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Reborn in love (A story of wolf king)

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Muskan Gupta

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Description

"कहते हैं जब किस्मत चाहती है तभी सब कुछ होता है। आप लाख कोशिश कर लो, लेकिन जो आपका नहीं है, वो कभी आपका हो ही नहीं सकता..." यह कहानी है अधिकांश रघुवंशी की — एक ऐसा नाम जो रहस्य, दर्द और ताक़त का दूसरा नाम बन चुका है। वो एक भेड़िया है...

Total Chapters (56)

Page 1 of 3

  • 1. Reborn in love (A story of wolf king) - Chapter 1

    Words: 1276

    Estimated Reading Time: 8 min

    "नैनीताल" (रात के 10:00 बज रहे थे)




    "ठंड के मौसम में कोहरे की चादर ओढ़े अंधेरी रात में एक लड़की घने जंगल में तेजी से भागे जा रही थी और साथ साथ पीछे देख रही थी कि कहीं जो उसका पीछा कर रहे हैं वो पास तो नहीं आ गए।" 




    "ठंड में भी उसके चेहरे पर पसीने की बूंदें आ गई थी....! बेतहाशा भागने के कारण उसकी सांस भी फूलने लगी थी....! उसके पैरों से चपल भी कहीं गिर गई थी...! कपड़ों की हालत बिगड़ गई थी...! जंगल इतना घना था उपर से कोहरे के कारण हर जगहा बस उसे धुआं दिख रहा था...! कुछ भी साफ नहीं दिखने की वजहा से उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो किस रास्ते जाए और उपर से उसे उन लोगों से भी बचना था जो उसके पीछे भाग रहे थे।" 




    "प्लीज हेल्प मी....! कोई है यहां प्लीज़ मेरी मदद करो।" वो रोते हुए चिल्लाते हुए बोली।

    "तभी उसके सामने दो आदमखोर भेड़िया आ जाते हैं...! लाल आंखें बड़े और खुखार दांत...! बड़े बड़े नाखून उन को देख कर लग रहा था कि वो बहुत दिन से इंसानी शरीर  को खाने के लिए भूखे थे।" 

    "उस लड़की के डर के कारण पैर वहीं लड़खड़ाने लगते हैं...! वो हिम्मत करके पीछे की तरफ भागने की कोशिश करती हैं पर जैसे वो पीछे मुड़ती है पीछे भी दो आदमखोर भेड़िया धीरे धीरे उसकी तरफ बढ़ रहें थे और उसे देख कर मुंह से खुखार मार रहें थे।" 




    "उस बिचारी लड़की को समझ नहीं आ रहा था कि वो आखिर करें तो करें क्या...! वो अपनी किस्मत को कोस रही थी जो वो यहां अपने दोस्तों के साथ घूमने आई और रास्ता भूलने के कारण अब वो इनके बीच फस गई है।" 

    "उसकी अब हिम्मत नहीं हो रहीं थीं भागने की डर के कारण उसके पैर भी जवाब दें रहें थे पर वो हिम्मत करके दुसरी तरफ से भागने की कोशिश करती है तो फिर कहीं से एक और भेड़िया कुद कर आ जाता हैं अब वो पांच छः भेड़ियों के बीच में फंस गई थी।" 

    "वो रोते हुए अपने चारों तरफ देखती है...! उसके चारों तरफ भेड़िया उसे खा जाने वाली नज़रों से घूर रहें थे...! उस लड़की को लग रहा था कि आज उसक आख़री दिन हैं कोई नहीं बचा पाएगा उसको वो हाथ जोड़ लेती है।" 




    "प्लीज़ मुझे छोड़ दो कोई है प्लीज़ मुझे इन भेड़ियों से बचा लो हैं भगवान मुझे बचा लो।" वो रोते हुए बोलतीं है कि तभी एक भेड़िया धीरे धीरे उसकी तरफ बढ़ने लगता है।




    "ये देख कर वो लड़की पीछे जाने लगती है...! तभी उसका पैर किसी पत्थर से थकरा जाता है और वो नीचे जमीन पर गिर जाती है...! फिर भी वो अपने हाथों से खुद को पीछे कर रही थी और रोते हुए ना में गर्दन हिला रही थी।"




    "वो भेड़िया उसके बहुत पास जाता है उसके मुंह से खुखार की आवाज आ रही थी ये सब देख कर उस लड़की को डर से कंपकंपाहट छुट गई वो इस कदर डर गई की वो वहीं डर के कारण बेहोश हो गई थी।" 




    "वो भेड़िया उस लड़की पर टूटने वाला था कि तभी एक भेड़िया आ कर उसको दुसरी तरफ गिरा देता है सब भेड़िया उसे देखने लगते हैं ।" 




