यह कहानी है दो बहुत ही अलग अलग शख्सियत की एक रोशनी से भरी हुई है तो दूसरा है अंधेरे का सरताज राही जो एक मासूम लड़की है, जो दूसरों की खुशी में भी अपनी खुशी ढूंढ लेती है। वहीं दूसरी तरफ है एकांश एक रुथलेस और क्रूअल बिजनेस मैन, जो दुनिया का नंबर वन बिजन... यह कहानी है दो बहुत ही अलग अलग शख्सियत की एक रोशनी से भरी हुई है तो दूसरा है अंधेरे का सरताज राही जो एक मासूम लड़की है, जो दूसरों की खुशी में भी अपनी खुशी ढूंढ लेती है। वहीं दूसरी तरफ है एकांश एक रुथलेस और क्रूअल बिजनेस मैन, जो दुनिया का नंबर वन बिजनेसमैन है। उसका नाम ही काफी है लोगों में अपना खौफ पैदा करने के लिए लेकिन एकांश की एक और पहचान है जिससे दुनिया अनजान है। राही जो अपने दोस्तों के साथ एक ट्रिप पर जाती है वही गलती से उसकी मुलाकात एकांश से हो जाती है। उस मुलाकात का एकांश पर राही का कुछ इस तरह से असर होता है की एकांश हर हाल में राही को पाना चाहता है इसलिए वह कर लेता है राही को अपने पास कैद ? क्या मोड़ लगी राही की जिंदगी? जानने के लिए पढ़िए
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chapter 1
मुंबई, सपनों का शहर, यहीं से हमारी कहानी की शुरुआत होती है।
एक छोटे से घर में एक लड़की अपना सामान पैक कर रही थी। वह घर छोटा भले ही था, लेकिन बहुत ही खूबसूरत था। वहाँ एक छोटा सा गार्डन था, जो उस घर को और भी खूबसूरत बना रहा था।
उस लड़की के सामने एक और लड़की थी, जो उसे अपनी आँखें छोटी करके घूर रही थी। वह उसके बगल में ऐसे खड़ी थी, जैसे एक स्टूडेंट के बगल में टीचर खड़ा हो। बेचारी लड़की अपना मुँह लटकाए हुए सामान पैक कर रही थी।
उस लड़की ने दूसरी लड़की की ओर देखते हुए कहा, "काव्या दी, आप लोग जाइए ना। हमारा मन नहीं है वहाँ जाने का आप सभी लोग जाइए और खूब इंजॉय कीजिए। हम यहीं रहकर अपनी स्टडीज़ करेंगे। और फिर टॉफी भी तो अकेला है उसका ख्याल कौन रखेगा?" ऐसा कहते हुए उसने बेड पर बैठे प्यारे से पप्पी की ओर इशारा किया, जो इस वक्त अपनी टिमटिमाती आँखों से और अपनी जीभ बाहर निकालकर उसे ही देख रहा था। वह पप्पी सफेद रंग का था और बहुत ही क्यूट था।
उस लड़की की बात सुनकर काव्या ने उसकी तरफ देखते हुए लगभग गुस्से में कहा, "बिल्कुल नहीं! हम अकेले नहीं जाएँगे। तुम भी हमारे साथ चलोगी। तुमने अपने भाई के सामने तो कह दिया था ना कि तुम हमारे साथ चलोगी, तो अब क्या प्रॉब्लम हो गया है तुम्हें, राही? और अभी तो कॉलेज की भी छुट्टियाँ चल रही हैं। तो अब क्यों नहीं जाना चाहती? टॉफी का ख्याल भी माँ रख लेंगी।"
काव्या की बात सुनकर राही वही बेड पर बैठ गई और अपनी नज़रें झुका लीं। काव्या ने एक गहरी साँस ली और फिर वह भी उसके बगल में जाकर बैठ गई। उसने शांत भाव से पूछा, "क्या हुआ, राही? अब तो तुम काफ़ी ठीक भी हो गई हो बस और कुछ दिनों की बात है, उसके बाद बिल्कुल अच्छी हो जाओगी। तो फिर तुम क्यों उदास हो?"
राही ने मुँह लटकाते हुए कहा, "भाई हमारे साथ नहीं आ रहे हैं। अगर भाई भी आते तो कितना अच्छा लगता। हमें उनके बगैर ज़रा भी अच्छा नहीं लगता।" लेकिन भाई को तो ज़रूरी काम से शहर के बाहर जाना पड़ा। जब हमने भाई से कहा कि हमें भी साथ ले चलो, तो उन्होंने मना कर दिया " ऐसा कहकर वह उदास हो गई
तभी उसे एक आइडिया आया। उसने काव्या की तरफ देखते हुए कहा, "काव्या दी, क्या हम कुछ दिनों बाद नहीं जा सकते? तब तक भाई भी आ जाएँगे, फिर हम सभी लोग साथ में चलेंगे।" ऐसा कहकर वह अपनी ओशन ब्लू आँखों में चमक लिए काव्या की ओर देखने लगी।
यह है राही, हमारी कहानी की मुख्य नायिका, जो बहुत ही मासूम और नेकदिल है। इस दुनिया में सबसे ज़्यादा प्यार अपने भाई से करती है। इनके भाई और काव्या बंदना जी के अलावा इनका इस दुनिया में कोई और नहीं है। अपने भाई के बिना यह एक दिन भी नहीं रह सकती। हाइट कुछ 5 फुट 4 इंच, लंबे घने घुंघराले बाल और आँखों का रंग ओशन ब्लू है।
राही की बात सुनकर काव्या ने उसकी तरफ देखते हुए कहा, "नहीं राही, हम जाना पोस्टपोन नहीं कर सकते। तुम जानती हो ना, फिर हमारे कॉलेज भी स्टार्ट होने वाले हैं और भाई ने भी तो कहा है कि हम अगली ट्रिप साथ में चलेंगे। और अगर अब तुम नहीं चलोगी तो भाई को भी बुरा लगेगा। तुम जानती हो ना कि भाई ज़रूरी काम से बाहर गए हैं। अगर तुम ऐसा करोगी तो भाई काम पर फोकस नहीं कर पाएंगे।"
काव्या की बात सुनकर राही ने मुँह लटकाते हुए कहा, "ठीक है, हम चलते हैं लेकिन अगली बार हम भाई को ज़रूर अपने साथ लेकर जाएँगे और इस बार हम कोई बहाना नहीं सुनेंगे," ऐसा कहते हुए वह अपना सामान पैक करने लगी।
काव्या ने नागवारी में सिर हिला दिया और धीरे से कहा, "ये दोनों भाई-बहन बिना एक-दूसरे के बिल्कुल भी नहीं रह सकते पता नहीं क्या होगा इनका।"
काव्या भी राही की मदद करने लगी पैकिंग में ताकि उसकी पैकिंग जल्दी हो जाए। उन्हें 2 घंटे में निकलना था। वैसे तो उनकी पैकिंग हो ही गई थी, बस थोड़ा सा सामान और रखना रह गया था, तो वे वही रख रहे थे।
कुछ ही देर में राही की पैकिंग पूरी हो गई और वे लोग निकलने वाले थे। राही ने टॉफी की ओर देखते हुए कहा, "टॉफी, अपना ख्याल रखना और ठीक से खाना खाना और हमें ज़्यादा मिस मत करना। हम बहुत जल्दी आ जाएँगे, बस कुछ ही दिनों की बात है। तब तक तुम आस्था माँ के साथ रहना ठीक है?"
