यह कहानी है माही की। एक ऐसी लङकी की जिसे था अपने राजघराने का घमंड जिसे नफरत थी गरीबो से और खुद के ही माँ बाप से लेकिन एक एक्सीडेंट के बाद बदल जाती है उसकी सोच और उसका स्वभाव। वही दूसरी तरफ है अथर्व सिहं शिखावत जो है एक राजघराने से लेकिन उसकी है दूसरी... यह कहानी है माही की। एक ऐसी लङकी की जिसे था अपने राजघराने का घमंड जिसे नफरत थी गरीबो से और खुद के ही माँ बाप से लेकिन एक एक्सीडेंट के बाद बदल जाती है उसकी सोच और उसका स्वभाव। वही दूसरी तरफ है अथर्व सिहं शिखावत जो है एक राजघराने से लेकिन उसकी है दूसरी भी पहचान । जहाँ माही पहले करती है अथर्व से शादी से इंकार । वही अथर्व ठान लेता है माही से बदला लेने की । क्या होगा जब होगा इन दोनो को एक दूसरे से प्यार? जानने के लिए पढ़िए "Oh You Are My Devil "
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Hello gyz,
मैं यहाँ लेकर आई हूँ। एक devil कि love story,
Plz आप सब लोग स्पोर्ट करे।
Hello everyone ham yaha se shuru krte h ak or safar .
राजगढ़
एक पहाडी़ पर खङा एक आदमी नीचे गिरती हुई गाङी को देखता है कुछ देर मे वह गाङी ब्लास्ट हो जाती है ।उस गाङी मे आग लगते देख वह आदमी किसी को फोन लगा कर कहता है - सरकार काम हो गया।
फोन के दूसरी तरफ से एक आदमी जो़र जो़र से हसँने लगता है ।और कहता है- महाराज जब रानी ही नही रही तो रियासत कैसी ।अब बहुत जल्द वह होगा जो मै चाहता था।
दूसरी तरफ London मे
एक लङका जिसकी उम्र 25 साल थी एक रूम मे पुशअप कर रहा था । उसके हल्के घुंघराले बाल जो काफी बङे थे वह उसका पूरा चेहरा ढक रहे थे। वह शर्टलैस था जिस वजह से उसकी एब्स और ऐट पैक्स साफ नज़र आ रहे थे ।
एक आदमी अंदर आकर सर झुका कर खडा़ होता है - good morning prince.
वह लड़का पुश अप करते हुए - हमममम।
आदमी- प्रिंस उन्हे होश आ रहा है।
लड़का रूक कर अपना सर घुमा कर उस आदमी को देखता है।और एक दम से कुद कर खडा़ हो जाता है ।
लड़का - किसी को उसके बारे मे पता तो नही लगा ना
आदमी - नो प्रिंस उनके होश मे आने की खबर सिर्फ आपको ही दी गई है।
लड़का - गुड
आदमी -सर इंडिया से कॉल आया है। प्रिंसेज़ का एक्सीडेंट हो गया है । उनका बचना ना मुम्किन है।
लड़का कुछ देर खामोश रह कर उस आदमी को कुछ कहता है और बाथरूम मे चला जाता है । वहाँ शॉवर ऑन कर उसके नीचे खडा़ होकर कहता है- अब तुम्हारा खेल खत्म और पैंथर का खेल शुरू।
2 साल बाद
राजगढ़
सुबह के वक्त राजगढ़ के राजमहल मे हर तरफ चहल पहल थी । हर एक शाही नौकर अपने अपने काम को अंजाम दे रहा था। अब राजमहल की तारीफ मे क्या ही लिखना उसकी तारीफ के लिए इतना कहना ही काफी है कि वह एक राजमहल है ।
राजमहल के अंदर एक 43 साल की औरत डायनिंग टेबिल पर रखे शाही खाने को चैक करते हुए नौकरो को हुक्म देते हुए कहती है- रामलाल हमने आपसे कितनी बार बोला है कि राजकुमारी को लेमन जूस नही ऐपल जूस पसंद है आप रोज़ रोज़ यह लेमन जूस क्यू रख देते है । ( आइए इनसे मिलते है यह है राजगढ़ की रानी साहेबा अमृता प्राताप सिहं। खुबसूरत और खुशमिजाज़ । जिनहे अपनी प्रजा और अपने परिवार से है बेइंतहा मोहब्बत । और उससे भी ज़्यादा अपनी बेटी राजकुमारी माही प्राताप सिंह से। )
अरे रानी साहिबा यह लेमन जूस हमारे लिए है । और हमारी राजकुमारी का जूस यह रहा । - एक 50 साल का आदमी किचन से निकलता हुआ कहता है ।( इनसे मिले यह है कौशल प्राताप सिहं राजगढ़ के राजा साहेब । 50 की उम्र मे भी यह 35 के लगते है । हैंडसम और थोडे़ मजा़किया । और इन्हे अगर किसी से मोहब्बत है तो वह है सिर्फ राजकुमारी )
रानी साहेबा थोडा़ नाराज़ होकर कर - क्या राजा साहेब इतना वक्त लगा दिया आपने आप जानते है ना कि 7 बजने मे बस 9 मिनट बाकी है । और हमारी प्रिंसेज़ सबसे पहले हमे देख कर ही अपनी सुबह की शुरूआत करती है।
राजा साहेब जूस का ग्लास एक ट्रे मे रखते हुए - जी रानी साहेबा हमे पता है लेकिन शायद आप भूल रही है कि हम अपना हर काम वक्त पर खत्म करते है अब जल्दी चले हमारी प्रिंसेज़ उठने वाली होगी। यह बोल वह लोग एक ट्रे अपने हाथ मे लेकर जिसमे जूस रखा था लिफ्ट की तरफ बढ़ जाता है।
नीचे किचन मे नौकर आपस मे - देख रहे हो तुम लोग राजा साहेब और रानी साहेबा कितने खुश लग रहे है। यह खुशी जो पिछले 1.5 साल मे उन लोगो को मिली है इसके लिए वह लोग 18 साल तड़पे है ।
दूसरा नौकर - हाँ जबसे वह एक्सीडैंट हुआ है और राजकुमारी की याद्दाश्त गई है ना तब सै सब अच्छा ही हो रहा है । पहले राजकुमारी गरीबो और नौकरो को इतना बेइज्ज़त करती थी कि वह इंसान अपने गरीब पैदा होने पर शर्म महसूस करता था।
तीसरा नौकर- अरै तुम नौकरो की बात करते हो वह तो अपने माँ बाप को भी एक नज़र भर कर नही देखती थी। वह तो उन्हे अपना दुश्मन समझती थी। वह अगर किसी से प्यार करती थी तो वह थे सिर्फ छोटे राजा जी और छोटी रानी जी से और अब देखो अपने माँ बाप की आवाज़ सुने बिना उनकी सुबह नही होती ।
ऊपर 4th floor पर
एक20साल की लड़की अपने कमरे मे एक राउंड शेप बेड पर एक बडे़ साइज़ के टैडी को गले लगाए बडी़ मासूमियत के साथ सो रही थी। उसके लम्बे घने बाल उसके चेहरे और टैडी दोनो को ढके हुए थे। वह लड़की एक लूज़ टीशर्ट और एक शॉर्ट पहने थी । उस पूरे बैड पर अलग अलग साइज़ अलग अलग कलर के टेडी रखे हुए थे और एक व्हाइट कलर का नेट का कर्टेन उस पूरे बैड को कवर करा हुआ था। वह कमरा देखने से ही पता लग रहा था कि वह किसी प्रिंसेज़ का कमरा है । सुबह 7:00 बजे का अलार्म जैसे ही बजता है वैसे ही वह लड़की एक अंगडा़ई लेती हुई बैठ जाती है । इस वक्त उसकी आँखे बंद थी और एक मुस्कान उसके चहरे पर थी । उसके पतले गुलाबी होठो के थोडा़ ऊपर एक तील था जो उसकी खूबसूरती मे चार नही बल्कि आठ चांद लगा रहा था। वह आँखे बंद किए हुए ही अपने टैडी को हाथ मे पकडे़ दरवाजे़ की तरफ बढ़ने लगती है । दरवाजा़ खोलते ही वह बंद आँखे किए कहती है- good morning मौमसी उफ्र माँ सा good morning डैडा उफ्र बाबा सा
दरवाजे़ पर खडे़ अमृता जी और कौशल जी उस लड़की के दोनो गालो पर अपना एक एक हाथ रख एक साथ मुस्कुरा कर कहते है - good morning princess उफ्र माही ।
माही उनकी आवाज़ सुन कर अपनी आँखे खोल देती है । ( चलिए जानते है हमारी मेन करैक्टर के बारे मे । यह है राजकुमारी माही प्राताप सिहं । जिनकी उम्र 20 साल है और खूबसूरती तो जैसे इन्ही से उधार लेकर सबको बाटी गई है और इनकी ब्लू आइज़ हिपनोटाइज़ जैसे करती है हर किसी को😁 वैसे तो बहुत शांत है पर जब घुस्सा आता है तब तो काली का रूप लेलेती है।)
London मे
एक बडे़ से रूम मे एक लड़का जो शर्टलेस था और सिर्फ एक बॉक्सर पहना था । जिसके राइट कांधे से लेकर लेफ्ट साइड कमर तक एक फंन फैलाए black कोबरा का टैटू बना हुआ था । उसका फेस उसके कंधो तक आते घुंघराले बालो से ढ़का हुआ था वह पंचिंग बैग पर पंच मारे जा रहा था। लेकिन ना तो यह पंच नॉर्मल थे ना पंचिग ग्लफ्ज़ और ना ही पंचिंग बैग ।
वह लड़का जो ग्लफ्ज़ पहना था उस पर हजा़रो कीले लगी हुई थी जो हर पंच के साथ उस पंचिंग बैग के अंदर घुस रही थी और जब वह हाथ बाहर को निकालता तो उन कीलो मे से खून की बूंदे टपकने लगती। वहाँ खडे़ 15 -20 आदमी जो देखने से अफ्रीकन मालूम पड़ रहे थे डर के मारे थर थर कांप रहे थे लगभग 2 घंटे तक यही प्रोसेज़ चलती रही । वह लड़का उस पंचिग बैग को अपने हाथो से पकड़ कर रोकते हुए इंग्लिश मे कहता है - डैविड इसे चैक करो अगर जिंदा है तो शीरो( एक ब्लैक पैंथर) को देदो और अगर मर गया है तो इसकी बॉडी के छोटे छोटे पीस कर के डैनी( एक खतरनाक डॉग)और उसकी फैमिली को दे दो।( असल मे उस बैग मे एक आदमी था।)
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यह बोल वह अपने ग्लफ्ज़ निकाल कर वही पास खडे़ आदमी को थमा कर बाहर निकलने लगता है। वह बाहर निकल पाता उससे पहले ही एक आदमी हकलाते हुए कहता है - स सर वह वह छोटे यु युवराज इंडिया प प हुचने वाले है । वह शख्स एक खतरनाक लुक देकर उस आदमी से कहता है-तो ? वह शख्स और ज़्यादा डरते हुए - त तो आप आप को भी भी इंडिया जा जा ना च चाहिए कही फिर से राजकुमारी उन्से प्यार। वह आगे कुछ और कहता कि उसके कानो मे एक कड़क आवाज़ आती है -तुम क्या चाहते हो राजवीर मै उसके पीछे पीछे घूमो और यही देखता रहूँ कि वह कहाँ जा रहा है क्या कर रहा है । भूलो मत आई एम अथर्व सिंह शिखावत । और अथर्व जो चाहता है वह खुद उसके पास चल कर आता है ना कि अथर्व उसके पास जाता है । यह कह कर वह अपने कमरे मे चला जाता है। ( चलिए जानते है अपने विलन जैसे हिरो के बारे मे । यह है अथर्व सिहं शिखावत जो है पत्थर दिल इंसान जिसे किसी से कोई फर्क नही पड़ता कि वह क्या है और क्या करता है । )अथर्व अपने रूम मे जाते ही बाथरूम मे घुस जाता है और शाॅवर के निचे खडा़ होकर शॉवर ऑन कर देता है । अथर्व की पर्फैक्ट बाॅडी पर जब पानी बहता है तो वह उसकी बॉडी को एक हॉट लुक देता हुआ गिरता है । अथर्व अपने दोनो हाथो मे गीले बालो को लेकर पीछे करता है जिससे उसके चेहरे के फीचर नज़र आने लगते है ।उसकी बडी़ गहरी ग्रे आइज़ हॉलिवुड लुक फेस फीचर और चेहरे पर हल्की ब्रेयर्ड ।
अथर्व भीगते हुए कहता है - प्रिंसेस माही तुमने मुझे अथर्व सिंह शिखावत को शादी के लिए मना किया था ना अब देखो मै क्या करता हूँ । तुम्हारी रियासत तुम्हारा गुरूर तुम्हारी अकड़ सब एक झटके मे खत्म । यह कह कर वह एक एविल स्माइल करने लगता है ।
राजगढ़ मे
माही अपने माँ बाप को गले लगा कर- आप लोग फिर हार गए इस बार भी मैने आपके नॉक करने से पहले ही गेट खोल दिया । यह कह कर वह एक हाथ अमृता के बाजू मे डाल कर और एक हाथ कौशल जी के बाजू़ मे डाल कर अंदर को आ जाती है । और फिर दोनो को सोफे पर बैठा कर खुद नीचे बैठ कर अपना सिर अमृता जी की गोद मे रख कर कौशल जी से कहती है - वैसे डैडा आप को यह जूस वाली जॉब मेरे कहने से ही छोड़ देनी चाहिए क्यूकि ना आप कभी मुझसे जीतेगे और ना ही कभी आपकी यह जूस के जॉब की सजा़ खत्म होगी । यह कह कर वह खिलखिला कर हँसते हुए अपने दोनो हाथ अमृता जी की कमर के चारो तरफ लपेट लेती है । कौशल जी उसके सिर पर हाथ फेर कर कहते है-मेरी बच्ची मै तो उम्र भर यह सजा़ काटने को तैयार हूँ बस हमारी यह प्रिंसेस हमेशा ऐसी ही रहे । यह सुनते ही अमृता जी भावुक होकर कर कौशल जी को देखने लगती है।
माही सिर उठा कर उन दोनो के हाथ पकड़ कर - मौमसी डैडा मुझे याद नही कि मै पहले कैसी थी और क्यू थी क्यू आपसे अच्छे से पेश नही आती थी। लेकिन यकिन मानिए अब से और आगे से हमेशा मेरे लिए आप लोगो से ज़्यादा कोई इम्पॉर्टेंट नही । और यह आपकी बेटी का आपसे वचन है।।यह कहते हुए माही के आँखो से एक आँसू निकल जाता है।
अमृता जी उसके आँसू को साफ कर कहती है - अरे यह क्या बात हुई हमारी शहजा़दी हमारे ही सामने रो रही है । और क्या आप यहाँ ऐसे ही बैठी रहेगी आप को कॉलिज नही जाना क्या ?
माही झट से खडी़ होकर अपने माथे पर हाथ मार कर कहती है -मै भी ना आप लोगो से बाते करने मे कॉलेज के बारे मे रोज़ भूल जाती हूँ । आज मेरा बहुत इम्पोरटेंट असाइंटमेंट सबमिट होना है ।
फिर माही बाथरूम की तरफ जाते हुए - मै तैयार होकर आती हूँ मौमसी आप ना मेरे लिए टिफिन पैक कर देना और हाँ दो लोगो का खाना रखना । वह नालायक आज भी लंच नही लाएगी और ना ही कैंटीन से मुझे खरीदने देगी।
अमृता जी कौशल जी का हाथ पकड़ बाथरूम के बंद हुए दरवाजे़ की तरफ देख कर कहती है-राजा साहेब यह सपना तो नही है ना । अगर है भी तो हम प्रर्थना करते है कि यह सपना कभी ना टूटे।
कौशल जी उनके हाथ पर अपना हाथ रखकर कहते है - नही रानी साहेबा रह हकीकत है । हमे हमारी बेटी मिल गई ।
अमृता जी-कभी कभी यह सोच कर ही डर लगता है कि अगर माही की याद्दाश्त वापस आ गई और वह फिर पहले जैसी हो गई तो.........
