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The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story)

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Sanyogita

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नफरत से शुरू होने वाला सफर, प्यार की नई इबारत लिखेगा। अश्वगढ़ महल का रहस्य हर किसी के होश उड़ा देगा। जहाँ केवल नफरत करने वाले जा सकते हैं, वहीं शुरू होगी घोस्ट हंटर्स टीम की सबसे बड़ी चुनौती। "यह सिर्फ एक मिशन नहीं...

Total Chapters (128)

Page 1 of 7

  • 1. The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story) - Chapter 1

    Words: 1526

    Estimated Reading Time: 10 min

    “नहीं सर! मैं इसके साथ मिशन पर नहीं जाऊँगा।” सनी ने वहाँ खड़े मून की तरफ अपनी गुस्से भरी निगाहों से देखकर कहा।

    मून भी उसे देखकर गुस्से में बोला, “तो मैं कौन सा मर रहा हूँ तुम्हारे साथ जाने के लिए?”

    “अरे तुम दोनों पहले शांत हो जाओ और मेरी पूरी बात सुनो।” उनके लीडर जॉर्डन बीच में आते हुए बोले।

    वहाँ खड़ी जॉर्डन की असिस्टेंट नूना भी परेशान सी होकर खुद में ही बुदबुदाई, “आई डोंट थिंक कि ये दोनों साथ जाने के लिए मानेंगे।”

    जॉर्डन ने सनी और मून को शांत कराया और बोले, “देखो बच्चों! यह मिशन हमारे लिए बहुत ही इम्पोर्टेन्ट है। अगर हम इसमें सक्सेस हो गए तो यह हमारे लिए बहुत बड़ी अचीवमेंट होगी। तुम दोनों को शायद नहीं मालूम कि उस महल पर कितनी रिसर्च हो चुकी है, लेकिन आज तक उसकी यह मिस्ट्री कोई नहीं सुलझा पाया कि वहाँ रहने वाला घोस्ट आखिर है क्या? क्यों वहाँ पर केवल ऐसे लोग ही जा सकते हैं जिनके बीच नफरत की दीवार हो? इसी कारण हमने तुम दोनों को चुना है। तुम दोनों की नफरत के किस्से तो दूर-दूर तक फैले हुए हैं।”

    सनी और मून ने खा जाने वाली निगाहों से एक-दूसरे की तरफ देखा। इनकी टीम से लेकर परिवार और यह पूरा शहर जानता था कि इन दोनों की आपस में बिल्कुल नहीं बनती। अब इन दोनों की आपस में क्यों नहीं बनती, यह आगे जानेंगे।

    सनी और मून एक-दूसरे को तीखी नजरों से घूर रहे थे। जॉर्डन और नूना उस महल से संबंधित और भी बातें बता रहे थे। तभी मून के मन में एक सवाल आया और उसने कहा, “लेकिन नफरत करने वाले तो बहुत हैं इस दुनिया में, क्या आज तक ऐसे लोग वहाँ पर गए नहीं?”

    “गए हैं ना।” नूना वहाँ टेबल पर रखे लैपटॉप में देखते हुए बोली, “अभी लास्ट ईयर ही वहाँ पर दो लोग गए थे जो एक-दूसरे की जान के दुश्मन थे, लेकिन फिर वह लोग वापस आए ही नहीं।”

    “जान ही ले ली होगी उन्होंने एक-दूसरे की।” सनी ने बेपरवाही भरे भाव से कहा। उसे सुनकर मून ने भी मुँह बना लिया।

    नूना फिर से कहने लगी, “उनके अलावा पाँच साल पहले भी एक गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड गए थे जो पहले एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे, लेकिन फिर उन दोनों के बीच नफरत हो गई, और वह दोनों भी आज तक वापस नहीं आए।”

    जॉर्डन सनी और मून की तरफ देखकर बोले, “कुल मिलाकर बात यह है कि वहाँ जो लोग भी गए, वह वापस नहीं आए।”

    कुछ पल वहाँ पर शांति बनी रही। जो भी गया, वापस नहीं आया! खैर, यह तो हर भूतिया जगह की कहानी है, इस बात का अचंभा नहीं था। सवाल तो यह था कि केवल नफरत करने वाले ही वहाँ क्यों जा सकते हैं?

    “लगता है यह रहस्य बहुत गहरा है।” मून ने काफी गहन सोच-विचार करने के बाद कहा।

    “रहस्य चाहे जो भी हो, लेकिन मैं तुम्हारे साथ तो वहाँ बिल्कुल नहीं जाऊँगा।” सनी ने तीखे और सपाट लहजे में कहा।

    मून को अब गुस्सा आ गया और वह बोला, “तुम्हारी इसी चीज से मुझे सख्त नफरत है। कभी भी किसी बात पर गहराई से नहीं सोचते, बड़ी जल्दी फैसला ले लेते हो।”

    “और मुझे तुम्हारी इसी बात से चिढ़ है कि तुम फैसला लेने में बहुत ढीले हो, सोचते ही रह जाते हो। अरे तुम तो वह हो जिसके सामने कोई तलवार लेकर भी खड़ा हो, तो तुम सोचते रहोगे कि मैं इसका मुकाबला करूँ या ना करूँ और तब तक वह तुम्हें काटकर चला जाएगा।”

    मून अपने दाँत पीसते हुए बोला, “तो तुम्हारे जैसे ओवर कॉन्फिडेंस लोगों का भी यही हाल होता है, जो ना तो सोचते हैं और ना ही समझते हैं, सीधा अटैक कर देते हैं।”

    “हाँ, मैं कर देता हूँ सीधा अटैक क्योंकि मैं तुम्हारी तरह डरपोक नहीं हूँ।” सनी ने घमंड भरे लहजे में कहा।

    उसकी इस बात पर गुस्से में मून के जबड़े बिंच गए, “मैं रिस्क लेने से बचता हूँ, इसका मतलब यह नहीं कि मैं डरपोक हूँ। जरूरत पड़ने पर मैं अटैक करना भी जानता हूँ।”

    “हँ! अटैक और तुम! अरे जाओ जाओ, किसी और को बुद्धू बनाओ। मैंने आज तक तुम्हें सिर्फ मैदान छोड़कर भागते हुए देखा है, डरपोक कहीं के।” सनी ने उसकी खिल्ली उड़ाई।

    मून उसकी बात का जवाब देते हुए बोला, “भगवान कृष्ण को भी रणछोड़ दास कहा जाता है, लेकिन वह डरपोक नहीं थे, बल्कि उन्होंने उस राक्षस को मारने के लिए उसे अपने पीछे दौड़ाया था और वह राक्षस तुम्हारी ही तरह ओवर कॉन्फिडेंस में था, बेवकूफ कहीं का।”

    “मुझे बेवकूफ बोला तुमने?” सनी ने गुस्से में मून का गिरेबान पकड़ लिया।

    “मैंने तो उस राक्षस को बोला है। अगर तुम अपने ऊपर ले रहे हो तो यह तुम्हारी बेवकूफी है।” मून ने बिल्कुल ही अनजान बनकर उस पर व्यंग्य किया।

    "फिर मुझे बेवकूफ बोला!" सनी चिल्लाया और उसकी पकड़ मून के गिरेबान पर कस गई।

    मून ने भी सनी के दोनों हाथों को मजबूती से पकड़ लिया था और निडरता से उसकी आँखों में देख रहा था।

    जॉर्डन और नूना उन दोनों को छुड़ाने भागे। उन्होंने दोनों ने सनी और मून को पकड़ा।

    “अरे तुम दोनों लड़ो मत, प्लीज़।” जॉर्डन ने सनी के हाथों को मून के गिरेबान पर से हटाने की कोशिश करते हुए कहा।

    यहाँ नूना भी मून को पीछे से पकड़कर अपनी तरफ खींच रही थी, “प्लीज़ मून! छोड़ दो उसे।”

    वह दोनों एक-दूसरे को छोड़ ही नहीं रहे थे। सनी ने गुस्से में अपने हाथों को झटका तो जॉर्डन लड़खड़ाते हुए दूर हो गए। नूना जो कि मून को पीछे खींच रही थी, वह खुद ही मून के जरा से झटके में नीचे फर्श पर जा गिरी।

    जॉर्डन ने नूना को उठाया तो वह उनसे बोली, “ना जाने इन दोनों के पास यह कैसी पॉवर है?”

    “यह तो आज तक मैं भी नहीं जान पाया।” जॉर्डन भी उन दोनों को देखकर बोले।

    सनी ने मून को घुमाकर वहाँ रखी टेबल पर पटक दिया और उसे मारने के लिए उसके ऊपर चढ़ गया। उसने पंच मारने के लिए हाथ उठाया तो मून ने भी मजबूती से उसकी कलाई को पकड़ लिया और एक जोरदार लात उसके पेट में मार दी। सनी फर्श पर जा गिरा। मून टेबल पर उठकर बैठ गया।

    सनी ने गुस्से भरी लाल निगाहों से मून की तरफ देखा और उठकर खड़ा हुआ। मून भी टेबल पर से उठकर खड़ा हुआ। सनी उसकी तरफ बढ़ा तो मून टेबल से नीचे कूदा और ठीक सनी के सामने आ खड़ा हुआ।

    "तूने मुझ पर हाथ उठाकर अच्छा नहीं किया।" सनी ने उसे मारने का मुक्का बनाया।

    "हाथ कहाँ, मैंने तो पैर उठाया था।" मून ने व्यंग्य किया। सनी ने जोरदार मुक्का उसके मुँह पर दे मारा। मून घूमकर उसी टेबल पर गिर गया।

    जॉर्डन और नूना बुरी तरह चौंक गए।

    अब तो मून का सब्र भी जवाब दे गया। वह टेबल पर से उठकर आया और सनी को लात मारनी चाही। सनी ने उसका पैर पकड़कर उसे नीचे गिरा दिया। मून ने नीचे गिरकर भी सनी की टांग पर अपने पैर से वार किया, जिससे सनी भी धड़ाम से नीचे गिर गया। मून उसके ऊपर आया तो सनी ने तुरंत उसे पलटकर अपने नीचे कर दिया। मून ने हाथ उठाने की कोशिश की तो सनी ने उसकी दोनों कलाईयाँ मजबूती से पकड़ लीं। मून भी उसे हटाने के लिए पूरी ताकत लगाने लगा।

    फाइट जारी है........

  • 2. The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story) - Chapter 2

    Words: 1507

    Estimated Reading Time: 10 min

    सनी मून के ऊपर था और उसकी दोनों कलाईयों को बड़ी ही सख्ती से पकड़े हुए था। मून ने एक पल के लिए दर्द से दांत भींच लिए। जॉर्डन और नूना फिर से उनकी तरफ आए और दोनों ने मिलकर सनी को मून के ऊपर से हटाने की कोशिश की। थोड़ी पकड़ ढीली हुई तो मून ने खुद ही उसे धक्का देकर हटा दिया। सनी के साथ-साथ जॉर्डन और नूना भी एक बार फिर फर्श पर गिर गए।

    "अब हम नहीं जाएंगे इनके बीच," नूना अपनी कोहनी सहलाते हुए बोली।
    जॉर्डन भी सिर पीटकर बैठे रह गए।

    सनी और मून एक बार फिर एक-दूसरे पर वार करने के लिए तैयार थे। इतने में ही एक लड़की दौड़ती हुई सनी के पास आई और उसके सीने पर अपने दोनों हाथ रख उसे पीछे करते हुए बोली, "रुक जाओ सनी! इस कार्टून मून पर अपनी एनर्जी वेस्ट मत करो।"

    इधर एक लड़की मून के पास भी आई और उसकी बाँह को कसकर पकड़ते हुए बोली, "हाँ मून! तुम भी इस फनी सनी पर अपना वक्त बर्बाद मत करो।"

    "ऐ...माइंड योर लैंग्वेज़! माय सनी इज़ सनी...नॉट फनी! अंडरस्टैण्ड," सनी के साथ खड़ी लड़की तीखे स्वर में बोली।

    "तुम भी अपनी ज़बान संभालकर रखो, मेरा मून भी मून है कार्टून नहीं, समझी," मून के पास खड़ी लड़की भी उसी के लहजे में बोली।

    जॉर्डन अपना सिर पीटते हुए उन दोनों के बीच आए और परेशान से होकर बोले, "गुन एण्ड पैरी! प्लीज़ काम डाउन! इन दोनों को शांत कराकर तुम दोनों खुद शुरू हो गईं, ये मेरा ऑफिस है कोई लड़ाई का मैदान नहीं।" वह अब काफी कठोर हो गए थे।

    नूना भी गुन और पैरी की तरफ देखकर बोली, "यूं तो नहीं कि तुम दोनों इन्हें मिशन पर जाने के लिए समझाओ, तुम्हें तो बस एक-दूसरे से लड़ाई करनी है...सर एक काम करते हैं इस मिशन पर मून और सनी की बजाय गुन और पैरी को ही भेज देते हैं, आखिर ये दोनों भी तो एक-दूसरे से बेइंतिहा नफरत करती हैं।"

    "नो!...नहीं!" गुन और पैरी एक साथ तेज आवाज में बोलीं।

    सब उन दोनों को हैरान निगाहों से देखने लगे। फिर वह दोनों एक-दूसरे को गुस्से में नफरत भरी निगाहों से घूरने लगीं। इधर सनी और मून तो पहले से ही एक-दूसरे को नफरत भरी निगाहों से घूर रहे थे। इनकी नफरत चाहे कितनी भी गहरी थी लेकिन फिर भी इन दोनों के बीच कुछ तो ऐसा था जो उन्हें एक-दूसरे से बाँधे रखता था।


    इसी ऑफिस में एक छोटा और प्यारा सा केबिन था। जिसके बाहर लगी नेम प्लेट पर लिखा था...

    Technology & Communication Specialist

    यानी इस केबिन में जो इंसान बैठता था वह इस टीम में टेक्नोलॉजी और कम्युनिकेशन से रिलेटेड काम करता था।

    इस केबिन के अंदर वर्क डेस्क पर अपनी कुर्सी पर बैठा एक मासूम और प्यारा सा लड़का लैपटॉप पर अपना काम कर रहा था। उसकी पतली-पतली उंगलियाँ की-बोर्ड पर थिरक रही थीं। तभी उसके कानों में किसी के गाने की आवाज पड़ी.....

    साथी...ओ मेरे सपनों के साथी

    ये गहरी और रुहानी आवाज सुनकर उस लड़के की उंगलियाँ की-बोर्ड पर चलते-चलते रुक गईं और उसने डर के मारे गला तर कर लिया। तभी किसी ने पीछे से उस लड़के के दोनों कंधों पर हाथ रखे तो उस लड़के ने डर से अपनी आँखें मींच लीं......

    उस दुनिया से इस दुनिया तक
    तुझको ढूंढता आया हूँ

    तभी उस दो हाथों वाले ने उस लड़के की कुर्सी को एक झटके में अपनी तरफ घुमा लिया। लड़के की आँखें अब भी डर से मिची हुई थीं और उस दो हाथों वाले के हाथ अब कुर्सी के हत्थों पर आ चुके थे। गाना उसका अभी भी बंद नहीं हुआ था, वह उस लड़के की मिची हुई आँखों को देखकर अब भी गा रहा था.........

    सदियों से हूँ प्यार का मैं प्यासा
    प्यास बुझा दे मेरी पास तो आजा

    ये गाते हुए उसने उस लड़के के होंठों को अपने होंठों से छूना चाहा। तभी......

    "किंचु!"

    किसी लड़की की यह तेज आवाज सुनकर किंचु जल्दी से उस कुर्सी से दूर हट गया। कुर्सी पर अपनी आँखें मींचकर बैठा लड़का भी उस आवाज से काँप गया और उसने एकदम से अपनी आँखें खोल दीं। सामने खड़ा किंचु उसकी ऐसी डरी हुई सूरत देखकर जोर से हँस दिया।

    उसे इस तरह अपने ऊपर हँसता देख कुर्सी पर बैठे लड़के की शक्ल चिढ़चिढ़ी सी हो गई। तभी वह लड़की जिसने किंचु का नाम पुकारा था, वह किंचु के पास आई और उसके कंधे पर मारते हुए बोली, "तू हमेशा इस बेचारे निक को क्यों डराता रहता है?" उसने कुर्सी पर बैठे लड़के की तरफ इशारा किया जिसका नाम निक था।

    किंचु उस लड़की की तरफ देखकर बोला, "बिल्कुल नहीं चैरिज़ा! मैं इस निक को नहीं डराता बल्कि यह तो खुद डरता है, अब क्या मैं गा भी नहीं सकता?" यह कहकर उसने कुर्सी पर बैठे निक की तरफ देखा जो उसे चिढ़चिढ़ी निगाहों से घूर रहा था।

    यह केबिन निक का है, जो कि टेक्नोलॉजी और कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट है। यह अभी कुर्सी पर बैठा अपना काम कर रहा था और किंचु इसे डराने के लिए अपनी रुहानी आवाज में यह हॉरर सॉन्ग गा रहा था। तभी चैरिज़ा जोर से किंचु कहकर चिल्लाई तब यह उससे दूर हटा। यह चैरिज़ा किंचु की बड़ी बहन है।

    कुर्सी पर बैठा निक उठकर खड़ा हुआ और अपनी चिढ़चिढ़ाती आवाज में किंचु से बोला, "तुमतो तोई औल ताम नई है त्या? जब देतो मुजे दलाने आ जाते हो, फैती दीमन तहीं ते।"

    उसके बोलने पर किंचु जोर से हँस दिया। साथ में चैरिज़ा को भी हँसी आ गई लेकिन वह इतना खुलकर नहीं हँस रही थी। किंचु हँसते हुए ही निक के करीब आया और बोला, "बस तेली ये प्याली-प्याली बोली ही तो सुनने आता हूँ मैं तेले पाच।" उसके करीब आने से निक पीछे होने लगा, वह कुर्सी से टकराकर गिरता उससे पहले ही किंचु ने पीछे उसकी पीठ पर हाथ लगाकर उसे वापस अपने करीब कर लिया।

    "अहं अहं...." वहाँ खड़ी चैरिज़ा ने अपना गला खँखारा तो किंचु उससे बोला, "तू जाकर खांसी की दवा ले, यहाँ खड़ी रहकर संक्रमण मत फैला।"

    पीछे से चैरिज़ा ने किंचु के सिर पर थप्पड़ मारा और बोली, "बड़ी बहन हूँ मैं तेरी, थोड़ा इज्जत से बोल लिया कर।"

    किंचु ने उसकी तरफ मुँडी घुमाई और बोला, "बहनों को आज तक किसी ने इज्जत से बोला है जो मैं बोलूँ, और तू यहाँ आई क्यों रंग में भंग डालने, जाकर अपना काम संभाल, देख जरा इस नए मिशन के लिए कौन-कौन से नेसेसरी रिसोर्सेज़ हैं, जिनकी आगे चलकर हमें जरूरत पड़ने वाली है?" उसे उसका काम याद दिलाकर वह फिर से अपने सामने खड़े निक को निहारने लगा।

    चैरिज़ा ने फिर से उसके सिर पर थप्पड़ मारा और बोली, "मैं तो अपना काम कर लूँगी लेकिन तू अपना काम कब करेगा?"

    किंचु ने चिढ़चिढ़ाकर फिर से उसकी तरफ मुँडी घुमाई, "मुझे क्या करना है?"

    चैरिजा हैरानी से आईब्रों ऊँची करके बोली, "अच्छा! मुझसे पूछ रहा है तुझे करना है, तुझे नहीं मालूम तेरा काम क्या है?"

    किंचु वापस निक की तरफ देखते हुए बड़े ही बेबाक अंदाज में बोला, "मुझे अच्छे से पता है मेरा काम, लेकिन मैं वह सब करूँगा तो तब ही ना जब वह सनी और मून इस मिशन पर जाने के लिए रेडी होंगे। जब वह लोग रेडी हो जाएँगे तब मैं भी अपने मुख्य रणनीतिकार होने का कर्तव्य पूरी ईमानदारी से निभाऊँगा, हैं ना मेरे प्याले-प्याले निक!" उसने निक के गालों को सहलाया तो उसने चिढ़चिढ़ाकर उसका हाथ हटा दिया।

    "मुजे तो समज नई आता ति तुम चीप स्त्रेतेजिल्त बन तैसे दए? तुम तो इसते लायत ही नई हो, बिल्तुल दैल-जिम्मेदाल हो।"

    उसे सुनकर फिर से किंचु जोर से हँस पड़ा। चैरिज़ा को भी फिर से हँसी आई लेकिन वह खुलकर नहीं हँसी।

    किंचु को खुद पर हँसता देख निक ने चिढ़चिढ़ाकर उसके सीने पर हाथ रख उसे खुद से दूर धकेल दिया। किंचु पीछे खड़ी चैरिज़ा से टकरा गया। चैरिज़ा कोई नाजुक सी लड़की नहीं थी बल्कि काफी स्ट्रॉन्ग थी इसलिए उसने किंचु को संभाल लिया और उससे बोली, "अब उसे परेशान करना बंद कर और थोड़ा काम पर ध्यान दे ले, सनी और मून को तो सर और मैम जैसे-तैसे मना ही लेंगे, तू तो इस मिशन के लिए प्लानिंग करना शुरू कर दे, चीफ स्ट्रेटेजिस्ट!...निक भाषा में कहें तो चीप स्त्रेतेजिल्त।" यह कहकर वह हँस दी।

    तभी एक लड़का भागता हुआ उस केबिन में आया और उन तीनों से बोला, "तुम तीनों यहाँ हँसी-ठिठोली कर रहे हो और वहाँ सर के केबिन में धामा-धूम मची हुई है।"

    "धामा-धूम!" वह तीनों हैरान होकर बोले।

    "ऐ रैबिट! यह क्या बक रहा है? सीधी तरह बोल क्या हुआ?" किंचु उस लड़के से बोला।

    वह लड़का थोड़ा चिढ़चिढ़ाकर कहने लगा, "ऐ...माय नेम इज़ रैपिड नॉट रैबिट! अंडरस्टैण्ड!"

    चैरिज़ा सामने खड़े रैपिड के पास आकर बोली, "तुम इसकी बात पर ध्यान मत दो रैपी! यह बताओ कि हुआ क्या?"

    उसके पास आने पर रैपिड एक कदम पीछे होकर बोला, "केबिन में सर ने सनी और मून को मिशन के बारे में बताने के लिए बुलाया था लेकिन वह दोनों लड़ने लग गए, गुन और पैरी भी वहीं पर हैं और उन दोनों में भी फाइटिंग शुरू हो गई है।"

    जारी है......

  • 3. The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story) - Chapter 3

    Words: 1938

    Estimated Reading Time: 12 min

    यहाँ केबिन में जॉर्डन अपनी कुर्सी पर सिर पकड़कर बैठे थे। नूना वहाँ काउच पर बैठी, केबिन में बिखरे सामान को देख रही थी। सनी और मून की लड़ाई से सामान बिखर गया था। सनी और मून नीचे फर्श पर गिरे पड़े थे। उन दोनों के बीच खड़ी गुन और पैरी आपस में बहस कर रही थीं।

    "देखो, अब बहुत हुआ। तुम अपने कार्टून मून को समझा लो कि मेरे सनी से पंगा ना ले, वरना यह उसे नंगा कर देगा।" पैरी ने सामने खड़ी गुन से कहा।

    "समझाने का ठेका क्या केवल मैंने लिया है? तुम नहीं समझा सकती अपने फनी सनी को कि मेरे मून से ना भिड़े, वरना वह इसके चिथड़े कर देगा।" गुन ने उसी लहजे में कहा।

    तभी किंचु, निक, चैरिज़ा और रैपिड केबिन में आ गए। केबिन की हालत देखकर वे चारों हैरान रह गए।

    "ऊ ला ला..ये क्या भूकंप आया यहाँ पर?" किंचु चारों तरफ देखते हुए बोला।

    रैपिड और निक नीचे गिरे सनी और मून की तरफ भागे। निक ने सनी को सहारा देते हुए उठाने की कोशिश करते हुए कहा, "बिद ब्रदर! ये सब त्या तिया आपने?"

    "ये सब मुझ अकेले का किया धरा नहीं है।" सनी ने सामने मून की तरफ देखकर बोला।

    रैपिड भी मून को सहारा देकर उठाने की कोशिश कर रहा था। मून ने सनी की बात का जवाब देते हुए कहा, "सही कहा तुमने, ताली एक हाथ से थोड़े ही बजती है।"

    "गलत कह रहे हो मून! ताली एक हाथ से बज जाती है, ऐसे.." रैपिड ने मून से कहा और उसे एक चांटा मार दिया। पूरे केबिन में उस पल के लिए सन्नाटा छा गया।

    लेकिन फिर किंचु की हँसी की आवाज गूँजी। वह सनी के पास आते हुए बोला, "एकदम सही बोला रैबिट, ताली एक हाथ से बज जाती है और कभी-कभी एक हाथ से ताली बजाना बहुत ज़रूरी होता है।" यह कहकर उसने भी सनी को एक चांटा मार दिया।

    सनी और मून ने दोनों का चांटा सह लिया क्योंकि किंचु और रैपिड टीम के सीनियर थे।

    किंचु की उम्र 27 साल है। वह इस टीम का मुख्य रणनीतिकार है, नटखट और शरारती है, टीम का मिशन लीडर है और मिशन से संबंधित सारी प्लानिंग यही करता है।

    रैपिड की उम्र भी 27 साल है। वह इस टीम का सिक्योरिटी स्पेशलिस्ट है, स्वभाव से हँसमुख है और अपनी टीम के लिए एक मोरल बूस्टर है। वह हर परिस्थिति में उनका मनोबल बढ़ाता है और अगर कोई धमा-धूम मचाने की कोशिश करे तो उसे चांटा भी जड़ देता है, जैसे अभी मून को जड़ दिया।

    सनी और मून को चांटा पड़ने के बाद गुन और पैरी शांत हो गईं, यह सोचकर कि कहीं अब उनके सीनियर से उन्हें चांटा ना पड़ जाए।

    चांटा खाने के बाद मून शांत हो गया, लेकिन सनी और भी भड़क गया। उसने सामने खड़े मून की तरफ देखकर कहा, "आप लोग चाहे कुछ भी कर लो, लेकिन मैं इसके साथ इस मिशन पर कभी नहीं जाऊँगा, दैट्स इट।" यह कहकर वह केबिन से बाहर निकल गया।

    उसके जाने के बाद मून बोला, "अब मेरे कुछ भी बोलने का कोई मतलब नहीं है। जब वह ही मेरे साथ नहीं जाना चाहता तो मैं क्यों ज़बरदस्ती करूँ? मैं भी नहीं जाऊँगा।" यह कहकर वह भी केबिन से बाहर निकल गया।

    उन दोनों के जाने के बाद केबिन में फिर से सन्नाटा छा गया। कुछ पल बाद इस सन्नाटे को पैरी ने तोड़ा और उन सबसे बोली, "लगता है आप लोगों को कोई और रास्ता निकालना होगा।"

    "हाँ, एक ही मंजिल पर पहुँचने के कई रास्ते होते हैं। जब एक रास्ता बंद हो जाए तो दूसरा रास्ता ढूँढना चाहिए, दूसरे के बाद तीसरा, तीसरे के बाद चौथा…" गुन ने कहा।

    "और चौथा ढूँढते-ढूँढते एक दिन चौथा हो जाएगा, है ना?" किंचु ने उसकी बात को अपने तरीके से पूरा करते हुए कहा और हँस दिया। उसकी बात पर उस तनावपूर्ण माहौल में भी सभी को हँसी आ गई।

    उसके बाद अपनी कुर्सी पर बैठे जॉर्डन उठकर खड़े हुए और उन सबसे बोले, "देखो मेरी घोस्ट हंटर टीम के प्यारे-प्यारे बच्चों! इस मिशन के लिए हमारी टीम में सनी और मून से बेहतर कोई नहीं है। कहीं ना कहीं मुझे ऐसा लगता है कि ये दोनों ही उस महल की मिस्ट्री को सुलझा सकते हैं। इसलिए मैंने बहुत सोच-समझकर इन्हें इस मिशन के लिए चुना है और अब यह तुम सब की ज़िम्मेदारी है… कुछ भी करो, लेकिन इन दोनों को इस मिशन पर जाने के लिए तैयार करो।"

    यह सुनकर किंचु, निक, गुन, पैरी, रैपिड और चेरिज़ा एक-दूसरे की तरफ देखने लगे।

    नूना जल्दी से जॉर्डन के पास आई और बोली, "सर, हमने अभी कितनी कोशिश करके देख ली, कोई फ़ायदा नहीं हुआ। मैं तो कहती हूँ उन दोनों को छोड़िए और…" उसने वहाँ खड़ी गुन और पैरी की तरफ इशारा किया, "…इन दोनों को भेज दीजिए।"

    "हमने एक बार कह दिया ना कि हम दोनों नहीं जाएँगी!" वे दोनों एक ही सुर में एक साथ बोलीं।

    सब लोग अपनी फटी आँखों से उन दोनों को देखने लगे। सबको अपनी तरफ देखता पाकर वे दोनों एक-दूसरे को गुस्से में घूरने लगीं और मुँह बिचकाकर वहाँ से चली गईं।

    "पक्का इन दोनों के बीच की दाल काली है।" रैपिड ने उन दोनों को अपनी शक़ी निगाहों से देखते हुए कहा।

    "शायद दिल में प्यार और होंठों पर गाली है, है ना!" किंचु ने अपने पास खड़े निक को देखकर आँख मारी। निक चिढ़कर दूसरी तरफ मुँह फेर लिया। यह देख किंचु को हल्की सी हँसी आ गई।

    निक इस टीम का सबसे छोटा और प्यारा मेंबर है, जिसकी उम्र 20 साल है। बेचारा तुतलाता भी है, जिस पर सब हँसते हैं, जिसमें किंचु कुछ ज़्यादा ही हँसता है, इसका मज़ाक बनाता है, इसे चिढ़ाता है, डराता है, लेकिन मन ही मन प्यार भी बहुत करता है, पर अभी मासूम निक उसके प्यार को नहीं समझ पाया है।

    इधर चैरिज़ा रैपिड के थोड़ा करीब खड़ी होकर बोली, "दूसरों की काली दाल में तो तुम्हें बहुत इंटरेस्ट है, खुद की दाल कुकर में कब चढ़ाओगे?"

    उसके करीब आने से रैपिड सकपका गया और एक कदम पीछे होकर बोला, "मुझे दाल पसंद ही नहीं है, हेहेहेहे।" वह ज़बरदस्ती हँस दिया, जिसे देख चैरिज़ा का मुँह बन गया।

    चैरिज़ा काफी तेज-तर्रार, डेयरिंगबाज़ और स्ट्रोंग लड़की है, उम्र 29 साल। यह किंचु की बड़ी बहन है और रैपिड से भी बड़ी है। इन्हें अपनी स्कूल और कॉलेज लाइफ में कभी कोई पसंद नहीं आया, लेकिन जब इन्होंने टीम जॉइन की तो इनकी मुलाक़ात रैपिड से हुई, जो इन्हें पहली नज़र में ही भा गया, लेकिन रैपिड लड़कियों के मामले में थोड़ा शर्मीला है, इसलिए चैरिज़ा से दूर भागता है।


    सनी ऑफिस के अंदर से निकलकर बाहर एक सुंदर से बगीचे में आ गया था। उसके पीछे-पीछे मून भी आ रहा था। सनी बगीचे में से होकर सामने महल के गलियारे तक आया।

    "आआईईई....."

