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Cagde is not love

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nishti 🎀🦋

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Cagde is not Love - नोपोर, एक अनाथ लड़की, बनारस के आश्रम में पल रही है, जहां उसे सच्चे प्यार और अपनत्व की कमी नहीं। लेकिन जब उसकी मुलाकात निबीर रायसन से होती है, जो एक खतरनाक अरबपति और क्रूर इंसान है, उसकी जिंदगी एक नई दिशा में मोड़ लेती...

Total Chapters (2)

Page 1 of 1

  • 1. Cagde is not love - Chapter 1

    Words: 1778

    Estimated Reading Time: 11 min

    Cagde is not Love – एपिसोड1
    “कभी-कभी पहला सामना ही आखिरी सुकून छीन लेता है...”

    बनारस की वो दोपहर तेज़ धूप में डूबी थी, लेकिन गंगा किनारे की गलियों में हलचल कुछ ज़्यादा ही थी।
    लेकिन इसी हलचल करते रास्ते से एक सुंदर सी लड़की
    नूपुर, सिर पर दुपट्टा डाले, भीड़ को चीरती हुई जा रही थी। उसके हाथ में कुछ कपड़े थे जो उसे ग्राहक को देने थे। एक आम लड़की, पर उसके चाल में एक अलग तेज़ी थी ,, चमकती हुई भूरी आंखें उसके ऊपर लंबी उसकी पलके जिससे अगर किसी के तरफ एक दफा भी बह देख ले तो वह वही उसे थमता हुआ देखने लगा जाए ,, गुलाब की पंखुड़ियां जैसी उसकी बह होठ जिसकी मुस्कुराहट में हजारों कशिश है ,, अपनी व्यस्त जिंदगी में इतनी मग्न— जैसे वक्त को पकड़कर उससे आगे निकल जाना चाहती हो।

    यह है हमारी कहानी की हीरोइन Nupur Sharma जो एक अनाथ Lekin Independent लड़की है , अपने काम से ही काम रखने वाली हमारी नूपुर हमेशा खुद को लोगों की नजरों से दूर रखना पसंद करती है लेकिन भगवान के दिए हुए अपनी खूबसूरती को बह चाहकर भी छुपा नहीं पाती अपने साधेपन से ही लोगों की दिल में एक सांप कहीं ना कहीं छोर ही जाती है ,, नाह गौरी नाह काली , सांवली रंग की हमारी नूपुर जिधर जाती है अपनी मिठास छोर जाती है, अगर स्वभाव की बात किया जाए तो , एक नहीं ना जाने कितने हैं कि हर मौसम के साथ ही खुद को धालना जानती है ,, कभी गुस्सैल तो तो कभी प्यारी और कभी नटखट तो हर वक्त समझदार,,....
    कहने को तो है आनाथ लेकिन ,, जिस गलियारे मैं वो रहती है उसने उसे कभी खुद को अनाथ महसूस करने ही नहीं दिया जब से वह 20साल की हुई है तभी से अपने रहने वाले अनाथ आश्रम प्रीतम शांति निवास के कुछ जिम्मेदारियां अपने ऊपर ले लिया है उससे भी ऊपर उसने वहां रहने वाले 25 बच्चै का पढ़ाई लिखाई कभी जिम्मेदारी खुद के ऊपर लेकर रखा है ,,.... 20 साल की नुपुर ने sirf 12वीं तक ही पढ़ाई की है उससे ज़्यादा पढ़ाई करने के लिए उसे financali support करने केलिए कोई नही था ,,...जिस कारण उसे उतने पर ही पढ़ाई छोरनी परी ।।।।
    जो भी हो उसकी बस एक ही सपना है कि अनाथ आश्रम की पूरी जिम्मेदारी अपनी ऊपर ले सके और इतना समर्थन हो सके की अनाथ आश्रम के सारे बच्चें, जिन्हें बह अपने छोटे भाई और बहन मानती है ,, उन सब को एक-एक अच्छी फ्यूचर दे सके ।।