To gyz kese lag rahi h yeh story comment kr kr batayea zaroor
Hello gyz
Bina der kea chalea shuru krte h aage ki story
डायनिगं हॉल मे पूरा राज परिवार मौजूद था । राजघराने के महाराज इंद्रसेन प्राताप सिहं जिनकी उम्र 75 साल ।शाही सूट के साथ राज घराने का ऐटीटयूड। साथ मे एक छडी़ जिसके हैंडल मे सोने का वर्क और डायमंड लगे थे । डायनिंग टेबल की हैड चेयर पर बैठे थे उनके राइट साइड उनके बडे़ बेटे और बहुँ कौशल जी और अमृता जी बैठी थी और लैफ्ट साइड मे छोटे बेटे बहुँ अजय प्राताप सिंह( उम्र 45 साल) और जानकी प्राताप सिंह(उम्र 39 साल) बैठे थे । इंद्रसेन जी के ठीक सामने उनकी बहन ललीमा प्राताप सिंह( (उम्र 60 साल )बैठी थी इन्होने शादी नही की थी।
सारे शाही नौकर डायनिंग टेबल को घेरे खडे़ थे। सब कुछ तैयार था बस इंतेजा़र था तो माही का।
इंद्रजीत जी अपनी घडी़ देखते हुए- बडी़ रानी सा राजकुमारी को इतना वक्त क्यू लग रहा है अब तक तो वह आ जाती है । क्या उन्होने नाश्ता कर लिया है।
अमृता जी कुछ कहती उससे पहले सीढि़यो से आवाज़ आती है - ऐसा हो सकता है कि माहि बिना दादू को नाश्ता कराए खुद नाश्ता कर ले यह कहते हुए वह इंद्रजीत जी के पास आकर एक पराठे का टुकडा़ तोड़ उनके मुहँ मे डाल कर उन्हे साइड हग कर कहती है- इट्स माही मॉर्निंग दादू।
इंद्रजीत जी हल्का मुस्कुरा कर एक बाइट उसके मुहँ मे डाल कर - यस इट्स माही मॉर्निग हमारी प्यारी राजकुमारी ।
दादा पोती की बॉन्डिंग देख कर जहाँ सब लोग खुश थे वही अजय जी और जानकी जी घुस्से का घूटं पीए बैठे थे। जानकी जी अपना घुस्सा शांत कर माही को देख एक मुस्कान अपने थोबडे़ पर चिपका कर कहती है- बार्बी डाल आज हमने आपके लिए नाश्ते मे स्पेशल कटलेट बनवाए है ज़रा टेस्ट करके बताइए कैसे है। यह बोल वह माही की तरफ एक प्लेट कर देती है ।
माही अपनी माँ के बराबर मे बैठ कर - छोटी रानी सा हम आप को कितनी बार बोले है हमारा नाम माही है यह बार्बी चार्बी हमे नही पसंद और ना ही यह कटलेट वटलेट ।हमे तो मॉम्सी के हाथ के आलू के पराठे ही पसंद है । यह कह कर माही अमृता जी की तरफ मुहँ खोल कर बैठ जाती है । अमृता जी माही को एक बाइट पराठे का खिला कर मुस्कुरा देती है वही जानकी जी घुस्से मे आग बबूला हो जाती है।
अमृता जी माही को पराठा खिलाते हुए पुराने खयालो मे खो जाती है।
फ्लैशबैक
माही बेटा आज मैने आपके लिए आपकी पसंद की मटन करी बनाई है । ज़रा टेस्ट करके बताना -अमृता जी माही को डायनिगं टेबल पर खाना सर्व करते हुए कहती है ।माही तुरंत उस दिश को हाथ से झटक देती है जिससे सारी मटन करी नीचे गिर जाती है। माही अमृता जी पर चिल्लाते हुए खडी़ होकर- वाहट दा हैल इज़ दिज़ आपका दिमाग खराब है या दिमाग का इस्तेमाल करना आपको आता ही नही है । मैने कितनी बार कहा है कि मुझे आपके हाथ का पानी भी नही पीना तो क्यू मेरे पीछे पडी़ रहती है ।
कौशल जी माही को डाटते हुए - प्रिंसेज़ यह कैसी हरकत है । वह तुम्हारी माँ है तुम इस तरह से उन्से बात नही कर सकती ।
माही कौशल जी को देख कर- ओह तो अब आप मुझे तमीज़ सिखाएगे । देखिए मिस्टर सिहं आप अपना यह हुक्म अपनी रियासत पर ही चलाए और उनको ही यह तमीज़ का लैक्चर भी देना । फिर जानकी जी की तरफ देख कर - मॉम मै सनी के साथ दो दिन के लिए आउट ओफ सिटी जा रही हूँ ओके । जानकी जी जो पूरे सीन को किसी फिल्म की तरह इंजोए कर रही थी माही की बात सुन कर कहती है - हाँहाँ बार्बी डॉल जाओ जाओ आपको रोका किसने है।
तभी इंदसेन जी कहते है - राजकुमारी आप भूल रही है आप इस रियासत की होने वाली रानी है यू ऐसे अंय्याशियाँ करना आपको शोभा नही देता । लेकिन माही उनकी बात का कोई भी जवाब दिए बिना बाहर निकल जाती है।
आज का दिन
माही को खाते हुए खाँसी आ जाती है जिससे अमृता जी होश मे आती है और जल्दी से उसे पानी पिलाती है।
अमृता जी- बच्चा आप ठीक है ना ।
माही - जी मॉम्सी आप परेशान क्यू हो जाती है । अच्छा मै ना चलती हूँ उस डफ्फर को भी पिक करना है बाए दादू दादी बाए मॉमसी बाए डैडा बाए बाए छोटी रानी और छोटे राजा।
वह बाहर को निकलती उससे पहले अमृता जी आवाज़ लगा कर कहती है- बेटा आपका लंच। उनकी बात सुन माही दौड़ते हुए वापस आकर कहती है- थैंक यू माँ। फिर उनके गाल पर एक किस कर बाहर आकर अपनी गाडी़ मे बैठ जाती है।
इधर जानकी जी के कमरे मे
जानकी जी सारा सामान उठा उठा कर इधर उधर फेंक रही थी ।अजय जी एक चियर पर बैठे आराम से उनकी फिल्म कमरे का कबाडा़ देख रहे थे😅
जानकी जी - यह लड़की समझती क्या है खुद को । एक दिन नही जाता जब यह मेरी बेइज़्ज़ती नही करती ।इसके पैदा होने के बाद मैने ही पाला था उसे और वह मुझे भूल अपनी उस सो कॉल्ड माँ को प्यार जता रही है । अरे क्या क्या नही किया मैने उसे अपने काबू मे करने के लिए 18 साल 18 साल बरबाद करे उस के पीछे और एक एक्सीडेंट ने मेरे सारे किए कराए पर पानी फेर दिया अरे इससे अच्छा तो यह मर जाती। और आप वहाँ बैठे बैठे क्या खिचडी़ पका रहे हो जल्दी कुछ करो वरना जैसे यह लड़की हाथ से निकली है ना ऐसे ही यह रियासत भी हाथ से निकल जाएगी।
अजय जी अपनी जगह पर खडे़ होकर कहते है - तो क्या करू तुम्हारी तरह पागलपन करू ना मातम करू । यू नो वाट डार्लिंग इस सियासत की जंग तलवार से नही दिमाग से खेलनी है । चलो सनी को कॉल करो और पता करो कब तक आएगा वह यहाँ।
जानकी जी उनकी बात सुन कहती है - बात हुई है मेरी उससे शाम तक आ जाएगा।
जानकी की बात सुन अजय जी एक गहरी सोच मे डूब जाते है । जानकी जी उन्हे देख समझ जाती है कि अजय जी के दिमाग मे ज़रूर कुछ कुराफाती चल रहा है।
एक हाॅस्टेल के बाहर 4 रॉयल कारे लाइन से खडी़ थी 3rd कार मे माही बैठी कॉल पर बात करते हुए - जस्सी अगर तुमने और देर लगाई तो मै वहाँ आकर तुम्हे ऐसे ही उठवा लूंगी फिर मत कहना कि मैने वाॅर्न नही किया ।
काॅल पर दूसरी तरफ से -बस हो गया यार रूम लॉक कर रही हूँ । यह बोल वह लड़की जल्दी से रूम बंद कर बाहर की तरफ दौड़ती है । बाहर गेट पर आकर वह देखती है कि माही की कार का गेट खोले एक बॉडीगार्ड बाहर ही खडा़ है और अंदर माही आग बबूला हुई उसे देख रही है ।वह लड़की दौड़ कर माही के पास आकर सॉरी यार बोल बैठ जाती है। बाॉडीगार्ड उसके बैठते ही वह गेट बंद कर अपनी कार मे जाकर बैठ जाता है।
माही उसके सर पर एक चपत लगा कर - तुम अपनी हरकतो से बाज़ नही आओगी ना । मैने कितनी बार बोला है यह हॉस्टल मे कुकींग का काम छोड़ दे । लेकिन नही तू तो मुझे अपना कुछ समझे तब ना ।
( लीजिए मिलिए हमारी माही की बेस्ट फ्रेरेंड जस्मित बक्शी से यह एक अनाथ है जिनकी उम्र भी माही जितनी है। माही जितनी तो नही लेकिन फिर भी खूबसूरती मे कम नही थी।अपना खर्चा खुद उठाने के लिए यह पार्ट टाइम जाॉब करती हैक्यूकि पढा़ई के लिए उसे स्कॉलरशिप मिली हुई है सुबह कॉलिज जाने से पहले यह हास्टल की सभी लड़कियो के लिए नाश्ता बना कर जाती है और कॉलिज के बाद एक कैफे मे वेटर की जाॅब करती है ।अभी 2 महीने हुए इसे माही की दोस्त बने हुए ।माही ने जस्मित को कई बार मना किया कि वह यह सब छोड़ दे वह उसका पूरा खर्चा उठाएगी लेकिन जस्मित एक स्वाभिमानी लड़की है जो किसी का एहसान नही लेना चाहती।)
जस्मित माही के गले लग कर - अरे मेरी जान । यार तू ही तो है जो मेरी पूरी फैमली है । लेकिन तू तो जानती है कि मै किसी पर
माही उसे अपने से दूर कर थोडा़ नाराज़ होते हुए - हाँ हाँ पता है किसी पर बोझ नही बनना ।चल अपनी यह डायलॉगबाजी़ बाद मे करना । यह बोल वह गाडी़ मे रखे एक छोटे से फ्रिज मे से एक लंच बॉक्स और दो जूस के कैन निकाल कर उसे थमाते हुए कहती है - पूरे हाॅस्टल को खिलाकर आई है और खुद एक गिलास पानी भी नही पिया होगा मोहतरमा ने।
जस्मित मुस्कुरा कर लंच बॉक्स खोल कर - अगर मै पानी पीकर आ जाऊगी तो यह आंटी के हाथ का लंच कैसे मिलेगा । यह बोल वह एक पराठा निकाल कर खाने लगती है ।
माही मुस्कुरा कर एक जूस का कैन पीने लगती है।
ऐसी बाते करते करते वह लोग कॉलिज पहुँच जाते है ।
M P S College
यह कॉलिज राजगढ़ का सबसे बडा़ कॉलिज था। और माही के दादा जी इसके ओनर थे । यह काॉलिज काफी बडा़ और खूबसूरत था । यहाँ बडे़ बडे़ राजघराने , बिज़नेसमैन और पाॉलिटिशियन के बच्चे पढ़ते थे वही कुछ ऐसे बच्चे भी यहाँ पढ़ते थे जो स्कॉलरशिप पर यहाँ पढ़ रहे थे।जैसे कि जस्मित ।
कॉलिज के बाहर 4 गाडि़या आकर रूकती है जिनमे से तीन मे बॉडिगार्ड निकलते है और तीसरी गाडी़ के बैक साइड के दोनो गेट खोल कर खडे़ हो जाते है जहाँ एक साइड मे से माही और दूसरी से जस्मित अपने अपने बैग को टांगते हुए निकलती है । जैसे ही दोनो कॉलिज के अंदर ऐंट्री करती है हर लड़के और लड़की की नज़र वही चली जाती है । जहा जस्मित ने एक सिम्पल कुर्ती और जींस पहन रखी थी और बालो को क्लेचर किया हुआ था वही माही ने एक नॉर्मल सी टीशर्ट और एक लूज़ टाउज़र पहना था और अपने बालो का एक मैसी बन बनाया हुआ था । अगर यह आज से दो साल पहले वाली माही होती तो एक शाॉर्ट dress मे हैवी मेकअप के साथ बालो का फैंसी हेयर स्टाइल बनाया होता । लेकिन यह आज की माही थी जिसे थोडा़ झल्ली टाइप रहना पसंद था। लेकिन माही का यह लुक पहले के बोल्ड लुक से ज़्यादा कातिलाना था। क्यूकि पहले वह अपने चेहरे को भारी मेक अप की पर्तो से छुपा कर एक एटीट्यूड के साथ रहती थी ।और अब वह अपनी नैचरल ब्यूटि के साथ साथ एक प्यारी सी स्माईल भी अपने चेहरे पर बनाए रखती थी।
माही और जस्मित बाते करते हुए अंदर आते है तभी उनको सामने से 5 लोग आते हुए नज़र आते है । जिनमे तीन लड़किया और दो लड़के थे । छवी अहुजा,कायरा बख्शी,सानवी आहूवालिया,दर्श बैनर्जी और मयूर आर्या।
पाँचो बिगडे़ बापो की बिगडी़ औलादे और माही के एक्सफ्रेंडस थे। जस्मित उन्हे देख माही से कहती है -लो आ गए तुम्हारे दोस्त। माही थोडा़ नाराज़ होते हुए - जस्सी कितनी बार बोलू यह लोग मेरे दोस्त नही है । पता नही मेरे एक्सीडेंट से पहले मेरा दिमाग घुटनो मे था क्या जो मैने इन मेक अप की दुकानो और बाप के नालायको से दोस्ती की थी।
जस्मित हस्ते हुए - मुझे तो पक्का यकीन है कि तुम्हारा दिमाग ज़रूर तुम्हारे उन हील्स के नीचे था जो तुम पहले पहन कर आती थी। माही एक नाराज़गी भरा लुक देकर जस्मित को देखती है अब तक उन दोनो के पास वह पाँचो पहुचँ चुके थे ।
छवि माही के गले लगने की कोशिश करते हुए - हाय डार्लिंग कैसी हो ।
माही अपने कदम पीछे कर के - हाँहाँ बस । मै ठीक हूँ ।और ना प्लीज़ यह डार्लिंग वार्लिंग ना कहा करो। इससे मुझे वॉमिट करने जैसी फिलिंग आती है।
छवि माही के ऐसा करने से बेइज़्ज़ती महसूस करती है लेकिन कुछ कहती नही ।
वही कायरा माही से कहती है -माही यार तुझे कुछ याद आया क्या । यह कहते हुए वह जस्मित को घूर रही होती है।
माही थोडा़ चिढ़ते हुए - क्या है तुम लोगो का रोज़ रोज़ एक ही सवाल । अरे मुझे कुछ याद नही आया और दुआ करती हूँ कुछ याद भी ना आए
कमैंट्स कर बता देना yaar स्टॉरी कैसी लग रहि है
Hello dosto
Chalea shuru krte h aage ki story.
माही की बात सुन कायरा कहती है - देखो माही तुमहे अभी कुछ याद नही है इसलिए तुम हमसे ऐसे बात कर रही हो जब तुम्हे याद आएगा ना तब तुम बहुत पछताओगी कि तुमने हमे और हमारी स्ट्रीम को छोड़ कर बहुत बडी़ गलती की है। अरे यार माही तुम्हारी याद्दाशत क्या गई तुम तो अपना स्टैंडर्ड ही भूल गई कल तक जिन लोगो के सामने से गुज़र जाने के बाद तुम उस रास्ते पर अपना पैर तक रखना गवारा नही करती थी आज तुम उन लोगो के साथ ऐसे रहती हो जैसे वह तुम्हारी बहन हो।यह सब कहते हुए कायरा जस्मित को घिन भरी नज़र से देखती है।
माही कायरा की बात सुन एक गहरी सासँ लेकर कहती है- यू नो वाह्ट तुम लोग मेरे बारे जो बाते बताते हो ना उसे सुन कर मै बस यही प्रे करती हूँ कि मेरी याद्दाशत कभी वापस हीत्रना आए । अरे ऐसी याद्द्शत का क्या आचार डालूगी जो मुझे इंसान को इंसान ही ना समझने दे । वैसे तो मै कभी कभी सोचती हूँ कि काश मेरी याद्द्शत वापस आ जाए लेकिन तुम सब की बकवास सुन कर बस यही कहूगी कि अच्छा ही है जो मेरी याद्दाशत चली ग ई वरना पूरी जिंदगी तुम जैसे चमकादडो़ को अपना दोस्त बनाए रखती ।
माही की यह बात सुनते ही जस्मित जो़र जो़र से हँसने लगती है। वही वह पाँचो अपनी बेइज्ज़ती पर जस्मित को हसते देखते है तो छवि उसके पास आकर उसे थप्पड़ मारते हुए कहती है- यू बिच। लेकिन माही बीच मे ही उसका हाथ पकड़ कर उसी के एक थप्पड़ लगा देती है जिससे वह ज़मीन पर गिर जाती है और बाकि अपना मुहँ खोले माही को देखने लगते है। माही अपने घुटनो के बल बैठ छवि को अपनी फिंगर पॉइंट कर कहती है - आज यह गलती कर दी है आइंदा अगर जस्सी को हार्म पहुचाने का सोचा भी ना तो तुमको वही पुरानी माही तो मिलेगी लेकिन उसका टार्गेट तुम लोग होगे समझे यह कह कर वह जस्मित का हाथ पकड़ कर अपने क्लास रूम की तरफ चल देती है ।
वही छवि को देख उसके दोस्तो को बुरा लगता है लेकिन वह कुछ कर भी नही सकते थे। आखिरकार माही उस शहर की होने वाली रानी थी इसी कारण वह लोग माही से दोस्ती बनाए रखना चाहते थे लेकिन अब उनका यह सपना ही रह गया था।
दर्श छवि को दिलासा देते हुए कहता है - देखो छवि हमने पहले ही कहा था कि अब माही वह माही नही रही। कल तक हम जिस माही को जानते थे वह हमारी दोस्त थी लेकिन अब । अब माही को देख लगता है कि यह हमारी माही है ही नही। मयूर दर्श की बात सुन कहता है - दर्श इज़ राइट । यह सब एक इत्तेफाक नही हो सकता कि माही के एक्सीडेंट के बाद उसकी याद्दाशत गई और ऐसे गई जैसे वह पहले कभी हमारी माही थी ही नही जैसी वह थी उसके बिल्कुल अपोजि़ट है । और देखो पहले वह हमारे साथ आर्ट स्ट्रीम मे थी और पढा़ई मे हमारी ही तरह । वह एक एवरेज स्टूडैंट थी लेकिन जब वह अपने एक्सीडेंट से रीकवर कर आई तो उसने आर्ट स्ट्रीम छोड़ साइंस स्ट्रीम लेली और सिर्फ दो महीने मे टू इयर्स का सिलेबस कम्प्लीट कर एग्जा़म भी किलीयर किया और डायरैक्ट 3rd इयर मे एडमिशन भी ले लिया । यह सब बाते मुझे हज़म नही हो रही ।
कायरा उसको जवाब देकर कहती है - जहाँ तक एग्जा़म किलीयर करने का मामला है तो भूलो मत यह कॉलिज माही के दादा का ही है तो यह एग्जा़म क्लियर करना कोई बडी़ बात नही । और रही पढा़कू माही की बात तो भूलो मत पहले भी माही एग्जा़म से सिर्फ एक दिन पहले ही पढ़ती थी और पास हो जाती थी और लास्ट और फाइनल बात उसका साइंस स्ट्रीम लेने की बात तो तुम लोगो को याद होगा पहले एक बार माही ने कहा था कि उसके दादा चाहते थे कि माही साइंस ले लेकिन अपनी छोटी माँ के कहने पर उसने आर्टस स्ट्रीम चुनी। उम्मीद है तुम सबको सारे जवाब मिल गए होंगे।
अब लास्ट टाइम तुम लोगो से बोल रही हूँ माही को उसके हाल पर छोड़ दो। वरना ऐसा ना हो कही हमे लेने के देने पड़ जाए। यह सब बाते कर सब अपने अपने क्लास मे चले जाते है ।
वही कोई था जो माही की हर एक हरकत पर नज़र बनाए हुए था। वह माही के घुस्से को देख मुस्कुरा कर कहता है - हमममम तो मेरी क्यूट कैट अब वाइल्ड टाइग्रिस बन ग ई है बैल डन ।यह बोल वह अपना लैपटॉप बंद करता है फिर सोफे पर अपना सिर टिका कर कहता है - अब देखना यह है मेरी क्यूट कैट मुझे पहचानती है या नही । यह सब कहते हुए वह अपने बालो को अपने दोनो हाथो से पीछे करता है जो इस वक्त उसके चेहरे को घेरे हुए थे। जी हा यह है हमारे हीरो अथर्व जो माही पर अपनी तीसरी आँख जमाए हुए था ।
