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यह कहानी है दो बहुत ही अलग अलग शख्सियत की एक रोशनी से भरी हुई है तो दूसरा है अंधेरे का सरताज राही जो एक मासूम लड़की है, जो दूसरों की खुशी में भी अपनी खुशी ढूंढ लेती है। वहीं दूसरी तरफ है एकांश एक रुथलेस और क्रूअल बिजनेस मैन, जो दुनिया का नंबर वन बिजन...

Total Chapters (26)

Page 1 of 2

  • 1. His evil love - Chapter 1

    Words: 2856

    Estimated Reading Time: 18 min

    chapter 1 
     
    मुंबई, सपनों का शहर, यहीं से हमारी कहानी की शुरुआत होती है।
    एक छोटे से घर में एक लड़की अपना सामान पैक कर रही थी। वह घर छोटा भले ही था, लेकिन बहुत ही खूबसूरत था। वहाँ एक छोटा सा गार्डन था, जो उस घर को और भी खूबसूरत बना रहा था।

    उस लड़की के सामने एक और लड़की थी, जो उसे अपनी आँखें छोटी करके घूर रही थी। वह उसके बगल में ऐसे खड़ी थी, जैसे एक स्टूडेंट के बगल में टीचर खड़ा हो। बेचारी लड़की अपना मुँह लटकाए हुए सामान पैक कर रही थी।
    उस लड़की ने दूसरी लड़की की ओर देखते हुए कहा, "काव्या दी, आप लोग जाइए ना। हमारा मन नहीं है वहाँ जाने का आप सभी लोग जाइए और खूब इंजॉय कीजिए। हम यहीं रहकर अपनी स्टडीज़ करेंगे। और फिर टॉफी भी तो अकेला है उसका ख्याल कौन रखेगा?" ऐसा कहते हुए उसने बेड पर बैठे प्यारे से पप्पी की ओर इशारा किया, जो इस वक्त अपनी टिमटिमाती आँखों से और अपनी जीभ बाहर निकालकर उसे ही देख रहा था। वह पप्पी सफेद रंग का था और बहुत ही क्यूट था।

    उस लड़की की बात सुनकर काव्या ने उसकी तरफ देखते हुए लगभग गुस्से में कहा, "बिल्कुल नहीं! हम अकेले नहीं जाएँगे। तुम भी हमारे साथ चलोगी। तुमने अपने भाई के सामने तो कह दिया था ना कि तुम हमारे साथ चलोगी, तो अब क्या प्रॉब्लम हो गया है तुम्हें, राही? और अभी तो कॉलेज की भी छुट्टियाँ चल रही हैं। तो अब क्यों नहीं जाना चाहती? टॉफी का ख्याल भी माँ रख लेंगी।"

    काव्या की बात सुनकर राही वही बेड पर बैठ गई और अपनी नज़रें झुका लीं। काव्या ने एक गहरी साँस ली और फिर वह भी उसके बगल में जाकर बैठ गई। उसने शांत भाव से पूछा, "क्या हुआ, राही? अब तो तुम काफ़ी ठीक भी हो गई हो बस और कुछ दिनों की बात है, उसके बाद बिल्कुल अच्छी हो जाओगी। तो फिर तुम क्यों उदास हो?"

    राही ने मुँह लटकाते हुए कहा, "भाई हमारे साथ नहीं आ रहे हैं। अगर भाई भी आते तो कितना अच्छा लगता। हमें उनके बगैर ज़रा भी अच्छा नहीं लगता।" लेकिन भाई को तो ज़रूरी काम से शहर के बाहर जाना पड़ा। जब हमने भाई से कहा कि हमें भी साथ ले चलो, तो उन्होंने मना कर दिया " ऐसा कहकर वह उदास हो गई

    तभी उसे एक आइडिया आया। उसने काव्या की तरफ देखते हुए कहा, "काव्या दी, क्या हम कुछ दिनों बाद नहीं जा सकते? तब तक भाई भी आ जाएँगे, फिर हम सभी लोग साथ में चलेंगे।" ऐसा कहकर वह अपनी ओशन ब्लू आँखों में चमक लिए काव्या की ओर देखने लगी।
    यह है राही, हमारी कहानी की मुख्य नायिका, जो बहुत ही मासूम और नेकदिल है। इस दुनिया में सबसे ज़्यादा प्यार अपने भाई से करती है। इनके भाई और काव्या बंदना जी के अलावा इनका इस दुनिया में कोई और नहीं है। अपने भाई के बिना यह एक दिन भी नहीं रह सकती। हाइट कुछ 5 फुट 4 इंच, लंबे घने घुंघराले बाल और आँखों का रंग ओशन ब्लू है।

    राही की बात सुनकर काव्या ने उसकी तरफ देखते हुए कहा, "नहीं राही, हम जाना पोस्टपोन नहीं कर सकते। तुम जानती हो ना, फिर हमारे कॉलेज भी स्टार्ट होने वाले हैं और भाई ने भी तो कहा है कि हम अगली ट्रिप साथ में चलेंगे। और अगर अब तुम नहीं चलोगी तो भाई को भी बुरा लगेगा। तुम जानती हो ना कि भाई ज़रूरी काम से बाहर गए हैं। अगर तुम ऐसा करोगी तो भाई काम पर फोकस नहीं कर पाएंगे।"

    काव्या की बात सुनकर राही ने मुँह लटकाते हुए कहा, "ठीक है, हम चलते हैं लेकिन अगली बार हम भाई को ज़रूर अपने साथ लेकर जाएँगे और इस बार हम कोई बहाना नहीं सुनेंगे," ऐसा कहते हुए वह अपना सामान पैक करने लगी।
    काव्या ने नागवारी में सिर हिला दिया और धीरे से कहा, "ये दोनों भाई-बहन बिना एक-दूसरे के बिल्कुल भी नहीं रह सकते पता नहीं क्या होगा इनका।"

    काव्या भी राही की मदद करने लगी पैकिंग में ताकि उसकी पैकिंग जल्दी हो जाए। उन्हें 2 घंटे में निकलना था। वैसे तो उनकी पैकिंग हो ही गई थी, बस थोड़ा सा सामान और रखना रह गया था, तो वे वही रख रहे थे।

    कुछ ही देर में राही की पैकिंग पूरी हो गई और वे लोग निकलने वाले थे। राही ने टॉफी की ओर देखते हुए कहा, "टॉफी, अपना ख्याल रखना और ठीक से खाना खाना और हमें ज़्यादा मिस मत करना। हम बहुत जल्दी आ जाएँगे, बस कुछ ही दिनों की बात है। तब तक तुम आस्था माँ के साथ रहना ठीक है?"

    बंदना जी वहीं खड़ी थीं। उन्होंने राही की तरफ देखते हुए कहा, "तुम चिंता मत करो राही, मैं टॉफी का अच्छी तरह से ख्याल रखूँगी, जैसे हर रोज़ रखती हूँ। शायद तुम भूल रही हो कि तुम और तुम्हारे भाई को भी मैंने ही पाला है, तो तुम्हें टॉफी की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है तुम बस वहाँ जाकर अच्छे से इंजॉय करना।"

    बंदना जी की बात सुनकर राही ने मुँह बनाते हुए कहा, "हमें पता है कि आप टॉफी का अच्छे से ख्याल रखेंगे, लेकिन हमें भी तो टॉफी की याद आएगी और टॉफी को हमारी। इसलिए हम कह रहे थे कि हमें ज़्यादा याद मत करना। हम नहीं चाहते कि हमें याद करके वह उदास हो और खाना-पीना छोड़ दे। आप जानती हैं ना, टॉफी कितना लापरवाह है। जब तक हम ज़बरदस्ती उसके मुँह में खाना नहीं डालते थे, वह खाता ही नहीं है। इसलिए उसे पहले से ही वार्निंग दे रहे थे ताकि वह अपने खाने को लेकर कोई लापरवाही न करे।"
    वहीं टॉफी अपनी पूँछ हिलाते हुए और टिमटिमाती आँखों से राही को देख रहा था, जैसे उसकी हर बात को समझ रहा हो। राही की बात सुनकर टॉफी हल्के से फुसफुसाया, जैसे कह रहा हो, "मैं अपना पूरा ख्याल रखूँगा, तुम चिंता मत करो बस तुम किसी मुसीबत में मत पड़ जाना। लोगों की ज़िंदगी में मुसीबत आती है, लेकिन तुम तो खुद अपनी ज़िंदगी में मुसीबतों को लेकर आती हो।

    काव्या और राही दोनों बंदना जी के गले लगीं। बंदना जी ने उन दोनों की तरफ प्यार से देखते हुए कहा, "तुम दोनों अपना ख्याल रखना और अच्छे से जाना।"
    बंदना जी की बात सुनकर काव्या और राही ने मुस्कुराते हुए सिर हिलाया। काव्या ने राही की तरफ देखते हुए कहा, "चलो राही, वरना हम लेट हो जाएँगे। बाकी सभी सीधा स्टेशन पर मिल जाएँगे।"

    काव्या की बात सुनकर राही ने सिर हिलाकर सहमति जताई और फिर आस्था जी और टॉफी को बाय कहा, फिर स्टेशन की ओर निकल गई। उसने अपने भाई से भी बात कर ली थी, या यूँ कहें कि अपनी नाराज़गी जता दी थी। उसके भाई ने उसे समझाया कि अगर वह इस ट्रिप पर खुश नहीं रहेगी, तो उसे अच्छा नहीं लगेगा, इसलिए वह अपने भाई और काव्या के लिए इस ट्रिप को खुशी-खुशी और अच्छे से इंजॉय करने के लिए तैयार हो गई। भाई से बात करने के बाद उसे अब अच्छा लग रहा था, इसलिए अब वह खुशी-खुशी इस ट्रिप पर जा रही थी।

    काव्या और राही रास्ते भर यह प्लान करती रहीं कि गोवा में उन्हें क्या-क्या घूमना है और वे कहाँ-कहाँ जाएँगी। कुछ ही देर में वे दोनों स्टेशन पर पहुँच गईं, जहाँ अक्षत और निखिल पहले से उनका इंतज़ार कर रहे थे। अक्षत और निखिल दोनों ही भाई थे, अक्षत निखिल का बड़ा भाई था।
    काव्या और राही दोनों ही अक्षत और निखिल के पास पहुँचीं। अक्षत ने दोनों की ओर देखते हुए कहा, "यार, कितना लेट करती हो तुम दोनों! हम लोग कब से तुम्हारा इंतज़ार कर रहे थे। अगर ट्रेन छूट जाती, तो हमारी सारी ट्रिप धरी की धरी रह जाती।"

    निखिल ने भी उनकी ओर देखते हुए कहा, "सच में, तुम दोनों को टाइम की ज़रा भी वैल्यू नहीं है। हमें देखो, बिल्कुल टाइम पर आए हैं।"

    निखिल और अक्षत की बात सुनकर काव्या ने उनकी ओर देखते हुए कहा, "झूठे! हमने अभी-अभी तुम्हें अंदर आते देखा है और तुम हमें टाइम का ज्ञान दे रहे हो? तुम लोग भी हमसे बस 1 मिनट पहले ही आए हो।"

    काव्या की बात सुनकर निखिल और अक्षत हड़बड़ा गए और उनके चेहरे ऐसे हो गए जैसे उनकी चोरी पकड़ी गई हो।
    राही ने मुँह बनाते हुए कहा, "हमें टाइम की बहुत वैल्यू है, इसलिए हम बिल्कुल टाइम पर आए हैं न 1 मिनट ज़्यादा, न 1 मिनट कम। उल्टा आप लोग 1 मिनट पहले आ गए। आपके पास होगा फालतू टाइम वेस्ट करने के लिए, लेकिन हमारे पास नहीं है। हम हर जगह वक्त पर ही आते हैं।"
    राही की बात सुनकर, निखिल और अक्षत कुछ बोलते इससे पहले ही ट्रेन का अनाउंसमेंट हो चुका था। काव्या ने सबकी ओर देखते हुए कहा, "चलो, वरना ट्रेन मिस हो जाएगी। फिर टाइम पर ज्ञान देते रहना, लेकिन हम वह ज्ञान नहीं लेंगे।"
    अक्षत और निखिल कुछ कहना तो चाहते थे, लेकिन इस समय समझदारी दिखाते हुए चुप रहना ही बेहतर समझा, क्योंकि उन्हें पता था कि लड़कियों से बहस में जीतना उनके बस की बात नहीं है।

    सभी लोग ट्रेन के अंदर चले गए। कुछ देर बाद ट्रेन अपनी मंज़िल की ओर बढ़ गई

    कुछ घंटों का सफर तय करने के बाद

    राही, काव्या, अक्षत और निखिल यह चारों इस वक्त गोवा के रेलवे स्टेशन के बाहर खड़े हुए थे पूरे रास्ते राही, काव्या, अक्षत और निखिल तू-तू, मैं-मैं करते आ रहे थे इस तू-तू, मैं-मैं के चक्कर में यह रास्ता कब निकल गया, उन्हें पता ही नहीं चला। गोवा पहुँचने में लगभग उन्हें रात हो गई थी
    काव्या ने अक्षत और निखिल की तरफ देखते हुए उनसे पूछा, "हम होटल कैसे जाएँगे? तुम लोगों ने कैब तो बुक की थी ना या फिर हमेशा की तरह बाकी चीज़ों की तरह यह भी भूल गए?"

    काव्या की बात सुनकर अक्षत ने चिढ़ते हुए कहा, "हाँ मेरी माँ की थी! हमने कैब बुक की थी, वह यहीं कहीं होगी " ऐसा कहते हुए वह आसपास देख रहा था तभी एक ड्राइवर उसके पास आते हुए बोला, "क्या आप ही मिस्टर अक्षत अग्रवाल?"

    ड्राइवर की बात सुनकर अक्षत ने उसकी तरफ देखते हुए कहा, "हाँ, मैं ही हूँ। क्या आप हमें पिकअप करने आए हैं?" अक्षत की बात सुनकर ड्राइवर ने अपना सिर हाँ में हिला दिया।
    निखिल ने काव्या और राही की तरफ देखते हुए कहा, "यही है जो हमें पिकअप करने आए हैं। अब चलो वरना तुम दोनों को छोड़कर यहीं से चले जाएँगे, फिर आते रहना होटल तक पैदल चलकर!"

    निखिल की बात सुनकर राही ने निखिल से गुस्से वाला क्यूट सा फेस बनाते हुए कहा, "ऐसे कैसे छोड़ कर चले जाओगे? अगर तुमने ऐसा करने के बारे में सोचा भी ना, तो हम भाई से कह देंगे और फिर वापस जाकर भाई तुम्हें अच्छे से सबक सिखाएँगे! याद है ना पिछली बार जब तुमने हमें परेशान किया था, उन्होंने तुम्हें मुर्गा बनाया था ? अगर इस बार तुमने कुछ भी किया ना, तो वह तुम्हें कबूतर बनाकर उड़ा देंगे!"

    राही की बात सुनकर निखिल को पिछली बार की बात याद आ गई, जब उसने राही की हाइट को लेकर उससे मज़ाक किया था और उसे बहुत चिढ़ाया भी था, जिससे राही ने उसकी शिकायत उसके भाई से कर दी थी। फिर उसे पूरे 2 घंटे तक उसके भाई ने मुर्गा बनाया था।
    यह याद आते ही निखिल सकपका गया, लेकिन उसने जल्दी से खुद को संभाल लिया। उसने खुद को संभालते हुए राही और काव्या की ओर देखते हुए कहा, "अब यही बातें करती रहोगे क्या? चलो जल्दी! वैसे भी होटल पहुँचते-पहुँचते रात हो जाएगी और ज़्यादा लेट करना सही नहीं होगा," ऐसा कहकर उसने बैग उठाया और फिर अक्षत की ओर देखते हुए कहा, "चलो अक्षत!"

    निखिल की बात सुनकर अक्षत ने अपना सिर हाँ में हिला दिया और फिर वे दोनों आगे बढ़ गए। काव्या और राही दोनों ही निखिल को देखकर हँसने लगीं।

    राही और काव्या यूँ ही हँसते हुए अक्षत और निखिल के साथ आ गईं और कैब में बैठकर होटल की ओर निकल पड़ीं लेकिन रास्ते में अभी भी उनकी तू-तू, मैं-मैं शुरू ही थी।
    करीब 1 घंटे बाद वे लोग अपने होटल पहुँचे। उन्होंने रिसेप्शन से अपने-अपने रूम की keys लीं और फिर अपने-अपने रूम में चले गए। काव्या और राही एक साथ एक ही रूम में रुकी थीं और निखिल और अक्षत एक साथ एक रूम में।

    राही इस वक्त अपने रूम में आलती-पालती मारकर बैठी हुई थी वह बहुत एक्साइटेड लग रही थी। उसने काव्या की ओर देखते हुए कहा, "काव्या दी, कल हम बहुत इंजॉय करेंगे! हमने सुना है कि यहाँ पर बहुत ही सुंदर वॉटरफॉल है, हम वह देखने चलेंगे।"

    राही की बात सुनकर काव्या ने भी उसकी तरफ देखते हुए और खुश होते हुए कहा, "हाँ, मैंने भी सुना है कि यहाँ पर बहुत सारी एक्टिविटीज होती हैं और घूमने के लिए भी बहुत सारी चीज़ें हैं। हम वह सब कुछ एक-एक करके देखेंगे, कुछ भी मिस नहीं करेंगे!"
    काव्या की बात सुनकर राही बहुत खुश हो गई। राही की बात अपने भाई से हो चुकी थी, जिसके बाद वह और भी ज़्यादा एक्साइटेड हो गई थी गोवा घूमने के लिए, क्योंकि उसके भाई ने उसे स्ट्रिक्टली कहा था कि वह वहाँ जाकर अच्छे से इंजॉय करे अगर उसने ऐसा नहीं किया, तो वह उससे बात नहीं करेगा। ऐसी धमकी दी थी उसके भाई ने राही को और राही सब कुछ बर्दाश्त कर सकती थी, लेकिन अपने भाई की नाराज़गी नहीं। इसलिए अब वह खुशी-खुशी इस ट्रिप को इंजॉय कर रही थी।
    वे लोग बातें कर ही रही थीं कि तभी उनके दरवाजे पर knock हुआ। दरवाजे की आवाज़ सुनकर राही और काव्या ने एक-दूसरे को देखा। राही ने काव्या की ओर देखते हुए कहा, "काव्या दी, इस वक्त कौन होगा? क्या आपने कुछ ऑर्डर किया था?"
    राही की बात सुनकर काव्या ने अपना सिर ना में हिलाते हुए कहा, "नहीं राही, मैंने कुछ भी ऑर्डर नहीं किया था। शायद रूम सर्विस के लिए आए होंगे। मैं अभी जाकर देखती हूँ " ऐसा कहकर वह बेड से उठी और दरवाजा खोलने चली गई।
    काव्या ने दरवाजा खोला तो वहाँ पर एक वेटर खड़ा हुआ था और उसके हाथ में एक कार्ड था। वेटर ने काव्या को ग्रीट किया और फिर उसकी तरफ देखते हुए कहा, "मैडम, कल बीच पर एक पार्टी ऑर्गनाइज़ की गई है, इसलिए हम आपको उस पार्टी के लिए इनवाइट करने आए हैं। यह रहा उस पार्टी का इनविटेशन।" ऐसा कहकर उसने इनविटेशन कार्ड काव्या की ओर बढ़ा दिया।
    तब तक राही भी काव्या के पास आ चुकी थी, उसने भी वेटर की बातें सुन ली थीं।
    काव्या ने वह इनविटेशन कार्ड ले लिया और फिर वेटर वहाँ से चला गया। काव्या ने खुश होते हुए राही की तरफ देखते हुए कहा, "राही, यह देखो पार्टी का इनविटेशन! अब तो और भी मज़ा आएगा "
    ऐसा कहते हुए काव्या खुश लग रही थी, लेकिन राही के चेहरे पर कोई खास एक्साइटमेंट नहीं थी पार्टी को लेकर पार्टी का नाम सुनकर राही के दिमाग में कुछ धुंधली-सी तस्वीरें उभर आईं।
    काव्या ने राही की तरफ देखते हुए एक्साइटमेंट के साथ कहा, "राही, कहाँ खो गई? मैं कब से बोले जा रही हूँ और तुम कोई जवाब ही नहीं दे रही। तुम पार्टी में चलोगी ना?"
    काव्या की बात सुनकर राही ने अपने ख्यालों को झटका और उसकी तरफ देखते हुए अपनी मीठी-सी आवाज़ में कहा, "नहीं दी, पार्टी में आप ही लोग जाना। आपको पता है, हमें पार्टी ज़्यादा पसंद नहीं हमें वहाँ अच्छा नहीं लगता।" ऐसा कहकर वह अपने बेड की ओर आ गई।
    काव्या की बात सुनकर राही ने उसकी तरफ देखते हुए कहा, "ऐसे कैसे तुम्हें अच्छा नहीं लगता? तुम भी हमारे साथ पार्टी में आओगी, वरना हम में से कोई नहीं जाएगा जब तक तुम पार्टी में जाओगी नहीं, तो तुम्हें वह अच्छी कैसे लगेगी?" ऐसा कहते हुए वह आर्य को अपने साथ आने के लिए ज़िद करने लगी।
    आखिर में हार मानकर राही को पार्टी में आने के लिए 'हाँ' करना ही पड़ा। उसने राही की ओर देखते हुए अपनी मीठी सी आवाज़ में कहा, "ठीक है, काव्या दी, हम चलेंगे " इतना कहते ही काव्या उछल पड़ी। काव्या को ऐसे देखकर राही के चेहरे पर भी एक प्यारी सी स्माइल आ गई।
    राही ने काव्या की ओर देखते हुए कहा, "चलिए, अब सो जाते हैं, वरना कल नींद नहीं खुलेगी और हम लेट हो जाएँगे। और फिर, आप उन दोनों को तो जानती ही हैं, उन्हें तो बस एक बहाना चाहिए हमें परेशान करने का।"
    काव्या ने राही की ओर देखते हुए और अपना सिर हिलाते हुए कहा, "हाँ, हम सो जाते हैं आखिर हमारी ब्यूटी स्लीप भी तो ज़रूरी है, वरना कल हमारी आँखों के नीचे डार्क सर्कल आ जाएँगे।"
    काव्या की बात सुनकर राही की हँसी छूट गई। वे दोनों ब्लैंकेट ओढ़कर लाइट ऑफ करके सो गए। वहाँ पर सिर्फ एक छोटी सी लाइट जल रही थी, क्योंकि राही को अंधेरे में नींद नहीं आती थी। उसे डर लगता था, इसलिए वह हमेशा छोटी सी लाइट ऑन करके ही सोती थी।
    यहाँ राही नींद के आगोश में थी, वहीं गोवा के जंगलों में किसी के चीखने और चिल्लाने की आवाज़ें आ रही थीं उन आवाज़ों को सुनकर कोई भी यह कह सकता था कि वे लोग बहुत ही दर्द से गुज़र रहे हैं।
    आखिर किसकी चीखे था वह?

  • 2. His evil love - Chapter 2

    Words: 2172

    Estimated Reading Time: 14 min

    chapter 2 । । । । ।
    अब तक । । । ।
    राही काव्य की और   देखते हुए कहा चलिए अब सो जाते हैं वरना कल नींद नहीं खुलेगी और हम लेट हो जाएंगे और फिर आप उन दोनों को तो जानती हैं उन्हें तो बस एक बहाना चाहिए हमें परेशान करने का ... । । । ।
    काव्या ने राही की और  देखते हुए और अपना सर हां हीलाते हुए कहा हां हम सो जाते हैं ... आखिर हमारी ब्यूटी स्लिप भी तो जरूरी है वरना कल हमारी आंखों के नीचे डार्क सर्कल आ जाएंगे .... । । ।  ।
    Kaavya की बात सुनकर राही की हंसी छूट गई वह दोनों ब्लैंकेट और कर और लाइट ऑफ करके सो गए वहां पर सिर्फ एक छोटी सी लाइट जल रही थी क्योंकि राही को अंधेरे में नींद नहीं आती थी उसे डर लगता था इसलिए वह हमेशा छोटी सी लाइट ऑन  करके ही सोती थी ... । । । ।
    यहां राही नींद के आगोश में थी वही गोवा के जंगलों में किसी के चीखने और चिल्लाने की आवाज आ रही थी ... उन आवाजों को सुनकर कोई भी यह कह सकता था की बो लोग  बहुत ही दर्द से गुजर रहे हैं .... । । । । ।
     
    अब आगे । । । ।
     
    गोवा के जंगलों के बीचों बीच दो लोग जमीन पर पड़े हुए थे और दर्द से चीख रहे थे .... उन दोनों के हाथ पैरों में बेरिया बनी हुई थी और कुछ लोग उन बेडियो को अलग-अलग डायरेक्शन में खींच रहे थे... जैसे वह उन दोनों के शरीर से उनके हाथ पैरों को उखाड़ देना चाहते हो.... । । । ।
     
    उनकी आंखों की जगह से खून निकल रहा था शायद उनकी आंखें निकाल ली गई थी.... वह लोग दर्द से चीख  रहे थे उनकी चीख में इतना दर्द था की कोई भी उन्हें सुनता तो उनके दिल में उन उन दोनों के लिए दया आ जाती लेकिन यहां किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था पूरे जंगल को ब्लैक यूनिफॉर्म पहने हुए कमांडोज ने घेर रखा था .... उन दोनों की चीखों को सुनकर भी किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था .... । । । ।
     
    उस जंगल का माहौल बहुत ही डरावना और खतरनाक लग रहा था ....  जहां एक तरफ उन दोनों ठीक है पूरे जंगल में गूंज रहे थे वहीं दूसरी ओर एक बहुत ही खतरनाक पर्सनालिटी वाला शख्स अपनी एक पैर पैर पर चढ़ाए हुए अपनी किंग साइज चेयर से अपना सर लीन के कर बैठा हुआ था इस वक्त उसकी आंखें बंद थी उसके चेहरे पर एक ब्लैक कलर का मास्क था ....

