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Inaaya: Adventurous journey of sea

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Jahnavi Sharma

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ये कहानी है, इनाया की, जिसके पास अचानक उसके अठारहवें जन्मदिन के दिन कुछ अदभुत शक्तियां आ जाती है। क्या है इन शक्तियों का राज, क्या इनाया कभी पता लगा पाएगी, कि वो एक आम इंसान नहीं बल्कि एक मरमेड है। जानने के लिए पढ़िए, "Inaaya: adventurous journey of...

Total Chapters (10)

Page 1 of 1

  • 1. Inaaya: Adventurous journey of sea - Chapter 1

    Words: 2538

    Estimated Reading Time: 16 min

    सुबह के समय सूरज अपनी सुनहरी किरणें बिखेर रहा था। समंदर का शांत पड़े नीले पानी में सूरज की किरणें बिल्कुल साफ झलक रही थी। समुंदर तल के गहराई में किसी दुनिया का अस्तित्व भी हो सकता है, ये किसी की समझ और सोच से परे था। समुद्र की सबसे निचली गहराई में पानी का बहाव बिल्कुल सफेद था और जहां पर अलग-अलग प्रकार के जलीय जीव मौजूद थे। हर पल बदलते पेड़ पौधे का रंग अपने आप में अद्भुत था। वहीं पर एक बड़ा सा सफेद महल बना था। आसपास छोटे-मोटे महल और घर प्रकार की आकृतियां थी, मानो वहां पर एक पूरी दुनिया निवास करती हो। “आज के जश्न की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है किंग लूसीयस।” एक आदमी ने सिर झुका कर कहा। उसका ऊपर का शरीर किसी आदमी का था जबकि कमर का निचला हिस्सा किसी बड़ी मछली की तरह दिखाई दे रहा था। वो एक बड़े से सिंहासन के सामने खड़ा था, जिस पर उनके किंग लूसीयस विराजमान थे। उनका पूरा शरीर किसी इंसान की तरह था। लेकिन शरीर की त्वचा की बनावट मछली की त्वचा तरह थी। “बहुत खूब... सबको सूचित कर दिया जाए कि प्रथा के अनुसार राजकुमारी के पहले जन्मदिन पर सभी को उनकी पहली झलक दिखाई जाएगी। सभी को उन्हें आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित होना अनिवार्य है।” किंग लूसीयस ने कहा। सामने खड़े आदमी ने सिर झुकाया और पानी में तैरता हुआ वहां से चला गया। किंग लूसीयस अपने सिंहासन से उतरा और उतरते ही उसके पैर मछली के पंखों की आकृति में बदल गए थे। वो तैरता हुआ एक कक्ष में पहुंचा, जहां एक औरत एक बच्ची को पालने में झूला रही थी। “कल का दिन हम सबके लिए बहुत बड़ा है रूथ...” लूसीयस उसके पास आकर बोला। वो औरत भी उसी की तरह थी। उसकी त्वचा किसी सुनहरी मछली की तरह चमक रही थी। उसने अपने सिर पर ताज लगा रखा था। “क्या ऐसा करना हमारी नन्ही परी के लिए सुरक्षित होगा?” रूथ ने चिंतित स्वर में कहा। “लेकिन हम अपनी परंपराओं को तो नहीं भूल सकते ना? कल हमारी परी 1 साल की हो जाएगी और इसी के साथ प्रजा इसे एक नया नाम और नई पहचान देगी।” लूसीयस बोला। “लेकिन उनका क्या?” “वो हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते... अच्छाई कभी बुराई पर हावी नहीं हो सकती।” लूसीयस ने जवाब दिया। अचानक पालने में झूल रही बच्ची रोने लगी। रूथ ने आगे कुछ नहीं बोला‌ और बच्ची को गोद में ले लिया। “आप फिक्र मत कीजिए, हम ने सुरक्षा के सारे इंतजाम करवा दिए हैं। और हमें नहीं लगता कि कल के दिन वो हम पर आक्रमण करेंगे। याद है ना समुद्र देवता ने क्या नियम बनाए थे?नियमो के अनुसार जब भी एक साम्राज्य में जश्न का माहौल होगा तो दूसरा साम्राज्य उस पर हमला नहीं बोल सकता है।” लूसीयस ने कहा। “और आपको क्या लगता है कि वो किसी भी नियम और कानून को मानते होंगे।“ “शायद हां... आज से पहले भी हमारी साम्राज्य में बहुत से जश्न और खुशियां मनाई गई है लेकिन कभी भी उन्होंने इस मौके पर हम पर हमला नहीं किया।“ “उम्मीद है आपकी बात सही साबित हो। परंतु अगर कल उन्होंने हम पर हमला किया, तो हम बच नहीं पाएंगे। उनके पिछले हमलो की वजह से हम पहले ही काफी कमजोर हो चुके हैं।“ रूथ ने निराश होकर कहा। “हमारे होते हुए ऐसा कुछ नहीं होगा... आप बस कल के जश्न की तैयारी कीजिए।“ लूसीयस ने कहा और प्यार से रूथ के गाल को सहलाया। इसके बाद वो वहां से जा चुके थे। उनके जाने के बाद कक्ष में सिर्फ रूथ और राजकुमारी मौजूद थी। राजकुमारी अभी भी रो रही थी। कुछ देर सहलाने के बाद उसने रोना बंद कर दिया। रूथ ने उसे फिर से पालने में लेटा दिया। उसने बच्ची के सिर को प्यार से सहलाते हुए कहा, “हम जल देवता से प्रार्थना करेंगे कि सब कुछ अच्छा हो। कल का दिन आपके लिए और हमारे लिए बहुत खास होने वाला है।” कुछ देर बाद बच्ची सो चुकी थी। अपनी चिंताओं को दरकिनार कर रूथ भी कल के दिन की तैयारी करने में लग गई। _________ जिस सुबह की तलाश किंग लूसीयस और क्वीन रूथ पिछले 1 साल से कर रहे थे, वो सुबह आ चुकी थी। आज उनकी बेटी का जन्मदिन था। इसी के साथ उसे एक नया नाम दिया जाना था और साथ ही वो ये भी घोषणा करने वाले थे कि उनके बाद इस साम्राज्य उत्तराधिकारी राजकुमारी ही होगी। किंग लूसीयस के महल में जश्न का माहौल था। वहां की सारी प्रजा महल में आई हुई थी। क्वीन राजकुमारी के साथ अंदर अपने कक्ष में थी और बाहर सब लोग उसकी एक झलक पाने को बेताब थे। वहां काफी मात्रा में लोग मौजूद थे। उनके कमर का ऊपरी हिस्सा किसी आदमी, औरत या बच्चे का था, तो कमर का निचली हिस्सा किसी जलीय जीव का था। वो सब उम्र में बड़े होने के बावजूद देखने में जवान थे। “आप सब यहां हमारी खुशी में शामिल होने के लिए इकट्ठा हुए, इसके लिए आप सब का धन्यवाद... आप इस बात से अच्छे से अवगत है कि इस वक्त हमारा राज्य किन कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहा है। उसके बावजूद हमने आज के दिन को खास बनाने के लिए जश्न रखा। हम नहीं चाहते कि डर के साए में हम अपनी खुशियां मनाना ही भूल जाए।” किंग लूसीयस सिंहासन के आगे खड़े थे और अपनी जनता को संबोधित कर रहे थे। वो एक दयालु राजा थे और पूरी प्रजा उन्हें बहुत पसंद करती थी। “लेकिन महाराज इस बुरे दौर में आप को राजकुमारी के लिए कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहिए था।“ जनता में से एक औरत बोली। “आप सब हमारे अपने हैं और आपके बीच में हमारी नन्ही परी को कोई खतरा नहीं हो सकता। हम कोशिश करेंगे कि हमारे साम्राज्य जल्द ही बुराई का सामना करके इस डर के साए से बाहर निकले।” लूसीयस ने उनकी बात का जवाब दिया। लूसीयस के प्रोत्साहन भरे संबोधन के बाद सबने अपने-अपने तरीके से अभिवादन किया। उन सबके हाथ में अलग-अलग प्रकार के तोहफे थे, जो वो राजकुमारी के लिए लेकर आए थे। “अब वक्त आ गया है जब राजकुमारी को बाहर लाया जाए और आप सब लोग उसे अपना आशीर्वाद दें।” किंग ने कहा और वहां मौजूद कुछ दासियों को इशारा किया। उनका इशारा पाते ही वो क्वीन और प्रिंसेस को लाने के लिए उनके कक्ष की तरफ चली गई। सब वहां पर उनके आने का इंतजार कर रहे थे कि तभी अचानक अंदर का पानी, जो अब तक बिल्कुल सफेद हीरे की तरह चमक रहा था, अचानक ही काला होने लगा। इसी के साथ उन सबके चेहरे पर डर और चिंता के भाव थे। ऐसी परिस्थिति में भी किंग ने उनका हौसला बढ़ाने के लिए कहा, “घबराइए मत... अगर हम सब मिलकर सामना करेंगे तो हम किसी भी परिस्थिति को हमारे सामने घुटने टेकने पर मजबूर कर सकते हैं। आज हम सब को दिखाना है कि हम कितने शक्तिशाली हैं। हिम्मत और साहस से बड़ी ताकत कोई नही है।“ अपनी बात कहने के बाद किंग लुसीयस ने एक बड़ी खतरनाक मछली का रूप धारण किया। उनके ऐसा करने के बाद वहां मौजूद सभी लोगो का पूरा शरीर जलीय जीवो में बदल चुका था। वो सब इस परिस्थिति से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार थे। देखते ही देखते वहां पर बहुत से खतरनाक दूसरे जलीय जीव आ चुके थे। उनके शरीर के चारों तरफ केकड़ों की तरह कांटे निकले हुए थे। वहां मौजूद हर एक व्यक्ति अपने साहस की परीक्षा देते हुए उनसे लड़ने की हरसंभव कोशिश कर रहा था। एक बड़ा सा काला जलीय जीव किंग की तरफ बढ़ा और उसने अपने ऊपर का शरीर आदमी के शरीर में परिवर्तित कर लिया। उसके ऐसे करते लुसीयस ने भी वही किया। अब उन दोनों के ऊपर का शरीर मनुष्य का तो नीचे का हिस्सा एक जलीय जीव था। “हमने कहा था ना लूसीयस, हम पानी की पूरी दुनिया पर अपना एकमात्र अधिपत्य जमा कर रहेंगे।” उस आदमी ने कहा और लूसीयस की दोनों हथेलियों को अपने हथेलियों में लेकर दबाने लगा। “हमारे होते हुए तुम्हारी काली दुनिया कभी भी यहां नहीं आ सकती गेम्स... हम मरते दम तक तुम्हारा सामना करेंगे।” लुसीयस ने अपना जोर आजमाया और गेम्स को नीचे गिरा दिया। लूसीयस ने अपने पैरों से उसके मुंह पर वार किया। गेम्स के चेहरे पर घाव था और उस से खून बह रहा था। “इतनी आसानी से तुम नहीं जीत सकते...” बोलते हुए गेम्स पूरी गति से ऊपर उठा और अपने नुकीले पंजों से लूसीयस की भुजाओं पर वार किया। उसके जहरीले पंजे उसके भुजाओं के आर पार थे और लुसीयस दर्द से चिल्ला रहा था। फिर भी उसने पूरी हिम्मत की और अपने दूसरे हाथ से गेम्स का हाथ पकड़ कर मरोड़ दिया। दोनों में बराबर का युद्ध चल रहा था। जहां कोई किसी से कम साबित नहीं हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ बाहर हो रही हलचल से क्वीन रुथ और वहां मौजूद दासियां भी अनभिज्ञ नहीं थी। समुद्र की गहराई में चल रही लड़ाई का असर उपरी हिस्से पर साफ देखने को मिल रहा था। पूरे समुंदर में बड़ी-बड़ी पानी की लहरें उठने लगी मानो वहां किसी तरह का खतरनाक तूफान आया हो। “हमने पहले सचेत किया था कि इस मुश्किल दौर में हमें इस जश्न को टाल देना चाहिए लेकिन... महाराज ने हमारी एक नहीं सुनी।” रूथ ने चिंतित स्वर में कहा। “हमें लगता है कि आपको राजकुमारी को यहां से लेकर चले जाना चाहिए... बाहर चल रही जंग बहुत बड़ी है और अगर राजकुमारी को कुछ हो गया तो हमारा कोई उत्तराधिकारी नहीं रहेगा। हम गेम्स की गुलामी नहीं करना चाहते।” वहां मौजूद एक दासी ने कहा। “हम उन्हें इतने कठिन हालातों में छोड़कर नहीं जा सकते...” रूथ ने जवाब दिया। “लेकिन आप राजकुमारी की जान भी संकट में नहीं डाल सकती... आपको कोई सख्त कदम उठाना होगा।” वहां मौजूद दूसरी दासी ने कहा। समय के बीतते हर पल के साथ खतरा बढ़ता जा रहा था। क्लीन रुथ अच्छे से जानती थी कि जल्द ही वो लोग उनके कक्ष तक भी पहुंच जाएंगे और सबसे पहले राजकुमारी को खत्म करना चाहेंगे। उनकी आंखें नम थीं लेकिन चेहरे पर साहस के भाव थे। रूथ ने हिम्मत जुटाई और बच्ची को एक टोकरी में लेटा दिया। उन्होंने अपने गले में मौजूद एक नेकलेस को निकालकर राजकुमारी के गले में पहना दिया। उसके बाद उसने अपने कमर पर लगी एक छोटी सी छूरी जैसी चीज को उसके पास में रखा। रूथ की आंखों में दर्द और नमी थी। उसने राजकुमारी के माथे को चूम कर कहा, “ये आपकी हर परिस्थितियों से रक्षा करेगा। आपकी रक्षा के लिए हमें ये कठोर कदम उठाना पड़ रहा है। उम्मीद है कि हम एक दिन जरूर मिलेंगे।” रूथ अच्छे जानती थी कि अब राजकुमारी और उसका साथ ज्यादा समय का नहीं बचा था। उसने टोकरी को अच्छी तरह ढका और फिर दासी को देते हुए कहा, “इसे ऊपर समुद्र की सबसे ऊपरी सतह पर छोड़ दो।” “क्या ऐसा करना सही होगा? आप अच्छे से जानते हैं कि वो दुनिया हम लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है।” दासी ने जवाब दिया। “फिलहाल के लिए ये दुनिया भी इनके लिए कुछ कम खतरनाक नहीं है... हमने जैसा कहा है, वैसा ही करो।“ रूथ ने कड़े स्वर में कहा। उसकी बात पर सिर झुकाते हुए दोनों दासीयो ने मछलियों का रूप लिया और अपने शरीर के पिछले हिस्से की मदद से उस टोकरी को थामते हुए दोनों समुंदर के ऊपरी हिस्से पर जाने के लिए जल्दी जल्दी पंख चलाने लगी। उनके जाने के बाद रूथ ने एक मछली का रूप धारण किया और वो युद्ध लड़ने के लिए बाहर आ गई। बाहर आकर उसने देखा कि उनकी आधे से ज्यादा प्रजा ने अपनी जान गवा दी थी। किंग लुसीयस बुरी तरह जख्मी हो चुके थे। उसके बावजूद वो गेम्स का सामना कर रहे थे। “तुम जैसे कपटी से हमें यही उम्मीद थी... जब समुद्र देवता ने हम दोनों की दुनियाओं को अलग बनाया और साथ ही अलग रहने का आदेश दिया था फिर तुम क्यों बार-बार हम पर हमला बोलने आ जाते हो... तुम्हारी वजह से हमारी आधी से ज्यादा प्रजा पहले ही मर चुकी है।” रूथ ने गुस्से में कहा और पास मौजूद एक तलवार को उठाकर गेम्स के पेट के आर पार कर दिया। उसके ऐसा करते ही गेम्स एक शैतानी हंसी हंसा और अपनी तलवार निकालकर रूथ के दिल में घोंप कर उसे गोल घुमा दिया। उसने तलवार को अंदर की तरफ से हल्के से झटका दिया और अगले ही पल रूथ का हृदय उसके हाथ में था। “हमारी काली दुनिया में तुम्हारी तरह नियम और कानून नहीं होते... तभी हमारी शक्तियां असीमित होती है और ये मामूली तलवार कुछ नहीं बिगाड़ सकती।” गेम्स ने हंसते हुए कहा। रुथ का हृदय उसके हाथ में था और वो निर्ममता से मुस्कुरा रहा था। अपनी आंखों के सामने रूथ को इस तरह मरता देख कर लुसीयस की आंखों में पानी था। वो गुस्से में जोर से चिल्लाया और गेम्स पर वार करने के लिए आगे बढ़ा। लेकिन गेम्स ने उस तलवार को उसी तरह उसके पेट में घोप दिया, जैसा थोड़ी देर पहले उसने रूथ के साथ किया था। चारों तरफ तबाही का मंजर था और वहां सब की लाशें बिखरी थी। लुसीयस की प्रजा में से कुछ गिने चुने लोग बचे थे। वो भी अच्छे से जानते थे कि अब उनके साम्राज्य मे गेम्स का शासन होने वाला है, तो वो भी हताश होकर घायल अवस्था में पड़े थे। तभी एक आदमी आया आया और सिर झुका कर बोला, “हमें लडकी नही मिली।“ गेम्स के चेहरे पर गुस्से के भाव थे। उसने लुसीयस की तरफ देखा और कहा, “तुम आखिर कब तक उसे जिंदा बचा पाओगे?“ काफी देर चली इस जंग का अंत हो चुका था। लुसीयस के साम्राज्य पर अब गेम्स का अधिपत्य हो चुका था। लुसीयस अभी जिंदा था और बुरी तरह घायल था। वही गेम्स भी घायल अवस्था में था। वो उस अवस्था में भी लुसीयस के सिंहासन पर शान से बैठकर हंस रहा था। लूसीयस उसके कदमों में पड़ा तड़प रहा था। _______ रूथ के आदेशानुसार दोनों दासियों ने राजकुमारी को पानी के ऊपरी सतह पर छोड़ दिया था। वो उसे वहां छोड़कर जा चुकी थी। पानी के ऊपर का तूफान तो शांत हो चुका था लेकिन नीचे जो तबाही का माहौल था, वो अब गेम्स के शासनकाल में और भी बढ़ने वाला था। कुछ देर बाद मछुआरों का एक समूह वहां आया और उन्होंने बच्ची को किनारे पर तैरता हुआ पाया। “कैसे-कैसे लोग हैं? बच्चों को पैदा करके ऐसे पानी में बहा कर चले जाते हैं।” एक मछुआरे ने उसे बाहर निकाला और प्यार से देखते हुए कहा। “ ये भगवान का संकेत ही मान शिवा... तेरे तो कोई औलाद है नहीं... ऐसे समझ ले समुद्र देवता ने तुम्हें अपनी खुद की बेटी दे दी... “ उनमें से किसी मछुआरे ने कहा। “और देख बच्चे के पास में एक छोटी सी छूरी भी रखी हुई है। इसके लगे ये दो हीरे मुझे तो असली लग रहे है।” दूसरे मछुआरे ने कहा। “अरे किसी ने ऐसे ही रख दी होगी। बच्चे पालने की तो हिम्मत नहीं है, असली हीरे वाली छूरी उसके पास रख कर क्यों जाएगा।” वहां मौजूद एक दूसरे मछुआरे ने कहा। “मैं इसे घर लेकर जाऊंगा, तो गौरी खुश हो जाएगी। देखो ना कितनी प्यारी है यह।” शिवा ने उसके माथे को चूमा और मछलियां पकड़ना छोड़कर बच्चे को साथ लेकर अपने घर की तरफ बढ़ गया। ★★★★

