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My Dirty little obsession: Daddy's best friend

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Dark Angel

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सपना जिसे अपने ही पिता के सबसे अच्छे दोस्त से प्यार हो जाता है लेकिन। आरव खन्ना जो इस रिश्ते से पहले इनकार करता है।‌वो सिर्फ 16 साल की थी जब उसने आरव को प्रपोज किया था।‌और उस टाइम पर वह 37 साल के थे। दिल्ली के बहुत ही रईस बिजनेसमैन हैं। जिंदगी क्वाल...

Total Chapters (6)

Page 1 of 1

  • 1. My Dirty little obsession: Daddy's best friend - Chapter 1

    Words: 1117

    Estimated Reading Time: 7 min

    दिल्ली की गर्मियाँ की छुट्टी में सपना अपने घर आई थी। वह हॉस्टल में रहती थी और उसके 12th की पढ़ाई कंप्लीट हो चुकी थी जिस वजह से वह वापस अपने घर दिल्ली आ चुकी थी। जैसे ही वह घर में इंटर करती है सभी लोगों से देखकर हैरान हो जाते हैं क्योंकि वह सिर्फ और सिर्फ 3 साल में ही बहुत बड़ी लगने लगी थी। 16 साल की थी जब वह बाहर चली गई थी और अब वो 18 साल की हो गई है।


    सभी लोग बहुत खुश थे। वह फ्रेश होकर अपने रूम में बैठी थी। और किसी ख्यालों में खोई हुई थी। उसका दिल अब भी कहीं 10वीं क्लास में अटका हुआ था।
    वहीं वक्त… जब वो हॉस्टल जा रही थी और एक शाम आरव खन्ना ने उसे बालकनी में बुलाकर समझाया था—“ये सब गलत है, सपना। तुम ऐसा कुछ सोच भी नहीं सकते।”

    और उससे पहले। वहीं सपना ने हिम्मत करके उससे कह दिया था—"मुझे आप पसंद हैं…"

    आरव ने तब सिर्फ इतना कहा था—"तुम्हें अभी बहुत कुछ देखना है, समझना है। ये सही नहीं है।"
    उस दिन के बाद अनाया ने कभी किसी से अपने दिल की बात नहीं की। और कुछ अंदर ही अंदर टूट गया था।

    आरव खन्ना जो की सपना के डैड के बेस्ट फ्रेंड थे। और बहुत बड़े बिजनेसमैन थे। सपना के डैड उनके बचपन से ही क्लासमेट रहे थे इस वजह से वह उनसे अक्सर मिलने आया करते थे। वो बैठी यह सब सो ही रही थी कि तभी किचन से उसकी मम्मी अपर्णा जी की आवाज आई। "सपू देख ज़रा दरवाजे पर कौन है बेल बज रहा है,,!!

    मम्मी की बात सुनकर उसका ध्यान अपनी बातों पर से हटा है और वह बेड पर से उठती है। उसने एक सिंपल साधारण एड्रेस पहन के रखा था और उसके बालों के बंद बने हुए थे। उसकी हेजल ग्रीन आंखें जो की बहुत ज्यादा अट्रैक्टिव थी। और बेदाग सा चांद की रोशनी में चमकता हुआ उसका बदन जो किसी को भी अपने तरफ अट्रेक्ट कर सकता था। ओर जैसे ही उसने अपने चश्मे को पहनते हुए दरवाजे को खोला।



    सामने वही खड़ा था—आरव खन्ना। सफेद शर्ट, हल्के ग्रे बाल, पर्सनैलिटी इतनी अट्रैक्टिव की कोई नहीं कह सकता कि यह 40 के होंगे। दिखने में काफी हैंडसम।
    वो मुस्कराया—"ओह… तुम तो अब बड़ी हो गई हो, सपना।"

    वहीं पर सपना अभी भी उसे ही देख रही थी। वो मुस्कराई नहीं, बस एक फीकी सी नजर डालते हुए बोली—"हां अंकल… पापा छत पर हैं, आपको बुला रहे हैं।"