बंदना जी वहीं खड़ी थीं। उन्होंने राही की तरफ देखते हुए कहा, "तुम चिंता मत करो राही, मैं टॉफी का अच्छी तरह से ख्याल रखूँगी, जैसे हर रोज़ रखती हूँ। शायद तुम भूल रही हो कि तुम और तुम्हारे भाई को भी मैंने ही पाला है, तो तुम्हें टॉफी की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है तुम बस वहाँ जाकर अच्छे से इंजॉय करना।"
बंदना जी की बात सुनकर राही ने मुँह बनाते हुए कहा, "हमें पता है कि आप टॉफी का अच्छे से ख्याल रखेंगे, लेकिन हमें भी तो टॉफी की याद आएगी और टॉफी को हमारी। इसलिए हम कह रहे थे कि हमें ज़्यादा याद मत करना। हम नहीं चाहते कि हमें याद करके वह उदास हो और खाना-पीना छोड़ दे। आप जानती हैं ना, टॉफी कितना लापरवाह है। जब तक हम ज़बरदस्ती उसके मुँह में खाना नहीं डालते थे, वह खाता ही नहीं है। इसलिए उसे पहले से ही वार्निंग दे रहे थे ताकि वह अपने खाने को लेकर कोई लापरवाही न करे।"
वहीं टॉफी अपनी पूँछ हिलाते हुए और टिमटिमाती आँखों से राही को देख रहा था, जैसे उसकी हर बात को समझ रहा हो। राही की बात सुनकर टॉफी हल्के से फुसफुसाया, जैसे कह रहा हो, "मैं अपना पूरा ख्याल रखूँगा, तुम चिंता मत करो बस तुम किसी मुसीबत में मत पड़ जाना। लोगों की ज़िंदगी में मुसीबत आती है, लेकिन तुम तो खुद अपनी ज़िंदगी में मुसीबतों को लेकर आती हो।
काव्या और राही दोनों बंदना जी के गले लगीं। बंदना जी ने उन दोनों की तरफ प्यार से देखते हुए कहा, "तुम दोनों अपना ख्याल रखना और अच्छे से जाना।"
बंदना जी की बात सुनकर काव्या और राही ने मुस्कुराते हुए सिर हिलाया। काव्या ने राही की तरफ देखते हुए कहा, "चलो राही, वरना हम लेट हो जाएँगे। बाकी सभी सीधा स्टेशन पर मिल जाएँगे।"
काव्या की बात सुनकर राही ने सिर हिलाकर सहमति जताई और फिर आस्था जी और टॉफी को बाय कहा, फिर स्टेशन की ओर निकल गई। उसने अपने भाई से भी बात कर ली थी, या यूँ कहें कि अपनी नाराज़गी जता दी थी। उसके भाई ने उसे समझाया कि अगर वह इस ट्रिप पर खुश नहीं रहेगी, तो उसे अच्छा नहीं लगेगा, इसलिए वह अपने भाई और काव्या के लिए इस ट्रिप को खुशी-खुशी और अच्छे से इंजॉय करने के लिए तैयार हो गई। भाई से बात करने के बाद उसे अब अच्छा लग रहा था, इसलिए अब वह खुशी-खुशी इस ट्रिप पर जा रही थी।
काव्या और राही रास्ते भर यह प्लान करती रहीं कि गोवा में उन्हें क्या-क्या घूमना है और वे कहाँ-कहाँ जाएँगी। कुछ ही देर में वे दोनों स्टेशन पर पहुँच गईं, जहाँ अक्षत और निखिल पहले से उनका इंतज़ार कर रहे थे। अक्षत और निखिल दोनों ही भाई थे, अक्षत निखिल का बड़ा भाई था।
काव्या और राही दोनों ही अक्षत और निखिल के पास पहुँचीं। अक्षत ने दोनों की ओर देखते हुए कहा, "यार, कितना लेट करती हो तुम दोनों! हम लोग कब से तुम्हारा इंतज़ार कर रहे थे। अगर ट्रेन छूट जाती, तो हमारी सारी ट्रिप धरी की धरी रह जाती।"
निखिल ने भी उनकी ओर देखते हुए कहा, "सच में, तुम दोनों को टाइम की ज़रा भी वैल्यू नहीं है। हमें देखो, बिल्कुल टाइम पर आए हैं।"
निखिल और अक्षत की बात सुनकर काव्या ने उनकी ओर देखते हुए कहा, "झूठे! हमने अभी-अभी तुम्हें अंदर आते देखा है और तुम हमें टाइम का ज्ञान दे रहे हो? तुम लोग भी हमसे बस 1 मिनट पहले ही आए हो।"
काव्या की बात सुनकर निखिल और अक्षत हड़बड़ा गए और उनके चेहरे ऐसे हो गए जैसे उनकी चोरी पकड़ी गई हो।
राही ने मुँह बनाते हुए कहा, "हमें टाइम की बहुत वैल्यू है, इसलिए हम बिल्कुल टाइम पर आए हैं न 1 मिनट ज़्यादा, न 1 मिनट कम। उल्टा आप लोग 1 मिनट पहले आ गए। आपके पास होगा फालतू टाइम वेस्ट करने के लिए, लेकिन हमारे पास नहीं है। हम हर जगह वक्त पर ही आते हैं।"
राही की बात सुनकर, निखिल और अक्षत कुछ बोलते इससे पहले ही ट्रेन का अनाउंसमेंट हो चुका था। काव्या ने सबकी ओर देखते हुए कहा, "चलो, वरना ट्रेन मिस हो जाएगी। फिर टाइम पर ज्ञान देते रहना, लेकिन हम वह ज्ञान नहीं लेंगे।"
अक्षत और निखिल कुछ कहना तो चाहते थे, लेकिन इस समय समझदारी दिखाते हुए चुप रहना ही बेहतर समझा, क्योंकि उन्हें पता था कि लड़कियों से बहस में जीतना उनके बस की बात नहीं है।
सभी लोग ट्रेन के अंदर चले गए। कुछ देर बाद ट्रेन अपनी मंज़िल की ओर बढ़ गई
कुछ घंटों का सफर तय करने के बाद
राही, काव्या, अक्षत और निखिल यह चारों इस वक्त गोवा के रेलवे स्टेशन के बाहर खड़े हुए थे पूरे रास्ते राही, काव्या, अक्षत और निखिल तू-तू, मैं-मैं करते आ रहे थे इस तू-तू, मैं-मैं के चक्कर में यह रास्ता कब निकल गया, उन्हें पता ही नहीं चला। गोवा पहुँचने में लगभग उन्हें रात हो गई थी
काव्या ने अक्षत और निखिल की तरफ देखते हुए उनसे पूछा, "हम होटल कैसे जाएँगे? तुम लोगों ने कैब तो बुक की थी ना या फिर हमेशा की तरह बाकी चीज़ों की तरह यह भी भूल गए?"