  • 2. Inaaya: Adventurous journey of sea - Chapter 2

    Words: 2142

    Estimated Reading Time: 13 min

    सतरह साल बाद.... “इनाया... इनाया गेट अप बेटा... एट लिस्ट अपने बर्थडे के दिन तो तुम जल्दी उठ सकती हो ना...” एक औरत थोड़ी तेज आवाज में बोलती हुई कमरे के अंदर गई। उसकी आवाज सुनकर लड़की ने अपने तकिए को सिर से खींच कर कानों पर लगा लिया। “कम ऑन मम्मा, आप मेरे बर्थडे के दिन तो मुझे लेट तक सोने दे सकते हैं ना... ऐसा भी क्या खास है इस दिन में... हर साल तो आता है।” इनाया ने जवाब दिया। “इनाया, बेटा इट्स योर 18th बर्थडे... तुम दुनिया की पहली लड़की हो, जो अपने बर्थडे के दिन एक्साइटेड होने के बजाय मुंह बना कर जवाब दे रही हो। चलो अब उठो... तुम्हारे पापा आते ही होंगे... और मुझे अब कोई बहाना नहीं सुनना।” कहकर वो औरत वहां से बाहर आ गई। “अरे क्यों डांट रही हो बच्ची को सुबह-सुबह... कम से कम आज तो उसे कुछ मत कहो। आज उसका बर्थडे है लिली...” इनाया के पापा ने उसकी मां को झिड़कते हुए कहा। वो हॉल में लगी टेबल पर बैठकर अखबार पढ़ रहे थे। “नहीं जिम... ये लड़की दिन ब दिन जिद्दी होती जा रही है। जहां इस उम्र में बाकी के बच्चे अपने दोस्तों के साथ टाइम स्पेंड करना पसंद करते हैं। वहां ये है कि अपने कमरे से बाहर तक नही निकलना चाहती।” लिली ने उसके पास बैठते हुए कहा। “अरे धीरे-धीरे सीख जाएगी... बच्ची ही तो है। आज इनाया के कॉलेज का फर्स्ट डे है। देखना हाईस्कूल की तरह इनाया यहां भी सबका दिल जीत लेगी।” “सिर्फ टीचर्स का दिल जीतने से कुछ नहीं होता... इतनी बड़ी हो गई है लेकिन आज तक एक दोस्त तक नहीं बनाया। कोई इतना बोरिंग कैसे हो सकता है?” लिली ने चाय का सिप लेते हुए कहा। दोनों बातें करते हुए चाय पी रहे थे कि तभी इनाया बाहर आई। उसकी गहरी काली आंखों में अभी भी नींद थी। कंधे से नीचे तक झूलते बाल बिखरे हुए थे। आंखों पर बड़ा सा स्टाइलिश नजर का चश्मा लगा रखा था, जो कि इस बात का सबूत दे रहा था कि वो ज्यादातर समय पढ़ाई लिखाई में ही बिताती थी। “मम्मा...... आपको तो मुझ पर प्राउड होना चाहिए कि मैं पूरे गोवा में टॉप करती हूं। यहां आप हो कि मुझे ही सुना रहे हो।” इनाया ने मासूमियत से कहा और अपने मॉम डैड के पास लगी कुर्सी पर जाकर बैठ गई। “पेरेंट्स को अपने बच्चों से बहुत एक्सपेक्टशंस होती है। नो डाउट... तुम पढ़ाई में बहुत अच्छी हो इनाया... उसी तरह लिली चाहती है कि तुम अपने सोशल लाइफ पर भी थोड़ा ध्यान दो।” जिम ने उसे समझाया। “डैड आप भी शुरू हो गए... अब तक एक आप ही तो मुझे सपोर्ट करते थे... आपने भी अपनी पार्टी बदल ली।” इनाया ने बच्चों जैसा मुंह बना कर कहा। उसके ऐसा करने पर जिम और लिली के चेहरे पर मुस्कुराहट थी। “जिम, कौन कह सकता है कि ये पढ़ाकू इतनी अच्छी एक्टिंग भी कर सकती है...” लिली ने हंसकर कहा। “कोई भी नहीं...” जिम ने भी हंसते हुए जवाब दिया। लिली ने इनाया से कहा, “अब इन सब को छोड़ो और तैयार हो जाओ। मैं तो इस बात के फेवर में बिल्कुल नहीं थी कि तुम अपने बर्थडे के दिन कॉलेज जाओ लेकिन तुम्हारे पापा चाहते हैं कि तुम अपने कॉलेज का फर्स्ट डे मिस ना करो। लेकिन हां, जल्दी आ जाना। उसके बाद मैं अपने फ्रेंड्स के साथ तुम्हें क्लब लेकर जाऊंगी।” लिली की बात सुनकर इनाया उठी और वहां से जाने लगी। जाते जाते वो रुकी और उसने मुड़कर कहा, “अच्छा हुआ आपने पहले बता दिया... अब तो मैं कॉलेज से बिल्कुल जल्दी नहीं आने वाली... मुझे आपकी बोरिंग क्लब पार्टीज में कोई इंटरेस्ट नहीं है मॉम।” “मैंने कहा ना... इस लड़की का कुछ नहीं हो सकता। ये अट्ठारह की क्या, 21 साल की भी हो जाएगी तब भी इतनी ही बोरिंग रहेगी।” इनाया की बात सुनकर लिली ने मुंह बनाकर कहा। जिम उन दोनों की बहस देखकर मुस्कुरा कर रह गए। वहीं इनाया वहां से अंदर आ चुकी थी। “थैंक गॉड, आज कॉलेज है वरना मॉम तो मुझे अपनी उन बोरिंग फ्रेंड्स के बीच में फंसा ही देती। फिर मुझे बोलती है कि मैं बोरिंग हूं।” बोलते हुए इनाया जल्दी-जल्दी अलमारी में कपड़े देख रही थी। उसने अपने लिए ब्लैक जींस और वाइट टी–शर्ट निकाल ली। कपड़े लेकर वो बाथरूम में गई और अंदर जाकर उसने नहाने के लिए शॉवर चालू किया। “इस पानी को भी अभी खत्म होना था... गॉड ये मेरे साथ ही क्यों होता है।” इनाया गुस्से में बड़बड़ाती हुई शॉवर को जोर-जोर से हिलाने लगी। तभी अचानक उसमें से तेज पानी की फुहार आई, जिससे इनाया का पूरा चेहरा और बाल भीग चुके थे। “थैंक गॉड... पानी आ गया। लगता है कि कोई ब्लॉकेज हो गया होगा।” पानी आते ही इनाया के चेहरे पर खुशी थी। उसने इसकी तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया और कॉलेज जाने के लिए तैयार होने लगी। ________ इनाया के अपार्टमेंट के कंपाउंड में वहां का मैनेजर खड़ा था और उसके आसपास दो तीन औरतें खड़ी थी। वो उससे झगड़ा कर रही थी। “आपने तो कहा था कि यहां पर घर लेने पर हमें सारी फैसेलिटीज मिलेगी। लेकिन ये क्या है मिस्टर डिसूजा? सुबह से पानी नहीं आ रहा।“ एक औरत गुस्से में मिस्टर डिसूजा पर चिल्लाते हुए बोली। “यू आर एब्सल्युटली राइट मिसेस डिकोस्टा... अर्ली मॉर्निंग में मैथ और उसका फादर भी बिना नहाए ही चला गया। खाना बनाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।” दूसरी औरत ने जवाब दिया “हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा है... शाम तक पानी आ जाएगा। तब तक आप एडजस्ट कर लीजिए या बाहर से मिनरल वाटर मंगवा लीजिए।” मैनेजर ने जवाब दिया। “उसका पैसा आप देंगे क्या? इस अपार्टमेंट में घर लेना ही नहीं चाहिए था।” मिसेज डिकोस्टा चिल्लाई और अंदर चली गई। उसके जाते ही मैनेजर ने बची हुई औरतों से जैसे तैसे अपनी जान छुड़ाई और वहां से चला गया। लिली बाहर से उन लोगों की बहस सुन रही थी। उसने सोचा, “ओ गॉड, इनाया भी नहाने के लिए बाथरूम में गई है। वहां उसने पानी नहीं देखा... तो वो भी गुस्से में चिल्लाएगी।” इनाया से बात करने के लिए लिली अंदर कमरे में गई। अंदर जाकर उसने देखा इनाया अपने गीले बालों को ड्रायर से सुखा रही थी। “पानी तो था ही नहीं, फिर इनाया कैसे नहाई होगी...” इनाया के भीगे बालों को देख कर लिली सोच में पड़ गई। इनाया ने सामने लगे शीशे में लिली को देख लिया था। वो उसकी तरफ मुड़ कर बोली, “व्हाट हैपेंड मॉम?” “इनाया तुम नहाई कैसे? पानी तो आ ही नहीं रहा था।” लिली ने अंदर आते हुए पूछा। “हां पहले नहीं आ रहा था। शायद कुछ ब्लॉकेज होगा.. और आप मुझे ही ये सब क्यों पूछ रही है? डैड भी तो नहाए थे।” इनाया ने उसकी तरफ पलटकर कहा। “वो तो बकेट से... चलो छोड़ो इन सब को...” लिली ने भी बात को जाने दिया। उसने इनाया को नजर भर कर देखा। उसने सिंपल ब्लैक जींस और ऊपर ढीली–ढाली वाइट टी-शर्ट पहनी हुई थी। “बेबी, कम से कम आज के दिन तो तुम अच्छे से तैयार हो सकती थी। बर्थडे ना सही कॉलेज का फर्स्ट डे का सोच कर भी कुछ अच्छा सा पहन ली थी। वहां पर बॉयज भी...” लिली ने अपनी बात खत्म भी नहीं की थी कि इनाया ने उस की बात को काटते हुए कहा, “मॉम मैं वहां पढ़ने जा रही हूं। बॉयफ्रेंड बनाने नहीं.।” “अच्छा ठीक है... तुम अपने डैड के साथ जा रही हो या अकेले?” लिली ने पूछा “मैं कोई छोटी बच्ची तो हूं नहीं, जो डैड को साथ लेकर जाऊंगी। मॉम मैं कॉलेज जा रही हूं... किंडर गार्टन नहीं, जो आप मेरे लिए इतना परेशान हो रही है।” इनाया ने गहरी सांस लेकर कहा। “कॉलेज जा रही हो बेटा, तभी तो इतनी परेशान हो रही हूं। पता है ना वहां पर रैगिंग वगैरा होती हैं।” लिली ने परेशान लहजे में कहा। “आजकल रैगिंग पर बैन लग चुका है और किसकी इतनी हिम्मत, जो वहां की स्कॉलरशिप स्टूडेंट की रैगिंग कर सके। जस्ट चिल मॉम... आप अपने फ्रेंड्स के साथ गॉसिप करती हुई अच्छी लगती है, टिपिकल मॉम्स की तरह स्ट्रेस लेती नहीं।” इनाया ने बेफिक्री से जवाब दिया। लिली उसकी बात सुन कर मुस्कुरा दी। कुछ देर बाद इनाया तैयार हो चुकी थी। उसने अपने बालों को पोनीटेल के रूप में बांध रखा था। ब्रेकफास्ट करने के बाद इनाया कॉलेज के लिए निकली। वो अपार्टमेंट के कंपाउंड में अपनी स्कूटी निकाल रही थी कि तभी पीछे से एक लड़के ने थोड़ा जोर से बोलते हुए कहा, “हैप्पी बर्थडे इनाया...” बोलते हुए लड़का इनाया के पास आया। दिखने में लड़का ठीक ठाक सा था। इनाया ने जबाव ने कहा, “थैंक्स रे... बाय... आई एम गेटिंग लेट...” “मैं भी उस उस तरफ ही जा रहा था। हम लोग साथ जा सकते हैं।” रे ने जवाब दिया। “लेकिन मुझे अकेले ही जाना है।” इनाया ने रूखे तरीके से जवाब दिया और अपनी स्कूटी लेकर वहां से चली गई। रे उसे पीछे से जाता हुआ देख रहा था। उसने बिल्कुल धीमी आवाज में खुद से कहा, “ना जाने वो दिन कब आएगा जब हम दोनों साथ में कॉलेज जाएंगे इनाया... आज नहीं तो कल हमारी दोस्ती हो ही जाएगी।” रे खोए हुए स्वर में खुद से बात कर रहा था। जब उसे लगा कि इनाया वहां से जा चुकी है, तो वो भी वहां से चला गया। ________ कुछ देर बाद इनाया कॉलेज पहुंची। कॉलेज के पार्किंग एरिया में स्कूटी पार्क करके इनाया अंदर की तरफ गई, तो वहां पर कैंपस में काफी सारे स्टूडेंट्स मौजूद थे। जिनमें से कुछ नए थे, तो कुछ पुराने थे। “ये लोग यहां पर फैशन शो अटेंड करने आते हैं या फिर किसी मूवी का ऑडिशन देने? फिर बोलते हैं हमारे मार्क्स अच्छे नहीं आते। इन्हें फैशन करने से फुर्सत मिले तो ये कुछ पढ़ाई करे ना...” इनाया ने बड़बड़ाते हुए कहा। वहां मौजूद लड़कियों ने काफी मॉडर्न ड्रेस पहन रखी थी। सभी उसकी तरफ घूर कर देख रही थी। इनाया ने नोटिस किया कि ज्यादातर लड़कियों का ध्यान उसी की तरफ था। उसने सोचा, “ये सब मुझे ऐसे देख रही है जैसे मैं कोई एलियन हूं? जरूरी थोड़ी ना है कि सभी इनकी तरह फैशन इंस्टा बंद कर घूमे?” इनाया ने उन्हें इग्नोर किया और वहां से अंदर की तरफ जाने लगी। “ये वही है ना, जिसने इस बार टॉप किया है और जिसे फुल स्कॉलरशिप मिली है।” वहां मौजूद ग्रुप में एक लड़के ने कहा। “हां वही है। इसे देखकर कोई भी बता सकता है कि ये दिन रात किताबों में घुसी रहती होगी।” ग्रुप में मौजूद लड़की ने जवाब दिया। “वैसे इसकी रैगिंग करने में मजा आएगा। इस पर नजर बनाए रखो... कॉलेज खत्म होने के बाद देखते हैं।” ग्रुप लीडर ने कहा। उसकी बात पर एक लड़के ने हामी भरी और दबे पांव इनाया के पीछे जाने लगा। वो लड़का उसी का क्लास में था। _______ इनाया का पूरा दिन काफी नॉर्मल बीता। उसने सभी क्लासेस अटेंड की। शाम के छह बजे के करीब कॉलेज बंद होने को आया तो इनाया बैग उठाकर घर की तरफ जाने लगी। उसे घर की तरफ जाते देखकर, वो लड़का जो उसका पीछा कर रहा था, वो दौड़ कर उसके पास गया। उसने इनाया की तरफ अपना हाथ बढ़ाते हुए कहा, “हेलो इनाया।” उसके मुंह से खुद का नाम सुनकर इनाया चौक गई और उसने पूछा, “तुम मुझे कैसे जानते हो?” “तुम्हें सिर्फ मैं ही नहीं, पूरा कॉलेज जानता है। सबको पता है कि इस बार स्कॉलरशिप अचीव वाला स्टूडेंट कोई और नहीं तुम हो। मेरा नाम मान है।” लड़के ने अपना इंट्रोडक्शन दिया। “वो तो अच्छी बात है.... लेकिन तुम यहां किसलिए आए हो? मुझसे कोई काम है तुम्हें?” इनाया ने भौंहें उठाकर पूछा। “काम तो नहीं लेकिन मुझे लगा तुम जैसी ब्राइट स्टूडेंट कॉलेज के एक्स्ट्रा क्लासेस मिस नहीं करना चाहेंगी...” “अच्छा... यहां भी एक्स्ट्रा क्लासेस होती है? वो भी कॉलेज के फर्स्ट डे से?” इनाया ने पूछा। “हां ट्रायल क्लासेस आज से ही शुरू हो जाती है। तुम जाना चाहो तो कैंपस के टॉप फ्लोर पर होती हैं। अब मैं चलता हूं। मैं इन एक्स्ट्रा क्लासेस के झंझटों में नहीं पड़ता।“ कहकर वो लड़का वहां से चला गया। वो खिड़की से उसे छुप कर देख रहा था। “कॉलेज के फर्स्ट डे कौन एक्स्ट्रा क्लासेस अटेंड करता है? माना कि मैं पढ़ाकू हूं। लेकिन सबको ये क्यों लगता है कि मुझे पूरे दिन सिलेबस की किताबों के बीच रहना होता है। लेकिन घर गई तो मॉम के साथ क्लब पार्टी में जाना होगा। ये अच्छा बहाना हो सकता है उनकी फ्रेंड्स से बचने का।” इनाया ने सोचा और ऊपर की तरफ जाने लगी। उसे ऊपर की तरफ जाता देख मान ने अपने मोबाइल ग्रुप में मैसेज लिख कर छोड़ा, “गाइसज प्लान इन... हमारी टॉपर ऊपर जा रही है।” कॉलेज में स्टाफ के अलावा कुछ गिने-चुने स्टूडेंट्स ही बचे थे। मैसेज छोड़ कर मान भी दबे पांव इनाया के पीछे जाने लगा। वो सब इनाया की रैगिंग के लिए पूरी तरह तैयार थे। ★★★★