    खेर ,, अभी तक उसे कोई अच्छी नौकरी नही मिला था क्योंकि उसकी क्वालिफिकेशन इतनी ही नहीं था कि किसी अच्छे से कंपनी में वह जॉब कर सके ,, अभी तक तो उसके पास सिर्फ एक कपड़े सिलने वाला दुकान था जो उसकी खुद की नहीं है वह भी ,, अनाथ आश्रम में काम करने वाले Mukesh काका के बेटे Meenal ki thi जो ,, अभी कुछ समय से वाराणसी से कुछ काम के सिलसिले में बाहर था ,, मीनल नूपुर से 5 साल बाड़ा था ,,
    दोनों ही एक साथ बचपन से बड़े हुए थे दोनों का रिश्ता भाई और बहन की जैसे है मीनल भी नूपुर से बहुत ही ज्यादा प्यार करता था नूपुर बहुत ही अच्छी और सिंसेर लड़की थी इसके कारण जब मीनल घर से बाहर रहता था तब नूपुर ही उसके दुकान को संभालती थी बेसे तो नूपुर उसे दुकान में कपड़े सिलने का काम करती थी जिससे उसे महीने में salary bhi Milta tha ,,
    जिसे बह बच्चों के पढ़ाई में लगा देती थी। ,,खेर ,बह हमेसा की तरह ..ही कपरे सिल्वा कर Varanasi के ही एक गली मेँ delivery करने के लिए जा रही थी की ,
    तभी सामने से एक कार का हूटर गूंजा। SUV... ब्लैक... और एकदम अचानक रुक गई। सब लोग रास्ता छोड़ने लगे।
    सन्नाटा छा गया — जैसे किसी भारी तूफ़ान से पहले की खामोशी हो।

    नोपोर ने नज़रें उठाईं। पहले तो बह सोक गई की उसकी सामने क्या हुआ ?

    दरवाज़ा खुला। (uska entry)🫣🙈

    वो निकला... काले सूट में, आँखों में धूप का चश्मा, और चेहरे पर वो सख्ती... जो डराने नहीं, काबू करने आती है।
    Nibir Raichand । नाम सुनते ही लोगों के गले सूखने लगते हे लेकिन उसे बिना देखे कोई रह भी नहीं सकता ,, बनारस की सबसे अमीर फॅमिली का एक लौटा बेटा Nibir, raichand corporation का सीईओ और इसे कौन नहीं जानता था ,, one and only रॉयल फॅमिली का एक लौटा khon Nibir का attitude ही अलग था इसे भी ऊपर ,,किसी ग्रीक God से कम नह लगने वाले Nibir नेचर से किसी डेविल से कम नही था ,

    अपनी इतनी population के बाबजूद भी बह इंडिया मे कम ही रेहता था ,,Nibir raichand उसका name ही एक phenomena था जहा भी जाता था कुछ नह कुछ तो तबाह होना ही था ,,

    किसी सीज मे अगर उसका मन आ गया तो बह उसकी जरूरत या यु कहें कि zid बन जाती थी ..... ,,
    पूरा बनारस जानता था उसका नाम। लेकिन उसका चेहरा देखना — ये मौका सबको नहीं मिलता था।(atcha jiii🫣 )

    वो सीधा नोपोर के पास आया।क्यो की जिस रास्ते से बह आ रहा था नुपुर उसके बीस मे खरी थी,, .....

    “तुम रास्ते में थीं,” उसकी आवाज़ सख़्त थी।
    पहले तह नूपुर भी शॉक मे थी की ये इतना handsome बांदा उसके पास कियो आ रहे है ?लेकिन बह भी ठहरी हमारी झल्ली नुपुर ही नह😅,,,.......

