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प्यार हो ना हो

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Durga Pandey

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एक समझौते से हुई थी संस्कार और सिया की शादी, लेकिन कुछ वजह से इनका साथ बिच में ही छूट गया, और उन्हें अलग होना पड़ा | लेकिन किस्मत को उनका अलग होना मंजुर नहीं था कुछ ही दिनों बाद फिर से दोनों एक दूसरे के सामने आये| लेकिन इस बार कुछ भी पहले जैसा नहीं था...

Total Chapters (30)

Page 1 of 2

  • 1. प्यार हो ना हो - Chapter 1

    Words: 1473

    Estimated Reading Time: 9 min

    सस्कार सिंह रायजादा. . . . . . . . . . . . रायजादा group of कापनी के CEO। है  रायजादा group of कापनी इंडिया के टोप 5 कापनी में से एक है सस्कार का पुरा  लखनऊ में रहते हैं ! ! ! !
    रात के समय 🌛
    सिंह रायजादा (सस्कार की मम्मी )आयशा और विकास (सस्कार के दि और जीजा जी) ) सभी होल में बैठे कर बात कर रहे थे सिर्फ विकास जी को छोड़ कर वह अपने किसी काम से गए हुवे हैं!


    अभिनय जी ने कहा मैं कुछ दिनों के उत्तराखण्ड जाना है
    तभी अनुराधा जी कहतीं जी किस काम के लिए उतराखण्ड जा रहे है
    अभिनय जी - ". वो सुरज की तबियत ठीक नहीं है और उससे कुछ बातें करना है "( सुरज आहुजा अभिनय जी के बचपन के दोस्त या कहलो भाई पहले अभिनय जी भी उतराखण्ड में रहते थे पर सस्कार के जन्म के कुछ दिनों बाद वो पुरे परिवार के साथ लखनऊ सेटल हो गए और वही सुरज आहुजा उतराखण्ड  में ही रह कर आपना कारोबार सभालने गे) 


    जब अनुराधा जी ने.............. क्या सुरज भाई साहब की तबियत ठीक नहीं है और आप अब बता रहे हैं में भी आप के साथ उतराखण्ड चलूँ गी! ! ! ! ! ! ! ! ! ! ! ! ! ! ! ! ! ! ! ! ! ! ! ! ! 
    अभिनय जी........... ठीक है आप पैकिंग कर लीजिए हमें कल ही उतराखण्ड के लिए निकल ना है
    अनुराधा जी.......... जी ठीक है

    इन सभी में एक आयशा ही थी जिसका ध्यान बातों में ना हो कर time⌚पर था जब अभिनय जी और अनुराधा जी का ध्यान जब आयशा पर गया तो उन्होंने उस से पुछा क्या हुआ बैठा आप इतना परेशान क्यों है
    आयशा.................. मम्मी आप ने time देखा अभी तक छोटे नहीं आए डिनर का समय हो गया है तभी अभिनय जी कहते है बेटा आए तो अभी तक दामाद जी भी नही है
    आयशा......... पापा उनकी एक मिटींग थीं किसी केस की तो वो तो कहकर गए है कि वो डिनर बाहर कर के आए गे ।



    लेकिन पापा छोटे कल भी लेट आये और कल भी लेट आया और बीना डिनर कीये सो गया आज जब तक नहीं आये गा तब तक में भी डिनर नहीं करू गी 
    बेटा ये क्या बचपना है चलों डीनर कर लो सस्कार से में बात करुगी
    आयशा........ नहीं मम्मी आज नहीं
    तभी वहा विकास आगया वहाँ का महोल उसको अजीब लगा तो उस ने सभी से पुछा तो अनुराधा जी ने सब बता दिया
    तब विकास कहता है में अभी सस्कार को call करता हूँ उस ने जल्दी से call किया 1व 2  ring में दुसरी तरफ से एक भारी सी आवज आई hello..........................सस्कार कहा हो तुम
    मैं तो अभी मिटींग के लिए जा रहा हूँ उसके बाद विकास ने सारी बातें बाता दि उस की बात सुन ने के बाद सस्कार कहता है में आ रहा हूँ बोल कर call कट गया ।


    विकास जी पेशे से एक वकील थे परिवार के नाम पर उनके पास रायजादा परिवार ही था वो एक आनथ थे आयशा और विकास ने love marriage💍💍💍💍💍💍💍💍💍. की थी) 


    करीबन 10 मिनट बाद रायजादा मेंशन के सामने एक कार आ कर रूकी और सस्कार बाहर निकाला और जल्दी से घर के अन्दर आया और आतें ही आयशा के सामने आ कर घुटने के बल बैठ गया !सस्कार. . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . दि ये क्या है आप डिनर क्यों नही कर रहीं. . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .  . . . . . . . , . . . . . . . . . . . . . . . , .. . . .. . , ! 
    आयशा..........,......... तु ने कुछ खाया........ नहीं ना.......... अब बोल.................. तु ऐसे कर रहा है तो मैं क्यों नहीं............... 
    सस्कार...............  Sorry di काम था इस कारण हुआ आगे से कभी नहीं हो गा दि आप को पता है ना कि आप मेरी कमजोरी है इसी बात का फायदा उठा ती हो 🤨


    आयशा.......... हाँ तो इस में गलत क्या है तु ऐसे ही तो मानता है............................................................ 
    सस्कार................. अच्छा ठीक है अब डिनर कर ले मुझे भुख लग रही है

    , उस की बात सुन कर सभी हंस दिऐ और डिनर कर सभी अपने - अपने Room में चले गए 
    अभिनय जी और अनुराधा जी के Room में................... 
    अनुराधा जी................. आप को पता है सस्कार और आयशा की एक दूसरे में जान बस्ती है मुझे बहुत खुशी होती है


    अभिनय जी........... हाँ अनुराधा  तुम सही कह रही हो   हाँ अनु तुम्ने पैकिंग कर ली कल हमारी 10 बजे यहाँ से निकल ना है
    अनुराधा जी - " क्या आप सूरज भाई साहब से वही कहने वाले है... 
    अभिनय जी.......... हाँ अनु अब वक्त आ गया है कि मैं सुरज से ये कहने ही हो गा
    अनुराधा जी खुश होते हुए हाँ आप ठीक कह रहे हैं आप और ऐसी ही कुछ समय बात कर के सो जाते हैं "

    सुबह का समय सभी नास्ता कर रहे थे तभी
    अभिनय जी................... अब हम दोनों निकलते हैं आप लोग अपना ध्यान रखना कह कर निकलते हैं

    कुछ ही समय में दोनों ही उतराखण्ड पहुंचे!
    जब वो सुरज जी के घर पहुंचे तब सुरज जी होल में ही बैठ कर वेट कर रहे थे अभिनय जी और अनुराधा जी घर के अन्दर आए तो देखा सुरज जी वेट कर रहे हैं..

    अभिनय जी ने कहा यारा गले नहीं लगेगा उनकी बात सुन कर सुरज जी उनको गले लगा लेते हैं दोनों की आखें नम हो गया
    तभी पिछे से अनुराधा जी की आवाज आई हम भी आए हैं...... .... .   ........... जैसे ही सुरज जी ने अनुराधा जी की आवाज सुनी तब पिछे पालटे और अनुराधा जी को देख कर अरे भाभी जी नमस्कार अनुराधा जी ने भी उन्हें नममस्ते किया।

    अनुराधा जी ........... .....   कैसे भाई साहब अब आप की तबियत कैसी है.... 
    सुरज जी................. भाभी आप दोनों  को देख लिया न अब तो ठीक लग रहा है 😄
    अनुराधा जी.................. भाई साहब हमारी प्यारी बेटी कहा है।


    कुछ समय बाद जब


    अभिनय जी और अनुराधा जी अपने  Room से बाहर आए तब उनकी नजर मैन डोर पर पडी तब देखा कि सिया अपने धुन मे चलीं आ रही हैं 🚶‍♀️

    तभी सिया की नजर वहाँ खड़े अभिनय जी और अनुराधा जी पर पडी वो तुरंत उनके पास दौडते हुए गईं और उनके गले लग गई और कहने लगी अंकल और आंटी आप दोनों कैसे है 
    फिर उनसे अलग हो कर कहने लगी में आप दोनों से नराज हु
    आप दोनों कितने दिनों बाद आए आप को आप को मेरे और पापा की बिलकुल याद नहीं करते है ना
    अभिनय जी......ऐसा हो सकता है कि हम अपनी बेटी को याद ना करें हा ये हो सकता कि मैं तुम्हारे पापा को याद ना करूँ
    उनकी बात सुन कर सुरज जी जो सारी बातें अच्छा जी ऐसी बात है उनकी बातें सुन कर ।

    अनुराधा जी............. कहतीं आप दोनों भी ना बच्चों की तरह झगड़े जा रहे हैं अब बस भी करो ।

    उनकी बात सुन कर दोनों किसी छोटे बच्चे की तरह फैश कर लेते हैं उन दिनों को ऐसे देख कर अनुराधा जी और सिया हंस दिए
    उन्हें ऐसे हंसता देख कर दोनों का मुह बन जाता है

    तभी सिया कहतीं है चलों लंच करतें हैं मुझे भुख लगीं है फिर सभी लंच करते हैं और उसके बाद बातों में लग जाते हैं
    सुरज जी अभिनय जी से बच्चे कैसे है उनकी बात सुन कर अभिनय जी कहते हैं - " सुरज जिन्हें तु बच्चे कह रहा है अब वो बच्चे नहीं रहे जो गोद में आ जाते थे अब बडे और समझदार हो गए हैं "


    ऐसी बातें करते शाम का वक्त हो गया था........ 
    सिया............... आज मैं आप तीनों के लिए डिनर बनाएगी
    उसकी बात सुन कर अनुराधा जी कहती हैं मैभी तेरे साथ चल कर मदद कर देती हु फिर दोनों रसोई में चले गए..

    थोडे समय में ही डिनर बन गया
    सिया................. डिनर बान गया है आप सभी चला कर डिनर कर लिजीए फिर सभी डिनर करने के लिए बैठ जाते हैं

    अनुराधा जी..................... क्या बात सिया आप के हाथों में तो जादू है🙂
    अभिनय जी.. ... ..... हाँ अनु तुम सही कह रही हो सिया तो बहोत ही अच्छा खाना बनाती हैं बिलकुल भाभी के हाथों वाला स्वाद है🙂
    सिया उनकी बात सुन कर मुस्कुरा दी॥ 

    डिनर करने के बाद सुरज जी सिया के सर पर प्यार से हाथ फेरता है
    फिर सभी होल में आ कर बैठ जाते हैं॥ । 
    अभिनय जी अनुराधा जी को कुछ इसारा करते है जिन्हें अनुराधा जी समझ जाती है🙂
     

  • 2. प्यार हो ना हो - Chapter 2

    Words: 1007

    Estimated Reading Time: 7 min

    फिर सभी होल में आ कर बैठ जाते हैं॥ । 
    अभिनय जी अनुराधा जी को कुछ इसारा करते है जिन्हें अनुराधा जी समझ जाती है🙂
    अनुराधा जी सिया के तरफ देख कर कहती हैं! ! 
    अनुराधा जी. . . . . . . . .  सिया क्या तुम मुझे अपना Room नहीं दिखाओ गी ।

    सिया. . . . . . . . . . . . . अरे ऐसा नहीं है आंटी चालिए मैं आप को अपना   Room दिखाती हु 😊
    दोनों वहा से सिया के Room की और चल दिए. . . .. . ..   
    जब अभिनय जी ने देखा कि अनुराधा जी सिया को वहाँ से ले गई तब वह सुरज जी की तरफ देखकर बोले

    अभिनय जी. . . . . . .  सुरज चल बाहर टेहेलते हुए बात करते है! ! 
    सुरज जी. . .  . . . .  . हाँ चल मुझे भी तुसे बहुत जरूरी बात करनी है ! ! ! ! ! ! ! ! ! ! 
    दोनों बाहर गाडन में आ जातें हैं
    अभिनय जी. . . . . . . . वैसे विनय कहा है और क्या कर रहा है॥  अब तो बडा हो गया हो गा

    सुरज जी. . . . . . . . . . हाँ विनय बड़ा हो गया है अब तो उसके आगे सिया छोटी लगती है और कभी विनय अपनी पढाई कर रहा है दिल्ली में और ठीक है आया था कुछ दिनों पहले अभी उसके exam आने वाले है 
    ( विनय सुरज जी की बेहेन का बेटा है सुरज जी की बेहेन की मौत भी उसी एक्सीडेंट में हुई थी जिसमें सिया की माँ की दोनों साथ में ही थे जब उनकी कार का एक्सीडेंट हुआ था तब विनय के पापा ने दूसरी शादी कर ली उस की सौतेली माँ उसे परेशान करतीं थीं जिसके कारण सुरज जी उसे अपने साथ ले आए और उसे अपने बेटे कि तरह ही प्यार करते हैं! ) 

    अभिनय जी. . . . . . . . . . . हाँ वो तो बहुत प्यार बच्चा है! ! ! वैसे तुझे मुझसे क्या जरूरी बात करने थीं. . . 
    सुरज जी. . . . . . . . . . . . . .  तुझे भी तो मुझसे कोई बात करनी थी तो बोल
    अभिनय जी. . . . . . . . . . . . . हाँ वो मैं कहना चाहता की मैं अपने सस्कार के लिए सिया का हाथ  माग रहा हूँ तु माना मत करना
    अभिनय जी ये कहते हुए अटक रहे थे और थोड़ा घबराए हुए भी थे 🙁
    सुरज जी उनकी बात सुन कर कुछ देर उनकों देखते हैं फिर कहते हैं
    सुरज जी. . . . . . . . . . यारा मैं भी तुझसे यही कहने वाला था अब मेरी भी उम्र भी हो गई हु मेरे जीवन का कोई भरोसा नहीं है और अगर सिया तेरे घर की बहु बनेगी तो मुझे भी कम चिंता रहे गी
    अभिनय जी. . खुश हो जाते हैं और सूरज जी से कहते हैं
    तो अब बता शादी कब करना है

    सुरज जी. . . . . . . . . अरे भाई एक बार बच्चों से तो पुछ ले! ! 
    अभिनय जी. . . . . . . . . अरे नहीं इसकी कोई जरूरत नही है सस्कार मेरी बात कभी नहीं काटे वो शादी के लिए मान जाए गा!!  हाँ तु सिया से पुछ ले वो शादी करना चाहतीं है या नहीं! ! ! ! ! ! 
    सुरज जी  . . . . . . .  नहीं ऐसी कोई बात नहीं है सिया को शादी से कोई परेशानी नहीं है  !!! 
    अभिनय जी. . . . . . . . . .   तो मैं पंडित जी से शादी की तारीख निकल वा लेता हूँ
    सुरज जी. . . . . . . . . ठीक है

    दोनों ऐसे ही बातें करते घर के अंदर आ गए और अपने Room की और जाने लगे तभी उनकी नजर सिया के  Room  में देखा तब सिया आरम से अनुराधा जी के गोद में सर रख कर सौ रहीं हैं !


