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Reborn As A Star

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Simran Ansari

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क्या होगा जब एक सीक्रेट एजेंट सुरभि, जो जानलेवा हमले में अपनी जान गंवा देने के बाद दोबारा जन्म लेती है एक मशहूर एक्ट्रेस समायरा कपूर के शरीर में और जीती है एक दोहरी जिंदगी और उसे है समायरा कपूर के राइवल एक्टर शौर्य आहूजा पर क्रश और क्या होगा जब समायर...

Total Chapters (61)

Page 1 of 4

  • 1. Reborn As A Star - Chapter 1

    Words: 1783

    Estimated Reading Time: 11 min

    1. आसमान में पूरी तरह अंधेरा छा गया था। रात काफी गहरी हो चुकी थी। इसी अंधेरी, घनी, काली रात के बीच घने जंगल में सूखे पत्तों की सरसराहट और कुछ लोगों के तेज भागते कदमों की आवाज काफी तेज हो गई थी। एक लड़की अपनी पूरी रफ्तार से जंगल की ओर भाग रही थी, जैसे अगर आज उसके कदम रुके तो हमेशा के लिए उसकी साँसें रुक जाएँगी। वह बेतहाशा भाग रही थी।

    कुछ लोग उसका पीछा कर रहे थे। वे लोग दिखने में कुछ गुंडे, किलर टाइप लग रहे थे। उनमें से एक ने उसे चेतावनी देते हुए तेज आवाज में चिल्लाकर कहा, "ऐ लड़की, देख रुक जा! हमें वह पेन ड्राइव वापस कर दे, वरना तेरा जो हाल होगा, तू सोच भी नहीं सकती। रुक जा, आखिरी बार कह रहे हैं हम।"

    उस लड़की पर तो जैसे उन लोगों के बोलने का कोई असर ही नहीं हो रहा था। वह लोगों की बातों को अनसुना कर बस भाग रही थी। उसे जगह-जगह कई सारी चोटें आई थीं, जहाँ से खून रिस रहा था, मगर इन सब का उस लड़की पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। उसके चेहरे पर दर्द की एक शिकन भी नहीं थी; उसका चेहरा एकदम गंभीर था।

    इसी बीच एक बार फिर उन्हीं लोगों में से किसी ने कहा, "तू क्यों अपनी जान के साथ खेल रही है? हमसे हाथ मिला ले, वह चिप हमें दे दे और खुशी से जी। जो काम तू कर रही है, इन सब में कुछ नहीं रखा है। इसलिए बोल रहा हूँ, हमें वह सबूत वापस कर दे, नहीं तो आज तू जिंदा नहीं बचेगी।"

    वह लड़की अकेली थी और उसके पीछे भाग रहे गुंडे कई सारे थे। तेज भागते हुए उस लड़की को एक पत्थर से ठोकर लगी और वह संभल नहीं पाई, वहीं जमीन पर गिर गई।

    वह जमीन पर से उठ पाती, उससे पहले ही वे सारे आदमी उसके एकदम नजदीक आ गए और उन लोगों ने लड़की को चारों तरफ से घेर लिया।

    लड़की ने एक नज़र उठाकर उन सब की तरफ देखा और उसके चेहरे पर बस एक तिरछी मुस्कुराहट आ गई। फिर वह अपने हाथ और कपड़ों पर लगी हुई धूल-मिट्टी को झाड़ते हुए उठकर सीधी खड़ी हो गई और इधर-उधर देखने लगी।

    उस लड़की को धमकाते हुए उनमें से एक ने बोला, "देख लड़की, अब तेरे पास बचने का कोई रास्ता नहीं है। हमें दे दे वो चिप और पेन ड्राइव जो भी तेरे पास है, तो हम तेरी जान बख्श देंगे, वरना तुझे वो दर्दनाक मौत मिलेगी कि तू अगला जन्म लेने के बारे में सोचेगी भी नहीं।"

    इतना बोलते हुए उनमें से दो ने अपनी गन निकालकर उसे लड़की की तरफ तान दी थी। लेकिन फिर भी उन गुंडों की धमकी से वह लड़की जरा भी नहीं डरी, बल्कि जोर से हंसने लगी और बोली, "क्या कहा तुम लोगों ने? मार दोगे मुझे? मैं क्या तुम लोगों से डरती हूँ? और तुम लोग मेरा छोड़ो, अपना सोचो क्या होगा तुम लोगों का। मैं मर भी जाऊँ, तो भी वो चिप तुम लोगों को कभी नहीं मिलेगी। और अब इस तरह से कायरों की तरह मुझे धमकाना बंद करो, क्योंकि तुम लोगों का पर्दा अब हर हाल में फाश होकर ही रहेगा।"

    इतना बोलकर वह जोर-जोर से हंसने लगी। क्योंकि उन सारे आदमियों के चेहरे पर बारह बज चुके थे और उस लड़की की कही बातों का डर उनके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था।

    उस लड़की को ऐसे हंसते देख उनमें से एक कुछ ज्यादा ही भड़क गया और आगे जाकर उसे धक्का दे दिया। जिससे वह लड़की दोबारा जमीन पर गिर गई और उसका पैर भी मुड़ गया।

    उस आदमी ने गुस्से में दांत पीसते हुए बोला, "टो टके की लड़की और तेरी इतनी हिम्मत! तू हमें धमका रही है।"

    उस लड़की ने उठकर खड़े होने की कोशिश की, लेकिन पैर में लगी चोट की वजह से इस बार वह ठीक से खड़ी नहीं हो पाई। और उसके शरीर पर लगी बाकी चोटों से भी खून रिस रहा था। भले ही वह दिखा नहीं रही थी, लेकिन उसे इस वक्त बहुत ही दर्द हो रहा था।

    उनमें से एक ने आपस में पूछा, "क्या करना है अब इसका?"

    उसकी बात का जवाब देते हुए दूसरा आदमी बोला, "करना क्या है, काम खत्म करो इसका, अब बहुत हो गया।"

    इतना बोलकर उनमें से एक ने उस लड़की पर गोली चला दी। वो गोली चलते ही लड़की की एक जोरदार चीख उस पूरे जंगल में गूंज उठी। गोली लगते ही उस लड़की की आँखें बंद हो गईं और हाथ-पैर ढीले होकर एक बेजान शरीर की तरह वहाँ जमीन पर गिर गए।

    इसी के साथ उन गुंडों के हँसने की आवाज आई और वे लोग कहने लगे, "देखा लड़की, हमसे उलझने का अंजाम। अब तेरे पास वो चिप रह कर भी कुछ नहीं होगा, क्योंकि तू तो वैसे भी मर चुकी है। किसको पता चलेगा कि तेरे पास क्या है और क्या नहीं। इस जंगल में तो तुझे सिर्फ खूंखार जानवर ही पूछेंगे, कोई इंसान नहीं।"

    इतना कहकर वे सभी वहाँ से चले गए क्योंकि उन्हें लगा कि वह लड़की मर गई।

    उन सभी के जाने के लगभग 10 मिनट बाद, उस लड़की के शरीर में हलचल हुई और वह एक बार फिर अपनी पूरी हिम्मत जुटाते हुए बड़ी मुश्किल से उठकर खड़ी हुई। उसके पैर, कंधे और सीने पर चोटें आई थीं, लेकिन खुद को संभालते हुए अपने शर्ट को फाड़कर अपने पैर पर बाँध लिया और अपने एक हाथ से दूसरे कंधे को संभालते हुए उठ खड़ी हुई और वहाँ से एक तरफ बढ़ते हुए किसी तरह जंगल से बाहर निकलने की कोशिश करने लगी।

    कुछ देर भागने के बाद वह हाईवे तक पहुँच चुकी थी, मगर अब उसमें खड़े रहने तक की हिम्मत नहीं बची थी और सड़क तक पहुँचते-पहुँचते वह बेहोश हो गई। वह हाईवे के साइड रोड के किनारे बेहोश पड़ी हुई थी।

    वहाँ से किसी की कार गुज़र रही थी और कार की हेडलाइट की रोशनी में उस आदमी की नज़र उस लड़की पर पड़ गई। वह फ़ौरन अपनी कार का ब्रेक लगाकर उस लड़की के पास आया।

    वह उसके पास आकर देखा कि उसकी साँस बहुत धीमी चल रही थी। उस आदमी ने उसे अपनी गोद में उठाकर गाड़ी में बैठा दिया और अपनी कार को अस्पताल की ओर मोड़ दिया।


    वहीं दूसरी ओर, एक अप्सरा सी खूबसूरत लड़की, जिसने उस दिन गोल्डन येलो कलर का शिमरी गाउन पहना हुआ था, अवॉर्ड फंक्शन की नाइट में जगमगाती ब्लू और रेड लाइट्स के बीच किसी जलपरी सी लग रही थी।

    फ़ंक्शन अभी शुरू नहीं हुआ था और वह अकेले एक कोने में बैठी हुई थी। वह अपना सिर झुकाए फ़ोन चलाने में लगी हुई थी कि वहाँ एक मिडिल-एज आदमी आया और इस लड़की के बगल में बिल्कुल उससे चिपक कर बैठ गया और वेटर से ड्रिंक लाने को कहा।

    अब तक उस लड़की का ध्यान बगल में बैठे उस आदमी पर नहीं गया था। उसे अपनी बॉडी में कुछ अजीब सा महसूस हुआ। उसने अपने साइड में देखा तो उसकी नज़र उस मिडिल-एज आदमी पर गई जो उसे बेहद भद्दे तरीके से ऊपर से नीचे तक घूर रहा था। उसकी ऐसी नज़रों को महसूस करके उस लड़की को घिन आने लगी।

    तभी वह आदमी गंदी हँसी में कहने लगा, "काफी हॉट लग रही हो तुम। तुम्हारे होंठ इतने लाल हैं, आखिर खाती क्या हो?" कहते हुए उसने अपने होठों पर अंगूठा फेरना शुरू कर दिया और अपनी नज़रें उसकी डीप नेक पर गड़ा दीं।

    वह लड़की अब तक काफी असहज हो चुकी थी, जिससे उसने अपने गाउन को संभालते हुए बिना कुछ कहे वहाँ से जाने की कोशिश की।

    वह अभी खड़ी ही हुई थी कि वह भद्दा मोटे पेट वाला आदमी एकदम से उसके आगे आकर खड़ा हो गया और बोला, "अरे स्वीटहार्ट, मैं तुम्हें इतनी देर से हिंट दे रहा हूँ और तुम मुझे ऐसे ही अकेला छोड़ कर जा रही हो? आओ, चलो हम एक रूम में आराम से बैठकर कुछ क्वालिटी टाइम स्पेंड करते हैं। आज की रात हम दोनों के नाम," कहते हुए उसने एक मुस्कान दी।


    Epi - 2

    वह लड़की अपनी नज़र उठाकर उस आदमी की आँखों में देखती है और कहती है, "डायरेक्टर सर, शर्म आनी चाहिए आपको। अपनी बेटी की उम्र की लड़की से ऐसे कह रहे हैं? कम से कम अपनी उम्र और मेरी उम्र का तो लिहाज करिए। हटिए, अब रास्ता छोड़िए मेरा।" इतना कहते हुए वह साइड से निकल गई। वह डायरेक्टर उसे घूरता ही रह गया।

    उस डायरेक्टर की वजह से उसका मूड पूरा खराब हो चुका था। और वह लड़की जैसे ही सभी लोगों के बीच हॉल में आई तो वहाँ एक दूसरी सुंदर सी लड़की आ जाती है और उससे कहती है, "डायरेक्टर के साथ तुम्हारी बात नहीं बनी क्या? उसने तुम्हारे साथ सोने के लिए मना नहीं किया क्या? इसलिए तुम भाग आई ना? यहाँ पर तुम जैसी गिरी हुई थर्ड क्लास लड़की के साथ तो यही होना चाहिए।"

    वह मौजूद हर छोटी-बड़ी एक्ट्रेस उस लड़की से जलती थीं, क्योंकि वह सबसे ज्यादा पॉपुलर थी, चाहे वह सुंदरता में हो या एक्टिंग में। उसकी सुंदरता और उसकी एक्टिंग दोनों ही लाजवाब थीं। उसकी एक्टिंग बिल्कुल रियल लगती थी, जिस वजह से वह हमेशा टॉप पर बनी हुई थी। बहुत ही कम समय में उसने बहुत ज्यादा पॉपुलैरिटी हासिल कर ली थी, यही कारण था कि हर कोई उसे बस नीचे दिखाने में लगा हुआ था।

    वह लड़की किसी की बात का कोई जवाब नहीं देती और बस सिर झुकाए दूसरी ओर चली गई। तभी कुछ देर में अवॉर्ड फंक्शन शुरू हो गया, और होस्ट ने स्टेज पर आकर एक-एक सारे अवार्ड की अनाउंसमेंट करनी शुरू की। और तभी शाइनिंग स्टार ऑफ़ द ईयर का अवार्ड देने के लिए एक अधेड़ उम्र के डायरेक्टर स्टेज पर आए और होस्ट के साथ खड़े होते हुए उन्होंने अनाउंस किया।

    "पिछले साल की ही तरह इस साल भी, शाइनिंग स्टार ऑफ़ द ईयर का अवार्ड जाता है मिस समायरा कपूर को!"

    स्टेज की तरफ से यह अनाउंसमेंट होते ही ज़ोरदार तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा हॉल गूंज उठा। और चेहरे पर एक फीकी मुस्कुराहट के साथ समायरा भी अपनी जगह से उठी और अवार्ड लेने के लिए स्टेज की तरफ बढ़ी।

    To Be Continued

  • 2. Reborn As A Star - Chapter 2

    Words: 1675

    Estimated Reading Time: 11 min

    "पिछले साल की ही तरह, इस साल भी शाइनिंग स्टार ऑफ़ द ईयर का अवॉर्ड मिस समायरा कपूर को जाता है!"

    स्टेज की तरफ़ से यह अनाउंसमेंट होते ही जोरदार तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा हॉल गूंज उठा। चेहरे पर एक फीकी मुस्कुराहट लिए समायरा अपनी जगह से उठी और अवॉर्ड लेने के लिए स्टेज की तरफ़ बढ़ी।

    वह स्टेज पर पहुँची और अवार्ड लेते हुए वहाँ खड़े सभी लोगों को थैंक यू बोला। फिर माइक पर अपनी स्पीच देते हुए अपने फैन्स और सभी सपोर्ट करने वालों को भी थैंक यू कहा। छोटी सी स्पीच देने के बाद वह मुस्कुराते हुए स्टेज से नीचे उतरी और अपनी वीआईपी सीट पर बैठ गई।

    उसके बैठते ही आस-पास बैठे एक्टर और एक्ट्रेस ने धीमी आवाज़ में उसे "congratulations" बोला। उसने मुस्कुराकर उन सबको "thanks" किया। लेकिन वहीं आस-पास बैठे कुछ और लोग उसे बेहद बुरी तरह घूर रहे थे, जैसे अभी उसे मिले तो कच्चा चबा जाएँगे!

    काफी और अवार्ड अनाउंस करने के बाद बेस्ट एक्टर ऑफ़ द ईयर के अवार्ड के लिए नॉमिनेशन हुए। सभी की नज़रें एक तरफ़ गईं, जहाँ एक हैंडसम और पॉपुलर फिल्म सुपरस्टार एक्टर बैठा हुआ था।

    सबको पहले से ही पता था कि यह अवार्ड उसे ही मिलेगा। और वही हुआ। स्टेज पर खड़ी एक युवा एक्ट्रेस ने अनाउंस किया, "बेस्ट एक्टर ऑफ़ द ईयर का अवार्ड जाता है शौर्य आहूजा को!"

    जैसे ही उस लड़की ने शौर्य का नाम अनाउंस किया, भीड़ में बैठे लोग उसका नाम लेकर इस तरह से चिल्लाने लगे जैसे वे शौर्य आहूजा के फैन्स हों, न कि सिर्फ़ एक्टर को देखने आए दर्शक।

    वह लड़का भी काफी स्टाइल में अपनी जगह से उठा और सारे लोगों की तरफ़ देखकर धीरे से हाथ हिलाया। स्टाइल और एटीट्यूड में चलता हुआ वह स्टेज की तरफ़ आया, अवार्ड रिसीव किया और स्टाइल में ही खड़ा रहा। उसने काफी इम्प्रेसिव स्पीच दी जिससे उसके नाम को लेकर चिल्लाती हुई आवाज़ें और भी तेज हो गईं।

    भीड़ में ज्यादातर लोग उसके लिए चीयर कर रहे थे और तालियाँ बजा रहे थे। वहीं समायरा ने धीमी आवाज़ में कहा, "इससे भी ज़्यादा डिजर्विंग इतने लोग थे! उनकी मूवी कितनी अच्छी और इंस्पायरिंग थी! लेकिन फिर भी इस रोमांटिक कॉमेडी मूवी के लिए इसे बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिल गया। सब पॉपुलैरिटी की वजह से ही होता है।"

    इतना बोलकर समायरा ने अपनी आँखें घुमा लीं। उसकी बात सुनकर उसके बगल में बैठी लड़की ने कहा, "उसे हिसाब से तो जो अवार्ड तुम लेकर बैठी हो, उसके लिए भी तुमसे ज़्यादा डिजर्विंग कैंडिडेट थे। बट फिर भी तुम्हें मिला। इसलिए अपना मुँह बंद रखो। हमें भी पता है तुम्हें ये अवार्ड कैसे मिला है?"

    अपने साइड में बैठी उस लड़की की तरफ़ देखते हुए समायरा ने पूछा, "What do you mean by that, Riya?"

    समायरा के इस तरह पूछने पर रिया के चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आ गई। वह अपनी जगह से उठकर खड़ी हुई और अपना चेहरा समायरा के कान के पास लाते हुए बोली, "तुम्हें अच्छे से पता है मेरी बात का मतलब। मुझे नहीं लगता मुझे और ज़्यादा एक्सप्लेन करने की ज़रूरत होगी।"

    समायरा उसके जवाब देने से पहले ही रिया मुस्कुराते हुए वहाँ से चली गई।

    लेकिन समायरा का चेहरा एकदम उतर गया। हमेशा की तरह, हर कोई उसे ऐसी ही बातें सुनता रहता था और वह इन सब चीजों से बहुत परेशान हो चुकी थी।

    कुछ देर बाद फंक्शन ख़त्म हो गया। जैसे ही वह निकलने को हुई, वहाँ कुछ और एक्टर और एक्ट्रेस आ गए जो समायरा से जलते थे।

    उसके साथ ही खड़े होकर, उन्होंने उसे पॉइंट करते हुए कहा, "तुम समझती क्या हो खुद को? जो तुम ट्रॉफी लिए घूम रही हो, इसके तुम ज़रा भी लायक नहीं हो!"

    दूसरी लड़की बोली, "हाँ हाँ, सही कहा तुमने, कार्तिक! अरे कौन नहीं जानता कि किस तरह यहॉ तक पहुँची? थोड़ी सी ठीक-ठाक शक्ल क्या है, खुद को तो ऐश्वर्या राय समझने लगी है!"

    इन सभी लोगों में कुछ बड़े और फ़ेमस एक्ट्रेस भी शामिल थे जो उस लड़की से भी ज़्यादा पॉपुलर थे और उसकी ब्यूटी और तरक्की उनकी आँखों में चुभ रही थी।

    अभी सब लोग बोल ही रहे थे कि तब तक वहाँ रिपोर्टर्स भी आ गए और उन सभी अवार्ड विनिंग एक्टर्स से सवाल-जवाब करने लगे। सभी रिपोर्टर्स के सवालों और कैमरे की लाइट्स के बीच से बचते हुए, लड़की किसी तरह वहाँ से भागने में कामयाब हो गई। अपना हैवी गाउन संभाले, किसी तरह वह अपनी कार में आकर बैठ गई और बिना देर किए कार स्टार्ट करके फ़ुल स्पीड में सड़क पर ड्राइव करने लगी। कार में बैठते ही उसकी आँखों में ठहरे हुए आँसू और दर्द बाहर आ गए।

    उस पर अब खुद पर कंट्रोल नहीं रहा। खुद से ही सवाल करते हुए वह बोली, "क्यों? क्यों मेरे साथ ही होता है हमेशा ऐसा? आखिर मैंने किसी का क्या बिगाड़ा है? अपनी मेहनत और टैलेंट के दम पर इतना आगे आई हूँ, मगर इन लोगों से यह भी नहीं देखा गया। चाहते क्या हैं ये लोग? आखिर क्यों कोई किसी को कामयाब होते नहीं देख सकता?"

    उसी तरह रोते हुए समायरा खुद से ये सारे सवाल कर रही थी।

    "मैंने इतनी मेहनत की! इतना स्ट्रगल किया! उस वक़्त ये सब लोग कहाँ थे? तब तो मुझे कोई पूछने तक नहीं आया और आज जब मैं कामयाब हो चुकी हूँ, मेरे पास सब कुछ है, तो ये लोग आ गए मुँह उठाकर मेरा मज़ाक उड़ाने और मुझ पर घटिया, बेतुके इल्ज़ाम लगाने? पता नहीं मैं क्यों नहीं जवाब दे पाती किसी को भी?"

    वह चलते हुए यह सब कुछ बोल रही थी कि उसे कुछ याद आया और वह जोर-जोर से रोने लगी।

    उसका बॉयफ्रेंड, जिसे उसने आज तक इतना प्यार किया था, जिसके लिए वह कुछ भी करने को तैयार थी, यहाँ तक कि खुद को भी कुर्बान कर सकती थी, उसने ज़िन्दगी का सबसे बड़ा धोखा दिया। उसके प्यार और विश्वास का यह सिला दिया। जिसे वह अपना मानती रही, आज उसे पता चल रहा है कि सबसे बड़ा धोखेबाज़ तो वही था।

    समायरा गुस्से से चिल्लाई, "क्यों लक्ष्य? क्यों? तुमने ऐसा क्यों किया मेरे साथ? आखिर क्या कमी रह गई थी मेरे प्यार में जो तुमने मुझसे झूठ कहा? आज तक तुम मेरे पैसों पर ऐश करते रहे और मुझे कहते रहे कि तुम मॉडलिंग में ट्राई कर रहे हो। मैंने कभी तुमसे कोई हिसाब नहीं माँगा। यहाँ तक तो ठीक था, मगर तुम्हारा इससे भी मन नहीं भरा कि तुम उस घटिया लड़की के साथ मिलकर मुझे धोखा दे रहे हो। वो रिया, जो मेरी सबसे बड़ी दुश्मन है, आज तुम उसी के साथ..."

    यह सब बोलते हुए वह 2 घंटे पहले की बातें याद करने लगी...

    (फ्लैश बैक, 2 घंटे पहले...)

    उसी अवार्ड फंक्शन वाले हॉल के बैकस्टेज कॉरिडोर में, जिस लड़की रिया ने समायरा को इतना बेइज़्ज़त किया था, वहीं... जिस वक़्त समायरा अवार्ड ले रही थी, उसने देखा था कि उसका बॉयफ़्रेंड लक्ष्य उसी लड़की के साथ था। वे दोनों एकदम कॉर्नर में खड़े थे जहाँ कोई नहीं था। लक्ष्य कभी उसके गालों को चूमता तो कभी उसके माथे को, और वह लड़की समायरा को देखकर डेविल स्माइल कर रही थी। क्योंकि पूरे वक़्त समायरा की नज़र उन दोनों पर ही थी, लेकिन इसका जरा भी अंदाज़ा उसके बॉयफ़्रेंड को नहीं था। वह तो बस उस एक्ट्रेस रिया में खोया हुआ था।

    उस एक्ट्रेस ने लक्ष्य को अपनी ओर खींचा और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। समायरा की आँखों से एक कतरा आँसू उस ट्रॉफी पर जा गिरा। उसे समझ नहीं आ रहा था कि आज शाइनिंग स्टार ऑफ़ द ईयर का अवार्ड मिलने की ख़ुशी मनाए या अपने बॉयफ़्रेंड को किसी और की बाहों में देखकर दुःख मनाए।

    फिर भी वह किसी तरह खुद को संभालते हुए वहाँ खड़ी रही। इसके बाद जब वह रिपोर्टर्स के बीच में थी, तब भी लक्ष्य उस एक्ट्रेस रिया के साथ वहीं खड़ा था। मगर वह एक बार भी उसे प्रोटेक्ट करने नहीं आया क्योंकि उसे लगा था कि समायरा को उसके वहाँ पर होने के बारे में पता नहीं है। और रिया ने उसका हाथ भी पकड़ा हुआ था। उसी वक़्त समायरा ने यह भी देखा कि उस एक्ट्रेस के हाथ में एक पर्ल ब्रेसलेट था, जिसे देखते ही उसकी आँखें बड़ी हो गईं।

    क्योंकि यह वही लिमिटेड एडिशन ब्रेसलेट था जिसे समायरा के डैड ने एक चैरिटी इवेंट में उसके लिए लिया था। वह उनकी आख़िरी निशानी थी। एक दिन जब उसने खूब ड्रिंक किया था, उस रात वह लक्ष्य के साथ अपने घर गई थी। उस दिन के बाद वह ब्रेसलेट उसे कभी नहीं मिला। समायरा ने उसे बहुत ढूँढने की कोशिश की, मगर नहीं मिला। और अपने डैड की आख़िरी निशानी खो देने का दुःख उसे आज भी था।

    वह सब याद करते हुए समायरा का सिर जोर से फटने लगा। कार चलाते हुए उसके दोनों हाथ स्टीयरिंग पर थे, लेकिन एक हाथ से उसने अपना सिर पकड़ते हुए कहा, "नहीं चाहिए मुझे यह ज़िन्दगी! नहीं चाहिए ये सक्सेस, ये पैसा, ये नेम, ये फेम, कुछ भी नहीं चाहिए।"

    To Be Continued

  • 3. Reborn As A Star - Chapter 3

    Words: 1700

    Estimated Reading Time: 11 min

    उसी वक्त समायरा ने देखा कि उस अभिनेत्री के हाथ में एक पर्ल ब्रेसलेट था। उसे देखते ही उसकी आँखें बड़ी हो गईं।

    क्योंकि यह वही लिमिटेड एडिशन bracelet था जिसे समायरा के पिता ने एक चैरिटी इवेंट में उसके लिए लिया था। यह उनकी आखिरी निशानी थी। एक दिन उसने खूब ड्रिंक किया था। उस रात वह लक्ष्य के साथ अपने घर गई थी। उस दिन के बाद वह ब्रेसलेट उसे कभी नहीं मिला। समायरा ने उसे बहुत ढूँढने की कोशिश की, मगर नहीं मिला। अपने पिता की आखिरी निशानी खो देने का दुःख उसे आज भी था।

    वह सब याद करते हुए समायरा का सिर जोर से फटने लगा। कार चलाते हुए उसके दोनों हाथ स्टीयरिंग पर थे। पर एक हाथ से उसने अपना सिर पकड़ते हुए कहा, "नहीं चाहिए मुझे यह ज़िंदगी! नहीं चाहिए यह सक्सेस, यह पैसा, यह नेम, यह फेम, कुछ भी नहीं चाहिए।"

    "और ना ही यह अवार्ड!" पैसेंजर सीट पर रखी ट्रॉफी उठाकर उसने जोर से कार में पीछे की तरफ फेंकी। "नहीं रहना मुझे ज़िंदा, ऐसी ज़िंदगी जीकर मैं क्या करूँ जिसमें मुझे सिर्फ दर्द, तकलीफ़ें, ताने और धोखे ही मिलने हैं।"

    उसका सिर दर्द से फटा जा रहा था। फिर भी, उसने प्लीज़ वाली आवाज़ में चिल्लाकर यह बात कही। आँखों में भरे आँसुओं की वजह से सब कुछ धुंधला सा नज़र आने लगा। उसे सामने का कुछ भी साफ़ नज़र नहीं आ रहा था, लेकिन फिर भी उसने अपनी कार की स्पीड और बढ़ा दी।

    उसकी आँखें आँसुओं से इतनी भरी हुई थीं कि अब उसे सामने का कुछ भी दिखना बंद हो गया था। उसकी कार उस वक्त हाईवे पर थी, मगर उसे इन सबका कोई ध्यान नहीं था, और ना ही वह ध्यान देना चाहती थी।

    वह बस फुल स्पीड में अपनी कार ड्राइव करती जा रही थी। उसने जानबूझकर अपने सामने ध्यान नहीं दिया। उसकी गाड़ी सामने एक डिवाइडर से जाकर टकरा गई। कार की स्पीड तेज होने की वजह से एक पल में क्या हुआ, उसे कुछ समझ नहीं आया।

    समायरा ने कार की स्पीड एकदम फुल कर दी थी। उसकी आँखों से लगातार आँसू बहते जा रहे थे। उसे सब कुछ धुंधला सा नज़र आ रहा था, और एकदम ही गाड़ी उसके कण्ट्रोल से बाहर हो गई। या फिर शायद वह खुद ही अब कार को कण्ट्रोल करना नहीं चाहती थी।

    उसकी कार रोड के बीच में बने डिवाइडर से टकरा गई। उस डिवाइडर से हुई इतनी तेज टक्कर की वजह से गाड़ी की फ्रंट साइड में और कार के बोनट में आग लग चुकी थी। कार के अंदर बैठी समायरा का सिर भी स्टीयरिंग और डैशबोर्ड से टकरा गया। गाड़ी आगे से पूरी तरह बर्बाद हो चुकी थी और खून की तेज धार उसके माथे से निकलने लगी। उसकी आँखों के सामने एकदम अँधेरा छा गया और वह तुरंत बेहोश हो गई।

    वहाँ से गुज़र रहे कुछ लोगों ने यह सब देख लिया। वे सब बिना देर किए उसकी कार के करीब आए। उनमें से किसी एक ने एम्बुलेंस को कॉल कर दिया।

    फिर किसी तरह उन लोगों ने उस लड़की को कार से बाहर निकाला और कुछ दूर लेकर आ गए। अब तक पूरी कार में आग लग चुकी थी और वह धूँ-धूँ कर जल रही थी। जब तक उसे बाहर निकालकर थोड़ा दूर लाया गया, तब तक कार पूरी तरह ब्लास्ट हो चुकी थी। यह नज़ारा काफी भयानक लग रहा था, जिसकी दहशत उन लोगों की आँखों में भी नज़र आ रही थी।

    अब तक वहाँ एम्बुलेंस भी आ गई और उस लड़की को फ़ौरन हॉस्पिटल ले जाया गया। जिस समय समायरा को हॉस्पिटल ले जाया गया, ठीक उसी वक्त एक और लड़की को अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड की तरफ़ ले जाया जा रहा था, जिसका नाम सुरभि था। उसे भी कुछ देर पहले एक आदमी वहाँ पर लेकर आया था। समायरा को भी जल्दी से ऑपरेशन वार्ड में ले जाया गया।

    वहाँ मौजूद एक नर्स ने कहा, "देखो, दोनों का कितना सीरियस एक्सीडेंट हुआ है, वह भी एक ही समय पर! किसी के भी बचने के चांसेस नहीं लग रहे हैं। क्या इत्तेफ़ाक है? हाँ, लेकिन इस लड़की को गोली लगी है और इसका कार एक्सीडेंट हुआ है।"

    यहाँ कुछ नर्स और हॉस्पिटल स्टाफ़ आपस में बात कर रहे थे। एक नर्स उनमें से एक की तरफ़ देखते हुए बोली, "चेहरा पूरा खून से सला हुआ है, लेकिन मुझे ऐसा लग रहा है यह वह मशहूर एक्ट्रेस समायरा कपूर है।"

    वार्ड बॉय ने भी ध्यान से देखा। दूसरी नर्स ने कॉटन से उसका चेहरा साफ़ करते हुए कहा, "अरे हाँ, तू तो सही कह रही है। यह तो समायरा कपूर ही है। लेकिन यह इस हाल में? इसका एक्सीडेंट?"