  • 3. Inaaya: Adventurous journey of sea - Chapter 3

    Words: 2076

    Estimated Reading Time: 13 min

    इनाया एक्स्ट्रा क्लासेस अटेंड करने के लिए कॉलेज के टॉप फ्लोर पर जा रही थी। वो वहां पहुंची तो वहां कोई मौजूद नहीं था और चारों तरफ शांति छाई हुई थी। “कोई है यहां पर?” इनाया जोर से चिल्लाई। ऊपर के फ्लोर पर कोई नहीं होने की वजह से उसकी आवाज गूंजी। “जरूर उस लड़के ने प्रैंक किया होगा, उसे तो मैं छोड़ने वाली नहीं..।” इनाया गुस्से में बड़बड़ाई। वो वहां से निकल ही रही थी कि तभी सामने की तरफ उसकी नजर गई। थोड़ी देर पहले उसके चेहरे पर गुस्से के भाव थे, वही अब उसके चेहरे पर चमक थी। “लाइब्रेरी... लेकिन नीचे भी तो लाइब्रेरी बनी हुई थी। फिर इस फ्लोर पर एक और लाइब्रेरी बनाने का क्या मतलब हुआ?” इनाया ने हैरानी से खुद को कहा और लाइब्रेरी की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए। इनाया ने देखा कि लाइब्रेरी के ताला नहीं लगा हुआ था लेकिन बाहर रिस्ट्रिक्शन बोर्ड टंगा हुआ था। जिस पर लिखा था, “बिना अनुमति के अंदर जाना मना है।“ इनाया ने उसे पढ़कर कहा, “पहली बार किसी लाइब्रेरी के आगे रिस्ट्रिक्शन बोर्ड देख रही हूं... ऐसा भी क्या हो सकता है यहां, जो रिस्ट्रिक्शन लगाने की जरूरत पड़ गई।” अपनी बात खत्म करके इनाया ने इधर-उधर देखा तो उसे दूर दूर तक कोई दिखाई नहीं दिया। “कुछ महान लोग एथिक्स और रूल्स के बातें करते होंगे लेकिन अपनी पसंदीदा चीज के आगे ये सब फीका पड़ जाता है। बुक्स सामने हो, तो मैं भी अपने सारे एथिक्स भूल जाती हूं। वैसे भी ज्यादातर लोग यहां से जा चुके हैं।“ इनाया ने इधर उधर देखकर कहा, “किसी ने देख लिया तो कह दूंगी कि न्यू स्टूडेंट हूं। गलती से यहां आ गई थी।” इनाया अपने कदम अंदर बढ़ाने लगी, तभी उसने खुद को रोकने की एक नाकाम कोशिश की, “नहीं इनाया... टॉपर्स हमेशा रूल्स को फॉलो करते हैं। मैं पहले दिन ही अपनी इमेज को खराब नहीं कर सकती... लेकिन ना चाहते हुए भी ये लाइब्रेरी मुझे अपनी और खींच रही है।” मन ही मन इनाया खुद से जद्दोजहद कर रही थी। लेकिन फिर किताबों के प्रेम के आगे उसके सारे एथिक्स पीछे रह गए। उसने एक बार फिर इधर उधर नजर दौड़ाई और जब उसे कोई दिखाई नहीं दिया तो धीरे से लाइब्रेरी का दरवाजा खोलकर दबे पांव अंदर चली गई। अंदर का नजारा देखकर वो हैरान थी। ये लाइब्रेरी आम लाइब्रेरी की तरह नहीं थी। “ओ गॉड... इटस रियली अमेजिंग... किसने सोचा होगा कि कॉलेज केंपस के एक कमरे में ये खजाना भी छुपा हो सकता है।” इनाया ने देखा कि सामने की तरफ लाइब्रेरी के अंदर एक लेबोरेटरी भी बनाई हुई थी। वहां कोई मौजूद नहीं था हालांकि वहां ज्यादा किताबें मौजूद नहीं थी लेकिन सामने की अलमारी किताबों से भरी हुई थी। उसके ऊपर लिखा था, “दुनिया" तो वहीं उसके पास एक अलमारी में छोटी-छोटी शीशियों में कुछ रखा हुआ था। साइड में एक अलमारी में अलग अलग अजीब चीजें रखी हुई थी, जिनका वहां होना इस बात का संकेत था, वो चीजें आम नही थी। इससे पहले कि इनाया आगे बढ़ पाती, उसे किसी के कदमों की आहट सुनाई दी और वो जल्दी से बाहर आने के लिए मुड़ी। “ये जगह तो देख ही ली है... अब जब यही पढ़ना है, तो कभी ना कभी तो यहां आना हो ही जाएगा। अभी रिस्क लेना ठीक नहीं होगा।” इनाया ने सोचा और फिर से बाहर आ गई। उसने लाइब्रेरी का दरवाजा भी धीरे से बंद कर दिया था। वो नीचे आने के लिए सीढ़ियों की तरफ मुड़ी। उसके सामने दो लड़के और एक लड़की मौजूद थी। उसमें वो लड़का मान भी मौजूद था, जिसने एक्स्ट्रा क्लासेस के बहाने उसे ऊपर भेजा था। “तुमने मुझे ऊपर क्यों भेजा? यहां तो कोई क्लास नहीं हो रही थी।” उसे देखते ही इनाया उस पर बिफर पड़ी। उसकी बात सुनकर उन तीनों के चेहरे पर एक अजीब मुस्कुराहट थी। ग्रुप में से लड़की ने कहा, “तुम्हें किसने कहा कि यहां क्लासेस नहीं होने वाली? आज तो यहां सीनियर्स की स्पेशल क्लास लगेगी मिस टॉपर...” “ओह तो रैगिंग एंड ऑल? जानते हो ना ये ईलीगल है... अगर मैंने तुम चारों की कंप्लेंट कर दी... तो तुम चारों को रस्टिकेट भी किया जा सकता है।” उनकी बातों से इनाया उनके इरादे समझ गई थी। “अरे मैं तो डर गया... चलो गायज यहां से चलते हैं... वरना मिस टॉपर हमारी कंप्लेन कर देगी।” लड़के ने डरने का दिखावा किया। अपनी बात खत्म करके वो तीनों जोर जोर से हंसने लगे। इनाया पर उनकी बातों का कोई असर नही हो रहा था। वो निडरता से उन चारों के सामने खड़ी थी। उसने सख्ती से जवाब दिया,“तुम लोगों को ये चीप काम करने के अलावा कोई ढंग का काम नहीं है क्या?” “ऐ... ज्यादा मत बोलो... चुपचाप हमारी बात मान लो... इसी में तुम्हारी भलाई है।” मान बोलते हुए इनाया के करीब आ गया। “सेम ब्रो... जल्दी बताओ इस टॉपर से क्या करवाना है?” मान ने ग्रुप लीडर सेम से पूछा। “वेट ए मिनिट... मैं बताती हूं..” लडकी ने कुछ देर सोचने का दिखावा किया और फिर कहा, “क्यों ना हम इस टॉपर का टॉप ही उतरवा दे। ना रहेगा टॉप... और ना ही रहेगी फिर ये टॉपर...” “गुड आइडिया..” सेम ने उसकी बात पर हामी भरी और इनाया की तरफ बढ़ने लगा। “डोंट यू डेयर टू इवन थिंक अबाउट इट..” इनाया गुस्से में चिल्लाई। उसकी बातों को इग्नोर करके सेम उसकी तरफ बढ़ रहा था। इनाया ने अपने पास खड़े मान को एक तरफ धकेला और वहां से भागने लगी। वो सीढ़ियों की तरफ बढ़ने लगी कि तभी लड़की दौड़ कर उसके पीछे भागी और उसे पकड़कर कहा, “लारा से बचने इतना आसान नहीं है बेब...” वो उसे खींच कर वापिस वही ले आई। “तुम अगर हमारी बात आराम से मान लेती, तो इसमें तुम्हारी ही भलाई थी... लेकिन हमें गुस्सा दिलाने का नतीजा अब तुम्हे भुगतना होगा।” सेम ने गुस्से में कहा। “और तुम लोग भी जो कर रहे हो, उसका नतीजा तुम्हें भुगतना होगा... तुम्हें क्या लगता है कि मैं तुम लोगों की कंप्लेन नहीं करूंगी?” इनाया ने गुस्से में कहा। “उफ्फ ये जूनियर्स... कॉलेज में आ गए लेकिन फिर भी ये बच्चों वाली हरकते नहीं जाती। कुछ हुआ नहीं कि बस क्राय बेबी बनकर कंप्लेन करने चले जाओ।” इनाया की बात सुनकर लारा ने हंसते हुए कहा। उन लोगों के बीच गहमागहमी बढ़ती जा रही थी। इनाया वहां से बचकर भागने का मौका ढूंढ रही थी। उसकी नजरे सीढ़ियों के दरवाजे की तरफ टिकी हुई थी। मान ने उसकी तरफ देखा और दौड़ कर सीढ़ियों का दरवाजा बंद कर दिया। “तुम हमसे बचकर भागना चाहती हो और तुम्हें क्या लगता है तुम इसमें कामयाब हो जाओगी?” मान ने कहा। सीढीओ का दरवाजा बंद होते ही इनाया के चेहरे पर परेशानी के भाव थे। “लिसन... लेट मी गो... आज मेरा बर्थडे है और मेरे घर वाले मेरा वेट कर रहे होंगे।” इनाया ने उन्हें रिक्वेस्ट करते हुए कहा। “ओ ग्रेट... आज तो मिस टॉपर का बर्थडे भी है... तो गिफ्ट देना तो बनता है। देखो तुम टाइम वेस्ट मत करो। इसमें तुम्हारा ही नुकसान है।” सेम ने कहा। सेम के कदम इनाया की तरफ बढ़ते जा रहे थे और वो उससे बचने के लिए अपने कदमों को पीछे ले रही थी। पीछे खिसकते हुए इनाया ने देखा कि वो पीछे की तरफ बनी एक छोटी सी दीवार के किनारे पर आ चुकी थी। अब उसके पास बचने का कोई चारा नहीं था। उसे वहां खड़ा देखकर वो तीनों जोर-जोर से हंसने लगे। “पीछे खिसकना है? और खिसको? चलो थोड़ा पीछे और हो जाओ... चलो... चलो।” बोलते हुए सेम फिर से इनाया की तरफ बढ़ रहा था। उसने अपना हाथ इनाया की तरफ बढ़ाया और उसे हल्का झटका लगा। इनाया नीचे की तरफ गिरने लगी। तभी नीचे मौजूद स्विमिंग पूल में अचानक हलचल हुई और इनाया एक झटके के साथ वापस ऊपर की तरफ आ गई। इनाया के साथ-साथ वो तीनों भी इस दृश्य को देखकर हैरत में पड़ गए। “क... क्या था वो सब... कहीं तुमने कोई मैजिक...” लारा ने डरते हुए पूछा। “हां... तो तुम लोगों को क्या लगा? मैं कोई आम इंसान हूं। इतने ज्यादा मार्क्स लाना किसी आम इंसान के बस की बात नहीं है... और क्या कह रहे थे तुम लोग मुझे... तुम लोगों की बात मानने में हीं मेरी भलाई है। अभी जो हुआ, वो तो तुम लोगों ने देख ही लिया... अब चुपचाप यहां से चले जाओ... वरना तीनों का वो हश्र करूंगी कि डेड बॉडी तक नहीं मिलेगी।” इनाया ने गुस्से में कहा। गुस्से में उसकी आंखें सुनहरी हो चुकी थी। इस बात का उसे पता तक नहीं चला लेकिन सेम, लारा और मान उसे देख कर डर गए और वहां से भाग कर चले गए। “जल्दी चलो यहां से... व... वरना ये लड़की... ये लड़की हमें कहीं मार ना दे।” जाते हुए मान की डरी हुई आवाज आई। उन्हे दुम दबाकर भागता देखकर इनाया के चेहरे पर मुस्कुराहट थी। वो अपनी इस छोटी सी जीत से बहुत खुश थी। “आए बड़े रैगिंग करने वाले... एक छोटी सी धमकी से डर गए। सही कहती है मम्मा... कौन कह सकता है कि ये पढ़ाकू लड़की इतनी अच्छी एक्टिंग भी कर सकते हैं।” इनाया ने हल्की मुस्कुराहट के साथ खुद की पीठ थपथपाई। फिर अचानक थोड़ी देर पहले जो हुआ, उसे उसका ख्याल आया और उसने नीचे की तरफ झांक कर देखा। “यहां तो बस एक स्विमिंग पूल है, तो फिर मुझे किसने धक्का दिया होगा? उन्हें तो मैंने कह दिया कि मुझे मैजिक आता है एंड ऑल... लेकिन थोड़ी देर पहले जो भी हुआ... उस पर विश्वास कर पाना सच में नामुमकिन है।” इनाया वहां खड़ी होकर खुद से बात कर रही थी। तभी उसका ध्यान नीचे की तरफ गया तो वो तीनों चारों लोग वहां से जा रहे थे। वो लोग काफी घबराए हुए थे। “मुझे भी अब यहां से चली जाना चाहिए। इन्हें तो मैंने डरा कर भगा दिया। कहीं कोई और आ गया तो प्रॉब्लम ना खड़ी हो जाए।” बोलते हुए इनाया ने अपना बैग दिया और जल्दी-जल्दी सीढ़ियों से नीचे उतरने लगी। कॉलेज के कंपाउंड में आकर उसने अपनी स्कूटी निकाली और घर की तरफ दौड़ा ली। ________ शाम के 7:30 हो रहे थे और इनाया घर पर पहुंची। उसके मम्मी पापा अपने अपने काम से घर पर वापस आ चुके थे और उसी के लौटने का इंतजार कर रहे थे। इनाया को देखकर उसकी मॉम लिली ने गुस्से में कहा, “मुझे एक बात समझ नहीं आती... अगर लोगों को कॉल पिक नहीं करना होता, तो वो अपने पास मोबाइल रखते ही क्यों है?” उनकी बात सुनकर इनाया ने अपने पॉकेट से मोबाइल निकाला तो उसने देखा, लिली और जिम के लगभग 20 से भी ज्यादा मिस्ड कॉल थे। “सॉरी... फोन साइलेंट था। क्लास में किया था और उसके बाद रिंग वापस ऑन करना भूल गई।” इनाया ने मुंह बनाकर सफाई दी। “भूल गई? हर 5 मिनट में बच्चे अपना फोन चेक करते रहते हैं... और सुबह से तुम्हारा मोबाइल साइलेंट है। तुम्हें एहसास तक नहीं हुआ।” लिली ने उसे डांटते हुए कहा। इनाया ने उसकी बात का जवाब देने के बजाय अपने पापा की तरफ देखा। वो समझ गए थे कि इनाया इस वक्त किसी भी झगड़े या बहस के मूड में नहीं थी। “अब जाने भी दो, बच्ची है... कभी तो तुम कहती हो कि इसकी अपनी कोई सोशल लाइफ नहीं है और अब तुम इंटरफेयर कर रही हो। हो सकता है कॉलेज में कुछ नए दोस्त मिल गए होंगे।” जिम ने काफी नरमी से कहा। जिम की बात सुनकर लिली ने अपना गुस्सा शांत किया और खुद को नार्मल करते हुए कहा, “अच्छा ठीक है, आगे से ध्यान रखना। इस बात को हम अभी यहीं जाने देते हैं। वैसे भी तुम्हारा बर्थडे है तो मैं नहीं चाहती कि तुम्हारा मूड स्पॉइल हो। अंदर ड्रेस पड़ी है। जल्दी से जाकर रेडी होकर आओ। क्लब में मैंने तुम्हारे लिए बर्थडे की एक पार्टी अरेंज की है।” “आई विश कि मैं आप को थैंक यू बोल पाती मॉम... फिर भी आप दुनिया की बेस्ट मॉम हो।” बोलते हुए इनाया ने अपनी मां को गले लगा लिया और वहां से तैयार होने चली गई। अंदर जाकर उसने देखा कि वहां बेड पर एक स्टाइलिश सी ब्लैक शॉर्ट ड्रेस पड़ी थी। उसके साथ में मैचिंग की हाई हील्स और कुछ एक्सेसरीज रखी हुई थी। “गॉड... अब ये दिखावा भी करना होगा... काश सच में मेरे पास कुछ सुपरपावर्स होती तो मैं इस दुनिया को छोड़ कर किसी अलग दुनिया में चली जाती।” इनाया खुद से बातें कर रही थी तभी उसने अपने कमरे में जोर– जोर से पानी के छपाक की आवाज सुनी। आवाज काफी तेज थी। उसे सुनकर वो काफी घबरा गई। ★★★★

  • 4. Inaaya: Adventurous journey of sea - Chapter 4

    Words: 1988

    Estimated Reading Time: 12 min

    कॉलेज से घर वापस आने के बाद इनाया अपने कमरे में तैयार होने के लिए गई। वो अपने कमरे में खड़ी ड्रेस और बाकी सामान देख रही थी, तभी उसे जोर जोर से पानी के छलकने की आवाज सुनाई दी। उसे सुनकर इनाया एक बार के लिए तो काफी घबरा गई। फिर उसने मुड़कर देखा तो कमरे में बनी रैक के अंदर एक एक्वेरियम रखा था। उसमें मौजूद मछलिया जल्दी-जल्दी पानी में तैर रही थी। उसी वजह से कमरे में पानी के छलकने की आवाज आ रही थी। लेकिन इनाया को वो आवाज नॉर्मल आवाज से ज्यादा तेजी से सुनाई थी। “इटस ब्यूटीफुल... ये सब कितनी क्यूट और प्यारी है।” उन्हें देखकर इनाया के चेहरे पर मुस्कुराहट थी... तो वहीं एक्वेरियम में मौजूद मछलियों की गति और भी तेज हो गई मानो वो इनाया की बात सुनकर खुश हो गई हो। इनाया जल्दी से दौड़कर बाहर गई और कहा, “थैंक यू सो मच मॉम डैड... आपने मुझे एक्वेरियम गेम गिफ्ट किया। मुझे वो बहुत अच्छा लगा।” “तुम्हारे डैड का आईडिया था।” लिली ने जवाब दिया। इनाया ने अपने डैड जिम की तरफ देखकर एक फ्लाइंग किस किया और होठों से हल्के से बुदबुदाते हुए कहा, “थैंक यू एंड लव यू सो मच...” जिम उसकी बात सुन कर मुस्कुरा दिए। इनाया फिर से कमरे में आई और जल्दी से तैयार होकर क्लब में अपनी बर्थडे पार्टी के लिए पहुंची। क्लब गोवा के बीच से बस थोड़ी ही दूरी पर मौजूद था। क्लब में लाउड वेस्टर्न म्यूजिक बज रहा था और काफी भीड़भाड़ मौजूद थी। इनाया की बर्थडे पार्टी में जिम और लिली के ही दोस्त मौजूद थे। इनाया का कोई फ्रेंड नहीं था। उसके हम उम्र बाकी लड़के लड़कियां जो भी आए हुए थे, वो उसके मां-बाप के दोस्त के बच्चों में से ही थे। इनाया ने केक कट किया और बैकग्राउंड में बर्थडे म्यूजिक बज रहा था। ये सब होने के बाद सबने अपने-अपने ग्रुप बनाएं... कोई उनमें बातें कर रहा था... तो कुछ म्यूजिक के साथ थिरक रहे थे। इनाया इन सब से बोर होकर क्लब से बाहर आ गई। चलते हुए उसके कदम बीच की तरफ बढ़ने लगे। “इससे अच्छा होता कि मैं अपने रूम में बैठकर कोई अच्छी सी बुक पढ़ लेती या फिर उन मछलियों के साथ ही खेल लेती। बुक्स से याद आया, लाइब्रेरी के ऊपर वाले हिस्से में काफी इंटरेस्टिंग बुक रखी हुई थी। काश वो मुझे मिल पाती।” इनाया बीच के पास खड़े होकर खुद से बातें कर रही थी। उसने खुद का मन बहलाने के लिए वहां पड़े पत्थर उठा लिए और उसे पानी में पूरी तेजी के साथ फेंका। तभी पानी में से एक लड़का बाहर निकल कर आया, जो उम्र में लगभग 23 साल का था। स्विम करने की वजह से उसने शॉर्ट्स पहन रखे थे और उसकी ऊपर की बॉडी पर कुछ भी नहीं पहना हुआ था, जिससे उसकी अच्छी खासी मस्कुलर बॉडी साफ दिखाई दे रही थी। उसका शरीर पानी से भीगा हुआ था। “इस टाइम कौन स्विमिंग करता है?” उसे बाहर आता देखकर इनाया बड़बड़ाई। लड़के ने उसकी बात सुन ली। उसने एक हल्की सी मुस्कुराहट दी और उसके पास आकर कहा, “और इतनी रात को बीच पर खड़े होकर समुंद्र में पत्थर कौन फेंकता है? सुसाइड करने आई हो?” उसकी बात सुनकर इनाया की आंखें बड़ी हो गई। “तुम्हारे चेहरे के एक्सप्रेशन बता रहे हैं कि मेरी बात सच है। देखो हमारी लाइफ में हजारों प्रॉब्लम आती है लेकिन मरना उन सब का सलूशन नहीं होता। ब्रेव बनो और उनका सामना करना सीखो... ना कि इस तरह बुजदिलों की तरह सुसाइड करने आ जाओ।” लड़के ने सिर हिलाकर कहा। उसकी ब्राऊन चार्मिंग आईज थी और दिखने में वो काफी हैंडसम था। “देखो मिस्टर... “ बोलते हुए इनाया ने लड़के को उंगली दिखाई, “तुम जो भी हो... अपने काम से मतलब रखो। और हां... मैं यहां सुसाइड करने नहीं आई थी।” “तो इतनी रात को यहां क्या कर रही हो? तुम्हें देख कर लग रहा है कि तुम्हारे साथ कोई नहीं है। बीच पर अकेले चिल करने कोई नहीं आता... रात के 11:00 बजे तो बिल्कुल भी नहीं...” लड़के ने जवाब दिया। “जब रात को लोग स्विमिंग करने आ सकते हैं तो मैं चिल करने क्यों नहीं आ सकती... बाय द वे आज मेरा बर्थडे है... “ इनाया ने उसे बताया। इनाया ने अपनी बात खत्म भी नहीं की थी कि उसने उसकी बात बीच में काट कर कहा, “तो तुमने सोचा होगा कि क्यों ना अपने बर्थडे को डेथ डे में बदल दिया जाए। सुसाइड करना कानूनन अपराध है।“ उसकी बातें सुनकर इनाया ने सिर पकड़ लिया और चिढ़ते हुए कहा, “मैं यहां सुसाइड करने नहीं आई थी। कितनी बार कहूं...“ बोलते हुए इनाया का चेहरा बच्चों की तरह मासूम हो गया और उसने हल्का चिल्लाकर कहा। ये देखकर लड़के के चेहरे पर हंसी थी। “अच्छा ठीक है... मान लिया कि तुम सुसाइड करने नहीं आई थी लेकिन इतनी रात को यहां क्या कर रही हो मिस...” नाम पता नहीं होने की वजह से लड़के ने अपना वाक्य अधूरा छोड़ दिया। “इनाया...” इनाया ने उसके सेंटेंस को पूरा करके अपना नाम बताया। “हैप्पी बर्थडे इनाया... मेरा नाम एरोन है। तुम चाहो तो मेरे साथ अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर सकती हो।” एरोन बोला। “और वो कैसे?” इनाया ने पूछा। “अक्सर लोग अपने बर्थडे पर केक कट करके सेलिब्रेट करते हैं, लेकिन इस खुले आसमान के नीचे बीच पर पानी के बहाव को देखते हुए गरमा गरम कॉफी पीना... मेरे लिए तो इससे अच्छा सेलिब्रेशन कोई और हो ही नहीं सकता।” एरोन ने जवाब दिया। “और मैं तुम पर विश्वास क्यों करूं?” इनाया ने कंधे उचकाकर कहा। उसकी बात सुनकर एरोन फिर हंसा और जवाब दिया,“इनाया मैं एक एक्सप्लोरर हूं, ना कि किडनैपर... ये जो छोटी सी दुनिया तुम अपने सामने देख रही हो, ये वाकई इतनी छोटी और मामूली नहीं है... इसकी हर तह में एक राज छुपा हुआ है।“ “और तुम्हें लगता है कि तुम उन सभी राजो का पता एक ही रात में लगा लोगे?” “बिल्कुल नहीं...” एरोन ने अपनी बात खत्म भी नहीं की थी और वहां से भागने लगा। दौड़ते हुए वो पीछे मुड़ा और जोर से चिल्लाते हुए कहा, “मेरा इंतजार करना... मैं 10 मिनट में आता हूं।“ “हां ये कहीं का शहजादा है, जो मैं यहां पर खड़े होकर उसका इंतजार करूं... लेकिन जो भी था... काफी इंटरेस्टिंग है... वर्ल्ड को एक्सप्लोर करना... देखा जाए तो हम दोनों में काफी सिमिलेरिटीज है। मैं किताबों के जरिए वर्ल्ड को एक्सप्लोर करना चाहती हूं... तो ये घूम कर।“ एरोन का वेट करते हुए इनाया वहां पर चहलकदमी करते हुए खुद से बातें कर रही थी। 10 मिनट बीत जाने के बाद भी एरोन नहीं आया तो उसने वहां से जाना सही समझा। “सुबह से ऑलरेडी दो से तीन बार मॉम डैड की डांट खा चुकी हूं। अगर अब इस एक्सप्लोरर के इंतजार करने के चक्कर में कहीं मॉम डैड फिर से गुस्सा ना हो जाए...” इनाया ने वहां से जाने का डिसीजन लिया। ‌ वो वहां से जाने के लिए मुड़ी, तभी अचानक उसे कुछ ख्याल आया और नीचे बैठ कर वो अंगुली से बीच की गीली मिट्टी में कुछ लिखने लगी। जाते वक्त उसने एरोन के लिए एक मैसेज छोड़ा था और अपने बालों में लगा एक डायमंड क्लिप वहीं पर गिरा दिया ताकि उसका ध्यान वहां चला जाए। इनाया वहां से जा चुकी थी। उसके जाने के लगभग 15–20 मिनट बाद एरोन दौड़ता हुआ उस तरफ आ रहा था। उसने कपड़े बदल रखे थे और उसके हाथ में दो कॉफी मग और एक कॉफी मेकर था। इनाया को वहां ना पाकर उसने धीमी आवाज में कहा, “चली गई... थोड़ा भी नहीं रुक सकती थी... वैसे मुझे भी लौटने में काफी टाइम लग गया।” चलते हुए एरोन के कदम कुछ आगे बढ़े तभी उसके पैर में कुछ चुभा। नीचे देखने के लिए उसने अपने मोबाइल की टॉर्च जलाई और नीचे बैठकर देखने लगा। नीचे इनाया का क्लिप गिरा हुआ था और साथ में वहां पर एक मैसेज भी... उसे देखकर एरोन के चेहरे पर मुस्कुराहट थी। उसने इनाया का मैसेज जोर से पड़ा। “तुम क्या वर्ल्ड को एक्सप्लोरर करने जाते हो तो क्या उसी वर्ल्ड में खो जाते हो? 10 मिनट का बोल कर गए थे और आधे घंटे तक मैंने तुम्हारा वेट किया... मिस्टर एक्सप्लोरर... कभी वर्ल्ड को एक्सप्लोरर करते हुए बाई चांस मैं भी एक्सप्लोर हो गई, तो फिर मिलेंगे... और हां खुले आसमान के नीचे रात को बीच के पास कॉफी उधार रही।” उसे पढ़ते ही एरोन खिलखिला कर हंसा और चिल्लाते हुए कहा, “जरूर मिस इनाया... लेकिन तब तक आप सुसाइड मत कर लेना।“ इनाया के जाने के काफी देर बाद भी वो वहां पर बैठा रहा और उसके बारे में सोचता रहा। एक छोटी सी मुलाकात, जिसमें दोनों ने एक दूसरे का चेहरा भी ठीक से नहीं देखा था, दोनों के लिए ही काफी यादगार साबित हुई। _________ वहीं दूसरी तरफ तरफ से पार्टी खत्म होने के बाद इनाया भी अपने पेरेंट्स के साथ घर लौट चुकी थी। उसकी यादों में भी एरोन से जुड़ी वो छोटी सी मुलाकात अभी तक ताजा थी। इनाया ने एरोन से हुई मुलाकात के बारे में अपने पेरेंट्स को कुछ नहीं कहा, साथ ही उसने कॉलेज वाली बात भी उनसे छुपा ली थी। क्लब से लौटकर वो सारे काफी थक चुके थे और सीधे सोने जा चुके थे। इनाया ने अपने कमरे में आकर चेंज किया और सोने जाने लगी। लाइट्स ऑफ करते टाइम उसकी नजर सामने रखें एक्वेरियम पर पड़ी। वो उस के पास गई और कहा, “तुम्हें तो मैं भूल ही गई थी। वैसे तो जल्दी से मैं अपने दिल की बात किसी को नहीं बताना चाहती लेकिन तुम लोगों को बता सकती हूं। वो क्या है ना, बाकी लोगों की तरह तुम मेरी बातों को दूसरी जगह नहीं बताओगी।“ उसकी बात सुनकर मछलियों के तैरने की गति फिर से तेज हो गई मानो वो उसकी बात का जवाब दे रही हो। “पता है अभी थोड़ी देर पहले मैं एक लड़के से मिली। हां तुम कहोगी कि इसमें क्या खास था। आज कॉलेज में काफी सारे लड़के और लड़कियां मिले थे लेकिन वो बिल्कुल मेरी तरह था। इस दुनिया को और इसके रहस्य को जानना चाहता था बिल्कुल मेरी तरह... काश मैं भी उसी की तरह वर्ल्ड को एक्सप्लोरर करने जा सकती लेकिन यहां तो 1 मिनट भी घर लेट आओ तो घर वालों के 50 फोन कॉल्स आ जाते हैं। आई विश कि मैं उससे फिर मिल सकूं और उससे जान सकूं कि उसने अब तक क्या एक्सप्लोर किया है।” इनाया ने अपनी बात खत्म की और सोने चली गई। इनाया के सोने के बाद एक्वेरियम में मौजूद मछलियां एक दूसरे से बातें कर रही थी और उनके चेहरे पर एक मुस्कुराहट थी। ऐसा लग रहा था कि वो जिस की तलाश में अब तक थी, उनकी वो तलाश पूरी हो चुकी थी। ___________ दूसरी तरफ समुंदर के नीचे गहराई में मौजूद दुनिया में एक अजीब सी शांति छाई हुई थी। बरसों पहले जो हुआ था, उसके बाद वहां की दुनिया में गेम्स का शासन हो चुका था। इन सब के बीच वहां मौजूद जेल में एक कमजोर आदमी कांच के बड़े से जादुई एक्वेरियम में था। वो पूरा एक्वेरियम मोतियों से भरा हुआ था, जो कि उसके आंसुओं से बने हुए थे। “अगर आज राजकुमारी जिंदा होती तो पूरे 18 वर्ष की हो जाती और उसे अपनी शक्तियां मिल जाती... साथ ही उसे यहां की क्वीन भी घोषित कर दिया जाता। काश आज से 17 साल पहले हमने आपकी बात मान ली होती रूथ... तो आज हमें ये दिन नहीं देखना पड़ता।” इसी के साथ एक्वेरियम में मौजूद मोती बढ़ने लगे। वहां मौजूद आदमी रो रहा था और वो कोई और नहीं लूसीयस था। उस दिन हुए युद्ध में रूथ की जान जा चुकी थी लेकिन लूसीयस अभी भी जिंदा था और गेम्स की कैद में था। उसने जीवन और उसके से आजादी की आस पूरी तरह छोड़ दी थी। बरसो पहले हुआ युद्ध और अपने परिवार की उसके आंखो के सामने मौत होने से वो टूट चुका था। उसकी आंखो में अगर किसी का इंतजार था, तो वो था खुद की मौत का। ★★★★

