"झमाझम बारिश में एक दुल्हन भाग रही थी… और किस्मत उसे मौत के सामने ले आई।" सायरा की ज़िंदगी में सबकुछ उस दिन बदल गया, जब उसकी शादी की रात ही उसने एक ऐसा खौफनाक मंजर देख लिया जो उसकी रूह तक हिला गया। उसने सोचा था, वो बच जाएगी… लेकिन वो नहीं जानत... "झमाझम बारिश में एक दुल्हन भाग रही थी… और किस्मत उसे मौत के सामने ले आई।" सायरा की ज़िंदगी में सबकुछ उस दिन बदल गया, जब उसकी शादी की रात ही उसने एक ऐसा खौफनाक मंजर देख लिया जो उसकी रूह तक हिला गया। उसने सोचा था, वो बच जाएगी… लेकिन वो नहीं जानती थी कि जिसे वो देख रही है, वो कोई आम इंसान नहीं—बल्कि अंडरवर्ल्ड का सबसे खतरनाक नाम है—रेहान मलिक। एक मर्डर की अकेली गवाह बनने के बाद सायरा के पास अब सिर्फ दो रास्ते थे: या तो मौत… या रेहान की दुल्हन बनकर जीना। वो निकाह जो इश्क़ से नहीं, डर और मजबूरी से जुड़ा था… वो रिश्ता जो नफरत से शुरू हुआ, पर हर मुलाक़ात के साथ दिल की गिरफ़्त में बदलता चला गया। लेकिन क्या एक मासूम लड़की, उस दुनिया का हिस्सा बन सकती है जहाँ प्यार से ज़्यादा वफ़ादारी माँगी जाती है… और ग़लती की सज़ा सिर्फ मौत होती है? "ये उसकी दुनिया थी – और अब सायरा उसकी 'माफिया ब्राइड' बन चुकी थी।"
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झमाझम बरसात हो रही थी; चारों तरफ घना अंधेरा फैला था; आकाश में काले बादल छाए हुए थे; लगातार बिजलियाँ कड़क रही थीं, जैसे आसमान किसी गुस्से में हो। तेज़ हवाओं के थपेड़ों में पेड़ झूम रहे थे। सड़कों पर पानी बह रहा था। ये तूफानी बारिश, जो थमने का नाम नहीं ले रही थी, जाने कितनों की ज़िंदगियाँ तबाह करने वाली थी।
गरजते बादल, कड़कती बिजली, बरसती बूँदें, बहते पानी के आवाज़ों से भी तेज़ थी किसी के कदमों की आवाज़... जो इस तूफानी बारिश में वो कदम लगातार आगे बढ़ते जा रहे थे।
एक लड़की...
सिर से पाँव तक भीगी हुई...
गोल्डन दुल्हन का लिबास, जो अब कीचड़ और बारिश में गंदा हो चुका था। हाथों में चूड़ियाँ, जो डर से काँपती उंगलियों के साथ छनक रही थीं। पाँव में पायल थी, लेकिन आज उसकी आवाज़ में घुंघरूओं की मिठास नहीं, सिर्फ भागने की बेचैनी थी।
वो भाग रही थी... किसी डर से... किसी मौत से।
बारिश उसकी आँखों से बहते आँसुओं में छुप रही थी।
बाल चेहरे से चिपके थे। लहंगे का घेरा फँसता, फिर छूटता।
पर वो रुकी नहीं, अपनी हथेलियों से बहते आँसुओं को पोंछते हुए वो लगातार भागती रही।
"बस थोड़ा और... थोड़ा और... मुझे वहाँ से निकलना है... Come on, सायरा! You can do it.... तुझे यहाँ से बचकर निकलना ही होगा, अगर तू उनके हाथ आ गई तो वो तेरी ज़िंदगी बर्बाद कर देंगे; तुझे खुद को बचाना ही होगा।"
उसे नहीं पता था कि वो कहाँ जा रही है। उसे बस किसी भी तरह अपनी जान बचाकर यहाँ से निकलना था। उसके कानों में बस एक ही आवाज़ उसके कानों में गूंज रही थी—"भागो!" वो खुद को लगातार हिम्मत दे रही थी और उस तूफानी बारिश में पूरी भीगी हुई, अपने लहंगे को संभाले, उन अंजान सड़कों पर भागे जा रही थी।
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सायरा भागते-भागते एक सुनसान जगह पहुँच चुकी थी; जहाँ आस-पास कोई नहीं था, सिर्फ घने पेड़, मिट्टी की सोंधी खुशबू और बारिश की गूँज। अँधेरी गलियाँ, जहाँ से उसे न कोई रास्ता नज़र आ रहा था और न ही मंज़िल।
उसने भीगी पलकों को उठाकर नज़रें आस-पास घुमाईं और रुककर गहरी-गहरी साँसें लेने लगी। कुछ नॉर्मल हुई तो थोड़ा आगे बढ़ी। अभी वो कुछ आगे बढ़ी ही थी कि अचानक उसकी आँखें सामान्य से बड़ी हो गईं और आगे बढ़ते कदम ठहर गए।
सामने एक मैदान जैसा इलाका था जहाँ एक काली गाड़ी खड़ी थी। उसके ठीक सामने तीन लोग खड़े थे।
एक... जिसकी काली शर्ट उसकी आँखों जितनी गहरी थी।
लंबा, चौड़ा, पर चेहरे पर एक अजीब सी खामोशी।
हाथ में चाकू... ताज़ा खून से लथपथ। सायरा की ओर उसकी पीठ थी, तो वो उसका चेहरा नहीं देख सकी, पर उसके हाथ में खून से सने चाकू को देखकर उसकी धड़कनें डर से काँप गईं।
दूसरा लड़का, जिसने एक अधेड़ उम्र के आदमी को पकड़ा हुआ था – उसका पेट फटा हुआ था, खून बह रहा था।
वो आदमी दर्द से चिल्ला रहा था –
"माफ कर दो... मैंने सब बता दिया..."
लेकिन वो चाकू वाला लड़का शांत था।
उसने एक बार देखा... और चाकू सीधा उसके दिल में उतार दिया।
ये खौफनाक नज़ारा देखकर सायरा की आँखें फटी की फटी रह गईं। उसके होंठों से डर के मारे चीख निकलने वाली थी, पर उसने खुद को जबरदस्ती रोक लिया और अपने मुँह को अपनी दोनों हथेलियों से कसके दबा लिया।
"ये... ये तो मर्डर है... ओह गॉड! मैंने क्या देख लिया... सायरा, calm down..... Don't panic..... अगर तेरे मुँह से ज़रा भी आवाज़ निकली तो ये लोग तुझे भी ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे और ये तेरी लाइफ़ का आखिरी दिन बन जाएगा। Relax.... शांत हो जा और इससे पहले कि इनकी नज़र तुझ पर पड़े और ये तेरी जान ले, चुपचाप यहाँ से निकल जा, समझ ले कि तूने कुछ देखा ही नहीं है।
वैसे ही तेरी लाइफ़ में इतनी प्रॉब्लम्स हैं, तुझे और किसी नई मुसीबत में नहीं पड़ना है। तुझे बस किसी भी तरह यहाँ से अपनी जान बचाकर निकलना है।"
सायरा ने फुसफुसाते हुए खुद को समझाया। गहरी-गहरी साँसें लेकर खुद को शांत किया, हालाँकि डर से उसकी हालत खराब थी। दिल ज़ोरों से धड़क रहा था, हाथ-पैर बिल्कुल सुन्न पड़ गए थे।
सायरा ने खुद को संभाला, अपने भीगे लहंगे को संभालते हुए मुड़ी और जैसे ही भागने के लिए कदम बढ़ाया, पीछे से तीखी, भारी, डरावनी सी आवाज़ आई –
"रुको!"