    "और यह दूसरी लड़की कौन हो सकती है? पता नहीं, रुको मैं चेक करती हूँ। शायद इसके पास से कुछ मिले।" इतना बोलकर वह नर्स दूसरी लड़की, जिसे गोली लगी हुई थी, के कपड़े चेंज करते हुए सारे कपड़ों में चेक करने लगी।

    सामने खड़े वार्ड बॉय ने कहा, "वैसे इसके साथ आए आदमी ने भी कुछ नहीं बताया। उसने कहा कि वह भी इसे नहीं जानता है।"

    अपने हाथ में पकड़ा हुआ आई कार्ड नर्स ने आसपास वाले लोगों को दिखाते हुए कहा, "इसके पास से यह आईडी कार्ड मिला है। देखो, जिस पर इसकी तस्वीर है और इसका नाम लिखा हुआ है: ऑफिसर सुरभि। इसके अलावा और कोई जानकारी नहीं है। बहुत ही अजीब सा आईडी कार्ड है, देखो।"

    ऑपरेशन के लिए तैयार करके उन दोनों को ही इमरजेंसी वार्ड की तरफ़ ले जाया गया। वहीं दूसरी तरफ़, इमरजेंसी वार्ड के अगल-बगल वाले ऑपरेशन रूम में डॉक्टर की दो अलग-अलग टीमों ने दोनों का ऑपरेशन शुरू कर दिया।

    काफी देर तक दोनों का ऑपरेशन चलता रहा। मगर डॉक्टर्स को सुरभि को बचाने में काफी दिक्कत हो रही थी, क्योंकि उसे कई सारी गोलियाँ लगी थीं। इसके अलावा भी उसकी बॉडी पर कई सारे जख्मों के निशान थे, जिनका जहर पूरी बॉडी में फैल चुका था। साथ ही वह काफी कमज़ोर भी हो गई थी। उसका काफी ब्लड लॉस हो चुका था, जिससे सुरभि को बचा पाना डॉक्टर्स के लिए काफी मुश्किल हो रहा था। इतनी क्रिटिकल कंडीशन के बाद भी किसी तरह सुरभि का ट्रीटमेंट कर रहे थे और उसे बचाने की पूरी कोशिश भी कर रहे थे।

    वहीं दूसरी तरफ़, बगल वाले ऑपरेशन रूम में समायरा को भी काफी चोटें आई थीं, मगर वे ज़्यादा गहरी नहीं थीं। क्योंकि कार के दोनों साइड के एयरबैग ओपन हो गए थे, जिसकी वजह से उसका सिर्फ सिर ही सामने हल्का टकराया था। और उसे तुरंत ही अस्पताल भी ले आया गया था, जिस वजह से जल्दी ही उसका ऑपरेशन ख़त्म हो गया और उसे आईसीयू में शिफ़्ट कर दिया गया। सुरभि को भी उसके बगल वाले आईसीयू रूम में शिफ़्ट कर दिया गया। सुरभि की हालत बद से बदतर होती जा रही थी।

    कुछ वक़्त बीता ही था कि सुरभि की साँसें बंद हो गईं। उसकी आत्मा ने उसके शरीर को छोड़ दिया। एक नर्स ने उसकी खुली हुई आँखें अपने हाथों से बंद कर दीं। वहीं बगल वाले वार्ड में समायरा का भी कुछ यही हाल था। उसके अंदर जीने की इच्छा बिलकुल ख़त्म होती जा रही थी। वह और जीना नहीं चाहती थी। इसलिए उसका ऑपरेशन सफल होने के बाद भी उसकी बॉडी ठीक तरह से रिस्पांस नहीं कर रही थी।

    जो डॉक्टर सुरभि का ऑपरेशन कर रहे थे, उसकी डेथ होने के बाद वे बाहर आकर उस कार वाले आदमी, जो उसे यहाँ लेकर आया था, को इन्फ़ॉर्म करते हुए बोले, "मिस्टर, आप उस लड़की की बॉडी को ले जा सकते हैं। उसकी डेथ हो चुकी है। हम उसे नहीं बचा पाए। उसे काफी गहरी चोटें आई थीं। एक बुलेट हाथ में लगी थी और बाकी दो पेट में, जिसकी वजह से उसे काफी ब्लड लॉस हुआ था और इसी वजह से उसकी डेथ हो गई।"

    डॉक्टर ने काफी अफ़सोस जाहिर करते हुए यह बताया। डॉक्टर की बात सुनकर उस आदमी के चेहरे पर भी दुःख साफ़ झलक रहा था, मगर वह जल्दी से खुद को संभालते हुए बोला, "सॉरी डॉक्टर! बट मैं उसे नहीं जानता। वह लड़की बस मुझे हाईवे रोड पर इस हालत में मिली थी, तो मैं उसे अस्पताल ले आया, उसकी जान बचाने के इरादे से। That's it!"

    उस आदमी की बात सुनकर डॉक्टर ने अपना सिर हिलाते हुए कहा, "ठीक है। फिर अगर बॉडी क्लेम करने वाला कोई भी नहीं है, तो फिर हम पुलिस को इन्फ़ॉर्म कर देते हैं। हो सकता है कुछ पता चल जाए उसकी फैमिली का। नहीं तो फिर इलेक्ट्रिक क्रीमेटोरियम से ही हम उसका फ्यूनरल कर देंगे। आपको पुलिस के आने तक यहाँ रुकना होगा।"

    इतना बोलकर डॉक्टर ने उस आदमी की तरफ़ देखा। उसने कहा, "ओके डॉक्टर, मैं रुक जाऊँगा! मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है। और जितना मुझे पता है, वह मैं पुलिस को भी बता दूँगा।"

    "थैंक्स फॉर योर को-ऑपरेशन, मिस्टर।" इतना बोलकर डॉक्टर वहाँ से चले गए और सुरभि की बॉडी को अस्पताल के ही एक कोने में बने मुर्दाघर भेज दिया गया।

    दूसरी तरफ़, कुछ देर के बाद समायरा की हालत भी स्टेबल होने लगी और उसकी धड़कनें भी अब नॉर्मल हो गई थीं। लेकिन वह अभी भी बेहोश थी। डॉक्टर ने उसे पहचान के बाद उससे जुड़े लोगों को भी इन्फ़ॉर्म कर दिया था।

    To Be Continued

  • 4. Reborn As A Star - Chapter 4

    Words: 1666

    Estimated Reading Time: 10 min

    अगली सुबह जब समायरा की आँखें खुलीं, तो उसने अपने आस-पास देखा। फिर खुद को निहारा और फिर से चारों ओर देखा। फिर खुद से बोली, "यह मैं कहाँ हूँ? और मैंने ये कपड़े कैसे पहन रखे हैं? और मुझे इतनी सारी टिप्स और ग्लूकोज़ की बोतलें क्यों लगी हुई हैं?" वह उन्हें हटाने की कोशिश करने लगी।

    तभी एक नर्स वहाँ आ गई और उसे रोकते हुए बोली, "अरे मैडम! यह क्या कर रही हैं आप? ऐसा मत कीजिए।"

    नर्स के पीछे, ब्लैक जींस और लाइट पिंक टॉप पहनी एक पतली-सी खूबसूरत लड़की खड़ी थी। उसके भूरे बाल थे और हाथ में कुछ सामान था। वह अंदर आकर बिस्तर पर बैठी समायरा की ओर देखते हुए बोली, "हेलो मैम! गुड मॉर्निंग! अब कैसी हैं आप?"

    यह सुनकर समायरा कन्फ्यूज़्ड नज़रों से उसकी ओर देखने लगी। लेकिन वह कुछ बोली नहीं। तब सामने खड़ी लड़की, जो उसकी असिस्टेंट थी, बोली, "मैम! अब आप कैसा फील कर रही हैं? काफी ज्यादा चोटें आ गई थीं आपको? अब आप बैटर फील कर रही हैं? पर मैम, आपको अपना ध्यान रखना चाहिए था। इस तरह आप फंक्शन छोड़कर आ गईं और इतनी बुरी तरह एक्सीडेंट भी कर लिया। जरा सोचतीं कि इन सबसे आपकी बॉडी और करियर पर कितना असर पड़ेगा। अभी आप अपने करियर के पीक पर हैं, यही वक़्त है आगे बढ़ने और सक्सेस हासिल करने का।"

    समायरा उसकी बातों पर कुछ नहीं बोली और चुपचाप सुनती रही। कुछ देर बाद, वापस बिस्तर पर लेटकर उसने अपना चेहरा घुमा लिया। वह पूछना चाहती थी कि तुम कौन हो? और यह सब क्या बोल रही हो? मगर उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या कहे, क्योंकि उसका दिमाग खाली हो चुका था और वह खुद को समझ नहीं पा रही थी।

    जब से वह होश में आई थी, उसके साथ कुछ अजीब-अजीब चीजें हो रही थीं। कुछ देर तक असिस्टेंट लड़की वैसे ही बैठी रही, मगर कुछ समय बाद समायरा का कोई जवाब न मिलने पर उसने सिर झुकाकर एक बार फिर उसे ग्रीट किया और अपना ध्यान रखने को कहकर वार्ड से बाहर चली गई।

    उसके जाते ही समायरा एक झटके से उठकर बैठ गई और खुद से बात करती हुई बोली, "आखिर यह सब हो क्या रहा है? यह सब क्या चल रहा है? यह लड़की कौन थी और मुझे मैम क्यों कह रही थी? कैसे जानती है यह मुझे, जबकि मैंने इसे आज पहली बार देखा है! और यह मुझे समायरा नाम लेकर क्यों बुला रही थी, जबकि मैं तो सुरभि हूँ।"

    अपनी इसी कन्फ्यूज़न के साथ, दवाइयों के असर से समायरा को फिर से नींद आ गई और वह वहीं बिस्तर पर लेटते ही सो गई।

    अगले दिन सुबह, जब समायरा दोबारा होश में आई, तो उसने देखा कि उसकी असिस्टेंट सामने खड़ी थी। उसके हाथ में कुछ पेपर थे और वह डॉक्टर से कुछ बात कर रही थी। जैसे ही समायरा होश में आई, उसने मुस्कुराकर समायरा की ओर देखा और बोली, "गुड मॉर्निंग मैम! आज हम घर वापस जा रहे हैं। आपके डिस्चार्ज पेपर भी मैंने बनवा दिए हैं। वैसे भी, अब आप ठीक हो ना। आपकी ज़्यादातर चोटें ठीक हो गई हैं। थैंक गॉड आपके फेस पर कोई भी स्क्रैच नहीं आया। यह अच्छी बात है और ज़रूर भगवान आपके साथ है, तभी इतना बड़ा एक्सीडेंट होने के बाद भी आप इतनी जल्दी रिकवर हो गईं। नहीं तो आपकी कार की हालत देखकर तो मैं एकदम घबरा ही गई थी।"

    समायरा की फ़िक्र करते हुए वह लड़की यह सब बोल रही थी। उसकी बातें सुनकर समायरा ने आखिरकार सवाल किया, "नहीं, तुम हो कौन? पहले यह बताओ मुझे। और किसके घर ले जाओगी मुझे? क्या तुम्हें मेरे घर का एड्रेस पता है? और तुम मुझे मैम क्यों बोल रही हो? कैसे जानती हो तुम मुझे?"

    समायरा ने पिछले दो दिनों में आज पहली बार कुछ बोला था, और वह भी ऐसे सवाल, जिसे सुनकर उसकी असिस्टेंट को भी कुछ समझ नहीं आया। उसने कन्फ़्यूज़न से डॉक्टर की तरफ़ देखा और बोली, "डॉक्टर, यह क्या हो गया है इन्हें? ऐसी बातें क्यों बोल रही हैं? आपने तो कहा था कि सिर पर कोई इतनी गहरी चोट नहीं है, तो फिर यह कैसे मुझे भूल सकती हैं?"

    डॉक्टर तुरंत सफ़ाई देते हुए बोले, "हाँ, ऐसी कोई भी चोट नहीं लगी है। मैंने रिपोर्ट से दो बार चेक किया है। एक काम करो, तुम उसे अपने बारे में बताओ। हो सकता है उसे थोड़ा सदमा लगा हुआ हो एक्सीडेंट का।"

    डॉक्टर की बात सुनकर उस लड़की ने धीरे से अपना सिर हिलाया और समायरा की तरफ़ आगे आते हुए बोली, "मैडम, मैं आपकी असिस्टेंट हूँ, माही। पिछले दो सालों से मैं आपके साथ ही काम कर रही हूँ। आप मुझे कैसे भूल सकती हैं? और मैं आपको आपके घर ले जा रही हूँ। आपके अपार्टमेंट याद आया आपको कुछ?"

    माही की बात सुनकर उसके सामने बैठी समायरा ने धीमी आवाज़ में कहा, "माही?"

    जैसे ही समायरा ने उसका नाम लिया, माही खुश होते हुए बोली, "हाँ हाँ मैम! मैं माही हूँ। याद आ गया ना आपको? अगर नहीं भी आया तो कोई बात नहीं। आप थोड़ी देर रेस्ट करेंगे। वहाँ पर आप अपना घर और बाकी सारी चीजें देखेंगे ना, तो आपको सब याद आ जाएगा। पहले मेरे साथ घर चलिए। ड्राइवर भैया भी दूसरी कार लेकर आ गए होंगे।"

    उसके सामने बैठी समायरा, जिसके अंदर अब सुरभि की आत्मा थी, ने अपने मन में कहा, "ज़रूर यह लड़की मुझे कोई और समझ रही है। लेकिन मुझे नहीं लगता अभी मुझे इसे अपनी असली पहचान बतानी चाहिए। क्योंकि मैं ऐसे ही किसी पर भरोसा नहीं कर सकती। इसलिए चुपचाप इसके साथ चली जाती हूँ। वहाँ पहुँचकर देखूँगी कि क्या करना है?"

    इतना सोचकर वह अपनी जगह से उठी और माही के साथ वहाँ से बाहर आ गई। कुछ ही देर बाद वह माही के साथ एक काफी बड़े और लग्ज़रीअस अपार्टमेंट में पहुँची, जो एक बिल्डिंग के 8th फ्लोर पर था।

    वह आज पहली बार वहाँ आई थी, इसलिए वह सारी जगह इधर-उधर देख रही थी।

    माही उसे अपने साथ घर के अंदर ले आई। माही के पास भी उसके फ़्लैट की एक एक्स्ट्रा चाबी थी, इसलिए उसे कोई प्रॉब्लम नहीं हुई और ना ही उसने समायरा से घर की चाबियों के बारे में पूछा, क्योंकि अभी उसका इतना बड़ा एक्सीडेंट हुआ था और उसे लगा था कि वह अभी ठीक कंडीशन में नहीं थी।

    माही ने समायरा को अंदर ले जाकर उसके रूम में बिस्तर पर बैठने को कहा और खुद पानी लेने के लिए चली गई। कुछ देर बाद वह पानी के साथ दवाइयाँ देते हुए बोली, "मैम! यह दवाइयाँ खाने से पहले लेनी हैं। पहले आप इसे ले लीजिए, फिर मैं आपके लिए कुछ बना दूँगी।"

    समायरा ने चुपचाप दवाइयाँ ले लीं। असल में वह सुरभि है, लेकिन समायरा के शरीर में होने की वजह से माही उसे इसी नाम से पुकार रही थी। लेकिन सुरभि को अभी यह समझ नहीं आ रहा था। उसने चुपचाप दवाइयाँ खाईं और इधर-उधर देखने लगी। उसके लिए वह कमरा एकदम नया था।

    थोड़ी देर बाद उसे वॉशरूम जाने की ज़रूरत महसूस हुई। उसने माही से पूछा और माही ने साइड में बने दरवाज़े की तरफ़ इशारा करके उसे बता दिया। फिर वह वॉशरूम चली गई। जब वह वॉशरूम से बाहर निकली और हाथ धोने लगी, तो बेसिन के सामने लगे मिरर पर उसका ध्यान गया। जैसे ही उसने अपना चेहरा देखा, वह एकदम हैरान रह गई।

    सुरभि ने सामने लगे शीशे में अपना चेहरा देखते हुए कहा, "ये... यह कौन है मैं? और मेरा फेस ऐसे कैसे बदल गया? यह मेरी बॉडी भी नहीं है। क्या सच में यह मैं हूँ या नहीं? यह मैं नहीं हूँ! यह तो समायरा है। मैं कैसे उसकी बॉडी में आ गई? और शायद इसीलिए वह लड़की भी मुझे समायरा कहकर पुकार रही थी।"

    बहुत ज़्यादा घबराकर यह सब कहते हुए कभी वह मिरर को टच करती, तो कभी अपने शरीर को, और कभी अपने चेहरे को। उसका दिमाग खाली हो चुका था। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर यह क्या हो गया था उसके साथ?

  • 5. Reborn As A Star - Chapter 5

    Words: 1651

    Estimated Reading Time: 10 min

    अभी सुरभि वॉशरूम में ही थी कि रूम से कुछ आवाज़ आई, "मैम, मैम आप कहाँ हैं? क्या आप मुझे सुन रही हैं? समायरा मैम, आप अभी तक वॉशरूम में ही हैं क्या?"

    रूम के अंदर से आई माही की आवाज़ सुनकर सुरभि ने अपनी आँखें बंद कीं और गहरी, लंबी साँस लेने के बाद आँखें खोलकर मिरर में खुद को देखते हुए बोली, "मुझे नहीं पता यह सब कुछ कैसे हुआ, लेकिन भगवान ने अगर मुझे इस लड़की के शरीर में एक नया जन्म दिया है तो अब यही सही है। अब से मैं सुरभि नहीं, समायरा हूँ और यह लड़की, जो तुम्हें 'मैम' कह रही है, वह समायरा की असिस्टेंट है। इसके आगे जो कुछ है, मैं वह सब पता कर लूँगी। मेरी आइडेंटिटी पहले भी सीक्रेट थी, तो अगर अब मैं किसी और के शरीर में हूँ तो मेरे लिए अच्छा ही है। मेरे दुश्मन अब मुझे चेहरे से पहचान भी नहीं पाएँगे।"

    वह खुद को मिरर में देखते हुए अपने आप से कह रही थी, जैसे वह खुद को यह सब समझा रही हो और धीरे-धीरे आने वाली चीजों के लिए खुद को तैयार कर रही हो। क्योंकि उसकी बॉडी और उसका चेहरा तो बदल चुका था, और उसे पता था अब उसकी लाइफ भी बदलने वाली है।

    वह खुद को शांत रखने की कोशिश करते हुए यह सब समझ ही रही थी कि उसके कानों में फिर से उस असिस्टेंट लड़की माही की आवाज़ पड़ी, "मैम, आप ठीक तो हैं ना? क्या आप मुझे सुन रही हैं? और कितनी देर लगेगी आपको वॉशरूम में?"

    माही इतना कहते हुए वॉशरूम का दरवाज़ा नॉक करने लगी जिससे सुरभि थोड़ी हड़बड़ा गई और चेहरे पर बिखरे बालों को ठीक करते हुए एकदम से बोली, "हाँ, हाँ, मैं यहीं वॉशरूम में हूँ और बिल्कुल ठीक हूँ। बस 5 मिनट रुको, मैं आती हूँ।"

    "ओके मैम," कहकर माही रूम में ही सुरभि का इंतज़ार करने लगी।

    कुछ ही मिनट में सुरभि, जो अब समायरा थी, टॉवल से अपना मुँह पोंछते हुए वॉशरूम से बाहर निकली। इसे देख सोफे पर बैठी माही जल्दी से उठ खड़ी हुई और उसके करीब जाकर बोली, "मैम, मैं आपके लिए दलिया लेकर आई हूँ। प्लीज़ अब आप जल्दी से उसे खा लीजिए क्योंकि आपने पूरे दिन से कुछ नहीं खाया है और अब आपकी मेडिसिन का भी वक़्त हो रहा है।"

    समायरा एक नज़र उसकी तरफ़ देखती है, फिर बिना कुछ कहे बस हाँ में अपना सिर हिला देती है और रूम में ही रखे सोफे पर जाकर बैठ जाती है। उसको ज़्यादा खाने का मन नहीं था, ऊपर से यह दलिया उसे बहुत कम पसंद था। इस वजह से उसने ज़्यादा नहीं खाया। कुछ चम्मच खाने के बाद ही वह उठ गई और बेड पर जाकर बैठ गई।

    माही उसके पास आकर बोली, "ये क्या है, मैम, आपने इतना थोड़ा सा खाया? This is not fair. आपको जल्दी से ठीक होना है इसलिए आपको थोड़ा और खाना चाहिए, फिर आपको मेडिसिन भी लेनी है।"

    सुरभि अपनी आँखें बंद किए हुए, बेड के हेड से सिर का सहारा लेकर बोली, "नो माही, मेरा मन नहीं है। बस अभी सिर्फ़ इतनी ही भूख थी मुझे। फिर से भूख लगेगी तो मैं खा लूँगी कुछ।"

    सुरभि की इस बात पर माही बस मुस्कुरा देती है और उसके सिर के पीछे तकिया लगाते हुए बोली, "मैम, आप आराम से तकिये का सहारा लेकर बैठ जाइए। अभी अपनी बॉडी पर ज़्यादा प्रेशर मत डालिए। अभी आपके ज़ख़्म पूरी तरह भरे नहीं हैं।"

    फिर माही समायरा के लिए खाने के बाद वाली मेडिसिन्स लेकर आती है और उसे खिला देती है।

    दवाइयाँ खिलाकर माही समायरा को लेटा देती है। दवाइयों के असर से समायरा को अब हल्की-हल्की नींद आने लगी थी। उसके पास बैठे हुए माही लगातार उसका सिर सहला रही थी जिस वजह से वह जल्दी ही सो गई।

    रात भी काफी हो चुकी थी। जब माही घड़ी देखती है तो उसमें 9 बज चुके थे। इसलिए समायरा के सो जाने के बाद माही भी अपने घर चली गई।

    समायरा के सो जाने के बाद, माही जब अपने घर वापस गई तो उसने दरवाज़ा बाहर से लॉक कर दिया। लेकिन बिना चाबी के दरवाज़ा सिर्फ़ अंदर से ही खुल सकता था।

    रात के लगभग 2:00 बजे, अचानक से समायरा की नींद खुल गई क्योंकि उसे प्यास लगी थी। वह अपने बेड पर उठकर बैठ गई और बेड के साइड में रखे हुए जग से पानी निकालकर पीने लगी। इस वक़्त उसे याद नहीं था कि वह सुरभि नहीं, समायरा है और यह घर उसका पहले वाला घर नहीं है। इसलिए, पानी पीकर जब उसने ग्लास टेबल पर रखा, तब उसका ध्यान अपने रूम पर गया और वह थोड़ी हड़बड़ा गई। कुछ सेकेंड बाद उसे पिछला सब कुछ याद आया और याद आया कि वह किसी और की बॉडी में है।

    अब समायरा को काफी उलझन हो रही थी। उसे जानना था कि यह सब क्या हो रहा है? उसके साथ क्या हुआ है? वह मर भी गई और किसी और की बॉडी में आ भी गई, तो यह कैसे पॉसिबल है? यह एक तरह से उसका दूसरा जन्म था और उसे मिला था दूसरा मौका अपना मकसद पूरा करने का, इसीलिए फिलहाल उसने इस लाइफ को चुपचाप अपना लिया था।

    इन्हीं सब ख्यालों के साथ वह उठकर कमरे की लाइट्स ऑन करती है और समायरा के वॉर्डरोब के पास जाकर सब चेक करने लगती है। उसे इस वक़्त कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे और क्या न करे और अभी की कंडीशन से कैसे डील करना चाहिए।

    सुरभि ने समायरा की पूरी वार्डरोब चेक की, फिर वह पूरा रूम चेक करने लगी। फिर भी उसे कुछ समझ नहीं आया। फ्रस्ट्रेट होकर वह बेड पर बैठ गई और अपने हाथों से बाल खींचकर फ्रस्ट्रेशन में बोली, "आह्ह्ह, what's going on with me!"

    वह अपना सामान इधर-उधर ढूंढने लगी। "अरे, फोन कहाँ है मेरा?" कहते हुए बिस्तर और कॉफी टेबल पर फोन ढूंढ रही थी। तभी उसे याद आया कि वह किसी और की बॉडी में है, तो उसे उसका फोन कैसे मिल सकता है? यह याद आते ही उसने एक बार फिर अपना सिर पीट लिया।

    सुरभि थककर फिर से बेड पर लेट गई। आँखें बंद करते ही उसे फिर से नींद आ गई।

    अगली सुबह,

    लगातार डोर बेल बजने से समायरा की आँखें खुल गईं। वह इरिटेट होकर बिस्तर पर उठकर बैठ गई और झल्लाते हुए बोली, "अब यह कौन है सुबह-सुबह टपक पड़ा? चैन से सोने भी नहीं मिल रहा है यहाँ पर।" बोलते हुए उसने ब्लैंकेट खुद पर से हटाया और स्लिपर्स पहनते हुए रूम से बाहर आ गई।

    डोर बेल अभी भी लगातार बज रही थी। यह देखकर वह चिढ़ते हुए बोली, "रुक, तुझे तो अभी मैं बताती हूँ। अगर यह माही हुई ना, तो पक्का मैं छोडूँगी नहीं इसे। ऐसी सुबह-सुबह आ गई और वैसे भी इसके पास तो चाबियाँ थीं कल रात को, तो फिर आज भी उसी चाबी से गेट नहीं खोल सकती थी क्या?"

