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aman aj acha देवास उसकी तरफ पलटा तो दूसरी तरफ एक 45 साल के आसपास दिखने वाला दुबला पतला सा इंसान था। उसके शरीर की हालत इतनी कमजोर थी इसकी वह बड़ी मुश्किल से खड़ाहो पा रहा था। उसने सर पर एक लाल रंग के कपड़े को बंद रखा था। शरीर पर एक धोती थी जो उसने नीचे पहन रखी थी और ऊपर फिलहाल के लिए उसने सूती का कपड़ा पहन रखा था जो काफी मिला था। देवास में उसे गौर से देखा और फिरकहा , “तुम तो एक इंसान हो....ओह तुम नहीं जानते तुम्हें देखकर मुझे कितनी खुशी हुई मैं पूरे 5 सालों के बाद किसी और इंसान को देख रहाहूं। ” वह पीछे की तरफ हट गया मगर अभी उसने अपनी तलवार को देवास की तरफकर रखा था , “देखो मेरे साथ यह बकवास मत करो, चुपचाप रखने को वापस दे दो वरना मैं तुम्हारे गदर काट दूंगा। ” देवास में नशे को वापस निकाल और उसेदेते हुए कहा , “हां ठीक है लेलो, मैं इस लक्ष्य को अकेले करूंगा अभी क्या, अगर यह दुनिया का नक्शा है तो हम साथ में लेकर इस दुनिया में जाएंगे। ” नक्शे को जड़ से अपने पास किया और फिर तलवार से देवांश को इशारा करते हुए कहा , “चलो अब निकलो यहां से।” वह देवास को दूर जाने के लिए कह रहा था मगर दीवार से इसके बावजूद उसके पास के आते हुएबोला , “नहीं मुझे तुम्हारी मदद चाहिए। अगर तुम्हें मेरी किसी तरह की मदद चाहिए तो मैं तुम्हारी मदद करूंगा। लेकिन तुम इस तरह से मुझे जाने का मतकहो, यह नक्शा जिस दुनिया का है मुझे उसके बारे में जानना है क्या तुम्हें पता है यह दुनिया कहांपर है 9” उसने अपने चेहरे पर गुस्सा दिखाया औरबोला , “क्या तुमने मुझे बेवकूफ समझा है तुम नहीं जानते यह दुनिया कहां पर है? बताओ क्या तुम लुटेरे हो? मैं पहले भी कहीं लुटेरे का सामना कर चुकाहूं। मैंने उनको जान से मार दिया है दो की खबर दो मेरी झोपड़ी के नीचे तभी हुई है। अगर तुमने भी मुझे लूटने की कोशिश की तो मैं तुम्हें भी मार कर वहीं पर गढ़ दूंगा।” देवास ने अपने हाथों को ऊपर किया और मना करते हुएबोला , “नहीं नहीं मैं कोई लुटेरा नहीं हूं बल्कि मेहता एक मुसाफिर हूं जो नई दुनिया की खोज में निकला है। मैंने मेरे गांव वालों को हमेशा कहा है नई दुनिया है मगर वह लोग कभी नहीं मानते थे बस कुछ लोग थे जिनके मन था एक नई दुनियाहै। और देखो आज तुम्हारे पास जो नक्शा मिला उससे यह बात पक्की हो गई की दुनिया है और मैंने उसेढूंढ लिया है। उमम, यह तो नहीं कहा जा सकता मैं उसे ढूंढ लिया लेकिन मैं तुम्हें ढूंढ लिया है और तुम्हारे पास अगर यह नक्शा है तो तुम्हें इस दुनिया के बारे में जरूरपता होगा।” उसे तलवार को नीचे किया और गुस्सेसे बोल , “यह तुम क्या बकवास कर रहे हो मेरे साथ? क्या तुम्हारा दिमाग खेला हुआ है जो तुम इस तरह की बहकी-बहकी बातें कर रहेहो? ” देवास उसके पास आने लगा तो उसने फिर से तलवार को देवास की तरफ कर लिया देवासने उसे कहा , “नहीं, मैं अपनी जगह पर सही हूं बस मुझे इस दुनिया के बारे में पता नहीं तो मैं काफी एक्साइटेड होकर अपनी बातें कह रहा हूं जो तुम्हें अजीब लगारही है। ” देवास बातें कर रहा था तभी उसकी जेब से छोटा राम को बाहर निकाला और उसने सामने के आदमी की तलवार को देखकर गुस्से से अपने मुंह को उसकी तरफ खोला और उसके ऊपरआज फेंकी। अलग यह आज दो इसे ज्यादा आगेनहीं जाती थी। पर सामने का आदमी इस ड्रैगन को देखकर डर गया और वह जोरसे चिल्लाने लगा , “अरे यह क्या चीज है तुम्हारे पास यह तुमने अपने इतिहास क्या कर रखा है क्या तुम कोई जादूगर हो यह सब तो जादू करो कि पास ही होता है। सच-सच बोलो कहीं तुम जादूगर हो चैन के बेटे तो नहीं? जो दुनिया के सबसे बड़े जादूगरहै? ” देवास में सोने वाला चेहरा बनायाऔर कहां , “अच्छा तो तुम जिस दुनिया से हो वहां पर जादूगर भीहै, और वहां का सबसे बड़ा जादूगर यह जादूगर चैनहै। क्या मैं बड़ा आदमी है बताओ मुझे क्या मैं दुनिया में बुराई बुलाने का कामकर रहा है? अगर मैं दुनिया का सबसे बड़ा जादूगर है तो वह अहंकारी भी होगा और अहंकारी लोग अक्सर बुराई फैलाने काकाम करते हैं। बताओ क्या दुनिया के सारे लोग उसकी बुराई सेआतंकित है? जरूर मैं उसे करने के लिए पैदा हुआ हूं एक बड़े जादूगर को जिसका नाम है जादूगरचैन। ” मैं आदमीसामने से बोल , “नहीं नहीं वह तो अच्छे आदमी है वह अपने जादू से सबकी भलाई करते हैं।” यह सुनकर देवांश के कंधे नीचे हो गए क्योंकि उसे तो लग रहा था जैसे उसे अपना दुश्मन मिल गयाहो। वही सामने के आदमी ने अपने तलवार को नीचे तो नहीं किया था मगर उसके पकड़ ढीली पड़ने लग गई थी क्योंकि वह थक चुका था उसके शरीर मेंजान नहीं थी। उसने अपनी तलवार को फिर से जोर लगाकर ऊपर करते हुएकहा , “ तुम बताओ तुम कौन हो? और तुम्हारे पास यह आग निकलने वाला जानवर क्याकर रहा है? ” देवास में गहरी सांसली और उससे कहा , “मैं तुम्हें सब बता दूंगा। लेकिन इसके लिए तुम्हें अपनी तंवर नीचे करनी होगी। मैं तुम्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचने वाला, और अगर मैं तुम्हें नुकसान पहुंचाने का सोचा भी होता तो तुम्हारी यह त्यौहार मेरा कुछ भी नहींबिगाड़ पाती। ” उसे आदमी ने जोर से अपनी तलवार को देवास की तरफकिया और , “मैंने कहा ना तो मुझे कमजोर समझने की भूल मत करो मैं कई सारे लोगों को मार चुका हूं मैंतुम्हें भी मार दूंगा। ” देवास नाम अपने दोनों हाथों की अंगूठे को कसकर बंद किया औरजोर से बोल , “थेफायर। ” जैसे ही उसने यह कहा वह आपसे जलने लगा और सामने का आदमी डर करपीछे हो गया। देवासने उसे कहा , “जिस तरह तुम मेरे छोटे रिंकू को देखकर डर गए उसे हिसाब से यह बात साफ है तुमने ताकतवर लोगों को नहींदेखा है, और नहीं ऐसे लोगों को जो अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हैं, तुम अपनी