    पहले तह नोपोर ने तीखी नज़रों से उसे देखा, “तो क्या साइड से नहीं निकल सकते थे? पूरे शहर को तुम्हारी कार के नीचे आना पड़े क्या?”उसने झत से यह बोल दिया ,, उस बेचारी को तह छाची मे पता ही नहीं था की Nibir कौन है 😂

    कुछ पल की खामोशी हुई।

    निबीर ने चश्मा उतारा।बारे ही इंटेंसिटी के साथ

    उसकी नज़रें अब सीधी नोपोर की आँखों में थीं। ठंडी, स्थिर, और जमी हुईं।

    “तुम्हें बात करने की तमीज़ नहीं है।”

    Nupur तह भाई Nupur ही ठहरी जहा मन जाए बस बाजने लगती हे,,.......“और तुम्हें रास्ता देने वालों को इंसान समझने की,” नोपोर बोली तपाक से , बिल्कुल उसी की तरह, उसी position में उसकी आंखमे देख बिना दरे ।......,,

    बस ,,........यही था वो पल।,,......
    जहाँ निबीर को पहली बार कोई लड़की आँखों में आँखें डालकर खड़ी मिली।उससे बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा था कि इस पिद्दी सी एक larki ने उससे बिना डरे उसकी आंखों मे आंखे डाल के बात की हे ,, उसकी face पे एक कातिल हस्सी ऊभर आया जो तो नुपुर केलिए बिलकुल भी atchi नहीं होने बाली थी ,,,....

    उसने एक सेकंड केलिए भी उससे नजरे नहीं फेरी बस “नाम क्या है तुम्हारा?” उसने पूछा।

    नोपोर दो कदम पीछे हटी। “तुम्हें जानने का हक़ नहीं।”उसने उससे अपनी नजरें फ़ेर ली,,.....

    निबीर ने उसके चेहरे को ध्यान से देखा, जैसे किसी तस्वीर को पढ़ रहा हो। अब किसी को केसे समझाये की time के साथ Nibir की intensities भी Nupur को लेकर बढ़ती ही जा रहीं थीं और रास्ते के दोनों तरफ लोगों की भीड़ भी उन दोनों को ही बारे अजीब तरीके से देखे जा रहे थे। ।
    Nibir के एसे. घूरने से Nupur जिसे uncomfortable feel हू रहा था तह बह अपना सेहरा कभी इस तरफ तह कभी उस तरफ घुमाने लग जाती है ,,... जिससेNibir को irritation होने लग गया ,,.. . जेसे की उसे मंजूर नहीं हो की Nupur उसे सौर किसी और तरफ देखे ,,....

    “तुम... मुझे परेशान कर रही हो,” वो बुदबुदाया।

    “तुम्हें देख लिया, यही गुनाह है मेरा शायद?” नोपोर हँसी।उसकी हस्सी कुछ अलग था थोरी टाइप केलिए Nibir की आंखे बहा ठहर सा गया

    लेकिन थोरी ही टाइम मे जब उसने देखा की उसकी सामने बाली larki उससे इग्नोर कर के जाने केलिए तैयार हू रहीं हें तो निबीर का चेहरा सख्त हो गया।

    उसने जा रहीं नुपुर के हाथ को jhat से पकड़ा और अपनी तरफ खिछा जिससे Nupur उसके बहुत करीब आ गई ,, अभी उन दोनों के बीच कुश ज्यादा फासला नहीं था ,, ....इसी बीच नुपुर की natural fragrance Nibir के नाक टक pohoj गए , उसने अपनी ankhe एक सेकंड के लिए बंद कर दी ,,. ....“तुमने मेरा ध्यान खींचा है। और ये तुम्हारे लिए ठीक नहीं।” उसने अपनी ankhe jhat से खौल दी


    ---

    नोपोर जो अभी तक शाक मे थी की ये किया हुआ अब घबरा गई,उसे अंदर ही अंदर Nibir के ऊपर बहुत ही गुस्सा आने lg गई थी लेकिन दिखाया नहीं। कियो की भरे बाजर मे बह अपनी तमाशा नहीं बनाना सहती थी ,, उसने अपनी आंखे बंद की ओर दांत पिसते हुए उससे जवाब दिया ,,,.....