    यह आवाज मून की थी। सनी ने पीछे पलटकर देखा तो बगीचे की फिसलन भरी मिट्टी में मून गिर गया था। उसे देखकर सनी के चेहरे पर ऐसे भाव थे जैसे वह कह रहा हो कि अच्छा हुआ, इसके साथ यही होना चाहिए था।

    तभी गुन ने आकर मून की उठने में मदद की और सामने गलियारे में जा रहे सनी की तरफ देखकर बोली, "इंसान को इतना भी पत्थर दिल नहीं होना चाहिए, कम से कम गिरे हुए की उठने में मदद तो कर ही सकते थे।"

    "इंसान को अपनी हेल्प खुद करनी चाहिए।" पैरी उन दोनों के पास से गुजरते हुए बोली और गलियारे में खड़े सनी के साथ आकर खड़ी हो गई।

    गुन कुछ कहना चाहती थी तो मून ने उसे रोका, "रहने दो गुन, मेरे लिए तुम इन दोनों से बार-बार लड़ाई मत किया करो, मैं अपनी लड़ाई खुद लड़ सकता हूँ।"

    इधर सनी ने भी पैरी से तीखे लहजे में कहा, "और तू भी बार-बार मेरे फटे में टांग ना अड़ाया कर, तुझे अपनी दोस्त मान लिया वही बहुत बड़ी बात है, वरना तुझको तो मैं घास भी ना डालूँ।" यह कहकर वह आगे बढ़ गया।

    इस वक्त पैरी की शक्ल देखने लायक थी, जिसे देख गुन होंठ भींचकर हँस दी। मून ने कोहनी मारकर उसे चुप कराया, लेकिन पैरी उसे हँसते हुए देख चुकी थी। लेकिन उसने गुन से कुछ नहीं बोला और पलटकर वहाँ से चली गई।

    "अच्छा, अब मैं भी घर चलता हूँ, काफ़ी टाइम हो गया है।" मून भी जाते हुए बोला।

    "ठीक है, संभल कर जाना।" गुन ने उसे बाय करते हुए कहा।

    मून ने भी सिर हिला दिया और थोड़ा लड़खड़ाते हुए वहाँ से जाने लगा। शायद गिरने से उसका पैर थोड़ा मुड़ गया था।

    सनी उस महल से बाहर निकल आया। बाहर उसकी बाइक खड़ी थी, वह उस पर बैठ गया। उसके पीछे पैरी भी बाहर आ गई। उसने सनी को बाय किया तो उसने भी बस हाथ हिला दिया और बाइक स्टार्ट करके वहाँ से चल दिया। कुछ पल बाद मून भी आया, वह भी वहाँ खड़ी अपनी बाइक पर बैठा और उसे स्टार्ट करके वहाँ से चला गया।

    उन दोनों के जाने के बाद पैरी फिर से अंदर जाने लगी, लेकिन तभी उसकी नज़र महल के दरवाज़े पर खड़ी गुन पर पड़ी। उसे देखकर पैरी चिल्लाते हुए उसके पीछे भागी…

    "गुन की बच्ची! बहुत हँसती है मेरे ऊपर, अभी बताती हूँ तुझे।"

    गुन भी हँसते हुए अंदर भागी। वह भागी तो सही, लेकिन पैरी की पकड़ से बच नहीं पाई। पैरी ने उसे पकड़कर अपनी बाहों में भर लिया और बोली, "उस कार्टून मून के चक्कर में मुझे कितना कुछ सुना दिया तूने।"

    "तो तूने भी तो उस फनी सनी के चक्कर में मुझे इतना सुनाया।" गुन उसकी बाहों में कसमसाते हुए बोली।

    "हाँ, तो हिसाब बराबर हो गया ना! अब किस बात की नाराज़गी?" यह कहते हुए पैरी मुस्कुरा दी।

    उसकी मुस्कान देख गुन के होंठों पर भी प्यारी सी मुस्कान आ गई और वह कसमसाना बंद कर उसकी बाहों में समा गई।

    ये दोनों सनी और मून की दोस्त हैं। पैरी हमेशा सनी का पक्ष लेती है तो गुन हमेशा मून का पक्ष लेती है। यह देखकर सबको लगता है कि ये दोनों भी एक-दूसरे से बेहद नफ़रत करती हैं, लेकिन असल में तो ये दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करती हैं। हालाँकि शुरुआत तो इनकी भी नफ़रत से ही हुई थी, लेकिन यहाँ साथ काम करते-करते इन्हें एक-दूसरे से कब प्यार हुआ, पता ही नहीं चला।

    पैरी की उम्र 24 साल है और यह इस टीम की फ़ील्ड ऑपरेटर है। यह मिशन में आने वाली चुनौतियों के बारे में अपनी टीम को अलर्ट करती है, उनसे कैसे निपटा जाए इसके बारे में सजेशन देती है और उन चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने मेंबर को तैयार करती है।

    वहीं गुन की उम्र 22 साल है, यह इस टीम की मेडिकल स्पेशलिस्ट है। अब इनका काम डिस्क्राइब करने की इतनी ज़रूरत नहीं है, नाम से ही समझ आ रहा है कि मेडिकल स्पेशलिस्ट टीम में क्या करता होगा।

    तो ये थी इन घोस्ट हंटर्स की पूरी टीम और उन सब की प्रेम कहानियाँ, जिन्हें अभी तक मंज़िल नहीं मिली।


    सनी और मून अपनी मंज़िल की तरफ़ जा रहे थे, यानी घर जा रहे थे। सनी ने एक घर के आगे बाइक रोकी और उस पर से उतर गया। उसी समय मून भी अपनी बाइक लेकर आया और वहाँ रोक दी। सनी ने उसे एक नज़र भी नहीं देखा और घर की तरफ़ बढ़ गया। मून भी बाइक खड़ी कर उस पर से उतरा और सनी के पीछे-पीछे लड़खड़ाते कदमों से उस घर की तरफ़ बढ़ गया।

    जारी है…

  • 4. The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story) - Chapter 4

    Words: 2052

    Estimated Reading Time: 13 min

    सनी और मून घर के दरवाज़े पर खड़े थे। वे अभी भी एक-दूसरे की ओर बिल्कुल नहीं देख रहे थे। सनी ने डोरबेल बजाई। एक खूबसूरत लड़की ने दरवाज़ा खोला। वह हल्के नीले रंग की साड़ी पहने हुए थी और उसका रूप-रंग मून से मिलता-जुलता था। वह उन दोनों को देखकर मुस्कुराई और कुछ कहने को हुई, तभी—

    “चामू!”

    यह मीठी और प्यारी सी आवाज़ एक बच्चे की थी जो दौड़ता हुआ वहाँ आया। इस बच्चे की उम्र पाँच साल होगी। उस बच्चे को देखकर सनी और मून दोनों ही मुस्कुरा उठे। वह बच्चा उस लड़की के आगे आकर खड़ा हुआ और सामने खड़े सनी और मून से अपनी मीठी सी आवाज़ में बोला, “मैं कितनी देर से आप दोनों का वेट कर रहा हूँ।”

    “ओह.. आप इतनी देर से वेट कर रहे थे, क्यों कर रहे थे?” मून ने प्यार से उसे अपनी गोद में उठा लिया और बोला।

    “अरे आज इसके स्कूल में…” वो लड़की कहने लगी।

    “नो मम्मी, आप कुछ मत बोलो।” उस बच्चे ने उस लड़की से कहा जो उसकी माँ थी।

    यह देख सनी उस लड़की से बोला, “भाभी आप उसे ही बताने दो।” यह कहकर उसने बच्चे की तरफ देखा, “हाँ बोल डोरा, क्या बताना चाहता है? क्या हुआ तेरे स्कूल में?”

    “अले चाचू! आप थोड़ा सब्र तो रखो, पहले डैडी को भी आ जाने दो, फिर सब कुछ बताऊँगा…ओके मामू!” उस बच्चे ने मून की तरफ देखा।

    मून ने भी मुस्कुराकर सिर हिला दिया, “ओके डोरू!”

    हाँ, तो कुछ समझ आया कि ये दोनों जानी-दुश्मन एक ही घर में क्यों रहते हैं?

    जिस लड़की ने दरवाज़ा खोला था उसका नाम कामना है! यह हमारे मून की बड़ी बहन है और सनी की भाभी है। जो बच्चा मून की गोद में चढ़ा हुआ है, यह मून का भांजा है और सनी का भतीजा है; यानी मून इस बच्चे का मामू है और सनी इस बच्चे का चाचू है, तभी तो उस बच्चे ने आते ही इन दोनों को मिलाकर पुकारा था, चामू!

    अब बच्चे का नाम सनी ने डोरा कहा! लेकिन मून ने डोरू कहा! इसके पीछे भी एक कहानी है, उसके लिए हम चलते हैं पाँच साल पीछे, जब इस डोरा या डोरू के नामकरण का दिन था।


    सनी के बड़े भैया वनराज और मून की बड़ी बहन कामना ने लव मैरिज की थी। कामना के परिवार में मून के सिवाय कोई नहीं था और उधर वनराज के पास भी सनी के अलावा कोई नहीं था। सनी के भाई प्रेम और मून की बहन प्रेम के कारण ये दोनों भी इनके साथ रह रहे थे। लेकिन सनी और मून के बीच नफ़रत की यह दीवार तब भी नहीं गिरी।

    इनकी नफ़रत का कारण बस इनके व्यक्तित्व का टकराव है। इन दोनों को एक-दूसरे का स्वभाव ही पसंद नहीं है। सनी के ओवर कॉन्फिडेंस के कारण मून उसे बेवकूफ़ समझता है, तो मून के गहन सोच-विचार करके निर्णय लेने और ख़तरों से बचने के कारण सनी उसे डरपोक समझता है।

    वनराज और कामना की शादी के एक साल बाद कामना ने एक बच्चे को जन्म दिया। सभी बहुत खुश थे। सनी और मून भी काफ़ी खुश थे। नामकरण वाले दिन सभी लोग आए हुए थे। इनकी घोस्ट हंटर टीम भी आई हुई थी। चलो, सबको पाँच साल छोटा कर देते हैं।

    जॉर्डन की असिस्टेंट नूना ने वनराज और कामना से कहा, “आप दोनों अपने बच्चे का नाम अपने नामों को मिलाकर रख दीजिए।”

    बाकी सब ने भी इस बात का समर्थन किया। सब ने वनराज और कामना के नाम जोड़े, फिर एक-एक करके बताने लगे।

    किंचु सबसे पहले बोला, “वामन।”

    यह सुनकर उसके पास बैठा निक चिड़चिड़ी सूरत बनाते हुए बोला, “ये क्या तूने किया? यह नाम तो मैं बोलने वाला था, अब मुझसे तो और नाम सोचना पड़ेगा।”

    सब के सब हँस पड़े। किंचु भी हँसकर उससे बोला, “तुम्हारी बात नहीं। तू सोच ले, तब तक हम सब इसका नाम रख भी देंगे।” उसने यह कहा तो सब और भी जोर से हँस दिए और निक चिड़चिड़कर रह गया।

    फिर चेरिज़ा सोचकर बोली, “कामराज कैसा रहेगा?”

    उसे सुनकर किंचु की फिर से हँसी छूट गई। वह वनराज और कामना से बोला, “आप दोनों सोच लीजिए, यह नाम रखने से इस बच्चे पर क्या इफ़ेक्ट पड़ेगा, कामराज यानी इस पर काम का राज रहेगा और यह…”

    “नहीं नहीं, मैं अपने बच्चे का यह नाम नहीं रखूँगी।” कामना साफ़ मना करते हुए बोली। पास बैठे वनराज को थोड़ी हँसी आ गई। बाकी सब भी हँस दिए।

    रैपिड भी सोचकर बोला, “जमना रख देते हैं।”

    पास खड़ी चेरिज़ा उसके थोड़ा करीब आकर बोली, “वह लड़का है, लड़की नहीं।”

    रैपिड एक कदम पीछे होकर ज़बरदस्ती हँसते हुए बोला, “हेहेहेहे, मुझे भी पता है, लेकिन कई नाम ऐसे होते हैं जो लड़का-लड़की दोनों पर रखे जा सकते हैं।”

    “लेकिन हम हमारे बच्चे का नाम जमना नहीं रखेंगे।” इस बार वनराज ने साफ़ इंकार कर दिया।

    गुन ने भी सोचकर कहा, “राजन रख देते हैं।”

    यह सबको थोड़ा ठीक लगा, लेकिन पैरी ने विरोध जताया, “राजन! सो ओल्ड, आई डोंट लाइक दिस नेम।”

    गुन भी उसे जवाब देते हुए बोली, “तुम्हारे पसंद करने या ना करने से क्या होता है, जिनका बच्चा है उन्हें पसंद आना चाहिए।” यह कहकर उसने वनराज और कामना की तरफ़ देखा तो वे दोनों भी एक साथ ना में गर्दन हिलाने लगे, मतलब उन्हें भी पसंद नहीं आया।

    यह देखकर पैरी ने गुन की खिल्ली उड़ाई, “नाम ऐसे ही नहीं रखे जाते, काफ़ी कुछ सोचना पड़ता है।”

    “तो तुम सोच लो, रोका किसने है?” गुन ने मुँह बनाकर कहा।

    पैरी ने भी सोचकर नाम बताया, “वैम!”

    उसे सुनकर सारे ब्लैंक हो गए। तभी वनराज उससे कहने लगा, “हमें इतना भी मॉडर्न नाम नहीं रखना।”

    तभी जॉर्डन और नूना आपस में डिस्कस कर रहे थे। फिर वे दोनों एक साथ बोले, “मानव नाम कैसा रहेगा?”

    उनका नाम सुनकर सब के चेहरों पर मुस्कान आ गई। सनी ने भी कहा, “हाँ, यह नाम तो बहुत अच्छा है।”

    मून भी कहने लगा, “हाँ, दी और जीजू के नाम को मिलाकर मानव काफ़ी अच्छा नाम है।”

    हाँ, तो फिर उस बच्चे का नाम मानव रख दिया गया, लेकिन फिर कामना कुछ कहने लगी, “हमारे नाम को मिलाकर आप लोगों ने हमारे बच्चे का इतना प्यारा नाम बताया, मानव! थैंक यू सो मच। लेकिन अब हमें इसका एक निक नेम भी चाहिए।”

    सब ने चीकू, मिट्ठू, बिट्टू, सोनू, मोनू… सब बता डाले, लेकिन कुछ भी फ़ाइनल नहीं हुआ।

    तब जॉर्डन कुछ सोचते हुए बोले, “एक काम करते हैं, मानव तो वनराज और कामना के नाम को मिलाकर रख दिया, अब इसका निक नेम सनी और मून के नाम को मिलाकर रख देते हैं।”

    इस पर सब ने खुश होकर ताली बजाई, लेकिन सनी और मून भड़क गए।

    “बिल्कुल नहीं!” वे दोनों एक ही सुर में बोले।

    सब ने ताली बजाना बंद करके उन दोनों की तरफ़ देखा। सनी ने मून की तरफ़ घृणित नज़रों से देखकर कहा, “मेरा नाम इसके नाम से कभी नहीं मिलेगा।”

    मून भी अपनी नफ़रत भरी निगाहों से उसे देखकर बोला, “और मैं भी अपना नाम इसके नाम से कभी नहीं जोड़ूँगा।”

    वनराज और कामना ने पहले तो अपना सिर पीटा, फिर उन दोनों को समझाने लगे।

    वनराज अपने छोटे भाई सनी से बोले, “देख भानु! इस तरह लड़ाई-झगड़ा करने में कुछ नहीं रखा।”

    कामना भी अपने छोटे भाई मून को समझाते हुए बोली, “हाँ इंदु! हम लोग एक ही छत के नीचे रहते हैं, इस तरह आपस में दुश्मनी नहीं बांधी जाती एक-दूसरे से।”

    सनी और मून के असली नाम भानु और इंदु हैं। ये तो घोस्ट हंटर टीम में शामिल होने के बाद इन दोनों ने ये नाम बदल लिए थे।

    मून ने बिना सनी की तरफ़ देखे ही उससे कहा, “इस दुश्मनी की शुरुआत पहले इसने की थी।”

    उसे अपनी तरफ़ इशारा करते देख सनी भी बोला, “लेकिन इसे आगे तुमने बढ़ाया था।”

    मून उसकी तरफ़ देखकर कहने लगा, “बात में से बात निकालना तुम्हारी खूबी है, मैं तो फिर भी शांत हो जाता हूँ, लेकिन तुम तो कुत्ते की तरह भौंकते ही रहते हो।”

    सनी ने गुस्से में मुट्ठियाँ भींच लीं और जोर से मून को धक्का देते हुए बोला, “सुअरिया!”

    उसके धक्का देने से मून पीछे बैठे वनराज की गोद में गिर गया। वह गुस्से में वापस उठने लगा तो वनराज उसे कसकर पकड़ते हुए बोले, “नहीं इंदु! आज हमारे बच्चे का नामकरण है, काफ़ी मेहमान आए हैं, इस तरह लड़ाई मत करो।”

    “जीजू आप पहले उसे समझाइए।” मून गुस्से में सामने खड़े सनी की तरफ़ देखकर बोला, जो फिर से उसे मारने के लिए उसकी तरफ़ बढ़ रहा था।

    तभी कामना उठकर सनी के सामने आ गई और उसे रोकते हुए बोली, “नहीं भानु! कोई मार-पीट नहीं करोगे तुम।”

    “लेकिन भाभी, इसने मुझे कुत्ता कहा।” सनी ने मून की तरफ़ देखा।

    जॉर्डन भी सनी के पास आकर बोले, “तो तुमने भी तो उसे सुअरिया कह दिया, हिसाब बराबर।”

    किंचु भी आकर बोला, “हाँ, आज से तुम दोनों के दो और नए नाम, कुत्ता और सुअरिया, हाहाहाहा।” वह हँसने लगा तो वहाँ खड़ा निक चिड़चिड़ाकर बोला, “इन तो हल बात में मज़ाक छूटता है।”

    किंचु ने उसकी तरफ़ गर्दन घुमाई और शरारती अंदाज़ में बोला, “तू सोच ले एक बार, मज़ाक छोड़ दूँगा।”

    "फैती दिमोन तहीं ते" यह कहकर निक ने मुँह बिचका लिया और चेहरा तिरछा कर लिया। पास खड़ी चैरिज़ा होंठ भींचकर हँस दी।

    तभी रैपिड उन सब से बोला, “अच्छा, अब लड़ाई-झगड़ा शांत हुआ है तो एक काम करते हैं, हमारे सनी और मून चिट पर एक-एक नाम लिखेंगे, उन दोनों चिटों को हम एक काँच के जार में डालेंगे, वनराज जी और कामना जी दोनों मिलकर एक चिट निकालेंगे, उस पर जो नाम होगा वही निक नेम हम इस मानव का रख देंगे।”

    सब ने रैपिड की इस बात पर सहमति जता दी। नूना ने एक-एक चिट सनी और मून को दी। दोनों ने चुपचाप अपनी पसंद का नाम लिखा। चिटों को काँच के जार में डाला गया। उसके बाद जार को हिलाया गया। वनराज और कामना ने मिलकर एक चिट निकाली। उसे खोला गया, उन्होंने खुश होकर वह नाम पढ़ा… “डोरू।”

    यह नाम सुनकर सनी और मून दोनों ही खुशी से उछल पड़े। यह देखकर सब हैरान थे कि दोनों ही खुश क्यों हो रहे हैं? किंचु ने फटाफट जाकर दूसरी चिट खोली, वह भौंचक्का सा होकर सनी और मून को देखने लगा और सब को वह चिट दिखाते हुए बोला, “डोरू!”

    सनी और मून ने हैरानी से एक-दूसरे की तरफ़ देखा। मतलब दोनों के दिमाग में एक ही नाम, डोरू। सब ने खुश होकर तालियाँ बजाई। अब तो यह फ़िक्स हो गया कि मानव का निक नेम डोरू ही होगा। लेकिन हमारे सनी आग के गोले की तरह बरसे और बोले, “नहीं, मैं कभी इसे डोरू नहीं कहूँगा, मैं डोरा लिखना चाहता था लेकिन गलती से मैंने डोरू लिखा।” यह कहते वक्त वह मून की तरफ़ देख रहा था और अपने दाँत पीस रहा था।

    इस बार मून फ़ीका सा मुस्कुराते हुए बोला, “ठीक है, तुम अकेले ही उसे डोरा बुलाना, हम सब तो डोरू ही बुलाएँगे।” बाकी सब ने भी मून की बात मानकर हाँ में सिर हिला दिया और फिर से ताली बजाने लगे। सनी मन ही मन खिसियाकर रह गया। असली बात सब जानते थे कि सनी ने भी उस चिट में डोरू ही लिखा था, लेकिन मून के प्रति उसकी नफ़रत और चिढ़ इतनी ज़्यादा थी कि उसने डोरू को डोरा बना दिया। 😂

    बस, तभी से यह बच्चा मून के लिए डोरू और सनी के लिए डोरा बना हुआ है।


    चलो अब वर्तमान में वापस आते हैं। सनी और मून दरवाज़े पर खड़े हैं। कामना उनके सामने खड़ी है। डोरू… अरे अब मैं तो इसे डोरू ही बोलूँगी, आप लोग चाहो तो डोरा बोल लेना। हाँ, तो डोरू मून की गोद में चढ़ा हुआ है।

    तभी डोरू की नज़र सामने पड़ी जहाँ वनराज की जीप आकर रुकी। उन्हें देख वह खुश होकर चिल्लाया, “डैडी आ गए।”

    वनराज अपनी जीप में से उतरे और उन लोगों की तरफ़ आने लगे। उन्होंने खाकी रंग की लंबी आस्तीन वाली शर्ट, जिसके कंधों पर एपॉलेट्स लगे थे, पहनी हुई थी। उनकी पैंट भी खाकी रंग की थी, सिर पर खाकी रंग की टोपी भी थी, मज़बूत और टिकाऊ जूते पहने थे, चमड़े का बेल्ट लगाया हुआ था, उनकी शर्ट पर फ़ॉरेस्ट विभाग का बैज लगा हुआ था। मतलब वनराज एक फ़ॉरेस्ट इंस्पेक्टर हैं, यानी ये जंगलों और उसमें रहने वाले जानवरों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए काम करते हैं। इनकी उम्र 32 के आसपास होगी।

    जारी है…

  • 5. The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story) - Chapter 5

    Words: 1807

    Estimated Reading Time: 11 min

    वनराज के आने पर डोरू मून की गोद से उतरकर "डैडी" कहकर वनराज की गोद में चढ़ गया। वनराज ने प्यार से उसके गाल पर किस किया।

    सनी ने डोरू के सिर पर हाथ रखा और बोला, "अब तो भैया भी आ गए, बता क्या हुआ तेरे स्कूल में?"

    "अरे पहले आप लोग अंदर तो आ जाओ," कामना ने कहा।

    सब ने सिर हिलाया। वनराज डोरू को लेकर घर के अंदर बढ़ गए। सनी और मून अंदर आने लगे तो उनके कंधे आपस में टच हो गए। सनी ने चिढ़कर मून को धक्का दिया, और वह दरवाजे से टकरा गया। वनराज और कामना ने पलटकर देखा।

    "क्या हुआ?" वनराज ने पूछा।

    सनी और मून दोनों एक-दूसरे की तरफ उंगली पॉइंट करते हुए बोले, "पहले इसने मारा!"

    यह सुनकर वनराज और कामना ने सिर पीट लिया। कामना उन दोनों की तरफ देखकर बोली, "घर के अंदर आए भी नहीं, उससे पहले ही लड़ने लगे।"

    मून ने सनी की तरफ उंगली करके कहा, "इसने मुझे दरवाजे की तरफ धक्का दिया।"

    सनी ने भी उसी लहजे में कहा, "तुमने मुझसे कंधा टच किया था।"

    मून थोड़ा तेज आवाज में बोला, "वो गलती से हुआ था, लेकिन तुमने मुझे जानबूझकर धक्का दिया।"

    सनी गुस्से में उसकी तरफ बढ़ा, "तुम बहुत…"

    "भानु!" वनराज ने कड़क आवाज में कहा, और सनी रुक गया।

    वनराज उन दोनों की तरफ देखकर बोले, "कम से कम डोरू के सामने तो मत लड़ो। क्या असर पड़ेगा उस पर?"

    "डोंट वरी डैडी!" उनकी गोद में चढ़ा डोरू बोला, "आई अंडरस्टैंड! चामू का कुछ नहीं हो सकता, इनको कितना भी समझा लो, फिर भी ये नहीं सुधरेंगे।" उसने वनराज और कामना की नकल करते हुए सिर पीट लिया, जिसे देखकर सब को हँसी आ गई।


    निक अपना काम खत्म करके घर जाने के लिए ऑफिस से बाहर निकला। जैसा कि मैंने दूसरे एपिसोड में बताया था, इनका ऑफिस एक महल में गुप्त और सुरक्षित स्थान पर बना हुआ है, जहाँ केवल इनकी टीम के सदस्य ही जा सकते हैं। इसलिए आप लोग कंफ्यूज मत होना, जिस महल में मिशन के लिए ये लोग जाएँगे, वह अलग है।

    निक ऑफिस से निकला और बगीचे से होकर महल के गलियारे में आ गया। तभी उसके कानों में गाने की आवाज पड़ी।

    "दोनों जहाँ से दूर यहाँ मैं
    भटक रहा हूँ जाने कहाँ मैं
    साथी रे…"

    इस गहरी, धीमी और रुहानी आवाज को सुनकर निक रुक गया। उसे पता था कि यह किंचु है, लेकिन जब भी वह इस तरह के हॉरर सॉन्ग गाता था, निक के मन में डर और बेचैनी आ जाती थी। उसका दिल तेजी से धड़कने लगता था। किंचु की रुहानी आवाज के साथ एक हल्की सी हवा की सरसराहट उसे सुनाई देती थी; चारों तरफ ठंडक का अहसास होता था, जिससे उसके पूरे शरीर में झुनझुनी सी दौड़ जाती थी।

    तभी धीरे से किंचु ने पीछे से निक की कमर में अपने दोनों हाथ डाल लिए। निक का दिल धड़क गया।

    "तुझ बिन जिया उदास रे
    ये कैसी अनबुझ प्यास रे
    आजा आजा…"

    वह अपनी गहरी और रुहानी आवाज में यह गाते हुए अपने हाथ निक के पेट पर लपेट लिए और उसके कानों के पास अपने होंठ ले आया।

    "साथी रे, साथी रे…"

    निक ने डर के मारे अपनी आँखें मींच ली थीं। तभी किंचु ने निक के कान के पीछे गहराई से चूम लिया।

    "आआआआआआ…" उसके चूमते ही निक जोर से चिल्लाया।

    उस शांत वातावरण में निक के तेज चिल्लाने से किंचु खुद काँप गया और उससे दूर हो गया।

    रैपिड और चैरिज़ा उस वक्त ऑफिस से निकलकर बगीचे में आ रहे थे। निक की आवाज सुनकर वे दोनों दौड़े-दौड़े गलियारे में आए।

    "व्हाट हैपन्ड?" रैपिड ने पूछा।

    चैरिज़ा समझ गई थी कि किंचु ने फिर से निक को डराया होगा। लेकिन वह कुछ कहती, उससे पहले ही किंचु अनजानेपन का नाटक करते हुए माथे पर हाथ रखते हुए चारों तरफ देखकर बोला, "मैं इस कॉरिडोर में कैसे आ गया?"

    वह ऐसा दिखावा कर रहा था कि किंचु महाराज पर किसी आत्मा का साया था, जो अब उनके आने से उसका शरीर छोड़कर चली गई, और बेचारे को कुछ नहीं पता कि वह यहाँ कैसे आया।

    इसे देखकर रैपिड अचरज में पड़ गया। निक चिढ़ गया और चैरिज़ा ने उसके सिर पर थप्पड़ लगाते हुए कहा, "यह ड्रामा किसी और के सामने करना, मैं सब जानती हूँ कि तूने फिर से इस निक को डराया होगा।" उसने निक की तरफ देखा तो वह मासूमियत से हाँ में सिर हिलाकर बोला, "हाँ चेली दी! ये मुजतो हॉलल सोंद सुनातल दलाते हैं, औल फिल मुजतो तिस बी तरते हैं।"

    किंचु मुस्कुराकर अपनी गर्दन के पीछे हाथ फेर दिया। चैरिज़ा ने आँखें बड़ी करके सिर हिलाया और रैपिड नासमझी भरे भाव से बोला, "तिस? व्हाट इज़ दिस?"

    चैरिज़ा उसके करीब आकर बोली, "वही, जो तुमने कभी नहीं किया।" उसे करीब आते देख रैपिड तुरंत पीछे हट गया।

    यह देखकर किंचु को हल्की सी हँसी आई, "मेरी बहन बिल्कुल मुझ पर गई है।"

    उसकी यह बात सुनकर निक बोला, "तुमचे तो लात दुना अच्ची है चेली दी, तुम तो बोत बुले हो, फैती दीमन तहीं ते।" यह कहकर उसने मुँह बिचकाया और वहाँ से चला गया।

    निक की बातों पर रैपिड और चैरिज़ा खूब हँसे। वे दोनों भी किंचु को फैटी डिमोन कहकर चिढ़ाने लगे। किंचु उन दोनों से कुछ नहीं बोला, लेकिन सामने जाते निक को देखकर मन ही मन कहने लगा, "एक दिन यही फैटी डिमोन तुझे अपनी दुल्हनिया बनाएगा, और फिर सब तुझसे कहेंगे, 'You're Faty Demon's Bride!' और मैं गाऊँगा, 'तुझको बनाकर के ले जायेंगे, फैटी डीमन की दुल्हनिया।'" यह कहते हुए उसके होंठों पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान आ गई।


    निक चलते हुए महल के दरवाजे तक आया, लेकिन तभी उसके कानों में किसी की सिसकियों की आवाज पड़ी। यह आवाज सुनकर उसका बुरा हाल हो गया।

    निक इस घोस्ट हंटर टीम का मेंबर था, लेकिन उसे डर भी बहुत लगता था। डर लगने के बावजूद वह इस टीम का मेंबर था, क्यों? क्या रहस्य था इसके पीछे? फिलहाल यह रहस्य बाद में जानेंगे, पर अभी तो निक डर रहा है। उसने अपने गले में पहने क्रॉस को मुट्ठी में जकड़ा और वहाँ से भाग गया।

    ये कामुक सिसकियों की आवाज वहाँ बने एक छोटे से कमरे से आ रही थी। उस कमरे में बहुत कम रोशनी थी, और मौत जैसी शांति पसरी हुई थी। उस शांति के बीच सिसकियों की आवाज बहुत डरावनी लग रही थी। इस कमरे में गुन और पैरी थीं, जो एक-दूसरे के साथ अपने प्यार भरे पल बिता रही थीं।

    "पैरी, अब बहुत हुआ, अब चलो यहाँ से," गुन ने सिसकते हुए कहा।

    पैरी ने उसकी आँखों में देखकर कहा, "बात तो तेरी सही है, लेकिन हमें यह मौका मुश्किल से मिलता है।" यह कहकर उसने गुन के मखमली होंठों को चूमा।

    तभी अचानक कमरे का तापमान बहुत ठंडा हो गया। अजीब सी फुसफुसाहटें उनके कानों में गूंज रही थीं। पैरी ध्यान नहीं दे रही थी, लेकिन गुन यह सब महसूस करके धीमी आवाज में बोली, "लगता है कोई आत्मा हमें देख रही है।"

    पैरी बेपरवाह होकर बोली, "वह देखने के अलावा कुछ नहीं कर पाएगी, क्योंकि ना तो उसके पास शरीर है और ना ही आवाज।" यह कहकर वह गुन की गर्दन चूमने लगी।

    तभी कमरे का दरवाजा, खिड़की और टेबल पर रखी पुरानी किताबें हिलने लगीं। पैरी ने सिर उठाकर देखा और चेतावनी भरे लहजे में बोली, "देखो मिस्टर या मिस स्पिरिट! तुम जो भी हो, प्लीज़ इस वक्त हमें डिस्टर्ब मत करो, वरना अगर मुझे गुस्सा आ गया ना तो मैं तुम्हें हवसखोर आत्माओं के बीच कैद कर दूँगी।"

    उसके यह कहते ही तुरंत कमरे की चीजें हिलना बंद हो गईं, और तापमान सामान्य हो गया। मतलब वह आत्मा वहाँ से चली गई। गुन को मन ही मन हँसी आई और अपने प्यार पर गर्व हुआ जो इतनी निडर थी।


    सब हॉल में बैठे थे। कामना और वनराज सोफे पर थे, सनी और मून आमने-सामने लगी कुर्सियों पर थे। बीच में टेबल पर खड़ा डोरू उन सब को बता रहा था…

    "आज मेले इचकूल में स्टोरी लाइटिंग कोंपीटिछन था, जिसमें मुजे फर्स्ट प्राईज मिला।"

    यह सुनकर सब ने खुश होकर ताली बजाई। सनी खुश होकर बोला, "फर्स्ट प्राइज़ तो तुझे मिलना ही था मेरे डोरा, आखिर वह स्टोरी सुनाई किसने थी?" उसने खुद की तरफ इशारा किया।

    यह सुनकर मून तुरंत बोला, "ओह हलो! वह स्टोरी मैंने सुनाई थी, समझे तुम?"

    सनी ने हँसना बंद किया और उसकी तरफ देखकर हल्के गुस्से में बोला, "तुम्हें तो हर अच्छी बात का क्रेडिट अपने ऊपर लेने की आदत है, इतनी बेईमानी भी अच्छी नहीं होती।"

    मून भी थोड़े गुस्से में बोला, "बेईमानी मैं नहीं, बल्कि तुम कर रहे हो।"

    "एक मिनट!" वनराज ने उन दोनों को शांत करते हुए कहा, "हम डोरू से ही पूछ लेते हैं कि उसने किसकी सुनाई कहानी लिखी?"

    "हाँ, यह सही रहेगा," कामना ने भी कहा।

    सनी भी डोरू की तरफ देखकर बोला, "चल डोरा, बता दे सबको कि तूने मेरी सुनाई स्टोरी लिखी।"

    मून भी डोरू से कहने लगा, "हाँ डोरू, बता दो सबको कि तुमने इसकी नहीं, बल्कि मेरी स्टोरी लिखी।" उसने आत्मविश्वास के साथ कहा और सनी को देखने लगा। सनी भी ओवर कॉन्फिडेंस लिए उसे देख रहा था, और गुस्से में अपने दाँत पीस रहा था।

    बीच में टेबल पर बैठा डोरू कभी अपने मामू की तरफ देखता, कभी अपने चाचू की तरफ। अब कैसे बताए वह कि उसने दोनों की ही स्टोरी को मिलाकर लिख दिया।


    ऑफिस में सभी लोग अपने-अपने घर जा चुके थे। अब केवल जॉर्डन और नूना ही केबिन में बैठे, आपस में मिशन से रिलेटिड डिस्कस कर रहे थे।

    नूना के मन में एक सवाल आया और वह जॉर्डन से बोली, "सर, आप एक बात बताइए, आप इस बात पर पूरी तरह श्योर कैसे हुए कि इस मिशन के लिए सनी और मून से बेहतर कोई नहीं हो सकता?"

    जॉर्डन हल्का सा मुस्कुराए और अपनी कुर्सी से खड़े होते हुए बोले, "चलो मेरे साथ, आज इस रहस्य पर से पर्दा उठा ही देता हूँ।"

    जारी है…

    रहस्य का तो अभी आगाज़ है
    नफ़रत भरी इस कहानी में
    प्यार भरे दिल की यह आवाज़ है
    अंजान बंधन तेरा-मेरा जिसमें
    रूहों की सरगम और दिलों की साज़ है

  • 6. The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story) - Chapter 6

    Words: 1834

    Estimated Reading Time: 12 min

    टेबल पर बैठा डोरू कभी सनी को देख रहा था, कभी मून को। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह कैसे बताए कि उसने उन दोनों की सुनाई कहानी को ही मिलाकर लिख दिया था।

    तभी वनराज ने उससे कहा, "बताओ ना डोरू बेटा, तुमने किसकी सुनाई कहानी लिखी?"

    कामना ने भी प्यार से कहा, "हाँ बेटा, बताओ।"

    डोरू कुछ बोला नहीं, बस सनी और मून को देखकर सोचने लगा, वह दिन जब वह इन दोनों के पास बारी-बारी से गया था।


    "चाचू!"
    डोरू सनी को पुकारता हुआ उसके कमरे में आया। सनी बेड पर लेटा कोई किताब पढ़ रहा था।
    डोरू आकर उसके पेट पर बैठ गया और लगातार बोलने लगा, "मेले स्कूल में स्टोरी राइटिंग कॉम्पिटिशन होने वाला है, इसलिए आप मुझे कोई अच्छी सी स्टोरी सुनाओ।"

    उसे सुनकर सनी मुस्कुराया और किताब को किनारे रखते हुए बोला, "ओके! आज मैं तुझे अपनी ही स्टोरी सुनाता हूँ।" डोरू ने भी मुस्कुराकर सिर हिला दिया।

    सनी ने उसे सुनाना शुरू किया।

    "वो एक घना जंगल था, दिन शायद वो मंगल था,
    भूत पकड़ने का इरादा था, चारों तरफ सन्नाटा था।"

    सनी थोड़ा गाने की लय में सुना रहा था और डोरू काफी उत्साहित होकर सुन रहा था। अक्सर बच्चे ऐसा सुनकर डर जाते हैं, लेकिन डोरू कुछ ज़्यादा ही बहादुर था। सनी ने आगे गाया।

    "मुझको नहीं था कोई भी डर,
    मैं तो अपनी ही धुन में चला जा रहा था।
    पीछे से आई अजीब आवाज़,
    जैसे कोई मुझको पीछे बुला रहा था।"

    "कौन बुला रहा था?" डोरू ने उत्साहित होकर पूछा।

    सनी थोड़ा रहस्यमयी ढंग से गाने लगा।

    "वो थी आत्माओं की फुसफुसाहट,
    जिसकी आ रही थी मुझको आहट।
    आखिर पलट कर देखा मैंने,
    वहाँ खड़ा था एक साया,
    जो लगा मुझसे कहने..."