    .दोनों मुस्कुरा कर अपने Room में चले गए ।
    सुरज जी अपने Room में बैठे कुछ सोच रहे थे ।
    मेरे फैसला सही है मेरी बच्ची बचपन से ही मां के प्यार के तरसती रही है ।
    लेकिन अगर मैं सिया की शादी संस्कार से करू तो उसे वहाँ अनुराधा भाभी जैसे सास मीलेगी जो हमेशा मेरी बच्ची को मां का प्यार भी देगी और फिर आज नहीं तो कल मुझे शादी करनी है मैं तो अभिनय और भाभी जी को कितने दिन से जानता हु और फिर सिया भी उन्हें अच्छे से जानती है ।
    जब अच्छा घर और वर दोनों ही घर बैठे मिल गया और फिर अभिनय का घर भी अपना ही है वहाँ मेरी सिया को कोई तकलीफ नही हो गी ।





    कुछ समय बाद अनुराधा जी भी अपने Room  में आ गई. . . . . . .
    अभिनय जी उनका ही वेट कर रहे थे।
    कहाँ रह गई थी अनु मैं कब से आप का इंतजार कर रहा हूँ।
    अनुराधा जी हंसते हुए कहती है - " ऐसा क्या हो गया जो आप इतने खुश है और मेरा इंतजार कर रहे
    अभिनय जी उसी तरह चहकते हुए कहते हैं - " अरे अनु तुम सुनो गी तो तुम भी खुश हो जाऊगी "
    अनुराधा जी भी उसी तरह हंसते हुए कहती है - " आप बताएगे तभी तो पता चलेगा "

    अभिनय जी. कहते हैं. . . . . . . .. . . . . अनु तुम्हें पता है सुरज सिया और सस्कार की शादी के लिए मान गया! !  
    उनकी बात सुन कर अनुराधा जी बहुत खुश हो जाती है
    अनुराधा जी. . . . . . .  आप सच कह रहे है॥ 
    अभिनय जी. . . . . . . . हा भाई में सच कह रहा हूँ अनु मै सोच रहा हु कल ही में पंडित जी से शादी की सबसे नजदीक की तारीख निकल वाता हु ।
    दोनों ऐसे ही कुछ समय में ही सो जाते हैं ।

  • 3. प्यार हो ना हो - Chapter 3

    Words: 1000

    Estimated Reading Time: 6 min

    अनुराधा जी. . . . . . .  आप सच कह रहे है॥ 

    अभिनय जी. . . . . . . . अनु कल ही में पंडित जी से शादी की सबसे नजदीक की तारीख निकल वाता हु 😀😀😀😀😀😀
    दोनों ऐसे ही कुछ समय में ही सो जाते हैं 

    दुसरे दिन सुबह सभी डायनिग टेबल पर नास्ता कर रहे थे नास्ता करने के बाद सिया college चली गई आज उसके exam चल रहे है॥ 
    उसके जाने के बाद. . . . . . . . . . . 
    अभिनय जी अनुराधा जी और सुरज जी सभी होल में बैठे थे तभी पंडित जी आ गए . . . . उन्होंने शादी की तारिक एक हफ्ते के बाद की निकाली . . . . 



    महोरत निकाल ने के बाद अभिनय जी. . .  . . . . . . . और सुरज जी ने पंडित जी को दान दक्षिणा देते हैं. . . . . 
    उस के बाद पंडित जी वहा से चले गए!
    अभिनय जी सुरज जी को देख कर कहते हैं. . . . . . . . 
    अभिनय जी. . . . . . .   . .   सुरज मैं चाहता हूँ कि शादी लखनऊ से हो अगर तुझे कोई परेशानी नहीं हो तो

    सुरज जी .  . . . . . . . . अभिनय हमें कोई परेशानी नहीं है शादी यहाँ हो या लखनऊ में हो शादी होनी चाहिए बस. . . . . . 
    अभिनय जी. . . . . .  .  तो तय रहा शादी लखनऊ में हो गी तो तु और सिया आज ही हमारे साथ लखनऊ चलो  !


    सुरज जी. . . . . . . . . अभिनय हम  आज नहीं जा सकते हैं कल सिया का आखिरी पेपर है उसके बाद चलते हैं  !

    अभिनय जी. . . . . . . . सुरज तु सही कह रहा है तो एक काम करते हैं मै और अनु आज लखनऊ जाते है वहाँ. . . . . . . . जा कर शादी की तैयारी करते हैं !

    और तु सिया को सिया के exam खत्म होने के बाद उस को ले आना. . . . . उसके बाद शादी की रसमे सुरू कर दे गे     


    सुरज जी. . . .. . ठीक है कहा. . . . .   . 
    उसके बाद अभिनय जी और अनुराधा लखनऊ के लिए निकल गए. . . . .

    कुछ ही समय में वो लखनऊ पहुँच गए! ! ! ! ! ! ! ! ! 
    जब वह घर🏡 पहुंचे तब शाम का समय हो रहा था
    जब वो घर के अंदर आ गए ।


    अंदर होल में ही आयशा बैठे कर टी. वी. देख👀👀👀👀👀 रही थी जब आयशा ने अभिनय जी और अनुराधा जी को घर🏡 आतें देखा और उनके पास जा कर. . . . . .  .  उनके गले लग गई

    फिर उनसे अलग होते हुए  , , , , उनसे पुछती है, , , . . . .      
    मम्मी पापा आप लोग इतनी जल्दी आ गए आप दोनों तो एक हफ्ते बाद आने वाले थे  ।

    तब अभिनय जी और अनुराधा जी ने आयशा को सारी बाता दी उनकी बात सुन ते ही खुश हो जाती है ।
    और कहती हैं. . . . . . . . मतलब पापा एक हफ्ते के अंदर ही छोटे की शादी हैं. . . . . .  फिर कुछ सोच कर कहती हैं कि पापा पर छोटे से क्या कहें गे.

    क्या छोटे इस शादी के लिए तैयार हो गए    ? ? 
    अनुराधा जी और अभिनय जी थोड़ा परेशान हो जाते हैं, ,

    अभिनय जी कडक आवाज में कहते हैं . . . . .    सस्कार को ये शादी कर नी ही हो गी हम उनके आतें ही उनसे इस बारे में बात करें गे ।


    और हमे विस्वास है कि हमारा बेटा हमारी बात का मान जरूर रखें गा.

    दुसरी तरफ उत्तराखण्ड में. . . ..   
    सिया घर आई तो. . . . . . . . . सुरज जी से कहती हैं  ।
    सिया. . . . . . . पापा अंकल आंटी कहा है कही दिख नही रहे कही बाहर गए हैं  !
    सुरज जी कहते हैं. . . . ! !       
    वो लोग लखनऊ चले गए   
    सिया. . . . . . . पापा पर क्यों अंकल और आंटी तो एक हफ्ते के लिए आए थे न, , ,
     सुरज जी. . . , . . . . . . . उन्हें कुछ काम था इस लिए चले गए 
    सिया. . , . . . . . , .. .  अच्छा तो ऐसा है पर पापा आप को उनको मेरे आते तक तो रोकना था  , , , , , , , , , , 
    (सुरज जी सिया के पास आते हैं और प्यार से उसके सर पर हाथ फेर कर कहते हैं. .  ) 
    सुरज जी. . . . . . . . . .  सिया बेटा मुझे तुझसे कुछ बात करनी है, , ,

    सिया. . . . . . . . . . . हाँ पापा कहीए क्या बात है. . . . . . . 
    सुरज जी. . . . ., . . . बेटा मेने तेरी शादी अभिनय के बेटे सस्कार के साथ तय कर दी है इस ही हफ्ते. . . . . . . 
    सुरज जी सारी बातें एक सांस में कह देते हैं, , , , , , , , , , , सिया उनकी बात सुन कर एक पल के लिए जम जाती है. . . . . . . 
    और अटकते हुए कहती है प. . . . पा. . . . . . . . पापा ये आप क्या कह रहे हैं शादी. . . . . . . पापा मैं अभी शादी नहीं करना चाहती 🙏plz पापा, ,
    सुरज जी. . . . . . . . . बेटा मान जा तु जानती है ना मेरे जीवन का कोई भरोसा नहीं है में अपने रहते ही तुझे एक सुरक्षित हाथों में करना चाहता हूँ और उसके लिए अभिनय और उसके परिवार से अच्छा और कोई नहीं है ।


    राम राम

  • 4. प्यार हो ना हो - Chapter 4

    Words: 827

    Estimated Reading Time: 5 min

    वो लोग लखनऊ चले गए  , , , , , , , , , , , , , , , 
    सिया. . . . . . . पापा पर क्यों अंकल और आंटी तो एक हफ्ते के लिए आए थे न, , , , , , , , , , , 
    सुरज जी. . . , . . . . . . . उन्हें कुछ काम था इस लिए चले गए 
    सिया. . , . . . . . , .. .  अच्छा तो ऐसा है पर पापा आप को उनको मेरे आते तक तो रोकना था  , , , , , , , , , , 
    (सुरज जी सिया के पास आते हैं और प्यार से उसके सर पर हाथ फेर कर कहते हैं. .  ) 
    सुरज जी. . . . . . . . . .  सिया बेटा मुझे तुझसे कुछ बात करनी है, , ,

    सिया. . . . . . . . . . . हाँ पापा कहीए क्या बात है. . . . . . . 
    सुरज जी. . . . ., . . . बेटा मेने तेरी शादी अभिनय के बेटे सस्कार के साथ तय कर दी है इस ही हफ्ते. . . . . . . 
    सुरज जी सारी बातें एक सांस में कह देते हैं, , , , , , , , , , , सिया उनकी बात सुन कर एक पल के लिए जम जाती है. . . . . . . 
    और अटकते हुए कहती है प. . . . पा. . . . . . . . पापा ये आप क्या कह रहे हैं शादी. . . . . . . पापा मैं अभी शादी नहीं करना चाहती 🙏plz पापा, , , ,

    सुरज जी. . . . . . . . . बेटा मान जा तु जानती है ना मेरे जीवन का कोई भरोसा नहीं है में अपने रहते ही तुझे एक सुरक्षित हाथों में करना चाहता हूँ और उसके लिए अभिनय और उसके परिवार से अच्छा और कोई नहीं है
    तु जानती है ना कि मैं कभी भी तेरे लिए कुछ गलत फैसला नहीं लुगा. . .. ! ! . . . . . . . .. और वैसे भी मैंने अभिनय को शादी के लिए हा कह दिया है और बेटा शादी इस ही हफ्ते है और उसी की तैयारी के लिए अभिनय और भाभी जी लखनऊ गए हैं

    और बेटा हमे भी परसों जाना है.. . . . . . . . . . सुरज जी सिया से कहें जा रहे थे
    और सिया थी जिसके आखों से बहे जा रहा था रूकने का नाम ही नहीं ले रहा था.
    सुरज जी ने जब सिया को रोते हुए देखा तब सिया के सामने हाथ जोड कर कहा बेटा मैं तुझसे भीख मांगता हूँ कि शादी के लिए मान जा, 

    सिया. . . . . . . . ., . पापा ऐसा मत करीए आप जैसा चाहते वेसे ही हो गा पर आप परेशान मत होइए नहीं तो आप की तबियत खराब हो जाएगी
    सुरज जी. , . . . . .  सिया की बात सुन कर खुश हो जाते है और कहते हैं ठीक है बेटा तु आप ना सामन पैक कर ले और अगर कुछ लेना हो तो ले आना. . . . . . . .. . . . 
    सिया कुछ नहीं कहतीं और उठ कर अपने Room में आ जाती है उस के जाना के बाद( सुरज जी सोचतेहैं में जानता हूँ कि तु खुश नहीं पर बेटा पर यह तेरे बिलकुल सही है तु नही जानती कि मेंरे कितने अपने है जो हमे नुकसान पहुंचा ना चाहते हैं उनसे तुझे बचाने के लिए ये शादी होना जरूरी है) 
    दुसरी तरफ लखनऊ में रात का समय. . . . . , .. . . .. .   
    सभी डिनर कर रहे थे और अभिनय जी और अनुराधा जी कभी एक दुसरे को देख ते तो कभी सस्कार को. . . . ऐसे ही कुछ वक्त करने के बाद, , , , , , , , अभिनय जी सस्कार से कहते हैं 

    अभिनय जी  . . . . . , . . सस्कार हमे आप से जरूरी बात करनी है  आप डिनर खत्म कर के हमारे  Room में आओ
    सस्कार. . . . . . . , . जी पापा 
    अभिनय जी अपने Room में चले गए और उनके पिछे अनुराधा जी भी चली गई . . 
    कुछ समय बाद सस्कार भी उनके  Room के पास जा नोक करता है अंदर से आवाज आती है .  . . . . . . .  . 
    अनुराधा जी दरवाजा खोल कर अंदर आ ने का ईसारा करती हैं सस्कार भी अंदर आ जाता है. . . .  
    सस्कार. . . . . . . . . . . . . जी पापा आपको  क्या बात करनी है
    अभिनय जी उसे बैट ने का इसारा करते हैं सस्कार भी जा कर सोफे पर बेट जा ता है अनुराधा जी भी उन्हीं के पास जा कर बैठा गई  . . . . . . ,

  • 5. प्यार हो ना हो - Chapter 5

    Words: 811

    Estimated Reading Time: 5 min

    फिर सभी होल में आ कर बैठ जाते हैं॥ । 
    अभिनय जी अनुराधा जी को कुछ इसारा करते है जिन्हें अनुराधा जी समझ जाती है🙂 🙂 🙂 🙂 🙂 🙂 🙂 🙂 🙂 🙂 🙂🙂
    अनुराधा जी सिया के तरफ देख कर कहती हैं! ! 
    अनुराधा जी. . . . . . . . .  सिया क्या तुम मुझे अपना Room नहीं दिखाओ गी !
     
    सिया. . . . . . . . . . . . . अरे ऐसा नहीं है आंटी चालिए मैं आप को अपना   Room दिखाती हु
    दोनों वहा से सिया के Room की और चल दिए. . . . . . . .   
    जब अभिनय जी ने देखा कि अनुराधा जी सिया को वहाँ से ले गई तब वह सुरज जी की तरफ देखकर बोले
    अभिनय जी. . . . . . .  सुरज चल बाहर टेहेलते हुए बात करते है! ! 
    सुरज जी. . .  . . . .  . हाँ चल मुझे भी तुसे बहुत जरूरी बात करनी है !
    दोनों बाहर गाडन में आ जातें हैं
    अभिनय जी. . . . . . . . वैसे विनय कहा है और क्या कर रहा है॥ 
    सुरज जी. . . . . . . . . . विनय अपनी पढाई कर रहा है दिल्ली में और ठीक है आया था कुछ दिनों पहले अभी उसके exam आने वाले है 
    ( विनय सुरज जी की बेहेन का बेटा है सुरज जी की बेहेन की मौत भी उसी एक्सीडेंट में हुई थी जिसमें सिया की माँ की दोनों साथ में ही थे जब उनकी कार का एक्सीडेंट हुआ था तब विनय के पापा ने दूसरी शादी कर ली उस की सौतेली माँ उसे परेशान करतीं थीं जिसके कारण सुरज जी उसे अपने साथ ले आए और उसे अपने बेटे कि तरह ही प्यार करते हैं! ) 
    अभिनय जी. . . . . . . . . . . हाँ वो तो बहुत प्यार बच्चा है! ! ! वैसे तुझे मुझसे क्या जरूरी बात करने थीं. . . 
    सुरज जी. . . . . . . . . . . . . .  तुझे भी तो मुझसे कोई बात करनी थी तो बोल
    अभिनय जी. . . . . . . . . . . . . हाँ वो मैं कहना चाहता की मैं अपने सस्कार के लिए सिया का हाथ  माग रहा हूँ तु माना मत करना
    अभिनय जी ये कहते हुए अटक रहे थे और थोड़ा घबराए हुए भी थे 🙁
    सुरज जी उनकी बात सुन कर कुछ देर उनकों देखते हैं फिर कहते हैं
    सुरज जी. . . . . . . . . . यारा मैं भी तुझसे यही कहने वाला था अब मेरी भी उम्र भी हो गई हु मेरे जीवन का कोई भरोसा नहीं है और अगर सिया तेरे घर की बहु बनेगी तो मुझे भी कम चिंता रहे गी
    अभिनय जी. . खुश हो जाते हैं और सूरज जी से कहते हैं
    तो अब बता शादी कब करना है

    सुरज जी. . . . . . . . . अरे भाई एक बार बच्चों से तो पुछ ले! ! 
    अभिनय जी. . . . . . . . . अरे नहीं इसकी कोई जरूरत नही है सस्कार मेरी बात कभी नहीं काटे वो शादी के लिए मान जाए गा!!  हाँ तु सिया से पुछ ले वो शादी करना चाहतीं है या नहीं! ! ! ! ! ! 
    सुरज जी  . . . . . . .  नहीं ऐसी कोई बात नहीं है सिया को शादी से कोई परेशानी नहीं है  !!! 

