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Billionaire's accidental wife

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Jahnavi Sharma

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अविशा सिंह ओबेरॉय, जिसे अपनी जिंदगी में दो ही लोगों से नफरत है। पहला नेपोटिज्म और दूसरा आरांश खुराना। नेपोटिज्म का शिकार अविशा होती रहती है, क्या होगा जब वो आर्यांश खुराना का शिकार बनेगी। आरांश को पहली नजर में अविशा पसंद आ जाती है तो वह उसके साथ धोखे...

Total Chapters (3)

Page 1 of 1

  • 1. Billionaire's accidental wife - Chapter 1

    Words: 2445

    Estimated Reading Time: 15 min

    सुबह के 8 बज रहे थे। किचन में एक लगभग 28 साल की लड़की, जिसने जींस पर लंबा कुर्ता डाला हुआ था, हड़बड़ाहट में जल्दी-जल्दी हाथ चला रही थी। अचानक उसका ध्यान घड़ी की ओर गया।

    टाइम देखते ही उसने वहीं से चिल्लाते हुए कहा, “श्रेय, जल्दी उठ जाओ! ऑफिस जाने में लेट हो जाएँगे। अविशा... अवि जल्दी करो बाबा! इतना लेट करोगे, तो कैसे चलेगा?”

    उसके आवाज लगाने पर अविशा, जिसे उसने आवाज लगाई थी, वह जाग चुकी थी।

    उसने वहीं से अधखुली आँखों से आवाज दी,“ओके, दिशा दीदी। आप हॉस्पिटल जाओ। फ़िक्र मत करो, मैं टियारा को स्कूल छोड़ दूँगी।” अवि ने जवाब दिया।

    दिशा ने तेज आवाज में कहा, “वो तो ठीक है अवि, लेकिन मैं हॉस्पिटल नहीं जाऊँगी। आज मुझे कोर्ट जाना है। शायद तुम भूल गई होगी, आज मेरे और रितेश के डिवोर्स की पहली सुनवाई है।”

    दिशा के मुँह से कोर्ट जाने की बात सुनकर अविशा भाग कर दिशा के पास गई। उसके बाल सोकर उठने से थोड़े बिखरे हुए थे और लंबे होने की वजह से रबर बैंड से निकल चुके थे। उसकी हाइट लगभग 5 फ़ीट 6 इंच के आसपास थी। कमर को छूते हुए हनी ब्राउन स्ट्रेट बाल, गोरा रंग, छोटी लाइट एम्बर आँखें, वह दिखने में बेहद खूबसूरत थी। उसकी उम्र लगभग 24 साल के आसपास थी।

    अविशा ने उसके पास आकर धीमी आवाज में कहा, “मैं आपके साथ चलूँगी। आप अकेले कैसे हैंडल करेगी?” उसके चेहरे पर उदासी थी। उसे दिशा के लिए बुरा लग रहा था।

    जबकि दिशा बिल्कुल नॉर्मल थी। उसने हल्का मुस्कुराते हुए कहा, “अवि, जब हमने अकेले रहने का फ़ैसला कर ही लिया है, तो अब अकेलेपन से क्या डरना? तुम एक काम करना, श्रेय को उठा देना। पता चला छोटू आज फिर लेट उठा और क्लास लग गई। ऑफिस में थोड़ी सी भी लेट हो जाएँगी तो तुम आरांश को तो जानती ही हो ना...”

    आरांश का नाम सुनकर अविशा ने मुँह बनाते हुए कहा, “नहीं दीदी। ना मैं आपके आरांश को जानती हूँ और ना ही उसे जानना चाहती हूँ।”

    “ओके। मैं जा रही हूँ। तुम देख लेना प्लीज़।” दिशा ने हल्का हँसकर कहा। जाते वक़्त उसने धीरे से बड़बड़ाया, “ना जाने ये आरांश से इतना क्यों चिढ़ती है।”

    कहकर दिशा वहाँ से अपने वकील से मिलने चली गई। वही उनके घर पर एक बार फिर आरांश का नाम सुनकर उसका मूड उखड़ गया था।

    “मुझे नफरत है उस इंसान से।” अवि ने गुस्से में तेज सांसे लेकर कहा।

    वही श्रेय उठा, तो उसने देखा अविशा कुछ पेपर असेंबल करने में लगी थी। वह उसके पास गया और उसके गले लगते हुए प्यार से बोला, “गुड मॉर्निंग, माय लव! उठ गई तुम।” फिर इधर-उधर देखते हुए पूछा, “दिशा दीदी गई?” वह उम्र में लगभग 26 साल का था। हाइट लगभग 5 फ़ीट 11 इंच के करीब, और गेरुआ रंग। दिखने में हैंडसम और शक्ल से मासूम।