    "क्या कहने लगा?" डोरू ने उत्साहित होकर पूछा।

    सनी अब उस साये की तरह डरावनी आवाज़ में गाने लगा।

    "चले जाओ यहाँ से,
    ये रहस्य बहुत गहरा है।
    डरावना है ये जंगल,
    यहाँ हम आत्माओं का बसेरा है।"

    अब डोरू थोड़ा डरने लगा, जिसे देख सनी मुस्कुराकर अपनी असली आवाज़ में गाने लगा।

    "लेकिन मैंने फिर भी पूरी हिम्मत जुटाई,
    उससे कहा अरे कर दूँगा मैं तेरी कुटाई।"

    "फिर आपने कुटाई की उसकी?" डोरू ने अब हँसकर पूछा।

    सनी भी अब हँसकर गाने लगा।

    "उसको डराने की थी ये तो बस मेरी चतुराई,
    मैंने तो बस उसको हनुमान चालीसा सुनाई।
    बोलो हनुमान की जय!
    बोलो बजरंग बली की जय!
    पवन सुत हनुमान की जय!"

    डोरू भी उसके साथ यह जयकारा लगाते हुए जोर से हँस दिया। फिर सनी ने अपने गाने को खत्म करते हुए कहा।

    "राम जी की कसम, मज़ा आ गया!
    इसे सुनकर, वो मेरे वश में आ गया।"

    सनी ने बड़े ही गर्व से अपनी मुट्ठी बांध ली। डोरू ने खुश होकर ताली बजाई।


    अगले ही पल डोरू मून के कमरे में था और उससे भी कहानी सुन रहा था। मून ने भी कहानी की शुरुआत बिल्कुल वैसे ही की थी जैसे सनी ने की थी।

    "वो एक घना जंगल था, दिन शायद वो मंगल था,
    भूत पकड़ने का इरादा था, चारों तरफ सन्नाटा था।"

    इतना सुनाकर मून ने आगे गाया।

    "डर की नहीं कोई बात थी,
    पूनम की वो चाँदनी रात थी।
    हाथ में था पुराना कैमरा,
    जादुई लैंप की शक्ति मेरे साथ थी।"

    "पुराना कैमरा और जादुई लैंप?" डोरू ने उत्साहित होकर पूछा।

    मून ने मुस्कुराकर हाँ में सिर हिलाया और गाने लगा।

    "कैमरा जो भूतों की फ़ोटो खींच लेता,
    एक-एक पल को वो कैद कर लेता।
    जादुई लैंप जब अपना जादू दिखाती,
    हर रूह को वो मेरे पास ले आती।"

    "फिर आप उसको अपने वश में कैसे करती?" डोरू ने भी लय में पूछा।

    मून अजीब सी शक्ल बनाकर बोला, "करती नहीं करता, लय बनाने के चक्कर में मेरा जेंडर तो चेंज मत करो।"

    ये सुनकर डोरू खिलखिलाकर हँस दिया। मून को भी उसकी यह प्यारी खिलखिलाहट देखकर हँसी आ गई और वह उसे अपनी गोद में उठाकर उसी लय में गाने लगा।

    "पास आकर रूह जो मुझको डराती,
    मैं फिर उसको हनुमान चालीसा सुनाती।
    बोलो हनुमान की जय!
    बोलो बजरंग बली की जय!
    बोलो पवन सुत हनुमान की जय!"

    डोरू हैरानी से अपना मुँह और आँखें खोले उसे देखने लगा क्योंकि सनी ने भी तो ऐसे ही जयकारा लगाया था। उसे देखकर मून बोला, "अरे बोलो ना मेरे साथ, हनुमान की जय।"

    फिर डोरू भी उसके साथ जयकारा लगाने लगा। आखिर में मून ने भी सनी की तरह गाने को खत्म किया।

    "राम जी की कसम, खुशी छा गई!
    इसे सुनकर, वो मेरे वश में आ गई।"

    डोरू ने हैरानी और खुशी के मिले-जुले भावों से ताली बजाई।

    सनी और मून ने अंतरे अलग सुनाए थे, लेकिन आरंभ और अंत एक ही था।

    सब डोरू से पूछ रहे थे। आखिर में उसने हिम्मत करके कहा, "मैं इन दोनों के पास गया था स्टोरी चुनने, चाचू ने जो स्टोरी सुनाई वो बहुत अच्छी थी..."

    इतना सुनकर ही सनी खुश हो गया, पर डोरू ने आगे कहा, "पर मामू की स्टोरी भी बहुत अच्छी थी।"

    मून भी यह सुनकर खुश हुआ और सनी की तरफ खिल्ली उड़ाने वाली नज़रों से देखने लगा। तभी डोरू ने आगे कहा, "इसलिए मैंने इन दोनों की स्टोरी को मिक्स कर दिया।"

    यह सुनकर सनी और मून दोनों के ही चेहरे की खुशी गायब हो गई। वनराज और कामना मुस्कुरा उठे। वनराज ने डोरू से पूछा, "कैसे मिक्स किया तुमने इन दोनों की स्टोरी को?"

    डोरू टेबल पर से उठकर खड़ा हुआ और हँसकर बोला, "अरे इन दोनों की स्टोरी तो पहले ही मिक्स थी, बस ये अलग-अलग गए थे जंगल में भूत पकड़ने, मैंने तो इनको एक साथ जंगल में भूत पकड़ने भेज दिया, तो बोलो सब... हनुमान की जय! बोलो बजरंग बली की जय! पवन सुत हनुमान की जय!"

    वनराज और कामना ने तो हँसकर ताली बजाई, लेकिन सनी और मून एक-दूसरे को खा जाने वाली नज़रों से घूर रहे थे।

    कामना उन दोनों की तरफ देखकर आश्चर्य से बोली, "तुम दोनों के ख्याल तो काफ़ी मिलते हैं, तुम दोनों ने एक जैसी कहानी सुनाई उसे!"

    सनी ने मून की तरफ चिड़चिड़ाई नज़रों से देखा और कहने लगा, "हो सकता है इसने मुझे डोरू को कहानी सुनाते वक़्त सुन लिया हो?"

    "और अगर यही बात मैं कहूँ कि तुमने मुझे सुन लिया था तो!" मून भी उसी लहजे में बोला।

    सनी गुस्से में दांत पीसते हुए बोला, "कहानी पहले मैंने सुनाई थी इसलिए सुनने के चांसेस तुम्हारे बनते हैं।"

    मून भी गुस्से में बोला, "और तुम्हें तो हनुमान चालीसा आती ही नहीं, फिर तुम जयकारा कैसे लगाओगे?"

    सनी उसकी तरफ बढ़ते हुए बोला, "किसने कहा मुझे हनुमान चालीसा नहीं आती, मैं रोज़ उसका पाठ करता हूँ, समझे तुम! वैसे भी तुम क्या जानो धर्म के बारे में, नास्तिक कहीं के।"

    मून भी निडरता से उसके सामने खड़ा रहकर बोला, "मैं भले ही मंदिर में दिया नहीं जलाता, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैं नास्तिक हूँ, श्रद्धा और विश्वास इंसान के मन में होना चाहिए, जो तुम्हारे अंदर तो बिल्कुल नहीं है, तुम तो बस ऊपरी दिखावा करते हो।"

    मून की कही इन बातों ने सनी के गुस्से को भड़का दिया, वह उसका गिरेबान पकड़कर बोला, "मैं ऊपरी दिखावा करता हूँ..."

    तभी वनराज ने आकर उसके हाथ पकड़े और मून के गिरेबान को उससे छुड़ाते हुए बोले, "बस अब बहुत हुआ भानु! छोड़ो उसे।"

    कामना भी मून को समझाते हुए बोली, "लड़ाई-झगड़ा करते हो वहाँ तक ठीक है, लेकिन इन सब में हमारे भगवान को बीच में मत लाओ, वरना बाद में बहुत पछताना पड़ेगा।"

    डोरू भी उन दोनों को ज्ञान बांटने लगा, "हाँ चाचू, टीचर कहती है कि... लव इज़ द प्राइसलेस गिफ्ट फ्रॉम गॉड दैट, इफ लिट इन द हार्ट ऑफ़ इवन अ डेविल, कैन मेल्ट हिज़ हार्ट एज़ वेल।"

    सनी और मून उसे घूरने लगे। वनराज मुस्कुरा दिए और कामना उनसे पूछने लगी, "मेरी अंग्रेजी थोड़ी कमज़ोर है, क्या कहा इसने?"

    वनराज मुस्कुराते हुए बोले, "इसने कहा कि प्यार भगवान का दिया वह अनमोल तोहफा है, जिसका दिया अगर शैतान के दिल में भी जलाया जाए तो उसका दिल भी पिघल जाएगा।"

    उन्हें सुनकर कामना भी मुस्कुरा दी। डोरू ने सनी की तरफ देखा और बोला, "हाँ चाचू! अब से आप मंदिर में दिया मत जलाओ, अपने दिल के अंदर जलाओ ताकि वह पिघल जाए।"

    यह सुनकर मून जोर से हँस दिया और बोला, "मतलब डोरू भी मानता है कि यह शैतान है।"

    उसके साथ वनराज और कामना को भी थोड़ी हँसी आ गई। सनी उसे गुस्से में दांत पीसते हुए घूरने लगा, साथ ही बेचारे डोरू पर भी गुर्रा दिया, "डोरू!"

    डोरू जल्दी से अपनी मम्मी कामना की गोद में चढ़ गया।


    यहाँ दूसरी तरफ जॉर्डन नूना को अपने साथ महल के सबसे गहरे हिस्से में ले गया, जहाँ पर बहुत ही कम रोशनी थी। वहाँ की दीवारें मोटी पत्थर की बनी हुई थीं, जिन पर समय की धूल और जाले जमे हुए थे।

    नूना महल के इस हिस्से में पहली बार आई थी। पंद्रह साल बीत गए उसे जॉर्डन के साथ काम करते हुए, लेकिन आज तक जॉर्डन उसे यहाँ लेकर नहीं आया। क्या रहस्य था जिस पर से वह आज पर्दा उठाने वाले थे?

    वे दोनों एक कमरे के बाहर आकर खड़े हुए। उस कमरे का दरवाजा भारी लकड़ी का बना था, जिस पर लोहे की मोटी पट्टियाँ लगी हुई थीं। दरवाजे पर एक प्राचीन ताला लगा हुआ था। उसे देखकर नूना बोली, "यह तो बिल्कुल भूल-भुलैया मूवी के ताले जैसा लग रहा है।"

    उसे सुनकर जॉर्डन के होंठों पर फीकी सी मुस्कान आ गई और वह कहने लगे, "वो बस एक मूवी थी और उस ताले को कोई भी खोल सकता था, लेकिन इस ताले को मेरे सिवाय कोई नहीं खोल सकता।"

    यह सुनकर नूना की आँखें उत्साह में बड़ी हो गईं। जॉर्डन ने आँखें बंद कीं और कुछ मंत्र बुदबुदाए। कुछ ही पल में वह ताला अपने आप खुल गया। जिसे देखकर नूना की आँखें आश्चर्य से खुली रह गईं, लेकिन वह भी काफी होशियार थी, इसलिए सब समझ गई और कहने लगी, "शायद आपने इस दरवाजे पर किसी ऐसी आत्मा को रखा हुआ है जो आपके इशारे पर ताले को बंद भी करती है और खोल भी देती है, आपके अलावा वह किसी की भी बात नहीं मानती, एम आई राइट सर?"

    जॉर्डन मुस्कुरा दिए और उसकी तारीफ करते हुए बोले, "काफी होशियार हो तुम।"

    नूना उनके सम्मान में हल्का सा सिर झुकाते हुए बोली, "आप ही की संगत का असर है सर।"

    जॉर्डन हल्का सा हँसे और बोले, "अच्छा ठीक है, अब अंदर चलते हैं, लेकिन उससे पहले यह पकड़ो।" उन्होंने चावल के कुछ दाने नूना के हाथ में रख दिए और कहने लगे, "अंदर चाहे कुछ भी हो, लेकिन यह दाने तुम अपने हाथ की मुट्ठी में ही रखना, एक भी दाना नीचे नहीं गिरना चाहिए।"

    नूना ने भी अपनी मुट्ठी भींचकर हाँ में सिर हिला दिया। उसके बाद जॉर्डन ने उस दरवाजे पर खड़ी आत्मा को दरवाजा खोलने का इशारा किया। वह दरवाजा एक रहस्यमयी और डरावनी आवाज़ के साथ खुल गया। जैसे ही दरवाजा खुला, एक ठंडी हवा का झोंका नूना के चेहरे पर आया, उस जगह बहुत कम रोशनी थी, जो केवल टॉर्च और मोमबत्तियों से आ रही थी।

    जारी है...

  • 7. The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story) - Chapter 7

    Words: 1503

    Estimated Reading Time: 10 min

    उन दोनों ने जैसे ही उस कमरे में कदम रखा, नूना को फुसफुसाहट और अजीब आवाजें सुनाई देने लगीं। वहाँ की दीवारों पर प्राचीन चित्र और रहस्यमयी प्रतीक बने हुए थे; जिन्हें देखकर नूना के मन में सवालों का सैलाब उमड़ने लगा।

    जॉर्डन भी उसके मन के भाव समझ चुके थे। इसलिए उन्होंने उसे बताया, "ये प्राचीन चित्र और रहस्यमयी प्रतीक आत्माओं को नियंत्रित करने के लिए बनाए गए हैं।"

    नूना उन चित्रों और प्रतीकों को देखते हुए ही जॉर्डन के साथ आगे बढ़ गई। वहाँ के फर्श पर पुरानी लकड़ी की तख्तियाँ थीं जो उनके चलने पर चरमरा रही थीं। हर कदम पर नूना को लग रहा था जैसे कोई उन्हें देख रहा हो। तभी अचानक से कमरे में रखी वस्तुएँ अपने आप हिलने लगीं। वहाँ एक बड़ा सा पिंजरा था जिसमें कैद आत्माओं की झलक नूना को दिखाई दी और वे आत्माएँ उसे डराने की कोशिश कर रही थीं। उनकी चींखें और फुसफुसाहट नूना के कानों में गूंज रही थीं। लेकिन उस वक्त नूना को बिल्कुल भी डर नहीं लग रहा था क्योंकि उसके गुरु जॉर्डन उसके साथ थे और उनके दिए वो चावल के दाने भी, जो उसने अपनी मुट्ठी में भींचे हुए थे।

    जॉर्डन उस पिंजरे की तरफ देखकर बोले, "ये सारी पोल्टरगाइस्ट आत्माएँ हैं जो अपने आसपास के वातावरण में हलचल मचाने के लिए जानी जाती हैं; जैसे वस्तुओं को हिलाना, चींखना-चिल्लाना और शोर मचाना, इसके अलावा ये कुछ नहीं कर सकतीं।"


    नूना भी यह बात जानती थी इसलिए उसने बस मुस्कुराकर सिर हिला दिया। जॉर्डन उस पिंजरे की तरफ देखकर फिर से कहने लगे, "इनके पास ना तो शरीर होता है और ना ही आवाज, इसलिए हम इन्हें किसी भी शरीर में कैद कर सकते हैं।"


    यहाँ मून अपने कमरे में बैठा लैपटॉप पर उसी महल के ऊपर रिसर्च कर रहा था। तभी एक प्यारा सा सफेद कलर का खरगोश फुदकता हुआ उसके बेड पर आ गया। मून ने प्यार से उसके कानों को सहलाया और बोला, "टिल्ला! आ गया तू, कहाँ छुपकर बैठा था इतनी देर से?"


    यहाँ सनी भी अपनी काली बिल्ली को गोद में लेकर यही सवाल पूछ रहा था, "हेय कैंडी! कहाँ थी तू इतनी देर से?"


    इधर किचन में डोरू अपनी मम्मी कामना को बता रहा था, "मम्मी मैंने आज फिल छे टिल्ला और कैंडी को इछ किचन में छाथ देखा।"

    उसकी बात पर कामना सोच में पड़ गई, "अक्सर बिल्ली खरगोश को खा जाती है लेकिन भानु की यह कैंडी कभी भी इंदु के टिल्ला को नहीं खाती, यह क्या चक्कर है?"


    पोल्टरगाइस्ट आत्माओं के बारे में बताने के बाद जॉर्डन और नूना आगे बढ़े। तभी नूना के कानों में किसी के रोने की आवाज पड़ी। उसने उस तरफ देखा तो एक कोने में किसी लड़की की पारदर्शी और धुंधली सी आत्मा अपने घुटनों में सिर डाले काफी गहरे शोक में डूबी हुई थी और रो रही थी। उसका रुदन काफी भयावह लग रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे वह किसी अनमोल चीज़ को खोने के गहरे दर्द से ग्रस्त हो। उसके रोने की आवाज अत्यंत दुखभरी, कराहती और टूटती हुई सी थी जिसमें काफी निराशा झलक रही थी।

    उसे इस तरह रोते देख नूना का मन भी दुख और पीड़ा से भर उठा। उसने जॉर्डन की तरफ सवालिया निगाहों से देखा तो वे उसके मन के भाव समझते हुए कहने लगे, "यह एक अविशिष्ट आत्मा है, यानी रिकॉर्ड आत्मा! यह अपने जीवन में घटी किसी घटना को बार-बार दोहराती है। यह लड़की आयशा अपने हसबैंड समर के साथ हनीमून मनाने इस शहर में आई थी, लेकिन एक रात इसके हसबैंड को किसी ने मार दिया। उसकी लाश के सामने यह इसी तरह रो रही थी; उसके बाद इसके भी दिल की धड़कन रुक गई। अब यह इसी तरह रोती ही रहती है।"

    यह सुनकर तो नूना का दिल भी रो उठा और आँखें नम हो गईं। वह जॉर्डन से बोली, "सर इसकी मुक्ति का क्या मार्ग है?"

    जॉर्डन गंभीर होकर बोले, "इसके हसबैंड के कातिल को सजा मिले और फिर इसके परिवार द्वारा मुक्ति के लिए धार्मिक अनुष्ठान करवाया जाए, तब जाकर इसे मुक्ति मिलेगी।"

    नूना थोड़ा अचरज भरे भाव से बोली, "तो क्या अब तक उस कातिल को सजा नहीं मिली और इसका परिवार, वह कहाँ है?"

    जॉर्डन अब थोड़ा रहस्यमयी ढंग से बोले, "समय आने पर सब होगा नूना, समय आने पर, क्योंकि समय महाबलवान, अब चलो आगे।"

    वे आगे बढ़ गए। नूना भी उस रोती हुई आत्मा को देखते हुए उनके पीछे चल दी। तभी अचानक से उनके सामने एक जले हुए चेहरे वाला प्रेत आकर खड़ा हो गया। उसे अचानक सामने देखकर नूना की चीख निकल गई। जॉर्डन ने नूना को शांत कराया, "चिंता मत करो, यह मेरे वश में है, कुछ नहीं कर सकता।"

    नूना अपनी अटकी हुई साँस छोड़ते हुए बोली, "आई नो सर कि यहाँ आपकी मर्ज़ी के बिना कोई कुछ नहीं कर सकता, लेकिन यह अचानक से सामने आया तो मैं डर गई। वैसे मुझे आत्माओं से डर नहीं लगता, लेकिन जले हुए लोगों को देखकर बड़ा डर लगता है। उनकी जलन को महसूस करना ही मेरे रोंगटे खड़े कर देता है।"

    वह जला हुआ प्रेत नूना की इस बात पर उसे घूर रहा था; जिसे देख नूना ने उस पर से नज़रें हटा लीं। जॉर्डन भी चलते हुए कह रहे थे, "अब यह प्रेतात्मा होती ही ऐसी हैं, यह हमें उसी रूप में दिखाई देती हैं जिस रूप में इनकी मौत हुई थी। अब इस लड़के की मौत जलने से हुई थी इसलिए यह जला हुआ ही दिखाई देता है, लेकिन है बहुत अच्छा, पूरे कमरे का काफी अच्छे से ख्याल रखता है।"

    नूना ने गर्दन घुमाकर उस जले हुए प्रेत की तरफ देखा और बोली, "नाम क्या है इसका?"

    जॉर्डन मुस्कुराकर बोले, "पता नहीं, लेकिन मैंने तो इसका नाम ज्वाला रख दिया है।"

    नूना भी मुस्कुराकर बोली, "अच्छा नाम है सर, वैसे इसकी मुक्ति कब होगी?"

    "जब इसकी अधूरी इच्छा पूरी हो जाएगी।"

    यह सुनकर नूना नासमझी भरे भाव से बोली, "अधूरी इच्छा?"

    जॉर्डन गंभीर होकर कहने लगे, "हाँ, इसकी इच्छा है कि जब तक इसकी बहन की शादी नहीं हो जाती तब तक यह इस दुनिया से नहीं जाएगा। जिस दिन उसकी शादी हो जाएगी, यह भी चला जाएगा।"

    नूना इस बात पर बस सिर हिला दी और जॉर्डन के साथ आगे बढ़ गई।


    यहाँ सनी अपनी काली बिल्ली से पूछ रहा था, "हेय कैंडी! बता ना कहाँ थी तू इतनी देर से?"

    कैंडी ने कुछ नहीं कहा, बस उसकी गोद से उतरकर भाग गई। सनी उसके पीछे भागा, "अरे कहाँ भाग रही है, रुक।"

    कैंडी भागती हुई एक कमरे में घुस गई। उस कमरे को देखकर सनी रुक गया क्योंकि वह कमरा मून का था। यहाँ अंदर मून अपने बेड पर अपना लैपटॉप लिए लेटा था। उसके बगल में उसका प्यारा सफेद खरगोश टिल्ला भी बैठा था। मून उस महल पर ही रिसर्च कर रहा था जहाँ उन्हें मिशन पर जाने के लिए कहा गया था। अब जाओ या ना जाओ, लेकिन रिसर्च करना तो बनता ही है। वह उसमें देखते हुए ही अपने टिल्ले के कानों को सहला रहा था। वह टिल्ला भी अब पूरी तरह पसर कर बैठ गया था और आँखें बंद कर ली थीं।

    तभी अचानक से सनी अपनी कैंडी को पुकारता हुआ कमरे में आया।

    "कैंडी! कैंडी!"

    उसकी आवाज से मून भी चौंका और उसका टिल्ला भी। दोनों ही उठकर बैठ गए। मून अपने लैपटॉप को साइड कर उससे बोला, "तुम इस तरह अचानक से मेरे रूम में क्यों घुस आए?"

    सनी बिना उसकी तरफ देखे ही बोला, "देखो, मैं बस अपनी कैंडी को लेने आया हूँ।"

    मून उस पर व्यंग्य करते हुए बोला, "जब तुम उस काली बिल्लिया को संभाल नहीं सकते तो उसे लेकर ही क्यों आए? मेरे टिल्ले को देखो कितना शांत है, मेरी हर बात मानता है, मेरी मर्ज़ी के बिना कहीं नहीं जाता, हैं ना मेरे कुची-कुची।" उसने अपने टिल्ले के सिर पर हाथ फेरा तो वह भी आँखें बंद कर फिर से बेड पर ही पसर गया।

    सनी को यह देखकर बहुत चिढ़ मची। वह चिढ़चिढ़ाते हुए कहने लगा, "तुम्हारा टिल्ला आलसी है तुम्हारी तरह, इसको काम ही क्या है, या तो खाता है या फिर सो जाता है, बहुत ही अजीब जानवर है यह, इसको कितना भी खिला दो लेकिन यह फिर भी भूखा ही रहता है।"

    यह सुनकर उस टिल्ले ने एक आँख खोली और अपने एक कान को नीचे कर लिया।

    इधर मून सनी की बात का जवाब देते हुए बोला, "तुम्हारी कैंडी तो जैसे सारा दिन उपवास रखती है ना, वह तो कुछ खाती ही नहीं।"

    उसके इस तरह तंज कसने पर वहाँ टेबल के नीचे बैठी कैंडी मून को ही घूरने लगी, लेकिन उसकी बगल में बैठे टिल्ले के कारण वह मून पर कोई हमला नहीं कर पाई।

    जारी है........

  • 8. The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story) - Chapter 8

    Words: 1530

    Estimated Reading Time: 10 min

    सनी को गुस्सा तो बहुत आ रहा था, लेकिन अभी उसे बहस नहीं करनी थी। वह अपनी कैंडी को फिर से पुकारने लगा। टेबल के नीचे बैठी कैंडी की नज़रें टिल्ला पर थीं, लेकिन टिल्ला तो किसी नाराज़ बीवी की तरह दूसरी तरफ़ मुँह किए बैठा था। तभी मून की नज़र टेबल के नीचे बैठी कैंडी पर पड़ी।

    उसे देखकर वह तेज आवाज़ में गाने लगा।

    “ऊपर चिल्लम-चिल्ली है, टेबल के नीचे बिल्ली है।”

    सनी ने अपने कानों में उंगली डाल ली। "अरे चिल्लाना बंद कर बेसुरे।" तभी उसने मून के गाने पर ध्यान दिया और टेबल के नीचे नज़र डाली। वह कैंडी कहते हुए उस टेबल की तरफ़ भागा, लेकिन कैंडी वहाँ से निकलकर भाग गई। पूरे कमरे में सनी और कैंडी के बीच पकड़म-पकड़ाई का खेल चालू हो गया। मून तो सनी को चिढ़ाने वाले लहजे में अपनी आवाज़ को और भी तेज करते हुए गा रहा था।

    “बिल्ली के पीछे भागा बिल्ला,
    जैसी बिल्ली वैसा बिल्ला,
    काली बिल्ली काला बिल्ला,
    मोटी बिल्ली मोटा बिल्ला,
    खिसियानी बिल्ली खिसियाना बिल्ला…”

    यह सुनकर सनी रुक गया और गुस्से में उसकी मुट्ठियाँ बिंच गईं। उसने मून की तरफ़ देखा और उसे मारने के लिए उसकी ओर बढ़ गया। तभी टिल्ला फुदक कर बेड पर से कूद गया। सनी का पैर उससे टकराया और वह सामने बेड पर बैठे मून पर गिर गया। वक्त थम सा गया और पूरे कमरे में शांति छा गई। टिल्ला कमरे से बाहर भाग गया; कैंडी भी उसके पीछे भाग गई।

    यहाँ बेड पर गिरे सनी और मून की आँखें हैरत से बड़ी हो चुकी थीं, क्योंकि सनी के मून पर गिरने के साथ-साथ उसके होंठ भी मून के होंठों पर गिर चुके थे।

    उसी समय डोरू उनके कमरे के दरवाजे पर आया। उसने टिल्ला और कैंडी को साथ भागते देखा, इसलिए वह भी इस तरफ़ चला आया; लेकिन जब उसने सनी और मून को इस तरह गिरे-पड़े देखा, तो वह छोटा सा बच्चा बुरी तरह चौंक गया और चिल्लाता हुआ वहाँ से भाग गया। "मम्मी! डैडी!"

    उसकी आवाज़ से वे दोनों काँप गए। सनी जल्दी से मून के ऊपर से उठ गया और अजीब सी शक्ल बनाए अपने होंठों को रगड़ने लगा। मून भी टेबल पर रखे पानी से अपने होंठ साफ़ करने लगा। फिर उन्हें ध्यान आया कि डोरू ने यह सब देख लिया है और अब वह अपने मम्मी-डैडी के पास गया है। यह सोचकर सनी और मून को बहुत ही बड़ा झटका लगा और वे दोनों भी सर पर पैर रखकर कमरे से बाहर भागे।


    यहाँ जॉर्डन और नूना उस कमरे में बने एक विशेष स्थान पर पहुँचे। वहाँ एक कुर्सी पर एक प्राचीन और आध्यात्मिक आत्मा बैठी हुई थी। यह एक पुरुष की आत्मा थी जो अत्यंत अद्भुत और गरिमामय दिखलाई पड़ रही थी। इसकी आकृति लंबी और सौम्य थी जो सफ़ेद और नीले प्रकाश की आभा से घिरी हुई थी।

    इस बार नूना के मन में कोई सवाल उठने से पहले ही जॉर्डन बोल पड़े। “यह एक आध्यात्मिक आत्मा है और इनका नाम ऋत्विज है। ये हमेशा मेरा मार्गदर्शन करते हैं। जब भी मैं किसी उलझन में होता हूँ तो इनके पास आ जाता हूँ; ये हमेशा उस उलझन को सुलझाने में मेरी मदद करते हैं। उस महल के बारे में जानने के बाद मैं उलझन में था कि अपनी टीम में से किसे वहाँ भेजूँ? तब मैं इनके पास आया था…”

    ये कहते हुए वह उस दिन के बारे में नूना को बताने लगे।

    (फ्लैशबैक)

    जॉर्डन ने चेहरे पर परेशानी और उलझन भरे भाव लिए ऋत्विज से कहा, “मुझे कुछ भी करके उस महल के रहस्य को सुलझाना है।”

    ऋत्विज ध्यानमग्न होकर बोले, “उस महल का रहस्य सरल नहीं है पुत्र। बहुतों ने इसे सुलझाने का प्रयास किया, परन्तु कोई भी लौटकर नहीं आया।”

    जॉर्डन कुछ पल विचार करके बोले, “फिर भी कोई तो होगा ऐसा जो इस रहस्य को सुलझा सके?”

    ऋत्विज ने अपनी आँखें बंद की और थोड़ा ध्यान लगाने लगे। कुछ पल बाद उनके होंठों पर एक सौम्य मुस्कान आ गई। उन्होंने अपनी आँखें खोलीं और जॉर्डन से कहने लगे, “तुम्हारे ही दल में सनी और मून नाम के दो युवक हैं; वही दोनों इस रहस्य को सुलझा सकते हैं।”

    सनी और मून का नाम सुनकर जॉर्डन थोड़ा चिंतित होकर बोले, “ये आप क्या कह रहे हैं? उन दोनों को बस कुछ ही समय हुआ है इस टीम में शामिल हुए; अभी छोटे-मोटे भूतों को ही पकड़ते हैं वे, और आपने अभी कहा कि उस महल में जो भी गया वह वापस लौटकर नहीं आया है; फिर आप उन बच्चों को वहाँ भेजने का सुझाव कैसे दे सकते हैं? क्या यह खतरनाक नहीं होगा?”

    ऋत्विज गंभीर होकर बोले, “यह सत्य है कि वह महल खतरनाक है, परन्तु यह भी सत्य है कि सनी और मून के मध्य जो घृणा है, वह इस रहस्य को सुलझाने की कुंजी हो सकती है। उनके अतिरिक्त और कोई नहीं है जो इस कार्य को पूरा कर सके।”

    जॉर्डन संशय भरे स्वर में बोले, “लेकिन ऐसा क्यों? उनकी यह नफ़रत ही इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?”

    ऋत्विज एक गहरी साँस लेते हुए कहने लगे, “कुछ प्रश्नों के उत्तर समय के साथ ही मिलते हैं पुत्र। हर बात जानना अभी आवश्यक नहीं। तुम बस इतना जान लो कि सनी और मून का एक साथ वहाँ जाना ही उस महल की किस्मत बदल सकता है।”

    यह सुनकर जॉर्डन ने कुछ पल विचार किया और कहने लगे, “मुझे लग रहा है कि आप कुछ छिपा रहे हैं, लेकिन अगर आप कहते हैं कि सनी और मून ही उस रहस्य को सुलझा सकते हैं, तो मैं आपकी बात मानूँगा।”

    ऋत्विज मुस्कुराते हुए बोले, “कभी-कभी ऐसा होता है कि जो बातें हमें नहीं बताई जातीं, वे ही हमारी सबसे बड़ी सुरक्षा होती हैं। सनी और मून की वह यात्रा उनकी घृणा को किस नई दिशा में मोड़ सकती है, अब इसका निर्णय तुम्हारे हाथ में है।”

    जॉर्डन भी अब गंभीर होकर बोले, “ठीक है, मैं उन्हें भेजूँगा, लेकिन अगर कुछ गलत हुआ, तो जिम्मेदार केवल आप होंगे।”

    ऋत्विज मुस्कुराकर हल्के स्वर में बोले, “हर कदम की एक वजह होती है पुत्र। वे दोनों अपना रास्ता स्वयं चुनेंगे और उस महल में जो होगा वही उनके लिए उचित होगा।”

    जॉर्डन को उनकी बातें अत्यंत रहस्यमयी लग रही थीं। उनका दिया हुआ मार्गदर्शन कभी गलत साबित नहीं हुआ था, इसलिए जॉर्डन ने सनी और मून को ही उस महल में भेजने का फैसला किया।


    अब सारा रहस्य अभी थोड़े ही खोल देंगे। ऋत्विज ने कहा है कि कुछ सवालों के जवाब समय के साथ ही मिलते हैं।

    अभी तो जॉर्डन ने बस नूना के सवाल का जवाब दिया है जो उसने पूछा था, “आप इस बात पर श्योर कैसे हुए कि सनी और मून ही उस महल की मिस्ट्री को सुलझा सकते हैं?”

    तो इसका जवाब है ऋत्विज की आध्यात्मिक आत्मा, जो जॉर्डन का मार्गदर्शन करती है और जब भी वह किसी उलझन में होते हैं यह उस उलझन को सुलझाने में उनकी मदद करती है। इन्होंने कहा कि सनी और मून को वहाँ भेजो, तो यह भेज रहे हैं। अब यह आत्मा इन पर इतनी मेहरबान क्यों है, यह भी एक रहस्य है, जो समय आने पर पता चलेगा।


    "मम्मी! डैडी!"

    डोरू चिल्लाता हुआ वनराज और कामना के कमरे में आया। वनराज तो खुद ही कामना को अपनी बाहों में भरे हुए थे, लेकिन डोरू की आवाज़ सुनकर वे दोनों चिहुँक उठे और जल्दी से एक-दूसरे से दूर हो गए। खैर, डोरू ने उन दोनों को उस तरह नहीं देखा।

    वनराज ने उससे पूछा, “क्या हुआ बेटा? इस तरह चिल्ला क्यों रहे हो?”

