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love begins with revenge

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ruhi pal

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यह कहानी है अंजलि और विराज की जो उलझे हुए हैं परिवार की दुश्मनी सेजिससे विराज अपने दुश्मनी में कर लेता है अंजलि को अपने मेंशन में कैद और वहीं दूसरी तरफ विधि जो अपने परिवार की दुश्मनी से अनजान बचपन से भरपूरअपने भाई की लाडलीसबके चेहरे पर खुशी और मुस्क...

Total Chapters (14)

Page 1 of 1

  • 1. love begins with revenge - Chapter 1

    Words: 841

    Estimated Reading Time: 6 min

    एक लड़की डरी सहमी सी एक कमरे में बंद थी,,,,,उस कमरे में सिर्फ उस वक्त,,,,चांद की रोशनी आ रही थी ,,,,,,जिसमें वह लड़की बहुत ही खूबसूरत दिख रही थी,,,,,,

    मानो की जैसे,,,वह कोई परी हो ,,,, उस लड़की की खूबसूरती का कोई जवाब नहीं था,,,,,,,अगर कोई भी उसे लड़की को ,,&; एक नजर देख ले ,,,,,,,तो खुद को उसका दीवाना होने से रोक नहीं सकता था ,,,,,,उसे लड़की की आंखें ,,,,,उसके होंठ ,,,,,,उसकी नाक जैसे की बड़ी फुर्सत से उसे तराशा गया हो



    लेकिन कमी थी तो उसे लड़की के चेहरे पर खुशी की,,,,,,जो इस वक्त बिलकुल भी नहीं थी ,,,,,,वह एकदम डरी हुई ,,,,,,बेड पर एक नुक्कड़ पर बैठी हुई थी,,,,,,और उसके दोनों हाथ भी बधे हुए थे

    उस लड़की को वहां पर कुछ भी नहीं नजर आ रहा था ,,,,, शिवाय अंधेरे की ,,,,,,क्योंकि उस लड़की की आंखों पर,,,,,पट्टी बंधी हुई थी ,,,,,

    जो उसे सिर्फ और सिर्फ ,,,,,,,उस कमरे में अंधेरा नजर आ रहा था,,,,,,और वह लड़की अपनी डरी हुई आवाज से ,,,,,,बार-बार एक ही चीज़ दोहरा रही थी,,,,,,तुम कौन हो,,,,,,मुझे यहां से जाने दो,,,,,,तुम सब मुझे यहां क्यों लाए हो,,,,,,मैं तुम्हें नहीं जानती ,,,, मुझे मेरे डैड के पास जाना है,,,,,,प्लीज मुझे जाने दो ,,,,,,मेरे घर वाले मेरा इंतजार कर रहे होंगे ,,,,,,यह कहते हुए वह लड़की बस रोए जा रही थी

    की तभी; उस लड़की को,,, कमरे में ,,,,किसी के चलने की आवाज सुनाई देती है,,,,,,जो की उसे,,,बहुत ही तेज और साफ सुनाई दे रही थी ,,,,,जिसे सुन वह लड़की ,,,,और डर जाती है ,,,,,और फिर वह खुद को ,,,,और ,,,,,,,उस नुक्कड़ में छुपाते हुए ,,,,,त तुम कौन हो ,,,,,और तुम मुझे यहां क्यों लाए हो,,,,

    की तभी उस बहुत ही भरी और एक सख्त कर्कश आवाज सुनाई देती है ,,,,

    तो तुम हो अजली रावत,,,,,,,,अच्छा लगा तुमसे मिलकर,,,,,,यह कहते हुए,,,,,वहां लड़क,,,,,अपने धीरे कदमों से anjali के पास आ,,,,उससे बड़े गोर से देखने लगता है ,,,,,,, जैसे कि वहां उसे अपनी आंखों में बसा ,,,लेना चाहता हो

    इस वक्त उस लड़के के दिमाग में ,,,,क्या चल रहा था ,,,,कोई भी नहीं बता सकता था,,,,, कि वह इस लड़की को आबाद ,,करना चाहता है,,,,या बर्बाद

    की तभी वहां पर,, ,,,,एक और लड़का आता है ,,,,,,

    जो विराज सर ,,,जो आपने कहा ,,,,वह मैंने कर दिया,,,,,,अब आप यह बताइए कि ,,,,,अब मैं उस इंसान का क्या करूं,,,,,,, जिसे सुन विराज ,,,,,,बड़ी गौर से अंजली को देखते हुए,,,,,,मार दो उसे,,,,,,,और उसके टुकड़े मेरे शेरू के आगे फेंक दो,,,,,, जो उसका नामो निशान; मिटा देना,,,, यह कहते हुए विराज की नजर आब भी अंजली पर थी

    और वही अंजली विराज की बात सुन,,,,,वह तो और भी ज्यादा,,,,डर से कांपने लगी थी,,,जैसे कि उसने किसी एमराज की आवाज सुन ली हो ,,,,,,क्योंकि उसने आज तक तो कभी ,,,,,,किसी की ऊंची आवाज या,, डाट तक नहीं सुनी थी,,,,, क्योंकि उसकी डैड ने,,,,,,उसे बहुत ही नाजुक से पाला था,,,,,,, जिससे वह आब भी बहुत भोली और नादान थी,,,,,,

    उसे अब भी दुनियादारी की कोई खबर नहीं थी ,,,लेकिन आज  वह,,,, जहाँ फस चुकी है , ,,,और अपने सामने खड़े इंसान की आवाज,,,,,जिसे उसने अभी तक देख भी नहीं ,,,,,,,,,उसके मुंह से किसी को मारने की बात सुन कर,,,,,,,, वह और भी डर से कापने लगती,,,,,,,,, और वहां उसे तरफ मुंह करके, ,,,,,जिस तरह से उसे आवाज आ रही थी,,,,,,उस तरफ देखते हुए,,,,,,प्लीज मुझे मत मारना ,,,,मुझे जीना है,,,


    जिसे सुन वह लड़का और विराज ,,प्रिया की तरफ देखने लगते हैं ,,,,,जिसके चेहरे पर पसीने की लकीर नजर आ रही थी

    जिसे सुन वह लड़का विराज तुम इस लड़की का क्या करोगे ,,,,,,वही जो इसके बाप ने किया था,,,,,दूसरों की जिंदगी तबाह; करके,,,,, यह कह वह वहां से चला जाता है,,,,,

    और वही वह लड़का जिसका नाम विवेक था,,,,,वह एक नजर anjali को देख,,,,,जो अब भी डरी सहमी सी,,,,,खुद को सिकोडे हुए,,,,नुक्कड़ पर बैठी थी,,,,,

    वह बगैर कुछ कहे चुपचाप वहां से जाते हुए ,,,,,,,अपने मन में,,,,,विराज कहीं अपने दुश्मनी में ,,,,,,और अपने बदले की आग में ,,,,,इस मासूम की जिंदगी ना तबाह कर दे ,,,,,,यह कहते हुए विवेक ,,,वहां से चला जाता है

    और वही अंजली रोते हुए,,,,,,मुझे मुझे यहां से बाहर जाना है ,,,,,वह मुझे भी मार देगा

    और वही विराज एक कमरे में,,,,,जहां पर एक बड़ी सी फोटो लगी थी ,,,,,,,जिसमें दो औरतों और एक आदमी था ,,,,,और उसी के बगल में एक छोटा सा बच्चा ,,,,, जो उस आदमी का हाथ पकड़े हुए खड़ा था ,,,,,,और उसमें से एक औरत की गोद में ,,,,,,एक छोटी सी बच्ची थी ,,,,,जिसे देखते हुए विराज ,,,,,बस अब मेरी दर्द सहने की वक्त खत्म,,,,,

    और उसकी  शुरुआत हो चुकी है ,,,बर्बादी की,,,,,,,मैं उसे बर्बाद कर दूंगा ,,,,,,,,जैसे उसने मेरी फैमिली ,,,,मुझसे छीनी है,,,,,,मैं उससे उसकी जिन्दगी छीन लूंगा,,,,,,,,बस देखते जाओ धनराज रावत,,,,, कि मैं अब तुम्हारा क्या हाल करता हूं ,,,,

    अगर मैं तुम्हें तड़प तड़प कर मौत ना दी,,,,,,तो मेरा नाम भी फिर विराज राठौड़ नहीं,,,


    मेरे प्यारे रिटर्न तो आप सबको यह कहानी कैसे लगी ,,,,मुझे जरूर बताइएगा और रिस्पांस भी दीजिएगा ,,,,ताकि मैं इस कहानी को आपके सामने और भी अच्छी तरह पेश कर सकूं

    और इस कहानी का नाम;
    Agar achhi lage toh comment kar mujhe jarur bataye


    🩵🩵🩵🩵🩵🩵

  • 2. love begins with revenge - Chapter 2

    Words: 938

    Estimated Reading Time: 6 min

    और वहीं दूसरी तरफ विवेक ,,,,,सोफे पर बैठा कब से किसी का नीचे आने का इंतजार कर रहा था,,,,,,जिससे वह अपने मन में,,,,,यह लड़की कभी नहीं; सुधर सकती,,,,,,

    आज ही इसका ,,,,कॉलेज का पहला दिन है ,,,,,,और आज भी यह लेट करके रहेगी ,,,,,,और इस विराज ने मुझे कहां फंसा दिया ,,,,,,

    और अब जाओ,,,,,,और इस महारानी को उठाओ,,,,,,यह कहते हुए ,,,,विवेक बढबढते हुए ,,,,,सीढ़ी चढ़ते हुए,,,,,कैमरे की तरफ जाने लगता है

    की तभी विवेक धीरे से कमरे का दरवाजा खोल,,,,,चारों तरफ देखता है,,,,,,तो वह कैमरा ,,,, पूरा खाली होता है

    वहां पर ,,, उसे,,,,किसी की चू चा तक की भी आवाज नहीं आती ,,,,,जिसे महसूस कर विवेक,,,,,,अपने मन में यह लड़की,,, इतनी सुबह-सुबह गई तो गई कहां है,,,,यह सोचते हुए विवेक,,,,कमरे के अंदर चला जाता है

    की तभी कोई उसे पीछे से गले लगा,,,,,,उसके पीट पर चढ़ जाता है ,,,,,,जिसे महसूस कर विवेक गुस्से से चीखते हुए,,,,,,,विधि तुम कब सुधरोगी ,,,,,,,और फिर उसे ,,,,,अपने पीट से उठाते हुए ,,,,,,सीधा अपने आगे खड़ा कर,,,,,,उसे घुरते हुए ,,,,,,विधि अब तुम बच्ची नहीं रही ,,,,,यह हरकतें बंद करो

    जिसे सुन विधि ,,,,,,अपनी कमर पर हाथ रख ,,,,,,अपना मुंह बनाते हुए ,,,,,,हां मैं भी तो यही कह रही हूं,,,,,कि कि अब मैं बच्ची नहीं हूं ,,,,,यह कहते हुए,,,,,,, विधि ,,,,,अपने पलकों को चिपकाते हुए ,,,,,,विवेक बड़े प्यार से देखने लगती है ,,,,,,

    और विधि इस वक्त बहुत ही क्यूट,,,,और सुंदर लग रही थी ,; विधि की खूबसूरती का कोई जवाब ही नहीं था,,,,,,,,उसकी हाइट 5.5 इंच ,,,,,जीरो फिगर,,,,,गोरा रंग ,,,,,नीली आंखें ,,,,,और हल्के ब्लैक ब्राउन,,,,सीट हेयर ,,,,,

    और और वह एक महीने पहले ही,,,,,अभी अभी 18 की हुई थी,,,,,,वह देखने में किसी एंजेल से कम नहीं थी,,,,,वह बहुत ही खूबसूरत ,,,और मासूम थी ,,,,,,और उसकी चब्बी चिक्स ,,,,,जो इस वक्त बुलाए,,,,,,विवेक को गुस्से से घुर रही थी ,,, वह इस तरह ,, ,और भी क्यूट लग रही थी,,,,,,यह कोई और नहीं विराट की छोटी बहन थी

    जिसे देख विवेक अपनी नजर ,,,,, विधि पर से हटाते हुए ,,,,,विधि मुझे ऐसा देखना बंद करो ,,,,,,,यह कहते हुए विवेक विधि की तरफ पीठ;कर लेता है ,,,,,,जिसे देख विधि दोबारा विवेक के आगे आते हुए ,,,,,क्यों क्यों ना देखो ,,,,,मैं तुम्हें ,,,,इस तरह,,,,,,,अरे मैं तुम्हें प्यार करती हूं,,,,,,,अगर मैं तुम्हें इस तरह नहीं देखूंगी ,,,,तो कौन देखेगा

    जिसे सुन विवेक चिढ़ते हुए ,,,,विधि अपना यह बचपन बंद करो ,,,,तुम आब भी बच्ची हो,,,,,तुम अभी-अभी 18 की हुई हो,,,,,, कया तुम्हें,,,प्यार का मतलब पता है

    जिसे सुन विधि मुंह बनाते हुए,,,,,,क्या विवेक जी आप मुझे हमेशा बच्चा क्यों कहते हो ,,,,,,अब तो मैं 18 की भी हो गई हूं ,,,,,,और क्या-क्या आपने कहा,,,,,,,कि मुझे प्यार का मतलब नहीं पता,,,,,,मुझे पता है ,,,,,की प्यार क्या होता है

    जिसे सुन विवेक,,,,,विधि की तरफ घुरते हुए ,,,,तो बताओ,,,,,,,,,,,प्यार क्या होता है ,,,,,,,जिसे सुन विधि अपनी पालके बार-बार झपकाते हुए,,,,,,,कुछ सोच प्यार प्यार प्यार का मतलब होता है,,,,,,और फिर अपना सलाइवा गटकते हुए,,,,,,,यार उसने क्या बोला था,,,,,,,,हां प्यार का मतलब होता है प्यार ,,,,

    अरे मेरी भी फ्रेंड है,,,,, और उसका बॉयफ्रेंड है ,,,,,,वह हमेशा घूमते हैं मूवीस देखते हैं ,,,,आइसक्रीम खाते हैं ,,,,,,और फिर धीरे अपनी पंजों को ,,,,,,,थोड़ा ऊपर उठा ,,,,,,,विवेक के कान के पास ले जा ,,,,,,उसके कान में ,,,,,,और किस भी करते हैं ,,,,,,यह कहते हुए विधि अपने होठों को,,,,,अपने दांतों तरे दाबा लेती है

    जिसे सुन विवेक ,,,,,,विधि पर बरसते हुए ,,,,,,बस विधि बहुत-बहुत हुआ,,,,,,तुम्हारा बचपना,,,,,,बस तुम्हें यही पता है ,,,,,,अरे तुम्हें प्यार का तो,,,,A भी नहीं पता ,,,,Z , की तो बात ही दूर की है,,,,

    और तुम जानती ही क्या हो,,,,,,,,जिस दिन तुम्हें प्यार का असली मतलब पता चल जाएगा ,,,,,,उस दिन तुम मेरे पास आना ,,,,,,और तुमने मेरी और अपनी ऐज में ,,,,डिफरेंस दिखती है,,,,,विधि तुम अभी सिर्फ 18 की हो ,,,,,,और मैं 29 का,,,,,,,अरे हमारी ऐज डिफरेंट का तो सोचो ,,,,मैं तुम्हारे भाई का दोस्त हूं

    जिसे सुन विधि दुबारा मुंह फूलते हुए ,,,,हा तो मैंने कब कहा ,,,,,कि आप मेरे भाई के दोस्त नहीं है ,,,,,,और फिर अपने उंगली को अपने गार्डन के पास ले जा,,,,,,विवेक की तरफ देखते हुए ,,,,,,और कसम से ,,,,,,,मैं आपसे शादी भी करूंगी,,,,,,,,और मैं आपको धोखा भी नहीं दूंगी ,,,,,उन बाकी कपल की तरह

    जिसे सुन विवेक अपना हाथ विधि के सर पर रखते हुए ,,,,,,विधि तुम अब भी,,,,बच्ची हो ,,,,,और प्यार का असली मतलब समझने के लिए,,,,,,,तुम्हारे पास बहुत वक्त है ,

    और जिस दिन तुम्हें प्यार का मतलब समझ आ जाए ,,,,,,उसे दिन मेरे पास आना ,,,,,,,और फिर यह कहे विवेक ,,,,,,,वहां से जाने लगता है,,,,,,,कि तभी विवेक दोबारा पीछे मुड,,,,,एक नजर विधि की तरफ देख,,,,,और हां जल्दी तैयार हो ,,,,,नीचे आओ,,,,,,क्योंकि मैं नहीं चाहता,,,,,,,कि तुम अपने पहले दिन ,,,,,,कॉलेज लेट जाओ ,,,,,,यह कहे विवेक वहां से निकल जाता है

    और वही विवेक अब भी काफी कसम कश में था ,,,,कि रोहि का बचपन बढ़ता जा रहा है,,,,,,,पता नहीं किसने ,,,,,,,उसके दिमाग में,,,,,यह भर दिया,,,,,कि वह विवेक से प्यार करते हैं

    और वही विधि अपना मुंह फूलते हुए,,,,,,क्या मुझे प्यार का मतलब नहीं पता,,,,,,क्या उसने मुझे झूठ बोला ,,,,,,अरे उसने तो यही तो कहा था,,,,,,कि प्यार में हमेशा इंसान खुश रहता है,,,,

    इसका मतलब झूठ बोली थी,,,,,नहीं,,,,,ऐसा करती हूँ,,,,में फोन में सर्च करती हूं ,,,,,,यह कह विधि जल्दी से,,,,,,,अपना फोन निकाल ,,,,,,,,उसमें सर्च करने की होती है ,,,,,,कि तभी कुछ सोच,,,,,अरे नहीं नहीं ,,, ,,,अगर कोई गंदी वीडियो आ गई तो ,,,,

    और अगर भाई क्यों इस बारे में पता चला ,,,,,,कि मैं फोन में यह सब सर्च करती हूं,,,,,,,तो भाई क्या सोचेगा मेरे बारे ,,,,,,में,,

    अरे नहीं नहीं विधि ,,,,,अरे कुछ और सोच विधि,, ,और अपने दिमाग के घोड़े दौडाने लगती है,,,,तबी उस के दिमाग में ,,,,कुछ आता है जिसे सोच विधि,,,,मुस्कुराते हुए ,,,,,,जल्दी से अपना बैग उठा ,,,,,वह भी नीचे की तरफ चली जाती है

    आज के लिए बस इतना

  • 3. love begins with revenge - Chapter 3

    Words: 699

    Estimated Reading Time: 5 min

    और नहीं दूसरी तरफ है विराज अपने ऑफिस में बैठा फाइल पढ़ रहा था,,,,,कि तभी उसके फोन की घंटी बजती है,,,,,जिसे देख विराट ,,,,जल्दी से फोन उठा ,,,,,अपने कान से लगा लेता है,,,,,कि तभी पीछे वाले की बात सुन ,,,,,,,रहने दो ,,,,,जब भूख लगेगी,,,,,तो अपने आप खा लेंगे,,,,,और दोबारा मुझे बार-बार फोन कर ,,,,डिस्टर्ब मत करना यह कहे है,,,,,मेरा विराट गुस्से से फोन कट कर देता है

    और वही कॉलेज में विधि ने पहले दिन ही पूरे कॉलेज में तहलका मचा दिया था ,,,,,,और वह इस वक्त ऑफिस में प्रिंसिपल सर के सामने अपना सर झुकाए खड़ी थी,,,,,,,प्रिंसिपल सर विधि को सुनाई जा रहे थे ,,,,,,विधि बेटा तुम कब बड़ी होगी ,,,,,,, तुमने ऐसा क्यों किया ,,,,,अपनी खाई हुई चिलगम,,,उस लड़के की टैक्स के ऊपर,,,,क्यों रखा ,,,,,तुम्हारी वजह से उसकी पूरी पेंट खराब होगी ,,,,,हां बोलो तुम अपने स्कूल में भी यही करती थी,,,,,आप तो सुधर जाओ

