रावर से एक इंजेक्सन निकालता है ओर मुस्कान को लगा देता है तभी दरवाजा फिर से खुलाता है ओर रॉमी अंदर आकर एक फाइल शिवा के हाथ मे पकड़ा देता है उसे कल रात ही पता चल गया था कि शिवा उससे डिटेल जरुर मांगेगा इसीलिए उसने कल ही अपने आदमीयो को लगा दिया था | शिवा फाइल को लेकर एक नजर फिर मुस्कान को देखता है और धिरे से बुदबुदाता है " मुस्कान " फिर काउच पर बैठ कर सारी डिटेलस पढ़ने लगता है जैसे जैसे वो डिटेलस पढ़ रहा था उसकी आंखो मे गुस्सा छा रहा था | पुरी डिटेल पढ़ने के बाद वो फाइल को टेबल पर पटक देता है ओर गुस्से मे रॉमी को घुरने लगता है | रॉमी बिना किसी हैजिटेसन के बोलता है " डिटेलस बिलकुल सही हैं आस-पास के लोगो से पता किया हैं इसकी शादी हो चुकी हैं और ये शादी से भाग कर आ रही थी | फाइल मे मेंसन की सारी बाते बिलकुल सही हैं " कुछ पल की खामौशी के बाद शिवा बोलता है " मुझे फर्क नही पड़ता अगर ये शादीशुदा भी हैं तो, तुम जाकर आगे की तैयारी करो " " ओके बिगबॉस " रॉमी घंभीर आवाज मे बोलता है ओर वहा से निकल जाता है | करीब आधे घंटे बाद फिर से मुस्कान की आंखे खुलती है वो पहले की तुलना मे अब काफी हद तक शांत लग रही थी | धिरे से अपने दर्द को सहते हुए वो उठकर बैठ जाती है तभी शिवा फिर उसके पास आता है ओर बोलता है " अब कैसा लग रहा है तुम्हे " मुस्कान बिना उसकी तरफ देखे धिरे से बोलती है " मै ठिक हूं" " हूं, आज हमारी शादी हैं " ... continue.... please like comment or share jarur kre thank you..
Hii guy's so let's start the story 😊😊😊 अपने भाई को जाता देख अभी के चेहरे पर डेविल स्माइल आ जाती है वो जल्दी से फुड़ ट्रे से खाना निकलता है और बेड़ पर मुस्कान के सामने रखते हुए बोलता है " वैसे तो भाई ने मुझे शक्त ऑडरस दिये थे कि आपको सिर्फ खिचड़ी या दलिया ही देना है पर आप खुद सोचो वो कितना बेस्वाद होता है इसलिए मैने ना मिक्सवेजिटेबल खिचड़ी बनाई आपके लिये | मेरी स्पेसल रेसीपी के साथ , आप जल्दी से फिनिस करो इससे पहले भाई आ जाये ओर दोनो को डाट लगा दे " मुस्कान का ध्यान अभी की बातो पर नही था उसका पुरा ध्यान अपने सामने रखे खाने पर था उसने सायद तीन दिन से खाना नही खाया था ओर सायद बारह-तेरह साल से पेट भर नही खाया था | वो एक टक उस खिचडी़ के बाउल को देखने लगती है | मुस्कान को जवाब ना देता देख अभी कंफ्युज हो जाता है और फिर बोलता है " क्या बात है भाभी, आपको ये पसंद नही आ रहा है क्या, आप एक बार टेस्ट करके तो देखो अभिमन्युज स्पेसल रेसीपी है ये " तभी मुस्कान अपनी नजरे बाउल से हटाकर अभी तरफ करती है और धिरे से बोलती है " क्या मै सच मे इसे खा सकती हूं " अभी ज्यादा ना सोचते हुए हां मे सर हिला देता है | उसकी हां सुनते ही मुस्कान झट से बाउल को उठा लेती है ओर हाथ से ही खाने लगती है | खिचडी़ बहुत गर्म थी उसके हाथ ओर मुंह दोनो एक ही बाइट मे जलने लगते हैं | अभी उसे ऐसे खाता देख शोक हो जाता है वो कुछ बोलता उससे पहले ही शिवा भाग कर आता है ओर मुस्कान के हाथो से वो बाउल छिन लेता है | " क्या कर रही हो, गर्म है ये , देखो हाथ ओर मुह दोनो जल गये" शिव की बात सुनकर मुस्कान अपना चेहरा नीचे कर लेती है और धिरे से बोलती है " मुझे भुख लगी हैं मैने तीन दिन से कुछ नही खाया हैं, मुझे वो वापस दे दो, बदले मे तुम जो बोलोगे मे वो सारा काम कर दुंगी पर मुझे वो वापस दे दो, बहुत भूख लगी हैं | " मुस्कान उस खिचडी़ के बाउल को देख कर बस बोले जा रही थी उसे इतना भी होश नही था कि उसकी आंखो से आंशु आ गये हैं वो बस उस बाउल के लिये शिव से मिन्नते कर रही थी| शिव उसकी बात सुनकर अपनी आंखे बंद कर लेता है वही अभी का आंखो मे आंशु आ गये थे | दरवाजे पर खड़े बाकी लोग हैरान होकर अंदर देख रहे थे | यही तक आकाश जी भी वही खडे थे वो लोग मुस्कान के मिलने आये थे पर उसकी बात सुनकर सबके कदम वही ठहर गये | मुस्कान के बोलने पर भी जब शिव वो बाउल उसे नही देता तो मुस्कान सिसकने लगती है उसने अपने हाथो को अपने पेट के चारो तरफ लगा लिया था | उसकी सिसकिया सुनकर शिव अपनी आंखे खोल देता है उसकी आंखो मे नमी आ गई थी वो गहरी सांस लेता है ओर उसके पास बैठ कर एक बाइट उसकी तरफ कर देता है मुस्कान बाइट को देख कर शिव के चेहरे को देखने लगती है उसे नही पता था कि उसे खाना है या नही | " खाओ " शिव मुश्किल से बोल पाता है मुस्कान झट से खा लेती है | शिव खामौशी सो उसे खिलाने लगता है | सारी खिचड़ी खत्म करने को बाद शिव सुप का बाउल उठता है ओर अच्छे से फुक मारकर उसे पिलाने लगता है | मुस्कान एक टक शिव के चेहरे को देखते हुए उसे पिने लगती है | सुप का सवाद थोड़ा सा कड़वा था क्योकी उसमे कुछ हर्बस मिले हुए थे | पर मुस्कान बिना कोई शिकायत किये उसे पि लेती है| मुस्कान को सुप पिलाने के बाद शिव नैपकिन से उसका फेस साफ करता है ओर ट्रॉली मे छुपा रखी चॉकलेट उसे निकल कर दे देता है मुस्कान एक बार फिर अपने हाथ मे पकड़े चॉकलेट को देखने लगती है उसने ये पहले भी खाई थी | उसके दूध वाले काका उसे उसके जन्मदिन पर उसे लाकर देते थे सबसे छुपाकर | अभी जो काफी देर से वही बैठा था वो बिना किसी को बोले बहार की तरफ निकल जाता है बाकी लोग भी लिविंग एरिया मे चले जाते है | शिवा जब लिविंग एरिया मे पहुंचता है तो अभी उसे हग करके रोने लगता है | कुछ देर बाद जब वो शांत होता है तो आकाश जी बोलते हैं " ये सब क्या है शिवाय" " उसकी फैमीली उसे सर्वेंट की तरह ट्रिट करती थी " शिव एक गहरी सांस लेते हुए बोलता है ओर चुप हो जाता है | उसकी बात पर चारो तरफ शांती सी फैल जाती है सबके दिमाग मे अलग अलग सवाल थे पर फिर भी कोई नही पुछ रहे थे | कुछ देर की खामौशी के बाद तनमय बोलता है " भाई सारी चीजे तैयार है अगर आप हां करो तो आज ही शादी हो सकती हैं " शिव बस हां मे सर हिला देता है उसकी हां सुनते ही सारे खुश हो जाते है ओर तैयारी मे लग जाते है | शाम का वक्त था जब मुस्कान आंखे बडी़ किये अपने सामने खड़ी लड़कीयो को देख रही थी | उनके हाथो मे काफी सारा सामान था जो मुस्कान के समझ के बहार था | तभी वहा पर शिवा आता है वो मुस्कान के पास बैठता हैं ओर उसके सर पर लगी पट्टी को चेंज करने लगता है | पट्टी को चेंज करने के बाद वो बोलता है " कुछ देर मे हमारी शादी हैं ये तुम्हे तैयार करने को लिये आई हैं तो