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वही माही कॉलिज मे अपने क्लास अटैंड कर बाहर आती है इस वक्त उसके चेहरे से थकान साफ साफ पता लग रही थी।वह जस्मित के कांधे पर अपना सिर टिका कर चलते हुए कहती है - यार जस्सी आज तो मैम ने थका डाला और ऊपर से कल के लिए और दो असाइंटमैंट । जस्सी उसकी बात पर अपनी सहमती जता कर कहती है- हाँ यार तू सही कह रही है मैम का तो हमारा कत्ल करने का इरादा लग रहा है । वह लोग बाते करते हुए बाहर निकल रहे होते है इस बात से अंजान की कोई उन पर वही खडा़ नज़र जमाए खडा़ है ।
वह लड़का एक डेविल स्माइल करते हुए - अरे वाह मेरी जान तुम तो पहले से भी हसीन हो गई हो अब तो और मजा़ आएगा सियासत और रानी दोनो को जीतने मे । बस अब यह देखना बाकि है कि जो प्यार का खेल मैने कई साल पहले खेला था उस खेल मे वापस तुम्हे लाने के लिए मुझे अब किस किस की कुर्बानी देनी होगी।
राज महल
माही राजमहल के अंदर जाते हुए जस्मित से कॉल पर बात करते हुए - देख जस्सी मुझे नही पता तू क्या करेंगी लेकिन शाम को तू मेरे घर पर ही डिनर करेंगी बस मुझे नही पता।
जस्सी कैफे मै पहुंच कर अपना काम करते हुए -लेकिन यार माही बात तो समझ आज कैफे मै बहुत काम है।
माही जसमीत की बात को बीच में काटते हुए कहती है- लेकिन वेकिन कुछ नहीं तुझे आना है तो आना है मुझे नहीं पता। यह कहकर माही अपना फोन काट कर सामने देखती है जहां हाल में उसे एक नया सदस्य बैठा दिखाई देता है। जिसे वह पहचाने की कोशिश करती हुई अंदर आती है।
हॉल मै इंद्रसेन जी अपनी रॉयल चेयर पर बैठे थे और उनके लेफ्ट और राइट साइड सोफे पर उनकी दोनों बहु बेटे बैठे थे। उनकी बहन लालिमा ज़ी इस वक़्त अपनी पूजा पाठ मै लगी थी।
वही एक अलग सोफे पर एक हैंडसम लड़का जिसकी age 24-25 साल होंगी बैठा हुआ था। उस लड़के को सिर्फ देखने मात्र से एक बैड वाइब्स आ रही थी। जहा अमृता जी कौशल जी और इंद्रसेन जी के चेहरे पर एक परेशानी भरे भाव थे।वही अजय जी और जानकी जी के चेहरे पर खुशी के भाव के भाव थे।
माही अंदर आते हुए सबको गुड इवनिंग विश करती है। माही को देखकर इंद्रसेन जी एक मुस्कान देकर उसे अपने पास बुलाते हैं। माही अपना बैग एक सर्वेंट के हाथ में थामा कर खुद जाकर इंद्रसेन जी के बराबर में बैठ जाती है। इंद्रसेन जी माही से कहते हैं - आज का दिन कैसा गया हमारी राजकुमारी का।
माही इंद्रसेन जी के कंधे पर अपना सर रखकर आंखें बंद कर कहती है -बहुत ही थका देने वाला दिन था आज दादू। इंद्रसेन जी बड़े ही प्यार से माही के सर पर हाथ फेरने लगते हैं। उन दोनों की यह बॉन्डिंग वहां बैठे अजय जी और जानकी जी के साथ साथ उस लड़के को भी बहुत खलती हैं।
दादा और पोती के प्यार भरे पल को ख़राब करते हुए जानकी ज़ी कहती है - बेटा माही इनको पहचाना। यह तुम्हारा सनी।
माही अपनी आँखे खोल अलसाई आँखो से सामने बैठे लड़के को देखती है और फिर आँखे बंद कर कहती है -नही।
माही की इस हरक्त पर वह लड़का जिसका नाम शुभम राणा (सनी ) था गुस्से मै अपनी मुठ्ठी मीच लेता है। वही इंद्रसेन ज़ी कौशल ज़ी और अमृता ज़ी के दिल से एक सुक़ून भारी आह निकलती है।
जानकी ज़ी अपने गुस्से को दबाए हुए मुस्कुरा कर कहती है - अरे हाँ तुम तो वैसे भी सब भूल गई हो तुम्हें कहां सनी याद होगा मैं बताती हूं।सनी तुम्हारा मंगेतर है और साथ में तुम्हारा लवर भी।
जानकी जी के पास सुनकर माही एक झटके से अपनी आंखें खोलता है और इंद्र सिंह जी के कंधे से अपना सर उठाकर सनी को घूरकर देखने लगती है। फिर वह एक नजर अपने पास बैठे कौशल जी और अमृता जी को देखती हैं जैसे पूछ रही हो क्या यह सच है।
कौशल जी और अमृता जी माही का इशारा समझ कर अपनी गर्डन को हां में हिलाते हैं। माही अपने पास बैठे इंद्रसेन जी के कान में कहती है- दादू सच सच बताना क्या मैं पागल वागल थी अपने एक्सीडेंट से पहले कैसे-कैसे लोगों को दोस्ती और प्यार कर बैठी थी और आप लोग मुझे समझाते भी नहीं थे क्या! इस बंदर को देखकर लगता है इससे मैं प्यार करूंगी। शक्ल से कोई लंगूर बंदर लग रहा है जो जबरदस्ती अपने केले के लालच में यहां आकर बैठा हुआ है। माही यह बात हल्के जरूर कह रही थी लेकिन इतना भी नहीं कि वहां बैठे किसी को सुनाई ना दे।
सनी अपनी तारीफ में इतने शब्द सुनता है तो उसका पारा हाइ हो जाता है।
लेकिन वह अपने चेहरे पर अच्छाई का मुखौटा लगाए माही के पास आकर अपने घुटनों के बल बैठकर कहता है - बार्बी डॉल यह तुम कैसी बातें कर रही हो तुम मुझे भूल गई अपने सनी को तुम्हें याद है हमने कितना वक्त साथ में बिताया है हम लगभग 4 साल से रिलेशनशिप में थे। जिस दिन तुम्हारा एक्सीडेंट हुआ था उसे दिन तुम और मैं साथ में ही थे। तुम कितना खुश थे उस दिन मैंने हम दोनों की शादी की डेट फिक्स कर तुम्हें बताई थी तुम सब भूल गई। तुम भूल गई कि हमारा रिश्ता कितना आगे बढ़ गया था। इतना आगे जहां शायद पति-पत्नी का रिश्ता होता है ।
सनी के मुह से यह सब बातें सुन माही को बहुत हैरानी होती है। जिस इंसान को देखकर माही को वोमिट हो रही थी उसे इंसान के साथ वह फिजिकल भी हुई यह सोच सोच कर उसका सर फटे जा रहा था।जैसे ही सनी मे का हाथ पकड़ता है माही उसका हाथ झटक अपने कमरे की तरफ भाग जाती है।
भाई को ऐसे भागते थे कौशल जी और अमृता जी उसके पीछे जाते हैं। लेकिन जानकी जी और अजय जी वह दोनों को रोक कर कहते हैं
अजय - रुक जाइए भैया भाभी यह बात तो एक ना एकदम सामने आने ही थी और यह बात तो हम सभी बहुत अच्छे से जानते थे कि हमारी माही सनी को लेकर पहले बहुत सीरियस थी और उन्होंने अपने रिश्ते को बहुत आगे बढ़ा लिया था इसीलिए हमने माही की शादी उसके साथ तय की थी! हम लोग कितना भी इस बात से से इंकार करें लेकिन यही सच है कि सनी के अलावा माही की शादी अब किसी से नहीं हो सकती क्योंकि अब कोई भी ऐसी लड़की से शादी नहीं करेगा जो पहले से ही किसी और के साथ।
बस बंद करिए आप अपनी बकवास- इंद्रसेन जी अपनी जगह से खड़े होते हुए गुस्से मे कहते हैं।
पहले क्या हुआ क्या नहीं इससे हमें कोई लेना देना नहीं लेकिन अब जो होगा वह हमारी राजकुमारी और हमारी दोनों की मर्जी से होगा अगर वह सनी को एक्सेप्ट करेंगी तो हम भी उसे अपना लेंगे लेकिन अगर एक बार भी राजकुमारी ने सनी के साथ शादी को इनकार किया तो हम उसकी शादी इनसे नहीं करागे। चाहे फिर इसका अंजाम जो भी हो।
इंद्रसेन जी की बात सुनकर अजय जानकी जी की मुट्ठियां गुस्से में कस जाती है। लेकिन सनि के चेहरे पर एक रहस्य में मुस्कान आ जाती है।।
जारी है
Hello dosto,
बिना वक्त बर्बाद किया चलिए शुरू करते हैं हम अपने आगे की कहानी।
बस बंद करिए आप अपनी बकवास- इंद्रसेन जी अपनी जगह से खड़े होते हुए गुस्से मे कहते हैं।
पहले क्या हुआ क्या नहीं इससे हमें कोई लेना देना नहीं लेकिन अब जो होगा वह हमारी राजकुमारी और हमारी दोनों की मर्जी से होगा अगर वह सनी को एक्सेप्ट करेंगी तो हम भी उसे अपना लेंगे लेकिन अगर एक बार भी राजकुमारी ने सनी के साथ शादी को इनकार किया तो हम उसकी शादी इनसे नहीं करागे। चाहे फिर इसका अंजाम जो भी हो।
इंद्रसेन जी की बात सुनकर अजय जानकी जी की मुट्ठियां गुस्से में कस जाती है। लेकिन सनि के चेहरे पर एक रहस्य में मुस्कान आ जाती है।।
अब aage
लंदन मे
अथर्व बैड पर shirtless लेता था तभी उसका फ़ोन बजा। अथर्व लेटे लेटे आँख बंद किये हुए फ़ोन रिसीव कर कहता है - तो आखिर याद आ ही गई aapko। ऐसी भी क्या बात हुई जो मुझ जैसे devil को याद कर लिया अपने
दुसरी तरफ से एक शख्स -सब जानते ho फिर भी अनजान बनने ki कोशिश कर रहे हो।
अथर्व - तो क्या करू जो मैं चाहता हूँ वो तो मुझे देने से मना कर रहे हो। जब मुझे नही दोगे तो कोई तो लेकर जायेगा ना।
वो शख्स गुस्से मे -यह जानते हुए भी की राजकुमारी को उन लोगो ने ही मारने की कोशिश की।फिर भी तुम उसको उनलोगो के हवाले कर रहे हो।
अथर्व मुस्कुरा कर - aapki राजकुमारी की जान उसकी खुद की glti की वजह से खतरे मै पड़ी इसमें उन बेचारो को दोष देना बंद कीजिए।
वो शख्स गुस्से मे -uuuuu।
अथर्व -मुझे गाली देने से कुछ नही होगा आपकी राजकुमारी की पसंद की वजह से यह सब हुआ। मुझे तो एक बात समझ नही आती। आपकी बेटी होकर उसकी पसद इतनी घटिया कैसे हो सकती है। Any way अगर आप चाहते हो की मैं उसकी मदद करू तो उसे मुझे दे देजिए।
वो शख्स गुस्से मे - पहले हम चाहते थे की राजकुमारी की शादी आपसे हो क्यू की वह निहायत बिगड़ी हुई थी जिन्हे आप जैसे निर्दयी काबू कर सकता था लेकिन अब अब हमारी माही बदल चुकी ह वह एक मासूम बच्ची से कम नही और उसकी मासूमियत हम आपके हाथो नही छीनने देंगे।
अथर्व गुस्से मै अपनी पकड़ फ़ोन पर कस कर मुस्कुरा कर - तो फिर जाने दीजिए अपनी मासूम राजकुमारी को उस दलदल मै दोबारा। मुझे फ़ोन कर के परेशान करने की ज़रूरत नही। मैं फालतू नही जो हर वक़त आपके बिगड़े काम बनता रहु।
यह बोल अथर्व फोन कट कर उसे साइड में बेड पर फेंक देता है। अथर्व खुद से - आपकी राजकुमारी की मासूमियत तो मैंने कब की छीन ली। अब सिर्फ आपकी राजकुमारी सॉरी सॉरी अपनी क्वीन छीन्ना है मुझे आपसे।
यह कह के अथर्व मुस्कुरा कर अपना फेस दूसरी साइड करके लेट जाता है।
राजमहल
माही का कमरा।
माही के कमरे में इस वक्त कौशल जी और अमृता जी मौजूद थे। अमृता जी बेड पर बैठी थी और माही उनकी गोद में मुंह छुपाए लेती थी। उनके पास ही कौशल जी भी बैठे थे।
कौशल जी और अमृता जी यह महसूस कर सकते थे कि माही सीसक रही है। अमृता जी माही के बालों को सहलाते हुए - बेटा बहुत सी ऐसी बातें हैं जिनसे तुम आज भी अनजान हो। इन 1.5 सालों में हम तुम्हें सब नहीं बता पाए कि तुम्हारे पिछले 18 साल कैसे गुजरे हैं। उन 18 साल में तुमने अनजाने में बहुत सी गलतियां की है।
माही सिसकते हुए - लेकिन मॉमसी से हम कैसे एक अनजान के साथ अपने रिश्ते को इतना आगे! मतलब हमारी और उनकी शादी नहीं हुई थी तो हम कैसे अपने रिश्ते की हद भूल सकते थे! क्या आपने हमें कभी रोकने की कोशिश नहीं की! क्या हम पहले इतनी बदतमीज थे कि हमने आपकी किसी बात को कभी सुना ही नहीं!
कौशल जी - नहीं बच्चा आप बदतमीज नहीं बस नादान थी जिसे अच्छे बुरे की परख नहीं थी। आप इस दुनिया को अपने नजरिए से देखती थी। और यह दुनिया और दुनिया वाले आप की नादानी का फायदा उठाते थे।
माही - लेकिन जो हमने पहले किया है उसे आप नादानी का नाम नहीं दे सकते! रियासत की होने वाली रानी अगर ऐसे घिनोने काम करेगी तो वह अपनी रियासत को कैसे संभालेगी।
तभी बाहर से आ रहे इंद्रसेन जी की आवाज माही, कौशल और अमृता जी के कानों में गूंजती है - हज़ारो गलती तो भगवान भी माफ कर देता है तो क्या हम और हमारी रियासत अपनी राजकुमारी की एक गलती माफ नहीं कर सकती। इंद्रसेन जी की आवाज सुनकर माही अमृता जी की गोद से उठकर दौड़ती हुई जाकर इंद्रसेन जी के गले लग जाती है और रोते हुए कहती है- आई एम सॉरी दादू आई एम रियली सॉरी! हमने आपका सर शर्म से झुका दिया! हमें माफ कर दीजिए!
इंद्र सिंह जी माही के सर को सहलाते हुए कहते हैं- हमें हमारे राजकुमारी वापस मिल गई बस अब हम पुरानी सारी बातें भूल चुके हैं! हम यहां आपसे सिर्फ यह जानने आए हैं की क्या आप अभी भी सनी को पसंद करती हैं हमारा मतलब है कि सब जानने के बाद क्या आप अभी भी सनी को अपनाएंगी।
कौशल जी अमृता जी हैरानी से इंद्रसेन जी का मुंह देखने लगते हैं वही माहि भी सर उठाकर इंद्रसेन जी को देखती हैं।
माही -आपकी राय पहले सनी के लिए क्या थी क्या वह आपको पसंद था।
इंद्रसेन जी- सही बताएं तो हमें वह कभी पसंद नहीं था! हमें तो उसका इस घर में आना भी पसंद नहीं था लेकिन वह आपकी छोटी मां का भाई था और इसलिए हम उसे कभी यहां आने से मना नहीं कर पाए और आप भी उसके लिए पागल थी। इसलिए हम आपकी और उसकी शादी करने के लिए राजी थे। लेकिन अगर आप हमारी राय जानना चाहती है तो हम मर जाते हैं लेकिन आपका हाथ उसके हाथ मैं कभी नहीं देते।
माही तुरंत इंद्रसेन जी के मुंह पर हाथ रख देती है - नहीं दादू प्लीज ऐसी बात ना करें! हमने पहले आपकी बात नहीं सुनी थी ना लेकिन अब हम आपकी बात मानेंगे! भले कोई हमसे उम्र भर शादी ना करें लेकिन हम उस सनी को अब कभी अपनी जिंदगी में नहीं आने देंगे।
माही की बात सुनकर मुस्कुरा देते हैं और उसे गले से लगा लेते हैं।
वही दरवाजे पर खड़ा हुआ सनी यह सारी बातें सुन रहा था उन सब की बातें सुनकर उसे गुस्सा तो बहुत आ रहा था लेकिन सबकी बात पूरी होने के बाद वह मुस्कुरा कर खुद से कहता है! कोई बात नहीं राजकुमारी अब आप चाहे या ना चाहे आपको राज परिवार के मान और सम्मान को बचाने के लिए इस सनी से ही शादी करनी होगी। जस्ट वेट एंड वॉच।
तो गैस कैसा लगा आज का चैप्टर कमेंट कर कर बताइएगा जरूर।
तू आखिर क्या है अथर्व और माही के बीच की पहेली। कौन है जो माही को बचाना चाहता है सनी से लेकिन साथ ही वह दूर रखना भी चाहता है अथर्व से। क्या करने वाला है सनी
जानने के लिए पढ़ते रहिए यू आर माय डेविल लव पर
Hello gyz,
सपोर्ट माय नॉवेल।
माही तुरंत इंद्रसेन जी के मुंह पर हाथ रख देती है - नहीं दादू प्लीज ऐसी बात ना करें! हमने पहले आपकी बात नहीं सुनी थी ना लेकिन अब हम आपकी बात मानेंगे! भले कोई हमसे उम्र भर शादी ना करें लेकिन हम उस सनी को अब कभी अपनी जिंदगी में नहीं आने देंगे।
माही की बात सुनकर मुस्कुरा देते हैं और उसे गले से लगा लेते हैं।
वही दरवाजे पर खड़ा हुआ सनी यह सारी बातें सुन रहा था उन सब की बातें सुनकर उसे गुस्सा तो बहुत आ रहा था लेकिन सबकी बात पूरी होने के बाद वह मुस्कुरा कर खुद से कहता है! कोई बात नहीं राजकुमारी अब आप चाहे या ना चाहे आपको राज परिवार के मान और सम्मान को बचाने के लिए इस सनी से ही शादी करनी होगी। जस्ट वेट एंड वॉच।
अब आगे।
रात के वक़त
माही का रूम।
माही के रूम में इस वक्त माही बैठी हुइ थी और जसमीत उसकी गोद में सर रख कर लेटी थी। माही ने सनी के बारे में सारी बातें जसमीत को बता दी थी।
जसमित - तुझे याद नहीं लेकिन यह सनी और तू तुम दोनों एक दूसरे के लिए पागल थे! सनी की मोहब्बत तो मुझे दिखावा लगती थी वह सिर्फ और सिर्फ तेरे राजघराने से होने का फायदा उठाना चाहता था! मुझे इस बात का अंदाजा नहीं कि तू इस बात को जानती थी या नहीं लेकिन उस वक्त तू उसके प्यार में एकदम अंधी हो रखी थी!
माही थोड़ा खिसिया कर -यार जस्सी एक ही बात सुन सुनकर मैं बोर हो गई हूं। मुझे हैरानी होती है खुद पर यार मैं ऐसे बंदे से प्यार मोहब्बत जैसा सोच भी कैसे सकती थी। मुझे तो बहुत डर लगता है कि अगर गॉड जी मुझे यह दूसरी लाइव देकर मेरी याददाश्त नहीं छीनते तो पता नहीं मैं अपने फ्यूचर के साथ क्या करने वाली थी। जैसे सब लोग मुझे मेरे पास्ट के बारे में बताते हैं ना तो मेरा दिल चाहता है मैं खुद के दो-चार झापड़ लगाऊं ।
जसमित - जो बीत गया उस पर खाक डाल और अब यह बता आगे का क्या सोचा है तूने!