    क्योंकि हमेशा स्कूल से तुम्हारी कंप्लेंट मुझे आई थी,,,,,,,,और मैं हमेशा विरात से छुपा लेता था,,,,,,ताकि तुम्हें डांट ना पड़े ,,,,,,लेकिन तुम अब तक सुधरी नहीं

    क्या तुम चाहती हो ,,,,,,कि मैं तुम्हारी कंप्लेंट विराट से करूं ,,,,,जिसे सुन विधि अपने नकली आंसू बहाते हुए,,,,,,प्लीज अंकल सॉरी ,,,,आई प्रॉमिस आब से मैं,,,,ऐसा नहीं करूंगी,,,,,यह कहते हुए ,,,,वह अपनी आँखों को बलि्क कर सामने प्रिंसिपल को देखने लगती है,,,,,इस वक्त उस ऑफिस में,,,,विधि और प्रिंसिपल के सिवा कोई नहीं थ

    जिसे जिसे देख ,,,,वह प्रिंसिपल भी रोहि कि इस मासूम बोली; सकल के चक्कर में पिघल जाता है ,,,,,और फिर वह विधि के सर पर ,,,,,हाथ रख ठीक है विधि ,,,,,इस बारे में तुम्हें माफ करूं ,,,,,विराज को तुम्हारी शिकायत नहीं करूंगा,,,,,लेकिन आई प्रॉमिस अगली बार में तुम्हारी कंप्लेंट,,,,विराट से जरूर करूंगा

    जिसे; सुन विधि अपना भोला सा मुंह बना,,,,,ओके सर,,,,यह कहे वहां ऑफिस से निकल जाती है ,,,,,,और फिर विधि ऑफिस से बाहर ,,,,,बड़े आए; विराट भाई से शिकायत करने ,,,,,,और फिर अपने चेहरे पर स्माइल ला,,,,,,,बस एक बार फोटो मिल जाए ,,,,,,,

    फिर मैं प्रिंसिपल को छोड़ेगी नहीं,,, आप ने मुझे डाटा,और   भाई को बताने की धमकी दी,,,,, देखो अब मैं कैसे आंटी से आपकी कंप्लेंट कर, ,,,,,आपको आपकी बीवी से दांत खिलाती हूं ,,,,,,फिर विधि अपना मुंह टेढ़ा करते हुए,,,,वह वहां से निकल जाती है

    और वही ऑफिस के अंदर ,,,,प्रिंसिपल सर विधि के ऑफिस से बाहर जाते ,,,ही ,,,,एक लंबी गहरी सांस छोड़ते हुए ,,,,,इसे में बचपन से देखता रहा हूं,,,,,,इसकी शरारती कम नहीं होती ,,,,,,अब मैं पक्का आखिरी बार इसे वोरन कर रहा हूं ,,,,,,अगर इसमें कोई शरारत की ,,,,,तो मैं सच में इसकी कंप्लीट,,,, विराज से कर दूंगा ,,,,,,फिर विराज ही संभालेगा ऐसे,,,,,क्योंकि यहां कोई और नहीं विराज और विधि के अंकल,,,,,थे,,,बचपन से ही उन्हें संभाला था

    और फिर विराज ऑफिस से सीधा ,,,,,मेंशन से सीधा,,,,विधि के कमरे में जा देखता है तो ,,,,,,,विधि बड़े सुकून से अपनी आंखें मुद्दे,,,,बेड पर सो रही थी ,,,,,,,जिसे देख विराज धीरे से ,,,,अपने कदम विधि की तरफ बढ़ा,,,,,,,अपना हाथ विधि के सर पर रख,,,,,मेरी प्यारी गुड़िया ,,,,,,,कहते हुए विराट नीचे झुक ,,,,,विधि के माथे को चूम लेता है ,,,,,,,और फिर वह चुपचाप दरवाजा बंद कर ,,,,,,अपनी कार की चाबी ले,,,,,दोबारा वह उस मेंशन से निकल जाता है

    और सीधा वह अपने फार्म हाउस जा,,,,,अपने एक मेड से ,,,,,क्या आप तक उसने कुछ खाया ,,,,,जिसे सुन वह मेड ना सर

    जिसे सन विराज गुस्से से ,,,,,अपने हाथों की मुट्ठी बंद कर देता है,,,,और गुस्से से ,,,,अपनी कदम उस कमरे की तरफ बढ़ा देता है जिस कमरे में इस वक्त अंजलि कैद थी

    वह उस कमरे में जा सीधा बेड के पास खड़ा हो,,,,,अंजलि को देखने लगता है ,,,,जो अब भी ,,,,,,अपना सर घुटनों में छुपाए रो रही थी

    और वही अंजलि,,,,,,,जो कि बस रोये जा रही थी,,,,,,लेकिन अपने सामने खुद को किसी को घुरता देख,,,,,वह धीरे से,,,,,,अपना सर उठा सामने देखती है ,,,,,तो विराट का चेहरा देख

    , , वह उसे देखते रह जाती है,,,,ब्लैक बिजनेस सूट पहने ,,,,,वह बहुत ही हैंडसम लग रहा था,,,,,, वह किसी कामदेव की तरह लग रहा था ,,,,,,,लेकिन उसके सिर्फ आंखें थी जो लाल थी , ,, अंजलि आब भी उसे एक तक देख रही थी

    जिसे देखकर अंजलि झट से बेड से उठ,,,,, वह विराज का हाथ पकडते हुए,,,,,,तो तुम तो वही ,,,, मोल वाले लड़के हो ना ,,

    आज के लिए बस इतना

  • 4. love begins with revenge - Chapter 4

    Words: 517

    Estimated Reading Time: 4 min

    वह उस कमरे में जा सीधा बेड के पास खड़ा हो,,,,,अंजलि को देखने लगता है ,,,,जो अब भी ,,,,,,अपना सर घुटनों में छुपाए रो रही थी

    और वही अंजलि,,,,,,,जो कि बस रोये जा रही थी,,,,,,लेकिन अपने सामने खुद को किसी को घुरता देख,,,,,वह धीरे से,,,,,,अपना सर उठा सामने देखती है ,,,,,तो विराट का चेहरा देख

    , , वह उसे देखते रह जाती है,,,,ब्लैक बिजनेस सूट पहने ,,,,,वह बहुत ही हैंडसम लग रहा था,,,,,, वह किसी कामदेव की तरह लग रहा था ,,,,,,,लेकिन उसके सिर्फ आंखें थी जो लाल थी , ,, अंजलि आब भी उसे एक तक देख रही थी

    जिसे देखकर अंजलि झट से बेड से उठ,,,,, वह विराज का हाथ पकडते हुए,,,,,,तो तुम तो वही ,,,, मोल वाले लड़के हो ना ,,


    🩷🩵🩶
    aab aage



    क्योंकि अंजलि ने उसे ,,,,,एक हफ्ते पहले मोल में देखा था,,,,,वह तब से ही उसकी दीवानी हो गई थी ,,,,,उसे नहीं पता वह लड़का कौन था ,,,,,लेकिन ऐसा एक भी रात नहीं गई थी,,,,,,जब अंजलि ने उसे अपने सपने में नहीं देखा होगा,,,,,वह तो,,,,,उसके लिए एक राजकुमार की तरह लग रहा था ,,, जिसकी अंजलि इतने दिनों से सपने देखते आ रही थी,,,,,,,लेकिन अफसोस- वह उसका राजकुमार के रूप में नहीं ,,,,,,एक रक्षा के रूप में ,,,,,उसके सामने खड़ा ,,,,,,उसकी जिंदगी तबाह करने को तैयार था,,,,,,,वह अपनी नफरत में सब कुछ भूल चुका था,,,,,,उसे सिर्फ और सिर्फ अपने कानों में ,,,,,,,अपनी मां और बुआ की चिखे,,,, और अपनी आंखों में अपनी मां की और बुआ की खून से लटपट,,,शरीर ही नजर आ रहा था,,,  उसे तो अंजलि से जैसे कोई लेना-देना था ही नहीं,,,,,, उसे तो बस अपने सामने खड़ी ,,,,,,इस लड़की के बाप को तबाह ,,,,और उसके आंसू देखते थे,,,,,जो इस लड़की के आंसुओं से होते हुए ही ,,,,पूरा होना था,,, अंजलि को आपना हाथ पकड़ता देख,,,,फिर विराज गुस्से से,,,,,,अपने हाथों की मुट्ठी बंद कर देता है ,,,,, और फिर विराज पीछे पलट ,,,अंजलि का चेहरा देखने के लिलि,,,,,थोड़ा नीचे झुक एक नजर ,,,,अंजलि के पूरे  चेहरे को देख,,,,, एक चुटकी में,,,,,उसे अपना हाथ छोड़ा,,,,अंजलि का कड़ाई पकड़,,,,उसे गोल घुमा ,,,,,उसके बैक से लगा ,,,उसे अपने करीब खींच देता है और वही आंजली तो जैसे,,,,किसी सपने में चली गई थी ,,,उसे नहीं पता था,,,,,,कि वह उसका हीरो नहीं,,,,,उसकी जिंदगी का विलेन है ,,,,,,,यह सोचते ही ,,,,अंजलि की धड़कनों की रफ्तार तेज हो जाती है ,,,,,,,,उसे नहीं पता कि वह एक ऐसे इंसान के सपने देख रही थी ,,,,,,,जिससे वह कभी नहीं हो सकती थी,,,, जिससे उसे सिर्फ दुख मिलने वाला था,,,,,,,जिसे सोच अंजलि की आंखों में आंसू आ जाता है ,,,,,,और वह होठों से कुछ बोलते ही जा रही थी,,,,,,,कि तभी अंजलि को उसे ,,,,,,अपने गर्दन पर विराज की गर्म सांसों के साथ आवाज महसूस होती है,,,,तुमने मुझे मॉल में देखा तो फिर क्या जिसे सुन अंजलि अपनी कापते होठों से ,,,कौन-कौन हैं आप ,,,,,अंजलि ने इतना ही कहां होगा ,,,,,,कि तभी विराज अंजलि को पलट ,,,,,उसे अंजलि के फेस को देखते हुए,,,,,,तुम्हें यह जानने की ,,,जरूरत नहीं है ,,,, उसके आवाज में ,,,,कुछ तो था ,,,,जो विराज को,,,,,उसे छोड़ने पर मजबूर कर दिया था लेकिन क्यों ,,,,और  तुम हो कौन  और ,,,,,मुझे मुझे यहां क्यों लेकर आए हो

  • 5. love begins with revenge - Chapter 5

    Words: 1422

    Estimated Reading Time: 9 min

    लेकिन देखो ,,,,,उससे प्यार किसे हुआ था,,,,,,एक हवन से ,    राजकुमार से नहीं ,,,,जिसे हर लड़की का सपना होता है,,,,,कि उसे अपने पलकों पर रखें,,,,लेकिन उसका उल्टा ,,,,जैसे सपनों में राजकुमार की तरह अपनी जिंदगी में इमेजिन किया था,,,,,,वह तो एक हैवान  निकला ,,,,,जो इस वक्त उसे जबरदस्ती चूम रहा था,,, 
    जिसे महसूस कर अंजलि अपने हाथों की मुठी बना,,,,वह विराज के पीठ पर मारने लगते हैं ,,,,
    लेकिन विराज ,,,उसे नहीं छोड़ता ,,,,जब तक वह उसके किस से,,,,सर्टिफाइड नहीं हो जाता ,,,,,लेकिन विराट उसकी फोटो को छोड़ उसके गर्दन पर आ जाता है,,,,जिसे महसूस कर अंजलि ,,,,के रोगते,,, खड़े होने लगी थी ,,,,,और वह  और भी ज्यादा छटपटाने लगी थी ,,,,,लेकिन लम्बी किस होने कि ,,,,,,,,वजह से ,,,, उसकी सासे फुलने लगी थी,,,,,,,,,,, उसे सांस लेने में प्रॉब्लम होने लगी थी, ,,,जिससे अंजलि खुद के सांसों को काबू पा,,,,विराज को खुद से दूर धक्का देते हुए,,,प्लीज मुजझे ,,,मुजझे दूर रहो
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    Abb aage______
    लेकिन विराज उसे नहीं छोड़ रहा था,,,  या यूं कहे,,,,,,वह उसे छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं था,,,,,जिससे अंजलि जोर-जोर से रोने लगती है ,,,,,,की तभी विराज अंजलि की रोने की आवाज सुन,,,,,अपना सर ऊपर कर,,,,,अंजलि का चेहरा देखता है ,,,,,तो उसका पूरा चेहरा ,,,,आसुओ से भीगा हुआ था ,,,,,,जिसे देख,,,,वह कुछ देर बड़े गोर से अंजलि को देखता है ,,,,,,और फिर बगैर वक्त घबराए ,,,,,,वह अंजलि के ऊपर से उठ ,,,,,वहां से चला जाता है ,,,,,
    और वही अंजलि विराट के कमरे से जाते ही,,,,,,बगैर  वह जल्दी से बेड पर बैठ खुद को खुद में समेट लेती है ,,,,,और भी जोर-जोर से रोने लगती है,,,,,, वह लगभग 5 मिनट ही रोई, होंगी,,,,,कि तभी उसकी नजर सामने दरवाजे पर जाती है,,,,,,,जिसे देख उसकी आंखों में चमक आ जाता है,,,,,,क्योंकि विराज जल्दबाजी में यहां से जाने के चक्कर में,,,,,वह दरवाजे बंद किए बगैर ही,,,,वहां से चला गया था ,,,
    और रूही का हाथ भी खुला था,,,,,,जिससे अंजलि बगैर देरी कीये ही,,,,वह अपने पैरों की रफ्तार तेज कर,,,,,वह उस कमरे से,,,,,,बाहर निकल जाती है ,,,,,,वह इस वक्त जितना रोई थी,,,,उसे उतना ही ज्यादा खुश थी ,,,
    कि अब वह आजाद हो जाएगी ,,,,,जिससे वह दौड़ते हुए,,,,,बस वहां से भागना चाहती थी ,,,,,,,और वही विराज के सभी गॉड्स भी इस वक्त ,,,,,अपनी चेयर पर बैठे ,,,,,,पहले पहर की नींद,,,,ले रहे थे ,,,,,,,जिसे देख अंजलि वह गार्डन,, की एरिया की तरफ जा ,,,,
    वहीं पास में,,, पडे,,,,जितने भी थी,,, उन ईटों को इकट्ठा कर ,,,,,वह ऊंचा कर लेती है ,,,,और फिर उस पर चढ़,,,,वह जल्दी से,,,दीवार से कूद जाती है,,,,,और वहीं दूसरी तरफ खुद से ,,,,वहां पर कई सारे पत्थर थे ,,,,,जिससे वह  अंजलि के पैरों पर जा लगते हैं,,,, 
    लेकिन वह अपने दर्द  प्रभाव कीये बगैर,,,,वहां से भागने लगती है ,,,,,उसके  पैर से ,,,,खून भी बह रहे थे,,,,,लेकिन फिर भी वह ,,,,,बस वहां से भागी जा रही थी,,,,,,इस वक्त उसके चेहरे पर दर्द ,,,,,और दिल में एक खुशी के एहसास थी,,,,,,,कि वह वहां से आजाद हो गई है ,,,,,,और वही विराज ,,,,,जो अपने कमरे में,,,,,,,सबसे पहले शॉवर लेने चला जाता है,,,,,क्योंकि उसे एक अजीब सी बेचैनी हो रही थी ,,,अंजलि के करीब जाकर ,,,
    जिसे वह शावर के नीचे कम करना चाहता था ,,,,,वह लगभग आधे घंटे बाद ,,,,बाहर आता है,,,,,तब तक 4:00 बज चुके थे ,,,,,जिससे वह सीधा,,,,जिम चला जाता है ,,,,,,और फिर वह कुछ टाइम बाद,,,,,,
    वह वहा से,,,,नीचे की तरफ आता है,,,,,,कि तभी उसकी नजर एका एक अंजलि के कमरे की तरफ चली जाती है,,,,,,जो की खुला था ,,,,,जिसे देख विराज की आंखें छोटी हो जाती है,,,,,,,और फिर वह अपने लंबे कदमों से,,,,,अंजलि के कमरे की तरफ चला जाता है,,,,,लेकिन वहां अंजलि को ना पा ,,,,,वह अपने दांत पीसते हुए,,,,,तुमने सही नहीं किया अंजलि ,,,,,मेरी कैद से भाग कर ,,,,,जिसका हरजाना तुम्हें,,,, भुगतना,, होगा,,,,, यह कहें वह लंबी कदमों से,,,,वह ,,,अपने किसी दूसरे रूम में चला जाता है
    और वह  वहां से ,,,,लगभग 10 मिनट बाद ,,,बाहर आ,,,,सीधा गाडन एरिया जाता है ,,,,,जहां पर से अंजलि  भागी थी ,,,,,,,जिसे देख ,,,,वह मुस्कुराते हुए,,,,,,इतना आसान नहीं है ,,,,,,विराज की कैद से,,,,भागना,,,,,यह कहैं ,,,,,,वह अपनी कार ले,,,,,असली को ढूंढने चला जाता है
    क्योंकि यह जंगली इलाका था ,,,,,क्योंकि यहां आना तो आसान था ,,,,,लेकिन जो इंसान जानता नहीं है,,,,,उसे यहां से निकलना आसान नहीं था,,,,,जिससे जंगल की एरिया के पास ले जा,,,,वह कार रोक,,,, अपने कदम जंगल की तरफ बढ़ा देता है ,,, 
    और वही अंजलि तो भागे जा रही थी ,,,,उसे इस वक्त,,,,बहुत डर लग रहा था,,,,,एक तो पीछे से विराज से,,,,और आगे उसे जंगल से ,,,,लेकिन फिर भी वह जंगल को गले लगाए,,,,भागे जा रही थी 
    उसे नहीं पता,,,,कि आगे जाकर,,,,उसका क्या होगास,,,,लेकिन उसे किसी भी हालत में,,,,,,अपने घर पहुंचना था,,,,अपने डैड से अपने भाई से मिलना था
     की तभी वह,,,,,किसी पत्थर से,,,,जा टकराती है,,,,,,जिससे वह सीधा जमीन पर जा ,, गिरती है ,,,,और उसके घुटनों से खून बहने लगता है, ,, जिससे वह अपने डैड का नाम ले,,,,चिख पड़ती है ,,,,,क्योंकि उसने जिंदगी में कभी एक,,, खरोच तक नहीं हुआ था,,,,क्योंकि वह एक फूल की गुड़िया की तरह ,,,सजा कर रखी गई थी ,,,,उसे उसके बाप,,,,,और भाई ने,,,,,उसे बहुत प्यार दिया था 
    ,,,,जिससे वहां हिम्मत जुटा ,,आगे की तरफ बढ़ती जा रही थी ,,,की तबीयत उसे एक नदी सा दिखता है,,,,,जिससे देख वह,,,,अब में क्या करूं,,,,क्या करूं कि तभी,,,,उसे शेर की दहाड़ने की आवाज सुनाई देती है ,,, 
    जिसे सुन ,,,उसकी आंखें बड़ी हो जाती है ,,,,और फिर वह उसी रास्ते दौड़ने लगते हैं ,,,,जिस रास्ते वहां,,,,,,यहां तक आई थी,,,,क्योंकि वह मरना नहीं चाहती थी,,, 
    जिससे वह अपनी पूरी हिम्मत जुटा,,,,आगे जा रहे थे,,,,,लेकिन उससे,,भागा नहीं जा रहा था,,,,क्योंकि उसके घुटनों से खून बह रहा था ,,,,
    की तभी उसे,,,,,अपने थोड़े से दूर पर,,,,शेर दिखाई देता है ,,,,,,जिसे देख ,,,,,हक लाते हुए ,,,,पीछे की तरफ धीरे-धीरे पीछे की तरफ जाने लगती है ,,,,क्योंकि,, इस वक्त वह बहुत ही ज्यादा डरी हुई थी ,,,क्योंकि वह मरना नहीं चाहती थी,,,,और उसके सामने ही,,,, उसकी मौत,,,खड़ा था,,,,,उसे यह तो उम्मीद थी,,,,,,की विराज के हाथों क्या पता,,,वह बच जाती ,,,,,, लेकिन शेर की आगे,,, वह कभी नहीं बचेगी,,, 
    उसे नहीं पता विराज कैसा इंसान था,,,,,लेकिन फिर भी ,,,,,,इस वक्त ,,,, विराज को याद कर रही थी,,,,,की तभी वह शेर अपने कदम अंजलि की तरफ बढ़ाने लगता है ,,,,,और वही अंजलि इस तरह जमीन पर बैठे ,,,,पीछे की तरफ खिसक रही थी ,,,,,कि तभी उसे, ,,अपने पीछे किसी की आहाट सुनाई देती है ,,,,,जिसे सुन,,,, वह अपना सर पीछे कर देखती है ,,,,,तो उसके पीछे कोई और नहीं विराज था,,,, 
    जिसे देखो बगैर देरी कीए ,,,, वह दौड़ते हुए ,,,,सीधे विरात के गले जा लगती है,,,,,वह उसी के गले लगी थी,,,,,जिससे वह,,,,,थोड़ी देर पहले ,,,,भाग कर यहां आई थी,,,,,,वह उसे इस तरह टाइट से पकड़ी थी ,,,,,कि जैसे वह उसे कहीं छोड़कर चला जाएगा,,, 
    और वही विराज,,जो अपनी आंखों में गुस्से के ,,,लावा लिए ,,,,अंजलि को देख रहा था,,,,उसे बाजुएँ से पकड़ ,,,उसे खुद से दूर कर ,,उसे खींच के चांटा लगाता है ,,,और उसके होटो से खून बहने लगता है,,, 
    तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई,,,वहां से भागने की ,,,,तुम्हें मरने का बहुत शौक है ना,,,,तो ठीक है मारो ,,,,इसी जंगल में ,,,,भागना ना भागो ,,,,जितना भागना है भागो ,,,,,यह कहे वह पीछे ,,, मुर्ड अंजलि को बगैर ध्यान दिए ,,,,,,वह वहां से जाने लगता है ,,,
    और वही अंजलि एक नजर शेर को देख,,,जो वहीं पर खड़ा  था,,,,वह जमीन से उठते हुए ,,,,एक बार अपने गालों को ,, सहला,,,वाह,,,, जमीन पर से उठे दौड़ते हुए,,,,विराज के पास चली जाती है ,,,,और फिर उसका हाथ पकड़ ,,,,मैं नहीं भागूंगी ,,,,,पर मुझे इस तरह शेर के पास मत छोड़ो,,,,,प्लीज प्लीज मुझे मार देगा ,,,,मैं अभी मरना नहीं चाहती,,मुझे मुझे जीना है ,,,,प्लीज मुझे यहां छोड़कर मत जाओ,, 
    यह कहते हुए ,,,वह बार-बार उसका हाथ पकड़ रही थी,, 
    और वहीं विराज ,,,, उसे धक्का दे,,,,जमीन पर दोबारा गिराते हुए ,,,,,,तुम मरोगी,,,,,क्योंकि मैं भी तुम्हें नहीं बचाने वाला,,,,बहुत शौक है ना तुम्हें मरने का ,,,,,तो जाओ मरो,,,,,लेकिन मुझे उम्मीद मत करना ,,,,, कि मैं तुम्हें बचाऊंगा ,,,,यह कह वह  वह वहां से जाने लगता है
    ,, जिसे सुन अंजली की आंखों में आंसू आ जाते हैं ,,,,जिससे वह अपने नंम  आंखों से ,,,,एक नजर विराज को देख,,,,दोबार  शेर की तरफ देखती है ,,,
    जो कि वह अपने कदम उसी की तरफ बढ़ा रहा था  ,,,, जिसे देख ,,,,,अंजलि की सांस रुक से गई थी,,,,,की वह शेर ,,अंजली के बिल्कुल नजदीक का जाता है,,,,और फिर वह दहाड़ते हुए ,,,,, और फिर,,,वह शेर दहाड़ते हुए, , ,,अंजलि के बिल्कुल करीब पहुंच जाता है
    शेर को अपने इतने पास देख अंजली, की तो ,, जैसे सांस ही रुक गई थी
     आज के लिए बस इतना तो देखते हैं कि कल क्या होने वाला है क्या अंजलि कुछ देर से बचेगी या फिर यहीं खत्म हो जाएगी अंजलि की कहानी
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 6. love begins with revenge - Chapter 6

