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तुम मेरी हो ❤️

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Lakshita Kamboj

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प्यार होने के लिए सदियों की नहीं एक पल की जरूरत होता है । ऐसे ही हमारी कहानी में रूड और एरोगेंट बिलेनियर अक्षत को अनाथ और गूंगी रूही से प्यार हो जाता है और प्यार कब जुनून में बदल गया पता ही नहीं चला । कैसे वो रूही की मासूमियत दुनिया से बचा कर रखता है...

Total Chapters (3)

Page 1 of 1

  • 1. तुम मेरी हो ❤️ - Chapter 1

    Words: 1592

    Estimated Reading Time: 10 min

    ये मेरी पहली स्टोरी है आशा है कि आपको ये स्टोरी पसंद आएगी और कोई गलती हो जाए तो अपनी छोटी बहन समझ कर माफ करदेना

    सिंघानिया मेंशन

    एक बड़ा सा घर। घर नहीं महल कहा सकते है उसमें एक बहुत बड़ा गार्डन है उस गार्डन में एक टेबल ओर 4 5 चेयर रखी हुई थी और उसकी दूसरी साइड एक बहुत बड़ा पानी का फव्वारा था जिसमें से पानी निकल रहा था और गार्डन में तरह तरह के फूल पौधे लगे हुई थे कुछ फूल तो देखने में ही विदेशी फूल लग रहे थे। गार्डन ही इतना सुंदर था कि बस पूछो मत

    बाहर गेट से लेके घर के मैन एंट्रेंस तक एक सड़क थी जो काफी लंबी थी एंट्रेंस तक पूछने मै ही 10 minute लग जाए

    घर के अंदर एक आलीशान सोफे पर एक बुजुर आदमी बैठआ था जिसके उमर 70 के आसपास की है पर वो देखने मै यही कोई 50 का लग रहे है अपने आप को काफी फिट किया हुवे हैये है रायचंद सिंघानिया (head of family) ये बिल्कुल नारियल की तरह है बाहर से सकत ओर अन्दर से नरम और ये सिंघानिया ग्रुप ऑफ कंपनी के चेयरमैन भी है। कुछ साल पहले इनकी पत्नी प्रभा सिंघानिया का देहांत हो गया था इन्होंने अपनी मेहनत से पूरे देश में बहुत बड़ा नाम कामा लिया था आज इनकी कंपनी पूरे देश में नंबर 1 पर है इनकी कंपनी की बहुत सी ब्रांच अलग अलग शहरों मै भी है।

    इनके 2 बेटे और 1 बेटी है

    बेटी - पुष्वती सिंघानिया बहुत घमंडी लालची औरत है हमेशा पैसे का घमंड करती है इनके शादी हो गई इन्होंने लव मैरेज की थी इनके पति का नाम रजत दशमुखी है वो काफी स्वाभिमानी इंसान है उनकी खुद की एक कंपनी है वो दिन रात काम करते है क्योंकी उनकी बीवी के शोक दिन प्रतिदिन बाहर्ड रहे है

    बड़ा बेटा - पृथ्वी सिंघानिया इनकी शादी अरेंज हुई थी इनकी पत्नी का नाम श्रुति सिंघानिया था वो काफी नरम दिल की इंसान थी हमेशा परिवार को साथ लेकर चलना सबकी सेवा करनी । एक कार एक्सीडेंट में उनकी मौत हो गई उनकी मृत्यु के 6 महीने बाद इन्होंने दूसरी शादी करली वो भी अपनी असिस्टेंट के साथ जिनका नाम सोनम है बहुत ही नक्चड़ी ओर घमंडी औरत है

    छोटा बेटा - राजेश सिंघानिया और इनकी पत्नी का नाम राधा सिंघानिया है दोनों ही काफी नरम दिल के इंसान है और राधा श्रुति की तरह सब का ख्याल रखती है और वो एक अच्छी बहु पत्नी और एक अच्छी मां भी है

    #पृथ्वी और श्रुति सिंघानिया के 2 बेटे है
    👉🏻बड़ा बेटा✨
    अक्षत सिंघानिया (male lead) उमर 15 साल गुस्सा हमेशा नाम पर चढ़ा रहता है वो बहुत शांत रहता है और बहुत कम बोलता है बात करे पर्सनेलिटी की एक बार कोई लड़की देखलेो तो बस वही घायल हो जाए लाइट ब्ल्यू आईज परफेक्ट बॉडी परफेक्ट हाइट