    डोरू उंगली से पीछे की तरफ़ इशारा करते हुए बोला, “वो चामू…” इतना कहकर वह रुक गया।

    “फिर से लड़ाई की उन्होंने?” कामना बोल पड़ी।

    डोरू ने ना में गर्दन हिलाई। “नहीं मम्मी, वो तो…” यह कहकर उसने इधर-उधर देखा। तभी उसकी नज़र अपने खिलौनों की तरफ़ पड़ी। वह उनमें से दो टेडी बियर निकालकर लाया और उन्हें बेड पर उसी तरह एक-दूसरे के ऊपर रखा जैसे वह अभी सनी और मून को देखकर आ रहा था।

    यह देखकर वनराज और कामना का मुँह हैरानी से खुला रह गया। तभी सनी और मून भी भागते हुए उनके कमरे में आ गए। उन्हें देखकर डोरू खुश होकर बोला, “आ गए चामू! अब आप दोनों इन्हीं से पूछ लो यह क्या है?”

    वनराज तो उन दोनों टेडी बियर की तरफ़ इशारा करके पूछने भी लगे उन दोनों से, “भानु! इंदु! क्या है यह?”

    सनी ने तो उन टेडी बियर की तरफ़ देखकर सामान्य रूप से कहा, “भैया यह दोनों तो टेडी बियर हैं।”

    लेकिन मून उन टेडी बियर को बड़े ही गौर से देख रहा था और उसके चेहरे की हवाइयाँ उड़ चुकी थीं। वह समझ चुका था कि इस डोरू ने उन दोनों के बारे में इस तरह दीदी और जीजू को बताया है। वह कुछ कह पाता उससे पहले ही कामना उन दोनों से बोली, “यह टेडी बियर तो हमें भी दिख रहे हैं, लेकिन डोरू ने कहा कि तुम दोनों भी इस तरह…” इसके आगे वह कुछ बोल नहीं पाई।

    अब जाकर सनी को भी समझ आया कि इस डोरू ने इन टेडी बियर के ज़रिए वह सीन रीक्रियेट किया है। उसने वहाँ खड़े डोरू को घूरकर देखा, तो डोरू ने मासूम सी शक्ल बना ली। अब बेचारे बच्चे को क्या पता इन सब के बारे में; उसने तो जो देखा बताया अपने मम्मी-डैडी को।

    जारी है…

  • 9. The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story) - Chapter 9

    Words: 1529

    Estimated Reading Time: 10 min

    तभी मून ने कामना और वनराज से कहा, "आप दोनों जैसा समझ रहे हैं वैसा कुछ भी नहीं है। ये मुझे मारने आया था और फिर मेरे ऊपर ही गिर गया।"

    सनी गुस्से में बोला, "हाँ भैया और भाभी, मैं इसे मारने ही गया था, लेकिन इसका वो आलसी टिल्ला मेरे पैरों में आ गया और मैं इस पर गिर गया...वरना मैं इसे कभी मुँह लगाऊँगा...उव्वै!" उसने अजीब सी शक्ल बनाकर उल्टी आने की एक्टिंग की।

    उसे इस तरह देखकर मून को भी उस पर गुस्सा आने लगा। "अब तुम ज्यादा ओवरएक्टिंग मत करो, वो बस एक एक्सीडेंट था।" ये कहते हुए, किस याद कर उसने भी बुरा सा मुँह बना लिया था।

    उन दोनों को इस तरह देखकर वनराज और कामना हैरान थे और मन ही मन उन्हें हँसी भी आ रही थी। डोरू को तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। इसलिए वो बीच में आकर उन दोनों से पूछने लगा, "ऐछा भी क्या हो गया चामू जो आप दोनों इतने बुले-बुले मुँह बना ले हो? मम्मी-डैडी तो ऐछा करते ही रहते हैं, सो डोंट वरी एण्ड बी हैप्पी।"

    सनी और मून ने हैरानी भरी मुस्कान चेहरे पर लाकर वनराज और कामना को देखा। वनराज तो एकदम अंजान बनते हुए इधर-उधर देखने लगे। वहीं कामना के गाल शर्म से लाल हो चुके थे।


    जॉर्डन और नूना अब उन आत्माओं के कमरे से बाहर आ चुके थे। जॉर्डन ने बाहर पहरा दे रही आत्मा को ताला बंद करने का आदेश दिया, तो उसने ताला बंद कर दिया। उसके बाद जॉर्डन और नूना बातें करते हुए महल के गलियारे तक आ गए।

    "सर, एक बात बताइये, ये जो आध्यात्मिक आत्मा है, ऋत्विज नाम की, ये आपको मिली कहाँ और आपने इन्हें पकड़ा कैसे?"

    नूना के इस सवाल पर जॉर्डन मुस्कुराकर बोले, "इन्हें मैंने नहीं, बल्कि इन्होंने मुझे पकड़ा था।"

    "व्हाट?" नूना चौंक उठी और चलते-चलते रुक गई।

    जॉर्डन भी रुक कर उसकी ओर देखते हुए बोले, "हाँ नूना, ये उस समय की बात है जब मैंने भूतों को पकड़ना शुरू ही किया था। तब मैं एक पुराने किले में गया, वहाँ पर मुझे ये ऋत्विज मिले। मैं तो भूतों की खोज में चला जा रहा था, लेकिन इन्होंने ही मुझे पुकारा। मैंने जब पलटकर इन्हें देखा, तो ना जाने क्यों मेरा सिर अपने आप ही इनके सामने झुक गया। ये मुझसे कहने लगे कि ये मेरे साथ आना चाहते हैं। मैं चाहकर भी इन्हें मना नहीं कर पाया और इन्हें अपने साथ ले आया। तब से ये मेरे साथ ही हैं और इसी तरह मेरा मार्गदर्शन करते हैं। जब भी किसी उलझन में होता हूँ, तो ये उसे सुलझाते हैं। इन्हें देखकर ऐसा लगता है जैसे मेरा कुछ तो कनेक्शन है इनसे, लेकिन जब ये सवाल मैं इनसे पूछता हूँ, तो एक ही जवाब देते हैं...कुछ प्रश्नों के उत्तर समय के साथ ही मिलते हैं...इसलिए मैं भी अब उस समय का ही इंतज़ार कर रहा हूँ।"

    उनकी बात सुनकर नूना ने भी बस हल्के से सिर हिला दिया। अब रात का अंधेरा होने लगा था। जिसे देख जॉर्डन नूना से बोले, "अच्छा नूना, अब तुम भी घर जाओ, रात होने वाली है।"

    नूना हल्के से हँसकर बोली, "अरे सर, हम भूत पकड़ने वालों को रात का क्या डर?"

    जॉर्डन हल्का सा मुस्कुराकर बोले, "जानता हूँ तुम्हें भूतों का डर नहीं, लेकिन इस दुनिया में इंसान भी खतरनाक होते हैं। मेरे ख्याल से तो भूतों से ज़्यादा खतरनाक इंसान ही होता है।"

    नूना ने भी उनकी बात समझते हुए सिर हिला दिया और उन्हें गुड नाइट कहकर वहाँ से जाने लगी। जॉर्डन भी अपने ऑफिस की तरफ चले गए। उन्हें कुछ इम्पोर्टेन्ट काम था। कुछ देर बाद उसे पूरा करके वो भी घर जाने के लिए निकल गए। वो महल के दरवाजे तक आए, तो ठंडी हवा का झोंका उनके चेहरे पर पड़ा, जिसे महसूस कर वो मुस्कुरा दिए और कहने लगे, "हाँ, मैं समझ गया कि तुम क्या कहना चाहती हो? पर अब तुम चिंता मत करो, तुम्हारे लाडले को मैंने जिसके हवाले किया है, वो लाखों में एक है।"


    यहाँ बेडरूम में बैठा किंचु अपने लैपटॉप पर कुछ काम कर रहा था। चैरिज़ा किचन में खाना बना रही थी। ये दोनों बहन-भाई अकेले ही थे। जब ये दोनों छोटे थे, तभी इनके माँ-बाप एक ट्रेन हादसे में चल बसे। चैरिज़ा शुरू से ही फिज़ीकली और मेंटली स्ट्रोंग थी। साथ ही किंचु भी उसी के जैसा था। दोनों बहन-भाई ने मिलकर एक-दूसरे को संभाला। चैरिज़ा को शुरू से ही हॉरर नॉवल पढ़ने का बड़ा शौक था, यही शौक उसे घोस्ट हंटर टीम में ले आया। इधर किंचु को हॉरर सॉन्ग बहुत पसंद थे। बहन ने घोस्ट हंटर टीम जॉइन की, तो वो भी उसके पीछे-पीछे इस टीम में आ गया। पहले तो बोर हुआ, लेकिन जब निक इस टीम में आया, तो किंचु की सारी बोरियत छूमंतर हो गई। उसे निक से पहली नज़र का प्यार हो गया।

    किंचु ने अपना काम खत्म किया और एक अंगडाई ली। फिर वो निक के बारे में सोचने लगा। तभी उसके दिमाग में कुछ आया और उसने वहाँ रखा चैरिज़ा का मोबाइल उठा लिया। उसमें लॉक लगा हुआ था, जिसे किंचु ने बड़ी ही आसानी से खोल दिया, और वो करने लगा जो उसके दिमाग में आया था।


    इधर निक कॉफी पीते हुए अपने लैपटॉप में देख रहा था। उसने टॉम एण्ड जैरी शो चला रखा था और उसे देखकर हँस रहा था। तभी उसके मोबाइल पर एक नोटिफिकेशन आया। निक ने देखा चैरिज़ा ने कोई वॉइस मैसेज भेजा था।

    "ये चेली दी ने क्या भेजा है? लगता है वल्ट से रिलेटेड कुछ है।" ये कहते हुए उसने वो मैसेज ओपन किया और किंचु की आवाज सुनाई दी.....

    "सूना सूना लम्हा लम्हा
    मेरी राहें तन्हा तन्हा
    आकर मुझे तुम थाम लो
    मंजिल तेरी देखे रस्ता
    मुड़ के जरा अब देख लो
    ऐसा मिलन फिर हो ना हो
    सब कुछ मेरा तुम ही तो हो हो हो....
    बेपनाह प्यार है आजा
    तेरा इंतज़ार है आजा"

    किंचु की गहरी और रुहानी आवाज में ये सॉन्ग सुनकर निक के दिल की धड़कनें तेज हो गईं। चारों तरफ ठंडक का एहसास होने लगा। उसके हाथ में पकड़ी गर्म कॉफी भी बर्फ की तरह ठंडी हो गई। तभी घर की डोरबेल बजी, तो वो एकदम से चिमक गया। फिर उसने गाने पर से ध्यान हटाया और गुस्से में चिड़चिड़ाते हुए एक मैसेज टाइप किया। टाइप करने के बाद उसे तुरंत भेज दिया। उसे भेजने के बाद वो दरवाजा खोलने चल पड़ा।


    इधर किंचु ने वो मैसेज खोला, तो उसमें लिखा था...

    "फैटी डीमन कहीं के।"

    ये पढ़कर किंचु हँस दिया। तभी पीछे से चैरिज़ा ने उसके कंधे पर हाथ रखा। किंचु ने उसकी तरफ देखा, तो वो उसे घूरते हुए बोली, "मेरा फोन तेरे पास क्या कर रहा है?"

    किंचु अंजान बनते हुए बोला, "ये तेरा फोन है क्या!" उसने फोन को आगे-पीछे पलटकर देखा। तभी चैरिज़ा ने वो फोन उससे छीन लिया और उसके सिर पर थप्पड़ लगाते हुए बोली, "मेरे सामने ये ड्रामा मत किया कर, समझा।"

    चैरिज़ा ने फोन की तरफ देखा और वो वॉइस मैसेज खोला, तो किंचु का हॉरर सॉन्ग सुनाई दिया। उसे सुनकर चैरिज़ा ने किंचु को घूरकर देखा, "क्या है ये?"

    किंचु ने दाँत चमका दिए। चैरिज़ा ने उस पर फिर से हाथ उठाने की कोशिश की, तो किंचु ने उसकी कलाई पकड़ते हुए कहा, "कभी तो इन हाथों को आराम दिया कर। अगर सारी एनर्जी मुझे मारने में ही खर्च कर देगी, तो रैबिट को कैसे झेलेगी?"

    "वो रैबिट नहीं रैपिड है।" चैरिज़ा अपनी कलाई छुड़ाते हुए बोली, "और उसकी चिंता तू मत कर, वैसे भी झेलने लायक तो वो कोई काम करता ही नहीं है।"

    ये सुनकर किंचु जोर से हँस दिया। मतलब रैपिड तो चैरिज़ा से हमेशा दूर ही भागता है, फिर झेलने का तो सवाल ही नहीं उठता।


    इधर रैपिड अपने कमरे से निकला और बाहर हॉल में सोफे पर बैठी अपनी माँ से बोला, "मॉम, आप कब तक ये ड्रामा देखोगी?"

    उसकी माँ रोज़लिन ने उसकी तरफ देखा और अपने नज़र के चश्मे को हल्का सा नीचे करते हुए बोली, "तुझे क्या प्रॉब्लम है? तू सो जा चुपचाप।" ये कहकर वो फिर से अपने लैपटॉप की तरफ देखने लगीं।

    रैपिड ने भी उनके लैपटॉप में झाँका, जिसमें एक रोमांटिक सीन चल रहा था। उसे देख वो अजीब सी शक्ल बनाकर बोला, "सबकी मॉम सास-बहू के टीवी सीरियल देखती हैं और आप हैं कि ये बी एल ड्रामा देख रही हो। आपको अजीब नहीं लगता?"

    रोज़लिन उसे देखकर मुस्कुराते हुए बोली, "बेटा, इसमें अजीब लगने वाली क्या बात है? लव इज़ लव, इट हैज़ नो जेंडर! और ये बी एल ड्रामा वाला प्यार तो मुझे सच में बहुत पसंद है। मैंने तो डिसीज़न ले लिया है कि तेरी मैरिज तो मैं एक हैंडसम और क्यूट बॉय से ही करवाऊँगी।"

    "क्या?" रैपिड बुरी तरह चौंक गया।


    इधर निक ने दरवाजा खोला, तो सामने खड़े जॉर्डन खड़े थे। उन्हें देखकर वो बोला, "आज आप इतना लेट क्यों आए?"

    जॉर्डन अंदर आते हुए बोले, "नूना और मैं उस मिशन के बारे में ही डिस्कस कर रहे थे, इसलिए टाइम लग गया।"

    जारी है........

  • 10. The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story) - Chapter 10

    Words: 1620

    Estimated Reading Time: 10 min

    निक ने दरवाज़ा खोला; सामने जॉर्डन खड़े थे। उन्हें देखकर उसने कहा, "आज आप इतना लेट क्यों हुए?"

    जॉर्डन अंदर आते हुए बोले, "नूना और मैं उस मिशन के बारे में ही डिस्कस कर रहे थे, इसलिए टाइम लग गया।"

    यह सुनकर निक थोड़ी सहमी हुई आवाज़ में बोला, "पर वो महल सच में बहुत खतरनाक है?"

    जॉर्डन ने भी मुस्कुराकर हाँ में सिर हिलाया और बोले, "हाँ बेटा, खतरनाक तो वो है, लेकिन तुम क्यों डर रहे हो?"

    अब निक को खुद पर ही गुस्सा आने लगा। "मैं तो डरता हूँ, बहुत कोशिश करता हूँ कि ना डरूँ, पर मुझे फिर भी डर लगता है।"

    जॉर्डन प्यार से उसके गाल पर हाथ रखकर उसे समझाते हुए बोले, "खुद पर गुस्सा करने से कुछ नहीं होगा निक, और यह बात मैं अच्छे से जानता हूँ कि तुम भले ही डरपोक हो, लेकिन तुम्हारे अंदर एक ऐसी छिपी हुई शक्ति है जो मुश्किल हालातों में तुम्हारे इस डर को काबू कर सकती है।"

    यह सुनकर निक असमंजस में पड़ गया और सवालिया निगाहों से जॉर्डन की तरफ देखते हुए बोला, "आप कौनसी शक्ति की बात कर रहे हैं? मेरे पास तो कोई भी शक्ति नहीं है?"

    जॉर्डन हल्का सा हँस दिए और बोले, "है बेटा, शक्ति तो है तुम्हारे पास, और इसी कारण तुम हमारी टीम में हो। इंतज़ार करो...समय आने पर तुम्हें उस शक्ति का अहसास हो जाएगा।"

    इतना कहकर जॉर्डन अपने कमरे की तरफ़ बढ़ गए। पीछे खड़ा निक खुद में ही बुदबुदाने लगा, "समय आने पर...पर वो समय कब आएगा?"

    "आएगा, आएगा, आएगा आने वाला, आएगा।"

    यह आवाज़ सुनकर निक ने सामने देखा तो किंचु को देखकर जोर से चिल्ला दिया, "आआआआआआ......"

    "क्या हुआ निक?" उसकी आवाज़ सुनकर जॉर्डन वापस कमरे से बाहर निकल आए।

    निक ने चिल्लाते वक़्त आँखें मींच ली थीं। जॉर्डन की आवाज़ पर उसने आँखें खोलीं तो सामने कोई नहीं था। वह हैरानी से इधर-उधर देखने लगा।

    जॉर्डन उसके पास आते हुए बोले, "क्या हुआ, चिल्लाए क्यों?"

    निक चारों तरफ़ मुँह और आँखें फाड़े देखता रहा। जिसे देख जॉर्डन बोले, "कोई भूत तो यहाँ अंदर आ नहीं सकता क्योंकि मैंने पूरे घर के बाहर त्रिकाल कवच बनाया हुआ है, फिर किसे देख लिया तुमने?"

    "फ़ैटी डिमोन तो," निक अब भी चारों तरफ़ देख रहा था।

    जॉर्डन हँसकर कहने लगे, "लगता है तुम सारा दिन उस किंचु के बारे में ही सोचते रहते हो, इसलिए अब वह तुम्हें हर जगह दिखने लगा है।"

    निक चिढ़चिढ़ाकर बोला, "मैं नहीं सोचता, वह मुझे सारा दिन हॉरर स्टोरीज़ सुनाता रहता है, पता नहीं आपने उसे चीफ स्ट्रेटेजिस्ट बना दिया है।"

    जॉर्डन थोड़ा मज़ाकिया लहज़े में बोले, "मैंने तो चीफ स्ट्रेटेजिस्ट बनाया था, चीप स्ट्रेटेजिस्ट तो तुमने बना दिया है उसे।"

    निक आँखें छोटी कर उन्हें घूरते हुए बोला, "आप मेरा मज़ाक उड़ा रहे हैं।"

    जॉर्डन ने मुस्कुराकर ना में सिर हिलाया और बोले, "अच्छा, सॉरी, लेकिन तुम किंचु को बहुत गलत समझते हो। वह सच में बहुत अच्छा है और काफी होशियार है, इसीलिए मैंने उसे यह पोस्ट दी है। हाँ, यह बात अलग है कि वह बहुत ज़्यादा नटखट और शरारती है, लेकिन जब काम करता है तो एकदम सीरियस होकर करता है।"

    निक एकदम से बोला, "वह ऑल सीरियस!...नहीं, मैंने तो उसे कभी सीरियस होते हुए नहीं देखा।"

    जॉर्डन मुस्कुराकर ही बोले, "क्योंकि अभी तक तुमने उसे काम करते हुए देखा ही नहीं। हमेशा तुम ऑफिस में ही रहते हो, कभी किसी मिशन पर जाते ही नहीं हो टीम के साथ, इसलिए मैंने इस बार फैसला लिया है कि इस महल के मिशन में तुम भी हमारी टीम के साथ चलोगे।"

    निक ने हैरानी से जॉर्डन की तरफ़ देखा, लेकिन फिर कुछ सोचते हुए बोला, "लेकिन सर, उस मिशन पर तो आप बिग ब्रदर और स्मॉल ब्रदर को ही भेज रहे हो, फिर टीम कैसे जाएगी?"

    जॉर्डन उसकी बात पर पूरी तरह सहमत होते हुए बोले, "हाँ, उस महल में तो सनी और मून ही जाएँगे, लेकिन उस नगर में उनके साथ हम सब जाएँगे।"

    उनकी बात सुनकर निक को थोड़ा डर तो लगा, लेकिन फिर सब साथ रहेंगे, यह सोचकर वह नॉर्मल हो गया। इसके साथ ही अब वह जाने के लिए काफी एक्साइटेड भी था।


    "अश्वनगर! राजस्थान का एक ऐसा प्राचीन और रहस्यमयी नगर जो समय के साथ भुला दिया गया है। नगर के पार घना जंगल और उन जंगलों के भीतर छिपा एक भूतिया महल।"

    इतना पढ़कर मून अपने दिमाग पर जोर डालते हुए बोला, "ऐसे महल के बारे में तो मैंने पहले भी कहीं सुन रखा है, और यह अश्वनगर नाम भी कुछ सुना-सुना सा लग रहा है।"


    इधर सनी भी अपने कमरे में लैपटॉप पर इसी महल के बारे में रिसर्च कर रहा था। जाने के लिए वह भी मना कर आया था, लेकिन फिर भी मन में उत्सुकता तो थी इस महल के बारे में जानने की। वह भी उसके बारे में पढ़कर बोला, "ये सारे भूतिया नगर समय के साथ भुला क्यों दिए जाते हैं? लिखने वाला भी शब्दों का जाल बुनने के लिए कुछ भी लिख डालता है।"

    उसने भी अश्वनगर नाम को बड़े ही गौर से देखा और बोला, "अश्वनगर...यानी घोड़ों का नगर! मतलब उस महल में भी किसी घोड़े की आत्मा होगी...हाहाहाहा।"

    तभी उसके कानों को घोड़ों की टाप सुनाई दी। यह सुनकर उसने हँसना बंद किया और हैरानी से इधर-उधर देखा। वहाँ कुछ नहीं था। फिर उसने अपना सिर झटकते हुए वापस स्क्रीन पर नज़रें गड़ा लीं।


    अगली सुबह चैरिज़ा चर्च आई। उसने जीसस के सामने प्रेयर की और वहाँ से वापस जाने लगी। बाहर आकर उसने अपने पर्स में से स्कूटी की चाबी निकाली, तभी उसकी नज़र फिर से चर्च की तरफ़ गई। वह कुछ देर वहीं खड़ी उस ओर देखती रही। देखते ही देखते उसके चेहरे के भाव बदल गए और वह तेज कदमों से स्कूटी की तरफ़ चल दी।

    रास्ते भर वह सोचती ही रही और घर आकर अपना सामान पैक करने लगी। यह देख किंचु उससे पूछने लगा, "यह कहाँ जा रही है तू?"

    चैरिज़ा बिना उसकी तरफ़ देखे ही बोली, "जा रही हूँ एक ज़रूरी काम से।"

    किंचु की आँखें सिकुड़ गईं, "कौन सा ज़रूरी काम?"

    चैरिज़ा अपना बैग कंधे पर टांगते हुए बोली, "वहाँ पहुँचकर बताऊँगी।"

    चैरिज़ा अपना सामान लेकर बाहर निकल गई। किंचु वहीं खड़ा उसे जाते हुए देखता रहा और सोचने लगा, "शायद यह इस बार भी किसी सीक्रेट मिशन पर गई है, यह बहादुरी में भी बिल्कुल मुझ पर गई है।" वह खुद पर गर्व करते हुए मुस्कुरा दिया।


    इधर सनी नहाने के लिए वाशरूम के अंदर आया, लेकिन उसे अपना तौलिया कहीं नहीं दिखा। वह वापस बाहर निकल आया। उसने रूम में देखा तो वहाँ भी नहीं था। बेड पर उसकी कैंडी बैठी हुई थी, जिसे देख वह बोला, "तूने मेरा तौलिया देखा कहीं?"

    कैंडी ने बेड पर लोट मार दी। यह देख सनी ने माथा पीट लिया, "कभी-कभी तो लगता है मैंने इसे लाकर सचमुच गलती कर दी, क्या करती है, क्या इशारा देती है कुछ समझ नहीं आता?"

    सनी ने परेशानी में सिर हिलाया, तभी उसे ध्यान आया, "शायद मेरा तौलिया छत पर हो।"

    वह कमरे से बाहर निकला। तभी टिल्ला उसके पैरों से टकराया तो सनी उछल पड़ा। टिल्ला उसके दोनों पैरों के बीच में से निकलकर उसके कमरे के अंदर भाग गया। सनी अपने कमरे में वापस आया और गुस्से में बोला, "ऐ टिल्ले...बाहर निकल मेरे कमरे से।"

    लेकिन टिल्ला तो कहीं नहीं दिख रहा था। बेड पर बैठी कैंडी भी उतरकर नीचे आ गई। उसे देख सनी बोला, "डरपोक कहीं की, यूँ तो नहीं है कि उस टिल्ले को डराए, खुद ही डरती रहती है उससे, ना जाने कैसी बिल्ली है? आज जब तक तू उसे नहीं डराती, मैं तुझे इस कमरे से बिल्कुल बाहर नहीं निकालूँगा।"

    यह कहकर सनी ने गुस्से में दरवाज़ा बंद कर दिया और वहाँ से चला गया। वह छत की तरफ़ जा रहा था, लेकिन तभी अचानक से रुक गया। उसने साइड में गर्दन घुमाई।

    यह मून का कमरा था जो अभी नहाकर ही आया था। सनी की नज़र उसकी तौलिये पर थी। उसे देखकर उसने गुस्से में अपने दाँत पीस लिए और कमरे के अंदर आकर बोला,

    "मेरी तौलिया तुमने क्यों लपेटी हुई है? वापस दो मुझे।"

    उसने वह तौलिया खोलकर अपने हाथ में ले ली। मून को तो कुछ सोचने-समझने और बोलने का मौका ही नहीं मिला, वह हड़बड़ाता हुआ फटाफट वहाँ खिड़की पर लगे पर्दे के पीछे छिप गया।

    "यह क्या बदतमीज़ी है?" उसने सनी की तरफ़ देखकर काफी गुस्से में कहा।

    सनी ने भी उसकी तरफ़ गुस्से में देखा और कहने लगा, "बदतमीज़ी तो तुमने की है मेरी तौलिया लेकर।"

    उसके हाथ में तौलिया देख मून बोला, "अरे यह तौलिया मेरी ही है।"

    सनी की आँखें गुस्से में और भी सिकुड़ गईं, "मेरी तौलिया को अपनी बता रहे हो, इतनी हिम्मत तुम्हारी, अभी बताता हूँ तुम्हें।"

    वह उसकी तरफ़ बढ़ा तो मून पूरी तरह पर्दे में लिपटते हुए आँखें मींचकर बोला, "जिस तरह निहत्थे पर वार नहीं करते, उसी तरह न्यूड इंसान पर भी वार नहीं करते।"

    यह सुनकर सनी रुक गया, लेकिन उसके होंठों पर शैतानी मुस्कान तैर गई।

    वह काफी गहरी आवाज़ में कहने लगा, "न्यूड इंसान की इज़्ज़त पर तो वार कर सकते हैं ना!"

    मून ने झट से अपनी आँखें खोलीं तो देखा सनी चेहरे पर शैतानी मुस्कान लिए उसकी तरफ़ बढ़ रहा था। मून का दिल काफी तेज़ी से धड़कने लगा और वह घबराकर अटकते हुए बोला, "ऐ...वववहीं रुक जाओ...आगे मत बढ़ो, वरना मैं चिल्लाऊँगा।"

    सनी एकदम विलेन वाले अंदाज़ में बोला, "चिल्लाओ, पर इतना जान लो कि इस घर में तुम्हारी पुकार सुनने वाला कोई नहीं। भैया ड्यूटी पर चले गए हैं, भाभी डोरा को स्कूल छोड़ने गई है, तुम्हारे टिल्ले और मेरी कैंडी को मैं अपने कमरे में बंद कर आया हूँ, अब तुम्हें मुझसे कोई नहीं बचा सकता।"

    जारी है.......

    कोई अगर मून को बचा सकता हो तो बचा लो।

  • 11. The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story) - Chapter 11

    Words: 1528

    Estimated Reading Time: 10 min

    सनी चेहरे पर शैतानी मुस्कान लिए उसकी ओर बढ़ रहा था। मून का दिल काफी तेजी से धड़कने लगा और वह घबराकर अटकते हुए बोला, "ऐ..वववहीं रुक जाओ...आगे मत बढ़ो वरना मैं चिल्लाऊँगा।"

    सनी एकदम विलेन वाले अंदाज़ में बोला, "चिल्लाओ, पर इतना जान लो कि इस घर में तुम्हारी पुकार सुनने वाला कोई नहीं है। भैया ड्यूटी पर चले गए हैं, भाभी डोरू को स्कूल छोड़ने गई है, तुम्हारे टिल्ले और मेरी कैंडी को मैं अपने कमरे में बंद कर आया हूँ, अब तुम्हें मुझसे कोई नहीं बचा सकता।"

    यह सुनकर मून का दिल धक्क से रह गया। सनी अपनी गहरी आवाज़ में गाना गाते हुए उसकी ओर बढ़ रहा था।

    "आज बचना है मुश्किल तेरा
    आज बचना है मुश्किल तेरा
    कत्ल अपने हाथों से करने…" उसने अपने हाथ उसे पकड़ने के लिए आगे किए।
    "कत्ल अपने हाथों से करने
    आ गया है कातिल तेरा"

    उसने अपने हाथ खिड़की की जाली के दोनों तरफ़ टिका दिए और मून उसके दोनों हाथों के बीच घिर गया। सनी के चेहरे पर शैतानी मुस्कान थी; अब मून के चेहरे पर भी रहस्यमयी मुस्कान आ गई। यह देख सनी की मुस्कान गायब हो गई और वह बोला, "ऐसी सिचुएशन में भी मुस्कुरा रहे हो? डर नहीं लग रहा।"

    मून उसी तरह मुस्कुराते हुए बोला, "मैं इसलिए मुस्कुरा रहा हूँ क्योंकि अभी तुम रोने वाले हो।"

    सनी को कुछ समझ नहीं आया। और वह जब तक समझ पाता, तब तक मून ने अपने घुटने से उसके सेंसिटिव पार्ट पर वार कर दिया। सनी दर्द से चीख उठा और मून ने जल्दी से उस पर्दे को खुद पर से हटाकर सनी पर लपेट दिया। सनी दर्द से उछलता हुआ उस पर्दे में गोल-गोल घूम गया।

    मून ने जल्दी से वहाँ नीचे पड़ी तौलिया उठाई और उसे बाँधते हुए कमरे से बाहर निकल गया। बाहर आकर उसने दरवाज़ा बंद करके कुंडी लगा दी। अंदर सनी पर्दे में से बाहर आया। वह अपनी गुस्से और दर्द भरी आवाज़ में दरवाज़े की तरफ़ देखकर चिल्लाया, "सुअरिया! मैं तुझे जान से मार डालूँगा।"

    बाहर खड़ा मून भी उसे सुनकर गुस्से में बोला, "ऐ कुत्ते! आजकल बहुत भौंकने लगा है तू, ज़बान को लगाम दे अपनी।"

    सनी दरवाज़ा पीटते हुए बोला, "दरवाज़ा खोल।"

    मून बिना कोई परवाह किए वहाँ से चल दिया और सनी दरवाज़ा पीटता रहा। मून सनी के कमरे की ओर आया। उसने उस कमरे का दरवाज़ा खोला। सामने का नज़ारा देख उसके आश्चर्य का ठिकाना ही नहीं रहा। बेड पर कैंडी और टिल्ला एक साथ थे, लेकिन सबसे ज़्यादा हैरानी तो इस बात की थी कि कैंडी ने टिल्ला को अपनी बाहों में भरा हुआ था। मून ने अपनी आँखें मसली और दुबारा इस नज़ारे को देखा।

    तभी कैंडी की नज़र मून पर पड़ गई और उसने टिल्ला को छोड़ दिया। मून भी जल्दी से दौड़ता हुआ उन दोनों के पास आया। "ये क्या हो रहा है यहाँ? मेरे टिल्ले को खाने की कोशिश करोगी तो तुम्हें कुत्ते के आगे डाल दूँगा, समझी।" वह कैंडी पर उंगली पॉइंट करते हुए बोल रहा था।

    कैंडी चुपचाप बेड से उतरकर चली गई। मून ने तीखी नज़रों से टिल्ले की ओर देखा और हल्के से उसके सिर पर चपत लगाते हुए बोला, "बेशर्म, शर्म नहीं आती एक बिल्ली के साथ ये सब करते हुए। तू एक टिल्ला है, अपने लिए टिल्ली ढूँढ, बिल्ली नहीं, समझा।"

    वह कुछ नहीं समझा, बस उसके मुँह की ओर देखता रहा। यह देख मून ना में सिर हिलाते हुए बोला, "कुछ नहीं समझता, गधा कहीं का।"

    मून ने इधर-उधर देखते हुए कहा, "अब मेरे कमरे में तो वो कुत्ता है, कपड़े लेने कैसे जाऊँ?" उसने सनी के कपड़ों की अलमारी की ओर देखा। वह उसकी ओर बढ़ा, लेकिन फिर एकदम से रुककर ना में गर्दन हिलाने लगा। "नहीं, जब उसने मेरी तौलिया को ही अपनी बताकर खोल दिया तो उसके कपड़े पहनने पर ना जाने क्या करेगा?"

    इसलिए सनी के कपड़े पहनने का प्लान तो मून ने कैंसल कर दिया। वह उस कमरे से बाहर निकल आया। इधर सनी अब भी उसके कमरे का दरवाज़ा पीट रहा था। "देख सीधी तरह दरवाज़ा खोल दे, अगर मैं तोड़कर बाहर आ गया तो तुझे ज़िंदा नहीं छोड़ूँगा, मैं सनी हूँ सनी, जलाकर राख कर दूँगा तुझे।"

    "मैं भी मून हूँ मून, ग्रहण लगा दूँगा तुझ पर।" वह बेपरवाही भरे लहजे में कहता हुआ वहाँ से निकल गया। सनी ने अब और भी ज़ोर-ज़ोर से दरवाज़ा पीटना शुरू कर दिया।

    मून अब कामना और वनराज के कमरे में आ गया था। उसने अलमारी खोली और वनराज की टीशर्ट और पजामा बाहर निकाल लिए। हालाँकि ये कपड़े उसे बहुत ढीले थे, लेकिन कुछ ना पहनने से तो अच्छा था कि यही पहन लिए जाएँ। मून ने वह टीशर्ट और पजामा पहन लिए। तभी डोरबेल बजी, शायद कामना डोरू को स्कूल छोड़कर आ गई थी।

    मून ने दरवाज़ा खोला तो सामने कामना ही खड़ी थी। उसे देखकर मून को थोड़ी राहत महसूस हुई। हालाँकि वह सनी का मुक़ाबला कर तो सकता था, लेकिन अपने दीदी-जीजू और डोरू के बारे में सोचकर इस लड़ाई को ज़्यादा आगे नहीं बढ़ाना चाहता था। लेकिन सनी ऐसा नहीं था, लड़ाई के समय उसे किसी का भी ध्यान नहीं रहता था।

    कामना अंदर आई तो उसे मून के कमरे से दरवाज़ा पीटने और सनी के चिल्लाने की आवाज़ आई। उसे सुनकर उसने मून की तरफ़ देखा और बोली, "तेरे कमरे से भानु के चिल्लाने की आवाज़?"

