प्यार ,मोहब्बत ,इश्क, जुनून ,कितना खूबसूरत लगते हैं ना ये अल्फाज सुनने में “तब क्या हो जब हम किसी से बेइंतहा मोहब्बत करें और हमें पता चले कि वह तो हमसे मोहब्बत नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ नाटक कर रही थी. खून जलता है ना। दिल तड़प के रोता है। पर तब क्... प्यार ,मोहब्बत ,इश्क, जुनून ,कितना खूबसूरत लगते हैं ना ये अल्फाज सुनने में “तब क्या हो जब हम किसी से बेइंतहा मोहब्बत करें और हमें पता चले कि वह तो हमसे मोहब्बत नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ नाटक कर रही थी. खून जलता है ना। दिल तड़प के रोता है। पर तब क्या हो जब मोहम्मत। नफरत में बदल जाए और इस नफरत में जिससे हम मोहब्बत करते थे उसी की छोटी बहन को अपनी नफरत की आग में जलाएं , तब क्या हो जब हमें पता ही ना चले कि यह मोहब्बतें नफरत और यह प्यार जैसे शब्द खोखले होते हैं प्यार तो उस इंसान से किया जाता है । जो हमारे साथ कुछ वक्त रहे और हमारी खुशियों में शामिल होकर हमेशा के लिए हमारा हो जाए, प्यार तो उस इंसान से किया जाता है। जो हमारे आंसू में खुद तड़प उठे , प्यार तो उस इंसान से किया जाता है कि हमारे मुंह से आह निकले और दर्द उसे अपने दिल में महसूस हो ऐसी ही कहानी है त्रिजल सिंह राजावत की जिसने प्यार तो किसी और से किया था । पर धोखा खाने के बाद अपनी नफरत की आग में एक मासूम सी जान को जलाकर राख कर दिया था। इतनी मासूम की कोई भी उसके मासूमियत को देखकर उसका दीवाना हो जाए , पर तब क्या हो जब यही मासूमियत सबसे उससे छिनने पर तुले हो तो कैसी होगी इनकी कहानी जहां एक तरफ आग है तो दूसरी तरफ ठंडा से भी ज्यादा ठंडा पानी। जानने के लिए पढ़िए Devil ki Desirable creature…
Page 1 of 4
रात का वक्त था। पूरा मेंशन अंधेरे में डूबा हुआ था। केवल डिम लाइट जल रही थी। रात के लगभग एक बज रहे थे। हॉल में, एक लड़की, काले रंग के प्लाजो सूट में, सोफ़े पर सो रही थी। वह गहरी नींद में थी।
तभी एक शख्स अंदर आया। उसने अपना कोट कंधे पर लटकाया हुआ था। उसकी आँखें एकदम नशीली और गहरी, सुर्ख थीं। वह लड़खड़ाते हुए अंदर आया। उसकी नज़र सोफ़े पर सो रही खामोशी पर पड़ी।
त्रिजाल की आँखें चमक उठीं।
खामोशी का एक हाथ पेट पर था, और दूसरा हाथ चेहरे पर। उसका दुपट्टा सोने की वजह से गले से हट चुका था, जिससे उसकी थोड़ी सी क्लीवेज दिख रही थी। कुछ लटें उसके माथे पर झूल रही थीं। धीमी रोशनी में उसका बेदाग चेहरा बेहद खूबसूरत लग रहा था।
अव्वेयान उसके पास पंजों के बल बैठ गया और उसके चेहरे पर आ रहे बालों को आहिस्ता से कान के पीछे किया।
चाहत, जो गहरी नींद में थी, हल्का सा कसमसा कर वापस सो गई।
त्रिजाल, जो उसके नज़दीक खड़ा था, उसकी नज़र खामोशी के गुलाबी होठों पर पड़ी, जो बिल्कुल किसी गुलाब की पंखुड़ियों जैसे लग रहे थे। वह नींद में हल्का सा बड़बड़ाते हुए करवट बदलकर एकदम सीधी हो गई।
त्रिजाल, नशीली आँखों से उसके होठों को एकटक देखते हुए, धीरे-धीरे उसके ऊपर झुकने लगा। वह बिल्कुल उसके होठों के करीब आया और अपने होंठ उसके होठों पर टिका दिए। धीरे-धीरे उसने उसे चूमना शुरू कर दिया। उसने अपनी आँखें बंद कर ली थीं। एक हाथ उसके बालों और गाल पर रखकर, अंगूठे से उसके गालों को सहलाते हुए, उसने उसके होठों को खींचना शुरू कर दिया।
खामोशी, जो गहरी नींद में थी, उसे अपने होठों पर हल्का दर्द महसूस हुआ। वह धीरे से अपनी आँखें खोलीं। उसकी पीकॉक ग्रीन आँखें त्रिजाल की ओशन ब्लू आँखों से मिलीं। खामोशी की आँखें डर से फैल गईं।
वह घबराकर उसके सीने में हाथ रखकर, उसे धक्का देते हुए उठकर बैठ गई। उसका चेहरा डर से सफ़ेद पड़ चुका था। बाल चेहरे पर बिखर गए थे। वह जल्दी से अपना दुपट्टा उठाने लगी।
त्रिजाल, जिसका शरीर आग की तरह जल रहा था, खामोशी की हरकत पर उसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया। वह खड़ा हुआ, उसके बालों से पकड़ते हुए, दाँत पीसकर बोला, "आपकी हिम्मत कैसे हुई हमें धक्का देने की? I will tell you now. What is the punishment for this?" बोलते हुए, उसने उसे खींचते हुए अपने साथ ले जाने लगा।
खामोशी का दिल डर से भर गया। उसने अपने हाथ खींचने शुरू कर दिए।
त्रिजाल, जिसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था, वैसे ही ऊपर की तरफ कदम बढ़ाने लगा। उसका शरीर आग की तरह जल रहा था और खामोशी के शरीर से उसे ठंडक का एहसास हो रहा था। वह उसे सीधे अपने कमरे में लाकर दरवाज़े को पैर से बंद कर दिया। जिसके साथ ही दरवाज़ा लॉक हो गया।
खामोशी को बेड पर पटकते हुए, उसने अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए। उसका पूरा शरीर लाल हो गया था। उसके कमरे में हल्की डिम लाइट जल रही थी। खामोशी की आँखें चमक रही थीं, जिसमें आँसू भरे हुए थे।
वहीं त्रिजाल की आँखें बेहद लाल थीं। खामोशी, डरी हुई, बेड पर खिसकते हुए दूसरे साइड से उतरी, अपने दुपट्टे से खुद को अच्छे से कवर किया और वहाँ से जाने लगी।
त्रिजाल ने उसका बाजू पकड़ लिया और एक झटके से खींच दिया। जिसके साथ ही उसकी कुर्ती की बाजू फट गई।
खामोशी जल्दी से अपने हाथ कंधे पर रखकर दरवाज़े की तरफ भागी। त्रिजाल तुरंत उस पर लपका और अपने दोनों हाथ दरवाज़े पर रखकर, उसके चेहरे पर झुकते हुए, कान में बहुत ही नशीली आवाज में बोला, "कहाँ जा रही हो? बटरफ्लाई, इतनी आसानी से हम आपको भागने नहीं देंगे। Until the fire inside me cools down।" बोलते हुए, उसने उसके कंधे पर हाथ रखकर उसकी कुर्ती की दूसरी बाजू फाड़ दी। जिसके साथ खामोशी की बाजू लटक कर नीचे आ गई।
उसकी आँखों में बुरी तरह से आँसू आ चुके थे। वह रोते हुए बोली, "यह आप क्या कर रहे हैं? प्लीज़, प्लीज़ हमें जाने दीजिए। हमें छोड़ दीजिए।" वह बुरी तरह से रो रही थी।
त्रिजाल, जिस पर ड्रग का नशा छा चुका था, उसे जैसे खामोशी की आवाज़ सुनाई ही नहीं दे रही थी। वह मज़बूती से उसकी बाजू से पकड़कर उसे बेड पर लेकर आया और सीधा उसे धक्का देते हुए, अपनी शर्ट निकालकर ज़मीन पर फेंक दी और उसके ऊपर आ गया।
खामोशी त्रिजाल को ऊपर आता देख और अधिक घबरा गई। उसने अपने दोनों हाथ उसके खुले सीने पर रखकर पूरी ताकत से दूर करने की कोशिश की और घुटती हुई आवाज़ में बोली, "आप...आप क्या कर रहे हैं? छोड़िए...छोड़िए मुझे!" वह पूरी ताकत से उसे धक्का दे गई।
त्रिजाल ने उसके हाथों को पकड़कर ऊपर की ओर दबाते हुए, जबरदस्ती अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए और चूमना शुरू कर दिया। उसका एक हाथ खामोशी के कपड़ों के अंदर जा रहा था। वह उसके नाज़ुक जिस्म को कपड़ों के अंदर से सहला रहा था। होंठ छोड़कर वह सांस लेते हुए बोला, "तुम्हारा यह नाज़ुक जिस्म कितना नर्म है, कितना मुलायम।"
खामोशी का पूरा शरीर ठंडा पड़ गया। वह रोते हुए उसे मारने लगी और खुद से दूर करने की कोशिश कर रही थी। उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे।
पर आज की रात उस पर बहुत भारी पड़ रही थी। त्रिजाल उसकी एक नहीं सुन रहा था। वह उसकी बातों को, उसके चीखने-चिल्लाने को नज़रअंदाज़ करते हुए, उस पर अपना वज़न डालते हुए उसमें डूबता जा रहा था। उसके हाथ खामोशी की कलाईयों पर मज़बूत होते जा रहे थे।
उसकी नाज़ुक कलाई सफ़ेद पड़ गई थी, उसके हाथों पर उंगलियों के निशान छप चुके थे। त्रिजाल के हाथ बिल्कुल नहीं रुक रहे थे। वह उसके बदन के साथ खेलते हुए उसके कपड़ों को उसके बदन से अलग कर दिया।
उसके सामने खामोशी बिना कपड़ों के लेटी हुई थी, वह खुद को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रही थी।
"आआह्ह्ह्ह...नहीं...प्लीज़...नहीं...ऐसा...ऐसा बिल्कुल मत करिए...प्लीज़...प्लीज़...प्लीज़...मत करिए..."