    छोटा बेटा

    करण सिंघानिया उमर 12 साल अपने भाई से बिल्कुल उल्टा हंसी मजाक करने वाला हमेशा उछाल कूद करने वाला एक बार बोलना शुरू करदे चुप होने का नाम नहीं लेता ये भी बहुत हैंडसम है

    #पृथ्वी और सोनम की एक बेटी है

    पीहू सिंघानिया उमर 8 साल बहुत ही प्यारी है और बिल्कुल भी अपनी मां जैसी नहीं है और अपने भाइयों जान छिड़कती है

    #राजेश और राधा की भी 1 बेटी और 1 बेटा है दोनों ही जुड़वा है

    आरुष सिंघानिया उमर 10 साल वो भी करण की तरह मस्ती मजाक करता है और हैंडसम भी है

    आरुषि सिंघानिया उमर 10 साल शांत ओर थोड़ी की नटखट बहुत ही क्यूट खाने की शौकीन

    #पुष्वती और राजेश का एक बेटा है

    देव देशमुख बिल्कुल अपनी मां की तरह घमंडी और नकचढ़ा सबसे लड़ाई झगड़ा करने वाला ओर बढ़ो के आगे शरीफ बने का नाटक करना पैदाइशी खून मै है

    स्टोरी पर वापिस आते है

    रायचंद जी अक़बार पढ़ रहे थे उन्होंने नजर का चश्मा पहना हुआ था वो बिजनेस से रिलेटेड कोई खबर पढ़ रह थे तभी उन्होंने आवाज लगाई बहु राधा बहु ......

    रसोई से आवाज आई। आई पिता जी .... थोड़ी देर मै राधा हाथ में एक ट्रे पकड़े बाहर आरही थी उसने सिल्क की एक बनारसी साड़ी पहनी हुई थी वो बहुत सुन्द लग रही थी उसने ट्रे मै रखी चाय का कप रायचंद जी की तरफ बढ़ाया और बोली पिता जी चाय

    रायचंद जी बोले हा ले आओ फिर बोले बच्चे अभी तक स्कूल से नहीं आए तो राधा जी बोली आते होगे पिता जी ड्राइवर लेने गया है उन्हें स्कूल से फिर रायचंद जी सिर हा मै हिलादिया

    थोड़ी देर बाद

    घर के बाहर कार रुकने की आवाज आई और सारे बच्चे भागे भागे अंदर आते है और उनके पीछे एक बच्चा बहुत शांति से चल कर आरा था बचे आकर सोफे पर लेट जाते है और एक साथ बोलने लगते है मां, छोटी मां.. बहुत भूख लगती है कुछ खाने को दे दो

    रायचंद जी बोले आगे मेरे नन्हे नन्हे राजकुमारों और राजकुमारी कैसा रहा आज स्कूल का दिन लगता है बहुत तख गए हो सारे बच्चे एक साथ बोले जीइईईई दादाजीईइई एक बच्चे अभी शांत बैठा था । तभी राधा जी वह आती है बोल ती आगे मेरे बच्चों चलो हाथ मुंह धोले और कपड़े चेंज करले मै तुम सब के लिए खाना लगवाती हु

    तभी अक्षत सोफे से उठा और बोला छोटी मां मै चेंज करके आता हु ओर वो अपने कमरे मै चल गया और फिर राधा ने सभी बच्चों को उनके रूम मै भेज दिया थोड़ी देर बाद सबबचे नीचे आए सबने खाना खाया और फिर अपने रूम जाकर रेस्ट करने लगे

    अक्षत रूम मै जाके कोई मीटिंग अटेंड करने लगा उसने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था और सामने लैपटॉप पर बड़े बड़े माफिया लीडर और दूसरी कंट्री को प्रेसिडेंट बहते हुवे थे और शायद ये मीटिंग किसी वेपन के बारे में हो रही थी अक्षत उस वेपन को काफी गौर से देख रहा था वो छोटी से उमर मै काफी बड़े बड़े काम करने लगा था

    ओर सब अपने अपने रूम मै थे कोई रेस्ट कर रहा था कोई खेल रहा था तो कोई अपना होमवर्क कंप्लीट कर रहा था।