माही जसमीत को आंखें दिखाते हुए- क्या सोचा है से तेरा क्या मतलब है तू क्या चाहती है कि भगवान ने जो मुझे यह दूसरा मौका दिया है मैं इसमें भी कबाड़ा कर दूं। मैं तो मर जाऊंगी लेकिन उस सनी का थोबड़ा देखना तक पसंद नहीं करूंगी।
जसमीत माही की बात सुनकर जोर-जोर से हंसने लगती है। जसमित -यार मुझे तो बड़ी हैरानी होती है तुझे देखकर कि तू वही माही है जो पहले इन सब लोगों पर अपनी जान दिया करती थी और अब देख तू इन सब से दूर रहने के लिए अपनी जान देने को तैयार है। मैडम जब तुम्हारी पसंद इतनी बदल ही गई है तो तुम यह भी बता दो कि तुम्हें तुम्हारा प्रिंस चार्मिंग कैसा चाहिए।
माही बेडरेस्ट सिर टिकाकर ऊपर की तरफ देखते हुए- पहले की पसंद तो मेरी एकदम घटिया थी लेकिन अब मुझे जो मेरा प्रिंस चार्मिंग चाहिए ना वह एकदम कोरियन हीरो की तरह होना चाहिए क्लीन शेव ! सॉफ्ट नेचर का केयरिंग और एकदम सीधा-साधा बंदा ! जो सिर्फ मेरी सुने अगर मैं कहूं दिन तो वह कह दिन अगर मैं कहूं रात तो वह कह रात मेरे आगे बोलने से पहले वह 100 बार सोचे ! अगर 100 की जगह वह 10,20 बार भी सोच लेगा ना तब भी मैं काम चला लूंगी! मेरे मां-बाप से मोहब्बत करने वाला उनकी इज्जत करने वाला होना चाहिए! मैं कैसे भी रहूं मुझ पर रोक टोक करने वाला नहीं होना चाहिए! और मारपीट से तो उसका दूर-दूर तक कोई रिश्ता होना ही नहीं चाहिए। अगर वह प्रिंस या राजघराने से नहीं भी हुआ ना तो अभी चलेगा।
जसमित हस कर - तू बड़ी एंटीक पीस है यार । अरे ऐसे लड़के मिलना तो बहुत आसान काम है। आजकल हर गली मोहल्ले में ऐसे सीधे साधे बंदे देखने को मिल ही जाते हैं। मुझे लगता है कि मुझे अखबार में इश्तहार दे देना चाहिए कि इस पर्सनालिटी के बंदे जाकर माही जी से शादी के लिए संपर्क करें।
जसमीत अपनी बात कह कर हंसने लगती है वही माही जसमित की बात सुनकर खिल खिलाकर हंस देती है।
दूसरी तरफ लंदन मे
अथर्व किसी से फ़ोन pपर बात कर रहा था। दूसरी साइड वाला अथर्व को कुछ बताता है जिसे सुनकर अथर्व गुस्सा हो जाता है और कहता है- india चलने कि तैयारी करो।
उसके बाद कॉल कट कर कर वह खुद से कहता है- मेरे दुश्मन भी हमेशा मेरे लिए ही काम आसान कर जाते हैं। खेल उनका होता है खिलाड़ी भी उनके होते हैं लेकिन शय और मात उनको मैं ही देता हूं। राणा साहब तैयार रहिए अपने ही बनाए प्लान मे फसने के लिए।
Next day
पूरे राज महल में भूकंप आया हुआ था। इंद्रसेन जी बेहद गुस्से में अपने पूरे परिवार को और राणा परिवार को इकट्ठा किया अपनी रॉयल चेयर पर बैठे थे। अमृता जी और कौशल जी का भी पर इस वक्त बेहद पारा चढ़ा हुआ था। माही भी गुस्से में थी उसकी आंखों में आसुओ का सैलाब भरा हुआ था जो किसी भी वक़्त निकालने को तैयार खड़े थे। लेकिन माही किसी के भी सामने रोकर अपनी टूटी हुई हिम्मत को नहीं दिखाना चाहती थी।
राज महल के बाहर पूरे राजगढ़ की प्रजा खड़ी थी। जो माही के खिलाफ नारेबाजी कर रही थी।
वही एक साइड में अपराधी बना खड़ा सनी अपने चेहरे पर परेशानी के भाव लिए खड़ा था। लेकिन अंदर ही अंदर वह अपने प्लान को कामयाब होता देख बहुत खुश था।
शुभम ( सनी )के माता पिता सपना राणा और धवन राणा बड़े गुरुर के साथ बैठे थे उनके ही पास जानकी bhi बैठी थी।
इंद्रसेन जी सनी को गुस्से में देखते हुए चिल्लाकर कहते हैं - आप मुझे बताने का कष्ट करेंगे कि यह सब किसने किया क्योंकि इन सब खबरों को बाहर फैलाने में आपके सिवा किसी का भी फायदा नहीं है! आपको अंदाजा भी है आपकी हरकत से राजकुमारी और राज घराने की इज्जत खाक में मिल सकती है।
सपना जी - माफ कीजिएगा राजा साहब अब मैं बोलूंगी तो आप कहोगे की बोलती बहुत है लेकिन जब आपकी राजकुमारी ने हीं अपना मुंह काला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी तो आप क्यों इन बातों को छुपा रहे हैं और यह कोई ऐसी बात तो है नहीं जो आज या कल बाहर ना आती। पूरा राजगढ़ जानता है राजकुमारी माही और मेरे बेटे का रिश्ता कहां से कहां पहुंचा हुआ था। अरे पूरे राजगढ़ में देखा है आपकी बेटी को मेरे बेटे के साथ रंगरलिया मनाते हुए अब जब यह सारी खबरें बाहर आ रही है तो इसमें आपकी इज्जत कहां से जा रही है।
इंद्रसेन जी गुस्से में- जबान संभाल कर बात करिए सपना जी मैं आपका लिहाज़ सिर्फ इस वजह से कर रहा हूं क्योंकि आप मेरी छोटी बहू की मां है वरना मेरी प्रिंसेस के बारे में ऐसी बातें बोलने वाले को मैं कब का उठा के राजमहल से बाहर फिकवा चुका होता!
धवन जी - राजा साहब आपके चिल्लाने से सच तो नहीं बदलेगा ना। माना की राजकुमारी की याददाश्त चली गई है वह सनी को भूल गई लेकिन मेरा सनी और आप लोग तो नहीं भूले ना कि इनका रिश्ता कहां तक पहुंचा था और कोई भी राजघराने की लड़की जो की होने वाली रानी हो उसे यह बात शोभा नहीं देती कि वह किसी एक के साथ संबंध बनाकर उसे ठुकरा कर नए आशिकों की खोज करें।
कौशल जी गुस्से में जाकर धवन जी का कॉलर पकड़ कर उठा कर खड़ा कर कर कहते हैं- बकवास बंद कीजिए अपनी अगर एक और लफ़्ज़ आप लोगों ने हमारी बेटी के खिलाफ कहा तो कसम है हमें इतनी बोटियां करेंगे आप लोगों की आपकी पुश्ते खत्म हो जाएगी उन बोतियों को चुनते हुए।
सनी बीच में आकर कौशल जी से धवन जी को छुड़ाना है - अंकल छोड़िए पापा को प्लीज छोड़िए। मेरी बात समझईए सच्ची में मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। आप ही बताएं मुझे ऐसा करके क्या फायदा होता पहले माही मुझसे प्यार करती थी उसने मुझे अपनाया तभी हमने अपने रिश्ते को आगे बढ़ाया मैंने पहले कभी उसके साथ कोई जबरदस्ती नहीं की to अब जब उसकी याददाश्त जा चुकी है और मुझे नहीं पहचानती तो उसके साथ कैसे जबरदस्ती कर सकता हूं वह मुझे अपनाती है तो मैं उसे अपना आऊंगा और अगर वह मुझे नहीं अपनाती है तो मैं यहां से दूर चला जाऊंगा।
सपना जी - ये लो जी अब मैं बोलूंगी तो कहोगे की बोलती बहुत है। लेकिन यह बताओ कि यह लड़की अगर हमारे शनी को अपनाने से इनकार कर देगी तो ऐसा कौन सा राज घराना होगा जो ऐसे बदचलन लड़की से शादी करने के लिए हां करेगा। कोई भी इज्जतदार घराना ऐसी लड़की को अपने घर की बहू नहीं बनाना चाहेगा चाहे इसमें कितने ही हीरे मोती जड़के ना दे दो।
सपना जी अभी बोली रही थी कि एक थप्पड़ उनके गाल पर पड़ा जो अमृता जी ने उनके मुंह पर मारा था- अमृता जी गुस्से में यह आपकी बेटी नहीं है जिसकी आपको इतनी फिक्र हो रही है यह मेरी बेटी है इसका अच्छा बुरा भला सब मैं जानती हूं आप लोग क्या समझते हैं यू पेपर में मेरे बेटी और अपने बेटे के रिश्ते के बारे में इश्तहार देने से मेरी बेटी के कैरेक्टर पर सवाल खड़े करके उसे बदनाम करके आप अपने बेटे से मेरी बेटी की शादी कर देंगे तो कान खोलकर सुनिए आपके बेटे से ज्यादा काबिल अच्छे राजघराने का लड़का मैं अपनी बेटी के लिए ढूंढ कर दिखाऊंगी। और उसकी शादी में आप लोगों को जरूर बुलाओगी।
धवन बीच में आकर - माफ कीजिएगा रानी सा मैं आपकी बात काट रहा हूं लेकिन मेरे बेटे और माही का रिश्ता पूरे राजगढ़ ही नहीं बल्कि भारत की हर शहर में चर्चा का विषय है ऐसे में क्या कोई bhi माही से शादी करेगा। एक बार ठंडे दिमाग से सोच कर देखिए। यह बात सिर्फ माही की जिंदगी की नहीं बल्कि पूरे राज घराने की इज्जत की है इतिहास गवाह है कि राजघराने ने अपनी इज्जत को बचाने के लिए अपनी गर्दन कटवा दी लेकिन कभी इज्जत पर आच नहीं आने थी। अगर मेरा बेटे से आप माही की शादी नहीं कराएंगी तो भले ही माही किसी से भी शादी करें लेकिन उसे परिवार की नजर में राज करने की इज्जत तो मिट्टी के भाव होगी।
पूरा राज परिवार धवन जी की बात सुनकर परेशान हो जाता है माही bhi कुछ पल के लिए सुन्न रह जाती है। इसी बीच कौशल जी के फोन पर एक मैसेज आता है। कौशल जी उसे मैसेज को देखकर थोड़ा परेशान हो जाते हैं और कुछ सोच कर कहते हैं - मैंने अपने राज घराने की इज्जत और अपनी बेटी की इज्जत दोनों को बचाने के लिए पहले ही इंतजाम कर रखा है। बेहतर होगा आप लोग यहाँ से चले जाये।
सपना जी कुछ कहना चाहती थी लेकिन सनी उन्हें खामोश करके इशारे से चलने को कहता है। पूरा राणे परिवार वहां से खामोशी से निकल जाता है।
कुछ देर बाद
माही जब अपने पूरे परिवार को अपनी वजह से परेशान देखती है तो वह रोते हुए घर से बाहर निकलने लगती है जो आंसू उसकी आंखों में अभी तक रुके हुए थे वह बह चुके थे। इंद्रसेन जी कौशल जी और अमृता जी माही को रोकते हुए आवाज लगते हैं लेकिन माही वहा से भाग कर चली जा रही थी। माही दरवाजे पर पहुंचती की तभी सामने से आ रहे शख्स से टकराकर गिर जाती है गिरने के डर से माही आंखें बंद कर लेती है लेकिन कुछ वक्त बाद उसे एहसास होता है कि वह गिरी नहीं है तो वह अपनी आंखें खोल कर सामने देखती है तो उसे सामने एक चेहरा नजर आता है जिसकी बड़ी-बड़ी गहरी ग्रे आइज उसकी बड़ी शिद्दत के साथ देख रही थी। माही अपनी आंसू भरी आंखों से उसे देखती रह जाती है। की तभी वह शख्स माही को छोड़ देता है और माही जमीन पर गिर जाती है।
क्या करेगा सनी माही को पाने के लिए आगे, क्या सच में माही कर लेगी सनी से शादी, कौन है जो आया है माही की जिंदगी में क्या यह नया इंसान बचा पाएगा माही को इस खबर से। जानने के लिए पढ़ते रहिए यू आर माय डेविल लव
Hello gyz,
Plz gyz मेरी इस novel को अपना ढेर सारा प्यार देजिए।
कुछ देर बाद
माही जब अपने पूरे परिवार को अपनी वजह से परेशान देखती है तो वह रोते हुए घर से बाहर निकलने लगती है जो आंसू उसकी आंखों में अभी तक रुके हुए थे वह बह चुके थे। इंद्रसेन जी कौशल जी और अमृता जी माही को रोकते हुए आवाज लगते हैं लेकिन माही वहा से भाग कर चली जा रही थी। माही दरवाजे पर पहुंचती की तभी सामने से आ रहे शख्स से टकराकर गिर जाती है गिरने के डर से माही आंखें बंद कर लेती है लेकिन कुछ वक्त बाद उसे एहसास होता है कि वह गिरी नहीं है तो वह अपनी आंखें खोल कर सामने देखती है तो उसे सामने एक चेहरा नजर आता है जिसकी बड़ी-बड़ी गहरी ग्रे आइज उसकी बड़ी शिद्दत के साथ देख रही थी। माही अपनी आंसू भरी आंखों से उसे देखती रह जाती है। की तभी वह शख्स माही को छोड़ देता है और माही जमीन पर गिर जाती है।
अब आगे।
ज़मीन पर गिरते ही माही की एक दर्द भरी आह निकल जाती ह - आआहह। कर माही अपनी कमर पकड़ बैठ जाती ह। वह शख्स माही को इग्नोर कर आगे बढ़ जाता ह। उस शख्स के चेहरे पर एक अहंकार, घमंड और ऐटिटूयुड साफ साफ झलक रहा था। उस शख्स ने gry color की जीन्स और वाइट color की शर्ट पहन रखी थी। जिसके ऊपर के तीन बटन खुले हुए थे। जिससे उसका सीना साफ साफ नज़र आ जाता था हाथो मे उसने एक महंगी घड़ी पहन रखी थी।। पैरो मे महंगे शूज़। उसका gry color ब्लेज़र उसके असिस्टेंट के हाथ मे था।
बात करते ह अब चहरे की to फेस कट किसी हीरो से kam नही था लेकिन उसका औरा किसी विलन की तरह था। चेहरे पर हल्की हलकी सेट की हुई बियर्ड थी उसके बालो को पीछे को सेट कर एक छोटा सा जुड़ा बनाया हुआ था। जिससे पता लग रहा था की उसके बाल नॉर्मल साइज से बड़े थे। एक कान मे एक studs पड़ी हुई थी। जो उसके चेहरे को विलन का लुक खुल कर दे रही थी।। अब तक तो आप सब जान ही चुके होंगे यह की और कोई नहीं बल्कि हमारे अथर्व की है। अथर्व माही को इग्नोर कर जैसे ही आगे बढ़ता है तो माही उसको गुस्से मे आवाज़ देकर रोकते हुए कहती है - अरे ओ जूड़े वाले बंदर रुको जरा! यह कहकर माही उठने की कोशिश करते हुए खड़ी होने लगती है और एक दो बार प्रयास करने के बाद वह उठ खड़ी भी होती है! वही अथर्व जो माही की आवाज सुनकर अपने कदम वही रोक चुका था माही के इस तरह बुलाने से उसके चेहरे पर एक अलग ही तरह के भाव आ चुके थे इसके बारे में समझना आसान नहीं था! अथर्व के पीछे आ रहा उसका असिस्टेंट राजवीर जब माही को अथर्व से इस तरह आवाज देते हुए देखता है तो उसके माथे से पसीना छलकने लगते हैं! उसके मालिक को उससे ज्यादा बेहतर कौन ही जानता होगा! वह दिल ही दिल भगवान से यह प्रार्थना कर रहा था की काश कोई करिश्मा हो जाए और माही बच जाए!
माही थोड़ा लंगड़ाते हुए और अपनी कमर को सहलाते हुए अथर्व के सामने आकर खड़ी हो जाती है!
माही अथर्व की आंखों में देखकर - हेलो जूड़े वाले बंदर अगर तुम्हें मुझको गिरना ही था तो तुमने मुझे पकड़ा ही क्यों था! तुम्हें पता है तुम्हारी वजह से मुझे कितनी जोर से लगी!
तभी राजवीर अथर्व के पीछे से आकर माही से- देखिए प्रिंसस हम आपसे माफी मांगते हैं और जो भी हुआ आप आप हमें माफ कर देँ!
माही अपने चेहरे पर एक नकली मुस्कान लाकर राजवीर को देखकर - क्या आपके बड़े-बड़े बाल है राजवीर कंफ्यूज होकर अपने सर को ना में दिला देता है।
माही -क्या आपने अपने बालों को रबर बैंड में बांधकर जुड़ा किया हुआ है!
राजवीर अभी भी अपने सर को नाम मिला देता है।
माही -तो क्या आपका नाम जुड़े वाले से रिलेटेड कुछ है।
राजवीर फिर अपना सर ना मे हिला देता है
माही -to आपका नाम जुड़े वाला बंदर होगा।
राजवीर अभी भी अपने सर को ना में हिला कर बड़ी बेबसी से माही को देखता रहता है। माही एकदम राजवीर पर चिल्ला कर कहती है - तो फिर अगर आपके यह सारे नाम नहीं है और आपके यह सब फीचर भी नहीं है तो आप मुझसे बात क्यों कर रहे हो मैं इस बंदर से बात कर रही हूं। इस जुड़े वाले बंदर से। यह कहते हुए माही अथर्व की तरफ अपनी उंगली से इशारा करती है।
माही ने अभी यह बात कही ही थी कि अथर्व तुरंत माही का हाथ पकड़ कर मोड़ कर उसे उसकी पीठ पर लगाकर उसे अपनी तरफ कर लेता है इस वक्त माही की पीठ अथर्व के सीने से टकरा रही थी।
अथर्व अपने सख्त और दिल दहला देने वाली आवाज में कहता है- अथर्व सिंह शिखावत से बात करने से पहले उसके माँ बाप भी 100 बार सोचते हैं और तुम बिना सोच समझ मुझ पर चिल्ला रही हो। और मुझे उलटे सीधे नामो से बुला भी रही हो।क्या पूछ रही थी तुम कि मुज्जे तुम्हें गिराना था तो बचाया क्यों तो सुनो अगर तुम मुझे टकराकर गिरती ना तो तुम्हें कम चोट आती जो मुझे पसंद नहीं आती क्योंकि अथर्व से टकराने वाले को अथर्व हद से ज्यादा चोट पहुंचता है इतनी चोट के वो इंसान मरने के बाद भी उस चोट के दर्द को नहीं भूल पाता।
यह कहकर अथर्व माही को धक्का दे देता है और माही कुछ दूरी पर जाकर लड़खड़ाकर संभल जाती है। माही अपने गुस्से से भरे चेहरे से अथर्व को घूरने लगती है और कहती है अगर तुम कहीं के राजा हो ना तो मैं भी कम नहीं हूं इस राजगढ़ की होने वाली रानी हूं और मुझसे बदतमीजी करना तुम्हे बहुत महंगा पड़ने वाला है। अथर्व धीरे धीरे माही की तरफ कदम बढ़ाता है और मुस्कुराते हुए कहता है कि मैंने तो सुना था की राजकुमारी माही की याददाश्त जा चुकी है और वह बिल्कुल बदल गई है लेकिन तुम्हारा घमंड तुम्हारा एटीट्यूड आज भी वही है जो सालों पहले था।। यह बात कहते हुए अथर्व बिल्कुल माही के सामने आ चुका था। न जाने क्यों लेकिन माही उसकी आंखों में देखने के लिए मजबूर हो रही थी कुछ तो था अथर्व की आंखों में जो माही चाह कर भी अथर्व को नाराजगी या गुस्से से नहीं देख पा रही थी। माही अथर्व की ग्रे आइज में खो सी रही थी। अथर्व जब माही को अपनी आंखों में खोया पाता है तो उसके चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ जाती है वह अपने होंठ माही के कानों के पास ले जाकर- क्या देख रही हो राजकुमारी एक राजकुमार को तो बर्बाद कर चुकी हो अब क्या मुझे भी अपने इन नेनों के जाल में फंसा कर बर्बाद करने का इरादा है। यह बोलकर अथर्व माही को एक आँख मार देता है। अथर्व की यह बात सुनकर भाई को फिर वापस गुस्सा आने लगता है। लेकिन तभी अथर्व कहता है लेकिन अगर तुम मुझे बर्बाद करना चाहती हो तो मैं तैयार हूं तुम्हारे हाथों बर्बाद होने के लिए।
अथर्व की बातें सुनकर माही हैरान हो जाती है आखिर कैसे कोई एक बंदा पल भर में अपनी पर्सनालिटी बदल कर बात कर सकता है अभी माही से इतनी गुस्से मे बात कर रहा था और अब एकदम प्यार मोहब्बत वाली।
तभी मैं को एक और झटका लगता है जब अथर्व उसे अपनी उंगली से पीछे को धक्का देकर कहता है- ओ हेलो ज्यादा सोचने समझने की जरूरत नहीं है मैं कब क्या और क्यों कहता हूं कि तुम्हारी समझ से परे है तुम बस एक बात याद रखो की राजकुमारी माही का अथर्व सिंह शेखावत से बहुत पुराना दुश्मनी का रिश्ता है जिससे यह अथर्व सिंह शेखावत मरते दम तक नहीं भूलेगा। तुम्हारी हर गलती की सजा तुम्हें मिलकर रहेगी प्रेजेंट प्रिंसस माही।
अथर्व की कोई भी बात माही के पल्ले नहीं पड़ रही थी अथर्व उसे क्या कहना चाह रहा था यह उसके समझ में नहीं आ रहा था इसलिए माही वहां से निकलने का सोचती है
माही अथर्व की बात सुनकर वहां से जाने के लिए निकलने वाली होती है कि तभी उसके कानों में कौशल जी की आवाज आती है जो अथर्व से कह रहे थे -तुम यहां पर क्या कर रहे हो किसने बुलाया तुम्हे यहां।
अथर्व जो अपने दोनों हाथ अपनी जींस के पॉकेट में डाले खड़ा था वह अपनी गर्दन टेड़ी कर माही के पीछे खड़े कौशल जी को देखकर -आपको क्या लगता है राजा साहब मैं यहां क्यों और किस लिए आया हूं। यह बात कहते हुए अथर्व के निगाहें कौशल जी से होती हुई माही की तरफ चली जाती हूं। कौशल जी अथर्व की आंखों का इशारा समझ कर गुस्से में अपने दांत पीस कर - माही अपने कमरे में जाये।
माही जो कब से इसी मौके की तलाश में थी वह तुरंत वहां से भाग कर अपने कमरे में चली जाती है।
अथर्व अपनी तिरछी निगाहों से माही को भागता हुआ देखता रहता है उसके चेहरे पर एक सेटिस्फेक्शन भरी स्माइल थी।
कौशल जी अथर्व के पास जाकर- क्या चाहिए अब क्या लेने आए हो तुम यहाँ।
अथर्व- इतनी तो कमजोर याददाश्त नहीं हुई है आपकी राजा साहब क्या आपको यह ना पता हो कि मैं यहां क्यों आया हूं। मैं आज भी वही लेने आया हूं जो पहले छोड़ गया। आप तो जानते हो ना अथर्व सिंह शेखावत अपनी बेइज्जती करने वाले को इतनी आसानी से नहीं छोड़ना आपकी प्रिंसस माही ने तो मुझसे शादी का इनकार करके मेरे मुंह पर बिना आवाज़ वाला थप्पड़ मारा है तो आपको क्या लगता है कि मैं उसे जीते जी छोड़ दूंगा।
कौशल जी गुस्से में - देखो अथर्व
अथर्व गुस्से में उन्हें घूर कर - अभी इतनी औकात इस दुनिया में किसी की नहीं हुई कि वह मुझे मेरे नाम से पुकार सके! कॉल मी किंग!