    और फिर चुपचाप पलटी।चेहरे पर हल्की उदासी थी, आँखों में कहीं कोई पुराना सवाल। आरव उसे जाते हुए देखता रहा। उसके मुंह से "अंकल" शब्द सुनना… थोड़ा अजीब लगा उसे।कुछ चुभा था।लेकिन वो बिना कुछ कहे छत की तरफ बढ़ गया।


    ढेर सारी बातों के बाद सभी डाइनिंग टेबल पर बैठ गए थे लेकिन सपना नहीं आई थी तभी उनकी मम्मी अपर्णा जी। "अरे बेटा खाना खाने तो आ जाओ।

    तभी रूम में से ही सपना की आवाज़ आती है। "मुझे भूख नहीं है मम्मी मुझे सोने दो,,!!

    अपर्णा जी फिर से जिद कर नहीं वाली होती है कि तभी सपना के डैडी यानी समीर बोले "अरे छोड़ो भी आज ही हॉस्टल से आई है थक गई होगी सोने दो उसे,,!!


    रात बहुत हो गई थी तो आराव यहीं पर रुकने वाला था और समीर और आरव दोनों ही साथ में ड्रिंक कर रहे थे।


    रात के करीब 1 बजे। घर में सब सो चुके थे। सपना बालकनी में खड़ी थी। हल्की सी हवा चल रही थी, पर मन में कुछ भारी था। अंदर कोई बेचैनी सी थी, जो ठंडी हवा से भी नहीं जा रही थी।तभी पीछे से किसी के लड़खड़ाते कदमों की आवाज़ आई।

    आरव था।शायद थोड़ा नशे में। उसकी आँखें लाल थीं, चेहरा थोड़ा थका हुआ… और चाल हल्की डगमगाती।

    आरव अचानक से उसी कमर को पकड़ के अपने करीब कर लेता है। ‌"तुम अब भी वैसे ही दिखती हो… बस थोड़ी लंबी हो गई हो।"

    सपना चौंककर उसकी ओर देखती है।"आप ठीक हैं?"

    वो मुस्कराया, लेकिन वो मुस्कान वैसी नहीं थी जैसी दिन में थी।वो एक कदम उसके करीब आया… फिर एक और…और अगले पल… उसने सपना को पकड़ कर उसकी गर्दन के पास होठों से छू लिया।

    सपना अचानक पीछे हटी—"अंकल, प्लीज… ये क्या कर रहे हैं?"

    उसने उसे रोकने की कोशिश की, पर वो उसकी बात नहीं सुन रहा था।आरव उसके गार्डन के नजदीक जाते हुए। अपनी को अट्रैक्टिव वॉइस में "तुम्हें पता है… उस दिन अगर तुम कुछ नहीं कहती… तो मुझे कभी पता नहीं चलता।"



    लेकिन आरव जैसे उस लाइन को पार कर चुका था। उसके हाथ अब भी सपना की कमर पर कसे थे।ओर उसके होंठों पर डीप किस करने लगा। पहले तो सपना उसे रोकने की कोशिश कर रही थी।


    लेकिन जिस इंटेंसिटी और डार्क रोमांटिक होकर आरव उसे शिद्दत से किस कर रहा था वह खुद को रोक नहीं पाई और अब वह भी उसे डीप किस करने लगी। उसकी हाइट छोटी थी वह अपने पैरों को उसके पैर पैर रखकर और एड़ियों को उठाकर अपने दोनों हाथों के उसके शोल्डर के अराउंड कर उसे किस करने लगी।




    वहीं पर आरव भी उसे पूरा वर्ल्ड होकर किस कर रहा था। जैसे जैसे वो किस कर रहे थे। वैसे वैसे उनकी स्पीड और बढ़ती जा रही थी। अब तो आरव उसके टी-शर्ट को हल्के से नीचे कर उसके बैक ओर सोल्डर पे भी किस करने लगा था। ओर सपना भी उसे नहीं रोक रही थी। लेकिन आरव वो तुरंत रूका , जिससे सपना ने तुरंत आंख खोली और अपने सामने कन्फ्यूजन भरी नजरों से उसे देखा उसकी आंखों में हल्का सा आंसू भी था।


    आरव ने उसके गले में हाथ घुसते हुए। एक इंटेंस वॉइस में "That's enough my little baby girl, you are still very small!!


