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Junoon-e-Ishq

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mani kharwar

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obsession hai. Aanya—uski zindagi ka woh hissa jise wo kabhi khona nahi chahta. Par kya junoon mohabbat ban payega? Ya ek aisi kahani likhega jise duniya samajh hi nahi paayegi? . . . . . . .. . . . . . . .. . . . . . . . . .. . . . .. ....

Total Chapters (4)

Page 1 of 1

  • 1. Junoon-e-Ishq - Chapter 1

    Words: 1014

    Estimated Reading Time: 7 min

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    ✨ Singhania & Rathore Family – विस्तृत परिचय ✨

    Singhania Family

    शहर के सबसे पुराने, धनी और प्रतिष्ठित परिवारों में से एक—Singhania परिवार। ये परिवार सिर्फ संपत्ति और दौलत के लिए ही नहीं, बल्कि अपने सख्त नियमों, अनुशासन और बिज़नेस के लिए भी जाना जाता है। इस परिवार में जन्म लेना अपने आप में एक जिम्मेदारी है।

    Aarush Singhania

    कहानी का मुख्य नायक आरूष सिंहानिया। उसका व्यक्तित्व जटिल और रहस्यमय है। बचपन में उसने बहुत कुछ खोया—अपनी मां अमृता सिंहानिया की मौत जब वह सिर्फ 10 साल का था। इस घटना ने उसे अंदर से तोड़ दिया, और आरूष ने अपने आप को परिवार से अलग कर लिया।

    आरूष ने अपने गुस्से, भावनाओं और डर को कभी बाहर नहीं आने दिया। यही वजह है कि वह हमेशा अकेले, अपने डार्क मेंशन में रहता है। वह केवल दो चीज़ों में रुचि रखता है—पावर और कंट्रोल।

    बचपन से ही उसे यह समझ आ गया था कि दुनिया में केवल वही सुरक्षित है जो ताकतवर है। इसी वजह से, आरूष ने अपने परिवार के बिज़नेस के साथ-साथ अंडरवर्ल्ड की दुनिया में कदम रखा। आज, आरूष शहर का सबसे खतरनाक माफिया किंग और सबसे सफल बिज़नेस टायकून है। उसकी मौजूदगी से ही लोग डरते हैं, लेकिन जिनके लिए वह महसूस करता है, उनके लिए वह दुनिया का सबसे वफादार और obsessive इंसान है।

    मुख्य गुण:

    कम बोलने वाला

    गुस्सैल और सख्त

    मासूमियत को आकर्षित करने वाला obsessive nature

    माफिया किंग और बिज़नेस टायकून


    कमज़ोर पक्ष:

    अपने अतीत और मां की मौत की याद से कभी नहीं छुटकारा पाया

    दूसरों के करीब नहीं आता



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    Grandparents (दादा-दादी)

    राजवीर सिंहानिया – परिवार के मुखिया, कड़क और अनुशासनप्रिय। बिज़नेस में उसकी पकड़ किसी भी माफिया से कम नहीं।
    देव्यानी सिंहानिया – परिवार की रूह और संस्कारों की संरक्षक। उसके बिना घर में संतुलन अधूरा है।


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    Parents

    विक्रम सिंहानिया – आरूष के पिता, एक सफल बिज़नेस मैन। प्यार तो करते हैं, लेकिन भावनाओं को दिखाने में कमजोर।
    नंदिनी सिंहानिया – आरूष की सौतेली माँ। उसने आरूष के लिए कभी माँ का स्थान नहीं बना पाया।
    अमृता सिंहानिया – आरूष की असली मां, जिनकी मौत ने उसके जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया।


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    Siblings (सगे और सौतेले)

    सगे भाई–बहन:

    रणवीर – आरूष का छोटा भाई, मस्तीखोर और नटखट।

    क्रिश – मध्य में, दिमाग तेज़, लेकिन भावनाओं में संवेदनशील।

    आयरा – आरूष की बहन, समझदार और दयालु।


    सौतेले भाई–बहन:

    वियान, वीरांश, अर्जुन, कियारा – सभी आरूष से प्यार करते हैं, लेकिन वह हमेशा उनसे अलग रहता है।


    आरूष की दुनिया में प्यार है, लेकिन उसकी शर्तों के साथ। उसे लगता है कि प्यार हमेशा कमजोरी बन सकता है, इसलिए वह उसे अपनाने में डरता है।