त्रिजाल ने उसकी बातों को एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल दिया और कहा, "आज की रात तुम पर बहुत भारी पड़ने वाली है, बटरफ्लाई। आज मैं तुम्हें अपने नीचे दबाकर, तुम्हारे इस नाज़ुक बदन को कुचल दूँगा।" बोलते हुए उसके होठ उसके गर्दन और सीने पर आ गए। उसके हाथ लगातार उसके सीने और गर्दन को सहलाते हुए, नशीली आवाज़ में बोला, "पता नहीं तुम्हारे अंदर ऐसा कौन सा नशा है जो हर नशे से ज़्यादा नशीला है। मैं इतने नशे में होने के बावजूद यह नशा करना चाहता हूँ।" बोलते हुए वह उसके सीने पर वेट किस देना शुरू कर दिया।
खामोशी की कलाईयों पर उसकी पकड़ ढीली हो गई। उसने अपने हाथ उसकी हथेलियों की ओर बढ़ाते हुए, उसकी उंगली से अपनी उंगलियाँ उलझा लीं।
त्रिजाल ने उसके पैरों को अपने पैरों से उलझाते हुए, उसके पेट पर अपने दाँत गड़ाते हुए बोला, "आज तुम जितनी भी मिन्नतें कर लो, जितनी भी कोशिश कर लो, पर आज हम नहीं रुकने वाले। आज की रात तुम पर बहुत भारी पड़ने वाली है।" बोलते हुए उसने उसके पेट पर अपने होंठ रखकर उसे जगह-जगह चूमना शुरू कर दिया।
और एक बार फिर से उसके होठों के पास आकर, उसकी हथेलियों पर अपने दोनों हाथ रखते हुए, उसकी उंगली से अपनी उंगलियाँ उलझाते हुए, गहरी मदहोश भरी आवाज़ में कहा, "अब हम पूरी तरह से आपको अपना बना लेंगे। अब आप हमारा होने से कोई नहीं रोक सकता है। इसके बाद आप कभी भी हमसे दूर नहीं जा पाओगी। हमें पता है आप हमसे दूर जाना चाहती हैं, पर नहीं, अब हम आपको खुद से दूर नहीं जाने देंगे।" बोलते हुए उसने उसके होठों पर अपने होठ रखकर चूमना शुरू कर दिया। वह बार-बार बस यही बात दोहरा रहा था।
खामोशी बुरी तरह रो रही थी। उसकी साँसें गले में अटक रही थीं, उसका शरीर काँप रहा था। उसकी चीख निकल गई।
उन दोनों के कपड़े बिस्तर से नीचे गिर चुके थे। त्रिजाल ने उसकी उंगलियों पर अपनी पकड़ मज़बूत करते हुए, अपने आप को उसके अंदर समा लिया। "आह्ह्ह्ह्ह..." खामोशी की ज़ोरदार चीख गूँजी। पर उसके चीखने-चिल्लाने की आवाज़ कमरे से बाहर नहीं जा रही थी।
त्रिजाल ने एक आखिरी जोर लगाते हुए, पूरी तरह से उसे अपना बना लिया। उसकी आँखें बंद हो गईं, जैसे उसे सुकून मिल गया हो, जैसे वह यही चाहता हो। वे दोनों एक हो चुके थे। खामोशी ने अब अपने आप को पूरी तरह से ढीला छोड़ दिया था। उसकी आँखों से आँसू निकलते हुए तकिए को भीगो रहे थे। उसे दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था। उसका पूरा शरीर बुरी तरह काँप रहा था।
त्रिजाल ने उसके चेहरे को गहरी नज़रों से देखते हुए बोला, "हमने आपको पूरी तरह से अपना बना लिया। अब आप हमें छोड़कर नहीं जा पाओगी, है ना बटरफ्लाई?" बोलते हुए वह उसके गर्दन और सीने पर चूमते हुए आगे बढ़ गया।
पूरी रात धीरे-धीरे कटने लगी। वह रात बेहद लंबी हो चुकी थी। पूरी रात उस कमरे में गर्म साँसों का शोर मचा हुआ था। त्रिजाल पसीने से तर हो चुका था, पर वह अब भी रुकना नहीं चाहता था। उसके शरीर से पसीना निकलते हुए खामोशी पर गिर रहा था। उसका शरीर अब भी गर्म था, पर थकान अब चेहरे पर दिख रही थी। उस कमरे में हल्की रोशनी में उन दोनों का अक्स दीवार पर बन रहा था। उस रोशनी में उन दोनों का शरीर सोने की तरह दमक रहा था।
वहीं खामोशी की हालत पूरी खराब हो चुकी थी।
सुबह का वक्त था।
8:00 बजे त्रिजाल की आँख खुली। उसे सिर में तेज दर्द का एहसास हुआ। उसने अपना सिर पकड़ लिया। उसकी आँखें अभी भी बंद थीं। फिर उसे कुछ अजीब सा महसूस हुआ। उसने खुद को देखा। उसके शरीर पर कई खरोच के निशान थे।
इसे देखकर उसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया। वह अपने कमरे में था और उसे तुरंत समझ आ गया कि उसके साथ क्या हुआ है। उसका चेहरा गुस्से से भर गया। वह बिस्तर से उठने लगा तो उसे अपने हाथ में कुछ नर्म चीज महसूस हुई। उसने अपना सिर घुमाकर देखा। उसकी आँखें बेहद गहरे लाल और डरावनी हो गईं और चेहरा गुस्से से तपने लगा।
कुछ देर बाद,
खामोशी की आँखें धीरे-धीरे फड़फड़ाईं। उसे पता ही नहीं था कि वह कब इतनी गहरी नींद में सो गई थी। वह उठने ही वाली थी कि उसे पूरे शरीर में तेज दर्द का एहसास हुआ। वह ब्लैंकेट के अंदर थी। उसने धीरे से अपनी नज़र ब्लैंकेट के अंदर डालते हुए खुद को देखा। उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। उसका पूरा शरीर लाल हो चुका था। उसने धीरे से खुद से कहा, "काश यह एक डरावना सपना होता! क्यों हमेशा हमारे डरावने सपने सच हो जाते हैं? पहले भी यह सपना सच हुआ था। हमारी पूरी ज़िंदगी बदल गई थी और अब एक बार फिर से..." उसकी आँखों से आँसू बह निकले। वह धीरे-धीरे साँस ले रही थी, पर उस शांत कमरे में उसकी साँसों की आवाज़ गूंज रही थी।
वह ब्लैंकेट के अंदर मुँह छिपाए धीरे-धीरे सिसक रही थी। तभी उसे एक ठंडा एहसास हुआ। उसने धीरे से अपना चेहरा ब्लैंकेट से निकालकर सामने देखा।
वहाँ त्रिजाल, काले रंग का ट्राउज़र पहने, सख्त नज़रों से उसे देख रहा था। उसकी आँखें बेहद लाल थीं। उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे उसने न जाने कब से अपनी पलकें नहीं झपकी हों।
खामोशी की साँस गले में ही अटक गई।
त्रिजाल गहरी आवाज़ में बोला, "आज नींद तो बहुत अच्छी आई होगी ना आपको, हमारे बिस्तर पर?" उसकी आवाज़ बेहद सख्त थी।
खामोशी उसकी आवाज़ सुनकर बहुत डर गई। उसने उठने की कोशिश की। उसे अपनी निचली बॉडी में तेज दर्द महसूस हुआ। उसने अपने पेट पर हाथ रख लिया। यह दर्द उसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था।
त्रिजाल उसके पास आया और उसके हाथ को पकड़कर एक झटके से खींचते हुए उसे खड़ा कर दिया।
खामोशी के पैरों में कोई एहसास नहीं था। वह मुँह के बल जमीन पर गिर पड़ी। उसकी आँखों के कोने लाल हो गए।
त्रिजाल उसके पास पंजों के बल बैठकर गहरी आवाज़ में बोला, "कल रात आपने हमारे बिस्तर पर आने से पहले एक बार नहीं सोचा, तो अब यह सब बर्दाश्त करने की भी आदत डाल लीजिए।"
"वैसे भी, अब तक तो आपका शौक भी पूरा हो गया होगा।"
खामोशी को उसकी बातें खंजर की तरह चुभ रही थीं। उसने धीरे से उठते हुए कहा, "यह आप क्या कह रहे हैं? आप... आप हमें यहाँ पर क्यों ले आए? प्लीज़ हमें जाने दीजिए। हमें बहुत तकलीफ हो रही है।"
त्रिजाल उसकी बात पर सीधा खड़ा हो गया और अपने दोनों हाथ ट्राउज़र पर रखते हुए तेज़ी से हँसने लगा। "हा हा हा हा हा हा हा हा!" उसकी हँसी बेहद डरावनी थी।
खामोशी अपनी जगह पर ही सिहर गई।
त्रिजाल ने लगभग दहाड़ते हुए कहा, "गेट अप! खड़ी हो जाओ, अभी के अभी!"
खामोशी, जिसके पैरों में जान नहीं थी, अपनी जगह से हिल भी नहीं पा रही थी। त्रिजाल के क्रोध ने उसे पूरी तरह से स्तब्ध कर दिया था। वह धीरे-धीरे खड़े होने की कोशिश करने लगी, बेड पर हाथ रखकर सहारा लेती हुई।
उसके कानों में त्रिजाल की आवाज़ गूँजी, "बिना किसी सहारे के खड़ी हो जाओ। आपको किसी भी चीज़ को स्पर्श नहीं करना है, अपनी खुद की बॉडी को भी नहीं।"
खामोशी डरी हुई आँखों से त्रिजाल को देखने लगी। उसका चेहरा दर्द से लाल हो गया था। त्रिजाल उसकी ओर गौर से देख रहा था।
खामोशी को बहुत शर्म आ रही थी। रात में उनके बीच जो हुआ था, वह इस हालत में किसी भी लड़के के सामने नहीं जा सकती थी। उसने अपने सीने पर हाथ रखा और धीरे-धीरे खड़े होने की कोशिश की। पर पैरों के दर्द से वह फिर गिर गई।
त्रिजाल उसके पास आया और एक झटके में उसका कंधा पकड़कर उसे खड़ा किया। दीवार से सटाकर एक हाथ उसकी कमर पर रखते हुए उसे अपने करीब खींच लिया।
खामोशी का नाज़ुक शरीर त्रिजाल के सख्त सीने से लग गया। "आह्ह्ह्ह्ह...हम्ममम..." उसने अपनी सिसकी को दबाने के लिए होंठों को दबा लिया।
त्रिजाल ने उसके जख्मों पर हाथ रखा और धीरे-धीरे अंगूठे से उन सफ़ेद निशानों को सहलाते हुए गहरी आवाज़ में कहा, "दर्द तो नहीं हो रहा कहीं आपको? अगर हो भी रहा है, तो बर्दाश्त करिए और जाइए, हमारे लिए नाश्ता तैयार करिए।"
खामोशी घबराई हुई आवाज़ में बोली, "ये आप क्या कह रहे हैं? हमारी हालत का तो ख्याल करिए!" उसका रोना छूट गया। महज़ अठारह साल की खामोशी के शरीर के जख्म उसे सहन नहीं हो रहे थे। उसे बहुत रोना आ रहा था।
त्रिजाल ने एक बार फिर उसके शरीर पर नज़र डाली। उसके पैर बुरी तरह कांप रहे थे। उसके हाथ, पेट, हर जगह सफ़ेद निशान थे। उसके गोरे कंधों पर गहरे निशान थे, कुछ गहरे लाल, तो कुछ बैंगनी।
वह कुछ कहता, कि तभी उसका फ़ोन बजने लगा। उसने फ़ोन की ओर देखा और फिर खामोशी की ओर देखते हुए तेज आवाज़ में कहा, "हमारे आने से पहले हमारा पूरा नाश्ता तैयार हो जाना चाहिए।"
खामोशी ने त्रिजाल की उतरी हुई शर्ट उठाई और धीरे से पहन ली, क्योंकि उसके अपने कपड़े अब बिल्कुल भी पहनने लायक नहीं बचे थे। उनकी हालत बहुत ख़राब हो गई थी।
वह धीरे से त्रिजाल की ओर अपनी पलकें उठाकर देखती है। उसके सामने त्रिजाल की चौड़ी, मज़बूत पीठ थी, जिस पर बड़े से बाज़ का टैटू बना हुआ था, जो बहुत आकर्षक लग रहा था। वह धीमे कदमों से बाहर निकल गई।
दरवाज़े के बंद होने की आवाज़ सुनकर त्रिजाल ने पीछे मुड़कर देखा। उसने फ़ोन कान में लगाया और दूर तक फैले जंगल को देखते हुए गहरी आवाज़ में कहा, "ग्रेट! मतलब अभी तक उन लोगों ने शिकायत नहीं की? कोई बात नहीं, बहुत जल्द शिकायत करेंगी। आखिरकार उनकी प्रतिष्ठा का सवाल है। जरा सोच-विचार कर रही होंगी। नज़र रखो उन पर, हमें उनकी हर चीज़ की बारीकी से जानकारी चाहिए। बाकी ऑफ़िस में मिलते हैं।" फ़ोन कट गया।
वह दूर तक फैले घने जंगल की ओर देखते हुए सीधे बाथरूम में चला गया।
कुछ देर बाद, त्रिजाल रेडी होकर नीचे आया और सीधा डाइनिंग टेबल पर जाकर बैठ गया। उसके हाथ में फोन था; वह बहुत ही गहरी नजरों से अपने फोन को देख रहा था।
खामोशी उसके पास आई और टेबल पर कप रखते हुए वहीं खड़ी हो गई।
त्रिजाल ने हाथ आगे बढ़ाकर कॉफ़ी के कप को उठाया और जैसे ही उसे अपने मुँह से लगाया, उसकी आँखें एकदम बंद हो गईं। चेहरा बेहद सख्त हो गया। वह खड़े होकर लगभग चिल्लाते हुए बोला, "व्हाट द फकिंग थिंग इज़ दिस? आप इसे कॉफ़ी कहते हैं?"