काव्या की बात सुनकर अक्षत ने चिढ़ते हुए कहा, "हाँ मेरी माँ की थी! हमने कैब बुक की थी, वह यहीं कहीं होगी " ऐसा कहते हुए वह आसपास देख रहा था तभी एक ड्राइवर उसके पास आते हुए बोला, "क्या आप ही मिस्टर अक्षत अग्रवाल?"
ड्राइवर की बात सुनकर अक्षत ने उसकी तरफ देखते हुए कहा, "हाँ, मैं ही हूँ। क्या आप हमें पिकअप करने आए हैं?" अक्षत की बात सुनकर ड्राइवर ने अपना सिर हाँ में हिला दिया।
निखिल ने काव्या और राही की तरफ देखते हुए कहा, "यही है जो हमें पिकअप करने आए हैं। अब चलो वरना तुम दोनों को छोड़कर यहीं से चले जाएँगे, फिर आते रहना होटल तक पैदल चलकर!"
निखिल की बात सुनकर राही ने निखिल से गुस्से वाला क्यूट सा फेस बनाते हुए कहा, "ऐसे कैसे छोड़ कर चले जाओगे? अगर तुमने ऐसा करने के बारे में सोचा भी ना, तो हम भाई से कह देंगे और फिर वापस जाकर भाई तुम्हें अच्छे से सबक सिखाएँगे! याद है ना पिछली बार जब तुमने हमें परेशान किया था, उन्होंने तुम्हें मुर्गा बनाया था ? अगर इस बार तुमने कुछ भी किया ना, तो वह तुम्हें कबूतर बनाकर उड़ा देंगे!"
राही की बात सुनकर निखिल को पिछली बार की बात याद आ गई, जब उसने राही की हाइट को लेकर उससे मज़ाक किया था और उसे बहुत चिढ़ाया भी था, जिससे राही ने उसकी शिकायत उसके भाई से कर दी थी। फिर उसे पूरे 2 घंटे तक उसके भाई ने मुर्गा बनाया था।
यह याद आते ही निखिल सकपका गया, लेकिन उसने जल्दी से खुद को संभाल लिया। उसने खुद को संभालते हुए राही और काव्या की ओर देखते हुए कहा, "अब यही बातें करती रहोगे क्या? चलो जल्दी! वैसे भी होटल पहुँचते-पहुँचते रात हो जाएगी और ज़्यादा लेट करना सही नहीं होगा," ऐसा कहकर उसने बैग उठाया और फिर अक्षत की ओर देखते हुए कहा, "चलो अक्षत!"
निखिल की बात सुनकर अक्षत ने अपना सिर हाँ में हिला दिया और फिर वे दोनों आगे बढ़ गए। काव्या और राही दोनों ही निखिल को देखकर हँसने लगीं।
राही और काव्या यूँ ही हँसते हुए अक्षत और निखिल के साथ आ गईं और कैब में बैठकर होटल की ओर निकल पड़ीं लेकिन रास्ते में अभी भी उनकी तू-तू, मैं-मैं शुरू ही थी।
करीब 1 घंटे बाद वे लोग अपने होटल पहुँचे। उन्होंने रिसेप्शन से अपने-अपने रूम की keys लीं और फिर अपने-अपने रूम में चले गए। काव्या और राही एक साथ एक ही रूम में रुकी थीं और निखिल और अक्षत एक साथ एक रूम में।
राही इस वक्त अपने रूम में आलती-पालती मारकर बैठी हुई थी वह बहुत एक्साइटेड लग रही थी। उसने काव्या की ओर देखते हुए कहा, "काव्या दी, कल हम बहुत इंजॉय करेंगे! हमने सुना है कि यहाँ पर बहुत ही सुंदर वॉटरफॉल है, हम वह देखने चलेंगे।"
राही की बात सुनकर काव्या ने भी उसकी तरफ देखते हुए और खुश होते हुए कहा, "हाँ, मैंने भी सुना है कि यहाँ पर बहुत सारी एक्टिविटीज होती हैं और घूमने के लिए भी बहुत सारी चीज़ें हैं। हम वह सब कुछ एक-एक करके देखेंगे, कुछ भी मिस नहीं करेंगे!"
काव्या की बात सुनकर राही बहुत खुश हो गई। राही की बात अपने भाई से हो चुकी थी, जिसके बाद वह और भी ज़्यादा एक्साइटेड हो गई थी गोवा घूमने के लिए, क्योंकि उसके भाई ने उसे स्ट्रिक्टली कहा था कि वह वहाँ जाकर अच्छे से इंजॉय करे अगर उसने ऐसा नहीं किया, तो वह उससे बात नहीं करेगा। ऐसी धमकी दी थी उसके भाई ने राही को और राही सब कुछ बर्दाश्त कर सकती थी, लेकिन अपने भाई की नाराज़गी नहीं। इसलिए अब वह खुशी-खुशी इस ट्रिप को इंजॉय कर रही थी।
वे लोग बातें कर ही रही थीं कि तभी उनके दरवाजे पर knock हुआ। दरवाजे की आवाज़ सुनकर राही और काव्या ने एक-दूसरे को देखा। राही ने काव्या की ओर देखते हुए कहा, "काव्या दी, इस वक्त कौन होगा? क्या आपने कुछ ऑर्डर किया था?"
राही की बात सुनकर काव्या ने अपना सिर ना में हिलाते हुए कहा, "नहीं राही, मैंने कुछ भी ऑर्डर नहीं किया था। शायद रूम सर्विस के लिए आए होंगे। मैं अभी जाकर देखती हूँ " ऐसा कहकर वह बेड से उठी और दरवाजा खोलने चली गई।
काव्या ने दरवाजा खोला तो वहाँ पर एक वेटर खड़ा हुआ था और उसके हाथ में एक कार्ड था। वेटर ने काव्या को ग्रीट किया और फिर उसकी तरफ देखते हुए कहा, "मैडम, कल बीच पर एक पार्टी ऑर्गनाइज़ की गई है, इसलिए हम आपको उस पार्टी के लिए इनवाइट करने आए हैं। यह रहा उस पार्टी का इनविटेशन।" ऐसा कहकर उसने इनविटेशन कार्ड काव्या की ओर बढ़ा दिया।
तब तक राही भी काव्या के पास आ चुकी थी, उसने भी वेटर की बातें सुन ली थीं।
काव्या ने वह इनविटेशन कार्ड ले लिया और फिर वेटर वहाँ से चला गया। काव्या ने खुश होते हुए राही की तरफ देखते हुए कहा, "राही, यह देखो पार्टी का इनविटेशन! अब तो और भी मज़ा आएगा "
ऐसा कहते हुए काव्या खुश लग रही थी, लेकिन राही के चेहरे पर कोई खास एक्साइटमेंट नहीं थी पार्टी को लेकर पार्टी का नाम सुनकर राही के दिमाग में कुछ धुंधली-सी तस्वीरें उभर आईं।
काव्या ने राही की तरफ देखते हुए एक्साइटमेंट के साथ कहा, "राही, कहाँ खो गई? मैं कब से बोले जा रही हूँ और तुम कोई जवाब ही नहीं दे रही। तुम पार्टी में चलोगी ना?"