आई एम किंग आपकी इस सफ़ेद दुनिया का भी और अपनी काली दुनिया का भी।
कौशल जी अपने गुस्से को पीते हुए- देखो किंग जो भी हुआ माही से वह अनजाने में हुआ उसे वक्त बच्ची थी। इसलिए उसने तुमसे शादी करने को इनकार किया था।
अथर्व एक भयानक हंसी हंसने लगता है- हा हा हा हा हा बच्ची ओ माय डेविल! इस बच्ची का आपको अब बड़ा ख्याल आ रहा है उस वक्त आप कहां थे जब आप खुद मेरी शादी अपनी प्रिंसस से कराना चाहते थे आपका पूरा परिवार चाहता था कि मैं आपकी बिगड़ी हुई शहजादी को अपनी रानी बनाउ । और अब जब आपकी शहजादी सुधर गई है समझदार हो गई है तो आप उसकी गलतियों पर पर्दा डालकर मुझसे बचाने की कोशिश कर रहे है । लेकिन अफसोस अपनी बेटी को नहीं बचा सकते।
कौशल जी आगे कुछ कहते उसे पहले ही उसे इंद्रसेन जी की आवाज आती है- रुक जाओ कौशल!
कौशल जी इंद्रसेन जी की आवाज सुनकर रुक जाते हैं। इंद्रसेन जी अपनी छड़ी के सहारे चलते हुए उन दोनों के पास आकर खड़े हो जाते हैं।
इंद्रसेन जी अथर्व को देख मुस्कुरा कर - कैसे हो बेटा! बड़े दिनों बाद दिखाई दिए!
अथर्व एक डेविल स्माइल कर - हां मुझे भी लगता है मैं काफी जल्दी आ गया मेरा प्लान तो आपकी अंतिम यात्रा में आने का था लेकिन आप पता नहीं कौन सी बगैरती का पानी पीकर आए हैं जो मरने का नाम ही नहीं लेते। अथर्व कि बात पर कौशल जी को बहुत गुस्सा आता है लेकिन इंद्रसेन जी उसकी बात पर मुस्कुराते रहते हैं। इंद्रसेन जी हंसकर आज भी नहीं बदले तुम बिलकुल वैसी हो आओ मेरे साथ मुझे तुमसे कुछ बात करनी है यह कहकर इंद्रसेन जी अथर्व को अपने साथ चलने का इशारा करते हैं इंद्रसेन जी जैसे ही अपने कदम को आगे बढ़ाने वाले होते हैं अथर्व उनसे पहले उनके आगे निकल जाता है और आगे जाते हुए वह कहता है मुझे सिर्फ वही लोग पसंद है जो मेरे पीछे चले मेरे आगे चलने वाले लोग दुनिया में रहने के लायक नहीं बचते।
अथर्व की हर एक बात रीड की हड्डी तक कंपन पैदा कर रही थी अथर्व की बातें अगर कोई नॉर्मल इंसान सुन ले तो डर से बेहोश हो जाए क्योंकि उसकी किसी भी बात मे कोई मजाक नहीं था पूरा राजगढ़ जानता था कि अथर्व सिंह शेखावत की जबान से निकला हुआ हर शब्द सच होकर रहता है।
उन दोनों के जाते ही कौशल जी गुस्से में खुद से- हे भगवान यह क्या हो रहा है यह सनी का मामला क्या काम था जो शैतान भी वापस आ गया। अगर इसने हमारी प्रिंसेस से बदला लेने के लिए कुछ उल्टा सीधा किया तो,
आखिर अथर्व कैसे बदला लेगा माही से अपने अपमान का
आखिर क्या राज है इंद्रसेन जी और अथर्व के बीच।
जानने के लिए पढ़ते रहिए यू आर माय डेविल लव
Hello friends,
Chalea shuru krte h aage ki story,
अथर्व एक डेविल स्माइल कर - हां मुझे भी लगता है मैं काफी जल्दी आ गया मेरा प्लान तो आपकी अंतिम यात्रा में आने का था लेकिन आप पता नहीं कौन सी बगैरती का पानी पीकर आए हैं जो मरने का नाम ही नहीं लेते। अथर्व कि बात पर कौशल जी को बहुत गुस्सा आता है लेकिन इंद्रसेन जी उसकी बात पर मुस्कुराते रहते हैं। इंद्रसेन जी हंसकर आज भी नहीं बदले तुम बिलकुल वैसी हो आओ मेरे साथ मुझे तुमसे कुछ बात करनी है यह कहकर इंद्रसेन जी अथर्व को अपने साथ चलने का इशारा करते हैं इंद्रसेन जी जैसे ही अपने कदम को आगे बढ़ाने वाले होते हैं अथर्व उनसे पहले उनके आगे निकल जाता है और आगे जाते हुए वह कहता है मुझे सिर्फ वही लोग पसंद है जो मेरे पीछे चले मेरे आगे चलने वाले लोग दुनिया में रहने के लायक नहीं बचते।
अथर्व की हर एक बात रीड की हड्डी तक कंपन पैदा कर रही थी अथर्व की बातें अगर कोई नॉर्मल इंसान सुन ले तो डर से बेहोश हो जाए क्योंकि उसकी किसी भी बात मे कोई मजाक नहीं था पूरा राजगढ़ जानता था कि अथर्व सिंह शेखावत की जबान से निकला हुआ हर शब्द सच होकर रहता है।
उन दोनों के जाते ही कौशल जी गुस्से में खुद से- हे भगवान यह क्या हो रहा है यह सनी का मामला क्या काम था जो शैतान भी वापस आ गया। अगर इसने हमारी प्रिंसेस से बदला लेने के लिए कुछ उल्टा सीधा किया तो,
अब आगे
इंद्रसेन जी अपने study रूम मे एक सोफे पर बैठे हुए थे उनकी thek सामने अथर्व अपने एक्सप्रेशनलेस face के साथ बस उन्हें घूरे जा रहा था
अथर्व - महाराजा जी आपके पास वक़त बहुत है लेकिन मेरे पास वक़त कि बड़ी किल्ल्त है इस लिए जो भी पूछना है बोलना है सुनाना है कर कर खत्म करे।
इंद्रसेन जी - देखो अथर्व बे,,,,,
अथर्व - मेरा नाम लेने जितनी औक़ात nhi हुई आपकी महाराज। I am the king who can end your game at any time. Two years old secret is still a secret for everyone but I know everything, you know this very well.
(मैं किंग हूँ वह किंग जो आपके खेल को कभी भी किसी भी वक़त खत्म कर सकता है। दो साल पुराना राज़ आज भी राज़ है सबके लिए लेकिन मै सब जनता हूँ यह बात आप बहुत अच्छे से जानते है )
इस लिए ज़बान संभाल कर बात करे महाराज इंद्र सेन।
अथर्व कि धमकी सुन इंद्रसेन घबरा गए। वह हड़बड़ा कर - द देखो अथर..... मेरा मतलब किंग पहले जो हुआ वह बस एक गलती थी जो हमने सुधारी अब बार बार उसे बता कर आप हमें धमका नहीं सकते।
अथर्व हस कर - ओह्ह really आपको लगता है मैं आपको धमका रहा हूँ। गलत महराज, मैं आपको ब्लैक मेल कर रहा हूँ। समझ रहे है ना आप।।
इंद्रसेन - तो क्या चाहते हो तुम साफ साफ बताओ।
अथर्व - राजकुमारी माही,
इंद्रसेन - कौशल कभी नहीं मानेगा।
अथर्व - i don't care. कौन मानेगा कौन नहीं मुझे इससे कोई मतलब नहीं। I want माही।
इंद्रसेन - ठीक है हमे कुछ वक़त दे हम बात करते है कौशल से।
अथर्व खड़े होकर - जितना वक़त लेना है ले लीजिए। मैं यही हूँ अब यहाँ से मैं आपकी प्यारी राजकुमारी माही को लेकर ही जाउगा।
यह बोल अथर्व वहा से बाहर निकल जाता है।
इंद्र सेन जी - हमें कौशल को समझाना होगा। दो साल पहले हमने जो कुछ अपने बेटे बहु और इस राज के लिए किया था गलती से वह सब बाहर आया तो सब बिखर जायगा। सब कुछ।
माही का रूम,
अमृता जी माही के पास बैठी थी।माही उनसे अथर्व के बारे मै जानने ले लिए बैठी थी।
माही - मोमसी बताये ना क्या है इस किंग अथर्व कि कहानी कौन सी दुश्मनी और बदले कि बाते कर कर गया है वह।
अमृता जी - बेटा aaram से बैठे और सुने,
अथर्व तुम्हारी छोटी माँ के मामा है यानि सनी के भी मामा। तीन साल पहले तुम्हारे एक्सीडेंट से एक साल पहले कि बात है जब तुम सनी के पीछे पागल हो गई थी। तुमने राजघाराने की इज़्ज़त तक दाओ पर लगा रखी थी तब तुम्हारे पापा और दादा ने मिल कर तुम्हारी शादी अथर्व से तेय कर दी थी। यह रिश्ता पहले खुद अथर्व की माँ लेकर आई थी और अथर्व भी अपनी माँ कि वजह से ही यह शदी कर रहा था
तब तक सनी से तुम्हारी शादी तेय नहीं हुई थी। तुम्हारे पापा और दादा का मन्ना था तुम पहले हाथो से निकल गई हो इस लिए एक निर्दयी इंसान ही तुमको सुधार सकता है। जब अथर्व की माँ सुनंदा जी ने तुम्हारी17 birthday पर तुम्हरा हाथ माँगा तो तुमने भरी महफ़िल मै अथर्व को ठुकरा कर सनी को चुना था।
अथर्व एक निर्दयी और कूर्र इंसान है बल्कि उसे तो इंसान कहना भी गलत ही होगा। उसको जब पता लगा कि तुमने उसे छोड़ कर सनी को चुना तो उसने तुम्हारे पापा और दादा को धमकी दी थी की इस बेइज़्ज़ती का बदला वह लेकर रहेगा। करना तो अथर्व और भी बहुत कुछ चाहता था लेकिन उसकी माँ ने उसे रोक रखा था।
यू ही एक साल बीता और एक दिन तुम अपने दोस्तो के साथ नाईट out के लिए गई हुई थी। उसके दूसरे दिन हमें तुम्हरी एक्सीडेंट की खबर मिली। जब हम सब हॉस्पिटल पोहचे तो dr ने बताया तुम्हारे बचने के चांस बहुत कम है। Best ट्रीटमेंट के लिए तुमको लंदन ले जाया गया। जहाँ तुम्हारा इलाज हुआ तुम्हारी eyes damege ho चुकी थी इस लिए तुमको एक dead person की eye डोनेट कर लगाई गई थी। तुम्हारे होश आने पर पता लगा तुम अपने पूरी याददास्त खो चुकी ho और यही मेरे और पूरे राजमहल लिए बहुत बड़ी ख़ुशी साबित हुई। जिस 1 दिन की बच्ची को मैंने बरसो पहले खो दिआ था वह बच्ची मुझे मिल गई। कहते है भगवान जीवन का दूसरा मौक़ा नहीं देता लेकिन हमें मिला।
माही - माँ मैं पैदा होते ही छोटी माँ पास क्यू रहने lagi आपने मुझे खुद से दूर क्यू किया था।
माही का sawal सुन अमृत जी रो देती है
माही अमृता जी को चुपाते हुए - मोमसी रोए नहीं अच्छा रहने दें अभी कुछ नहीं बताये। हमें अभी कुछ नहीं जानना आप रोए नहीं हम समझ सकते है कोई बहुत बड़ी मजबूरी होंगी जो आपने ऐसा किया होगा।
अमृता जी - मेरे बच्ची मै,,,,,
आगे कुछ बोल पाती अमृता जी उससे पहले ही दरवाज़े pr दस्तक होती है।
माही - अंदर आ जाये।
बाहर का गेट खुल ता है or एक सर्वेंट अंदर आकर सर झुका कर - बड़ी रानी साहेबा आपको बड़े राजा साहब ने याद किया है।
अमृता जी अपने आंसू साफ कर कर कहती हैं- आप चले हम आ रहे हैं।
सर्वेंट - जी बड़ी रानी साहेबा।
सर्वेट यह बोल कर चला जाता है अमृता जी माही को देखकर - हम सारी बातें बताएंगे आपको बेटा आराम से! तब तक आप आराम करें और कोशिश करिएगा कि अथर्व जब तक यहां पर है आप उस के सामने ना ही जाए! बाकी सनी वाला मसला दादू और आपके डैडा देख लेंगे।
माही सर ha मै हिला देती है।
शाम के वक़त
माही अपनी माँ की बताई बातो को और आज जो हुआ सब जसमित को फ़ोन pr बताते हुए - हम ने इस सनी के चककर मै अपने दादू or डैडा को पहले भी खतरे में डाल दिया और अब दोबारा फिर। यह जुड़े वाला बंदर देखने से ही खतरनाक लगता है और अब मोमसी के बताने से इससे और भी ज़्यदा डर लग रहा है। कसम से जस्सी अपनी जान जाने का डर नहीं होता तो सुसाइड कर लेती।
जस्सी हस कर - पागल कही की सुसाइड जान देने के लिए ही किया जाता है। और tu पुरानी बाते छोड़ और अब सोच क्या करना है। सनी और तेरी पास्ट की खबरें और पिक्स हर जगह तेज़ी से वायरल हो रही है। ऐसे ही चलता रहा ना तो तो तेरा सपनो का राजकुमार तुझे मिलना तो दूर आस पास भी नही आएगा।
माही - क्या यार जस्सी एक तो वैसे ही मैं टेंशन मे हूँ ऊपर से तू ऐसी सब नेगेटिव बाते बोल बोल कर मेरा पारा हाई कर रही है।
जसमित - तू पागल है जो टेंशन ले रही है तुझको पता है तेरे डैडा और दादू तेरी प्रॉब्लम को यूं सॉल्व कर देंगे तो तू एवाई टेंशन ले रही है। जा जाकर डिनर कर और फिर सो जा
माही - यार डिनर करने नीचे जाना पड़ेगा और मोमसी ने कहा है कि जितना हो सके उसे जुड़े वाले बंदर से में दूर ही रहूँ !
जसमित हस कर - वैसे मानना पड़ेगा यार माही तुझे। तू नाम अच्छे खासे बंदे का बिगाड़ने में एक्सपर्ट है! एक तरफ तू मुझे उस बंदे का जैसा लुक बता रही है ना तो मुझे उसे इमाजिनेशन मे देखकर हॉट और हैंडसम वाली फीलिंग आ रही है! और तेरा यह वर्ड जुड़े वाला बंदर जो है वह सारे फिलिंग्स पर तेजाब फेर रहा है। अच्छा तू जाकर अपने रूम मे ही डिनर कर ले। और मुझे भी मेरा काम करने दें मेरी माँ।
माही गुस्से मे - ha तू जा तुझे मेरी फिक्र ही नहीं। यह बोल कर माही फ़ोन कट कर उसे बंद करके बेड pr फेक देती है। फिर लेडलाइन से कॉल कर डिनर करने को मना कर खिड़की के पास जाकर ख़डी हो जति है।
इस वक़त माही शांत थी। वह बहुत कोशिश कर रही थी कि उसे कुछ तो पास्ट का याद आए लेकिन उसे कुछ भी याद नहीं आ रहा था।
इंद्रसेन जी का कमरा
इंद्रसेन जी ने इस वक्त कौशल जी और अमृता जी को बुलाया था।
कौशल जी- पिता जी आपने हमें ऐसी कौन सी बात करने के लिए बुलाया है जिससे बताने में आपको इतनी हिचकिचाहट हो रही है।
इंद्रसेन जी हिम्मत कर - हमने यहां पर आपको माही की शादी के बारे में बात करने के लिए बुलाया है! हमने अपनी सोर्स लगा दी है सनी और माही से रिलेटेड सारी खबरें हटवाने के लिए। लेकिन कुछ भी हो हमें अपने राजघाराने की इज्जत और अपनी माही के लिए कोई बेहतर जीवनसाथी ढूंढना पड़ेगा। जो हमारी माही का और राजघराने का खोया मान वापस बनाए । एक बात तो हम और तुम दोनों बड़े अच्छे से जानते हैं की सनी के साथ माही कभी ना तो खुश रह सकेगी और ना ही चैन से सनी की नज़र हमेशा से हमारे राजघराने की राजगद्दी पर रही है उसने सिर्फ और सिर्फ माही का इस्तेमाल किया है इस राजगद्दी को पाने के लिए। बस हमारे पास इस बात का कोई सबूत नहीं है। वरना अब तक सनी को हम इस दुनिया से ही दूर करवा चुके होते।
कौशल जी जो समझ रहे थे की इंद्रसेन jiwआगे क्या कहने वाले हैं वह कहते हैं- पिताजी आप जो बात कहना चाहते हैं वह साफ-साफ कहें ऐसे घुमा फिरा कर और सनी की बुराइयों की तारीफ करके आप बात ना घुमाए !