    अवि ने मुस्कुरा कर हाँ भरी और श्रेय से दूर हो गई।

    श्रेय ने बालों में हाथ घुमाकर कहा, “अच्छा हुआ दिशा दीदी चली गई। चलो मिलकर अच्छा सा रोमांटिक वाला ब्रेकफ़ास्ट तैयार करते हैं।”

    अवि ने हल्का हँसते हुए कहा, “अच्छा, अब ब्रेकफ़ास्ट भी रोमांटिक होने लगा। सो, लिसन मेरे ओवर रोमांटिक बॉयफ़्रेंड, तुम्हारे रोमांटिक ब्रेकफ़ास्ट के चक्कर में मेरा आज एक और इंटरव्यू मिस हो जाएगा। और याद है ना, मुझे टियारा को स्कूल भी छोड़ना है।”

    श्रेय ने उसी के अंदाज़ में मुँह बनाकर कहा, “ओके, मेरी अनरोमांटिक सी गर्लफ़्रेंड। कभी तो मुझे सीरियसली ले लिया करो। और क्यों इधर-उधर धक्के खा रही हो जॉब के लिए? तुम अविशा सिंह ओबरॉय हो। तुम्हारे डैड का भी टेक्सटाइल का बिज़नेस है, उसको क्यों नहीं ज्वाइन कर लेती?”

    “मुझे अपनी अलग पहचान बनानी है। मैं चाहती हूँ कि मुझे लोग अविशा सिंह ओबरॉय के नाम से नहीं, बल्कि फ़ैशन डिज़ाइनर अविशा के नाम से जानें। मुझे सब कुछ एक्सपीरियंस करना है। तुम जानते हो ना। हमारी कंपनी में मुझे अपनी काबिलियत के दम पर नहीं, नेपोटिज्म के दम पर जॉब मिलेगा।” अविशा ने सीरियस अंदाज़ में कहा।

    उसकी बात सुनकर श्रेय ने आँखें घुमाईं और कहा, “अवि, बेबी, ये कॉफ़ी वाले शोज़ थोड़ा कम देखा करो। क्या नेपोटिज्म-नेपोटिज्म लगा रखा है। तुम्हारा हक़ है अपने पापा की प्रॉपर्टी पर।”

    अविशा ने जवाब देते हुए कहा, “हाँ, हक़ भी जमाऊँगी, पर उस दिन, जब मैं काबिल हो जाऊँगी। अरे, खुद की कंपनी खोलेगी ये अविशा सिंह ओबरॉय! तो मिस्टर श्रेय आहूजा, क्या आप अपनी गर्लफ़्रेंड की कंपनी में पीआर की जॉब करेंगे?” कहकर अवि ने अपना हाथ उसकी ओर बढ़ाया।

    श्रेय ने हँसते हुए कहा, “तुम्हें तो रुको, मैं बताता हूँ कि मैं तुम्हारी कंपनी में कौन सी जॉब करूँगा...” कहकर वह अवि को गले लगाने के लिए आगे बढ़ा, लेकिन अवि उसे परेशान करने के लिए उससे दूर भागने लगी।

    श्रेय उसके पीछे आ रहा था। अवि और श्रेय एक-दूसरे के पीछे दौड़ रहे थे कि तभी दिशा की 4 साल की बेटी टियारा वहाँ आई।

    टियारा ने मासूम चेहरा बनाकर कहा, “अरे मामू और होने वाली मामी! क्या सुबह-सुबह पकड़म-पकड़ाई खेलने लग गए आप दोनों? चलिए, मुझे लेट हो रहा है स्कूल जाने के लिए। मेरा वहाँ कोई वेट कर रहा है।”

    श्रेय और अवि ने एक साथ कहा, “अच्छा जी... कौन?”

    टियारा ने कहा, “मेरा नया फ्रेंड।”

    श्रेय ने आगे बढ़कर टियारा को अपनी गोद में उठा लिया। उसने अवि की ओर देखकर मुँह बनाकर कहा, “देखा, एक छोटी सी बच्ची को भी अपने नए फ्रेंड की इतनी चिंता है। जबकि यहाँ मैडम अपने बॉयफ़्रेंड के साथ में रह रही है, फिर भी उसे मेरी फ़ीलिंग्स की कोई परवाह नहीं।”

    “हाँ तो मैं तुम्हारे घर पर किरायेदार के तौर पर रहती हूँ, ना कि तुम्हारी गर्लफ़्रेंड के तौर पर। जानते हो ना, यहाँ चंडीगढ़ में अच्छा घर मिलना कितना मुश्किल है। ऊपर से अचानक यहाँ आने पर डैड भी नाराज़ हो गए। वह यही चाहते थे कि मैं उनकी कंपनी ज्वाइन करूँ। ऐसे में तुमने और दिशा दीदी ने मेरी बहुत हेल्प की है, उसके लिए थैंक यू सो मच।” अवि ने श्रेय की आँखों में देखते हुए धीरे से कहा।