अच्छे से तैयार हो जाना " मुस्कान बस हां मे सर हिला देती है | करीब एक घंटे बाद उसे प्रिसेंज की तरह किया गया था उसे एक रेड़ कलर की सिफॉन की साडी़ पहनाआ गई थी बालो की एक लंबी सी सुंदर सी चॉटी बनाई थी | चेहरे पर बहुत कम मैकेप था ओर आंखो मे काजल था | उसकी आंखो के कलर की वजह से काजल बहुत ही सुंदर लग रही थी | वहा खडी़ सारी मैकेप आर्टिस्ट मुस्कान को देख कर हैरान थी | उन्हे यकिन नही हो रहा था कि कोई इतने सिम्पल आउटफिट मे इतना सुंदर भी लग सकता है | वही मुस्कान भी खुद को आईने मे देख कर हैरान थी उसे खुद यकिन नही हो रहा था कि वो इतनी सुंदर भी लग सकती है | वो धिरे से चलकर मिरर के पास आती है ओर खुद को निहारने लगती है | वो आईने मे देखते हुए अपने गालो को छुकर देखने लगती है माथे पर पट्टी होने क बावजूद भी वो बहुत सुंदर लग रही थी | ओर सबसे अच्छी बात जो उसे लग रही थी वो तो कि साडी़ उसे चुब नही रही थी | ओर ना ही ब्लाउज उसे तकलीफ दे रहा था | तभी एक लड़की उसके सामने हिलस रख देती है ओर उसे पहनने के लिये बोलती है | मुस्कान ज्यादा ना सोचते हुए उन्हे पहन लेती है पर उसे पहन कर चलना तो दुर वो ठिक से खड़ी भी नही हो पा रही थी | अचानक से उसका बैलेंस बिगड़ जाता हैं और वो गिरने लगती है इससे पहले की वो गिरती कोई उसे कमर से पकड़ कर थाम लेता है | मुस्कान भी बिना देखे सामने वाले को टाइटली पकड़ लेती है तभी एक कॉल्ड वॉइस सबके कानो मे आती है " नॉर्मल स्लीपर लेकर आओ " ये शिवा था जो ऑलरेडी तैयार था | एक लड़की जल्दी से सिम्पल सी स्लीपर लाकर सामने रख देती है | शिवा , मुस्कान को गोद मे उठाता है ओर उसे बेड़ पर बैठा देता है फिर उसके पैरो से हिल्स निकाल देता है ओर उसे सिम्पल वाली फैलट स्लीपर पहना देता हैं | उसके इस गैसचर को देख कर सारी मैकेप आर्टिस्ट शर्मा जाती है वही मुस्कान की नजरे तो अपने पैरो मे पहनी स्लीपर को देख रही थी उसे ये बहुत पसंद आई थी | सॉफ्ट और फलपी सी कुछ देर बाद वो एक बार फिर शादी के मंडप मे थी | दो दिन मे आज वो दुसरी बार दुल्हन बनी थी दोनो ही शक्स उसके लिये अंजान था पर ये शक्स जो अभी उसके साथ बैठा था उससे मुस्कान को बुरी फिलिंग नही आ रही थी ना ही उसे डर लग रहा था | " ये सर कितने अच्छे हैं इन्होने मुझे खाने के लिये खाना दिया, मेरा इलाज करवाया, मुझे मार भी नही रहे ओर मुझसे काम भी नही करवा रहें | मुझे चोट लगी हैं कहीं इसीलिए तो मुझसे काम नही करवा करे ? पर मां तो मुझसे चोट लगने के बाद भी काम करवाती है क्या ये मुझसे मेरे ठिक होने के बाद काम करवायेंगे ? सर ने बोला था मुझ पर उनका चालिस लाख रुपए का कर्जा हैं क्या वो मुझसे काम करके सारे पैसे लेंगे | अगर वो मुझे रोज पेटभर खाना देंगे तो मुझे कोई दिक्कत नही हैं काम करने मे " मुस्कान बस अपने आप से ही बाते किये जा रही थी कुछ ही देर मे एक बार फिर उसकी शादी हो जाती है पर मुस्कान के ध्यान शादी से ज्यादा अपने गले मे डली चैन पर था | continue..... please like comment or share jarur kre thank you....
Hii guy's so let's start the story 😊😊😊 कुछ देर बाद वो एक बार फिर शादी के मंडप मे थी | दो दिन मे आज वो दुसरी बार दुल्हन बनी थी दोनो ही शक्स उसके लिये अंजान थे पर ये शक्स जो अभी उसके साथ बैठा था उससे मुस्कान को बुरी फिलिंग नही आ रही थी ना ही उसे डर लग रहा था । " ये सर कितने अच्छे हैं, इन्होने मुझे खाने के लिये खाना दिया, मेरा इलाज करवाया, मुझे मार भी नही रहे ओर मुझसे काम भी नही करवा रहें | मुझे चोट लगी हैं कहीं इसीलिए तो मुझसे काम नही करवा रहेे ? पर मां तो मुझसे चोट लगने के बाद भी काम करवाती थी।क्या ये मुझसे मेरे ठिक होने के बाद काम करवायेंगे ? सर ने बोला था मुझ पर उनका चालिस लाख रुपए का कर्जा हैं ।क्या वो मुझसे काम करवाकर सारे पैसे लेंगे | अगर वो मुझे रोज पेटभर खाना देंगे तो मुझे कोई दिक्कत नही हैं काम करने मे " मुस्कान बस अपने आप से ही बाते किये जा रही थी। कुछ ही देर मे एक बार फिर उसकी शादी हो जाती है पर मुस्कान के ध्यान शादी से ज्यादा अपने गले मे डली चैन पर था | उसकी चैन मे कुछ लटक रहा था वो जो लेटर थे मुस्कान उसे पकड़ कर उन लेटरस को देखती है ओर दिमाग लगाकर खुद से बोलती है " एसआर , इसका मतलब ? काफी दिमाग लगाने के बाद उसे समझ नही आता तो वो उस चैन को छोड़ देती है ओर सामने देखने लगती है जहां कोई खड़ा था नही बहुत सारे लोग खड़े थे | अपने सामने इतने सारे आदमीयो को देख कर मुस्कान डर जाती है ओर शिवा के हाथ को पकड़ लेती है | तभी अभी सामने आते हुए बोलता है " अरे भाभी डरने के जरुरत नही हैं | चलिये ,मै आपका सबसे इंट्रॉडेक्सन करवाता हूं " अभी इससे आगे कुछ बोलता उससे पहले ही शिवा मुस्कान को गोद मे उठा लेता है ओर सबको घुरते हुए कॉल्ड वॉइस मे बोलता है " इसे रेस्ट की जरुरत हैं " ओर वहा से निकल जाता है | सारे मुंह खोले उसे देखते ही रह जाते हैं ।उसके बाद सारे उसको इग्नोर मार देते है ओर अपनी पार्टी मे लग जाते हैं उनके साथ आकाश भी सामिल हो जाते है ।फायनली आज उनकी बैचलर टिम का लिडर मैरिड़ हो गया |शिवा मुस्कान को लेकर सिधे रुम मे आता है मुस्कान एक टक शिव के चेहरे को देख रही थी गिरने के डर से उसने शिवा के गले मे अपनी बांहे डाल रखी थी । शिवा उसे रुम मे ेलाकर काउच पर बैठा देता है ओर उसके सामने बैठते हुआ बोलता है " अब तुम लिगली मेरी बिवी बन चुकी हो ओर मेरा चालिस लाख का कर्ज भी है तुम्हारे उपर तो जैसा मै कहूंगा तुम्हे वैसे ही करना हैं " मुस्कान हां में सर हिला देती है | और गोर से शिवा की बाते सुनने लगती है 1.सबसे पहले तो तुम्हे रोज तीन वक्त खाना खाना हैं पुरी डाइट को फोलो करना है |2. मेरी बिवी होने के नाते मेरे सारे काम आज से तुम करोगी| 3. भागने की कोशिश बिलकुल भी मत करना |4. हमारे बिच मे हुई डील तुम किसी को नही बताओगी | घर मे किसी को नही पता चलना चाहिये कि मेरा तुम पर चालिस लाख का कर्ज हैं | 5. अगर डैड कुछ पुछे तो बता देना तुम मेरी गर्लफ्रेंड हो | ऐसे ही बहुत सारे रुलस शिवा , मुस्कान को समझाने लगता है ओर मुस्कान बस हां मे सर हिलाती रहती है | सर हिलाते हिलाते उसे कब निंद आ जाती है उसे खुद नही पता चलता| अगली सुबह उसकी आंखे खुलती है | वो आंखे खोलकर देखती है तो वो एक बार फिर उसी रुम मे थी | अर्ली मॉर्निंग ही उसकी आंखे खुल गई थी क्योकी उसे फ्रेस होना था उसे जोरो की शुशु आई थी | वो जल्दी से उठने लगती है पर जैसे ही उसकी नजरे अपने उपर जाती है उसकी चीख निकल जाती है ।