यह कहानी है दो बहुत ही अलग अलग शख्सियत की एक रोशनी से भरी हुई है तो दूसरा है अंधेरे का सरताज राही जो एक मासूम लड़की है, जो दूसरों की खुशी में भी अपनी खुशी ढूंढ लेती है। वहीं दूसरी तरफ है एकांश एक रुथलेस और क्रूअल बिजनेस मैन, जो दुनिया का नंबर वन बिजन... यह कहानी है दो बहुत ही अलग अलग शख्सियत की एक रोशनी से भरी हुई है तो दूसरा है अंधेरे का सरताज राही जो एक मासूम लड़की है, जो दूसरों की खुशी में भी अपनी खुशी ढूंढ लेती है। वहीं दूसरी तरफ है एकांश एक रुथलेस और क्रूअल बिजनेस मैन, जो दुनिया का नंबर वन बिजनेसमैन है। उसका नाम ही काफी है लोगों में अपना खौफ पैदा करने के लिए लेकिन एकांश की एक और पहचान है जिससे दुनिया अनजान है। राही जो अपने दोस्तों के साथ एक ट्रिप पर जाती है वही गलती से उसकी मुलाकात एकांश से हो जाती है। उस मुलाकात का एकांश पर राही का कुछ इस तरह से असर होता है की एकांश हर हाल में राही को पाना चाहता है इसलिए वह कर लेता है राही को अपने पास कैद ? क्या मोड़ लगी राही की जिंदगी? जानने के लिए पढ़िए
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chapter 1
मुंबई, सपनों का शहर, यहीं से हमारी कहानी की शुरुआत हुई। एक छोटे से घर में एक लड़की अपना सामान पैक कर रही थी। घर छोटा भले ही था, लेकिन बहुत ही खूबसूरत था। वहाँ एक छोटा सा गार्डन था, जो उस घर को और भी खूबसूरत बना रहा था।
उस लड़की के सामने एक और लड़की थी, जो उसे अपनी आँखें छोटी करके घूर रही थी। वह उसके बगल में ऐसे खड़ी थी, जैसे एक स्टूडेंट के बगल में टीचर खड़ा हो। बेचारी लड़की अपना मुँह लटकाए हुए सामान पैक कर रही थी।
उस लड़की ने दूसरी लड़की की ओर देखते हुए कहा,
"काव्या दी, आप लोग जाइए ना। हमारा मन नहीं है वहाँ जाने का। आप सभी लोग जाइए और खूब इंजॉय कीजिए। हम यहीं रहकर अपनी स्टडीज़ करेंगे। और फिर टॉफी भी तो अकेला है, उसका ख्याल कौन रखेगा?"
ऐसा कहते हुए उसने बेड पर बैठे प्यारे से पप्पी की ओर इशारा किया, जो इस वक्त अपनी टिमटिमाती आँखों से और अपनी जीभ बाहर निकालकर उसे ही देख रहा था। वह पप्पी सफेद रंग का था और बहुत ही क्यूट था।
उस लड़की की बात सुनकर काव्या ने उसकी तरफ देखते हुए लगभग गुस्से में कहा,
"बिल्कुल नहीं! हम अकेले नहीं जाएँगे। तुम भी हमारे साथ चलोगी। तुमने अपने भाई के सामने तो कह दिया था ना कि तुम हमारे साथ चलोगी, तो अब क्या प्रॉब्लम हो गया है तुम्हें, राही? और अभी तो कॉलेज की भी छुट्टियाँ चल रही हैं। तो अब क्यों नहीं जाना चाहती? टॉफी का ख्याल भी माँ रख लेंगी।"
काव्या की बात सुनकर राही वही बेड पर बैठ गई और अपनी नज़रें झुका लीं। काव्या ने एक गहरी साँस ली और फिर वह भी उसके बगल में जाकर बैठ गई। उसने शांत भाव से पूछा,
"क्या हुआ, राही? अब तो तुम काफ़ी ठीक भी हो गई हो, बस और कुछ दिनों की बात है, उसके बाद बिल्कुल अच्छी हो जाओगी। तो फिर तुम क्यों उदास हो?"
राही ने मुँह लटकाते हुए कहा,
"भाई हमारे साथ नहीं आ रहे हैं। अगर भाई भी आते तो कितना अच्छा लगता। हमें उनके बगैर ज़रा भी अच्छा नहीं लगता।"
"लेकिन भाई को तो ज़रूरी काम से शहर के बाहर जाना पड़ा। जब हमने भाई से कहा कि हमें भी साथ ले चलो, तो उन्होंने मना कर दिया।"
ऐसा कहकर वह उदास हो गई।
तभी उसे एक आइडिया आया। उसने काव्या की तरफ देखते हुए कहा,
"काव्या दी, क्या हम कुछ दिनों बाद नहीं जा सकते? तब तक भाई भी आ जाएँगे, फिर हम सभी लोग साथ में चलेंगे।"
ऐसा कहकर वह अपनी ओशन ब्लू आँखों में चमक लिए काव्या की ओर देखने लगी।
राही की बात सुनकर काव्या ने उसकी तरफ देखते हुए कहा,
"नहीं राही, हम जाना पोस्टपोन नहीं कर सकते। तुम जानती हो ना, फिर हमारे कॉलेज भी स्टार्ट होने वाले हैं और भाई ने भी तो कहा है कि हम अगली ट्रिप साथ में चलेंगे। और अगर अब तुम नहीं चलोगी तो भाई को भी बुरा लगेगा। तुम जानती हो ना कि भाई ज़रूरी काम से बाहर गए हैं। अगर तुम ऐसा करोगी तो भाई काम पर फोकस नहीं कर पाएंगे।"
काव्या की बात सुनकर राही ने मुँह लटकाते हुए कहा,
"ठीक है, हम चलते हैं लेकिन अगली बार हम भाई को ज़रूर अपने साथ लेकर जाएँगे और इस बार हम कोई बहाना नहीं सुनेंगे।"
ऐसा कहते हुए वह अपना सामान पैक करने लगी।
काव्या ने नागवारी में सिर हिला दिया और धीरे से कहा,
"ये दोनों भाई-बहन बिना एक-दूसरे के बिल्कुल भी नहीं रह सकते। पता नहीं क्या होगा इनका।"
काव्या भी राही की मदद करने लगी पैकिंग में ताकि उसकी पैकिंग जल्दी हो जाए। उन्हें 2 घंटे में निकलना था। वैसे तो उनकी पैकिंग हो ही गई थी, बस थोड़ा सा सामान और रखना रह गया था, तो वे वही रख रहे थे।
कुछ ही देर में राही की पैकिंग पूरी हो गई और वे लोग निकलने वाले थे। राही ने टॉफी की ओर देखते हुए कहा,
"टॉफी, अपना ख्याल रखना और ठीक से खाना खाना और हमें ज़्यादा मिस मत करना। हम बहुत जल्दी आ जाएँगे, बस कुछ ही दिनों की बात है। तब तक तुम आस्था माँ के साथ रहना, ठीक है?"
बंदना जी वहीं खड़ी थीं। उन्होंने राही की तरफ देखते हुए कहा,
"तुम चिंता मत करो राही, मैं टॉफी का अच्छी तरह से ख्याल रखूँगी, जैसे हर रोज़ रखती हूँ। शायद तुम भूल रही हो कि तुम और तुम्हारे भाई को भी मैंने ही पाला है, तो तुम्हें टॉफी की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। तुम बस वहाँ जाकर अच्छे से इंजॉय करना।"
बंदना जी की बात सुनकर राही ने मुँह बनाते हुए कहा,
"हमें पता है कि आप टॉफी का अच्छे से ख्याल रखेंगे, लेकिन हमें भी तो टॉफी की याद आएगी और टॉफी को हमारी। इसलिए हम कह रहे थे कि हमें ज़्यादा याद मत करना। हम नहीं चाहते कि हमें याद करके वह उदास हो और खाना-पीना छोड़ दे। आप जानती हैं ना, टॉफी कितना लापरवाह है। जब तक हम ज़बरदस्ती उसके मुँह में खाना नहीं डालते थे, वह खाता ही नहीं है। इसलिए उसे पहले से ही वार्निंग दे रहे थे ताकि वह अपने खाने को लेकर कोई लापरवाही न करे।"
वहीं टॉफी अपनी पूँछ हिलाते हुए और टिमटिमाती आँखों से राही को देख रहा था, जैसे उसकी हर बात को समझ रहा हो। राही की बात सुनकर टॉफी हल्के से फुसफुसाया, जैसे कह रहा हो,
"मैं अपना पूरा ख्याल रखूँगा, तुम चिंता मत करो। बस तुम किसी मुसीबत में मत पड़ जाना। लोगों की ज़िंदगी में मुसीबत आती है, लेकिन तुम तो खुद अपनी ज़िंदगी में मुसीबतों को लेकर आती हो।"
काव्या और राही दोनों बंदना जी के गले लगीं। बंदना जी ने उन दोनों की तरफ प्यार से देखते हुए कहा,
"तुम दोनों अपना ख्याल रखना और अच्छे से जाना।"
बंदना जी की बात सुनकर काव्या और राही ने मुस्कुराते हुए सिर हिलाया। काव्या ने राही की तरफ देखते हुए कहा,
"चलो राही, वरना हम लेट हो जाएँगे। बाकी सभी सीधा स्टेशन पर मिल जाएँगे।"
काव्या की बात सुनकर राही ने सिर हिलाकर सहमति जताई और फिर आस्था जी और टॉफी को बाय कहा, फिर स्टेशन की ओर निकल गई। उसने अपने भाई से भी बात कर ली थी, या यूँ कहें कि अपनी नाराज़गी जता दी थी। उसके भाई ने उसे समझाया कि अगर वह इस ट्रिप पर खुश नहीं रहेगी, तो उसे अच्छा नहीं लगेगा, इसलिए वह अपने भाई और काव्या के लिए इस ट्रिप को खुशी-खुशी और अच्छे से इंजॉय करने के लिए तैयार हो गई। भाई से बात करने के बाद उसे अब अच्छा लग रहा था, इसलिए अब वह खुशी-खुशी इस ट्रिप पर जा रही थी।
काव्या और राही रास्ते भर यह प्लान करती रहीं कि गोवा में उन्हें क्या-क्या घूमना है और वे कहाँ-कहाँ जाएँगी। कुछ ही देर में वे दोनों स्टेशन पर पहुँच गईं, जहाँ अक्षत और निखिल पहले से उनका इंतज़ार कर रहे थे। अक्षत और निखिल दोनों ही भाई थे, अक्षत निखिल का बड़ा भाई था।
काव्या और राही दोनों ही अक्षत और निखिल के पास पहुँचीं। अक्षत ने दोनों की ओर देखते हुए कहा,
"यार, कितना लेट करती हो तुम दोनों! हम लोग कब से तुम्हारा इंतज़ार कर रहे थे। अगर ट्रेन छूट जाती, तो हमारी सारी ट्रिप धरी की धरी रह जाती।"
निखिल ने भी उनकी ओर देखते हुए कहा,
"सच में, तुम दोनों को टाइम की ज़रा भी वैल्यू नहीं है। हमें देखो, बिल्कुल टाइम पर आए हैं।"
निखिल और अक्षत की बात सुनकर काव्या ने उनकी ओर देखते हुए कहा,
"झूठे! हमने अभी-अभी तुम्हें अंदर आते देखा है और तुम हमें टाइम का ज्ञान दे रहे हो? तुम लोग भी हमसे बस 1 मिनट पहले ही आए हो।"
काव्या की बात सुनकर निखिल और अक्षत हड़बड़ा गए और उनके चेहरे ऐसे हो गए जैसे उनकी चोरी पकड़ी गई हो।
राही ने मुँह बनाते हुए कहा,
"हमें टाइम की बहुत वैल्यू है, इसलिए हम बिल्कुल टाइम पर आए हैं। न 1 मिनट ज़्यादा, न 1 मिनट कम। उल्टा आप लोग 1 मिनट पहले आ गए। आपके पास होगा फालतू टाइम वेस्ट करने के लिए, लेकिन हमारे पास नहीं है। हम हर जगह वक्त पर ही आते हैं।"
राही की बात सुनकर, निखिल और अक्षत कुछ बोलते इससे पहले ही ट्रेन का अनाउंसमेंट हो चुका था। काव्या ने सबकी ओर देखते हुए कहा,
"चलो, वरना ट्रेन मिस हो जाएगी। फिर टाइम पर ज्ञान देते रहना, लेकिन हम वह ज्ञान नहीं लेंगे।"
अक्षत और निखिल कुछ कहना तो चाहते थे, लेकिन इस समय समझदारी दिखाते हुए चुप रहना ही बेहतर समझा, क्योंकि उन्हें पता था कि लड़कियों से बहस में जीतना उनके बस की बात नहीं है।
सभी लोग ट्रेन के अंदर चले गए। कुछ देर बाद ट्रेन अपनी मंज़िल की ओर बढ़ गई।
कुछ घंटों का सफर तय करने के बाद, राही, काव्या, अक्षत और निखिल यह चारों इस वक्त गोवा के रेलवे स्टेशन के बाहर खड़े हुए थे। पूरे रास्ते राही, काव्या, अक्षत और निखिल तू-तू, मैं-मैं करते आ रहे थे। इस तू-तू, मैं-मैं के चक्कर में यह रास्ता कब निकल गया, उन्हें पता ही नहीं चला। गोवा पहुँचने में लगभग उन्हें रात हो गई थी।
काव्या ने अक्षत और निखिल की तरफ देखते हुए उनसे पूछा,
"हम होटल कैसे जाएँगे? तुम लोगों ने कैब तो बुक की थी ना? या फिर हमेशा की तरह बाकी चीज़ों की तरह यह भी भूल गए?"
काव्या की बात सुनकर अक्षत ने चिढ़ते हुए कहा,
"हाँ मेरी माँ की! हमने कैब बुक की थी, वह यहीं कहीं होगी।"
ऐसा कहते हुए वह आसपास देख रहा था। तभी एक ड्राइवर उसके पास आते हुए बोला,
"क्या आप ही मिस्टर अक्षत अग्रवाल?"
ड्राइवर की बात सुनकर अक्षत ने उसकी तरफ देखते हुए कहा,
"हाँ, मैं ही हूँ। क्या आप हमें पिकअप करने आए हैं?"
अक्षत की बात सुनकर ड्राइवर ने अपना सिर हाँ में हिला दिया।
निखिल ने काव्या और राही की तरफ देखते हुए कहा,
"यही है जो हमें पिकअप करने आए हैं। अब चलो, वरना तुम दोनों को छोड़कर यहीं से चले जाएँगे, फिर आते रहना होटल तक पैदल चलकर!"
निखिल की बात सुनकर राही ने निखिल से गुस्से वाला क्यूट सा फेस बनाते हुए कहा,
"ऐसे कैसे छोड़ कर चले जाओगे? अगर तुमने ऐसा करने के बारे में सोचा भी ना, तो हम भाई से कह देंगे और फिर वापस जाकर भाई तुम्हें अच्छे से सबक सिखाएँगे! याद है ना पिछली बार जब तुमने हमें परेशान किया था, उन्होंने तुम्हें मुर्गा बनाया था? अगर इस बार तुमने कुछ भी किया ना, तो वह तुम्हें कबूतर बनाकर उड़ा देंगे!"
राही की बात सुनकर निखिल को पिछली बार की बात याद आ गई, जब उसने राही की हाइट को लेकर उससे मज़ाक किया था और उसे बहुत चिढ़ाया भी था, जिससे राही ने उसकी शिकायत उसके भाई से कर दी थी। फिर उसे पूरे 2 घंटे तक उसके भाई ने मुर्गा बनाया था।
यह याद आते ही निखिल सकपका गया, लेकिन उसने जल्दी से खुद को संभाल लिया। उसने खुद को संभालते हुए राही और काव्या की ओर देखते हुए कहा,
"अब यही बातें करती रहोगे क्या? चलो जल्दी! वैसे भी होटल पहुँचते-पहुँचते रात हो जाएगी और ज़्यादा लेट करना सही नहीं होगा।"
ऐसा कहकर उसने बैग उठाया और फिर अक्षत की ओर देखते हुए कहा,
"चलो अक्षत!"
निखिल की बात सुनकर अक्षत ने अपना सिर हाँ में हिला दिया और फिर वे दोनों आगे बढ़ गए। काव्या और राही दोनों ही निखिल को देखकर हँसने लगीं।
राही और काव्या यूँ ही हँसते हुए अक्षत और निखिल के साथ आ गईं और कैब में बैठकर होटल की ओर निकल पड़ीं, लेकिन रास्ते में अभी भी उनकी तू-तू, मैं-मैं शुरू ही थी।
करीब 1 घंटे बाद वे लोग अपने होटल पहुँचे। उन्होंने रिसेप्शन से अपने-अपने रूम की keys लीं और फिर अपने-अपने रूम में चले गए। काव्या और राही एक साथ एक ही रूम में रुकी थीं और निखिल और अक्षत एक साथ एक रूम में।
राही इस वक्त अपने रूम में आलती-पालती मारकर बैठी हुई थी। वह बहुत एक्साइटेड लग रही थी। उसने काव्या की ओर देखते हुए कहा,
"काव्या दी, कल हम बहुत इंजॉय करेंगे! हमने सुना है कि यहाँ पर बहुत ही सुंदर वॉटरफॉल है, हम वह देखने चलेंगे।"
राही की बात सुनकर काव्या ने भी उसकी तरफ देखते हुए और खुश होते हुए कहा,
"हाँ, मैंने भी सुना है कि यहाँ पर बहुत सारी एक्टिविटीज होती हैं और घूमने के लिए भी बहुत सारी चीज़ें हैं। हम वह सब कुछ एक-एक करके देखेंगे, कुछ भी मिस नहीं करेंगे!"
काव्या की बात सुनकर राही बहुत खुश हो गई। राही की बात अपने भाई से हो चुकी थी, जिसके बाद वह और भी ज़्यादा एक्साइटेड हो गई थी गोवा घूमने के लिए, क्योंकि उसके भाई ने उसे स्ट्रिक्टली कहा था कि वह वहाँ जाकर अच्छे से इंजॉय करे। अगर उसने ऐसा नहीं किया, तो वह उससे बात नहीं करेगा। ऐसी धमकी दी थी उसके भाई ने राही को और राही सब कुछ बर्दाश्त कर सकती थी, लेकिन अपने भाई की नाराज़गी नहीं। इसलिए अब वह खुशी-खुशी इस ट्रिप को इंजॉय कर रही थी।
वे लोग बातें कर ही रही थीं कि तभी उनके दरवाजे पर knock हुआ। दरवाजे की आवाज़ सुनकर राही और काव्या ने एक-दूसरे को देखा। राही ने काव्या की ओर देखते हुए कहा,
"काव्या दी, इस वक्त कौन होगा? क्या आपने कुछ ऑर्डर किया था?"
राही की बात सुनकर काव्या ने अपना सिर ना में हिलाते हुए कहा,
"नहीं राही, मैंने कुछ भी ऑर्डर नहीं किया था। शायद रूम सर्विस के लिए आए होंगे। मैं अभी जाकर देखती हूँ।"
ऐसा कहकर वह बेड से उठी और दरवाजा खोलने चली गई।
काव्या ने दरवाजा खोला तो वहाँ पर एक वेटर खड़ा हुआ था और उसके हाथ में एक कार्ड था। वेटर ने काव्या को ग्रीट किया और फिर उसकी तरफ देखते हुए कहा,
"मैडम, कल बीच पर एक पार्टी ऑर्गनाइज़ की गई है, इसलिए हम आपको उस पार्टी के लिए इनवाइट करने आए हैं। यह रहा उस पार्टी का इनविटेशन।"
ऐसा कहकर उसने इनविटेशन कार्ड काव्या की ओर बढ़ा दिया।
तब तक राही भी काव्या के पास आ चुकी थी, उसने भी वेटर की बातें सुन ली थीं।
काव्या ने वह इनविटेशन कार्ड ले लिया और फिर वेटर वहाँ से चला गया। काव्या ने खुश होते हुए राही की तरफ देखते हुए कहा,
"राही, यह देखो पार्टी का इनविटेशन! अब तो और भी मज़ा आएगा।"
ऐसा कहते हुए काव्या खुश लग रही थी, लेकिन राही के चेहरे पर कोई खास एक्साइटमेंट नहीं थी पार्टी को लेकर। पार्टी का नाम सुनकर राही के दिमाग में कुछ धुंधली-सी तस्वीरें उभर आईं।
काव्या ने राही की तरफ देखते हुए एक्साइटमेंट के साथ कहा,
"राही, कहाँ खो गई? मैं कब से बोले जा रही हूँ और तुम कोई जवाब ही नहीं दे रही। तुम पार्टी में चलोगी ना?"
काव्या की बात सुनकर राही ने अपने ख्यालों को झटका और उसकी तरफ देखते हुए अपनी मीठी-सी आवाज़ में कहा,
"नहीं दी, पार्टी में आप ही लोग जाना। आपको पता है, हमें पार्टी ज़्यादा पसंद नहीं। हमें वहाँ अच्छा नहीं लगता।"
ऐसा कहकर वह अपने बेड की ओर आ गई।
काव्या ने राही की ओर देखते हुए कहा,
"ऐसे कैसे तुम्हें अच्छा नहीं लगता? तुम भी हमारे साथ पार्टी में आओगी, वरना हम में से कोई नहीं जाएगा। जब तक तुम पार्टी में जाओगी नहीं, तो तुम्हें वह अच्छी कैसे लगेगी?"
ऐसा कहते हुए वह राही को अपने साथ आने के लिए ज़िद करने लगी।
आखिर में हार मानकर राही को पार्टी में आने के लिए 'हाँ' करना ही पड़ा। उसने राही की ओर देखते हुए अपनी मीठी सी आवाज़ में कहा,
"ठीक है, काव्या दी, हम चलेंगे।"
इतना कहते ही काव्या उछल पड़ी। काव्या को ऐसे देखकर राही के चेहरे पर भी एक प्यारी सी स्माइल आ गई।
राही ने काव्या की ओर देखते हुए कहा,
"चलिए, अब सो जाते हैं, वरना कल नींद नहीं खुलेगी और हम लेट हो जाएँगे। और फिर, आप उन दोनों को तो जानती ही हैं, उन्हें तो बस एक बहाना चाहिए हमें परेशान करने का।"
काव्या ने राही की ओर देखते हुए और अपना सिर हिलाते हुए कहा,
"हाँ, हम सो जाते हैं। आखिर हमारी ब्यूटी स्लीप भी तो ज़रूरी है, वरना कल हमारी आँखों के नीचे डार्क सर्कल आ जाएँगे।"
काव्या की बात सुनकर राही की हँसी छूट गई। वे दोनों ब्लैंकेट ओढ़कर लाइट ऑफ करके सो गईं। वहाँ पर सिर्फ एक छोटी सी लाइट जल रही थी, क्योंकि राही को अंधेरे में नींद नहीं आती थी। उसे डर लगता था, इसलिए वह हमेशा छोटी सी लाइट ऑन करके ही सोती थी।
यहाँ राही नींद के आगोश में थी, वहीं गोवा के जंगलों में किसी के चीखने और चिल्लाने की आवाज़ें आ रही थीं। उन आवाज़ों को सुनकर कोई भी यह कह सकता था कि वे लोग बहुत ही दर्द से गुज़र रहे हैं।
आखिर किसकी चीख थी वह?
chapter 2 राही ने काव्या की ओर देखते हुए कहा, "चलिए अब सो जाते हैं, वरना कल नींद नहीं खुलेगी और हम लेट हो जाएँगे। और फिर आप उन दोनों को तो जानती ही हैं, उन्हें तो बस एक बहाना चाहिए हमें परेशान करने का।" काव्या ने राही की ओर देखते हुए अपना सिर हिलाते हुए कहा, "हाँ, हम सो जाते हैं... आखिर हमारी ब्यूटी स्लिप भी तो ज़रूरी है। वरना कल हमारी आँखों के नीचे डार्क सर्कल आ जाएँगे।" काव्या की बात सुनकर राही की हँसी छूट गई। दोनों ने ब्लैंकेट ओढ़ा, लाइट ऑफ की और सो गए। वहाँ पर सिर्फ़ एक छोटी सी लाइट जल रही थी क्योंकि राही को अंधेरे में नींद नहीं आती थी। उसे डर लगता था, इसलिए वह हमेशा छोटी सी लाइट ऑन करके ही सोती थी। यहाँ राही नींद के आगोश में थी, वहीं गोवा के जंगलों में किसी के चीखने-चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी। उन आवाज़ों को सुनकर कोई भी यह कह सकता था कि वे लोग बहुत ही दर्द से गुज़र रहे हैं। गोवा के जंगलों के बीचों-बीच दो लोग जमीन पर पड़े हुए थे और दर्द से चीख रहे थे। उन दोनों के हाथ-पैरों में बेड़ियाँ बंधी हुई थीं और कुछ लोग उन बेड़ियों को अलग-अलग दिशाओं में खींच रहे थे; जैसे वे उन दोनों के शरीर से उनके हाथ-पैर उखाड़ देना चाहते हों। उनकी आँखों की जगह से खून निकल रहा था; शायद उनकी आँखें निकाल ली गई थीं। वे लोग दर्द से चीख रहे थे। उनकी चीख में इतना दर्द था कि कोई भी उन्हें सुनता तो उसके दिल में उनके लिए दया आ जाती, लेकिन यहाँ किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। पूरे जंगल को ब्लैक यूनिफ़ॉर्म पहने हुए कमांडोज ने घेर रखा था। उन दोनों की चीखों को सुनकर भी किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। उस जंगल का माहौल बहुत ही डरावना और खतरनाक लग रहा था। जहाँ एक तरफ़ उनकी चीखें पूरे जंगल में गूँज रही थीं, वहीं दूसरी ओर एक बहुत ही खतरनाक पर्सनालिटी वाला शख्स अपनी एक टांग दूसरी टांग पर चढ़ाए हुए, अपनी किंग साइज़ चेयर से अपना सर लीन करके बैठा हुआ था। इस वक़्त उसकी आँखें बंद थीं। उसके चेहरे पर एक ब्लैक कलर का मास्क था। उसने इस वक़्त ब्लैक कलर का थ्री-पीस सूट पहना हुआ था। उसकी शर्ट के ऊपर के दो बटन खुले हुए थे, जिसमें उसकी मस्कुलर चेस्ट दिखाई दे रही थी। उसके हाथ में इस वक़्त छोटा सा पॉकेट नाइफ़ था, जो दिखने में छोटा भले ही था, लेकिन दिखने में बहुत खतरनाक लग रहा था। वह नाइफ़ खून से सना हुआ था। वह अपनी उंगलियों से उसे घुमा रहा था। उस शख्स का औरा बहुत ही ठंडा और खतरनाक था। उसके हल्के बिखरे हुए बाल उसके माथे को छू रहे थे। उसकी परफेक्ट V शेप बॉडी और 8 पैक्स एब्स बहुत ही अट्रैक्टिव लग रहे थे। उसका चेहरा भले ही नहीं दिख रहा था, लेकिन उसकी पर्सनालिटी को देखकर यह आराम से अंदाजा लगाया जा सकता था कि सामने बैठा शख्स जितना खतरनाक है, उतना ही हैंडसम और अट्रैक्टिव भी है। उन दर्दनाक चीखों को सुनकर उस शख्स के एक्सप्रेशन ऐसे थे जैसे मानो उन चीखों को सुनकर उसे बहुत ही सुकून मिल रहा हो। उन लोगों में से एक आदमी ने लगभग चीखते हुए कहा, "B...beast... Pls kill me... I can't bear it anymore... Pls... Forgive us and kill me... AHHHHHH..." उसने इतना ही कहा था कि उसकी जोरदार चीख निकल गई क्योंकि एक शख्स ने उस पर बहुत जोर से हंटर से वार किया था, जिसमें कीले लगी हुई थीं। उस शख्स ने गुस्से में कहा, "SHHH... Devil Beast को अपने सामने किसी और का ऊँची बोलना पसंद नहीं..." इतना कहकर उसने एक और वार किया और उसे दे मारा जिससे वह चीख उठा। इन दोनों के पूरे शरीर से खून निकल रहा था। उनके शरीर पर इस वक़्त सिर्फ़ नाममात्र के ही कपड़े बचे हुए थे। उस दूसरे आदमी ने दर्द से कराहते हुए बड़ी मुश्किल से कहा, "हम... हम... हमने आपको बता दिया है ना कि डायमंड हमारे पास नहीं है... और... और वह किसके पास है, इसके बारे में भी हमने आपको बता दिया है... हम... हम तीनों इस काम में पार्टनर थे... लेकिन... लेकिन डायमंड हमारे पास नहीं है... उसने ये कहा था कि वह कल हमसे मिलेगा और वहीं पर उन डायमंड की डील साइन होगी... इससे ज़्यादा हम कुछ नहीं जानते... प्लीज़ हमें माफ़ कर दीजिए... मैं... मैं ऐसी गलती दोबारा नहीं करूँगा... आप... आपको कभी धोखा नहीं दूँगा... मुझे एक मौका दीजिए... AHHH..." ऐसा कहते हुए वह रहम की भीख माँग रहा था। उसे ऐसे भीख माँगते हुए देखकर उस शख्स के चेहरे पर एक टेस्टी स्माइल आ गई। उसने उस आदमी को हंटर से मारते हुए और उसका मज़ाक उड़ाते हुए कहा, "तुम्हें क्या लगा? हमें धोखा दोगे? हमें नकली डायमंड बेचोगे और हमें पता भी नहीं चलेगा?... लेकिन तुम दोनों भूल गए कि Beast की आँखों में धूल झोंकना नामुमकिन है... उनसे कुछ भी छुपा नहीं रहता... अब वो डायमंड भी Beast के होंगे... और वो बिलियन ऑफ़ डॉलर भी Beast के होंगे..." ऐसा कहते हुए उसके चेहरे पर एक खतरनाक मुस्कान थी, लेकिन उसकी मुस्कान उसके मास्क के पीछे छुपी हुई थी। तभी वहाँ पर उन दोनों की एक जोरदार चीख गूँज उठी। उन दोनों के हाथ उखाड़ दिए गए थे जिससे वे दोनों दर्द से छटपटा रहे थे। वहीं उस किंग साइज़ चेयर पर बैठा हुआ शख्स बड़े ही आराम से चेयर पर लीन होकर उन सब की चीखों को सुन रहा था, लेकिन धीरे-धीरे वे चीखें अब धीमी होती गईं। क्योंकि अब उनमें इतनी ताकत भी नहीं थी कि वे दर्द से चीख सकें। उन चीखों को धीमा होता हुआ सुनकर उस शख्स के माथे पर लकीरें आ गईं; जैसे किसी ने उसकी फ़ेवरेट काम में डिस्टर्ब कर दिया हो। उसने अपनी आँखें खोलीं। इस वक़्त उसकी आँखें मौत सी ठंडी थीं। उसने अपनी डार्क ग्रीन आइज़ से उन दोनों की ओर देखा, जिनमें अब बिल्कुल भी जान नहीं बची थी। उनकी साँसें बहुत ही धीमी चल रही थीं; वे बस मरने की कगार पर ही थे। उन दोनों को देखकर उसने अपना सिर हिला दिया और बहुत ही ठंडी आवाज़ में कहा, "ये दोनों तो किसी काम के नहीं हैं। थोड़ी देर तक भी मेरा एंटरटेनमेंट नहीं कर पाए..." ऐसा कहकर उसने एक गहरी साँस ली। उसने उन दोनों की ओर एक नज़र देखा और फिर उसके बगल में खड़े हुए शख्स की ओर देखते हुए अपनी ठंडी आवाज़ में उसे आर्डर देते हुए कहा, "ये लोग अब मेरे किसी काम के नहीं हैं। ये लोग तो मुझे ठीक से एंटरटेन भी नहीं कर पा रहे। एक काम करो, इन लोगों को जंगल के दूसरे ओर फेंक दो। वहाँ पर मेरे बहुत ही छोटे-छोटे टाइगर हैं, ये दोनों उनके काम आ जाएँगे। अब मैं इतना भी बुरा नहीं हूँ कि उन जंगली जानवरों को भूखा रखूँ। आखिर वे भी तो मेरी टेरिटरी का हिस्सा हैं। अब उनका ख्याल मैं नहीं रखूँगा तो और कौन रखेगा? इसी बहाने तुम लोग भी किसी काम आ जाओगे..." ऐसा कहते हुए वह अपनी डार्क ग्रीन आइज़ से उन लोगों को ही देख रहा था। उसके चेहरे पर इस वक़्त इविल से भी इविल स्माइल थी, जो उसके मास्क के पीछे थी, लेकिन उसकी आँखों में शैतानियत देखकर कोई भी यह बता सकता था कि उसकी यह मुस्कराहट कितनी खतरनाक थी। उस आर्डर को सुनते ही उस शख्स ने अपना सिर झुकाते हुए बिना किसी एक्सप्रेशन के कहा, "Yes, Devil Beast, your command will be followed..." उस शख्स ने कुछ कमांडोज़ की ओर इशारा किया तो उसका इशारा समझकर कमांडोज़ ने उन दोनों को उठाया और वहाँ से ले गए। उस शख्स ने Beast की ओर देखते हुए बड़े ही अदब से कहा, "Beast, कल उन लोगों की डील होने वाली है... अगर आपका ऑर्डर हो तो हम अभी उसे पकड़ सकते हैं..." उस शख्स की बात सुनकर Beast ने उसकी तरफ़ देखा। अपनी तरफ़ यूँ देखे हुए पाकर उस शख्स ने अपनी नज़रें झुका लीं। Beast ने उसकी तरफ़ देखते हुए अपनी ठंडी आवाज़ में कहा, "अभी नहीं... मुझे उसके साथ खेलना है... अगर हमने उसे अभी पकड़ लिया तो मेरा सारा एंटरटेनमेंट खराब हो जाएगा... और मैं ऐसा नहीं चाहता... उन लोगों को भी तो पता चले कि Beast की चीजों पर नज़र डालने वालों का Beast क्या अंजाम करता है..." "Yes, Beast," उस शख्स ने इतना ही कहा। तभी Beast की नज़र अपने साइड टेबल पर रखे हुए एक कांच के बर्तन पर पड़ी, जिसमें इस वक़्त दो जोड़ी आँखें डाली हुई थीं। उन आँखों को देखकर उसके चेहरे पर एक बहुत ही खतरनाक स्माइल आ गई। Beast ने उन आँखों को देखते हुए, बिना उस शख्स की ओर देखे हुए कहा, "पता नहीं मुझे इन आँखों से इतना क्या लगाव है। लोगों को तो खत्म कर देता हूँ, लेकिन उनकी आँखों को संभालकर रखता हूँ... लेकिन ये आँखें इतनी खास नहीं हैं कि मैं अपने कलेक्शन में रख सकूँ... कल नया शिकार हाथ लगने वाला है, हो सकता है उसकी आँखें कुछ खास हों..." "तुम एक काम करो, इन आँखों को हमारे हॉस्पिटल में पहुँचा दो। हो सकता है किसी के काम आ जाएँ। ये दोनों तो अपनी ज़िन्दगी में किसी के काम नहीं आए, हो सकता है मरने के बाद उनकी आँखें ही किसी के काम में आ जाएँ... देखो न, कितना अच्छा हूँ मैं, हमेशा दूसरों के बारे में सोचता रहता हूँ, फिर भी न जाने लोग क्यों मुझे धोखा देने के बारे में सोचते हैं..." ऐसा कहते हुए उसने अपना सिर हिला दिया। Beast की बात सुनकर उस शख्स ने अपना सिर हां में हिलाते हुए कहा, "Yes, Beast, आपने जैसा कहा है, वैसा हो जाएगा..." उस शख्स की बात सुनकर Beast ने कुछ नहीं कहा। Beast ने अपने चेहरे का मास्क उतारा और डरावनी सीटी बजाने लगा। Beast जहाँ पर बैठा हुआ था, वहाँ पर लगभग अंधेरा था। उसके शरीर के पास हल्की-हल्की रोशनी आ रही थी, बाकी उसका पूरा शरीर अंधेरे में था, जिससे उसका चेहरा किसी को दिखाई नहीं दे रहा था। Beast सीटी के ज़रिए जो धुन बजा रहा था, वह धुन माहौल को और डरावना बना रही थी। उसकी सीटी की आवाज़ उस जंगल में गूँज रही थी। उस सीटी की धुन से इतनी नेगेटिव वाइब्स आ रही थीं कि अगर वहाँ पर कोई भी नॉर्मल इंसान होता तो डर के मारे वहीं हार्ट अटैक से मर जाता। आखिर कौन है Beast? क्या होगा Beast का अगला कदम? जानने के लिए पढ़ते रहिए...