सायरा के आगे बढ़ते कदम ठहर गए और उसका पूरा शरीर काँप उठा। डर के मारे उसने अपनी आँखों को कसके भींच लिया। अपने तरफ़ बढ़ते कदमों की आवाज़ वो साफ़ सुन पा रही थी। डरते-डरते वो पीछे को पलटी।
उसके ठीक सामने वो दोनों शख्स खड़े थे जो उसके लिए बिल्कुल अंजान थे और उसकी तरफ़ बढ़ रहे थे। एक सर से लेकर पैर तक काले रंग में रंगा था, चेहरा भी कवर था और अपनी नीली आँखों को खतरनाक अंदाज़ से उसे घूर रहा था; तो दूसरा चेहरे पर कोल्ड एक्सप्रेशन के साथ उसकी ओर बढ़ रहा था।
पहले वाले के हाथ में अब भी वो छुरी मौजूद थी, चेहरे और कपड़े पर कुछ खून के छींटे भी मौजूद थे जो बारिश की बूँदों से कुछ हद तक धुल चुके थे। दूसरे वाले ने गन पकड़ी हुई थी और निशाना वो थी। ये देखकर सायरा की आँखें फटी की फटी रह गईं, डर के मारे उसके हाथ-पैर काँपने लगे और अपनी आँखों को कसके भींचते हुए बड़बड़ाने लगी
"सायरा, तू तो आज गई काम से; ये दोनों यमराज आज तुझे ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे; अगर अपनी जान प्यारी हो तो भाग यहाँ से।"
सायरा ने झटके से अपनी आँखें खोलीं, लहंगे को अपनी मुट्ठियों में भींचते हुए हल्का ऊपर उठाया और उल्टी दिशा में भागने लगी। ये देखकर दोनों लड़कों की आइब्रो खतरनाक अंदाज़ में सिकुड़ गईं।
"पकड़ो उसे, उसने सब देख लिया है।" वही पहले वाली डरावनी आवाज़ सायरा के कानों से टकराई। साथ ही एक दूसरी आवाज़ भी आई
"अरे लड़की, रुक! सुनाई नहीं दिया तुझे.... तू हमसे बचकर नहीं भाग सकती, रुक जा वरना अभी बेमौत मारी जाएगी।"
ट्रिगर पर उंगली रखते हुए दूसरे लड़के ने धमकी दी, जिसे सुनकर पल भर को सायरा के कदमों की रफ्तार धीमी पड़ी।
"पागल मत बन, सायरा! अगर रुकी तो ये तो उस आदमी के तरह तुझे भी जान से मार देंगे और किसी को कानों-कान खबर भी नहीं होगी। वहाँ से जान बचाकर भागी और यहाँ जान से जाएगी।... कुछ मत सोच, बस भाग...."
सायरा ने एक बार फिर अपनी स्पीड बढ़ा दी और झट से दूसरी तरफ़ मुड़ गई। अगले ही पल उस सन्नाटे में गोली की तेज़ आवाज़ गूँजी और सायरा की आँखें बंद हो गईं।
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कैसी लगी आपको कहानी की शुरुआत? लाइक एंड कॉमेंट करके बताइये।
सायरा ने एक बार फिर अपनी स्पीड बढ़ा दी और झट से दूसरी तरफ़ मुड़ गई। अगले ही पल उस सन्नाटे में गोली की तेज़ आवाज़ गूँजी, और सायरा की आँखें बंद हो गईं; धड़कनें थम गईं, डर से चेहरा पीला पड़ गया।
पल भर को उसे लगा जैसे उसके जिस्म से जान निकल गई, साँसें थम गईं। तभी कीचड़ में उसका पैर फिसला, और वो मुँह के बल सड़क पर जा गिरी। पीछे से लगातार गोलियाँ चलने की आवाज़ें आ रही थीं।
डरी-सहमी सायरा को जब एहसास हुआ कि वो अब भी ज़िंदा है, तो उसने सर घुमाकर पीछे देखा। अब वहाँ उन दो लड़कों के अलावा और भी कई लड़के मौजूद थे, जिन्होंने उनके ही जैसे काले कपड़े पहने हुए थे; सभी कहीं न कहीं छिपे हुए थे, और लगातार फायरिंग हो रही थी।
सायरा कुछ पल फटी आँखों से ये नज़ारा देखती रही, फिर उसने खुद को संभाला और धीरे-धीरे सड़क पर लेटे हुए ही आगे बढ़ने लगी।
"सायरा, अब तो दो से इतने हो गए। अगर तू इनकी नज़र में आ गई, तो ये तुझे ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे। बिना आहट और आवाज़ किए चुपचाप यहाँ से निकल जा, इसी में तेरी भलाई है।"
मन ही मन बड़बड़ाते हुए सायरा दूसरी दिशा में बढ़ने लगी। कुछ आगे जाकर वो उठकर खड़ी हुई। अपने हाथ को देखा, जो जगह-जगह छिल गया था; दर्द भी हो रहा था, पर अभी इस दर्द से ज़्यादा ज़रूरी उसके लिए उसकी जान थी।
वो एक बार फिर दौड़ी; कभी झाड़ियों की टहनियाँ उसके लहंगे को खींचतीं, तो कभी पैर में कंकड़ चुभने पर उसके कदम लड़खड़ा जाते। पर वो बिना रुके बस भागती जा रही थी, अंजान रास्ते, अंजान मंज़िल, बस अपनी जान की चिंता...
वो तेज़ी से दौड़ती हुई सुनसान जंगल से निकलकर अब एक कच्ची सड़क पर आ गई थी। लेकिन बारिश अब भी रुकने का नाम नहीं ले रही थी।
सायरा ने पलटकर पीछे देखा, फिर गहरी-गहरी साँसें लेने लगी।
"बच गई!"
अभी वो पूरी तरह से रिलैक्स भी नहीं हुई थी कि तभी अचानक सामने चार-छह लड़के आ गए। बारिश में सर से पैर तक भीगी सायरा, दुल्हन के जोड़े में किसी अप्सरा सी लग रही थी। उसकी चढ़ी साँसें, बिखरे बाल, और भीगा चेहरा... उसकी खूबसूरती बढ़ा रहा था।
"अरे देखो तो सही... दुल्हन हमारी मोहब्बत में भीग रही है।"
आँखें मूँदे खड़ी सायरा के कानों में जैसे ही ये शब्द पड़े, उसने तुरंत अपनी आँखें खोल दीं। नज़रें सीधे सामने खड़े आवारा लड़कों पर गईं, जो भद्दी सी मुस्कान होंठों पर सजाए, गंदी निगाहों से उसे ऊपर से नीचे तक देख रहे थे।
"इतनी खूबसूरत लड़की... और अकेली भी?
आज तो किस्मत खुल गई रे भाई!"