  • 5. Inaaya: Adventurous journey of sea - Chapter 5

    Words: 2274

    Estimated Reading Time: 14 min

    अगली सुबह जब इनाया उठी तो उसका रूटीन हमेशा की तरह सिंपल था। सुबह उठकर नहाना और फिर ब्रेकफास्ट करके कॉलेज जाना, उसके रूटीन में शामिल था। जिम और लिली को बाय बोल कर इनाया कॉलेज जा चुकी थी। अपनी स्कूटी पार्क करके इनाया क्लासेज के अंदर जाने ही लगी तो उसके नजर उस ग्रुप पर पड़ी, जो कल उसकी रैगिंग करने की कोशिश कर रहा था। “कल जो भी हुआ, उसके बाद कही ये हमारी सच में कंप्लेंट तो नहीं कर देगी ना... या फिर इसने हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो फिर हम क्या करेंगे।” लारा ने डरते हुए कहा। “ऐसा कुछ नहीं है। जरूर ये लड़की हाथों की सफाई जानती होगी। इस वजह से उसने ऐसा किया होगा। इस दुनिया में जादू टोने, भूत प्रेत जैसा कुछ नहीं होता।” सेम ने जवाब दिया। “नीचे गिरने के बाद अचानक ऊपर आने वाली बात तो फिर भी हजम कर सकते हैं, लेकिन बोलते हुए इसकी आंखें गोल्डन हो गई थी। उसका क्या लॉजिक दोगे तुम?” मान ने पूछा। वो लोग इनाया के बारे में बातें कर रहे थे। वही इनाया ने भी उन्हें देखा तो उनकी तरफ बढ़ गई। उसे पास आता देखकर एक पल के लिए वो तीनों थोड़ा घबरा गए लेकिन सेम ने अपने चेहरे पर चिंता की लकीरें नहीं आने दी। “हेलो सीनियर्स... तो आज किसकी रैगिंग करने का इरादा है?” इनाया उनके पास जाकर बोली। “कल कुछ चीप ट्रिक्स की वजह से तुम बच गई, इसका मतलब ये नहीं कि तुम सेफ हो मिस टॉपर... हम से बच कर रहना।” सेम ने फुल एटीट्यूड से जवाब दिया। “बचकर रहने की जरूरत मुझे नहीं, तुम लोगों को है। याद नहीं क्या कल क्या हुआ था? भूल गए क्या मैं याद दिल...” इनाया ने अपनी बात खत्म भी नहीं की थी कि सेम को छोड़ कर उसके ग्रुप के बाकी लोग दुम दबाकर भाग चुके थे। “भाग गए...” इनाया ने कहा। “कौन भाग गया?” सेम ने पूछा। “तुम्हारे ब्रेव ग्रुप मेंबर्स... तुम्हें उनसे अभी बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। अब मेरा रास्ता छोड़ो‌ वरना तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा।” इनाया ने सख्त लहजे में कहा। इनाया के कहते ही सेम साइड हट गया। वो सीटी बजाते हुए कैंपस में बेफिक्री से अपनी क्लास की तरफ जाने लगी। कल की तरह इनाया का आज दिन भी सामान्य बीता। सभी क्लासेज अटेंड करने के बाद इनाया घर जाने के लिए अपनी स्कूटी निकाल रही थी। “अपनी स्कूटी जल्दी हटाओ... मुझे घर जाना है।“ इनाया ने एक लड़की से कहा, जो कि उसके आगे से अपनी स्कूटी निकाल रही थी। उसे पीछे से एक जानी पहचानी आवाज सुनाई दी। “फाइनली, इस एक्सप्लोरर ने तुम्हें एक्सप्लोर कर ही लिया मिस इनाया...” अपना नाम सुनकर इनाया पीछे मुड़ी। सामने एरोन खड़ा था। उसे देखकर वो हल्का सा मुस्कुराई और फिर उसकी तरफ बढ़ने लगी। “क्या? पीछा कर रहे हो मेरा?” इनाया ने उसके पास जाकर पूछा। “बिल्कुल नहीं...” एरोन ने हाथ बांधकर जवाब दिया। “और तुमने मुझे कैसे पहचाना ?“ इनाया ने हैरानी से पूछा। “उम्म्म... “ एरोन ने लम्बा खींचते हुए कहा, “बस पहचान लिया... तुम्हारी आवाज से...“ “तुम्हें देखकर लगता नहीं कि तुम स्टूडेंट होंगे। फिर यहां क्या कर रहे हो?” इनाया ने पूछा। “सही कहा तुमने... मैं स्टूडेंट नहीं हूं। मेरा कॉलेज हो गया है। अब तो एक एक्सप्लोरर हूं, जहां भी कुछ एक्सप्लोर करने को मिलता है... वहां पर चला जाता हूं।” एरोन ने घुमा फिरा कर हल्के तरीके से जवाब दिया। “अब मजाक करना बंद करो और बताओ... कल रात भी मुझे वेट करने का बोल कर तुम वापस नहीं आए। मेरी जगह कोई और लड़की होती तो तुम्हारी इस हरकत पर तुम पर चिल्ला रही होती।“ इनाया ने हल्का चिढ़कर कहा। “हां... सही कहा। सॉरी... कल रात किसी वजह से मुझे आने में देर हो गई।” एरोन ने कल रात के लिए माफी मांगी और कुछ निकालने के लिए अपने पॉकेट में हाथ डाला। उसने अपने पॉकेट से वही क्लिप निकाला, जो कल इनाया उसके लिए छोड़ गई थी। उसने उसे वो क्लिप देते हुए कहा, “वैसे तुम चाहती तो उस मैसेज के साथ अपना नंबर भी छोड़ कर जा सकती थी।” “हमें मिले हुए 15 मिनट भी नहीं हुए थे और उतने में ही मैं तुम्हें अपना नंबर देकर चली जाती। हाउ फनी...” इनाया ने उसका मजाक बनाते हुए कहा। “व्हाटस सो फनी इन दिस? मैं कौन सा तुम्हारे घर पर रिश्ता लेकर आ रहा था।” एरोन मुंह बना कर जवाब दिया। उसकी इस हरकत पर इनाया हल्की सी हंसी। “वैसे तुमने बताया नहीं कि तुम यहां क्या कर रहे हो?” इनाया ने पूछा। “बताया तो था कि एक्सप्लोर करने आया हूं। यहां कॉलेज में एक सीक्रेट लाइब्रेरी बनाई हुई है, जहां पर काफी सारी इंटरेस्टिंग बुक्स है। बस उन्हीं से कुछ जानकारी हासिल करने के लिए यहां पर आया था।“ एरोन ने बताया। एरोन ने जिस लाइब्रेरी का जिक्र किया था, इनाया वहां पहले भी जा चुकी थी। उसके बताते ही उसकी आंखों के सामने लाइब्रेरी और वहां पर रखी वो अलमारी आ गई, जिसमें अलग-अलग तरह की छोटी बोतलें रखी हुई थी। उसे खोया हुआ देखकर एरोन ने उसके सामने चुटकी बजाते हुए कहा, “हेलो... कहां खो गई हो?” “कहीं नहीं... क्या मैं उस जगह पर चल सकती हूं। प्लीज...” इनाया ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा। “लेकिन तुम स्टूडेंट हो और वहां पर स्टूडेंट्स का वहां जाना अलाउ नहीं है। एंड स्टूडेंट्स तो क्या, यहां के स्टाफ भी वहां जल्दी से नहीं जा सकते। मैंने भी स्पेशल परमिशन ली है।” “तो तुम बोल देना कि मैं तुम्हारी फ्रेंड हूं और तुम्हारे साथ ही हूं।” इनाया के कहते ही एरोन ने मजाकिया तरीके से जवाब देते हुए कहा, “अच्छा... ऐसे कैसे कह दूं? अभी हमें मिले हुए टाइम ही कितना हुआ है?“ “15 मिनिट उस दिन के... और 15 आज के... एक्जेक्टली आधा.. हम आधे घंटे पुराने फ्रेंड है।“ इनाया बोली। “अभी तो ठीक से बात भी नहीं हुई और फ्रेंड... वैसे हमारे बीच फ्रेंडशिप कब हुई?” एरोन ने भौंहें उठाकर पूछा। उसकी बात सुनकर इनाया ने मासूम सा चेहरा बनाया। “प्लीज ले चलो ना... मैं भी तुम्हारी तरह एक्सप्लोरर बनना चाहती हूं... इसलिए किताबों के जरिए इस वर्ल्ड को एक्सप्लोर करना चाहती हूं। अब एक एक्सप्लोरर दूसरे होने वाले एक्सप्लोरर की मदद नहीं करेगा, तो कौन करेगा?” इनाया ने मासूम सा चेहरा बना कर कहा। “कोशिश अच्छी थी मिस इनाया... ठीक है तुम मेरे साथ चल सकती हो।” एरोन के हां कहते ही इनाया खुशी से उछली। उसकी इस हरकत से उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई। वो बिना कुछ बोले अंदर की तरफ आने लगा। इनाया उसके पीछे बच्चे की तरह जल्दी-जल्दी चलते हुए जा रही थी। “अच्छा, तुम यहीं रुको... मैं बात करके आता हूं।” इनाया को ऑफिस रूम के बाहर छोड़कर एरोन बात करने के लिए ऑफिस के अंदर चला गया। कुछ देर बाद बात करके वो वहां से बाहर आ गया था। उसके हाथ में चाबियों का एक गुच्छा था। “चले?” एरोन ने बाहर आते ही कहा। “ये चाबियां किस चीज की है? लाइब्रेरी के बाहर तो कोई ताला नहीं लगा था?” इनाया ने हैरानी से पूछा। “बाहर कोई ताला नहीं लगा... ये बात तुम्हें कैसे पता? इसका मतलब तुम पहले भी वहां जा चुकी हो। लेकिन वो एक रेस्ट्रिक्टेड एरिया है और तुम्हें वहां नहीं जाना चाहिए था।” एरोन ने सख्ती से कहा। “तुम मुझे डांट क्यों रहे हो? मैं गलती से वहां पहुंच गई थी। कुछ लोगों ने मुझे जानबूझकर वहां भेजा था... ताकि मेरी रैगिंग कर सके।” इनाया ने जवाब दिया। “अच्छा ठीक है काम डाउन... जिन लोगों ने भी तुम्हारी रैगिंग करने की कोशिश की थी, तुम उनकी कंप्लेंट करोगी और दूसरी बात... लाइब्रेरी के ताला नहीं है... वहां बुक्स, जिन अलमारियों में रखी हुई है, उसके ताला रखा लगा हुआ है और ये उसी की चाबियां है।” एरोन ने उसे सब बताया। इनाया और एरोन चलते हुए एक दूसरे से बातें कर रहे थे। एरोन को कॉलेज के बारे में काफी जानकारी थी। वो सभी रास्तों पर सधे हुए कदमों से चल रहा था मानो पहले भी वहां पर आ चुका हूं। “तुम यही पर पढ़े हो?” इनाया ने पूछा। “नहीं...” एरोन ने जवाब दिया। उसकी बात सब इनाया ने हैरानी से पूछा, “अगर तुम यहां पर नहीं पढ़े हुए हो तो तुम्हें कॉलेज के बारे में इतनी इंफॉर्मेशन कैसे हैं? लाइक तुम हर एक रास्ता जानते हो और यहां तक कि तुम्हें ये भी पता है कि लाइब्रेरी के कोई ताला नहीं था और वो एक रेस्ट्रिक्टेड एरिया है।” “क्योंकि मैं यहां पहले भी आ चुका हूं और मेरे डैड यहां के ट्रस्टी है। उन्हीं के जरिए मुझे यहां पर आने की परमिशन मिली है। अब अगर तुम्हारे सवाल जवाब खत्म हो गए हैं, तो लाइब्रेरी में जाकर बुक्स देखें?” इनाया ने उसकी बात पर हामी भरी और उसके साथ ऊपर लाइब्रेरी में आ गई। वो इस बात से काफी खुश थी कि कल ही उसने वो जगह देखी थी और आज से उसे यहां आने की इजाजत भी मिल चुकी थी। अंदर आते ही एरोन ने ताला खोलने के लिए जैसे ही अपना हाथ बढ़ाया, इनाया ने उसके हाथ से चाबी छीनते हुए कहा, “ये मैं करती हूं।” “तुम थोड़ी अजीब हो।” उसकी इस हरकत पर एरोन ने कहा। “हां लेकिन तुमसे थोड़ा कम...” इनाया ने कहा और जल्दी से अलमारी का ताला खोला। वो उस वक्त बहुत खुश थी और उसकी खुशी उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी। ऐसा लग रहा था कि उसने उस अलमारी का नहीं बल्कि किसी खजाने का ताला खोला हो। “क्या मैं कुछ किताबें ले सकती हूं?” इनाया ने एरोन की तरफ देखकर पूछा। वो कुछ जवाब दे पाता उससे पहले इनाया उसके सामने प्लीज प्लीज की रट लगाने लगी। “ओके... लेकिन बुक्स को कोई नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।” एरोन ने हल्का इरिटेट होकर कहा। उसके हां कहते ही इनाया ने अलमारी में से किताबों का बड़ा सा बंच उठाया और पास बड़ी बेंच पर सारी किताबें फैला दी। टाइटल देखते हुए वो किताबों को चुन रही थी। “ब्लैक पर्ल... साउंड इंटरेस्टिंग...” जैसे ही इनाया ने ये कहा, एरोन उसकी तरफ बढ़ा और उसने उसके हाथ से वो किताब छीन ली। “इसी की तो तलाश थी मुझे।” किताब को देखकर एरोन के चेहरे पर खुशी थी। इनाया उसके पास आई और उससे फिर से वो किताब छीनते हुए कहा, “इससे पहले मैंने देखा था तो पहले मैं ही पढूंगी।” “लेकिन मैं इसी के लिए ही तो यहां पर आया था। मैं अंडर वाटर लाइफ के बारे में एक्सप्लोरर करना चाहता हूं और वहीं से मुझे ब्लैक पर्ल के बारे में पता चला। बाकी की रिसर्च में मुझे कोई खास हासिल नहीं हुआ। डैड पता चला कि यहां पर कुछ किताबे है... जो मेरी हेल्प कर सकती है।” एरोन ने शुरू से लेकर अंत तक सारी बात बता दी थी कि उसे वो किताब क्यों चाहिए थी। “अंडर वाटर लाइफ? ये किस चिड़िया का नाम है।” इनाया के कहते ही एरोन हंसा और कहा, “चिड़िया का नई दुनिया का नाम है। कहते हैं कि जिस तरह हम इंसानों की दुनिया है। उसी तरह जानवरों की... और समुंदर के अंदर भी एक जीती जागती दुनिया मौजूद है।” “क्या तुम वहां पर जाओगे? प्लीज मुझे भी अपने साथ लेकर चलना।” “अभी का तो पता नहीं लेकिन एक दिन वहां पर जाना जरूर चाहूंगा। बस इसी को लेकर इस सर्च कर रहा हूं। तुम्हें स्विमिंग आती है, जो तुम मेरे साथ चलना चाहती हो... वहां पर तैर कर जाना पड़ता है।” एरोन ने मजाकिया तरीके से कहा। हालांकि वो इनाया को बस तंग कर रहा था। उसके पूछते ही इनाया ने मासूम सा चेहरा बनाकर ना में सिर हिलाया। उसके ऐसा करते ही एरोन ने फिर से उसके हाथ से किताब छीनी और उसी किताब से उसके सिर पर हल्का सा मारते हुए कहा, “तो फिर तुम इस किताब और अंडर वाटर लाइफ... दोनों का ही ख्याल अपने दिल से निकाल दो मिस इनाया।” “लेकिन मैं जाना चाहती थी। वहां ना सही लेकिन तुम मुझे ये किताब तो दे ही सकते हो।” उसका चेहरा देखकर एरोन को तरस आ गया। वो दिखने में काफी क्यूट और मासूम थी। उसने इनाया का हाथ पकड़ा और उस पर किताब रखते हुए बोला, “ठीक है। लेकिन सिर्फ 2 दिनों के लिए... उसके बाद मुझे ये किताब मिल जानी चाहिए।” “थैंक यू सो मच...” इनाया के चेहरे पर एक अलग ही खुशी देखने को मिल रही थी। “और 2 दिन बाद तुम ये किताब मुझे यहीं कॉलेज में लौटाओगी...... वैसे तुम चाहो तो अब घर जा सकती हो। मुझे टाइम लगेगा.... उतने में तुम्हें देर हो जाएगी।” एरोन ने कहा। हालांकि इनाया का वहां रुकने का मन था लेकिन कल भी देरी से जाने की वजह से इनाया को डांट पड़ी थी। इस वजह से उसने घर जाने की हामी भरी। इनाया ने बुक को अपने बैग में रखा। एक बार फिर से थैंक यू और बाय बोलकर वो वहां से नीचे की तरफ जाने लगी। “बिल्कुल बच्ची है।” उसके जाने के बाद एरोन ने धीरे से कहा और मुस्कुराते हुए फिर से किताबों में कुछ खंगालने लगा। इनाया नीचे स्कूटी पर अपना बैग रखकर बाहर जाने ही लगी थी कि तभी उसे कुछ याद आया। “ओ गॉड... मैं तो एरोन से उसका नंबर लेना ही भूल गई। इसी बहाने उससे बहुत सी अच्छी बुक्स मिल सकती है। बाद में मौका मिले ना मिले... ऐसा करती हूं जाकर नंबर ले आती हूं।” इनाया अपना बैग वहीं स्कूटी पर छोड़ कर दूसरी तरफ मुड़ी। जाते वक्त उसकी नजर स्विमिंग पूल पर पड़ी, तो उसे एरोन के अंडर वाटर लाइफ की बात याद आ गई। ना चाहते हुए भी उसके कदम पूल की तरफ खींच गए। इनाया वहां खड़ी होकर पूल में देख रही थी कि अगले ही पल किसी ने उसे अंदर की तरफ जोर से धक्का दिया। स्विमिंग ना आने की वजह से इनाया की सांसे जल्द ही ऊपर नीचे होने लगी थी। ★★★★

