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Melt My Heart

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JAYA SAHANI

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किसी ने सच ही कहा है, बिना सोचे समझे लिए गए फ़ैसले और की गई ग़लती हमेशा पछतावा ही करवाती है। Godrej family नाम तो सुना ही होगा?इंडिया ही नहीं ब्लकि पूरे दुनिया में इस नाम को लोग जानते हैं, 'द ग्रेट बिजनेस किंग' Om Godrej जिसका नाम ही उसकी पहचान है रु...

Total Chapters (20)

Page 1 of 1

  • 1. Wedding - Chapter 1

    Words: 1951

    Estimated Reading Time: 12 min

    " हर इल्जाम का हकदार वो हमे बना जाते है,
    हर खता कि सजा वो हमे सुना जाते है,
    हम हर बार खामोश रह जाते है,
    क्योंकि वो अपना होने का हक जता जाते है..! "





    Godrej family, नाम तो सुना ही होगा..? बल्कि सभी लोग जानते भी हैं और आज मुंबई बल्कि देश- दुनिया में एक ही ट्रेंडिंग न्यूज़ बना हुआ था | वह था, गोदरेज फैमिली में वेडिंग.. और वह वेडिंग किसका था..? ओम गोदरेज का..!



    मुंबई मालाबार_

    मालाबार मुंबई में इतनी खूबसूरत जगह है कि वहां लोग दूर-दूर से देखने आया करते हैं, इस खूबसूरत जगह में एक वाइट कलर का मेंशन बना हुआ था और वह इतने एकड़ में बना था मानो कई सौ पब्लिक अंदर चली जाए तो भी पता नहीं चलेगा और इसकी कौन से भी एरिया में किसी सी भी खिड़की से अगर आप बाहर का नजारा देखोगे तो आपको दूर-दूर तक खूबसूरती की नजर दिखाई देगा ही..!



    अगर लेफ्ट साइड से देखोगे तो समुद्र ही दिखाई देगा, अगर राइट साइड से देखोगे तो पहाड़ों की ऊंचाई है दिखाई देगी, और इसके बैक साइड से अगर देखोगे तो मुंबई की पूरी सिटी आपको दिखाई देगा और फ्रंट साइड से आपको खूबसूरत वादियां दिखाई देंगे, यह बनाया ही ऐसा था ताकि जो कोई बाहर से इस मेंशन को देख तो देखता ही रह जाए और होता भी था |



    और आज इस व्हाइट मेंशन को रंग बिरंगी फूलों से सजाया गया था और बड़े-बड़े कलर के कपड़े लगे हुए थे, मतलब जो बाहर से नजर था वह देखकर ही समझ में आ रहा था कि अंदर शादी का माहौल बना हुआ है..!



    और नाच- गाने- संगीत और लोगों का आना-जाना इतनी भीड़भाड़ चहल-पहल का शोर- शराबा था, मानो बता ही नहीं सकते..!



    इस मेंशन के बाहर नेम प्लेट भी बहुत बड़े अक्षर में लिखा हुआ था गोदरेज और जो मेन गेट पर सिक्योरिटी गार्ड थे, वह एक दो नहीं थे बल्कि कई सिक्योरिटी गार्ड खड़े थे और आज इतनी गाड़ियां मेंशन के अंदर आ रही थी, मानो सारे मेहमान आ चुके हो..!



    चलिए अब मेंशन के अंदर चलते हैं, अंदर कुछ लोग हाथों में मेहंदी लगा रहे थे, तो कुछ औरते बैठ के गॉसिप कर रही थी, कुछ ज्वेलरी देख रही थी, तो कुछ ना नाच - गाने कर रही थी  मानो जहां - तहां कुछ ना कुछ चालू ही था |



    अंदर बड़े से लिविंग एरिया में जहां पर कई सारे बड़े-बड़े सोफे लगे हुए थे उसके अंदर का इंटीरियर डिजाइन ऐसा डेकोरेट किया था | मानो कोई पहली बार उस घर में कदम रखेगा तो उसे घंटे लगेंगे उस घर को देखने के लिए, स्कैन करने के लिए, और वह एक-एक चीज वहां का देखेगा जो इतनी एक्सपेंसिव और इतने बढ़िया तरीके से सजाए गए थे |



    तो उन हर एक चीजों को देखता ही रह जाए और यह घर ही देखकर पता चल रहा था कि बहुत हाई लेवल इंजीनियर का दिमाग से बनाया गया है...!



    चलिए इस घर के मेंबर से मिलते हैं, सोफे पर दो बुजुर्ग लोग बैठे थे जो उनकी रहन-सहन और देखाने से ही पता चल रहा था कि इस घर के बहुत ही बुजुर्ग सदस्य हैं..!



    तो इन दो बुजुर्गों के नाम है, रामेश्वर जी और लक्ष्मी जी.. और उसे घर में किसी और का जोर-जोर से आवाज आ रहा था जैसे की सब कामों का भार उन पर ही हो, वह हर किसी को एक न एक काम लगाई जा रही थी |



    ऐसा नहीं हुआ..? वैसा नहीं हुआ..? यह कब होगा..? वह कब होगा..? तो यह है गोदरेज फैमिली की महारानी जिनका नाम है काशी..!



    काशी जी कई दिनों से बहुत ही बिजी थी और आज, आज तो इतनी बिजी थी कि मानो किसी से बात ही करने के लिए भी उनके पास वक्त नहीं था |



    तो वही उनके पति जो कब से उन्हें ढूंढ रहे थे, आखिरकार उन्हें काशी जी मिल ही गई, महेश यह है उनके पति कब से उन्हें ढूंढ रहे हैं क्योंकि उन्हें कुछ जरूरी चीज चाहिए था |



    और जैसे उन्हें काशी जी मिली कि उन्हें हल्का गुस्सा करते हुए बोले_" काशी कब से तुम्हें ढूंढ रहा हूं..? तुमने कमरे में समान उथल-पुथल कर के रख दी हैं..! "



    जो सुनकर काशी जी बोली _" आप मुझे यह बताने के लिए कब से ढूंढ रहे हैं..? क्या आप नहीं ठीक-ठाक कर सकते..? "



    वे दोनों बातें कर ही रहे थे कि उतने में एक हैंडसम लड़का अपने कमरे में से बाहर निकला और अपने मॉम- डैड को देखकर उनके पास आते हुए कहा_" डैड भाई अभी तक ऑफिस से आए नहीं..! "



    जो सुनकर उसके मॉम- डैड एक दूसरे को देखने लगे तो काशी जी बोली _" अब मैं क्या ही बोलूं..? मैं बोलूंगी तो सब बोलते हैं तू बहुत बोलती है, सब तुम्हारे पापा की गलती है जो उसपर इतनी सारी जिम्मेदारियां पहले से ही डाल रख दिए इसलिए तो इतना कठोर बन गया..! "



    काशी जी हमेशा महेश जी पर हमेशा से यही ब्लेम किया करती है कि उनके वजह से उनका बड़ा बेटा कठोर बन गया है, क्योंकि बहुत साल पहले से ही उन्होंने अपने बेटे को ऑफिस ज्वाइन करवा दिया था |



    जब वह कॉलेज में था तब से वह उसे ऑफिस ले जाया करते थे बल्कि सारी चीजों का उसे नॉलेज देने लगे, और कॉलेज खत्म होते ही बिना वह लाइफ एंजॉय किये ही अपने डैड का हाथ बटाने लगा बल्कि गोदरेज को और सक्सेसफुल करने के लिए अपना पूरा 100% दिया |



    और ऐसा ही नहीं था इस घर पीढ़ी दर पीढ़ी मेहनत करते ही आ रहे हैं..! उतने में महेश जी बोल पड़े_" काशी तुम बहुत परेशान होती हो और दूसरों को भी कर देती हो, वैसे भी शादी कल है..! "



    महेश जी का इतना कहना कि काशी जी चिड़ते हुए बोली_" माना शादी कल है, पर आज तो हल्दी है ना..! अब क्या उसकी जगह घोड़े - गधे को हल्दी लगाने बिठाउ..!



    उनका इतना कहना कि वह हैंडसम लड़का हंसने लगा और उसको हंसता देख महेश जी बोले_" जय बेटा जाओ जाकर अपने बड़े भाई को कॉल करो, ओम से कहो कि जल्दी घर आ जाए वरना उसकी मां मुझे जिंदा खा जाएगी..! "




    उनके मुह से ऐसे ताने भरे शब्द सुनकर काशी जी चिड़ते हुई देखी तो वही जय बोला _" यस डैड में भाई से बात करता हूं..! "



    काशी जी वहां से जाने को मुड़ी और साथ ही साथ में यह भी बोली_" रोशनी कहां है..? वह दिखाई नहीं दे रही..? "



    जो सुनकर महेश जी बोले_" अभी तो मैंने उसका आवाज नीचे सुना, जब मैं तुम्हें ढूंढ रहा था जाओ देखो नीचे ही होगी..! "



    उनका इतना कहना कि काशी जी सीढ़ियों से उतरते हुए नीचे आई और रोशनी.. रोशनी आवाज लगाकर बुलाने लगी |



    के उतने में एक सुंदर सी लड़की जो अपने हाथों में मेहंदी लगाए हुए आगे आते हुए बोली_" हां मॉम बोलिए क्या काम है..? "



    उसके हाथों में मेहंदी देखकर काशी जी मुस्कुराते हुए बोली_" अब मैं तुम्हें क्या ही तुम्हें काम बताऊं..? जब तुमने मेहंदी लगा लिए हो, ठीक है मैं तुमसे बाद में बात करती हूं..! "



    रोशनी, काशी जी की छोटी बेटी वह अपने कंधे उच्चकाते हुए स्माइल करते बोली_" ओके मॉम..! "



    काशी जी इतना बोलकर वह सर्वेंट को आवाज लगने लगी_" बहादुर.. छाया कहां हो तुम सब..? मेहमान सब आ रहे हैं तुम लोगों ने सारे कमरों में सब सामान रख तो दिया है ना..? ताकि मेहमानों को किसी चीज की कमी ना हो..! "




    बहादुर और छाया इस घर के ओल्ड सर्वेंट है, जिनके ऊपर घर के सारे जिम्मेदारियां दी गई हुई है बल्कि बाकी के जो सारे सर्वेंट है वह सब इनके under में आते हैं..!




    वही जय अपने कमरे में आकर कब से ओम को कॉल लगाया जा रहा था बल्कि दो बार तो ओम ने उसका कॉल ही रिसीव नहीं किया और जब तीसरी बार किया तो उसे डांट लगाते हुए कहा कि वह बहुत ही इंपॉर्टेंट काम कर रहा है और उसे कॉल करके परेशान ना करें..!



    जो सुनकर जय चुप हो गया क्योंकि वह उसका बड़ा भाई है और घर में उसके आगे किसी की भी नहीं चलती और खास करके उसके पर्सनल लाइफ में तो बिल्कुल भी नहीं..?



    जय तो चाहता है, उसका भाई वही करता है को उसका मन करे..! पर बड़ी मुश्किल से शादी के लिए वह तैयार हो गया था और अगर कोई उसे परेशान किया तो ऐसा भी हो सकता है कि यह शादी कैंसिल हो जाए यह सोचकर जय ज्यादा कुछ बोला नहीं बल्कि उसने अपना दिमाग लगाया |



    उसने तुरंत अपना मोबाइल हाथ में ले विराज नाम सर्च किया और जैसे ही कॉल पिक हुआ कि जय यहा से बोला_" विराज भाई आप कहां हो..? "



    जो सुनकर कॉल के दूसरी ओर से आवाज आया _" मैं इस वक़्त होटल के ऑफिस में हूं, क्या बात है बोलो..? "




    इधर से जय बोला_" भाई, ओम भाई की आज हल्दी है पर वह तो ऑफिस में बैठे हैं और आप भी अभी तक आए नहीं क्या आप दोनों एक ही मिट्टी के बने हो..? यार आप लोग ऐसे- कैसे कर सकते है..! यार जिसकी शादी होती है वह कितने एक्साइटमेंट होते हैं और यहां तो भाई और आप इतनी बोरिंग टाइप कैसे रह सकते हो, मुझे तो यही नहीं समझ में आ रहा, अगर यह शादी मेरी होती ना तो मैं एक महीने पहले ही सब काम ड्रॉप कर देता और सिर्फ अपने ऊपर फॉक्स देता..! ".



    उसकी बातें सुनकर विराज हंस दिया और कहा _" ठीक है फिर om की शादी बाद में करेंगे पहले तुम्हारी ही कर देते हैं क्योंकि तुम्हारी बातों से लग रहा है तुम कुछ ज्यादा एक्साइटेड हो रहे हो, हो सकता है तुम लड़की देख लिया हो और तुम्हारा आगे का भी कुछ इरादा हो..! "




    जो सुनकर जय मुंह बनाते हुए बोला_" भाई अब बस भी कीजिए इतना भी मेरे अंदर गर्मी नहीं है अभी मैं कॉलेज स्टूडेंट हूं, ठीक है और हां मैं सिर्फ शादी के लिए ही यहां आया हूं वापस एब्रॉड चला जाऊंगा और वही किसी गोरी चिट्टी के साथ..! "



    उसकी बातें सुनकर विराज की आईब्रो तन सी गई और वह आगे बोला_" तुम्हारी फीलिंग समझ सकता हूं कि तुम क्या चाहते हो..? और क्या नहीं..? "



    विराज का इतना कहना की जय हंसते हुए कहा _" भाई प्लीज आप मेरा मजाक बनाना छोड़िए पहले ओम भाई को घर लेकर आई क्योंकि वह आपकी बातें सुनेंगे, वारना मैं माॅम, मासी को सबसे पहले आपका ही नाम बताऊंगा कि आप भाई की हेल्प कर रहे हैं..! "



    यह सुनकर विराज उसे डांट लगाया और कहा_" वैसे मॉम पहुंच गई वहां पर..? "



    यह सुनकर जय बोला _" हां मासी तो दो दिन से यही है मासी कह रही थी कि आप घर ही नहीं आते हैं हमेशा होटल में ही रहने लग गए हैं, और यह कई महीनो से चालू है..! "



    जय उसकी मॉम की कही हुई बातों को रिपीट कर रहा था, जो समझ कर विराज बोला_" अब तुम मेरी मॉम का साइड मत लो, मैं ओम के ऑफिस जा रहा हूं उसे लेकर मेंशन पहुंचता हूं..! "



    जो सुनकर जय मुस्कुरा दिया और कहा_" जी बिल्कुल भाई आप जल्दी जाइए ओम भाई को लेकर आई ताकि उनकी शादी जल्दी हो जाए तो आपकी बारी आए..! "



    इतना बोलकर जय जोर से हंसा और जल्दी से कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया वरना विराज उसे और भी कुछ सुना देगा और उसके कॉल कट होते ही विराज मुंह बनाने लगा |



    वह खुद से बडबडाते हुए कहा_" अभी शादी में जाने के बाद मेरी मॉम न जाने क्या कुछ मुझे सुनेंगी, चलो सुना तो पड़ेगा ही मुंह बंद रखने में ही भलाई है..! "





    क्या ओम विराज की बाते सुनेगा..? ओम की शादी किस से हो रही है..? यह सब जानने के लिए आप आगे के चैप्टर प्लीज रीड करते रहिए..!


    To be continue...

  • 2. कैसे सब ठीक हो जाएगा? मुझे अब बहुत डर लग रहा है | - Chapter 2

    Words: 2726

    Estimated Reading Time: 17 min

    "इश्क तो दिल से की थी, दिमाग उसने लगा लिया, दिल तोड़ दिया मेरा उसने और इल्ज़ाम भी मुझपर लगा दिया |" ✍️




    अब आगे _

    The Group of Godrej _


    कुछ ही देर में एक महंगी कर गोदरेज कंपनी के अंदर जाकर रुका उसमें से एक हैंडसम लड़का बाहर निकाल और निकलते ही अपने आंखों पर ब्लैक कलर का शेड्स लगा लिया |



    वह इस वक्त ब्लैक शर्ट और ब्लैक ब्लेजर पहने हुआ था और ऊपर के दो बटन खुले हुए थे जिसमें वह कमल का हैंडसम दिख रहा था | उसकी मस्कुलर बॉडी, तीखी नाक, पतले होंठ गोरा रंग और अपने एटीट्यूड में गोदरेज प्रॉपर्टीज के अंदर गया |



    गोदरेज प्रॉपर्टीज यह कोई छोटी-मोटी प्रॉपर्टीज नहीं थी, कई एकड़ में ऑल इंडिया में उनके बिजनेस हर जगह पर फैला हुआ हैं, और यह जो मुंबई में बड़ी उनकी ब्रांच और प्रॉपर्टी था |



    यहां का सारा ओम ही हैंडल करता था बल्कि इंडिया से जो भी उनके बाहर कंट्री में एक्सपोर्ट- इंपोर्ट सब कुछ ओम ही देखा था यह इतनी बड़ी बिल्डिंग थी और पूरे बिल्डिंग फाइबर ग्लास से बनी हुई थी |



    जो बाहर से तो उस बिल्डिंग के अंदर का कुछ भी दिखाई नहीं देता पर अंदर से बाहर का पूरा नजारा दिखाई देता है..!



    विराज लिफ्ट से होते हुए टॉप फ्लोर पर पहुंच गया जहां पर ओम का बहुत बड़ा केबिन था बल्कि केबिन के साथ अंदर सारी चीजों की फैसिलिटी थी |



    विराज ने बाहर से दरवाजा नाॅक किया जो अंदर से तुरंत कमिंग का आवाज आ गया और विराज डोर ओपन किया और अंदर आ गया और जैसे ओम की नजर विराज पर गया तो वह उसे एक टक देखता रह गया |



    विराज उसके पास जाते ही सामने का चेयर खींचा और बैठ गया एक पैर दूसरे पैर पर चढ़ा लिया और बैठते ही बोला_" और दूल्हे साहेब कैसे हो..? कल शादी है और आज शाम को हल्दी  है और तुम हो कि ज़रा भी तुम्हें फुर्सत नहीं, अब ऐसे थोड़ी ना चलेगा अब इतना काम तुम्हारे ऊपर है और कल से एक जिम्मेदारी तुम्हारी और बढ़ जाएगी जब शादी करके उसे अपने घर में लाओगे..! "



    विराज को देखा और उसकी बातें सुनकर ओम जो इतना सीरियस होकर काम कर रहा था | वह अब साइड में कर दिया क्योंकि उसके बातों से उसके माइंड पर इफेक्ट पड़ गया और वह अपने हाथ में पेन लिए दोनों उंगलियों के बीच में स्पीड में घूम रहा था और साथ ही साथ में अपनी तीखी नजरों से विराज को घूर भी रहा था जैसे कि उसने बहुत गलत वक्त पर गलत बातें कर दिया है..!



    उसको इस तरह देखता देख विराज को कोई फर्क नहीं पड़ा बल्कि वह भी टेढ़ा मुस्कुरा रहा था | 2 मिनट केबिन के अंदर खामोशी बना रहा है उसके बाद विराज आगे बोला_" चलो अब जल्दी में तुम्हें लेने आया हूं तुम तो घर वालों का कॉल रिसीव नहीं कर रहे हो, तो वह मुझे कॉल करके परेशान कर रहे हैं, और तुम्हारे साथ मुझे भी न जाने क्या-क्या सुनना पड़ेगा..! "



    विराज का इतना कहना कि अब ओम अपनी चुपी तोड़ते हुए बोला_" क्या तुम्हें नहीं लगता तुम भी उन लोगों में शामिल हो गए हो उन्हें मेरी खुशी देखा नहीं जाता बल्कि वह तो ऊपर दुनिया भर का प्रेशर मुझ पर डाल रहे हैं, अब शादी के लिए मैंने हां तो कह दिया है, तो भी चैन से न रहने देंगे और ना ही काम करने देंगे..! "



    विराज जो मुस्कुरा रहा था अब वह चुप हो गया और थोड़ा सीरियस होते हुए कहा_" देखा तुमने शादी के लिए हा तो का दिया, जिसका मतलब यह थोड़ी ना तुम्हारे बगैर शादी हो जाएगा अब वहां तो तुम्हें चलना ही होगा ना, अभी कुछ देर पहले मुझे जय कॉल आया था वह बता रहा है कि शाम 4:00 हल्दी की रस्म है और तुम हो कि उसकी बात नहीं सुन रहे..! "



    " और मौसी तो तुम्हें कॉल करेगी नहीं उन्हें लगता होगा कि तुम नाराज हो जाओगे..! और मौसा जी तो भोले हैं वह तो तुम्हें डांट बिल्कुल भी नहीं लगा सकते, तो जो भी काम है जल्दी से निपटा लो और मेरे साथ चलो क्योंकि घर में खुशी का माहौल है और तुम यहां आकर अपने काम में लगे हो तुम्हारे वजह से सब डिस्टर्ब हो जा रहे हैं..! "



    " अब 2 दिन का कैसे भी वक्त ही निकालो एक बार शादी हो गई तुम्हें जो करना है वह करो, दिन भर काम करो रात भर काम करो जितना जी चाहे उतना करो उसके बाद तुम्हें कोई कुछ नहीं रहेगा पर यह 2 दिन में कोई बरखेड़ा मत करना..! "



    विराज जो भी कह रहा था सही कह रहा था, उसकी बातें ओम भी अच्छे से समझ रहा था | पर उसके हाथ में सच में बहुत ही इंपॉर्टेंट काम था |



    वह एक वक्त हल्दी का रस्म में थोड़ा लेट कर सकता था, बट जो हाथ में उसने काम लिया था वह करके उसे देना बहुत जरूरी था इसलिए वह जल्दी आज ऑफिस आ गया था |



    वह भी जल्दी से कम निपटाकर घर जाना ही चाहता था पर उसके हाथ में जो काम था थोड़ा क्रिटिकल था इसलिए उसे वक्त लग रहा था |



    उसने अपनी बातें विराज के सामने रखा विराज ने कहा जो भी है उसे थोड़ा जल्दी कर लो, या काम को 2 दिन होल्ड पर रख दो बट इतने लोगों का दिल मत दुखाना..!



    विराज वहीं बैठ रहा तो वह ओम फटाफट अपने काम निपटाना लगा क्योंकि विराज उसे लिए बगैर वहा से नहीं जाएगा, ओम ने फटाफट अपनी सारी काम कंप्लीट किया बल्कि जो कुछ पेंडिंग था उसने सोचा वह रात को कर लेगा और वे दोनों कुछ ही देर में गोदरेज इंडस्ट्रीज से बाहर निकले..!



    जैसे वे दोनों कार के पास पहुंचे तो ओम का बॉडीगार्ड उसके सामने आकर खड़ा हो उसे ग्रीड किया, उसे देख ओम ने कहा_" राका, मैं विराज की गाड़ी में जा रहा हूं..! "



    जो सुनकर राका ने अपना सर झुका लिया पर आगे जाकर कार का दरवाजा खोल इसमें विराज और ओम दोनों कार में बैठ गये, राका आगे की सीट पर बैठा तो ड्राइविंग विराज का बॉडीगार्ड कर रहा था जिसका नाम है बादल..!



    1 घंटे के बाद उनकी कार व्हाइट मेंशन के अंदर इंटर हुआ सबसे पहले बादल और राका आगे से उतरे उसके बाद उन्होंने पीछे जाकर कार का दरवाजा खोला तो उसमें से दो हैंडसम चार्मिंग लड़के बाहर निकले..!



    दोनों अपनी अपने-अपने अंदाज में चल रहे थे जैसे दोनों अंदर पहुंचे कि उनकी नजर लिविंग एरिया में मेहमानों पर पड़ा, जो om पहचानने में ही मुश्किल हो रहा था कि उसके कौन से रिलेटिव उसके क्या लगते हैं..?



    क्योंकि वह इतना बिजी रहता है कि गिने- चुने कुछ लोगों को ही जानता होगा एडरवाइज उसे किसी से लेना- देना कुछ नहीं रहता वह भला और उसका काम भला..!



    उतने में येलो कलर का लहंगा पहने हुए दो लड़कियां उनके आगे आ गई, और आती ही बोली_" ओम भाई और विराज भाई आप दोनों पहले ही लेट आए हुए हैं और तैयार होने में भी आप लोगों को वक्त जाएगा..! "



    यह दो लड़कियां कोई और नहीं ओम की बहन रोशनी और विराज की बहन विधि यह दोनों से येलो कलर की एक ही डिजाइन के कपड़े पहनी हुई थी और बहुत ही दोनों स्टनिंग लुक दे रही थी |



    वे दोनों तुम दोनों के सामने जाकर अपनी परेशान बताने लगी कि उतने में काशी जी आगे आई और बोली_" तुम दोनों हटो विराज बेटा ओम को लेकर जाओ जल्दी बोलो तैयार हो जाए वैसे भी कुछ ही समय रह गया है अब तक तो तुम्हें तैयार हो जाना चाहिए था..! "



    ओम कुछ बोला नहीं, उसकी नजर तो चहल-पहल पर शोर- शराबे पर था | तब तक जय आगे से आते हुए कहा_" भाई मैंने आपके कमरे में ना आपके कपड़े बेड पर रखवा दिए हैं, आपको कुछ नहीं करना बस फ्रेश होना है और पहन कर जल्दी से आ जाइए विदाउट मेकअप..! "😛



    इतना बोलकर जय साइड होकर हंसते हुए चला गया उसने भी आज येलो कलर का कुर्ता- पजामा पहना हुआ था | घर के सभी सदस्य सभी लोग येलो कलर के ही कपड़े पहनी हुए थे और बाहर जो गार्डन एरिया को सजाया गया था और सब Yellow कलर ताजे फूलों से ही सजाए हुए थे और बीच में सेटअप बनाया था हल्दी का जहां पर उसे लगने वाला था |



    ओम अपने कमरे का दरवाजा खोला और अंदर आया और जैसे वह अपने कदम को आगे बढ़ा रहा था वैसे - वैसे वह अपने शरीर पर से एक-एक चीज उतरकर साइड में रखे जा रहा था, जैसे की वॉच, मोबाइल, ब्लेजर उसके बाद वह वॉशरूम के अंदर चला गया करीब 10 मिनट में वह फ्रेश हुआ और बाहर आया |



    ऐड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ा हो अपने हाथों से अपने सिर के बालों में फेर रहा था और बहुत ही गौर से खुद को देख भी रहा था |



    इतने में फिर से उसके दरवाजा नाॅक हुआ और ओम ने अंदर आने का परमिशन दिया तो विराज उसके कमरे में आया अब विराज भी रेडी हो गया था |



    विराज ओम से कहा _" तुम अभी तक कपड़े नहीं पहने और ऐसे खुद को आईने में क्या देख रहे हो..? यू खुदको को देखने से कुछ बदल नहीं जाएगा, बट हा कल से तुम्हारे इस खूबसूरत चेहरे को कोई और भी देखेगा..! "



    विराज का बार-बार यही कहना ओम को गुस्सा आने लगा | पर वह कुछ बोला नहीं क्योंकि सही तो कह रहा था वह आज इस कमरे में अकेला है पर कल से कोई और भी उसके साथ यहां रहेगा |




    15 मिनट बाद _

    15 मिनट के बाद विराज ओम को लेकर नीचे आया तो इस वक्त लिविंग एरिया में सर्वेंट ही थी, बाकी के सभी लोग गार्डन में खड़े हो गए सभी लोग फोटोशूट करने में बिजी थे..!



    क्योंकि डेकोरेशन ही कमाल का किया गया था और ओम जाकर जहां हल्दी का सेटअप बनाया था, वहां जाकर बैठ गया उसके बगल में उसके मॉम- डैड, मासी - मौसा उसकी दोनों बहने जय और भी जो करीबी रिश्तेदार थे वे सभी वहां मौजूद थे |



    बारी-बारी से एक-एक लोगों ने ओम को हल्दी लगाया, उसे यह सब बहुत ही अजीब लग रहा था, मतलब.. कहां जाए तो उसे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था फिर भी वह चुपचाप सहन किये जा रहा हो, वह किसी को मना भी नहीं कर सकता कि उसे कोई हल्दी ना लगाए क्योंकि यह सब मेहमान थे |



    तो वही प्रेस मीडिया वालों ने उसके फोटोस निकालकर तुरंत न्यूज़ हाईलाइट कर दिए गोदरेज फैमिली में वेडिंग का माहौल और आज शाम 4:00 बजे हल्दी का फंक्शन चालू हो गया है, बकाया सभी वीडियो बनाकर टीवी पर हाईलाइट हो रहे थे |





    वहीं दूसरी तरफ़

    बांद्रा सिटी _देसाई निवास

    देसाई निवास में भी कई दिनों से शादी का जोरों - शोरों से तैयारी चालू था बल्कि उनके घर में तो एक महीने पहले से ही सभी चीजें खरीद - खरीद कर लाना चालू हो गया था | पर इन कुछ दिनों से मेहमानों की भीड़ घर में इकट्ठा हो गए थे |



    घर इतना बड़ा तो नहीं था पर जो भी था बहुत अच्छा था चार कोठरी का कमरा पर बहुत ही अच्छे तरीके से सजाया गया था, सामानों को ऐसे सेट किया गया था कि सभी लोग उस घर में रह रहे थे |



    तभी उनमें से एक महिला ने दूसरी महिला से कहा_" भूमि बिटिया कहां है..? उसे अब बुलाओ, देखो दूल्हे को तो हल्दी लग गया अब इसे भी हल्दी लग जाए..! "



    जो सुनकर वह महिला ने एक लड़की को आवाज देते हुए कहा_" मधु.. मधु.. भूमि को लेकर आओ बेटा..! "



    " ज़ी आंटी, बस उसे ही लेने जा रही हू..! " मधु इतना बोलकर जल्दी से कमरे की ओर बढ़ी..!



    वही लास्ट वाले एक छोटे से कोठरी में, भूमि इस वक़्त पीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी और और ताजे फूलों का उसने गने पहन कर तैयार हुई थी..!



    वह इस वक्त बहुत गहरी सोच में डूबी थी, उसके आंखों के सामने टीवी चालू था और टीवी में बस एक ही न्यूज़ सुबह से चालू था | तो वह सिर्फ गोदरेज फैमिली की वेडिंग बल्कि टीवी के हर एक चैनल पर यही न्यूज़ हाईलाइट हुआ था  |



    उसकी आंखों के सामने टीवी तो चालू था पर उसका ध्यान कहीं और था और जैसे मधु उसके कंधे पर आकर हाथ रखी की वह हड़बड़ा कर उसे देखी उसको इस तरह हड़बड़ाता देख मधु परेशान होते हुए बोली_" क्या हुआ तू इतनी क्यों डर गई..? क्या सोच रही थी ऐसा..? "



    उसको इस तरह पूछता देख मधु अपने बालों को ठीक की और अपने चेहरे पर हाथ फेरने लगी, तो मधु उसे ध्यान से देखी तो तब तक उसके कान में टीवी का आवाज गया और पलट कर देखी तो टीवी का आवाज आ रहा है और जिसमें गोदरेज फैमिली की हल्दी के रस्म पूरे दिखायें जा रहे थे |



    यहां तक कि उनके व्हाइट कलर मेंशन का भी डेकोरेशन भी दिखा या जा रहा था कि किस तरह से डेकोरेट किया गया है..!



    यह देखकर मधु उसको अपने कोहनी से हल्का मारते हुए बोली_" ओहो, तो यह बात है.. मुझे लगा इसे क्या हो गया..? यह तो दूल्हे राजा को देखकर अलग ही दुनिया में खोई हुई है, और मैंने डिस्टर्ब कर दी..! "



    मधु का इतना कहना की भूमि ने अपनी नजरें नीचे झुका ली क्योंकि उसके पास कोई शब्द नहीं था कहने के लिए, मजाक- मस्ती तब अच्छा लगता है जब शादियां दो दिलों से जुड़ रही हो, दो लोगों की पसंद की हो, तो उसे रिश्ते में मजाक मस्ती भी करना बहुत अच्छा लगता है पर यहां तो मामला ही कुछ अलग था |




    उसका लटका हुआ चेहरा देख मधु अपने दोनों हाथ आगे बढ़कर उसका चेहरा ऊपर की ओर की, और बड़े प्यार से समझते हुए बोली_" मैं जानती हूं तुझे किस बात का दुख है, पर वह जो ऊपर बैठा है ना, वह सब का बेड़ा पार लगता है देखना सब ठीक हो जाएगा..! "



    मधु से बड़े प्यार से समझ रही थी, तो वही जो इतनी देर से भूमि चुप बैठी थी अब अपने होंठ हिलाए बोलने की कोशिश कर रही थी पर आवाज ठीक से निकल नहीं पा रहा..!