दूसरे वाले लड़के ने सिगरेट फेंकते हुए कहा; उसकी बात सुनकर बाकी सब घिनौनी हँसी हँसने लगे।
सायरा रुक गई... आँखों में डर उतर आया। एक बार फिर धड़कनें बढ़ गईं।
सामने खड़े ये लड़के उसे इंसान कम और हैवान ज़्यादा लग रहे थे। एक जगह से जान बचाकर भागी, तो यहाँ इज़्ज़त खतरे में पड़ गई।
"प्लीज़... मुझे जाने दो... मैं बस रास्ता भटक गई हूँ..." सायरा ने अपने डर को काबू में करने की कोशिश की, पर उसकी ज़ुबान काँप गई। उसे यूँ घबराते देखकर उन लड़कों ने एक-दूसरे को देखते हुए कुछ इशारा किया, और उसकी ओर बढ़ते लगे।
"हम रास्ता दिखा देंगे... कहो तो तुम्हे तुम्हारे घर तक छोड़कर भी आ जाएंगे लेकिन पहले हमारे साथ थोड़ा... इश्क़ कर ले। हमारी आज की रात को रंगीन कर दे,उसके बाद तू जो कहेगी वही करेंगे।"
उनकी आँखों में लस्ट भरी थी; उन्हें अपनी ओर बढ़ते देखकर सायरा घबरा गई, और अनजाने में अपने कदमों को पीछे की ओर घसीटने लगी।
"नहीं, सायरा, तुझे डरना और घबराना नहीं है। तूने इससे भी मुश्किल सिचुएशन डील की है; हिम्मत रख, और भाग।"
सायरा ने एक बार फिर दौड़ना शुरू कर दिया। जहाँ से आई थी, वापिस उसी दिशा में दौड़ गई। कुछ देर बाद अचानक ही उसके कदम ठिठक गए। सामने खून से सनी लाशों के बीच वो गन वाला गुंडा खड़ा था, और खूनी रंग में रंगी लाल आँखों से उसे ही घूर रहा था।
सायरा ने घबराकर सर घुमाकर पीछे देखा। वो आवारा लड़के भी अजीब तरह से उसे घूरते हुए उसकी ओर बढ़ रहे थे।
"हर रास्ता मौत की तरफ़ क्यों जाता है..." सायरा परेशान सी बड़बड़ाई। एक तरफ़ कुआँ था, तो दूजे तरफ़ खाई। एक तरफ़ जान गँवाती, तो दूसरे तरफ़ इज़्ज़त जाती। उसे कुछ समझ नहीं आया, और उसने दूसरी दिशा में दौड़ लगाई।
वो दोनों तरफ़ से बड़े-बड़े पेड़ों से घिरा, जंगल से होकर गुज़रने वाला कच्चा रास्ता था, जो दूसरे तरफ़ मेन रोड पर निकलता था; और बारिश के वजह से जगह-जगह गट्ठों में पानी भरा था, कीचड़ ही कीचड़ थे, और पेड़ भी टूटकर गिरे हुए थे।
भागती हुई, हाँफती हुई, उसकी आँखें कुछ देख ही नहीं रही थीं; वो बस गिरते-संभलते हुए बदहवास सी भागे जा रही थी। वो किसी तरह मेन रोड पर पहुँची ही थी कि अचानक उसके सामने एक तेज़ रफ़्तार कार आ गई।
सायरा फ़ुल स्पीड में दौड़ने के कारण अचानक से रुक नहीं सकी, और संभलते-संभलते में भी उस काली कार से टकरा गई।
फ़िज़ाओं में ब्रेक की तीखी आवाज़ गूँजी, और तेज़ झटके के साथ कार रुक गई। सायरा टकराकर नीचे सड़क पर जा गिरी... वो लगभग बेहोशी की हालत में थी; उसमें अब ज़रा भी हिम्मत नहीं बची थी।
बरसात अब भी हो रही थी। वो आवारा लड़के, जो तेज़ी से सायरा की ओर बढ़ रहे थे, ये सीन देखकर ठहर गए।
कुछ सेकंड बाद कार का दरवाज़ा खुला, और ब्लैक अम्ब्रेला के साथ एक शख्स ने कार से बाहर कदम रखा। उसने सर घुमाकर अपनी गहरी काली आँखों से उन लड़कों को घूरा, तो सब घबराकर वहाँ से भाग गए।
बारिश की बूँदों को चीरते हुए वो धीरे-धीरे सायरा की ओर बढ़ने लगा। काली शर्ट, काली पैंट, भारी बूट्स, और हाथ में ब्लैक अम्ब्रेला। चेहरा शांत, पर आँखों में अजीब सी चमक।
जलती हुई सिगरेट को होंठों पर लगाते हुए कश भरने लगा, और हल्का झुकते हुए उसने सायरा को देखा।
सायरा अर्ध-बेहोशी की हालत में जा चुकी थी; शरीर में बिल्कुल हिम्मत नहीं बची थी, पलकें भारी हो रही थीं। उसने अधखुली आँखों से अपने पास मौजूद उस शख्स को देखा, जिसका चेहरा भी उसे धुँधला नज़र आया।
"प्लीज़... बचा लो... वो मुझे मार डालेंगे..." सायरा के होंठ फड़फड़ाए, और उसकी आँखें बंद हो गईं।
उस शख्स की नज़रें सायरा के गले के हार पर पड़ीं, और फिर उसके फटे हुए लहंगे पर। उसकी झुकी पलकें और माथे से बहते खून को देखकर उसके होंठों पर अजीब सी मुस्कान फैल गई।
"बाहर मौत से भागकर... अब खुद मौत के दरवाज़े पर आ गिरी हो, बार्बीगर्ल।"
उसने सायरा के भीगे बिखरे बालों को उसके चेहरे पर से हटाया, फिर निगाहें पीछे खड़े अपने बॉडीगार्ड की ओर घुमाते हुए बोला,
"कार में बिठाओ इसे।"
बॉडीगार्ड उसके ऑर्डर फॉलो करते हुए तुरंत आगे बढ़ा, और जैसे ही सायरा को उठाने लगा, उस शख्स की भौंहें अजीब अंदाज़ में सिकुड़ गईं।
"रुको!" उसकी कोल्ड वॉइस वहाँ गूंज उठी। बॉडीगार्ड तुरंत पीछे हट गया, और सर झुकाकर खड़ा हो गया।
"डोर खोलो।" ऑर्डर देते हुए वो शख्स झुका, और सायरा को अपनी बाँहों में उठा लिया। बॉडीगार्ड ने गेट खोला, और सायरा को लेकर वो अंदर बैठ गया। कार तेज़ रफ़्तार में वहाँ से निकल गई।
सायरा बेहोश थी, लेकिन उसके होंठ अब भी काँप रहे थे...
वो कुछ कह रही थी... उसके फड़फड़ाते होंठों से कुछ बिखरे हुए शब्द बाहर आ रहे थे, जिन्हें सुनना या समझना नामुमकिन था। भीगे चेहरे पर डर साफ़ झलक रहा था।
वो शख्स कुछ अलग अंदाज़ से उसे देख रहा था; होंठों पर तिरछी मिस्टीरियस मुस्कान फैली हुई थी। अपनी ज़िंदगी में आने वाले तूफ़ान से अंजान सी सायरा, बेहोशी की हालत में उस जगह से दूर जा रही थी।
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सायरा की आँखें धीरे-धीरे खुल रही थीं। सिर में हल्का दर्द, बदन थका हुआ और मन में एक भारी बोझ। उसकी झुकी पलकों के आगे आज जो हुआ, सब एक-एक करके आने लगा। बारिश में भागना, वो सुनसान जगह, खून, चाकू, डरावनी आँखें, अंजान शख्स, गोलियों की आवाज़, उन आवारा लड़कों का पीछे पड़ना और फिर... एक्सीडेंट।
सायरा की चीख निकल गई। वो झटके से उठकर बैठ गई और नज़रों को चारों ओर दौड़ाया।
रूम काफी बड़ा और रॉयल अंदाज़ में डेकोरेटेड था—भारी मखमली पर्दे, डार्क वुड फ़र्नीचर, और खिड़की से आती रिमझिम बारिश की आवाज़। एंटीक चीज़ों से सजा वो रूम देखने में काफी खूबसूरत लग रहा था।
"मैं... कहाँ हूँ?" सायरा खुद को एक अंजान जगह देखकर सहम गई। उसने घबराकर खुद को देखा और उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं। उसने सिर्फ़ एक पतली सी ब्लैक शर्ट पहनी हुई थी, जो उसे काफी बड़ी और लूज़ आ रही थी। कंधे से नीचे सरकती शर्ट से उसका क्लीवेज दिख रहा था। टाँगे खुली थी।
सायरा ने खुद को चेक किया और हड़बड़ी में बेड से उतरकर रूम में मौजूद बड़े से ड्रेसिंग टेबल की ओर दौड़ गई। उसने आगे-पीछे घूमकर खुद को अच्छे से मिरर में देखा।
"लग तो रहा है कि तू बिल्कुल ठीक है। कुछ नहीं हुआ है तेरे साथ, पर तू है कहाँ? ये कौन सी जगह है और तेरे कपड़े किसने बदले? ये पट्टी..."