खामोशी घबराते हुए बोली, "कॉफ़ी... कॉफ़ी ऐसे ही बनती है ना।"
त्रिजाल गुस्से से उसे देखकर पूरी कॉफ़ी का कप उठाकर सीधा खामोशी के चेहरे पर फेंक दिया।
कॉफ़ी बेहद गर्म थी। खामोशी का पूरा चेहरा लाल पड़ गया। वह अपने चेहरे को छूने लगी; उसके हाथ काँप रहे थे। उसकी आँखों से आँसू निकलना शुरू हो गए; उसे अपने चेहरे पर बहुत ही ज़्यादा जलन महसूस हो रही थी।
त्रिजाल गुस्से से बोला, "जब तक हम रात में वापस आएँ, तब तक आपको कॉफ़ी बनानी आ जानी चाहिए। हमारे आने से पहले एक हज़ार कॉफ़ी रेडी, डाइनिंग टेबल पर मिलनी चाहिए। आपका टाइम अब शुरू होता है। जाओ और कॉफ़ी बनाओ!" वह तेज कदमों से बाहर निकल गया।
खामोशी लगभग भागते-गिरते हुए कमरे के पास आई और वॉशरूम में घुसकर अपने चेहरे पर ठंडा पानी डालने लगी। उसका चेहरा पूरा लाल हो चुका था। वह अपने आपको शीशे में देखती रही; उसका लाल होता चेहरा, सुर्ख पड़ी नाक, आँख, नाक और मुँह से पानी निकल रहा था। उसके हाथ बुरी तरह लाल हो चुके थे। वह इतनी गोरी थी कि हल्का सा दबाने से भी उसके हाथ एकदम लाल पड़ जाते थे, और यहाँ तो पूरा कॉफ़ी का मग उसके चेहरे पर उँडेला गया था।
वह और बुरी तरह रोने लगी। उसने अपने घुटनों को सीने से लगा लिया था; आँखों से बुरी तरह आँसू निकल रहे थे; हाथ बुरी तरह काँप रहे थे।
बड़ी सी चमचमाती हुई, आसमान की ऊँचाइयों को छूती हुई बिल्डिंग, रात के अंधेरे में चमक रही थी। बिल्डिंग के अंदर एक शख्स, गिलास बाल्कनी पर हाथ रखे खड़ा था। उसके एक हाथ में वाइन का गिलास था। उसकी आँखें एकदम लाल थीं।
कोई उसके पीछे से आया और उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बोला, "त्रिजाल, कौन सी सोच में खोए हुए हो?"
त्रिजाल पीछे की तरफ पलटा।
सामने उसी की उम्र का एक लड़का खड़ा हुआ था। उसने एक फॉर्मल सूट पहना हुआ था; हाथ में ब्रांडेड वॉच थी; बाल सेट थे; और हाथ में कुछ फाइलें थीं। चेहरे पर कुछ परेशानी साफ़ जाहिर हो रही थी।
त्रिजाल उसे एक नज़र देखकर किंग साइज़ चेयर पर बैठ गया, एक पैर दूसरे पैर के ऊपर रखते हुए अपना सिर झुकाकर बोला, "तुम क्या कर रहे हो?"
पर वह शख्स कुछ नहीं बोला; उसके सर पर ठंडे पसीने आ रहे थे।
त्रिजाल उसे कुछ ना बोलता देख, दाँत पीसते हुए बोला, "तुम क्या चाहते हो? मैं तुम्हारे लिए बोलने के लिए मुहूर्त निकलवाऊँ? जब तुम्हारे मुँह से कुछ निकलेगा, इडियट!"
सामने खड़ा लड़का, जो उम्र में उससे कुछ कम था, घबराते हुए बोला, "नहीं नहीं सर... हमारे कहने का वह मतलब नहीं था। आप... आप गलत समझ रहे हैं। हम तो यह कहने के लिए आए थे, जैसा आपने कहा था..."
"हम लोगों की नज़र उन पर है। पर उन लोगों को देखकर ऐसा लग ही नहीं रहा है कि वह लोग जरा भी परेशान हैं। बल्कि... बल्कि आज उन्होंने अपने घर में एक पार्टी ऑर्गेनाइज़ की है। और वह लोग एक बार भी बाहर नहीं निकले हैं उस लड़की को ढूँढने के लिए। बल्कि वह आराम से खा-पी रहे हैं। वहाँ के सर्वेंट से पता चला है..." बोलते हुए वह अपना सिर झुकाकर एकदम खामोश हो गया।
त्रिजाल के चेहरे के एक्सप्रेशन कुछ गहरे हो गए। चेयर पर पूरी तरह लीन होते हुए, वह एक मिस्टीरियस मुस्कराहट के साथ हँसने लगा। उसके होठों के कोने मुड़ चुके थे; यह सिर्फ़ वही जानता था आखिर उसके दिमाग में क्या चल रहा है।
रात का वक्त था। कुछ चमचमाती गाड़ियाँ सीधे एक बड़े गेट से होते हुए अंदर आईं। रात में घर बेहद डरावना लग रहा था। उस रास्ते के बीचों-बीच एक बड़ा, काले रंग का फाउंटेन लगा था, जिसमें बड़े-बड़े वैम्पायर बने हुए थे। फाउंटेन से लाल रंग का पानी निकल रहा था, जो खून जैसा लग रहा था।
गाड़ी फाउंटेन के आगे जाकर पोर्च में रुकी। एक शख्स, हाथ में लॉन्ग कोट डाले, धीरे-धीरे अंदर की ओर बढ़ा। उसकी नज़र डाइनिंग टेबल पर गई और वह तेज कदमों से किचन की ओर बढ़ गया। उसका चेहरा बेहद ठंडा था।
जैसे ही वह किचन के पास पहुँचा, उसकी नज़र फर्श पर बैठी सुकून पर पड़ी। पूरी किचन देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वहाँ भूकंप आया हो। कहीं कॉफी पाउडर, कहीं चॉकलेट पाउडर, कहीं मिल्क पाउडर गिरा पड़ा था। आस-पास कई कप और प्लेट टूटे पड़े थे और चीनी पाउडर भी किचन में फैला हुआ था। कोई भी चीज़ अपनी जगह पर नहीं थी।
वहीं सुकून, भीगी पलकों से अपने छोटे पैर को गोद में रखे, काँपते हाथों से बार-बार काँच निकालने की कोशिश कर रही थी।
"यह सब क्या कर रखा है आपने?" वह गुस्से से झिड़का।
सुकून, जो पहले से ही रो रही थी, त्रिजाल की आवाज़ सुनकर पूरी तरह डर गई। वह भीगी पलकों से मासूमियत से उसे देखने लगी। त्रिजाल अपनी गहरी पीकॉक ग्रीन आँखों से उसे घूर रहा था।
खामोशी का दिल डर से भर गया। उसकी हार्टबीट बहुत तेज हो गई थी। उसे साँस नहीं आ रही थी। त्रिजाल उसके पास आया और पंजों के बल बैठकर गहरी नज़र से उसे देखा।
खामोशी के चेहरे पर चॉकलेट पाउडर लगा हुआ था, उसके लंबे बाल बिखरे हुए थे। वह अभी भी त्रिजाल की व्हाइट शर्ट में थी, जिसका सिर्फ़ एक बटन खुला था। शर्ट इतनी बड़ी थी कि खामोशी उसमें पूरी तरह ढकी हुई थी और उस खुले बटन की वजह से उसकी क्लीवेज साफ़ दिखाई दे रही थी।
त्रिजाल उसके पैर की ओर देखा, जहाँ से खून निकलकर जमीन पर फैल रहा था। उसकी नज़र खामोशी के पैरों के बीच रुकी, जहाँ उसने कुछ नहीं पहना हुआ था। उसकी बॉडी त्रिजाल के सामने थी और उस हिस्से में काफी सूजन थी।
त्रिजाल अपना हाथ आगे बढ़ाकर उसके पैरों के बीच रख दिया।
खामोशी की आँखें बड़ी हो गईं। वह घबराहट से रोने वाली आवाज़ में बोली, "यह आप क्या कर रहे हैं? अपना हाथ दूर करें। हमें दर्द हो रहा है।" उसकी आँखों से आँसू बह निकले।
त्रिजाल ने कसे हुए जबड़ों के साथ कहा, "आप हमारी डिज़ायर एक्टिव करना बंद करो, यह सब दिखाकर बहकना चाहती हो।" बोलते हुए उसने अपने हाथ को उसके पैरों के बीच दबाया।
"आह्ह्ह्ह्ह!" उसकी हल्की सी चीख निकल गई। उसे बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा था। पहले त्रिजाल का गुस्सा, फिर पूरे दिन किचन में काम और अब फिर से त्रिजाल का हाथ उसके पैरों पर महसूस करके उसकी हालत खराब हो रही थी।
वह अपने पैर को पीछे की ओर सिकोड़ने लगी। घबराई सी आवाज में उसने कहा, "आप अपना हाथ वहाँ से दूर करिए।" बोलते हुए उसका चेहरा पूरी तरह लाल हो चुका था।
त्रिजाल, जो उसके पैरों को घूर रहा था, एक नज़र उसे देखा। खामोशी का चेहरा पूरी तरह लाल हो चुका था। वह काफी क्यूट लग रही थी; उसकी नज़रें नीचे झुकी हुई थीं और वह बार-बार अपने दोनों हाथ अपने पैरों के बीच रखते हुए त्रिजाल के बड़े हाथ को दूर करने की कोशिश कर रही थी। उसे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था; त्रिजाल का इस तरह उसे देखना।
वह अपनी नाक ऊपर खींचते हुए धीरे-धीरे सिसक रही थी।
त्रिजाल गुस्से से दांत कसते हुए बोला, "आपने क्या हालत बना रखी है यह? क्या आपको कुकिंग नहीं आती?"
खामोशी घबराकर एकदम चुप हो गई और अपने सर को नीचे झुका लिया।
उसके कुछ ना कहने पर त्रिजाल गुस्से से लाल हो गया और लंबे कदमों से बाहर निकल गया। उसे इस वक्त बहुत गुस्सा आ रहा था।
खामोशी धीरे-धीरे उठने की कोशिश करने लगी। वह अपने पैर की ओर देखते हुए दबी आवाज में बोली, "यह हमारे पैर को क्या हो गया है? हमसे चलते भी नहीं बन रहा है।" फिर उस काँच के टुकड़े को देखते हुए बहुत ही विनती भरी आवाज में उसने कहा, "आप प्लीज हमारे पैर से निकल जाइए ना। हमें अपने पैर में बहुत दर्द हो रहा है। क्या आप हमारी बात नहीं सुनेंगे? वैसे भी खामोशी की बात कोई नहीं सुनता है। और आप भी नहीं सुनेंगे क्या?"
वह उठने की कोशिश कर ही रही थी कि तभी दो बड़े हाथों ने उसके पैर को पकड़ लिया।
खामोशी सामने की ओर देखी। उसका चेहरा घबराहट से सफ़ेद पड़ने लगा। वह जल्दी से अपने पैर पीछे खींचने लगी, कि वह शख्स अपनी पकड़ और मज़बूत कर दिया।
खामोशी घबराते हुए उस शख्स को देखती हुई हकलाते हुए बोली, "आप... आप कौन हैं? प्लीज प्लीज हमारे पैर को छोड़ दीजिए। हमें अपने पैर में बहुत दर्द हो रहा है। आप ऐसे मत छुइए हमारे पैर को।" उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे।
वहीं घुटनों के बल बैठी हुई लड़की उसे देखते हुए शांत आवाज में बोली, "रिलैक्स, क्यूटी पाई।"
खामोशी ने उसे एक नज़र देखा और फिर आसपास देखने लगी, जैसे वह कन्फ़्यूज़ हो।
उस लड़की के चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कान आ गई।
त्रिजाल का कमरा
त्रिजाल अपने बाथरूम में खड़ा हुआ था। उसके दोनों हाथ दीवार से लगे हुए थे। शावर का ठंडा पानी उसके शरीर पर गिर रहा था, जिसमें उसका कसा हुआ बदन बहुत ही ज्यादा आकर्षक लग रहा था। चौड़े, कसे हुए कंधे और सफेद, क्लम्सी हाथ जो भीगने की वजह से हल्के सुर्ख हो चुके थे। उसने अपने हाथों की मुट्ठी बहुत ही मजबूत बना रखी थी। उसका शरीर नीचे की तरफ झुका हुआ था। शावर का ठंडा पानी उसके सिर से होते हुए नीचे की तरफ गिर रहा था। उसके शरीर पर शर्ट नहीं थी; वह केवल शॉर्ट्स पहने जमीन को घूर रहा था। उसकी आँखें बेहद लाल हो चुकी थीं। अगले ही पल उसने अपना सिर उठाया और गुस्से से अपना हाथ कसकर दीवार पर मारते हुए कहा,
"व्हाट द हेल! यह क्या हो रहा है? हम सुबह से इतनी कोशिश कर रहे हैं कि उसे उस लड़की के बारे में बिल्कुल भी न सोचे, फिर भी जब भी वह लड़की हमारे सामने आती है, तब से हमारा दिमाग खराब हो गया है। क्या उसके अंदर शर्म-हया नाम की कोई चीज नहीं है?"