    Words: 1068

    Estimated Reading Time: 7 min

    जिसे सुन अंजली की आंखों में आंसू आ जाते हैं ,,,,जिससे वह अपने नंम आंखों से ,,,,एक नजर विराज को देख,,,,दोबार शेर की तरफ देखती है ,,,

    जो कि वह अपने कदम उसी की तरफ बढ़ा रहा था; ,,,, जिसे देख ,,,,,अंजलि की सांस रुक से गई थी,,,,,की वह शेर ,,अंजली के बिल्कुल नजदीक का जाता है,,,,और फिर वह दहाड़ते हुए ,,,,, और फिर,,,वह शेर दहाड़ते हुए, , ,,अंजलि के बिल्कुल करीब पहुंच जाता है

    शेर को अपने इतने पास देख अंजली, की तो ,, जैसे सांस ही रुक गई थी
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    और उसकी आंखों से आंसू बहने लगते हैं कि अब वह जिंदा नहीं बचेगी उसके सामने खड़ा हुआ शेर उसे खा जाएगा

    और किसी को पता भी नहीं चलेगा ,,,,यहां तक उसे उसकी हड्डियां भी किसी को नहीं; मिलेगी,,,,यह सोच ,,,वह अपनी आंखों से,,,यमुना गंगा बहाते हुए ,,,,अपनी आंखें बंद कर देती है,,,,,,क्योंकि वह जान गई थी ,,,,,,कि अब उसे कोई नहीं बचाने वाला ,,,,,,अब उसके सामने सिर्फ और सिर्फ मौत है,,,,,,लेकिन अंजलि फिर भी अपनी आखिरी हिम्मत जुटा,,,,वहां जल्दी से जमीन से उठ ,,, दौडते हुए ,,,,विराज की बिल्कुल सामने खड़ी हो जाती है ,,,,और बगैर विराट को कोई मौका दिए,,,,उसके सीने से तक ,,,,उसे टाइट से पकड़ देती है,,

    और वही विराज जो गुस्से से अपनी कदम विला की तरफ बढ़ाया जा रहा था ,,,,,यूं अचानक अंजलि के गले लगने से,,,,,विराज की आंखें छोटी हो जाती है ,,,और फिर वह एक तक अंजलि को घूरने लगता है ,,,

    और वही अंजलि अपनी पूरी पकड़ विराज की कमर पर कसते हुए, ,,,नहीं नहीं छोडूंगी मैं तुम्हें,,,,तुम मुझे यहां उठा कर आए हो,,,,,तुम्हारा फर्ज बनता है,,,मेरी जान बचाने को ,,,,मैं मैं नहीं छोडूंगी तुम्हें,,,,,यह कहते हुए असलियत अपने सर विराज के सीने पर रख ,,,,अपनी आंखें बंद कर लेती है,,,

    और वही विराज अंजलि की बात सुन ,,,,उसके होठों पर मुस्कुराहट आ जाती है ,,,,,और फिर विराज अंजलि को इस तरह अपनी गोद मि,,,ले अपनी कदम वीला की तरफ बढ़ा देता है,,,,,और वही अंजलि विराज को,,,उसे गोद में लेने से ,,,,वह अपना हाथ विराज के गले में डाल ,,,उसे टाइट से पकड़ लेती,,,

    अंजलि इस वक्त डर से कांप रही थी,,,,,जिससे अंजलि विराज के गोद में से ही ,,,,विराज के पीछे देखने की कोशिश कर रही थी,,,,लेकिन वह पीछे नहीं देख पा रहे थे,,,,,जिससे उसे काफी बेचैन भी हो रही थी ,,,,

    कि आखिर में वह शेर गया तो गया कहां,,,,अब तक तो उसे हमला कर देना चाहिए था,,,,,लेकिन उसने उसे कुछ कहा क्यों नहीं ,,,,,यह सोचते हुए वह,,,,विला तक पहुंच जाते हैं ,,,,,कि तभी अंजलि को विराज की आवाज आती है ,,,,जो अपनी गांड की तरफ देखते हुए ,,,,,,जो अभी के अभी जोओ,,,,,और 🦁 शेरु को उसके जगह पहुंचाओ ,,,,,यहां कहे वह अंजली को ले,,,, विला के अंदर चला जाता है,,,,

    ,,,कि तब जाकर उसकी नजर अपने पीछे किसी पालतू जानवर की तरह बैठे शेर पर जाती है,,,,,,जिसे देख अंजलि की आंखें छोटी हो जाती है ,,,,और फिर वह एक तक विराज की तरफ देखने लगती है,,,,,और फिर अपने आप से,,,,,क्या इसने शेर पाला है ,,,,क्या यह इसका पेट है,,,वह इस वक्त काफी हैरान थी,,,,,क्योंकि उसने कभी नहीं सोचा था ,,,,,,कि कोई इंसान शेर भी पाल सकता है,,,,,क्योंकि उसने हमेशा लोगों को कुत्ता बिल्ली चूहा खरगोश,,,और कई पालतू जानवर पालते हुए देखा है ,,,लेकिन शेर नहीं ,,,

    तब तक विराट अंजलि को ले कमरे में पहुंच जाता है ,,,,,और उसे बेड पर पटक गुस्से से अंजलि को घूरते हुए,,,,,अब तो तुम जान के ना ,,,,,की शेरु कौन है ,,,,तब तो अब तुम अपने दिमाग से यह ख्याल छोड़ दो ,,,,,कि तुम यहां से चली जाओगी,,,,,

    जिसे सुन,,,;अंजलि रोने लगती है ,,,,,और फिर वहां बेड पर बैठे हुए ही,,,,विराज की तरफ देखते हुए क्यों आखिर क्यों तुम ऐसा कर रहे हो,,,,,मेरी क्या गलती है ,,,,,,तुम आखिर में चाहते क्या हो,,,,,हमसे ,,,,

    क्यों क्यों हमें जाने नहीं दे रहे हैं,,,मुझे अपने घर जाना है,,,,,सब मेरा इंतजार कर रहे होंगे ,,,,मेरे पापा मां और भाई वह तुम्हें छोड़ेंगे नहीं इसलिए मुझे जाने दो

    ,,,,,,देखो मैं तुम्हारा क्या बिगाड़ा है,,,,,तुम मुझे यहां क्यों कैद करके रख रहे हो,,,,,

    देखो तुम मुझे अच्छे इंसान लगते हो,,,,,अगर तुम मुझे ऐसे यहां जबरदस्ती रखोगे ,,,,,तो तुम्हें सब लोग किडनैपर सोचेंगे ना,और तुम पर केस हो जाएगा,,,,क्या तुम चाहते हो कि तुम जेल जोओ,,,,,

    आब तो बस अंजलि का इतना ही कहना था,,,,कि विराट का गुस्सा अंजलि पर फट पड़ता है ,,,,जिससे विराज गुस्से से अपने कदम अंजलि की तरह बढ़ने लगता है,,,

    क्योंकि विराट को इस शब्द से भी नफरत थी,,,क्योंकि उसने कम उम्र में ही जेल का चेहरा जो देख लिया था ,,,,वह भी बगैर किसी जुल्म के,,,,

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    और वहीं दूसरी तरफ विधि कॉलेज में बैठी यार मुझे नहीं समझा था , , की प्यार में लोग घूमने जाते हैं ,,,,कैफेटेरिया जाते हैं ,,,,फिल्म देखने जाते हैं,,,,,लेकिन ऐसा कुछ नहीं है,,,,विराज तो मुझसे कहता है कि प्यार का यह मतलब नहीं होता है ,,,,,क्या तुम सब बताओ यार,,,,की प्यार का मतलब क्या होता है ,,,,यार मुझे क्या पता ,जो मुझसे पूछ रही है,,,

    जिसे सुन विधि चिढ़ते हुए ,,,,तू ही बताओ फिर मैं क्या करूं ,,,, उनको कैसे यकीन दिलाओ ,,,,कि मैं उससे प्यार करने लगी हूं,,,,सच में मैं उसे बहुत प्यार करती हूं,,,,मैं सच में उसके साथ घूमना चाहती हूं ,,,मूवी देखना चाहती हूं,,,,लेकिन वह तो मेरी सुनता ही नहीं है

    जिसे सुन वह लड़की ,,,,क्या तूने कभी विवेक को किस किया है,,,

    ;जिसे सुन विधि नहीं ,,,,अभी तक मैंने उसे एक बार भी किस नहीं किया,,,

    जिसे सुन वह लड़की क्या तूने अब तो किस ही नहीं किया ,,,,,तूने सच में उसे अब तक किस,,, नहीं किया तो तू कहां उसे प्यार करती है,,,,,प्यार का सबसे पहला स्टेप ,,,,उसे किस करना ,,,,,अगर तूने उसे किस कर लिया ,,,,,,तभी तो उसे पता चलेगा ,,,,,कि तू उससे प्यार करती है,,,,,

    क्या सच में अगर मैं मेरा विवेक को किस कर लूंगी ,,,,तो उसे पता चलेगा,,,,कि मैं उससे प्यार करती हूं,,,

    और क्या पागल लड़की ,,,,,क्योंकि जो इंसान प्यार करते हैं ,,,,,वही तो किस करते हैं,,,,,तुझे इतना भी नहीं पता ,,,,,विधि कंफ्यूज होते हुए,,,,,,सच्ची पर मुझे नहीं पता था ,,,,,और फिर चाहकते हुए ,,,,,खुश हो तो ठीक है,,,,,मैं आज विवेक को किस करूंगी,,,,यह कह ,,, विधी,,, अब अपना बैग पकड़ खुश होते हुए,,,,वहां से निकलने लगती है,,,,कि तभी पीछे से ,,,,अरे विधि आज के पूरे लेक्चर तो लगने जा,,,,

    जिससे विधि ,,,,,,नहीं आज तो मुझे अपने प्यार का मिशन पूरा करना है ,,,,फिर कल पूरे लकचर लगाऊंगी ओके बाय ,,,,,यह कह विधि ,,,वहां से दौड़ते हुए चली जाती है

  • 7. love begins with revenge - Chapter 7

    Words: 1071

    Estimated Reading Time: 7 min

    जिसे सुन वह लड़की क्या तूने अब तो किस ही नहीं किया ,,,,,तूने सच में उसे अब तक किस,,, नहीं किया तो तू कहां उसे प्यार करती है,,,,,प्यार का सबसे पहला स्टेप ,,,,उसे किस करना ,,,,,अगर तूने उसे किस कर लिया ,,,,,,तभी तो उसे पता चलेगा ,,,,,कि तू उससे प्यार करती है,,,,,



    क्या सच में अगर मैं मेरा विवेक को किस कर लूंगी ,,,,तो उसे पता चलेगा,,,,कि मैं उससे प्यार करती हूं,,,,



    और क्या पागल लड़की ,,,,,क्योंकि जो इंसान प्यार करते हैं ,,,,,वही तो किस करते हैं,,,,,तुझे इतना भी नहीं पता ,,,,,विधि कंफ्यूज होते हुए,,,,,,सच्ची पर मुझे नहीं पता था ,,,,,और फिर चाहकते हुए ,,,,,खुश हो तो ठीक है,,,,,मैं आज विवेक को किस करूंगी,,,,यह कह ,,, विधी,,, अब अपना बैग पकड़ खुश होते हुए,,,,वहां से निकलने लगती है,,,,कि तभी पीछे से ,,,,अरे विधि आज के पूरे लेक्चर तो लगने जा,,,,



    जिससे विधि ,,,,,,नहीं आज तो मुझे अपने प्यार का मिशन पूरा करना है ,,,,फिर कल पूरे लकचर लगाऊंगी ओके बाय ,,,,,यह कह विधि ,,,वहां से दौड़ते हुए चली जाती है



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    क्या कहा तूने कि तुम मुझे चकमा दे यहां से भाग निकलेगी ,,,तुझे ऐसा लगता है ,,,कि तू अब मेरी इस कैद से भाग निकलेगी ,,,तो ऐसा कभी नहीं होगा ,,,,अब तू जिंदगी भर,,,,यही कैद ;रहेगी ,,, यह कहते हुए विराज,,,,अपने कदम अंजलि की तरफ बढ़ाई जा रहा था



    जिसे सुन अंजलि पर क्यों,,,,तुम मुझे यहां क्यों ,,,,जबरदस्ती रखना चाहते हो,,,,,और फिर अपने आंसू पूछते हुए ,,,रखो रखो मुझे ,,,जितना दिन भी रखना है ,,,,,,,लेकिन एक न एक दिन ,,,,,मेरे डैड मुझे तुमसे बचा ही देंगे ,,,,,और मैं आजाद हो जाऊंगी तुमसे,,,



    जिसे सुन विराज हंसते हुए ,,, ओ तो यह बात है,,,,तुम मुझे आजाद होना चाहती हो,,,,,तो ऐसा कभी नहीं होगा,,,,रही बात तेरे बाप की ,,,,क्यों,,,,तुझे मुझसे छुरा लेगा,,,,तो ऐसा कभी नहीं होगा ,,,,,यह कह विराज कुछ सोच वहां से जाते हुए ,,,,,देख अब मैं क्या करता हूं,,,,,कि तेरा बाप चाह कर भी,,,तुझे मुझसे अलग नहीं कर पाएगा ,,,,,यह कहे विराज वहां से चला जाता है ,,,



    और वही अंजलि विराट को जाता हुआ देखते रह जाती है ,,,,,और उसके दिमाग में,,,आब भी विराज की बातें चल रही थी ,,;कि देखो अब मैं क्या करता हूं ,,,,,जिसे सोच सोच,,,आजली रोने लगती है,,क्योंकि अब उसे डर लग रहा है,,,,,, विराज की बातों से ,,, की कही वह,,, कुछ जैसा ना कर दे,, ,,कि वह चाह कर भी ,,,अपने घर वापस ना जा पाए



    जिसे सोचा,,,अजली,,,मुझे समझ नहीं आ रहा था ,,,कि अब हम करें तो करें क्या,,,, लेकिन उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था,,,,जिससे वह दोबारा बेड पर बैठ,,,,जोर-जोर से रोने लगती है क्योंकि वह अब,,रोने के सिवा ,,,,कुछ नहीं कर सकती थ



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    और वही विध चाहकते हुए भी,,,घर के अंदर आती है,,,,कि तभी उसकी नजर दाई मां पर पड़ती है ,,,,,जिसे देख विधि दौड़ते हुए,,,दाई मां से,,,,दायमा विवेक कहां होगा,,,



    जिसे सुन,,,,वह पीछे मुड़ देखी है,,,,,तो विधि उसके सामने खड़ी थी ,,,,उसे अपने सामने देख ,,,,यहां क्या कर रही है,,,,,इस वक्त तुझे कॉलेज होना चाहिए,,,,,,दो दिन तो हुए थे,,कॉलेज जाते हुए ,,,,,तो क्या फिर से डाट सुनना चाहती है,,,,



    जिसे सुन विधि दाई मां के गले लगते हुए,,,,,क्यों दायमा आप तो मुझे आते ही सुनाने लग गयी,,,,आपने तो मुझसे पूछा भी नहीं ,,,,,कि मैं यहां क्यों आई ,,,,आपको पता है ,,,,,मुझे कितनी भूख लगी है,,,,



    जिसे सुंन दाई,,,अपनी आंखें छोटी कर ,,,,,क्या कहा तुझे भूख लगी है,,,,,,क्यों तेरे कॉलेज में कोई कैंटीन नहीं था ,,,,,जहां से तू कुछ लेकर खा सकती थी,,,,