    उसने इस वक्त ब्लैक कलर का थ्री पीस सूट पहना हुआ था उसकी शर्ट के ऊपर के दो बटन खुले हुए थे जिसमें उसकी  की मस्कुलर चेस्ट विजिबल हो रही थी .... उसके चेहरे पर इस वक्त ब्लैक कलर का मास्क था और उसके हाथ में इस वक्त छोटा सा पॉकेट नाइफ था जो दिखने में छोटा भले ही था लेकिन दिखने में बहुत खतरनाक लग रहा था वह नाइफ खून से सना हुआ था .... वह अपनी उंगलियों से उसे लाइफ को गोल-गोल घूमां रहा था उसे शख्स का औरा  बहुत ही ठंडा और खतरनाक था ...... । । । ।
     
    उसके हल्के बिखरे हुए बाल उसके माथे को छू रहे थे उसकी परफेक्ट v शेप बॉडी और 8 पैक्स एब्स बहुत ही अट्रैक्टिव लग रहे थे उसका चेहरा भले ही नहीं दिख रहा था लेकिन उसकी पर्सनालिटी को देखकर यह अंदाजा आराम से लगाया जा सकता था कि सामने बैठा शख्स जितना खतरनाक है उतना ही हैंडसम और  attractive भी है ....  । । । ।
     
    उन दर्दनाक चीखों को सुनकर उस शख्स के एक्सप्रेशन ऐसे थे जैसे मानो उन चीखो को सुनकर उसे बहुत ही सुकून मिल रहा हो ...... उन लोगों में से एक आदमी ने लगभग चीखते हुए कहा .B ..beast...  Pls kill me... i can't bear it anymore ..pls... Forgive us and kill me...ahhhhhh.... उसने इतना ही कहा था कि उसकी जोरदार चीख निकल गई .... क्योंकि ek शख्स ने उस पर बहुत जोर से हंटर से बार  किया था जिसमें किले लगी हुई थी ....  उस शख्स ने गुस्से में कहा shhh .... Devil Beast को अपने सामने किसी और का ऊंची बोलना पसंद नहीं ... इतना कहकर उसने एक और हंटर घुमाया और उसे दे मारा जिससे वह चीख उठा ... इन दोनों के पूरे शरीर से खून निकल रहा था .... उनके शरीर पर इस वक्त सिर्फ नाम मात्र के ही कपड़े बचे हुए थे ....  । । । ।
     
    उसे दूसरे आदमी ने दर्द से करहाते हुए बड़ी मुश्किल से कहा हम हम हमने आपको बता दिया है ना की डायमंड हमारे पास नहीं है ... और और वह किसके पास है इसके बारे में भी हमने आपको बता दिया है ... हम हम तीनों इस काम में पार्टनर थे ...  लेकिन लेकिन डायमंड हमारे पास नहीं है ... उसने ये  कहा था कि वह कल हमसे मिलेगा और वहीं पर उन डायमंड की डील साइन होगी ... इससे ज्यादा हम कुछ नहीं जानते ... प्लीज हमें माफ कर दीजिए ..... मैं मैं ऐसी गलती दोबारा नहीं करूंगा ... आप आपको कभी धोखा नहीं दूंगा ... मुझे एक मौका दीजिए ....ahhh .. ऐसा कहते हुए वह रहम की भीख मांग रहा था... । । । ।
     
    उसे ऐसे भीख मांगते हुए देखकर उसे शख्स के चेहरे पर एक टेस्टी स्माइल आ गई उसने उसे आदमी को हंटर से मारते हुए और इसका मजाक उड़ाते हुए कहा तुम्हें क्या लगा हमें धोखा दोगे .. हमें नकली डायमंड बेचोगे और हमें पता भी नहीं चलेगा ... .. लेकिन तुम दोनो भूल गए की बीस्ट की आंखों में धूल झोंकना नामुमकिन है ... उनसे कुछ भी छुपा नहीं रहता ....  अब वह डायमंड भी बीस्ट के होगे... और वह बिलियन of डॉलर भी बीस्ट के होंगे ... ऐसा कहते हुए उसके चेहरे पर एक खतरनाक मुस्कान थी लेकिन उसकी मुस्कान उसे मास्क के पीछे छुपी हुई थी  ....  ....। । । ।
     
    तभी वहां पर उन दोनों की  एक जोरदार चीख वहां गूंज उठी उन दोनों के हाथों को उखाड़ दिया गया था जिससे वह दोनों दर्द से छटपटा रहे थे ... .। । । ।
     
    वही उस किंग साइज पर बैठा हुआ शख्स बड़े ही आराम से चेयर पर लीन होकर  उन सब की चीखों को सुन रहा था .... लेकिन धीरे-धीरे वह चीखे  अब धीमे होती गई ...  । । । ।
     
    क्योंकि अब उनकी उनमें इतनी ताकत भी नही थी कि वह दर्द से चीख सके .... । । ।  
     
    उन चीखों को धीमा होता हुआ सुनकर उस शख्स की के माथे पर लकीरें आ गई ... जैसे किसी ने उसकी फेवरेट काम में डिस्टर्ब कर दिया हो ... उसने अपनी आंखें खोली ... इस वक्त उसकी आंखें मौत सी ठंडी थी ....  उसने अपनी डार्क  ग्रीन आइज से उन दोनों की ओर देखा जिनमे अब बिल्कुल भी जान नहीं बची थी उनकी सांसे बहुत ही धीमी चल रही थी .. वह बस मरने की कगार पर ही थे ।  । । ।
     
    उन दोनों को देखकर उसने अपना सर हिला दिया और बहुत ही ठंडी आवाज में कहा ... यह दोनों तो किसी काम के नहीं है थोड़ी देर तक भी मेरा एंटरटेनमेंट नहीं कर पाए ... ऐसा कहकर उसने एक गहरी सांस ली .... । । । ।
     
    उसने उन दोनों की एक एक नजर देखा और फिर उसके बगल में खड़े हुए शख्स की ओर देखते हुए अपनी ठंडी आवाज में उसे आर्डर देते हुए कहा ... यह लोग आप मेरे किसी काम के नहीं ... यह लोग तो मुझे ठीक से एंटरटेन भी नहीं कर पा रहे एक काम करो इन लोगों को जंगल के दूसरे और फेक दो ... वहां पर मेरे बहुत ही छोटे-छोटे टाइगर है यह दोनों उसके काम आ जाएंगे अब मैं इतना भी बुरा नहीं हूं ... कि उन जंगली जानवरों को भूखा रखू .... आखिर वह भी तो मेरी टेरिटरी का हिस्सा ... अब उनका ख्याल मैं नहीं रखूंगा तो और कौन रखेगा .... इसी बहाने तुम लोग भी किसी काम आ जाओगे .... ऐसा कहते हुए बो  अपनी डार्क ग्रीन eyes से उन लोगों को ही देख रहा था उसके चेहरे पर इस वक्त इविल से भी इविल स्माइल थी ... जो उसके मास्क के पीछे थी लेकिन उसकी आंखों मैं शैतानियांत देखकर कोई भी यह बता सकता था कि उसकी यह मुस्कुराहट कितनी खतरनाक थी ..... । । । ।
     
    उसे ऑर्डर को सुनते ही उसे शख्स ने अपना सर झुकाते हुए कहा बिना किसी एक्सप्रेशन के कहा yes devil beast your command will be followed .... । । । ।
     
    उस शख्स ने कुछ कमांडो उसकी ओर इशारा किया तो उसका इशारा समझ कर कमांडोज ने उन दोनों को उठाया और वहां से ले गए ... । । । ।
     
    उस शख्स ने बीस्ट की ओर देखते हुए बड़े ही अदब से कहा beast कल उन लोगों की डील होने वाली है ... अगर आपका ऑर्डर हो तो हम अभी उसे पकड़ सकते हैं ... । । । ।
     
    उस शख्स की बात सुनकर beast ने उसकी तरफ देखा अपनी तरफ यूं देखा हुआ पाकर उसे शख्स ने अपनी नज़रें झुका ली .. beast ने उसकी तरफ देखते हुए अपनी ठंडी आवाज में कहा अभी नहीं .... मुझे उसके साथ खेलना है ... अगर हमने उसे अभी पकड़ लिया तो मेरा सारा एंटरटेनमेंट खराब हो जाएगा ....  और मैं ऐसा नहीं चाहता .... उन लोगों को भी तो पता चले की बीस्ट की चीजों पर नजर डालने वालों का beast क्या अंजाम करता है ... । । । ।
     
    Yes beast उसे शख्स ने इतना ही कहा ... तभी बेस्ट की नजर अपने साइड टेबल पर रखे हुए एक कांच के बर्तन पर पड़ी जिसमें इस वक्त दो जोड़ी आंखें डाली हुई थी उन आंखों को देखकर उसके चेहरे पर एक बहुत ही खतरनाक स्माइल आ गई ....  । । । ।
     
    Beast ने उन आंखों को देखते हुए बिना उसे शख्स की ओर देखते हुए कहा पता नहीं मुझे इन आंखों से इतना क्या लगाव है लोगों को तो खत्म कर देता हूं लेकिन उनकी आंखों को संभाल कर रखता हूं .... लेकिन यह आंखें इतनी खास नहीं है कि मैं अपने कलेक्शन में रख सकूं ... कल नया शिकार हाथ लगने वाला है हो सकता है उसकी आंखें कुछ खास हो .... । । । । 
     
    तुम एक काम करो इन आंखों को हमारे hospital में पहुंचा दो हो सकता है किसी के काम आ जाए यह दोनों तो अपनी जिंदगी में किसी के काम नहीं आए हो सकता है मरने के बाद उनकी आंखें ही किसी के काम में आ जाए  .... देखो न कितना अच्छा हूं मैं हमेशा दूसरों के बारे में सोचता रहता हूं फिर भी न जाने लोग क्यों मुझे धोखा देने के बारे में सोचते हैं  ऐसा कहते हुए उसने अपना सर हिला दिया .....। । । ।
     
    Beast की बात सुनकर उसे शख्स ने अपना सर हां में हिलाते हुए का yes beast अपने जैसा कहा है वैसा हो जाएगा .... । । । ।
     
    उस शख्स की बात सुनकर beast ने कुछ नहीं कहा .... Beast ट ने अपने चेहरे का मास्क उतारा और डरावनी विसल बजाने लगा ..Beast जहां पर बैठा हुआ था वहां पर लगभग अंधेरा था उसके शरीर के पैरों ताकि हल्की-हल्की रोशनी आ रही थी बाकी उसका पूरा शरीर अंधेरे में था जिससे उसका चेहरा किसी को दिखाई नहीं दे रहा था ....  । । । ।
     
    Beast विसल के जरिए जो धुन बज रहा था बो धुन माहौल को और डरावना बना रही थी ... उसकी विसल की आवाज उस जंगल में गूंज रही थी .... उस विसल की धुन से इतनी नेगेटिव वाइब्स आ रही थी कि अगर वहां पर कोई भी नॉर्मल इंसान होता तो डर के बारे वही हार्ट अटैक से मर जाता .... । । । ।

    Beast विसल के जरिए जो धुन बजा रहा था बो धुन माहौल को और डरावना बना रही थी ... उसकी विसल की आवाज उसे जंगल में गूंज रही थी .... उस विसल की धुन से इतनी नेगेटिव वाइब्स आ रही थी कि अगर वहां पर कोई भी नॉर्मल इंसान होता तो डर के बारे वही हार्ट अटैक से मर जाता .... । । । ।
    Done । । । ।
    आखिर कौन है beast ? 
    क्या होगा beast का अगला कदम ... । । । ।
    जानने के लिए पढ़ते रहिए .... । । । ।
    Hello friends । । 🙂 ☺️। ।
     
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  • 3. His evil love - Chapter 3

    Words: 2588

    Estimated Reading Time: 16 min

    Chapter 3
    अब तक । । । ।
     
    तुम एक काम करो इन आंखों को हमारे hospital में पहुंचा दो हो सकता है किसी के काम आ जाए यह दोनों तो अपनी जिंदगी में किसी के काम नहीं आए हो सकता है मरने के बाद उनकी आंखें ही किसी के काम में आ जाए  .... देखो न कितना अच्छा हूं मैं हमेशा दूसरों के बारे में सोचता रहता हूं फिर भी न जाने लोग क्यों मुझे धोखा देने के बारे में सोचते हैं  ऐसा कहते हुए उसने अपना सर हिला दिया .....। । । ।
     
    देखो न कितना अच्छा हूं मैं हमेशा दूसरों के बारे में सोचता रहता हूं फिर भी न जाने लोग क्यों मुझे धोखा देने के बारे में सोचते हैं  ऐसा कहते हुए उसने अपना सर हिला दिया ..... Beast की बात सुनकर उसे शख्स ने अपना सर हां में हिलाते हुए का yes beast अपने जैसा कहा है वैसा हो जाएगा .... । । । ।
     
    उस शख्स की बात सुनकर beast ने कुछ नहीं कहा .... बेस्ट ने अपने चेहरे का मास्क उतारा और डरावनी विसल बजाने लगा ..Beast जहां पर बैठा हुआ था वहां पर लगभग अंधेरा था उसके शरीर के पैरों ताकि हल्की-हल्की रोशनी आ रही थी बाकी उसका पूरा शरीर अंधेरे में था जिससे उसका चेहरा किसी को दिखाई नहीं दे रहा था ....  । । । 
     
    Beast विसल के जरिए जो धुन बज रहा था बो धुन माहौल ओ को और डरावना बना रही थी ... उसकी विसल की आवाज उसे जंगल में गूंज रही थी .... उस विसल की धुन से इतनी नेगेटिव वाइब्स आ रही थी कि अगर वहां पर कोई भी नॉर्मल इंसान होता तो डर के बारे वही हार्ट अटैक से मर जाता .... । । । ।
     
    अब आगे । । । ।
     
    अगली सुबह राही अपने बेड पर आराम से सो रही थी .. खिड़की से आई हुई सूरज की रोशनी उसके चेहरे पर पड़ रही थी जिससे उसका चेहरा किसी सोने की तरह चमक रहा था .... राही आराम से अपने सपनों की दुनिया में मस्त होकर गहरी नींद में सो रही थी ... तभ काव्या ने राही को उठाते हुए कहा राही उठो... वरना हमें लेट हो जाएगा ...। । । ।
     
    काव्या की बात सुनकर राही ने अपने मुंह पर तकिया रख लिया और अलसाई आवाज में कहा काव्या दि वस 5 मिनट सोने दो ना उसके बाद चलते हैं ऐसा कहकर वह राही की तरफ पीठ करके सो गई राही ने अपना कर ना गवारी में हिला दिया ... जैसे कह रही हो इसका कुछ नहीं हो सकता..... । । । ।
     
    काव्या ने अपने बालों को बनाते हुए कहा ठीक है तुम सोती रहो फिर तुमने जो लिस्ट बनाई थी घूमने के लिए उसे हम कैंसिल करते हैं ... हम सिर्फ वही जगह पर जाएंगे जो मैंने अक्षत और निखिल ने डिसाइड किया है .... । । । ।
     
    काव्या से इतना कहते ही जैसे राही की नींद हवा में उड़ गई वह जल्दी से अपने बेड से उठी और खुशी की तरफ देखते हुए कहा आप हमारे साथ ऐसा नहीं कर सकती ...  आपने वादा किया था कि आप हमारे साथ उन खूबसूरत जगह पर चलेंगे आप इस तरह अपने वादे से मुकर नहीं सकती ... । । । ।
     
    काव्या ने लापरवाही से कहा अब जब तुम यहीं रहकर सोने वाली हो तू क्या फर्क पड़ता है हम उन जगहों पर जाए या नहीं तुम एक काम करो यहीं पर सो जाओ और यही से उन जगहों को सपनो में देखती रहो ... । । । ।
     
    मैं अक्षत और निखिल उन खूबसूरत जगह को रियलिटी में देखेंगे ... क्योंकि तुम्हें तो सोने से फुर्सत ही नहीं ... काव्या की बात सुनकर राही ने झट से कहा नहीं नहीं हम भी आपके साथ चलेंगे ,' किसने कहा हमें सोना है हम अभी तैयार होकर आते है ...... ऐसा कहकर वह जल्दी से अपने बेड से उठी और बुलेट ट्रेन की स्पीड से वॉशरूम में चली गई ... । । । ।
     
    राही को इतनी स्पीड से चाहते हुए देखकर पहले तो काव्य हैरान हो गई फिर उसने अपना सर हिला दिया और मुस्कुराते हुए कहा पागल लड़की .... । । । ।
     
    कुछ देर बाद राही और काव्या दोनों ही तैयार हो चुकी थी .. वह दोनों ही बहुत खूबसूरत लग रही थी राही ने एक कुर्ती टॉप डाला हुआ था ... और नीचे पटियाला सलवार पहनी हुई थी जिसमें वह बहुत प्यारी लग रही थी उसने अपने बालों में एक क्लिप लगाया हुआ था और उसके बाकी बाल उसकी कमर तक आ रहे थे जिसमें वह बहुत ही खूबसूरत लग रही थी ... वही काव्य ने एक फुल लेंथ टॉप और जींस पहना हुआ था उसने अपने बालों की पोनीटेल की हुई थी ... वह भी काफी प्यारी लग रही थी ... . । । । ।
     
    काव्या ने राही को समझाते हुए कहा राही बाहर का कुछ भी उल्टा सीधा नहीं खाओगे और ठंडी चीज तो बिल्कुल नहीं खाओगी तुम्हें पता है ना डॉक्टर ने तुम्हें कुछ वक्त तक सावधानी बरकने के लिए कहा है वरना तुम्हारे गले में प्रॉब्लम हो सकती है ....  और अगर तुम्हें ज्यादा थकावट लगे या फिर तुम्हें ऐसा लगे कि तुम्हारे गले में दर्द हो रहा है तो तुम बिना एक पल गवाए मुझे बताओगी ठीक है .... . । । । ।
     काव्या की बात सुनकर राही ने उसकी तरफ देखते हुए बड़ी मासूमियत से कहा दी अब हम ठीक हैं और अब तो हम ठीक से बोल भी पा रहे हैं ... हां बस कभी-कभी थोड़ी प्रॉब्लम होती है लेकिन धीरे-धीरे वह भी ठीक हो जाएगी आप इतनी चिंता मत कीजिए ... और अब तो डॉक्टर ने भी कहा है ... कि अब हम ठीक हो रहे हैं ... तो आप और भाई मिलकर इतनी चिंता क्यों करते हैं .... . । । । ।
     
    राही की बात सुनकर काव्या ने थोड़ी स्ट्रिक्ट वॉइस में कहा राही डॉक्टर ने कहा है कि तुम ठीक हो रही हो लेकिन अभी पूरी तरह से ठीक नहीं हुई हो ... अगर तुमने अपने गले पर ज्यादा जोर डाला या फिर ज्यादा स्ट्रेस लिया तो उसकी वजह से तुम्हारी आवाज फिर से जा सकती है .... और मैं तुम्हारे साथ कोई भी रिस्क नहीं ले सकती .... कितनी मुश्किल से तो तुम्हारी आवाज वापस आई है ... कान तरस गए थे तुम्हारी आवाज सुनने के लिए वरना उस हादसे के बाद तो ....... . ऐसा कहकर वह रुक गई तभी उसे रिलाइज हुआ कि उसने क्या कह दिया ... उसने राही की ओर देखा जो अब थोड़ी मायूस लग रही थी .... और उसकी  उसकी ओसियन ब्लू आईज में हल्की नमी थी ....  । । । ।
     
    अब काव्या को खुद पर ही गुस्सा आ रहा था कि क्यों उसने आखिरी बात छेड़ी .... काव्या ने बहुत ही नर्म लहजे में राही की तरफ देखते हुए कहा hey raahi आई'एम सॉरी मैं उस बारे में बात नहीं करना चाहती थी लेकिन पता नहीं कैसे मेरे मुंह से निकल गया प्लीज मुझे माफ कर दो .... मैं तुम्हें हर्ट नहीं करना चाहती थी ऐसा कहते हुए उसके चेहरे पर पछतावा साफ-साफ दिखाई दे रहा था ... । । । ।
     
    राही ने काव्य को देखा जिस पर साफ-साफ गिल्ट नजर आ रहा था .... राही ने खुद को नॉर्मल किया .....। । । ।
     
    राही ने अपनी मीठी से आवाज में काव्य की ओर देखते हुए कहा नहीं थी प्लीज आ... आप माफी ... मत मागिए ....  आपकी कोई गलती नहीं है और वैसे भी हम वह सब कुछ भूल चुके हैं और आगे बढ़ चुके हैं .... इसलिए अब हमें कोई फर्क नहीं पड़ता .... ऐसा कहते हुए वह थोड़ा-थोड़ा अटक रही थी .... काव्या ने जल्दी से राही को गले लगा लिया .... और उसे भावुक होते हुए कहा अब मैं इस बारे में कभी बात नहीं करूंगी आई एम सो सॉरी .... । । । ।
     
    काव्या की बात सुनकर राही ने अपनी आंखें बंद कर ली पर ना चाहते हुए भी उसकी आंखों से आंसू का एक कतरा बह गया .... जिसे उसने जल्दी से साफ कर लिया तभी दरवाजे पर नॉक हुआ ... । । । ।
     
    काव्या और राही एक दूसरे से अलग हुए और उसे दरवाजे की ओर देखा जहां पर निखिल और अक्षत उन्हें ही घूर रहे थे ..... । । । ।
     
    अक्षत ने काव्य और राही की और  देखते हुए कहा तुम दोनों ने हमें समझ कर क्या रखा है हम कब से तुम दोनों का नीचे इंतजार कर रहे थे ब्रेकफास्ट के लिए लेकिन तुम दोनों आने का नाम ही नहीं ले रहे थे .... निखिल ने उन दोनों की तरफ देखते हुए और मुंह बनाते हुए कहा तुम दोनों को पता है मुझे तुम दोनों की वजह से अपना ब्रेकफास्ट छोड़ कर आना पड़ा ..... तुम लोगों को पता है वह ब्रेकफास्ट देखने में कितना टेस्टी लग रहा था .. ऐसा कहते हुए वह ब्रेकफास्ट की प्लेट को याद करने लगा वह याद करते ही उसने अपने होठों पर अपनी जीत फेरी .....। । । ।
     
    निखिल के एक्सप्रेशन देखकर राही और काव्या के चेहरे पर एक स्माइल आ गई काव्या ने उन दोनों की तरफ देखते हुए कहा हम लोग बस आ ही रहे थे .... इतना कहकर काव्य ने अपना बैग उठा लिया जिस पर जिसमें कुछ जरूरी सामान था ..... राही ने भी अपना बैग ले लिया .. और अपनी पीठ पर केरी कर लिया ... .  । । । ।
     
    काव्या की बात सुनकर निखिल और अक्षत ने अपना सर हिला दिया ... काव्या और अक्षत साथ में चल रहे थे और राही और निखिल ...अक्षत ने धीरे से काव्या से पूछा क्या सब कुछ ठीक है  .... मुझे राही थोड़ी उदास लगी ... क्या कुछ हुआ है उसे..... अक्षत की बात सुनकर काव्या ने उसकी तरफ देखते हुए कहा नहीं ऐसी कोई बात नहीं है .... उसके गले में बस हल्का दर्द था ... लेकिन अब वह ठीक है ... . डॉन'टी वरी ... . और बाहर जाएगी तो और भी ज्यादा ठीक हो जाएगी तुम जानते हो ना हम उसे यहां लेकर क्यों आए हैं ... ...ताकि पॉजिटिव एनवायरमेंट में रहे.... खुश रहेगी तो उसे भी अच्छा लगेगा ... और पुरानी बातें भी उसके दिल और दिमाग से निकल जाएंगे .. । । । ।
     
    तुम जानते हो ना कि वह हम लोगों के अलावा किसी और से नहीं मिलती .... उसे ज्यादा लोगों को देखकर डर लगता है .... उसे नेचर के पास रहना ज्यादा अच्छा लगता है ... इसलिए उसे हम यहां ट्रिप पर लेकर आए हैं ताकि बो लोगों से भी मिल सके और उसे जो पसंद है वह भी कर सके .... । । । ।
     
    निखिल की बात सुनकर अक्षत ने अपना सर हां में हिला दिया और फिर वह दोनों नीचे ब्रेकफास्ट करने  चले गए ... । । । ।
     
    कुछ ही देर में उन सभी ने ब्रेकफास्ट कर लिया .... अक्षत ने उन सभी की और देखते हुए कहा ... आज बीच पर एक बहुत बड़ी पार्टी ऑर्गेनाइज की गई है ....  तुम सब चलोगे ना.... । । । ।
     
    अक्षत की पूछने पर काव्या ने एक्साइड होते हुए कहा ' यह भी कोई पूछने वाली बात है में और raahi तो जरूर चलेंगे ... बहुत मजा आएगा क्यों raahi .... ऐसा कहते हुए उसने राही को देखा .... kàvya की बात सुनकर raahi ने मुस्कुराते हुए अपना सर हां में हिला दिया ...  । । । ।
     
    निखिल ने उन सब की ओर देखते हुए कहा तो फिर यह तय रहा शाम को आने के बाद हम सभी पार्टी में चलेंगे ... . । । । ।
     
    राही ने उन सभी को देखते हुए कहा प..पार्टी में तो शाम को जाना है ... लेकिन अभी तो यहां से चले हमने बहुत लंबी लिस्ट बनाई है ... ह.. हमें वह सब कुछ घूमना है ... . । । । ।
     
    राही की  बात सुनकर उन सभी लोगों ने अपना सर हां में हिला दिया और फिर वह लोग होटल से बाहर चले गए .... . । । । ।
     
    वहीं दूसरी ओर  एक शख्स बालकनी में खड़ा हुआ था और सामने की ओर देख रहा था .... वह इस वक्त शर्टलेस था ... उसकी पीठ पर एक बहुत ही डरावना beast के जैसा टैटू बना हुआ था उस टैटू की वजह से उस शख्स की पर्सनैलिटी और ज्यादा डरावनी और खतरनाक लग रही थी .... उसके 8 पैक एब्स उसके ट्राइसेप्स उसके पर्सनालिटी को और खतरनाक बना रहे थे .... उसमें से बहुत ही डार्क औरा निकल रहा था वह अपनी डार्क ग्रीन आइज से अपने सामने उस घने जंगल को देख रहा था ...... . जो इस वक्त दिखने में बहुत ही डरावना लग रहा था ... उस जंगल में सूरज की रोशनी भी मुश्किल से पहुंच पा रही थी .... । । । ।
     
    और अपने दोनों हाथ अपनी पैंट की पॉकेट में डालकर सामने की ओर देख रहा था .... वहां पर हल्की-हल्की हवा चल रही थी .... उसके बाल हल्के-हल्के उसके माथे को छू रहे थे .... उसके मन उसके चेहरे पर हल्की बियर्ड थी जो परफेक्ट सेट थी ... वह दिखने में जितना खतरनाक लग रहा था उतना ही हैंडसम भी लग रहा था .... उसके आगे तो अच्छे-अच्छे मॉडल और एक्टर्स भी फेल थे .... । । । ।
     
    वह सामने जंगल की ओर देखा ही रहा था कि तभी पीछे से एक शख्स ने अपनी नजरे झुकाते हुए बहुत ही रिस्पेक्टफुल मैनर में कहा beast वह अंगद आज रात में ही उन डायमंड के लिए डील करने वाला है .... उस डील में कुछ और लोग भी शामिल होने वाले हैं ... वह लोग वही है जिन्होंने आपको धोखा देने की हिम्मत की है ..... उन्हीं की मदद से अंगद और उसके पार्टनर् ये गेम प्लान कर पाए .... वह सभी लोग आज मिलने वाले हैं ..... । । । ।
     
    उस शख्स की बात सुनकर beast के चेहरे पर एक बहुत ही खतरनाक और इविल स्माइल आ गई .... Beast ने वैसे ही सामने देखते हुए ही बहुत ही ठंडी आवाज में कहा ... अच्छी बात है मानिक कि वह लोग साथ में मिल रहे हैं .... मुझे उन लोगों को अलग-अलग उनकी जगह दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी एक साथ ही उन सभी को उनकी औकात याद दिला दूंगा ..... और इसी बहाने मुझे एक बहुत ही अच्छा एंटरटेनमेंट भी मिल जाएगा .... । । । ।
     
    जितने ज्यादा लोग उतना ज्यादा अच्छा एंटरटेनमेंट .... और उतनी ज्यादा चीखे....  कितना सुकून मिलेगा ना मुझे ...जब  वह एक साथ चीखेंगे .... और साथी ही  लोगों को एक सबक भी मिलेगा उन्हें पता चलेगा की Devil beast के खिलाफ जाने वाले लोगो का Devil beast क्या अंजाम करता है .... ऐसा कहती हुई उसके चेहरे के एक्सप्रेशन बहुत ही इविल थे.... यह सब कुछ कहते हुए बों किसी सनकी की तरह लग रहा था.... । । । ।
     
    Beast की बात सुनकर मानिक ने बस इतना ही कहा yes beast .... .। । । ।
     
     
     
    Done। । । ।
     
    आखिर क्या हुआ था राही के साथ ...। । । ।
     
    क्या होगा beast का अगला कदम ... । । । ।
     
    जानने के लिए पढ़ते रहिए । । । ।
     
    Hello friends । । 🙂 ☺️। ।
     
    स्टोरी को लाइक कमेंट शेयर करना ना भूले और स्टोरी को रिव्यू जरूर करें आपके रिव्यू ही यह डिसाइड करेंगे की कहानी आगे बढ़ेगी या नहीं .... सो प्लीज कहानी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करो और ज्यादा से ज्यादा रिव्यू करें ... । । । ।
     
    Hello friends।  । 🙂 ☺️ । ।
     
     
     
    स्टोरी को लाइक कमेंट शेयर करना ना भूले और स्टोरी को रिव्यू जरूर करें   । । । । 
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 4. .. - Chapter 4

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 5. .. - Chapter 5

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 6. .. - Chapter 6

    Words: 194

    Estimated Reading Time: 2 min

    कहते है प्यार और जंग में सब कुछ जायज होता है, यह कहावत तो सुनी ही होगी। लेकिन क्या हो जब प्यार ही जंग बन जाए? ऐसी ही कहानी है कथा और अद्विक की। कथा जो बहुत ही मासूम लड़की है, लेकिन उसकी पहचान एक राज है, जिससे वह खुद ही अनजान है। कथा जिसे आज तक पूरी दुनिया से छुपाया गया है। अचानक ही वह एक दिन उसकी जिंदगी में कुछ ऐसा होता है जिससे कि उसकी जिंदगी पूरी तरह से बदल जाती है, और वही अनजाने में वह आ जाती है अद्विक की नजरों में। जो सातों दुनिया में सबसे ताकतवर और क्रूर शख्स माना जाता है। जिसकी एक नजर ही लोगों में खौफ पैदा करने के लिए काफी होती है। पहली नजर में अद्विक के सिर पर कथा को पाने का जुनून सवार हो जाता है, लेकिन कथा को अद्विक का बनने से इनकार है। और यहीं से अद्विक आगाज करता है जंग का, वो जंग जो कथा की जिंदगी को हमेशा हमेशा के लिए बदल के रख देती है। क्या कथा कभी हो पाएगी अद्विक की कैद से आजाद? क्या होगा इस जंग का परिणाम? जानने के लिए पढिए, "

  • 7. .. - Chapter 7

    Words: 2064

    Estimated Reading Time: 13 min

    आगाज एक  नई कहानी का .... । । । । ।

    एक अंधेरी काली रात में जंगल के बीचों बीच एक लड़की भाग रही थी उस जंगल में इस काली रात मैं जोर जोर से  बिजलियां कड़क रही थी उस लड़की ने इस वक्त एक वाइट कलर की साड़ी पहनी हुई थी उसकी सारी खून से रंगी हुई थी उसकी हरी आंखों से आंसू बह रहे थे वह लड़की देखने में बहुत ही खूबसूरत थी उस लड़की के हाथों में एक छोटी सी बच्ची थी जो देखने में कुछ ही घंटे की लग रही थी शायद उसका जन्म कुछ घंटे पहले ही हुआ होगा । । । ।

     

    उस लड़की ने भागते हुए टूटी हुई आवाज में कहा नहीं हम अपनी बच्ची को कुछ नहीं होने देंगे उस पर किसी की परछाई भी नहीं पढ़ने देंगे और हमे इसके लिए कुछ भी क्यों न करना पड़े  हम करेंगे ऐसा कहते हुए वह भाग रही थी वह लड़की भाग रही थी कि तभी उसे कुछ लोगों की आवाज आई वह आवाज सुनते ही वह वही झाड़ियां के पीछे छुप गई 

     

    उसे ढूंढते हुए वह लोग आए वह लोग किसी सैनिक की तरह लग रहे थे उनमें से एक सैनिक ने दूसरे सैनिक की ओर देखते होंगे कहा ढूंढो उन्हें अगर वह लोग नहीं मिली तो हम में से कोई जिंदा नहीं रहेगा हम सब का अंजाम बहुत ही दर्दनाक होगा उस आदमी की बात सुनकर दूसरे आदमी ने अपना सर हा में हिला दिया ... उसके साथ और भी कई लोग थे … । । । । ।