सायरा ने अपनी उंगलियों से माथे पर बंधी पट्टी को छुआ। अभी वो खुद में ही उलझी हुई सी खड़ी थी कि उसके कानों में कुछ अजीब सी आवाज़ पड़ी और वो हड़बड़ी में दौड़कर जाकर वापस बेड पर लेट गई। खुद को अच्छे से ब्लैंकेट से कवर करते हुए अपनी आँखें बंद कर ली।
रूम का दरवाज़ा खुला, एक जोड़ी कदमों ने रूम में कदम रखा और नज़र सीधे बेड की तरफ़ घूमी। वहाँ लेटी सायरा पर नज़र पड़ते ही उसके होंठों पर तिरछी मुस्कान फैल गई। धीमे कदमों से वो उसकी ओर बढ़ गया।
आँखें बंद किए लेटी सायरा को अपनी ओर बढ़ते कदमों की आहट सुनाई दे रही थी। जैसे-जैसे आवाज़ बढ़ रही थी, उसकी धड़कनों का शोर भी बढ़ता जा रहा था।
उस शख्स के कदम बेड के पास आकर ठहर गए। कॉफ़ी मग नाइट स्टैंड पर रखा और सायरा के पास बैठ गया। अंजान में सायरा डर के मारे खुद में सिमट गई। जिसे देखकर उस शख्स की आँखें शैतानी अंदाज़ में चमक उठीं। उसने अपनी हथेली सायरा के सर के पास बेड पर रखी और उसके चेहरे की ओर झुकने लगा।
सायरा ने अपनी मुट्ठियों में ब्लैंकेट को भींच लिया। अपने लबों को कसके दबाते हुए आँखें कस ली। कुछ ही लम्हों बाद उसे किसी की गरम साँसें अपने चेहरे पर बिखरती महसूस हुई। इससे ज़्यादा उससे बर्दाश्त नहीं हुआ, उसने झटके से अपनी आँखें खोल दीं, निगाहें सीधे उन गहरी काली निगाहों से जा टकराईं।
"ये आँखें..." उसके होंठ फड़फड़ाए और उलझन भरे एक्सप्रेशन चेहरे पर नज़र आने लगे।
"क्या हुआ, देखा है पहले कभी इन आँखों को?" सर्द ठहरी हुई गंभीर आवाज़ सायरा के कानों से टकराई और उसकी आँखें बड़ी-बड़ी हो गईं।
"ये आवाज़ तो..." कहते-कहते जैसे ही उसकी नज़र उन गहरी काली घूरती आँखों पर पड़ी, वो एकदम से चुप हो गई।
"क्या हुआ, अपना सेंटेंस कंप्लीट करो। कुछ कह रही थी न तुम... ये आँखें देखी हैं कहीं, ये आवाज़ पहले कभी सुनी है?"
उस शख्स का सवाल सुनकर सायरा की आँखों के आगे वो नीली आँखें आ गईं जो ऐसे ही उसे घूर रही थीं और उसने झट से घबराकर इंकार में सर हिला दिया।
"नहीं नहीं... मैंने पहले कभी इन आँखों को नहीं देखा, कहीं ये आवाज़ नहीं सुनी... मैं नहीं जानती तुम्हें..."
वो शख्स कुछ पल उसे घूरता रहा, फिर पीछे हट गया। ब्लैंकेट को अपनी मुट्ठियों में भींचे सायरा ने अपनी आँखें बंद कर लीं।
"बच गई सायरा, वरना ये शख्स अपनी आँखों से ही तेरा कत्ल कर देता... पर घूरने का अंदाज़, ये आवाज़ सब तो उस नीली आँखों वाले जैसा था, पर आँखें तो इसकी काली हैं। ये कैसे पॉसिबल है?"
"गुड मॉर्निंग, मिस बार्बी डॉल। अब उठ ही गई हो तो कॉफ़ी पियो।"
सायरा के कानों में वही अट्रैक्टिव सी आवाज़ पड़ी और उसने चौंकते हुए अपनी आँखें खोल दीं। उस शख्स अब उसके सामने, उससे कुछ दूरी पर अपनी चेयर लगाए, किसी किंग जैसे पूरे गुरूर के साथ बैठा कॉफ़ी पी रहा था।
"कॉफ़ी..."
उसने निगाहें घुमाकर नाइट टेबल पर रखे कॉफ़ी मग की ओर इशारा किया।
सायरा ने पहले उसे देखा, फिर कॉफ़ी मग को देखकर मन ही मन सोचने लगी।
"सर तो दर्द हो रहा है और भूख भी लगी है। पी लूँ क्या कॉफ़ी... नहीं नहीं सायरा ये तेरे लिए एक मिस्टीरियस स्ट्रेंजर है। अगर इसने कॉफ़ी में कुछ मिलाया होगा और उसके बाद तेरे साथ कुछ उल्टी-सीधी हरकत कर ली तो?... नहीं नहीं... तू इतना बड़ा रिस्क नहीं ले सकती। तू इसका दिया पानी भी नहीं पिएगी।"
"पी लो एंड डोंट वरी, मैंने उसमें कुछ नहीं मिलाया है। रिमेंबर तुम इस वक़्त मेरे ही घर में, मेरे ही बेडरूम में, मेरे ही बेड पर हो। ट्रस्ट मी, अगर मुझे तुम्हारे साथ कुछ करना ही होता तो रात कम नहीं थी उसके लिए।"
सायरा आँखें बड़ी-बड़ी करके हैरान-परेशान सी उसे देखने लगी।
"ये क्या टेलीपैथी जानता है या माइंड रीडर है... इसे कैसे पता चल गया कि मैं क्या सोच रही हूँ?"
"तुम्हारा चेहरा पढ़ सकता हूँ मैं, जिस पर साफ़-साफ़ लिखा है कि तुम क्या सोच रही हो, इसलिए अब सोचना छोड़ो और कॉफ़ी पियो। अगर ट्रस्ट नहीं तो मैं इसे पी लेता हूँ, तुम इसे पी लो, डेफ़िनेटली इसमें तो मैंने कुछ नहीं मिलाया होगा।"
उसने जैसे ही अपना मग उसकी ओर बढ़ाया, सायरा हड़बड़ाते हुए बोल पड़ी—
"नहीं नहीं, मैं तुम्हारा झूठा नहीं पिऊँगी।"
"ओके देन।"
उसने कॉफी मग अपने लबों से लगा लिया। सायरा उठकर बैठ गई। जैसे उसके मन की बातें उसने पढ़ ली थीं। सायरा उसके सामने झेंप गई थी और अब तो उसे कुछ सोचने में भी डर लगने लगा था। उसने झिझकते हुए कॉफ़ी मग उठा लिया, शर्ट को थोड़ा एडजस्ट किया और कॉफ़ी की सिप लेने लगी।
"जानता हूँ बहुत से सवाल उठ रहे हैं तुम्हारे मन में, जिनके जवाब तुम मुझसे चाहती हो, एंड ट्रस्ट मी, अगर तुम मुझे नहीं भी घूरोगी तब भी कॉफ़ी पीने के बाद मैं तुम्हें तुम्हारे सवालों के जवाब दे दूँगा।"
उस शख्स ने उड़ती नज़र सायरा पर डाली, जिसकी नज़रें लगातार उसे घूर रही थीं। सायरा ने झेंपते हुए उस पर से अपनी निगाहें हटा लीं।
दोनों ने खामोशी से अपनी कॉफ़ी खत्म की। जैसे ही उस लड़के ने कॉफ़ी मग टेबल पर रखा, सायरा झट से बोल पड़ी—
"कौन हो तुम...? कौन सी जगह है ये और मैं यहाँ क्यों हूँ? ये मेरे कपड़े किसने बदले?"