    अभिनय जी. . . . . . . . . .   तो मैं पंडित जी से शादी की तारीख निकल वा लेता हूँ
    सुरज जी. . . . . . . . . ठीक है !
    दोनों ऐसे ही बातें करते घर के अंदर आ गए और अपने Room की और जाने लगे तभी उनकी नजर सिया के  Room  में देखा तब सिया आरम से अनुराधा जी के गोद में सर रख कर सौ रहीं हैं !
    . .दोनों मुस्कुरा कर अपने Room में चले गए
    सुरज जी अपने Room में बैठे कुछ सोच रहे थे
    कुछ समय बाद अनुराधा जी भी अपने Room  में आ गई. . . . . . . . . . . . . . . . अभिनय जी उनका ही वेट कर रहे थे
    अभिनय जी. . . . . . . . .. . . . . अनु तुम्हें पता है सुरज सिया और सस्कार की शादी के लिए मान गया! ! ! ! ! ! ! ! ! ! ! 
    उनकी बात सुन कर अनुराधा जी बहुत खुश हो जाती है🙂 🙂
    अनुराधा जी. . . . . . .  आप सच कह रहे है॥ 
    अभिनय जी. . . . . . . . अनु कल ही में पंडित जी से शादी की सबसे नजदीक की तारीख निकल वाता हु 😀
    दोनों ऐसे ही कुछ समय में ही सो जाते हैं  .

  • 6. प्यार हो ना हो - Chapter 6

    Words: 1328

    Estimated Reading Time: 8 min

    ..तु जानती है ना कि मैं कभी भी तेरे लिए कुछ गलत फैसला नहीं लुगा. . .. ! ! . . . . . . . .. और वैसे भी मैंने अभिनय को शादी के लिए हा कह दिया है और बेटा शादी इस ही हफ्ते है और उसी की तैयारी के लिए अभिनय और भाभी जी लखनऊ गए हैं

    और बेटा हमे भी परसों जाना है.. . . . . . . . . . सुरज जी सिया से कहें जा रहे थे
    और सिया थी जिसके आखों से बहे जा रहा था रूकने का नाम ही नहीं ले रहा था.

    सुरज जी ने जब सिया को रोते हुए देखा तब सिया के सामने हाथ जोड कर कहा बेटा मैं तुझसे भीख मांगता हूँ कि शादी के लिए मान जा, 

    सिया. . . . . . . . ., . पापा ऐसा मत करीए आप जैसा चाहते वेसे ही हो गा पर आप परेशान मत होइए नहीं तो आप की तबियत खराब हो जाएगी
    सुरज जी. , . . . . .  सिया की बात सुन कर खुश हो जाते है और कहते हैं ठीक है बेटा तु आप ना सामन पैक कर ले और अगर कुछ लेना हो तो ले आना. . . . . . . .. . . . 
    सिया कुछ नहीं कहतीं और उठ कर अपने Room में आ जाती है उस के जाना के बाद( सुरज जी सोचतेहैं में जानता हूँ कि तु खुश नहीं पर बेटा पर यह तेरे बिलकुल सही है तु नही जानती कि मेंरे कितने अपने है जो हमे नुकसान पहुंचा ना चाहते हैं उनसे तुझे बचाने के लिए ये शादी होना जरूरी है) 
    दुसरी तरफ लखनऊ में रात का समय. . . . . , .. . . .. .   
    सभी डिनर कर रहे थे और अभिनय जी और अनुराधा जी कभी एक दुसरे को देख ते तो कभी सस्कार को. . . . ऐसे ही कुछ वक्त करने के बाद, , , , , , , , अभिनय जी सस्कार से कहते हैं ।

    अभिनय जी  . . . . . , . . सस्कार हमे आप से जरूरी बात करनी है  आप डिनर खत्म कर के हमारे  Room में आओ
    सस्कार. . . . . . . , . जी पापा 
    अभिनय जी अपने Room में चले गए और उनके पिछे अनुराधा जी भी चली गई . . 
    कुछ समय बाद सस्कार भी उनके  Room के पास जा नोक करता है अंदर से आवाज आती है .  . . . . . . .  . 
    अनुराधा जी दरवाजा खोल कर अंदर आ ने का ईसारा करती हैं सस्कार भी अंदर आ जाता है.


    सस्कार. . . . . . . . . . . . . जी पापा आपको  क्या बात करनी है
    अभिनय जी उसे बैट ने का इसारा करते हैं सस्कार भी जा कर सोफे पर बेट जा ता है अनुराधा जी भी उन्हीं के पास जा कर बैठा गई  . . . .

    अभिनय जी कहते हैं  . . . . . . .  सस्कार बेटा तुम 25 के पुरे हो गए हो और कुछ ही समय में 26 भी पुरा हो जाए गा ॥  और अब तो बिजनेस भी तुमने कितना आगे ले आए हो अब बेटा बस एक इच्छा पूरी कर दो ॥ 
    इच्छा पूरी कर दो ॥ 
    सस्कार. . . . . , .. ,  जी पापा कहीए मैं पुरी कोशिश करूँगा. . . . .
    अनुराधा जी. . . . . . ( अनुराधा जी सस्कार के सर को प्यार से सहलाते हुए कहती है) बेटा मैं और तुम्हारे पापा चाहते हैं कि तुम शादी कर लो  ,
    उनकी बात सुन कर सस्कार के चेहरे पर कोई बदलाव नहीं दिखाई दिए वो बिलकुल नोरमल ही दिख रहा था. . . . . उसकों ऐसे देख कर अभिनय जी और अनुराधा जी कुछ समय उसे ऐसे ही देखते हैं कि वो कुछ बोले गा पर जब वो कुछ नहीं बोलता तब अभिनय जी कहते हैं.
    अभिनय जी. . . . . . . . . .  बेटा इस लिए मेने तेरी शादी अपने दोस्त के बेटी से तय कर दिया है और शादी इस ही हफ्ते है  ,

    , उनकी बात पुरी होने के बाद संस्कार कहता है. . . . . . . . . . . . . पापा आप को जैसा ठीक लगे आप वेसा करो मुझे कोई परेशानी नहीं है. . . . . . . . उसकी बात सुन कर अभिनय जी और अनुराधा जी खुश हो जाते है.
    संस्कार के लिए शादी कोई बड़ी बात नहीं थी और उसको एक ना एक दिन शादी करनी थी फिर लड़की कोई भी हो उसे कोई फर्क नहीं पड़ता है उसके लिए शादी वंश बढाने का एक जरीया.  था बस.     . !   ! , . . . . . . !. . .  और अपने Room में चला गया उसके जाने के बाद अभिनय जी अनुराधा जी से कहते हैं कि . . . . . .  . . . . . अनु शादी कि तैयारी सुरू कर दो अब तो परसो शादी के रसमे सुरू हो जाएगी. .
    दुसरी तरफ उतराखण्ड में. . . . . . . . .  . . . , . . 
    आज सिया और सुरज जी लखनऊ  जाने वाले थे  , , , , , , और के exam भी हो गए थे. . . . . . . . . . . . 
    सुरज जी. . . .. . . . .  . बेटा आप ने पैकिंग कर ली. . . . . . . .  2 घंटे बाद हमे निकलना है
    सिया. . . , . . . जी पापा हो गया सारी पेकिंग हो गई है. . . . . . 
    (सिया ने अपने को तैयार कर लिया था इस शादी के लिए वो खुश तो नहीं थी पर अपने पापा की खुशी में खुश हो ने कि कोशिश कर रही थी और कुछ समय में दोनों लखनऊ के लिए निकाल गए. . . . .

    दुसरी तरफ लखनऊ में. .
    रायजादा मेंशन में. . . . . . . . . 
    अभिनय जी , , , , , , , , , , ,  अनु आज सुरज और सिया आ रहे हैं मै उन्हें एयरपोर्ट से ले कर आता हुॅं. . . , . . अभिनय जी कुछ आगे जा कर पिछे देख कर कहते हैं और हाँ अनु इन डेकोरेशन वालो पर ध्यान देना आज ये डेकोरेशन का काम पुरा करना है कल से फिर शादी की सारी रसमे सुरू हो जाएगी. . . . . 
    अभिनय जी के जाने के कुछ समय बाद संस्कार घर आया  उसकी कुछ इनपोटेंट फाइल घर पर ही रह गई थी. . . . .

    अभिनय जी एयरपोर्ट से सुरज जी और सिया को ले कर घर पहुंच गए थे और घर के बाहर ही खाडे थे, , , , , , , , , , 
    अभिनय जी. . . .  . . . . . सिया बेटा आप चलो घर के अंदर आप क्यों हम दोनों के साथ खड़े हो उनकी बात सुन कर सिया सुरज जी की तरफ देख ती है जो उसे आखों से ही हा कर रहे थे 

    सिया घर के अंदर आ ते रहती है और दुसरी तरफ संस्कार घर से बाहर आता रहता है दोनों ही गाडन से गुजर ते है तब भी सिया की नजर एक डेकोरेशन वाले पर पडता है जिसका बैलेंस बिगड़ जाता है . .  . . , . . . और उसके हाथ से एक राउड छुट जाता है और वो सीधा संस्कार के ऊपर गिरने वाला होता है . . . . .   .   .  तब सिया संस्कार की ओर भाग ती है और उसकों अपने तरफ खिचती है जिससे संस्कार सिया के ऊपर गीर जाता है. . . . . . . . . . . . . . अभी उसकों कुछ समझ आता तब तक उस रोउढ में फसा बड़ा सा कपडा दोनों के ऊपर गिर जाता है. . . . .
    बस बस इसके आगे का अगले chapter me तब तक के लिए 👋

  • 7. प्यार हो ना हो - Chapter 7

    Words: 1008

    Estimated Reading Time: 7 min

    सीधा संस्कार के ऊपर गिरने वाला होता है . . . . .   .   .  तब सिया संस्कार की ओर भाग ती है और उसकों अपने तरफ खिचती है जिससे संस्कार सिया के ऊपर गीर जाता है. . . . . . . . . . . . . . अभी उसकों कुछ समझ आता तब तक उस रोउढ में फसा बड़ा सा कपडा दोनों के ऊपर गिर जाता है. . .
    जब संस्कार सिया के ऊपर गिरा तब संस्कार के होठ सिया के होठों को छुउ लेते हैं. . . ,
    रोउंड गिरने से काफी ज्यादा सोर होता है सभी वहां आ जाते हैं. . . . . . . . . वही कपड़े के नीचे संस्कार और सिया को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था. . . . . . . . . उनका ध्यान वहाँ खड़े लोगों के आवाज से टुटती है सभी मिल कर उनके ऊपर से कपड़ा हटाने लगते हैं. . . . . . . . . . . . . उन लोगों के ऐसा करने से संस्कार ज्लादी से खड़ा हो गया उस के खड़े हो ते ही सिया भी खडी़ हो- कर अपने आप को झाड़ ही रहीं थी तभी अनुराधा जी उनके पास आ कर पुछती है . . . . . . . . . . . . .  तुम दोनों ठीक तो हो कही लगी तो नहीं सिया नहीं आंटी में ठीक हु. . . . . . . . . . . . . संस्कार  तो अब भी खोया हुआ था. . . . . . . . . . . .  अनुराधा जी सिया को अपने साथ घर के अंदर ले गई. . . . . . .  . . संस्कार जो अभी भी वेसे ही खंडा था उस सी ओर देख रहा था जहाँ से अभी सिया गई थी. . . . . . . . वो देख ही रहा था कि उस को अपने कंधे पर किसी का हाथ फिल हुवा. . . . . . . . . . . . जब वो उस और देखा तो पाया की उसकी दी उसे देख कर मुस्कुरा रही है. . . . . . . तो वो उसे सावालीया नजरों से देखने लगा. . . . . . . .  . उस को इस तरह खुद को देखता पा कर आयशा कहती हैं. . . . . . . . छोटे क्या बात है आप तो उनसे नजर ही नहीं हटा पा रहे हैं. . . . .. . . . . . . उनकी बात को सुन कर संस्कार कहता है ऐसा नहीं है दि मैं तो बस उसे पहचानें की कोशिश कर रहा था. . . . . . . . . . . तब आयशा कहती हैं अच्छा तो आप नहीं जानते कि वो कौन है तो कोई बात नहीं हम आपको बता देते हैं. . . . . . . . . वो है सिया पापा के दोस्त की बेटी जिनसे आपकी शादी होने वाली है. . . . . . . . जब संस्कार को ये बात पाता चली तब वो ऐसे दिखाने लगा जैसे उसने कुछ सुना ही नहीं हो और आयशा को देख कर कहने लगा. . . . . . . . की दि मैं चलता हूँ मुझे मिटिंग के लिए लेट हो रहा है . . . . . . . और वहाँ से चला गया इससे पहले की आयशा कुछ कह पातीं वो वहां से कार ले कर जा चुका था तब वो घर के अंदर जाने के लिए जैसे ही पिछे मुडी तो देखा कि अभिनय जी किसी पर गुस्सा कर रहे हैं और सुरज जी उन्हें शांत करने की कोशिश तब आयशा उनके पास जा कर कहती हैं पापा बस भी करो देखो वो बेचारा कितना डर गया है वेसे भी उसने जान कर थोड़ी ना किया गलती हो गई उससे ( ये डाट उसी डेकोरेशन वाले को पड रही थी) . . . . . .   . . . उसके बाद सब घर के अंदर चले गए . . . . . . . . . .जैसे ही सभी अंदर पहुंचे तब उन्होंने सुना कि अनुराधा जी आयशा की तरफ इसारा कर के सिया से कहती है कि सिया ये मेरी बेटी है.. . . . . .
    तभी आयशा कहती हैं और  सिढी की ओर इसारा करते हुए कहा जहाँ से विकास आ रहे थे और कहती हैं ये में रे पति् है और हाँ जो बाहर जिन से मिली वो मेरा भाई है और तुम्हारा होने वाला पति उनकी बात पुरी हो ते ही सिया का चेहरा शरम से लाल हो गया उसके नजर के सामने बाहर जो कपड़े के नीचे हुआ वो याद आने लगता है और उसका चेहरा और लाल हो गया।
    वही दूसरी तरफ कार में संस्कार बस यही सोच रहा था कि सिया काफी ज्यादा खुबसूरत है उस ने आज तक उससे ज्यादा खुबसूरत लड़की नहीं दे खी। लेकिन उसको ये समझ नहीं आ रहा था कि ये लडकी है कोन और ये मेरे घर में क्या कर रही थी।

    यही सब सोचते हुए वो मिटिंग के होटेल पहुँच गया ।

    दुसरी तरफ घर पर .