Chapter 3 तुम एक काम करो, इन आँखों को हमारे hospital में पहुँचा दो। हो सकता है किसी के काम आ जाएँ। ये दोनों तो अपनी ज़िंदगी में किसी के काम नहीं आए, हो सकता है मरने के बाद उनकी आँखें ही किसी के काम में आ जाएँ। "देखो न, कितना अच्छा हूँ मैं! हमेशा दूसरों के बारे में सोचता रहता हूँ। फिर भी न जाने लोग क्यों मुझे धोखा देने के बारे में सोचते हैं," ऐसा कहते हुए उसने अपना सिर हिला दिया। "देखो न, कितना अच्छा हूँ मैं! हमेशा दूसरों के बारे में सोचता रहता हूँ। फिर भी न जाने लोग क्यों मुझे धोखा देने के बारे में सोचते हैं," ऐसा कहते हुए उसने अपना सिर हिला दिया। Beast की बात सुनकर उस शख्स ने अपना सिर हाँ में हिलाते हुए कहा, "Yes, beast। अपने जैसे कहा है, वैसा ही हो जाएगा।" उस शख्स की बात सुनकर Beast ने कुछ नहीं कहा। Beast ने अपने चेहरे का मास्क उतारा और डरावनी सीटी बजाने लगा। Beast जहाँ पर बैठा हुआ था वहाँ पर लगभग अंधेरा था। उसके शरीर के पैरों तक हल्की-हल्की रोशनी आ रही थी, बाकी उसका पूरा शरीर अंधेरे में था जिससे उसका चेहरा किसी को दिखाई नहीं दे रहा था। Beast जिस सीटी के ज़रिये धुन बजा रहा था, वह धुन माहौल को और डरावना बना रही थी। उसकी सीटी की आवाज़ जंगल में गूंज रही थी। उस सीटी की धुन से इतनी नेगेटिव वाइब्स आ रही थीं कि अगर वहाँ पर कोई भी नॉर्मल इंसान होता तो डर के मारे वहीं हार्ट अटैक से मर जाता। अगली सुबह राही अपने बेड पर आराम से सो रही थी। खिड़की से आई हुई सूरज की रोशनी उसके चेहरे पर पड़ रही थी जिससे उसका चेहरा किसी सोने की तरह चमक रहा था। राही आराम से अपने सपनों की दुनिया में मस्त होकर गहरी नींद में सो रही थी। तभी काव्या ने राही को उठाते हुए कहा, "राही, उठो! वरना हमें लेट हो जाएगा।" काव्या की बात सुनकर राही ने अपने मुँह पर तकिया रख लिया और अलसाई आवाज़ में कहा, "काव्या, प्लीज़ 5 मिनट सोने दो ना! उसके बाद चलते हैं।" ऐसा कहकर वह राही की तरफ़ पीठ करके सो गई। राही ने अपना सर नकारात्मक रूप से हिला दिया, जैसे कह रही हो, "इसका कुछ नहीं हो सकता।" काव्या ने अपने बालों को बनाते हुए कहा, "ठीक है, तुम सोती रहो। फिर तुमने जो लिस्ट बनाई थी घूमने के लिए, उसे हम कैंसिल करते हैं। हम सिर्फ़ वही जगह पर जाएँगे जो मैंने और निखिल ने डिसाइड किया है।" काव्या का इतना कहते ही जैसे राही की नींद हवा में उड़ गई। वह जल्दी से अपने बेड से उठी और खुशी से देखते हुए कहा, "आप हमारे साथ ऐसा नहीं कर सकती! आपने वादा किया था कि आप हमारे साथ उन खूबसूरत जगहों पर चलेंगी। आप इस तरह अपने वादे से मुकर नहीं सकती।" काव्या ने लापरवाही से कहा, "अब जब तुम यहीं रहकर सोने वाली हो तो क्या फ़र्क पड़ता है हम उन जगहों पर जाएँ या नहीं? तुम एक काम करो, यहीं पर सो जाओ और यहीं से उन जगहों को सपनों में देखती रहो।" "मैं, अक्षत और निखिल उन खूबसूरत जगहों को रियलिटी में देखेंगे, क्योंकि तुम्हें तो सोने से फ़ुरसत ही नहीं।" काव्या की बात सुनकर राही ने झट से कहा, "नहीं-नहीं, हम भी आपके साथ चलेंगे। किसने कहा हमें सोना है? हम अभी तैयार होकर आते हैं।" ऐसा कहकर वह जल्दी से अपने बेड से उठी और बुलेट ट्रेन की स्पीड से वॉशरूम में चली गई। राही को इतनी स्पीड से जाते हुए देखकर पहले तो काव्या हैरान हो गई, फिर उसने अपना सिर हिला दिया और मुस्कुराते हुए कहा, "पागल लड़की!" कुछ देर बाद राही और काव्या दोनों ही तैयार हो चुकी थीं। वह दोनों ही बहुत खूबसूरत लग रही थीं। राही ने एक कुर्ती टॉप डाला हुआ था और नीचे पटियाला सलवार पहनी हुई थी जिसमें वह बहुत प्यारी लग रही थी। उसने अपने बालों में एक क्लिप लगाया हुआ था और उसके बाकी बाल उसकी कमर तक आ रहे थे, जिसमें वह बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। वहीं काव्या ने एक फुल लेंथ टॉप और जींस पहना हुआ था। उसने अपने बालों की पोनीटेल बनाई हुई थी। वह भी काफी प्यारी लग रही थी। काव्या ने राही को समझाते हुए कहा, "राही, बाहर का कुछ भी उल्टा-सीधा नहीं खाओगी और ठंडी चीज़ तो बिल्कुल नहीं खाओगी। तुम्हें पता है ना, डॉक्टर ने तुम्हें कुछ वक़्त तक सावधानी बरतने के लिए कहा है। वरना तुम्हारे गले में प्रॉब्लम हो सकती है। और अगर तुम्हें ज़्यादा थकावट लगे या फिर तुम्हें ऐसा लगे कि तुम्हारे गले में दर्द हो रहा है तो तुम बिना एक पल गवाए मुझे बताओगी, ठीक है?" काव्या की बात सुनकर राही ने उसकी तरफ़ देखते हुए बड़ी मासूमियत से कहा, "जी, अब हम ठीक हैं और अब तो हम ठीक से बोल भी पा रहे हैं। हाँ, बस कभी-कभी थोड़ी प्रॉब्लम होती है, लेकिन धीरे-धीरे वह भी ठीक हो जाएगी। आप इतनी चिंता मत कीजिए। और अब तो डॉक्टर ने भी कहा है कि अब हम ठीक हो रहे हैं, तो आप और भाई मिलकर इतनी चिंता क्यों करते हैं?" राही की बात सुनकर काव्या ने थोड़ी स्ट्रिक्ट वॉइस में कहा, "राही, डॉक्टर ने कहा है कि तुम ठीक हो रही हो, लेकिन अभी पूरी तरह से ठीक नहीं हुई हो। अगर तुमने अपने गले पर ज़्यादा जोर डाला या फिर ज़्यादा स्ट्रेस लिया तो उसकी वजह से तुम्हारी आवाज़ फिर से जा सकती है। और मैं तुम्हारे साथ कोई भी रिस्क नहीं ले सकती। कितनी मुश्किल से तो तुम्हारी आवाज़ वापस आई है! कान तरस गए थे तुम्हारी आवाज़ सुनने के लिए। वरना उस हादसे के बाद तो…" ऐसा कहकर वह रुक गई। तभी उसे रिलाइज़ हुआ कि उसने क्या कह दिया। उसने राही की ओर देखा जो अब थोड़ी मायूस लग रही थी और उसकी ओशियन ब्लू आँखों में हल्की नमी थी। अब काव्या को खुद पर ही गुस्सा आ रहा था कि क्यों उसने आख़िरी बात छेड़ी। काव्या ने बहुत ही नर्म लहजे में राही की तरफ़ देखते हुए कहा, "Hey Raahi, I'm sorry! मैं उस बारे में बात नहीं करना चाहती थी, लेकिन पता नहीं कैसे मेरे मुँह से निकल गया। प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो। मैं तुम्हें हर्ट नहीं करना चाहती थी।" ऐसा कहते हुए उसके चेहरे पर पछतावा साफ़-साफ़ दिखाई दे रहा था। राही ने काव्या को देखा जिस पर साफ़-साफ़ गिल्ट नज़र आ रहा था। राही ने खुद को नॉर्मल किया। राही ने अपनी मीठी सी आवाज़ में काव्या की ओर देखते हुए कहा, "नहीं-नहीं, प्लीज़ माफ़ी मत मांगिए। आपकी कोई गलती नहीं है। और वैसे भी हम वह सब कुछ भूल चुके हैं और आगे बढ़ चुके हैं। इसलिए अब हमें कोई फ़र्क नहीं पड़ता।" ऐसा कहते हुए वह थोड़ा-थोड़ा अटक रही थी। काव्या ने जल्दी से राही को गले लगा लिया और उसे भावुक होते हुए कहा, "अब मैं इस बारे में कभी बात नहीं करूँगी। I'm so sorry…" काव्या की बात सुनकर राही ने अपनी आँखें बंद कर लीं, पर ना चाहते हुए भी उसकी आँखों से आँसू का एक कतरा बह गया, जिसे उसने जल्दी से साफ़ कर लिया। तभी दरवाज़े पर नॉक हुआ। काव्या और राही एक-दूसरे से अलग हुए और उसे दरवाज़े की ओर देखा जहाँ पर निखिल और अक्षत उन्हें ही घूर रहे थे। अक्षत ने काव्या और राही की ओर देखते हुए कहा, "तुम दोनों ने हमें समझ कर क्या रखा है? हम कब से तुम दोनों का नीचे इंतज़ार कर रहे थे ब्रेकफ़ास्ट के लिए, लेकिन तुम दोनों आने का नाम ही नहीं ले रही थीं।" निखिल ने उन दोनों की तरफ़ देखते हुए और मुँह बनाते हुए कहा, "तुम दोनों को पता है मुझे तुम दोनों की वजह से अपना ब्रेकफ़ास्ट छोड़कर आना पड़ा। तुम लोगों को पता है वह ब्रेकफ़ास्ट देखने में कितना टेस्टी लग रहा था?" ऐसा कहते हुए वह ब्रेकफ़ास्ट की प्लेट को याद करने लगा। वह याद करते ही उसने अपने होठों पर अपनी जीभ फेरी। निखिल के एक्सप्रेशन देखकर राही और काव्या के चेहरे पर एक स्माइल आ गई। काव्या ने उन दोनों की तरफ़ देखते हुए कहा, "हम लोग बस आ ही रहे थे।" इतना कहकर काव्या ने अपना बैग उठा लिया जिसमें कुछ ज़रूरी सामान था। राही ने भी अपना बैग ले लिया और अपनी पीठ पर कैरी कर लिया। काव्या की बात सुनकर निखिल और अक्षत ने अपना सिर हाँ में हिला दिया। काव्या और अक्षत साथ में चल रहे थे और राही और निखिल… अक्षत ने धीरे से काव्या से पूछा, "क्या सब कुछ ठीक है? मुझे राही थोड़ी उदास लगी। क्या कुछ हुआ है उसे?" अक्षत की बात सुनकर काव्या ने उसकी तरफ़ देखते हुए कहा, "नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है। उसके गले में बस हल्का दर्द था, लेकिन अब वह ठीक है। Don't worry! और बाहर जाएगी तो और भी ज़्यादा ठीक हो जाएगी। तुम जानते हो ना हम उसे यहाँ लेकर क्यों आए हैं? ताकि पॉज़िटिव एनवायरमेंट में रहे। खुश रहेगी तो उसे भी अच्छा लगेगा और पुरानी बातें भी उसके दिल और दिमाग से निकल जाएँगी।" "तुम जानते हो ना कि वह हम लोगों के अलावा किसी और से नहीं मिलती। उसे ज़्यादा लोगों को देखकर डर लगता है। उसे नेचर के पास रहना ज़्यादा अच्छा लगता है। इसलिए उसे हम यहाँ ट्रिप पर लेकर आए हैं ताकि वह लोगों से भी मिल सके और उसे जो पसंद है वह भी कर सके।" निखिल की बात सुनकर अक्षत ने अपना सिर हाँ में हिला दिया और फिर वह दोनों नीचे ब्रेकफ़ास्ट करने चले गए। कुछ ही देर में उन सभी ने ब्रेकफ़ास्ट कर लिया। अक्षत ने उन सभी की ओर देखते हुए कहा, "आज बीच पर एक बहुत बड़ी पार्टी ऑर्गेनाइज़ की गई है। तुम सब चलोगे ना?" अक्षत के पूछने पर काव्या ने एक्साइटेड होते हुए कहा, "यह भी कोई पूछने वाली बात है? मैं और Raahi तो ज़रूर चलेंगी। बहुत मज़ा आएगा, क्यों Raahi?" ऐसा कहते हुए उसने राही को देखा। काव्या की बात सुनकर Raahi ने मुस्कुराते हुए अपना सिर हाँ में हिला दिया। निखिल ने उन सब की ओर देखते हुए कहा, "तो फिर यह तय रहा, शाम को आने के बाद हम सभी पार्टी में चलेंगे।" राही ने उन सभी को देखते हुए कहा, "प-पार्टी में तो शाम को जाना है, लेकिन अभी तो यहाँ से चलें। हमने बहुत लम्बी लिस्ट बनाई है। ह-हमें वह सब कुछ घूमना है।" राही की बात सुनकर उन सभी लोगों ने अपना सिर हाँ में हिला दिया और फिर वह लोग होटल से बाहर चले गए। वहीं दूसरी ओर एक शख्स बालकनी में खड़ा हुआ था और सामने की ओर देख रहा था। वह इस वक़्त शर्टलेस था। उसकी पीठ पर एक बहुत ही डरावना Beast के जैसा टैटू बना हुआ था। उस टैटू की वजह से उस शख्स की पर्सनैलिटी और ज़्यादा डरावनी और खतरनाक लग रही थी। उसके 8 पैक एब्स, उसके ट्राइसेप्स, उसकी पर्सनैलिटी को और खतरनाक बना रहे थे। उससे बहुत ही डार्क आरा निकल रहा था। वह अपनी डार्क ग्रीन आँखों से अपने सामने उस घने जंगल को देख रहा था, जो इस वक़्त दिखने में बहुत ही डरावना लग रहा था। उस जंगल में सूरज की रोशनी भी मुश्किल से पहुँच पा रही थी। और अपने दोनों हाथ अपनी पैंट की पॉकेट में डालकर सामने की ओर देख रहा था। वहाँ पर हल्की-हल्की हवा चल रही थी। उसके बाल हल्के-हल्के उसके माथे को छू रहे थे। उसके माथे पर हल्की बियर्ड थी जो परफेक्ट सेट थी। वह दिखने में जितना खतरनाक लग रहा था, उतना ही हैंडसम भी लग रहा था। उसके आगे तो अच्छे-अच्छे मॉडल और एक्टर्स भी फ़ेल थे। वह सामने जंगल की ओर देखा ही रहा था कि तभी पीछे से एक शख्स ने अपनी नज़रें झुकाते हुए बहुत ही रिस्पेक्टफुल मैनर में कहा, "Beast, वह अंगद आज रात में ही उन डायमंड के लिए डील करने वाला है। उस डील में कुछ और लोग भी शामिल होने वाले हैं। वह लोग वही हैं जिन्होंने आपको धोखा देने की हिम्मत की है। उन्हीं की मदद से अंगद और उसके पार्टनर्स ये गेम प्लान कर पाए। वह सभी लोग आज मिलने वाले हैं।" उस शख्स की बात सुनकर Beast के चेहरे पर एक बहुत ही खतरनाक और इविल स्माइल आ गई। Beast ने वैसे ही सामने देखते हुए ही बहुत ही ठंडी आवाज़ में कहा, "अच्छी बात है मानिक, कि वह लोग साथ में मिल रहे हैं। मुझे उन लोगों को अलग-अलग उनकी जगह दिखाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। एक साथ ही उन सभी को उनकी औक़ात याद दिला दूँगा। और इसी बहाने मुझे एक बहुत ही अच्छा एंटरटेनमेंट भी मिल जाएगा।" "जितने ज़्यादा लोग, उतना ज़्यादा अच्छा एंटरटेनमेंट और उतनी ज़्यादा चीखें! कितना सुकून मिलेगा ना मुझे जब वह एक साथ चीखेंगे! और साथ ही लोगों को एक सबक भी मिलेगा। उन्हें पता चलेगा कि Devil Beast के खिलाफ़ जाने वाले लोगों का Devil Beast क्या अंजाम करता है।" ऐसा कहते हुए उसके चेहरे के एक्सप्रेशन बहुत ही इविल थे। यह सब कुछ कहते हुए वह किसी सनकी की तरह लग रहा था। Beast की बात सुनकर मानिक ने बस इतना ही कहा, "Yes, beast।" आखिर क्या हुआ था राही के साथ? क्या होगा Beast का अगला कदम? जानने के लिए पढ़ते रहिए।
Chapter 4 उस शख्स की बात सुनकर Beast के चेहरे पर एक बहुत ही खतरनाक और इविल स्माइल आ गई। Beast ने वैसे ही, सामने देखते हुए, बहुत ही ठंडी आवाज में कहा, "अच्छी बात है मानिक, कि वह लोग साथ में मिल रहे हैं। मुझे उन लोगों को अलग-अलग उनकी जगह दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक साथ ही उन सभी को उनकी औकात याद दिला दूँगा। और इसी बहाने मुझे एक बहुत ही अच्छा एंटरटेनमेंट भी मिल जाएगा।" जितने ज्यादा लोग, उतना ज्यादा अच्छा एंटरटेनमेंट। और उतनी ज्यादा चीखें! कितना सुकून मिलेगा ना मुझे, जब वे एक साथ चीखेंगे! और साथ ही लोगों को एक सबक भी मिलेगा। उन्हें पता चलेगा कि Beast के खिलाफ जाने वालों का Beast क्या अंजाम करता है।" ऐसा कहती हुई उसके चेहरे के एक्सप्रेशन बहुत ही इविल थे। यह सब कुछ कहते हुए वह किसी सनकी की तरह लग रहा था। Beast की बात सुनकर मानिक ने बस इतना ही कहा, "Yes, Beast।" शाम का वक्त था। राही, काव्या, अक्षत, निखिल, सभी लोग जल्दी वापस आ गए थे क्योंकि उन्हें पार्टी में भी जाना था, जो बीच पर ऑर्गेनाइज़ होने वाली थी। काव्या, अक्षत, निखिल सभी बहुत एक्साइटेड थे। वहीं, अपने कमरे में राही अपना मुँह फुलाए काव्या को ही देख रही थी, जो इस वक्त अपने और राही के लिए ड्रेस चुन रही थी, जो उन दोनों को पार्टी में पहननी थीं। राही इस वक्त मुँह फुलाए हुए बहुत ही क्यूट लग रही थी और अपनी ओसियन ब्लू आँखें छोटी-छोटी करते हुए काव्या को ही घूर रही थी। काव्या भी अपने ऊपर राही की नज़रें अच्छी तरह महसूस कर सकती थी। आख़िरकार, उसने गहरी साँस ली क्योंकि राही उसे बहुत देर से घूर रही थी। काव्या ने राही की तरफ देखते हुए और इरिटेट होते हुए कहा, "राही, तुम मुझे कब तक ऐसे ही देखने वाली हो? जल्दी से अपने लिए ड्रेस चुन लो, वरना हम पार्टी के लिए लेट हो जाएँगे।" काव्या की बात सुनकर राही ने उसे ताँत मारते हुए बहुत ही क्यूट आवाज में कहा, "अच्छा, तो आपको याद आ गई कि हम भी यहाँ हैं? जब दिन में हमने आपसे कहा था कि चलिए हमारे फ़ेवरेट जगह पर चलते हैं, जिसे देखने के लिए हम यहाँ पर आए हैं, तब तो आपने हमें बहुत बुरी तरह इग्नोर कर दिया था, और हमारी फ़ेवरेट जगह पर भी नहीं ले गई थीं। और न ही दिनभर आपने हमें कुछ भी अच्छा खाने दिया। सिर्फ़ सैलेड और फ़्रूट्स खिलाए। बाकी तो आपने हमें कुछ भी नहीं खाने दिया। और अब आप हमसे पार्टी में चलने के लिए कह रही हैं?" ऐसा कहकर उसने अपने फूले हुए गालों को और फुला लिया, जिसमें वह सुपर क्यूट लग रही थी। राही की क्यूटनेस को देखकर काव्या की हँसी छूट गई। उसने मुस्कुराते हुए राही के गालों को पिंच किया और उसकी तरफ देखते हुए कहा, "राही, यार, नाराज़ मत हो। हम तो तेरी फ़ेवरेट जगह जाने वाले थे, लेकिन हमें वहाँ पर जाने ही नहीं दिया गया। वह जंगल अब रिजर्व्ड है, जिसकी वजह से उन गार्ड्स ने हमें वहीं रोक दिया। किसी ने उस जंगल को खरीद लिया है। इसलिए अब हम वहाँ नहीं जा सकते।" "और रही बात तुम्हारे खाने की, तो इस बारे में तुम तो कुछ बोलना ही मत। यह मत सोचना कि मुझे कुछ पता नहीं है कि तुमने चोरी-छुपे तीखी चाट खाई थी, जिसकी वजह से तुम्हारे गले में दर्द हुआ था। वह तो अच्छा था कि हम तुम्हारी मेडिसिन साथ ले गए थे, वरना तुम्हें कितनी प्रॉब्लम हो जाती, इसका अंदाजा भी है तुम्हें।" काव्या की बात सुनकर राही सकपका गई। उसका छोटा सा चेहरा और छोटा हो गया था, जैसे उसकी कोई चोरी पकड़ी गई थी। उसने यहाँ-वहाँ देखते हुए और अपने बालों को कान के पीछे करते हुए कहा, "यह आप क्या कह रही हैं? हमें कुछ समझ नहीं आ रहा।" और फिर उसने बात को बदलते हुए जल्दी से कहा, "Kavya दी, आप भी! आप कितना टाइम लगाती हैं! हम पार्टी के लिए लेट हो रहे हैं और आप हैं कि बातों में लगी हैं! चलिए जल्दी से तैयार हो जाइए और हमें भी तैयार होने दीजिए। वरना हम पार्टी में लेट हो जाएँगे।" इतना कहकर उसने जल्दी से अपने बैग में से ड्रेस निकाला और तैयार होने वॉशरूम चली गई। वॉशरूम जाते हुए उसने धीरे से बुदबुदाया, "हमारा तो टाइम ही ख़राब चल रहा है! ना कुछ भी हमारे हिसाब से हो रहा! थोड़ी सी तीखी चाट खाई थी, उसके बारे में भी Kavya दी को पता चल गया! अब तो वह हमें कुछ भी नहीं खाने देंगी! और पता नहीं किसने वह जंगल खरीद लिया है, उनकी वजह से हम वहाँ जा भी नहीं पाए।" ऐसा कहते हुए और मुँह बनाते हुए वह वॉशरूम के अंदर चली गई। काव्या ने वॉशरूम के दरवाज़े की ओर देखा, जो अब बंद हो चुका था। उसने वॉशरूम के दरवाज़े की ओर देखते हुए कहा, "पता नहीं क्या होगा इस लड़की का! एक तो इतनी मासूम और ऊपर से उसकी हरकतें तो उससे भी ज़्यादा क्यूट।" ऐसा कहकर वह मुस्कुरा दी। कुछ देर बाद काव्या और राही तैयार हो चुकी थीं। राही ने इस वक्त एक फुल लेंथ बेबी पिंक कलर का कुर्ती-गाउन पहना हुआ था और नीचे लेगिंग पहनी हुई थी। उसके गाउन पर फ्लावर्स बने हुए थे। यह एक बीच पार्टी थी, इसलिए उसने इस तरह का गाउन पहना हुआ था। वहीं काव्या ने भी इस वक्त कुर्ती और जीन्स पहना हुआ था। दोनों ही बहुत खूबसूरत लग रही थीं, और राही तो खूबसूरत होने के साथ-साथ सुपर क्यूट भी लग रही थी। राही ने अपना एक छोटा सा बैग लिया, जिसमें उसका कुछ ज़रूरी सामान था। उसने वह देख लिया और फिर काव्या और राही अपने रूम से बाहर चली गईं। कुछ देर बाद काव्या और राही होटल के बाहर थे और अक्षत और निखिल का इंतज़ार कर रहे थे। तभी अक्षत और निखिल भी आ गए। अक्षत ने एक ब्लैक कलर की टी-शर्ट और नीचे ब्लू जीन्स पहन रखा था। वहीं निखिल ने एक व्हाइट कलर की शर्ट और नीचे ब्लैक जीन्स पहन रखा था। दोनों ही लड़के बहुत हैंडसम लग रहे थे। निखिल ने एक नज़र राही और काव्या को देखा तो वह हैरान हो गया। निखिल ने उनकी तरफ़ देखते हुए हैरानी से कहा, "तुम दोनों तो आज बहुत अच्छी लग रही हो! वरना हमेशा तो खून की प्यासी चुड़ैलों की तरह लगती हो!" निखिल की बात सुनकर अक्षत की हँसी छूट गई। काव्या ने निखिल की ओर देखते हुए कहा, "तुम दोनों भी काफ़ी अच्छे लग रहे हो! वरना हमेशा तो खून के प्यासे ड्रैकुला लगते हो!" ऐसा कहते हुए वह ज़बरदस्ती मुस्कुरा दी। काव्या की बात सुनकर राही ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगी। निखिल की बात सुनकर निखिल ने चिढ़ते हुए कहा, "देखो काव्या, यदि आप मुझसे बड़ी हो, इसका मतलब यह नहीं है कि अब जब चाहे मेरी इंसल्ट करोगी! आख़िर मेरी भी कोई इज़्ज़त है! मैं अपनी इंसल्ट बर्दाश्त नहीं करूँगा!" निखिल की बात सुनकर काव्या ने, निखिल का मज़ाक उड़ाते हुए कहा, "अरे! हमें तो पता ही नहीं था कि तुम्हारी भी कोई इज़्ज़त है! लेकिन तुम्हारी इज़्ज़त से हमें कोई फ़र्क नहीं पड़ता! हम तो हमेशा तुम्हारी ऐसे ही बेइज़्ज़ती करते रहेंगे!" ऐसा कहकर वह हँसने लगीं। काव्या की बात सुनकर निखिल का मुँह बन गया। निखिल आगे कुछ कहता कि तभी अक्षत ने इस बहस पर फुल स्टॉप लगाते हुए कहा, "चले, वरना हम लेट हो जाएँगे और पार्टी शुरू हो जाएगी। फिर पार्टी में जाने का कोई मतलब नहीं होगा।" अक्षत की बात सुनकर काव्या और राही ने अपना सर हाँ में हिला दिया। वे सभी लोग पार्टी के लिए निकल गए। कुछ देर बाद काव्या, अक्षत, निखिल और राही बीच पर पहुँच चुके थे, जहाँ पर पार्टी ऑर्गेनाइज़ की गई थी। वे सभी लोग एंट्रेंस पर खड़े हुए थे। राही उस एंट्रेंस गेट को देख रही थी। न जाने क्यों वह थोड़ी बेचैन लग रही थी। उसने अपनी दोनों हाथों की उंगलियों को उलझाते हुए मन ही मन कहा, "यह हमें इतनी बेचैनी क्यों हो रही है? इतना अजीब क्यों लग रहा है? जैसे कुछ होने वाला है। हमें इतनी घबराहट क्यों हो रही है? और हमारा दिल इतनी ज़ोरों से क्यों धड़क रहा है? हमें ऐसा क्यों लग रहा है जैसे हमें यहाँ नहीं आना चाहिए था? या फिर कुछ और जो हम समझ नहीं पा रहे।" ऐसा सोचते हुए उसके चेहरे पर एक अजीब सा डर और घबराहट साफ़-साफ़ दिखाई दे रही थी। तभी अक्षत ने उन तीनों की ओर देखते हुए कहा, "चलो, मैंने पासिस दे दिए हैं।" अक्षत की बात सुनकर राही अपनी सोच से बाहर आई। काव्या ने जब राही को परेशान देखा तो उसकी तरफ़ देखते हुए और चिंता करते हुए पूछा, "राही, क्या हुआ? तुम ठीक तो हो? इतना परेशान क्यों लग रही हो?" काव्या की बात सुनकर राही ने जल्दी से अपने चेहरे के भावों को सुधारा और उसकी तरफ़ देखते हुए मुस्कुराते हुए कहा, "नहीं दी, ऐसी कोई बात नहीं है। हम ठीक हैं। Don't worry।" काव्या ने sure करते हुए और उसकी तरफ़ देखते हुए पूछा, "पक्का? ना तुम ठीक हो?" "हाँ, हम बिलकुल ठीक हैं।" राही ने अपना सर हाँ में हिलाते हुए कहा। राही की बात सुनकर काव्या ने कुछ नहीं कहा और फिर वे सभी लोग पार्टी में चले गए। उस पार्टी में सभी लोगों ने मास्क पहने हुए थे, इसलिए राही, काव्या, अक्षत और निखिल ने भी मास्क पहन लिया। किसी ने फुल मास्क पहने हुए थे तो किसी ने हाफ़ मास्क। राही ने इस वक़्त सिल्वर का छोटा हाफ़ मास्क पहना हुआ था, जिसमें उसकी ओसियन ब्लू आँखें अलग ही चमक रही थीं, और वह इतनी ज़्यादा खूबसूरत भी लग रही थी। निखिल ने सभी को डांस करते हुए देखा तो अक्षत, काव्या और राही की तरफ़ देखते हुए एक्साइटेड होते हुए कहा, "चलो ना डांस करते हैं! सभी लोग डांस कर रहे हैं और कितना इंजॉय कर रहे हैं! हम भी डांस करते हैं, कितना मज़ा आएगा!" काव्या ने निखिल और अक्षत की ओर देखते हुए कहा, "हाँ हाँ, तुम दोनों जाओ। मैं यहीं राही के साथ हूँ।" अक्षत ने काव्या और राही की तरफ़ देखते हुए कहा, "क्या मतलब? तुम दोनों नहीं आ रही?" उसने सवालिया नज़रों से काव्या और राही की तरफ़ देखते हुए कहा। "नहीं, हम नहीं आ रही हैं। हम यहीं रहकर इंजॉय करेंगी।" काव्या ने उन दोनों को समझाते हुए कहा। राही ने काव्या की ओर देखते हुए कहा, "दी, हमें पता है आप क्यों नहीं जा रही हैं। ताकि हम यहाँ अकेले ना रहें। हम तो डांस करने जा नहीं सकतीं, क्योंकि हो सकता है डांस करने की वजह से हमें साँस लेने में प्रॉब्लम हो और हमारे गले पर ज़ोर पड़े और हमें दर्द हो जाए। लेकिन आप तो जा सकती हैं ना? आप जाइए, हम यहीं बैठे रहेंगे।" काव्या ने राही की ओर देखते हुए कहा, "नहीं राही, मैं तुम्हें छोड़कर कहीं नहीं जाऊँगी। यहीं रहूँगी तुम्हारे साथ। वैसे भी तुम्हारे बगैर मेरा मन नहीं लगेगा।" काव्या की बात सुनकर निखिल और अक्षत ने भी उसकी बात मान ली। रोहन ने राही की तरफ़ देखते हुए कहा, "राही, काव्या एकदम सही कह रही है। हम तुम्हारे बगैर कहीं नहीं जाने वाले। हम यहाँ पर भी बहुत कुछ कर सकते हैं। जैसे कोई गेम खेल सकते हैं। यहाँ पर कई गेम खेले जा रहे हैं। हम उनमें से कोई सा भी गेम खेल सकते हैं और वह भी साथ में। और भी बहुत कुछ कर सकते हैं।" राही ने उन सब की ओर देखते हुए और उन्हें मनाते हुए कहा, "प्लीज़ आप सब जाइए ना डांस करने। उसके बाद यह गेम भी खेलेंगे साथ में। लेकिन अगर अभी आप लोग नहीं गए तो हमें अच्छा नहीं लगेगा। और वैसे भी कुछ ही देर की तो बात है। तब तक हम यहाँ बैठकर आराम से आप सभी को डांस करते हुए देखेंगे।" उसने एक चेयर की तरफ़ इशारा करते हुए कहा। पहले तो वे लोग जाना नहीं चाहते थे, लेकिन राही के बार-बार ज़िद करने पर उन्हें राही के सामने झुकना ही पड़ा। काव्या ने राही की ओर देखते हुए और उसे समझाते हुए कहा, "ठीक है राही, हम जा रहे हैं। लेकिन अगर तुम्हें किसी भी चीज की ज़रूरत हो तो हमें बुला लेना। खुद अकेले कहीं मत जाना, ठीक है?" काव्या की बात सुनकर राही ने अपनी आँखें घुमाईं और उसकी तरफ़ देखते हुए कहा, "हाँ दी, हम कोई बच्चे नहीं हैं जो आप हमें इस तरह से समझा रही हो! आप लोग जाइए। अगर हमें किसी भी चीज की ज़रूरत होगी तो हम आपको बुला लेंगे।" राही के कहने पर आख़िरकार वे सभी लोग डांस करने चले गए, और राही वहीं बैठकर अपना जूस इंजॉय करने लगी। वहीं दूसरी ओर, इसी बीच पर कई सारे कॉटेज बने हुए थे। उन कॉटेज में से एक कॉटेज में एक येलो लाइट जल रही थी। वह कॉटेज दिखने में बहुत ही लग्ज़रियस लग रहा था। उसी कॉटेज में कुछ लोग बैठे हुए थे। उनमें से दो लोग फॉरेनर लग रहे थे और दो लोग इंडियन। उस कॉटेज के आसपास कई सारे गार्ड्स खड़े हुए थे। एक फॉरेनर ने बाकी लोगों की ओर देखते हुए कहा, "Are you sure, Mr. Angad, that the venue is perfect for the meeting and is safe? Devil... Beast won't be able to reach here... After all, he is a devil of the dark world." इस फॉरेनर की बात सुनकर वहाँ बैठे एक इंडियन ने कहा, "Don't worry, Mr. Jackson. He can't even imagine that we will have a meeting here, क्योंकि मैंने पहले ही Beast तक यह गलत इनफॉर्मेशन पहुँचा दी है कि हमारी मीटिंग होटल में है। और हमारी इस मीटिंग के बारे में किसी को कोई खबर नहीं है। हम यहाँ आराम से अपनी मीटिंग कर सकते हैं।" ऐसा कहते हुए उसने ड्रिंक का घूँट लिया। अंगद की बात सुनकर Mr. Jackson ने अंगद और उसके असिस्टेंट की ओर देखते हुए कहा, "We should start our meeting." Mr. Jackson की बात सुनकर अंगद उसकी तरफ़ देखते हुए और तिरछा मुस्कुराते हुए कहा, "Of course, Mr. Jackson." अंगद ने इतना ही कहा था कि तभी ऐसा कुछ हुआ जिससे सभी की आँखें फटी की फटी रह गईं। उनकी आँखों में खौफ़ नज़र आने लगा। आख़िर क्या हुआ था राही के साथ? क्या होगा Beast का अगला कदम? जानने के लिए पढ़ते रहिए।
Chapter 5
उस विदेशी की बात सुनकर वहाँ बैठे एक भारतीय ने कहा, "Don't worry, Mr. Kanth. He can't even imagine that we will have a meeting here... क्योंकि मैंने पहले ही Beast तक ये गलत इनफॉर्मेशन पहुँचा दी है कि हमारी मीटिंग होटल में है... और हमारी इस मीटिंग के बारे में किसी को कोई खबर नहीं है... हम यहाँ आराम से अपनी मीटिंग कर सकते हैं..." उसने यह कहते हुए ड्रिंक का घूँट लिया।
अंगद की बात सुनकर मिस्टर जैक्सन ने अंगद और उसके असिस्टेंट की ओर देखते हुए कहा, "We should start our meeting..."
मिस्टर जैक्सन की बात सुनकर अंगद उसकी तरफ देखते हुए और तिरछा मुस्कुराते हुए बोला, "Of course, Mr. Jackson..." अंगद इतना ही बोला था कि तभी कुछ ऐसा हुआ जिससे सभी की आँखें फटी की फटी रह गईं। उनकी आँखों में खौफ नज़र आने लगा।
मिस्टर जैक्सन, मिस्टर कांथ, और अंगद कॉटेज में बैठकर ड्रिंक कर रहे थे। वे लोग मीटिंग शुरू करने ही वाले थे कि तभी कॉटेज का दरवाज़ा खुला। उस दरवाज़े की आवाज़ सुनकर सभी का ध्यान उसकी ओर गया।
उस दरवाज़े से एक गार्ड, खून से सना हुआ और बहुत ही बुरी हालत में, जैसे-तैसे अंदर आया। उस गार्ड को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वह किसी भी पल मर सकता है। उसे देखकर सभी की आँखें फटी की फटी रह गईं। उस गार्ड ने दर्द से तड़पते हुए कहा, "डे... डेविल... Beast यहाँ आ गए हैं! प्... प्लीज़... मेरी मदद कीजिए! मुझे बचा लीजिये Beast से! उसकी... उसकी पूरी आर्मी यहाँ पहुँचने वाली है..."