    उनमें से एक और सैनिक ने कहा वह कहीं नहीं जा सकती हमारे सैनिक पूरे जंगल में फैले हुए हैं उनका यहां से बच कर निकलना नामुमकिन है । । । । ।

     

    दूसरे आदमी ने कहा हमें उन्हें जल्द से जल्द ढूंढना होगा और उन दोनों को और महाराज के सामने पेश करना होगा ... वरना महाराज हम में से किसी को नहीं छोड़ेंगे .....   . । । । । ।

    उस सैनिक की बात सुनकर सभी लोगों ने अपना सर हिला दिया और वह सभी लोग आगे बढ़ गए वह हर जगह को ढूंढते जा रहे थे उन लोगों के जाते ही वह लड़की बाहर आई   उस लड़की ने अपनी बच्ची को अपने सीने से लगा लिया इस वक्त उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे । । ।  ।

     

    उस लड़की ने लगभग रोते हुए कहा हम आप तक किसी को नहीं पहुंचने देंगे हमारी बच्ची ऐसा कहते हुए उस लड़की ने खुद को संभाला और कहा हमें यहां से जल्द से जल्द निकलना होगा ताकि हम अपनी बच्ची को सुरक्षित रख पाए इतना कहकर वह लड़की फिर से भागने लगी   कुछ देर तक छुपते छुपाते भगाने के बाद वह जंगल के दूसरे हिस्से में आ गई । । । ।

     

    उस लड़की ने अपना हाथ हवा में उठाया और उसके हाथ से एक हरी रोशनी निकली वह रोशनी निकलते ही उसके सामने जो बड़े-बड़े पेड़ पौधे थे वह दूसरी दिशा में झुक गए अब वहां पर एक रास्ता बन चुका था वह लड़की उसे रास्ते पर चली गई उसके जाते ही वह बड़े-बड़े पेड़ पौधे अपनी जगह दोबारा आ गए अब सिर्फ वहां पर एक घना जंगल था जहां अंधेरे में कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था । । । ।

     

    वह लड़की भागते-भागते एक नदी के पास आ पहुंची नदी का बहाव इस वक्त बहुत तेज था आसपास के पहाड़ों ने उसे घेर रखा था उस जगह पर चांद की चांदनी पड़ रही थी जिससे आसपास का माहौल बहुत ही खूबसूरत लग रहा था लेकिन इस वक्त उस लड़की को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था उसे तो सिर्फ अपनी बच्ची को बचाना था उन  लोगों से । । । । ।

     

    वह लड़की वहीं पर बनी हुई एक पत्थर पर बैठ गई वह बहुत ज्यादा थक गई थी और उसकी सांस फूल रही थी पसीने से उसके बाल उसके चेहरे से चिपक चुके थे उसकी नेचर ग्रीन आइज में इस वक्त सिर्फ आंसू थे और चेहरे पर बेतहाशा दर्द की लकीरें थी उसे लड़की ने अपने पेट पर हाथ रख लिया क्योंकि उसे अपने पेट में बहुत दर्द हो रहा था लेकिन फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी थी उसकी सारी खून से सनी हुई थी ..... । । । । ।

    उस लड़की ने अपने हाथों में उसे छोटी सी बच्ची को अपने सीने से लगाया हुआ था उसने बड़े प्यार से उस छोटी सी बच्ची के माथे पर अपनी होंठ रख दिए ऐसा करते ही उसे लड़की के आंखों से आंसू उस छोटी बच्ची के चेहरे पर आ गए … । । । ।

    तभी वहां पर एक औरत आई उस औरत ने उस लड़की के कंधे पर अपने हाथ रखा उस लड़की ने उसे औरत की ओर देखा और उसकी आंखों से आंसू बह निकले  । । । । ।

     

    उस लड़की को देखकर उसे औरत की आंखों में भी आंसू आ गए   उस लड़की ने हिम्मत करते हुए उसे औरत से कहा हमारी बच्ची को ले जाइए उसे यहां से इतना दूर ले जाइए के यहां के किसी भी शख्स की परछाई भी उस तक ना पहुंच पाए हम नहीं चाहते हमारे बच्चे इन सब के बीच में आए । । । । ।

    उस औरत ने उस लड़की की ओर देखते हुए कहा हम तुम्हें अकेला छोड़कर नहीं जाएंगे तुम भी हमारे साथ चलोगी हम तुम्हें यहां अकेला नहीं छोड़ सकते पता नहीं वह लोग तुम्हारे साथ क्या करेंगे ।   । । ।

     

    उसे लड़की ने उसे औरत की तरफ देखते हुए और लगभग रोते हुए कहा हमारे साथ जो होना था वह हो गया आप सिर्फ हमारी बच्ची को ले जाइए हम यहां से नहीं जा सकते वह लोग बहुत खतरनाक है उनके दिल में दया करुणा इन सब का अंश मात्र भी नहीं है अगर हम यहां से गए तो वह जरूर हमारे लोगों को नुकसान पहुंचाएंगे वह सब कुछ बर्बाद कर देंगे नष्ट कर देंगे हमारे ऊपर हमारे लोगों की भी जिम्मेदारी है और हम इस तरह से अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते । । । । 

    उसे लड़की की बात सुनकर उसे औरत की आंखों में आंसू आ गए लेकिन हम आपके यहां अकेला छोड़कर कैसे जा सकते हैं हमने हमेशा आपको अपनी बेटी माना है आपके अलावा हमारा है ही कौन  । । । ।

     

    उस लड़की ने अपने आंसुओं को पूछा और उसे औरत की ओर देखते हुए कहा हम जानते हैं इसलिए हम अपनी जान आपको सौंप रहे हैं आपके अलावा अब हमें किसी और पर भरोसा नहीं है बोलो कभी भी आते ही होंगे । । । ।

     

    उस लड़की की बात सुनकर उसे औरत ने लगभग रोते हुए कहा लेकिन हम इसे लेकर कहां जाए ऐसी कौन सी जगह है जहां तक वह लोग नहीं पहुंच सकते ऐसी कौन सी जगह है जो उनसे छुपी हुई है । । । ।

     

    उस लड़की ने उसे औरत की तरफ देखते हुए कहा पूरे  सातों लोको में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां वहां वह लोग पहुंच नहीं सकते कोई जगह नहीं है जो उनसे छुपी हो लेकिन हम आपको एक ऐसी दुनिया में भेज रहे हैं जहां वह लोग सोच भी नहीं सकते उन्हें इस दुनिया के बारे में भी पता है लेकिन वह लोग वहां पर कभी नहीं जाएंगे क्योंकि यह उनकी शान के खिलाफ है आप हमारी बच्ची को इस दुनिया में लेकर जाएंगे और याद रहे हमारी बच्ची बहुत खास है हमारी बच्ची को कभी भी किसी के सामने मत आने दीजिएगा ना ही कोई उसका चेहरा देख पाए उसे हर किसी की नजरों से बचना होगा आपको । । । ।

     

    उस लड़की की बात सुनकर उस औरत ने उस लड़की की ओर देखते हुए और भावुक होते हुए कहा और आप क्या हम अब आपसे कभी नहीं मिल पाएंगे कभी आपको देखा नहीं पाएंगे और क्या आप कभी अपनी बच्ची को दोबारा नहीं देख पाएंगे । । । ।

    उस औरत की बात सुनकर कुछ लड़की की आंखों से आंसू बहाने निकले उसने अपने आंसुओं को साफ किया और उसकी तरफ देखते हुए कहा हम नहीं जानते कि अब हम अपनी बच्ची को कब देख पाएंगे देख भी पाएंगे या नहीं लेकिन हम इतना जानते हैं कि आप हमारी बच्ची को हमेशा सुरक्षित रखेंगी हमारी बच्ची साक्षात प्रकृति का आशीर्वाद है और प्रकृति उस कुछ नहीं होने देंगे । । । ।

    उस लड़की की बात सुनकर उस औरत ने उस लड़की की  तरफ देखते हुए कहा लेकिन महारानी इससे आगे बहुत कुछ कह पाती कि तभी उस लड़की ने अपना हाथ दिखा दिया और उसे औरत की तरफ देखती हुई कहा जल्दी चाहिए हमारे पास वक्त नहीं है इससे आगे हम कुछ नहीं सुनेंगे और यह हमारा आदेश है आपके लिए ... एक आखरी आदेश । । । ।

    उस लड़की की बात सुनकर उस औरत की आंखों से आंसू बहने के लिए उसे लड़की ने अपनी नवजात बच्चे को उसे औरत की गोद में दे दिया उसे औरत ने जैसे ही उसे बच्ची का चेहरा देखा तो एक पल के लिए वह उसे चेहरे को देखते ही रह गई उसकी आंखें हैरानी से बड़ी-बड़ी हो गई उसे औरतों में उस बच्ची की ओर दिखाते हुए कहा महारानी यह तो उसे लड़की ने अपनी बच्ची की और दर्द भरी मुस्कान के साथ कहा हम जानते हैं आप क्या कहना चाहते हैं । । । ।

     

    और फिर उस लड़की ने अपने गले से एक पेंडेंट निकाला और उस लड़की को पहना दिया उसे पेंडेंट को पड़कर उसने अपनी आंखें बंद की कुछ ही पलों में वह पेंडेंट चमकने लगा और उसके उसे पंडित में से हरी रोशनी निकलने लगी वह पेंडेंट किसी ग्रीन क्रिस्टल की तरह दिख रहा था जिसमें से हल्की सी हरी रोशनी निकल रही थी । । । ।

     

    कुछ ही पलों में वह रोशनी निकलना बंद हो गई उसे लड़की ने यह गहरी सांस ली उसे औरत ने उसे लड़की की ओर देखती हुई कहा यह आपने क्या किया महारानी । । । ।

    उस औरत की बात सुनकर उस लड़की के चेहरे पर एक दर्द भरी मुस्कान आ गई उसने अपनी बच्ची की ओर देखते हुए कहा अब इस पर हमारी बच्ची का हक है अब जाइए उस दिशा में उस लड़की ने एक पहाड़ की ओर इशारा करती हुई कहा जो इस वक्त वक्त बर्फ से ढका हुआ था यह कहते ही उसके चेहरे पर एक बेतहाशा दर्द दिख रहा था यह रात उसकी जिंदगी की सबसे दर्दनाक रात थी जब उस अपनी बेटी से दूर होना पड़ रहा था  । । । ।

     

    उस लड़की की बात सुनकर उस औरत ने अपनी आंखों में नमी लिए अपना सर हां में हिला दिया उस लड़की ने एक आखरी बार अपनी बच्ची को देखा और अपने उसके माथे पर अपने होंठ रख दिए वह लड़की उसे छोटी सी बच्ची से दूर हुई और उसके गाल पर अपना हाथ रखते हुए अपनी दर्द भरी आवाज में कहा हम आपसे बहुत प्यार करते हैं हमारी बच्ची ...... । । । ।

     अगर हम मजबूर नहीं होते तो कभी आपको खुद से दूर नहीं करते हम उन लोगों की परछाई भी आप तक नहीं पहुंचने दे सकते हमें माफ कर देना हमारी बच्ची कि हमें आपको खुद से दूर करना पड़ रहा है लेकिन हमें सब जो भी कर रहे हैं वह सब कुछ आपकी भलाई के लिए ही कर रहे हैं ..... आपको बचाने के लिए हमें जो कुछ भी करना पड़े हम वह करेंगे.. आपके लिए हम कुछ भी करने से पीछे नहीं हटेंगे ..... ऐसे ऐसा कहते हुए उसे लड़की की आंखों में बह हिसाब आंसू थे .... । । । ।

    उस लड़की ने उस बच्ची का हाथ थामा और फिर बो उसने बर्फ वाली पहाड़ की ओर अपना हाथ हवा में फहराया जिससे उसके हाथ से एक हरी रोशनी निकली वह रोशनी उसे पहाड़ पर पढ़ते ही उसे पहाड़ में एक सफेद दरवाजा खुला वह दरवाजा जैसे क्रिस्टल का बना हुआ था और उसके आर पार देखा जा सकता था । । । ।

    उस लड़की ने उस औरत की ओर देखते हुए कहां जाइए ज्यादा समय तक ये दरवाजा खुला नहीं रह पाएगा उस लड़की की बात सुनकर उस औरत ने अपना सर झुका लिया और आगे बढ़ गई वह एक कदम बड़ी ही थी कि तभी उस कुछ एहसास हुआ उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तो उनकी आंखों में आंसू झलक उठे ...... । ।     । ।

     

    Done । । । ।

    आखिर कौन है वह लड़की और किस से भाग रही है वह लड़की

    आखिर कौन थे वह सैनिक ....

  • 8. .. - Chapter २

    Words: 2255

    Estimated Reading Time: 14 min

    आगामी अध्याय में, आपने देखा कि एक लड़की जंगल में भाग रही थी, उसके कपड़े खून से सने हुए थे और उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे। उसके हाथों में एक बच्ची थी। लड़की ने बच्ची को बचाने के लिए कुछ भी करने का फैसला किया और सैनिक से छिपकर भागने लगी। सैनिक उन्हें ढूंढ रहे थे, क्योंकि वे दोनों को महाराज के सामने पेश करना चाहते थे। लड़की ने बच्ची को एक औरत को सौंपा और उसे एक ऐसी दुनिया में जाने के लिए कहा जहाँ सैनिक नहीं जा सकते थे। लड़की ने औरत को बच्ची को बचाने के लिए कहा और उसे एक जादुई द्वार से गुज़रने को कहा।

    अब आगे । । । ।

    उस औरत ने जैसे ही पीछे पलट कर देखा तो पाया उस छोटी सी बच्ची ने उसे लड़की का पल्लू अपने मुट्ठी में भरा हुआ था....। । । ।

    यह देखकर उस औरत की आंखों से आंसू बहाने के लिए उस औरत ने उसे लड़की की ओर देखती हुई कहा महारानी एक बार फिर सोच लीजिए.... आपकी बच्ची भी आपसे दूर नहीं रह पाएगी.... उस लड़की ने अपनी आंखें बंद की उस लड़की के लिए ये बहुत ही मुश्किल भरा वक्त था.... उस लड़की ने अपना पल्लू उस बच्ची के हाथ से छुड़ाया और उस औरत की ओर देखते हुए कहा लेकिन रहना पड़ेगा.... इतना कहकर वह पलट गई और उसकी आंखों से बेतहाशा आंसू बह निकले....। । । ।

    वह औरत उसे बच्ची को लेकर उसे दरवाजे की ओर जाने लगी तभी वह बच्ची रोने लगी उस बच्ची की रोने की आवाज सुनकर उस लड़की ने अपनी दोनों आंखें बंद कर ली और अपने हाथों की मुट्ठियां का कश ली....। । । ।

    वह औरत उस बच्ची को लेकर उसे क्रिस्टल दरवाजे के अंदर चली गई....। । । । ।

    कुछ ही वक्त में वह दरवाजा बंद हो या उसे लड़की ने एक नजर उसे बर्फ वाले पहाड़ को देखा और फिर उसने एक कपड़ा लिया और उसे कपड़े में कुछ घास को लपेटा.... उसने कुछ इस तरह से उसे घास को लपेट था कि उसमें कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था उसे उसे दूर से देखकर ऐसा लग रहा था जैसे उसके हाथ में कोई बच्चा हो.....उसन जंगल की ओर अपने कदम बढ़ा दिए....। । । ।



    वह नदी से कुछ दूरी पर आई... हिम्मत करके जल्दी-जल्दी चल रही थी कि तभी उसके कानों में एक आवाज पड़ी... वह चली ही रही थी कि तभी एक साथ कई लोगों ने उसे घेर लिया.... वह लोग कोई और नहीं बल्कि वही सिपाही थे जो कुछ देर पहले उसे लड़की को ढूंढ रहे थे... उन लोगों में से एक आदमी आगे आया और शायद वह उन सभी का लीडर था उसकी लड़की की तरफ देखते हुए और अपना सर झुकाते हुए कहा महारानी आपको हमारे साथ चलना होगा.... आपको लाने के आदेश दिए गए हैं । । । ।

    उस लड़की ने उन लोगों की ओर देखते हुए कहा हम तुम्हारे साथ कहीं नहीं जाएंगे.. तुम लोगों के लिए यही अच्छा होगा यहां से चले जाओ.... यह हमारा आदेश है । । । ।

    उस लड़की की बात सुनकर उस सैनिक ने उस लड़की की ओर देखते हुए कहा...माफ कीजिएगा महारानी लेकिन आपके लिए बगैर हम यहां से कहीं नहीं जाएंगे... आपको हर हाल में ले आने के आदेश दिए कहीं आप अपनी मर्जी से चलेंगे तो आपके लिए अच्छा होगा नहीं तो हमें आपको बंधी बनाना होगा....। । । ।

    उस आदमी की बात सुनकर वह लड़की अपने कदम पीछे लेने लगी उस सैनिक की बात सुनकर उस लड़की को कोई हैरानी नहीं हुई शायद उसे पता था कि यही होने वाला है...। । । ।

    उस आदमी ने उसे लड़की की ओर देखते हुए कहा महारानी रुक जाइए वरना हम मजबूर हो जाएंगे आपको बंधी बनाने के लिए.... उस आदमी की बात सुनकर भी वह लड़की नहीं रुकी और अपने कदम पीछे लेने लगी उस आदमी ने कुछ औरतों को इशारा किया उसका का इशारा पाकर वह औरतें उसे लड़की की ओर बढ़ने लगी.... वह औरतें भी सैनिक ही थी.....  किसी भी पुरुष को उस लड़की को छूने की इजाजत नहीं थी... इसलिए वह महिला सैनिक उस लड़की को पकड़ने के लिए आगे आए....। । । ।

    उन सैनिक को अपनी तरफ बढ़ते हुए देखकर उसे लड़की ने कहा हमारी तरफ अपने कदम बढ़ाने की हिम्मत भी मत करना तुम लोग सोच भी नहीं सकते  तुम लोगों के साथ क्या हो सकता है ऐसा कहते हुए वह लड़की अपने कदम पीछे ले रही थी उसे लड़की की बातों का उन महिला सैनिकों पर कोई असर नहीं हुआ.....। । । ।

    तभी अचानक कुछ ऐसा हुआ जिससे सभी दंग रह गए... एक पल के लिए ऐसा लगा जैसे वक्त वहीं पर थम गया हो उन सभी की उन सभी सैनिकों की आंखें फटी की फटी रह गई..... और वह सभी लोग डर से कांपने लगे उन सभी के चेहरों पर ठंडा पसीना आने लगा.....। । । ।

    एक सैनिक में दूसरे सैनिक से कहा अब क्या होगा महाराज हमें जीवित नहीं छोड़ेंगे..... और अगर महाराज को हम पर तरस भी आ गया तो वह... बो.. हमें जीते जी नरक के दर्शन करवा देंगे.…. ऐसा कहते हुए सैनिक के चेहरे पर ठंडा पसीना था और वह डर से कांप रहा था.....। । । ।

    कुछ देर बाद एक बहुत ही बड़े और विशाल महल में एक लड़की खड़ी हुई थी उसे सर से पैर तक सोने की की जंजीरों में बांधा गया था..... उसके कदम लड खडा रहे थे वह बहुत हिम्मत करते हुए खड़ी हुई थी.... उसके सामने एक बहुत ही शानदार सिंहासन था उस सिंहासन पर एक आकर्षक व्यक्तित्व वाला शख्स बैठा बड़े रौब से बैठा हुआ था.....। । । ।

    वह महल बहुत ही आलीशान और शानदार था कहीं-कहीं हीरो की कारीगरी भी थी उन दीवारो को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वह सोने की हो.... उस महल के दरबार में और भी कई लोग थे लेकिन सभी अपना सर झुकाए हुए थे... किसी की भी हिम्मत नहीं थी कि वह अपना सर उठाकर देख भी सके.... सिंहासन के एक तरफ दो लोग खड़े थे... वह उन्होंने भी अपना सर झुकाया हुआ था....। । । ।

    उस लड़की के आसपास कई सैनिक खड़े हुए थे जो उसकी जंजीरों को पकड़े हुए थे... वह सिंहासन पर बैठा हुआ शख्स बहुत ही आकर्षक था उसकी आंखें इस वक्त मौत सी ठंडी थी... और उसके चेहरे पर बहुत ही क्रूर भाव  थे.....। । । ।  

    उस  शख्स के पास एक एक औरत खड़ी हुई थी उस औरत ने इस वक्त भारी कपड़े और भारी जेवर पहने हुए थे... उसके चेहरे पर बहुत ही घमंड था...। । । ।

    उस औरत ने उन सभी सैनिकों की ओर देखते हुए बड़े ही घमंड के साथ कहा तुम सब अकेले क्यों आए हो राजकुमारी कहां है.... क्या हमने तुम लोगों को इसलिए भेजा था कि तुम सभी अधूरा काम करके लोटो.....तुम्हारे साथ हमारी राजकुमारी क्यों नहीं है... क्या लौटने से पहले तुम लोगों ने एक बार भी इसके अंजाम के बारे में नहीं सोचा । । । ।

    उस औरत की बात सुनकर वह सभी सैनिक घबरा गए लेकिन उन्होंने अपने चेहरे पर नहीं आने दिया उन सैनिकों का जो प्रमुख था वह एक कदम आगे आया और सर झुकाते हुए कहा वह छोटी रानी... हमने तो पूरी कोशिश की थी लेकिन... लेकिन महारानी का पैर वहां फिसल गया और राजकुमारी.... इतना कहकर वह रुक गया क्योंकि उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह आगे कुछ भी कह पाए.... क्योंकि सिंहासन पर बैठा शख्स उन्हें अपनी जलती निगाहों से ही देख रहा था....। । ।  ।

    उस शख्स ने बहुत ही ठंडी आवाज में कहा और क्या.. उस शख्स के इतना कहते ही वहां मौजूद सभी लोग घबरा गए .. क्योंकि वह शख्स बहुत ही गुस्से में लग रहा था और वहां मौजूद हर एक उसे शख्स के गुस्से को अच्छी तरह से जानता था उस सैनिक ने डरते हुए कहा और राजकुमारी नीचे खाई में जाकर गिर गई... हमारे.... हमारे और भी सैनिक को उन्हें ढूंढ रहे हैं... उसने इतना ही कहा था की तभी उन सभी  चीखे उस बड़े से महल में गूंजने लगी......। । । ।

    सैनिक ने अपनी बात कह ही रहा  था की तभी वह दर्द से छटपटाना लगा और उसके सभी साथी भी दर्द से झटपट आने लगे... वह सभी सैनिक दर्द से करहाते हुए वहीं जमीन पर गिर गए.... धीरे-धीरे उन सभी सैनिक की खाल जलने लगी.... उन सैनिकों का दर्द देखकर उस लड़की ने अपनी आंखें बंद कर ली... और उसकी बंद आंखों से आंसू बहने निकले...। । । ।

    उस लड़की ने अपनी आंखें बंद किए हुए ही कहा बस कीजिए क्यों कर रहे हैं ऐसा...। । । ।

    उसकी इतना कहते ही उन सैनिकों की आवाज आना बंद हो गई उसने अपनी आंख खोली तो वह डर से एक कदम पीछे चली गई... क्योंकि उसके सामने वही शख्स खड़ा हुआ था उसकी आंखें इस वक्त किसी ज्वालामुखी के लावे की तरह लाल थी.... लेकिन उसके चेहरे पर एक खतरनाक मुस्कान.... उसे ऐसे देखकर वह लड़की दंग रह गई... । । । ।

    उस शख्स ने एक नजर उन जंजीरों को देखा और वह जंजीर पल भर में टूट गई जंजीर को टूटते ही वह लड़की लड़खड़ा हो गई इससे पहले वह गिर पाती उसे शख्स ने उसे संभाल लिया....। । । ।

    वह लड़की अपनी हिरनी जैसी आंखो  से उस शख्स की काली गहरी आंखों में देखने लगे.... उस शख्स ने उस लड़की के गाल पर अपना हाथ रख और बहुत ही गहरी आवाज में कहा हमारी बेटी कहां है महारानी प्रथा....। । । ।

    उस शख्स के मुंह से अपनी बेटी का जिक्र सुनकर प्रथा की आंखों से आंसू बह गए उसने उसे शख्स की ओर देखते हुए कहा शायद तुमने सुना नहीं तुम्हारे सैनिकों ने क्या कहा तुम्हारी वजह से हमने अपनी बच्ची खो दिया सिर्फ तुम्हारी वजह से.. महाराज दक्ष... तुम्हारी वजह से हमसे हमारी बच्ची दूर हो गई... प्रथा ने महाराज दक्ष पर जोर देते हुए कहा । । । ।

    प्रथा की बात सुनकर दक्ष ने उसे अपनी एक भौ उठाकर देखा और उसकी तरफ देखते हुए अपनी भारी आवाज में कहा आप से तुम... लगता है भूल गई हो कि किससे बात कर रही हो.....। । । ।

    प्रथा ने उसकी तरफ देखते हुए कहा हमे अच्छी तरह से पता है कि हम किससे और क्या बात कर रहे है अब जाकर तो हमे ये  बात समझ आई है.... वरना इतने वक्त से तो हम अंधेरे में थे.... काश पहले हमें यह बात समझ आ गई होती तो आज हमारी बच्ची हमारे साथ होती.... जो तुम्हारी वजह से आज हमारे पास हमारे साथ नहीं है....। । । ।

    दक्ष ने प्रथा के जबड़े को जोर से पकड़ा और उसकी तरफ देखते हुई  कहा हमने पूछा हमारी बेटी कहां है प्रथा बता दो... हमें हमारी बेटी चाहिए जो आपकी गलती  की वजह से हमारे पास नहीं है..... कहां छुपाया है आपने हमारी बेटी को..... आपको क्या लगता है... यह लोग कहेंगे कि हमारी बेटी उस खाई में गिर गई है और हम मान लेंगे.... तो ऐसा नहीं है..... हमें हमारी बेटी चाहिए किसी भी हाल में किसी भी कीमत पर.... अपनी गलती को सुधारो और हमें हमारी बेटी के बारे में बता दो .... हो सकता है उसके बाद हम आपकी सजा थोड़ी कम करदे....। । । ।

    दक्ष की बात सुनकर प्रथा दंग रह गई उसे समझ नहीं आया कि वह दक्ष की बातों का क्या जवाब दे वह सोच रही थी कहीं दक्ष को पता तो नहीं चल गया.... लेकिन फिर उसने खुद को संभालते हुए कहा हमें नहीं पता हमारी बेटी कहां है हमारी बेटी तुम्हारी वजह से हमसे दूर है तुम जिम्मेदार हो इन सबके.... प्रथा कह ही रही थी... की तभी उसे एक जोरदार झटका महसूस हुआ उसने अपने दोनों हाथ अपने अपने माथे पर रख लिए और लगभग रोते हुए कहा महाराज रुक जाइए हमे दर्द हो रहा है बहुत.....। । । ।

    लेकिन दक्ष नहीं रुका उसने अपनी आंखें बंद की और जैसी उसने अपनी आंखें बंद की दक्ष के सामने कुछ धुंधली सी तस्वीर आने लगी वह वही पल था जब उन सैनिकों ने प्रथम को घेरा हुआ था और उसके हाथों से बच्चा खाई में गिरा था उसने थोड़ा और जोर दिया तो उसके सामने कुछ प्रथा की कुछ और यादें आ गई.... इससे आगे वह कुछ और देख पाता कि तभी प्रथा ने उसे धक्का दिया...जिससे दक्ष एक कदम पीछे हो गया । । । ।

    दक्ष ने अपनी आंखें खोली और प्रथा की ओर देखते हुए ठंडी आवाज में कहा कमजोर हो गई हो आप... कोई बात नहीं कुछ ही वक्त में आपकी कमजोरी भी दूर हो जाएगी अब चुपचाप बताओ हमारी बेटी कहां है क्योंकि वह खाई में तो नहीं गिरी थी.... इतना तो हम जान जाए है उससे पहले आप कहां गई थी.... और कहां छोड़ा है हमारी बेटी को... । । । ।

    दक्ष की बात सुनकर  प्रथा ने उसकी तरफ देखते हुए कहा हमें नहीं पता वह कहां है और अगर पता भी होता तो तुम्हें कभी नहीं बताते.... तुम्हारे और हमारे बीच जो कुछ भी है हम आज उसे खत्म करते हैं आज से हमारा तुमसे कोई रिश्ता नहीं है हम हर एक रिश्ते हर एक कड़ी को तोड़ते हैं.... हमें तुम्हारा चेहरा भी नहीं देखना है हम जा रहे हैं यहां से हमेशा हमेशा के लिए.... तुम रहो यहां अपने महल में अपनी दूसरी पत्नीयो के साथ.... प्रथा ने कहा ही था तभी  दक्ष ने  कुछ ऐसा किया जिससे की बहुत बुरी तरह डर गई । । । ।