    थोड़ी देर बाद

    अक्षत अपनी मीटिंग कंप्लीट करके बालकनी मै आ जाता है थोड़ी ताजी हवा लेने वो ऐसे ही बालकनी मै खड़ा था तो उसने देखा घर के बैकयाड मै छोटी सी लड़की खेल रही है वो भाग रहे खरगोश को पकड़ने की कोशिश कर रही है

    अक्षत उससे देखते ही मक्तमुंड होगया वो थी ही इतनी सुंदर जैसे आसमान से कोई परी उतर कर आई हो हेजल ग्रीन आईज छोटी सी नाक दूध से भी सफेद रंग धूप मै खेलने की वह से वो हल्का लाल पड़ गया था।।

    वो अपने छोटे छोटे हाथों से उस खरगोश को पकड़ने की कोकी कोशिश कर थे थे उसके चेहरे पर बहुत बड़े स्माइल थी और उतनी ही मासूमियत अब वो थक गई थी इसलिए वहीं गार्डन मै नीचे बैठगई तभी वो खरगोश उससे बैठते देखता है तो वो उसके पास आ जाता है और उस लड़की की गोद मै लेट जाता है और वो लड़की उसके सिर पर हाथ फेरने लग जाती है

    ये देखते देखते अक्षत ने एक बार भी अपनी पलके नहीं झपकाई और उसके चेहरे पर भी हल्की सी मुस्कान आएगी जिसे उसने बेखूबी छुपा लिया।

    ये हैं रूही (female lead) उमर यही कोई 8 साल की पर मासूमियत भरपूर। छोटी सी रूही ने अभी तक अपने जीवन में बहुत से कष्ट झेल लिए थे उसके बारे में आगे जाएंगे। अब रूही उससे लेकर अंदर सर्वेंट क्वाटर मै चली जाती है जब तक वो अंदर नहीं जाती अक्षत उससे ऐसे ही देखता रहा अब उसका दिल बेचैन होने लगा था उससे रूही को देखनी जिज्ञासा होने लगी और यही की ये कौन है आज से पहले तो मैने तो इससे या हा नहीं देखा

    ऐसे सोचते सोचते वो अंदर रूम मै आगया और अपना स्कूल का होमवर्क करने लगा पर आज उसका दें हान अपने काम पर नहीं था बार बार उसकी आंखों के सामने वो हेजल आईज और रूही की मासूमियत नजर आ रही थी वैसे तो अक्षत स्कूल का टॉपर है पर आज टॉपर का ही दहन नहीं है पढ़ाई मै (पहली नजर का प्यार बाबू भैया)😂😂😂😂😂😂😂😂


    इधर रूही अंदर एक छोटे से कमरे मै आई उससे बहुत भूख लग रही थी पर वो अपने पेट पर हाथ रखे हुवे चुप चाप बैठी थी तभी कमरे का दरवाजा खुलता है और एक औरत अंदर आती है रूही को देख बोलती है ओ मेरी रूही को भूख लगी अपनी सरला आंटी को माफ करना आज थोड़ी सी लेट हो गई वो मेंशन मै बहुत काम था न इसलिए आज मैं अपनी रू के लिए उसकी पसंद की सब्जी लाई हु राजमा चावल

    रूही हल्की सी स्माइल करके सिर हा मै हिलाती है फिर सरला आंटी उस से बड़े ही प्यार से खाना खिलाती है रूही भी बड़े चा से खाना खा रही थी सरला जी उससे देखके एक स्माइल करती है और उसके सिर पर हाथ फेरती है

    रूही हल्की सी स्माइल करके सिर हा मै हिलाती है फिर सरला आंटी उस से बड़े ही प्यार से खाना खिलाती है रूही भी बड़े चा से खाना खा रही थी सरला जी उससे देखके एक स्माइल करती है और उसके सिर पर हाथ फेरती है रूही ने सारा खाना खा लिया था फिर सरल जी ने उसके हाथ मुंह धूल वाया ओर उससे बोली मेरी बच्ची आज या कल मै बड़े मालिक से बात करूंगी तेरी पढ़ाई के बारे में बड़े मालिक ने है करदी तो मेरी रु भी बाकी बच्चों की तरह स्कूल जाएगी रूही हा मैं सिर हिला देती है