दुनिया के बहुत ही मामले व्यक्ति हो जो शायद बड़ी मुश्किल से अपने जीवन यापनकर रहा है, तुम्हारे शरीर की हालत देखकर भी यही लग रहा है तुम्हें ठीक से दो वक्त खाना भीनहीं मिलता। ” देवास के चलते हुए शरीर को देखकर उसने अपनी परिवार फेंक दी और अपने हाथ जोड़कर उसके सामनेबैठ गया , “प्लीज मुझे मतमारना, मैं बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचा रहा हूं और यहां पर कोई लुटेरे नहीं आए मैं झोपड़ी के नीचे भी किसी को नहीं मार कर गड़ा मैं तो बस तुम्हें डराने के लिएकह रहा था, मैंने पिछले चार सालों में पहली बार यहां किसी इंसान को दिखाहै, मैं खुद तुमसे डर गया था और मुझे लगा कहीं तू मुझेमारना तो, अब तेरे कंचन जगह पर दो इंसान एक दूसरे के लिए दुश्मन हीहोते हैं, मुझे यह भी लगा कहीं तुम ऐसे राज्य से नहीं हो जो हमारेदुश्मन है, प्लीज मुझेमारना मत ” देवास ने अपनी आंख को शांत किया और फिर उसके पास आकर उसे दोनों कंधों से पकड़ करखड़ा किया , “फिक्र मत करो मैं तुम्हें यहां पर मरने वाला नहीं हूं और ना ही मैं तुम्हें यहां करने के लिएआया हूं। मैं पहले ही बता चुका मैं एक मुसाफिर हूं जो दूसरी दुनिया की खोज में निकला है। आओ औरआकर बैठो। ” जन्माष्टमी को एक जगह पर बिठाया जो उसने ही बना कर रखी थी वह पत्थर की एक बड़ी सी टेबल थी जो शायद उसने बड़ी मुश्किल से यहां पर लेकर आई थी और फिर उसे बैठने के लिए बनायाथा। उसे वहां पर बैठने के बाद देवास वही नीचे जमीन परबैठ गया। उसे आदमी ने दिमाग को नीचे जमीन पर बैठे हुए देखा तो मैं अपनी जगह से खड़ा हुआ औरबोला , “तुम मेरे मेहमान हो तो तुम नीचे नहीं बैठोगे बल्कि मैं नीचे बैठा हूं तुम यहां परबैठो? ” देवास ने अपना हाथ करके उसे मनाकिया और कहा , “नहीं यहां पर तुम हीबैठोगे, मेरे लिए तुम मेरे मार्गदर्शक हो और तुम्हें ही पता है दूसरी दुनिया कहां पर है, इसलिए मैं हमेशा तुम्हारी रिस्पेक्टकरूंगा। ” मैं आदमी हैरान होते हुए वापस बैठगया। देवासने उसे कहा , “सबसे पहले मैं तुम्हें अपने बारे में बताता हूं, मेरा नाम देवांश है और मैं भगवान निर्वाण का दसवां अवतार हूं, मैं इस दुनिया में जन्म लिया है ताकि मैं बुराई का खात्मा कर सुकून, जैसा मैंने अपने नौ जनों में किया। इस बार का अवतार मेरे बाकी के अवतारों से अलग था, मैं इस बार एक ऐसी जगह पर जन्म लिया जो पूरी दुनिया से अलग थी और उन्हें यह तक नहीं पता था क्या बाहर की दुनिया में किसी दुनिया का वजूद है भी या फिर नहीं। मेरे पिता का नाम लखन था और मेरी माता का नामआहुति। 