    लेकिन सपना वो नहीं रूकती है। उसके कॉलर को पकड़ते हुए फिर से अपने करीब कर लेती है और फिर से उसके होठों पर अपने होठों को रखकर अपने मुंह में भरकर किस करने लगती है बहुत ही ज्यादा वाइल्ड होकर। जैसे बरसों से बस वह इसी का इंतजार कर रही थी।


    वहीं पर आ रहा हूं हल्का सा स्माइल कर रहा था। वो खुद भी सपना को बहुत पसंद करता था लेकिन वह नहीं चाहता था कि वह इन सभी चीजों में पड़कर अपनी पढ़ाई में डिस्टर्ब हो जाए। लेकिन आज आज पता नहीं पर उसके मुंह से अंकल शब्द सुनने के बाद उसे बर्दाश्त नहीं हुआ।


    वो दोनों तो लगे ही हुए थे। और आरव के दोनों हाथ भी अभी भी उसकी नाजुक सी कमर पर था। सपना जब किस करते हुए थक गई। तो अचानक से आरव फिर से उसे कमर को पड़कर अपने बॉडी से अटैच कर लेता है और उसे फिर से डीप किस करने लगता है।


    𝗧𝗼 𝗯𝗲 𝗰𝗼𝗻𝘁𝗶𝗻𝘂𝗲𝗱...

  • 2. My Dirty little obsession: Daddy's best friend - Chapter 2

    Words: 1007

    Estimated Reading Time: 7 min

    कुछ देर बाद, आरव रुकते हुए सपना को धीरे से अपने करीब खींचता है और अपनी लो अट्रैक्टिव वॉइस से कहता है, "रिलैक्स, stop now, baby girl...।"

    सपना उसकी ओर देखती है, उसकी आँखों में कुछ सवाल थे। वो हल्का सा मुस्कराती है, लेकिन फिर थोड़ा घबराते हुए बोलती है, "तो क्या आप भी मुझे पसंद करते हैं?"

    आरव मुस्कराते हुए, उसे गहरी नजरों से देखता है और फिर धीरे से बोलता है, "Of course, bbg..." उसने सपना को अपनी बाहों में समेटते हुए उसे एक सुकून भरा गले लगाया।

    सपना अचानक से उसके गले में झूलने लगी और उसकी आँखों से आंसू गिरने लगे। वह उसकी छाती से चिपक कर रोने लगी, जैसे कई दिनों का दबा हुआ दर्द अब बाहर आ गया था।

    आरव ने उसे और नज़दीक खींचा, उसके बालों में अपनी उंगलियाँ फिराते हुए, धीरे से उसके आंसू पोंछे और कहा, "Now time to sleep, baby girl...!" उसकी आवाज में एक नर्म, प्यार भरी थी।

    सपना की आँखों में हल्की सी उदासी थी, लेकिन साथ ही वह महसूस कर रही थी कि शायद यह पल, यह एहसास उसके लिए बहुत मायने रखता है।आरव ने धीरे से उसकी कमर से अपने हाथ हटाए और उसे थोड़ा दूर कर दिया, फिर मुस्कराते हुए बोला, "अब सो जाओ, baby girl। सब ठीक हो जाएगा।"

    फिर वो धीरे-धीरे कमरे से बाहर चला गया, और सपना वहीं खड़ी रही। उसकी आँखों में आंसू थे, लेकिन एक नयी समझ भी। उसका दिल अब भी भारी था, लेकिन कुछ हल्का महसूस हो रहा था। यह शायद उस पुराने दर्द को छोड़ने का वक्त था।