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    Rathore Family

    अब हम बात करते हैं हमारी नायिका आन्या राठौर की।

    Aanya Rathore

    आन्या बचपन से ही मासूम, समझदार और भावनाओं में संवेदनशील रही है। जब वह सिर्फ 5 साल की थी, उसकी माँ अनुष्का राठौर का निधन हो गया। उसने हमेशा अपनी माँ की यादों के सहारे जीवन को समझने और संभालने की कोशिश की।

    आन्या की दुनिया अलग है—यहाँ प्यार और परिवार के बीच संतुलन है। लेकिन फिर भी, कुछ खालीपन हमेशा उसके जीवन में मौजूद रहते हैं।


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    Grandparents

    राधिका राठौर – पारिवारिक संस्कारों की संरक्षक।
    विजय राठौर – पिता जैसा मार्गदर्शन देने वाला, लेकिन कभी-कभी कठोर।


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    Parents

    पवन राठौर – पिता, प्यार में संवेदनशील और व्यापार में सफल।
    सुमन राठौर – सौतेली माँ, जो कभी पूरी तरह से अपनाने में सक्षम नहीं हुई।


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    Bade Mummy-Papa (बड़े मम्मी-पापा)

    शिवाय राठौर

    श्री राठौर


    उनके घर में कुल 3 लड़कियाँ और 1 लड़का हैं—

    आर्यन

    आलया

    अर्णिशा

    आवीरा


    Step Brother:

    शुभ राठौर – सौतेले भाई, जो कभी-कभी आन्या के जीवन में हलचल लाता है।


    आन्या अकेली थी, लेकिन परिवार का प्यार हमेशा उसके साथ रहा। फिर भी, उसकी मासूमियत और बचपन के अनुभव उसे अक्सर अलग महसूस कराते हैं।


    ---

    दो अलग दुनिया, एक अंधेरा, एक मासूमियत

    अब कहानी शुरू होती है—दो अलग दुनिया, दो व्यक्तित्व, जो कभी एक दूसरे की दुनिया में कदम नहीं रखना चाहते थे।

    आरूष—माफिया किंग और बिज़नेस टायकून, जिसके अंदर सिर्फ ताकत, पावर और कंट्रोल की दुनिया है।
    आन्या—मासूम, संवेदनशील और जीवन में प्यार खोजती लड़की।

    जब इन दोनों की राहें टकराएंगी, तो यही कहानी जन्म लेगी—एक जुनून भरा, obsessive, रोमांस और ड्रामा से भरा सफर।

    आरूष के obsessive nature और अनियंत्रित गुस्से के साथ, आन्या की मासूमियत और धैर्य दोनों ही इस कहानी को दिलचस्प और gripping बनाएंगे।


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    Dear Readers,
    Yeh to bas shuruaat thi…
    Ab asli kahani agle chapter se shuru hoti hai. .



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  • 2. Junoon-e-Ishq - Chapter 2

    Words: 1032

    Estimated Reading Time: 7 min

    शाम का समय था। Singhania Mansion की विशाल खिड़कियों में से सुनहरी रोशनी अंदर उतर रही थी। पुराने राजस्थानी स्टाइल से सजी डाइनिंग टेबल पर पूरा परिवार बैठा था। घर का माहौल शांत था—शायद आज कुछ अलग था।

    Rajveer Singhania अपने गिलास को हल्के से टेबल पर रखते हैं। उनके सामने बैठे Aarush ने सिर झुकाकर खाना खा रहा था—वो वैसे भी कम बोलता था। उसके चेहरे पर वही ठंडापन, वही mystery, मानो किसी अपने ही संसार में कैद हो।

    इसी दौरान Vikram ने पिता की ओर देखा,

    “Papa, aap kuchh bolna chahte the?”

    Rajveer ने धीमे से मुस्कुराया,

    “Hamare dost Vijay ji ke ghar shaadi ka mausam hai। Unke Pote Aryen ki shaadi phir bees din baad Arnisha ki. Hum soch rahe the ki kuchh din wahan up chale jayein. Ek-do mahine ka tour ho jaayega.”

    यह सुनकर टेबल पर मौजूद बाकी भाई-बहन चमक उठे। Singhania परिवार वैसे भी रिश्तेदारों के बीच मशहूर था, और shaadi matlab celebration!