सायरा ने पहले तो एक साँस में ही सब पूछ लिया, पर जैसे ही नज़र उस शख्स के कोल्ड लुक्स और घूरती निगाहों पर गई, वो एकदम से चुप हो गई और नर्वसनेस में अपने होंठ को दाँतों से काटने लगी।
"बहुत से सवाल हैं न तुम्हारे मन में, मुझे भी तुमसे कुछ सवाल करने हैं, पर एक प्रॉब्लम है, मुझे झूठ और झूठ बोलने वालों दोनों से सख्त नफ़रत है। अगर मैं कुछ पूछूँ और मुझे जवाब न मिले या कोई झूठ कहकर मुझे बेवकूफ़ बनाने और धोखा देने की कोशिश करे तो गुस्से से पागल हो जाता हूँ मैं और उसके बाद उस इंसान को मेरे हाथों मरने से कोई नहीं बचा सकता।"
अभी तक तो वो शख्स प्यार से बात कर रहा था और अचानक ही भयानक राक्षस बन गया था। उसकी धमकी सुनकर सायरा घबरा गई, नज़र जब उसके हाथ में पकड़े चाकू पर गई तो आँखों के आगे वो सीन घूम गया जब उसने उस नीली आँखों वाले लड़के के हाथ में खून से सनी छुरी देखी थी।
सायरा का चेहरा डर से पीला पड़ गया और घबराहट के मारे दिल जोरों से धड़कने लगा।
"समझ आई मेरी बात या रिपीट करने की ज़रूरत है?"
उस शख्स ने चाकू को हाथ में घुमाते हुए तिरछी निगाहों से सायरा को देखा, जो डर से खुद में सिमट गई थी।
सायरा ने हड़बड़ी में सर हिला दिया, "नहीं नहीं... रिपीट करने की ज़रूरत नहीं, मैं सब समझ गई। मैं जो भी कहूँगी, सच ही कहूँगी।"
"ठीक है, चलो पहला सवाल तुम करो।"
"त...तुम कौन हो?" सायरा ने डरते-डरते सवाल किया। उस चाकू को देखकर उसकी जान गले में अटकी हुई थी और उसके डरे-सहमे चेहरे को वो शख्स खूब एन्जॉय कर रहा था।
"रेहान मलिक... मेरा नाम ही मेरी पहचान है।" रेहान ने गुरूर भरे अंदाज़ में जवाब दिया। सायरा ने मन ही मन उसके नाम को दोहराया और गौर से उसे देखने लगी, जैसे पहचानने की कोशिश कर रही हो।
"लगता है यहाँ की नहीं हो, तभी रेहान मलिक को नहीं जानती।" रेहान ने उसे ऑब्ज़र्व करते हुए कहा और सायरा ने उस पर से अपनी निगाहें फेर लीं।
"नाउ इट्स माय टर्न।"
सायरा के मन में धुकधुकी सी मच गई और वो घबराई हुई सी उसे देखने लगी।
"इन आँखों को पहले कभी देखा है, इस आवाज़ को कहीं सुना है? सच-सच जवाब देना, वरना अंजाम के लिए तैयार रहना।"
रेहान ने उस चाकू को बेतरतीबी से सायरा के चेहरे पर घुमाया। सायरा की साँसें अटक गईं और दिल की धड़कनें भी थम गईं। उसने थूक निगलते हुए अपने सूखते गले को तर किया और नज़रें चुराते हुए धीरे से सर हिला दिया।
"ज़ुबान दी है भगवान ने तुम्हें, अगर यूज़ नहीं करना तो कहो, अभी ज़ुबान काट देता हूँ तुम्हारी।" रेहान की कड़क भारी आवाज़ उस कमरे में गूँजी और सायरा डर के पीछे खिसक गई।
"जवाब नहीं दिया तुमने?" रेहान की घूरती निगाहें सायरा को नर्वस कर गईं।
"दे...देखा है..."
"कहाँ देखा है?"
इस सवाल पर सायरा घबराहट में अपनी हाथ की उंगलियों को आपस में उलझाने लगी। रेहान ने चाकू उसके गले पर लगा दिया और हल्का दबाव बनाते हुए पूछा—
०००००००००००
"कहाँ देखा है?"
इस सवाल पर सायरा घबराहट में अपनी हाथ की उंगलियों को आपस में उलझाने लगी। रेहान ने चाकू उसके गले पर लगा दिया और हल्का दबाव बनाते हुए पूछा—
"जवाब।"
"कल रात देखा था।" सायरा की धीमी सी आवाज़ बाहर निकली।
"कल रात क्या देखा था तुमने?"
रेहान की डरावनी आवाज़ सुनकर सायरा डर गयी और सिर हिलाते हुए बड़बड़ाते लगी, "मैंने कुछ भी नहीं देखा... मैं कुछ नहीं जानती.... मुझे कुछ नहीं पता... please मुझे कुछ मत करना।"
"झूठ से नफरत है मुझे, कहा था ना मैंने।" रेहान ने सायरा के बालों को अपनी मुट्ठियों में भींचते हुए उसके चेहरे को अपने करीब कर लिया और गुस्से से उसे घूरने लगा।
सायरा डर से काँप गयी और डबडबाई आँखों से उसे देखने लगी।
"मुझे सच में कुछ नहीं पता.... मैं कुछ भी नहीं जानती... मैं जानबूझकर वहाँ नहीं आई थी, गलती से पहुँच गयी थी। मुझे नहीं पता वहाँ क्या हो रहा था... मैंने तुम्हें नहीं देखा... वहाँ वो नीली आँखों वाला लड़का था, उसकी आवाज़ तुम्हारे जैसी थी पर तुम्हारी आँखें अलग हैं...
मैं किसी को कुछ भी नहीं बताऊँगी, मैं भूल जाऊँगी सब कुछ.... मुझे यहाँ से जाने दो, मैं कभी दोबारा तुम्हारे सामने नहीं आऊँगी, किसी के आगे भूलकर भी इन सब बातों का ज़िक्र नहीं करूँगी, बस मुझे छोड़ दो... मुझे इतनी जल्दी मरना नहीं है।"
सायरा गिड़गिड़ा रही थी, उसका पूरा शरीर डर से काँप रहा था, आँखें आँसुओं से भरी थीं, पर रेहान को इन सबसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा। सायरा के बालों को छोड़कर वो पीछे हटकर बैठ गया।
"क्या रही थी तुम कल वहाँ?"
"मैं भागते-भागते वहाँ पहुँच गयी थी, मुझे नहीं पता था कि वहाँ ऐसा कुछ हो रहा होगा, वरना मैं कभी वहाँ नहीं जाती।"
"भाग क्यों रही थी तुम?"