    Done । । । ।

    आखिर ऐसा क्या किया दक्ष ने
    जानने के लिए पढ़ते रहिए

  • 9. .. - Chapter ३

    Words: 2458

    Estimated Reading Time: 15 min

    अब तक। । । ।


    दक्ष की बात सुनकर  प्रथा ने उसकी तरफ देखते हुए कहा हमें नहीं पता वह कहां है और अगर पता भी होता तो तुम्हें कभी नहीं बताते.... अब हम तुम्हारे साथ एक पल भी नही रहना चाहते..... हमारे बीच जो कुछ भी है हम आज उसे खत्म करते हैं आज से हमारा तुमसे कोई रिश्ता नहीं है हम हर एक रिश्ते हर एक कड़ी को तोड़ते हैं.... हमें तुम्हारा चेहरा भी नहीं देखना है हम जा रहे हैं यहां से हमेशा हमेशा के लिए.... तुम रहो यहां अपने महल में अपनी दूसरी पत्नीयो के साथ.... प्रथा ने कहा ही था तभी  दक्ष ने  कुछ ऐसा किया जिससे की बहुत बुरी तरह डर गई। । । ।

     

    प्रथा ने यह कहा ही था कि तभी दक्ष ने प्रथा के बालों को अपनी मुट्ठी में भरा और उसके चेहरे को अपने चेहरे के पास लाया और बहुत ही ठंडी आवाज में कहा क्या कहां आपने.. आप हमसे रिश्ता तोड़ रही है हमारा चेहरा भी नहीं देखना चाहती... आप हमारे साथ नहीं रहना चाहती...। । । ।

     

    लेकिन आपकी ये इच्छा कभी पूरी नहीं होगी... आप हमेशा हमारे साथ ही रहेगी...हमेशा हमारे पास रहेगी... फिर चाहे एक महारानी के रूप या फिर बंधी के रूप में.. या फिर राज दासी के रूप मैं । । । ।


    दक्ष की बात सुनकर प्रथा एकदम सुन्न पड़ गई उसे जरा भी उम्मीद नहीं थी की दक्ष उसके साथ कुछ ऐसा करेगा वह अपनी आंखों में बेहिसाब आंसू लिए हैं दक्ष को देखने लगी.... लेकिन उस ज्यादा हैरानी भी नहीं हुई थी... क्योंकि उसे पता था कि दक्ष उसके साथ कुछ ना कुछ तो जरूर करेगा... दक्ष का ये रूप देखकर  प्रथा अंदर ही अंदर टूटती जा रही थी  उसने  बहुत मुश्किल से खुद को संभाला हुआ था । । । ।

     

    प्रथा को ऐसे देखकर दक्ष के चेहरे पर एक तिरछी मुस्कुराहट आ गई उसने प्रथा की ओर देखते हुए कहा...हा प्रथा आज तक आप एक महारानी बन के रह रही थी लेकिन अब से अब आप हमारी एक बंधी और एक राज दासी बन कर रहेगी महारानी प्रथा... हमसे दूर जाना तो दूर की बात है अब आप अपने कक्ष से भी बाहर नहीं निकाल पाएंगे तरस जाएंगे आप बाहर की दुनिया देखने के लिए.... आप हमारी महारानी तो होगी लेकिन आपके पास कोई अधिकार नहीं होंगे.... इतना कहकर दक्ष ने प्रथा को अपनी गोद में उठा लिया...। । । ।



    दक्ष की बात सुनकर प्रथा बहुत बुरी तरह डर गई और वह छटपटाने लगी दक्ष के सीने पर अपनी छोटे-छोटे हाथों से मुक्के मारते हुए  कहा छोड़िए हमें नहीं रहना है हमें तुम्हारे साथ नहीं रहना.... इतना कहकर प्रथा दक्ष की गोद में झटपट आने लगी....। । । ।

     

    दक्ष ने प्रथा की ओर देखते हुए बहुत ही ठंडी आवाज में कहा  हमारी बेटी का पता तो हम लगा ही लेंगे प्रथा... आज नहीं तो कल हमारी बेटी हमारे पास होगी... लेकिन उससे पहले आपको आपकी हदें याद दिलाना जरूरी है जो आप भूल चुकी है.... आपको यह याद दिलाना जरूरी है कि आप किसके सामने खड़ी है और किससे बात कर रही हैं  आपको गलती की सजा देना जरूरी है... और यकीन मानिए हमारी सज़ा ऐसी होगी जिससे आपकी आत्मा भी कांप जाएगी.... आज आपको अच्छी तरह से पता चलेगा कि हम कौन हैं और हमारे खिलाफ जाने का क्या अंजाम होगा.... । । । ।

    दक्ष की बात सुनकर प्रथा बहुत बुरी तरह डर गई... तभी वह औरत जो दक्ष के पास खड़ी थी जो दक्ष की दूसरी पत्नी थी... जिसका नाम छाया था छाया ने दक्ष की ओर देखती हुई कहा महाराज इनकी वजह से आज राजकुमारी हमारे साथ नहीं है इनकी गलती की इन्हें शख्त से सख्त सजा मिलनि चाहिए... इन्होंने कोई छोटा अपराध नहीं किया है... । । । ।

     

    हमारा सुझाव है कि इन्हें बाकी कैदियों के साथ रखा जाए.... या फिर इन्हें रंग महल भेज दिया जाए जहां पर हर रात एक नए..... छाया ने इतना ही कहा ही था कि तभी... दक्ष ने गुस्से  भरी आवाज में कहा अपनी जगह मत भूलो.... हमें सुझाव देने का ना ही तुम्हे कोई अधिकार नहीं है... और ना ही हमे तुम्हारे सुझावों की जरूरत है.....। । । ।

     

     लगता है तुम अपना स्थान इस महल में भूल चुकी है कोई बात नहीं आपको भी आपका स्थान हम अभी याद दिला देते हैं.... दक्ष ने वहां खड़े कुछ महिला सैनिकों की की ओर देखते हुए कहा... आज से छाया हमारी दासी होगी.. जो काम एक नौकर करते हैं वही काम अब छाया करेंगी.. और इसमें उनकी कोई भी मदद नहीं करेगा.... यह सारे काम खुद करेंगे बिना एक पल आराम किए...। । । ।

     

    दक्ष की बात सुनकर उन सभी ने अपना सर झुकाते हुए कहा जी महाराज वहीं दूसरी ओर छाया यह सुनकर दंग रह गई उसके चेहरे का पूरा रंग उड़ गया उसे तो लगा था कि दक्ष उसकी बात मानकर प्रथा को सजा देगा लेकिन उल्टा यहां पर छाया को ही दक्ष ने उसकी जगह दिखा दी.... दक्ष ने माया का अपमान सबके सामने कर दिया था जिससे माया को बहुत ही अपमानजनक महसूस हो रहा था....। । । ।

     

     उस बहुत गुस्सा भी आ रहा था लेकिन अब वह कुछ भी कह कर दक्ष को और गुस्सा नहीं दिलाना चाहती थी वह नहीं चाहती थी कि दक्ष उसे कोई और भी सजा दे.... लेकिन उसे इस बात की खुशी थी कि दक्ष प्रथा को भी सजा देने वाला था और छाया यह अच्छी तरह से जानती थी कि दक्ष कितनी भयानक सजा देता है..... इसका एक उदाहरण तो उसके सामने ही था वह सैनिक जो प्रथा को लेकर आए थे वह इस वक्त दर्द से करहा रहे थे..... लेकिन यह तो बस शुरुआत थी उनकी सजा की.....। । । ।

     

    दक्ष आदेश देकर वहां से प्रथा को लेकर चला गया.... वही प्रथा खुद को छुड़ाने की नाकामयाब कोशिश कर रही थी....। । । ।

     

    छाया सिर्फ उन दोनों को जाते हुए देखते रह गई इस वक्त उसकी आंखें गुस्से से लाल हो गई थी.... छाया ने प्रथा को देखते हुए गुस्से में कहा मे तुम्हें छोडूंगी नहीं प्रथा...। । । ।

     

    दक्ष प्रथा को अपनी बाहों में लिए हुए महल के एक बहुत ही आलीशान कक्ष में लेकर आया... वह कक्ष इतना बड़ा था की कम से कम 50 से 60 लोग वहां एक साथ आ जाए... वह कमरा बहुत ही अच्छी खुशबू से महक रहा था... उस कक्ष में एक बेड रखा हुआ था जिस पर कम से कम 10 से 12 लोग एक साथ सो सकते थे... बेड के ऊपर से एक परदे लगे हुए थे जो बिस्तर के चारों ओर जा रहा था...। ।  । ।

     

    प्रथा बार-बार खुद को छोड़ने के लिए कह रही थी प्रथा बिल्कुल ताकत नहीं थी कि वह दक्ष से लड़ सके या उसके किसी भी बात का विरोध कर सके प्रथा की आवाज अब धीमी पड़ रही थी... दक्ष ने एक ही झटके में प्रथम को उसे बेड पर पटक दिया.... बिस्तर बहुत ही मुलायम था लेकिन फिर भी प्रथा से दर्द से कराह उठी...। ।  । ।

     

    प्रथा की हालत पहले ही ठीक नहीं थी...  प्रथा बहुत कमजोर हो चुकी थी उसे अपने पूरे शरीर में बेतहाशा दर्द हो रहा था उसने कुछ ही घंटे पहले बेटी को जन्म दिया था और उसके बाद अपनी बेटी को लेकर भागना वह सब कुछ प्रथा के लिए बहुत मुश्किल था....। । । ।

     

    दक्ष प्रथा को अपनी मौत से ठंडी आंखों से ही घूर रहा था...  वह इस वक्त बहुत ही भयानक लग रहा था उसे कोई भी इस वक्त देखा तो सिर्फ उसे देखकर ही डर के मारे वही मर जाता....। । । ।

     

    प्रथा भी अपनी आंखों में आंसू लिए दक्ष को ही देख रही थी.... प्रथा को भी दक्ष से बहुत डर लग रहा था वह धीरे-धीरे पीछे हटने लगी उसने हिम्मत करते हुए कहा... तुम...तुम... सबको जो चाहिए था वह मिल चुका है.... अब और क्या चाहिए तुम सबको.... हमें जाने दो अब....। । । ।

     

    दक्ष ने अपना रॉयल कोर्ट उतारते हुए प्रथा की और देखते हुए कहा हम सब को जो चाहिए था वह तो मिल चुका है हमें लेकिन अब हमें कुछ और भी चाहिए... हमें हमारा परिवार वापस चाहिए हमें आप चाहिए हमेशा हमेशा के लिए... अटूट प्रेम करने लगे हैं हम आपसे.... इसलिए अब आप हमेशा हमारे साथ ही रहेंगी.... और आपको सजा भी तो देनी है हमसे हमारी बेटी को दूर करने की...। । । ।

     

    साधारण मानवों का जीवन तो बहुत छोटा होता है   लेकिन हमारा जीवन तो अनंत हैं.... और आपकी सजा भी कभी अनंत होगी... महादेव से  प्रार्थना कीजिए कि हमें हमारी बेटी जल्द से जल्द मिल जाए.... जितनी जल्दी हमे हमारी बेटी हमें मिलेगी उतना ही आपके लिए अच्छा होगा...  ऐसा कहते हुए दक्ष ने प्रथा की ओर अपने कदम बढ़ा दिए। । । ।

    प्रथा ने दक्ष की ओर देखते हुए रोते हुए और गुस्से में कहा तुमने हमारे साथ विश्वास घात किया है... हमने तुमसे कितना प्रेम किया था तुम पर अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था और तुमने क्या किया सिर्फ हमारा फायदा उठाया... और तुम कहते हो तुम हमसे प्रेम करते हो गलत कहते हो तुम.... न हीं हम तुम्हारे साथ रहेंगे और ना ही अपनी बच्ची पर तुम्हारी परछाई भी पढ़ने देंगे.... हम हमारे बेटे को भी अपने साथ लेकर......। । । ।

     

    .. प्रथा कह ही रही थी कि तभी दक्ष उसके करीब आया और उसके बालों पर अपनी पकड़ कसते हुए कहा आप भी हमारे साथ रहेंगी और हमारा बेटा भी हमारे साथ ही रहेगा बहुत जल्द हम हमारी बेटी को भी ढूंढ लेंगे...  और भूलो मत आपने क्या सौगंध ली थी... हम आपसे प्रेम करते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप कुछ भी करें और हम माफ करदे... आपको भी आपके अपराधो की सजा मिलेगी.... । । । ।

     इतना कहकर दक्ष ने प्रथा के होठों पर अपने होठों रख दिए और उसके होठों को काटने लगा जिससे प्रथा को बहुत दर्द हो रहा था... प्रथा की आंखों से आंसू बह रहे थे... वही दक्ष उसे बहुत ही पूरी तरह काटे जा रहा था प्रथा तो पहले ही बहुत कमजोर थी.. लेकिन फिर भी वह दक्ष को खुद से दूर कर रही थी.... लेकिन दश पर इसका कुछ असर नहीं हो रहा था काफी देर तक दक्ष ऐसे ही प्रथा को किस करता रहा धीरे-धीरे प्रथा की आंखें बंद होती गई और आखिर में वह बेहोश हो गई....। । । । ।

     

    दक्ष ने जब प्रथा को कोई भी हलचल करते हुए नहीं देखा तो वह प्रथा से दूर हुआ दक्ष ने प्रथा को देखा तो वह बेहोश हो चुकी थी.. दक्ष ने एक नजर प्रथा को देखा और फिर उसकी हालत को देखा दक्ष ने अपने एक हाथ की ऊपर किया और एक ताज चुटकी बजाई उस आवाज सुनकर ही कम से कम 15 से 20 दासियां उस कमरे में आई...  दक्ष ने उदासियों को देखते हुए उन्हें आदेश देते हुए कहा वैद्य को बुलबायो... और महारानी को ठीक से साफ करो... इनका ख्याल रखो... अगर इन्हें कुछ भी हुआ... तो तुम लोगों के लिए अच्छा नहीं होगा..। । । ।

    दक्ष की बात सुनकर वह सभी दासिया घबरा गई और उनमें से एक दासी है सर झुकाते हुए कहा.. जी महाराज...। । । 

     

    दक्ष ने एक नजर प्रथा को देखा और फिर वह वहां से अपना रॉयल कोट पहना और उठकर चला गया...। । । ।

    कुछ देर बाद दक्ष एक दूसरे आलीशान कमरे में था वह इस वक्त उसे आलीशान कमरे के बाहर एक बहुत ही बड़ी बालकनी भी थी ..... उस बालकनी के आसपास पिलर्स लगे हुए थे... । । । ।

     

      उसके हाथों में एक सोने का ग्लास था जिसमें शराब थी लेकिन वह शराब भी बहुत खास थी... वह अपने हाथ में शराब का ग्लास लिए हुए महल के बाहर की ओर देख रहा था.... उसके चेहरे के भाव बहुत ही सख्त थे..... । । । ।

     

    .तभी एक और शख्स उसके बगल में आकर खड़ा हो गया वह शख्स भी काफी आकर्षक था दिखने में  उसका व्यक्तित्व बहुत ही आकर्षक था उस शख्स ने सामने देखते हुए कहा तुम्हें तुम्हारी बेटी मिल जाएगी दक्ष.... हमने सातों लोको में तुम्हारी बेटी को ढूंढने के लिए सैनिकों को भेज दिया है.... ज्यादा समय तक प्रथा तुम्हें तुम्हारी बेटी से दूर नहीं रख पाएगी....। । । ।

    तुम्हारी बेटी का मिलना सिर्फ तुम्हारे लिए ही नहीं बल्कि हम सबके लिए बहुत जरूरी है.... प्रथा को इतना बड़ा अपराध नहीं करना चाहिए था.... अगर उसे पता चल गया की प्रथा ने क्या किया है तो पता नहीं वह क्या करेंगे... उसे अभी तक पता नहीं है की आपकी बेटी मिली नही है  इसलिए आपकी बेटी का मिलना सिर्फ आपके लिए ही नहीं बल्कि हमारे लिए भी बहुत जरूरी है...। । । ।

    दक्ष ने बिना किसी भाव के सामने देखते हुए कहा हमें हमारी बेटी हर हाल में चाहिए सम्राट आदित्य.... अगर हमें हमारी बेटी नहीं मिली तो हम किसी को नहीं छोड़ेंगे....। ।  । । 

     

    दक्ष की बात का आदित्य ने कोई जवाब नहीं दिया... और वह अपनी आंखों में बिना किसी भाव के सामने देखने लग  कुछ देर तक बो लोग वैसे ही खड़े रहे.... तभी वहां पर एक दासी से आई और उसने सर झुकाते हुए कहा महाराज महारानी को होश आ गया है....। । । ।

    उस दासी की बात सुनकर दक्ष ने वह ग्लास बही रख दिया और फिर वहां से चला गया.... । । । ।

    आदित्य महल के बाहर देखने लगा महल के बाहर देखा जहां पर कई लोगों को बंदी बनाया गया था और उन्हें महल के बाहर ही बेरियों से बांधा गया था.... जहां उनकी बेड़ियों में कीले लगी हुई थी और उनके पूरे शरीर से खून बह रहा था... उन लोगों को  लगातार हंटर से मारा जा रहा था.... और कहीं सैनिकों को काटा जा रहा था और कई लोगों को जलाया जा रहा था.....यह सब कुछ देखकर आदित्य के चेहरे के एक्सप्रेशन जरा भी नहीं बदले जैसे उसे कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा हो.... उन सब को देख कर आदित्य ने अपना सर हिलाया और उसे पता चल गया .... ऐसा कहते हुए उसके भाव बहुत गंभीर थे.... । । । ।

     

    वहीं दूसरी ओर प्रथा भी यह सब कुछ देख रही थी यह सब कुछ देखकर उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे वह इस वक्त  अपने कमरे से ही सब कुछ देख रही थी कमरे के बाहर एक बहुत बड़ी बालकनी थी जहां पर वह सहारा लेकर खड़ी हुई थी.... । । । ।

     

    तभी किसी ने प्रथा को पीछे से अपनी बाहों में भर लिया... खुद पर किसी का स्पर्श महसूस कर रहा था उसे खुद से दूर करने लगी...... । । । ।

    Done । । । ।

    आखिर क्या करने वाला है दक्ष प्रथा के साथ... । । । 

     

    आगे क्या होगा कहानी में जाने के लिए पढ़ने नहीं है । । । 

  • 10. .. - Chapter 4

    Words: 1367

    Estimated Reading Time: 9 min

    इन पिछले अध्याय में आपने देखा कि प्रथा ने दक्ष को बताया कि वह उससे रिश्ता तोड़ रही है, जिसके बाद दक्ष ने उसे बंधक बना लिया। दक्ष ने प्रथा को एक आलीशान कक्ष में ले गया और उसे अपने बिस्तर पर धकेल दिया, जिससे उसे बहुत दर्द हुआ। दक्ष ने कहा कि वह उसे और सजा देगा और अपनी बेटी को वापस पाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। छाया को, जो दक्ष की दूसरी पत्नी है, को उसकी जगह दिखाने के लिए दंडित किया गया। दक्ष ने अपनी बेटी को खोजने के लिए सैनिकों को भेजा और प्रथा को अपनी क्रूर सजा जारी रखने का फैसला किया।

    Now Next

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    अब आगे।।।।

    वह अच्छी तरह जानती थी उसे किसने पकड़ा है उस शख्स ने प्रथा के कंधे पर अपना सर टीका लिया और गहरी आवाज में कहा कैसा लग रहा है आपको यह नजारा..... पहली बार देख रही है ना आप यह सब कुछ..... आज तक आपने इतना अच्छा नजारा कभी नहीं देखा होगा.... न  । । । ।

    दक्ष की बात को प्रथा की आंखों से आंसू बह निकले प्रथा ने टूटी हुई आवाज में कहा... क्यों... आप इन सब के साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं... इन्होंने तो कुछ भी नहीं किया तो आप किस बात का उन्हें दंड दे रहे हैं... दक्ष । ।  । ।

     

    दक्ष ने एक ही झटके में प्रथा को अपनी तरफ घुमा लिया और उसकी तरफ देखते हुए गहरी आवाज में कहा इन लोगों ने कुछ नहीं किया यही तो इनका अपराध है अगर इन्होंने अपना काम ठीक से किया होता तो आज हमारी बेटी हमारी गोद में होती... हमने हमारी बेटी को एक बार ठीक से देखा भी नहीं है और यह सब कुछ आपका और इन सैनिकों का  अपराध है.... और जब अपराध किया है तो दंड भी जरूर मिलेगा फिर वह आप हो या फिर सैनिक...। । । । ।

     

    प्रथा ने दक्ष की ओर अपनी नम आंखों से देखते हुए कहा  इन सब में इनकी की कोई गलती है ... अगर गलती है तो वह आपकी है अपराध किया है तो वह आपने किया है अगर हमें पहले ही पता होता कि तुम इतनी क्रूर हो  तो हम कभी भी आपके करीब नहीं आते खुद को वही रोक लेते..... कभी खुद को आपसे प्रेम करने नहीं देते....। । । ।

     

    दक्ष ने प्रथा के बालों को उसके कान के पीछे करते हुए कहा पछतावा हो रहा है आपको .... लेकिन अब इस पछतावे का कोई फायदा नहीं.... और यह तो क्रूरता की बस एक शुरुआत है....... इन लोगों के साथ जो कुछ भी हो रहा है वह तो बस एक छोटी सी झलक है अभी तो आपको बहुत कुछ देखना है....। । । ।

     

    आपको क्या लगता है कि इन्हें दंड हम दे रहे हैं... तो ऐसा नहीं है इन्हें दंड हम नहीं दे रहे दंड तो हम आपको देंगे इन्हें तो कोई और दंड दे रहा है..... लेकिन अगर वह इन सब दंड नहीं देते तो हम जरूर देते क्योंकि इनका अपराध बहुत बड़ा है और  इन्हें दंड भी उतना ही दर्दनाक मिलेगा.....। । । ।

     

    दक्ष की बात सुनकर प्रथा सवालिया नजरों से दक्ष को देखने लगे प्रथम ने दक्ष की ओर देखते हुए उससे पूछा अगर आप नहीं है तो फिर कौन है...  दक्ष ने प्रथा की ओर देखते हुए हल्का सा मुस्कुराया और उसकी तरफ देखते हुए कहा आप उन्हें अच्छी तरह से जानती हैं  और एक बात और जान लीजिए जब तक हम हमारी बेटी को ढूंढ नहीं लेते तब तक ना ही हम रुकेंगे और ना ही बो... क्योंकि उनके लिए भी हमारी बेटी बहुत जरूरी है..…...। । । ।


    अब तक तो आप समझ ही गई होगी हम किसकी बात कर रहे हैं.... इतना कहकर दक्ष ने प्रथा को अपनी गोद में उठा लिया... और उसे अपने कमरे के अंदर ले आया और उसे सीधा बेड पर बैठा दिया...। । । ।

    दक्ष की बात सुनकर प्रथा की आंखें डर और घबराहट से बड़ी हो गई... प्रथा दक्ष की बात सुनकर बहुत ज्यादा घबराई हुई थी... जिसकी वजह से प्रथा को ही एहसास ही नहीं हुआ कि इस वक्त दक्ष उसके कितने करीब था....   लेकिन कुछ ही पलों में प्रथा को होश आया तो उसने पाया दक्ष उसके बहुत करीब था और उसके कपड़े निकाल रहा था.... यह महसूस होती है प्रथा ने जल्दी से अपने कपड़ों को ठीक कर और पीछे हो गई...। । । ।

    प्रथा ने दक्ष की ओर देखते हुए गुस्से में कहा दूर रहो हमसे हमारे पास आने का अधिकार तुम खो चुके हैं... अब हम तुम्हे अपने पास कभी नहीं आने देंगे... इतना कहकर वह पीछे होने लगी तभी दक्ष ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी  और खींचा उसकी तरफ देखते हुए बहुत ही सर्द लहजे में कहा....  आपकी इच्छा का अब कोई महत्व नहीं है... अब बही होगा जो हम चाहते हैं...। । । ।

    पहले हम आपके करीब आपको प्यार करने के लिए आते थे लेकिन अब आपके करीब आपको दंड देने के लिए आयेंगे...  और यह दंड आपके लिए बहुत दर्दनाक होने वाला है... आपको आपके हर एक अपराध का दंड मिलेगा.... इतना कहकर उसने बिना एक पल का बही प्रथा को वही बिस्तर पर लेटा दिया और खुद उसके ऊपर आ गया । । । ।

    दक्ष की हरकत से प्रथा बहुत ज्यादा डर गई उसने दक्ष को खुद के ऊपर से हटाने की कोशिश करते हुए कहा महाराज आप हमारे साथ ऐसा नहीं कर सकते  हैं... छोड़ दीजिए हमें.... इतना कहकर प्रथा दक्ष के नीचे झटपट आने लगी । । । ।

     

    दक्ष ने  प्रथा की ओर देखते हुए सर्द लहजे में कहा अब हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या चाहती हैं अब बस फर्क इससे पड़ता है कि हम क्या चाहते हैं... इतना कहकर दक्ष प्रथा की होठों पर टूट पड़ा और उसे बहुत ही चूमने लगा लगा प्रथा दक्ष के नीचे छटपटा रही थी... वही दक्ष उसके होठों को काटे जा रहा था... जिससे प्रथा को बहुत दर्द हो रहा था उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे.... दक्ष प्रथा के होठों पर अपनी मनमानी करके उसकी गर्दन पर आ गया और उसे वहां पर उसे काटने  लगा.... दक्ष को देखकर प्रथा को यह समझ आ गया की दक्ष अब रुकने वाला नहीं है.. आखिर वह दक्ष को बहुत अच्छी तरह से जानती थी लेकिन उसने  कोशिश करते हुए कहा...।।। 

    प्रथा ने लगभग रोते हुए कहा छोड़िए हमें महाराज   हमें हमने आज ही हमारी बच्ची को जन्म दिया है.... हमें हमें पहले ही बहुत दर्द हो रहा है...आप हमारे साथ ऐसा नहीं कर सकते... हमे छोड़ दीजिए.... हम नहीं चाहते कि आप हमारे पास आए.....प्रथा के दिल में अभी भी एक उम्मीद थी उसे लग रहा था शायद उसकी बात सुनकर दक्ष उसे छोड़ दे लेकिन उसकी उम्मीद ज्यादा देर तक नहीं पाई.....।।।। 

    बही प्रथा की बात सुनकर दक्ष ने प्रथा को देखा जिसकी आंखों से आंसू बह रहे थे...।।।।

    प्रथा को ऐसे गिरगिराते हुए देखकर दक्ष के चेहरे पर एक एक बहुत ही गर्व बड़ी मुस्कुराहट आ गई... जैसे उसने कोई जंग जीत ली हो...।।।। 

    दक्ष ने प्रथा की ओर देखते हुए कहा..  आपको तब दर्द नहीं हो रहा था जब आप हमारी बेटी को लेकर भागी थी... और अब आपको दर्द हो रहा है लेकिन अब हमें आपके दर्द से कोई फर्क नहीं पड़ता महारानी प्रथा...अभी तक तो हमने कुछ किया भी नहीं और आप पहले की तरह हमसे सम्मान के साथ हमसे बात करने लगी.. जब हम आपको दंड देंगे तो आपको ये भी पता चल जाएगा कि आपसे कितना बड़ा अपराध हुआ है.... आप चाहे या ना चाहे हम आपके पास भी आएंगे और आपको आपके किए का दंड भी देंगे.. आज हम भी देखते हैं कि आप हमें कैसे रोकते हैं खुद के पास आने से.....  दक्ष का एक-एक शब्द सुनकर जैसे प्रथा अंदर तक टूटती जा रही थी.... ।  । । ।


      वही दक्ष एक-एक करके अपनी हदें पार करता जा रहा था उसे बड़े से कमरे में प्रथा की दर्द भारी चीखे गूंज रही थी .... जिसे सुनकर किसी का भी दिल कांप जाता लेकिन दक्ष को इस वक्त प्रथा की किसी भी चीख या उसके किसी भी दर्द से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था  । । । ।


    Done । । । ।

     

    आगे क्या होगा प्रथा के साथ।।।।

    कहां गई वह बच्ची...।।।।

     
     

     

     

     

     

     

  • 11. .. - Chapter 11

    Words: 2199

    Estimated Reading Time: 14 min

    Chapter 5

    Varanasi, India....

    18 साल बाद...

    ये Varanshi के एक छोटे से गांव के एक छोटे से घर में तीन औरतें थीं। ये घर भले ही छोटा ही था, लेकिन बहुत खूबसूरत था। ये घर के आगे एक छोटा सा गार्डन था जिसमें बहुत ही खूबसूरत फूल लगे हुए थे और कई छोटे-छोटे पेड़-पौधे भी लगे हुए थे जो उस गार्डन को और भी ज़्यादा खूबसूरत बना रहे थे...।

    एक औरत ने अपने सामने खड़ी औरत की ओर देखते हुए गुस्से में कहा, "सुमित्रा जी, राधिका जी, देखिए, आपके बच्चों ने मेरे मासूम से बच्चे का क्या हाल किया... कितनी बुरी हालत कर दी है मेरे बच्चों की... कितनी बुरी तरह से मारा है... और आपके इस कुत्ते ने कितनी बुरी तरह से मेरे बेटे को पंजा मारा है...।"

    उस औरत की बात सुनकर वहां पर मौजूद वह छोटा सा प्यारा सा पप्पी भौंकने लगा... जैसे कह रहा हो, "मैं तुम्हें छोडूंगा नहीं..." जिससे वह औरत और उसका बच्चा डर गए... उस औरत के बच्चे की उम्र कुछ 20 साल होगी...।

    राधिका जी ने उस औरत की ओर देखते हुए कहा, "देखिए शालिनी जी, हमारे बच्चे ऐसे बिल्कुल नहीं हैं। ज़रूर आपके बेटे राहुल ने ही कुछ किया होगा... इसलिए शेरू ने उसको अपना पंजा मारा... वरना हमारा शेरू ऐसे ही किसी से नहीं उलझता और ना ही हमारे बच्चे ऐसा कोई काम करते हैं। आपको ज़रूर कोई ग़लतफ़हमी हुई होगी... आप अपने बेटे से पूछें कि उसने क्या किया है, वरना हमारे बच्चे तो बहुत सीधे-सादे और भोले-भाले हैं, वे कभी ऐसा कुछ नहीं करते।"

    राधिका जी की बात सुनकर शालिनी जी को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने गुस्से में कहा, "हां, सबको पता है कि सबको आपके दोनों बच्चे कितने सीधे-सादे हैं... पूरे गांव का जीना मुश्किल कर रखा है आपके बच्चों और आपके इन पालतू जानवरों ने... मेरे बेटे की ये हालत आपके बच्चों ने ही की है। बुलाए उन्हें अभी के अभी, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।"

    शालिनी जी की बात सुनकर राधिका को बहुत गुस्सा आया। वह गुस्से में कुछ कहतीं कि तभी सुमित्रा जी ने दोनों को शांत करवाते हुए कहा, "देखिए शालिनी जी, आपको ज़रूर कोई ग़लतफ़हमी हुई है। हमारे बच्चे तो कब से घर में ही हैं, वे कहीं बाहर नहीं गए हैं, तो फिर वे आपके बेटे की ऐसी हालत कैसे कर सकते हैं..."

