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Love Loyalty And Lies

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Diamond Shine

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Description

रिशान और विहान बचपन के साथी थे, लेकिन क्रोध और बदले की भावना ने रिशान को इंसान से हैवान बना दिया। रिशान, जो कभी विहान का रक्षक था, अब उसका सबसे बड़ा दुश्मन बन चुका था। नफरत की आग ने उसे इतना निर्दयी बना दिया कि वह हर रात विहान को टॉर्चर करता और उसे अ...

Total Chapters (26)

Page 1 of 2

  • 1. Love Loyalty And Lies - Chapter 1

    Words: 1041

    Estimated Reading Time: 7 min

    रात का वक्त था और आसमान में बिजली कड़क रही थी और उसके साथ ही तेज बारिश हो रही थी!! और इस बारिश में एक गाड़ी तेज रफ्तार से एक बंगले की तरफ बढ़ रही थी जो एक दूर से दिखने में एक आलीशान बंगला था!! जिसे देखकर कोई यही कह सकता था कोई बहुत रईस फैमिली यहां रहती थी और उस फैमिली का नाम था गोयनका फैमिली!! 

     वह कार चलती हुई उस बंगले के पार्किंग लोट तक पहुंचती है और उस कार से निकलता है रिशान गोयनका!! जो इस वक्त पुरे नशे में था और उसने इस वक्त बहुत ज्यादा शराब पी रखी थी!!  रिशान का कोट उसकी एक बाजू पर टका था और लड़खड़ाते कदमों से रिशान अंदर की तरफ जाने लगा और अंदर की तरफ जाते ही उसने अपने कदम अपने घर के अंदर बढ़ा दिए!! 

    और सीधा जाने की बजाय वह दूसरी तरफ मुड़कर जाने लगा जहां एक कमरा बंद था!!  और यह कैमरा बिल्कुल स्टोर रूम के पास था!!

    रिशान वहां जाते ही उस कमरे के दरवाजे को बाहर से एक लात खींचकर मारता है जिससे वह दरवाजा झटके से खुल जाता है और उसके अंदर सोया हुआ लड़का विहान से डर के खड़ा हो जाता है विहान जब अपने दरवाजे पर रिशान को इस तरह खड़े देखा है तो वह डर से कांपने लग जाता है!!

    रिशान जिस तरह विहान गुस्से में देख रहा था मानो वह उसकी अभी जान ले लेगा!! और आगे बढ़ता हुआ रिशान अपना कोट जमीन पर फेंकता है और विहान को उसके चेहरे से पकड़ लेता है!! 

    "कितनी बार? कितनी बार? मुझे तुम्हारी वजह से जलील होना पड़ेगा!!  मेरी जिंदगी के हर एक दुख का कारण तुम हो!! कई बार तो मुझे खुद पर इतना गुस्सा आता है कि तुम जैसे दो टके के लड़के को मैंने अपनी ज़िन्दगी में जगह ही क्यों दी थी? और मेरे उस अतीत की गलती को आज तक मुझे तुम्हें अपने सिर के ऊपर ढोना पड़ रहा है"  रिशान ने कहा 

    "रिशान छोड़ो मुझे दर्द हो रहा है रिशान प्लीज मुझे छोड़ो मुझे दर्द हो रहा है " विहान ने कहा 

    विहान बार बार स्ट्रगल करता हुआ अपने आप को छुड़ाने की कोशिश करता है लेकिन अंत में रिशान उसके चेहरे सहित पकड़कर वहीं बेड पर पटक देता है!!

     

    और वापस से एक हाथ बढ़ाकर उस दरवाजे को अंदर से बंद कर देता है जब विहान ने रिशान को यह करते देखा तो वह बुरी तरह से डर गया था!!  

     

    रिशान ने अपने थ्री पीस सूट को उतारते हुए अपनी टाई को खोला और बेड पर आकर विहान के हाथों को अपने हाथों में जकड़ लिया!! और उसकी गर्दन पर बाईट करने लगा!! 

     

    "रिशान क्या कर रहे हो छोड़ दो मुझे!! मुझे दर्द हो रहा है रिशान प्लीज मुझे छोड़ दो!! मैं तुम्हारे आगे भीख मांगता हूं प्लीज मुझे छोड़ दो" विहान ने कहा   


    विहान बात सुनकर रिशान झटके से उससे दूर होता है और खींचकर उसे तमाचा जड़ देता है और उस तमाचे की गूंज पूरे कमरे में गूंज जाती है साथ ही रिशान की हाथों की उंगलियां विहान के गालों पर छाप छोड़ देती है!! 

     

    और उसका पूरा गाल लाल हो जाता है रिशान गुस्से में विहान के सारे कपड़े फाड़ने लगता है और उस बिस्तर पर गिरा कर अपने सारे कपड़े गुस्से में उतारने लगता है!! 

     

     

    रिशान वहां बेड के ऊपर टांग रखी हथकड़ियां को नीचे उतारता है जिन्हें बेड़ियों में जकड़ रखा था और उन्हें वह विहान के हाथों में बांध देता है!! और उसके सारे कपड़े उसके बदन से हटा देता है!! 

     

    रिशान बिस्तर पर विहान को टॉर्चर करने लगता है और उस टॉर्चर के दर्द की वजह से विहान जोर-जोर से दर्द की वजह से कहरा रहा था!! और  बाहर बारिश इतनी तेज हो चुकी थी और साथ में बिजली कड़कने की आवाज आ रही थी!! 

     

    जिसमें विहान की चीखें वहीं दबकर रह जा रही थी!! रिशान विहान के हर एक अंग को अपने दांतों से काट रहा था और उस पर वायलेंस का यूज़ भी कर रहा था!!

     

    रिशान इस वक्त इतने गुस्से में था कि उसे यह भी नहीं पता चल रहा था कि वह बिना प्रोटेक्शन विहान के साथ क्या कुछ किया जा रहा था!! जिस दर्द की वजह से विहान जोर-जोर से चीख रहा था!! 

    लेकिन रिशान को तो जैसे उसकी चीखों से कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था!!   और जैसे ही अपने बचाव के लिए विहान कोई विरोध करता तभी रिशान खींचकर उसे एक तमाचा जड़ देता या उस पर अपनी चमड़े की बेल्ट से वार करता!!

     जिसकी वजह से विहान जोर-जोर से और दर्द की वजह से कहराने लगता लेकिन रिशान बिना रुके उसके साथ जबरदस्ती करने लगा!!

     

    अब विहान के शब्द उसके मुंह से नहीं निकल रहे थे वह अपने हाथ जोड़कर भी रिशान को रुकने के लिए नहीं कह सकता था कि उसके उसके दोनों हाथ रिशान ने बांध रखे थे!!  

     
    बेल्ट की मार से और रिशान के दांतों के काटने की वजह से विहान पूरा शरीर लाल हो चुका था!!  घंटे बीत गए थे लेकिन रिशान अभी भी विहान पर कोई तरस नहीं खा रहा था!!

     

    अब विहान से यह दर्द उसकी सहनशक्ति से बाहर हो गया और उसे खून की उल्टियां होने लगी!! 

     

     

    "यह सिर्फ तुम्हारा ड्रामा है जो तुम कर रहे हो!! मत सोचो कि तुम्हारे यह ड्रामा मुझे बहका देंगे और मुझे तुम पर तरस खाने के लिए कह देंगे!! मेरे अंदर जो तुम्हारे ऊपर तरस खाने की जो आदत थी उसे तुमने खुद ने खत्म कर दिया"   रिशान ने कहा


    और खींचकर वापस से विहान के गालों पर एक तमाचा जड़ देता है जिससे उसकी नाक से भी अब खून बहने लगा था!! लेकिन रिशान फिर भी उसके चेहरे की हर एक चोट को उसके शरीर की हर एक चोट को नजरअंदाज करके अपने आप को उसके अंदर धकेला जा रहा था!!

    जो रिश्ता प्यार में बनाया जाता है उसे रिशान ने अपनी दुश्मनी और अपनी नफरत का नाम दे दिया था!!  लगभग 5 घंटे बाद जब आधी से ज्यादा रात बीत चुकी थी जब रिशान ने विहान को छोड़ता है और विहान अब बुरी तरह से बेजान बेड पर पड़ा था!! 

    विहान के होठों से भी खून बह रहा था और ज़ब रिशान ने विहान की यह हालत देखी तो उसने उसके ऊपर ज्यादा ध्यान नहीं दिया!!

    CHAPTER END


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  • 2. Love Loyalty And Lies - Chapter 2

    Words: 1045

    Estimated Reading Time: 7 min

    बेल्ट की मार से और रिशान के दांतों के काटने की वजह से विहान पूरा शरीर लाल हो चुका था!!  घंटे बीत गए थे लेकिन रिशान अभी भी विहान पर कोई तरस नहीं खा रहा था!!

     

    अब विहान से यह दर्द उसकी सहनशक्ति से बाहर हो गया और उसे खून की उल्टियां होने लगी!! 

     

     

    "यह सिर्फ तुम्हारा ड्रामा है जो तुम कर रहे हो!! मत सोचो कि तुम्हारे यह ड्रामा मुझे बहका देंगे और मुझे तुम पर तरस खाने के लिए कह देंगे!! मेरे अंदर जो तुम्हारे ऊपर तरस खाने की जो आदत थी उसे तुमने खुद ने खत्म कर दिया"   रिशान ने कहा

    और खींचकर वापस से विहान के गालों पर एक तमाचा जड़ देता है जिससे उसकी नाक से भी अब खून बहने लगा था!! लेकिन रिशान फिर भी उसके चेहरे की हर एक चोट को उसके शरीर की हर एक चोट को नजरअंदाज करके अपने आप को उसके अंदर धकेला जा रहा था!!

     

    जो रिश्ता प्यार में बनाया जाता है उसे रिशान ने अपनी दुश्मनी और अपनी नफरत का नाम दे दिया था!!  लगभग 5 घंटे बाद जब आधी से ज्यादा रात बीत चुकी थी जब रिशान ने विहान को छोड़ता है और विहान अब बुरी तरह से बेजान बेड पर पड़ा था!! 

    विहान के होठों से भी खून बह रहा था और ज़ब रिशान ने विहान की यह हालत देखी तो उसने उसके ऊपर ज्यादा ध्यान नहीं दिया!!

    और पास में रखा पानी का जग उसके ऊपर बखेर कर कहा "अपने आप को साफ कर लो!! घिन्न आती है मुझे तुमसे"  

    कहकर रिशान ने अपने कपड़े समेट कर उस कमरे से बाहर आ गया!!

    बुरी तरह से बर्बाद हो चुका विहान काँपते और थके हुए हाथ पैरों से धीरे-धीरे उठता है!! और जोर-जोर से रोने लगता है उसके शरीर में हिलने तक की ताकत नहीं थी लेकिन फिर भी विहान बेडशीट से खुद को कवर करता है!!

    और बड़ी मुश्किल से स्ट्रगल करते हुए और दीवारों को पकड़ते हुए बाथरूम तक जाकर शावर ऑन कर लेता है और उसके नीचे जाकर खड़ा हो जाता है!! 

     

    अब उसके सब्र का बांध टूट गया था और वह जोर-जोर से वहां खड़ा होकर रोने लगता है और यहां से कहानी 10 महीने पीछे चली जाती है!! 

    10 महीने पहले गोयनका फैमिली मे रिशान के कजिन सिस्टर की शादी का माहौल था!! और तभी रिशान अपनी पढ़ाई पूरी करके इंग्लैंड से वापस लौटा था!! रिशान अपने परिवार से बहुत प्यार किया करता था और उसका परिवार भी उसे बहुत प्यार किया करता था!! उस परिवार में रिशान, उसका एक बड़ा सौतेला बड़ा भाई आर्यमन, उसनी माँ राधा गोयनका, पिता दुष्यंत गोयनका और राधा का भाई मतलब उनका मामा बलवंत साहवी था!!  

     

    दुष्यंत हमेशा व्हीलचेयर पर ही बैठा रहता था क्योंकि एक एक्सीडेंट में उसका पूरा बॉडी पैरालाइज हो गया था!! वह अपने हाथ पैर तक नहीं हिला पाता था और ना ही कुछ बोल पाता था!! 

    लेकिन वह अपनी आंखों के हाव-भाव से अपने दिल की बातें व्यक्त कर दिया करता था!! राधा इस हाल में भी अपने परिवार और बिजनेस को संभाले हुई थी!! और राधा ने अभी भी अपने दोनों बेटों की जिम्मेदारी ले रखी थी इसके बावजूद उसने अपनी इंडस्ट्री को टॉप फाइव में लाकर खड़ा कर रखा था!!

    आर्यमन और रिशान सिर्फ कहने को सौतेले भाई थे लेकिन दोनों में सगे भाइयों से भी ज्यादा प्यार था!! लेकिन रिशान के सौतेले भाई आर्यमन ने कभी भी बिजनेस में ना तो कभी अपना हक जताया और ना ही उसे बिजनेस करने में कोई दिलचस्पी थी!!

    उसका एक ही सपना था डॉक्टर बनने का और इसीलिए वह डॉक्टर की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका चला गया था!! और उसके इस सपने को पूरा करने में उसकी सौतेली मां राधा ने उसका बहुत साथ दिया!!

    सौतेली मां होने के बावजूद उसने आर्यमन को अपने बड़े बेटे का दर्जा दिया और 75% प्रॉपर्टी और शेयर उसी के नाम रखें!!  दोनों भाई सालों बाद वापस से अपने कजिन की शादी में मिले!!

    शादी में बहुत खुशी का माहौल था और दोनों भाई अपने बाकी कजिन के साथ मिलकर वहां जोर-जोर से डांस कर रहे थे! और तभी वहां विहान आता है जिसने हाथ में ट्रे पकड़ रखी थी और वह सबको कोल्ड ड्रिंक सर्व कर रहा था!!

    जब रिशान की नजर विहान पर पड़ती है तो वह उसे लगातार एक नजर से देखे जा रहा था!! 

    आर्यमन भाई, वह लड़का देखा देखा लगता है लेकिन मैं उसे पहचान नहीं पा रहा हूं क्या आप उसे पहचानते है? " रिशान ने कहा   रिशान की बात सुनकर आर्यमन ने हल्के से रिशान के सिर पर मारते हुए कहा

     

    "अरे पागल वो अपना विहान है!! राहुल वर्मा अंकल का बेटा, भूल गया तू?" 

    असल में राहुल वर्मा रिशान और आर्यमन के पापा दुष्यंत गोयनका के एक असिस्टेंट थे जो उनके यहां बहुत सालों से काम किया करते थे!!

     

    और विहान की मां बचपन में ही गुजर गई थी इसीलिए दुष्यंत की पत्नी मतलब राधा ने अपने ही बच्चे की तरह विहान की भी परवरिश की थी और उसे अपने बेटे की तरह ही मानती थी!!  

     

    रिशान विहान के साथ मस्ती करने की सोचता है और विहान के सामने जाकर उसका रास्ता रोक लेता है तो उसे परेशान करने लगता!! उसे दूर से यह सब करते हुए आर्यमन देख रहा था और उसे हंसी आ रही थी!! रिशान ट्रे की सारी कोल्ड ड्रिंक उठाकर पी जाता है और उसे दूसरी बार लाने के लिए कहता है!! विहान दूसरी बार भी ड्रिंक लाता है तो वह उसे बार-बार परेशान करता है!!

     

    और उसे बार-बार किसी न किसी तरीके से परेशान करता है लगभग 2 घंटे बीत गये और रिशान उसे अब तक परेशान किये ही जा रहा था!! 

    विहान रिशान की इन हरकतों पर गुस्सा आ जाता है लेकिन उसे यह नहीं पता होता कि यही रिशान है जो उसके साथ बचपन में खेला करता था और उसे हमेशा प्रोटेक्ट किया करता था!!

    और जब रिशान खुद ही उसे इस तरह परेशान करता है तो वह गुस्से से कहता है

    "आने दो रिशान को!! मै तुम्हारी शिकायत करूँगा उससे, जब वह तुम्हें आकर सबक सिखाएगा, तब जाकर तुम सुधरोगे!!" विहान के मुंह से अपना ही नाम सुनकर रिशान के मुंह पर मुस्कान आ जाती है और वह कहता है

    "तो तुम जाकर कहते क्यों नहीं हो अपने रिशान से!! उससे कहना मैंने उसे बुलाया है"  

    CHAPTER END

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  • 3. Love Loyalty And Lies - Chapter 3

    Words: 1919

    Estimated Reading Time: 12 min

    विहान रिशान की इन हरकतों पर गुस्सा आ जाता है लेकिन उसे यह नहीं पता होता कि यही रिशान है जो उसके साथ बचपन में खेला करता था और उसे हमेशा प्रोटेक्ट किया करता था!!







     और जब रिशान खुद ही उसे इस तरह परेशान करता है तो वह गुस्से से कहता है



    " आने दो रिशान को!! मै तुम्हारी शिकायत करूँगा उससे, जब वह तुम्हें आकर सबक सिखाएगा, तब जाकर तुम सुधरोगे!!"







    विहान के मुंह से अपना ही नाम सुनकर रिशान के मुंह पर मुस्कान आ जाती है और वह कहता है



    "तो तुम जाकर कहते क्यों नहीं हो अपने रिशान से!! उससे कहना मैंने उसे बुलाया है"



     विहान को इस वक्त रिशान पर बहुत गुस्सा आ चुका था और वह सीधा आर्यमन के पास जाता है जो उन्हें तब से इस तरह लड़ते झगड़ते देख रहा था और दूर खड़ा हुआ हंस रहा था!!



    जब विहान आर्यमन के पास जाता है तो उसे अपने हाथ आपस बांधते हुए गुस्से में कहता है

    " आर्यमन मुझे वह लड़का बिल्कुल पसंद नहीं है मुझे कब से परेशान किया जा रहा है!! और आपने तो कहा था कि रिशान थोड़ी ही देर में यहां आ जाएगा मैं कब से उसका इंतजार कर रहा हूं वह अब तक यहां आया ही नहीं है!! अगर वह यहां नहीं आया तो यह लड़का मुझे परेशान कर करके मार ही डालेगा" 



     विहान की बात सुनकर आर्यमन को हंसी आ जाती है वह कहता है

    " तो रिशान आ चुका है तुम उसे जाकर शिकायत कर क्यों नहीं देते हो"



     आर्यमन की बात सुनकर विहान बहुत खुश होता है और उछलते हुए कहता है

    "क्या सच में रिशान आ गया? बताओ ना मुझे वो कहां है? मैं अभी उसे इस लडके की शिकायत रिशान से लगाता हूं!! देखना रिशान इसके सारे दांत तोड़ डालेगा वह जैसे बचपन में उन सब के दांत तोड़ दिया करता था जो मुझे परेशान किया करते थे "



     आर्यमन विहान को उसी के पीछे इशारा करते हुए कहता है

    "वह खड़ा रिशान!! जाओ तुम करो इसकी शिकायत " 



     विहान खुशी से पीछे मुड़ते हुए देखता है जहां उसे रिशान ही दिखाई दे रहा था लेकिन फिर लेकिन वह उसे नहीं पहचान पा रहा था कि वही रिशान है!!



    और विहान को इस तरह कंफ्यूज देखकर रिशान और आर्यमन दोनों को बहुत हंसी आ रही थी!!



     और वह वापस से घूमते हुए आर्यमन से कहता है

    "पीछे तो वही लड़का खड़ा है जो मुझे तब से परेशान किया जा रहा है!! मैं आपसे रिशान के बारे में पूछ रहा हूं आप रिशान के बारे में मुझे क्यों नहीं बता रहे हैं?"



     आर्यमन हंसते हुए विहान को उसके कंधों से पकड़कर घूमाते हुए रिशान की तरफ इशारा करते हुए कहता है

    " यही रिशान है जो तुम्हें इतनी देर से परेशान किया जा रहा था " 



     आर्यमन की बात सुनकर विहान को एक जोर का झटका लगता है



     और वह वापस से आर्यमन की तरफ घूम कर कहता है

    "यह रिशान है? मैं मान ही नहीं सकता यह रिशान है!! रिशान तो मुझे हमेशा प्रोटेक्ट किया करता था मेरा हमेशा ख्याल रखता था!! और यह मुझे तब से परेशान किया जा रहा है ऐसा लगता है जैसे मुझे रुला कर ही छोड़ेगा "



     आर्यमन विहान के बालों में हाथ फिराता है और कहता है

    "यही रिशान है और तुम्हे तब से यही परेशान किया जा रहा था "



    आर्यमन और विहान की बातें सुनकर रिशान को भी तेजी से हंसी आ रही थी!!



    और पीछे से आते हुए रिशान ने आगे बढ़ते हुए विहान के गले में हाथ डाल लिया और कहा 

    "तो बुलाओ तुम्हारे रिशान को? डर तो नहीं गया ना वह मुझसे? कहां पर है कंप्लेंट करो उससे मेरी? दांत तुडवाने वाले थे ना तुम मेरे उससे?"



     रिशान की बात सुनकर विहान उसका हाथ अपने गले से दूर छटक देता है और कहता है

    " मैं मानने को ही तैयार नहीं हूं कि तुम रिशान हो!! तुम रिशान हो ही नहीं सकते हो "



    और इतना कहते हुए विहान उससे दूर चला जाता है और अपने आप से कहता रहता है

    "यह रिशान है? मैं मान ही नहीं सकता यह रिशान है!!  अगर यह रिशान होता तो मेरे साथ कभी इतनी शैतानियां नहीं करता!! ऐसे कोई भी अपने आप को रिशाना बतायेगा और मैं मान लूंगा कि वही रिशान है " 



     विहान अपने मन में ही बड़बड़ाता हुआ चल रहा था और तभी एक जगह बिखरे हुए पानी से उसका पांव फिसलने लगता है!! और जैसे ही वह गिरने लगता है रिशान उसे अपनी बाहों में थाम लेता है और विहान को गिरने से बचा लेता है!!



    विहान इस तरह रिशान की बाहों में उसके चेहरे की तरफ ही देख रहा था और वही रिशान भी विहान के इस मासूमियत और क्यूट से चेहरे में खो गया था!!



    और विहान को ज़ब यह पता चलता है कि उसे किस ने पकड़ कर रखा है!! तो वह रिशान से दूर हटने की कोशिश करता है क्योंकि उसे इस बात का यकीन ही नहीं था कि सामने खड़ा शख्स ही उसका रिशान है!!



     रिशाल उसे बार-बार ऐसी इस तरह से छटपटाने से मना कर रहा था क्योंकि इस वक्त वहां पर बहुत ज्यादा पानी गिरा हुआ था!! लेकिन विहान नहीं मानता और इसी बीच रिशान और विहान दोनों ही पानी में फिसल कर नीचे गिर जाते हैं!!



    जब राधा वहां आती है तो उन दोनों को देखकर उसे बहुत हंसी आती है और कहती है

    " रिशान? विहान क्या कर रहे हो तुम? घर में शादी की तैयारी हो रही है और तुम खेल रहे हो? ये कोई खेलने का वक्त है क्या? "



    जब राधा उस लड़के को रिशान कहकर बुलाती है जिसे तब से विहान कोई गुंडा समझ रहा था!! तब उसकी आंखें फटी की फटी रह जाती है और उसकी यह हैरानी देखकर रिशान को बहुत हंसी आती है!!



    रिशान अपनी जगह से उठता है और खड़े होते हुए वह विहान को भी अपना हाथ खड़े होने के लिए देता है!! विहान पहले तो उसकी तरफ हैरानी से देखता है और फिर उसकी तरफ अपना हाथ बढ़ा देता है!! और रिशान उसे भी खड़ा करता है थोड़ी देर बाद वह दोनों अपने कपड़े बदलकर वापस से शादी की रस्मों में शामिल हो जाते हैं!! 



    विहान बचपन से ही आर्यमन के ज्यादा करीब था लेकिन रिशान भी उसे बचपन में प्रोटेक्ट किया करता था!! और बड़े होने के बाद रिशान दोनों से अलग होकर इंग्लैंड में चला गया!!



    और आर्यमन को उसकी सौतेली मां जो उसे अपने सगे बेटे की तरह मानती थी उसे उसने विहान की जिम्मेदारी दी और उसे भी उसके साथ ही अमेरिका भेज दिया!! 



     वक्त बीतता गया और आर्यमन के साथ ही विहान अमेरिका मे ही बड़ा हुआ!! और जब सब सालों बाद एक शादी में इस तरह मिले तब तक सब बड़े हो चुके थे!!



    लेकिन वक्त के बीतने के साथ विहान का दिल आर्यमन के लिए धड़कने लगा!! लेकिन वही रिशान का दिल विहान के लिए धड़कने लगा!!



    और जब सालों बाद आज रिशान ने विहान को देखा तो उससेउसे दुबारा से प्यार हो गया था!!  विहान दिखने में बहुत ज्यादा क्यूट और चार्मिंग था!! विहान का बचपन हमेशा रिशान और आर्यमन के साथ ही बीता था!!



     एक और जहां आर्यमन शांत और समझदार था, वहीं रिशांत थोड़ा गुस्सैल था!! विहान को जब भी कोई स्कूल में परेशान करता था तो आर्यमन हमेशा विहान को शांत रहने के लिए कहता था!!



    और हमेशा यही कहता था कि अच्छे के साथ जो लोग बुरा करते हैं उनके साथ भी बाद में बुरा होता है!! लेकिन रिशान बहुत गुस्सैल था उसे विहान को चिढ़ाने और परेशान करने वाले लोग बिल्कुल पसंद नहीं थे!!



    और वह उन लोगों की पिटाई कर दिया करता था जो विहान को परेशान करते थे!! और इसी वजह से उनके पापा सबसे ज्यादा रिशान को ही डांटा करते थे!!



     और रिशान कई बार इतनी गलतियां कर देता था कि उसके पापा दुष्यंत उसे कमरे में बंद कर दिया करते थे!! और उसे खाना देने के लिए मना करते थे!!



    लेकिन आर्यमन और विहान कुछ ना कुछ जुगाड़ लगाकर उस तक खाना पहुंचा ही दिया करते थे!! आर्यमन अपने छोटे भाई से बहुत प्यार करता था सौतेले भाई होने के बावजूद उनके इस प्यार को देखकर कोई नहीं कह सकता था कि यह दोनों सौतेले भाई हैं!!



     इसीलिए जब सब सो जाया करते थे तो आर्यमन बास्केट में खाना डालकर रस्सी से टॉप फ्लोर पर जाकर उसे कमरे के बालकनी के सामने पहुंचा दिया करता था जहां पर रिशान को बंद किया जाता था!!



     और उसके इस काम में विहान उसकी मदद किया करता था!! आर्यमन और विहान को राधा गोयनका ने एक तौर पर अपनी ही औलाद मान लिया था!!



    लेकिन यह चीज राधा गोयनका के भाई बलवंत साहवी को बिल्कुल पसंद नहीं थी!! उसे आर्यमन से नफरत थी उसे हमेशा दौलत से ही प्यार हुआ करता था!! और वह यही चाहता था की सारी पावर, पोजीशन और पैसा सिर्फ रिशान के ही पास रहे!!



    आर्यमन से बेवजह नफरत किया करता था और विहान को तो वह अपनी आंखों के सामने बर्दाश्त ही नहीं किया करता था!! उसकी नजर में विहान एक फकीर था और वह जब भी उसे अकेला देखता था तो उसे थप्पड़ मार दिया करता था!!



     राधा ने उसे कई बार मना किया कि वह विहान के साथ ऐसा ना करें  क्योंकि राधा विहान को भी अपना बेटा ही मानती थी!! लेकिन बलवंत अपनी आदतो से मजबूर था!!



     उसे हमेशा ही विहान और आर्यमन से नफरत रहती थी!! वह उन्हें हमेशा भिखारी और नाजायज कहा करता था!!:उसने कई बार अतीत में चाले चली कि आर्यमन की मौत हो जाए और सब कुछ रिशान को मिले!! और विहान को तो वह रास्ते से हटा ही देगा!! उसके लिए तो विहान सिर्फ एक मुनीम का बेटा था जो ज्यादा मायने नहीं रखता था!!





     लेकिन बलवंत के ये पतरे हमेशा उसी पर भारी पड़े और कभी भी वह रिशान और आर्यमन के बीच दरार लाने में सफल नहीं हुआ!! और राधा के बार-बार वॉर्न करने के बाद भी वह नहीं सुधरा!!



     विहान की उम्र दोनों से छोटी थी!! साथ ही वह उन दोनों भाइयों की प्रायोरिटी भी रहा करता था!! और इसी तरह आर्यमन ने और रिशान ने दोनों ने मिलकर विहान को हमेशा ही प्रोटेक्ट किया था!!



     और वही दोनों उसके रक्षक थे लेकिन कौन ही जानता था कि रिशान एक वक्त बाद विहान का रक्षक नहीं भक्षक बन जाएगा!!



     जब आर्यमन 10th स्टैंडर्ड में हो गया था उस वक्त रिशान 9th स्टैंडर्ड में था और विहान 7th स्टैंडर्ड में! आर्यमन हमेशा डॉक्टर बनना चाहता था इसीलिए दुष्यंत गोयनका ने उसे अमेरिका भेज दिया और रिशान को लंदन भेज दिया!!



     विहान अकेला पड़ गया था उसका मन नहीं लगता था दोनों के बिना!! वह खोया खोया रहता था और परेशान रहता था!! साथ ही बाकी लड़कों ने उसे सताना करना शुरू कर दिया था क्योंकि अब उसे बचाने के लिए रिशान और आर्यमन दोनों ही नहीं थे!!