काव्या की बात सुनकर राही ने अपने ख्यालों को झटका और उसकी तरफ देखते हुए अपनी मीठी-सी आवाज़ में कहा, "नहीं दी, पार्टी में आप ही लोग जाना। आपको पता है, हमें पार्टी ज़्यादा पसंद नहीं हमें वहाँ अच्छा नहीं लगता।" ऐसा कहकर वह अपने बेड की ओर आ गई।
काव्या की बात सुनकर राही ने उसकी तरफ देखते हुए कहा, "ऐसे कैसे तुम्हें अच्छा नहीं लगता? तुम भी हमारे साथ पार्टी में आओगी, वरना हम में से कोई नहीं जाएगा जब तक तुम पार्टी में जाओगी नहीं, तो तुम्हें वह अच्छी कैसे लगेगी?" ऐसा कहते हुए वह आर्य को अपने साथ आने के लिए ज़िद करने लगी।
आखिर में हार मानकर राही को पार्टी में आने के लिए 'हाँ' करना ही पड़ा। उसने राही की ओर देखते हुए अपनी मीठी सी आवाज़ में कहा, "ठीक है, काव्या दी, हम चलेंगे " इतना कहते ही काव्या उछल पड़ी। काव्या को ऐसे देखकर राही के चेहरे पर भी एक प्यारी सी स्माइल आ गई।
राही ने काव्या की ओर देखते हुए कहा, "चलिए, अब सो जाते हैं, वरना कल नींद नहीं खुलेगी और हम लेट हो जाएँगे। और फिर, आप उन दोनों को तो जानती ही हैं, उन्हें तो बस एक बहाना चाहिए हमें परेशान करने का।"
काव्या ने राही की ओर देखते हुए और अपना सिर हिलाते हुए कहा, "हाँ, हम सो जाते हैं आखिर हमारी ब्यूटी स्लीप भी तो ज़रूरी है, वरना कल हमारी आँखों के नीचे डार्क सर्कल आ जाएँगे।"
काव्या की बात सुनकर राही की हँसी छूट गई। वे दोनों ब्लैंकेट ओढ़कर लाइट ऑफ करके सो गए। वहाँ पर सिर्फ एक छोटी सी लाइट जल रही थी, क्योंकि राही को अंधेरे में नींद नहीं आती थी। उसे डर लगता था, इसलिए वह हमेशा छोटी सी लाइट ऑन करके ही सोती थी।
यहाँ राही नींद के आगोश में थी, वहीं गोवा के जंगलों में किसी के चीखने और चिल्लाने की आवाज़ें आ रही थीं उन आवाज़ों को सुनकर कोई भी यह कह सकता था कि वे लोग बहुत ही दर्द से गुज़र रहे हैं।
आखिर किसकी चीखे था वह?
chapter 2 । । । । ।
अब तक । । । ।
राही काव्य की और देखते हुए कहा चलिए अब सो जाते हैं वरना कल नींद नहीं खुलेगी और हम लेट हो जाएंगे और फिर आप उन दोनों को तो जानती हैं उन्हें तो बस एक बहाना चाहिए हमें परेशान करने का ... । । । ।
काव्या ने राही की और देखते हुए और अपना सर हां हीलाते हुए कहा हां हम सो जाते हैं ... आखिर हमारी ब्यूटी स्लिप भी तो जरूरी है वरना कल हमारी आंखों के नीचे डार्क सर्कल आ जाएंगे .... । । । ।
Kaavya की बात सुनकर राही की हंसी छूट गई वह दोनों ब्लैंकेट और कर और लाइट ऑफ करके सो गए वहां पर सिर्फ एक छोटी सी लाइट जल रही थी क्योंकि राही को अंधेरे में नींद नहीं आती थी उसे डर लगता था इसलिए वह हमेशा छोटी सी लाइट ऑन करके ही सोती थी ... । । । ।
यहां राही नींद के आगोश में थी वही गोवा के जंगलों में किसी के चीखने और चिल्लाने की आवाज आ रही थी ... उन आवाजों को सुनकर कोई भी यह कह सकता था की बो लोग बहुत ही दर्द से गुजर रहे हैं .... । । । । ।
अब आगे । । । ।
गोवा के जंगलों के बीचों बीच दो लोग जमीन पर पड़े हुए थे और दर्द से चीख रहे थे .... उन दोनों के हाथ पैरों में बेरिया बनी हुई थी और कुछ लोग उन बेडियो को अलग-अलग डायरेक्शन में खींच रहे थे... जैसे वह उन दोनों के शरीर से उनके हाथ पैरों को उखाड़ देना चाहते हो.... । । । ।
उनकी आंखों की जगह से खून निकल रहा था शायद उनकी आंखें निकाल ली गई थी.... वह लोग दर्द से चीख रहे थे उनकी चीख में इतना दर्द था की कोई भी उन्हें सुनता तो उनके दिल में उन उन दोनों के लिए दया आ जाती लेकिन यहां किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था पूरे जंगल को ब्लैक यूनिफॉर्म पहने हुए कमांडोज ने घेर रखा था .... उन दोनों की चीखों को सुनकर भी किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था .... । । । ।
उस जंगल का माहौल बहुत ही डरावना और खतरनाक लग रहा था .... जहां एक तरफ उन दोनों ठीक है पूरे जंगल में गूंज रहे थे वहीं दूसरी ओर एक बहुत ही खतरनाक पर्सनालिटी वाला शख्स अपनी एक पैर पैर पर चढ़ाए हुए अपनी किंग साइज चेयर से अपना सर लीन के कर बैठा हुआ था इस वक्त उसकी आंखें बंद थी उसके चेहरे पर एक ब्लैक कलर का मास्क था ....
