Novel Cover Image

Rebirth for you my love

User Avatar

dream_girl _soul

Comments

0

Views

2

Ratings

0

Read Now

Description

ये कहानी मुक्ति और प्रेम की जिसे है एक दूसरे से बेइंतहा प्यार पर इनके ही कुछ अपनो की वजसे होजती है मुक्ति की मौत जिसे कोने से प्रेम टूटा जाता हैं और करने लगता है प्यार और मोहब्बत से नफ़रत वही मुक्ति जोकि मर चुकी थी हो जाती है उसकी पुनर्जन्म क्यों कि...

Total Chapters (2)

Page 1 of 1

  • 1. Rebirth for you my love - Chapter 1

    Words: 648

    Estimated Reading Time: 4 min

    मुक्ति, एक लाल अनारकली में सजी, हँसते हुए पहाड़ियों पर भाग रही थी। उसके पीछे, सफ़ेद पतलून और लाल कमीज़ में प्रेम, दौड़ता हुआ आ रहा था, "मुक्ति, रुक जा! कहाँ जा रही हो? तुम्हें मेरे पास ही आना है!" उसकी आवाज़ सुनकर मुक्ति ने तेज़ी से भागना जारी रखा, "प्रेम, मुझे पकड़ो तो सही! फिर बात करेंगे। मैं तुम्हारे पास खुद नहीं आऊँगी!" उसकी हँसी गूँज उठी पहाड़ियों में। लेकिन प्रेम थम गया। मुक्ति को देखते हुए उसने कहा, "मुझे तुम्हारे पास नहीं आना।" मुक्ति रुक गई, "सच में? मुझे नहीं पकड़ोगे? तुम मुझे प्यार नहीं करते, इसलिए ना? देखना, मैं तुम्हें छोड़कर चली जाऊँगी! फिर मत कहना कि मैंने तुम्हें छोड़ दिया!" "नहीं कहूँगा," प्रेम ने कहा, और दूसरी तरफ मुड़ गया। "प्रेम! तुम बहुत बुरे हो!" मुक्ति ने कहा, "सच में, मैं जा रही हूँ!" उसकी हँसी हवा में गूँजी। प्रेम हैरान होकर मुक्ति की तरफ़ देखा। वह दौड़ा, लेकिन बहुत देर हो चुकी थी। उसने देखा कि मुक्ति पहाड़ी से गिर गई है। "मुक्ति!!!" उसकी चीख पहाड़ों में गूँजी। फिर प्रेम नींद से जागा। उसके हाथ पसीने से तर थे। वह उठा और एक बड़ी तस्वीर के सामने खड़ा हो गया, जिसमें मुक्ति मुस्कुरा रही थी। प्रेम ने तस्वीर देखकर कहा, "मुक्ति, तुम सच में बुरी हो! तुमने मुझे छोड़कर चली गई। मैं अब किसके लिए जीऊँगा? अब मुझे प्यार से ही नफ़रत होगी।" वह आँसू पोंछकर वॉशरूम में चला गया। दूसरी ओर, एक आलीशान कमरे में एक लड़की बिस्तर पर सो रही थी। उसके माथे पर पसीना था, जैसे वह कोई बुरा सपना देख रही हो। अचानक उसकी नींद खुली और वह झटके से उठ बैठी। आँखें खोलकर उसने अपने आस-पास देखा। खुद को अपने कमरे में पाकर वह थोड़ी शांत हुई। चेहरे से पसीना पोंछते हुए उसने कहा, "ये क्या सपना था? जब से मैं कोमा से बाहर आई हूँ, रोज़ ऐसा ही सपना आता है। वो लड़का कौन था जिसने मेरा नाम पुकारा था? हे भगवान! ये क्या हो रहा है मेरे साथ? शायद मैं ज़्यादा सोच रही हूँ। इतने दिन तो ठीक था, पर आज... कोई उसे मार डाला... मतलब आज उसकी मौत हो गई? क्या वो लड़की सच में मर गयी ?" अपने आप को डाँटते हुए उसने कहा, "मुक्ति, ये सब क्या सोच रही है? सिर्फ़ एक सपना है, और कुछ नहीं।" यह सोचकर वह शांत हुई और गहरी नींद में सो गई। --- राजवंश पैलेस --- सुबह के समय, प्रेम ऑफिस सूट में डाइनिंग टेबल पर हेड चेयर पर बैठा था। उसका चेहरा भावहीन था। उसके सामने उसके पिता, राजेंद्र राजवंश, और बगल में उसकी बहन, प्रिया राजवंश, बैठी थीं। दोनों आँखों से इशारा कर रहे थे। इसे देखकर प्रेम ने ठंडे स्वर में कहा, "कुछ हुआ है?" राजेंद्र और प्रिया ने एक साथ कहा, "कुछ नहीं।" प्रेम को उनके जवाब से कोई फ़र्क नहीं पड़ा। उसने कहा, "नहीं, तुम दोनों आँखों-आँखों से क्या इशारा कर रहे थे? राजेंद्र ने अपने आप से कहा, "मेरे बेटे को इतना दिमाग कहाँ से मिला? जब देखो मोबाइल में ही लगा रहता है, और फिर भी दूसरों की हरकतें देख लेता है!" वह मुँह बनाते हुए बोला। प्रेम ने उनकी तरफ़ देखे बिना कहा, "अगर आपका कोसना हो गया है, तो सीधा जवाब दीजिये कि आपके दिमाग में क्या पक रहा है?" राजेंद्र ने कहा, "मुझे क्या पूछना है? राजवंश साहब, अपनी माँ से पूछो।" तभी प्रेरणा राजवंश (लगभग 50 वर्ष की) कुछ तस्वीरें लेकर आईं और डाइनिंग टेबल पर रख दीं। वह प्रेम के बगल वाली कुर्सी पर बैठ गईं। प्रेम ने अपनी आँखें बंद कर लीं, क्योंकि उसे पता था कि अब क्या होने वाला है। फिर उसने आँखें खोलीं और प्रेरणा की तरफ़ देखा। प्रेरणा अपनी आँखों से राजेंद्र और प्रिया को डरा रही थी। वे दोनों अपनी आँखों से उसे चिढ़ा रहे थे, जैसे कह रहे हों कि "आपका कुछ नहीं होगा।" प्रेम अपने परिवार की इस स्थिति को देखकर अपने सिर को निराशासे हिलाता है

  • 2. Rebirth for you my love - Chapter 2

    Words: 1

    Estimated Reading Time: 1 min