     और इसलिए ही विहान स्कूल भी नहीं जाता था और रोया करता था!! उस पर तरस खाकर रिशान की मां राधा गोयनका ने उसे आर्यमन के पास अमेरिका भेज दिया और आर्यमन ने ही उसे अपने पास रखकर पढ़ाया और उसकी जिम्मेदारियां उठाई!!



     वक्त के साथ-साथ विहान को आर्यमन से प्यार होने लगा!! लेकिन आर्यमन उसकी फीलिंग से अनजान था आर्यमन ने उसे हमेशा अपने छोटे भाई की तरह माना था!!  और उसी की तरह उसकी केयर किया करता था लेकिन विहान आर्यमन को दिलो जान से चाहने लगा था और एकतरफा प्यार करने लगा !! इस बात से अंजान कि रिशान उसे एकतरफा प्यार करता है!! 





    CHAPTER END...........





    ( कृपया Like, comment और review देना ना भूले ")



    Thank you from Auther for reading🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏.......

  • 4. Love Loyalty And Lies - Chapter 4

    Words: 2063

    Estimated Reading Time: 13 min

    विहान अकेला पड़ गया था उसका मन नहीं लगता था दोनों के बिना!! वह खोया खोया रहता था और परेशान रहता था!! साथ ही बाकी लड़कों ने उसे सताना करना शुरू कर दिया था क्योंकि अब उसे बचाने के लिए रिशान और आर्यमन दोनों ही नहीं थे!! 





       और इसलिए ही विहान स्कूल भी नहीं जाता था और रोया करता था!! उस पर तरस खाकर रिशान की मां राधा गोयनका ने उसे आर्यमन के पास अमेरिका भेज दिया और आर्यमन ने ही उसे अपने पास रखकर पढ़ाया और उसकी जिम्मेदारियां उठाई!!    





    वक्त के साथ-साथ विहान को आर्यमन से प्यार होने लगा!! लेकिन आर्यमन उसकी फीलिंग से अनजान था आर्यमन ने उसे हमेशा अपने छोटे भाई की तरह माना था!!  और उसी की तरह उसकी केयर किया करता था लेकिन विहान आर्यमन को दिलो जान से चाहने लगा था और एकतरफा प्यार करने लगा !!





    इस बात से अंजान कि रिशान उसे एकतरफा प्यार करता है!!  आज जब इतने सालों बाद रिशान ने विहान को देखा है तो वह उसकी इस खूबसूरत से चेहरे में और उसके उस क्यूटनेस का फिर से दीवाना हो गया था!!





    विहान और रिशान कपडे  बदलकर वापस शादी मे पहुंचे!! विहान कब उदास था और वो हाथ मे ट्रे लिये इधर उधर घूम रहा था!! तभी आर्यमन विहान का नाम लेता हुआ उसे अपने पास बुलाता है!!



    विहान अपने हाथ में पकड़ी हुई ट्रे लेकर आर्यमन के पास जाता है!! आर्यमन उसमें से एक ड्रिंक उठाता है और कहता है

    "यह सब सर्वेंट कर लेंगे!! तुम यह सब काम क्यों कर रहे हो? तुम भी शादी इंजॉय करो ना तुम क्या इस तरह काम करने लग गए हो    "



    "    अगर थोड़ा बहुत काम मैं कर लूंगा तो इससे क्या ही फर्क पड़ जाएगा? और वैसे भी इंजॉय तो मैं कर ही रहा हूं ना" विहान ने कहा



    विहान की बात सुनकर आर्यमन ने उसके सिर पर हल्के से मारा और कहा

    "यह सब काम तुम्हारा नहीं है ठीक है ना!! तुम्हें इस तरह सर्वेंट वाला काम करने की जरूरत नहीं है यहां बहुत सारे लोग हैं जो यह काम कर सकते हैं!! तुम चिल करो    "



         आर्यमन की बात सुनकर विहान अपना सिर नीचे कर लेता है और कोई जवाब नहीं देता है



    उसे जब इस तरह शांत आर्यमन देखता है तो उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहता है

    "क्या हुआ तुम्हें फिर से बलवंत मामा ने कुछ कहा है ना  ?"



     आर्यमन की बात सुनकर भी विहान कुछ नहीं कहता है और अपना सिर नीचे ही रखता है!! तभी रिशान अपना हाथ उसके ठोड़ी पर लगाता है और उसका चेहरा हल्का सा ऊपर उठाता है!!तो देखता है कि उसकी आंखों में आंसू भरे थे!!



    रिशान जब उसकी आंखों में आंसू देखता है तो उसे गुस्सा आ जाता है और वह तेजी से चलता हुआ अपने मामा बलवंत के पास जाता है   !!





    "    अरे वह मेरा लाडला भांजा आ गया!! कब से देख रहा हूं कि तुझे तेरे मामा की याद ही नहीं आ रही है!!  जब से आया है पता नहीं किन-किन के साथ घूमने जा रहा है तुझे इतनी भी खबर नहीं की ले दो पल अपने मामा के साथ बैठ!! इतने दिनों बाद आया है" बलवंत ने कहा    



    "    पहले आप मुझे यह बताइए कि आपने विहान से क्या कहा है?  आप हमेशा उसे परेशान क्यों करते रहते हैं वह भी हमारे परिवार का सदस्य है!! बचपन से हम एक दूसरे के साथ खेल कूद कर बड़े हुए हैं लेकिन आप हमेशा उसे जलील क्यों करते रहते हैं"  रिशान ने कहा      



    "   मैंने उससे क्या कहा है? मैं उससे क्या ही कहूंगा? वैसे भी वह यहां एक असिस्टेंट या फिर कहूं एक नौकर का ही तो बेटा है!! और तुम्हें पता नहीं क्या मजा आता है इस तरह गरीब और सड़क छाप लोगों को अपने घर में जगह देकर? और मैंने तो उसे यही तो कहा था कि तुम एक नौकर हो और नौकर वाले काम करो "बलवंत ने कहा    



            तभी बलवंत की यह बात राधा सुन लेती है और आते हुए अपने भाई को कहती है

    "बस करो बलवंत तुम क्यों छोटे से बच्चे के पीछे पड़े हो? आखिर उम्र ही क्या है उसकी 19 साल का वह बच्चा है!!  तुम हमेशा पता नहीं उसे हर बार जब भी आता है उसे क्यों रुला देते हो? क्यों उसे इतनी कड़वी बातें कहते हो? क्या तुम्हारा एक बार भी मन नहीं पसीजता कि वह एक अनाथ है उसकी मां नहीं है"



    "         मेरी प्यारी बहना मुझे समझ में नहीं आता तुम इतनी नेक दिल क्यों हो? अगर किसी की मा नहीं है तो क्या तुम सबकी मां बन जाओगी? क्या तुमने यहां पर अनाथ आश्रम खोल रखा है? अरे यह घर, यह सब कुछ हमारे रिशान का है!! पहले तो तुमने उसे आर्यमन को अपनी गोद में बैठा लिया? और मैं कह रहा हूं यह आर्यमन और विहान दोनों मिलकर एक दिन तेरे बेटे रिशान का सब कुछ हड़प लेंगे" बलवंत ने कहा   



         बलवंत यह सब कह ही रहा था तभी वहां आर्यमन और विहान आ गए और उन्होंने सब कुछ सुन लिया!!



                  आर्यमन और विहान जब बलवंत की बात को सुनते हैं तो उन्हें बहुत बुरा लगता है क्योंकि बचपन से वह उसे अपना मामा ही समझते थे!!  आज आर्यमन को सच में दिल से बहुत बुरा लगा था!!



    और वह आगे कदम न बढ़ता हुआ विहान का हाथ कसकर पकड़ता है और वहां से निकल जाता है!!  रिशान पहले तो गुस्से भरी आंखों से बलवंत को देखकर जाता है फिर अपने भाई को मनाने के लिए उसके पीछे-पीछे जाता है!!



    "  देख मेरी बहन कैसे उस  लड़के ने काला जादू कर रखा है मेरे लाडले भांजे पर? मुझे इस तरह गुस्से से देखकर गया जैसे मैं उसका दुश्मन हूं? " बलवंत ने कहा  



    बलवंत की बात सुनकर राधा उसके सामने आती है और खींचकर उसे तमाचा जड़ देता है तमाचा खाते ही बलवंत की आंखें हैरानी से चोडी हो जाती है!!और वह अपनी बहन को सवालिया निगाहों से देख रहा था



    "कितनी बार कहा था मैंने तुमसे बलवंत छोड़ दो यह सब  करना!! वह तीनों बच्चे मेरे हैं!! क्या माँ हमेशा वही होती है जो बच्चों को अपनी कोख से पैदा करती है?मैंने आर्यमन को हमेशा अपना बच्चा माना है और उसने मुझे बहुत कम उम्र में ही अपनी मां समझ लिया था!! तुम्हारे अंदर दिल नाम की चीज भी है कि नहीं है? और विहान वह तो बहुत कम उम्र का था जब उसने अपनी मां को खो दिया!!  " राधा ने कहा





    "तो क्या तुम हर किसी को अपने घर में ला कर बैठा लोगी? और उनकी मां बन जाओगी? तुम्हें समझना चाहिए राधा यही आर्यमन और विहान एक दिन तुम्हारे रिशान को उसकी इस जायदाद से बाहर निकाल फेकेंगे और खुद के राजा बन जाएंगे!!  मैं कह रहा हूं रोती हुई आओगी उस दिन तुम मेरे पास "बलवंत ने कहा



    " अगर तुम्हारा हो गया हो तो चले जाओ भाई यहां से!! मैं नहीं चाहती कि तुम मेरे घर में फूट डालो!! बहुत मेहनत से बचा कर रखा है मैंने अपने घर की खुशियों को!! हजार लोग आते हैं यहां जो मुझे हर बार यही निगाहों से देखते हैं कि मैं आर्यमन की सौतेली मां हूं!! लेकिन सिर्फ आर्यमन और विहान की ही निगाहें हैं जो मुझे अपनी मां की तरह देखती है और मैं उन निगाहों को धोखा नहीं दे सकती!! इसलिए तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूं चले जाओ यहां से"  इतना कह कर राधा गुस्से में वहां से निकल जाती है





    और तभी बलवंत अपने उस गाल को मसलते हुए कहता है

    "यह तूने आज ठीक नहीं किया मेरी बहना!! जिस लड़के पर तुझे इतना गर्व है ना कि वह तुझे अपनी मां मानता है देखना जिस दिन उसका हसल चेहरा तेरे सामने आएगा, तू गिड़गिड़ाती हुई मेरे पास आएगी"



    दूसरी तरफ रिशान अभी भी आर्यमन और विहान के पीछे-पीछे जा रहा था!! और उसे पीछे से भाई-भाई कहकर रुकने के लिए कह रहा था!!



    रिशान ने जल्दी करते हुए उसके सामने खड़ा हो गया उन दोनों को रोकते हुए कहा

    "यह क्या कर रहे हो भाई?इस तरह कहां जा रहे हो और विहान को कहां लेकर जा रहे हो ? "



    रिशान ने देखा कि विहान की और आर्यमन की आंखों में आंसू थे!! रिशान ने आगे बढ़ते हुए उनके के आंसू पोछे और कहा

    "मुझे माफ कर दो भाई!! मैं नहीं जानता की मामा तुमसे इतनी नफरत क्यों करते हैं? लेकिन मेरी बात का यकीन करो उनका गुस्सा थोड़े दिनों का ही है!! वह तुम्हें बाद में अपना लेंगे"



    "  नहीं रिशान बलवंत मामा सही कह रहे थे, मेरी जगह कभी इस घर में थी ही नहीं!! जिस दिन मेरी मां की डेथ हुई थी उसी दिन मेरे शायद इस घर से सारे रिश्ते खत्म हो गए थे!!  मैं भूल गया था कि आखिर मैं अनाथ हूं" आर्यमन ने कहा



    "   मैं जानता हूं भैया आप इस वक्त बहुत ज्यादा गुस्से में है और कहीं ना आपको मामा कि बात बहुत ज्यादा बुरी लगी है!! लेकिन मैं आपको फिर भी यकीन दिलाता हूं कि बलवंत मामा आकर आपसे माफी जरूर मांगेंगे" रिशान ने कहा



    "  मैं नहीं चाहता रिशान कि कोई बड़ा मेरे आगे झुके और मुझसे माफी मांगे!! मैं सिर्फ अब यहां से वापस अमेरिका जाना चाहता हूं और मैं विहान को भी वापस अपने साथ लेकर जाना चाहता हूं!! अगर मै यहां नहीं रहा और तुम भी वापस लंदन चले गये तो विहान को हर दिन यहां अपमान का सामना करना पड़ेगा जो मैं नहीं चाहता" आर्यमन ने कहा  





    " यह आप कैसी बातें कर रहे हो भाई? आपको लगता है कि मैं विहान का अपमान करने दूंगा? बचपन से लेकर बड़ा हुआ तब तक मैंनें इसे प्रोटेक्ट करने के बारे में सोचा है!! विहान के लिये मै दुसरो से लड़ कर आता था!! मैं और उसके बाद आकर डैड से पिटता था!! आपको क्या लगता है कि मैं किसी को भी आसानी से विहान को हर्ट करने दूंगा? " रिशान ने कहा   



    तभी पीछे से राधा कि आवाज़ आई 

    "जाने दो उसे रिशान!!  अब अपनों पर शक होने लगा है पीछे से"



      राधा चल के उनके करीब आई और कहा

    "जब उसने फैसला कर ही लिया है कि हम इसके अपने नहीं है और यह अनाथ है तो जाने दो ना इसे!! इसने तो अब मुझे भी मरा हुआ समझ लिया है इसीलिए तो छोड़ कर जा रहा है!! और अपने आप को अनाथ कह रहा है  ना है ना ये, राधा कि तो मौत हो चुकी है!



    "मां ये आप क्या कह रही है मैंने ऐसा तो नहीं कहा ना?" आर्यमन ने कहा  



    " तो तुम्हारी इस बात का कहने का मतलब क्या था कि तुम अनाथ हो? जब तुमने मुझे मां कह दिया था, और तब से मैं तुम्हारी परवरिश एक मां की तरह कर रही हूं,  तुम्हें अपना बेटा मानती हूं, उसके बाद क्यों तुम अपने आप को और विहान को अनाथ कहते हो तो इसका मतलब तुमने मुझे मरा हुआ ही समझ लिया है ना "राधा ने रोते हुए कहा



    "  आप रो क्यों रही हैं माँ? मैंने आपको तो कोई दोष नहीं दिया था मैंने सिर्फ यही कहा था कि शायद अब हमारा वक्त इस घर में खत्म हो गया है!! और हमें जाना चाहिए "आर्यमन ने कहा 



    "  तुम्हारा वक्त कभी इस घर में खत्म नहीं हो सकता है आर्यमन!! तुम इस घर के चिराग हो,, रिशान ही नहीं तुम भी मेरे बेटे हो और यह विहान, यह छोटू तो मेरे कलेजे का टुकड़ा है!! इसे तो मैं अपने घर का सबसे छोटा बेटा मानती हूं!! और सबसे ज्यादा लाड प्यार भी मैं इसी से करती हूं फिर चाहे तुम दोनों भाई नाराज क्यों ना हो जाओ" राधा ने कहा



    राधा की बात सुनकर आर्यमन विहार रिशान तीनों के होठों पर मुस्कान आ जाती है!! और राधा आर्यमन और विहान को अपने गले से लगा लेती है वही पीछे से आता हुआ रिशान भी सबको अपनी बाहों में भर लेता है!!



    "  यह लग रही है ना बिल्कुल हैप्पी वाली फैमिली" रिशान ने कहा



       जब चारों खुशी से इस तरह गले लगे हुए थे तभी उन्हें पीछे से बलवंत देख रहा था जो ऊपर बालकनी में खड़ा था!!



    बलवंत नें आर्यमन और विहान की तरफ देखते हुए कहा

    "मना लो तुम्हारे यह आखिरी के दिन खुशी!! विहान तेरी वजह से मुझे थप्पड़ पड़ा हैइसका बदला तो तुझे चुकाना ही होगा!! तुम्हारी जिंदगी में मैं कितना बड़ा तूफान लाने वाला हूं तुम यह बात जानते भी नहीं हो "            

    CHAPTER END........



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  • 5. Love Loyalty And Lies - Chapter 5

    Words: 1516

    Estimated Reading Time: 10 min

    शादी खत्म हुई और शादी के साथ सारी रसमें भी खत्म हुई!! आर्यमन ने वापस से अमेरिका जाने का फैसला कर लिया था क्योंकि वहां बहुत सा काम उसका पेंडिंग था!!



     आर्यमन अमेरिका में प्रेसिडेंट का एक फैमिली डॉक्टर में से एक था और जिस कारण उसको ज्यादा वक्त के लिए होलीडेज नहीं दिए जाते थे! इसीलिए उसे अर्जेंट वापस जाना था!!



      विहान भी आर्यमन के साथ वापस जाना चाहता था लेकिन उसे निशान ने नहीं जाने दिया था!! रिशान अपने दिल की बात विहान से कहना चाहता था!! और रिशान लन्दन से वापस हमेशा के लिए आ चूका था!!



    अब कि वह शान को कब से पसंद करता है और जब उसने आप उसे देखा बड़े होने के बाद तो वह अपने जज्बातों को और काबू में नहीं रख सकता इसके लिए यहां बहुत ज्यादा जरूरी है 



     जाने के लिए आर्यमन ने अपनी मां राधा का आशीर्वाद लिया और अपने पापा दुष्यंत गोयनका के पास गया जो व्हीलचेयर पर बैठे थे!! दुष्यंत कुछ कह नहीं सकते थे बस अपने एक्सप्रेशन से वह लोगों को अपने मन के भाव बता दिया करते थे!! और राधा उन्हें समझ जाया करती थी!! 



     राधा ने अपने बिजनेस की बाग डोर को संभाला हुआ था!! बलवंत नें बिजनेस को हथियाने की कई बार कोशिश भी की थी लेकिन राधा अपने भाई के इरादे अच्छे से जानती थी!!



    इसलिए राधा नें बलवंत को आज हाथ गोयनका इंडेस्ट्री को हाथ तक नहीं लगाने दिया था!! लेकिन अब उम्र के साथ-साथ वह भी थोड़ा आराम करना चाहती थी और ज्यादा से ज्यादा वक्त दुष्यंत को देना चाहती थी!!



    इसीलिए उसने रिशान को अब सारा बिजनेस हैंड ओवर कर दिया था!! और रिशान नें अब विहान की जिम्मेदारी भी ले ली थी!! आर्यमन उसे छोड़कर अमेरिका जा चुका था!! और जाने से पहले आर्यमन नें उसे अपना ख्याल अच्छे से रखने के लिए कहा था!! साथ ही घर में सभी का ख्याल रखने के लिए उसे कहा था!!



     रिशान के कहने पर आर्यमन ने विहान को नोएडा के कॉलेज में ट्रांसफर करवा दिया था ताकि विहान रिशान के साथ सुरक्षित रहे!! क्योंकि अब आर्यमन को भी विहान की चिंता करने की जरूरत नहीं रह गई थी क्योंकि रिशान उसके साथ रहने वाला था!! 



     रिशान ही विहान को रोजाना उसके कॉलेज छोड़कर आता और उसे लेकर आता!! विहान को एग्जाम के लिए पढ़ाता था और बीमार पड़ने पर उसकी देखभाल करता!!



    क्योंकि विहान के पापा राहुल सारे दिन गोयनका इंडेस्ट्री को सँभालते रहते थे!! मुश्किल से ही वो विहान पर ध्यान दे पाते थे, लेकिन वो विहान की तरफ से निश्चिन्त थे क्योंकि उन्हें पता था कि राधा और रिशान उसका अच्छे से ख्याल रखते हैं!!



    लेकिन जैसे कि बलवंत ने ठाना था वह सब कुछ बिगाड़ कर ही छोड़ देगा और उसने एकदम ऐसा ही किया!! कुछ महीनों बाद गोयनका इंडस्ट्री को एक बहुत बड़ा झटका लगा!!



     और जिसकी वजह से रिशान को भी बहुत निराशा हुई!! उसे नहीं लगा था कि जो टेंडर पाने के लिए उसने इतनी मेहनत की थी वह उसके हाथ से निकल जाएगा!!



     निशान गुस्से में अपने घर आता है और अपना सूट उतार कर वहीं हाल में लगे सोफे पर फेंक देता है!! और गुस्से में एक के बाद एक करके पानी के गिलास पिए जा रहा था!!



    जब राधा उसे इस तरह करते देखती है तो उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहती है

    "इतने परेशान क्यों हो रहे हो तुम रिशान? आखिर एक बिजनेस डील ही तो थी!! कोई बात नहीं हाथ से निकल गई तो!! तुम तो ऐसे बिहेव कर रहे हो जैसे तुम्हारी जिंदगी की आखिरी डील थी "



    "आप नहीं समझती है ना माँ वह डील मेरे लिए बहुत जरूरी थी!! वह टेंडर हमारी कंपनी की बैकबोन साबित हो सकता था " रिशान ने कहा



    "तो क्या हो गया बैकबोन साबित हो सकता था? कुछ चीज अक्सर जो बैकबोन हमें दिखाई देती है वही हमारी जिंदगी का सबसे बड़ा नुकसानदायक प्रोजेक्ट भी हो सकती है!!  इसीलिए तुम्हें हमेशा पॉजिटिव सोचना चाहिए जो होता है अच्छे के लिए होता है!! इसीलिए इतना स्ट्रेस मत लो" राधा ने कहा



    लेकिन अभी भी कहीं ना कहीं रिशान इस सब चीजों को लेकर परेशान था और एक के बाद एक करके न जाने कितने ही प्रोजेक्ट गोइंका इंडस्ट्री के हाथ से निकल गये!!



    उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर अचानक से क्या हो गया!! रिशान ने जब इंडस्ट्री को संभाला था तो उस 1 महीने में ही बहुत अच्छी कंपनी को अच्छी ग्रोथ मिली थी!! और उसके शेयर्स के दाम भी बढ़े थे!! और कंपनी देश की नंबर वन कंपनी बन गई थी!!



    लेकिन एक महीने बाद अचानक ऐसा क्या हो गया था जो अचानक से गोयंका इंडस्ट्री ओंधे मुंह गिर रही थी!! और टॉप 10 के लिस्ट से भी वह बाहर हो गई थी!!



     तभी रिशान ने एक दिन विहान के पापा राहुल को अपने पास बुलाया और कहा

    "अंकल आखिर हमसे गलती कहां हो रही है जो हमारी इंडस्ट्री बार-बार नुकसान में जा रही है? आप और हम मिलकर इतना अच्छा काम कर रहे थे कि किसी भी कीमत पर कंपनी के शेयर नहीं गिरने चाहिए थे!! लेकिन अब ऐसा लग रहा है जैसे मानो हमारा सबको सोचा हुआ धरा का धरा रह गया हो "



    " यह बात तो मैं भी नहीं जानता हूं रिशान बाबू कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? लेकिन फिर भी मैं कह सकता हूं कि ना हो सामने वाले इंसान को हमारे प्लान पहले से ही पता चल रहे हैं!! कोई तो हमारे आसपास ऐसा है जो हमें धोखा दे रहा है" राहुल ने कहा



    " आखिर ऐसा कौन हो सकता है अंकल जो हमारा इतना बड़ा दुश्मन हो सकता है? मुझे तो यकीन भी नहीं आता की कोई हमारा इतना बड़ा दुश्मन खड़ा हो गया!! माँ और पापा नें अपने बिजनेस राइवल से भी अच्छे संबंध रखे थे और साथ ही उनके साथ फैमिली कनेक्शन भी रखते हैं!! मुझे नहीं लगता कि हमारे साथ इतना बड़ा धोखा कोई कर सकता है" रिशान ने कहा



    " जरूरी नहीं है रिशान बाबू कि हमेशा धोखा बाहर वाले ही करें, असल में धोखा अक्सर अंदर वाले करते हैं!! लेकिन आप परेशान मत हो मैं उस इंसान को ढूंढ निकलूंगा जो हमारे साथ दगा कर रहा है और हमारी कंपनी की यह हालत कर दी है "राहुल ने कहा



    तभी उस कमरे का दरवाजा खोलते हुए बलवंत अंदर आता है और कहता है

    "किसी और को ढूंढने के लिए बाहर जाने की जरूरत ही नहीं है रिशान बेटा!! जब आस्तीन का सांप घर में ही बैठा हूं "



    " मामा आप यहां पर इस वक्त?और आप यह कैसी बातें कर रहे हैं? मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि आप किसके बारे में क्या कह रहे हैं? " रिशान ने कहा 



    " मेरे प्यारे भांजे तुम सच में बहुत भोले हो और तुम्हारे इसी भोलेपन का फायदा तुम्हारे आसपास के लोग उठा रहे हैं " बलवंत ने राहुल की तरफ देखते हुए कहा



    " बलवंत भाई साहब आप मेरी तरफ देखकर यह बात क्यों कह रहे हैं? मैंनें तो आपका कुछ नहीं बिगाड़ा है और अगर आपका शक मेरे पर है तुम्हें आपको यकीन दिला सकता हूं कि सालों से मैं गोयनका परिवार के साथ हूं!! और मैंनें हमेशा दुष्यंत भाई साहब का भी पूरा साथ निभाया है इस इंडस्ट्री को खड़ा करने में" राहुल ने कहा



     राहुल की बात सुनकर बलवंत उसकी तरफ एक जहरीली मुस्कान देता है और अपने हाथ में पकड़ी हुई फोटोस को रिशान के हाथों में थमा  देता है!!



    रिशान जब उन फोटोस को खोलता तो उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई थी!! जहां पर राहुल को उन लोगों के साथ फोटोस में दिखाया गया था जिन्होंने बारी बारी गोयनका को बिजनेस डील मे हराया था!!



    " अंकल यह फोटोस? "कहते हुए रिशान ने उन फोटोस को राहुल की तरफ बढ़ा दिया 



     राहुल ने भी ज़ब अपनी फोटोस को देखा तो वह बुरी तरह से हैरान हो गया था!!



    और उसने रिशान की तरफ देखते हुए कहा

    "यह फोटोस वैसी नहीं है बेटा जैसी तुम समझ रहे हो!! वह सिर्फ दुष्यंत भाई साहब के बारे में पूछ रहे थे और मैं इस लिए उनसे बात की थी!! तुम तो जानते ही हो कि दुष्यंत भाई साहब की सभी इज्जत करते हैं!! उन्होंने हर किसी के बिजनेस में इन्वेस्ट किया है ताकि किसी का बुरा ना हो!! और इसीलिए सब उनकी परवाह करते हैं!! और सब मुझसे उनके बारे में पूछ रहे थे तभी किसी ने फोटो ले ली!! यकीन मानो मेरा उनसे बिजनेस के मामले में कोई लेना देना नहीं है "





    " और कितना झूठ बोलोगे तुम दो टके के नौकर!! तुम्हें क्या लगा कि तुम्हे हम घर में बैठा लेते हैं अपने घर में घुसने देते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि तुम इस घर की दीवारों तक पहुंच जाओगे!! मैंनें तुम्हें पहले ही कहा था बेटा ये एक आस्तीन का सांप है और यह देखो नीचे फोटोस पर तारीख और सामने खड़े इंसान को देखो!! जिस तारीख को यह राहुल जिसके साथ खड़ा है उसी तारीख को तुम उस इंसान से बिजनेस डील में हारे थे" बलवंत ने कहा 



    CHAPTER END..........





























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  • 6. Love Loyalty And Lies - Chapter 6

    Words: 1532

    Estimated Reading Time: 10 min

    राहुल ने भी ज़ब अपनी फोटोस को देखा तो वह बुरी तरह से हैरान हो गया था!!