    अनुराधा जी सिया को सभी से मिला कर उसे रूम में आराम करने के लिए भेज दिया वही अभिनय जी सुरज को  भी आराम करने के लिए उनके रुम में भेज दिया दोनों के ही रूम में नाश्ता भेजवा दिया. .
    कुछ ही समय में रात हो ने वाली थी. . . .. . . शाम को सभी अपने रूम से बाहर आए सभी होल में बैटे तभी आयशा सिया से कहती हैं. . . . . . . . . .   सिया चलो बाहर गाडन में टहलने के चलते हैं और कुछ बातें भी कर ले गए क्यों मम्मी सही कह रही हु.
    अनुराधा जी कहती हैं बिलकुल ठीक है और सिया को पुरा घर दिखा देना ।








    आप सभी से गुजारिश है कि कहानी को रेटिंग दे और  like  भी करे और यदि कुछ सुधार करने लायक हो तो मुझे comment में जरूर बातायें और कहानी कैसी लगी ये तो बता ही दिजिए
    thanks

    राम राम

  • 8. प्यार हो ना हो - Chapter 8

    Words: 1169

    Estimated Reading Time: 8 min

    आयशा कहती हैं जी मम्मी फिर सिया को देख कर कहती हैं चले सिया पहले मै तुम्हे घर दिखा देती हु और फिर गाडन ठीक है. . . . . . . . . . सिया सिर्फ अपने सर को हा में कर के जवाब देती है . . . . . . . . . . . .     . . . . . . . . .   . . . .  . . . . . . , , . अब आयशा सिया को पुरा घर एक - एक कर दिखा रही थी पहले मंदिर और किचन और फिर घर के सारे   Room आयशा एक  Room 🙂 🙂 🙂 के सामने आ कर कहती हैं सिया ये बताओ ये Room किसका है. . . . . . . . . . . . . . . . सिया थोड़ी  time ⌚ ⌚ ⌚ सोच ने के बाद कहती है दीदी ये आपका और जीजाजी का हो गा. . . . . . . . . उसकी बात सुन कर आयशा कहती हैं ।
    नहीं. . . . . . . . तो सिया कहती तो जरूर अंकल और आंटी का हो गा लेकिन इस बार भी आयशा ना में आपना सर हिला देती है. . . . . . .  . .  उसके ऐसा करते ही सिया कहती हैं दी plzzz आप ही बाता दिजिए. . . . . . . . . . उस के ऐसे कहते ही आयशा मुस्कुरा कर कहती है. . . . . . ये Room आप का है. . . . . . उस की बात सुन कर सिया कहती हैं दी ये हमारा Room नहीं है हमारा room तो दुसरी तरफ इसारा कर कहती है उस ओर है. . . . . . . . . . . वो अपनी बात पुरी करती उस से पहले ही कहती दो दिन बाद आप का room येही हो गा क्यों की ये room आप के होने वाले पति 👨 का है उस की बात सुन कर सिया की नजर शरम से झुक जाते हैं और चेहरा पुरा लाल 🍎🍎 🍎 🍎 सेब 🍎 🍎 🍎 🍎 की तरह हो जाता है जब आयशा सिया को ऐसे शरमाते हुए देख कर कहती हैं. . . . . . . . . . क्या बात है मेरे भाई के नाम पर ही चेहरा लाल हो जा रहा है और हंस ने लगती हैं. . . . . . . . . . . जब सिया आयशा को हंस ते देखती तब उसका चेहरा और लाल हो जाती है. . .
    सिया खुद को समाहल कर कहती हैं कि दि please🙏 🙏 🙏 आप हमे परेशान कर रही है और रोने जैसा चेहरा बना लेती है. .. . . . ,  . . . . . . . . . . . . आयशा सिया का ऐसा चेहरा देख कर कहती है ठीक है अब मैं तुम्हें परेशान नहीं करू गी और हा अब चलो मैं तुम्हें गाडन भी दिखा देती हु. . . . उसके बाद दोनों ही गाडन में आ गए गाडन बहुत सुन्दर था दोनों वहा टेहेलते हुए बात करने लगे. . . . , है.
    आयशा सिया से कहती है. . . . सिया में तुम से कुछ कहुँ तो तुम्हे बुरा तो नही लगे गा

    सिया आयशा को ऐसे गंभीर देख कर कहती है नहीं दी आप को जो कहना है कहीए. . . . . 

    आयशा. .. . . . . . . . . सिया में तुम्हें अपने भाई के बारे में बताना चाहती थी क्योंकि मैं जानती हु तुम दोनों ही एक दूसरे को अच्छे से
    नहीं जानते तुम्हें पाता है सिया संस्कार बहुत कम बातें करता है उसे फिक्र और प्यार सब से करता है पर जता नहीं पाता दिल 💜❤  का साफ़ है पर दिखता ऐसा है की उसके पास दिल ही नहीं है. . .
    . . उनकी सारी बातों को सिया बडे़ ध्यान से सुन रही थी. . . , . . जब से सिया ने बोल ना सुरू किया था तब से चुप ही थी आयशा कुछ कह ने ही वाली थी कि इतने में आयशा का फोन बजा आयशा फोन की आवाज से जो वो  कहने वाली वो ना कह कर चुप हो गई और call उठा कर hello  कहाँ दुसरी ओर और कोई नहीं संस्कार था जो कह रहा था कि दी आप डिनर कर लेना आज मेरी डिनर मीटिंग है तो time लग जाए गा तब आयशा  कहती है ठीक है ज्यादा रात मत करना और घर आ जाना ok by 👋 👋 👋 👋 👋 बोल कर  call  कट कर दिया 
    आप डिनर कर लेना आज मेरी डिनर मीटिंग है तो time लग जाए गा तब आयशा  कहती है ठीक है ज्यादा रात मत करना और घर आ जाना ok by 👋 👋 👋 👋 👋 बोल कर  call  कट कर दिया 
    फिर सिया की तरफ पलट कर कहती है चलो सिया डिनर करने चलते हैं फिर दोनों अंदर आ जाते है 
    अनुराधा जी दोनों को अंदर आ ता देख कर कहती है अच्छा हुआ तुम दोनों आ गए मैं तुम्हें ही डिनर के लिए बुलाने वाले थे.
    तभी विकास जी कहते हैं की क्या बात है आज हमारी धर्म पत्नी को क्या हुआ जो बिना अपने छोटे के डिनर कर ने आई है. . . . .
    उनकी बात सुन कर आयशा कहती हैं कि हाँ आज छोटे की डिनर मिटिंग है इस लिए वो आज घर पर डिनर नहीं करे गा और उसे आने में भी देर हो जाएगी. .
      . . .    फिर सभी डिनर कर रहे तब अनुराधा जी सिया से कहती है. . .  .  . . . . . .  सिया बेटा आप को घर केसा लगा . . . . 
    सिया. . . . . . . . आंटी घर बहोत खुबसूरत है.


    सिया की बात सुन कर अनुराधा जी मुस्कुरा कर कहती हैं आप को अच्छा लगा बस हमारे लिए ये ही काफी है. . . . . . . . . . और हाँ हम कह रहे थे
     
    कि आयशा आप और सिया कल सोपिंग कर लेना और हाँ आयशा जो हमने शादी का जोडा सिया के लिए लिया है न उसका नाप और उसकी शेट की जुलारी भी ले लेना. . . . . उस के सभी डिनर खत्म कर अपने- अपने room में चले गए. . . . . . . . . . उस के कुछ समय में सिया  सुरज जी के room नोक करती तब अंदर सिया के पापा room का 🚪door open कर के सुरज जी सिया को देख कर कहते हैं बेटा आप अभी तक सोइ नहीं. . . . . . , .  . 
    सिया room के अंदर आते हुए कहती हैं पापा आप पहले यह बता दिजिए की आप ने आपनी दवाई ली या नहीं . . . . .


    आप सभी से गुजारिश है कि कहानी को रेटिंग दे और  like  भी करे और यदि कुछ सुधार करने लायक हो तो मुझे comment में जरूर बातायें और कहानी कैसी लगी ये तो बता ही दिजिए
    . . . . . .Thanks❤

  • 9. प्यार हो ना हो - Chapter 9

    Words: 1029

    Estimated Reading Time: 7 min

    सिया room के अंदर आते हुए कहती हैं पापा आप पहले यह बता दिजिए की आप ने आपनी दवाई ली या नहीं . . . . . . . . . . .  . . . . . . . . . . , , .. 
    उस की बात सुन कर सुरज जी ने अजीब सा चेहरा बना लिया. .. . . . . . . .   . . . , . . . . . . . , ., . . जिससे सिया समझ जाती हैं. . . . . .      
    की उनहोंने दवाई नहीं ली है. . . . . . . . . . . उसके बाद सिया उन्हें दवाई दी और goodnight💤 💤 💤 💤 💤 😴  😴 😴 😴 😴 😴 😴 😴
     
    कह कर अपने Room मे चलीं जाती है .  . . . . . . . .    संस्कार को रात को आने में  काफी देर हो गया आते ही वो अपने room आ जाता है और सुबह ही संस्कार अपने कांपनी के लिए निकल जाता है और बाकी सब, सोपिंग कर आज का दिन बीता देते हैं  और कल शादी और संगीत है और बाकी सारे रस्में  थी. . . .


    दुसरे दिन. . . . . . . . . . 
    आज शादी का दिन था आज पुरा रायजादा मेंशन बहोत खुबसूरत लग रहा था  सभी हल्दी की रसम के लिए तैयार हो रहे थे सिया ने हल्दी के लिए पिले रंग की सारी पहनी थी बालो को हल्की डीली सी चोटी बनाइ थी और फ्लावर की ज्वेलरी पहनी थी और बहुत खुबसूरत दिख रही थी. . . . , . , . . . .   
     
    संस्कार सुबह ही कापनी जाना चाहता था पर अनुराधा जी और अभिनय जी उसको जाने नहीं दिए
    अभी वो हल Room में बैठ कर call लगा रहा कुछ समय बाद उस के room का 🚪door  नोक हो ता है और संस्कार door🚪  खोल कर कहता है दी आप कहा रह गई थी मैं कब से आप को call कर रहा था. . . . . . . . 
     
    आयशा. . . . . . . . . . . अब आ गई ना तो बता क्यों बुला रहा था और अभी तक तुम तैयार भी नहीं हुए. . . . . . . . 
    संस्कार. . . , . . . . कुरता और पेजामे की और दिखा कर कहता है दि मैं ये नहीं पेहेन पाऊ गा, , , , , , , , 
    आयशा कहती है  पहेना तो पडे गा  . . . . . . मैं नीचे जा कर तेरे जीजु को भेज देती हु वो तेरी help कर देगें ।

    संस्कार कुछ कह पाता उस से पहले ही आयशा वहाँ से चली गई. . . . . . . . . . . . कुछ समय बाद विकास जी आए और संस्कार को तैयार होने में help करने लगे उस के बाद विकास जी उसकों ले कर नीचे आ गए जहाँ हल्दी की सारी तैयारी हो रखी थी ।

    हल्दी की तैयारी बाहर गाडन में किया गया था गाडन के एक हिस्से में बीच में परदा लगा हुआ था और दोनों तरफ एक - एक चौकी रखी गई थी  जिसमें से एक तरफ संस्कार को बिटा दिया गया था  ।


    आज संस्कार ने पिला रंग का कुरता और सफेद पाजामा पहना था और बालो को सेट कर रखा था वो इतना हेडंसम लग रहा था कि लड़कीयो की नजर हट ही नहीं रही थी. ।
    . .

    अनुराधा जी अभिनय जी के पास आ कर कहती है कि दिदि का फोन लगा ।

    अभिनय जी. . . . . . . . . . . . नहीं अनु तुम तो जानती हो ना दिदि तीर्थ जाती है तो फोन नहीं लगता  ।

    अनुराधा जी. . . . . . . और किसी के में कर के देखिए अगर दिदि को पता चला कि हमने उन्हें बताए बिना ही संस्कार की शादी कर दी तो वो बहुत गुस्सा हो गी  ।
    अभिनय जी. . . . . . . . .  अभी तुम इन सब के बारे में मत सोचो और शादी में ध्यान दो जो होगा देखा जाए गा  ।

    अनुराधा जी भी ठीक है कह कर वहा से चली जाती है  ।

    सिया के room में सुरज जी सिया को साड़ी में देख कर कहते हैं कि बेटा आज आप बिलकुल अपनी माँ की तरह नजर आ रही हैं. ।
    .
    उनकी परछाई लग रही है और उनकी आखें नम हो जाती है तब सिया उनके गले लगा जाती है और उसके भी आखो से भी आसु छलक ही जाता है सुरज जी प्यार से सर पर हाथ रख देते हैं  ।

    उतने में ही room का  🚪door को नोक करता है जब दोनों उस और देखते हैं तो आयशा खडी होती है और उन कि और आते हुए कहती है क्या आप  दोनों ने तो मेरी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया  . . . . . . . . . . . . . वो दोनों आयशा को ऐसे देख रहे थे कि दोनों को कुछ समझ नही आ रहा हो. . . . . . . . . उन्हें ऐसे देख कर आयशा कहती है कि मेने कितनी मेहनत से सिया को तैयार 💁👌 किया था और आप दोनों तो आसु फेर रहें हो मेरे मेंहनत पर. .

    उस कि पुरी बात सुन ने के बाद उन्हें समझ आया तो वो दोनों ही मुस्कुरा देते हैं और उनके चेहरे पर पर मुस्कान देख कर आयशा कहती है अब मेंरी मेहनत सफल हुई. .

    फिर वो अपने सर पर हाथ रख कर कहती है कि. . .  . . . मै भुल  . . . . .      गई  मम्मी ने आप दोनों को नीचे बुला रही है हल्दी की रसम सुरू करनी है सुरज आयशा के सर पर हाथ रख कर कहते हैं
    कि चलो नीचे सिया के तरफ़ आयशा और दुसरी तरफ सुरज जी उस का हाथ पकड़ कर  उसे दुसरी तरफ की चौकी पर बिटा दिया. . . . . . . .   . . .    . संस्कार ने अपने बगल में जब देखा तो उसे सिया का चेहरा ठीक से नहीं दिख रहा था बस परदे से हल्के दिख रही थी ।
    राम राम

  • 10. प्यार हो ना हो - Chapter 10

    Words: 1021

    Estimated Reading Time: 7 min

    जब विकास जी ने संस्कार को सिया को देख ने कि कोशिश कर ते देखा तो उस के पास जा कर बोले जानाब सबर रखीए कुछ घंटे की बात है फिर तो आप उन्हें जी भर कर देख ले ना . . . . . . . . . . . .    उनकी बात सुन कर संस्कार झेप गया और कहने लगा नहीं ऐसी कोई बात नहीं है ।
    जब विकास जी ने उस के चेहरे को लाल🔴 होता देखा तो बस हंस दिए उसके बाद संस्कार नीचे मुह कर नजर इधर उधर कर ने लगा तभी उस की नजर सिया के पैरों पर   गईं  जो काफी ज्यादा खुबसूरत लग रहे थे. . . . . . . . . . . .   ( क्योंकि परदे थोडे ऊपर लगे हुए थे ) 

    उसके बाद पंडित जी हल्दी की पुजा कि उस के बाद संस्कार के पास जा कर उसको तिंलक किया और उसके बाद उस के हाथ में कालावा बाधा उसके बाद सिया की तरफ जा कर उसको भी कालावा बाधा गया.
    उस के बाद हल्दी की रसम सुरू हुई पहले हल्दी संस्कार को लगाया गया साथ मैं कुछ औरतें गाना 🎶 🎶 🎶 🎶 बाजना चल रहा था. . . .
    जब संस्कार को हल्दी लग गई उनके बाद वही संस्कार कि जुटी हल्दी सिया को लगाई गई. . . . . . . . . . . . उस के बाद दोनों को ही room में नाहाने के लिए भेज दिया गया. . . . . . . . . . , . . . ... , . उस के बाद मेहेदी का फंशन था उस के लिए सिया ने हरा रंग का लेहेगा पहना था उस में वो बहुत प्यारी लग रही थी  मेहेंदी भी गाडन में ही हो ने वाला है . ।
    .
    सिया को मेहेंदी लगना सुरू भी हो गया था और बाकी के औरते भी मेहेंदी लगवा रहे थे ।
    संस्कार अपने room में बेटा काम कर रहा था और आयशा उसे मेहेंदी लगने के लिए मानाने की बहुत कोशिश कर रही थी और संस्कार मना कर रहा था . . . , . . . . आयशा कहती है से कि बस अपने हाथ में सिया का नाम लिखा ले संस्कार परेशान हो कर कहता है कि  ठीक है दि लेकिन वो भी  आप को ही मेहेंदी लगनी पडे गी . . . , . . .  मैं नीचे नहीं जऊगा ।

    आयशा कहती है ठीक है तो ला मैं अभी लगा देती हु. . . . . . . . . . संस्कार अपने एक हाथ को आगे कर देता है और दुसरे हाथ फाइल को पड रहा था उस का पुरा ध्यान अपने फाइल में था वही आयशा संस्कार के हाथ में सिया का नाम लिख कर कहती है. . . . . . . . . . .  छोटे हो गया हम नीचे जा रहे हैं  आप भी शाम को जल्दी तैयार हो जाना शादी का महोरत 8 : 30 का है. . ।


    संस्कार. . . . . . . . . . . ठीक है दि मैं time  ⌚ ⌚ पर तैयार हो जाए गे ।
    नीचे सिया को पुरी मेहेंदी लग चुकी थी बस नाम लिखना बाकी था. . . . . . . . . . . . . मेहेंदी वाली ने पुछा क्या नाम लिखना है सिया को तो पता ही नहीं था अपने होने पती का नाम क्या है इस लिए वो कुछ भी नहीं बोली  . . . .   . . . . , . . . .  तब मेहेंदी वाली ने फिर से पुछा इस बार उस के पिछे से आवाज आई संस्कार ये ही नाम लिखना हैं. . . .     . . . . . . . . ये आवाज आयशा कि थीं जी अंदर से बाहर आ रही थीं वो सिया के पास आ कर मेहेंदी देख अर कहती अच्छी लगाई है आप लोग ने. . . . .   फिर सिया की तरफ देख कर कहते हैं  . . . . . . . . .  मेरा भाई तो बहोत परेशान होने वाला है ।
    . .
    उसके ऐसा कहने पर सिया उसे ऐसे देख रही थी कि पुछ रही हो क्यों परेशान होगे. . . . . . . उसे ऐसे देख कर आयशा हंस कर कहती है आप ने अपनी मेहेंदी में उनका नाम इतने अच्छे से छुपया जो  है  . . . . . . .     . . . . . .     .   आयशा कि बात सुन कर सिया शरम से गुलाबी💕 💕 💕 💕 हुए चेहरे को ऊपर कर लेती है ।
    . . .