    यह सब बड़बड़ाते हुए गुस्से में उसने दरवाज़ा खोला और सामने दरवाज़े पर एक 6 फुट हाइट वाले गुड लुकिंग लड़के को देखकर वह शॉक हो गई।

    वह हैरानी से उसे देख रही थी कि तभी उस आदमी ने अपना हाथ समायरा के आगे बढ़ाते हुए कहा, "अरे सैम बेबी कहाँ खो गई तुम? पहली बार मुझसे मिल रही हो क्या जो ऐसे देख रही हो? मुझे पहचाना नहीं? मैं तुम्हारा बॉयफ्रेंड हूँ, लक्ष्य।"

    उसके ऐसा करने से सुरभि भी होश में आई और उसे याद आया कि वह इस वक़्त समायरा है। इसलिए वह एकदम से हड़बड़ाकर बोली, "न.. न.. नहीं। ऐसा कुछ नहीं है। वो तो बस तुम्हें इतनी सुबह-सुबह यहाँ देखकर मैं थोड़ी हैरान हो गई थी। तुम आज इतनी सुबह-सुबह यहाँ पर क्यों आ गए?"

    समायरा इस तरह गेट पर खड़ी थी, तो लक्ष्य बोला, "What happened, sweetheart? क्या अब तो मुझे अंदर आने को भी नहीं कहोगी? मैं इसी तरह गेट पर खड़ा रहूँ? और वैसे भी मैं तो यहाँ पर ही रहता हूँ। जिस टाइम वापस आऊँगा तब ही तो घर वापस आऊँगा ना?"

    समायरा तीखी नज़रों से उसे देख रही थी और मन में कह रही थी, "मेरी नींद के दुश्मन! जी तो चाह रहा है कि दरवाज़े से लात मारकर ऐसा भगाऊँ कि वापस कभी तुम दिखाई न पड़ो अपनी इस कद्दू सी शक्ल के साथ।"

    पर बेचारी क्या करती, यह सब तो वह मुँह पर नहीं कह सकती थी। इसलिए उसने अपने दाँत दिखाते हुए और दरवाज़े से थोड़ा साइड हटते हुए कहा, "हा हा, क्यों नहीं, आओ ना," और साइड हटकर हॉल में पड़े सोफे पर जाकर बैठ गई। लेकिन इस बात का उसे काफी सदमा लगा जब लक्ष्य ने कहा कि वह तो यहाँ पर ही रहता है। यह सोचकर वह थोड़ी सी अनकम्फ़र्टेबल हो गई कि कैसे एक लड़के के साथ वह घर पर रहेगी क्योंकि वह तो समायरा का बॉयफ्रेंड था और सुरभि तो आज उसे पहली बार ही देख रही थी।


    To Be Continued

  • 6. Reborn As A Star - Chapter 6

    Words: 1733

    Estimated Reading Time: 11 min

    लक्ष्य समायरा के पास आकर घुटनों के बल जमीन पर बैठ गया और उसका एक हाथ अपने हाथों में लेकर बोला, "बेबी, क्या हुआ तुम्हें? तुम इतनी चोट कैसे लग गई? Are you fine? तुम्हें पता है, मुझे तुम्हारी कितनी फिक्र हो रही थी। अवॉर्ड फंक्शन वाली नाईट के बाद से मैंने तुम्हें देखा ही नहीं। तुम ठीक तो हो ना?"

    इतना कहते हुए उसने बहुत ही प्यार से उसके गालों को टच करना शुरू कर दिया और हाथों को भी सहलाने लगा।

    समायरा की बॉडी में सुरभि इन सब से काफी अनकंफरटेबल हो रही थी। इसलिए उसने अपना हाथ छुड़ाते हुए मन में बोला, "बोल तो ऐसे रहा है जैसे इसे अभी पता चला है। माही ने पहले ही सब कुछ बता रखा था। और नहीं तो कुछ इनफॉर्म तो किया ही होगा। लेकिन अब इसे वक्त मिला है। जैसे इसे मेरी कितनी फिक्र हो। वैसे भी ये समायरा का बॉयफ्रेंड है, मैं इसे अपने करीब नहीं आने दे सकती।"

    सोचते हुए वह एकदम से अपनी जगह से उठकर खड़ी हुई और बोली, "Ohh Please stay away from me and don't touch me!"

    समायरा के ऐसा बोलने पर लक्ष्य का मुँह बन गया। वह सब में से उसकी तरफ देखने लगा। जैसे ही उसकी नजर लक्ष्य की शक्ल पर पड़ी, तो उसे समझ आया कि उसने कुछ ज्यादा ही ओवर रिएक्ट कर दिया है।

    इस वजह से वह बात को संभालते हुए आगे बोली, "वो एक्चुअली, मेरी तबीयत ठीक नहीं है ना, और एक्सीडेंट के बाद से मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है। इसलिए तुम मुझे चिपको मत, क्योंकि मुझे किसी का करीब आना भी पसंद नहीं आ रहा है। मुझे घुटन सी हो रही है।"

    समायरा की ये बातें सुनकर लक्ष्य थोड़ा पीछे हट गया और कहा, "ओके, ओके, Calm down baby। तुमने मुझे ये सब पहले क्यों नहीं बताया?"

    उसकी ये बातें सुनकर समायरा की आँखें छोटी हो गईं। वह घूरते हुए लक्ष्य की तरफ देखकर बोली, "पहले तो तुम मुझे ये बताओ कि अब तक तुम कहाँ थे? तुम्हें अब होश आया है मेरा? कैसे बॉयफ्रेंड हो तुम? तुम्हें जरा भी मेरा ख्याल नहीं है। और बोल रहे हो पहले बताती, पहले किसको बताती? इन दीवारों को? क्योंकि तुम तो पता नहीं कहाँ गायब थे?"

    समायरा की इस बात पर लक्ष्य झूठा कंसर्न दिखाते हुए बोला, "ओ बेबी, आई एम रियली वेरी सॉरी। ऐसे टाइम में मैं तुम्हारे साथ नहीं था। लेकिन मैं तुमसे बात कर तो गया था अवॉर्ड फंक्शन वाले दिन ही। मुझे उस रात आउट ऑफ सिटी जाना था, एक जरूरी काम से। मैं बस अभी वापस आया और वापस आते ही मैं सीधे यहाँ पर आ गया। और बस अभी मुझे तुम्हारे एक्सीडेंट के बारे में पता चला। वैसे तुम ठीक तो हो ना?"

    ये सब बोलते हुए वह एक बार फिर उसके करीब आने की कोशिश करने लगा।

    लेकिन समायरा पूरी तरह इरिटेट हो चुकी थी। उसने लक्ष्य को जोर से धक्का दिया और बोली, "बस करो अपने झूठे बहाने! माही ने तुम्हें इनफॉर्म किया था। उसने मुझे बताया है। लेकिन फिर भी तुम झूठ बोल रहे हो कि तुम्हें पता नहीं था। इसलिए अपनी ये घटिया शक्ल लेकर मेरे सामने से दफ़ा हो जाओ। बात भी मत करना मुझे तुम।"

    इतना बोलकर वह अपने रूम में चली गई और उसने जोर से पटककर दरवाज़ा बंद कर दिया।

    समायरा के ऐसे रिएक्शन पर लक्ष्य हक्का-बक्का होकर उसे देखता ही रह गया और खुद से बोला, "आखिर इस लड़की को क्या हो गया है? इसके सिर में कुछ ज्यादा ही चोट आ गई है क्या? कैसा बिहेव कर रही है ये! इससे पहले तो उसने कभी ऐसा बिहेव नहीं किया। हाँ, करीब नहीं आने देती थी, लेकिन फिर भी इतना दूर भी नहीं थी, धक्के नहीं मारती थी। आसानी से मेरी बातों में आ जाती थी। लेकिन आज तो जैसे कुछ अलग ही नज़र आ रहा है इसकी आँखों में..."

    इतना बोलते हुए वह कुछ सोचने लगा, लेकिन उसे ज़्यादा कुछ समझ नहीं आया। तो फिर उसने खुद से ही अपना सिर झटक कर कहा, "Who cares? एक्सीडेंट की वजह से ही होगा। और इसे तो मैं संभाल ही लूँगा बाद में।"

    और इतना बोलते हुए वह उसी अपार्टमेंट के दूसरे रूम में चला गया।

    असल में, वे दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में नहीं रहते थे। समायरा ने सिर्फ उसकी हेल्प करने के लिए ही उसे अपने घर का एक्स्ट्रा कमरा दिया हुआ था। क्योंकि लक्ष्य जहाँ पर रहता था, वहाँ का रेंट नहीं दे पाया था। इसलिए मकान मालिक ने उसे घर से निकाल दिया था। और कॉल पर रोते हुए लक्ष्य ने समायरा से रिक्वेस्ट की थी। तो कुछ दिनों के लिए समायरा ने उसे अपने अपार्टमेंट में रहने की परमिशन दे दी थी, लेकिन अलग रूम में। और उन दोनों के बीच कोई भी फिजिकल रिलेशन नहीं था। यहाँ तक कि समायरा ने आज तक उसे ऐसा करने नहीं दिया था। वे बस पिछले 6 महीने से डेट कर रहे थे। डेट क्या, एक तरह से वह बस उसे बेवकूफ़ बनाकर उसके पैसों पर ऐश कर रहा था। और समायरा अकेले होने की वजह से बस किसी का साथ चाहती थी। इस वजह से वह बेवकूफ़ बन रही थी। लेकिन अब सुरभि समायरा नहीं है। वह लक्ष्य को इतनी आसानी से बेवकूफ़ नहीं बना पा रही।

    रूम में जाते ही उसने तुरंत किसी लड़की को कॉल लगा दिया।

    दूसरी ओर से कॉल पिक होते ही वह बोला, "Hello darling, what's up?"

    दूसरी ओर से एक लड़की की बेहद मीठी सी आवाज़ आई, "Nothing baby, how are you? और आज इस वक्त कैसे कॉल किया?"

    लक्ष्य सीरियस होते हुए बोला, "तुम्हें एक बहुत इम्पॉर्टेन्ट बात बतानी है।"

    वह लड़की बोली, "हाँ, बोलो क्या बात है? सब ठीक तो है ना?"

    लक्ष्य ने कहा, "बेबी, मैं उस समायरा से मिलने आया था। पार्टी वाली रात के बाद पता नहीं कहाँ लापता हो गई, दिखी ही नहीं। तो सोचा एक बार देख लूँ, कहाँ गायब है।"

    दूसरी ओर से, "Hmmm, फिर आगे?"

    लक्ष्य ने कहा, "डार्लिंग, अवॉर्ड फंक्शन वाली नाईट उसका एक्सीडेंट हो गया था। तो मैं उसका हाल-चाल पूछने थोड़ा करीब जाने लगा। मगर जैसे ही मैं उसके पास आया, उसके तेवर ही बदल गए। उसने मुझे धक्का दिया और गुस्से में कमरे में चली गई। मुझे तो लग रहा है, उसे सिर में कुछ ज़्यादा ही गहरी चोट आ गई है। पूरा दिमाग हिल गया है उसका। मुझे नखरे दिखा रही थी। इसे सबक सिखाना होगा। तुम क्या कहती हो, बेबी?"

    इतना बोलते हुए लक्ष्य ने एक सिगरेट जलाई और उसके लम्बे-लम्बे कश लेने लगा।

    दूसरी ओर से लड़की की थोड़ी गुस्से भरी आवाज़ आई, "तो तुम्हें उसके करीब जाने की ज़रूरत क्या थी? तुम दूर बैठकर उसका हाल-चाल नहीं पूछ सकते थे क्या? एक बात हमेशा याद रखना, लक्ष्य जोशी, मुझे चीट करने की कभी सोचना भी मत। वरना मैं समायरा नहीं हूँ, तुम्हें ऐसा सबक सिखाऊँगी कि तुम किसी लायक नहीं रह जाओगे।"

    उस लड़की की धमकी पर लक्ष्य सफ़ाई देते हुए बोला, "अरे डार्लिंग, तुम्हें तो सब पता है। मुझे उस समायरा में जरा सा भी इंटरेस्ट नहीं है। मैं तो बस उसके पैसों की वजह से ही उसके साथ हूँ। क्योंकि वह बेवकूफ़ों की तरह अपने पैसे मुझ पर खर्च कर देती है। और बिना रेंट के मुझे उसके घर में रहने को भी मिल रहा है, फ्री में। और उसे बेवकूफ़ बनाना भी बहुत आसान है।"

    लक्ष्य की बातें सुनकर दूसरी तरफ़ से वह लड़की बोली, "हाँ, तुम उसे ही बेवकूफ़ बना सकते हो, मुझे नहीं। और ही बात उस समायरा की, तो मुझे थोड़ा सोचने दो क्या करना है उसका। मैं कुछ देर बाद बात करूँगी।" कहते हुए बिना लक्ष्य का जवाब सुने उसने फ़ोन काट दिया।

    वहीं, लक्ष्य ने जब उसकी ऐसी बातें सुनीं तो गुस्से से बौखला गया और अपनी सिगरेट को वहीं फ़्लोर पर फेंकते हुए कहा, "देख रहा हूँ, इन लड़कियों के आजकल कुछ ज़्यादा ही तेवर बढ़ रहे हैं। सबको लाइन पर लाना पड़ेगा। लेकिन सबसे पहले इस समायरा से निपट लूँ, फिर उसे भी बताता हूँ कि लक्ष्य जोशी क्या चीज़ है।"

    इसी तरह वह दिन बीत गया। और लक्ष्य का समायरा से ज़्यादा इंटरेक्शन नहीं हुआ। क्योंकि समायरा एक तरह से उसे इग्नोर कर रही थी। क्योंकि उसे उसके बारे में कुछ भी इनफ़ॉर्मेशन अब तक नहीं मिली थी। अब तक रात हो गई थी। मगर समायरा अब तक अपने रूम से बाहर नहीं निकली थी। वहीं, लक्ष्य भी उसे पूछने नहीं गया था। समायरा को उससे कोई उम्मीद भी नहीं थी, इसलिए उसने इस बारे में ध्यान नहीं दिया।

    अगली सुबह,

    लक्ष्य सोकर उठा और अपने कमरे से बाहर निकला। उसने देखा कि अब तक नाश्ता भी रेडी नहीं था और ना ही समायरा ने कुछ ऑर्डर किया था। ज्यादातर वह दोनों के लिए कुछ ना कुछ नाश्ता बना लेती थी। और अगर उसका मन नहीं होता था तो वह ऑर्डर कर देती थी। और लक्ष्य बस आता था और नाश्ता करके निकल जाता था। लेकिन आज नाश्ते में कुछ भी नहीं था। तो लक्ष्य को काफी ज़्यादा इरिटेशन हुई।

    उसने पूरा किचन और पूरी फ्रिज, सब कुछ चेक किया। लेकिन पूरा किचन और चूल्हा तो इस तरह से ठंडा पड़ा था जैसे कि काफी दिनों से वहाँ पर कुछ भी नहीं बना हो। फ्रिज में भी आधे से ज़्यादा सामान ख़त्म या फिर खराब हो गया था।

    समायरा के बारे में सोचते हुए लक्ष्य काफी गुस्से से बोला, "लगता है कुछ ज़्यादा ही बीमार है। खाना-पीना भी नहीं खा रही है क्या? सिर्फ़ दवाइयों पर ही ज़िंदा है? कुछ भी नहीं बनाया इसने तो अब क्या खाऊँगा मैं?"

    कुछ फ्रूट, दूध और जूस के डिब्बे रखे हुए थे। तो लक्ष्य ने अपने लिए एक एप्पल निकाला और धोकर वह खुद एप्पल खाने लगा। और फिर उसने एक ऑरेंज जूस का डिब्बा निकाला और उसमें से एक ग्लास में पलटकर खुद ही अपना जूस पी लिया।

    समायरा ने क्या खाया, क्या नहीं? इस बारे में उसने ध्यान देना भी ज़रूरी नहीं समझा। और खा-पीकर वह वहाँ किचन से बाहर निकलने लगा। लेकिन फिर उसे कुछ याद आया और वह वापस मुड़कर समायरा के कमरे की तरफ़ ही चला गया।

    To Be Continued

  • 7. Reborn As A Star - Chapter 7

    Words: 1570

    Estimated Reading Time: 10 min

    लक्ष्य समायरा के कमरे के सामने पहुँचा और उसने दरवाज़े पर धीरे से हाथ रखा। उसे समझ में आया कि दरवाज़ा अंदर से बंद था। उसे इस बात पर काफी गुस्सा आया। इस तरह से घर में ही अपने कमरे का दरवाज़ा अंदर से लॉक करके बैठी हुई थी!

    लक्ष्य ने गुस्से में दांत पीसते हुए कहा, "अब पता नहीं क्या हो गया इसे, जो ऐसे दरवाज़ा अंदर से लॉक करके बैठी है। पता नहीं कौन सा खजाना छुपा रखा है अपने कमरे में! इतना डर किस बात का है?"

    लक्ष्य को समायरा पर गुस्सा तो बहुत आ रहा था, लेकिन फिर जैसे-जैसे उसने अपना गुस्सा कण्ट्रोल किया, उसके तेवर बदल गए। चेहरे पर जबरदस्ती की मुस्कराहट के साथ उसने दरवाज़ा खटखटाते हुए आवाज़ लगाई, "समायरा! दरवाज़ा खोलो। उठ जाओ, देखो सुबह हो गई है। तुम तो इतनी देर तक नहीं सोई थीं। क्या हो गया है तुम्हें, बेबी!"

    इतना बोलते हुए वह दरवाज़े पर धीरे से नॉक कर रहा था, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं आया। फिर लक्ष्य थोड़ा तेज़-तेज़ दरवाज़ा खटखटाने लगा।

    कमरे के अंदर सुरभि जाग रही थी, लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह लक्ष्य की बातों का क्या जवाब दे। उसे कैसे भी लक्ष्य के सामने नहीं जाना था क्योंकि वह समायरा का बॉयफ्रेंड था और सुरभि उसके टच से बहुत ही ज़्यादा अनकम्फ़रटेबल हो रही थी। इसके अलावा, उसे यह भी नहीं पता था कि समायरा और लक्ष्य का रिलेशनशिप कैसा था, इसलिए वह फिलहाल उसे अवॉइड करना ही ठीक समझ रही थी।

    कमरे के अंदर मौजूद समायरा ने खुद से बातें करते हुए कहा, "क्या करूँ मैं? अभी बाहर जाऊँगी तो फिर चिपकने लगेगा। और अगर मैं इसे ठीक से दूर करूँगी तो कहीं इसको शक ना हो जाए। मैं किसी को भी इस बारे में पता नहीं चलने दे सकती कि मैं समायरा नहीं, सुरभि हूँ और सिर्फ़ यह बॉडी समायरा की है।"

    इतना बोलते हुए उसने अपने हाथों को अलट-पलट कर देखा और उसने थोड़ी तेज़ आवाज़ में लक्ष्य की बात का जवाब देते हुए कमरे के अंदर से ही चिल्लाया, "मुझे सोने दो। मेडिसिन की वजह से मुझे बहुत नींद आ रही है। मैं अभी नहीं उठने वाली, तुम जाओ जहाँ भी तुम्हें जाना है।"

    समायरा कभी भी उसे इस तरह से जवाब नहीं देती थी और उससे नज़रें तो बिल्कुल भी नहीं चुराती थी। इसलिए लक्ष्य को काफी हैरानी हुई उसके बाहर न आने पर।

    उसने समायरा की फ़िक्र करने का नाटक करते हुए कहा, "अरे, लेकिन ऐसी कोई प्रॉब्लम है तो चलो मैं तुम्हारे साथ डॉक्टर के पास चलता हूँ। ऐसे कब तक सोती रहोगी? हेल्थ का भी तो ध्यान रखना है और तुम्हारा काम..."

    समायरा थोड़ा फ़्रस्ट्रेटेड होकर बोली, "मेरा काम है ना, मैं देख लूँगी। तुम जहाँ भी तुम्हें जाना है, मुझे परेशान मत करो बस..."

    लक्ष्य को भी उसमें इतना ज़्यादा इंटरेस्ट नहीं था। वह तो बस अच्छा बनने का दिखावा ही कर रहा था। इसलिए इतनी बात बोलते ही वह "ओके" बोलकर तुरंत ही वहाँ से चला गया। फिर कुछ देर तक कोई भी आवाज़ नहीं आई।

    लगभग 5 मिनट के बाद, समायरा को गेट खुलने और बंद होने की आवाज़ आई। तो वह समझ गई कि ज़रूर लक्ष्य घर से बाहर चला गया होगा, क्योंकि उसके और लक्ष्य के अलावा तो और कोई वहाँ पर था भी नहीं।

    लक्ष्य चला गया, यह बात समझ में आते ही उसने थोड़ी राहत की साँस ली और कमरा खोलकर बाहर आई। उसे भी थोड़ी भूख लग रही थी, इसलिए वह इधर-उधर देखने लगी। सुरभि को कुछ भी खाना बनाना नहीं आता था; बस थोड़ी-बहुत सर्वाइवल कुकिंग आती थी। इसलिए उसने जूस पी लिया और इधर-उधर टहलते हुए पूरा घर देखने लगी। फिर वह लक्ष्य के कमरे के सामने आकर रुक गई।

    उसने रूम के दरवाज़े पर हाथ रखा और दरवाज़ा खोलते हुए उसके कमरे के अंदर ही जाने लगी। क्योंकि उसे पता करना था आखिर समायरा और लक्ष्य का रिलेशनशिप कैसा है। क्योंकि वह सीधे ही लक्ष्य या माही से नहीं पूछ सकती थी; इससे उनका उस पर शक हो जाता। इसलिए उसे खुद ही पता करना था और इस वक़्त उसका एजेंट वाला मोड ऑन हो चुका था।

    अगले दिन सुबह, सुरभि का कमरा।

    वह बस अभी सोकर ही उठी थी। आज उसे काफी फ़्रेश फील हो रहा था, क्योंकि पिछली रात लक्ष्य घर वापस ही नहीं आया था। इसलिए वह बिना किसी टेंशन के सोई। और कल लक्ष्य के कमरे में उसे ऐसा कुछ भी नहीं मिला क्योंकि उसकी अलमारी लॉक थी।

    उसे पिछले कुछ दिनों से अच्छा फील हो रहा था, फ़िज़िकल और मेंटली भी! इसलिए वह अपने बेड से उठी और सबसे पहले वाशरूम चली गई। मॉर्निंग रूटीन कम्पलीट करने के बाद वह शावर लेकर बाथरोब में, टॉवल से बाल सुखाते हुए बाहर आई।

    अभी वह बहुत ही खूबसूरत ड्रेसिंग टेबल पर लगे हुए मिरर के सामने खड़ी होकर अपने बाल सुखा ही रही थी कि तभी कमरे में रखे हुए लैंडलाइन पर किसी का कॉल आया। जब से वह यहाँ पर आई थी, आज पहली बार ही वह फ़ोन रिंग हुआ। समायरा को लग रहा था कि वह फ़ोन शायद खराब होगा। उसे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि आज के ज़माने में किसी के घर में लैंडलाइन फ़ोन भी होगा, वह भी चलता हुआ।

    इसलिए फ़ोन रिंग होते ही वह जल्दी से टॉवल को बेड पर फेंककर तुरंत ही कॉल पिक करने चली गई। और उसके कॉल रिसीव करते ही दूसरे ओर से आवाज़ आई, "Good morning समायरा मैम! मैं माही बोल रही हूँ! अब कैसी हैं आप? सॉरी, मैं दो दिनों से आपको कांटेक्ट नहीं कर पाई, लेकिन मैं आपके ही शेड्यूल को फ़िक्स करने में काफी ज़्यादा बिज़ी हो गई थी। सबको बताना पड़ा आपके एक्सीडेंट के बारे में और यह बात न्यूज़ में भी आ गई थी, तो वह सब हैंडल कर रही थी मैं!"

    माही ने अपनी तरफ़ से सफ़ाई देते हुए और माफ़ी मांगते हुए उसे पूरी बात एक्सप्लेन की। उसकी बात का जवाब देते हुए समायरा काफी शांत लहजे में बोली, "आई एम गुड माही! और कोई बात नहीं, मैं समझती हूँ। काफी काम पड़ता होगा तुम्हें। लेकिन अभी तुम यह बताओ कि क्यों कॉल किया तुमने?"

    माही सीरियस टोन में बोली, "मैम! अगर अब आप अच्छा फील कर रही हो तो मैं आपको स्क्रिप्ट भेज दूँ क्या? क्योंकि ऑलरेडी कई दिन का गैप हो चुका है आपका। सो अब आपको अपना काम स्टार्ट कर देना चाहिए। दूसरी बात, इस बार की स्क्रिप्ट काफी अच्छी है, जिस पर वर्क करके आपका नाम और भी बड़ा हो जाएगा इस इंडस्ट्री में। अगर यह प्रोजेक्ट सक्सेसफुल हो गया तो..."

    माही की बातें सुनकर सुरभि को तो पसीने छूट गए और उसे बहुत घबराहट होने लगी थी यह सुनकर, क्योंकि वह तो एक्टिंग का A भी नहीं जानती थी और यहाँ वह पूरी मूवी कैसे शूट करेगी।

    फिर वह खुद से बोली, "लेकिन यह सब तो समायरा का काम है ना। अगर मैं यह काम नहीं करूँगी तो फिर क्या करूँगी और कौन करेगा? क्योंकि अब मैं ही समायरा हूँ। और वैसे भी, समायरा की बॉडी में हूँ तो उसका काम और लाइफस्टाइल भी अपनाना पड़ेगा, तभी सुरभि इस बॉडी में छिपकर ज़्यादा टाइम तक रह सकती है।"

    सुरभि सब सोच ही रही थी कि दूसरी ओर से माही की एक बार फिर आवाज़ आई, "हेलो मैम, क्या आप मुझे सुन रही हैं? और क्या डिसीज़न है आपका, वह मुझे बता दीजिये क्योंकि सुबह से ही डायरेक्टर्स की कॉल आ रहे हैं, तो मैं उनका रिप्लाई कर सकूँ। कहीं आप मना तो नहीं करने वाली हैं ना?"

    माही की बात सुनकर समायरा जल्दी से बोली, "नहीं-नहीं माही! आई एम ऑल गुड नाउ। और तुम्हें भी पता है अच्छे प्रोजेक्ट को मैं कभी भी मना नहीं करती। इसलिए तुम मुझे वह स्क्रिप्ट्स सेंड कर देना, लेकिन लैपटॉप पर, क्योंकि फिलहाल अभी वही है मेरे पास। मेरा मोबाइल फ़ोन तो एक्सीडेंट में ही खो गया था या फिर शायद टूट गया होगा, मुझे पता नहीं और ना ही अच्छे से याद है। इसलिए मुझे नया फ़ोन भी लेना है। क्या तुम मेरे लिए ला सकती हो?"

    To Be Continued

  • 8. Reborn As A Star - Chapter 8

    Words: 1555

    Estimated Reading Time: 10 min

    समायरा की हाँ सुनकर माही उत्साह से बोली, "ओके मैम! मैं आपके लैपटॉप वाली ईमेल आईडी पर सेंड करती हूँ। और मोबाइल फोन? हां, उसके बारे में तो मैं भूल ही गई थी! कब से आपके पास फोन नहीं है, इसीलिए तो मुझे लैंडलाइन पर फोन करना पड़ा। लेकिन मैं आईफोन ले आऊँगी आपके लिए। बता दीजिए, आपको कौन सा चाहिए? लेटेस्ट मॉडल या फिर कोई और?"

    "आईफोन की क्या ज़रूरत है? कोई भी नॉर्मल रेंज का फोन ले आना, बस काम ही तो चलाना है, कौन सा शो ऑफ करना है?" सुरभि ने तुरंत ही मना करते हुए कहा।

    उसके मना करने पर माही थोड़ी हैरान रह गई और बोली, "बट मैम, सारे सेलिब्रिटीज के पास तो आईफोन होता है। और वैसे भी, इसमें शो ऑफ करने वाली कौन सी बात है? आपको भी तो आईफोन पसंद है।"

    माही के समझाने पर सुरभि ने ज़्यादा बहस नहीं की और उसकी बात मान गई। "अच्छा, ठीक है, फिर वही ले आना। पैसे तो हैं ना तुम्हारे पास? क्योंकि मुझे..."