    शालिनी जी ने गुस्से में कहा, "उन लोगों को कहीं बाहर जाने की ज़रूरत ही नहीं है। उनमें से एक का चेहरा तो किसी ने नहीं देखा और दूसरी के तो कहने ही क्या, पूरे गांव में गुंडागर्दी करता रहता है... और तीसरी के बारे में तो पूछो ही मत... वे दोनों ही एक से बढ़कर एक हैं, कोई भी कुछ कम नहीं है... ज़रूर उन दोनों ने ही इन पालतू जानवरों को मेरे बेटे के पीछे छोड़ा होगा, तभी इन्होंने मेरे बेटे की ये हालत कर दी..." शालिनी जी की बात सुनकर राधिका जी और सुमित्रा जी ने राहुल की ओर देखा, जो अपना सर झुकाए हुए खड़ा हुआ था। उसके गाल पर पंजे का निशान था और उसके हाथ पर भी पंजे का निशान था...।

    शालिनी जी की बात सुनकर शेरू फिर से भौंकने लगा। सुमित्रा जी ने शेरू की ओर देखते हुए और उसे डांटते हुए कहा, "बस, चुप हो जाओ... पहले तुम मुझे ये बताओ कि तुमने की है राहुल की ये हालत...?" सुमित्रा जी के पूछने पर शेरू बेचारे ने अपना सर झुका लिया। उसके ऐसा करने से सुमित्रा जी ने गहरी सांस ली...।

    राधिका जी ने सुमित्रा जी की ओर देखते हुए कहा, "हां, तो किया होगा, तो इसमें क्या हो गया? ये राहुल ने ही पहले कुछ किया होगा, तभी शेरू ने उसे ऐसा किया, वरना हमारा शेरू ऐसा नहीं है..."

    राधिका जी की बात सुनकर शेरू अपनी टिमटिमाती आंखों से उन दोनों की तरफ़ देखने लगा और अपनी पूंछ हिलाने लगा जैसे कह रहा हो, "मैं तो बहुत अच्छा हूं।" ऐसा करते हुए वह बहुत ही क्यूट लग रहा था...।

    सुमित्रा जी ने एक गहरी सांस ली और फिर शालिनी जी की ओर देखते हुए कहा, "शालिनी जी, मैं शेरू की तरफ़ से माफ़ी मांगती हूं... इस बार हमें माफ़ कर दीजिए। आपको आगे से शिकायत का कोई मौक़ा नहीं मिलेगा..."

    सुमित्रा जी के माफ़ी मांगने पर शालिनी जी ने अकड़ के साथ कहा, "ठीक है, ठीक है, इस बार तो मैं आपसे कुछ नहीं कह रही... लेकिन आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए..."

    शालिनी जी की बात सुनकर सुमित्रा जी ने अपना सर हां में हिला दिया। शालिनी वहां से जाने को हुई कि इसमें तभी शालिनी जी के दिमाग़ में कुछ आया। उसने सुमित्रा जी की ओर देखते हुए कहा, "वैसे सुमित्रा जी, आपकी बेटी कहां है? कहीं दिख नहीं रही... आपकी बेटी कभी-कभार ही दिखती है, तब भी उसका चेहरा ढका हुआ होता है... हम इतने सालों से एक साथ रह रहे हैं, आज तक हमने कभी उसका चेहरा भी नहीं देखा... क्या उसके चेहरे में कोई परेशानी है? अगर ऐसा है तो आप मुझे बताइए। मैं बहुत ही अच्छे डॉक्टर को जानती हूं, वे ज़रूर आपकी बेटी का इलाज करेंगे..."

    शालिनी जी की बात सुनकर राधिका जी ने उनकी तरफ़ देखते हुए थोड़े गुस्से में कहा, "हमारी बेटी को कोई परेशानी नहीं है। वह क्या है ना, हम उसका चेहरा इसलिए किसी को नहीं देखने देते, क्योंकि हम नहीं चाहते कि उसे किसी की बुरी नज़र लगे। आपको तो पता ही है, लोगों की नज़रें कितने जल्दी लगती हैं..."

    राधिका जी की बात सुनकर शालिनी जी को बहुत गुस्सा आया तभी सुमित्रा जी ने शालिनी जी को देखते हुए कहा, "वह क्या है ना, हमारी बेटी लोगों के सामने जाने से थोड़ा डरती है, इसलिए वह कम ही बाहर निकलती है और जब कभी बाहर निकलती भी है, तो अपने चेहरे पर स्कार्फ़ बांध कर निकलती है... उसे बस लोगों से थोड़ा डर लगता है, बाक़ी कोई बात नहीं है..."

    सुमित्रा जी की बात सुनकर शालिनी ने कुछ नहीं कहा। तभी उन्होंने एक बार फिर से सुमित्रा जी की ओर देखते हुए कहा, "वैसे मुझे आपसे एक ज़रूरी बात जाननी थी..."

    सुमित्रा जी ने शालिनी जी की और देखते हुए कहा, "जी, पूछिए, आपको क्या जानना है?" शालिनी जी ने राधिका की ओर देखते हुए कहा, "जी, मुझे पूछना था कि आप दोनों की उम्र क्या है? आपको देखकर लगता नहीं है कि आपके इतने 21 - 21 साल के बच्चे होंगे..." और फिर उन्होंने सुमित्रा जी की ओर देखते हुए कहा, "और आपको देखकर तो बिल्कुल ही नहीं लगता कि आपकी 18 साल की नातिन होगी..." आप तो बस उससे कुछ साल ही बड़ी लगती हैं... आप ऐसा क्या लगाती हैं... जिससे आप पर उम्र का कोई असर ही दिखाई नहीं देता...?"

    शालिनी जी की बात सुनकर राधिका जी और सुमित्रा जी ने एक नज़र एक दूसरे को दिखाई। सुमित्रा जी कुछ कहतीं कि तभी राधिका जी ने जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा, "देखिए, ये एक बहुत ही गहरा राज है। हम आपको बता सकते हैं, लेकिन सिर्फ़ एक शर्त पर बता सकते हैं कि आप किसी को ये नहीं बताएँगी..."

    राधिका जी की बात सुनकर शालिनी जी एक्साइटेड हो गई। उन्होंने जल्दी से राधिका जी की ओर देखते हुए कहा, "जीजी, हमें मंज़ूर है। आप हमें बताइए कि हमें जवान देखने के लिए क्या करना होगा? हम इसको राज ही रखेंगे।" शालिनी जी की बात सुनकर राधिका जी के चेहरे पर एक तिरछी स्माइल आ गई, वहीं सुमित्रा जी राधिका जी को ही अपनी आंखें छोटी करके देख रही थीं...।

    राधिका जी ने शालिनी जी के देखते हुए कहा, "आपको पता है, हम रोज़ खाने में नीम का जूस पीते हैं और साथ में करेले की सब्ज़ी खाते हैं... इसी वजह से हम इतने जवान दिखते हैं..."

    शालिनी जी ने राधिका जी की ओर देखते हुए और पक्का करते हुए कहा, "सच में, ऐसा करने से हम जवां हो जाते हैं?" शालिनी जी की बात सुनकर राधिका जी ने मुस्कुराते हुए अपना सर हां में हिला दिया... और, "अगर आपको और जल्दी जवान देखना है तो आपको अपने चेहरे पर गाय का गोबर लगाना होगा... उससे आप और जल्दी जवान दिखने लगेंगी..."

    राधिका जी की बात सुनकर शालिनी जी ने अपना मुंह बनाया। राधिका जी ने बहुत ही अजीब तरह का मुंह बनाते हुए कहा, "अच्छी-अच्छी गोबर..." ऐसा कहते हुए उन्होंने उल्टी जैसा रिएक्शन दिया...।

    वही राधिका जी शालिनी जी का रिएक्शन देखकर बहुत मुश्किल से अपनी हंसी को कंट्रोल कर रही थीं...।

    शालिनी जी मुंह बनाते हुए वहां से चली गईं। उन्होंने आगे चल कोई सवाल नहीं किया। उनके जाते ही राधिका जी ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगीं...।

    शालिनी जी के जाने के बाद सुमित्रा जी ने राधिका को घर कर देखा... खुद को इस तरह घूरता हुआ राधिका जी एकदम चुप हो गईं... राधिका जी ने जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा, "बच्चे हैं, कभी-कभी हो जाता है..."

    सुमित्रा जी ने गुस्से में कहा, "सब के सब बाहर आओ... वरना हमसे बड़ा कोई नहीं होगा।" सुमित्रा जी की बात सुनकर वह अचानक से एक फ्लावर पॉट गिरकर ज़मीन पर गिरा...।

    उस फ्लावर पॉट के गिरते ही राधिका जी ने अपना सर हिला दिया... तभी वहां पर एक लड़का और एक लड़की और एक छोटा सा खरगोश एक लाइन में आकर खड़े हो गए... आप महा लिए थे कि शेर, वे दो लड़कियाँ और वह छोटा सा खरगोश अपना सर झुकाए हुए खड़े थे... वह खरगोश भी बाक़ी खरगोश से थोड़ा सा अलग था। वह खरगोश ग्रीन कलर का था... और उसकी आंखें बाक़ी खरगोश से थोड़ी सी बड़ी थीं... सुमित्रा ही उन्हें गुस्से से घूर रही थी...।

    सुमित्रा जी ने उन सब की ओर देखते हुए गुस्से में कहा, "सिर्फ़ तुम दोनों आए हो, तुम्हारा वह तीसरा साथी कहां है...? तुम सबसे परेशान हो चुके हैं हम। हर दिन कोई ना कोई कारनामा करके आ जाते हो तुम सब... 2 दिन पहले ही तुमने मीनाक्षी जी की बेटी राखी को कीचड़ में गिरा दिया... और उसके पहले सविता जी के पीछे तुम लोगों ने शेरू भगा दिया, उनकी हालत कितनी ख़राब हो गई थी... वे कितना डर गई थीं, इसका अंदाज़ा भी है तुम लोगों को?"

    सुमित जी की बात सुनकर सभी ने कुछ नहीं कहा, बस अपना सर झुकाते हुए खड़े रहे... सुमित्रा जी ने उन सभी की ओर देखते हुए गुस्से में कहा, "बस, अब बहुत हो गया, मैं अभी सब कुछ और नहीं झेल सकती..."

    उनमें से उस लड़की ने हिम्मत करते हुए कहा, "नानी मां, इसमें हमारी कोई ग़लती नहीं है। उस राहुल ने पहले हमसे पंगे लिए थे। आपको पता है, उस राहुल ने क्या किया? उसने हमारी कुहू को परेशान किया... उसने हमारी कुहू को बदसूरत, बदसूरत कह कर चिढ़ाया... उसने कहा कि वो बदसूरत दिखती है, इसलिए वह हमेशा ख़ुद को ढक कर रखती है..."

    इसलिए मुझे और शेरू को उस पर बहुत गुस्सा आया, इसलिए मैंने उसे ज़ोरदार पंच मारा और शेरू ने उसे अपना पंजा मारा और फिर आदर्श भाई ने उसे धक्का दे दिया, जिससे वह सीधा ज़मीन पर जाकर गिरा। वह इसी के लायक था...।

    आदर्श ने उस लड़की की हामी भरते हुए कहा, "वाणी बिल्कुल ठीक कह रही है, नानी मां..."

    आपको पता है, हमारी कुहू को कितना बुरा लगा था उसे राहुल और उसके दोस्तों की बातें सुनकर... इसलिए हमने राहुल और उसके दोस्तों को अच्छा सबक सिखाया, अब वह कभी भी हमारी कुहू को परेशान नहीं करेंगे...।

    बानी ने उन दोनों की तरफ़ देखते हुए कहा, "मुझे तो एक बात समझ नहीं आती कि आप हमेशा उसे छुपा कर क्यों रखते हैं और उसे कभी बाहर नहीं जाने देतीं और अगर कभी बाहर जाने भी दिया तो भी उसे पूरा कवर कर देती हैं... हम चारों हमारे अलावा आज तक कुहू को किसी ने नहीं देखा।"

    बानी की बात सुनकर राधिका जी ने सुमित्रा जी को देखा, जो इस वक़्त थोड़ी परेशान लग रही थीं... राधिका जी ने बात को संभालते हुए उन दोनों की ओर देखते हुए कहा, "बहुत अच्छा किया तुम दोनों ने उन सब के साथ तो ऐसा ही होना चाहिए था, आख़िर उन्होंने हमारी कथा को परेशान जो किया था..."

    राधिका जी की बात सुनकर वाणी और आदर्श ने गहरी सांस ली। राधिका जी ने उनकी ओर देखते हुए कहा, "लेकिन अगर ऐसा फिर से हुआ, तो तुम दोनों हमें आकर बताओगे, हम दोनों उनके मां-बाप से बात करेंगे... लेकिन तुम दोनों बीच में नहीं आओगे... और अगर अगली बार ऐसा हुआ तो तुम सबको हम घर से बाहर निकलेंगे..."

    राधिका जी की बात सुनकर उन सभी ने अपना सर जल्दी से दो-तीन बार हां में हिलाया... उन दोनों ने एक साथ कहा, "हम बिल्कुल ऐसा नहीं करेंगे..." शेरू ने भी राधिका जी की ओर देखते हुए हल्की सी मिम्याया।

    उन दोनों की एक साथ खाने से सुमित्रा जी का ध्यान वापस उनकी तरफ़ गया। सुमित्रा जी ने उन दोनों की ओर देखते हुए कहा, "कथा कहां है...?"

    बानी ने सुमित्रा जी की ओर देखते हुए कहा, "कहां होगी, जंगल में, गंगा जी के किनारे बैठी हुई होगी वह... आप उसे और जाने भी कहां देते हो..."

    वाणी की बात सुनकर सुमित्रा जी ने कुछ नहीं कहा, तभी राधिका जी ने उन्हें आंखें दिखाई हुई कहा, "बस वाणी, बहुत का लिया तुमने... तुम दोनों बाहर..."

    राधिका जी की बात सुनकर वे चारों घर के बाहर चले गए...।

    Done.....

    Done...

    आख़िर कौन है वह लड़की और किससे भाग रही है वह लड़की...

    आगे क्या होगा कहानी में जाने के लिए पढ़ना है...

  • 12. .. - Chapter 12

    Words: 1361

    Estimated Reading Time: 9 min

    अब आगे । । । ।

    मुझे इस वक्त डरी सहमी रुद्राक्ष की गोद में बैठी हुई थी  नित्या धीरे-धीरे रुद्राक्ष की होठों की और बाद रही थी नित्या ने अपनी  मुलायम होठ रुद्राक्ष के साथ होठों पर रख दिए रुद्राक्ष ने  नित्या की होठों के महसूस कर उसने अपनी आंखें बंद कर ली ....... । । । ।

    नित्या जल्दी से  रुद्राक्ष के होठों को अपनी होठों से टच करके अलग होने को हुई की तभी रुद्राक्ष में उसके बालों को अपनी मुट्ठी में भरा और नित्या को डीप किस करने लगा । । । ।

    रुद्राक्ष की इस हरकत से नित्या की जान इसके हलक में आ गई ...... । । । ।

    रुद्राक्ष तो नित्या की होठों पर ऐसे टूट पड़ा था जैसे वह जन्म-जन्म का प्यासा  हो रुद्राक्ष कभी  उसके अपर लिप को शक करता तो कभी उसके लोअर लिप को सक करता  रुद्राक्ष का एक हाथ नित्या के सर पर था और दूसरे हाथ नित्या की कुर्ती के अंदर उसकी कमर पर था रुद्राक्ष नित्या की कमर को बहुत सेडक्टिव वे सहला रहा था ...... । । । ।

    नित्या रुद्राक्ष को खुद से दूर करने की कोशिश तो कर रही थी लेकिन हर बार की तरह उसकी कोशिश कामयाब नहीं हुई । । । ।

    करीब 15 मिनट तक रुद्राक्ष ऐसे ही नित्या को पैशनेट किस करता रहा 15 मिनट बाद जब रुद्राक्ष के एहसास हुआ की नित्या को सांस लेने में प्रॉब्लम हो रही तो बहुत मिट्टी आंखें होठों पर एक हलका सा बाइट करके उससे अलग हुआ ......... हालांकि उसका मन तो नहीं था नित्या से अलग होने का ...... लेकिन रुद्राक्ष से समझ गया था कि उसकी गोद में बैठी हुई वह छोटी सी लड़की अब उसे और ज्यादा नहीं झेल सकती......। । । ।

    रुद्राक्ष के अलग होते ही नित्या की सांस में सांस आई और अनजाने में ही उसका से रुद्राक्ष के सीने पर चला गया नित्या अपना सब रुद्राक्ष के सीने पर रखकर गहरी गहरी सांस ले रही थी ......…और रुद्राक्ष की बालों को सहला रहा था ..... । । । ।

    कुछ ही देखना नित्या नित्या की सांसे नॉर्मल हुई तब जाकर उसे  ये एहसास हुआ कि वह इस वक्त कैसे  अपना सर रुद्राक्ष के सीने पर रखकर सांस ले रही है यह एहसास होते हैं उसने जल्दी से अपना सब रुद्राक्ष के सीने से हटाया.....  । । । ।

    रुद्राक्ष ने नित्या की होठों को अपने अंगूठे से सहलाते हुए मैग्नेटिक वॉइस में कहां little girl you are so sweet....... आज तो मैं खाने से पहले ही मीठा खा लिया ...... इतना कहकर उसके चेहरे पर इतनी तिरछी स्माइल आ गई...... । । । ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर नित्या की आंखों में आंसू आ गए रुद्राक्ष ने जब नित्या की आंखों में आंसू देखे तो सर्द लहजे में कहा लिटिल गर्ल में तुमसे ये आपकी बात कह रहा हूं की मेरी इजाजत के बगैर तुम्हारी आंखों से एक भी आंसू बाहर नहीं निकलना चाहिए वरना तुम्हारी एक आंसू के बदले उन सभी लोगों के आंखों से खून के आंसू बहेंगे......... और उन्हें खून के आंसू रुलाने से पहले मैं एक बार भी नहीं सोचूंगा.......


    रुद्राक्ष की बात सुनकर नित्या बहुत बुरी तरह घबरा गई उसने जल्दी से अपने आंसुओं के साथ किया और खुद को ठीक किया ....... । । । ।

    नित्या ने रुद्राक्ष को देखते हुए बड़ी ही  मासूमियत से कहा आपने जैसा कहा था मैं वैसा ही किया अब तो आप उन लोगों को कुछ नहीं करेंगे ना ....... । । । ।

    नित्या की बात सुनकर रुद्राक्ष ने नित्या के बालों के कान के पीछे करते जब गहरी आवाज में कहा little girl जब तक तुम मेरी बात मानती रहोगी तब तक सब कुछ ठीक रहेगा ...... और जब जब तुम मेरी बात नहीं मानोगी तब तब तुमसे जुड़े हुए लोगों  को जीते जी नर्क के दर्शन होंगे..... । । । ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर का नित्या तक कांप गई ..... रुद्राक्ष की बर्ताव से नित्या को बहुत बुरा लग रहा था रुद्राक्ष नित्या के डर को बहुत ही अच्छी तरह महसूस कर सकता था..... नित्या को देखकर उसके चेहरे पर एक तिरछी स्माइल आ गई .......। । । ।

    वही रुद्राक्ष की अगली बात सुनकर नित्या की आंखें हैरानी से फैल गई .......। । । । 

    रुद्राक्ष ने उसकी तरफ देखते हुए गहरी आवाज में कहा little girl....... उम्मीद करता हूं कि आज का सबक तुम्हारे लिए काफी होगा उम्मीद करता हूं कि अब से मेरे खिलाफ जाने का ख्याल तुम्हारे इस छोटे से दिमाग में नहीं आएगा रुद्राक्ष ने उसके माथे को हल्का सा टैब करते हुए कहा ........ । ।   । ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर नित्या आपको कुछ समझ नहीं आया आपकी आंखें रुद्राक्ष किस बारे में बात कर रहा है नित्या ने रुद्राक्ष की ओर देखते हुए रुआंधी आवाज मैं कहा लेकिन sir हम आपके खिलाफ कब गए..... हम तो वही करते हैं जो आप हमसे कहते हैं ..... । । । ।

    नित्या की बात सुनकर रुद्राक्ष ने उसकी तरफ देखते हुए कहा ohhh really little girl तुम मेरे खिलाफ नहीं गई तो फिर तुम इस वक्त यहां क्या कर रही हो ......जब मैंने तुमसे कहा था कि हम हर दिन साथ में ही खाना खाएंगे तो फिर तुम मुझसे पहले ब्रेकफास्ट करने कैसे आ गई ....... तुम्हें क्या लगा ...... तुम्हें क्या लगा लिटिल गर्ल कि तुम इस तरह की हरकत करके खुद को मुझसे बच पाओगी...... । । । ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर तो नित्या की आंखें हैरानी से फैल गई नित्या की शक्ल तो ऐसी हो गई जैसी उसकी चोरी पकड़ी गई हो ....... । । । ।

    नित्या ने सोचा तो यही था कि वह जल्दी से ब्रेकफास्ट करके जल्दी से अपने रूम में चली जाएगी क्योंकि हर दिन ऐसे ही अपनी गोद में बिठाकर खाना खिलाएगा ...... नित्या को यह सब अच्छा नहीं लगता था इसलिए यह प्लान बनाया लेकिन उसके प्लान पर रुद्राक्ष ने पानी फेर दिया । । । ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर तो समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या कहे ..... नित्या ने रुद्राक्ष को देखकर अपनी नजरे झुका ली ..... उसने रुद्राक्ष से कुछ नहीं कहा था क्योंकि उसे डर था कि अगर रुद्राक्ष से उसने गलती से भी ऐसा वैसा कुछ कह दिया तो कहीं रुद्राक्ष को गुस्सा आना आ जाए और वह उसके दोस्तों को कोई नुकसान न पहुंचा दे ....... । । । ।

    रुद्राक्ष ने जब नित्या को ऐसे नजरे झुकते हुए देखा तो उसने एक गहरी सांस ली और फिर नित्या के माथे पर अपने होंठ रख दिए  और उसकी तरफ देखते हुए डोमिनेटिंग वॉइस में कहा मेरी तरफ देखो little girl.... । । । ।

    रुद्राक्ष के कहने पर नित्या ने अपनी नज़रें उठाकर रुद्राक्ष को दिखा तो उसकी नज़रें सीधी रुद्राक्ष  की हरी आंखों से जा मिली....... रुद्राक्ष ने उसकी तरफ देखते हुए कहा तुम्हें भूख लगी थी ना तो चलो हम ब्रेकफास्ट करते हैं...... ऐसा कहते हुए रुद्राक्ष ने नित्या को अपनी गोद में ठीक से एडजस्ट किया ...... और पराठे का एक बाइट लेकर नित्या की ओर बढ़ा दिया..... । । । ।

    नित्या ने भी बिना कुछ नहीं रुद्राक्ष के हाथों से  निवाला खा लिया  ऐसे ही रुद्राक्ष ने पूरा ब्रेकफास्ट नित्या को खिला दिया...... ब्रेकफास्ट खिलाने के बाद रुद्राक्ष ने नित्या को पानी पिलाया ...... । । । ।

    नित्या को ब्रेकफास्ट करवाने के बाद नित्या और रुद्राक्ष अपनी चेयर से खड़े हुए तभी नित्या को कुछ याद आया और उसने रुद्राक्ष की ओर देखते हुए बड़ी ही मासूमियत से कहा आप यही बैठिए हम अभी आए ....... नित्या की बात सुनकर रुद्राक्ष उसे देखने लगा  । । ।  

    नित्या किचन कि स्लैव  के पास गई और वहां से उसने एक ट्रे उठाई  और वापस रुद्राक्ष के पास आई रुद्राक्ष के पास आकर नित्या ने रुद्राक्ष से कुछ ऐसा कहा जिससे एक पल के लिए को देखते ही रह गया  । । । ।


    Done । ।  । ।

    आखिर ऐसा क्या किया रुद्राक्ष ने नित्या के साथ । । । ।

    क्या होगा रुद्राक्ष का अगला कदम । । । ।

    अब क्या करेगी नित्या । । । ।

    क्या नित्या फिर मिल पाएगी अपने दोस्तों से । । ।  ।

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  • 13. .. - Chapter 13

    Words: 1330

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब आगे । । । ।

     

    नित्या ने रुद्राक्ष की ओर देखते हुए घबराते हुए कहा  क्या आप सच में हमारे पैर तोड़ देंगे अगर आपने हमारे पैर तोड़ दिया तो फिर हम चलेंगे कैसे..... । । ।  ।

     

    नित्या की बात सुनकर उसके एक्सप्रेशन देखकर रुद्राक्ष के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ गई जो बहुत ही चल चली भी गई उसे नित्य बिना किसी एक्सप्रेशन के कहा  तुम उसकी चिंता मत करो लिटिल गर्ल मैं हूं ना मैं तुम्हें अपनी गोद में उठाकर तुम्हें जहां जाना है मैं तुम्हें वहां ले चलूंगा..... । । । ।

     

    रुद्राक्ष की बात सुनकर नित्य बहुत बुरी तरह घबरा गई उसने बड़ी मासूमियत से रुद्राक्ष की ओर देखते हुए कहा नहीं प्लीज आप हमारे पर मत तोड़िए हमें बहुत दर्द होगा.... । । । ।

    नित्या की हालत देखकर रुद्राक्ष को मजा आ रहा था लेकिन उसने यह चेहरे पर नहीं आने दिया रुद्राक्ष ने नित्या की ओर देखते हुए शख्त लहजे में कहा अगर तुम नहीं चाहती कि मैं तुम्हारे पैरों को तोड़ दूं तो आज के बाद जब भी मैं तुम्हें अपनी गोद में उठाऊं तुम मुझे रोकने की हिम्मत मत करना...... । । । ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर नित्या ने जल्दी से अपना सर हां में हिला दिया ठीक है अब आपसे कुछ नहीं कहेंगे लेकिन प्लीज आप हमें मारना मत हमें बहुत दर्द होता है जब कोई हमें मारता है यह कहते हुए उसकी आंखें नम हो गई ...... और वह धीरे-धीरे से सिसकने लगी क्योंकि उसे अब रोना आ रहा था लेकिन रुद्राक्ष के सामने वह बहुत मुश्किल से खुद को कंट्रोल किए हुए थी ..... क्योंकि रुद्राक्ष ने उसे रोने से मना किया था ...... । । । ।

    रुद्राक्ष ने जब नित्या की बात सुनी तो उसकी आंखें डार्क हो गई उसके दिमाग में अब नित्या की कही हुई बात ही चल रही थी कि जब उसने कहा था कि उसे बहुत दर्द होता है जब उसे कोई मारता है ........ । । । ।

    लेकिन जब रुद्राक्ष ने नित्या की सिसकने ने की आवाज सुनी तो उसने खुद को कंट्रोल किया और नित्य को अपने सीने से लगा लिया और उसके बालों को सहलाने लगा ...... नित्य जो अभी तक सिसक रही थी उसकी आंखों से आंसू बहने लगे शायद उसे कुछ पुरानी बातें याद आ गई ...... । । । ।

    नित्या के आंसू रुद्राक्ष की शर्ट पर जा गिरे रुद्राक्ष ने जैसे ही महसूस किया तो उसका चेहरा बेहद डार्क हो गया गुस्से में उसने अपनी मुट्ठी कश ली ....... । । ।  ।

    कुछ ही देर में नित्य रोते-रोते रुद्राक्ष के सीने से लगे हुए ही सो गई ....... रुद्राक्ष ने जब यह महसूस किया की नीति अब कोई हरकत नहीं कर रही है तो रुद्राक्ष ने नित्य को खुद से अलग किया ..... और बेड पर बहुत ही आराम से उसे सुला दिया .......

    रुद्राक्ष एक तक नित्य की मासूम से चेहरे को देख रहा था जो डर की वजह से हल्का पीला पड़ गया था और रोने की वजह से उसकी नाक लाल हो गई थी.....

    रुद्राक्ष ने नित्या की नाक पर हल्के से पिंच किया ..... और उसकी तरफ देखते हुए बहुत ही सनक भरे लहजे के साथ कहा ......you are mine little girl .. तो तुम्हारी आंखों  मेरे अलावा किसी और की वजह से आंसू कैसे आ सकते हैं तुम्हें दर्द देने का और उसे पर मलहम लगाने का हक सिर्फ मुझे है........