  • 6. Inaaya: Adventurous journey of sea - Chapter 6

    Words: 1936

    Estimated Reading Time: 12 min

    इनाया स्विमिंग पूल के आगे खड़ी होकर एरोन की बातों के बारे में सोच रही थी कि तभी किसी ने उसे अंदर की तरफ धक्का दे दिया। स्विमिंग ना आने की वजह से इनाया की सांसें ऊपर नीचे होने लगी। “हे... हेल... हेल्प...” इनाया टूटे फूटे शब्दो में चिल्लाकर मदद मांगने की कोशिश कर रही थी। उसकी आंखें आंसुओं से भीग चुकी थी। तभी एरोन किसी काम से नीचे की तरफ आया। सीढियां पूल के पास होने की वजह से उसने स्विमिंग पूल के पानी में हलचल देखी तो वो उस तरफ दौड़ कर जाने लगा। दूसरी तरफ पूल में फंसी इनाया खुद को बचाने के लिए हाथ-पैर मारने लगी.. और अगले ही पल वो पानी में आसानी से तैर पा रही थी। एरोन वहां आया और उसने इनाया को तैरते हुए देखा तो वो हैरान हो गया। “तुमने मेरी बात को इतना सीरियसली ले लिया क्या कि आज भी स्विमिंग करने लग गई? वेट अ सेकेंड... तुमने मुझे कहा था कि तुम्हें स्विमिंग नहीं आती और तुम तो किसी एक्सपर्ट की तरह स्विम कर रही हो। तुमने मुझसे झूठ बोला मिस इनाया।” एरोन ने नाराज होकर कहा। इनाया ने खुद को पानी में अच्छे से बैलेंस किया और फिर बाहर निकल कर आई। उसके कपड़े पानी में पूरी तरह भीग चुके थे। इतनी अच्छी स्विमिंग करने के बावजूद उसके चेहरे पर डर के भाव थे। “क्या हुआ इनाया? तुम इतनी घबराई हुई क्यों लग रही हो?” इनाया को परेशान देखकर एरोन ने सीरियस टोन में पूछा। इनाया रो रही थी। एरोन ने उसे शांत करने के लिए उसे सहलाया। “तुमने बहुत अच्छी स्विमिंग की... फिर तुम रो क्यों रही हो? एम सॉरी मुझे तुम पर इस तरह चिल्लाना नहीं चाहिए। अब बताओ क्या हुआ है?” एरोन ने इस बार प्यार से पूछा। “म... मुझे... मुझे... स्विमिंग नहीं आती है। फिर मैं इतने अच्छे से कैसे तैर सकती हूं?“ इनाया ने रोते हुए जवाब दिया। “कभी-कभी ऐसा होता है कि हम डर के मारे वो काम भी कर जाते हैं, जो हमें नहीं करना आता है। खुद की जान बचाने के लिए तुमने स्विम करने के तरीके से अपने पैरों को चलाए होंगे... तो हो सकता है उस वजह से 1–2 मूव सही से हो गए होंगे। तुम घबराओ मत...” एरोन ने उसे समझाया। इनाया ने उसकी बात पर हामी भरी। एरोन के समझाने पर वो थोड़ा बेहतर महसूस कर रही थी। “चलो मैं तुम्हें तुम्हारे घर पर छोड़ देता हूं।” एरोन ने अपना सारा काम छोड़कर इनाया को संभालना ज्यादा सही समझा। “तुम यहां जिस काम से आए थे, वो नहीं हुआ होगा। डोंट वरी मैं चली जाऊंगी।” इनाया ने काफी मैच्योरली कहा। “कोई बात नहीं... मैं कल फिर आ जाऊंगा। अपनी स्कूटी की कीज मुझे दो..!“ एरोन ने अपना हाथ आगे बढाया। “चाबियां स्कूटी में ही लगी है।” इनाया ने कहा और अपनी स्कूटी की तरफ बढ़ने लगी। एरोन उसके पीछे-पीछे आ रहा था। “तुम पीछे बैठो। मैं चलाता हूं।” एरोन ने कहा और आगे की तरफ बैठ गया। कुछ देर बाद इनाया और एरोन इनाया के घर के आगे थे। स्कूटी पार्क करके एरोन वहां से जाने लगा। “टेक केयर.. और ज्यादा ओवर थिंकिंग मत करना।” एरोन ने इनाया के कंधे पर हाथ रखकर कहा। “तुम चाहो तो मेरे साथ अंदर चल सकते हो। कॉफी पीना चाहोगे?” इनाया ने पूछा। “किसी और दिन... और हां अपनी ड्रेस चेंज कर लेना। वरना तुम्हें ठंड लग जाएगी।” एरोन ने मुस्कुराते हुए कहा और वहां से चला गया। उसके जाने के बाद इनाया भी ऊपर अपार्टमेंट में जा चुकी थी। “ये लड़का कौन था, जो इनाया के साथ था।” कोई उन दोनों को दूर से बाते करते हुए देख रहा था। उन दोनों के जाते ही वो बाहर आया। वो कोई और नहीं बल्कि रे था, जो कल सुबह इनाया से मिला था। “मुझे इसके बारे में पता लगाना होगा। मेरे अलावा किसी और को इनाया के करीब जाने का कोई हक नहीं है।” रे ने खोए हुए स्वर में कहा और वहां से एरोन के पीछे जाने के लिए निकल पड़ा। ______________ समुंदर की गहराई में मौजूद दुनिया में एक काला बड़ा सा महल था। वहां पर एक बड़े से सिंहासन पर गेम्स बैठा था। उसके पास में उसकी क्वीन बैठी थी और सामने एक प्रहरी सिर झुकाए खड़ा था। “कुछ पता चला उसका?” गेम्स ने पूछा। “नहीं किंग... आपको ये क्यों लगता है कि वो बच्ची अभी तक जिंदा है। उसके आने की आस तो खुद उसके पिता ने भी छोड़ दी हैं।” वहां मौजूद उस आदमी ने सिर झुका कर कहा। “उसके पिता ने आस छोड़ दी है क्योंकि वो सच से अनजान है। उसे उतना ही पता है, जितना हमने उसे बताया था... वो लड़की भविष्य में हमारे लिए खतरा साबित हो सकती है।” गेम्स ने सख्त लहजे में जवाब दिया। “किंग सही बोल रहे हैं मार्क... इतना ढूंढने के बाद भी बच्ची का अभी तक पता नहीं चल पाया है।” क्वीन रसल ने उसकी बात पर हां में हां मिलाई। “पिछले सत्रह सालों में हमने उसे ढूंढने में कोई कसर नहीं छोड़ी... लड़की हमें कहीं नहीं मिली।” मार्क ने जवाब दिया। उसके कहने के बाद गेम्स ने कोई जवाब नहीं दिया और कुछ सोचने लगा। थोड़ी देर सोचने के बाद उसने रहस्यमई तरीके से कहा,“या ऐसा हो सकता है कि वो लड़की हमारी दुनिया के अलावा किसी और दुनिया में रह रही हो?” “लेकिन ये संभव नहीं है। हमारी दुनिया समुंदर तक ही सीमित है... हम चाहे तो कुछ देर के लिए बाहर जा सकते हैं लेकिन इतने सालों तक वहां जीवन बिताना संभव नहीं है।” रसल ने जवाब दिया। “और वैसे भी किंग हमें नहीं लगता उस बच्ची का अस्तित्व अब इस दुनिया में या किसी और दुनिया में रहा होगा। अगर वो बच्ची जीवित होती तो 18 साल के होते ही उसकी शक्तियां जागृत हो जाती और अब तक तो वो हम पर हमला बोल चुकी होती।” मार्क ने अपनी राय रखते हुए कहा। “उम्मीद है, ऐसा ही हो।” गेम्स ने जवाब दिया और वहां से चला गया। गेम्स वहां से जेल वाले हिस्से में आया था, जहां पर लूसीयस को कैद किया गया था। उसे देखकर लूसीयस बुरी तरह झटपटाने लगा। उसके पास आकर गेम्स ने हंसते हुए कहा, “तुम्हारी ये है छटपटाहट देखकर मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है लूसीयस... हमने तो पहले ही कहा था कि तुम्हारी नन्ही राजकुमारी उस दिन मर चुकी थी। अब तुम्हें भी उसके आने की उम्मीद छोड़ देनी चाहिए।” लूसीयस ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया। गेम्स ने फिर कहा, “पता नहीं तुम कौन सी झूठी उम्मीद में जी रहे हो। अगर वो बच्ची जिंदा होती तो अब तक यहां लौट चुकी होती। तुम्हारी बेटी मर चुकी है।“ “यही बात बार बार बोलकर तुम हमें यकीन दिलाना चाहते हो... या खुद को... वो आएगी... वो एक दिन जरूर आएगी और तब तुम्हारा घमंड चूर चूर हो जाएगा। हमारे साम्राज्य पर फिर से हमारी नन्ही परी का शासन होगा... जहां तुम जैसे शैतान का कोई अस्तित्व नहीं रहेगा।” लुसियस ने कांपते शब्दों में कहा। लूसीयस की बात सुनकर गेम्स बुरी तरह बौखला गया। गुस्से में उसके अंदर से काला धुआं सा निकलने लगा और आंखें बुरी तरह काली होकर बाहर निकल आई थी। वो गुस्से में बोला, “और वो दिन कभी नहीं आएगा।” कहकर गेम्स वहां से जा चुका था। उसके जाने के बाद लूसीयस ने सोचा, “इस जैसा शैतान भी घबरा रहा है इसका मतलब जरूर हमारी परी जिंदा होगी। ये हमें यकीन दिलाना चाहता है कि वो इस दुनिया में नहीं रही लेकिन इसकी घबराहट से साफ जाहिर होता है, आज भी इसे उसके वापस लौट आने का कितना डर है।“ लूसीयस के उदास चेहरे पर मुस्कुराहट थी। वो खुशी से पानी के अंदर इधर-उधर गोते लगाने लगा। काफी वक्त बाद ऐसा दिन आया था जब उसे इतना अच्छा महसूस हो रहा था। “अगर हमारी नन्ही परी जिंदा है, तो कल वो 18 साल की हो गई होगी और उसकी शक्तियां जागृत होना शुरू हो गई होगी। हम उसकी मदद तो नहीं कर सकते लेकिन दूर बैठकर समुद्र देवता से उसकी विजय की प्रार्थना करेंगे... बस मरने से पहले एक बार मुझे अपनी बच्ची का चेहरा देखना है।” बोलकर लूसीयस ने अपने ऊपर का शरीर इंसान जैसा बना लिया और आंखें बंद करके अपनी बेटी के लिए प्रार्थना करने लगा। ______________ इनाया को घर छोड़ने के बाद एरोन वापस कॉलेज गया। वहां पर लाइब्रेरी में बैठकर वो एक किताब पढ़ रहा था। “समुंदर और रहस्यमई दुनिया... टाइटल तो काफी इंटरेस्टिंग है।” बोलते हुए एरोन ने एक किताब उठाई और उसके पन्ने बदलने लगा। “कहते हैं समुद्र की गहराई में भी एक दुनिया मौजूद है, जहां पर जादुई जलीय जीव रहते हैं।” जैसे ही एरोन ने पहली लाइन पढ़ी उसके आंखों में चमक थी। उसने किताब को बंद करके अपने साथ लिया और कहा, “चलो फिर समुंदर के अंदर की दुनिया को महसूस किया जाए... उसके बारे में पता लगाया जाए। अगर सचमुच ऐसा है तो ये एक रिवॉल्यूशन से कम नहीं होगा।” वो किताब मिलने के साथ ही एरोन को अपने लक्ष्य का पता चल चुका है कि उसे आगे क्या करना है। उसने उसके जैसी एक दो किताबें और ढूंढने की कोशिश की। उसे अपनी जानकारी लायक कुछ किताबें मिल चुकी थी और वो उन्हें उठाकर घर जा चुका था। वही दूसरी तरफ रात को खाने के बाद इनाया अपने कमरे में आई। आते ही उसने मुस्कुराते हुए फिश एक्वेरियम को देखा। “तुम्हें पता है वो कल वाला लड़का मुझे फिर मिला था। मैंने उससे एक बुक ली है जो कि काफी इंटरेस्टिंग है। क्या तुम लोग सुनना चाहोगी?” इनाया ने मछलियों की तरफ देखकर पूछा मानो वो जवाब दे देगी। “सॉरी मैं तो भूल ही गई थी कि तुम बोल नहीं सकती... तुम लोग आपस में बातें भी करती हो तो मुझे भी तुम्हारी भाषा कहां समझ आती है।” इनाया ने कहा और अपने बैग से वो किताब निकालने लगी। किताब लेकर वो स्टडी टेबल पर आई। उसने एक्वेरियम को उठाकर वही अपने पास रख लिया था। “ब्लैक पर्ल... एक काले रंग का पत्थर जैसा मोती होता है, जिसके अंदर समुंदर की पूरी दुनिया समाई हुई होती है। कहते हैं ब्लैक पर्ल पूरी दुनिया में एक ही मौजूद है, जो कि समुद्री दुनिया के क्वीन के पास मौजूद होता है। वो जिसके पास भी होता है, वो सबसे शक्तिशाली होता है। उसे कोई नहीं हरा सकता। ब्लैक पर्ल के पीछे सदियों से युद्ध होते आए हैं... ये काल्पनिक है या वास्तविक... इसके बारे में किसी को नहीं पता लेकिन लोक कथाओं में जितना महत्व नागमणि का होता है, उतना ही समुद्री दुनिया में ब्लैक पर्ल का होता है।” इनाया ने कुछ पन्ने पढ़े और फिर सोचने लगी। “क्या सच में ब्लैक पर्ल जैसी कोई चीज होती है? मुझे तो ये सब फेयरी टेल के अलावा और कुछ नहीं लगता। अगर समुंदर के नीचे कोई दुनिया होती तो अब तक मछुआरों को पता नहीं लगता क्या?“ इनाया ने उन मछलियों से कहा। उसे ये सब बातें भ्रम के अलावा और कुछ नहीं लग रही थी। कुछ पन्ने पढ़ने के बाद उसने बुक को बंद किया और कहा, “मैं भी अंडर वॉटर वर्ल्ड को अपलोड करना चाहती हूं लेकिन साइंटिफिक नजरिए से... ना कि ये जादू टोना, ब्लैक पर्ल या समुद्री दुनिया जैसी मनगढ़त बातों के जरिए। कल मैं ये किताब एरोन को लौटा दूंगी...” इनाया ने कहा और किताब को बंद कर दिया। वो लाइट बंद करके सोने जा चुकी थी। पूरे कमरे में अंधेरा था। इस कमरे में अंधेरा होने के बावजूद पूरे कमरे में पूनम की रात जैसे रोशनी थी। वो रोशनी कहीं और से नहीं बल्कि इनाया के पास से आ रही थी। सोते हुए इनाया ने अपनी करवट बदली तो उसके गले में पड़ा लॉकेट कंबल से बाहर आ गया। वो काले रंग का पेंडेंट और भी तेजी से चमकने लगा। ★★★★

  • 7. Inaaya: Adventurous journey of sea - Chapter 7

    Words: 2203

    Estimated Reading Time: 14 min

    अगले दिन सुबह इनाया उठी। रात को उसके साथ जो भी हुआ, उसके बारे में उसे अहसास तक नहीं था। सभी घटनाएं और दिनचर्या उसके लिए काफी सामान्य थी।

    हमेशा की तरह इनाया कॉलेज जाने के लिए निकल रही थी कि तभी उसकी मॉम लिली उसके पास आई और कहा, “इनाया आज तुम कॉलेज जाना रहने दो।”

    “बट मॉम... अभी तो मुझे वहां जाते हुए दो से 3 दिन ही हुए हैं। अभी से मैंने कॉलेज बंक करना शुरू कर दिया तो फिर...”

    इनाया ने अपनी बात खत्म भी नहीं की थी कि लिली बीच में बोल पड़ी, “स्टार्टिंग में बंक करने से कोई फर्क नहीं पड़ता। बेबी, तुम्हारी नानी की तबीयत बहुत खराब है। हमें उनसे मिलने के लिए गांव जाना होगा।” लिली काफी परेशान थी।

    इनाया अपनी नानी की तबीयत खराब होने के बारे में सुनकर घबरा गई। ऊपर से वो अकेली रहती थी।

    “क्या? नानी बीमार है मॉम... और आपने मुझे इस बारे में पहले क्यों नहीं बताया? इज शी फाइन?” इनाया ने घबराकर पूछा। पहले उसे लगा लिली उसे ऐसे ही घुमाने के लिए ले जाने वाली है।

    “नो बेबी, शी इज नॉट फाइन...” बोलते हुए लिली की आंखें भर आई और उसने रुआसी आवाज में कहा, “डॉक्टर्स का कहना है कि अब उनके पास ज्यादा टाइम नहीं बचा है। मैं चाहती हूं कि इन दिनों में उनके पास रहूं। थोड़े दिन उनके साथ वहां बितायेगे, फिर जैसे तैसे मनाकर यहां ले आएंगे।”

    “ओके मॉम... हम साथ में चलेंगे।” इनाया ने अपना बैग उतारा और अंदर रखने चली गई। बाहर आते वक्त उसकी नजर स्टडी टेबल पर रखी उस किताब पर गई, जो कल उसने एरोन से ली थी।

    इनाया स्टडी टेबल के पास गई और किताब को उठाया।
    “मैंने एरोन से कहा था, मैं 2 दिन बाद ये किताब उसे वापस लौटा दूंगी। लेकिन अब मुझे नहीं लगता कि मैं अगले कुछ दिनों तक कॉलेज जा पाऊंगी। मेरे पास तो उसका नंबर भी नहीं, जो मैं उसे कॉल करके बुक लेने उहां बुला सकूं।”

    इनाया ने जल्दी-जल्दी पैकिंग कंप्लीट की। कुछ सोचकर उसने वो किताब भी अपने साथ रख ली थी। थोड़ी देर बाद वो अपनी मॉम लिली के साथ उनके पैतृक गांव जाने के लिए निकल पड़ी।

    रास्ते में लिली बहुत परेशान थी। इनाया ने उसका ध्यान भटकाने के लिए बातें करना शुरू किया।

    “मॉम, अक्सर नानी ही हमसे गोवा में मिलने आती है। आप मुझे वहां पहले लेकर क्यों नहीं गई?” इनाया ने पूछा तो लिली के चेहरे पर परेशानी के भाव थे।

    उसने थोड़ा अटकते हुए कहा, “ऐ... ऐसा कुछ नहीं है बेबी। तुम हमेशा स्टडी को लेकर फोकस्ड रहती हो। तुम्हारे डैड नहीं चाहते कि तुम्हारा स्कूल वगैरह मिस हो। बस इसी वजह से मैं तुम्हे वहां नहीं जाती थी।”

    “आई एम सो एक्साइटेड... मेरी वहां हमेशा से जाने की इच्छा थी। इतना कुछ सुना जो है वहां के बारे में... अब तक तो गोवा के बीच पर ही इंजॉय किया है... लेकिन देखना... अब वहां इंडियन ओशन को करीब से महसूस करूंगी।” इनाया ने एक्साइटेड होकर कहा। वैसे भी जब से एरोन ने उसे अंडर वॉटर वर्ल्ड के बारे में बताया था, इनाया भी इन सबके बारे में जानने को उत्सुक रहने लगी।


    लिली ने उसकी बात का कोई जवाब दिया। वो बस गुमसुम सी बैठी थी।

    “हमें पहुंचने में टाइम लगने वाला है, रेस्ट कर लो।” लिली ने कहा और आंखें मूंद कर लेट गई। ऐसा लग रहा था जैसे वो इनाया से इस बारे में बात नहीं करना चाहती थी।

    इनाया के सवालों ने उसे परेशान कर दिया था। उसके मन में काफी कुछ चल रहा था। जिसके बारे में वो इनाया को भनक तक नहीं होने देना चाहती थी।

    “मेरा बस चलता तो मैं आज भी तुम्हें वहां लेकर नहीं जाती... ईश्वर ना करें कि तुम्हें कभी भी कोई दुख मिले... तुम्हारी भलाई के लिए भले ही मैं तुम्हें डांट देती हूं। लेकिन मैंने तुम्हें बिल्कुल अपनी सगी बेटी की तरह प्यार किया है।” लिली ने अपने मन में कहा। उसकी पलकें भीगने लगी थी।

    कुछ देर बाद उसने आंख खोलकर देखा तो इनाया सो चुकी थी। लिली ने उसका हाथ पकड़ा और प्यार से सहलाकर उस पर किस किया।

    ________

    दूसरी तरफ इनाया से मिलने के लिए एरोन फिर कॉलेज गया था। वहां जाकर उसे पता चला कि वो आज कॉलेज नहीं आई थी।

    “मुझे कल तुमसे तुम्हारे कांटेक्ट नंबर ले लेने चाहिए थे। पता नहीं क्या सोच कर मैंने तुम्हें वो बुक दे दी थी। अगर मुझे पहले पता होता कि समुंद्री दुनिया में ब्लैक पर्ल की इतनी इंपॉर्टेंस है... तो मैं तुम्हें वो बुक कभी नहीं देता इनाया।” एरोन‌ ने अपने मन में कहा।

    उसे इनाया वहां नहीं मिली तो वो वहां से वापस जाने लगा। जाते समय उसकी नजर स्विमिंग पूल की तरफ गई। कल के बारे में सोच कर वो उस तरफ चला गया।