    और उसने रिशान की तरफ देखते हुए कहा



    "यह फोटोस वैसी नहीं है बेटा जैसी तुम समझ रहे हो!! वह सिर्फ दुष्यंत भाई साहब के बारे में पूछ रहे थे और मैं इस लिए उनसे बात की थी!! तुम तो जानते ही हो कि दुष्यंत भाई साहब की सभी इज्जत करते हैं!! उन्होंने हर किसी के बिजनेस में इन्वेस्ट किया है ताकि किसी का बुरा ना हो!! और इसीलिए सब उनकी परवाह करते हैं!! और सब मुझसे उनके बारे में पूछ रहे थे तभी किसी ने फोटो ले ली!! यकीन मानो मेरा उनसे बिजनेस के मामले में कोई लेना देना नहीं है "











    " और कितना झूठ बोलोगे तुम दो टके के नौकर!! तुम्हें क्या लगा कि तुम्हे हम घर में बैठा लेते हैं अपने घर में घुसने देते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि तुम इस घर की दीवारों तक पहुंच जाओगे!! मैंनें तुम्हें पहले ही कहा था बेटा ये एक आस्तीन का सांप है और यह देखो नीचे फोटोस पर तारीख और सामने खड़े इंसान को देखो!! जिस तारीख को यह राहुल जिसके साथ खड़ा है उसी तारीख को तुम उस इंसान से बिजनेस डील में हारे थे" बलवंत ने कहा





    " नहीं बेटा मेरी बात का यकीन करो मैंनें तुम्हें धोखा नहीं दिया है!! मैं किसी को कोई धोखा नहीं दिया, मुझ पर झूठा इंसान लगाया जा रहा है" राहुल ने कहा



    " लेकिन अंकल इन फोटो से और इन तारीख से तो यही साबित होता है कि आपने कहीं ना कहीं उन लोगों को मेरी डील के बारे में और हमारे बिजनेस सीक्रेट्स के बारे में बताया था!! अगर आपने यह सब किसी मजबूरी के चलते या किसी की दबाव में किया है तो मुझे प्लीज बता दीजिए!! मैं नहीं चाहता कि मेरे किसी आसपास रहने वाले का नुकसान हो" रिशान ने कहा 



    " बेटा तुम मुझ पर शक कर रहे हो? छोटे से थे जब तुम्हें मैंने अपनी गोदी में खिलाया था और तुम्हें लगता है मैं तुम्हारे साथ धोखा करूंगा? मुझे गलत फसाया जा रहा है बेटा प्लीज मेरी बातों का यकीन करो!! मैंने कभी तुम्हें धोखा देने की कोशिश नहीं की" राहुल ने कहा 





    तभी बलवंत कहता है 

    " अरे सब झूठ है!! इसके लिए मैंनें तुमसे पहले ही कहा था कि ऐसे नीच लोगों को घर में नहीं घुसाना चाहिए!!लेकिन एक तुम ही थे और मेरी बहन थी जिन्हें न जाने इसको क्या मजा आ रहा इन जैसे सड़क छाप लोगों को घर में घुसाने मे? "बलवंत ने कहा



    तभी वहां राधा आ जाती है और जब राधा ऐसा माहौल देखती हैं तो उसे कुछ समझ नहीं आता



     वह जाकर उन तीनों के पास खड़ी हो जाती है और पूछती है

    " क्या बात है रिशान बलवंत राहुल? इस वक्त इतना शोर क्यों हो रहा है? सब कुछ ठीक तो है ना? "






    " क्या हुआ रिशान बेटा क्या है उसे पेन ड्राइव में? " राधा ने पूछा



    रिशान नें अपना लैपटॉप घुमाया और उसे राधा के सामने कर दिया!! राधा नें ज़ब वो सब देखा तो उसे भी करारा झटका लगा!!और उसने भी राहुल की तरफ हैरान होकर देखा!!



    "तुम जानना नहीं चाहोगे प्यारे भांजे कि मुझे यह पेन ड्राइव कहां से मिली?" बलवंत ने कहा



    बलवंत की बात सुनकर रिशान ने बलवंत के चेहरे की तरफ देखा और तभी बलवंत ने कहा

    "इस नमक हराम के बैग मे!! जो हमेशा यह अपने सीने से चिपकाए घूमता है "



    कहते हुए बलवंत ने जोर की झटके से राहुल के हाथ से उसका बैग लिया और उसकी पॉकेट को खोलते हुए उसमें से वह सारे कार्ड निकले जो दूसरे बिजनेस राइवल के थे!!



    और बलवंत नें उन्हें रिशान के सामने फेंक दिया 



    "देखो यह कर रहा है तुम्हारे पीछे से? जब इसे कोई मतलब ही नहीं है दुष्यंत जीजा जी के सिवा किसी और से तो क्यों यह उनके बिजनेस कार्ड अपने साथ लिए घूमता है? और यही नहीं यह देखो लिमिटलेस क्रेडिट? कार्ड क्या जरूरत थी इसको लिमिटलेस क्रेडिट कार्ड की?जो इसको किसी ने तोहफे में दिया, बर्थडे पर दिया नही होगा " 







     जब रिशान उस क्रेडिट कार्ड को उठाया तो उसकी आंखों से आंसू गिर गये!! उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसके परिवार के एक सदस्य जैसे राहुल अंकल उनके साथ इतना बड़ा धोखा कर सकते थे!!



    उसने उन्ही आंसू भरी आंखों से राहुल की तरफ देखा और कहा

    "मुझे नहीं यकीन होता अंकल कि आप मेरे साथ इतना बड़ा धोखा कर सकते थे? अगर आपको कुछ चाहिए था तो आप मुझसे कह सकते थे अगर आपको पैसों की जरुरत थी तो आप मुझसे कह सकते थे? आपको इतना बड़ा धोखा देने की क्या जरूरत पड़ गई थी?"





    रिशान की बात सुनकर राधा और राहुल की आंखों में आंसू आ जाते हैं और राहुल कहता है

    "मेरी बात का यकीन करो बेटा मैंनें तुम्हें कोई धोखा नहीं दिया है!! मैंने सिर्फ तुम्हारा भला चाहा है बेटा "



    राधा का मन भी यह मानने को ही तैयार नहीं था कि राहुल धोखेबाज हो सकता है!!



    राधा ने राहुल के कंधे पर हाथ रखा और कहा

    "राहुल भाई मुझे बताओ आपको किसने मज़बूर किया ये करने के लिए?  आप अपनी सफाई में कुछ कहना चाहते हो तो कहो "



    " नही राधा भाभी!! मैं आपके परिवार को कैसे धोखा दे सकता हूं? आखिर मैंनें आपका नमक खाया है मैंने कसम खाई है कि मै ज़िन्दगी भर आपके साथ वफादारी करूंगा!! और उसके बाद भी क्यों आप सब मुझ पर शक कर रहे हैं? मुझे एक मौका दीजिए खुद को बेगुनाह साबित करने का"  राहुल ने रोते हुए कहा 



    राहुल की बात सुनकर रिशान नें कहा 

    "  तो झूठ बोलना बंद कर दो अंकल!! यह पेन ड्राइव में सब साफ दिखा रहा है कि आपने मेरी और खुद के बीच में हुई बातों को एक लिस्ट में तैयार की!! मेरे सारे फ्यूचर प्लांस को मेरी सारी डिटेल्स को मेरे सारे सीक्रेट्स एक फ्रेम में तैयार किया!! उसे सेल करने जा रहे थे क्या आप अभी भी यही कहेंगे कि आप कुछ नहीं जानते हैं? और यह लिमिट लास्ट क्रेडिट कार्ड यह आपके पास क्या कर रहा है? "



















    " मैं जानता हूं बेटा तुम्हें मुझ पर अभी यकीन नहीं है लेकिन मैं तुम्हें यकीन दिलाने के लिए कुछ भी कर सकता हूं!! मैं नहीं जानता यह सारे बिजनेस कार्ड और यह सारे यह क्रेडिट कार्ड मेरे पास कहां से आया!! मैंने कोई क्रेडिट कार्ड किसी से नहीं लिया मेरी बात का यकीन करो बेटा" राहुल ने कहा 



    "खबरदार जो मुझे बेटा बुलाए तो!! आज के बाद मेरा आपसे कोई रिश्ता नहीं है!! पहले मुझे लगता था कि बलवंत मामा आपके बारे में गलत कहते हैं असल में वह शुरुआत से ही सही कहते थे!! अगर मैंनें उनकी बात पहले मान ली होती तो मुझे इतना नुकसान उठाना ही नहीं पड़ता!! असल में मुझे धोखा देने वाले आस्तीन के साथ तो आप थे राहुल अंकल"  रिशान ने गुस्से से कहा



    रिशान की बात सुनकर राहुल का दिल अंदर तक टूट गया था!! जहां राधा ने भी विहान को अपने बेटे की तरह माना था वही राहुल ने भी रिशान और आर्यमन को अपने बड़े बेटे की तरह माना था!!



    लेकिन आज उसकी बातें सुनकर उसे ऐसा लग रहा था जैसे कि उसका बेटा उसका अपमान कर रहा हो!!





    " आपके ये आंसू अब मेरा दिल नहीं पिंगला पाएंगे अंकल!! मैंनें हमेशा आपकी इज्जत की है और इसीलिए मैं आज आपसे कहता हूं आप मेरी नजरों के सामने से चले जाइये हमेशा हमेशा के लिए!! जितनी दूर हो चले जाइए अगर मैंने कभी गलती से भी आपका यह चेहरा देखा तो मैं भूल जाऊंगा कि मैं आपकी गोद में खेल कर रखना बचपन बिताया था " रिशान ने कहा





    रिशान की बात सुनकर राहुल को बहुत बुरा लग रहा था!! और वह अपनी गर्दन को नीचे किया हुआ हाथ जोड़े खड़ा था और कह रहा था मैंने कुछ नहीं किया बेटा मुझे फसाया जा रहा है!! मेरी बात का यकीन करो!! 



     राहुल की फरियादे सुनकर राधा ने कहा 

    " राहुल भाई अभी आप यहां से जाओ!! हम परिवार वालो को आपस मे थोड़ी देर अकेले में बात करनी है!! "



     राधा की बात सुनकर अब राहुल का दिल और जोर से टूट गया था क्योंकि राधा ने हमेशा राहुल को भी अपना परिवार माना था!! और अब वह उसे दूसरे शब्दों मे पारिवारिक बातचीत से दूर रहने के लिए कह रही थी!!

     

























     राहुल रोते हुए अपने घर पहुंचता है और जब अपने पापा इस तरह रोते हुए विहान देखा है तो वह अपने रोते हुए पापा के पास आता है और कहता है " पापा क्या हुआ आज आप इतना रो क्यों रहे है? मुझे बताओ क्या हुआ है? "



    "सब कुछ बर्बाद हो गया बेटा!! मेरा घर परिवार जो मैंने भरोसे की बुनियाद पर बनाया था, अपनों को फिर से पाया था!! वह सब मुझसे अलग हो गए" कहते हुए राहुल रोने लगा



    राहुल नें रोते हुए ही विहान को सारी बाते बताई!! विहान को जब यह सब बातें पता चली तो उसे बलवंत पर बहुत गुस्सा आया!!





     उसे अब पता चल गया था कि यह करने वाला कोई और नहीं बल्कि बलवंत हीं है!! वह अपने पापा को रोते हुए संभालने लगा लेकिन तभी विहान के पापा राहुल को हार्ट अटैक आ गया!!



    CHAPTER END........



     

  • 7. Love Loyalty And Lies - Chapter 7

    Words: 1704

    Estimated Reading Time: 11 min

    राहुल रोते हुए अपने घर पहुंचता है और जब अपने पापा इस तरह रोते हुए विहान देखा है



     तो वह अपने रोते हुए पापा के पास आता है और कहता है " पापा क्या हुआ आज आप इतना रो क्यों रहे है? मुझे बताओ क्या हुआ है? "







    "सब कुछ बर्बाद हो गया बेटा!! मेरा घर परिवार जो मैंने भरोसे की बुनियाद पर बनाया था, अपनों को फिर से पाया था!! वह सब मुझसे अलग हो गए" कहते हुए राहुल रोने लगा







    राहुल नें रोते हुए ही विहान को सारी बाते बताई!! विहान को जब यह सब बातें पता चली तो उसे बलवंत पर बहुत गुस्सा आया!!











     उसे अब पता चल गया था कि यह करने वाला कोई और नहीं बल्कि बलवंत हीं है!! वह अपने पापा को रोते हुए संभालने लगा लेकिन तभी विहान के पापा राहुल को हार्ट अटैक आ गया!!



    राहुल को हार्ट अटैक आते ही विहान नें अपने पापा को संभालने की बहुत कोशिश की और वह उन्हें संभालने की कोशिश करते हुए ही जोर-जोर से रोने लगा!! और अपने आसपास के लोगों को बुलाने लगा!!



    उनके आसपास कॉलोनी के लोग आए और उन्होंने जल्दी से एंबुलेंस बुलाई और राहुल को अस्पताल में एडमिट करवाया!! लेकिन अब विहान के गुस्से की हर हद पार हो गई थी



    जब डॉक्टर ने कहा " कि उन्हें बहुत गहरा सदमा लगा है इसकी वजह से नहीं कहा जा सकता कि वह कब तक होश में आएंगे  " 



     विहान नें गुस्से मे अपने पापा की कार स्टार्ट किया और सीधा गोयनका मेंशन के सामने लाकर उस खड़ा कर दिया और गुस्से से अंदर जाने लगा!! और रिशान को ढूंढने लगा!!



     उसे यकीन था कि कोई और उसकी बात सुने ना सुने, लेकिन रिशान और राधा तो उसकी बात जरूर सुनेंगे!! वह पूरे बंगले में घूमता हुआ रिशान और राधा को आवाज देने लगा!!



    लेकिन उसकी आवाज का जवाब देने वाला कोई नहीं था!! बांग्ला पूरा खाली नज़र आ रहा था!! 



    लेकिन तभी उसे पीछे से बलवंत की आवाज आई 

    "तो तुम जैसे दो कोड़ी के नौकर वापस से घर में घुस ही गए!! अब क्या चुराने आए हो?"



    उस आवाज को सुनकर विहान को गुस्सा आ गया था उसने गुस्से से पलट कर पीछे देखा जहां पर बलवंत खड़ा था!! विहान इस बार बलवंत से नहीं डरा और एकदम उसके सामने जाकर खड़ा हो गया!!



     और उससे कहा

    "तुम आखिर अपने आप को समझते क्या हो? मैं तुम्हें हमेशा बड़ा समझकर इज्जत दी थी लेकिन तुम्हें देखकर तो ऐसा लगता है कि जैसे तुम्हे जलील होने की ही आदत लग गई है!! मैंने कितनी बार न जान तुम्हें माफ कर दिया था लेकिन इस बार मैं तुम्हें माफ नहीं करूंगा!! मेरे पापा के साथ जो कुछ हुआ उसकी इकलौते जिम्मेदार तुम हो"



    " तुम कुछ ज्यादा नहीं बोल रहे हो पालतू पिल्ले? अच्छा होगा तुम यहां से निकल जाओ वरना गार्ड्स को बुलाकर तुम्हें धक्के मार कर यहां से निकलवाऊंगा!! यहां आप सब जान चुके हैं कि तुम दोनों बाप बेटे एक नंबर के धोखेबाज हो, चोर हो " बलवंत ने कहा



     अपने पिता के लिए ऐसे शब्द सुनकर विहान को और तेज गुस्सा आ गया था!! उसने किसी भी बात की परवाह न करते हुए बलवंत के मुंह पर एक मुक्का जड़ दिया!! जिसकी वजह से बलवंत का एक दांत टूट गया और वह ओंधे मुंह जमीन पर गिर गया!!



    " हिम्मत कैसे हुई तुम्हारी मेरे पापा के बारे में ऐसे शब्द कहने की? दूसरों को खुद की तरह समझा है क्या तुमने? और अब तो मुझे भरोसा हो गया है कि मेरे पापा ने कुछ गलत नहीं किया था, तुमने ही उन्हें जानबूझकर फसाया है"  विहान ने बलवंत उंगली दिखाते हुए कहा 



    "  तुम्हें यह मुक्का बहुत भारी पड़ेगा पिल्ले!! तुम्हारी जिंदगी ममै इतनी बर्बाद कर दूंगा कि तुम मौत को तरसोगे " बलवंत ने कहा



    बलवंत की बात को विहान ने नजरअंदाज किया और कहा

    "उससे पहले ही मैं राधा आंटी को और रिशान को बता दूंगा कि तुमने उनके भरोसे का फायदा उठाकर कितना गलत किया है!! और उन्हे अपनी बात का यकीन दिलाऊंगा, वह मेरी बात का यकीन जरूर करेंगे "



    कहते हुए विहान वहां से चलते हुए सीधा सीढीओ से ऊपर की तरफ जाने लगा जहां दुष्यंत और राधा का बेडरूम था!!



    उसने चारों तरफ राधा को पुकारा!!

    " राधा आंटी? राधा आंटी? कहा हो आप? " 



    लेकिन जब दुष्यंत की नजर उस पर पड़ी तो उसने हैरानी से विहान के चेहरे की तरफ देखा!! और हल्का से अपने चेहरे को इस तरह एक्सप्रेशन दिखाएं कि वह पूछना चाह रहा हूं विहान से की क्या बात हो गई?



    विहान जाकर दुष्यंत के सामने बैठा और कहा

    "आपको पता है अंकल आज क्या हुआ?"



    और कहते हुए विहान रोने लगा!! और रोते हुए उसने सारी बातें दुष्यंत को बताइ"!  दुष्यंत को भी यह सब सुनकर बहुत ज्यादा बुरा लग रहा था उसकी आंखों से भी आंसू निकल आए!!



    और रोते हुए ही विहान ने दुष्यंत की गोद में अपना सिर रख दिया!!



     दुष्यंत ज्यादा हिल डुल नहीं सकता था और ना ही  वह कुछ बोल सकता था!! सिर्फ वो अपनी आंखों से निकालते हुए आंसू ही बता सकते थे कि आखिर उसे भी विहान उसके पापा पर भरोसा है!!



     लेकिन तभी बलवंत उस कमरे में आया तो उसने विहान को उसके बालों से पकड़ा और दुष्यंत से दूर फेंक दिया!! विहान के साथ ऐसी बर्बरता करते देख दुष्यंत को बहुत गुस्सा आया!! और उसने आंख दिखाते हुए बलवंत की तरफ देखा!!



    " मेरे प्यारे जीजा जी क्यों आप ऐसी गंदगी को अपने मुंह से लगाते हो?  इस जैसी गंदगी घर से बाहर रखने की होती है ना कि अपने कमरे में बैठाने की " कहता हुआ बलवंत विहान को उसके बालों से पकड़ता है और कमरे से बाहर निकाल देता है



     ये सब देखकर दुष्यंत को बहुत गुस्सा आ रहा था और वह अपने मुठिया कसने की कोशिश करता है उसकी आंखों से लग रहा था कि मानो वह अभी बलवंत को जान से मार देना चाहता हो!!



    लेकिन वह कुछ भी नहीं कर सकता था इस वक्त एक व्हीलचेयर पर बैठा था!! और सिर्फ दुष्यंत आंख लाल आंखें और आंखों से गिरते हुए आंसू ही बता सकते थे कि आखिर दुष्यंत किस हद तक बलवंत की हरकतों से नफरत करता था!!



     विहान को बाहर फेंकते ही बलवंत दुष्यंत का दरवाजा अंदर से बंद कर लेता है!! विहान गुस्से से खड़ा होता है और उस दरवाजे को जोर-जोर से पीटने लगता है!!



    "तुम मुझे इस तरह बाहर नहीं निकाल सकते हो!! मैं तुम्हें कहीं का नहीं छोडूंगा बलवंत, मैं रिशान को और राधा आंटी को बता दूंगा तुम्हारी सच्चाई, तुम सिर्फ इंतजार करो मैं तुम्हें माफ नहीं करूंगा " विहान नें दरवाजा पीटते हुए कहा 



     और उस दरवाजे को खोलने की कोशिश करने लगता है!! लेकिन ज़ब उससे दरवाजा नहीं खुल पाता है तभी विहान दरवाजे को तोड़ने के लिए आसपास कुछ ढूंढने लगता है!!



    और  उसे वहां गमला दिखाई देता है, जैसे ही विहान उस गमले को उठाकर दरवाजे पर मारने की कोशिश करता है बलवंत सामने का दरवाजा खोल देता है जिससे वह गमला सीधा बलवंत के सिर पर लगता है और उसके सिर से खून निकलने लगता है!!



     एक पल के लिए तो विहान भी चौंक गया था कि आखिर उसके हाथ से यह क्या हो गया? और उसके हाथ से गमला वहीं जमीन पर छूट गया!! लेकिन जब उसने देखा कि दुष्यंत जमीन पर पड़ा है, तो विहान दुष्यंत कि मदद करने बलवंत के ऊपर से चला जाता है!!



    विहान दुष्यंत को अपनी बांहो का सहारा देकर खड़ा करके वापस से व्हीलचेयर पर बैठाता है!! और विहान को पता चल गया था कि बलवंत कहीं ना कहीं सब कुछ प्रॉपर्टी के लिए कर रहा था!! इसीलिए उसने मुझे कमरे से बाहर निकाल कर दुष्यंत अंकल को जमीन पर गिरा दिया!!



     इसीलिए विहान दुष्यंत को बचाने के लिए उसे कमरे से और बलवंत से दूर ले जाने लगता है!! विहान ने दुष्यंत की व्हीलचेयर को पीछे से पकड़ा और वह उसे लेकर दूसरी दिशा की तरफ जानें लगा!!



    तभी बलवंत खड़ा होकर उसे पीछे से उसकी गर्दन सहित पकड़कर उसे अपनी तरफ घूमाता है और उसे जोड़ का तमाचा जड़ देता है!!



    जिसकी वजह से विहान का हाथ दुष्यंत की व्हीलचेयर से छूट गया था और दुष्यंत व्हीलचेयर समेत ही सीढ़ियों से नीचे गिर गया था!!





    जिस वक्त दुष्यंत सीढीओ से नीचे गिर रहा था तभी वहां राधा और रिशान बाहर वाले दरवाजे से घर आ रहे थे!! वह दोनों राहुल के हार्ट अटैक की खबर मिलते ही हॉस्पिटल गए हुए थे!! वो लोग हॉस्पिटल पहुंचे लेकिन तब तक विहान उनके घर आ गया!!



     दुष्यंत सीढ़ियों से व्हीलचेयर समेत नीचे गिरकर बेहोश हो गया था!! राधा और रिशान नें जब ये नज़ारा देखा तो उनके पैरो तले ज़मीन खिसक गयी!!और दोनों भागते हुए दुष्यंत के पास पहुंचे और उन्हें वहां से उठाने लगे!!



    दुष्यंत के सिर पर चोट लग गई थी और राधा दुष्यंत का सिर अपनी गोद में रखकर उन्हें होश में लाने की कोशिश करने लगी और ज़ोर से रोने लगी!!



    उन्हें घर मे देखकर बलवंत भागता हुआ नीचे रिशान के पास आया और उनके पास बैठता हुआ बोला

    "देख बेटा क्या से क्या हो गया? देख इस इंसान ने क्या कुछ कर दिया!! तुम तो इसके पापा से मिलने के लिए अस्पताल गए और इसने पीछे से आकर अपने पिता की उसे हालात का बदला दुष्यंत भाई साहब से ले लिया "



      तभी बलवंत ने अपने सिर की चोट दिखाते हैं उससे कहा

    " देख बेटा जब मैंनें इसे रोकने की कोशिश की तो इसने मेरे ऊपर गमले से वार किया!! "



    रिशान नें एक नज़र अपने मामा पर डाली और फिर अपने माँ पापा को देखा, जहाँ दुष्यंत बेजान सा ज़मीन पर पड़ा था!!



    और उसके बाद रिशान नें ऊपर की तरफ देखा जहा विहान बेसुध सा खड़ा था!!



    CHAPTER END...........

    डियर रीडर आप मेरी इस कहानी को सपोर्ट करें और ज्यादा से ज्यादा इसे पड़े लाइक कमेंट और रिव्यू करें







    क्योंकि app नें मेरी कई कहानियां बीच में अपनी बंद करदी है और कारण यही बताया कि इसका low इंगेजमेंट है







    अगर मेरी यह कहानी भी बंद हुई तो फिर मैं इसके बाद शायद ही कोई कहानी नही लिख पाऊंगी







    और मैं फिर इस कहानी को भी बीच में ही लिखना बंद कर दूंगी इस कहानी को सिर्फ आप लोगों का प्यार ही बचा सकता है इसे ज्यादा से ज्यादा पढ़े!!

  • 8. Love Loyalty And Lies - Chapter 8

    Words: 1770

    Estimated Reading Time: 11 min

    दुष्यंत के सिर पर चोट लग गई थी और राधा दुष्यंत का सिर अपनी गोद में रखकर उन्हें होश में लाने की कोशिश करने लगी और ज़ोर से रोने लगी!!







    उन्हें घर मे देखकर बलवंत भागता हुआ नीचे रिशान के पास आया और उनके पास बैठता हुआ बोला



    "देख बेटा क्या से क्या हो गया? देख इस इंसान ने क्या कुछ कर दिया!! तुम तो इसके पापा से मिलने के लिए अस्पताल गए और इसने पीछे से आकर अपने पिता की उसे हालात का बदला दुष्यंत भाई साहब से ले लिया "







      तभी बलवंत ने अपने सिर की चोट दिखाते हैं उससे कहा



    " देख बेटा जब मैंनें इसे रोकने की कोशिश की तो इसने मेरे ऊपर गमले से वार किया!! "







    रिशान नें एक नज़र अपने मामा पर डाली और फिर अपने माँ पापा को देखा, जहाँ दुष्यंत बेजान सा ज़मीन पर पड़ा था!!







    और उसके बाद रिशान नें ऊपर की तरफ देखा जहा विहान बेसुध सा खड़ा था!! बलवंत की जूठी बाते सुनकर विहान को भी बहुत तेज गुस्सा आ जाता है और वह सीढीओ से जल्दी से नीचे उतर कर आता है



     और रिशान से कहता है

    " रिशान मैंने कुछ नहीं किया है बलवंत अंकल झूठ कह रहे हैं!! इन्होंने ही दुष्यंत अंकल को परेशान किया था, मै तो सिर्फ उन्हें बचा रहा था!! मेरी बात का यकीन करो



     राधा नीचे बैठकर रो रही थी और राधा की गोद में दुष्यंत का सिर था और दुष्यंत के सिर से लगातार खून बह रहा था!!रिशान बड़ी हैरानी वाली नजरों से विहान की तरह देख रहा था



    तभी  बलवंत ने बीच में कहा 

     "बेटा इसकी बात का यकीन मत करो अपने बाप की तरह यह भी आस्तीन का सांप है!! यह अपने बाप की उस हालात का जिम्मेदार जीजा जी को और तुमको समझ रहा था और इसीलिए ये उन्हें मारने यहां पर आया था!! देख इस नमकहराम नें मुझे भी मारा है यह लड़का बिल्कुल भी भरोसे करने लायक नहीं है "





    बलवंत की बात सुनकर विहान को और गुस्सा आ जाता है और वह बलवंत की कॉलर पकड़ लेता है और कहता है

    "बहुत हो गया तुम्हारा, मैं जानता हूं तुम्हें अच्छे से आज तक जो कुछ गलत हुआ वह सब तुमने किया!! तुमने ही हम रिशान को धोखा दिया और अब तुम बहाने बना रहे हो, मैं तुम्हें जिंदा नहीं छोडूंगा "



    कहते हुए विहान बलवंत को मारने लगा!!



     रिशान को अब विहान पर बहुत ज्यादा गुस्सा आ गया था!! एक तो रिशान के पिता वहां पर अपनी मौत से लड़ रहे थे, वही विहान का ऐसा करना रिशान के गुस्से को और भड़का रहा था!!



    अपनी मां को रोता देख और अपने पिता की ऐसी हालत देखे रिशान अब सब कुछ भूल गया था!!



    और गुस्से से आगे बढ़ते हुए रिशान ने विहान के हाथों से अपने मामा बलवंत को दूर किया और खींच के विहान को तमाचा मार दिया!! और इस थप्पड़ की गूंज इतनी तेज थी कि पूरा गोयनका का बंगला उस तेज आवाज से गूंज गया था!!



    और रिशान का थप्पड़ इतना तेज था कि विहान वही फर्श पर गिर गया था!! यह पहली बार था जब रिशान ने विहान पर हाथ उठाया था!! हमेशा रिशान ने विहान को प्रोटेक्ट करना अपनी जिम्मेदारी समझा था,



    हमेशा विहान सुरक्षा रिशान नें एक कवच की तरह की थी!! और आज वहीं सुरक्षा कवच टूट गया था या यह कहे तोड़ दिया गया था!!





     रिशान का चेहरा इस वक्त बिलकुल इमोशनलेस नजर आ रहा था!! उसे देखकर कोई नहीं कह सकता था कि यह वही रिशान है जो कभी विहान को दिलो जान से चाहा करता था और उससे प्यार किया करता था!!



     रिशान ने तो एक डायमंड रिंग तक बनवा ली थी कि जब विहान ग्रेजुएट होगा उसके बाद वह विहान को प्रपोज करेगा और अपने दिल की बात कहेगा!!



     लेकिन आज जो हालात उसके सामने थे!! उसने कहीं ना कहीं विहान को रिशान की नजर में बहुत ज्यादा गिरा दिया था!!विहान को इस तरफ फर्श पर गिरा देखकर भी रिशान ने उसे नहीं उठाया!!





    और गुस्से से देखते हुए विहान से कहा 

     "सही कहा था!! सही कहा था मामा ने तुम कभी किसी के भरोसे लायक नहीं हो!! तुम और तुम्हारा बाप हमेशा गद्दार ही थे!! मेरे पापा ने क्या कुछ नहीं किया था तुम्हारे लिए? मेरी मां ने क्या कुछ नहीं किया था तुम्हारे लिए? लेकिन तुममें थोड़ी भी शर्म नहीं थी कि तुम हमारे एहसान का कर्ज चुका दो!! मेरे पापा वहां जमीन पर गिरे हुए हैं अपनी मौत से लड़ रहे हैं और तुम यहां पर आकर_._._._" 



     विहान पर रिशान को गुस्सा करते देख बलवंत के चेहरे पर एक तिरछी मुस्कान आ जाती है!! तभी वहां पर बाकी के सर्वेंट आ जाते हैं और फैमिली डॉक्टर भी आ जाते हैं!!



     वह सब दुष्यंत को स्ट्रेचर पर डालकर वापस से उसके कमरे में लेकर जाते हैं और डॉक्टर दुष्यंत का वापस से इलाज करना शुरू कर देता है!!



     रिशान गुस्से से झुकते हुए विहान को उसके बालों से पकड़ कर उठाता है और कहता है

    "अगर मेरे पापा कुछ भी हुआ तो मैं जान ले लूंगा तुम्हारी, और तुम्हारे उस गद्दार बात की!! याद रखना मेरी बात अगर कुछ भी हो गया गलती से मेरे पापा को तो तुम आज के बाद रिशान का प्यार नहीं उसकी नफरत देखोगे "



     कहते हुए गुस्से से रिशान में विहान को वही फर्श पर फेका और कमरे में चला गया!!