    “अच्छा, बस करो। तुम कोई गैर थोड़ी ना हो। हम दोनों एक-दूसरे से प्यार करते हैं और सेटल होने के बाद शादी करने वाले हैं। चलो, अब ये थैंक यू गिविंग स्पीच देना बंद करो। रोमांटिक ब्रेकफ़ास्ट ना सही, जो बना है, वही दे दो। ऑफ़िस जाने में देर ना हो जाए, वरना आरांश सर गुस्सा करेंगे।” श्रेय ने टॉपिक बदलते हुए कहा और फिर बाथरूम में चला गया। वहीं उसके मुँह से आरांश का नाम सुनकर फिर से अवि का मुँह बन गया था।

    “पता नहीं ये सब उससे इतना डरते क्यों हैं? उस जैसे इंसान का तो खुलकर सामना करना चाहिए। ब्लडी कैरेक्टरलेस कहीं का!” अवि ने हल्के गुस्से में कहा।

    कोई नहीं जानता था, अवि आरांश से इतनी नफ़रत क्यों करती है। उसने कभी किसी को बताया तक नहीं, पर ये नफरत यू ही, बेवजह नहीं थीं।

    अवि सब कुछ भूलकर टियारा को पकड़कर तैयार करने के लिए ले गई और वहीं श्रेय के ऑफ़िस जाने की तैयारी करने लगा।

    दी डिज़ायर्स का ऑफ़िस!

    दी डिज़ायर्स चंडीगढ़ की टॉप टेक्सटाइल्स कंपनी में से है, जिसका ओनर आरांश खुराना था। आरांश खुराना, जिसके बारे में पूरा चंडीगढ़ जानता था। आरांश खुराना को अपने लाइफ़ में सिर्फ़ एक चीज़ से मतलब होता है और वह है सिर्फ़ और सिर्फ़ काम। उसे अपने आस-पास के लोग भी हमेशा काम करते दिखने चाहिए। वह वक़्त का पाबंद और एक वर्कोहोलिक इंसान था। अपनी कंपनी को आगे लाने के लिए आरांश किसी भी हद तक जा सकता है।

    आज डिज़ायर्स के पूरे ऑफ़िस में हंगामा मचा हुआ था, क्योंकि आरांश ने अपना नया ड्रीम कलेक्शन डिज़ाइन किया था, और उसी कलेक्शन के लॉन्च के लिए मीटिंग होने वाली थी।

    इसी अफ़रा-तफ़री के बीच एक लड़की चिल्लाते हुए आई, “कम ऑन, गाइज़, डू फ़ास्ट! आरांश को एक मिनट की भी देरी बिल्कुल पसंद नहीं है।” वह लगभग 26 साल के आसपास थी। गोरा रंग, गोल्डन ब्राउन कंधे तक के बाल और लगभग 5 फ़ीट 3 इंच हाइट, और दिखने में किसी मॉडल की तरह लगती थी। उसने हाई हील्स पहनी हुई थीं, जिसकी वजह से उसकी हाइट काफी ज़्यादा लग रही थी।

    श्रेय ने उसकी ओर देखा और इरिटेट होकर कहा, “ओह, प्लीज़, माही, यहाँ सब अपने काम में लगे हैं, यहाँ कोई भी बेकार नहीं है।”

    माही ने उसके बाद को अनसुना किया और आगे पूछा, “हेड डिज़ाइनर रियान और उसकी सेक्रेटरी दिशा कहाँ हैं?”

    “मैं कोई सबका सेक्रेटरी नहीं हूँ, पीआर मैनेजर हूँ और तुमसे सीनियर भी। समझी तुम? जाकर खुद पता कर लो।” श्रेय ने फ़ाइल उठाकर कहा।

    माही ने अपने बाल झटके और पूरे एटीट्यूड में जवाब दिया, “सो व्हाट? मैं यहाँ सबसे सीनियर ही मानी जाऊँगी क्योंकि मैं आरांश की गर्लफ़्रेंड हूँ।”

    “ये कोई पोस्ट नहीं होती।” श्रेय ने सिर हिलाकर कहा।

    वह दोनों बहस कर रहे थे, कि तभी आरांश की सेक्रेटरी युवानी आई। वह काफी जल्दी में लग रही थी।

    युवानी ने हाँफते हुए कहा, “जल्दी करो, गाइज़! आरांश सर का मूड थोड़ा सड़ा हुआ है।”