इंद्र सेन जी एक गहरी सास लेकर- हम चाहते हैं आप माही की शादी अथर्व से करने के लिए हां कर दे।
कौशल जी और अमृता जी जो अब तक बैठे हुए थे वह एकदम से खड़े होकर कहते हैं-क्या
इंद्रसेन जी- देखिए पहले आप हमारी बात को समझे हम जो कह रहे हैं वह माही बेटी की भलाई के लिए ही कह रहे हैं।
कौशल जी -आप मेरी बेटी की भलाई के लिए नहीं बल्कि अपने अपने राजघराने,परिवार और इज्जत के लिए यह बात कर रहे हैं। पहले हमने आपके फैसले पर कोई एतराज नहीं किया लेकिन अब हमारी बच्ची बहुत बदल चुकी है हम अपनी मासूम सी बच्ची को अब एक राक्षस के हवाले नहीं करेंगे।
हमें तो पूरा शक है शक नहीं बल्कि यकीन है कि 2 साल पहले जो माही का एक्सीडेंट हुआ है वह भी इसी ने करवाया है आप भूल सकते हैं लेकिन मैं नहीं भूला की उसने क्या कहा था कि वह हमारे पूरे परिवार को और माही को बर्बाद करके ही दम लगा और देखिए उसने हमारी माही को मौत के मुंह तक पहुंचा दिया। आप पहले भी हमारी बेटी को दाव पर लगा चुके थे और आप आज भी हमारी बेटी को दाओ पर लगा रहे हैं। हमें तो यह बात समझ नहीं आती ऐसा क्या है उस अथर्व में जो हर बार आप माही को इसके साथ शादी करने के लिए हां कर देते हैं
इंद्रसेन जी -कौशल जबान को लगाम देकर बात कीजिए हम आपके बाप और इसे रियासत के महाराज हैं। हम जो करते हैं उसमें सब का भला होता है पहले भी हमने सब की भलाई ही सोची थी और अभी भी हम सब की भलाई ही सोच रहे हैं और रही माही और अथर्व की शादी की बात तो हम यह बात बहुत अच्छे से जानते हैं कि अगर हम माही से अथर्व के साथ शादी करने के लिए कहेंगे तो हमें इंकार नहीं करेगी हमें सिर्फ आपकी रजामंदी चाहिए अगर आप अपनी राजा मंदी नहीं देंगे तभ भी हम माही और अथर्व की शादी करा कर रहेंगे।
कौशल- मैं अपने जीते जी माही को उसे राक्षस के हवाले नहीं करूँगा।
इंद्रसेन जी- पागल मत बने कौशल आपके हिसाब से अगर 2 साल पहले एक्सीडेंट अथर्व ने कराया था तो क्या वह अब माही के साथ कुछ नहीं कर सकता।
इंद्र सेन जी थोड़ा शांत लहजा करके -देखो बेटा हम भी मानते हैं कि अथर्व एक राक्षस से काम नहीं लेकिन मत बोलो कि उसकी मां के लिए उसका यह रूप एकदम बदल जाता है। अपनी मां के लिए अथर्व मॉम से भी कोमल है और माही उसकी मां की ही पसंद है इसलिए अगर माही की शादी अथर्व से हो जाती है तो अपनी मां की खुशी के लिए अथर्व माही को कुछ नहीं करेगा लेकिन अगर हमने माही की शादी किसी और से कराई तुम जानते हो अथर्व को रोकने वाला कोई नहीं।
इंद्रसेन जी की बात सुनकर कौशल जी और अमृता जी परेशान हो जाते हैं।
रात के करीब 10:00 बजे।
माही अभी भी खिड़की पर खड़ी हुई थी। और और उसके दिमाग में इस वक्त सिर्फ और सिर्फ अथर्व और उसकी आंखें चल रही थी। इन दो सालों में माही के साथ कभी ऐसा नहीं हुआ कि उसे कुछ याद आया हो अपने पास्ट से रिलेटेड लेकिन अथर्व की आंखें उसे किसी अपने की याद दिलाती थी और यही बात माही को अंदर ही अंदर खाए जा रही थी। उसकी मां के हिसाब से पास्ट में अथर्व उसका दुश्मन था जो उसके और सनी के प्यार के बीच में आ रहा था। लेकिन माही अब जब अथर्व की आंखों को याद करती है तो उसे उसमें किसी अपने की झलक नजर आती है कोई ऐसा जो उसके बहुत करीब था।
माही इसी कशमकश में थी कि उसे अपनी कमर पर एक हाथ रेंगता महसूस होता है ऐसा होते ही माही घबरा जाती है वह मुड़कर कुछ करती उससे पहले ही वह हाथ अपनी पकड़ मजबूत कर माही को अपनी बाहों में भर लेता है और उस इंसान की गर्म सांसे माही को अपनी गर्दन पर महसूस होने लगती है। माही हकलाते हुए -क क कौन-कौन है।
तभी माही को अपने कानों के पास किसी के होठ महसूस होते हैं जो कहते हैं- तुम्हारा फ्यूचर हसबैंड! यह आवाज इतनी डरावनी थी कि माही की रोंगटे खड़े हो गए!
माही फिर हकला कर कहती है - हस हसबैंड क कौन,
माही को फिर अपने दूसरे कान पर वही होंठ महसूस होते हैं जो कहते हैं- वही जिसके ख्यालों में तुम इतने वक्त से यहां खड़ी हो।
जैसे ही माही यह बात सुनती है तो उसे तुरंत अथर्व का ख्याल आता है।
माही बड़ी हिम्मत करके अब अपने चेहरे को घूमा कर पीछे देखती है तो उसकी आंखें पीछे खड़े अथर्व की आंखों से टकरा जाती हैं। इस वक्त जो आंखें माही देख रही थी वह पहले की आंखों से एकदम अलग थी। इस वक्त अथर्व की आंखें एकदम लाल थी ऐसा लग रहा था जैसे अथर्व ने कोई नशा किया है।लेकिन माही को उन आँखो से खौफ नहीं आ रहा था। उसे उन लाल हुई आँखो मे एक दर्द नज़र आ रहा था। लेकिन क्यू?? ऐसी feeling उसे क्यू आ रही थी एक अजनबी के लिए! यह बात उसके लिए एक पहेली थी।
अथर्व - क्या देख रही हो my क्यूट कैट।
अथर्व के मुंह से क्यूट कैट सुनकर माही के कानों में कुछ आवाज गूंजने लगी।
माही को ऐसा लग रहा था कि अथर्व की आवाज में उसने अपने लिए क्यूट कैट बहुत बार सुना है और यह आवाज उसकी जिंदगी की सबसे जरूरी आवाज में से एक थी। कमाल की बात थी कि पहली बार एक्सीडेंट के बाद अपने मां-बाप की आवाज सुनकर उसे कभी ऐसा नहीं लगा की आवाज उसने पहले कभी सुनी थी पहली बार एक्सीडेंट के बाद जब वह अपने परिवार से मिली थी तो उसे कुछ भी अपनापन नहीं लगा था। बाद में जैसे-जैसे सब बताते गए वह वैसे-वैसे उन सबको एक्सेप्ट करती रही। लेकिन अथर्व के मसले में सब कुछ उलट था सब अथर्व को उसका दुश्मन बताते थे और उसे अथर्व की बातें अथर्व की आवाज और अथर्व की आंखें एक अपनापन महसूस कराते थे।
अथर्व माही को खोया हुआ देखता है तो उसकी नोज पर किस कर लेता है। यह एहसास ऐसा था कि माही ना चाहते हूंए भी अपनी आंखें बंद कर उसको महसूस करने लगी।
अथर्व माही को अपनी तरफ घूमा कर उसके चेहरे को अपने दोनों हाथों में भरकर - ज्यादा मत सोचो माय क्यूट कैट मेरे बारे में जितना सोचोगी मैं उतना तुम्हें पागल कर दूंगा मुझे जानने के लिए तुम्हें अपनी पहचान जानना जरूरी है! जिस दिन तुम अपनी पहचान को पहचान गई उस दिन तुम्हें यह अथर्व सिंह राठौड़ समझ में आ जाएगा! यह कहकर अथर्व माही के होठों को अपनी गिरफ्त में ले लेता है! अथर्व स्मूथली माही को किस कर रहा था और माही आँख बंद किये उस किस को महसूस कर रही थी! माही के लिए यह एहसास नया था लेकिन फिर भी माही अथर्व को रोकने की या दूर हटाने की कोशिश नहीं कर रही थी! अथर्व सिर्फ और सिर्फ माही के होटो पर अपना कब्जा जमाए हुए था कुछ देर बाद वह माही से अलग होता है तो देखता है कि माही अभी भी आंखें बंद करें खड़ी है अथर्व माही को वापस खिड़की की तरफ घूमा कर उसकी कमर पर अपने हाथ रखकर कहता है -तुम्हारी जिंदगी अब बदलने वाली है क्योंकि अब तुम वह क्यूट कैट नहीं यह बात आखरी शब्द थे जो माही के कान में गूंजे कुछ देर तक माही को कुछ भी महसूस नहीं होता तो वह अपनी आंखें खोल कर देखती है तो इस वक्त वैसे ही खड़ी थी जैसे अथर्व के आने से पहले खड़ी थी माही पीछे मुड़कर देखती है तो उसे अथर्व नजर नहीं आता।वह दौड़ कर जाकर जब अपने रूम का दरवाजा देखती है तो वह भी अंदर से लॉक था! माही हैरान होती है कि उसका रूम का दरवाजा तो अंदर से लॉक है तो अथर्व अंदर कैसे आया विंडो पर वह खुद खड़ी थी विंडो से आने का कोई सवाल ही नहीं माही अब पहले से ज्यादा हैरान और परेशान थी पहले वह अथर्व के बारे में सोच कर परेशान थी और अब जो खड़े-खड़े उसने सपना देख लिया उसके लिए बेचैन!
तो क्या सच में अथर्व आया था माही के कमरे में या था यह सिर्फ माही का वहम।
जाने के लिए पढ़ते रहिए यू आर माय डेविल लव
हेलो gyz,
Plz यार like commnet और shere kr दिआ करो।
अथर्व माही को अपनी तरफ घूमा कर उसके चेहरे को अपने दोनों हाथों में भरकर - ज्यादा मत सोचो माय क्यूट कैट मेरे बारे में जितना सोचोगी मैं उतना तुम्हें पागल कर दूंगा मुझे जानने के लिए तुम्हें अपनी पहचान जानना जरूरी है! जिस दिन तुम अपनी पहचान को पहचान गई उस दिन तुम्हें यह अथर्व सिंह राठौड़ समझ में आ जाएगा! यह कहकर अथर्व माही के होठों को अपनी गिरफ्त में ले लेता है! अथर्व स्मूथली माही को किस कर रहा था और माही आँख बंद किये उस किस को महसूस कर रही थी! माही के लिए यह एहसास नया था लेकिन फिर भी माही अथर्व को रोकने की या दूर हटाने की कोशिश नहीं कर रही थी! अथर्व सिर्फ और सिर्फ माही के होटो पर अपना कब्जा जमाए हुए था कुछ देर बाद वह माही से अलग होता है तो देखता है कि माही अभी भी आंखें बंद करें खड़ी है अथर्व माही को वापस खिड़की की तरफ घूमा कर उसकी कमर पर अपने हाथ रखकर कहता है -तुम्हारी जिंदगी अब बदलने वाली है क्योंकि अब तुम वह क्यूट कैट नहीं यह बात आखरी शब्द थे जो माही के कान में गूंजे कुछ देर तक माही को कुछ भी महसूस नहीं होता तो वह अपनी आंखें खोल कर देखती है तो इस वक्त वैसे ही खड़ी थी जैसे अथर्व के आने से पहले खड़ी थी माही पीछे मुड़कर देखती है तो उसे अथर्व नजर नहीं आता।वह दौड़ कर जाकर जब अपने रूम का दरवाजा देखती है तो वह भी अंदर से लॉक था! माही हैरान होती है कि उसका रूम का दरवाजा तो अंदर से लॉक है तो अथर्व अंदर कैसे आया विंडो पर वह खुद खड़ी थी विंडो से आने का कोई सवाल ही नहीं माही अब पहले से ज्यादा हैरान और परेशान थी पहले वह अथर्व के बारे में सोच कर परेशान थी और अब जो खड़े-खड़े उसने सपना देख लिया उसके लिए बेचैन!
अब आगे।
अथर्व का रूम।
अथर्व इस वक्त शर्टलेस और अपने बालों को खोले हुए बाथरूम में शावर के नीचे खड़ा था। उसके हल्के घूंगराले बाल उसके चेहरे को कवर कर रहे थे उसकी पीठ पर बना वह ब्लैक कोबरा का टैटू इस वक्त और भी ज्यादा डरावना लग रहा था। अथर्व अपनी लाल आँखो से सामने दीवार को देख रहा था।
अथर्व अपने मन में- इतना आसान नहीं है मुझे जानना, मुझे समझना,मुझे पहचाना! तुम्हें तुम्हारी लाइफ पर पछतावा ना होने लगे तो कहना। तुम्हारे दिल और दिमाग से खेल जाऊंगा और तुम्हें भनक भी नहीं लगेगी।तुम हक़ीक़त और सपनो मे फ़र्क़ समझ नहीं पाओगी राजकुमारी माही।तुम्हारी वजह से मैंने जो जो खोया,वह सब तुम मुझे वापस करोगी। राजकुमारी माही तुम्हारी वजह से मैंने अपनी जिंदगी की सबसे कीमती चीज खो दी। और अब उसे वापस भी मैं तुम्हारे ज़रिये ही से लूंगा।
यह सब बातें सोचते हुए अथर्व की आंखें और बेहद लाल होती जा रही थी। और उसके चेहरे पर एक खतरनाक स्माइल आ रही थी
माही का रूम
माही का दिमाग चकरा गया था यह सोच सोच कर जो अभी उसके साथ हुआ वह सपना था या हकीकत। वह कभी अपने कानों को छूकर देखती,तो कभी अपने होठों पर, तो कभी अपने नाक को।। जब जब वो इन सबको टच करती उसे अथर्व का टच महसूस होता। माही फ्रस्ट्रेटेड होकर गुस्से में बेड पर बैठ जाती है - व्हाट द हेल इस दिस क्या हो रहा है यह सब मेरे साथ पहले सही से नींद में भी ख्वाब नहीं आते थे और अब खुली आंखों से ख्वाब देख रही हूं! यह जुड़े वाला बंदर एक नजर में मुझे पागल कर गया है अगर यह कुछ दिन और यहां रहा तो पक्का मुझे आगरा जाकर पागल खाने में एडमिट होना पड़ेगा!
यह सब सोच कर माही जाकर बेड पर लेट जाती है वैसे तो माही को नींद इतनी जल्दी नहीं आ ती थी लेकिन न जाने क्या हुआ था कि बेड पर लेटते ही उसकी आंख लग गई और ऐसी लगी कि वह गहरी नींद में चली गई।
सुबह के वक्त।
करीब 6 बजे के आस पास माही कसमसाती हुई करवट लेती है तो उसे अपने पास किसी के होने का अहसास होता है। माही अपनी हल्की खुली आंख से अपने सामने देखती है तो उसे सामने अथर्व नजर आता है जो शर्टलेस बाल खोले हुए उसके ठीक सामने लेटा था। माही अथर्व के चेहरे को टच करके - तुम जुड़े वाले बंदर तुम फिर आगये और तुम्हारा जुड़ा कहां गया। अथर्व माही के हाथ को वही पकड़ लेता है और उस हाथ को धीरे-धीरे से अपने फेस पर चलते हुए अपने सीने पर ले जाता है लेकिन कुछ कहता नहीं है। बस माही की आंखों में देखते हुए उसके टच को महसूस करता रहता है।माही खुद से ही अपने मन मे -बैड मैनर्स माही । किसी के अच्छे खासे नाम को बिगाड़ना अच्छी बात नहीं होती। ऊपर से अगर वह बंदा इतना हॉट और हैंडसम हो तो तो बिलकुल नहीं।
माही यह सब सोच रही थी कि अचानक अथर्व माही को सीधा कर उसके ऊपर आ जाता है इस वक्त अथर्व के सारे बाल माही के चेहरे को कवर किये हुए थे थे। अथर्व के बालों ने माही के चेहरे को ऐसे कवर किया था कि मानो अथर्व और माही के चेहरो के चारों तरफ एक पर्दा डाला गया है वह दोनों एक दूसरे को तो देख पा रहे थे लेकिन आसपास नहीं।
अथर्व माही के कमर मे हाथ डाल कर उसे जकड़ लेता है और दूसरे हाथ से उसके दोनों हाथ पकड़ कर उसके सर के ऊपर कर देता है।
अथर्व - माय क्यूट कैट तुम्हें नहीं लगता कि तुम कुछ ज्यादा अपने होठों का इस्तेमाल करती हो और वह भी गलत। फिर अथर्व अपने होठों को माही के होठों के बिल्कुल करीब ले जाता है अथर्व की होठ और माही के होठ आपस में टच कर रहे थे लेकिन is वक़त अथर्व उसे किस नहीं कर रहा था।
अथर्व - यह नाजुक से गुलाबी होठ फालतू की बातें करने के लिए नहीं बल्कि अपने होने वाले हस्बैंड को अपना रस पिलाने के काम में आना चाहिए। और अगर इन होठों से कोई अल्फाज निकले तो सिर्फ और सिर्फ अपने होने वाले हस्बैंड से रोमेंटिक बाते करने के लिए । अंडरस्टैंड माय क्यूट कैट। यह कहकर अथर्व में के होठों पर एक लाइट किस करता है
माही जो पहले ही अथर्व की पकड़ और छुअन से मदहोश हो चुकी थी वो बे ख्याली में अपने सर को हां मिला देती है।
अथर्व अपनी होठ माही की आंखों पर ले जाकर - और इन आंखों का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ अपने होने वाले हस्बैंड के इंतजार और दीदार के लिए होना चाहिए! माही एक बार फिर बेख्याली में सर को हां महिला देती है! अथर्व बारी बारी माही की दोनों आंखों को चूम लेता है! फिर अथर्व माही की गर्दन की तरफ पढ़ते हुए- इस बदन पर सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे होने वाले हस्बैंड की निशानी होनी चाहिए। यह कहकर अथर्व माही की गर्दन से लेकर कॉलर bone तक अपनी टंग से लिंक करने लगता है। अथर्व की हरकते माही को बहका रही थी इस वक्त माही अपने होश में बिल्कुल नहीं थी माही को यह सब एक सपना लग रहा था। अथर्व माही की गर्डन को छोड़ अपने चेहरे को उसकी कमर के पास लाता है और उसके टॉप को हल्का ऊपर कर अपने चेहरे को उसकी कमर में घुसा कर- इस कमर पर अपने होने वाले हस्बैंड मे टच को महसूस करो माय क्यूट कैट।यह यह बोलकर अथर्व माही की पूरी कमर पर वेट किसेस करने लगता है। उसकी हर किस से माही को और मदहोश कर रही थी अब तक अथर्व ने माही के दोनों हाथ फ्री कर दिए थे और उसने अपने दोनों हाथों से माही की कमर को थामा हुआ था माही ने भी बेख्याली में अपने हाथ अथर्व के बालों में उलझा दिए थे। लगभग आधे घंटे बाद अथर्व अपना चेहरा ऊपर करता है तो देखता है माही आंखें बंद किए हुए मदहोश थी उसका पूरा चेहरा और बॉडी पसीने से लठपथ थी। अथर्व माही के ऊपर जाकर कान के पास जाकर कहता है - now स्टार्ट the game sweety.