    Vikram और उनकी पत्नी Nandini मुस्कुराए—

    “Ji… waha bhi ghoom-fhir lenge.”

    पर Devyani और Rajveer ने एक-दूसरे को देखा—

    “Kal subah hi nikalte hain. Sab tayyar ho jaayenge.”

    Kiara ने उत्सुकता से पूछा,

    “Dadaji… Aarush bhai bhi aa rahe hai ?

    Rajveer ने गहरी नज़रों से Aarush को देखा,

    “Woh to aayega hi.”

    Aarush ने बिना कोई प्रतिक्रिया दिए सिर झुकाया। उसका चेहरा पढ़ पाना वैसे भी नामुमकिन था।

    परिवार खुशी से अपने-अपने कमरों में तैयारियाँ करने निकल गया।

    ---

    दूसरी तरफ—Dark Mansion

    Singhania Family की दूसरी प्रॉपर्टी जिसे लोग चुपचाप “Dark Mansion” कहते थे। कारण कोई नहीं जानता था—पर Aarush की personality ही उस जगह को नाम दे चुकी थी।

    बाहर दरवाज़े पर Rolls-Royce Phantom आकर रुकी।

    दरवाज़ा खुला—और पूरी शान से Aarush बाहर निकला। काला फॉर्मल, confident walk, तीखी आंखें। Mansion के guards ने तुरंत सिर झुका लिया।

    Aarush के साथ एक और लड़का था—

    Abhi Singhania…

    लोग समझते थे वह मुंशी का बेटा है, पर सच में वह Aarush का सबसे नज़दीकी इंसान था। Assistant भी, दोस्त भी, और शायद भाई जैसा भी।

    दोनों सीधे अंदर आए। Abhi वहीं रहता था क्योंकि वो अनाथ था… और Aarush ने बचपन से उसे अपने साथ रखा था।

    Aarush ऊपर अपने कमरे की ओर गया। कपड़े बदले, और फिर सीधे Study Room।

    Study की दीवारों पर Family portraits, trophies और antique लकड़ी की अलमारियाँ। Aarush धीरे-धीरे एक locker खोला, और उसमें से एक Photo निकाली।

    उस तस्वीर में शादी के जोड़े में एक लड़की और एक लड़का खड़े थे—बहुत साल पुरानी तस्वीर… पर Aarush की आँखों में जिसे देखकर वही पुराना तूफ़ान जाग उठा।

    उसकी आँखें गहरी हो गईं…

    एक जुनून… एक चाहत… एक खामोश आग।

    उसने तस्वीर को छूकर धीरे से कहा—

    “Saalo ka intezaar sirf is lamhe ke liye tha… jis din tasveer se aage badhkar, tum khud mere saamne hogi.”

    उसकी आवाज़ धीमी थी, पर हर शब्द में पागलपना छिपा हुआ।

    तभी दरवाज़ा खुला—

    Abhi आया।

    “Taiyaari ho gayi?”

    Aarush ने बिना पलके झपकाए कहा,

    “Sab set rakho… hum kal hi nikal rahe hain.”

    Abhi हंसते हुए कुर्सी पर बैठा,

    “Sach me lagta hai wo tujhe pehchaan legi?”

    यह बात सुनकर Aarush की आँखें पल भर को लाल सी चमकीं—

    वो धीरे से बोला,

    “Main use bhoolne nahi dunga… chahe wo bhool bhi jaye. Ab main use apni zindagi se jaane nahi dunga.”

    Abhi ने माथा पकड़ा,

    “Tu sach me pagal ho raha hai… kya pata wo kisi aur se pyaar karti ho...”

    Aarush की सांसें भारी हुईं। वो Abhi के करीब आया—

    बिना गुस्सा चिल्लाए, सिर्फ आंखों से चेतावनी दी—

    “Koi uske kareeb nahi aayega. Samjha? Kuch log sirf ek hi dil ke liye likhe jaate hain.”

    और सीधा बाहर चला गया।

    Abhi गहरी सांस लेकर बोला—

    “Pata nahi… ab wo ladki kaise sambhalegi is pagal ko.”