    मून ने हाँ में सिर हिलाकर उसे सारी बात बता दी। पहले तो कामना ने मून को ही थप्पड़ लगा दिया। मून अपने गाल पर हाथ रखकर बोला, "आप मुझे क्यों मार रही हो? मैंने कुछ नहीं किया था, वही आया था मुझसे लड़ने।"

    कामना थोड़ा गुस्से में बोली, "तूने उसकी तौलिया क्यों ली?"

    "अरे वो मेरी ही थी, उसे ही गलतफ़हमी हो गई।"

    यह सुनकर कामना थोड़ा शांत हुई और मून के कमरे की तरफ़ जाने लगी। मून वहीं खड़ा रहा। कामना ने दरवाज़ा खोला तो सनी आग-बबूला होता हुआ कमरे से बाहर निकला। "कहाँ है वो सुअरिया?"

    कामना ने सामने आकर उसे भी जोरदार चांटा मारा और बोली, "ये घर है या युद्ध का मैदान? जब देखो शुरू हो जाते हो तुम दोनों।"

    "भाभी, शुरुआत उसने की थी मेरी तौलिया लेकर।"

    "ये तौलिया मेरी ही है।" मून वहाँ आकर बोला। उसके हाथ में वह तौलिया भी थी। तभी कैंडी अपने मुँह में एक तौलिया लेकर आई और उसे सनी के पास छोड़ दी। वो दोनों तौलियाँ एक जैसी थीं।

    सनी ने उस तौलिया की तरफ़ देखा, फिर गुस्से में कैंडी से बोला, "जब मैं तुझसे पूछ रहा था तब तो कुछ नहीं बोली, अब कहाँ से ले आई?"

    "छत पर से लाई है।" मून कैंडी की तरफ़ देखकर बोला।

    सनी कभी कैंडी को घूरता तो कभी मून को। तौलिया की बात तो ख़त्म हो चुकी थी, लेकिन सनी को अभी भी मून पर गुस्सा आ रहा था। यह देख कामना उससे बोली, "अब तुम्हें अपनी तौलिया मिल गई ना, तो इस लड़ाई को यहीं ख़त्म करो।"

    सनी एकदम से बोला, "नहीं भाभी, इसने मुझे मारा भी है।"

    मून अपने हाथ फ़ोल्ड करते हुए बोला, "अच्छा! कहाँ मारा मैंने तुम्हें?"

    "इसने मेरे…" सनी कहते-कहते रुक गया, जिसे देख मून सिर झुकाकर धीरे से हँस दिया। उसे देख सनी खिसिया गया और उसे मारने के लिए आगे बढ़ा।

    तभी कामना उसके सामने आकर बोली, "नहीं भानु, तुम्हें कसम है मेरी जो तुमने मून पर हाथ उठाया तो।"

    उसके यह कहते ही सनी रुक गया। कामना अब पीछे खड़े मून की तरफ़ मुड़ी और बोली, "और तुझे भी कसम है मेरी जो आज के बाद तूने इससे मारपीट की तो। तुम दोनों अब एक-दूसरे पर कभी हाथ नहीं उठाओगे, अगर उठाया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।"

    कामना ने उन दोनों को कसम देकर मजबूर कर दिया कि अब वे एक-दूसरे पर हाथ ना उठाएँ। अब ये दोनों इस कसम को कितना निभाएँगे यह तो राम ही जाने।


    आज मिस्टर जॉर्डन ने एक मीटिंग रखी थी। ऑफ़िस के मीटिंग रूम में अभी केवल किंचु, रैपिड, पैरी और गुन ही आए थे। बीच में एक बड़ी सी टेबल थी, जिसके चारों तरफ़ कुर्सियाँ लगी हुई थीं। ये चारों अपनी-अपनी कुर्सी पर बैठे थे। तभी मीटिंग रूम का दरवाज़ा खुला और निक अंदर आया। उसे देख किंचु की आँखों में चमक आ गई और मुँह से सुर अपने-आप निकलने लगे।

    "आजा…
    तुझको पुकारे मेरा प्यार
    आजा, मैं तो मिटा हूँ तेरी चाहत में
    तुझको पुकारे मेरा प्यार"

    वह उठकर निक की तरफ़ आने लगा, जिसे देख निक घबराकर पीछे होने लगा। वहाँ बैठे रैपिड, पैरी और गुन हैरानी से मुँह खोले यह सब देख रहे थे। किंचु अपनी रूहानी और गहरी आवाज़ में गाते हुए निक की तरफ़ बढ़ रहा था।

    "तेरी नज़र की ओस पड़े तो, बुझे प्यास मिलन की
    तेरे बदन की ओट मिले तो, रहे लाज लगन की"

    निक उस दरवाज़े पर ही सट गया, जिस पर किंचु ने उसके अगल-बगल अपने दोनों हाथ टिका लिए और उस पर धीरे-धीरे झुकने लगा।

    "मिल जाए चैन-करार
    आजा, मैं तो मिटा हूँ तेरी चाहत में
    तुझको पुकारे मेरा प्यार"

    तभी अचानक से किसी ने वह दरवाज़ा खोल दिया। निक को धक्का लगा और वह सामने खड़े किंचु के सीने से जा टकराया। किंचु भी लड़खड़ाकर एक कदम पीछे हो गया, लेकिन उसने निक पर अपनी बाहें लपेट लीं। रैपिड, गुन और पैरी भी चौंक गए।

    जारी है…

  • 12. The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story) - Chapter 12

    Words: 1582

    Estimated Reading Time: 10 min

    ये दरवाजा नूना ने खोला था। साथ में जॉर्डन भी थे। निक को इस तरह किंचु की बाहों में देख, वो दोनों हैरान रह गए। जॉर्डन के होंठों पर तो हैरानी के साथ-साथ मुस्कान भी थी।

    किंचु नूना की तरफ देखकर बोला, "क्या करती हो मैम? डरा दिया ना बच्चे को।"
    उसने अपने सीने से लगे निक के बाल सहलाते हुए कहा।

    निक चिढ़चिड़ाकर उससे दूर हुआ और बोला, "दला तो तुम लहे ते मुजे, फैती दीमन तहीं ते।"

    उसे सुनकर सब जोर से हँस दिए। किंचु को भी हँसी आ गई। तभी जॉर्डन निक के पास आकर बोले, "ऐसा नहीं बोलते निक, किंचु तुम्हारा सीनियर है।"

    किंचु ने गर्व से अपना कॉलर ऊँचा किया। निक टेढ़ी नज़रों से उसे घूरते हुए बोला, "ये सीनियल आपती मेहलबानी ते बने हैं, वलना ये तो इसते लायत ही नई हैं।"

    फिर से सब हँस दिए। अब किंचु थोड़ा रहस्यमयी ढंग से मुस्कुराया और निक से कहने लगा, "मैं किस लायक हूँ ये तो तुझे समय आने पर पता चल ही जाएगा।"

    उसकी यह मुस्कुराहट देख निक असमंजस में पड़ गया। तभी नूना उन सब को देखते हुए बोली, "सनी और मून नहीं आए अभी तक?"

    पैरी कहने लगी, "मैंने सनी को फोन किया था, ही इज़ ऑन द वे।"

    गुन भी बोली, "मून भी अभी रास्ते में ही है।"

    रैपिड दरवाजे की तरफ देखते हुए बोला, "लो आ गए दोनों।"

    सनी और मून एकदम शांत और गंभीर चेहरा बनाए अंदर आ गए। वे दोनों बिना किसी से कुछ भी कहे अपनी-अपनी सीट पर जाकर बैठ गए। उन्हें देखकर सब अचंभित थे। हमेशा तो ये दोनों लड़ते-झगड़ते आते हैं और लड़ते-झगड़ते ही जाते हैं। लेकिन आज दोनों एकदम शांत और गंभीर होकर आए हैं, मतलब कुछ तो बड़ा कांड हुआ है।

    सनी के पास बैठी पैरी उससे बोली, "व्हाट हैपण्ड सनी?"

    सनी ने कुछ ना कहकर बस हल्के से ना में सिर हिला दिया।

    इधर गुन ने भी मून से यही सवाल किया, "क्या हुआ मून?"

    मून ने भी कुछ ना कहकर बस हल्के से ना में गर्दन हिला दी।

    तभी निक उन दोनों से पूछने लगा, "बिद ब्रदल, स्मॉल ब्रदल..लदता है आज आप दोनों ते बीच बोत भयंतल लल्लाई हुई है, एम आई लाइट?"

    उसकी बात पर किंचु हँसकर बोला, "लल्ला अभी कहाँ से आएगी? पहले शादी तो हो जाने दे।"

    उसकी बात पर सब जोर से हँस पड़े, केवल सनी, मून और निक को छोड़कर। निक तो चिढ़चिढ़ाई नज़रों से उसे घूरते हुए अपने पास जॉर्डन से बोला, "ये मेला मजात उला लहे हैं औल आप इनतो तुछ बी नई बोल लहे।"

    "किंचु!" इस बार जॉर्डन थोड़ा गंभीर होकर बोले। यह देख किंचु ने भी हँसना बंद कर उनके सामने हल्का सा सिर झुका लिया, "सॉरी सर।"

    अब जाकर निक थोड़ा खुश हुआ। फिर वह सबकी तरफ देखते हुए बोला, "सब तो आ गए लेकिन चेली दी तहाँ लह दई?"

    किंचु उन सबकी तरफ देखकर बोला, "आज सुबह चर्च से आने के बाद वह अचानक ही किसी सीक्रेट मिशन पर चली गई।"

    जॉर्डन भी कहने लगे, "हाँ, मुझे फोन करके बताया था उसने।"

    सब एक-दूसरे की तरफ देखने लगे। रैपिड के चेहरे पर भी थोड़ी उदासी छा गई। तभी निक कहने लगा, "पल चेली दी ते बिना हमाला ये वाला मिशन तैसे पूला होदा? मिशन ते लिये नेसेसली लिसोल्सेज़ तो वई प्लोवाइद तलवाती हैं ना, फिल ये सब तौन तलेदा?"

    किंचु उससे कहने लगा, "तू चिंता मत कर, उसकी पोस्ट अब तुझे दे दी जाएगी, मिशन के लिए नेसेसरी रिसोर्सेज़ अब तू प्रोवाइड करवाना, ओके।"

    उसने निक के कंधे को थपथपाया तो निक ने चिढ़चिड़ाकर उसका हाथ हटा दिया, "अदल ऐसा हुआ तो फिल मेला ताम तौन कलेदा?"

    किंचु भी उसकी बात पर बनावटी अंदाज में सिर हिलाकर बोला, "हाँ ये भी है।"
    फिर वह चारों तरफ देखते हुए बोला, "कोई बात नहीं, तेरी पोस्ट हम रैबिट को दे देंगे।"

    "फिल उनता ताम तौन तलेदा?" निक ने फिर पूछा।

    "उनका काम मैं कर लूँगा।" किंचु मुस्कुराकर बोला।

    "तुम अपना काम तो ढंग से कर नहीं पाते, उनका थोड़े, आए बड़े काम करने वाले" निक ने उस पर व्यंग्य किया। जिसे सुनकर सब हँस पड़े।

    तभी जॉर्डन उन दोनों को शांत कराते हुए बोले, "कोई किसी का काम नहीं करेगा, मैंने चैरिज़ा की जगह पर एक नए मेंबर को बुलाया है।"

    "नया मेंबर! कौन?" सब एक साथ बोले।

    जॉर्डन ने दरवाजे की तरफ देखकर आवाज लगाई, "लियो!"

    सब दरवाजे की तरफ देखने लगे। एक 29-30 साल का लड़का अंदर आया। उसने व्हाइट कलर की टीशर्ट के साथ डेनिम ब्लू जींस और टीशर्ट पर ब्लैक जैकेट पहनी हुई थी। उसकी स्ट्रोंग पर्सनैलिटी पर यह पहनावा काफी सूट कर रहा था। उसके भूरे रंग के घने बाल कानों तक आ रहे थे और माथे पर भी बिखरे हुए थे। बंदा दिखने में तो काफी हैंडसम और स्मार्ट लग रहा था। चेहरे पर हल्की दाढ़ी-मूँछ थी और आँखों पर काला चश्मा। उसने अपना चश्मा हटाकर अपनी काली आँखों से उन सबकी तरफ देखा।

    सभी लोग मुँह खोले उसे देख रहे थे। सनी और मून का ध्यान भी अब उस नए बंदे की तरफ था।

    सभी लोग लियो को देख रहे थे। जॉर्डन उन सबसे कहने लगे, "ये है लियो! अब से चैरिज़ा की पोस्ट ये संभालेगा।"

    तभी रैपिड उनसे पूछने लगा, "बट सर, ये है कौन और आया कहाँ से है? क्या इसे कुछ एक्सपीरियंस भी है इन सबके बारे में?"
    उसने लियो की तरफ देखा।

    जॉर्डन कुछ कहते उससे पहले ही लियो बोल पड़ा, "क्या तुम्हें अपने सर पर भरोसा नहीं, वो क्या किसी भी ऐरे-गैरे को यूँ ही उठा लाएंगे?"
    उसकी इस बात पर सभी लोग सहमत थे। जॉर्डन भी हल्के से मुस्कुरा दिए।

    लियो चलकर रैपिड के पास गया और उसके सामने आकर बोला, "रही बात मेरी और मेरे एक्सपीरियंस की तो मैं बता दूँ कि मैं राजस्थान से हूँ और वहाँ के महलों पर रिसर्च करता ही रहता हूँ, अभी जिस महल के मिशन के लिए तुम लोग जाने वाले हो वो भी राजस्थान में ही है, अश्वनगर! उस अश्वनगर के बारे में जितना मैं जानता हूँ उतना कोई नहीं जानता, उसकी पूरी जाँच कर चुका हूँ मैं..और इस मिशन के लिए जो भी नेसेसरी रिसोर्सेज़ होंगे उन सबकी लिस्ट बना ली है मैंने।"
    आत्मविश्वास के साथ यह सब कहते हुए उसने अपने हाथ फोल्ड किए और कहने लगा, "अब बोलो और कुछ जानना है मेरे बारे में?"

    यह सब सुनकर रैपिड की तो बोलती ही बंद हो गई। तभी किंचु उसके पास आकर बोला, "अरे आप छोड़िए ना इसे, यह रैबिट तो यूँ ही बीच में फुदकता रहता है।"

    लियो हल्के से हँसकर बोला, "रैबिट! नाइस नेम।"

    रैपिड चिढ़चिड़ाकर बोला, "आई एम नॉट रैबिट..."

    तभी निक भी कहने लगा, "हाँ, इनका नाम लैपिद है।"

    यह सुनकर तो लियो और भी जोर से हँस दिया। रैपिड ने तो अपना सिर पीट लिया यह सोचकर कि किंचु ने तो थोड़ा ही नाम बिगाड़ा लेकिन इस निक ने तो पूरे नाम का सत्यानाश कर दिया। बाकी सब भी हँस रहे थे।

    तभी नूना हँसती हुई ही उन सबके बीच आकर लियो से बोली, "इसका नाम रैपिड है, यह हमारी टीम का सिक्योरिटी स्पेशलिस्ट है।"

    रैपिड के बारे में जानकर लियो उसे देखकर हैरानी से मुस्कुराते हुए बोला, "ओहह..तो तुम सिक्योरिटी स्पेशलिस्ट हो, फिर तो तुम्हारा मुझसे सवाल करना जायज़ था क्योंकि एक सिक्योरिटी स्पेशलिस्ट होने के नाते तुम्हें अपनी टीम को हर बाहरी खतरे से बचाना होता है, और एक नए मेंबर का अचानक से टीम में आना तुम्हारे मन में सवाल तो पैदा करेगा ही, लेकिन तुम चिंता मत करो, मैं इस टीम के लिए किसी भी तरह से खतरा नहीं हूँ..बस तुम्हारी गारंटी नहीं ले सकता।"
    यह आखिरी लाइन उसने कुछ रहस्यमयी तरीके से मुस्कुराकर कही। जिसे सुनकर रैपिड को थोड़ा अजीब लगा।

    नूना अब लियो को टीम के बाकी मेंबरों से मिलवाने लगी। उसने किंचु की तरफ देखकर कहा, "यह किंचु है, हमारी टीम का चीफ स्ट्रेटेजिस्ट।"

    किंचु को देखकर लियो बोला, "इनकी शक्ल इनकी पोस्ट से मेल नहीं खाती।"

    यह सुनकर किंचु चिढ़ गया लेकिन वहाँ खड़े निक को हँसी आ गई। वह लियो के पास आकर बोला, "आप एकदम सही बोले लियो जी, ये चीफ स्ट्रेटेजिस्ट बनने लायक ही नहीं है।"

    किंचु ने लियो की तरफ देखकर निक के लहजे में कहा, "लियो जी।"
    यह कहकर वह जोर से हँस दिया। उसके साथ बाकी सब भी हँसने लगे। निक उसके इस तरह बोलने पर चिढ़चिड़ाकर रह गया।
    तभी जॉर्डन वहाँ आकर निक के सिर पर हाथ रख लियो की तरफ देखकर बोले, "यह मेरा बेटा निक है, हमारी टीम का टेक्नोलॉजी एण्ड कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट, इसके बोलने में थोड़ी प्रोब्लम ज़रूर है लेकिन इसके दिमाग में कोई प्रोब्लम नहीं।"

    नूना भी निक की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए बोली, "हाँ, हमारा निक काफी इंटेलिजेंट है।"

    किंचु भी निक की तरफ देखते हुए बोला, "या..ब्रेन विद ब्यूटी बट लैंग्वेज इज़ टूटी।"

    उसे सुनकर सब जोर से हँस पड़े और निक फिर से चिढ़चिढ़ा गया, "फैती दीमन।"

    तभी पैरी उठकर लियो के सामने आई और उससे हाथ मिलाते हुए बोली, "हाय, आई एम पैरी, मैं इस टीम की फील्ड ऑपरेटर हूँ।"
    लियो ने भी हल्की सी मुस्कान के साथ उससे हाथ मिला लिया।

    गुन भी लियो से नमस्ते करते हुए बोली, "नमस्ते, मैं हूँ गुन, इस टीम की मेडिकल स्पेशलिस्ट।"

    लियो ने भी मुस्कुराकर हाथ जोड़ते हुए उसे नमस्ते किया। तभी उसकी नज़र वहाँ चुपचाप बैठे सनी और मून पर पड़ी। वह उन दोनों से बोला, "तुम दोनों इस टीम का हिस्सा नहीं हो क्या?"

    तभी जॉर्डन उन दोनों की तरफ देखकर बोले, "अरे ऐसे-कैसे नहीं है, ये दोनों तो इस टीम की जान हैं और इस मिशन का मेन पॉइंट तो ये दोनों ही हैं, सनी और मून।"

    जारी है.......

  • 13. The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story) - Chapter 13

    Words: 1928

    Estimated Reading Time: 12 min

    सनी और मून उठकर खड़े हुए। सनी ने जॉर्डन से गंभीर लहजे में कहा, "मतलब हमारे मना करने के बावजूद भी आप हम दोनों को ही वहाँ भेजना चाहते हैं?"

    मून भी कहने लगा, "सर, आप क्यों ज़बरदस्ती कर रहे हैं? हम दोनों को भेजने से केवल टाइम वेस्ट ही होगा। हम दोनों साथ मिलकर कभी काम नहीं कर पाएँगे।"

    तभी लियो बीच में आकर उन्हें रोकते हुए बोला, "एक मिनट, एक मिनट...तुम दोनों की बातों से लग रहा है कि तुम दोनों एक साथ वहाँ नहीं जाना चाहते, लेकिन सर तुम दोनों को भेजना चाहते हैं। मेरी रिसर्च के मुताबिक वहाँ पर वही लोग जा सकते हैं जिनके बीच नफ़रत की दीवार हो, यानी तुम दोनों एक-दूसरे से बेहद नफ़रत करते हो, एम आई राइट?"

    यह सुनकर सनी और मून ने एक-दूसरे की तरफ़ देखा, फिर गुस्से में दूसरी तरफ़ मुँह फेर लिया। तभी किंचु ने लियो से पूछा, "आपने वहाँ पर काफ़ी रिसर्च की है, फिर तो आपको यह भी पता होगा कि वहाँ पर नफ़रत करने वाले ही क्यों जा सकते हैं?"

    लियो हल्के से मुस्कुराकर बोला, "बेटा, अगर यह पता चल ही जाता तो यह मिस्ट्री सॉल्व ही ना हो जाती।"

    उसे सुनकर वहाँ खड़ा रैपिड भी सिर हिलाते हुए बोला, "हाँ, बात तो सही है।"

    लियो उसे देखकर मुस्कुराते हुए बोला, "गलत बात तो मैं करता ही नहीं रैपी।"

    रैपिड ने झट से उसकी तरफ़ हैरान निगाहों से देखा। किंचु भी उससे कहने लगा, "हेय! आपने इसे रैपी कहा, बहना भी यही कहा करती थी।"

    लियो बेपरवाही से कंधे उचकाकर बोला, "मैंने तो बस इनके नाम को छोटा करके निक नेम बनाया था। अगर इस नाम से पहले ही कोई इन्हें पुकारता है तो मैं इस नाम को और छोटा कर दूँगा, ओके रैप।"

    रैपिड अपने दाँत पीसते हुए बोला, "इसकी कोई ज़रूरत नहीं है, तुम मुझे रैपिड ही बुलाओगे, समझे।"

    उसे गुस्से में देख लियो की आइब्रो ऊँची हो गई। वह उसके थोड़ा नज़दीक आकर बोला, "तुम मेरे सीनियर नहीं हो बल्कि मैं तुम्हारा सीनियर हूँ इसलिए मेरे सामने यह दाँत पीसना बंद करो और अपनी नज़रें नीची रखो।"

    तभी जॉर्डन उनके बीच आकर उन दोनों को शांत कराते हुए बोले, "प्लीज़ अब तुम दोनों आपस में दुश्मनी मत पालो। हमारे पास पहले से ही दो दुश्मन हैं और नहीं चाहिए।"

    नूना वहाँ खड़ी गुन और पैरी के पास आकर बोली, "ऐसे-ऐसे दो दुश्मन हैं? ये दोनों भी तो हैं और मैं तो सर से कह भी रही थी कि अगर सनी और मून नहीं जाते हैं तो हम इन दोनों को भेज देंगे।"

    "नो...नहीं," गुन और पैरी एक साथ बोलीं।

    पैरी ने नूना की तरफ़ देखकर कहा, "मैम, आप हम दोनों के पीछे क्यों पड़ी हैं?"

    गुन भी कहने लगी, "हाँ मैम, भले ही सनी और मून एक साथ जाने के लिए मान जाएँ लेकिन हम कभी नहीं मानेंगी।" उसने पैरी को बनावटी गुस्से में घूरते हुए कहा।

    पैरी भी बनावटी गुस्से में उसे घूरते हुए बोली, "हाँ, हम किसी भी कीमत पर नहीं मानेंगी।"

    उन दोनों को सुनकर सब असमंजस में थे। मतलब सनी और मून तो हमेशा अपने लिए कहते थे कि मैं नहीं जाऊँगा लेकिन ये दोनों कह रही हैं कि हम नहीं जाएँगी।

    तभी जॉर्डन कहने लगे, "अरे अब सब लड़ाई-झगड़ा बंद करो और यह सोचो कि इस मिशन में आगे क्या करना है?" बाकी सब ने भी उनकी बात पर सहमत होकर सिर हिला दिया।

    सब वहाँ टेबल के चारों ओर अपनी-अपनी कुर्सियों पर बैठ गए। तभी किंचु के दिमाग में एक बात आई और वह कहने लगा, "मुझे लगता है कि उस महल में रहने वाला घोस्ट इस दुनिया से नफ़रत करने वाले लोगों को मिटाना चाहता है।"

    यह सुनकर सब हैरत भरी सवालिया निगाहों से उसे देखने लगे। कहीं ना कहीं उसकी यह बात सच हो सकती थी। जॉर्डन उससे पूछने लगे, "तुम यह बात किस आधार पर कह रहे हो?"

    किंचु अपनी बात समझाते हुए बोला, "देखिए सर, यह बात सब जानते हैं कि आज तक जो भी वहाँ गया है वह वापस लौटकर नहीं आया, मतलब उस घोस्ट ने उन्हें आने ही नहीं दिया। इससे यह साफ़ पता चल रहा है कि वह घोस्ट नफ़रत करने वाले लोगों को ही अपना शिकार बनाता है।"

    इस बात पर रैपिड कहने लगा, "अगर ऐसा है भी तो उसकी कोई वजह भी तो होगी, वह क्यों कर रहा है ऐसा? ऐसे तो इस दुनिया में बहुत से लोग मिल जाएँगे जो किसी ना किसी से नफ़रत करते होंगे, किस-किस को मारेगा वह? अगर इन सबको खत्म करके ही उसे मुक्ति मिलनी है तो फिर यह कभी नहीं हो पाएगा क्योंकि जिस तरह इस धरती से मोहब्बत खत्म नहीं हो सकती उसी तरह नफ़रत भी कभी खत्म नहीं हो सकती।"

    उसकी इस बात पर लियो ने ताली बजाई और बोला, "वाह! क्या बात कही है तुमने? अब तो तुमसे मोहब्बत करने को जी चाहता है।"

    उसकी इस बात पर रैपिड ने गुस्से में अपने दाँत पीस लिए। किंचु ने लियो की तरफ़ देखकर मन ही मन कहा, "यह लियो कहीं मेरी बहन की सौतन ना बन जाए?"

    लियो की बात पर बाकी लोग तो होंठ भींचकर हँस रहे थे, केवल सनी और मून को छोड़कर।

    तभी जॉर्डन उन सबसे बोले, "अच्छा अब मज़ाक छोड़ो और इन दोनों को इस मिशन के लिए तैयार करो।" उन्होंने सनी और मून की तरफ़ इशारा किया तो वे दोनों चिढ़चिढ़ाती नज़रों से जॉर्डन की तरफ़ देखने लगे। मतलब कितना भी मना कर लो लेकिन ये अपनी बात से पीछे नहीं हट रहे।

    आखिर में सनी कहने लगा, "ठीक है सर, मैं जाने के लिए तैयार हूँ लेकिन एक काम करिए, आप इस सुअरिया के मुँह को अच्छे से सिल दीजिए, ताकि यह कुछ बोल ना पाए क्योंकि अगर यह कुछ बोलेगा तो मैं भी जवाब दूँगा और फिर हमारे बीच युद्ध शुरू हो जाएगा।"

    मून भी गुस्से में कहने लगा, "अरे मुँह तो तुम्हारा सिलना चाहिए ताकि तुम्हारा यह बेमतलब की बात पर भौंकना बंद हो जाए।" सनी ने उसे गुस्से में घूरा तो मून कहने लगा, "और क्या कह रहे थे तुम कि मैं अगर कुछ बोलूँगा तो तुम्हें जवाब देना पड़ेगा फिर युद्ध शुरू हो जाएगा? अरे अगर मैं तो तुम्हारा हाल-चाल भी पूछ लूँ ना तो भी तुम मुझसे यही कहोगे कि मैंने तुम्हारा हाल-चाल पूछने की हिम्मत भी कैसे की? हमेशा लड़ाई तुम करते हो और दोष मुझ पर लगाते हो।"

    सनी टेढ़ी निगाहों से उसे देखते हुए बोला, "अच्छा, हमेशा लड़ाई मैं करता हूँ? सुबह पहला वार किसने किया था?"

    मून भी उसे जवाब देते हुए बोला, "जब तुम विलेन बनकर मेरे पास आओगे तो मैं क्या खड़ा देखता रहूँगा? और तुम ही तो कहते हो कि मैं हमेशा सोचता रह जाता हूँ। सुबह तो तुम्हारे सोचने से पहले ही मैंने तुम पर वार कर दिया, कैसा लगा मेरा वार? अभी भी दर्द है या फिर सारे कनेक्शन टूट चुके हैं?"

    सनी ने उस पर गुर्राते हुए गुस्से में अपनी मुट्ठियाँ भींच लीं। वह उसकी तरफ़ बढ़ा, लेकिन उसे कामना की दी हुई कसम याद आ गई। उसने अपनी आँखों को कसकर भींच लिया। इधर बाकी टीम मेंबरों को भी समझ आ गया कि क्यों ये दोनों आज इतने शांत और गंभीर थे। मतलब सुबह इनके बीच युद्ध हुआ और सनी पिट गया।

    पैरी ने हैरानी से सनी की तरफ़ देखकर कहा, "माय डियर सनी, इसने तुम्हें हिट किया? कहाँ मारा...ज़्यादा इंजर्ड तो नहीं हुए ना तुम?" उसने सनी के कंधे पर हाथ रखा तो वह चिढ़चिढ़ाकर उसे झटकते हुए बोला, "अरे कुछ नहीं हुआ मुझे।"

    इधर मून थोड़ा हँसकर बोला, "पूछना बेकार है, वह ना तो बता पाएगा और ना ही दिखा पाएगा।"

    सनी उसे देखकर गुर्रा दिया।

    तभी किंचु अपना दिमाग लगाते हुए बोला, "दिखा नहीं पाएगा मतलब गुप्त जगह पर वार किया है तुमने, गुड जॉब मून।" उसने मून के कंधे को थपथपा दिया।

    इधर निक सनी के पास आकर उससे बोला, "बिद ब्रदर तो पेन हो रहा है, होदा औल तुम्हें मज़ाक चुज़ लहा है।"

    किंचु भी अब बनावटी चिंता दिखाते हुए बोला, "अच्छा, पेन हो रहा है? मेरे पास इस पेन की मेडिसिन है लेकिन यह मेडिसिन इसे लगाएगा कौन?" उसने मून की तरफ़ देखा और बोला, "तुम लगा देना, ओके।"

    मून ने अजीब सी शक्ल बनाकर चेहरा दूसरी तरफ़ कर लिया। इधर सनी अब गुस्से में बोला, "बंद करो यह बकवास बातें, मुझे कोई पेन नहीं हो रहा है, मैं बिल्कुल ठीक हूँ।"

    लियो उससे कहने लगा, "अरे जब ठीक हो तो इतना चिल्ला क्यों रहे हो? बैठो चुपचाप और इस मिशन के लिए खुद को तैयार करो, तुम दोनों के मुँह सिल दिए जाएँगे।"

    यह सुनकर सनी और मून एक साथ हैरान होकर बोले, "क्या!"

    लियो उन दोनों की तरफ़ देखकर बोला, "हाँ, अभी तुम दोनों ने ही तो कहा कि तुम दोनों साथ में तब जाओगे जब तुम्हारे मुँह सिल दिए जाएँ इसलिए यह काम हो जाएगा, है ना सर?" उसने जॉर्डन की तरफ़ देखा जो बड़ी मुश्किल से अपनी हँसी कंट्रोल किए हुए थे। नूना तो हँस पड़ी। उसके साथ बाकी सब भी हँस दिए।

    कुछ देर इस हँसी-मज़ाक के माहौल के बाद सब गंभीर हुए। जॉर्डन ने सनी और मून की तरफ़ देखकर कहा, "देखो बच्चों, तुम दोनों इस टीम के सबसे होशियार मेंबर हो। कुछ ही समय में तुम दोनों ने काफ़ी कुछ अचीव कर लिया है। यह अचीवमेंट बहुत बड़ी है और मुझे विश्वास है कि उस महल की मिस्ट्री को तुम दोनों सुलझा सकते हो।"

    किंचु उन दोनों की तरफ़ देखकर बोला, "कहीं ऐसा तो नहीं कि तुम दोनों इस बात से डर रहे हो कि उस महल से कोई वापस लौटकर नहीं आता तो कहीं हम भी ना आ पाएँ?"

    रैपिड भी उसकी बात पर सहमत होते हुए बोला, "हाँ किंचु, मुझे भी ऐसा ही लगता है कि ये दोनों मौत से डर रहे हैं।"

    सनी ना में गर्दन हिलाकर बोला, "नहीं, मैं मौत से नहीं डरता। अगर मुझे मौत का ही डर होता तो मैं इस प्रोफ़ेशन में आता ही नहीं। मैंने हमेशा ही ख़तरों से खेलकर डर पर जीत हासिल की है।"

    मून भी कहने लगा, "मैंने भी हमेशा मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों का सामना कर अपने डर को जीता है। अगर ऐसी बातों से मैं डरने लगा तो मेरा इस प्रोफ़ेशन में रहना ही बेकार है। जिस दिन इस टीम में शामिल हुआ था उसी दिन सोच लिया था कि जीवन के बाद भूत बनने वाले लोगों के अस्तित्व की खोज करना ही मेरा लक्ष्य होगा, और इससे मैं कभी पीछे नहीं हटूँगा।"

    सनी ने कहा, "मेरा घोस्ट हंटर बनने का सपना अब सपना ना रहकर जुनून बन चुका है और इसके लिए मैं मौत से भी लड़ने को तैयार हूँ।"

    उन दोनों को सुनकर लियो कहने लगा, "अगर ऐसा है तो फिर तुम दोनों वहाँ जाने के लिए मना क्यों कर रहे हो? केवल इसलिए कि तुम दोनों एक-दूसरे को पसंद नहीं करते? अरे क्यों ध्यान दे रहे हो इस बात पर? तुम्हारा ध्यान तुम्हारे लक्ष्य पर होना चाहिए।"

    निक भी कहने लगा, "हाँ, आप दोनों एत ही धल में लहते हो, अपनी फैमिली ते लिए लहते हो ना...तो फिर इस मिशन ते लिए साथ जाने में त्या प्रोब्लम है?"

    किंचु भी कहने लगा, "हाँ, निक ने बिल्कुल ठीक कहा। तुम दोनों अपनी फैमिली की खुशी के लिए एक ही घर में रहते हो तो फिर इस मिशन के लिए साथ क्यों नहीं जा सकते? यह मिशन तो हमारी पूरी टीम का है, क्या यह टीम तुम्हारी फैमिली नहीं?"

    इस बात ने सनी और मून को सोचने के लिए मजबूर कर दिया।

    जारी है.........