    उसे ऐसे देख आयशा कहती है चलो मैं तुम्हें तुम्हारे room में छोड़ देती हु तुम आराम कर लेना फिर तुम्हें रेडी करने के लिए मेकअप💄💋👑  असिस्टेंट आए गी सिया हा में सर हिला देती हैं  . . .      और आराम करने के लिए चलीं जाती है  ।

    अभिनय जी और सुरज जी शाम के शादी की बाची कुची तैयारी देख कर ठीक कर वा रहे थे. . . . . . . . . . . . . . .  और अनुराधा जी रिस्ते दारो कि स्वागत में लगी हुई थी ।

    कुछ ही समय में सिया को तैयार  करने वाले भी आ गए थे और सिया को रेडि कर रहे थे. ।

    वही दूसरी तरफ विकास जी संस्कार को तैयार होने के लिए  help   करने के लिए उसके room  में चले जाते है यहाँ शाम हो चुका था और कुछ खास रिश्ते दार और दोस्त आए हुए थे जिसमें संस्कार के चाचा का बेटा और उसका सब से खास दोस्त रवि आज ही लखनऊ आया था वो मिटिंग के लिए बाहर  गया हुआ था. ।

    वो सिदा वहाँ गया जहाँ अभिनय जी और अनुराधा जी मेहमानों का स्वागत कर रहे थे उनके पास जा कर उनके पैर छुते हुऐ कहता है बडी़ माँ ये दुल्हे राजा कहा है  . .
    अनुराधा जी कहती हैं. . . . .  . . . . . . . . . दुल्हे राजा तो तैयार हो रहे हैं उसकी बात को सुन कर रवि कहता है बड़ी माँ मे जाता हु भाई के पास और उन्हें भी नीचे लाना है. ।

    राम राम

  • 11. प्यार हो ना हो - Chapter 11

    Words: 1000

    Estimated Reading Time: 6 min

    अनुराधा जी कहती हैं. . . . .  . . . . . . . . . दुल्हे राजा तो तैयार हो रहे हैं उसकी बात को सुन कर रवि कहता है बड़ी माँ मे जाता हु भाई के पास और उन्हें भी नीचे लाना है. ।
    . . .

    अब आगे

    अनुराधा जी कहती है हा मुहरत का समय तो हो ही गया है जा तु संस्कार को ले आ. . . . . . . . . . . यहाँ  room  में संस्कार विकास जी के मदद से तैयार हो चुका था. ।
    विकास जी कहते हैं कि क्या बात है जनाब आज तो आप छा गए उनकी बात पुरी होती उससे पहले ही पिछे से आवाज आती है बिलकुल सही कह रहे है । जीजु आज तो ये खुनी बन कर रहे गे. . . . . . . . . . . .  .  . विकास जी और संस्कार पिछे देखते हैं  . . . . . . .  . . . !  . . . . . तो रवि मुस्कुरा कर अंदर ही आ रहा था उस को आता देख कर विकास जी कहते हैं  रवि आप कहना क्या चाहते हैं. ।

    रवि कहता है अरे जीजु इन शादी की खबर से आधी से ज्यादा लड़कीयो का दिल तोड़ दिया है . . . . , . . . . अब इन का ये लुक तो उनकी जान ही ले लेगा ।

    रवि कहता है वैसे भाई ये बताऐ की भाभी कैसी है और उनका नाम क्या है संस्कार उस की बात सुन कर भी अनसुना कर रहा था  . . . . . . . . . . . .  .  . . . . . तब रवि विकास जी की तरफ देख ता है तब विकास कहते है आप के होने वाली भाभी का नाम सिया बाकी आप खुद ही देख लेना. . . .

    उतनें में ही विकास जी का फोन बजा वो call आयशा का था उन्होंने ने call ऊठा लिए तब आयशा ने कहा जल्दी से छोटे को लेकर नीचे आईए यहाँ मुहुरत का समय हो गया है. ।

    विकास जी ने ठीक है कहा और call कट कर दिया और उन दोनों कि तरफ देख कर कहते हैं चलो नीचे बुला रहे हैं. . . . . . . . . . .    . . . . उन की बात सुन कर रवि कहता है कि मैं भी तो आप लोग को बुलाने के ही तो आया था. . . .  . . . अभी नीचे चले बातें तो हम बाद में भी कर सकते हैं. ।

    फिर तीनों नीचे आ जाते अनुराधा जी संस्कार के पास जा कर उस कि बालाए लेती है और अभिनय जी उसे मंडप में बिठा देते हैं. . . . . . . . . . . . . पंडित जी मंत्र का उच्चारण करना सुरू कर देते हैं  ।
    यहाँ सिया के room मे सिया तैयार हो गई थी और सुरज जी ने उसे एक 📦 बॉक्स दिया और कहा बेटा ये आप की माँ का है हम चाहते हैं कि आप इसे पहने  . . . . . .  . . . . . .  जब सिया वो   📦 बॉक्स  खोल कर देखती है तो उस में एक चेन और लोकेट था जो बिलकुल मोर पंख की तरह लग रहा था. .।

    सिया ने उसे पहन लिया तब सुरज जी कहते हैं कि तुम्हारी माँ के ऐसे बहोत से यादे है हमारे घर में है जब तुम आओ गी तब मैं तुम्हें दुगा. .।
    और सुरज जी सिया के सर हाथ रख देते हैं और कहते हैं मैं देख कर आता की तुम्हारा भाई आया कि नहीं और वो नीचे आ गए जहाँ मंडप था वहाँ. . . . . .   . . . . . . . पंडित जी कहते हैं वधु को लेकर आओ. ।
    अनुराधा जी कहती है मैं सिया को लेकर आती हु यहाँ सिया बैचेन सी अपने room  बेटी थी तभी अनुराधा जी उस के  room में पहुँची और उन्होंने सिया के पास जा कर उस के कानों के पिछे अपने आखों से काजल लगा दिया है और सिया को लेकर नीचे आ गई. . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .  जैसे ही सिया निचे आई सभी नजर उस पर ठेहेर सी गई उस के लेहेगा गाजरी और गोल्डन रंग का था उस के बालो का जुड़ा बना हुआ था जिसमें गाजारा लगा हुआ है. . ।
    आखो मे काजल लगा हुआ था होठों पर लाल🔴 रंग कि लिपिस्टिक लगा या हुआ और ऊपर से लेकर नीचे तक गहने पहनें हुए थे वो इतनी सुन्दर लग रही थी कि संस्कार तो उसी को देख रहा था . . . . . . . . . . . उस का ध्यान तब हटा जब सिया को उनके बाजु में बिठाया गया पंडित जी रसमे सुरू कर दि. .।
    पंडित जी ने संस्कार को आपना हाथ आगे कर ने को कहा संस्कार ने हाथ आगे कर दिया वैसे ही सिया की नजर उस के हाथ✋ पर गई. . . , . . . तो वो उस के हाथ को ही देख रही थी कि. . .

     
    पंडित जी सिया को भी हाथ आगे करने को कहते पर जब वो हाथ आगे नहीं करती हैं तब संस्कार उस कि तरफ देखता है. . . , . , , , , , , .     और जब वो उस के नजर को अपने हाथ पर देखता है तब वो भी अपने हाथ की और देखता है . ।


    . . तो बताईये ऐसा क्या हुआ है कि संस्कार के हाथ में और सिया अपना हाथ संस्कार के हाथों में क्यों नही दे रही है।

    आप सभी से गुजारिश है कि कहानी को रेटिंग दे और  like  भी करे और यदि कुछ सुधार करने लायक हो तो मुझे comment में जरूर बातायें और कहानी कैसी लगी ये तो बता ही दिजिए और में कोशिश करू गी की में next chapter  आज रात तक डाल दु. ..

    राम राम

  • 12. प्यार हो ना हो - Chapter 12

    Words: 1059

    Estimated Reading Time: 7 min

    पंडित जी सिया को भी हाथ आगे करने को कहते पर जब वो हाथ आगे नहीं करती हैं तब संस्कार उस कि तरफ देखता है ।
    . . . , . , , , , , , .  
      और जब वो उस के नजर को अपने हाथ पर देखता है तब वो भी अपने हाथ की और देखता है ।
    . . . .

    .

    तब उस की नजर अपने हाथ पर लिखें सिया के नाम पर पडती है तब वो झेप जाता है लेकिन फिर सिया की और देखने लगा सिया भी उसी को देख रही थी ।
    . . . . . . , . . . 
    दोनो के नजर मिल जाते है और दोनों एक दुसरे में खो जाते हैं.

    . . . . . . . . .. .
    तभी पंडित जी की आवाज आती हैं जो सिया से कह रहे थे कि बेटा अपना हाथ आगे करो. . . .
    इस बार सिया हाथ आगे कर देती है. ।
    . . .

    जैसे ही सिया का हाथ संस्कार के हाथ को छुता है  सिया को अजीब सा ऐहेस्सास होता है और वो अपनी नजरें नीचे कर लेती है. ।
    .

    कुछ समय मंत्र उच्चारण के बाद पंडित जी दोनों को ही फेरा लेने के लिए खड़े हो ने को कहते हैं फेरे लेने के बाद दोनों अपनी - अपनी जगह पर बैठ जाते हैं ।


    उस के बाद कन्या दान सुरज जी करते हैं जब वो सिया के हाथ को संस्कार के हाथ में दे रहे थे तब उनकी आखें नम हो गई थी. . . ।


    कन्या दान के बाद संस्कार सिया के माग में सिंदूर भारता है और गले में मगलसुत्र पहेनाता है ।
    . . .

    उस के बाद पंडित जी कहते हैं आज से आप दोनों पती पत्नी हुए अब आप सभी बडो का आशीर्वाद ले लीजिए ।. . .

    संस्कार और सिया सभी बडो से आशीर्वाद लेते हैं फिर अनुराधा जी और आयशा जी सिया के गृह प्रवेश कर ते है. ।
    . . . . . . . . . . . . . 
    उस के बाद कुछ रसमे होती है फिर सुरज जी कहते हैं अच्छा अभियन मैं और विनय अब निकलते हैं. .
    अभियन जी कहते हैं. . . . . . . . . . क्या यार सुरज कुछ हफ्ते रुक जा क्या अभी से जाने को कह रहा है ।

    सुरज जी कहते हैं नहीं अब और नहीं रूक सकता अब ये मेरी बेटी का घर और बेटी के यहाँ तो पानी भी नहीं पीना चाहिए ।
    अभिनय जी. . . . . . . . . . . सुरज तुभी कैसा बात कर रहा है. . . . . 

    अभिनय जी कुछ आगे कह पाते उस से पहले ही सुरज जी कहते हैं आज नहीं अभिनय आज तो मुझे जाने दे. ।

    अभिनय जी भी इस के बाद कुछ नहीं कहते हैं उस के बाद सुरज जी और विनय सिया के पास गए और उसे भी बता दिया कि वो उतराखण्ड वापस जा रहे है. ।

    इतना सुनते ही सिया उनके गले लग कर रोने लगी सुरज जी की भी आखे भी नम हो गई थी कुछ समय ऐसे ही सुरज जी के गले लगने के बाद सिया कहती है पापा आपना ध्यान रखना और समय पर खाना और 💊दवाई भी खा लेना उस के बाद विनय के लगे कर तु भी अपना और पापा का ध्यान रखना और अच्छे से पडना  . ।

    उस के बाद विनय भी कहता है कि दि आप भी आपना ध्यान रखना. ।
    फिर सुरज जी और विनय वहाँ से उतराखण्ड के लिए निकल गए  ।

    यहाँ सिया और संस्कार ने भी सारे रशम पुरे कर लिया था और आयशा सिया को संस्कार के  room में ले गई और कहा देखा सिया मेने तुम्हें कहा था ना कि दो दिन बाद ये room तुम्हारा हो गा।
    सिया आयशा से कुछ नहीं कहती तब आयशा कहती है अब तुम आराम करो मैं जा कर तुम्हारे पति को भेज ते है. ।
    आयशा ये कह कर room से बाहर चली जाती है  ।

    और यहाँ हमारी सिया परेशान हो जाती है ये सोच कर की अब उस को संस्कार के साथ एक  room में रहना होगा फिर वो नजरें उठा कर पुरे room को देखा  room काफी बड़ा था room  के बीचों - बीच एक बड़ा सा बेड था जिस पर 🔴 लाल गुलाब बिछा हुआ था और पुरा  room मोमबत्ती और लाल 🔴 और सफेद गुलाब से सजा हुआ था  . ।

    सिया room मे आगे आई तो देखा चेंजिंग room का door खुला हुआ था उस ने देखा की वहाँ उस का सामना सलिके के साथ जमा दिया है और दुसरी तरफ संस्कार के कपड़े और बाकी के सामन भी अच्छी तरह जामे हुए थे. ।

    सिया  room आई और समय देखा तो रात का 1 बज रहा था फिर वो डेरेसिंग के पास जा कर अपने गहने उतारने लगी गहने उतार कर वो अपने कपड़े चेंज करने गई चेंज कर के वो room में आई और बेड से सारे गुलाब हाटा कर लेट गईं . ।

    वही दुसरी तरफ संस्कार को एक call आ जाता है जिससे बात करते उसे आधा घंटा ⏰ ⏳ हो जाता है  और संस्कार जब call  कट कर के अपने   room में आता है और  room में आते ही देख ता है कि  room की लाईट बंद है और 🕯मोमबत्ती से पुरे. .
     room में हल्की सी रोशनी थी जिससे वो देखता है कि  room  में हर जगह पर 🔴 लाल गुलाब बीछा हुआ था वो बेड की तरफ देखता है. ।

    . .  
    जहाँ सिया सो रही थी उस का चेहरा इतना मासुम और खुबसूरत लग रहा था कि संस्कार बस उसे निहारे जा रहा था. . . ।

    कुछ समय सिया को निहारने के बाद संस्कार भी चेंज करने चला गया चेंज कर के आने के बाद सिया के पास जा कर बेड पर ही लेट गया और सिया को देखते हुए उसे पता नहीं चला और उसकों निंद आ गई. ।
    . . . . .

    वैसे भी दोनों शादी की रसमे  सुबह से कर के थक गए थे दोनों ही काफी गहरी नींद में सो गए थे नींद में ही संस्कार का हाथ सिया के कमर पर आ गया और सिया भी संस्कार से चिपक कर सो रही
    थी. ।
    .
    . . दो नो को ही नींद में पाता ही नहीं चला.

    राम राम

           

  • 13. प्यार हो ना हो - Chapter 13

    Words: 1131

    Estimated Reading Time: 7 min

    वैसे भी दोनों शादी की रसमे  सुबह से कर के थक गए थे दोनों ही काफी गहरी नींद में सो गए थे नींद में ही संस्कार का हाथ सिया के कमर पर आ गया और सिया भी संस्कार से चिपक कर सो रही थी. . ।

    दो नो को ही नींद में पाता ही नहीं चला. .
    अब आगे

    अगली सुबह 6 या 6:30 बजे सिया कि नींद खुली और वो अपनी आँखों को खोल कर उठने की कोशिश कर ती है पर उठ नहीं पा ती. .
    तब वो ध्यान देती हैं कि वो पुरी तरह संस्कार की बाहों में कैद किया हुआ है  ।



    हल्के हाथों से संस्कार के हाथ को अपने कमर से हटाने लगतीं है ।
    .