    पर अपना गला साफ करते हुए बोली _" कैसे सब ठीक हो जाएगा मुझे तो अब बहुत डर लग रहा है किस इंसान से मैं शादी करने जा रही हूं, जब उनके घर वाले मुझे देखने आए तो वह उनके साथ वह आया भी नहीं..? और आज तक वह मुझे फोन पर बात तक नहीं किया..? कभी पूछा तक नहीं..? वह मेरे बारे में जानना नहीं चाहता..? मैं उसके बारे में कुछ नहीं जानती फिर यह शादी कैसे हो सकती है..? जरूर कुछ तो प्रॉब्लम है..? हो सकता है उसके घर वाले उसकी जबरदस्ती शादी मुझसे करवा रहे हो, और वह लोग इतने अमीर हैं तो मुझसे क्यों शादी करवा रहे हैं, हमारे पास तो ऐसा कुछ नहीं है उन्हें देने के लिए तो फिर...? "



    भूमि बहुत कुछ बोल रही थी तो मधु से चुप करते हुए बोली_" इस बारे में हम दोनों एक महीने से बात करते आ रहे हैं, यहां तक की इसके बारे में पता लगाना मुश्किल का काम हो रहा है, क्योंकि उनके मेंशन के बाहर से भी कोई भी गुजरा तो उनके सिक्योरिटी गार्ड की नजर उस पर ही रहता है, और उनके कंपनी के आसपास तो कोई घूम भी नहीं सकता और वह इतने बड़े लोग हैं कैसे पता लगाएंगे..! "



    " वही तो प्रॉब्लम है मधु..? सोशल मीडिया पर भी हमने चेक किया वह फेसबुक ना वह इंस्टा किसी भी सोशल मीडिया पर नहीं है और जो है तो सिर्फ उसके कंपनी रिलेटेड ही है और उसके बीच में इसका फोटो है, और उसके बारे में हमने गूगल पर सर्च किया तो उसकी कंपनी के रिलेटेड ही उनके सारे डिटेल्स शो कर रहे है, और उसको जो अवार्ड मिला है जो उसने इतना कुछ हासिल किया है उसके मैगजीन में जो पिक्चर है वह सब अच्छी-अच्छी बातें लिखी है पर मेरा कहीं न कहीं मन बहुत घबरा रहा है कि कोई तो बात है, न जाने क्यु मुझे उसपर शक हो रहा है..! "





    To be continue....


    क्यु है मधु खामोश..? और ओम क्यु उससे शादी कर रहा है..? क्यों वह एक बार भी उसे देखने या मिलने की कोशिश नहीं किया यह सब जानने के लिए प्लीज आगे का चैप्टर पढ़िए..!


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  • 3. कल तक मुझे सारा इन्फॉर्मेशन चाहिए - Chapter 3

    Words: 1743

    Estimated Reading Time: 11 min

    अब आगे _

    भूमि मधु से अपनी तकलीफें बता रही थी और यह बताते वक्त वह इतनी इमोशनल हो गई, उसे अपनी तकलीफ बताने वक्त उसकी जुबान भी लड़खड़ा रही थी और उसकी दर्द मधु बहुत अच्छे से समझ गई पर क्या ही करें..?



    क्योंकि आज उसकी हल्दी है, कल शादी वह भी कोई आम इंसान से नहीं ब्लकि दुनिया का वह इकलौता इंसान जो पूरी दुनिया पर राज कर सकता है..!



    भूमि को जब यह रिश्ता आया था, तब वह बहुत खुश थी क्योंकि जैसे उसने ओम का फोटो देखी मानों पागल होने के कगार पर आ गई हो, उसने तो एक पल भी नहीं लगाई तुरंत हां कर दी और जब ओम के घर वाले उसे देखने आए तो भूमि की नजर चारों तरफ फेर रही थी कि कब वह ओम देखेगी..?



    पर उनके साथ तो ओम आया ही नहीं था, तब उसे थोड़ा दुख तो हुआ पर ऐसा लगा कि बिजी होने के नाते वह नहीं आया पर जरूर वह उसे बाद में मिलने आएगा |



    पर देखते-देखते काफी वक्त बीत गया पर वह कभी आया नहीं और नाही कभी उससे कांटेक्ट नंबर लिया, नाही उनकी कभी किसी फोन कॉल्स पर बात हुआ फिर यह शादी कैसी...?



    इसे शादी थोड़ी ना कह सकते हैं, यह तो सौदा-बाजी हो गया और भूमि अपने घर वालों से इसलिए बगावत नहीं कर रही थी क्योंकि बहुत ही अमीर खानदान के लोग उसे अपने घर की बहू बना रहे थे और उसके घर वाले भी खुश हो गए भला भूमि ना कहती तो सब के सब दुखी हो जाते हैं..!



    और वह ना क्यों करती..? जब रिश्ता आया तब वह भी बहुत खुश थी पर उसे लगा आज नहीं तो कल ओम उससे जरूर बात करेगा पर उसने कभी उससे बात करने का कोशिश ही नहीं किया |



    भूमि को यही लगता था, पुराने जमाने में थोड़ी ना जी रहे आज के जमाने में तो आज ही रिश्ता आया और आज से ही लोग बातें करना शुरू कर देते हैं, फिर यह ओम कौन से जमाने में जी रहा है..? उसे तो और भी पूछताछ करना चाहिए था, पता लगाना चाहिए पर उसने कभी कोशिश ही नहीं किया..?



    भूमि के यह सारे सवाल थे और वह रोज मधु से इसी बारे में बात किया करती थी कि तभी दरवाजा पर कोई दस्तक दिया |



    भूमि की माँ (अंजना) उन्होंने तेज आवाज लगाकर दोनों को बुलाया _" मधु मैंने तुम्हें भूमि को लाने के लिए कही थी और तुम हो कि अंदर जाकर समा गई..! "



    अगर भूमि को यह रिश्ता कैंसिल करना ही था तो वह स्टार्टिंग के ही कुछ दिन में अगर ना कह देती तो शायद यह शादी वहीं रुक जाता, पर अब कुछ भी कर ले कुछ नहीं हो सकता और अगर वह भागने की भी कोशिश की तो इसके परिवार वालों को भारी भरकम कीमत चुकाना पड़ेगा |



    यह बात तो भूमि के जहन में बैठ गया था क्योंकि वह इतनी रिच फैमिली है वह इतनी आसानी से चुप नहीं बैठेगी और अब पूरी दुनिया को पता चल गया था कि कल गोदरेज फैमिली के बड़े बेटे ओम की शादी है..!




    भूमि ने अपनी सलाइवा अंदर ही अंदर घटक गई और उठ खड़ी हुई और मधु के साथ कमरे से बाहर निकली और जाकर बाहर बैठ गई जहां पर उसे हल्दी लगने वाला था |



    घर के सभी फैमिली वालों ने उसे भी हल्दी लगाया नाच गाना सब कुछ चालू था मिठाईयां बनाना जो भी रस्मे थी सब जोरो में चालू हो गया |



    भूमि का मन बहुत उदास था फिर भी मेहमानों को दिखाने के लिए वह हंसी जा रही थी और सब लोग उसके साथ फोटो निकाल रहे थे वह भी चाहती थी कि अपना फोटो निकाले और अपने होने वाले हस्बैंड को दिखाएं पर उसका ऐसा कुछ भी नहीं था वह निकलती तो भी उसके मोबाइल में ही वह फोटो रहता..!



    कुछ ही देर में यह मेहंदी का कार्यक्रम खत्म हो गया और सभी घरवाले खाना खाने के साथ-साथ मिठाइयां, बहुत कुछ खा रहे थे |



    उतने में ही एक जैगवार गाड़ी उनके दरवाजे पर आकर रुका गाड़ी देखकर ही पता चल गया कि यह मेंशन से ही कोई आया हुआ है..!



    भूमि के पापा (दिनेश जी) तुरंत गाड़ी के पास जाकर खड़े हो गए तभी उस गाड़ी में से कोई और नहीं बल्कि राका और जय आए हुए थे |



    दिनेश जी ने अपने दोनों हाथ जोड़कर जय को नमस्कार किया तो वही जय भी आगे जाकर झुक कर उनके पैर छुए..!



    दिनेश जी ने जय को अपने साथ अंदर लेकर आए उसे बिठाया वही अंदर कमरे में से पर्दे की आड़ में से भूमि देख रही थी, पर उसे तो पता चल ही गया था कि यह उसका होने वाला देवर है..!




    जय हाथ जोड़कर सभी घरवालों से कहा _" मुझे दादी और माॅम ने भेजा है आप सभी को होटल ले जाने के लिए मेंशन से पास में ही होटल है वह होटल भी मेरी मासी का ही है, आप सब वही रुकेंगे ताकि कल शादी में आप लोगों को आने मे वक्त नहीं लगेगा |



    कुछ ही देर में 4 से 5 मर्सिडीज़ उनके दरवाजे पर आकर खड़ी हो गई, यह गाड़ियां किसी और ने नहीं बल्कि काशी जी ने भेजा था और अपनी बहू के लिए काशी जी रोज ही भूमि से फोन पर बात किया करती थी |



    और भूमि भी उनसे बात करती थी भूमि को उसकी होने वाली सासु माँ अच्छी लगती थी, पर उसे सिर्फ ओम से एक बार बात करना था जोकि हर एक लड़का- लड़की शादी होने से पहले करते हैं, पर उसका तो एक बार क्या एक शब्द भी बात नहीं हुआ था |



    कुछ ही देर में सभी लोग सारी तैयारी कर लिए और मर्सिडीज़ में जाकर बैठ गए, इस शादी का पूरा खर्चा गोदरेज फैमिली ही उठा रही थी उन्होंने देसाई फैमिली को ₹1 भी खर्च करने के लिए नहीं कहा, यह काशी जी पहले दिन ही कह कर गई थी |



    लगभग 1 घंटे के बाद वे सभी मालाबार पहुंच गए, भूमि के साथ मधु भी थी और जितने लोग थे उनके साथ के सभी के लिए कैमरा दिया गया था और यह होटल कोई सामान्य होटल नहीं थी बल्कि लग्जरियस होटल था |



    होटल देखकर ही भूमि मधु की आंखें बड़ी-बड़ी हो गई यहां तक की भूमि के छोटे भाई - बहन वे दोनों भी यह सब देख बहुत खुश थे | कि वे सब पहली बार इतना कुछ देखने को मिल रहा था |




    इधर मेंशन में भी हर कोई बिजी था तो वही होटल में देसाई फैमिली भी बहुत बिजी थी और यह वक्त कैसे निकल गया कुछ समझ में भी नहीं आ रहा..!





    रात के 12:00 बजे _


    ओम और विराज दोनों कमरे के बालकनी में बैठे हुए थे, उन दोनों के हाथ में ड्रिंक का ग्लास था बल्कि दोनों ही ड्रिंक पे ड्रिंक किए जा रहे थे |



    उसे बालकनी में बहुत ही सन्नाटा और खामोशी छाया था बल्कि लाइट भी ऑफ था, पर हां जो बाहर डेकोरेशन किए गए थे उसका पूरा का पूरा रोशनी बालकनी में आ रहा था |



    पूरे मेंशन को लाइट से जगमगा रहा था और रात में वह दूर से इतना खूबसूरत दिख रहा था |



    दोनों खामोशी से शराब पी रहे थे कि विराज अपनी चुपी तोड़ते हुए कहा_" तुम शादी नहीं करना चाहती हो यह बात तो मैं क्या, हर कोई जानता है पर जो लड़की तुमसे शादी कर रही है उसकी क्या मजबूरी है..? मेरा कहने का मतलब है कि तुमने उसे एक बार भी कांटेक्ट नहीं किया, देखने नहीं गए, मिलने नहीं गए, फिर भी वह तुमसे शादी करने के लिए तैयार है..? वह भी आज के समय में आजकल तो लोग रिश्ता फिक्स हुए ना हुए पहले ही रिलेशनशिप में रहते हैं, और उसके बाद जो करना है करें क्या उसने भी तुमसे कुछ कांटेक्ट करने के लिए नहीं सोची..? "



    ओम जो इतनी शांति से ड्रिंक कर रहा था वह विराज की बातें सुनकर एक पल के लिए सोच में पड़ गया की विराज सही तो कह रहा है..!



    वह तो सच में शादी नहीं करना चाहता पर वह लड़की कौन है जो उसके लिए तैयार हो गई..? क्योंकि ओम ने अभी तक उसकी तस्वीर भी नहीं देखा था आखिर कैसे वह किसी लड़की से शादी करने जा रहा है जिसे वह देखा तक नहीं, कभी बात तक नहीं किया, सिर्फ उसकी फैमिली वालों ने देखा उन्होंने जबरदस्ती उसे उसके ऊपर लाकर थोप रहे हैं..!



    पर ओम कुछ बोला नहीं उतने में विराज वापस बोला_" मैं जानता हूं तुम इस शादी से खुश नहीं हो, और घरवालों के फोर्स करने पर कर रहे हो पर जो भी हो घरवालों ने देखा है तो तुम्हारा अच्छा ही चाहते चलो अब आराम करो..! "




    विराज थोड़ी देर और ओम के कमरे में बैठा रहा उसके बाद वह वहां से निकला और दूसरे कमरे में चला गया | वही ओम अभी भी शांत था पर विराज के जाने के बाद वह ड्रिंक का ग्लास साइड में रखा और उस लड़की के बारे में सोने के लिए मजबूर हो गया क्योंकि कल उसकी उससे शादी होने वाली है जिसे के बारे में उसे एक परसेंट भी पता नहीं..!




    और वह मन ही मन खुद से कहने लगा कि वह एक डॉक्यूमेंट पर सिग्नेचर करने के लिए 10 बार वेरीफाई करता है, पर आज वह किसी से शादी करने जा रहा है उसके बारे में एक परसेंट भी नहीं जानता, क्योंकि वह गुस्से में शादी के लिए हां कह दिया था जब घर वालों ने उसे शादी करने के लिए फोर्स कर रहे थे और ना बातें किया और नाही करना चाहता था पर अब उसे लग रहा था कि उसके बारे में उसे वेरीफाई करना बहुत जरूरी था जो कि उसने नहीं किया |



    ओम ने अपना मोबाइल लिया और राका को कॉल लगाया और उसे कहा कि कल सुबह होते-होते जिस लड़की से उसकी शादी हो रही है उसका पूरा इनफार्मेशन चाहिए, क्योंकि अब उसके पास वक्त नहीं था कल ही शादी है मतलब आज रात का ही वक्त है कि वह उसके बारे में डिटेल्स लेकर आए..!



    राका ने तुरंत हां कह दिया और कॉल डिस्कनेक्ट करते ही उसने अपने गुप्तचर्यों को काम पर लगा दिया, देसाई फैमिली का इनफार्मेशन निकालना कोई बड़ी बात नहीं थी क्योंकि मिडिल फैमिली होने के साथ-साथ वह बहुत ही शरीफ लोग थे





    To be continue....

    क्या राका को भूमि का इनफॉरमेशन मिलेगा..? कल दोनों की शादी है और जब दोनों मिलेंगे तो कैसा रिएक्शन होगा इन सब जानने के लिए आगे पढ़ते रहिए


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  • 4. you are looking amazing- Chapter 4

    Words: 1925

    Estimated Reading Time: 12 min

    अब आगे _

    अगली सुबह होटल रूम_

    भूमि रात भर नहीं सोई थी भला सो कैसे सकती है...? आज तो उसकी शादी है और यह हालत उसका ही नहीं बल्कि उसके परिवार मे हर किसी का था |

    जैसे अंजना जी दिनेश जी और उसके भाई- बहन और जो रिश्तेदार आए हुए थे क्योंकि छोटी-मोटी कोई परिवार के साथ शादी नहीं हो रहा था |

    यह बहुत ही बड़े परिवार से शादी हो रहा था जिसकी वजह से उनकी जान गली में अटका था, कहीं उनसे कोई गलती ना हो जाए..? पर वह काशी जी और महेश बहुत अच्छे से जान चुके थे क्योंकि वे लोग बहुत ही अच्छे लोग हैं, क्योंकि पहले दिन से ही उनका काफी सपोर्ट करते आ रहे हैं..!

    जब यह शादी न्यूज़ हाईलाइट बना तब कहीं न कहीं भूमि और उसके परिवार वालों को अजीब लगने लगा क्योंकि आज तक वे लोग रोड पर निकलना किसी से लड़ाई - झगड़ा करना, बहस- बाजी आज तक नहीं हुआ था |

    पर न्यूज़ और न्यूज़ वाले लोगों का सवाल- जवाब सुनना यह उनसे नहीं हो पाएगा इसलिए काशी जी ने पहले ही यह सब स्टॉप करवा दिया था ताकि उनकी फैमिली को कोई परेशानी ना आए..!

    उन्होंने गार्ड को पहले ही हायर कर दिया था कि कोई भी रिपोर्टर उन्हें परेशान ना करें और वैसे ही हुआ कोई भी उन तक नहीं पहुंच पाया |

    शादी दोपहर में था भूमि के लिए डिजाइनर से लेकर मेकअप आर्टिस्ट सब होटल पहुंच गए जो देखकर भूमि तो दंग हो गई वही हाल मधु का भी था पर वह तो खुश थी अपनी दोस्त के लिए..!

    जो लहंगा उसके लिए डिजाइनर लेकर आया था वह बहुत बड़ा प्लास्टिक कवर में पैक था और जब उन्होंने खोलकर उसमें से निकला | सभी की आंखें फटी की फटी रह गई और सब का रिएक्शन यही था आखिर क्या है इस लहंगे में..?

    Intricate blush maroon bridle embroidere lehanga with our exquisite uncut diamond

    जिस कमरे में भूमि और मधु थी तो मेकअप आर्टिस्ट ने सभी को अब बाहर जाने के लिए कह दी बल्कि जिस कमरे में भूमि की बहन सौम्या थी उस कमरे में मधु चली गई क्योंकि उन्हें भी तैयार होना था

    भूमि को तैयार करने के लिए दो डिजाइनर और तीन मेकअप आर्टिस्ट आई थी टोटल पांच लोग उसके सामने खड़े थे उसके बाद भूमि को कंफर्टेबल चेयर पर बिठा दिया और सामने बहुत बड़ा मिरर लगा था और सभी लोग मेकअप का पूरा सेटअप लगा दिए और उसका मेकअप करना चालू कर दिया |



    दूसरी तरफ मेंशन में _

    ओम को बहुत सारा ऑफिस का काम करना था | पर वह जानता था कि आज के दिन अगर वह घर से बाहर निकाला तो सब के सब उसके ऊपर भडक जाएंगे जिसकी वजह से वह अपने कमरे में बैठकर लैपटॉप लिए काम किये जा रहा था |

    कुछ ही देर में राका आया और दरवाजा नाॅक किया, राका ने पहले ही ओम को मैसेज कर दिया था जिसकी वजह से उसे पता था कि राका आ रहा है..!

    उसने दरवाजा खोला राका अंदर आया और ओम के हाथ में एक पतला सा ब्लू कलर का फाइल दे दिया, देने के बाद वह वहां से चला गया |

    उसके जाते ही ओम अपना सब काम साइड में रखा पहले वह फाइल लेकर पहले वेरीफाई करने लगा |

    जिसमें साफ-साफ लिखा था भूमि अभी 2 महीने पहले ही अपनी फाइनल ईयर का एग्जाम्स कंप्लीट की थी, और उसके फैमिली का बांद्रा में एक छोटा सा स्वीट का शॉप है और उसके घर में उसके मम्मी- पापा और उसके एक छोटा भाई अभिषेक छोटी बहन सौम्या टोटल मिलाकर 5 लोगों की फैमिली है और इन्होंने अभी तक किसी से लड़ाई - झगड़ा या पुलिस कंप्लेंट ऐसा कुछ भी सिचुएशन में नहीं फंसे नहीं बल्कि बहुत ही शरीफ लोग हैं..!

    डीटेल्स कोई ज्यादा बड़ा नहीं था बल्कि दो पेज में ही सब कुछ था |  लास्ट पेज पर भूमि के पर्सनल डिटेल्स के बारे में था, जैसे की उसके अभी तक का किसी के साथ अफेयर या फ्रेंडशिप इसके बारे में बहुत ही थोड़ा सा लिखा था |

    उसका अभी तक किसी के साथ अफेयर नहीं है बल्कि वह गर्ल्स कॉलेज में एजुकेशन की है और आसपास के लोग का कहना था कि बहुत ही प्यारी बच्ची है यह थोड़े में उसका डिटेल सब कुछ बयां कर दिया की भूमि बहुत ही अच्छी लड़की है..!


    ओम ने उसे फाइल को बड़े गौर से देख ही रहा था कि तब तक वापस दरवाजा खटखटाने का आवाज आया और वह तुरंत अपने सेंस में आ गया | उसने उस फाइल को जल्दी से एक लॉकर में ले जाकर रख दिया जहां पर उसके इंपॉर्टेंस डॉक्यूमेंट रखता है..!

    जल्दी से दरवाजा खोला तो विराज और जय दरवाजे पर खड़े थे क्योंकि उसके डिजाइनर ने कपड़े पहले ही लाकर रख दिया था और अब उसे तैयार करने की बारी उसके भाइयों की थी |

    उन दोनों को देख ओम ने अपनी पहले तो आंखें बंद कर लिया क्योंकि उससे भी ज्यादा इन दोनों को ही जल्दबाजी लगा हुआ है की तब तक उसकी मॉम काशी जी आ गई आते ही उन्होंने जय और विराट को साइड हटाया |

    और अंदर आते ही बोली_" ओम बेटा लड़की वाले अभी घंटे भर में पहुंच ही जाएंगे और तुम जल्दी से तैयार हो जाओ, ऐसा ना हो की लड़की को मंडप में अकेला बैठना पड़े और सब लोग तुम्हारा इंतजार करें, तो नाम मत रोशन करना जल्दी से पहले तैयार हो जाओ..! "

    ओम एक भी शब्द नहीं बोला बस वह सुन रहा था और काशी जितना बोलकर कमरे से बाहर चली गई उनके जाते ही उसके दोनों भाइयों कंधे उच्चका हुए उसके तरफ देखने लगे |

    ओम  एक नजर उन दोनों की तरफ घूर कर देखा और तुरंत वॉशरूम में चला गया | करीब वह 20 मिनट के बाद बाहर निकला तो देखा अभी भी विराज और जय उसके कमरे में ही थे |

    क्योंकि वह दोनों उसको रेडी करके अपने साथ ही नीचे लेकर जाएंगे ओम माना भी तो नहीं कर सकता क्योंकि उसने ठान लिया था कि वह चुप ही रहेगा जो जैसा चल रहा है चलने देगा किसी के भी बीच में कोई इंटरफेयर नहीं करेगा और वह वैसा ही कर रहा था |



    दोपहर के 12:00_ होटल रूम

    मेकअप आर्टिस्ट ने भूमि को एकदम से रेडी कर दिया और जब भूमि अपने आप को आईने में देखी तो एक पल के लिए वह भी घबरा गई क्योंकि जो भूमि पहले थी वह बिल्कुल भी दिखाई नहीं दे रही, सच में यह कोई और ही दिख रही थी |

    उसके बाद डिजाइनर ने उसे लहंगे पहनाए और उसे दुपट्टा सिर पर चुनरी लगाए तो तब तो वह बिल्कुल भी पहचान में नहीं आ रही कि यह भूमि है ऐसा लग रहा था जैसे कोई मॉडर्न या हीरोइन आकर खड़ी हो..!

    20 मिनट में वह एकदम तैयार हो गई और खड़ी थी मेकअप आर्टिस्ट और डिजाइनर ने उसके एक-दो फोटो निकालें और बहुत सारे complement देते जा रहीं थीं |

    एक ने कहा _" Mam, you are really looking very lovely..! "

    तो दूसरे ने कहा _" you are looking amazing..! "

    सब लोग अपने-अपने अंदाज में उसे कंपलीमेंट्स दे रहे थे और जब दरवाजा खुला, मधु- सौम्या ने उसे देखा वे दोनों अपने मुंह पर हाथ रखकर आहह भरने लगी |

    क्योंकि सच में उन्हें आज यकीन हो गया कि अगर पैसा हो तो इंसान बूढ़ा भी जवान दिखता है और यह बात सच है..! क्योंकि आए दिन उन्होंने भूमि को देखा ही था पर आज उसे देख ऐसा लग रहा था यह उसकी बहन नहीं है सच में कहीं से हर की परी उतरी है..!

    मधु और सौम्या ने उन दोनों ने भी लहंगे ही पहनी हुई थी, levender Kashmiri कलर का मधु ने पहना था तो सौम्य ने Pink Taban कलर का पहना था | जिस पर दोनों बहुत ही प्यारी और क्यूट लग रही थी |

    मेंशन के गॉड्स होटल के नीचे आकर खड़े हो गए थे क्योंकि इनके ही गाड़ियों में बैठकर सभी लोग मेंशन जाने वाले थे, राका भी आया था यहां तक की जय भी उन्हें लेने के लिए आ गया था |

    और जब भूमि कमरे से बाहर निकली उसके मम्मी - पापा ने देखा तो सच में वह भी दंग हो गए और उनके आंखों में आंसू आ गया क्योंकि उनकी बेटी आज जो मेंशन जा रही है तो वहां की ही वह हमेशा हो जाएगी |

    करीब 20 मिनट तक यह है इमोशनल चालू रहा उसके बाद जय आगे आकर कहा_" मॉम ने कहा है आप लोगों को जल्दी चलने के लिए क्योंकि पंडित जी ने कहा है शुभ मुहूर्त पर ही शादी होना ठीक है..! "


    जो सुनकर सभी लोग कार के तरफ बढ़े के उतने में मधु का मोबाइल रिंग किया, वह मोबाइल स्क्रीन पर नाम देखी तो उसके भाई रवि का कॉल आ रहा था |

    वह जल्दी से कॉल रिसीव की क्योंकि उसका भाई शादी में नहीं आया था और जैसे उसने कॉल रिसीव की हेलो बोली तो कॉल की दूसरी ओर से किसी और का आदमी का आवाज है जो सुनकर वह परेशान हो गई..!

    वह आदमी बोल रहा था कि किसी लड़के का एक्सीडेंट हो गया है जो सुनकर मधु के तो होश उड़ गए उसके चेहरे का हाव-भाव एकदम से बदल गया और वह लड़खड़ाती हुई जुबान से पूछने लगी |

    " आप कौन बोल रहे है..? कहां से बोल रहे हैं..? मेरा भाई कहा है..? पहले मुझे उससे बात करवाइए..!"

    तो वह आदमी बोला कि _" मैं इन्हें अस्पताल लेकर आया हूं और उनके ही मोबाइल से आपको कॉल कर रहा हूं आप जल्दी से सिटी हॉस्पिटल आ जाइए..! "

    मधु उससे बात ही कर रही थी कि उतने में अंजना जी और दिनेश जी उसे आवाज लगाने ले क्योंकि सभी लोग कार में बैठ गए थे मधु दौड़ते हुए अंजना जी के पास आई और बोली आंटी रवि का एक्सीडेंट हो गया मुझे हॉस्पिटल जाना है आप लोग जाइए..!

    उसका इतना कहना कि सभी लोग परेशान हो गए मधु की मम्मी सौम्या के साथ दूसरे कार में बैठी थी, बाकी के कार वहां से जाना स्टार्ट हो गए मधु भूमि के साथ कार में बैठने वाली थी  |

    बाकी के कार वहां से निकल गए पर दो कार अभी भी रुका था और भूमि कार में से देख रही थी कि मधु अभी भी आ नहीं रहे हैं वह बाहरी खड़ी है..!

    अब तो सभी लोग परेशान हो गए अब अंजना जी क्या ही करें पर मधु ने उन्हें बताया कि वह अभी तक किसी को ना कहे पहले वह हॉस्पिटल जाएगी |

    अगर सब ठीक रहा तो वह डायरेक्ट मेंशन आ जाएगी वरना वह नहीं आ सकती 10 मिनट तक उन लोगों की बातें चला रहा उसके बाद मधु कैब बुक की और वहां से जल्दी चली गई..!


    उसको इस तरह जाता देख भूमि परेशान हो गई और वह तुरंत उसे कॉल करने लगी, पर उसने कॉल नहीं रिसीव की तो अंजना जी कार में से बाहर निकाल के जाकर भूमि को सब कुछ बता दी..!

    जो सुनकर भूमि क्या आंखों में आंसू आ गए तो परेशान हो गई क्योंकि उसे सच में मधु के बगैर वहां जाना अच्छा नहीं लग रहा था |

    दिनेश जी ने भूमि को समझाया कि बहुत बड़ा एक्सीडेंट नहीं हुआ है बट उसे चोट लगा है तुम्हें फिक्र करने की जरूरत नहीं है मधु आ जाएगी थोड़ी देर में और रवि को अपने साथ लेकर आएगी जो सुनकर भूमि शांत तो हो गई पर उसे दुख था अपनी फ्रेंड के लिये |


    To be continue...

    क्या लगता है आप लोगों को किसका कॉल मधु को आया था..?

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  • 5. आज से आप दोनों पति पत्नी हुये , Om को बुढ़े होने का टैग मिला - Chapter 5

    Words: 2114

    Estimated Reading Time: 13 min

    अब आगे _

    Godrej mansion _

    कुछ ही देर में एक के बाद एक साड़ी मर्सिडीज़ मेंशन के अंदर आ गई, और जब उनकी कार अंदर एंट्री ली कि तभी पटाखे की शोर गूंजने लगा जिससे अंदर ओम को समझ गया कि लड़की वाले आ गए हैं..!

    जितना खामोश दिखाई दे रहा था उसके अंदर उससे भी ज्यादा शोर था पर वह बिल्कुल भी अपने चेहरे पर या किसी के सामने जाहिर बिल्कुल भी नहीं होने दिया |

    इधर बाहर गार्ड ने सभी कार के दरवाजे खोलें और उसमें से देसाई परिवार बाहर निकली पर वे सब जैसे बाहर निकले की काशी जी आरती की थाल लेकर अपनी बहू की आरती उतारी..!

     

    काशी जी ने उसकी आरती उतारने के बाद उसके दुपट्टे से उसका चेहरे को ढक दिया और अपने साथ मंडप की ओर लेकर गई बल्कि सभी लोग मंडप के यहां पहुंच गये |

    रोशनी और विधि वह दोनों भूमि को अपने साथ मंडप में लेकर गई उसे मंडप में बिठा दिया गया कि तभी काशी जी ने जय को आवाज लगाकर बुलाया और कहा कि जाकर ओम को लेकर आए..!

    जो सुनकर जय जल्दी से गया |

    जय फोन पर किसी और से बातें कर रहा था, और उसकी बातें करने के लिए जैसे ही समझ में आ गया कि कोई और भी शादी को अटेंड करने आ रहा है..?

    जहां शादी का माहौल हुआ चार लोग बातें ना करें ऐसा तो हो ही नहीं सकता, और वह भी वह भी इतने बड़े हस्ती की शादी थी तो भला बात तो होती ही रहेगी |

    पता नहीं दो औरतें कोई तो थी जो आपस में बातें कर रही थी उसमें से एक ने कहा_" अच्छा हो गया कि ओम की शादी हो रही है, वरना पता है ना उसकी अभी तो जितने भी रिश्ते आ रहे थे सभी लोग कैंसिल कर दिये, क्योंकि उसका जो बर्थडे आने वाला है पूरे 38 साल का हो जाएगा 2 साल का मे पूरे 40 साल का हो जाएगा | "

    तो उसमें से दूसरी औरत ने कहा_" हां अभी देसाई परिवार तो देखो कितनी समझदार निकली जो कि अपनी लड़की दे दिया | यह तो 22 23 की दिख रही है तो भी दोनों में बहुत डिफरेंट है, जमीन- आसमान का..! "

    वह औरतें दोनों आपस में फुसफुसते हुए बातें कर रही थी, पर उनकी बातें सौम्या ने सुन ली जो सुनकर उसका तो माथा ही थनक गया |

    अब जाकर सौम्या को समझ में आया कि इतनी अमीर लोगों ने उनके घर रिश्ता क्यों लेकर आए क्योंकि लड़का तो बुढ़ा है, और उसकी बहन की शादी किसी बुढ़े लड़के से होने जा रही है..!

    सौम्या की उम्र करीब 18-19 की थी, उसका छोटा सा दिमाग अब उल्टा काम करने लगा | वह इतनी जल्दी घबरा गई कि मानो, कुछ तो उल्टा-सुल्टा कम कर ही देगी |

    मतलब यह बात किसी को भी नहीं पता था कि ओम 37 इयर्स का है और वह आधा बूढ़ा हो चुका है जो सुनकर सौम्या तो परेशान हो गई उसका तो मुंह खुला का खुला ही रहेगा |

    वह अब क्या करें..? उसे समझ में नहीं आ रहा किस जाकर बताएं कि यह शादी रोक दे क्योंकि उसकी बहन की जिसके साथ शादी हो रही है वह बूढ़ा इंसान है उसके दिमाग में तो यही चलने लगा और वह उसे भीड़ - भाड़ में से निकलकर जल्दी-जल्दी मंडप की ओर गई..!

    बेचारी जहां भी जाती वहां भीड़ लगा ही था क्योंकि मेहमान ही इतने थे ऊपर से मीडिया- प्रेस  न्यूज़ रिपोर्टर उनका तो पूछो ही मत, पर गार्ड इतने थे कि उन्हें फैमिली मेंबर से कोई भी सवाल जवाब नहीं करने दे रहे थे बल्कि सिर्फ वह वीडियो ले रहे थे ताकि टीवी पर न्यूज़ हाईलाइट हो सके..!

    सौम्या को अपनी बहन को किसी भी हालत में बताना था और यह बात अपनी फैमिली वालों को भी बताना चाहती थी कि उसकी बहन की शादी बुढ़े इंसान से होने जा रहा है..!

    पर उसके मम्मी - पापा तो काशी जी और महेश जी से बातें कर रही थी मतलब बड़ों में बैठे हुए थे, वह वहां जाकर कुछ बता नहीं सकती उसके बाद वह मधु को ढूंढने लगी |

    उसे मधु भी दिखाई नहीं दी बल्कि जब से वह आई है तब से उसे मधु दिखाई नहीं रही, अब तो वह और परेशान हो गई..!

    सौम्या वक्त नहीं गाना चाहती थी वह जल्दी से अपनी बहन के पास पहुंची पर वहां पर रोशनी, विधि और भी लड़कियां खड़ी थी और सौम्या को देखकर वे दोनों ने उसे हाय - हेलो किया |

    बदले में सौम्या ने भी फेक स्माइल करते हुए उन्हें रिप्लाई दे दी, उसके बाद वह देख रही थी कि कैसे वह अपनी बहन को बताएं कि उतने में ओम को लेकर आया जा रहा था कि सबकी नजर ओम के तरफ ही था |

    उतने में सौम्या नीचे झुकी और अपनी बहन के कान में फुसफुसाते हुए बोली _" भूमि दी आपको पता है आपकी जिससे शादी हो रही है वह लड़का नहीं है बल्कि बूढ़ा इंसान है, इसलिए तो इतने टाइम से वह दिखा नहीं, हमारे साथ धोखा हुआ है दी..! "

    सौम्या ने उसके कानों में यह फुसफुसाते हुए कह दी, पर जैसे ही भूमि के कान में ये बात गया, मानों उसके शरीर में एक अलग ही सैलाब उमड़ा..!