  • 14. The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story) - Chapter 14

    Words: 2273

    Estimated Reading Time: 14 min

    किंचु और निक ने कहा कि अगर सनी और मून अपने परिवार की खुशी के लिए एक ही घर में रह सकते हैं, तो क्या अपनी टीम के लिए इस मिशन पर नहीं जा सकते? क्या यह टीम उनका परिवार नहीं है? उन दोनों की इस बात ने सनी और मून को सोचने पर मजबूर कर दिया।

    कुछ देर के लिए उस पूरे मीटिंग रूम में शांति छा गई। कोई भी किसी से कुछ नहीं बोल रहा था। सभी लोग सनी और मून को ही देख रहे थे।

    आखिर में मून ने इस शांति को भंग करते हुए कहा, "मैं आप लोगों की बात से पूरी तरह सहमत हूँ। जैसा अभी लियो ने कहा कि हमारा ध्यान हमारे लक्ष्य पर होना चाहिए, इसलिए मैं अपने लक्ष्य पर ही ध्यान देते हुए इस मिशन पर जाने के लिए तैयार हूँ।"

    सनी भी अब गंभीर होकर कहने लगा, "मैंने हमेशा से ही इस टीम को अपनी फैमिली की तरह माना है, इसलिए आप लोगों की खुशी के लिए मैं भी इस मिशन पर जाने के लिए तैयार हूँ।"

    उन दोनों को सुनकर सभी टीम मेंबर के चेहरों पर जंग जीतने वाली मुस्कान आ गई। जॉर्डन तो अभी से ही उन दोनों पर गर्व करने लगे थे, लेकिन इस चीज को वह उन दोनों के सामने जाहिर नहीं कर सकते थे, वरना बच्चे सिर पर चढ़ जाएँगे। इसलिए वह एकदम नॉर्मल होकर ही कहने लगे, "चलो अच्छा है, तुम दोनों मान गए। अब हम आगे की स्ट्रेटेजी तैयार कर लेते हैं, ओके।"

    "ओके सर!" सब एक साथ बोले।

    अब हमारे चीफ स्ट्रेटेजिस्ट, यानी किंचु ने उन दोनों से कहा, "पहले तो तुम दोनों को पंद्रह दिन की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी, उसके बाद हम सब इस मिशन पर जाएँगे।"

    "स्पेशल ट्रेनिंग?" सनी और मून नासमझी भरे भावों से बोले।

    लियो उनसे कहने लगा, "हाँ... स्पेशल ट्रेनिंग, जो इस मिशन में तुम लोगों के बहुत काम आने वाली है। और अब तुम ये सोचोगे कि तुम्हें ट्रेनिंग की क्या जरूरत? तो मैं बता दूँ कि वो महल कोई ऐसा-वैसा नहीं है जहाँ तुम अपने जादुई कैमरा और लैंप लेकर बड़ी आसानी से अंदर चले जाओगे और वो घोस्ट तुम्हें सामने बिठाकर अपना सारा रहस्य बता देगा।"

    ये सुनकर सब हँस दिए। लेकिन रैपिड को उसकी बातों पर चिढ़ मच गई। वह उससे कहने लगा, "यहाँ सीरियस बात हो रही है, कोई मज़ाक नहीं चल रहा।"

    लियो ने उसकी तरफ नज़रें घुमाई और बोला, "तो मैं भी सीरियसली ही बोल रहा हूँ, तुम इसे मज़ाक समझ रहे हो तो ये तुम्हारी प्रोब्लम है।"

    जॉर्डन उन दोनों को शांत कराते हुए बोले, "ओके ओके, अब तुम दोनों लड़ो मत, थोड़ा बहुत मज़ाक भी चलता है। अच्छा, अब आगे की स्ट्रेटेजी क्या है?" उन्होंने किंचु की तरफ देखा।

    किंचु अब फिर से बताने लगा, "हाँ तो इस ट्रेनिंग का पहला चरण ये है कि इन दोनों को अपनी इस नफ़रत को कंट्रोल में रखना होगा।"

    इस बात पर सब हैरानी से एक-दूसरे का मुँह ताकने लगे। निक उससे बोला, "तुम्हारा मतलब है कि इन दोनों को ये नफ़रत बनाए रखनी होगी।"

    किंचु ने भी हाँ में सिर हिलाकर कहा, "हाँ बिल्कुल, उस महल के अंदर जाने के लिए ये नफ़रत ही तो ज़रूरी है। अगर वहाँ पहुँचने से पहले ही ये ख़त्म हो गई तो सारे मिशन पर पानी फिर जाएगा।"

    उसकी यह बात सुनकर मून गंभीर होकर कहने लगा, "जो नफ़रत इतने सालों में ख़त्म नहीं हो पाई, वो इन पंद्रह दिन में क्या ख़त्म होगी?"

    इधर सनी भी किंचु से कहने लगा, "और इस नफ़रत को कंट्रोल में रखने के लिए हमें ट्रेनिंग की ज़रूरत ही क्यों है? ये तो बिना ट्रेनिंग के ही कंट्रोल में है।"

    पैरी उसकी बात का समर्थन करते हुए बोली, "याह सनी, यू आर एब्सोल्यूटली राइट।"

    इधर गुन ने भी मून की बात का समर्थन करते हुए कहा, "हाँ मून, बिल्कुल सही कहा तुमने, जो नफ़रत इतने साल बीत जाने के बाद ख़त्म नहीं हो पाई, वो इन पंद्रह दिन में क्या ख़त्म होगी?"

    रैपिड भी इन सबकी बात पर सहमति जताते हुए बोला, "बिल्कुल सही कह रहे हो तुम लोग, ट्रेनिंग का ये पहला चरण तो बेमतलब है।"

    "यहाँ कुछ भी बेमतलब नहीं है मिस्टर सिक्योरिटी स्पेशलिस्ट!" लियो ने काफी शांत लेकिन कठोर आवाज़ में उससे कहा। जिसे सुनकर रैपिड के जबड़े बिंच गए। लियो उसे देखते हुए ही बोला, "ये दुनिया बड़ी अनोखी है, यहाँ पलभर में ही क्या से क्या हो जाए, कोई नहीं जानता... आज ये दोनों एक-दूसरे से बेइंतिहा नफ़रत करते हैं, लेकिन अगर आज रात ही इनके बीच कुछ ऐसा हो जाए जिससे इन दोनों के दिलों में एक-दूसरे के लिए फीलिंग्स आने लगें, तो क्या होगा?"

    ये सुनकर सनी और मून ने एक-दूसरे की तरफ़ देखकर अजीब सी शक्ल बना ली। सनी उसे देखते हुए ही बोला, "खैर ऐसा कुछ होगा तो नहीं, लेकिन अगर गलती से हो भी गया तो मैं इस सुअरिया का मर्डर कर दूँगा।"

    मून शांत लहजे में बोला, "उसके बाद आप सभी लोग मेरी आत्मा की शांति के लिए इस कुत्ते को फाँसी पर लटका देना, वरना मेरी आत्मा किसी को भी चैन से जीने नहीं देगी।"

    उन दोनों की बात पर सब भौंचक्के रह गए। रैपिड ने लियो की तरफ़ देखकर कहा, "सुना तुमने, अब क्या कहोगे?"

    लियो अब भी अपनी बात पर कायम रहते हुए बोला, "मैं अब भी वही कहूँगा, इनके बीच चाहे कितनी भी नफ़रत क्यों ना हो, लेकिन इसे कंट्रोल करना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि हम किसी भी तरह का रिस्क नहीं ले सकते, हैं ना सर?" उसने जॉर्डन की तरफ़ देखा तो उन्होंने भी यस बोल दिया। नूना को भी लियो की बात ठीक लगी।

    इधर किंचु उन दोनों से कहने लगा, "हाँ तो इस नफ़रत को बनाए रखने के लिए तुम दोनों को अपनी फीलिंग्स को कंट्रोल में रखना होगा, एक-दूसरे से ज़्यादा इस मिशन पर ध्यान देना होगा, ओके।"

    सनी और मून ने भी ओके कहकर सिर हिला दिया क्योंकि ट्रेनिंग का यह पहला चरण तो उनके लिए सबसे आसान था।

    फिर किंचु ने दूसरा चरण बताया, "सेकेंड है पैरानॉर्मल कॉम्बेट ट्रेनिंग! महल में तुम दोनों का सामना कई तरह की भूतिया शक्तियों और आत्माओं से होगा, उन सबको पहचानने और उनका सामना करने के लिए तुम्हें स्पिरिट बॉक्स, ईएमएफ़ डिटेक्टर और बाकी सारे ईक्विपमेंट के बारे में जानकारी दी जाएगी, उनका इस्तेमाल कैसे करना है, यह बताया जाएगा। इसके अलावा जो मंत्र और ताबीज़ वगैरह हैं, उनका इस्तेमाल तो तुम पहले से ही जानते हो।"

    सनी और मून ने भी हाँ में सिर हिला दिया। तभी जॉर्डन कहने लगे, "फिर भी कुछ जादुई मंत्र अभी तक ऐसे हैं जो मैंने तुम्हें नहीं सिखाए और इस ट्रेनिंग के दौरान मैं वह सब भी तुम्हें सिखाऊँगा।"

    किंचु ने आगे कहा, "बाकी फ़िज़ीकल और सर्वाइवल ट्रेनिंग तुम दोनों को हमारा रैपिड देगा।" उसने रैपिड की तरफ़ देखा।

    रैपिड थोड़ा चिढ़चिढ़ाकर बोला, "मैंने कितना बार कहा है कि मेरा नाम रैपिड है।"

    वहाँ बैठा लियो धीमी सी आवाज़ में गुनगुनाने लगा, "नाम-वाम में क्या रखा है, हम तो हैं आपके गुलाम।" रैपिड ने उसे घूरकर देखा तो लियो उसे देखकर मुस्कुरा दिया। रैपिड ने दूसरी तरफ़ नज़रें फेर लीं।

    फिर किंचु ने सामने बैठे निक को देखकर कहा, "टेक्नोलॉजी और कम्युनिकेशन से रिलेटिड ट्रेनिंग इन्हें मेरा निक देगा ताकि ये दोनों उस महल के अंदर रहकर भी हमारी पूरी टीम से कॉन्टेक्ट रख सकें।"

    उसकी इस बात पर निक कहने लगा, "वैसे तो इन्हें पहले से ही सारी टेक्नोलॉजी डिवाइसेज यूज़ करना आता है।"

    "लेकिन कुछ और भी है, बस यूज़ करना सीखना है...हाहाहा।" किंचु यह कहकर हँसा तो निक चिढ़ गया।

    बाकी सब भी होंठ भींचकर हँस दिए। जॉर्डन को भी हल्की सी हँसी आ गई। फिर वह निक की तरफ़ देखते हुए बोले, "किंचु का मतलब है कि भले ही इन्हें सारे डिवाइसेज यूज़ करने आते हैं, लेकिन अब इन्हें उनके बारे में डिटेल में समझना होगा क्योंकि तुम तो वहाँ इनके साथ होंगे नहीं। अगर किसी डिवाइस में कोई प्रॉब्लम आई तो वह इन्हें खुद ही सोल्व करनी होगी।" निक ने भी उनकी बात समझते हुए सिर हिला दिया।

    उसे देख किंचु कहने लगा, "मुझे तो यूँ ही लगता है, अरे मैं कुछ भी बिना मतलब के नहीं कहता।"

    निक उसकी तरफ़ देखते हुए बोला, "तो जैसे आपने समझाया, वैसे तुम भी तो मुझे समझा सकते थे, पल नहीं... तुम तो बस मुझे परेशान करना चाहते हो।"

    किंचु भी उसी तरह बोला, "अब जब तू बार-बार हर चीज को टालता है तो मैं भी परेशान करने पर मजबूर हो जाऊँगा।"

    उसे उसकी नकल करता देख सब हँस दिए और निक चिढ़चिढ़ाकर रह गया।

    उसके बाद किंचु ने पैरी की तरफ़ देखकर कहा, "इन दोनों को स्पिरिचुअल कम्युनिकेशन की ट्रेनिंग हमारी पैरी देंगी, काफी नॉलेज है इन्हें इस बारे में, आत्माओं की भावनाएँ और उनके इरादे बखूबी समझ जाती हैं ये।"

    ये सुनकर पैरी तो सचमुच परी बनकर हवा में उड़ने लगी। जिसे देख गुन को मन ही मन हँसी आ गई। तभी नूना उससे बोली, "लेकिन एक बात याद रखना पैरी, सनी तुम्हारा दोस्त है और मून उसका दुश्मन, इसलिए ट्रेनिंग देने में कोई भेदभाव मत करना।"

    पैरी अब एकदम गंभीर होकर बोली, "नो मैम, मेरे लिए टीम का यह मिशन इम्पोर्टेंट है, इसलिए मैं ओनेस्टली अपना यह काम करूँगी।"

    ये सुनकर सब मुस्कुरा दिए। गुन को भी उस पर मन ही मन गर्व महसूस हुआ।

    किंचु अब गुन की तरफ़ देखकर बोला, "और अब बारी है हमारी मेडिकल स्पेशलिस्ट की, जो इन दोनों को कुछ मेडिकल बातों का ज्ञान देंगी ताकि ये दोनों वहाँ पर अपनी छोटी-मोटी चोटों का इलाज कर सकें, लेकिन अगर कोई बड़ी और गंभीर चोट लगती है तो फिर जीसस ही इनकी रक्षा करें।"

    सनी बेफ़िक्री भरे अंदाज में बोला, "डोंट वरी, मुझे इस बात की कोई टेंशन नहीं।"

    मून भी उसी लहजे में बोला, "और मुझे भी नहीं है।"

    इसी तरह किंचु ने उन दोनों को इस स्पेशल ट्रेनिंग के बाकी चरण भी समझा दिए। अब मीटिंग ख़त्म करने का टाइम हो गया था। सब लोग जाने के लिए उठ गए थे। जॉर्डन उन लोगों को रोकते हुए बोले, "एक बात और करनी है तुम लोगों से।"

    सब लोग रुक गए। जॉर्डन वहाँ खड़े लियो की तरफ़ देखकर बोले, "लियो आज ही राजस्थान से आया है, इसके पास रहने का कोई ठिकाना नहीं है, क्या तुम लोगों में से कोई इसे अपने घर में रख सकता है?"

    सनी और मून तो पहले ही अपनी फैमिली के साथ रह रहे थे, उनके घर में तो जगह थी ही नहीं। पैरी और गुन ने भी अपनी पोल-पट्टी खुलने के डर से हाँ नहीं की। बचा रैपिड, उसने भी दूसरी तरफ़ मुँह फेर लिया। किंचु थोड़ा अफ़सोस के साथ बोला, "सर, मैं इसे रख तो लेता, लेकिन मैं तो खुद ही बेघर हो गया हूँ।"

    सब हैरानी से उसकी तरफ़ देखने लगे। नूना उससे बोली, "ऐसा भी क्या हो गया किंचु, जो तुम बेघर हो गए?"

    किंचु बताने लगा, "वह हुआ यह था कि मैं अपने घर में एक एक्सपेरिमेंट कर रहा था, कुछ नेगेटिव पॉवर मुझे रोकने आईं और घर की छत को तोड़ दिया। मैं तो समय रहते बचकर बाहर निकल गया, लेकिन मेरा घर पूरी तरह ख़ंडहर में बदल गया, इसलिए अब मेरा भी कोई ठिकाना नहीं।"

    सब मुँह खोले उसे सुन रहे थे। जॉर्डन भी अब अफ़सोस जताते हुए बोले, "अरे यह तो बिल्कुल भी अच्छा नहीं हुआ। मैंने तो सोचा था कि चैरिज़ा नहीं है, इसलिए मैं पंद्रह दिन तक तुम्हारे घर में रहूँगा ताकि हम मिलकर इस मिशन के लिए आगे की स्ट्रेटेजी बना सकें, और भी कई काम थे जिसमें मुझे तुम्हारी मदद चाहिए थी।"

    किंचु मुस्कुराकर बोला, "सर, इसमें इतना दुखी होने वाली क्या बात है? मेरा घर ही तो टूटा है, मैं तो बिल्कुल सही-सलामत हूँ। और रही बात साथ में मिलकर काम करने और मदद करने की तो मैं आपके घर में रहने आ जाता हूँ।" ये कहते वक़्त उसकी नज़र निक पर थी।

    उसकी ऐसी नज़रें देख निक बुरी तरह घबरा गया और ना में सिर हिलाते हुए बोला, "नहीं सर, आप हाँ नहीं कहना।"

    ये देख सभी जोर से हँस दिए। जॉर्डन निक को समझाते हुए बोले, "चिंता मत करो, मैं भी हूँ घर में, और वह कुछ नहीं करेगा।"

    निक ने किंचु की तरफ़ देखा जो रहस्यमयी मुस्कान सजाये उसे देख रहा था। उसे देख निक ने घबराकर दूसरी तरफ़ मुँह फेर लिया। यह देख किंचु को हल्की सी हँसी आ गई।

    इधर लियो कहने लगा, "अरे अब मैं कहाँ जाऊँ?"

    किंचु ने वहाँ खड़े रैपिड की तरफ़ देखकर कहा, "तुम रैपिड के यहाँ चले जाओ, उसके पास बस एक माँ है, बाकी पूरा घर खाली पड़ा है।"

    "नो!" रैपिड एकदम से बोला, "मैं इसे अपने घर में कभी नहीं रखूँगा।"

    अब जॉर्डन आगे आते हुए बोले, "रैपिड, यह क्या हो गया है तुम्हें? तुम तो हमेशा सबकी मदद करते हो, सबके साथ मिल-जुलकर रहते हो, फिर लियो के साथ ऐसा बिहेव क्यों कर रहे हो?" उन्होंने लियो की तरफ़ देखा जिसने अब मासूम सी शक्ल बना ली। रैपिड भी चिढ़चिढ़ाई नज़रों से उसे देख रहा था।

    नूना भी रैपिड से बोली, "मैं तो लियो को अपने पास रख लेती, लेकिन मैं तो खुद ही वहाँ पर पेईंग गेस्ट बनकर रह रही हूँ और वह आंटी किसी लड़के को रखने के लिए बिल्कुल नहीं मानेगी।"

    रैपिड ने गुन और पैरी तरफ़ देखा। उन दोनों ने भी नूना वाली बात ही कह दी। लेकिन उनके मना करने की असल वजह तो कुछ और ही थी।

    जॉर्डन ने रैपिड के कंधे पर हाथ रखकर थोड़ा विनती भरे लहजे में कहा, "प्लीज़ बेटा, मान जाओ, पंद्रह दिन की ही तो बात है।"

    रैपिड शुरू से ही जॉर्डन का बहुत सम्मान करता था, उन्हें अपने पिता की तरह मानता था, इसलिए उनकी बात टाल नहीं पाया और लियो को अपने घर में रखने के लिए मान गया।

    जारी है........

  • 15. The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story) - Chapter 15

    Words: 2151

    Estimated Reading Time: 13 min

    सभी लोग घर जाने के लिए निकले। रैपिड अपनी बाइक के पास आया तो उसके पीछे लियो भी आ गया। रैपिड ने उसकी तरफ सवालिया निगाहों से देखा।

    "तुम्हारे घर में रहने के लिए जा रहा हूँ तो लेकर तो तुम ही जाओगे ना, इस बाइक पर," लियो ने कहा। वह उसकी बाइक की तरफ देखकर मुस्कुराया।

    जॉर्डन, निक और किंचु वहाँ से गुजर रहे थे। रैपिड ने जॉर्डन की तरफ देखा, फिर लियो की तरफ देखकर हल्के से सिर हिलाया। यह देख लियो मुस्कुराने लगा। रैपिड ने हेलमेट पहना और बाइक पर बैठ गया। लियो भी उसके पीछे बैठ गया। उसने रैपिड की कमर पर अपने हाथ लपेट लिए। रैपिड की आँखें एकदम से बड़ी हो गईं और वह बर्फ की तरह जम गया।

    "अरे यार, मैं कोई लड़की थोड़े ही हूँ जो तू इस तरह छूने पर जम गया है, चल ना," लियो ने धीरे से उसके कान के करीब अपना मुँह लाकर कहा।

    उसके बोलने पर, जब उसकी गर्म साँसें रैपिड की गर्दन से टकराईं, तो उसके पूरे शरीर में करंट सा दौड़ गया। लेकिन फिर वह जैसे-तैसे खुद को नॉर्मल करते हुए बोला, "हाँ, चल रहा हूँ, तुम थोड़ा पीछे होकर बैठो और ये हाथ हटाओ।" उसने लियो के दोनों हाथ अपनी कमर पर से हटा दिए। यह देख लियो के चेहरे पर हैरानी भरी मुस्कान आ गई। लेकिन फिर वह भी उसे ज्यादा परेशान ना करते हुए थोड़ा पीछे होकर बैठ गया। रैपिड ने बाइक स्टार्ट की और सड़कों पर दौड़ा दी।

    बाकी मून, सनी, गुन, पैरी और नूना भी अपने-अपने वाहनों पर वहाँ से निकल चुके थे। जॉर्डन और निक अपनी कार तक आए। साथ में किंचु भी था।

    "पा, क्या ये हमारी कार में ही जाएगा?" निक ने जॉर्डन से पूछा।

    किंचु शरारत से मुस्कुराकर बोलने लगा, "ताल में तो नहाने जाते हैं, तू चलेगा मेरे साथ।" इससे पहले कि जॉर्डन कुछ बोल पाते।

    "पा!" निक ने चिढ़कर जॉर्डन की तरफ देखा। इस बार जॉर्डन ने भी किंचु को आँखें दिखा दीं। किंचु ने सॉरी कहकर अपने कान पकड़ लिए।

    "हाँ निक, ये हमारी कार में ही जाएगा क्योंकि..." जॉर्डन ने निक की तरफ देखकर कहा।

    "क्योंकि मेरी बाइक मेरे घर के गार्डन में ही रखी हुई थी, घर टूटा तो साथ में वो भी टूट गई," किंचु ने बेचारी सूरत बना ली। उसे देख निक को एक पल के लिए उस पर रहम आया, लेकिन फिर ध्यान आते ही उसने दूसरी तरफ मुँह फेर लिया।

    "चलो अब चलते हैं," जॉर्डन ने कार का गेट खोलते हुए कहा।

    "हाँ हाँ, चलो," किंचु जल्दी से गेट खोलकर अंदर बैठ गया।

    "हटो वहाँ से, वो सीट मेरी है," निक ने कहा।

    "ओके, हो गई तेरी सीट खाली," किंचु खिड़की की तरफ सरकते हुए बोला।

    निक ने ना में गर्दन हिलाकर कहा, "नहीं, तुम वहाँ से हटो, मैं तुम्हारे साथ नहीं बैठूँगा।"

    आगे जॉर्डन ड्राइवर के पास वाली सीट पर बैठ चुके थे। वह अब परेशान होकर बोले, "अब क्या हुआ निक? बैठ जाओ ना चुपचाप।"

    "लेकिन पा ये..." उसने किंचु की तरफ इशारा किया। "अब क्या किया मैंने? चुपचाप बैठा ही तो हूँ," किंचु ने जॉर्डन से कहा।

    उनकी बातें सुनकर ड्राइवर भी मुस्कुरा रहा था। जॉर्डन पीछे की तरफ गर्दन घुमाकर निक से बोले, "कुछ नहीं करेगा वो, बैठ जाओ चुपचाप।"

    फिर निक भी बेमन से उनकी बात मानता हुआ अंदर आकर किंचु के बगल में बैठ गया। उसने कार का गेट बंद कर दिया। कार चल पड़ी, लेकिन वो गेट खड़खड़ की आवाज कर रहा था।

    "लगता है आपने ये गेट अच्छे से बंद नहीं किया," आगे बैठा ड्राइवर बोला।

    निक ने उस गेट की तरफ देखा। तभी किंचु ने थोड़ा आगे आकर उस गेट की तरफ हाथ बढ़ाया और उसे अच्छे से बंद कर दिया। तभी कार ब्रेकर पर उछली, तो किंचु अनबैलेंस होकर निक के ऊपर आ गया। निक भी संभल नहीं पाया, वह बैठे-बैठे ही सीट पर गिर गया और किंचु उसके ऊपर गिर गया।

    "फ़टी दिमाग़! हटो मेरे ऊपर से, साला दम निकाल दिया मेरा," किंचु के नीचे दबा निक उसके कंधों पर मारते हुए दबी हुई आवाज में बोला।

    "क्या हुआ?" जॉर्डन अपनी गर्दन उन दोनों की तरफ घुमाते हुए बोले।

    "कुछ नहीं सर, मैं गेट बंद कर रहा था, अचानक ही ब्रेकर पर ये कार उछली और मैं इसके ऊपर गिर गया," किंचु निक के ऊपर से हटते हुए बोला।

    निक भी लंबी-लंबी साँसें लेते हुए उठकर बैठ गया। जॉर्डन उसे देखने लगे। यह देख किंचु थोड़ा हँसकर निक से बोला, "ऐसे मत कर, वरना तेरे पा को गलतफ़हमी हो जाएगी।"

    "पा!" निक ने चिढ़कर कहा।

    जॉर्डन ने फिर से किंचु को आँखें दिखाईं, तो उसने सॉरी कहकर कान पकड़ लिए। ड्राइवर को तो हँसी आ गई। जॉर्डन अब सामने देखते हुए बोले, "चुपचाप बैठो दोनों, वरना इस जंगल में ही भूतों के बीच छोड़ दूँगा तुम दोनों को।"

    उन्हें सुनकर किंचु और निक ने भी खिड़की में से झाँका। किंचु शैतानी मुस्कान चेहरे पर लाते हुए बोला, "ओहह..तो हम इस भूतिया जंगल के रास्ते से जा रहे हैं।"

    उसकी बात सुनकर निक ने घबराकर जॉर्डन से कहा, "पा, हम इस भूतिया जंगल के रास्ते से क्यों आ रहे हैं?"

    "क्योंकि दूसरे रास्ते पर अभी कुछ घंटों पहले एक भयानक एक्सीडेंट हुआ था इसलिए पुलिस ने उसे बंद कर दिया," ड्राइवर कहने लगा।

    तभी सामने से एक औरत और आदमी कार रोकने के लिए अपना हाथ दिखा रहे थे। ड्राइवर ने कार रोकनी चाही, लेकिन किंचु ने मना कर दिया।

    "लेकिन सर, वो दोनों तो सामने ही खड़े हैं और हट भी नहीं रहे," ड्राइवर ने सामने देखकर कहा।

    "और वो हटेंगे भी नहीं, लेकिन तुम कार बिल्कुल मत रोकना," किंचु गंभीर होकर बोला।

    कार उन दोनों की तरफ बढ़ रही थी। ड्राइवर ने भी किंचु की बात मानकर उसे नहीं रोका। इधर निक ने किंचु की तरफ देखा और घबराते हुए बोला, "अरे वो दोनों..." उसने इतना ही कहा था कि कार उन दोनों को पार करके आगे निकल गई।

    निक ने पीछे गर्दन घुमाकर देखा। वो दोनों अब भी वैसे ही हाथ दिखाते हुए दिख रहे थे। यह देख निक की आँखें फटी रह गईं। किंचु धीरे से उसके करीब आकर बोला, "मरे हुए दुबारा नहीं मरते।"

    उसकी इस रहस्यमयी आवाज को सुनकर निक घबराकर उससे दूर खिसक गया। आगे ड्राइवर भी घबरा गया था, जिसे जॉर्डन हिम्मत बंधाते हुए बोले, "डरो मत पास्कल, हम लोग जब तक साथ हैं, कुछ नहीं होगा।" अब जाकर ड्राइवर पास्कल को थोड़ी राहत महसूस हुई और वह सामान्य होकर कार चलाने लगा।

    पीछे निक जब दूर खिसका, तो किंचु फिर से उसके करीब आकर धीमी सी आवाज में बोला, "मरे हुए दुबारा तो नहीं मरते लेकिन दुबारा जन्म जरूर लेते हैं और फिर अपने साथी के लिए गाते हैं...उस दुनिया से इस दुनिया तक तुझको ढूँढता आया...साथी रे!" निक ने आँखें मींचकर कानों में उंगली डाल ली। यह देख किंचु ने आगे बढ़कर उसके गाल पर हल्के से किस कर दिया और उससे दूर होकर बैठ गया।

    निक ने उसकी इस हरकत पर एकदम से आँखें खोलीं और अपने गाल पर हाथ रख लिया। अब उसकी इस हरकत के बारे में तो वह अपने पा को बता भी नहीं सकता था, इसलिए चुप ही रह गया।


    यहाँ पैरी और गुन एक साथ बेड पर एक-दूसरे की बाहों में लेटे थे।

    "मैं तो सोच रही हूँ कि इस मिशन के एंड होने पर हम सबको बता दें कि हमारे बीच रिश्ता क्या है!" गुन ने पैरी से कहा।

    "तू बिल्कुल वही सोचती है जो मैं सोचती हूँ!" पैरी ने हैरानी से उसे देखकर मुस्कुराते हुए कहा।

    "सच्ची!" गुन ने हैरानी से कहा।

    "मुच्ची मेरी जान!" यह कहकर पैरी ने उसे अपनी बाहों में भर लिया। गुन ने भी उस पर अपनी बाहें लपेट दीं।

    ये दोनों भी एक साथ एक ही घर में रहती हैं, लेकिन किसी को भी इस बारे में पता नहीं। कारण यह है कि पहले ये दोनों किसी और के घर में किरायेदार बनकर रहा करती थीं। वह घर दो मंजिल का था। पैरी ऊपरी मंजिल पर रहती थी, तो गुन नीचे रहा करती थी। जब इन दोनों के बीच प्यार हुआ, तो इन्होंने अलग से यह छोटा सा घर ले लिया, लेकिन किसी को भी इनके इस घर के बारे में नहीं पता। सब यही जानते हैं कि ये दोनों आज भी किरायेदार बनकर उस दो मंजिले घर में रह रही हैं। अब इनकी टीम में किसके पास इतना टाइम है कि जाकर चेक करे कि ये कहाँ हैं क्या कर रही हैं? इसीलिए आज जब लियो को रखने की बात आई, तो दोनों ने मना कर दिया।

    अच्छा हुआ मना कर दिया। तभी तो आज हमारे लियो भैया रैपिड के साथ उनके घर आए हैं।

    रैपिड ने घर की बेल बजाई। उसकी माँ रोज़लिन ने दरवाज़ा खोला। रैपिड के साथ एक लड़के को देख रोज़लिन के चेहरे पर हैरानी भरी मुस्कान आ गई। लियो ने भी मुस्कुराकर उनसे कहा,

    "हैलो आंटी!"

    "हैलो! तुम कौन हो बेटा?" रोज़लिन बोली।

    "मैं आपका..." लियो के ये कहते ही रोज़लिन की मुस्कान और भी गहरी हो गई।

    "किरायेदार है," रैपिड उसकी बात पूरी करते हुए बोला।

    यह सुनकर रोज़लिन की मुस्कान गायब हो गई और वह रैपिड की तरफ देखकर असमंजस भरे भाव से बोली, "किरायेदार?"

    "हाँ किरायेदार, जबरदस्ती गले पड़ा किरायेदार है ये हमारा," रैपिड ने चिढ़चिढ़ाई नज़रों से लियो को देखकर कहा।

    रोज़लिन नासमझी भरी नज़रों से कभी रैपिड को देखती तो कभी लियो को। यह देख लियो हँसकर उनसे कहने लगा, "अरे आंटी जी, मैं समझाता हूँ आपको, वो बात यह है कि मैं आज ही राजस्थान से आया हूँ और इनकी टीम में शामिल हुआ हूँ, अब रहने के लिए जगह नहीं थी तो सर ने मुझे इसके साथ यहाँ भेज दिया, पर शायद ये मुझे यहाँ रखने से खुश नहीं है।" उसने रैपिड की तरफ देखा।

    रोज़लिन भी रैपिड की तरफ देखकर उससे बोली, "अरे ये होता कौन है रखने वाला, अभी तो मैं बैठी हूँ, और इस घर की मालकिन भी मैं हूँ, इसलिए तुम बिना किसी टेंशन के यहाँ रह सकते हो बेटा।" उन्होंने प्यार से लियो के गाल पर हाथ रखते हुए कहा।

    "थैंक यू आंटी!" लियो भी प्यार भरी मुस्कान चेहरे पर लाते हुए बोला।

    रैपिड ने चिढ़कर उसे साइड किया और खुद रोज़लिन के सामने आकर बोला, "मॉम, इसके साथ इतना भी फ्रैंक होने की ज़रूरत नहीं है आपको, ये बस पंद्रह दिन के लिए आया है, उसके बाद हम सब मिशन पर चले जाएँगे।"

    "मिशन पर?" रोज़लिन ने उन दोनों की तरफ देखकर कहा।

    अब तो लियो भी गंभीर होकर बोला, "हाँ आंटी, हम लोगों को इस मिशन के लिए पंद्रह दिन बाद राजस्थान जाना है, लेकिन आप चिंता ना करें, इस मिशन के बाद मैं आपसे मिलने ज़रूर आऊँगा।" वह मुस्कुराया।

    "कोई ज़रूरत नहीं है आने की," रैपिड उससे बोला।

    तभी रोज़लिन बीच में आकर कहने लगी, "तू चुप कर, कितना अच्छा बच्चा है और तू है कि जब से आया है चिल्लाये जा रहा है बेचारे पर।" लियो ने भी मासूम और बेचारी सूरत बना ली। उसकी यह शक्ल देख रैपिड को चिढ़ मच गई। रोज़लिन ने रैपिड से कहा, "चल अब इसे इसका कमरा दिखा दे।"

    रैपिड ने वहाँ बने स्टोर रूम की तरफ इशारा करके कहा, "वो रहा तुम्हारा कमरा।"

    रोज़लिन हैरान होकर बोली, "पर वो तो स्टोर रूम है!"

    "जी हाँ, ये उस स्टोर रूम में ही रहेगा," रैपिड ने लियो की तरफ देखकर कहा।

    "लेकिन..." रोज़लिन बोली।

    "कोई बात नहीं आंटी, मैं रह लूँगा वहाँ पर," यह कहकर लियो मुस्कुराया और अपना बैग लेकर स्टोर रूम की तरफ चल दिया।

    रोज़लिन ने टेढ़ी नज़रों से रैपिड को देखा, तो वह भी बेपरवाही से अपने कमरे की तरफ जाते हुए बोला, "आप खाना लगा दो, भूख लगी है।"

    रोज़लिन को अब चाहे कितना भी उस पर गुस्सा आ रहा था, लेकिन माँ तो माँ है, बच्चे को भूखा कैसे देख सकती है, चली गई किचन में उसके लिए खाना लगाने।


    एक माँ यहाँ चिंतित होकर घर के दरवाज़े पर खड़ी थी, यह थी कामना जो काफी चिंता में दिखाई दे रही थी। सनी और मून बाइक खड़ी करके उसके पास आए। उन दोनों को देखकर वह बोली, "डोरू पता नहीं कहाँ चला गया?"