"मैं अनाथ हूँ। मैं यहाँ से भी नहीं हूँ, मेरे अंकल झूठ बोलकर मुझे यहाँ लेकर आए थे। मुझे यहाँ आकर पता चला कि उन्होंने मेरी शादी तय कर दी है। मैंने उन्हें बहुत कहा कि मुझे शादी नहीं करनी, पर उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी और मैं वापस इंडिया न चली जाऊँ इसलिए मेरा वीज़ा और पासपोर्ट छीन लिया।
वो मेरी मर्ज़ी के खिलाफ मेरी शादी करवा रहे थे, जिससे करवा रहे थे वो अच्छा नहीं था। गलत कामों में इन्वॉल्व था। मैंने उनकी बातें सुनी थीं। मेरे अंकल ने मुझे उसे बेचा था और मेरा यूज़ करने के बाद वो मुझे किसी और को बेचने वाला था और फिर मुझे इन्हीं कामों में लगा देता। मुझे ऐसी लाइफ नहीं चाहिए थी इसलिए मैं मौका पाकर अपनी जान बचाकर वहाँ से भाग गयी।"
"झूठ तो नहीं कह रही मुझे?"
"नहीं, मैं सच कह रही हूँ।" रेहान कुछ पल उसे इंटेंस निगाहों से देखता रहा, शायद उसके चेहरे को पढ़कर सच और झूठ की पहचान करने की कोशिश कर रहा था, पर उन आँखों में उसकी सच्चाई नज़र आ रही थी।
"एक और मौका दे रहा हूँ। अगर कुछ छुपा रही हो या कुछ झूठ कहा है तो अभी बता दो, अगर मेरे इन्वेस्टिगेशन में मुझे पता चला कि तुमने मुझसे झूठ कहा है या मुझसे कुछ छुपाया है, मुझे धोखा देने की कोशिश की है तो उसी पल जान से मार दूँगा तुम्हें।"
रेहान की धमकी सुनकर सायरा के एक्सप्रेशन कुछ बिगड़े, पर जल्दी ही उसने खुद को संभाल लिया।
"मैंने जो भी कहा है, सच कहा है।"
"ओके। बहुत जल्द ये पता चल जाएगा। अभी तो तुम मुझे ये बताओ कि मेरे आने पर तुम जाग रही थी, फिर सोने का नाटक क्यों कर रही थी?"
रेहान ने आइब्रो उठाते हुए सवाल किया। सायरा की चोरी रंगे हाथों पकड़ी गयी थी। एम्बेरेसमेंट से उसका चेहरा लाल पड़ गया और सकपकाते हुए उसने उस पर से नज़रें हटा लीं।
"जवाब देना है तुम्हें।"
"मैं नहीं देती जवाब। एक-एक सवाल की बात हुई थी और तुम तो तब से बस मुझसे सवाल पर सवाल ही किए जा रहे हो, मेरी टर्न तो आने ही नहीं दे रहे।"
अपनी झेंप को सायरा ने गुस्से के पीछे छुपाया और चिढ़ते हुए मुँह बना लिया। उसकी इस अदा पर अनजाने तौर पर रेहान के होंठ हल्के से खिंच गए।
"पूछो क्या पूछना है तुम्हें?"
"मैं यहाँ कैसे आई?"
"जिस कार से तुम्हारी टक्कर हुई, वो मेरी ही कार थी।"
सायरा की आँखें फटी की फटी रह गयीं।
"सत्यानाश हो तेरा सायरा,जिससे अपनी जान बचाने के लिए बचकर भाग रही थी उसी की कार से टकरा गयी।"
"और कुछ पूछना है?"
रेहान की आवाज़ कानों से टकराई और सायरा चौंकते हुए अपने ख्यालों से बाहर आई, "तुमने कहा था कि ये तुम्हारा घर है, तुम्हारा रूम है। तुम जानते थे कि मैंने तुम्हें मर्डर करते देख लिया था। उस वक्त अगर मैं वहाँ से बचकर नहीं निकलती तो तुम मुझे मरवा देते, फिर जब मेरी तुम्हारी कार से टक्कर हुई तो तुमने मुझे वहीं मरने के लिए क्यों नहीं छोड़ दिया? मुझे मारने के बजाय मुझे यहाँ क्यों लेकर आ गए? मेरा ट्रीटमेंट भी करवाया।"
"मैंने वहाँ तुम्हें मारने का नहीं, तुम्हें पकड़ने का ऑर्डर दिया था।"
रेहान का जवाब सुनकर सायरा हैरानी से उसे देखने लगी। "मतलब तुम मुझे मारने वाले नहीं थे?"
"बिल्कुल नहीं, अलग-अलग गुनाह के लिए अलग-अलग तरह की सज़ा दी जाती है और लड़कियों को इतनी आसानी से मौत की सज़ा नहीं देता मैं, खासकर तुम्हारी जैसी ब्यूटीफुल और यंग लड़की को।"
चेहरे पर खतरनाक भाव लिए, होंठों पर तिरछी मुस्कान सजाए, जिस अंदाज़ में रेहान ने उसे देखा, सायरा काँप गयी और खुद में सिमटने लगी।
"डोन्ट वरी, मैं फ़ोर्सफुल्ली कुछ भी नहीं करता और अभी मेरा ऐसा कुछ भी करने का कोई मूड नहीं है, तो तुम यहाँ सेफ हो, पर सिर्फ़ तब तक जब तक अपना मुँह बंद रखोगी और मेरी बात मानोगी।"
रेहान की वार्निंग सुनकर सायरा ने थूक निगलते हुए अपने सूखते गले को तर किया और झिझकते हुए बोली,
"मेरे कपड़े किसने बदले?"
"मैंने।" रेहान ने तुरंत ही जवाब दिया और वो बिल्कुल नॉर्मल था। वहीं सायरा के चेहरे का रंग उड़ गया, वो फटी आँखों से शॉक सी उसे देखती ही रह गयी।
"कितने बड़े बेशर्म आदमी हो तुम,एक अंजान लड़की के कपड़े चेंज करते शर्म नही आई तुम्हे और अब कितनी प्राउडली बता भी रहे हो।"
गुस्से और शर्म की शिद्दत से सायरा का चेहरा लाल हो गया।
"रिलैक्स, नहीं बदले मैंने तुम्हारे कपड़े, डॉक्टर आयी थी, उन्होंने चेंज किया था।"
अब जाकर सायरा की जान में जान आयी। उसने अपनी आँखों को बंद किया और मन ही मन बड़बड़ाई,
"थैंक गॉड, इसने मेरे कपड़े चेंज नहीं किए......तुम्हारे झूठ के चक्कर में अभी हार्ट अटैक आ जाता मुझे।"
आखिरी के शब्द उसने रेहान से कहे थे, अपनी नाराज़गी भी ज़ाहिर की थी, पर वो बिल्कुल नॉर्मल ही रहा।
"अब मेरे सवाल का जवाब दो, जब तुम उठ चुकी थी तो सोने का नाटक क्यों कर रही थी? मुझे पहचानकर भी अनजान क्यों बन रही थी?"
"मैं डर गयी थी कि पता नहीं कौन होगा और क्या करेगा मेरे साथ, इसलिए मैंने सोने का नाटक किया और मैं श्योर नहीं थी। तुम्हारी आँखों का कलर अलग है, उसकी तो ब्लू आइज़ थीं, लेकिन आवाज़ सेम थी। जिससे मुझे डाउट हुआ, पर मैं मरना नहीं चाहती थी इसलिए मैंने ऐसा शो किया कि मैंने तुम्हें नहीं पहचाना....
