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Mafia obsessed love

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stuty Kumari

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Description

रुद्र खुराना , अंडरवर्ल्ड का बेताज बादशाह होने के साथ साथ एक बहुत बडा बिजनेस मैन भी था । वह अपनी वाइफ आर्यन से बहुत प्यार करता है । तभी एक एक्सीडेंट मे आर्यन की मौत हो जाती है और रुद्र पूरी तरह टूट जाता है । वह आर्यन के जाने के गम मे...

Total Chapters (33)

Page 1 of 2

  • 1. Mafia obsessed love - Chapter 1

    Words: 1192

    Estimated Reading Time: 8 min

    मुंबई

    इस शहर  मे बना एक आलीशान  घर के अंदर बने  एक बेडरूम मे एक ऐसी भव्यता और शान झलक रही थी, जो understated luxury और sophistication को दर्शाती थी। चमचमाती संगमरमर की फर्श पर हल्की, ambient lighting पड़ते ही उसका सौंदर्य और निखर रहा था। दीवारों पर शानदार, hand-painted murals और intricate gold leaf accents सजे थे, जो कमरे के मालिक के बेहतरीन टेस्ट और रईसी को दर्शा रहे थे। कमरे के मध्य में एक custom-made king-size bed था, जिसे मुलायम रेशमी चादरों और oversized plush तकियों से सजाया गया था। इसका भव्य मखमली headboard कमरे में एक अलग ही शान जोड़ रहा था।

    साइड में एक भव्य chandelier छत से लटका था, जिसके crystal prisms रोशनी को परावर्तित कर mesmerizing patterns बना रहे थे। sleek और modern फर्नीचर को समकालीन और vintage टच के साथ बड़ी ही बारीकी से चुना गया था—इतालवी (Italian) leather armchairs, एक bespoke wooden coffee table, और polished chrome console जिस पर दुर्लभ कलाकृतियों (art pieces) का संग्रह था।

    एक विशाल walk-in closet, designer wardrobes और private vanity area के साथ, इस कमरे में exclusivity का अहसास बढ़ा रहा था। floor-to-ceiling windows से शहर का breathtaking skyline दिखाई दे रहा था, और गहरे रंगों के plush velvet curtains उड रहा था ।

    कमरे में एक state-of-the-art sound system और private bar भी था, जिसमें केवल premium liquor का संग्रह था, जो इसके मालिक की refined taste और affluent lifestyle को दर्शा रहा था। यह सिर्फ एक कमरा नहीं था—यह wealth और luxury का एक जीवंत प्रतीक था, जिसे आराम और भव्यता के उच्चतम स्तर को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया था।

    यहा मौजूद  किंग साइज बेड पर  एक लडका लेटा था ।उसने सिल्क के मुलायम  रेड कलर  के नाइट  सूट  पहन रखा था ।

    तभी उस कमरे मे एक लडका आता है । जिसकी हाइट लगभग  छह फीट  छह  इंच  होगी । उसकी शख़्सियत ही कुछ ऐसी थी कि नज़रें उस पर ठहर जाएं। तीखी, शार्प जॉलाइन और गहरे, रहस्यमयी आंखें, जैसे उनमें कोई अनकहा किस्सा छिपा हो । उसकी हल्की-सी मुस्कान में ऐसा आकर्षण था कि सामने वाला खुद को रोक ही न पाए । perfectly sculpted features, ऊँचा कद, और confident चाल—वह ऐसा था कि भीड़ में भी सबसे अलग और सबसे खास लगे । उसकी आवाज़ में एक सधी हुई गहराई थी, जो न चाहते हुए भी दिल में उतर जाती । कुल मिलाकर, वो सिर्फ़ हैंडसम नहीं था, बल्कि एक चार्मिंग पहेली था, जिसे हर कोई सुलझाना चाहता था।

    वह लडका धीरे धीरे चल कर  पहले लडके के पास  जाने लगा । जब उस लडके को यह अहसास  हुआ  तो वह उठकर  बैठते हुए  कहता है -" हब्बी , आप आ गए  ।" वह लडका अपने मासूम सी आवाज  मे बोला ।

    यह लडका आर्यन  था । उसकी खूबसूरती में एक अनछुई मासूमियत थी, जो उसे और भी खास बना देती थी । बड़ी, चमकदार आँखें जैसे किसी बच्चे की तरह साफ और बेगुनाह, जिनमें हर भावना खुलकर झलकती थी । गुलाबी होंठों पर बसी हल्की-सी झिझकती मुस्कान, जो किसी का भी दिल पिघला दे । दूध-सा निखरा रंग और नाज़ुक, लेकिन perfectly defined फीचर्स उसे एक परी-कहानी के राजकुमार जैसा बनाते थे । उसकी बातों में कोई बनावट नहीं थी, हर शब्द सच्चाई और मासूमियत से भरा हुआ । वो इतना सुंदर था कि लोग उसे बस देखते ही रह जाएं, और इतना मासूम कि हर कोई उसे अपनी बाहों में सहेजकर रखना चाहे । इसकी उम्र  लगभग  इक्कीस  साल थी । हाइट  लगभग  पांच फीट  आठ इंच  थी ।

    दूसरा लडका रुद्र  खुराना था , जो इंडिया का नंबर वन बिजनेस मैन  होने के साथ साथ  एक बेरहम  डेविल  था । वह वर्ल्ड  का सबसे बडा माफिया था । वह सरकार  तक को अपनी जेब मे लेकर  घूमता था ।

    रुद्र  धीरे धीरे आगे  बढते हुए  अपने बदन पर मौजूद  कपडे को एक एक कर  खोलते जाता है । बेड तक  पहुंचते पहुंचते उसके बदन  पर  बस एक अंडरवियर  ही रह गया था । अब उसकी परफेक्ट  बाॅडी आर्यन  के सामने थी । जिसे देख कर  वह  अपनी आंखे बंद कर  लेता है । यह देख कर  रुद्र  के चेहरे पर  स्माइल  आ  गई  थी । वह धीरे धीरे चलते हुए आर्यन  के पास  पहुंच कर  उसे अपनी गोद  मे उठाकर  लेता है और  उसे लेकर  वाशरुम  चला जाता है । वही आर्यन  उसके गले मे अपनी बांहें  डाल देता है ।

    आर्यन मूंह फूला कर कहता है -" हब्बी , आप मुझे गोद  मे क्यो लेते है ? मेरे पास  पैर है जिससे मै चल सकता हू ।"

    रुद्र  उसके गाल  पर किस  करते हुए  कहता है -"  जानू, जब मै तुम्हारे पास  हू तो तुम्हे अपने हाथ  पैर को यूज करने की जरूरत  नही है । तुम  मेरे प्रिंस हो तो इसे इंजाॅय  करो ।"

    आर्यन-" ठीक  है , मै भी आर्यन  रुद्र खुराना हू तुम्हे भी लोगो पर शासन  करना आता है । अब मुझे जल्दी से शावर  दिलाए और  फिर  मै सोऊंगा ।"

    रुद्र  उसे वैसे ही गोद  मे लिए  हुए  शावर  के नीचे खडा होकर  कहता है -" OK,  my prince 🤴  as your  wish.  I am  able for your  service. "

    यह कह कर वह  उसे गोद  से नीचे उतार कर  खडा कर  देता है और  उसका  नाइट सूट  उसके बदन से हटाकर  अलग कर  देता है । फिर वह  उसे साबुन लगा कर  साफ करता है और  उसे लेकर  बेड पर  आ जाता है ।

    वह उसके उपर आकर  अपना बाथरोब  हटा देता है । अब वह दोनो ही एक दूसरे के साथ थे । दोनो के बदन पर  एक भी कपडा नही था । उसके बाद  वह उसके होठ पर  अपने होठ रख  कर  उसे एक कैंडी की तरह  चूमने लगा । रुद्र  के लिए  आर्यन  के होठ  एक फेवरेट  कैंडी जैसे ही थे । वह लगभग  पांच मिनट तक  किस करने के बाद  उससे अलग होकर  कहता है -" जानू , open your mouth. उसकी बात मानकर  आर्यन  ने अपना मूंह  खोल  दिया । अब दोनो के जीभ  आपस  मे उलझे पडे थे । वो दोनो एक दूसरे के मूंह  को पूरी तरह एक्सप्लोर कर रहे थे । कुछ देर बाद वो लोग  अलग होते है । रुद्र के होठ धीरे धीरे नीचे जाने लगे और  उसके काॅलर  बोन पर  ठहर गए  । वह  वहा किस  और बाइट कर रहा था । कुछ देर ऐसा करने के बाद वह उसके निपल  को शक करने लगा  । उसने उसके पूरे शरीर को अपने दिए लव बाइट से भर दिया था । फिर वह उसके पैरो को अलग कर उसके समा गया । कुछ देर तक लव मेकिंग करने के बाद दोनो शांत होकर एक दूसरे की बाहो मे थे । दोनो के चेहरे पर सेटिस्फेशन झलक रहा था । रुद्र खुद को और आर्यन को एक चादर से ढक देता है । कुछ देर बाद वह दोनो एक दूसरे की बाहो मे खोए सो रहे थे ।

    अगली सुबह जब आर्यन की नींद खुली तो वह देखता है कि रुद्र वहा से जा चुका है । यह देख कर वह दुखी हो जाता है ।फिर वह उठकर फ्रेश होने चला जाता है ।

    अगले भाग मे जारी .......

    Please comment , follow and share. Take care bye 🙏 👋 😘

  • 2. Mafia obsessed love - Chapter 2

    Words: 1552

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब आगे :-

    उसके उपर आकर  अपना बाथरोब  हटा देता है । अब वह दोनो ही एक दूसरे के साथ थे । दोनो के बदन पर  एक भी कपडा नही था । उसके बाद  वह उसके होठ पर  अपने होठ रख  कर  उसे एक कैंडी की तरह  चूमने लगा । रुद्र  के लिए  आर्यन  के होठ  एक फेवरेट  कैंडी जैसे ही थे । वह लगभग  पांच मिनट तक  किस करने के बाद  उससे अलग होकर  कहता है -" जानू , open your mouth. उसकी बात मानकर  आर्यन  ने अपना मूंह  खोल  दिया । अब दोनो के जीभ  आपस  मे उलझे पडे थे । वो दोनो एक दूसरे के मूंह  को पूरी तरह एक्सप्लोर कर रहे थे । कुछ देर बाद वो लोग  अलग होते है । रुद्र के होठ धीरे धीरे नीचे जाने लगे और  उसके काॅलर  बोन पर  ठहर गए  । वह  वहा किस  और बाइट कर रहा था । कुछ देर ऐसा करने के बाद वह उसके निपल  को शक करने लगा  । उसने उसके पूरे शरीर को अपने दिए लव बाइट से भर दिया था । फिर वह उसके पैरो को अलग कर उसके समा गया । कुछ देर तक लव मेकिंग करने के बाद दोनो शांत होकर एक दूसरे की बाहो मे थे । दोनो के चेहरे पर सेटिस्फेशन झलक रहा था । रुद्र खुद को और आर्यन को एक चादर से ढक देता है ।कुछ देर बाद वह दोनो एक दूसरे की बाहो मे खोए सो रहे थे ।

    अगली सुबह जब आर्यन की नींद खुली तो वह देखता है कि रुद्र वहा से जा चुका है । यह देख कर वह दुखी हो जाता है ।फिर वह उठकर फ्रेश होने चला जाता है ।

    आर्यन जैसे ही तैयार होकर हाल मे जाता है तो देखता है कि रुद्र अपने पैर को टेबल पर चढा कर फाइल मे खोया है । यह देख कर वह तेजी से आकर उसकी गोद मे बैठते हुए मासूमियत से कहता है -" हब्बी , आप यहा बैठे है । मुझे लगा कि आप एक बार फिर से मुझे छोड कर चले गए है ।"


    रुद्र उसे कोई जवाब ना देकर सिर्फ अपनी पकड को उसके कमर पर कस देता है । यह आर्यन के लिए संकेत था कि वह शांत बैठ जाए ।

    आर्यन चुपचाप उसकी गोद मे बैठा हुआ था । कुछ देर बाद जब उसका काम खत्म हुआ तो वह उसे गोद मे लिए हुए ही डिनर टेबल पर बैठ गया और उसे खिलाने लगा । खाना खिलाकर वह उसे रुम मे जाने का इशारा कर देता है ।आर्यन चुपचाप अपने बेडरूम मे चला गया ।

    कुछ देर बाद वहा रुद्र वापस आया । वह सीधे वाशरुम मे चला गया और शावर लेकर बाथरोब पहन कर बाहर आया ।

    रुद्र-" जानू , मेरे बालो को वाइप करो । सुन रहे हो या नही ?"

    आर्यन जल्दी से एक टावेल लेकर उसके पास आता है और उसके बालो को वाइप करने लगा । उसी समय रुद्र उसकी कमर पकड कर खुद की गोद मे बैठाते हुए कहता है -" बेबी , माय जानू , आय लव यू । पर तुम्हे भी पता है ना कि मुझे यह पसंद नही कि तुम इतने छोटे कपडो मे नीचे नौकरो के सामने जाओ । तुम मेरा प्यार हो , पर तुम्हे भी तो ख्याल रखना चाहिए ना कि तेरे हब्बी को क्या पसंद है और क्या नापसंद है ? सही बोल रहा हू या नही ।"

    आर्यन -" हब्बी , आप सच कह रहे है । मै तो इसका ख्याल रखता ही हू । ऐसे भी मैने शार्ट पैंट नही , कैपरी पहना है । उपर भी हाफ स्लीव टी शर्ट है ।"

    उसकी बात सुनकर रुद्र अपनी पकड उसकी कमर पर कस कर कहता है -" आर्यन, तुम्हे पता है कि मुझे बहस पसंद नही है । मै जो कहता हू , तुम बस वह किया करो । जाकर यह कपडा बदल लो । फुल टीशर्ट और ट्राउजर पहन कर रहो । तुम्हारे बदन को देखने का हक सिर्फ और सिर्फ मेरा है । मेरा बस चले तो मै तुम्हारे चेहरे को कवर करके रखू । अगर तुम लडकी होते तो मै तुम्हे बुर्के मे रखता । "

    आर्यन उसकी बात सुनकर कहता है -" हब्बी , मै आपसे बहुत प्यार करता हू पर आपकी यह बात मुझे अच्छी नही लगती । आप मुझ पर इतनी पाबंदी लगाते है । मै अकेले आ जा नही सकता । अगर शापिंग करनी हो तो आप के साथ ही जा सकता हू ।मेरे जाने के पहले ही पूरा माॅल खाली रहता है । हमारी शादी को दो साल हो गए , पर आज तक हमने अपना यह घर भी नही देखा है । मै नासिक शहर के छोटे से गांव बहुला का रहने वाला हू ।

    मुझे कितना शौक था कि मै मुंबई जा रहा हू तो वहा चौपाटी घूमूगा। मेट्रो मे चढूंगा । वहा का सडक किनारे लगे स्टाल से पावभाजी खाऊंगा। बडी बडी बिल्डिंग देखूंगा । "

    रुद्र-" जानू , तुम क्या चाहते थे , यह भूल जाओ । तुम अब केवल वही याद रखो जो मै तुमसे चाहता हू । तुम चाहते हो कि मै नाराज हो जाऊ । "

    आर्यन ना मे अपना सिर हिला देता है । कुछ देर बाद रुद्र अपना आफिस सूट पहन कर निकल गया । वही आर्यन अपना कपडा चेंज कर लेता है । खिडकी के पास बैठकर सामने के गार्डन को देखने लगा । बाहर एक बहुत ही खुबसूरत गार्डन था जिसमे तरह तरह के रंग बिरंगे फूल लगे थे । वह उन्हे देख रहा था ।

    फिर वह अपनी पिछली याद मे खो गया .....


    " आयू बेटा , जल्दी से यह कपडे पहन कर तैयार होकर आओ । तुम्हारे ससुराल वाले आए है ।"

    अठारह साल का आर्यन अपनी मां की यह बात सुन कर शाॅक रह गया । वह सदमे से कहता है -" आई , मै तो लडका हू ना । मुझे देखने लडकी के आई बाबा क्यो आए है ? लडकी देखने जाया जाता है , लडके देखने ऐसे कौन आता है । ऐसे भी मै ऐसे ही बहुत सुंदर हू । ऐसे भी उनसे कह दो कि मै अभी शादी नही कर सकता क्योकि मै कुछ नही करता हू । पहले मै अपनी पढाई करके एक जाॅब करुंगा , फिर शादी करुंगा । ऐसे भी दूसरी बात यह है कि अभी तो पहले भाऊ वहिनी लेकर आएगा , फिर ना मै शादी करुंगा ।"

    आर्यन की मां एक पारंपरिक महाराष्ट्रियन घरेलु महिला थी । वह कहती है -" मुंबई शहर से कुछ बडे बाबू लोग आए है । उन्होने तेरे बाबा से तेरा हाथ मांगा और उन्होने इस रिश्ते के लिए हा कह दिया है । बहुत बडे लोग है । वहा तुम बहुत खुश रहोगे । तुम्हे हर वह चीज मिलेगी जो भी तुम चाहोगे । बडी बडी गाडीयो मे घुमोगे और अच्छा अच्छा खाना खाओगे । बडे से कमरे मे रहोगे ।"

    तभी कोई डोर नाॅक करता है और आर्यन वर्तमान मे आ जाता है । दरवाजा ओपन कर एक नौकर अंदर आता है और वह अपना सिर झुकाए हुए ही कहता है -" छोटे मेम साहब, बडी मैम साहब और बडे साहब ने बुलाया है । आपको तुरंत ही आने कहा है । आप मेरे साथ चलिए ।"


    उसकी बात मानकर आर्यन उस सर्वेट के पीछे पीछे नीचे स्टडी रुम मे चला गया । वह जाकर कुछ नही कहता और खडा हो जाता है । उसके सामने एक लगभग पचपन साल का व्यक्ति बैठा था । यह इंसान रुद्र का पिता विक्रमादित्य खुराना था ।जो बहुत ही दमदार शख़्सियत था । यह अपनी खुद की कंपनी ऑन करता था और कुछ समय पहले तक मुंबई अंडरवर्ल्ड का किंग था ।


    उसी के बगल एक एलीगेंट औरत बैठी थी जिसने महंगी साडी और एक्सेसरीज पहन रखी थी , जिसकी उम्र लगभग पचास साल होगी । यह रुद्र की मां प्रभावती खुराना थी जो अपना खुद का NGO चलाती थी और वर्तमान मे मुंबई पश्चिम की एम पी थी । उसकी धाक पूरे राज्य पर थी ।

    विक्रमादित्य-" आर्यन, कैसे हो ? कुछ समय पहले मैने तुमसे कहा था कि तुम आफिस ज्वाइन कर लो , पर तुमने अभी तक ऐसा नही किया ?"

    आर्यन-" डैडी जी , मै नही कर पाउगा । मुझे माफ किजिए। "

    प्रभावती -" आर्यन बेटा , घर पर बैठे बैठे बोर हो जाओगे । ऐसा करो कि तुम मेरा NGO के साथ साथ पार्टी भी ज्वाइन कर लो ।"

    आर्यन-" नही माम , मै घर पर ही रहना चाहता हू । मै आराम करना चाहता हू । ऐसे भी हब्बी के रहते हुए मुझे कुछ भी करने की जरूरत नही है । "

    उसका डिसीजन सुन कर वो दोनो कहते है -" आर्यन बेटा , तुम कुछ नही करते हो । लोग पीठ पीछे तुम्हारा मजाक बनाते है । लाइफ मे आगे बढने के लिए कुछ लक्ष्य रखने चाहिए । इस तरह तुम सिर्फ अपनी लाइफ बर्बाद कर रहे हो । तुम्हे अब खुल कर इस बारे मे सोचना चाहिए ।"

    आर्यन कुछ ना बोल कर शांत रहता है । वही उसका रिस्पांस देख कर वो दोनो अपना सिर ना मे हिला देते हैं । वही आर्यन वहा से वापस कमरे मे आ जाता है । वह रुम मे बैठ कर इस बारे मे सोचने लगा । फिर वह रुद्र से इजाजत मागने का सोचता है ।

    अगले भाग मे जारी ......

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  • 3. Mafia obsessed love - Chapter 3

    Words: 1403

    Estimated Reading Time: 9 min

    अब आगे :-


    रात के समय आर्यन हाल मे बैठा था । सारे लोग डिनर टेबल पर बैठे थे जिसमे उसके सास ससुर के साथ साथ उसके जेठ विकास खुराना जिसके ऐज लगभग तीस साल थी । यह भी एक बिजनेस मैन था । उसके साथ उसकी वाइफ संध्या थी जो एक मशहूर टी वी एक्ट्रेस थी । उसके बगल मे एक लगभग अठारह साल का लडका और लडकी जिनका नाम प्राचीन और प्रगति था , बैठे थे । यह दोनो रुद्र के लाडले छोटे भाई बहन है ।



    आर्यन के अलावा बाकी लोग डिनर टेबल पर बैठ बाते कर रहे थे । उन्होने कितनी बार आर्यन को खाना खा लेने कहा , पर उसने हर बार मना कर दिया । वह रुद्र का वेट कर रहा था ।

    वही दूसरी ओर समुद्र के बीचोंबीच एक बडा जहाज खडा था । यह आम जहाज की तरह नही था , यह औरो से बेहद अलग था । इसमे एक कमरा था जो बहुत ही लग्जीरीयस होने के साथ साथ डरावना भी था ।

    "द ब्लैक सायरन" — मुंबई के समुद्र में एक पुराना, खंडहरनुमा जहाज जो ऊपर से लावारिस और टूटा हुआ दिखता है, लेकिन अंदर है माफिया किंग रुद्र का सीक्रेट टॉर्चर बेस।

    कहा जाता है कि ये जहाज एक समय अंग्रेजों का था, जहाँ कैदियों को टॉर्चर करके समुद्र में फेंका जाता था। अब यह रुद्र का अड्डा है — वह जगह जहाँ कोई दुश्मन जिंदा नहीं लौटता।

    डेक:

    टूटी-फूटी लकड़ी, जंग लगे लोहे की रेलिंग

    एक पुराना कैप्टन कैबिन — जिसमें अब रुद्र के अंडरवर्ल्ड के कामो को करने की खुफिया जगह है जो पुलिस के नजरो से अब तक बची हुई है । रुद्र एक माफिया किंग है , यह बात सभी जानते है पर उसका कुछ बिगाड नही सकते क्योकि वह अपने खिलाफ एक भी सबूत नही छोडता ।

    इस जहाज मे चारों ओर निगरानी रखने वाले स्पॉटर्स और स्नाइपर्स तैनात है । यह रुद्र की अपनी आर्मी है जो उसके तरह की खूंखार है । ये लोग भी किसी को नही छोडते ।


    सीक्रेट बेस

    नीचे का हिस्सा मॉडर्न बनाया गया है — साउंडप्रूफ टॉर्चर रूम, एक डार्क बार और मॉनिटरिंग रूम जहा रुद्र का बाया हाथ अभि मौजूद रहता है । अभि एक जीनियस हैकर होने के साथ साथ बहुत ही कमाल का फाइटर भी था । वह उसका इतना वफादार था कि वह उसके लिए अपनी जान भी दे सकता है । रुद्र की ऑर्गनाइजेशन ब्लैक स्पाइडर मे तीसरे नंबर की हैसियत रखता है ।

    टॉर्चर रूम:

    अंधेरा, दीवारों पर समुद्र के पुराने नक्शे, बीच में एक मेटल चेयर बंधी हुई जंजीरोंके साथ मौजूद थी । जो रुद्र ने सिंबल के रूप मे रखी थी कि उसका शिकार बच नही सकता ।



    पानी रिसता है धीरे-धीरे — हवा में नमकीन गंध और लोहे की सड़ांध हवा मे घुली रहती है ।

    एक पुराना पियानो जो अपने आप बजता है — जिससे डर और बढ़ता है

    जहाज़ की सबसे नीचे वाली मंजिल —
    जहाँ जाने के लिए तीन आयरन गेट्स, एक पासकोड और एक आई-स्कैन पास करना पड़ता है।


    एक गोल कमरा, दीवारें काले स्टील की बनी हैं, जिन पर खून के धब्बे हमेशा ताज़ा दिखते हैं
    (क्योंकि यहाँ तापमान हमेशा ठंडा रखा जाता है, ताकि खून कभी सूखे नहीं)
    छत से लटकते तीन पुराने हैंगिंग बल्ब ,जो कभी तेज़, कभी धीमे झपकते हैं ।
    इससे कमरे में एक थिरकती, बेचैन करने वाली रोशनी रहती है , जो मानसिक अस्थिरता बढ़ाती है।



    एक पुराना gramophone कोने में रखा है , जो हर बार एक पुराना पियानो ट्रैक प्ले करता है।
    एक ही लाइन बार-बार दोहराता है, जिससे पीड़ित का दिमाग ट्रिगर होता है।



    कमरे के बीचोंबीच एक मेटल चेयर रखी है , जिसे शिकंजे, बेल्ट, और छोटे इलेक्ट्रोड्स से कस्टमाइज़ किया गया है।

    यह चेयर पीड़ित की हर नस को ट्रैक करती है और उसी के हिसाब से झटके देती है।
    इसमें स्पीकर लगे हैं, जो शिकार की चीख को उसे ही दोहराकर सुनाते हैं। रुद्र ने इसे Throne of Regret का नाम दिया है , जहा वह अपने दुश्मनो को उनकी गलती का एहसास कराता है ।


    रात का वक़्त है। समुद्र में चारों ओर सन्नाटा, बस पानी की लहरें जहाज़ से टकरा रही हैं।

    दुश्मन गैंग का लीडर, विवान, उस मेटल चेयर से बंधा हुआ था । वह पूरी तरह खून से लथपथ था । चेहरा सूजा हुआ, होंठ फटे, खून बह रहा है । फिर भी उसके चेहरे पर स्माइल थी और अजीब सा कांफीडेंस मौजूद था ।

    उसके सामने अपने किंग साइज चेयर पर रुद्र बैठा था । वह अपने चिर परिचित अंदाज मे काले कोट पहने , सिगार हाथ मे लिए बैठा था । उसकी नजर बाज की तरह सामने थी । टॉर्चर रूम के एक कोने मे जहा अभी विवान मौजूद था , यह देख उसके चेहरे पर मिस्टीरियस स्माइल आ गई थी , वह वहा से धीरे-धीरे उसकी तरफ आता है।

    रुद्र के जूतो की टक टक की आवाज अब वहा के शांत माहौल को भंग कर रही थी । रुद्र पर चलकर विवान के पास आ पहुंचा था । रुद्र की आंखे लाल हो चुकी थी , उसमे एक अलग तरह की हैवानियत नाच रही थी । वह घुटनो के बल उसके पास बैठ जाता है ।

    रुद्र विवान का बाल पकड़कर उसके चेहरे को उपर कर ठंडी आवाज मे कहता है -"समुंदर बहुत गहरा है... और गुनाह उससे भी ज़्यादा। अब सोच तेरे पाप पहले डूबेंगे या तू? देख रहा हूँ कि तेरे चेहरे पर अभी भी सवाल बाकी हैं और शरीर में साँस। ये दोनों मुझसे बर्दाश्त नहीं होते।"

    विवान गुस्से से थूकते हुए कहता है -
    "तू मुझे तोड़ नहीं सकता रुद्र। तुझे लगता है तू कोई खुदा है?"