    “वो कब नहीं रहता।” श्रेय ने जवाब दिया।

    वहाँ से वह सब मीटिंग रूम में पहुँचे। वहाँ पहले से आरांश की टीम मौजूद थी, जो उसके ड्रीम कलेक्शन पर काम कर रही थी। मीटिंग रूम में माही, जो कंपनी की जूनियर मैनेजर थी। माही को यह पोस्ट इसलिए मिली थी क्योंकि वह आरांश की गर्लफ़्रेंड थी। उसके अलावा वहाँ पीआर मैनेजर श्रेय आहूजा, हेड डिज़ाइनर रियान और उसकी सेक्रेटरी मीशा, आरांश की सेक्रेटरी युवानी और हेड फ़ोटोग्राफ़र कियान भी थे।

    जल्द ही आरांश भी वहाँ आ गया। आरांश लगभग 27 साल का था, और इतनी कम उम्र में वह एक कामयाब बिज़नेसमैन था। छह फ़ीट के आसपास हाइट, ओसियन ब्लू आँखें, गोरा रंग, फ़िट फ़िज़िक और दिखने में काफी हैंडसम। डिज़ायर्स की सफलता का एकमात्र कारण आरांश खुराना था। आरांश स्वभाव से काफी सख्त और जुनूनी था। उसे एक बार कोई चीज़ पसंद आ जाती, वह उसे हासिल करने के लिए सही-गलत का भी नहीं सोचता था।

    आरांश के वहाँ पहुँचते ही सबके चेहरे के भाव गंभीर हो गए थे। आरांश ने उनकी ओर देखते हुए इंटेंस वॉयस में कहा, “हैलो टीम! कलेक्शन कॉन्फ़िडेंशियल है। ऑल प्रिपरेशन डन?”

    हेड डिज़ाइनर रियान ने जल्दी से कहा, “लेकिन सर, जब कलेक्शन का ही नहीं पता है सबको, तो मीटिंग क्यों? यह पहली मीटिंग है, तो हम सारी तैयारी कैसे करके रख सकते हैं?”

    रियान की तरह वहाँ बाकी सभी लोग भी कंफ़्यूज़न में थे। किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह आरांश के सामने कुछ कह सके।

    माही ने पूरा मामला अपने हाथ में लिया। उसने सबके बिहाफ़ में खड़े होकर हल्का मुस्कुराकर कहा, “ओह, कम ऑन, आरांश, मुझे तो तुम बता ही सकते हो।”

    माही को लगा कि आरांश की गर्लफ़्रेंड होने की वजह से वह उस पर गुस्सा नहीं करेगा, लेकिन आरांश ने माही की ओर सख्त निगाहों से देखते हुए कहा, “मैंने कॉन्फ़िडेंशियल वर्ड यूज़ किया है, माही। शायद तुम्हें उसका मतलब पता होगा। मैं किसी को नहीं बता सकता। वैसे, मैंने यह मीटिंग इसीलिए बुलाई है क्योंकि मुझे एक नई मॉडल चाहिए।”

    आरांश के मिजाज़ देखकर किसी ने कलेक्शन के बारे में कुछ नहीं पूछा।

    लेकिन नई डिज़ाइनर हायर करने की बात सुनकर फ़ोटोग्राफ़र कियान ने कहा, “पर सर, जन्नत परफ़ेक्ट है। फिर भी आपको कोई प्रॉब्लम है तो और किसी फ़ेमस ऐक्ट्रेस या मॉडल को हायर कर लेते हैं।”

    माही ने आगे कहा, “मैं किसी मॉडल से कांटैक्ट करूँ, आरांश?”

    आरांश ने जवाब में कहा, “नहीं, मेरा कलेक्शन मेरे लिए बहुत स्पेशल है और कोई भी ऐक्ट्रेस या मॉडल जस्टिफ़ाई नहीं कर पाएगी।”

    “मैं ट्राई करूँ?” माही ने काफी उम्मीद से पूछा, वह कब से मॉडलिंग करना चाहती थी।

    आरांश ने ना में सिर हिलाकर कहा, “मुझे कोई मासूम दिखने वाली लड़की चाहिए। लाइक कोई कॉमन लड़की।”

    आरांश ने इनडायरेक्टली माही को मना कर दिया।

    कियान ने हल्का हैरानी जताते हुए कहा, “पर कॉमनर ही क्यों? कोई मॉडल या ऐक्ट्रेस क्यों नहीं? एक प्रोफ़ेशनल की तरह वह शूट कर पाएगी? आई मीन, उनमें वह स्पार्क नहीं होगा।”

    आरांश ने जवाब में कहा, “क्योंकि मेरा कलेक्शन कॉमनर्स के लिए है, ना कि किसी मॉडल या ऐक्ट्रेस के लिए। वह किसी भी ड्रेस को सिर्फ़ एक बार पहनते हैं। और आप लोगों को यह क्यों गलतफ़हमी है कि कॉमन लोगों में वह स्पार्क नहीं होता, जो एक मॉडल-ऐक्ट्रेस में होता है।”