    जिसे सुन विधि अपने दांतों तले अपनी जीभ कर देती है,,,,,और सिर्फ जबरदस्ती मुस्कुराते हुए ,,,,था ना,,,,,पर मुझे आपके हाथ से खाना था ,,,इसलिए,,



    जिसे सुंन दई,,,,विधि को खुद से दूर कर ,,,,उसके कंधे दबाते हुए ,,,,तू नहीं सुधरेंगी विधि,,,,चल ठीक है ,,,,फिर तेरे लिए कुछ बना देता हूं ,,,



    और विवेक अपने कमरे में होगा ,,,,और कहां होगा,,,,,यह कहे वह विधि के लिए कुछ बनने लगती,,,,,और वही विधि अपना बैग सोफे पर फेक ,,,,,वह दौड़ते हुए विवेक के कमरे की तरफ जाने लगती है,,,



    और विधि बगैर डोर नोक किया,,,,वह सिद्धा कमरे के अंदर चली जाती है ,,,,,तो विवेक उसे सिर्फ डॉल में दिखता है,,,,,,जिसे देख विधि की आंखें बड़ी हो जाती है,,,,,और इसी के साथ विधि की चीख भी निकल जाती है ,,,,,



    और वही विवेक विधि की चीख सुन,,,,पीछे मुड़ देखा है ,,तो विधि अपने मुंह पर हाथ रख ,,,,आंखें फाड़े उसी को देख रही थी







    जिसे देख विवेक गुस्से से,,,, तुम किसी के भी कमरे में नोट किए बगैर चली जाती हो,,,,,, विधि विधि बड़ी हो गई हो अब तुम बच्ची नहीं हो,,,,जो तुम बगैर किसी की परमिशन में किसी के भी कमरे में जा सकती हो ,,,,, क्या तुम दिमाग नहीं चला सकती,,,बेवकूफ लड़की



    और वही विधि विवेक की बात सुन,,,,,अपने गालों को फुल गुस्से से क्या कहा मैं बेवकूफ हूं,,,, में आपना दिमाग नहीं चलती,,,



    यह कहते हुए अपनी कदम; विवेक की तरफ बढ़ाने लगती हैं,,,,, और अभी आपने क्या कहा,,,कि मैं अब बड़ी हो गई हूं ,,,,,, लेकिन कल तो तुम मुझे ,,,,,छोटी-छोटी कह रहे थे,,,,,,मुझे तो यह समझ नहीं आता ,,,,मैं हूं क्या ,,,,,कभी मैं तुम्हारे लिए बड़ी हो जाती हूं,,,,,कभी छोटी,,,,,साफ-साफ बताओ ना,,,कंफ्यूज करके रखा है,,,



    और वही विवेक विधि को बोलते हुए,,,,,खुद की तरफ आता देख ,,,,पहले तो देखो,,,,तुम वहीं रुको,,,,,और फिर कुछ सोच ,,,,नहीं नहीं ,, तुम जाओ यहां से ,,,,जाओ ,,,



    तुम्हें दिख रहा है ना ,,,,कि मैं कपड़े नहीं पहने,,,,तब भी तुम,,,जाओ यहां से



    जिसे सुन विधि कुछ सोच ओके ,,,,,पर मैं नहीं जाऊंगी,,,,,तुम्हें मैं 5 मिनट देती हूं,,,,,तुम जल्दी से ड्रेस अप हो कर आओ,,,,,,क्योंकि मैं तुम्हें किस,,,,यह कहे विधि अपने दांतों तले अपने होठों को दबा लेती है,,,



    जिसे विवेक कंफ्यूज नजरों से विधि को घुरते हुए ,,,,किस मतलब ,,,,तुमने क्या मैं समझा नहीं,,,साफ-साफ बोलो,,



    जिसे सुन विधि,,,,,जबरदस्ती मुस्कुराते हुए ,,,,,अपने दिमाग के घोड़े चलाने लगती है,,,,,और फिर कुछ सोच ,,,,,में कहने वाली थी,,,,,कि मुझे तुमसे किसी किसी किसी टॉपिक पर बात करना है,,, हां किसी टॉपिक पर बात करेंगे



    जिसे सुन विवेक अपनी तिरछी नजरों से ,,,,विधि को घूरते हुए,,,,,फिर यह तुम दांत क्यों दिखा रही हो ,,,,,मुझे ऐसा क्यों लगा ,,,,तुम्हारा दिमाग में कुछ और चल रहा है,,,



    जिसे सुन विधि,,,,फिर से मुस्कुराते हुए,,,,अरे विवेक तुम तो कुछ ज्यादा ही सोचते हो ,,,,मैं बस चलती हूं ,,,,तुम अच्छे से रेडी हो जाओ यहां के हैं विधि उल्टे पैर वहां से भाग जाते हैं,,,



    आज के लिए बस इतना तो देखते हैं कि अब आगे क्या हंगामा होगा क्या ऐसे ही विधि की बचकानी हरकतें विवेक समझ पाएगा और किसके नसीब में होगी विधि की मोहब्बत

  • 8. love begins with revenge - Chapter 8

    Words: 1217

    Estimated Reading Time: 8 min

    जिसे सुन विधि,,,,,जबरदस्ती मुस्कुराते हुए ,,,,,अपने दिमाग के घोड़े चलाने लगती है,,,,,और फिर कुछ सोच ,,,,,में कहने वाली थी,,,,,कि मुझे तुमसे किसी किसी किसी टॉपिक पर बात करना है,,, हां किसी टॉपिक पर बात करेंगे

    जिसे सुन विवेक अपनी तिरछी नजरों से ,,,,विधि को घूरते हुए,,,,,फिर यह तुम दांत क्यों दिखा रही हो ,,,,,मुझे ऐसा क्यों लगा ,,,,तुम्हारा दिमाग में कुछ और चल रहा है,,,

    जिसे सुन विधि,,,,फिर से मुस्कुराते हुए,,,,अरे विवेक तुम तो कुछ ज्यादा ही सोचते हो ,,,,मैं बस चलती हूं ,,,,तुम अच्छे से रेडी हो जाओ यहां के हैं विधि उल्टे पैर वहां से भाग जाते हैं,,,

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    और बाहर वह सीधा अपने कमरे में चली जाती है ,,,, और फिर लंबी लंबी सांस लेते हुए ,,,, यह विवेक कितना चालक है ,,,,कितनी जल्दी मुझे पकड़ लेता है ,,,,सच में यह भी भाई की तरह है ,,,,अगर मैं वहां से आई ना होती तो,,,,उसे सारा सच पता चल जाता ,,,,कि मैं वहां पर ,,,उसे किस करने गई थी,,,

    और फिर खुद से ,,,,और मेरी किस भी रहे गयी अब मैं क्या करूं ,,,,मैं क्या करूं ,,,,उसे कैसे किस करूं ,,,यह सब सोच रही थी

    और वहीं दूसरी तरफ विराज अपने ऑफिस में बैठा अपने,, असिस्टेंट को आर्डर देते हुए ,,,,सारी अरेंजमेंट हो गई है ,,,,मुझे कल तक सारी अरेंजमेंट चाहिए ,,,,एक मिस्टेक भी नहीं होनी चाहिए,,,,अगर हुई,,,, तो भूल जाना,,,इस जॉब कोको, ,,और मैं तुम्हें जो जो कहा,,,,,तुमने वह किया है ना ,,,,कोई कमी नहीं रहनी; चाहिए,,,,

    जिसे सुनो असिस्टेंट यस सर कहै ,,, वह वहां से चला जाता है

    ,,,,और वही विराज आब देखो मिस अंजलि ,,,,अब मैं क्या करता हूं ,,,,कि तुम चाह कर भी मुझसे दूर जाने का सोचोगी भी नहीं,,,, अब जो मर्जी हूं ,,,,,लेकिन अब तुम सारी जिंदगी मेरी कैद में रहोगी ,,,

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    रात का टाइम विधि अपने कमरे से धीरे कदमों से बाहर निकलती है ,,,,और धीरे-धीरे चादर ओढ़ ,,,,वह विवेक के कमरे में सीधा चली जात जाती है ,,,,और फिर कमरे में पहुंच,,,,,अपने धीरे कदमों से ,,,,,वह विवेक के करीब जाने लगते हैं ,,,,,विवेक जो अभी बेड पर सोया हुआ था,,,,,उस कमरे में काफी अंधेरा था ,,,,,फिर भी विधि अंदाजे से ,,,,,अपने कदम बेड की तरफ बढ़ाई जा रही थी ,

    और वही विधि जल्दी से बेड की करीब पहुंच ,,,,बगैर देरी किए ,,,,वह एकदम से विवेक के सामने खड़े हो जाते हैं,,,,,और फिर खुद से ,,,,,विधि यू कैन डू इट,,,,,तुम कर सकती हो,,,,तुम कर सकती हो विधि ,,,,,,

    तुम्हें विवेक को किस करना ही होगा,,,,यह क्ह वह ,,,,बगैर देरी किए ,,,,,विवेक ऊपर झुक,,,,वह विवेक के होठों पर हॉट रख,,,,,बगैर ज्यादा टाइम लिए,,,,,वह जल्दी से उसे कीस कर ,,,, जल्दी से पिछे भी हट जाती है,,

    और अपनी फुर्ती दिखा जल्दी से,,,,बेड के नीचे छुप जाते हैं ,,,,,क्योंकि उसे एहसास हो गया था ,,,,,कि विवेक अब जाग चुका है ,,,,और वही उस कमरे में ,,,,एक गुस्से बड़ी आवाज गुजती है,,,,कौन कौन है ,,,,जिसने मुझे किस किया ,,,,,यह कहते हुए विवेक लाइट ऑन कर देता है,,

    और वही विधि बेड के नीचे छुपी थी,,,,उसकी तो मानो जैसे सांस ही रुक गई हो, ,,,,विवेक की जगह अपने भाई की आवाज सुनकर ,,,,,जिससे विधि अपने होठों को,,,,,अपने हाथों से दबाव ,,,,,इसका मतलब मैंने अपने भाई को किस किया ,,,

    और वही विराज जो गुस्से में,,,,बेड पर बैठा हुआ था ,,,,,वह एक झटके में लाइट ऑन कर चारों तरफ देखता है तो,,,,,,उसे वहां कोई नहीं नजर आता ,,,,,,जिससे विराज एक लंबी सांस ले,,,,,अपने मन में,,,,,लगता है मैं कोई ख्वाब देख रहा था,,,,,,इस लड़की ने इस कदर मेरी जाहेन में ,,,,,अपनी जगह बना ली ,,,,,,कि मैं उसके सपने देखने लगा हूं ,,,

    नहीं कभी नहीं ,,,,मैं अपने बदले में ,,,,ऐसी कोई फीलिंग कभी नहीं ला सकता ,,,,,वह लड़की मेरे दिल में कभी जगह नहीं बना सकती,,,,,,कभी भी नहीं,,,,,,नफरत है मुझे उससे,,,,और उसके खानदान से ,,,,,,जिसने मेरी खानदान का नामो निशां मिटा दिदिया, ,,,ह बड़बड़ा विराज उस कमरे से बाहर निकल जाता है,,,,,

    विराज के बाहर निकलते ही विधि बेड के नीचे से बाहर निकाल बार-बार इधर से उधर चक्कर काटते हुए,,,,,,यह क्या किया बेवकूफ विधि ,,,,,,अगर भाई को पता चला,,,,,कि मैं यहां,,,,क्या होगा,,,,जो तू देख नहीं सकती थी ,,,,कितनी बड़ी गलती ककरती,,,, अब तो भाई मुझे जरुर बोलेगा ,,,,,,अब तो शायद मेरी विवेक से शादी भी नहीं होगी,,,

    क्योंकि विवेक तो अभी तक माना भी नहीं ,,,,,,और भाई को पता भी चल,,,,,,नहीं नई-नई विधि पोजिटिव सोच पोस्ट,,,, यह करते हुए विधि कमरे से ,,, निकल ,,, वह सीधे अपने कमरे की तरफ चली जाती है, ,,,,

    विधि पूरी रात आधी सोई थी,,,,तो आधी जाग जाती थी ,,,,यह सोच सोच कर कि,,,,,अगर उसके भाई को पता चला,,,,,,तो उसका भाई क्या सोचेगा,,,उसके बारे में,,,

    और वही विराज अपनी कमरे से बाहर निकल,,,,सीधा अंजलि के कमरे की तरफ ,,,,अपने कदम बढ़ा देता है,,

    और वही विराज अंजलि के कमरे में पहुंच देखता है,,,,तो अंजलि बड़े सुकून से ,,,,किसी खरगोश के बच्चे की तरह सिकुड़ कर सो रही थी ,,,,वह इस वक्त बहुत ही मासूम क्यूट दिख रही थी ,,,,जिसे देख विराज उसे देखा ही रह जाता है ,,,,,और फिर वह धीरे कदमों से ,,,,अजली की तरफ अपने कदम बढ़ाने लगता है

    और वह बड़ी गौर से अंजलि के पूरे चेहरे को देखता है ,,,,,कि तभी उसकी नजर उसके चेहरे से होते हुए,,,,उसके होठों पर जाती है,,,,,जिसे देख विराज,,,अपना हाथ आगे बढ़ा ,,,,उसके चैरी जैसे सॉफ्ट,,,, होटो को ,,,,अपनी अंगूठी से सहलाने लगता है,,,

    वह इस वक्त पूरी तरह भूल चुका था ,,,,उसे नहीं पता ,,,,,लेकिन वह जब भी आजली को देखता था,,,,,,वह किसी और ही दुनिया में चला जाता था ,,,

    और वही अंजलि ,,, इस सबसे अनजान ,,,गहरी नींद में सो रही थी ,,,, कि तभी अजली,,,अचानक से ,,,,नींद में ही ,,,अपने जीभ से,,,,अपने होठों को तर्क कर लेती है ,,,,जिसे देख विराज बगैर देरी,,, बगैर देरी किए ,,,,अंजलि के निचले होंठ को अपने अंगूठी और उंगली के बीच दवा देता है ,,,

    जिससे अंजलि एक के झटके में,,,उसकी नींद खुल जाती है ,,,,,और अपने सामने विराज को देखा ,,,,,उसकी आंखें बड़ी हो जाती है ,,,,,खासकर अपने होंठ पर,,,विराज के हाथों की छुवन महसूस करे,,,,, उसकी सासे बहुत तेज चलने लगती है,,,,,,और आंखों में एक अजीब सा दर्द सामान्य लगता है ,,,, जिससे वह हल्का करते हुए,,,तु तुम य यहां क्क्या कर रहे हैं ,,

    की तभी विराज बड़ी सुकून की नींद सोया जा रहा था ,,,,,शायद अब तुम्हारे अंदर से,,,,मेरा दर चला गया है ,,,,,या फिर तुम भूल गई हो ,,,,,कि यहां पर तुम किस लिए लाई गई हो,,,,

    क्या हुआ तुम्हें याद नहीं ,,,,,,कि तुम्हें यहां किडनैप किया गया है ,,,,,कोई बात नहीं ,,,,,,आज तुम सुकून की नींद सो लो,,,,,,,कल से तुम्हारी सुकून छिन जाएगा,,

    तुम सोच भी नहीं सकते,,,,कल क्या होने वाला है,,,,,तो कल के लिए तैयार रहना,,,,,,यह कह विराज नीचे नीचे झुक ,,,बगैर कुछ कहे अंजलि के होठों को हल्का सा व्हबइट कर,,,,,उसे हलका सा चुम,,,,वहां से चला जाता है,,,,,,,

    मेरे प्यारे दिवस,,,,अगर आप मेरी यह नोवल पढ़ते रहे,,,तो प्लीज थोड़ा कमेंट और लाइक तो कीजिए,,,,ताकि मुझे भी तो पता चले कौन-कौन पढ़ रहे हैं ,,,,अगर आपको यह नॉवेल नहीं अच्छी लगी तब भी आप कह सकते हैं ,,,,,ताकि मैं इस नोवल को यहीं,,,पर स्टॉप कर दूं,,,,,पर प्लीज कुछ तो रिस्पांस दिया करो,,,,,यह आप सबको मेरी तरफ से रिक्वेस्ट है,,,,,कि प्लीज कमेंट किया करो

    ;आज आज के लिए बस इतना ,,,,,तो देखते हैं ,,,,,कि विराज ऐसा क्या करने का सोच रहा है,,,,अंजलि के साथ,,,,,और विधि क्या कभी उसे ,,,,उसका सच्चा प्यार मिलेगा ,,,,,जाने के लिए पढ़ते रहे

  • 9. love begins with revenge - Chapter 9

    Words: 1355

    Estimated Reading Time: 9 min

    जिससे अंजलि एक के झटके में,,,उसकी नींद खुल जाती है ,,,,,और अपने सामने विराज को देखा ,,,,,उसकी आंखें बड़ी हो जाती है ,,,,,खासकर अपने होंठ पर,,,विराज के हाथों की छुवन महसूस करे,,,,, उसकी सासे बहुत तेज चलने लगती है,,,,,,और आंखों में एक अजीब सा दर्द सामान्य लगता है ,,,, जिससे वह हल्का करते हुए,,,तु तुम य यहां क्क्या कर रहे हैं ,,;

    की तभी विराज बड़ी सुकून की नींद सोया जा रहा था ,,,,,शायद अब तुम्हारे अंदर से,,,,मेरा दर चला गया है ,,,,,या फिर तुम भूल गई हो ,,,,,कि यहां पर तुम किस लिए लाई गई हो,,,,

    क्या हुआ तुम्हें याद नहीं ,,,,,,कि तुम्हें यहां किडनैप किया गया है ,,,,,कोई बात नहीं ,,,,,,आज तुम सुकून की नींद सो लो,,,,,,,कल से तुम्हारी सुकून छिन जाएगा,,

    तुम सोच भी नहीं सकते,,,,कल क्या होने वाला है,,,,,तो कल के लिए तैयार रहना,,,,,,यह कह विराज नीचे नीचे झुक ,,,बगैर कुछ कहे अंजलि के होठों को हल्का सा व्हबइट कर,,,,,उसे हलका सा चुम,,,,वहां से चला जाता है,,,,,,

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    Aab aage______

    और वही कॉलेज में क्या-क्या क्या कहा तूने ,,,, की तूने अपने भाई को किस कर लिया ,,,,,तुझे अपने भाई और अपनी; होने वाले बॉयफ्रेंड में फर्क नहीं पता क्या ,,,,,,उस वक्त नींद में थी ,,,,,, जो तुझे भाई और अपने बॉयफ्रेंड में फर्क नहीं पता चला ,,,,,तू सच में झल्ली है यार ,,,,,;

    जिसे सुन विधि चिढ़ते हुए,,,,,क्या है,,,,पीछे पड़ गई हो ,,,, वो भी हाथ धो कर,,,,,

    आरे हो गई गलती,,,,कौन सी मेरी जानबूझकर किया है,,,,,अब दूसरा प्लान बताओ ,,,,,,;यह तो कितना घटिया था तुम्हारा प्लान ,,,,,,,,,, तो मैं क्या करूं नहीं,,,,

    चलो अब दूसरा कुछ बताओ मुझे ,,,,,,,मुझे नहीं पता और इस बार सही होना चाहिए ,,,सुना तुमने,,,,;

    जिसे सुन विधी की सारी फ्रेंड्स अपना दिमाग चलाने लगती है,,,,; कि तभी उसमें से एक फ्रेंड ,,,,विधि एक आईडिया है ,,,;

    ऐसा कर तो उसके साथ वन नाइट स्टैंड बना ले,,,,,,अगर तूने उसके साथ वन नाइट स्टैंड मना लिया ,,,,,,तो कोई तुझे नहीं रोक सकता ,,,,,उससे शादी करने के लिए ,,,,,,तेरा भाई भी नहीं ,,,,,,और यहां तक,,,,,वह ऑफ कोर्स; तुझे शादी करेगा , , , ,;