जो इस तरीके से फर्श पर बैठी हुई थी, "इडियट कहीं की," बोलते हुए उसने एक गहरी साँस ली। उसकी नाक सुर्ख हो चुकी थी और आँखें बेहद डार्क। उसकी आँखों के सामने एक बार फिर से खामोशी का आकर्षक चित्र आ गया।
वह गुस्से से अपने हाथ को दीवार पर मारते हुए चीख कर बोला, "हुए! हम ऐसा नहीं कर सकते। हम उसकी तरफ आकर्षित नहीं हो सकते। उन्हें हम सिर्फ़ और सिर्फ़ यहाँ पर दर्द देने के लिए लाए हैं, और हम उन्हें दर्द देंगे—बेइंतिहा दर्द! जितना दर्द वो सह भी नहीं पाएँगी और एक दिन वह करेंगी जो हम खुद करने पर मजबूर होते थे, उनकी बहन की वजह से, और अब वह खुद वह चीज़ करेंगी।" बोलते हुए उसकी आँखें बेहद लाल हो गई थीं। उसने अपना सिर ऊपर की तरफ कर लिया। शावर की ठंडी पानी की बूँदें उसके चेहरे पर गिर रही थीं, जिन्हें वह महसूस कर रहा था। गहरी साँस लेने की वजह से उसकी नाक लाल हो चुकी थी। उसके दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था।
किचन में
खामोशी डरी हुई थी। वह एक बार फिर से फर्श पर बैठ गई। अपने एक हाथ को पैरों के बीच रखकर, धीमी सी आवाज़ में उसने कहा, "आप...आप 'क्यूटी पाई' किसको कह रही हैं? हम...हम नहीं जानते हैं उनको।"
सामने बैठी हुई लड़की खामोशी को देखती है और हल्की सी मुस्कान के साथ कहती है, "हम आपको ही 'क्यूटी पाई' कह रहे हैं। क्योंकि आप इतनी छोटी सी हैं, बिल्कुल बेबी पेंगुइन की तरह। देखिए आप कितनी खूबसूरत हैं! जैसे पेंगुइन होते हैं, तो 'क्यूटी पाई' भी तो आप हुई ना? हम्ममम..." बोलते हुए वह अपने लंबे बालों को जूड़ा बनाती है और खामोशी के पैर पर पड़े काँच के टुकड़े को अपने लैप में रख लेती है।
खामोशी घबराते हुए अपने पैर को पीछे करते हुए कहती है, "यह...आप...आप क्यों कर रही हैं? हम खुद ही कर लेंगे।"
लड़की खामोशी की तरफ देखती है और हल्का सा मुस्कुराते हुए कहती है, "क्योंकि यह हमारा काम है। हमें यहाँ पर सिर्फ़ आप ही की वजह से बुलाया गया है। तो 'क्यूटी पाई', आप हमें हमारा काम करने दीजिए।" बोलते हुए वह एक ही बार में खामोशी के पैर से उस काँच के टुकड़े को खींच लेती है। खामोशी चीख उठी।
उसका सिर नीचे की तरफ झुक गया था और कंधे हल्के ऊपर की तरफ उठ गए थे। उसने अपनी आँखें मजबूती से बंद कर ली थीं। उसके पैर से एक बार फिर से खून निकलना शुरू हो गया।
वह लड़की जल्दी से अपने साथ लाए हुए फर्स्ट एड बॉक्स से रुई निकालती है और उसके खून को साफ़ करते हुए, उस पर बैंडेज करती हुई, उसके छोटे-छोटे से हाथ पकड़ते हुए कहती है, "चलिए अब आप हमारे सहारे से उठ जाइए।"
खामोशी उसे देखती है और धीरे से खड़ी होती है और एक पैर को एड़ियों पर रख लेती है। वह लड़की खामोशी को ऊपर से लेकर नीचे तक देखती है। व्हाइट शर्ट में वह बहुत ही प्यारी लग रही थी। उसके चेहरे पर लगा हुआ चॉकलेट पाउडर, कपड़ों पर लगा हुआ मिल्क पाउडर गिरा हुआ था, जिसमें वह थोड़ी मैली सी गुड़िया लग रही थी।
वह खुद से कहती है, "इतनी प्यारी सी तो है! यह भला बॉस इन्हें टॉर्चर कैसे कर सकते हैं? लेकिन कुछ भी कहो, कितनी प्यारी है।" यह बोलते हुए वह उसे ऊपर से लेकर नीचे तक देखने लगती है। खामोशी उसे इस तरह देखे जाने पर घबराते हुए कहती है, "आप...आप हमें...हमें ऐसे...ऐसे क्यों देख रही हैं? हमें अच्छा नहीं लगता कोई हमें इस तरीके से देखता है।" तो वह अपना सिर नीचे करती है और अपनी शर्ट को नीचे खींचने की कोशिश करती है। उस लड़की के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।
वह उसके पास आती है और उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहती है, "अरे आप तो परेशान हो रही हैं! आपको परेशान होने की ज़रूरत नहीं है, 'क्यूटी पाई'! चलिए आप यहाँ पर बैठिए और हम इसे साफ़ कर देते हैं।"
खामोशी जल्दी से उसका हाथ पकड़कर सिर हिलाते हुए कहती है, "नहीं...नहीं। आप...आप साफ़ मत करिए। वो...वो...उन्होंने हमें कहा था साफ़ करने के लिए, तो हम...हम खुद साफ़ कर लेंगे। वरना...वरना..." बोलते-बोलते वह इधर-उधर देखने लगती है। उसे समझ नहीं आ रहा था वह क्या करे। वह अपने खुले हुए लंबे बालों को पकड़ लेती है और धीरे-धीरे उनमें उंगली घुमाने लगती है।
वह लड़की उसे देखते हुए कहती है, "कोई इतना मासूम कैसे हो सकता है? हमें एक बार बॉस से बात करनी चाहिए इस बारे में।" कहते हुए वह खामोशी को ले जाकर टेबल पर बैठा देती है और खुद ही किचन साफ़ करने लगती है।
एक बड़े से घर में एक औरत, जिसने एक सुर्ख कलर की साड़ी पहनी हुई थी और बड़े-बड़े ज्वेलरी पहने हुए थे, हाथ में फ़ोन लिए हुए हल्के गुस्से से कहती है, "उन्हें आए हुए एक महीना हो गया है और वह एक बार भी हमसे मिलने नहीं आए। यह उन्होंने अच्छा नहीं किया है। अब हमें ही कुछ करना पड़ेगा।"
त्रिजाल का कमरा
खामोशी त्रिजाल के कमरे के बाहर खड़ी थी। और मुस्कुराते हुए खुद से कहती हैं। अब तो सर हमें कॉफी बनाने के लिए बिल्कुल भी नहीं कहेंगे, क्योंकि उन्हें यह काफी बहुत ज्यादा पसंद आएगी , बोलते हो धीरे से दरवाजा खोलकर अंदर चारों तरफ अपनी नजर दौड़ आता है।
पर उसे आसपास कोई भी नजर नहीं आता, वह अपने छोटे से गोल मटोल होठों को पाउठ बना लेती हैं । धीमे-धीमे कदमों से अंदर आती है
। उसके पैर में बेइंतेहा दर्द था। जो उसके चेहरे पर साफ झलक रहा था।, फिर वह दरवाजा खोल अंदर आते हैं। और तभी उसके कानों में पानी गिरने के आवाज आ रही थी। ट्रे को वही टेबल पर रख हाथ में कप लिए हुए बाथरूम के दरवाजे को खोलती है। जो की ऑलरेडी अनलॉक्ड था। दरवाजा खोल अंदर जाकर धीमी से आवाज में कहती हैं ।, सर आपने कहां था कॉफी बनाने के लिए हमने कॉफी बना ली क्या आप टेस्ट करके हमें बताएंगे, बोलते हुए वह अपनी बड़ी-बड़ी पलके झपकते हुए त्रिजाल को देखने लग जाती हैं।
जो अभी भी वॉल के साइड खड़ा था, उसके पूरे शरीर में पानी की बूंदे फिसलते हुए नीचे आ रहे थे, उसका कसे हुए चौड़े शोल्डर , परफेक्ट शेप वेस्ट जिस पर एक टैटू बना हुआ था। जो उसकी परफेक्ट पीट को और ज्यादा अट्रैक्टिव बना रहा था।
खामोशी बस एक तक उसे ही देख रही थीं।
त्रिजाल जो पहले ही बार-बार खामोशी को अपने जेहन से निकलने की कोशिश कर रहा था। उसके आवाज सुनकर वह अपनी आंखें मजबूती से बंद कर लेता है। तुरंत उसकी तरफ पलटते हुए , उसे देखने लगता है। जहां खामोशी अपने मेसी बालों के साथ , त्रिजाल की गंदी सी शर्ट पहने पूरे शरीर में पाउडर से सनी हुई खड़ी थी।, उसके हाथ में काफी थी, वह चमकती हुई आंखों से त्रिजाल की तरफ देख रही थी।
त्रिजाल उसे उंगलियों से अपनी तरफ आने का इशारा करता है ।
खामोशी छोटे-छोटे से कदम लेते हुए उसकी तरफ बढ़ने लगती है। वह त्रिजाल के इरादों से बिलकुल बेखबर थी उसे तो बस अपनी कॉफी त्रिजाल को टेस्ट करवाने थे,
त्रिजाल दीप वॉइस में कहता है । यह आपने हमारे लिए बनाई है । खामोशी अपने छोटे से सर को पूरी तरीके से हां में हिलाते हुए विनिंग मुस्कुराहट के साथ केहते हैं। हां और आपको ये बहुत पसंद आएगी यह हमारी स्पेशल काफी है ।जो कि हम बहुत ही कम लोगों को पिलाते हैं।, बोलते हुए टुकुर-टुकुर उसे देखने लगती है।
वह सबसे बेखबर थी कि त्रिजाल अभी किस हालत में उसके सामने खड़ा हुआ है। अपना हाथ आगे बढ़कर उसके छोटे से हाथ से वह काफी का कप ले लेता है। जैसे खामोशी के नाजुक से हाथ उस कप के बाहर तले दब जाएंगे, अगले ही पल उस काफी की एक सीप लेता है।, उसकी आईब्रो ऊपर की तरफ उठ जाती है। और वह खामोशी की तरफ देखने लगता है । जो अभी भी बस उसे एक तक देख रही थी।,
उसकी नजर धीरे-धीरे फिसलते हुए उसके हाथ पर चली जाती है । जिसमें उसकी मुठिया मजबूत करी हुई थी।, उसका हाथ बेहद ज्यादा सख्त हो चुका था ।,और उसकी रंगत बिल्कुल बदल चुकी थी। उसके सफेद हाथों की नसें फूल रही थी ।
वो एक ही बार में उस कप को खाली कर देता है । खामोशी की चेहरे पर जो मुस्कुराहट थी वह उसे खाली कप की तरह उसके चेहरे से भी गायब हो जाते हैं।
वह त्रिजाल को देखने लगते हैं । अगले ही पल अपना बड़ा सा हाथ आगे बढ़कर उसके कमर पर हाथ रख उसे आने नजदीक खींच उसके होठों पर अपने होंठ रख अपने मुंह में ली हुई काफी को उसके मुंह में उड़ेल देता है।
खामोशी अपनी आंखें बंद कर लेती है । और अपने छोटे-छोटे हाथों को उसके चौड़े कंधों पर फसाते हुए उसे खुद से दूर करते हुए अपने चेहरे को हिलने लगते हैं।
उसे धकेलते हुए शावर के नीचे ले आता है । और उसके होठों पर अपने हॉट का प्रेशर बनाते हुए अपने मुंह में भरी हुई पूरी कॉफी उसके मुंह में ढके हुए उसे किस करने लगता है। खामोशी का पूरा चेहरा बदल चुका था। उसे उल्टी जैसा फील हो रहा था। वह पूरी ताकत से उसे दूर कर रही थी। उसकी वेस्ट पर टिकते हुए। दूसरा हाथ उसके बाल और गर्दन में फंसा उसे हल्का सा ब्लेड कर देता है। उसको प्रेशर के साथ होठों पर अपनी होंठ टिकाते हुए उसके बाहरी होठों को चूमने लगता है ।
खामोशी ना चाहते हुए भी उस नमकीन कॉफी को अपने गले से उतरते हुए , बड़ी-बड़ी आंखों से त्रिजाल को देखने लगती है। जो बेशर्मी से उसकी आंखों में देखते हुए उसके बाहरी होठों को चूमते हुए बार-बार उसके दांतों के बीच अपने टांग को ले जाते हुए, उसके मुंह को खोलने की कोशिश कर रहा था। खामोशी अपना मुंह बिल्कुल भी नहीं खोलती, बल्कि अपनी पूरी ताकत लगाकर उसे धकेलना लगती है।
त्रिजाल अपना हाथ अगले ही पल उसकी उस व्हाइट शर्ट के अंदर डालते हुए उसके पूरे शरीर को सहलाने लगता है।
खामोशी की सास गहरी हो जाती हैं । वह उसे दूर करते हुए कुछ बोलने को होती ,, आप उम्मम ये यम्ममम , यम्ममम उम्मम दूूआररीरी यम्ममम उनके किस करने की आवाज बाथरूम में गूंज रही थीं। उस पानी के बीच दबती चली जा रही थी ,
त्रिजाल उसके होठों को प्रेशर से चूमते हुए उस पर हावी होने लग जाता है।
शावर से गिरता हुआ ठंडा पानी उन दोनों को भिगो रहा था। वह सफ़ेद रंग की शर्ट पूरी तरह खामोशी के नाज़ुक बदन से चिपक चुकी थी। उसका सीना दिखाई दे रहा था, जो त्रिजाल को पागल कर रहा था।
खामोशी, इस सब से बेखबर, त्रिजाल को दूर करने की कोशिश कर रही थी, तभी उसे अपनी बॉडी पर तेज दर्द का एहसास हुआ। उसने सिर नीचे करके देखा।
त्रिजाल उसके बहुत नज़दीक आ चुका था। त्रिजाल खामोशी की कमर पकड़कर, उसे अपने आगोश में ले लिया।
"आह्ह्ह्ह्ह!" खामोशी की दर्द भरी चीख निकल गई। उसे पहले से ही अपने शरीर में सूजन और दर्द हो रहा था। त्रिजाल के इतने करीब आने पर उसकी साँसें ऊपर-नीचे होने लगीं। उसने अपने नाखून त्रिजाल की मस्कुलर पीठ पर गड़ा दिए। उसकी गहरी-गहरी सिसकियाँ बाथरूम के ठंडे पानी में मिल रही थीं।
शावर से निकलता हुआ ठंडा पानी उन दोनों को भिगो रहा था। त्रिजाल ने उसकी शर्ट एक ही झटके में फाड़कर निकाल दी।
खामोशी उसे देखते हुए मदहोश भरी आह भर रही थी। इससे त्रिजाल और ज़्यादा उत्तेजित हो गया। उसने उसे दीवार से लगा दिया और उसके दोनों हाथ दीवार पर टिका दिए। एक हाथ उसके पेट पर रखकर, उसने अपना चेहरा उसकी गर्दन में छुपाते हुए उसे लव बाइट्स देना शुरू कर दिया। वह जुनून में खामोशी में खोता जा रहा था। शावर के नीचे भी उसके शरीर से पसीना निकल रहा था, जो शावर के ठंडे पानी में मिलता जा रहा था। उसका शरीर ठंडे पानी में भी आग की तरह जल रहा था।
वह खामोशी के पूरे बदन से खुद को जोड़ चुका था।
"आह्ह्ह्ह उम्मम हम्ममम..." खामोशी गहरी सिसकी भर रही थी। त्रिजाल की उत्तेजना के सामने उसकी आवाज़ तक नहीं निकल रही थी।
त्रिजाल उसकी गहरी सिसकी पर और उत्तेजित होते हुए, उसके सीने के संवेदनशील हिस्से को अपने होठों में लेकर, दांतों से दबाते हुए बोला, "आई वांट दिस चेरी और वैसे भी आपने हमें नमकीन चाय पिलाई थी। आपको क्या लगा था? हमें इस बारे में पता नहीं चलेगा।" बोलते हुए उसने अपनी बॉडी को तेज़ी से खामोशी की बॉडी में दबा दिया।
"आह्ह्ह्ह्ह!" खामोशी की चीख निकल गई। उसका सिर ऊपर उठ गया था।
त्रिजाल ने अपना चेहरा उसके सीने से हटाकर, अपने होठ उसके होठों पर रख दिए और उसे जुनून से चूमने लगा।
ऊपर से गिरता शावर का पानी और उनके चुंबन की आवाज़ एक हो गए थे। त्रिजाल उसकी आँखों में देखकर उससे जुड़ रहा था।
खामोशी भी उसकी आँखों में देख रही थी। उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था, बस उसे अपने शरीर में बहुत दर्द हो रहा था।
इससे उसने अपने पैर उसकी कमर पर मज़बूती से लपेट लिए।
त्रिजाल गहरी आवाज़ में बोला, "क्या हुआ लिटिल क्रिएचर? दर्द हो रहा है? क्या?"