    रुद्र (मुस्कुराकर):
    "खुदा नहीं , लेकिन मैं वो हूँ जिसे खुदा भी रात में याद करता है, कि कहीं मुझसे सामना न हो जाए।"

    वह उठता है, और दीवार पर लगे एक पुराने लीवर को खींचता है।
    नीचे फर्श से एक ग्रेटिंग खुलती है —
    पानी धीरे-धीरे कमरे में भरने लगता है, शांत मगर भयानक अंदाज़ में । जिसे देख कर विवान के चेहरे पर पहली बार शिकन आई थी ।
    चारों ओर पियानो की वो धीमी, कराहती धुन फिर से बज उठती है।
    अब फर्श पर पानी फैलने लगा है जो धीरे धीरे विवान के पैरों तक पहुंच गया ।

    रुद्र एक शीशे के जार में से कुछ निकालता है सफेद रेत जैसा पाउडर और वह उसे पानी में डालता है।
    पानी का रंग नीला हो जाता है ,धीरे-धीरे धुँधला, जैसे ज़हर मिल रहा हो ।

    रुद्र -"ये पाउडर मछलियों को पिघलाकर हड्डियाँ दिखा देता है। अब सोच, इंसान पर क्या असर करेगा लेकिन घबरा मत, ये तुझ पर नहीं डाला जाएगा । ये तुझे देखेगा, छूएगा, और फिर छोड़ेगा । बस इसलिए, ताकि तू डर में सड़ता रहे।"

    विवान अब सच में कांपने लगा है। पर वो बोलता है:

    विवान -"तू एक पागल है ।."

    रुद्र हंसने लगा । फिर वह अचानक से खामोश हो जाता है और कहता है -"पागल? शायद हा । लेकिन मैं वो पागल हूँ जो तेरे जैसे होशियारों को मारकर जिंदा रहता है।"

    वह पास आता है, कान के पास फुसफुसाता है -"तूने मेरे भाई जैसे दोस्त को मारा था , लेकिन आज तू अपनी आवाज़ को मरते हुए सुनेगा ।"

    रुद्र की आंखें अब खून से भरी लगती हैं, लेकिन उसका चेहरा शांत है, खतरनाक रूप से शांत जैसे कोई गहरा समुद्र हो जो अपने मे कई राज समेट रखा हो ।


    वह अपनी सिगार को फर्श पर फेंकता है , आग की एक छोटी लपट उठती है, और पियानो की धुन तेज़ हो जाती है।

    पानी अब विवान की कमर तक आ गया ।
    उसकी साँसे तेज़, आँखें फटी हुई, शरीर कांप रहा है।

    रुद्र फिर से झुकता है और कहता है:
    "तेरे लिए ये पानी नहीं ,ये ‘पछतावे’ का दरिया है और ये हर उस गुनहगार को निगलता है, जिसने अपने ही लोगों को धोखा दिया हो।"

    रुद्र मुड़ता है, और दरवाज़े की ओर चलता है । बाहर निकलते हुए आखिरी बार मुड़ता है और कहता है ।

    रुद्र (धीरे और सख़्ती से) -
    "डूब मत जाना विवान , मैं चाहता हूँ कि तेरा अंत धीमा हो। बहुत, बहुत धीमा ।"



    रुद्र वहा से निकल जाता है । वही उसके निकलते ही उस जहाज मे एक छाया चढता हुआ दिखाई दिया ।

    अगले भाग मे जारी ..


    आखिर वह साया कौन है ...

    विवान को किस बात की सजा मिली ....

    जानने के लिए पढते रहे ...


    Please comment, follow and share. Take care bye 🙏 👋

  • 4. Mafia obsessed love - Chapter 4

    Words: 1093

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब आगे :-



    एक शक्स सबसे नजर बचाकर उस जहाज मे दाखिल हो चुका था । उसने अपने चेहरे पर ब्लैक मास्क लगा रखा था । सिर्फ उसकी नीली आंखे ही दिख रही थी जिसमे एक चीते की फुर्ती नजर आ रही थी । वह एक चलाक शिकारी की तरह अपने रास्ते मे मौजूद चीजो को स्कैन कर रहा था ।
    इस शक्स का नाम कैयान था ।
    (विवान का सबसे नज़दीकी दोस्त , जिसने कभी उसके साथ कसम खाई थी- "अगर तू गिरेगा, मैं नरक में आकर भी तुझे उठाऊँगा।" )

    कैयान अब उसी नरक के दरवाज़े पर खड़ा है।

    वो एक-एक कदम जहाज के गलियारों में रखता है — जैसे किसी साए की तरह।

    कैयान (धीरे बुदबुदाता है)- " रुद्र... तूने जिस तरह मेरे दोस्त को तोड़ा है, अब मैं तुझे अंदर से जलाऊँगा।"

    वो रुकता है ।
    एक कमरे से नीली रौशनी आ रही है... और पियानो की वो जानी-पहचानी धुन... यह धुन सुनकर उसके हाथो की मुट्ठिया बंध गई थी ।

    कैयान की आंखें गुस्से से भर जाती हैं।
    लेकिन वो चुप है क्योकि अभी उसके लिए सबसे जरुरी विवान था , उसका दोस्त और उसका सबकुछ ।
    उसकी चाल में बदला नहीं , तैयारी थी ।

    आरव की नजर स्क्रीन पर ही थी , उसे जहाज मे कुछ हलचल नजर आई और उसकी आंखे स्क्रीन पर जम गई । उसे कुछ दिखाई दिया और उसने रुद्र को काॅल कर दिया जो इस समय तक अपनी कार मे बैठ कर घर जाने के लिए निकल चुका था ।

    आरव (राइट हैंड):
    "सर, सिस्टम में हल्का ब्रेक-इन डिटेक्ट हुआ है। शायद कोई अंदर है।"

    रुद्र बिना खास ध्यान दिए कहता है -
    "कहां? जहा है उस पर नजर रखो । "

    आरव: "वही टॉर्चर चेंबर की तरफ."

    रुद्र धीरे से मुस्कुराता है। फिर वह कहता है ।

    रुद्र:
    "लगता है ‘मौत’ अपने दोस्त को लेने आई है। अच्छा है... मैं उसे भी चाय पिलाना चाहता हूँ।"
    Let the devil meet the shadow he missed.मै भी वापस आ रहा हू । आज का दिन बहुत अच्छा है , मेरे दोनो ही दुश्मन एक ही बार मे खत्म हो जाएगे ।"

    वही दूसरी ओर कैयान धीरे धीरे आगे बढ रहा था , तभी एक गार्ड की नजर उस पर पडी । वह उस पर अपने साइलेंसर लगी गन से गोली चलाता है पर कैयान ने दूसरी तरफ कूद कर खुद को बचा लिया था ।

    यह देख कर वह गार्ड अपने साथी गार्ड को बुलाकर लाता है ।






    टॉर्चर चेंबर से कुछ गलियारे पहले – जहाज का सेकंड लेवल
    बैकग्राउंड साउंड: तेज़ होती हवा, दूर से आती पियानो की धुन और अलार्म की धीमी बीप


    ---

    कैयान उस मेटल वॉकवे पर दौड़ता है, पीछे से एक गोली दीवार में धंसी — टक!

    कैयान लैंडिंग पर कूदता है, घुटनों के बल रुकता है, और एक flash grenade खींचकर पीछे फेंक देता है।

    ब्लास्ट!
    सफेद रौशनी फटती है, गार्ड की आंखें चौंधिया जाती हैं।

    कैयान झटपट पलटकर एक गार्ड के सीने में घूंसा मारता है —
    CRACK! — उसकी पसलियां टूटती हैं, वो गिरता है।

    दूसरा गार्ड उस पर झपटता है, लेकिन कैयान अपना कंधा मोड़कर उसकी पकड़ से बच जाता है और उसकी कमर में reverse elbow मारता है।
    उसकी सांस अटकती है, और कैयान उसका गन छीनकर उसका ही घुटना तोड़ देता है।

    गार्ड चिल्लाता है, गिरता है।


    ---

    अब 3 और गार्ड्स गलियारे से आते हैं, हाथ में ऑटोमैटिक गन।

    कैयान तुरंत एक पाइप के पीछे कवर लेता है ।
    गोलियां छिटकती हैं, स्पार्क्स उड़ते हैं।

    वो कमर से स्मोक बम निकालता है, गलियारे में फेंकता है।
    धुंआ चारों ओर फैलता है।

    अब सिर्फ साए हैं... और डर...

    फाइट अब हैंड-टू-हैंड मोड में जाती है।


    ---



    एक गार्ड धुंए में कैयान पर लाठी से वार करता है,
    कैयान उसे पकड़कर spinning kick मारता है ,गार्ड हवा में घुमकर मेटल रेलिंग से टकराता है।


    दूसरे गार्ड को वो ज़मीन पर गिराकर उसका हाथ arm lock में तोड़ देता है, और उसकी गन से तीसरे गार्ड की जांघ पर गोली मार देता है।


    एक गार्ड पीछे से हमला करता है,
    कैयान उस पर कूदकर उसके कंधों पर बैठ जाता है,
    और दोनों हाथों से double elbow slam करता है , सीधा उसकी गर्दन पर।




    ---

    सिर्फ 10 सेकंड
    सभी गार्ड ज़मीन पर पड़े हैं… कराहते हुए…
    उसकी सांसें तेज़ हैं, लेकिन चेहरे पर शिकन नहीं।

    कैयान, अब थोड़ी सांस लेता है। वो अपने मास्क को थोड़ा एडजस्ट करता है,
    नीली आंखें अब और ज़्यादा चमक रही हैं —
    क्योंकि अब उसका रास्ता साफ है।

    कैयान (धीरे कहता है):
    "अब मैं आ रहा हूँ, विवान... और इस बार कोई मुझे नहीं रोक सकता। मै तुम्हे कुछ नही होने दूंगा। "


    ---
    वह धीरे धीरे बढते हुए टॉर्चर रूम तक पहुंच जाता है । वहा गेट खोल कर अंदर आता है तो वह देखता है कि विवान बहुत बूरी हालत मे वहा बंधा हुआ था । उसकी हालत देख कर उसकी आंखो से आंसू बह निकले और उसकी नीली आंखे लाल हो गई थी । वह तेजी से दौड कर विवान के पास जाता है और उसे हग करने वाला होता है । उसी समय एक गोली आकर उसके पैरो पर लगी जिससे वह गिर कर घुटनो के बल आ गया ।

    वहा एक सनक भरी हसी गूंज गई  । उस हंसी के साथ साथ  वहा के शांत  माहौल  मे किसी शक्स  के जूतो की खट खट की आवाज  भी शामिल  हो गई  । धीरे धीरे रुद्र  उसके सामने आया और  अपने हाथ मे पकडे ब्लैक  कलर  की उस गन को घुमाने लगा जिसमे डायमंड  जडे थे । वह पागलो की तरह  हसते हुए  कहता है -" वेलकम  इन माय हेवेन । यह मेरी जन्नत है जिसका खुदा मै हू । वह खुदा जो लोगो को माफ नही करता , वह लोगो को सजा देता है जिससे वह जल्द से जल्द दूसरी दुनिया मे अपने खुदा तक पहुंच जाए।

    जानते हो , मुझे ना बचपन से ही शिकार करने का शौक है । जब मै शिकार की आंखो मे ना जाने वाली तडप देखता हू तो मुझे बहुत खुशी मिलती है ।

    जाओ, तुम्हे एक मौका दिया कि तुम जाकर अपने शाॅकोल्ड प्यार , अपनी जान को बचा लो । तुम्हारे पास एक मिनट है । अगर एक मिनट मे उस तक पहुंच गए तो मै विवान को छोड दूंगा और उसे जाने दूंगा । तुम्हारा समय शुरु होता है अब । जाओ जल्दी करो ।"

    अगले भाग मे जारी .....

    क्या कैयान विवान को बचा पाएगा ....

    क्या रुद्र सच मे उन दोनो को जाने देगा .....

    जानने के लिए पढते रहे .......

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  • 5. Mafia obsessed love - Chapter 5

    Words: 1200

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब आगे :-







    कैयान उसकी बात सुनकर , अपने चोट की परवाह ना कर तेजी से विवान के पास जाने लगा , लेकिन यह क्या , रुद्र ने एक मिनट पूरा होने के पहले ही विवान पर गोली चला दी जो सीधे उसके सीने मे जा धंसी । इसी के साथ वहा रुद्र की जोरदार हंसी और कैयान की चीख गूंज उठी । कैयान तेजी से विवान के पास पहुंच कर उसे अपने गले से लगाते हुए कहता है -" विवू, मेरे लिए हौसला रखो । तुम ऐसे नही जा सकते हो । तुम जानते हो ना कि मै तुम्हारे बिना नही जी सकता हू ।

    रुद्र , तुमने तो मुझे एक मिनट का समय दिया था तो फिर उससे पहले गोली क्यो चलाई। मेरे विवान की जान ले ली ।"

    रुद्र उसे देख कर अपनी गन की नली को मूंह से हवा छोडते हुए साफ करते हुए कहता है -"
    दुश्मन की बातों पे जो ऐतबार करते हैं,
    वो ज़िंदगी से अक्सर हार करते हैं।
    मैं ज़हर पी जाऊँ पर उसकी बात न मानूँ,
    क्योंकि हम तलवार से जवाब देने वाले इंसान हैं,
    इशारों से नहीं जानूँ।
    जो सामने नहीं आ सकते, वो बातों से वार करते हैं,
    हम शेर हैं जनाब, पीछे से नहीं वार करते हैं।

    कैयान, मै तो तुझे मौत समझता था , लानत है यार मेरी सोच पर कि मैने तुम जैसे कमजोर इंसान को इतना मजबूत समझ लिया । तुम मेरे बारे मे सबकुछ जानने के बाद भी मुझ पर विश्वास कर लिया ।

    एक मिनट बहुत होता है सोचने के लिए,
    पर मुझे तो बस एक सेकंड चाहिए था तौलक़ करने के लिए।
    विवान की साँसें मेरे इरादों के रास्ते में थीं,
    और मैं रुकता नहीं जब बात हो अपनी क़समों की।
    जो मेरी दुनिया में दगा करे,
    उसका अंजाम बस एक ही — मौत के सिवा कुछ नहीं।"

    उसकी बात सुनकर कैयान गुस्से से कहता है -" रुद्र , तुम अपने आप को खुदा मानने लगे हो । तुम कौन होते हो यह डिसाइड करने वाले की कौन सही और कौन गलत है । मेरा विवान गलत नही था । "

    उसकी बात सुनकर रुद्र बोल पडा -"
    "तू आँसू लेकर आया है, मैं ख़ामोशी में आग भर लाया हूँ,
    तेरे सवालों में लाचारियाँ हैं, और मैं हर लफ़्ज़ में कत्ल छुपा लाया हूँ।
    तू सोचता रहा इंसाफ़ होगा,
    पर रुद्र जब फैसला करता है — खुदा भी खामोश होता है।
    तेरा विवान गया क्योंकि उसने हक से ज़्यादा लिया,
    और मेरी दुनिया में एक ही उसूल है
    'जिसने धोखा दिया, वो ज़िंदा कभी नहीं जिया।'"

    उसकी बात सुनकर कैयान बोल पडा -" रुद्र, तुम ने यह सही नही किया । एक दिन आएगा जब वही खुदा तेरे कर्मोका भी हिसाब करेगा । ऐसा कर कि मुझे भी मार डालो जिससे मै भी अपने विवान के पास जा सकू । अगर मै जिंदा बच गया तो तुम्हे नही छोडुगा । तुम्हारे लाइफ मे भी सिर्फ और सिर्फ दर्द होगा मेरी तरह ।"

    उसकी बात सुनकर रुद्र के चेहरे पर मिस्टीरियस स्माइल आ गई और वह कहता है -" कैयान , तू ना बहुत बदकिस्मत है । मै अभी तुम्हे भी तेरे प्यार के पास पहुंचाने वाला था पर अब मैने यह आइडिया ड्राॅप कर दिया है । अब तू अपने प्यार के बिना जिंदा रहेगा । दिन रात मेरे बर्बादी की कोशिश करेगा और हर बार मै तुझे हराता रहूंगा जिससे तू और टूटेगा। फिर तू और तडपेगा और तेरी तडप दिल को सुकून पहुंचाएगी ।

    कैयान, तुझे देख के अब हँसी नहीं आती,
    तरस भी नहीं आता — बस तुझपे अफ़सोस भी शर्माता।
    तू जिसे लड़ाई कहता था,
    वो तो मेरे लिए वक़्त बिताने का खेल था।
    मैं ताज नहीं पहनता, मैं सिर उतारता हूँ,
    और तू... तू अब बस वो नाम है जो लोग हार की मिसाल से जोड़ते हैं।
    रुद्र हूँ मैं — और मेरा दर्प ही काफ़ी है तुझे आइना दिखाने को।

    जा , मैने तुझे बार बार हारने के लिए जिंदगी बख्श दी । आज जो इन आंखो मे बेबसी और गुस्सा है । उसमे मुझे हार की तडप भी देखनी है । जाओ और साथ मे अपने शोकाॅल्ड प्यार को भी लेते जाओ ।" यह कह कर वह हसते हुए वहा से निकल गया ।

    वही कैयान उसे जाते देख कर कहता है -" रुद्र, मुझे जिंदा छोड कर गलती कर रहा है ।


    रुद्र, तूने मुझसे सब कुछ छीना,
    अब मैं तुझसे तेरा वजूद छीनूंगा।
    जिस मिट्टी पे तू चलता है, वहाँ अब मेरा ज़हर फैलेगा,
    तेरा घमंड, तेरी जीत, सब राख में झुलसेगा।
    मैं तूफ़ान नहीं—वो ख़ामोश साया हूँ,
    जो इंतकाम की आंधी लाकर, तुझे तेरी ही सिसकियों में दबा देगा।
    अब तू जिंदा रहेगा, लेकिन सुकून से नहीं…
    क्योंकि मेरी नफ़रत अब तेरी हर साँस का पीछा करेगी।

    वह विवान को अपनी गोद मे लिए हुए निकल गया । उसकी आंखो मे अब बदले की आग धधक रही थी । वह बहुत जल्द ही एक तूफान की तरह वापस लौटने वाला था ।

    वही दूसरी ओर आर्यन को रुद्र का वेट करते हुए रात के दो बज गए थे । अब उसकी आंखे भी नींद से बोझिल होने लगी थी । तभी उसे एक झपकी आ जाती है , उसी समय उस घर के पार्किंग मे रुद्र की गाडी आकर रुकती है । रुद्र कार की की दरबान को देते हुए खुद अंदर चला गया ।


    वह जैसे ही अंदर जाता है तो देखता है कि आर्यन कमर पर दोनो हाथ रख कर उसे घूर रहा है । यह देख कर वह कहता है -" मेरा जानू , मेरा वेट कर रहा था । इसका मतलब मेरे जानू ने खाना नही खाया ?"


    आर्यन -" हब्बी , वो ..वो ...मै ना आपका ही वेट कर रहा था । मै सोच रहा था कि आपको भी एक कंपनी मिल जाए । आप मुझे माफ कर दिजिए । "


    रुद्र-" जानू , जाकर खाना सर्व करो । मै नही चाहता कि तुम ज्यादा देर तक भूखे रहे । आय लव यू ।"

    आर्यन वहा से उठ कर डायनिंग टेबल के पास पहुंच गया । फिर वह उसके लिए खाना सर्व करता है । रुद्र आकर अपनी चेयर पर बैठ गया और आर्यन का हाथ पकड कर अपनी गोद मे बैठा लेता है । फिर वह वैसे ही रख कर खुद भी खाता है और आर्यन को खिलाता भी है ।

    खाना खा कर रुद्र और आर्यन एक साथ लेटे थे । आर्यन के बदन पर एक भी कपडा नही था । उसका सिर रुद्र के चेस्ट पर था । वह कहता है -" हब्बी , डैडी जी और मम्मी जी चाहते है कि हम भी कुछ काम करे । अगर आप परमिशन दे तो हम आफिस ज्वाइन कर ले ।"

    उसके कुछ जवाब देने के पहले ही उसका फोन बजने लगा । उसने फोन उठाया । उधर से जो कुछ कहा उसे सुन कर उसका एक्सप्रेसन चेंज हो गया ।

    वह आर्यन को छोड कर तैयार होने लगा। तभी आर्यन कहता है -" हब्बी , आपने बताया नही?"

    रुद्र एक नजर उसको देखता है । आर्यन आगे कुछ नही बोल कर चुप हो जाता है ।
    अगले भाग मे जारी ......

    क्या रुद्र आर्यन को आफिस ज्वाइन करने देगा ......

    जानने के लिए पढते रहे ....
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  • 6. Mafia obsessed love - Chapter 6

    Words: 1147

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब आगे :-


    फोन पर जो कुछ भी कहा गया , उसे सुनकर रुद्र तुरंत ही आर्यन से अलग होकर क्लोजेट की तरफ जाने लगा । यह देख कर आर्यन बोल पडा -" हब्बी , क्या हुआ ? आप कहा जा रहे है ? "

    रुद्र एक ठंडी नजर उस पर डालता है जिससे वह चुप रह जाता है । अब उसको मूंह से कोई आवाज नही निकली । रुद्र अपना कपडा चेंज कर आता है और उसके माथे पर किस करता हुआ कहता है -" जानू , सो जाओ । मै शायद ही रात को वापस लौट कर आउगा । "

    आर्यन लेट जाता है और सोचता है -" हब्बी , इतनी रात मे तो वापस आए थे फिर कहा चले गए । कभी भी कुछ भी नही बताते है ।"

    वही रुद्र वहा से निकल कर सीधे अपनी ऑफिस आ गया । वह अभी अपनी चेयर पर बैठा था और उसके सामने सभी डिपार्टमेंट के हेड सामने खडे थे । सबके चेहरे पर खौफ था क्योकि रुद्र आज बहुत गुस्से मे था । वह आज नरक का देवता लग रहा था । वह कुछ पेपर उन लोगो पर फेंकते हुए कहता है -" तुम लोग जानते हो , यह किस चीज के पेपर है ? नही जानते तो मै बतलाता हू । यह फायनेंशियल रिपोर्ट है जिससे साफ पता चल रहा है कि कंपनी को पूरे सौ करोड रुपयो का नुकसान हुआ है ।

    पर यह होना तो इंपासिबल है क्योकि आज तक कंपनी ने एक भी डील लूज नही की । इसका साफ मतलब है कि किसी ने मुझे धोखा देने की जुर्रत की है । अब वह इंसान कौन है , वह खुद सामने आ जाए तो मै सिर्फ उसे पुलिस मे भेजूंगा । पर अगर मैने खुद पता किया तो वह यहा से सीधे नरक मे ही जाएगा ।"

    उसकी बात सुनकर सारे लोग एक दूसरे को खौफ के साथ देख रहे थे । किसी को कुछ ना बोलता देख कर रुद्र गुस्से से कहता है -" तुम लोग सच्चाई बता नही रहे हो । अब तुम्हारे पास बस बीस सेकेंड है । मै वन टू टैन तक की काउंटिंग करुंगा और उस समय तक कोई बाहर नही आया तो तुम सब की लाश यहा गिरी होगी ।

    वन , टू , थ्री ......टेन । मेरी गिनती पूरी हुई ।"

    उसी समय सेल्स डिपार्टमेंट का हेड आकर कहता है -" सर, यह सब कुछ वीरेन अग्निहोत्री सर ने किया है । उन्होने ही फंड की हेरा फेरी की ।"

    उसके मूंह से इतना सुनते ही रुद्र ने अपनी गन निकाली और बिना किसी चेतावनी के वहा मौजूद सारे लोगो को भून डाला ।

    रुद्र अपनी गन को फूंकते हुए कहता है -" साले ,एक की वजह से सब लोग अपनी जान से गए । जानते है कि मै किसी का धोखा बर्दाश्त नही करता , फिर भी धोखा दिया । सबको पता था कि कंपनी मे हेराभेरी चल रही है फिर भी किसी ने रिपोर्ट नही किया । कमीनो तुम्हारी वजह से मै अपनी वाइफ को छोड कर यहा आया । इसकी सजा बस सजा ए मौत से कुछ कम नही है । मै मेरे जानू से दूर हो गया । Guards ! Clean this mess . " यह कह कर वह वहा से तेजी से निकल गया । वही उसका असिस्टेंट आरव कहता है -" बाॅस का मूड खराब कर दिया । सालो को मरना ही था । इनके साथ अच्छा ही हुआ । इनकी वजह से मुझे अपनी नींद तोड कर यहा आना पडा ।"

    कुछ देर बाद लगभग सुबह के चार बजे रुद्र वापस आर्यन के पास लौट आया था । वह अपना कपडा उतार कर सीधे बेड पर आ गया और आर्यन के होठो को किस करने लगा । आर्यन जो गहरी नींद मे सोया हुआ था , वह कसमसाने लगा और एक धक्का रुद्र को मारता है ।

    तभी रुद्र उसकी गर्दन पर जोरदार बाइट करते हुए कहता है -"जानू , तुमने मुझ पर हाथ उठाया । मुझे धक्का दिया । ऐसा करने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ?"