    जिसे सुन विधी खुश होते हुए,,,,,,क्या सच में ,,,,वन नाइट स्टैंड करने के बाद ,,,,,विवेक मुझसे शादी करने के लिए तैयार हो जाएगा,, ,;

    विधि को खुश देख सब स्माइल करने लगते हैं,,,,,,कि तभी विधि पर वन नाइट स्टैंड उसने इतना ही कहा था ,,,,,,कि तभी उसकी फ्रेंड आब विधि यह मत कहना,,,,,, कि तुझे इसका मतलब भी नहीं पता,,,,;

    जिसे सून विधि ,,,जबरदस्ती मुस्कुराते हुए,,,,,किसने कहा मुझे नहीं पता,,,,,मुझे सब कुछ पता है,,,,,,,और फिर अपने मन मे ,,,,,कैसे बताऊं मुझे नहीं पता,,,,,,जरूरी थोडो है,,,,,,,,, सब कुछ पता हो यार ,,,,,,लेकिन मैं इसे बता दूंगी ,,,,,,कि मुझे नहीं पता ,,,,,तो फिर से यह मेरा मोए मोए कर देंगे ,,,,

    सुबह से मेरा मो मो करि,, जा रही है,,,,जब से यह पता चला ,,,,कि मैंने विवेक की जगह ,,,,,,,अपने भाई को किस कर दिया है ,,,,,,, इन्होंने बहुत कर लिया मेरा मोए,,,,अब मैं अपना मोए मोए करने नहीं दूंगी मैं; ,,,,,

    ,,,, लेकिन अगर गलती से भी ,,, इनहे पता चल गया ,,,,,,,कि मुझे इसका मतलब नहीं पता तो,,,,,,क्या यह तो मेरे दिमाग पर सवाल उठा देंगे ,,,,, यह सोच वह जबरदस्ती मुस्कुराते हुए ,,,,,अपनी फ्रेंड्स को देख रही थी

    और फिर अपने मन मे ,,,,,, एशा करूंगी,,,, मैं किसी से पूछ लूंगी,,,,,,पर पूछूंगी किससे,,,,,,कहीं कुछ डाबल मीटिंग ना हो,,,,,इसमें तो लगता भी है,,,,,वन नाइट स्टैंड,,,,,,नाइट मतलब रात रात का मतलब,,,,अपने दिमाग को शांत कर ,,,,,,थोड़ा सोच बाद में बेटा तु,,,खुद समझ जाएगी पने आप समझ जाएगी,,,,यह कहते हुए अभी अपने फ्रेंड्स की तरफ देख मुस्कुरा रही थी

    और वही विधि की फ्रेंड्स विधि को मुस्कुराता देख ,,,, क्या हुआ तू तो अभी से सपने सजाने लगी ,,,,,,अरे रात तो आने दे

    जिसे सुन विधि अपनी फेस पर स्मइल ,,,ला,,,,,,तुमने मुझे इतना अच्छा आईडिया दिया है ,,,,तो मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा,,,,,तो प्लानिंग तो करनी होगी ना,,,

    जिसे सुन सभी फ्रेंड्स एक साथ विधि इस बार कोई गड़बड़ मत करना,,,

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    और वहीं दूसरी तरफ विराज अंजलि का हाथ पकड़ खींचते हुए जबरदस्ती कमरे से बाहर लेकर आता है ,,,, और वही अंजलि खिचे चले हुए ,,,,,कहां ले जा रहे हो मुझे ,,,,छोड़ो मेरा ,,हाथ ,,,,,

    मैंने कहा छोड़ो ,,,, अजली,,,विराज से जबरदस्ती अपने हाथों को छुडाने लगते हैं ,,,,,और वही विराज अंजलि को बैक सीट पर,,,,,उसे धक्का दे खुद,,,,खुद भी उसी के साथ बैठते हुए,,,,,,,ड्राइवर को ,,,,,,कार ड्राइव करने को कहता है

    ;और वही अंजलि जो अभी डरी सैहमी कार के अंदर बैठी थी,,,,वहां जबरदस्ती कार का दरवाजा खोलने लगती है,,,,लेकिन दरवाजा नहीं खुलता ,,,,जिससे अजली पीछे पलट,,,,विराज की तरफ देखते हुए ,,,,,देखा तुम जो भी कर रहे हो ,,,,सही नहीं कर रहे हो,,,,मैंने कहा ना मुझे जाने दो ,,,,क्यों ,,,, तुम मेरे साथ यह सब कर रहे हो,,,,तुम्हें मिलेगा क्या मुझसे,,,,,,जाने क्यों नहीं देते मुझे,,,,,,अगर मेरे घर में किसी को भी पता चला ,,,,,तो सच में वह तुम्हें मार देंगे ,,,,,,या फिर तुम्हें जेल पहुंचा देंगे ,,,,,अगर तुम अपनी जिंदगी चाहते हो तो ,,,,मुझे जाने दो

    अंजलि का इतना ही कहना था कि विराट की आंखों में खून करता है ,,,,,क्योंकि विराज को नफरत थी,,,, जेल के नाम से,,,,,उसने उस समय जेल का चेहरा देखा था ,,,,,,जब उसकी उम्र स्कूल का चेहरा देखने की थी ,,,,,,,जिससे विराज बगैर देरी किए,,,,,अंजलि का चेहरा पकड़ ,,,,उसके जबड़े को दबाते हुए,,,,, जुबान संभाल के ,,,,,,अभी तक मैने तुम्हारे साथ कुछ किया नहीं,,,,,मजबूर मत करो मुझे कुछ भी करने पर ,,,,,,क्योंकि तुम मुझे जिद नहीं पाओगी,,,,,सुना तुमने

    और फिर उसके जबड़े को इस तरह पड़े अपने करीब कर ,,,,,; उसकी आंखों में देखते हुए,,,,और हां अपनी जुबान से कुछ भी निकलने से पहले 100 बार जरूर सोचा करो ,,,,कहीं तुम्हें उन शब्दों का मूल न चुकाना पड़े ,,,,क्योंकि अगर मैं उससे भी गुससे में आ जाता हूं ,,,,,,

    तो मैं देखना नहीं हूं ,,,,आपने सामने वाला कौन है ,,,,,और अपने हॉट अंजलि के होटो के करीब ले जा,,,,,,, ;बगैर किसी मॉर्निंग के ,,,,,,गुस्से से अंजलि के होठों पर हॉट रख,,,,,उसे किस करने लगता है ,,,,,,,,,,,,,वह उसे बड़ी बेरहमी से किस कर रहा था ,,,, जैसे कि वहां ,,, उसके कहे हुए ,,,शब्दों कि,,,उसे सजा दे रहा हो ,,,,जिससे लगभग 15 मिनट बाद अंजलि के होठों को छोड़ देता है ,,,

    विराज के छोड़ने से ही अंजलि अपने सीने पर हाथ रख लंबी-लंबी सांस लेने लगती है ,,,,,,कि तभी उसकी नजर ,,,,,विराज की होठों पर जाती है,,,,जहां पर खून लगा था ,,,,,जिसे देख अजली,,झाट से ,,,,,अपने ;होठों को छू देखती है तो ,,,,,,,उसके होठों से खून बह रहा था ,,,,,

    जिसे देख आजली की आंखों में आंसू आ जाते हैं,,,,,,और फिर अंजलि रोते हुए,,,,,जानवर; हो तुम जानवर हो,,,,,यह कह अंजलि विराज से अपनी नजर फेर लेती है ,,,

    लगभग आधे घंटे बाद विराज की कार एक मंदिर की बहार रूकती है ,,,,और विराज जल्दी से कार से बाहर निकाल,,,,अंजलि का हाथ पकड़ ,,,जबरदस्ती उसने खींचते हुए मंदिर के अंदर ले जाने लगता है,,,

    और वही अंजलि मंदिर देखा,,,,तो जैसे सदमे में चली गई है ,,,क्योंकि उसे पता नहीं क्यों ,,,,एक अजीब डर लग रहा था,,,,,उसे नहीं पता कि विराज उसे यहां क्यों लाया है ,,,,,,लेकिन फिर भी उसे इस वक्त ने एक्टिविटी फील हो रही थी ,,,,,क्योंकि अंजलि एक क्रिश्चियन है ,,,,,इसलिए उसे इन सब की ज्यादा पता नहीं था,,,

    और वही विराज अंजलि को खींचते हुए,,,,मंदिर में ले जा उसे मंडल पर बैठता है ,,,,,और वही अंजली एक तक ,,,,बस हवन कुंड को देखी जा रहे थे ,,,,,और फिर अचानक से ही विराज की तरफ देख ,,,,यह सब क्या है,,,,,,यह कह ,,,,,अंजलि एक झटके में वहां से उठ जाती है

    की तभी विराज अंजलि के बगल में बैठा;अंजलि का हाथ पकड़ दोबारा,,,उस मंडप पर बिठा देता है,,,,और फिर गुस्से से अपने दांत पिसते हुए ,,,,,चुपचाप यहां बैठी रहो,,,,,और यह शादी करो ,,,,;

    और वहीं दूसरी तरफ,,,,क्या मॉम आप मुझे बता रही है,,,,कि अंजलि मिल नहीं रही है,,,,वह भी तीन दिन बाद ,,,,,मैं आ रहा हूं,,,,मैं आज ही इंडिया वापस आ रहा हूं ,,,,यह कह वह लड़का,, फोन कट कर देता है ,,,,और फिर अपने असिस्टेंट को बुला ,,,,,अभी के अभी ,,,,जैक तैयार करो ,,,,,हम इंडिया के लिए रवाना हो रहे हैं

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    आज के लिए बस इतना तो देखते हैं की क्या अंजलि और विराट की शादी हो पाएंगे ,,,,या फिर आएगा कोई नया ट्विस्ट

  • 10. love begins with revenge - Chapter 10

    Words: 1624

    Estimated Reading Time: 10 min

    और वही अंजलि मंदिर देखा,,,,तो जैसे सदमे में चली गई है ,,,क्योंकि उसे पता नहीं क्यों ,,,,एक अजीब डर लग रहा था,,,,,उसे नहीं पता कि विराज उसे यहां क्यों लाया है ,,,,,,लेकिन फिर भी उसे इस वक्त ने एक्टिविटी फील हो रही थी ,,,,,क्योंकि अंजलि एक क्रिश्चियन है ,,,,,इसलिए उसे इन सब की ज्यादा पता नहीं था,,,

    और वही विराज अंजलि को खींचते हुए,,,,मंदिर में ले जा उसे मंडल पर बैठता है ,,,,,और वही अंजली एक तक ,,,,बस हवन कुंड को देखी जा रहे थे ,,,,,और फिर अचानक से ही विराज की तरफ देख ,,,,यह सब क्या है,,,,,,यह कह ,,,,,अंजलि एक झटके में वहां से उठ जाती है

    की तभी विराज अंजलि के बगल में बैठा अंजलि का हाथ पकड़ दोबारा,,,उस मंडप पर बिठा देता है,,,,और फिर गुस्से से अपने दांत पिसते हुए ,,,,,चुपचाप यहां बैठी रहो,,,,,और यह शादी करो ,,,,

    और वहीं दूसरी तरफ,,,,क्या मॉम आप मुझे बता रही है,,,,कि अंजलि मिल नहीं रही है,,,,वह भी तीन दिन बाद ,,,,,मैं आ रहा हूं,,,,मैं आज ही इंडिया वापस आ रहा हूं ,,,,यह कह वह लड़का,, फोन कट कर देता है ,,,,और फिर अपने असिस्टेंट को बुला ,,,,,अभी के अभी ,,,,जैक तैयार करो ,,,,,हम इंडिया के लिए रवाना हो रहे हैं

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    Aab aage________

    जिसे सुन अंजलि चिखाते हुए,,,, क्या शादी शादी में मैं नहीं कर सकती,,,,,यह कह अंजलि दोबारा मंडप पर से उठने लगती है,,,,

    जिसे विराज ,,,,अजली का हाथ पकड़,,,,तुम्हें सुनाई नहीं दे रहा ,,,,चुप चाप बैठे रहो ,,,,,वरना तो सोच भी नहीं सकती ,,,,मैं क्या करूंगा

    जिसे सु; अंजलि की आंखों में आंसू आ जाते हैं,,,,,और फिर वह अपने आंखों में आंसू लिए ,,,,,दोबारा मुंडप पर बैठ जाती है ,,,,और फिर विराज की तरफ देखते हुए,,,,क्यों क्यों कर रहे हो तुम; मुझे जाने दो ना ,,,,,मैं मेरी मामा पापा मेरा इंतजार कर रहे होंगे ,,,,

    और प्लीज ऐसा मत करो ,,,,,मेरी जिंदगी क्यों बर्बाद कर रहे हो ,,,,,,देखो मेरे साथ-साथ ,,,,तुम्हारी जिंदगी भी खराब होगी ,,,तुम तुम मुझसे शादी,,,

    अंजलि का इतना ही कहना था कि तभी विरात सट योर माउथ ,,,,चुपचाप बैठो ,,,,और ,,,,गले से एक भी आवाज नहीं आनी चाहिए ,,,,,,वरना यह कहते हुए विराज धीरे-धीरे उसके कान में ,,,,,वरना तुम्हारी फ्रेंड मधु ,,,,,इस दुनिया से गायब ,,,,तो सोच लो ,,,,,कि तुम किसी की जान चाहती हो,,,,,,या फिर मुझसे शादी करोगी,,

    जिसे सुन अंजलि की आंखें बड़ी हो जाती है,,,,और फिर वह हैरान नजरों से विराज की तरफ देखते हुए,,,,,मधु के साथ क्या किया ,,,,,,देखो तुम मधु को,, हमारे बीच में,,मत लालो,,,,,

    ;विराज , ,,So okay, get married, I will leave your friend., , , (,तो ठीक है शादी कर लो छोड़ देंगे तुम्हारी फ्रेंड को)

    ;ठीक है मैं तुमसे शादी करने के लिए तैयार हूं ,,,,लेकिन मधु को कुछ मत करना,,,,,,मेरी वजह से किसी की जान ,,,,, जाए,,,

    मैं ऐसा बिल्कुल नहीं होने दूंगी,,,,,प्लीज उसे कुछ मत करना,,, ,,,,,,,
    तुम चाहते हो मैं तुमसे शादी कर लूं ,,, तो कर लूंगी ,,,,तुम जैसा कहोगे ,,,,मैं वैसा करूंगी,,,,,,,,,,,,पर प्लीज तुम उसके साथ कुछ मत करना ,,,,,

    जिसे सुन विराज एक नजर अंजलि को देखा, , ,,,,,तो ठीक है जैसे जैसा पंडित कहता है ,,,,वैसा वैसा करो,,,,वह भी,,,,बगैर गले से कोई ,,,आवाज निकाले

    और ,,,,कुछ देर में,,,,उन दोनों की शादी हो जाती है,,,

    और वही अंजलि के गले में विराज मंगलसूत्र और; सिंदूर लगा देता है ,,,,,जिसका मतलब भी,,,,शायद अंजलि को पता ना हो ,,,,,,लेकिन फिर भी उसकी धड़कन बढ़ चुकी थी ,,,,,,,पता नहीं क्यों ,,,,,,लेकिन उसे इस मंगलसूत्र और सिंदूर में एक पवित्रता महसूस हो रही थी ,,,,

    लेकिन अंजलि उसे मंगलसूत्र सिंदूर को देख ,,,,उसकी आंखों से आंसू आ जाते हैं,,,,,,कि; उसके साथ क्या हो रहा है,,,,,उसके और उसके मॉम को पता चलेगा ,,,,,तो क्या होगा ,,,,

    उनकी डैड की तो सपने चूर-चूर हो जाएंगे,,,,क्योंकि उसे अब भी याद है ,,,,,जब उसके डैड उसे प्यार से कहते थे ,,,,,कि तेरे लिए एक राजकुमार लेकर आऊंगा ,,,,,,क्योंकि अंजलि को बहुत ही प्यार और लाड से पाला गया था ,,,,,,वह अपने घर की लाडली थी ,,,,,अपने डैड की परी थी,,,,,और अपने भाई की जान थी,,,,,

    और वही विराज अजली की आंखों में आंसू देख,,,,उसे थोड़ा तकलीफ होता है ,,,,लेकिन अपने सामने दो लोगों के आंसू ,,,,और खून देख उसकी वह मुस्कुराहट किसी दर्द में बदल जाती है ,,,,,और फिर अंजलि का हाथ पकड़ जबरदस्ती उसे,,,,,अपने साथ ले जाकर ,,,,,,कार के अंदर धक्का दे देते हैं,,,

    और फिर उसी के बगल में बैठते हुए,,,,अब यह रोना धोना हो गया हो ,,,,,तो,,,,और फिर अपनी जेब से कागज निकाल ,,,,इस पर साइन करो

    जिसे सुन जानवी विराट की बातों को नजर आंनदाज कर ,,,,,,वह अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा देती है ,,,,,और वही विराज अंजलि के इस हरकत पर,,,,,,अंजलि का चेहरा जबरदस्ती अपने सामने कर ,; उस पर गुस्से से चिखते हुए,,,,, अपनी यह बीवी वाले नखरे ,,,किसी और को दिखाना,,,,मुझे नहीं,,,,,, क्योंकि तुम सिर्फ मेरी नाम की बीवी हो,,,,बीवी नहीं ,,,,,इसलिए चुपचाप ,,,इस पर साइन करो,,,

    और वही अंजलि रोते हुए,,,,नहीं करूंगी ,,,किसी पर साइन ,,हक्यों क्यों करूं,,,,,और यह है किस चीज का पेपर,,,,,

    जिसे सुन विराज नहीं करना साइन,,,,ठीक है यह कहे वह फोन निकाल ,,,,किसी को फोन करने लगता है,,,,,,कि तभी अंजलि को विराज की कही बात याद आती है,,,,,,कि अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी ,,; तो मैं तुम्हारी सहेली,,,,जिसे याद कर आजली झट से,,,,

    विराज के हाथ से वह पेपर ले,,,,,उस पर साइन कर देती है,,,साइन करते हुए ,,,,,, अब भी अंजलि की आंखों में आंसू थे ,,,,,वह अब भी सीसकते हुए ,,,,,रो रही थी,,,;

    जिसे देख विराज के होठों पर डेविल स्माइल आ जाते हैं ,,,,और फिर वह,,,,अंजलि को देखते हुए,,,,,गुड गर्ल तो अब चलो ,,,,एक अच्छी बीवी,,,,, सोरी ,, एक नकली बीवी की तरह ,,,,,शांति से बैठी रहो ,,,,

    और यह अपने आंसू बच्चा कर रखो ,,,,आगे चलकर बहुत काम आने वाले हैं,,,,,,,,,



    और वही विराज मेंशन में सबको बता चुका था ,,,,जिससे मेंशन में खुशी की आने की तैयारी होने लगी थी,,,,जिसे

    और विराज के कहने पर दाई मां ने ,,,,,,पूरी तैयारी भी कर ली थी ,,,,,,और वह आरती की ,,,थाली लिए,,,गेट पर खड़ी थी,,,,,की तबी अंजलि विराज के साथ मेंशन के दरवाजे के सामने खड़े,,,,,

    दाई मां अंजलि को पहली बार देख रही थी,,,, सच में अंजली बहुत खूबसूरत थी,,,,,जिसका दाई मां बड़ी प्यार से स्वागत भी करती है ,,,,,क्योंकि उसे नहीं पता था ,,,,,कि यह शादी नहीं एक खेल था ,,,,,,विराज का,,,,,,,,,जो वह अंजलि के घर वालों के साथ खेल रहा था ,,,

    वजह चाहे जो हो ,,,,,,लेकिन विराज ने अंजलि को भी घसीट किया था ,,, ,अपने बदले के मंजर में,,,,,,जहां उसे नहीं पता ,,; कि,,,इसका अंजाम क्या होगा,,,,लेकिन जो भी होगा ,,,,,उसे यह सब करना ही होगा,,,,,,क्योंकि उसे अपनी मां और बुआ का बदला,,,,अपने डैड के खून का बदला जो लेना था ,,,,