त्रिजाल की तरफ़ देखती हुई, दर्द उसके चेहरे पर साफ़ जाहिर हो रहा था। गहरी साँस भरते हुए, वह नीचे देखती हुई, हल्की, हारने वाली आवाज़ में बोली, "प्लीज़, प्लीज़ छोड़ दीजिये हमें। अब तो... अब तो खून भी निकल रहा है।" उसकी आँखें आँसुओं से भर आई थीं।
त्रिजाल को उसकी बात अजीब लगी। वह भी नीचे देखता है जहाँ दोनों एक-दूसरे के आगोश में खड़े थे और फ़र्श पर खून फैल रहा था।
त्रिजाल को अजीब सी बेचैनी हुई। फ़र्श पर थोड़ा नहीं, बहुत ज़्यादा खून था। उसने तुरंत अपनी नज़र हटाकर खामोशी की तरफ़ देखा, जो उसकी आँखों में ही देख रही थी।
उसका पूरा चेहरा लाल हो गया था। उसकी साँसें बहुत धीमी चल रही थीं।
त्रिजाल के जबड़े कस गए। वह गहरी आवाज़ में बोला, "व्हाट हैपेंड? यह खून कैसे निकल रहा है तुम्हारे बदन से?" बोलते हुए वह तुरंत खामोशी से दूर हो गया, जिसका चेहरा दर्द से लाल हो चुका था।
"आह्ह्ह्ह्ह!" त्रिजाल के इस तरह दूर होने से खामोशी चीख उठी।
त्रिजाल उसे पैरों पर खड़ा करने लगा, कि खामोशी के पैर लड़खड़ा गए। गहरी साँस लेते हुए उसने त्रिजाल को देखा और अगले ही पल जमीन पर गिर गई।
त्रिजाल का चेहरा काला पड़ गया। वह बिना किसी कपड़े के, उसकी आँखों के सामने पड़ी हुई थी। शॉवर का पानी उसके ऊपर गिर रहा था। उसके लम्बे बाल पीठ पर बिखरे हुए थे और उसके बदन से खून बह रहा था।
त्रिजाल का ओरा और भी डार्क हो गया। उसने तुरंत खुद को साफ़ किया, एक तौलिया लपेटकर खामोशी को अपनी बाहों में उठाया और सीधा बिस्तर पर ले गया। उसने खामोशी को कम्बल से ढँक दिया और उसके माथे पर हाथ रखकर, उभरी हुई नसों को सहलाते हुए गहरी आवाज़ में कहा, "क्या हुआ है इस लड़की को? इतना खून कैसे निकल रहा है इसकी बॉडी से? कहीं इसे चोट तो नहीं आई है?" वह खामोशी को देखता रहा।
खामोशी का चेहरा पीला पड़ा हुआ था। उसने अपनी आँखें मज़बूती से बंद कर लीं। साइड से ड्रायर उठाकर उसने उसके बाल सुखाए और उसे अपना एक लम्बा शर्ट पहना दिया। यह सब करते हुए उसे बहुत तकलीफ़ हो रही थी, जिससे उसके चेहरे की नसें फूल रही थीं।
वह गुस्से से बिस्तर पर लेटी खामोशी को देखते हुए दांत पीसकर बोला, "करवा लो तुमसे जितनी सेवा बन पायेगी। जब होश आएगा, मैं तुम्हारा वह हाल करूँगा जिसके बारे में तुम सोच भी नहीं सकती।" बोलते हुए उसने फ़ोन उठाकर सिद्धार्थ डॉक्टर को कॉल किया और फिर खामोशी के सामने खड़ा होकर उसे घूरने लगा।
कुछ देर बाद,,
डॉक्टर के कमरे के ठीक बाहर खड़े हुए थे । उसके माथे पर ठंडे पसीने ने अपनी जगह बना ली थी। वह हिम्मत करके अपना हाथ दरवाजे नॉक करती उससे पहले ही त्रिजाल की दहाड़ ने जैसे आवाज उसके कानों में पढ़ते हैं ।
वो गुर्राते घर हुए कहता है। अगर एक सेकंड के अंदर अंदर आप अंदर नहीं आए, इसके बाद आपकी लाश सीधा इस मेंशन से बाहर जाएगी।
डॉक्टर जो बाहर ही खड़े थे उसके उसे अपने रीड की हड्डी में ठंड का एहसास होता है। और वह तुरंत अंदर आकर त्रिजाल के सामने सर झुकाते हुए रिस्पेक्टफुली कहते हैं। हमें माफ माफ करें आई एम सॉरी सर मैं अभी चेक करती हूं mam को बोलते हुए वह खामोशी की तरफ बढ़ जाती हैं।
त्रिजाल मुट्ठी मजबूत करते हुए कहता है। यह तुम्हारी कोई लेडी बॉस नहीं है । समझी so don't call her mam
Check it राइट नाउ बोलते हुए और सीधा बालकनी में आ जाता है . ।
और सिगार के लंबे कस भरते हुए कहता है इतनी आसानी से तो मैं तुम्हें कुछ होने नहीं दूंगा यू आर माय लिटिल क्रिएचर और क्रिएचर इतनी आसानी से भले ही मसले जा सकते हैं। पर हम आपको मसलगे भी पर बहुत ही अलग तरीके से और हर रोज अपने बिस्तर पर मिलेंगे वह भी बहुत ही बुरी तरीके से कि आप बर्दाश्त भी नहीं कर पाओगे उसके चेहरे पर smirk आ जाता है। और लंबे काश भरना शुरू कर देता है।
शाम का वक्त,,
धीरे-धीरे करके खामोशी की आंखें खोलती हैं ।उसे साफ दिखाई नहीं दे रहा था। उसे हल्के चक्कर आ रहे थे,, वो मुश्किल से आंख खोलती है। उनकी नजर ऊपर की सीधा सीलिंग पर जाकर टिक जाती है । वो कुछ देर उस सीलिंग को देखती रहती हैं । उसे अपने शरीर ताकत महसूस नहीं हो रही थी। वो धीरे से उठकर बैठ जाती
और आस पास देखती है।
त्रिजाल जो एक टक उसे देख रहा था । उसे उठता हुआ देख ठंडी आवाज में कहता हैं । फाइनली होश आ गया आपको, हमें तो लगा था आज अपनी खिदमत करवाने के लिए नाटक रचा है। अब आप बताएंगे आपको कैसा लग रहा है ।
खामोशी अपने सफेद पड़ चुके चेहरे लिए उसकी तरफ देखती हैं। जहां त्रिजाल बिना किसी इमोशन के अपने उंगलियो के बीच फंसाए हुए फोन को घुमाते हुए गहरी नजरों से उसे ही देख रहा था।
खामोशी अपने दोनों हाथों से पेट को मजबूती से पकड़ लेते हैं । और वहां से बेड पर गिर अपने पैरों को खींचने की कोशिश करने लग जाती है । उसे अपने को बॉडी में बहुत तेज दर्द हो रहा था। दर्द से उसकी आंखों से आंसू निकलने लगते हैं।
त्रिजाल अपनी जगह से खड़ा उसकी तरह कदम बढ़ा देता है । उसके नजदीक बैठ उसका सर के नीचे हाथ रख उसे बैठते हुए कहता है । अब यह सब अपना मेलो ड्रामा बंद कर चुपचाप दे दवाई खाओ बोलते हुए एक गोली उठाकर उसके हाथ में रख देता है ।
खामोशी रोते हुए कहती हैं। नहीं नहीं हम दवाई नहीं खाएंगे , हम हमें यह दवाई नहीं खा सकते । बोलते हुए वह अपना चेहरा दूसरी तरफ करने लगती है।
त्रिजाल उसके चेहरे को जबरदस्ती पकड़ उसके मुंह में उसका दवाई को डाल जबरदस्ती पंज के ग्लास को उसके मुंह से लगा देता है। फुर्ती से उसके नाक को दबा देता है।
जिससे खामोशी को ना चाहते हुए भी उसे दवाई को अपने गले से नीचे उतरना पड़ता है।
त्रिजाल उसे देखते हैं। और उसके नजदीक बैठ जाता है अपने हाथ को उसके पेट के नीचे रख धीरे-धीरे उसको पेट को सहलते हुए गहरी आवाज में कहता है। यह सब क्या है ? और आपके पैरों में चोट कब लगी और आपने हमें बताया क्यों नहीं?