    फिर खुद भी अपने कमरे की ओर चला गया।

    ---

    अगले दिन – Singhania Mansion का माहौल

    सुबह-सुबह सारा स्टाफ पैकिंग में लगा था।

    Kiara,Arjun,Krish,Ira,Veeransh,Ranveer,Viaan उत्साहित होकर कपड़े चुन रहे थे

    “Bhai ke favourite colour ke outfits bhi pack karna!”

    Kiara बोली।

    पर Aarush—जैसे किसी पुराने धुएं में खोया हुआ था।

    उसके दिमाग में बस एक ही नाम था…

    एक ही चेहरा…

    किसी को पता नहीं था— वो लड़की कौन है…

    जिसे देखकर Aarush की दुनिया रुक जाती थी।

    कारों की लंबी लाइन Mansion के सामने खड़ी थी

    Aarush बस शांत खड़ा था…

    मगर उसकी नज़रें कहीं और थीं।

    उसे मालूम था— जैसे ही वो वहाँ पहुंचेगा— उस लड़की से उसका सामना होना तय है।

    और यही ख्याल उसे बेचैन कर रहा था…

    या शायद खुश भी।

    Aarush कभी खुलकर नहीं हँसता था।

    बचपन में उसकी असली माँ का देहांत हुआ।

    बाप बिज़नेस में व्यस्त, रिश्ते सिर्फ formalities बन गए।

    पर उस लड़की ने कुछ साल पहले उसके अंदर जो रोशनी जगाई थी…

    अब वही उसकी अँधेरा बन चुकी थी।

    वो तस्वीर—

    वो शादी—

    और वो अधूरा रिश्ता…

    Aarush ने कभी किसी को नहीं बताया,

    कि उसने उस दिन एक वादा किया था—

    वो उसे एक दिन जरूर वापस पायेगा।

    Final Scene

    Aarush कार में बैठा।

    आँखें बंद कीं

    और बस एक नाम फुसफुसाया—

    “Main aa raha hoon…”

    जैसे उस लड़की को पता हो

    कि कोई दूर से उसकी किस्मत बदलने आ रहा है।

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  • 3. Junoon-e-Ishq - Chapter 3

    Words: 1147

    Estimated Reading Time: 7 min

    दिल्ली की ठंडी सुबह थी। आसमान हल्का-सा धुंध से भरा, जैसे शहर अपने ही खयालों में खोया हो। दूसरी तरफ़, मुंबई एयरपोर्ट की रनवे पर चमकती लाइट्स में Singhania परिवार की कार धीरे-धीरे रुक रही थी। सुरक्षा गार्ड दरवाज़ा खोलने आगे बढ़ा और एक के बाद एक Singhania family के लोग बाहर निकले।

    Rajveer Singhania, अपने संजीदा, कम बोलने वाले अंदाज़ में, बस इतना बोले—
    “चलिए,

    उनके पीछे Devyani ji, Aarush, और बाकी परिवार के लोग।

    कुछ ही देर में सब एरोप्लेन में बैठ चुके थे और फ्लाइट टेक-ऑफ की तैयारी में थी।

    इंजन की आवाज़ तेज़ हुई, जहाज़ रनवे पर दौड़ा और थोड़ी देर में बादलों के ऊपर उड़ चला—जैसे एक नई कहानी की शुरुआत हो गई हो…


    ---

    ⭐ दूसरी तरफ़ दिल्ली…

    Aanya अपने घर के drawing room में खड़ी थी। सूटकेस ज़मीन पर रखा था लेकिन बंद। उसके माँ-पापा घर जाने की तैयारी में थे क्योंकि गाँव में शादी थी।

    Aanya: “पापा, मुझे सीधे शादी वाले दिन आना है। मैं अभी नहीं चलूँगी।”

    पिता Pawan ji ने उसकी तरफ़ देखा,
    “बिटिया, इतने साल बाद पूरा परिवार इकट्ठा हो रहा है। चलना चाहिए न?”

    लेकिन Aanya पहले ही तय कर चुकी थी।

    “Papa, please… main aa jaungi shaadi ke din. Aap log jao.”

    Suman ji ने थोड़ी नाराज़ी में कहा—
    “हमेशा अपनी मन की करती हो! ठीक है, जाओ मत, पर ध्यान रखना। और mobile चालू रखना।”

    Aanya ने सिर हिलाया और हल्की मुस्कान दी,
    “जी।”

    कुछ देर बाद पूरा परिवार निकल गया—पापा, मम्मी, भाई… और घर अचानक शांत हो गया।

    Aanya ने जैसे ही दरवाज़ा बंद किया, उसका सवाल मन में उठा—

    “Aaru online होगा क्या?”