    "अरे मैम, पैसे की क्या बात है? वह तो मुझे मिल ही जाएँगे। अभी पहले आपका मोबाइल फोन लेना ज़्यादा इम्पॉर्टेंट है। मैं ये स्क्रिप्ट भेज देती हूँ, और मोबाइल फोन भी शाम तक डिलीवर हो जाएगा।" माही ने कहा, इससे पहले कि समायरा कुछ और बोल पाती।

    इतना बोलकर माही ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया। समायरा ने थोड़ी राहत की साँस ली। उसने अब यह तय कर लिया था कि वह अब खुद को पूरी तरह से समायरा में बदल लेगी, जिससे किसी को भी शक ना हो कि वह सुरभि है और उसे अपनी लाइफ का सब कुछ याद है। वह अब समायरा की लाइफ जीने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी थी।

    माही से बात करके फोन डिस्कनेक्ट करने के बाद समायरा अपना लैपटॉप उठाकर बैठी और उसमें एक्टिंग से जुड़े वीडियो सर्च करके देखने लगी। वह काफी ध्यान से सब देख रही थी। उसने एक्टिंग को लेकर काफी रिसर्च कर डाली, क्योंकि उसके पास करने के लिए वैसे भी कोई काम नहीं था।

    उसने समायरा के ऑनलाइन बैंक अकाउंट को देखा। उसमें ज्यादातर फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल था, तो वह आसानी से खुल गया। लेकिन जहाँ पर भी पिन लगा हुआ था, वहाँ पर सुरभि को थोड़ी दिक्कत हुई। लेकिन वह एक well trained secret agent थी, जिसे यह सब कुछ सिखाया जाता था। ज़्यादा देर नहीं लगी, 5 मिनट में ही उसने पिन कोड हैक कर लिया और उसे आसानी से समायरा के अकाउंट का एक्सेस मिल गया। जिसे वह आसानी से इस्तेमाल कर सकती थी और किसी को भी शक नहीं होता, क्योंकि अभी वह समायरा की ही बॉडी में थी।

    अगले दिन सुबह, लक्ष्य घर पर नहीं था। और वह होता या नहीं, इस बात से समायरा को कोई ज़्यादा फर्क नहीं पड़ता था।

    समायरा ने अपने लिए नाश्ता मँगवा लिया था। नाश्ता करने के बाद वह घर में ही काफी कुछ ढूँढ रही थी। उसे अब तक समायरा से जुड़ी हुई काफी सारी चीज़ें तो इंटरनेट से ही पता चल गई थीं, लेकिन बाकी वह घर में ढूँढ रही थी। उसे फ़ोटोज़ और कुछ अवार्ड मिले, जो कि ज्यादातर उसके करियर से जुड़े थे। पर्सनल और फैमिली का उसे कुछ ज़्यादा पता नहीं चल पाया।

    यह सब पता करने के बाद समायरा अपने आप से बोली, "इस एक्ट्रेस की लाइफ तो शायद मुझे भी ज़्यादा सीक्रेट लग रही है। कुछ भी पता नहीं चल रहा है। अगर मुझसे किसी ने कुछ पूछ लिया, तो फिर मैं क्या कहूँगी?"

    माही ने जैसा कि उसे फोन पर कहा था, पिछली शाम को ही उसका आईफोन भी डिलीवर हो गया था, जिसे उसने ऑन भी कर लिया था और अभी इस्तेमाल कर रही थी। वह यह सब कुछ सोच ही रही थी कि तभी उसका मोबाइल फोन रिंग हुआ।

    मोबाइल फोन रिंग होने पर समायरा एकदम चौंक गई और अपने आप से बोली, "यह इस पर किसका फोन आने लगा? मुझे तो नहीं पता, शायद अभी इस फोन का नंबर किसी के पास भी नहीं होगा।"

    यह सोचते हुए उसने फोन उठाकर देखा, तो उस पर एक नंबर नज़र आ रहा था। समायरा ने जैसे ही फोन कॉल रिसीव करके मोबाइल फोन अपने कान से लगाया, तो दूसरी तरफ से एक जानी-पहचानी आवाज़ उसे सुनाई दी।

    "हेलो मैडम, मैं माही बोल रही हूँ। मेरा नंबर आप सेव कर लेना।"

    माही की आवाज़ सुनते ही समायरा ने पूछा, "हाँ, वह तो मैं कर ही लूँगी, लेकिन यह नया नंबर तुम्हारे पास कैसे गया? यह तो अभी कुछ घंटे पहले ही चालू हुआ है।"

    "अरे मैम! आपने शायद ध्यान नहीं दिया, लेकिन मैंने आपके पुराने नंबर से ही दूसरी सिम निकलवा दी थी, इसीलिए यह नंबर मेरे पास है।" माही ने उसकी बात का जवाब दिया।

    "अच्छा, अच्छा, ठीक है, मैं समझ गई। लेकिन यह बताओ, तुमने अभी फोन क्यों किया?" समायरा ने कहा।

    "अरे हाँ मैम! वह मैंने आपको स्क्रिप्ट भेजी थी, वो तो अब तक आपने पढ़ ली होगी ना? तो अभी आप जल्दी से स्टूडियो आ जाइए। ड्राइवर को फोन करके बोल दिया है मैंने।" माही ने जवाब दिया।

    इतना कहते हुए वह कॉल कट कर देती है और समायरा भी जल्दी से रेडी होने चली जाती है।

    लगभग आधे घंटे बाद, समायरा के फ़्लैट के नीचे एक महंगी, चमचमाती कार खड़ी थी। उसमें बैठकर वह फ़िल्म स्टूडियो के लिए निकल गई।

    वहीं दूसरी ओर, R.S. प्रोडक्शन हाउस के फ़िल्म स्टूडियो पर काफी भीड़ लगी हुई थी। और उस भीड़ में लगातार एक ही नाम गूँज रहा था: "शौर्य! शौर्य! शौर्य! सुपरस्टार शौर्य... आ चुके हैं? वह कहाँ हैं? हमें दिख क्यों नहीं रहे हैं? प्लीज़ उन्हें जल्दी बुलाइए!"

    भीड़ में फैन्स के चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी, जो सुपरस्टार शौर्य आहूजा के फैन्स थे।

    वहीं कुछ रिपोर्टर्स भी उस भीड़ का हिस्सा थे, जो अपने कैमरे में देखते हुए कह रहे थे, "देखिए दर्शकों! अभी तक हमारे लीजेंडरी सुपरस्टार शौर्य आहूजा आए भी नहीं हैं, और यहाँ फैन्स में उनका पागलपन रोज़ की तरह अपने पीक पर है। इन्हें आज ना धूप की परवाह है और ना ही भीड़ की, इनमें तो बस अपने सुपरस्टार से मिलने की और उनकी एक झलक पाने की दीवानगी है।"

    अभी वह रिपोर्टर अपनी बात कह ही रहा था कि तभी...

    एक लेटेस्ट वर्ज़न बीएमडब्ल्यू कार की ज़ोर से ब्रेक लगने की आवाज़ आई। जिससे एक ही पल में सभी का ध्यान उस महंगी गाड़ी पर चला गया। और भीड़ में अचानक ही शांति छा गई थी।

    इसी के साथ पैसेंजर सीट का दरवाज़ा खुला और एक वेल-ड्रेस्ड और वेल-मैनर्ड आदमी बाहर निकला। वह सीधे जाकर कार के राइट साइड का गेट ओपन किया। और गेट खुलते ही कार में से सबसे पहले एक महंगा, चमचमाता शूज़ बाहर निकला, जिस पर सूरज की किरणें पड़ने से वह और भी ज़्यादा चमक रहा था। और तभी एक आदमी बाहर आया...

    जिसकी हाइट 6 फुट 2 इंच थी, गठीला बदन, अट्रैक्टिव फेशियल फ़ीचर्स और आँखों पर ब्लैक रंग के महंगे शेड्स चढ़े हुए थे। उसकी पर्सनैलिटी इतनी ज़ोरदार थी कि वहाँ मौजूद हर इंसान बस उसमें ही खो गया था। अब तक जो भीड़ बेकाबू होकर सिर्फ़ एक सुपरस्टार का नाम चिल्ला रही थी, उनकी आवाज़ और तेज हो गई थी।

    सुपरस्टार की एक झलक पाने के लिए वे सब एक-दूसरे को धक्का देकर आगे निकल जाना चाहते थे। और वह पूरी भीड़ बस उसी आदमी को देखे जा रही थी। और वह आदमी था भी कुछ ऐसा ही। उसकी पर्सनैलिटी में कुछ ऐसा चार्म था कि उसके जादू से कोई बच नहीं सकता था।

    ब्लैक थ्री-पीस सूट पहने हुए, पैंट में अपने हाथ डाले हुए, वह भीड़ में से चलकर जाने लगा। बिना कहे लोग खुद-ब-खुद उसके लिए रास्ता बनाने लगे और साइड हट गए। इसी के साथ रिपोर्टर्स तुरंत एक्टिव हो गए और एक के बाद एक, अलग-अलग एंगल से पिक्चर्स लेने लगे। वे इस हैंडसम मैन की कोई भी ऐसी तस्वीर नहीं छोड़ना चाहते थे, जो उनकी नज़रों से बच जाए।

    प्रोडक्शन हाउस के बाहर पहुँचकर वह सीधा खड़ा होकर भीड़ की ओर देखा और बोला, "शौर्य आहूजा का इतना इंतज़ार करने और इतना प्यार देने के लिए आप सबका बहुत-बहुत शुक्रिया!"

    इतना कहकर वह एक कातिलाना मुस्कान अपने चेहरे पर बिखेर देता है, जिसे देख भीड़ में खड़ी लड़कियों की तो साँसें ही अटक चुकी थीं।

    To Be Continued

  • 9. Reborn As A Star - Chapter 9

    Words: 1583

    Estimated Reading Time: 10 min

    फिर वह आदमी प्रोडक्शन हाउस के अंदर चला गया। भीड़ भी धीरे-धीरे खुद ही कम होने लगी। एक और महंगी गाड़ी आकर रुकी, जिसमें से समायरा बाहर निकली। उसके वहाँ आते ही माही दौड़कर उसके पास आ गई और उसे प्रोडक्शन हाउस के अंदर ले जाने लगी।

    समायरा काफी ज्यादा नर्वस और घबराई हुई लग रही थी। वह काफी हैरानी से इधर-उधर देख रही थी क्योंकि आज वह पहली बार वहाँ आई थी। उसके लिए वहाँ की सारी चीजें एकदम नई थीं, लेकिन वह कुछ पूछ नहीं पा रही थी।

    वहीं दूसरी तरफ, स्टूडियो के वीआईपी रूम में शौर्य अपनी चेयर पर बैठा हुआ स्क्रिप्ट पढ़ रहा था। वह थोड़े सीरियस एक्सप्रेशन के साथ बोला, "डायरेक्टर! लीड एक्ट्रेस कहाँ है? मुझे आए पूरे 10 मिनट हो चुके हैं और वह अब तक नहीं आई है। क्या वह ऐसे ही काम करने वाली है आगे भी? देखिए, मैं आपको पहले ही कह दे रहा हूँ। मुझे केयरलेस और ऐसे लोगों के साथ काम करना बिल्कुल पसंद नहीं है। टाइम पर पंक्चुअल ना हों और जिन्हें वक्त की अहमियत ना हो!"

    "सो मिस्टर शौर्य आहूजा! आपसे किसी ने हाथ-पैर नहीं जोड़े थे क्या कि आप इस प्रोजेक्ट को मुझे ही ऑफर करें? अगर आपके साथ काम करना है तो करिए, वरना कोई ज़रूरत नहीं है। एंड सेकंड थिंग, वक्त से पहले आकर आप वेट कर रहे हैं। मुझे 11:00 बजे का टाइम दिया गया था और मैं करेक्ट टाइम पर आई हूँ, और 1 मिनट पहले आई हूँ। आप खुद को देखिए मेरे बारे में कुछ बोलने से पहले.."

    उसकी बात खत्म होते ही शौर्य पीछे मुड़ा और एक टेढ़ी स्माइल के साथ कहा, "ओह तो तुम हो इस प्रोजेक्ट की लीड एक्ट्रेस?"

    कहते हुए उसने अपनी एक आईब्रो उचका दी और मन ही मन सोचने लगा, "यह लड़की जिससे मेरी एक पल के लिए भी नहीं बनती, आखिर यह मेरे साथ काम करने के लिए मान कैसे गई? अब इसे मुझसे कोई प्रॉब्लम नहीं है, बट ऐसा लगता तो नहीं है।" कहते हुए वह अपनी आँखें छोटी करके समायरा को देखने लगा।

    समायरा जो शौर्य के चेहरे में पूरी तरह डूबी हुई थी, माही ने उसे एक कोहनी मारी। इससे वह थोड़ा होश में आई और बोली, "येस मिस्टर शौर्य खन्ना! मैं ही हूँ इस प्रोजेक्ट की लीड एक्ट्रेस, do you have any problem?"

    सुरभि ने इस बारे में भी अच्छे से रिसर्च कर ली थी कि एक्ट्रेस समायरा और एक्टर शौर्य आहूजा की आपस में बिल्कुल भी नहीं बनती है। इसीलिए उन्होंने आज तक एक साथ किसी भी प्रोजेक्ट पर काम नहीं किया है। और इसीलिए सुरभि वैसा ही बर्ताव कर रही थी। नहीं तो उसे अपने कॉलेज टाइम से ही शौर्य पर बहुत बड़ा क्रश था और वह हमेशा से ही उससे मिलने के सपने देखती रहती थी। इसलिए आज जब वह उसे देख रही थी, तो बस उसे देखते ही रह गई। लेकिन उसे अभी भी यकीन नहीं हो रहा था कि वह उससे पर्सनली मिल रही थी।

    उस लड़की की बात खत्म होते ही शौर्य पीछे मुड़ा और एक टेढ़ी स्माइल के साथ कहा, "ओह तो तुम हो इस प्रोजेक्ट के लीड एक्ट्रेस? मिस समायरा कपूर!"

    इतना कहते हुए उसने अपनी एक आईब्रो उचका दी और मन ही मन सोचने लगा, "यह लड़की जिससे मेरी एक पल के लिए भी नहीं बनती, आखिर यह मेरे साथ काम करने के लिए मान कैसे गई? अब इसे मुझसे कोई प्रॉब्लम नहीं है, बट ऐसा लगता तो नहीं है।"

    इतना कहते हुए वह अपनी आँखें छोटी करके समायरा को देखने लगा और फिर से अपने मन में बोला, "पहले तो यह सारे प्रोजेक्ट मना कर देती थी मेरे साथ, ऐसे जो भी ऑफर होता था। तो फिर आज इसे क्या हुआ जो इसने हाँ कर दिया? ऐसा भी क्या जादू हो गया?"

    शौर्य उसकी तरफ देखते हुए यह सब सोच रहा था। और उसके सामने थोड़ी दूर पर खड़ी समायरा, जो शौर्य के चेहरे में पूरी तरह डूबी हुई थी, और मुँह खोले हुए एकदम किसी पागल दीवानी फैन की तरह शौर्य को घूर-घूर कर देख रही थी।

    माही ने आज पहली बार उसका ऐसा बर्ताव नोटिस किया। इसलिए उसे थोड़ी हैरानी हुई। लेकिन फिर भी वह नहीं चाहती थी कि बाकी सारे लोग भी उसे इस तरह से नोटिस करें। इसलिए उसने धीरे से समायरा को एक कोहनी मारते हुए कहा, "समायरा मैम! यह क्या कर रही हैं आप? कम से कम मुँह तो बंद कर लीजिए।"

    माही की यह बात सुनकर वह थोड़ा होश में आती हुई बोली, "येस मिस्टर शौर्य खन्ना! मैं ही हूँ इस प्रोजेक्ट की लीड एक्ट्रेस, do you have any problem?"

    सुरभि ने इस बारे में भी अच्छे से रिसर्च कर ली थी कि एक्ट्रेस समायरा और एक्टर शौर्य आहूजा की आपस में बिल्कुल भी नहीं बनती है। इसीलिए उन्होंने आज तक एक साथ किसी भी प्रोजेक्ट पर काम नहीं किया है। और इसीलिए सुरभि ऐसा ही बर्ताव कर रही थी। नहीं तो उसे अपने कॉलेज टाइम से ही शौर्य पर बहुत बड़ा क्रश था और वह हमेशा से ही उससे मिलने के सपने देखती रहती थी। इसलिए आज जब वह उसे देख रही थी, तो बस उसे देखती ही रह गई। लेकिन उसे अभी भी यकीन नहीं हो रहा था कि वह उससे पर्सनली मिल रही थी।

    लेकिन फिर माही के याद दिलाने पर उसे याद आया कि वह इस वक्त सुरभि नहीं, बल्कि समायरा थी। तो उसे समायरा की तरह ही बर्ताव करना होगा और ना चाहते हुए भी शौर्य से रूड होकर बात करनी होगी। नहीं तो सबको शक हो जाएगा।

    समायरा की इस बात पर शौर्य अपनी पॉकेट की जेब में एक हाथ डालते हुए और दूसरे हाथ से शेड्स चढ़ाते हुए, एटीट्यूड के साथ बोला, "नो, इफ यू डोंट हैव अ प्रॉब्लम देन व्हाट प्रॉब्लम डू आई हैव? मुझे भी कोई प्रॉब्लम नहीं है।"

    इतना बोलकर वह वहाँ से साइड में चला गया और सामने खड़ी समायरा की तरफ देखकर अपने मन में बोला, "मैं क्या पागल हूँ जो सिर्फ उसकी वजह से इतना अच्छा प्रोजेक्ट अपने हाथ से जाने दूँगा? छोड़ना है तो वह छोड़े। मैं इतने बड़े बजट का इतना अच्छा प्रोजेक्ट क्यों छोड़ दूँ जब उसे कोई प्रॉब्लम नहीं है तो मुझे भी कोई प्रॉब्लम नहीं है, प्रोफेशनल बनकर भी सारा काम हो सकता है।"

    समायरा की तरफ देखते हुए शौर्य ने मुँह बनाकर अपने आप से कहा, "मुझे तो यह समझ नहीं आ रहा है कि इसमें ऐसा भी क्या देख लिया इन डायरेक्टर्स ने, जो इसे लीड एक्ट्रेस रख लिया। इसमें कुछ इतनी खास बात भी नहीं है। ऊपर से नखरा और घमंड अलग ही लेवल पर है। इसने मेरे साथ ज्यादा ड्रामा किया तो तुरंत इसे इस प्रोजेक्ट से हटवा दूँगा। तब तक इसे भी आजमा लिया जाए। आखिर ऐसी भी क्या बात है इस लड़की में जो डायरेक्टर ने इसे चुन लिया, वह भी मेरे साथ, द ग्रेट लीजेंडरी सुपरस्टार शौर्य आहूजा के साथ लीड रोल में।"

    यह सब सोचते हुए शौर्य आखिरकार अपने ग्रीन रूम में चला गया।

    शौर्य को वहाँ से जाते देखकर उसका असिस्टेंट नकुल भी उसके पीछे-पीछे जाते हुए खुद से बोला, "यह सर के भी कितने ड्रामे हैं! समायरा मैम को भी बिना फालतू में ही इतना एटीट्यूड दिखाकर आ गए। खुद को हर जगह टाइम से पहले पहुँचना होता है और सामने वाला अगर टाइम पर आया है, तो वह लेट हो जाता है। हे ऊपर वाले, रक्षा करना मेरी! सर को पता नहीं चलना चाहिए कि इस मूवी के लिए लीड एक्ट्रेस का नाम मैंने ही सजेस्ट किया था। उसके पीछे भी एक रीज़न है, लेकिन सर को यह पता नहीं चलना चाहिए। बस कैसे भी..."

    यह सब कहते हुए वह बड़ा मासूम सा चेहरा बनाकर ऊपर की ओर देखने लगा।

    अब तक शौर्य अपने ग्रीन रूम में पहुँच गया था और तभी रूम में से किसी के कड़कती हुई आवाज आई, "नकुल! अगर तुम्हारी प्रार्थना अर्चना पूरी हो गई हो तो जल्दी से यहाँ आओ, नहीं तो फिर हमेशा के लिए तुम प्रार्थना ही करते रह जाओगे।"

    इतना सुनते ही नकुल इस तरह से भागा जैसे कि उसके पीछे किसी ने चार-पाँच खूंखार पागल कुत्ते छोड़ दिए हों।

    नकुल भागते हुए अंदर आया और तभी शौर्य उसे वहाँ पर बैठा हुआ दिखा जो कि एकदम गुस्से भरी नज़रों से उसकी तरफ देख रहा था। उसे ऐसे गुस्से में देखकर नकुल का तो जैसे गाल ही सूख गया और उसने बड़ी मुश्किल से थूक निगलकर अपना गला गीला किया।

    नकुल ने अटकते हुए शौर्य से पूछा, "सर! क्या हुआ सर? आप ऐसे क्यों चिल्ला रहे थे? मैंने ऐसा क्या कर दिया?"

    To Be Continued

  • 10. Reborn As A Star - Chapter 10

    Words: 1550

    Estimated Reading Time: 10 min

    नकुल के सवाल पर शौर्य ने नजर उठाकर उसे देखा और कहा, "कुछ करते ही तो नहीं हो तुम! यही तो तुम्हारी गलती है। मैंने तुम्हें यहां काम करने के लिए रखा है, और तुम पता नहीं कहाँ गायब रहते हो और मुझे कोई इनफॉर्मेशन नहीं देते। अगर तुम्हें पहले से पता था कि वह लोग किस एक्ट्रेस को कास्ट करने वाले हैं, तो फिर तुमने मुझे इन्फॉर्म क्यों नहीं किया? और अगर तुम्हें पता ही नहीं था, तो फिर क्यों नहीं था? यह बताओ मुझे!"

    शौर्य के गुस्से से नकुल के होश उड़ गए। शौर्य ने इतनी तेज़ आवाज़ में सवाल पूछा था कि नकुल मुश्किल से जवाब दे पाया, "सर.. सर, वह मैं.. मेरा मतलब है कि अभी तो आपने कहा कि आपको समायरा मैडम के साथ काम करने में कोई प्रॉब्लम नहीं है, तो फिर अब आप मुझ पर गुस्सा क्यों कर रहे हैं? मैं कास्टिंग डायरेक्टर थोड़ी ना हूँ जो मुझसे पूछकर कोई डिसीजन लेंगे सब।"

    डरते-डरते उसने इतना बोला, लेकिन आखिरी बात उसने काफ़ी कॉन्फिडेंस से कही। शौर्य ने नकुल को ऊपर से नीचे तक देखा और बोला, "पता है, मुझे भी असिस्टेंट हो तुम मेरे, लेकिन असिस्टेंट का क्या काम होता है? असिस्टेंट के साथ-साथ तुम मेरे मैनेजर भी तो हो। मेरे शेड्यूल, प्रोजेक्ट, सब कुछ मैनेज करने होते हैं। ऐसे में तुम इतना तो पता लगा ही सकते हो कि फिल्म में मेरे अपोजिट कौन ऑफर हो रही है। या फिर यह काम बहुत मुश्किल है तुम्हारे लिए? बोलो तो मैं तुम्हें रिप्लेस कर दूँ।"

    नकुल ने समझाने की कोशिश की, "क्या सर, आप मुझ पर क्यों अपना गुस्सा निकाल रहे हैं? अगर आपको समायरा मैडम के साथ काम करने में प्रॉब्लम है, तो आप प्रोडक्शन वालों से शिकायत कर सकते हैं, या फिर मना कर सकते हैं। और अगर मैं आपको पहले से बात भी देता, तो क्या आप इतना अच्छा प्रोजेक्ट अपने हाथ से जाने देते? देखिए सर, इसमें आपका ही फायदा है। और मुझे तो लगता है, समायरा मैडम के साथ आपकी जोड़ी को सब बहुत पसंद करेंगे।"

    उसकी बात सुनकर शौर्य थोड़ा सोच में पड़ गया। उसने सामने रखी उस फाइल में से, जिसमें फिल्म में कास्ट हो रहे सभी एक्टर-एक्ट्रेस की फ़ोटो और बायोडाटा थे, समायरा की फ़ोटो निकाली और गौर से देखने लगा। थोड़ी देर तक वह कुछ नहीं बोला।

    समायरा की फ़ोटो की तरफ शौर्य के इस तरह देखने पर नकुल को थोड़ा शांत होते हुए देखा। नकुल ने राहत की साँस ली और मन ही मन बोला, "मैंने तो बस ऐसे ही बोल दिया था, लेकिन सर तो शायद इमेजिन ही करने लगे हैं अपने साथ मैडम को। कोई बात नहीं, मेरे लिए तो अच्छा ही है।"

    वह मन ही मन खुश हो रहा था कि तभी शौर्य ने कहा, "इतनी बुरी भी नहीं दिखती है। चलो, एक मौका तो सबको मिलना ही चाहिए। इसलिए एक मौका मैं देता हूँ तुम्हें भी, और इस समायरा को भी।"

    यह कहते हुए शौर्य ने फ़ोटो ड्रेसिंग टेबल पर रख दिया और उस पर हाथ रखते हुए समायरा के चेहरे की तरफ़ देखने लगा। समायरा में कुछ ऐसा था जो शौर्य को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था, लेकिन शौर्य यह बात समझ नहीं पा रहा था।

    शौर्य की बात सुनकर नकुल ने राहत की साँस ली और अपना मोबाइल निकालकर किसी का नंबर डायल करते हुए वहाँ से बाहर चला गया।

    उस दिन शाम को स्टूडियो में समायरा और शौर्य की ज़्यादा देर बात नहीं हो पाई। समायरा पूरी तरह अपना एटीट्यूड बनाए रखने की कोशिश कर रही थी, लेकिन अंदर से वह बहुत नर्वस थी। वह सोच रही थी कि कैसे अपने क्रश, शौर्य आहूजा से बात करेगी, जिसे उसने आज तक सिर्फ़ फिल्मों, पोस्टरों, वीडियो और फ़ोटो में ही देखा था।

    मूवी के लिए दोनों फाइनल हो चुके थे और दोनों ने कॉन्ट्रैक्ट पर साइन कर दिया था। प्रोड्यूसर और डायरेक्टर राहत की साँस ले रहे थे क्योंकि उन दोनों को एक फिल्म में साइन करना बड़ा टास्क था, लेकिन उनके असिस्टेंट माही और नकुल की वजह से यह काम आसानी से हो गया था।

    समायरा को अभी भी बहुत कुछ समझ नहीं आ रहा था। वह सोच रही थी कि वह एक्टिंग कैसे करेगी, कहीं उसकी वजह से उसका नाम तो नहीं बिगड़ेगा इंडस्ट्री में। यह उसके लिए ज़रूरी भी था, इसलिए वह बाकी लोगों को देख और ऑब्ज़र्व कर रही थी। कुछ देर बाद माही ने कहा, "मैम! आई थिंक अब हमें वापस चलना चाहिए।"

    माही की बात सुनकर समायरा ने पूछा, "तुम.. तुम भी मेरे साथ ही चलोगी क्या?"

    माही ने जवाब दिया, "हाँ मैम, वह टैक्सी से जाने से तो अच्छा ही है। मेरा घर भी रास्ते में ही पड़ता है। ड्राइवर मुझे भी ड्रॉप कर देगा, फिर आप अपने घर चली जाना।"

    समायरा ने कुछ नहीं कहा। वह माही के साथ अब काफी कम्फ़र्टेबल फील करने लगी थी, इसलिए दोनों साथ ही वहाँ से निकल गईं। रात 8:00 बजे तक समायरा अपने अपार्टमेंट में वापस आ गई थी।

    अगले दिन सुबह, लक्ष्य अपने कमरे में किसी से कॉल पर बात करते हुए निराशा से बोला, "यार, अब तुम्हें क्या ही बोलूँ? इस लड़की का तो मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा है। मतलब, एक्सीडेंट में चोट इसके सर पर आई है या दिमाग में? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा। पूरी तरह से कंफ्यूज कर रखा है। अब तो ऐसा लगने लगा है कि इसकी हरकतों से कहीं मेरा दिमाग ना हिल जाए। सारे वायर ढीले हो रखे हैं इसके, तो साथ में मेरे भी बहुत जल्दी कर देगी।"

    दूसरी ओर से किसी ने कहा, "अरे, कम डाउन ब्रो, कम डाउन। तू कुछ ज़्यादा ही सोच रहा है। क्या पता, तू जैसा सोच रहा है वैसा कुछ हो ही ना। करती है वह तेरे साथ टाइम स्पेंड, उसके साथ अच्छे-अच्छे बातें कर, थोड़े लव मोमेंट बना।"

    लक्ष्य अपने सर पर हाथ मारते हुए बोला, "यार, यही तो बात है। वह ना मुझे खुद को टच तक नहीं करने दे रही है। टच तो पहले भी नहीं करने देती थी, लेकिन अब कर रही है। ऐसे ड्रामा कर रही है, जैसे मैं कोई अजनबी हूँ या किसी और की प्रॉपर्टी। मतलब, लिव-इन में रह रहे हैं हम, इतना तो चलता है, पर इसका नखरा तो दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा अब।"

    तभी अचानक दरवाज़ा खुला। लक्ष्य अपनी बातों में इतना बिजी था कि वह दरवाज़े के खुलने से हड़बड़ा गया और अपना फ़ोन छिपाने की कोशिश करने लगा। दरवाज़े पर खड़ी समायरा की आँखें छोटी हो गईं और वह उसे घूरने लगी। उसे कुछ शक हुआ, मगर वह लक्ष्य को यह दिखाना नहीं चाहती थी। इसलिए खुद को नॉर्मल करते हुए वह लक्ष्य के बिस्तर के करीब आ गई और उसे घूरते हुए बोली, "सो लक्ष्य, यू आर माय बॉयफ्रेंड। तुम कहाँ थे मेरे एक्सीडेंट के वक्त? नहीं, एक भी बार मुझे हॉस्पिटल में मिलने आए। यहां तक कि घर पर भी, तो दूसरे दिन आए। एक बार भी ढंग से मेरा हाल-चाल नहीं पूछा। कैसे बॉयफ्रेंड हो तुम?"