उस गार्ड की बात सुनकर विदेशियों की हालत डर के मारे बहुत खराब हो गई। उनकी आँखों में खौफ नज़र आने लगा। डेविल बीस्ट का नाम सुनकर अंगद और उसके असिस्टेंट का भी यही हाल था। उनके माथे पर ठंडा पसीना आ रहा था; उनके चेहरों पर गुस्से और डर के मिले-जुले भाव थे।
अंगद ने बिना एक पल गँवाए अपनी गन निकाली और सीधे उस गार्ड को शूट कर दिया। वह गार्ड अब उनके किसी काम का नहीं था; वह गार्ड अब उनके लिए समस्या बन सकता था, और इस वक़्त वह छोटा सा रिस्क भी नहीं ले सकता था।
अंगद ने उन तीनों की ओर देखते हुए कहा, "इससे पहले कि वे यहाँ पहुँचें, हमें यहाँ से निकलना होगा।" अंगद की बात सुनकर उन सभी ने सिर हिलाया। अंगद ने जल्दी से उस कॉटेज के पीछे का दरवाज़ा खोला और उससे वे चारों निकल गए। उनके जाने के बाद, ब्लैक यूनिफ़ॉर्म पहने कुछ कमांडो अंदर आए और पूरे कॉटेज को घेर लिया। तभी एक बहुत ही डार्क औरा वाला और खतरनाक पर्सनालिटी वाला शख्स अंदर आया। उसके चेहरे पर एक ब्लैक मास्क था और उसकी डार्क ग्रीन आँखें मौत सी ठंडी थीं। उसके साथ एक और शख्स था, जिसके चेहरे पर भी मास्क था।
उस शख्स ने सर झुकाते हुए कहा, "Beast, वे लोग यहाँ से जा चुके हैं। आपके ऑर्डर के मुताबिक हमने उन्हें जाने दिया। आपके जैसे कहा था, हमने वैसे सारे अरेंजमेंट कर दिए। वे लोग बचेंगे नहीं। अब बस आर्डर दीजिये, उन्हें कब पकड़ना है। आपके आर्डर देते ही वे आपके कदमों में होंगे।"
Beast ने उस शख्स की ओर देखा और एकदम लापरवाही लेकिन गहरी आवाज़ में कहा, "...अभी तो खेल शुरू हुआ है, मनिक... और तुम ख़त्म करने की बात कर रहे हो? मुझे पहले थोड़ा एन्जॉय तो करने दो... उसके बाद उनके साथ क्या करना है, इस बारे में सोचूँगा।"
Beast की बात सुनकर मनिक ने कुछ नहीं कहा। वहीं दूसरी ओर, केनेथ जैक्सन, अंगद और उसका असिस्टेंट अपनी जान बचाने के लिए छुपते-छुपाते भाग रहे थे क्योंकि हर जगह Beast के कमांडो फैले हुए थे। वे चारों बहुत ज्यादा घबराए हुए और डरे हुए थे। वे सब यही मन में दुआ कर रहे थे कि बस आज किसी तरह बच जाएँ; उसके बाद ज़िन्दगी में वे कभी भी Beast के सामने नहीं आयेंगे। अब उनकी दुआ पूरी होती या नहीं, इसका पता किसी को नहीं था।
वे लोग भाग ही रहे थे कि तभी अचानक जैक्सन का पैर एक दलदल में फँस गया। जैक्सन को फँसते हुए देखकर बाकी सभी लोग वहीं रुक गए। जैक्सन दलदल में फँसता जा रहा था। उसने उन तीनों की तरफ़ देखते हुए कहा, "Please help me! Get me out of here!"
अंगद ने जैक्सन की ओर देखते हुए कहा, "अगर तुम्हें बचाने गए तो हम भी मारे जाएँगे। तुम्हें देखकर चलना चाहिए था। अब मरो यहाँ पर... मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।" और फिर उसने उन दोनों की तरफ़ देखते हुए कहा, "अगर तुम लोगों को भी अपनी जान प्यारी है तो भागते रहो। रुकने का मतलब मौत है यहाँ पर।"
जैक्सन को थोड़ी-बहुत हिंदी आती थी, इसलिए वह अंगद की बात समझ गया। उसने उनकी तरफ़ देखते हुए और तड़पते हुए कहा, "You can't do this to me! Please get me out of here..." ऐसा कहते हुए वह मदद मांग रहा था, लेकिन उन तीनों में से किसी ने नहीं सुना क्योंकि सभी को अपनी-अपनी जान प्यारी थी। वे जैक्सन को छोड़कर वहाँ से भागने लगे। कुछ ही पलों में जैक्सन वहीं दलदल में दफ़न हो गया, लेकिन उससे पहले वह अपनी मदद के लिए उन तीनों से भीख मांग रहा था।
वही यह सब कुछ Beast अपने टैबलेट में देख रहा था। यह देखकर उसके चेहरे पर एक evil स्माइल आ गई। उसने टैबलेट में देखते हुए कहा, "एक तो इस खेल से बाहर हुआ। देखते हैं बाकी तीन कब तक इस खेल को खेल पाते हैं..."
वे तीनों भागते-भागते बीच की ओर आ गए। उस बीच पर पार्टी की वजह से बहुत शोर हो रहा था। सभी लोग अपने में बिज़ी थे; किसी का भी ध्यान किसी और पर नहीं जा रहा था। सब लोग अपनी मस्ती में मग्न होकर एन्जॉय कर रहे थे।
अंगद ने उन दोनों की तरफ़ देखते हुए कहा, "यहाँ से कुछ दूरी पर एक शिप है... हमें किसी भी हाल में उस शिप तक पहुँचना होगा... उसी शिप में वो डायमंड है, और इसी शिप की मदद से हम यहाँ से बचकर निकल सकते हैं..." ऐसा कहते हुए वह पूरी ताकत से भागने लगा। वह भाग ही रहे थे कि तभी वह किसी से टकरा गए।
Kanth, अंगद और उसका असिस्टेंट अपनी शिप की ओर भाग रहे थे। उन्हें जल्द से जल्द अपनी शिप तक पहुँचना था। तभी अंगद किसी लड़की से टकरा गया। उस लड़की के हाथ में उसका फ़ोन था; शायद वह किसी से बात कर रही थी। वह लड़की गिरने को हुई कि तभी उसने खुद को संभाला। उसने उन तीनों की ओर देखा, जो इस वक़्त बहुत डरे हुए और घबराए हुए थे।
वह लड़की कोई और नहीं, बल्कि राही थी। राही ने उन लोगों को डरे हुए और घबराए हुए देखा तो उनकी ओर देखते हुए उनसे पूछा, "क्या हुआ आप लोगों को? आप लोग इतने घबराए हुए क्यों लग रहे हैं? सब कुछ ठीक है ना?"
अंगद ने राही की ओर देखते हुए बहुत रूडली तरीके से कहा, "हटो लड़की सामने से! हम जल्दी में हैं!" इतना कहकर वे तीनों जल्दी से वहाँ से चले गए।
राही कुछ कहने को हुई, तब तक वे लोग वहाँ से जा चुके थे। राही ने उन्हें जाते हुए देखा और मुँह बनाते हुए, और बहुत ही मासूमियत से कहा, "हद है! हमसे टकराए और हमें सॉरी भी नहीं बोला... और जब हमने उनसे कुछ पूछा, ठीक से जवाब भी नहीं दिया... और हमसे इतनी रूडली बात करके चले गए! अरे, हमने थोड़ी ना उन्हें धक्का मारा था! अगर हमारे भाई हमारे साथ होते ना, तो इन्हें अच्छा सबक सिखाते... और इन्हें मुर्गा भी बनाते..."
वही यह सब कुछ Beast अपने टैबलेट में देख रहा था। उसमें राही का चेहरा दिखाई नहीं दे रहा था क्योंकि राही ने अभी भी अपना मास्क पहना हुआ था, जिसकी वजह से उसका चेहरा दिखाई नहीं दे रहा था। राही इस वक़्त उस पार्टी के शोर से थोड़ा दूर आ गई थी क्योंकि इस वक़्त उसके फ़ोन पर उसके भाई का कॉल आ रहा था... और यहीं वह उन तीनों से टकरा गई।
Beast ने राही की मासूमियत से भरी हुई हर एक बात सुनी थी। एक पल के लिए तो वह राही की बातें सुनकर उसे देखता ही रह गया। उसके मुँह से राही को देखकर अचानक से ही निकला, "Cute..." लेकिन अगले ही पल उसने अपने टैब को बंद किया और मनिक की ओर देखते हुए कहा, "मुझे इस खेल में ज़्यादा मज़ा नहीं आ रहा, इसलिए अब इस खेल को ख़त्म करते हैं..."
वहीं दूसरी ओर, राही अपने फ़ोन को देख रही थी, जिसमें कभी नेटवर्क आ रहा था तो कभी नहीं। उसने अपने फ़ोन को देखते हुए कहा, "हमारी तो भाई से ठीक से बात भी नहीं हो पाई! यहाँ पर तो नेटवर्क ही नहीं आ रहा जिससे हम भाई को फिर से कॉल कर सकें..." फिर उसने कुछ सोचते हुए कहा, "शायद आगे हमें नेटवर्क मिल जाए और हम जाकर ठीक से भाई से बात कर सकें... हाँ, यह सही रहेगा। हम आगे जाकर चेक करते हैं; वहाँ हमें नेटवर्क ज़रूर मिल जाएगा।" इतना कहकर वह अपने फ़ोन को हवा में ऊपर करते हुए फ़ोन का नेटवर्क चेक करने लगी और आगे बढ़ने लगी।
वह नेटवर्क ढूँढते-ढूँढते पार्टी एरिया से दूर आ गई, जिसका अंदाजा उसे नहीं था कि वह इस वक़्त पार्टी एरिया से कितनी दूर आ गई है। तभी उसे किसी की चीखने की आवाज़ सुनाई दी। अचानक से उस चीख को सुनकर राही बहुत बुरी तरह डर गई और उसके हाथ से उसका फ़ोन छूटकर नीचे गिर गया।
उसने डरते हुए कहा, "यह किसकी आवाज़ थी? कौन था जो इतनी ज़ोर से चीखा?" तभी उसे फिर से वही चीख सुनाई दी। उस चीख को सुनकर उसने उस दिशा में देखा जहाँ से वह चीख सुनाई दे रही थी। "लगता है किसी को मदद की ज़रूरत है। कोई मुसीबत में है। हमें उसकी मदद करनी चाहिए..." ऐसा कहते हुए उसने जल्दी से अपना फ़ोन उठाया, उसे अपने छोटे से बैग में रख लिया जो इस वक़्त उसके हाथ में था, और उस दिशा की ओर बढ़ गई जहाँ से उसे वह आवाज़ सुनाई दे रही थी।
जैसे ही वह उस जगह पहुँची जहाँ से उसे वह चीख सुनाई दे रही थी, और जैसे ही उसने सामने का नज़ारा देखा, उसकी आँखें खौफ़ से बड़ी होकर उसकी ओशियन ब्लू आँखें आँसुओं से नम हो गईं। राही को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे इस वक़्त उसके रोम-रोम में डर की लहर दौड़ गई हो।
आखिर क्या हुआ था राही के साथ? क्या होगा Beast का अगला कदम? जानने के लिए पढ़ते रहिये!
चैप्टर 6
वह नेटवर्क ढूँढते-ढूँढते पार्टी एरिया से दूर आ गई थी। उसे यह अंदाजा नहीं था कि वह इस वक्त पार्टी एरिया से कितनी दूर आ गई है। तभी उसे किसी की चीखने की आवाज़ सुनाई दी। अचानक से चीख सुनकर राही बहुत बुरी तरह डर गई और उसके हाथ से फोन छूटकर नीचे गिर गया।
"यह किसकी आवाज़ थी? कौन था जो इतनी जोर से चीखा?" उसने डरते हुए कहा। तभी उसे फिर से वही चीख सुनाई दी। उस चीख को सुनकर उसने उस दिशा में देखते हुए कहा, "लगता है किसी को मदद की ज़रूरत है। कोई मुसीबत में है। हमें उसकी मदद करनी चाहिए।" ऐसा कहते हुए उसने जल्दी से अपना फोन उठाया और उसे अपने छोटे से बैग में रख लिया जो इस वक्त उसके हाथ में था, और उस दिशा की ओर बढ़ गई जहाँ से उसे वह आवाज़ सुनाई दे रही थी।
जैसे ही वह उस जगह पहुँची जहाँ से उसे चीख सुनाई दे रही थी, और जैसे ही उसने सामने का नज़ारा देखा, उसकी आँखें खौफ से बड़ी हो गईं। उसकी ओसियन ब्लू आँखें आँसुओं से नम हो गईं। राही को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे इस वक्त उसके रोम-रोम में डर की लहर दौड़ गई हो।
राही अपनी ओसियन ब्लू आँखों में आँसू लिए सामने का नज़ारा देख रही थी। वहाँ ब्लैक यूनिफ़ॉर्म पहने हुए कमांडोज खड़े थे और उन सभी के बीचो-बीच तीन लोग अधमरी हालत में पड़े हुए थे। उन तीनों के आसपास तीन-चार आदमी खड़े हुए थे और उन सभी के हाथों में कुछ न कुछ हथियार थे। किसी के हाथ में हंटर था तो किसी के हाथ में एक रेड कलर का मोटा डंडा। वे कमांडोज बिना कोई रहम किए उन तीनों को मार रहे थे। उनके सामने एक शख्स खड़ा हुआ था। उनके पूरे शरीर से खून पानी की तरह बह रहा था।
उस शख्स ने उन कमांडोज की ओर देखते हुए कहा, "बीस्ट आते ही होंगे। उनके आने से पहले ये लोग मरने नहीं चाहिए। अगर इन तीनों को कुछ भी हो गया तो इन तीनों के बाद तुम लोगों की बारी होगी।"
उस शख्स की बात सुनकर उन कमांडोज ने अपना सर झुकाते हुए कहा, "येस सर।"
अंगद की हालत बहुत खराब हो चुकी थी। उसने बहुत ही आहिस्ता-आहिस्ता, बिना किसी की नज़र में आए, अपने हाथ को अपनी कमर पर ले गया और वहाँ से एक गन निकाल ली। वह जैसे ही शूट करने को हुआ, तभी वहाँ पर एक साथ दो आवाज़ें गूंज उठीं।
मानिक ने सीधा उसके हाथ पर गोली मारी थी जिसकी वजह से गन की आवाज़ वहाँ गूंज उठी। वही, गन की आवाज़ सुनकर आर्या की भी चीख निकल गई।
किसी लड़की की चीख सुनकर सभी लोग अलर्ट हो गए। मानिक ने इस वक्त अपने चेहरे पर भी मास्क लगा हुआ था और सारे कमांडोज के चेहरे पर भी मास्क थे।
मानिक ने अपने कमांडोज को आर्डर देते हुए कहा, "यहाँ कोई है, यहाँ ढूँढो उसे। और उसके मिलते ही उसे बीस्ट के सामने पेश करो। उसके साथ क्या करना है, बीस्ट ही तय करेंगे। हो सकता है वो इन तीनों का ही कोई साथी हो।" राही जहाँ खड़ी थी वहाँ लगभग अंधेरा था, सिर्फ़ हल्की-हल्की रोशनी आ रही थी। जिसकी वजह से मानिक और वे कमांडोज उसे देख नहीं पाए।
राही तुरंत ही एक बड़े से पत्थर के पीछे जाकर छुप गई। वह इस वक्त बहुत ज़्यादा घबरा गई थी। उसकी ओसियन ब्लू आँखें आँसुओं से भरी हुई थीं और उसके हाथ-पैर काँप रहे थे। इससे साफ़ पता चल रहा था कि वह कितनी ज़्यादा डरी हुई और सहमी हुई है। उसने डरते हुए और अपने काँपते हुए होठों से बहुत ही धीरे से कहा,
"हे कान्हा, ये लोग तो बहुत ही बुरे लोग हैं। ये तो उन तीनों को मार रहे हैं। हमें जल्द से जल्द कुछ करना होगा, वरना ये लोग उन्हें मार देंगे। हमें सबसे पहले यहाँ से जाना चाहिए ताकि हम किसी को मदद के लिए बुला सकें। वरना ये लोग हमें भी…"
इससे आगे वह कुछ नहीं कह पाई। बोलने से डरने की वजह से उसकी साँसें गहरी होने लगीं और उसके गले पर प्रेशर पड़ने लगा। उसे अपने गले में हल्का-हल्का दर्द होने लगा था। उसने मन ही मन कहा, "नहीं, हम इस तरह से हाथ नहीं मान सकते। हमें खुद को संभालना होगा। भाई कहते हैं ना कि हम बहुत स्ट्राँग हैं, तो अब हम ऐसे कमज़ोर नहीं पड़ सकते।" ऐसा कहती हुई वह खुद को शांत करने की कोशिश करने लगी। उसने पत्थर के पीछे से झाँककर देखा तो वे कमांडोज वहीं पर थे और उसे ढूँढ रहे थे। वह जल्दी से फिर से पत्थर के पीछे छुप गई।
वहीं एक कमांडो मानिक के पास आया और सर झुकाते हुए कहा, "सर, हमारे कमांडोज ने इस पूरे जंगल और पूरे एरिया को कवर कर लिया है। जो कोई भी था वह यहाँ से बाहर नहीं जा पाएगा।"
उस कमांडो की बात सुनकर मानिक ने स्ट्रीट टोन में कहा, "वह जाना भी नहीं चाहिए… यही तुम सबके लिए अच्छा होगा।"
वहीं दूसरी ओर राही सहमी हुई बैठी हुई थी। वह यही इंतज़ार कर रही थी कि कमांडोज यहाँ से दूर चले जाएँ ताकि वह वहाँ से भाग सके। उसके हाथ-पैर डर की वजह से काँप रहे थे और उसकी आँखों से लगातार आँसू बह रहे थे। उसके चेहरे पर अभी भी मास्क था, उसने वह उतारा नहीं था। उसके हाथ में एक ब्रेसलेट था। उस ब्रेसलेट में व्हाइट कलर के मोती लगे हुए थे और बीच-बीच में कुछ तारे और मून भी थे। और उस ब्रेसलेट में कान्हा जी का छोटा सा पेंडेंट टाइप का लटक रहा था। वह ब्रेसलेट दिखने में बहुत ही प्यारा लग रहा था। राही ने उस ब्रेसलेट को कस के पकड़ लिया। ऐसा वह तब करती थी जब वह डरी हुई और घबराई हुई थी।
तभी कुछ ऐसा हुआ जिससे वह अंदर तक काँप उठी।
उस जंगल में लगातार उन तीनों की चीखें गूंज रही थीं। वहीं कुछ कमांडोज उन्हें टॉर्चर कर रहे थे तो वहीं दूसरी ओर कुछ कमांडोज आर्या को ढूँढ रहे थे। तीनों की चीखों को सुनकर कोई भी जरा भी रहम नहीं दिखा रहा था। जिसे हंटर से मारा जा रहा था, उसमें कीलें और काँच लगे हुए थे। हर एक वार के साथ उन तीनों की खाल भी उनके शरीर से अलग हो रही थी। वे सभी मरने की दुआएँ माँग रहे थे, लेकिन क्या यह सब कुछ इतनी जल्दी होने वाला था? यह तो वक़्त ही जानता था।
तभी वहाँ पर एक बहुत ही खतरनाक और ठंडी पर्सनालिटी वाला शख्स उस जगह आ रहा था। उसका औरा इतना सर्द और ठंडा था कि आस-पास ठंड का एहसास होने लगा था। अंधेरे में उसकी डार्क ग्रीन आँखें चमक रही थीं जो उसे और भी ज़्यादा खतरनाक बना रही थीं। वह शख्स वहाँ आ ही रहा था जहाँ पर मानिक उन तीनों को टॉर्चर कर रहा था, तभी एकदम से उसके क़दम रुक गए। उसे कुछ अजीब सा एहसास होने लगा, एक बहुत ही मीठा और सुकून भरा एक हवा का झोंका उसे छूकर निकल गया।
एक अनजान सा अहसास महसूस करके उसने एक पल के लिए अपनी आँखें बंद कर लीं और वह सुकून भरे एहसास को महसूस करने लगा। उसे यह एहसास करते हुए उसने धीरे से, लेकिन गहरी आवाज़ में कहा, "आज ये हवाएँ इतनी अलग क्यों हैं? आज इन हवाओं में एक अजीब सी कशिश क्यों है? जैसे ये हवाएँ आज किसी को मेरे करीब लाना चाहती हों।"
ऐसा कहते हुए उसने अपना मास्क उतार दिया जिसकी वजह से उसका हैंडसम और बहुत ही अट्रैक्टिव चेहरा दिखाई देने लगा। वह दिखने में बड़े-बड़े एक्टर्स और मॉडल्स को भी पीछे छोड़ देता।
उस शख्स ने अपने दोनों हाथ हवा में उठाए और हवा को महसूस करने लगा। उसने गहरी आवाज़ में कहा, "यह महक… बहुत ही अलग है। ये महक… सबसे अलग है।"
वहीं राही जो उस बड़े से पत्थर के पीछे छुपी हुई थी और चुपके-चुपके सामने की ओर देखने की कोशिश कर रही थी, कमांडोज पूरी जगह पर फैल चुके थे। वह बहुत ज़्यादा डरी और घबराई हुई थी। तभी उसे किसी के आने का एहसास हुआ। यह एहसास होते ही राही अंदर तक काँप गई। उसे अब अपना बच पाना मुश्किल लग रहा था। उसे लग रहा था कि अब वह पकड़ी जाएगी।
राही ने बहुत ही हिम्मत करके अपनी आँसू भरी ओसियन ब्लू आँखें ऊपर की ओर देखीं तो उसकी नज़र उस शख्स पर पड़ी जो उससे कुछ एक-दो क़दम की दूरी पर खड़ा था। उस शख्स को देखकर राही ने धीरे से बड़बड़ाया, "हमें इन्हें बचाना होगा। वरना अगर उन लोगों में से किसी ने भी देख लिया तो उनकी जान को खतरा हो सकता है। वो लोग इनके पीछे भी पड़ जाएँगे।" ऐसा सोचते हुए उसने बिना एक पल गँवाए उस शख्स का हाथ पकड़कर अपनी ओर खींच लिया।
अचानक खींचे जाने की वजह से वह शख्स संभल नहीं पाया और सीधे राही के ऊपर जा गिरा। वह शख्स इस वक़्त राही के ऊपर था और राही उसके नीचे। उस शख्स की नज़रें सीधे राही की ब्लू ओसियन आँखों से जा टकराईं जो इस वक़्त आँसुओं से भीगी हुई थीं। चाँद की चाँदनी में उसकी आँखों के आँसू किसी मोती की तरह चमक रहे थे। उस शख्स को सिर्फ़ राही की आँखें दिखाई दे रही थीं क्योंकि राही के चेहरे पर एक सिल्वर पीकॉक शेप का मास्क लगा हुआ था।
वह शख्स बहुत ही अजीब तरह से राही की आँखों को देख रहा था। उसने वैसे ही गहरी आवाज़ में राही से पूछा, "कौन हो तुम? और यहाँ क्या कर रही हो? तुम…"
इससे आगे वह कुछ कह पाता, कि तभी राही ने उसके होठों पर उंगली रख दी और बहुत ही धीमी आवाज़ में कहा, "श्श…" और कुछ ना बोलने का इशारा कर दिया। उसके हाथों की सॉफ्ट उंगलियों का टच अपने होठों पर पाकर उस शख्स को एक अजीब सी बेचैनी होने लगी। राही जो इस वक़्त पत्थर से सटकर बैठी हुई थी, या यूँ कहो कि लगभग लेटी हुई थी, उसने छुपकर उस पत्थर के पीछे से अपने आस-पास देखा जहाँ पर उसे अब कमांडोज दिखाई नहीं दे रहे थे।
वहीं राही से निकलती हुई वह धीमी-धीमी महक उस शख्स को बहुत बेचैन कर रही थी। उसे बहुत ही अजीब से एहसास हो रहे थे। जिस नज़रों से वह राही को देख रहा था, उन नज़रों में कुछ अलग था, कुछ ऐसा जिसकी वजह से बहुत ही नेगेटिव वाइब्स आ रही थीं। लेकिन राही इस वक़्त इतनी ज़्यादा डरी हुई थी कि उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था।
राही ने जब वहाँ किसी को नहीं देखा तो उसने गहरी साँस ली और फिर उस शख्स की ओर देखते हुए बहुत ही धीरे से और दबी हुई आवाज़ में कहा, "यह जगह बिल्कुल सेफ़ नहीं है। अगर हम आपको नहीं खींचते तो वे लोग आपको देख लेते और फिर आपकी और हमारी जान की दुश्मन बन जाते। वे लोग हमें भी मार डालते।"
राही की बात सुनकर जैसे वह शख्स अपने होश में आया। उस शख्स ने रौबदार आवाज़ में राही से पूछा, "कौन हमें मार डालता? किसकी बात कर रही हो तुम?"
राही ने डरते हुए कहा, "वही लोग जो उन लोगों को मार रहे हैं।" ऐसा कहते हुए उसने पत्थर के पीछे से अपनी उंगली से उसे सामने देखने का इशारा किया।
राही की बात सुनकर उस शख्स ने अपना सर टेढ़ा करके अपने सामने देखा। सामने का नज़ारा देखकर उसके चेहरे पर एक न दिखने वाली डेविल स्माइल आ गई। उस शख्स ने राही की ओर देखते हुए उससे बहुत ही गहरी आवाज़ में पूछा, "क्या तुम इन तीनों को जानती हो?"
उसने दोबारा राही की ओर देखा। राही की तरफ़ देखते हुए बहुत ही दबी हुई आवाज़ में कहा, "नहीं, हम नहीं जानते। हम तो यह गलती से आ गए थे, लेकिन हमें इन तीनों की मदद करनी होगी। हमें यहाँ से निकलना होगा और पुलिस को इन्फ़ॉर्म करना होगा ताकि पुलिस इन्हें बचा सके।"
वह शख्स इस वक़्त राही के बहुत करीब था और उसके ऊपर झुका हुआ था। उसकी नज़र इस वक़्त राही के काँपते हुए होठों पर थी जो किसी गुलाब की पंखुड़ियों की तरह लग रहे थे।
राही ने उस शख्स की ओर देखते हुए कहा, "हमें यहाँ से जल्द ही निकलना होगा, इससे पहले कि वे लोग फिर से आ जाएँ। यहाँ से निकलकर हम पुलिस को भी तो इन्फ़ॉर्म करना है।" ऐसा कहती हुई वह अपनी ब्लू ओसियन आँखों से उस शख्स को ही देख रही थी।
वह शख्स की अगली बात सुनकर राही दंग रह गई…
आखिर क्या हुआ था राही के साथ?
क्या होगा बीस्ट का अगला कदम?
जानने के लिए पढ़ते रहिए।
Chapter 7 । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
Ab tak । । । ।
राही की बात सुनकर उसे शख्स ने अपना सर टेडा करके अपने सामने देखा ... सामने का नजारा देखकर उसके चेहरे पर एक न दिखने वाली devil स्माइल आ गई .... उस शख्स ने राही की ओर देखते हुए उससे बहुत ही गहरी आवाज में पूछा क्या तुम इन तीनों को जानती हो । । । ।
उसने दोबारा राही की ओर देखा राही की तरफ देखते हुए बहुत ही दबी हुई आवाज में कहा नहीं हम नहीं जानते ... हम तो यह गलती से आ गए थे लेकिन हमें इन तीनों की मदद करनी होगी हम यहां से निकलना होगा और पुलिस को इन्फॉर्म करना होगा ... ताकि पुलिस इन्हे बचा सके... । । । ।
बो शख्स इस वक्त राही की बहुत करीब था और उसके ऊपर झुका हुआ था ... उसकी नजर इस वक्त राही की कापते हुए होठों पर थी ... जो किसी गुलाब की पंखुड़ियों की तरह लग रहे थे ... । । । ।
राही ने उस शख्स की अच्छा देखते हुए कहा हमें यहां से जल्द ही निकलना होगा ... इससे पहले बो लोग फिर से आ जाए .... यहां से निकाल कर हम पुलिस को भी तो इनफॉर्म करना है ..... ऐसा कहती हुई वह अपनी ब्लू ओसियन eyes से उस शख्स को ही देख रही थी । । । ।
वही उसे शख्स की अगली बार सुनकर राही दंग रह गई .... । । । ।
अब आगे । । । ।
Raahi ने उस शख्स का हाथ पकड़ा ... और उसकी और देखते हुए कहां ' चलये हमें जल्दी करना होगा इतना कहकर raahi ने उस शख्स के सनी पर अपने दोनों हाथ रखकर उसे खुद से दूर किया .... राही का उसे खुद से यू दूर करते हुए देखकर उस शख्स की आंखें गहरी हो गई .... जैसे राही का उसे यूं खुद से दूर करने से उसके काम में खलल पड़ गया हो ... बो शख्स जो राही की महक को अपने अंदर समा रहा था और यह बात उसे शख्स को जरा भी पसंद नहीं आई की राही ने उसे खुद से दूर कर दिया ..... .। । । ।
राही जो बहुत ही संभाल कर उठने को हुई थी उस शख्स ने राही का हाथ पकड़ लिया ... और एक झटके में उसे अपनी ओर खींचा जिससे राही उसके सीने से जा लगी ... । । । ।
उस शख्स ने राही की आंखों में देखते हुए का जब तक मैं ना चाहूं तुम कहीं नहीं जा सकती .... । । । ।
उस शख्स का इतना सर्द लहजा सुनकर राही अंदर तक सहम गई ... डरावनी माहौल में उसे शख्स की कही हुई बात और भी ज्यादा डरावनी लग रही थी ....। । । । ।
राही ने अपनी ओसियन ब्लू आईज में आंसुओं की नमी लेकर उस शख्स की ओर देखते हुए और डरते हुए कहा क क्यों नहीं जा सकते .... हमें हम यहां से जाना है और उन तीनों की मदद भी तो करनी है .... अगर हमने उनकी मदद नहीं की तो वह लोग उन्हें मार देंगे .... इंसानियत के नाते हमारा फर्ज बनता है कि उनकी मदद करें .... । । । ।
तभी राही की दिमाग में कुछ आया और फिर उसने उसे शख्स की ओर देखते हुए कहा हम समझ गए कि आप डर रहे हैं कि कहीं यह लोग आपको कोई नुकसान ना पहुंचाएं आप चिंता मत कीजिए हम आपकी भी मदद करेंगे यहां से निकलने... हम आपको अकेला छोड़ कर नहीं जाएंगे आप डरिए मत हम आपके साथ हैं हम आपको बचाएंगे .... वह लोग हमें नहीं पकड़ पाएंगे राही बहुत ही मासूमियत से कहा था यह कहते हुए वह अपनी ब्लू ओसियन आईज से उस शख्स को ही देख रही थी.... । । । ।
राही की मासूमियत भरी बातों को सुनकर वह शख्स उसे देखता रह गया ... उसे समझ नहीं आ रहा था की लड़की सच में इतनी मासूम है या मासूमियत का दिखावा कर रही है ..... उसके करीब..… उसके सामने बैठी हुई लड़की उसे डरने से मना कर रही है जिसकी एक नजर ही काफी होती है लोगों में अपना खौफ पैदा करने के लिए ..... और यह लड़की उससे कह रही है कि वह डरे न ..... वह खुद तो छोटी सी थी और उससे कह रही थी कि वह उसे बचाएगी .... क्या इस लड़की को अपनी जान की बिल्कुल परवाह नहीं है जो यह उन तीनों की जान बचाने की बात कर रही है यह जानते हुए भी की इस वक्त उसकी खुद की जान खतरे में है .... और वह उसकी और उन तीनों की मदद की बात कर रही है ..…. उसके दिमाग में राही की कही बात घूम रही थी ..... । । । ।
राही ने अपने आसपास देखा तू देख की कमांडो उससे कुछ दूरी पर खड़े थे .... वह फिर से उठने को हुई कि तभी उसे शख्स ने उसका हाथ फिर से पकड़ कर उसे अपनी ओर खींचा .... जिससे राही उसे देखने लगी जैसी पूछ रही हो अब क्या हुआ .... । । । ।
उस शख्स ने राही की और देखते हुए कहा ... तुम सच में मुझे अकेला छोड़ कर नहीं जाओगी ... तुम सच में मेरे साथ रहोगी .... वादा करो की तुम मुझे छोड़कर नहीं जाओगी .....ऐसा कहते हुए उसके आंखों में बहुत ही अजीब सी भाव थे जिसे समझ पाना मुस्किल था ... उसके कहने का लहेजा इस वक्त बहुत ही मिस्टीरियस था । । । ।
उस शख्स की बात सुनकर राही ने अपना सर हां में हिलाया ... और फिर बहुत ही दबी हुई आवाज में डरते कहा ह...हम आपको छोड़कर नहीं जाएंगे आपके साथ ही रहेंगे और साथ में इस मुसीबत का सामना करेंगे ....हम वादा करते हैं... ऐसा कहती हुए बो वह यहां वहां देख रही थी उसे डर था कहीं कोई आना जाए तभी उसे अपने बाल उसे मास्क में उलझते हुए महसूस हुए और वह मास्क छुभते हुए लगा ..... राही मास्क को ठीक करने लगी क्युकी वह मास्क उसे चुभ रहा था । । । ।
उस शख्स ने जब राही को उसमें उलझते हुए देखा तो उस शख्स ने उसकी तरफ देखते हुए कहां क्या हुआ तुम्हें ..... क्या कर रही हो तुम ...। । । ।
राही उसकी ओर देखते हुए अपनी मीठी सी आवाज में कहा वह वह मास्क हमें चुभ रहा है और हमारे बाल भी इसमें उलझ गए हैं.... सारी की सारी मुसीबतें एक साथ ही आनी थी ... ऐसा कहते हुए उसकी आवाज रूआंधी हो गई थी .... राही बहुत ट्राई कर रही थी लेकिन वह मास्क निकल नहीं रहा था । । । ।
वह शख्स अपने हाथ को राही के सर के पीछे ले गया और उसके मास्क को खोलने लगा राही इस शख्स को देखने लगी उसे शख्स ने राही की ओर देखते हुए कहा ' रुको मैं करता हूं ... ऐसा कहकर बो शख्स raahi का मास्क निकलने लगा ... वही राही अपने आसपास देख रही थी राही ने हाथ नीचे कर लिए और मास्क के निकलने का इंतजार करने लगी कुछ ही सेकंड में उस शख्स ने वह मास्क निकाल दिया .... । । । ।
जैसे ही उसे शख्स ने राही का मास्क उतरकर उसके चेहरे को देखा .... तो वह उसके चेहरे को देखता रह गया ... उसके गुलाब की पंखुड़ियां की जैसे हॉट छोटी सी नाक उसकी ब्लू ओशन आइस जिसमें इस वक्त आंसुओं की नमी थी उसका छोटा सा चेहरा जो बहुत ही खूबसूरत और मासूम सा था .... उस शख्स ने खूबसूरती तो बहुत देखी थी लेकिन आर्या किं जो इनोसेंस थी जो मासूमियत थी उसकी आंखों में जो निश्छलता थी ... वह सबसे अलग थी सबसे खास थी .... वह इनोसेंस को.... वह मासूमियत... उसकी खूबसूरती को कई गुना बड़ा रही थी.... । । । ।
वह शख्स अपनी डार्क ग्रीन आईज से राही के चेहरे को एक तक देख रहा था जैसे की बो आर्या की मासूमियत उसकी खूबसूरती को अपनी आंखों में बसा रहा है .... जैसे वह अपनी नजरों में ही राही को कैद कर रहा हूं । । । ।
तभी ऐसा कुछ हुआ जिससे हम राही अंदर तक कांप गई ... उसके जर्रे जर्रे में डर की लहर दौड़ गई ..... उसने जो बहुत मुश्किल से खुद को रोने से रोका था उसकी आंखों से फिर से आंसू बहने लगे .... । । । । ।
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राही ने हल्के से झांक कर देखा तो फिर से उन तीनों की आवाज है पूरे जंगल में गूंज रही थी .... लेकिन इस बार सामने का नजारा और भी भयानक था ..… क्योंकि एक कमांडो ने मानिक के इशारे पर एक बहुत बड़ी नीचे लेकर कैनिथ की ओर बढ़ रहा था ... वही अंगद और उसके असिस्टेंट की हालत खराब हो रही थी ... उस शख्स ने जब राही की नजरों का पीछा किया तो तो उसके बो नजारा आ जो राही देख रही थी .... । । । ।
राही के पास बैठा हुआ वह शख्स भी यह नजारा देख रहा था लेकिन उसे शख्स के चेहरे पर किसी भी तरह के कोई एक्सप्रेशन नहीं था .... उसने एक नजर सामने देखा राही को देखा जो अपनी आंखों में बेहिसाब खौफ देख रही थी राही ने डर की वजह से उस शख्स की शर्ट को अपनी मुट्ठी में भींच लिया था .... राही को इतना डरा हुआ और सहमा हुआ देखकर उसे शख्स के चेहरे पर एक इविल स्माइल आ गई ... । । । ।
तभी यह कमांडो ने उसे बड़े से नाइफ को लेकर मानिक के इशारे पर कैथिन के पैर को एक ही झटके में काट दिया जिससे उसकी आवाज है पूरे जंगल में गूंजने लगी ... कैथीन के पैर से पानी की तरह खून बह रहा था ... और वह दर्द से चीख रहा था लेकिन वह मौजूद किसी को भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा था उन सभी के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे .... वही अंगद और उसके असिस्टेंट ने जब कैथीन्न का ये हाल देखा तो ये सब देखकर उनकी जान उनकी हलक में आ गई ....। । । ।
मानिक ने अंगद केनिथ और उसके असिस्टेंट की और देखते हुए नगावारी में अपना सर हिलाते हुए कहा ... अरे अरे तुम लोग तो अभी से डर गए जब beast आएंगे तब तुम लोगों का क्या हाल होगा ... जब तुम लोगों को पता था beast के बारे में तू क्या जरूरत थी उनके खिलाफ जाने .... अब देखो ना तुम लोगों की क्या हालत हो गई है ... ऐसा कहते हुए उसने अपना सर हिला दिया ... । । । ।
वही अंगद की असिस्टेंट नमन ने अपनी जान की भीख मांगती हूं मुझे माफ कर दीजिए मैं beast के खिलाफ कभी नहीं जाऊंगा ... मैं अंधा हो गया था लालच में ... लेकिन आप में ऐसी कोई गलती नहीं करूंगा प्लीज मुझे माफ कर दीजिए .... ऐसा कहती हुई वह अपनी जिंदगी की भीख मांग ने लगा अंगद तू पहले से ही जख्मी था अब वह धीरे-धीरे बेहोश होने लगा था उसके हाथ पर भी गोली लगी थी जिसकी वजह से उसके हाथ से भी खून बह रहा था ..... । । । ।
राही जिसने बहुत मुश्किल से खुद को संभाला था यह सब कुछ देखकर डर से कांपने लगी .... अब तो उसकी हालत पहले से भी खराब हो गई ... उसे सांस लेने में अब बहुत ज्यादा प्रॉब्लम होने लगी थी उस शख्स ने जब राही को इतना पैनिक करते हुए देखा ... बिना एक पल गवाये उसने राही को अपने सीने से लगा लिया और उसको बालों को धीरे-धीरे सहलाने लगा .... राही की आंखों से आंसू बह रहे थे जो उस शख्स की शर्ट को गीला कर रहे थे .... । । । ।
राही इस वक्त उसकी उस शख्स के सीने से लगी हुई थी .. और उसकी शर्ट को बहुत ही कसके अपनी मुट्ठी से पकड़े हुई थी .... उसने गहरी गहरी सांस लेते हुए सिसकते हुए कहा बो...बो... उन... उनका पैर... उन्होंने काट दिया .... वह ऐसा कैसे कर सकते हैं ...... बो लोग बहुत बुरे हैं .... ऐसा कहते हुए वह रो रही थी .... । । । ।
उस शख्स में राही के बालों को सहलाते हुए गहरी आवाज में कहा hey calm down my little precious ... कुछ भी नहीं हुआ.. रोना बंद करो.... तुम्हारे आंसू बहुत प्रेशियस है ...इन्हें ऐसी ही किसी और के लिए वेस्ट मत करो .... देखो तुम्हें सांस लेने में भी प्रॉब्लम हो रही है .... तुम खुद को hurt कर रही हो .... और मैं नहीं चाहता तुम खुद को hurt करो ऐसा कहते हुए बो शख्स अपना चेहरा आर्या की गर्दन में छुपाए हुए था और उससे आती हुई महक को किसी सनकी की तरह sniff कर रहा रह था.... उसने अपनी विशाल बाहों में आर्या को किसी खरगोश के बच्चे की तरह छुपाए हुए रखा था.... । । । ।
लेकिन राही को तो जैसे उसकी कोई बात सुनाई ही नहीं दे रही थी ... वह इस वक्त इतना ज्यादा डर चुकी थी कि वह डर के मारे कांप रहे थे जिसे वह शख्स भी महसूस कर सकता था ..... तभी वहां पर खड़े हुए कमांडो उस तरफ कुछ हलचल हलचल महसूस हुई .... वही मानिक जो इस वक्त इस और आ गया था और किसी को कॉल कर रहा था उसे भी वहां किसी के होने का एहसास हुआ .... । । । ।
उसने धीरे से कहा लगता है वही है जिसकी आवाज हमें सुनाई दी थी वह यही चुप कर बैठी हुई है beast को कॉल करके यहां बुलाने से पहले मुझे इसका इंतजाम करना होगा... वह भी इन्हीं के साथ मिली हुई होगी ... इतना कह कर उसने अपना सर हिलाया और उस दिशा में बढ़ गया ... उसके साथ कुछ कमांडोज भी थे .... उन सभी कमांडोज के हाथ में बड़ी-बड़ी और अलग-अलग तरह की राइफल्स भी थी..... । । । ।
मनिक अपने कमांडो उसको लेकर जैसे ही उसे बड़े से पत्थर के सामने आया और उसने अपने सामने का नजारा देखा तो उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो गई .... उसे यकीन नहीं हो रहा था कि वह जो अपने सामने देख रहा है वह सच है या फिर लेकिन अगले ही पल उसके चेहरे पर डर और घबराहट के भाव आ गए .... । । । ।
Done। । । ।
Done। । । ।
आखिर क्या हुआ था राही के साथ ...। । । ।
क्या होगा beast का अगला कदम ... । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । ।
A . 😄 😊 😍 🥰 ☺️ । । । । ।
Hello friends । । 🙂 ☺️। ।
स्टोरी को लाइक कमेंट शेयर करना ना भूले और स्टोरी को रिव्यू जरूर करें आपके रिव्यू ही यह डिसाइड करेंगे की कहानी आगे बढ़ेगी या नहीं .... सो प्लीज कहानी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करो और ज्यादा से ज्यादा रिव्यू करें ... । । ।
Hello friends। । 🙂 ☺️ । ।
स्टोरी को लाइक कमेंट शेयर करना ना भूले और स्टोरी को रिव्यू जरूर करें । । । ।
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Chapter 8
लेकिन राही को उसकी कोई बात सुनाई ही नहीं दे रही थी। वह इस वक्त इतना डर गई थी कि वह डर के मारे कांप रही थी, जिसे वह शख्स भी महसूस कर सकता था। तभी वहाँ पर खड़े कमांडो को उस तरफ कुछ हलचल महसूस हुई। वही मानिक, जो इस वक्त उस ओर आ गया था और किसी को कॉल कर रहा था, उसे भी वहाँ किसी के होने का एहसास हुआ।
उसने धीरे से कहा, "लगता है वही है जिसकी आवाज हमें सुनाई दी थी। वह यहीं चुपचाप बैठी हुई है। beast को कॉल करके यहाँ बुलाने से पहले मुझे इसका इंतज़ाम करना होगा। वह भी इन्हीं के साथ मिली हुई होगी..." इतना कहकर उसने अपना सिर हिलाया और उस दिशा में बढ़ गया। उसके साथ कुछ कमांडोज भी थे। उन सभी कमांडोज के हाथ में बड़ी-बड़ी और अलग-अलग तरह की राइफल्स थीं।
मानिक अपने कमांडोज को लेकर जैसे ही उस बड़े से पत्थर के सामने आया और उसने अपने सामने का नजारा देखा, तो उसकी आँखें हैरानी से बड़ी हो गईं। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि वह जो अपने सामने देख रहा है, वह सच है या फिर... लेकिन अगले ही पल उसके चेहरे पर डर और घबराहट के भाव आ गए।
मानिक और उसके कमांडोज उस बड़े से पत्थर के पीछे जा रहे थे। उन सभी के हाथों में gun थीं और वे बहुत alert थे। जैसे ही वे सभी पत्थर के पीछे पहुँचे और मानिक ने उस पत्थर के पीछे बैठी हुई शख्स को देखा, और उसकी बाहों में छुपी हुई राही को देखा, जो इस वक्त बहुत बुरी तरह सिसक रही थी। राही और उस शख्स को देखकर मानिक की आँखें हैरानी से बड़ी हो गईं। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि वह जो अपने सामने देख रहा है, वह सच है या फिर कोई इल्यूज़न।
वह सभी कमांडोज राही की तरफ अपनी gun ताने खड़े हुए थे। मानिक ने उस शख्स की ओर देखते हुए हैरानी से कहा, "beast... ये..." इससे आगे वह कुछ कह पाता, कि तभी beast ने उसे अपना हाथ दिखाकर रोक दिया और अपनी डार्क ग्रीन डोमिनेटिंग आँखों से उसे कुछ ना बोलने का इशारा किया। वह अपनी कोल्ड डार्क ग्रीन आँखों से मानिक को ही घूर रहा था।
उसकी सर्द नज़रों को खुद पर पाकर मानिक के चेहरे पर डर और घबराहट के भाव आ गए। उसके चेहरे पर इस वक्त mixed expression थे। एक तरफ वह beast की बाहों में किसी लड़की को देखकर हैरान था, वहीं उसे beast की नज़रों से डर भी लग रहा था। Beast ने अपनी एक ठंडी नज़र उन सभी कमांडोज पर डाली। जैसे ही उन कमांडोज ने beast की ठंडी नज़र खुद पर महसूस की, उन्होंने अपने हथियार नीचे कर लिए।
Beast राही को अपनी बाहों में छुपाए हुए था। वही राही, जो इस वक्त इतना ज्यादा डरी हुई थी, उसे किसी के आने का एहसास ही नहीं हुआ। लेकिन जैसे ही मानिक की आवाज उसके कानों में पड़ी, तो वह अंदर तक कांप गई। उसने beast की शर्ट को और ज्यादा कस के पकड़ लिया और कांपते हुए कहा, "वह... वो... लोग यहाँ आ गए... हैं... वह लोग हमें पकड़ लेंगे..."