    जैसे सौम्या ने बताया वह बात भूमि के दिल और दिमाग में फिट हो गया एक सेकंड में दोनों बहनों का चेहरा उतर गया क्योंकि बात ही कुछ ऐसा था |

    ओम जैसे आ रहा था की विधि और रोशनी आते हुए उसके पास गए क्योंकि उन्हें फोटो जो निकलना था | उतने में सौम्या को और चांस मिल गया बातें करने के लिए मिल गया |

    ओम आज वाइन कलर का वेडिंग शेरवानी पहना हुआ था और उसी से मैचिंग मोतियों के गले में हार पहना था और उसके सिर पर जो पगड़ी थी, जिसमें रियल डायमंड लगे हुए थे वह इस लोक में एकदम राजा- महाराजा लग रहा था |

    उसे सच में इस रूप में देखकर कई लड़कियां आह भर रही थी कितने का तो सच में दिल टूटा गया, पर ऐसे और भी थी जो अभी भी उसे पाने की तमन्ना रख रही थी कि शादी के बाद भी वह उसे मिल जाए..!

    सौम्य बोली _" भूमि दी, कम से कम वह आपकी उम्र का तो होना चाहिए था, चलो मान लिया 1 साल बड़ा होता तो..? पर यह तो वह आपसे 17 - 18 साल का बड़ा है, भूमि दी मुझे तो अब बहुत डर लग रहा है, मैं आपकी कैसे हेल्प करूं..? मुझे समझ में नहीं आ रहा और मम्मी - पापा तो बड़ों में बैठे हुए हैं यह शादी कैसे रुकेगा..!"

    भूमि अब क्या ही बोले..? क्योंकि उसके सामने पंडित जी बैठे थे पर वह घूंघट की आड़ में आंखों में आंसू आ गए, बात उम्र की नहीं थी बात यह थी कि सच में उनके साथ धोखा हुआ..!

    क्यों..? क्यों..? आज तक ओम ने एक बार उससे मिलना नहीं चाहा..? उससे बात करना नहीं चाहा..? कांटेक्ट नहीं किया..? इसका मतलब कि उन लोगों के साथ सच में धोखा हुआ, पर वह यहां से कैसे उठे..?

    उसके पास अब कोई रास्ता नहीं था यहा से उठकर जाए, क्योंकि वह और उसकी फैमिली पूरे न्यूज़ में आ रहे थे और अगर वह उठी भी तो इसमें गोदरेज फैमिली का कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि देसाई फैमिली पूरी बर्बाद हो जाएगी और वह कहीं मुंह दिखाने के लायक भी नहीं रहेंगे |

    घुंघट के अंदर भूमि के आंसू झरने की तरह बहने लगे बल्कि वह हाथ से धीरे-धीरे साफ भी कर रही थी पर वह सौम्या को एक शब्द भी बोली नहीं..!

    सौम्या लगातार बोले जा रही थी_" भूमि दी, प्लीज कुछ तो करो आप ही बोलो क्योंकि आज हमारी तरफ से कोई लड़ने वाला नहीं है हमारा तो भाई छोटा है, काश आज कोई बड़ा भाई होता तो..? "

    ओम को मंडप में लाया जा रहा था तो भूमि ने धीरे से सौम्या को बोली_" सौम्या तू यहां से जा और इसके बारे में किसी को कुछ मत कहना..प्लीज..! मैं सब सम्भल लुंगी |"

    भूमि ने कहने के लिए तो यह बात कह दी, पर वह क्या संभालेगी..? क्या कर सकती है..? आप तो कुछ चंद मिनट में उसकी शादी हो जाएगा |

    और उसकी फ्रेंड मधु भी यहां पर नहीं एक साथ में दुख का पहाड़ टूट प़डा अगर यही बात उसे कल तक पता चल जाता तो वह जरूर एक बार काशी जी अपने परिवार वालों से बातें करती दिए यहां तक की ओम से वह खुद मिलकर बातें करना चाहती |

    पर सब गड़बड़ हो गया उसके दिमाग में तरह-तरह के सवाल चलने लगा कि उतने में ओम उसके बगल में आकर बैठा ओम एक नजर उसके तरफ डाल पर वह तो घूंघट की वजह से कुछ भी दिखा नहीं पर उसकी हथेलियां दिख रही थी जो पूरे मेहंदी से भरी हुई थी |

    उसके बैठते ही सभी मेहमानों ने पूरे मंडप को घेर लिया और पंडित जी मंत्र बोलना चालू कर दिए, वजह से जैसे-जैसे बोल रहे थे वैसे-वैसे दोनों को करना पड़ रहा था |

    एक दो बार तो भूमि अपने ख्यालों में डूबी थी कि पंडित जी को अपने शब्द दोहराना पड़ा..!

    और जब वह अपने शब्द रिपीट कर रहे थे तब तब ओम भूमि के तरफ देखा क्योंकि भूमि के दिमाग में तो कुछ और ही चल रहा था |

    पंडित जी ने लड़के के हाथ में लड़की का हाथ रखने के लिए कहा और जैसे उसका हाथ टच हुआ कि भूमि को यह मूवमेंट थोड़ा अजीब लगा |

    पर तुरंत उसके दिमाग में वह बात आया कि उसने तो उसे सोशल मीडिया पर जब सर्च की थी तो ओम बहुत ही हैंडसम दिख रहा था तो यह फिर बूढ़ा इंसान कौन है..? क्या उसका कोई बड़ा भाई है या किसी और से उसकी शादी करवाया जा रहा है..? क्योंकि उसने तो उसकी तस्वीर देखकर हां कह दी थी, क्योंकि उसे ओम बहुत पसंद आया था |

    सौम्या तो साइड में खड़ी होकर एक टक ओम को घूरे जा रही थी क्योंकि ओम की पर्सनैलिटी इतनी डेंजरस थी उसकी मस्कुलर बॉडी, पतले होंठ, तीखी नाक, काली - काली आंखें वह इतना हैंडसम अट्रैक्टिव दिख रहा था |

    सच में आज जो भी लड़कियां उसे देखती होगी, कईयों के तो दिल टूट गया होगा और तो और कईयों ने तो सपना देखा होगा कि ओम से शादी होगी क्योंकि इस शादी में इंडिया नहीं बल्कि फॉरेन के लोग भी आए हुए थे उनके जितने बिजनेस पार्टनर थे सब आए हुए थे |

    कुछ देर बाद पंडित जी ने उन दोनों को खड़ा होने के लिए कहा, पंडित जी ने सबसे पहले ओम को आगे होकर फेरे लेने के लिए कहा, उसके बाद भूमि को..!

    जितने मेहमान साइड में खड़े थे वह सब फूलों के बारिश कर रहे थे और कुछ ही देर के बाद पंडित जी ने ओम को मंगलसूत्र पहनाने के लिए कहा तो वही काशी जी आकर भूमि की घूंघट उपर उठाई और जैसे उन्होंने उसका घूंघट उठाया की मीडिया, प्रेस, न्यूज़ रिपोर्टर सभी ने उसके चेहरे को कैप्चर कर लिया |

    पंडित जी ने ओम को भूमि के गले में मंगलसूत्र पहनाने के लिए कहा, वह मंत्र बोलते जा रहे थे तो वही वो थाल में से मंगलसूत्र उठाया और जैसे भूमि के तरफ थोड़ा क्रॉस हुआ तब जाकर उसकी नजर भूमि के चेहरे पर गया |

    2 मिनट बिना पलकें झपकाए उसे देखते ही रह गया क्योंकि सच में वो बहुत ही खूबसूरत दिख रही थी | अब om थोड़ा और क्रॉस हुआ और उसके गले में मंगलसूत्र पहना दिया |

    नजरे एकदम झुकाए बैठी हुई थी वह एक बार भी ऊपर की ओर नहीं देखीbऔर नाही सामने, तो पंडित जी ने लास्ट में ओम को उसके मांग में सिंदूर भरने के लिए कहा..!

    ओम ने तुरंत थाल में से सिंदूर का डब्बी हाथ में उठाया और उसके मांग में सिंदूर भर दिया, भूमि ने तो अपने आंखे भर लिए अब तो पूरे मेहमान गुलाब के फूलों से उन पर निछावर करने लगे |

    और पंडित जी ने लास्ट मंत्र पढ़ते हुए कहा _" यह शादी संपन्न हुई, आज से आप दोनों पति- पत्नी हुए..! "

    उस भीड़ में कोई और भी था जिसे यह शब्द सुनकर बिल्कुल अच्छा नहीं लगा और वह जब से भूमि मंडप में बैठी तब से वह एक तक उसे ही गर जा रही थी

    To be continue....

    ओम को जो बूढ़े होने का टैग मिला है वह जानकर अब भूमि क्या करेगी..?

    भूमि ने अभी तक ओम के तरफ नहीं देखी उसे तो यही लग रहा है कि उसकी शादी किसी बूढ़े इंसान के साथ हो रहा है..?

    कौन है उस भीड़ में जो भूमि पर नजर रखा हुआ है..?

    यह सब जानने के लिए प्लीज आगे पढ़ते रहिए 'Melt my heart '

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  • 6. हैप्पी सुहागरात भाभी - Chapter 6

    Words: 1690

    Estimated Reading Time: 11 min

    अब आगे __

    सिटी हॉस्पिटल

    मधु उस आदमी के बताए हुए पते पर पहुंच गई तो देखी उसके भाई के हाथ में डॉक्टर ने ड्रेसिंग किया था क्योंकि सच में उसके हाथ पैर और सिर पर चोट लगा हुआ था |

    ज्यादा तो नहीं लगा था पर चोट उसे लगा हुआ था, जो देखकर मधु अपने लहंगे संभालते हुए उसके पास गई और रोने लगी |

    इसको इस तरह रोता देख उसके छोटे भाई रवि ने माफी मांगते हुए कहा_" दीदी मुझे माफ कर दो, मैं वह गलती से हो गया और आप यहा क्यों आई, आप तो शादी में गई थी ना, आप जाइए मैं यहां से घर चला जाऊंगा | "

    उसकी बातें सुन मधु उसे डांट लगाते हुए बोली_" एक थप्पड़ ऐसा लगाऊंगी ना जो दर्द है ना और भी दर्द बढ़ जाएगा, एक्सीडेंट हुआ है और ऊपर से नौटंकी किए जा रहे हो, और मैं वहा जाकर शादी एंजॉय करूं, पागल कहीं का..! "

    मधु काफी देर तक अपने भाई को फटकार लगाते रही क्योंकि वह हमेशा ही उसे डाटा करती थी की गाड़ी ठीक तरह से चलाएं पर उसका भाई सुनता ही नहीं और आज उसकी स्कूटी लेकर उसने कारनामा कर ही दिया |

    मधु ने उसे यह भी बताई कि उसने मम्मी को नहीं बताई है वरना वह परेशान हो जाएंगी और शादी में से निकलकर यहां आ जाएगी और उसने रवि को भी झूठ बोलने के लिए कह दिया |

    दोनों भाई बहन करीब 1 घंटे तक और हॉस्पिटल में रुके उसके बाद डॉक्टर ने से डिस्चार्ज किया और घर जाने के लिए कहा वैसे उसे ज्यादा चोट नहीं लगा था |

    पर उसे चलने में तकलीफ हो रहा था बट वह एक-दो दिन में चल सकता था क्योंकि उसके हाथ में ज्यादा चोट आई थी |

    मधु वहां से कैब बुक की और उसे घर लेकर गई वह अपने भाई को अस्पताल में भी नहीं छोड़ सकती थी और ना ही उसे अपने साथ शादी में ले जा सकती थी क्योंकि इस तरह से उसे वहां लेकर जाना लोग देखेंगे तो परेशान हो जाएंगे और खास करके उसकी मम्मी इसलिए वह डायरेक्ट उसे लेकर घर चली गई


    Godrej mansion _

    शाम का वक्त अंधेरा- अंधेरा सा छा गया था | आसमान में तो अंधेरा छाने लगा पर मेंशन में दुगनी उजाला हो गई थी, पूरे लाइट, डीजे शो- शराब अब तो और भी ज्यादा चालू हो गया |

    वहीं जो डांस सेटअप लगाया हुआ था हर कोई वहां पर डांस कर रहा था |  जैसी की रोशनी, विधि  और जय अपनी-अपने परफॉर्मेंस दे रहे थे और जो डांसर- सिंगर बुलाए गए थे वह सब बैक टू बैक परफॉर्मेंस देने लगे |

    तो वही दूल्हा-दुल्हन के बहुत सारे फंक्शन चालू हो गए थे, जैसे की फोटोग्राफर सारे घर के मेंबर्स या बड़े-बड़े जो गेस्ट बुलाए गए थे वह सभी दूल्हा-दुल्हन के साथ फोटो खिंचवा रहे थे |

    भूमि अपनी कर नजरों से बहुत बार ओम को देखना चाहती थी वह जैसे नजर घूमती पर नामुमकिन हो जाता क्योंकि वह ठीक तरह से ओम को देख ही नहीं पा रही थी |

    बहुत देर से वह ट्राई कर रही थी कि वह ओम को देखें..? पर वह उसकी साइड कैसे देखें अगर उसने पलट के उसे देखा तो ओम भी तो उसे देखेगा ही..!

    तो उसने बड़ी चालाकी से अपने हाथ को अपने माथे पर फेरने लगी और एक आंख दबाकर ओम की तरफ देखी तो सच में ओम कोई बूढ़ा नहीं बल्कि बहुत ही हैंडसम और अट्रैक्टिव उसे दिखा , जो वह परेशान हुई थी इतनी रोई थी अब जाकर कहीं उसकी कलेजे को ठंडक मिला |

    तो वही मेंशन के अंदर ओम के बेडरूम का सुहागरात का सेटअप बना दिया गया था | पूरे ताज़े गुलाब के फूलों से सजाया हुआ था और मोटी-मोटी मोमबत्ती भी लगा दिया गया एकदम अलग ही माहौल उस कमरे का बन चुका था |

    दोपहर से वक्त कैसे शाम में बदल गया पता ही नहीं चला, और शाम से कैसे रात में ढल गया वह भी किसी को पता नहीं चला | टाइम इतनी स्पीड में जा रहा था और आज कोई भी अपनी घड़ी पर टाइम तक नहीं देख पा रहा..!

    क्योंकि हर वक्त इतनी मेंबर्स इतने गेस्ट आए हुए की और इतने सारे फंक्शंस चालू थे कि क्या ही बताये |


    रात 10:00 बज रहे थे शादी तो कब का हो गया था और सारे फोटोशूट जो भी फंक्शंस थे वह सारे हो गए अब देसाई परिवार को अपनी बेटी को विदाई करके यहां से जाना था |

    अब सभी के आंखों में आंसू थे जो कुछ देर पहले सब नाच गाना चालू था अब सिर्फ रोना चालू हो गया |

    यहां तक की काशी जी के भी आंखों में आंसू आ गये जिस तरह भूमि और अंजना जी रो रही थी साथ ही साथ में सौम्या भी बहुत रोए जा रही थी |

    अभिषेक अपनी बहन के लिए रो रहा था, तो वहीं दिनेश जी भी अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए उनकी आंखों से छलक जा रहे थे पूरा परिवार रो रहा था |

    काशी जी आगे आकर सभी को बड़े प्यार से मानने लगी क्योंकि एक औरत होने के साथ साथ माँ भी है जिससे उन्हें यह तकलीफ पता था और वह उनका दर्द समझ सकती थी |

    उन्होंने अपने साफ-साफ शब्दों में कहा_" आपकी बेटी को यहां किसी भी चीज की तकलीफ नहीं होगा और आप लोगों को जब भी उससे मिलना रहे आप हमें बता दीजिए, हम आपकी बेटी को आप लोगों के पास भेज देंगे या आप लोग खुद यहां आ जाएगा | "

    काशी जी बहुत ही अच्छी थी और उनके पति महेश जी भी घर के हर एक मेंबर ने उन्हें बड़े प्यार से समझाया |

    दादा - दादी सभी लोग देसाई परिवार को रोता देख इमोशनल हो गए थे |

    ओम कुछ नहीं बोला बल्कि वह तो फौरन से आए हुए गेस्ट लोगों के साथ बातें करने में बिजी था |

    कुछ देर बाद देसाई फैमिली मेंशन से अलविदा लेकर निकल गई बाकी के बहुत सारे मेहमान 9:00 बजे तक निकल चुके थे |

    पर जो उनके बाहर के गेस्ट आए हुए थे उन्हें सब को होटल में शिफ्ट कर दिया गया, ताकि वह दूसरे दिन यहां से जाएं अब इस मेंशन में घर वाले और जो उनके करीबी रिलेटिव थे वही थे बाकी तो सब चले गए..!


    रात 11:10 ओम का कमरा_

    रोशनी और विधि दोनों ने भूमि को ओम के कमरे में लेकर गई, जैसे भूमि ने उस कमरे में अपनी कदम रखी, मानो वहां का नजारा देखते ही रह गई क्योंकि अब तो काफी रात भी हो गया था और पूरे कमरे में मोटी-मोटी कैंडल्स जल रहे थे |

    और जो नेचुरल गुलाब के फूल थे उसकी खुशबू पूरे कमरे में सुगंध फैला था | उसकी दोनों ननंद उसे बहुत परेशान करने लगी बल्कि एक दूसरे को कोहनी से मारते हुए कहने लगी_" यहां से जल्दी चलो वरना भाई आ गए तो नाराज हो जाएंगे, उन्हें अच्छा नहीं लगेगा भाभी को हमने आराम नहीं करने दिया | "

    यह बात रोशनी कह रही थी कि इतने में विधि बोली_" वैसे तुम्हें क्या लगता है आज रात आज सोते हैं, जहां तक मैंने सुना है, आज की रात कोई नहीं सोता, है ना भाभी..! "

    इतना बोलकर रोशनी और विधि दोनों हंसने लगी पर भूमि कुछ नहीं बोल रही थी उसकी तो अब सांस गले में ही अटक गया क्योंकि उसके नजर इस वक्त बेड पर था |

    जो व्हाइट बेडशीट कहीं भी दिखाई नहीं दे रहा पूरे गुलाब के फूल बिछा दिए गए थे और तो और साइड की टेबल पर फूल, नीचे फ्लोर पर पूरे कमरे का सेटअप ही बदल गया था |

    कुछ देर तक दोनों भूमि से बातें करते रही और बातें करने से ही भूमि को समझ गया कि यह दोनों बहुत ही अच्छी है, घर के सारे सदस्य सच में बहुत अच्छे थे |

    सिवाए एक इंसान को छोड़कर जिस भूमि को पहले से बातें करने की इंतजार कर रही थी पर अब तो शादी भी हो गया उसके कमरे तक आ गई पर हु-ब-हु नहीं देख सकीं..!

    कुछ ही देर में  मेहमानों में से एक महिला ने दूध का ग्लास कमरे में भिजवाए और रोशनी और विधि अब दोनों कमरे में से जाने को हुई और साथ ही साथ में दोनों का रही थी_" भाई से नेग लेना है पर भाई तो गायब हो गए, कब तक उनका इंतजार करेंगे..! "

    रोशनी ने भूमि को बेड पर बिठा दी और बड़े प्यार से बोली _" भाभी आप सच में बहुत खूबसूरत हो इसलिए तो भाई आपसे शादी करने के लिए हां कह दिये, वरना अभी तक तो पूछो ही मत.. 🥴कभी फुर्सत से बातें बताऊंगी | "

    रोशनी का इतना कहना की भूमि जरा - जरा सा मुस्कुराने लगी वही रोशनी आगे बोली _" भाभी अब आपका पूरा इस कमरे में हक है, अब हम लोग जा रहे हैं..! "

    दोनों कमरे में से बाहर जाने के लिए निकली और जैसे दरवाजे पर आई की रोशनी पहले मुस्कुराई और भूमि को छेड़ते हुए बोली_" हैप्पी सुहागरात भाभी..! "

    इतना बोलकर जल्दी से दोनों ने दरवाजा बंद करके वहां से भागी, और जैसे दरवाजा बंद हुआ तो अंदर भूमि की धड़कन तेजी से धड़कने लगा |

    अब वह अपनी नजर चारों तरफ फेर रही थी, पहले तो उसने पूरा बेड देखी जो बहुत ही बड़ा था | पर बेडशीट दिखाई नहीं दे रहा क्योंकि पूरे फूलों से लदा हुआ बेड था  |

    उसके बाद उसने पूरा साइड में नजर फेरी जहां उसे बहुत थोड़े-थोड़े फर्नीचर दिख रहे थे पर यह फर्नीचर ऐसे मॉडल में बने थे जो कोई नया देखे तो देखता ही रह जाए..!

    भूमि अपनी नजर पीछे की ओर डाली क्योंकि वॉल पर ओम का फोटो लगा था बल्कि आधा दीवार उस पर सिर्फ एक ही तस्वीर था और यह कोई फोटो नहीं बल्कि हाथों से की गई पेंटिंग था |

    भूमि तो अच्छे से खड़े होकर उस पेंटिंग को देखने लगी और पेंटिंग के साथ-साथ  ओम के नाक- होंठ - आंख पूरा नक्शा देख रही थी और एक पल के लिए उसमें खो भी गई..!


    To be continue...

    कहां गया ओम..? और भूमि की सुहागरात कैसी रहेगी..? जानने के लिए आगे पढ़ते रहिए 'इल्ज़ाम ए इश्क'

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  • 7. Badroom ♥️- Chapter 7

    Words: 1852

    Estimated Reading Time: 12 min

    अब आगे _

    करीब 1 घंटे तक भूमि उस कमरे को देखते रही, मतलब वहां की हर एक चीज को वह बड़ी बारीकी से देख रही थी | बेड से लेकर टेबल से लेकर रखी हुई एक-एक एक्सपेंसिव चीजों को बड़े गौर से देखी और जो वॉल पर आधी  दीवार की पेंटिंग लगी थी मानों उसकी नजर वहां से हटाने का नाम नहीं ले रहा हो..!

    अब जाकर भूमि को अच्छा लगा कि जो उसे पसंद था वह मिल गया क्योंकि जब वह पहली बार तस्वीर देखी थी तभी ही उसे ओम पसंद आ गया था | पर वह उससे बातें करना चाहती थी जो कि कभी हो नहीं पाया |

    आज वह जब दोपहर में इतनी डर घबरा गई थी कि सच में उसकी शादी किसी और से हो रही है..? उसे जो पसंद था उससे नहीं हो रही पर अब उनके कमरे में आकर फाइनली उसे जो पसंद था वह मिल गया |

    भूमि अपने आप से कहने लगी_" मुझे अभी से अपने आप को तैयार कर लेना चाहिए, अगर वह कमरे में आएंगे अब मुझे कुछ पूछेंगे..? सवाल जवाब करेंगे तो मैं उन्हें क्या जवाब दूं..?

    इतना बोलकर भूमि घबराने लगी की ओम कमरे में आएगा और उसे कुछ बातें किया तो वह क्या जवाब देगी..? इसलिए वह खुद को प्रिपेयर करने लगी, अगर वह कमरे में आया उसे सवाल किया तो वह क्या जवाब देगी..? की उसने शादी करने से पहले एक बार भी उससे बात क्यों नहीं किया..?

    वह सोने के बाद फाइनली उसे एक जवाब तो मिल गया कि वह आएगा कुछ सवाल जवाब किया तो वह यही बोलेगी, और बेड पर जाकर बैठ गई उसकी नजर बार-बार दरवाजे की तरफ ही जा रहा था और उसके बाद घड़ी के तरफ..!

    घड़ी का टाइम तो तेजी से बढ़ रहा था पर दरवाजे पर किसी की दस्तक नहीं हुआ!

    12:25 भूमि बैठी - बैठी अब नींद आने लगा | वैसे भी दो रात से वह सोई नहीं है, शादी के लिए जल्दी उठना सब तैयारी करना जिसकी वजह से वह धीरे-धीरे वहीं बैठे-बैठे लेट गई है और कब उसे नींद आ गया उसे ही नहीं पता चला..!

    वही एक कमरे में विराज और ओम दोनों साथ में बैठकर ड्रिंक कर रहे थे, ओम ने ऑलमोस्ट अपने सभी चीज उतार दिया था सिर्फ उसके शरीर पर एक्सपेंसिव वॉच और शेरवानी अभी तक था और वह बहुत ही धीरे-धीरे ड्रिंक कर रहा था उसकी नजर इस वक्त कहीं और थी और ध्यान भी उसका कहीं और ही था |

    विराज शांत आवाज में कहा कितना ड्रिंक करोगे चलो अब उठो और अपने कमरे में जाओ वैसे भी आप तुम्हारा कोई और इंतजार कर रहा है

    विराज इतना बोलकर मुस्कुराते हुए ड्रिंक किया पर उसके बातों का ओम ने कोई रिप्लाई नहीं दिया बल्कि जिस पोजीशन में वह बैठा था वैसे ही बैठा रहा..!

    और उसे इस तरह देख विराज खुद को मुस्कुराने से रोक न सका बल्कि वह थोड़ा जोर से ही हंस दिया, जिससे ओम जो इतनी गहरी सोच में था वह तुरंत उसके तरफ देखा |

    तो विराज आगे बोला_" जिसे जानते नहीं..? पहचानते नहीं..? कभी देखा नहीं..? कभी बात नहीं किया..? आज उससे शादी हो गया और आज सुहागरात भी है, कैसे ना..? कैसे लोग कर लेते हैं..? "

    उसकी बातें सुन ओम अपने ग्लास का ड्रिंक फिनिश किया और टेबल पर ग्लास रखते हुए कहा_" बोल तो ऐसे रहे हो जैसे तुम्हें कुछ पता ही ना हो..? अगर मेरी जगह रह कर देखो फिर तुम्हें समझ में आएगा कि मेरे मॉम ने घर वालों ने किस तरह मुझ पर प्रेशर डालकर यह शादी करने के लिए मजबूर किया..! "

    ओम की बातें सुन विराज अपना कंधा उच्चकाते हुए कहा_" तुम्हें तो पता ही है ना कि मैं घर क्यों छोड़ा..? इसलिए तुम्हें होटल में रह रहा हूं क्योंकि मेरी मॉम ने कोई ऑप्शन नहीं छोड़ा शादी के लिए, सुबह- शाम - रात एक ही शब्द शादी कर ले, शादी कर ले, शादी कर ले, इसलिए मैं होटल में रहने लगा ना घर जाऊंगा और नाही वह मुझ पर प्रेशर डालेगी..! "

    विराज की बातें सुनकर ओम बोला_" मेरी और तुम्हारी कहानी सेम है बस घर वाले थोड़े अलग है, तुमने घर छोड़ दिया मासी ने ज्यादा तुम पर प्रेशर नहीं डाली, बट मैं घर छोड़ने का डिसीजन लिया तो मेरी मॉम ने दादी- दादू सब ने एक गैंग बनाकर मुझ पर हमला कर बैठे..! "

    विराज वापस ड्रिंक का बोतल ले दो ग्लास में ड्रिंक बनाते हुए कहा_" और हां मासी ने तुम्हें नायरा के साथ भी शादी तो करने नहीं दिया..! "

    जो सुनकर ओम ने अपनी आंखें बंद कर लिया और जल्दी से खोलकर विराज की तरफ देखते हुए कहा_" जब मॉम ने मुझ पर शादी का इतना प्रेशर डाल ही रही थी तो मैंने सोचा क्यों न, नायरा से ही कर लेता हूं पर उन्हें उससे भी प्रॉब्लम है उन्होंने तो मुझे लास्ट मोमेंट में कहा कि अगर मैंने उससे शादी किया तो वह सुसाइड कर लेंगे उन्होंने मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं छोड़ा, फिर में क्या ही करता, तो मुझे उनकी बात मानना ही पड़ा..! "

    विराज लंबी सांस छोड़ते हुए कहा_" हमारी फैमिली को हमारी खुशियों से दिक्कत है क्योंकि हम सिंगल है अपनी लाइफ मजे से जी रहे हैं, तो उन्हें अच्छा नहीं लगता उन्हें तो खुद भी प्रॉब्लम चाहिए और हमारे लाइफ में भी प्रॉब्लम डालकर रख देते हैं..! "

    ओम और विराज रिश्ते में तो दोनों भाई भी थे और उससे भी ज्यादा वे दोनों एक दूसरे को दोस्त मानते थे और अपनी प्रॉब्लम्स भी शेयर करते थे दोनों का अपना-अपना रूल और स्टेटस अलग लेवल का था और तो और दोनों की उम्र भी लगभग से आसपास ही था सिर्फ डिफरेंट था तो एक डेढ़ साल का..!

    दोनों काफी देर तक ड्रिंक करते रहे, बाद में विराज जबरदस्ती ओम को वहां से भेजा | ओम का तो अपने घर में रहने का दिल ही नहीं कर रहा था पर मजबूरन उसे अपने कमरे में आना ही पड़ा..!

    करीब अब रात 2:00 बजने को आ गया था | जब ओम दरवाजा खोला जैसे अपने कदम उसने अंदर रखा की पूरे कमरे में अंधेरा छाया हुआ था |

    पर ऐसा नहीं था की रोशनी नहीं था क्योंकि बहुत मोटी- मोटी कैंडल्स जल रहे थे जिसकी रोशनी से पूरे कमरे में उजाला दिखाई दे रहा था |

    उसने सबसे पहले दरवाजा बंद किया और अंदर कदम बढ़ाया तो उसे ये अपना कमरा ही नहीं लग रहा था क्योंकि जहां से वह कदम बढ़ा रहा था वहीं से लेकर पूरे कमरे में गुलाब के फूलों से सजाया हुआ था तभी उसे याद आया कि सुबह में ऐसा कुछ भी नहीं था इसका मतलब जब वह शादी के मंडप में बैठा था तब यह सब सजाया गया है..!

    और वह जैसे-जैसे अपनी कदम आगे बढ़ा रहा था और जब वह बेड के पास आया तुरंत उसकी नजर भूमि पर गया |

    जो वह शादी के कपड़े, गहने सब कुछ पहने वैसे ही लेट गई थी, उसे इस तरह सोता देख ओम अपने कमर पर हाथ रख खुद से कहा_" इतना हैवी कपड़े में यह लड़की सो कैसे सकती है, और इसे नींद कैसे आ गया..? क्या इसे पता नहीं रात में नाइटवियर पहनते हैं..! "

    ओम तुरंत वहां से हटा और सीधे वॉशरूम में गया | सबसे पहले वह फ्रेश हुआ और बाहर जब आया क्लोजेट में जाकर अपने ट्राउजर और शर्ट पहन लिया अब जाकर उसे रिलैक्स फील हो रहा था क्योंकि उसे शेरवानी में वह अनकंफरटेबल हुआ था |

    कुछ भी कर लो कई बार उसकी नजर भूमि पर जा रहा था हाथ में इतने सारे चूड़ा पहने और गले कान, माथे पर टिका दुनिया भर के गने पहनी हुई थी |

    तभी उसकी नजर उसके माथे पर लगे सिंदूर पड़ गया जो कि उसने ही लगाया था |

    ओम सब कुछ इग्नोर किया और सोफे पर जाकर बैठ गया उलझने तो उसके अंदर हजार थी पर क्या फायदा कोई तो उसे समझने वाला नहीं है, और नाही वह किसी के सामने अपनी बातें रख सकता है इसलिए वह सोफे पर ही लेट गया | पर एक नजर वह सोई हुई भूमि के तरफ देखा और उसके बाद आंखें बंद कर वह भी सो गया |


    सुबह के 7:00 बजे _Om का कमरा

    दरवाजा खटखटाने की आवाज से ओम की आंखें खुल गया और वह तुरंत उठकर जाकर दरवाजा खोला तो सामने कोई और नहीं बल्कि उसकी बहन रोशनी थी |

    वह बोली_"भाई, मैं भाभी को लेने आई हूं..! "

    ओम जो अभी नींद में उठा था, वह अपनी बहन को सामने देख चिढ़ते हुए कहा_" क्या तुम लोगों को कोई काम ही या नहीं जो सुबह-सुबह आकर डिस्टर्ब कर रही हो..! "

    ओम इतना नींद में था कि एक पल के लिए वह भूल गया कि उसके कमरे में भूमि भी है..!"

    वहीं रोशनी मुस्कुराते हुए बोली_" भाई आप सोइये ना, मैं तो भाभी को लेने के लिए आई हूं और प्लीज साइड हटीए..! "

    रोशनी अंदर जाने की कोशिश कर रही थी तो इतने में ओम उसे गुस्से भरी नजरों से देख बोला_" मैंने कहा ना यहां से जाओ बाद में आना और हां अभी वह सो रहीं है..! "

    इतना बोल ओम ने बिना उसकी बातें सुने ही दरवाजा बंद कर दिया अब वैसे भी उसका नींद खराब हो गया था | तो वह तुरंत वॉशरूम में गया और फ्रेश हुआ और बाहर आया तो अभी भी देखा की भूमि सोई हुई है..!