    डॉक्टर ने दुष्यंत को चेक किया और  कहा

    "मिस्टर दुष्यंत गोयनका की हालत बहुत नाजुक है सीढ़ियों से गिरने की वजह से उनके सिर में चोट लगी हुई है और इनका शरीर पहले से ही पैरालाइज्ड था!! और अब उनके सिर पर चोट की वजह से यह कोमा में जा चुके हैं "



     काेमा की बात सुनकर राधा बुरी तरह से टूट जाती है और वही बेडरूम के ज़मीन पर बैठकर जोर-जोर से रोने लगती है!! रिशान को अपने पापा और अपनी माँ की यह हालत देखकर बहुत दुख हुआ था और वह भी अंदर से टूट गया था!!



    और रोते रोते उसकी आंखें गुस्से से लाल हो गई और उसने ठान लिया था कि आज के बाद वह विहान को उसके इस गुनाह की सजा तब तक देगा जब तक कि उसकी खुद की जिंदगी कोमा में पड़े एक इंसान जैसी ना हो जाए!!





    रिशान गुस्से से खड़ा होता है और वापस से नीचे जाता है जहा विहान को जो अभी भी हॉल में उसके तरफ रिशान के बॉडीगार्ड खड़े थे!! रिशान गुस्से से नीचे आता है और विहान को उसके बालो सहित पकड़कर एक कमरे में लेकर जाने लगता है!!



    विहान बार-बार रिशान को छोड़ने के लिए  और अपनी बात सुनने के लिए कह रहा था!! लेकिन रिशान के सिर पर मानो खून सवार था!!



     रिशान विहान को पकड़कर एक कमरे में लेकर जाता है जो स्टोर रूम के बगल में ही था और ले जाकर वहां उसे पटक देता है!!



     विहान की आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे और रिशान की आंखें गुस्से से लाल हो चुकी थी!!



    अपने साथ रिशान को ऐसा बर्ताव करते देख विहान गुस्से से बोलता है

    " आखिर तुम मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हो रिशान? मैंने कहा ना कि मैंनें अंकल के साथ कुछ भी गलत नहीं किया है!! जो किया उस बलवंत अंकल नें किया है!! आखिर तुम मेरे साथ इस तरह का बर्ताव कैसे कर सकते हो? "



    " मुझे तुम्हारी किसी बात पर भरोसा नहीं है तुम भी अपने बाप की तरह नमक हराम हो!! और आइंदा मेरे परिवार के किसी सदस्य के बारे में कुछ गलत कहने की हिम्मत मत करना!! वरना मैं तुम्हारा वह हाल करूंगा जो तुम कभी सोच भी नहीं सकते हो " रिशान ने कहा 



     रिशान की बात सुनकर विहान उसकी कॉलर पकड़ लेता है और कहता है

    " क्यों तुम मेरी बात नहीं सुनना चाहते हो रिशान? क्यों तुम अपने उसे मामा की बात का यकीन कर हो!! वह तो मुझे कभी पसंद करते ही नहीं थे और ना आर्यमन को पसंद करते थे!! वह मुझे फसाने की कोशिश कर रहे हैं और तुम उनकी बातों पर यकीन कर रहे हो? क्या तुम्हें मेरे ऊपर भरोसा नहीं है? "



     रिहान एक पल के लिये विहान की आंखों में देखता है और उसकी आंखों में आए हुए आंसुओं में खो जाता है!! और अपने प्यार को याद करते हुए उसके आंसू पोछने के लिए अपना हाथ बढ़ाता है!!



    लेकिन तभी उसे अपने पापा की हालत और अपनी मां के वह दर्द भरी रोती आवाज़े वापस से याद आती है!! तो वह विहान के हाथ से अपनी शर्ट की कॉलर को छूटवाता है उसे खुद से दूर धक्का दे देता है!! और विहान बेड के ऊपर गिरता है 



    " तुम्हारी वजह से आज मेरे पापा कोमा में जा चुके हैं!! तेरे और तेरे बाप की वजह से मेरे परिवार को बिजनेस मे नुकसान हुआ है!! तेरे बाप को तो तेरे उसके कर्मों की सजा हार्ट अटैक के बाद वहां हॉस्पिटल में मिल रही है!! लेकिन तुम्हारे कर्मों की सजा मैं तुम्हें दूंगा, आज के बाद " रिशान ने कहा



    रिशान की बात सुनकर विहान वापस से गुस्से से उठता है और रिशान की तरफ देखते हुए कहता है

    " कौन सी सजा दोगे तुम मुझे मेरे कर्मों की? मारोगे, पीटोगे, क्या करोगे तुम मेरे साथ? बोलो क्या करोगे? क्या कर सकते हो तुम?  तुमने अपनी गलती से अपना सब बिजनेस मे धोखा खाया!! तुमने अपनी गलती से और अपनें नालायक पन की वजह से हार का सामना किया और तुमने सारा दोष मेरे पापा के सिर पर मंड दिया!!"



     अपने बारे में ऐसी बातें सुनकर रिशान को बहुत गुस्सा आ जाता है और वह खींचकर विहान को एक तमाचा और जड़ देता है!!



     अपने आप को पड़े इस थप्पड़ से विहान सहम जाता है!! उसे अब बहुत तेज गुस्सा आने लगता है!!



    रिशान उसे नजरअंदाज करके उस कमरे से जाने लगता है तभी पीछे से विहान कहता है



    " तुम्हें सिर्फ हाथ उठाना आता है इसके सिवा तुम कुछ नहीं कर सकते हो!! अगर तुमने हिम्मत होती तो तुम वह बिजनेस संभाल कर दिखाते और सच जानने की कोशिश करते!! यहाँ नामर्द की तरह सिर्फ मुझ पर हाथ नहीं उठाते"



     अपने लिए नामर्द शब्द सुनकर रिशान की मुट्ठियां गुस्से में कस जाती हैं और वह गुस्से से उसे दरवाजे को बंद करता है!! और गुस्से से वापस घूमते हुए विहान को बेड पर धक्का देता है!!



    और वही उसके हाथों को लॉक करते हुए कहता है

    " बहुत बोलने आ गया है तुम्हें? और क्या कहा तुमने मुझे नामर्द? ठीक है तो आज मैं तुम्हें अपनी मर्दानगी ही दिखाऊंगा "



    कहते हुए भी रिशान उस दिन पहली बार विहान के साथ उस कमरे में रेप करता है!!



    CHAPTER END.........

















    ( कृपया Like, comment और review देना ना भूले ")



    Thank you from Auther for reading🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏.......

  • 9. Love Loyalty And Lies - Chapter 9

    Words: 1371

    Estimated Reading Time: 9 min

    अपने लिए नामर्द शब्द सुनकर रिशान की मुट्ठियां गुस्से में कस जाती हैं और वह गुस्से से उसे दरवाजे को बंद करता है!! और गुस्से से वापस घूमते हुए विहान को बेड पर धक्का देता है!!







    और वही उसके हाथों को लॉक करते हुए कहता है



    " बहुत बोलने आ गया है तुम्हें? और क्या कहा तुमने मुझे नामर्द? ठीक है तो आज मैं तुम्हें अपनी मर्दानगी ही दिखाऊंगा "







    कहते हुए भी रिशान उस दिन पहली बार विहान के साथ उस कमरे में रेप करता है!!



    आज उन्ही सब पलो को याद करते हुए विहान शावर के नीचे खड़ा होकर लगातार रो रहा था!! और यह अतीत की यादें उसे बार बार और रोने पर मजबूर कर रही थी!!





    एक वक्त था जब यही रिशान उसकी इतनी केयर किया करता था उसके लिए एक कवच था!!  और आज न जाने उसे क्या हो गया था जो वह उसके लिए हैवान बन चुका था!!





     और आज 10 महीने बीत चुके थे और हर रात को ही विहान यह सब अपने ऊपर बर्दाश्त कर रहा था!! पहले फिर भी विहान रिशान पर गुस्सा कर दिया करता था, लेकिन रिशान का टॉर्चर इतना बढ़ता चला गया कि अब विहान को उसकी तरफ पलक भर के देखने में भी डर लगने लगा था!!



     उसके पास सिर्फ एक ही उम्मीद थी कि जिस दिन आर्यमन लौट कर आएगा शायद उस दिन शायद उसे इस जेल से राहत मिलेगी!! और इस जाहनुम की जिंदगी से भी राहत मिलेगी!! लेकिन आर्यमन वापस लौटकर कब आएगा यह कोई नहीं जानता था!!



     अपने शरीर में हो रहे असहाय दर्द को लेकर वापस से विहान बाथरूम से निकलकर दीवार पकड़ते हुए अपने बेड तक आता है!! और विहान धीरे-धीरे काँपते हाथों से कपड़े पहनता है जब उसकी नजर अपने बेड पर पड़ती है तू पूरी तरह से खराब हो चुका था!!



    पूरा बिस्तर खून से और रिशान के बखेरे पानी से वो बैठने लायक भी नही बचा था!! 



    विहान बेड के ऊपर से एक तकिया उठाता है और उसे जमीन पर रखकर उसी के ऊपर सिर रखकर लेट जाता है"" आज तक विहान के साथ जो कुछ हो रहा था वह उन सबको याद करके उस तकिया में ही मुंह छुपाकर रो रहा था!!





     उसे अपने शरीर में एक ऐसे दर्द का एहसास हो रखा था जैसे मानो किसी ने उसके ऊपर से तेज रफ्तार से चलता हुआ ट्रक गुजार दिया हो!! विहान को अब अपनी जिंदगी से भी नफरत होने लगी थी!!



     लेकिन यह सब कुछ वो सिर्फ अपने पिता के लिए बर्दाश्त कर रखा था जो अभी भी अस्पताल में ही रिशान के कब्जे मे थे!!



     विहान जैसे-जैसे रो रहा था उसके आंसू उसके चेहरे पर लगे हुए घाव में जा रहे थे जिससे उसे जलन का एहसास भी हो रहा था!! लेकिन शायद अब उसे इन जख्म की आदत लग गई थी!!



     और रोते रोते और सिसकियां को भरते हुए वह सो जाता है!! अगली सुबह जब उसकी आंख खुलती है तो वह घड़ी में वक्त देखा है जहां पर 11:00 हुए थे!!



     लेकिन उसके शरीर के दर्द में अभी भी कोई अंतर नहीं आया था!! उसका शरीर अभी भी इतनी ही भयानक रूप से दर्द कर रहा था!! विहान धीरे-धीरे खड़ा हुआ और बेड का सहारा लगाकर वहीं जमीन पर बैठ गया!!



     तभी वापस से दरवाजा बजा और विहान डर से कांप उठा और उसके हाथ पैर जोर-जोर से डर से कांपने लगे कि कहीं रिशान तो वापस नहीं आ गया है!!



     और दरवाजा खुलते ही उसने देखा कि बाहर एक सर्वेंट खड़ी थी!! सर्वेंट ने उसकी तरफ देखकर कोई ज्यादा रिएक्शन नहीं दिया और अपने हाथ में पकड़ा हुआ खाना वही फर्श पर रखकर उसकी तरफ खिसका दिया और वापस से दरवाजा बंद करके चली गई!!





    विहान नें एक नजर प्लेट पर डाली जहां पर सूखी रोटियां रखी हुई थी और कुछ नहीं था साथ खाने के लिये!! विहान को अपने साथ ऐसा बर्ताव होते देख उसकी आंखों से आंसू बारिश की तरह लगातार बहने लगे!!



     एक इंसान होने के बावजूद उसे एक जानवरों वाली जिंदगी जीनी पड़ रही थी और बिना कोई गुनाह किये उसे एक गुनहगार की जिंदगी इस जेल में काटनी पड़ रही थी!! जिसे कभी वह अपना ही घर कहा करता था!!



     विहान को बहुत तेज भूख लग रही थी इसलिए उसने उन्ही सूखी रोटियों को खाना शुरू कर दिया!! यह रिशान की ही सजा थी और उसने हर एक सर्वेंट से कह रखा था कि विहान के लिए ऐसा ही खाना दिया जाए!!



    कई बार तो शायद उसे 2 दिन में एक बार खाना दिया जाता था या फिर कभी कबार 2 दिन की बासी रोटियां उसे दी जाती थी लेकिन बिहान मजबूर था ऐसी जिंदगी काटने के लिए क्योंकि उसके पास उसे कमरे से बाहर जाने की इजाजत भी नहीं थी



     10 महीने बीत गए थे उसे टॉर्चर को झेलते हुए, लेकिन अब शायद उसकी ज़िन्दगी तक रिशान की गुलाम हो गई थी!! लेकिन विहान को चिंता थी अपने फाइनल एग्जाम की जो कुछ ही दिनों बाद थे!!



     और वो उस बारे में रिशान से बात करना चाहता था, लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी!! उसे डर था कि अगर उससे कहीं भी कुछ गलती हो गई कहने में तो परेशान उसे बहुत बुरी तरह से मारेगा!! या फिर और भी बहुत बड़ा सुलूक करें उसके साथ, कल रात जैसा!!



     इतने महीने एक ही कमरे में बंद रहने के बाद विहान ने शायद अपनी किताबों को इतने वक्त से नहीं देखा था!! लेकिन फिर भी उसे फाइनल एग्जाम तो देने ही थे क्योंकि उसके बाद ही उसे ग्रेजुएट किया जाता!!



     हर दिन हर पल रिशान से डरने वाला विहान अब इंतजार कर रहा था कि रिशान वापस आए और उससे विहान अपने एग्जाम की बात कहे!!



     और वापस से शाम का वक्त आया जब दरवाजा खोलते हुए रिशान अंदर दाखिल हुआ!! एक पल के लिए तो विहान ने जब रिशान की तरफ देखा तो उसने डर से अपने कदम पीछे ले लिए!!



    और वापस से विहान थर-थर कांपने लगा!! वही रिशान नें विहान को नफरत और गुस्से भरी आंखों से देख रहा था!! और उसकी इन आंखों को देखते ही विहान का डर और तेजी से बढ़ने लगा!!



     रिशान चलता हुआ विहान के पास आया और उसके सामने खड़ा हो गया!!  विहान में बिल्कुल भी इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह नजर उठाकर रिशान की तरफ देखा!!



    एक वक्त था जब विहान जी भर कर रिशान से बातें किया करता था और सारा दिन उसी के साथ बिताया करता था!! पर आज यह दिन था जब वह उसके सामने खड़ा रहना भी नहीं चाहता था!!



     लेकिन विहान फिर भी अब हिम्मत करते हुए और अपनी आंखें बंद करते हुए रिशान से अपने फाइनल एग्जाम के लिए बात करने की कोशिश करता है!!



    लेकिन तभी रिशान उसकी बात को बीच में काटते हुए कहता है

    "आर्यमन भाई का कॉल आया था!! मैंने उन्हें तेरी इन करतूत के बारे में नहीं बताया जो तूने और तेरे बाप ने की!! लेकिन भाई तेरी पढ़ाई की चिंता करते हैं और उन्होंने कहा है कि तुझे फाइनल एग्जाम देने हैं!! इसीलिए तुझे इस कमरे से बाहर जाने की इजाजत होगी सिर्फ एग्जाम के लिए!! मैं ही तुझे छोड़कर आऊंगा और लेकर आऊंगा, इस बीच कोई होशियारी करने की कोशिश मत करना वरना तू जानता ही है तेरे साथ क्या होगा"



     रिशान बाहर से किसी को इशारा करता है और वह लोग आकर विहान के कमरे में कुछ किताबें रख देते हैं!!



    और रिशान उन किताबों की तरफ इशारा करते हुए कहता है 

    "यह किताबें तेरे फाइनल एग्जाम के लिए है अगर आर्यमन भाई मुझे ना कहते तो मैं तुझे पढ़ाने की कोई कोशिश करता ही नहीं!! लेकिन मैं उन्हें मना नहीं कर सकता हूं तो इसे मेरा एहसान ही समझना!! और याद रखना अहसानो का कर्ज चुकाया जाता है भूल नहीं जाता है, और वक्त आने पर मैं यह कर्ज तेरे से वापस लूंगा "



     रिशान की बात सुनकर विहान रिशान की तरफ देखता है जहां रिशान को विहान की आंखों में आंसू नजर आते हैं!! और लेकिन अब शायद उसे विहान के आंसुओं की कोई चिंता रह ही नहीं गई थी!! और इसीलिए गुस्से से रिशान विहान का गला फिर से पकड़ लेता है!!











    CHAPTER END...........



    अगला एपिसोड :-

    विहान का भागने की कोशिश करना 



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  • 10. Love Loyalty And Lies - Chapter 10

    Words: 1212

    Estimated Reading Time: 8 min

    रिशान बाहर से किसी को इशारा करता है और वह लोग आकर विहान के कमरे में कुछ किताबें रख देते हैं!!



    और रिशान उन किताबों की तरफ इशारा करते हुए कहता है 



    "यह किताबें तेरे फाइनल एग्जाम के लिए है अगर आर्यमन भाई मुझे ना कहते तो मैं तुझे पढ़ाने की कोई कोशिश करता ही नहीं!! लेकिन मैं उन्हें मना नहीं कर सकता हूं तो इसे मेरा एहसान ही समझना!! और याद रखना अहसानो का कर्ज चुकाया जाता है भूल नहीं जाता है, और वक्त आने पर मैं यह कर्ज तेरे से वापस लूंगा "







     रिशान की बात सुनकर विहान रिशान की तरफ देखता है जहां रिशान को विहान की आंखों में आंसू नजर आते हैं!! और लेकिन अब शायद उसे विहान के आंसुओं की कोई चिंता रह ही नहीं गई थी!! और इसीलिए गुस्से से रिशान विहान का गला फिर से पकड़ लेता है!!



    रिशान के इस तरह गर्दन पकड़ लेने से विहान को अब सांस आना भी बंद हो गया था और वह बार-बार उसे अपनी गर्दन को छोड़ने के लिए कह रहा था!!



    लेकिन रिशान ने छोड़ने की जगह उसकी गर्दन पर अपनी पकड़ और मजबूत बना ली और कहा 



    " अपना यह मासूमियत और भोला भाला चेहरे से मुझे फसाने की कोशिश भी मत करना!! मैं तुम पर कोई तरस नहीं खाने वाला हूं मैं अच्छे से जानता हूं तुम्हारे इस चेहरे के पीछे कितना बडी एक चालाक लोमड़ी छुपी है!! मैं तुम पर कोई रहम नहीं खाने वाला हूं और तो बेहतर होगा मुझे अपने यह आंखों के आंसू ना दिखाओ"



     रिशान की बात सुनकर विहान अब कुछ भी कहने की हालत में नहीं था!! उसे तो शायद अब यह भरोसा होना भी बंद हो गया था कि उसके कभी यह हालात बदलेंगे!! या उसे जिंदगी भर ऐसे ही काटनी पड़ेगी!!



    और तभी रिशान विहान को गुस्से से वापस बेड पर पटक देता है!!



     एग्जाम के दिन एक सर्वेंट दरवाजा ख़ोलता है और विहान को बुलाने के लिए आता है!! विहान एग्जाम के लिए तैयार हो चुका था और विहान को ले जाकर वह सर्वेंट रिशान की गाड़ी में बैठा देता है जहां रिशान पहले से ही मौजूद था!!



    और गाड़ी विहान के यूनिवर्सिटी की तरफ जाने लगती है!! गाड़ी में आज बिल्कुल खामोशी थी लेकिन और यही खामोशी देखकर विहान को याद आता है कि एक वक्त था, जब भी  उसका एग्जाम होता था तो रिशान उसे गाड़ी ड्राइव करता हुआ ही पढ़ाता रहता था और उससे उसका मॉक टेस्ट लेता रहता था!!



     और आज हालात इतने बदत्तर हो गए थे कि उसे डर लग रहा था कि कभी मेरे से एक गलती ना हो जाए और रिशान मुझे यही गाड़ी में मारना शुरू न कर दे!!





    जैसे ही वह लोग यूनिवर्सिटी पहुंचते हैं और विहान दरवाजा खोलकर नीचे उतरने की कोशिश करता है!!



     और तभी रिशान उसे पीछे से रोकता है!! रिशान के इस तरह रोकने से विहान को एक पल की खुशी मिलती है कि शायद रिशान हर बार की तरह उसे बेस्ट ऑफ लक विश करेगा!!



     लेकिन भी रिशान अगले ही पल कहता है

    " एग्जाम होने के के बाद मैं तुम्हें यही मिलूंगा!! इसीलिए इधर-उधर जाने की कोशिश भी मत करना"



     रिशान की ऐसी रुसवाई देखकर विहान की आंखों में फिर से आंसू आ जाते हैं!! और वह कोई जवाब ना देता हुआ सिर्फ हा मे गर्दन हिलाता है और गाड़ी से बाहर आ जाता है!!



    एग्जाम देते हुए भी विहान को वही बुरे पल याद आ रहे थे जब रिशान उसे टॉर्चर किया करता है!! अपने साथ जिंदगी के हो रहे इस अन्याय को देखकर विहान इस वक्त सिर्फ मर जाना चाहता था!!



    उसे इसके सिवा कोई और रास्ता अपनी जिंदगी में नजर नहीं आ रहा था!!



     एग्जाम खत्म होते उसे वापस से ले जाकर उसी कोठरी में डाल दिया जाता था और बाहर से ताला लगा दिया जाता था!!



     एक के बाद एक करके विहान के सारे एग्जाम खत्म हुए और आखिरी एग्जाम वाले दिन विहान नें डिसाइड कर लिया था कि वह रिशान के साथ घर नहीं आएगा बल्कि पहले ही एग्जाम हॉल से निकल जाएगा!!



     और यहां से कहीं भाग जाएगा और विहान ने एकदम ऐसा ही किया!! आखिरी एग्जाम के दिन उसने एग्जाम हॉल से अपना पेपर सबमिट कर कर पहले निकल गया!!



     और जब वह बाहर आया तब वहां रिशान की गाड़ी नहीं खड़ी थी, इसीलिए विहान ने वहां से भाग जाना सही समझा!!



     विहान जल्दी से एक टैक्सी पकड़ कर बस स्टैंड की तरफ गया और वहां से उसने नोयडा से दूर जाने की बस ले ली!! और उस बस में बैठकर वह बस चलने का इंतजार करने लगा!!



     विहान के पास किराया देने के पैसे तो नहीं थे लेकिन फिर भी उसने अपने एक दोस्त से कुछ पैसे उधार ले लिए थे और उन्हीं से वह दिल नोएडा से हमेशा हमेशा के लिए दूर जाना चाहता था!!



     उसे अपने पापा की चिंता तो थी लेकिन उसे यही लगा कि वह पहले आर्यमन के पास जायेगा, वो उसकी मदद ज़रूर करेगा और तब वो वापस आकर अपने पापा को यहां से ले जायेगा और हमेशा हमेशा के लिए रिशान की कैद से आज़ाद हो जाएगा!!



     वह यही सब सोच रहा था और बस भी अब पूरी भर चुकी थी जैसे की बस स्टार्ट हुई एक सुकून विहान को महसूस हुआ कि अब वह जल्दी से जल्दी यहां से बहुत दूर चला जाएगा



     बस थोड़ी ही दूरी तक चली थी तभी अचानक से बस के ब्रेक लगते हैं और इस बात से विहान भी हैरान हो जाता है!! तभी कुछ काले कपड़े में बॉडीगार्ड ऊपर चढ़ते हैं और उस बस के एक-एक इंसान को देखने लगते हैं!!



    उन बॉडीगार्ड को देखते ही विहान डर गया था और उसने अपने आप को सीट के नीचे छुपा दिया!! उसे समझ में आ गया था कि रिशान को उसके भागने के बारे में पता चल गया है और ये उसी के बॉडीगार्ड  है



    गार्डों ने बारी बारी एक-एक सीट को चेक किया और जब वह वापस से जाने लगे तभी उनमें से एक की नजर विहान पर पड़ गई!! और वह उसे बस से उतार कर नीचे ले आए!!



    विहान उनसे बार-बार छोड़ने की रिक्वेस्ट कर रहा था और उसकी आंखों में आंसू आ गए थे!!



     बॉडीगार्ड्स ने विहान को उसके हाथ से पकड़ा और उसे बस से नीचे उतार लिया!! और जैसे ही विहान बस से नीचे उतरा उसने देखा कि बस के सामने एक बड़ी सी मर्सिडीज़ कार खड़ी है और उसका सहारा लगाए रिशान खड़ा था!!



    विहान को देखते ही रिशान गुस्से से अपनी चश्मा उतारता है और उसकी तरफ गुस्से से देखने लगता है!! रिशान को इस तरह गुस्से में देखकर विहान को पता चल गया था कि अब जरूर उसके साथ उससे भी ज्यादा बुरा हो सकता है जितना वह सोच सकता था!!



     रिशान गुस्से में विहान का हाथ पकड़ता है गाड़ी में पटक कर उसे अपने घर ले आता है और वापस से घसीट कर उसे उसके कमरे में ले जाने लगता है!!



     यह सब होते हुए राधा भी देख रही थी लेकिन राधा  इस बात का विरोध नहीं करती!! और वह अपनी आंखें कसकर बंद कर लेती है और वापस से अपने कमरे में चली जाती है!!



     रिशान विहान को घसीटते हुए उसके कमरे में बेड पर पटकता है और दरवाजा बंद कर लेता है!!



    CHAPTER END..........

























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  • 11. Love Loyalty And Lies - Chapter 11

    Words: 1155

    Estimated Reading Time: 7 min

    रिशान गुस्से में विहान का हाथ पकड़ता है गाड़ी में पटक कर उसे अपने घर ले आता है और वापस से घसीट कर उसे उसके कमरे में ले जाने लगता है!!
     
     
     
     यह सब होते हुए राधा भी देख रही थी लेकिन राधा  इस बात का विरोध नहीं करती!! और वह अपनी आंखें कसकर बंद कर लेती है और वापस से अपने कमरे में चली जाती है!!
     
     
     
     रिशान विहान को घसीटते हुए उसके कमरे में बेड पर पटकता है और दरवाजा बंद कर लेता है!!
     
    और आगे बढ़कर विहान को उसके बालों से पकड़ कर कहता है
     
    " तुमसे कितनी बार कहा था मैंने कि मुझसे कोई चालाकी मत करना लेकिन लगता है तुम्हें अपने बाप की कोई परवाह ही नहीं है!! अगर ऐसी बात है तो मैं तुम्हारी इस इच्छा को भी पूरा कर देता हूं"
     
     कहता हुआ रिशान अपनी जेब से मोबाइल निकालता है और किसी को कॉल कर देता है!!
     
    दूसरी तरफ से कॉल उठाते ही निशान कहता है
    "सिटी हॉस्पिटल में राहुल वर्मा को जितना जल्दी हो सके उसे खत्म कर दो"
     
     रिशान की बात सुनकर विहान रोते हुए जल्दी से खड़ा होता है और रिशान के पैर पकड़ लेता है!!
     
    "प्लीज रिशान ऐसा मत करना!! प्लीज मेरे पापा को मत मारना, उन्हें कुछ मत करना!! मैंने गलती की है तुम उसकी सजा मुझे दो, पापा को नही " विहान विनती करते हुए रोने लगा 
     
     रिशान विहान की तरफ एक लापरवाही सी नजर डालता है और फोन पर कहता है
    "जब काम हो जाए तो मुझे कॉल कर देना"
     
     रिशान की बात सुनकर विहान फिर से रोना रोना आ जाता है!!
     
    और वह गिड़गिड़ाते हुए वहीं जमीन पर बैठे हुए रिशान के आगे हाथ जोड़ता है और कहता है
    " प्लीज रिशान जो किया मैंने किया, मैं ही यहां से भाग कर जाना चाहता था!! मुझसे गलती हुई तुम जो चाहे मुझे सजा दे दो, मैं कोई भी विरोध नहीं करूंगा पर प्लीज मेरे पापा को छोड़ दो"
     
     विहान की बात सुनकर रिशान मोबाइल को वापस से पॉकेट में डालता है और विहान को बाल पकड़ कर उठाता है विहान ने अभी भी हाथ जोड़े हुए थे और वह रो रहा था!!
     
    " तो तुम तैयार हो जो गलती तुमने की है उसकी सजा भुगतने के लिए? " रिशान ने पूछा
     
     विहान अच्छे से जानता था कि उसके साथ अब क्या कुछ हो सकता था लेकिन फिर भी अपने पिता की जान बचाने के लिए वह सरेंडर कर देता है!!
     
    " ठीक है तो जब तक तुम टॉलरेट करोगे तब तक तुम्हारे पापा की जान को बचाने के बारे में मैं सोचूंगा"रिशान नें कहा
     
    कहते हुए रिशान नें विहान को बेड पर धक्का दे दिया और अपनी कमर पर से अपनी बंधी हुई चमड़े की बेल्ट को निकाल लिया!!
     
     रिशान को इस तरह अपनी बेल्ट को उतारते देख विहान अपनी आंखें कसकर बंद कर लेता है और उसके बाद उस कमरे से सिर्फ विहान के कहराने की आवाज आ रही थी!! और बेल्ट के शोर की आवाज आ रही थी जो विहान के बदन पर पड रहे थे!!
     
     रिशान बिना कोई तरस खाए विहान को लगातार बेल्टों से मारे जा रहा था और पूरा गोयनका मेंशन विहान की चीखों से गूंज गया था!! ऊपर के कमरे में राधा दुष्यंत के पास बैठी थी!! और जब उसके कानों में वह चीखे गई वह भी एक पल को सहम गई वह उठकर एक पल के लिए बाहर आई!!
     