Beast ने राही के बालों को सहलाते हुए सर्द लहजे में कहा, "यहाँ कोई नहीं है। जब तक तुम मेरे साथ हो, तुम बिलकुल सेफ हो। touching you is too far away, ... if someone even sets his eyes on you, it will be the biggest mistake of his life... After he casts his dirty glance on you, he won't be able to look at anything else......"
"तुम्हें छूना तो दूर की बात है, अगर किसी ने तुम पर अपनी नज़रें भी उठाई, तो यह उसकी ज़िंदगी की सबसे बड़ी गलती होगी। तुम पर अपनी बुरी नज़र डालने वाला कुछ और देखने लायक नहीं रहेगा..."
"ना ही कोई और तुम्हारे पास आएगा और ना ही अब तुम्हें ये आवाज़ें सुनाई देंगी..."
वह अपनी बात तो राही से कह रहा था, लेकिन उसकी नज़रें मानिक और उन पर थीं। Beast की बातों का मतलब समझकर सभी कमांडोज ने अपनी नज़रें झुका लीं। Beast ने अपनी दो उंगलियों से मानिक को वहाँ से जाने का इशारा किया।
वही, beast की बात सुनकर मानिक की आँखें बाहर आने को हुईं। वह हैरानी से beast और राही को ही देख रहा था। लेकिन जैसे ही उसने beast का इशारा समझा और उसकी बातों पर ध्यान दिया, उसने तुरंत अपनी नज़रें झुका लीं और बिना कोई आवाज किए वहाँ से जाने लगा।
वही राही तो जैसे कुछ सोचने-समझने की हालत में ही नहीं थी। वह इतना ज्यादा डर गई थी कि उसे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि वह करे तो क्या करे। वह बस सिमटी हुई beast की बाहों में थी। उसने beast की बातों पर ज्यादा ध्यान भी नहीं दिया, क्योंकि इस वक्त डर, घबराहट, खौफ उसे बहुत बुरी तरह हावी था। उन लोगों की चीखों को सुनकर वह बहुत बुरी तरह पैनिक कर रही थी। उसे साँस लेने में भी प्रॉब्लम हो रही थी, जिसकी वजह से उसके गले पर ज़ोर पड़ रहा था, जिससे उसे तकलीफ हो रही थी।
मानिक जो वहाँ से दबे पांव जा रहा था, उसने धीरे से ही खुद से कहा, "beast के साथ यह लड़की क्या कर रही है? इसी लड़की की चीख तो हमने सुनी थी। तो अब ये लड़की beast के पास कैसे आई? यह लड़की तो उन तीनों के साथ मिली हुई हो सकती है। तो फिर beast उसके साथ ऐसे क्यों पेश आ रहे हैं? इतनी अच्छे से तो beast किसी के साथ पेश नहीं आते, जैसा वह इस लड़की के साथ आ रहे हैं। पता नहीं beast के दिमाग में क्या चल रहा है..." ऐसा कहते हुए वह जाने लगा।
कुछ ही पलों में beast के order के मुताबिक वहाँ से चीखने और चिल्लाने की आवाज बंद हो गई। अब वहाँ पर कोई नहीं था, या फिर यूँ कहें कि कोई दिखाई नहीं दे रहा था। जहाँ कुछ देर पहले तक चीखने और चिल्लाने की आवाज आ रही थी, अब वहाँ पर बिल्कुल सन्नाटा था। वही beast राही की गर्दन पर अपना चेहरा छुपाए हुए था और उससे आती हुई महक को inhale कर रहा था, जैसे कि उसे कोई बहुत ही मनपसंद चीज मिल गई हो, जिसे वह एक सेकंड के लिए भी खुद से दूर नहीं होना चाहता था।
तभी कुछ ऐसा हुआ जिससे beast की आँखें एकदम ठंडी हो गईं और वह अपनी ठंडी आँखों से राही को घूरने लगा।
Beast राही को अपने सीने से लगाए हुए था और खुद अपना चेहरा उसकी गर्दन में छुपाए हुए था। राही धीरे-धीरे शांत हो रही थी और beast लगातार उसके पीठ और उसके बालों को सहला रहा था। तभी राही अपनी senses में आई। उसने ध्यान दिया कि अब चीखने की आवाज़ नहीं आ रही थी और चिल्लाने की आवाज़ बंद हो चुकी है। वह जल्दी से beast से अलग हुई और उसे खुद से दूर किया। इस तरह अचानक से राही के दूर जाने से beast की आँखें सर्द हो गईं, और वह राही को अपनी डार्क ग्रीन आँखों से घूरने लगा। वहीं राही का ध्यान तो इस पर था ही नहीं।
उसने जल्दी से और चुपके से पत्थर के पीछे से देखा तो पाया कि अब वहाँ पर कोई नहीं था। वहाँ किसी को न देखकर राही दंग रह गई। राही ने beast की ओर देखते हुए और डरते हुए कहा, "वो... वो... वो बुरे लोग कहाँ गए? अब तो यहाँ पर कोई भी नहीं है और वह तीनों, उनके साथ क्या हुआ? वो लोग कुछ देर पहले तो यहीं थे ना, तो अब कहाँ चले गए?"
Beast, जिसको राही का खुद उसे यूँ दूर करना जरा भी पसंद नहीं आया था, उसने राही का हाथ पकड़ा और अपनी ओर हल्का सा खींचा। उसने राही के हर एक सवाल को ignore करते हुए गहरी आवाज में कहा, "दोबारा मुझे खुद से दूर कभी मत करना, वरना तुम्हारे साथ क्या होगा इसका अंदाजा भी तुम्हें नहीं है..." यह बात उसने किसी साइको की तरह कही थी और ऐसा कहते हुए beast की पकड़ राही के हाथ पर कसती जा रही थी, जिससे राही को दर्द हो रहा था।
राही ने रुआँधी आवाज में beast की ओर देखते हुए कहा, "ये... ये... आप क्या कर रहे हैं? छोड़िये, हमें दर्द हो रहा है... हमें यहाँ से जाना है..." ऐसा कहते हुए उसकी ब्लू ओशन आँखों में मोटे-मोटे आँसू थे, जो चाँद की चांदनी में उसकी आँखों में किसी मोती की तरह चमक रहे थे।
राही की बात सुनकर beast ने एक गहरी साँस ली और फिर राही का हाथ छोड़ दिया। राही अपने हाथ को सहला रही थी। तभी beast ने उसकी तरफ देखते हुए बिना किसी expression के कहा, "देखो, मेरे कहने का मतलब है कि हमें अभी दूर नहीं जाना चाहिए। हो सकता है कि तुम्हारे वो बुरे लोग हमें अलग-अलग पाकर पकड़ लें। और हो सकता है कि वह लोग आसपास ही हों और तुम्हारी एक छोटी सी गलती का इंतज़ार कर रहे हों, ताकि वह तुम्हें पकड़ सकें। और फिर उसके बाद वह लोग तुम्हारे साथ न जाने क्या करें... लेकिन अगर तुम फिर भी अकेले जाना चाहती हो, तो जा सकती हो, मैं तुम्हें रोकूँगा नहीं। लेकिन मैं कोई रिस्क नहीं लूँगा..." ऐसा कहते हुए beast के चेहरे के expression ऐसे थे जैसे वह राही को समझाना चाहता था कि वह लोग सच में उसे पकड़ ही लेंगे और उसकी भलाई इसी में है कि वह उसके साथ रहे। और beast अपने इस मकसद में कामयाब भी हो गया था।
राही को beast की बातें सही लगीं। उसने धीरे से beast की ओर देखते हुए बड़ी ही मासूमियत के साथ कहा, "हाँ... आप सही कह रहे हैं। वह लोग आसपास ही होंगे, वरना इतनी जल्दी वो लोग कहाँ जाएँगे। हमें साथ ही रहना चाहिए, वरना वह लोग हमें पकड़ लेंगे और पता नहीं फिर क्या करेंगे... वैसे भी वह लोग बहुत बुरे थे... किस तरह से उन तीनों को मार रहे थे... लेकिन उन तीनों का क्या? अगर हमने उन तीनों की मदद नहीं की, तो वह लोग उन्हें मार देंगे। हमें पुलिस में जाकर उनकी complaint करनी चाहिए..."
राही, जिसे beast के बारे में कुछ भी नहीं पता था, ना ही उसे यह पता था कि यह सब कुछ राही के इशारे पर ही हो रहा था, और उसी के एक इशारे पर मानिक और कमांडोज ने उसे छोड़ दिया था। Beast के बारे में पूरी तरह से बेखबर थी और इसीलिए वह beast के सामने यह सब कुछ कह पा रही थी और उसे पर भरोसा कर रही थी, इससे अनजान कि beast इन सब के पीछे है।
वही beast अपनी डार्क ग्रीन आँखों से राही को ही देख रहा था। उसकी नज़रें बहुत ही अजीब थीं। beast राही की बातें सुनकर यह अच्छी तरह से समझ चुका था कि उसके सामने बैठी हुई वह लड़की बहुत ही मासूम है, जिसे इस काली दुनिया के बारे में कुछ भी नहीं पता। वह उसके खिलाफ पुलिस complaint करने की बात कर रही थी, जिसके आगे पुलिस क्या, बड़े-बड़े मंत्री भी उसकी तरफ देखने से खौफ खाते थे। उसे समझ नहीं आ रहा था कि आज की दुनिया में भी इतने अच्छे और मासूम लोग होते हैं या फिर यह मासूमियत सिर्फ एक छलावा है जो उसके सामने है।
Beast ने राही की ओर देखते हुए बिना किसी expression के कहा, "वह लोग चले गए हैं और अब हमें भी यहाँ से चलना चाहिए। हो सकता है कि वह लोग वापस आ जाएँ..."
Beast की बात सुनकर राही डर गई और उसने जल्दी से कहा, "हाँ, हाँ, चलते हैं, चलिए... हमें फिर से वो सब नहीं देखना... यहाँ से... यहाँ से जितनी जल्दी जाएँगे उतना अच्छा होगा..." ऐसा कहते हुए वह गहरी साँस ले रही थी।
राही ने आसपास देखा और यह confirm किया कि अब वहाँ पर कोई भी नहीं था। वह कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी।
राही खड़ी हो गई और फिर अपना हाथ beast की ओर बढ़ाया। Beast ने एक पल के लिए उसके हाथ को देखा, जो उसकी तरह बड़ा हुआ था, और फिर राही के मासूम से चेहरे को देखा, जो चाँद की चांदनी में किसी हीरे की तरह चमक रहा था। वह पल बहुत अलग था, बहुत खास था। उस पल में कुछ ऐसा था जिसे समझ पाना राही और beast, उन दोनों के लिए ही मुश्किल था।
राही को देखकर beast के चेहरे पर एक बहुत ही हल्की सी smile आ गई, लेकिन वह smile बहुत ही mysterious और dark थी। Beast ने राही का हाथ पकड़ा और उसे पर बिना कोई force डाले खड़ा हो गया, क्योंकि अगर वह जरा भी force डालता, तो राही उस पर ही गिर जाती। और यह बात beast को अच्छी तरह से पता थी कि उसके सामने खड़ी हुई लड़की जरा सा भी force सहन नहीं कर पाएगी।
राही, जिसके साथ उसका छोटा सा हैंडबैग भी था, जिस पर butterflies बनी हुई थीं, उसने वह उठाया और फिर beast की ओर देखते हुए कहा, "चलिए, हम चलते हैं... जितना जल्दी यहाँ से निकलें उतना अच्छा... हमें यहाँ बहुत डर लग रहा है..." ऐसा कहते हुए वह मुड़ गई। तभी उसके दिमाग में कुछ hint हुआ और उसने अपना सर पीट लिया।
अध्याय 9
राही खड़ी हुई और अपना हाथ बीस्ट की ओर बढ़ाया। बीस्ट ने एक पल के लिए उसके हाथ को देखा, जो उसकी तरह बड़ा हुआ था, और फिर राही के मासूम चेहरे को देखा जो चांद की चांदनी में किसी हीरे की तरह चमक रहा था। वह पल बहुत अलग था, बहुत खास था। उस पल में कुछ ऐसा था जिसे समझ पाना राही और बीस्ट, दोनों के लिए मुश्किल था।
राही को देखकर बीस्ट के चेहरे पर एक बहुत ही हल्की सी स्माइल आई, लेकिन वह स्माइल बहुत ही मिस्टीरियस और डार्क थी। बीस्ट ने राही का हाथ पकड़ा और उसे बिना किसी फोर्स के खड़ा किया, क्योंकि अगर वह जरा भी फोर्स डालता तो राही उस पर गिर जाती। और यह बात बीस्ट को अच्छी तरह से पता थी कि उसके सामने खड़ी लड़की जरा सा भी फोर्स सहन नहीं कर पाएगी।
राही, जिसके साथ उसका छोटा सा हैंडबैग भी था जिस पर बटरफ्लाइज बनी हुई थीं, उसे उठाया। और फिर बीस्ट की ओर देखते हुए कहा, "चलिए, हम चलते हैं। जितना जल्दी यहां से निकलें, उतना अच्छा। हमें यहां बहुत डर लग रहा है।" ऐसा कहते हुए वह मुड़ गई। तभी उसके दिमाग में कुछ हिंट हुआ और उसने अपना सर पीट लिया।
राही अपनी सहमी नजरों से जंगल में हर तरफ देख रही थी। उसे पूरा जंगल एक जैसा ही लग रहा था। उसने कंफ्यूजन में अपना सर पीट लिया, और उसकी आंखें फिर से आंसुओं से भीग गईं। वहीं बीस्ट उसकी हर एक्टिविटी को बहुत ध्यान से देख रहा था। राही को ऐसा करते हुए देखकर, उसने बिना किसी एक्सप्रेशन के साथ उसकी तरफ देखते हुए कहा, "क्या हुआ तुम्हें? इतना परेशान क्यों लग रही हो?"
राही ने बीस्ट को अपनी नम आंखों से देखा और फिर डरते हुए कहा, "हम कहाँ जाएँ? हमें रास्ता ठीक से याद नहीं आ रहा, और न ही हमें कुछ समझ आ रहा है। यह सब कुछ तो एक जैसा ही है। हमें तो याद भी नहीं है कि हम कहाँ से आए थे। हमें तो चारों तरफ बस यही सब कुछ दिखाई दे रहा है। क्या आपको याद है जहाँ से हम आए थे, वहाँ पहुँचने का रास्ता?" ऐसा कहते हुए वह बहुत ही उम्मीद भरी नजरों से बीस्ट की ओर देख रही थी। लेकिन बीस्ट के जवाब ने उसकी यह उम्मीद तोड़ दी। लेकिन बीस्ट की अगली बात सुनकर उसकी उम्मीद फिर से जाग गई।
बीस्ट ने अपनी डार्क ग्रीन आँखों से राही को देखा, जो बहुत ही उम्मीद भरी नजरों से उसकी ओर देख रही थी। बीस्ट ने अपनी गहरी आवाज में कहा, "मुझे यह तो नहीं पता कि तुम किस रास्ते से आई थी, और अभी रात भी काफी हो चुकी है। अगर हम बिना सही रास्ते को जाने किसी भी डायरेक्शन में बढ़े तो हम भटक जाएँगे। यहाँ आते हुए मुझे एक विला दिखाई दिया था, जो यहां से कुछ ही दूरी पर है। इसलिए हम वहाँ चलते हैं, और रात में वहीं रुकते हैं।"
बीस्ट की बात सुनकर राही सोच में पड़ गई कि उसे बीस्ट की बात माननी चाहिए या नहीं। क्या उसे इस अजनबी पर भरोसा करना चाहिए या नहीं? वह मासूम भले ही थी, लेकिन बेवकूफ नहीं थी। वह ऐसे ही किसी पर भरोसा नहीं कर सकती थी। राही उसके साथ जाने में हिचकिचा रही थी।
राही को कोई जवाब ना देता हुआ देखकर बीस्ट ने उसकी तरफ देखते हुए कहा, "क्या हुआ तुम्हें? तुम कुछ बोल क्यों नहीं रही हो?" बीस्ट अगर चाहता तो राही को बिना एक पल गवाए अपने साथ लेकर जा सकता था, लेकिन वह राही का जवाब जानना चाहता था। क्या वह उसके साथ जाने के लिए आसानी से मान जाएगी या फिर मना कर देगी?
राही ने बीस्ट की ओर देखते हुए कहा, "हमें लगता है हमें यहां से बाहर निकलने की कोशिश करनी चाहिए। हो सकता है कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते जाएँ, वैसे-वैसे हमें रास्ता याद आ जाए और हम इस जंगल से निकल जाएँ। हमारे दोस्त और हमारी बहन भी परेशान हो रही होंगी, वह हमारी चिंता कर रही होंगी। अगर हम नहीं पहुँचे तो वह बहुत ज्यादा घबरा जाएँगे। और वैसे भी हम ऐसे कैसे किसी अनजान के साथ अनजान जगह पर जा सकते हैं?"
राही का जवाब सुनकर बीस्ट उसे बहुत ही अजीब तरह से देख रहा था। और फिर कुछ सोचकर उसके चेहरे पर एक ना देखने वाली डेविल स्माइल आ गई। उसने राही की ओर देखते हुए कहा, "ठीक है, जैसा तुम चाहो। अगर तुम जाना चाहती हो तो चली जाओ। मैं तो वहीं जाऊँगा जहाँ के बारे में मैंने तुम्हें बताया है। वैसे भी रात काफी हो गई है और तुम्हारे उन बुरे लोगों का भी कोई भरोसा नहीं है। कब वह लोग वापस आ जाएँ..." बीस्ट ने बुरे लोगों पर जोर देते हुए कहा।
बीस्ट की बात सुनकर राही बहुत बुरी तरह डर गई। तभी उसे कुछ लोगों की आवाज सुनाई दी जो पेड़ के पीछे से आ रही थीं। उन आवाजों को सुनकर राही समझ गई कि ये लोग वही हैं जो कुछ देर पहले उन तीनों को टॉर्चर कर रहे थे। राही ने जल्दी से बीस्ट की ओर देखते हुए और घबराते हुए कहा, "हम भी आपके साथ चलेंगे। चलिए, जल्दी चलिए। हमें उनकी आवाज आ रही है। वह लोग आसपास ही हैं।" ऐसा कहकर उसने जल्दी से बीस्ट का हाथ पकड़ा और आगे की ओर चलने लगी।
राही की बात सुनकर बीस्ट के चेहरे पर एक अजीब सी स्माइल आ गई। राही जाने को हुई कि तभी बीस्ट ने उसे रोकते हुए कहा, "यहाँ नहीं।" बीस्ट ने उसे सही डायरेक्शन की ओर इशारा करते हुए कहा। राही ने जल्दी से अपना सर हाँ में हिलाया और फिर बीस्ट का हाथ पकड़कर भागने लगी। भाग तो सिर्फ राही ही रही थी। राही का भागना और बीस्ट की नॉर्मल चाल बराबर ही थी। बीस्ट तो बस तेज कदमों से चल रहा था, और उसकी नजर अपने और राही के हाथ में थी जिसे राही ने थामा हुआ था। कुछ सोचकर बीस्ट ने भी उसके हाथ पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली।
राही और बीस्ट भागते-भागते कुछ दूर आ गए थे। भागते-भागते राही हाँफने लगी, और उसके गले पर भी बहुत जोर पड़ रहा था जिसकी वजह से उसके गले में बहुत दर्द हो रहा था। कुछ पल के लिए राही रुक गई और उसके साथ बीस्ट भी रुक गया। राही बहुत बुरी तरह थक चुकी थी। वहीं बीस्ट की साँस तो एकदम नॉर्मल थी, जैसे इतना चलने के बाद भी उसे कोई फर्क ही न पड़ा हो। अरे सच भी था, उसे कोई फर्क नहीं पड़ा था। राही और बीस्ट अभी तक जितना भागकर आए थे, उससे ज़्यादा बीस्ट डेली वर्कआउट कर लेता था।
राही से अब और सहन नहीं हो रहा था उसका दर्द। इसलिए उसने अपना बैग खोला और उसमें से एक छोटी सी पानी की बोतल निकाली और एक मेडिसिन भी निकाली जो हमेशा उसके साथ ही रहती थी। उसने वह मेडिसिन ली और पानी पीया। तब जाकर उसे कुछ पलों में आराम मिला और उसकी साँसें भी नॉर्मल हो गईं।
बीस्ट ने उसे मेडिसिन खाते हुए देखा तो उसकी तरफ देखते हुए उससे पूछा, "यह किस चीज़ की मेडिसिन ले रही हो तुम? क्या तुम ड्रग्स लेती हो?"
बीस्ट की बात सुनकर राही की आँखें हैरानी से बड़ी हो गईं और वह अपनी बड़ी-बड़ी ओशियन ब्लू आँखों से बीस्ट को देखने लगी। गुस्से में उसका मुँह खुल गया और फिर उसने बीस्ट की ओर देखते हुए कहा, "यह क्या बकवास कर रहे हैं आप? हम कोई ड्रग्स नहीं लेते। यह तो हमारी मेडिसिन है, जो हमें हर रोज लेनी पड़ती है। आप हमसे इस तरह का सवाल पूछ भी कैसे सकते हैं कि हम ड्रग्स लेते हैं? आप ही लेते होंगे ड्रग्स!" ऐसा कहते हुए वह बीस्ट को ही घूर रही थी।
राही के गाल इस वक्त गुस्से में फूल चुके थे। वह इस वक्त बहुत ही क्यूट लग रही थी। रो रो कर उसका चेहरा पहले ही टमाटर की तरह लाल हो चुका था। बीस्ट अपनी आँखों में एक अलग ही नशा लिए राही के हिलते हुए होठों को देख रहा था और उसकी हर एक बात को सुन रहा था। उसने राही की हर एक बात को इग्नोर कर दिया, जैसे कि कोई वह फ़ालतू बकवास कर रही हो।
बीस्ट ने राही की ओर देखते हुए उससे पूछा, "वैसे तुम्हारा नाम क्या है?"
बीस्ट की बात सुनकर राही ने मुँह बनाते हुए कुछ बोलने को हुई, कि तभी उसे कुछ याद आया और उसने बीस्ट को घूरते हुए कुछ ऐसा कहा जिसकी वजह से बीस्ट अपनी आँखें छोटी करके राही को देखने लगा।
आखिर क्या कहा राही ने बीस्ट से? क्या होगा बीस्ट का अगला कदम? आखिर क्या हुआ था राही के साथ? क्या होगा बीस्ट का अगला कदम? जानने के लिए पढ़ते रहिए।
Chapter 10
बीस्ट की बात सुनकर राही की आँखें हैरानी से बड़ी हो गईं। उसने अपनी बड़ी-बड़ी ओसियन ब्लू आँखों से बीस्ट को देखना शुरू कर दिया। गुस्से में उसका मुँह खुल गया और फिर उसने बीस्ट की ओर देखते हुए कहा, "यह क्या बकवास कर रहे हैं आप? हम कोई ड्रग्स नहीं लेते। यह तो हमारी मेडिसिन है, जो हमें हर रोज लेनी पड़ती है। आप हमसे इस तरह का सवाल पूछ भी कैसे सकते हैं कि हम ड्रग्स लेते हैं? आप ही लेते होंगे ड्रग्स।" ऐसा कहते हुए वह बीस्ट को ही घूर रही थी।
राही के गाल इस वक्त गुस्से में फूल चुके थे। वह इस वक्त बहुत ही क्यूट लग रही थी। रो-रो कर उसका चेहरा पहले ही टमाटर की तरह लाल हो चुका था। बीस्ट अपनी आँखों में एक अलग ही नशा लिए राही के हिलते हुए होंठों को देख रहा था और उसकी हर एक बात को सुन रहा था। उसने राही की हर एक बात को इग्नोर कर दिया, जैसे कोई वह फ़ालतू बकवास कर रही हो।
बीस्ट ने राही की ओर देखते हुए उससे पूछा, "बताओ, तुम्हारा नाम क्या है?"
बीस्ट की बात सुनकर राही ने मुँह बनाते हुए कुछ बोलने को हुआ, कि तभी उसे कुछ याद आया। उसने बीस्ट को घूरते हुए कहा, "हम आपको अपना नाम क्यों बताएँ? हमारे भाई ने कहा था कि अनजान लोगों से नहीं बात करना, और ना ही उन्हें अपना नाम बताना। और उनसे जितना हो सके उतना दूर रहना। स्ट्रेंजर्स लड़कियों के बारे में इन्फ़ॉर्मेशन कलेक्ट करते हैं और फिर उन्हें किडनैप कर लेते हैं। इसलिए हम आपको अपना नाम नहीं बताएँगे और आपसे दूर ही रहेंगे।"
राही की बात सुनकर बीस्ट अपनी आँखें छोटी करके घूरने लगा। वह उसकी तरफ़ देखते हुए बोला, "लेकिन कुछ देर पहले तो तुम मेरे बहुत ही करीब थीं, और तुम ही ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपनी ओर खींचा था। फिर मेरा हाथ पकड़ कर भाग रही थीं, तब तुम्हें अपने भाई की बात याद नहीं आई कि उसने क्या कहा था तुमसे?"
बीस्ट की बात सुनकर राही ने अपना सिर हाँ में हिलाते हुए कहा, "हमें तब भी अपने भाई की बात याद थी। हम अपने भाई की कोई भी बात नहीं भूलते। लेकिन तब अगर हम आपका हाथ नहीं खींचते, तो वह लोग आपको देख लेते। इसलिए आपको बचाने के लिए हमने ऐसा किया। और अगर हम आपका हाथ पकड़ कर नहीं भागते, तो फिर वह बुरे लोग हमें देख लेते और फिर वह हमें पकड़ लेते, और हम ऐसा होने नहीं दे सकते थे। और फिर हमने आपसे कहा भी तो था कि हम आपको बचाएँगे और आपकी मदद करेंगे यहाँ से निकलने में। हमने आपसे वादा किया था, तो हम अपने वादे से पीछे कैसे हट सकते थे? आपको तो हमें थैंक यू बोलना चाहिए, आपकी जान बचाने के लिए, ना कि हमसे झगड़ा करना चाहिए। भला कोई इतनी अच्छी लड़की से झगड़ा करता है क्या? वह भी तब जब उसने आपकी जान बचाई हो। और आप हैं जो हमें थैंक यू बोलने की जगह हमसे झगड़ा कर रहे हैं। अगर हम नहीं होते, तो वह लोग आपको देख लेते और फिर पता नहीं वह लोग आपके साथ क्या करते।"
राही ऐसे कह रही थी जैसे उसने बीस्ट पर बहुत बड़ा एहसान कर दिया हो, जबकि वह नहीं भी होती, तब भी वह कमांडोज बीस्ट को कुछ करना तो दूर, उसकी तरफ़ देखने तक की हिम्मत नहीं रखते थे।
राही की बातें सुनकर बीस्ट उसे अपनी एक आईब्रो उठाकर देखने लगा। उसने राही की तरफ़ देखते हुए कहा, "तुमने मेरी जान बचाई, और मुझे तुम्हें इसके लिए थैंक यू बोलना चाहिए।" बीस्ट ने यह बात सारकास्टिक टोन में कही थी।
बीस्ट की बात सुनकर राही ने अपना सिर हाँ में हिलाते हुए कहा, "आपको हमें थैंक यू बोलना चाहिए। चलिए, बोलिए जल्दी से।" ऐसा कहते हुए वह बीस्ट के थैंक यू बोलने का इंतज़ार करने लगी और उसकी तरफ़ अपनी ब्लू ओसियन आँखों से देखने लगी।
वहीं राही की इनोसेंस देखकर बीस्ट के एक्सप्रेशन बहुत ही ईविल हो गए। अपनी आँखों में एक अलग ही सनक लिए राही को देखने लगा। उसने राही की बातों का कोई जवाब नहीं दिया, वह बस राही को देख रहा था, जैसे उसने मन ही मन कुछ ठान लिया था। अब वह क्या था, वह तो वक़्त ही बताने वाला था।
बीस्ट उससे कुछ कहता, कि उससे पहले ही राही के दिमाग में कुछ आया। उसने एकदम से खड़े होते हुए कहा, "हमारा फ़ोन! हम उससे अपने दोस्तों को कॉल कर सकते हैं। उन्हें बता सकते हैं कि हम कहाँ हैं, वह हमें ज़रूर लेने आएंगे। और पता नहीं वह हमें ना पाकर कितनी फ़िक्र कर रहे होंगे। हम अभी अपने फ़ोन में देखते हैं, शायद अब नेटवर्क मिल गए हों, और हमारा कांटेक्ट हमारे दोस्तों और हमारी बहन से हो जाए।" ऐसा कहते हुए वह जल्दी से अपने बैग को देखने लगी जिसमें उसका फ़ोन रखा हुआ था। उसने उस फ़ोन को निकाला और अपना फ़ोन चेक करने लगी। लेकिन राही का बैड लक...