    वह कुछ बोला नहीं क्लोज सेट में जाकर अपने बिजनेस सूट पहन कर बाहर आया और ड्रेसिंग टेबल के पास खड़ा हो अपने बालों को सेट करने लगा |

    वह बार-बार भूमि की तरफ देख रहा था जो एकदम बेफिक्र सोई थी बल्कि अब तो वह करवट बदल कर सो रही थी |

    रोशनी मुंह बनाते हुए नीचे आई इस वक्त लिविंग एरिया में बहुत लोग थे और आते ही वह तेज आवाज में बोली_" मॉम भाई ने मुझे भगा दिया, वह कह रहे हैं भाभी अभी तक सोई है बाद में आ जाना और वह खुद भी अभी तक सोए थे..! "

    उसका इतना कहना कि महेश जी काशी जी एक दूसरे को देखने लगे बल्कि सभी लोग एक दूसरे को देख रहे थे, मानो उन्होंने क्या कुछ गलत सुन लिया हो..!

    क्योंकि सबको पता है, ओम बहुत जल्दी उठता है, वर्कआउट करता ऑफिस जाता है सब कुछ पर आज अभी तक वह सोया है ऊपर से अपनी बीवी की साइड लेकर भी कह रहा है कि वह भी सोई है..!

    नीचे हर कोई उन लोगों का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि भूमि का आज पहला दिन था |

    काशी जी ने बल्कि रोशनी को ही डांट लगाते हुए कहने लगी_" ठीक है उन्हें आराम करने दो तुम चलो अपना काम करो..! "

    विराज जो सोफे पर बैठा था, वह भी हम मुस्कुराने लगा था |

    पर दूर एक सोफे पर कोई और भी बैठा था जिसे यह सब सुन बिल्कुल भी हजम नहीं हो रहा था, यकीन नहीं हो रहा कि ओम की शादी हो गया और यहां तक की 7:00 बजे तक सोया है, क्योंकि घर में आज पूजा - पाठ होने वाला था तब तो सुबह से ही उठे हैं पर इन्हें तो शर्म नहीं..!

    To be continue...


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  • 8. भाई भाभी को अकेले में गिफ्ट देना होगा - Chapter 8

    Words: 2153

    Estimated Reading Time: 13 min

    अब आगे _

    सुबह के 8:00 बजे

    ओम नीचे आ गया था उसके साथ भूमि नहीं आई है, तो सभी लोग उसे ही देख रहे थे |

    उसे अकेला देख देख काशी जी ने धीरे से ही सही पर ओम से पूछी_" बहु को नहीं लेकर आए..! "

    जो सुनकर ओम ने भी धीरे से ही सही पर जवाब देते हुए कहा_" वह आपकी बहू है आप बुलाई उसे, मैं कौन होता हूं उसे बुलाने वाला..! "

    ओम का इस तरह जवाब सुन काशी जी को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा क्योंकि शादी हुई 24 घंटे भी नहीं हुए और ओम उसके बारे में ऐसा कह रहा है पर मेहमान अभी भी घर में थे जिसकी वजह से वह कुछ कह नहीं सकती बल्कि उन्होंने रोशनी को अपने पास बुलाया और कहा कि जाकर भूमि को अपने साथ लेकर आए..!

    अब रोशनी और विधि दोनों साथ में ओम के कमरे में गई तो भूमि अभी भी सोई ही थी, जो देख उन्होंने जाकर भूमि का सोल्डर पकड़ के उसे उठाई और उसके ऐसे हाथ रखने से भूमि हड़बड़ा कर उठ गई उसे तो लगा ओम ही है पर जैसे वह आंखें खोलकर देखी तो सामने विधि और रोशनी खड़ी थी और दोनों उसे गुड मॉर्निंग विश किया |

    भूमि गुड मॉर्निंग का कोई रिप्लाई नहीं दी बल्कि वह अपनी नजर चारों तरफ फिर रही थी जैसे उसे ओम को देखना हो..!

    उतने में रोशनी मजाक के अंदाज में बोली_" भाभी क्या आप भैया को ढूंढ रही है, वह तो तैयार होकर नीचे चले गए अब आप भी चलिए क्योंकि नीचे सब लोगों को कुछ और ही लग रहा है..! "

    इतना बोलकर दोनों बहुत हंसने लगी और उसका मतलब भूमि भी अच्छे से समझ रही थी |

    विधि शरारती अंदाज में वह भी बोली _" भाभी क्या भाई ने आपके गहने उतरे नहीं लगता है, उन्हें भी आप पर तरस आ गया होगा इसलिए तो उन्होंने आपको सोने दिया, इतनी देर तक..! "😉

    भूमि को भी शर्म आने लगा क्योंकि सच में आज वह देर तक सोई रही वैसे वह भी जल्दी उठती है पर थकावट की वजह से वह उठ नहीं पाई और दिन से वह बहुत जल्दी उठ जाया करती थी |

    भूमि जल्दी से उठ कर बैठी तो रोशनी और विधि दोनों ने उसके गहने उतारने मे मदद की उसके बाद वह सीधे वॉशरूम में गई वॉशरूम इतना बड़ा था की चारों तरफ मिरर लगे थे वह खुद को देख सकती थी |

    और तो और वॉशरूम में जो fragrance की स्मेल था बहुत ही जबरदस्त था 5 मिनट तो भूमि को वॉशरूम देखने में ही गया क्योंकि वह खुद को आईने में देख रही थी...!

    और खुद से बडबडाते हुए कहने लगी _" अब तो शादी भी हो गया तो भी आपने मुझसे बात नहीं किया..? क्यों..? मैं कुछ समझ नहीं पा रही हूं..? मेरी शादी आपके साथ हुआ है पर आप मुझे एक बार बात नहीं करना चाहते, क्यु पर..? कब तक यह सब चलेगा..? और घर वाले इतने अच्छे हैं फिर आप क्यों..? मुझे आपसे एक बार बात करना है..! "

    यह सब सोच कर भूमि अपने लहंगे का डोर खोली और अपने शरीर से उतार कर वह साइड में रख दी और शॉवर ऑन करके उसकी नीचे खड़ी हो गई..!

    10 मिनट में वह फ्रेश होकर बाहर आई तो वह सिर्फ व्हाइट कलर का ओम का बाथरोब पहनी थी और जब वह बाहर आई तो सच में बहुत ही प्यारी लग रही थी |

    जो देख रोशनी और विधि दोनों उसकी बहुत तारीफ करने लगी उसके बाद उसे ड्रेसिंग टेबल के सामने बिठाया, रोशनी ने सबसे पहले भूमि के बाल सुखाए..!

    तो विधि मेकअप के जो सामान लेकर आई थी वह सब टेबल पर रख दी और काशी जी ने जो रेड कलर का लहंगा उसके लिए भेजा था आज उसे वही पहना था | यह भी लहंगा हेवी ही था पर घर में मेहमान थे और बहुत से कार्यक्रम भी थे जैसे मुंह दिखाई वगैरा-वगैरा..?

    भूमि की दोनों ननंद उसे रेडी करने लगी, तो वही नीचे ओम ब्रेकफास्ट करने के लिए बैठ गया |

    काशी जी ने उसके कपड़े से ही पहचान लिया कि वह ऑफिस जाने वाला है इसलिए उन्होंने महेश जी से तुरंत कहा कि वह उसे कहें कि आज के दिन ऑफिस ना जाए क्योंकि घर में मेहमान भी है ऊपर से मुंह दिखाई का रसम है..!


    ओम ब्रेकफास्ट भी करना नहीं चाहता था जल्दी से उसने कॉफी पिया और जैसे उठ खड़ा हुआ तो काशी जी उसे रोकते हुए बोली_" तुम आज ऑफिस नहीं जाओगे, समझ में आ रही बात..! "

    ओम कुछ कहता है, उसके पहले ही महेश जी बोले_" ओम बेटा तुम्हारी मॉम सही कह रहे हैं, आज तुम ऑफिस मत जाओ अगर तुम भी ज्यादा इंपोर्टेंट काम है तो दोपहर में चले जाना पर फिलहाल के लिए तो मत जाओ.! "

    अगर महेश जी नहीं बोलते तो ओम अपनी मॉम की बात नहीं सुनता पर वह अपनी डैड की बातों का कभी उल्लंघन भी नहीं करता था इसलिए बिना जवाब दिए वह वापस बैठ गया |

    भूमि की दोनों ननंद ने उसे करीब आधे घंटे में रेडी कर दी, और उसे अपने साथ में लेकर सीढ़ियां उतरते हुए नीचे आ रही थी जैसे काशी जी की नजर सीढ़ियों पर गया कि उनके चेहरे पर बहुत लंबी वाली स्माइल आ गया क्योंकि उनकी बहु सच में बहुत ही प्यारी और खूबसूरत दिख रही थी | बल्कि उनकी नहीं सभी की नजर सीढ़ियों पर ही गया |

    उतने में जय तेज आवाज में बोला_" wow, भाभी तो मेरी एकदम जबरदस्त दिख रही है ..! "

    जय के मुंह से जो यह शब्द निकले थे, वह पूरे हॉल में गूंजा और ओम तो जस्ट कुछ दूरी पर ही बैठा था और जैसे उसके कान में गया कि वह बैठे ही पीछे पलट के दिखा |

    जो भूमि लाइट पिंक कलर के लहंगे पहनी थी और बालों को रोशनी में सिर्फ कर्ली की हुई थी बहुत ही सिंपल पर जबरदस्त उसे उन दोनों ने रेडी किया था |

    ओम की नजर जैसे उस पर गया वह भी अपनी नज़रें नहीं हटा पाया बल्कि 2 मिनट उसे देखा ही रहा और जैसे वह तीनों उतरकर नीचे आए तो काशी जी ने सबसे पहले उसके हाथों से पूजा करवाया |

    सच में लिविंग एरिया में जो घर के मेंबर से थे, सभी की निगाहें सिर्फ और सिर्फ भूमि पर ही टिकी थी, हर कोई उससे ही देख रहा था बल्कि तारीफों के पुल बाँध रहे थे

    कोई उसके लुक्स को, तो कोई मेकअप, ड्रेस उसकी सभी चीजों को dekhar औरतें तारीफे कर रही थी, बल्कि यह भी कह रही थी कि काशी जी ने अपनी बहू कहा से इतनी अच्छी ढूंढ कर लाया |

    काशी जी ने तो यह बात सुन ही सुना बल्कि ओम ने भी सुना, बुरा तो उसे कब लगा जब लड़के तारीफ कर रहे थे और तो और उसका भाई जय वह तो अजीबोगरीब शब्द निकाल कर बोल रहा था |

    जय के शब्द _" wow जबरदस्त भाभी , खतरनाक लुक दे रही है, माइंड ब्लोइंग..! क्या लग रही है "

    जिसका मतलब उसे भी नहीं पता कि वह कौन से शब्द कहां और कितने लोगों के सामने बोल रहा है, कहीं न कहीं इन शब्दों से इफेक्ट तो ओम को पड़ा..!

    वह जो सीधा-साधा खड़ा दिख रहा था वह अंदर ही अंदर अपना दांत कटकटाने लगा, उसने अपनी नजर भूमि पर से हटकर लोगों के ऊपर फेरा कि कौन उसे किस तरह, किस नजरिये से देख रहा है..!

    कुछ देर बाद काशी जी ने भूमि को सोफे पर बिठाया जहां पर डेकोरेट किया गया था धीरे-धीरे औरतों की इतनी भीड़ लग गई यहां तक की जो मेहमान होटल पर रुके हुए सभी फिर से इकट्ठा हो गए..!

    काशी जी ने मुंह दिखाई का रस्म आज ही रखी, बल्कि जितने भी छोटे-मोटे रस्में थे, वह सब आज ही करने वाली थी क्योंकि उनके बहुत सारे मेहमान ऐसे थे जो फौरन से आए थे और बहुत दूर थे जिन्हें वापसी जाना था इसलिए उन्होंने सारे फंक्शन जल्दी से निपटना जरूरी समझी |

    काशी जी ने अपनी बहू का चेहरा फिर से चुनरी से ढक दिया उसके बाद एक-एक औरतें उसके पास जाकर उसकी घुंघट उठा कर उसे देखने लगी बाकायदा गिफ्ट भी दे रही थी |

    कोई इस गोल्ड की ज्वेलरी दे रहा था, तो कोई उसे महंगी साड़ियां, कोई वॉच ऐसे अनगिनत चीजें उसे मिल रही थी |

    काशी जी की बड़ी बहन महिमा जी ने भूमि को मुंह दिखाई में सोने का बहुत बड़ा हार दिया, जो दिखने में बहुत ही प्यारा था | ऐसे ही दादी - दादाजी बल्कि घर के हर एक मेंबर भी कुछ न कुछ भूमि को गिफ्ट दिए, वह जहां बैठी थी उसके आसपास गिफ्ट का दुकान बन गया |

    वही जो कुछ दूरी पर ओम बैठा था, वह अपना हाथ अपने चेहरे पर फेरने लगा बल्कि अपनी उंगलियों से अपने आंखों पर मसलने लगा क्योंकि काफी देर से यह सब ड्रामा देख रहा था और उसे ऐसा लग रहा था कि उसका यहां रुक कर कुछ मतलब नहीं है क्योंकि इसमें उसका कोई रोल नहीं..!

    पर बेचारा यहां से जा भी नहीं सकता क्योंकि उसके दादा ने जो उसे रुकने के लिए कहा है वही विराज कब का निकल गया क्योंकि उसे होटल जाना था

    कुछ देर बाद मुंह दिखाई का रस हो गया | सभी ने भूमि को जो गिफ्ट देना था सबने दिया, सिवाय एक इंसान को छोड़कर वह था ओम..!

    और जब काशी जी की नजर ओम पर गया तो उन्होंने कुछ सोचा, उन्हें तो पहले से ही पता था कि उनके बेटे ने उनकी बहू को कुछ दिया नहीं होगा, और यही सही मौका है कि वह सबके सामने उसे कुछ देने के लिए लगाए..!

    काशी जी ने बड़ी चतुराई से तेज आवाज में बोली _" ओम बेटा तुमने बहू को मुंह दिखाई का गिफ्ट नहीं दिया..! "

    काशी जी का इतना कहना की महिमा जी बोली_" उसने तो रात में ही दे दिया होगा, वह क्या तुम्हें बात कर देगा.. उसकी बीवी है अब तो उसे जब जी चाहे तब उसे गिफ्ट देता ही रहेगा, है ना ओम बेटा..! "

    महिमा जी बोल ही रही थी कि उतने में ओम की बुआ जी (अनीता) बोल पड़ी_" हां आप सही कह रही हैं यह तो लेनदेन चलता रहेगा पर कुछ रस्म ऐसे भी होता है की सभी के सामने देना पड़ता है, चलो ओम तुम भी अपनी बीवी को कुछ गिफ्ट दो, तुम ही रह गए हों बाकी तो घर के सभी मेंबर ने गिफ्ट दिया है..! "

    ओम की बुआ अनीता जी ने इतना तो कह दिया तो वही भूमि ही धड़कने अब धक-धक करने लगा की अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे, अब तो उसे उसके सामने आना ही पड़ेगा |

    क्योंकि ओम इस वक्त डाइनिंग टेबल के पास सुबह से ही बैठा था और भूमि पलट के उसके तरफ नहीं देख सकती क्योंकि सामने बहुत लोग थे |

    वही ओम कशमकश में पड़ गया क्या सच में उसे गिफ्ट देना पड़ेगा..? पर क्या..? उसके पास तो कुछ भी नहीं है देने के लिए उसे तो इसके बारे में कुछ पता भी नहीं था, वरना वह पहले से कुछ तो अरेंज करवा देता था..!

    यह बात काशी जी भी जानती थी कि उसने बेटे को इसके बारे में कुछ पता नहीं होगा, और नाही उसने उनकी बहु को कुछ दिया होगा, इसलिए जानबूझकर उन्होंने कहा कि वह कुछ तो बोलेगा उसे तो डिसीजन लेगा उन्हें तो वही देखना था |

    ओम भी 5 मिनट चुप रहा और बड़ी मुश्किल से डाइनिंग टेबल से उठा और चलते हुए थोड़ा आगे आया बल्कि वह भूमि के पीछे की ओर ही खड़ा था और अपने शांत आवाज में कहा _" सॉरी मेरे पास तो गिफ्ट नहीं है देने के लिए पर मैं शाम तक दे दूंगा..! "

    ओम का इतना कहना की जय बीच में टपकते हुए बोला_" यार आप लोग समझने की कोशिश कीजिए भाई को अकेले में देना होगा वह थोड़ी ना आप लोगों के सामने देंगे, और कुछ ऐसा भी गिफ्ट हो सकता है कि वह आप लोगों के सामने नहीं दे सकते..? "😉

    उसने इतना बोला की विधि, रोशनी और औरतें जोर-जोर से हंसने लगी बल्कि महिमा जी, काशी जी सब मुस्कुरा दिए और ओम अपने ही भाई को का जाने वाली नजरों से घूरने लगा |

    भूमि शर्म के मारे नज़रे नीचे कर ली पर वह तो अच्छे से जानती थी कि जो जय कह रहा है ऐसा बिल्कुल भी कुछ नहीं है और नाही होगा..!

    पर ओम के मुंह से यह सुनकर उसे अच्छा लगा कि वह उसे शाम तक गिफ्ट देगा, यह आवाज जैसी उसके कान से होते हुए उसके दिल तक गया | उसे गुदगुदी होने वह मुस्कुराना तो चाहती थी पर उसे यह भी पता था सामने लोग हैं जरूर उसका मजाक बनाएंगे इसलिए खामोश रहना ही सही समझी..!

    पर ओम की आवाज सच में बहुत ही स्वीट था जो उसे बहुत अच्छा लगा अब फिर से वह उसके बारे में सोचने पर मजबूर हो गई |

    To be continue...

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  • 9. Jamआपसे बात करना है (गुस्सा - जलन)

    Words: 1937

    Estimated Reading Time: 12 min

    अब आगे _

    दूसरी तरफ मलाड_

    मधु को बहुत दुख हो रहा था कि वह अपनी बेस्ट फ्रेंड की शादी अटेंड नहीं कर पाई ऊपर से आज के ही दिन उसके भाई का एक्सीडेंट होना था |

    दुख तो उसे दोनों के लिए हो रहा था, एक तो उसका भाई दूसरा उसकी बेस्ट फ्रेंड पर क्या ही करें..!

    बेचारी उसने अपना मोबाइल लेकर पहले तो भूमि को मैसेज की जिसमें लिखी_" भूमि मुझे प्लीज माफ कर दे कि मैंने तुझे बिना बताए कल चली गई, आंटी ने तो तुझे सब कुछ बात ही दिया होगा, मैं तुझे बात कर तेरा मूड ऑफ नहीं करना चाहती थी, अब वह सब जाने दे क्या मैं तुझे अभी कॉल करूं..? अगर हां तो मुझे एक मैसेज कर मैं तुझे कॉल करती हूं, मैं तुझे कॉल करके डिस्टर्ब नहीं करना चाहती..! "


    मधु ने यह मैसेज तो भूमि को कर दी, पर भूमि का मोबाइल उसके पास था, क्यूंकि वह तो अपने कमरे में ही अपना मोबाइल छोड़ आई थी काफी देर तक मधु इंतजार करती रही, पर उसके मैसेज का कोई रिप्लाई नहीं आया | उसे ऐसा लग रहा था कि कहीं वह नाराज तो नहीं..? हो सकता है बिजी हो..! "

    मधु यही सब सोच रहीं थीं, पर उसे रहा नहीं जा रहा था उससे बात करने का बहुत मन चाह रहा था, जिसके चलते उसने डायरेक्ट उसे कॉल की पर कुछ फायदा नहीं पूरा रिंग जाने के बावजूद भी भूमि ने कॉल नहीं रिसीव की..!

    उसने और दो बार उसे कॉल लगाई फिर भी भूमि ने कॉल रिसीव नहीं की जो देखकर मधु को अपने टेंशन आने लगा कि क्या वह उससे वह इतनी नाराज है, या शादी का आज पहला दिन है इसलिए बिजी है..!

    भूमि ने मधु का कॉल रिसीव नहीं की जिसके वजह से बेचारी उदास तो हो गई थी पर उसने अपने मन को मना लिया कि जरूर भूमि बिजी होगी..!

    वरना वह कभी उसके कॉल है उसके मैसेज को इग्नोर नहीं करती, यह सोचकर मधु ने अपने दिल को तसल्ली दी उसके बाद ऑफिस जाने के लिए तैयार हो गई..!

    वैसे भी उसे अभी-अभी 2 महीने पहले ही जॉब मिला है और उसने अपने फ्रेंड की छुट्टी के लिए दो-तीन दिन की छुट्टियां ले रखी थी पर अब क्या ही फायदा इसलिए वह ऑफिस जाने का सोची..!

    कुछ ही देर में हुआ है रेडी हो गई और ऑफिस जाने के लिए निकल पड़ी..!



    Blackberry club _

    कुछ ही देर में वहां पर एक चमचमाती हुई कार आकर रुकी और उस कार में से कोई और नहीं बल्कि विराज बंसल था |

    विराज जैसे कार में से बाहर निकला और अपने आंखों पर ब्लैक कलर का शेड्स चढ़ा अंदर जाने लगा |

    वह अपनी लंबी-लंबी कदम भरते हुए क्लब के अंदर गया और जैसे अंदर गया कि मैनेजर के साथ इंजीनियर, स्टाफ सभी खड़े थे और यह क्लब एकदम नया दिखाई दे रहा था |

    मैनेजर विराज को अपने साथ अंदर लेकर गए उन्होंने लैपटॉप में विराज को बहुत कुछ चीज़े दिखाई जो देखकर विराज ने कहा जो कुछ पेंडिंग काम है वह सब आप लोग जल्दी से निपटा लीजिए क्योंकि इसी Month Ending में, हमें ब्लैकबेरी की ओपनिंग करना है..!

    जो सुनकर वहां पर मौजूद कुछ लोग तालियां बजाने लगे क्योंकि यह मुंबई की सबसे बड़ी क्लब होगी और यह काफी समय से यह प्रोजेक्ट पर सब लोग काम कर रहे थे, और फाइनली अब जाकर यह प्रोजेक्ट रेडी हो गया है यह तो अब मुंबई में धमाल मचा देगी |

    विराज थोड़ी देर तक वहां रुका और जल्दी से वहां से निकल पड़ा वही मैनेजर जो बचे काम थे उन पर फोकस देने लगे, और ओपनिंग की लिस्ट भी बनाने लगे क्योंकि इतनी बड़ी क्लब की ओपनिंग होने जा रहा है तो गेस्ट भी तो वैसे ही यहां आएंगे और इस बार तो न जाने क्या-क्या ऑफर रखा जाएगा | वह सभी टॉपिक पर मैनेजर इंजीनियर डिस्कशन करने लगे |


    इधर Godrej mansion _ दोपहर का वक़्त

    ओम यह सब नजरा देखता रहा, उसके बाद अब उसे अपना टाइम वेस्ट नजर आने लगा कि दोपहर हो गया और वह सिर्फ मेहमानों से हाय हेलो कर रहा है और जहां भूमि बैठी थी वहां तो सभी लोगों ने उसे घेर रखा था |

    कुछ देर बाद जब सारी औरतें उसके पास से हटी, तो जय और उसके के दोस्त भूमि के पास गए बल्कि कुछ लड़कों ने से घेर लिया जय अपना मोबाइल निकाल कर भूमि के साथ फोटो निकालने लगा |

    ओम जो थोड़ी सी दूरी पर खड़ा होकर किसी अपने बिजनेस पार्टनर से बात कर रहा था पर बातों ही बातों में एक झलक उसकी नजर भूमि पर गया |

    जो इस वक्त खड़ी थी और एकदम उसके करीब जय और उसके दोस्त खड़ा होकर फोटो निकलवा रहे थे, बल्कि उसके दोस्त जो आए थे वह सब भी उसके साइड खड़े होकर फोटो निकलवा रहे थे |

    ओम भूमि को बड़े ध्यान से देख रहा था, पर भूमि की नजर बिल्कुल भी उसपर नहीं था क्योंकि उनका जो मेंशन था और बहुत बड़ा था और जो अंदर का लिविंग एरिया था वह तो पूछो ही मत और ओम काफी दूरी पर खड़ा होकर उसे देखे जा रहा था |

    बुरा तो उसे तब लगा जब जय ने भूमि के कंधे पर हाथ रखा और फोटो निकलवाने लगा | पता नहीं यह कैसा जलन था पर उसे बहुत अजीब लगा, उसे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा और दूसरी बात उसके दोस्तों ने भूमि को घेर रखें थे, हर कोई उसके साथ फोटो निकलवाने लगा और वह भारी भरकम लहंगा पहने खड़ी थी |

    Om 2 मिनट तक देखता रहा और जब उसे अब देखा नहीं गया तो वह चलते हुए उन लोगों के पास आया था और अपने छोटे भाई से सॉफ्ट आवाज में कहा_" जय, अपने दोस्तों को कुछ खिलाओ-पिलाओ, इतने दूर से आये हुए है वैसे भी तुम और तुम्हारे दोस्त वापस चले जाएंगे तो उन्हें यहां मुंबई भी दिखा दो..! "

    जय अपने भाई की बातें तो सुन लिया पर वह इस वक़्त इतना बिजी था कि वह जवाब देते हुए कहा_" भाई मैं वन वीक यही हूं उसके बाद चला जाऊंगा और मुझे अभी भाभी के साथ फोटो निकलवाना है वैसे भी भाभी एक बार कमरे में चली गई तो बाहर नहीं आएंगी कल भी मैंने इनके साथ फोटो नहीं निकलवा पाया..! "

    जय यह बातें बड़ी जोर से कह रहा था | जो सुनकर उनको Om को बिल्कुल भी भाया नहीं उतने में रोशनी विधि वे सभी भी आ गई और जैसे बोली_" जय भाई हम लोगों को भी फोटो निकालना है..! "

    क्योंकि सभी ने बहुत ही अच्छे-अच्छे कपड़े पहने थे और शादी का माहौल हो तो कौन नहीं फोटो निकलवाए..!"

    फोटोग्राफर तो बहुत थे और कल से ही फोटो शूटिंग चालू था और यहां तक कि मुह दिखाई के रस्म में भी फोटो शूटिंग चालू था | पर जय और उसके दोस्तों ने अपने ही मोबाइल से भूमि के साथ फोटो निकाल था |

    Om गुस्से से थोड़ा साइड में गया और एक फोटो शूटिंग वालों को कुछ तो कहा है, जो सुनकर दो-तीन फोटो शूटिंग वाले उन लोगों के पास आए और सभी को हटने के लिए कहा कि वह दुल्हन का फोटो शुटिंग करने वाले है..!

    जो सुनकर सभी लोग साइड हटे, इसमें से दो लड़के फोटो शूटिंग करने लगे उनके साथ जो एक लड़की थी वह भूमि को पोज बता रही थी कि किस- किस पोज मे फोटो निकालना है..!

    अब ओम वहा से हट गया | पहले तो उन्होंने उसे सोफे पर बिठाया और उसके लहंगे को पूरी तरफ फैला दिया उसमें फोटो निकाला, उसके बाद उन्होंने मेंशन में बहुत सारे लोकेशन देख रखा था |

    जैसे कि सीढ़ियों से उतरती हुई और टेरिस पर, गार्डन एरिया में सारे लोकेशन में उसका फोटो निकालना था |

    फोटो शूटिंग चालू हो गया पर फोटो शूटर ने कहा कि साथ में दूल्हे को भी निकलवाना होगा, जो बाहर का लोकेशन था वहां पर दूल्हा दुल्हन के रोमांटिक पोज निकलवाने थे |

    रोशनी जल्दी से ओम के पास आए और अपने भाई को बताते हुए बोली कि _" बाहर आपको भी बुलाया है भाभी के साथ फोटो निकलवाने के लिए..! "

    उसकी बातें सुनकर वह अपनी आंखें सिकुड़ा लिया कि उसे क्यों बुला रहे हैं फोटो निकालने के लिए, उसे इन सब मे इंटरेस्ट नहीं है, ओम कुछ बोल ही नहीं रहा था बल्कि जैसे खड़ा था वैसे ही खड़ा रहा..?

    जो देखकर काशी जी कुछ कहती कि इतने में महेश जी बोल पड़े_" ओम बेटा बहु के साथ फोटो निकलवाने बाहर जाओ, यह वक्त बार-बार नहीं आता है, शादी एक बार ही होता है और यह फोटो ही तुम्हारी यादगार रहेंगे..! "

    अब क्या ही था, Om अपने डैड की बातों को नकार नहीं सकता | 5 मिनट खड़ा रहा उसके बाद बाहर आया | जहां पर गार्डन एरिया में फोटो शूट चालू था |

    जब वह गार्डन में आकर खड़ा हुआ तो देखा भूमि झूले पर बैठकर फोटो निकलवा रही है, उस झूले को फूलों से सजाया था और वह लहंगे पहन कर बैठी थी |

    जिसमें और भी खूबसूरत लग रही थी, उतने में वह लड़की ओम के आई और बोली_" सर आप पीछे से झूला झूला दीजिए..! "

    जो सुनकर ओम 2 मिनट खड़ा रहा उसके बाद अपने कदम बढ़ाकर उसी की ओर गया और पीछे जाकर झूले को पकड़ के उसे झुलाया और जैसे झूला हिला की भूमि हड़बड़ा कर पीछे देखी..!

    तो यह कोई और नहीं था, उसका हैंडसम अट्रैक्ट इव पति था जिसे देख वह  हड़बड़ा कर तुरंत अपनी नज़र सामने की ओर कर लिए..!

    उसकी धड़कन में तेजी से धक - धक धड़कने लगा, Om को देख वह बेचैन हो गई, वहीं ओम झूले के दोनों साइड अपना हाथ रख धीरे-धीरे झुलाने लगा है तो सामने फोटो शूटर में वीडियो और फोटो दोनों क्लिक करने लगे |

    उसके बाद उन्होंने दूल्हा और दुल्हन को आमने-सामने फोटो निकालने के लिए कहा है जैसे की लड़के का हाथ लड़की की कमर लड़की की दोनों हाथ लड़की के गले में..!

    भूमि तो यह सब सुनकर सपका गई, पर वही ओम उसके सामने आया और आते ही तुरंत उसके कमर पर हाथ रख अपने करीब कर लिया उसकी कमर खुली हुई थी जहां पर उसकी उंगलिया टच हुई तो उसके शरीर में गुदगुदी के साथ झनझनाहट मेहसूस हुआ..!

    इस फोटो की वजह से वे दोनों इतनी क्लोज आ गये थे कि आसपास के लोग उनके तस्वीर अपने मोबाइल में निकालने लगे, विधि- रोशनी तो बहुत ही फोटो निकाल रही थी |

    जाकर कहीं भूमि दम क्लियर ओम को देखी पर वह एकदम घूर के उसे नहीं देख सकती थी उसे अंदर ही अंदर शर्मा आ रहा था |

    करीब घंटे भर फोटो शूट में गया और अब ओम ने फोटो शूटर को यही स्टॉप करने के लिए कहा, अगर वह स्टाॅप नहीं करवाता तो न जाने और कब तक उसे फोटो निकलवाने के लिए कहते..!

    पर वह फोटो शूटर रिक्वेस्ट करते हुए कहा _"बस एक फोटो और क्लिक करना है और वह फोटो था मेंशन के अंदर..! "

    उन्होंने भूमि को बड़ी से प्रिंटेड सोफ़े पर बिठाया और ओम को उसके बगल में खड़ा होने के लिए कह दिया | यह वाला सीन इतना जबरदस्त फोटो में आया कि पूछो ही मत, उन्होंने फोटो निकलवाया..!

    फोटो मेंशन के अंदर शूट हो रहा था तो घर के सभी मेंबर खुश देख दिख रहे थे, काशी जी के होठों पर तो बहुत ही प्यारी वाली स्माइल था |

    अपने बेटे बहु को राजा - रानी के तरह फोटो में देखकर और जैसे फोटो निकलवा का खत्म हुआ कि ओम वहां से जाने को मुड़ा वह जा पता कि उसकी पहले ही भूमि धीरे से बोली_" हमें आपसे बात करना है..! "

    To be continue...

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  • 10. फोन कॉल पर बदतमीजी - Chapter 10

    Words: 1393

    Estimated Reading Time: 9 min

    अब आगे _

    वहीं दूसरी तरफ_ Wisdsom hotel

    विराज ब्लैकबेरी क्लब से लौट के बाद डायरेक्ट होटल आ गया और वह आते ही अपने केबिन में जाकर बैठ जो एकदम पौष और वीआईपी दिखाई दे रहा था |

    विराज बहुत बिजी था उसके सामने बहुत सारे फाइल थे जो वह चेकिंग कर था, खास करके वह ब्लैकबेरी पर ज्यादा फोकस दे रहा था क्योंकि अब वह एकदम से रेडी हो गया था |

    और उसे ओपनिंग भी करना था और वह इसी मंथ के एंडिंग में ओपनिंग करना चाहता था जिस पर वह सारे काम को साइड में रखकर उसे पर ध्यान देने लगा |

    विराज अपने बॉडीगार्ड बादल को बुलाया और उसे कुछ इंपॉर्टेंट काम सौंप दिया उसका काम सुनकर बदल वहां से चला गया तो वहीं विराज वापस अपने काम में बिजी हो गया तभी उसका मोबाइल रिंग करने लगा जो देखकर विराज ने कॉल रिसीव नहीं किया |

    दूसरी बार कॉल आया तो इस बार विराज ने कॉल रिसीव कर लिया अपनी कोल्ड वॉइस में हेलो कहा..!

    तो कॉल के दूसरी तरफ से एकदम से सॉफ्ट आवाज आया_" हेलो गुड आफ्टरनून सर क्या मेरी बात विराज जी से हो रही है..? "

    अपना नाम सुनकर विराज मोबाइल कान पर से हटकर पहले तो नंबर देखा जो 10 डिजिट का था नंबर देखने के बाद वह उसी लहजे में बोला..