    आरांश ने काफी लॉजिक के साथ बात को रखा था, किसी ने आगे कोई सवाल नहीं पूछा।

    श्रेय ने आरांश की ओर देखकर कहा, “ओके, सर, मैं वैकेंसी डाल देता हूँ मॉडलिंग के लिए। जो आएगा, आप देख लीजिएगा और किसी को भी सेलेक्ट कर लीजिएगा। तब तक आप वेटिंग लिस्ट में जितने भी पोर्टफ़ोलिओज़ हैं, उन्हें देख लीजिए।”

    “नहीं, श्रेय, यहाँ वेटिंग में जितने भी पोर्टफ़ोलिओज़ मिले, मुझे कोई भी परफ़ेक्ट नहीं लगी और मेरे पास इतना वक़्त भी नहीं है कि मैं इंटरव्यू लेकर एक-एक को सेलेक्ट करूँ।” आरांश ने सिर हिलाकर कहा। उसने फिर अपनी असिस्टेंट युवानी की ओर देखा।

    युवानी ने जल्दी से हड़बड़ाकर कहा, “मैं कोशिश करती हूँ, सर। यहाँ कोई आसपास में किसी और कंपनी से निकाली गई मॉडल हो तो...”

    युवानी की बात पूरी होने से पहले ही आरांश ने गुस्से में उसकी बात काटते हुए कहा, “आर यू मैड, युवानी? मुझे अपने ड्रीम कलेक्शन के लिए मॉडल चाहिए, ना कि रिजेक्टेड कलेक्शन के लिए। मुझे नहीं पता, तुम सब लोगों के पास में दो दिन का टाइम है। मुझे अपने कलेक्शन के लिए मॉडल चाहिए।”

    आरांश के डेडलाइन देने का क्या मतलब था, यह पूरा डिज़ायर्स जानता था। पूरी कंपनी में तूफ़ान आ जाता था।

    दो दिन का नाम सुनकर सभी ने एक साथ कहा, “पर सर, दो दिन में कैसे?” उन्हें लगा आरांश उन्हें थोड़ा और टाइम देगा।

    आरांश ने कुछ पल सोचा और फिर बेपरवाही से कहा, “ठीक है, तो फिर सभी मिलकर अपना रेज़िग्नेशन लेटर साइन करके मेरे ऑफ़िस में भेजवा देना।”

    आरांश के कहते ही सब हड़बड़ा गए थे। उन सब में माही बेपरवाह थी। आरांश ने उसकी ओर देखा और भौंहें उठाकर कहा, “मिस गर्लफ़्रेंड, यू टू।”

    माही ने जल्दी से कहा, “बट आरांश, मैं...”

    माही की पूरी बात सुने बिना ही आरांश वहाँ से गुस्से में चला गया। वह सब लोग परेशान होकर एक-दूसरे की शक्ल देख रहे थे।

    श्रेय ने वहाँ से उठते हुए जल्दी से कहा, “कम ऑन, गाइज़, जल्दी करो, या फिर कोई नई जॉब ढूँढ लो।”

    आरांश ने दो दिन का टाइम दिया था, तो फिर दो दिन में उन लोगों को उसका काम करना ही था। वरना नतीजा वही होना था, जिसकी धमकी आरांश ने उन्हें दी थी।

    °°°°°°°°°°°°°°°°

    आखिर क्या है, अवि की नफरत की वजह? क्या आरांश की तलाश पूरी हो पाएगी, या फिर सबको काम छोड़कर जाना पड़ेगा। जानने के लिए पढ़ते रहिए। ओके, तो पहला पार्ट आपको कैसा लगा, पढ़कर जरूर बताइएगा। देखते है फर्स्ट चैप्टर पर कितनी समीक्षा आती है।

  • 2. Billionaire's accidental wife - Chapter 2

    Words: 1775

    Estimated Reading Time: 11 min

    आरांश ने उसके ड्रीम कलेक्शन पर काम कर रही टीम को अपने कलेक्शन के लिए परफेक्ट मॉडल ढूंढने के लिए 2 दिन की डेडलाइन दी थी। आरांश ने काफी सख्ती से सबको मॉडल ढूंढने के लिए कहा था। अगर वह 2 दिन में उसका काम नहीं कर पाए, तो आरांश ने उन्हें काम से निकलने तक का कह दिया था।

    परफेक्ट मॉडल ना मिलने की वजह से आरांश का मूड थोड़ा उखड़ा हुआ था। मीटिंग करने के बाद आरांश अपने केबिन में आया, तो उसने देखा कि उसकी दादी गौरी जी वहाँ बैठकर उसका इंतजार कर रहा थी। गौरी जी लगभग 72 साल की थी। उन्होंने लाइट पिंक सिल्क साड़ी पहनी थी और बालों को खुला छोड़ रखा था। इस उम्र में भी उनका ओरा ही अलग था।

    गौरी ने आरांश को देखते ही हल्का मुस्कुरा कर कहा, “हेलो आरांश सर।”

    गौरी जी के उसे सर बुलाने पर आरांश ने आईज रोल करके कहा, “दादी आप भी ना..।” फिर वो उनके पास आकर उनके गले लगते हुए बोला, “मुझे बुला लिया होता घर। आप क्यों आई यहां?”