राही ने जैसे ही अपने फ़ोन को चेक किया, तो उसमें नेटवर्क नहीं आ रहे थे। ना ही राही किसी को कॉल कर सकती थी और ना ही किसी का कॉल अटेंड कर सकती थी। राही ने मायूस होते हुए कहा, "इसमें तो नेटवर्क ही नहीं है।" फिर तभी उसे याद आया कि उसके साथ कोई और भी है, उसके पास भी फ़ोन हो सकता है। राही ने बीस्ट की ओर देखते हुए बड़ी उम्मीद से कहा, "क्या आपके पास फ़ोन है? हम उसकी मदद से अपने दोस्तों को कांटेक्ट कर सकते हैं।"
राही की बात सुनकर बीस्ट ने उसकी तरफ़ देखते हुए कहा, "मेरे पास भी फ़ोन है, लेकिन इस वक़्त मेरे फ़ोन से भी कॉल नहीं लग सकता। यह जंगल का एरिया है, यहाँ नेटवर्क मिलना मुश्किल है। अच्छा होगा हम उस विला की ओर चलें, हो सकता है वहाँ तुम्हें बेहतर नेटवर्क मिल जाए।"
बीस्ट की बात सुनकर राही उदास होकर उसके पास लगे हुए एक पेड़ के साथ टिक कर बैठ गई। राही ने एक गहरी साँस ली और उसकी तरफ़ देखते हुए कहा, "हम बहुत थक गए हैं। क्या आप हमारे साथ कुछ देर यहाँ रुक सकते हैं? उसके बाद हम चलेंगे। हमें अकेले डर लगेगा।"
राही की बात सुनकर बीस्ट ने सारकास्टिक वे में उसकी तरफ़ देखते हुए कहा, "लेकिन अभी तो तुमने कहा था कि अनजान लोगों से दूर रहना चाहिए, और अब तुम चाहती हो कि मैं यहाँ तुम्हारे साथ रुक जाऊँ? थक तुम गई हो, मैं नहीं। मैं अभी भी चल सकता हूँ।"
बीस्ट की बात सुनकर राही ने मुँह बनाते हुए कहा, "हाँ, तो हम दूर ही रहेंगे। आप वहाँ बैठिए।" राही ने तीन-चार कदम की दूरी पर एक और पेड़ की ओर इशारा करते हुए कहा, "और हम यहाँ बैठेंगे। इस तरह हम दूर रहेंगे। हमने आपकी जान बचाई, तो क्या आप हमारे लिए कुछ देर यहाँ रुक नहीं सकते?"
राही की बात सुनकर बीस्ट अपने सामने बैठी हुई छोटी सी लड़की को घूरने लगा, जो बार-बार उसे यह याद दिला रही है कि उसने उसकी जान बचाई, जबकि ऐसा कुछ था ही नहीं। उल्टा अगर बीस्ट चाहता, तो उसे एक झटके में खत्म कर सकता था, लेकिन फ़िलहाल वह ऐसा कुछ नहीं कर रहा था और ना ही अभी के लिए वह ऐसा कुछ चाह रहा था। सिर्फ़ अभी के लिए… लेकिन आगे वह क्या करेगा, इसका अंदाज़ा किसी को नहीं था, सिवाय बीस्ट के।
बीस्ट ने एक गहरी साँस ली और फिर वहीं एक पेड़ से टिककर बैठ गया। बीस्ट को ना जाते हुए देखकर राही ने एक राहत की गहरी साँस ली। राही ने कुछ देर के लिए अपनी आँखें बंद कर लीं। वहीं बीस्ट अपनी डार्क ग्रीन आँखों से राही को ही देख रहा था, जो इस वक़्त अपनी आँखें बंद किए हुए बैठी हुई थी। उसकी निगाहें बहुत ही अजीब थीं, एक अलग ही नशा, एक अलग ही मदहोशी थी उसकी उन निगाहों में।
वहाँ पर ठंडी हवाएँ चल रही थीं, जिससे राही सिमटती जा रही थी। शायद वह आँखें बंद किए हुए ही गहरी नींद में जा चुकी थी। उसके लम्बे रेशमी और घुंघराले बाल बार-बार उसके चेहरे पर आ रहे थे। इससे राही को तो कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था, लेकिन बीस्ट जो एकटक राही के मासूम से चेहरे को देख रहा था, उन बालों की वजह से उसके चेहरे को देखने में उसे डिस्टर्बेंस हो रही थी। बीस्ट को अच्छी तरह से पता चल गया था कि राही गहरी नींद में जा चुकी है।
बीस्ट बिना एक पल गँवाए राही के बगल में जाकर बैठ गया और उसके बालों को उसके कान के पीछे कर दिया। जिसकी वजह से बीस्ट को फिर से राही का चेहरा साफ़-साफ़ दिखाई देने लगा। वह उसके चेहरे को बहुत ही ध्यान से देख रहा था। उसके वह पिंक होंठ, उसके फूले हुए गाल, हिरनी जैसी आँखें… यह सब कुछ वह बहुत ही अजीब तरह से देख रहा था। इन सब से बेख़बर राही गहरी नींद में सो रही थी।
राही नींद में ही गिरने को हुई, कि तभी बीस्ट ने उसे संभाल लिया और उसका सिर अपने सीने से लगा लिया, और उसे अच्छे से अपनी बाहों में संभाल लिया। राही उसके सीने से लगी हुई सो रही थी। वहीं बीस्ट की आँखों से जैसे नींद पूरी तरह ग़ायब थी। उसका एक हाथ राही के बालों में था और उसके बालों को सहला रहा था, तो उसका दूसरा हाथ उसकी कमर पर था। राही की महक बीस्ट को मदहोश कर रही थीं। उसने राही की फ़्रेगरेंस को स्निफ़ करते हुए गहरी आवाज़ में कहा, "Damn it… your fragrance… your innocence… your touch… is very different… your everything is so precious… you are so precious… तुम्हारी करीबी मुझे एक अलग ही सुकून पहुँचा रही है… इसलिए अब से तुम और तुम्हारा सब कुछ मेरा है… आज से, बल्कि अभी से तुम मेरी हो… तुम्हारा सब कुछ अब से सिर्फ़ मेरे लिए है… my little precious…" ऐसा कहते हुए वह किसी सनकी की तरह लग रहा था। उसकी आँखों में एक अलग ही पागलपन और जुनून था, जो आगे जाकर ना जाने क्या रंग दिखाने वाला था।
इसलिए तुम जो कोई भी हो, अब से तुम और तुम्हारा सब कुछ मेरा है। आज से, बल्कि अभी से तुम सिर्फ़ मेरी हो। तुम्हारा सब कुछ अब से सिर्फ़ मेरे लिए है… you are mine… my little precious… ऐसा कहते हुए वह किसी सनकी की तरह लग रहा था। उसकी आँखों में एक अलग ही पागलपन और जुनून था, जो आगे जाकर ना जाने क्या रंग दिखाने वाला था।
चैप्टर ११
राही नींद में ही गिरने को हुई, तभी beast ने उसे संभाल लिया। उसने राही का सर अपने सीने से लगा लिया और उसे अपनी बाहों में अच्छे से संभाल लिया। राही उसके सीने से लगी हुई सो रही थी। वहीं beast की आँखों से नींद पूरी तरह गायब थी। उसका एक हाथ राही के बालों में था और वह उसके बालों को सहला रहा था, दूसरा हाथ उसकी कमर पर था।
राही की महक beast को मदहोश कर रही थी। उसने राही की फ्रेगरेंस को स्निफ करते हुए, गहरी आवाज में कहा, "Damn it..... your fragrance..... your innocence..... your touch..... Is very different..... your everything is so precious..... you are so precious..... तुम्हारी करीबी मुझे एक अलग ही सुकून पहुँचा रही है। इसलिए अब से तुम और तुम्हारा सब कुछ मेरा है। आज से, बल्कि अभी से तुम मेरी हो। तुम्हारा सब कुछ अब से सिर्फ मेरे लिए है..... my little precious....." ऐसा कहते हुए वह किसी सनकी की तरह लग रहा था। उसकी आँखों में एक अलग ही पागलपन और जुनून था, जो आगे जाकर ना जाने क्या रंग दिखाने वाला था।
इसलिए तुम जो कोई भी हो, अब से तुम और तुम्हारा सब कुछ मेरा है। आज से, बल्कि अभी से तुम सिर्फ मेरी हो। तुम्हारा सब कुछ अब से सिर्फ मेरे लिए है..... "you are mine..... my little precious....." ऐसा कहते हुए वह किसी सनकी की तरह लग रहा था। उसकी आँखों में एक अलग ही पागलपन और जुनून था, जो आगे जाकर ना जाने क्या रंग दिखाने वाला था।
अगली सुबह राही beast के सीने से लगी हुई सो रही थी। beast की आँखें भी बंद थीं। राही की करीबी उसे एक अलग ही सुकून पहुँचा रही थी। वह सो नहीं रहा था, बस अपनी आँखें बंद करके बैठा हुआ था, राही को अपने सीने से लगाए और अपनी बाहों में कैद किए हुए। तभी राही नींद में ही कसमसाने लगी और नींद में ही पैनिक करने लगी, जैसे कोई बुरा ख्वाब देख रही हो। राही ने नींद में रोते हुए कहा, "Pls मत मारो... छोड़ दो उन्हें... Pls... ऐसा मत कीजिए..." ऐसा कहते हुए वह रोने लगी।
राही को रोते हुए सुनकर beast ने अपनी आँखें खोलीं। राही को रोते हुए देखकर beast की भौंहें तनी गईं। राही की बात सुनकर वह समझ गया कि वह कोई बुरा सपना देख रही है और हो ना हो, कि कल रात से ही जुड़ा है।
Beast ने राही को संभाला और उसकी गालों को हल्के से थपथपाते हुए उसे उठाते हुए कहा, "Hey my little precious..... what happened... Why are you crying.... Get up.... कोई नहीं है यहाँ पर, कोई किसी को नहीं मार रहा... तुम सपना देख रही हो, उठो... It's just a nightmare....." ऐसा कहते हुए वह उसके गालों को थपथपा रहा था।
Beast के जागने की वजह से राही अपने होश में आई और उसने अपनी आँखें खोलीं। उसकी आँखें आँसुओं से भरी हुई थीं और वह गहरी-गहरी साँस ले रही थी। राही ने आसपास देखा तो वहाँ पर कोई नहीं था, सिवाय beast के। एक पल के लिए राही ने अपनी आँखें बंद कीं और एक राहत की साँस ली। राही ने खुद को संभाला और फिर अपनी आँखें खोलीं।
Beast उसकी हर एक हरकत को ऑब्जर्व कर रहा था। उसने राही की ओर देखते हुए सर्द लहजे में कहा, "क्या हुआ था... तुम रो क्यों रही थी...?"
राही उठकर बैठ गई और उसकी तरफ देखते हुए, खुद को नॉर्मल करते हुए कहा, "कुछ नहीं, बस एक बुरा सपना था... और अब हम ठीक हैं... हमें यहाँ से चलना चाहिए।" उसने बात को ज्यादा ना खींचते हुए सीधे पॉइंट पर आते हुए कहा।
राही की बात सुनकर beast ने कुछ नहीं कहा और फिर अपनी जगह से उठ गया। राही भी खड़ी हो गई और फिर वह दोनों विला की ओर चल पड़े जहाँ पर उन्हें जाना था।
वह लोग साथ में चलते जा रहे थे। राही एकदम चुप थी। उसने कुछ नहीं कहा था। उसके चेहरे पर मायूसी और उदासी साफ-साफ देखी जा सकती थी। वहीं beast को राही कल से आज कुछ अलग लग रही थी। उन्हें चलते-चलते करीब एक घंटा हो गया था। राही ने beast की ओर देखते हुए कहा, "और कितना दूर है... क्या आपको पूरा यकीन है कि आपने जहाँ वह घर देखा था हम वहीं जा रहे हैं? कहीं आप रास्ता भूल तो नहीं गए... अगर ऐसा है तो आप हमें पहले ही बता दीजिए, हम आपसे कुछ नहीं कहेंगे... ऐसा होता है सबके साथ..." राही ने बड़ी ही मासूमियत के साथ कहा।
राही की बात सुनकर beast ने बिना उसकी तरफ देखे हुए और बिना किसी एक्सप्रेशन के कहा, "सब तुम्हारी तरह नहीं होते जो रास्ता भूल जाएँ... मुझे अच्छी तरह से पता है कि हम कहाँ जा रहे हैं..." ऐसा कहते हुए वह आगे बढ़ने लगा। वहीं beast की बात सुनकर राही छोटा सा मुँह फुला गई और उसने मुँह बनाते हुए कहा, "पता नहीं खुद को क्या समझते हैं... एक तो हमने इनकी जान बचाई, ऊपर से थैंक यू बोलने की जगह हमें ही ताना मार रहे हैं। अभी तक एक बार भी थैंक्यू नहीं कहा... पता नहीं किस बात का घमंड है... हमारे भाई में तो जरा भी घमंड नहीं है, वह कितने अच्छे हैं, सब की हेल्प करते हैं और हमारा कितना ख्याल भी रखते हैं। हमारे भाई के सामने कुछ भी नहीं है... हम इनसे पहले पहुँच कर इनका सारा घमंड तोड़ देंगे... hu..."
ऐसा कहकर वह मुँह बनाते हुए तेज भागकर beast से आगे निकल गई और अपने तेज कदमों से चलने लगी। वह लगभग भाग ही रही थी।
वहीं beast ने जब राही की बात सुनी और उसकी हरकतें देखीं तो उसने अपना सर हिला दिया। करीब 10 मिनट चलने के बाद राही थक गई और अपने दोनों घुटनों पर अपने दोनों हाथ रखकर हाँफने लगी। Beast ने राही को देखा और फिर उसकी तरफ देखते हुए कहा, "अब क्या हुआ तुम्हें? हमें चलते हुए एक घंटा भी पूरा नहीं हुआ और तुम अभी से हाँफने लगी... तुम कितनी कमजोर हो और तुम्हारा स्टैमिना भी कितना कम है? फिर उसने धीरे से कहा, पता नहीं इस स्टैमिना के साथ तुम मुझे कैसे झेलोगी..."
Beast की बात सुनकर राही जल्दी से ठीक से खड़ी हो गई और उसकी तरफ देखते हुए पूरी जोश के साथ कहा, "ऐसा कुछ भी नहीं है! हम बिल्कुल भी कमजोर नहीं हैं... हमें बहुत स्टैमिना है, आपसे भी ज्यादा... वह तो बस क्या है ना, सुबह-सुबह का वक्त है... और हमने अभी कुछ खाया भी नहीं है... इसलिए हम थोड़ा जल्दी थक गए... वरना हमारे स्टैमिना के बारे में तो आपको कोई अंदाजा ही नहीं है... अगर इन सब के बाद और यहाँ से जाने के बाद..... हम गलती से भी मिले तो हम आपको बताएँगे कि हममें कितना स्टैमिना है... समझे मिस्टर स्ट्रेंजर...?" ऐसा कहकर उसने अपने बालों पर फूँक मारी और बड़े ही एटीट्यूड के साथ आगे निकल गई।
Beast की बात सुनकर राही जल्दी से ठीक से खड़ी हो गई और उसकी तरफ देखते हुए पूरी जोश के साथ कहा, "ऐसा कुछ भी नहीं है! हम बिल्कुल भी कमजोर नहीं हैं... हमें बहुत स्टैमिना है, आपसे भी ज्यादा... वह तो बस क्या है ना, सुबह-सुबह का वक्त है... और हमने अभी कुछ खाया भी नहीं है... इसलिए हम थोड़ा जल्दी थक गए... वरना हमारे स्टैमिना के बारे में तो आपको कोई अंदाजा ही नहीं है... अगर इन सब के बाद और यहाँ से जाने के बाद..... हम गलती से भी मिले तो हम आपको बताएँगे कि हममें कितना स्टैमिना है... समझे मिस्टर स्ट्रेंजर...?" ऐसा कहकर उसने अपने बालों पर फूँक मारी और बड़े ही एटीट्यूड के साथ आगे निकल गई।
राही की बात सुनकर beast के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ गई। उसने राही को जाते हुए देखकर बहुत ही ईविल वे में कहा, "Ohh my little precious, मैं भी चाहता हूँ कि तुम्हारा ये स्टैमिना बहुत अच्छा हो... जब मैं तुम्हारे अंदर समाऊँगा... तभी तो तुम मुझे अच्छे से रिस्पांस कर पाओगी... मेरा साथ दे पाओगी... क्योंकि मुझे झेलने के लिए तुम्हें बहुत ज्यादा ताकत और स्टैमिना की जरूरत पड़ेगी..." ऐसा कहते हुए उसके चेहरे पर एक ईविल स्माइल आ गई।
कुछ देर चलने के बाद राही एक बहुत बड़े गेट के सामने आ गई, उसके साथ beast भी था। जैसे ही राही ने सामने का नजारा देखा तो उसकी आँखें हैरानी से बड़ी-बड़ी हो गईं और वह अपनी ओसीयन blue eyes से सामने की ओर देखने लगी।
आखिर क्या हुआ राही को...?
क्या होगा beast का अगला कदम...?
Chapter 12
Beast की बात सुनकर राही जल्दी से ठीक से खड़ी हो गई और उसकी तरफ देखते हुए पूरी जोश के साथ कहा, "ऐसा कुछ भी नहीं है! हम बिल्कुल भी कमजोर नहीं हैं। हमें बहुत स्टेमिना है, आपसे भी ज़्यादा। वह तो बस क्या है ना, सुबह-सुबह का वक्त है, और हमने अभी कुछ खाया भी नहीं है। इसलिए हम थोड़ा जल्दी थक गए। वरना हमारे स्टैमिना के बारे में तो आपको कोई अंदाज़ा ही नहीं है। अगर इन सब के बाद और यहां से जाने के बाद... हम गलती से भी मिले, तो हम आपको बताएंगे कि हममें कितना स्टेमिना है। समझे, मिस्टर स्ट्रेंजर?" ऐसा कहकर उसने अपने बालों पर फूंक मारी और बड़े ही एटीट्यूड के साथ आगे निकल गई।
राही की बात सुनकर Beast के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ गई। उसने राही को जाते हुए देखकर बहुत ही ईविल वे में कहा, "Ohh my little precious, मैं भी चाहता हूँ कि तुम्हारा ये स्टेमिना बहुत अच्छा हो। जब मैं तुम्हारे अंदर समाऊँगा, तभी तो तुम मुझे अच्छे से रिस्पांस कर पाओगी, मेरा साथ दे पाओगी। क्योंकि मुझे झेलने के लिए तुम्हें बहुत ज़्यादा ताकत और स्टेमिना की ज़रूरत पड़ेगी।" ऐसा कहते हुए उसके चेहरे पर एक ईविल स्माइल आ गई।
कुछ देर चलने के बाद राही एक बहुत बड़े गेट के सामने आ गई; उसके साथ Beast भी था। जैसे ही राही ने सामने का नज़ारा देखा, तो उसकी आँखें हैरानी से बड़ी-बड़ी हो गईं और वह अपनी ओसियन ब्लू आँखों से सामने की ओर देखने लगी।
सुबह का वक्त था। राही और Beast इस वक्त जंगल के बीचों-बीच एक बहुत ही बड़े विला के सामने खड़े थे। जैसे ही वहाँ मौजूद गार्ड्स ने Beast को देखा, वे तुरंत एलर्ट पोज़िशन में आ गए और उन्होंने जल्दी ही विला के एंट्रेंस गेट को खोल दिया।
उस एंट्रेंस गेट के अंदर मानिक पहले से ही खड़ा हुआ था और वह Beast का ही इंतज़ार कर रहा था। जैसे ही उसने Beast को देखा, तो वह तुरंत उसकी ओर जाने लगा।
जैसे ही वह एंट्रेंस गेट खुला और राही ने सामने उस विला को देखा, उसकी आँखें हैरानी से बड़ी-बड़ी हो गईं। लेकिन अगले ही पल उसकी ब्लू ओसियन आँखों में एक डर और घबराहट दिखाई देने लगी। उसने डरते हुए और हल्के गुस्से में Beast से कहा, "क्या... क्या... आप इस घर की बात कर रहे थे? इस डरावने और ख़तरनाक से दिखने वाले घर में रहने के लिए आप उस जंगल से इतनी दूर चलाकर हमें यहाँ लेकर आए हैं? क्या आप हमें डरा-डरा कर मारना चाहते हैं? जो इस भूतों के घर में हमें ले आए..." उसने अपनी एक उंगली हवा में उठाकर विला की ओर देखते हुए और डरते हुए कहा। इस वक्त उसके चेहरे पर कुछ और डर की मिक्स्ड एक्सप्रेशन थे।
जंगल के बीचों-बीच वह विला बहुत ही डरावना लग रहा था, और राही को तो कुछ ज़्यादा ही लग रहा था। पूरे विला का कलर थीम ब्लैक था। विला की खिड़कियों में जितने शीशे थे, वे सभी ब्लैक थे। वहाँ से बहुत ही नेगेटिव वाइब्स आ रही थीं। उस विला के पास बड़े-बड़े पेड़-पौधे थे और आस-पास से बहुत ही अजीब-अजीब आवाज़ें आ रही थीं; शायद वे जंगली जानवरों की आवाज़ें थीं।
वहीं मानिक, जो Beast की ओर आ रहा था, उसने राही की बात सुन ली थी। राही की बात सुनकर वह वहीं रुक गया और वह अपनी आँखें फाड़े राही की ओर देखने लगा। आज से पहले किसी ने भी Beast से इस तरह से बात नहीं की थी। वह अपने सामने पहली लड़की को देख रहा था जो Beast से इस तरह से बात कर रही थी और उसके बाद भी वह बिल्कुल सही-सलामत वन पीस में खड़ी हुई थी। वरना आज तक जब किसी ने भी Beast से जरा भी बदतमीज़ी करने की कोशिश की थी, उसके बाद वह वन पीस में तो कभी मिला ही नहीं; Beast उनके टुकड़े-टुकड़े करवा कर जानवरों को खिला दिया करता था। और आज वही Beast उस लड़की की बकवास सुन रहा है। ऐसा सोचकर वह हैरानी से राही को ही देख रहा था, तभी उसे खुद पर किसी की बहुत ही ठंडी और सर्द निगाहें महसूस हुईं।
उसने अपने आस-पास देखा, तो Beast की आँखें एकदम बर्फ जैसी ठंडी थीं और वह मानिक को ही घूर रहा था। Beast को खुद को इस तरह घूरता हुआ देखकर मानिक घबरा गया। उसने जल्दी से अपनी नज़रें राही पर से हटा लीं।
राही ने अभी तक मानिक को नहीं देखा था; उसका पूरा ध्यान विला को देखने में ही था।
Beast ने खुद को नॉर्मल किया और फिर राही की ओर देखा जो अपनी सहमी नज़रों से उस विला को देख रही थी। Beast ने राही की ओर देखते हुए बिना किसी एक्सप्रेशन के कहा, "अभी तुम्हें मारने का मेरा कोई मूड नहीं है। लेकिन अगर तुम्हारी हरकतें ऐसी ही रहीं, तो हो सकता है मैं आगे इस बारे में सोचूँ। तुम्हें इस विला में आना है, तो आओ; नहीं आना है, तो मत आओ। क्योंकि मैं तो जा रहा हूँ। अगर तुम आना चाहो, तो आ सकती हो, वरना यहीं खड़ी रहो; मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है।" ऐसा कहते हुए वह आगे चलने लगा, क्योंकि उसे अच्छी तरह से पता था कि राही का फ़ैसला क्या होगा; राही को आखिर में उसके साथ ही आना होगा; इसके अलावा उसके पास कोई और ऑप्शन नहीं है।
Beast की बात सुनकर राही आँखें फाड़े और अपना मुँह खोले Beast को देखती रह गई। राही को अच्छा-सा जवाब देना चाहती थी, लेकिन अगले ही पल उसे एहसास हुआ कि वह इस सुनसान जंगल में अकेली है; ऊपर से उन लोगों का डर, और फिर जंगल में जंगली जानवर भी हो सकते हैं। ऐसे में वह अकेले उनका सामना नहीं कर सकती; उसे जल्द से जल्द यहाँ से निकलना था। राही ने Beast को देखा जो आगे की ओर जा रहा था; वह जल्दी से चलकर Beast के पास आई और उसका हाथ पकड़ लिया।
राही का सॉफ्ट हाथ अपने हाथ पर महसूस कर Beast वहीं रुक गया। उसके हाथों को अपने हाथ में महसूस कर Beast ने पीछे पलट कर राही को देखा। राही के हाथ नर्म, मुलायम फूलों की तरह लग रहे थे। Beast ने एक नज़र अपने हाथ को देखा जो इस वक्त राही के हाथ में था और फिर उसने राही को देखा, जो उसे ही अपनी ओसियन ब्लू आँखों से देख रही थी। उसने डरते हुए कहा, "अच्छा प्लीज, हमें अकेला छोड़कर मत जाइए। हमने तो आपकी जान बचाई है; आप हमें अकेला छोड़कर कैसे जा सकते हैं?"
राही का मासूम सा चेहरा देखकर Beast ने गहरी साँस ली, क्योंकि राही उसे इस वक्त बहुत ही बुरी तरह से अपनी तरफ अट्रैक्ट कर रही थी। एक तो उसका हाथ उसके हाथ पर था, ऊपर से उसका मासूम सा चेहरा इतना काफी था Beast को भड़काने के लिए।
उसने गहरी साँस ली और Beast ने राही की ओर देखते हुए बिना किसी एक्सप्रेशन के कहा, "ठीक है, नहीं जा रहा हूँ तुम्हें छोड़कर। तुम भी मेरे साथ चलो; आखिर कब तक हम ऐसे ही जंगल में रहेंगे?"
राही ने डरते हुए कहा, "देखिए Mr. Stranger, हमें तो यहाँ से जाना है ना, तो हम अंदर जाकर क्या करेंगे? हमें एक काम करते हैं ना कि हम यहीं किसी से मदद माँग लेते हैं और बाहर निकलने का रास्ता भी पूछ लेते हैं। बिना वजह अंदर क्यों जाना?"
उसकी तरफ देखते हुए अपनी गहरी आवाज़ में कहा, "क्या तुम्हें हमारे अलावा यहाँ कोई दिख रहा है जिससे हम मदद ले सकते हैं या फिर बाहर निकलने का रास्ता पूछ सकते हैं?"