    आर्यन -" सारी , हब्बी ! मै नींद मे था तो गलती से धक्का लग गया । मुझे माफ कर दिजिए , प्लीज। "

    रुद्र -" जानू , आय लव यू । पर तुमने अभी जो किया है , उसकी पनीशमेंट भी तो मिलनी जरुरी है कि तुम नींद मे भी यह गलती करनी की कोशिश ना करो । अब बिना किसी आवाज के मेरी पनीशमेंट को झेलो ।"

    यह कह कर वह उसके काॅलर बोन पर किस करने लगा , साथ ही साथ वह वहा पर जोरदार बाइट कर लेता है । जिससे उस जगह से ब्लड आने लगा । फिर वह उस जगह को अपनी जीभ से चाट लेता है । फिर वह उसके पूरे कपडे हटा देता है और अपने जीभ से उसका पूरा बदन एक्सप्लोर करने लगा । वह किस करने के साथ साथ बाइट भी कर रहा था । साथ ही साथ वेट किसेज भी करता जा रहा था ।

    आर्यन अपनी आवाज को किसी तरह कंट्रोल कर रहा था । उसने अपने होठ आपस मे जोरदार भींच रखे थे । ताकि उसकी आवाज ना निकले । वह रुद्र को नाराज नही करना चाहता था ।

    वही दूसरी ओर रुद्र की हरकत के कारण आर्यन को अपने आप को संभालना मुश्किल हो रहा था । उसके होठ आपस मे भींचे होने के कारण कट गए थे और अब उससे ब्लड आने लगा था ।

    कुछ देर बाद रुद्र उसमे समा गया और आर्यन को किस करने लगा । जिससे आर्यन को थोडा आराम मिला ।कुछ देर बाद वह अलग हुआ ।

    रुद्र ने अपने होठ उसके माथे पर रखते हुए कहता है -" जानू , अगली बार से इस बात का ध्यान रखना । मै तुम से बहुत प्यार करता हू पर तुमसे मेरी बहुत एक्स्पेक्टेशन भी है । उम्मीद है कि तुम उसे नही तोडोगे । "

    आर्यन -" जी हब्बी , मै अब से इसका भी ध्यान रखूंगा । आप सो जाए । मै अब गलती नही करुंगा ।"

    अगली सुबह रुद्र सोया हुआ था , जबकि आर्यन उठ कर तैयार हो चुका था । उसके गर्दन पर बाइट मार्क दिख रहे थे । इस कारण उसने हाइनेक पहन लिया था । उसी समय उसका फोन बजता है और वह फोन उठाता है । उधर से जो कुछ बोला गया , वह सुनकर वह जल्दी से नीचे चला गया । नीचे हाल मे कुछ लोग मौजूद थे जिन्हे देख वह बहुत खुश होता है और उनके पास जाने लगा । तभी वहा आवाज आई - " अपनी जगह पर रुक जाओ ।"

    अगले भाग मे जारी .......

    आखिर कौन आया था जिसे देख कर आर्यन इतना खुश था ....

    किसने उसे रोका .....

    क्या रुद्र ने सही मे अपने साथ
    गद्दारी करने वालो को पकड लिया है या इसके पीछे कोई और ही है ...

    जानने के लिए पढते रहे ....

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  • 7. Mafia obsessed love - Chapter 7

    Words: 2974

    Estimated Reading Time: 18 min

    अब आगे :-



    उस आवाज को सुन कर आर्यन ठगा सा रह गया । वह ठिठक कर रह गया और अपनी नजरे सीढियो पर कर दी , जहा से अभी रुद्र उतर रहा था । उसने अभी कैजुअल पहन रखे थे ।

    आर्यन-" हब्बी , वो मेरी फैमिली है । मेरे बाबा और भाऊ आए है । आप मुझे उनसे मिलने से क्यो रोक रहे है ?"

    रुद्र-" जानू ,शायद तुम भूल रहे हो कि तुम अपने हब्बी से जबान लडाई रहे हो । जो बात मुझे जरा भी पसंद नही है । अब तुम इनसे नही मिल सकते । अब तुम आर्यन मोहिते नही रह गए हो । तुम आर्यन रुद्र खुराना हो । तुम उससे ही मिलोगे जिससे मै चाहूंगा । तुम उपर कमरे मे जाओ । तुम्हे पता है कि मुझे यह पसंद नही कि कोई मेरी बात ना माने । मुझे बहुत गुस्सा आता है । अगर वह तुम हो तो और भी ज्यादा गुस्सा आता है ।"

    आर्यन एक नजर अपने बाबा और भाऊ पर डाल कर उपर कमरे की ओर चला गया । उसके आंख से आंसू बहने लगा । वही रुद्र उसके बाबा के सामने जाकर खडा हो गया और कहता है -" यहा क्यो आए हो ? अब तुम लोगो का मेरे आर्यन से कोई रिश्ता नही है । अपनी औकात याद रखा करो । तुम जैसे फटीचर लोग मैरे घर मे आने लायक नही है ।"


    तभी आर्यन का भाऊ बोल पडा -" वह हमारा छोटा भाई है । दो साल से हमने उसे नही देखा । हम लोग देखना चाहते थे कि वह कैसा है ?"

    उसकी बात सुनकर रुद्र उसका हाथ पकड कर अपने हाल मे रखे सेंटर टेबल के पास लाकर खडा करते हुए कहता है -" इसकी कीमत पच्चीस लाख है । यह जो कालीन बिछा है पूरे दस लाख की है । अभी आर्यन के बदन पर जो कपडे थे वह भी ढाई लाख के थे । वह अब रुद्र खुराना का वाइफ है । तुम जैसे भिखारियो के यहा से तो ज्यादा ही खुश रहेगा । ऐसी कोई चीज नही है जो उसे यहा ना मिली हो । आगे से यहा मत आना । तुम्हारी कोई जरूरत मेरे जानू को नही है ।"

    रुद्र अपने गार्ड्स को इशारा करता है और उन्हे बाहर निकाल देता है । वही दूसरी ओर आर्यन ने यह सब होते नही देखा था क्योकि वह बेड पर तकिए मे मूंह छिपा रो रहा था ।

    रुद्र वहा आता है तो देखता है कि आर्यन रो रहा है । यह देख कर वह कुछ नही कहता और फ्रेश होने चला जाता है । तैयार होकर वह आर्यन को अपनी गोद मे लिए हुए नीचे आता है और कान मे कहता है -" जानू , अपने घर वालो से मिलना है । बहुत प्यार करते हो ना उनसे । मैने तुझे उनसे मिलने इसलिए नही दिया क्योकि तुमने मेरी बात नही मानी थी । मैने कहा है ना कि तुम घर मे ही रहोगे तो फिर आफिस जाने की बात कैसे की । इसकी सजा भी तो मिलनी चाहिए थी ना । बोलो मैने सही कहा ना ।"

    आर्यन-" हब्बी , बस एक बार बाबा और भाऊ से मिलने दिजिए ना । फिर कोई जिद नही करुंगा ।"

    उसकी बात सुनकर रुद्र के चेहरे पर स्माइल आ गई थी । वह उसे गोद मे लिए हुए ही बाहर निकल गया । जहा पर उसके डैड और भाऊ को रखा गया था ।

    उन दोनो को ही बाहर बैठा कर रखा गया था । यह देख कर आर्यन कहता है -" हब्बी , मुझे नीचे उतारिए । बाबा देख कर मेरे बारे मे क्यो सोचेगे और आपने उन्हे बाहर क्यो बैठा रखा है । उन्हे गेस्ट हाउस मे तो बैठाते ।"

    रुद्र उसे नीचे उतारते हुए कहता है -" जानू, अब क्या मुझे कुछ भी करने के पहले तुम्हारी परमिशन लेनी होगी ? बेबी , मै तुमसे प्यार करता हू , इसलिए बात का एडवांटेज मत लो । "

    वही दूसरी ओर कैयान अभी graveyard मे था । जहा विवान की लास्ट रिचुअल हो रहे थे । विवान को ताबूत मे लिटाया जाता है । उसके चाहने वाले ने उस पर सफेद फूल चढाए । फिर उसे गढ्ढे मे डाला गया और उसके उपर मिट्टी डाली गई और फिर उसे अंतिम विदाई दे कर उसका कब्र बन गया ।

    फिर...कब्र पर एक संगमरमर का पत्थर रखा गया –
    "Vivaan Mathews – Forever in God’s embrace."

    कैयान उस पत्थर को छूते हुए कहता है -" बेबी , आय लव यू । चाहता था कि मै भी तुम्हारे पास आ जाऊ, पर तुम्हारे पास आने के पहले उस गुनहगार को सजा दिलवाना जरुरी था जिसकी वजह से आज हम और तुम अलग है ।

    तूने सोचा था तू भगवान है…
    अब देख, तेरा नर्क मैं बनूंगा।
    तेरी सबसे बड़ी ताकत ही
    तेरा सबसे बड़ा डर बनेगी…
    और वो डर अब मैं हूँ।
    अब खेल शुरू होता है, रुद्र… और इस बार, चाल मेरी होगी।

    तूने मुझसे मेरा प्यार छीना , अब मै तुमसे तुम्हारा सब कुछ छीन लूंगा । तुझे ऐसा दर्द दूंगा कि तुम खून के आंसू रोओगे और मेरी तरह तुम्हारे आंसू पोछने वाला भी कोई नही होगा ।

    विवान, आय प्रोमिस । मै तुम्हारा बदला लिए बिना मरूंगा भी नही । अगर मौत भी आएगी तो उसे चकमा देकर रहूंगा ।"

    कुछ देर तक graveyard मे उसके कब्र के पास बैठा रह कर वह वहा से सीधे अपने आफिस चला गया । आफिस मे बने अपने प्राइवेट केबिन के बाथरुम मे नहा कर वह बाहर आता है ।

    वह अपने पर्सनल चेयर पर बैठ जाता है । उसके चेहरे पर अभी भी पानी की बूंदे थी और चेहरे पर एक कांफीडेंस था , ठीक वैसा ही कांफीडेंस जब कोई अपने दुश्मन को गहरा घाव देने वाला होता है । तभी वह किसी को एक काॅल करता है।

    कैयान -" मेरा काम हो जाना चाहिए । यह पहला तोहफा होगा जो मै अपने दुश्मन को दूंगा ।"

    कुछ दिन बाद
    रात के बारह बजे का समय था ।
    शहर बाहर की ओर अब भी जाग रहा था — कहीं कारों के हॉर्न, कहीं पुलिस सायरन, और कहीं किसी अधूरी रात का कोलाहल। लेकिन रुद्र के अड्डे की दीवारों के पीछे एक ठंडक पसरी थी , वो ठंडक जो किसी बड़े तूफ़ान से पहले दिल और दिमाग़ में भर जाती है।

    कमरा अंधेरे में डूबा था।
    बस मॉनिटर की नीली रोशनी थी, जो उसके काले हुडी वाले चेहरे पर गिर रही थी। उसकी आँखों के नीचे हल्के काले घेरे थे। दो हफ्तों से नींद जैसे उससे नाराज़ चल रही थी। सामने स्क्रीन पर बार-बार वही फाइल खुल रही थी - एक अधूरा मिशन, नाकामी की रिपोर्ट, और उसका टाइमस्टैम्प।

    "03:17:26 – Surveillance Offline — 7 seconds"

    बस सात सेकंड। लेकिन इन सात सेकंडों में ही उसके दो आदमियों की जान चली गई थी, और टारगेट क्लीनली गायब हो चुका था।

    रुद्र ने गहरी साँस ली। उसने अपनी उंगलियों की जड़ से आँखें मलीं। माथा हलका-सा फड़क रहा था।

    "सात सेकंड... सिर्फ सात सेकंड... और सब गया।"

    उसने स्क्रीन पर स्क्रॉल करते हुए कैमरा स्टिल इमेज खोली।
    ज़ूम इन किया , तभी उसे एक कोना दिखा ,, जहाँ एक छाया सी कुछ करती दिखती है।

    ब्लर... शार्प... फिर ब्लर।

    "ये… क्या है?" वह बड़बड़ाया।

    शक की एक महीन रेखा उसके माथे पर और गहरी हो गई।
    उसने टाइमस्टैम्प के ठीक बाद का नेटवर्क लॉग खोला ।
    सब नॉर्मल दिखाया गया। कोई गड़बड़ी नहीं। कोई लॉग मिटाया नहीं गया। सब कुछ परफेक्ट।और यही परफेक्ट होना उसे अखर गया।

    "कोई बहुत सफाई से खेल रहा है…"
    रुद्र कुर्सी पर पीछे झुका। कमरे की दीवार पर उसकी कोर टीम की तस्वीर लगी थी , हर चेहरा, हर नाम उसे अपनी ज़ुबान से याद था। हर कोई उसका वफादार था जिन्होने अब तक उसके लिए बहुत से कठिन से कठिन मिशन को पूरा किया था । उस पर शक करने की वजह नही मिल रही थी ।
    उसकी नजरें धीरे-धीरे उन चेहरों पर घूमीं।

    "अगर दुश्मन बाहर नहीं… तो क्या…"
    वो सोचते हुए रुक गया। खुद को ही बीच में रोक लिया।
    "नहीं, ये सिर्फ थकान है। ओवरथिंक मत कर।"

    लेकिन दिमाग़ मानने को तैयार नहीं था।
    कुछ था जो भीतर टकरा रहा था। जैसे कोई परछाईं उसे घूर रही हो।

    उसने फ्रस्ट्रेशन में टेबल पर पड़ा मग उठा कर दीवार की ओर फेंका —
    "धाड़!"
    सिरेमिक का टुकड़ा फर्श पर बिखर गया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।

    कुछ देर तक वो बस वहीं बैठा रहा — दोनों हाथों से अपना चेहरा ढँके हुए।


    ---

    बाहर आसमान पर बादल गहराने लगे थे।
    रुद्र अब भी चुप था, मगर उसका मन शोर से भर चुका था।

    और इस पूरे समय में, उसकी कोर टीम के सदस्यो का नाम एक बार स्क्रीन के कोने से चमक के बुझ गया…

    बिना उसका ध्यान खींचे।


    ---
    अगले भाग मे जारी ....

    आखिर कौन है वह शक्स जो कैयान का साथ दे रहा है ...

    जानने के लिए पढते रहे .....

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    अब आगे :-



    उस आवाज को सुन कर आर्यन ठगा सा रह गया । वह ठिठक कर रह गया और अपनी नजरे सीढियो पर कर दी , जहा से अभी रुद्र उतर रहा था । उसने अभी कैजुअल पहन रखे थे ।

    आर्यन-" हब्बी , वो मेरी फैमिली है । मेरे बाबा और भाऊ आए है । आप मुझे उनसे मिलने से क्यो रोक रहे है ?"

    रुद्र-" जानू ,शायद तुम भूल रहे हो कि तुम अपने हब्बी से जबान लडाई रहे हो । जो बात मुझे जरा भी पसंद नही है । अब तुम इनसे नही मिल सकते । अब तुम आर्यन मोहिते नही रह गए हो । तुम आर्यन रुद्र खुराना हो । तुम उससे ही मिलोगे जिससे मै चाहूंगा । तुम उपर कमरे मे जाओ । तुम्हे पता है कि मुझे यह पसंद नही कि कोई मेरी बात ना माने । मुझे बहुत गुस्सा आता है । अगर वह तुम हो तो और भी ज्यादा गुस्सा आता है ।"

    आर्यन एक नजर अपने बाबा और भाऊ पर डाल कर उपर कमरे की ओर चला गया । उसके आंख से आंसू बहने लगा । वही रुद्र उसके बाबा के सामने जाकर खडा हो गया और कहता है -" यहा क्यो आए हो ? अब तुम लोगो का मेरे आर्यन से कोई रिश्ता नही है । अपनी औकात याद रखा करो । तुम जैसे फटीचर लोग मैरे घर मे आने लायक नही है ।"


    तभी आर्यन का भाऊ बोल पडा -" वह हमारा छोटा भाई है । दो साल से हमने उसे नही देखा । हम लोग देखना चाहते थे कि वह कैसा है ?"

    उसकी बात सुनकर रुद्र उसका हाथ पकड कर अपने हाल मे रखे सेंटर टेबल के पास लाकर खडा करते हुए कहता है -" इसकी कीमत पच्चीस लाख है । यह जो कालीन बिछा है पूरे दस लाख की है । अभी आर्यन के बदन पर जो कपडे थे वह भी ढाई लाख के थे । वह अब रुद्र खुराना का वाइफ है । तुम जैसे भिखारियो के यहा से तो ज्यादा ही खुश रहेगा । ऐसी कोई चीज नही है जो उसे यहा ना मिली हो । आगे से यहा मत आना । तुम्हारी कोई जरूरत मेरे जानू को नही है ।"

    रुद्र अपने गार्ड्स को इशारा करता है और उन्हे बाहर निकाल देता है । वही दूसरी ओर आर्यन ने यह सब होते नही देखा था क्योकि वह बेड पर तकिए मे मूंह छिपा रो रहा था ।

    रुद्र वहा आता है तो देखता है कि आर्यन रो रहा है । यह देख कर वह कुछ नही कहता और फ्रेश होने चला जाता है । तैयार होकर वह आर्यन को अपनी गोद मे लिए हुए नीचे आता है और कान मे कहता है -" जानू , अपने घर वालो से मिलना है । बहुत प्यार करते हो ना उनसे । मैने तुझे उनसे मिलने इसलिए नही दिया क्योकि तुमने मेरी बात नही मानी थी । मैने कहा है ना कि तुम घर मे ही रहोगे तो फिर आफिस जाने की बात कैसे की । इसकी सजा भी तो मिलनी चाहिए थी ना । बोलो मैने सही कहा ना ।"

    आर्यन-" हब्बी , बस एक बार बाबा और भाऊ से मिलने दिजिए ना । फिर कोई जिद नही करुंगा ।"

    उसकी बात सुनकर रुद्र के चेहरे पर स्माइल आ गई थी । वह उसे गोद मे लिए हुए ही बाहर निकल गया । जहा पर उसके डैड और भाऊ को रखा गया था ।

    उन दोनो को ही बाहर बैठा कर रखा गया था । यह देख कर आर्यन कहता है -" हब्बी , मुझे नीचे उतारिए । बाबा देख कर मेरे बारे मे क्यो सोचेगे और आपने उन्हे बाहर क्यो बैठा रखा है । उन्हे गेस्ट हाउस मे तो बैठाते ।"

    रुद्र उसे नीचे उतारते हुए कहता है -" जानू, अब क्या मुझे कुछ भी करने के पहले तुम्हारी परमिशन लेनी होगी ? बेबी , मै तुमसे प्यार करता हू , इसलिए बात का एडवांटेज मत लो । "

    वही दूसरी ओर कैयान अभी graveyard मे था । जहा विवान की लास्ट रिचुअल हो रहे थे । विवान को ताबूत मे लिटाया जाता है । उसके चाहने वाले ने उस पर सफेद फूल चढाए । फिर उसे गढ्ढे मे डाला गया और उसके उपर मिट्टी डाली गई और फिर उसे अंतिम विदाई दे कर उसका कब्र बन गया ।

    फिर...कब्र पर एक संगमरमर का पत्थर रखा गया –
    "Vivaan Mathews – Forever in God’s embrace."

    कैयान उस पत्थर को छूते हुए कहता है -" बेबी , आय लव यू । चाहता था कि मै भी तुम्हारे पास आ जाऊ, पर तुम्हारे पास आने के पहले उस गुनहगार को सजा दिलवाना जरुरी था जिसकी वजह से आज हम और तुम अलग है ।

    तूने सोचा था तू भगवान है…
    अब देख, तेरा नर्क मैं बनूंगा।
    तेरी सबसे बड़ी ताकत ही
    तेरा सबसे बड़ा डर बनेगी…
    और वो डर अब मैं हूँ।
    अब खेल शुरू होता है, रुद्र… और इस बार, चाल मेरी होगी।

    तूने मुझसे मेरा प्यार छीना , अब मै तुमसे तुम्हारा सब कुछ छीन लूंगा । तुझे ऐसा दर्द दूंगा कि तुम खून के आंसू रोओगे और मेरी तरह तुम्हारे आंसू पोछने वाला भी कोई नही होगा ।

    विवान, आय प्रोमिस । मै तुम्हारा बदला लिए बिना मरूंगा भी नही । अगर मौत भी आएगी तो उसे चकमा देकर रहूंगा ।"

    कुछ देर तक graveyard मे उसके कब्र के पास बैठा रह कर वह वहा से सीधे अपने आफिस चला गया । आफिस मे बने अपने प्राइवेट केबिन के बाथरुम मे नहा कर वह बाहर आता है ।

    वह अपने पर्सनल चेयर पर बैठ जाता है । उसके चेहरे पर अभी भी पानी की बूंदे थी और चेहरे पर एक कांफीडेंस था , ठीक वैसा ही कांफीडेंस जब कोई अपने दुश्मन को गहरा घाव देने वाला होता है । तभी वह किसी को एक काॅल करता है।

    कैयान -" मेरा काम हो जाना चाहिए । यह पहला तोहफा होगा जो मै अपने दुश्मन को दूंगा ।"

    कुछ दिन बाद
    रात के बारह बजे का समय था ।
    शहर बाहर की ओर अब भी जाग रहा था — कहीं कारों के हॉर्न, कहीं पुलिस सायरन, और कहीं किसी अधूरी रात का कोलाहल। लेकिन रुद्र के अड्डे की दीवारों के पीछे एक ठंडक पसरी थी , वो ठंडक जो किसी बड़े तूफ़ान से पहले दिल और दिमाग़ में भर जाती है।

    कमरा अंधेरे में डूबा था।
    बस मॉनिटर की नीली रोशनी थी, जो उसके काले हुडी वाले चेहरे पर गिर रही थी। उसकी आँखों के नीचे हल्के काले घेरे थे। दो हफ्तों से नींद जैसे उससे नाराज़ चल रही थी। सामने स्क्रीन पर बार-बार वही फाइल खुल रही थी - एक अधूरा मिशन, नाकामी की रिपोर्ट, और उसका टाइमस्टैम्प।

    "03:17:26 – Surveillance Offline — 7 seconds"

    बस सात सेकंड। लेकिन इन सात सेकंडों में ही उसके दो आदमियों की जान चली गई थी, और टारगेट क्लीनली गायब हो चुका था।

    रुद्र ने गहरी साँस ली। उसने अपनी उंगलियों की जड़ से आँखें मलीं। माथा हलका-सा फड़क रहा था।

    "सात सेकंड... सिर्फ सात सेकंड... और सब गया।"

    उसने स्क्रीन पर स्क्रॉल करते हुए कैमरा स्टिल इमेज खोली।
    ज़ूम इन किया , तभी उसे एक कोना दिखा ,, जहाँ एक छाया सी कुछ करती दिखती है।

    ब्लर... शार्प... फिर ब्लर।

    "ये… क्या है?" वह बड़बड़ाया।

    शक की एक महीन रेखा उसके माथे पर और गहरी हो गई।
    उसने टाइमस्टैम्प के ठीक बाद का नेटवर्क लॉग खोला ।
    सब नॉर्मल दिखाया गया। कोई गड़बड़ी नहीं। कोई लॉग मिटाया नहीं गया। सब कुछ परफेक्ट।और यही परफेक्ट होना उसे अखर गया।

    "कोई बहुत सफाई से खेल रहा है…"
    रुद्र कुर्सी पर पीछे झुका। कमरे की दीवार पर उसकी कोर टीम की तस्वीर लगी थी , हर चेहरा, हर नाम उसे अपनी ज़ुबान से याद था। हर कोई उसका वफादार था जिन्होने अब तक उसके लिए बहुत से कठिन से कठिन मिशन को पूरा किया था । उस पर शक करने की वजह नही मिल रही थी ।
    उसकी नजरें धीरे-धीरे उन चेहरों पर घूमीं।

    "अगर दुश्मन बाहर नहीं… तो क्या…"
    वो सोचते हुए रुक गया। खुद को ही बीच में रोक लिया।
    "नहीं, ये सिर्फ थकान है। ओवरथिंक मत कर।"

    लेकिन दिमाग़ मानने को तैयार नहीं था।
    कुछ था जो भीतर टकरा रहा था। जैसे कोई परछाईं उसे घूर रही हो।

    उसने फ्रस्ट्रेशन में टेबल पर पड़ा मग उठा कर दीवार की ओर फेंका —
    "धाड़!"
    सिरेमिक का टुकड़ा फर्श पर बिखर गया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।

    कुछ देर तक वो बस वहीं बैठा रहा — दोनों हाथों से अपना चेहरा ढँके हुए।


    ---

    बाहर आसमान पर बादल गहराने लगे थे।
    रुद्र अब भी चुप था, मगर उसका मन शोर से भर चुका था।

    और इस पूरे समय में, उसकी कोर टीम के सदस्यो का नाम एक बार स्क्रीन के कोने से चमक के बुझ गया…

    बिना उसका ध्यान खींचे।


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  • 8. Mafia obsessed love - Chapter 8

    Words: 1076

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब आगे :-







    रुद्र पिछले कुछ दिनो से बहुत परेशान था । वह अभी भी अपने आफिस केबिन मे बैठा था । तभी उसका मोबाइल रिंग करने लगा । उसने अपना फोन उठा कर देखा तो उस पर प्राइवेट नंबर शो हो रहा था ।

    रुद्र-" Who is speaking?"