    . .
    उस के ऐसा करने से संस्कार की नींद खुल ने जैसे हो ता है तो सिया शांति से बेठ जाती है ।



    . जैसे ही सिया को यकीन हो ता है कि संस्कार अभी भी सो रहा है तब वो फिर से उसके हाथ को हटाने लगती हैं और इस बार हाटा लेती है ।

    . . . . , .

    और जैसे ही उठाने को होती है वैसे ही उसे अपने गले में खीचाव लगता है और वो संस्कार के सिने पर जा गिरती है ।
    . .
    जिससे संस्कार की भी नींद खुल जाती है और दोनों की नजरें एक दुसरे में जैसे खो जाती हैं ।

      संस्कार के हाथ वापस सिया के कमर पर आ जाती है. ।

     सिया संस्कार के छुने से होश में आती है और हकलाते हुए कहती हैं ।

    वो . . . . . . . . व. .
    वो मुझे फ्रेरश होने जा ना है और फिर से उठने लगती है ।
    . .    
    और फिर संस्कार के सिने से आ लगती है तब जा कर संस्कार अपने होश में आता है वो तो इतने समय से सिया के खुबसुरती में खोया हुआ था ।

    . सिया जब फिर उठने की कोशिश करती है तो संस्कार उस को अपने और करीब कर लेता है जिससे सिया के धड़कन तेज हो जाती है और वो संस्कार के आखो मे देखने लगती है ।
    . .

    तभी उसे संस्कार की आवाज आती है जो कह रहा था कि वो मेरी चेन और तुम्हारी. . . . .    मगलसुत्र वो इतना ही कहा था कि सिया अपनी नजरें नीचे कर देखती है तो उस का मगंलसुत्र और संस्कार का चेन आपस में उलझा हुआ था  ।

    .

     उसने अपनी घबराहट में ध्यान ही नहीं दिया था और फिर वो दोनों को निकालने की कोशिश.
    पर उससे हो ही नहीं रहा था और अब तो सिया परेशान होने लगी थी ।

    . . .

    . . . . . . . . . .
    . जब संस्कार सिया को इस तरह से परेशान होता हुआ देखता है  . ।

    . तब संस्कार सिया को कमर से पकड कर अपने ऊपर ला लेता है . .

    और मंगलसूत्र को चेन से निकालने लगा सिया तो बिलकुल शांत हो गयी थी कुछ ही समय में मंगलसूत्र को चेन से. . . . . . . . अलग कर दिया ।



    और उस के बाद अपनी पोजीशन को चैज कर के सिया को अपने नीचे करते हुए उससे कहता है रिलेक्स इतना घबराने कि कोई जरूरत है ।
    .
    , ये तुम्हारा घर 🏡 तुम्हारा  room और तुम्हारे लोग👫👬👭 है ।
    सो रिलेक्स और उसके बालों को कान के पिछे करते हुए कहता है .
    Good morning🌞 और उठ कर room से बाहर चला जाता है. . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .  . . . !  सिया भी कुछ समय ऐसे ही बेड पर बैठ कर  मुस्कुरा रही थी फिर उठ कर सिया फ्रेरश हो कर . . . . . . . . . . . . 🟠 ऑरेंज रंग की साड़ी पहनती है माग में सिंदूर और कान में बडे- बडे झुमके पहती है गले में मंगलसूत्र और पैरों में पायल पहना था 
    . . .   
    अब सिया पुरी तरीके से तैयार हो गई थी.
    .
    और सभी घर वाले होल में ही बेठे थे जैसे ही उन्हें पायल की आवाज आई सभी एक साथ सीढ़ी की और देखें जहाँ से सिया नीचे आ रही  .  .
    .  सिया नीचे आ कर सभी के पैर छुती है अनुराधा जी कहती है कतनी प्यारी लग रही है और अपने आखो से काजल ले कर सिया के कान के पिछे लगा दिया. . . .  . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . उस के बाद अनुराधा जी उसे घर 🏡 पर बने मंदिर 🕌 में ले जा कर उस के हाथ  ✋ से पुजा करवाया फिर किचन में ले जा कर चुलहे की पुजा करवाया और सिया से कहा कि बेटा अब आप कुछ मीठा बना लो बाकी का नास्ता सरवेट बना ले गे. .

    तब सिया कहती है नहीं आंटी नास्ता में ही बना लुगा अनुराधा जी हल्के गुस्से से कहती है ये क्या आंटी आंटी कह रही हो अब तो मुझे मम्मी और इन्हें पापा कहो हमे अच्छा लगगे गा. . . . . . . . . . . . . . . .   सिया भी उनके गले लगते हुए कहती है जी मम्मी जी अब से मैं आप को मम्मी जी ही कहु गी लेकिन आप ऐसे गुस्सा नहीं होएगी. . . . . . . . . . . . . . . . .  अनुराधा जी भी मुस्कुरा कर कहती है तो ठीक है तु नास्ता बना मैं यही तेरे help करने के लिए यही हु सिया नहीं मम्मी जी. . . . . .  . . . . . .   आप जाईए बाहर सब के साथ बैठीए में सब कर लुगी. . . . . . . .  . . . . . . . अनुराधा जी कहती है ठीक है और बाहर जाने लगती हैं और फिर पिछे पलट एक तरफ ईसारा कर  . . . . . . . . . कहती है. . . . .  की सारा समान तुम्हे यहाँ मील जाएगा. . . . .  . . . . . ! . . , , और किचन से बाहर निकल जाती है और सभी के पास कर बैठ जाती हैं. . . . . . . . . . . . . तभी अभिनय जी कहते हैं कि अनु सिया कहा है. . . .
    अनुराधा जी कहती है आप की बहु नास्ता बना रही है और मुझे बाहर भेज दिया  और कह रही थी कि मैं कर लुगी  मम्मी जी तो मैं आ गई अभिनय जी बस मुस्कुरा देते हैं और news paper पडने लगते है. .  . 




    . . . . . .Thanks❤
     

    राम राम

  • 14. प्यार हो ना हो - Chapter 14

    Words: 1035

    Estimated Reading Time: 7 min

    अनुराधा जी कहती है आप की बहु नास्ता बना रही है और मुझे बाहर भेज दिया  और कह रही थी कि मैं कर लुगी  मम्मी जी तो मैं आ गई अभिनय जी बस मुस्कुरा देते हैं और news paper पडने लगते है.


    . . दुसरी तरफ संस्कार room से निकल कर जिम चला जाता है और यहाँ सिया नास्ता लगभग तैयार हो गया था तभी किचन में राजु काका आता है ( राजु काका  घर में ही काम करता है)  . . . . . , . . . . ! . .   .  . , . . . . राजु काका को किचन में देख कर सिया कहती हैं क्या हुआ काका आप यहाँ तब काका सिया से कहते वो बहु रानी संस्कार बाबा इस समय जुस लेते हैं में उनके लिए वो ही लेने आया था.

    .  सिया कहती है जी काका ओर अपने काम में लग जाती है. . . . . . . . . ,   . .     . 



    तभी किचन में अनुराधा जी आती है और सिया से कहती है बेटा हो गया कोई help चाहिए क्या

    सिया. . . . . . . . . . नहीं मम्मी जी नास्ता तैयार हो गया है. . . ,        . . , . . . . . . . आप चालिए तभी अनुराधा जी काका की तरफ़ देख कर कहती राजु तुम जा कर आयशा और दामाद जी को नीचे बुला कर ले आओ नास्ता करने के लिए.
    राजु काका कहते हैं भाभी में पहले संस्कार बाबा को जुस दे कर फिर आयशा बेबी और विकास बाबा को बुला लाऊ गा. . . 
    अनुराधा जी कहती है. . . . . . . . . . . .. . . . नहीं तुम ऐसे करो कि तुम जाओ उन दोनों को ले आओ और सिया की तरफ देख कर  . . . . . . . . . . . बेटा संस्कार को जुस तु दे आओ. . . . . . . . . . . . . . . . . सिया को ऐसा लग रहा था कि वो कही ऐसे जगह छुप जाए जहाँ से उसे कोई संस्कार के पास ना भेजे पर वो अभी कुछ नहीं कर सकती थी  . . . . .
    वो जा कर जुस ले कर किचन से बाहर जा रही तभी पिछे से अनुराधा जी कहती है और हाँ सिया उसे अपने साथ नीचे नास्ता करने ले आना और तुम जाओ ये नास्ता में टेबल पर सवेनट कि help से लगा लुगी तु उसे ले कर आ. . . . . . . . . . .  . . . . . . . . . ! सिया हाँ में सर हिला और ऊपर अपने  room में आ जाती है. . . . . . . . .   . . . . . . . ! .   . . जब वो   room में आती हैं तब   room में कोई नहीं है सोच कर खुश हो जाती है और अपने मन में सोचती है. . .
    अच्छा है room में कोई नहीं है तो वो सोचती है कि जुस रख कर चली जाती हु पर तभी  वाशरूम का door open होता है और संस्कार कमर पर तावेल लपेटे हुए और दुसरे तावेल से अपने बाल पोछता हुआ चेंजिंग room के  door पर आ गया अभी उसका ध्यान room पर नहीं गया था वह वही खड़े हो कर कहता है काका डायवर को कार तैयार रखने को कह दो मेरी एक मिटींग है  वो इतना कह कर चुप हो जाता है. . . . . . . . . . . . . . . . . , . . . . . . . . . . , , ! और काका के कहने का इतजार करने इतने में भी संस्कार अपने बालो को ही पुछ रहा था. . . , . जिससे तावेल उसके चेहरे और आखो को ढक रहे थे . . . . . . . . . . . . . . . . .  . . . . . . और जब संस्कार को काका का जवाब नहीं आता तब वो तावेल नीचे कर के देखता है  . . . . . . . , . . .   . . . . . . .    तब उसे वहाँ सिया दिखती है जो जुस ले कर खाड़ी थीं . . ,
    तब संस्कार कहता है आप . . . . . . . . . .    सिया तो बस संस्कार को देख तब संस्कार उस कि और बड़ जाता और उसके पास आ कर उस के हाथ से जुस ले कर पिने लगता है तब जा सिया उससे नजरें हटा पाती है. . .


    और हकलाते हुए कहती है वो क. . . . . का. . .   . . . . . . काका दी और जीजु को नास्ते के लिए बुलाने गए है इस लिए मम्मी जी ने मुझे आप को जुस देने के लिए काहा है औ. . . . . . . .   और आप को नास्ता के लिए नीचे बुला रही है और पलट कर जा ही रही थी कि संस्कार ने सिया का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचता है जिससे सिया का हाथ संस्कार के खुले चेस्ट पर चली जाती है और सिया संस्कार की आखो मे देखने लगी और संस्कार भी सिया के ही आखो मे देख रहा था.

    तब सिया संस्कार से अपना हाथ छोडते हुए कहती है कि आप रेडी हो जाइए मैं नीचे जाती हु. . . . . . . . . . संस्कार सिया का हाथ✋ छोड़ कर उसकी कमर को पकड कर अपने और करीब लाते हुए कहता है आप मुझसे इतना क्यों घबराती है और दुर दुर क्यों जाती है मैं जानता हूँ कि हम दोनों एक दुसरे को ठीक से नहीं जानते लेकिन हमें एक दुसरे को जानने की कोशिश तो करनी चाहिए सिया तो संस्कार की आखो मे खो जाती तभी संस्कार उस की और झुकने लगता है सिया जब तक कुछ समझ पाती तब तक संस्कार अपना होठ सिया के होठ पर रख देता और उसे किस करने लगता हैं और लगभग 5 मीनट किस करने बाद उससे अलग हो ता है अभी भी सिया की कमर को पकडा हुआ था. . . . . .   

    राम राम

  • 15. प्यार हो ना हो - Chapter 15

    Words: 1156

    Estimated Reading Time: 7 min

    संस्कार उस की और झुकने लगता है सिया जब तक कुछ समझ पाती तब तक संस्कार अपना होठ सिया के होठ पर रख देता और उसे किस करने लगता हैं और लगभग 5 मीनट किस करने बाद उससे अलग हो ता है अभी भी सिया की कमर को पकडा हुआ था. . .
    और उसके माथे पर किस कर के चेंजिंग room  में चला गया और सिया अभी भी वैसे ही जम गई थी फिर खुद को समालते हुए नीचे आ जाती है जहाँ पर सभी आ गए थे . .  .


    जब अनुराधा जी सिया को नीचे देखा तो उस के पिछे सिढी पर देखते हुए कहती है बेटा संस्कार कहा है. . , ,
    सिया उन्हें जवाब  देती है वो मम्मी जी तैयार हो कर आ रहे है आप सब चालिए नास्ता सुरू किजिए. . . .
    अभी सब बैठे ही थे कि संस्कार भी आ गया था. . .  .




    और सभी को देख कर कहता है मम्मी पापा दी जीजु good morning 🌞 🌞 🌞 🌞 सभी संस्कार को भी good morning वीश करते हैं फिर संस्कार कहता है. . . . . . . . . . . . . . . . . जीजु आज आप जीम नहीं आए. . . . . . . .  . . . . . . . . . . . विकास जी जानाब आप कि शादी में आप को तो खुशी के कारण थाकन का पाता ही नहीं चाला लेकिन हम तो भाई बहोत थक गए थे तो आज हम आराम करे गे  . . . . . . . . . . .   
    संस्कार. . . . . . . . . . . .   . क्या जीजु आप भी कुछ भी कहते हैं बात तो कुछ और ही है अब सच बोलिए 
    विकास जी. . . . . . . . . . .    जब जानाब आप को पाता है तो क्यों पुछ रहे हैं 
    संस्कार. . . . . . . . . . . जीजु हमें तो कारण जानना था कि दि इस बार आप से क्यों गुस्सा है 

    विकास जी  . . . , , . . . . . .  हमारा एक बहोत ही इनपोटेंट केस के कारण आप की दी को समय ही नहीं दे पा रहे थे इस लिए मेडम हमसे गुस्सा थी सुबह से मना रहे हैं पर मान ही नही रही इस लिए आज हम इनके साथ घर🏡 पर रहे गे 



    तभी दोनों के बीच में आयशा कहती विकास आप ने क्या कहा कि हम घर🏡 पर रहे गे और थोरी रोनी सी सुरत कर के कहती है कि आप तो ऊपर कह रहे थे कि आप मुझे शोपिंग पर और movie🎥 🍿 ले जाए गे और  🌙 🌃 रात को डिनर भी करे गे और अभी आप छोटे से कह रहे हैं कि घर🏡 पर रहे गे. .


    विकास जी. . . . . . . . . . . .  मेरे कहने का ये मतलब नहीं था मेंरी पुरी बात तो सुनो👂 आयशा 
    आयशा . . . . . . . . . . . . . नहीं मुझे आप से कोई बात नहीं करनी  
    . , . . . . . .      यहाँ संस्कार विकास जी की हलात देख कर सर नीचे कर के हंस रहा था जब विकास जी ने संस्कार को ऐसे हंसते देखा तो वो चीढ गए फिर वो बोले में इस का बदला में ले कर रहु गा यह सब सोचते हुए आयशा की तरफ देखते हैं जो दुसरी तरफ मुह कर के बेटी है. . . .


    विकास. . . . . .  . . . . . . .     आयशा के हाथ को अपने हाथ में लेकर कहता है आयशा में कह रहा था कि आज में घर🏡 पर हु और मुझे कोट भी नहीं जाना तुम और मैं बाहर तो जा रहे हैं तो मैं संस्कार से कह रहा था कि वो भी आज कापनी ना जाए और वो और सिया भी हमारे साथ चले सीया भी लखनऊ घूम ले गी. . .


    जब विकास जी ने अपनी बात पुरी करी तब तक आयशा का सारा गुस्सा खतम हो गई. . . . . . . . . . . . . और वो खुश होते हुए कहती है ये सही रहे गा अनुराधा जी भी कहती हैं हा ये सही कहा आपने दमाद जी तभी संस्कार कहता है लेकिन मेरी आज मिटींग है तभी अभिनय जी कहते हैं तुम जाऊ वो सब मैं🙋 देख लुगा. . ! , ! .  . . .  .  . .
    संस्कार अब कुछ नहीं कहता बस विकास जी को देख रहा था और वही विकास जी मुस्कुरा रहे थे. . . . , . .