    गौरी जी उससे अलग होकर बोली, “हां जैसे मेरे बुलाने पर तुम आ ही जाते। आरांश तुम भूल रहे हो कि तुम पिछले 2 दिनों से घर नहीं आए हो। ऐसा भी क्या तुम्हारा ड्रीम कलेक्शन, जिसे रेडी करने के चक्कर में ना तुम्हें दिन की फिक्र रहती है, और ना ही रात की।”

    “पहली बार कुछ नया ट्राई कर रहा हूं दादी पर इतनी मेहनत करने का भी क्या फायदा? और तो सब कुछ रेडी हो गया बट अब कैटलॉग शूट के लिए मॉडल ही नहीं मिल रही, जो मेरे कलेक्शन को जस्टिफाई कर सके। आप ही बताइए दादी, अब मैं खुद तो पहन कर खड़ा हो नहीं सकता।” आरांश ने वहां बैठते हुए कहा।

    गौरी जी हल्का हंसकर बोली, “वैसे आईडिया बुरा नहीं है आरांश सर। मुझे तो अभी से विजुअल्स आने लगे है। दी आरांश खूराना लहंगा डाले हुए खड़ा है।”

    आरांश उनकी बातों से इरिटेट होकर बोला, “स्टॉप इट दादी। यहां मैं परेशान हूं और आप मेरा मजाक बना रही है।”

    आरांश आगे कुछ बोलता कि तभी माही गौरी जी को इंप्रेस करने के लिए उनके लिए कॉफी लेकर आई।

    माही ने हल्का सा झुकते हुए बोली, “पेरी पोना दादी...।”

    गौरी ने उसे रोकते हुए कहा, “रहने दो बेटा, इतनी छोटी ड्रेस में तुमसे पैरी पोना नहीं हो पाएगा।”

    उनकी बातों से माही एंबेरिस हो गई। वो जबरदस्ती मुस्कुराते हुए बोली, “दादी आप भी ना... कितनी फनी है दादी आप। आप क्यों बार-बार भूल जाती है कि मैं आरांश गर्लफ्रेंड हूं।”

    आरांश को ये बिल्कुल पसंद नहीं था माही बार-बार ऑफिस में उसे खुद की गर्लफ्रेंड कह कर बुलाती थी। उसके मुंह से फिर से आरांश की गर्लफ्रेंड शब्द सुनकर आरांश ने हल्का गुस्से में कहा, “माही तुम्हारा यह गर्लफ्रेंड पुराण खत्म हो गया हो, तो कैन यू प्लीज लीव अस अलोन?”

    आरांश का मूड पहले से खराब था। उसका गुस्सा माही पर ना उतरे, यह सोचकर माही ने जल्दी से कहा, “ओके गोइंग।”

    आरांश को नाराज होता देख माही बिना कुछ बोले वहाँ से चली गयी जबकि आरांश अभी भी गौरी जी के साथ बैठकर बाते कर रहा था।

    उसके जाने के बाद गौरी ने हल्का सीरियस अंदाज में कहा, “आरांश मैंने कभी भी तुम्हारी लाइफ में इंटरफेयर नहीं किया लेकिन बेटा, पूरे चंडीगढ़ में तुम्हें यही लड़की गर्लफ्रेंड बनाने को मिली थी?”

    आरांश इस टॉपिक पर ज्यादा बात नहीं करना चाहता था। उसने गहरी सांस लेकर कहा, “हां दादी, माही थोड़ी डिफरेंट है और प्यार करता हूं मैं उससे।”

    गौरी ने सिर हिला कर जवाब दिया, “हां सच ही कहा है किसी ने, प्यार अंधा होता है। पर बेटा तुझे एक बार अपनी आंखें चेक करवा लेनी चाहिए। उसे ठीक से देख तो सही।”

    इतने खराब मूड में भी गौरी जी की बातें सुनकर आरांश के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई, जिससे उसके गालों पर हल्के डिंपल उभर रहे थे। उसने उसी अंदाज में कहा, “ठीक से ही देखा है दादी। चलिए छोड़िए ना, इस बारे में बात नहीं करते हैं। आप बताइए कि आप कैसी हैं।”

    गौरी ने मुस्कुरा कर कहा, “मैं तो बिल्कुल ठीक हूं लेकिन आज डिजायर्स में भूकंप क्यों आया हुआ है आरांश सर?”