      " yesssss..! "

    मधु इस वक़्त ड्यूटी पर थी जो कि बड़े अच्छे से अपना काम हैंडल कर रही थी और अभी कुछ समय पहले ही उसे जॉब मिला था जिसके वजह से वह अपना मन लगाकर काम कर रही थी |

    उसने टीवी रिचार्ज के ऑफर के बारे में विराज को बताने लगी की 3 मंथ रिचार्ज, सिक्स मंथ, रिचार्ज और 1 ईयर के रिचार्ज में क्या-क्या उसे बेनिफिट मिल सकता है..!

    जो सुनकर विराज के तो आइब्रो तन गए, अच्छी बात यह थी कि मधु उसके सामने नहीं थी वरना पता नहीं क्या होता..!

    मधु ने जैसी अपनी बात कंप्लीट की और अपने बताए हुए ऑफर के बारे में उसे पूछने लगी की उसे कौन सा ऑफर पसंद है..?

    जो सुनकर विराज सख्त आवाज में बोला_" क्या तुम्हारी कंपनी कटोरा लेकर भीख मांग रही है जो मेरे एक रिचार्ज करने से सब कुछ ठीक हो जाएगा अगर ऐसा है तो मैं अभी यह पैकेज ले सकता हूं और हाँ 1 ईयर के लिए नहीं बल्कि परमानेंट के लिए ले सकता हूं बोलो "

    मधु जो कुछ महीने पहले ही जॉब पर लगी थी वह ऐसी बातें दंग हो गई उसे समझ नहीं आ रहा कि वह किस तरह उसे रिप्लाई दे, क्योंकि पहली बार उसके साथ कोई कस्टमर इस तरह से बात कर रहा था वरना अभी तक तो सभी अच्छे से ही बातें करते आ रहे हैं वह कॉल डिस्कनेक्ट भी नहीं कर सकती थी |

    वरना उसे क्वालिटी चेकिंग लोग पूछताछ करेंगे पर वह बड़े प्यार से नरमी से पेश आते हुए बोली_" सॉरी सर आप बात को गलत तरीके से ले रहे हैं मेरा यह कहने का मतलब नहीं है मैं तो बस आपके पैकेज में बता रही हू..! "

    वह अपनी बात कंप्लीट कर पाती उसके पहले ही विराज वापस बोला_" हां, तुम्हें वही कह रहा हूं कि अगर तुम्हारी कंपनी रोड पर आ गई है, तो मैं हेल्प करने के लिए तैयार हूं..! "

    मधु के पास सच में कोई शब्द नहीं था कि वह इस बदतमीज कस्टमर के साथ किस तरह से बात करें, पर वह तो उसे उल्टा जवाब नहीं दे सकती थी इसलिए प्यार से बोली_" धन्यवाद सर आपने अपनी कीमती वक्त हमें दिया..! "

    ये सुन तो विराज और भी भड़क गया और भड़कते हुए कहा _" विराज बंसल अपनी कीमती वक्त किसी को नहीं देता है, मतलब किसी को भी नहीं देता और तुमसे 2 मिनट बात क्या कर लिया तुम धन्यवाद कहने लगी, नॉट बैड..! "

    मधु बहुत ही स्लो आवाज में माफी मांगते हुए बोली_" Sorry.. Sorry.. Sorry sir..! "

    उसका लगातार माफी मांगता सुनकर विराज गुस्से में कहा_" फिर तुमने मेरा टाइम क्यु वेस्ट किया..?"

    विराज उस पर और भड़कता उसके पहले ही मधु ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दी और कॉल डिस्कनेक्ट करने के बाद वह अपने पास में बैठी हुई लड़की को बताने लगी की किस तरह का बदतमीज कस्टमर से उसका आज पाला पड़ा..!

    जो सुनकर उसकी पास वाली लड़की भी हंसने लगी और उसे बताने लगी कि ऐसे तो आए दिन कस्टमर बोला ही करते हैं पर उसने तुम्हें ऐसा क्या कहा जो तुम इतनी अपसेट हो गई..?

    मधु ने एक ही सांस में उसे सब कुछ बता दी, जो सुनकर वह और भी जोर से हंसने लगी और बोली_" मेरे साथ तो कोई बदतमीजी करता है तो मैं उसका नंबर नोट डाउन करती हूं और बाहर जाकर उसे किसी और के फोन से अच्छे से सबक सिखा देती हूं..! "

    और उसने मधु को भी ऐसे ही करने के लिए सलाह दी मधु तो पहले ना कह रही थी पर पता नहीं क्यों उसे भी ऐसा लगा कि इसे सबक सिखाना ही चाहिए और वह विराज के नंबर अपने मोबाइल में नोट डाउन कर ली..!



    दूसरी तरफ़ _Godrej mansion

    फोटो शूटिंग में मेहमानों से बातें करने में कैसे दोपहर हो गया है पता नहीं चला, कुछ देर बाद सभी लोग डाइनिंग टेबल पर बैठकर दोपहर का लंच करने बैठे |

    इस वक़्त डाइनिंग टेबल बहुत लंबा सजाया गया था क्योंकि बहुत लोग लंच के लिए बैठे थे, दादा- दादी, काशी जी, महेश जय के फ्रेंड विधि- रोशनी, बुआ जी, मासी जी सभी लोग टेबल पर इकट्ठा हो गए थे |

    घर के सर्वेंट और शेफ उन्होंने प्लेट में खाना सजना तैयार किया इस वक्त टेबल पर ताजे फूल भी रखे गए थे रौनक और भी बढ़ रही..!

    जहां ओम बैठा था उसके बगल में भूमि बैठी थी, तो वहीं दूसरी साइड जय जानबूझकर भूमि के बगल में बैठा था और उसके पास में उसके दोस्त जेम्स और जॉन भी बैठे थे, जो उसके साथ एब्रॉड से यहां इंडिया आए हुए थे |

    जय भूमि के बगल में बैठकर बक - बक किये जा रहा था | पसंद के बारे में पूछ रहा था मतलब एक सेकंड भी भूमि को कोई चुप रहने नहीं दे रहा जैसे चुप होता तो विधि-विधि चुप होती तो रोशनी हर कोई उसे परेशान किये जा रहा है..!

    और यह सारी बातें ओम बड़े ध्यान से सुन रहा था पर उन लोगों के बीच में कुछ कहा नहीं, थोड़ी देर की बाद काशी जी ने सभी को चुप होने के लिए कह दी क्योंकि वह नहीं चाहती थी उनकी बहू को कोई परेशान करे..!

    करीब 1 घंटे के बाद _

    ओम सबसे पहले डाइनिंग टेबल से उठा और एक नजर सभी की तरफ देखकर कहा कि उसे अब ऑफिस जाना हैं कुछ अर्जेंट काम आ गया है वही भूमि उसे देखने लगी क्योंकि उसे उससे बात करना था |

    ओम एक नजर भूमि के तरफ देखा जो नजरे उठाई उसे ही देख रही थी और वह जैसे उसकी तरफ देखा तो उसने अपनी नज़रें नीचे कर लिए..!

    ओम भी जानता था कि भूमि को उसे बात करना चाहती है पर उसके पास सच में अभी बात करने का वक़्त नहीं था | भूमि तो सबके सामने कुछ कह नहीं सकती थी तो वही ओम लंबी सांस छोड़ते हुए वहां से जाने को मुड़ा..!

    उतने में रोशनी तेज आवाज में बोली_" भाई भाभी का गिफ्ट कहा है..? "

    गिफ्ट वाला शब्द सुनकर ओम सच में इरिटेट हो गया था पर सबके सामने वह रोशनी पर चिल्ला भी नहीं सकता है, इसलिए अपने गुस्से को कंट्रोल किया और शांत आवाज में बोला_" एक बार कह दिया ना कि बाद में दे दूँगा, तो तुम लोग बार-बार एक ही शब्द रिपीट क्यों करें कर रही हो..! "

    ओम की इतनी गंभीर आवाज सुन हम रोशनी बैठी रही सकपका गई, वहीं काशी जी ने आंख दिखा कर उसे चुप रहने के लिए कह दिया |

    बल्कि उसकी यह आवाज भूमि के कान में भी गया जो वह भी थोड़ी घबरा गई क्योंकि उसका ओरा ही बहुत अलग था |


    ओम मेंशन से बाहर निकाला उसे आता देख राका ने कार के पीछे का दरवाजा खोल दिया |

    उनके बैठते ही ड्राइवर ने कर स्टार्ट किया | कुछ देर के बाद वे लोग हाईवे पर पहुंच गए, ओम के दिमाग में कुछ आया और वह ड्राइवर को शोरूम चलने के लिए कहा..!

    जो सुनकर ड्राइवर में कार यू टर्न ले लिया |


    To be continue...



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  • 11. मुझे वह लड़की चाहिए, अपने हाथों से उसका जीभ काटुंगा - Chapter 11

    Words: 2188

    Estimated Reading Time: 14 min

    अब आगे _

    शाम 6:00 बजे मधु ऑफिस से निकली तो वह सबसे पहले विराज को सबक सिखाने के लिए से सोची STD कॉल ढूढ़ने लगी और उसे आसपास मे मिल भी गया |



    सबसे पहले उसने अपने चेहरे को स्कार्फ से कवर की उसके बाद जाकर वह कॉल लगाई पहले रिंग बजा तो विराज ने कॉल नहीं उठाया दूसरी बार मे उसने उसका कॉल रिसीव कर लिया और जैसे कॉल रिसीव किया हेलो बोला..!



    उसकी आवाज तो मधु ने पहचान ही लिया और दांत पीसते हुए अपना पूरा गुस्सा निकालते बोली _" तुम्हें बहुत शौक है दूसरों को कटोरा लेकर भीख मांगता देखने का..? क्या तुम भी मांगते हो जो दूसरों को देखना चाह रहे हो..! "



    मधु ने विराज को बोलने का मौका तक नहीं दी बल्कि वही बोले जा रही थी और मधु की आवाज सुनकर भला विराज कैसे नहीं पहचान सकता, क्योंकि सुबह में ही तो उसे उसकी बातें हुई थी और गुस्से के माले उसकी उसका हाथ मोबाइल पर कस गया |



    वह कभी भी अपने लिए अब-शब्द बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर सकता पर आज बड़ी मुश्किल से वह कर रहा था अगर वही सामने मधु होती तो शायद एक शब्द भी वह बोलने का मौका नहीं देता..!



    मधु कंटिन्यू बोले जा रही थी कि इतने में विराज को बर्दाश्त नहीं हुआ और तेज तर्रार आवाज में कहां _" तुम्हारी हिम्मत कैसे हुआ दोबारा मुझे कॉल करके परेशान करने की, हां बोलो..? क्या तुम अपनी मौत को दावत दे रही हो, जितनी औकात है उतना ही बोला करो ज्यादा नहीं, वारना..? "



    भला मधु कैसे बर्दाश्त करें और वह उसके सामने थोड़ी ना था | जो उसको कुछ बिगाड़ सकता है पता नहीं वह कहां है..? और कौन है..?



    जिसके चलते मधु बिल्कुल भी चुप नहीं हुई और उसे सुनते हुए बोली_" क्या कहा तुमने.? वरना क्या करोगे..? करोगे क्या पहले वह तो बताओ..? दम है तुम्हारे अंदर सिर्फ फोन पर बातें करने से खुद को शेर समझते हो क्या..? अगर तुम सामने होते हैं ना तो पता नहीं मैं तुम्हारा क्या करती देती, और आए बड़ा मुझे धमकी देने..!



      " धमकी जाकर ना उसे देना जो तुम्हारे घर में भीगी बिल्ली हो, मैं नहीं समझ में आया कुछ, जो तुम्हारे घर में तुम्हारा सुनता होगा ना उसे पर जाकर धमकी दिखाना, हर किसी को नहीं..? बिगड़ा हुआ इंसान खुद को समझते क्या हो..? कहीं के डॉन हो..? क्या हो पता नहीं कौन से गली - मोहल्ले में छोटे से घर में बैठकर लोगों को धमकियां दे रहे हो , आइंदा ना सोच समझ कर बातें करना..! "



    विराज उसकी वॉइस रिकॉर्ड करने लगा, मानो वह इसका पता लगा कर ही रहेगा कि यह है कौन.? और गुस्सा तो उसके चेहरे पर इतना था कि इस वक्त उसके सामने कोई आ गया तो शायद मोबाइल चला कर उसे मारेगा |



    उसके हाथ की नसें उभर गई थी यहां तक की माथे की भी नशे उभर कर हल्की-हल्की दिखाई देने लगी | सच में पहली बार कोई लड़की उसे इतना कुछ सुना गई..!



    विराज पहली बात तो किसी को इतना डिमांड नहीं देता था और आज कोई लड़की उसे फोन कॉल पर इतना कुछ सुना रही थी | पर वह फोन पर ही सुना सकती थी सामने अगर होती तो आज पता नहीं उसका क्या हाल हुआ करता ..?



    विराज ने पहले उस नंबर पर नजर डाल पर वह क्या ही करता उसे भी तो समझ गया कि यह नंबर है कौन सा..? उसने तुरंत कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया कॉल कट करते ही आंखें बंद करके दांत पीसने लगा |



    वह सारा गुस्सा अपने ऊपर अंदर ही अंदर दबा रहा था कि थोड़े ही देर में झट से आंखें खोल और मोबाइल ले अपने बॉडीगार्ड बादल को कॉल किया |



    उसके बुलाते ही बादल तुरंत केबिन में आया और जब आया तो विराज ने उसे यह नंबर दिखाते हुए कहा_" पता लगाओ कौन लड़की ने मुझे इस वक्त कॉल की थी..? और मुझे वह चाहिए..? उसकी जीभ जब तक अपने हाथों से नहीं कटुंगा ना, तब तक मुझे तसल्ली नहीं मिलेगा..! "



    विराज ने वह नंबर बदल को दे दिया और बादल वह नंबर लेकर केबिन से बाहर निकला और सबसे पहले उसने इस नंबर का लोकेशन निकाला यह लोकेशन कोई ज्यादा दूर नहीं था बल्कि मलाड का ही था |



    और वह उसे लोकेशन पर पहुंच भी गया तो यह एकदम से एक गली मोहल्ले में STD ISD PCO था वहां पर बादल पहुंचते ही उसे दुकानदार वाले को पूछा यहां से एक लड़की ने करीब 6:00 के बाद कॉल की थी |



    जो सुनकर वह आदमी बोला_" साहेब ज्यादातर तो लड़कियां ही यहां फोन करने आती हैं और दिन में तो इतने आते हैं कभी-कभी तो मैं मेरे भी ध्यान में नहीं देता की कितने लोग आए..? कितने गए..? और कैसे दिखते हैं..? कैसे नहीं..? पर है एक लड़की तो आई थी और उसका मुंह बंधा हुआ था, बाकी का मैं कुछ नहीं बता सकता और मैं ध्यान भी नहीं देता उनको कॉल करना है और मुझे पैसे चाहिए तो मैं क्यों इतना ध्यान दूं..! "



    बादल आगे बोला _" क्या यहां सीसीटीवी कैमरा है.? "



    उसका इतना कहना की दुकान वाला हंसने लगा और बोला_" साहेब आपको मेरी दुकान दिख रहा है यह छोटे बच्चों का चॉकलेट यह सब की दुकान है, और एक एसटीडी आईएसडी पीसीओ इसलिए रखा है ताकि लोगों के आने से ग्राहक बना रहता है, कैमरा कब लगाऊंगा यही गली मोहल्ले के लोग आते हैं बाहरी तो कोई आता नहीं है..! "



    बादल को भी ढूंढना थोड़ा मुश्किल हो रहा था क्योंकि ना सीसीटीवी कैमरा है नाही कुछ..? कैसे पता लगाये कि यहां कौन लड़की आई थी..? और कैसी दिखती है..?



    मधु भी बहुत चालाक थी और उसने चालाकी से काम की, सबसे पहले तो वह ऐसे STD ISD PCO ढूंढी जहां एकदम गली मोहल्ले के अंदर था |



    जहां कैमरा ना हो उसे भी इसका कॉल करने के लिए बहुत डर रही थी और बड़ी सावधानी के साथ काम की, कहीं वह पकड़ी ना जाए वरना बहुत बड़ा उसके लिए मुसीबत क्रिएट हो सकता है..!





    रात 10:00 बजे_Wisdsom hotel _

    होटल के 11th फ्लोर पर, जीत अपने कमरे में हाथ में ब्रांडेड वाइन का शराब ले पी रहा था  | Penfolds, Concha y Toro वगैरा-वगैरा उसके होटल में इंडियन कॉकटेल सारे ब्रांडेड वाइन मिलते थे और वह जब भी ड्रिंक करता था तो कोई एक वाइन ड्रिंक नहीं करता था, न जाने कितने सारे वाइन और टेस्ट करता था तब जाकर उसे कहीं सेटिस्फेक्शन मिलता |



    और साथ ही साथ में उसके हाथ में ब्रांडेड सिगरेट Belmont सिगरेट भी लंबी-लंबी कश ले रहा था | बल्कि उसने अपने कमरे में जहा बैठा था वहा पूरा धुआं-धुआं पूरा फैला दिया था |



    वह सिगरेट और ड्रिंक तो कर रहा था, पर उसके दिमाग में मधु की कही हुई बातें घूम रही थी, यहां तक कि जब वह बोल रही थी उसने जीत को बोलने का मौका तक नहीं दी..! वह सिर्फ अपनी बातें अपनी भड़ास उसे सुनाते जा रही थी |



    करीब आधे घंटे के बाद उसका बॉडीगार्ड बादल उसके पास पहुंचा और पहुंचते ही उसने उसे बताया कि जहां से उसे कॉल आया था यह लोकेशन एक गली - मोहल्ले का है..? वहां पर ना सीसीटीवी कैमरा था और ना ही कुछ उसकी जानकारी मिल पाया |



    विराज इतना कठोर दिल का था कि उसके हाथ में इस वक़्त वाइन का ग्लास था और वह जोर से फ्लोर पर पटक दिया और गुस्से में तिलमिलाते हुए बादल पर बरस पड़ा_" मुझे ना पसंद नहीं, मुझे उसे लड़की की जीभ अपने हाथों से काटना है तो मतलब काटना है, समझ में आया तुम्हें मेरी बात..! "👿😡



    विराज बादल का कॉलर पकड़ लिया, उसका खौफ देखकर बादल पूरी तरह डर चुका था उसे समझ में नहीं आ रहा कि लड़की का वह कैसे पता लगाए फिर भी वह हां भरते हुए कहा_" जी बॉस, म.. मैं पूरी कोशिश करूंगा कि उसे जल्द से जल्द ढूंढ लू..! "



    कोशिका शब्द सुनते ही विराज अपनी आंखें बंद कर लिया और बिना आंख खोल ही अपने दांत पीसते हुए धीमी आवाज में बोला_" कोशिश नहीं चाहिए, मतलब मुझे वह लड़की चाहिए जब तक उसका मुंह नहीं तोडूंगा तब तक मेरा गुस्सा ठंडा नहीं होगा, बादल समझ रहे हो मेरी बात..! "



    तब तक दरवाजा खुला और अंदर Om कदम रखा कि सामने का नजारा देखा वह भी वहीं रुक गया | बड़े अजीब तरह से वह देखने लगा कि और उसे समझ भी गया कि यहां का माहौल बहुत गर्म है वह जल्दी से विराज के पास आया |



    और विराज का हाथ पकड़ के बादल का कॉलर छोड़ाते हुए कहा_" क्या बात है विराज , तुम इतने गुस्से में क्यों दिख रहे हो..? "



    Om ने विराज को दूर किया और बादल को वहां से जाने के लिए कह दिया, बादल को अब जाकर राहत मिल की सही वक्त पर उसका भाई ओम आ गया, वरना उसका बस तो उसे आज खत्म ही कर देता..!



    वही विराज वापस जाकर सोफे पर बैठ गया और ग्लास में वाइन लेकर एक ही सांस में एक ग्लास ड्रिंक घटक गया | जो देख ओम उसके बगल वाले सोफे पर बैठ फिर से उसे पूछने लगा |



    ओम की पूछने के बावजूद भी विराज कुछ बोल नहीं रहा था | वही ओम लगातार उससे पूछने लगा क्योंकि उसे समझ गया की बात कोई छोटा नहीं बहुत बड़ी है और ओम का बार-बार पूछना विराज अपना मोबाइल ले रिकॉर्डिंग ऑन किया और उसके सामने रख दिया और हाथ में सिगरेट लेकर लंबी-लंबी कश फिर से बनने लगा |



    अब ओम उसे रिकॉर्डिंग को बड़े ग़ौर से सुन रहा था | तब जाकर उसे सब मांजरा समझ में आया कि विराज इतना गुस्से में क्यों है..? वह जैसे- जैसे रिकॉर्डिंग सुन रहा था उसके चेहरे पर एक धीमी वाली स्माइल आ गया जो की विराज ने नहीं देख पाया |



    मधु और उसकी जो कन्वर्सेशन को वह सुनकर सच में ओम को हंसी आ रहा था | पर वह हंस भी नहीं सकता अगर हंस तो जरूर विराज उस पर गुस्सा करने लग जाएगा और वह उसे और गुस्से में नहीं देख सकता इसलिए उसने रिकॉर्डिंग को बंद किया और उसके हाथ में जो सिगरेट था, वह ले वह ख़ुद स्मोक करने लगा |



    ओम सिगरेट का लंबी कश भरते हुए और धुआं छोड़ते हुए विराज की तरफ देख कहा_" तो तुम उस लड़की की बातों से अपसेट हो, वैसे यह है कौन..? और तुम्हारी कहां इससे मुलाकात हुई..! "



    ओम का इतना पूछना की, विराज गुस्से से दांत कटकटा रहा था | जो ओम अच्छे से देख सकता था, वह समझ गया कि वह इस वक्त बहुत गुस्से में है..!



    अब ओम ने थोड़े शांति से उसे पेश आते हुए कहा_" मैंने तुमसे कुछ पूछा कि यह लड़की तुमसे कब और कहां मिली..? क्या तुम डिटेल्स में बताओगे..? "



    ये सुनकर विराज उसके तरफ देखा और कहा_" अगर मुझे इसके बारे में पता होता तो, यह मुझसे इस तरह की बातें नहीं कर पाई होती, दिल तो कर रहा है कि...? "



    इतना बोलकर विराज अपनी बातें अधूरी छोड़ दिया, तो वही ओम उसे समझते हुए कहा _" तुम इस वक्त कहां हो और वह कहां है..? और आजकल तुम्हें हो क्या गया है किसी के भी तुम मुह लग जाते हो..? बहस- बाजी करते हो, तुम्हें क्या जरूरत उससे बहस करने की तुम कॉल डिस्कनेक्ट कर सकते थे, और यह कॉल STD ISD PCO की क्या जरूर था कॉल रिसिव करने का..? "



    ओम विराज को बहुत अच्छे से समझा रहा था पर विराज कुछ भी समझने के इस हालत में नहीं था बल्कि वह तो बगावत करते हुए कहा _" नहीं ओम तुम नहीं समझ सकते हो..? उस लड़की ने मुझे ललकार है उसने कहा है कि मैं अपने घर में बोल सकता हूं बाहर नहीं, फोन पर शेर बन रहा हूं..! "



    " उसने मुझे कुछ और ही समझ लिया है उसे तो सबक सिखाना ही पड़ेगा और दूसरी बात वह बहुत खुश होती रहेगी कि मैं बोलकर बहुत महान काम की हूं, नहीं बेबी अब तो तुम पछताओगी, किसके पाले पडी हू, विराज बंसल .. जो पत्थर और कठोर दिल का है यहा कोई माफी नहीं मिलता सिर्फ सज़ा मिलता है..! "



    ओम उसकी बाते सिर्फ स्मोक करते सुन रहा था पर अब कुछ बोला नहीं, क्योंकि वह समझ गया विराज वहीं करेगा जो उसका दिल करेगा |




    करीब 20 मिनट के बाद विराज अपने गुस्से को शांत किया और ओम उनके तरफ देखते हुए कहां _" तुम यहां क्या कर रहे हो..? तुम्हें तो घर जाना चाहिए वैसे भी अब तुम्हारा कोई इंतजार करने वाला है..! "



    विराज का इतना कहना कि ओम जो ड्रिंक कर रहा था, उसने अपना चेहरा ही अजीब तरीके से बना लिया और ग्लास को हाथ में हिलाते हुए कहा_" घर जाकर मेरा मूड ऑफ होने वाला है, इसलिए सोचा यहां आकर थोड़ा रेस्ट करू उसके बाद तो हर किसी का सुनना ही है..! "



    दोनों बात कर ही रहे थे कि तभी ओम का मोबाइल रिंग किया और उसने अपना मोबाइल निकाल कर देखा तो उसके डैड का कॉल आ रहा है..!



    जो देखकर वह सोफ़े से उठते हुए कहां _" मुझे घर जाना चाहिए..! "


    उसको इस तरह जाता देख विराज मुस्कुराने लगा और कहां_" ओके बाय गुड नाइट..! "







    To be continue...

  • 12. ओम का भूमि को गिफ्ट देना /आपने मुझसे शादी क्यु किया.? - Chapter 12

    Words: 1280

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब आगे _

    इधर Godrej mansion _

    सभी घरवालों में पहले ही डिनर कर लिये थे क्योंकि बुआ जी को अपने घर जाना था और महिमा जी को भी घर जाना था इसलिए सभी फैमिली वाले जल्दी से डिनर किये |



    भूमि आज भी थकी - थकी सी लग रही थी क्योंकि पूरा दिन लहंगा ज्वेलरी जो पहनी थी और जब डिनर करने के बाद जब वह अपने कमरे में आए तो सबसे पहले वह अपने भारी भरकम लेंगे को उतरी ज्वेलरी


    उसने अपने घर से कोई भी कपड़े नहीं लेकर आई थी क्योंकि काशी जी ने पहले ही मना कर दिया था उन्होंने पहले ही भूमि के लिए साड़ियां, ड्रेस इन सारी चीजों कमरे में फिट करवा दिया था |



    ताकि उसे किसी चीज की कमी ना हो, और जब वह नाइट कपड़े देख रही थी पहनने के लिए जो नाइट गाउन थे वह बहुत ही सेक्सी थे जो देख भूमि को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा |



    कुछ गाउन थोड़े बड़े थे जिसमें उसका शरीर नहीं दिखेगा कुछ गाउन तो ऐसे थे जैसे उसका सिर्फ ब्रेस्ट ही कवर हो रहा था, बाकी तो उसका बॉडी पार्ट देखाई देता, जो देखकर भूमि को बहुत अजीब लगने लगा |



    अगर यही शादी भूमि और ओम मिलकर किए गए थे पहले से बातें किए रहते उनके अंदर प्यार होता तो शायद भूमि आ जाएगी पर अभी तक उसके बीच में ऐसा कुछ नहीं था |



    पर कहीं न कहीं भूमि ओम को पसंद करने लगी थी, अब तो ओम उसका पति भी है |पर उसने जब उसकी पहली बार तस्वीर देखी थी तभी उसे पसंद आ गया था |



    पता नहीं कैसे..? पर वह उसकी तरफ खींचने लगी थी और आज जैसे फोटो निकाला तब तो वह और भी उसकी तरफ अट्रेक्ट हो रही थी | ज्यादा ना सही पर फोटो निकालते वक्त जो थोड़ा सा उसके करीब गई थी वह सब उसे बहुत ही अच्छा लगा |




    कुछ देर बाद मेंशन के अंदर कार इंटर हुआ, यह कार किसी और का नहीं बल्कि ओम की थी | ओम कार में से बाहर निकाला और सीधे अंदर आया |



    इस वक्त लिविंग एरिया में कोई नहीं था अगर कोई था तो वह काशी जी और महेश जी थे, जी तो अपने बेटे के ऊपर गुस्सा आया कि वह  थोड़े वक्त के लिए ऑफिस गया था पर आया कब..! अब रात के 11:00 चुके हैं..!



    कल ही शादी हुआ है, और आज से उसका बर्ताव ऐसा है भला बहू को क्या लगेगा..? काशी जी को मन ही मन बहुत गुस्सा आ रहा था और जब उन्होंने Om को देखा तो और भी भड़क गई..!



    पर वह घर में कोई भी विवाद नहीं चाहती थी इसलिए शांत आवाज में बोली_" अगर आज ऑफिस नहीं जाते तो क्या बिगड़ जाता..? और गए भी तो थोड़ा जल्दी आते तो क्या हो जाता है..? "



    काशी जी यह सब तभी आवाज में बोल रही थी जो सुनकर ओम कुछ बोला नहीं वही महेश जी काशी जी को ही दबाने लगे की ज्यादा बात को ना बढ़ाए, अब तो वह घर आ ही गया है..!



    काशी जी की नजर ओम के हाथ में गया जो एक छोटा सा हैंड बैग था और उसके ऊपर प्रिंटेड में लिखा हुआ था डायमंड ज्वेलरी जो देखकर वह समझ गई की जरूरत हो अपनी बीवी के लिए कुछ लेकर आया है..!



    मानो यह देखकर उनका गुस्सा शांत हो गया और उन्होंने कहा_" ठीक है, जाओ अब अपने कमरे में..! "



    ओम भी कुछ रिएक्ट नहीं किया बल्कि साइड से होकर सीढ़ियां  चढ़ते हुई अपने कमरे में आ गया |



    उसने दरवाजा बिना नाॅक किए ही खोल दिया क्योंकि यह कमरा उसका ही था और उसे आदत भी था डायरेक्ट कमरे में जाने की और जैसे दरवाजा खोला की भूमि हड़बड़ा गई..!



    क्योंकि वह एक लॉन्ग गाउन पहनी थी और अपने होठों पर से लिपस्टिक उतार रही थी और तुरंत पलट के दरवाजे के तरफ देखी तो Om था, उसे देखकर वह उठ खड़ी हो गई..!



    ओम पहले दरवाजा बंद किया और चलते हुए उसी के पास आ रहा है और आते ही अपनी कोल्ड वाइस में कहा_" तुम अभी तक सोए नहीं..? "



    ये सुन भूमि तो अपने होंठ हिलाए बोलने के लिए पर बोल नहीं पाई  पर तुरंत बोली_" वह बस अभी सोने ही जा रही थी..! "



    ओम वह छोटा सा हैंडबैग भूमि की तरफ बढ़ते हुए कहा_" यह रहा तुम्हारी मुंह दिखाई का गिफ्ट..! "



    सच में ओम उसके लिए गिफ्ट लाया यह देखकर तो भूमि अंदर ही अंदर नाचने लगी, उसे बहुत अच्छा लगा कि उसके लिए गिफ्ट लाया है और यही टाइम था कि वह ओम से बातें करें, उसके मन में जो सवाल है वह पूछे..!



    शगुन गिफ्ट लेने के बजाय भूत बने ओम को देख रही थी, ओम उस बैग में से गिफ्ट निकाला तो यह एक डायमंड का ज्वेलरी सेट था |



    पहले तो उसे बैठने के लिए कहा, जो सुन भूमि तुरंत बैठ गई और ओम अपने हाथों से उसके गले में पहनाया |



    ओम की उंगलिया जैसे भूमि के गर्दन पर टच हो रही थी, तो वह अंदर ही अंदर सिहर उठी..!



    उसने कल से जो ओम से सवाल पूछने के लिए, इतने सारी सवाल तैयार किए थे अब वह सब भूल गई, बल्कि उसके दिमाग डायवर्ट हो गया |



    तो उनको कमरे में और अपने इतने पास देख दिमाग काम करना बंद हो गया |



    ओम ने जब उसके गले में वह सेट पहनाया तो सच में उसके गोरे गर्दन पर यह डायमंड के सेट बहुत ही निखर के आने लगा, Om भी देख सकता था यह सेट उसे पर काफी खूबसूरत दिख रहा है..!



    ओम हल्का मुस्कुराते हुए कहा_" सच में यह ज्वेलरी सेट तुम पर काफी जच रहा है, तुम्हारे पहनने से इसकी चमक भी बढ़ गई..! "



    ओम की बाते सुनकर भूमि थोड़ी शर्मा गई, वह मिरर मे देख सकती थी कि वह उसी को देख रहा है..! तो उसने तुरंत अपनी पलके नीचे झुका लिये..!



    यह देख ओम तुरंत जाने को मुड़ा की, भूमि को समझा गया कि वह जा रहा है, तो वह उसे रोकते हुए बोली_" हमने आपसे बात करना है..? "



    ओम जो वॉशरूम की तरफ जा रहा था वह उसकी आवाज सुनकर रुक गया और बिना पीछे पलटे ही बोला _" हां बोलो क्या बात करना है..! "



    अब भूमि को समझ में नहीं आ रहा कि वह अपनी बात कैसे उसके सामने रखें..? और उसको कुछ ना बोलना देख ओम पीछे पलटा और चलते हुए उसके पास आया |



    भूमि भी हिम्मत करके उसे देख रही थी और अपने हाथों को आपस में उलझाने लगी, की ओम फिर से पूछा_" बोलो क्या बात करना है तुम्हें..? "



    " व.. वो मैं यह कह रही थी कि आपने मुझसे शादी क्यु किया..? "



    भूमि का सवाल सुन ओम शांत होकर उसे देख रहा था और अपनी एक उंगली से अपने beard पर फेरा और उसके इर्द - गिर्द घूमते हुए कहां_" बहुत अच्छा सवाल पूछा है तुमने.., शादी तो मैं किसी से भी करने वाला नहीं था, बट फैमिली की वजह से मुझे तुम्हारे साथ शादी करना पड़ा और हां जब मंडप में मैंने तुम्हें देखा तो मैंने सोचा क्यु न यह शादी कर ही लेता हूं, और तुम हमेशा मेरी वाइफ बन कर रहोगी, पर यह उम्मीद मत लगाना कि मैं तुमसे प्यार करूंगा | पर हां तुम्हें किसी चीज की कमी भी नहीं होने दूंगा तुम हमेशा हमेशा के लिए मेरे साथ रहोगी..!"