खामोशी को बहुत ही ज्यादा अजीब लग रहा था उसे लगता है । उसके पेट में कुछ फट रहा हो
वो त्रिजाल की तरफ देखती हैं । और उसके हाथ को हटाने की कोशिश करती हैं । वो घुट्टी सी आवाज में कहती है। आप अपने हाथ हाथ को दूर करें हमें हमें कुछ हो रहा है । बोलते हुए बहुत तेजल के हाथ में झटक देती है।
त्रिजाल का चेहरा एकदम ठंडा हो जाता है । वो गहरी आवाज में कहता है । लिटिल क्रिएचर अभी हम आपके साथ कुछ कर नहीं रहे हैं। इसका यह मतलब नहीं की आपको कुछ भी करने की परमिशन मिल गई है। हम सिर्फ अपने क्रिएचर की देखभाल कर रहे हैं । जिससे हमारा एंटरटेनमेंट बहुत अच्छे से पूरा होता हैं। जिससे हमारे डिजायर पूरे होते हैं। इसलिए इस दर्द से ज्यादा ओर दर्द नहीं छाती
तो खामोशी से हम जो कर रहे हैं । वह करने दीजिए,,
खामोशी अपने पेट को उंगलियों से दबाने लगते हैं। जैसे कुछ हो रहा है । वो त्रिजाल की तरफ देखती हैं । उसकी आंखों से बेइंतहा आशु निकल रहे थे , वो अपने कांपते हुए हाथ से पूरी ताकत इकठ्ठा कर त्रिजाल को धक्का देती है। और सीधा बाथरूम में घुस जाती हैं।
त्रिजाल का ओरा एकदम डार्क हो जाता है ।
उसकी नसें फूलने लगती है। जिसकी नजर उस पर न रुकी हो। और ये पहली लड़की थी , जो ठीक से उसे देखती तक नहीं थी। ऊपर से वो अभी अभी उसे
धक्का देकर गई थी।
ये चीज उसके एहम को ठेस पहुंचा गई थी । वो तेज कदमों से सीधा बाथरूम में घुस जाता है ।
खामोशी अपना हाथ स्लैब पर रखें बुरे तरीके से उल्टी कर रही थी। त्रिजाल उसके पास आता है । और उसके पीट पर बिखरे हुए बालों को एक हाथ से पकढ़ते हुए कुछ खाने के लिए अपने होंठ खोलता है। उसकी आंखें एकदम चौड़ी हो जाती है । वह सिख को देखने लगता है।
हवेली में उस रात काफी धूम मची हुई थी। हर तरफ लाइटें लगी थीं। हवेली के प्रवेश द्वार पर एक काली, चमचमाती कार खड़ी थी। हवेली का दरवाज़ा खुलते ही वह कार अंदर घूमकर चली गई।
हवेली के विशाल, सुन्दर बाग़ान के बीच में एक खूबसूरत, सफ़ेद हवेली थी। कार पोर्च में रुक गई।
एक लंबे-चौड़े, रौबदार व्यक्तित्व वाला शख्स कार से बाहर निकला। उसके बाहर आते ही बाग़ की लाइटें जल उठीं। पूरे बाग़ में रोशनी फैल गई थी।
वह शख्स ठंडी नज़र से सब कुछ देख रहा था और सीधे बाग़ के अंदर बढ़ चला। उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था। तभी स्टेज की लाइटें जलीं और वहाँ कुछ मुस्कुराते चेहरे दिखाई दिए।
अपनी तेज नज़रों से चारों ओर देखते हुए, उसने अपने हाथ जेब में रखकर उंगलियाँ मुट्ठी में जमा कर लीं। उसका आभा बहुत दबदबा वाला था। जैसे-जैसे वह आगे बढ़ रहा था, सबकी नज़रें उस पर जा रही थीं, मानो वह आकर्षण का केंद्र हो।
स्टेज पर एक बड़ा सा, तीन मंज़िला पाइनएप्पल केक रखा था, जो एनिवर्सरी केक लग रहा था। उसे बहुत खूबसूरती से सजाया गया था।
कुछ मीडियाकर्मी भी वहाँ मौजूद थे। उस शख्स ने उन्हें देखकर सीधे स्टेज पर खड़ी औरत के पास जाकर खड़ा हो गया। वह औरत मुस्कुराते हुए अपना हाथ उसके हाथ में रखते हुए बोली, "तो आखिरकार, डार्लिंग! आप आ गए! हम कब से आपका इंतज़ार कर रहे थे। देखिए, यहाँ सब लोग आपका स्वागत करने के लिए खड़े हैं। चलिए, पहले केक काटते हैं।"
उस शख्स ने ठंडी नज़रों से चारों ओर देखा और गहरी आवाज़ में कहा, "खामोशी, कहाँ है?" औरत के चेहरे का भाव थोड़ा बदल गया, पर उसने तुरंत संभलते हुए कहा, "वह अभी तैयार हो रही है। हमने उसे तैयार होने के लिए भेजा था। आप जानते ही हैं ना, वह कितनी झिझकती है।"
वह शख्स उस तरफ देखकर चुप रहा और आगे देखने लगा। फिर केक काटने की रस्म शुरू हुई। पार्टी धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी।
उस शख्स की नज़र सिर्फ़ गेट पर ही थी। हर गुज़रते पल के साथ उसका आभा और ठंडा होता जा रहा था। तभी लगभग चालीस साल का एक आदमी उसके पास आया और उसके कान में कुछ कहा। यह सुनते ही उसका चेहरा एकदम उदास हो गया।
उसने औरत का हाथ पकड़कर अपनी ओर खींचा और सबको देखते हुए ठंडी आवाज़ में कहा, "आप लोग जारी रखिए, हम कुछ देर बाद मिलेंगे। थोड़ी सी आपात स्थिति आ गई है।"
यह कहते हुए वह औरत को अपने साथ हवेली के अंदर ले गया। वहाँ मौजूद लोग आपस में फुसफुसाने लगे। अंदर जाकर उसने औरत को लगभग धक्का देकर उसके चेहरे पर जोरदार थप्पड़ मारा। औरत ज़मीन पर गिर गई।
उसकी आँखें लाल हो गई थीं। मुट्ठियाँ कसते हुए वह गुस्से से बोली, "आर यू आउट ऑफ़ योर माइंड? आप क्या कर रहे हैं?"
वह आदमी उसके पास आया और उसके जबड़े को कसकर दबाते हुए गुस्से से बोला, "आप हमें बताएँगी कि हमारी खामोशी कहाँ है या फिर हम उसे अपने तरीके से ढूँढ़ें?" बोलते हुए उसकी आँखें बहुत काली हो गईं।
औरत ने मुट्ठियाँ कसते हुए कहा, "बहुत चालाक हो। पता चल जाएगा जब वह दुनिया छोड़कर जाएगी। नफ़रत है हमें खामोशी से, इतनी नफ़रत, इतनी नफ़रत कि हम उसे मार सकते हैं।" यह कहते हुए वह मन ही मन मुस्कुराई और उस आदमी की तरफ़ देखने लगी।
खामोशी बेड पर लेटी हुई थी। उसने अपने ब्लैंकेट को मज़बूती से पकड़ा हुआ था। उसकी साँसें बहुत तेज़ चल रही थीं; माथे पर ठंडे पसीने ने अपनी जगह बना ली थी।
वह गहरी साँस लेते हुए ब्लैंकेट को और मज़बूती से पकड़े रही और सिर को तकिये पर रगड़ते हुए करवटें बदल रही थी।
एक लड़की बेड पर लेटी हुई थी। कोई शख्स धीरे से कमरे में दाखिल हुआ। उस शख्स की नज़र बेड पर लेटी हुई लड़की पर थी। दरवाज़े के खुलने से चूड़ियों की खनखनाहट कमरे में गूँज उठी। वह शख्स बेड के पास आया और उसके चेहरे को देखते हुए गहरी आवाज़ में कहा, "आप हमारी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा रोड़ा हैं, जिसे हम आज ख़त्म कर ही देंगे।"
वह बोलते हुए नींद में सो रही खामोशी के चेहरे को देखने लगा। इसके गाल पर थप्पड़ के निशान थे। होंठ फटे हुए थे और हाथ की उंगलियाँ, जो ब्लैंकेट से दिख रही थीं, पूरी तरह रगड़ी हुई थीं; उनमें खून लगा हुआ था और वह सफ़ेद रंग का ब्लैंकेट हल्का खून से रंगा हुआ था।
वह शख्स एक छोटा सा तकिया उठाता है और उसे खामोशी के चेहरे पर रखकर बुरी तरह दबाने लगा। खामोशी की साँसें उखड़ने लगीं। वह गहरी साँस खींचने की कोशिश में जुट गई थी।
खामोशी नींद में भी गहरी साँसें खींच रही थी। उसे ऐसा लग रहा था जैसे कोई उसका दम घोंट रहा है। उसकी नींद में ही अचानक उसकी चीख निकल गई। वह उठकर बैठ गई।
और आस-पास देखते हुए गहरी साँसें लेने लगी। उसकी आँखों से आँसू आ चुके थे। वह आहिस्ता से बेड से उठने लगी, पर उसका पैर बहुत ज़ोर से दर्द कर रहा था। उसकी आँखों से आँसू बहने लगे। वह अपने पैरों को धीरे-धीरे समेटते हुए घुटनों में मुँह छिपा लेती है।
और सिसकते हुए बोली, "मम्मी, आप हमें छोड़कर क्यों चली गईं? हमें भी अपने साथ ले जातीं ना। हमें यहाँ बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा है। हमें आपके पास आना है, मम्मा।"
वह जोर से रोने लगी। उसके रोने की आवाज़ कुछ ही देर में हिचकी में बदल गई। वह बहुत ज़्यादा हिचकी लेकर रो रही थी।
वहीं दूसरी तरफ़, स्टडी रूम के अंदर त्रिजल अपनी किंग साइज़ चेयर पर बैठा हुआ था। उसकी नज़र लैपटॉप पर थी; वह लगातार लैपटॉप पर उंगलियाँ चला रहा था। तभी दरवाज़े पर दस्तक हुई।
त्रिजल ठंडी आवाज़ में बोला, "कम इन।" बाहर खड़ी लड़की हील्स की टकटक की आवाज़ के साथ अंदर आई और त्रिजल के सामने खड़ी हो गई।
त्रिजल उसकी खामोशी को महसूस करते हुए बोला, "क्या हुआ है? आप यहाँ हमारे सर पर तांडव करने आई हैं क्या? जो कुछ बोल ही नहीं रही हैं।"
वह लड़की फ़ाइल को त्रिजल के सामने रखते हुए बोली, "सर, वह हमारे ख़्याल से वह लड़की इस सब से बेख़बर है कि उसकी बहनों ने उसे टारगेट किया है और आप भी उसे टारगेट कर रहे हैं। वह कितनी मासूम है।"
त्रिजल के हाथ रुक गए और वह सामने खड़ी लड़की को देखते हुए ठंडी आवाज़ में बोला, "तान्या, लगता है आप अपने काम से बोर हो चुकी हैं, इसीलिए यहाँ से जाना चाहती हैं।"
तान्या हड़बड़ा गई और जल्दी से मना करते हुए बोली, "नहीं सर, हम तो... हम तो बस आपको बता रही थीं, वह देखने में कितनी मासूम है।"
त्रिजल जीभ को अपने मुँह के अंदर घुमाता हुआ, अपने दाँतों के बीच फँसाते हुए बोला, "यू नो व्हाट? जो लोग इनोसेंट होते हैं ना, उनका ही दूसरा चेहरा डेविल होता है, क्योंकि वह इनोसेंस अपने साथ लेकर एक डेविलनेस को छुपा लेते हैं और हम उनमें से हैं जो इनोसेंस को साइड कर सामने वाले की डेविलनेस को निकालकर जड़ से उखाड़ सकते हैं और भूलिए मत, हम आपके बॉस हैं, आप हमारी नहीं। तो बेहतर होगा जिस काम के लिए आपको रखा गया है, आप सिर्फ़ वही करिए।"
उसकी आवाज़ ठंडी हो चुकी थी। तान्या हड़बड़ाते हुए जल्दी से सर हिलाकर बोली, "सर, जैसा आपने कहा था, आपकी गर्लफ्रेंड को ढूँढ़ने के लिए हम उन्हें ढूँढ़ रहे हैं, पर उनका अभी कहीं भी पता नहीं चल रहा है। उनकी टिकटें यहाँ से सीधा मलेशिया के लिए हुई थीं, पर वह फ़्लाइट में चढ़ी ही नहीं है।"
बोलते हुए वह जल्दी से अपना सर नीचे की तरफ़ झुका लेती है। त्रिजल के होठों पर मुस्कान आ जाती है। वह शैतानी हँसी हँसते हुए कहता है, "लगता है चूहे-बिल्ली का खेल शुरू हो गया है। कोई बात नहीं, चाहिए आप चार फ़ेँकने की बारी आई है।" बोलते हुए अपनी जगह से खड़ा हो जाता है और सीधा स्टडी रूम से निकल जाता है। तान्या कन्फ़्यूज़न से उसे देखने लगती है।
त्रिजल हाथ में कॉफी का कप लिए कमरे में आया। उसकी नज़र बिस्तर पर सिकुड़ कर लेटी खामोशी पर पड़ी, जो धीरे-धीरे सुबक रही थी।
वह उसके पास गया और कहा, "कैन यू एक्सप्लेन मी कि तुम्हारे पैरों के बीच चोट कैसे लगी है और वहाँ से इतना ज़्यादा खून कैसे निकल रहा है?"