    “मेरे लिए क्या ठीक है और क्या नहीं, ये तय करने वाला कोई नहीं,” उसने कहा। उसने उससे अपनी हाथ सूरा ने का try किया बट असफ़ल रहीं ,, .....कियो की उसका हाथ बहुत ही टाइट था एंड इस बकत्त टक Nupur को दर्द भी होने लग गयी थी ,,.....उसने satpatana शुर कर दिया था जिसे देख Nibir को अपने ऊपर गर्भ होने लगा उसने अपनी एक हाथ से अपनी कोर्ट के पॉकेट से एक बिजनेस कार्ड निकाला

    और उसकी झोली में डाल दिया। फिर एक सरारती हस्सी के साथ ही (जो बहुत ही कम आता है )नुपुर के कानो मे फुसफुसा ,,......

    एक दिन जब खुद को अकेला महसूस करो, इस पते पर आ जाना। मैं तुम्हें संभाल लूँगा। अपने तरीके से।”......🫣🙈

    उसके इतना कहते ही नुपुर पूरी की पूरी साराम से लाल ओर complete फ्रीज हू गई ,,.....उससे atche से समझ मे आ रहा था की अभी ये batamijh आदमी ने use किस सीज का ऑफर दे के गया है ,,जब टक उससे होश आया उसने देखा की ,,...

    बह psycho इंसान अभी ताक अपनी ,, SUV मे उठ कर जा सुका हें ,,......

    लेकिन उसके जाते ही गली में जैसे फिर से जान आ गई। लोग सरसराहट में बात करने लगे — “किस्मतवाली है या बर्बाद?”

    नोपोर वहीं खड़ी रही… उसकी साँसें भारी थीं।उसे बहुत गुस्सा आ रहा था गुस्से मे बह अपनी पेर बहा ही पटक देती हे , फिर ज़ोर से silate हुए
    “ये आदमी... अजीब नहीं pagl था psycho कहीं का ...” उसने गुस्से से बुदबुदाया। ,,.....उसे तह पता ही नहीं जिस से कुछ समय पहले बह मिली थी बह pagl नहीं कितना बारा psycho हें ,, ....जों उसकी लाइफ मे एक tsunami बन के आया हें
    ,,.....

    उसी रात, उसके घर के बाहर एक लाल गुलाब पड़ा मिला।
    कोई खत नहीं, कोई नाम नहीं।

    बस एक महक...
    और एक खतरा।


    ---

    To be continued…

    agr story pasand aya hu toh pls rating de dena and usike sath pls pls dosto comment bhi kr dena ki apko story me kiya pasand aya he or kiya kiya kharabi he yaha ,, tabhi toh me atche se story ko age barha paongi nahhh🙏🥺

  • 2. Cagde is not love - Chapter 2

    Words: 1203

    Estimated Reading Time: 8 min

    Cagde is not Love – Episode 2

    “कभी-कभी दिल चीज़ों पर नहीं… साए पर आ जाता है।”

    निबीर रैसन — नाम से पहले उसका डर चलता था।

    बनारस की गलियाँ उसे देखती नहीं थीं… उससे नज़रें झुकाती थीं।
    जिसने भी उसकी दुनिया में दखल दिया — वो या तो गायब हो गया या फिर खुद से ही नफ़रत करने लगा।

    वो सब कुछ खरीद चुका था — लोग, इज़्ज़त, शहर, और खून।
    पर आज, उसे पहली बार कोई चीज़ देखने का मन हुआ —
    और वो चीज़ थी नोपोर।


    ---

    नोपोर —
    वो लड़की जो अनाथ थी, फिर भी अपनी हर सुबह में उम्मीद की पूजा करती थी।

    जिसकी हँसी नकली नहीं, ज़िद्दी थी।
    जो बच्चों को पढ़ाते वक्त अपनी भूख भूल जाती थी।
    जिसकी आँखों में कोई शिकायत नहीं थी… लेकिन शायद ढेर सारे सवाल थे।

    वो लड़की, जो अपनी ही परछाई से लड़ रही थी — लेकिन फिर भी किसी का हाथ थामने से डरती थी।


    ---

    सारी कहानी वहीं से शुरू हुई...