    ”दादी आप मुझे आरांश सर बुलाना बंद करेंगी? मेरी टीम तक मुझे एके बुलाती है और एक आप हो, जो कब से आरांश सर,आरांश सर बोल रही है।” आरांश ने चिढ़कर कहा।

    “हां, क्योंकि कंपनी में तुम मेरे भी बॉस हो। चलो बताओ, मूड इतना अपसेट क्यों है?” गौरी जी फिर से पूछा।

    “मैंने आपको बताया तो था कि मुझे अपनी ड्रीम कलेक्शन के लिए मॉडल नहीं मिल रही। बस मैंने इन सब को डेडलाइन दी है 2 दिनों की.. इसी वजह से सब इतना ओवर रिएक्ट कर रहे है।” आरांश ने बताया।

    गौरी ने कुछ पल सोचा और फिर कहा, “अच्छा, तुम्हारे ड्रीम कलेक्शन में ऐसा भी क्या है, जो सबसे छुपा रखा है। अपनी दादी को भी नहीं बताओगे क्या?”

    आरांश ने ना में सिर हिलाकर कहा, “बिल्कुल नहीं, मेरा कलेक्शन कंपलीटली कॉन्फिडेंशियल है। तो आपकी इमोशनल ब्लैकमेलिंग यहां पर बिल्कुल नहीं चलने वाली।”

    आरांश के मना करने के बावजूद गौरी जी ने मुस्कुराकर कहा, “रात को मिलते हैं आरांश....तुम्हारा ड्रीम कलेक्शन देखना है मुझे।” इतना कहकर वो उठकर जाने लगी।

    आरांश जल्दी से हल्की तेज आवाज में बोला, “नो दादी ...इट्स नॉट पॉसिबल।”

    गौरी जी उसकी तरफ देखकर सिर हिलाया और फिर उसी मुस्कुराहट के साथ कहा, “ओके तो फिर रात को कलेक्शन देखते है। अगर फिर भी तुम मुझे नहीं दिखाना चाहते तो मैं जाकर माही को बोल देती हूं कि आरांश तुम से ब्रेकअप कर रहा है।”

    आरांश ने लाचारी से कहा, “दादी, दिस इज नॉट फेयर..मुझे बिल्कुल पसंद नहीं, जब आप मुझे ऐसे ब्लैकमेल करती हो।

    गौरी जी उसकी बात को अनसुना किया और फिर बाहर आ गई। बाहर की तरफ आते ही उन्हें श्रेय दिखाई दिया। श्रेय भी उन्हें देखते ही मुस्कुराते हुए उनके पास आया। दिशा और आरांश एक दूसरे के दोस्त थे, इस वजह से उनके बीच प्रोफेशनल के साथ-साथ पर्सनल रिलेशन भी थे।

    श्रेय ने गौरी जी के पैर छूते हुए कहा, “हेलो मेरी क्यूट दादी! पैरी पौना...।”

    गौरी ने उसे प्यार से सहलाते हुए कहा, “अरे बेटा कैसा है तू...और दिशा कैसी है? ऑफिस में सब कुछ ठीक तो चल रहा है ना?”

    श्रेय ने हंसते हुए कहा, “दादी ऑफिस में मिस गर्लफ्रेंड के होते हुए सब कुछ कैसे ठीक चल सकता है?”

    श्रेय की बातों से साफ था कि माही को ऑफिस में कोई पसंद नहीं करता था। वह हर वक्त अपनी मनमानी करती थी और कोई कुछ कहता तो वह आरांश की गर्लफ्रेंड होने का हवाला देती थी।

    गौरी ने गहरी सांस लेकर कहा, “हाय मुझे भी बिल्कुल नहीं पसंद है वो लड़की। मैंने कभी आरांश के किसी फैसले पर सवाल नहीं उठाया, पहली बार मुझे उसकी चॉइस पर शक हो रहा है, पर कुछ कह भी नहीं सकते।”

    श्रेय ने उनकी बात पर हामी भरते हुए कहा, “बिल्कुल सही कहा दादी, सारा दिन बस इधर-उधर घूमती रहती है। काम-धाम कुछ करती नहीं है।”

    श्रेय बोलते हुए रुक गया। वो आगे कुछ बोलता उससे पहले माही वहां पर आ गयी थी।

    माही वापिस गौरी जी के पास आई। वो जानती थी आरांश के लिए गौरी जी बहुत इंपोर्टेंट थी। माही हर हाल में गौरी जी का दिल जीतना चाहती थी।

    माही ने उनके पास आकर कहा, “दादी आप मिल ली आरांश से?”