    वो मुस्कुराई और mobile उठाकर message भेजा—

    Aanya: Kaha ho Aaru?

    (यहाँ readers के लिए—Aaru का मतलब Aarush ही है, जिससे Aanya की online दोस्ती हुई थी, पर उसे ye pta nhi tha ki aaru और Aarush ak hi insan hai na kabhi us ne aaru ko dekha)

    Message भेजकर Aanya सो गई।


    ---

    ✈ अगले दिन

    Singhania family UP के बनारस पहुँच चुकी थी। एयरपोर्ट पर grand welcome चल रहा था। पुराना शहर, मंदिरों की घंटियों की आवाज़ और बनारसी बोलचाल—हर चीज़ में एक अलग warmth थी।

    Vijay ji ने Rajveer ji को गले लगाते हुए स्वागत किया। दोनों परिवार बड़े हॉल में बैठ कर बातें कर रहे थे। लेकिन Aarush का ध्यान कहीं और था।

    वो किसी को तलाश रहा था—बिल्कुल साफ़ नज़र आ रहा था। Rajveer और Devyani समझ भी चुके थे कि उसका ध्यान किस पर है।

    Rajveer ने सीधे Vijay ji से पूछ ही लिया—
    “वो… Aanya नहीं दिख रही?”

    Vijay ji ने थोड़ा अनचाहे अंदाज़ में जवाब दिया,
    “वो दिल्ली में ही है। कुछ काम था। शायद शादी वाले दिन आ जाए।”

    ये बोलते हुए उन्होंने Pawan ji को नाराज़ नज़र से देखा। Pawan ने सिर झुका लिया।

    उधर Aarush ने ये बात सुनी तो उसके माथे पर चिंता की लकीरें साफ़ उभर आईं। उसका चेहरा तनाव में बदल गया।

    कुछ मिनट बाद, माहौल में हल्की हँसी-मज़ाक चल रहा था, लेकिन Aarush उठकर चुपचाप वहाँ से चला गया।

    वो सीधे अपने कमरे में पहुँचा और ज़ोर से पंच मारा शीशे की तरफ़। (इजा‍फ़ा नहीं किया—बस उसका गुस्सा दिख रहा था।)

    उसने फोन उठाया तो देखा…

    Aanya का message रात से पड़ा है।

    उसने बिना reply किए, सीधा call किया।


    ---

    Aanya ने call उठाया

    “Hello hero! Kaise ho?”

    Aarush के अंदर गुस्सा था, लेकिन उसने control किया।
    “Thik hoon."

    Aanya बोली—
    “Subah message kiya tha, reply hi nahi diya!”

    Aarush थोड़ा रुखा बोला—
    “Main meeting mein tha।”

    Aanya को कुछ कहने का मौका मिलता इससे पहले उसके फोन पर दूसरी call आने लगी।

    “Accha, baad mein call karti hoon… bye!”

    और उसने call काट दी।

    Aarush का गुस्सा भड़क गया। उसने फोन ज़ोर से बिस्तर पर फेंक दिया।

    नीचे से उसकी धीमी आवाज़ सुनाई दी—

    “Tum mujhse ab nahi bach sakti.”


    ---

    उसी समय Delhi में…

    Aanya के फोन पर call आया उसकी बड़ी मौसी की बेटी Alyaa का।

    “कमिनी लड़की! तू शादी पर क्यों नहीं आई?!”

    Aanya हँसी,
    “आ जाऊँगी न शादी वाले दिन!”

    Alyaa नाराज़ होकर बोली—
    "Drama mat kar! Singhania family भी आई है, tujhe pata hai??"

    Aanya को कुछ समझ नहीं आया,
    “Singhania??? … मतलब?”

    Alyaa बोलती गई—
    "Tu chup chap aa! Meri kasam!"

    “Acha theek hai… aa jaungi,” Aanya ने मान ही लिया।


    ---

    ✈ अगली सुबह

    Aanya फ्लाइट में बैठने से पहले Aaru को message करती है—

    “Hero, main UP ja rahi hoon. Mere bhai behan ki shaadi hai.”