    यह सब सुनकर लक्ष्य बुरी तरह हड़बड़ा गया। उसके दिमाग में उस रात के सीन चलने लगे, कि कैसे वह किसी और लड़की के साथ बिजी था। दोनों एक-दूसरे की बाहों में अपने पल बिता रहे थे। पर यह सब बातें वह समायरा के सामने नहीं कर सकता था, इसलिए बोला, "ओ बेबी, यू नो वेरी वेल ना, उस अवॉर्ड फंक्शन में सभी की एंट्री अलाउड नहीं होती ना। तुम कहाँ इतनी बड़ी एक्ट्रेस, मैं कहाँ छोटा-मोटा मॉडल। तुम मुझे एंट्री नहीं मिलती। ऐसा नहीं है कि मैंने आने की कोशिश नहीं की। मैंने बहुत ज़्यादा सोर्सेस यूज़ किए, बट द रिजल्ट इज़ जीरो। मुझे आने नहीं मिला। बट आई एम हैप्पी फॉर यू जान। शाइनिंग स्टार ऑफ़ द ईयर का अवार्ड जीत ही गई। आई एम प्राउड ऑफ़ यू।"

    To Be Continued

  • 11. Reborn As A Star - Chapter 11

    Words: 1505

    Estimated Reading Time: 10 min

    समायरा की बातों से समायरा को कोई फर्क नहीं पड़ा। वह फिर बोली, "मैंने पूछा, एक्सीडेंट के वक्त कहाँ थे तुम? मुझे हॉस्पिटल में मिलने क्यों नहीं आए? और दूसरे दिन जब घर भी आए, तो भी मुझे एक बार में मनाने की कोशिश नहीं की। क्यों? वह तो भला हो मेरी मैनेजर माही का। वह ना होती मेरे साथ तो क्या होता। फिर तुमने सोचा है कभी? क्या तुम्हें जरा भी फिक्र है मेरी? सच्ची-सच्ची बताना। और उसके बाद दो-तीन दिनों के लिए फिर से गायब हो गए तुम। बार-बार कहाँ गायब हो जाते हो मुझे बिना बताए? क्या चल रहा है?"

    लक्ष्य ने फिर झूठ बोलते हुए कहा, "बेबी, मुझे पता ही नहीं था तुम्हारा एक्सीडेंट हुआ है। मुझे किसी ने बताया ही नहीं। और रही बात दूसरे दिन आने की, मैंने तुमसे कितना पूछने की कोशिश तो की थी, पर तुम मुझसे गुस्सा होकर चली गई थीं और रूम लॉक कर दिया था। वह भी सिर्फ मेरे टच करते ही, जैसे मेरे अंदर कोई कांटे लगे हों।"

    इस बात का कोई जवाब नहीं था समायरा के पास। थोड़ा हड़बड़ाते हुए वह बोली, "ठीक है, ठीक है, छोड़ो यह सब। अब जाओ, मेरे लिए कुछ बनाकर लाओ। मुझे बहुत जोर की भूख लगी है। कुक तो आता है ना तुम्हें? और कुछ ढंग का बनाना, जो मेरी पसंद का हो। लेकिन मुझे खाना बनाना नहीं आता।"

    समायरा की यह बात सुनकर लक्ष्य हैरानी से बोला, "बेबी, तुम यह क्या बोल रही हो? तुम्हें खाना बनाना नहीं आता? अभी चार दिन पहले तो तुम मुझे बनाकर अच्छे-अच्छे खाने खिला रही थीं। बहुत अच्छा नहीं, पर तुम्हें ठीक-ठाक करना तो आता ही है। और अचानक से तुम बोल रही हो कि तुम्हें खाना बनाना नहीं आता? हमारा ब्रेकफास्ट हमेशा से तुम खुद अपने हाथों से बनाती थीं। हाँ, लंच के लिए हमने कुक रखा है, पर ब्रेकफास्ट तो तुम ही बनाती थीं ना?"

    समायरा एकदम इरिटेट होते हुए बोली, "उफ्फ लक्ष्य, कैसे बॉयफ्रेंड हो तुम! इधर मेरी तबीयत खराब है, एक्सीडेंट हुआ था दो दिन पहले। मेरी इतनी चोटें आई हैं। और जब मैं कह रही हूँ कि मुझे कुकिंग नहीं आती, तो तुम्हें समझ जाना चाहिए ना कि मेरा कुछ बनाने का मन नहीं है। इसलिए मैं तुम्हें समय से बता रही हूँ और कह रही हूँ कि मुझे नहीं आता। क्या कॉमन सेंस नाम की चीज तुमने बेच खाई है?"

    समायरा की इतनी जली-कटी बातें सुनकर बेचारे लक्ष्य की हालत खराब हो गई। उसने बात खत्म करने के लिए कहा, "अच्छा बाबा, ठीक है। मैं समझ गया। पर मुझे कुकिंग करना बिल्कुल नहीं आता। अच्छा, ऐसा करो, तुम बताओ, तुम्हें क्या पसंद है? क्या खाना चाहोगी तुम? मैं तुम्हारे लिए अभी ऑर्डर कर देता हूँ।"

    वह बोलते हुए अपना फोन निकाला और जैसे ही ऑर्डर करने जा रहा था, उसकी नज़र अपने अकाउंट में पड़ी जिसका बैलेंस जीरो था। यह देखकर उसका दिमाग कुछ समझ नहीं पा रहा था। फिर लक्ष्य ने अपना नाटक शुरू कर दिया और बोला, "ओह शीट, यार! मेरे साथ ही हमेशा ऐसा क्यों होता है? मेरी गर्लफ्रेंड ने अभी-अभी मुझसे कुछ माँगा था और मैं उसे भी पूरा नहीं कर सकता।" बोलते हुए उसने अपना फोन बार-बार फेंका।

    समायरा ने उसकी ओर देखते हुए पूछा, "क्या हुआ तुम्हें? तुम ऐसे क्यों रिएक्ट कर रहे हो और फोन क्यों फेंक दिया?"

    लक्ष्य ने बहुत ही बेचारी सी शक्ल बनाते हुए कहा, "बेबी, क्या तुम्हें याद नहीं? मेरा अकाउंट ब्लॉक हो गया है। पहले ही बताया था ना तुम्हें? क्या तुम भूल गई? ऐसे कैसे भूल सकती हो तुम? याद करो।"

    उसकी बात सुनकर समायरा कन्फ्यूज हो गई और अपना सिर खुजाते हुए कुछ याद करने लगी, मगर उसे कुछ याद नहीं आया। उसे लगा कि यह उसकी मेमोरी की समस्या है, इसलिए शायद उसे याद नहीं आ रहा होगा। वह लक्ष्य से बोली, "हाँ हाँ, ठीक है। तुम ऑर्डर करो कैश ऑन डिलीवरी पर। मैं पे कर दूँगी। पर जो भी ऑर्डर करना, जल्दी ऑर्डर करना क्योंकि मुझे बहुत भूख लगी है। खाना जल्दी नहीं आया तो मैं नहीं जानती कि क्या करूँगी। मगर तुम्हें सारा बिल पे करना पड़ेगा, समझे?"

    यह सब कहकर समायरा लक्ष्य के रूम से निकलकर अपने रूम में चली गई। लक्ष्य उसे जाते हुए देखता ही रह गया। वह सोचा, "यह लड़की दिन-ब-दिन कितनी चालाक बनती जा रही है। अगर चाहती तो मुझे अपना फोन दे सकती थी और मैं उसके फोन से ऑर्डर कर लेता। साथ ही उसके अकाउंट से कुछ पैसे अपने अकाउंट में भी ट्रांसफर कर लेता। मगर नहीं, इसे यह सब तो पता चलेगा नहीं। बड़ी आई कैश ऑन डिलीवरी करने वाली।"

    यहीं से बड़बड़ाते हुए लक्ष्य ने खाना ऑर्डर कर दिया। लगभग 30 मिनट में उन लोगों का खाना डिलीवर हो गया, जिसे समायरा ने पे करके ले लिया। और फिर दोनों ने मिलकर आराम से खाना खाया।

    लक्ष्य के साथ लंच करने के बाद समायरा अपने रूम में चली गई क्योंकि लक्ष्य के साथ बैठने पर उसे बहुत ही अजीब नेगेटिव वाइब आ रही थी और वह उसे ऊपर से नीचे तक देख रहा था।

    लक्ष्य अपने मोबाइल फोन में लगा हुआ था और अपने मोबाइल फोन की स्क्रीन की तरफ देखकर मुस्कुरा रहा था, जो समायरा को काफी अजीब लगा। खाना खाने के बाद उसने समायरा से ज्यादा कोई बातें नहीं कीं और उस पर ध्यान भी नहीं दे रहा था।

    इसलिए समायरा भी अपने रूम में वापस आ गई और लक्ष्य के बारे में सोचती हुई खुद से बोली, "मुझे तो गड़बड़ लगता है। यह लड़का बिल्कुल भी ठीक नहीं लगता। पता नहीं यह इतनी बड़ी एक्ट्रेस होकर भी इस मामूली से लड़के के साथ डेट क्यों कर रही थी? ऐसी भी क्या मजबूरी होगी बेचारी की? क्योंकि यह तो दिखने में भी कुछ खास नहीं है। इसके अलावा काम-धाम भी शायद ही करता हो और भी कुछ इतना स्पेशल नहीं लगा मुझे तो इसमें। ऊपर से जब देखो तब चिपकता रहता है। कितना इरिटेटिंग है यह सब?"

    वह यह सब सो ही रही थी कि उसका मोबाइल फोन बजा और समायरा ने साइड टेबल पर रखा हुआ अपना मोबाइल फोन उठाकर देखा तो उसे माही का कॉल आ रहा था।

    समायरा ने कॉल पिक किया और बोली, "हैलो माही! कैसी हो?"

    उसकी बात का कोई जवाब दिए बिना ही उसे दूसरी ओर से माही की एक्साइटेड वॉयस सुनाई दी।

    माही ने फोन कॉल पर कहा, "मैम, आप जल्दी से रेडी हो जाइए। आज आपकी शौर्य सर के साथ इम्पॉर्टेन्ट मीटिंग है और आपको तो पता ही है शौर्य सर को लेट होना ज़रा भी पसंद नहीं। तो आप पूरा रेडी होकर मुझे फिर से कॉल करना, तब तक मैं आपके लिए गाड़ी भेज रही हूँ।"

    समायरा ने "ओके" कहा और कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया।

    शौर्य का नाम सुनते ही समायरा भी उतनी ही एक्साइटेड हो गई और कॉल डिस्कनेक्ट करने के बाद भी मोबाइल फोन हाथ में पकड़े हुए थी और उसने अपने मुँह पर हाथ रखकर कहा, "वैसे इतनी बुरी भी नहीं है समायरा की लाइफ जीना क्योंकि इसी बहाने मुझे शौर्य से मिलने का तो मौका मिल रहा है। वह भी दोबारा। पहली मीटिंग पर तो मैंने कुछ ज़्यादा ही बकवास कर दी थी शायद लेकिन इस मौके को तो मैं बिल्कुल नहीं गँवाऊँगी और मैं शौर्य को इम्प्रेस करके रहूँगी।"

    समायरा ने खुद से बात करते हुए यह सब कहा और फिर जल्दी से रेडी होने के लिए चली गई क्योंकि जैसा माही ने बोला था वह बिल्कुल भी लेट नहीं होना चाहती थी क्योंकि अगर वह लेट होती तो इससे उसका इंप्रेशन शौर्य पर खराब पड़ता और वह ऐसा बिल्कुल भी नहीं चाहती थी।


    To Be Continued

  • 12. Reborn As A Star - Chapter 12

    Words: 1570

    Estimated Reading Time: 10 min

    वहीं दूसरी ओर, सुबह के समय एक विशाल लग्जरियस विला के मास्टर साइज़ बेडरूम में, जिसकी आंतरिक सज्जा बेहद खूबसूरत थी, दीवारें रॉयल ब्लू रंग से रंगी हुई थीं और सभी सीमाओं व बॉर्डर को सुनहरे रंग से सजाया गया था। यह संयोजन अत्यंत आकर्षक और महँगा लग रहा था। ऐसा इसलिए भी था क्योंकि यह बेडरूम था प्रसिद्ध सुपरस्टार अभिनेता शौर्य आहूजा का। और वह उस समय, सुबह के 11:00 बजे भी, अपने बिस्तर पर पेट के बल लेटा हुआ था। यह आश्चर्यजनक था, क्योंकि वह एक अर्ली बर्ड था। उसे सुबह जल्दी उठकर काम करना और व्यायाम करना पसंद था, पर आज का दृश्य कुछ अलग ही था।

    वह बिस्तर पर लेटा हुआ था, सो नहीं रहा था। उसकी आँखें खुली हुई थीं; वह जाग रहा था और कुछ सोच रहा था। वह खुद से बात करते हुए बोला, "But how can it be possible? वह लड़की मुझे बिल्कुल भी पहले वाली नकचढ़ी समायरा कपूर जैसी नहीं लग रही थी। मुझे उससे अलग ही वाइब आ रही थी। न ही कोई मुँह बनाना, न ही कोई लड़ाई-झगड़ा, और यहाँ तक कि वह बेवजह का एटीट्यूड भी, जो मेरे सामने हमेशा उछल-उछल कर बाहर आता था, वह भी गायब था। आखिर यह सब क्या चल रहा है जो मुझे समझ ही नहीं आ रहा?"

    शौर्य को कोई जवाब नहीं मिला। लेकिन पिछले दिन की बात सोचते हुए उसने फिर अपने आप से कहा, "उसने मुझसे इतने अच्छे से बात की, जैसे कि हमारे बीच कभी कोई मतभेद ही नहीं थे या फिर मैं ही उसे गलत समझ रहा था। अगर वह इतनी अच्छी थी तो हम दोनों के बीच अब तक इतने झगड़े क्यों होते थे और हमारे बीच कभी समझौता क्यों नहीं बन पाया? या फिर कहीं ऐसा तो नहीं कि मुझ में ही कमी रही हो? क्या मेरे अंदर ही कोई एटीट्यूड है? क्या मैं ही खड़ूस हूँ?" यह सब सोचते हुए उसे समायरा का चेहरा याद आया।

    यह सब कुछ सोचते हुए शौर्य एक निष्कर्ष पर पहुँचा, "इससे तो यही साबित होता है कि गलती मेरे अंदर है। अच्छा, तो अब तक मैंने ही उसे समझने में गलती कर दी।"

    इसी तरह वह अपनी सोच में डूबा हुआ था कि तभी उसके कमरे का दरवाज़ा खुला और नकुल कमरे में दाखिल हुआ।

    शौर्य को देखते ही उसने उसे अभिवादन करते हुए कहा, "Good morning, sir! आप अभी तक तैयार नहीं हुए? क्या आप अपने प्रोजेक्ट पर खुद ही देर करना चाहते हैं और क्या आप खुद ही अपना हमेशा समय से पहले और समय पर पहुँचने वाला रिकॉर्ड तोड़ना चाहते हैं?"

    "Ready for what?" शौर्य ने भ्रम में बोला।

    नकुल ने उसे याद दिलाते हुए कहा, "अरे सर, आपकी आगामी मूवी, जिसके लिए आपने अभी कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। उसके लिए आपको डायरेक्टर से मिलने जाना है। अगर आप खुद ही लेट होंगे तो बाकी कास्ट का क्या होगा? उन सबको तो मौका मिल जाएगा और भी ज्यादा लेट आने का। इसलिए प्लीज!"

    शौर्य पूरी तरह हड़बड़ा गया और नकुल से बोला, "ठीक है, ठीक है! ज़्यादा स्मार्ट बनने की ज़रूरत नहीं है। मुझे सब याद है। मैं तो बस तुम्हें चेक कर रहा था कि तुम मेरे असिस्टेंट हो, तुम्हारी याददाश्त कितनी तेज है। वक्त-वक्त पर तुम्हें भी टेस्ट करना ज़रूरी होता है। So now, get lost from here! मैं 10 मिनट में तैयार होकर नीचे मिलता हूँ।"

    इतना बोलकर शौर्य तुरंत ही अपने बिस्तर से उठकर तैयार होने लगा।

    शौर्य की यह बात सुनकर नकुल हैरानी से मुँह खोले खड़ा रह गया और खुद से बड़बड़ाते हुए बोला, "अजीब इंसान हैं सर! साफ़-साफ़ पता चल रहा था कि इन्हें कुछ भी याद नहीं था, इसीलिए इतने आराम से लेटे हुए थे अब तक। यह तो मैं ही यहाँ आकर इन्हें याद दिलाया आज का शेड्यूल, और अपनी गलती मानने के बजाय इन्होंने सारा इल्ज़ाम मेरे ऊपर ही डाल दिया।"

    फिर नकुल भी अपना सिर हिलाते हुए कार तैयार करने चला गया। कुछ देर बाद शौर्य, अपनी हाथ की घड़ी बांधते हुए, सीढ़ियाँ उतरकर नीचे आ रहा था। नकुल हाल में उसका इंतज़ार कर रहा था। 10 मिनट भी पूरे नहीं हुए थे और शौर्य पूरी तरह से तैयार लग रहा था। इतनी जल्दी तैयार हो जाना देखकर नकुल को अपनी आँखों पर विश्वास ही नहीं हुआ। अपनी आँखें मारते हुए उसने एक बार फिर से शौर्य की तरफ देखा क्योंकि वह बहुत हैंडसम भी लग रहा था।

    शौर्य की तरफ देखते हुए नकुल अपने मन में बोला, "इस सर को कोई जादू आता है क्या? इतनी जल्दी कैसे तैयार हो गए? अभी तो अपने नाइटसूट में बिस्तर पर इतने आराम से लेटे हुए थे और अभी देखो, 10 मिनट भी पूरे नहीं हुए और इतने हैंडसम लग रहे हैं। सच में, कभी-कभी तो मुझे सोचने पर मजबूर कर देते हैं, सर!"

    नकुल शौर्य की तरफ देखते हुए अपने मन में यह सब कुछ सोच रहा था कि तब तक शौर्य भी उसके सामने आकर खड़ा हो गया।

    नकुल अभी भी अपने ख्यालों में डूबा हुआ था, इसलिए उसने शौर्य के आने पर ध्यान ही नहीं दिया और इस तरह खड़ा रहा जैसे शौर्य उसे दिखाई ही न दे रहा हो। तब शौर्य ने अपना हाथ उसके चेहरे के सामने करते हुए कहा, "क्या हुआ अब? यहाँ खड़े होकर क्या सोच रहे हो? अब लेट नहीं हो जाएगा हमें पहुँचने में? चलो, तुम्हें पता है ना मुझे लेट होना पसंद नहीं।"

    इतना बोलकर शौर्य नकुल को वहीं खड़ा छोड़कर घर से बाहर निकल गया। शौर्य को जाते देखकर नकुल भी जल्दी से भागकर उसके पीछे घर से बाहर आया। गेट पर कार और ड्राइवर पहले से ही तैयार थे।

    शौर्य को आते देख ड्राइवर ने जल्दी से आकर उसके लिए कार का दरवाज़ा खोला और फिर शौर्य के बैठने के बाद दरवाज़ा बंद कर दिया।

    नकुल उसके पीछे कार तक आ ही रहा था कि तभी शौर्य ने ड्राइवर से कार चलाने को कहा। ड्राइवर ने एक नज़र नकुल की तरफ देखी, लेकिन शौर्य की बात भी वह टाल नहीं सकता था, इसलिए तुरंत ही कार स्टार्ट करने लगा। जब तक नकुल भी भागता हुआ आया और दूसरी तरफ़ का दरवाज़ा खोलते हुए ड्राइवर के बगल वाली पैसेंजर सीट पर बैठ गया और उसने राहत की साँस ली।

    अपनी गाड़ी में बैठते हुए शौर्य बोला, "5 सेकंड और लेट आते ना तो तुम्हें हमारे पीछे टैक्सी से आना पड़ता। वेल डन! तुम्हारी रनिंग स्किल काफी अच्छी है।"

    इतना बोलकर शौर्य मुस्कुराया, जबकि नकुल अपनी चढ़ी हुई साँसों की वजह से कुछ बोल ही नहीं पाया क्योंकि वह बहुत तेज़ दौड़ता हुआ कार तक आया था। उसे भी पता था कि शौर्य उसे यहाँ छोड़कर अकेला जा सकता था।

    उसके बाद उनकी कार स्टूडियो के लिए निकल गई।

    अपनी लग्जरी कार में असिस्टेंट नकुल के साथ शौर्य स्टूडियो पहुँचा। डायरेक्टर के साथ उसकी मीटिंग थी, लेकिन डायरेक्टर ने उसे इस बारे में नहीं बताया था कि समायरा भी वहाँ आने वाली थी। उन सबको अच्छी तरह पता था कि समायरा और शौर्य एक-दूसरे को पसंद नहीं करते, इसलिए पहले से ही उन्हें एक-दूसरे के बारे में कुछ नहीं बताया जा रहा था।

    डायरेक्टर ने शौर्य से कहा, "सर, आप पहले ही फाइनल कॉन्ट्रैक्ट पर साइन कर चुके हैं, तो उसके अनुसार अब हमें काम शुरू कर देना चाहिए। क्योंकि वैसे भी यह इतने बड़े बजट की फिल्म है, प्रमोशन और बाकी सारी चीज़ों में भी काफी समय जाएगा, तो जल्दी से जल्दी हमें फिल्म की शूटिंग का काम शुरू करना है। आप बताइए, आपकी क्या डेट्स हैं? क्या आप फ्री हैं?"

    शौर्य का असिस्टेंट नकुल पहले ही डायरेक्टर को इस फिल्म के लिए उसकी डेट्स दे चुका था, लेकिन फिर भी डायरेक्टर ने जैसे कंफर्म करने के लिए शौर्य से पूछा तो शौर्य भी नकुल की तरफ देखने लगा। क्योंकि शौर्य को इन सब चीज़ों के बारे में कुछ भी पता नहीं था और याद नहीं रहता था। जिस दिन नकुल उसे जहाँ भी जाने के बारे में शेड्यूल बताता था, शौर्य चुपचाप वहाँ चला जाता था।

    नकुल शौर्य के इस तरह से देखने का मतलब समझ गया और तुरंत ही डायरेक्टर की बात का जवाब देते हुए बोला, "डायरेक्टर सर, हमारी तो इस बारे में बात हो गई है ना? तो फिर आप फिर से क्यों इस बारे में पूछ रहे हैं? और जो डेट्स मैंने आपको दी हैं, वह सिर्फ़ आपकी मूवी के लिए ही हैं। हम ऐसा कोई काम नहीं करते कि एक ही दिन की डेट दो प्रोडक्शन हाउस को दे दें। सर बहुत ही प्रोफेशनल हैं इन सब चीज़ों को लेकर। आपको तो पता ही होगा।"

    नकुल ने जैसे ही पूरी बात स्पष्ट करते हुए कही, तो डायरेक्टर ने भी जल्दी-जल्दी हाँ में अपना सिर हिलाया और थोड़ी चापलूसी करते हुए बोला, "हाँ, मैं तो बस कंफर्म कर रहा था। अगर सर बिज़ी हैं तो कौन सा हम उन्हें फोर्स कर सकते हैं? उन्हें जो भी काम करना है, जब वह चाहें कर सकते हैं। आखिर इतने बड़े स्टार हैं, हम उनके हिसाब से खुद को एडजस्ट कर लेंगे।"

    To be continued

  • 13. Reborn As A Star - Chapter 13

    Words: 1535

    Estimated Reading Time: 10 min

    13

    डायरेक्टर की ऐसी चिकनी-चुपड़ी बातें शौर्य को बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगीं। वहीँ, नकुल के चेहरे का रंग भी उड़ गया क्योंकि उसे पता था शौर्य ऐसी बातें पसंद नहीं करता था। लेकिन वह कुछ बोल पाता, उससे पहले ही दरवाजे की तरफ से आवाज आई, "यह तो बहुत गलत बात है डायरेक्टर सर! एक इंसान के लिए अगर आप एडजस्ट करेंगे, तो बाकी सबको भी तो एडजस्ट करना पड़ेगा। उनके लिए कौन सोचेगा?"

    दरवाजा पहले से ही खुला हुआ था, इसलिए दरवाजा खोलने की आवाज नहीं हुई। लेकिन जैसे ही वहाँ अंदर आई समायरा ने डायरेक्टर की यह बात सुनी, उसने तुरंत ही ताना मारते हुए कहा। माही भी उसके साथ थी और उसके पीछे ही अंदर आई।

    समायरा को आते देखकर डायरेक्टर अपनी कुर्सी से उठकर खड़ा हो गया और समायरा की तरफ बढ़ते हुए बोला, "अरे नहीं नहीं मैडम, आपका भी पूरा ध्यान रखेंगे। आप ऐसी बात क्यों कर रही हैं? अगर आपको भी कोई जरूरी काम हो, तो उसके लिए एक-दो दिन का ब्रेक तो मिल ही सकता है। क्योंकि हमारी फिल्म की शूटिंग वैसे भी लंबी चलने वाली है। 3 से 4 महीने तो किसी भी स्तर के लिए पॉसिबल नहीं होता, इतनी लंबी डेट एक प्रोजेक्ट को दे पाना। बस मैं वही बोल रहा था।"

    डायरेक्टर ने समायरा के सामने अपनी बात संभालते हुए कही। समायरा अंदर आई। उसने शौर्य की तरफ एक नजर डाली और उसे देखते हुए अपने मन में बोली, "यार, यह तो हर बार और ज्यादा हैंडसम लगता है। पिछली बार देखा था, आज तो उससे भी ज्यादा हैंडसम लग रहा है। और ऑफ, यह सीरियस लुक कहीं मेरी जान ही ना ले ले।"

    शौर्य की तरफ घूरकर देखते हुए समायरा ने अपने दिल पर हाथ रख लिया और एकटक उसकी तरफ देखती ही जा रही थी। तभी शौर्य पीछे मुड़ा और उसने समायरा को ऊपर से नीचे तक देखते हुए कहा, "ऐसे ताना मारने की जरूरत नहीं थी। तुम ठीक से आकर भी पहले पूरी बात पूछ सकती थीं। लेकिन नहीं, तुम्हें तो बस यही दिखाना होता है कि तुम ही ज्यादा प्रोफेशनल हो और सबके बारे में सोचती हो। सच कहूँ तो मुझे भी नहीं पसंद कि मेरी वजह से किसी का भी लॉस हो।"

    शौर्य ने थोड़े गुस्से में यह बात कही और इतना बोलकर वह वहाँ से बाहर निकल गया। समायरा उसकी इस बात के जवाब में कुछ भी नहीं बोल पाई। नकुल भी भागते हुए शौर्य के साथ ही चला गया। जबकि माही ने समायरा के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा, "क्या हुआ मैम? उधर क्या देख रही हो? अब शौर्य तो कब के चले गए।"

    माही ने यह बात बोली तो समायरा भी जैसे अपने ख्यालों से बाहर आई और बोली, "दिखता है, मुझे भी चले गए शौर्य सर! लेकिन मुझे यह समझ नहीं आता, इन्हें मुझसे इतनी प्रॉब्लम क्यों है?"