10 साल तक मैं वहां पर रहा और एक बड़े खतरे का मैं सामनाकिया, मैंने कुछ आंड करो कुंबरा और फिर मैं दूसरी दुनिया को ढूंढने के लिएनिकल गया। अपने इस सफर के दौरान मैंने एक बर्फ वाले राक्षस का खात्मा किया और फिर एक टापू पर पहुंचा जहां पर मुझे यह छोटूराम को मिला। फिर अगले 2 सालों तक मुझे कुछ भी खास नहीं मिला और 2 साल खत्म होते-होते में यहां पर पहुंचा जहां पर मुझे तुममिले। मैं इस दुनिया में पैदा हुआ हूं ताकि मैं बुराई का खात्मा कर सकूं और उसे खत्म कर सकूं जो यहां पर बुराई का नेतृत्वकर रहा है।” उसे आदमी ने हमें सेहिलाया। देवास की हर एक बात पर उसने ऐसे ही हमें सिर्फ लाया था मगर किसी तरह का कोईरिएक्शन नहीं दिया। देवांश को अजीब लगा कि उसने कुछकहा नहीं। वरना उसके गांव में जब लोगों ने सुना था मैं निर्माण का अवतार है तो सब उसके आगे हाथ जोड़कर खड़े हो गए थे और उसके नाम का जैसे काला करने लगेथे। देवासने उससे पूछा , “क्या तुम्हें यह सुनकर हैरानी नहीं हुई मैं भगवान निर्माण काअवतार हूं? और नहीं है सुनकर कि मैंएक अवतार हूं?” वह आदमी अपने चेहरे पर है रानी परेशानीदिखाते हुए बोला , “क्या मुझे इस पर हैरानी होनी चाहिएथी? ओह, लेकिन यह भगवान निर्माण हैकौन? अगर कुछ पता होता तो मैं जरूर हैरानहोता। ” उसे आदमी को हैरानी हो या फिर ना हो मगर देवास को हैरानी जरूर हो रही थी जो वह भगवान निर्माण का नाम नहींजानता था। भगवान हनुमान उन तीन भगवानों में से थे जिन्होंने पूरे ब्रह्मांड का निर्माण करके इस दुनिया को बनाया था। देवांश अपने चेहरे पर हैरानी दिखाते हुए कहा , “क्या कहा तुम भगवान निर्माण को नहीं जानते हो? क्या तुम इस सृष्टि के रचनाकर्ता को नहीं जानते हो मैं ही हूं तो हूं जिसने यह ब्रह्मांड बनाया और फिर दुनिया बनाई। मेरे साथ हो भगवान और थे जिन्होंने इस काम में मेरी मददकी। ” मैं आदमी सामने से हैरानी दिखाई हुए बोला , “नहीं मुझे तो इस बारे में कुछ भी नहीं पता। जहां तक मुझे पता है हमारी दुनिया को तो भगवान आकना ने बनाया था। उनके उनके साथ उनके चार भगवान और थे और पांचो ने मिलकर इस ब्रह्मांड को बनाया और फिर इस दुनिया को।” देवास अपनी आंखें उठा कर उसे देखनेलगा। वहअपने मन में बोला , “अब यह भगवान आकना कौन है इसके बारे में तुम्हें बिल्कुल भी नहींजानता, मेरे दूसरे दो साथियों का भी यहनाम नहीं है। कहीं ऐसा तो नहीं यही वह बड़ा आदमी है जो इस दुनिया में भगवान बनकर सब पर राज कर रहा है।” देवास नेउससे पूछा , “मुझे बताओ वह रहता कहां पर है इस पूरे एक्शन में वह कौन से महाद्वीपपर रहता है?” वस आदमी जोर-जोर सेहंसने लगा , “मैं कहीं पर भी नहींरहते हैं, यह तो उनकी बनाई गई दुनिया है जहां पर हम जैसे लोग रहते हैं। भगवान का तो भगवान ही ने वह कहां पररहते हैं।” देवास को गुस्सा आ रहा था वहअपने मन में बोला , “यानी कि यह 500 भगवान हमारी तरह ही रह रहे हैं और लोगों को भी उन्होंने ऐसे ही रख रखा हैजैसे हम रखते थे। हमने भी एक दुनिया बनाकर छोड़ दी थी और हम उसे दुनिया से बहुत दूर रहते थे और ऐसा ही यही भगवान कर रहे हैं।” देवास अपने जगह से खड़ा हुआ और अपने चेहरे पर हल्का गुस्सादिखाते हुए , “क्या तुम असली भगवानों के बारे