    Next morning

    सुबह की हल्की धूप खिड़की से छनकर कमरे में आ रही थी। सपना की नींद धीरे-धीरे खुली। आंखें मलती हुई वो बिस्तर से उठी और अपने बालों को एक क्लच में समेटते हुए हॉल की तरफ चल पड़ी।

    हॉल में उसकी मम्मी, अपर्णा जी, किचन में नाश्ते की तैयारी कर रही थीं। बर्नर पर पराठा सिक रहा था और मसालों की खुशबू हवा में तैर रही थी। वहीं उसके पापा, समीर जी, सोफे पर बैठे अखबार पढ़ रहे थे, सामने की मेज पर चाय रखी थी।

    सपना थोड़ी झिझकती हुई उनके पास आई। हल्का सा गला साफ करते हुए बोली, "पापा… आरव अंकल चले गए क्या?"

    समीर जी ने अखबार से नजर हटाकर अपनी बेटी की ओर देखा।"हां बेटा, वो तो सुबह ही निकल गए थे। क्यों? तुम्हें कुछ काम था उनसे?"

    सपना ने तुरंत एक बहाना बना लिया, अपने चेहरे पर एक हल्की सी मासूमियत लाकर बोली,"हां… वो मुझे इंजीनियरिंग के बारे में पूछना था। कौन सा कॉलेज बेस्ट होगा दिल्ली में…"

    समीर मुस्कराए,"अच्छा… ऐसा है? कोई बात नहीं। आज शाम उनके घर एक पार्टी है, तुम भी चलना। वहीं मिल लोगी, तब पूछ लेना।"

    सपना थोड़ा चौंक गई। "पार्टी? किस लिए पापा?"

    समीर ने फिर से अखबार की तरफ देखा और बड़ी ही सामान्य सी आवाज में बोले,"अरे, लगता है आरव की कंपनी को कोई बड़ा प्रोजेक्ट मिला है। या शायद उनके किसी दोस्त की सक्सेस पार्टी है। मुझे पूरा नहीं पता, पर इन्विटेशन आया है।"

    सपना चुप हो गई। उसके मन में हलचल थी, पर चेहरा शांत।"ओके पापा…" कहकर वो किचन की तरफ बढ़ गई, लेकिन उसके दिल में कई सवाल,ऐसे कैसे वो बिना बताए चले गए। उसे थोड़ा सा बुरा लग रहा था। लेकिन वह फ्रेश होने के लिए चली जाती है।

    शाम होने में कुछ घंटे बाकी थे। लेकिन सपना का मन बेचैन था। वो बार-बार अलमारी खोलकर कपड़ों को देखती, फिर बंद कर देती। कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि पार्टी में क्या पहने। आरव भी वहाँ होगा… यही ख्याल उसे थोड़ा नर्वस कर रहा था, और थोड़ा एक्साइड भी।

    आखिरकार उसने फोन उठाया और अपनी बेस्ट फ्रेंड सिमरन को कॉल किया। "हैलो सिमरन… मैं आ रही हूं तेरे घर, एक बहुत ज़रूरी बात है।"

    सिमरन ने हँसते हुए जवाब दिया, "ओ मैडम, सब समझ रही हूं फिर कोई प्रॉब्लम है?"

    "बस तू ही समझ सकती है वो मुझे पार्टी में जाना है। पर समझ नहीं आ रहा क्या पहनू!"

    तो देरी किस बात की आ जा जल्दी से यहां,,!! सिमरन ने कहां। जिसे सूं सपना मुस्कराई और जल्दी से तैयार होकर सिमरन के घर निकल पड़ी।

    सपना जैसे ही अंदर आई, सिमरन पहले से तैयार खड़ी थी, अपने कमरे में ढेर सारी ड्रेसेज़ फैलाई हुई थीं।

    "आ जा मेरी मैडम, अब बता पार्टी किस टाइप की है?"