यह लाइन कहते हुए अथर्व की वॉइस टोन बिल्कुल बदल चुकी थी। जिस वक्त अथर्व ने यह लाइन कही थी उसकी आवाज बेहद डरावनी लग रही थी। माही आंखें बंद किए हुए ही कांपने लगी। उसके माथे से अब और ज्यादा पसीना बहाने लगा। लेकिन डर के कारण वह अपनी आंखें नहीं खोल रही थी। तभी माही का अलार्म बजाना शुरू होता है।भाई एकदम से उठकर बैठ जाती है और अपनी आंखेंखोल कर इधर-उधर देखते हैं। वह दूर-दूर तक अथर्व क्या उसका नाम और निशान तक नहीं था। माही अपनी तेज हुई धड़कन पर अपना हाथ रखकर - यह यह सब क्या था वो वो आया था या या फिर या फिर कोई सपना। माही अपने दिल पर हाथ रखे यही सब सो रही थी की उसके दरवाज़े pr दस्तक होती है जिससे माही चौक जाती है वो डरते हुए आवाज़ देती है - क कौन कौन है।
आखिर कौन आया है दरवाज़े पर क्या हो गया है माही को,
अथर्व क्या करना चाहता है माही साथ।
जाने के लिए पढ़ते रहिए यू आर माय डेवल लव
यह लाइन कहते हुए अथर्व की वॉइस टोन बिल्कुल बदल चुकी थी। जिस वक्त अथर्व ने यह लाइन कही थी उसकी आवाज बेहद डरावनी लग रही थी। माही आंखें बंद किए हुए ही कांपने लगी। उसके माथे से अब और ज्यादा पसीना बहाने लगा। लेकिन डर के कारण वह अपनी आंखें नहीं खोल रही थी। तभी माही का अलार्म बजाना शुरू होता है।भाई एकदम से उठकर बैठ जाती है और अपनी आंखेंखोल कर इधर-उधर देखते हैं। वह दूर-दूर तक अथर्व क्या उसका नाम और निशान तक नहीं था। माही अपनी तेज हुई धड़कन पर अपना हाथ रखकर - यह यह सब क्या था वो वो आया था या या फिर या फिर कोई सपना। माही अपने दिल पर हाथ रखे यही सब सो रही थी की उसके दरवाज़े pr दस्तक होती है जिससे माही चौक जाती है वो डरते हुए आवाज़ देती है - क कौन कौन है।
अब आगे,
माही की आवाज सुनने के बाद बाहर दरवाजे पर खड़ी अमृता जी और कौशल जी घबराकर कहते हैं प्रिंसेस हम हैं आपके मोमसी और डैडा।आप ठीक तो है गेट खोले हम परेशान हो रहे हैं।
अपने मां बाप की आवाज सुनकर माही तुरंत दौड़ के जाकर गेट खोलती हैं। और गेट खोलते ही सामने खड़े कौशल जी के गले लग जाती है। अमृता जी कौशल जी जो पहले ही माही के पहले से दरवाजा न खोलने की वजह से टेंशन में थे अब माही को डरा हुआ देखकर और टेंशन में आ जाते हैं।
कौशल जी माही के सर पर सेहलाते हुए - क्या बात h प्रिंसेस आप इतनी डरी हुई क्यू है hame बताये किसी ने कुछ कहा।
माही अब भी अथर्व के अहसास से भरी हुई थी और उसकी last लाइन उसे बार बार बेचैन कर रही थी। लेकिन माही इस बात से बेखबर नहीं थी कि उसके डरने के कारण उसके मां-बाप परेशान हो रहे हैं इसलिए माही अपने डर को कंट्रोल कर अपने पिता कौशल जि की तरफ देखकर - हमने बहुत बुरा सपना देखा,बहुत बुरा सपना बहुत ही ज़्यदा बुरा हमने देखा कि कोई हमें आपसे और मोमसी से दूर लेकर जा रहा है। फिर वापस कौशल जी के गले लग कर- हमें आप लोगों को छोड़कर कहीं नहीं जाना कहीं भी नहीं! माही यह सब बातें कौशल जी से कह रही थी लेकिन उसके डर और आंखों में आंसू की वजह अथर्व था! एक बात तो वह समझ गई थी कि अथर्व कोई मामूली इंसान नहीं है जिस इंसान ने एक मुलाकात में उसके दिल और दिमाग पर अपना गहरा असर छोड़ दिया वह इंसान कोई मामूली इंसान तो हो ही नहीं सकता! एक बात माही के दिमाग में और बैठ गई थी कि वह जितना खुद को इस कमरे में बंद रखेगी उतना ही उसके दिमाग में अथर्व और अथर्व की बातें घूमेंगे वह जानती थी कि उसकी मां ने उसे अथर्व के सामने आने से मना किया था लेकिन वह इस बात से भी अनजान नहीं थी कि अथर्व अब कुछ वक्त यही रुकने वाला था इस बात से माही थोड़ी हैरान भी थी। देखा जाए तो अथर्व सनी का मामा था और इस वक्त सनी का जैसा केस चल रहा था तो अथर्व का उसके घर में रुकना उसे बड़ा अजीब लग रहा था।
कौशल जी माही को तसल्ली देते हैं और कहते हैं -बेटा वह सिर्फ एक सपना था हकीकत में तो हम आपको कभी कहीं जाने ही नहीं देंगे आप परेशान ना होए।। माही खुद को नॉर्मल कर हा मे सिर हिला देती है। कौशल जी माही का मूड ठीक करने के लिए उसे अंदर लाते हुए कहते हैं- लेकिन कुछ भी कहो आपके डरावने ख्वाब की वजह से हम अपनी शर्त जो है वह जीत गए आज आपने बिना हमारे नॉक किये दरवाज़ा नहीं खोला और आज आपकी सुबह भी हमें देखे बिना नहीं हुई।कौशल जी यह बात मजाक के मूड में कह रहे थे लेकिन उनके दिल में एक टीस उठ रही थी यह बात कहते हुए।हकीकत यह थी कि वह चाहते ही नहीं थे कि कभी कोई ऐसी सुबह हो जब माही उन्हें बिना देखे अपनी आंखें खोलें।
माही कौशल जी के हाथ से जूस कर ग्लास उठाते हुए -क्या डैडा आप भी ना,आपको अगर अपनी जूस वाली नौकरी से छुट्टी चाहिए तो वैसे ही कह दीजिए यह डरावने ख्वाब भेजना बंद कीजिए हमें।
कौशल जी- वाह भाई वाह। अब आपको डरावने सपने आए तब इसमें भी हमारा कसूर हो गया।
कौशल जी की बात पर अमृता जी और माही दोनों हंसने लगते हैं।
कौशल जी - जाये बेटा अब तैयार हो जाओ कॉलेज भी जाना है ना आपको।
माही तुरंत जूस के गिलास से जूस को पी कर - जी पापा बस हम जा रहे तैयार होने ।
यह बोलकर माही बाथरूम की तरफ भाग जाती है।
माही के बाथरूम में जाते ही कौशल जी परेशानी भरी नजरों से अमृता जी को देखने लगते हैं।
अमृता जी कौशल जी को देखकर - अगर माही का वह सपना सच हो गया तो!
कौशल जी बस अमृत जी को देखते रहते हैं क्योंकि हाथ में तो उनके भी कुछ नहीं था माही का जब एक्सीडेंट हुआ था उस वक्त शायद उनके दिल को इतनी तकलीफ नहीं हुई थी जितनी उनको अभी सिर्फ यह सोच कर के कहीं अथर्व उसे कोई चोट ना पहुंचा दे हो रही थी। उसकी वजह यह थी कि माही अब उनकी जान बन चुकी थी माही से जो प्यार जो इज्जत उनहै पिछले 18 सालों में नहीं मिला वह इन 2 सालों में मिल चुका था।
डाइनिंग टेबल पर -
डाइनिंग टेबल पर इस वक्त सभी लोग मौजूद थे। इंद्रसेन इंद्रसेन जी बार-बार अपनी घड़ी को देखते तो कभी सीडीओ पर जहां से माही आया करती थी। और फिर दूसरी साइट जहां पर अथर्व रुका हुआ था। क्योंकि यही दो लोग थे जो अभी तक डाइनिंग टेबल पर मौजूद नहीं हुए थे। जानकी जी अजय जी से इशारे में कुछ कह रही थी। और अजय जी उन्हें खामोश रहने का इशारा कर रहे थे। अभी अजय जी और जानकी जी अथर्व के वहां मौजूद होने से अनजान से। क्योंकि जिस वक्त अथर्व घर आया था उस वक्त यह दोनों अपने रूम में बैठे सनी से कॉल पर बात कर रहे थे। और उसके बाद अथर्व अपने रूम में ऐसा गया कि वह अभी तक निकल कर नहीं आया था।
इंद्रसेन जी जैसे ही कौशल जी और अमृता जी से माही के बारे में पूछने वाले थे उन्हें सीडीओ से आती हुई माही नजर आती है। माही ने रोज की तरह एक ब्लैक टॉप और एक व्हाइट शॉट पहना हुआ था। बालों का मेसी बन बनाया हुआ था। पैरों में स्नीकर्स और स्पोर्ट्स शूज। हाथ में एक वॉच और उसकी पीठ पर एक बेग पैक। उसके चेहरे पर एक मुस्कुराहट थी लेकिन उसके दिल में एक घबराहट। मुस्कुराहट वहां सबको दिखाने के लिए थी और दिल की घबराहट उसकी अथर्व को लेकर थी।। लेकिन आँखो मै कुछ थकान थी। जो की देर रात जागने की वजह से थी।
माही तुरंत इंद्रसेन जी के पास आकर गले लगा कर -इट्स माही मॉर्निंग दादू। इतना कहकर माही एक एप्पल का पीस उठाकर इंद्र सेन जी के मुंह में रख देती है। इंद्रसेन जी उस पीस को खाते हुए कहते हैं -यस माय प्रिंसेस इट्स माही मॉर्निंग।
इंद्रसेन जी माही की आंखों को जब ध्यान से देखते हैं तो कहते है -क्या बात है बेटा आप बड़ी थकी हुई नजर आ रहे हैं। क्या आप देर रात तक जगी थी! माही अपनी आंखें इधर-उधर करते हुए -वह दादू बस थोड़ा सा अपना असाइनमेंट कंप्लीट करना था इसलिए रात देर से सोए थे।
अब भई वह क्या बताती कि पहले अथर्व के खयालो ने उसे देर तक सोने नहीं दिया और सुबह उसके सपनों ने उसे उठने नहीं दिया।
माही जैसे ही बैठती है वैसे ही इंद्र सेन जी कहते हैं चले सब शुरू करें!
इंद्रसेन की परमिशन मिलने के बाद जैसे ही सब खाने वाले होते हैं वैसे ही एक कड़क आवाज आती है - घर का दामाद अभी आया भी नहीं और आप लोगों ने ठूसना भी शुरू कर दिया! आवाज सुनकर सबके हाथ जो खाने के निवाले मुंह में ले जा रहे थे रुक जाते हैं और सब उस साइड देखते हैं जहां से यह आवाज आई थी माही जैसे ही उस साइड देखती है उसकी आंखें हैंरानी से बड़ी हो जाती है! यही हाल जानकी जी और अजय का था।सामने से अथर्व अपने किलर एटीट्यूड में चलकर आ रहा था! उसने एक नेक कवर टीशर्ट पहनी थी जो ब्लैक कलर की ही थी और एक वाइट कलर की जींस पहनी थी उसको और माही को देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे दोनों ने कपल ड्रेस पहनी ho। बालों का पीछे बना हुआ वही जूड़ा चेहरे पर सेट की हुई बियर्ड। हाथों में ब्रांडेड वॉच और पैरों में ब्रांडेड ब्लैक शूज। अक्सर धीरे धीरे चलकर डाइनिंग टेबल के पास आकर इंद्रसेन जी के पास आकर खड़े होकर कहता है- आपको नहीं लगता कि आपके होने वाले दामाद किया आपको ज्यादा बेइज्जती कर रहे है।।
इंद्रसेन जी अपने लहजे को शांत रखते हुए - हमें उम्मीद नहीं थी कि आप हम सबके साथ आकर नाश्ता करेंगे इसलिए हमने नाश्ता करना शुरू कर दिया अब आप आ गए हैं तो आइये बैठिए। अथर्व अपनी एक आईब्रो ऊपर करता है और दोनों हाथ जींस की पॉकेट में डालकर कहता है- कहां बैठूंगा मैं,मेरी जगह पर तो आप बैठे है।अथर्व की बात सुनकर वहां बैठा हर इंसान हैरान हो जाता है! कौशल जी गुस्से में कहते हैं- क्या बकवास कर रहे हो हमारे पिताजी अपनी जगह पर बैठे हैं और यह उनकी जगह है जहां पर वह बरसों से बैठते हैं! अथर्व अपनी गार्डन को थोड़ा सा लेफ्ट साइड की तरफ झुक कर - होने वाले ससुर जी अब शायद भूल रहे हैं कि मैं आपका होने वाला दामाद हूँ और इस नाते से मैं इस पूरी रियासत का होने वाला राजा। तो इस नाते इस कुर्सी पर तो मेरा हक हुआ ना। और अगर मैं आपका दामाद नहीं भी हूं तब भी मेरे पास अभी भी इतनी पावर है कि मैं आपके पिताजी जैसे 10 राजाओं को उनकी गद्दी से उतार कर उस पर अपने perwरख सकता हूं। फिर इंद्र सेन जी को देख कर -एम आई राइट दादू ससुर जी। इंद्रसेन जी अपना दिल मार कर अपनी छड़ी के सहारे खड़े होने लगते हैं। की तभी अचानक माही उनको वापस उस कुर्सी पर बैठा ते हुए अथर्व को घुरकर- बदतमीज तो आप है यह तो मुझे कल ही पता चल गया था! लेकिन निहायत क**** इंसान हो आप यह मुझे आज पता चला! आपको जरा सी भी शर्म नहीं आती अपने दादा की उम्र के इंसान को उनकी जगह से उठाते हुए! और क्या कह रहे हैं आप आप मेरे होने वाले पति है अरे आप जैसे इंसान को मैं अपने आसपास भटकने तक ना दूं और और आप मेरे पति बनने के सपने देख रहे हैं।
अथर्व जो अभी तक बिना किसी एक्सप्रेशन के सबसे बात कर रहा था और माही की बात सुन रहा था अचानक ही उसका पारा हाई हो जाता है वह अपने अंगूठे से अपने आइब्रो को सहलाता है फिर अपना दूसरा हाथ अपनी गर्दन पर हाथ फेरता है। Yeh देख माही को छोड़ वहा हर किसी की सांस अटक जाती है क्योंकि सब जानते थे कि अथर्व ऐसा तभी करता है जब उसका गुस्सा बर्दाश्त के पार होता है।
अचानक अथर्व अपनी गन निकालकर इंद्रसेन जी के पैर पर मार देता है ऐसा होते ही वहां पर हर किसी की चीज निकल जाती है वही माही अपने कानों पर हाथ रखें चीख कर खड़ी हो जाती। माही को इस चीज की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी की अथर्व उसके दादाजी को शूट कर देगा। इंद्रसेन जी दर्द से कररहा कर चीख उठे हालांकि गोली सिर्फ उनके पैर को छू कर निकली थी। लेकिन फिर भी उनका पैर घायल हो गया था। माही और बाकी सब जैसे ही इंद्र सिंह जी के पास उन्हें संभालने जाते हैं अथर्व चिल्लाकर कहता है - stop.
अगर किसी ने एक कदम भी इनकी तरफ बढ़ाया अगली गोली मेरे दादू ससुर के दिल के आर पार होगी। माही और बाकी सब बेबसी से इंद्रसेन जी को देखने लगते हैं जो दर्द से कराहते हुए अपने पैर पकड़े कुर्सी पर बैठे थे। अथर्व गन को अपनी उंगली में घूमते हुए माही के पास जाता है। और माही के पीछे खड़े होकर उसकी कमर में हाथ डालकर अपने करीब कर लेता है। माही इस वक्त अथर्व के सीने तक भी नहीं थी। अथर्व अपनी गन को माही के चेहरे पर फहराते हुए- प्रिंसेस माही आपको क्यों लगता है कि आप एक ही गलती बार-बार करेंगी और मैं आप सबको छोड़ दूंगा। पिछली बार मैंने आप सबको जाने दिया उसकी वजह मेरी मां थी। और अब भी आप सब ज़िंदा हो इसकी वजह मेरी मां ही है। लेकिन जरूरी तो नहीं की आगे आप लोग जिंदा रहो इसकी कोई गारंटी है। और रही बात तुमसे शादी कर तुम्हारा पति बनने की( अथर्व अपने होंठ को माही के कान के पास ले जाकर हल्के से) इस अथर्व सिंह शिखावत को इस दुनिया की कोई ताकत तुम्हें हासिल करने से नहीं रोक सकती। बहुत पुराना हिसाब किताब बाकी है तुमसे हर एक चीज की भरपाई करनी है तुम्हें और तुम्हारे इस परिवार को।
यह सब बात कहते हुए अथर्व की पकड़ माही पर कसती जा रही थी और बंदूक को माही के चेहरे के अंदर घुसआते जा रहा था। अथर्व में यह काम इतनी तेजी से किया था कि माही के गाल के कुछ नीचे उस बंदूक की वजह से एक रेड स्पॉट पड़ गया क्योंकि अभी abhi उस गन से शूट हुआ था। इस कारण जब अथर्व ने गन को माही के चेहरे पर फिराते हुए उसे गाल के कुछ नीचे ले जाकर जोर से दबाया तो उसका निशान माही के गाल पर पड़ गया। जलने के कारण माही कीसिसकी निकल कर रह गई। माही की सिसकी निकलते ही अथर्व ने उसको धक्का देकर टेबल पर गिरा दिया। माही के गिरते ही कौशल जी और अमृता जी माही की तरफ बढ़ने लगे तो अथर्व ने माही की तरफ गन शूट कर दी हालांकि गोली माही के नहीं बल्कि उसके पास रखे एक बर्तन पर लगी थी। लेकिन उसकी आवाज से डर की वजह से माही ने अपने कानों पर हाथ रखकर टेबल के अंदर मुंह घुसा दिया। जानकी जी और अजय जी जिनको अभी तक अथर्व के आने का पता नहीं था और जब अथर्व की एंट्री हुई तब से लेकर अब तक का सीन देखकर उन्हें तो यमराज याद आ गया था । उन दोनों का रिश्ता अथर्व के साथ कुछ खास ठीक नहीं था साफ भाषा में कहा जाए तो वह दोनों और सनी अथर्व के खास दुश्मन थे। जिसकी वजह क्या थी यह तो बाद में पता चलेगा।
वहा सब लोग अपनी -अपनी कुर्सी के पास खड़े खड़े हुए थे इंद्रसेन जी अपने घायल पैर को लिए अपनी कुर्सी पर बैठे थे और माही टेबल पर अपना मुंह घुसाए अभी भी लेती हुई थी। अथर्व एक कुर्सी खीच कर टेबल के पास रखता है और उस पर बैठकर माही को अपनी गोद में खींच कर बैठा लेता है।
माही अचानक हुए इस हरकत से घबरा जाती है और गिरने से बचने के लिए अथर्व को पकड़ लेती है। ना चाहते हुए भी माही की नजरे अथर्व की आंखों से टकरा जाती है। अथर्व और माही dono एक दूसरे की आंखों में देखते हैं। माही को अथर्व की आंखें देख कर धुंधला धुंधला नजर आता है। लेकिन उसे कुछ समझ नहीं आता। अथर्व माही की आंखों में उसकी परेशानी को साफ देख पा रहा था वह अपने मन में कहता है- तुम तो बड़ी कमजोर निकली क्यूट कैट इतने में ही डर गई अभी तो तुम्हें बहुत कुछ देखना बाकी है। अथर्व माही के बालों को जो उसके चेहरे पर आ रहे थे उन्हें अपने बंदूक से पीछे करते हुए- अब अगर तुम चाहती हो कि मैं और खून खराबा बना करूं तो खामोशी के साथ मुझे अपने हाथों से नाश्ता करा औ!