    उसकी आवाज के बाद किसी की हसी की आवाज आई। उस आवाज से उसका जुनून , उसका पागलपन झलक रहा था । दूसरी तरफ का शक्स बोला -


    "तू जिसे अपनी रीढ़ समझता है,
    वहीं तुझे झुका रहा है…
    पर ठहर, अभी तो शुरुआत है।
    अगला वार, तेरे दिल के सबसे करीब पड़ेगा।"

    एक जोरदार हंसी के साथ वह काॅलर काॅल रख देता है । रुद्र बार बार हैल्ल हैल्लो करने लगा । पर फोन तोहफे ही कट चुका था । यह देख कर वह अपना फोन जोर से जमीन पर पटक देता है , जिससे वह टुकडो मे बंट गया । तभी उसका दूसरा फोन बजने लगा ।

    रुद्र ने जैसे ही फोन उठाया, उधर से आवाज आई-" खुराना इंडस्ट्रीज के चैम्बूर वाली फैक्ट्री मे लगी आग । प्राप्त सूत्रो से पता लगा है कि इसके पीछे का कारण विस्फोट है । वह कैसे हुआ , इसकी जांच चल रही है ।"

    रुद्र-" You basta*d. I will kill you. I will give you a slow, agonizing death."

    उसीकी बात सुनकर सामने वाला शख्स बोल पडा -


    "तू सोचता है जंग सिर्फ़ बंदूक से जीती जाती है,
    पर मैं तुझे तेरे ही साए से डराना जानता हूँ।
    एक-एक करके सब कुछ छीनूँगा तुझसे,
    तेरे अपने… तेरी नींद… तेरा चैन…
    और जब तुझमें कुछ नहीं बचेगा,
    तब भी मैं तुझे नहीं मारूंगा —
    क्योंकि तड़पती ज़िंदगी ही तेरा असली सज़ा होगी।"

    रुद्र-" कैयान , यह तुम ही हो ना । बुजदिल कही के । वार करना हो तो सामने से करो ।

    तू साजिशों से खेलता है, मैं सीधा वार करता हूँ,
    तू छुपकर ज़हर घोलता है, मैं आग उधार नहीं करता हूँ।
    तू बर्बादी की बात करता है, चल, करके दिखा,
    मैं वो जख्म हूँ जो हर वार पे और निखरता हूँ।
    आ मत सामने, खुद की नज़रों से गिर जाएगा,
    तू रुद्र से टकराया है… अब तिल-तिल कर मर जाएगा।"

    उसकी बात सुनकर कैयान बोल पडा -" रुद्र, मानना पडेगा कि तुम बहुत कमाल हो । पर एक कमी है तुझमे । तुम अपने आप के अलावा सबको कमतर समझते हो । तुम सिर्फ अपनी सोच को ही सही मानते हो । खैर कहा जाता है कि इंसान की फितरत और कुत्ते की पूंछ कभी नही सुधरती ।

    तुम बस इंतजार करो कि मेरा अगला वार कहा पर होगा । एक एक कर तेरा सबकुछ छीन लूंगा । तेरे पास कोई नही बचेगा ।

    ऐसे यार, रुद्र ! आर्यन कैसा है ? मेरे ख्याल से तो वह ठीक ही होगा । क्या हो , अगर वह पानी पी रहा हो और उसमे जहर हो ।"

    रुद्र चीखते हुए कहता है -" मेरे आर्यन को बीच मे मत लाओ । उसे इस सब के बारे नही पता है । उसे बीच मे मत घसीट। "

    कैयान हंसते हुए कहता है -" रुद्र, आर्यन की बात आई तो तो टूटा ना । फिर तूने मेरे विवान को कैसे मारा । तुमने तो मेरे विवान को मारने मे कोई मर्सी नही दिखाई थी पर मै तेरी तरह घटिया नही हू । आर्यन जैसे मासूम को मै बीच मे नही लाऊंगा । पर यह बात मै सबके लिए नही कह सकता , उसे अपने दुश्मने से संभाल कर रखो । याद रखो ,सब मेरी तरह नही होते है ।

    जानते इस बार दुश्मन तुम्हारा बहुत अजीज है । संभाल कर रखना अपने हीरे को । ऐसे उस पर बहुतो की नजर है । एक बात तो जरूर है कि वह तेरे जैसा डेविल डिजर्व नही करता ।

    मुझे आज भी वह दिन याद है जब वह मासूम तुझसे टकरा गया था । बेचारा का पर्स किसी चरने चुरा लिया था और वह उस पैसे के लिए उस चोर का पीछा करते हुए तुझसे टकरा गया था ।

    उसने तो तुझे देखा भी नही था । सिर्फ तेरे से टकरा जाने के कारण उसने अपनी प्यारी आवाज मे कहा था -" सर , वह चोर हमारा पर्स लेकर भाग रहा था । उसने हमे धक्का भी दिया । उसमे पूरे चार सौ रुपये थे । देखिए ना हमे चोट भी लग गई । यह कह कर वह अपनी चोट तुम्हे दिखाने लगा था ।

    उसे बेचारे को क्या पता था कि उसने एक डेविल के दिल मे दस्तक दे दी थी । तूने उसे उसकी दुनिया से निकाल कर खुद की दुनिया मे कैद कर लिया । प्यार नही वह तेरा ऑबशेसन है । वह एक एंजेल है । उसे बचा सकता है तो बचा लेना ।"

    रुद्र-" कैयान, उन सब को बता देना कि आर्यन से दूर रहे । मैने आर्यन को पाने के लिए सबकुछ किया है । अगर मेरे आर्यन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगें तो उन सब की लाश बिछा दूंगा । "

    कुछ देर बाद वह आर्यन के पास था । वह उसे पकड कर लेटा हुआ था । उसकी पकड उस पर बहुत टाइट थी । जिससे आर्यन को दिक्कत हो रही थी । वह कसमसाने लगा । यह महसूस कर रुद्र जो अपनी आंखे बंद कर उसे महसूस करने मे व्यस्त था , वह आंख बंद किए हुए ही कहता है -" Darling, don’t move. Stay just the way I placed you. I’m feeling you. I don’t like this.

    उसकी बात सुनकर आर्यन चुपचाप बिना हिले लेटा रहा । रुद्र उस पर अपनी पकड कसते रहा । कुछ देर बाद रुद्र ने उसके सारे कपडे खोल कर हटा दिए थे और अब उसके हाथ उसके पूरी बाॅडी पर मूव कर रहे थे ।

    कुछ देर बाद वह उसके होठ पर अपने होठ रख कर पैशनेट किस करने लगा । कुछ समय के अंदर ही उस रुम मे आर्यन के मोनिंग आवाज भर गई । रुद्र उसके अंदर समा गया । कुछ देर बाद जब वह शांत हुआ तो कहता है -" I love you. You don't leave me . I don't let you to go . You belong to me. You are mine baby."

    आर्यन-" ह ..ह...हब्बी , कुछ हुआ है क्या ? आप ऐसी ...

    रुद्र-" जानू , एकदम खामोश रहो । कुछ भी बोलने की जरूरत नही है ।"

    आर्यन चुपचाप लेटा रहता है और वही रुद्र ने अभी भी कस कर पकड रखा था ।

    अगले भाग मे जारी .......


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  • 9. Mafia obsessed love - Chapter 9

    Words: 1410

    Estimated Reading Time: 9 min

    अब आगे :-










    कुछ दिन बाद

    मुंबई का समुद्र तट – रात का समय

    काली रात की चादर में लिपटा मुंबई का वह समुद्र तट, जो आम दिनों में बस लहरों की सिसकियों और हल्की हवा की सरसराहट से गूंजता था, आज अजीब सी बेचैनी से भरा था। चाँद बादलों में छुपा हुआ था, और आसमान में बिजली की हल्की चमक जैसे किसी अनहोनी का संकेत दे रही थी।

    तट की रेत पर कुछ परछाइयाँ सरक रही थीं—काले कपड़ों में ढके हुए, चेहरे नकाब से छुपाए हुए आदमी, जो हर आवाज़ से चौकन्ने थे। दूर समंदर में एक मोटरबोट की गूंज सुनाई दी। कुछ ही देर में एक काला जहाज धुंध को चीरता हुआ किनारे के करीब आकर रुका।

    आज यहा रुद्र के इल्लीगल हथियार का कंसाइनमेंट उतरने वाला था । यह डील रुद्र के लिए बहुत जरुरी थी क्योकि यह डील अरबो डाॅलर की थी । एक एक हथियार की कीमत मार्केट मे लाखो करोडो रुपयो मे थी ।

    रुद्र की आँखें अंधेरे में चमकती हैं। वह एक ऊँची चट्टान से नीचे हो रहे हर मूवमेंट को देख रहा है। उसके साथ दो और आदमी थे - अभि और आरव । आरव दूरबीन से हर कोने की निगरानी कर रहा है, वही अभि हाथ में वॉकी-टॉकी थामे रुक-रुक कर कोड वर्ड्स में बात कर रहा है।

    जहाज से धीरे-धीरे भारी लकड़ी के बक्से उतारे जा रहे हैं। चारों ओर सन्नाटा है, लेकिन वह सन्नाटा सिर्फ ऊपर से है—हवा में बारूद और खौफ की गंध साफ महसूस होती है।

    तभी लहरों की आवाज़ के बीच कहीं दूर एक सायरन की गूंज सुनाई देती है—धीमी, लेकिन बढ़ती हुई। जिसे सुनकर रुद्र और उसके साथी चौकन्ने हो गए थे ।

    पुलिस की स्पेशल टीम पहले से मौजूद है। सबने ब्लैक यूनिफॉर्म पहनी है, नाइट विजन गॉगल्स लगाए हैं। इंस्पेक्टर काव्या, जो ऑपरेशन लीड कर रही है, कान में वायरलेस लगाकर फुसफुसाती है,
    "ऑपरेशन शुरू करो। कोई नहीं बचे।"




    पुलिस टीम रेत में दबे कदमों से आगे बढ़ती है।

    दूसरी तरफ, एक बॉक्स का ढक्कन खुलता है—अंदर ऑटोमैटिक हथियारों की चमक।

    रुद्र नीचे उतरने ही वाला है तभी बिलकुल अचानक तेज फ्लैश लाइट्स, गगनभेदी आवाज़ें -"पुलिस! किसी ने हिलने की कोशिश की तो गोली मार दी जाएगी !"
    बंदरगाह पर अफरा-तफरी मच जाती है। गोलियाँ चलती हैं, कुछ लोग भागते हैं, कुछ हथियार छोड़ देते हैं। रुद्र एक साइड से अपनी गाड़ी की तरफ भागता है, उसका चेहरा अब पूरी तरह नजर आता है—सख्त, शांत, लेकिन आँखों में उबाल।


    इंस्पेक्टर काव्या को वहा मौजूद देख कर रुद्र शाॅक रह गया । वह कहता है -" मैने तो उस दिन इसकी इतनी बुरी हालत कर दी थी । सिर्फ यह लडकी थी और रुद्र खुराना लडकी की जान नही लेता , इसलिए मैने इसे छोड दिया था । उस हादसे के बाद तो लडकिया सुसाइड कर लेती है तो यह जिंदा क्यो रही । कोई बात नही एक बार फिर से इसका इंतजाम कर दूंगा ।"

    रुद्र की आँखें इंस्पेक्टर काव्या से मिलती हैं। कुछ पल के लिए दोनों एक-दूसरे को घूरते हैं। हवा थम जाती है, वक़्त जैसे ठहर जाता है। फिर एक धमाका और रुद्र अंधेरे में गायब हो जाता है।


    काव्या गुस्से से अपना हाथ झटक देती है और निराशा से जोर से चिल्लाती है -" रुद्र खुराना , इस बार तो तू मुझसे बच गया । पर हर बार नही बच पाएगा । मै तुझे तेरे पापो की सजा दिलवा कर रहूंगी ।

    काव्या उस जहाज को कस्टडी मे लेकर उसमे मौजूद आदमियो और सारे इल्लीगल हथियार को कस्टडी मे ले लेती है ।


    रुद्र अपनी हार से बुरी तरह बौखला गया था । तभी उसका फोन बजता है । रुद्र गुस्से से फोन उठाते हुए कहता है -" कैयान, यह सब तुमने ही किया है ना । मै तुम्हे जिंदा नही छोडूंगा । जान से मार डालूंगा ।"

    उसकी बात सुनकर कैयान हसते हुए कहता है -"

    तेरे माल पे तो लिख दिया मैंने — ‘कब्ज़ा’,
    तेरे मुनाफ़े की सांसें… अब मेरे नाम की बंधक।
    बड़े शौक से बिछाया था तूने सौदों का जाल,
    अब देख मछली मैं निकला… और तू फँस गया अब भटक।
    लाखों की बात करता है रुद्र, दिल छोटा मत कर,
    मैं तो बस खेल शुरू कर रहा हूँ… ये तो था ट्रेलर झलक ।

    यह कह कर वह जोर जोर से हंसने लगा । इस हंसी मे सब कुछ था - उपहास, सुपीरियरिटी, जीत का दर्प ।


    इन भावनाओ को महसूस कर रुद्र बौखला गया था । वह गुस्से से कहता है -" अगर बिल्ली एक दो पंजाब शेर को मार दे तो वह शेर से जीत नही सकती । यह वही पंजा है ।

    तेरे जाल में फँसा? अरे मैं तो खेल देख रहा था,
    तू समझा शिकारी है, पर खुद ही मुखौटा पहन रहा था।
    जो सौदा तुझे जीत लगा, वो तो सिर्फ एक मोहरा था,
    असली माल… असली चाल… अब शुरू हो रहा है नाटक।
    लाखों की बात कर, पर हिसाब पूरे कर लेना,
    क्योंकि जब मैं वसूलता हूँ… तो सूद तक जला देता हूँ ।"

    उसकी बात सुनकर कैयान फिर से हंसते हुए कहता है -" बडी बडी तकरीर करना और सही मे कुछ कर दिखाने मे अंतर होता है । मेरे यार और अब मेरे सबसे बडे दुश्मन तुम्हे तुम्हारा हार मुबारक हो ।

    मेरी खुदा से बस इतनी इल्तजा है
    तुझे आए मौत देखने की तमन्ना है

    तेरी ताकत को टूटते देखे बार बार
    तेरी तडप को बढाए मेरा हर वार

    बस तेरा यही गुस्सा , यही फ्रस्ट्रेशन मेरे विवान को खुशी देगा और तुम तो जानते ही हो कि मै अपने विवान की खुशी के लिए कुछ भी कर सकता हू । रुद्र, मेरे अगले वार के लिए तैयार रहना । ओके बाय यार ।" इतना कहकर वह फिर हसने लगा और फोन कट कर दिया ।

    रुद्र ने फ्रस्ट्रेशन से अपना हाथ जोर से स्टेयरिंग पर पटक दिया ।

    .........



    अगले दिन


    रुद्र स्टडी रुम मे अपने डैड के सामने खडा था । रुद्र के चेहरे पर कैजुअल अप्रोच था । वही रुद्र के डैड गुस्से से उसे घूर रहे थे ।

    यह देख कर वह कहता है -" डैड, क्या हुआ जो आप आज इतने गुस्से मे है । अगर किसी ने आपको परेशान किया है तो मुझे बताए , मै उन्हे नही छोडूंगा ।"



    रुद्र की बात सुनकर विक्रमादित्य कहता है -" रुद्र, तुम यह क्यो भूल जाते हो कि जिस कुर्सी पर आज तुम हो , वह कुर्सी कभी मेरी ही थी । मेरे बाद तुम उस पर बैठे क्योकि तुम इस लायक थे । पर इस तरह सबसे दुश्मनी करने का क्या ही मतलब है ? आज तुम्हारी हरकतो की वजह से कैयान हमारा दुश्मन बन गया है ।"

    रुद्र-" डैड , चिल किजिए । कैयान इतनी बडी हस्ती नही है कि वह रुद्र खुराना का कुछ भी बिगाड पाए । इसलिए उसकी चिंता करना छोड दिजिए ।"

    विक्रमादित्य -" रुद्र, तुम अपनी बकवास बंद करो । हमारे धंधे मे ऐसे ही दुश्मन बहुत होते है , तुम दोस्तो को दुश्मन बना रहे हो । विवान को मारने की क्या जरूरत थी ?"

    रुद्र-" विवान के धोखे की वजह से मेरा दोस्त राज मारा गया तो उसे कैसे छोड देता । आपको तो पता ही है कि मै किसी को नही छोडता ।"

    विक्रमादित्य-" रुद्र, सब कुछ सैटल करने की कोशिश करो । कैयान क दी गई इंफॉर्मेशन की वजह से हमारा कंसाइनमेंट पकडा गया । कैयान यह पकडवा कर मीडिया की नजर मे हीरो बन चुका है । उस कंसाइनमेंट के पकडे जाने की वजह से हमारे ऑर्गनाइजेशन ब्लैक स्पाइडर मे भी विरोध की आवाज आने लगी है जो तुम्हारी कुर्सी के लिए सही नही है । अगर यह आवाज बढी तो फिर यह एक revolt मे बदल सकता है । इसलिए आगे से जो भी करो ,सोच समझ कर करो ।"

    रुद्र-" डैड, रुद्र खुराना के खिलाफ ऐसा सोचने वाले को भी बहुत बुरी मौत मिलेगी । अगर इतनी हिम्मत है तो एक बार ऐसा करके देख ले । अगर आपकी बात पूरी हो जाए तो मै यहा से जा सकता हू । जानू , मेरा वेट कर रहा है ।"

    विक्रमादित्य-" रुद्र, तुमने आर्यन का नाम लिया तो याद आया । आज चीफ मिनिस्टर की तरफ से तुम्हे और तुम्हारी वाइफ को बुलाया गया है और तुम आर्यन को लेकर वहा जा रहे हो।"

    अगले भाग मे जारी .....

    रुद्र की अगली चाल क्या होगी ..

    क्या अपने डैड की बात मान कर रुद्र पहली बार उसे लेकर पार्टी मे जाएगा....

    जानने के लिए पढते रहे ...

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  • 10. Mafia obsessed love - Chapter 10

    Words: 1309

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब आगे :-







    रुद्र अपने डैड की बात सुनकर शाॅक के साथ बोल पडा -" डैड, आप जानते है कि मुझे जानू का बाहर जाना पसंद नही है । मै नही चाहता कि किसी की भी गलत नजर उस पर पडे । मै अकेला चला जाऊंगा । पार्टी मे तरह तरह के लोग होंगे । मेरे जानू के लिए यह सही नही होगा । वह बहुत मासूम और भोला भाला है । अगर मै उसे अपने साथ ले गया तो वह भी मेरे दुश्मनो की हिट लिस्ट मे आ जाएगा । मै उसकी लाइफ के साथ रिस्क नही ले सकता ।"

    विक्रमादित्य-" रुद्र, तुम्हारे बकवास सोच की वजह से हम बर्बाद नही हो सकते है । क्या तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है ? तुम्हे पता भी है कि तुम क्या कह रहे हो ? तुम कुछ भी बोलने से पहले उसके आफ्टर इफेक्ट के बारे मे जरा भी नही सोचते । वह इनविटेशन सीधे सी एम के पास से भेजा गया है । हम उनसे लडाई नही कर सकते है । ऐसे भी यह राज्य उनका है । उनकी दुश्मनी हमारे लिए भारी पडेगी । इसलिए चुप चाप शाम की तैयारी करो । आर्यन अब मेरा बहू है तो उसका स्टेंडर्ड भी मैटेंन करना । दूसरी बात यह है कि तुम पार्टी मे चाहे कुछ भी क्यो ना हो , मीडिया को मसाला देने का काम नही करोगे । कोई तुम्हारा कितना भी बडा दुश्मन क्यो ना हो , उससे दोस्त की तरह बिहेव करोगे ।

    रुद्र-"डैड , आप कहते है तो मै चला जाऊंगा । पर अगर किसी ने मुझसे उलझने की कोशिश की तब क्या करुंगा ? कायर की तरह हाथ पर हाथ रख कर बैठा रहूंगा ?"


    विक्रमादित्य-" रुद्र, हा तुम बैठे रहोगे । तुम कुछ भी उटपटांग बिहेवियर नही करोगे । यह मेरा ऑर्डर है । अब जाकर आर्यन को पार्टी के लिए तैयार करवाओ ।ऐसे तो मै उसे तैयार करने के लिए टीम भेज सकता हू पर तुम्हे यह पसंद नही आएगा ।"

    रुद्र-" ओके डैड, फाइन । मै तैयार हू । अब मै जाता हू । मुझे आफिस भी जाना है ।"

    वही आर्यन अपने कमरे मे बैठा था । तभी रुद्र आकर उसे अपनी गोद मे लेता है और उसे लिए हुए बेड पर प पटक देता है । आर्यन को चोट तो नही आई थी , पर वह चिहूक गया था ।

    वह डरते हुए खुद बेड पर सरकने लगा । वह जानता था कि उसका हब्बी आज फिर बहुत गुस्सा है । वह डरते हुए कहता है -" हब्बी , अब मुझसे क्या गलती हो गई है जो आप गुस्सा है ।"

    रुद्र-" जानू , तुमने कुछ नही किया । पर मै गुस्सा हू । चलो , मुझे रिलेक्स करो । मुझे यह समझ नही आता कि जब मै नही चाहता कि तुम बाहर जाओ तो फिर सब लोग मुझे मजबूर क्यो करते है ? उस सी एम को आखिर मेरी वाइफ यानी तुमसे क्यो मिलना है ? जानू , तुम एक बात अच्छे से याद रखना कि तुम सिर्फ और सिर्फ मेरे हो ।"

    आर्यन-" Hubby! I am only yours. I love you. "

    रुद्र -" जानू , now you kissed me with passion. Come fast , do whatever I ask. Why are you far away . Aryan ."

    आर्यन जल्दी से रुद्र के होठ पर अपने होठ रख कर पैशनेट किस करने लगा । रुद्र उसके शर्ट को उपर कर उसकी पीठ पर अपने हाथ फेरने लगा । धीरे धीरे वह अपने हाथ को पीठ से आगे की तरफ ले आता है और उसके एब्स पर अपने हाथो को सेंसुअस ढंग से फेरने लगा । दूसरे हाथ से वह उसकी कमर को पकड़कर खुद मे सटा लेता है ।

    करीब पांच मिनट बाद आर्यन किस ब्रेक कर देता है । उसे अब सांस लेने मे प्राब्लम हो रही थी । रुद्र उसकी कमर को जोर से पिंच कर कहता है -" jaanu , you really had a guts to apart . How dare you? Just do what you were told to. Just stick to it . Got it. "

    आर्यन हा मे अपना सिर हिलाकर अपने होठ को फिर से रुद्र के होठ से जोड़ दिया । रुद्र किस ब्रेक किए बिना ही उसके उपर आ गया और उसके कपडो को फाड़कर उसके बदन से अलग कर दिया ।

    रुद्र एक बार फिर से उसकी कमर पर पिंच करता है । जिससे आर्यन का मूंह खुल जाता है और वह अपने जीभ को उसके मूंह मे इंटर करा देता है । अब वह लगातार ही उसके मूंह के रस को पी रहा था । दोनो के जीभ आपस मे उलझ रहे थे । वह उसके मूंह का रस पीने के बाद उससे अलग होता है और एक जोरदार बाइट उसके गर्दन पर करता है जिससे आर्यन की चीख निकल गई थी । अब वह उसके काॅलर बोन पर बाइट कर रहा था । उसने उसके गर्दन और उसके आसपास के पूरे एरिया को अपने दिए हिक्कीस से भर दिया था ।

    आर्यन चुपचाप सबकुछ बर्दाश्त कर रहा था । रुद्र ने अपने होठो से उसके पूरे बदन को एक्सप्लोर किया था । उसका पूरा बदन रुद्र के दिए गए लव बाइट से भर गया था । कई जगह से तो खून भी निकल रहा था । फिर रुद्र आर्यन को पेट के बल लेटा देता है । उसने उसकी पूरी पीठ को भी वेट किसेज और लव बाइट से भर डाला था । कुछ देर तक इस तरह करने के बाद वह उसमे इंटर कर जाता है ।

    कुछ देर बाद रुद्र आर्यन को पकड़कर सोया था । आर्यन भी बहुत थक गया था तो वह भी सोया हुआ था पर उसके चेहरे पर दर्द था ।

    शाम के समय रुद्र उसे उठाता है और उसे लेकर वाशरुम मे चला जाता है । वह उसे ठंढे पानी के शावर के नीचे खडा कर खुद से चिपका लेता है और शावर ऑन कर देता है । ठंडे पानी की वजह से आर्यन उसे और कस कर पकड लेता है । यह देख कर उसके चेहरे पर स्माइल आ गई थी । रुद्र आर्यन के गर्दन पर बनी हिक्कीस को छूते हुए कहता है -

    रुद्र-" जानू , यह तुम पर बहुत खुबसूरत लग रहा है । आज तुम मेरे साथ पार्टी मे जा रहे हो , वहा किसी के भी करीब नही जाओगे । यह लव बाइट इस बात का सबूत है कि तुम जूठे हो । तुम अब मेरी अमानत हो । "

    आर्यन चुपचाप सबकुछ सुन रहा था । रुद्र वहा टांगने मे रखा टावेल लेकर खुद पर लपेट लेता है और आर्यन को ऐसे ही गोद मे लिए हुए निकल गया । कुछ देर बाद वह उसे वाइप कर रहा था ।

    आर्यन -" हब्बी , मै खुद कर लूंगा । आपको परेशान होने की जरूरत नही है । "

    रुद्र-" जानू , मुझे पता है कि मुझे क्या करना है और क्या नही । मुझे तुमसे कुछ भी जानने की जरूरत नही है । आगे से इस बात का ध्यान रखना । तुम मैरे वाइफ हो , वही बन कर रहो । मेरा बाप बनने की जरूरत नही है ।"

    इतना कहकर वह उसे पोछने लगा । फिर वह उसे ब्लैक सूट विथ रेड शर्ट पहनाता है । साथ मे मैचिंग टाई , रोलेक्स वाच और आंखो मे spectacle था । उसने आर्यन को ब्लैक शू भी पहने दिया । वह उसके बालो को ऐसे ही सिर्फ काम्ब कर छोड देता है । जिस कारण उसके बाल उसके चेहरे पर आ रहे थे और उसे बेहद खुबसूरत बना रहे थे ।


    रुद्र भी उससे मैचिंग कपडे मे था । वह आर्यन के कमर मे हाथ डालकर उसे अपने साथ लेकर पार्टी के लिए निकल गया ।

    अगले भाग मे जारी......