उसने अपनupper bodyपर कुछ नही पहन रखा था नीचे एक ठिला-ठिला पैजामा पहन रखा था | अपने आप को ऐसे बिना कपड़ो के देख कर वो रोने लगी थी। तभी शिवा जल्दी से वॉसरुम से बाहर निकलता है और उसके पास आकर बोलता है " क्या हुआ, तुम चीखी क्यु ? मुस्कान ने अपने उपर बैलेंकट डाल रखी थी और कस कर उसे पकड़ रखा था वो रोते हुए अपनी तरफ देखती है पहले तो शिव के समझ नही आता पर अचानक से उसे कुछ याद आते ही वो मुस्कान के सॉल्डरस को पकड़ता है ओर बोलता है " मेरी तरफ देखो किटन " पर मुस्कान उसकी तरफ नही देखती | ये देख कर शिवा को गुस्सा आ जाता है वो हल्की तेज आवाज मे बोलता है " मेरी तरफ देखो किटन " उसकी तेज गुस्से भरी आवाज सुनकर मुस्कान जल्दी से उसकी तरफ देखती है उसकी आंखो के आंशु अब तेजी से बहने लगे थे | शिवा को तुरंत अपनी गलती की अहसास हो जाता है वो गहरी सांस लेकर खुद को शांत करता है ओर मुस्कान को आंशु पौंछते हुए बोलता है " हम दोनो पति-पत्नी है किटन, मेरा तुम्हे बिना कपड़ो के देखना आम बात है और मैनो तुम्हे कुछ नही किया, साडी मे सोने मे तुम्हे परेशानी होती है और घाव फिर से खुल जाते इसीलिए मैने बस कपड़े बदल दिये ओर दवाई लगानी भी जरुरी थी ना | इसीलिए रोना बंद करो " मुस्कान उसकी बात सुनकर कनवेंस हो जाती है ओर रोना बंद कर देती है | शिवा एक गहरी सांस लेते हुए बोलता है " गुड़, चलो अब जल्दी से फ्रेस हो जाओ, ब्रेकफास्ट करना हैं, तुम्हे भुख लगी होगी ना " फ्रेस होना का नाम सुनते ही मुस्कान को याद आता है कि उसे तो जोर का शुशु आई है पर वो ऐसे बिना कपड़ो के बहार कैसे निकल सकती है | उसके माथे पर बल पड़ जाते हैं वो शिवा को देखने लगती है | " मेरे कपड़े " वो एक दबी हुई आवाज मे शिवा से बोलती है | शिवा जल्दी से कबर्ड से एक टिशर्ट निकाल कर उसे पहनाने लगता है पर मुस्कान उसका हाथ पकड़ लेती है उसे शर्म आ रही थी | शिवा उसके हाथ को साइड़ करके देता है ओर टिशर्ट पहनाते हुए बोलता है " मैने रात को ही सब देख लिया था तो शर्माना बंद करो " अपने सामने खड़े इंसान की बेशर्मी भरी बाते सुन कर मुस्कान की आंखे बडी़ हो जाती है ओर उसे ऐसे देख कर शिवा के चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है वो मुस्कान को गोद मे उठाता है ओर उसे लेजाकर वॉसरुम मे छोड़ देता है ओर वहा से बहार चला जाता है | मुस्कान जब वॉसरुम के देखती है तो एक बार फिर हैरान हो जाती है | " हूं, ये तो मेरे कमरे से बडा़ हैं और सुंदर भी सर तो बहुत अमीर हैं वो क्या करते हैं ? जो उनके पास इतना पैसा हैं छोडो़ मुझे क्या मुझे तो शुशु जाना है जल्दी हैं जोर का आई है कल से वो भी नही गई " बडबडाते हुए मुस्कान वॉसरुम मे चक्कर लगाने लगती है उसे कुछ समझ नही आ रहा था कोनसी चीज कैसे युज करना हैं तभी अचानक से वॉसरुम की दरवाजा खुलता है ओर शिवा अंदर आता है वो मुस्कान को सारी चीजे बताता है ओर फिर वापस चला जाता है बहार जाने के बाद उसे याद कि शायद उसकी बिवी को वॉसरुम की चीजो को युज करना नही आता हैं क्योकी वॉसरुम एडवांस टैकनोलजी से बना हुआ था | सारी चीजे समझाने के बाद मुस्कान को समझा आती है वो जल्दी से फ्रेस होकर सावर लेने लगती है वो जैसे ही सावर की बटन प्रेस करती है पहले चौंक जाती है क्योकी उसने कभी सावर की इस्तेमाल नही किया वो बाल्टी का इस्तेमाल किया करती थी नहाने के लिये | सावर से आती पानी की बुंदो को देख कर वो उछल पड़ती है ओर आंखे बंद करके उसे महसुस करने लगती है उसे वो बिलकुल बारिस की बुंदो की तरह लग रही थी |वो काफी देऱ तक सावर लेती है फिर वही कबर्ड रखा बाथरोब पहन लेती है उसके सर मे उसे यही बताया था | पर उसे पहनने के बाद उसे अजीब लग रहा था क्योकी वो बाथरोब उसके घुटनो तक ही आ रहा था उसे बहुत अजीब लग रहा था हां वो कंफर्टेंबल था सॉफ्ट सॉफ्ट पर वो बहुत छोटा था | वो हिम्मत करके बहार आती है ओर वॉसरुम के पास खड़ी हो जाती है उसने दोनो हाथो से बाथरोब को नीचे से पकड़ रखा था ओर बार - बार उसे नीचे खिंच रही थी | Continue... 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Hii guy's so let's start the story 😊😊😊 " बार - बार खींचने से इसकी लैंथ नही बढ़ने वाली " सामने से शिवा की आवाज आती है जो मुस्कान को देख कर हस रहा था | अचानक से उसकी आवाज सुनकर मुस्कान चौंक जाती है पर अगले ही पल उसे हसता देख उसका मुंह बन जाता है| " यहा आओ " शिवा इशारा करते हुए बोलता है वो इस वक्त काउच पर बैठा था उसके साइड़ मे हेयरड्रायर रखा था | मुस्कान छोटे छोटे कदमो से चलकर उसके पास चली जाती है ओर सर झुकाये खड़ी हो जाती है | शिवा उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने सामने टेबल पर बैठा देता है ओर हेयरड्रायर लेकर हल्के हाथो से उसके बालो को सुखाने लगता है | मुस्कान को ये चीज बहुत पसंद आती है वो आंखे बंद करके चुप चाप बैठी रहती है | शिवा उसके बाल सुखाने के बाद उसे क्लोजेस्ट मे लेकर जाता है और उसे पहनने के लिये लुज टिशर्ट ओर पैजामा दे देता है | मुस्कान जल्दी से चेंज करके बहार आ जाती है | वो जैसे ही बहार आती है शिवा एक नजर उसे देखता है फिर उसे लेजाकर ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठा देता है | मुस्कान एक ऑबिडियेंट बच्चे की तरह चुप चाप बैठी रहती है | ड्रेसिंग टेबल पर एक लेडिज के युज करने का सारा सामान था | शिव उसके बालो को कंधी करके उनमे एक हेयरबेंड डाल देता है ओर बालो को वैसे ही खुला छोड़ देता है | फिर टेबल से सिंदूर उठाता है ओर उसके बालो मे लगा देता है फिर टेबल पर रखा उसका मंगलसुत्र उसे पहना देता है | रात को मुस्कान को सुलाते वक्त उसने ही निकाल कर रख दिया था ताकि मुस्कान को साते समय कोई परेशानी ना हो । मुस्कान की नजरे जैसे ही उस चैन के शब्दो पर जाती है वो उसे फिर से घुरनेे लगती है | उसे इन शब्दो का मतलब जानना था | उसे क्युरियोसीटी हो रही थी इसीलिए वो हैजिटेट करते हुए बोल ही देती है | " सर इन शब्दो का मतलब क्या हैं " वो बहुत धिरे से बुदबुदाई थी | शिवा जो चैन को पहनाने के लिये उसके गले की तरफ झुक रहा था उसे मुस्कान