खामोशी को अभी भी पेट में तेज दर्द हो रहा था। त्रिजल का सवाल और पीरियड्स का दर्द, दोनों ही उसे सहन करने लायक नहीं थे।
वह त्रिजल को देखकर चेहरा तकिए में घुसाकर फिर से सुबकने लगी। त्रिजल की भौंहें सिकुड़ गईं। उसने तकिए को उसके चेहरे से लगभग हटाकर फेंका और खामोशी को देखा जो अपने पेट और निचले शरीर पर हाथ रखकर धीरे-धीरे सहला रही थी।
त्रिजल की आँखें छोटी हो गईं। वह गुस्से में आकर एक ही झटके में उसके निचले शरीर से उसका हाथ हटाकर, अपने हाथ को उसके पैरों के बीच घुमाने लगा।
दर्द से खामोशी का चेहरा लाल हो गया। उसने त्रिजल को खुद से दूर करते हुए कहा, "आप कितने बेशर्म हैं! आपको शर्म नहीं आती इस तरह लड़की को देखने में?"
त्रिजल ने मज़ाक करते हुए कहा, "हमें कैसी शर्म? और वैसे भी यह शर्म का ढिंढोरा कहीं और जाकर पीटना। जैसी आपकी बहन है, बिल्कुल वैसी ही आप भी हैं, हमें बहुत अच्छे से पता है। इसलिए यह शर्म-लिहाज़ के पर्दे हटाइए और जो हम कह रहे हैं, वह ध्यान से सुनिए, क्योंकि यह शर्म-लिहाज़ के पर्दे हम पहले ही हटा चुके हैं और हम आपको बहुत अच्छे से, ऊपर से लेकर नीचे तक और अंदर से बाहर, आगे से पीछे, बहुत अच्छे से देख चुके हैं। इनफैक्ट, बहुत ही गहराई से आपको देख चुके हैं।"
बोलते हुए वह उसकी निचली बॉडी को घूर रहा था। खामोशी, उसकी बात का मतलब न समझ पाकर, भ्रम से बोली, "आपके कहने का क्या मतलब है? हम समझ नहीं पा रहे हैं।"
उसकी बात पर त्रिजल ने कॉफी का कप एक तरफ़ रख दिया और ठंडी आवाज़ में कहा, "क्या पहले आप हमें यह बताएँगी कि आपने खाना क्यों नहीं खाया है? अगर आप खाना नहीं खाएँगी तो आप कमज़ोर हो जाएँगी और हम नहीं चाहते कि हमारी लिटिल क्रिएटर कमज़ोर हो जाए। जो हमारी डिज़ायर्स पूरी करती है, अगर वही कमज़ोर हो जाएगी तो हमारा ख्याल कौन रखेगा?"
बोलते हुए उसने खामोशी के बालों पर हाथ रखकर सीने पर ले जाया और दूसरा हाथ लगातार उसकी बॉडी पर चलाने लगा। खामोशी ने त्रिजल का हाथ महसूस किया तो उसकी साँसें थोड़ी तेज हो गईं और त्रिजल के इस तरह हाथ घुमाने से उसे अपने पेट में अच्छा लग रहा था।
त्रिजल खामोशी के चेहरे को देखा, जिसमें अब थोड़ी रंगत दिखाई दे रही थी। वह उसके ऊपर झुककर उसके होठों पर अपने होठ रख दिए। वह बहुत ही धीरे-धीरे किस कर रहा था।
खामोशी, जो दर्द में थी, उसे राहत मिल रही थी। उसने आहिस्ता से अपने छोटे हाथ ऊपर उठाए। वह त्रिजल के इरादे से बिलकुल बेखबर थी। त्रिजल उसे जोश से किस कर रहा था।
खामोशी की आँखें बंद हो गईं। उसी क्षण त्रिजल की आँखें खुलीं और उसने टेढ़ी नज़रों से खामोशी को देखते हुए अपनी जेब से फ़ोन निकाला, फ़ोटो कैमरे को ज़ूम किया और तस्वीर ले ली। उस फ़ोटो में उन दोनों का चेहरा बिलकुल साफ़ दिख रहा था।
करीब एक घंटे बाद, खामोशी को ऐसा लगा जैसे कोई साँसें खींचने की कोशिश कर रहा है। उसने धीरे से आँखें खोलीं और देखा।
त्रिजल खामोशी के होठों को जोश से चूम रहा था। उसने फ़ोन एक तरफ़ फेंक दिया था। उसका एक हाथ उसकी शर्ट के बटन लगातार खोल रहा था। उसने खामोशी को दूर करके अपनी शर्ट के बटन लगभग तोड़ते हुए निकाल दिए और फेंक दिए, फिर उसके ऊपर आकर उसकी पहनी हुई शर्ट एक ही बार में उतार ली।
वह अपने हाथ उसके पूरे शरीर पर चलाने लगा। खामोशी की नींद उड़ गई। उसने उसके हाथ को पकड़कर खुद से दूर करते हुए कहा, "आप... आप क्या कर रहे हैं? ...हमें दर्द हो रहा है। प्लीज़, अभी आप हमारे साथ ऐसा मत करिए।"
त्रिजल की आँखें सख्त हो गईं। उसने अपने हाथ पर रखा खामोशी का छोटा सा हाथ देखा और अगले ही पल उसे खुद से झटकते हुए गहरी आवाज़ में कहा, "आपको कोई हक़ नहीं है हमें मना करने का, क्योंकि हम सिर्फ़ अपना हक़ ले रहे हैं, इससे ज़्यादा कुछ नहीं।" बोलते हुए वह उसके ऊपर आ गया और उसके पूरे शरीर पर चूमने लगा।
वह उसकी गर्दन पर गहरी साँस छोड़ते हुए उसे काटने के निशान दे रहा था। खामोशी अपनी पकड़ बिस्तर पर मज़बूत किए हुए गहरी-गहरी साँसें ले रही थी। उसे बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा था।
थोड़ी देर बाद त्रिजल रुका और उसके ऊपर से उठते हुए अजीब सी आवाज़ में कहा, "हमें जितना करना था, उतना हम कर चुके हैं। चलिए, अब आप तैयार हो जाइए।" बोलते हुए वह खड़ा हुआ और सीधा जाकर अलमारी में घुस गया।
खामोशी उसे एकटक देखती रही और आहिस्ता से उठकर बैठ गई। उसे बहुत ज़्यादा तकलीफ़ हो रही थी। उसने धीरे से अपने पैर जमीन पर रखे। उसे इतनी तकलीफ़ थी कि वह बयाँ नहीं कर सकती थी।
कुछ देर बाद त्रिजल बाहर आया। उसने एक रॉयल डार्क ब्लू कलर का टक्सीडो सूट पहना हुआ था, जिसके कफ़ में हीरे के कफ़लिंक लगे हुए थे। उन कफ़लिंक में काले रंग से "K" लिखा हुआ था, जो उसके पर्सनल ब्रांड को दिखा रहा था।
त्रिजल सीधा ड्रेसिंग टेबल के पास खड़ा हुआ और अपने बाल सेट करते हुए कहा, "आप अभी तक नहीं उठीं? कितनी आलसी हैं आप। जाइए, जाकर तैयार हो जाइए।"
खामोशी उसकी तरफ एक नजर देखती हैं और धीमे-धीमे कदमों से बाथरूम में घुस जाती हैं । वह नीचे बैठ अपना चेहरा घुटनों में छुपाते हुए कुछ बडबडा रही थी ।" हमें बहुत...बहुत दर्द हो रहा है । हमसे दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा । आपने हमें क्यों लड़की बनाया और बनाया तो इतना कमजोर क्यों बनाया और जब कमजोर बनाना ही था तो हमें किसी ऐसे शख्स के यहां पैदा करते जो हमारी कमजोरी का फायदा नहीं उठाता ...।"
बोलते हुए वह अपने चेहरे को घुटनों में छुपा लेती हैं । थोड़ी देर के बाद वह आहिस्ता से खड़ी होती है । पैर दर्द की वजह से वह हल्का सा बैंड हो जाती हैं । धीमे कदमों से आगे बढ़ते हुए इंटरेस्ट देखते हैं । उसने सामने एक ब्लैक कलर का वन पीस रखा हुआ था ।
खामोशी उसे देखने के बाद क्लोसेट में जाती हैं जहां उसके हिसाब से कुछ कपड़े रखे हुए थे । वह एक बहुत ही सिंपल सा प्लेन सा ब्लैक कलर का पटियाला सूट निकालती हैं और उसे फ्रेश होने के बाद पहन लेती है ।
वह खुद को सामने लगे हुए मिरर पर देख रही थी । उसकी दूध जैसी गोरी स्किन पर वह काला रंग बहुत ही ज्यादा जच रहा था । जिसमें उसकी परफेक्ट शेप्ड बॉडी बहुत ही अट्रैक्टिव लग रही थी ।
चेहरा दर्द से लाल हो गया था बिना मेकअप के भी मेकअप लुक लग रहा था । उसने अपने लंबे बालों पर बस कॉम करके छोड़ दिया था । वह कुछ देर खुद के अक्स को देखती हैं । वह बिल्कुल एक खूबसूरत सी कांच की गुड़िया लग रही थी ।
उसकी गहरी चमकदार काली आंखें जिसमें एक गहरी खामोशी छाई हुई थी । वह टेबल पर हाथ रखते हुए पीछे पलट जाती हैं और धीमे-धीमे कदमों से बाहर आती हैं ।
त्रिजाल अपने फोन में कुछ मेल चेक कर रहा था । बिना उसकी तरफ देखे हुए कहता है ," अब आप रेडी हो गए हैं तो फिर चलिए ।" खामोशी उसकी बात पर बिना कुछ कहे आहिस्ता आहिस्ता उसके पीछे अपने कदम बढ़ा देती हैं ।
कुछ देर बाद,,
त्रिजाल की गाड़ी एक चमकती हुई हवेली के सामने आकर रुकती हैं । वह बिना किसी इमोशन के अपने कोट के बटन लगाते हुए बाहर आ जाता है । दूसरे साइड जा खड़े होते हुए वह अपनी ठंडी आवाज में कहता हैं ," आप बाहर आएंगे या हम आपको अपने तरीके से निकाले ?"
बोलते हुए उसकी नजर उस सफेद रंग कीसंगम मार मार के पत्थरों से बनी हुई चमक सफेद चमकदार हवेली पर बरकरार थी जो देखने में बेहद खूबसूरत लग रही थी ।
खामोशी बाहर आ जाती हैं । वह हवेली पर एक नजर डालने के बाद अपनी लड़खड़ाती हुई आवाज में कहती हैं ," आप... आप हमें यहां पर क्यों लेकर आए हैं ? प्लीज , यहां मत लेकर चलिए ..।" बोलते हुए उसने त्रिजाल की बाजू का कफलिंक पकड़ लिया था ।
उसका चेहरा डर से बहुत ही ज्यादा सफेद पड़ गया था । त्रिजाल उसके अपने हाथ का हक बनता है और बहुत ही स्टाइल है उसके हाथ को अपने हाथ में डालते हुए ठंडी आवाज में कहता हैं ," चलिए ,अब आपके मायके आ ही चुके हैं तो क्यों ना दामाद का स्वागत भी करवा ही लिया जाए ।"
बोलते हुए वह आगे की तरह उन दोनों पर ज्यादा पहला गई थी । सभी लोग त्रिजाल से वाकिफ थे । खामोशी अपनी जगह पर सर झुकाए खड़ी हुई थी उसने एक नजर भी उठाकर किसी को नहीं देखा था ।
तभी एक लड़का भागता हुआ उसके पास आया और उसे कसकर अपने गले से लगाते हुए कहा, "कहाँ चली गई थीं आप? कब से हम आपको ढूँढ रहे थे, परेशान हो रहे थे, पर आप हैं कि मिलने का नाम ही नहीं ले रही थीं। किसके साथ थीं आप?"
वह बोलते हुए उसे ऊपर से नीचे तक देखता है। खामोशी ने अपने छोटे-छोटे हाथों को अपनी कुर्ती में फँसाकर अपनी मुट्ठियाँ मजबूत कर लीं। उसका दिल जोरों से धड़क रहा था। वह शख्स एक नज़र खामोशी पर ऊपर से नीचे तक डालता है।
उसके चेहरे पर फ़िक्र आ गई। वह जल्दी से उसे अपनी बाहों में उठाते हुए उसके माथे से अपना माथा जोड़कर बोला, "आप ठीक हैं ना? और आपके स्लीपर्स कहाँ हैं? आप बिना स्लीपर्स के क्यों घूम रही हैं?"