उसने इस वक्त ब्लैक कलर का थ्री पीस सूट पहना हुआ था उसकी शर्ट के ऊपर के दो बटन खुले हुए थे जिसमें उसकी की मस्कुलर चेस्ट विजिबल हो रही थी .... उसके चेहरे पर इस वक्त ब्लैक कलर का मास्क था और उसके हाथ में इस वक्त छोटा सा पॉकेट नाइफ था जो दिखने में छोटा भले ही था लेकिन दिखने में बहुत खतरनाक लग रहा था वह नाइफ खून से सना हुआ था .... वह अपनी उंगलियों से उसे लाइफ को गोल-गोल घूमां रहा था उसे शख्स का औरा बहुत ही ठंडा और खतरनाक था ...... । । । ।
उसके हल्के बिखरे हुए बाल उसके माथे को छू रहे थे उसकी परफेक्ट v शेप बॉडी और 8 पैक्स एब्स बहुत ही अट्रैक्टिव लग रहे थे उसका चेहरा भले ही नहीं दिख रहा था लेकिन उसकी पर्सनालिटी को देखकर यह अंदाजा आराम से लगाया जा सकता था कि सामने बैठा शख्स जितना खतरनाक है उतना ही हैंडसम और attractive भी है .... । । । ।
उन दर्दनाक चीखों को सुनकर उस शख्स के एक्सप्रेशन ऐसे थे जैसे मानो उन चीखो को सुनकर उसे बहुत ही सुकून मिल रहा हो ...... उन लोगों में से एक आदमी ने लगभग चीखते हुए कहा .B ..beast... Pls kill me... i can't bear it anymore ..pls... Forgive us and kill me...ahhhhhh.... उसने इतना ही कहा था कि उसकी जोरदार चीख निकल गई .... क्योंकि ek शख्स ने उस पर बहुत जोर से हंटर से बार किया था जिसमें किले लगी हुई थी .... उस शख्स ने गुस्से में कहा shhh .... Devil Beast को अपने सामने किसी और का ऊंची बोलना पसंद नहीं ... इतना कहकर उसने एक और हंटर घुमाया और उसे दे मारा जिससे वह चीख उठा ... इन दोनों के पूरे शरीर से खून निकल रहा था .... उनके शरीर पर इस वक्त सिर्फ नाम मात्र के ही कपड़े बचे हुए थे .... । । । ।
उसे दूसरे आदमी ने दर्द से करहाते हुए बड़ी मुश्किल से कहा हम हम हमने आपको बता दिया है ना की डायमंड हमारे पास नहीं है ... और और वह किसके पास है इसके बारे में भी हमने आपको बता दिया है ... हम हम तीनों इस काम में पार्टनर थे ... लेकिन लेकिन डायमंड हमारे पास नहीं है ... उसने ये कहा था कि वह कल हमसे मिलेगा और वहीं पर उन डायमंड की डील साइन होगी ... इससे ज्यादा हम कुछ नहीं जानते ... प्लीज हमें माफ कर दीजिए ..... मैं मैं ऐसी गलती दोबारा नहीं करूंगा ... आप आपको कभी धोखा नहीं दूंगा ... मुझे एक मौका दीजिए ....ahhh .. ऐसा कहते हुए वह रहम की भीख मांग रहा था... । । । ।
उसे ऐसे भीख मांगते हुए देखकर उसे शख्स के चेहरे पर एक टेस्टी स्माइल आ गई उसने उसे आदमी को हंटर से मारते हुए और इसका मजाक उड़ाते हुए कहा तुम्हें क्या लगा हमें धोखा दोगे .. हमें नकली डायमंड बेचोगे और हमें पता भी नहीं चलेगा ... .. लेकिन तुम दोनो भूल गए की बीस्ट की आंखों में धूल झोंकना नामुमकिन है ... उनसे कुछ भी छुपा नहीं रहता .... अब वह डायमंड भी बीस्ट के होगे... और वह बिलियन of डॉलर भी बीस्ट के होंगे ... ऐसा कहते हुए उसके चेहरे पर एक खतरनाक मुस्कान थी लेकिन उसकी मुस्कान उसे मास्क के पीछे छुपी हुई थी .... ....। । । ।
तभी वहां पर उन दोनों की एक जोरदार चीख वहां गूंज उठी उन दोनों के हाथों को उखाड़ दिया गया था जिससे वह दोनों दर्द से छटपटा रहे थे ... .। । । ।
वही उस किंग साइज पर बैठा हुआ शख्स बड़े ही आराम से चेयर पर लीन होकर उन सब की चीखों को सुन रहा था .... लेकिन धीरे-धीरे वह चीखे अब धीमे होती गई ... । । । ।
क्योंकि अब उनकी उनमें इतनी ताकत भी नही थी कि वह दर्द से चीख सके .... । । ।
उन चीखों को धीमा होता हुआ सुनकर उस शख्स की के माथे पर लकीरें आ गई ... जैसे किसी ने उसकी फेवरेट काम में डिस्टर्ब कर दिया हो ... उसने अपनी आंखें खोली ... इस वक्त उसकी आंखें मौत सी ठंडी थी .... उसने अपनी डार्क ग्रीन आइज से उन दोनों की ओर देखा जिनमे अब बिल्कुल भी जान नहीं बची थी उनकी सांसे बहुत ही धीमी चल रही थी .. वह बस मरने की कगार पर ही थे । । । ।
उन दोनों को देखकर उसने अपना सर हिला दिया और बहुत ही ठंडी आवाज में कहा ... यह दोनों तो किसी काम के नहीं है थोड़ी देर तक भी मेरा एंटरटेनमेंट नहीं कर पाए ... ऐसा कहकर उसने एक गहरी सांस ली .... । । । ।
उसने उन दोनों की एक एक नजर देखा और फिर उसके बगल में खड़े हुए शख्स की ओर देखते हुए अपनी ठंडी आवाज में उसे आर्डर देते हुए कहा ... यह लोग आप मेरे किसी काम के नहीं ... यह लोग तो मुझे ठीक से एंटरटेन भी नहीं कर पा रहे एक काम करो इन लोगों को जंगल के दूसरे और फेक दो ... वहां पर मेरे बहुत ही छोटे-छोटे टाइगर है यह दोनों उसके काम आ जाएंगे अब मैं इतना भी बुरा नहीं हूं ... कि उन जंगली जानवरों को भूखा रखू .... आखिर वह भी तो मेरी टेरिटरी का हिस्सा ... अब उनका ख्याल मैं नहीं रखूंगा तो और कौन रखेगा .... इसी बहाने तुम लोग भी किसी काम आ जाओगे .... ऐसा कहते हुए बो अपनी डार्क ग्रीन eyes से उन लोगों को ही देख रहा था उसके चेहरे पर इस वक्त इविल से भी इविल स्माइल थी ... जो उसके मास्क के पीछे थी लेकिन उसकी आंखों मैं शैतानियांत देखकर कोई भी यह बता सकता था कि उसकी यह मुस्कुराहट कितनी खतरनाक थी ..... । । । ।
उसे ऑर्डर को सुनते ही उसे शख्स ने अपना सर झुकाते हुए कहा बिना किसी एक्सप्रेशन के कहा yes devil beast your command will be followed .... । । । ।
उस शख्स ने कुछ कमांडो उसकी ओर इशारा किया तो उसका इशारा समझ कर कमांडोज ने उन दोनों को उठाया और वहां से ले गए ... । । । ।
उस शख्स ने बीस्ट की ओर देखते हुए बड़े ही अदब से कहा beast कल उन लोगों की डील होने वाली है ... अगर आपका ऑर्डर हो तो हम अभी उसे पकड़ सकते हैं ... । । । ।