माही अथर्व की यह बात सुनकर हैरान हो जाती है क्या यह वही इंसान नहीं था जिसने अभी-अभी माही की तरफ गोली चला दी थी जिस वजह से पूरी टेबल तहस-नहस हो गई थी। और अब यही इंसान माही के हाथों से खाना खाना चाह रहा है। माही हैरान और परेशान अथर्व को देखने लगती है गुस्सा तो उसे अथर्व पर बहुत आ रहा था लेकिन साथ ही एक डर था जो अभी-अभी अथर्व ने पैदा कर दिया था। इसलिए वह बिना ना नुकुर के टेबल की तरफ देखती है कि शायद कुछ खाने लायक चीज बची हो लेकिन वहां सत्यानाश ho चुका था। अथर्व माही की परेशानी को समझ कर पास खड़े सर्वेंट से कहता है- क्या बात है भाई घर का दामाद आया हुआ है और उसके खाने के लिए कोई चीज ही नहीं है। इतना कहना था कि वहां के नौकर उसका इशारा समझ गए और तुरंत 2 मिनट के अंदर पूरी टेबल साफ हो गई और वहां दूसरा खाना लग गया। माही ने athrw की गोद में बैठे-बैठे ही एक प्लेट तैयार की और अपने हाथों से अथर्व को खिलाने लगी माही पूरी कोशिश कर रही थी कि वह अथर्व की तरफ ना देखें वही अथर्व का ध्यान पूरा का पूरा माही की तरफ था। और पास खड़े बाकी सब लोग गुस्से में अथर्व को देखे जा रहे थे।
इंद्रसेन जी बेचारे दर्द से कराहते हुए अपने पैर को पकड़े बैठे थे वहा गुस्सा सबको था लेकिन किसी में इतनी हिम्मत नहीं थी कि इंद्रसेन जी के लिए डॉक्टर को बुला सके क्योंकि हर कोई जानता था बिना अथर्व की परमिशन की अगर कोई डॉक्टर यहां आया तो वह जिंदा नहीं जाएगा।
क्या लगता है आप लोगो को क्यू है अथर्व को इतनी नफरत माही और उसके परिवार से।
जानने के लिए पढ़ते रहे you are my devil love
माही अथर्व की यह बात सुनकर हैरान हो जाती है क्या यह वही इंसान नहीं था जिसने अभी-अभी माही की तरफ गोली चला दी थी जिस वजह से पूरी टेबल तहस-नहस हो गई थी। और अब यही इंसान माही के हाथों से खाना खाना चाह रहा है। माही हैरान और परेशान अथर्व को देखने लगती है गुस्सा तो उसे अथर्व पर बहुत आ रहा था लेकिन साथ ही एक डर था जो अभी-अभी अथर्व ने पैदा कर दिया था। इसलिए वह बिना ना नुकुर के टेबल की तरफ देखती है कि शायद कुछ खाने लायक चीज बची हो लेकिन वहां सत्यानाश ho चुका था। अथर्व माही की परेशानी को समझ कर पास खड़े सर्वेंट से कहता है- क्या बात है भाई घर का दामाद आया हुआ है और उसके खाने के लिए कोई चीज ही नहीं है। इतना कहना था कि वहां के नौकर उसका इशारा समझ गए और तुरंत 2 मिनट के अंदर पूरी टेबल साफ हो गई और वहां दूसरा खाना लग गया। माही ने athrw की गोद में बैठे-बैठे ही एक प्लेट तैयार की और अपने हाथों से अथर्व को खिलाने लगी माही पूरी कोशिश कर रही थी कि वह अथर्व की तरफ ना देखें वही अथर्व का ध्यान पूरा का पूरा माही की तरफ था। और पास खड़े बाकी सब लोग गुस्से में अथर्व को देखे जा रहे थे।
इंद्रसेन जी बेचारे दर्द से कराहते हुए अपने पैर को पकड़े बैठे थे वहा गुस्सा सबको था लेकिन किसी में इतनी हिम्मत नहीं थी कि इंद्रसेन जी के लिए डॉक्टर को बुला सके क्योंकि हर कोई जानता था बिना अथर्व की परमिशन की अगर कोई डॉक्टर यहां आया तो वह जिंदा नहीं जाएगा।
अब आगे
कुछ देर बाद
इंद्रसेन जी का कमरा
इंद्र सेन जी अपने कमरे में बेहोश लेटे थे।डॉक्टर ने आकर उनके पैर में पट्टी कर दी थी और इंजेक्शन की वजह से वह गहरी बेहोशी में थे। माही उनके पास ही बैठी थी। उसने आज का कॉलेज बँक कर दिया था क्योंकि वह अपने दादाजी को ऐसी हालत में छोड़कर नहीं जा सकती थी।
अथर्व ने नाश्ते के बाद माही की रिक्वेस्ट पर डॉक्टर को बुलाने की परमिशन दे दी थी।।
इंद्रसेन जी के कमरे में कौशल जी, अमृता जी,अजय जी और जानकी जी भी मौजूद थे।।इंद्र सेन जी की बहन लालिमा जी खुद काफी बीमार थी और अपने भाई को इस हालत में नहीं देख सकती थी इसलिए उन्हें उनके रूम में आराम करने के लिए छोड़ दिया गया था।
माही इंद्र सेन जी के सिरहाने बैठी थी उसके मन में इस वक्त बहुत सवाल चल रहे थे कि आखिर कैसे कोई इंसान उससे बदला लेने के लिए उसकी फैमिली पर जान लेवा हमला कर सकता है आखिर ऐसा भी क्या उसका इगो हर्ट हुआ कि वह अब माही की फैमिली को मारने पर उतारू हो गया और सबसे बड़ी बात इतना सब होने के बाद भी उसकी फैमिली में से किसी ने अथर्व को कुछ नहीं कहा।
एक तरफ सनी माही से प्यार और शादी करने का दावा कर रहा था वही दूसरी तरफ अथर्व ने खुद को इस घर का दामाद घोषित कर दिया था माही के कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था। उसे खुद की लाइफ अब एक पहेली लगने लगी थी। उसकी याददाश्त का जाना अब उसे अपने लिए श्राप लग रही थी।
माही अपनी नजर घुमा कर कौशल जी को देखती हैं। अपने सवालों के जवाब जानने के लिए।। कौशल जी माही की नजरे खुद पर मौजूद देखकर समझ जाते हैं कि माही उनसे क्या पूछना चाहती है इसलिए वह तुरंत माही की तरफ से नजर घूमा कर कहते हैं -प्रिंसेस प्लीज अभी आप हमसे कुछ ना पूछे हम आपके किसी सवाल का जवाब नहीं दे पाएंगे आपको जो भी पूछना और जानना है अपने दादाजी से जानना क्योंकि यह फैसला मेरे बस के बाहर है। यह कहकर कौशल जी कमरे से बाहर चले जाते हैं अमृता जी भी कौशल जी की हालत को बखूबी समझ रही थी इसलिए वह माही से आंखों में शांत रहने का इशारा करके बाहर चली जाती हैं
कौशल जी से यह जवाब सुनकर माही हैरान होती है। इन दो सालों में शायद ही कोई दिन ऐसा हुआ हो जब कौशल जी ने माही से नजर फेर के या मुंह घूमा कर बात की हो वह हमेशा माहि की हर बात का जवाब उसकी आंखों में देखकर ही दिया करते थे वह भी पड़ी ही आराम से और संजीदगी के साथ।
अजय जी और जानकी जी इंद्रसेन की हालत से घबराए हुए थे। इतना तो वह जानते थे कि अथर्व किसी को भी अपना सगा नहीं समझता वह जान लेने पर आए तो वह किसी को नहीं बख्शता।
जहां वह दोनों पहले सनी के जरिए माही को वापस अपने बस में करने के प्लान में थे अब उनका यह प्लान अथर्व ने फेल कर दिया था। माही के एक्सीडेंट के पहले जब माही ने सनी से शादी करने के लिए अथर्व से शादी करने को इनकार किया था तब अथर्व बड़ी ही खामोशी के साथ वहां से चला गया था जो बात हर किसी को खटकी थी। फिर jab माही का एक्सीडेंट हुआ तो ज्यादातर लोगों का शक अथर्व पर ही गया क्योंकि यह बात सब जानते थे कि अथर्व को उसके किसी भी काम को इनकार करने वालो से सख्त नफरत है।।
जानकी जी और अजय जी अपने इशारों में कुछ कहते हैं उसके बाद जानकी जी माही के पास जाकर बड़े आराम से बैठ जाती हैं और फिर उसके सर पर हाथ फेर कर कहती हैं- बेटा तुम भले ही हमें अपना ना समझो लेकिन हम तुम्हारे अपने ही है 18 साल मैंने तुम्हें पाला है और तुम्हारे हर अच्छे पूरे को तुमसे ज्यादा बेहतर अच्छे से समझा है माना कि तुम्हें सनी याद नहीं लेकिन सनी एक बहुत बेहतरीन लड़का है इसलिए नहीं कि वह मेरा भाई है इसलिए कि तुम खुद समझो कि उसने तो तुम्हें पहले ही हासिल कर लिया है फिर भी वह तुमसे शादी करना चाहता है और रही बात अथर्व की तो तुमने देख लिया कि उसने आज तुम्हारे दादू के साथ क्या किया वह आज भी तुमसे बदला लेना चाहता है तुमने उससे शादी को इनकार कर सनी को अपना जीवन साथी चुना इस बात का बदला वह अब लेने के लिए आ गया है वह अपनी बेइज्जती का बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है और छोटा सा नमूना तुमने आज देख लिया।
माही जानकी जी की बात पर कोई जवाब नहीं देती bus ऐसे ही बैठी रहती है।अचानक वो खड़ी होती है और बाहर की तरफ चल देती है। जानकी जी और अजय जी खामोशी से माही को जाता देख समझ जाते हैं कि उन्होंने अथर्व के लिए नफरत माही के दिल में और बढ़ा दी है और सनी के लिए एक अच्छी सोच भी।
दूसरी तरफ माही सीधे उस तरफ जाती है जहां पर अथर्व ठहरा था।
अथर्व का रूम
अथर्व इस वक्त सोफे पर बैठा हुआ था उसके एक हाथ में वाइन से भरा ग्लास था जिसे वह राउंड राउंड हिला रहा था और दूसरे हाथ में मोबाइल था जिसमें वह एक औरत और उसके साथ एक छोटी बच्ची की तस्वीर को बड़े गौर से देख रहा था उसके दिल और दिमाग में क्या चल रहा था यह कोई भी नहीं समझ सकता था वह बड़ी शिद्दत के साथ उसे तस्वीर को निहार रहा था।
तभी एकदम जोर की आवाज के साथ उसके रूम का दरवाजा खुला अथर्व जानता था कि पूरे राज महल में सिर्फ एक ही इंसान है जो इस तरह से उसके कमरे में आ सकता है इसलिए वह अभी भी वैसे ही बैठे हुए उस तस्वीर को निहारता रहता है।
माही अंदर जाकर अथर्व के सामने खड़े होकर - आखिर तुम चाहते क्या हो। मेरी गलती की सजा तुम मेरे परिवार को कैसे दे सकते हो और मेरी भी वह गलती जो मुझे याद ही नहीं फिर भी अपनी गलती की माफी मांगने के लिए मैं तैयार हूं लेकिन तुम इस तरह से मेरे परिवार को हर्ट करना बंद कर दो! तुम्हें जो चाहिए तुम मुझे बताओ लेकिन मेरे परिवार को बक्श दो ! अथर्व मोबाइल को बंद करके सोफे पर डालता है और सोफे के हेड रेस्ट पर हाथ एक हाथ रख कर आराम से टेक लगा कर बैठ जाता है अथर्व नजर उठा कर माही को देखता है और उसे ऊपर से नीचे तक स्कैन करता है। उसकी निगाहें माही को ऐसे स्कैन कर रही थी कि जैसे वह माही को कपड़ों के अंदर तक देख रहा है। माही अथर्व के यूं खुद को इस तरीके से देखने से अनकंफरटेबल फील करती है लेकिन वह अथर्व की नजरों को समझ गई थी।
माही अपने दोनों हाथों की मुट्ठी बनाती है और फिर आंखों को कस के बंद कर कहती है- ठीक है जो तुम चाहते हो मैं तुम्हें देने को तैयार हूं। तुम्हें मेरा शरीर चाहिए ना तुम मेरी सेल्फ रिस्पेक्ट को अपने पैरों में कुचलना चाहते हो तो मैं तैयार हूं। यह बोलकर माही अपने टॉप को उतार देती है। इस वक़त माही अथर्व के सामने अपनी इनर मे थी।उसके ऐसा करते ही अथर्व की निगाहें माही पर और गहरी होकर जम जाती हैं। अथर्व खड़ा होता है और वाइन को पीते हुए माही को चारों तरफ घूमता है। फिर माही के सामने खड़े होकर उस वाइन से भरी ग्लास को माही के कंधे पर डाल देता है उस ठंडी वाइन के गिरते ही माही चिहुँक उठती है। अथर्व वाइन के क्लास को फेंक देता है और वह गिलास तेज आवाज के साथ टुकड़े टुकड़े होकर कर टूट जाता है। अथर्व माही की कमर में हाथ डालकर अपने करीब करता है और फिर अपनी टंग को माही के कंधे से लेकर उसके चेस्ट तक फेरने लगता है। जहां तक वाइन गिरी थी अथर्व अपनी टंग को वहां तक ले जाकर फिराता है । माही अपनी आंखें बंद किया अपने मुट्ठियों को और कस के बंद किए जा रही थी माही को अच्छे से लिंक करने के बाद अथर्व सीधा खड़ा होता है और माही के चेहरे को बहुत ध्यान से देखाता है।
ओपन योर आइज क्यूट कैट। अथर्व माही के चेहरे को देखते हुए कहता है।
क्यूट कैट सुनते ही माही एकदम से अपनी आंखें खोलती है यह वही शब्द थे जो उसने रात और सुबह अपने ख्वाब में अथर्व के मुंह से सुने थे। माही जैसे ही आंखें खोलती है अथर्व हाथ बड़ा कर टेबल पर रखी वाइन की बोतल उठा कर पूरी बोतल माही के सर पर डाल देता है। ठंडी ठंडी वाइन जब माही के बदन पर गिरती है तो माही की एक कपकपी बन जाती है अथर्व अपनी गहरी निगाहों के साथ माही को ऊपर से नीचे तक स्कैन करता है धीरे-धीरे वह अपने उस हाथ को जो माही की कमर पर रखा था उसको मूव करना शुरू करता है और उसे कमर से मूव करते-करते माहि के पीठ पर उस जगह ले जाता है जहां पर उसकी इनर का हुक था । दूसरे हाथ को अथर्व माही की गर्दन के पीछे ले जा कर रखता है फिर एक दम झटके से उसके पीछे से उसकी गर्दन को पकड़ लेता है। अथर्व माही के पूरे फेस पर अपनी टंग से उस वाइन को लिंक करता है माही अथर्व की हर एक हरकत से सिहर उठ रही थी।लास्ट में अथर्व माही के होठो की तरफ बड़ता है। और उसके होटो को अपने होठों में कैप्चर कर लेता है। अथर्व बहुत रफ़ली माही को किस करता है वह किस करने के साथ साथ माही को बाइट भी कर रहा था जिस वजह से माही की आह निकल रही थी। इस मोके का फायदा उठाकर अथर्व अपनी टंग को माही के mouth में एंटर कर कर उसके पूरे मुंह को एक्सप्लोर करता है। -किस के दौरान माही अथर्व को खुद से दूर करने की नाकामयाब कोशिश करती है लेकिन जितनी वह कोशिश करती अथर्व की पकड़ और रफनेस उतनी ही बढ़ती जाती। 20 मिनट की किस के बाद अथर्व माही को धक्का देकर फेंक देता है। माही इस एक्शन के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी और वह धक्का लगने से नीचे फ्लोर पर गिर जाती है फ्लोर पर उस कांच के गिलास के टुकड़े पड़े हुए थे जो अथर्व ने फेका था। वो टुकड़े माही के पैरों में और हाथों में चुभ गए। माही गहरी सांस लेते हुए गुस्से में अथर्व की तरफ देख रही थी। उसके होठों से कई जगह खून निकल रहा था। उसे समझ नहीं आया कि अथर्व को आखिर हुआ क्या और उसने ऐसा क्यों किया।
अथर्व अपने होठों पर लगे माही के होठों का ब्लड साफ करता है और फिर अपने पंजों के बल बैठकर माही के चेहरे को अपनी index फिंगर से ऊपर उठा कर - गिरी हुई लड़की तुम हो लेकिन इतनी गिरी हुई हो यह मुझे नहीं पता था आज अपने परिवार को बचाने के लिए तुम मेरे सामने बिना कपड़ों के खड़ी हो गइ कल को अगर कोई और दुश्मन तुम्हारे परिवार वालों को मारने के लिए आया तो तुम उसके सामने भी ऐसे ही खड़ी होगी क्या क्या तुमने अपनी बॉडी को अपने परिवार के लिए यूजिंग टूल बना लिया है या कहु कि हथियार। पहले मुझे शायद यकीन नहीं था कि तुम्हारी याददाश्त चली गई है लेकिन अब हो गया कि सच में तुम्हारी यादाश्त चली गई है क्योंकि अगर तुम वह पहले वाली माही होती तो अपने पूरे परिवार को मौत के मुंह में जाने के बावजूद भी कभी अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट को दाओ पर नहीं लगाती ।
यू नो व्हाट राजकुमारी माही तुमने और एक कोठे वाली में कोई फर्क नहीं रह गया क्योंकि कोठे वाली पैसों के लिए अपना शरीर बेचती है और तुम अपने परिवार की जान के लिए बट आई एम सॉरी ना तो मुझे कोठों पर जाने का शौक है और ना तुम जैसी लड़की को इस्तेमाल करने का।
और सबसे बड़ी बात जिस इंसान के लिए तुम यह सब कर रही हो ना उसे इंसान के बारे में तुम कुछ जानती ही नहीं जिस दिन तुम उसकी हकीकत जान गई ना उस दिन इस पूरे राज घराने से तुम्हें नफरत हो जाएगी।
इस राज घराने का एक भी इंसान भरोसे के लायक नहीं है।
माही अथर्व को घूर के देख कर कहती है- हाउ डेयर यू तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे परिवार और मेरे बारे में यह सब कहने की।
अथर्व माही के बालों को अपने मुट्ठी में भरकर- हाउ डेर टू यू मिस माही। मैंने पहले ही कहा था मुझे ऊंची आवाज में बात करने की गलती मत करना।
तुम यह मुझे खुद को सोपने आई थी ना तो डॉन'टी वरी तुम्हें तो मैं हासिल करके रहूंगा लेकिन अभी सौदेबाजी में मजा नहीं आ रहा अभी तो दाओ पर कई और चीज़े लगनी बाकि है उसके बाद यह अथर्व सिंह शेखावत तुम्हें अपने महल की रौनक भी बनाएगा और खिलौना भी। नाउ गेट लॉस्ट यह कहकर अथर्व माही के बाल को झटके से छोड़ देता है जिससे माही पीछे को गिर जाती है माही के कमर पर भी कुछ कांच चुभ जाते हैं अथर्व खड़ा होता है और माही की तरफ पीठ करके उसका टॉप उसके मुंह पर मार देता है।
माही कांच लगने से दर्द में लड़खड़ाती हुई खड़ी होती है और अपने टॉप को पहनकर धीरे-धीरे रोती हुई बाहर की तरफ चल देती है।
इस वक्त माही की आंखों में अथर्व के लिए गुस्सा और नफरत साफ नजर आ रही थी।
माही के जाते ही अथर्व दूसरा ग्लास उठाता है और उसमें वाइन भरता है और एक ही घूट में पूरी वाइन पी जाता है और उसके बाद उस ग्लास को इतना कस के दबाता है कि वह उसके हाथ में ही टूट जाता है। कांच के टुकड़े अथर्व के हाथों में घुसने लगते हैं लेकिन अथर्व की आंखों में दर्द नजर ही नहीं आता वहां अगर नजर आ रहा तो था तो सिर्फ और सिर्फ गुस्सा और यह इतनी जल्दी खत्म नहीं होने वाला था
अथर्व के दिमाग में क्या चल रहा था और वो क्या करना चाह रहा था यह सिवाय अथर्व के और इस writer के सिवा कोई नहीं जानता था।
आगे का जाने के लिए पढ़ते रहिए यू आर माय डेविल love