    और अगर किसी ने भी मुझे मेरा हक छीनने की कोशिश की..... तो उसकी जिंदगी में जीते जी नर्क से बत्तर बना दूंगा ...... इतना कहकर रुद्राक्ष ने नित्य के फोरहेड पर एक लाइट किस किया...... रुद्राक्ष अपनी जगह से उठा नित्य को देखते हुए अपनी शर्ट के बटन खोलने लगा..... रुद्राक्ष ने अपनी शर्ट उतार कर वहीं सोफे पर फेंक दी और फिर नित्या के बगल में आकर उसे अपनी बाहों में भरकर अपनी आंखें बंद कर ली कुछ ही देर में रुद्राक्ष भी नित्य को अपनी बाहों में लेकर सो गया । । ।  ।

    अगली सुबह

    रुद्राक्ष इस वक्त नित्य को अपनी बाहों में लेकर सो रहा था नित्या की पीठ इस वक्त रुद्राक्ष के सीने से लगी हुई थी रुद्राक्ष नित्य को बिल्कुल खुद से चिपक कर सो रहा था  तभी उसकी नींद खुली  तो उसने पाया की नित्य उसकी बाहों में चैन से सो रही है ..... नित्य को देखकर उसके चेहरे पर एक तरह के सेटिस्फेक्शन एक्सप्रेशन थे...... । । । ।

    रुद्राक्ष ने नित्या  की गर्दन पर किस कर लिया और फिर उसे अपनी ओर पलटा नित्या के बाद इस वक्त उसके चेहरे पर आ रहे थे ..... । । । ।

    जिससे रुद्राक्ष को नित्य का चेहरा देखने में problem हो रही थी.... उसने नित्या के बालों को उसके कान के पीछे करते हुए मैग्नेटिक वॉइस में कहा little girl बस कुछ वक्त उसके बाद मैं हमारे बीच की यह दूरियां हमेशा हमेशा के लिए मिटा दूंगा और उसके बाद तुम चाह कर भी मुझसे दूर नहीं जा पाओगी ..... क्योंकि मुझसे दूर जाने के हर एक रास्ते को मैं बंद कर दूंगा...... मेरे पास रहने के अलावा तुम्हारे पास कोई और रास्ता नहीं होगा ..... इतना कहकर रुद्राक्ष के चेहरे पर एक devil स्माइल आ गई ......। । । ।

    रुद्राक्ष बेड से उठा और सोफे पर से अपनी शर्ट उठाकर कमरे से बाहर जिम की ओर चला गया  । । । ।

    वही नित्य इस वक्त बेड पर गहरी नींद में सो रही थी इस बात से अनजान की बहुत ही ज्यादा उसकी जिंदगी पूरी तरह बदलने वाली है ...... । । ।  ।

    कुछ देर बाद रुद्राक्ष नित्य के कमरे में वापस आया उसने इस वक्त थ्री पीस बिजनेस सूट पहना था उसकी शर्ट के ऊपर के दो बटन खुले हुए थे जिसमें उसकी मस्कुलर चेस्ट काफी विजिबल हो रही थी ....... । । । । 

    रुद्राक्ष जैसे ही कमरे में आया तो उसकी आंखें सर्द हो गई उसने सामने पाया की नित्य एकदम बेड के किनारे पर सोई हुई है तभी उसने एक करवट ली वह बेड से गिर पाती कि तभी संभाल लिया और आराम से बेड पर लेटा दिया ..... रुद्राक्ष अपनी कर देखो से नित्य को ही देख रहा था ..... । । । ।

    रुद्राक्ष ने नित्या की ओर देखते हुए सर्द लहजे में कहा स्टुपिड लिटिल गर्ल..... .किसी भी चीज का जरा भी होश नहीं है अभी बेड से गिर जाती तो चोट आ जाती ....  । । । ।

    रुद्राक्ष में नित्य की ओर देखते हुए और उसके गालों को सहलाते हुए कहा wake up little girl..... देखो सुबह हो गई है ..... लेकिन नित्य तो इस वक्त गहरी नींद में सो रही थी रुद्राक्ष के गालों को सहला रहा था जिससे नित्य को अपने चेहरे पर कुछ राहत हुआ सा महसूस हुआ नित्या ने नींद नहीं करवट बदल दी ...... । । । ।

    रुद्राक्ष ने जब नित्या को करवट बदलते हुए देखा तो उसकी आंखें छोटी हो गई उसने दोबारा में क्या की ओर देखते हुए सख्त लहजे में कहा लिटिल गर्ल वरना फिर मैं तुम्हें अपने तरीके से उठाऊंगा...... हो सकता है मेरा तरीका तुम्हें पसंद ना आए इसलिए तुम्हारे लिए यही अच्छा होगा कि तुम उठ जाओ । । । ।

    नित्य जो इस वक्त नींद में थी रुद्राक्ष की आवाज सुनकर वह अपने होश में आई और उसने जल्दी से अपनी आंखें खोली और वह हर बड़ा के उठ गई और उसने घबराते हुए कहा नहीं नहीं कुछ मत कीजिए हम उठ गए ...... बेचारी नित्य को रुद्राक्ष से इतना डरी हुई थी कि नींद में भी उसकी आवाज सुनकर घबरा गई ....... । । । । .

    बही रुद्राक्ष की अगली बात सुनकर नित्य अंदर तक से सहम गई.... । । । ।






    Done । ।  । ।

    आखिर ऐसा क्या किया रुद्राक्ष ने नित्य के साथ । । । ।

    क्या होगा रुद्राक्ष का अगला कदम । । । ।

    अब क्या करेगी नित्य । । । ।

    क्या नित्य फिर मिल पाएगी अपने दोस्तों से । । ।  ।

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  • 14. .. - Chapter 14

    Words: 1654

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब आगे । । । । 

    नित्या ने जब रुद्राक्ष की ओर देखा तो उसने पाया कि रुद्राक्ष बहुत ही अजीब तरह से उसे देख रहा है नित्या रुद्राक्ष की आंखों में ज्यादा देर तक नहीं देख पाई और वह इधर-उधर देखने लगी ..... । । ।  ।

    रुद्राक्ष में नित्या की चिन पकड़कर उसका चेहरा अपनी ओर किया और उसकी तरफ देखते हुए सर्द लहजे में कहा क्या कर रहे थी तुम लिटिल girl..... तुम्हें पता भी है अभी अगर मैं सही वक्त पर नहीं आता तो तुम बेड से नीचे गिर जाती तुम्हें पता भी है तुम्हें कितनी चोट लग सकती थी ...... । । । ।

    रुद्राक्ष का इतना सर्द लहजा सुनकर नित्या घबरा गई और उसने रुद्राक्ष की ओर देखते हुए बड़ी मासूमियत से कहा हम गहरी नींद में थे इसलिए हमें पता नहीं चला ..... यह सब बस ऐसे ही अनजाने में हो गया ...... । । । ।

    नित्या की बात सुनकर रुद्राक्ष की पकड़ उसकी चिन पर कश गई जिससे नित्या सिसक उठी रुद्राक्ष ने नित्या की ओर देखते हुए सख्त लहजे में कहा यह सब तुमसे बस अनजाने में हो गया लिटिल गर्ल..... hmmmm.... । । ।  ।

    एक बात ध्यान से सुन लो लिटिल गर्ल  तुम पर मेरा हक है तुम मेरी हो और जो मेरा होता है मैं उस पर किसी भी तरह की कोई भी आंच बर्दाश्त नहीं कर सकता ..... । । । ।

    तो तुम्हारे लिए अच्छा यही होगा की तुम अपना ख्याल रखो और खुद को लेकर कोई भी लापरवाही ना बरतो ......अनजाने में भी तुम पर कोई आंच ना आए वरना .....ना ये तुम्हारे लिए अच्छा होगा और ना ही तुमसे जुड़े हुए लोगों के लिए ....... समझ गई ...... । । । ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर नित्या अंदर तक सहम गई और उसने डरते हुए रुद्राक्ष की ओर देखते हुए कहा .....हां हम समझ गए...... । । । ।

    नित्या की बात सुनकर रुद्राक्ष ने उसके गालों को थपथपाते हुए कहा good little girl...... अब जाओ जल्दी से रेडी हो जाओ मैं नीचे तुम्हारा ब्रेकफास्ट पर इंतजार कर रहा हूं ..... इतना कहकर रुद्राक्ष कमरे से बाहर चला गया । । । ।

    रुद्राक्ष के जाने के बाद नित्या ने रुआंधी आवाज में कहा हमें जल्द से जल्द कैसे भी करके यहां से निकलना होगा की... ये बहुत खतरनाक है अगर इन्होंने हमारे दोस्तों को कुछ कर दिया तो ..... नहीं नहीं हम ऐसा नहीं होने देंगे हमे कैसे भी करके  यहां से निकलना ही होगा ....... और अपने दोस्तों को भी बचना होगा । । । । 

    नित्या कुछ देर बाद वॉशरूम गई और रेडी होकर ब्रेकफास्ट करने नीचे चली गई उसने इस वक्त पिंक कलर की फ्रॉक कुर्ती और नीचे वाइट कलर का प्लाजो पहना हुआ था और साथ में उसने दुपट्टा भी लिया हुआ था नित्या ने मेकअप नहीं किया था क्योंकि वह बिना मेकअप की ही काफी खूबसूरत लगती थी ....... । । । ।

    नित्या नीचे आई और डायनिंग एरिया की और चली गई आज पीयूष और अभय भी आए थे रुद्राक्ष अपनी हेड चेयर पर बैठकर अपने फोन में कुछ कर रहा था .... अभय और पीयूष को देखकर नित्या  के दिल में उम्मीद जागी भले ही अभय ने उस दिन नित्या की मदद न की हो ..... लेकिन नित्या को लगा कि वह उन दोनों को अपनी मदद के लिए मना सकती है ...... । । । ।

    नित्या की नजर इस वक्त रुद्राक्ष पर नही पड़ी थी नित्या अभय और पीयूष के पास जाने को हुई कि तभी उसे वहां पर रुद्राक्ष की रौबदार आवाज सुनाई दी.... । । । ।

    रुद्राक्ष इस वक्त अपने फोन पर कुछ देख रहा था उसने बिना नित्या की ओर देखे हुए कहा little girl मेरे पास आकर बैठो ..... । । । ।

    नित्या जो अभय और पीयूष की ओर जा रही थी रुद्राक्ष की आवाज सुनकर उसके कदम वहीं रुक गए उसने अपना सर घुमा कर देखा तो रुद्राक्ष अपनी हेड चेयर पर बैठा हुआ था और फोन में कुछ देख रहा था ..... । । ।  ।

    अभय और पीयूष ने नित्या को देख लिया था लेकिन उन्होंने नित्या को देखकर भी अनदेखा कर दिया ..... क्योंकि अभय और पीयूष किसी भी तरह से रुद्राक्ष को गुस्सा नहीं दिलाना चाहते थे .... अभय और पीयूष को तो आदत थी रुद्राक्ष की पनिशमेंट कुछ झेलने की लेकिन उन्हें डर था तो सिर्फ नित्या के लिए....... । । ।  ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर नित्या उसके पास चली गई और उसकी side वाली कुर्सी पर जाकर बैठ गई .....। । । ।

    वही रुद्राक्ष की अगली हरकत देखकर अभय और पीयूष आंखें फाड़े रुद्राक्ष को देखने लगे....... । । । ।


    रुद्राक्ष ने नित्या की प्लेट में खाना सर्व किया और फिर स्पून लेकर नित्या की और बढ़ा दी रुद्राक्ष को देखकर तो अभय और पीयूष को तो जैसे बिजली का बहुत बड़ा झटका लग गया हो  । । । ।

    अभय और पीयूष दोनों ही नित्या और रुद्राक्ष को आंखें फाड़े देखने लगे ..... । । । ।

    नित्या ने जब रुद्राक्ष को ऐसा करते हुए देखा तो वह भी हैरान रह गई क्योंकि इस वक्त अभय और पीयूष भी वहीं बैठे हुए थे नित्या ने अपने आसपास देखा तो सर्वेंट्स अपना सर झुकाए खड़े हुए थे लेकिन अभय और पीयूष तो उन्हें ही देख रहे थे जिससे नित्या को इस वक्त बहुत ही शर्म आ रही थी....... । । । ।

    नित्या ने बहुत ही धीरे से और अपनी मीठी से आवाज में रुद्राक्ष की ओर देखते हुए कहा सर आप अपना ब्रेकफास्ट कर लीजिए हम खुद खा लेंगे....... । । । ।

    नित्या की बात सुनकर रुद्राक्ष ने उसकी तरफ देखते मैगनेटिक वॉइस में कहा लिटिल गर्ल खाना तो तुम्हें मेरे हाथों से ही पड़ेगा तुम चाहो या ना चाहो ...... और अगर तुमने के ब्रेकफास्ट नहीं किया तो फिर पनिशमेंट के लिए तैयार हो जाओ और  यकीन मानो तुम्हें पनिशमेंट देने में मुझे बहुत ही मजा आएगा ....... इतना कहकर उसने अपनी एक आई बविंक कर दी .......। । । ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर नित्या घबरा गई और उसने डर से अपना सलाइवा गटका .... ना चाहते हुए भी उसे रुद्राक्ष के हाथों से ब्रेकफास्ट करना पड़ा ..... कुछ ही देर में रुद्राक्ष ने नित्या को ब्रेकफास्ट करवा दिया और फिर रुद्राक्ष ने अपने ब्रेकफास्ट की ओर इशारा किया नित्या समझ गई की रुद्राक्ष करवाने के लिए बोल रहा है इसलिए उसने रुद्राक्ष की ओर स्पून बढ़ा दी ...... । । । ।

    कुछ ही देखने नित्या ने भी  रुद्राक्ष को ब्रेकफास्ट करवा दिया ...... रुद्राक्ष में नित्या की ओर देखते हुए और उसे आर्डर देते हुए कहा little girl अपने रूम में जाओ..….। । । ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर नित्या ने अपना सर हिला दिया और फिर अपने रूम की ओर चली गई ......

    रुद्राक्ष अपने स्टडी रूम में चला गया......

    अभय और पीयूष इस वक्त गार्डन में खड़े हुए थे पीयूष ने अभय की ओर देखते हुए कहा अभय मुझे तो यकीन ही नहीं हुआ कि मैंने जो देखा वह सच है या सपना प्रेसिडेंट ने खुद नित्य को खाना सर्व ही नहीं किया बल्कि उसे अपने हाथों से भी खिलाया.....

    पीयूष की बात सुनकर अभय ने उसकी तरफ देखते हुए कहा यार पियूष यकीन तो मुझे भी नहीं हो रहा है प्रेसिडेंट ने तो आज तक किसी लड़की के लिए एक गिलास पानी भी नहीं दिया और यहां को नित्या को अपने हाथों से खाना खिला रहे हैं.... । । । ।

    लेकिन मुझे डर लग रहा है पीयूष उस दिन मैंने नित्य को देखा था वह बहुत ज्यादा रो रही थी और बहुत ज्यादा डरी हुई भी थीं ....... मुझे बार-बार मदद करने के लिए कह रही थी ........और अब भी उसके चेहरे को देखकर साफ लग रहा है कि वह अभी भी बहुत ज्यादा डरी और घबराई हुई है आज वह हमारी तरफ आ रही थी उसके चेहरे को देखकर साफ लग रहा था कि उसे हमसे बात करनी है लेकिन प्रेसिडेंट की आवाज सुनकर वह वहीं रुक गई ...... । । । ।

    अभय की बात सुनकर पीयूष ने उसकी तरफ देखते हुए कहा यार मुझे तो समझ नहीं आ रहा की प्रेसिडेंट नित्या के साथ यह सब क्यों कर रहे हैं वह तो उनके टाइप की भी नहीं है वह तो बहुत ज्यादा मासूम और भोली भाली लड़की है...... । । । ।

    प्रेसिडेंट की पीछे तो एक से बढ़कर एक एक्ट्रेस और मॉडल पड़ी हुई है लड़कियां तो प्रेसिडेंट के पीछे पागल है  लेकिन प्रेसिडेंट उनमें से किसी को भाव नहीं देते ..... और यह नित्या को जबरदस्ती अपने साथ रखे हुए है ...... जबकि नित्य तो उनके साथ रहना भी नहीं चाहती ...... मुझे नित्या की बहुत फिक्र हो रही है  अभय ...... । । । ।

    पीयूष की बात सुनकर अभय ने उसकी ओर देखते हुए कहा चिंता तो मुझे भी नित्या की हो रही है वह इन सब बातों के लिए बहुत छोटी और मासूम है है उसे तो कुछ भी समझ नहीं आ रहा होगा कि प्रेसिडेंट ने उसे यहां क्यों रखा हुआ है ...... हम चाह कर भी नित्या की कोई मदद नहीं कर सकते क्योंकि हम प्रेसिडेंट के खिलाफ नहीं जा सकते.... किसी भी हाल में नहीं जा सकते । । । ।

    अभय की बात सुनकर पीयूष ने अपना सर हां  में हिला दिया और कहा तुम सही कह रहे हो अभय हम तो सिर्फ प्रार्थना कर सकते हैं की नित्य इन सब चीजों को बहुत ही अच्छी तरह से हैंडल करे .... और प्रेसिडेंट के खिलाफ जाने की कोशिश तो बिल्कुल भी ना करें...... नहीं तो हालत बहुत ज्यादा बिगड़ जाएंगे । । । ।

    पीयूष की बात सुनकर अभय ने कुछ नहीं कहा बस अपना सर हिला दिया । । । ।

    Done । ।  । ।

    । । । ।

    क्या होगा रुद्राक्ष का अगला कदम । । । ।

    अब क्या करेगी नित्य । । । ।

    क्या नित्य फिर मिल पाएगी अपने दोस्तों से । । ।  ।

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  • 15. .. - Chapter 15

    Words: 1409

    Estimated Reading Time: 9 min

    अब आगे ..... । । । ।

    शाम का वक्त था रुद्राक्ष इस वक्त अपने स्टडी रूम में था और नित्या अपने रूम में थी लेकिन इस वक्त पेंटिंग कर रही थी पेंटिंग लगभग कंप्लीट होने वाली थी कुछ ही देर में नित्या की पेंटिंग कंप्लीट हो गई ....

    उस पेंटिंग को देखकर नित्या के चेहरे पर एक हल्की सी स्माइल आ गई रूम में नित्या कई साड़ी पेंटिंग्स रखी हुई थी जो उसने यहां रहकर बनाई थी ..... तुम सारी पेंटिंग्स में कुदरत की खूबसूरती को नित्या ने बहुत ही अच्छी तरह से दर्शाया था..... । । । ।

    नित्या ने पेंटिंग को देखते हुए मीठी सी आवाज में कहा चलो हमारी पेंटिंग को कंप्लीट हो गई.....लेकिन  अब हम क्या करें...... इतने दिन हो गए हैं sir के डर की वजह से हम इस घर से बाहर ही नहीं निकले हैं ..... पता नहीं sir कब किस चीज पर गुस्सा आ जाए...... लेकिन हम कब तक ऐसे यहां रहेंगे...... हमें हिम्मत करनी होगी ...... । । ।  ।

    एक काम करते हैं बाहर ताजी हवा में जाकर घूमते हैं.... हमें थोड़ा अच्छा लगेगा और फिर वही जाकर सोचते हैं कि आगे क्या करना है ....... इतना कहकर वह अपने रूम से बाहर चली गई ...... । । । ।

    नित्या आसपास देखकर जा रही थी नित्या अधिकतर कमरे में ही रहती थी..... क्योंकि नित्या को रुद्राक्ष से डर लगता था  लेकिन आज नित्या ने अपना मन बना लिया था कि वह आज विला के बाहर जाएगी ...... । । । ।

    नित्या villa से बाहर जाने को हुई कि तभी  उसे अपने सामने गेट के बाहर गार्ड्स दिखाई दिए  ..... उसने उन guards को देखकर पप्पी फेस बनाया .... और बहुत ही मासूमियत से कहा अरे हम तो भूल ही गए थे कि यहां सर के पहरेदारों की फौज खड़ी हुई है ....... । । । ।

    इन गार्डस को तो देखकर ही लगता है यह लोग कितने खतरनाक होंगे ..... इतना कहकर उसने अपना सर हिलाया और फिर विला से बाहर जाने को हुई कि तभी उन guards ने नित्या ा का रास्ता रोक लिया ..... । । । ।

    उन गार्ड्स को अपना रास्ता रोकते हुए देख कर नित्या ने अपनी मीठी  आवाज में कहा क्या हुआ.... आप लोग ऐसे बीच में क्यों खड़े हुए हैं और आपने हमारा रास्ता क्यों रोका हुआ है हमें जाने दीजिए ..... हमें बाहर जाना है गार्डन में ..... । । । ।

    जिन गार्ड्स ने नित्या का रास्ता रोका था उन में से एक गार्ड ने है अपना सर झुकाते हुए कहा sorry mam हम आपको बाहर नहीं जाने दे सकते .... प्रेसिडेंट के ऑर्डर है  की आपको बिला  से बाहर न जाने दिया ..... इसलिए आप बाहर नहीं जा सकती..... । । । ।

    उन गार्ड्स की बात सुनकर नित्या हैरान रह गई नित्या ने उन guards की ओर देखते हुए कहां देखिए हमें बाहर जाना है और हम जाकर रहेंगे इतना कहकर उसने एक कदम आगे बढ़ाया की तभी नित्या के सामने 5 से 6 गार्ड्स आकर खड़े हो गए..... । । । ।

    नित्या ने उन गार्ड्स को देखकर घबरा गई लेकिन उसने अपनी घबराहट को छुपाते हुए उनका आज की वह देखते हुए कहा देखिए हमारे रास्ते से हट जाइए हमें बाहर जाना है.... । । । ।

    लेकिन नित्या की बात का उन गॉड्स पर कोई असर नहीं हुआ उनमें से एक गार्ड बोल देखिए मैं  मैंने कहा ना आप बाहर नहीं जा सकती.... अगर आपको बाहर जाना है तो आपको प्रेसिडेंट की परमिशन लेनी होगी .... उसी के बाद आप बाहर जा सकते हैं..... अगर आपने परमिशन नहीं ली तो आप बाहर नहीं जा सकती ...... । । । ।

    उन गार्ड्स को देखकर नित्या   इतना तो समझ गई की उन guards से कहने का कोई भी मतलब नहीं है..... लेकिन आज नित्या को आज बाहर जाना ही था वह इतने दिनों से बस उस विला में ही थी कहीं बाहर नहीं गई थी ..... नित्या ने मन ही मन कहा यह लोग हमें ऐसे नहीं जाने देंगे हमें सर से बात करनी ही होगी ...... नित्या ने उन guards  की ओर देखते हुए कहा ..... ठीक है हम sir की परमिशन लेकर आते है .... इतना कहकर वह वापस अंदर चली गई । । । 



    नित्या रुद्राक्ष के स्टडी रूम की ओर जा रही थी उसने धीरे से ही खुद से ही कहा हे महादेव पता नहीं हम यहां से कैसे निकालेंगे .....हमारा तो विला से बाहर निकलना ही मुश्किल हो रहा है ..... पता नहीं हम यहां से कैसे यहां से भागेंगे..…. यहां तो चारों तरफ पहेरे है .... हमें तो कुछ समझ नहीं आ रहा प्लीज महादेव हमारी मदद कीजिए.... इतना कहकर उसने अपने कदम रुद्राक्ष के स्टडी रूम की ओर बड़ा दिए..... । । । ।

    वही रुद्राक्ष इस वक्त अपने स्टडी रूम मे अपनी  चेयर पर अपने एक पैर पर पैर रखकर बहुत ही एरोगेंट स्टाइल में बैठा हुआ था वह अपनी एक हाथ से पेपर वेट मार रहा था और उसके एक हाथ में फाइल थी उसके सामने अभय और पीयूष खड़े हुए थे..... । । । ।

    पीयूष ने रुद्राक्ष की ओर देखते हुए कहा.... president आज मिस्टर मल्होत्रा और उनके साथ कुछ बिजनेस एसोसिएट्स के साथ आज 7 बजे आपकी मीटिंग है वह हमारे साथ कुछ नए प्रॉजेक्ट स्टार्ट करना चाहते हैं .... मीटिंग होटल में है ... और..... इससे आगे पीयूष कुछ कह पाता की ....तभी .... रुद्राक्ष ने पीयूष की बात को बीच में ही रोकते हुए कहा अपनी आर्डर देते हुए कहा पीयूष मीटिंग होटल में नहीं यही होगी उन्हें विला में बुला लो  ...... । । । ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर अभय और पीयूष दोनों ही हैरान हो गए..... अभय और पीयूष को कुछ ना बोलते हुए देखकर रुद्राक्ष में उनकी ओर देखा..... रुद्राक्ष के ऐसे देखने से अभय और पीयूष हड़बड़ा गए .... और उन्होंने जल्दी खुद को संभाला और पीयूष ने रुद्राक्ष की ओर देखते हुए कहा yes yes...प्रेसिडेंट.... । । । ।

    वह तीनों बात कर ही रहे थे कि तभी रूम का दरवाजा knock होता है .... जिससे रुद्राक्ष के एक्सप्रेशन शख्त हो जाते हैं .... बही अभय और पीयूष अपना सर हिला देते हैं अभय में अपने मन में कहा लगता है उस बेचारे की मौत आई है जिसने प्रेसिडेंट को डिस्टर्ब किया..... पीयूष ने बहुत ही धीरे से कहा अभय जिसने भी इस वक्त प्रेसिडेंट को डिस्टर्ब किया है वह तो गया.... । । । ।

    पीयूष की बात सुनकर अभय अपना सर हिला देता है ... वही आवाज को सुनकर रुद्राक्ष बिना दरवाजे की ओर देखते हुए सर्द लहजे में कहा लगता है तुम लोग भूल गए हो कि जब कोई मुझे मेरे काम में डिस्टर्ब करता है तो मैं उनका..... इससे आगे रुद्राक्ष कुछ का पाता की तभी  रुद्राक्ष की नजर दरवाजे पर पड़ी जहां नित्या खड़ी थी ..... नित्या को देखकर रुद्राक्ष अपने आप ही शांत हो गया...... । । । ।

    अभय और पीयूष ने जब रुद्राक्ष को ऐसे ही बीच में रुकते हुए सुन तो उन्होंने भी दरवाजे की ओर देखा तो पाया कि दरवाजे पर नित्या डरी सहमी खड़ी हुई है.... । । । ।

    वही रुद्राक्ष की इतनी सर्द लहजा सुनकर नित्या डर गई थी .... उसने डरते हुए रुद्राक्ष से कहा हमें माफ कर दीजिए हम  गलती से यहां आ गए...... इतना कहकर वह जल्दी से वहां से जाने को हुई कि तभी रुद्राक्ष ने अपनी रौबदार आवाज में नित्या की ओर देखते हुए कहा stop little girl .... । । । ।

    रुद्राक्ष की इतनी रौबदार आवाज सुनकर नित्या वहीं रुक गई.... उसकी हिम्मत नहीं हुई कि वह अपना एक भी कदम आगे बढ़ पाए.... नित्या में घबराते हुए कहा ....हम सच कर रहे है हम तो बस घर को देख रहे थे गलती से यहां आ गए ..... अब हम जानबूझ कर आपको डिस्टर्ब नहीं किया.....  । । । ।

    रुद्राक्ष ने अभय और पीयूष को वहां से जाने का इशारा किया रुद्राक्ष का इशारा पाकर अभय और पीयूष वहां से चले गए...... । । । ।

    वही रुद्राक्ष की अगली हरकत से नित्या डर गई.. । । । ।

    Done । ।  । ।

    । । । ।

    क्या होगा रुद्राक्ष का अगला कदम । । । ।

    अब क्या करेगी नित्या । । । ।

    क्या नित्या फिर मिल पाएगी अपने दोस्तों से । । ।  ।

    जानने के लिए पढ़ते रहिए  his dark addiction । । । ।

    Hello friends । ।  🙂 ☺️ । । 

    Pls do like, share and review the novel and share your opinion in comment box.।

  • 16. .. - Chapter 16

    Words: 2008

    Estimated Reading Time: 13 min

    अब आगे । । 

    किंग एक तक सिया  को अपनी जुनून भरी निगाहों से देख रहा था तभी उसकी नज़रें सिया के होठों पर जा टिकी सिया के होठों को देखकर उसका गला सूखने लगा उसने अपनी नज़रें उसे पर से हटाने की कोशिश की

    लेकिन इसमें वह नाकामयाब रहा जब उसे रहा नहीं गया तो वह सिया की ऊपर झुका और और अपने शख्त होठों के बीच उसके मुलायम होठो को दवा लिया वह उसे बहुत ही सॉफ्टली किस कर रहा था वह कभी उसके upper lip को सक करता तो कभी उसके लोअर लिप को lick करता 

    वह ऐसे ही सिया को 20 मिनट तक किस करता रहा जिससे सिया को सांस ना आने की वजह से बेहोशी में ही कसमसाने लगी खाने जब उसने देखा सिया को सांस नहीं आ रही है तो ना चाहते हुए भी उसे सिया को छोड़ना पड़ा 