उस शख्स की बात सुनकर beast ने उसकी तरफ देखा अपनी तरफ यूं देखा हुआ पाकर उसे शख्स ने अपनी नज़रें झुका ली .. beast ने उसकी तरफ देखते हुए अपनी ठंडी आवाज में कहा अभी नहीं .... मुझे उसके साथ खेलना है ... अगर हमने उसे अभी पकड़ लिया तो मेरा सारा एंटरटेनमेंट खराब हो जाएगा .... और मैं ऐसा नहीं चाहता .... उन लोगों को भी तो पता चले की बीस्ट की चीजों पर नजर डालने वालों का beast क्या अंजाम करता है ... । । । ।
Yes beast उसे शख्स ने इतना ही कहा ... तभी बेस्ट की नजर अपने साइड टेबल पर रखे हुए एक कांच के बर्तन पर पड़ी जिसमें इस वक्त दो जोड़ी आंखें डाली हुई थी उन आंखों को देखकर उसके चेहरे पर एक बहुत ही खतरनाक स्माइल आ गई .... । । । ।
Beast ने उन आंखों को देखते हुए बिना उसे शख्स की ओर देखते हुए कहा पता नहीं मुझे इन आंखों से इतना क्या लगाव है लोगों को तो खत्म कर देता हूं लेकिन उनकी आंखों को संभाल कर रखता हूं .... लेकिन यह आंखें इतनी खास नहीं है कि मैं अपने कलेक्शन में रख सकूं ... कल नया शिकार हाथ लगने वाला है हो सकता है उसकी आंखें कुछ खास हो .... । । । ।
तुम एक काम करो इन आंखों को हमारे hospital में पहुंचा दो हो सकता है किसी के काम आ जाए यह दोनों तो अपनी जिंदगी में किसी के काम नहीं आए हो सकता है मरने के बाद उनकी आंखें ही किसी के काम में आ जाए .... देखो न कितना अच्छा हूं मैं हमेशा दूसरों के बारे में सोचता रहता हूं फिर भी न जाने लोग क्यों मुझे धोखा देने के बारे में सोचते हैं ऐसा कहते हुए उसने अपना सर हिला दिया .....। । । ।
Beast की बात सुनकर उसे शख्स ने अपना सर हां में हिलाते हुए का yes beast अपने जैसा कहा है वैसा हो जाएगा .... । । । ।
उस शख्स की बात सुनकर beast ने कुछ नहीं कहा .... Beast ट ने अपने चेहरे का मास्क उतारा और डरावनी विसल बजाने लगा ..Beast जहां पर बैठा हुआ था वहां पर लगभग अंधेरा था उसके शरीर के पैरों ताकि हल्की-हल्की रोशनी आ रही थी बाकी उसका पूरा शरीर अंधेरे में था जिससे उसका चेहरा किसी को दिखाई नहीं दे रहा था .... । । । ।
Beast विसल के जरिए जो धुन बज रहा था बो धुन माहौल को और डरावना बना रही थी ... उसकी विसल की आवाज उस जंगल में गूंज रही थी .... उस विसल की धुन से इतनी नेगेटिव वाइब्स आ रही थी कि अगर वहां पर कोई भी नॉर्मल इंसान होता तो डर के बारे वही हार्ट अटैक से मर जाता .... । । । ।
Beast विसल के जरिए जो धुन बजा रहा था बो धुन माहौल को और डरावना बना रही थी ... उसकी विसल की आवाज उसे जंगल में गूंज रही थी .... उस विसल की धुन से इतनी नेगेटिव वाइब्स आ रही थी कि अगर वहां पर कोई भी नॉर्मल इंसान होता तो डर के बारे वही हार्ट अटैक से मर जाता .... । । । ।
Done । । । ।
आखिर कौन है beast ?
क्या होगा beast का अगला कदम ... । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए .... । । । ।
Hello friends । । 🙂 ☺️। ।
स्टोरी को लाइक कमेंट शेयर करना ना भूले और स्टोरी को रिव्यू जरूर करें आपके रिव्यू ही यह डिसाइड करेंगे की कहानी आगे बढ़ेगी या नहीं .... सो प्लीज कहानी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करो और ज्यादा से ज्यादा रिव्यू करें ... । । । ।
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Chapter 3
अब तक । । । ।
तुम एक काम करो इन आंखों को हमारे hospital में पहुंचा दो हो सकता है किसी के काम आ जाए यह दोनों तो अपनी जिंदगी में किसी के काम नहीं आए हो सकता है मरने के बाद उनकी आंखें ही किसी के काम में आ जाए .... देखो न कितना अच्छा हूं मैं हमेशा दूसरों के बारे में सोचता रहता हूं फिर भी न जाने लोग क्यों मुझे धोखा देने के बारे में सोचते हैं ऐसा कहते हुए उसने अपना सर हिला दिया .....। । । ।
देखो न कितना अच्छा हूं मैं हमेशा दूसरों के बारे में सोचता रहता हूं फिर भी न जाने लोग क्यों मुझे धोखा देने के बारे में सोचते हैं ऐसा कहते हुए उसने अपना सर हिला दिया ..... Beast की बात सुनकर उसे शख्स ने अपना सर हां में हिलाते हुए का yes beast अपने जैसा कहा है वैसा हो जाएगा .... । । । ।
उस शख्स की बात सुनकर beast ने कुछ नहीं कहा .... बेस्ट ने अपने चेहरे का मास्क उतारा और डरावनी विसल बजाने लगा ..Beast जहां पर बैठा हुआ था वहां पर लगभग अंधेरा था उसके शरीर के पैरों ताकि हल्की-हल्की रोशनी आ रही थी बाकी उसका पूरा शरीर अंधेरे में था जिससे उसका चेहरा किसी को दिखाई नहीं दे रहा था .... । । ।
Beast विसल के जरिए जो धुन बज रहा था बो धुन माहौल ओ को और डरावना बना रही थी ... उसकी विसल की आवाज उसे जंगल में गूंज रही थी .... उस विसल की धुन से इतनी नेगेटिव वाइब्स आ रही थी कि अगर वहां पर कोई भी नॉर्मल इंसान होता तो डर के बारे वही हार्ट अटैक से मर जाता .... । । । ।
अब आगे । । । ।
अगली सुबह राही अपने बेड पर आराम से सो रही थी .. खिड़की से आई हुई सूरज की रोशनी उसके चेहरे पर पड़ रही थी जिससे उसका चेहरा किसी सोने की तरह चमक रहा था .... राही आराम से अपने सपनों की दुनिया में मस्त होकर गहरी नींद में सो रही थी ... तभ काव्या ने राही को उठाते हुए कहा राही उठो... वरना हमें लेट हो जाएगा ...। । । ।
काव्या की बात सुनकर राही ने अपने मुंह पर तकिया रख लिया और अलसाई आवाज में कहा काव्या दि वस 5 मिनट सोने दो ना उसके बाद चलते हैं ऐसा कहकर वह राही की तरफ पीठ करके सो गई राही ने अपना कर ना गवारी में हिला दिया ... जैसे कह रही हो इसका कुछ नहीं हो सकता..... । । । ।