    क्या रुद्र सच मे अपना गुस्सा कंट्रोल कर पाएगा या वह कुछ बडी गलती कर जाएगा .......
    जानने के लिए पढते रहे ........


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  • 11. Mafia obsessed love - Chapter 11

    Words: 1702

    Estimated Reading Time: 11 min

    अब आगे :-












    पार्टी चीफ मिनिस्टर ने अपने फार्म हाउस मे दी थी । फार्म हाउस के बीचों-बीच बना वह पार्टी हॉल किसी सपने से कम नहीं लग रहा था । चारों तरफ़ हरियाली से घिरा हुआ, उस हॉल की भव्यता दूर से ही लोगों को आकर्षित कर रही थी । विशाल शीशे की दीवारें बाहर के प्राकृतिक दृश्य को भीतर से देखने की सुविधा देती थीं, जिससे सूरज की हल्की किरणें अंदर आकर पूरे हॉल को सुनहरी चमक से भर रही थीं ।

    हॉल के भीतर क्रिस्टल के झूमर झिलमिला रहे थे, जो नीली और सुनहरी लाइट्स के साथ समां बांध रहे थे। सफेद और गोल्डन थीम में सजे राउंड टेबल्स पर रेशमी कवर और ताजे फूलों की खूबसूरत सजावट थी । बीचों-बीच एक बड़ा डांस फ्लोर था, जिस पर साउंड-प्रूफ लकड़ी की परत बिछाई गई थी, और उसके ऊपर सॉफ्ट लाइट्स की लहरें नाचती फिर रही थीं ।

    एक कोने में लाइव म्यूजिक के लिए छोटा सा स्टेज बना था, जहाँ जाज बैंड की मधुर धुनें माहौल को और भी रोमांटिक बना रही थी । बार काउंटर पर विदेशी ड्रिंक्स की लंबी लिस्ट थी, और शेफ्स लाइव किचन में इंटरनेशनल डिशेज़ बना रहे थे । बाहर बगीचे की ओर खुलने वाले दरवाज़ों से हल्की-सी ठंडी हवा आती, जो अंदर की गर्माहट को संतुलित करती थी।

    हर डिटेल में शाही अंदाज़ था—फूलों की सजावट, ऐरोमैटिक कैंडल्स की खुशबू, और मेहमानों के लिए बदले में रखे गए छोटे गिफ्ट्स तक सब कुछ राॅयल टेस्ट लिए था । यह पार्टी न केवल दिखने में भव्य थी, बल्कि हर एहसास में रॉयल्टी महसूस हो रही थी ।

    धीरे धीरे वहा लोगो का आना शुरु हो गया था । चीफ मिनिस्टर संजय देशमुख अपनी वाइफ के साथ खुद गेस्ट का स्वागत कर रहे थे । आज की पार्टी उनकी शादी के पच्चीसवे सालगिरह के उपलक्ष्य मे दी गई थी । आज की पार्टी मे फिल्म, टेलिविजन, मीडीया , राजनीति , खेल , कला , संस्कृति और बिजनेस इंडस्ट्रीज से जुडे सारे बडे बडे लोग इंवायट थे । धीरे धीरे उनका आना शुरु हो गया था ।

    आज की पार्टी का थीम ब्लैक आउटफीट था । कुछ देर बाद वहा कैयान भी ब्लैक टाॅक्सीडो मे था । वह सबसे पहले सी. एम. संजय और उसकी वाइफ को कांग्रेचुलेशन कह कर सीधे जाकर बार काउंटर पर बैठ जाता है और अपना ड्रिंक हाथ मे पकडे हुए इंट्रेंस की तरफ देखने लगा और कहता है -"


    बैठा हूँ एक सन्नाटे की छाँव में,
    ना कोई शिकायत, ना कोई सवाल किए।
    बस एक चेहरा, एक लम्हा, एक आवाज़ लिए,
    बैठा हू मैं वक़्त से भी ज़्यादा सब्र किए "

    उसके चेहरे पर मिस्टीरियस स्माइल आ गई , जब उसने रुद्र को आर्यन के साथ आते देखा । जैसे जैसे वो दोनो पास आ रहे थे , उसकी स्माइल बढती जा रही थी । अब उसके आंखो मे चमक थी । यह चमक , वैसी ही चमक थी जैसी चमक एक शिकारी की आंखो मे शिकार देख कर आती है ।

    वही संजय रुद्र को देख कर उसके पास आकर कहता है -" मि रुद्र खुराना ,वेलकम । ऐसे आपकी वाइफ का क्या नाम है ?"

    रुद्र आर्यन का कमर पकड कर खुद मे सटाते हुए कहता है -" इसका नाम और इसकी पहचान यही है कि यह मिसेज रुद्र खुराना है । इससे ज्यादा किसी परिचय की जरूरत नही इसे बिल्कुल नही है ।"

    उन दोनो की बातो के बीच मे आते हुए कैयान बोल पडा -" मि रुद्र खुराना , आप अपने आप को कुछ ज्यादा ही इंपोर्टेंस देते है । सब आदमी मे कोई ना कोई खुबी तो जरूर होती है । आप अगर उसे अपना टैलेंट दिखाने ही नही देंगे तो वह खुद को साबित कैसे करेगा । चलो यार, यह सब बाते छोड कर हम ड्रिंक करते है । देशमुख सर , मै आपके मेहमान को थोडी देर के लिए अपने साथ ले जा रहा हू । I know you don't mind it . Rudra, common ! Come fast. "


    उसकी हरकतो से रुद्र का गुस्सा बढ रहा था । वह किसी तरह खुद को शांत करते हुए कहता है -" कैयान, यह क्या नाटक लगा रखा है । मै कोई तुम्हारा यार नही हू जो मुझे अपने साथ लेकर जा रहे हो ।

    दुश्मन है तू मेरा यार की तरह व्यवहार ना कर
    अदावत है तेरी मुझसे मोहब्बत का इकरार ना कर "

    उसकी बात सुनकर कैयान कहता है -"

    दुश्मन हू दुश्मनी ही निभाऊंगा
    सीने मे खंजर खुद ही उतारुंगा "

    उन दोनो की बात आर्यन के समझ मे नही आ रही थी । वह कहता है -" हब्बी , आप और कैयान जी , क्या बाते कर रहे है ? विवान भाई और राज भाई कहा है ? आप चारो तो फ्रेंड है ना । हमेशा साथ रहते है ना ।"

    कैयान अपने मन मे कहता है -" आर्यन भी यहा है । मै तो इस बात को भूल ही गया था । उस बेचारे को तो कुछ भी पता नही है । पर रुद्र से बदला लेने के लिए मुझे तुम्हे हथियार की तरह इस्तेमाल करना होगा । "

    वह आर्यन को कहता है -" राज और विवान नही आए है । वह दोनो ही एक साथ है । यहा तो मै अकेला आया था , बाद मे तुम दोनो को देखा तो यहा लेकर आ गया ।"


    उसी समय संजय और उसकी वाइफ परेशान होकर सामने देख रही थी । उसकी वाइफ कहती है -" अरे मि रुद्र तो यहा बैठे है । मै तो उन्हे अपने गेस्ट से मिलाना चाहती थी । रुद्र, मेरे पास आपके लिए बिजनेस प्रपोजल है ।"

    रुद्र आर्यन का हाथ पकड कर उसके साथ आगे बढ गया । वही कैयान के चेहरे पर फिर से स्माइल आ गई । वह सी एम के पास जाकर कुछ कहता है जिस पर सी एम भी हामी भर देता है ।

    संजय सीधे स्टेज पर जाता है और माइक हाथ मे लेकर कहता है -" लेडीज एंड जेंटलमैन , आज यहा एक ऐसा टैलेंट मौजूद है जो बहुत प्यारा गाता है । please welcome, Mrs Rudra Khurana . "

    यह अनाउंसमेंट सुनकर रुद्र का गुस्से से हाल बेहाल हो गया था । कहा तो वह आर्यन को छिपा कर रखना चाहता था और अब उसके आर्यन को भरी महफिल मे गाना गाना होगा । वह गुस्से से कैयान को देखता है । कैयान उसे देख कर स्माइल करता है ।

    कैयान अपने मन मे कहता है -" साॅरी आर्यन, मै चाहता हू कि रुद्र बौखलाकर कुछ ऐसा कर जाए कि उसे ब्लैक स्पाइडर गैंग के लीडर के पोस्ट से हटा दिया जाए और कल की हेडलाइंस बन जाए ।"

    आर्यन बेचारा रुद्र के गुस्से को महसूस कर रहा था । रुद्र की पकड उसके कलाई पर कसती जा रही थी । उसका हाथ लाल हो गया था पर उसने एक शब्द भी नही बोला ।

    तभी संजय उसके पास आकर कहता है -" मि खुराना , आप इसे मेरा रिक्वेस्ट मान लिजिए । आज अगर मिसेज खुराना ने गाना नही गाया तो आपका और मेरा दोनो का नाम खराब हो जाएगा ।"

    रुद्र आर्यन को एक नजर देख कर उसका हाथ छोडते हुए कहता है -" तुम मिसेज रुद्र खुराना हो । सबको यह बता दो कि तुम मेरी बीवी हो ।"

    आर्यन चुपचाप स्टेज पर जाकर एक स्टूल पर बैठ जाता है और अपने हाथो को पियानो के बोर्ड पर चलाने लगा । वह बहुत ही कमाल का प्यानो प्लेयर था । वह कोई भी musical instruments बजा सकता था । फिर वह अपनी आंखे बंद कर लेता है और गाने लगा.....
    बिखरा हूं मैं तो हवा में
    नज़र न आऊंगा
    एहसास बनके तुझको
    कभी छू जाऊंगा
    मौका जो मिला तो
    मिटा जो फासला तो
    मैं बातों में ये बातें लाऊंगा
    क्या मेरी याद आती है
    क्या रातों को जगाती है
    तुझे मैं पूछना चाहूँ
    क्या मेरी याद आती है
    उसका यह गाना सुनकर रुद्र की मुट्ठियां बंध गई थी । वह अपने मन मे कहता है -" जानूं , यह तुमने सही नही किया । बहुत गलत हो गया । तुम मेरे प्यार का यह सिला नही दे सकते । तुम कैसे किसी और को अब तक चाह सकते हो ...."


    उसके सोच को ब्रेक तब लगता है जब उसके कान मे आर्यन का आगे का गाना सुनाई दिया .....
    क्या मेरी याद आती है
    क्या मेरी याद आती है
    तुझे मैं पूछना चाहूँ
    क्या मेरी याद आती है

    मेरी जान भी तू
    मै ये सजदा करुं
    रब्बा दिल से ये निकली
    दुआ है...
    जहां यार मेरा
    वहां प्यार मेरा
    तू ले जा मुझे
    या तू खबर दे

    ओह रब्बा.... मेरी दिल से ये निकली दुआ हे
    तू ले जा मुझे मेरा वो प्यार जहां हे

    ओह मेरा यार जहां है जान वहा
    अब जिये तो जिये कैसे

    वो एक आलमारी जो
    कमरे में बाएँ हैं
    रखे हैं हमसे कुछ निशान

    तसवीर मेरी कोई
    चुपके से कानों में
    बोलेगी अब मैं हूं कहां

    ये भी तो सच है
    मुख्य दरवाजा हूं अब
    हां मैं जरा सा
    मजबूर हूं अब
    बातें कितने दिल में बाकी हैं

    क्या मेरी याद आती है
    क्या रोज़ाना सताती है
    तुझे मैं पूछना चाहूँ
    क्या मेरी याद आती है

    क्या मेरी याद आती है
    क्या मेरी याद आती है
    तुझे मैं पूछना चाहूँ
    क्या मेरी याद आती है

    आंखें तेरी बताती हैं
    की मेरी याद आती है
    की मेरी याद आती है
    मैं फिर भी पूछना चाहूं
    क्या मेरी… याद… आती है
    क्या ... मेरी ... याद ...आती है ...

    उसका गाना जैसे ही खत्म हुआ । पूरे हाल मे तालिका बजने लगी । रुद्र ने भी जाकर उसे जोर से हग कर लिया ।

    अगले भाग मे जारी ...

    आर्यन -" हब्बी , मै सच मे आफिस जा सकता हू ।"

    रुद्र -" जानूं, आफिस ही नही जहा भी तुम्हारा मन करे तुम जा सकते हो । मुझे अपनी गलती का एहसास हो गया है ।


    ..............


    आर्यन-" यह कार को क्या हो गया है ? मै इस पर कंट्रोल नही कर पा रहा हू .. हब्बी , प्लीज हेल्प मी । कार रुक नही रही है । मै हाइवे पर हू । दोनो साइड खाई है ...

    रुद्र-" जानूं, तुम चिंता मत करो , मै आ रहा हू ।

    आगामी भाग मे .....
    जानने के लिए पढते रहे ......
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  • 12. Mafia obsessed love - Chapter 12

    Words: 1283

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब आगे :-


    रुद्र आगे बढ कर तेजी से आर्यन को हग कर लेता है । रुद्र के हग करने से वह शाॅक रह गया । आर्यन यह बात जानता था कि उसके हब्बी को यह पसंद नही आया है ।

    आर्यन अपनी प्यारी आवाज मे धीरे से फुसफुसाते हुए कहता है -" हब्बी , आप मुझसे नाराज है । आप मुझसे नाराज क्यो है ? आपको तो पता ही है ना कि यह मेरा फेवरेट सांग है ।"

    रुद्र भी धीमे से कहता है -" हा , जानू मै जानता हू कि यह तुम्हारा फेवरेट सांग है । शादी करने से पहले भी तुम्हारा अफेयर रहा था ना । इस गाने को गाकर उसे ही याद कर रहे थे ना । डोंट वरी ,मै तुझे कुछ नही करुंगा ।"

    आर्यन--" मेरा कोई अफेयर नही था । वह सिर्फ छोटी दी का देवर था । वह मुझसे हंसी मजाक करता था । मेरा अफेयर नही था । "

    रुद्र -" जानू , तुम्हे यह लगता है कि मै बेवकूफ हू । दी के देवर से लोग गले नही लगते है । तुम दोनो की क्लोजनेस की तस्वीर मैने देखी है । मै कोई बेवकूफ नही हू ।"

    आर्यन-" हब्बी , मै ने आपसे पहले भी कहा है कि मै किसी रिलेशनशिप मे नही रहा । पता नही किसने आपको वो तस्वीरे भेजी । मै तो खुद लडकी के साथ शादी के सपने देखता था । मैने कभी भी किसी भी लडके के साथ खुद को इमेजिन नही किया था ।"

    रुद्र -" जानू , तुमने क्या सोचा था और क्या नही सोचा था , मुझे इससे फर्क नही पडता । सच्चाई तो यही है कि तुम उस अभि के क्लोज थे । "

    आर्यन-" हब्बी , हमारी शादी को दो साल हो गए । आज भी आप मुझ पर विश्वास नही कर पाए है । मैने आपके लिए सब कुछ छोड दिया । मै एक सोने के पिंजरे मे बंद पंछी की तरह हू जो अपनी मर्जी से बस सांसे लेता है । आप जो चाहते है , मै वही करुंगा पर आप नाराज मत होइए ।"

    वही रुद्र को शांत देख कर कैयान और संजय दोनो ही बौखलाए हुए थे । उनका प्लान था कि आर्यन के प्रति अपनी पोजिसिवनेस के चलते वह कुछ तो हंगामा करेगा और उस हंगामे की वजह से उसका नाम खराब होगा ।

    संजय-" कैयान, इस रुद्र ने तो हमारा प्लान ही फेल कर दिया है । अगर यह बिना किसी हंगामे के चला गया तो सारा मेहनत बर्बाद हो जाएगा । विवान को मै क्या मूंह दिखाऊंगा । वह मेरे बडी बहन का बेटा था । वह विवान देशमुख भी था ।"

    कैयान-" अंकल, आज नही तो कल वह कोई ना कोई गलती तो करेगा ही । पर मुझे आर्यन की चिंता हो रही है । यह बात तो मै कभी नही मान ही नही सकता कि वह रुद्र आर्यन पर गुस्सा ना हो । वह बेचारा बहुत मासूम है । रुद्र का पागलपन का नाम आर्यन है । इसलिए उसने उसे सबसे अलग रखा है ।

    जब उस बेचारे ने शादी की होगी तो सोचा भी नही होगा कि एक कैद उसका वेट कर रही है । उसकी शादी की पार्टी मे मै , विवान और राज भी शामिल थे । वह मासूम इतनी चकाचौंध देख कर ही शाॅक रह गया था । मुझे आज भी उसकी बात याद है...

    कुछ देर बाद उसकी शादी थी । उसके घर वाले सब वहा मौजूद थे । उसकी बहन और जीजा को यह शादी पसंद नही थी , पर फिर भी वह वहा पर थे ।

    वह मेरे पास आकर कहता है -" सर , हमे बैठना है । सुबह से खडे है । यहा सब कुछ इतना महंगा है कि हम हिम्मत नही कर पाए । आप बता सकते है कि हम कहा बैठेंगे तो डांट नही पडेगी । आई ने कहा है कि दूसरो की चीजे नही छूते है ।"

    मै उस बच्चे की शक्ल देखने लगा । मुझे खुद को देखता देख कर वह अपना सिर झुकाए कहता है -" साॅरी सर ,लगता है कि मैने कुछ गलत पूछ लिया है । आप नाराज मत होइए । हम ऐसे ही रह लेंगे ।"


    तब मैने कहा -" आर्यन, तुम इतना क्यो सोच रहे हो ? यह सब कुछ तो तुम्हारा ही है । यह होटल तुम्हारे पति रुद्र खुराना का है ।"

    वह कहता है -" सर, आप मजाक कर रहे है ना । "

    मैने कहा -" बच्चे , मै कोई मजाक नही कर रहा । यह सब कुछ रुद्र खुराना का है और अब जब तुम उसकी वाइफ बनने वाले हो तो यह सब तुम्हारा भी है ।"

    आर्यन चीखते हुए कहता है -" सच्ची , मेरे पति इतने अमीर है । तब तो मै रोज बडा पाव खा सकूंगा और मुंबई भी घूम लूंगा । बीचेच भी घूम सकता हू । बर्फ का गोला और कुरमुरे भी खाने को मिलेगा । "

    रुद्र से शादी के बाद उस बच्चे को कुछ भी नही मिला । बस रुद्र ने उसे एक गुड्डा की तरह अपने पास रखा । आप विश्वास करेंगे , दो साल की शादी के बाद आज पहली बार वह बच्चा माल के अलावा कही आया है । माल भी दो या तीन बार आया होगा । उसका खाना भी वही होता है जो रुद्र को पसंद है । उसे किसी से मिलने नही दिया जाता । मै कभी उसे बीच मे लाना नही चाहता था पर आज मैने यह भी कर दिया । अब मै क्या करुं , आटा पीसने मे कई बार गेंहूँ के साथ साथ घुन भी पिसा जाता है । आज आर्यन मेरे लिए उसी घुन की तरह है ।पर इतना कुछ करने का कोई रिजल्ट ही नही निकला । अब कुछ और सोचना होगा ।"

    यह कहते हुए कैयान के चेहरे पर मिस्टीरियस स्माइल लौट आई ।

    कुछ देर बाद रुद्र आर्यन को अपने साथ संजय के पास आकर खडा हो गया । उसे अपने उसे अपने सामने देखकर संजय शाॅक रह गया । उसे समझ नहीं आ रहा था कि रुद्र उस के पास क्यों आया है ?

    रुद् -" सी एम सर , अब जाना चाहता हूं , ऐसे भी पार्टी खत्म होने पर है । मै नही चाहता कि मेरा जानू को बिना कारण सफर करना पडे । वह बहुत देर से यहा है , वह थक गया होगा ।"

    कुछ देर बाद रुद्र आर्यन को लेकर कार मे बैठा था । वह खुद ड्राइविंग सीट पर था और उसने गुस्से से आर्यन को पीछे की सीट पर धकेल दिया था । उसके बाद वह कार ड्राइव करने लगा ।

    उसका पूरा फोकस ड्राइविंग पर था , वही आर्यन अब सिसकने लगा था । सिसकते सिसकते वह कहता है -" आखिर कब तक आप मेरे साथ ऐसा करेंगें ? इस तरह के जीने से तो अच्छा है कि मै मर जाऊ । मै एक इंसान हू , कोई गुडिया नही हू कि आप मुझे शोकेस मे सजा कर रखे । कही ऐसा ना हो कि आपकी ज्यादती के कारण मै अपनी जान ही दे दू ।"

    अगले भाग मे जारी .........
    Precap of next part...
    आर्यन -" हब्बी , मै सच मे आफिस जा सकता हू ।"

    रुद्र -" जानूं, आफिस ही नही जहा भी तुम्हारा मन करे तुम जा सकते हो । मुझे अपनी गलती का एहसास हो गया है ।


    ..............


    आर्यन-" यह कार को क्या हो गया है ? मै इस पर कंट्रोल नही कर पा रहा हू .. हब्बी , प्लीज हेल्प मी । कार रुक नही रही है । मै हाइवे पर हू । दोनो साइड खाई है ...

    रुद्र-" जानूं, तुम चिंता मत करो , मै आ रहा हू ।


    जानने के लिए पढते रहे ......
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  • 13. Mafia obsessed love - Chapter 13

    Words: 2092

    Estimated Reading Time: 13 min

    अब आगे :-







    आर्यन की बात सुनकर रुद्र की पकड स्टेयरिंग पर कस गई थी । वह बेहद फास्ट कार चला कर दो घंटे का सफर आधा घंटे मे तय कर लेते है और कार को सीधे ले जाकर पार्किंग मे रोकता है ।

    वह गुस्से से जोर से आवाज के साथ दरवाजा खोलता है । आर्यन जिसे तेज ड्राइविंग से ऐसे ही डर लगता था , वह बेचारा खुद मे ही सिमटा था , इस आवाज को सुन कर चिहूंक गया और ज्यादा खुद मे सिमटने लगा ।

    रुद्र-" क्या हुआ जानू , डर लग रहा है । पर डर क्यो लग रहा है तुम तो मरना चाहते हो ना । मेरे साथ रहने से ज्यादा अच्छा मरना है ना । चलो आज जीते जी , तुम्हे फिर से उस जिंदगी से मिला देता हू जो तुम्हे बहुत पसंद है ।"

    आर्यन-" हब्बी , I am sorry. गलती से मूंह से निकल गया था । मेरे कहने का यह मतलब नही है । अब से कुछ नही बोलूंगा ।"

    आर्यन की बात को अनसूना कर वह उसका हाथ पकड कर उसे घसीटते हुए ले जाता है । आर्यन लगातार रो रोकर उससे माफी मांग रहा था पर ऐसा लग रहा जैसे रुद्र के कानो तक उसकी आवाज पहुंच ही नही रही है ।


    रुद्र आर्यन को पकड़कर लगभग घसीटते हुए अपने रुम मे ले आया था । वह उसे लाकर फर्श पर पटक देता है और उसके कोट को खोल कर हटा देता है ।

    वह अपने पैंट का बेल्ट खोल कर निकाल लेता है और उसे जोर से पटकता है । जिसकी आवाज सुन कर आर्यन रोने लगा । उसका रोना सुन कर विक्रमादित्य उस कमरे मे आया और रुद्र को अपने साथ लेकर नीचे लेकर जाता है ।

    विक्रमादित्य - " रुद्र, क्या तुम पागल हो गए हो ? उस बच्चे ने ऐसा क्या किया जो तुम इतने गुस्से मे हो ? तुम जानते हो ना कि वह बच्चा तुमसे प्यार करता है । तुम भी तो उससे प्यार करते हो । बेटा ,"किसी को कैद करके रखना प्यार नहीं होता…अगर तुम उससे सच में प्यार करते हो, तो उसे आज़ाद करो,क्योंकि उसे भी अपनी ज़िंदगी अपने तरीके से जीने का हक है।

    अगर तुम उसे खुलकर जीने नहीं दोगे, तो याद रखना — जब इंसान घुटने लगता है, तो वो कुछ भी कर गुजरता है।

    अगर तुम उसे खुलकर जीने नहीं दोगे, तो उसे खोने के लिए तैयार रहना…क्योंकि कैद में कोई ज्यादा देर तक नहीं टिकता चाहे रिश्ता हो या इंसान ।

    आगे तो तुम खुद ही समझदार हो । अगर उसने खुद को कुछ कर लिया तो फिर तुम क्या करोगे । क्या तुम उसे खोने के लिए तैयार हो ?"