    King ने सिया के होठों को अपने अंगूठे से रब करते मैं तुम्हारे जितने करीब आता हूं तुम्हारे लिए मेरी डिजायर उतनी ही बढ़ती जाती है
    मन तो करता है कि मैं तुम्हें बहुत ही अच्छे से अपने जुनून से रूबरू करवाऊ लेकिन  उसमें अभी वक्त है इतना कहकर उसने सिया के माथे पर एक लाइट किसकी है और वहां से बाहर चला गया जहां पर श्रुति और डॉक्टर की टीम उसका इंतजार कर रही थी

    बाहर आते हैं इसमें डॉक्टर की टीम से कहा उसे होश में लाइए और उसकी डिस्चार्ज की तैयारी कीजिए किंग की बात सुनकर डॉक्टर ने अपना सर हा में हिला दिया और फिर का डॉक्टर सिया के वार्ड में चले गए

    किंग ने श्रुति की ओर देखते हुए अपनी भारी आवाज में कहा तुम्हें पता है तुम्हें क्या करना है

    किंग की बात सुनकर श्रुति ने कहा जी किंग अपने जैसा कहा है वैसा ही होगा 

    श्रुति की बात सुनकर किंग ने उसे जाने का इशारा किया और खुद भी बहा से चला गया

    वही श्रुति सिया के साथ थी और सिया को अब धीरे-धीरे होश आने लगा था । । ।

    सिया ने अपनी आंखें धीरे-धीरे खोली तो उसके सामने फिर से वही रूम था जिसे देखकर वह घबरा गई और दोबारा उसकी आंखों से आंसू बहने  उसने अपने सामने श्रुति को बैठा हुआ देखा तो वह बेड से उठने लगी   और बेड से ही पीछे खिसकने लगी । । ।

    श्रुति ने जब सिया को ऐसे देखा तो वह समझ गई कि इस वक्त सिया बहुत डरी हुई है श्रुति ने उसे समझाते हुए कहा देखिए आप डरिए मत शांत हो जाइए आप यहां सेफ हैं  । । ।

    सिया ने जब श्रुति की बात सुनी तो उसने हकलाते हुए कहा आप कौन हैं और हम यहां कैसे आए .. कौन लेकर आया है हमें यहां हम तो बो.. वह कल वह पार्टी ...इतना कहकर वह रुक गई और जोर-जोर से रोने लगी उसने रोते हुए कहा बो बो लोग हमे... हमें ...इससे आगे वह कुछ नहीं कह पाई

    श्रुति से उसका रोना देखा नहीं गया और उसने उसे गले लगा लिया और उसकी पीठ को सहलाते हुए कहा देखिए आप रोइए मत... अब आप safe हैं ... आप शांत हो जाइए अब कोई भी बुरी नजर नहीं डालेगा और .....फिर अपने मन में सोचते कहां क्योंकि अगर आप पर किसी ने भी नजर डाली तो किंग उसकी आंखें निकाल लेंगे ऐसा सोते हुए उसने एक गहरी शास्त्री और सिया को शांत करवाने लगी । । ।

    लेकिन कोई था जिससे श्रुति का सिया को गले लगाना पसंद नहीं आया और कोई और नहीं बल्कि किंग था जो सिया और श्रुति को अपनी गुस्से से लाल आंखों से देख रहा था उससे यह जरा भी पसंद नहीं आ रहा था  की सिया किसी और के  इतनी करीब है । । ।

    कुछ देर तक सिया ऐसे ही रोती रही और श्रुति उसकी पीठ को सहलाती रही कुछ देर बाद जब सिया का रोना तो थोड़ा कम हुआ तो श्रुति ने उसे खुद से अलग किया सिया अब भी सिसक रही थी और उसने सिसकते हुए कहा हम यहां कैसे आए कौन लेकर आया है हमें यहां । । ।

    श्रुति ने सिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा आपके यहां किंग लेकर आए हैं उन्ही ने आपकी जान बचाई है कल रात उन लोगों से .... आप की हालत ठीक नहीं थी इसलिए उन्होंने आपको हॉस्पिटल में एडमिट करवा दिया ताकि आपका ट्रीटमेंट अच्छे से हो सके  । । ।

    श्रुति का जवाब सुनकर सिया उसे हैरानी से देखने लगी और उसने हैरान होते हुए पूछा... किंग ने लेकिन हम तो ऐसे किसी भी शख्स को नहीं जानते और क्या आपके किंग हमें जानते हैं  । । ।



    सिया का सवाल सुनकर श्रुति एक पल में सोच में पड़ गई फिर  हल्का से मुस्कुराई और कहा कल रात आपने जिससे अपने मदद मांगी थी उस पार्टी में वही हमारे किंग है और उन्होंने ही आपकी जान बचाई है  और आज  आप उन्ही से टकराई थी । । ।

    श्रुति की बात सुनकर सिया ने अपनी नम आंखों से उसकी तरफ देखते हुए कहा क्या हम उनसे मिल सकते हैं हमें उन्हें थैंक यू बोलना था उन्होंने हम पर जो एहसान किया है उसे हम जिंदगी भर नहीं भूल पाएंगे उसके लिए हम जिंदगी भर उनके एहसानमंद रहेंगे  । । ।

    सिया की बात सुनकर श्रुति ने उससे कहा ... नहीं अभी हमारे किंग किसी जरूरी मीटिंग के लिए गए हैं आप उनसे अभी नहीं मिल सकती लेकिन वह बहुत जल्द आपसे मिलेंगे । । ।

    श्रुति की बात सुनकर सिया ने अपना ने अपना सर हिला दिया । । ।

    वही किंग जो यह सब देख रहा था उसने बहुत ही मिस्टीरियस लहजे में कहा.... हम  जल्द ही मिलेंगे जान लेकिन उससे पहले मुझसे दूर जाने की तुम्हें सजा भी तो देनी है तुमने जाने अनजाने में बहुत सी गलतियां की है
    तो उसकी सजा भी मिलना चाहिए ताकि आगे से तुमसे गलटी से भी कोई गलटी  ना हो ये कह कर उसके चहरे पर बहुत ही मिस्टीरियस एक्सप्रेशन आ गए

    वहीं श्रुति सिया की तरफ देखते हुए कहती है वैसे आपका नाम क्या है और आप कहां से हैं  श्रुति और किंग को तो पहले से ही उसके बारे में सब कुछ पता चल गया था क्योंकि आर्यन ने पहले ही उसकी सारी इनफार्मेशन निकाल ली थी लेकिन वह बस सिया से फॉर्मली यह सब पूछ रही थी

    श्रुति के सवाल पर सिया ने अपनी मीठी आवाज में कहा हमारा नाम सिया शर्मा है और हम भोपाल से हैं हम कल ही अपने चाचा चाची के साथ मुंबई आए थे और फिर वह पार्टी और वह लोग इतना कहकर वह चुप हो गई और उसकी आंखों से एक कतरा आंसू का बह गया । । ।

    श्रुति ने जब सिया को रोते हुए देखा तो उसे समझाते हुए बोली देखिए आप रोइए मत । शांत हो जाइये अब वह लोग आपको परेशान नहीं करेंगे और फिर mysterious way में कहा …... अब आप किंग के साम्राज्य में है तो अब आप तक कोई नहीं पहुंच पाएगा और न ही कोई भी आपको चोट पहुंचा पाएगा फिर अपने मन में सिवाय king के । । । ।

    सिया ने जब श्रुति की बात सुनी तो उसने अपने आंसुओं को पूछते हुए कहा आप लोगों का बहुत-बहुत शुक्रिया कि आपने हमें उन लोगों से बचाया लेकिन अब हम ठीक हैं और  हम किसी पर बोझ नहीं बनना चाहते । ।   ।

    हम यहां से अभी चले जाएंगे और बहुत दूर चले जाएंगे जहां से वह लोग हमें कभी नहीं ढूंढ पाएंगे इतना कहकर वह बेड से उठने लगी तभी श्रुति ने उसे रोकते हुए बोला आप यहां से कहीं नहीं जा सकती । । ।

    श्रुति की बात सुनकर सिया ने उसे सवालिया नजरों से देखा तो श्रुति ने अपनी बात को पूरी करते हुए कहा किंग ने आपकी मदद करने के लिए उन लोगों को 50 करोड रुपए दिए हैं ताकि वह लोग आपको छोड़ दे अगर आप यहां से जाना चाहते हैं तो आपको को वह 50 करोड रुपए वापस करने होंगे  । । ।

    हालांकि 50 करोड रुपए किंग के लिए कोई बड़ी बात नहीं थी और ना ही उसने 50 करोड रुपए दिए थे बल्कि उसने तो डैनी और उन लोगों को नरक भेज दिया था  । । ।

    श्रुति के मुंह से 50 करोड़ की बात सुनकर सिया तो बहुत ही ज्यादा घबरा गई उसने हकलाते हुए बोला... क ..क्या 50 करोड़ । । ।

    सिया की बात सुनकर श्रुति ने अपना सर हां में हीला दिया । । 

    सिया अपना सर झुकाते हुए बोली लेकिन हमने तो नहीं कहा था उन्हें पैसे देने के लिए । । ।

    सिया के पास सुनकर श्रुति ने उसकी तरफ देखते हुए कहा लेकिन आपने उनसे मदद की गुहार लगाई थी इसलिए उन्होंने आपकी मदद की । । ।

    Shurti की बात सुनकर सिया ने उससे कहा लेकिन हमारे पास तो इतने रुपए नही है  उन्हे देने के लिए ये कहकर उसकी आंखे दोबारा नम हो गई । । ।

    श्रुति ने जब सिया की नम आंखों को देखा तो उसे सिया के लिए बुरा लगा लेकिन उसने अपने चेहरे पर दिखने नहीं दिया उसने बिना किसी एक्सप्रेशन के बोला अगर आपके पास इतने रुपए नही है तो आपको यहां काम करके बो रुपए चुकाने होगे  । । ।

    श्रुति की बात सुनकर सिया ने उसे सवालिया नजरों से देखा और पूंछा काम कैसा काम । । ।

    श्रुति ने सिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा हम आपको एक जॉब ऑफर कर रहे हैं जिससे आप उन पैसों को चुका सकती हैं लेकिन इसके बदले आपको कोई सैलरी नहीं मिलेगी क्योंकि आपकी सैलरी में से ही वह पैसे कटेंगे आपकी जरूरत का आपको हर सामान मिल जाएगा लेकिन उसके अलावा आपको कुछ नहीं मिलेगा । । ।

    लेकिन अगर आपको यह जॉब नहीं करनी है तो आपको हमारे पैसे लौटाने होगे किंग के पैसे लौटाने के बाद आप यहां से जा सकती हैं लेकिन हो सकता है कि इस वक्त यहां से जाने के बाद वह लोग जिनसे कल आपको कितने बचाया था वह लोग फिर से आपके पीछे आए और फिर से आपको ...... इतना कहकर वह रुक गई क्योंकि सिया अपनी आंखों में आंसू लिए उसे ही देख रही थी ...

    श्रुति की बात सुनकर सिया बहुत बुरी तरह डर गई क्योंकि कल की रात उसकी जिंदगी की सबसे भयानक रात थी वह चाह कर भी कल की रात को भूल नहीं पा रही थी सिया की श्रुति की बात सुनकर सिया ने कुछ पल सोचा ...

    और फिर सिया ने अपने भरे हुए गले से कहा हमारे पास तो इतने पैसे नहीं है लेकिन हमे जॉब करने के लिए तैयार है । । ।

    श्रुति ने जब सिया की बात सुनी तो उससे कहा ... ठीक है मैं किंग को बता दूंगी कि आप उनके पास नौकरी करेंगे लेकिन आपको इस जॉब में जो कहा जाए जैसा कहा जाए वह बिना किसी सवाल के करना होगा अगर आपने कोई भी काम करने से मना किया पनिशमेंट के तौर पर हर काम के लिए ₹200000 रुपए और बढ़ जाएंगे या फिर आपको पनिशमेंट भी मिल सकती है और जब तक अब सारे पैसे चुका नहीं देती तब तक आप बिना किंग की इजाजत के कहीं नहीं जा सकती

    श्रुति की बात सुनकर तो सिया को बहुत रोना आ रहा था उसका मन कर रहा था कि वह जोर-जोर से रोए और साथ में अपनी हालत पर तरस भी आ रहा था लेकिन वह कुछ नहीं कर सकती थी । । ।

    सियानी श्रुति को देखते हुए अपनी आंखों में आंसू लिए अपना सर बस हा में हिला दिया  । । ।

    वहीं दूसरी ओर किंग जो यह सब देख रहा था सिया की हां सुनकर उसके चेहरे पर winning स्माइल आ गई उसने अपनी cold voice में कहा .... you are trapped jaan । । ।

    श्रुति ने सिया की और देखते हुए कहा  आप थोड़ी देर यही आराम कीजिए मैं आपके discharge papers को तैयार करवाती हूं । । ।

    श्रुति की बात सुनकर सिया ने बस अपना सर हां मिला दिया । । ।

    Done । ।

    क्या करना चाहता है किंग सिया के साथ । । ।

     किंग क्या सजा देगा सिया को । । ।

  • 17. .. - Chapter 17

    Words: 1444

    Estimated Reading Time: 9 min

    अब आगे । । । ।

    रुद्राक्ष ने नित्या की ओर देखते हुए अपने हाथ से उसे अपने पास आने का इशारा किया ..... । । । ।

    रुद्राक्ष को देखकर नित्या डर गई उसकी बात सुनकर नित्य का तो मन कर रहा था कि वह भी इसी वक्त भाग जाए लेकिन रुद्राक्ष की इतनी डॉमिनेटिंग तक आवाज सुनकर नित्या की हिम्मत ही नहीं हुई क्योंकि इस वक्त रुद्राक्ष के चेहरे के एक्सप्रेशन काफी सख्त थे वह अपने छोटे-छोटे कदमों से रुद्राक्ष के पास आई  और उसकी तरफ देखते हुए अपनी मीठी सी आवाज में  कहा वह हम आपको डिस्टर्ब नहीं करना चाहते थे प्लीज अब गुस्सा मत कीजिए हमारा आपको डिस्टर्ब करने का कोई इरादा नहीं था ..... । । । ।

    रुद्राक्ष में एक ही झटके में नित्या का हाथ पकड़ कर उसे अपनी गोद में बिठा लिया ..... रुद्राक्ष की इस हरकत से नित्या हड़बड़ा गई .... रुद्राक्ष ने उसकी कमर पर अपनी पकड़ को कश्ते हुए मैग्नेटिक वॉइस में कहा little girl.... । । । ।

    तुम्हारा इरादा भले मुझे डिस्टर्ब करने का ना हो लेकिन तुमने तो मुझे डिस्टर्ब कर दिया ........ इतना कहकर रुद्राक्ष में नित्या की गर्दन पर अपने होंठ रख दिए...... और उसकी गर्दन पर किस कर लिया

    रुद्राक्ष के होठों का टच महसूस का नित्या की पकड़ रुद्राक्ष की शर्ट पर कश गई.... नित्या ने हकलाती हुई रुद्राक्ष से कहा आप आप अपना काम कर लीजिए हम चलते हैं इतना कहकर रुद्राक्ष की गोद से उठने को हुई कि तभी  रुद्राक्ष ने उसके पेट पर अपने हाथ लपेट लिए .... । । । ।

    रुद्राक्ष ने नित्या की गर्दन पर अपने होंठ चलते हुए इंटेंस वॉइस में कहा little girl ..... लगता है तुम मुझे बहुत ज्यादा मिस कर रही थी इसलिए मुझसे मिलने आ गई .... लेकिन तुम्हें मुझसे मिलने के लिए किसी भी बहाने की जरूरत नहीं है तुम जब चाहे मेरे पास आ सकती हो  ...... इतना कहकर रुद्राक्ष नित्या की गर्दन को लिक और सक करने लगा ..... । । । ।

    रुद्राक्ष की छुअन से हीं नित्या अपने आप में सिमट रही थी नित्या ने बहुत ही हिम्मत करते हुए कहा नहीं ऐसी कोई बात नहीं है हमें तो बस आपसे कुछ बात करनी थी इसलिए हम यहां आए थे..... नित्या की बात सुनकर रुद्राक्ष ने इसकी नेक पर किस किया और उसका चेहरा अपनी तरफ करते हुए बोला ... तो कहो ना लिटिल गर्ल क्या बात करनी है तुम्हें ..... । । । ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर नित्या ने खुद को संभालते हुए कहा बो....बो... हमे विला के बाहर गार्डन में जाना था लेकिन आपके गार्डस हमें बाहर जाने नहीं दे रहे थे ..... हम बस आपसे यही कहने आए थे कि आप अपने गार्ड्स कहे की हमें बाहर जाने दे .....। । । ।

    नित्या की बात सुनकर रुद्राक्ष ने बिना किसी एक्सप्रेशन के कहा ....बिल्कुल नहीं .....little girl मैं उन्हें ऐसा कोई आर्डर नहीं दूंगा... तुम्हें यही इसी विला में रहना है..... । । । ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर नित्या की आंखें नम हो गई उसने बहुत ही मासूमियत से रुद्राक्ष की ओर देखते हुए उससे पूछा आपने उन्हें ऐसा ऑर्डर क्यों दिया जबकि हमने आपसे पहले भी पूछा था कि हम क्या बाहर जा सकते हैं तो आपने हमें बाहर जाने दिया था तो अब आप हमें क्यों रोक रहे हैं ......। । । । 

    नित्या की बात सुनकर रुद्राक्ष ने नित्या के बालों को उसके कान के पीछे करते हुए कहा लिटिल गर्ल मैं तुम्हे बाहर जाने की परमिशन दी थी.... .. लेकिन अपने बर्थडे वाले दिन तुमने यहां से भाग गई थी ... इसलिए मैंने तुम्हारा विला से बाहर जाना बंद करवा दिया .... जिसे ना तुम बाहर जाओगी और ना ही यहां से भागोगी....... । । । ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर नित्या को बहुत ज्यादा रोना आ रहा था उसने अपनी रूआंधी आवाज में कहा pls हमे जाने दीजिए.... हम फिर से भागने की कोशिश नहीं करेंगे.... हम सच कह रहे हैं । । । ।

    नित्या की बात सुनकर रुद्राक्ष ने बिना किसी एक्सप्रेशन से उसकी तरफ देखते हुए कहा लिटिल गर्ल तुम्हारी इतनी बड़ी गलती होने के बावजूद अगर मैं तुम्हें बाहर जाने की परमिशन दे भी दूं तो बदले में तुम मुझे क्या दोगी ...... । । । ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर नित्या हैरान हो गई उसे उम्मीद नहीं थी कि रुद्राक्ष कुछ ऐसा करेगा निया ने बड़ी मासूमियत से रुद्राक्ष की ओर देखते हुए कहा हम आपको क्या दे सकते हैं और आपको हमसे क्या चाहिए...... । । । ।

    रुद्राक्ष ने नित्या की ओर देखते हुए इंटेंस tone में कहा I want a kiss little girl..a deep passionate kiss......  इतना कहकर रुद्राक्ष नित्या के होठों को अपने अंगूठे से सहलाने लगा...... । । । ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर नित्या अंदर तक सहम गई उसकी आंखें डर से बड़ी हो गई..... । । । ।

    वही नित्या अगली बार सुनकर रुद्राक्ष के एक्सप्रेशन एकदम सर्द हो  गए...... । । । ।


    नित्या ने घबराते हुए रुद्राक्ष से कहा नहीं हमें ये नहीं करेंगे  ....... अगर हमें बाहर जाने के लिए सब कुछ करना होगा तो हमें नहीं जाना है बाहर ..... इतना कहकर वह रुद्राक्ष की बाहों में झटपट आने लगी लेकिन रुद्राक्ष पर इस पर कोई असर नहीं हुआ...... रुद्राक्ष ने तो नित्या को आराम से ही पकड़ा हुआ था लेकिन नित्या को तो ऐसा लग रहा था जैसे रुद्राक्ष ने  उसे जकड़ कर रखा हुआ है ...... । । । ।

    नित्या की बात सुनकर रुद्राक्ष के एक्सप्रेशन एकदम सर्द हो गए  की और उसने नित्या की और  देखते हुए गहरी आवाज में कहा ohhh little girl तुम इतना डर क्यों रही हो कौन सा यह सब कुछ हमारे बीच पहली बार हो रहा है मैं तो हर दिन तुम्हें किस करता हूं ..... । । । ।

    और आगे आने वाले वक्त में तो हमारे बीच इससे भी बहुत ज्यादा होगा .... तुम्हारे होठों के साथ-साथ मैं तुम्हारी पूरी बॉडी को टेस्ट करूंगा और तुम हो की एक किस में ही इतना  इतना डर रही हो ..... । । । ।

    रुद्राक्ष की इतनी बेशर्मी में भरी  बातें सुनकर नित्या अंदर तक कांप गई नित्या की गाल शर्म से लाल हो गए  उसने खुद को छुड़ाने की कोशिश करते हुए रुद्राक्ष से अपने कांपती हुई आवाज में कहा छोड़िए हमें.... आप हमसे कैसी गंदी गंदी बातें कर रहे हैं हमें नहीं सुनना आपकी कोई भी बात...... इतना कहकर नित्या रुद्राक्ष के हाथ की कमर से हटाने लगी ...... । । । ।

    नित्या की बात सुनकर रुद्राक्ष के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ गई रुद्राक्ष ने मैग्नेटिक वॉइस में नित्या के गाल पर अपना हाथ रखकर उसके गालों को सहलाते हुए कहा लिटिल गर्ल मैं तो तुम्हें  वह बता रहा हूं जो हमारे बीच बहुत ही जल्द होने वाला है ......

    रुद्राक्ष इस वक्त इंटेंस नजरों से नित्या को ही देख रहा हूं नित्या के गाल जो इस वक्त शर्म से इस वक्त एप्पल की तरह लाल थी रुद्राक्ष को उन्हें खाने का मन कर रहा था .....। । । ।

    रुद्राक्ष ने नित्या को देखा तो उसे अपना गला सूखता हुआ रुद्राक्ष ने नित्या की गालों को देखा और अपने लोअर लिप को हल्के से बाइट कर लिया  .... । । । ।



    रुद्राक्ष की बात सुनकर तो नित्या का मन कर रहा था कि वह यही गड्ढा खोदे और उसमें कूद जाए नित्या तो इस वक्त शर्म से पानी पानी हो रही थी ....... रुद्राक्ष के गालों को ही देखा रहा है उसे अब और रुका नहीं गया और उसने नित्या की गालों को बाइट कर लिया....... । । । ।

    रुद्राक्ष के बाइट करने की वजह से नित्या की चीख निकल गई रुद्राक्ष नित्या के गालों को लिक और शक करने लगा .... । । । ।

    कुछ देर बाद रुद्राक्ष नित्या से अलग हुआ और अपने होठों पर अपनी जीभ फेरते हुए नित्या से कहा i like your red cheeks little girl ...... मैं इन्हें रोज खाना चाहूंगा । । । ।

    नित्या ने अपनी गाल पर हाथ रखा और रुद्राक्ष को नम आंखों से देखने लगी .... लेकिन रुद्राक्ष कुछ ऐसी कोई फर्क ही नहीं पड़ा नित्या ने रुद्राक्ष की ओर देखते हुए बहुत ही मुश्किल से कहा सर हमें छोड़ दीजिए हमें जाना है ...... । । । ।

    नित्या की बात सुनकर रुद्राक्ष ने उसकी तरफ देखते हुए मैग्नेटिक वॉइस में कहां नहीं लिटिल गर्ल अभी नहीं ... वही रुद्राक्ष की अगली बार सुनकर नित्या अंदर तक से सहम गई

    Done । ।  । ।

    क्या होगा रुद्राक्ष का अगला कदम । । । ।

    अब क्या करेगी नित्या । । । ।

    क्या नित्या फिर मिल पाएगी अपने दोस्तों से । । ।  ।

    जानने के लिए पढ़ते रहिए  his dark एडिक्शन

  • 18. .. - Chapter 18

    Words: 1671

    Estimated Reading Time: 11 min

    अब आगे । । । ।

    रुद्राक्ष ने नित्या की ओर देखते हुए मैग्नेटिक वॉइस में कहा  लिटिल गर्ल तुम अभी नहीं जा सकती ..... रुद्राक्ष की बात सुनकर नित्या  उसे अपनी नम आंखों से देखने लगी..... और उसकी तरफ देखते हुए बड़ी ही मासूमियत से कहा क्यों नही जा सकते हम ..... हमे जाना है ...... । । । ।

    रुद्राक्ष ने नित्या की ओर देखते हुए बहुत ही सेडक्टिव टोन में कहा लिटिल गर्ल अभी मैंने तुम्हारे इन juicy लिप्स टेस्ट ही नही किया ..... I want to taste your juicy lips..... । । । ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर नित्या अंदर तक सहम गई नित्या ने घबराते हुए रुद्राक्ष की ओर देखते हुए कहां लेकिन सर हमने आपसे कहा ना हमें बाहर नहीं जाना और ना ही हमें आपसे परमिशन चाहिए तो फिर आप ऐसा क्यों कह रहे हैं....  । । । ।

    नित्या की बात सुनकर रुद्राक्ष में उसकी तरफ देखते हुए कहा लिटिल गर्ल मैंने तुमसे कहा था कि अगर तुम मुझे किस करोगी तो फिर मैं तुम्हें बाहर जाने की परमिशन दूंगा .... लेकिन  तुमने मना कर दिया.....लेकिन अब मुझे यह चाहिए ..... रुद्राक्ष की बात सुनकर नित्या की आंखें हैरानी से बड़ी हो गई वह रुद्राक्ष से कुछ कह पाती कि उससे पहले.... । । । ।

     रुद्राक्ष ने नित्या के  नाजुक होठों को अपने  शख्त होठों के बीच दवा लिया  और नित्या के होठों को शक करने लगा नित्या को रुद्राक्ष की है इस हरकत से हैरान रह गई..... नित्या रुद्राक्ष के सीने पर अपने दोनों हाथों को अलग करने लगी  लेकिन रुद्राक्ष में क्या चीज कोशिश का कोई असर नहीं है वह तो बस नित्या के होठों को टेस्ट लेने लगा था ..... रुद्राक्ष का एक हाथ नित्या थाइज को सहला रहा था  तो दूसरा हाथ उसकी कमर को सहला रहा था । । । । 

    करीब 15 मिनट के बाद जब नित्या को सांस लेने में प्रॉब्लम होने लगी तो रुद्राक्ष उसके होठों से अलग हुआ और नित्या से अपना माथा जोड़ लिया मैं क्या गहरी गहरी सांस ले रही थी रुद्राक्ष के इस तरह किस करने की वजह से नित्या की होठ किसी चेरी की तरह लाल हो गए थे.... कुछ देर तक नीचे ऐसे ही गहरी गहरी सांस लेती रही ..... । । । ।

    कुछ देर बाद जब नित्या की सांस नॉर्मल हुई तो वह रुद्राक्ष से थोड़ी दूर हुई वह रुद्राक्ष से दूर नहीं जा पा रही थी क्योंकि रुद्राक्ष ने अभी नित्या को टाइटली पकड़ा हुआ था .... नित्या की आंखें इस वक्त नम थी वह बहुत ही मुश्किल से खुद को रोने से रोक पा रही थी...... । । । ।

    नित्या ने बिना देखे हुए रुद्राक्ष से रुआंधी आवाज में कहा अब  आपको बो मिल गया ना जो आपको चाहिए था तो प्लीज अब हमें जाने दीजिए ......

    नित्या को खुद की ओर देखा हुआ ना पकड़ रुद्राक्ष ने नित्या का चेहरा उसकी चीन से पकड़ते हुए अपनी तरफ किया तू नित्या की काली आंखें रुद्राक्ष की हरी आंखों से जा मिली ..... । । । ।

    रुद्राक्ष ने जब नित्या को देखा तो नित्या की आंखों में आंसू थे जो किसी भी पल  उसकी आंखों से बाहर निकल सकते थे उसका छोटा सा चेहरा पूरी तरह लाल हो चुका था नित्या अपनी नाम आंखों से रुद्राक्ष को ही देख रही थी रुद्राक्ष में जब नित्या को ऐसे देखा तो उसने एक गहरी सांस ली ..... । । । ।

    और रुद्राक्ष ने फिर नित्या की ओर देखते शख्त लहजे में कहा .... ठीक है लिटिल गर्ल तुम्हें बाहर जाना है तो जाओ मैं तुम्हें बाहर जाने की परमिशन दे रहा हूं लेकिन याद रखना अगर तुमने कोई भी गलत ही तो तो विला से बाहर निकलना तो दूर की बात है तुम बेड से भी उठने के लायक नहीं रहोगी.... समझी ...... । । । ।

    रुद्राक्ष की बात सुनकर नित्या अंदर तक कांप गई उसने जल्दी से अपना सर हां मिलाते हुए कहा .... हम ..हम समझ गए सर ..... । । । ।

    नित्या की बात सुनकर रुद्राक्ष ने बिना किसी एक्सप्रेशन से नित्या की ओर देखते हुए कहा good little girl.... इतना कहकर रुद्राक्ष ने उसे छोड़ दिया नित्या जल्दी से उसकी गोद से उठी वहां से भागते हुए रुद्राक्ष के स्टडी रूम से बाहर निकल गई...... । । । ।

    नित्या को ऐसे भागते हुए देखकर रुद्राक्ष के चेहरे पर तिरछी स्माइल आ गई और उसने नित्या की ओर देखते हुए कहा stupid little girl..... । । । ।


    नित्या सीधे भागते हुए बाहर गार्डन की ओर आ गई इस बार किसी भी गार्डन में उसे नहीं रोका नित्या सीधे गार्डन में आकर रुकी और गहरी गहरी सांस लेने लगी उसने अपने जिन आंसुओं को रोक के रखा था वह आंखों से निकले .... । । । ।.