    “इनाया ने कल कहा था कि उसे स्विमिंग नहीं आती उसके बावजूद उसने काफी परफेक्ट मूव्स किए थे, कोई एक्सपर्ट भी इतने अच्छे तरीके से स्विमिंग नहीं करता होगा... जैसे उसने की। अगर ये बात मैं उसके सामने कहता तो वो और परेशान हो जाती।” बोलते हुए एरोन वहां किनारे पर बैठ गया। कुछ सोच कर उसने पानी के अंदर अपना हाथ डाला और उसे इधर-उधर घुमाने लगा।

    काफी देर पानी के साथ खेलते हुए एरोन का हाथ किनारे पर किसी चीज पर लगा। उसने देखने के लिए उसे बाहर निकाला तो वो एक सफेद कलर का चमकदार मोती था, जो कि देखने में बहुत ही खूबसूरत था। वो सफेद मोती असली मोती था, जो इनाया के आंसुओं से बना था। शायद ही कोई उसकी कीमत और खूबसूरती का अंदाजा लगा सकता था।

    “इटस ब्यूटीफुल... ये मोती यहां किसने गिराया होगा। ये तो बिल्कुल किसी असली मोती की तरह लग रहा है...” कुछ सोच कर एरोन ने मोती को अपने वॉलेट में रख लिया।


    _______


    एरोन वहां से जल्दबाजी में गोवा के एक सबसे बड़े ज्वेलरी शोरूम में पहुंचा। सुबह का समय होने के कारण वहां ज्यादा भीड़ मौजूद नही थी।

    वहां जाते ही उसके मालिक ने इशारे से उसे हैलो कहा।

    “बोलिए सर... क्या दिखाना है? जरूर आप किसी को प्रपोज करने के बारे में सोच रहे हैं। हमारे यहां एक से बढ़कर एक डायमंड रिंग मौजूद है।” वहां मौजूद एक वर्कर ने सधे हुए लहजे में अपनी रटी रटाई लाइंस बोली। उसकी शक्ल से साफ नजर आ रहा था कि वो हर कस्टमर से लगभग इसी तरीके से बात करता होगा।

    “नो थैंक्स... मुझे किसी चीज की जांच करवानी थी। मुझे जानना था कि वो असली है या नहीं...” एरोन के कहते ही वहां का मालिक उसके पास आया।

    “लाइए मुझे दिखाइए...” शोरूम के मालिक ने उसकी तरफ हाथ बढ़ाया।

    एरोन ने अपने वाॅलेट से वो मोती निकाला और उसके हाथ में थमा दिया। दुकान के मालिक ने उसे अच्छी तरह घुमा फिरा कर देखा। फिर वो उसे अंदर लेकर गया और कुछ देर जांच पड़ताल करके बाहर आया।

    “क्या आप बता सकते हैं कि आपको ये मोती कहां से मिला?” उस आदमी ने बाहर आते ही उससे पूछा।

    “ये तो मैं आपको नहीं बता सकता... क्या आप मुझे बताएंगे कि ये मोती असली है या नहीं?” एरोन ने उसकी बात को टालकर फिर से सवाल किया।

    “मैंने अपनी जिंदगी में अब तक इतना सच्चा मोती नहीं देखा... आप इसकी जो कीमत बोले... वो मैं देने को तैयार हूं। आप चाहो तो मुझे सप्लायर के नंबर भी दे सकते हो। मैं मुंह मांगी कीमत देकर ये और इसके तरह के और भी मोती खरीदने के लिए तैयार हूं।” दुकान का मालिक बोला। वो जानता था ये मोती बहुत कीमती है, शायद ही उसे वैसा मोती दोबारा देखने को मिले।

    उसकी बात सुनकर एरोन हैरान हो गया।

    एरोन ने कुछ पल सोचा और फिर ना में सिर हिलाकर कहा, “मुझे वो वापस चाहिए... और ये मेरे लिए नायाब है। मैं उसे किसी को नहीं बेच सकता।”

    एरोन की बात सुनकर शोरूम के मालिक का मुंह बन गया और उसने बेमन से वो मोती उसके हाथ में थमा दिया। उससे वो मोती वापस लेते हुए एरोन वहां से जाने लगा। तभी वहां का मालिक बड़े कदमों से चलकर उसके पीछे आया और कहा, “आप ये मोती नहीं बेचना चाहते तो कम से कम मुझे सप्लायर का नंबर तो बता ही सकते हैं या ये बता सकते हैं कि आपने ये कहां से खरीदा था।”

    “अभी मैं आपको कुछ नहीं बता सकता। आपने मेरी मदद की इसके लिए थैंक्स... यहां आकर खाली हाथ जाना सही नहीं रहेगा।” बोलते हुए एरोन ने इधर उधर नजर घुमाई। वहां चारों तरफ एक से एक बढ़कर खूबसूरत ज्वैलरी रखी हुई थी।

    तभी उसकी नजर सामने एक पेंडेंट पर पड़ी, जो कि एक जलपरी के आकार का था।

    एरोन को एक नजर में ही वो भा गया। उसने उसकी तरफ इशारा करके कहा, “मुझे वो चाहिए। और हां... उसे एक चैन में डाल देना।“

    एरोन के ज्वेलरी खरीदने की वजह से वहां के मालिक का बना हुआ मुंह थोड़ा ठीक हुआ। थोड़ी ही देर में उसने उसे गिफ्ट रैप करवाकर एरोन को थमा दिया। एरोन ने पैसे दिए और वहां से अपने घर जाने को निकल पड़ा।

    कार ड्राइव करते हुए वो काफी कुछ सोच रहा था, “इसका मतलब के समुद्र के नीचे एक मायावी दुनिया मौजूद है। कल मैंने उस किताब में पढ़ा था कि जब भी कोई जादूई जलीय जीव रोता है, तो उसके आंखों से आसूं नही सच्चे मोती निकलते हैं। लेकिन कॉलेज के उस छोटे से पूल में कौन सा जादुई जलीय जीव हो सकता है?”

    एरोन के मन में कई सवाल थे और उन सवालों का जवाब देने वाला कोई मौजूद नहीं था। वो अंधेरे कुएं में हाथ पर चला रहा था, जिसका कोई मतलब नहीं था।

    “क्या कोई ऐसा नहीं है, जो मेरी हेल्प कर सके? मैंने इतनी बार चीजों को एक्सप्लोर करने के लिए अलग-अलग एक्सपेरिमेंट किए हैं। लेकिन इस बार चीजे काफी अलग और रहस्यमई लग रही है।” गुस्से में एरोन ने गाड़ी के हॉर्न पर हाथ मारा। हॉर्न काफी जोर से बजा, जिस से वो और भी इरिटेट हो गया।

    _________

    अगले दिन सुबह इनाया लिली के साथ अपने ननिहाल पहुंच चुकी था। लिली वहां पहुंचते ही अपनी बीमार मां की सेवा में व्यस्त हो गई। जबकि इनाया को वहां पर अकेले बहुत ही बोरियत महसूस हो रही थी।

    शाम तक तो उसने जैसे तैसे समय व्यतीत कर लिया। जब उसके लिए दिन बिताना दूभर होने लगा तब वो अपनी मां के पास गई।

    “मॉम इफ यू डोंट माइंड मैं बाहर घूमने जा सकती हूं? मैं यहां अकेले बोर हो रही हूं।” इनाया ने प्लीडिंग वॉयस में पूछा।

    “नही बेबी... हम साथ चलेंगे ना... ये जगह तुम्हारे लिए नई है।“ लिली ने साफ मना कर दिया।


    “लेकिन मॉम... मैं कोई छोटी बच्ची नहीं जो खो जाऊंगी।” इनाया ने जिद की।


    “जाने भी दो अब उसे... बाहर घूमेगी फिरेगी तो अच्छा महसूस करेगी।“ लिली की मां मार्था ने कहा। वो लिली की उलझन समझ सकती थी, तभी उन्होंने बीच में दखल दिया।


    लिली ने पहले तो नानूकुर की लेकिन उसकी मां के कहने पर उसने इनाया को बाहर जाने की इजाजत दे दी थी।

    इनाया ने अपना फोन निकाला और मैप पर सर्च करके उसके बताए डायरेक्शन के हिसाब से बीच पर जाने के लिए निकल गई।

    वो जगह वहां से ज्यादा दूर नहीं थी। वहां थोड़ी भीड़ भाड़ थी लेकिन उतनी भी नहीं जितनी अक्सर गोवा के बीच पर होती हैं।

    थोड़ी देर बाद सनसेट होने वाला था और इस दृश्य को देखने के लिए वहां लोग इकट्ठा हुए थे।

    “पहली बार महसूस हो रहा है कि काश मेरे पास भी औरों की तरह एक अच्छा खासा फ्रेंड सर्कल होता। इतने सालों में पहली बार कोई अपना लगा था और उसी से ही नंबर लेना भूल गई।” इनाया एरोन के बारे में सोच रही थी और उसके बारे में सोचते हुए उसने पानी में पत्थर फेंका।

    इसी के साथ उसे वो दिन याद आ गया जब उसने उस रात समुंदर में पत्थर फेंका था और उसी के साथ एरोन अंदर से बाहर निकल कर आया था।

    “काश आज भी ऐसा होता कि मैं पत्थर फेंकू और एरोन यहां से बाहर निकल कर आ जाए।” इनाया ने मुस्कुराते हुए सोचा।

    इनाया ने वहां मौजूद स्ट्रीट फूड खाया और सीशैल से बनी हुई कुछ ज्वेलरी खरीदी। उसने कुछ देर वहीं पर घूमते हुए टाइम बिताया। सन सेट होने के बाद जो लोग सनसेट देखने आए थे, वो वहां से चले गए। धीरे-धीरे वहां मौजूद लगभग भीड़ छंटने लगी।

    “जाने से पहले एक बार मैं इस पानी को महसूस करना चाहती हूं। भले ही मैं यहां पर वापस आ जाऊंगी लेकिन यहां एक अलग ही नशा है... जो मुझे अपनी तरफ खींच रहा है।” बोलते हुए इनाया समुंदर के किनारे गई और उसने अपना हाथ पानी के अंदर की तरफ डाला।

    इनाया ने अपना हाथ अंदर डाला और आंखें बंद करके पानी को महसूस करने लगी। उसे अंदर से एक अलग ही शोर सुनाई दिया... मानो वहां कोई जोर जोर से मदद के लिए पुकार रहा हो। इनाया को ये सब बहुत अजीब लगा और वो घबरा गई।

    “जरूर ये मेरे ही मन का वहम होगा। वैसे भी आजकल कुछ ज्यादा ही उल्टी-सीधी किताबें पढ़ रही हूं... ऊपर से एरोन की बातों ने भी मुझे काफी इफेक्ट किया है।” इनाया ने अपना हाथ बाहर निकालने की कोशिश की लेकिन ऐसा लग रहा था कि कोई अंदर से उसका हाथ खींच रहा हो और उसे अपने पास बुलाना चाह रहा हो।

    ★★★★

  • 8. Inaaya: Adventurous journey of sea - Chapter 8

    Words: 2436

    Estimated Reading Time: 15 min

    इनाया बीच पर घूमने गई थी और जैसे ही उसने पानी में हाथ डाला उसे अजीब अजीब आवाजें सुनाई देने लगी। उसने अपना बाहर निकालने की कोशिश की लेकिन उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई उसका हाथ पकड़कर अंदर की तरफ खींच रहा हो।


    इनाया ने अपना हाथ पानी से बाहर निकालने के लिए पूरा जोर लगा दिया।

    “ये आजकल मेरे साथ क्या हो रहा है? गॉड प्लीज सेव मी...” इनाया ने मन ही मन प्रार्थना की और अपने गले में पहने क्रॉस को हाथ लगाने के लिए गले को छुआ तो उसका हाथ गले में पहने हुए लोकेट पर गया और इसी के साथ उसका हाथ झटके से पानी की कैद से आजाद हो चुका था।

    हाथ के बाहर आते ही इनाया ने चैन की सांस ली लेकिन उसने देखा कि उसका हाथ बुरी तरह लाल हो चुका था। उसे अपने हाथ पर काफी दर्द भी महसूस हो रहा था। दर्द के मारे इनाया की आंखों में आंसू थे।

    इनाया ने वहां और ज्यादा रुकना सही नहीं समझा और जल्दी से घर वापस आ गई। घर आते ही वो सीधे अपने कमरे में घुसी और अपने हाथों पर दवाई लगाने लगी।


    “जरूर पानी के अंदर किसी जानवर ने मेरा हाथ अपने मुंह में ले लिया होगा और मुझे उसका पता नहीं चला होगा। कितनी बुरी तरह से लाल हो गया है यह... जिस तरह की घटनाएं आजकल मेरे साथ घट रही है... उससे तो यही लगता है कि पानी से दूर रहने में ही मेरी भलाई है।“ इनाया ने सोचा।

    अभी भी वो इन सब चीजों में लॉजिक लगाने की पूरी कोशिश कर रही थी। इनाया ने अपने हाथ वाली बात सब से छुपा ली थी।

    ______________

    दूसरी तरफ एरोन उस मोती को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति में था। वो समझ नहीं पा रहा था कि इन सब के बारे में पता लगाने के लिए वो किसकी मदद ले।

    एरोन अपने कमरे में लैपटॉप के आगे बैठा था।

    “डोंट नो लोगों को ये क्यों लगता है कि गूगल पर सब कुछ मिल जाता होगा... लेकिन यहां पर तो इसके बारे में भी कुछ नहीं लिखा। क्या इस दुनिया में कोई नहीं है, जो मेरी मदद कर सके।” एरोन गुस्से में झल्लाया।


    एरोन के डैड मिस्टर केविन स्मिथ उससे बात करने के लिए उसके कमरे की तरफ आ रहे थे और उन्होंने एरोन की बात सुन ली थी। वो लगभग 45 साल के थे और गोवा के टॉप बिजनेसमैन थे। एरोन उनका इकलौता बेटा था, जिसको उन्होंने काफी प्यार से पाला था। वो दिखने में काफी फिट एंड फाइन थे।

    “चलो ये तो पता चला कि तुम्हें गुस्सा भी आता है। वरना अभी तक तो यही लग रहा था कि तुम बिल्कुल काम और शांत रहते होंगे” मिस्टर स्मिथ ने हंसते हुए कहा।

    “डैड प्लीज मेरा मजाक मत बनाइए। ऑलरेडी मैं इतना परेशान हूं कि कुछ समझ नहीं आ रहा।” एरोन ने चिढ़ते हुए कहा।


    “और ऐसा क्या हो गया? जरा हमें भी तो पता चले...” मिस्टर स्मिथ उसके पास बैठते हुए बोले।


    “मुझे कुछ स्पीशीयस मिला था और उसी के बारे में रिसर्च करनी थी। लेकिन इन सब में कोई भी ऐसा नहीं मिल रहा जो मेरी हेल्प कर सके।” एरोन ने बताया।

    मिस्टर स्मिथ के चेहरे पर गंभीर भाव थे और उन्होंने उसी अंदाज में कहा, “शायद मैं तुम्हारी कुछ मदद कर सकूं? याद है ना हम दोनों एक ही फील्ड से हैं। ज्यादा कुछ तो नहीं... लेकिन तुम्हारे डैड ने भी थोड़ा बहुत एक्सप्लोर किया ही है।”

    मिस्टर स्मिथ को भी एरोन की तरह एक्सप्लोरर बनना था पर कम उम्र में बिजनेस की जिम्मेदारी आने पर उन्हें अपने सपने को पीछे छोड़ना पड़ा। शायद यही वजह थी कि उन्होंने कभी एरोन को नहीं रोका।


    उनकी बात मान कर एरोन अपनी अलमारी की तरफ गया और एक छोटा सा बॉक्स लेकर आया।

    बॉक्स को देखकर मिस्टर स्मिथ ने मजाकिया लहजे में कहा, “कहीं तुम्हारी वो स्पीशीयस चीज कोई लड़की तो नहीं? प्रपोज करने का सोच रहे हो?“

    एरोन ने उनकी बात पर खीजते हुए जवाब दिया, “डैड मैं मजाक करने के मूड में बिल्कुल भी नहीं हूं।“ कहकर उसने वो बॉक्स खोला और उस मोती को मिस्टर स्मिथ को दिखाया।

    मिस्टर स्मिथ ने उसे अपने हाथ में लिया और बारीकी से देखने लगे।

    “ये तो एक सच्चा मोती है, जो कि सिर्फ...” बोलते हुए मिस्टर स्मिथ रुक गए।

    एरोन ने उनकी बात को पूरा करते हुए कहा, “जो कि सिर्फ एक मरमेड के आंसुओं से ही बनता है। आपको लगता है क्या सच में ऐसा कोई भी वर्ल्ड एक्सिस्ट करता है?”


    “कोई और ये बात पूछता, तो मुझे हैरानी नहीं होती। तुमसे मुझे इस तरह के सवाल की उम्मीद नहीं थी... इस दुनिया में बहुत सी चीजें ऐसी होती है, जिन्हें हमारी मामूली आंखें नहीं देख सकती... अंडर वाटर लाइफ भी उनमें से एक हैं। वैसे तुम्हें ये मोती मिला कहां से?” मिस्टर स्मिथ ने सीरियस टोन में कहा।


    “हमारे कॉलेज के स्विमिंग पूल से...” एरोन ने सिर हिलाकर कहा।

    एरोन का जवाब सुनकर मिस्टर स्मिथ और भी चौक गए। उन्होंने अपनी आंखें बड़ी करके कहा, “इंपॉसिबल... ये हो ही नहीं सकता। मरमेड हमेशा नेचुरल वॉटर बॉडीज में रहती है... स्विमिंग पूल एक आर्टिफिशियल वॉटर बॉडी है।”


    “यही तो मैं सोच रहा हूं डैड... कोई मरमेड कॉलेज के स्विमिंग पूल में आई हो... और किसी का ध्यान ना गया हो... ऐसा होना मुमकिन ही नही है। अगर लॉजिकली बात करूं तो इसका वहां पर होना भी इंपॉसिबल ही लगता है।” एरोन ने अपनी उलझन की वजह बताई।


    “तुमने इस की जांच करवाई एरोन? ये देखने में असली लग रहा है या वाकई असली है।” मिस्टर स्मिथ ने पूछा। हालांकि वो मोती देखने से ही असली नज़र आ रहा था, पर उसका स्विमिंग पूल में मिलना अविश्वनीय था।


    “मैंने इसे चेक करवाया था। ये एक सच्चा मोती ही है डैड... लेकिन अब समझ नहीं आ रहा कि इन सब में मेरी मदद कौन करेगा?” एरोन बोला। अभी भी इसी उलझन में था कि उसकी मदद कौन करेगा।


    “मैं एक प्रोफेसर को जानता हूं, जो तुम्हारी मदद कर सकते हैं। उन्होंने अपनी लाइफ में बस इसी के बारे में स्टडी और रिसर्च की है। तुम चाहो तो उनसे मिलकर अपने डाउट क्लियर कर सकते हो।“ मिस्टर स्मिथ ने कुछ पल सोचकर कहा।

    “थैंक गॉड! कोई तो मिला जो इन सब में मेरी मदद कर सकता है” मिस्टर स्मिथ से बात करके एरोन को अच्छा महसूस हो रहा था। उसकी आंखों में चमक थी।


    मिस्टर स्मिथ ने एरोन को एक प्रोफेसर के नंबर दिए। उसे देखने के बाद एरोन ने हैरानी से कहा, “आर यू श्योर डैड कि मुझे इनके पास जाना चाहिए? आई मीन लोग इन्हें सनकी कहते है।“


    मिस्टर स्मिथ ने हां में सिर हिलाया और कहा, “इनसे बेहतर और तुम्हारी मदद कोई नहीं कर सकता। प्रोफेसर गणेश राव सनकी नहीं है, हां उनका बिहेवियर थोड़ा अलग है। वो अपने काम को लेकर कुछ ज्यादा ही डेडीकेटेड है।“

    मिस्टर स्मिथ से प्रोफेसर राव के कांटेक्ट नंबर और एड्रेस लेने के बाद एरोन सोने जा चुका था। वो सोने की कोशिश कर रहा था लेकिन फिर भी उसके सामने बार-बार यही चीजें घूम रही थी।


    “कॉलेज के स्विमिंग पूल में तो बहुत से लोग स्विमिंग करते होंगे... फिर वो मोती... काश इनाया यहां होती तो मैं उसे बताता है कि मेरी बातें इमैजिनेशन नहीं है। सच में ऐसा कोई वर्ल्ड एक्जिस्ट करता है।“ सोचते– सोचते एरोन को नींद आ चुकी थी।


    ______________


    समुद्र की गहराई में गेम्स के साम्राज्य में हलचल मची हुई थी। वो चिंतित अवस्था में अपने सिंहासन पर बैठा था और उसके सामने दो तीन जलीय जीव सर झुकाए खड़े थे। वो उसके साम्राज्य के पहरेदार थे।

    “असंभव...... ऐसा हो ही नहीं सकता। अगर तुम्हारी बात झूठी निकली, तो पता है ना तुम्हारे साथ क्या होगा!” गेम्स ने बौखलाई हुए आवाज में कहा।

    “हम सच कह रहे हैं महाराज... शाम को गश्त लगाते समय हमने एक मरमेड को समुंदर के दूसरी तरफ महसूस किया। हम उसे अंदर की तरफ खींचने की पूरी कोशिश कर रहे थे। हम उसे अंदर की तरफ खींच ही रहे थे कि अगले ही पल हमें बिजली का एक जोरदार झटका सा लगा और हम उसे नहीं पकड़ पाए।” उनमें से एक ने घबराते हुए सारी स्थिति बता दी।