    इतना बोल ओम वाॅशरुम के तरफ बढ़ गया उसके जाति ही भूमि का चेहरा मुरझा गया | जब ओम बातें करना स्टार्ट किया तो वह बहुत खुश थी, पर जब उसकी मुह से उसने लास्ट वाली लाइन सुनी तो उसके दिल में दर्द हुआ कि वह कभी भी उससे प्यार क्यों उम्मीद ना लगाए..!




    To be continue...

  • 13. बहुत खूबसूरत दिख रही हो, पर तुम्हारी चूडिय़ां बहुत शोर कर रही है - Chapter 13

    Words: 1793

    Estimated Reading Time: 11 min

    अब आगे _

    सुबह के 6:00 बजे_


    भूमि 6:00 बजे के पहले ही उठ गई थी, क्योंकि उसे रात भर नींद नहीं आया और रात में ओम उसके बगल में ही बेड पर सोया था |



    कमरे में लाइट तो बंद था पर भूमि को बिल्कुल भी नींद नहीं आ रहा और सुबह में भी वह जल्दी उठ गई और जब वह उठी तो बड़े ग़ौर से ओम को देख रही थी |



    उसे अच्छी तरह से देखने के बाद मन ही मन खुद से बोली_" मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है भगवान..? जो चीज मुझे पसंद आता है वह मुझे कभी नहीं मिलता और आज मुझे ओम जी पसंद आए मिल भी गए फिर भी ना के बराबर है, ऐसा क्यों भगवान..? मेरे साथी ऐसा क्यों..? "



    उसको देखने के बाद भूमि बेड से उठी और वॉशरूम में चली गई, उसके बाद वॉशरूम से बाहर निकली अपने लिए कपड़े लेने क्लोजसेट में चली गई उसने सबसे पहले साड़ियों के कलेक्शन देखी थी एक से एक जबरदस्त साड़ियां रखी हुई थी उसमें से उसने एक साड़ी सिलेक्ट की..!



    जो हल्के रेड कलर की बहुत ही प्यारी और सुंदर दिख रही थी | वह वहीं खड़ी होकर सबसे पहले साड़ी पहन ली उसके बाद ड्रेसिंग टेबल के पास आकर खड़ी हो साड़ी को पिनअप करने लगी |



    साड़ी बहुत ज्यादा हैवी भी नहीं था और नाही हल्की, सब मिलकर बहुत ही अच्छी थी पर भूमि की अभी शादी है उसे साड़ी पहनने में थोड़ी दिक्कत तो हो रही थी



    पर वह बहुत अच्छी तरह से साड़ी पहन रही थी, उसे सेफ्टी पिन लगाते वक्त वह बार-बार साड़ी के पल्लू को ठीक करने मे लगी थी क्योंकि कहीं ना कहीं थोड़ा मिसमैच हो रहा था |



    साड़ी का पिन लगाते वक्त उसकी चूड़ियां शोर मचा रही थी, उसकी आवाज Om के कान में काफी देर से जा रहा था और वह कसमसाने के साथ ही धीरे-धीरे अपनी आंखें खोला और जैसे पूरी तरह आंखें खोल देखा तो सामने भूमि अपनी साड़ी को पिन लगा रही थी..!



    बल्कि वह साड़ी में वह बहुत ही खूबसूरत दिख रही थी ओम जिस पोजीशन में सोया था बिल्कुल वैसे ही सोया रहा, इस वक़्त वह पेट के बल लेटा था, उसकी एक आंख तो दबी थी पर एक भाग से ही वह भूमि को घूरे जा रहा था |



    भूमि ने जब अपनी साड़ी को सेफ्टी पिन लगा लिए तो उसके बाद वह अपने बालों को सवारने लगी सबसे पहले उसने अपने बालों को सिंपल तरीके से बना बनाई और उसमें ताजे फूलों के गजरे लगायी यह गजरा रात को रोशनी उसे देकर गई थी |



    ओम लगातार उसे देख रहा था तो वही भूमि अपने बालों को संवारने के बाद हल्का मेकअप करने लगी और लास्ट में उसने अपनी होठों पर लिपस्टिक लगाएं अब जाकर वह पूरी तरह तैयार हो गई थी और वह अपने आप को आईने में इधर से उधर पलट के देख रही थी कि उसने साड़ी ठीक तरह से पहनी है कि नहीं, कहीं कुछ कमी तो नहीं रह गया |



    खूबसूरत दिख रही थी वह खुद को ही पहचान नहीं पा रही, क्योंकि शादी के पहले वह हमेशा ड्रेस ही पहन कर किया करती थी और मेकअप तो कहीं आना जाना हो तो ही किया करती वरना नहीं..!



    पर अब इतनी अच्छी-अच्छी साड़ियां इतने महंगे महंगे मेकअप प्रोडक्ट लगाकर आज वह तैयार हुई तो सच में खुद को पहचान नहीं पा रही थी |



    भूमि आईने में खुद को देख तो रही थी और उसे अपनी खूबसूरती दिखाई भी दे रहा था | पर कहीं न कहीं वह अपने ख्यालों में खोई थी और वह बहुत ही शांत तरीके से खड़ी होकर एक तक मिरर में देखने लगी |



    उसे इस तरह देखता देख अब जाकर ओम उठा और अपने चेहरे पर हाथ फेरते हुए अपनी शांत आवाज में कहा_" बहुत खूबसूरत दिख रही हो, पर कल से बैंगल्स कम पहना करो क्योंकि बहुत शोर मचा रहे हैं और मुझे इतनी शोर-शराबा बिल्कुल भी पसंद नहीं..! "



    ओम की आवाज सुनते ही भूमि हड़बड़ा गई और वह अपनी चेहरे पर उंगलियां फिरते हुए अपनी नज़रे चुराने लगी, मानो वह समझने की कोशिश करने लगी की उसका पति कब से उसे देख रहा हो..!



    वह तुरंत अपना चेहरा दूसरी और कर ली, वही ओम बेड पर से उठा और उसके पास आते हुए कहा _" ओम गोदरेज पहले बार किसी की तारीफ करता नहीं है और अगर तारीफ करेगा तो झूठी नहीं करेगा..! "



    उसकी आवाज भूमि के कान से होते हुए दिल को जाकर छू रही थी और उसकी धड़कने धक-धक तेजी से धड़कने लगा | वह एक पल के लिए भूल गई की रात को ही ओम ने उसे कहा था कि वह कभी उससे प्यार नहीं कर सकता |



    पर जिस तरह से वह बोल रहा था उसे आवाज से उसके दिल को सुकून मिलने लगा उसे अच्छा लग रहा था ओम के मुंह से अपनी तारीफ सुनना..!



    वही ओम हल्का सा मुस्कुराया और वॉशरूम में चला गया उसके जाती ही भूमि अपने सीने पर हाथ रखकर खुद को शांत करने लगी और जल्दी से कमरे से बाहर निकली और नीचे आई..!





    दूसरी तरफ़ _ Wisdsom hotel _

    विराज जल्दी उठ गया था और उठते ही उसे कल की मधु की बातें याद आने लगा और जैसे याद आया कि उसके चेहरे का वापस रंग ही बदल गया |



    वह इतना गुस्से में दिखाई दे रहा था, मानो उसकी कही हुई बातों का उसके ऊपर बहुत इफेक्ट कर गई थी वह अपने आप को तकलीफ दे रहा था, वह अपने आप पर गुस्सा निकाल रहा था |



    और सबसे बड़ी बात उसे अपने आदमियों के ऊपर गुस्सा आने लगा कि एक मामूली सी लड़की का उन लोगों ने पता नहीं लगा पाए..!



    वह यही सब सोच ही रहा था कि तभी उसका मोबाइल रिंग किया और वह साइड से टेबल से अपना मोबाइल उठाया तो तो ब्लैकबेरी मैनेजर का कॉल था और उसने कुछ इंपॉर्टेंट डिस्कशन करने के लिए उसे ऑफिस बुलाया |



    विराज 1 मिनट मैनेजर से बात किया उसके बाद कॉल डिस्कनेक्ट करके बेड पर से उठा और सीधे वॉशरूम में चला गया कुछ देर के बाद वह वॉशरूम से बाहर आया और रेडी होकर ब्लैकबेरी क्लब के लिए निकल पड़ा..!



    करीब घंटे भर के बाद वह ब्लैकबेरी पहुंच गया और पहुंचते ही एक बड़े से हाल में उनकी मीटिंग चालू हुआ यहां पर इंजीनियर, मैनेजर ऑल डिपार्टमेंट के स्टाफ सभी मौजूद थे |



    क्योंकि ब्लैकबेरी पूरी तरह से तैयार हो गया था बस उसकी ओपनिंग करना था और विराज की एक प्लस पॉइंट बहुत ही अच्छा था कि वह जब भी कोई नई चीज मार्केट में लाॅच करता था तो उसमें से वह 25% लोगों को फ्री में बांटता था जिससे लोग उसे बहुत ही अप्रिशिएट करते थे |



    सभी लोगों ने मिलकर एक डेट डिसाइड किया कि किस दिन को ब्लैकबेरी की ओपनिंग करना है, क्योंकि विराज के सभी होटल और क्लब में से ब्लैकबेरी बहुत ही बड़ा प्रोजेक्ट था और फाइनली आज वह कंप्लीट भी हो गया क्योंकि 3 ईयर से सभी लोग इस पर काम कर रहे थे, फाइनली आज उसका रिजल्ट देखने को मिल गया |



    फाइनली वन वीक के बाद उन्होंने एक डेट डिसाइड कर लिया कि वह ब्लैकबेरी की ओपनिंग करेंगे उसके बाद मैनेजर का सभी काम था कि बड़े-बड़े गेस्ट को इन्फॉर्म करना और पूरे न्यूज़ रिपोर्ट में यह न्यूज़ पब्लिश करना कि ब्लैकबेरी ओपनिंग होने जा रही है..!



    उसके बाद न्यूज़, मीडिया, मैगजीन जहां-तहां यह सारी खबर पहुंच जानी चाहिए वैसे तो इन सबको पहले से ही खबर था पर अब सभी को इनवाइट किया जाएगा |



    विराज ब्लैकबेरी से निकला तो सीधे द ग्रुप ऑफ़ गोदरेज ओम से मिलने उसके ऑफिस चला गया और वहां जाकर वह डिस्कशन करने लगा |



    यह दोनों दोस्त और भाई सब रिश्ता साथ में निभाते थे और काम भी एक दूसरे को शेयर किया करते थे |





    दोपहर का समय दोपहर में_


    News देखकर अब यह बात पूरे रिलेटिव में भी फैल गया था कि की विराज न्यू क्लब ओपनिंग कर रहा है उसकी मॉम को तो पहले से ही पता था |



    पर डेट सुनकर वह खुश भी हो गई और नाराज भी थी कि उनका बेटा इन दोनों होटल में ही रह रहा है, क्योंकि वह भी अपने बेटे को शादी करने के लिए फोर्स कर रही थी जिसके वजह से विराज घर आना ही छोड़ दिया |



    इस ब्लैकबेरी के ओपनिंग में कुछ लोगों को फ्री कार्ड दिए जा रहे थे, ताकि वे लोग भी आकर इंजॉय करे, यह उन लोगों को दिया जाता था जो बहुत ही मिडिल क्लास और कभी ऐसे बड़े होटल, क्लब नहीं जा पाते..!



    जो बड़े-बड़े कंपनियां है उनके एम्पलाइज को भी इनवाइट किया गया था ताकि वे लोग भी आकर इंजॉय कर सके, बट सभी को नहीं कुछ लिमिट्स में ही काट दिए जाते हैं...!



    मलाड कॉल सेंटर__


    इस सर्विस सेंटर में भी कुछ लिमिट में कार्ड दिए गए थे क्योंकि यह कंपनी बहुत बड़ी थी और अंदर जब टीम लीडर को बताया गया तो वह अपने एम्पलाइज को कुछ काम टारगेट दिया जाए, अगर वह टाइम के पहले वह काम कर लेंगे तो उन्हें यह कार्ड ब्लैकबेरी में जाने के लिए मिलेगा |



    यह सारी बात जब मधु की टीम लीडर ने उन्हें बताया तो वह सब खुश हो गई और उन्हें लिमिट से ज्यादा काम दिया गया ताकि वह काम पूरा कर सके और इस कार्ड को लेकर एक दिन इंजॉय करें..!



    मधु और उसके बगल में जो लड़की थी वह दोनों आपस में बातें करने लगी, कि जी - जान लगाकर काम करेंगी ताकि यह कार्ड का फायदा उठा सके और बिल्कुल वैसे ही हुआ |



    आज उन्हें कॉल करने का बहुत ज्यादा टारगेट दिया गया था और और सभी के सभी काम पर लग गए थे उन्हें भी पता था कि रोज के काम से आज उन्हें काम ज्यादा दिया गया है..!



    क्योंकि कार्ड बहुत लिमिट में थे वह हर किसी को नहीं दे सकते इसलिए उन्होंने उन्हें काम ज्यादा दिया ताकि जो समय से पहले अपना काम कंप्लीट करेंगे उसे यह कार्ड खुशी-खुशी दे दिया जाएगा



    6:00 बजते - बजते मधु और उसकी फ्रेंड रिया दोनों ने जी - जान लगाकर काम किया, यहां तक की दोनों ने एक बार भी अपनी नजर उठाकर ऊपर नहीं देखी..!



    वे दोनों बहुत बार वॉशरूम जाना skip कर दी पर उन्होंने अपनी टारगेट कंप्लीट किया और उन्हें 6:00 के बाद उनकी टीम लीडर ने ब्लैकबेरी क्लब में जाने की दो टिकट उन्हें दे दिये |



    दोनों बहुत खुश थी क्योंकि उन्होंने यह टिकट के लिए बहुत मेहनत किया और दोनों जीती और उन्हें ब्लैकबेरी में जाने का मौका मिला बल्कि उन्हें नहीं ऐसे बहुत सारे एम्पलाइज थे जिन्हें ब्लैकबेरी में जाने का मौका मिल गया |



    To be continue..

    (क्या लगता है आप लोगों को मधु का ब्लैकबेरी जाना ठीक रहेगा या नहीं..?)

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  • 14. After one weeks- Chapter 14

    Words: 1598

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब आगे _

    After one weeks

    देखते - देखते एक हफ्ता कैसे बीत गया पता ही नहीं चला, विराज तो इन दिनों काफी बिजी हो गया था क्योंकि यह काफी बड़ा प्रोजेक्ट था और काफी सालों से इस पर वह काम कर रहा था और फाइनली अब वह रेडी हो गया |



    और विराज नहीं चाहता था कि ब्लैकबेरी के ओपनिंग में कोई अड़चन या बाधा आए और ब्लैकबेरी की ओपनिंग के लिए इंडिया ही नहीं बल्कि देश-विदेश के लोगों को भी बुलाये गये थे | क्योंकि यह ब्लैकबेरी काफी एकड़ में फैली हुई थी और इसकी फैसिलिटी जो थी बहुत ही हाई लेवल की थी एकदम लग्जरियस मे से एक थी |



    आज ब्लैकबेरी की ओपनिंग थी तो सुबह से सभी लोग ब्लैकबेरी क्लब पर पहुंच गए थे यहां तक की काफी दिनों से उसकी डेकोरेशन चालू था |



    विराज की मॉम महिमा जी और उसके डैड श्रीकांत जी सभी लोग पहुंच गए थे, दूसरी तरफ़ गोदरेज फैमिली काशी जी, महेश जी वे सब भी आ पहुंचे |



    जय, रोशनी और दादा - दादी सब के सब वही दिखाई दे रहे थे ओम और भूमि वे दोनों लेट आए क्योंकि ओम को अपने ऑफिस में कुछ काम था इसलिए वह पहले ही कह दिया था कि उसे थोड़ा आने में लेट होगा |



    जब से भूमि की शादी हुई थी तब से मधु और भूमि में बहुत कम बातें हुआ, यूं कहा जाए तो एक दो बार ही बात हुआ होगा और बहुत ही कम..!



    भूमि को भी टाइम नहीं मिल पा रहा था और वही मधु दिनभर ऑफिस में रहती थी और शाम को घर आने के बाद वह थक जाती थी दिन भर कॉलिंग कर करके उसके मुंह में दर्द होने लग जाता था..!



    पर घर की कंडीशन खराब होने की वजह से बेचारी को कॉलिंग का काम करना पड़ रहा था |



    मधु जब ऑफिस पहुंची तो रिया उछलते हुए एकदम उसके करीब आकर बोली_" सुन तुने न्यूज़ देखा ब्लैकबेरी की ओपनिंग चालू हो गया है बड़े-बड़े गेस्ट आए हुए हैं, पर अपनी किस्मत इतनी अच्छी कहा हमें तो रात को जाने को मौका मिला, क्योंकि 6:00 बजे तक हमें अपनी ड्यूटी कंप्लीट करना है..! "



    मधु भी खुश होते अपना सिर हा में हिलाते हुए बोली_" कोई बात नहीं वैसे भी हम दिन में जाकर क्या ही करेंगे, हम थोड़ी ना उनके घर के गेस्ट हैं, वैसे भी मजा तो रात में ही आएगा नाच-गाने, खाना-पीना..! "



    इस वक्त दोनों के चेहरे पर खुशियां साफ झलक रही थी, रिया मधु को एक नजर ध्यान से देखी क्योंकि उसने आज लाइट ब्लू कलर की जींस और उसके साथ ब्लैक कलर की टॉप पहनी थी |



    जो ऑफिशल वर्क के लिए काफी सूटेबल दिख रहा था और वह उसमें अच्छी भी दिख रही थी, रिया आगे बोली_" पार्टी में जाने के लिए तूने अच्छा ड्रेस तो लाया है ना..? "



    रिया का इतना कहना कि मधु उसके तरफ देखते हुए बोली_" कैसा ड्रेस मुझे नहीं समझ में आ रहा है..? "



    मधु का इतना नादान चेहरा देख रिया अपने माथे पर चपाट मारते हुए कहा _" तू क्या कभी पार्टी-वार्टी मे गई है कि नहीं..? ऐसी पार्टी में तू क्या साड़ी पहन कर जाएगी..! "



    रिया का इतना कहना की मधु बोली _" पहली बात तो हम रात को जाने वाले हैं, और दूसरी बात पार्टी वेयर के लिए मेरे पास ऐसा कोई ड्रेस नहीं है क्योंकि इससे पहले कि मैं कभी पास ही वगैरा की नहीं है तो मेरे पास वैसे ड्रेस नहीं है..! "



    रिया और मधु में अब काफी अच्छा बॉन्ड बन गया था और उसे भी पता चल गया था कि मधु के घर की फाइनेंशियल प्रॉब्लम है..!



    रिया आगे बोली_" वैसे मैंने अपने बैग में ड्रेस दो लेकर आई हूं मैं सोचती थी तुम लोगों को पूछूंगी दोनों में से कौन सा पहनू..? तो अभी उसमें से एक तू पहन लेना..! "



    यह सुन मधु उसे मना करने लगी कि वह ऐसे ही ठीक है ऐसे ही जाएगी पर रिया कहां मानने वाली, भला वो मधु को इस तरह कैसे पार्टी अपने साथ लेकर जा सकती है..!



    मधु भी उसकी बातें मान गई, वे दोनों अपने काम करने में बिजी हो गई..!




    दोपहर का वक़्त _ blackberry club

    ब्लैकबेरी के बाहर एक से एक लग्जरियस कार रुकी थी और ब्लैकबेरी के अंदर बड़े से बड़े गेस्ट आए हुए थे, यहां तक की इसके अंदर जो अनाउंसमेंट हो रहा था वह बाहर काफी दूर तक सुनाई दे रहा था कि ब्लैकबेरी के ओपनिंग में कौन-कौन से गेस्ट आए हुए हैं, मीडिया प्रेस जहां-तहां सिर्फ ब्लैकबेरी की ही न्यूज़ फैलाई हुई थी |



    विराज आए दिन चर्च में रहता था क्योंकि उसके एक होटल नहीं न जाने कितने होटल, क्लब थे और पूरे इंडिया में वह 70%-80% होटल उसके ही थे और वह उसका मालिक था |



    सबकी जुबां पर गोदरेज फैमिली और कोठारी फैमिली का ही नाम था कि 8 दिन पहले गोदरेज फैमिली के घर में शादी था, और 8 दिन के बाद कोठारी फैमिली ने धमाकेदार परफॉर्मेंस दिया है और यह बात सही था |



    कोठारी फैमिली और गोदरेज फैमिली के हर एक मेंबर इतने अच्छे से रेडी होकर आए थे, भूमि भी आज बहुत महंगी और हैवी साड़ी पहनी हुई थी और उसी से मिलता जुलता उसके मेकअप आर्टिस्ट ने उसका मेकअप किया था |



    रोशनी, विधि सब एक से एक कपड़े पहने थे बल्कि मीडिया प्रेस की नजर ही उन पर ही था | सबसे पहले वहां पर पूजा हुआ और ओम भूमि की नई शादी हुई थी जिसके वजह से उन्हें पूजा में बिठाया गया पूजा खत्म होते ही..!



    दोपहर में जैसे ही ब्लैकबेरी का ओपनिंग हुआ कि पटाखों की शोर से सभी को पता चल गया यहां तक की आसपास के इलाकों में भी समझ गया |



    करीब शाम 6:00 बजे तक ओपनिंग का सिलसिला चलता रहा बड़े-बड़े जो गेस्ट आ - जा रहे थे, वह सब विराज को बधाइयां देने लगे विराज ने ऊपर स्टेज पर जाकर कुछ स्पीच दिया कि वह अपनी कामयाबी को लेकर चार लाइन बताया |



    वह कितना मेहनत करता है और किसी भी चीजों को ज्यादा टेंशन लेकर नहीं करता पर जिस चीज को पाने के लिए ठान ले वह किए बगैर ही रहता है..!



    उसकी बातें सुनकर बहुत लोग मोटिवेट हो रहे थे कि सच में वह अपनी उम्र के हिसाब से बहुत कामयाबी के बुलंदी पर चढ़ चुका है बहुत से ऐसे लोग भी थे जो उसे जल रहे थे, तो उससे भी ज्यादा पब्लिक उसे खुश हो रही थी |



    मीडिया प्रेस पूरे ब्लैकबेरी की पिक्चर्स वहां के स्टाफ वहां की सारी फैसिलिटी सब न्यूज़ पर बता रही थी |



    6:10 पर गोदरेज फैमिली वहां से निकली क्योंकि आज पूरा दिन वहीं रहकर सब लोग अब थक चुके थे वैसे भी अब सब ओपनिंग हो हो गया था सभी ने एंजॉय किया, अगर उन्हें कभी पार्टी वगैरा करने का मूड रहेगा तो वह यहां कभी भी आ सकते हैं क्योंकि यह भी तो उनका अपना ही है..!



    थोड़ी देर के बाद कोठारी फैमिली भी वहां से निकली सभी लोग चले गए पर विराज वहीं रुका था क्योंकि ऐसे कुछ गेस्ट भी थे, जो अभी तक आए नहीं थे जो आ रहे थे..!



    आज से तो ब्लैकबेरी ओपन ही हो गया था और हमेशा ओपन ही रहेगा |






    वहीं दूसरी तरफ मलाड कॉल सेंटर_

    मधु और रिया और बाकी की लड़कियां जिन लोगों को ब्लैकबेरी में एंट्री करने का टिकट मिला था | वे सब 6:00 बजाते ही अपनी जगह से उठी और वॉशरूम में गई और वहां जाकर वे सभी रेडी होने लगी |



    रिया एक ब्लैक ड्रेस लाई थी तो दूसरा ब्राउन कलर का, जो ब्राउन कलर का था वह बहुत ही स्ट्रेचेबल था, तो वही ब्लैक वाला शॉर्ट फ्रॉक था |



    रिया ने मधु से पूछी की तुझे इसमें से कौन सा चाहिए..?



    जो सुनकर मधु बोली _" तेरा जो दिल करे तू पहले ले ले, मुझे दोनों में से कोई भी चलेगा..! "



    रिया ने ब्राउन कलर का ड्रेस ले ली और ब्लैक फ्रॉक मधु को दे दी, मधु ने जब वह फ्रॉक पहनी तो उसकी घुटने के ऊपर तक वह फ्रॉक आ रहा था |



    सच में इस ड्रेस में हुआ है वह छोटी सी गुड़िया लग रही थी बहुत ही प्यारी ड्रेस थी और इस ड्रेस में वह भी बहुत प्यारी लग रही थी |



    रिया को तो ऐसी ड्रेस पहनने की आदत है उसे पर तो कोई भी ड्रेस जच जाता सभी लोग जल्दी-जल्दी रेडी हो गए उसके बाद उन्होंने कैब बुक किया अब टाइम भी 7:00 बज गया था |



    बाकी की जो लड़के और लड़कियां थी वह आगे निकल गए और एक कैब में यह चार लड़कियां एक साथ बैठी जिसमें रिया और मधु भी थी |



    करीब 40 मिनट के बाद वह सभी ब्लैकबेरी पहुंच गई अब टाइम 7:45 हो रहा था और चारों तरफ अंधेरा छा गया था, पर ब्लैकबेरी के सामने या उसके अंदर लाइट की रोशनी से वह जगमगा रही थी |



    और डीजे डेकोरेशन देखकर ही पता चल रहा था कि धमाकेदार ओपनिंग हुआ है पहले तो उन चारों ने बाहर ही फोटो निकाल जहां पर फूलों से बहुत बड़ा वेलकम लिखा था |



    मधु धीरे से रिया के कान में फुसफुसाते हुए बोली _" बाहर से ही ऐसा नजारा है तो अंदर कैसा होगा..? "



    रिया भी हंसते हुए बोली _" तू सही कह रही है अंदर तो धमाका होगा..! "




    चारों हंसने लगी और जैसे में गेट पर पहुंची तो वहां पर गॉड्स लोगों का वेलकम कर रहे थे, जो देख उन लोगों को भी एक पॉजिटिव एनर्जी आने लगा और इसी के साथ चारों ने अंदर एंट्री कर ली..!





    To be continue...

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  • 15. Drink, Dance, नशा - Chapter 15

    Words: 1543

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब आगे _

    मधु और रिया दोनों क्लब के अंदर एंट्री की और जैसे उन्होंने अंदर का नजारा देखा जो बड़े-बड़े लाइट लगे थे |



    जो बंद चालू बंद चालू हो रहे थे, उन दोनों के होठों पर बड़ी वाली स्माइल आ गया | दोनों एक- दूसरे का हाथ पकड़ के अंदर जाने लगी उन्हें ही नहीं समझ में आ रहा कि किस साइड कहां जाए..? क्या खाएं..? क्या देखें..?



    वे दोनों इतनी खुश थी कि उन्हें आसपास कुछ भी नजर नहीं आ रहा, रिया ने ऐसे पार्टी से पहले भी अटेंड की है तो उसे पता था कि पार्टी में कैसे जाते हैं, और पार्टी में क्या-क्या होता है..!



    उन दोनों का दिल तो कर रहा था कि इस क्लब के मालिक को एक बार देखे, पर वह कोई मामूली इंसान थोड़ी ना था जो उन्हें इतनी आसानी से दिख जाएगा |



    उनके साथ जो बाकी लड़कियां थी वह भी पार्टी में मिक्स हो गए, पर यह दोनों अभी भी खड़ी थी | तभी रिया की नजर बार काउंटर पर गया जो देख उसकी आंखे फटी की फटी रह गई..!



    क्योंकि सामने जो बार काउंटर था, वह कोई छोटा नहीं है बल्कि बहुत बड़ा था और जो बार काउंटर के अंदर लड़के ड्रिंक बना रहे थे वह एकदम हॉट और यंग देख रहे थे |



    रिया ने मधु का हाथ पकड़ के बाहर काउंटर के पास लेकर गई और बोली_" तू कौन सा ड्रिंक लेगी..? "



    सामने बार काउंटर देखकर मधु थोड़ी परेशान हो गई क्योंकि उसे तो सिर्फ यही पता था कि शराब आदमी लोग पीते हैं, और इससे नशा भी होता है वह तुरंत उसका हाथ हटाते हुए बोली_" मुझे पता नहीं था कि बेवडी है, और क्या - क्या नशा करती है तू..! "



    मधु की बातें सुन रिया उसे अपनी कोहनी से हल्का मारते हुए बोली_" यार मेरी इतनी भी बुरी आदत नहीं है, यह सब तो बड़ा है हर कोई करता है इसमें कौन सी बड़ी बात है..! "



    यह सुन मधु तुरंत बोली_" पर मैं तो नहीं करती हूं, और नाही कभी की और नाही कभी करूंगी..! "



    रिया मुंह बनाते हुए बोली _" मुझे पता ही था तो कुछ ऐसा ही कहेगी पर मैं तुझे ड्रिंक करने के लिए थोड़ी ना कह रही हूं, टेस्ट तो कर ही सकती है, ना चल ज्यादा नहीं बस एक चम्मच पी लेना और यह मत कहना कि तुझे आम का जूस चाहिए यहां बच्चों वाली चीज नहीं मिलती..! "😅



    इतना बोल रही है जोर-जोर से हंसने लगी, के तब तक बाकी की लड़कियां भी बार काउंटर पर आ गई और सभी रिया और मधु को भी कहने लगी कि वह कौन सा ड्रिंक ले रही है..?



    इतने ब्रांडेड ड्रिंक फ्री में रखे हुए हैं और आज वे लोग जी भर के इंजॉय करने वाली थी | वही नहीं बल्कि बाकी के लोग भी फुल एंजॉय कर रहे थे |


    मधुरिया और बाकी की लड़कियां ध्यान से ड्रिंक के नाम पढ़ने लगी क्योंकि जो बार काउंटर का सेटअप बनाया था वहां पर एक से एक ब्रांड रखे गए थे इंडियन कॉकटेल अनगिनत ब्रांडेड ड्रिंक रखे गए थे मधु तो ध्यान से एक-एक का नाम पढ़ने लगी |


    Rum,
    Vodka,
    Beer,
    Whiskey,
    Cognac,
    Royal challenge,
    Royal stage,
    Brandy,
    Kingfisher,
    Baileys,
    Compari,
    Old monk


    ऐसे न जाने कितने ब्रांड वहां पर रखे थे और उनके टेस्ट कैसे हैं उसे तो बिल्कुल भी पता, फिर भी उन लोगों के फोर्स करने पर उसने बियर लिए तो वही रिया ने अपने लिए वोडका ऑफर की और बाकी की लड़कियों ने भी अलग-अलग ट्रेन का ऑफर देने लगे जैसे Rum व्हिस्की..!



    उन लोगों ने हर टाइप का टेस्ट करने का डिसीजन लिया क्योंकि उन्हें ऐसा मौका दोबारा कभी नहीं मिलेगा फ्री में इतना ब्रांडेड ड्रिंक करने के लिये..!



    15 मिनट उन्हें ड्रिंक करने में लगा | उसके बाद भी सभी फ्लोर पर जाकर डांस करने लगी यहां तक की मधु की डांस कर रही थी अब जाकर उसके अंदर का जो शैतान जाग गया |



    वह भी झूम- झूम के नाचने लगी पर भला ऐसा हो सकता है जहां लड़कियां अकेली डांस करती हो और लड़के उन्हें परेशान ना करें, बिल्कुल नहीं..!



    भला कौन लड़का अकेली लड़कियों को अकेले डांस करते देख सकता है, एक - दो लड़के तो जानबूझकर उन्हीं में मिक्स हो रहे थे जो कि मधु को बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रहा था |



    रिया को पता था कि पार्टी- वार्टी में यह सब चलता है हर कोई कहीं भी नाचने लग जाता है, इसलिए वह ज्यादा रिएक्ट नहीं कर रही थी पर मधु कहीं न कहीं रिएक्ट करती..!



    वह हर घड़ी थोड़ा साइड - साइड होने लगी, लड़के उन्हीं मे मिक्स होने की कोशिश कर रहे थे |



    यह सिलसिला काफी देर तक चलता रहा उसके बाद रिया मधु और दो लड़कियां डांस फ्लोर से बाहर निकली और वापस बार काउंटर पर चली गई..!



    अब रात के 10:00 बज रहे थे, उन्होंने वापस  ड्रिंक ट्राय करना चालू किया | रिया तो बहुत ज्यादा ड्रिंक करने लगी थी तो वही मधु बहुत कम कर रही थी क्योंकि उसे घर भी तो जाना था |



    पर कहीं न कहीं दोस्तों की असर पड़ी जाता है जैसे आज उसे रिया की हवा से लग गया | करने की वजह से भी लोग थक चुकी थी और अब ड्रिंक करने लगी ड्रिंक करने के बाद थोड़ी देर के बाद वापस वो लोग डांस फ्लोर पर जाकर पूरे जोश में डांस कर रही थी |



    और डीजे का वॉल्यूम बहुत ज्यादा हाय था, जिस पर डांस करना तो बनता था हॉलीवुड, बॉलीवुड सॉन्ग मिक्स प्ले चालू थे, यहां तक की सिंगर भी आए हुए थे और उनके सिंगिंग करने पर लड़के लड़कियां झूम कर नाचना चालू कर दिये |



    अब तो कोई भी डांस करने से खुद को रोक नहीं सकता, सब के सब अपने- अपने जोश में डांस करना चालू कर दिए, करीबी है 2 घंटा और डांस करते रहे जब तक कि उनके पैरों में दर्द आपका असर महसूस नहीं हुआ..!