    लेकिन आज विराट को बहुत तकलीफ भी हो रही थी,,,,,कि उसने आज बहुत बड़ा कदम उठाए ,,,,,

    जो वह कभी सोच भी नहीं सकता था ,,,,,वह उस लड़की को इस घर की बहू,,,,और अपनी बीवी बनाकर लाया था,,,,,

    जिसके बाप ने ,,,,,उसके पूरे खानदान को तबाह करते हैं,,,,चाहे अंजलि का कोई कसूर,,,न हो ,,,,लेकिन खून उसके रगों में तो,,,, उसी का बहता था ,,,,,जिसे सोच विराज का ,,,,इस वक्त गुस्सा आ रहा था,,,

    कि कहीं उसने अपने बदले में कोई गलती तो नहीं कर दिया,,,,इस लड़की को अपनी बीवी बनाकर ,,,,,जिससे वह एक नजर दाई मां को देख,,,,दोबारा अंजलि को देखा ,,,,वह बगैर कुछ कहे,,,अपने कदम मेंशन के अंदर बढ़ा देता है,,

    और वही दाई मां ,,,,अंजलि और विराज की आरती उतार,,,, उनहे,,,,अंदर आने को कहती है,,,,तो विराज सिधा कमरे में जाता देख,,,अंजलि की तरफ देखते हुए ,,,,बेटा क्या ,झगड़ा हुआ है,, तुमहारा,,,

    जिसे देख अंजलि अपने पालके उठा,,,, दाई मां की तरफ देखती है ,,,,,और वही दाई मा,,,अंजलि की आंखों में आंसू देख,,,,क्या हुआ बेटा तुम रो रही हो ,,,,और फिर अंजलि के सर पर हाथ फिराते हुए ,,,,पक्का इस विराज ने,,,,तुमसे कुछ कहा होगा,,,,उसका गुस्सा है ही ऐसा,,,,किसी पर भी ,,, उतार देता है ,,,,,अरे अभी-अभी तो शादी हुई है ,,,,और तुझे डांट भी दिया है,,,,यह कहते हुए दाई मां ,,,अंजलि को अपने साथ मेंशन में ले आते हैं,,,

    और फिर अंजलि को सोफे पर बैठा ,,,,,,,,,बेटा पहले रोना बंद करो ,,,,,और विराज ऐसा ही है,,,,लेकिन दिल का बहुत अच्छा है ,, वह तुम्हें बहुत खुश रखेगा,,,,,

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    और वहीं दूसरी तरफ तो विधी,,,, जैसे पागल हो गई थी,,,,,,क्योंकि उसे दाई मां का मैसेज आ गया था,,,,,जिससे वह लेक्चर में ही ,, चिख पड़ती है,,,,क्या भाई ने शादी करली,,,,

    जिसे प्रोफेसर जो बच्चों को पढ़ रह रहा था ,,,, विधी का यू बीच में आवाज सुन ,,,,,विधी की तरफ देखते हुए,,,,,अंजलि क्या हो रहा है,,

    जिसे सुन विधि जबरदस्ती अपने होठों पर मुस्कुराहट लाए,,,सॉरी सर ,,,और फिर क्लास ओवर होने का वेट करने लगती है ,,

    और जैसे क्लास ओवर होती है,,,,,,विधि प्रोफेसर से पहले ही,,,,,दौड़ते हुए क्लास से बाहर निकल जाती है,,,,

    और वही प्रोफेसर अंजलि को भागता देख,,,,,पक्का इस लड़की ने कोई शरारत की होगी ,,,,,कभी नहीं सुधरेगी,,,,,,यह कहे वह भी क्लास से बाहर निकल जाते हैं,,,

    और वही क्लास में सभी बच्चे; ,,,,विधि को भगता देख,,,,इससे क्या हुआ,,,,हमें कुछ बताया भी नहीं ,,,भाग गई

    और वही विधि अपने घर पहुंचती है,,,,और दौड़ते हुए मेंशन के अंदर जाती है,,,,,और चारो तरफ देखने लगती है,,,,,तो उसे वहां कोई नहीं दिखता है,,,,जिससे विधि चिखाते हुए दाई मां

    जिससे दाई मां ,,,,जो अंजलि के रूम में बैठी थी,,,,विधि की आवाज सुन ,,,आ गयी शैतान,,,,

    की तब तक विधि दौड़ते हुए ,,,,विराज के कमरे में ही आ जाती है,,; और; बगैर कुछ कहे,,,,,,सिद्धा कमरे में आ अंजलि को देखते हैं, तो उसे देखते रह जाती है ,,,,और एकाएक उसके मुंह से निकलता है ,,,,अरे तुम तो वही बटरफ्लाई वाली हो ,,,ना


    आज के लिए बस इतना,,,,तो अब क्या हंगामा होने वाला है ,,,,और विधि विधि का क्या होहोगा,्या , ,,विधि इसी तरह हमेशा मुस्कुराते रहेगी ,,,,या ग्रहण लगने वाला है विधि के मुस्कुराहट पर,,,,,इन दोनों की जिंदगी में क्या तूफान आने वाला है ,,,,जानने के लिए पढ़ते रहे


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  • 11. love begins with revenge - Chapter 11

    Words: 1421

    Estimated Reading Time: 9 min

    जिसे सुन विधि जबरदस्ती अपने होठों पर मुस्कुराहट लाए,,,सॉरी सर ,,,और फिर क्लास ओवर होने का वेट करने लगती है ,,

    और जैसे क्लास ओवर होती है,,,,,,विधि प्रोफेसर से पहले ही,,,,,दौड़ते हुए क्लास से बाहर निकल जाती है,,,,

    और वही प्रोफेसर अंजलि को भागता देख,,,,,पक्का इस लड़की ने कोई शरारत की होगी ,,,,,कभी नहीं सुधरेगी,,,,,,यह कहे वह भी क्लास से बाहर निकल जाते हैं,,,,

    ;और वही क्लास में सभी बच्चे ;,,,,विधि को भगता देख,,,,इससे क्या हुआ,,,,हमें कुछ बताया भी नहीं ,,,भाग गई

    और वही विधि अपने घर पहुंचती है,,,,और दौड़ते हुए मेंशन के अंदर जाती है,,,,,और चारो तरफ देखने लगती है,,,,,तो उसे वहां कोई नहीं दिखता है,,,,जिससे विधि चिखाते हुए दाई मां

    जिससे दाई मां ,,,,जो अंजलि के रूम में बैठी थी,,,,विधि की आवाज सुन ,,,आ गयी शैतान,,,,

    की तब तक विधि दौड़ते हुए ,,,,विराज के कमरे में ही आ जाती है,, ;और ;बगैर कुछ कहे,,,,,,सिद्धा कमरे में आ अंजलि को देखते हैं,, तो उसे देखते रह जाती है ,,,,और एकाएक उसके मुंह से निकलता है ,,,,अरे तुम तो वही बटरफ्लाई वाली हो ,,,ना

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    अब आगे,, ____________________

    जिसे सुन दाई मां,,,,विधि की तरफ देखते हुए ,,,,क्या विधि तुम अंजलि को जानती हो,,;

    जिसे सुन,,,,,हा दाई मा यह वही बटरफ्लाई वाली है,,,,जिसने मुझे बटरफ्लाई दिया था ,,,,यह कहकर कि मैं बटरफ्लाई की जैसे दिखती हूं ,,, ,यह कहते हुए विधि ,,,,के ऑटो पर अब भी मुस्कुराहट थी ,,,,,क्योंकि विधी थी ऐसी,,,सबकी लाडली

    और फिर बेड पर जल्दी से कुद,,, बैठ जाती है,,,और विधि अंजलि को देखते हुए ,,,,,,अपनी उंगली अंजलि के गालों पर रख देती है ,,,,और फिर मुस्कुराते हुए,,,,मुझे यकीन नहीं हो रहा,,,,कि तुम मेरी भाभी बन गई,,,

    और वही अंजलि जिसकी आंखों में आंसू थे ,,,,,,,,विधि को देख उसके भी होठों पर मुस्कुराहट आ जाती है,,,,,क्योंकि उसे विधि अब भी ,,,,,याद था,,;की कैसे वह बच्चों की तरह बच्चों के साथ खेल रही थी,,,,,,और यही चीज तो,,,,,उसे बहुत पसंद आई थी विधि की ,,,,,क्योंकि वहां पर कई बच्चे थे ,,,,जो उदास थे,,,,,,लेकिन विधि विधि की एक स्माइल ,,,,सब बच्चों को मुस्कुराना सिखा दिया था,,

    और ऐसे ही विधि सारा दिन ,,,अंजलि के साथ बैठी रहती है,,,,,दाई मा ने उसे ,,,,कितनी बार ,,,विधि जाकर अपना कॉलेज का काम कंप्लीट करो,,,,,लेकिन विधि तस से mss नहीं हुई,,,,,और ऐसे ही रात में हो जाती है,,,

    और विधि अब भी अंजलि को छोड़ नहीं रही थी,,,,,अब तो विराज भी घर आ गया था ,,,,,और विराज घर आते ही ,,,,सबसे पहले ,,,,विधि के बारे में पूछता है,,,,,जिससे दाय मा ,,,,,वह तो तुम्हारी कमरे में है ,,,,,तुम्हारी बीवी के साथ,,,,छोड़ ही नहीं रही,,,,

    मुझे तो ऐसा लग रहा है,,,,कि तुम्हारी शादी अंजलि से नहीं ,,,,,विधी की शादी अंजलि से हुई है,,,,यह कहे वह हंसने लगती है,,,

    और वही विराज दाई मां की बात सुन ,,,,,गुस्से से अपने कदम ,,,,अपने कमरे की तरफ बढ़ा देता है ,,,

    तो देखता है,,,,कि विधि आब भी,,,,हंस-हंसकर अंजलि से बातें किया कर रही थी ,,,,,और अंजलि भी,,,,,जिसे देख विराज गुस्से से ,,,,,अपने कमरे में ,,,,,,विधि क्या तुमने,,,,,,अपने कॉलेज का काम कंप्लीट किया,,,,,जिसे सुन विधि अपना सर झुका लेती है ,,

    जिस विधि को दोबारा विराज की गुस्से भरी आवाज सुनाई देती है,,,,,तो जाओ,,,और अभी इसी वक्त ,,,,,सबसे पहले अपने कॉलेज का काम कंप्लीट करो ,,,,,और हां तब ही तुम कमरे से बाहर निकलना,,,,जब तक तुम्हारा कॉलेज का काम कंप्लीट नहीं हो जाता,,,

    जिसे सुन विधी अपना सर उठा विराज की तरफ देखते पर भाई,,,,मुझे भाभी

    विधी अभी,,,,विराज फिर से गुस्से में,,,,सुना नहीं तुमने ,,,, मैंने कहा अभी इसी वक्त ,,,,अपने कमरे में जाओ,,

    जिसे सुन विधि गुस्से से एक नजर विराट को घुर ,,,,,दौड़ते हुए अपने कमरे में चली जाती है,,,,,और अपने भाई को सुनाते हुए ,,,,,डेविल कहीं के अभी तक नहीं सुधरे,,,,शादी हो गई फिर भी ,,,,,कितनी प्यारी बीवी मिली है,,,,तब भी गुस्सा अरे ,,,,,अब तो बदल जाए,,,

    देखना भगवान करें जैसे इन्होने मुझे कमरे से धक्के मार के निकाला है,,,,,,,, एक दिन भाभी भाई को,,,कमरे से धक्के मार के निकाले,,,तब पता चलेगा ,,,,कि कितना दुखता है,,,,,जब कोई ऐसा करता है,,,

    और वही अंजलि विराट की आवाज सुन ,,,,,अपनी आंखें बंद कर ली थी,,,,,,,क्योंकि उसे डर लग रहा था ,,,,

    कि,उनकी शादी हुई है ,,,,,तो,,,,,और बहुत कुछ होगा,,,,,,जिसे सोच कर ही,,,,,अंजलि का धड़कन बढ़ गई थी ,,,,,और उसे हल्का-हल्का पसीना आने लगा था ,,,,,कि तभी उसे अपने कानों में दरवाजा बंद होने की आवाज आती है,,,,,जिसे सुन प्रिया ,,,,,अपना सर उठा सामने देखती है तो,,,,,विराज उसी की तरफ आ रहा था,,,,

    जिसे देख अंजलि की तो जैसे सांस ही रुक गई हो ,,,,,,और उसकी धड़कन बढ़ चुकी थी ,,,,,,जिसे अंजलि पीछे की तरफ खींचते हुए ,,,,,,देखो तो तुमने शादी जबरदस्ती की थी,,,,,लेकिन फर्स्ट नाइट जबरदस्ती नहीं मना सकते ,,,,,,,अंजलि का इतना; कहना था कि ,,,,,विराट के कदम वहीं रुक जाते हैं,,,

    और वह अंजलि के ऊपर से नीचे घूमने लगता है,,,,,,क्योंकि उसके दिमाग में ऐसा कुछ चल ही नहीं रहा था ,,,,,,उसने तो सोचा भी नहीं था,,,,,कि वह अंजलि के साथ फर्स्ट नाइट बनाएगा,,,, ,,, विराज चाहे अंजलि से अट्रैक्टिव हो जाए ,,,,,लेकिन उसके दिमाग में ऐसा कुछ नहीं चलता,,,,,उसे तो बस,,,,अब गुस्सा आ रहा था,,,,,,कि कहीं उसने गलती तो नहीं करदि,,,,अपने खानदान की तबाही करने वाले की ,,,,बेटी से शादी करके,,,,

    जिससे विराज अंजलि पर गुस्से से भडकते हुए,,,,,,अपने दिमाग की;,,,यह घोड़े चलाना बंद करो,,,,,,मुझे तुम्हें कोई इंटरेस्ट नहीं है ।,,,,

    ;तुम्हारे दिमाग में इतना चीप और घटिया बात,,,,आया कहां से ,,,कि मैं तुम्हारे साथ फर्स्ट नाइट बनाऊंगा ,,,,,तुम्हें लगता है,,,,,कि मै तुम जैसी; घटिया लड़की के साथ,,,,,,

    जिसका खून इतना गंदा हो ,,,,उसे में छोडूंगा ,,,,

    ;तुम्हारे साथ फर्स्ट नाइट मान ,,,,,तुम्हें छूने की तो बात छोड़ो ,,,,तुम्हें देखना भी ना चाहूं मैं ,,,,

    क्योंकि तुम्हारे रगों में गंदा खून जो बहता है ,,,,,ऐसे इंसान की बेटी हो,,,,,,,जिसे मैं अपने आसपास भी ना भटकने दूं ,,,,और तुम्हें लगता है कि मैं तुम्हें छोडूंगा ,,,,या कहते हुए विराज अब भीभी, ,,पने कदम अंजलि की तरफ बढ़ा रहा था ,,,,

    और वही अंजलि विराज की बात सुन ,,,अपना सर उठा,,,,विराज को देख रही थी ,,,

    कि तभी विराट अंजलि का हाथ पकड़,,,,उसे अपने करीब खींच लेता है ,,,,,और फिर उसके गालों को दबा,,,,,,अपने फेस के बिल्कुल नजदीक ला,,,,,गुस्से से,,अंजलि के आंखों में घूरते हुए,,,,,,, कहीं तुम कुछ ज्यादा तो नहीं उड़ने लगी इस शादी से तो भूल जाए शादी को सिर्फ यह एक नाम की शादी है मेरा तुम्हारा कोई वास्ता नहीं तुम सिर्फ और सिर्फ मेरा एक रास्ता हो जिस पर चलकर मुझे तेरे बाप तक पहुंचना है और उसे मौत के घाट उतारना है और उसके बाद धीरे-धीरे खानदान को मैं मिट्टी में मिला दूंगा

    विराज का इतना ही कहना था , कि,, कि अंजलि विराज को देखते हुए ,,,,नो विराज ,,,तुम ऐसा क्यों करोगे,,,,इन सब में मेरे घर वालों का क्या कसूर है,,,,तुम क्यों हमारे पीछे पड़े हो,,,,,हम तो तुम्हें,,,,

    उसने इतना ही कहा होगा कि विराज ,,,,अपना हाथ आगे बढ़ा अंजलि के जबड़े को पकड़ ,,,,दबाते हुए ,,,,खबरदर अगर मेरे सामने,,,,अपनी यह जुबान खोली तो ,,,,,आज तो छोड़ रहा हूं ,,,, बाय गॉड अगली बार मैं तुझे छोड़ूंगा नहीं ,,,,,ऐसी हालत करुंगा,,,,,कि जिंदगी में किसी के सामने बोलने से पहले,,,,सौ बार सोचोगे

    और फिर अंजलि के जबड़े पर पकड़ टाइट करते हुए ,,,,और हां,,,मैं यहां तेरी शक्ल नहीं देखने आया हूं ,,,

    ,,, तू बस मेरी बहन से दूर रहोगी ,,,,सुना तुमने ,,,,,अगर दोबारा मैंने विधि के साथ ,,, तुझे हंसता हुआ देखा,,,,,तो तुम्हारी फर्स्ट नाइट का पता नहीं ,,,,,लेकिन तुम्हारी लास्ट नाइट जरूर मना दूंगा,,,,,, जिसे तुम सह नहीं पाओगी ,,,,यह कह विराज अंजलि को पीछे की तरफ धक्का दे देता है ,,,,,जिससे अजली सीधा बेड पर ,,,जा गिरती है

    ,,

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    ,,,और वहीं दूसरी तरफ विधि ,,,,घड़ी देखते हुए,,,,,क्या रात हो गई ,,,,,और मैं अभी तक अपना काम शुरू भी नहीं किया,,,,अब क्या करूं ,,,,,विवेक को ढुडना होगा,,,,,उसके साथ,, वन नाइट स्टार जो करना है ,,,,यह कह विधि अपने कमरे से निकल जाती है,,,,और विवेक के कमरे में जा देखती है,,,,,तो विवेक कमरे में नहीं था ,;जिसे देख अब यह कहां है ,,,,,

    की तबी उसे दाई मां की आवाज आती है ,,,,,,विधि बेटा नीचे आ,, जाओ,,, ,डिनर कर लो,,,,,जिसे सुन विधि दौड़ते हुए ,,,,

    नीचे जा डिनर करने लगती है ,,,,,की तभी उसकी नजर विवेक पर जाती है ,,,,,,जो डाइनिंग टेबल पर बैठा,,,,आराम से डिनर कर रहा था,,,,,,उसे डिनर करता देख,,,,,,,, खाओ खाओ ,,,,आज पूरी रात ,,,,मेहनत जो करनी है,,,,,थक जाओगे ना ,,,,,,और फिर विधि अपने खाने की तरफ देखते हुए ,,,,,और विधि तू भी खाले,,,,मेरे मे तो ,,,,इतनी जान भी नहीं है ,,,,,,कैसे पूरी रात ,,,,,यह कहते हुए विधि खाना खाने लगती है,,,

    आज के लिए बस इतना ,,,,तो देखते हैं,,, कि विधि के दिमाग में ,,,,,ऐसा क्या चल रहा था,,,,, विराज और अंजलि का रिश्ता कैसा होगा,,,जाने के लिए पढ़ते रहें

  • 12. love begins with revenge - Chapter 12

    Words: 1024

    Estimated Reading Time: 7 min

    और डिनर खत्म होते ही; ,,,,विवेक ,अपने कमरे की तरफ जाने लगता है ,,,,कि तभी विधि जल्दी से खाना फिनिश कर वह दौड़ते हुए,,,,,,विवेक के पीछे जा ,,,,,विवेक का हाथ पकड़ लेती है

    और वही विवेक ,,,,,विधि का रिएक्शन देख,,,,,,क्या है विधि,,,,छोड़ो मेरा हाथ ,,,,क्या कर रहे हो