    यह बात उसने थोड़ी धीमी आवाज़ में कही। और माही जब तक वहाँ से थोड़ा आगे जाकर डायरेक्टर से शेड्यूल डिस्कस करने लगी थी, इसलिए वह समायरा की यह बात सुन नहीं पाई।


    नेक्स्ट डे, फिल्म सेट पर समायरा और शौर्य दोनों इस वक्त फिल्म सेट पर मौजूद थे और एक साथ बैठे हुए थे। पर साथ में बैठे रहने में शौर्य की खुशी बिल्कुल नहीं थी, बल्कि वह तो बेवजह इरिटेट हो रहा था। मगर बेचारा क्या करता, उसकी मजबूरी थी। डायरेक्टर का ऑर्डर था कि उसे मूवी की फीमेल लीड के साथ अपनी केमिस्ट्री अच्छी बनाने के लिए उसके साथ ज्यादा से ज्यादा टाइम स्पेंड करना है। वैसे तो यह ऑर्डर सिर्फ समायरा के लिए था, क्योंकि शौर्य आहूजा को कोई ऑर्डर दे सके, इतनी हिम्मत किसी में नहीं थी।

    इस डायरेक्टर की तो बिल्कुल भी नहीं, क्योंकि शौर्य खुद इस मूवी का मेज़र इन्वेस्टर था। वह जब चाहे, जो चाहे, changes कर सकता था। लेकिन उसे भी डायरेक्टर की इस बात में पॉइंट लग रहा था, इसलिए उसने उसकी बात को मानना सही समझा।

    साथ ही उसने यह भी सोचा था कि इसी बहाने वह समायरा को थोड़ा इरिटेट और परेशान भी करेगा। मगर उसे कहाँ पता था कि यहाँ उसके ही लिए मुसीबत खड़ी हो जाएगी। समायरा को परेशान करने की बजाय वह खुद समायरा के नजदीक रहने से परेशान होने लगेगा।

    तभी वहाँ डायरेक्टर की एंट्री हुई। उसे देख समायरा उन्हें ग्रीट करते हुए खड़ी हो गई, मगर शौर्य अपने एटीट्यूड को बरकरार रखते हुए अपने फोन में लगा रहा।

    समायरा को उसका एटीट्यूड कुछ खास पसंद नहीं आया। अब तक डायरेक्टर वहीं पास में रखी चेयर पर आकर बैठ गए।

    डायरेक्टर, शौर्य और समायरा को देखते हुए बोले, "सो मिस्टर शौर्य और मिस समायरा, हमने आपके लिए कुछ सोचा है। मूवी स्टार्ट होने से पहले आपकी बॉन्डिंग और भी अच्छी हो सके, इसलिए पहले हम आपका फोटोशूट करेंगे। इसके बाद हम मूवी पर काम स्टार्ट करेंगे। इसके लिए आपको वक्त निकालकर शूटिंग वेन्यू पर आना होगा और साथ में ज्यादा से ज्यादा टाइम स्पेंड करना होगा, ताकि आपकी अच्छी से अच्छी बॉन्डिंग बन सके। क्योंकि हम चाहते हैं कि यह मूवी ब्लॉकबस्टर जाए और आप दोनों की जोड़ी इंडस्ट्री में धमाल मचा दे। इतनी बेहतरीन एक्टिंग हो आपकी।"

    डायरेक्टर के यह कहने पर शौर्य बड़े स्टाइल से अपने बालों में हाथ फिराते हुए बोला, "डायरेक्टर, आप यह सब अपनी फीमेल लीड को समझाइए। क्योंकि मुझे लगता है कि उसमें प्रोफेशनलिज्म की कमी है। मैं तो वैसे भी इंडस्ट्री का सुपरस्टार एक्टर हूँ, सो मेरी एक्टिंग पर कोई भी क्वेश्चन नहीं कर सकता है। सो, it’s better कि आप अपनी फीमेल लीड को ही समझाएँ कि वह अपनी एक्टिंग पर सबसे ज्यादा फोकस करें, सीरियस रहें और मन लगाकर काम करें, बिल्कुल किसी प्रोफेशनल की तरह।"

    समायरा शौर्य के तानों का कोई जवाब नहीं दे रही थी, बस चुपचाप उसे निहारे जा रही थी। यह देख पास खड़ी उसकी असिस्टेंट माही की आँखें बाहर आने को हो गई थीं। शौर्य को भी यही बात खटक रही थी कि समायरा को क्या हो गया, आज वह उसके साथ लड़ने के मूड में बिल्कुल भी नहीं लग रही थी। यहाँ तक कि बहुत ही प्यार भरी नज़रों से उसकी तरफ देख रही थी। इसीलिए शौर्य काफी अनकंफरटेबल फील कर रहा था और वह उसे इग्नोर करने की भी कोशिश कर रहा था।

    समायरा का ऐसा बदला हुआ बर्ताव नकुल, माही, शौर्य किसी को भी हजम नहीं हो रहा था।

    समायरा को अभी भी चुप देखकर माही खुद से मन में बोली, "आज मेरी आँखों को क्या दिख रहा है और मेरे कान क्या सुन रहे हैं! मैम, शौर्य सर के तानों का कोई जवाब नहीं दे रही हैं। यह पॉसिबल है? Like really, ma'am, जो हर बात पर सर से लड़ती थीं और उनके तानों का मुँह तोड़ जवाब देती थीं, आज वह ऐसे खड़ी हैं जैसे उन्होंने कुछ सुना ही नहीं हो। ऊपर से मुस्कुरा रही हैं! यह क्या देख रही हूँ मैं?"

    समायरा तो पूरी तरह शौर्य में खोई हुई थी। उसे तो शौर्य को निहारने से ही फुर्सत नहीं थी। वह एकटक, बिना पलकें झपकाए, सिर्फ और सिर्फ शौर्य को ही देखे जा रही थी, जैसे उसके अलावा वहाँ कोई और मौजूद ही न हो।

    वह उसके लिए एकदम पागल दीवानी सी लग रही थी। उसे ऐसे नोटिस करके माही उसके पास आकर खड़ी हुई और वह जानबूझकर शौर्य और समायरा के बीच में खड़ी हो गई, जिससे कि समायरा को शौर्य सीधे दिखाई ना दे। और फिर समायरा की तरफ चेहरा करते हुए बोली, "अरे मैम, आप चुप क्यों हैं? सर आपको इतनी देर से इंसल्ट कर रहे हैं, सबके सामने बेवजह इतने ताने भी मार रहे हैं, बातें सुन रही हैं और फिर भी आप चुप हैं? उल्टा उनकी तरफ ऐसे देख रही हैं जैसे कि वह आपके बॉयफ्रेंड या हसबैंड हों या फिर क्रश?"

    समायरा उसी तरह शौर्य को देखते हुए बोली, "इंसल्ट? कब की इंसल्ट? मैंने तो नहीं सुना। तुमने गलत सुना होगा, माही। वह ऐसा कर ही नहीं सकते। और अगर किया भी है, तो क्या फर्क पड़ता है? इतने हैंडसम आदमी की तो गालियाँ भी मीठी लोरी की तरह लगेंगी। यह तो फिर भी इंसल्ट है। और रही बात देखने की, तो इतना अच्छा मौका मिला है, वह क्यों छोड़ूँ मैं? हटो तुम मेरे सामने से, तुम्हारे आने की वजह से मेरा व्यू ब्लॉक हो रहा है।"

    माही ने यह सब सुनकर अपना माथा पीट लिया। क्योंकि समायरा किसी प्यार में डूबे हुए शायर की तरह बातें बोल रही थी और उसे तो शौर्य में कोई कमी ही नज़र नहीं आ रही थी, उल्टा उसकी हर कमी भी उसकी क्वालिटी लग रही थी आज!

    To Be Continued

  • 14. Reborn As A Star - Chapter 14

    Words: 1590

    Estimated Reading Time: 10 min

    14

    शौर्य की इतनी बातें सुनने के बाद भी, समायरा ने उसे कुछ नहीं कहा और न ही पलट कर कोई जवाब दिया। वह उसी तरह प्यार भरी नजरों से उसकी तरफ देखती रही। इस बीच, डायरेक्टर ने उन दोनों को कुछ और निर्देश दिए और अपनी बात समझाकर वहाँ से चले गए।

    डायरेक्टर ने उन दोनों को साथ रहने के लिए कहा। यह सब सुनकर समायरा तो excited हो गई, पर शौर्य का मुँह बन गया।

    वह मन ही मन बोला, "इस लड़की के साथ टाइम spend करने से तो अच्छा है, मैं जाकर किसी के kitten के साथ खेल लूँ। जैसी इसकी हरकतें हैं, यह लड़की मेरा बचा-खुचा दिमाग भी खराब करके ही दम लेगी।" बड़बड़ाते हुए शौर्य भी वहाँ से चला गया।

    शौर्य को जाते हुए देखकर समायरा sad हो गई।

    फिर वह भी उसके पीछे-पीछे जाने लगी। कुछ दूर चलते हुए शौर्य को realize हुआ कि कोई उसका पीछा कर रहा है।

    जब उसने पीछे मुड़कर देखा, तो समायरा ही उसके पीछे-पीछे आ रही थी। उसे अपने पीछे आते देखकर शौर्य जैसे ही वहाँ रुका, समायरा एकदम ही उसके सीने से जाकर टकरा गई। क्योंकि उसने अपना face नीचे कर रखा था और अपनी ही धुन में चली जा रही थी, उसे पता ही नहीं चला कि शौर्य अब रुक चुका था।

    इससे शौर्य का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया। उसने थोड़ी तेज आवाज में चिल्लाते हुए कहा, "How dare you! तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरा पीछा करने की? क्या तुम्हारे पास कोई काम-धंधा नहीं है जो मुझे stalk कर रही हो? अगर इतना ही पसंद करती हो तो सीधे आकर बोल क्यों नहीं देती? ऐसे मेरा पीछा करने की तुम्हें कोई ज़रूरत नहीं है।"

    "वैसे मिस्टर शौर्य आहूजा," समायरा ने अपनी आँखों में चमक लाते हुए कहा, "आपको बता दूँ, समायरा नाम है मेरा और daring चीज़ें करना मेरा शौक है। मगर आपका पीछा करने में कोई daring काम नहीं है। और रही बात आपको पसंद करने की, तो..." कहते हुए उसने शौर्य का हाथ थाम लिया और अपने दोनों हाथों में पकड़ते हुए आगे बोली, "पसंद तो आपको मैं दिलों-जान से करती हूँ। आपके सारे फैंस, या ये कहें कि दुनिया में जितने भी लोग आपसे प्यार करते हैं, उनका प्यार एक तरफ और मेरी दिलो-जान, लिवर-किडनी से की गई मोहब्बत एक तरफ़।"

    समायरा की ऐसी बातें सुनकर शौर्य एकदम ही हड़बड़ा गया और उससे अपना हाथ छुड़वाते हुए चार कदम पीछे ले लिया। समायरा उसे बड़ी ही अजीब नज़रों से देखने लगी।

    शौर्य थोड़ा सा घबराते हुए बोला, "देखो, तुम ना मुझसे चार कोस की दूरी पर रहा करो। ज्यादा चिपकने की जरूरत नहीं है मुझे।"

    "अरे शौर्य जी," समायरा उसके करीब आते हुए बोली, "आप भी कैसी बातें कर रहे हैं! मैं आपको इतना चाहती हूँ, तो आपसे दूर कैसे रह सकती हूँ? और अभी ही तो आपने कहा कि अगर मैं आपको इतना ही पसंद करती हूँ... तो पहले ही आपको बता दूँ, मैंने तो बता दिया। फिर आप मुझसे दूर क्यों भाग रहे हैं? This is not fair, शौर्य जी।" बोलकर उसने अपना मुँह लटका लिया।

    समायरा की बातें सुनकर शौर्य का मुँह खुला का खुला रह गया और उसकी आँखें बड़ी-बड़ी हो गईं, जैसे अभी ही बाहर आ जाएँगी।

    वहीँ समायरा अपनी आँखें बार-बार ब्लिंक करते हुए उसे बड़ी मासूमियत से देख रही थी। वहाँ मौजूद बाकी के सभी क्रू मेंबर्स उन दोनों की यह हरकतें देखकर दबी हुई हँसी हँस रहे थे और दोनों के इस moment का अच्छे से मज़ा ले रहे थे।

    वहीं पास ही खड़ा नकुल, जो अपने सर के अत्याचारों से पूरी तरह परेशान हो चुका था, वह मन ही मन बोला, "हे भगवान! क्या देख रहा हूँ मैं! आज आपने तो चमत्कार कर दिया। ये मेरा खडूस बॉस आज कैसी-कैसी हरकतें कर रहा है। मुझे तो ऐसा लग रहा है कि मैं अभी तक नींद से नहीं जगा हूँ।" बोलते हुए उसने खुद को एक चुटकी काटी। जो उसने थोड़ी तेजी से काट ली थी, जिससे उसे दर्द हुआ और वह बोला, "अरे नहीं यार, यह तो सच है। सच में भगवान, ऐसे सीन देखकर तो मेरा दिल एकदम गार्डन-गार्डन हो गया। ये हमेशा मुझे टॉर्चर करते रहते हैं, अब वह खुद परेशान होंगे और मैं मज़े लूँगा। इतने वक्त से मेरी ज़िंदगी बेचारे, बेबस लाचार वर्कर की तरह हो गई थी, सिर्फ़ इनके कारण।"


    समायरा की बातों पर शौर्य उसे अपने से दूर करते हुए बोला, "यह सब क्या बोल रही हो तुम? पागल तो नहीं हो गई? दिमाग ठिकाने हैं तुम्हारा? या फिर नशे में तो नहीं हो जो ऐसी बातें कर रही हो।"

    यह बात बोलते हुए शौर्य बहुत ही ज़्यादा घबराया हुआ लग रहा था। उसे ऐसे देखकर समायरा ने अपने मन में कहा, "क्या यार! मैं तो एकदम ही अपने दिल की सारी बातें बोल गई और अब कैसे बात संभालूँ?"

    इतना सोचकर उसने अपने निचले होठों को काटा और फिर शौर्य की तरफ देखकर एकदम से हँसते हुए बोली, "कैसे 12:00 बजे हुए हैं? आपके चेहरे पर कोई देखकर कहेगा नहीं कि शौर्य आहूजा भी किसी से डर सकता है। लेकिन मुझे नहीं पता था कि इतनी सी बात से आप इतना घबरा जाएँगे। मैं तो बस मज़ाक कर रही थी।"

    इतना बोलते हुए वह जोर-जोर से हँसने लगी। दूसरी तरफ शौर्य को बहुत ही ज़्यादा गुस्सा आया और वह उसके इस तरह से हँसने पर बहुत ही ज़्यादा शर्मिंदा महसूस कर रहा था। इसीलिए वह गुस्से में घूर कर उसे ही देख रहा था। उसका मन कर रहा था कि अभी उसका गला दबा दे जिससे कि उसकी सारी हँसी अंदर ही दब जाए।

    शौर्य एकदम से उसकी तरफ आगे आया और बोला, "You... How dare you to make fun of me..."

    उसके इस तरह से नज़दीक आने पर डर की वजह से समायरा ने अपनी आँखें एकदम कसकर बंद कर लीं। वह अभी बहुत ही प्यारी और मासूम लग रही थी। शौर्य उसे देखकर अपनी जगह पर ही रुक गया और एकटक उसकी तरफ़ ही देखने लगा। आगे वह उसे और कुछ नहीं बोल पाया।

    वह दोनों अभी भी आमने-सामने ही खड़े थे कि तभी वहाँ डायरेक्टर का असिस्टेंट आ गया।

    वह शौर्य और समायरा से बोला, "सर और मैम, आप लोग चलिए, वैनिटी वैन रेडी है। आज आप दोनों को मरीन ड्राइव पर शूट करना है।"

    मरीन ड्राइव पर शूट करने के नाम पर समायरा के चेहरे पर बड़ी सी स्माइल आ गई और वह बिना किसी की परवाह किए अकेले ही वैनिटी वैन की तरफ़ चल दी।

    उसके इस मूव पर शौर्य एक बार फिर हैरान था। वह खुद में ही बड़बड़ाया, "अभी तक तो यह लड़की मेरे करीब आ रही थी और शूट के नाम पर अकेले ही चल पड़ी। अजीब पागल लड़की है। इससे दूर रहने में ही भलाई है, वरना किसी दिन पूरी तरह पागल करके ही छोड़ेगी।" फिर अपना सर झटकते हुए वह भी उसी ओर बढ़ गया।


    मरीन ड्राइव बीच पर,

    समायरा और शौर्य दोनों ने अपने कपड़े चेंज कर लिए थे। समायरा ने पर्पल और फ्लावर प्रिंटेड कॉम्बिनेशन की crop top with शॉर्ट स्कर्ट पहनी हुई थी और उसके साथ एक लॉन्ग श्रग डाला हुआ था। शौर्य ने फ्लावर प्रिंटेड शर्ट के साथ शॉर्ट्स पहने हुए थे।

    फिर दोनों का फोटोशूट स्टार्ट हो गया। शौर्य और समायरा ने काफी ब्यूटीफुल फोटोशूट कराए थे। उन्हें साथ में देखने से ऐसा लगता था जैसे कि वे लोग रियल कपल हैं। वे दोनों साथ में इतने खूबसूरत लग रहे थे कि वहाँ खड़ा हर एक शख्स उन्हें ही देख रहा था। सारे कास्ट और क्रू मेंबर की नज़र उन दोनों पर ही थी, किसी की भी नज़र उन पर से हट ही नहीं रही थी।

    फोटोशूट उन्होंने बहुत अच्छे और प्रोफेशनल तरीके से खत्म किया। वहाँ पर आने से पहले समायरा ने आज फोटोशूट और पोज़ से रिलेटेड काफी सारी रिसर्च की थी। वह पहले ही काफी इंटेलिजेंट थी इसलिए यह सारी चीज़ें सीखने में उसे इतनी प्रॉब्लम नहीं आई। उल्टा उसे मज़ा आ रहा था नई-नई चीज़ एक्सप्लोर करने में। उसकी पूरी लाइफ बदल गई थी, लेकिन उसने काफी अच्छे से इस नई लाइफ में खुद को ढाल लिया था।

    हाँ, समायरा कभी-कभी थोड़ा क्लूलेस फील करती थी, खासकर उसकी बॉडी में आने से पहले की लाइफ के बारे में कुछ ना पता होने की वजह से। लेकिन वह सब भी वह पता करने की कोशिश में लगी हुई थी। इसके अलावा उसे अपने मिशन का भी ध्यान था, जिसमें उसकी जान गई थी। लेकिन समायरा के शरीर में उसे दूसरा जन्म मिला था, तो वह समझ रही थी कि यह भी उसके लिए एक मौका था अपना मकसद पूरा करने का और वह अपना मकसद बिल्कुल भी नहीं भूली थी।

    फोटोशूट खत्म होने के बाद, दोनों को थोड़ी देर आराम करने का समय मिला। समायरा वैनिटी वैन में बैठी थी और अपने फोन पर कुछ देख रही थी, जबकि शौर्य बाहर ही टहल रहा था। समायरा के बारे में सोचता हुआ वह काफी बेचैन महसूस कर रहा था।

    To Be Continued

  • 15. Reborn As A Star - Chapter 15

    Words: 1550

    Estimated Reading Time: 10 min

    समायरा अपनी असिस्टेंट माही से बात कर रही थी। शौर्य ने उसकी आवाज सुनी और अनजाने में ही उसकी ओर बढ़ गया।

    वह समायरा और माही के पीछे जाकर चुपचाप खड़ा हो गया और उनकी बातें सुनने लगा। उसे खुद समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वह समायरा में इतना इंटरेस्ट क्यों ले रहा था?

    समायरा ने माही को एक फोटो दिखाते हुए कहा, "देखो, ये तस्वीर कितनी खूबसूरत आई है।"

    शौर्य ने फोटो देखा और मन ही मन उसे भी फोटो अच्छी लगी। माही ने समायरा की बात का जवाब देते हुए कहा, "हां मैडम, यह फोटो तो सच में बहुत अच्छी है। जब ये लोग ये सारे फोटोस रिलीज करेंगे ना, तो सबके रिएक्शन देखने लायक होंगे।"

    माही की इस बात पर समायरा हंसने लगी। ना चाहते हुए भी शौर्य के चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आ गई। वह वहाँ से अपनी जगह पर चला गया।

    डायरेक्टर का असिस्टेंट वहाँ आया और बोला, "मैम! अगले सीन के लिए तैयार हो जाइए। हमें जल्दी ही शूट शुरू करना है।"

    उसने शौर्य को पहले ही सूचित कर दिया था।

    उन दोनों ने अपने-अपने कपड़े बदले और मरीन ड्राइव पर सेट की तरफ बढ़े।

    अगला सीन एक रोमांटिक डिनर डेट का था, जो समुद्र के किनारे पर सेट किया गया था। उसमें भी वे दोनों क्लॉथिंग ब्रांड को प्रमोट कर रहे थे और उसी हिसाब से ऐड की स्क्रिप्ट लिखी गई थी।

    उस सेट को काफी खूबसूरती से सजाया गया था। चारों ओर मोमबत्तियाँ जल रही थीं और समुद्र की लहरें शांत आवाज में गूंज रही थीं।

    शौर्य और समायरा ने अपनी-अपनी जगह ली और सीन शुरू हुआ।

    डायरेक्टर ने कहा, "एक्शन!"

    स्क्रिप्ट के हिसाब से एक्ट करते हुए शौर्य ने समायरा की आँखों में देखते हुए कहा, "सिया, मुझे तुम्हारे बारे में कुछ पूछना था।"

    समायरा ने प्यार भरी नजरों से उसकी तरफ देखते हुए कहा, "पूछो न, आरव।"

    शौर्य ने थोड़ी गंभीरता से पूछा, "तुम्हें सच में लगता है कि हम दोनों के बीच कुछ हो सकता है?"

    समायरा ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा, "आरव, प्यार होता नहीं है, हो जाता है। और मुझे लगता है कि हमारे बीच कुछ खास है, जिसे हम दोनों ही महसूस कर सकते हैं।"

    शौर्य ने उसके जवाब को सुनकर थोड़ा चौंकते हुए कहा, "तुम्हारी बातें हमेशा दिल को छू जाती हैं, समायरा।"

    डायरेक्टर ने "कट!" कहते हुए सीन खत्म किया। सभी ने तालियाँ बजाईं और उन दोनों की एक्टिंग की तारीफ़ करने लगे। लेकिन समायरा एक्टिंग नहीं कर रही थी; उसने जो कुछ भी बोला था, वह सब एकदम सच था।

    सभी उन दोनों की तारीफ़ करने लगे और उस सीन की तारीफ़ें सुनकर दोनों के चेहरे पर खुशी के भाव थे।

    इसके बाद पैकअप हो गया और डायरेक्टर ने सभी को वापस चले जाने के लिए कहा। शूट खत्म होने के बाद समायरा और शौर्य की आपस में कोई बात नहीं हो पाई और वे दोनों अलग-अलग ही अपने घर वापस आ गए।


    अगले दिन सुबह, जब समायरा सो कर उठी, तो उसके पास एक फ़ोन कॉल आया। उसे बताया गया कि पिछले दिन की तरह आज भी इस लोकेशन पर फ़ोटोशूट है क्योंकि कुछ डायरेक्टर को ठीक नहीं लगा था; उसे रीशूट करवाना था। इसके अलावा कुछ नए डिजाइन के कपड़े भी आ गए थे और उन्हें पहनकर भी कुछ और फ़ोटोस क्लिक होने थे।

    माही ने उसे इस बारे में फ़ोन करके सूचित किया, क्योंकि माही के पास ही उसके काम से संबंधित सारे कॉल आते थे। इसलिए वह कॉल अटेंड करने के बाद समायरा के पास आज दोबारा से इस फ़ोटोशूट लोकेशन पर जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था, इसलिए वह तुरंत ही तैयार होने लगी।

    वैसे भी उसे फ़ोटोशूट पर जाने में कोई परेशानी नहीं थी। उल्टा, वह यह सोचकर खुश हो रही थी कि कल की तरह आज भी उसे शौर्य के साथ और उसके नज़दीक रहने का मौका मिलेगा।

    वह एकदम समय से लोकेशन पर पहुँच गई थी। उसे यहाँ पर आए हुए 2 घंटे हो चुके थे, लेकिन उनका फ़ोटोशूट अभी भी चल रहा था। शौर्य और समायरा एक-दूसरे के बेहद करीब थे; एक-दूसरे की बाहों में। समायरा शौर्य की इतनी नज़दीकी से उसके आकर्षण में खो चुकी थी और बेपरवाह होकर उसकी आँखों में देख रही थी। समायरा के काफ़ी देर तक ऐसे देखने के कारण अब शौर्य को थोड़ा uncomfortable feel होने लगा; वह अपनी नज़रें इधर-उधर घुमाने लगा।

    माथे से पसीने की बूँदें छूट रही थीं, मगर शौर्य के movement काफी slow थे, जिसे सिर्फ़ उसके करीब खड़ा इंसान ही नोटिस कर सकता था। और इस वक़्त उसके करीब सिर्फ़ समायरा खड़ी थी। वह उसके uneasy behaviour को नहीं, बल्कि उसके आकर्षण को पहचानने में लगी हुई थी।

    डायरेक्टर ने भी समायरा के मन की बात ही कह दी थी, क्योंकि उसे कल की फ़ोटोस में उन दोनों की अंतरंगता थोड़ी कम लगी थी। वे दोनों उतना करीब नहीं आ पाए थे, ख़ासकर शौर्य। इसलिए ही डायरेक्टर ने आज उन्हें दोबारा अच्छे से निर्देश दिए और एकदम नज़दीक रहकर किसी कपल की तरह फ़ोटो खिंचवाने को कहा। शौर्य आज काफ़ी प्रोफ़ेशनल होकर सारे निर्देशों का पालन कर रहा था, क्योंकि वह नहीं चाहता था कि एक बार फिर से यह सब रीशूट हो।

    समायरा अभी भी कुछ ज़्यादा दाँत दिखाते हुए मुस्कुराकर उसकी तरफ़ ही देख रही थी।

    ये देख शौर्य मन में बोला, "अब मुझे लग रहा है, इस लड़की के साथ काम करना मेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी गलती साबित हो सकती है! पर अब इसका कुछ कर भी नहीं सकता! फ़ाइनल कॉन्ट्रैक्ट जो साइन हो गया है और हम दोनों ने ही साइन कर दिए हैं।"

    शौर्य जो अपने काम के लिए इतना प्रोफ़ेशनल और सीरियस था, अब समायरा में भी धीरे-धीरे इंटरेस्ट लेने लगा था।

    शौर्य ने धीरे से समायरा की कमर में हाथ डाला और उसे थोड़ा और करीब कर लिया। इस वजह से समायरा की खुली ज़ुल्फ़ें उसके चेहरे पर आने लगीं। वह धीरे से अपनी दो उंगलियों से उन्हें कान के पीछे करने लगा। दोनों इसी तरह एक-दूसरे में खोए हुए थे और बाकी सारी चीज़ें भूल चुके थे।

    वे दोनों एक-दूसरे के और नज़दीक आते, उससे पहले ही पीछे से डायरेक्टर की ज़ोर से चिल्लाने की आवाज़ आई, "शौर्य सर, समायरा मैडम, ये आप दोनों क्या कर रहे हैं? आपने गलत पोज़ क्यों किया? हमें यहाँ पर ये पोज़ नहीं देने थे। इतनी बड़ी गलती आप लोग कैसे कर रहे हैं आज?"

    डायरेक्टर की आवाज़ जैसे ही शौर्य के कानों में पड़ी, वह तुरंत होश में आया और झटके से समायरा से अलग हो गया।

    उसे बेहद शर्मिंदगी महसूस हो रही थी। वह हड़बड़ाते हुए बोला, "सॉरी, डायरेक्टर। मुझे लगा इस वक़्त ये पोज़ ज़्यादा सूट करेगा।"

    फिर समायरा की तरफ़ थोड़ा झुककर उसके कानों में बोला, "तुम पागल लड़की, तुम्हें समझ नहीं आता? तुम ऐसे मुझे यहाँ घूर क्यों रही हो? ऐसे देख रही हो जैसे मुझे अभी के अभी कच्चा निगल जाओगी। पागल हो गई हो? मुझे घूरना बंद करो। तुम्हारे ऐसे करने से मैं अनकंफर्टेबल हो रहा हूँ।"

    अब समायरा भी होश में आ चुकी थी। शौर्य की बातें सुनकर वह घबराते हुए बोली, "अ-अरे, ये आप क्या कह रहे हैं? मैंने कब आपको अनकंफर्टेबल किया? मैं तो इतना अच्छा पोज़ दे रही थी। देखिए, हमारा ये सीन कितना नेचुरल लग रहा था। और मुझे डायरेक्टर ने ही बोला था आपकी तरफ़ देखने के लिए, बस इसीलिए मैं देख रही थी। जैसा आप सोच रहे हैं, मेरा ऐसा कोई मतलब नहीं था। मुझे लगा बस ये सब अच्छा लगेगा, इसलिए मैंने किया। तो अब आपको मुझे ज़्यादा डाँटने की ज़रूरत नहीं है, समझे?"