     लेकिन वह चाह कर भी रिशान को रोक नहीं सकती थी!! राधा ने अपनी आंखें वापस से कसकर बंद कर ली और एक आंसुओं की बूंद उसकी आंखों से बाहर आ गई!!
     
    विहान की चीख इस तरह से पूरे बंगले में गूंज गई थी कि वहां काम करने वाला हर एक सर्वेंट भी अब थर-थर कांपने लगा था!!
     
     लगातार 1 घंटे तक विहान को पीटने करने के बाद अब रिशान को भी पसीना आने लगा था!! रिशान ने उस बेल्ट को साइड में फेका और विहान को फिर से उसके बालों से जकड़ कर पकड़ लिया!!
     
    विहान का पूरा शरीर अब बेल्ट की मार से लाल हो चुका था और उसे खून भी आने लगा था!!
     
    लेकिन फिर भी रिशान नें विहान की तरफ नफरत से देखते हुए कहा 
     " तुम्हारे ऊपर लगने वाला हर वार अब भी फीका है!! मेरे दिल के ऊपर जो तुमने और तुम्हारे धोखेबाज बाप ने जो वार किया था वो आज भी बहुत गहरा है!! आज भी इससे भी कहीं ज्यादा सजा डिजर्व करते हो और आज के बाद तुम भागने की हिम्मत नहीं करोगे, क्योंकि मैं तुम्हें उस लायक ही नहीं छोडूंगा"
     
    और रिशान नें वापस से विहान को उसके बालों सहित पकड़कर बेड पर पटक दिया!!
     
     विहान जोर-जोर से रो रहा था बेल्टो की मार से उसके शरीर की चमड़ी तक सूज कर ऊपर उठ आई थी!!
     
     रिशान ने जब उसकी यह हालत देखी तो उसने वापस से विहान के सारे कपड़े फाड़ डालें और दरवाजे को हल्का सा खोलते हुए सर्वेंट के हाथ से नमक ले लिया!!
     
     और विहान के पूरे शरीर पर उसने नमक बखेर दिया!! जैसे ही विहान के जख्मों पर वह नमक लगा तो विहान की चीख से गोयनका मेंशन की छत पर बैठे पक्षी भी दूर-दूर तक उड़ कर चले गए थे!!
     
     रिशान ने जब वहां पर अपने बंगले से सारे पक्षियों को उड़ते देखा तो उसने विहान की तरफ घूमते हुए कहा 
    "बहुत पर निकल आए हैं तुम्हारे? बहुत उड़ने की कोशिश करने लगे हो? लेकिन तुम शायद भूल गए थे जिन पक्षियों को पिंजरे में बंद रखा जाता है वह उड़़ाने के के सपने नहीं देखा करते हैं!! और जो ऐसी कोशिश करते हैं और जब उन्हें दोबारा से पकड़ लिया जाता है तो उन्हें ऐसी सजा दी जाती है जिसके बाद शायद उनकी रूह भी उड़ना भूल जाती है "
     
     कहता हुआ रिशान अंगीठी में जलता हुआ एक सरिया निकाल कर लाया और विहान के पैरों को पकड़कर उस पर उस सरिया को लगा दिया!! जिससे विहान का पांव बुरी तरह से जल गया!! और विहान की इन दर्द भरी चीखो से पूरा गोयनका मेंशन कांप उठा!!
     
    और वहां दर्द से कहराता विहान अब रिशान से  लगातार रहम की भीख मांग रहा था!!
     
     लेकिन रिशान को तो शायद विहान का इस तरह पैर जलाने से भी उसका मन नहीं भर रहा था!! उसकी आंखों में इस कदर गुस्सा था कि वह इस वक्त विहान को पूरी तरह से जला देना चाहता था!!
     
     विहान लगातार दर्द से चिल्लाता रहा और तड़पता रहा!! और खुद पर रहम करने के लिए रिशान से भीख मांगने लगा और उसके आगे हाथ तक उसने जोड़ लिए थे और पैर तक पकड़ लिए थे!!
     
     लेकिन रिशान एक पल के लिए भी कमजोर होने को तैयार नहीं था!!
     
     विहान के शरीर को इस तरह पूरी तरह से बर्बाद करके और उसके पैरों को जलाकर भी उसे सुकून नहीं मिल रहा था!!
     
     और जैसे ही रिशान दुबारा से विहान की तरफ आगे बड़ा तभी पीछे से दरवाजा खटकने की आवाज आई!!
     
    CHAPTER END..........
     
     
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  • 12. Love Loyalty And Lies - Chapter 12

    Words: 1264

    Estimated Reading Time: 8 min

    विहान लगातार दर्द से चिल्लाता रहा और तड़पता रहा!! और खुद पर रहम करने के लिए रिशान से भीख मांगने लगा और उसके आगे हाथ तक उसने जोड़ लिए थे और पैर तक पकड़ लिए थे!!
     
     
     
     लेकिन रिशान एक पल के लिए भी कमजोर होने को तैयार नहीं था!!
     
     
     
     विहान के शरीर को इस तरह पूरी तरह से बर्बाद करके और उसके पैरों को जलाकर भी उसे सुकून नहीं मिल रहा था!!
     
     
     
     और जैसे ही रिशान दुबारा से विहान की तरफ आगे बड़ा तभी पीछे से दरवाजा खटकने की आवाज आई!!
     
    रिशान ने हैरानी से दरवाजे की तरफ देखा और उस खोला!! बाहर एक बॉडीगार्ड खड़ा था!!
     
     और उसने रिशान के आगे झुकते हुए कहा
    "सर आपको राधा मैडम बुला रही है"
     
    " ठीक है उन्हें बोलो मैं आ रहा हूं" रिशान ने कहा
     
     और दरवाजा वापस से बंद करके वह विहान की तरफ आया!! विहान अब दर्द से, इस टॉर्चर से और अपने पैरों पर लगे इन घावो की वजह से लगभग अधमरा हो चुका था!!
     
    और वह जमीन पर बेजान सा पड़ा था!! और अभी भी उसकी कहीं से बंध होती धुंधली आंखों नें रिशान जब उसे अपने पास आते देखा तो उसने फिर से उसके सामने हाथ जोड़ लिए!!
     
     रिशान ने विहान की तरफ उंगली दिखाई और कहा 
    " सोचने की गलती भी मत करना कि मैं तुम पर रहम खाने की कोशिश करूंगा!! मैं तुम पर बहुत रहम खा लिया, लेकिन शायद मैं भूल गया था कि सांपों को दूध नहीं पिलाया जाता है!! लेकिन अब मैं ऐसे सांपों का इलाज करना अच्छे से सीख गया हूं जो जरूरत से ज्यादा अपने अंदर जहर रखते हैं!! और फिर उन्ही को डस लेते हैं जो उन्हें पालते हैं " 
     
     विहान अब भी दर्द से कहरा रहा था लेकिन इस बात की फिक्र करने के लिए शायद अब रिशान के पास वह फीलिंग बाकी ही नहीं थी!! जिन्हें कभी वह विहान के लिए प्यार कहा करता था और उसकी परवाह किया करता था!!
     
    " जब तक कि मैं वापस नहीं आ जाता हूं तब तक का वक्त है तुम्हारे पास अपने आप को फिर से तैयार कर लो!! क्योंकि अगली बार अगर तुमने कोई गलती की तो उसके बाद तुम ही सोच भी नहीं सकते कि मैं तुम्हारे साथ इससे भी बुरा क्या कर सकता हूं" रिशान ने कहा
     
    और विहान को खींचकर एक लात मार दी!!
     
     वह लात सीधी विहान के सीने पर लगी लगी थी जिसकी वजह से उसे खून की उल्टियां फिर से होने लगी!! और रिशान उसकी तरफ ध्यान न देते हुए दरवाजा खोलकर अपनी मां राधा के पास चला गया!!
     
     जैसे ही रिशान राधा के पास वापस से गया राधा अपने कमरे में बैठी थी!! और उनकी आंखें इस वक्त सूजी हुई थी उन्हें देखकर लग रहा था कि शायद वह भी कहीं ना कहीं रो रही थी!!
     
    " आपने बुलाया मां? " रिशान ने पूछा
     
     जब राधा ने पलट कर रिशान की तरफ देखा तब रिशान की भी नजर अपनी मां की आंखों पर पड़ी!!
     
    और उसने आगे बढ़ते हुए अपनी मां के आंसू अपने एक हाथ से पोछे और कहा 
    "आपकी आंखों में आंसू माँ? क्या हुआ आप रो क्यों रही हैं?"
     
    " क्यों कर रहे हो यह सब रिशान? तुम्हारे यह सब करने से दुष्यंत पहले जैसे नहीं हो जाएंगे!!  हां मैं जानती हूं कि हो सकता है विहान ने गलती की थी उस वक्त लेकिन, जो तुम कर रहे हो वह बहुत ज्यादा गलत है!! उसे इतना मत मारो कि उसे इस जिंदगी से मौत बढ़िया मौत अच्छी लगने लगे" राधा ने कहा
     
     राधा की बात सुनकर भी रिशान हल्की सी दर्द भरी मुस्कान हंसता है और कहता है
    "क्यों माँ अब आपको क्यों तरस आ रहा है उस पर? उसे कभी तरस नहीं आया कि उसने उस दिन पापा के साथ क्या किया? पापा ने उसे और उसके बाप को हमेशा अपने परिवार की तरह माना और बदले में उन्होंने क्या दिया? धोखा और उन्हें ऐसी जिंदगी?"
     
     कहते हुए रिशान ने अपने पापा दुष्यंत की तरफ इशारा किया जहां दुष्यंत अभी भी बेड पर पड़ा हुआ था!! और आसपास मेडिकल सेटअप लगा हुआ था और हार्टबीट को रिकॉर्ड करने वाला मॉनिटर और दुष्यंत के मुंह पर लगा ऑक्सीजन मास्क!!
     
     राधा ने जब दुष्यंत की तरफ देखा तो उसकी आंखें भर आई और उसने घूमते हुए फिर से रिशान से कहा
     
    " बात जो भी रही क्यों ना रही हो बेटा लेकिन तुम्हारा इस तरह उसे टॉर्चर करना भी कहां तक सही है? तुम यह बात क्यों नहीं मानते हो कि तुम्हारा विहान के साथ ऐसा करना तुम्हारे पापा को ठीक नहीं कर देगा "
     
    " बेशक ठीक ना करें मां!! लेकिन मैं उसे उसके कर्मों की सजा तो जरूर दूंगा!! उसकी वजह से मेरे पापा आज कोमा में चले गए हैं मैं उसकी जिंदगी कोमा में पड़े जैसे इंसान की तरह कर दूंगा, तब जाकर उसे मेरा और पापा का दुख समझ में आएगा" रिशान ने कहा
     
    " तुमने आज क्या किया है उसके साथ जो वह आज इतनी जोर से चीख रहा था? उसकी आवाज से पूरे गोयनका मेंशन की दीवारे दहल रही थी!! आखिर कितनी जोर से मारा तुमने उसे? " राधा ने पूछा
     
    " उससे तो कम ही घाव दिए हैं मैंने उसे जितने घाव उसने हमें दिए हैं!! आप उसकी चिंता मत करो वह आपकी चिंता को डिजर्व नहीं करता माँ!! वह इंसान ना तो कभी आपका प्यार का डिजर्व करता था ना हीं आपका अपनापन को"  रिशान ने कहा 
     
     "तुम यह कब तक करने वाले हो रिशान? अब तो बाहर तक विहान की चीखे आने लगी है अब तो उसको माफ कर दो!! उसे जाने दो जितनी उसने गलती की थी तुम उसे उतनी सजा दे चुके हो अब उसे आजाद कर दो बेटा " राधा ने कहा
     
    " नहीं माँ!! उसे इतनी आसानी से माफी नहीं मिलेगी!! आप उसके ऊपर इतना तरस मत खाइए मैं जानता हूं कि आपने कभी उसे अपना बेटा जैसा माना था!! और उसकी यह चीखें और यह दर्द आपको अपने दिल पर महसूस होता है!! लेकिन आप यह सब नहीं भूल सकती हैं कि उसने उस दिन कितनी बड़ी गलती की थी, उसे दिन पापा की जान तक जा सकती थी मैं उसे इतनी जल्दी से माफ नहीं करुंगा " रिशान ने कहा 
     
     राधा रिशान के कंधे पर हाथ रखती है और कहती है
    "मैं जानती हूं तुम्हारा गुस्सा जायज है बेटा लेकिन अब हद हो गई है!! तुम उस पर इतना अत्याचार कर रहे हो जिससे उसकी चीख सुनकर कई बार मुझे एहसास होता है कि आज तो वह मर ही जाएगा!! उसे इतना मत मारो बेटा उसे आजाद कर दो मेरे लिए उसे आजाद कर दो!! उसे इतनी तकलीफ मत दो" राधा ने कहा
     
    " मां मैंनें आज तक आपकी हर बात मानी है लेकिन मैं यह बात मानने को हरगिज तैयार नहीं हूं!! मैं जानता हूं कि आप ऐसा क्यों कह रही हैं क्योंकि आपको उसके ऊपर तरस आ रहा है!! लेकिन मैं आपको यकीन दिलाता हूं वह इंसान बिल्कुल भी तरस खाने लायक नहीं है!! जिस परिवार ने उसे सब कुछ दिया, एक जिंदगी दी, आपने उसे मां का प्यार दिया, आर्यमन भाई ने उसे हमेशा अपने छोटे भाई की तरह माना!! और उसी ने उसी थाली में छेद किया जिसमे उसने खाया था " रिशान ने कहा 
     
     रिशान की बात सुनकर राधा अपने आंसुओं को पोछती है और फिर से उसे मनाते हुए कहती है
    "अब जाने दो बेटा!! महीने बीत गए हैं अगर किसी दिन राहुल को होश आ गया तो मैं उसे क्या जवाब दूंगी? और अब तो आर्यमन भी कुछ दिनों बाद वापस आने वाला है" 
     
    CHAPTER END.........
     
     
     
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  • 13. Love Loyalty And Lies - Chapter 13

    Words: 1543

    Estimated Reading Time: 10 min

    रिशान की बात सुनकर राधा अपने आंसुओं को पोछती है और फिर से उसे मनाते हुए कहती है
     
    "अब जाने दो बेटा!! महीने बीत गए हैं अगर किसी दिन राहुल को होश आ गया तो मैं उसे क्या जवाब दूंगी? और अब तो आर्यमन भी कुछ दिनों बाद वापस आने वाला है"
     
     
    आर्यमन वापस आ रहा है इस बात को सुनकर निशान बुरी तरह से हैरान हो जाता है!!
     
     और वह तभी अपनी मां की तरफ देखते हुए कहता है
    "भाई इतने दिनों बाद वापस आ रहे है? अगर भाई यहां वापस आ रहे हैं तो क्या आपने उन्हें बताया पापा की हालत के बारे में? मैंने आपको मना किया था ना उन्हें इस बारे में मत बताना, वह पापा की ज्यादा चिंता करेंगे" 
     
     " नहीं बेटा मैंनें आर्यमन को दुष्यंत की हालत के बारे में नहीं बताया, ना ही उस हादसे के बारे में बताया जिसमें दुष्यंत इतना घायल हुआ!! लेकिन आर्यमन अब अपने कुछ दिनों के होलीडेज मनाने के लिए वापस इंडिया आ रहा है मैं उसे कैसे रोक सकती थी? " राधा ने कहा
     
     " अगर भैया यहां आए और उन्हें पापा की हालत के बारे में पता चला तो उन्हें बहुत दुख होगा"  रिशान ने कहा
     
     "और उसे विहान की हालत जानकर भी बहुत दुख होगा रिशान, जो तुमने उसकी कर दी है अगर आर्यमन को यह पता लगा कि तुमने विहान के साथ क्या कुछ किया है उसे कितना टॉर्चर किया है तो शायद वह तुमसे जरूर झगड़ा करेगा!! और तुमसे जरूर नाराज होगा " राधा ने कहा
     
    " मैं जानता हूं मां आप ऐसा क्यों कह रही हैं आप इसीलिए कह रही है ना कि आर्यमन भाई विहान की बहुत ज्यादा चिंता करते हैं!! लेकिन आप उसकी चिंता मत करो मैं आर्यमन भाई को कुछ पता नहीं लगने दूंगा, मैं सब कुछ पहले ही संभाल लूंगा"  रिशान ने कहा 
     
     लगभग तीन दिन बाद विहान इस हालत में आया था कि उसने अपनी आंखों को खोला था!! और धीरे-धीरे हिलना डुलना शुरू किया था, लेकिन उसके शरीर के जख्म अब तक नहीं भरे थे!!
     
     उसके शरीर पर गिरा हुआ है वह नमक और वह जले हुए पै इस बात की गवाही दे रहे थे कि अब भी खुलकर सांस लेने तक की हिम्मत में नहीं था!!
     
     विहान जैसे ही पैर रखकर जमीन पर चलने की कोशिश करता है उसके पैर में असहाय दर्द होता है और वह दर्द से चीखता हुआ वापस से जमीन पर गिर जाता है!!
     
    अपनी यह हालत देखकर फिर से रोना शुरू कर देता है काफी वक्त  तक ज़मीन पर पड़े पड़े रोने के बाद विहान अपने आप को जमीन पर घसीटता हुआ ही टेबल के पास जाता है!! जहां पानी का जग रखा हुआ था!!
     
    लेकिन जैसे ही वह वहां से जग को उतार कर देखता है तो वह जग खाली था!!
     
     विहान को बहुत तेज प्यास लगी थी और वह पानी के लिए तड़पने लगा था!! विहान उठकर दरवाजे तक नहीं जा सकता था क्योंकि उसके पैर बुरी तरह से जल चुके थे!!
     
     साथ ही उसका बदन अभी भी बेल्ट की मार से पूरी तरह से सुजा हुआ था फिर भी वह जमीन पर इसी तरह एक हाथ का सहारा लेकर घसीटता हुआ दरवाजे तक जाता है और उसे हल्के से बजाता है!!
     
     लेकिन उसकी इस आवाज पर कोई ध्यान नहीं देता बाकी सर्वेंट और सब लोग अपने-अपने काम में लगे रहते हैं!! विहान के गले में इतनी भी ताकत नहीं थी कि वह आवाज लगाकर किसी से पानी मांग ले!!
     
    वह दरवाजे का सहारा लगाकर दरवाजा बजाता रहता है लेकिन दूसरी तरफ से दरवाजा नहीं खुलता!!
     
     सिसकती और हाफता हुआ विहान वापस अपने कमरे की तरफ चारों तरफ नजरे करके देखता है कि उसे कहीं से पानी नजर आ जाए!! तभी उसका ध्यान बाथरूम की तरफ जाता है!!
     
    और विहान अपने हाथ उसी हाथ का सहारा लेकर घसीटता हुआ वॉशरूम की तरफ जाता है और वही टैप का पानी खोलकर उसके नीचे अपना सर कर लेता है और वहीं से पानी पीता है!!
     
     विहान वहीं पर बाथरूम में दीवार का सहारा लगाकर टैप के नीचे बैठ जाता है और अपने जख्मों पर उसे ठंडे पानी को गिरने देता है
     
     क्योंकि शायद अब उसके जख्मों पर मरहम लगाने वाला भी कोई नहीं था!! इस पानी के सिवा इस घर में उसका कोई और सगा भी नहीं रह गया था!!
     
     विहान वहीं पर बैठे हुए अपनी आंखें बंद कर लेता है तभी सामने का दरवाजा खुलता है और उसके अंदर रिशान आता है!! रिशान को जब विहान कमरे में कहीं नजर नहीं आता तो वह चारों तरफ देखता है, और तभी उसे वॉशरूम में पानी गिरने की आवाज आती है!!
     
     रिशान वॉशरूम की तरफ जाता है और दरवाजा खोल कर देखता है कि वहां विहान टैब के नीचे बैठा था और अपने आप को उस ठंडे पानी से राहत पहुंचा रहा था!!
     
    अपने आप को ऐसा आराम देने की कोशिश करते देखा जब रिशान विहान को देखता है तो फिर से उसे गुस्सा आ जाता है!!और वह चिल्लाकर विहान का नाम बोलता है!!
     
     
     रिशान की ऐसी तेज कड़कती आवाज सुनकर विहान एकदम से होश मे आता है और जब देखता है कि रिशान उसी की तरफ गुस्से भरी निगाहों से देख रहा है तो वह सहम जाता है!!
     
    " ओ तो तुम यहां अपने जख्मों पर मरहम लगा रहे हो!! गलती कर दी मैंने जो मैंने तुम पर इस बात का भरोसा कर लिया कि शायद इतने जख्म मिलने के बाद तो शायद तुम्हारी हालत हिलनें लायक भी नहीं रही होगी!! लेकिन हिम्मत तो देखो तुम्हारी, तुमने अपने जख्मों का इलाज ढूंढ ही लिया " रिशान ने कहा
     
     रिशान को इतने गुस्से में देखकर विहान फिर से डर जाता है और कांपती हुई आवाज में कहता है
    "  रिशान, रिशान!!  मै सिर्फ यहां पर पानी पीने आया था, मुझे प्यास लगी थी " 
     
     रिशान विहान के पास हल्के से झुकते हुए बैठता है और उसकी आंखों में आंखें डालकर कहता है
    "तो तुम्हें प्यास लगी थी? तुम्हें पानी पीना था?"
     
     कहते हुए रिशान बगल में लगे बाथटब की टैप को खोल देता है उसे पानी का भर देता है
     
    " ठीक है तो फिर अगर तुम्हें प्यास लगी है तो मैं तुम्हारी प्यास बुझाता हूं!" 
     कहता हुआ रिशान विहान को उसके बालों से पकड़ता है और उसका मुंह उस भरे हुए बाथटब में डुबो देता है
     
     जिस वजह से विहान फिर से तड़पता हुआ अपने हाथ पैर मारने लगता है!! लेकिन रिशान को तो इस सबसे कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था!! गुस्से में उसने बालों से पकड़कर विहान का मुंह एक बार बाहर निकालता है जहां से विहान बाहर आते ही तेज और गहरी सांस लेता है!!
     
    लेकिन तभी रिशान वापस से विहान को उसके बालों सहित पकड़कर पानी में डुबो देता है!!
     
    " प्यास लगी थी तुम्हें? हां प्यास लगी थी? तो बुझाओ अपनी प्यास, पियो जितना पानी पीना है"  कहते हुए रिशान वापस से विहान का सिर ऊपर उठाता है और फिर से पानी में डालने लगता है
     
     रिशान विहान का सिर पानी से बार बार बाहर निकालता है और वापस से पानी मे डुबो देता है!!
     
     अंत मे रिशान गुस्से से विहान को अपनी तरफ बालो सहित घूमाते हुए कहता है
    " तुम्हें कोई हक नहीं है कि तुम अपनी मर्जी से पानी तक पी सको!! मेरी जब इच्छा होगी तब मैं तुम्हें अपनी दूंगा और आज के बाद तुम्हारे इस कमरे में टैप का पानी भी नहीं आएगा जब तक कि मैं ना चाहूं"
     
     कहते हुए रिशान विहान को वहीं बाथरूम में बाथटब पास पटकता है और उस कमरे से बाहर आ जाता है!!
     
     लेकिन विहान अब रिशान के इन अत्याचारों से इतना थक चुका था कि वो बेसुध हो चुका था कि वह वहीं बेहोश होकर बाथरूम मे ही बेहोश हो गया!! और अधमरा होकर जमीन पर गिर गया!! और रिशान उसकी तरफ पलट कर भी नहीं देखा है!!
     
     लगातार फिर से चार दिन बीत जाते हैं लेकिन रिशान विहान के पास सिर्फ एक घूंट पानी पहुंचाता है ताकि सिर्फ वह जिंदा रह सके!! और उस पर होने वाले हर एक इस अत्याचार को अच्छे से महसूस कर सके!!
     
     विहान के पास जब कोई सर्वेंट पानी लेकर जाती तो विहान उस इस तरह पीता जैसे उसे कभी वह दोबारा पानी मिलेगा ही नहीं!! वह झटपटा के जल्दी से उस गिलास को पकड़ लेता जिसमें एक ही घूट पानी होता था!! 
     
     सर्वेंट को भी उसकी यह हालत देखकर रोना आ जाता था लेकिन शायद उसकी मदद करके कोई भी रिशान को नाराज नहीं करना चाहता था!!
     
     क्योंकि कुछ दिनों से रिशान अब एक इंसान नहीं सच में एक हैवान बन गया था!! विहान को टॉर्चर कर करके रिशान अब इतना गुस्सैल हो गया था कि अब वह बाहर भी किसी सर्वेंट या बॉडीगार्ड पर गुस्सा निकालने से पहले एक पल को नहीं हिचकीचाता था और किसी पर भी आसानी से हाथ उठा दिया करता था!!
     
     और तभी एक दिन उस सर्वेंट को विहान पर बहुत तरस आता है और वह जब उसे खाना और पानी देने जाती है तो उसके पास हल्के से झुक कर बैठती है!!
     
    और उसे कहती है
    " सिर्फ दो दिन की बात और है उसके बाद आर्यमन सर आ जाएंगे!! तब शायद वह तुम्हें यहां से निकाल पाए"
     
     आर्यमन का नाम सुनते ही विहान के चेहरे पर एक आंसुओं से भरी मुस्कान आ जाती है!!
     
    CHAPTER END........
     
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  • 14. Love Loyalty And Lies - Chapter 14

    Words: 1572

    Estimated Reading Time: 10 min

    रिशान की बात सुनकर विहान उसे उन्ही लाल और दुख भरी आंखों से देखता है और रिशान का चेहरा अब ऐसा लग रहा था जैसे मानो अब उसमें कोई इंसानियत नाम की चीज भी रह नहीं गई थी!!
     
     
     
     सर्वेंट विहान के हाथों में एक कैची को थमाता है और कहता है
     
    "चलो मेरे साथ बाहर"
     
     
     
     इतना कहकर सर्वेंट ने विहान को उसकी बाजू से पकड़ा और उसे तेजी से बाहर ले जाने लगा!!  विहान से चला तक नहीं जा रहा था अपने पैरों की जख्मों की वजह से!!
     
     
     
     लेकिन फिर भी उसे इस तरह घसीट कर ले जाया जा रहा था और राधा को उसकी यह हालत देखकर सिर्फ रोना आ रहा था!!
     
     
     
     और रिशान सब कुछ वैसे ही छोड़ वहां से मुड़कर वापस से अपने कमरे में चला जाता है!!  
     
    विहान इस वक्त चिलचिलाती धूप में काम कर रहा था और उसे पीने के लिए पानी तक नहीं दिया गया था!! फिर भी विहान बड़े मुश्किल से लंगड़ाते हुए और कांपते हाथों से वहां गार्डन में काम कर रहा था!!
     
     और रिशान उसे सफाई करते वही ऊपर अपने कमरे की खिड़की से कॉफी पीता हुआ देख रहा था या मानो उस पर निगाह रख रहा था!!
     
     रिशान पीछे घूमता हुआ अपने कमरे की एक ड्रॉवर खोलता है और उसमें से एक बॉक्स निकलता है जिस बॉक्स में एक रिंग रखी थी!!
     
    जब रिशान उस रिंग की तरफ देखकर कहा
    "किसे पता था कि तुम मुझे इतना बड़ा धोखा दोगे विहान!! मैंनें तो सोचा था कि जिस दिन तुम ग्रेजुएट हो जाओगे उस दिन मैं तुम्हें प्रपोज करूंगा और हमेशा हमेशा के लिए तुम्हें अपना बना लूंगा!! लेकिन तुम्हें तो शायद मेरी फिलिंग्स की कदर तक नहीं थी तुमने तो मेरे पूरे परिवार को धोखा दिया! जब मैंनें शुरुआत में तुम्हारे साथ जबरदस्ती किया करता था तब मुझे बहुत बुरा लगा करता था और खुद से नफरत होती थी!! लेकिन वक्त के साथ जाना मैंने कि तुम तो इसी नफरत के लायक थे!! मैंने हमेशा तुमसे प्यार किया, मेरी मां ने हमेशा तुम्हें अपना बेटा माना, मेरे पापा ने तुम्हें हम दोनों भाई जितना प्यार किया लेकिन तुमने बदले में सिर्फ और सिर्फ हम सबको निराश किया"
     
    " तो कैसा है मेरा प्यारा भांजा? " पीछे से एक आवाज आई जैसे ही रिशान उस आवाज को सुनता है उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है!!
     
    और वह पीछे घूम कर देखता है जहां बलवंत खड़ा था!! रिशान वापस उस रिंग को ड्रॉवर मे रखता है और भागते हुए अपने मामा के गले से लग जाता है!!
     
    " मामा आप यहां इतने दिनों बाद? आपको देखकर सच में मैं बहुत खुश हूं मुझे तो लगा था आप वापस बेंगलुरु से वापस नोएडा आएंगे ही नहीं"  रिशान ने कहा 
     
    " कैसे नहीं आता भांजे? तुम्हारा मामा तुम्हारे बिना आखिर वहां इतने दिन तक कैसे रह पाता? आखिर उसे भी तो तुम्हारी याद आती है ना" बलवंत ने कहा
     
    बलवंत की बात सुनकर फिर से रिशान उसे एक मुस्कान दिखाता है और उसे लेकर अपने पास सोफे पर बैठ जाता है!!
     