    यह सुनकर सनी और मून भी हैरान होकर चिंतित हो उठे।

    "क्या मतलब दी...कहाँ गया डोरू?"

    "हाँ भाभी, कहाँ गया वो डोरू?"

    कामना बताने लगी, "मैं उसे स्कूल से लेकर घर आई, उसके बाद मैं तो किचन में खाना बनाने लग गई, वह बाहर ही गार्डन में खेल रहा था, लेकिन जब मैं खाना बनाकर बाहर आई तो वह मुझे यहाँ नहीं मिला, मैंने उसे घर में और बाहर हर जगह ढूँढ लिया, लेकिन वह कहीं नहीं है।" यह कहते हुए वह रोने लगी।

    "भाभी आप रोओ मत, मैं ढूँढकर लाता हूँ उसे, यहीं कहीं होगा..मिल जाएगा," यह कहकर सनी जल्दी से वहाँ से डोरू को ढूँढने निकल गया।

    "मैं भी जाता हूँ उसे ढूँढने, और आप जीजू के आने से पहले कहीं मत जाना, यहीं हमारा इंतज़ार करना, ओके," मून भी कामना से यह कहकर डोरू को ढूँढने चल पड़ा।

    जारी है........

  • 16. The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story) - Chapter 16

    Words: 1624

    Estimated Reading Time: 10 min

    सनी और मून जब घर आए, तो कामना रोते हुए बोली, "डोरू का कुछ पता नहीं चल रहा।" वे दोनों उसे ढूँढने निकल गए। जाते वक्त मून ने कामना से कहा, "जब तक वनराज ना आ जाएँ, तुम कहीं पर भी ना जाना, घर पर रहकर ही हमारा इंतज़ार करना, हम डोरू को ज़रूर ढूँढ लाएँगे।" कामना ने उसकी बात मान ली और घर के दरवाज़े पर खड़ी रही।

    "मेरे बच्चे को कुछ मत होने देना भगवान...वरना मैं मर जाऊँगी।" ये कहते हुए कामना की आँखों से झर-झर आँसू बहने लगे। तभी वनराज की जीप घर के सामने आकर रुकी। उन्हें देखकर कामना रोते हुए उनकी तरफ दौड़ी।

    वनराज जीप से उतरे, तो कामना रोते हुए उनके सीने से लग गई। वनराज हैरानी से हवा में हाथ उठाए खड़े रह गए।

    "कामना! क्या हुआ? रो क्यों रही हो?" उन्होंने धीरे से अपने हाथ कामना की दोनों बाहों पर रखे। कामना उनके सीने से सिर उठाते हुए उनकी तरफ देखकर बोली, "डोरू कहीं मिल नहीं रहा।"

    "क्या?" वनराज पहले तो हैरान हुए, लेकिन फिर चिंता में आते हुए कामना की दोनों बाहों को पकड़कर बोले, "ये क्या बोल रही हो तुम? कहाँ गया हमारा बच्चा?"

    कामना ने रोते हुए ही उन्हें सारी बात बताई कि स्कूल से आने के बाद वो गार्डन में खेल रहा था, उसके बाद गायब हो गया।

    ये सुनकर वनराज चिंता और नाराज़गी भरे भाव से कहने लगे, "तुम अच्छे से जानती हो कि इस इलाके में हम बिल्कुल अकेले रहते हैं, आस-पास ज़्यादा घर भी नहीं हैं। फिर भी तुमने हमारे बच्चे का ध्यान नहीं रखा, इतनी लापरवाह कैसे हो सकती हो तुम? अरे! तुम्हें पता भी है आजकल एक खूंखार भेड़िया इस इलाके में घूम रहा है, आस-पास के गाँवों के कई बच्चों को उठाकर ले जा चुका है वो, उसे पकड़ने के लिए हमारी पूरी टीम लगी हुई है।"

    ये सुनकर कामना का ममता भरा कलेजा काँप उठा। उसका मन डर और अनहोनी की आशंका से भर गया। देखते ही देखते उसकी आँखें भारी होने लगीं और वह निढाल सी होकर वनराज की बाहों में झूल गई।

    "कामना!" वनराज ने उसे संभाला और उठाकर घर के अंदर ले गए।


    यहाँ सनी और मून डोरू को हर जगह ढूँढ रहे थे। इस इलाके में बहुत ही कम घर थे, लेकिन वे दोनों फिर भी सभी घरों में जाकर डोरू के बारे में पूछ रहे थे। लेकिन वे हर घर से निराश ही लौट रहे थे। डोरू का कहीं कुछ पता नहीं चल रहा था।

    मून एक घर से डोरू के बारे में पूछकर बाहर निकला और अपनी बाइक पर आकर बैठ गया। उसी समय सनी ने भी उस घर के सामने आकर बाइक रोकी। उसे देख मून बोला, "मैंने इन लोगों से पूछ लिया है, डोरू यहाँ नहीं है।"

    "मैंने तुमसे कुछ पूछा? तुम जाओ यहाँ से।" ये सुनकर सनी ने अपनी गुस्से भरी निगाहें उस पर डाली और कहने लगा।

    उसकी इस बात पर मून को भी काफी गुस्सा आया और वह अपनी बाइक से उतरकर उसके सामने आते हुए बोला, "किस तरह के इंसान हो तुम? अपने गुस्से और नफ़रत के आगे तुम्हें कुछ दिखाई नहीं देता क्या? इस वक़्त भी तुम्हें उस छोटे से बच्चे से ज़्यादा हमारी नफ़रत की परवाह है।"

    "ये क्या बक रहे हो तुम?" सनी ने कठोर आवाज़ में कहा।

    "ठीक ही तो कह रहा हूँ, अगर तुम्हें उस बच्चे की परवाह होती, तो तुम मेरे साथ मिलकर उसे ढूँढते, लेकिन तुम्हें तो मुझसे दुश्मनी निभानी है। मैंने इस घर में पूछ लिया है, इन लोगों को डोरू के बारे में कुछ नहीं पता, लेकिन तुम अपनी अकड़ के चलते फिर से इन लोगों से इस बारे में पूछना चाहते हो। ये जब मना कर देंगे, तब तुम्हें भरोसा होगा, लेकिन तब तक तुम्हारा जो टाइम वेस्ट हो चुका होगा, उसके बारे में नहीं सोचा तुमने।"

    ये सुनकर सनी कुछ बोल नहीं पाया। मून मुड़कर वहाँ से जाते हुए बोला, "तुम करते रहो टाइम वेस्ट, लेकिन मैं तुम्हारी नहीं हूँ, मुझे उस बच्चे की परवाह है।" ये कहते हुए वह अपनी बाइक पर आकर बैठा और बिना सनी की तरफ़ देखे ही वहाँ से चला गया।

    उसके जाते ही एक औरत उस घर से बाहर निकली और सनी को वहाँ देखकर सख्ती से बोली, "ऐ छोरे! यहाँ क्यों खड़ा है?"

    सनी अपनी बाइक स्टार्ट करते हुए बोला, "जा रहा हूँ ना, चिल्ला क्यों रही है?" वह अपनी बाइक स्टार्ट करते हुए वहाँ से चला गया।

    वह औरत उसे जाते देख बुरा सा मुँह बनाते हुए बोली, "ना जाने कहाँ-कहाँ से आ जाते हैं लुच्चे-लफ़ंगे कहीं के।"


    यहाँ वनराज ने कामना को हॉल में सोफ़े पर लिटा दिया था और उसके चेहरे को दोनों हाथों में थामते हुए चिंतित होकर बोल रहे थे, "कामना उठो, प्लीज़! होश में आओ, हमारे बच्चे को कुछ नहीं होगा, वह वापस आ जाएगा, कामना!" अब उन्हें खुद ही अफ़सोस हो रहा था इस बात का कि उन्होंने वह खूंखार भेड़िया वाली बात बताई ही क्यों? उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि करें तो क्या करें? डोरू को ढूँढने जाएँ या फिर कामना को संभालें?

    फिर भी उन्होंने जैसे-तैसे खुद को संभाला और अपना फ़ोन निकालकर डॉक्टर को कॉल लगाने लगे, तभी......

    "मम्मी!"

    डोरू की यह आवाज़ सुनकर वनराज कॉल लगाते हुए रुक गए और हैरानी से सामने देखने लगे जहाँ से डोरू अपने नन्हें कदमों से दौड़ता हुआ मेन डोर से अंदर आ रहा था। उसके साथ कैंडी और टिल्ला भी थे। उसे देखकर वनराज की जान में जान आई और आँखें खुशी के आँसुओं से नम हो गईं।

    डोरू ने सोफ़े पर लेटी कामना को देखकर वनराज से कहा, "डैडी! ये मम्मी इस टाइम क्यों सो रही हैं?" वनराज भी कामना की तरफ़ देखने लगे।

    डोरू ने कामना के चेहरे को अपने नन्हें हाथों में थामा और उसे उठाने लगा, "मम्मी उठो, मुझे भूख लगी है।"

    वनराज ने भी कामना को झँझोड़ा। डोरू ने फिर से उसे मम्मी कहकर पुकारा, तो उसकी आवाज़ सुनकर कामना के मुँह से धीमी सी आवाज़ निकली, "डोरू!"

    "हाँ मम्मी उठो।" डोरू भी अपनी प्यारी सी आवाज़ में बोला।

    वनराज भी कहने लगे, "हाँ कामना उठो, ये रहा हमारा डोरू।"

    कामना ने धीरे-धीरे अपनी आँखें खोलीं। सामने डोरू को देखकर उसकी आँखों से खुशी के आँसू बह निकले। वह जल्दी से उठकर बैठी और डोरू को उठाकर अपनी बाहों में भरते हुए सीने से लगा लिया, "मेरा बच्चा।"

    ये देख वनराज की भी अटकी हुई साँसें फिर से चल पड़ीं। कामना ने रोते हुए ही डोरू के पूरे चेहरे को चूमा और उसे फिर से अपने सीने से चिपका लिया। वनराज भी अपने आँसू पोंछकर मुस्कुरा उठे और उन दोनों को एक साथ अपनी बाहों में भर लिया।

    उनके बीच घिरा डोरू नासमझी भरे भाव से कहने लगा, "अरे मम्मी-डैडी, ये इतनी सारी रोने और गले लगने की क्या बात है? ये हो क्या रहा है?"

    वनराज ने अब थोड़ा सख्ती भरे भाव से उससे पूछा, "कहाँ चले गए थे तुम? जानते हो तुम्हारी मम्मी कितनी परेशान थी तुम्हारे लिए...तुम्हारे सनी और मून भी तुम्हें ढूँढने के लिए गए हैं।"

    उन्हें इस तरह देखकर डोरू सहम गया और कामना के आँचल को कसकर पकड़ लिया। कामना ने वनराज की तरफ़ देखकर कहा, "आप यह बात थोड़ा प्यार से भी तो पूछ सकते हैं, डरा दिया मेरे बच्चे को।" यह कहकर उसने डोरू की तरफ़ देखा और बोली, "कहाँ था तू इतनी देर से?"

    उसे देखकर वनराज अपने मन में बड़बड़ाए, "खुद ने तो बड़ा प्यार से पूछा है।"

    दरअसल कामना ने भी थोड़ा सख्ती से ही पूछा था। लेकिन वह कहते हैं ना कि माँ चाहे कितनी भी सख्ती से पेश आए, बच्चे बिल्कुल नहीं डरते। वहीं अगर पिता ज़रा सी तेज आवाज़ में डाँट दें, तो बच्चों के ऊपर बम फूट जाता है। 😂 यही हाल था डोरू का, कामना ने उससे पूछा तो वह बिना डरे एकदम बिंदास होकर बोला, "मैं तो कैंडी और टिल्ला के साथ खेलने गया था।"

    ये सुनकर कामना ने वहाँ बैठे कैंडी और टिल्ला की तरफ़ थोड़ा असमंजस भरी निगाहों से देखा और डोरू से बोली, "लेकिन मैंने तो तुझे हर जगह देख लिया था, घर के पीछे भी देखा था, तब तो तू वहाँ नहीं था?"

    "अरे मम्मी, मैं वहीं था, सनी ने अपने कैंडी और टिल्ला के लिए दो छोटे-छोटे घर बनाए थे, मैं उनको ही देखने गया था और फिर मैं इन दोनों के साथ खेलते-खेलते इनके घर में ही सो गया।"

    उसकी बात सुनकर कामना को भी याद आने लगा कि जब वह पीछे देखने गई थी, तो उसकी नज़र टिल्ला और कैंडी के उन छोटे-छोटे बाँस के बने हुए घर पर पड़ी थी, लेकिन उसे इस बात का बिल्कुल भी अंदाज़ा नहीं था कि डोरू उसके अंदर हो सकता है और वहाँ पर तो ये टिल्ला-कैंडी भी कहीं दिखाई नहीं दे रहे थे, एकदम सन्नाटा था वहाँ पर। कामना यह सब सोचते हुए वहाँ बैठे कैंडी और टिल्ला को शक भरी निगाहों से देखने लगी।

    तभी वनराज कामना के कंधे पर हाथ रखते हुए बोले, "अब तुम भी परेशान होना बंद करो, डोरू आ गया है और उसे भूख भी लगी है, उसे खाना खिला दो, तब तक मैं भानु और इंदु को फ़ोन करके बुला लेता हूँ।"

    कामना ने भी उनकी बात पर हल्के से सिर हिलाया और धीमे कदमों से किचन की तरफ़ जाने लगी। उसकी नज़रें अब भी कैंडी और टिल्ला पर थीं। तभी डोरू उससे बोला, "अरे मम्मी, इतनी धीमी-धीमी क्यों चल रही हो?"

    उसे सुनकर कामना ने टिल्ला और कैंडी पर से नज़रें हटा लीं। उसके नज़रें हटाते ही वे दोनों वहाँ से दौड़ लगाते और फुदकते हुए चले गए। कामना भी किचन में चली गई।

    यहाँ वनराज ने जब सनी और मून को फ़ोन किया, तो उन दोनों का फ़ोन नेटवर्क एरिया से बाहर बता रहा था। वह फ़ोन कान से हटाते हुए बोले, "अब ये दोनों कहाँ निकल गए?"

    जारी है......

  • 17. The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story) - Chapter 17

    Words: 1501

    Estimated Reading Time: 10 min

    मून और सनी उस भूतिया जंगल की ओर आ गए थे जहाँ कुछ देर पहले जॉर्डन की कार गई थी। जॉर्डन तो घर पहुँच चुके होंगे, लेकिन ये दोनों अपने डोरू/डोरा के लिए इस जंगल तक पहुँच गए थे। मून ने बाइक रोकी। सनी उसके पीछे ही था। उसने भी बाइक रोकी और बोला, "तुम्हें क्या लगता है, डोरा इस भूतिया जंगल में होगा?"

    मून बिना उसकी तरफ देखे बोला, "दोनों ही बातें हो सकती हैं, वो यहाँ हो भी सकता है और नहीं भी। क्या तुम विश्वास से कह सकते हो कि वो यहाँ नहीं होगा?" उसने सनी की तरफ देखा।

    सनी उसकी बात पर सोचने लगा। फिर वो बाइक से उतरते हुए बोला, "जंगल के अंदर हम बाइक लेकर नहीं जा सकते, रास्ता बहुत खराब है और रात भी हो चुकी है। हमें पैदल ही अंदर जाना होगा।"

    मून भी अपनी बाइक रोककर उतरते हुए बोला, "वो सब तो ठीक है लेकिन पहले मुझे ये कन्फर्म करो कि तुम मेरे साथ मिलकर उसे ढूँढ रहे हो।"

    सनी अपने घमंड भरे अंदाज में बोला, "मैं तुम्हारे साथ मिलकर उसे नहीं ढूँढ रहा, बल्कि तुम मेरे साथ मिलकर उसे ढूँढ रहे हो, समझे तुम?"

    उसका घमंड देखकर मून को गुस्सा आया, लेकिन कामना की कसम और डोरू का ख्याल करके उसने कुछ नहीं कहा। फालतू में बात बढ़ जाएगी और ये कुत्ता भौंकने लगेगा, फिर उसे इससे युद्ध करना पड़ेगा।

    सनी घमंड से उस जंगल की ओर चल दिया। मून गुस्से में अपने दाँत पीसते हुए उसके पीछे चल दिया।


    रैपिड डाइनिंग टेबल पर खाना खा रहा था। उसी समय लियो आकर वहाँ बैठ गया। उसे देखकर रैपिड बोला, "तुम बस किरायेदार हो, हमारे मेहमान नहीं जो साथ में बैठकर खाना खाओगे।"

    "अब तू बहुत ज्यादा बोल रहा है," रोज़लिन किचन से आते हुए बोली, "तूने इसे स्टोर रूम में रहने को कहा, मैं चुप रही, लेकिन अब नहीं..ये हमारे साथ बैठकर ही खाना खाएगा।" उन्होंने लियो के सिर पर हाथ रख दिया।

    "थैंक यू आंटी, यू आर सो स्वीट," लियो मुस्कुराते हुए बोला।

    "तुम भी बहुत स्वीट हो लोलो बेटा," रोज़लिन मुस्कुराते हुए बोली।

    लियो की शक्ल अजीब सी हो गई। "लोलो?"

    वहाँ बैठा रैपिड जोर से हँस दिया। रोज़लिन नासमझी भरे भाव से उसकी तरफ देखी और बोली, "हँस क्यों रहा है?"

    "अरे आंटी, मेरा नाम लोलो नहीं लियो है," लियो ने रोज़लिन से कहा।

    रोज़लिन थोड़ा असमंजस में बोली, "लेकिन कुछ देर पहले तो तुमने लोलो बताया था जब मैं तुम्हें खाने के लिए बुलाने आई थी।"

    लियो को कुछ समझ नहीं आया। उसने तो तब भी लियो ही बताया था। तभी रैपिड हँसना बंद किया और रोज़लिन के पास आकर बोला, "मॉम, लगता है आपके कान की मशीन अब ढीली पड़ गई है।"

    लियो भी रोज़लिन के कान की तरफ देखने लगा जिसमें ईयरफोन लगा था। मतलब उसने ईयरफोन समझा था, लेकिन असल में वो कान की मशीन थी जो उस समय निकल गई थी जब वो लियो के पास आई थीं। अब उसे समझ आया कि वो लियो से लोलो क्यों बन गया।

    रोज़लिन अपनी मशीन को हाथ लगाते हुए बोली, "मेरी ये मशीन बिल्कुल ठीक है, उस वक्त गलती से निकल गई होगी।" ये कहकर उन्होंने लियो की तरफ देखा और कहा, "कोई बात नहीं बेटा, लियो भी काफी प्यारा नाम है।"

    ये सुनकर लियो मुस्कुरा दिया। उसकी मुस्कान देखकर रैपिड ने मुँह बिचका लिया।


    निक अपने पा से कह रहा था, "नहीं पा, ये इस कमरे में बिल्कुल नहीं रह सकते।"

    किंचु वहीं खड़ा था। दरअसल जॉर्डन ने किंचु को निक के पास वाला कमरा रहने को दिया था। अब निक को ये कतई बर्दाश्त नहीं था कि किंचु उसके बगल वाले कमरे में रहे।

    उसे सुनकर किंचु ने जॉर्डन से कहा, "आप समझे नहीं सर, ये चाहता है कि मैं इस कमरे में नहीं बल्कि इसके कमरे में रहूँ।"

    "शटअप!" निक चिल्लाया। उसकी चिढ़ी हुई शक्ल देख किंचु सिर झुकाकर होंठ भींचते हुए हँस दिया। जॉर्डन को पहले हँसी आई, लेकिन फिर वो खुद को नॉर्मल करके निक से बोले, "तुम अच्छे से जानते हो कि हमारे घर में केवल तीन कमरे हैं।"

    निक तुरंत बोला, "बाहर हॉल भी है, ये हॉल में सो जाएँगे।"

    जॉर्डन बोले, "हॉल में कैसे...."

    तभी किंचु बोला, "डोंट वरी सर! मैं हॉल में आराम से सो जाऊँगा, वैसे भी मेरे लिए तो इतना ही काफी है कि मैं इस घर में आपके साथ रहने आ गया हूँ।" ये कहते वक्त उसकी नज़रें निक पर टिकीं थीं।

    निक उसकी नज़रें देखकर घबरा गया।

    "किंचु!" जॉर्डन ने थोड़े ऊँचे स्वर में उसका नाम लिया।

    किंचु मुस्कुराकर झट से उनकी तरफ देखा, "मतलब आपकी हेल्प करने के लिए इस घर में आ गया हूँ।"

    जॉर्डन उसे समझते थे, इसलिए लापरवाही से सिर हिला दिया और अपने कमरे की तरफ चल दिए। किंचु निक को देखते हुए अपनी रुहानी आवाज में गाता हुआ वहाँ से जाने लगा।

    "आए हैं तेरे दर पे हम ज़िन्दगी बिताने
    तू देखे या ना देखे तू जाने या ना जाने
    पूरा करेंगे हम तो वादा तेरी गली में
    मरना तेरी गली में जीना तेरी गली में"

    निक उसे सुनकर डर के मारे जल्दी से अपने कमरे में घुस गया और दरवाजा बंद कर लिया। किंचु उसे देखकर मुस्कुराया और चलते-चलते अपने मन में बोला, "अभी तो पूरी रात बाकी है।"

    कहीं ये रात बेचारे निक की आखिरी रात ना बन जाए।

    इधर सनी और मून की रात भी काफी भयानक है।

    वनराज उन दोनों को फोन लगा-लगाकर परेशान हो चुके थे, लेकिन उनका फोन नेटवर्क एरिया से बाहर बता रहा था। कामना उनके पास आते हुए बोली, "क्या हुआ, फोन नहीं उठाया उन दोनों ने?"

    वनराज निराशा भरे भाव से ना में सिर हिलाते हुए बोले, "नहीं उठाया।"

    कामना अफ़सोस और चिंता से बोली, "बेचारे! आते ही डोरू को ढूँढने निकल गए, अब डोरू तो आ गया है लेकिन वो दोनों ना जाने कहाँ होंगे?"

    वनराज उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बोले, "चिंता मत करो, वो दोनों आ जाएँगे।"

    कामना ने भी हल्के से सिर हिला दिया। वो दोनों तो घोस्ट हंटर्स थे, लेकिन फिर भी कामना को उनकी चिंता लगी रहती थी। आज उसका मन काफी बेचैन हो रहा था, वो मन ही मन भगवान से यही प्रार्थना कर रही थी कि वो दोनों जहाँ भी हों सुरक्षित हों और जल्दी वापस आ जाएँ।


    सनी और मून उस भूतिया जंगल में चल रहे थे। ये जंगल रात के अंधेरे में और भी ज्यादा डरावना और रहस्यमयी लग रहा था। पेड़ों की शाखाएँ इंसानों की हड्डियों की तरह टेढ़ी-मेढ़ी होकर आकाश की ओर उठी हुई थीं, पत्तियाँ सूखी और मरी हुई सी थीं। हल्की-हल्की धुंध पूरे जंगल में फैली हुई थी, जिस कारण हर चीज़ धुंधली और परछाई जैसी दिखाई दे रही थी। जड़ों से उखड़े हुए पुराने पेड़ और काई से ढके हुए पत्थर पूरे जंगल में बिखरे हुए थे।

    मून का पैर एक पत्थर से टकराया और वो गिर गया। सनी आगे चल रहा था। उसने पीछे पलटकर देखा, मून नीचे गिरा हुआ था।

    उसे देखकर सनी ने बेपरवाही से सिर हिलाया और वापस आगे पलटते हुए बोला, "आँखें होते हुए भी अंधा है, नहीं..लड़कियों जैसे गुण हैं, जब देखो गिरता-पड़ता रहता है।" वो बड़बड़ाता हुआ चल रहा था। आगे एक छोटा गड्ढा आया जिसमें उसका पैर चला गया और वो भी धड़ाम से पेट के बल नीचे गिर गया।

    उसे गिरते देख मून को हँसी आई और कलेजे को ठंडक भी मिली। वो मन में बोला, "कुत्ता कहीं का! बहुत भौंक रहा था, अब आया ना मज़ा।"

    वो उठकर सनी के पास गया और तंज कसने वाले लहजे में बोला, "अरे रे रे रे! सनी को भी दिखाई नहीं देता, कोई बात नहीं, रात में रास्ता दिखाने का काम तो मून का है, वो तुम्हें भी रास्ता दिखा देगा।" उसने वहाँ आकाश में चमक रहे चाँद की तरफ इशारा किया।

    सनी समझ गया था कि ये उस पर तंज कस रहा है। वो उसे घूरते हुए उठा और बोला, "हर रात मून की नहीं होती, कभी-कभी अमावस्या भी आती है, इसलिए इतना घमंड मत किया करो अपने नाम पर।"

    मून भी उसी लहजे में बोला, "तुम भी इतना घमंड मत किया करो क्योंकि कभी-कभी सनी पर भी ग्रहण लग जाता है।"

    सनी गुस्से में आगे कुछ बोलता, उसे एक अजीब सी ठंडक महसूस हुई। ये ठंडक मून ने भी महसूस की। वो दोनों समझ गए कि कोई अदृश्य आत्मा उन्हें देख रही है। वो दोनों एकदम सतर्क हो गए। तभी अचानक ही एक बच्चे के रोने की आवाज उन्हें सुनाई दी।

    "डोरू/डोरा!" उन दोनों ने एक साथ कहा और उस आवाज की दिशा में भाग गए।

    जारी है.....

  • 18. The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story) - Chapter 18

    Words: 1866

    Estimated Reading Time: 12 min

    रात का अंधेरा पूरी तरह छा चुका था। सभी लोग खा-पीकर सो गए थे। निक अपने कमरे में सो रहा था। वह डर से कांप रहा था और उसके चेहरे पर पसीना आ गया था। शायद वह कोई डरावना सपना देख रहा था। उसकी आँख अचानक खुली और खुद को अपने कमरे में पाकर उसने राहत की साँस ली।

    "वो जंगल तो बहुत ही भयानक है," उसने खुद से कहा। आज वे लोग उसी जंगल के रास्ते से होकर आए थे, इसलिए निक को उस जंगल का ही सपना आया था। उसके माथे पर पसीने की बूंदें अब भी झलक रही थीं। उसने हाथ से पसीना साफ किया और टेबल की तरफ देखा।

    "अरे..ये क्या! आज तो पानी का जग ही नहीं रखा मेरे लिए!" टेबल पर पानी का जग नहीं था और उसे प्यास लगी थी। शायद आज जॉर्डन रखना भूल गए होंगे क्योंकि वे और किंचु काफी देर तक मिशन की स्ट्रेटेजी तैयार करने में लगे हुए थे।

    निक बेड से उठा और दरवाजे की तरफ चल दिया। उसने दरवाजा खोला और बाहर आ गया। वह धीमे कदमों से उस हॉल में से गुजरा जहाँ किंचु सोफे पर चादर ओढ़कर सोया था। निक को बस इतना ही डर था कि कहीं यह न जाग जाए। उसने किचन में जाकर पानी पिया और वापस चुपचाप, धीमे कदमों से अपने कमरे की तरफ चला गया। कमरे में आकर उसने राहत की साँस ली और दरवाजे की कुंडी अच्छे से बंद कर ली।

    वह बेड पर आया और आराम से आँखें बंद करके लेट गया।

    "लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो ना हो,
    शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो ना हो।"

    इस गाने की आवाज सुनकर निक ने एकदम से आँखें खोलीं और डर के मारे बेड पर सिकुड़ गया। गाना बंद नहीं हुआ।

    "हमको मिली हैं आज ये घड़ियाँ नसीब से।"

    निक को लगा कि कोई उसके बेड पर चढ़ रहा है। उसने डर के मारे आँखें मींच लीं, लेकिन गाना बंद नहीं हुआ।

    "जी भर के देख लीजिए हमको करीब से।"

    वह आवाज उसके करीब आ गई, यानी किंचु उसके करीब आ गया और उसके अगल-बगल अपने दोनों हाथ रख लिए।

    "फिर आप के नसीब में ये रात हो ना हो,
    शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो ना हो,
    लग जा गले..."

    वह धीरे-धीरे निक के ऊपर झुकने लगा। तभी निक ने एकदम से आँखें खोलीं और उसे धकेलकर साइड में कर दिया। फिर वह उठा और भागने लगा, लेकिन किंचु ने उसका हाथ पकड़ अपनी ओर खींच लिया। निक सीधा उसकी बाहों में जा गिरा और किंचु उसे देखकर गाता रहा।

    "पास आईये के हम नही आएंगे बार-बार।"

    अब वह गाते हुए थोड़ा भावुक हो गया था और उसकी आँखें भी टिमटिमा रही थीं, जिन्हें देख निक का कोमल दिल पिघलने लगा। किंचु उसकी नाजुक बाहों को अपने गले में डालते हुए गाने लगा।

    "तू बाहें गले में डाल दे,
    हम रो लें ज़ार ज़ार।"

    वह अपनी आँखों में नमी ले आया, जिन्हें देख निक भी भावुक हो गया। किंचु अपनी नम आँखों में प्यार लिए उसे देखता रहा और गाता रहा।

    "आँखों से फिर ये प्यार की बरसात हो ना हो,
    शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो ना हो,
    लग जा गले..."

    उसने निक को अपने गले से लगा लिया। निक भी उसके सम्मोहन में बंधा हुआ उसके गले लग गया। किंचु ने अपनी बाहें निक की पीठ पर लपेटीं तो निक ने भी अपनी बाहें किंचु की गर्दन पर लपेट लीं।


    यहाँ कामिनी ने डोरू को खाना खिलाकर सुला दिया था, लेकिन अब वह और वनराज सो नहीं पा रहे थे। सनी और मून वापस नहीं आए थे और उनका फोन भी नहीं लग रहा था, तो उन्हें नींद कैसे आती? दोनों घर के मेन डोर पर खड़े, उन दोनों की राह देख रहे थे।


    यहाँ सनी और मून जंगल के बीचों-बीच आ गए थे। बच्चे के रोने की आवाज भी आना बंद हो गई थी। मून ने सनी से कहा, "लगता है वो रोने की आवाज केवल हमारा ध्यान भटकाने के लिए थी!"

    सनी गुस्से में अपने दांत पीसते हुए बोला, "हमें जो भी भटका रहा है ना उसे तो मैं छोड़ूंगा नहीं।"

    तभी उन्हें हवा में अजीब सी फुसफुसाहटें सुनाई देने लगीं। वे दोनों अच्छी तरह जानते थे कि ये जंगल में रहने वाली आत्माओं की फुसफुसाहट है जो उन्हें परेशान कर रही हैं, उनका ध्यान भटका रही हैं, लेकिन उन दोनों को ऐसी आत्माओं का ना तो डर था और ना ही कोई परवाह। उन्हें तो बस डोरू को ढूँढना था, इसलिए वे बिना उन आत्माओं की परवाह किए आगे बढ़ गए।

    आगे चलकर जंगल और भी घना हो गया। अंधेरे में कुछ भी दिखाई नहीं पड़ रहा था। उन्होंने अपने फोन की लाइट चालू कर ली, लेकिन उस लाइट में भी उन्हें कुछ साफ दिखाई नहीं दे रहा था। नीचे घास में पैर रखते ही ऐसी आवाज़ आ रही थी जैसे उनके पैरों के नीचे कुछ दब गया हो, लेकिन जब वे हाथ लगाकर देखते तो वहाँ कुछ भी नहीं होता था।

    सनी परेशान सा होकर बोला, "ये कैसा रास्ता है? बार-बार ऐसा महसूस हो रहा है कि मेरे पैर के नीचे कुछ दब रहा है, लेकिन वहाँ है कुछ भी नहीं?"

    मून अब उससे परेशान होकर बोला, "तुम इतनी सी बात समझ नहीं पा रहे कि हमें यहाँ की आत्माएँ भटकाने की कोशिश कर रही हैं, इसलिए इन सब चीजों पर ध्यान मत दो और चुपचाप चलते रहो।"

    उसकी इस बात पर सनी ने गुस्से में कुछ कहना चाहा, लेकिन एक परछाई इतनी तेजी से उसके पास से गुजरी कि उसे धक्का लग गया। वह मून से जा टकराया और मून पीछे खड़े पेड़ से टकरा गया। मून का सिर उस पेड़ के तने से लग जाता, लेकिन सनी का हाथ उसके सिर के पीछे आ गया, इसलिए मून का सिर तो फूटने से बच गया, पर सनी का हाथ नहीं बच पाया।

    "आआईईई...मेरा हाथ!" वह दर्द से लगभग चिल्ला दिया।

    उसकी यह दर्दभरी चिल्लाहट सुनकर मून भी एक पल के लिए घबरा गया कि ना जाने इस कुत्ते को क्या हो गया? सनी ने जल्दी से अपना हाथ मून के पीछे से निकाला और उसे हिलाने लगा। मून चिंतित होकर उसे पकड़ते हुए बोला, "ज़्यादा लग गई तुम्हें?"

    सनी ने इस दर्द में भी गुस्सा दिखाना नहीं छोड़ा। वह झटके से अपना हाथ छुड़ाते हुए बोला, "ये लड़कियों जैसी हरकतें मत किया कर मेरे सामने, सुअरिया।"

    मून भी गुस्से में उसके बाल पकड़ने जा रहा था, लेकिन फिर कामिनी की कसम याद आते ही रुक गया और अपने गुस्से को अंदर ही दबा लिया। सनी अपना हाथ सहलाते हुए आगे बढ़ गया। मून भी मन में उसे ढेरों गालियाँ देते हुए उसके पीछे चल दिया।


    यहाँ रोज़लिन हॉल में सोफे पर बैठी अपने लैपटॉप में BL ड्रामा देख रही थी। लियो घूमता-फिरता उनके पास आया और उनकी तरफ देखकर मुस्कुरा दिया। लेकिन जब उसकी नज़र उनके लैपटॉप स्क्रीन पर गई तो उसके चेहरे के भाव बदल गए। रोज़लिन की नज़र उस पर पड़ी तो वह मुस्कुराते हुए बोलीं, "अरे लियो बेटा, तुम कब आए?"