    कुछ ही समय बाद नूपुर अपना काम निपटा कर आश्रम पहुंच गई ,,.... समय पर तो उसने सारा काम निपटा दिया लेकिन अभी उसका मुंह फुला हुआ था ,, उसे देखने भर से ही पता चलता है कि वह अभी भी गुस्से में है सुबह जो हुआ वह अभी तक भूल नहीं पाई , ....
    वह तो बार-बार अपने मुंह के अंदर ,एक ही बात को बुदबुदाह रही थी ...... एक बार मिल जाए फिर से वह थारकुलला इंसान उसे तो मैं कुट कर रख दूंगी ,, बह खुद को समझना क्या है आखिरकार ? और मुझे क्या समझ के रखा है पागल ,,. पागल इंसान कहीं का मुझ से उलझने के लिए आ रहा है ना एक बार मिल जाए फिर दिखाती हूं मैं कौन हूं,,...उसका अकार तो देखो जेसे कि पुरी रस्ता ही खरीद लिया हों उसने ,,रास्ते मे छलते लोगो को किरेमाकोरे समझते हे ,, अकार तो एछी हे की जेसे हमे अपनी गारी के नीचे ही कुशल के ले जाएगा,,इसलिए,..इसलिए हमे नफ़रत हें एसे अमीर जादो से , अपने दोलत के ऊपर कुश ज्यादा ही उछालते है,,haaahhh एसे लोगो को तो मै........,,,

    वह बस ऐसे ही बुदबुदाते हुए ,, आश्रम के आंगन में रखे हुए पानी से अपने मुंह को धोना शुरू कर देती है उसे तो पता ही नहीं था की उसके पीछे से कोई बहुत ही वक्त से उसके हरकतें देख कर अपने मुंह पर हाथ रखकर हंस रहा था ,, बह तह बस अपने धुन में निबीर को बाकी जा रही थी, याह यह कहे की उसे अपने ख्यालों में ही धमकी दिए जा रही थी ,,

    वह अपने धुन में इतनी ही ज्यादा व्यस्त थी कि उसे तो पता ही नहीं था कि नीचे रखे हुए पानी से उसके कपड़े भी भिग रहे थे वह उस जगह से ,, पानी को झटक कर दूसरे तरफ रखे हुए कपड़े से अपने मुंह को पौचने लगी वह इस टाइम तक बस निविर को ही दांती जा रही थी की ,,....

    तभी उसे एहसास हुआ की दरवाज़े के उस पार से कोई खिलखिला रहा हे ,,उसके सेहरे मे आचानक एक छामाक आ गयी ,,उसने अपने हाथ से कपड़े को साइड मे राख दिया ,,फिर धीरे धीरे दरवाज़े के पास आपने कादाम बरहा दिये ,,इस समाए कसम से उसके सेहरे पर एक अलग ही छमाक थी ,,...

    बीना देर किए उसने अपनी हाथ दरवाज़े के तरफ बढाई फिर झट से किसी को खींच लायी जो एक 5 साल का छोटा बच्चा था .......

    ......Oiii छोटे इउ छुप छुप के हमे काहे टुकुर टुकुर देख रहे थे आप हम्म ..बोलिए और यह कौन सा नया स्टाइल हें अपकी जो आप मुह मे हाथ रख के uhh हास रहे हों आप बाट किया हे आखिर कर ,, uh कहके उसने उस छोटे बच्चे को अपने गोदी मे उठा लिया.... लगता हे बाट काफ़ी इंट्रेस्टिंग हे इसलिए तो अपको बारी हस्सी आ रही ही , हे की नहीं बोलिए ,, बच्चे को आपनी गोदी मे ही उठाते हुए नूपुर शांति निवास के अन्दर तक पहुंच गई वहां एक सोफ़े मे दोनों बेथ गए....