    वह बहाने बनाते हुए नज़र इधर-उधर घुमाती हुई बोली। इस बीच उसने एक बार भी शौर्य से नज़र नहीं मिलाई, क्योंकि उसे भी थोड़ा अजीब महसूस हो रहा था। अभी कुछ देर पहले वे दोनों जितना नज़दीक थे, वह याद करके उसे अपने पेट में गुदगुदी सी महसूस हो रही थी।

    उसकी ऐसी बातें सुनकर शौर्य उसे गुस्से से घूरता हुआ दूसरी ओर जाने लगा।

    समायरा भी शर्मिंदगी से दूसरी ओर चली गई और आराम करने लगी। कुछ देर आराम करने के बाद डायरेक्टर ने फिर से उन्हें फ़ोटोशूट के लिए कहा और साथ ही निर्देश भी दिया कि उनसे कोई गलती न हो।

    इस बार दोनों काफ़ी सीरियस थे और समायरा ने भी थोड़ी देर के लिए शौर्य के लिए अपनी भावनाओं को अलग रख दिया, तो जल्दी ही फ़ोटोशूट ख़त्म हो गया, बिना किसी गलती और लापरवाही के। इस बार डायरेक्टर संतुष्ट था। शूट के बाद दोनों अपनी-अपनी वैनिटी वैन में चले गए।

    उनके जाने के लगभग 5 से 10 मिनट बाद, कैमरामैन ने डायरेक्टर को अपने पास बुलाया और उसे सबसे पहले जो अभी लास्ट फ़ोटोशूट हुआ था, वह दिखाया।

    To Be Continued

  • 16. Reborn As A Star - Chapter 16

    Words: 1539

    Estimated Reading Time: 10 min

    फिर उस वक्त की फुटेज दिखाई गई जब समायरा और शौर्य दुनिया से बेखबर एक-दूसरे में खोए हुए थे। उन दोनों तस्वीरों को देखकर डायरेक्टर की आँखों में चमक आ गई। ये फोटो सच में काफी अच्छी लग रही थीं क्योंकि उन फोटो में समायरा और शौर्य ज्यादा नेचुरल लग रहे थे, जैसे वे दोनों सच में एक-दूसरे के प्यार में खोए हों और उन्हें किसी की परवाह न हो।

    समायरा के उड़ते बालों को शौर्य अपने हाथों से संभाला, उसकी कमर पकड़कर अपने करीब किया और समायरा का उसे बिना पलक झपकाए एक ही पोज़िशन में देखे जाना, सब कुछ बेहद खूबसूरत लग रहा था।

    "यह सारी फोटो फाइनल करो," डायरेक्टर खुशी से बोला, "और साथ ही यह वाला वीडियो भी मुझे चाहिए और इसकी सारी फोटोस भी। हाँ, इनमें उनकी पोजीशन उस तरह से नहीं है जैसे हमने चाहते थे, बट इनके एक्सप्रेशंस इतनी रियल और नेचुरल हैं कि कुछ और मैटर ही नहीं करता।"

    "डायरेक्टर सर, मैं भी यही दिखाना चाहता था," कैमरामैन मुस्कुराया और बोला, "आखिरकार, दोनों ही इतने एक्सपीरियंस्ड एक्टर्स हैं। अगर उन्होंने कोई पोज़ दिया है अपने हिसाब से, तो कुछ समझकर ही दिया होगा। तो पहले आपको उन्हें कुछ कहने से पहले उनके स्किल पर विश्वास रखना चाहिए।"

    डायरेक्टर ने भी कैमरामैन की बात सुनकर बस हामी में सिर हिला दिया और वहाँ से निकल गया।

    वहीं शौर्य अपनी चेयर पर बैठा लगातार समायरा के बारे में ही सोच रहा था।

    वह खुद से बोल रहा था, "मुझे समझ नहीं आ रहा कि हर वक्त मुझसे लड़ने-झगड़ने वाली इस लड़की को अब अचानक से क्या हो गया है कि ऐसे बिहेव करने लगी है जैसे हमारे बीच सब कुछ नॉर्मल हो, या फिर शायद उससे भी ज्यादा कुछ स्पेशल हो हमारे बीच और ये मेरे प्यार में पूरी तरह पागल हो गई हो।"

    "उसका वह पहले की तरह हर वक्त मुझसे लड़ना-झगड़ना, ताने देना और पता नहीं क्या-क्या। पहले तो जब देखो तब आकर मुझे भिड़ती रहती थी। वह सब मुझे अभी भी याद है। वैसे वह अब भी मुझसे भिड़ती है मगर अब झगड़ने के लिए नहीं बल्कि मेरे साथ फ्लर्ट करने के लिए। अब ये लड़की मुझसे फ्लर्ट करने लगी है। आखिर यह सब इसके दिमाग में आ कहाँ से रहा है? चल क्या रहा है इसके दिमाग में? कहीं यह सब इसलिए तो नहीं ताकि यह मूवी इसके हाथ से न चली जाए? हो सकता है। जितनी स्मार्ट और चालक ये है, उस हिसाब से यही रीजन हो सकता है इसके ऐसे बिहेवियर का।"

    यही सब सोचते हुए शौर्य अपनी जगह से उठ गया और उस ओर जाने लगा जहाँ कुछ देर पहले तक समायरा थी।

    वहाँ पहुँचकर उसने देखा कि समायरा अब वहाँ नहीं थी। एक क्रू मेंबर से उसने पूछा, "मिस समायरा कहाँ हैं? अभी तक तो यहीं पर थीं।"

    "सर, समायरा मैम! अपनी मैनेजर माही के साथ कुछ देर पहले ही यहाँ से निकल गईं।" वह क्रू मेंबर उसकी बात का जवाब देते हुए बोली।

    इतना कहते हुए उस स्टाफ मेंबर लड़की के गाल काफी ब्लश कर रहे थे क्योंकि शौर्य ने खुद ही आकर उससे कुछ पूछा था। यही उसके लिए बहुत बड़ी बात थी और वह शौर्य के सामने खड़े होने से भी शर्मा रही थी, पर शौर्य ने ये सब नोटिस नहीं किया और वह क्रू मेंबर उसे जवाब देकर तुरंत वहाँ से भाग गई। उसने भी शौर्य को कुछ बोलने का मौका ही नहीं दिया।

    शौर्य को यह सुनकर कि समायरा जा चुकी है, काफी निराशा हुई। अचानक ही वह उसे मिस करने लगा। उसका मुँह लटक गया था। वह उदासी से खुद से बोला, "क्या वह चली भी गई? इतनी भी क्या जल्दी थी कि जाने से पहले उसने मुझे एक भी बार बताया भी नहीं। कम से कम एक बार मुझसे मिल तो लेती। अब पता नहीं कब मिलना हो। नेक्स्ट फोटोशूट कब होगा, इसका भी कुछ पता नहीं है।"

    उसे खुद भी नहीं पता था कि क्यों लेकिन अब उसे थोड़ा गुस्सा आने लगा था। इसलिए उसने पास की दीवार पर अपना एक हाथ कस के मारा और गुस्से से दाँत पीसते हुए बोला, "ओह गॉड! ये लड़की! क्या करूँ मैं इसका? अब मैं इतना सोचने लगा हूँ इसके बारे में आखिर क्यों वह मुझसे बात कर अपने घर जाएगी? ऐसा तो कोई भी स्टार नहीं करते। काम खत्म होते ही जब जिसका मन होता है वह चला जाता है तो फिर क्यों मैं यह एक्सपेक्ट कर रहा था कि वह मुझसे बात कर जाएगी? आखिर क्यों? मैं सच में पागल हो जाऊँगा!"

    इतना बोलते हुए शौर्य ने दोनों हाथों से अपना सिर पकड़ लिया और वहाँ से सीधा अपनी वैनिटी वैन में चला गया। वैन के अंदर जाने से पहले उसने नकुल से अपने लिए एक स्ट्रांग कॉफी लेकर आने के लिए भी बोल दिया था।


    वहीं दूसरी ओर, रात गहरी हो चुकी थी। समायरा ने अपने अपार्टमेंट के कमरे में आँखें बंद करके सो रही थी। अचानक उसकी आँखें खुलीं, और वह अपने चारों ओर नज़रें घुमाई। बेड से उठकर पहले उसने बालकनी में जाकर खुली हवा का आनंद लिया। रात की ठंडी हवा समायरा को एक अलग सुकून दे रही थी।

    कुछ देर तक वहाँ की ताज़ी हवा में खड़ी रहने के बाद, वह वापस अपने कमरे के अंदर आई और बालकनी का गेट लॉक कर दिया। इसके बाद वॉशरूम में जाकर पूरी ब्लैक ड्रेस में तैयार हो गई।

    उसे ज़्यादा कुछ तो समझ नहीं आ रहा था इसलिए उसने ब्लैक लेदर जींस पहन ली जो कि वहाँ पर समायरा के वार्डरोब में उसे आसानी से मिल गई और फिर उसने ब्लैक कलर का हाई नेक पहना और ऊपर से ब्लैक ही जैकेट पहन ली। और वह कोई स्कार्फ या रुमाल ऐसा कुछ चेहरा ढकने के लिए भी ढूँढ रही थी लेकिन उसे ऐसा कुछ नहीं मिला। फिर उसे माही के पर्स में एक फेस मास्क मिल गया तो उसने वही अपने जींस की पॉकेट में रख लिया जिसे वह घर से बाहर निकलने के बाद लगाने वाली थी।

    निकलने से पहले उसने खुद को आईने में देखा और वह काफी अलग लग रही थी। हमेशा इस तरह से तैयार होती थी तो उसका अपना चेहरा होता था लेकिन अभी वह समायरा के शरीर में थी तो उसका चेहरा भी अलग था। यह सब सोचकर सुरभि ने एक गहरी साँस ली और अब उसने खुद को समायरा की तरह स्वीकार कर लिया था।

    फिर वह लक्ष्य के कमरे की तरफ ही बढ़ गई, उसे देखने के लिए। वहाँ उसने देखा कि लक्ष्य सो रहा था।

    लक्ष्य के सोते हुए देखकर समायरा ने राहत की साँस लेते हुए कहा, "चलो अच्छा है यह सो रहा है। अब मुझे निकलने में आसानी होगी।"

    पूरी तरह से तसल्ली हो जाने के बाद, जैसे ही वह मुड़कर वापस जाने लगी, उसके कानों में लक्ष्य की अलसाई हुई आवाज पड़ी, "where are you going baby, इतनी रात को इस तरह के कपड़ों में कहाँ जा रही हो?"

    लक्ष्य के अचानक उठने से समायरा एकदम से हड़बड़ा गई और हकलाते हुए बोली, "ना, नहीं, बेबी, कहीं नहीं।"

    "अच्छा अगर कहीं नहीं जाना तो फिर इस तरह से रेडी क्यों हुई हो?" लक्ष्य ने शक भरी नज़रों से उसकी तरफ देखते हुए पूछा।

    समायरा को कुछ समझ नहीं आ रहा था, इसलिए उसने झूठ बोलते हुए कहा, "अरे हाँ, जाना है ना। वह क्या है ना, एक्चुअली मेरा आज शूट था रात के वक्त, और सीन कुछ ऐसे थे जिसमें मुझे ऐसे ही कपड़े पहनने थे। अब मैंने सोचा कि वहाँ जाकर कपड़े बदलने से बेहतर है कि मैं पहले से ही इसी कपड़े में चलूँ! फिर वहाँ जाकर अपने स्क्रिप्ट वाले कपड़े पहनकर आती वक्त और फिर घर लौटकर दूसरे कपड़े पहनूँ, यह सब बहुत हेक्टिक हो जाता। और मैं कपड़े चेंज करने में ही थक जाती हूँ इसलिए मैं पहले से ही सब कुछ करके जा रही थी।"

    समायरा के इतने लंबे चौड़े एक्सप्लेनेशन को सुनकर ही लक्ष्य की आधी नींद उड़ गई थी। और उसे समायरा की बातों पर जरा भी विश्वास नहीं हो रहा था क्योंकि जितना वह जानता था, इंडस्ट्री में कोई भी एक्ट्रेस या एक्टर घर से ही कॉस्ट्यूम पहनकर नहीं आते थे क्योंकि वे उन्हें वहाँ पर ही दिए जाते थे।

    अपनी तरफ से बात को पूरी तरह एक्सप्लेन करने के बाद समायरा ने जबरदस्ती मुस्कुराया और फिर वह तुरंत वापस मुड़कर जाने लगी, लेकिन वह बस उसके कमरे से ही बाहर निकली थी कि लक्ष्य भी उसके पीछे आ गया। लक्ष्य ने एक झटके से उसका हाथ पकड़ा और बोला, "बेबी, इतनी रात को तो कम से कम मत जाओ। कभी मेरा भी ख्याल कर लिया करो, तुम्हारा तो एक बॉयफ्रेंड भी है। कभी उसके साथ भी टाइम स्पेंड कर लिया करो। पूरे दिन शूटिंग के बाद, अब रात को भी काम पर ही जाओगी क्या? तो फिर मेरा क्या होगा, यह नहीं सोचती तुम कभी?"

    यह सब कहते हुए वह समायरा से कंप्लेंट कर रहा था।


    To Be Continued

  • 17. Reborn As A Star - Chapter 17

    Words: 1623

    Estimated Reading Time: 10 min

    समायरा उसके हाथ पकड़ने से पहले ही असहज हो चुकी थी, और उसकी बचकानी शिकायतें उसे चिढ़ा रही थीं। फिर भी, वह सीधे मुँह उसे कुछ नहीं कह पाई।

    लेकिन समायरा ने धीरे से अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा, "देखो लक्ष्य, काम भी ज़रूरी है ना। इसी काम के बदौलत मैं आज इतनी बड़ी एक्ट्रेस हूँ और इतने पैसे कमा रही हूँ। अब मैं इसे कैसे छोड़ सकती हूँ? अभी इस वक्त का शूट भी महत्वपूर्ण है। इसलिए जा रही हूँ, वरना किसी और दिन साथ में समय बिता लेंगे, ओके।"

    इतना बोलकर वह जाने लगी। तो लक्ष्य ने फिर उसे मनाते हुए कहा, "नहीं, इतनी रात को तुम कहीं भी नहीं जाओगी। और अगर जाना इतना ही ज़रूरी है, तो मैं भी तुम्हारे साथ चलूँगा।"

    यह बात सुनकर समायरा की आँखें हैरानी से फैल गईं। चाहे कुछ भी हो जाए, वह लक्ष्य को अपने साथ नहीं ले जा सकती थी। वह जहाँ जा रही थी, उसके बारे में तो वह अपनी परछाई को भी नहीं बता सकती थी, फिर लक्ष्य को पता चलना तो बहुत दूर की बात थी।

    इसलिए, आखिरकार वह हार मानते हुए बोली, "अच्छा ठीक है, नहीं जा रही हूँ। लेकिन मैं मैसेज करके मना कर देती हूँ।"

    इतना बोलकर समायरा ने अपना मोबाइल फोन उठाया और किसी को मैसेज करने का नाटक करने लगी। असल में, वह जहाँ जा रही थी, उसके बारे में किसी को पता ही नहीं था, तो मना करने का सवाल ही नहीं उठता था।

    लक्ष्य ने समायरा को घर पर रुकने के लिए तो मना लिया था, लेकिन उसने नोटिस किया कि वह बहुत ही अजीब बर्ताव कर रही थी। वह काफी देर से समायरा की अजीब हरकतें नोटिस कर रहा था।

    समायरा उसे अपने करीब नहीं आने दे रही थी और बार-बार उससे दूर जाने के बहाने ढूँढ़ रही थी।

    इसलिए लक्ष्य समायरा के थोड़े करीब जाते हुए अपना हाथ बढ़ाकर उसके सिर और गर्दन को चेक करने की कोशिश करने लगा और बोला, "बेबी! तुम्हें पिछले कुछ दिनों से क्या हो गया है? तुम इतनी अजीब हरकतें करने लगी हो, ऐसा लग रहा है कुछ तो गलत है। Are you fine?"

    इतना कहते हुए उसने उसके सर, हाथ और गर्दन को छूना शुरू कर दिया।

    उसके बार-बार छूने पर समायरा फिर से असहज हो गई।

    वह मन ही मन बोली, "हे भगवान, आपने इस आदमी को इतना चिपकू क्यों बनाया है? जब देखो तब चिपकता ही रहता है। चलो, अगर यह मेरा बॉयफ्रेंड होता, तब भी ठीक था, लेकिन यह तो समायरा का बॉयफ्रेंड है, वह भी पता नहीं कैसे? मैं तो इसे जानती भी नहीं और बहुत अजीब लगता है जब यह करीब आता है। इसके चिपकने से मुझे घिन आती है।"

    यह सब सोचते हुए, समायरा ने गुस्से से उसका हाथ झटक दिया और चिल्लाते हुए बोली, "Lakshya, please stay away from me। क्या तुम मुझसे चिपकना बंद कर सकते हो? दूर रहकर भी तो तुम मुझसे बात कर सकते हो, ना?"

    उसके इस तरह से झटकने पर लक्ष्य हैरान होते हुए बोला, "समायरा बेबी! आखिर तुम्हें क्या हो गया है? तुम अचानक इस तरह का बर्ताव क्यों करने लगी हो? जब से तुम्हारा एक्सीडेंट हुआ है, तब से तुम बहुत अजीब बर्ताव करने लगी हो। मुझे कभी-कभी तो लगता है कि तुम मेरी समायरा हो ही नहीं, जिससे मैं प्यार करता था, जो मुझे इतना प्यार करती थी। बेबी, हम कल डॉक्टर के पास तुम्हारे चेकअप के लिए चलेंगे, और तुम्हारे इस अजीब बर्ताव को उनसे डिस्कस करेंगे।"

    उसकी बात पर समायरा चिढ़ते हुए बोली, "Ohh, please just shut up! मैं कोई पागल हूँ क्या जो तुम मुझे डॉक्टर के पास लेकर जाओगे? अगर तुम मुझे ठीक करना चाहते हो, तो कुछ दिनों के लिए मेरे घर से चले जाओ। कहीं दूर, because I want some personal space and live alone, so you just go."

    लक्ष्य बहुत परेशान होते हुए बोला, "समायरा, ये कैसी बातें कर रही हो? क्या तुम मेरी स्थिति नहीं जानती? देखो, मैं यही कह रहा था, इसीलिए तुम इतना अजीब बर्ताव करने लगी हो। इतने अच्छे से तो तुम मेरी स्थिति के बारे में जानती हो, फिर भी मुझे यहाँ से चले जाने को कह रही हो। पता है ना, मैं कितनी परेशानी में हूँ और मेरे पास रहने की भी कोई जगह नहीं है। मेरी स्थिति बहुत खराब है।"

    समायरा अपनी जगह से उठकर खड़ी हुई और बोली, "कौन सी स्थिति, कैसी स्थिति? तुम्हारी स्थिति के बारे में मुझे नहीं पता! और मुझे कुछ जानना भी नहीं है। अगर तुम्हारी स्थिति खराब है, तो उसे बेहतर बनाओ।"

    लक्ष्य ने बेचारे सा चेहरा बनाते हुए कहा, "कहना आसान होता है, लेकिन यह सब मेरे हाथ में नहीं है। मैं अभी भी एक स्ट्रगलिंग मॉडल हूँ, जिसके पास कोई काम-धंधा नहीं है, ना ही कोई कमाई का जरिया। मैं पूरी तरह से तुम्हारे ऊपर निर्भर हूँ। और मुझे काम भी तुम ही दिलाती हो, और इस हालत में तुम मुझसे कह रही हो कि मैं तुमसे दूर चला जाऊँ। How is it possible? मैं क्या करूँगा, कहाँ जाऊँगा, कभी सोचा है तुमने?"

    उसकी बात पर समायरा कुछ नहीं बोली और बिना कुछ कहे वहाँ से उठकर सीधा अपने कमरे में चली गई। समायरा जब से अपने कमरे में आई थी, उसका दिमाग सिर्फ उसके बारे में ही सोच रहा था। उससे अब और रहा नहीं जा रहा था, इसलिए उसने समय भी नहीं देखा और तुरंत माही को कॉल कर दिया। कुछ देर तक फ़ोन बजता रहा, लेकिन माही ने कोई जवाब नहीं दिया।

    उसने माही को दोबारा कॉल किया। कुछ देर तक रिंग बजती रही। फ़ोन काटने ही वाला था कि दूसरी ओर से फ़ोन पिक हुआ और माही की नींद भरी आवाज समायरा के कानों में पड़ी, "हेलो मैम, आप अब तक सोई नहीं?"

    समायरा ने उसका सवाल अनसुना करते हुए कहा, "माही! तुम मुझे जल्द से जल्द लक्ष्य के बारे में सारी जानकारी पता करके दो!"

    माही, जो अभी नींद में थी, उसने ध्यान से समायरा की बातें नहीं सुनी थीं और अंगड़ाई लेते हुए बोली, "ओके, मैं... मैं पता लगा लूँगी, जो कुछ भी पता लगाना है। लेकिन एक मिनट, क्या कहा आपने? लक्ष्य? आप लक्ष्य सर की बात कर रही हैं, आपके बॉयफ्रेंड? उनके बारे में क्या पता लगाना है? उनके बारे में आपको तो पहले ही सब पता होगा। और वैसे भी, वह आपके बॉयफ्रेंड हैं, तो आप उनसे पूछ सकती हैं।"

    माही अब तक नींद से जाग चुकी थी और उसे बहुत अजीब लगा कि समायरा ने अपने ही बॉयफ्रेंड के बारे में उसे पता लगाने के लिए कहा, वह भी आधी रात को फ़ोन कॉल करके...

    माही के बोलने पर समायरा को भी समझ आ गया कि वह क्या बोल गई। उसने गहरी साँस ली और एक पल के लिए अपनी आँखें बंद करके सोचते हुए बोली, "हाँ, जो मुझे पता है, वह सब नहीं। तुम उसकी प्रोफ़ेशनल लाइफ़ के बारे में पता लगाओ, और पर्सनल भी। मुझे ऐसा लगता है शायद वह मुझ पर धोखा कर रहा है। और जहाँ वह मुझे बताता है, वहाँ पर सच में काम करने जाता है या नहीं, यह सब पता लगाना है तुम्हें!"

    समायरा ने किसी तरह बात संभाल ली। माही को भी समझ आ गया और उसने "ओके" बोलकर कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया और दोबारा सो गई क्योंकि रात के 2:00 बज रहे थे और समायरा ने बिना समय देखे ही उसे फ़ोन कॉल कर दिया था। लेकिन समायरा का कॉल वह हर वक्त रिसीव करती थी। दूसरी तरफ, समायरा ने कपड़े बदलकर अपने बिस्तर पर लेट गई और उसने दरवाज़ा अंदर से लॉक कर लिया ताकि लक्ष्य उसके कमरे में ना आ पाए।

    अगली सुबह, समायरा अभी-अभी नहाकर निकली थी और अपने बाल सुखा रही थी कि तभी उसका फ़ोन बजा, जिस पर माही का नाम दिख रहा था। उसने फ़ौरन कॉल रिसीव किया और जैसे ही उसे अपने कान से लगाया, उधर से माही की हैरान परेशान आवाज सुनाई दी, "मैम, क्या कल रात आपने मुझसे लक्ष्य सर के बारे में पता करने के लिए कहा था?"

    समायरा ने "हाँ" में जवाब दिया।

    यह सुनकर माही और भी परेशान हो गई और बोली, "बट मैम, आप उनकी गर्लफ्रेंड हैं, तो आपको उनके बारे में पता होना चाहिए, फिर आप मुझसे क्यों पूछ रही थीं?"

    इस पर समायरा ने उसे समझाते हुए कहा, "अरे, रात को नींद में थी क्या तुम? तब भी तुमने मुझे यह बात पूछी थी और मैंने तुम्हें जवाब भी दिया था।"

    माही ने थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा, "हाँ मैम! आपने रात को 2:00 बजे फ़ोन किया था। कोई भी नींद में होगा, इसीलिए मुझे ज़्यादा याद नहीं है। और वही कन्फ़र्म करने के लिए मैं दोबारा कॉल कर रही हूँ।"

    समायरा ने उसकी बात का जवाब देते हुए कहा, "वो एक्चुअली क्या है ना, मुझे कुछ दिनों से उसकी हरकतें कुछ अजीब सी लगने लगी हैं। वह थोड़ा वियर्ड बिहेव कर रहा है, जिससे मुझे उस पर शक होने लगा है। इसलिए मैं तुम्हें कह रही थी कि उसके बारे में सब कुछ पता लगाओ। कहाँ जाता है, क्या करता है, किससे मिलता है, कुछ काम-धाम कर रहा है या नहीं। सब तुम पता लगाओ। उसके बारे में सारी डिटेल इनफ़ॉर्मेशन मुझे चाहिए। तुम कैसे करोगी, ये मुझे नहीं पता, But I Want Every Single Detail About Him।"

    क्रमशः

  • 18. Reborn As A Star - Chapter 18

    Words: 1525

    Estimated Reading Time: 10 min

    समायरा ने उसे समझाते हुए कहा, "अरे, रात को नींद में थी क्या तुम? तब भी तुमने मुझे यह बात पूछी थी और मैंने तुम्हें जवाब भी दिया था।"

    माही ने थोड़ा सा हिचकिचाते हुए कहा, "हां मैम! वह रात को 2:00 बजे फोन किया था। आप नींद में होंगी, इसीलिए मुझे ज़्यादा याद नहीं है। और वही कंफर्म करने के लिए मैं दोबारा कॉल कर रही हूँ।"

    समायरा ने उसकी बात का जवाब देते हुए कहा, "वो एक्चुअली क्या है ना, मुझे कुछ दिनों से उसकी हरकतें कुछ अजीब सी लगने लगी हैं। वह थोड़ा वियर्ड बिहेव कर रहा है, जिससे मुझे उस पर शक होने लगा है। इसलिए मैं तुम्हें कह रही थी कि उसके बारे में सब कुछ पता लगाओ। कहाँ जाता है, क्या करता है, किससे मिलता है, कुछ काम-धाम कर रहा है या नहीं। सब तुम पता लगाओ। उसके बारे में सारी डिटेल इनफॉरमेशन मुझे चाहिए। तुम कैसे करोगी, ये मुझे नहीं पता, But I Want Every Single Detail About Him।"

    समायरा की बातें सुनकर माही हैरान होते हुए बोली, "1 मिनट मैम! जहाँ तक मुझे याद आ रहा है, रात को आपने कुछ और भी कहा था। क्या आपको उसके ऊपर शक है कि वह आपको चीट कर रहे हैं? क्या आप उनसे ब्रेकअप कर लेंगी? सच कहूँ तो लक्ष्य सर मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है। वह हमेशा आपको परेशान करते रहते हैं और मुसीबत में फँसाते रहते हैं। अब हमेशा उनके कारण आप रोती रहती हैं। एक पार्टनर के साथ जैसे खुश रहना चाहिए, टाइम स्पेंड करना चाहिए, आप दोनों को देखकर कभी ऐसा फील नहीं होता। वह मुझे आपके लायक नहीं लगता। यहाँ तक कि मैम, आपको जानने वाला और पसंद करने वाला कोई भी इंसान लक्ष्य सर को जरा भी पसंद नहीं करता है। मेरी माने तो अच्छा यही होगा कि आपको उनसे ब्रेकअप कर लेना चाहिए। आपकी खुशी इसी में है।"

    माही की बात सुनकर समायरा ने कहा, "ब्रेकअप? मैं तो लक्ष्य से प्यार करती हूँ ना, तो मैं ब्रेकअप कैसे कर सकती हूँ?"