    सपना थोड़ी शरमाई, "बस… आरव अंकल के घर पार्टी है।"

    सिमरन ने एकदम चौंक कर देखा, "ओह्ह्ह… अब समझा तू इतनी टेंशन में क्यों है! चल अब देख क्या पहनना है!"

    सिमरन को सब पता था। कि वो आरव को लाइक करती है।

    दोनों ने एक-एक ड्रेस उठाकर सपना पर ट्राय करवाना शुरू कर दिया। एक ग्रीन ऑफ-शोल्डर ड्रेस, एक वाइन कलर की सिल्क मिडी ड्रेस और एक ब्लैक लॉन्ग गाउन।

    सिमरन ने ग्रीन वाली देखकर मुँह बनाया, "ये बहुत क्यूट है, लेकिन तू 'क्यूट' नहीं दिखना चाहती आज… राइट?"

    सपना हँसते हुए बोली, "तू भी ना!

    सिमरन सोचते हुए। बोली ""आज कुछ ऐसा चाहिए जो एलिगेंट भी हो और थोड़ा… स्पेशल भी।"

    सिमरन ने तुरंत ब्लैक लॉन्ग गाउन उसकी तरफ बढ़ाया। "तो यही है तेरे लिए। क्लासी, सिंपल और… काफी कातिल!"

    सपना ने ड्रेस पहनकर जब शीशे के सामने खुद को देखा, तो कुछ देर खुद को ही निहारती रही। बाल खुले थे, लाइट मेकअप, और आँखों में एक अलग सी चमक। वो खुद को पहली बार… थोड़ी अलग लगी।

    "क्या मैं ठीक लग रही हूं?" उसने धीमे से पूछा।

    सिमरन ने पीछे से गले लगाते हुए कहा, "तू आज आरव अंकल का दिल भी हिला सकती है!"

    सपना हँसी, लेकिन कहीं ना कहीं उसका दिल सच में थोड़ा जोर से धड़कने लगा था। वो बहुत खुश थी। आखिरकार इतने सालों बाद आरव ने उसे एक्सेप्ट कर लिया था। वह यह ड्रेस सेलेक्ट कर लेती है। ड्रेस को लेकर वह अपने घर पहुंच जाती है।


    जहां अपर्णा जी उससे "अरे सूप बेटा जल्दी से तैयार हो जा, बस 1 घंटे में निकलने वाले हैं ,!!

    सपना ने उनकी तरफ देखा और हल्का मुस्कुरा कर बोली। "मम्मी बस 2 मिनट में यूं तैयार हो जाऊंगी।"


    To be continued.......

  • 3. My Dirty little obsession: Daddy's best friend - Chapter 3

    Words: 1037

    Estimated Reading Time: 7 min

    शाम से कब रात हो गया किसी को पता नहीं चला। सपना का कमरा किसी राजकुमारी के चेम्बर जैसा लग रहा था । उसके ड्रेसिंग टेबल पर फैला हल्का मेकअप, उसके कंधों पर ढलकते खुले बाल, और वो ब्लैक लॉन्ग गाउन… जो उसे सच में किसी राजकुमारी की तरह दिख रहा था।

    अपर्णा जी ने दरवाज़े पर खड़े होकर मुस्कराते हुए कहा,
    "सपना बेटा, सब रेडी हैं। जल्दी आ जा, कार में बैठना है।"

    सपना ने शीशे में खुद को आखिरी बार देखा, हल्के से होंठों पर लिपग्लॉस लगाया। वह बहुत खुश नजर आ रही थी। आज कुछ तो अलग था। आज सिर्फ सपना नहीं जा रही थी... आज कोई "खास" उसे देखेगा।

    सीढ़ियों से नीचे उतरते हुए उसकी चाल थोड़ी धीमी थी, लेकिन हर कदम में एक नर्वस-सी एक्साइटमेंट थी। डाइनिंग एरिया में समीर जी कोट पहन रहे थे।