    वह छोटा सा बच्चा जो अभीं बस 5 साल का ही था ,शांति निवास का सबसे छोटा था और सबका लाडला भी , उसका name अरुण था ,शांति निवास के सभी बच्चो की तरह वो भी एक अनाथ था ,लेकिन वो अश्रम मे सभी का लाडला था और सभी लोग उससे बहुत ही ज्यादा प्यार करते थे सबसे ज्यादा तो नूपुर का लाडला था वो उसे माँ की तरह प्यार करती थी कियो की जब अरुण पैदा हुआ था तो हॉस्पीटल मे ही उसकी माँ का देहान्त हो गया था और इसी गाम मे उसकी पिता ने उस मासूम छोटे से बच्चे को अपनाने से मना कर दिया ,, अपनी मरी होई बीवी को तो साथ ले गए लेकिन उस मासूम छोटे से बच्चे को वहां ही छोडकर चले गए फिर प्रीतम शर्मा जी ने हॉस्पिटल से उसे शांति निवास टक लाया ओर तभी से अरुण की देख भाल नूपुर करती है ,,बिलकुल उसकी माँ की तरह ,,
    कहने को तो नूपुर खुद एक अनाथ थी लेकिन उसकी कभी ना खत्म होने वाली उसकी आत्मा बिश्वास और अश्रम मे रहने वाले बच्चों की प्यार उसे कभी टूटने नहीं दिया,,वो हमेशा से ही एक अभिमानी लड़की थी ,,जो सिर्फ आगे तो बढ़ना चाहती थी लेकिन बिना किसी की एहसान के और अगर कभी किसी से उसने उधार लिया तो उसे सूट समाये लौटा भी देती थी ,,

    खेर ,,अभी दोनों ही सोफ़े पे बेठे होवे थे ...और अरुण अभी भी नूपुर कों टुकुर टुकुर देख रहा था ,,नूपुर ने उसके गाल पर हाथ रख दिया फिर प्यार से सहलाते हुए पूछा ,, ...अरु .....( नूपुर अरुण को प्यार से अरु बोलती हे ) आप हमे बताएँगे की नहीं ? देखिए आप अभी भी हास रहे हों अकेले अकेले ..हमे भी बताये फिर हमे भी तो हसना हें ना अपके साथ ..देखिए अगर आप नहीं बतायेंगे तो ना छासी मे बता रहीं हू हम कट्टी हों जायेंगे आपसे हा....फिर ना पूछना की didoooo आप कियो हमसे गुस्सा हे.....,,,

    उसकी उस गुस्सा होंने की बात को सुनकर अरुण झट से बोला ....aleeee didoooo आप भी ना किया बातें कलती हों plssss गुस्सा मत होये ...मे तो बस अपको वहां पल अकेले अकेले बाते कलते हुए देखकल हास लहा था ,,hi hi hi hi ,,ऐसा कहकर वो फिरसे खिलखिला के हास देता हे ....

    उसकी बातों को सुनके नूपुर का तो मुह ही बन गया ....oo अछा तो आप हमे चुप चुप के कबसे देख रहे थे हाँ??? आप ना बरे ही बदमाश बन गए हों अरु....अभी देखिये हम किया करते हें ,,.....इतना कहकर नूपुर अरु कों गुदगुदी करने लगी ...दोनों ही इस हसी मज़ाक मे थोरी समाए केलिए कही खो गए ,, की उनकों बाकी सबका कुछ ख्याल ही नहीं रहा ,...

    उसी समाए बहार से कोई शांति निवास के तरफ लोगों की नज़र से बचते हुए आगे बढ़ रहा था फ़िर उस अंजानी साक्ष ने खिडक़ी से शांति निवास के अंदर झाँक कर देखा तो उसकी नजर के सामने इस बाकत नुपुर और अरु की खिलखिलाती होई चेहरे थे जिसे वो बिना समय गवाये अपनी कैमरे मे कैप्चर कर लेता है और वहा से फिर से लोगों की नज़र से बचते होए चुपचाप निकाल जाता हे

    ....... age janne keliye humare sath bane rahiye tq .....🍀🎀