    आज के लिए इतना ही । Byeeee✨🙏🏻

  • 2. तुम मेरी हो ❤️ - Chapter 2

    Words: 1132

    Estimated Reading Time: 7 min

    रूही हल्की सी स्माइल करके सिर हा मै हिलाती है फिर सरला आंटी उस से बड़े ही प्यार से खाना खिलाती है रूही भी बड़े चा से खाना खा रही थी सरला जी उससे देखके एक स्माइल करती है और उसके सिर पर हाथ फेरती है रूही ने सारा खाना खा लिया था फिर सरल जी ने उसके हाथ मुंह धूल वाया ओर उससे बोली मेरी बच्ची आज या कल मै बड़े मालिक से बात करूंगी तेरी पढ़ाई के बारे में बड़े मालिक ने है करदी तो मेरी रु भी बाकी बच्चों की तरह स्कूल जाएगी 😊 रूही हा मै सिर हिला देती है

    अब आगे ✨
    ऐसे ही पूरा दिन निकल जाता है रात को डिनर के टाइम सब खाना खा रहे थे राधा जी सबको खाना परोस रही थी और सरला जी भी उनकी मदद करा रही थी राधा जी की नजर अक्षत के जाती है तो वो बोलती है क्या हुआ अक्षत क्या सोच रहे हो उनके इतना बोलने पर सब उनकी तरफ देखने लग जाते है करण, पीहू , आरुष , आरुषि , दादा जी और राजेश जी भी उनके ऐसा देखने से अक्षत बोला कुछ नहीं छोटी मां बस ऐसे ही। राधा जी बोली सब छोड़ो और खाना खाओ

    आरुषि ने आरुष की प्लेट से खाना उठा लिया था तभी आरुष बोला ए मोटी मेरा खाना क्यों उठा रही है फिर वो दोनों खाने के ऊपर लड़ने लग गए सभी दोनों को देख हंस रहे थे राधा जी बीच मै आई और बोली बस करो दोनों आरुषि तुमने आरुष की प्लेट से खाना क्यों उठाया गंदी बात ओर तुम आरुष वो तुमसे छोटी है वो अपनी छोटी बहन को ऐसा बोला है


    तभी आरुष बोला मम्मा मै उससे 1 मिनिट ही बड़ा हु बस उसकी इस बात पर सब दुबारा हंसने लग गए तभी राधा जी बोली 1 मिनिट ही सही बड़े तो हो न बस । बस अभी कोई नहीं बोलेगा सब खाना खाओ बहुत होगया सबने खाना खाया और अपने अपने रूम मै चले गए

    अक्षत का रूम✨

    अक्षत बेड पर लेटा हुआ था वो अभी भी रूही के ख्यालों मै था उसका मन हो रहा था कि वो उससे एक बार देख ले फिर वो उठ के बालकनी मै चला गया उसी तरफ देखने लगा जहां सुबह उसने रूही को देख था सोच रहा था कि एक बार दुबारा दिख जाए ऐसे ही खड़े खड़े 3 घंटे होगे उससे रूही नहीं देखी फिर वो अंदर कमरे मै चल गया और फिर दुबारा बेड पर लेट गया ऐसे ही सोचते सोचते रात के किस पहर उससे नींद आई उससे भी नहीं पता चला

    अगली सुबह 🌞💫

    सुबह 5 बजे अक्षत की नींद खुली वो रात को किसी भी समय सोए सुबह वो जल्दी उठ जाया करता था आज संडे था सब बचे अभी तक सो रहे थे अक्षत उठ के अपना मॉर्निंग रूटीन करने लगा फ्रेश होके एक्सरसाइज की उसका खुद का पर्सनल जिम था फिर प्रोटीन लिया

    इधर राधा जी उठ कर मंदिर मै पूजा की फिर सोफे पर बैठे दादाजी के पैर छुए बोली प्रणाम पिता जी दादा जी बोले सदा सुहागन रहो बेटा फिर वो रसोई घर मै गई तो सरला जी से बोली सरला जाओै पिता जी को चाय दे आओ सरला जी बोली जी छोटी मालकिन। कितनी बार कहा है तुम्हे सरला मुझे ये छोटी मालकिन मत खा करो तुम भी हमारे परिवार का हिस्सा हो । सरला जी बोली जी मालकिन। राधा जी बोली फिर मालकिन🤨😤 फिर दोनों हंसने लगे 😀😃 सरला जी दादाजी को चाय देने चली गई और राधा जी रसोई मै खाने की तैयारी करने लगी