की वो बुदबुदाहट सुन जाती है वो उसके सामने आता है टेबल के काजल उठाता है ओर उसकी आंखो मे लगाते हुए सॉफ्ट वॉइस मे बोलता हैं " शिवराज चौहांन " मुस्कान नाम सुनकर धिरे से दोहराती हैं " शिवराज चौहांन शिवजी , पर ये शिवजी हैं कोन ओर मैने उसके नाम की चैन क्यु पहनी है क्या वो " मुस्कान अपने आप मे ही बोले जा रही थी उसे याद ही नही रहा उसके सामने ही उसका पति खड़ा है जो आंखे छोटी किये उसकी बाते सुन रहा है | इससे पहले मुस्कान आगे कुछ दिमाग लगाती शिवा उसे रोकते हुए बोलता है " तुम्हारे पति का नाम हैं शिवराज चौहांन नॉट शिवजी " " ओह तो ये आपका नाम हैं पर शिवजी बोलने मे क्या परेशानी है कितना अच्छा लगता है शिवजी " मुस्कान बिना सोचे समझे अपना मुंह खोल दे देती है | पर शिवा उसे कुछ नही बोलता उसे अच्छा लग रहा था मुस्कान उससे खुल कर बोल रही है डर नही रही यही काफी था उसके लिये | उसे अच्छे से तैयार करने के बाद शिवा उसके सामने एक क्युट सी स्लीपर रखता है जो मखमल की बनी थी ओर उनके उपर एक क्युट सा बन्नी बना हुआ था | उन स्लीपर को देखते ही मुस्कान की आंखे चमक उठती है वो जल्दी से अपने चेहरे को शिवा की तरफ मोड़ती है बोलती है " क्या ये मेरे लिये हैं? क्या मै इन्हे पहन सकती हूं ? मै मै पक्का से इन्हे गंदा नही करुंगी ओर आप जो बोलोगे वो भी करुंगी | क्या ये मुझे मिल सकती है मैने कभी ऐसी चपल नही पहनी बचपन मे भाई के पास थी पर वो मुझे कभी पहनने ही नही था ओर मां ने भी मुझे कभी नही लाकर दी " बोलते बोलते अचानक से मुस्कान की आंखे बहने लगती है उसे बचपन की वो दिन आ गया जब उसने चोरी से एक बार अपने भाई की वो फ्लपी वाली चपल पहन ली थी तब उसकी मां ने उसे बहुत मारा था उसे दो दिन तक खाना नही दिया ओर इसके पैर भी जला दिये थे | वो बहुत दिनो तक ठिक से चल भी नही पाई थी | वो सारी चीजे याद आते ही मुस्कान अंदर तक कांप जाती है | शिवा के समझने मे देर नही लगती कि मुस्कान के साथ क्या हो रहा है वो जल्दी से आगे बढ़कर उसे हग कर लेता है ओर उसके बालो को सहलाते हुए बोलता है " शशशश रोना बंद करो यहा तुम्हे कोई हर्ट नही करेगा | मै हूं ना हमेशा तुम्हे प्रोटेक्ट करुंगा हूं अब रोना बंद करो ओर पहनकर दिखाओ मुझे " शिवा के बोलने पर मुस्कान शांत हो जाती है ओर वो स्पलीरस पहन लेती है । वो पहनते ही मुस्कान इधर उधर चलने लगती है ओर शिवा से बोलती है " ये कितनी सॉफ्ट हैं बिलकुल उस बिस्तर की तरह क्या मै " वो आगे कुछ बोलती उससे पहले ही शिवा उसे गोद मे उठा लेता है ओर उसके माथे पर किस्स करते हुए बोलता है " ये अब से तुम्हारी हैं तुम्हे जो भी चीज यहा अच्छी लगे वो सब तुम्हारी हैं " मुस्कान जो शिवा के किस्स करने से चौंक गई थी वो उसकी बात सुनकर हैरान हो जाती है सारी चीजे उसकी है पर कैसे ? वो वही दिमाग लगाने लगती है तभी शिवा हसते हुए बोलता है " ये घर तुम्हारे पति की हैं ओर जो तुम्हारे पति का है वो सब तुम्हारा है तुम्हे कोई कुछ नही बोलेगे ओर अगर कोई बोले तो मेरा नाम लेकर उन्हे डाट देना " शिवा की बाते सुनकर मुस्कान खुश हो जाता है पर उसके चेहरे पर कोई एक्सप्रेसन नही था जिस वजह से शिव को समझ नही आ रहा था कि उसकी बातो का मुस्कान पर क्या असर हुआ था | क्योकी दो दिन मे उसने मुस्कान के चेहरे पर सिर्फ एक एक्सप्रेसन देखा था सेड़नैस का या रोने का | शिवा उसे लेकर डायनिंग एरिया मे आता है ओर सबसे बिच मे बैठा देता है जैसे ही मुस्कान बैठती है उसकी नजरे सभी पर जाती है जो उसकी तरफ ही देख रहे थे अपने सामने इतने सारे लड़को को देख कर वो सहम जाती है ओर शिवा की तरफ देखने लगती है | तभी अभी की खोई हुई आवाज उसके कानो मे आती है " वॉव भाभी आप तो बहुत प्रिटि लग रहे हो " मुस्कान उसकी बात सुनकर सुनकर शर्मा जाती है तभी अक्षत बोलता है " मुझे यकिन नही हो रहा ये अपना शिवाय है कोई मुझे निंद सो जगाओ यार " तभी आकाश जी भी बोलते हैं " यकिन तो मुझे भी नही हो रहा की ये मेरा ही बेटा हैं " .... continue... please like comment or share jarur kre thank you...
Hii guy's so let's start with the story 😊😊😊😊 मुस्कान जो शिवा के किस्स करने से चौंक गई थी वो उसकी बात सुनकर हैरान हो जाती है सारी चीजे उसकी है पर कैसे ? वो यही दिमाग लगाने लगती है तभी शिवा हसते हुए बोलता है " मै तुम्हारा पति हूं और ये घर तुम्हारे पति का हैं ओर जो तुम्हारे पति का है वो सब तुम्हारा है तुम्हे कोई कुछ नही बोलगाे ओर अगर कोई बोले तो मेरा नाम लेकर उन्हे डाट देना " शिवा की बाते सुनकर मुस्कान खुश हो जाता है पर उसके चेहरे पर कोई एक्सप्रेसन नही था जिस वजह से शिवा को समझ नही आ रहा था कि उसकी बातो का मुस्कान पर क्या असर हुआ था | क्योकी दो दिन मे उसने मुस्कान के चेहरे पर सिर्फ एक एक्सप्रेसन देखा था सेड़नैस का या रोने का | शिवा उसे लेकर डायनिंग एरिया मे आता है ओर सबसे बिच मे बैठा देता है जैसे ही मुस्कान बैठती है उसकी नजरे सभी पर जाती है जो उसकी तरफ ही देख रहे थ।े अपने सामने इतने सारे लड़को को देख कर वो सहम जाती है ओर शिवा की तरफ देखने लगती है | तभी अभी का खोई हुई आवाज उसके कानो मे आती है " वॉव भाभी आप तो बहुत प्रिटि लग रहे हो " मुस्कान उसकी बात सुनकर शर्मा जाती है तभी अक्षत बोलता है " मुझे यकिन नही हो रहा ये अपना शिवाय है कोई मुझे निंद से जगाओ यार " तभी आकाश जी भी बोलते हैं " यकिन तो मुझे भी नही हो रहा ये मेरा ही बेटा हैं " तनमय - आई कांट बिलिव, भाई किसी को गोद मे उठा कर ला ी रहे हैं वो भी एक लड़की को | ये पक्का सपना हैं | ओम - बोस के सामने लेडी बॉस बिलकुल बच्ची लग रही है ओहस - ये कितने साल की होगी | सक्षम - आई थिकं ये सोलग सत्रह साल की होगी |तरुण - नही यार मुझे लगता है ये अठारह की तो होंगी ही तभी तो बिगबॉस ने शादी की हैं | परम - ये बिलकुल एंजल की तरह हैं क्युट सी ।ग्रवित - हां, मन कर रहा है इनके गाल खिंच लु | उदित - ए बकवास बंद कर वो बॉस की वाइफ हैं |तभी मंयक सबको डाटते हुए बोलता है " चुप करो जाहिलो वो पुरे बाइस साल की हैं ओर तुम सबकी छोटी बहन की तरह हैं " रॉमी - तुम सबसे क्या मतलब है तुम्हारी भी बहन ही हैं तो सभी रिस्पेक्ट से बात करो वरना बिगबॉस सबकी वॉट लगा देंगे | सबकी बाते सुनकर शिवा अपनी सर पकड़ लेता है वही मुस्कान जो डर रही थी वो कंफ्युज हो जाती है | तभी अभी अपनी सीट से उठता है ओर मुस्कान के पास आकर बैठ जाता है फिर उसे के हाथ पर अंगुली से टच करता ह।