    तब तक वे लोग डांस करते रहे मधु तो पूरे पसीने से लथपथ हो चुकी थी और थक भी गई, तो मधु रिया का हाथ पकड़ के बाहर चलने के लिए बोली, बल्कि रिया भी थक चुकी थी और ड्रिंक करने की वजह से झूम रही थी उसे ठीक तरह से डांस भी करने नहीं आ रहा था |



    जब भी दोनों बाहर निकली तो रिया ने वापस व्हिस्की दो ग्लास पी लिए, जो देख मधु उसे पर गुस्सा करने लगी वह वापस भीड़ में जाकर बाकी लड़कियों को चलने के लिए कहने लगी|



    जो अभी भी डांस कर रही थी तो उन्होंने माना करते हुए कहा कि और 5 मिनट तो मधु रिया का हाथ पकड़ के साइड में खड़ी ताकि वे लड़कियां जब आएंगी तो सब साथ में कैब बुक करके घर चली जाएंगी |



    वही ऊपर टॉप फ्लोर पर एक लग्जरियस VIP रूम में विराज किसी फॉरेनर से बातें कर रहा था | यह कोई उसका बिजनेस पार्टनर था और उसे ढेर सारा बधाइयां दे रहा था और विराट उसे अपने विप रूम में इसलिए लेकर गया था क्योंकि यह क़रीबी कोई दोस्त था |



    वे दोनों काफी देर से बातें कर रही रहे, उसके बाद विराज उन्हें  छोड़ने के लिए नीचे तक आया |



    विराज का जितना भी होटल, क्लब था हर इसमें उसके लिए विप रूम और ऑफिस बना ही होता था | जब भी टाइम मिलता था वह किसी न किसी होटल क्लब में जाया करता था |



    पर ज्यादातर तो वह Wisdsom होटल में ही stay करता था क्योंकि ब्लैकबेरी अभी-अभी रेडी हुई थी, पर इसके पहले Wisdom होटल ही सबसे बड़ी होटल थी |



    विराज और उसके दोस्त वैसे तो विप साइड से ले जाता, पर विराज उन्हें एक झलक दिखाना चाहता था जिसकी वजह से वह सब उसी रास्ते से आरहे थे जहा मधु रिया के साथ खड़ी थी |



    विराज और उसका दोस्त दोनों बातें करती आ ही रहे थे, विराज हर एक क्लब का पॉइंट उसके साथ डिस्कशन कर रहा था कि उसने ब्लैकबेरी को एकदम अलग और डिफरेंट टाइप का बनाया है ताकि यहां और भी गेस्ट आ सके..?



    वह बातें करते-करते जैसे मधु रिया के पास पहुंचने वाला था कि उतने में मधु उस भीड़ में वापस उन लड़कियों को बुलाने चली गई..!



    वह उनके पास जाकर उन्हें चलने के लिए कहने लगी पर वह लड़कियां और 5 मिनट रुकने के लिए कह रही थी |



    मधु ने उन्हें धमकी देती है बोली_" अगर वह 2 मिनट में बाहर नही आई तो और रिया को लेकर वहा से चली जाएगी | "



    पर वह लड़कियों ने रिक्वेस्ट करते हुए लास्ट सिर्फ 5 मिनट और रुकने के लिए कहने लगी |



    मधु मुंह बनाते हुए वापस वापस बाहर आने लगी कि उस भीड़ मे एक लड़का उसके गालों को उंगली से टच किया कि मधु का खून उबल गया, गालियां देते हुए उसे भीड़ में से बाहर निकली |



    रिया नशे में होने की वजह से ठीक तरह से खड़ा नहीं हो पा रही थी, वह जैसी गिरने वाली थी कि विराज ने उसकी बाहें पकड़ कर उसे संभाल लिया |



    विराज कहीं और होता तो ऐसा करता नहीं पर यह क्लब उसका है आए हुए लोग उसके गेस्ट है, वह तुरंत उसका हाथ पकड़ पास में ही एक चेयर पर उसे बिठाने की कोशिश करने लगा |





    To be continue...

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  • 16. थप्पड़, किडनैपिंग /यह लड़की क्लब से बाहर नहीं जानी चाहिए - Chapter 16

    Words: 1599

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब आगे _

    मधु गुस्से में तिलमिलाते हुए जा रही थी और जैसे उसकी नजर रिया गया उसे तो कुछ और ही लगा और वह इतनी गुस्से में तेजी से चलते हुए उसके पास जाकर पहुंची और विराज का हाथ पकड़ अपने तरफ घुमाई और बिना सोचे समझे एक थप्पड़ उसके गालों पर जड़ दी..!



    एक तो पहले ही मधु उस लड़के ने उसके गाल पर टच किया तो वह बौखला उठी थी और जैसे उस भीड़ में से निकली और यह सामने का नजारा देखी तो मानो पागल होने के कगार पर आ गई..!



    उसे तो यही लगा कि रिया को अकेली और नशे में देख यह लड़का उसका फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है जो बिना पूछे- जांचें है उसने उसके ऊपर हाथ उठा दी..!



    थप्पड़ पडने की वजह से विराज का चेहरा दूसरी ओर झुक गया वही जो उसका दोस्त थोड़ा पीछे खड़ा था वह भी शाॅक्ड हो गया |



    बल्कि विराज का बॉडीगार्ड बादल वह तो यह देख मानो डर के माले कांपने लगा कि अब क्या होगा..? क्योंकि पागल लड़की ने सोए हुए शेर को ललकार है अब जो आँधी - तूफान आएगा उसकी जिम्मेदार वह खुद होगी..!



    वही विराज तुरंत अपने गालों को छुकर देखा और जैसे अपनी नजर उठाकर मधु के तरफ देखा कि उतने मे रिया ताली बजाते हुए हंसने लगी और उसको हंसता देख विराज को अपना अपमान तो महसूस हुआ..!



    मधु उंगली पॉइंट करते हुए बोली_" अब कैसा लगा..? ऐसे घूर के क्या देख रहे हो... अकेली लड़की को देख तुम्हारी नियत खराब हो गई, अब कैसा लगा थप्पड़ पड़ने पर... तुम लोग ना इसी लायक हो..! "



    विराज गुस्से में तिलमिला उठा और वह जैसे अपना हाथ आगे बढ़ाया की उसका गार्ड बादल ने उसे रोक लिया और धीरे से फुसफुसाते हुए कहा _" चारों तरफ कैमरा है और यहां मीडिया भी है अगर आपने कुछ भी किया तो प्रॉब्लम हो सकता है..! "



    पर मीडिया की नजर अभी तक उन पर नहीं गया था क्योंकि विराज ऊपर से जब नीचे आया तो किसी को पता नहीं चला | अगर सभी को पता चलता तो मीडिया जरूर उसे आगे- पीछे से घेर लेती, पर मीडिया तो अभी बाहर गेट के पास खड़ी होकर आ रहे हैं आ रहे जा रहे गेस्ट के बारे में बता रही थी की फर्स्ट डे कितने गेस्ट यहां पर आए है..!



    विराज जिस तरह मधु को घूर कर देख रहा था, मानो वह उसे जान से खत्म कर देना चाहता हूं.. रिया तो हंसने लगी क्योंकि ड्रिंक जो  इतना कर रखी थी और उसकी हंसी देख विराज को अपना अपमान लगने लगा |



    विराज के गालों पर थप्पड़ पडते, कुछ लोगों ने ही देखा था और नशे में होने की वजह से किसी ने ध्यान नहीं दिया कि यह है विराज है..!



    विराज अपने गार्ड बादल से कहा_" यह लड़की इस क्लब से बाहर नहीं जानी चाहिए..! "



    इतना बोल विराज तेजी से क्लब से बाहर निकला और पार्किंग एरिया में आ गया था | उसने एक बार फिर से अपने गालों को छूकर देखा और अपनी पूरी ताकत लगाकर गाड़ी पर पंच दे मारा..!



    इस वक्त इतना गुस्से में था अगर कोई उससे बात करने गया तो वह उस पर ही गुस्सा निकाल देगा, जिसके चलते उसके गॉड्स भी साइड में खड़े थे उनकी हिम्मत नहीं हुआ कि वह विराज को कुछ कहे..?



    बादल अपने साथ उसकी दोस्त को बाहर लेकर आया था और भी दोनों कार में बैठे विराज की दोस्त ने उसे शांत होने के लिए कहा, पर विराज इस तरह शांत कैसे हो सकता है..!



    वही बादल ने अंदर जाकर जिन लोगों ने देखा था उन लोगों को धमकी दिया वैसे ज्यादा किसी ने देखा नहीं था सिर्फ स्टाफ के कुछ लोगों ने ही देखा..!



    बादल का मोबाइल रिंग किया और जैसे उसने कॉल रिसीव किया कि विराज ने उसे कुछ कहा और तुरंत कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया |



    पर यह सब कमरे में रिकॉर्ड हो  हुआ था कि बाकी के लोगों की नजर नहीं गया और डीजे के आवाज के शोर से थप्पड़ की आवाज किसी ने सन नहीं पाया जो पास के स्टाफ ड्रिंक बना रहे थे बस उन्होंने ही देगा |



    इधर क्लब के अंदर मधु को अभी भी विराज के ऊपर गुस्सा आ रहा था उसे तो यही लगा कि वह उसकी फ्रेंड को छेड़ रहा था कि उतने में लाइट चला गया और इसी बीच में मधु भी गायब हो गई..!



    और जब लाइट आया तो रिया वहां अकेली खड़ी थी और 5 मिनट के बाद उसकी बाकी की जब रिया के पास आई तो वह मधु के बारे में पूछने लगी पर मधु तो वहां थी ही नहीं..!



    बाकी की लड़कियां अब परेशान होने लगी, रिया तो नशे में दूत थी, उसे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा वह तो बस हंस रही थी तो कभी झूम रही थी |



    ऐसे ही देखते-देखते घंटे बीत गये पर मधु का पता नहीं चला अब तो बाकी लड़किया परेशान हो गई और उसमे से एक लड़की ने उसे कॉल भी कर रही थी  |



    रिंग तो जा रहा था पर कॉल वो रिसीव नहीं कर रही, जो देख सब परेशान हो गई..!



    उसमे से एक लड़की ने दूसरे लड़की से बोली_" कहीं ऐसा तो नहीं, यह लड़की किसी लड़के के साथ चली गई हो..? "



    उस लड़की की बातें सुन दूसरी लड़की उसे घूर कर देखते बोली_" तू क्या पागल हो गई है, एक बार मैं तुझ पर यकीन कर लूंगी कि तू ऐसा कर सकती है.. पर मधु पर बिल्कुल भी नहीं..! "



    यह सुन वह बोली_" इतना भरोसा है तूझे उस पर..! "



    जब उन दोनों ने घड़ी में टाइम देखा तो अब रात रात के 12:35 हो रहा था, यह देख तो दोनों दंग हो गई, पर मधु का कोई पता नहीं चला कि वह कहां है..? और तो और वह कॉल भी नहीं उठा रही..!



    सबसे पहले दो लड़कियां पूरे क्लब के अंदर चेक करने लगी कि कहीं रिया बैठ गई होगी या गुस्से से वह बाहर आ गई होगी उन्होंने बाहर भी आकर सब जगह चेक की, पर मधु उन्हें कहीं नजर नहीं आई जो देख उनकी परेशानी और बढ़ने लगा |



    रिया नशे में होने की वजह से एक चेयर पर बैठे ही सो गई, जो देख एक लड़की बोली_" अब हमें यहां से निकलना होगा..! "



    इतना बोलकर वे लड़कियां रिया का हाथ पकड़ के क्लब से बाहर निकली, सबसे पहले कैब बुक किया और आपस में बातें करने लगी कि अगर मधु मिली नहीं तो उन्हें पुलिस कंप्लेंट करना होगा..!



    तो उसमें से दूसरी लड़की ने कहा कि पुलिस वाले इतना जल्दी कंप्लेंट एक्सेप्ट नहीं करते, और तो और उन्हें यही लगेगा कि यह लड़कियां बिगड़ी हुई है जो इतनी रात को पार्टी कर रही है, वह तो हम पर ही शक करेंगे..!



    ऐसे ही सब बातें करते हुए कैब में बैठकर वहां से निकल गई उन्हें इस बात का भी टेंशन था कि मधु की मॉम उसका इंतजार करती होगी, पर उन्हें मधु कहीं दिखाई नहीं दी..!




    दूसरी तरफ क्लब के एक रूम में_


    मधु को एक कमरे में रखा गया था वह इस वक़्त बेहोश थी, जब क्लब में लाइट गया तब गार्ड ने उसके मुह पर रुमाल मे नशे की दवाई मिलाकर सूंघा दिया था |



    तभी गार्ड को विराज का कॉल आया, अपने बॉस का कॉल देख बादल ने तुरंत रिसिव किया |



    कॉल के दूसरी ओर से विराज अपनी रौबदार आवाज में बोला_" उस लड़की को Wisdsom hotel लेकर आओ, क्योंकि उसका हाथ मैं खुद अपने हाथों से तोड़ने वाला हूं..! "



    विराज का आर्डर पाते ही बादल ने मधु को उठाकर क्लब के दूसरे साइड से बाहर निकला और कार में उसे लेटा दिया, और Wisdsom hotel के लिए निकल पड़े |



    करीब एक घंटे के बाद गार्ड ने मधु को विराज के बेडरूम में ले जाकर लेट दिया और जाके विराज को इन्फॉर्म कर दिया |



    विराज कुछ देर के बाद अपने कमरे में आया तो देखा उसके बेड पर पेट के बल वहीं लड़की सोई हुई है, उसे अपने बेडरूम और बेड पर देख विराज का खून खौल उठा |



    विराज एकदम से बेड के पास आया और वह उसकी हालत देखकर ही पहचान गया है कि यह लड़की इस वक्त बेहोश मे है, और वह उसे ऐसे समय में सजा नहीं दे सकता क्योंकि विराज एक बेरहम इंसान था |



    विराज तिलमिलाते हुए कमरे से बाहर निकला और सीधे गार्ड के चेहरे पे ज़ोरदार पंच दे मारा, उसके ऐसे मारने से गार्ड तुरंत नीचे फ्लोर पर गिर गया |



    विराज दांत पीसते हुए गार्ड पर चिल्लाती कहां _" तुम्हारी हिम्मत कैसे हुआ, उस लड़की को मेरी बेडरुम में ले जाने के लिए..? मेरे बेड फिर से सुलाने के लिए..? बोलो..! "



    गार्ड जो फ्लोर पर गिरा था वह डर के माले दोनों हाथ जोड़ माफी मांगते हुए बोला_" बॉस मुझे माफ कर दीजिए मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गया.... मैं अभी इसी वक्त उन्हें कहीं किसी और रूम मे शिफ्ट कर देता हू ..! "



    ये सुन तो विराज बौखला उठा और बादल को आवाज देकर बुलाया फोन पर किसी से बात कर रहा था वह जल्दी से भागते हुए आया उसने भी यह नज़ारा देख डर गया |



    विराज तेज आवाज में बादल से कहा _" इसे अभी इसी वक़्त दफा करो वारना..? "



    विराज का आर्डर पाते ही बादल , उसे गार्ड को अपने साथ वहां से लेकर बाहर निकाल..! बादल के कहने पर ही दूसरे गार्ड ने मधु को उसके कमरे में लेकर गया था |



    वही विराज मधु के उठने का इंतजार करने लगा कि कब वह होश में आए ..? तब तक तो वह चैन से रह नहीं सकता |








    To be continue...

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  • 17. विराज का मधु के साथ जबरदस्ती करना - Chapter 17

    Words: 1596

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब आगे _

    अगली सुबह _Wisdsom hotel

    सुबह के 7:00 अब जाके मधु की आंखें खुला और वह अपने सिर को पकड़ के धीरे-धीरे आंखें खोली तो उसे यहां कुछ नया ही दिखाई देने लगा जो कि वह पूरी तरह आंखें खोल नजर घुमाई..!



    तो उसे सीलिंग और साइड का फर्नीचर दिखाई दे रहा था और वह यह सब देख हडबडा के उठकर के बैठ गई, वह सब कुछ नया देख अपने एक हाथ से सिर पकड़े उठने की कोशिश की पर उसके सिर में काफी ज्यादा दर्द हो रहा था फिर भी बड़ी हिम्मत करके बैठी..!



    वह इस कमरे को देख समझ गई कि वह अपने घर पर नहीं है बल्कि कहीं और है, वह बेड पर से उठने की कोशिश करने लगी पर बेचारी के सिर में दर्द हो रहा था |



    वह जल्दी से उतरी और भागते हुए दरवाजे के पास गई पर दरवाजा पीटने लगी, पर बाहर से बंद था जो देख मधु लगातार उसे चिल्ला रही थी प्लीज हेल्प मी, प्लीज दरवाजा खोलो..! "



    मधु दरवाजे जोर-जोर से पीट रही थी साथ ही साथ में यह भी चिल्ला रही थी_" प्लीज दरवाजा खोलो कोई है प्लीज.. प्लीज.. दरवाजा खोलो,  कोमल, निशा विधि कहां हो तुम लोग क्या तुम्हें मेरी आवाज सुनाई दे रहा है प्लीज दरवाजा खोल..! "



    मधु लगातार 10 मिनट चिल्लाती रही पर बाहर से किसी ने भी दरवाजा नहीं खोला अब वह हार मानकर वापस बेड के सामने सोफ़े चेयर लगा था उस पर बैठ गई और उस कमरे को हर एक चीजों को गौर से देख रहे थे |



    मधु सोचने लगी कि आखिर उसकी फ्रेंड गई तो गई कहां..? और वह इस वक्त कहां है..? किसके घर में है..? वह चारों तरफ अपनी नजर फेर रही थी पर उसे कुछ भी ठीक तरह से समझ में नहीं आया |



    आधे घंटे तक यूंही चिल्लाती रही दरवाजे पर जोर-जोर से पीट रही थी पर कोई दरवाजा खोला नहीं, जो देख अब जोर-जोर से रोने लगी



    वहीं दूसरे रूम में विराज अपने लैपटॉप में यह नजारा देख रहा था | अब उसके चेहरे पर एक शातिर स्माइल आ गया | कुछ तो उसके दिमाग में चल रहा था.. पर क्या चल रहा था... यह किसी को नहीं पता..?



    विराज मंद- मंद मुस्कुरा रहा था कि तब तक दरवाजा खटखटाने की आवाज आया विराज बिना लैपटॉप बंद किए कमिंग बोला..!



    दरवाजा खुला और वेटर हाथ में ट्रे लिए अंदर आया | वेटर ट्रे
    टेबल पर रखते हुए कहा _" बॉस आपकी काॅफी..! "



    कॉफी का नाम सुनते ही विराज सर्वेंट के तरफ देखा और बोला_" कॉफी यहां से लेकर जाओ... इसका टेस्ट में बाद में करूंगा..! "



    विराज का इतना कहना कि वेटर झुक कर वापस ट्रे उठाया और वहा से जाने को मुड़ा कि विराज वापस बोला _" सुनो..! "



    उसकी आवाज़ सुन वेटर रुका, पीछे पलटा अपनी नज़रे झुकाए कहा _" जी बॉस..! "



    " फॉरेन बादल को मेरे पास भेजो..! "



    उसका इतना कहना कि वेटर अपना सिर हा में हिला कर वहां से चला गया और जाते ही बदल को इन्फॉर्म किया |



    थोड़ी देर के बाद जब बादल उस रूम में गया तो विराज ने सख्त आवाज में वार्निंग देते हुए कहा_" अगर कोई मुझसे मिलने आए तो उससे साफ-साफ मना कर देना कि मैं यहां नहीं हूं और सभी गार्ड्स को यहा से जाने को कह दो, जब तक मैं ना कहु तब तक किसी को इस कमरे के आस-पास आने मत देना...! "



    विराज का आर्डर सुनकर बादल अपना सिर हाँ में हिला दिया और वहां से चला गया और बाहर आते ही उसने सभी बाकी गार्ड्स को होटल से बाहर जाने के लिए कह दिया |



    अगर वह नहीं जाते तो सबको पता चल जाता कि विराज यही है और विराज आज के दिन खुद को हाइड करना चाहता था |



    विराज उस रूम से बाहर निकाला और सीधे अपने रूम के तरफ बढ़ा, जैसे उसने दरवाजा खोला कि अंदर मधु जो नीचे फ्लोर पर बैठ रो रही थी वह तुरंत नज़र उठा के उपर देखी..!



    विराज पूरा दरवाजा खोलकर अंदर आ गया | मधु की नज़र जैसे उस पर गया मानो उसकी सांसे गले में ही अटक गया | उसकी धडकने धक-धक करने लगा |



    विराज ने दरवाजा बंद किया और कदम बढ़ाते हुए उसी के तरफ बढ़ा उसको देख मधु को रात का सब मांजरा याद आ गया | वह डर के माले अपनी कदम पीछे ले रही थी |



    जब वह एकदम से दीवार से सट गई, अब उसे यहा से कहीं भागने का रास्ता नहीं दिखाई दे रहा..!



    वह बहुत ही हिम्मत जुटाकर कर बोली_" त.. त.. तुम..! "



    उसको इस तरह हकलाता देख विराज के होठों पर एक तिरछी स्माइल आ गया और वह अपनी रौबदार आवाज में बोला_" तुमने तो मुझे पहचान लिया ..? ग्रेट.. मुझे तो लगा मुझे अपना इंट्रोडक्शन देना पड़ेगा | "



    मधु वैसे ही खड़ी रही, डर तो रही थी पर हिम्मत जुटाकर साइड से जाने को हुई, वह अपना कदम आगे बढ़ा पाती की उसके पहले ही विराज ने उसकी बाहें पकड़ एकदम से अपने करीब किया |



    अब विराज के आँखों मे गुस्सा साफ़ साफ नजर आ रहा था जोकि मधु अच्छे से देख सकती थी वह दांत पिसते कहा _" इन्हीं हाथो से मुझे थप्पड़ मारा था ना.. तुमने ..! "



    विराज उसके हाथो को पकड़ मरोड़ने लगा, वह उसे दर्द दे रहा था जोकि मधु को बिल्कुल भी सहन नहीं हुआ उसके मुह से जोरदार चीख निकला _" आहहहहह..! "



    पर यह आवाज उस कमरे से बाहर तक नहीं गया | अगर जाता भी तो कोई उसकी मदद करने नहीं आता, क्यूंकि विराज से कोई उलझ नहीं सकता |



    विराज ने तुरंत उसके बाहें छोड़ उसके बालो को पकड़ उसका चेहरा अपने करीब करके धीमे आवाज में बोला _" ग़लती करने से पहले हजार बार सोचना चाहिए था , और तूने तो हदे पार की है..! "



    विराज बोल ही रहा था कि मधु उसके हाथों को पकड़ रोते हुए बोली_" प्लीज मुझे जाने दो.. प्लीज.. प्लीज..! "



    मधु माफी मांग ही रही थी कि विराज उसके बालों को छोड़ उसके गालों पर एक जोरदार थप्पड़ जड़ दिया जिससे मधु संभाल नहीं पाई तुरंत फ्लोर पर गिर गई उसके जबड़े में इतना दर्द हो रहा था कि मानो उसके अंदर दांत हिल गये हों..!



    वह उठने की कोशिश कर रही थी पर एक आदमी का हाथ किसी लड़की को लगे तो सच में बहुत दर्द होता है..!



    मधु उठ नहीं पा रही थी तो वही विराज झुक कर उसके बाहें पकड़ उसे उठाया इस बार उसने उसके दूसरे गाल पर एक जोरदार थप्पड़ फिर से मार दिया |



    अब तो मधु एकदम सुन हो गई, जो पहले रो रही थी अब उसका रोना बंद हो गया क्योंकि पूरे शरीर उसके थर-थर कांपने लगा और हल्का नाक और होंठ से ब्लड आने लगा क्योंकि उसके नाक में जो नोज पिन था, वह चुभ गया और उसके दांत से इसके होंठ पर लगा जिसे वहां से ब्लडिंग निकलना चालू हो गया |



    " ऐसे कैसे जाने दु..? जानना नहीं चाहोगी सज़ा क्या मिलने वाला है..? "



    इतना बोल विराज अपनी नशीली नज़रों से उसे घूर कर नीचे से उपर तक देख बोला _" सोचा था तुम्हारा हाथ तोड़ दूँगा.. फिर सोचा acid तुम्हारे चेहरे पर डलवा दु... फ़िर... फ़िर... फिर.. बहुत कुछ सोचा कुछ फायदा नहीं पर अब जो करूंगा इससे मेरा फ़ायदा होगा और पूरी दुनिया तमाशा देखेगी..! "



    इतना बोल विराज अपनी ऊंगली से दीवार के कॉर्नर की ओर इशारा किया और बोला _" दिखा रहा है वो कैमरा, इसमे सब रिकॉर्ड होगा.. जो कुछ यहा होने वाला है... वह सब हम दोनों के बीच मे होगा... उसके बाद चली जाना..! "



    यह सब बोल वह हंसने लगा और उसके बालों को पकड़ घसीटते हुए बेड पर पटक दिया |



    मधु मुह के बल बेड पर गिर गई, जैसे वह उठाने की कोशिश की तो सामने देखी विराज अपने शर्ट के बटन खोल रहा है..!



    यह देख मधु तो उल्टे सांस लेने लगी और वह बेड के दूसरी साइड से कुद कर भागने की कोशिश की पर वह भाग पाती उसके पहले ही शौर्य ने उसके हाथ पकड़ वापस बेड पर पटक दिया और खुद भी उसके ऊपर आ गया |



    एक झटके मे उसने उसका ड्रेस फाड़ दिया | जैसे उसका ड्रेस करररर से फटा की मधु अपने दोनों हाथो से अपने आपको को कवर करने लगी |



    पर अब विराज हैवान बन चुका था , उसने उसके बचे - कूचे कपड़ों को फिर से फाड़ के एकदम निकाल दिया |



    अब मधु सिर्फ ब्लैक कलर के अंडरगारमेंट में थी, वह डर के माले कांप रही थी अपने दोनों हाथ जोड़ भीग मांगने लगी _" प्लीज.. प्लीज.. ऐसा मत करो.. जाने दो मुझे.. प्लीज छोड़ दो..! "



    पर अब विराज कहा सुनने वाला, वह तो अपना बदला लेने के लिए यही सही लगा जो वह अब करने जा रहा है उसने अपने पेंट का जीप खोल तुरंत निकालकर फ्लोर पर फेंक दिया |



    अब उसकी नजर मधु के बॉडी पर गया जो उसके गोरे शरीर पर ब्लैक कलर का ब्रा और पेंटी दिख रहा था |



    यह देख विराज हस्की वॉइस में बोला_" let's start.. Anyway, you have to go home so you don't get late...! "



    इतना बोल विराज ने उसकी पेंटी को पकड़ खींच के निकाल दिया अब तो मधु का शरीर एकदम ठंडा पड़ गया , विराज के ताकत के आगे कुछ नहीं कर सकती और उसे सेकंड नहीं लगा उसकी ब्रा बिना खोले खींच के निकाल दिया |



    उसके ऐसे करने से मधु के शोल्डर पे जोर से लगा | पर उसके दर्द से विराज को कोई फर्क़ नहीं प़ड रहा..!




    To be continue...


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  • 18. ये क्या हाल बना के रखा है- Chapter 18

    Words: 1587

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब आगे _


    मधु अपने दोनों हाथ विराज के चेस्ट पर रख उसे पुश कर रही थी, पर उसके ताकतवर शरीर के आगे उसका बस न चला और वही विराज ने उसके दोनों हाथों को ऊपर की ओर प्रेस कर दिया और अपनी नशीली नज़रों से उसे घूरने लगा |



    बिना देरी किए उसे पर टूट पड़ा, वह उसके होठों को बेइंतहा चूमने लगा अब मधु के चिल्लाने रोने का कोई मतलब नहीं क्योंकि उसकी आवाज ही दब के रह गया |



    अब उन दोनों का सलाइवा आपस में मिक्स हुआ यह सब मधु के लिए एकदम नया था | वह रो नहीं सकती ना चिल्ला सकती पर उसकी आत्मा अंदर ही अंदर तड़प उठी..!



    विराज मधु को बहुत तकलीफ देना चाहता था.. पर जब वह उसे किस करने लगा तो मानो बहुत कुछ भूल ही गया हो... लगातार 10 से 15 मिनट तक उसे चूमता ही रहा और जब मधु को सांस लेने में दिक्कत होने लगा वह तड़पने लगी..!



    जो देख विराज ने तुरंत उसकी होठों को छोड़ उसके कॉलर बोन वहां टूट पड़ा क्योंकि उसको टेस्ट जो मिल गया था |



    मधु लंबी-लंबी सांस ले रही थी, वह ठीक तरह से सांस भी नहीं ले पा रही कि तब तक विराज ने उसके गर्दन पर जोर से बाइट किया और उसके इस तरह काटने से मधु अब चिल्लाना शुरू कर दी..!



    विराज को यही आवाज तो सुना था कि वह तड़पे, चिल्लाई, भीख मांगे.. तब जाकर कहीं विराज के कलेजे को ठंडक मिलेगा |



    और वह जैसा चाहता था बिल्कुल वैसा ही हुआ वह उसे दर्द देते जा रहा था और मधु ऐसा न करने के लिए भीख मांग रही थी, पर विराज की मुंह को जो टेस्ट लगा था भला उससे मधु को कौन बचा सकता है..!



    विराज इस वक्त भूखे शेर की तरह मधु के ऊपर टूटा प़डा था और जब वह उसके कॉलर बोन को छोड़ा तो अपने दोनों हाथों से उसके ब्लाॅमस को पकड़ प्रेस किया |



    उसके ऐसे करने से मधु के मुंह के मुह से जोर से चीख निकला _"आहहह...! "



    वह लगातार उसके ब्रेस्ट को पकड़ प्रेस किए जा रहा था... जिससे मधु चिल्लाई जा रही थी... उस कमरे का माहौल एकदम मदहोश बन चुका था सिर्फ़ दो लोगों की सांसे आपस में घुल रही थी |



    विराज करीब आधे घंटे तक उसके साथ ऐसे ही खेलते रहा फिर अपनी नजर उठाकर मधु के तरफ देखा और क्रीपी स्माइल करते हुए कहा_" let's get started now..! "



    विराज बिना वार्निंग दिए ही अपना हार्डनेस उसके सॉफ्टनेस में इंटर किया | और उसके ऐसे करने से मधु अपने पैर पटक रही थी बल्कि अपने दोनों हाथों से उसे धक्का देने लगी |



    पर 2 सेकंड में उसकी पूरी आवाज बंद हो गया और जो इतनी देरी से खुद को बचाने के लिए लड़ रही थी, अब वह हार के रुक गई..!



    विराज ने उसके जबड़े को पकड़ थोड़ा सा ऊपर किया और अपनी कड़क आवाज में कहा_" अब कैसा लग रहा है, हाथ उठाने से पहले हजार बार सोचना चाहिए था.. हाथ किस पर उठा रही हो .. अब देखती जाओ तुम..आज वो हश्र करूंगा तुम्हारा कि कहीं मुह दिखने के लायक नहीं रहोगी.. समझी..! "



    इतना बोल विराज उस पर टूट प़डा, मधु रोते हुए बोलने की कोशिश की पर उसका आवाज उसके मुह मे दब के रह गया | वह वह थरथर कांप रही थी..!



    विराज उसके साथ इंटिमेट हो गया और तो और वह अपनी स्पीड बहुत तेज़ रखा, जो मधु बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहीं.. वह अभी भी स्ट्रगल कर रही थी कि शायद अब उसे छोड़ दे..!



    पर विराज छोड़ने के बजाय उसे पूरी तरह नोच खाने लगा | मधु के लिए यह सब पहली दफा था.. और वह सह नहीं पाई.. देखते ही देखते उसकी आंखे बंद हो गया |




    दूसरी तरफ़ _Godrej mansion


    भूमि अब अपने टाइम से पहले उठकर जल्दी से फ्रेश हुई और तैयार होने लगी, आज उसने rose कलर की साड़ी पहनी थी और साथ ही साथ में हल्का मेकअप किए और मांग में सिंदूर गले में मंगलसूत्र है और बालों में फ़ूलों के गजरा लगाकर एकदम से नई-नवेली दुल्हन बनकर एक नज़र ओम के तरफ़ देखी जो अभी भी बेड पर सोया था |


    उसे देख उनके चेहरे पर हल्की वाली स्माइल आ गया वह तुरंत कमरे से बाहर निकली, वह सच में बहुत सुंदर दिखाई दे रही थी | काशी की रोशनी सब लोग उसे देखते ही रह गये |



    उसे देखकर काशी जी के चेहरे पर मुस्कान आ गया उन्होंने भूमि को अपने पास बैठने के लिए बोली, पर वह मना कर दी क्योंकि लिविंग एरिया में दादा - दादी सभी लोग बैठे थे |



    काशी जी ने उसके हाथों का तो मीठा उसी दिन बनवा लिया था, जब  मेहमान घर में थे अब वह अपने सासू मां के साथ हेल्प करना चाहती थी |



    भूमि और काशी जी दोनों मिलकर ब्रेकफास्ट बनाया | और जब उन्होंने डाइनिंग टेबल फॉर ब्रेकफास्ट लगाया तो सभी लोग इकट्ठा हो गए |



    जब जय नीचे आया और अपनी भाभी को देखा, तो वह अपनी भाभी के साथ फ्लर्ट करने लगा बल्कि जहां भूमि बैठी थी उसके बगल में जय बैठा..!



    और लास्ट में ओम नीचे आया तो नीचे लिविंग एरिया में जोर-जोर से हंसने की आवाज़ आ रही थी और जब ओम भूमि के बगल में बैठने वाला था तो देखा उसके लिए चेयर नहीं है, क्योंकि जय बैठ गया था उसने ऐसा जानबूझकर किया |



    जब ओम ने एक नजर सभी की तरफ देखा तो जय उसे और परेशान करते हुए कहा _" भाई आज आपने एकदम लास्ट में बैठ जाओ, क्योंकि आज भाभी बुक है क्योंकि मैं जितने दिन हूं भाभी के बगल में ही बैठने वाला हूं, और मेरी प्यारी भाभी अपना भाई को इग्नोर कर दीजिए..! "



    जय कंटिन्यू फ्लर्ट किये जा रहा था और उसके बातों पर रोशनी बाकी मेंबर हंस रहे थे, सबको पता था की जय मजाक कर रहा है..!