    ---

    वहीं दूसरी तरफ़…

    Aarush का गुस्सा लगातार बढ़ रहा था। वो कमरे से बाहर तक नहीं निकल रहा था। फ़ोन तो उठाना तो दूर, छू भी नहीं रहा था।

    पर उसके अंदर बस एक ही बात चल रही थी—

    “Aanya ne bataya kyun nahi?

    उसके मन में सवाल भी थे और एक अजीब-सी बेचैनी भी…

    लेकिन Aanya को अभी ये नहीं पता था कि उसकी ज़िंदगी में क्या होने वाला है।

    क्योंकि उसकी एक छोटी-सी फैसला—
    “शादी वाले दिन आऊँगी”—
    किसी दूसरे के अंदर तूफ़ान बन चुका था।


    ---


    Aanya की flight हवा में थी…

    rathore Mention की सोने जैसे दीवारों पर Aarush की बेचैनी जैसे परछाई बन कर टंग चुकी थी।

    और बहुत जल्द…

    वो दोनों एक ही शहर में होने वाले थे—
    बनारस।

    जहाँ नदियाँ शांत थीं, पर किसी का दिल तूफ़ान की तरह उबल रहा था…

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  • 4. Junoon-e-Ishq - Chapter 4

    Words: 1048

    Estimated Reading Time: 7 min

    Banaras की शाम अपने ही रंग में थी—आकाश पर हल्की धूप और सर्द हवा की सरसराहट। शहर की पुरानी गलियाँ आज किसी नए उत्साह से भर गई थीं। जगह-जगह रोशनी, फूलों की सजावट और शादी वाले गानों की धीमी धुनें हवा को महकाती जा रही थीं।

    आज Rathore परिवार के लिए बेहद खास दिन था—Aaryen Rathore की engagement।

    The Benares Imperial Hall सुबह से ही जगमगा रहा था। हर कमरे में हलचल, मेहमानों की चहल-पहल और तैयारियों का शोर।


    दूसरी तरफ

    उसी समय…

    Delhi से निकली Aanya Rathore एक taxi में बैठी Banaras के रास्तों से गुजरती हुई finally अपने घर के गेट पर पहुँची। उसका दिल उत्साह से भरा था। इतने सालों बाद वो वापस अपने शहर आई थी। उसने सोचा था कि जैसे ही घर पहुँचेगी, सब उसे देखकर खुश हो जाएँगे, उसे गले लगा लेंगे, पर दृश्य बिल्कुल उल्टा था।

    वो गेट तक आई, पर दरवाज़ा बंद था।

    Aanya ने हैरानी से कहा,
    “घर बंद कैसे हो सकता है?”

    तभी गेटकीपर बाहर आया,
    “Madam, सभी लोग engagement के लिए The Benares Imperial Hall चले गए हैं।”

    Aanya का चेहरा थोड़ा गिर गया। वह चाहती थी घर पहुँचकर सबको surprise दे, पर यहाँ तो कोई था ही नहीं। उसने एक लंबी साँस ली।

    उसी पल…

    “Excuse me…

    Aanya ने पीछे मुड़कर देखा। एक लंबा, पतला, अच्छे features वाला लड़का खड़ा था। उसकी personality एकदम clean और decent लग रही थी।

    Aanya ने पूछा,
    “जी… आप कौन?”

    उसने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा,
    “मैं Abhi… Abhi Singhania।”

    Singhania नाम सुनते ही Aanya को Alyaa की बात याद आ गई—singhania family आई है।

    Aanya ने कहा,
    “ओह, मैं Aanya Rathore।”

    Aanya का नाम सुनते ही Abhi के expression पूरी तरह बदल गए। जैसे अचानक कुछ याद आया हो… या शायद झटका लगा हो। उसने तुरंत अपनी नज़रें साफ करते हुए कहा,

    “तो आप यहाँ अकेली हैं?”

    “जी, अभी Delhi से आई हूँ… शायद घर वालों को पता नहीं। Alyaa शायद बताना भूल गई।”

    Abhi ने सिर हिलाया,
    “ओह अच्छा। वैसे अगर आप चाहें तो मेरे साथ चलिए, मैं भी Hall जा रहा हूँ।”

    Aanya ने थोड़ा सोचा,
    “सच में?”