    रुद्र -" डैड, ऐसा मत कहिए । मै उसके बिना नही जी सकता हू । मै उसके बिना मर ही जाऊगा । मै उसके बिना अपनी लाइफ को इमेजिन नही कर सकता हू । अगर उसने सच मे कुछ कर लिया तो मै कैसे रहूंगा ।"

    कुछ देर बाद वह आर्यन के पास लौट कर आया । आर्यन रोते रोते सो चुका था । वह उसे उठाकर बेड पर रखता है और उसे पकड कर सो जाता है ।

    अगली सुबह रुद्र पहले जाग कर आर्यन को उठाता है और उससे माफी मांगते हुए कहता है -" जानूं , मुझे माफ कर दो । मै तुमसे बहुत प्यार करता हू । मुझसे जो भी गलती हुई उसकी माफी अगर दे सको तो दे दो ।"

    आर्यन-" हब्बी , मै भी आपसे प्यार करता हू । प्लीज मुझ पर गुस्सा मत होइए ।"

    रुद्र -" जानू , मै तुमसे गुस्सा नही हू । अब तुम जहा चाहे जा सकते हो । जो भी चाहो , कर सकते हो । तुम आफिस ज्वाइन करना चाहते थे ना , तुम कर सकते हो । आज से ही तुम आफिस जाओगे ।



    आर्यन -" हब्बी , मै सच मे आफिस जा सकता हू । आप सच मे चाहते है ना कि मै आफिस जाऊं ? आपकी मर्जी के बिना मै कोई काम नही करुंगा । "

    रुद्र -" जानूं, आफिस ही नही जहा भी तुम्हारा मन करे तुम जा सकते हो । मुझे अपनी गलती का एहसास हो गया है । मै अब तुम्हे किसी भी बात के लिए नही रोकूंगा । प्लीज , अब कभी छोड कर जाने की बात मत करना । अगर तुम मेरे पास नही रहे तो पता नही मेरा क्या होगा । अब से तुम आजाद हो । यह लो , यह तुम्हारा गिफ्ट है । यह तुम्हारे कार की की है । तुम्हे कार चलाने का शौक है ना अब अपने शौक पूरे करो ।"

    उसकी बात सुनकर आर्यन उसके गले लग जाता है । रुद्र भी उसे कस कर हग करते हुए कहता है -" जानू, ऐसे करीब मत रहो । नही तो मेरा मन कुछ और करने का करने लगेगा । अगर मैने ऐसा कर दिया तो तुम आज पहली बार ऑफिस कैसे जाओगे ।"


    कुछ देर बाद आर्यन एक बिजनेस सूट पहन कर तैयार था । रुद्र उसे खुद ड्राइव करके अपने आफिस ले जाता है । आज आफिस मे सारे लोग आर्यन को देख कर शाॅक रह गए थे । रुद्र सबसे आर्यन का परिचय कराता है और कहता है -" Hello everyone! Meet my dear wife Mr Aryan Rudra Khurana. Now he is your new managing director . "

    सब लोग आर्यन को कांग्रेचुलेट करते है । उसके बाद रुद्र उसे लेकर एक बहुत ही खुबसूरत केबिन मे ले जाता है ।रुद्र ने एक ग्लास के दरवाज़े के आगे रुककर कहा, “वेलकम टू योर केबिन।”

    जैसे ही दरवाज़ा खुला, आर्यन ने सांस लेना भूल गया।

    अंदर जो नज़ारा था, वो किसी डिज़ाइन मैगज़ीन के फ्रंट पेज जैसा था — दीवार पर फर्श से छत तक ऊंची कांच की खिड़की, जिससे शहर का पूरा नज़ारा दिख रहा था। एक खूबसूरत वुडन डेस्क, पीछे शानदार बुकशेल्फ़, जिसमें कुछ क्लासिक किताबें, मिनिमल सजावट और एक गोल्डन नेमप्लेट Mr Aryan Rudra Khurana , Managing director लिखा था ।

    कोने में एक कॉफी स्टेशन, लैदर लाउंज चेयर, और दीवार पर एक डिजिटल पैनल जिसमें ऑफिस अपडेट्स, मौसम और म्यूज़िक डिस्प्ले हो रहा था।

    आर्यन एकदम चुप था । उसकी आंखों में हल्का-सा चमक था, और होठों पर अधूरी मुस्कान । वो धीरे-धीरे अंदर गया, उंगलियाँ डेस्क पर फिराईं, और खिड़की के पास जाकर शहर को देखा ।

    "मैंने कभी नहीं सोचा था कि…," उसकी आवाज़ रुक गई । जब उसे अपनी कमर पर रुद्र के हाथ महसूस हुए । रुद्र ने उसे खुद से सटाते हुए अपने चेहरे को उसके चेहरे के सामने लाते हुए कहा -" Mrs Aryan Rudra Khurana, तुम्हे यह कैसा लगा ?"

    आर्यन की पलकों ने धीरे से झपक कर जवाब दिया - “बहुत ज़्यादा खुबसूरत है । मैने कभी ऐसा कुछ नही सोचा था । सब कुछ कितना एक्सपेंसिव और क्लासी है । "

    यह सुनकर रुद्र के होंठों पर एक गहरी, हल्की-सी मुस्कान उभरी । वो आर्यन के और करीब आया, इतना कि उनकी सांसें एक-दूसरे को छूने लगी । कमरे में सब कुछ थम-सा गया था , सिर्फ दिलों की धड़कनें चल रही थीं ।

    "जानते हो," रुद्र ने धीमे से आर्यन की उंगलियाँ अपने होठों तक ले जाते हुए कहा, "इस पूरे केबिन में सबसे कीमती चीज़ अब मेरे सामने खड़ी है ।"

    आर्यन की सांसें तेज़ हो गईं। उसकी पलकों ने हल्की लाज से झुककर जवाब दिया, लेकिन उसकी उंगलियाँ अब और कसकर रुद्र की पकड़ में थीं।

    रुद्र ने उसे धीरे-धीरे अपने सीने से लगा लिया।

    आर्यन रुद्र की बाहों में सिमटा खड़ा था, लेकिन रुद्र की पकड़ अब और कसती जा रही थी — जैसे वो डरता हो कि अगर उसने ढीला छोड़ा, तो आर्यन फिर से दूर चला जाएगा… या खो जाएगा ।
    आर्यन ने उसकी तरफ देखा। उसकी आँखों में कुछ ऐसा था — एक बेचैनी, एक डर, और एक ऐसी चाह जो शब्दों में नहीं कही जा सकती थी ।

    यह देख कर वह बोला -" हब्बी , आप परेशान दिख रहे है ? हमने कोई गलती की ?"

    रुद्र-" नही , तुमसे कोई गलती नही हुई है । जानू , बस एक बात याद रखना कि तुम सिर्फ मेरे हो । I love you.
    इतना कहकर रुद्र ने उसके चेहरे को अपनी हथेलियों में लिया । उसकी उंगलियाँ आर्यन के गालों से फिसलती हुई उसकी गर्दन तक गईं ।

    आर्यन की सांस तेज़ हो गई, उसकी पलकों ने धीरे से झपक कर रुद्र के चेहरे को महसूस किया और फिर रुद्र ने उसे चूम लिया ।

    रुद्र ने उसे दीवार से सटा लिया, एक हाथ उसके चेहरे पर, दूसरा उसकी कमर पर कसकर थामे। “तुम्हारा हर दर्द, हर डर अब मेरा है,” उसने उसकी गर्दन पर चूमते हुए कहा।

    आर्यन आज एक बार फिर रुद्र का अपने लिए जुनून देख पा रहा था । आर्यन ने उसकी कमीज़ की कॉलर थाम ली, उसकी आँखों में झाँकते हुए बोला, “तो फिर आप मुझे मत छोड़िएगा , कभी नहीं ।”

    उन लोगो का रोमांस आगे बढता , उससे पहले ही डोर नाॅक हुआ , जिस कारण वो दोनो अलग होकर अपने आप को ठीक किया और रुद्र ने कम इन कहा ।

    बाहर रुद्र का असिस्टेंट था । वह सबसे पहले उन दोनो को ग्रीट कर कहता है -" बाॅस , मि बजाज ने अपने प्रोजेक्ट पर हमारे साथ साथ कैयान सर की कंपनी को भी लिस्ट किया है ।"


    कुछ देर बाद आर्यन रुद्र के साथ बजाज के आफिस मे था । उन्हे विजिटिंग रुम मे बैठाया गया । वहा उसके साथ कैयान भी था । आर्यन कैयान के पास जाकर कहता है -" कैयान जी , आज से मैने आफिस ज्वाइन किया है । हब्बी ने हमे Managing director जैसी पोस्ट दी है । आपके साथ इस प्रोजेक्ट पर मै काम करुंगा । मै बहुत एक्साइटेड हू । आप मेरा सपोर्ट करेंगे ना । विवान भाई कहा है ? उनका नंबर नही लग रहा । मुझे उन्हे भी यह न्यूज देना है ।"

    कैयान उसके बालो पर हाथ फेर कर कहता है -" विवान जहा है ,वहा सिग्नल नही पहुंचता , इसलिए उससे बात नही हो रही है । बाद मे बात कर लेना । मै तुम्हारा साथ जरुर दूंगा ।

    आर्यन मै रुद्र से बात करने जा रहा हू , तब तक तुम इस प्रोजेक्ट की फाइल को अच्छे से रीड कर लो ।"

    वह रुद्र के पास जाकर कहता है -" रुद्र , कमाल की चाल चली है । मै तो इंप्रेस हो गया । तुम ने आर्यन को मेरे सामने खडा कर दिया । तुम अच्छे से जानते हो कि मै उस बच्चे को हर्ट नही करुंगा । मुबारक हो ,यह बाजी तुम जीत गए ।"

    कुछ दिन बाद

    आर्यन और कैयान उस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे । वो दोनो साइट पर थे , तभी वर्कर्स के बीच झगडा हो गया । यह झगडा बढ कर वायलेंट हो गया था । जिसे संभालते संभालते शाम का पांच बज गया था ।

    आर्यन-" कैयान जी , मै अब चलता हू । ज्यादा देर बाहर रहूंगा तो सबको चिंता हो जाएगी । साॅरी , आपको बीच मे छोड कर जा रहा हू ।"

    कैयान-" बच्चा , यहा की चिंता मत करो । यहा का सब कुछ मै संभाल लूंगा । तुम सब चिंता छोड दो और आराम से घर जाओ ।"



    ..............


    कुछ देर बाद आर्यन अपनी कार मे बैठ कर घर के लिए निकल गया । उसने निकलते ही रुद्र को काॅल कर दिया । उसका काॅल देख कर रुद्र ने तुरंत ही काॅल उठा लिया ।

    आर्यन-" हब्बी , मै साइट से निकल गया हू । आधे से एक घंटे मे घर पहुंच जाऊगा । आप परेशान ना हो , इसलिए काॅल कर दिया । आय लव यू हब्बी ।"


    रुद्र -" जानू , आय लव यू टू । घर पहुंचने की हडबडी मे तेज कार मत चलाना । सबसे पहले कार की स्पीड कम करो । मै जानता हू कि मेरा शैतान बच्चा फूल स्पीड मे ही कार चला रहा होगा ।"
    आर्यन -" ओके हब्बी , मै अभी कार की स्पीड को कम कर लेता हू । अरे शीट यार ...यह कार को क्या हो गया है ? मै इस पर कंट्रोल नही कर पा रहा हू .. हब्बी , प्लीज हेल्प मी । कार रुक नही रही है । मै हाइवे पर हू । मेरे दोनो साइड खाई है ..."

    रुद्र-" जानूं, तुम चिंता मत करो , मै आ रहा हू ।"

    तभी कार के स्कीड होने की आवाज आई और रुद्र के फोन पर आर्यन की चीख गूंज उठी

    अगले भाग मे जारी....
    आर्यन के साथ क्या हुआ...

    अब रुद्र क्या करेगा .....
    जानने के लिए पढते रहे ......
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  • 14. Mafia obsessed love - Chapter 14

    Words: 1063

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब आगे :-










    शीशा टूटने की आवाज सुन कर रुद्र के माम डैड वहा आए । अपने सामने का नजारा देख कर उनकी आंखे भर आई । सामने रुद्र बैठा था जिसे अपना कोई होश नही था ।

    वो दोनो तेजी से अंदर आते है और नौकर से कह कर रुम साफ करने कहते है । वो रुद्र को लेकर बेड पर बैठा देते है ।

    प्रभावती फस्ट एड बाक्स लाकर उसके हाथो को काटन से साफ कर उसमे पट्टी बांधने लगती है जिसे देख कर वह बोल पडा -" माम, रहने दो । मुझे दर्द नही होता । लोग कहते है कि एक दर्द उसके दूसरे दर्द को भूलाने मे मदद करता है अगर वह उससे बडा हो तो । मैने सोचा मेरे शरीर का दर्द मेरी आत्मा पर लगे दर्द को भूलाने मे मदद करेगा ।"


    वो दोनो उसकी ऐसी बात सुनकर तडप गए थे । उनसे अपने बेटे की ऐसी हालत देखी नही जा रही थी ।

    प्रभावती के हाथ कांपने लगे थे । रुद्र की बातों ने जैसे उसके दिल में खंजर सा मार दिया हो । उसकी आँखें छलक गईं, लेकिन उसने खुद को सँभालते हुए रुद्र की पट्टी बाँधनी जारी रखा ।


    प्रभावती (धीरे से, आँखों में आँसू लिए) कहती है -
    "दर्द से दर्द को मिटाया नहीं जाता, रुद्र…
    जिस आग में तू खुद को जला रहा है व तुझे और खोखला कर देगी… बेटा, मैं तुझे ऐसे नहीं देख सकती।"


    रुद्र अपनी माँ की आँखों में देखता है — वहाँ सिर्फ प्यार है, लेकिन वो प्यार अब उसे और भी ज्यादा तोड़ रहा है। उसकी आवाज काँपती है, वह रुंधे गले के साथ कहता है ।

    रुद्र -"
    माम , मैं थक गया हूँ । हर रोज़ अपने अंदर के दर्द को मारते हुए जीना आसान नहीं है । सुबह जब मै जागता हूँ तो लगता है शायद आर्यन फिर से सामने आ जाएगा । वह मुझे गुड मार्निग किस करते हुए अपनी प्यारी आवाज मे बोलेगा - Hubby! Good morning, please Hubby wake up fast
    पर हर सुबह यह सच मुझे फिर से मार देता है कि आर्यन मेरे पास नही है । मै तो उसके बिना एक पल के लिए भी जीना नही चाहता पर मुझे मौत नही आती है ।

    उसके जाने के बाद बस इतना समझ आया,
    साँसें चलती रहें तो ज़िंदा होना ज़रूरी नहीं होता…
    मैं मुस्कराता रहू दुनिया के लिए,
    पर अंदर से हर रोज़ थोड़ा-थोड़ा मै मरता हू…
    वह गया तो मैं भी गया था साथ ही,
    बस फर्क इतना है वह सुकून में है… और मैं सज़ा में…

    ना उम्मीद बची, ना कोई किनारा रहा,
    उसके बिना ये दिल बस एक सहरा सा रहा…
    हर धड़कन में वह था, हर ख्वाब में उसका नाम,
    अब हर सांस में बस एक खालीपन का इल्ज़ाम…
    मैं चीखता रहा खामोशी के अंदर,
    पर कोई आवाज़ अब खुद को भी सुनाई नहीं देती…"

    रुद्र की इस तरह की हारी हुई बाते सुनकर विक्रमादित्य उसके पास आकर बैठते हैं, उनका लहजा धीमा पर भारी था । पहली बार वो भी अपने जज़्बात रोक नहीं पाते और कहते है -


    "रुद्र ,तुम मेरे यानी विक्रमादित्य खुराना का बेटा हो । तुम मेरा अभिमान हो । तुम्हे तो मैने चट्टान की तरह बनाया था । लेकिन आज…मैं तुझसे नज़रें नहीं मिला पा रहा क्योंकि मैंने तुम्हे इतना मजबूत बना दिया कि तुम सही से अपने दर्द भी किसी से बाँटना नहीं सीख पाए ।"

    रुद्र अपने डैड की बात सुनकर अपनी माँ की गोद में सिर रख देता है, उसकी आँखों से आँसू बहते हैं लेकिन वो हँसने की कोशिश करता है । वह हँसी हंसी नही थी वह एक खोखला हो चुके इंसान की अपने आप को मजबूत दिखाने की एक छोटी सी कोशिश भर थी ।

    कुछ देर बाद रुद्र शांत होकर अपनी टूटी आवाज़ में कहता है -
    "माम डैड… मैंने उसे खो दिया…
    मैं आर्यन को खो चुका हूँ…
    और मुझे लगता है मैं खुद को भी खो चुका हूँ… अब मेरे अंदर जीने की इच्छा ही नही रही । आर्यन के बिना मेरी जिंदगी बेजान बन चुकी है ।"

    प्रभावती रुद्र का सिर सहलाती है, उसके माथे पर किस करती है । वह रुद्र को शांत करने की कोशिश कर रही थी । फिर वह कहती है -"नहीं बेटा, तू अब भी है… बस तुझे खुद को फिर से ढूँढना होगा ।
    तेरे आर्यन की यादें तुझे बर्बाद करने के लिए नहीं है ।
    वह तेरी ताक़त बनने के लिए मददगार हो सकती हैं, अगर तुम यह चाहो ।"

    विक्रमादित्य उठते हैं, और खिड़की की तरफ देख कर गहरी सांस लेते हैं, फिर रुद्र की ओर मुड़ते हैं और कहते है ।

    विक्रमादित्य -
    " रुद्र  ,इस दुनिया में कुछ भी परमानेंट  नहीं होता  है ।
    बस एक चीज  को छोड  कर, वह है इंसान की मोहब्बत , वह अपना वजूद छोड़कर भी ज़िंदा रहती है।  आपकी मोहब्बत  यादे बनकर हमेशा साथ  होती है । आर्यन  की मोहब्बत  अब भी तुम्हारे साथ  है ।
    अगर तुम चाहते  हो कि आर्यन की रूह सुकून में रहे…
    तो खुद को इस तरह तबाह मत करो । वह अपनी वजह  से तुम को बर्बाद  होते देख कर  बहुत  दर्द  मे रहेगा । एक बार हमारे बारे मे भी तो सोचो , तुम्हारी ऐसी हालत देख कर हम पर क्या बीतती है क्योंकि हर माँ-बाप के लिए अपने बच्चे को यूँ मरते हुए देखना…मरने से भी बदतर होता है ।

    रुद्र अपने माम डैड को देखता है… आर्यन के जाने के बाद पहली बार उसकी आँखों में कुछ बदला था । वह अपने मन मे कहता है -" मुझे अपने माम डैड के लिए कम से कम उनके सामने खुद को मजबूत दिखाना होगा । अपनी वजह से मै माम डैड को टूटते नही देख सकता हू । अब से सबके के सामने एक अलग रुद्र होगा और अकेले मे यह रुद्र होगा जो हारा हुआ ही है ।"


    विक्रमादित्य के पास जाकर रुद्र कहता है -" ठीक है डैड , अब से मै खुद को टूटने नही दूंगा । मै फिर से जीने की कोशिश करुंगा ।"

    विक्रमादित्य-" रुद्र तुम यहा रहोगे तो कुछ भी नही भूल पाओगे । इस लिए तुम बंगलुरू चले जाओ और वहा जो हमारी कंपनी है उसे टेक ओवर कर लो । "

    अगले भाग मे जारी ..............

    क्या mumbai से दूर जाकर रुद्र अपनी यादो से दूर रह पाएगा

    जानने के लिए पढते रहे ...

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  • 15. Mafia obsessed love - Chapter 15

    Words: 1063

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब आगे :-










    शीशा टूटने की आवाज सुन कर रुद्र के माम डैड वहा आए । अपने सामने का नजारा देख कर उनकी आंखे भर आई । सामने रुद्र बैठा था जिसे अपना कोई होश नही था ।

    वो दोनो तेजी से अंदर आते है और नौकर से कह कर रुम साफ करने कहते है । वो रुद्र को लेकर बेड पर बैठा देते है ।

    प्रभावती फस्ट एड बाक्स लाकर उसके हाथो को काटन से साफ कर उसमे पट्टी बांधने लगती है जिसे देख कर वह बोल पडा -" माम, रहने दो । मुझे दर्द नही होता । लोग कहते है कि एक दर्द उसके दूसरे दर्द को भूलाने मे मदद करता है अगर वह उससे बडा हो तो । मैने सोचा मेरे शरीर का दर्द मेरी आत्मा पर लगे दर्द को भूलाने मे मदद करेगा ।"


    वो दोनो उसकी ऐसी बात सुनकर तडप गए थे । उनसे अपने बेटे की ऐसी हालत देखी नही जा रही थी ।

    प्रभावती के हाथ कांपने लगे थे । रुद्र की बातों ने जैसे उसके दिल में खंजर सा मार दिया हो । उसकी आँखें छलक गईं, लेकिन उसने खुद को सँभालते हुए रुद्र की पट्टी बाँधनी जारी रखा ।


    प्रभावती (धीरे से, आँखों में आँसू लिए) कहती है -
    "दर्द से दर्द को मिटाया नहीं जाता, रुद्र…
    जिस आग में तू खुद को जला रहा है व तुझे और खोखला कर देगी… बेटा, मैं तुझे ऐसे नहीं देख सकती।"


    रुद्र अपनी माँ की आँखों में देखता है — वहाँ सिर्फ प्यार है, लेकिन वो प्यार अब उसे और भी ज्यादा तोड़ रहा है। उसकी आवाज काँपती है, वह रुंधे गले के साथ कहता है ।

    रुद्र -"
    माम , मैं थक गया हूँ । हर रोज़ अपने अंदर के दर्द को मारते हुए जीना आसान नहीं है । सुबह जब मै जागता हूँ तो लगता है शायद आर्यन फिर से सामने आ जाएगा । वह मुझे गुड मार्निग किस करते हुए अपनी प्यारी आवाज मे बोलेगा - Hubby! Good morning, please Hubby wake up fast
    पर हर सुबह यह सच मुझे फिर से मार देता है कि आर्यन मेरे पास नही है । मै तो उसके बिना एक पल के लिए भी जीना नही चाहता पर मुझे मौत नही आती है ।

    उसके जाने के बाद बस इतना समझ आया,
    साँसें चलती रहें तो ज़िंदा होना ज़रूरी नहीं होता…
    मैं मुस्कराता रहू दुनिया के लिए,
    पर अंदर से हर रोज़ थोड़ा-थोड़ा मै मरता हू…
    वह गया तो मैं भी गया था साथ ही,
    बस फर्क इतना है वह सुकून में है… और मैं सज़ा में…

    ना उम्मीद बची, ना कोई किनारा रहा,
    उसके बिना ये दिल बस एक सहरा सा रहा…
    हर धड़कन में वह था, हर ख्वाब में उसका नाम,
    अब हर सांस में बस एक खालीपन का इल्ज़ाम…
    मैं चीखता रहा खामोशी के अंदर,
    पर कोई आवाज़ अब खुद को भी सुनाई नहीं देती…"

    रुद्र की इस तरह की हारी हुई बाते सुनकर विक्रमादित्य उसके पास आकर बैठते हैं, उनका लहजा धीमा पर भारी था । पहली बार वो भी अपने जज़्बात रोक नहीं पाते और कहते है -


    "रुद्र ,तुम मेरे यानी विक्रमादित्य खुराना का बेटा हो । तुम मेरा अभिमान हो । तुम्हे तो मैने चट्टान की तरह बनाया था । लेकिन आज…मैं तुझसे नज़रें नहीं मिला पा रहा क्योंकि मैंने तुम्हे इतना मजबूत बना दिया कि तुम सही से अपने दर्द भी किसी से बाँटना नहीं सीख पाए ।"

    रुद्र अपने डैड की बात सुनकर अपनी माँ की गोद में सिर रख देता है, उसकी आँखों से आँसू बहते हैं लेकिन वो हँसने की कोशिश करता है । वह हँसी हंसी नही थी वह एक खोखला हो चुके इंसान की अपने आप को मजबूत दिखाने की एक छोटी सी कोशिश भर थी ।

    कुछ देर बाद रुद्र शांत होकर अपनी टूटी आवाज़ में कहता है -
    "माम डैड… मैंने उसे खो दिया…
    मैं आर्यन को खो चुका हूँ…
    और मुझे लगता है मैं खुद को भी खो चुका हूँ… अब मेरे अंदर जीने की इच्छा ही नही रही । आर्यन के बिना मेरी जिंदगी बेजान बन चुकी है ।"

    प्रभावती रुद्र का सिर सहलाती है, उसके माथे पर किस करती है । वह रुद्र को शांत करने की कोशिश कर रही थी । फिर वह कहती है -"नहीं बेटा, तू अब भी है… बस तुझे खुद को फिर से ढूँढना होगा ।
    तेरे आर्यन की यादें तुझे बर्बाद करने के लिए नहीं है ।
    वह तेरी ताक़त बनने के लिए मददगार हो सकती हैं, अगर तुम यह चाहो ।"

    विक्रमादित्य उठते हैं, और खिड़की की तरफ देख कर गहरी सांस लेते हैं, फिर रुद्र की ओर मुड़ते हैं और कहते है ।

    विक्रमादित्य -
    " रुद्र  ,इस दुनिया में कुछ भी परमानेंट  नहीं होता  है ।
    बस एक चीज  को छोड  कर, वह है इंसान की मोहब्बत , वह अपना वजूद छोड़कर भी ज़िंदा रहती है।  आपकी मोहब्बत  यादे बनकर हमेशा साथ  होती है । आर्यन  की मोहब्बत  अब भी तुम्हारे साथ  है ।
    अगर तुम चाहते  हो कि आर्यन की रूह सुकून में रहे…
    तो खुद को इस तरह तबाह मत करो । वह अपनी वजह  से तुम को बर्बाद  होते देख कर  बहुत  दर्द  मे रहेगा । एक बार हमारे बारे मे भी तो सोचो , तुम्हारी ऐसी हालत देख कर हम पर क्या बीतती है क्योंकि हर माँ-बाप के लिए अपने बच्चे को यूँ मरते हुए देखना…मरने से भी बदतर होता है ।

    रुद्र अपने माम डैड को देखता है… आर्यन के जाने के बाद पहली बार उसकी आँखों में कुछ बदला था । वह अपने मन मे कहता है -" मुझे अपने माम डैड के लिए कम से कम उनके सामने खुद को मजबूत दिखाना होगा । अपनी वजह से मै माम डैड को टूटते नही देख सकता हू । अब से सबके के सामने एक अलग रुद्र होगा और अकेले मे यह रुद्र होगा जो हारा हुआ ही है ।"


    विक्रमादित्य के पास जाकर रुद्र कहता है -" ठीक है डैड , अब से मै खुद को टूटने नही दूंगा । मै फिर से जीने की कोशिश करुंगा ।"

    विक्रमादित्य-" रुद्र तुम यहा रहोगे तो कुछ भी नही भूल पाओगे । इस लिए तुम बंगलुरू चले जाओ और वहा जो हमारी कंपनी है उसे टेक ओवर कर लो । "

    अगले भाग मे जारी ..............