ै वो दो तीन बार ऐसा ही करता है ओर फिर बडी़ सी स्माइल के साथ बोलता है " भाभी आप तो सच मे हो, मुझे तो लग रहा था मै कोई ड्रिम देख रहा हूं ओर ड्रिम में मेरे सुंदर सी भाभी आई है ओर सोचो भाभी इतनी क्युट ओर सुंदर है तो फ्युचर मे मेरे भाई के बच्चे कितने क्युट होंगे बिलकुल मुझपर जायेंगे " अभी की बात सुनकर मुस्कान उसे अजीब नजरो से देखती है तभी आकाश जी सबको डाट कर चुप करवा देते हैं ओर एक छोटी सी स्माइल के साथ मुस्कान से बोलते हैं | " बेटा मै आकाश, शिवा का डैड आज से तुम्हारा भी डैड हूं ओर ये मेरे दो ो नालायक बेटे तनमय ओरअभिमन्यू है ओर ये बाकी सारे इसके दोस्त " मुस्कान आकाश जी बात सुनकर सर हिला देती है तभी शिवा एक कॉल्ड वॉइस मे बोलता है " मुझे लगता है सबको ब्रेकफास्ट कर लेना चाहिए " उसकी बातो मे धमकी थी कि अगर कोई अब कुछ बोला तो उसकी खैर नही | उसकी धमकी मुस्कान को छोड़कर सबको समझ आ गई थी। सारे बिना कुछ बोले खाने पर टुट पडे़ थे | मुस्कान भी चुप चाप खा रही थी | उसकी प्लेट मे सबसे अलग नास्ता था दलिया पर वो फिर भी खुशी खुशी खा रही थी क्योकी उसे आज पहली बार सुबह की ब्रेकफास्ट मिल रहा था नही तो वो दोपहर को ही खाना खाती थी सारा काम फिनिस करने के बाद पर आज उसे बिना काम किये ही खाना मिल रहा था | मुस्कान जल्दी से अपना ब्रेकफास्ट फिनिस करती है ओर बाकी सबकी तरफ देखती है उसने ओरो को मुकाबले कुछ ज्यादा ही जल्दी खाना फिनिस कर दिया था बाकी सभी की प्लेट मे अभी खाना था ओर सबसे ज्यादा टेस्टी खाना जो उसे दिख रहा था वो था अभी की प्लेट मे | वो बारी-बारी सबकी प्लेट पर नजरे मारती है जैसे ही उसकी नजर अपने हैसबेंड की प्लेट पर पड़ती हैं उसका मुंह बन जाता है सामने प्लेट मे सैलेट ओर साथ मे जुस का गिलास था | शिवा को अपने उपर जब किसी की घुरती हुई नजरे महसुस होती है वो पलट कर साइड़ मे देखता है और इशारे से पुछता है " वॉट हैपन "मुस्कान जैसे ही देखती हैं शिवा ा उसकी तरफ देख रहा है वो तुंरत अपनी नजरे फेर लेती है ओर चेहरा नीचे करके बैठ जाती है | उसकी हरकत देख कर शिवा हल्का सा मुस्कुरा देता है तभी आकाश जी गला खरासते हुए बोलते है " बेटा अब तुम कैसी हो शिवा ने बताया तुम्हारा एक्सीडेंट हुआ था, क्या अब तुम्हे बेहतर महसुस हो रहा है " आकाश जी को सावल पर अचानक से उसे सारी चीजे याद आ जाती है ओर वो शिवा की तरफ देखने लगती है क्योकी उसे समझ नही आ रहा था कि वो क्या जवाब दे | " डैड तुमसे तुम्हारा हाल-चाल पुछ रहे हैं बताओ उन्हे " शिवा बिना मुस्कान की तरफ देखे बोलता है | उसकी बात सुनकर मुस्कान सोच मे पड़ जाती है ओर अटकते हुए बोलती है " मै.. मै ठिक हूं.. " बोलते बोलते वो रुक जाती है क्योकी उसे ये समझ नही आ रहा था कि वो सामने बैठे शक्स को क्या बोले " उसे ऐसे रुका देख आकाश जी मुस्कुराते हुए बोलते है " तुम मुझे शिवा , तन्मय ओर अभी का तरह डैड बुला सकती हो या फिर पापा भी बुला सकती हो मुझे कोई प्रोबलम नही हैं " आकाश जी की बात सुनकर मुस्कान कुछ पल उनकी तरफ देखती है फिर अपना सर हिला देती है | तभी अभी बोलता है " वैसे भाभी आपको क्या करना पसंद हैं मुझे तो खाना खाना ओर सोना पसंद हैं और हां गेमस खेलना भी बहुत पसंद हैं " अभी के सवाल पर मुस्कान कुछ पल खामौश रहती है फिर आंखो मे चमक लाते हुए बोलती है " मुझे आसमान को देखना बहुत पसंद हैं । खुला आसमान जो तारो सो भरा हो " मुस्कान का जवाब सुनकर वहा सभी खौमश हो जाते है ओर उसके चेहरे का तरफ देखने लगते हैं वही मुस्कान सबसे बेफिक्र होकर अपनी ही घुन मै खोये हुए बोले जा रही थी | " तारो से भरे आसमान के नीचे बैठकर गुनगुना बहुत अच्छा लगता है हमे | जब हम छोटे थे तब हम अक्सर घर के आंगन मे अम्मा के साथ सोते हुए आसमान के तारे को देखते थ।े हमारी अम्मा हमे हमेशा बोलती थी की दुर आसमान मे जो तारो हैं वो हमारे अपने है जब भी हमे कोई बात करने के लिये नही मिलता था तब हम उनसे ही बाते करते थे | " ...Continue.. 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Hii guy's so let's start the story 😊😊😊 अचानक से बोलते बोलते मुस्कान खामौश हो जाती है जब उसे एहसास होता है सभी लोग उसे ही देख रहे हैं | वो तुरंत अपना सर झुका लेती है उसे डर लगने लगा था क्योकी अक्सर उसके ज्यादा बोलने पर उसकी मां उसे मारती थी |" क्या हुआ भाभी आप चुप क्यो हो गये " अभी बोलता है उसके पिछे ग्रवित भी बोल पड़ता हैं " हां मैड़म आगे बताइये ना " तरुण - मुझे तो पता ही नही था यार स्टारस को देखना इतना रोमांटिक होता है उदित - चुुप कर, तुझे हर चीज मे आशिकी ही नजर आती हैं ओम - वो सब छोडो मै सोच रहा हूं क्यु ना आज रात को सभी टैरेस पर जाकर कैंपिंग करे ओजस - घर की छत पर कोन कंपिंग करता है पागल लोगो। परम - अबे कंपिंग से उसका मतलब था रात को वहा पर सोना अभी - पर वहा बेड़ कहां है सोने के लिये तो बेड़. चाहिए होगा ना अक्षत - बियर तुझे सोने के लिये कब से बेड़ की जरुरत पड़ गई कि तु तो वॉसरुम मे भी सो सकता है वहा तो फिर भी टैरेस हैं | सबकी बकवास सुनकर आकाश जी चिड़ते हुए बोलता है " चुप करो तुम सब , पता नही भगवान ने भी सारे नमुनो को मेरे ही घर क्यु भेज दिया " फिर वो मुस्कान की तरफ देखता है जो सबको देख कर चौंक गई थी | " बेटा तुम बताओ, क्या तुम रात को टैरस पे सोना चाहती हो "मुस्कान जल्दी सो हां मे सर हिला देती है पर तभी शिवा एक कड़क आवाज मे बोलता है " वो इंजर्ड हैं जब तक सही नही हो जाती रुम मे ही रहेगी "अपनी बात खत्म करके शिवा वहा से निकल जाता है ओर बाकी सब उसे देखते ही रह जाते हैं | " भाभी आप उस खडुस को जाने दो , हम ना आज पुरा दिन मस्ति करेंगे | सबसे पहले मै आपको पुरे घर को टुर करवाउंगा उसके बाद हम विडियो गेमस खेलंगे, मुवी देखेंगे ओर शाम को हम गार्डन का टुर करेंगे और सबसे अच्छी बात पुरा दिन हमे डिसटर्ब करने वाला कोई नही हैं " अभी अपनी बतीसी दिखाते हुए बोलता है | तभी तनयम जो उसके पास बैठा था वो उसके सर मे मारते हुए बोलता है " सारी चीजो सो पहले तुम्हे बर्तन साफ करने हैं तो अपने असिस्टेंट को लेकर किचन मे घुस जाओ " तनयम की बात सुनकर अभी ओर तरुण दोनो का मुंह छोटा सा हो जाता