में भी नहीं जानते हो कैसे इंसान हो तुम जैसे भगवानों के बारे में नहींपता। ” मैं आदमी अपने हाथ जोड़कर फिर से देवांश के आगे बैठगया और बोला , “माफ करना मैं भगवानों के बारे में नहीं जानता हूं, नहीं मैं उनकी पूजा करता हूं, मुझे आपके बारे में नहीं पता। हमारी दुनिया में काफी सारे भगवान है, मगर उनमें से मुझे नहीं लगता कोई आपका नाम का है, अगर होगा भी तो मुझे नहीं उसकीजानकारी। हर एक महाद्वीप के अपने अलग-अलग भगवान है तो हो सकता है आप किसी और महाद्वीप के भगवानहो। ” देवास में उसके मुंह से बहुत सारे भगवानों का नाम सुना तो उसे फिर से आश्चर्य हुआ। मैं अपनी जगह पर बैठा और उसे भी बैठने के लिएकहा , “मुझे तुम अपनी दुनिया के बारे में बताओ। जो भी तुम्हें इसके बारे में बताएं मुझे सब बताओ?” देवास में उसे नशे को खोल और उसे अपने सामने रख लिया वह आदमी घुटनों के बोल बेटा और उसे नशे की तरफदेखते हुए , “मुझे समझ में नहीं आ रहा मैं तुम्हें अपनी दुनिया के बारे में क्या बताऊं क्योंकि मुझे भी इसके बारे में ज्यादा नहीं पता है। हमारे गरीब शिक्षा घरों में इसके बारे में जितना बताया गया है मुझे उतना ही पताहै। हमारी दुनिया में कुल सात बड़े-बड़े महाद्वीप हैं, तीन महाद्वीप पूरब की तरफ है और चार महादेव पश्चिम कीतरफ। जो इलाके पूर्व की तरफ है हम उन्हें पूर्व वासी बोलते हैं और जो इलाके पश्चिम की तरफ है उन्हें पूर्व वाले पश्चिम वासी बोलते हैं। मैं इसमे जिस महाद्वीप से हूं उसेआर्य महाद्वीप कहते हैं। यह आर्य महाद्वीप अपने आप में बहुत बड़ा है और साथ अलग-अलग राज्यों से मिलकर बना है। मैं इस महाद्वीप में वैशीली राज्य से हुं। हमारे इस वैशाली राज्य में 56 रियासतें है। सभी में कम से कम दो दर्जन से ज्यादा शहर होंगे।” एक नजर में देवास के सामने इस दुनिया का भौगोलिक परिदृश्य आ गयाथा। देवास ने अपने मन में , “मुझे इस दुनिया का भौगोलिक प्रदर्शन पता चल गया है और यह भी अपने-अपने बहुत बड़ीबात है। यह दुनिया काफीबड़ी है। नवे अवतार के वक्त मैं जिस दुनिया में जन्म लिया था उसमें कुल चार हीमहाद्वीप थे। आकाश जल पृथ्वी और आग। हर एक महाद्वीप में रहने वाले लोग इस महाद्वीप की शक्तियों का इस्तेमाल करते थे नीचे से आकाश वाला आकाश की शक्ति का इस्तेमाल करता था और जल वाला जल की शक्तियों काइस्तेमाल करता था। सबके अपनी अपनी शक्तियों को लेवल हुआ करते थे। लेकिन यहां पर हालात अलगहै। इस बार सात महाद्वीपहैं। वह कौन सी शक्तियों का इस्तेमाल करते होंगे इसकी जानकारीमुझे नहीं है।” देवास में उसे आदमी की तरफ देखा औरपूछा , “इनमें सबसे बड़ा महाद्वीप कौन सा है? सबसे बड़े से मेरा मतलब सबसे ताकतवर महाद्वीप कौन सा है?” उसे आदमीने कंधे हिला कर कहा, “मैं इस बारे में नहींजानता हूं। बाहर की दुनिया में क्या हो रहा है क्या नहीं इसके बारे में मुझे नहीं पता लेकिन मुझे इतना