Beast की बात सुनकर राही ने आस-पास देखा, तो सच में वहाँ पर कोई नहीं था; एकदम सुनसान इलाका था। ऐसा राही को लग रहा था, लेकिन सच क्या था यह तो सिर्फ़ Beast को ही पता था। उसने पहले ही यह ऑर्डर्स दे दिए थे कि कोई भी राही के सामने नहीं आएगा और अगर कोई गलती से भी उसके सामने आ गया, तो फिर Beast उसे किसी और के सामने आने लायक नहीं रहने देगा। विला के पास एक आउटहाउस था; वहाँ पर कई सारे कंप्यूटर और लैपटॉप रखे हुए थे जहाँ से वहाँ की पूरी सिक्योरिटी हैंडल हो रही थी। जैसे ही वहाँ बैठे एक कमांडो ने Beast को आते हुए देखा, तो तुरंत उसने दरवाज़ा खुलवा दिया जो कि इस आउटहाउस से ऑपरेट होता था। बाकी के कमांडोज़ जंगल में यहाँ-वहाँ फैले हुए थे।
सिर्फ़ मानिक को छोड़कर वहाँ पर ज़्यादा लोग नहीं थे, लेकिन मानिक को भी राही से दूर ही रहना था और जब बहुत ही ज़्यादा ज़रूरी हो, तभी उसे राही से बात करने की परमिशन थी। क्योंकि उसे विला में जाने के बाद उनकी मुलाक़ात मानिक से ही होने वाली थी।
Beast की बात सुनकर राही ने अपना सर ना में हिला दिया। Beast बिना किसी एक्सप्रेशन के कहा, "तो फिर अब अगर तुम इस जंगल से बाहर निकलना चाहती हो, तो हमें अंदर जाना ही होगा।"
वहीं, राही की अगली बात सुनकर मानिक, जो वहाँ पर खड़ा हुआ था, वह दंग रह गया।
अध्याय 13
बीस्ट की बात सुनकर राही ने आस-पास देखा। सच में वहाँ कोई नहीं था। एकदम सुनसान इलाका था। "ऐसा राही को लग रहा था," लेकिन सच क्या था, यह तो सिर्फ़ बीस्ट को ही पता था। उसने पहले ही आदेश दे दिए थे कि कोई भी राही के सामने नहीं आएगा। और अगर कोई गलती से भी उसके सामने आ गया, तो बीस्ट उसे आने लायक नहीं रहने देगा। विला के पास एक आउटहाउस था। वहाँ कई सारे कंप्यूटर और लैपटॉप रखे हुए थे, जहाँ से वहाँ की पूरी सिक्योरिटी हैंडल हो रही थी। जैसे ही वहाँ बैठे एक कमांडो ने बीस्ट को आते हुए देखा, तो उसने तुरंत दरवाज़ा खुलवा दिया, जो कि इस आउटहाउस से ऑपरेट होता था। बाकी के कमांडोज जंगल में यहाँ-वहाँ फैले हुए थे।
सिर्फ़ मानिक को छोड़कर, वहाँ ज़्यादा लोग नहीं थे। लेकिन मानिक को भी राही से दूर ही रहना था। और जब बहुत ज़्यादा ज़रूरी हो, तभी उसे राही से बात करने की परमिशन थी। क्योंकि उसे विला में जाने के बाद उनकी मुलाक़ात मानिक से ही होने वाली थी।
बीस्ट की बात सुनकर राही ने अपना सिर ना में हिला दिया। बीस्ट ने बिना किसी एक्सप्रेशन के कहा, "तो फिर अब अगर तुम इस जंगल से बाहर निकलना चाहती हो, तो हमें अंदर जाना ही होगा।"
वहीँ, राही की अगली बात सुनकर मानिक, जो वहाँ खड़ा हुआ था, दंग रह गया।
राही और बीस्ट विला के बाहर, एंट्रेंस गेट के बिल्कुल बाहर खड़े हुए थे। राही ने बीस्ट का हाथ पकड़ा हुआ था। राही बीस्ट को लेकर एंट्रेंस गेट से एक-दो कदम दूर चली गई और डरते हुए कहा, "Mr. Stranger, आप हमारी बात समझ नहीं रहे। अक्सर ऐसे घने जंगलों के वीरान से घर में राक्षस और चुड़ैल रहती हैं। वरना आप ही सोचिए, ऐसे घने जंगल में कोई घर क्यों बनाएगा? और क्यों यहाँ आकर रहेगा? देखिए ना, यह घर कितना डरावना और खतरनाक लग रहा है। इसे देखकर ही लग रहा है यहाँ ज़रूर कोई राक्षस रहता होगा। और आपको पता है कि राक्षस और चुड़ैल लोगों को पकड़कर उन्हें कैद कर लेते हैं और फिर उनका खून पी जाते हैं, और डकार भी नहीं लेते। राक्षस और चुड़ैल दिखने में बहुत ही डरावने और खतरनाक भी होते हैं।"
"ऐसा ना हो कि हम अंदर गए, तो वह राक्षस हमारा भी खून पी जाए। इसलिए हम कह रहे हैं, हमारा अंदर जाना सेफ़ नहीं है।"
ऐसा कहते हुए वह आस-पास देखने लगी कि कहीं कोई राक्षस सच में तो नहीं आ गया, क्योंकि वहाँ का माहौल वाकई बहुत डरावना और खतरनाक लग रहा था।
वहीँ, मानिक जो एंट्रेंस गेट के साइड में खड़ा हुआ था, जहाँ से वह राही और बीस्ट को तो देख सकता था, लेकिन राही उसे नहीं देख सकती थी।
उसने राही की सारी बातें सुन ली थीं। उसकी बातें सुनकर मानिक दंग रह गया। उसने राही के बारे में सोचते हुए मन ही मन कहा, "इस विला के बारे में तो किसी को पता भी नहीं है। क्या यह लड़की अंतर्यामी है, जो इस लड़की को इस विला के बारे में पता चल गया? कि इस विला में एक राक्षस रहता है? नहीं-नहीं, ऐसा नहीं हो सकता। अगर ऐसा होता, तो उसे पता चल जाता कि जिस राक्षस के बारे में वह बात कर रही है, उसके साथ ही खड़ा है, जिसे सारी दुनिया बीस्ट के नाम से जानती है। उससे बड़ा राक्षस पूरी दुनिया में कोई है ही नहीं। इस लड़की का पक्का दिमाग खराब है, इसलिए यह सब कुछ कह रही है। हाँ, यही होगा। लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा कि बीस्ट इस आधे दिमाग की लड़की के साथ क्या कर रहे हैं? और इतनी बकवास सुनने के बाद बीस्ट इसे कुछ क्यों नहीं कर रहे? मुझे ऐसा लगता है कि यह लड़की या तो हद से ज़्यादा चालाक है या हद से ज़्यादा मासूम।"
वहीँ, राही की बात सुनकर बीस्ट के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ गई। राही का ध्यान उस पर नहीं था, क्योंकि वह आस-पास देख रही थी। तभी उसकी नज़र मानिक पर पड़ी, जो वहीं खड़ा हुआ था। एक इंसान को देखकर राही ने एक राहत की साँस ली और फिर बीस्ट की ओर देखते हुए कहा, "हम बच गए! यहाँ पर कोई राक्षस नहीं है। वह देखिए, वह भी हमारी तरह इंसान ही है। अब हम यहाँ पर बिलकुल सेफ़ हैं। अब कोई राक्षस हमें नहीं खाएगा। लगता है हमारे कृष्ण ने हमारी सुन ली, इसलिए हमारे अंदर जाने से पहले ही उन्होंने किसी को हमारी मदद के लिए भेज दिया।"
राही की बात सुनकर बीस्ट की भौंहें तन गईं। उसने गहरी आवाज़ में राही की ओर देखते हुए कहा, "किसने तुम्हारी सुन ली और किसको तुम्हारी मदद के लिए भेज दिया? एक बार फिर से कहना।"
राही, जो इस वक़्त मानिक को देख रही थी, उसने बीस्ट की बात सुनकर उसकी ओर देखते हुए कहा, "अरे आप तो ऐसे हमसे पूछ रहे हैं, जैसे पता नहीं हमने किसका नाम ले लिया। क्या आपको नहीं पता कि कृष्ण कौन है? हम भगवान कृष्ण की बात कर रहे हैं। उन्होंने ही हमारी मदद के लिए किसी को भेज दिया है। वह देखिए, वहाँ पर खड़े हुए हैं वो।" ऐसा कहकर उसने अपनी एक उंगली से मानिक की ओर इशारा करते हुए कहा।
राही का इशारा समझकर बीस्ट ने उस तरफ़ देखा, तो वहाँ मानिक खड़ा हुआ था। राही ने बीस्ट की ओर देखते हुए कहा, "चलिए ना, उनसे यहाँ से बाहर निकलने का रास्ता पूछते हैं। हमें जल्द से जल्द यहाँ से बाहर निकलना है। हमारे दोस्त और हमारी बहन हमारे लिए परेशान हो रही होंगी।"
राही का इशारा अपनी तरफ़ देखकर मानिक घबरा गया, क्योंकि बीस्ट अपनी खतरनाक डार्क ग्रीन आँखों से उसे ही घूर रहा था। जैसे मानिक ने यहाँ आकर बहुत बड़ी गलती कर दी हो।
वहीँ, राही की बात सुनकर बीस्ट और राही मानिक के पास आए। राही ने मानिक की ओर देखते हुए अपनी मीठी सी आवाज़ में उससे कहा, "देखिए, हम जंगल में खो गए हैं और हमें समझ नहीं आ रहा इस जंगल से बाहर कैसे निकले। तो क्या आप हमें इस जंगल से बाहर निकलने का रास्ता बता सकते हैं? ताकि हम इस जंगल से निकल पाएँ।" ऐसा कहते हुए वह अपनी टिमटिमाती आँखों से मानिक को देखने लगी। लेकिन मानिक ने एक नज़र भी राही को नहीं देखा। उसने यहाँ-वहाँ देखते हुए राही से कुछ ऐसा कहा जिससे राही बहुत ज़्यादा डर गई और उसकी पकड़ बीस्ट के हाथ पर मज़बूत हो गई।
मानिक की बात सुनकर राही बहुत बुरी तरह से घबरा चुकी थी। मानिक ने राही की बात का जवाब देते हुए कहा, "देखिए, मैं आपको रास्ता बता तो सकता हूँ, लेकिन इस वक़्त जंगल में ऐसे घूमना सुरक्षित नहीं है। यहाँ कई सारे जंगली जानवर घूम रहे हैं। और कई लोग तो उन जंगली जानवरों का शिकार भी हो चुके हैं। उन जंगली जानवरों के शिकारों के टुकड़े जंगल में यहाँ-वहाँ भी फैले हुए हैं। इसलिए मुझे नहीं लगता कि आपको इस वक़्त जंगल से बिना किसी सुरक्षा के जाना चाहिए। मुझे मेरी माँ ने कहा है... कुछ वक़्त तक यहीं रुक जाइए। कुछ ही दिनों में यहाँ पर फॉरेस्ट ऑफ़िसर आ जाएँगे और वे उन जंगली जानवरों को उनकी सही जगह पर छोड़ देंगे। तब तक आप यहाँ रुक सकती हैं।"
मानिक की बात सुनकर राही बहुत बुरी तरह डर गई। उसने अपना थूक निगलते हुए कहा, "क्या...क्या...यह आप क्या कह रहे हैं? क्या...क्या यह सच में जंगली जानवर हैं जो लोगों का शिकार करते हैं?" ऐसा कहते हुए वह अपनी सहमी नज़रों से आस-पास देख रही थी।
राही की बात सुनकर मानिक कुछ कहने को हुआ, कि तभी बीस्ट ने राही की ठुड्डी को अपनी दो उंगलियों से पकड़ा और उसका चेहरा अपनी ओर किया। तो राही की ब्लू ओशन आँखें बीस्ट की डार्क ग्रीन आँखों से मिल गईं। जहाँ राही की आँखों में डर और घबराहट के भाव थे, वहीँ बीस्ट की आँखों में बहुत ही मिस्टीरियस एक्सप्रेशन थे, जिसे समझ पाना राही के लिए नामुमकिन था। लेकिन उसकी आँखों में देखकर बहुत ही अजीब लग रहा था।
वहीँ, बीस्ट की अगली बात सुनकर राही का छोटा सा मुँह गुस्से से फूल गया।
आखिर ऐसा क्या कहा बीस्ट ने राही से? आखिर क्या हुआ राही को? क्या होगा बीस्ट का अगला कदम? जानने के लिए पढ़ते रहिए।
मानिका की बात सुनकर राही बहुत बुरी तरह घबरा गई थी। मानिक ने राही की बात का जवाब देते हुए कहा, "देखिए, मैं आपको रास्ता बता तो सकता हूँ, लेकिन इस वक्त जंगल में घूमना सुरक्षित नहीं है। यहाँ कई सारे जंगली जानवर घूम रहे हैं... और कई लोग तो उन जंगली जानवरों का शिकार भी हो चुके हैं। उन जंगली जानवरों के शिकार के टुकड़े जंगल में इधर-उधर बिखरे हुए हैं। इसलिए मुझे नहीं लगता कि आपको इस वक्त जंगल से बिना किसी सुरक्षा के जाना चाहिए। मेरी माँ ने भी कहा है कि कुछ वक्त तक यहीं रुक जाइए। कुछ ही दिनों में यहाँ पर फॉरेस्ट ऑफिसर आ जाएँगे और वे उन जंगली जानवरों को उनकी सही जगह पर छोड़ देंगे। तब तक आप यहाँ रुक सकती हैं।"
मणिक की बात सुनकर राही बहुत बुरी तरह डर गई। उसने अपना थूक निगलते हुए कहा, "क्या... क्या... यह आप क्या कह रहे हैं? क्या यह सच में जंगली जानवर हैं जो लोगों का शिकार करते हैं?" ऐसा कहते हुए वह अपनी सहमी नज़रों से आस-पास देख रही थी।
राही की बात सुनकर मानिक कुछ कहने को हुआ, कि तभी beast ने राही की ठुड्डी को अपनी दो उंगलियों से पकड़ा और उसका चेहरा अपनी ओर किया। तो राही की ब्लू ओसियन आइस ब्लू आँखों से जान मिली। जहाँ राही की आँखों में डर और घबराहट के भाव थे, वहीं beast की आँखों में बहुत ही मिस्टीरियस एक्सप्रेशन थे, जिसे समझ पाना राही के लिए नामुमकिन था।
Beast ने राही की ब्लू ओशन आइस में देखते हुए, बिना किसी एक्सप्रेशन के कहा, "क्या तुम्हारे दिमाग में कुछ प्रॉब्लम है जो चीजों को समझने में तुम्हें इतना वक्त लगता है? क्या तुम एक बार में सुना ही नहीं सकती कि मैंने क्या कहा? तुम्हें अपने दिमाग और कान दोनों का ही ट्रीटमेंट करवाने की सख्त ज़रूरत है। हो सकता है कि उसके बाद तुम्हारे कान और दिमाग ठीक से काम करें और तुम बातों को अच्छी तरह से सुन और समझ पाओ।"
Beast की बात सुनकर राही का मुँह देखने लायक था। उसके छोटे से चेहरे पर गुस्सा साफ-साफ दिखाई दे रहा था। उसने अपनी ब्लू ओसियन आँखें छोटी-छोटी करते हुए beast की ओर देखते हुए और उसके हाथ को झटकते हुए कहा, "हमारे कान और हमारा दिमाग दोनों ही बिल्कुल ठीक हैं! और हमें आपसे कुछ भी समझने की कोई ज़रूरत नहीं है! बल्कि आप जो एडवाइस हमें दे रहे हैं, वह आपको खुद पर लागू करनी चाहिए। आपको खुद के दिमाग का इलाज करवाना चाहिए। हमें तो लगता है कि आपके पास दिमाग ही नहीं है! तभी तो जिसने आपकी जान बचाई, आपने उसे अभी तक एक थैंक यू भी नहीं कहा। आपको तो ज़रा भी मैनर्स नहीं हैं!" ऐसा कहते हुए वह अपनी ब्लू ओसियन आँखों से beast को ही घूर रही थी। लेकिन इस बीच राही ने एक पल के लिए भी beast का हाथ नहीं छोड़ा था। राही को beast की बात सुनकर गुस्सा आ गया था, लेकिन मानिक की बात अभी भी उसके दिमाग में थी। उसे अभी भी बहुत डर लग रहा था, लेकिन अब उसने यह बात अपने चेहरे पर नहीं आने दिया।
वहीं, राही की बात सुनकर मानिक की तो जैसे आँखें बाहर निकलने को आई थीं। वह अपनी आँखें भरे राही को देख रहा था। उसे तो अपने कानों पर यकीन ही नहीं हो रहा था क्योंकि आज तक beast से इस लहज़े में किसी ने बात नहीं की थी। इस लहज़े में बात करना तो दूर की बात है, लोग इसकी नज़र मिलाने से भी खौफ़ खाते थे। आज तक beast के साथ जिसने भी बदतमीज़ी करने की कोशिश की थी, उसका अंजाम बहुत ही दर्दनाक हुआ था। इस बात से मानिक अच्छी तरह वाकिफ़ था।
मानिक को लगा कि ज़रूर beast अब इस लड़की को बहुत ही दर्दनाक सज़ा देने वाला है, क्योंकि वह beast को कई सालों से जानता था। वह कई सालों से beast के साथ काम कर रहा था। इतने सालों में वह इतना तो समझ गया था कि beast कभी किसी को माफ़ नहीं करता।
वहीं, beast की अगली बात सुनकर राही की आँखें नम हो गईं।
राही की बात सुनकर beast की डार्क ग्रीन आँखें राही को देखने लगीं। गुस्से में उसका मुँह फूल चुका था और वह अपनी ब्लू ओसियन आँखों से beast को ही घूर रही थी। राही ने अभी भी beast का हाथ पकड़ा हुआ था और वे दोनों काफी पास थे। उसके फूले हुए गाल और आँखों में मासूमियत beast को अपना कंट्रोल लूज़ करने के लिए मज़बूर कर रही थी। राही के इतना कुछ कहने के बावजूद, beast राही को अपनी डार्क ग्रीन आँखों से बहुत ही अजीब तरह से देख रहा था।
वहीं, मानिक को अब तक यह बात समझ नहीं आ रही थी। उसने मन ही मन सोचते हुए कहा, "beast आखिर क्या सोच रहे हैं? आखिर beast इस लड़की के इतने करीब क्या कर रहे हैं? और इस लड़की के इतना कुछ कहने के बावजूद beast ने अभी तक उसके साथ कुछ क्यों नहीं किया? beast ने आज तक अपने खिलाफ़ उठने वाली हर एक आवाज़ को बहुत ही बेरहमी से दबा दिया है, लेकिन इस लड़की के मामले में beast कुछ कर क्यों नहीं रहे?" ऐसा सोचते हुए वह हैरानी से beast और राही की ओर देख रहा था। मानिक के मन में यही सारे सवाल चल रहे थे।
Beast ने राही की ओर देखते हुए अपनी ठंडी आवाज़ में कहा, "तुम्हें आना है तो आओ, नहीं आना है तो तुम यहाँ से जा सकती हो। तुम्हें कोई फ़ोर्स नहीं कर रहा यहाँ रुकने के लिए। तुम जाना चाहती हो ना, तो जाओ। कम से कम जंगल में तुम किसी के पेट भरने के काम तो आओगी। तुम्हें खाकर उनकी भूख कुछ हद तक तो शांत हो ही जाएगी।"
ऐसा कहकर beast ने एक नज़र राही को देखा और फिर विला की ओर अपने कदम बढ़ा दिए। उसने एक बार भी राही को पीछे पलट कर नहीं देखा। लेकिन राही की बातें सुनकर वह कुछ कदम चलने के बाद रुक गया।
Beast की बात सुनकर राही एकदम शॉक्ड रह गई। लेकिन अगले ही पल उसकी आँखों में नमी आ गई। उसका मुँह रोने जैसा हो गया। मैं वहीं पर खड़ा हुआ था और वह यह सब कुछ चुपचाप देख रहा था।
राही ने अपनी नम आँखों से मानिक को देखा और फिर उसकी ओर देखते हुए, अपनी रुआँधी आवाज़ में और अपने हाथ को हवा में ले जाते हुए, beast की ओर अपनी एक उंगली से इशारा करते हुए, मानिक से बच्चों की तरह शिकायत करते हुए कहा, "देखा! इन्होंने कितनी रुडली बात की हमसे! जबकि हमने इनकी जान बचाई! अरे! ऐसे कैसे कोई हमें खा जाएगा? हम थोड़ी ना कोई खाने की चीज हैं! हम क्या कोई जलेबी-फाफड़ा हैं क्या, जो बनाया और खा लिया? अरे! जीते-जागते इंसान हैं हम! ना कि किसी का खाना, जो हमें खा जाएगा!"
"कोई हमें कैसे खा सकता है? और अगर किसी ने कोशिश भी की, तो हम उसे खुद को खाने नहीं देंगे! हम वहाँ से भाग जाएँगे!" ऐसा कहते हुए वह बच्चों की तरह मानिक से शिकायत कर रही थी।
वहीं, राही की मासूमियत भरी बातें सुनकर और उसके मासूमियत भरे एक्सप्रेशन्स देखकर मानिक उसे देखता रह गया। जैसे-जैसे मानिक राही की बातें सुन रहा था, वैसे-वैसे उसकी हँसी छूट रही थी। वह बहुत मुश्किल से खुद को कंट्रोल कर पा रहा था। वह बस चुपचाप राही की बिना सर-पैर वाली बातें सुन रहा था।
वहीं, राही की बात सुनकर beast, जिसके कदम चलते-चलते रुक चुके थे, उसने बहुत ही गहरी आवाज़ में कहा, "तुम्हें तो मैं बहुत जल्द बताऊँगा कि तुम किसका खाना हो और कौन तुम्हें खाएगा। तब तक तुम खुद को बचाकर रखो, my little precious, क्योंकि एक बार अगर मैंने तुम्हें खाना शुरू किया, तो फिर तुम मुझसे कहीं नहीं भाग पाओगी। न ही मैं तुम्हें भागने दूँगा।"
Beast की यह बात राही और मानिक इन दोनों में से किसी ने नहीं सुनी थी, क्योंकि beast उन दोनों से आगे खड़ा हुआ था। उसने यह बात धीरे से कही थी, जिसकी वजह से राही और मानिक को उसकी यह बातें सुनाई नहीं दी थीं। और अगर कोई सुन भी लेता, तो भी beast को कोई फ़र्क नहीं पड़ने वाला था। वह तो वही करता, जो वह करना चाहता था।
Beast ने उन दोनों को इग्नोर किया और विला के अंदर चला गया। वहीं राही अपनी नम आँखों से beast को अंदर जाते हुए देख रही थी। beast को अंदर जाते हुए देखकर राही का मुँह बन चुका था, जिसमें वह बहुत ही क्यूट लग रही थी।
मानिक ने जैसे-तैसे खुद को कंट्रोल किया, क्योंकि राही की बातें सुनकर उसका जोर-जोर से हँसने का मन कर रहा था। लेकिन वह हँसने की हिम्मत इस वक्त बिल्कुल नहीं कर सकता था, क्योंकि उसे पता था अगर वह इस वक्त हँसा, तो उसके बाद beast उसे कभी भी हँसने लायक नहीं छोड़ेगा।
मानिक ने राही की ओर देखते हुए कहा, "आप अंदर चलिए। आप वहाँ सुरक्षित रहेंगी और वैसे भी ठंडी हवाएँ चल रही हैं। अगर ज़्यादा देर तक आप यहाँ रहीं, तो हो सकता है कि आपकी तबीयत ख़राब हो जाए। आप अंदर चलकर भी सोच सकती हैं कि आपको आगे क्या करना है।"
मानिक की बात सुनकर राही एक पल के लिए सोच में पड़ गई कि क्या उसे अंदर जाना चाहिए या नहीं। वह पहले ही कल रात के हादसे से बहुत डरी हुई थी। अब ऐसे ही अनजान लोगों पर भरोसा करना उसे कुछ ठीक नहीं लग रहा था। लेकिन अब उसके पास कोई और ऑप्शन भी नहीं था, ना ही उसे इस जंगल से बाहर निकलने का रास्ता पता था और ना ही वह इस जंगल में ऐसी खुले में रह सकती थी, क्योंकि वहाँ पर जंगली जानवरों का भी डर था, जैसा कि मानिक ने उसे बताया था। मानिक की बातें सुनकर राही और ज़्यादा डर गई थी। वह इसी कशमकश में थी कि उसे अंदर जाना चाहिए या नहीं।
तभी मानिक की बात सुनकर वह अपने होश में आई। मानिक ने राही की ओर देखते हुए उसे कहा, "आप अंदर आ रही हैं ना?"
मणिक की बात सुनकर राही ने एक गहरी साँस ली और उसने अपना सर हाँ में हिला दिया। उसके पास अब विला के अंदर जाने के अलावा अब कोई रास्ता भी नहीं था, क्योंकि ना ही वह जंगल के बाहर निकल सकती थी और ना ही वह जंगल में रह सकती थी। इसलिए उसने हाँ कर दी। और ऊपर से उसे उन लोगों से भी डर लग रहा था जो उसने कल रात को देखे थे।
राही की बात सुनकर मानिक ने अपना सर हिला दिया और फिर वे दोनों विला के अंदर चले गए। राही जैसे ही विला के अंदर गई और उसने अंदर का नज़ारा देखा, तो वह हैरान रह गई।
मानिक की बात सुनकर राही एक पल सोच में पड़ गई। क्या उसे अंदर जाना चाहिए था? वह पहले ही कल रात के हादसे से बहुत डरी हुई थी। अनजान लोगों पर भरोसा करना उसे ठीक नहीं लग रहा था। लेकिन उसके पास कोई और विकल्प नहीं था। उसे इस जंगल से बाहर निकलने का रास्ता नहीं पता था, और न ही वह खुले में रह सकती थी। वहाँ जंगली जानवरों का डर था, जैसा मानिक ने बताया था। मानिक की बातें सुनकर राही और डर गई थी। वह कशमकश में थी।
तभी मानिक ने राही की ओर देखते हुए कहा, "आप अंदर आ रही हैं ना?"
मणिक की बात सुनकर राही ने एक गहरी सांस ली और अपना सर हाँ में हिला दिया। उसके पास विला के अंदर जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। न तो वह जंगल से बाहर निकल सकती थी, और न ही जंगल में रह सकती थी। ऊपर से उसे उन लोगों से भी डर लग रहा था जिन्हें उसने कल रात देखा था।
राही की बात सुनकर मानिक ने अपना सर हिला दिया। फिर वे दोनों विला के अंदर चले गए।
राही जैसे ही विला के अंदर गई और अंदर का नजारा देखा, वह हैरान रह गई।
वहीं दूसरी ओर, गोवा के एक होटल के कमरे में एक लड़की कमरे में चक्कर काट रही थी। उसके चेहरे से लग रहा था जैसे वह बहुत परेशान हो। वह बार-बार अपने फोन पर कुछ चेक कर रही थी। तभी उसके कमरे का दरवाज़ा खुला और उसमें से दो लड़के अंदर आ गए। उन दोनों के चेहरे पर भी हताशा थी।
लड़की ने उन दोनों की ओर आस भरी नज़रों से देखते हुए कहा, "अक्षत, निखिल, क्या हुआ? राही कहाँ है? वह तुम दोनों के साथ नहीं आई? क्या वह बाहर है? क्या वह कोई मज़ाक कर रही है? अगर ऐसा है, तो वह बहुत डाँट खाने वाली है! रात भर से बिना बताए लड़की गायब है! आज तो मैं इसकी अच्छी खबर लूंगी!" ऐसा कहते हुए वह दरवाज़े से बाहर जाने लगी। तभी अक्षत और निखिल ने उसे रोक लिया।
निखिल और अक्षत काव्या की हालत अच्छी तरह से समझ रहे थे। जब से राही गायब हुई थी, तब से काव्या बहुत परेशान थी। वह एक पल भी चैन से नहीं बैठी थी। निखिल ने हिम्मत जुटाकर काव्या की ओर देखते हुए कहा, "काव्या दी, राही बाहर नहीं है और वह हमारे साथ नहीं आई है। उसका कुछ पता नहीं चला। हमने वहाँ बीच पर कई लोगों से पूछा, होटल में भी राही के बारे में पता करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें भी कुछ नहीं पता। लेकिन हम राही को बहुत जल्द ढूँढ लेंगे। आप परेशान मत होइए।"
निखिल की बात सुनकर काव्या की आँखों में आँसू आ गए और वह वहीं सोफे पर हताश होकर गिर गई। उसने कहा, "यह सब कुछ मेरी ही गलती है! मुझे उसे अकेले छोड़ना ही नहीं चाहिए था! वह मेरी वजह से नहीं मिल रही है!" ऐसा कहते हुए वह रोने लगी।
अक्षत काव्या के बगल में जाकर बैठ गया और उसे समझाते हुए कहा, "काव्या, तुम रोना बंद करो और खुद को दोष मत दो। इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है। हम बहुत जल्द राही के बारे में पता कर लेंगे, और फिर वह हमारे साथ होगी।" अक्षत काव्या को समझा रहा था, लेकिन काव्या पर किसी भी बात का कोई असर नहीं हो रहा था। उसने डरते हुए अक्षत की ओर देखते हुए कहा, "अगर... अगर उसे कुछ हो गया तो...? तुम जानते हो ना, अभी-अभी तो वह नॉर्मल होना शुरू हुई थी... और अब उसका ऐसे गायब होना... मुझे बहुत डर लग रहा है..." लेकिन अगले ही पल उसने खुद को संभाला और कहा, "नहीं नहीं, ऐसा नहीं हो सकता। मेरी बहन को कुछ नहीं हो सकता। वह बिल्कुल ठीक है, बस अभी हमें मिल नहीं रही है ना..." ऐसा कहते हुए वह अक्षत और निखिल की ओर देखने लगी। उसकी आँखों में एक उम्मीद और साथ ही उसका डर भी था, जो राही के न मिलने की वजह से था।
काव्या की बात सुनकर निखिल ने पूरे विश्वास के साथ कहा, "बिल्कुल काव्या दी, हमारी राही को कुछ नहीं होगा। वह बिल्कुल ठीक होगी और बहुत जल्द हमारे साथ भी होगी।"
अक्षत और निखिल धीरे-धीरे काव्या को समझाने में सफल हो रहे थे। वहीं अक्षत की आखिरी बात सुनकर निखिल और काव्या उसे देखने लगे।
अक्षत ने निखिल और काव्या की ओर देखते हुए कहा, "मेरे पास एक आईडिया है जिसकी वजह से हम राही को ढूँढ सकते हैं। मुझे पूरा यकीन है, इससे राही हमें जल्द ही मिल जाएगी।"
अक्षत की बात सुनकर काव्या और निखिल उसे उम्मीद भरी नज़रों से देखने लगे। अक्षत उन दोनों की ओर देखते हुए और उन्हें समझाते हुए कहा, "हमें पुलिस में कंप्लेंट करते हैं राही के लिए। पुलिस राही को जल्दी ही ढूँढ लेगी। क्योंकि मुझे नहीं लगता ज़्यादा देर करना सही होगा। राही का अब तक कुछ पता नहीं चला। अगर पुलिस हमारे साथ होगी तो हमें राही आसानी से मिल जाएगी।"
अक्षत की बात सुनकर काव्या कुछ सोच में पड़ गई। वह पुलिस में कंप्लेंट नहीं करना चाहती थी। इसके पीछे एक बहुत बड़ी वजह थी, इसलिए वह पुलिस में कंप्लेंट करने के लिए हिचकिचा रही थी।
अक्षत की बात सुनकर निखिल ने उसकी बात का समर्थन करते हुए कहा, "हाँ भाई, अब ठीक कह रहे हो। हमें पुलिस में ही कंप्लेंट कर देनी चाहिए। हम अभी जाकर पुलिस में कंप्लेंट करते हैं, जिससे पुलिस अभी से राही को ढूँढने में लग जाएगी।"
वहीं काव्या को कुछ ना बोलते हुए देखकर अक्षत ने उसकी ओर देखते हुए उससे पूछा, "क्या हुआ काव्या? तुम कुछ बोल क्यों नहीं रही हो?" अक्षत की बात सुनकर काव्या अपने होश में आई। काव्या ने अक्षत की ओर देखते हुए कहा, "शायद तुम लोग ठीक कह रहे हो। हमें पुलिस में मिसिंग रिपोर्ट कर देनी चाहिए।" ऐसा कहते हुए वह थोड़ी हिचकिचा रही थी। वह नहीं चाहती थी पुलिस में कंप्लेंट करना, लेकिन उसे इस वक़्त कोई और रास्ता दिखाई नहीं दे रहा था और वह राही को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी। इसलिए उसने ना चाहते हुए भी अक्षत और निखिल की बात में हामी भर दी।
वहीं दूसरी ओर, राही इस वक़्त जंगल के बीचो-बीच उस विला में थी और अपनी आँखें बड़ी-बड़ी करके उस विला को देख रही थी। वह इस वक़्त विला के एक बड़े से हाल में खड़ी हुई थी। उसे विला में एक अजीब सा सन्नाटा था। और उसे हाल में ज़्यादा रोशनी नहीं थी। इतनी रोशनी थी कि वहाँ पर सब कुछ साफ़-साफ़ देखा जा सकता था। उसे हाल के बीचों-बीच एक बड़ा सा झूमर लगा हुआ था, और उसके झूमर के नीचे एक बहुत ही बड़ा सोफ़ा और टेबल रखा हुआ था। पूरे विला का इंटीरियर ब्लैक और ब्राउन कलर में था, जिससे वहाँ से नेगेटिव वाइब्स आ रही थीं।
उस विला को देखकर राही को डर लग रहा था। मानिक ने राही की ओर देखते हुए कहा, "आप जाकर फ्रेश हो जाइए। तब तक मैं ब्रेकफास्ट लगवाता हूँ। आप ऊपर जाकर लेफ्ट रूम में चली जाइए।"
मानिक की बात सुनकर राही उसे अपनी सहमी नज़रों से देखने लगी और उसकी तरफ़ देखते हुए जल्दी से कहा, "हम जाएँ, वह भी अकेले...? अगर बीच में कोई राक्षस आ गया और किडनैप करके ले गया तो...? हमें बहुत डर लगता है राक्षस से..." ऐसा कहते हुए वह अपनी सहमी नज़रों से पूरे हाल को देख रही थी, जैसे कभी भी कोई राक्षस उसकी ओर आ सकता है और उसे पकड़ कर ले जा सकता है।
राही की बात सुनकर मानिक राही को ऐसे देखने लगा जैसे वह दुनिया का आठवाँ अजूबा देख रहा हो। उसने धीरे से खुद से ही कहा, "रात भर जब ये खुद beast के साथ थी, तब इसे डर नहीं लगा... जो अब beast के न होने पर इसे डर लग रहा है। आखिर devil beast से बड़ा राक्षस कौन होगा इस दुनिया में...?"
राही ने मानिक की बात सुन ली, लेकिन उसे कुछ समझ नहीं आया क्योंकि मानिक ने यह बात बहुत ही धीरे से कही थी। राही ने मानिक का बड़बड़ाना सुनकर उसकी ओर देखते हुए कहा, "क्या हुआ? आपने कुछ कहा? हमने ठीक से कुछ सुना नहीं। क्या फिर से कहेंगे जो आपने पहले कहा था...?"
राही की बात सुनकर मानिक सकपका गया। लेकिन उसने खुद को संभालते हुए राही की ओर देखते हुए कहा, "वह कुछ नहीं। मैं बस इतना कह रहा था कि आप रूम में चली जाइए। आपका कोई राक्षस किडनैप नहीं करेगा। आप बेफ़िक्र होकर रूम में जा सकती हैं।"
मानिक की बात सुनकर राही ने उसकी बात को पक्का करते हुए कहा, "आप सच कह रहे हैं ना...?" राही की बात सुनकर मानिक ने सहमति में अपना सर हाँ में हिलाया।
मानिक की सहमति देखकर राही ने गहरी सांस ली और खुद को हिम्मत देते हुए आगे बढ़ने लगी। तभी उसे कुछ याद आया और उसने खुद से ही कहा, "Mr. स्ट्रेंजर कहाँ चले गए? अभी तो अंदर ही थे... लेकिन अब कहीं दिख नहीं रहे..." ऐसा कहते हुए वह आसपास देखने लगी और फिर जब उसे कोई दिखाई नहीं दिया तो उसने मानिक की ओर देखते हुए उससे पूछा, "वह... वह मिस्टर स्ट्रेंजर कहाँ है...?"
राही की बात सुनकर मानिक को समझ नहीं आया कि राही किसके बारे में बात कर रही है। उसने राही की ओर देखते हुए उससे पूछा, "आप किसके बारे में बात कर रही हैं? मुझे कुछ समझ नहीं आया..."
वहीं राही की अगली बात सुनकर मानिक की आँखें बड़ी-बड़ी हो गईं और वह दंग रह गया।
chapter 16
राही की बात सुनकर मानिक सकपका गया। लेकिन उसने खुद को संभालते हुए राही की ओर देखते हुए कहा, "वह कुछ नहीं। मैं बस इतना कह रहा था कि आप रूम में चली जाइए। आपका कोई राक्षस किडनैप नहीं करेगा। आप बेफ़िक्र होकर रूम में जा सकती हैं।"
मानिक की बात सुनकर राही ने उसकी बात को पक्का करते हुए कहा, "आप सच कह रहे हैं ना...?"
राही की बात सुनकर मानिक ने सहमति में अपना सर हाँ में हिलाया।
मानिक की सहमति देखकर राही ने गहरी सांस ली और खुद को हिम्मत देते हुए आगे बढ़ने लगी। तभी उसे कुछ याद आया और उसने खुद से ही कहा, "Mr. स्ट्रेंजर कहाँ चले गए? अभी तो अंदर ही थे... लेकिन अब कहीं दिख नहीं रहे..."
ऐसा कहते हुए वह आसपास देखने लगी और फिर जब उसे कोई दिखाई नहीं दिया तो उसने मानिक की ओर देखते हुए उससे पूछा, "वह... वह मिस्टर स्ट्रेंजर कहाँ है...?"
राही की बात सुनकर मानिक को समझ नहीं आया कि राही किसके बारे में बात कर रही है। उसने राही की ओर देखते हुए उससे पूछा, "आप किसके बारे में बात कर रही हैं? मुझे कुछ समझ नहीं आया..."
वहीं राही की अगली बात सुनकर मानिक की आँखें बड़ी-बड़ी हो गईं और वह दंग रह गया।
मानिक की बात सुनकर राही ने उसे समझाते हुए कहा, "अरे वही जो हमारे साथ आए थे और जो हमसे झगड़ा कर रहे थे .... वही एफिल टावर वाली हाइट वाले .... जो दिखने में बहुत ही गुस्सैल और खडूस टाइप के दिखते हैं और .... जो हमसे झगड़ा करके अंदर की ओर आए थे ....."
ऐसा कहकर वह अपनी ब्लू ओशन आइस से मानिक को देखने लगी और उसकी जवाब का इंतजार करने लगी।
वही बात सुनकर मानिक उसे अपनी आँखों से देख रहा था। आज तक beast का ऐसा इंट्रोडक्शन उसने कभी भी किसी के मुँह से नहीं सुना था।
वही मानिक को कोई जवाब ना देता हुआ देखकर और खुद को इस तरह घूरते हुए देखता हुआ पाकर, राही ने उसकी तरफ देखते हुए उससे पूछा, "क्या हुआ? आप हमें ऐसे क्यों देख रहे हैं जैसे कि हमने बहुत ही गलत बात कर दी हो ..... बल्कि हमने कुछ भी गलत नहीं कहा। आप भी उनसे थोड़ा बच के रहना .... वह हमें थोड़े से Psycho लगते हैं .... वरना कौन किसी जीते-जागते इंसान को किसी का खाना कहेगा ....."
अब तो जैसे राही की बातें सुनकर मानिक की आँखें बाहर आने को हुई थीं। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि सामने खड़ी हुई वह लड़की beast के बारे में इतनी बदतमीजी से बात कर रही थी। अगर उसकी जगह कोई और होता तो अभी तक मानिक उसकी ज़बान खींच लेता, लेकिन इस वक्त वह ऐसा कुछ नहीं कर सकता था जब तक beast उसे खुद कोई आर्डर ना दे दे।
राही कुछ और बोलती, कि तभी मानिक ने उसकी तरफ देखते हुए कहा, "वह अपने रूम में गए होंगे... किसी सर्वेंट ने उन्हें उनका रूम बता दिया होगा इसलिए वह रूम में चले गए होंगे... आप अपने रूम में जाइए जो मैंने आपको बताया था। वैसे भी आप बहुत थक गई होगी..."
मानिक की बात सुनकर राही ने अपना सर हाँ में हिलाते हुए कहा, "हम थक तो बहुत गए हैं... ठीक है हम रूम में जाते हैं।"
ऐसा कहकर राही अपने रूम में चली गई जो मानिक ने उसे बताया था।
वही मानिक ने एक बहुत ही लंबी और गहरी सांस ली और खुद से ही कहा, "क्या थी यह लड़की... Beast के बारे में इतना कुछ बोल गई... लोग beast की नज़र उठाने में भी खौफ खाते हैं और यह लड़की beast के ही टेरिटरी में आकर beast के खिलाफ ही इतना कुछ बोल गई... आज तक beast के सामने जिसने भी उनके खिलाफ बोलने के लिए अपनी ज़बान खोली है उनकी ज़बान ही खींच ली गई है और यह लड़की beast को इतना सब कुछ बोलने के बाद भी बिल्कुल सही सलामत है... पता नहीं beast क्या सोच रहे हैं। मुझे beast से इस बारे में बात करनी होगी और जो इनफॉरमेशन मुझे मिली है वह इनफॉरमेशन भी मुझे beast को देनी होगी... ऐसा क्या करूँ?"
उसने एक नज़र राही को जाते हुए देखा और फिर खुद भी वहाँ से चला गया।
वहीं दूसरी ओर beast अपनी स्टडी रूम में बैठा हुआ था और अपने सामने लगी हुई बड़ी सी स्क्रीन पर वह हाल की फुटेज देख रहा था। राही ने अब तक मानिक से जो जो भी बातें कहीं थीं वह सब कुछ उसने सुन लिया था। राही की बातें सुनकर beast के चेहरे पर एक बहुत ही ठंडी मुस्कुराहट आ गई। वह मुस्कुराहट बहुत ही खौफनाक थी। उसने अपनी गर्दन पर अपना हाथ रखा और अपनी गर्दन को बहुत ही अजीब तरह से सहलाते हुए कहा, "Ohhh... my little precious... I will tell you very soon what kind of psycho I am... तुम बहुत जल्द अपनी खूबसूरत आँखों से देखोगी कि साइको आखिर क्या-क्या कर सकता है। आखिर इस साइको के पागलपन को तो तुम्हें ही झेलना है ना my little precious..."
Beast इस वक्त सच में किसी साइको की तरह बिहेव कर रहा था और उसकी डार्क ग्रीन आइज बहुत ही ज्यादा ठंडी थीं।
वहीं दूसरी ओर राही उस कमरे की ओर जा रही थी जो room उसे मानिक ने बताया था। उसे पूरे विला से बहुत ही नेगेटिव वाइब्स आ रही थीं जिससे राही अंदर ही अंदर डर रही थी। राही खुद में ही भूत बुलाती हुई कह रही थी, "तुम डर क्यों रहे हो? यहां पर कोई नहीं है। तुम्हें डरने की कोई ज़रूरत नहीं है। बस कुछ ही समय की तो बात है, उसके बाद तो तुम यहां से चले जाओगे। तब तक ऐसा समझो कि यहां पर कुछ भी डरावना नहीं है। सब कुछ बहुत अच्छा है..."
उसने ऐसा कहकर उसने गहरी सांस ली और अपने चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल आई और फिर हिम्मत करके उस रूम की ओर जाने लगी। कुछ ही पलों में वह उस रूम के बाहर खड़ी थी।
राही ने उस कमरे का दरवाजा खोला और रूम के अंदर आई। राही ने जैसे ही उस रूम को देखा तो वह उसे देखते रह गई। वह रूम बहुत ही बड़ा और लग्जरियस था। उस रूम के बीचों-बीच एक बहुत बड़ा बेड था जिस पर आराम से 10 लोग सो सकते थे। कमरे की बालकनी के दरवाजे पर कर्टन लगे हुए थे जो हवा में लहरा रहे थे। पूरे कमरे का इंटीरियर ब्लैक और ब्राउन कलर का था।
राही ने उस कमरे को देखते हुए कहा, "यह कैसी जगह है? एक पल के लिए लगता है कि यहां सब कुछ बहुत अच्छा है लेकिन दूसरी ही पल यहां बहुत डर लगने लगता है। इस विला की तरह ही यह कमरा भी बहुत बड़ा है लेकिन फिर भी कुछ तो ऐसा है जो बहुत अजीब है।"
ऐसा कहकर उसने अपनी ब्लू ओशन आँखों से पूरे कमरे को देखने लगी।
कुछ पल कमरे को देखने के बाद उसने अपना दिमाग झटका और फिर वॉशरूम की ओर चली गई। उस वॉशरूम को देखने के बाद राही ने अपनी गाल पर अपनी एक उंगली रखते हुए कहा, "लगता है इनके पास बहुत पैसा है! देखो ना इस विला में हर छोटी से छोटी चीज और बड़ी से बड़ी चीज दिखने में ही कितनी महंगी लग रही है। लगता है अच्छा खर्चा किया है इन लोगों ने इस घर पर, लेकिन फायदा क्या? जंगल के बीचों-बीच कौन आएगा इसे देखने? इतने सारे पैसे वेस्ट कर दिए... huuu..."
ऐसा कहते हुए वह बहुत ही क्यूट लग रही थी।
और फिर उसने अपनी सारी ख्यालों को अपने दिमाग से बाहर फेंकते हुए कहा, "खैर हमें क्या... हो सकता है उन्हें नेचर के पास रहना पसंद हो जैसा कि हमें है, इसलिए उन्होंने जंगल में घर बनवाया हो... हम तो जल्दी से फ्रेश हो जाते हैं... और फिर कुछ खा लेते हैं। हमें बहुत भूख लगी है।"
ऐसा कहकर उसने अपने दोनों हाथ अपने पेट के इर्द-गिर्द लपेट लिए।
कुछ देर बाद...
राही कमरे में इधर-उधर चक्कर लगा रही थी और उसके चेहरे पर परेशानी साफ-साफ दिखाई दे रही थी। उसने ऊपर देखते हुए कहा, "हे कृष्णा जी! अब हम क्या करें? हमारे पास तो दूसरे कपड़े ही नहीं हैं। अब हम क्या पहनेंगे? जो कपड़े हमने पहने हुए थे वह तो सारे गीले हो गए थे... अब हम क्या करें? ऐसी हालत में हम बाहर भी नहीं जा सकते... प्लीज हमेशा की तरह हमारी कोई मदद कीजिए। कोई idea दीजिये..."