है वही बाकी लोग हसते हुए वहा से निकल जाते है | सभी अपने अपने काम निकल गये थे | आज अभी ओर तरुण छुटी पर थे | दोनो को ही शिवा ने छुट्टी दी थी ताकि मुस्कान अकेले बोर ना हो | सबके जाने के बाद अभी ओर तरुण भी मन माकर सारे बर्तन उठाकर किचन की तरफ जाने लगते है दोनो को जाता देख मुस्कान को बुरा लगता है वो अपनी सीट से उठती है ओर बोलती है " मै कर देती हूं ". वेसे भी उसे काम की आदत थी उपर से अभी ओर तरुण को ऐसे बर्तन लेकर जाता देख उसे अजीब भी लग रहा था इससे पहले वो उनके पिछे जा पाती आकाश जी उसे रोक लेते हैं और बोलते हैं " अरे बेटा तुम क्यु करोगी, ये नालायक अपने आप कर लेंगे तुम मेरे साथ आओ | मुझे तुमसे कुछ बाते करनी हैं " मुस्कान आकाश जी की बात मानकर उनके पिछे चल पड़ती है वैसे भी उसके पतिदेव ने उसे ऑडर दिया था | उसे घर के बडो़ की बाते नही टालनी हैं पर उसे अजीब भी लग रहा था क्योकी घर मे तो बडो़ के नाम पर "सोचते सोचते मुस्कान रुक जाती है आकाश जी को पापा बुलाना उसे अजीब सा लग रहा था | अपने ही ख्यालो मे गुम वो आकाश जी के साथ उनके रुम मे पहुंच जाती है | मुस्कान जैसे ही नजरे उठा कर रुम को देखती है उसकी आंखे फटी रह जाती है उसने अपनी जिंदगी मे इतना सुंदर रुम नही देखा था | वाइट ब्लु ओर स्मोकी कलर के कोंबिनेस से पेंट ये रुम बहुत ही सुंदर तरिके से डिजाइन किया हुआ था रुम के अंदर बहुत सारी पेटिंगस थी जो हाथ से बनी हुई थी मुस्कान ध्यान से एक-एक पेटिंग को देखती है तो उनमे वही सारे लोग थे जो बहार कुछ देर पहले उसके साथ ब्रेकफास्ट कर रहे थे उसके अलावा बहुत सारे जानवर, फ्लावर ओर भी काफी सारी चीजो से रिलेटेड पेटिंगस थी | मुस्कान उनको देखते-देखते जैसे ही खो ही गई थी वो भुल गई थी कि वो इस वक्त कहां है ओर किसके सामने हैं | वो चहकते हुए बोलती है " ये कितनी प्यारी पेटिंगस हैं क्या ये आपने बनाई हैं " मुस्कान का सवाल सुनकर आकाश जी हसते हुए बोलते है " हां ये मैने बनाई हैं कैसा लगा तुम्हे अपने पापाजी का टेंलेंट " अचानक से मुस्कान चौंक जाती है वो खुद को संभालती है ओर धिरे से बोलती है " ये सारी पिक्चरस बहुत सुंदर हैं ऐसे लगता है जैसे ये जीवित हैं अभी बोलने लग जायेगी इनके रंग मन को छु लेने वाले हैं हर तस्वीर उस पल के ब्या कर रही है जब ये बनाई गई थी | " " तुम्हे तो बहुत सारी नॉलेज हैं पेटिंग की क्या तुम्हे भी बनानी आती हैं ? " आकाश जी बडे ही प्यार से पुछते हैं | उनकी बात का लहजा देख कर मुस्कान के अंदर का डर थोड़ा कम हो जाता है वो ना मे सर हिलाते हुए बोलती हैं " नही मुझे बनानी नही आती । मैने कभी बनाई ही नही लेकिन मुझे ना मेरी अम्मा बहुत सारी बाते बताती थी तस्वीरो को लेकर | उनका कहना था कि तस्वीरे दिल से बनाई जाती है एक तस्वीर मे वो पल कैद होता है जो तस्वीर बनाने वाला अपनी आंखो से देखता है कानो से सुनता हैं ओर दिल से महसुस करता है " फिर वो बच्चे की तरह पाउट बनाकर सोचते हुए बोलती है " पर मुझे आजतक अम्मा की वो बाते किसी तस्वीर मे नही मिली लेकिन जब आपकी बनाई तस्वीरे मैने देखी तब मुझे लगा कि अम्मा सही कहती थी | " मुस्कान की बाते सुनकर आकाश जी मुस्कुराते हुए उसके सर पर हाथ फिराते है ओर बोलते है " एक दिन तुम्हारी भी बनायेंगे " " सच मे क्या आप वो मुझे दोगे । मुझे ना वो अपने " बोलते बोलते मुस्कान रुक जाती है वो बोलना चाहती थी कि उसे वो तस्वीर अपने कमरे मे लगानी है पर उसका कमरा | उसका तो कोई घर ही नही हैं ये उसके पतिदेव का घर हैं जिसे वो ठिक से जानती भी नही । क्या पता अभी उसका शिवजी उसके साथ अच्छा बर्ताव करता है पर बाद मे उसके साथ बाकी सबकी तरह पेश आने लगे | ओर उसके घर के अंदर जो कमरा था वो बहुत छोटा था वहा इतनी बडी़ तस्वीर वो नही लगा सकती थी ओर सायद अब उसकी मां उसे घर मे घुसने भी नही देगी तो उसके पास वो कमरा भी नही बचा जो जिसे वो खुद का कह सके | मुस्कान को ऐसे अचानक चुप देख आकाश जी समझ जाते हैं कि उसके दिमाग मे क्या चल रहा है वो उसके सर पर हाथ फिराते हुए बोलते है " जब मै तुम्हारी तस्वीर बनाउंगा ना तो उसे तुम अपने रुम लगाना उसी रुम मे जहां तुम अपने खडुस पति को साथ रह रही हो " आकाश जी की बात सुनकर मुस्कान का मुड ठिक हो जाता है उसके बाद आकाश जी अपने रुम की अलग अगल चीजे दिखाने लगते हैं | मुस्कान आंखो मे चमक लिये सारी चीजो को देख रही थी उसे अच्छा लग रहा था | तभी दरवाजा खुलता है ओर अभी अंदर आते हुए बोलता है " डैड ये गलत बात हैं आप हमे किचन मे लगाकर यहा आराम से भाभी को साथ बाते कर रहे हो | " " क्यु तुम्हे जलन हो रही हैं " आकाश जी एक टिजिंग स्माइल के साथ बोलते हैं | उनकी बात सुनकर अभी मुंह फुला लेता है फिर वो जल्दी से आगे बढ़कर मुस्कान का हाथ पकड़ता है ओर बोलता है " भाभी आप चलिये मै आपको अपना रुम दिखाता हूं ओर घर का टुर करवाता हूं | डैड ने तो आपको अब तक पक्का दिया होगा " ओर बिना देर किये उसे वहा से लेकर निकल जाता है । .... continue... please like comment or share jarur kre thank you...
Hii guy's so let's start with the story 😊😊😊😊 मुस्कान को ऐसे अचानक चुप देख आकाश जी समझ जाते हैं कि उसके दिमाग मे क्या चल रहा है वो उसके सर पर हाथ फिराते हुए बोलते है " जब मै तुम्हारी तस्वीर बनाउंगा ना तो उसे तुम अपने रुम लगाना उसी रुम मे जहां तुम अपने खडुस पति को साथ रह रही हो " आकाश जी की बात सुनकर मुस्कान का मुड ठिक हो जाता है उसके बाद आकाश जी अपने रुम की अलग अगल चीजे दिखाने लगते हैं | मुस्कान आंखो मे चमक लिये सारी चीजो को देख रही थी उसे अच्छा लग रहा था | तभी दरवाजा खुलता है ओर अभी अंदर आते हुए बोलता है " डैड ये गलत बात हैं आप हमे किचन मे लगाकर यहा आराम से भाभी को साथ बाते कर रहे हो | " " क्यु तुम्हे जलन हो रही हैं " आकाश जी एक टिजिंग स्माइल के साथ बोलते हैं | उनकी बात सुनकर अभी मुंह फुला लेता है फिर वो जल्दी से आगे बढ़कर मुस्कान का हाथ पकड़ता है ओर बोलता है " भाभी आप चलिये मै आपको अपना रुम दिखाता हूं ओर घर का टुर करवाता हूं | डैड ने तो आपको अब तक पक्का दिया होगा " ओर बिना देर किये उसे वहा से लेकर निकल जाता है । वो मुस्कान को सारा घर दिखाने लगता है | मुस्कान आंखे बडी़ किये चारो तरफ देखने लगती है उसे ये घर कम महल ज्यादा लग रहा था | उसने ऐसा