    जिसे सुन विधि मुस्कुराते हुए ,,,,,अरे कुछ नहीं चलो ना मेरे साथ ,,,,मुझे काम है यह कह ,,,,,वह विवेक का हाथ पकड़ टेररिस्ट पर ले जाती है,,,,,

    और वही विवेक; विधि को घूरते हुए,,,,,विधि तूम मुझे टेरिस पर क्यों; ले कर आई हो,,,,कहीं मुझे छत से गिरा कर,,, मारने का इरादा तो नहीं है

    ; जिसे सुन विधि अपने मन मे, ,,,,,मैं क्यों शादी से पहले विधवा होना चाहूंगी ,,,,,, इस बुद्धू को कौन बताया ,,,,,कि मैं यहां इसके साथ वन नाइट स्टैंड बनाने आई हूं; ,,,, जिससे विधि,,,विवेक की बात को टालने की कोशिश करते हुए ,,,,; वह मुस्कुराते हुए,,, विवेक चांद देखो,,कितन प्यारा लग रहा है

    जिसे सुन की विवेक पागल हो गई हो ,,,,,यह क्या चांद प्यारा लग रहा है,,,,,,,तो मैं क्या करूं ,,,,,,तुम्हें प्यारा लग रह रहा है ,,,,,,तो देखते रहो पूरी रात ,,,,खड़ी होकर,,,,और मुझे जाने दो ,,,,,,मैं तो सोने,,,क्योंकि मुझे चांद ,,,कोई प्यार नहीं लग रहा,,,,,यह कहे,,,विवेक वहां से जाने लगता है,, क्योंकि विवेक समझ गया था , ,,,,कि जरूर विधि की दिमाग में,,,कुछ खिचड़ी पक रही है ,,

    जिसे सुन विधि अरे मैं अकेली यहां पूरी रात खड़ी होकर क्या करूंगी ,,,,,,अरे इससे भी तो मेरे साथ खड़ा होना पड़ेगा,,,,,,वरना वन नाइट स्टैंड कैसे होगा,,,,,,यह कह दौड़ते हुए,,,,,वह विवेक का हाथ पकड़,,,,,दोबारा ,,,,,नहीं तुम भी मेरे साथ यहीं रहोगे

    ;क्या-क्या पागल हो ,,,,अच्छा ठीक है कितनी देर रहना है

    जिसे सुन विधि मुस्कुराते हुए,,,,पूरी रात

    जिसे सुन विवेक,,हैरान होते हुए ,,,,पर क्यों पूरी रात छत पर क्या ,,,,तुम ठंड से मारना चाहती हो,,,,चलो विधि ,,,,चलो अब,,, ,विवेक विधि का हाथ पकड़ उसे नीचे की तरफ ले जाने लगता है,,,,

    मुझे नहीं जाना विवेक,,,,मुझे यही रुकना है,,,,पूरी रात वह भी अकेले नहीं,,,,तुम्हारे साथ,,,,,,और हम पूरी रात खड़े रहेंगे,,

    जिसे सुन विवेक ,,,,विधि को घूरते हुए,,,,क्या तुम पागल हो गई हो ,,,,,तुम्हें कौन सा भूत सवार हो गया,,,,चलो अभी चलो,,,,

    विवेक तुम तुम्हें इतना भी नहीं पता ,,,,,कि मैं यहाँ क्यों कर रही हो ,,,,,तुमसे ज्यादा तो मैं समझदार हूं,,,,,,,तुमसे सच में पूरे नासमझ हो ,,,प्यार के मामले में ,,,,,, तुम्हें कुछ भी नहीं पता,,,,,, ,, एक मैं हूं , ,,,तुमसे शादी करने के लिए ,,,क्या कुछ नहीं कर रही ,,,और तुम

    जिसे सुन विवेक; विधि को जबरदस्ती नीचे ले जा रहा था,,,,वह अपनी पकड़ विधि के हाथों पर लूज कर,,,,,पीछे मुड़ विधि को देखता है,,,,,,जो गुस्से से उसी को घूर रही थी

    पता नहीं क्यों लेकिन अब विवेक को बहुत अजीब लग रहा था,,,,,,पता नहीं क्यों ,,,,,,लेकिन विवेक को ऐसा लग रह रहा था ,,,,,,,,कि जरूर इस वक्त विधि के दिमाग में कोई,,, बहुत बड़ी खिचड़ी पक रही है ,,,, जिसका शायद अब तक रायता भी बन चुका है

    जिससे विवेक अपनी कंफ्यूजन को दूर करते हुए,,,,,,मैं समझा नहीं विधि ,,तुम्हारे कहने का मतलब ,,,,,यहां पूरी रात खड़े होने से प्यार का क्या वास्ता,,,,,,और और तुम पर अभी प्यार का भुत उतरा नहीं,,,

    जिसे सुन विधि क्या तुम्हें सच में नहीं पता चला ,,,,,,सच में बुद्धू हो बुद्धू तुम ,,,

    ,,कहते हो कि तुम मुझसे 10 साल बड़े हो ,,,,,फिर भी तुम्हें कुछ भी नहीं पता ,,,,,यह कहे विधि अपना मुंह फुला पीछे मुड़ जाती है

    जिसे सुन विवेक अपना मुंह टेढ़ा करते हुए ,,,,,,हां हां तुम बड़ी समझदार हो ना ,,,,,,और फिर अपने मन मे ,,,,,,,

    तभी तो तुम कल रात मुझे समझ,,,,, विवेक को किस कर लिया ,,,,तुम्हें क्या लगा ,,,,कि मुझे कुछ पता नहीं चलेगा ,,,,,मुझे पता चल गया था ,,,,,,,कि जरूर तुम कुछ घोटाला करोगी,,,,,,,इसीलिए तो मैं विराज से जीद कर ,,,,,,,उसे अपने कमरे में रहने को कहा था ,,,,

    और तुम पर नजर रख रहा था ,,,,,,लेकिन तुम्हें रात को अपने कमरे में जाता देख ,,,,,मैं और भी पक्का हो गया था,,,,,,,लेकिन मुझसे पूछो ,,,,,,जब तुम विराज को किस की थी ,,,,, तब समझा,,,कि तुम्हारे दिमाग में क्या चल रहा था,,,,,,तो मुझे किस करना चाहती थी ,,,

    यह लड़की नहीं सुतरेगी यार ,,,,,अगर विराज को पता चल गया ,,,, की विधि क्या कर रही है,,,,,,,तो सच में इसका तो पता नहीं,,,विराट मुझे नहीं छोड़ेगा

    और वही विधि पीछे विवेक की तरफ देखते हुए ,,,,,,तुम कुछ बोल क्यों नहीं रहे,,,,

    ;और वही विवेक ,,,विधि की आवाज सुन,,,,,,अपने सोच से बाहर आता है ,,,,,और फिर विधि की तरफ देखते हुए ,,,,,,विधि अपना बचपना छोड़ो,,,,और नीचे चलो ,,,,,अगर तुम्हें नहीं जाना तो ठीक है ,,,मैं ही जा रहा हूं ,,,तो खड़ी रहो यहां पूरी रात अकेले,,,,यह कह विराज वहां से जाने लगता है,

    की तभी उसे विधि की आवाज आती है,,,,,,जिसे सुन विवेक की रोगते खड़े हो जाते हैं,,,,,,और वह पीछे पलट एक टक विधि को घूरने लगता है

    अरे ऐसे कैसे तुम मुझे अकेला छोड़ कर जा सकते हो,,,,,,,, अगर तुम मुझे छोड़कर चले गई ,,,,,तो हमारी वन नाइट स्टैंड कैसे बनेगी ,,,,,मुझे नहीं पता विवेक ,,,,,तुम कहीं नहीं जाओगे,,,,,,वापस आओ,,,,, और मेरे साथ वन नाइट स्टैंड मनावो,,,और क्यों,,,,,,,सब कुछ,, मैं ही करो ,,,,तुमसे शादी करने के लिए,, ,

    उसका इतना ही कहना था विवेक को तो जैसे करंट लग गय गया हो ,,,,,,उसका पूरा शरीर अकड़ गया था ,,,,,और उसके दिमाग में सिर्फ एक ही शब्द गुज रहा था ,,,,,,,मुझे तुम्हारे साथ वन नाइट स्टैंड बनाना है,,,,,,,जिसे सोचते हुए वह ,,,,आब भी,,,,विधि को घूरे जा रहा था

    ,, की तभी; विवेक को एहसास होता है ,,,,कि कोई इसका हाथ पकड़ रहा है,,,,,इसका एहसास पा,,,,विवेक सामने देखता है तो ,,,,,विधि उसका हाथ पकड़ ,,,,,उसे अपने साथ वहां ले जाती है,,,,जहां वह कुछ देर पहले खड़े थे,,,

    और फिर उसी तरह विवेक को,,, पकड़े हुए,,,,देखो विवेक,,,,,तुम्हें पूरी रात मेरे साथ ही खड़ा रहना होगा,,,,,,मुझे नहीं पता,,,,,,देखो अब तो मैं तुम्हें बता भी दिया है,,,,,,,कि मुझे तुम्हारे साथ वन नाइट स्टैंड बनाना है,,,,,,,तो अब तुम मेरा पूरा साथ दो,,,, और यही खड़े रहो,,,,जब तक मैं खड़ी रहूगी,,,

    आज के लिए बस इतना तो देखते हैं कि विवेक का कैसा रिएक्शन होगा और वहां क्या कभी विधि को समझ पाएग

    और मेरे प्यारे रीडर अगर आप सबको यह नॉवेल अच्छी लग रही हो तो प्लीज लाइक शेयर कमेंट जरुर करें

  • 13. love begins with revenge - Chapter 13

    Words: 1477

    Estimated Reading Time: 9 min

    और वही विवेक ,,,विधि की आवाज सुन,,,,,,अपने सोच से बाहर आता है ,,,,,और फिर विधि की तरफ देखते हुए ,,,,,,विधि अपना बचपना छोड़ो,,,,और नीचे चलो ,,,,,अगर तुम्हें नहीं जाना तो ठीक है     मैं ही जा रहा हूं ,,,तो खड़ी रहो यहां पूरी रात अकेले,,,,यह कह विराज वहां से जाने लगता है,    
    की तभी उसे विधि की आवाज आती है,,,,,,जिसे सुन विवेक की रोगते खड़े हो जाते हैं,,,,,,और वह पीछे पलट एक टक विधि को घूरने लगता है
     अरे ऐसे कैसे तुम मुझे अकेला छोड़ कर जा सकते हो,,,,,,,, अगर तुम मुझे छोड़कर चले गई ,,,,,तो हमारी वन नाइट  स्टैंड कैसे बनेगी ,,,,,मुझे नहीं पता विवेक ,,,,,तुम कहीं नहीं जाओगे,,,,,,वापस आओ,,,,, और मेरे साथ वन नाइट स्टैंड मनावो,,,और क्यों,,,,,,,सब कुछ,, मैं ही करो ,,,,तुमसे शादी करने के लिए,, , 

    उसका इतना ही कहना था विवेक को तो जैसे करंट लग गय गया हो ,,,,,,उसका पूरा शरीर अकड़ गया था ,,,,,और उसके दिमाग में सिर्फ एक ही शब्द गुज रहा था ,,,,,,,मुझे तुम्हारे साथ वन नाइट स्टैंड बनाना है,,,,,,,जिसे सोचते हुए वह ,,,,आब भी,,,,विधि को घूरे जा रहा था

    ,, की तभी  विवेक को एहसास होता है ,,,,कि कोई इसका हाथ पकड़ रहा है,,,,,इसका एहसास पा,,,,विवेक सामने देखता है तो ,,,,,विधि उसका हाथ पकड़ ,,,,,उसे अपने साथ वहां ले जाती है,,,,जहां वह कुछ देर पहले खड़े थे,,,  
    और फिर उसी तरह विवेक को,,, पकड़े हुए,,,,देखो विवेक,,,,,तुम्हें पूरी रात मेरे साथ ही खड़ा रहना होगा,,,,,,मुझे नहीं पता,,,,,,देखो अब तो मैं तुम्हें बता भी दिया है,,,,,,,कि मुझे तुम्हारे साथ वन नाइट स्टैंड बनाना है,,,,,,,तो अब तुम मेरा पूरा साथ दो,,,, और यही खड़े रहो,,,,जब तक मैं खड़ी रहूगी,,, 

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    अब आगे________

    जिसे सुन विवेक कुछ देर विधि को देखता है ,,,,,,और अचानक से अपने पेट पर हाथ रख,,,,,वह जोर-जोर से हंसने लगता है,,,,,,,अब तो विवेक से हंसी कंट्रोल ही नहीं हो रही थी,,,,,यह सोच सोच कर,,,,,के , ,, ,, की विधि उसके साथ,,,,यहां,,,,,,,छत पर खड़े रह,,,,कर,,,,,,पूरी रात खड़े रहकर,,,,वन नाइट ,,,,वन नाइट स्टैंड बनाना चाहते थी,,,, 

    और वही विधि ,,,,विवेक को ,,,,उसकी बात सुन ,,,,,,इस कदर हंसना देख ,,,,,,,विधि की आंखें छोटी हो जाती है ,,,,,,और फिर विधि विवेक को घुर अपने मन में,,,,,,मैंने ऐसा भी किया कहा, ,,,,कि आपको इतनी हंसी आ रही है ,,,, 
    मुझसे पूछो ,,,,,,कि मुझे कितना डर लग रहा है ,,,,,कि मैं कैसे पूरी रात ,,,,,,खड़ी रहूंगी,,,,,मुझे तो अभी से नींद आने लगी है,,,,,उसका इतना ही कहना था,,,,,,कि विवेक अपना पेट पकड़ हंसने लगता है

    ,,,,,जिससे आब विधि ,,,,,थोड़ा गुस्से से,,,,,आपको हो क्या क्या गया है,,,,, , अगर आप हंसना नहीं बंद किया ,,,,तो ,,,,तो यह कह विधि,    ,,,,,,,वहां से चली जाती है ,,,,,,,,और फिर 5 मिनट बाद ,,,  एक छोटे से डिब्बे में पानी भर,,,,विवेक के मुंह पर मारते हुए,,,, अब हंसो

    और वही विवेक जो विधि की बात सुन हंसी जा रहा था,,    यह अचानक मुंह पर पानी पड़ने से ,,,,,,,उसकी हंसी एकदम से बंद हो जाती है,,,,,   और फिर वहां विधि की तरफ देखते हुए ,    विधि यह क्या हरकत थी,,,, 

    और वही विधि उस ,,,,डिब्बे को जमीन पर फेंकते हुए ,,,,,,और आपकी क्या हरकत थी,,,,,,जो पागलों की तरह,,,,हंसी जा रहे थे,,,,,मैंने ऐसा भी क्या कह दिया,,,, 
    जिसे सुन विवेक बड़ी मुश्किल से,,,,,,,अपनी हंसी कंट्रोल करते हुए ,,,,,,तुमने,,,,,पूछो विधि ,,,,,तुम्हें पता है,,,,,तुमने क्या कहा,,,, तुम,,,,,तुम सच में एक,,,,,डम्मब हो ,,,,,,,,

    या यह कहते हुए विवेक,, ,फिर से हंसने लगता है,,,,,,की तभी विवेक की नजर विधि पर जाती है ,,,,,, जो उसे चिड़चिड़ाते , देख ,,,,,विवेक अपनी हंसी कंट्रोल करते हुए,,,,,,बताओ तुम्हें यह वन नाइट स्टैंड का आईडिया,,,,दिया,,,,किसने

    अब तो मानो जैसे  विधी कि सांस ही अटक गई हो ,,,,,क्योंकि अब वह समझ गई थी,,,,,,कि शायद वन नाइट स्टैंड का मतलब ,,,   पूरी रात खड़े रहना नहीं,,,,कुछ और है,,,,,,,जिसे समझ विधि अपना सर उठा ,,,,,विवेक की तरफ देखते हुए
     ,,,,,और वही विवेक जो विधि को देख रहा था,,,,,,वह दोबारा पूछते हुए ,,,,,बोलो विधि किसने तुम्हें ,,,,यह आईडिया दिया,,,, 

    जिसे,,, सुन विधि ,,,,,,,विवेक मुझे नींद आ रही है ,,,,,मैं मैं चलती हूं ,,,,,,यह कहें वह अपने कदम दूसरी तरफ बढ़ा देती है ,,,,,कि तभी विवेक विधि का हाथ पकड़ ,,,,,अपनी तरफ खींच लेता है,,    जिससे विधि सीधा विवेक के सीने से ,,,,,जा लगती है,,,,,, 

    और फिर विवेक बगैर देरी के ,,,,,,विधि के टॉप के अंदर से ,,,,,अपना हाथ डाल ,,,,,विधि की कमर को चलाते हुए ,,,,,,अपने होंठ विधि के गार्डन की तरफ मोड़ देता है,,,,, 
    और वही विधि की धड़कनें बढ़ गई थी,,,,उसे एक अजीब सी घबराहट महसूस होने लगी थी ,,,,,,,क्योंकि  उसके साथ ऐसा कुछ पहली बार हो रहा था,,,,,जिससे उसकी धड़कने सो के स्पीड बढ़ गई थी ,,,,

    और उसे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था,,,,,विवेक को इस तरह ,,,,अपने करीब आता देख,,,,,,,जिससे वह अपना हाथ ,,, विवेक के सीने पर रख,,,,,उसे खुद से दूर करते हुए ,,,,,यह क्या क्या कर रहे हो,,,,विवेक ,,,,यह सही,,,,,,उसका इतना ही कहना था,,,,,,कि विवेक अपना हाथ आगे बढ़ा ,,,,,,दोबारा विधि को अपने करीब खींचे है,,,,,,,अपने हाथ विधि के गर्दन पर रख देता है,,  

    जिससे विधि,,,,,द्वाबरा ,,,,विवेक के सीने पर हाथ रख ,,,   विवेक,,, स्टोपीट ,,, ये क्या कर रहे हो,,,,,,मुझे मुझे अच्छा नहीं लग रहा,,,,,,उसका इतना ही कहना था ,,,,,,,कि विवेक अपने होंठ,,,,, उसी तरह विधि के गर्दन पर रखे हुए,,,,,,अरे वही तो कर ,, रहा हूँ,,,,,,जो तुम करने के लिए यहां आई थी ,,,,वन नाइट स्टैंड,, 

    उसका इतना ही कहना था ,,,,,की विध विधि अपना सर उठा,,   विवेक की तरफ देखती है ,,,,,जो अब भी उसी को देख रहा था
    की तभी विवेक विधि को खुद से दूर करते हुए,,,,,,देखा विधि अगर तुम मुझसे प्यार करती ,,,,,,तो तुम्हें इतना अजीब ना लगता ,,,,मेरे करीब आने से,,,

    विधि वह सिर्फ तुम्हारा बचपन था,,,,,जो तुम प्यार समझ बैठी हो,,    तुम्हें भी प्यार का असली मतलब नहीं पता है,,,,,,,क्योंकि प्यार एक ऐसी फीलिंग है,,,,,,जो कोई नहीं समझ पाता ,,,,,,वह कब कहां और कैसे हो जाता है,,,,किसी को नहीं पता,,, चलता,,,, हम खुद उसके पीछे खींचे चले जाते हैं कब हम खुद उसे अपने अंदर महसूस करने लगते हैं उसके एहसासों को जीने लगते हैं ,,, 

    और फिर अपनी नजर उठा ,,,,विधि की तरफ देखते हुए ,,,,,,,विधि अब भी है ,,,,,,,,टाइम ,,,,संभल जाओ,,,,,,प्यार कोई बच्चों का खेल नहीं है ,,,,,इसलिए पीछे हट जाओ,,,,,,,