    वह कुछ देर तक यूं ही सिसकती रही कुछ देर बाद उसने अपनी आंखों से अपने आंसू साफ किए और खुद से ही कहा नहीं हम ऐसे कमजोर नहीं पड़ सकते अगर हम कमजोर पड़ गए तो यहां से कभी नहीं निकल पाएंगे .... । । । ।

    इतना कहकर उसने खुद को ठीक किया .... और वही गार्डन में हरी हरी घास पर बैठ गई और यहां से निकलने का रास्ता सोचने लगी इतने दिनों बाद विला से बाहर निकाल कर नित्या को काफी अच्छा लग रहा..... शाम होने को आई थी वहां का मौसम काफी अच्छा था..... । । । ।

    नित्या ने खुद से ही कहा आज कितने दोनों बाद हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं..... इतना कहकर उसने अपनी आंखें बंद कर ली और वही घास पर ही लेट गई..... नित्या अपनी आंखें बंद करके वहां चल रही ठंडी हवाओं को महसूस कर रही थी...... । । । ।

    अभय और पीयूष इस वक्त अपने रूम में थे और उन दोनों को देखकर लग रहा था की बो लोग काफी गहरी सोच में थे पीयूष ने चुप्पी तोड़ते हुए अभय की ओर देखते हुए कहा .... अभय आज तुमने देखा कि कैसे प्रेसिडेंट में नित्या से कुछ भी नहीं कहा जबकि अगर नित्या की जगह किसी और ने उन्हें अपने काम के बीच डिस्टर्ब किया होता तो प्रेसिडेंट उनकी खाल उधेड़ लेते ..... । । । ।

    पिछली बार याद है ना किसी सर्वेंट से गलती से प्रेसिडेंट केस स्टडी रूम के बाहर का एक बास टूट गया था तो प्रेसिडेंट ने उसे सर्वेंट पर 50 कोड़े लग बाए थे उसकी तो लगभग जान ही निकल गई थी..... । । । ।

    पीयूष की बात सुनकर अभय ने उसकी ओर देखते हुए कहा है पियूष मुझे अच्छी तरह याद है प्रेसिडेंट कितने डिसिप्लेनड और स्ट्रिक्ट है वह अपने काम में किसी भी तरह की कोई भी डिस्टरबेंस बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करते....... । । । ।

    लेकिन नित्या का मामला अलग है ..... पहले तो वह नित्या को यहां ले आए और फिर उसे अब यहां से जाने भी नहीं दे रहे ऊपर से प्रेसिडेंट का नित्या के साथ बर्ताव.... । । । ।

    मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा है नित्या वह कितनी मासूम है उसे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा होगा कि प्रेसिडेंट आखिर उसके साथ ऐसा सब क्यों कर रहे हैं उसे क्या हमें भी समझ नहीं आ रहा की की प्रेसिडेंट नित्या के साथ यह सब क्यों कर रहे हैं...... । । । ।

    पीयूष और अभय दोनों ही इस बात को सोच सोच कर परेशान हो रहे थे ...... । । । ।

    वहीं दूसरी तरफ नित्या वहीं गार्डन में आंखें बंद करके लेटी हुई थी नित्या को यह पता ही नहीं चला कि उसकी नींद कब लग गई ..... । । । ।

    रात होने वाली थी शाम के कुछ 6 बज रहे थे विला main गेट से होते हुए तीन लग्जरियस कार आकर रुकी ...... कर रुकते ही गार्ड ने कर का दरवाजा खोला तो कर में से एक आदमी बाहर निकला और कार की दूसरी साइड सेएक लड़की बाहर निकली उस लड़की की उम्र लगभग 24 से 25 साल होगी...... । । । ।

    उस लड़की ने एक रेड कलर का वन पीस पहना हुआ था चेहरे पर ढेर सारा मेकअप कानों में डायमंड इयररिंग्स और हाथों में एक्सपेंसिव पर्स देखने में ही वह लड़की बहुत ही ज्यादा घमंडी और बिगड़ी हुई लग रही थी ...... उसे लड़की ने उसे आदमी की ओर देखते हुए कहा dad.... । । । ।

    देखिएगा आज मैं रुद्राक्ष को इंप्रेस करके रहूंगी आज मैं रुद्राक्ष सिंह राठौड़ को इस तरह अपने जाल में फंसाऊंगी कि वह मेरे जल से कभी नहीं निकल पाएगा इतना कहकर उसके चेहरे पर एक साथ स्माइल आ गई..... । । । ।

    वह शख्स कोई और नहीं बल्कि मिस्टर अशोक मल्होत्रा थे उसने  अपनी बेटी की ओर देखते और एक सतीर मुस्कुराहट के साथ कहा सानिया बेटा अगर तुमने रुद्राक्ष सिंह राठौड़ को इंप्रेस कर दिया तो यह हमारे लिए और हमारे बिजनेस के लिए बहुत ही अच्छा होगा ..... तुम्हें बस एक बात का ख्याल रखना है कि तुमसे गलती से भी कोई गलती नहीं होनी चाहिए ..... । । । ।

    रुद्राक्ष सिंह राठौड़ बहुत ही चालक और घमंडी शख्स है तुम्हें जो भी करना है बहुत ही सावधानी के साथ करना है..... सानिया अशोक की बात सुनकर तिरछी मुस्कान के साथ कहा रिलैक्स डैड मुझे अच्छी तरह पता है मुझे क्या करना है....। । । ।

    सानिया की बात सुनकर अशोक के चेहरे पर एक डेविल स्माइल लग गई......उन लोगों के सामने एक सर्वेंट आया सर्वेंट ने उन सभी को ग्रीट किया और उन्हें अंदर चलने के लिए कहा वह लोग अंदर जा ही रहे थे की तभी उसका फोन रिंग हुआ ..... सानिया ने अशोक की ओर देखते हुए कहा डैड आप अंदर चल मैं अभी आती हूं .... । । । ।

    सानिया की बात सुनकर अशोक जी ने अपना सर हिला दिया और अपने असिस्टेंट के साथ अंदर चले गए..... । । । ।

    Done । ।  । ।

    क्या होने वाला है मीटिंग में..... । । । ।


    अब क्या करेगी नित्या । । । ।

    क्या नित्या फिर मिल पाएगी अपने दोस्तों से । । ।  ।

    जानने के लिए पढ़ते रहिए  his dark addiction

  • 19. .. - Chapter 19

    Words: 1640

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब आगे......

    नित्या इस वक्त गार्डन में बैठकर गार्डनिंग कर रही थी उसके हाथों में मिट्टी लगी हुई थी लेकिन उसके चेहरे पर आज हल्की सी स्माइल थी वह और भी कई गार्डनर्स थे जो गार्डन की देखभाल कर रहे थे ...... । । । ।

    उसने अपने आसपास देखते हुए कहा .... सर भले ही अजीब प्राणी है लेकिन उनका यह गार्डन बहुत अच्छा है कितनी अच्छे-अच्छे फूल है सब कुछ कितना अच्छा लगता है यहां पर ..... । । ।  ।

    वह ऐसे ही वहां पर कुछ फूल लगा रही थी जिसे उसके हाथों में काफी मिट्टी लगी हुई थी तभी एक गार्डनर नित्या के पास आते हुए उससे कहा  मैम अब आपको  अंदर चले जाना चाहिए आप काफी देर से यहां है और ठंडी हवाएं भी चल रही है  कहीं आपकी तबीयत खराब ना हो जाए...... । । । ।

    उसे गार्डनर की बात सुनकर नित्या को होश आया कि अब बाकी उसे काफी देर हो गई है उसके हाथ और पर दोनों में ही मिट्टी लगी हुई थी उसने गार्डनर की ओर देखते हुए कहा जी काका आप सही कह रहे हैं हम बस जा ही रहे हैं क्या आप हमारे हाथ और पैर धुला देंगे..... । । ।  ।

    उसे गार्डनर को नित्या का नेचर काफी अच्छा लगा उसका डिनर ने नित्या की ओर देखते हुए और हल्का सा मुस्कुराते हुए कहा जी में अभी लेकर आए..... । । । ।

    वही नित्या अपनी जगह से उठ गई और एक नजर उन फूलों को देखकर जैसे ही पीछे मुड़ी वह सानिया से टकरा गई  जिससे सानिया गिरते गिरते बची ... लेकिन उसके गिरने से पहले ही नित्या ने सानिया के हाथ को पकड़ कर उसे संभाल लिया..... और उसे दोबारा ठीक से खड़ा होने में मदद की  । । । ।

    नित्या के हाथ पकड़ने से नित्या के हाथ की थोड़ी सी मिट्टी सानिया के हाथों में लग गई ...... । । । ।

    सानिया ने गुस्से में नित्या की ओर देखते हुए कहा ... कौन हो तुम और तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे छूने की देखो तुम्हारी वजह से क्या हुआ मेरे हाथ गंदे हो गए ..... इतना कहकर सानिया ने उसके हाथ को जोर से झटका दिया जिससे नित्या संभाल नहीं पाई और वहीं जमीन पर गिर गई और उसकी चीख निकल गई ..... लेकिन उसने खुद को संभाला ....

    नित्या ने सानिया की ओर देखते हुए कहा .. बो आप अचानक हमारे सामने आ गई ...... और आप हमसे टकरा गई जिसकी वजह से आप गिरने वाली थी इसलिए हमने आपको संभालने के लिए आपका हाथ पकड़ा था .....। । । ।

    नित्या की बात सुनकर सानिया ने दांत पीसते हुए कहा तुम दो कौड़ी की नौकर....एक तो तुम्हारी वजह से मैं गिरते गिरते बची ऊपर से तुम मुझसे बहस कर रही हो .... हो कौन तुम ..... और यहां क्या कर रही हो ..... । । । ।

    सानिया की बात सुनकर नित्या बहुत बुरी तरह डर गई और उसकी आंखें नम हो गई नित्या को भी समझ नहीं आया कि वह सानिया की बात का क्या जवाब दे कि वह यहां क्या कर रही है .

    इस बात का जवाब तो नित्या को खुद नहीं पता था लेकिन उसने बात को संभालते हुए कहा बो .. बो ... हम यहां काम करते हैं ..... । । ।  ।

    तभी गार्डनर भाग कर आया गार्डनर ने सानिया और नित्या की बात सुन ली थी उसे डर था की सानिया और नित्या की बात और आगे ना बढ़ जाए .... क्योंकि इस वक्त वह लोग गार्डन में खड़े थे और गार्डन की जिम्मेदारी उसी की थी अगर गार्डन में नित्या को कुछ भी हो जाता तो रुद्राक्ष उसे छोड़ता नहीं ...... । । । ।

    गार्डनर नित्या की ओर देखते हुए कहा मैम.... आप जल्दी से खुद को साफ कर लीजिए और अंदर जाइए ..... । । ।  ।

    सानिया जो नित्या को गुस्से से घूर रही थी  सानिया ने गार्डनर की बात सुनी और उसकी तरफ देखा सानिया को लगा वह कि वह गार्डनर उससे कह रहा है उसने जल्दी से गार्डनर के हाथों से पाइप लिया और अपना हाथ साफ कर लिया ...… । । । ।

    लेकिन वहीं सानिया की अगली हरकत पर नित्या बहुत बुरी तरह घबरा गई गई  । । ।  



    सानिया ने नित्या की ओर देखते हुए दांत पीसते हुए कहा तुम दो कौड़ी की नौकरानी मुझसे जवान लड़ा रही हो .... तुम्हें पता भी है मैं कौन हूं मैं रुद्राक्ष सिंह राठौर की खास दोस्त हु.... रुद्राक्ष और में बहुत ही करीब है ... अगर मैं तुम्हारी शिकायत रुद्राक्ष से कर दी तो देखना वह तुम्हारा क्या हाल करता है 

    सानिया की बात सुनकर नित्या बहुत ज्यादा घबरा गई .... नित्या को डर लग रहा था की कही इस बात पर रुद्राक्ष उसके साथ या फिर उसके दोस्तों के साथ कुछ कर ना दे

    नित्या ने सानिया की और  देखते हुए कहा देखिए प्लीज ऐसा कुछ मत कीजिए आप अचानक से सामने आ गई थी इसलिए सब हो गया.... इसमें हमारी कोई गलती नहीं है यह सब तो बस..... ऐसे आगे बो कुछ कह पाती कि तभी सानिया ने उसकी बात को बीच में काटते हुए .... और नित्या की ओर देखते हुए गुस्से में कहा ..... shut up...तुम अपनी औकात से कुछ ज्यादा ही बोलते हो  आज मैं तुम्हें तुम्हारी औकात याद दिलाऊंगी इतना कहकर सानिया ने बो पाइप नित्या की ओर कर दिया ..... । । ।  ।

    नित्या पूरी तरह भीगने लगी उसने सानिया की ओर देखते हुए कहा .... प्लीज प्लीज इसे बंद कीजिए ..... ऐसा कहते हुए उसने अपने दोनों हाथों को अपने आगे किया और उसे पानी को रोकने की कोशिश करने लगी

    लेकिन सानिया पर नित्या की किसी भी बात का कोई असर नहीं हुआ । । । ।

    बो गार्डनर तो सानिया की हरकत पर बहुत ज्यादा घबरा गया उसने जल्दी से सानिया के हाथों से वह पाइप ले लिया और उसने सानिया की ओर देखते हुए कहा यह क्या- किया  आपने..... इतना कहकर उसने उस पाइप को फेक दिया ..... । । । ।

    गार्डनर ने नित्या की ओर देखते हुए और परेशान होते हुए कहा मैंम आप ठीक तो है ..... सानिया कुछ और कहती कि तभी सानिया का फोन रिंग हुआ उसने फोन की स्क्रीन को देखा तो उसके डैड अशोक जी का फोन था...... । । । ।

    सानिया ने उन दोनों की ओर देखते हुए कहा अगर मुझे जरूरी काम ना होता तो मैं तुम लोगों को यह बात अच्छे से बताती कि सानिया मल्होत्रा से उलझने का  अंजाम क्या होता है...... इतना कहकर हो वहां से विला की ओर चली गई...... । । । । 

    सानिया ने नित्या को ठंडे पानी से पूरी तरह भिगो दिया था बाहर का मौसम काफी ठंडा था जिससे नित्या ठंड से कांप रही...... उस गार्डनर ने नित्या की ओर देखते हुए और परेशान होते हुए कहा ....अब जल्दी अंदर चली जाइए यहां ठंड बहुत है आपको ठंड लग जाएगी ...... । । । ।

    सानिया के इस बर्ताव से नित्या को बहुत बुरा लगा.... उसकी आंखों में इस वक्त आंसू थे जो उसकी आंखों से बहते हुए उसके चेहरे पर आ रहे थे..... वह तो बस कांपते हुए बेसुध सी वहीं बैठी थी ....  उसे बहुत बुरा लग रहा था कि उसे बिना किसी गलती की इतना कुछ सुनना पड़ा ... वह यही सोच रही थी कि अगर रुद्राक्ष ने जबरदस्ती अपने साथ ना रखा हुआ होता तो उसके साथ में कभी नहीं होता ....

    जब नित्या बहा से नही गई ..... तो नित्या को देखकर गार्डनर परेशान हो गया ....। । ।  ।

    गार्डनर  ने  दोबारा नित्या की ओर देखते हुए कहा देखिए आप अंदर चली जाइए अगर आपको कुछ भी हो गया तो प्रेसिडेंट बहुत नाराज होंगे........ । । । ।

    नित्या में जैसे ही रुद्राक्ष का नाम सुना घबरा गई ....गार्डनर की ओर देखते हुए अपना सर हां में हिला दिया.... नित्या जैसे ही वहां से खड़ी होने पर कुछ अचानक इसकी चीख निकल गई.... क्योंकि गिरने की वजह से नित्या पैरों में मोच आ गई थी जिससे उसे दर्द हो रहा था ..... । । । ।

    गार्डनर ने जब नित्या की चीख सुनी तो वह बहुत ज्यादा घबरा है उसने चिंता करते हुए नित्या की ओर देखते हुए कहा क्या हुआ आपको आप ठीक तो है ... नित्या ने गार्डनर की ओर देखते हुए रूआंधी आवाज में कहा ... हां हम ठीक हैं बस छोटी सी मोच आ गई है आप चिंता मत कीजिए हम चले जाएंगे इतना कहकर उससे बहुत वह बहुत ही मुश्किल से खड़ी हुई

    अपने कांपते हुए पैरों से विला की ओर चली गई.... । । । ।

    वहीं सानिया इस वक्त विला के अंदर थी ..... उसके साथ रुद्राक्ष., अशोक, और उसका असिस्टेंट सचिन अभय पीयूष और बाकी के बिजनेस एसोसिएट्स भी बैठे थे जो किसी प्रोजेक्ट को लेकर डिस्कस कर रहे थे ..... सानिया का ध्यान तो जैसे मीटिंग में था ही नहीं वह तो बस रुद्राक्ष को ही घूरे जा रही थी.... । । । ।

    कुछ देर बाद मीटिंग खत्म हो गई .... अशोक के रुद्राक्ष की ओर देखते हुए कहा congratulations Mr Rathore for our new partnership..... । । । ।

    अशोक की बात सुनकर रुद्राक्ष में कुछ नहीं कहा और बस अपना सर हिला दिया उसके एक्सप्रेशन हमेशा की तरह सख्त और कठोर थे...... । । । ।

    मीटिंग खत्म होने के बाद वह सभी लोग मीटिंग रूम से बाहर निकले ...... लेकिन सानिया वहीं बैठी हुई थी और रुद्राक्ष अपने फोन में कुछ कर रहा था रुद्राक्ष ने जब सानिया को वहां बैठे हुए देखा तो उसने बिना किसी एक्सप्रेशन के साथ कहा आपको कुछ कहना है miss मल्होत्रा....। । ।  ।

    बही सानिया की अगली बात सुनकर रुद्राक्ष के एक्सप्रेशन एकदम शख्त हो गए गई......

    Done । ।  । ।



    अब क्या करेगी नित्या । । । ।

    क्या नित्या फिर मिल पाएगी अपने दोस्तों से । । ।  ।

    जानने के लिए पढ़ते रहिए  his dark addiction

     

  • 20. .. - Chapter 20

    Words: 1523

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब आगे । । । ।

    सानिया बेशर्मों की तरह रुद्राक्ष की और देखते हुए मुस्कुराए जा रही थी ..... सानिया सेडक्टिव वे में चलकर रुद्राक्ष के करीब आई ... .... सानिया ने काफी रिवीलिंग ड्रेस पहनी हुई थी.... । । ।  ।

    सानिया ने रुद्राक्ष की ओर देखते हुए बहुत ही से देखते इंटेंस वे में कहा.... मानना पड़ेगा आपको प्रेसिडेंट .... आप एक बहुत ही अच्छे बिजनेसमैन है..... । । । ।

    हमें आपके साथ काम करके बहुत खुशी होगी अगर आप चाहे तो यही खुशी मैं भी आपको दे सकती हूं..... क्यों ना आप और मैं अपनी पार्टनरशिप को आगे बढ़ाएं ..... क्यों ना आप और मैं बेड पार्टनर बन जाए.... यकीन मानिए प्रेसिडेंट मैं आपको बहुत खुश कर दूंगी . आपको जरा भी निराश नहीं होने दूंगी......  ऐसा कह कर सानिया रुद्राक्ष के और करीब आने लगी.....

    रुद्राक्ष ने अपने एक पैर से अपनी चेयर को थोड़ा पीछे किया और उसकी चेयर पीछे चली गई...... सानिया ने बिल्कुल एक्सपेक्ट नहीं किया था रुद्राक्ष अपनी चेयर पीछे ले लेगा .....वह अपना बैलेंस नहीं कर पाई और वहीं जमीन पर मुंह के बाल गिर गई ..... बही सानिया की बात सुनकर रुद्राक्ष के एक्सप्रेशन एकदम डार्क हो गए .....। । । ।

    सानिया को अपनी बेइज्जती पर बहुत गुस्सा आया लेकिन उसने खुद को संभाला जैसे ही उसने रुद्राक्ष की ओर देखा

    तो बो रुद्राक्ष को देख कर एक पल के लिए डर गई क्योंकि रुद्राक्ष के चेहरे के बाद इस वक्त एकदम सर्द थे और उसकी ग्रीन आइज एकदम ठंडी हो चुकी थी ...... रुद्राक्ष ने खुद को शांत करने के लिए अपनी आंखें बंद की तो उसके सामने नित्या का  मासूम सा  चेहरा आ गया .... नित्या को देखकर बो  काफी हद तक शांत हो गया ....लेकिन इसके चेहरे पर एक इविल स्माइल आ गई..... उसने अपनी आंखें खोली । । । ।

    और फिर रुद्राक्ष ने सर्द लहज़े में कहा .... तुम्हारी इतनी औकात नहीं है मिस मल्होत्रा की तुम रुद्राक्ष सिंह राठौड़ को खुश कर सको ..... और जो मुझे खुश कर सकती है बो तो मेरी एक नजर से ही डर के मारे कांप जाती है ..... तो अगर आपको जान प्यारी हो ..... तो मिस  मल्होत्रा तो जाइए यहां से इससे पहले कि मैं अपना इरादा बदल दु......। । । ।

    रुद्राक्ष ने यह बात इतनी खतरनाक तरह से कही थी कि सानिया अंदर तक कांप गई ..... उसने इस वक्त कुछ भी करना सही नहीं समझा उसने एक नजर रुद्राक्ष को दिखा और फिर उठकर वहां से चली गई..... सानिया को बहुत ही ज्यादा गुस्सा आ रहा था .... । । । ।

    सानिया ने गुस्से में कहा .... नही रुद्राक्ष सिंह राठौर  ... नही  मैं इतनी आसानी से हार नहीं मानूंगी आज तक कोई भी मुझसे नहीं बच पाया है तुम भी नहीं बच पाएंगे तुमको तो मैं अपना जादू चला कर रहूंगी तुम्हें तो मैं अपने बिस्तर पर लाकर रहूंगी ...... तुम्हारी बॉडी कमाल की है तुम्हें तो में  टेस्ट करके रहूंगी..... । । । ।

    सानिया जा ही रही थी कि तभी उसने अशोक को देखा जो एक तक सामने की ओर देख रहे थे ..... सानिया ने जब अशोक की नजरों का पीछा किया तो उसके चेहरे पर एक तिरछी स्माइल आ गई उसने अशोक जी की ओर देखते हुए कहा क्या हुआ डैड क्या आपको वह लड़की पसंद आ गई..... । । । ।

    सामने कोई और नहीं नित्या बैठी थी वह इस वक्त लिविंग रूम में थी और अपने पैर को सहला रही थी क्योंकि उसे अपने पैर में बहुत दर्द हो रहा है वह बहुत ही मुश्किल से गार्डन से चलकर यह तक आई थी...... के कपड़े अभी तक गीले थे जो उसके शरीर से चिपक रहे थे..... । । । ।

    सानिया की बात सुनकर अशोक में नित्या को देखते हुए कहा ...वह लड़की कैसे पसंद नहीं आएगी जरा देखो तो उसे .... क्या खूबसूरती है उसकी..... अशोक की बात सुनकर सानिया ने उसकी ओर देखते हुए कहा अगर आपको वह पसंद है तो चाहिए उसके साथ थोड़ा इंजॉय कर लीजिए..... । । । ।

    वैसे भी वह यहां काम करती है मुझे नहीं लगता मिस्टर राठौर को इससे कोई भी प्रॉब्लम होगी.... ।  । । । 

    अशोक के चेहरे पर सातीर मुस्कान आ गई .... । । । ।



    अशोक और सानिया दोनों ही नित्या के पास आए..... अशोक एकदम नित्या के पास आकर बैठ गया नित्या जो अपने पैर को सहला रही थी उसने जैसे ही महसूस किया कि कोई उसके पास आकर बैठा हुआ है तो उसने अपने बगल में देखा तो अशोक एकदम उसके पास आकर बैठा हुआ है...... वह नित्या को बहुत ही अजीब तरह से देख रहा है ...... । । । ।

    नित्या को अशोक कुछ ठीक नहीं लगा इसलिए वह जल्दी से उसे थोड़ा दूर जाकर खिसक गई ..... नित्या को देखकर अशोक के चेहरे पर एक घटिया स्माइल आ गई ..... अशोक ने नित्या के कंधे पर हाथ रखते हुए और नित्या की कंधे को सहलाते हुए कहा क्या हुआ तुम्हें तुम ऐसे यहां क्यों बैठी हुई हो.... । । । ।

    अशोक के इस तरह छूने से नित्या बहुत बुरी तरह घबरा गई उसने अशोक का हाथ  झटकते हुए कहा हमें कुछ नहीं हुआ हम ठीक हैं ......। । । ।

    नित्या इस तरह उसके हाथ झटकने गुस्सा आया अशोक ने नित्या का हाथ जोड़ से पकढ़ते हुए कहा .... तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरा हाथ झटकने की ..... तुम्हें पता भी है मैं कौन हूं



    .....अशोक इस  तरह हाथ पकड़ने से नित्या को काफी दर्द हो रहा था उसने अशोक का हाथ अपने हाथ से हटाने की कोशिश करते डरते  हुए कहा उससे कहा छोड़ो हमारा हाथ ये क्या कर रहे हैं आप...... हमें जानने में कोई दिलचस्पी नहीं है कि आप कौन है आप बस हमारा हाथ छोड़ दीजिए.... । । । ।

     

    अशोक नित्या से कुछ और कह पता की तभी वहां पर एक रोबदार आवाज सुनाइए दी  .... । । । ।

    आवाज की दिशा में जब सभी लोगों ने उस तरफ देखा तो वहां रुद्राक्ष खड़ा था उसकी आंखें इस वक्त बहुत  सर्द थी उसकी आंखों में जैसे खून उतर आया हो उसकी आंखों को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे की वह आंखों से ही सब कुछ जला कर रख कर देगा ..... । । । ।

    रुद्राक्ष के एक साइड पीयूष और दूसरी साइड अभय था वह भी बहुत ही गुस्से से अशोक और सानिया को भी देख रहे थे..... । । ।  ।

    रुद्राक्ष को देखकर  नित्या को जैसे राहत मिल गई हो अशोक ने भी रुद्राक्ष की आवाज सुनकर नित्या का हाथ छोड़ दिया था नित्या जल्दी से उठकर रुद्राक्ष के पास जाने के लिए  कि उसकी तरफ बड़ी की तभी पैर की मोच के कारण यह गिरने को हुई.... नित्या इससे पहले गिर पाती की तभी किसी की मजबूत बाहों में उसे संभाल लिया...... । । । ।

    नित्या ने  जैसे ही अपना सर ऊपर करके देखा तो रुद्राक्ष अपनी लाल आंखों से उसे ही देख रहा था .... रुद्राक्ष को देखकर रहते अंदर तक कांप गई ..... क्योंकि रुद्राक्ष का औरा इस वक्त बहुत ही ज्यादा ठंडा था ...... । । । ।

    रुद्राक्ष को ऐसे देखकर अशोक और सानिया की तो जैसे रीड की रीढ़ की हड्डी ही कांप गई..... । । । ।

    रुद्राक्ष ने नित्या को सीधा खड़ा किया लेकिन पैर में दर्द होने की वजह से वह दोबारा लड़खड़ा गई लेकिन रुद्राक्ष ने उसे फिर से संभाल लिया..... । । । ।

    रुद्राक्ष ने नित्या को वहीं सोफे पर बिठाया और अपना कोट उतार के नित्या को पहना दिया क्योंकि गीले होने की वजह से नित्या की सारे कपड़े उसके शरीर से चिपक गए थे और उसकी बॉडी काफी विजिबल हो रहा था..... रुद्राक्ष खुद नित्या के पैरों के पास अपने घुटने के बल बाद बैठा और उसके पैर को देखने लगा ...... । । । ।

    रुद्राक्ष के इस तरह बैठने से अशोक और सानिया की तो आंखें फटी की फटी रह गई यही हाल है अभय और पीयूष का भी था..... । । । ।

     

    रुद्राक्ष ने कोल्ड वॉइस में नित्या की ओर देखते हुए कहा little girl तुम्हारे कपड़े गीले क्यों है और तुम्हारे पैर में इतनी स्वेलिंग क्यों है...... । । । ।

    बहा खड़े हुए सभी लोग हैरानी से रुद्राक्ष को देख रहे थे किसी भी शख्स को तो यकीन ही नहीं हो रहा की प्रेसिडेंट रुद्राक्ष सिंह राठौड़ इतना क्रूएल एरोगेंट शख्स जो कभी किसी के सामने नहीं झुका और न ही  अपने परिवार के अलावा किसी शख्स की तकलीफ से कोई फर्क नही पड़ता था जो किसी को भी मारने से पहले एक बार भी नहीं सोचता बो नित्या की इतनी केयर कर रहा है ......

    रुद्राक्ष ने की बात इतनी खतरनाक तरह से की थी नित्या बहुत बुरी तरह सहम गई ...... नित्या की तो हिम्मत ही नहीं थी कि वह रुद्राक्ष से कुछ कह पाए क्योंकि इस वक्त रुद्राक्ष का औरा बहुत ही ठंडा था जिसे आसपास खड़े सभी लोग महसूस कर सकते थे । । । ।

    वही सानिया की बात सुनकर रुद्राक्ष का चेहरा एकदम डार्क पड़ गया .. । । । ।

      आखिर ऐसा क्या कहा सानिया ने
    आगे क्या होगा इस कहानी में जानने के लिए सुनते रहिए