काव्या ने अपने बालों को बनाते हुए कहा ठीक है तुम सोती रहो फिर तुमने जो लिस्ट बनाई थी घूमने के लिए उसे हम कैंसिल करते हैं ... हम सिर्फ वही जगह पर जाएंगे जो मैंने अक्षत और निखिल ने डिसाइड किया है .... । । । ।
काव्या से इतना कहते ही जैसे राही की नींद हवा में उड़ गई वह जल्दी से अपने बेड से उठी और खुशी की तरफ देखते हुए कहा आप हमारे साथ ऐसा नहीं कर सकती ... आपने वादा किया था कि आप हमारे साथ उन खूबसूरत जगह पर चलेंगे आप इस तरह अपने वादे से मुकर नहीं सकती ... । । । ।
काव्या ने लापरवाही से कहा अब जब तुम यहीं रहकर सोने वाली हो तू क्या फर्क पड़ता है हम उन जगहों पर जाए या नहीं तुम एक काम करो यहीं पर सो जाओ और यही से उन जगहों को सपनो में देखती रहो ... । । । ।
मैं अक्षत और निखिल उन खूबसूरत जगह को रियलिटी में देखेंगे ... क्योंकि तुम्हें तो सोने से फुर्सत ही नहीं ... काव्या की बात सुनकर राही ने झट से कहा नहीं नहीं हम भी आपके साथ चलेंगे ,' किसने कहा हमें सोना है हम अभी तैयार होकर आते है ...... ऐसा कहकर वह जल्दी से अपने बेड से उठी और बुलेट ट्रेन की स्पीड से वॉशरूम में चली गई ... । । । ।
राही को इतनी स्पीड से चाहते हुए देखकर पहले तो काव्य हैरान हो गई फिर उसने अपना सर हिला दिया और मुस्कुराते हुए कहा पागल लड़की .... । । । ।
कुछ देर बाद राही और काव्या दोनों ही तैयार हो चुकी थी .. वह दोनों ही बहुत खूबसूरत लग रही थी राही ने एक कुर्ती टॉप डाला हुआ था ... और नीचे पटियाला सलवार पहनी हुई थी जिसमें वह बहुत प्यारी लग रही थी उसने अपने बालों में एक क्लिप लगाया हुआ था और उसके बाकी बाल उसकी कमर तक आ रहे थे जिसमें वह बहुत ही खूबसूरत लग रही थी ... वही काव्य ने एक फुल लेंथ टॉप और जींस पहना हुआ था उसने अपने बालों की पोनीटेल की हुई थी ... वह भी काफी प्यारी लग रही थी ... . । । । ।
काव्या ने राही को समझाते हुए कहा राही बाहर का कुछ भी उल्टा सीधा नहीं खाओगे और ठंडी चीज तो बिल्कुल नहीं खाओगी तुम्हें पता है ना डॉक्टर ने तुम्हें कुछ वक्त तक सावधानी बरकने के लिए कहा है वरना तुम्हारे गले में प्रॉब्लम हो सकती है .... और अगर तुम्हें ज्यादा थकावट लगे या फिर तुम्हें ऐसा लगे कि तुम्हारे गले में दर्द हो रहा है तो तुम बिना एक पल गवाए मुझे बताओगी ठीक है .... . । । । ।
काव्या की बात सुनकर राही ने उसकी तरफ देखते हुए बड़ी मासूमियत से कहा दी अब हम ठीक हैं और अब तो हम ठीक से बोल भी पा रहे हैं ... हां बस कभी-कभी थोड़ी प्रॉब्लम होती है लेकिन धीरे-धीरे वह भी ठीक हो जाएगी आप इतनी चिंता मत कीजिए ... और अब तो डॉक्टर ने भी कहा है ... कि अब हम ठीक हो रहे हैं ... तो आप और भाई मिलकर इतनी चिंता क्यों करते हैं .... . । । । ।
राही की बात सुनकर काव्या ने थोड़ी स्ट्रिक्ट वॉइस में कहा राही डॉक्टर ने कहा है कि तुम ठीक हो रही हो लेकिन अभी पूरी तरह से ठीक नहीं हुई हो ... अगर तुमने अपने गले पर ज्यादा जोर डाला या फिर ज्यादा स्ट्रेस लिया तो उसकी वजह से तुम्हारी आवाज फिर से जा सकती है .... और मैं तुम्हारे साथ कोई भी रिस्क नहीं ले सकती .... कितनी मुश्किल से तो तुम्हारी आवाज वापस आई है ... कान तरस गए थे तुम्हारी आवाज सुनने के लिए वरना उस हादसे के बाद तो ....... . ऐसा कहकर वह रुक गई तभी उसे रिलाइज हुआ कि उसने क्या कह दिया ... उसने राही की ओर देखा जो अब थोड़ी मायूस लग रही थी .... और उसकी उसकी ओसियन ब्लू आईज में हल्की नमी थी .... । । । ।
अब काव्या को खुद पर ही गुस्सा आ रहा था कि क्यों उसने आखिरी बात छेड़ी .... काव्या ने बहुत ही नर्म लहजे में राही की तरफ देखते हुए कहा hey raahi आई'एम सॉरी मैं उस बारे में बात नहीं करना चाहती थी लेकिन पता नहीं कैसे मेरे मुंह से निकल गया प्लीज मुझे माफ कर दो .... मैं तुम्हें हर्ट नहीं करना चाहती थी ऐसा कहते हुए उसके चेहरे पर पछतावा साफ-साफ दिखाई दे रहा था ... । । । ।
राही ने काव्य को देखा जिस पर साफ-साफ गिल्ट नजर आ रहा था .... राही ने खुद को नॉर्मल किया .....। । । ।
राही ने अपनी मीठी से आवाज में काव्य की ओर देखते हुए कहा नहीं थी प्लीज आ... आप माफी ... मत मागिए .... आपकी कोई गलती नहीं है और वैसे भी हम वह सब कुछ भूल चुके हैं और आगे बढ़ चुके हैं .... इसलिए अब हमें कोई फर्क नहीं पड़ता .... ऐसा कहते हुए वह थोड़ा-थोड़ा अटक रही थी .... काव्या ने जल्दी से राही को गले लगा लिया .... और उसे भावुक होते हुए कहा अब मैं इस बारे में कभी बात नहीं करूंगी आई एम सो सॉरी .... । । । ।
काव्या की बात सुनकर राही ने अपनी आंखें बंद कर ली पर ना चाहते हुए भी उसकी आंखों से आंसू का एक कतरा बह गया .... जिसे उसने जल्दी से साफ कर लिया तभी दरवाजे पर नॉक हुआ ... । । । ।
काव्या और राही एक दूसरे से अलग हुए और उसे दरवाजे की ओर देखा जहां पर निखिल और अक्षत उन्हें ही घूर रहे थे ..... । । । ।
अक्षत ने काव्य और राही की और देखते हुए कहा तुम दोनों ने हमें समझ कर क्या रखा है हम कब से तुम दोनों का नीचे इंतजार कर रहे थे ब्रेकफास्ट के लिए लेकिन तुम दोनों आने का नाम ही नहीं ले रहे थे .... निखिल ने उन दोनों की तरफ देखते हुए और मुंह बनाते हुए कहा तुम दोनों को पता है मुझे तुम दोनों की वजह से अपना ब्रेकफास्ट छोड़ कर आना पड़ा ..... तुम लोगों को पता है वह ब्रेकफास्ट देखने में कितना टेस्टी लग रहा था .. ऐसा कहते हुए वह ब्रेकफास्ट की प्लेट को याद करने लगा वह याद करते ही उसने अपने होठों पर अपनी जीत फेरी .....। । । ।