    इसमें सिर्फ तकलीफ होती है ,,,,,,और तुम्हारा मेरा कभी नहीं होगा,, ,,कुछ भी नहीं होगा ,,,,,,तुमने कहा ना कि तुम मुझसे प्यार करती हो ,,    तो ठीक है ,,,,,,अभी जब मैं तुम्हें छुआ,,,,,,तुम्हें किस करने की कोशिश की,,,,, ,,तो तुमने मुझे धक्का क्यों दिया,,,,,,तुम्हें तो यह फीलिंग अच्छी लगनी चाहिए ना ,,,,मेरा चुना,,अच्छा लगना चाहिए ,,,,,तो फिर तुमने अजीब क्यों लगा

    जिसे सुन विधि चुप ,,,,वही खड़ी रहती है,,, 
    की तभी विवेक दोबारा,,,,,तो प्लीज विधि अब अपना बचपना छोड़ो ,,,,,और पढ़ाई पर ध्यान दो,,,,,और यह प्यार  का नाटक बंद करो ,,,,,तुम बच्ची नहीं रही कि तुम्हें कुछ पता ना चले ,,,,,,,  और किसि के भी बहकाव में आ गई थी,,,,,
    अच्छा हुआ कि तुम मुझे,,,,,विधि-विधि अगर मेरी जगह कोई और लड़का होता ,,,,

    मुझे सोच की समझ नहीं आ रहा ,,,,,,की विधि,,,,,में तुम्हें क्या कहूं ,,   आखिर वह है कौन जिसने तुम्हें ऐसी आईडिया दिया      क्योंकि तुम अपना दिमाग इतना नहीं चला सकती,,, 
    वन नाइट स्टैंड ,,,क्या तुम्हें पता भी है,,,,इसका मतलब क्या होता है , ,,,,,रुको तुम्हें,, मैं,, अभी बताता हूं ,,,,,,,कि अब तुम बच्ची नहीं रही हो,,,,,,,,कि तुम्हें कुछ ना पता रहे ,,,,,,,,या कहें वह अपने फोन निकाल उसे पर सर्च कर ,,,,,,विधि के हाथ में रखते हुए ,,,,अब इसे पढ़ो

    और वही विधि जैसे-जैसे वह पढ़ रही थी ,,,,,,,उसकी आंखें हारने से बड़ी होती जा रही थी ,,,,,,और फिर विधि विवेक का फोन बंद कर ,,,,,,,मुझे मुझे और,, और नहीं पढ़ना,,,,,,विवेक के हाथ में दे वह,,,,,वहां से भाग जाती है,,,, 

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    और वहीं दूसरी तरफ अंजलि ,,,,,
    दाई मां की तरफ देखते हुए,,,,,यह आंटी मुझे इतना सजा क्यों रही है ,,   ,अब तो मेरी शादी भी हो गई ना,,,,,मैंने रील में देखा है ,,,,,,,की यह तब ऐसे सजाया जाता है,,,,,,,जब उनकी शादी होती है ,,,,

     और फिर अपने बालों में लगे उसे गजरे को देखते हुए ,    और यह गचरा इसमें खुशबू तो अच्छी है ,,,,,,,पर ये इतना क्यों सजा रही है ,,,,,,मुझे आप तो मेरी उसे डेविल से शादी हो चुकी है,,,,,,क्या मैं बार-बार ,,, उससे शादी करती रहो,,,यहां,,
    की तभी दायमा अंजलि का घूंघट निकाल देते हैं,,,,,,जिसे महसूस कर अंजलि,,,,,यह मुझे छुपा क्यों रही है ,,,,,,,यार कितना अजीब रिवाज,,,, है,, इनका,,,,,,,,,हमारे तो ऐसा कुछ नहीं होता,,,,,,व्हाइट ड्रेस पहनो ,,,,,,और एक किस करो ,,,,और सब कुछ खत्म

    की तभी दाई मां ,,,,,अंजलि का हाथ पकड़ उसे विराज के कमरे में लेजा बेड पर बैठा देते हैं,,,,,और वही अंजलि जो घूंघट उठाने को होती है,,   कि तभी नहीं बेटा ,,,,यह रस्म होती है ,,,,,,तुम यह खुद घूंघट नहीं उठाओगे,,,,,,,,,तुम्हारा यह घुंघट,,,,,मेरा ,,,,उसने इतना ही कहा होगा,,,,,,कि तभी विराट के कमरे का गेट खुलता है,,,,,,जिससे दाई मां ,,,,उस तरफ देखती है,,,,,,तो विराज को गेट पर खड़ा देखा ,,,,,,,वह चुपचाप कमरे से बाहर निकल जाती है,,, 

    आज के लिए बस इतना ,,,,तो देखते हैं ,,,,,कल क्या हंगामा होने वाला है ,,,,,अंजलि और विराज के बीच में ,,,,,,और विधि कल क्या रिएक्ट करेगी ,,,,अपनी बेवकूफी पर

  • 14. love begins with revenge - Chapter 14

    Words: 1606

    Estimated Reading Time: 10 min

    और वहीं दूसरी तरफ अंजलि ,,,,,
    दाई मां की तरफ देखते हुए,,,,,यह आंटी मुझे इतना सजा क्यों रही है ,,   ,अब तो मेरी शादी भी हो गई ना,,,,,मैंने रील में देखा है ,,,,,,,की यह तब ऐसे सजाया जाता है,,,,,,,जब उनकी शादी होती है ,,,,
     और फिर अपने बालों में लगे उसे गजरे को देखते हुए ,    और यह गचरा इसमें खुशबू तो अच्छी है ,,,,,,,पर ये इतना क्यों सजा रही है ,,,,,,मुझे आप तो मेरी उसे डेविल से शादी हो चुकी है,,,,,,क्या मैं बार-बार ,,, उससे शादी करती रहो,,,,,
    की तभी दायमा अंजलि का घूंघट निकाल देते हैं,,,,,,जिसे महसूस कर अंजलि,,,,,यह मुझे छुपा क्यों रही है ,,,,,,,यार कितना अजीब रिवाज,,,, है,, इनका,,,,,,,,,हमारे यहां तो ऐसा कुछ नहीं होता,,,,,,व्हाइट ड्रेस पहनो ,,,,,,और एक किस करो ,,,,और सब कुछ खत्म
    की तभी दाई मां ,,,,,अंजलि का हाथ पकड़ उसे विराज के कमरे में लेजा बेड पर बैठा देते हैं,,,,,और वही अंजलि जो घूंघट उठाने को होती है,,   कि तभी नहीं बेटा ,,,,यह रस्म होती है ,,,,,,तुम यह खुद घूंघट नहीं उठाओगे,,,,,,,,,तुम्हारा यह घुंघट,,,,,मेरा ,,,,उसने इतना ही कहा होगा,,,,,,कि तभी विराट के कमरे का गेट खुलता है,,,,,,जिससे दाई मां ,,,,उस तरफ देखती है,,,,,,तो विराज को गेट पर खड़ा देखा ,,,,,,,वह चुपचाप कमरे से बाहर निकल जाती है,,, 

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    Aab aage__________

    दाई मां का कमरे से बाहर निकलता देख ,,,,विराज दरवाजा बंद कर ,,,,वह अपने कदम बैठ की तरफ बढ़ा देता है,,,, 
    और वही अंजलि,,,,,जो अब भी ,,,,बैड के ऊपर बैठी थी ,,,,,दरवाजे बंद होने की बात सुन,,,,वह थोड़ा डर जाती है ,,,,,,और फिर अपने मन में ,,,,,,यह दरवाजा यह दरवाजा क्यों बंद कर रहे हैं,,,

    कहीं ये मेरे साथ ,,,,कुछ करेगा तो नहीं ,,,,,,नहीं लड़के लोग,, एसे ही कहते हैं,,,, हम कुछ नहीं , करेगे,,,,,, लेकिन ये कब  चेंज हो जाये,,,,,,किसी को पता नहीं,,,

    यह कह वह खुद को समझने की कोशिश करती है,,,,,,कि तभी उसे कदमों की आवाज सुनाई देती है,,,,जो विराज का ही था
    जो अपनी कदम ,,,,अंजलि की तरह बढ़ाये जा रहा था,,, 
    जिसे महसूस कर अंजलि झट से बैड से उतरने  लगती है ,,,,,कि वह इतनी जल्दबाजी में बेड से उतरती है ,,,,,कि जिससे वह लड़खडा  गिरने को होती है ,,,,

    उससे पहल आगे बढ़,, विराज,,,, उसे  गिरने से बच्चा लेता है,,,,,,जिसे महसूस कर अंजलि की तो जैसे सांस ही ऊपर नीचे होने लगते हैं ,,,,,जिससे अंजलि झट से ,,,,,हविराज को हल्का सा पुष कर,,,,,,

    वह सीधा होने के चक्कर में ,,,,,,वह जमीन पर गिर जाती है ,,,,,और यह अचानक जमीन पर गिरने की वजह से,,,,,अंजलि का दुपट्टा विराज के हाथ में ही रह जाता है ,,,,,,क्योंकि वह जब राज के ऊपर गिरी थी ,,,,,,तो अचानक से अंजलि के दुपट्टा विराज के घड़ी में अटक गया था,,,,और यूं जल्दबाजी में विराट को खुद से धक्का देने की वजह से ,,,,,,वह दुपट्टा विराज के हाथ में ही रह गया ,,,,,और वह अंजलि खुद जमीन पर जा गिरी थी,,, 

    अंजलि इस वक्त जमीन पर पीठ के बाल गिरी थी,,,,,जिसे हल्का सा उसका लहंगा भी ऊपर की तरफ उट गया था,,,,,जिससे अंजलि की गोरी टांगें साफ दिखने लगी थी,,,,,,,और अंजलि का ब्लाउज भी काफी छोटा था,,,,,,जिससे दुपट्टा ना होने की वजह से,,,,,,उसका पूरा पेट विजिबल हो रहा था,,, ,,, 

    और वही विराज तो ,,,,कभी अपने हाथ को ,,,,,तो कभी अंजलि को देखा,,,,,,,जो इस वक्त जमीन पर लेटी थी,,,,,,की तभी विराज की नजर अंजलि के,,,,,अंजलि के चेहरे पर जाती है,,,,,जो अपनी आंखें मुदे,,,,,अब भी ,,,,,जमीन पर गिरी थी,,,,,,जिसे देख विराज की नजर ,,,,,धीरे-धीरे अंजलि के चेहरे से होते हुए ,,,,,उसके होठों से ले सीने से ले ,,,,,,उसके पैरों तक जाती है ,,,,,,जिसे देख विराज एक तक अंजलि को ही देखे जा रहा था,,,,,, 

    और वही अंजलि खुद पर किसी की तपिश महसूस कर,,,,,,वह अपनी आंखें खोल देखती है,,,,तो,,,,विराज उसी को घुरे जा रहा था

    जिसे देख  अंजलि एक नजर खुद को देखते हैं,,,,,,तो खुद को इस तरह देख ,,,, वह झट से जमीन से उट,,,,अपने सीने को कवर कर,,,,, ,

    विराज की तरफ घूरते हुए,,,,,,,तुमने कहा था ना कि तुम मेरे साथ कोई फर्स्ट नाइट नहीं बनाओगे,,,हहहतो यह क्या कर रहे थे ,,,, देखो तुमने मेरे साथ जबरदस्ती शादी की है ,,,,,,,,लेकिन मेरे करीब तुम जबरदस्ती नहीं आ सकते,,,,उसका इतना ही कहना था

     अंजलि का इतना ही कहना था,,,,,,कि विराज की आंखों के सामने,,,,,,,कुछ सीन नजर आने लगता है,,,,,,,प्लीज मेरे करीब मत आओ ,,,,,,मुझे जाने दो,,,,,,मेरा क्या कसूर,,,,,जाने दो,,,,,,मुझे हाथ मत लगाना,,,,,,और फिर एक चीख
    जिसे याद कर विराट की आंखों में खून उतर आया था ,,,,,,और उसके आंखों में इस वक्त गुस्सा साफ देखा जा सकता था,,,,,,

    जिससे विराज बगैर वक्त गवाए अपना हाथ आगे बढ़ा ,,,,,अंजलि को गरदन सहित पकड़ ,,,,,,उसे अपने करीब खिंच लेता है,,,,,,,और फिर विराज की आंखों में देखते हुए,,,, 
    तुझे इसको खेल लगता है ,,,,,,तेरे बाप ने मेरे घर को जाहनुम बना दिया ,,,,,मेरी आंखों के सामने मेरी बुआ की जिंदगी तहस-नहस कर दी,,,, और तुझे ,,,,और तुझे यह सब मजाक लगता है,,,,,,तेरे रंगो में भी,,,,,तेरे बाप का गद्दा खून होगा,,,, 
    तेरे बाप ने मेरी मेरी बुआ की जिंदगी बर्बाद की ना ,,,,,,,और आज मे तेरी जिंदगी ,,, बरबाद कर दूंगा,,,,

    यह कहे विराज,,,,,बगैर देरी करें ,,,,,,आजली के होठों पर होट अंजलि को किस करने लगता है,,,,,,वहां उसे किसी से ज्यादा बइट कर रहा था ,,,,,जिसे अंजलि छटपटाने लगी थी ,,,,
    और फिर वहां विराज के सीने पर हाथ रख,,,,,उसे खुद से दूर करने की कोशिश करने लगती है,,,,,लेकिन विराज उसके हाथ को पकड़ ,,,,,उसके बैक पर,,,,,उसके होठों को ,,,,,,और भी डिपली किस करने लगता है ,,,,,,और फिर उसी  तरह अंजलि को पीछे की तरफ ले जाते हुए ,,,,,,, बेड पर धक्का दे देता है,,,, 

    जिससे अंजलि सीधा बेड पर जा कर गिरती है ,,,,,और इतनी लंबी किस की वजह से,,,,,उसके सासे आब भी भारी हो रही थी,     जिससे उसकी आंखों में आंसू आ जाते हैं ,,,,,और वह अपने नंम ही आंखों से ,,,,,विराज की तरफ देखने लगती है,,,,,इस वक्त अंजलि को विराज से बहुत डर लग रहा था,,,,,,इतना की जैसे कि उसके सामने कोई रकक्षा हो,, 
    और वही विराज की आंखें गुस्से से लाल थी,,इस वक्त उसे कुछ भी,,,,नहीं नजर आता है,,,,,सिवाय उसकी बुआ की चीखें ,,,,,जिसे वह ,,,किसी भी हालत दूर करना चाहता था ,,,,,जिससे विराज खुशी को गुस्से से घुरते हुए,,,,,,अपने शर्ट के बटन खोल ,,,,,एक झटके में Anjali के ऊपर आ जाता है
    और बगैर देरी कीए,,,,,अंजलि की होठों पर अपने होठों को रख,,उसे,,,,दोबारा किस करने लगता है,,,,,और बड़ी बेरहमी से ,,,,अपने हाथों को अंजलि के शरीर पर चलाने लगता है,,,,,जिसे अंजलि और भी ज्यादा डरने लगी थी,,,, 

    की तभी विराज,,,,अंजलि के होठों को छोड़ ,,,,उसके गर्दन पर आपने होट,,,, चलाने लगता है ,,,,,और वही अंजलि जो डर और इतनी लंबी किस की वजह से,,,,,आब भी लंबी-लंबी सांसे ले रही थी ,,,,,और अपने हाथों की मुट्ठी बना ,,,,,वह विराज के बैक पर मारे जा रही थी ,,,,,,ताकि वह उसे छोड़ दें,,,, 

    और फिर विराज एक झटके में,,,,अंजलि के ऊपर से उठ जाता है ,,,,,और फिर गुस्से से अंजलि की तरफ देख,,,,,,वह अपना हाथ आगे बढ़ा,,,,,अंजलि का ब्लाउज ,,,,,उसके शरीर से अलग कर देता है,,,,,,जिससे अंजलि एक चीख के साथ ,,,,,वह झट से ,,,,,पलट जाती है ,,,,,और फिर रोते हुए,,,,,प्लीज प्लीज विराज ऐसा मत करो
    मैं मर जाऊंगी,,,,प्लीज प्लीज ,,,, एसा मत करो ,,,,अगर मुझसे गलती हुई हो तो ,,,,प्लीज मुझे माफ कर दो,,,,पर ऐसा मत करो,,,,

    यह कहते हुए ,,,,वह डर से कांपने लगी थी,  
    और वही विराज अंजलि की चिख सुन ,,,अपने होश में आता है ,,,,जिससे वह एक नजर,,, अंजलि,,को देखता है ,,,,जो उसकी तरफ बैक किया,,,रोते हुए बेड पर लेटी थी,,,,, जिसे देखते हुए उसके जहेन में ,,,,अपनी मां की कही हुई बातें,,याद आने लगती है ,,,

    बेटा कभी भी हो जाए ,,,,,, तू चाहे जितना टूट जाए लेकिन तू कभी भूलना मत कि तू मेरा बेटा है ,,,,, तू अपनी अस्तित्व मत भूलना ,,,,की लड़कियां कोई खिलौना नहीं होती,,,,,,उनकी भी कोई इज्जत और शोक होते हैं,,,,,,,तो उन्हें कभी भी अपने दुश्मनी मोहब्बत या जलन की वजह से,,,,,,अपने पैरों के नीचे कुचलना मत,,,,,,क्योंकि बहुत तकलीफ होता है ,,,,जब किसी के साथ ऐसा होता है,,, 

    जिससे रूद्र उसकी गोरी नाजुक दूध जैसी,, खुली बैक साफ देख सकता था ,,,,,जिसे देख विराज अपनी आंखें मुद लेता है ,,,,,और बगैर देरी किए ,,,,,वह बेड से उतर,,,,,अंजलि के ऊपर चादर फेक ,,,,,वह वहां से ,,,,सीधा वॉशरूम चला जाता है, 

    और वही अंजलि विराज को वॉशरूम जाता है देख,,,,, वह झट से ,,,,,खुद को चादर से कवर कर ,,,, बेड पर आराम से ,,,,बैठ जाती है ,,,,,वह इस वक्त ,,,,,बहुत ही ज्यादा डर चुकी थी,,,,,,विराज से ,,,,
    उसे नहीं लगा था,,,,,कि विराज उसके साथ ऐसा कुछ करेगा ,,,,,,जिससे वह अब भी कुछ देर पहले हुए ,,,,,उस हादसे को सोच,,,,अंजलि की आंखों में आंसू आ जाते हैं,,, 

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     और दूसरी तरफ विधि ,,,,किसी खरगोश के बच्चे की तरह बेड पर लेते बार-बार छत पर हुई,,,,,उस बातें और उसे वीडियो को सोच सोच खुद से ही,,,,,विधि तो इतनी बेवकूफ क्यों है,,,,,,हो गई ना तेरी मोए मोए,,,,,,,, अब मैं क्या करूं,,, 
    और वहीं दूसरी तरफ विराज ,,,,,वॉशरूम में सावर के नीचे खड़ा हो,,,जाता है ,,, और वह खुद को,,,,,शावर के ठंडे पानी से भिगो ,,,,,अपने गुस्से को शांत करने लगता है ,,,,,लेकिन उसका गुस्सा आब भी सांत नहीं हो रहा था,,,,

    उसे इस वक्त बहुत गुस्सा आ रहा था ,,,,,,वह इस हद तक,,,,,कैसे जा सकता है ,,,,वह कैसे उस,, ,,,  वैहसी  की तरह हो सकता है ,,,,, उसे वह कैसे अपनी मां की बातों को भूल गया ,,,,,यह सोच वह गुस्से से ,,,,,आइने पर अपना हाथों की मिट्टी बना,,,,, आइने पर दे मारता है,,,,,जिससे वह आइना,,,टुकड़ों में टूट कर बिखर जाती है,,,और विराज के हाथों में छुब जाता है,,, 

    आज के लिए बस इतना ,,,,तो देखते हैं कल क्या होने वाला है ,,,,क्या होगा विधि और अंजलि के लाइफ में,,,,,क्या ऐसे ही वह इन दोनों की जिंदगी में खेल के तरह रह जाएगी ,,,,,या फिर आएगा कोई नया तूफान ,,,,जानने के लिए पढ़ते रहे,,,