    "वाह… हमारी बेटी तो आज रेड कार्पेट रेडी लग रही है!" समीर जी ने प्यार से कहा।

    सपना हल्के से मुस्कुराई। और मुंह बनाते हुए बोली "पापा… ओवर मत करो..." लेकिन उस मुस्कान में शरम और उम्मीद दोनों थीं।

    सब लोग कार में बैठते हैं। सपना पीछे की सीट पर बैठी, खिड़की से बाहर देख रही थी। दिल्ली की सड़कों पर भागती लाइट्स उसकी आंखों में कुछ नए सपनों की चमक भर रही थीं। लेकिन मन में एक ही नाम गूंज रहा था आरव।

    "क्या वो मुझे नोटिस करेगा?क्या उसे याद है कि कल रात मैंने कितना रोई उसकी बाहों में?क्या आज वो... कुछ कहेगा?"

    कार खन्ना मेंशन की ओर बढ़ रही थी। दिल्ली की सबसे आलीशान एरिया में, जहाँ हर दूसरा मेंशन एक अलग पहचान थी।। लेकिन खन्ना मेंशन की बात अलग थी। जब मेंशन का गेट सामने आया, सपना की धड़कनें एक पल को रुक गईं।

    लाइट्स… म्यूजिक… गेट पर खड़ी सिक्योरिटी… और सामने खड़ी एक रॉयल, ग्लास से बनी मेंशन वो पहली बार यहां आई थी। उसे पता था कि इस मेंशन में सिर्फ और सिर्फ अकेले आरव रहता है क्योंकि उसकी फैमिली आउट ऑफ़ इंडिया रहती है।

    "मेरी हार्टबीट इतनी फास्ट क्यों हो रही है," उसने मन में सोचा।

    जैसे ही कार रुकती है, समीर जी उतरते हैं, फिर अपर्णा जी। सपना धीरे से बाहर निकलती है, और जैसे ही उसके हाई हील्स कार्पेट पर पड़ते हैं, वो फील करती है — "I’m no longer the same girl who cried last night. आज... मैं खास महसूस कर रही हूँ।"


    मेंशन के अंदर माहौल किसी रॉयल गाला जैसा था। ग्लास झूमर की रौशनी, क्लासिकल जैज़ म्यूजिक की हल्की धुनें, और हर कोने में एलीट क्लास के लोगों की चहल-पहल। दिल्ली के टॉप बिजनेसमैन, सोशलाइट्स और मीडिया पर्सनालिटी सब वहाँ मौजूद थे।

    ब्लैक लॉन्ग गाउन में वो किसी क्वीन से कम नहीं लग रही थी, सपना ने अपनी मम्मी के साथ हाल में कदम रखा, और उसकी आँखें बेसब्री से किसी को ढूँढ रही थीं। ओर उसका दिल हर गुजरते सेकंड के साथ बेसब्र हो रहा था। हर कोने में देख रही थी… लेकिन आरव कहीं नहीं था।

    “कहाँ हो तुम…?” उसकी आँखें बार-बार भीड़ में उसे खोजतीं।


    और तभी एक धीमी, भारी आवाज़ बैकग्राउंड में गूंजती है,
    "Ladies and gentlemen, please welcome the man behind today’s success — Mr. Aarav Khanna!"

    सभी की नजरें दरवाज़े की तरफ मुड़ जाती हैं। भारी ब्लैक सूट, स्ट्रेट फेस, और बेहद कॉन्फिडेंट चाल में आरव अंदर दाखिल होता है। चार लोग उसके साथ चल रहे हैं दो बड़े क्लाइंट्स, एक इंटरनेशनल डेलीगेट और एक फेमस रियल एस्टेट टाइकून।

    आरव जैसे ही स्टेज के पास पहुँचता है, हल्की ताली बजती है। एक असिस्टेंट माइक लाकर देता है।

    आरव माइक लेकर बोलता है, "Thank you everyone for coming. Today is not just about business— it's about trust. Trust that built this new partnership with our European allies, and the upcoming Delhi Smart Hub Project, which will be Asia’s largest AI-integrated commercial space. So... cheers to new beginnings."
    वो हल्के से ग्लास उठाता है और भीड़ में शामिल हो जाता है.सपना दूर खड़ी, सब देख रही थी। और तभी... उसकी और आरव की नज़रें टकराती हैं।

    एक पल को जैसे सब रुक गया। सपना की साँस अटक गई। उसने सोचा "क्या वो... मुझे देख रहे है?"