    क्या mumbai से दूर जाकर रुद्र अपनी यादो से दूर रह पाएगा

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  • 16. Mafia obsessed love - Chapter 16

    Words: 1235

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब आगे :-



    बेंगलुरु

    हवाई अड्डे से बाहर निकलता रुद्र चेहरे पर गहरा सन्नाटा, आँखों में थकावट और दिल में एक अधूरी तस्वीर । बेंगलुरु की ठंडी हवा उसके चेहरे से टकराती है, पर वो अंदर से अब भी अंदर ही अंदर पिघल रहा था ।

    रुद्र को लेने के लिए उसके कंपनी का ड्राइवर आया था । ड्राइवर रुद्र के हाथ से उसका ट्राली बैग लेकर कार की डिक्की मे रखते हुए पूछता है -" सर, आप होटल जाएगे या मै आपको घर लेकर चलूं। "


    रुद्र-" मुझे आफिस जाना है । "

    ड्राइवर-" सर , अभी तो आप आए है । आपको थकान हो रही होगी । आपको घर या होटल चलना चाहिए । "

    रुद्र-" काका , चिंता मत कीजिए । अब मुझे कुछ महसूस नही होता । सांस ले रहा हू , इसलिए जिंदा हू । वर्ना मेरी मौत तो मेरे आर्यन के साथ ही हो गई थी ।"


    कुछ देर बाद रुद्र अपने आफिस बिल्डिंग के सामने खडा था । वह एक गहरी सांस लेकर आफिस के अंदर जाता है । रुद्र के सामने आफिस का नया केबिन था । मॉडर्न फर्नीचर, बड़ी खिड़की, सामने हरियाली का नज़ारा । सब कुछ बहुत राॅयल और एलीगेंट टेस्ट का था । बिल्कुल वैसा ही जैसा रुद्र को पसंद था पर रुद्र की नज़रें सिर्फ एक फ्रेम पर टिकी हैं आर्यन की तस्वीर, जिसे उसने अपने बैग से निकाल कर डेस्क पर रखा था ।

    कुछ देर बाद उसके आने की खबर सुनकर ऑफिस के लोग उसका स्वागत करते हैं, हल्की सी मुस्कुराहट के साथ वो सबको ग्रीट करता है, पर उसकी मुस्कान में कोई रौनक नहीं थी ।

    सुबह से लेकर शाम हो जाती है । वह जब से आया था , उसने अपने आप को काम मे झोंक कर रखा था । शाम को रुद्र अकेले केबिन में बैठा होता है, बाहर बारिश हो रही है, और उसके सामने लैपटॉप खुला है , पर स्क्रीन ब्लर हो चुकी थी उसके आँसुओं के कारण ।

    रुद्र (मन ही मन) कहता है -"मैं यहाँ आ गया, डैड…
    पर खुद से कहाँ भाग पाया?"


    वह खिड़की के पास जाता है, बाहर टपकती बारिश को देखता है, और जैसे हर बूंद में उसे आर्यन का चेहरा दिखता है । जिससे उसके चेहरे पर दर्द भरी मुस्कान आ गई थी ।

    रुद्र बारिश देखते हुए कहता है -"
    "हर जगह तुझे ढूँढता हूँ आर्यन…
    और तू हर जगह होता भी है पर पास नहीं होता…
    जैसे साया — जो दिखे भी… और छूना नामुमकिन हो ।
    शहर बदल गया, चेहरे बदल गए,
    पर जो नहीं बदला… वो है तेरा एहसास…
    तेरे बिना अब ज़िंदगी नहीं चलती,
    बस वक्त घिसटता है… और मैं साथ-साथ टूटता हूँ…"

    रुद्र उठता है, अपने कोट को वही चेयर पर पीछे छोड़ता है, और ऑफिस से बाहर निकल जाता है । सिक्योरिटी गार्ड उससे कहता है कि " सर अभी बिना छाता बाहर मत निकलिए बारिश हो रही है । आप भींग जाइएगा । पर रुद्र नहीं उसकी बात नही सुनता और तेजी से बाहर सड़क की ओर निकल गया ।

    जैसे ही वह बाहर आता है, बारिश उसे भिगोने लगती है। उसके बालों से पानी टपकता है, कपड़े चिपक जाते हैं, पर वह चलता रहता है... जैसे हर बूंद उसकी यादों को जिंदा कर रही हो ।



    Flashback

    ......




    वह और आर्यन बाहर गार्डन मे थे । तभी अचानक ही बारिश होने लगी । रुद्र अंदर जाने लगा । पर आर्यन गार्डन मे ही दौड़ रहा था बारिश में, हथेलियाँ फैला कर आसमान से पानी पकड़ने की कोशिश कर रहा था ।


    रुद्र -" जानू , यह क्या पागलपन है ? ऐसे बारिश मे क्यो भींग रहे हो ?"


    आर्यन बारिश की बूंदो को अपनी मुट्ठी मे बंद करते हुए कहता है -" हब्बी ! आप अंदर क्यो जा रहे है ? यहा रहिए ना ! बारिश तो जादू होती है... जैसे आसमान खुद प्यार बरसाता है..."
    रुद्र ने तब तक छाता मंगा लिया था । वह छाता पकड़े हुए, चिड़चिड़ाते हुए कहता है -" जानूं , तू भी ना... बीमार पड़ जाएगा... चलो अंदर चलो !"
    आर्यन:
    " हब्बी , आप कभी भीगते क्यों नहीं मेरे साथ?"
    रुद्र:
    "क्योंकि मुझे ये बेवकूफ़ी लगती है। मुझे बारिश बिल्कुल पसंद नही है । इससे सर्दी लग सकती है । तुम भी अब फिर कभी बारिश मे नही भींगोगे ।"

    Flash back ends

    अब रुद्र वह बारिश मे सडक पर खड़ा है… खुद बारिश में भीगा हुआ… एक आँसू उसकी आँख से गिरता है, पर अब वो भी बारिश में खो जाता है ।

    रुद्र (धीरे से, खुद से) कहता है -
    "काश… उस दिन तुझे रोकता नहीं…
    काश एक बार तेरी पसंद को अपना लेता…
    आज बारिश मेरी दुश्मन नहीं है आर्यन,
    आज ये तेरी बाहें लगती हैं…
    जो मुझे अपने भीतर भीगा कर शायद थोड़ा सुकून दे जाए…"

    (वो वहीं खड़ा रहता है, आँखें बंद कर लेता है… बारिश की हर बूंद जैसे आर्यन की याद बनकर उसे छू रही है।)


    ---

    तू भीगता था हँस के, मैं डरता था सर्दी से…
    आज भीग रहा हूँ मैं… तेरी याद की गर्मी से…
    तू पास होता तो शायद ये बारिश भी छोटी लगती,
    अब हर बूंद सवाल सी गिरती है — ‘कहाँ है तू?’

    रुद्र उसी बारिश मे भीगते हुए गाने लगा ..

    ये नज़र भी अजीब थी
    इसने देखे थे मंजर सभी
    देख के तुझे एक दफा
    फिर किसी को ना देखा कभी
    मेरा पहला जूनून
    तू मेरा पहला जूनून
    इश्क आखिरी है तू

    मेरी जिंदगी है तू
    मेरी जिंदगी है तू

    गम है या खुशी है तू
    मेरी जिंदगी है तू
    मेरी जिंदगी है तू
    हाँ हाँ हाँ हो

    कभी ना बिछड़ने के वास्ते ही
    तुझसे जुड़े हैं हाथ मेरे
    साया भी मेरा जहां साथ छोड़े
    वहां भी तू रहना साथ मेरे

    सच कहूं तेरे नाम पे
    दिल धड़कना है ये आज भी

    हो देख के तुझे एक दफा
    फिर किसी को न देखा कभी

    शाम है सुकून की
    तू शाम है सुकून की
    चैन की घड़ी है तू

    हाल ऐसा है मेरा
    आज भी इश्क तेरा
    रात सारी जगाये मुझे

    कोई मेरे सिवा जो
    पास आए तेरे तो
    बेकरारी सताए मुझे

    जलता है ये दिल मेरा
    ओ यारा जितनी दफा
    चांद देखती है तू

    मेरी जिंदगी है तू
    मेरी जिंदगी है तू

    हो हो हो….


    वह वही सडक पर बैठ कर जोर जोर से रोने लगा । उसकी आंखे से समुद्र बह निकला । वह तेजी से अपनी कार मे जाता है और कार स्टार्ट कर लेता है । वह अभी भी रो ही रहा था । वह डैशबोर्ड से शराब की बोतल निकालता है और उसे मूंह लगा लेता है ।

    रात के लगभग दो बजे वह अपने घर मे गया । और जाकर एक कमरे मे बेड पर गिर गया और वैसे ही सो गया । उसने अपने जूते तक नही खोले थे ।


    अगली सुबह

    रुद्र का आफिस
    रुद्र फॉर्मल सूट में, क्लासिक वॉच पहने, अपने केबिन में बैठा था । उसके सामने फाइनेंस टीम बैठी थी । उसकी नजरें उन रिपोर्ट्स पर टिकी थी जो उसके टेबल पर थी , पर चेहरा पूरी तरह शांत था ।

    रुद्र (धीमे लेकिन कड़े स्वर में) कहता है -
    "ये Q3 रिपोर्ट देखी आपने?"
    सभी एक-दूसरे को देखने लगते हैं।
    रुद्र -"Net profit ratio में 4% की गिरावट है, जबकि market trend हमारे favor में था। ये कैसे possible है?"
    अगले भाग मे जारी .......
    क्या रुद्र अपना आफिस संभाल पाएगा .....

    जानने के लिए पढते रहे

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  • 17. Mafia obsessed love - Chapter 17

    Words: 1538

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब आगे :-

    रुद्र फॉर्मल सूट में, क्लासिक वॉच पहने, अपने केबिन में बैठा था । सामने फाइनेंस टीम बैठी थी । उसकी नजरें रिपोर्ट्स पर टिकी थी जो उसके टेबल पर पडा था , पर चेहरा पूरी तरह शांत था ।

    रुद्र (धीमे लेकिन कड़े स्वर में) मे कहता है -
    "ये Q3 रिपोर्ट देखी आपने?"
    उसकी बात सुनकर सभी एक-दूसरे को देखने लगते हैं ।
    रुद्र गुस्से से उनको देखते हुए कहता है -" एक दूसरे को क्या देख रहे हो । Net profit ratio में 4% की गिरावट है, जबकि market trend हमारे favor में था । ये कैसे possible है?"

    वह लैपटॉप घुमाकर CFO की ओर करता है और कहता है -
    "ये जो vendor payments दिख रही हैं , 3 बार एक ही invoice अलग-अलग IDs से पास हुई है । ये simple accounting error नहीं है, ये fraud है ।"

    एक सीनियर अकाउंटेंट कुछ बोलने की कोशिश करता है ।
    रुद्र (आँखें ऊपर उठाए बिना):
    "Leave it. मेरे पास वक्त है, लेकिन time waste करने के लिए नहीं है ।"
    वह फिर CFO की तरफ देखता है ।
    रुद्र - "72 घंटे में मुझे पूरी internal audit रिपोर्ट चाहिए और जो लोग इसमें शामिल हैं, उन्हें बिना किसी show-cause notice के suspend कर दो ।"

    पूरे केबिन मे उसकी बात सुनकर कुछ सेकंड की चुप्पी छा जाती है ।

    रुद्र (थोड़ा झुककर, ठंडी आवाज में) मे कहता है -
    "ये कंपनी मेरे डैड की दी हुई legacy है और मैं उस पर किसी का भी दाग़ नहीं लगाने दूँगा । फिर चाहे वो कोई भी हो ।"

    सभी चुपचाप उठकर बाहर चले जाते हैं ।
    रुद्र अपनी सीट पर बैठा है और जैसे ही दरवाज़ा बंद होता है, उसकी सांस भारी हो जाती है ।
    वो जेब से आर्यन की अंगूठी निकालकर देखता है और उसकी उंगलियाँ थोड़ी काँपती हैं ।

    रुद्र (मन में) कहता है -
    "कमज़ोर नहीं हूँ मैं, आर्यन…
    पर तेरे बिना… हर जीत अधूरी लगती है ।"

    अगले दिन

    दोपहर का समय

    रुद्र का ऑफिस केबिन

    रुद्र अपने केबिन मे अकेला बैठा था , उसके डेस्क पर कंपनी की पुरानी रिपोर्ट्स, फ़ाइल्स और इनवॉइसेस का ढेर फैला हुआ था । लैपटॉप पर ग्राफ्स गिरते हुए दिख रहे थे । उसकी नजरे लगातार लैपटॉप पर बनी हुई थी । उसमे बहुत सी गडबडिया थी जो उस कंपनी पर पडने वाले एक चोट की तरह सामने आ रही थी । उसका दिमाग यह सब देख कर शाॅक था ।

    उसके हाथ में एक पेन था , पर ध्यान कहीं और ही था । वह गहरी साँस लेता है, फिर खुद को केंद्रित करता है ।

    रुद्र (मन में, धीमी आवाज़ में) कहता है -
    " जानू , जिस तरह मेरी ज़िंदगी बिखरी है… उसी तरह ये कंपनी भी टूट रही है । लेकिन मैं इसे दोबारा बनाऊँगा जैसे तुझे हर रोज़ अपनी यादों से बना रहा हूँ । " उसे अपने चेहरे पर ठंडी हवा का स्पर्श का अहसास हुआ और उसकी आंखे सुकून से बंद हो गई । वह बहुत प्यार से बुदबुदाता है -" आर्यन "

    वह सब फ़ाइलें एक ओर करता है, और अपना लैपटॉप लेकर नोटबुक निकालता है उस पर लिखता है...
    "RESTRUCTURE PLAN — FROM SCRATCH"

    मीटिंग रूम

    रुद्र कुछ देर बाद अपनी कंपनी के मेंबर के साथ बोर्ड मीटिंग मे था ।

    रुद्र (बिल्कुल प्रोफेशनल और स्ट्रॉन्ग टोन में) मे कहता है -
    " ladies and gentlemen अब से हम अपने पुराने सिस्टम से नहीं चलेंगे । आज से हर टीम हफ्ते में दो बार रिपोर्ट करेगी ।ट्रांसपेरेंसी मेरी पहली डिमांड है ।"
    फिर वह टीम की ओर देखता है और कहता है -
    "मैं जानता हूँ आपमें से बहुतों को लग रहा है कि सब बिखर रहा है । लेकिन जब तक मैं हूँ , ये कंपनी नहीं गिरेगी ।
    क्योंकि मैंने गिरन नही सीखा है , पर अगर गिर जाऊ तो गिर ना और उठना भी जानता हू ।"

    सभी कर्मचारी हैरान हैं रुद्र के बदलाव को देखकर , उन सब को पता था कि पिछले पांच महीने से जब से आर्यन की मौत हुई थी , तब से ही वह कभी शांत और रूखा था, उसका पूरा ध्यान बिजनेस से हट चुका था । अब वह एक हारा इंसान बचा था । पर अभी जो रुद्र उनके सामने था , वह अब पहले की तरह आग के जैसे तेज़ और स्पष्ट हो गया है ।


    ---

    रात का सीन

    ऑफिस खाली है, रुद्र अकेला वाइटबोर्ड पर प्लान बना रहा है । बैकग्राउंड में धीमा साउंडट्रैक चलता है । वह थक चुका था लेकिन रुक नहीं रहा था ।

    आर्यन की तस्वीर अब भी डेस्क पर है और रुद्र हर बार उसकी तरफ देख कर थोड़ा हिम्मत पाता है ।

    रुद्र (धीरे से):
    "देख रहा है ना जानू…
    अब भी तेरा रुद्र नहीं टूटा…
    जैसे तू मेरी ताकत बना था…
    अब मैं इन सबका सहारा बनूंगा…"


    ---

    कुछ दिन बाद



    रुद्र अपनी मीटिंग से थोड़ा पहले ही ऑफिस पहुँच चुका था । वह अपनी केबिन मे बैठा था । तभी उसे सामने ग्लास के पार एक लंबा, काले सूट में खड़ा शख्स फोन पर बात करता नजर आ रहा था ।
    उसे देख कर रुद्र की नजरें उस पर ठहर गईं थी । उस लडके की हाइट कम से कम पांच फीट आठ इंच थी । चौड़ा कंधा, स्लिम फिट सूट, और ऐसा कॉन्फिडेंस जो किसी को भी बौना महसूस करवा दे ।
    फोन पकड़े उसकी लम्बी उंगलियाँ तक खूबसूरती की मिसाल लगती ।

    "I don’t chase power, I organize it,"
    उसकी गहरी, ठंडी आवाज़ रुद्र के कानों में पड़ी । जैसे सर्द हवाओं के बीच अचानक कोई गर्म सांस महसूस हो । उसकी आवाज़ में authority थी, साथ ही arrogance भी भरा पडा था जो ना चाहते हुए भी रुद्र का अटेंशन खींच रहा था ।

    जैसे ही उसने कॉल खत्म की, वो पलटा और पहली बार रुद्र ने उसका चेहरा साफ़ देखा । तीखी, सख्त जॉलाइन, पर उसपर टिकी एक हल्की-सी मुस्कान जो नज़रों को खींचे बिना न रहे।
    उसकी आँखें गहरी और रहस्यमयी थीं जैसे वहां कुछ अधूरा, कुछ अनकहा हमेशा छुपा रहता हो।
    वो आंखें सवाल नहीं करती थीं, बस चुपचाप पढ़ती थीं।

    वह शक्स था - ईशान रैना
    रुद्र की कंपनी का नया finance department का head manager । उसने लंदन मे ही अपनी सारी पढ़ाई की थी । उसके आंखों मे स्पेटेक्ल था पर वह भी उसकी गहरी नीली आंखो की खुबसूरती कम नही कर पाता था जिसमे पहाड़ों-सी शांति थी ।
    लोग कहते हैं भीड़ में सबसे अलग दिखना एक कला होती हैपर ईशान के लिए वो कला नहीं, आदत थी।

    वो सीधा रुद्र के पास आया, मुस्कराया , फिर उसने रुद्र की तरफ बढाया और कहा -
    "I’ve heard a lot about you, Mr. Rudra. And I must say, the chair you're sitting on… it’s not easy to handle. But I think… you're ready to burn for it."

    रुद्र ने उसकी ओर देखा जो बैहद ही कांफीडेंस के साथ उसके सामने खडा था । पहली बार महसूस किया सामने वाला सिर्फ दिखने में ही खास नहीं है, वह दिमाग से भी ऐसा है जो सामने खड़े शेर को भी शांति से समझा दे ।



    अगला दिन

    ऑफिस कॉन्फ्रेंस रूम

    दोपहर 3:20 PM


    रुद्र मीटिंग टेबल पर बैठा था, सामने फैली रिपोर्ट्स को बिना कोई भाव दिखाए घूर रहा था । चेहरा शांत था, लेकिन उसकी आँखों में वो पुराना ज्वालामुखी फिर से धधकने लगा था ।

    तभी दरवाज़ा खुला और ईशान बिना हिचकिचाए अंदर आया और आकर उसके सामने खडा हो गया ।
    काले ट्राउज़र, हल्के नीले शर्ट की बाँहें मोड़ी हुई थीं । बाल थोड़े बिखरे, और हाथ में वही रिपोर्ट जो रुद्र देख रहा था ।

    ईशान (सधे हुए लहजे में) कहता है -
    "आपके साइन की ज़रूरत है, सर… पर साइन करने से पहले शायद आपको ये देखना चाहिए कि कंपनी के पुराने CFO ने क्या-क्या छुपाया है ।"

    रुद्र ने सिर उठाया ।
    उनकी नज़रें मिलीं । रुद्र की वो ठंडी, गहरी नज़र जिसमें देखने से सामने वाला काँप भी सकता था पर ईशान नहीं काँपा । वह वहीँ खड़ा रहा, सीधा बिना सिर झुकाए ।

    रुद्र (धीरे, पर तीखा) बोल पडा -
    "तुम जानते हो किससे बात कर रहे हो?"

    ईशान हौले से मुस्कराता है और कहता है -
    "बिलकुल जानता हूँ, सर । आप रुद्र विक्रमादित्य खुराना हे । और मैं आपका एम्प्लॉयी नहीं… आपकी टीम का हिस्सा हूँ । दोनो मे फर्क है ।"

    कुछ सेकंड के लिए कमरे में सन्नाटा छा गया । रुद्र ने गौर से उसकी आंखों में देखा ।
    वहाँ न तो डर था, न घमंड सिर्फ़ सच था, जो बिना शोर किए सामने खड़ा था।

    ईशान उस पर थोड़ा झुककर अपने चेहरे को उसके चेहरे के पास लाकर कांफीडेंस के साथ कहता है -
    "माफ़ कीजिए अगर लहजा गलत लगा, लेकिन अगर हर कोई आपकी हाँ में हाँ मिलाएगा… तो इस कंपनी की हालत और भी बुरी हो जाएगी ।
    आपके पास विजन है, सर। और मुझे काम करने की आज़ादी चाहिए । दोनों मिल जाएं, तो नतीजा धमाकेदार होगा ।"

    रुद्र चुप था… लेकिन आज उसने पहली बार किसी की बात बिना गुस्से के सुनी थी ।

    अगले भाग मे जारी .......

    , ईशान का आना कहानी मे क्या मोड लेकर आएगा ....
    जानने के लिए पढते रहे ...
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  • 18. Mafia obsessed love - Chapter 18

    Words: 1124

    Estimated Reading Time: 7 min

    अगली सुबह

    बोर्ड रुम
    10:00 AM

    रुद्र चेयर पर बैठा था, और उसके सामने कुछ पुराने डायरेक्टर्स और सीनियर टीम के मेंबर्स थे ।
    कमरे की फॉर्मल टेंशन को ईशान के अंदर आते ही जैसे कोई हल्की सी चुंबकीय ऊर्जा छू गई हो । वह वहा मौजूद लोगो को ग्रीट करके सीधे अपने काम पर लग गया ।

    उसने लैपटॉप ऑन किया, स्क्रीन पर एक स्लाइड उभरी:
    “Phoenix Plan: Rise from Ashes”

    ईशान शांत, लेकिन धारदार आवाज़ में कहता है -
    "हमारे पास तीन महीने हैं… बस तीन ।
    अगर इस दौरान हमने सही फैसले नहीं लिए, तो ये कंपनी सिर्फ़ एक नाम बनकर रह जाएगी, जिसकी कभी बहुत बड़ी पहचान हुआ करती थी ।"

    वह स्लाइड चेंज करता है , अब सबके सामने profit Loss Graphs, Employee Exit Stats, और Client Withdrawal Reports थी , जो बहुत बुरी थी ।
    कमरे में कुछ लोग असहज हो उठते हैं ।

    ईशान -
    "पिछले दो साल में हमने 40% क्लाइंट लॉस झेला है । इनवॉइसिंग में गड़बड़ी, अकाउंटिंग फ्रॉड और इंटरनल मिसमैनेजमेंट । इस कंपनी मे बर्बादी के सारे लक्षण मौजूद है ।
    पर अब बात बीते वक़्त को कोसने की नहीं है । अब बात Rebuild करने की है ।"

    रुद्र अब तक चुप बैठा था, उसकी आंखें ईशान की प्रेज़ेंटेशन पर टिकी थीं ।

    ईशान आगे बढ़ता है और कहता है -"मेरा प्लान तीन हिस्सों में बंटा है ।

    1. Internal Audit & Clean-up – तीन हफ्तों के भीतर हर डिपार्टमेंट का ट्रांसपेरेंट ऑडिट होगा । जो भी गलत है, वह सीधे बाहर जाएगा ।


    2. Client Recovery Initiative – पुराने क्लाइंट्स से पर्सनल मीटिंग्स, स्पेशल ऑफर्स, और लॉस्ट ट्रस्ट को फिर से जीतने के लिए एक रिवाइवल टीम ।


    3. New Branding + Employee Culture Reset – कंपनी को फिर से लॉन्च किया जाएगा… एक नई छवि, नई सोच और सबसे ज़रूरी… एक नई आत्मा के साथ।"




    वहा मौजूद एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर कहता है -"इतना सब तीन महीने में मुमकिन है?"

    ईशान (मुस्कराते हुए) कहता है -
    "अगर हम सब मिलकर करें तो हाँ, मुमकिन है।और अगर किसी को शक है, तो प्लान की एक लाइन याद रखिए
    "We will rise from the ashes, but this time to burn even brighter."