जरूर पता है हमारे आर्य महाद्वीप में क्या हो रहा है। आर्य महाद्वीप में इस वक्त एक लंबा चौड़ा राजनीतिक उथल पुथल मचा हुआ है। ऊपर के राज्यों ने आपस में लड़ाई छेड़ रखी है। वही नीचे के राज्यों में व्यापारिक युद्ध हो रहा है। अब यह 4 साल पहले की बात है अब इस वक्त क्या हो रहा होगा इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता” अपने सारी जिंदगी के एक्सपीरियंस को महसूस करके देवांश को ऐसा लग रहा था जैसे वह बाहरी दुनिया से कोई आने वाला प्राणी है और एक नई दुनिया में जाकर वहां के एक व्यक्ति से मिलकर उसे दुनिया के बारे में जानकारीइकट्ठा कर रहा है। देवास को यह पता नहीं चला इन सातों महाद्वीपों में सबसे ताकतवर महाद्वीप कौन सा है। क्योंकि उसके सामने खड़े शख्स की जानकारी निश्चित थी और उसे बड़ी मुश्किल से अपने महाद्वीप के बारे में ही पता था जो कि आर्य महाद्वीप था। और वह जानकारी भी पूरी नहीं थी। खैर देवास के लिए यही एक अच्छी बात थी किसी दूसरी दुनिया मिल गई थी और सिर्फ मिली नहीं थी बल्कि उसके बारे में काफी कुछ पता चलगया था। आर्य महाद्वीप के ऊपर उंगली रख देवांश ने पूछा , “अच्छा चलो, मुझे यह बताओ यहां के लोग कौन सी शक्तियों का इस्तेमालकरते हैं? ” वह आदमी फिर से नीचे बैठो और अपने हाथ जोड़करबोला, “मुझे गुस्सा मत होना, मुझे इस बारे में भी कुछ नहीं पता है, जो भी लोग सकते इस्तेमाल करते हैं वह काफी बड़े और होते पर होते हैं और हमारी पहुंच उन तकनहीं होती, यहां का एक बस छोटा सा नौकर हूं, और मुझे नहीं पता बड़े लोग क्या करते हैं और कैसे करते हैं? ” देवास में गहरी सांस ली और उसे ज्यादा परेशान करने काअपना फैसला किया। उसने उसे नशे को समझौता और फिर उसे अपने पासरख कर बोला , “ठीक है मेरे लिए इतनी जानकारी काफी है मैं तुम्हें ज्यादा परेशान नहीं करनाचाहता हूं। बाकी की चीज में वहां जाकर पता करलूंगा। मुझे तुम यह बताओ तुम यहां तक कैसे पहुंचे और पिछले 4 सालों से तुम यहां परक्या कर रहे हो? ” मैं आदमी इस बारनीचे ही बैठ गया। उसने काम परहाथों से कहा , “4 साल पहले मैं अपने मालिक के साथ यहां परआया था, मेरे मालिक 22 साल के थे, मैं जिस रियासत से हुं, वो वहां के एक मशहूर जादूगर करते, मगर जादुगर चेन जितने नहीं, मैं उनकी सेवा किया करताथा, उनके परिवार के लोगों को संभालता था, फिर अचानक एक दिन मेरे मालिक मेरे पासआए। मैं उसे वक्त अपने घर पर अपने बच्चों के साथखेल रहा था। वह मुझ पास आए और आकर बोले उन्हें समंदर की आंखको मारना है।” जब आवाज पूछना चाहता था समंदर की आंख क्या चीज है मगर उसने नहीं पूछा। वह बोला , “समंदर की आंख को मारने की हिम्मत आज तक जादूगर चेन्नई भी नहीं की थी, ई शाल हमारे शहर के लोगों को समंदर की आंख को कई सारे जानवरों के मांस की बलि देनी पड़ती थी,”
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