निखिल के एक्सप्रेशन देखकर राही और काव्या के चेहरे पर एक स्माइल आ गई काव्या ने उन दोनों की तरफ देखते हुए कहा हम लोग बस आ ही रहे थे .... इतना कहकर काव्य ने अपना बैग उठा लिया जिस पर जिसमें कुछ जरूरी सामान था ..... राही ने भी अपना बैग ले लिया .. और अपनी पीठ पर केरी कर लिया ... . । । । ।
काव्या की बात सुनकर निखिल और अक्षत ने अपना सर हिला दिया ... काव्या और अक्षत साथ में चल रहे थे और राही और निखिल ...अक्षत ने धीरे से काव्या से पूछा क्या सब कुछ ठीक है .... मुझे राही थोड़ी उदास लगी ... क्या कुछ हुआ है उसे..... अक्षत की बात सुनकर काव्या ने उसकी तरफ देखते हुए कहा नहीं ऐसी कोई बात नहीं है .... उसके गले में बस हल्का दर्द था ... लेकिन अब वह ठीक है ... . डॉन'टी वरी ... . और बाहर जाएगी तो और भी ज्यादा ठीक हो जाएगी तुम जानते हो ना हम उसे यहां लेकर क्यों आए हैं ... ...ताकि पॉजिटिव एनवायरमेंट में रहे.... खुश रहेगी तो उसे भी अच्छा लगेगा ... और पुरानी बातें भी उसके दिल और दिमाग से निकल जाएंगे .. । । । ।
तुम जानते हो ना कि वह हम लोगों के अलावा किसी और से नहीं मिलती .... उसे ज्यादा लोगों को देखकर डर लगता है .... उसे नेचर के पास रहना ज्यादा अच्छा लगता है ... इसलिए उसे हम यहां ट्रिप पर लेकर आए हैं ताकि बो लोगों से भी मिल सके और उसे जो पसंद है वह भी कर सके .... । । । ।
निखिल की बात सुनकर अक्षत ने अपना सर हां में हिला दिया और फिर वह दोनों नीचे ब्रेकफास्ट करने चले गए ... । । । ।
कुछ ही देर में उन सभी ने ब्रेकफास्ट कर लिया .... अक्षत ने उन सभी की और देखते हुए कहा ... आज बीच पर एक बहुत बड़ी पार्टी ऑर्गेनाइज की गई है .... तुम सब चलोगे ना.... । । । ।
अक्षत की पूछने पर काव्या ने एक्साइड होते हुए कहा ' यह भी कोई पूछने वाली बात है में और raahi तो जरूर चलेंगे ... बहुत मजा आएगा क्यों raahi .... ऐसा कहते हुए उसने राही को देखा .... kàvya की बात सुनकर raahi ने मुस्कुराते हुए अपना सर हां में हिला दिया ... । । । ।
निखिल ने उन सब की ओर देखते हुए कहा तो फिर यह तय रहा शाम को आने के बाद हम सभी पार्टी में चलेंगे ... . । । । ।
राही ने उन सभी को देखते हुए कहा प..पार्टी में तो शाम को जाना है ... लेकिन अभी तो यहां से चले हमने बहुत लंबी लिस्ट बनाई है ... ह.. हमें वह सब कुछ घूमना है ... . । । । ।
राही की बात सुनकर उन सभी लोगों ने अपना सर हां में हिला दिया और फिर वह लोग होटल से बाहर चले गए .... . । । । ।
वहीं दूसरी ओर एक शख्स बालकनी में खड़ा हुआ था और सामने की ओर देख रहा था .... वह इस वक्त शर्टलेस था ... उसकी पीठ पर एक बहुत ही डरावना beast के जैसा टैटू बना हुआ था उस टैटू की वजह से उस शख्स की पर्सनैलिटी और ज्यादा डरावनी और खतरनाक लग रही थी .... उसके 8 पैक एब्स उसके ट्राइसेप्स उसके पर्सनालिटी को और खतरनाक बना रहे थे .... उसमें से बहुत ही डार्क औरा निकल रहा था वह अपनी डार्क ग्रीन आइज से अपने सामने उस घने जंगल को देख रहा था ...... . जो इस वक्त दिखने में बहुत ही डरावना लग रहा था ... उस जंगल में सूरज की रोशनी भी मुश्किल से पहुंच पा रही थी .... । । । ।
और अपने दोनों हाथ अपनी पैंट की पॉकेट में डालकर सामने की ओर देख रहा था .... वहां पर हल्की-हल्की हवा चल रही थी .... उसके बाल हल्के-हल्के उसके माथे को छू रहे थे .... उसके मन उसके चेहरे पर हल्की बियर्ड थी जो परफेक्ट सेट थी ... वह दिखने में जितना खतरनाक लग रहा था उतना ही हैंडसम भी लग रहा था .... उसके आगे तो अच्छे-अच्छे मॉडल और एक्टर्स भी फेल थे .... । । । ।
वह सामने जंगल की ओर देखा ही रहा था कि तभी पीछे से एक शख्स ने अपनी नजरे झुकाते हुए बहुत ही रिस्पेक्टफुल मैनर में कहा beast वह अंगद आज रात में ही उन डायमंड के लिए डील करने वाला है .... उस डील में कुछ और लोग भी शामिल होने वाले हैं ... वह लोग वही है जिन्होंने आपको धोखा देने की हिम्मत की है ..... उन्हीं की मदद से अंगद और उसके पार्टनर् ये गेम प्लान कर पाए .... वह सभी लोग आज मिलने वाले हैं ..... । । । ।
उस शख्स की बात सुनकर beast के चेहरे पर एक बहुत ही खतरनाक और इविल स्माइल आ गई .... Beast ने वैसे ही सामने देखते हुए ही बहुत ही ठंडी आवाज में कहा ... अच्छी बात है मानिक कि वह लोग साथ में मिल रहे हैं .... मुझे उन लोगों को अलग-अलग उनकी जगह दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी एक साथ ही उन सभी को उनकी औकात याद दिला दूंगा ..... और इसी बहाने मुझे एक बहुत ही अच्छा एंटरटेनमेंट भी मिल जाएगा .... । । । ।
जितने ज्यादा लोग उतना ज्यादा अच्छा एंटरटेनमेंट .... और उतनी ज्यादा चीखे.... कितना सुकून मिलेगा ना मुझे ...जब वह एक साथ चीखेंगे .... और साथी ही लोगों को एक सबक भी मिलेगा उन्हें पता चलेगा की Devil beast के खिलाफ जाने वाले लोगो का Devil beast क्या अंजाम करता है .... ऐसा कहती हुई उसके चेहरे के एक्सप्रेशन बहुत ही इविल थे.... यह सब कुछ कहते हुए बों किसी सनकी की तरह लग रहा था.... । । । ।
Beast की बात सुनकर मानिक ने बस इतना ही कहा yes beast .... .। । । ।
Done। । । ।
आखिर क्या हुआ था राही के साथ ...। । । ।
क्या होगा beast का अगला कदम ... । । । ।
जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । ।
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