    “हाँ, बिल्कुल।”

    “लेकिन मुझे dress भी change करनी होगी…”

    Abhi ने तुरंत दिमाग लगाया,
    “तो Royal Mansion चलिए, वहीँ change कर लीजिए।”

    Aanya ने मान लिया,
    “ठीक है, आप wait कीजिए, मैं आती हूँ।”

    वह Mansion की तरफ चली गई और Abhi कार के पास खड़ा इंतज़ार करने लगा।

    लेकिन तभी… Singhania family की दूसरी कार आकर रुकी। उसका दरवाज़ा खुला और बाहर Aarush Singhania उतरा। उसके हाथ में laptop था, जैसे वो अभी-अभी meeting से निकला हो। उसके चेहरे पर usual गंभीरता थी—कम बोलने वाला, आँखों से सब जानने वाला।

    जैसे ही उसने Abhi को बाहर खड़ा देखा, उसके माथे की नसें तन गईं।

    “यहीं रहना है?”

    उसकी आवाज़ सख़्त और ठंडी थी।

    Abhi घबरा गया,
    “Nhi, nhi… aa raha hoon!”

    Aarush ने कुछ नहीं कहा और silently फिर से laptop में business meeting join कर ली।

    कुछ देर बाद Aanya वापस आई। Royal Mansion से तैयार होकर निकलती हुई।

    Abhi ने उसे देखा और एक पल को चुप हो गया। उसने नज़र थोड़ी ऊपर उठाई… फिर 1…2…3 सेकेंड बाद नज़रें झुका लीं। उसे पता था अगर ज्यादा देखा तो Aarush उस पर खामखां शक करेगा।

    Abhi ने तुरंत driving सीट ले ली। Aarush laptop पर call में था।

    Aarush ने बस एक शब्द कहा:
    “चलो।”

    और तभी… अचानक passenger side का दरवाज़ा खुला। कोई आकर Aarush के बिलकुल पास बैठ गया।

    पहले तो Aarush ने ध्यान ही नहीं दिया, पर जब उसने नज़रें उठाईं, उसकी साँस जैसे वहीं थम गई।

    वो लड़की… वही चेहरा… वही आँखें… वही मासूमियत…

    Aanya…

    उसे विश्वास ही नहीं हुआ।

    तेरह साल बाद…

    वो वापस उसके सामने थी।

    Aarush का दिल जैसे तेज़ी से धड़कने लगा। उसकी आँखें फैल गईं। उसे लगा जैसे समय अचानक पीछे लौट आया हो।

    Aanya ने हल्की मुस्कान के साथ कहा,
    “Hello…”

    Aarush के होंठों पर शब्द नहीं आए। बस आंखों में अजीब-सी चमक उभरी।

    Abhi ने बस “हूँ” कहा और आगे देखने लगा, लेकिन उसकी नज़रें बार-बार mirror में Aanya पर जा रही थीं। Aarush ने वो note किया पर चुप रहा।

    कार धीरे-धीरे Banaras की गलियों से निकल कर Main road पर आई।

    बाहर शहर का पुराना रंग चमक रहा था—बनारसी दुकानों की रोशनी, घाटों की महक, और engagement की सजावटों की चमक।

    Aanya खिड़की से बाहर देखते हुए शहर को absorb कर रही थी। अंदर एक अजीब-सी nostalgia थी, यादें, childhood flashes, और थोड़ी nervousness भी।

    Aarush बस उसे देखे जा रहा था—जैसे उसकी आँखें confirm करना चाहती हों कि वो वही है जिसे उसने कभी खोया था।

    वो कुछ कह नहीं पाया, लेकिन उसकी नज़रें सब कह रही थीं।

    Abhi steering पकड़े लेकिन मन में कुछ और चल रहा था। Aarush की नज़रें, Aanya की मासूमियत, और बीते हुए सालों का अनकहा राज।

    Royal कारों का छोटा सा काफिला The Benares Imperial Hall के सामने रुका।

    चारों तरफ रोशनी, security, camera flashes, और royal decoration।

    Aanya ने car का दरवाज़ा खोला और बाहर उतरने लगी। Aarush भी उसके साथ उतरा।

    उसके अंदर सिर्फ एक ही एहसास था—

    उसकी दुनिया वापस आई है।

    तेरह साल बाद।

    और अब वो उसे कही जाने नही देगा

    लेकिन इतना ज़रूर था—ये रास्ता अब सीधा दिल तक जाने वाला था।


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