घर कभी नही देखा | उसका घर भी बहुत बडा़ था | बस उसके कमरे के छोड़कर | उसके घर मे बहुत सारी मंहगी महंगी चीजे थी ओर एटिंक भी | पर यहा की चीजे तो ओर भी ज्यादा महंगी लग रही थी | अभी मुस्कान को घर का टुर करवाते - करवाते उसे किचन मे ले आता है उसने अपना रुम छोड़कर सबके रुम दिखा दिये थे ओर साथ ही सबकी बुराई भी कर दी थी | " भाभी आपको भुख लग गई होगी चलिये हम ना कुछ टेस्टी सा खाते हैं आप बताओ क्या खाओगे " अभी दांत दिखाते हुए बोलता है | मुस्कान को भुख तो लग गई थी पर वो बोलने हिजक रही थी उसे हैजिटेट करता देख अभी बोलता हैं " अऱे भाभी शर्माइए मत खाने मे शर्म नही करनी चाहिए वरना पेट कैसे भरेगा आप तो बस डिमांड किजिए मै अभी बनाकर देता हूं इसी बहाने मै भी थोडी़ सी पेटपुजा कर लुंगा " " क्या मै बना सकती हूं " मुस्कान हैजिटेट करते हुए बोलती है | अभी तुरंत उसको किचन काउंटर के पास खड़ा कर देता है ओर एप्रेन पहनाते हुए बोलता है " आप कोनसी डिस बनाने वाले हो " " मै.. मैगी ! क्या वो यहा मिल सकती है " मुस्कान अटकते हुए बोलती है | उसे मैगी बहुत पसंद हैं अक्सर जब वो अपने भाई के लिए बनती थी तो अपने लिए भी छुपाकर रख लेती थी । अभी तुंरत मैगी चैक करने लगता है पर उसे किचन मे कहीं भी मैगी नही मिलती । वो हाथ मे नुडलस का पैकेट निकाल कर लाता है ओर सेड़ फेस के साथ बोलता है " मैगी तो नही हैं भाभी पर नुडलस हैं | आप कहो तो मै अभी मार्केट से मंगवा देता हूं " मुस्कान कुछ पल उस पैकेट को देखता है और बोलती है " मै यही बना देती हूं " अभी एक ब्राइट स्माइल के साथ बोलता है " ठिक है चलिये मै आपको हैल्प करता हूँ " ओर दोनो अपनी नुडलस बनाने मे लग जाते हैं | अभी मुस्कान की कुकिंग देख कर हैरान था | मुस्कान बहुत ही फास्ट सब्जियों को कट कर रही थी वो भी सफाई के साथ | अभी को कुछ करने का मौका ही नही मिला| कुछ ही देर मे मुस्कान चार बाउल नुडलस तैयार कर देती है ओर अभी के सामने रख देती है | अभी बडी़ सी स्माइल के साथ बोलता है " आप बहार लेकर आओ मै ना कार्टुंस शुरु करता हूं कार्टून देखते हुए नुडलस इंजॉय करेंगे " ओर बहार चला जाता है | मुस्कान भी उसके पिछे ट्रे मे चारो बाउल रख कर ले आती है | बहार हॉल मे पहले ही तरुण ओर आकाश जी बैठे थे | जहां तरुण फोन मे गेम खेल रहा था वही आकाश जी न्युज देख रहे थे | अभी जल्दी से आकर आकाश जी के हाथो से टीवी का रिमॉर्ट छिन लेता है ओर उन्हे साइड मे खिसकाते हुए बोलता है " न्युज छोडो़ हम ना डॉरेमॉन देखेगें वो भी भाभीज स्पेसल नुडलस के साथ " नुडलस का नाम सुनते ही आकाश जी थोडी़ स्ट्रिक्ट वॉइस मे बोलते है " अभी तुम्हे कितनी बार मना किया है फास्ट फुड़ खाने के लिये " " आह डैड बकवास बंद किजिए अभी भाई नही हैं वो शाम को आयेगें ओर भाभी ने स्पेसली मेरे लिये बनाई है अगर आप दोनो को नही खानी तो आप दोनो हटो " अभी दोनो को साइड़ करते हुए बोलता है | तब तक मुस्कान भी आ जाती है| वो ट्रे को वही सामने टेबल पर रख देती है ओर सामने बैठे तीनो की तरफ देखने लगती है | अभी उसका हाथ पकड़ कर अपने पास बैठा लेता है ओर चहकते हुए बोलता है " अरे भाभी खडी़ क्यु हो ? बैठो | पता है मैने ना डॉरेमॉन की न्यु मुवी की सीडी खरीदी हुई है वो भी भाई से छुपा कर | आज मिलकर देखेंगे | आप देखना आपको वो बहुत पसंद आयेगी " डॉरेमॉन का नाम सुनते ही मुस्कान की आंखो मे चमक आ जाती है | वो जल्दी से हां मे सर हिला देती है ओर आराम से बैठ जाती है | तरुण जल्दी से उठकर सबके हाथो मे नुडलस का बाउल पकड़ा देता है | नॉर्मली वो लोग नुडलस के साथ कॉलड्रिंक लेते है पर आज उनके लिये कॉलड्रिंक की जगह छाछ के गिलास थे | तरुण ओर आकाश जी ने ज्यादा ना सोचते हुए अपने नुडलस पर फोक्स कर लिया | क्योकी अभी घर का हिटलर बहार था ओर वो फ्री थे तो इंजॉय कर सकते थे | अभी भी जल्दी से मुवी ऑन कर देती देता है | ओर बाउल लेकर नुडल का पहला बाइट लेता है | पहला बाइट लेते ही अभी चिला उठता है ओर बोलता है " यार भाभी, आप पहले कहां थी " अभी के अचानक चिलाने से मुस्कान डर जाती है | ओर सहमी हुई अभी का तरह देखने लगती है | उसका डर हुआ चेहरा देख कर आकाश जी अभी तो डाटते हुए बोलते है " ये क्या तरीका है अभी डरा दिया ना फिर से " " ऑह सॉरी डैड , वो तो भाभी ने इतनी टेस्टी नुडलस बनाई हैं कि एक्साइटेडं मे शब्द अपने आप ही निकल गये " अभी दांत दिखाते हुए बोलता है | तभी तरुण भी बोल पड़ता हैं " " हां मैडम कुछ भी कहो,आपकी नुडल बहुत टेस्टी हैं | आपको पता है इतनी अच्छी नुडलस तो पाइव स्टार रेस्टोरेन्ट मे भी नही मिलती ओर ये छाछ का कोंबिनेसन तो धांसु हैं | " दोनो की बाते सुनकर मुस्कान दोनो की तरफ अपनी आंखे टिमटिमा कर देखने लगती है वो पलके झपकाते हुए बस दोनो को ही देख रही थी उसे समझ नही आ रहा था कि उसे क्या जवाब देना चाहिए | वो अक्सर अपने भाई और उसके दोस्तो के लिए नुडल्स और फास्टफुड़ बनाया करती थी पर उसे कभी ऐसी तारिफ सुनने को नही मिलती थी उल्टा उसक भाई उसे डाट देता था और उसके दोस्त उसे घुर कर देखते रहते । तभी आकाश जी बोलते हैं " इतनी टेस्टी नुडलस रोज मिले तो मै रेस्टोरेन्ट जाना ही छोड दु | फालतु मे हिटलर के सामने मीटिंग का बहाना देना पड़ता है और सामने वाली पार्टी के नखरे उठाने पड़ते है वो अलग " आकाश की बात सुनकर मुस्कान हैरान हो जाती है | तभी अभी बोलता हैं " आपको पता है भाभी, डैड ना आइसक्रीम, नुडलस ओर मोमज खाने के लिये अपनी सारी मीटिंग किसी होटल या रेस्टोरेन्ट मे रखते है ताकि मेरे खडुस भाई ओर आपके खडुस पति को पता था चल सके | वो बहुत स्ट्रिक्ट है कुछ भी नही करने देता | सब पर अपना हुकुम चलाता रहता है | मुझे पुरा यकिन है उसने आपको भी ऑडर दिये होंगे ओर बहुत सारे रुलस बतायेगे " अभी की बात सुनकर मुस्कान सिमपैथिक लुक के साथ हा मे सर हिला देती है ओर दबी हुई आवाज मे बोलती है " शिवजी ने मुझे शादी वाली रात बहुत सारे रुल बताये थे | मुझे तो याद भी नही है मै सो गई थी ना | तो मुझे याद नही हैं | हां पर मुझे कुछ याद हैं जैसे मुझे रोज शिवजी के बाल सुखाने होंगे उसकी टाई बनानी होगी | उसे किस्सी देनी होगी ओर " Continue... 