    इन सब के बातों के बीच सिया नास्ता टेबल पर लगा दिया था  नास्ते में सिया ने मटर पनीर और पुडी दही बडे और मीठे में गाजर का हलावा यह सब देख कर आयशा कहती है क्या बात है ये सब तो बहुत टेस्टी लग रहे है .  . . .

    सिया सभी को नास्ता देती हैं फिर अनुराधा जी बेटा तुम भी बेटो और नास्ता कर लो. . . . .    . . . . .    सिया भी संस्कार के बाजु में बेट जाती है और सभी नास्ता कर ते है सभी को नास्ता बहोत अच्छा लगता है सभी सिया को गिफ्ट देते हैं अभिनय जी कहते हैं आज आप के हाथ का बना नास्ता कर के सच में बेटा ऐसा लगा भाभी के हाथ का हो सिया की आखे भी नम हो जाती है फिर सिया उनके पैर छु कर आशीर्वाद देते हैं. . . . . .  . . . . . अभिनय जी सिया को हार देते हैं और अनुराधा जी सिया को बाल गोपाल कि मुरत दे कर कहती है सिया अब तु भी मुझे ऐसा ही एक पोता या पोती जल्द ही दे. . . .


    सिया भी शर्म से अपने सर को नीचे कर देती है और संस्कार इधर उधर ऐसे देखने लगा जैसे उसने वो बात सुनी ही ना हो. . . . . . . . . ! . . ! , . . . . . . , . विकास जी कहते हैं अब मेरे और आयशा की तरफ़ से ये बोल कर एक लिफाफा आगे किया सिया ने जब वो लिफाफा खोला तो उसमें दारजिलिग की अगले हफ्ते की दो टिकीट था सिया हैरानी से दोनो की तरफ देखते हैं. . . . . . ! . . . . . . . तब आयशा कहती है ये हमारी तरफ आप दोनों के शादी का तोफा 

    अब क्या करे गे संस्कार और सिया जाए गे दारजिलिग. . . . . . . . . , . . 




    . और हा हमे आप सभी से कुछ पुछना था कि आप लोगो को खाने में क्या क्या पंसद है और देखते हैं कितने लोगों की पसंद मेरे से मिलती है वैसे मुझे गाजर का हलवा बहोत पसंद है. . . ! 
    । .  राम राम

  • 16. प्यार हो ना हो - Chapter 16

    Words: 1003

    Estimated Reading Time: 7 min

    सिया हैरानी से दोनो की तरफ देखते हैं. . . . . . ! . . . . . . . तब आयशा कहती है ये हमारी तरफ आप दोनों के शादी का तोफा . . . .  . . . और हाँ पैकिंग करना सुरू कर दो तभी संस्कार कहता है दि अभी में कही नही जा सकता कापनी में बहोत काम है ।
    .       .
    , . . .  . . . . . .
    तभी अभिनय जी कहते हैं   . , . . .  . . . . . . संस्कार तुम इस कि चिंता मत करो मैं सब देख लुगा अगर मुझे मदद लगी तो मैं रवि से ले लुगा. ! . . . .   . . . . . . . .   

    संस्कार. . . . . . . . . . . . . .  लेकिन पापा वो तो कल ही अपने दोस्त के साथ किसी टुर पर गया है।
    . . . .  . . . . . . . ..  . . . . अभिनय जी. . . . . . . . . . .  हा तो ठीक है अभी तुम्हे भी जाने में एक हफ्ता है तब तक आ जाए गा अगर नही भी आता तो तुम एक हफ्ते में जरूरी काम कर देना बाकी में देख लुगी ।
    . . . . . .  . . . . . . . आयशा. . . . . . . . . . . . . तो हो गया फैसला तुम दोनों जा रहे जा रहे हो और सिया की तरफ देख कर कहती है सिया चलो तैयार हो जाऊ अभी मोल movie 🎥 🍿 भी देखने जाना है छोटे तो तैयार है । और विकास की तरफ देख कर आप ऐसे चले गे कपड़े चेंज नही करे गे ।
    . . . .


    विकास जी. . ! . . . . . . . . .  अरे हा बाबा चल रहा हूँ तुम्हे भी तो तैयार हो ना है । आयशा विकास के हाथ को पकड़ कर उसे खिचते हुए ले जाती है । . . . . . . . . . . . . . . उन दोनों को इस तरह देख कर सभी के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है ।
    . . . . . . . . . . . .   . . . . . . .   अनुराधा जी. . .. . . . . .     सिया के पास आते हुए कहती है कि बेटा तुम भी तैयार हो जाऊ नहीं तो ये लडकी तुम्हे तैयार भी नही होने देगी ।
    . . . , . . . . . . . . . .
    सिया भी जी कह कर अपने  room मे आ जाती है और सब से पहले सुरज जी के पास call करी दो रिंग के बाद ही दुसरी तरफ से सुरज जी की आवाज आई बेटा कैसी है ।
    आप सीया. . . . . .  . . . . . पापा हम ठीक है आप कैसे हैं और विनय वो कैसा है  ।
    सुरज जी. . . . . . . . . . हम दोनों ठीक है वो हमने कुछ काम से विनय को बाहर भेजा है और बेटा वहाँ सब कैसे हैं ।
    सिया. . . . . . . . . . . . .  पापा यहाँ भी सब बहोत अच्छा है  ।
    ऐसे ही कुछ समय बात करने के बाद सिया तैयार होने लगती है । उसने sky 🔵 blue रंग की साड़ी पहनी और उसमें वो बेहद खुबसूरत लग रही थी उसने बाल खुले ही छोड़ दिए ।
    थे ।
    . . . . . . . .    . . . . . . . 
    जो उसके चेहरे पर आ रहें थे सिया तैयार हो कर नीचे आ गई होल में बैठ कर संस्कार किसी से call पर बात कर रहा था जैसे ही संस्कार की नजर सिया पर गई तो वो सिया में ही खो गया. . . . . . . . . . . वही फोन पर कोई . . .
    बार - बार सर सर hello hello sir आचानक call कट गया सिया के पिछे ही आयशा और . .  . . . . .. .  विकास भी आ रहे थे पर संस्कार का ध्यान तो सिर्फ सिया पर ही था ।
    उसने ध्यान ही नहीं दिया कि .. . . . .. . . .... . .आयशा और . . . . . . . .   . . . . . . .
    विकास जी सिया के पिछे है अब संस्कार भी सिया की तरफ चलने लगा जैसे ही संस्कार ने सिया की कमर पकडने ही वाला था वैसे ही पिछे से आयशा और विकास जी खासने लगे थे ।
    . . . . . . . . . . . . . .  . जिससे संस्कार अपने होश में आया और जैसे ही उन दोनों की तरफ देख तो वो हंस रहे थे जिससे उसने अपनी नजरें छुपाने लगा है ।
    . . .

    और कहता है चले तभी. . . . . . . .       . . .   . . . . .        विकास कहता है जानब हम तो अपनी बेगम को अपने साथ अपने सावारी से ले जाऊ गा और .. . . . . . . . . . . . . आप अपनी बेगम को. . . . . . .        अपने सावारी से ले जाओ हम सीधा मोल में ही मिले गे चारों अपनी कार में बैठ गए सिया और संस्कार एक गाड़ी में थे और आयशा और विकास जी एक कार में थे. . . . . . .   . . . . . . . . . . .  सिया और संस्कार की में बिलकुल शान्ति से कार में थे कोई किसी से कुछ नहीं करे और ऐसे ही दोनों मोल पहुँच गए हैं ।

    आप को story कैसी लग रही है कमैंट में जरूर बताइये पता ही नहीं चल रहा आप को story कैसी लग रही है । और please फालो करे जिससे लिखने का मन करता है ।


    thanks


    राम राम

  • 17. प्यार हो ना हो - Chapter 17

    Words: 1048

    Estimated Reading Time: 7 min

    अपने सावारी से ले जाओ हम सीधा मोल में ही मिले गे चारों अपनी कार में बैठ गए सिया और संस्कार एक गाड़ी में थे और आयशा और विकास जी एक कार में थे. . . . . . .   . . . . . . . . . . .  सिया और संस्कार की में बिलकुल शान्ति से कार में थे कोई किसी से कुछ नहीं करे और ऐसे ही दोनों मोल पहुँच गए हैं. . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .  मोल पहुँच कर चारों अंदर जाते है और कपड़े लेने के एक शोप में जाते है शोप में जाते ही आयशा विकास का हाथ पकडते हुए कहती है कि. . . . . . . . . . . . .   . .     विकास चलो ना मेरी कपड़े पसंद करने में help करो. . . . . . . . . ! . .  . . . . . . . . ! . . . 
    विकास. . . . . . , , ! !   ठीक है फिर संस्कार  कि तरफ देख कर कहता है कि तुम भी सिया की help कर दो. . . . . . . . . . .  तभी उन सब के पास एक लड़की आ कर कहती है और कहती है mem may I help you तभी आयशा कहती है  हा आप  हमे वेस्टन डेरेशेस दिखाईए और आप कि यहाँ जितने भी  best डेरेशेस हो वो भी दिखा दो .  . . . . . .
    फिर वो लड़की उन्हें कपड़े दिखाने लगती है. . .  . . . .  . . . . . . . . . . . एक गाउन था जिसका रंग लाल🔴 रंग का था जिस पर संस्कार और सिया की नजर थीं जब उस लड़की ने उन दोनों को गाउन को देखता. . . . . . . . . . . . पाया तो वो गाउन लेकर सिया के पास आई और कहने लगी मेम आप इसे टारय कर के देखिए इस में काफी खुबसुरत लगेगी .  . . . .   . . . . सिया पहले तो मना कर ती है पर तभी आयशा जो टारयल  रूम ही जा रही वो सिया से कहती है सिया चलो गाउन लो और चलो मेरे साथ टारय कर के देख लो. . . . . . . . . . . . . . आयशा के ऐसे ओडर देने से सिया मना नही कर पाई और दोनों टारयल रूम में चली गई चेंज करने चले गए. . . . . . . . . . . . . . . . . . . रूम में जाने के 3 ही मीनट में आयशा बाहर आई और पास खडी लडकी से कहती है ये कपडा मेरे साइज का नहीं. . . . . . . . . . . . . . .  है. . . . . . . .. . ! ! . . . , . . . . .  . तब वो लडकी कहती है मेंम आप मेरे साथ चलीए में आपको आप के साईज के कपड़े दिखा देती हु. . . . . . . . . . ! . . . . . . . और आयशा उसके साथ चली गई. .  . , . . . . . तभी संस्कार के पास उसके p. A. का call आया और संस्कार उससे बात करते हुए एक साइड आ गया तभी उसे किसी के बुलाने की आवाज आई. . . . . . . .  . . . जब संस्कार उस आवाज की और बड़ा तो वो आवाज चेंजिंग रूम से आ रहा था थोड़ा और पास गया तो सिया  . . . . . . . . .  . . . .  की आवाज थी जो कह रही थी दी मेरी help  कर दिजिए ना सिया ऐसा इस लिए कह रही थी क्योंकि उसे अभी भी यही लग रहा था कि उसके बाजु वाले रूम में आयशा है तभी संस्कार door🚪नोक करता है तब सिया आयशा है सोच कर कहती है कि door open है आ जाइए संस्कार कुछ कहने को होता है कि सिया कहती है जल्दी से मेरी help कर दिजिए. . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . संस्कार भी हिमत कर के चेंजिंग रूम के अंदर चला जाता है अंदर का नाजारा देख कर उसकी आँख जैसे जम जाती है. . . . . . . . . . . . . . . , . . . . . . ,. . , . .., . . अंदर सिया  door🚪 कि तरफ पीठ की हुईं थी उस के गाउन की जीप और हुक खुला हुआ था. . . . . . . . और सिया नीचे देख कर अपने गाउन ठीक कर रही थी और कह रही थी दी ये मेंरे गाउन की जीप लगा दिजिए. . . . , .   . . , . . , . . .

    जब सिया को कोई भी हरकत महसूस नहीं हुई तब उसने अपनी नजरें  उठा कर   सामने के मिरार  तो संस्कार उसके पिछे खडा हुआ है और वो तुरंत ही पलट कर मिरार से चिपग  गईं और संस्कार की तरफ देख कर कहती है. . . . . . . . .  . . . . आप यहाँ क्या कर रहे है मेने तो दी को बुलाया था ये सब बोलते वक्त सिया की आवाज तेज थी और वही संस्कार जल्दी से सिया के पास जा कर उसके मुह में हाथ रख कर कहता है श्शशशशशशशशशश और धीरे से उसके कान के पास झुक कर कहता है कोई बाजु वाले चेंजिंग रूम में है और मैं यहाँ तुम्हारी help करने आया था क्योंकि दि बाहर नहीं थी. . .   .. , . . . . 
    . . . 
    . ! .




    वही सिया तो जैसे खो गई थी संस्कार की गरम सासे सिया को अपने कान और कंधे पर महसूस हो रहा था संस्कार का एक हाथ सिया के मुहं पर और दुसरा कमर पर था. . . . . . . . . . .  . . !. . .  
     
     
    राम राम

  • 18. प्यार हो ना हो - Chapter 18

    Words: 1411

    Estimated Reading Time: 9 min

    वही सिया तो जैसे खो गई थी संस्कार की गरम सासे सिया को अपने कान और कंधे पर महसूस हो रहा था संस्कार का एक हाथ सिया के मुहं पर और दुसरा कमर पर था. . . .


    तभी संस्कार उसे अपने और करीब खीचता है जिससे सिया संस्कार के गले लग जाती है और उसके हाथ अपने आप ही संस्कार के गरदन के चारों ओर आ जाते हैं और सिया की आखें बंद हो जाती है. . . .  . . . . . . .  और संस्कार का जो हाथ सिया के मुहं में था वो हाथ हाटा कर सिया के. ! . . . . . . . . , . . . . जीप के पास ले जा कर जीप को बंद कर देता है और सिया को छोड़ देता लेकिन सिया कुछ सेकेंड तक वैसे ही रहती है जैसे ही उसे एहसास होता है. . . . . . . . . . . . की संस्कार ने उसे छोड़ दिया तो वो भी उससे थोड़ी दुरी बना कर खाड़ी हो जाती है. . . . . . . . . . . . .   लेकिन उसकी नजरें अभी भी नीचे ही थी. . . . . , . . . . . . . . . . . . . . .  और उसका चेहरा लाल🔴 हो गया था और संस्कार उसे देख कर मुस्कुरा रहा था और वही. . . . . . . . .हकलाते हुए कहती है th. . . . . . . . . . . . . . . . . . , . .  Thanks     . . . . . . . . . अभी सिया इतना ही कह पाई थी संस्कार उसके कान के पास आ कर कहता है  . . . .  . .   . . . .  Looking so beautiful ❤ . . . . . . . . . . . . . . . . और चेंजिंग रूम से बाहर चला जाता है और यहाँ सिया दरवाजे की और ही देख रही थी. . . . . . . . . तभी आयशा की आवाज आती है जिससे सिया अपने होश मे आती हैं .  . . . .  . ,


    आयशा. . . . . . . . . . . . . .  सिया हो गया हो तो बाहर तो आओ
    सिया. . . . . . . . . ! . .  हाँ दि हो गया  
    बोलते हुए चेंजिंग रूम से बाहर आती हैं सिया के बाहर आते ही सभी की नजर उस पर आ जाती है. . . . .  . . . . . . .     . बाहर आता है तब विकास जी उसके सामने आते हुए कहते हैं कि जनाब कहाँ थे आप इतनी समय से. , . . ! . . . . . . 
    संस्कार. , . . . . . . ! .  कही  नहीं जीजु वो एक इनपोटेंट call   था तो उसी में बात कर रहा था ।

    विकास . . . . . .. . . . . .  मुझे तुम्हारा चेहरा कुछ और ही कह रहा है. . . . ! .  . . . .
    संस्कार. , .  . . . . . . !. जीजु आप कुछ ज्यादा ही चेहरे नही पडने लगे हैं .  . . .