    "और बताओ मामा आपको कोई आने में परेशानी तो नहीं हुई ना और वहां बेंगलुरु में सारा काम कैसा चल रहा है?  सब कुछ ठीक तो है ना?" रिशान नें कहा
     
    रिशान की बात सुनकर बलवंत उसके सिर पर हाथ फिराता है और कहता है
    "सब कुछ ठीक है ऐसा कभी हुआ है कि तेरा मामा जिस काम को संभाले और वह हो ना? लेकिन मैं यह बात जानकर हैरान हूं कि तूने कहा कि तुझे नहीं पता था मैं आने वाला हूं, तो फिर भी तूने मेरा स्वागत में इतनी सारी तैयारियां क्यों करवा रखी है?"
     
     बलवंत की बात सुनकर रिशान हल्का सा हंसता है और कहता है
    " अरे नहीं मामा यह सारी तैयारी तो मैं आर्यमन भाई के लिए कर रहा हूं!! आज शाम तक वह आ रहे हैं ना"
     
     आर्यमन का नाम सुनकर बलवंत की भोहे फिर से गुस्से में तन जाती है और वह कहता है
    " तो तू उसके लिए इतनी सारी तैयारियां क्यों करवा रहा है? और तू अपने मामा के लिए तो कभी इतनी तैयारी नहीं करवाई? तुझे अपने मामा से तो प्यार है ही नहीं!! जाओ मैं भी तुझसे बात नहीं करता"
     
     कहकर बलवंत नाराज होने की एक्टिंग करता है तभी रिशान वापस से अपने मामा को उसके कंधों से पकड़ लेता है!!
     
    और उन्हें प्यार से गले लगाते हुए कहता है
    "अरे मामा इतनी सी बात पर क्यों नाराज होते हो? कोई बात नहीं अगली बार से जब आप आओगे तो मैं आपके लिए इससे भी ज्यादा अच्छी स्वागत की तैयारी करवा कर रखूंगा! आखिर आपने मेरे लिए कितना कुछ किया है मैं तो अपने बिजनेस को ख़ो ही बैठा था!! अगर आप ना होते तो मैं कुछ भी संभाल ही नहीं पाता!! मैं आपका यह एहसान कभी नहीं भूलूंगा"
     
     रिशान की बात सुनकर बलवंत उसकी तरफ घूमते हुए कहता है
    "अच्छा तो तो तू मुझे याद दिला रहा है कि मैं तेरे लिए क्या कुछ किया है? अरे बेटा है तू मेरा,फर्ज है मेरा तेरे लिए यह सब करने का!! आइंदा कभी यह मत कहना कि तेरे ऊपर ये एहसान है!! यह तो सिर्फ तोहफा है जो मैंने तुझे दिया है"
     
     अपने मामा की बात सुनकर भी रिशान बहुत खुश होता है और उनके साथ बैठकर बातें करने लगता है!!
     
     तभी बलवंत पूछता है
    " अच्छा एक बात बता भांजे वह जो पालतू पिल्ला था आजकल उसके क्या हाल-चाल है? कहीं उसने फिर से कोई तुम सबको परेशान करने वाली हरकत तो नहीं की है ना? "
     
     " नहीं मामा आप उसकी चिंता मत कीजिए!! अब वह हम सबको बुद्धू नहीं बना सकता है, मैंने उसे उसके किए की बहुत अच्छी सजा दी है!! आज के बाद शायद वह ऐसा कुछ करने के बारे में सोचेगा भी नहीं" रिशान ने कहा
     
    निशान की बात सुनकर बलवंत उसका कंधा थपथपाता है और कहता है
    " यह तो मैं जानता ही था कि तू बिल्कुल मेरा भांजा है और तू मेरी कही हुई बात हो कभी नहीं टालेगा!! लेकिन अफसोस इस बात का है कि मैं तुझे अपनी बातों पर जल्दी यकीन दिलाने में असफल रहा"
     
     "मामा आप ऐसी बातें क्यों कर रहे हैं? गलती मेरी है कि मैंनें आपके ऊपर वक्त से भरोसा नहीं किया!! अगर वक्त रहते ही मैं आप पर भरोसा कर लिया होता तो शायद हम सब को इतना बड़ा धोखा नही मिलता जो हम सब को विहान और उसके उसे बाप राहुल वर्मा नें दिया " रिशान नें कहा 
     
    " खैर अब बस!! जो भी हो लेकिन मुझे खुशी है कि तूने अब ऐसे धोखेबाजों का हिसाब रखना अच्छे से सीख लिया है!! राधा ने बताया था मुझे कि तू उसके साथ क्या कुछ कर रहा था!! लेकिन कई बार मुझे राधा सच में पागल लगती है उसे उस लड़के और उसके बाप के लिए बुरा लगता है!! मुझे समझ में नहीं आता मेरी बहन में उन लोगों के लिए इतनी हमदर्दी क्यों भरी है " बलवंत ने कहा 
     
    " क्योंकि माँ किसी के साथ भी बुरा होता नहीं देख सकती फिर चाहे वह उन्हीं के साथ बुरा करने वाले क्यों ना हो!! और विहान और उसका बाप उन्हीं लोगों में से एक है जिन्होंने हमें पग पग पर धोखा दिया!! लेकिन बस माँ किसी के साथ बुरा नहीं कर सकती और उन्होंने हमेशा दूसरों का भला ही चाहा है इसलिए उन्हें बहुत बुरा लगता है" रिशान नें कहा 
     
     शाम का वक्त होने को आया था और विहान को वापस से पकड़कर उसके कमरे में बंद कर दिया गया था और आर्यमन के आने का वक्त भी हो चुका था!!
     
    लेकिन विहान ने कुछ भी सुबह से ना तो खाया था और ना ही पिया था!! उसके बाद भी उसने धूप में इतनी देर तक काम किया था!! जिस वजह से वह थोड़ी देर तो अपने इस बात का इंतजार करने लगा कि कोई उसके पास खाना या पानी लेकर आ जाएगा!!
     
    लेकिन शाम होते ही आर्यमन के आने का वक्त हो गया था और सब उसकी तैयारी में लग गए और विहान फिर से अकेला पड़ गया!! उसके आसपास कोई नहीं था, ना उसकी बातों को सुनने वाला कोई था!!
     
    जो सर्वेंट विहान को खाना देकर जाती थी आज वह भी अपने कामों में बिजी थी!!! आर्यमन की आने की खुशी में वहां एक पार्टी रखी गई थी!!
     
     
    और रिशान ने यह जानते हुए की विहान इस घर में है और आर्यमन आते ही उसके बारे में पूछेगा इसलिए रिशान ने म्यूजिक की आवाज लाउड करवा दी जिसकी वजह से अगर विहान अंदर से भी किसी को आवाज दे तो किसी को सुनाई ना दे!!
     
     और ऐसा ही हो रहा था भूख और प्यास से बुरी तरह से टूट चुका विहान दरवाजा बजाता रहा लेकिन दूसरी तरफ से उसकी आवाज किसी तक पहुंच ही नहीं रही थी!! आर्यमन जैसे ही आया उसने आते ही राधा के पैर छुए और रिशान को गले से लगाया!!
     
     आर्यमन के साथ इस बार एक लड़की कनिका और आई थी जिसे आर्यमन ने सबसे अपनी फ्रेंड कहकर इंट्रोड्यूस करवाया था!!
     
     
     आर्यमन यह बात अच्छे से जानता था कि बलवंत उससे नफरत करता है फिर भी उसने उसके पैर बड़े होने के नाते छुए!! और बलवंत ने भी उसे सिर्फ नजरअंदाज करके अपनी नज़रें फेर ली!!
     
    आर्यमन ने बलवंत के इस बिहेव को इग्नोर किया क्योंकि वह हर बार ऐसा ही बिहेव करता था!!
     
    और आर्यमन ने आते ही चारों तरफ नजरे घुमाई और कहा
     "विहान कहां है रिशान? मुझे विहान क्यों नहीं दिखाई दे रहा यहां?"
     
     
    CHAPTER END........
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
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  • 15. Love Loyalty And Lies - Chapter 15

    Words: 2135

    Estimated Reading Time: 13 min

    आर्यमन के साथ इस बार एक लड़की कनिका और आई थी जिसे आर्यमन ने सबसे अपनी फ्रेंड कहकर इंट्रोड्यूस करवाया था!!
     
     
     
     
     
     आर्यमन यह बात अच्छे से जानता था कि बलवंत उससे नफरत करता है फिर भी उसने उसके पैर बड़े होने के नाते छुए!! और बलवंत ने भी उसे सिर्फ नजरअंदाज करके अपनी नज़रें फेर ली!!
     
     
     
    आर्यमन ने बलवंत के इस बिहेव को इग्नोर किया क्योंकि वह हर बार ऐसा ही बिहेव करता था!!
     
     
     
    और आर्यमन ने आते ही चारों तरफ नजरे घुमाई और कहा
     
     "विहान कहां है रिशान? मुझे विहान क्यों नहीं दिखाई दे रहा यहां?"
     
    आर्यमन की बात सुनकर एक पल के लिए राधा, रिशान और बलवंत खामोश हो जाते हैं 
     
    " क्या हुआ रिशान? तुम सब इतने चुप क्यों हो गए? विहान कहां पर है मैंनें तुमसे कहा था ना कि जब मैं आऊं तो मैं सबसे पहले उसे देखना चाहता हूं!! लेकिन तुम सब यहां खड़े हो लेकिन विहान कहां पर है? " आर्यमन ने पूछा 
     
     आर्यमन की बात सुनकर रिशान अपने चेहरे पर एक झूठी मुस्कान दिखाता है और कहता है
    "आप उसे जानते नहीं हो क्या भाई उसे एक काम के लिए मैं मार्केट भेजा था और अब तक वह आया ही नहीं!! आपको पता है ना उसे रास्ते में कुछ मिल गया होगा खेलने के लिए वो उससे लग गया होगा खेलने!!आओ ना आप अंदर '
     
     आर्यमन को रिशान की बात सुनकर कुछ अजीब सा लगा और लेकिन वह उससे पहले कोई और सवाल पूछ रहा था! तभी रिशान ने उसे जबरदस्ती कंधे से पकड़ा और अंदर ले आया!!
     
    अंदर म्यूजिक की आवाज बहुत तेज से गूंज रही थी और वहीं से विहान अपने कमरे का दरवाजा बजा रहा था लेकिन किसी को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था!!
     
     अंदर आते ही राधा ने सबके लिए खाना सर्वे किया!!
     
     और तभी राधा ने आर्यमन के साथ आई हुई लड़की के लिए पूछा
    " आर्यमन यह वही लड़की है ना जिसके बारे में तुमने मुझे पहले बताया था? "
     
    " हम यह वही है कनिका मैंने आपको बताया था ना कि कनिका मेरे साथ अमेरिका में है और यह एक साइकोलॉजिस्ट है " आर्यमन ने जवाब दिया
     
     राधा ने कनिका के चेहरे पर प्यार से हाथ फेरा और कहा
    'बहुत खूबसूरत है यह "
     
     कहते हुए राधा ने सबको खाना परोसा और सभी आर्यमन ने फिर पूछा मां
    "विहान अब तक नहीं आया है? और पापा? पापा कहां है?"
     
     आर्यमन की बात सुनकर रिशान ने और राधा ने एक दूसरे की तरफ देखा और फिर तभी रिशान ने फिर से बात को पलटते हुए कहा
    " पापा सो गए हैं!! आजकल उनकी थेरेपी चल रही है जिसकी वजह से वह जल्दी थक जाते हैं और जल्दी ही सो जाते हैं"
     
     'और विहान मैं जब से आया हूं तुमसे विहान के बारे में पूछ रहा हूं!! विहान कहां है रिशान मुझे अब तक वहां दिखाई नहीं दिया है?  एक काम करता हूं मैं खुद ही उसे कॉल कर लेता हूं" आर्यमन ने कहा
     
    और अपनी जेब से कॉल करने के लिए जैसे ही मोबाइल निकाला तभी रिशान ने उसका हाथ पकड़ लिया!! क्योंकि विहान के पास तो उसका मोबाइल था ही नहीं!!
     
    रिशान नें बहुत पहले ही उससे उसका मोबाइल छीन लिया था और अगर मोबाइल नोट रीचेबल आता तो आर्यमन जरूर चिंता में पड़ जाता!!
     
    " यह आप क्या कर रहे हैं भाई? आप खाने पर फोकस करो ना विहान आ जाएगा! आपको उसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है मैंने उससे कहा था!! असल मे आज उसके दोस्त का बर्थडे भी है मैंने उसे बहुत ज्यादा मनाया था कि आज आर्यमन भाई आने वाले हैं वह रुक जाए लेकिन वह अपने दोस्त के बर्थडे में चला गया!! आप उसकी ज्यादा चिंता मत करो आप अपने खाने पर ध्यान दो कहते हुए " रिशान ने कहा
     
    और आर्यमन को अपने हाथों से खाना खिलाना शुरू कर दिया!!
     
     वहीं दूसरी तरफ खाना खाने के बाद राधा विहान की चिंता कर रही थी और तभी रिशान को आता देख राधा नें कहा 
    " रिशान आर्यमन बार बार विहान के बारे मे पूछा रहा है तुम कब तक उससे सच छिपाओगे!! और विहान का तो सोचो उसने सुबह से कुछ नही खाया है और आज घर मे इतना कुछ बना है और घर मे एक वो बच्चा सुबह से भूखा है!! उसके पास भी प्लीज खाना भिजावा दो बेटा " 
     
    रिशान अपनी माँ को हैरानी भरी नज़रो से देखता है तभी उसकी नजर डाइनिंग टेबल पर बचे हुए खाने पर जाती है!! जो सबकी प्लेट में झूठा पड़ा हुआ था!!
     
    जिसे देखकर  रिशान के चेहरे पर एक तिरछी मुस्कान आ जाती है और वह एक सर्वेंट को अपने पास बुलाकर कहता है
    "यह जो प्लेट में बचा हुआ खाना है सबका छोड़ा हुआ,  उसे ले जाकर विहान को डाल दो "
     
     रिशान की ऐसी बात सुनकर राधा है चौकने वाली नजरों से रिशान की तरफ देखती है और कहती है
    "यह तुम क्या कह रहे हो रिशान? तुम विहान को सब का झूठा खाना देने की कह रहे हो? तुम पागल हो गए हो क्या? तुम होश मे तो हो ना?"
     
    " आपनें ही तो कहा था ना आज घर में इतना सब कुछ बना है और घर में एक बच्चा भूखा है!! तो ठीक है आपकी बात मानकर दे रहा हूं ना उसे मैं आज अच्छा खाना!!  क्या फर्क पड़ता है यह खाना किसी का छोड़ा हुआ है कि नहीं आखिर घर पालतू जानवरो को ऐसा ही खाना दिया जाता है" रिशान नें कहा 
     
    रिशान की बात सुनकर राधा अपना कलेजा पकड़ लेती है, राधा को अहसास था कि रिशान ये सही नही कार रहा है विहान के साथ!! ओयकीन वो मज़बूर थी, अपने ही बेटे को वो हैवान बनते देख रही थी!!
     
     
    " ऐसा मत करो बेटा!! भगवान के लिए ऐसा मत करो,तुम्हें बहुत बड़ा पाप लगेगा!! विहान से तुम्हारी नाराजगी को मै समझती हूं लेकिन ऐसा किसी दुश्मन के साथ भी नहीं करना चाहिए!! एक वक्त विहान इस घर का सदस्य जैसा ही था प्लीज ऐसा मत करो बेटा!! भगवान के लिए ऐसा मत करो" राधा ने कहा
     
     
    तभी पीछे से आते हुए बलवंत ने कहा 
    "क्या तुम भी बहना ? आज पहली बार जब मैं रिशान को सही काम करते देख रहा हूं तो तुम बीच में आ रही हो!! सही तो कर रहा है वह आखिर नौकरों के साथ और पालतू जानवरों के साथ ऐसा ही खाना भेजा जाता है"  
     
    " चुप रहो तुम बलवंत बहुत हो गया भाई तुम्हारा!! मैं बर्दाश्त किये जा रही हूं और तुम्हारा यह अब मेरे सर के ऊपर से जाया जा रहा है!! क्यों मेरे बेटे को एक के बाद एक पाप करने के लिए तुम बढ़ावा दे रहे हो? जिस दिन उसके कर्मों का हिसाब होने पर आएगा उसके कर्मों का आधा हिस्सा तुम अपने सर ले लोगे क्या? रिशान तो अभी नासमझ है अभी उसे अकल नहीं है कि उसे जिंदगी में इस काम की कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी लेकिन तुम तो समझदार हो " राधा नें बलवंत तो डांटते हुए कहा 
     
     राधा की डांट सुनकर बलवंत अपना रोना चेहरा बनाता है और कहता है
    " देख लिया बेटा कैसा काला जादू किया हुआ है उस पिल्ले नें मेरी बहन पर!! यह मेरी बहन होकर ही मुझसे ऐसी बातें कह रही है"
     
     
     बलवंत की बात सुनकर रिशान बलवंत की कंधे पर हाथ रखता है और वहां से चला जाता है!!
     
     रात होने को चली थी और अब भी आर्यमन कहीं ना कहीं विहान के बारे में सोच रहा था!! सब लोग अपनी पार्टी और डांस करने में व्यस्त थे लेकिन एक आर्यमन ही था जो बार-बार सोच रहा था कि एक बार वह विहान को कॉल कर ले!
     
    आर्यमन नें इस बार ठाना की वह एक बार विहान को कॉल करके घर बुलायेगा और उसे खूब डांटेगा कि अपनी रात को घर से बाहर क्यों है? और यही सोचकर उसने विहान का नंबर डायल कर दिया और वही हुआ दूसरी तरफ से नंबर नोट रैचेबल आया!!
     
    जैसे ही आर्यमन को विहान का नंबर नोट रिचेबल मिला वह बुरी तरह से हैरान हो गया!!
     
    " यह विहान का नंबर नॉट रीचेबल क्यों आ रहा है? और यहां सब लोग विहान के नाम से इतना अजीब रिएक्ट क्यों कर रहे हैं?' आर्यमन ने अपने आप से बात करते हुए कहा 
     
     तभी आर्यमन डिसाइड करता है कि वह विहान को ढूंढने खुद ही बाहर जाएगा!! आर्यमन अपनी गाड़ी की चाबी लेकर वहां से निकलने लगता है तभी पीछे से उसका हाथ रिशान पकड़ लेता है!!
     
    और रिशान के साथ इस वक्त बलवंत भी खड़ा था!
     
    "इस वक्त आप कहां जा रहे हैं भाई? अभी तो आप आए हैं अभी आप कहां जा रहे है?" रिशान नें कहा
     
    "मुझे सीधे से बताओ कि आखिर विहान कहां गया है रात होने को आ गई है वक्त देखा 11:00 बजने को जा रहे हैं वह अब तक नहीं आया है!! और तुम इतना रिलैक्स क्यों हो? क्या तुम्हें उसकी चिंता नहीं है?" आर्यमन नें कहा
     
    आर्यमन की बात सुनकर रिशान कुछ पल के लिए तो खामोश रहता है और फिर कहता है
    'आप उसकी खामखा ही चिंता कर रहे हैं भाई! जब उसे ही आपकी परवाह नहीं है, जब उसे पता था आप आने वाले हैं तब भी वह चला गया तो अब आप उसके लिए क्यों परेशान हो रहे हैं? "
     
    " यह तुम कैसी बात कर रहे हो रिशान? विहान अभी बच्चा है उसे सही गलत का नहीं पता!! और मुझे नहीं लगता कि अगर विहान को यह बात पता होती कि मैं आने वाला हूं तो वह जानबूझकर कही और चला जाता" आर्यमन ने कहा
     
     आर्यमन की बात सुनकर बलवंत इस वक्त छनाक से कहता है
    "इस दुनिया में कौन कब कहां बदल जाए किसे पता है? तुम जिस लड़के के लिए इतना परेशान हो रहे हो उसे तुम्हारे जब चिंता ही नहीं है तो तुम क्यों उसकी चिंता करके खुद को बावला किया जा रहे हो? उसे तुम्हारी परवाह ही होती तो वह यहां रुकता अपने दोस्तों के साथ अय्याशियां करने थोड़ी ना बाहर जाता "
     
     बलवंत की ऐसी बातें सुनकर भी रिशान शांत खड़ा था और यह सब देखकर आर्यमन को बहुत अजीब लगा!!
     
     और उसने तभी रिशान से कहा
    " यह बलवंत मामा फिर से क्या बात कर रहे हैं रिशान? और तुम इस तरह चुप क्यों खड़े हो? बलवंत मामा ऐसी बातें बोल रहे हैं और तुम चुपचाप क्यों सुन रहे हो? "
     
     तभी रिशान अपने चेहरे पर एक मुस्कान दिखाता है और कहता है
    "भाई विहान अब बड़ा हो गया है अब हमें उसे रोकने टोकने का कोई हक नहीं है!! अब वह जो चाहे अपनी मर्जी से कर सकता है और अगर उसे आपसे मिलना ही नहीं था वह खुद अपने दोस्तों के साथ पार्टी करना जाना चाहता था तो इसमें गलत ही क्या है!! आप भी उसके बारे में अब खामखा परेशान होना बंद कीजिए और जाकर आराम कर लीजिए!! आप काफी लंबा सफर करके आए हैं थक गए होंगे"
     
     इतना कह कर रिशान आर्यमन को उसके कंधे से पकड़ा और जबरदस्ती उसके बेडरूम में ले आया!! वहीं दूसरी तरफ अब पूरे दिन से भूखा और प्यास से तड़पता हुआ विहान वही दरवाजे को हल्के से बजाता हुआ वहीं जमीन पर बेजान सा होकर पड़ जाता है!!
     
     तभी सर्वेंट उसके कमरे में आती है उसके सामने वही सबका बचा हुआ खाना एक प्लेट में डालकर उसकी तरफ खिसका देती है!! अपने सामने इतने दिनों बाद इतना अच्छा और इतना सारा खाना देखकर विहान तो जैसे खुशी से पागल ही हो जाता है!!
     
     और वह जल्दी से उस खाने को अपने हाथो से उठा उठा कर खाने लगता है  जिससे आधा खाना उसके कपड़ो पर गिर रहा था!! विहान ऐसे खा रहा था मानो उसे ऐसा खाना कभी दुबारा मिलेगा ही नही!! और यही सोचकर खाते हुए विहान की आँखों से आंसू आ रहे थे!! और विहान को तो इस बात की भी चिंता नहीं थी कि उसकी प्लेट में इस वक्त सबका छोड़ा हुआ झूठा खाना था!!
     
     और शायद उसकी इस हालत की परवाह करने वाला अब कोई नहीं था!! और आर्यमन को तो पता तक नहीं था कि विहान कहां पर है और उसके साथ क्या कुछ हो रहा है?
     
     वही दूसरी तरफ आर्यमन के कमरे में भागती हुई कनिका आई और कहा
    "मुझे तुमसे जरुरी बात करनी है आर्यमन "
     
    कनिका को इस तरह घबराये देखकर आर्यमन और रिशान दोनों ही सोच मे पड़ जाते हैं!!
     
    आर्यमन अपने सोफे से खड़ा होता है और कहता है
    "बोलो कनिका क्या हुआ? तुम इतनी घबराई हुई क्यों हो "
     
    "मुझे लगता है तुम्हारे घर में कोई प्रॉब्लम है!! मैं उस बैकयार्ड की तरफ गई थी मुझे कोई कॉल आ रहा था और यहां पर म्यूजिक की वजह से कुछ सुनाई नहीं दे रहा था!! और जब मैं उस तरफ गई तो मुझे वहां स्टोर रूम के पीछे के कमरे से कुछ आवाज आ रही थी जैसे उसे तरफ से कोई दरवाजा बजा रहा हो," कनिका नें कहा 
     
    CHAPTER END.........
     
     
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  • 16. Love Loyalty And Lies - Chapter 16

    Words: 1453

    Estimated Reading Time: 9 min

    कनिका को इस तरह घबराये देखकर आर्यमन और रिशान दोनों ही सोच मे पड़ जाते हैं!!
     
     
     
    आर्यमन अपने सोफे से खड़ा होता है और कहता है
     
    "बोलो कनिका क्या हुआ? तुम इतनी घबराई हुई क्यों हो "
     
     
     
    "मुझे लगता है तुम्हारे घर में कोई प्रॉब्लम है!! मैं उस बैकयार्ड की तरफ गई थी मुझे कोई कॉल आ रहा था और यहां पर म्यूजिक की वजह से कुछ सुनाई नहीं दे रहा था!! और जब मैं उस तरफ गई तो मुझे वहां स्टोर रूम के पीछे के कमरे से कुछ आवाज आ रही थी जैसे उसे तरफ से कोई दरवाजा बजा रहा हो," कनिका नें कहा 
     
     
     
    कनिका की बात सुनकर रिशान और बलवंत दोनों ही बुरी तरह से चौंक जाते हैं और वह एक दूसरे के चेहरे की तरफ देखने लगते हैं!!
     
     तभी आर्यमन नें कहा
    "यह तुम कैसी बात कर रही हो कनिका उसे तरफ कौन ही होगा?"
     
    " नहीं आर्यमन मैंनें क्लीयरली सुना था वहा ऐसा लग रहा था जैसे उस दरवाजे के पीछे कोई हो और वह मदद के लिए बार-बार बज रहा हो!! मैं एक साइकोलॉजिस्ट हूं मैं अच्छे से समझती हूं कि जब कोई इंसान मदद के लिए कोई आवाज करता है तो वह आवाज कैसी सुनाई देती है " कनिका ने कहा 
     
     कनिका की बात सुनकर आर्यमन को भी यकीन हो जाता है कि कुछ तो गड़बड़ है!! और तभी वह कनिका के साथ उस जगह जाने के लिए चल पड़ता  है!!
     
    लेकिन तभी बलवंत आगे आ जाता है और कहता है
    "क्यों खामखा उस जगह जाने की जिद कर रहे हो बेटा? जब तुम दूर से आए हो तुम थक गए हो तो आराम ही कर लो ना!! और वैसे भी उस जगह कोई नहीं है "
     
    " आप हटिये यहां से!! कनिका का अंदाजा कभी गलत नहीं होता है जब उसने कहा कि उस दरवाजे के पीछे कोई है तो कोई होगा!! मुझे वहां जाकर देखने दीजिए" आर्यमन ने कहा
     
    आर्यमन कनिका के साथ वहां जाने लगा तभी रिशान ने पीछे से कहा
    "कनिका सही कह रही थी भाई उस दरवाजे के पीछे सच में कोई था!!"
     
    यह सुनकर आर्यमन और कनिका हैरान होगा पीछे की तरफ देखते हैं और वही बलवंत के चेहरे का भी रंग उड़ गया था!! वह हैरानी से देख रहा था कि कहीं आर्यमन को रिशान सब कुछ सच ना बता दे!!
     
     रिशान आर्यमन की तरफ आगे बढा और पीछे से बलवंत बार-बार उसकी तरफ ना में सिर हिलाता रहा!!
     
    रिशान ने अपनी नजर अपने मामा की तरफ से फेरी और आर्यमन की तरफ देखते हुए कहा
    "आपकी फ्रेंड कनिका सही कह रही थी भाई!! पीछे के दरवाजे में सच में कोई फंसा था"
     
     "अगर कौन फंसा था और अगर ऐसा कुछ था तो तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया!! उसे मदद की ज़रूरत होंगी " आर्यमन ने कहा 
     
    " उस तरफ एक सर्वेंट फस गया था जिसके पास बहुत बड़े कर्टन थे!! और वह डेकोरेशन का सामान लेकर आ रहा था!! जब कनिका उस तरफ बात करने गई थी तब मैं भी वही था!! और वह आवाज मैंनें भी सुनी थी!! और ज़ब मैंने वह पीछे का दरवाजा खोलकर देखा तो वही वह सर्वेंट ही फंसा हुआ था जिसके हाथ में बहुत सारा सामान था!! और दरवाजा गलती से बाहर से लॉक हो गया था!! लेकिन आप परेशान मत होइए मैंने उसे वहां से जाकर बाहर निकाल दिया है!! रिशान ने कहा
     
    रिशान की बात सुनकर बलवंत एक गहरी और सुकून की सांस लेता है  
     
    और तभी आर्यमन कहता है
    "अगर ऐसी बात थी तो तुम पहले भी तो बता सकते थे ना! तुम इस तरह मुझे रोक रहे थे मुझे लगा पता नहीं क्या बात है?"
     
    " मैं आपको परेशान होते हुए नहीं देखना चाहता था भैया!! इसलिए मैंने नहीं बताया और वैसे भी अगर घर में कोई बड़ा फंक्शन करते हैं या कोई पार्टी रखते हैं तो ऐसे छोटे-मोटे इंसिडेंट तो होते ही रहते हैं!! उनके लिए आपको अपने दिमाग पर ज्यादा लोड लेने की जरूरत नहीं है! अब आप आराम कीजिए और आपकी फ्रेंड कनिका को भी अब आराम कर लेना चाहिए" रिशान ने कहा
     
    और आर्यमन के कंधे पर हाथ रखकर उसे एक मुस्कान दी!! आर्यमन ने भी वापस से रिशान को एक मुस्कान दी और अपने बेड की तरफ बढ़ गया!! लेकिन कनिका अभी भी कुछ सोचने में खोई हुई थी!!
     
     अगली सुबह हुई सब डाइनिंग टेबल पर बैठकर ब्रेकफास्ट कर रहे थे लेकिन अभी भी आर्यमन यही सोच रहा था कि सुबह हो गई है और अब तक विहान क्यों नहीं आया है?
     