लेकिन अब तो तुम सब जान गए। मैंने तुम्हें प्रॉमिस भी कर दिया कि मैं सब भूल जाऊँगी, किसी से कुछ भी नहीं कहूँगी, अब तो तुम मुझे नहीं मारोगे ना, मुझे यहाँ से जाने दोगे ना?"
सायरा बड़ी ही उम्मीद से उसे देख रही थी। रेहान कुछ जवाब देता उससे पहले ही गेट पर नॉक हुआ और उसके साथ-साथ सायरा का ध्यान भी उस तरफ़ चला गया।
"आ जाओ अंदर।"
गेट खुला और सर झुकाए दो बॉडीगार्ड जैसे आदमी अंदर आए। रेहान का इशारा समझते हुए उन्होंने हाथ में मौजूद शॉपर्स काउच पर रखे और वापिस चले गए।
"तुम्हारी ज़रूरत की सभी चीज़ें आ चुकी हैं, जाकर फ्रेश हो जाओ।"
रेहान ने जैसे ही वहाँ से उठना चाहा, सायरा ने हड़बड़ी में उसके हाथ को पकड़ लिया।
रेहान की भौंहें तन गयीं और घूरती निगाहें उसकी ओर घूम गयीं, जिससे सायरा घबरा गयी।
"सॉरी, मैं बस तुम्हें रोक रही थी, तुमने अभी तक मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया और जाने लगे, बस इसलिए...."
हड़बड़ी में इतना कहकर वो सहमी निगाहों से उसे देखने लगी।
रेहान हल्का सा झुका और उसकी आँखों में आँखें डालते हुए सीरियस अंदाज़ में जवाब दिया,
"जब तक मैं ये नहीं पता लगवा लेता कि तुम्हारी कही बातें सच हैं या नहीं, तुम्हें यहाँ से कहीं जाने की परमिशन नहीं है, बट तुम्हें डरने या घबराने की भी ज़रूरत नहीं है। जब तक तुम मेरी बात मानोगी, मेरे साथ लॉयल रहोगी, तुम यहाँ बिल्कुल सेफ हो, पर अगर तुमने मुझसे झूठ बोलने, धोखा देने के बारे में सोचा भी तो ये तुम्हारे लिए डेंजरस हो सकता है... जस्ट रिमेंबर दिस..."
धमकी देते हुए रेहान वहाँ से चला गया और सायरा बस फटी आँखों से उसे देखती ही रह गयी। घबराहट के वजह से उसके माथे पर पसीने की बुँदें उभर आयी थीं।
"रिलैक्स सायरा, तुझे डरने या घबराने की बिल्कुल भी ज़रूरत नहीं। तूने कुछ भी गलत नहीं किया है, जो कहा है सच ही कहा है।"
सायरा ने गहरी साँस छोड़ी और उठकर काउच के पास आ गयी। पर अब भी वो पूरी तरह से नॉर्मल नहीं हुई थी, कुछ था जो उसे परेशान कर रहा था।
०००००००००००
"रेहान भाई, आप उस लड़की को यहाँ क्यों लेकर आ गए? हो सकता है उसे हमारे दुश्मनों ने प्लान करके भेजा हो, उसका कोई मोटिव हो। उसे ऐसे यहाँ लाना खतरे से खाली नहीं है।
उसने हमें मर्डर करते भी देख लिया था। उसका रहना हमारे लिए डेंजरस हो सकता है। हमें उसे वहीं मारकर खत्म कर देना चाहिए था। गुनाह के साथ उसका सबूत भी मिटा देते तो आगे हमें कोई खतरा नहीं होता।"
"हमारे माफिया वर्ल्ड के भी कुछ रूल्स एंड रेगुलेशन हैं। किसी भी इनोसेंट को मारना हमारे प्रिंसिपल्स के अगेंस्ट है। इसलिए सिर्फ इसलिए कि उस लड़की ने हमें मर्डर करते देखा है, उसे मारना ठीक नहीं है। पहले हमें उसके बारे में सारी इंफॉर्मेशन निकालनी होगी, उसके बाद डिसाऐड किया जाएगा कि उसके साथ करना क्या है।"
"पर भाई, उसे ऐसे छोड़ना भी तो ठीक नहीं है, ये हमारे दुश्मनों की साज़िश हो सकती है, ये लड़की आगे चलकर हमारे लिए खतरा बन सकती है। मारते नहीं, पर उसे यहाँ भी नहीं लाना चाहिए था।"
"अज़ान, मुझे पता है कि मैं क्या कर रहा हूँ। अगर उस लड़की को यहाँ रखा है तो उसके पीछे भी वजह है। बेहोश होने से पहले उसने हेल्प माँगी थी मुझसे, और रेहान मालिक कभी किसी को निराश नहीं करता। कमज़ोरों पर वार करना मेरे उसूलों के खिलाफ़ है।
इसलिए जब तक हमें उसके बारे में सारी बातें पता नहीं चल जातीं कि वो कौन है? कहाँ से है? वहाँ क्या कर रही थी? उसकी बताई कहानी सच है या वो हमें धोखा देने की कोशिश कर रही है? सच में इनोसेंट है या किसी की सोची-समझी प्लानिंग के तहत यहाँ आई है, तब तक वो यहाँ हमारी गेस्ट बनकर रहेगी।"
"भाई, वो एक अंजान है। ऐसे आँख बंद करके उस पर भरोसा करना, यहाँ रहने देना कहीं हमारे लिए खतरा न बन जाए। अगर वो हमारे दुश्मनों से मिली हुई होगी तो…"
"अभी ऐसा कुछ साबित नहीं हुआ है, अज़ान। जल्दी से जल्दी उसके बारे में सब पता करो, तब तक वो यहाँ रहेगी, पर उसकी हर हरकत पर हमारी नज़र होगी, वो चाहकर भी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी। तुम इन सब की टेंशन छोड़ो और पता करवाओ कि उसने जो बताया वो सच है या सिर्फ कहानी। उसके बाद उसकी ज़िंदगी का फैसला किया जाएगा।"
"भाई, अगर उसकी कहीं बातें सच हुईं तो क्या आप हमारे आई विटनेस को ऐसे ही छोड़ देंगे?"
अज़ान का ये सवाल सुनकर रेहान के चेहरे पर मिस्टीरियस एक्सप्रेशन उभरे, आँखें खतरनाक अंदाज़ में सिकुड़ीं और होंठों पर शैतानी मुस्कान फैल गई।
अज़ान आगे कुछ कहने ही वाला था कि एकदम से चुप हो गया। रेहान ने उसकी नज़रों का पीछा किया और निगाहें पीछे खड़ी सायरा पर जाकर ठहर गईं। जो डरी-सहमी खुद में सिमटी हुई खड़ी, घबराई निगाहों को चारों ओर घुमाते हुए सब देख रही थी।
खूबसूरत सी मैक्सी ड्रेस, कंधे व पीठ पर लहराते खुले सुनहरे बाल, आपस में भींचे हुए लब और चारों तरफ नाचती आँखें। चेहरे पर डर और घबराहट लिए वो एक प्यारी सी जीती-जागती बार्बी डॉल लग रही थी।
निगाहें घुमाते हुए जैसे ही सायरा की नज़र रेहान पर पड़ी, उसके एक्सप्रेशन कुछ नॉर्मल हुए, पर जैसे ही नज़र उसके पास खड़े अज़ान और उसकी घूरती आँखों पर गई, उसकी आँखों के आगे वो बारिश वाला सीन आ गया जब अज़ान ने उस पर गन तानी थी।
डर से सायरा के हाथ-पैर ठंडे पड़ने लगे, फटी आँखों से घबराई हुई सी उसे देखने लगी।
"अज़ान, तुम जाओ, हम बाद में इस बारे में बात करते हैं।"
रेहान का ऑर्डर मिला और सायरा को घूरते हुए अज़ान वहाँ से चला गया। सायरा अब भी डरी-सहमी हुई सी खड़ी, घबराई निगाहों से उसे देख रही थी।
"बार्बी डॉल कम हेयर," रेहान की अट्रैक्टिव वॉयस कानों में पड़ी तो सायरा ने अज़ान पर से नज़रें हटाकर उसे देखा। रेहान ने आँखों से ही उसे अपने पास आने का इशारा कर दिया। घबराते हुए सायरा धीमे कदमों से उसके पास चली आई।
"खुद से रूम से बाहर क्यों निकली तुम और यहाँ किससे पूछकर आई, अपनी जान से प्यार नहीं तुम्हें?"