    दुसरी तरफ


    आयशा. . . . . . . . . . . ! . . . .  सिया तुम तो बहोत प्यारी लग रही हो. . . . . . . .  उस के बाद पास ही खडी़ लड़की से कहती है इसे पैक कर दो और फिर सभी शोपिंग कर के. . . . , , ! ! . . . . . Movie 🍿 🎥   के लिए चले जाते हैं movie होने के बाद सभी एक साथ डिनर के लिए जाते हैं. . . .
    , . . डिनर के बाद घर आने में काफी रात हो गई थी सभी अपने रूम में चले जाते हैं अब सिया भी संस्कार के साथ कम्फड हो गई थी रूम में आने के बाद सिया चेंज करने चली गई आज वो बहोत थक गई थी. . . . . , . . .

    और चेंज करने के बाद तुरंत ही सिया सो गई. . . . .   . . .  .  और वही संस्कार रूम में आते ही वाशरूम में 🚿शावर लेने चला गया जब तक वो रूम में आया तब तक सिया सो गई थी संस्कार भी उसे निहारते हुए सो जाता है . , . . . . . . . .  . . . . .  दुसरे दिन संस्कार की निंद पहले खुली उसकी आखे खोलते ही सिया का चेहरा उसके सामने था जो उसके बहोत पास सोई हुई थी. . .  . . . . . . . . . . . . . . . . . , ! . संस्कार प्यार से सिया के सर पर किस करता है और अपने रूम जीम चला जाता है. . . . . . . . . . . . . . . . . . , ! उसके जाने के थोडे समय में सिया भी उठ जाती है और उठ कर अपने बाजु में देखती है पर वहाँ संस्कार को ना देख कर वो उदास हो जाती है. . . . . . . . . .  . . . .   और उठ कर फेरश हो कर नीचे मन्दिर में आ कर दिपक जला देती है और किचन में आ कर सबके लिए नास्ता बनाने में लग जाती हैं. . . .
    और वही दुसरी तरफ ☕ चाय चडा देती है तभी किचन में अनुराधा जी आती है. . ! . . . . . . .    उन्हें देखकर सिया कहती है   good morning मम्मी जी  . . .  . . .  .  . . . . .   .  . . . 
    अनुराधा जी. . . . . , . . . . .   Good morning बेटा और तुम ये सब क्यों कर रही हो cook बना देता. . . . . . . .  . . 
    सिया. . . ! . . . . . . . . कोई बात नहीं मुझे अच्छा लगता है और आप जाईए में आप सभी के लिए चाय☕ लेकर आती हु .  . . . .. , 

    अनुराधा जी. . . . . . . . . .  ठीक है कह कर बाहर होल में आ जाती है. . . .

    उसके बाद सिया दो कप☕ चाय निकाल कर होल में आ कर अभिनय जी और अनुराधा जी को चाय देकर कहती है  good morning पापा जी. .

    अभिनय जी. . . . . . . . , . .   Good morning बेटा और आप की ☕चाय कहाँ है 
    सिया. . . . . ! . .  पापा हम बाद में ले लेगे पहले आप दोनों बताइये चाय कैसे लगी. . . . . . . . . . . . . दोनों ही कहते हैं आप के हाथ से तो पानी भी अच्छा लगता और सुबह सुबह आप के हाथ की चाय☕ आज आप ने तो दिन बना दिया बेटा. !. . . . . . .

    सिया. . . . . . . .  आप सब चाय☕ पि जीईए नहीं तो ठंडी हो जाए गी और हम अभी आए बोल कर किचन में चली जाती है. . . . . . . . . . . . ! . . . वहाँ जा कर तीन कप चाय☕ लेती है और उसमें से एक ☕कप ☕चाय राजु काका को देती है और दो कप चाय और जुस ले कर ऊपर आयशा और विकास के रूम में जा कर 🚪door   नोक करती है. . . . . . . . . . . . . तो विकास door🚪 open  करते हैं. . . . . .


    तब सिया कहती है जीजु good morning दी कहाँ है और ये आप दोनों की चाय☕ 
    विकास जी  . . . . . . . . . . .    Good morning🌞  सिया और तुम्हारी दि वाशरूम में है आप दोनों जल्दी नीचे आइए नास्ता तैयार है. . . . . . . . . . . . . . . . और उनके रूम से अपने रूम कि ओर चली जाती है अपने रूम में जाती है तो देखती है संस्कार अपने कान में Bluetooth लगा कर बात कर रहा था और कह रहा था ठीक है मैं जल्दी ही कापनी पहुँच रहा हूँ तुम सारे फाईल मेरे केबिन में चाहिए और और उनसे online  मिटिग की भी तैयारी कर लेना  ।

    राम राम

  • 19. प्यार हो ना हो - Chapter 19

    Words: 1171

    Estimated Reading Time: 8 min

    विकास जी  . . . . . . . . . . .    Good morning🌞  सिया और तुम्हारी दि वाशरूम में है आप दोनों जल्दी नीचे आइए नास्ता तैयार है. . . . . . . . . . . . . . . . और उनके रूम से अपने रूम कि ओर चली जाती है अपने रूम में जाती है तो देखती है संस्कार अपने कान में Bluetooth लगा कर बात कर रहा था और कह रहा था ठीक है मैं जल्दी ही कापनी पहुँच रहा हूँ तुम सारे फाईल मेरे केबिन में चाहिए और और उनसे online  मिटिग की भी तैयारी कर लेना 


    वही सिया चुप चाप उसके पिछे खडी थी अभी संस्कार को सिया के लिए रूम में होने का नहीं पाता. . , . . , . . . . . . . . .  . . . ! . 
    संस्कार बातें करते हुए पिछे पलता है तो वो सिया को देखता है जो जुस ले कर खडी थी तब वह फोन की दुसरी तरफ वाले आदमी से कहता है जैसा मेने कहा है वैसे ही करना और call कट कर सिया के पास जा कर थोड़ा सा झुक  कर उसके गाल पर किस कर लेता है  और कहता है .  . . . . . . . . . . . . Good morning    और जुस ले कर पिने लगता है. . . . . . . . . . .    सिया देखती है कि संस्कार के शट के बटन ऊपर नीचे लगे हैं इस लिए सिया संस्कार के पास जाती है और उसके शट के बटन खोलने लगती है. . . ! .   .   .   ! . !     .  , . , !  . जिस से संस्कार हरबार जाता है और कहता है सिया  . . . . .    . . . . . . . . सिया पहली बार संस्कार के मुहं से अपना नाम सुन कर सिया उस के चेहरे को देख ने लगती है. . .  .  .

    संस्कार आगे कहता है देखो सिया मुझे अभी कापनी जाना है बहोत ही इनपोटेंट मिटींग है. . . . . . .   .. . तु जो चाहती हो हम आज रात करे गे. . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .       सिया उस की बात सुन कर चीढ जाती है और उससे थोड़ा दूर हो कर कहती है. , . ! . . . . . ,   वो आप के शट के बटन .  ! . . . . .            . . . . .   .  तब जा कर संस्कार ध्यान देता है कि उसने जल्दी   -  जल्दी में  सारे बटन ऊपर नीचे लागए हुए हैं वो सिया के पास जा कर उसके कमर को पकड कर कहते हैं. .   .  . . . . . . . . . . . . !   , . , , .     जो कर रही थी वो करो काम अधुरा नहीं .. . .  छोडना चाहिए. . . . . . . . ! और अपने बटन की तरफ इसारा कर कहता है इसे ठीक करो. . . . . !. . . . 
    सिया. . . . ! . . . . . . मैं नहीं करूगीं आप खूद ही कर ले जब मैं help कर रही तो आप इसका गलत मतलब निकले अब आप अपना काम खुद ही किजिए. . . . . . . . . . . . . . . और अपने आप को संस्कार से छुडाने की कोशिश करने लगती है. . . . . . . ! . . . . . 
     
    और कहती है छोडिए मुझे नीचे जाना है.
    संस्कार भी उसकी कमर पर पकड कस देता है और कहता है तुम्हे तो मैं तब तक नहीं छोडुगा जब तक तुम मेरे बटन ठीक से नहीं लगा देती . . . . .


    सिया. . . . . . . . ! . . . . . !  सिया देखिए मुझे छोडिए नहीं तो मैं मम्मी जी से आप की शिकायत कर दुगी. . . . . . 

    . . . 
    संस्कार. . . . . .  . . , . , .  शिकायत तो तब करोगी जब मैं तुम्हें यहाँ से जाने दुगा. . . . .  


    सिया कुछ सोचते हुए संस्कार के गले में हाथ डालती है जो हाथ अभी तक संस्कार से दूर जाने के लिए धक्का दे रहे थे. . . . . . . . . . . . . , . . , ! . . संस्कार तो जैसे जम जाता है. . . . , . . , . सिया अब उसके चेहरे के पास जाने लगती है. , , ! . ! !. . . , . . . . . जिससे संस्कार की आखें बंद हो जाती है और उसकी पकड भी सिया पर से डीली हो जाती है. . . . . . . .  , , ! . . . . . तभी मौका देख कर सिया संस्कार को जोर से धक्का दे कर रूम से बाहर आ जाती है और वही संस्कार सिया के धक्का देने से बेड पर गिर जाता है. ! . . , . . . . . . . . . . . और दरवाजे कि तरफ देख कर उसके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. . . . . . . . . . . . . . . .  तभी दरवाजा खुलता है और सिया अपना सर अंदर कर कहती है. . . . . . .  . . . . . . . आप जल्दी तैयार हो कर नीचे आईए सभी आप का इतजार कर रहे हैं. . . . . . ! . . . , . . संस्कार सिया को देख कर बेड से उठ ता है. . . . . . . . . . . . . .  तो सिया जल्दी से दरवाजा बंद कर देती है. . . . . . तो संस्कार भी मिरर के सामने जा कर बाल सेट करने लगता है तभी दरवाजा खोल कर सिया कहती है और हा शट भी ठीक कर लेना और फिर दरवाजा बंद हो जाता है. .   . .  .

    संस्कार अपने से ही कहता है कहीं अभी भी बाहर तो नहीं है सोच कर वो दरवाजे को खुल कर देखता है वहाँ कोई नहीं था तो वो भी रुम मुझे जा कर तैयार हो कर नीचे आता है. . . !     ! ,       . 


    नीचे सभी डायनिंग टेबल पर बैठे थे और सिया उनको नास्ता शव कर रही थी. . . . . . . . . . . . . . . . संस्कार नीचे आ कर कहता है good morning everyone  . . . . . . ! . . . बाकी सब भी उसे good morning विश करते हैं. . . . . . . . . . . अभिनय जी नास्ता करते हुए कहतें है. . . . . . . . . . . . . संस्कार क्या हुआ है गोवा वाले कापनी में कोई परेशानी है . . . .


    राम राम

  • 20. प्यार हो ना हो - Chapter 20

    Words: 1077

    Estimated Reading Time: 7 min

    नीचे सभी डायनिंग टेबल पर बैठे थे और सिया उनको नास्ता शव कर रही थी. . . . . . . . . . . . . . . . संस्कार नीचे आ कर कहता है good morning everyone  . . . . . . ! . . . बाकी सब भी उसे good morning विश करते हैं. . . . . . . . . . . अभिनय जी नास्ता करते हुए कहतें है. . . . . . . . . . . . . संस्कार क्या हुआ है गोवा वाले कापनी में कोई परेशानी है . .


    अब आगे


    संस्कार. , . . . . . . . . . . . . . . . नहीं पाता पापा मैंने कापनी के सारे फाईल मगाएँ है आज जा कर देखता हु कह कर चला गया.

    फिर सभी अपने काम में लग गए ऐसे ही रात हो गया. . . . . . . . . . . . , संस्कार ने पहले ही आयशा को call कर के बता दिया था कि उसे आने में लेट हो जाए सभी डिनर कर अपने रूम में सोने चले गए लेकिन सिया वही होल में बैठ कर संस्कार का इतजार करने लगी. . . . .


    जब रात के 11 बजे संस्कार घर पहुचता है तो होल पर सोई हुई सिया दिखती है. . . . . . . . . और संस्कार सिया के पास जा कर गोद में ले कर अपने रूम में आ जाता है. .

    और जैसे ही सिया को बेड  पर लेटाता है वैसे ही सिया की निंद खुल जाती है. . . . . . . .    और वो धीरे से अपनी आखे खोलते हुए संस्कार को देख कर. . . . . . . . . . . . .  धीमी आवाज कहती है आप आ गए. . . . . . . . . . . और उठ कर बैठ जाती है और कहती है आप फेरेश हो कर नीचे आइए मे डिनर लगा ती हु. . . . . . . . . . . . . . , ,  संस्कार भी ठीक है बोल कर वाशरूम में चला जाता है और वही सिया नीचे जा कर खाने को 🔥गरम कर के डाइनिंग टेबल पर लगती है. . . .

    संस्कार नीचे आ कर डाइनिंग टेबल पर बैठ जाता है और सिया उस को डिनर शव कर के संस्कार के बाजु में बैठ जाती है. .

    संस्कार. . . . . . . . . . . . . . तुम ने खाया 
    सिया. . . . . . . . . . . . . . . . .  . . . हाँ मेने खा लिया आप खाइए 
    तभी संस्कार रोटी में सब्जी लगा कर सिया की तरफ बड़ा देता है और कहता है खाओ सिया फिर कहती है मेने खा लिया है. . . .

      संस्कार. . . . . . . . . . . . मेरे साथ ठोडा सा तो खा लो तो सिया खा लेती है. . . . . . . . . . .   और वो भी रोटी में सब्जी लगा कर संस्कार की तरफ बड़ा देती है फिर दोनों खाना खा कर अपने रूम में आ जाते हैं. . . . . . . . . . . . . . . . . . रूम में आ कर सिया  जैसे ही बेड के पास जा ही रही थी तभी संस्कार उसके हाथ को पकड़ कर अपने पास खिचता है और उसके आखो मे आख डाल कर कहता है तुम ने सुबह क्या किया था ।
    सिया भी अनजान बनते हुए कहती है मेने क्या किया. . . . . . . . . . . . , . . संस्कार भी उसे उसी तरह देखते हुए कहता है क्या तुम्हे सच में नहीं पाता और उसकी कमर पर एक रखते हुए दुसरे हाथ स उसके सर के पिछे रखते हुए उससे कहता है अब याद आया. . .  . . . . . . . . . . सिया न मे सर हिला देती है. . . . . . . . . . , . . . . .! . . संस्कार भी उसी तरह करता है जैसे सिया ने सुबह उसके साथ किया था  संस्कार धीरे - धीरे सिया के चेहरे के पास अपना चेहरे को ले जाने लगता है. . . . . . . . . . . .  . . . . . . . . जिससे सिया की आखे बंद हो जाती है और उस के हाथ अपने आप संस्कार की कमर पर चले जाते हैं. . .

    संस्कार अपने होठ सिया के होठ पर रख कर किस करने लगते हैं. . . . . . . .  जैसे ही संस्कार किस करता है वैसे ही सिया होश मे आती है और संस्कार से दुर होने की कोशिश कर ने. . . . . .         . ! ! .  . . . . ! . लगती है पर. . . . . . . . .   संस्कार उस को नहीं छोड़ा ता और जब दोनों के सास उखाड़ने लगती है तब जा कर संस्कार की पकड़ सिया पर डीली हो ती है. . . . . . . . . . . . .   . . . . . . .  सिया ने तुरंत ही संस्कार को हल्के से धक्का दे कर जल्दी से बेड पर जा कर बॉक्केट को अपने चेहरे तक कर लेती है और . ! , . . . , . . जो भी अभी हुआ उस के बारे में सोचने लगती है. , . . . ! . . . . . . . . . . और वही संस्कार भी मुस्कुराते हुए बेड के दुसरी साइड जा कर लेट जाता है और दोनों एक दुसरे के बारे में सोचते हुए सो जाते हैं. . . . .


    सुबह जब सिया उठी तब संस्कार सो ही रहा था सिया संस्कार के सर पर हाथ फेर कर उसे बेकेट को ठीक कर के वाशरूम में आ गई. . . . . . . . . . . ! . . . . और 20 मिनट में तैयार हो कर नीचे मंदिर में आ गई और दिया जला कर पुजा की  . . . . . , . . . . . . . . . ! . . . . . . . . . . . . फिर किचन में आ कर सभी के लिए☕ चाय और नास्ता बनाने में लग गी. . . .


    राम राम