     और उसने फिर से भी रिशान से पूछा
    " रिशान सुबह हो गई है क्या विहान अब तक घर नहीं आया है? "
     
     आर्यमन की बात सुनकर फिर से राधा बलवंत और रिशान ने एक दूसरे की तरफ देखते है!! राधा आर्यमन को सच बताने के लिए कुछ बोलनें ही वाली थी!!
     
    कि तभी बलवंत ने बीच में आते हुए कहा
    " तुमने सुबह से फिर आते ही उसके बारे में पूछना शुरू कर दिया बेटा? तुम्हें आखिर हो क्या गया है तुमको? तुम आए हो दो-तीन दिन यहां रुको परिवार के साथ छुट्टी मनाओ फिर तुम्हें वापस चले जाना है!!और तुमने आते ही उस लड़के के बारे में सोचना और  पूछना शुरू कर दिया जो तुम्हारे आने के बाद एक बार भी तुमसे मिलने नहीं आया "
     
     बलवंत की बातें अब आर्यमन के समझ में नहीं आ रही थी!! उसे यह बात जानकर बहुत हैरानी हो रही थी कि बलवंत जैसा आदमी जो कभी उससे सीधे मुंह बात नहीं करता है वह आज उसे बेटा कह रहा है?
     
    यह बात आर्यमन को बार-बार बलवंत पर शक करने के लिए मजबूर कर रही थी!! और आर्यमन यह भी जानता था कि विहान इतने वक्त तक आर्यमन से मिले बिना नहीं रह सकता है!!
     
    " यह आप कैसी बात कर रहे हैं मामा? मुझे यकीन नहीं होता है कि आप विहान के बारे में इतना सब कुछ बोल रहे हैं और मां और रिशान क्यों चुप बैठे हैं? और मैं जानता हूं विहान ऐसा कभी नहीं कर सकता कि मैं जब उससे मिलने आऊं तो वह कहीं और चला जाए!! उसने आज तक पहले ऐसा कभी नहीं किया " आर्यमन ने कहा 
     
     तभी बलवंत एक मजाकिया हंसी हंसता है और कहता है
    "वह पहले की बात थी बेटा, अब यह नया दौर है!! पहले जो हो गया वह हो गया अब पहले वालों को देखने के लिए रह ही कौन गया है? आज तो आज है, और जो आज है वही आने वाला कल निर्धारित करेगा"
     
     आर्यमन पहले तो बलवंत की बात को सुनकर हैरान होता है और फिर वह रिशान और राधा की तरफ देखा है!! जिनके चेहरे देखकर आर्यमन को अब कुछ ठीक नहीं लग रहा था!! उसका मन बार-बार कह रहा था कि कुछ तो ऐसा है जो उसे सब छिपा रहे हैं!!
     
     आर्यमन फिर से अपना मोबाइल निकालता है और विहान का नंबर डायल कर देता है बार-बार नॉट रीचेबल आने की वजह से अब आर्यमन को विहान की चिंता होने लगी थी!!
     
    आर्यमन अपनी सवालिया नजरे राधा और रिशान की तरफ करते हुए पूछा
    " आप दोनों को आखिर हो क्या गया है? विहान कल रात से घर नहीं आया है और आप लोग इस तरह से एकदम टेंशन फ्री कैसे हो सकते हैं? माना वह बड़ा हो गया है लेकिन वह इतना भी बड़ा नहीं हुआ है कि वह इतनी रात गए और अगला दिन शुरू होने तक अकेला बाहर घूम सके"
     
     आर्यमन की बात सुनकर अभी भी रिशान का चेहरा बिल्कुल इमोशनलेस नजर आ रहा था!!
     
    और तभी आर्यमन अपनी कुर्सी से खड़ा होता है और कहता है
    " अब मैं घर के अंदर तभी आऊंगा जब तक कि मैं विहान को ढूंढ ना लूं"
     
     कहते हुए आर्यमन बाहर जाने लगा और तभी बलवंत ने रिशान की तरफ इशारा किया!!
     
     रिशान जल्दी से अपनी कुर्सी से खड़ा हुआ और आर्यमन से कहा
    " आप कहां जा रहे हैं भाई? क्या आपके लिए विहान इतना जरूरी हो गया कि आप अपने खुद के भाई को इग्नोर करके जा रहे हैं? जब उसकी जिंदगी का इतना बड़ा दिन है? "
     
     रिशान की बात सुनकर आर्यमन हैरानी से पीछे पलटता है और कहता है
    " तुम्हारी जिंदगी का बड़ा दिन? यह तुम कैसी बात कर रहे हो रिशान? और तुम आखिर अपने आप को विहान से compare क्यों कर रहे हो? आज से पहले तुमने ऐसा कभी नहीं किया, तुम दोनों की मेरी जिंदगी में एक अलग जगह थी!! और आज तुम ऐसी अजीबोगरीब बातें क्यों कर रहे हो और यहां सब इतना अजीब बिहेव क्यों कर रहे हैं? "
     
     रिशान आर्यमन की तरफ अपने कदम बढ़ाता है और कहता है
    "आप जानना चाह रहे थे ना कि विहान कहां है? तो ठीक है मैं बताता हूं आपको विहान कहां है?"
     
    CHAPTER END.........
     
     
     
     
     
     
     
     
     
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  • 17. Love Loyalty And Lies - Chapter 17

    Words: 1638

    Estimated Reading Time: 10 min

    आर्यमन बाहर जाने लगा और तभी बलवंत ने रिशान की तरफ इशारा किया!!
     
     
     
     रिशान जल्दी से अपनी कुर्सी से खड़ा हुआ और आर्यमन से कहा
     
    " आप कहां जा रहे हैं भाई? क्या आपके लिए विहान इतना जरूरी हो गया कि आप अपने खुद के भाई को इग्नोर करके जा रहे हैं? जब उसकी जिंदगी का इतना बड़ा दिन है? "
     
     
     
     रिशान की बात सुनकर आर्यमन हैरानी से पीछे पलटता है और कहता है
     
    " तुम्हारी जिंदगी का बड़ा दिन? यह तुम कैसी बात कर रहे हो रिशान? और तुम आखिर अपने आप को विहान से compare क्यों कर रहे हो? आज से पहले तुमने ऐसा कभी नहीं किया, तुम दोनों की मेरी जिंदगी में एक अलग जगह थी!! और आज तुम ऐसी अजीबोगरीब बातें क्यों कर रहे हो और यहां सब इतना अजीब बिहेव क्यों कर रहे हैं? "
     
     
     
     रिशान आर्यमन की तरफ अपने कदम बढ़ाता है और कहता है
     
    "आप जानना चाह रहे थे ना कि विहान कहां है? तो ठीक है मैं बताता हूं आपको विहान कहां है?"
     
     
    रिशान के इन शब्दों से बलवंत हैरानी से अपनी जगह से खड़ा होता है!!
     
    और तभी रिशान आर्यमन से कहता है
    "आप अगर जानना चाहते हैं ना विहान कहां है तो ठीक है उससे पहले आपको वहां जाना होगा जहां मैं आपको लेकर चलूंगा "
     
    आर्यमन ने जब रिशान की बात सुनी तो उसे अजीब लगा!! लेकिन फिर भी उसने रिशान के साथ जाने के लिए हां भर दी!!
     
    रिशान थोड़ी देर बाद आर्यमन को लेकर एक फील्ड साइट पर आ जाता है जहां पर कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था!!
     
    आर्यमन जब उस तरफ देखता है तो कहता है
    "तुम मुझे यहां क्यों लेकर आए हो रिशान?"
     
     रिशान सामने कंस्ट्रक्शन साइट की इशारा करता है और कहता है
    " वह काम देख रहे हो भाई? वह हमारी फैक्ट्री का काम है!! हम हमारी फैक्ट्री को फिर से एक नई ऊंचाई तक ले जाने वाले हैं!! और जब से बलवंत मामा ने मुझे बिजनेस में सपोर्ट करना शुरू किया है तब से हम हर दिन एक नए प्रॉफिट को हासिल कर रहे हैं"
     
    " यह बहुत खुशी की बात है रिशान कि तुम अपनी जिंदगी में इतना अच्छा कर रहे हो!! और बलवंत मामा का सपोर्ट भी तुम्हें मिल रहा है इससे ज्यादा खुशी की बात मेरे लिए कुछ हो ही नहीं सकती है!! कि तुमने अपने आप को कामयाब बनाने में कोई कमी नहीं रखी!! लेकिन तुम शायद कुछ भूल गए हो तुम मुझे यहां विहान से मिलाने लाए थे" आर्यमन ने कहा
     
     आर्यमन की बात सुनकर रिशान का की भोहे फिर से तन जाती है और वह कहता है
    " मैं आपको वही तो दिखाने लाया हूं ना भाई!! यह जो कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है विहान उसी के काम से शहर से बाहर गया है!! मैंने उसे बहुत बार मना किया कि वह काम मै कर लूंगा लेकिन वह माना ही नहीं!! और खुद ही अकेला चला गया!! लेकिन आप चिंता मत करो मैंनें उसकी सेफ्टी के लिए कुछ बॉडीगार्ड्स उसके साथ भेजे हैं वह जल्दी ही आ जाएगा"
     
     "क्या कहा? तुमने विहान को कंस्ट्रक्शन के जरूरी कुछ काम के लिए शहर से बाहर भेज दिया? तुम्हारा दिमाग तो ठिकाने पर है ना रिशान? उसकी उम्र ही क्या है उसे अकेले में रहने की आदत तक नहीं है और तुमने उसे इतनी बड़ी जिम्मेदारी देकर घर से बाहर भेज दिया? और कल से तुम मुझसे झूठ कह रहे थे कि वो बर्थडे पार्टी मे गया है "आर्यमन ने हल्के गुस्से से कहा
     
     "हां मैं जानता हूं भाई मैंने गलत किया लेकिन यह मैंने जानबूझकर नहीं किया!! हां मै नहीं चाहता था कि वह अकेला जाये!! मैंने उसे बहुत बार समझाने की कोशिश की कि जब आप आओगे तो आप मुझ पर गुस्सा करोगे!! लेकिन उसने किसी बात की परवाह नहीं की और चला गया काम से!! मैं जानता था कि आप उस पर भी गुस्सा करोगे इसलिए मैंनें कल रात आपको कुछ नहीं बताया"! और हम सब रिलैक्स थे जब आप विहान के बारे में पूछ रहे थे,इसलिए ही हम ज्यादा कोई जवाब नहीं दे रहे थे " रिशान ने बात बनाते हुए कहा
     
    " हां मैं गुस्सा करता तुम पर भी और उस पर भी!! आखिर इतना बड़ा वह कब से हो गया जो इतनी बड़ी जिम्मेदारी लेने के लिए अकेला शहर से बाहर चला गया? और मां ने भी उसे नहीं रोका?  माँ भी तो जानती है ना कि वह अभी बच्चा है, वह पता नहीं यह काम अकेला कर भी पाएगा या नहीं? " आर्यमन नें कहा 
     
    " भाई मैंने भी उसे मना किया था कि अभी वो बच्चा है लेकिन राहुल अंकल नें कहा कि अब धीरे धीरे विहान को जिम्मेदारी कि आदत दी जाये वरना ये हमेशा ही बच्चा बना रहेगा " रिशान नें कहा 
     
    "खैर ठीक है अगर अब उसने यह जिम्मेदारी निभाने की ठान ही ली है तो हमें उसे सपोर्ट करना चाहिए "आर्यमन ने कहा
     
    " वही तो मैं समझा रहा था भाई अब वह बड़ा हो गया है अब वह बच्चा नहीं रहा है!! इसीलिए आपको उसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है!! आप चलिए ना आगे मेरे साथ मैं आपको कंस्ट्रक्शन का काम आगे दिखाता हूं" रिशान ने कहा
     
    और आर्यमन को पकड़कर अंदर की तरफ ले जाने लगा!! वहीं दूसरी तरफ अब घर में ही बंद विहान बुरी तरह से हिम्मत हार चुका था!! उसे उम्मीद थी कि आर्यमन उससे मिलने ज़रूर आएगा लेकिन अगली सुबह हो गयी थी और आर्यमन को तो उसकी सही खबर तक नही थी!!
     
    तभी उसके कमरे का दरवाजा खुलता है और अंदर की तरफ एक गार्ड इंटर होता है!!
     
     अपने हाथ में पकड़ी हुई प्लेट को वहीं फर्श पर रखता है और नीचे झुक कर विहान को उठाने की कोशिश करता है विहान नीचे फर्श पर ही सो रहा था!!
     
    गार्ड ने विहान की तरफ एक पानी की बोतल बढ़ाई और विहान बिना किसी की परवाह करते हुए उस पानी को एक बार में बिना सांस लिए पी गया!!
     
    " बेचारा बच्चा उम्र ही क्या है तुम्हारी और तुमने रिशान गोयंका से दुश्मनी ले ली? मुझे तुम्हारे लिए बहुत बुरा लगता है लेकिन मैं क्या करूं मैं तुम्हारे लिए कुछ कर भी नहीं पाता हूं!! और इसीलिए जब आज घर में कोई नहीं था तो मैंने सोचा क्यों ना मैं तुम्हें ले जाकर कुछ खाना खिला दूं और तुम पर थोड़ा सा रहम बरसा दूं "गार्ड ने कहा
     
     विहान गार्ड की बातों को ध्यान नहीं दे रहा था और वह लगातार पानी ही पिए जा रहा था!!
     
     पानी पीने के बाद जैसे विहान में थोड़ी सी हिम्मत आई और अब उसने सांस लेना शुरू किया!! गार्ड ने विहान के चेहरे की तरफ देखा रिशान के इतने अत्याचार के बाद भी कहीं ना कहीं विहान की वह खूबसूरती उसके चेहरे पर अभी भी दिखाई दे रही थी!!
     
    और चोट के लाल निशान के बावजूद भी उसका संगमरमर सा चेहरा चमक रहा था!! उसकी काली लंबी आंखें और उसके वह आधे कटे होंठ पर जब उसे गार्ड की नजर गई तो उसने धीरे-धीरे उसके होठों को छूना शुरु किया!!
     
    विहान को उसे गार्ड का इस तरह छूना अच्छा नहीं लगा और और उसने अपने हाथ से उसे गार्ड का हाथ अपने से दूर झटक दिया!!
     
     विहान की इस हरकत से गार्ड के चेहरे पर फिर से उसकी तिरछी मुस्कान गहरी हो गई!!
     
     और उसने विहान की तरफ झुकते हुए कहा
    " अगर मैं चाहूं तो तुम्हें यहां से निकाल सकता हूं "
     
     विहान ने जब गार्ड की बात सुनी तो उसने गार्ड की तरफ हैरानी से देखा!! और यहां से जाने के नाम पर उसे वापस से वही दिन याद आ गया जब विहान ने भागने की कोशिश की थी और जब रिशान ने उसकी यह हालत कर दी!!
     
    वह दिन याद आते ही विहान फिर से सहम गया और उसने गार्ड को मना करते हुए कहा
    "नहीं मुझे कहीं नहीं जाना है मैं यहां पर ठीक हूं"
     
    " किस झुठला रहे हो तुम? गौर से देखो अपने आप को कहां से तुम ठीक हो? मैं सही कह रहा हूं तुमसे, चलो तुम मेरे साथ, अभी घर में कोई नहीं है!! रिशान आर्यमन को लेकर कंस्ट्रक्शन साइट पर गया है और राधा मैडम भी हॉस्पिटल गई है!! इस घर में इस वक्त कोई नहीं है मैं तुम्हें यहां से बहुत दूर पहुंचा दूंगा और तुम्हारे बारे में किसी को पता तक नहीं चलेगा " गार्ड ने कहा 
     
    " मैंने कहा ना मुझे कहीं नहीं जाना है आपका बहुत-बहुत शुक्रिया जो आपने मेरी मेरे ऊपर तरस खाया!! और मेरे लिए पानी लाये!! अब मैं थोड़ा आराम करना चाहता हूं इसलिए आप यहां से चले जाइए " विहान ने कहा
     
     विहान की बात सुनकर उस गार्ड को गुस्सा आ गया!!
     
    और उसने विहान को उसके बालों से पकड़ लिया और कहा
    "तुझ में अकड़ किस चीज की है? रस्सी जल गई लेकिन बल नहीं गया तेरा अब तक? मैं तेरी मदद करने के लिए यहां आया हूं और तू अपने नखरे दिखा रहा है?"
     
     गार्ड के इस तरह पकड़ने से विहान एक पल के लिए तो उसे दर्द हुआ था!! लेकिन अब जैसे उसे इन सब की आदत पड़ गई थी!! तो उसे वो दर्द ज्यादा महसूस नहीं हुआ!! और उसने पीछे घूमते हुए गार्ड के मुंह पर एक तमाचा जड़ दिया!!
     
     खुद को पड़े इस थप्पड़ की वजह से गार्ड को बुरी तरह से गुस्सा आ गया और उसने विहान को उठाकर बेड पर पटक दिया!!
     
    " मैं अच्छे से जानता हूं कि रिशान तेरे साथ क्या कुछ करता है!! और अगर जब घर में कोई नहीं है तो वह चीज तुम मुझे भी दे सकते हो जो तुम रिशान को देते हो!! या फिर कहूं तुम्हारे साथ में वह सब कर सकता हूं जो रिशान तुम्हारे साथ करता है"  गार्ड ने कहा
     
    और कहते हुए अपना जैकेट वहीं पर उतार दिया और बेड पर आकर विहान के साथ जबरदस्ती करने लगा!!
     
    CHAPTER END........
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
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  • 18. Love Loyalty And Lies - Chapter 18

    Words: 1513

    Estimated Reading Time: 10 min

    गार्ड के इस तरह से बाल पकड़ने से विहान एक पल के लिए तो उसे दर्द हुआ था!! लेकिन अब जैसे उसे इन सब की आदत पड़ गई थी!! तो उसे वो दर्द ज्यादा महसूस नहीं हुआ!! और उसने पीछे घूमते हुए गार्ड के मुंह पर एक तमाचा जड़ दिया!!
     
     
     
     खुद को पड़े इस थप्पड़ की वजह से गार्ड को बुरी तरह से गुस्सा आ गया और उसने विहान को उठाकर बेड पर पटक दिया!!
     
     
     
    " मैं अच्छे से जानता हूं कि रिशान तेरे साथ क्या कुछ करता है!! और अगर जब घर में कोई नहीं है तो वह चीज तुम मुझे भी दे सकते हो जो तुम रिशान को देते हो!! या फिर कहूं तुम्हारे साथ में वह सब कर सकता हूं जो रिशान तुम्हारे साथ करता है"  गार्ड ने कहा
     
     
     
    और कहते हुए अपना जैकेट वहीं पर उतार दिया और बेड पर आकर विहान के साथ जबरदस्ती करने लगा!!
     
    "छोड़ो मुझे क्या कर रहे हो तुम!! छोड़ो तुम आखिर ऐसा मेरे साथ क्यों कर रहे हो? मैंनें तुम्हारा क्या बिगाड़ा है छोड़ दो मुझे!! प्लीज छोड़ दो अगर रिशान को यह सब पता चला तो वह तुम पर बहुत गुस्सा करेगा!! प्लीज छोड़ दो" विहान कहने लगा
     
     लेकिन उस गार्ड को कोई फर्क नहीं पड़ा और वह विहान के साथ जबरदस्ती करते हुए आगे बड़ा!! लेकिन तभी पीछे से किसी ने आते हुए उस गार्ड को विहान से दूर कर दिया!!
     
     जब विहान ने और गार्ड ने उस शख्स की तरफ देखा तो दोनों बुरी तरह से हैरान हो गए, वहां रिशान खड़ा था!! और उसने गार्ड की कॉलर को पीछे से पकड़ रखा था!!
     
     जब गार्ड ने भी रिशान के गुस्से बड़े चेहरे की तरफ देखा तो वह भी एक पल के लिए कांप गया और उसने अगले ही पल सारा इल्जाम विहान पर डाल दिया!!
     
    " सर मेरी गलती नहीं है!! इसी ने मुझे मजबूर किया, मैं तो यहां इसे खाना देने आया था और जब मैं यहां आया तो इसने मुझे लुभाना करना शुरू किया!! और मुझे मजबूर किया कि मैं इसके साथ ये सब करूं!! मेरी कोई गलती नहीं है सर इसी ने मुझे मजबूर किया" गार्ड ने कहा
     
     गार्ड की बात सुनकर रिशान ने एक नज़र विहान पर डाली और विहान बेड से खड़ा होकर बोला
     "यह झूठ कह रहा है रिशान मैंने कुछ नहीं किया!! यह कमरे में आकर मेरे साथ ऐसी हरकतें कर रहा था, जबरदस्ती कर रहा था!! मैंने इसे मना करने की कोशिश भी की!! मैंनें इसे यह भी कहा कि मैं तुम्हें बता दूंगा लेकिन यह नहीं माना"
     
     रिशान ने गार्ड को दूसरी तरफ धक्का मारा और विहान का हाथ उसकी बाजू से कसकर पकड़ लिया!!
     
    " तुम जैसे लड़के को मैं अच्छी तरह से जानता हूं तुम सिर्फ अपनी अय्याशी और अपने भूख मिटाने के लिए ही यह सब कर रहे थे!! मुझे कोई शक नहीं इस बात पर कि तुमने ही उसे लुभाया होगा!! और अगर नही भी तो अच्छा ही है कि तुम यहां के लोगो का दिल बहला दो, एक और तरीका मिल गया मुझे तो तुम्हे टॉर्चर करने का!! इसे सेटिस्फाई करो, तुम्हारे कमरे में मैं हर रात एक नया मेहमान भेजता रहूंगा"  रिशान ने कहा
     
    और विहान को उस गार्ड की तरफ धक्का मार दिया और कहा
    " करो जो इसके साथ में करना चाहते हो"
     
     
    रिशान की बात सुनकर विहान तो अब अंदर से बहुत ज्यादा टूट गया था!! उसे भरोसा नहीं हो रहा था कि रिशान उसके साथ ऐसा भी कुछ कर सकता है!!
     
     क्योंकि रिशान चाहे विहान से कितनी ही नफरत क्यों ना करें!! लेकिन वह ऐसे किसी को कैसे इजाजत दे सकता था कि वह विहान के साथ कुछ भी कर सकता है बिस्तर पर?
     
    और यही सब सोच कर विहान वापस से रहम की गुहार लगाने लगता है!! और रिशान से विनती करता हुआ कहता है
    " प्लीज ऐसा मत करो मेरे साथ रिशान!! तुम्हे मुझसे चाहे कितना भी नाराज क्यों ना हो, लेकिन तुम मेरे साथ यह नहीं कर सकते हो!! तुम मेरे साथ इतना निर्मम आखिर क्यों हो गए हैं? एक वक्त था जब तुम मुझे हमेशा बचाया करते थे!! और आज तुम ही मेरे साथ यह सब कर रहे हो!! तुम मुझे मारते हो, पीटते हो मैं सब कुछ बर्दाश्त करता हूं इसलिए कि कहीं ना कहीं एक दिन तो तुम्हारा दिल मेरे लिये पहले जैसा हो जाएगा!!आखिर तुमने मेरे साथ कितना बेहतरीन बचपन गुजारा है और हम दोनों की कितनी अच्छी यादें हैं लेकिन तुम ऐसा कैसे कर सकते हो मेरे साथ? "
     
     विहान की बात सुनकर रिशान कुछ पल के लिए कमजोर पड़ता है और वह विहान की तरफ देखता है जहां उसकी आंखों में आंसू थे!!
     
     लेकिन अगले ही पल रिशान अपनी आंखें बदलता है और कहता है
    " तुम इसी के लायक हो!! तुम्हारे पास जो कुछ था वह तुमने खुद ने गवाया!! हम सब ने तुमसे जो प्यार किया था जो तुम्हारी जगह थी इस घर में, तुमने खुद उसे जगह को खोया है!! इसलिए यह फालतू का ड्रामा करना बंद करो"
     
     रिशान की बात सुनकर विहान को रोना आ जाता है और वह कहता है
    " तुम खुद जो चाहे कर लो मेरे साथ रिशान लेकिन प्लीज किसी और के हाथों में मुझे ऐसे मत फेंको!! मैं नहीं बर्दाश्त कर पाऊंगा, इससे अच्छा तो तुम मेरी जान ही ले लो अगर तुम्हें उस सुकून मिलता है तो!! लेकिन अगर तुम सिर्फ मुझे इसलिए सजा दे रहे हो कि मैंne दुष्यंत अंकल के साथ गलत किया है तो आज भी मैं यही कहूंगा कि मैं कुछ नहीं किया!! जो किया है बलवंत अंकल ने किया है " 
     
     विहान की बात सुनकर रिशान सोच में पड़ जाता है और फिर से वह विहान की बातों को नजरअंदाज करके कहता है
    "और कब तक झूठ बोलोगे तुम? और कितना अपने आप को गिराओगे? मुझे फर्क नहीं पड़ता है कि तुम क्या कहते हो, मेरी नजर में तुम मेरे पापा के गुनहगार हो, हम सबके गुनहगार हो!! तुम्हें उसे गुनाह की सजा मिलनी ही चाहिए "
     
    इतना कहकर रिशान उस कमरे से बाहर चला जाता है और वहां पीछे से विहान पीछे से रिशान को अपनी मदद के लिए बुलाता रहता है!!
     
     " रिशान मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ता हूं तुम्हारे पांव पढडता हूं प्लीज मुझे बचा लो!! मुझमे इतनी हिम्मत नहीं है रिशान कि मैं तुम्हारे इन अत्याचारों को और झेल सकूं!! इसलिए प्लीज, प्लीज मुझे बचा लो!! तुम्हें आर्यमन की कसम प्लीज मुझे इसके हाथों से बचा लो!! तुम जो चाहे खुद मेरे साथ कर लो लेकिन प्लीज मुझे सबके सामने ये सब करने के लिए मत फेको!! मैं तुम्हारे बचपन का दोस्त हूं"  विहान ने पीछे से गुहार लगाते हुए कहा
     
     आर्यमन का नाम सुनते ही रिशान के पैर रुक जाते हैं और वह पीछे मुड़कर वापस जाता है!! जहां वह देखता है कि गार्ड विहान के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहा था!!
     
     
    उस गार्ड ने विहान को बेड पर गिराकर उसके ऊपर आते हुए, उसके हाथों को जकड़ रखा था और विहान लगातार रो रहा था!!
     
    यह सब देखकर रिशान ने उस गार्ड को उसकी कॉलर से पकड़ा और दूर पटक दिया जिससे वह गार्ड सीधा जाकर दरवाजे से टकरा गया!!
     
     रिशान ने विहान को उसके चेहरे से पकड़ते हुए बोला
    " हिम्मत कैसे हुई तुम्हारी आखिर मुझे मेरा बचपन याद दिलाने की? और मुझे आर्यमन भाई की कसम देने की? तुम्हें इससे ज्यादा और कोई तरीका नहीं मिला अपने आप को मेरी नजरों में और गिराने का? "
     
     रिशान का यह रूप देखकर विहान को और रोना आ रहा था!! उसे कहीं ना कहीं दिल में यह था कि शायद बचपन का नाम लेते ही रिशान कुछ पल के लिए पिघल जाएगा लेकिन यहां तो उल्टा रिशान गुस्सा हो गया था!! और विहान ज़ोर ज़ोर से डर कि वजह से रो रहा था!! कि अब रिशान उसके साथ क्या करेगा!!
     
     विहान बार-बार अपने आप को छोड़ने के लिए कह रहा था लेकिन रिशान ने अपनी पकड़ उसके चेहरे पर और मजबूत बना ली!!
     
     रिशान विहान को बार-बार टॉर्चर कर रहा था तभी राधा ने पीछे से आते हुए कहा
    " बस करो रिशान बहुत हो गया है तुम्हारा!! अब जाने दो उसे आखिर क्यों तुम उसे इतना परेशान कर रहे हो? मैं कह रही हूं जिस दिन तुम्हें अपने किए का पछतावा होगा तुम्हारे पास रिग्रेट करने के सिवा कुछ बाकी नहीं रहेगा"
     
     रिशान अपनी मां की बातों को नजर अंदाज करते हुए विहान को लगातार उन्ही तेज हाथों से पकड़े रहा और वहीं दूसरी तरफ वह गार्ड जमीन पर गिरा हुआ दूसरी तरफ भागने की कोशिश कर रहा था!!
     
    क्योंकि उसे पता था कि अब शायद रिशान उसके साथ भी कोई अच्छा सा सलूक नहीं करने वाला था!! गार्ड भागता हुआ बाहर की तरफ जाने लगता है लेकिन तभी बाहर उसे एक मजबूत हाथ पकड़ लेते हैं!!
     
    और उस गार्ड को उसकी कॉलर सहित पक़ड़कर वापस से उसी कमरे की तरफ धकेल देते हैं जहां से वह भाग रहा था!! गार्ड को इस तरह एकदम से जमीन पर धड़ाम से जाकर गिरते देख रिशान और राधा उस तरफ देखते हैं और तभी उनकी आंखों के सामने आर्यमन खड़ा होता है!!
     
     
    CHAPTER END..........
     
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  • 19. Love Loyalty And Lies - Chapter 19

    Words: 1871

    Estimated Reading Time: 12 min

    रिशान अपनी मां की बातों को नजर अंदाज करते हुए विहान को लगातार उन्ही तेज हाथों से पकड़े रहा और वहीं दूसरी तरफ वह गार्ड जमीन पर गिरा हुआ दूसरी तरफ भागने की कोशिश कर रहा था!!
     