    गौरी ने हल्के बेरुखी से कहा, “हां.. बस अभी वापिस घर जा रही थी।”

    माही ने उन्हें रोकते हुए कहा, “दादी रुकिए तो प्लीज... श्रेय पता है तुम्हें...।”

    श्रेय ने उनकी बात बीच में काटते हुए कहा, “नही.. मुझे कुछ नही पता... और पता करना भी नही चाहता।”

    माही ने फिर भी जबरदस्ती कहा, “अरे सुनो तो सही। पूरे ऑफिस में आजकल मेरा और आरांश का कपल ही छाया हुआ है। अरे हम तो सब के फेवरेट कपल बन चुके हैं। मेरा और आरांश का कपल तो आज कल कपल गोल बना हुआ है...#आरा।”

    माही की बातों से इरिटेट होकर गौरी और श्रेय एक साथ बोले, “हम चलते हैं माही...हमें बहुत काम है।”

    दोनों बहाना बनाकर वहां से खिसक गए। गौरी जी अपने घर चली गयी तो श्रेय वापिस काम लग चुका था।

    श्रेय अपने केबिन में आया। वहां आते ही उसने खुद से कहा, “एक बार अवि को कॉल करके पूछ लेता हूं, उसका इंटरव्यू कैसा गया। लेकिन उसे अच्छा नही लगेगा, काम के बीच कॉल किया तो... बट एक छोटू से कॉल मे क्या जाता है।”

    अविशा को काम के बीच डिस्टर्ब होना या करना पसंद नहीं था। यह जानते हुए भी श्रेय ने कॉल किया तो वहीं दूसरी तरफ अवि अपने रिज्यूमे के साथ ड्रीमलैंड कलेक्शन के ऑफिस में बैठी हुई थी। वह काफी टैलेंटेड थी और आज उसे पूरी उम्मीद थी कि उसे जॉब मिल ही जाएगी।

    अवि ने परेशान चेहरे के साथ अपने रेज्यूमें को एक बार फिर से देखते हुए कहा, “मैंने अपनी डिजाइंस पहले ही यहां के हेड डिजाइनर को भेजी थी। उसे यह डिजाइंस अच्छी लगी थी। उसने कहा था कि मेरी जॉब पक्की है। पिछले 1 साल में मैंने चंडीगढ़ की सभी बड़ी कंपनी में इंटरव्यू दे दिया है लेकिन कहीं भी सिलेक्शन नहीं हो पा रहा क्योंकि जॉब पहले ही किसी जान पहचान वाले को दे दी जाती हैं। अब तो सिर्फ़ डिजायर्स ही बची है, जो बड़ी कंपनी भी है और जहां मुझे काम मिल भी सकता है, लेकिन मुझे उसे आरांश खुराना के यहां काम नहीं करना। अजीब मुसीबत है। जॉब नहीं मिली तो फिर से डैड के पास लुधियाना जाना पड़ेगा। मुझे खुद को गलत साबित नहीं करना और आज हर हाल में यहां नौकरी हासिल करनी ही होगी। ”

    इतनी सारी कंपनी में इंटरव्यू देने के बाद अवि की आखिरी उम्मीद इस कंपनी से थी। वह आरांश के कंपनी डिजायर्स में काम नहीं करना चाहती थी पर अगर आज अवि को यहां नौकरी नहीं मिलती तो उसके पास आखिरी ऑप्शन डिजायर्स ही रहने वाला था।

    वेटिंग एरिया में एक लड़की पूरे कॉन्फिडेंस के साथ बैठी हुई थी। उसने आईज रोल करके अपने मन में कहा, “पता नहीं यह लोग टाइम वेस्ट करने के लिए यहां पर क्यों बैठे हुए हैं। अभी तक उसने मुझे बुलाया क्यों नहीं? पहले बात हो गई थी कि यह जॉब मेरी ही है, फिर यह इंटरव्यू का ड्रामा करने की क्या जरूरत थी। खैर,जब इतने लोगों के दिल टूटेंगे तो उनके उतरे हुए चेहरे देखकर बहुत मजा आएगा। ये जॉब तो मेरी ही है, फिर तुम लोग कितने भी टैलेंटेड क्यों ना हो।” वह लड़की रहस्यमई मुस्कुराहट के साथ उन सब की तरफ देख रही थी।

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    फिलहाल के लिए इतना ही। थैंक्स फॉर योर लव। प्लीज पढ़कर समीक्षा करे, अभी मैं चैप्टर एक दिन के गैप से दे रही हूं। आपका रिस्पांस अच्छा रहा, तो डेली पोस्ट कर दूंगी।

  • 3. Billionaire's accidental wife - Chapter 3

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