ऐसा कहते हुए वह परेशानी में यहाँ-वहाँ टहल रही थी और अपने आसपास देख रही थी।
राही ने इस वक्त बाथरोब पहना हुआ था जो उसके साइज से काफी बड़ा था। उस बाथरोब में राही का छोटा सा शरीर पूरी तरह से छुप चुका था। अभी-अभी नहाने की वजह से उसका चेहरा गुलाबी हो गया था और उसकी छोटी सी नाक लाल हो गई थी जिसमें वह काफी क्यूट लग रही थी।
राही कन्फ्यूजन में यहाँ-वहाँ चक्कर लगा ही रही थी कि तभी उसे क्लोजेट रूम का दरवाजा दिखाई दिया जो ट्रांसपेरेंट था। राही ने उस दरवाजे की ओर देखते हुए कहा, "शायद यहाँ कुछ हमारे पहनने लायक मिल जाए... लेकिन क्या ऐसे ही किसी से बिना पूछे हमें उनकी चीजों को देखना चाहिए? नहीं, तो गलत होगा ना..."
राही इसी कन्फ्यूजन में थी कि उसे किसी की पर्सनल चीजों को उनकी परमिशन के बगैर देखना चाहिए या नहीं। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। कुछ पल ऐसे ही उलझे रहने के बाद उसने अपने ख्यालों को झटका और खुद से ही धीरे से कहा, "लेकिन हम क्या करें? हमारे पास कोई और रास्ता भी तो नहीं है... एक काम करते हैं, हम उन्हें बाद में बता देंगे। ऐसी हालत में हम बाहर भी तो नहीं जा सकते आखिर..."
ऐसा कहकर वह क्लोजेट रूम की ओर चली गई।
राही ने वार्डरोब खोला तो पाया कि उसमें सारे लड़कों के ही कपड़े रखे थे। वह उन कपड़ों को यहाँ-वहाँ करके देखने लगी लेकिन उसे अपने पहनने लायक कुछ भी नहीं दिखा। उन कपड़ों को देखकर उसने गहरी सांस लेते हुए कहा, "यहाँ तो हमारे पहनने लायक कुछ भी नहीं है। अब हम क्या करें?"
तभी उसके दिमाग में एक आइडिया आया और उसने चुटकी बजाई और कहा, "अगर लड़कियाँ लड़कों की तरह बाइक चला सकती हैं, प्लेन उड़ा सकती हैं तो हम ये कपड़े क्यों नहीं पहन सकते? एक काम करते हैं... इन्हीं में से कुछ ले लेते हैं..."
ऐसा कहकर वह अपनी आँखों में चमक लिए उन कपड़ों को देखने लगी। लेकिन उसे वार्डरोब में सिर्फ डार्क कलर के कपड़े रखे हुए थे।
राही की नज़र एक ब्लैक टी-शर्ट पर पड़ी। उसने वह टी-शर्ट उठा ली और उसे पहनने लगी।
वहीं दूसरी ओर beast लिविंग एरिया म झूमर केें नीचे सोफे पर अपने एक पैर पर दूसरा पर चढ़कर बड़ी शान से बैठा हुआ था ..... उसका औरा बहुत ठंडा था .... उसमें उसके हाथ में उसका फोन था और उसमें कुछ चेक कर रहा था उसके सामने मानिक खड़ा हुआ था .... और उसे कुछ बता रहा था ..... । । । ।
मानिक अचानक कहते-कहते रुक गया ..... मानिक को कुछ ना कहते हुए सुनकर beast ने बिना माणिक की ओर देखे हुए और अपने फोन में देखते हुए बहुत ही गहरी आवाज में कहा .... तुम जानते हो ना मानिक मुझे आधी अधूरी बातें पसंद नहीं ...... तो अपनी जबान खोलो और कहो क्या कहना चाहते हो ..... और अगर अब तुम्हें अपने मुंह से खाने में तकलीफ हो रही है तो मुझे बताओ ..... मैं तुम्हारी तकलीफ हमेशा हमेशा के लिए दूर कर दूंगा तुम्हारी जबान को खींचकर ......... । । । ।
Beast कितनी गहरी आवाज सुनकर मानिक घबरा गया लेकिन अगली ही पर उसने खुद को नॉर्मल किया क्योंकि वह अच्छी तरह से जानता था beast को कमजोर लोग और कमजोरी जरा भी पसंद नहीं है इसलिए उसने तुरंत खुद को संभाल लिया और फिर beast की ओर देखते हुए कहा ..... Beast मुझे इनफार्मेशन मिली है .... कि हमारे दुश्मनों ने किसी को भेजा है ताकि वह उन डायमंड्स की शिपमेंट के बारे में पता कर सके ..... और अंगद और उसके साथियों के साथ क्या हुआ है उसके बारे में भी पता लगा सके .........
क्योंकि इस डील पर कई सारे लोगों की नजर थी..... कई लोगों को बो डायमंड चाहिए ..... उनमें से किसी को नहीं पता कि वह डायमंड अब आपके पास है ...... जहां तक मुझे पता चला है की कोई लड़की आई है .... और उसे ही काम सोपा गया है यह सब कुछ पता करने के लिए ..... वह सब कुछ पता करके उन डायमंड को हासिल करना चाहते है ..... और मुझे लगता है कि वह लड़की .... इतना कहकर वह रुक गया क्योंकि beast अब उसे ही देख रहा था .... Beast की डार्क ग्रीन आइज मानिक पर ही थी ...... । । । ।
मानिक को फिर से रुकता हुआ देखकर beast ने उसकी तरफ देखते हुए बहुत ही ठंडी आवाज में कहा .... और तुम्हें लगता है कि वह लड़की मेरी प्रेशियस है .... जो डायमंड को लेने आई है .... बोलो यही सोच रहे हो ना .... । । । ।
Beast की बात सुनकर मानिक ने उसकी ओर देखते हुए कहा yes beast .... मुझे यही लगता है इसलिए वह उसी वक्त उस जंगल में पहुंच गई ....... जब हमने अंगद और उसके साथियों को पकड़ा था और उसे डायमंड की शिपमेंट को अपने कंट्रोल में लिया था ..... वह हमारे साथ खेल ...खेल रही है ...... । । । ।
मानिक अब इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह कौन है और कहां से आई है ...... अब वह जो भी है जैसी भी है मेरी precious है ....... और अगर मेरी प्रेशियस मेरे साथ खेलना चाहती है तो में उसके साथ जरूर खेलूंगा .....मेरी प्रेशियस के साथ खेलने में मजा आएगा...... ऐसा कहते हुए beast के चेहरे पर एक तिरछी मुस्कुराहट आ गई ...जो बहुत ही शैतानी थी ..... । । । ।
Beast की बात सुनकर मानिक दंग रह गया beast की बात का यकीन करना मानिक के लिए लगभग नामुमकिन था आज तक मलिक ने कभी भी beast के मुंह सेे ऐसा कुछ नहीं सुना था ..... यह सब कुछ उसे किसी भ्रम की तरह लग रहा था ...... । । । ।
मानिक ने beast की ओर देखते हुए कहा लेकिन beast अगर उन्होंने कुछ ऐसा किया जो उन्हें नहीं करना चाहिए ... या फिर उन्होंने हमारे राइवल्स के साथ मिलकर आपको धोखा दिया तो .... क्योंकि वह तो यही काम करने आई है ना यहां ..... इस बार मानिक ने राही का नाम बहुत ही इज्जत के साथ लेते हुए कहा क्योंकि उसे अच्छी तरह से पता चल गया था कि वह beast की पसंद है ... राही के खिलाफ कुछ भी ऐसे वैसे शब्दों का इस्तेमाल करके खुद के लिए मुसीबत मोड़ लेना नहीं चाहता था ..... उसने बस अपनी शंका को beast के सामने रखा था कि अगर ऐसा कुछ हुआ तो ... फिर क्या करना चाहिए .... । । । ।
मानिक की बात सुनकर beast ने शैतानी तरीके से मुस्कुराते हुए लेकिन बहुत ही ठंडी आवाज में कहा अगर ऐसा कुछ भी हुआ तो मुझे मेरी प्रेशियस को मुझे सजा देनी होगी .... i have to punish her...Because I don't forgive mistakes, फिर सामने मेरी precious ही क्यों ना हो .... और उसकी सजा ऐसी होगी जिससे कि उसकी आत्मा भी कांप उठेगी .... । । । ।
Beast की बात सुनकर हमारी कुछ ज्यादा हैरानी नहीं हुई क्योंकि वह अच्छी तरह से जानता था कि beast कभी भी किसी को भी किसी भी गलती के लिए माफ नहीं करता फिर सामने कोई भी क्यों ना हो ..... । । । ।
beast और मानिक बात कर ही रहे थे कि तभी beast उसे अपना हाथ दिखा कर रोक दिया ..... उसे कुछ अजीब सा महसूस होने लगा जो उसके लिए बहुत ही सुकून भरा था .... वह एहसास बीस्ट के लिए बहुत ही खास था .... बस एहसास को महसूस करके बेस्ट के चेहरे पर एक एविल स्माइल आ गए जो बहुत ही जल्द चली भी गई ..... उसने बहुत ही गहरी आवाज में लेकिन धीरे से कहा my precious ..... । । । ।
मानिक को समझ नहीं आया कि अभी beast ने उसे चुप क्यों करवाया तभी उसकी नजर सीडीओ से आती हुई राही पर पड़ी .... जो धीरे-धीरे सीडीओ से उतरते हुए नीचे की और ही रही थी ...... जैसे-जैसे रही नीचे आ रही थी वैसे वैसे मानिक की आंखें बड़ी होती जा रही थी .... Beast ki पीठ इस वक्त राही की ओर थी लेकिन फिर भी उसे पता चल गया था कि राही नीचे आ रही है । । । ।
Beast ने जब मानिक को राही को इस तरह घूरते हुए देखा तो उसकी आंखें एकदम ठंडी पड़ गई .... उसने बहुत ही डार्क वॉइस में बिना राही की और देखते हुए कहा नजरे हटाओ उस पर से .... वरना अगले ही पल तुम्हारी आंखें तुम्हारे पास नहीं रहेंगे और ना ही तुम कुछ देखने लायक रहोगे ..... । । । ।
Beast की इतनी डार्क वॉइस सुनकर मानिक ने बिना एक पल का गवाए राही पर से अपनी नज़रें हटा ली ..... बेस्ट की बात सुनकर मानिक बहुत ज्यादा घबरा गया था क्योंकि वह जानता था कि beast ने जो कुछ भी कहा है वह उसके साथ करने से पहले वह एक पल के लिए भी नहीं सोचेगा और उसे अपनी आंखों से हाथ धोना पड़ेगा .... और मानिक को अपनी आंखें बहुत प्यारी थी वह अंधा नहीं होना चाहता था ..... इसलिए उसने अपनी नजरे झुका ली ... और ......
उसने मन ही मन कहा कहीं मुझे कोई गलत इनफार्मेशन तो नहीं मिली और मैने beast कोई गलत इनफार्मेशन शेयर करदी हो अगर ऐसा होगा ना तो beast तो मेरी खाल खीच लेंगे क्या पता उससे भी बुरा कर दे .... क्योंकि यह लड़की तो मुझे कहीं से भी अच्छी नहीं लगती कि यह कोई जासूसी करने आई है .... यह तो मुझे बहुत ही मासूम और उससे भी ज्यादा उसकी हरकते किसी कार्टून से कम नहीं लगती ..... ऐसा सोचते हुए उसने अपना सर हिला दिया और फिर बहा से जाने को हुआ कि तभी .... राही की आवाज सुनकर वह रुक गया .... । । । ।
मानिक को समझ नहीं आया कि अभी beast ने उसे चुप क्यों करवाया तभी उसकी नजर सीडीओ से आती हुई राही पर पड़ी .... जो धीरे-धीरे सीडीओ से उतरते हुए नीचे की और ही रही थी ...... जैसे-जैसे रही नीचे आ रही थी वैसे वैसे मानिक की आंखें बड़ी होती जा रही थी .... बेस्ट की पीठ इस वक्त राही की ओर थी लेकिन फिर भी उसे पता चल गया था कि राही नीचे आ रही है । । । ।
अब आगे । । । ।
राही की आवाज लगाने पर मानिक रुक गया .... लेकिन राही का मानिक को रोकना beast को कुछ खास पसंद नहीं आया .... उसकी आंखें गहरी हो गई .... राही चलते हुए उन दोनों के पास आ गई .... Beast ने राही से कुछ कहने को हुआ कि तभी beast ने राही को देखा ..... जिसने इस वक्त उसके साइज से बहुत बड़ी टी शर्ट पहन रखी हुई थी और उसके नीचे ब्लैक कलर का लोअर .... उसने अपनी शर्ट को इन करके रखा हुआ था और उसकी लंबी काले घुंघराले बाल खुले हुए थे .... उसने बालों में एक क्लिप लगाया हुआ था जिसमें वह काफी क्यूट लग रही थी .... । । ।
राही की नजर beast पर भी पड़ी लेकिन बेस्ट को देखकर उसने अपना मुंह बना लिया beast बेस्ट का उसे किसी और का खाना खाने की बात वह अभी तक भूली नहीं थी इसलिए उसने beast को देखकर भी नजर अंदाज कर दिया ... राही को खुद को इस तरह इग्नोर करते हुए देखकर beast मैं अपनी एक आइब्रो उठाकर उसे देखा ... वही मानिक भी यह सब कुछ देख रहा था यह सब कुछ देखकर उसे बहुत हैरानी भी हो रही थी क्योंकि किसी ने भी beast को आज तक इस तरह से नजरअंदाज नहीं किया होगा जिस तरह से राही कर रही थी .... । । ।
राही ने मानिक की ओर देखते हुए कहा वह हमें आपसे कुछ कहना था ..... हमें पता है कि आप सोच रहे होंगे कि हमने ये कपड़े क्यों पहन लिए लेकिन बो क्या है ना कि हमारे पास दूसरे कपड़े पहनने को नहीं थे .... हमारे कपड़े गीले हो गए थे वह हमने सूखने डाले हैं जैसी वह सूख जाएंगे वह वापस पहन लेंगे ..... और उसके बाद आपको आपके कपड़े साफ करके दे देंगे .... लेकिन अगर आप चाहे तो हम इसके पैसे भी दे सकते हैं ..... वैसे तो मार्केट में यह दोनों ₹300 में मिल जाते हैं लेकिन हम इसके आपको सा ₹350 दे देंगे आखिर आपने हमारी इतनी मदद जो की है .... तो आपके लिए हम इतना तो कर ही सकते हैं .... । । । ।
राही की बात सुनकर माणिक का मुंह खुला का खुला रह गया .... राही की बातें उसके लिए किसी झटके से कम नहीं थी ..... राही की बातें सुनकर वह beast को देखने लगा .... उसे समझ नहीं आ रहा था की राही की बातों का क्या जवाब दे .... आखिर वह कपड़े उसके थे भी नहीं वह कपड़े तो beast के थे जो राही पहन कर आई थी .... और तो और मुझे साड़ी ₹350 देने की बात भी कर रही थी... उसे शर्ट और ब्लू बर्ड की कीमत मिलाकर लगभग 1 करोड़ थी अब कोई एक करोड़ की जगह साड़ी ₹350 देने की बात करें तो किसी को भी शौक लगना लाजिमी थ ....ा यही हर माणिक का भी हुआ ..... । । । ।
वही beast बिना किसी एक्सप्रेशन के राही को ही देख रहा था ..... लेकिन उसकी नजरे बहुत ही अलग थी जिसे बयां कर पाना मुश्किल था .....
राही ने जब मानिक को कुछ ना बोलते हुए देखा तो उसकी तरफ देखते हुए कहा अरे आप कुछ बोल क्यों नहीं रहे .... कहीं आपको बुरा तो नहीं लगा कि हमने आपकी परमिशन के बगैर आपके कपड़े ले लिए लेकिन हम सच कह रहे हैं हमारे पास कोई और ऑप्शन नहीं था आप चिंता मत कीजिए हमेशा साफ करके भी दे देंगे और साथ में 350rs रुपए भी दे देंगे.... बस आप बुरा मत मानिए .... । । । ।
राही की बात सुनकर मानिक अपने बिना राही की तरफ देखते हुए और अपनी नज़रें यहां वहां करते हुए कहा वह नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है वह दरअसल ये कपड़े मेरे नहीं है मेरे बॉस के हैं .... मैं तो बस यहां काम करता हूं .... और यह सब छोड़ी है ब्रेकफास्ट तैयार है आप लोग ब्रेकफास्ट कर लीजिए ..... अपनी बात को जल्दी से कहकर मानिक वहां से निकल गया .... क्योंकि कुछ देर पहले ही उसे beast से वार्निंग मिल चुकी थी ..... और उसे डर था अगर वह ज्यादा देर तक वहां रुकता और राही से बात करता रहा .... तो beast तो उसकी आंखों के साथ-साथ जवान भी निकाल लेंगे और उसे अपनी जबान और आंखों दोनों से ही बहुत प्यार था इसलिए उसने रिस्क लेना जरूरी नहीं समझा और तुरंत वहां से नौ दो ग्यारह हो गया .... । । । ।
राही तो बस मानिक को जाते हुए देखते रह गई उसने मानिक को जाते हुए देखकर कहा अरे इन्होंने तुम्हारी बात सुनी ही नहीं ... अरे हमसे भाग गए जैसे इन्होंने कोई राक्षस देख लिया .... अब हम क्या करें यह 350 रुपए किसेे दे ... भाई कहते हैं कि कभी भी किसी से कुछ भी फ्री में नहीं लेना चाहिए .... एक काम करते हैं हम उनसे उनके बॉस के बारे में पूछते हैं .... और फिर उनके पास कोई ₹300 दे देंगे हां यह सही रहेगा ऐसा कहकर उसने अपने कदम उसे दिशा में बढ़ा दिए जहां पर मांनीक गया था .... अब उसे क्या पता था की मानिक वहां से नौ दो ग्यारह क्यों हो गया और जी राक्षस की वह बात कर रही थी वह उसके साइड में ही खड़ा था ..... । । । ।
राही ने बात खुद से ही बहुत ही धीरे से कही थी लेकिन फिर भी beast ने सुन लिया था सब कुछ .... रही मन के पास जानी ही वाली थी कि तभी beast ने डोमिनेटिंग लहजे में राही से कहा .... कोई जरूरत नहीं है तुम्हें किसी के भी पीछे जाने की ..... चुपचाप मेरे साथ ब्रेकफास्ट करने चलो ...... । । । ।
Beast की बात सुनकर राही उसे घूरने लगी .... उसने वैसे ही beast की ओर देखते हुए कहा ..... हम क्यों चले आपके साथ ब्रेकफास्ट करने ......हमें कहीं नहीं जाना आपके साथ .... आपका क्या भरोसा आप हमें कब किसका खाना बना दे .... और वैसे भी हमें आपके साथ कहीं भी जाने में कोई दिलचस्पी नहीं है ..... हम अकेले ही जाएंगे ब्रेकफास्ट करने .... ऐसा क्या कर वह वहां से जाने लगी उसने अपने कदम बढ़ाए ही थे कि तभी उसे याद आया कि उसे तो पता ही नहीं कि उसे ब्रेकफास्ट करने जाना कहां है .... वह उसे डायरेक्शन में देखने लगी जहां से अभी-अभी मानिक गया था लेकिन इस विला में उसे कहीं भी अकेले जाने में डर सा लग रहा था ...
यह राही को ही पता था कि वह रूम से नीचे हॉल तक कैसे आई थी रूम से हाल तक के रास्ते में न जाने कितनी बार ही राही ने अपने कृष्णा को याद किया था तब जाकर वह हाल तक पहुंच पाई थी ...... वह बोला था ही ऐसा जहां से बहुत ही नेगेटिव वाइब्स आ रही थी .... वो विला हल्की हल्की सी डार्क रोशनी आ रही थी जो उसे विला के माहौल को और भी डरावना बना रही थी ..... जिसकी वजह से राही को उसे विला में कहीं भी आने-जाने में बहुत डर लग रहा था ..........
राही. वह डर और कंफ्यूजन के मिले जुले भावों से में यहां वहां देखने लगी ... तभी कुछ ऐसा हुआ जिसकी वजह से राही के गाल शर्म से लाल हो गए ..... । । । ।
भूखे होने की वजह से राही के पेट में से आवाज आ रही थी...beast जो उसके साइड में ही खड़ा था उसने भी वह आवाज सुन ली थी शर्म की वजह से राही के गाल लाल हो गए थे और उसका मुंह रोने जैसा हो गया था ... उसने अपने पेट के एक गैर अपने दोनों हाथों को लपेटते हुए कहा अरे चुप हो जाओ क्यों हमें मिस्टर स्ट्रेंजर के सामने शर्मिंदा कर रहे हो दे रहे हैं हम तुम्हें खाना .... थोड़ा तो पेशंस रखो .... ऐसा कहते हुए वह अपने पेट को सहलाने लगी ..... उसने हल्के से अपनी नजरे उठाकर beast की ओर देखा जो उसे ही देख रहा था .... राही को ऐसा लग रहा था जैसे उसकी नज़रें उसे मजाक उड़ा रही हो .... । । । ।
वह और ज्यादा एंब्रेस नहीं होना चाहती थी इसलिए उसने अपने बालों को अपने कान के पीछे करते हुए थोड़ा हिचकी चाहत के साथ beast की ओर देखा और उसकी तरफ देखते हुए अपनी मीठी सी आवाज में कहा वह वह क्या कह रहे थे आप ब्रेकफास्ट करने चलना है ना तो चलिए आप खड़े क्यों है ..... ऐसा कहकर उसने हल्के से और नर्वसनेस में आकर अपने होठों को काट लिया ......राही को ये नहीं पता था कि डाइनिंग एरिया किशोर है इसलिए उसे मजबूरी में beast से पूछना पड़ा ..... अगर उसे पता होता तो वह बिना एक पल गवाए वहां से भाग जाती .....। । । ।
वहीं beast जो राही की हर छोटी से छोटी हरकत को नोटिस कर रहा था और अपनी डार्क ग्रीन आइज में एक अलग ही शिद्दत लिए राही को देख रहा था राही कि यह मासूमियत , उसका शर्म से लाल चेहरा उसकी पिक होठ और सबसे ज्यादा उसकी ब्लू ओसियन आइस उसे अपनी और खींच रही थी ...... Beast ने एक गहरी सांस ली और अपनी आंखें बंद की जैसे वह खुद को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा हूं ..... कुछ पल ऐसे ही आंखें बंद करने के बाद उसने अपनी आंखें खोली और एक नजर राही को देखा .... और फिर बिना कुछ कहे वहां से चला गया रही को पिस्ट का यह बिहेवियर समझ नहीं आया लेकिन उसने ज्यादा ना सोचते हुए अपने कदम बीस्ट के पीछे बढ़ा दिए ...... Beast अपने तेज कदमों से वहां से जा रहा था राही ने उसकी तरफ देखते हुए पर भागते हुए कहा अरे हमारे हमारे लिए भी रुकिए .... ऐसा कहते हुए वह भी भागते हुए beast के पीछे जाने लगी । । । ।
कुछ देर बाद राही और बीस्ट डायनिंग एरिया में आ गए थे जहां मानिक पहले से ही मौजूद था ..... और उसके साथ-साथ सैफ भी खड़े हुए थे ..... उन सब की नज़रें झुकी हुई थी .... उन सभी ने शेफ की यूनिफार्म पहन रखी थी .... । । । ।
राही ने जैसे ही मानिक को दिखा तो वह कुछ कहने को हुई कि उससे पहले ही मानिक ने कहा ब्रेकफास्ट लग चुका है आप लोग ब्रेकफास्ट कर लीजिए ..... । । । ।
वही बीस्ट अपनी हेड चेयर पर जाकर बैठ चुका था उसके बैठते ही मानिक भी बैठ गया .... उन दोनों के बैठते ही बो सैफ खाना सर्वे करने लगे ..... चाहे जिसे कुछ बोलने के लिए अपना मुंह खोला था उसने अपना मुंह बंद कर दिया और उसने सोचा कि वह बाद में मानिक से बात करेगी ... । । । ।
राही भी बाहर रखी हुई एक चेयर पर बैठ गई जो beast से दो-तीन चेयर के डिफरेंस में थी .... बीस्ट ने जब देखा कि राही उससे काफी दूर जाकर बैठी है तो उसने राही की ओर देखते हुए गहरी आवाज में कहा यहां आकर बैठो वहां तुम्हें कोई ब्रेकफास्ट नहीं देने वाला बाला ..... वही राही की अगली बात सुनकर वहां खड़े हुए सभी सैफ और सर्वेंट की आंखें हैरानी से बड़ी-बड़ी हो गई .... और वह सभी लोग राही को देखने लगे लेकिन अगले ही पल उनकी नजरों में एक खौफ नजर आने लगा ..... और उन्होंने अपनी नज़रें राही पर से हटा ली ..... । । । ।
राही ने बात खुद से ही बहुत ही धीरे से कही थी लेकिन फिर भी beast ने सुन लिया था सब कुछ .... रही मन के पास जानी ही वाली थी कि तभी beast ने डोमिनेटिंग लहजे में राही से कहा .... कोई जरूरत नहीं है तुम्हें किसी के भी पीछे जाने की ..... चुपचाप मेरे साथ ब्रेकफास्ट करने चलो ...... । । । ।
Done। । । ।
Done। । । ।
आखिर ऐसा क्या कहा beast ने राही से ...... । । । ।
आखिर क्या हुआ राही को ... । । , ।
क्या होगा beast का अगला कदम ... । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । ।
A । । । ।
Hello friends । । 🙂 ☺️। ।
स्टोरी को लाइक कमेंट शेयर करना ना भूले और स्टोरी को रिव्यू जरूर करें आपके रिव्यू ही यह डिसाइड करेंगे की कहानी आगे बढ़ेगी या नहीं .... सो प्लीज कहानी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करो और ज्यादा से ज्यादा रिव्यू करें ... । । ।
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Chapter 18
राही ने जैसे ही मानिक को दिखा, तो वह कुछ कहने को हुई, कि उससे पहले ही मानिक ने कहा, "ब्रेकफास्ट लग चुका है। आप लोग ब्रेकफास्ट कर लीजिए।"
वही बीस्ट अपनी हेड चेयर पर जाकर बैठ गया था। उसके बैठते ही मानिक भी बैठ गया। उन दोनों के बैठते ही, वो सारे सेवक खाना सर्व करने लगे। जिसे भी कुछ बोलने के लिए अपना मुँह खोला था, उसने अपना मुँह बंद कर दिया। उसने सोचा कि वह बाद में मानिक से बात करेगी।
वही बीस्ट अपनी हेड चेयर पर जाकर बैठ चुका था। उसके बैठते ही मानिक भी बैठ गया। उन दोनों के बैठते ही, वो सारे सेवक खाना सर्व करने लगे। जिसे भी कुछ बोलने के लिए अपना मुँह खोला था, उसने अपना मुँह बंद कर दिया। उसने सोचा कि वह बाद में मानिक से बात करेगी।
राही भी बाहर रखी हुई एक चेयर पर बैठ गई, जो बीस्ट से दो-तीन चेयर के डिफरेंस में थी। बीस्ट ने जब देखा कि राही उससे काफी दूर जाकर बैठी है, तो उसने राही की ओर देखते हुए गहरी आवाज में कहा, "यहाँ आकर बैठो। वहाँ तुम्हें कोई ब्रेकफास्ट नहीं देने वाला।" वही राही की अगली बात सुनकर वहाँ खड़े हुए सभी सेवक और सर्वेंट की आँखें हैरानी से बड़ी-बड़ी हो गईं। और वे सभी लोग राही को देखने लगे, लेकिन अगले ही पल उनकी नज़रों में एक खौफ नज़र आने लगा। और उन्होंने अपनी नज़रें राही पर से हटा लीं।
बीस्ट की बात सुनकर राही का मुँह बन गया। राही बात नहीं बढ़ाना चाहती थी, लेकिन उससे कहे बगैर रहा भी नहीं गया। उसने बीस्ट की ओर देखते हुए, और अपना मुँह बनाते हुए कहा, "हम खुद भी ब्रेकफास्ट ले सकते हैं। आपकी तरह नहीं है, जिसे ब्रेकफास्ट सर्व करने के लिए भी तीन-चार लोगों की ज़रूरत पड़े। आजकल तो छोटे बच्चे भी अपने हाथ से खाना खाते हैं, और एक आप हैं, जो इतने बड़े होकर भी खुद से खाना भी नहीं ले सकते। Huu....."
राही का यह जवाब सुनकर वहाँ खड़ी सभी स्टाफ की साँसें अटक गईं। जो सर्वेंट ब्रेकफास्ट सर्व कर रहे थे, उन सभी के हाथ रुक गए। जैसे उन्हें किसी बात का बहुत बड़ा झटका लगा हो। वे एकदम शॉक्ड होकर राही को देखने लगे। वही मानिक ने अपना माथा पीट लिया। और उसने अपने माथे को सहलाते हुए, और अपना सर हिलाते हुए कहा, "लगता है यह लड़की जीना नहीं चाहती। इसलिए तो सबसे पहले यहाँ जासूसी करने आ गई, और ऊपर से बीस्ट के पेशेंस का टेस्ट भी ले रही है। लगता है इस लड़की के दिन पूरे हो गए हैं। इसलिए तो बीस्ट के साथ खेल खेलने की कोशिश कर रही है।"
"बीस्ट जब तक इसके साथ खेलना चाह रहे हैं, तब तक ही यह ज़िंदा है। उसके बाद तो बीस्ट ही जाने वह इसके साथ क्या करेंगे।" ऐसा सोचकर मानिक ने अपना सर हिला दिया।
वही जो सर्वेंट और सेवक राही को देख रहे थे, उन्हें खुद के ऊपर किसी की बहुत ही ठंडी नज़रें महसूस हुईं। वे नज़रें किसी और की नहीं, बल्कि बीस्ट की ही थीं, जिसकी डार्क ग्रीन आइज़ बहुत ही गहरी थीं। बीस्ट की इतनी खतरनाक और डरावनी नज़रों को खुद पर पाकर उन सभी सर्वेंट ने अपनी नज़रें झुका लीं। उन सभी सर्वेंट के नज़रों में खौफ नज़र आने लगा। वे लोग अंदर से बहुत ही डरे और घबराए हुए थे, क्योंकि बीस्ट की नज़रें उन पर बहुत ही ज़्यादा ठंडी थीं।
लेकिन उन्होंने अपना डर और घबराहट अपने चेहरे पर नहीं आने दी, क्योंकि वे सभी लोग ट्रेन्ड थे। अपने अंदर की फीलिंग्स और इमोशन्स को किस तरह से कंट्रोल में रखना है, इन सभी चीजों के लिए वे ट्रेन्ड किए गए थे। लेकिन वे जानते थे कि उन्होंने अभी जो अपनी नज़रें उठाने की गलती की है, इसकी सज़ा उन्हें मिलेगी। और इसी बात से वे और ज़्यादा खौफ में थे।
वही राही इन सब से अनजान पूरे डाइनिंग टेबल पर देख रही थी। लेकिन उसे कुछ भी खाने लायक नज़र नहीं आ रहा था। या फिर यूँ कहें कि वहाँ जो कुछ भी डाइनिंग टेबल पर था, वह बुरा ही नज़र आ रहा था। क्योंकि जो कुछ भी डाइनिंग टेबल पर था, वह उसे जरा भी पसंद नहीं था।
बीस्ट ने राही की ओर अपनी गहरी नज़रों से देखते हुए, बहुत ही डोमिनेंट अंदाज़ में कहा, "अगर तुम यहाँ आकर नहीं बैठी तो तुम्हें ब्रेकफास्ट भी नहीं मिलेगा। Now choice is yours..." बीस्ट की बात में एक वार्निंग थी और उसके कहने का लहज़ा बहुत ही डोमिनेंट था। और वह अपनी डार्क ग्रीन आइज़ से राही को ही देख रहा था।
बीस्ट की बात सुनकर राही ने बीस्ट को देखा, जिसकी गहरी नज़रें उस पर ही थीं। उसकी इतनी गहरी नज़रें खुद पर पाकर राही ज़्यादा देर तक उसकी आँखों में नहीं देख पाई और अपनी नज़रें झुका लीं। जिसका अंदाज़ा इस वक़्त खुद राही को भी नहीं हुआ। ऐसा नहीं था कि राही के पास जवाब नहीं था बीस्ट की बातों का, लेकिन जिस लहज़े में बीस्ट ने अपनी बात कही थी, वह लहज़ा बहुत ही अजीब लग रहा था राही को। वह बोलना तो चाहती थी, लेकिन कुछ बोल नहीं पा रही थी।
उसे खुद भी समझ नहीं आया कि अभी-अभी उसके साथ क्या हुआ। लेकिन फिर उसने ज़्यादा ना सोचते हुए, चुपचाप बीस्ट की बगल वाली चेयर पर जाकर बैठ गई, क्योंकि अब वह बात को आगे नहीं बढ़ाना चाहती थी। और ना ही वह चाहती थी कि कोई सीन क्रिएट हो।
राही ने एक गहरी साँस ली और बीस्ट की ओर देखती हुई धीरे से, और बीस्ट की ओर कहा, "यह मत सोचिएगा कि हम आपसे डर गए इसलिए यहाँ पर आ गए। हम इसलिए यहाँ पर आए ताकि सबके सामने बात आगे ना बढ़े। हम चाहते तो हम भी आपको जवाब दे सकते थे, लेकिन फिर जिन्होंने हमारी मदद की, उन्हें हमारी वजह से प्रॉब्लम होती, और हम नहीं चाहते किसी को हमारी वजह से कोई भी प्रॉब्लम हो।" ऐसा कहते हुए वह और अपनी फूले हुए गालों को थोड़ा और फूलाते हुए बीस्ट को ही घूर रही थी। अपनी बात कहकर वह सीधी हुई और अपनी चेयर पर आराम से बैठ गई, बिना बीस्ट की कोई बात सुने।
राही की बात सुनकर बीस्ट के चेहरे पर एक छोटी सी तिरछी मुस्कुराहट आ गई और उसने अपना सर हिला दिया और कहा, "So cute..."
वही मानिक ने भी सब कुछ नोटिस कर लिया था, लेकिन उसने ज़्यादा कोई रिएक्ट नहीं किया। वह चुपचाप अपने ब्रेकफास्ट पर फ़ोकस करने की कोशिश कर रहा था। और बाकी के सर्वेंट ब्रेकफास्ट सर्व कर रहे थे, जो कुछ देर पहले रुक गए थे। वही राही को तो कोई ब्रेकफास्ट दिख ही नहीं रहा था। उसने सर्वेंट की ओर देखते हुए, अपनी मीठी सी आवाज़ में कहा, "ब्रेकफास्ट कहाँ है? क्या ब्रेकफास्ट आने में थोड़ा टाइम लगेगा? अगर ऐसा है, तो हम आपकी मदद कर देंगे ब्रेकफास्ट बनाने में, जिससे ब्रेकफास्ट जल्दी बन जाएगा।" ऐसा कहते हुए वह अपनी ब्लू ओशन आँखें झपकते हुए उन सभी की ओर देखने लगी।
राही की बात सुनकर बीस्ट की भौंहें सिकुड़ गईं। मानिक भी हैरानी से राही को देख रहा था। बाकी सर्वेंट का भी यही हाल था। बीस्ट ने राही की ओर देखते हुए कहा, "क्या तुम्हारे दिमाग और कान के साथ-साथ तुम्हारी आँखें भी ख़राब हो गई हैं, जो तुम्हें दिखाई नहीं दे रहा? अभी-अभी तुम्हें ब्रेकफास्ट सर्व किया गया है ना? क्या तुम्हें वह दिखाई नहीं दिया?"