     
     
    क्योंकि उसे पता था कि अब शायद रिशान उसके साथ भी कोई अच्छा सा सलूक नहीं करने वाला था!! गार्ड भागता हुआ बाहर की तरफ जाने लगता है लेकिन तभी बाहर उसे एक मजबूत हाथ पकड़ लेते हैं!!
     
     
     
    और उस गार्ड को उसकी कॉलर सहित पक़ड़कर वापस से उसी कमरे की तरफ धकेल देते हैं जहां से वह भाग रहा था!! गार्ड को इस तरह एकदम से जमीन पर धड़ाम से जाकर गिरते देख रिशान और राधा उस तरफ देखते हैं और तभी उनकी आंखों के सामने आर्यमन खड़ा होता है!!
     
    आर्यमन को अपनी आंखों के सामने इस तरह खड़े देखकर रिशान और राधा के पैरों तले से जमीन खिसक जाती है और वह एक ही पल में विहान को छोड़ देता है!!
     
    अब तक डर से और सदमे से बेसुध हो चुका था विहान वही गिरने वाला होता है जिसका आधा शरीर बेड पर गिरता और आधा जमीन पर!! लेकिन विहान नीचे गिर पाता उससे पहले ही आर्यमन ने भाग कर उसे अपनी बाहों में थाम लिया!!
     
    " भाई आप इस वक्त यहां? " रिशान ने कहा
     
    रिशान की बातों ने आर्यमन के गुस्से को भड़काने का काम किया था और आर्यमन ने विहान को अपनी गोद में उठाकर बेड पर लेटाया और खींचकर रिशान के मुंह पर एक मुक्का जड़ दिया!!
     
     आर्यमन का यह मुक्का इतनी तेज था की रिशान के होठों से खून आने लगा और वो ज़मीन पर पड़ गया!! लेकिन राधा चुपचाप वही खामोशी खड़ी थी!!
     
    " तुम्हारा हिसाब तो मैं बाद में करूंगा रिशान लेकिन उससे पहले मैं इसे जिंदा नहीं छोडूंगा" आर्यमन ने कहा
     
    और उस गार्ड को बेरहमी से पीटने लगा, जो विहान के साथ ज़बरदस्ती कर रहा था!! आर्यमन ने उस गार्ड का सर बार-बार उस कमरे के दरवाजे पर मारा, जिससे उसके सर से खून आने लगा!!
     
    " हिम्मत कैसे हुई तुम्हारी उसे हाथ लगाने की? अपनी औकात भूल गये हो क्या तुम?  मैंने कुछ महीनों के लिए विहान को अकेला क्या छोड़ा तुमने उस हाथ डालने कि हिम्मत करली? उसे बेबस और अनाथ पाकर तुम जैसे दो टके के लोगों ने अपनी औकात दिखाना शुरू कर दिया? तुम्हारी चमड़ी उधेड़ दूंगा मैं" आर्यमन ने कहा
     
    आर्यमन ने उस गार्ड पर कोई भी तरस ना खाते हुए उसे उसके चेहरे पर मुक्के पर मुक्के बरसाने शुरू कर दिये!! और उस मार मार कर लगभग अधमरा कर दिया!!
     
     
    रिशान ज़मीन पर पड़े आर्यमान का यह गुस्सा देख रहा था क्योंकि खुद चाहे रिशान कितना ही ताकतवर क्यों ना हो, लेकिन उसे भी पता था कि आर्यमन के सामने उसकी ताकत कुछ नहीं थी!!
     
     विहान की आंखें अब हल्की-हल्की बंद होकर धुंधली हो रही थी, लेकिन उसमें वह फिर भी देख सकता था कि कोई उस गार्ड को बुरी तरह से मार रहा है  और उन्हें धुंधली आंखों से विहान फिर से बेहोश हो गया!!
     
     विहान को इस तरह बेहोश देखकर राधा उसके पास आई और उसके बालों में हाथ फेरते हुए उसे उठाने की कोशिश करने लगी!!
     
    " विहान? विहान? आंखें खोलो विहान?  विहान आंखें खोलो बेटा ? " राधा ने कहा
     
     
     जब राधा विहान को इस तरह उठा रही थी तब आर्यमन का ध्यान विहान पर गया!! आर्यमन ने उस गार्ड को मारने के लिए उसका गला पकड़ रखा था, लेकिन विहान को कोई जवाब ना देते देखा आर्यमन ने उस गार्ड को जमीन पर पटक कर उसे तीन चार लात मारी और विहान के पास आ गया !!
     
    " विहान उठो!! देखो मैं आ गया विहान!! आंखें खोलो विहान!! आंखे खोलो बच्चा " आर्यमन ने कहा 
     
     विहान को कोई रिस्पांस ना करते देखा आर्यमन उसे अपनी गोद में वापस से उठा लेता है उसे कमरे से बाहर ले जाने लगता है!! लेकिन तभी रिशान उसका रास्ता रोक लेता है!!
     
    "नहीं भाई!! आप इसे बाहर नहीं ले जा सकते हैं और ना ही आप इसकी मदद कर सकते हैं!! यह हमारा गुनहगार है और गुनहगारों को सजा दी जाती है ना कि उन्हें माफ किया जाता है"  रिशान ने कहा 
     
      रिशान को इस तरह आर्यमन का रास्ता रोकते देख राधा आगे आती है और कहती है
    "बस बहुत हुआ रिशान!! तुमने बहुत अत्याचार कर लिए विहान पर!! लेकिन अब बस बंद करो, तुम्हारे पापा की तबीयत में हल्का-हल्का सुधार अब होने लगा है लेकिन तुम्हें देखकर तो लगता है कि तुम किसी भी हालत में विहान को ठीक होने ही नहीं देना चाहते हो"
     
    " हां मैं नहीं चाहता हूं कि यह नमक हराम ठीक हो!! यह और इसके बाप ने हमारे साथ जो गद्दारी की है उसकी सजा तो मैं इसे जिंदगी भर दूंगा!! फिर चाहे पापा अच्छे से ठीक होकर मेरे सामने क्यों न खड़े हो जाए!! इसे तो मैं फिर भी माफ नहीं करूंगा " कहते हुए रिशान ने विहान को वापस से आर्यमन की गोद से छीनने की कोशिश की!!
     
    लेकिन आर्यमन ने उसे अपनी मजबूत बाहों में जकड़ लिया!!
     
    " मुझे रोकने की गलती मत करना रिशान!! मां ने मुझे सब कुछ बता दिया है तुम्हें क्या लगा था तुम मुझे बेवकूफ बना लोगे? तुम पर तो शक मुझे कल ही हो गया था जब तुम बार-बार मुझे विहान से बात करने से रोक रहे थे!! इतने दिनों से मैं महसूस कर रहा था कि जब भी मैं विहान को कॉल करता था उसका फोन आज तक नहीं लगा, तो इस बात में मुझे कोई हैरानी नहीं थी कि यहां आने के बाद भी विहान का कॉल नहीं लगेगा!! और असल में तो मैं विहान का पता लगाने ही इंडिया वापस आया था कि पिछले 10 महीने से क्यों आखिर विहान का कॉल लगातार नॉट रीचेबल आ रहा था " आर्यमन ने कहा
     
     इतना कह कर आर्यमन विहान को अपनी गोद में ऐसे ही बाहर बरामदे की तरफ ले आया और उसे वहां पर लगे बड़े सोफे पर लेटा दिया!!रिशान भी आर्यमन का पीछा करते हुए बरामदे तक आया!! 
     
     
    तभी आर्यमन ने पीछे घूमते हुए उसे विहान से दूर कर दिया और कहा
    " ख़बरदार रिशान!! विहान के पास आने की कोशिश भी मत करना!! वरना मैं भूल जाऊंगा कि तुम मेरे भाई हो!!  इंसान हो कि तुम हैरान हो? "
     
     
     
    आर्यमन की बात सुनकर रिशान उसे हैरानी से देखता है और कहता है
    " भाई आपको नहीं पता इसने कितनी बड़ी गद्दारी की है, इसकी वजह से पापा आज कोमा में है" 
     
    रिशान की यह बात जानकर आर्यमन को एक पल के लिए सदमा सा लगा लगा
    " पापा कोमा में है? क्या कहा तुमने पापा कोमा में है? और तुम यह बात मुझे अब बता रहे हो? आखिर इस घर में हो क्या रहा है मैं हर दिन माँ से लगभग तीन बार कॉल करता हूं उनसे पूरे घर का हाल-चाल जानता हूं!! मुझे किसी ने क्यों नहीं बताया कि पापा कोमा में है? और यह सब कैसे हुआ? "
     
     "हां पापा कोमा में है और वह सब इसी की वजह से हुआ था!! इसी ने पापा को सीढीओ से धक्का मारा जिसकी वजह से पाप कोमा में चले गए!! और इसे यह सब करते हुए बलवंत मामा ने देखा!!  और आप इसकी इतनी परवाह कर रहे हैं? असल में तो यह जिंदा रहना भी डिसर्व नहीं करता " रिशान ने कहा
     
    और वापस से बेहोश विहान की तरफ अपने कदम गुस्से से बढ़ाने लगा! लेकिन आर्यमन ने रिशान को उसकी कॉलर से पकड़ते हुए  विहान से दूर कर दिया!!
     
     "बलवंत मामा ने अपनी आंखों से देखा? और बलवंत मामा ने जो कुछ कहा क्या तुमने उस पर यकीन कर लिया? क्या तुम्हें याद नहीं बलवंत मामा मुझसे और विहान से कितनी नफरत करते हैं?  उन्होंने कुछ भी कहा और तुमने यकीन कर लिया? तुमने पहले तो कभी उनका यकीन नहीं किया था ना, तो इस बार उनका यकीन तुमने कैसे कर लिया?"आर्यमन ने कहा 
     
    " हां क्योंकि बलवंत मामा सच कह रहे थे!!  मैंने और मां ने खुद ने इसके पापा को हमारे साथ गद्दारी करते देखा है!! उन्होंने हमारे राइवल से मिलकर हमारे बिजनेस के सीक्रेट्स लीक किये!! और बदले में उनसे अच्छी खासी रकम ली, उनकी वजह से हमें बिजनेस में बहुत लॉस होने वाला था!! यह तो शुक्र है बलवंत मामा का कि उन्होंने वक्त रहते मुझे सच्चाई दिखा दी"  रिशान ने कहा 
     
     
     रिशान की बात सुनकर आर्यमन गुस्से से अपने दो कदम रिशान की तरफ बढ़ाता है और कहता है 
     "कौन सी सच्चाई? किस सच्चाई की बात कर रहे हो तुम रिशान? तुम भूल बचपन में भी उन्होंने मुझ पर इल्जाम लगाया था कि मैंने तुम्हें स्विमिंग पूल में डुबोकर मारने की कोशिश की थी? जिसकी वजह से मां मुझसे नाराज हो गई थी लेकिन मैंने बाद में खुद को इनोसेंट प्रूफ किया था कि नहीं किया था?"
     
     " हां मैं जानता हूं उस वक्त जरूर मामा गलत थे लेकिन उन्होंने कभी मेरा तो बुरा नहीं चाहा ना!!  हां बचपन में उन्होंने तुम पर एक बार झूठा इल्जाम लगाया था, या यह कहो उन्हें गलतफहमी हो गयी थी, कि आप मुझे मारने की कोशिश कर रहे थे!! असल में तो आप मुझे बचाने की कोशिश कर रहे थे!! हो सकता है कि उस वक्त उन्हें कुछ समझ में ना आया और मेरी चिंता के चलते उन्होंने यह कह दिया हो कि आपने मुझे मारने की कोशिश की!! लेकिन इस बार मैंने खुद ने इसके और उसके बाप के खिलाफ सबूत देखे हैं कि यह दोनों हमारे लिए गद्दार हैं!! और ज़ब पापा को ऊपर सीढीओ से नीचे फेंका गया था तब यह वही ऊपर खड़ा था" रिशान ने कहा 
     
    " मैं नहीं मानता कि राहुल अंकल और विहान हमारे साथ गद्दारी कर सकते हैं!! विहान ने जितना वक्त तुम्हारे साथ बिताया उससे कहीं ज्यादा वक्त उसने मेरे साथ बिताया है!! और वह कभी भी गद्दार नहीं हो सकता है हां मैं मानता हूं कि उसे पहले कभी कभी गुस्सा आ जाया करता था!! लेकिन यकीन मानो गुस्से में भी वह किसी का कुछ बुरा नहीं कर सकता है, और तुम कह रहे हो कि उसकी वजह से पापा कोमा में है? " आर्यमन ने कहा
     
     "हां मैं सच कह रहा हूं इसी ने पापा को सीढीयो से धक्का दिया था ताकि वह अपने नमक हराम बाप का बदला ले सके, जो हॉस्पिटल मे पड़ा है " रिशान ने कहा
     
    "तमीज से बात करो रिशान!! जिस इंसान के लिए तुम बात कर रहे हो, मत भूलो कि तुमने उसी की गोद में खेल कर अपना पूरा बचपन बिताया है!! तुमने न जाने उन्हें कितना परेशान किया है बचपन में, और अब तुम उनके लिए ऐसी बातें कह रहे हो? शर्म नहीं आती है तुम्हें उनके लिए ऐसे शब्द इस्तेमाल करते?" आर्यमन ने कहा 
     
    " हां भाई आती है मुझे शर्म!! लेकिन इस बात के लिए नहीं कि मैं उनके लिए ऐसे शब्दों का यूज़ कर रहा हूं बल्कि इस बात के लिए कि मैंने कभी उन्हें अपने परिवार का सदस्य माना था!! असल में बलवंत मामा सही कहते थे कि यह लोग सिर्फ घर के नौकर हैं, इन्हें सर पर चढ़ाने की जरूरत नहीं है" रिशान ने कहा 
     
     रिशान की बात से इस वक्त आर्यमन को इतना गुस्सा आ गया था कि उसने वही राधा के सामने रिशान के मुंह पर एक तमाचा जड़ दिया!!
     
    CHAPTER END...........
     
     
     
     
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    Thank you from Auther for reading🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏.......
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 20. Love Loyalty And Lies - Chapter 20

    Words: 2053

    Estimated Reading Time: 13 min

    तमीज से बात करो रिशान!! जिस इंसान के लिए तुम बात कर रहे हो, मत भूलो कि तुमने उसी की गोद में खेल कर अपना पूरा बचपन बिताया है!! तुमने न जाने उन्हें कितना परेशान किया है बचपन में, और अब तुम उनके लिए ऐसी बातें कह रहे हो? शर्म नहीं आती है तुम्हें उनके लिए ऐसे शब्द इस्तेमाल करते?" आर्यमन ने कहा 
     
     
     
    " हां भाई आती है मुझे शर्म!! लेकिन इस बात के लिए नहीं कि मैं उनके लिए ऐसे शब्दों का यूज़ कर रहा हूं बल्कि इस बात के लिए कि मैंने कभी उन्हें अपने परिवार का सदस्य माना था!! असल में बलवंत मामा सही कहते थे कि यह लोग सिर्फ घर के नौकर हैं, इन्हें सर पर चढ़ाने की जरूरत नहीं है" रिशान ने कहा 
     
     
     
     रिशान की बात से इस वक्त आर्यमन को इतना गुस्सा आ गया था कि उसने वही राधा के सामने रिशान के मुंह पर एक तमाचा जड़ दिया!!
     
    रिशान को इतना तेज तमाचा पड़ने से राधा भी बहुत बुरी तरह से हैरान हो गई थी, साथ ही वहां काम करने वाले सर्वेंट भी और बाकी के लोग भी यह देखकर हैरान हो गए थे!!
     
     कि आज इतने दिनों बाद शायद किसी ने रिशान के खिलाफ आवाज ऊंची करने की हिम्मत दिखाई थी!! और यह कोई और नहीं बल्कि उसी का बड़ा भाई आर्यमन था!!
     
    " बलवंत मामा, बलवंत मामा,  आखिर तुम कब से बलवंत मां की बातों का यकीन करने लगे हो? मुझे समझ नहीं आता है रिशान तुम इतने बेवकूफ कैसे हो सकते हो? और तुमने यह क्या हालत कर दी है विहान की? मैंने उसकी जिम्मेदारी तुम्हें दी थी और तुमने इस तरह अपनी जिम्मेदारी को निभाया?  " आर्यमन ने गुस्सा करते हुए कहा
     
     तभी पीछे से बलवंत आया और उसने कहा
    " वाह बेटा वाह!! देख बहना जिस लड़के को तू अपना बेटा मानती थी आज वही तेरे बेटे को तमाचे पर तमाचे मारे जा रहा है और अब तेरे ही भाई की इतनी बेज्जती कर रहा है और तू चुपचाप खड़ी सुन रही है? "
     
    " आईये!! आपकी ही कमी थी यहां पर, सुकून मिल गया आपको विहान की ऐसी हालत करवा के? मुझे आप पर कभी भरोसा नहीं था, अच्छे से जानता था मैं कि जब भी विहान को आप अकेला देखोगे उसके खिलाफ कुछ ना कुछ गलत करने की कोशिश जरूर करोगे!! या उसके खिलाफ सबके कान भरने की कोशिश करोगे!! और फिर से कुछ कान के कच्चे लोग आपकी बात का यकीन कर लेंगे!! लेकिन मैं इतना नहीं जानता था कि आप इतना गिर जाएंगे " आर्यमन ने कहा
     
     
    "यह आप क्या कर रहे हैं भाई आप? विहान के लिए आप मामा पर इस तरह इलज़ाम लगा रहे हैं? और उनसे इस आवाज में बात कर रहे हैं? आखिर आप कैसे भूल गए कि आपने ही मुझसे कहा था कि चाहे बलवंत मामा आपको कितना ही क्यों ना डांट ले, आपको उनकी बातों का बुरा नहीं लगता क्योंकि वह आपसे बड़े हैं " रिशान ने कहा
     
    "हां मैंने कहा था!! लेकिन गलत कर दिया मैंने इन्हे इज्जत सम्मान देकर!! असल में मुझे तुमसे कहना चाहिए था कि दूर रहना बलवंत मामा से हमेशा हमेशा के लिए!! कम से कम तुम इंसान तो बने रहते इस तरह की जाहिल हैवान नहीं बन जाते इनकी बातों में आकर " आर्यमन ने कहा 
     
     आर्यमन की बातों को सुनकर बलवंत अपना बेचारा सा मुंह बनाकर रिशान और राधा से कहता है
    "देखो कैसा बर्ताव कर रहा है ये मेरे साथ!!  मैंने तो तुमसे पहले ही कहा था सौतेले हमेशा सौतेले होते हैं इन्हें कितना ही प्यार क्यों ना दे तो यह कभी सगे नहीं बन सकते!! इसीलिए मै इसे इसके बचपन से ही नापसंद करता था, मुझे पता था यह सांप है किसी दिन डसेगा ज़रूर "
     
    बलवंत कि बात सुनकर आर्यमन तो तेज गुस्सा आ जाता है और वो गुस्से में अपनी दो कदम बलवंत की तरफ बढ़ाता है!!  लेकिन उसके गुस्से को देखकर बलवंत जल्दी से पीछे हट जाता है!!
     
    " उस वक्त बात मेरी थी!! अगर आप मेरे खिलाफ कुछ ऐसा करते तो मैं बर्दाश्त कर जाता!!  क्योंकि मै जानता था कि इन्हे हमेशा से यही डर था कि कहीं मैं इस पूरी जायदाद, प्रॉपर्टी और बिजनेस पर अपना अधिकार न कर लूं और रिशान के साथ अन्याय ना जाये!!  उस वक्त इनकी इस इनसिक्योरिटी ने ही इनका दिमाग खराब किया हुआ था, लेकिन विहान? विहान से इन्हें क्या खतरा था जो इन्होंने उसके खिलाफ इतनी बड़ी साजिश की? " आर्यमन ने कहा 
     
     
    " मैंने कोई साजिश नहीं की!! जो किया इस पालतू पिल्ले ने किया इसने जीजा जी को जान से मारने की कोशिश की, क्योंकि इस लगता था कि इसके बाप को जो हार्ट अटैक आया है वह मेरी वजह से आया है" बलवंत ने कहा
     
    विहान के पापा को हार्ट अटैक आया है ये जानकर तो आर्यमन को और तेज झटका लगता है!! और ये जानकर आर्यमन अपनी माँ राधा कि घूमता है!!
     
    " राहुल अंकल को हार्ट अटैक आया है? मुझसे आखिर कितनी बातें छुपाई जा रही है माँ? मेरे पीछे से यहां इतना कुछ हो गया था लेकिन मुझे खबर तक नहीं? आखिर ये हो क्या रहा है घर मे? राहुल अंकल को हार्ट अटैक आया है, पापा कोमा में है, यहां विहान की हालत यह हो गई है!! और ये मेरे सामने खड़ा मेरा छोटा भाई कहता था जो आज यह जीता जागता हैवान बन गया है!! आखिर पीछे 10 महीना में ऐसा हो किया गया है जो मुझे पता ही नहीं चल रहा है?  सब कुछ ऐसे बदल सा गया है मानो मैं एक अलग ही दुनिया में आ गया हूं मैं इस परिवार को जानता ही ना हूं " आर्यमन ने कहा 
     
     आर्यमन की बात सुनकर राधा की आंखें भर आती है और वह कहती हैं
    " मैंने तुम्हें बहुत बार बताने की कोशिश की थी कि इस घर में तुम्हारे पीछे से क्या कुछ हो रहा है लेकिन हर बार रिशान की दी हुई कसम की वजह से मैं रुक जाती थी!! और आज मुझे इतने दिनों बाद अपनी गलती का एहसास हुआ कि अगर मैं अब भी तुमसे यह बात नहीं कह पाई तो मैं तुमसे यह बात कभी जिंदगी भर नहीं कह कर पाऊंगी!! इसीलिए जब तुम इंडस्ट्री का कंस्ट्रक्शन का काम देखने रिशान के साथ बाहर गए थे तभी मैंने फैसला किया कि मैं तुम्हें सब कुछ बता दूंगी!! और तुम्हें जल्द से जल्द वापस आकर विहान को यहां से ले जाना होगा"
     
     "देर तो अपने कर दी है माँ!! आपने बहुत देर कर दी है" आर्यमन ने विहान की तरफ देखकर  कहा
     
     विहान की तरफ देखकर अब राधा की आंखों से भी लगातार आंसू बहने लगे थे और उसने आर्यमन के सामने अपने हाथ जोड़ लिया!!
     
    " मुझे माफ कर दो बेटा मुझे माफ कर दो ! मैं नहीं जानती कि विहान ने ये गलती की थी या नहीं, जिस वक्त हम अस्पताल से वापस आए थे उस वक्त दुष्यंत सीढीओ से नीचे गिरे हुए थे और ऊपर विहान खड़ा था!! उस वक्त मैं सिर्फ अपने पति को उस हालत मे देखकर सब कुछ भूल गयी थी!! मैंने विहान के बारे में सोचना ही छोड़ दिया था और यही मेरी सबसे बड़ी गलती थी" राधा ने कहा 
     
    "क्या विहान को इस हालत में छोड़कर गया था मैं आपके पास? मैंने कहा था आपसे हजार बार कि इसे जाने दो मेरे साथ मै इसकी जिम्मेदारी वहां आराम से निभा लूंगा!! लेकिन आपने ही जिद की अब रिशान इसकी जिम्मेदारी निभा लेगा वह वापस आ गया है लंदन से!! अगर ऐसी ही जिम्मेदारी निभाई थी तो मुझे पहले ही मना कर देते आप, मैं इसे ले जाता अपने साथ!! ऐसा कुछ होता ही नहीं " आर्यमन ने कहा
     
    " भाई अभी आप इसका पक्ष ले रहे हैं अगर आप एक बार पापा की हालत देखेंगे तो शायद आपको पता चलेगा कि इसकी वजह से वह किस तरह की जिंदगी अब जी रहे हैं!! असल में उनके पास जिंदगी बची ही नहीं है वह सिर्फ एक जिंदा लाश बनकर बेड पर पड़े हैं!! हमसे पूछो हमने देखा है पापा को उस हालत में " रिशान ने कहा
     
    " क्या तुम मुझे यह बता रहे हो रिशान कि कोमा में पड़ा इंसान कैसा होता है? अगर तुम यह बात मुझे बता रहे हो तो तुम जैसा बेवकूफ मैंने आज तक नहीं देखा जो एक डॉक्टर को बता रहा है कि कोमा में पड़े इंसान की हालत क्या होती है!! और कोमा में पड़े इंसान को केयर की जरूरत होती है कि उसके अपने उसके पास रहे घर में शांति का माहौल रहे, ना कि ऐसा जैसा तुमने बना रखा है " आर्यमन ने कहा
     
    " तो क्या भाई आपको मुझ पर भरोसा नहीं है? बलवंत मामा ने अपनी आंखों से देखा था कि विहान ने पापा को सीढीओ से धक्का दिया"  रिशान ने कहा 
     
     रिशान की बातें सुनकर अब आर्यमान का मन कर रहा था कि वह अपना सिर पीट ले!! और जब आर्यमन ने विहान की तरफ देखा तो उसकी हालत देखकर आर्यमन की आंखों में आंसू आ गये!!
     
    विहान का पूरा चेहरा मार की वजह से लाल हो रखा था, उसकी आंखें तक सूज रही थी वह बेहोशी की हालत में सोफे पर पड़ा था!! और उसके बदन पर एक फटी सी शर्ट थी!!
     
    आर्यमन ने गुस्से से रिशान की कॉलर को पकड़ा और कहा
    " और तुमने यकीन कर लिया बलवंत मामा की बातों पर? क्या तुमने अपनी आंखों से देखा था क्या कि विहान ने पापा को सीढीओ से धक्का दिया? तुम कैसे दूसरों की कही बातों पर यकीन कर सकते हो? तुमसे मैंने इस बेवकूफी की उम्मीद नहीं की थी रिशान!! और अगर तुम्हें लगता है कि राहुल अंकल हम सबको धोखा दिया तो क्या तुमने कभी सच जानने की कोशिश की? या सिर्फ बलवंत मामा की बातों का यकीन कर लिया? कल बलवंत मामा अगर यह कहेंगे कि मैंने तुम्हें जान से मार दिया या फिर मैं खुद मर गया तो क्या तुम यकीन कर लोग ? "
     
     "आप इस तरह की बात क्यों कर रहे हैं भाई? मैं कभी इन बातों का यकीन नहीं कर सकता हूं कि आप मेरा बुरा चाहते हैं तो फिर आखिर आप ऐसी बातें क्यों कर रहे हैं? यहां बात विहान की और उसके पापा की हो रही थी आप अपने आप को बीच में क्यों ले आए?" रिशान ने कहा 
     
     तभी वहां पर कनिका आ गई जो बाहर घूमने के लिए गई थी!! जब उसने घर का ऐसा गर्म माहौल देखा तो वो थोड़ा चौक गयी!! लेकिन जब उसने विहान को वहां सोफे पर पड़े देखा तो वह भागते हुए विहान के पास आई!!
     
    "ओ माय गॉड आर्यमन मैन यह तो विहान है ना? इसकी तबीयत को क्या हुआ? ये इतना जख़्मी क्यों है?" कनिका ने कहा 
     
     आर्यमन ने एक निगाह विहान के ऊपर डाली और पास आते हुए उसके माथे पर हाथ लगाकर उसकी तबीयत को चेक किया!! विहान का शरीर बुरी तरह से गर्म था!!
     
    यह देखकर आर्यमन ने कनिका से पूछा
    "क्या तुम्हारे पास स्टेथोस्कोप है? क्या तुम अपना मेडिकल बॉक्स यहां लेकर आई हो?"
     
    "नहीं आर्यमन!! मैं नहीं लेकर आई हूं, मुझे पता नहीं था कि उसकी जरूरत हमें यहां पड़ जाएगी" कनिका ने कहा
     
    "ठीक है तो फिर हमें विहान को अभी हॉस्पिटल लेकर जाना पड़ेगा" कहते हुए आर्यमन ने विहान को अपनी बाहों में वापस से उठाया और उसे अस्पताल ले जाने के लिए बढ़ा
     
    लेकिन तभी रिशान ने उसका रास्ता फिर से रोका और कहा
    "यह आप गलत कर रहे हैं भाई!! आप इस पर भरोसा करके बहुत बड़ी गलती कर रहे है!!  सालों पहले हम सबने इसे ज्यादा लड़ प्यार देकर गलती की थी!! अभी उस गलती को सुधारने का वक्त है, फिर से एक और गलती करने का नही!!  इसे मेरे हवाले कर दीजिए!!  बलवंत मामा इसे ठिकाने लगा देंगे "
     
    रिशान की बातें सुनकर अब आर्यमन का गुस्सा अपनी सारी हदें पार कर चुका था!! और उसने रिशान पर चिल्लाते हुए कहा 
    " अपना मुंह बंद रखो रिशान!! और याद रखना अगर विहान को कुछ भी हुआ तो जो हालत तुम विहान की देख रहे हो इससे भी बुरी हालत करुंगा मैं तुम्हारी!! आज से सालों पहले मैंने अपने आपको बेगुनाह साबित किया था 72 घंटो के अंदर!! आज मै फिर से कमिटमेंट करता हूं कि 72 घंटे के अंदर मैं विहान को बेगुनाह साबित करके रहूंगा!! क्योंकि मुझे भरोसा है विहान पर कि वह कभी गलत नहीं कर सकता!! "
     
    CHAPTER END............
     
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    Thank you from Auther for reading🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏.......