    पर ओम..? ओम ने ज्यादा सीरियस ले लिया वह गुस्से में जय को वहां से उठाने वाला था, पर.. दादी ने उसे अपने पास बैठने के लिए बोली..!



    ओम उनके बगल में बैठ तो गया था पर उसकी नजर कंटिन्यू भूमि पर ही था, पता नहीं क्यु पर वह सारा गुस्सा भूमि पर निकलना चाहता हो, वह रह-रह के भूमि को घूरे जा रहा था जैसे कि सारा गुस्सा वह उसपर निकालना चाहता हो..!



    करीब 35 मिनट के बाद ओम उठा और तुरंत मेंशन से बाहर निकला उसके चेहरे पर गुस्सा साफ-साफ झलक रहा था वह ऑफिस जाने के बजाय विजडम होटल निकल प़डा क्यूंकि कल रात से उसने उसे कई बार किया और अभी भी वह उसे कॉल कर रहा है पर विराज ने उसका कॉल रिसीव नहीं किया |




    इधर _Wisdom hotel

    करीब 3 घंटे बाद __


    मधु एकदम से बेहोश हो गई थी, जो देख विराज ने उसे छोड़ दिया और जब उसके ऊपर से उठा तो देखा मधु के शरीर में जान ही नहीं है...!



    क्योंकि वह उसके पहाड़ जैसे शरीर को बिल्कुल भी झेल नहीं पाई, उसकी सील जैसे शरीर पर वह अपने कमजोर हाथों से बहुत बार धक्का दी पर कुछ फ़ायदा नहीं क्योंकि उसे बिल्कुल भी रहम- तरस नहीं आया |



    ये देख उसे कोई फर्क़ नहीं प़डा ब्लकि वह उसके जबड़े को पकड़ हिलाकर देखा पर वह बिल्कुल भी रिस्पांस नहीं की, जो देख विराज अपनी नजर उसकी पूरे शरीर पर फेरा तो देखा उसका बेडशीट पर जगह-जगह ब्लड के धब्बे लगे हुए हैं..!



    यह देख विराज मधु के चेहरे के तरफ देखा जो एकदम से बेहोश हो गई थी |



    विराज को जो चाहिए था और जिस तरह से चाहिए था, उसने वैसे ही  प्लान बनाकर अपना बदला ले लिया | वह पूरी तरह उसमें सक्सेसफुल हो गया |



    विराज मधु को घूर कर देख ही रहा था कि उतने में उसके रूम का दरवाजा खटखटाने का आवाज आया तो वह तुरंत थोड़ा सा अपना सिर उठाया और दरवाजे की तरफ देखने लगा |



    मानो सोचने की कोशिश कर रहा हूं कि उसे फोन डिस्टर्ब कर रहा है कि तभी उसका मोबाइल भी रिंग किया जो बेड से उठकर अपना मोबाइल हाथ में लिया तो देखा तो ओम का कॉल आ रहा है..!



    और साथ ही साथ में नोटिफिकेशन भी दिख रहा था जिसमें उसे लिखा था कि बाहर वेट कर रहा हूं, दरवाजा खोल...!



    इस वक्त विराज के शरीर पर कपड़े के नाम पर कुछ भी नहीं था तुरंत अपनी नजर चारों तरफ फेरा तो देखा उसका पेंट नीचे फ्लोर पर पड़ा हुआ है, वह उठाकर जल्दी से पेंट पहना और हाथ में मोबाइल लिए जाके दरवाजा खोला..!



    उसका रूम लग्जरियस रूम था, काफी बड़ा उसका रूम था और जो उसका बेडरूम था वह अंदर था और बीच में लिविंग एरिया बना था दरवाजा खोलते ही सामने देखा तो ओम खड़ा था |



    और जैसे ओम कि नज़र विराज पर गया तो वह उसे ऊपर से नीचे तक देखने लगा क्योंकि उसके ब्रॉड चेस्ट पर नाखून के निशानी जो एकदम ताजा थे यहां तक की उसकी गर्दन पर भी मधु के नेल्स के निशान बन चुके थे |



    ओम विराज को अज़ीब तरह से देख रहा था उसे देखकर वह भी समझ गया कि अंदर क्या हुआ रहेगा..!



    फिर भी गला साफ करते हुए बोला _" ये क्या हाल बना के रखा है..? "



    ओम की बातें सुनकर विराज अपना हाथ अपने सिर के बालों में फेरते हुए एक नजर एक अपने आप को देखा और उसे किसी बात का न पछतावाहन न शर्म था |



    वही बिंदास बोला _" 3 घंटे से सेक्स कर रहा हूं..! "



    To be continue...

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  • 19. मधु का होश में आना, दर्द, तकलीफ़ - Chapter 19

    Words: 1824

    Estimated Reading Time: 11 min

    अब आगे _

    उसका इस तरह से जवाब सुन ओम उसे अजीब तरह से देखने लगा उसे भी बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि विराज ऐसा कुछ कहेगा पर उसकी हुलिया देखकर ही पता चल रहा था कि उसने क्या किया है..!



    और ना चाहते हुए भी ओम को पूछना पड़ा_" क्या अंदर लड़की है..? "



    " ह्म्म्म्म, तुम मेरा ऑफिस में इंतजार करो, मैं आ रहा हूं..!



    विराज का इतना कहना कि ओम बोला_" नहीं इसकी कोई जरूरत नहीं, मैं अब ऑफिस जा रहा हूं तुम कुछ ज्यादा ही बिजी हो शायद में गलत वक्त पर आ गया, ठीक है तुम फ्री होकर ऑफिस आ जाना..! "



    जो सुनकर विराज हा में सिर हिला दिया और वह वहां से चला गया उसके जाने के बाद विराज ने दरवाजा बंद किया और कमरे में आया



    वह मुस्कुराते हुए अपना मोबाइल ले किसी को कॉल किया और कहा _" मेरे रूम से यह कचरा अभी के अभी साफ करो..! "



    इतना बोल विराज वहां से सीधे वॉशरूम में चला गया | शाॅवर ऑन करके उसके नीचे खड़ा रहा.. उसके शरीर पर पानी पड़ रहा था पर उसकी बॉडी में जो हिट बढ़ा था, वह अभी भी कम होने का नाम नहीं ले रहा... वह अपने दोनों हाथ दिवार पर टिका दिया |



    उसकी आंखे बंद था पर उसके जहन मे अभी जो कुछ हुआ वह सब घूम रहा था | लगभग 45 मिनट के बाद वह वाॅशरुम से बाहर निकला क्योंकि खटखटाने की आवाज जो आ रहा था |



    वह बाथरोब का नोट बांधते बाहर आया एक बार फिर से उसकी नजर मधु पर गया | जो उसके गोरे बदन पे कुछ भी नहीं था.. वह उसे पूरी तरह इग्नोर करते जाके दरवाजा खोला..!



    तो सामने मेल हाउसकीपिंग खड़ा था वह स्लो आवाज में बोला_" सर आपने अभी कॉल किया था.. कचरा साफ करना है..! "



    विराज उस मेल हाउसकीपिंग को देखा फिर अपना चेहरा पीछे घूमा कर मधु के तरफ देखा और उसे बिना कपड़ों का देख फिर से मेल हाउसकीपिंग की तरफ देखा, जो वह अंदर ही नजर डालकर देखने की कोशिश कर रहा था |



    उसको ऐसा करता देख विराज की आंखों में गुस्सा साफ दिखाई देने लगा और वह दांत पीसते हुए बोला_" अगर तुम एक सेकंड मेरे आंखों के सामने और दिखे तो तुम्हारी आंख निकाल लूंगा.. जाओ जाकर फीमेल हाउसकीपिंग को भेजो..! "



    उसका डरावना रूप देख मेल हाउसकीपिंग वहां से नौ दो ग्यारह हो गया, उसके जाते ही विराज ने दरवाजा जोर से बंद किया और मधु के पास जाकर ब्लैंकेट उठाकर उसे कवर कर दिया |



    विराज तुरंत अपनी क्लोजसेट में गया और डार्क ब्लू कलर का शर्ट विद ब्लैक पेंट पहन बाहर आया, और अपने बलों को यहीं खुले में छोड़ दिया |



    तब तक दरवाजे पर फीमेल हाउसकीपिंग आकर खड़ी हो गई और दरवाजा खटखटाना लगी अंदर विराज को पता चल गया कि हाउसकीपिंग होगी तो उसने दरवाजा जाकर खोला..!



    अब इतने बड़े होटल का मालिक ने जब साधारण हाउसकीपिंग को बुलाए तो डर तो उसके अंदर रहेगा ही वह हाउसकीपिंग डर रही थी वही विराज ने उसे खतरनाक लुक दिया |



    और कहा यहां_" जाओ यहा से तुम..! "



    उसका इतना कहना कि हाउसकीपिंग तुरंत तेजी से वहां से चली गई और साइड में जाकर लंबी सांस लेने लगी जैसे की मौत के मुंह से बची हो..!



    विराज ने उसे इसलिए जाने दिया क्योंकि हाउसकीपिंग आकर भी क्या करती क्योंकि मधु तो होश में ही नहीं है वह अपना सेल फोन निकाला और सबसे पहले डॉक्टर को कॉल किया और उसे कहा कि एक फीमेल डॉक्टर तुरंत भेज दे जो सुनकर कम से कम 15 से 20 मिनट के बाद एक फीमेल डॉक्टर उसके रूम के बाहर आके खड़ी हो गई..!



    विराज ने दरवाजा खोला और उन्हें अंदर आने के लिए कहा और जब वह उसके बेड के पास पहुंची ही मन ही मन सोची कि वह विराज को बाहर जाने के लिए कहीं पर जो उनके शब्द थे वह मुंह में ही रह गये..!



    क्योंकि वह विराज से बहस नहीं कर सकती , क्योंकि उनकी फैमिली डॉक्टर थी और उन्हें अपना हॉस्पिटल जो चलना था |



    वो मधु के पास जाकर थोड़ा सा ब्लैंकेट नीचे सरका कर उसका फीवर चेक की तो उसे सचमुच बहुत तेज बुखार था और वह ठंड से कांप रही थी ऊपर से उसके कॉलर बोन उसे होते हुए जहां-तहां लव बाइट के निशान बन चुके थे, जो हल्के लाल नील पड़ चुके थे |



    डॉक्टर ने सबसे पहले उसे इंजेक्शन दी, उसके बाद कुछ मेडिसिंस लिखकर प्रिस्क्रिप्शन विराज के पास लाकर उसके हाथ में दी,..!



    विराज ने प्रिस्क्रिप्शन चुपचाप हाथ में ले लिया और उन्होंने कहा_" कुछ देर के बाद इन्हें होश आ जाएगा, मैडम की शरीर बहुत कमजोर है, पहली बार इंटिमेट होने के नाते उनकी बॉडी यह सब सह नहीं पाई..! "



    डॉक्टर के मुंह से मैडम सुन विराज बड़े अजीब तरह से उन्हें घूर के देख रहा था, वही उन्होंने आगे कहा_" अगली बार से आप थोड़ा ध्यान से यह सब कीजिए.. चलती हू..! "



    डॉक्टर इतना बोलकर अपना मेडिकल किट बॉक्स उठाकर जैसे जाने के लिए मुड़ी कि विराज तेज आवाज में बोला_" सुनो..! "



    विराज की आवाज सुनकर डॉक्टर रुक गई, वही वह आगे बोला_" जब तक उसे होश नहीं आ जाता, आप बाहर रुकये..! "



    भला डॉक्टर उसकी बातों का उल्लंघन कैसे कर सकती है, वह बाहर जाकर कैफेटेरिया में बैठ गई और विराज दरवाजा बंद करके दूसरे कमरे में चला गया |





    वहीं दूसरी तरफ मलाड__


    मधु की मां रात से ही मधु के घर आने का इंतजार कर रही थी पर उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि वह कैसे पता लगाए उनकी बेटी है कहा..?



    क्योंकि बेटी रात को घर क्यों नहीं आई, पर वह इतना तो बता कर गई थी कि उसे पार्टी में जाना है तो क्या रात भर पार्टी चालू रहेगा..? वह तो ऐसा कुछ बता कर नहीं गई और वह अभी भी जॉब पर लगी थी जिसके चलते उनके पास उस कंपनी या उसके किसी फ्रेंड्स का नंबर नहीं था |



    अब वह बहुत टेंशन लेने लगी और अब उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा , रात से अपनी बेटी को कई दफा कॉल कर चुकी थी पर मधु ने उनका कॉल एक बार भी रिसीव नहीं कि अब उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि वह किसके पास जाकर मदद मांगे..? किसके जाकर बताएं कि उनकी बेटी इस वक्त कहां है..? उसका ऑफिस भी नहीं उन्हें पता क्योंकि वह 1-2 महीने पहले ही जॉइन की..!



    और वह खुद भी काम पर जाया करती थी इसलिए उन्होंने उसका ऑफिस नहीं पता कि कहां है..? क्योंकि वह खुद ही बिजी रहती थी..!




    दूसरी तरफ मलाड कॉल सेंटर __

    जब रिया ऑफिस पहुंची तो उसे पता चला कि रात को मधु उन लोगों के साथ घर नहीं गई बल्कि उसका तो पता ही नहीं चला वह पार्टी मे से कहा चली गई..!



    यह सब जानकारी रिया को टेंशन आया और तुरंत उसे कॉल की पर अब उसका मोबाइल स्विच ऑफ बता रहा था क्योंकि उसने बहुत ज्यादा ड्रिंक कर रखी थी और उसे आज सुबह उठने में भी तकलीफ हुआ हो रहा था |



    रिया को उसके घर वालों को कांटेक्ट करना था पर उसके पास नंबर नहीं था, उसने तुरंत अपने टीम लीडर से मधु के घर का कांटेक्ट नंबर लिए..!



    उसकी मम्मी का नंबर लेकर वह कैबिन से बाहर जाकर कॉल की और जैसे शीला जी को पता चला कि यह लड़की मधु की सहेली है तो वह अपनी बेटी के बारे में पूछने लगी |



    रिया ने बाकी लड़कियों से पूछताछ की, तो सबने बताया कि वे सभी लोगों ने रिया को क्लब के अंदर ढूंढी पर वह मिली नहीं, वॉशरूम, बार सब कुछ चेक करने के बावजूद भी वह नहीं मिली,
    यहां तक की बहार भी ढूंढी और काफी देर तक उसका इंतजार करने के बावजूद भी वह आई नहीं..!



    यह सारी बातें सुनने के बाद रिया को पछतावा होने लगा कि उसने इतना ड्रिंक क्यु की, आखिर मधु गई तो गई कहा..? क्या हुआ उसके साथ..?



    रिया ने तुरंत ऑफिस से छुट्टी लिए यहां तक की बाकी की लड़कियों ने भी छुट्टी लिया अब सभी ने डिसीजन किया कि वे सब साथ मे ब्लैकबेरी जाएंगी |



    कुछ देर के बाद भी सभी लड़किया ब्लैकबेरी पहुंच गए, वहा जाते ही सबसे पहले उन्होंने मैनेजर से पूछताछ करने लगी कि यहां से एक लड़की गायब हुई है तो क्या सीसीटीवी कैमरा चेक कर सकते हैं..!



    ब्लैकबेरी का ओपनिंग होकर 24 घंटा भी नहीं हुआ था तब तक यह लोग जाकर मिसिंग का कंप्लेंट करने लगी, मैनेजर ने उन लोगों से वक्त मांगा क्योंकि नया-नया क्लब का ओपनिंग हुआ था और तुरंत इस तरह का उस पर केस लगाना प्रॉब्लम हो सकता है..!



    और सबसे बड़ी बात ही मैनेजर को कुछ पता ही नहीं था कि रात को यहां हुआ क्या हुआ खुद ही बिजी था |



    यह सारी बातें सिर्फ विराज और उसकी बॉडीगार्ड बादल को ही पता था और कुछ लोगों ने जो यह सीन देखा था | वह तो रात को ही भुला दिया, अगर उन्होंने किसी को कुछ कहा भी तो उन्हें पता है कि अंजाम क्या होगा, जिसके चलते कोई कुछ कह नहीं सकता कोई भी विराज के अगेंस्ट जा नहीं सकता |



    करीब घंटे भर के बाद मैनेजर ने उन लोगों को सीसीटीवी कैमरा दिखाया, जिसमें साफ लाइट जाने के बाद से ही मधु ग़ायब है, उसके बाद मधु कहां गायब हुए कुछ पता नहीं चला..? ये देख सब परेशान हो गई..!



    जब वह सब क्लब से बाहर निकली तो उसमें से एक लड़की ने कहा हमें पुलिस कंप्लेंट करना चाहिए पर 24 घंटे नहीं हुआ था, जिसके वजह से वे लोग कंप्लेंट नहीं कर सकते..!



    रिया को उम्मीद था कि हो सकता है कि आज दिन में या शाम तक मधु घर आ जाए पुलिस वाले कंप्लेंट तो नहीं लेते बिना 24 घंटे हुए..!





    दोपहर का वक़्त _ blackberry club


    दोपहर के 2:10 पर मधु की आंखें खुला और जब वह अपनी पूरी तरह आंखें खोली तो उसे सामने धुंधीला - धुंधीला दिखाई दे रहा था|



    जब वह पूरी तरह आंखें खोली तो देखी वह उसी कमरे में है और उसे सब कुछ याद आने लगा | वह जैसे उठने को कोशिश की..! कि उसके शरीर में बहुत दर्द हो रहा था |



    बहुत ज्यादा रोने की वज़ह से उसकी आंखे आसपास मे चिपक गई थी, और लगातार 3 घंटे चिल्लाने की वज़ह से उसका गला पूरी तरह जाम हो गया था, वह बोलने और चिल्लाने की कोशिश कर रही थी पर उसके मुह से आवाज नहीं निकल पाया |




    हिम्मत करके उठी और जैसे बैठी कि उसका ब्लैंकेट नीचे सरक गया और  वह अपने आप को देखी तो उसके शरीर पर कपड़े के नाम पर कुछ भी नहीं था अगर कुछ था तो वह सिर्फ़ विराज के दिए हुए लव बाइट के निशान |



    मधु अपनी नजर चारों तरफ फेरी तो उसके कपड़े फ्लोर पर पड़े हुए  थे, पर वह उन कपड़ों को तो नहीं पहन सकती क्योंकि रात में विराज ने फाड़ दिया था |





    To be continue...

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  • 20. मधु ने अपनी हाथ की नस काट ली - Chapter 20

    Words: 2059

    Estimated Reading Time: 13 min

    अब आगे _

    मधु अपने कांपते हुए होठों से चिल्लाने की कोशिश कर रही थी पर उसका आवाज मुंह से बाहर नहीं निकल पा रहा क्योंकि विराज ने उसे दो थप्पड़ मारा था, जिसकी वजह से उसके जबड़े में इतना दर्द था कि उसे बोलने में तकलीफ हो रहा था |



    उसका चेहरा पूरी तरह सूज गया था और वह अपना राइट हैंड थोड़ा सा ऊपर उठाई तो उसकी चार उंगलिया हिल तक नहीं रही थी क्योंकि विराज ने उसकी उंगलियों को अपने उंगलियों में फंसाकर मरोड़ दिया था |



    उसकी उंगलिया  कुछ काम ही नहीं कर रहा था, दर्द को इतना था उसके शरीर में की वही बिचारी जानती होगी..? डॉक्टर ने उसे इंजेक्शन तो दिया था जिसकी वज़ह से उसके शरीर एकदम सून पड़ गया था, अगर इंजेक्शन नहीं दिया होता तो शायद वह अभी तक उठ नहीं पाती और पता नहीं इसके साथ क्या हुआ होता..!



    ऐसा नहीं था कि मधु लाचार और डरपोक थी बल्कि उसे बोलना लड़ाई- झगड़ा करना सब आता था | पर आज वह विराज के पाले पड़ी थी, जो इंसान नहीं बल्कि शैतान था और उसकी जिंदगी एक दिन में ही तहस-नहस कर दिया |



    मधु ब्लैंकेट से खुद को कवर करके बेड से उठी अपने पैर जैसे उसने फ्लोर पर रखी कि लड़खड़ाकर तुरंत नीचे गिर गई, उसका ब्लैंकेट नीचे था और वह ऊपर उसे आज अपने ऊपर इतना शर्म आ रहा था कि वह क्या ही करें..?



    वह इस तरह बिना कपड़ों में बाहर तो नहीं निकल सकती और जो उसके साथ हुआ है वह गलत हुआ है..? वह नजर उठाकर दीवार की तरफ देखी जहां पर कैमरा लगा हुआ था |



    विराज ने उसे रात में बताया था कि वह पूरा रिकॉर्डिंग करके दुनिया भर में दिखा देगा, यह सब याद करके बस जोर-जोर से रोने लगी |



    कोई भी लड़की अपनी इज्जत के साथ कैसे खिलवाड़ होते देख सकती है, मधु को इस वक्त कुछ भी समझ में नहीं आ रहा.. बस वह अपने आप को खत्म कर देने का सोची, पर दरवाजा भी बंद था अब वह जाए तो जाए कहां..? क्या करें..? उसे कुछ भी समझ में नहीं आया |



    तभी उसकी नजर टेबल पर गया जहां शराब की बोतल रखा हुआ था, जो रात में विराज ने ड्रिंक करके आधी बोतल शराब वहीं टेबल पर रख दिया था |



    मधु बहुत हिम्मत करके उठी और वह शराब की बोतल उठा जमीन पर पटक उसके टुकड़ा उठाकर उसने अपने हाथ की नस को डैमेज कर दी..?



    वह जिंदगी में अपने आप को कभी इतना चोट नहीं पहुंचाती पर जो विराज ने उसे दर्द दिया है उसके आगे यह दर्द कुछ भी नहीं था, उसके मुंह से एक जोरदार आवाज निकला जोकि उस कमरे में ही दब के रह गया और धीरे-धीरे उसकी आंखें बंद होने लगी और फ्लोर पर उसका ब्लड पानी की तरह बहने लगा |





    कुछ देर बाद _कैबिन में



    विराज अपने लैपटॉप मे काम कर रहा था उसके लैपटॉप में कैमरा ऑन था, पर काम करने के साथ-साथ वह एक दो बार मधु जिस कमरे मे थी उसका कैमरा भी चेक किया, वह जितने दफा उसने देखा तो मधु अभी भी सोई हुई थी |



    पर जब वो इस बार कैमरा ऑन किया और देखा तो वह बेड पर नहीं दिखाई दी, वह जब जूम करते हुए कैमरा देखा तो वह फ्लोर पर गिरी हुई है..!



    यह देख वह अपना लैपटॉप बंद किया और तेजी से कैबिन से बाहर निकला और दौड़ते हुए अपने कमरे में आया दरवाजा खोल देखा तो वह बेहोश होकर पड़ी है और उसका ब्लड पूरे फ्लोर पर फैला हुआ था |



    विराज ने जैसे दरवाजा खोला सामने का नजारा देख वह तो शाॅक्ड हो गया, वह दौड़ते हुए मधु के पास गया और उसे उठाकर बेड पर लेटा दिया, ब्लड देखकर उसका तो दिमाग खराब हो गया |



    ब्लैंकेट से कवर किया, और अपना मोबाइल ले तुरंत डॉक्टर को कॉल किया क्योंकि डॉक्टर अभी भी होटेल के अंदर ही थी और उन्हें रूम में आने के लिए कहा..!



    डॉक्टर आते ही यह सब देख वह भी परेशान हो गई उन्होंने तुरंत अपने मेडिकल बॉक्स खोलकर उसके हाथ की ड्रेसिंग किया और  सलाइन ड्रिप लगाई..!



    विराज को बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि मधु कुछ ऐसा कर लेगी अब तो वह डॉक्टर को यहां से जाने के लिए मना कर दिया और वह खुद इस कमरे में रहकर उसकी निगरानी करने वाला था |





    शाम 5:00 बजे __होटेल रूम


    अब जाकर मधु को होश आया और जब वह अपनी आंखें खोली तो देखी तो वह उसी जगह पर है और उसके हाथों में लाइन ड्रिप लगा हुआ था |



    जैसे वह अपना सिर थोड़ा लेफ्ट साइड में घुमाई तो विराज सोफे पर बैठा हुआ दिखाई दिया उसे देख तो मधु के होश उड़ गए वह डर के मारे फिर से कांपने लगी |



    उसको होश में आता देखा था विराज ने तुरंत डॉक्टर को अंदर आने के लिए कहा और उन्होंने आकर एक बार फिर से उसका चेकअप की और उसे अब खाना खाने के लिए कह दी...!



    उसके हेल्थ को लेकर डॉक्टर ने विराज को सब कुछ बता दी और वह वहां से चली गई उसके जाने के बाद विराज एक फीमेल वेटर को कमरे में जाने के लिए कहा और साथ में उसके लिए दो जोड़ी कपड़े भी मंगवाए थे क्योंकि वह अभी तक बिना कपड़ों में ही थी |



    वेटर कमरे में जाते ही, विराज वहा से चला गया उसके जाते ही मधु साँस अच्छे से ले पाई क्योंकि उसके अंदर डर बस गया था |



    वेटर के हाथ में कपड़े देख मधु को अच्छा लगा क्योंकि वह बिना कपड़ों के तो नहीं रह सकती, वेटर ने सबसे पहले मधु को स्पंज बाथ दी.. उसके बाद उसे कपड़े पहना दी..!



    कुछ देर के बाद उसके लिए खाना लेकर आई तो मधु ने खाने से साफ़ इनकार कर दी जो देख वेटर बाहर निकली विराज के कैबिन में जाके उसे सब कुछ बताइए..!



    विराज उसकी बाते सुन रूम में आया तो देखा मधु हो रही है, जो देख विराज का माथा ठनका गया वह एकदम उसके करीब आया और झट से उसके जबड़े को पकड़ मसलते हुए अपने कर्कश आवाज में बोला-" चुपचाप खाना खा लो, बाद में रोना.. वैसे भी जो कुछ हुआ है उन सब की जिम्मेदार तुम खुद हो..!"



    विराज का इस तरह से उसका जबड़ा पकड़ना उसे और भी दर्द होने लगा, एक तो पहले ही उसने रात में उसे दो थप्पड़ मारा था | उसका चेहरा पहले ही सूज गया था और इस तरह से फिर से हरकत करने से मधु दर्द से तड़पने लगी |



    उसके आँखों से आंसू झरने की तरह बहने लगे, जो बहते हुए गालों पर लुढ़ गया ब्लकि विराज के उंगलियों को भिगो दिया, जो देख उसने झट से उसे छोड़ा..!



    मधु की हालत बिल्कुल भी ठीक नहीं था, फिर भी बिचारी बड़ी हिम्मत जुटा के बोलने की कोशिश करने लगी पर फिर से शब्द जुबान के अंदर ही रह गए..!



    पर विराज उस पर ही इल्ज़ाम लगा रहा था, जो देख मधु रोते हुए बोली _" मुझे यहां से जाना है.. प्लीज मुझे यहा से जाने दो... प्लीज..! "



    बड़ी मुस्किल से मधु ने यह शब्द बोली, जो सुन विराज अपनी तपती निगाहों से उसके तरफ़ देखा, तो मधु अपने दोनों हाथ जोड़ कांपते हुए विनती करने लगी |



    उसका यहां से जाने का जिद देख विराज उसके पास गया और उसको अपने पास आता देख मधु डर के माले पीछे- पीछे बेड पर सरकने लगी |



    विराज एकदम से उसके पास आकर बैठ बोला_" अगर तुमने खाना नहीं खाई तो..? जो मैंने सुबह मे तुम्हारे साथ किया... तो उससे भी भयानक अब करुंगा..! "



    विराज की धमकी सुनकर मधु खाने के ट्रे के तरफ देखी, पता नहीं क्या कुछ खाने में रखा था ऐसा खाना तो उसने कभी नहीं देखी थी क्योंकि यह होटल था और यहां पर अनगिनत टाइप का food dishes रोज बनता है..!



    उसके लिए जो फूड आया था वह सब उसके हेल्थ के हिसाब से हेल्थी फूड था, वैसे बहुत सारे फूड उसके सामने रखे थे और मधु को अंदाजा नहीं कि यह सब कैसे कहते हैं..!



    वह तो प्लेट हाथ मे लिए और हाथ डालकर तुरंत खाने लगी वह लेफ्ट हाथ से खा रही थी क्योंकि उसका राइट हैंड एकदम सुन पड़ा था और उसमें क्लाइंट ड्रिप भी लगा था, पर कुछ देर पहले ही डॉक्टर ने ड्रिप निकाल  दिया था |



    मधु फटाफट खाना खाने लगी, जो देख विराज अज़ीब तरह से मुस्कुराया |



    खाना खाने के बाद वह फिर से जिद करने लगी कि उसे अपने घर जाना है, पर विराज ने उसे मना कर दिया कि उसका बदला अभी तक पूरा नहीं हुआ है जब उसका बदला पूरा हो जाएगा तो यहां से भेज देगा |



    विराज को बिल्कुल भी पसंद नहीं की कोई उसके सामने मुंह चलाये..? बगावत करें..? जिसके चलते उसने तुरंत उसकी बाहें पकड़ कर इंजेक्शन लगाया जिससे वह थोड़ी देर में नींद क्या आगोश में चली गई..!




    दूसरी तरफ_ Godrej mansion


    रात का वक्त सभी लोग डाइनिंग टेबल पर बैठकर डिनर कर रहे थे, Om अभी तक घर नहीं आया था, और उसके आने का कोई भी इंतजार नहीं करता, क्योंकि यह रोज का ही किस्सा है..!



    और काशी जी ने अपनी बहू को भी सिखा दिया कि वह उनके खाने के लिए बिल्कुल भी इंतजार ना करें, क्योंकि जब भी ओम घर लेट आता है तो वह विराज के होटल पर खाना खाकर ही घर आता है..!



    सभी लोगों ने खाना खा लिया, उसके बाद सभी लोग लिविंग एरिया में बैठकर बातें करते रहे..! दादा- दादी अपने कमरे में चले गए थे, बल्कि महेश जी भी अपने कमरे में चले गए थे, काशी जी कुछ काम कर रही थी बाकी सभी  जवान लोग एरिया में बैठकर बातें कर रही थे..!



    10 बजाते ही मेंशन के अंदर ओम का कार इंटर हुआ कि उसकी आवाज़ से ही सबको पता चल गया कि ओम आ गया और वह कर से बाहर निकाला और मेंशन के अंदर कदम रखा की उसके कानों में फिर से जय और भूमि के हंसने का आवाज सीधी उनके कान से होते हुए दिल पर जाके लगा |



    ओम को इतना गुस्सा आ गया कि वह आगे बढ़ते हुए धीमी आवाज भी बोला_" भूमि कमरे में चलो..! "



    ओम की आवाज़ धीमी थी पर सबने सुनी, ओम का इस तरह सबके बीच में भूमि को बुलाना उसे अंदर ही अंदर गुदगुदी होने लगा उसे अच्छा लगा कि ओम उसे कमरे में चलने के लिए कह रहा है क्योंकि सच में वह बेसब्री से उसके घर आने का इंतजार कर रही थी |



    ओम इतना बोल कर आगे जाने लगा तो वही भूमि उसके पीछे-पीछे जाने लगी और दोनों जब कमरे में आए तो भूमि ने दरवाजा बंद की..!



    दरवाजा बंद होने की आवाज से ओम को समझ गया की भूमि अंदर आ गई है, और वह पीछे पलट कर उसकी तरफ देखा और चलती हुई एकदम से उसके पास आया |



    और आते ही अपने दोनों हाथ उसकी कमर पर रख एकदम अपने करीब कर लिया और घूर कर उसे देख चेतावनी देते हुए कहा_" हंसते हुए अच्छी लगती हो पर हर जगह हंसना ठीक नहीं है, अगली बार तुम जय के साथ हंस कर बातें नहीं करोगी बल्कि उससे दूर रहोगी, समझ में आई मेरी बात..! "



    इतना बोलकर उसकी कमर पर अपने दोनों हाथ कसने लगा | तो भूमि के दोनों हाथ उसके हाथ पर चले गए जो भूमि इतनी खुश थी अब उसका चेहरा मायूस हो गया |



    भूमि को इस तरह खामोश देख, Om अपनी बात रिपीट करते हुए कहा_" मैंने तुम्हें क्या कहा..? क्या मेरी बात तुम्हें समझ में आई या फिर से रिपिट करू ..?



    उसकी आवाज सुनकर भूमि एकदम से डर गई और जल्दबाजी उसने अपना सिर हाँ में हिला दी..!



    जो देखो ओम फिर से बोला_" मैंने पहले दिन ही तुम्हें समझा दिया था कि मैं शादी करने वाला नहीं था पर जब तुम्हें देखा तो मेरा इरादा चेंज हो गया और तुम अब मेरी वाइफ हो और हमेशा मेरे साथ ही रहोगी अच्छे या बुरे वक्त समय तुम मेरे साथ ही रहोगी यह मेरी बात अपने दिमाग में फिट करके रखना इतना बोलकर वह उसकी कमर को छोड़ तुरंत वॉशरूम में चला गया उसके जाते ही घूमने तुरंत अपनी कमर को सहलाने लगी क्योंकि उसने बहुत तेजी से पकड़ा था उसकी आंखों में हल्का सा पानी आ गया पर हो तो नहीं रही थी अपने आप आंसू निकल आए


    To be continue...

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