    माही ने इसका जवाब देते हुए कहा, "मैम, फैसला तो आपके हाथ में है। आपकी खुशी जिसमें है, आप वही करिए। मैं तो सिर्फ आपको एक सलाह दे रही हूँ, बाकी डिसीजन आपका है। आप समझदार हैं; आपके लिए क्या सही है, क्या गलत है, यह फैसला आप ही करिए।" कहकर उसने कॉल काट दिया।


    माही से बात करके अब समायरा सच में परेशान हो चुकी थी। अब उसे कोई न कोई फैसला तो जरूर लेना था। इसलिए वह खुद से बोली, "आखिर माही जो भी कह रही है, वह तो सही है। मुझे इस लक्ष्य का कुछ न कुछ तो करना पड़ेगा, वरना यह मेरे सिर पर ऐसे ही सवार रहेगा और मैं जो चाहती हूँ वह नहीं कर पाऊँगी। इसका चैप्टर तो जल्दी ही क्लोज करना पड़ेगा। सबसे पहले इसी का कुछ करूँगी अब मैं। इसके साथ रहने पर तो मैं अपने मिशन पर फोकस नहीं कर पाऊँगी और ना ही अपनी एक्टिंग पर। हर जगह अपनी टांग अड़ाता रहेगा, मुझे डिस्टर्ब करता रहेगा। और सच तो यही है कि मुझे भी यह लड़का एक नंबर का जोकर लगता है। मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है यह लड़का। पता नहीं क्या देखकर समायरा ने इसे प्यार कर लिया और अपने गले पाल लिया? सच में यह किसी पालतू कुत्ते से कम नहीं है। बिल्कुल भी शर्म नहीं आती, एक लड़की के पैसे पर पलते हुए। चलो, खा रहा है, ठीक है; और ऊपर से कुछ काम-धाम भी नहीं करता कि चलो घर का ही कुछ काम कर ले ताकि कामवाली बाई के पैसे बच जाएँ। पर इन लाड साहब की तो क्या ही कहने।"


    इतना बोलते हुए समायरा ने बेबसी से अपना सिर हिलाया। "पता नहीं क्यों, समायरा ने इसे अपने घर में रखा हुआ है। जहाँ तक मुझे उसके बारे में पता चला है, वह तो काफी समझदार लड़की थी, बहुत ही स्मार्ट है। वह इतनी टैलेंटेड है, एक्टिंग में उसने इतनी कम उम्र में इतना अच्छा मुकाम हासिल किया है, वह भी स्क्रैच से लेकर बिना किसी की हेल्प लिए अपने दम पर। जितनी मैंने उसकी लाइफ देखी है, वह लड़की बहुत ही टैलेंटेड थी। तो वह इस चक्कर में कैसे पड़ी, मेरा सबसे बड़ा क्वेश्चन तो यही है।"


    वह यही सब सोच रही थी कि लक्ष्य एक बार फिर उसके कमरे में टपक पड़ा और बोला, "गुड मॉर्निंग बेबी! क्या कर रही हो? और तुमने अभी तक ब्रेकफास्ट क्यों नहीं बनाया? मैं कब से वेट कर रहा हूँ, कितनी जोर की भूख लगी है मुझे।"


    लक्ष्य की यह डिमांड सुनकर समायरा का खून तो जैसे ही खौल गया। क्योंकि पहले ही उसके बारे में सोचकर वह इतनी परेशान थी, वह कहीं से भी उसे ठीक नहीं लगता था; उसके अलावा उसके पैसों पर ही पल रहा था, उसके घर में रह रहा था, और अब नाश्ते की फरमाइश! वह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पाई।

    वह गुस्से में चिल्ला कर बोली, "ओ हेलो, तुम्हें क्या लगता है? मैं तुम्हारी कोई नौकर हूँ क्या, जो तुम्हारे लिए सुबह-शाम, दोपहर, लंच, ब्रेकफास्ट, और डिनर बनाती रहूँगी? मैं नहीं बना रही तुम्हारे लिए कोई खाना-वाना। खाना है तो खुद बनाओ और खाओ। यह तुम्हारे जंग लगे हुए हाथ हैं, ना? उनको थोड़ा काम पर लगाओ, वरना मेरा दिमाग ही पूरी तरह खा जाओगे किसी दिन। वैसे भी मेरे पास बहुत से काम हैं तुम्हारे लिए खाना बनाने के अलावा।"


    उसकी बात सुनकर लक्ष्य को गुस्सा तो बहुत आया, मगर वह शांत खड़ा रहा और उसी तरह चापलूसी करते हुए बोला, "अरे क्या हुआ? तुम ऐसे चिल्ला क्यों रही हो? अगर तुम्हारा मन नहीं है खाना बनाने का, तो कल की तरह हम आज भी ऑर्डर कर लेंगे। लेकिन मैंने ऐसा क्या किया जो मुझे इतना कुछ सुना रही हो? क्या तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है? वैसे, ऐसे चिल्लाती रहोगी तो बीपी तो बढ़ ही जाएगा।"


    उसकी बात सुनकर समायरा का गुस्सा और भी बढ़ गया। वह फिर से इस तरह गुस्से में लक्ष्य पर चिल्लाते हुए एकदम से बरस पड़ी, "मेरी तबीयत क्यों खराब हो? तुम्हारी खराब हो, और बीपी भी तुम्हारा ही बढ़े जो मुझे गुस्सा दिलाते हो बेवजह! और मेरी तबीयत बिल्कुल ठीक है! लेकिन मुझे फिर भी खाना नहीं बनाना! क्यों बनाऊँ मैं हर सब कुछ? मैं ही करूँ पैसे भी मैं कमाऊँ और फिर खाना भी मैं बनाऊँ? तो फिर तुम यहाँ पर हो क्यों? इससे अच्छा तुम यहाँ से चले जाओ और जो तुम्हें खाना बनाकर खिलाए, उसके साथ रहो जाकर।"


    समायरा को इतने गुस्से में देख कर लक्ष्य ने आगे कुछ भी बोलना ठीक नहीं समझा और वह चुपचाप कमरे का दरवाजा बंद करके बिना कुछ कहे समायरा के रूम से बाहर चला गया।

    अपने रूम में आते ही उसने किसी को कॉल कर दिया।


    दूसरी ओर से कॉल पिक होते ही उसने कहा, "मिहिर यार, तुझसे एक बहुत जरूरी काम था। तू एक बार मेरे घर आ और समायरा का चेकअप कर। इसके साथ कुछ तो गड़बड़ है ना, बहुत अजीब बिहेव कर रही है। तो एक बार चेक करके मुझे बता आखिर इसे हुआ क्या है। अगर इसे तेरी थेरेपी की ज़रूरत हो तो वह भी कर, पर इसे ठीक कर।"


    फ़ोन कॉल दूसरी ओर वाला इंसान लक्ष्य को शांत करते हुए बोला, "चिल ब्रो, डॉक्टर मिहिर है तो किस चीज की टेंशन? वैसे भी मैं बस घर से निकल ही रहा था, तो पहले तेरे घर आ जाता हूँ और देखता हूँ क्या हुआ है समायरा को। और इसी बहाने इतनी खूबसूरत एक्ट्रेस को करीब से देखने का भी मौका मिल जाएगा।"


    मिहिर यह बात बोलते हुए हँस रहा था। लक्ष्य एकदम से बोला, "वह खूबसूरत एक्ट्रेस मेरी गर्लफ्रेंड है और तेरी होने वाली भाभी। इसलिए कुछ उल्टा सीधा सोचा या उसे ऐसे वैसे टच करने की कोशिश की ना तो फिर मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।"


    दूसरी तरफ से मिहिर की थोड़ी सी मायूस आवाज आई, "अरे क्या यार! मैं तो बस एक फैन की तरह बोल रहा था, तुझे तो पता ही है मैं समायरा का कितना बड़ा फैन हूँ। और वैसे भी मुझे पता है तू उसके लिए सीरियस नहीं है। अगर होता तो फिर यह बता आखिर कितनी भाभियाँ बनेंगी मेरी?"


    मिहिर की बातें सुनकर लक्ष्य किसी तरह अपना गुस्सा कंट्रोल करते हुए बोला, "डॉक्टरी छोड़ के वकालत शुरू कर दी है क्या जो इतने सवाल जवाब कर रहा है? तुझे सब पता है अच्छे से। फिर भी ज़्यादा नाटक मत कर और चुपचाप जल्दी से घर आजा। मैं इंतज़ार कर रहा हूँ।"

    "हाँ हाँ ठीक है, मैं आता हूँ।" इतना बोलकर मिहिर ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया।

  • 19. Reborn As A Star - Chapter 19

    Words: 1553

    Estimated Reading Time: 10 min

    1. अब लक्ष्य को सिर्फ़ डॉक्टर मिहिर का इंतज़ार था, जो उसका काफी क्लोज़ फ्रेंड भी था।

    2. कुछ देर बाद, समायरा घर से अपने शूट के लिए निकली ही थी कि डोरबेल बजी और लक्ष्य ने दरवाज़ा खोला।

    3. समायरा ने देखा कि सामने लक्ष्य की उम्र का एक लड़का खड़ा था। मगर समायरा ने उसे पूरी तरह इग्नोर कर बाहर जाने लगी।

    4. लक्ष्य ने उसे रोकते हुए कहा, "अरे बेबी, तुम कहाँ जा रही हो? मैंने तुम्हारे लिए ही तो अपने फ़्रेंड डॉक्टर मिहिर को बुलाया है। यह एक बहुत अच्छे थेरेपिस्ट हैं। हमें उनसे कंसल्ट करना चाहिए तुम्हारे लिए।"

    5. समायरा हैरानी से पीछे मुड़ी और बोली, "What do you mean by he is a therapist? मुझे इनकी कोई ज़रूरत नहीं है! मैं क्या तुम्हें कोई पागल नज़र आती हूँ, जो इन्हें यहाँ बुलाया है? मुझसे ज़्यादा तुम्हें ज़रूरत है थेरेपी की, तुम ही ले लो। मैं चलती हूँ, वैसे भी लेट हो रहा है मुझे।"

    6. इतना बोलकर वह दरवाज़े की तरफ़ जाने लगी तो लक्ष्य ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया।

    7. लक्ष्य ने उसे समझाते हुए कहा, "अरे नहीं बेबी, मेरा वह मतलब नहीं था। मैं यह कह रहा हूँ कि मुझे तुम्हारा बिहेवियर बार-बार बहुत अजीब लग रहा है। जब से तुम्हारा एक्सीडेंट हुआ, तब से तुम्हारे साथ कुछ तो गलत है। मुझे ऐसा फील हो रहा था, इसलिए मैंने मिहिर को बुलाया।"

    8. समायरा उस पर भड़कते हुए बोली, "तुम्हें कुछ अजीब लग रहा है ना? तुम अपना दिमाग चेक कराओ! तुम्हारे दिमाग में कोई कीड़ा तो नहीं है, नल्लेपन का, जो घर में फ़ालतू बेकार बैठे हुए यह सब चीजें सोचते रहते हो? अब कोई काम नहीं होगा तो यही हाल होगा ना, बाकी सारे काम करने वाले लोग तुम्हें अजीब ही लगेंगे।"

    9. समायरा के इतना सब बोलने पर भी लक्ष्य ने उसकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया और उसे ज़बरदस्ती मिहिर से चेकअप करवाने के लिए घर पर रोक लिया और अपने पास बिठा लिया।

    10. समायरा उसके साथ बैठने को तैयार ही नहीं थी और वह लक्ष्य से बहस कर रही थी और अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी। लक्ष्य ने काफी कसकर पकड़ रखा था। इसी बीच लक्ष्य के इशारे पर पीछे से मिहिर ने आकर धीरे से समायरा को एक इंजेक्शन लगा दिया, जिससे वह फ़ौरन ही बेहोश हो गई।


    11. दूसरी ओर, समायरा को शूट के लिए काफी लेट हो जाने की वजह से माही लगातार उसे कॉल कर रही थी, मगर कोई रिस्पांस नहीं था। समायरा का फ़ोन उसके बैग में था और साइलेंट पर होने की वजह से किसी को भी उसकी आवाज़ सुनाई नहीं दी। समायरा भी बेहोश थी, तो उसके उठने का कोई चांस नहीं था। वहीं डॉक्टर मिहिर समायरा का चेकअप करने में लगे थे।

    12. जब तक डॉक्टर मिहिर समायरा का चेकअप कर रहे थे, लक्ष्य समायरा के कमरे में जाकर उसकी अलमारी में से पैसे ढूँढने लगा क्योंकि लक्ष्य के पास बिल्कुल भी पैसे नहीं बचे थे। पहले समायरा उसे अक्सर बिना माँगे ही पैसे दे दिया करती थी, लेकिन अब एक्सीडेंट के बाद से उसने एक बार भी उसे पैसे नहीं दिए थे।

    13. इसलिए लक्ष्य को ऐसा करना पड़ा क्योंकि उसके पास बिल्कुल भी पैसे नहीं बचे थे, इसलिए वह अलमारी में ढूँढने लगा। समायरा की अलमारी में हमेशा ही उसे कुछ कैश और ज्वेलरी मिल जाती थी।

    14. आज भी लक्ष्य के हाथ कुछ ज्वेलरी लग गईं। वह खुश हो गया और सोचने लगा, "कैश तो है ही, साथ में ये ज्वेलरी बेचकर कुछ दिन का काम तो चल ही जाएगा।"

    15. इतना बोलते हुए उसने वह सब कुछ उसकी अलमारी से चुरा लिया और चुपचाप से अलमारी और कमरे का दरवाज़ा बंद करके बाहर निकल गया।

    16. वहीं, माही समायरा के कॉल ना उठाने से अब तक बहुत परेशान हो चुकी थी। उसने अपने फ़ोन को देखते हुए कहा, "दो घंटे हो चुके हैं। पता नहीं आप कहाँ रह गईं? कितना लेट हो रहा है। ना आपने कोई कॉल किया और ना ही आपका कॉल लग रहा है। आखिर हुआ क्या है आपके साथ? कहीं कुछ गलत तो नहीं है? मुझे कुछ अच्छा महसूस क्यों नहीं हो रहा है।"

    17. इतना कहते हुए माही को बहुत ही बेचैनी सी महसूस हुई तो उसने अपने सीने को सहलाया और कुछ गहरी लंबी साँस लेने के बाद वह इधर से उधर बेचैनी से टहलने लगी और फिर साइड में रखी बोतल उठाकर थोड़ा पानी पीते हुए बोली, "थोड़ा और वेट कर लेती हूँ। फिर मैं सीधा आपके घर जाकर ही देखूँगी, आखिर आप कहाँ हैं। कहीं आपकी तबीयत खराब तो नहीं हो गई कुछ दिन पहले के एक्सीडेंट की वजह से। एक्सीडेंट को एक महीना होने वाला है, अब तक तो मैं अच्छी तरह रिकवर हो गई थी।"

    18. यही सब सोचते हुए माही दूसरी जगह जाकर बैठ गई।

    19. वहीं, समायरा के घर पर इसी तरह कुछ वक़्त बीत गया। डॉक्टर मिहिर और लक्ष्य दोनों ही वहाँ से जा चुके थे क्योंकि चेकअप में ऐसा कुछ भी नहीं पता चला था, वह एकदम ही नॉर्मल लग रही थी। मिहिर ने लक्ष्य को यह बात बता दी थी और लक्ष्य का काम हो गया था, उसे वैसे भी पैसे मिल गए थे तो वह भी समायरा को वहाँ पर ही छोड़कर चला गया।

    20. कुछ देर बाद समायरा को होश आया और उसने अपना सिर पकड़कर वहीं सोफ़े पर बैठ गई। कुछ देर तक ऐसी ही बैठी रही फिर खुद से बोली, "अरे, कुछ देर पहले यहाँ क्या हुआ था? मुझे कुछ याद क्यों नहीं आ रहा। अभी तो मुझे अपने हेडक्वार्टर मिशन से रिलेटेड काम पर जाना था ना, तो मैं यहाँ क्या कर रही हूँ? आह्ह्हह, इतना सिर भी फट रहा है क्यों?"

    21. समायरा खुद से ही बात कर रही थी क्योंकि उसे बिल्कुल याद नहीं आ रहा था कि उसके साथ कुछ देर पहले तक क्या हुआ था।

    22. कुछ देर तक अपने दिमाग पर ज़ोर डालने के बाद उसे सब कुछ याद आने लगा कि कैसे वह जा ही रही थी कि तभी लक्ष्य ने उसे ज़बरदस्ती डॉक्टर से चेकअप कराने बिठा दिया और जैसे ही वह बैठी, डॉक्टर ने धीमे से आकर उसे इंजेक्शन लगा दिया और उसके बाद क्या हुआ उसे बिल्कुल याद नहीं था।

    23. यह सब याद आने के बाद वह गुस्से से दाँत पीसते हुए बोली, "इस लक्ष्य की तो! इसे मैं छोड़ूँगी नहीं। एक बार मेरे हाथ लग जाए, एक नंबर का बेशर्म इंसान है यह। इसकी हिम्मत भी कैसे हुई मुझे इंजेक्शन लगवाकर बेहोश करने की? अब तो तुम गए बेटा! एक बार मेरे हाथ लग जाओ।"

    24. कहते हुए वह अपनी जगह से खड़ी हुई और अपने रूम में जाकर चेंज करने लगी। इस वक़्त उसका ध्यान किसी और बात पर नहीं था सिवाय अपने हेडक्वार्टर पर जाने के। कुछ ही देर में वह अपने घर से निकल गई।

    25. इस वक़्त वह जा रही थी अपने हेडक्वार्टर पर कुछ ज़रूरी चीजें पता लगाने। अभी वह रास्ते में ही थी कि तभी उसका मोबाइल रिंग हुआ।

    26. जब उसने फ़ोन निकालकर देखा, तो माही का नाम फ़्लैश हो रहा था। उसने तुरंत कॉल पिक किया। दूसरी ओर से माही की आवाज़ आई, "हेलो मैम, आप कहाँ हैं? कब से आपका वेट कर रही हूँ मैं और आपको कितनी देर से कॉल कर रही हूँ, आपका फ़ोन क्यों नहीं लग रहा था? कहाँ थीं आप?"

    27. समायरा शांति से जवाब देते हुए बोली, "अरे, मैं तो कुछ ज़रूरी काम से बाहर आई थी और तुम्हारा कॉल तो अभी आया है। पहले आया था, यह मुझे नहीं पता है।"

    28. इस पर माही ने कहा, "मैं दो घंटे से लगातार आपका फ़ोन ट्राई कर रही थी मगर लग नहीं रहा था। फिर मैंने सोचा कुछ देर बाद फिर ट्राई करूँगी, तो अभी कर रही हूँ।"

    29. माही की बात सुनकर समायरा को याद आया कि वह पिछले दो घंटे से अपने घर में बेहोश थी, और यह सब उस बेवकूफ़ लक्ष्य के कारण हुआ था। इसलिए उसने सिर्फ़ "Hmm" में जवाब दिया।

    30. फिर माही आगे बोली, "वैसे मैंने इसलिए कॉल किया था क्योंकि आपको सेट पर आना है मूवी के मुहूर्त के लिए। यह मैंने आपको पहले भी बताया था, शायद आप भूल गईं।"

    31. समायरा एक बार फिर याद करने लगी, तो उसे याद आया कि जब वह घर से पहली बार तैयार होकर निकल रही थी और जब लक्ष्य ने उसे डॉक्टर से इंजेक्शन लगवा दिया था, तब वह सेट के लिए ही निकल रही थी।

    32. पर जब उसे होश आया तो वह इस बारे में भूल गई और उसे सिर्फ़ अपने हेडक्वार्टर पर जाना याद था, जबकि हेडक्वार्टर वह कल रात को जाने वाली थी और कल रात में भी लक्ष्य ने उसे बहला-फ़ुसलाकर रोक लिया था, जिस वजह से आज आँख खुलते ही वो सीधे हेडक्वार्टर के लिए निकल गई थी।

    33. To Be Continued

  • 20. Reborn As A Star - Chapter 20

    Words: 1510

    Estimated Reading Time: 10 min

    माही की बात सुनकर समायरा एक बार फिर याद करने लगी। उसे याद आया कि जब वह घर से पहली बार तैयार होकर निकली थी और जब लक्ष्य ने उसे डॉक्टर से इंजेक्शन लगवा दिया था, तब वह सेट के लिए ही निकल रही थी।

    पर जब उसे होश आया तो वह इस बारे में भूल गई। उसे सिर्फ अपने हेडक्वार्टर पर जाना याद था। जबकि हेडक्वार्टर वह कल रात को जाने वाली थी और कल रात में भी लक्ष्य ने उसे बहला-फुसलाकर रोक लिया था। जिस वजह से आंख खुलते ही वह सीधे हेडक्वार्टर के लिए निकल गई थी।

    लेकिन अभी माही का फ़ोन कॉल आने से उसे भी कई सारी चीज़ें याद आ गईं। इसलिए वह बोली,
    "अरे हाँ माही, तुम सही कह रही हो। यह बात तो मेरे दिमाग से स्किप हो गई थी। लेकिन क्या आज मेरा आना ज़रूरी है? और यह मूवी का मुहूर्त, यह क्या होता है?"

    उसकी बात सुनकर माही थोड़ी हैरान हुई। समायरा ने इतनी सारी मूवीज़ की हैं, और मुहूर्त में भी हमेशा गई हैं, तो उसे इस बारे में कैसे नहीं पता है? पर उसने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया इस पर और समायरा को समझाते हुए बोली,
    "मैम, मुहूर्त यह होता है कि जब मूवी स्टार्ट होने वाली होती है, तो उसकी पहले छोटी सी पूजा की जाती है ताकि मूवी अच्छे से हो, बिना किसी रुकावट के। इसलिए गणेश जी का नाम लेकर पूजा के बाद मुहूर्त किया जाता है मूवी का। यह शुभ माना जाता है। और आप इस मूवी की लीड एक्ट्रेस हैं, तो आपका आना ज़रूरी है। और तो और, शौर्य सर भी आ रहे हैं, इस वजह से आपका और भी ज़रूरी हो जाता है क्योंकि मूवी के लीड एक्टर और एक्ट्रेस साथ में होंगे और मुहूर्त भी वही करेंगे।"

    यह सुनकर भी समायरा के दिमाग में इस वक्त लक्ष्य का नाम चल रहा था। उसे उसके ऊपर गुस्सा आ रहा था। उसका जी चाह रहा था कि वह कहीं उसे मिल जाए तो वह उसके सर को ही नारियल की तरह फोड़कर मूवी का मुहूर्त कर दे।

    इस बंदे ने उसकी लाइफ़ में इतनी मुसीबत कर दी थी कि उसका बस चलता तो वह उसे लात मारकर बाहर निकाल देती जिंदगी से।

    मगर जैसे ही उसके कानों में शौर्य का नाम पड़ा, उसका मन एकदम से खुश हो गया और आँखों में चमक आ गई।

    वह खुद से बोली,
    "क्या शौर्य आ रहे हैं? सच में! तो मुझे बिना एक भी पल गँवाए जल्द से जल्द पहुँचना चाहिए। बाकी सारे काम तो बाद में भी होते रहेंगे।"

    फिर वह माही से कॉल पर बोली,
    "ठीक है माही, तुम मेरा वेट करो। मैं जल्दी से सेट पर पहुँचती हूँ।"

    इतना कहकर उसने कॉल कट कर दिया और गाड़ी को सेट की तरफ़ मोड़ लिया।

    मगर उसके दिमाग में अपने टीम मेंबर्स और हेडक्वार्टर से जुड़ी हुई बातें ही चल रही थीं। वह सोच रही थी कि आखिर कैसे वह अपनी टीम मेंबर से संपर्क करे? क्योंकि अगर वह अभी उनसे संपर्क करती है तो उन लोगों को पता चल जाएगा कि सुरभि ही समायरा है और इससे समायरा की बॉडी को काफी खतरा होगा।

    यह सब वह हल्के में नहीं ले सकती थी, इसलिए उसे कुछ दूसरा रास्ता अपनाना होगा अपने लोगों तक पहुँचने का, जिससे उसके राइवल्स को भी उसके बारे में पता ना चले और वह अपने टीम मेंबर्स तक भी आसानी से पहुँच जाए। यही सब सोचते हुए वह गाड़ी चला रही थी और कुछ ही देर में वह अपने फ़िल्म सेट पर पहुँच गई।

    माही से फ़ोन कॉल पर बात करने के बाद भी अपने इन्हीं ख़यालों में खोई हुई सी समायरा सेट पर पहुँची थी और वही स्टूडियो के अंदर आने के बाद भी बिना आस-पास ध्यान दिए बस सीधा चली जा रही थी। अब तक वहाँ शौर्य भी आ गया था, मगर समायरा का ध्यान उस पर बिल्कुल भी नहीं था। शौर्य ने उसे देख लिया था और उसके साथ-साथ चलता हुआ जा रहा था।

    समायरा जाकर वहाँ रखी एक चेयर पर बैठ गई तो शौर्य भी उसी के सामने वाली चेयर पर जाकर बैठ गया। इन सब के बावजूद भी अब तक समायरा का ध्यान शौर्य पर नहीं गया था।

    वह अभी भी अपनी सोच में खोई हुई थी और उसे ऐसे खोया हुआ देखकर शौर्य काफ़ी हैरान था। वह खुद से बोला,
    "आखिर आज इस लड़की को हो क्या गया है? वैसे तो मुझे देखकर इसके अलग-अलग रिएक्शन बाहर आते थे, मगर आज तो जैसे यह मुझे देख ही नहीं रही है। ऐसे इग्नोर कर रही है जैसे मैं यहाँ हूँ ही नहीं। क्या मैं इसे दिख ही नहीं रहा हूँ? क्या चल रहा है इस लड़की के दिमाग में? सच में यह लड़की पूरी पागल है।"

    समायरा का इस तरह खोए हुए रहना उसे बिल्कुल भी रास नहीं आ रहा था और चुप रहना तो बिल्कुल भी नहीं। इसीलिए वह उसकी तरफ़ ही देख रहा था।

    अचानक से शौर्य के दिमाग में पता नहीं क्या आया और उसने अपना हाथ समायरा के आगे वेव किया।

    फिर भी समायरा ने उसकी ओर नहीं देखा तो उसने समायरा का कंधा पकड़कर उसे हिला दिया और बोला,
    "हे समायरा, कहाँ खोई हुई हो? ध्यान कहाँ है तुम्हारा? मैं कब से तुम्हें नोटिस कर रहा हूँ। इतनी देर से तुम्हारे सामने बैठा हूँ, मगर तुम तो मुझे ऐसे इग्नोर कर रही हो जैसे मैं यहाँ हूँ ही नहीं। क्या तुम मुझसे नाराज़ हो? या फिर मैं तुम्हें दिखाई ही नहीं दे रहा हूँ? इनविजिबल होने वाली सुपर पावर तो नहीं आ गई मेरी लास्ट सुपर हीरो वाली मूवी की तरह?"

    शौर्य के जोर से हिलाने से समायरा होश में आ गई और फिर अपने सामने शौर्य को देखकर वह थोड़ी शांत हुई और बोली,
    "हाँ, क्या बोल रहे थे आप? नहीं, मैं भला आपको इग्नोर कैसे कर सकती हूँ। आप कैसी बात कर रहे हैं? और मु...मु... मुझे कुछ हुआ नहीं है, और नहीं, मैं आपसे भी नहीं नाराज़ हूँ। वो बस मैं कुछ सोच रही थी।"

    वह अपनी हड़बड़ाहट में कुछ भी बोल रही थी।

    उसकी बात सुनकर शौर्य अपनी एक आइब्रो उचकाते हुए बोला,
    "Ohh, I see. मैं देख सकता हूँ तुम्हारे फ़ेस पर यह चिंता, घबराहट और यह डर। वैसे तुम्हें मुझसे डरने की कोई ज़रूरत नहीं है। और तुम्हारे पास अभी भी टाइम है। अगर इस मूवी को लेकर तुम इतनी ही नर्वस और अंडरकॉन्फिडेंट हो तो कोई बात नहीं। तुम्हारे पास वक्त है, अभी भी इस मूवी के लिए मना कर सकती हो। After all, मुझ जैसे इतने प्रोफ़ेशनल और सुपरस्टार एक्टर के साथ पहली बार काम करना कोई आसान बात तो नहीं है कि कोई भी आएगा और मेरे साथ एडजस्ट होकर मूवी कर लेगा। मैं जितना प्रोफ़ेशनल अपनी एक्टिंग के लिए हूँ, उतना ही सीरियस मैं अपनी को-एक्टर्स के लिए भी हूँ। मुझे जरा भी लापरवाही पसंद नहीं है। तो तुम मूवी के लिए अभी भी मना कर सकती हो।"

    शौर्य की ऐसी बातें सुनकर समायरा की आँखें छोटी हो गईं और वह अपना मुँह फुलाकर गुस्से से उसकी तरफ़ देखती हुई बोली,
    "Ohhh so Mr. Professional शौर्य आहूजा जी, आप किस गलतफ़हमी के शिकार हुए हैं? Actually, आप शिकार नहीं हुए हैं, आप बहुत बड़ी गलतफ़हमी में चल रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए मैं आपको बता दूँ कि मैं, यानी समायरा कपूर, ने अभी कुछ ही दिनों पहले Best Actress of the Year और Shining Star of the Year का अवार्ड जीता है। तो आप मेरी एक्टिंग पर ज़रा भी डाउट नहीं कर सकते। इसके बाद भी अगर आपको कुछ डाउट है वह तो हम शूट में देख लेंगे कौन कितना प्रोफ़ेशनल और अच्छा है। अगर मैं कुछ सोच रही हूँ, तो इसका मतलब यह तो नहीं कि मैं मूवी के लिए नर्वस हूँ। मैं कभी किसी चीज़ से नहीं डरती हूँ। So, focus on yourself, Mr. Shaurya Ahuja। Oh, sorry, sorry, Mr. Professional Shourya Ahuja।"

    कहते हुए उसने एक तीखी स्माइल दी।

    समायरा की बातें सुनकर शौर्य को बहुत गुस्सा आ गया। आखिर इस लड़की की हिम्मत कैसे हुई उससे ऐसी बात करने की? शौर्य ने सोचा कि वह उसे अच्छे से सबक सिखाकर रहेगा। आखिर वह खुद को समझती क्या है? यह सब अपने मन में सोचता हुआ शौर्य उसे घूरता हुआ वहाँ से चला गया।

    To Be Continued