सायरा के बिखरे बालों को कान के पीछे करते हुए रेहान ने आइब्रो चढ़ाते हुए सवाल किया। लहज़ा नॉर्मल और शांत था पर तीखी निगाहें उसे ही घूर रही थीं।
सायरा आँखें बड़ी-बड़ी करके उसे देखने लगी।
"जवाब दो, यहाँ क्यों आई थी तुम?"
"मुझे भूख लगी थी, मैं तुम्हें ढूँढते-ढूँढते यहाँ आ गई, पर दोबारा मैं ऐसी गलती नहीं करूँगी। मैं वापिस रूम में चली जाती हूँ और अब जब तक तुम नहीं कहोगे मैं बाहर नहीं निकलूँगी, तब तो तुम मुझे नहीं मारोगे ना?"
डरी-सहमी सायरा क्यूट और इनोसेंट सी हिरणी जैसी लग रही थी। रेहान के होंठों पर तिरछी मुस्कान फैल गई।
"मौत के सामने खड़ी हो और ज़िंदगी की उम्मीद करती हो… चलो, माफ़ किया तुम्हें, नहीं मारता तुम्हें, पर याद रहे ये मेरा घर है, कोई गार्डन नहीं कि जब दिल किया जहाँ मर्ज़ी घूमने निकल गई। यहाँ कदम-कदम पर तुम्हारी जान को खतरा है, तो एक-एक कदम सोच-समझकर बढ़ाना।
जब तक तुम मेरी बात मानती हो, तभी तक सेफ़ हो, अंडरस्टैंड?"
सायरा ने झट से सर हिलाते हुए हामी भर दी और पलटकर वापिस रूम में जाने ही लगी थी कि रेहान ने उसकी कलाई थाम ली।
"भूख लगी थी ना तुम्हें, तो अब वहाँ कहाँ जा रही हो, चलो मेरे साथ।"
सायरा को तो कुछ कहने का मौका ही नहीं मिला। रेहान उसे अपने साथ ले जाने लगा और वो नज़रें आस-पास घुमाते हुए उसके साथ चलने लगी।
वहाँ मौजूद सर्वेंट और रेहान के आदमी फटी आँखों से ये नज़ारा देख रहे थे। उनका बॉस, जिसे मौत का फ़रिश्ता कहा जाता था। रेहान मालिक, जिसका नाम सुनकर सामने वाले के पसीने छूट जाते थे, माफ़िया की दुनिया पर राज करने वाला उनका किंग, जो अपनी क्रुएलिटी के लिए जाना जाता था, एक मामूली सी लड़की के साथ इतना सोफ्टली बिहेव कर रहा था, वो भी उस लड़की के साथ जो आई विटनेस बनकर उनके लिए खतरा बन चुकी थी।
"नाम क्या है तुम्हारा?"
रेहान ने सायरा के सामने बैठते हुए सवाल किया। उसका सवाल सुनकर सायरा के माथे पर परेशानी की लकीरें खिंच गईं, कुछ घबरा भी गई, पर जल्दी ही उसने खुद को संभाल लिया।
"सायरा… सायरा कुरेशी।"
"इंडिया से यहाँ कैसे आ गई?"
"अंकल झूठ बोलकर लाए थे। वो यही काम करते थे।"
रेहान ने कुछ सोचा, फिर सर हिला दिया। "चलो ब्रेकफास्ट करो।"
सायरा ने अपने सामने रखी प्लेट को देखा, फिर नज़रें रेहान की ओर उठाई जो खाना शुरू कर चुका था।
"मुझे कब तक यहाँ रहना होगा?"
"जब तक मैं तुम्हें जाने के लिए न कहूँ।"
"अगर मेरी कहीं बातें सच साबित हुईं तो तुम मुझे छोड़ दोगे ना?"
"ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।"
रेहान ने बिना किसी एक्सप्रेशन के जवाब दिया, पर उसका ये जवाब सुनकर सायरा के चेहरे का रंग उड़ गया।
"तुम कहना क्या चाहते हो? क्या तुम मुझे यहाँ से जाने नहीं दोगे? मुझे यहाँ अपने पास कैद करके रखोगे? मुझे नहीं रहना है यहाँ, मुझे यहाँ से जाना है, मैं नहीं रहूँगी यहाँ…"
घबराहट में वो एक साँस में सब बोल गई। रेहान ने अब सर उठाया और भौंहें सिकोड़े खतरनाक अंदाज़ में उसे घूरने लगा।
"ये तुम नहीं, मैं डिसीड करूँगा कि तुम्हारे साथ क्या करना है और क्या नहीं। इसलिए अगर ज़िंदा रहना चाहती हो तो चुपचाप वो करो जो करने तुम्हें कहा गया है।"
"देखो, मैं जानबूझकर वहाँ नहीं गई थी और मेरा कोई इंटेंशन नहीं था वो सब देखने का। मैंने जो कहा सच कहा था, मैं तुमसे प्रॉमिस कर रही हूँ कि किसी को कुछ नहीं बताऊँगी। यहाँ रहूँगी भी नहीं, वापिस इंडिया चली जाऊँगी। तुम मुझे जाने दो ना, मैं हर पल मौत के खौफ़ में नहीं रह सकती। मैंने तो कुछ भी नहीं किया है, फिर तुम मेरी जान के दुश्मन क्यों बने हो?"
"मिस सायरा कुरेशी, ये मेरी दुनिया है, यहाँ लोग अपनी मर्ज़ी से आते ज़रूर हैं पर जाते तब हैं जब मैं चाहता हूँ और तुम्हें अब यहाँ से जाने की इज़ाज़त नहीं है।
पहले मैं तुम्हारे बारे में सब इंफ़ॉर्मेशन निकलवाऊँगा, उसके बाद अगर तुम्हें सच्चाई साबित हुई, तब फैसला किया जाएगा कि तुम्हारे साथ क्या करना है। तब तक आराम से यहाँ रहो और दोबारा मुझसे ये सब बातें मत करना, एक ही बात बार-बार रिपीट करने की आदत नहीं है और मुझे दोबारा तुम्हें ये सब न समझाना पड़े, इसी में तुम्हारी भलाई है।
याद रहे अगर बार-बार यहाँ से जाने की ज़िद की तो हमेशा के लिए यहाँ कैद हो जाओगी और किसी को खबर तक नहीं होगी।"
रेहान की धमकी सुनकर सायरा फटी आँखों से उसे देखती रह गई। उसने आँखों से वार्निंग दी, सायरा ने हड़बड़ी में उस पर से नज़रें हटा ली और सर प्लेट में घुसा लिया। रेहान की कही बातें उसके कानों में गूंज रही थीं और दिल घबराहट के मारे ज़ोरों से धड़क रहा था।
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