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Hii guy's so let's start the story 😊😊😊😊 मुस्कान आगे कुछ बोलती उससे पहले ही अभी उसके मुंह पर हाथ रख देता है तीनो की हालत खराब हो गई थी | अभी के मुंह पर हाथ रखने से मुस्कान चुप हो जाती है ओर सवालिया नजरो से अभी तो देखने लगती है | अभी उसकी नजरे खुद पर पाकर जल्दी से हाथ हटा लेता है ओर खरासते हुए बोलता है " अ.. भाभी ऐसी बाते कर किसी को नही बताई जाती " मुस्कान सिंपली नॉट करती है उसे लगा सायद ये भी कोई रुल होगा | तभी आकाश जी कुछ सोचते हुए बोलते हैं " बेटा ये शिवजी कोन हैं " आकाश जी के सवाल पर मुस्कान का मुंह बन जाता है वो शिकायती लहजे मे बोलती है " मेरा खडुस पति " फिर वो इनोसेंट फेस के साथ आकाश जी की तरफ देखते हुए बोलती है " उसका नाम बहुत बडा़ ओर डरवाना हैं शिवराज चौहांन | इसीलिये मैने सॉर्ट मे शिवजी रख दिया | अच्छा है ना सुंदर सा " मुस्कान के शब्दो मे उसकी खुशी झलक रही थी | वही बाकी तीनो उसकी बात सुनकर पहले एक दुसरे को देखते है ओर अगले ही पल हसने लगते है | अभी हसते हुए बोलता है " वाह भाभी क्या निकनेम दिया है आपने भाई को शिवजी |" तरुण भी हसते हुए बोलता है " अगर बोस को पता चला था उनका निकनेम ये है तो पक्का गुस्से से फट जायेंगे " अरुण की बात सुनकर मुस्कान बिना देरी किये बोलती है " उनको पता है उनके नाम बताने पर ही तो मैने शिवजी नाम रखा था उनके सामने " इस बार तीनो शोक हो जाते है| आकाश जी आंखे बडी करते हुए बोलता है " ओर उसने कुछ नही कहां " मुस्कान ना मे सर हिलाते हुए बोलती है " बस बोला शिवजी नही शिवराज चौहान नाम हैं " अभी - ये भाई तो शादी के बाद एक ही दिन मे बदल गये | अगर हमने उन्हे शिवजी बोला होता तो अभि सर पर बैठकर तांडव करने लगते आकाश जी - सही कहां , तांडव के साथ फ्री मे हमे भी मुजरा भी करवाता | तरुण - मुझे तो पक्का अफ्रिका के जंगलो मे भेज देते ओर मैडम को कुछ नही ये तो सच मे चमत्कार हो गया | सबकी बाते सुनकर मुस्कान सबको अजीब नजरो से देखने लगती है | फिर अपने नडुल्स उठा कर सामने लगे टीवी की तरफ देखने लगती है | उसे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था मुस्कान सबके साथ बैठकर मस्ति से सो नुडल्स खा रही थी साथ ही कभी टीवी तो कभी अभी तो देख रही थी जो खाते हुए फैनी हरकते कर रहा था | चारो अभी अपने बीजी थे | तभी वहा पर शिवराज ,मयंक ओर ऱॉमी के साथ आ जाता है | आज उसे कुछ खास काम नही था तो वो जल्दी आ गया था इसके अलावा घर आने के एक ओर रिजन था ओर वो था मुस्कान | आज उसका काम मे मन ही नही लग रहा था उसके दिमाग मे सुबह से मुस्कान छाई हुई थी | मंयक को जब पता चला था कि उसका खडुस बॉस आज जल्दी घर जा रहा हैं उसे तो लिट्रली हार्टअटेक आ गया था | वही रॉमी अभी तक सदमे मे था | जो इंसान रात के दस बजे तक ऑफिस मे रहता है वो तीन घंटे बाद ही घर जाने की बात कर रहा था | मयंक ओर रॉमी दोनो शिवराज के साथ अंदर आते हैं | शिवराज जैसे ही लिविंग एरिया मे आता है उसकी आंखे छोटी हो जाती है ओर जैलेसी उसके चेहरे पर दिखने लगती है | उसे ऐसे बिच मे रुकता देख मयंक सामने देखता है | फिर एक नजर अपने बॉस के देखता है जिसके चेहरे पर गुस्सा झलक रहा था | वो धिरे से शिवराज के पास जाता है और बोलता है " बॉस कुल डाउन, आपके फादर ओर भाई ही हैं वो आपकी बीवी को कुछ नही करने वाले " मयंक की बात सुनकर शिवराज उसकी तरफ देखता है और बोलता है " सटअप " ओर सामने जाने लगता है | सामने अभी ओर आकाश जी दोनो ही मुस्कान के बाउल से नुडल लेने की कोशिश कर रहे थे | ओर मुस्कान दोनो को जीभ दिखा कर खा रही थी तरुण भी कस कर अपने बाउल को पकड़े तीनो के साइड़ मे बैठा था | कुल मिलकार माहौल हसी-मजाक का चल रहा था जो शिवराज को पसंद नही आ रहा था | मुस्कान को तीनो के साथ मस्ति करता देख उसे जलन हो रही थी । " क्या हो रहा है यहा पर " वो कड़क आवाज मे बोलता है | जिसे सुनते ही चारो के होश उड़ जाते है | चारो एक साथ मुड़कर देखते है अगले ही पल चारो सर झुकाये बैठे थे | मुस्कान के नुडल का बाउल शिवराज के हाथ मे था वही तरुण का बाउल मयंक के हाथ मे था | वो स्पुन लेकर उसे टेस्ट करता है चौंकते हुए बोलता है " हूं, ये बहुत टेस्टी हैं घर मे कोई सैफ रखा है क्या? जिसके बारे मे मुझे नही पता " रॉमी भी झट से टेस्ट करता है ओर बोलता है " हां यार ये तो सच मे बहुत टेस्टी हैं | " फिर वो शिवराज की तरफ देखते हुए बोलता है " बॉस आपने नया सैफ कब हायर कर लिया हमे तो बताया ही नही " फिर वो मुंह बनाते हुए बोलता है " ओर जब हायर कर ही लिया था तो हमे सुबह सुबह किचन मे लगाने की जरुरत थी" " बकवास बंद करो रॉमी मैने किसी को हायर नही किया हैं " शिवराज एक गुस्से भरी आवाज मे बोलता है फिर सामने बैठे चार नमुनो को घुरते हुए बोलता है " किसने बनाई हैं ये " उसकी गुस्से भरी आवाज सुन कर मुस्कान बुरी तरह से डर जाती है पर वो भी अपने हाथ को खड़ा कर देती है ओर मरी हुई आवाज मे बोलती है " मैने " तभी अभी प्रोटेस्ट करते हुए बोलता है " वो भाई मैने रिक्वेसट की थी भाभी की कोई गलती नही थी " तभी आकाश जी बिच मे बोलते है " मैने फरामइस की थी सारी गलती मेरी हैं " तरुण भी डरते हुए बोलता है " हां बिगबॉस, हमारे कहने पर ही मैडम ने नुडलस बनाये थे " तीनो की बाते सुनकर शिवराज अपनी एक आईब्रो उठाता है ओर चारो को घुरने लगता है | तभी पिछे से मयंक हसते हुए बोलता है " क्या युनीटी है " शिवराज चेहरा घुमा कर उसे घुरता है तो मयंक चुप हो जाता है | वो एक स्पुन लेकर खाने लगता है इससे पहले वो खा पाता मुस्कान दबी हुई आवाज मे बोलती है " वो झुठा हैं " तभी अभी बिच मे बोलता है " चलता है भाभी, आपके ही पति हैं थोडा़ सा झुठा खा लेंगे तो कुछ बिगड़ नहीं जायेगा " बोलते हुए अभी का नजरे शिवराज पर जाती है जो उसे खा जाने वाली नजरो से देख रहा था जिसे देख कर अगले ही पल वो अपने मुंह पर हाथ रख लेते है | शिवराज बिना हिजक के नुडलस का एक बाइट लेता है ओर अगले ही पल उसके होठो पर एक छोटी सी मुस्कराहट तैर जाती है जो किसी की नजर मे नही आती | वो फिर से अपने चेहरे पर खडुस वाले एक्सप्रेसन लाते हुए सबको घुरता है ओर बोलता है " शाम का खाना तुम दोनो बनाओगे ओर डैड आप इन दोनो पर नजर रखोगे |" इतना बोलकर शिवराज चुप हो जाता है तो मुस्कान बडी़ ही मासुमित के साथ बोलती है " ओर मै, मुझे क्या करना होगा " continue... please like comment or share jarur kre thank you 😊