    “थोड़ी देर के लिए तो तुम लोग बाहर जा ही सकते थे। कही ऐसा तो नहीं वो जिंदा हो... वो राजकुमारी जिंदा है। नही... नही... वो राजकुमारी नही हो सकती।” गेम्स ने हड़बड़ाकर कहा।


    “अगर हम बाहर जाते तो बाहरी दुनिया को हमारे बारे में पता चल जाता। जरूर उनके पास कुछ ऐसी अद्भुत शक्ति है, जिसकी वजह से हम उन्हें नहीं पकड़ पाए।” उस पहरेदार ने नजरें झुका कर कहा।


    “अपने नाकामयाबी के बहाने मत बनाओ। हम कुछ नहीं जानते, हमें वो वापस हमारे साम्राज्य में चाहिए... अगर वो राजकुमारी हुई तो.... फिर हम उसे लूसीयस की आंखों के सामने मारेंगे। ये अच्छा मौका होगा उसे और तड़पाने का...” गेम्स ने आदेश दिया।

    उसके आदेश देते ही पहरेदार वहां से जा चुके थे। भले ही उसने उन लोगों के सामने कुछ नहीं कहा था लेकिन वो राजकुमारी के जिंदा होने की खबर से काफी परेशान था।

    “तभी हमें समुंद्री देवता की तरफ से पूरी शक्तियां नहीं मिल पाई थी... ये तभी मुमकिन हो सकता था, जब इस साम्राज्य का कोई भी उत्तराधिकारी या राजा जीवित नहीं होता। हमें इस बात का पहले ही अंदेशा था... तभी हमने लुसीयस को जिंदा रखा। हम जानते थे कि एक दिन ये अवसर जरूर आएगा।” परेशान होकर गेम्स इधर-उधर चहल कदमी कर रहा था।

    राजकुमारी के जिंदा होने की खबर उसके लिए एक मौके की तरह थी तो वहीं दूसरी तरफ उन्हें ये डर भी सता रहा था कि कहीं उसके हाथ से ये साम्राज्य ना निकल जाए।

    “हम हर हाल में उनका पता लगा कर रहेंगे चाहे इसके लिए हमें इस समुंद्र की गहराई को पार कर के ऊपरी दुनिया में ही क्यों ना जाना पड़े।“ गेम्स ने विचार किया।

    “अब वक्त आ गया है उस से बात करने का..“ कहकर वो वहां से बाहर चला गया। गेम्स आने वाली हर परिस्थिति के लिए खुद को तैयार रखना चाहता था।


    ________

    इनाया को अपनी नानी के यहां आए हुए लगभग एक हफ्ता बीत चुका था। एक हफ्ते में उसने बाहर कदम भी नहीं रखा था। उस दिन हुई घटना से वो काफी घबरा गई थी। वो जैसे तैसे अपने यहां से वापस लौटने का इंतजार कर रही थी और इसी इंतजार में उसने एरोन से ली हुई किताब को पूरा पढ़ लिया था।

    “क्या सच में ब्लैक पर्ल जैसी कोई चीज होती है? अगर ऐसा होता है तो मैं उसे जरुर एक बार जरूर देखना चाहूंगी..... उसे तो दुनिया का हर शख्स हासिल करना चाहता होगा।” बोलते हुए इनाया ने खुद को शीशे में देखा तो तभी उसकी नजर अपने गले में पड़े पेंडेंट पर गई।

    वो शीशे के नजदीक गई और उसे गौर से देखने लगी।

    “क्या ये पत्थर ब्लैक पर्ल हो सकता है? लेकिन ये ब्लैक पर्ल कैसे हो सकता है। अगर ये ब्लैक पर्ल होता तो आज मैं काफी शक्तिशाली होती... मुझे नहीं लगता कि ब्लैक पर्ल इतना डल सा होगा। अगर उसमें इतनी सारी पावर्स है, तो वो काफी चमकदार होगा। लेकिन मेरे पास ये पेंडेंट कैसे आया? मैने हमेशा इसे अपने गले में देखा है। ये कहां से आया है? मुझे मॉम के बारे में पूछना होगा। उन्हे तो पता ही होगा।” इनाया के गले में वो पेंडेंट हमेशा से था।

    अपने गले में मौजूद पेंडेंट के बारे में पूछने के लिए इनाया अपनी मां लिली के पास गई।

    इनाया को वहां देखकर लिली ने मुस्कुराते हुए कहा, “अच्छा हुआ इनाया तुम यहां आ गई... हम लोग तुम्हारी ही बात कर रहे थे।“


    “और मेरे बारे में क्या बात कर रहे थे?“ इनाया ने वहां बैठते हुए पूछा।

    “यही कि हमारी इनाया पढ़ने लिखने में काफी होशियार है और हर बार कॉलेज में अव्वल आती है।” इनाया की नानी ने अपनी बूढ़ी आवाज में कहा।

    “कॉलेज में नहीं नानी स्कूल में... कॉलेज में तो मैं इस साल आई हूं।” इनाया ने जवाब दिया। उसके चेहरे पर मायूसी थी।

    उसे उदास देखकर लिली ने कहा, “यहां आते ही तुम्हें हो क्या गया है? तुम बाहर घूमने फिरने भी नहीं जा रही हो.. और अब चेहरा क्यों लटका रखा है?”

    “कुछ खास नहीं मॉम... मुझे आपसे कुछ बात करनी है।” इनाया बोली।

    “हां बोलो बेटा... मुझे पता है कि इस 1 हफ्ते में तुम्हारी स्टडी काफी डिस्टर्ब हुई है। इस वजह से तुम परेशान होगी। मैंने मॉम से बात कर ली है... और वो हमारे साथ गोवा जाने को तैयार है। इस तरह से मैं भी उनके पास रह पाऊंगी और तुम्हारी स्टडी भी डिस्टर्ब नहीं होंगी।” लिली ने कहा। वो इनाया की मायूसी का कुछ ओर ही मतलब निकाल रही थी।


    इनाया ने उनकी बात पर हामी भरी और कहा, “वो तो ठीक है लेकिन मुझे कुछ और बात करनी थी।”

    लिली सवालिया नजरों से इनाया की तरफ देख रही थी। इनाया ने अपने पेंडेड पर हाथ लगाया और पूछा, “मॉम ये कब से मेरे गले में है?”

    इनाया की बात सुनकर लिली और उसकी मां एक दूसरे की तरफ देखने लगी।

    लिली ने खुद को संयमित किया और चेहरे पर एक भी भाव नहीं आने दिया। उसने सामान्य तरीके से कहा, “अचानक से तुम इस बारे में क्यों पूछ रही हो? ये तो तुमने पिछले कई सालों से पहन रखा है। पहले तो तुमने इसके बारे में नहीं पूछा।”

    “हां नहीं पूछा लेकिन मुझे इसके बारे में ज्यादा कुछ याद नहीं है। मैं इसे हमेशा से अपना लकी चार्म मानती हूं.... इसलिए इसे कभी नहीं उतारा। बट ये मेरे गले में कब आया ये भी मुझे याद नहीं है।” इनाया ने जवाब दिया।


    लिली ने धीमी आवाज में कहा, “बेबी ये तुम्हारे फर्स्ट बर्थडे पर मैंने तुम्हें गिफ्ट किया था।”

    इनाया ने लिली की बात पर बिना सवाल किए विश्वास कर लिया और वहां से चली गई। उसके जाते ही लिली के चेहरे पर परेशानी के भाव थे, जिसे उसकी मां को पहचानते देर नहीं लगी।

    “तुम कब तक इससे सच छुपाओगी? इनाया अब समझदार हो गई है.. तुम्हें उसे सब कुछ बता देना चाहिए।” लिली की मां ने कहा।

    “नही मॉम... मैं उसे ये कभी नहीं बता सकती कि वो मेरी बेटी नहीं है। चाहे इसके लिए मुझे कितने भी झूठ क्यों ना बोलना पड़े। मैं इनाया को नही खो सकती मॉम..!” लिली ने भावुक होकर कहा और वहां से उठ कर चली गई।


    लिली के डर को मार्था समझ सकती थी। उन्होंने अपने मन में कहा, “आज नहीं तो कल इनाया इस सच को जान ही जाएगी, वो तुम्हारी बेटी नहीं है। और जिस तरह से उसके साथ कुछ खास चीजें मिली थी, उससे यही लगता है वो कोई आम नहीं बच्ची है.. और ना ही उसके गले में पड़ा वो पेंडेंट आम है, जिसके बारे में तुमने उससे से झूठ बोला।”

    ★★★★

  • 9. Inaaya: Adventurous journey of sea - Chapter 9

    Words: 2269

    Estimated Reading Time: 14 min

    लिली की मां ने उसे इनाया को सब कुछ सच बनाने को कहा लेकिन उसने उसे सच बनाने से मना कर दिया और वहां से उठ कर चली गई।

    लिली एक अलग कमरे में बैठकर आंसू बहा रही थी।

    “यकीन नहीं होता कि उस बात को 17 साल बीत गए। वक्त कैसे पंख लगा के उड़ जाता है, कुछ पता नहीं चलता। तुम हमारे लिए बिल्कुल किसी फरिश्ते की तरह साबित हुई इनाया... जिसने हमारी उदास जिंदगी में खुशियों के रंग भर दिया। मुझे नहीं पता तुम इस सच को एक्सेप्ट कर पाओगी भी नहीं कि तुम मेरी बेटी नहीं बल्कि मैंने तुम्हें अडॉप्ट किया था... क्या पता तुम अपने असली मां बाप के पास करने की भी जिद करने लगो... मैं तुम्हें खोना नहीं चाहती इनाया। मैं तुम्हें कभी खुद से दूर नही जानें दूंगी।” लिली ने सुबकते हुए खुद से कहा।

    वो काफी देर तक वहां बैठ कर आंसू बहाते रही, जब तक उसका दिल हल्का नहीं हो गया। तो वही दूसरे कमरे में लिली की बीमार मां उस दिन के बारे में सोचने लगी, जब पहली बार इनाया उनकी गोद में आई थी।

    _______

    पानी में तैरती हुई बच्ची को मछुआरों के एक समूह में देखा और उनमें से एक मछुआरा शिवा उसे अपने साथ घर ले कर जाने लगा।

    “जब मेरी घरवाली तुझे देखेगी, तो बहुत खुश होगी। देखना वो तुझे बहुत प्यार देगी।“ शिवा ने बच्ची से कहा। वो खुशी से चहकते हुए घर की तरफ लौट रहा था।

    “गौरी... ए गौरी कहां है तू... देख मैं तेरे लिए क्या लेकर आया हूं।” शिवा ने गौरी को सरप्राइज देने के लिए बच्चे को टोकरी में छुपा लिया।

    उसके घर जाते ही उसकी मां ने उसे वहां देखा तो वो नाराज होते हुए बोली, “तू फिर काम से घर वापस आ गया शिवा? अरे गौरी को पता चला तो नाराज होगी।”

    “नहीं अम्मा... मैं गौरी के लिए ही वापस आया था। वो कहां है? दिखाई नहीं दे रही।” शिवा ने इधर उधर देखते हुए पूछा।

    “इधर उधर क्या देख रहा है। गौरी साफ सफाई करने के लिए बड़े मालिक के घर गई है। आज उनके खास रिश्तेदार भी आए हुए हैं।“‌

    अपनी मां की बात सुनकर शिवा ने नाराज होकर कहा, “मैंने कितनी बार कहा है उससे कि ये साफ सफाई का काम छोड़ दे... अरे मेरे होते हुए उससे काम करने की क्या जरूरत है।“

    “तू ठीक से धंधे पर जाता.....तो वो बेचारी भी चैन से बैठती। अब बता इस टोकरी में कौनसा खजाना लेकर घूम रहा है?” उसकी मां ने तंज कसते हुए कहा।

    “अब से गौरी ये सब नहीं करेगी।“ कहकर शिवा बच्चे को लेकर गौरी के पीछे गया। उसकी मां पीछे से पूछती रह गई लेकिन कोई जवाब नहीं दिया।

    शिवा ने उस टोकरी को गोद में उठाया हुआ था और गोरी से मिलने बड़ी मालकिन के घर पहुंचा। उसे देखकर बड़ी मालकिन उसके पास आई और कहा, “बधाई हो शिवा... ईश्वर ने तुम्हारी सुन ली।”

    “सही कहा मैडम... इस बार भगवान की कृपा दृष्टि हम पर हो ही गई।” शिवा ने मुस्कुराकर जवाब दिया।

    इससे पहले कि आगे कोई बात हो पाती गौरी वहां आई। शिवा को वहां देखकर असमंजस में पूछा, “तू इस वक्त यहां क्या कर रहा हैं?”

    “मैं तुम्हारे लिए एक तोहफा लेकर आया था।” शिवा खुशी से बोला।

    उसकी बात सुनकर वहां मौजूद बड़ी मालकिन मुस्कुराई और उसने कहा, “और गौरी तुम्हें जो तोहफा देने वाली है, उसके सामने तुम्हारा तोहफा फीका पड़ने वाला है।”

    शिवा सवालिया नजरों से दोनों की तरफ देखने लगा। गौरी ने शरमा कर मुस्कुराते हुए अपनी नजरें नीचे कर ली। उसने अपने दोनो हाथो को अपने चेहरे पर रखा।

    “अरे बाप बनने वाला है तू... कुछ दिनों बाद तेरे घर में भी नन्हे बच्चे की किलकारी गूंजेगी।” उसकी बड़ी मालकिन ने खुश होकर बताया।

    शिवा ये सुनकर बहुत खुश हुआ लेकिन अगले ही पल उसकी खुशी हवा हो चुकी थी। उसके हाथ में एक नन्हीं बच्ची थी और उसी के साथ उसे अपने घर में नए बच्चे के आगमन की सूचना मिली थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि ऐसे मौके पर वो क्या बोले।

    “क्या हुआ शिवा? तू खुश नहीं है?” उसके माथे पर पसीने की बूंदें देखकर गौरी ने उदास होकर पूछा।

    “नहीं... ऐसा कुछ नहीं है। वो बस मैं...” शिवा अपनी बात पूरी कर पाता उससे पहले वो उसके पास आई और पूछा, “इस टोकरे में क्या है? कोई बड़ी मछली फंसी है क्या?”

    “नहीं..... ई.....इसमें बच्ची है, जो मुझे समुद्र तट पर मिली थी... मुझे लगा हमारे औलाद नहीं है, तो भगवान ने इस परी को हमारे पास भेजा है।“ शिवा ने बताया।


    शिवा के बताते ही गौरी के चेहरे पर चिंता की लकीरें थी।

    उसे परेशान देखकर शिवा ने कहा, “फिकर मत कर गौरी.....मैं तेरी और हमारे होने वाली बच्चे की पूरी देखभाल करूंगा। मैं इस बच्चे को वापस वहीं छोड़ आऊंगा।” जैसे ही शिवा ने ये कहा, वहां मौजूद बड़ी मालकिन शिवा के पास आई।

    “तुम्हें ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है शिवा। मेरी बेटी लिली के भी कोई बच्चा नहीं है। तुम ना सही इस बच्ची को वो अपनी बेटी की तरह प्यार करेगी। तुम ये बच्ची हमें सौंप दो।” उन्होंने कहा।

    उनके ऐसा कहते ही शिवा ने एक पल भी नहीं सोचा और बच्ची को बड़ी मालकिन के हवाले कर दिया। उसने उनके सामने दोनों हाथ जोड़ते हुए कहा, “मालकिन बच्ची का ख्याल रखिएगा। साक्षात लक्ष्मी का रूप है। हमारी जिंदगी में इसके कदम पड़ते ही गौरी की तरफ से अच्छी खबर सुनने को मिली। अगर मैं दो बच्चों का भार उठा सकता तो जरूर इसे पाल लेता।” शिवा की आंख नम थी। उसने बच्ची को नजर भर के देखा।

    बड़ी मालकिन यानी इनाया की नानी मार्था ने बच्ची को लिली के हवाले कर दिया। इनाया के गले में मौजूद रूथ का पेंडेंट अभी भी उसके पास मौजूद था, तो वहीं उसके पास जो खंजर था, वो अभी तक उसकी नानी के ही पास थी।

    _______

    यादों की स्मृतियों में से निकलकर इनाया की नानी उठी और अपनी अलमारी को खोला। उन्होंने उसमें से एक बड़ा सा ज्वेलरी बॉक्स निकला। मार्था ने उस बॉक्स को खोला तो उसमें किसी तरह की कोई ज्वेलरी नहीं थी बल्कि उसमें वो खंजर रखा था, जो इनाया के साथ उन्हें मिला था।

    उन्होंने उसे अपने हाथ में पकड़ा और इधर-उधर घुमाकर देखा।

    “इस पर सिर्फ तुम्हारा और तुम्हारा हक है इनाया... तुम हमेशा से खास थी और इसे देखने के लिए खास नजरों की जरूरत होती है। मुझे नहीं पता तुम कौन हो और कहां से हमारी जिंदगी में आई थी... लेकिन जिस तरह से तुम्हारे पास ये छूरी रखी हुई थी, उससे ये तो साफ है कि तुम्हारा लक्ष्य आम नहीं है। भले ही लिली तुम्हें सच्चाई ना बताएं लेकिन मैं तुम्हें तुम्हारी अमानत को तुम्हें लौटा कर रहूंगी।”

    लिली की मां ने खंजर को फिर से उसी बक्से में रखा। वो लिली के साथ गोवा जा रही थी। उनकी नजर सामने रखे उसके बैग पर गई, जिसमें उनका सामान रखा था। उन्होंने उस बॉक्स को भी उसके अंदर रख दिया।

    ______________

    दूसरी तरफ एरोन मिस्टर स्मिथ से प्रोफेसर राव का एड्रेस लेकर उनके घर पहुंचा। उनके घर के बाहर अलग अलग किस्म की वनस्पतियों को उगाया गया था, जो अक्सर किसी एक्सपेरिमेंट में काम में ली जाती है। वो अंदर गया। उसने देखा अंदर से भी उनका घर बिल्कुल किसी लेबोट्री के जैसे लग रहा था।

    घर के हॉल में बड़ी-बड़ी 3–4 टेबले रखी हुई थी, जिन पर एक्सपेरिमेंट से जुड़े हुए इक्विपमेंट्स पड़े थे..... तो वहीं आसपास लगी अलमारियों में कोई शोपीस या सजावट आदि का सामान ना होकर छोटी-छोटी शीशियां रखी हुई थी।

    “ये घर है क्या साइंस लैब...” एरोन ने इधर उधर देख कर कहा। वो अंदर जाने के बजाय घर के बाहर का सामान देखने लगा, जो कि किसी खोजी व्यक्ति को आसानी से अपनी तरफ आकर्षित कर सकता था। तभी उसे अंदर से खटखट करने की आवाज आई तो उसे ख्याल आया कि वो यहां पर प्रोफेसर से मिलने आया था। “मै तो भूल ही गया था...“ वो मन में बुदबुदाया।

    “प्रोफेसर राव... प्रोफेसर राव क्या मैं आपसे मिल सकता हूं?” एरोन ने जोर से आवाज लगाकर पूछा।

    उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर एक आदमी बाहर आया। ये प्रोफेसर राव कद में छोटे और मोटे थे। उनके बड़े-बड़े घुंघराले बाल, जो कि किसी पुराने जमाने की हेट की तरह लग रहे थे। उम्र में वो लगभग 45-47 के बीच के थे।

    “तो आप है प्रोफेसर राव?” एरोन ने उन्हें देखते ही पूछा।

    जवाब में प्रोफेसर राव ने इधर-उधर मुंडी हिलाई और रूखे अंदाज में कहा, “क्या तुम्हें मेरे अलावा यहां कोई और नजर आ रहा है?”

    एरोन ने ना में सिर हिलाया।

    “मुबारक हो... फिर मैं ही प्रोफेसर गणेश राव हूं।” उनके बोलने का तरीका काफी रुखा और अजीब था। वो अपनी बड़ी बड़ी गोल आंखों से चश्मे के पीछे से एरोन को घूर रहे थे। उन्होंने आगे कुछ नही कहा और वहां से एक कमरे की तरफ बढ़ने लगे। उन्होंने बिना पीछे मुड़े एरोन को हाथ से इशारा करते हुए कहा,“मेरे पीछे आओ।”

    एरोन बिना कुछ बोले उनके पीछे चला गया। कमरा अंदर से अलग अलग इक्विपमेंट्स और रिसर्च के सामानों से भरा हुआ था।

    “ओ वॉव।” उसे देखते ही एरोन के मुंह से निकला।

    “मिस्टर स्मिथ ने मुझे ये नहीं कहा था कि उनका बेटा यहां पर मेरी लैब को घूरने आया है। जिस काम के लिए आए हो जल्दी बताओ... तुम्हारा पता नहीं लेकिन मेरे पास वेस्ट करने के लिए बिल्कुल भी टाइम नहीं है।” प्रोफेसर गणेश राव बोले।

    “मुझे कुछ मिला था... डैड ने मुझे कहा...” एरोन उन्हें सब बता रहा था।

    उसमें अपनी बात खत्म भी नहीं की थी कि प्रोफेसर राव अपना हाथ आगे बढ़ाया और कहा, “बाकी बातें बाद में... पहले जो मिला था, वो दिखाओ।“

    एरोन ने अपने वॉलेट में से उस बॉक्स को निकाला, जिसमें वो मोती था और उसे प्रोफेसर राव के हाथ में रख दिया।

    “इस के अलावा तुम्हें कुछ और मिला?” प्रोफेसर ने उस मोती को अच्छे से परखने के बाद पूछा।

    “अभी तक तो नहीं... लेकिन मैं इसे और एक्सप्लोरर करना चाहता हूं। इससे साफ जाहिर है कि मरमैड्स का अस्तित्व मौजूद है। मैं उनके बारे में पता लगा कर रहूंगा।“ एरोन ने उत्सुक होकर बताया।

    उसकी बात सुनकर प्रोफेशन ने फिर उसे अजीब नजरों से घूरा और कहा, “तुम्हें क्या लगता है कि ये बाल मैंने धूप में सफेद किए हैं?”