वह बोलते हुए उसके छोटे से पैरों को देखता है, जिनकी रंगत एकदम सूर्ख पड़ चुकी थी। खामोशी कोई जवाब नहीं देती। वह बस अपनी मुट्ठियाँ मजबूत किए हुए उस शख्स की बाहों में कँप रही थी।
वहीं त्रिजाल, जो एकटक उस लड़के को घूर रहा था, उसके नज़दीक आया और खामोशी को जबरदस्ती अपनी बाहों में खींचते हुए गुस्से से दहाड़ते हुए कहा, "बी इन योर लिमिट्स! यह खामोशी त्रिजाल सिंह राजावत है। दूर रहे हमसे, वरना आप तो बेहतर जानते होंगे, जिस चीज़ पर हमारी नज़र जाती है, उस चीज़ पर किसी और की नज़र गई तो हम उसे ज़मीन के अंदर भी नहीं जीने देते और ज़मीन के बाहर भी नहीं।"
खामोशी त्रिजाल की बाहों में आते ही एकदम शांत हो गई। उसने एक नज़र भी उठाकर उस शख्स पर नहीं डाली थी जिससे उस शख्स का चेहरा गुस्से से भर गया था।
वह अपनी मुट्ठी मज़बूती से बंद करते हुए खुद से कहा, "बहुत बड़ी गलती करी है तुमने। यहाँ से जाकर बस एक बार तुम वापस आ जाओ, फिर मैं तुम्हारे सारे पर खुद अपने हाथों से काटूँगा। आशिकी चल रही है ना तुम्हारी, बस बहुत हुआ। चलो, तुम्हारी इस आशिकी का भूत उतारता हूँ।"
वह बोलते हुए एक सर्वेंट की तरफ़ देखता है और फिर उसे कुछ इशारा करता है, जिसके साथ ही वह सर्वेंट भागता हुआ अंदर चला जाता है।
वहीं त्रिजाल खामोशी को वहाँ रखी हुई चेयर पर बैठाता है और उस लड़के के पास जाकर उसके कॉलर को मज़बूती से पकड़ लेता है और बहुत ही ख़तरनाक लहजे में कहता है, "डोंट टच माय कॉइन, अदरवाइज आई विल ब्रोक योर ऑल बोन्स। इतना मारूँगा, इतना मारूँगा कि तुम्हारे पर्सनल कुत्ते भी तुम्हें पूरे इंडिया में ढूँढ कर नहीं निकाल पाएँगे, समझे?"
वह बोलते हुए उसे दूर झटक देता है। वह वहाँ पर जाते हुए सीधा माइक अपने हाथ में उठाते हुए ठंडी आवाज़ में कहता है, "मिस्टर थाबिश शेखावत, आप अपने घर में क्या कर रहे हैं? क्या आप अपने होने वाले दामाद का स्वागत करने के लिए उसके सामने भी नहीं आएंगे?"
वह बोलते हुए बहुत ही अजीब सी हँसी हँसने लगता है। वहीं खामोशी के डैड, थाबिश शेखावत, जो अंदर गुस्से से अपनी शर्ट के बटन लगा रहे थे, वह बिस्तर पर पड़ी हुई औरत को देखते हैं और उसके पास आकर उसके जबड़े को मज़बूती से दबाते हुए कहते हैं, "अगर हमारी बेटी कहीं गई है, उसके बारे में हमें पहले ख़बर देना, वरना इससे भी ज़्यादा हम बुरा कर सकते हैं आपके साथ, समझी?"
वह बोलते हुए उसके चेहरे को झटककर अपने बटन बंद करते हुए बाहर आ जाते हैं। उनका चेहरा गुस्से से लाल हो चुका था। वहीं बिस्तर पर लेटी हुई औरत अपने शरीर पर बने हुए निशानों को देखती है और फिर अपने पैरों को, जो पूरी तरह से सूज चुके थे, उनमें बड़ी-बड़ी उंगलियों के लाल-लाल निशान देखती है। उसकी आँखों में नफ़रत आ जाती है।
वह अपने होंठों को अजीब से चाटते हुए कहती है, "बस तुम्हारी यही वाइल्डनेस की वजह से तो मैं तुम्हारे साथ हूँ, क्योंकि मुझे यह बहुत पसंद है, वरना कब का तुम्हें छोड़कर चली जाती। जब भी मेरे सीने में आग लगती है, तब तुम मुझे बहुत अच्छे से सेटिस्फ़ाई कर देते हो।"
वह बोलते हुए अपने होंठों से निकल रहा लाल द्रव पोंछने लगती है। फिर खुद आहिस्ता से उठकर अपने पैरों की तरफ़ देखती है जो हल्के-हल्के काँप रहे थे। वह मुस्कुराते हुए अपने हाथ को नीचे ले जाती है और अपनी लोअर बॉडी को सहलाते हुए, बिना कुछ पहने, सीधा जाकर खिड़की पर खड़ी हो जाती है।
वह खिड़की काफी डार्क थी; बाहर का नज़ारा अंदर दिखाई देता था, पर अंदर का नज़ारा बाहर नहीं। वह आराम से वहीं खड़ी रही और वहाँ रखी एक सिगार निकालकर, अपने होठों से लगाकर धुआँ उड़ाते हुए, नीचे चल रही चीज़ों को देखने लगी।
तभी उसकी नज़र चेयर पर बैठी खामोशी पर गई। उसे एक गहरे आकाश में उड़ते हुए, ठंडी, अजीब सी आवाज़ सुनाई दी, "लगता है अब हमारे भाई की ख्वाहिश पूरी होने वाली है क्योंकि खामोशी खुद ही अपनी अर्थी उठवाने के लिए वापस आई है।" वह हल्का सा हँसकर नीचे की ओर देखती है।
गार्डन में, त्रिजाल स्टेज से नीचे आया और माइक को जमीन पर देखते हुए बिल्कुल तृषा के सामने खड़ा हो गया। वे दोनों एक-दूसरे की आँखों में देख रहे थे। वहाँ का आँरा एक अजीब सा माहौल बना रहा था।
खामोशी डरी हुई नज़रों से सामने खड़े थाबिश को देखती है और छोटे कदम उठाकर उसके पास आती है और उसके हाथ की छोटी सी उंगली पकड़ते हुए धीमी सी आवाज़ में कहती है, "डैड आप कब आए?"
थाबिश, जिसका चेहरा एकदम लाल था, खामोशी की बात पर अपना हाथ उसके हाथ से छुड़ाता है और अगले ही पल एक जोरदार थप्पड़ उसके चेहरे पर जड़ देता है।
खामोशी की साँसें तेज हो गईं। वह जमीन पर मुँह के बल गिर गई थी। उसके होंठ एक तरफ़ से फट गए थे और खून निकलने लगा था। वह वहीं पर उठकर ताबिश की ओर देखती है; उसकी आँखों से आँसू नहीं गिरे थे।
वहीं त्रिजाल गुस्से से उनके सामने आता है और ठंडी आवाज़ में कहता है, "बी इन योर लिमिट्स! वह हमारी बीवी है। तुम इस तरीके से उस पर हाथ नहीं उठा सकते, समझे?"
थाबिश उसे एक नज़र देखता है और फिर खामोशी को। वह उसके चेहरे को पकड़कर अपनी ओर करते हुए कहता है, "यह सब क्या है? तुम किसके साथ अय्याशी कर रही हो?"
खामोशी उसके बदले हुए रवैये पर बहुत ज़्यादा घबरा जाती है। वह अपने चेहरे से उसका हाथ हटाते हुए कहती है, "पापा, आप क्या कर रहे हैं? दर्द... दर्द हो रहा है हमें। प्लीज़, प्लीज़ अपना हाथ हटाइए..."
खामोशी का चेहरा पूरी तरह लाल हो चुका था। वहीं थाबिश अपनी पकड़ उसके जबड़े पर मज़बूत करते हुए कहता है, "तुम यह दिन दिखाने से पहले मर जाती तो मुझे बहुत सुकून आता, पर तुमने मेरी नाक कटवाने से पहले एक बार भी नहीं सोचा। निकल जाओ मेरे घर से, कभी मुझे अपनी शक्ल मत दिखाना। मैं समझ लूँगा मेरी एक बेटी मर चुकी है।"
खामोशी का दिल धक से रह गया। उसके हाथ बुरी तरह काँपने लगे। वह उठने को होती है, उसे बहुत तेज अपने सीने में जलन महसूस होती है। वहीं थाबिश उससे अपनी नज़रें फेरकर खड़ा हो चुका था।
त्रिजाल को इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था। खामोशी खड़ी होने लगती है। उसे अपने सर का घूमता हुआ महसूस होता है; सीने में बेचैनी और एकदम से उल्टी जैसा महसूस करती है कि तभी उसकी नाक से खून निकलने लगता है।
वह अपने चेहरे के सामने उंगली रखकर देखती है; उसका हाथ बुरी तरह खून से सना हुआ था। उसने जल्दी से अपनी नाक साफ की और आखिरी बार कोशिश करते हुए कहा, "पापा, आप हमारी बात तो सुनिए। हमें इतनी बड़ी सजा मत दीजिये।"
थाबिश को बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ रहा था। त्रिजाल, खामोशी के कंधे पर हाथ रखते हुए, ठंडी आवाज़ में बोला, "इस थप्पड़ का बदला तो हम तुमसे लेकर ही रहेंगे। और हम तो यहां सिर्फ़ अपनी खातिरदारी करवाने आए थे, पर सोचा नहीं था कि यहां आते ही कहीं हमने दखलअंदाज़ी तो नहीं कर दी, ससुर जी?"
वह टेढ़ा मुस्कुराने लगा। थाबिश का चेहरा गुस्से से लाल हो गया। वह चिल्लाया, "अगर तुम यहां से अभी के अभी दफ़ा नहीं हुईं तो मैं तुम्हें यहां से धक्के मार के निकलवाऊँगा।"
त्रिजाल मुस्कुराते हुए बोला, "इतनी तो आपकी औक़ात भी नहीं है, ससुर जी। और हां, रही बात यहां से जाने की, तो आज जा रहा हूँ क्योंकि आपकी ख़ामोशी पर ग्रहण नहीं लगाना चाहता था, पर लगता है वह ग्रहण लग ही चुका है—त्रिजाल नाम का ग्रहण।"
वह खामोशी का हाथ पकड़कर उसे वहाँ से ले जाने लगा। खामोशी की नज़र अपने पिता पर थी। उसने जल्दी से अपने पिता का हाथ पकड़ लिया और आवाज में कहा, "कभी अपना यह मनहूस क़दम हमारे घर पर मत रखना। चले जाइए यहां से।"
वह गुस्से से अंदर की ओर क़दम बढ़ा गया। खामोशी बुरी तरह रो पड़ी। उसने अपना चेहरा नीचे झुका लिया था। त्रिजाल उसे देखकर गहरी साँस लेते हुए अपना कोट निकालकर उसके चेहरे पर डालते हुए ठंडी आवाज़ में बोला, "आप खुद हमारे साथ चलेंगी या फिर हम आपको यहां अकेला छोड़कर चले जाएँ?"
खामोशी जमीन पर बैठी हुई थी और एकटक अंदर जाते हुए थाबिश को देख रही थी। उसकी आँखों से बुरी तरह आँसू बह रहे थे। त्रिजाल उसके नज़दीक खड़ा था। वह गुस्से से बोला, "अगर आपको हमारे साथ चलना है तो उठें, हम इंतज़ार नहीं करेंगे।"
वह आगे बढ़ गया। आस-पास के लोग ख़ुसुर-फ़ुसुर कर रहे थे, और धीरे-धीरे वहाँ से जाने लगे। त्रिजाल गाड़ी में बैठ गया और अपनी स्टीयरिंग पर मज़बूत पकड़ बनाते हुए सामने देख रहा था। उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था। वह काफी देर तक इसी तरह बैठा रहा। पार्टी पूरी तरह बर्बाद हो चुकी थी। आसमान में बादल घिर आए थे, बिजली तेज़ चलने लगी थी। तूफ़ान आने वाला था।
पर खामोशी इस सब से बेख़बर, खुद में सिमटकर बैठी हुई, बुरी तरह रो रही थी। उसके आँसू बुरी तरह आँखों से बह रहे थे, जैसे आसमान से बारिश बरसने वाली हो। कुछ ही देर में बरसात तेज़ी से शुरू हो गई। वह अपने दोनों घुटनों को सीने से लगाते हुए रोते हुए बोली, "अब तो पापा... पापा ने भी हमारा साथ छोड़ दिया। हम क्या करेंगे? माँ पहले ही हमें छोड़कर चली गई थी और अब तो दीदी भी नहीं है जो हमें... हमें सेफ़ करे। अब हम कहाँ जाएँगे? हम... हम मर जाते हैं। हाँ... यह सही रहेगा, हम... हम मर जाते हैं। पर... पर हम कैसे मर सकेंगे?"