    थोड़ी देर बाद 🤌

    सब डाइनिंग टेबल पर बैठे थे करण ओर आरुष कुछ बाते कर रहे थे कि आज संडे को क्या करेंगे और पीहू ओर आशी अपने डॉल सेट के बारे मै बात कर थे अक्षत चुप चाप खाना खा था राजेश जी ओर रायचंद जी बिजनेस से रिलेटेड कुछ बात कर रहे थे तभी वहां सरला जी आती है वो बोलती है बड़े मालिक आपसे कुछ बात करनी थी ।दादाजी बोले बोलो सरल क्या बात है

    सरला जी बोली वो मालिक हमने अपनी दोस्त की बेटी के बारे मै बताया था तो...

    दादाजी बोले–हा हा सरला कहा है वो बिटिया ।सरला जी बोली पीछे कमरे मै है।दादाजी दूसर सर्वेंटे से बोले रामू जाओ बच्ची को लेकर आओ दादाजी के इतने कहने पर अक्षत की धड़कने तेज होगी उसकी नजरें अपने आप दरवाजे की तरफ चली गई कुछ ही समय बीता था कि एक छोटी सी बच्ची दरवाजे अंदर आती थी उसने फ्रॉक डाल रखी थी पैरों मै शूज ।

    वो बिल्कुल डॉल की तरह लग रही थी । उसने अपनी नजरें नीचे की हुई थी। उससे थोड़ा डर लग रहा था रामू उससे लेकर डाइनिंग एरिया की तरफ आ गया।

    उससे देखते ही सब के चेहरों पर स्माइल आ गई । सब बच्चे उससे अपनी टिम–टिमाती आंखों से देख रहे थे सब के मन मै ये था कि वो उनकी दोस्त बन जाए

    रूही ने अभी तक सर ऊपर करके नहीं देखा था जैसे सभी उससे देखते थे उससे बहुत अजीब लग रहा था वो डर भी रही थी । दादा जी बोले– अरे डरो मत सभी अपने ही है यह दादाजी की बात सुन कर उसने अपनी नजरें ऊपर उड़ कर देखी उससे देख दादा जी बोले सरला ये तो बहुत प्यारी बच्ची है अब रूही भी अपनी प्यारी सी आंखों से उन सब को देखने लग गई ।

    कोई कुछ बोलता उससे पहले पीहू ओर आरुषि बोल पड़ती है हमें इससे दोस्ती करनी है। फिर वो दोनों रूही की तरफ देख कर बोलती भी क्या तुम हमसे दोस्ती करोगी ?

    रूही उन दोनों की तरफ देखती है पर बोलती कुछ नहीं
    फिर तभी करण ओर आरुष भी बोल पड़ते है हमें भी इस प्यारी सी डॉल से दोस्ती करनी है। पर अक्षत उन चारों को खा जानी वाली नजरों से देखता है। जैसे सोच रहा हो मै किसी की भी दोस्ती अपनी डॉल्फिन से नहीं कर वाऊगा 😒😒(बेचारे को जिलेयसी हो रही है)

    तभी आयुष बोला ये कुछ बोल क्यों नहीं रही क्या तुम हम सब से गुस्सा हो ?चलो इन सब से गुस्सा हो जो पर मुझसे बात करोलो ।सब बच्चे उसे गुहरने लगे थे । उसने अपने ऊपर किसी की गुहरती नजर महसूस हुई तो वो दांत दिखाने लगा।

    तभी राधा जी ने उसे चुप कराया और बोली तुम सब चुप हो जाओ वो तुम सब से डर रही हो इसलिए कुछ नहीं बोल रही । राधा जी रूही से बड़े प्यार से पूछा बेटा आपका नाम क्या है।

    रूही ने राधा जी की तरफ देख पर उनको भी जवाब नहीं दिया सब बच्चे उनकी तरफ देखने लग गए जैसे बोल रहे हो आपको बड़ा बता दिया😅 फिर दादाजी बोले गुड़िया रानी तुम्हारा क्या नाम है रूही फिर भी नहीं बोली।सब सरला जी को देखने लग गए।

    Aaj ke liye itna hi byeee✨🙏🏻

  • 3. तुम मेरी हो ❤️ - Chapter 3

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min