    कमरे में खामोशी छा जाती है ।

    रुद्र अपनी कुर्सी से उठता है, ईशान के पास आता है और पहली बार धीमे स्वर में कहता है-

    "तुम्हारा प्लान ठीक है, ईशान…
    पर अब देखना ये है कि तुम बातों के अलावा, आग में चल भी सकते हो या नहीं ।"

    ईशान शांत पर आत्मविश्वास के साथ रुद्र की आंखो मे देखते हुए कहता है -
    "सर… मैं आग से नहीं डरता, मैं उसी से बना हूँ ।"



    शाम के समय
    रुद्र के केबिन की बालकनी,

    रुद्र और ईशान एक साथ बैठे थे । ईशान रुद्र की आंखों में देख रहा था, जहाँ थकान, दर्द और कहीं बहुत गहराई में छिपा अकेलापन साफ़ नजर आ रहा था।

    रुद्र थोड़ी देर चुप रहने के बाद, धीमे स्वर मे कहता है -
    " ईशान , तुम जानते हो… बहुत वक्त हो गया है किसी से ऐसे बात किए हुए । तुमसे बात करके… ऐसा लगा जैसे कुछ रुका हुआ फिर से बहने लगा हो ।"

    वो एक लंबी साँस लेता है । उसकी आँखें थोड़ी दूर देखती हैं , फिर उसे याद आता है कि उसने आर्यन के साथ इस तरह कितने दिन बिताए है ।

    रुद्र ईशान को देखा हुए कहता है -" सालो हो गए, किसी से दोस्ती किए हुए। राज के जाने के बाद दोस्ती की हिम्मत नही कर पाया ।
    शायद…
    तुम मेरे दोस्त बन सकते हो ।"

    ईशान एक पल को चुप हो गया ।
    उसने रुद्र को देखा वो चेहरा जो हर किसी के लिए पत्थर था, आज थोड़ी देर के लिए पिघल रहा था ।

    ईशान हल्के से मुस्कराकर कहता है -
    "मैं दोस्ती निभाना जानता हूँ, रुद्र सर…
    और अगर आपने दरवाज़ा खोला है, तो मैं उसे कभी बंद नहीं होने दूँगा ।"

    रुद्र हल्का-सा मुस्कराया वो मुस्कान जो अब तक गुम थी।

    ........

    छह महीने बाद

    बेंगलुरु ऑफिस

    सुबह का समय

    आज ऑफिस में एक नया-सा माहौल है ।
    कर्मचारियों के चेहरे पर आत्मविश्वास है, बोर्ड्स पर नई डील्स के अपडेट्स हैं, और लॉबी में नई क्लाइंट मीटिंग्स की हलचल ।

    रुद्र और ईशान एक साथ कॉन्फ्रेंस रूम में दाखिल होते हैं, उनके हाथों में रिपोर्ट्स और लैपटॉप्स थी ।
    अब उनके चलने का अंदाज़ कांफीडेंस से भरा हुआ था । दोनो की चाल एक जैसी थी जैसे दोनों एक ही विज़न को लेकर चल रहे हो ।

    ईशान रुद्र को देखते हुए हँसते हुए, हल्के मज़ाक में कहता है - "देखा आपने? जो कंपनी छह महीने पहले ICU में थी, अब खुद को आईने में देखकर सेल्फी ले रही है ।"

    रुद्र एक छोटी सी मुस्कान के साथ कहता है -
    "हां, लेकिन इसका पूरा क्रेडिट तुम्हें नहीं मिल सकता ।
    आधा क्रेडिट उस इंसान को भी, जिसने तुम्हें हैंडल किया ।"

    ईशान (शरारती अंदाज़ में) कहता है - "आप तो मुझे बख्श दो, सर । मैं तो सोचता हूँ कि आप मुझे सैलरी हाइक के साथ-साथ अवॉर्ड भी दें - ‘Employee of the Year – और friend of your heart. ’"

    रुद्र उसकी बात पर मुस्कुराता है, पर अंदर ही अंदर उसे ये समझ आता है कि ईशान अब सिर्फ़ उसका एम्प्लॉयी नहीं, बल्कि वह दोस्त है जिसने उसकी ज़िन्दगी की सबसे बिखरी रातों में उसके अंदर के इंसान को थामे रखा ।

    रुद्र अपने मन मे कहता है - "छह महीने पहले मैं सिर्फ़ एक टूटे इंसान की तरह जिंदा था…
    और आज, मुझे फिर से जीना आ गया है।
    तुम्हारे आने से… चीज़ें बदली हैं, ईशान।"

    ईशान थोड़ी देर चुप रहा, फिर बोल पड़ा - " सर कहा खो गए । कभी-कभी ज़िन्दगी हमारे पास सही वक्त पर, सही लोग भेज देती है । "

    वह यह बात कंपनी के संबंध बोल रहा था , फिर वह आगे कहता है - " ताकि हम खुद को फिर से जोड़ सकें।"


    ---
    कुछ दिन बाद

    दोनों की टीम एक नई इंटरनेशनल डील पर साइन कर रही थी । कुछ देर बाद इस खुशी मे एक छोटा सा केक कटिंग सेलिब्रेशन दिया जाता है ।


    केक कटिंग सेलिब्रेशन


    रुद्र ईशान को लेकर केक के पास आता है और उसका हाथ पकड़कर केक काटता है । ईशान भी केक का एक टुकडा उठाकर रुद्र को खिलाता है और थोडा केक उसके चेहरे पर लगा देता है । सबको लगा कि हमेशा की तरह रुद्र ईशान पर नाराज होगा , पर रुद्र के चेहरे पर स्माइल थी ।
    रुद्र और ईशान के बीच की बॉन्डिंग सबके चेहरे पर साफ़ दिख रही थी ।


    अगले भाग मे जारी .......
    रुद्र और ईशान का रिश्ता क्या मोड लेगा ...

    जानने के लिए पढते रहे ....

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  • 19. Mafia obsessed love - Chapter 19

    Words: 1119

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब आगे :-



    शाम का वक्त
    रुद्र के घर का गार्डन

    प्रभावती और विक्रमादित्य लॉन में बैठे थे ।
    फूलों के बीच हरी घास पर चलते हुए दोनों की निगाहें घर के इंट्रेंस के पास में खड़े रुद्र और ईशान पर थीं । जहाँ दोनों एक साथ हँसते हुए कुछ डिस्कस कर रहे थे ।

    प्रभावती हल्के से विक्रमादित्य से कहती है -"देखिए न, कितने समय बाद हमारे रुद्र के चेहरे पर ये सुकून आया है । ईशान उस पर जैसे जादू सा कर देता है।"

    विक्रमादित्य (धीरे, भावुक स्वर में) कहता है - "हाँ… आर्यन के जाने के बाद हमने रुद्र को बस टूटते देखा है ।
    अब लगता है… अगर कोई उसे फिर से जोड़ सकता है तो वो ईशान ही है ।"

    प्रभावती की आंखों में नमी थी, लेकिन मुस्कान भी । उन्होंने धीरे से विक्रमादित्य का हाथ थामा और कहा -

    "क्या आप वही सोच रहे हैं… जो मैं सोच रही हूँ ?"

    विक्रमादित्य ने हामी मे अपना सिर हिलाया ।


    ---
    रात के समय


    रुद्र के रूम में

    रुद्र स्टडी टेबल पर बैठा कुछ फाइल्स देख रहा था । तभी प्रभावती अंदर आती हैं।

    प्रभावती (धीरे से) आकर रुद्र के पास बैठ जाती है । अपनी माम को सामने देख कर वह अपनी फाइल बंद कर अपनी माम पर अपना फोकस कर कहता है -" good evening mom . इतनी देर रात आप यहा क्या कर रही है ? अगर कोई काम था तो मुझे बुला लेती , मै आपके पास आ जाता ।

    प्रभावती -" रुद्र, मै बस ऐसे ही तुमसे मिलने आई हू । मुझे तुमसे कुछ जानना था । बेटा… तुम खुश तो हो न ईशान के साथ ?"

    रुद्र थोड़ा चौंक कर उन्हें देखता है ।

    रुद्र फिर कहता है -
    "क्या मतलब माम?"

    प्रभावती -
    "मतलब ये है कि…हमने सोचा है…
    तुम और ईशान… एक-दूसरे के साथ शादी के बंधन में बंध जाओ ।
    ताकि तुम्हें कभी अकेलापन न सताए ।"

    रुद्र कुछ देर तक कुछ नहीं बोलता ।
    उसकी आँखों में जैसे ठहराव सा आ जाता है । फिर उसके आंसू उसकी आंखो से बह जाते है ।

    रुद्र (धीरे, टूटी आवाज़ में) कहता है -
    "माम… ये सब इतना आसान नहीं होता है । मैं अभी भी आर्यन से जुड़ा हूँ…
    हर साँस में, हर खामोशी में… वो है ।
    ईशान… वह सिर्फ मेरा दोस्त है । हा यह बात सच है कि वह अब मेरी दुनिया का हिस्सा बन गया है, लेकिन लाइफ पार्टनर नही , एक दोस्त की तरह ।
    मुझे पता है कि मैं इस रिश्ते के लिए तैयार नही हू… और ना कभी हो सकता हू ।"

    रुद्र का जवाब सुनकर प्रभावती उसकी आँखों में देखती है ।
    आँसू उनके गालो पर गिरने लगती है ।
    प्रभावती कांपती आवाज मे कहती है -
    "हम तुम्हारी खुशी के लिए नहीं कह रहे बेटा…
    हम ये इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अब हम तुम्हारा दुख और नहीं देख सकत े।
    ईशान तुम्हें ज़िंदगी की ओर खींच लाया है…
    क्या तुम्हें नहीं लगता, वह इस रिश्ते के लायक है? वह तुम्हे संभाल लेगा । "

    रुद्र चुप रहा … बहुत देर तक चुप रहने के बाद वह एक धीमी आवाज़ में कहता है-

    "ठीक है माम…अगर आपको लगता है कि यही ठीक है…
    तो मैं तैयार हूँ ।"


    उसकी बात सुनकर प्रभावती खुश हो जाती है । वह उसे गले लगाकर वहा से जाती है । रुद्र एक स्माइल के साथ दरवाजे तक छोडने जाता है । अपनी माम को छोड कर वह जैसे ही वो दरवाजे की ओर मुड़ता है,

    उसके चेहरे की मुस्कान के पीछे छुपा दर्द, उलझन और एक गहरा खालीपन साफ़ झलकता है। अब उसके आंखो से लगातार ही आंसू बहने लगा । वह तेजी से अपने कमरे मे बने बार लाउंज के पास जाकर एक बीयर निकालता है और उसे अपने मूंह से लगा लेता है । एक के बाद एक दो या तीन बोतल पी लेने के बाद वह वहा से हटकर वाशरुम मे चला जाता है और शावर के नीचे खडा होकर रोने लगा था । कुछ देर बाद वह बाथरोब पहन कर बाहर आया और वैसे ही बेड पर लेट गया । थोडी देर बाद उसे नींद आ गई ।

    कुछ दिन बाद

    ऑफिस कैंटीन


    शाम का वक्त

    ईशान अकेला बैठा था । उसके हाथ में कॉफी का मग था ।
    उसकी आँखें दरवाज़े की तरफ़ टिकी थी ,जैस उसे किसी का इंतज़ार है ।

    तभी वहा पर रुद्र आता है , वह थका हुआ लग रहा था , लेकिन जैसे ही उस पर ईशान की नजर पड़ती है, उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान आ जाती है जिसका उसे भी पता नही था ।

    रुद्र सीधे चल कर ईशान के पास आकर बैठता है और कहता है -तुम यहाँ बैठे हो ? मीटिंग रूम में सब तुम्हे ढूंढ रहे है ।"

    ईशान (धीमी मुस्कान के साथ) उसे देखते हुए कहता है -
    " रुद्र , मैने तुम्हे देख लिया, अब किसी और को देखने का मन नहीं कर रहा ।"

    रुद्र एक पल को ठिठक जाता है । फिर उसकी मुस्कान थोड़ी गहरी हो जाती है ।

    रुद्र हंसते हुए उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहता है -" ओ मेरे फिल्मी कीडे , लोगो को इश्क इंसानो से होता है और तुम्हे इश्क फिल्मो से है । ऐसे आज बड़े फिल्मी डायलॉग बोल रहे हो । कल रात कौन सी मूवी देखी थी जिसके डायलॉग सुना रहे हो ।

    ईशान (हँसते हुए) कहता है -" मुझे तो इतना बोल रहे हो । खुद भी कम फिल्मे नही देखते । शायद तेरी संगत का असर है कि मै आजकल इतना फिल्मी हो गया हू ।"


    बाहर बारिश होने लगी थी , पर उसके अंदर कुछ पिघल रहा था । उसकी आंखें भीगने वाली होती है , लेकिन वह जबर्दस्ती अपने आंसूओ को अपनी आंखो मे ही रोक लेता है ।

    ईशान हंसते हुए रुद्र को देख रहा था । वह मन में कहता है -
    "शुरुआत में लगा था, वह बस बॉस है…
    फिर दोस्त बन गया…अब समझ नहीं आता ये एहसास क्या है ।
    जब वो पास होता है, तो सुकून मिलता है…और जब दूर… तो बेचैनी । क्या मैं… उससे प्यार करने लगा हूँ ?"

    ईशान अपने फ्लैट पर अकेला है । वह डेस्क पर बैठा रुद्र की एक पुरानी तस्वीर देख रहा था । वह फोटो किसी इवेंट की थी जहाँ रुद्र मुस्कुरा रहा था ।

    ईशान आहिस्ता से उसकी तस्वीर छूते हुए कहता है -
    "काश… तुम समझ पाते रुद्र…
    तुम मेरी ज़िन्दगी में रोशनी की वजह बनते जा रहे हो ,
    तुम मेरी धड़कनों का हिस्सा बन गए हो ।"


    ---



    अगले भाग मे जारी ........

    रुद्र को लेकर ईशान की फिलींग क्या मोड लेगी ...

    जानने के लिए पढते रहे .....

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  • 20. Mafia obsessed love - Chapter 20

    Words: 1504

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब आगे :-

    रुद्र के घर का लिविंग रूम



    शाम का वक्त

    ईशान किसी फाइल पर काम कर रहा होता है, जब प्रभावती और विक्रमादित्य धीरे-धीरे पास आकर बैठते है ।
    वो दोनों गंभीर लग रहे होते हैं, और जिसे ईशान तुरंत महसूस कर लेता है कि बात कुछ खास है ।

    प्रभावती (धीरे, मुस्कुराते हुए) कहती है -
    "ईशान बेटा… तुम्हारे साथ कुछ ज़रूरी बात करनी है ।"

    ईशान थोड़ा सीधा होकर बैठता है, विनम्र पर शांत चेहरा, लेकिन अंदर कहीं कुछ बेचैन सा था फिर वह खुद को शांत कर कहता है -" जी , आंटी , कहिए । आपको मुझसे क्या बात करनी है ?"

    प्रभावती की जगह विक्रमादित्य बात बढाते हुए कहता है -
    "तुम्हें पता है न कि रुद्र अब पहले जैसा नहीं रहा… जबसे तुम उसकी ज़िन्दगी में आए हो, वह फिर से थोड़ा जीने लगा है ।
    हमें लगता है… तुम दोनों एक-दूसरे के लिए बने हो ।
    हम चाहते हैं कि तुम दोनों शादी कर लो ।"

    ईशान कुछ पल चुप रहा । उसका दिल तेज़ी से धड़क रहा था
    उसे रुद्र की आँखें याद आती हैं, उसकी मुस्कान, उसकी परवाह
    लेकिन साथ ही, उसे रुद्र का आर्यन के लिए प्यार नजर आता है जो आज भी रुद्र के अस्तित्व का ना टूटने वाला हिस्सा था । जिससे उसके अंदर एक हल्का सा डर भी आ जाता है ।

    ईशान (थोड़ा धीरे, सोचते हुए) कहता है -
    "आंटी… अंकल…आपकी बात सुनकर दिल भर आया ।
    सच कहूं तो… रुद्र मेरे लिए क्या है, यह बात मैं खुद भी पूरी तरह समझ नहीं पाया हूँ अभी तक ।
    अचानक ही शादी जितना बड़ा फैसला करने के लिए मै अभी तुरंत तैयार नही हू ।
    इसलिए मैं चाहूंगा कि मैं अपने मम्मी-पापा से बात करके ही कोई जवाब दूँ।
    वो लंदन में हैं… मैं उनसे सलाह लूंगा ।"

    प्रभावती (थोड़ी उम्मीद में):
    "तुम नाराज़ तो नहीं हुए न?"

    ईशान (मुस्कुराता है, लेकिन आंखों में हल्की नमी):
    "नहीं आंटी… बस थोड़ा…
    थोड़ा उलझ गया हूँ।
    मैं वादा करता हूँ, बहुत देर नहीं करूंगा ।"

    विक्रमादित्य (सर हिलाते हैं):
    "ठीक है बेटा, हम समझते हैं।
    तुम जो फैसला करोगे, वह हमें मंज़ूर होगा ।"

    वही दूसरी ओर कुछ दिन बाद ईशान लंदन के लिए निकल गया था ।


    रात का वक्त





    लंदन एयरपोर्ट से बाहर निकलता ईशान , ठंडी हवा उसके बालों से खेल रही थी, पर उसके भीतर एक अलग ही तूफान चल रहा था ।
    ईशान कार में बैठा था, खिड़की के बाहर शहर की रौशनी दौड़ रही थी और उसके दिल में रुद्र की यादे ।

    ईशान (मन में) बुदबुदाता है -
    "रुद्र… जब तुम पास होते हो तो हर चीज़ साफ लगती है,
    लेकिन अब… सबकुछ उलझ गया है । मुझे अपनी खुद अपनी ही फिलींग समझ नही आ रही है ।"


    ---

    कुछ देर बाद ईशान अपने लंदन वाला घर मे था ।

    डाइनिंग रूम – देर रात

    ईशान के मम्मी-पापा खाने की मेज़ पर बैठे उसका इंतज़ार कर रहे थे ।
    जैसे ही ईशान अंदर आता है, दोनों मुस्कुराते हैं।

    ईशान की मम्मी:
    "ईशान, अच्छा हुआ कि तुम आ गए बेटा! बहुत दिन बाद घर आए हो ,तुम थक गया होगे न?"

    ईशान (हल्के से मुस्कुराता है):
    "थकान से ज्यादा… आज कुछ और भारी लग रहा है, मम्मी।"

    पापा (संजीदा होते हुए):
    "क्या बात है, बेटा?"

    ईशान कुर्सी पर बैठता है, फिर कुछ पल चुपचाप फिर कहता है

    ईशान (धीरे से, पर साफ आवाज़ में):
    "मैं एक ऐसे इंसान से मिला, जिसने… मेरे सोचने का तरीका बदल दिया । रुद्र नाम है उसका ।
    वह मेरा बॉस है… लेकिन उससे कहीं ज़्यादा भी ।
    शुरू में सिर्फ प्रोफेशनल रिश्ता था, फिर धीरे-धीरे एक दोस्ती बनी…
    और शायद अब… उससे भी कुछ ज़्यादा ।"

    मम्मी (चौंकती हैं पर शांति से) पूछती है -
    "तुम क्या चाहते हो , बेटा ?"

    ईशान एक गहरी सांस लेकर कहता है -"रुद्र के माता-पिता… चाहते हैं कि मेरी और रुद्र की शादी हो जाए ।
    उन्होंने मुझसे इस बारे मे पूछा है… और मैंने कहा है कि मैं आपसे बात किए बिना कोई फैसला नहीं लूंगा ।"

    कमरे में थोड़ी देर ख़ामोशी छा जाती है ।

    पापा (गंभीर पर नरम लहजे में) कहते है -
    "क्या तुम रुद्र से प्यार करते हो , ईशान ?"

    ईशान (गहरी सांस लेकर) कहता है -
    "शायद हां…या शायद अब तक जो प्यार सोचा था, वो कुछ और ही था ।
    रुद्र को देखता हूं तो… लगता है जैसे मैं किसी अधूरी कहानी का हिस्सा बन गया हूं…जिसे पूरा करना मेरा फर्ज़ है । उसका साथ मुझे अच्छा लगता है । ऐसा लगता है कि सबकुछ बहुत सुन्दर है ।"

    उसकी मम्मी मुस्कुराती है और कहती है -
    "हमने तुझे हमेशा अपने दिल की सुनना सिखाया है।
    अगर तेरा दिल कहता है कि तू सही राह पर है,
    तो हमे कोई दिक्कत नही है । हमारा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ रहेगा ।"

    पापा (सिर हिलाते हुए) एक स्माइल के साथ कहते है -
    "और बेटा… प्यार अगर सच्चा हो, तो उसे हर हाल में अपनाना चाहिए । रुद्र अगर तुझे अधूरा नहीं करता, बल्कि मुकम्मल बनाता है तो देर मत करो ।"

    ईशान की आंखें भर आती हैं ।
    वह उठकर खुशी से अपने पापा के गले लग जाता है, फिर मम्मी के पास जाकर उनका हाथ पकड़ लेता है ।

    ईशान (आहिस्ता से):
    "थैंक यू… मम्मी-पापा। शायद अब मैं साफ देख पा रहा हूं… कि रुद्र सिर्फ मेरा दोस्त नहीं है । वह मेरा प्यार है ।"


    मुंबई एयरपोर्ट


    सुबह का वक्त

    सूरज की पहली किरणें टर्मिनल की बड़ी-बड़ी कांच की दीवारों पर पड़ रही थीं ।
    भीड़ अपनी ही रफ्तार में आगे बढ़ रही थी, लेकिन उस भीड़ के बीच ईशान की चाल ठहराव लिए हुए थी—कांफिडेंट, पर दिल की गहराइयों में एक अजीब-सी हलचल के साथ ।

    उसने सूटकेस का हैंडल पकड़ा, फोन निकाला और एक मैसेज किया ....

    ईशान:
    "मैं वापस आ गया हूं… और इस बार, अपने दिल के फैसले के साथ ।"

    रुद्र इस बारे मे जानता था कि वह किस बारे मे बात कर रहा है । वह मैसेज रीड कर फोन रख देता है और आर्यन की तस्वीर को कस कर गले लगा लेता है । उसके आंखो से आंसू बह निकले थे ।

    शाम के समय

    ब्लूलाइन रेस्टोरेंट

    ईशान और रुद्र एक साथ बैठे थे । ईशान रुद्र का हाथ पकड कर कहता है -" रुद्र, अंकल - आंटी चाहते है कि यह शादी हो जाए । क्या तुम इसके लिए तैयार हो ?"

    रुद्र-" हा , अगर मेरे ऐसा करने से माम डैड खुश हो सकते है तो मै अपनी लाइफ को दूसरा मौका देने को तैयार हू ।"



    कुछ दिन बाद

    ईशान अपनी मम्मी और पापा के साथ रुद्र के घर आया था । ईशान के मम्मी पापा और रुद्र के मम्मी पापा के बीच शादी को लेकर बाते हो रही थी । ईशान रुद्र का हाथ पकड़कर कुछ दूर बैठा था । उसके चेहरे पर ना जाने वाली चमक थी , वही रुद्र जबरन स्माइल कर रहा था ।

    ईशान की मम्मी -" हम लोग चाहते है कि शादी लंदन से ही हो । "

    विक्रमादित्य-" हमे कोई प्राब्लम नही है । ठीक एक महीतछछकहीथ्रो एयरपोर्ट, लंदन – सुबह का वक्त

    फ्लाइट से उतरते ही कैमरा रुद्र के चेहरे पर टिकता है —
    चेहरा शांत है, लेकिन आंखें थकी हुई…
    जैसे किसी ने पूरी रात नींद नहीं ली।

    प्रभावती और विक्रमादित्य खुश हैं।
    चारों तरफ़ हलचल है — लगेज, टैक्सी बुकिंग, होटल की बातों में सभी व्यस्त हैं।
    रुद्र चुपचाप सबका साथ दे रहा है, बस… दिल कहीं और है।

    प्रभावती (मुस्कुराते हुए):
    "रुद्र बेटा, लंदन की हवा ही अलग लग रही है न?"

    रुद्र (हल्की मुस्कान):
    "हाँ माम, काफी अलग है…"

    (वो नज़रें फेर लेता है, ताकि कोई उसकी आंखों की उदासी न पढ़ ले)


    ---

    सीन कट – होटल सुइट

    सभी लोग होटल पहुँच जाते हैं।
    रुद्र के लिए एक अलग कमरा होता है।

    वो दरवाज़ा बंद करता है, अपना बैग एक तरफ रखता है और खिड़की के पास जाकर खड़ा हो जाता है।
    सामने लंदन ब्रिज का धुंधलाया नज़ारा —
    बिलकुल उसके दिल की तरह धुँधला।

    रुद्र (मन में सोचता है):
    "मैं यहाँ शादी करने आया हूँ…
    लेकिन ये शहर, ये मौसम… ये सब कुछ मुझे फिर से तुझ तक ले जा रहा है, आर्यन।
    क्या तू कहीं यहीं है?"


    ---

    सीन: उसी शाम – होटल लॉबी

    ईशान और उसका परिवार पहले से लंदन पहुँच चुका है।

    ईशान रुद्र से लॉबी में मिलता है —
    वो ब्लैक कोट में बेहद क्लासी और एलिगेंट लग रहा होता है,
    लेकिन उसकी आँखों में भी एक हल्की सी बेचैनी है।

    ईशान (मुस्कराकर):
    "Welcome to London, Mr. Groom."

    रुद्र (थोड़ी हिचक के साथ):
    "Thanks… तुम सब तैयारियों में बिज़ी हो?"

    ईशान (गंभीर होकर):
    "हां, लेकिन तुम्हें देखकर लगता है, तुम अब भी तैयार नहीं हो…"

    (एक पल की खामोशी)

    रुद्र (धीरे से):
    "कुछ तैयारियाँ… अंदर से होती हैं, और वो कभी पूरी नहीं हो पातीं।"

    ईशान उसका चेहरा पढ़ने की कोशिश करता है, पर कुछ नहीं कहता।

    अगले भाग मे जारी ..







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