    हाँ, उसने देखा था। लेकिन... ना मुस्कान। ना सिर हिलाना। ना कोई एक्सप्रेशन। बस एक सेकंड, और फिर आरव ने अपनी नजरें घुमा लीं, जैसे कुछ हुआ ही नहीं। सपना का चेहरा थोड़ा फीका पड़ गया। "क्या कल रात का कोई मतलब नहीं था उनके लिए?"

    वो हिम्मत करके उसकी तरफ बढ़ने ही वाली थी…
    "मैं उससे जाकर पूछूंगी...!"

    लेकिन तभी आरव अपने साथियों के साथ एक कॉन्फ्रेंस रूम की ओर बढ़ जाता है। दो सिक्योरिटी गार्ड उसके पीछे चलते हैं। वो सपना की तरफ पलटकर भी नहीं देखता।
    सपना वहीं रुक जाती है। उसके कदम जैसे ज़मीन में जम गए हों। उसका दिल धड़क तो रहा था, लेकिन उस धड़कन में अब उलझन थी।


    पार्टी अच्छे से चल रही थी अपर्णा जी भी उधर कुछ लोगों से बात कर रही थी और उसके डैड भी किस से बातें करने में बिजी थे लेकिन सपना का मन नहीं लग रहा था। वो बस चेहरे पर हल्की सी उदासी लिए बैठी हुई थी। वो वॉशरूम ढूंढते हुए वॉशरूम की तरफ जाने लगती है। वो धीरे-धीरे वॉशरूम की तरफ बढ़ती है, अपने गाउन को हल्के से संभालती हुई, पर तभी गलियारे के मोड़ पर रुक जाती है।उसके कदम वहीं थम जाते हैं। उसकी सांस अटक जाती है।

    आरव… एक लड़की को पकड़कर, उसे दीवाल से टेक कर किस कर रहा था।

    सपना की आंखें फटी की फटी रह जाती हैं। कुछ पल को उसे यकीन ही नहीं होता कि वो क्या देख रही है।

    "नहीं… ये वो नहीं हो सकता… जिसने कल मुझे गले लगाकर कहा था, 'everything will be okay, baby girl…'"

    उसकी आँखों से आँसू खुद-ब-खुद बहने लगे।वो बिना एक और शब्द सुने, वहाँ से पलटती है और तेज़ी से उस भीड़ भरी पार्टी से निकलती है। बाहर आकर किसी को बताए बिना, टैक्सी लेकर चली जाती है। उसकी आँखे लाल थीं, मेकअप बह चुका था। लेकिन उससे ज्यादा उसका भरोसा टूटा था।

    आरव ने उसकी तरफ एक बार भी नहीं देखा।

    To be continued.......



    आखिर वह लड़की कौन थी जिसे आरव किस कर रहा था क्या वह आरव ही था कि कोई और। जाननें के लिए बने रहे। my Dirty little obsession:daddy's best friend

  • 4. My Dirty little obsession: Daddy's best friend - Chapter 4

    Words: 12

    Estimated Reading Time: 1 min

    𝗛𝗹𝗼 𝘃𝗲𝗿𝘆 𝗼𝗻𝗲 💋
    𝗟𝗲𝘁𝘀 𝘀𝘁𝗿𝗮𝘁 𝘁𝗵𝗲 𝘀𝘁𝗼𝗿𝘆


    ♥︎ 𝗘𝗽𝗶𝘀𝗼𝗱𝗲: 4 ♥︎

  • 5. My Dirty little obsession: Daddy's best friend - Chapter 5

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 6. My Dirty little obsession: Daddy's best friend - Chapter 6

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min