    प्रोफ़ेसर का बर्ताव उसके लिए काफी समय से काफी रुड था। वो उसे किसी भी बात का जवाब देने के बजाय उल्टे सीधे सवाल पूछ रहे थे।

    एरोन ने चिढ़ते हुए जवाब दिया, “एक उम्र के बाद सब के बाल सफेद हो जाते हैं। चाहे वो धूप में रहे या घर के अंदर किसी लेबोट्री में...”

    प्रोफेसर ने उसकी बात का जवाब नहीं दिया और एक अलमारी की तरफ बढ़े। उन्होंने उसमें से एक बड़ा सा बक्सा निकाला और उसे खोल कर एरोन को दिखाया।

    “इसे देखो... तुम्हें सिर्फ एक मोती मिला है लेकिन मैंने ऐसे पूरे 6 मोती इकट्ठा कर रखे हैं। सिर्फ एक मोती मिलने से कुछ नहीं होता है...” बोलते हुए उन्होंने बक्से में मौजूद एक बड़ा पेन बॉक्स जैसा दिखने वाला एक और बॉक्स खोला, उसके अंदर रंग-बिरंगे पंख थे, जो कि दिखने में बहुत ही खूबसूरत थे।

    “इसे भी देखो...ये फेदर्स भी उन्हीं के हैं। इस बात का दावा सभी करते हैं कि इस दुनिया में मरमेडस और उन्ही की तरह और भी जादुई चीजें मौजूद है, लेकिन ये सब बातें होती हैं। इन छोटी मोटी चीजों से कुछ नहीं होता। इसे आपका भरम और दिमाग का पागलपन समझकर आपकी रिसर्च को बीच में ही रोक दिया जाता है।” प्रोफ़ेसर के चेहरे पर गुस्सा था।

    आने से पहले मिस्टर स्मिथ ने एरोन को प्रोफेसर राव के बारे में बता दिया था कि कैसे उन्हें काफी सारे सबूत मिलने के बावजूद उनकी फंडिंग रोक दी गई थी और उनकी रिसर्च को आगे नहीं बढ़ने दिया गया था।

    “आई एम सो सॉरी... आपके साथ जो भी हुआ वो काफी अनफॉर्चूनेट था। लेकिन मैं ये रिसर्च गवर्नमेंट के थ्रू नहीं अपने थ्रू करूंगा। मुझे आपकी हेल्प चाहिए प्रोफेसर।” एरोन ने सहानुभूति जताते हुए कहा। उसे पूरी उम्मीद थी कि प्रोफेसर उसे मना नहीं करेंगे।

    “नहीं मिलेगी।” प्रोफेसर राव ने रूडली जवाब दिया।

    “बाकियों का नहीं पता लेकिन आप तो मेरी बात समझ सकते हैं ना... आप अच्छे से जानते हैं कि हम लोग पागल नहीं हैं। बरसों पहले जहां आप खड़े थे आज वही पर मैं हूं... क्या फिर भी आप मेरी मदद नहीं करना चाहेंगे?” एरोन ने काफी उम्मीद से पूछा।

    प्रोफ़ेसर राव ने एक बार फिर ना में सिर हिलाया। एरोन ने वहां खड़े होकर उन्हें मनाने की हर संभव कोशिश की लेकिन प्रोफेसर उसकी मदद करने के लिए किसी तरह भी राजी नहीं हो रहे थे।

    “क्या कोई ऐसा तरीका नहीं है, जिससे मैं आपकी ना को हां में बदल सकूं?” एरोन ने एक आखिरी कोशिश करते हुए कहा।

    प्रोफेसर राव पर उसकी बातों का कोई असर नहीं हुआ और उन्होंने सामने की तरफ इशारा करके रूखे तरीके से कहा, “दरवाजा उधर है एरोन स्मिथ।”

    एरोन अपनी हर कोशिश करके हार चुका था। वो पिछले आधे घंटे से प्रोफ़ेसर को मनाने के लिए रिक्वेस्ट कर रहा था लेकिन वो उसकी बात सुनने को तैयार नहीं थे। थक हार कर एरोन ने वहां से जानने का डिसीजन लिया।

    वो वहां से जाने के लिए कुछ कदम आगे बढ़ा ही था कि प्रोफेशन में पीछे से आवाज लगाते हुए कहा, “बस इतने से ही परेशान हो गए... मैंने तो अपने सीनियर्स को मनाने के लिए महीनों जाया कर दिए थे।“

    “तो क्या अगर मैं आपको महीनों तक मनाऊं तो आप मान जाएंगे।” एरोन ने मुड़कर पूछा।

    प्रोफेसर राव ने एक बार फिर ना में कंधे उचकाए। एरोन ने आगे कुछ नहीं कहा और गुस्से में वहां से चला गया।

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  • 10. Inaaya: Adventurous journey of sea - Chapter 10

    Words: 2110

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    प्रोफ़ेसर गणेश राव ने एरोन की हेल्प करने से साफ इनकार कर दिया था। उसके जाते ही गणेश राव ने उस बक्से को फिर से खोला, जिसमें उसने अपनी रिसर्च से जुड़ी सामग्रियां जुटा रखी थी।

    गणेश राव उन्हें एक-एक करके बाहर निकालने लगा। उसमें 6 से 7 मोती थे, जो कि देखने में बिल्कुल वैसे थे, जैसे एरोन लेकर आया था। दिखने में बिल्कुल सफेद और चमकदार... दूसरी तरफ वहां पर कुछ पंख थे, जो किसी भी मछलियों के पीछे की ओर होते हैं। उन पंखों का रंग सुनहरा था।

    “कैसे भूल सकता हूं मैं कि मेरे प्रोजेक्ट को बंद करवा दिया गया था। मैने तुम्हारा मृत शरीर रिसर्च के लिए नही दिया, तो मुझ पर झूठे इल्जाम लगाकर निकाल दिया गया..... ये दुनिया मतलबी है और तब तक किसी के साथ रहती है, जब तक उनका मतलब पूरा नहीं हो जाता।” गणेश राव ने उन पंखों को देखकर सोचा।

    उसने बक्से में मौजूद एक और छोटे बक्से को खोला उसके अंदर एक बहुत ही खूबसूरत नेकलेस था।

    “ये उतना ही खूबसूरत है, जितनी तुम थी।” गणेश राव ने नम आंखों से कहा।

    उन सब चीजों को देखकर गणेशराव अतीत की यादों में खो गए।

    _______

    बहुत साल पहले गणेश राव किसी प्रोजेक्ट के सिलसिले में अपनी सबमरीन से बाहर निकलकर स्विमिंग कर रहे थे। वो एक सरकारी प्रोजेक्ट था, इसलिए उनके साथ उनकी पूरी टीम थी। तैरते हुए गणेश राव काफी आगे निकल आए थे और उनकी टीम पीछे रह गई थी।

    पानी के अंदर इधर-उधर रिसर्च करते हुए अचानक उनके पैरों से कुछ जा टकराया। गणेश को एक बहुत बड़ा झटका लगा और उन्होंने मुड़कर देखा तो पानी में एक औरत तैर थी। उसके पीछे का शरीर सुनहरी मछली की तरह था। उसके पंख काफी चौड़े और खूबसूरत थे।

    उसे देखते ही गणेश के मुंह से निकला, “अंबेलियवेबल... इसका मतलब सच में पानी के नीचे एक दुनिया है।”

    गणेश जल्दी-जल्दी तैरते हुए इस औरत के करीब पहुंचा तो वहां जाकर उसने देखा कि उसके हृदय में एक बड़ा सा छेद था। वो औरत कोई और नहीं रूथ थी, जिसे थोड़ी देर पहले गेम्स ने मारा था।

    “कितनी खूबसूरत है यह... “ उसे देखकर गणेश ने खोए हुए स्वर में कहा। तभी उसकी नजर रूथ के हृदय की तरफ गई, जो की खोखला था।

    “ये तो मर चुकी है। इसके जरिए हमें बहुत सी बातों का पता चल सकता है। अब तक हम दिशाहीन काम कर रहे थे लेकिन अब हमारे काम को एक दिशा और मुकाम दोनों मिल सकता है।”

    जैसे ही गणेश उस औरत को उठा कर ऊपर की तरफ जाने लगा, उसने देखा कि एक के बाद एक वैसे ही कई लोग ऊपर की तरफ तैरते हुए आ रहे हो। उन सब को देखकर गणेश का कलेजा मुंह को आ रहा था।

    उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो आगे क्या करें। ऐसा नजारा उसने अपनी जिंदगी में पहले कभी नहीं देखा था।

    “इससे पहले कि ये मुझ पर हमला बोले.....मुझे इसे यहां से ले जाना चाहिए।” सोचकर गणेश राव उपर की तरफ जाने लगा। तभी तेजी गति पीछा करते हुए कुछ लोग उसके सामने आ गए।

    “तुम्हारे लिए बेहतर होगा कि तुम इन्हें हमे सौंप दो।” उनमें से एक आदमी चिल्लाया।

    “मैंने इसे ढूंढा है..... तो ये मेरी हुई।” गणेश ने जवाब दिया।

    “तुम इंसान कभी नहीं सुधर सकते। हमने तुम्हारी दुनिया में कभी दखलअंदाजी करने की कोशिश नहीं की, फिर तुम क्यों बार-बार हमारे शांत जीवन में दखल देने आ जाते हो।” उनमें से दूसरे आदमी ने कहा।

    गणेश ने कोई जवाब नहीं दिया।

    “तुम जानते भी हो कि तुम ने किसे पकड़ रखा है? ये हमारी क्वीन है... ये तुम इंसानों की रिसर्च का नहीं बल्कि सम्मान के साथ इस दुनिया से अलविदा कहने का हक रखती है।” इस बार वो आदमी नरमी से बोला।


    उस आदमी के कहते ही गणेश राव ने रूथ के चेहरे की तरफ देखा। वो वाकई बहुत खूबसूरत थी।

    वो रूथ के मृत शरीर को उन्हे दे पाता कि तभी उसके कुछ साथी तैरते हुए वहां पर पहुंच गए। उन्होंने गणेश राव की गोद में एक मरमेड को देखा तो उनकी आंखों में एक लालच भरी चमक थी।

    “ब्रिलियंट गणेश... हमने कभी नहीं सोचा था कि तुम सच में इन तक पहुंच जाओगे।” उसके सीनियर ने कहा। वो तैरते हुए गणेश राव की तरफ बढ़ने लगे।

    इससे पहले कि वो उस तक पहुंच पाते, गणेश ने रूथ का शरीर उन्हें सौंपते हुए कहा, “जल्दी से जल्दी यहां से चले जाओ। मैं इन्हें रोकता हूं।”

    गणेश के कहने पर उसके सामने खड़े दो आदमी जल्दी से उसकी तरफ बढ़े और रूथ का शरीर लेकर वहां से चले गए। जाते वक्त उन्होंने भेंट में गणेश राव को सच्चे मोती दिए थे।

    “हम आपका एहसान कभी नहीं भूलेंगे।” जाते हुए उन्होंने कहा।

    गणेश राव ने इंसानियत निभाकर अपनी अच्छाई का परिचय दिया लेकिन उसकी ये अच्छाई उसके काम पर बुरी साबित हुए। हाथ आई मरमेड को रिसर्च के लिए ना ला कर वापस उन्हें देना, गणेश राव के लिए काफी महंगा साबित हुआ। उसे इस प्रोजेक्ट और बाकी सभी प्रोजेक्ट से निकाल दिया गया।

    गणेश राव ने जब रूथ को अपनी गोद में ले रखा था तब उसका एक नेकलेस उसके कपड़ों में अटक गया था, जो कि इस वक्त उसके हाथों में था। वही उसके पास जो पंख मौजूद थे, वो भी रूथ के ही थे।

    उन सब चीजों को देखकर गणेश की आंखों के सामने फिर से रूथ का चेहरा घूमने लगा।

    “एक खूबसूरत सुनहरी मरमेड... रूथ... समुद्री दुनिया की महारानी... जितने वक्त तुम मेरे साथ रही मैं तुम्हारे बारे में इतना ही जान पाया। तुम्हारी जान बचाने के एवज में मुझे अपनी नौकरी और इतने सालों की मेहनत यूं ही गंवानी पड़ी। लेकिन मुझे उसका कोई अफसोस नहीं है। अब मैं उस दुनिया में वापस जाना भी नहीं चाहता।” गणेश राव ने कहा और फिर से चीजों को समेटकर उस बक्से में कैद करने लगा। सारा सामान करीने से वापस रखकर उसने बक्से को फिर से अलमारी में रख दिया और अपने कामों में व्यस्त हो गया।

    _________

    इनाया अपने नानी और मां के साथ वापस गोवा लौट रही थी। यहां बिताया वक्त उसके लिए कुछ खास नहीं रहा। पहले दिन ही घूमने जाते समय वो हादसा हो जाने की वजह से इनाया कहीं बाहर नहीं जा पाई।

    गोवा पहुंच कर अपने घर में घुसते ही इनाया ने सोचा, “थैंक गोद में अपनी नॉर्मल लाइफ में वापस लौट चुकी हूं। कितना कुछ सोच कर गई थी लेकिन कुछ भी नहीं हो पाया। मेरे लिए मेरा कॉलेज,ये रूम, मेरी प्यारी बुक्स और ये गोवा ही ठीक है।”

    आते इनाया अपने कमरे में घुसने लगी। जिम ने उसे सीधा अपने कमरे में जाते देखा तो पीछे से आवाज लगाकर कहा, “इनाया इतनी भी क्या जल्दी है अपने कमरे में जाने की? एट लिस्ट अपने डैड से तो मिल लो.....पूरे 1 हफ्ते में तुम्हारे बिना रहा हूं।”

    इनाया वापस आई और जिम के गले लग गई।

    “सॉरी डैड..... मेरा आपकी तरफ ध्यान नहीं गया।” इनाया ने बुझी हुई आवाज में कहा।

    “क्या हुआ बेबी? इतनी परेशान क्यों लग रही हो? तबीयत तो ठीक है तुम्हारी?” जिम ने इनाया को परेशान देखकर पूछा।

    इनाया ने जिम की बात का कोई जवाब नहीं दिया। उसे चुप देख कर जिम भी थोड़ा परेशान हो गया।

    “मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा कि इसे आखिर हो क्या गया है? जाते टाइम तो बहुत बड़ी-बड़ी बातें कर रही थी यहां घूमने आऊंगी.... वहां जाऊंगी.....ये करूंगी..... वो करूंगी लेकिन वहां पूरे दिन कमरे में बंद रहती थी।” लिली ने जवाब दिया।

    “इनाया बेटा..... सब ठीक तो है ना ?कहीं कॉलेज में तुम्हारे साथ कुछ...”

    जिम अपनी बात पूरी कर पाते उससे पहले इनाया ने उनकी बात काटकर बीच में कहा, “नो डैड, ऐसा कुछ नहीं है। और मॉम आपको बता नहीं रही मैं एक शाम घूमने के लिए बाहर गई थी।“

    “तो वहां कुछ?” जिम ने हिचकिचाते हुए पूछा।

    “वहां भी कुछ नही हुआ डैड।” इनाया ने अपनी घबराहट को काबू करके जवाब दिया।

    उन सब के सवाल-जवाब से इनाया परेशान हो रही थी। उसे परेशान होता देखकर उसकी नानी ने बीच बचाव करते हुए कहा, “अरे बस भी करो आप लोग... अच्छे से तो जानते हो कि इनाया का नेचर हमेशा से इंट्रोवर्ट रहा है। सारे दिन तो अपने किताबों में घुसी रहती है। नहीं मन किया होगा कहीं जाने का...”

    “नानी यू आर माय सेवियर.....वरना इतनी सी छोटी बात के लिए आज तो यहां पर मेरी पेशी ही लग जाती।“ खुश होकर इनाया अपनी नानी के गले लग गई।

    उन्होंने प्यार से इनाया के गाल को सहलाया और कहा, “जाओ अब जाकर आराम कर लो। इतने लंबे सफर के बाद थक गई होगी।”

    इनाया ने हामी भरी और अपने कमरे में चली गई। उसके जाते ही उसकी नानी में जिम और लिली की तरफ तिरछी निगाहों से देखते हुए कहा, “तुम दोनों को उसे थोड़ा स्पेस देना चाहिए।”

    “मुझे डर लगा रहता है मॉम। वो हम से नाराज होकर हमें छोड़ कर...” बोलते हुए लिली ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी।

    “तुम बेकार में परेशान हो रही हों लिली..... मॉम सही कह रही है। हमें उसे थोड़ा स्पेस देना चाहिए।” जिम ने मार्था की बात पर सहमति जताते हुए कहा।

    कुछ देर के लिए वहां का माहौल थोड़ा तनावपूर्ण हो गया। बात को संभालने के लिए जिम लिली की मां मार्था के पास आया और कहा, “मॉम आपको देख कर लग रहा है कि आप बिल्कुल फिट एंड फाइन है।”

    “हां... हां क्यों नहीं... मैं इतनी आसानी से तुम लोगों को छोड़कर नहीं जाने वाली।” मार्था ने हंसकर काफी लाइटली कहा।

    “मॉम... डॉक्टर ने आपको अभी भी आराम करने के लिए कहा है। चलिए मैं आपको गेस्ट रूम में सेटल कर देती हूं।” लिली ने कहा और अपनी मां मार्था को गेस्ट रूम में ले गई।

    थोड़ी ही देर की हल्की फुल्की बातचीत ने वहां का माहौल नॉर्मल कर दिया था। लेकिन जिम के दिमाग में कई बातें चल रही थी।

    वो टहलते हुए बाहर की तरफ आया और बालकनी में खड़े होकर नीचे अपार्टमेंट के कंपाउंड को देखने लगा।

    “इनाया को लेकर लिली की इनसिक्योरिटी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। उसका इतना इनसिक्योर रहना कहीं इनाया के सामने सच खोल कर ना रख दे कि हम उसके असली मां बाप नहीं है। पता नहीं सब सच जानने के बाद वो कैसे रिएक्ट करेगी। क्या हमें उसे सब सच बता देना चाहिए? वो अपने बारे में सारी बातें जानना डिजर्व करती है लेकिन सच जानने के बाद उसने हमें छोड़ दिया तो...” जिम अपनी उधेड़बुन में खोए हुए थे। वो इनाया को सब बताना चाहते थे लेकिन एक सही समय पर...!

    _________

    दूसरी तरफ एरोन प्रोफेसर राव से मिलने के बाद उनसे गुस्सा था। उसके बहुत मनाने के बावजूद प्रोफेसर ने उसे हां नहीं कहा।

    “मुझे वहां जाना ही नहीं चाहिए था। एक ऐसे इंसान के पास तो बिल्कुल नहीं, जिसके पास इतने सारे सबूत होने के बावजूद उसने बैक आउट कर दिया। डैड भी ना, पता नहीं किस का एड्रेस दे दिया।” एरोन गुस्से में बड़बड़ाता हुआ घर में घुसा।

    उसे सामने उसके डैड मिस्टर स्मिथ दिखाई दिए।

    उसे देखकर मिस्टर स्मिथ ने मुस्कुराते हुए ग्रीट किया और पूछा, “तो कब जा रहे हो तुम प्रोफेसर राव के साथ काम पर? देखो इस बारे में मुझे हर एक इंफॉर्मेशन देते रहना। तुम्हारे डैड होने के नाते मैं इतना तो एक्सपेक्ट कर सकता हूं।”

    “डैड आप बेकार की उम्मीदें लगा रहे हैं। प्रोफेसर राव ने जाने से साफ इनकार कर दिया। मुझे तो समझ नहीं आ रहा कि आपने मुझे उनका एड्रेस दिया ही क्यों था?”

    “हां वो थोड़े जिद्दी है लेकिन तुम उन्हें मना कर तो देखते।” मिस्टर स्मिथ ने कहा।

    “आपको क्या लगता है डैड मैंने उन्हें मनाने की कोशिश नहीं की? मैंने अपनी तरफ से हर संभव कोशिश की थी बट वो अपना जिद्द और एटीट्यूड छोड़ने को तैयार ही नहीं... यू नो व्हाट गलती उनकी नहीं गलती मेरी है, जो उनके बारे में सब कुछ जानते हुए भी उनके पास एक उम्मीद लेकर गया।” एरोन ने गुस्से में जवाब दिया।

    “तुम कौनसे सच की बात कर रहे हो एरोन?” मिस्टर स्मिथ ने हैरानी से पूछा।

    “यही कि वो एक भगोड़े थे।” एरॉन ने जवाब दिया और अपने कमरे में चला गया। उसके जवाब से मिस्टर स्मिथ सन्न रह गए। रिसर्च टीम ने दुनिया की जो सच्चाई प्रोफेसर गणेश राव की बनाई थी, एरोन बस उसी हिस्से से वाकिफ था जबकि वो उसका पूरा सब जानते थे।

    “मुझे एरोन को सच बताना होगा।“ उन्होंने एरोन से बात करके उन्हें सब बताने का डिसाइड किया और यही सोचकर वो एरोन के कमरे के अंदर गए।

    “एरोन... तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ऐसा करने की... मैंने कभी नहीं सोचा था कि तुम इतना गिर जाओगे।“ मिस्टर स्मिथ गुस्से में चिल्लाए।

    वहां जाकर उन्होंने जो देखा, वो देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्हें एरोन से ये उम्मीद बिल्कुल नहीं थी।

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