बीस्ट की बात सुनकर राही ने उसे घूरते हुए कहा, और अपने गुस्से को कंट्रोल करते हुए कहा, "हमारा दिमाग, कान और आँखें सभी बिल्कुल ठीक हैं। इसलिए हम कह रहे हैं। और हमें जो सर्व किया, वह तो सिर्फ़ सूप और सलाद है। ब्रेकफास्ट कहाँ है? ब्रेकफास्ट में तो जलेबी, फ़ाफड़ा, समोसे, कचोरी, थेपला, हरी चटनी, यह सब कुछ होता है। सूप और सलाद तो बाद में खाते हैं। जब तक हम गुजरातियों को सुबह ब्रेकफास्ट में यह सब कुछ ना मिले, हमारी सुबह नहीं होती।"
राही ने जिन-जिन चीजों के नाम लिए, उसमें से बीस्ट को कुछ समझ आए और कुछ नहीं। लेकिन वह यह तो समझ गया था कि राही जिन-जिन चीजों के नाम लिए हैं, वे सब कुछ बहुत ही ऑयली होते हैं। इसलिए बीस्ट ने सख्त लहज़े में कहा, "यह सब कुछ यहाँ नहीं मिलता, और वैसे भी वे बहुत ही अनहेल्दी होते हैं। और यहाँ पर सिर्फ़ हेल्दी खाना मिलता है। तो चुपचाप यही खाओ। और अगर नहीं खाना है, तो चुपचाप कमरे में जाओ।"
बीस्ट का इतना सख्त लहज़ा सुनकर राही की आँखें नम हो गईं। और उसकी ब्लू ओशन आँखों में आँसुओं की नमी आ गई, लेकिन उसने अपनी उस नमी को जल्दी से छुपा लिया और ब्रेकफास्ट खाने लगी। राही बहुत ज़्यादा सेंसिटिव और सॉफ्ट हार्टेड थी। वह तो कभी-कभी ज़्यादा लोगों को देखकर भी डर जाया करती थी। कल रात से आज अभी तक वह खुद को किस तरह संभाले हुए थी, वह सिर्फ़ वही जानती थी। वह चुपचाप अपना सूप और सलाद खा रही थी, हालाँकि उसका मन नहीं था वह सब कुछ खाने का।
वही मानिक ने सब कुछ देखकर भी अनदेखा कर दिया। बीस्ट ने एक नज़र राही को देखा। उसने राही के आँखों की आँसुओं की नमी को भी नोटिस कर लिया था, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा और ना ही वह कुछ कहना चाहता था।
वहीं दूसरी ओर काव्य, अक्षत और निखिल होटल रूम में बैठे हुए थे। वे तीनों ही बहुत परेशान थे। सबसे ज़्यादा गुस्सा तो अक्षत को आ रहा था। अक्षत ने काव्य की ओर देखते हुए कहा, "काव्य, तुमने ऐसा क्यों किया? हम पुलिस स्टेशन गए थे ना, तो फिर तुमने हमें कंप्लेंट क्यों नहीं करने दी? हमने तो पहले ही तय कर लिया था ना कि हम पुलिस कंप्लेंट करेंगे, तो अचानक तुम्हें क्या हो गया? पुलिस की मदद से हम राही को जल्द ही ढूँढ लेते।"
निखिल ने भी काव्य की ओर देखते हुए कहा, "हाँ काव्या दी, आपको अचानक क्या हो गया था? आपने हमें मना क्यों कर दिया कंप्लेंट करने से? अभी तक तो पुलिस अपने काम में भी लग चुकी होती। और हो सकता है कि राही कुछ घंटे में हमारे पास होती। तो फिर आपने हमें कंप्लेंट क्यों नहीं करने दी?"
काव्य, जो बहुत ज़्यादा परेशान और डरी हुई लग रही थी, उसने खुद को संभाला और अक्षत और निखिल की ओर देखते हुए कहा, "क्योंकि मैं नहीं चाहती कि इस चीज में पुलिस इंवॉल्व हो। और वैसे भी, मुझे लगता है कि राही जहाँ कहीं भी होगी, बिल्कुल ठीक होगी। हमें पुलिस में कंप्लेंट करने की कोई ज़रूरत नहीं है। मुझे लगता है कि हमें राही का थोड़ा इंतज़ार करना चाहिए। राही खुद ही वापस आ जाएगी।"
काव्य की बात सुनकर अक्षत और निखिल, वे दोनों ही हैरान हो गए, क्योंकि कुछ घंटे पहले तो काव्य राही के लिए बहुत परेशान लग रही थी और घबरा भी रही थी कि कहीं राही को कुछ हो ना जाए। और अब इंतज़ार करने के लिए बोल रही है। निखिल ने काव्य की ओर देखते हुए कहा, "यह आप क्या कह रही हो काव्या दी? आप ऐसे कैसे बात कर सकती हो, जबकि राही का कुछ पता नहीं है और आप हमें इंतज़ार करने के लिए बोल रही हो? अगर इस बीच राही को कुछ भी हो गया तो..."
निखिल की बात सुनकर काव्या ने झट से उसकी ओर देखते हुए कहा, "कुछ नहीं होगा उसे। वह बिल्कुल ठीक होगी। और मैं बस थोड़ा इंतज़ार करने के लिए कह रही हूँ। हो सकता है कि राही जल्द ही वापस आ जाए। और वैसे भी, पुलिस भी 24 घंटे से पहले मिसिंग कंप्लेंट नहीं लिखती। पुलिस कंप्लेंट करने के लिए भी हमें 24 घंटे का इंतज़ार करना होगा। उसके बाद ही पुलिस कोई एक्शन लेगी।"
काव्य की बात सुनकर निखिल कुछ कहता, कि तभी अक्षत ने उसे चुप रहने का इशारा किया, क्योंकि वह समझ गया था कि काव्य के दिमाग में कुछ तो चल रहा है, जो वह उनके साथ शेयर नहीं कर रही थी। उसे काव्य पर भी पूरा भरोसा था कि वह राही को कुछ नहीं होने देगी। लेकिन उसे राही की फ़िक्र तो हो रही थी। काव्या ने कुछ पलों की चुप्पी के बाद उन दोनों की ओर देखते हुए कहा, "मुझे मेरे कमरे में कुछ काम है। मैं अपने कमरे में जा रही हूँ।" ऐसा कहकर वह वहाँ से चली गई।
वही अक्षत उसे जाते हुए देख रहा था। काव्य के जाने के बाद निखिल ने अक्षत की ओर देखते हुए कहा, "भाई, आपने काव्या दी से कुछ कहा क्यों नहीं? हम ऐसे ही हाथ पर हाथ रखे हुए नहीं बैठ सकते। हमें कुछ ना कुछ तो करना ही होगा।"
निखिल की बात सुनकर अक्षत ने उसकी ओर देखते हुए, और उसे समझाते हुए कहा, "निखिल, शांत हो जाओ। काव्य की बात भी सही है। 24 घंटे से पहले पुलिस भी कुछ नहीं करती। और अगर राही का कल तक कुछ भी पता नहीं चला, तो हम पुलिस में कंप्लेंट ज़रूर करेंगे। Don't worry...वह बहुत जल्द मिल जाएगी।"
निखिल का मन तो नहीं मान रहा था अक्षत और काव्य की बात मानने का, लेकिन अक्षत के समझाने पर उसने ना चाहते हुए भी उसके बाद हामी भर दी।
वही काव्य अपने रूम में आ गई थी और बहुत ज़्यादा डरी हुई थी। उसके हाथ-पैर काँप रहे थे। उसने डरते हुए कहा, "नहीं, हम उन लोगों को कुछ भी पता नहीं चलने देंगे। हमारा अतीत फिर से हम सबके सामने नहीं आ सकता। हम ऐसा होने ही नहीं देंगे। मुझे जल्द से जल्द राही को ढूँढना होगा। अगर वे लोग उसे तक पहुँच गए तो..."
"नहीं नहीं, मैं फिर से मेरी बहन को वह सब कुछ नहीं सहने दूँगी। मुझे जल्द से जल्द राही को ढूँढना होगा। और गोवा से जाना होगा, क्योंकि उन लोगों में से कुछ लोग गोवा में ही हैं। मुझे जल्द से जल्द कुछ ना कुछ करना होगा। लेकिन क्या करूँ? कैसे ढूँढूँ अपनी बहन को?"
काव्या कुछ सोच रही थी कि तभी उसे कुछ याद आया और उसने अपनी आँखें बड़ी करते हुए कहा, "इतनी बड़ी बात में कैसे भूल सकती हूँ? यह बात मेरे दिमाग में पहले क्यों नहीं आई?"
काव्या कुछ सोच रही थी कि तभी उसे कुछ याद आया और उसने अपनी आँखें बड़ी करते हुए कहा, "इतनी बड़ी बात में कैसे भूल सकती हूँ? यह बात मेरे दिमाग में पहले क्यों नहीं आई?"
अध्याय 19
काव्या अपने कमरे में आ गई थी और बहुत डरी हुई थी। उसके हाथ-पैर काँप रहे थे। उसने डरते हुए कहा, "नहीं, हम उन लोगों को कुछ भी पता नहीं चलने देंगे। हमारा अतीत फिर से हम सबके सामने नहीं आ सकता। हम ऐसा होने ही नहीं देंगे। मुझे जल्द से जल्द राही को ढूँढना होगा। अगर वो लोग उसे तक पहुँच गए तो..."
"नहीं नहीं, मैं फिर से मेरी बहन को वो सब कुछ नहीं सहने दूँगी। मुझे जल्द से जल्द राही को ढूँढना होगा...और गोवा से जाना होगा...क्योंकि उन लोगों में से कुछ लोग गोवा में ही हैं। मुझे जल्द से जल्द कुछ न कुछ करना होगा...लेकिन क्या करूँ? कैसे ढूँढूँ अपनी बहन को?"
काव्या कुछ सोच रही थी कि तभी उसे कुछ याद आया। उसने अपनी आँखें बड़ी करते हुए कहा, "इतनी बड़ी बात मैं कैसे भूल सकती हूँ? ये बात मेरे दिमाग में पहले क्यों नहीं आई?"
काव्या कुछ सोच रही थी कि तभी उसे कुछ याद आया और उसने अपनी आँखें बड़ी करते हुए कहा, "इतनी बड़ी बात मैं कैसे भूल सकती हूँ? यह बात मेरे दिमाग में पहले क्यों नहीं आई?"
सभी का ब्रेकफास्ट हो चुका था। राही इस वक्त कमरे में थी और अपने बैग में कुछ ढूँढ रही थी। अपने छोटे से बैग में कुछ ढूँढते हुए वह परेशान सी लग रही थी। और ऊपर से, डाइनिंग टेबल पर Beast ने उसे जो कुछ भी कहा था, उसके लिए वह गुस्सा भी थी। उसने अपना मुँह फुलाते हुए और अपने बैग में कुछ ढूँढते हुए कहा, "कहाँ गई वो? यही तो रखी थी। पता नहीं मेरे बैग में से कहाँ चली गई। हमारा तो टाइम ही खराब चल रहा है। क्या सोचकर हम यहाँ आए थे और क्या हो गया हमारे साथ? हमने सोचा था यहाँ घूमेंगे, नई-नई चीजें देखेंगे, प्रकृति के पास रहेंगे, लेकिन हम यहाँ आकर फँस गए। अगर हमारे भाई हमारे साथ होते तो ऐसा कुछ भी नहीं होता। हमें भाई के बगैर यहाँ आना ही नहीं चाहिए था। ऊपर से हम किसी से कांटेक्ट भी नहीं कर पा रहे, सभी लोग हमारे लिए परेशान हो रहे होंगे।"
उस बीच, पार्टी के बाद से...राही कह ही रही थी कि तभी उसकी आँखों के सामने कल रात का वो भयानक मंज़र आ गया। कल रात की बातों को याद करते ही उसके पूरे शरीर में जैसे डर की एक बहुत ही ठंडी लहर दौड़ गई हो। उसके माथे से ठंडा पसीना आ रहा था। उसके दिल की धड़कन डर और घबराहट की वजह से तेज हो गई थी। शायद अब वो पहले से ही काँपने लगी थी। उसकी आँखों के सामने एक साथ कई पुरानी यादें एक के बाद एक ताज़ा हो रही थीं, जिसकी वजह से वह काँप रही थी। उसकी साँसें गहरी हो रही थीं। ऐसा लग रहा था जैसे उसे साँस लेने में प्रॉब्लम हो रही हो। अचानक ही उसके हाथों से उसका बैग जमीन पर गिर गया और उसकी आँखों के सामने अंधेरा छा गया। जिसकी वजह से राही गिरने ही वाली थी कि तभी एक शख्स की दो मज़बूत बाहों ने उसे संभाल लिया। किसी के स्पर्श को महसूस कर राही घबराने लगी।
उस शख्स के दोनों हाथ इस वक्त राही के पेट पर थे और राही की पीठ उस शख्स के सीने से लगी हुई थी। राही ने गहरी साँस लेते हुए उस शख्स के हाथ अपने पेट पर से हटाते हुए डरते हुए कहा, "छोड़ो मुझे...दूर रहो मुझसे..." ऐसा कहते हुए राही पैनिक करने लगी। उसकी साँस इस वक्त बहुत ही गहरी चल रही थी।
राही को इस तरह से डरते हुए देखकर उस शख्स ने राही को अपनी तरफ घुमाया। जिससे राही का चेहरा उस शख्स के सामने आ गया। राही अपनी खुली आँखों से सामने वाले शख्स को देख रही थी। राही ने धीमी आवाज़ में उस शख्स से रिक्वेस्ट करते हुए और लगभग रुआँसी आवाज़ में कहा, "प्लीज़ मुझे छोड़ दो...मैंने कुछ भी नहीं किया..." ऐसा कहते हुए राही अपने दोनों हाथों को उस शख्स के सीने पर रखकर उसे पीछे धकेल रही थी, लेकिन राही की इस कोशिश का उस शख्स पर कोई असर नहीं हुआ। उस शख्स की मज़बूत पकड़ अभी भी राही पर वैसी ही थी।
जब उस शख्स ने राही का चेहरा देखा तो उसकी डार्क ग्रीन आँखें एकदम ठंडी पड़ गईं। राही का चेहरा डर और घबराहट की वजह से एकदम पीला पड़ चुका था। उसकी साँसें भी भारी चल रही थीं। राही अपनी आँखें भी बड़ी मुश्किल से खोल पा रही थी, जैसे कि वह आधी बेहोशी में हो। राही को कुछ भी क्लियर दिखाई नहीं दे रहा था कि उसके सामने कौन खड़ा है, क्योंकि उसे सब धुंधला-धुंधला दिखाई दे रहा था।
उस शख्स ने जब राही को ऐसे काँपते हुए देखा तो उसने अपना हाथ राही के गाल पर रखते हुए और उसके गालों को सहलाते हुए कहा, "Hey my little precious, क्या हुआ है तुम्हें? बताओ मुझे...क्यों इतना पैनिक कर रही हो? जबकि अभी तक तो मैंने तुम्हारे साथ कुछ किया भी नहीं। बताओ मुझे, कौन है वो जिसकी वजह से तुम इतना डर रही हो? जबकि डर तो तुम्हें सिर्फ़ मुझसे होना चाहिए...लेकिन तुम तो किसी और वजह से डर रही हो..." वो शख्स कोई और नहीं, बल्कि Beast था...जिसकी बातें इस वक्त बहुत ही toxic लग रही थीं। एक अजीब सी सनक थी उसकी बातों में।
राही आधी बेहोशी में थी। उसे Beast की कोई भी बात समझ नहीं आ रही थी। वह तो बस Beast को खुद से अलग करने की कोशिश में लगी हुई थी। उसने रोते हुए कहा, "दूर रहो मुझसे...छोड़ो मुझे...तुम लोग बहुत बुरे हो..." यह कहते हुए वह Beast को खुद से अलग करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन Beast अपनी जगह से एक इंच भी नहीं हिला। उसने राही को अपने सीने से लगा लिया और उसके बालों को सहलाते हुए अपनी ठंडी आवाज़ में और अपनी डार्क ग्रीन आँखों में एक अजीब सी जुनून लिए हुए कहा, "कभी नहीं! मैं तुम्हें कभी नहीं छोडूँगा...तुम्हें खुद से दूर जाने नहीं दूँगा। तुम्हारी किस्मत में अब सिर्फ़ इस devil Beast की कैद ही लिखी है...और इस कैद से तुम कभी आज़ाद नहीं हो पाओगी..." ऐसा कहते हुए उसकी डार्क ग्रीन आँखों में बेहिसाब जुनून और सनक दिखाई दे रही थी।
Beast राही को अपनी बाहों के आगोश में लिए हुए उसके बालों को सहला रहा था। इस वक्त Beast और राही बहुत ही करीब थे...इतनी करीब कि Beast राही की हर एक साँस को महसूस कर पा रहा था। Beast को राही की मदहोश कर देने वाली महक और उसके करीब होना बहुत ही सुकून पहुँचा रहा था।
कुछ देर बाद, जब राही की कोई भी हलचल Beast को महसूस नहीं हुई तो उसने राही को देखा जो बेहोश हो चुकी थी। "My little precious has fainted due to fear and panic..." लेकिन कोई बात नहीं, बहुत ही जल्द तुम्हें इस डर की आदत पड़ जाएगी...क्योंकि तुम्हें मेरे साथ ही रहना है..." ऐसा कह कर Beast ने राही के मासूम से चेहरे को देखा जो इस वक्त मुरझाया हुआ लग रहा था, लेकिन उसके बावजूद उसकी मासूमियत पर कोई असर नहीं पड़ा था। Beast ने राही को अपनी बाहों में उठा लिया और बहुत ही आराम से उसे अपने बेड पर लेटा दिया।
Beast ने राही को बेड पर लेटाकर किसी को कॉल किया जो एक रिंग में ही उठा लिया गया। Beast ने मानिक को फोन किया था। Beast ने फोन पर मानिक को आर्डर देते हुए कहा, "अगले 10 मिनट में मुझे मेरे कमरे में डॉक्टर चाहिए...और अगर 10 मिनट से एक भी सेकंड ज्यादा हुआ तो फिर तुम्हें डॉक्टर की ज़रूरत पड़ जाएगी।" Beast की बात सुनकर मानिक ने जल्दी से अपना सिर हाँ में हिलाते हुए कहा, "Yes Beast, 10 मिनट में डॉक्टर पहुँच जाएँगे।"
मानिक की बात सुनकर Beast ने बिना कुछ कहे कॉल काट दिया और राही के पास जाकर बैठ गया। उसकी डार्क ग्रीन आँखें राही पर ही टिकी हुई थीं। उसके चेहरे पर इस वक्त किसी भी तरह का कोई एक्सप्रेशन नहीं था, लेकिन उसकी डार्क ग्रीन आँखों में बहुत ही गहरी डार्कनेस दिखाई दे रही थी...जिसे शब्दों में बयाँ करना बहुत मुश्किल था।
दूसरी ओर, Beast की बात सुनकर मानिक की हालत खराब हो गई थी। उसे लग रहा था कि कहीं Beast को कुछ हो न गया हो। इसलिए उसने जल्दी से डॉक्टर का इंतज़ाम कर लिया था। उनकी टीम के साथ हमेशा डॉक्टर मौजूद होते थे और वे जहाँ भी जाते थे मेडिकल फैसिलिटी वहाँ पर उपलब्ध होती थी। यहाँ पर भी मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध थी और वहाँ पर डॉक्टर थे। विला से कुछ दूरी पर ही मेडिकल फैसिलिटी के लिए एक कॉटेज था जहाँ पर लोगों का ट्रीटमेंट होता था। क्योंकि उनका काम ही ऐसा था कि कभी भी उन्हें मेडिकल ट्रीटमेंट की ज़रूरत पड़ सकती थी, इसलिए पूरी की पूरी मेडिकल टीम उनके साथ ही चलती थी। वहाँ पर नॉर्मल पब्लिक का इलाज नहीं होता था, वह सिर्फ़ Beast की आर्मी के लिए ही थी।
Beast राही का हाथ थामे हुए था और उसके हाथ को सहला रहा था। उसके चेहरे पर किसी भी तरह के कोई एक्सप्रेशन नहीं थे, वो बस बहुत ही ध्यान से राही को ही देख रहा था।
अभी 10 मिनट होने ही वाले थे कि इतने में मानिक जल्दी से भागते हुए Beast के कमरे में आया। डॉक्टर भी उसके पीछे-पीछे भागते हुए आ रहे थे। मानिक ने Beast की ओर देखते हुए बिना कुछ सोचे-समझे कहा, "Beast साहब, ठीक तो है ना? मैं डॉक्टर को ले आया हूँ...बताइए आपको क्या हुआ है?" इतने में डॉक्टर भी अंदर आ गए। वो लोग भी हाफ रहे थे। वो सभी लोग कितनी जल्दी में आए थे, वो सिर्फ़ उन्हें ही पता था।
Beast ने अपनी गहरी आवाज़ में कहा, "मुझे कुछ नहीं हुआ, बल्कि हुआ तो मेरी little precious को है...बेहोश हो गई वो...जल्दी से मेरी precious को चेक करो...मैं नहीं चाहता उसे इतनी जल्दी कुछ भी हो...मेरी little precious बिल्कुल ठीक रहनी चाहिए...और इसकी जिम्मेदारी तुम लोगों की है। अगर मेरी precious को कुछ भी हुआ तो तुम लोग आगे से किसी का भी ट्रीटमेंट करने के लायक नहीं रहोगे।" Beast ने अपनी ठंडी नज़रें उन डॉक्टरों पर डालते हुए कहा। Beast की इतनी ठंडी नज़रें खुद पर पाकर वो डॉक्टर घबरा गए।
Beast ने उन डॉक्टरों को देखा। उनमें से सिर्फ़ एक फीमेल डॉक्टर थी, बाकी के सभी मेल डॉक्टर थे। Beast ने मानिक की ओर देखते हुए बहुत ही ठंडी आवाज़ में कहा, "मानिक, इस फीमेल डॉक्टर के अलावा सभी को निकालो यहाँ से...और आइंदा कोई भी मेरी precious के पास नहीं आना चाहिए।"
Beast की बात सुनकर मानिक पहले तो हैरान रह गया, लेकिन फिर उसने ज़्यादा ना सोचते हुए उन सभी डॉक्टरों को बाहर ले गया। क्योंकि उन सभी डॉक्टरों को देखकर Beast की आँखें एकदम लाल हो गई थीं, जो बात मानिक ने भी नोटिस कर ली थी। वह किसी भी हाल में Beast को गुस्सा नहीं दिलाना चाहता था, इसलिए Beast के कहते ही वह सभी डॉक्टरों को बाहर ले गया।
मानिक ने सभी डॉक्टरों को वापस भेज दिया था और खुद Beast के कमरे के बाहर था। उसने मन ही मन सोचते हुए कहा, "मुझे तो अब तक लग रहा था कि Beast को कुछ हुआ है, इसलिए मैं भागते हुए डॉक्टर को लेकर आया था...लेकिन यहाँ तो कुछ और ही मामला निकला...Beast ने डॉक्टर को इस लड़की के लिए बुलाया है...मुझे तो कुछ भी समझ नहीं आ रहा कि Beast के दिमाग में क्या चल रहा है। उन्हें अच्छी तरह से पता है कि इस लड़की को यहाँ किस मकसद से भेजा गया है, फिर भी वह इस लड़की के लिए इतना कुछ कर रहे हैं...पता नहीं Beast कौन सा खेल खेल रहे हैं।"
रूम के अंदर, उस फीमेल डॉक्टर का डर और घबराहट की वजह से बुरा हाल था। उसे तो लग रहा था कि वह अभी इसी वक्त यहाँ से भाग जाए, लेकिन ऐसा करना उसके लिए नामुमकिन था, क्योंकि Beast के बारे में उसे अच्छी तरह से पता था। इसलिए वह कोई भी गलती नहीं कर सकती थी।
वो फीमेल डॉक्टर राही को चेक कर रही थी और उसने अपने हाथों में ग्लव्स पहन रखे थे, जो Beast के कहने पर ही उसने पहने थे। क्योंकि Beast नहीं चाहता था कि उसकी precious को कोई भी छुए, इसलिए उसने उन डॉक्टरों को ग्लव्स पहनाए थे और वो डॉक्टर भी बहुत ही संभाल कर राही का चेकअप कर रहे थे।
कुछ देर बाद, जब राही का चेकअप डॉक्टर ने कर लिया था...वो डॉक्टर की अगली बात सुनकर Beast का चेहरा एकदम सख्त हो गया और वो अपनी ठंडी आँखों से घूरने लगा।
आखिर क्या कहा Beast ने राही से? आखिर क्या हुआ राही को? क्या होगा Beast का अगला कदम? जानने के लिए पढ़ते रहिए।
Chapter 20
मानिक ने सभी डॉक्टरों को वापस भेज दिया था और स्वयं beast के कमरे के बाहर था। उसने मन ही मन सोचते हुए कहा, "मुझे तो अब तक लग रहा था कि beast को कुछ हुआ है, इसलिए मैं भागते हुए डॉक्टरों को लेकर आया था… लेकिन यहाँ तो कुछ और ही मामला निकला… Beast ने डॉक्टरों को इस लड़की के लिए बुलाया है… मुझे तो कुछ भी समझ नहीं आ रहा कि beast के दिमाग में क्या चल रहा है। उन्हें अच्छी तरह से पता है कि इस लड़की को यहाँ किस मकसद से भेजा गया है, फिर भी वह इस लड़की के लिए इतना कुछ कर रहे हैं… पता नहीं beast कौन सा खेल खेल रहे हैं…"
रूम के अंदर, उस फीमेल डॉक्टर का डर और घबराहट से बुरा हाल था। उसे तो लग रहा था कि वह अभी इसी वक्त यहाँ से भाग जाए, लेकिन ऐसा करना उसके लिए नामुमकिन था। क्योंकि beast के बारे में उसे अच्छी तरह से पता था, इसलिए वह कोई भी गलती नहीं कर सकती थी।
वह फीमेल डॉक्टर राही को चेक कर रही थी और उसने अपने हाथों में ग्लव्स पहन रखे थे। जो beast के कहने पर ही उसने पहने थे। क्योंकि beast नहीं चाहता था कि उसकी प्रेशियस को कोई छुए, इसलिए उसने डॉक्टरों को ग्लव्स पहनाए थे। और वह डॉक्टर भी बहुत ही संभाल कर राही का चेकअप कर रही थी।
कुछ देर बाद, जब राही का चेकअप डॉक्टर ने कर लिया था, वही डॉक्टर की अगली बात सुनकर beast का चेहरा एकदम सख्त हो गया, और वह अपनी ठंडी आँखों से घूरने लगा।
डॉक्टर ने राही का चेकअप कर लिया था। राही अभी भी बेहोश थी, और इस पूरे वक्त तक डॉक्टर के चेहरे से ठंडा पसीना आ रहा था और उसके हाथ काँप रहे थे। उसने चेकअप कितनी मुश्किल से किया था, यह सिर्फ़ वही जानती थी। इस पूरे दौरान एक सेकंड के लिए भी beast की नज़र राही के चेहरे से नहीं हटी थी। वह उसके पास ही, उसके हाथ को अपने हाथ में थामे हुए बैठा हुआ था, और उसकी ठंडी नज़रें सिर्फ़ राही पर थीं, लेकिन उसके चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं थे। यह समझ पाना मुश्किल था कि beast के दिमाग में क्या चल रहा था।
डॉक्टर ने राही का चेकअप करके beast से बहुत ही इज़्ज़त के साथ कहा, "Devil beast, मैम को बहुत ज़्यादा स्ट्रेस लेने की वजह से इन्हें पैनिक अटैक आया था। शायद यह किसी चीज़ से बहुत ज़्यादा डर गई थी, जिसकी वजह से खुद को संभाल नहीं पाई, और ये बेहोश हो गई। मैं अभी के लिए इन्हें इंजेक्शन दे दिया है, कुछ देर बाद इन्हें होश आ जाएगा। लेकिन मुझे लगता है कि इसके अलावा भी इन्हें कोई और प्रॉब्लम है क्योंकि यह काफी वीक हैं। आपको इनके टेस्ट करवाने चाहिए ताकि सब कुछ क्लियर हो जाए।"
डॉक्टर की बात सुनकर beast का चेहरा एकदम सख्त हो गया और वह अपनी ठंडी आँखों से डॉक्टर को घूरने लगा। उसने बहुत ही गहरी आवाज़ में डॉक्टर की ओर देखते हुए कहा, "तुम्हें जो करना है वह करो डॉक्टर, लेकिन मुझे मेरी प्रेशियस बिलकुल हेल्दी चाहिए।" और फिर उसने राही के बालों को सहलाते हुए कहा, "मैं नहीं चाहता कि मेरी little precious को किसी और वजह से कुछ भी हो। अभी तो इसे बहुत चीजों का सामना करना है।" और फिर उसने डॉक्टर की ओर देखते हुए और बहुत ही ठंडी आवाज़ में कहा, "और अगर तुम मेरी प्रेशियस को ठीक नहीं कर पाई तो फिर अपना अंजाम सोच लेना।"
Beast की इतनी ठंडी आवाज़ सुनकर डॉक्टर ने अपना लार निगला। वह बहुत ज़्यादा डरी हुई थी, लेकिन उसने जल्दी से खुद को संभालकर कहा, "Yes beast… मैम बिलकुल ठीक हो जाएंगी। यह कुछ मेडिसिन हैं, आप इन मेडिसिन को… दीजिएगा। इनको लेने के बाद मैम को कोई वीकनेस नहीं रहेगी। लेकिन मैम को स्ट्रेस से दूर रखिएगा, वरना उन्हें फिर से पैनिक अटैक आ सकते हैं।"
डॉक्टर की बात सुनकर beast ने अपनी ठंडी नज़र उस डॉक्टर पर डालते हुए कहा, "तुम्हारा काम यह नहीं है कि तुम मुझे यह बताओ कि मुझे क्या करना है और क्या नहीं। तुम सिर्फ़ मेरी प्रेशियस को ठीक करने पर ध्यान दो, और यह सोचो कि अगर मेरी प्रेशियस ठीक नहीं हुई तो तुम्हारा क्या अंजाम होगा।"
Beast की बात सुनकर वह डॉक्टर काँपने लगी। उसने अपना सर झुकाते हुए कहा, "Beast, इन दवाइयों से मैम जल्दी ही ठीक हो जाएंगी।"
"जल्दी ही ठीक हो जाए, इसी में तुम्हारी भी भलाई है… Now get lost… I want to spend quality time with my precious…" Beast शांत लेकिन बहुत ही गहरी आवाज़ में कहा और ऐसा कहते हुए उसकी नज़रें राही के मासूम से चेहरे पर थीं, जो इस वक़्त हर चीज़ से अनजान बेहोश थी। Beast के कहने पर डॉक्टर को ऐसा लगा जैसे किसी ने उसे उसकी ज़िन्दगी वापस दे दी हो। उसने अपना सर झुकाया और जल्दी से कमरे से निकल गई। बाहर आते ही डॉक्टर ने एक राहत भरी साँस ली। उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वह मौत के मुँह से वापस आ रही हो।
मानिक ने जब डॉक्टर को बाहर देखा और उसकी हालत देखी तो उसे समझने में ज़्यादा देर नहीं लगी कि यह सब कुछ beast की वजह से ही हो रहा है। क्योंकि beast के सामने अच्छे-अच्छों की बोलती बंद हो जाती थी, तो फिर यह डॉक्टर तो थी ही… मानिक ने डॉक्टर की ओर देखते हुए कहा, "तुम्हारा काम हो गया ना? अब जाओ यहाँ से।"
डॉक्टर ने गहरी साँस, राहत की साँस ली ही थी कि तभी मानिक की आवाज़ उसके कान में पड़ी। मानिक की बात सुनकर उसे ऐसा लगा कि उसके सामने दूसरा शैतान खड़ा हो। वह और ज़्यादा देर तक यहाँ नहीं रुकना चाहती थी, इसलिए वह जल्दी से यहाँ से नौ दो ग्यारह हो गई।
उस डॉक्टर के जाने के बाद मानिक ने एक नज़र beast के कमरे को देखा। मानिक beast को लेकर पूरी तरह से कन्फ़्यूज़ था। उसके मन में कई सवाल थे, लेकिन जवाब एक भी नहीं। मानिक ने beast के कमरे को देखकर अपना सर हिला दिया और उसके बाद वहाँ से चला गया।
2 घंटे बीत चुके थे… राही अभी तक बेहोश थी। लगभग 2 घंटे बाद राही को होश आने लगा। उसके हाथों ने हलचल करना शुरू कर दी। राही ने धीरे-धीरे अपनी आँखें खोलीं। पहले तो उसे कुछ क्लियर दिखाई नहीं दिया, लेकिन फिर उसने अपनी आँखों को बंद करके फिर से खोला। कुछ ही पलों में उसे सब कुछ क्लियर दिखाई देने लगा। राही धीरे-धीरे उठकर बैठ गई। लेकिन जैसे ही वह बेड पर बैठी, उसने अपना सर पकड़ लिया। उसके सर में हल्का दर्द था।
उसने अपने सर को पकड़ते हुए कहा, "Ahhh… अब मेरे सर में दर्द क्यों शुरू हो गया…" तभी उसे कुछ याद आया। उसने याद करते हुए कहा, "हम तो वहाँ पर अपने बैग में अपनी चॉकलेट ढूँढ रहे थे, तो फिर हम यहाँ कैसे…" ऐसा कहते हुए वह कुछ सोचने लगी। तभी उसे सब कुछ याद आने लगा जो उस वक़्त उसके साथ हुआ था। वह यादें फिर से उसे परेशान करने लगीं। वह सब कुछ याद आते ही उसकी आँखें फिर से नम हो गईं, और उसने बेडशीट को अपनी मुट्ठियों में भर लिया। तभी उसके कानों में एक बहुत ही सर्द आवाज़ पड़ी, "क्या तुम फिर से रो रही हो?" वह आवाज़ किसी और की नहीं, बल्कि beast की थी, जो इस वक़्त सोफ़े पर अपनी एक पैर पर दूसरा पैर चढ़ाकर बड़े ही रौब से बैठा था। उसके हाथों में इस वक़्त उसका फ़ोन था, जिसमें वह कुछ चेक कर रहा था और उसके हाथों में एक मेडिसिन थी। शायद वह इस मेडिसिन के बारे में कुछ चेक कर रहा हो।
उस आवाज़ को सुनकर राही चौंक उठी। Beast की आवाज़ सुनकर राही ने गहरी साँस लेकर उसकी ओर देखते हुए कहा, "ऐसा कौन करता है? आपने तो मुझे डरा ही दिया था! क्या आप मुझे हार्ट अटैक दिलाना चाहते थे?" ऐसा कहकर वह गहरी साँस लेने लगी क्योंकि अचानक beast की आवाज़ सुनकर वह घबरा गई थी।
राही के बाद सुनकर beast ने राही को देखा, जो उसे ही अपने ओसियन आईज़ से घूर रही थी। वह सोफ़े पर से उठकर खड़ा हुआ और राही की तरफ़ अपने कदम बढ़ा दिए। उसकी डार्क ग्रीन आँखें राही पर ही थीं।
Beast को खुद की तरफ़ आते हुए देखकर राही थोड़ा घबरा गई। उसने धीरे से बुदबुदाती हुई कहा, "अब ये हमारी तरफ़ क्यों आ रहे हैं? हमने क्या किया? क्या हमने कुछ गलत तो नहीं कह दिया? नहीं-नहीं, हमने ऐसा कुछ भी नहीं कहा। हम सच में डर गए थे। अगर हमें हार्ट अटैक आ गया होता तो… तो हमारे भाई और दीदी को कितनी तकलीफ होती… नहीं, हमने कुछ भी गलत नहीं कहा। लेकिन फिर ये हमारी तरफ़ क्यों आ रहे हैं? एक तो इनकी हरी आँखें कितनी डरावनी हैं… हमें तो देखने से ही डर लगता है, ऊपर से बात भी कितने डरावनी तरीके से करते हैं… कोई भी इन्हें देखकर ही डर जाए…" ऐसा ही कुछ-कुछ कहते हुए वह ऊपर उठाई जा रही थी, तभी beast उसके एकदम करीब आ गया और उसके साइड में जाकर अपना एक पैर मोड़कर बैठ गया।
Beast की नज़रें अभी भी राही पर ही थीं। उसने अभी तक राही से कुछ भी नहीं बोला था। beast को अपने पास बैठा हुआ देखकर और उसकी नज़र खुद पर महसूस करते हुए राही को बहुत ही अजीब लग रहा था, क्योंकि beast उसे बहुत ही अलग तरीके से देख रहा था। उसकी आँखों में एक डार्कनेस थी, एक ठंडापन था, जिससे राही को एक अजीब सा डर लग रहा था। कल से अब तक राही ने beast में कुछ भी ऐसा महसूस नहीं किया था जैसा अब वह कर रही थी।
राही ने beast की ओर देखते हुए अपनी मीठी सी आवाज़ में डरते हुए कहा, "क… क्या… हुआ? आप… आप मुझे ऐसे घूर रहे हैं? आप… आपको क्या लगता है कि आप अपनी हरी आँखों से मुझे घूरेंगे तो मैं डर जाऊँगी? अगर आप ऐसा सोचते हैं तो आप बहुत बड़ी गलतफ़हमी में हैं… हम… हम आपसे डरते नहीं हैं और आपके इस तरह घूरने से तो बिलकुल भी नहीं डरते… मिस्टर स्ट्रेंजर…" राही ने कहा तो दिया था कि उसे beast से डर नहीं लगता, लेकिन सच तो यह था कि इस वक़्त उसे beast से बहुत डर लग रहा था। उसने अभी-अभी जो कहा था और उसके चेहरे के जो भाव थे, वह बिलकुल भी मेल नहीं खा रहे थे। उसके चेहरे पर डर और घबराहट के भाव साफ़-साफ़ दिखाई दे रहे थे और वह अपनी सहमी नज़रों से beast को ही देख रही थी।
Beast की नज़रें तो सिर्फ़ राही के चेहरे पर थीं। वह उसके हर एक बदलते हुए भाव को नोटिस कर रहा था। वहीँ beast की अगली बात सुनकर राही हैरानी से beast को देखने लगी…
आखिर ऐसा क्या कहा beast ने राही से? आखिर क्या हुआ राही को? क्या होगा beast का अगला कदम? जानने के लिए पढ़ते रहिए।