    "बस अभी आया आँटी।" यह कहते हुए वह भी सोफे पर उनके पास बैठ गया और स्क्रीन की तरफ देखते हुए बोला, "आप BL ड्रामा देख रही हो!" उसकी आँखों में थोड़ी हैरानी दिखाई दे रही थी।

    उसे देख रोज़लिन मुस्कुराते हुए बोलीं, "जानती हूँ तुम क्या सोचकर हैरान हो? यही ना कि मैं पुराने जमाने की होकर भी यह सब देखना पसंद करती हूँ। तो बेटा, मेरा मानना यह है कि प्यार का कोई जेंडर नहीं होता। शुरुआत में मुझे भी यह सब अजीब लगता था, लेकिन जब मैंने धीरे-धीरे इन लोगों के बारे में जाना और समझा तो मुझे महसूस हुआ कि यह सब नैचुरल है, और तुम्हें पता है मेरा रैपिड भी इन्हीं लोगों में से एक है।"

    लियो की आँखें हैरानी से बड़ी हो गईं। वह उनसे बोला, "आपको कैसे पता चला कि वह इन्हीं में से है?"

    रोज़लिन उसे बताने लगीं, "लड़कियों के पास जाने से वह कतराता है और आज तक उसकी कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं रही, इसलिए..."

    "इसलिए आपने समझ लिया कि मैं गे हूँ।" रैपिड की यह आवाज सुनकर रोज़लिन और लियो दोनों ने ही उसकी तरफ देखा। रैपिड अपने हाथ फोल्ड किए खड़ा था और चिड़चिड़ी निगाहों से उन दोनों को देख रहा था।

    उसकी शक्ल देखकर लियो को हँसी तो बहुत आ रही थी, लेकिन वह जैसे-तैसे इस हँसी को अंदर ही दबाए बैठा था।

    रैपिड ने एक नज़र लियो को घूरा, फिर अपनी माँ रोज़लिन की तरफ देखकर बोला, "आधी रात होने वाली है और आप अभी तक यह बकवास लॉजिक ड्रामा देखने में लगी हुई हैं।"

    "आँटी बकवास लॉजिक नहीं, बल्कि BL ड्रामा देख रही हैं।" लियो ने जवाब दिया।

    "तुमसे पूछा मैंने!" रैपिड उसे गुस्से में घूरते हुए बोला।

    रोज़लिन खड़ी होकर बोलीं, "ऐ रैपिड! तू मुझे कुछ भी बोल, लेकिन उसे कुछ नहीं बोलेगा, समझा।"

    "तो फिर इससे कह दीजिए कि हमारे बीच में ना बोले।" रैपिड ने लियो की तरफ उंगली करके कहा।

    अब लियो भी उठकर बोला, "ठीक है, मैं नहीं बोल रहा माँ-बेटे के बीच में।" यह कहते हुए वह स्टोर रूम की तरफ जाने लगा।

    रैपिड अब रोज़लिन की तरफ देखकर बोला, "और अब आप भी जाकर सो जाइये।"

    रोज़लिन फिर से सोफे पर बैठते हुए बोलीं, "सो जाऊँगी, तू सो जा जाके।"

    रैपिड ने गुस्से में दांत पीस लिए, लेकिन रोज़लिन की इस जिद के आगे वह कुछ नहीं बोल पाता था। आखिर में वह गुस्से में पैर पटकता हुआ वहाँ से चला गया।


    रात के इस दूसरे पहर में सभी लोग अपने-अपने घरों में आराम से थे। बस हमारे सनी और मून ही उस भूतिया जंगल में भटक रहे थे। वे दोनों अब उस जंगल में रास्ता भटक गए थे, लेकिन फिर भी आगे बढ़ रहे थे। तभी अचानक से हवा इतनी तेज हो गई कि उन्हें अपने कदम संभालने मुश्किल हो गए। पेड़ों की शाखाएँ उनके ऊपर इस तरह झुक रही थीं जैसे उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रही हों। वे दोनों जैसे-तैसे उन शाखाओं से बचते-बचाते आगे बढ़ने लगे। सनी एकदम से चलते-चलते रुक गया। उसके पीछे आ रहा मून भी उसकी पीठ से टकराकर रुक गया। हवा की वजह से उसकी आँखें बंद थीं।

    "तुम रुक क्यों गए?" उसने अपनी बंद आँखों को हल्का सा खोलते हुए कहा।

    सनी हैरानी से सामने देखकर बोला, "अभी मुझे यहाँ पर साफ रास्ता दिखाई दे रहा था, लेकिन अब अचानक से यहाँ पर घनी झाड़ियाँ आ गईं! ऐसा कैसे हो सकता है?"

    "लगता है कोई अदृश्य आत्मा हमारे साथ खेल खेल रही है।" मून ने उन झाड़ियों की तरफ देखकर कहा।

    तभी उन झाड़ियों के बीच से उन्हें एक डरावनी गुर्राहाट सुनाई दी। उसे सुनकर वे दोनों काँप गए। एक खूंखार भेड़िया उन झाड़ियों के बीच से होता हुआ धीरे-धीरे उनके सामने आ गया। उसकी लाल आँखें अंधेरे में चमक रही थीं, उसके धारदार दांतों से लार टपक रही थी, जिसे देखकर यह साफ पता चल रहा था कि वह किसी शिकार की तलाश में है। उसे देखकर सनी और मून की रूह तक काँप उठी।

    जारी है.......

    अब आगे क्या होगा, जानने के लिए पढ़ते रहिए।

  • 19. The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story) - Chapter 19

    Words: 2143

    Estimated Reading Time: 13 min

    मून ने सनी की हुड्डी को उसके कंधे से कसकर पकड़ लिया, लेकिन उस बेरहम सनी ने अपना कंधा झटक दिया। इधर भेड़िया गुर्राता हुआ धीरे-धीरे उन दोनों की ओर बढ़ रहा था। सनी ने अपने फोन की लाइट उसकी आँखों पर डालने की कोशिश की, लेकिन उसकी इस कोशिश ने आग में घी डालने का काम किया। भेड़िये को और भी गुस्सा आ गया; वह जोर से दहाड़ता हुआ उन दोनों पर झपटा।

    सनी तो पहले ही जान बचाने के लिए पीछे हट गया और जितना हो सकता था उतनी तेजी से भागने लगा। लेकिन तभी.......

    “आआआआआ....!”

    मून की घबराई हुई चीख उसे सुनाई दी। सनी ने पलटकर देखा तो पाया कि मून ने बचने के लिए पेड़ के तने के पीछे छिपने की कोशिश की, लेकिन उस भेड़िये ने तेजी से दहाड़ते हुए उस पेड़ के तने को अपने पंजों में जकड़ लिया। मून डरकर भी उससे बचने के लिए संघर्ष कर रहा था, लेकिन वह भेड़िया उस तने को उखाड़कर उसकी तरफ गुर्राता हुआ बढ़ गया।

    यह देख सनी का दिल डर के मारे जोरों से धड़कने लगा। उसका पहला ख्याल तो यही था कि वह मून को छोड़कर भाग जाए और अपनी जान बचाए। लेकिन मून की इस डरी हुई चीख और बेबसी ने सनी की आत्मा को झकझोर दिया। उसे लगने लगा कि अगर आज वह इसे यहाँ छोड़कर भाग गया, तो अपने आप को कभी माफ़ नहीं कर पाएगा। अनिच्छा से ही सही, वह मून को बचाने के लिए उसकी ओर बढ़ गया।

    सनी ने वहाँ पड़ी एक भारी लकड़ी उठाई और दौड़ते हुए उस भेड़िये की ओर झपटा पड़ा।
    इधर मून भागने के चक्कर में नीचे गिर गया था और वह भेड़िया उस पर हमला करने ही वाला था, इतने में ही सनी ने उस लकड़ी को भेड़िये की पीठ पर पूरी ताकत से दे मारा। भेड़िया जोर से कराह उठा और गुस्से में सनी की ओर मुड़ा। उसकी आँखों में अब और भी ज्यादा खूंखार चमक आ गई थी, मानो उसे पता चल गया हो कि उसका अब असली मुकाबला सनी से है।

    भेड़िया तेजी से सनी पर हमला करने लगा, लेकिन सनी उसके हमले से बच गया। वह बार-बार इसी तरह हमला करता और सनी हर बार खुद को बचा लेता। हर बार भेड़िये के पंजे जमीन पर पड़ते, उससे मिट्टी और पत्तियाँ उड़ने लगतीं।

    इधर मून भी अब उठकर साइड हो गया था। उसे यह यकीन करना मुश्किल हो रहा था कि उससे बेइंतेहा नफ़रत करने वाला सनी आज उसके लिए अपनी जान खतरे में डालने इस भेड़िये के सामने आ गया था।

    यहाँ सनी ने उस लकड़ी से फिर उस भेड़िये पर वार करना चाहा, लेकिन भेड़िया इतना मूर्ख थोड़े ही था; उसने भी अपनी दिशा बदलते हुए सनी पर छलांग लगा दी और उसे नीचे गिरा दिया।

    यह देख मून का भी कलेजा काँप उठा। इधर नीचे गिरे सनी को भी लगा कि अब सब ख़त्म हो गया है। भेड़िया अपने जबड़े खोलकर सनी की गर्दन के करीब पहुँचने वाला था कि तभी मून ने हिम्मत जुटाकर वहाँ पड़ा बड़ा सा पत्थर उस भेड़िये की पीठ पर दे मारा। भेड़िया बुरी तरह दर्द से कराह उठा और गुर्राता हुआ पीछे हट गया।

    इतने में ही सनी तेजी से उठकर मून की तरफ आया, उसका हाथ पकड़ा और उसे वहाँ से खींचते हुए भागने लगा। भेड़िया भी संभला और गुर्राता हुआ उन दोनों के पीछे भागा।

    एक तो रात का अंधेरा, ऊपर से घना जंगल और यह ऊबड़-खाबड़ रास्ता। वे दोनों ज़्यादा तेज़ भाग भी नहीं पा रहे थे। भागते-भागते मून नीचे पड़े एक पत्थर की काई पर फिसल गया। साथ में सनी भी गिर गया। उन्होंने पीछे अपनी गर्दन घुमाई तो वह भेड़िया गुस्से में गुर्राता हुआ उन पर झपटने वाला था। मून ने डर के मारे अपना चेहरा सनी के सीने में छिपा लिया; सनी ने भी उस पर बाहें लपेटते हुए अपना चेहरा उसकी गर्दन में छिपा लिया और दोनों जोर से चीख पड़े।

    "आआआआआआआआआ.....!"

    तभी अचानक दो दिशाओं से एक सफ़ेद और काले रंग की दो आकृतियाँ उड़ती हुई सी आईं और उस भेड़िये को अपने मज़बूत पंजों में जकड़कर वापस पीछे ले गईं।

    अब सब कुछ शांत हो चुका था। ना तो वहाँ भेड़िये की गुर्राहट थी और ना ही सनी-मून की चीखें। वे दोनों भी बेहोश हो चुके थे।


    अगली सुबह निक के कमरे में.....

    जब निक की आँख खुली तो उसने खुद को किंचु के ऊपर सोता हुआ पाया। सबसे हैरानी की बात! किंचु की शर्ट के सारे बटन खुले हुए थे। निक ने अपना सिर उसके ऊपर से उठाया और किंचु के खुले सीने को देखा, जिस पर बाइट के निशान थे। यह देख निक की आँखें फटी रह गईं।

    इतने में ही किंचु की आँखें भी खुलीं। उसने अपने सामने निक को देखा तो बिल्कुल अंजान बनते हुए बोला, “अरे तू मेरे ऊपर क्या कर रहा है?”

    निक जल्दी से उसके ऊपर से हट गया। किंचु भी उठकर बैठा। निक अब भी फटी आँखों से उसके सीने की तरफ देख रहा था। किंचु ने भी अपने सीने पर नज़र डाली और हैरान होकर बोला, “ये क्या किया तूने मेरे साथ?”

    निक बेचारा घबराकर ना में गर्दन हिलाते हुए बोला, “मैंने कुछ भी नहीं किया....”

    किंचु अपना अलग ही रोना रोने लगा, “एक दिन भी नहीं हुआ तेरे घर में आए और तूने एक ही रात में मेरी इज़्ज़त लूट ली।”

    निक ना में गर्दन और हाथ हिलाते हुए बोला, “मैंने नहीं लूटी।”

    “तो फिर ये किसने किया?” किंचु अपने सीने की तरफ इशारा करके बोला, “मैं ये सब खुद तो नहीं कर सकता।”

    निक उसके सीने पर बाइट के निशान देखकर रोनी सूरत बनाते हुए बोला, “मैं ऐसा कैसे कर सकता हूँ?”

    “लेकिन तूने तो किया है।” किंचु उसकी दोनों बाजुओं को पकड़ते हुए बोला, “कल रात, मैं तो बस तुझे सॉन्ग सुनाने आया था, लेकिन तूने मुझे इस तरह अपने सम्मोहन में बाँध लिया कि मैं वापस जा ही नहीं पाया और फिर तूने मेरे साथ क्या-क्या किया मैं बता भी नहीं सकता।” उसने भी इस तरह रोनी सूरत बना ली जैसे कितना पीड़ित इंसान है।

    “क्या किया मैंने?” निक मरी हुई सी आवाज़ में बोला।

    किंचु उसे बताने लगा, “मेरा गाना ख़त्म होने के बाद तूने मुझे ज़बरदस्ती अपने गले लगा लिया।” उसने निक को गले लगाया, “मैंने समझा केवल गले ही लगाएगा, इसलिए मैंने भी अपने हाथ तुझ पर लपेट लिए।” उसने अब सचमुच अपने हाथ लपेट लिए, “फिर तू ऐसे मुझे लेकर लेट गया।” वह निक को अपने ऊपर लेकर लेट गया, “तूने धीरे-धीरे मेरी शर्ट के बटन खोले और अपना हाथ..” उसने निक का हाथ अपने सीने पर रखवाया तो निक हाथ हटाकर जल्दी से उससे दूर होते हुए बोला, “मैं अपनी मर्ज़ी से ऐसा कुछ भी नहीं कर सकता, तुमने ही मुझे हिप्नोटाइज़ किया होगा, फ़र्ज़ी डिमांड मत करो, बहुत दर्द हो रहा है तुम।” उसे गुस्से में यह सब सुनाकर निक बेड से उतरा और बोला, “मैं अपने पास से तुम्हारी कंप्लेंट लूँगा।”

    वह जाने लगा तो पीछे से किंचु की आवाज़ आई, “क्या कहेगा उनसे? कि तूने मेरे सम्मोहन में बंधकर अपने प्यार की निशानियाँ मेरे सीने पर छोड़ी हैं?”

    यह सुनकर निक रुक गया और उसकी तरफ़ पलटा। किंचु बड़ी ही शान से बेड पर लेटा अपने सीने पर हाथ फिरा रहा था और शैतानी ढंग से मुस्कुरा भी रहा था।

    उसे देखकर निक को गुस्सा आने लगा। तभी किंचु ने उसी तरह मुस्कुराते हुए गाना स्टार्ट कर दिया.......

    लगकर गले तूने मुझे बदनाम ऐसा किया
    कल की रात जानम तूने ये काम ऐसा किया

    यह धुन तो लग जा गले की ही थी, जिसे वह अलग ही अंदाज़ में गा रहा था। निक उसे सुनकर फटाफट वहाँ से भाग गया। उसके भागने पर किंचु को हँसी आ गई और वह बीती रात को याद करते हुए बोला, “चाहता तो नहीं था, लेकिन तू करीब भी तो नहीं आ रहा था, इसलिए पहली बार तुझे इस तरह हिप्नोटाइज़ किया, लेकिन मैंने तो फिर भी कुछ नहीं किया, जो किया सब तूने ही किया।”

    अब इसे कोई क्या कहे? बेचारा निक भी अपने पास से कैसे इसकी शिकायत करे?


    यहाँ लियो अंगड़ाई लेता हुआ स्टोर रूम से बाहर निकला। सामने रैपिड तो पूरी तरह तैयार था।

    उसे देखकर लियो बोला, “तुम इतनी जल्दी रेडी हो गए?”

    रैपिड बेरुखी भरे लहजे में बोला, “मैं तुम्हारी तरह लेट-लतीफ नहीं हूँ।”

    लियो इस बेरुखी को देखकर भी मुस्कुराकर बोला, “लेट-लतीफ तो मैं भी नहीं हूँ, लेकिन कल मैं बहुत ही थक गया था, इसलिए सुबह आँख ही नहीं खुली। वैसे आंटी कहाँ हैं, कहीं दिखाई नहीं दे रही हैं?”

    “वह चर्च गई हैं।” रैपिड मेन डोर की तरफ़ जाते हुए बोला।

    “और तुम कहाँ जा रहे हो?” लियो ने उससे पूछा।

    “जहाँ काम करता हूँ वहीं जा रहा हूँ।” रैपिड बिना रुके ही बोला।

    लियो जल्दी से उसके सामने आकर उसका रास्ता रोककर कहने लगा, “अरे रुको तो सही, पहले मुझे भी तो तैयार हो जाने दो, साथ में ऑफ़िस चलेंगे।”

    रैपिड घड़ी में टाइम देखने लगा। यह देख लियो बोला, “अरे अभी बहुत टाइम है, प्लीज़ रुक जाओ ना मेरे लिए।”

    रैपिड कुछ पल सोचकर बोला, “ओके, बट ओनली टेन मिनट्स! अगर इतने टाइम में तुम रेडी नहीं हुए तो मैं चला जाऊँगा।”

    लियो का मुँह हैरानी से खुल गया यह सोचकर कि इतने टाइम में तो वह ढंग से नहा भी पाएगा और नहाना उसके लिए बहुत ज़रूरी है क्योंकि कई दिन बीत गए हैं बिना नहाए।

    उसके पास रैपिड की बात मानने के अलावा कोई चारा नहीं था, इसलिए उसने हाँ कर दी। वह उसके कमरे की तरफ़ जाते हुए बोला, “मैं तुम्हारे रूम के वॉशरूम में नहा लेता हूँ?”

    “बिल्कुल नहीं!” रैपिड ने साफ़ इंकार कर दिया।

    “ओके, आंटी के रूम में....” वह रोज़लिन के कमरे की तरफ़ मुड़ा।

    “वहाँ नल ख़राब है, मॉम तो आज खुद ही मेरे वॉशरूम में नहाई थीं।” रैपिड ने कहा।

    “फिर मैं कहाँ नहाऊँ?” लियो ने नासमझी भरे भाव से पूछा।

    रैपिड ने कुछ सोचा और सामने लॉन की तरफ़ इशारा करके बोला, “वहाँ पानी का पाइप पड़ा है, नहा लो उससे।”

    लियो हैरानी से आँखें बड़ी करते हुए बोला, “वहाँ खुले में!”

    “तुम क्या लड़की हो जो खुले में नहीं नहा सकते?” रैपिड ने कहा।

    कुछ पल के लिए लियो चुप रहा, फिर अपना सिर हिलाते हुए बोला, “ओके, मैं नहा लूँगा वहाँ पर।”


    यहाँ एक पेड़ की पत्तियों के बीच से सूर्य की किरण सनी और मून पर पड़ी। सनी ने धीरे-धीरे अपनी आँखें खोलीं और खुद से ही बोला, “स्वर्ग में भी इतने भयानक पेड़ होते हैं?”

    उसकी आँख जब पूरी तरह खुलीं तो उसने पाया कि वह तो अभी भी उस जंगल में ही है। वह एकदम से उठकर बैठा और अपने बगल में पड़े मून की तरफ़ देखने लगा, जो अब भी बेहोश था।

    वह चारों तरफ़ देखते हुए खुद से ही बोला, “वह भेड़िया कहाँ गया? उसने तो हम दोनों पर हमला कर दिया था?”

    उसने पास पड़े मून को पैर मारते हुए जगाया, “ऐ सुअरिया! उठ!”

    मून नहीं उठा। यह देख सनी ने उसकी साँसें चेक कीं; वह तो चल रही थीं; सीने पर कान लगाकर धड़कन भी सुनी; वह भी चल रही थी; मतलब वह ज़िंदा तो था। यह देख ना जाने क्यों उसके दिल को राहत महसूस हुई। सब ठीक था, बस वह होश में नहीं आ रहा था।

    यह देख सनी थोड़े चिड़चिड़े भाव से बोला, “डरपोक कहीं का, एक मामूली से भेड़िये को देखकर इतना भयानक तरीके से बेहोश हुआ कि होश में ही नहीं आ रहा।”

    वह उठा और वहाँ से जाने लगा। लेकिन फिर रुक गया और मून की तरफ़ देखकर खुद से ही बोला, “इसे छोड़ दूँ यहीं पर? आ जाएगा अपने आप...नहीं! कहीं उस भेड़िये या फिर किसी जंगली जानवर ने आकर इसे मार दिया तो मेरे ऊपर पाप चढ़ जाएगा, घरवाले सारी ज़िंदगी मेरी शक्ल नहीं देखेंगे।”

    काफ़ी सोच-विचार करने के बाद सनी ने आगे आकर मून को उठाया और अपने कंधे पर लादकर वहाँ से चल दिया।


    यहाँ जंगल के बाहर वनराज अपनी टीम के साथ खड़े थे। वह खूंखार भेड़िया भी पिंजरे में बंद था और घायल था।

    “सर, फ़ाइनली यह भेड़िया पकड़ा गया, लेकिन इसकी ऐसी हालत किसने की, इसके बारे में अभी कुछ पता नहीं चला?” एक टीम मेंबर वनराज से बोला।

    वनराज जो कि पहले से ही सनी और मून को लेकर चिंता में थे, थोड़े उदास और चिंतित मन से बोले, “यह खूंखार भेड़िया पकड़ा गया वह तो ठीक है, लेकिन अभी तक मेरे दोनों भाई वापस नहीं आए। वे दोनों डोरू को ढूँढते हुए रात को इसी जंगल में आ गए थे, और इस बात का सबूत है उनकी ये बाइक्स।” उन्होंने वहाँ खड़ी सनी और मून की बाइक्स की तरफ़ इशारा किया।

    “सर, वह देखिए!” एक टीम मेंबर सामने इशारा करके बोला।

    वनराज ने भी उस ओर देखा तो उनकी आँखें हैरानी से फटी रह गईं। सनी मून को अपने कंधे पर लादे चला आ रहा था।

    जारी है......

  • 20. The Ghost Hunters (A Rebirth Love Story) - Chapter 20

    Words: 1545

    Estimated Reading Time: 10 min

    वनराज ने भी उस ओर देखा; उनकी आँखें हैरानी से फटी रह गईं। सनी मून को अपने कंधे पर लादे चला आ रहा था। यह नजारा देखकर उनकी टीम के सभी सदस्य हैरान थे, क्योंकि सनी और मून की नफरत के चर्चे तो हर जगह फैले हुए थे।

    सनी ने जब सामने वनराज और उनकी पूरी टीम को देखा, तो उसने राहत की साँस ली। वनराज जल्दी से दौड़ते हुए उसके पास आकर बोले,
    "भानु! यह क्या हुआ इसे?"
    उन्होंने मून की तरफ चिंतित नजरों से देखा।

    सनी ने मून को अपने कंधे पर से उतारकर उन्हें थमा दिया और बोला,
    "रात में भेड़िया देखकर डर गया यह, इसलिए बेहोश..."
    तभी उसकी नजर पिंजरे पर पड़ी जहाँ वह खूंखार भेड़िया घायल पड़ा था।
    "भैया, यह भेड़िया पिंजरे में!"
    उसने हैरान होकर कहा।

    वनराज भी मून को संभालते हुए बोले,
    "हाँ, जब हमारी टीम यहाँ आई, तो यह भेड़िया यहाँ घायल पड़ा हुआ मिला। हमने इसे पिंजरे में बंद कर दिया।"

    सनी सोच में पड़ गया कि इस भेड़िये को घायल किसने किया? तभी मून को भी धीरे-धीरे होश आने लगा। सामने वनराज को देखकर उसने भी राहत की साँस ली, लेकिन भेड़िये को देखकर वह भी चौंक उठा।
    "यह भेड़िया!"
    उसने अपने पास खड़े सनी को देखा, जो खुद ही गहन सोच में डूबा था।

    तभी फ़ॉरेस्ट टीम का एक अधिकारी खुश होता हुआ वहाँ आया और उन दोनों की तारीफ़ करते हुए बोला,
    "भई, तुम दोनों ने तो कमाल कर दिया! जिस भेड़िये को पकड़ने के लिए हमारी पूरी टीम कई हफ़्तों से लगी हुई थी, उसे तुमने एक ही रात में पकड़कर घायल कर दिया। वेल डन बॉयज़।"
    उसने सनी और मून के कंधों को शाबाशी से थपथपाया।

    मून तो मना करने वाला था, लेकिन सनी थोड़ा घमंड वाले लहजे में बोला,
    "हम दोनों ने नहीं, सिर्फ़ मैंने! यह सुअरिया तो बेहोश हो गया था उसे देखकर।"

    यह सुनकर मून उसे देखकर गुस्से में बोला,
    "चुप कर कुत्ते! हम दोनों ही इसे देखकर भागे थे और फिर पत्थर से टकराकर गिर गए थे, उसके बाद यह हम पर कूदा और फिर....."
    इसके आगे मून को कुछ याद ही नहीं था। याद कहाँ से होगा? वह तो बेहोश हो गया था।

    इधर, इसके आगे याद तो सनी को भी नहीं था, क्योंकि मून के साथ-साथ वह भी बेहोश हो गया था। लेकिन फिर भी वह झूठ का पुलिंदा अपनी झूठी शान दिखाते हुए बोला,
    "जब वह हम पर कूदा, तो यह सुअरिया तो बेहोश हो गया, लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी। मैं इसे लेकर दूसरी तरफ़ पलट गया। वह भेड़िया खाली जगह पर कूदा, तो मैंने फुर्ती से उठकर वहाँ पड़ा बड़ा सा पत्थर उसके सिर पर दे मारा और वह घायल हो गया। उसके बाद वह रुका नहीं, गिरता-पड़ता दर्द से चिल्लाता हुआ वहाँ से भाग गया और यहाँ आकर गिर गया।"

    उसे सुनकर मून को यकीन तो नहीं था कि यह कुत्ता उसे लेकर पलटा होगा। वह उसके सामने आकर थोड़ा गुस्से में बोला,
    "मैं मान ही नहीं सकता कि तुमने मेरी जान बचाई होगी। अगर वह भेड़िया हम पर कूद जाता, तो तुम मुझे छोड़कर अकेले ही पलट जाते और अपनी जान बचाते। मैं पूरे यकीन से कह सकता हूँ कि तुम भी मेरे साथ ही बेहोश हो चुके थे।"

    सनी भी अपने दाँत पीसते हुए बोला,
    "मुझे भी कोई शौक नहीं है तेरी जान बचाने का। वह तो तूने डर के मारे मुझे पकड़ा हुआ था, इसलिए मैं तुझे लेकर ही पलटा, वरना मैं तो तुझे छोड़कर ही दूसरी ओर पलटता।"

    मून आगे भी कुछ कहने वाला था, लेकिन वनराज उसे रोकते हुए बोले,
    "अब तुम रहने दो, मून! उस वक्त सिचुएशन चाहे कुछ भी रही हो, लेकिन अभी तो भानु ही तुम्हें उठाकर यहाँ लाया है।"

    मून ने हैरानी से सनी को देखा, तो वह अपना कंधा दबाते हुए बोला,
    "ना जाने कितना खाता है यह?"

    उसे इस तरह देखकर मून को बहुत तेज गुस्सा आया, लेकिन वनराज की वजह से वह चुप रह गया। उसे अब भी सनी पर पूरा शक था कि यह झूठ बोलकर भेड़िया पकड़ने की वाहवाही लूट रहा है।

    लेकिन इन सब बातों के बीच, ये दोनों उस भेड़िये के साथ हुई लड़ाई को पूरी तरह भुला बैठे थे; वह लड़ाई जिसमें सनी भागते हुए रुका था और मून को उस भेड़िये से बचाया था। दूसरी बार जब सनी उसके चंगुल में फँसा था, तब मून ने उसकी पीठ पर पत्थर मारकर उसे बचाया था। एक-दूसरे को बचाने वाला यह सारा सीन उनकी मेमोरी से पूरी तरह डिलीट हो चुका था।

    उन दोनों को बस इतना याद था कि भेड़िया झाड़ियों से होता हुआ आया और वे दोनों वहाँ से भागे। भागते-भागते पत्थर से टकराकर नीचे गिर गए और भेड़िया उन पर कूदा। उसके बाद वे दोनों बेहोश हो गए।

    भेड़िया चाहे किसी ने भी पकड़ा हो, उसका सारा श्रेय सनी को दिया जा चुका था। सारी फ़ॉरेस्टिंग टीम उसकी तारीफ़ कर रही थी, जिसे देख मून का दिल जल रहा था। अगर यह तारीफ़ सचमुच उसकी बहादुरी के लिए की जाती, तो शायद उसे इतनी जलन नहीं होती, लेकिन यहाँ तो उसने कुछ किया भी नहीं और उसकी तारीफ़ की जा रही थी।

    तभी मून को अचानक से डोरू का ध्यान आया। वह वनराज से बोला,
    "जीजू! वह डोरू तो कहीं मिला ही नहीं?"

    तारीफ़ लूट रहे सनी को भी अब जाकर अपने डोरू का ध्यान आया। वह भी वनराज से बोला,
    "हाँ भैया! वह डोरू..."

    "डोंट वरी! तुम्हारा डोरू और डोरा बिल्कुल सही-सलामत घर आ चुका है।"
    वनराज ने यह कहा, तो उन दोनों ने राहत की साँस छोड़ी, वरना वे तो बुरी तरह घबरा गए थे कि रात भर में वे डोरू को नहीं ढूँढ़ पाए; कहीं इस भेड़िये ने उसे खा तो नहीं लिया। लेकिन भगवान की कृपा से ऐसा कुछ भी नहीं हुआ; सब ठीक था। वनराज के चेहरे पर से भी अब चिंता के बादल पूरी तरह छंट चुके थे। बेटा भी आ गया और भाई भी मिल गए।

    उसके बाद उन्होंने सनी-मून को घर जाने के लिए कहा और खुद अपनी टीम के साथ उस भेड़िये को लेकर चले गए।


    यहाँ डाइनिंग टेबल पर जॉर्डन, निक और किंचु ब्रेकफ़ास्ट कर रहे थे। जॉर्डन बीच वाली कुर्सी पर थे। किंचु और निक आमने-सामने बैठे थे। किंचु की नज़रें निक पर ही टिकी थीं, जिस कारण निक का खाना मुश्किल हो गया था। ऊपर से रात में जो हुआ, उसके बाद तो उसकी किंचु से नज़रें मिलाने की हिम्मत ही नहीं हो रही थी।

    निक जब भी नज़र उठाकर किंचु को देखता, तो वह अपनी टीशर्ट के कॉलर को उंगली से नीचे कर देता, जिससे वह लव बाइट नज़र आने लगते। साथ ही उसकी शरारती मुस्कान जो निक को असहज कर रही थी।

    किंचु की यह हरकत जब जॉर्डन ने देखी, तो वे बोले,
    "यह क्या कर रहे हो तुम?"

    किंचु एकदम से सकपका गया और कॉलर पर से अपनी उंगली हटा ली। निक की भी साँसें अटक गईं, यह सोचकर कि अगर पा ने इसके सीने पर वह निशान देख लिए, तो वह क्या सोचेंगे उसके बारे में?

    और पा ने वह निशान देख भी लिए थे। वह अपने हाथ में पकड़ी चम्मच से किंचु की टीशर्ट के कॉलर को नीचे करते हुए बोले,
    "यह सब कैसे हुआ?"

    किंचु ने निक की तरफ़ देखा, तो वह घबराकर ना में गर्दन हिलाने लगा।

    उसे देख किंचु शैतानी ढंग से मुस्कुरा दिया और जॉर्डन से बोला,
    "यह सब मच्छरों ने किया है।"

    "मच्छरों ने!"
    जॉर्डन थोड़ा हैरानी और नासमझी भरे भावों से बोले। निक भी यह सुनकर हैरान रह गया।

    किंचु अब बेचारी सूरत बनाकर बोला,
    "हाँ सर, आपके यहाँ हॉल में बड़े ही काटखने मच्छर हैं। रात भर मेरे सीने पर काटते रहे, खुजा-खुजाकर सुबह तक मेरे सीने का यह हाल हो गया।"
    उसने अपनी टीशर्ट का कॉलर अब कुछ ज़्यादा ही नीचे कर दिया, जिसे देख निक ने दूसरी तरफ़ मुँह फेर लिया। यह देख किंचु के साथ-साथ जॉर्डन को भी हल्की सी हँसी आ गई। फिर उन्होंने किंचु के सिर पर चपत लगाई और कॉलर ऊपर करने को कहा। किंचु ने कॉलर ऊपर किया और बोला,
    "कल की रात तो मैंने जैसे-तैसे निकाल ली, अब पता नहीं बाकी की रातें कैसे निकलेंगी उस हॉल में?"

    इधर निक अपने मन में बड़बड़ा रहा था,
    "झूठे तहीं ते, बेचाले मच्छरों पल झूठा इल्ज़ाम लदा लहे हैं।"

    जॉर्डन भी थोड़ा अफ़सोस के साथ कहने लगे,
    "हाँ किंचु, हॉल में मच्छर तो हैं, पर तुम चिंता मत करो, आज रात मच्छरदानी लगाकर सो जाना।"
    किंचु ने भी मुस्कुराकर हाँ में सिर हिला दिया।

    इधर निक अपने मन में बड़बड़ा रहा था,
    "फैती दिमोन मच्छरदानी में सोएदा! अदल उस मच्छरदानी में ताला होता, तो उसे बंद तलते चाबी दलिया में फेंक देता मैं।"

    किंचु उसे देखकर मुस्कुरा रहा था। तभी जॉर्डन अपना ब्रेकफ़ास्ट खत्म करके वहाँ से किचन की तरफ़ चले गए। उनके जाते ही किंचु सामने निक को देखकर गुनगुनाने लगा,
    "मुझे दिल में बंद कर लो, दरिया में फेंक दो चाबी।"

    यह सुनकर निक ने फटी आँखों से उसे देखा, और किंचु शैतानी ढंग से मुस्कुराते हुए गाता रहा,
    "कुछ तुमको हो गया तो, होगी बड़ी खराबी।"

    निक यह सोचकर घबरा गया कि उसने यह चाबी को दरिया में फेंकने वाली बात कैसे सुन ली? क्या यह उसके मन की बातें भी सुन लेता है? निक जल्दी से कुर्सी पर से उठा और "पा!" कहकर चिल्लाते हुए किचन में भाग गया। उसे देखकर किंचु हँस दिया।

    जारी है........