    "उस भेड़िये को देख कर एक पल को सब भेड़िया डर जाते हैं...! वो उन सबसे ख़तरनाक लग रहा था...! सफेद रंग भूरी चमकीली आंखें...! बड़े बड़े दात शरीर भी बड़ा था...! उसे देख कर साफ कहां जा सकता था कि वो बहुत पुराना भेड़िया हैं कम से कम 100 साल से वो जिंदा है।" 

    "वो भेड़िया गुस्से से खुखारता है और अपने नुकीले लंबे दांत दिखाते हुए उन सब भेड़ियों पर वार करता है...! वो किसी को अपने नुकीले दांतों से काटता है तो किसी को अपने लंबे लंबे नाखून से नोचता है वो एक उन चार पांच भेड़ियों पर भारी पड़ रहा था उसकी भूरी आंखें उस वक्त बहुत डरावनी लग रही थी इन सबसे अनजान वो लड़की वही बेहोश पड़ी थी।" 

    "वो आदमखोर भेड़िया उन सब भेड़ियों पर भारी पड़ रहा था वो एक एक करके सबको घायल कर देता है‌।" 

    "तभी वहां पर एक और भेड़िया आता है...! वो ये सब देखकर हैरान था जल्दी से वो इंसानी रूप में आता है...! सांवला रंग काली बड़ी आंखें थोड़े लंबे बाल जिसकी उसने चोटी की हुई थी...!  लंबाई 5 फुट थी.....! चेहरा बिल्कुल परफेक्ट था..!साप जो लाइन थी...! पतले होंठ लंबी नाक...! वो किसी फिल्मी हीरो से कम नहीं था...! चांद की चांदनी में उसका चेहरा चमक रहा था।" 

    "वो लड़का उस भेड़िये को रोकने की कोशिश करता है पर उस भेड़िये पर जैसे आज खून सवार था वो कुछ ही वक्त में उन सब भेड़ियों को ख़ून से लटपट कर देता है और एक नज़र उस बेहोश लड़की को देखता है और फिर उस लड़के की तरफ देख कर वहां से तेजी से भाग जाता है....! ठंडी पूरे चदंमे वो भेड़िया उस घने जंगल में कहा खो जाता है पता नहीं चलता हैं।" 

    "वो लड़का उस लड़की के पास आता है और अपने घुटनों के बल बैठ कर उस लड़की के चेहरे को देखने लगता है....! दुध जा गोरा शरीर बड़ी बड़ी घनी पलकों वाली आंखें...,बेदाग गोल नाक नक्श वाला चेहरा मासूम लग रही थी लंबे काले घने बाल जो उसके चेहरे पर आ रहें थे...! चांदनी रात में उसके चेहरे पर चांद की चमक साफ पड़ रहीं थीं और उसमें उसका चेहरा और भी सुन्दर लग रहा था।"

    "वो लड़का उस लड़की को अपनी गोंद में उठाता है और उसे जंगल से थोड़ा बाहर लाकर एक पत्थर पर लेटा देता है जहां लोगों का आना जाना लगा रहता था और वो वहां से चला जाता हैं।" 

    ..................

    "कुछ देर बाद उस जगहा कुछ लड़के लड़कियां उस लड़की को ढूंढते हुए आते हैं।" 




    "ये देखो मैडम यहां सोई हुई हैं और हम लोग कितना परेशान हो रहे थे इसके लिए।" एक लड़का उस लड़की को देखते हुए बोला।




    "हांहहह...! अब बातें करोगे या इसे उठाओ गे भी।" दुसरी लड़की उस लड़के से बोली।

    "शानिया...! शानिया...! उठो शानिया...! वो लड़की उसके हाथ को हिलाते हुए बोली।

    "हांहहह...! बचाओ बचाओ मुझे भेड़ियों से।" शानिया नींद में बड़बड़ाते हुए बोली।

    "शानिया उठों देखो यहां कोई भेड़िया नहीं है।" वो लड़की फिर उसको जगाते हुए बोली।

    "शानिया अपनी आंखें खोलती है और डर के मारे इधर उधर देखती है....! ये मैं कहां हूं और वो भेड़िया कहां गए।"




    "भेड़िया...! लगता है ये पागल हो गई है।" विपिन नाम का लड़का उसका मजाक बनाते हुए बोला।

    "ये तुम क्या बोल रही हों शानिया...! भेड़िया यहां कैसे आ सकते हैं।"युवराज जो की शानिया का अच्छा दोस्त भी था और उसे पसंद करता था वो उसे समझाते हुए बोला।

    "युवराज मैं सच्च बोल रही हूं मैंने भेड़ियों को देखा है।" शानिया डरते हुए बोली।

    "अच्छा ठीक है ये सब बातें हम कैम्प में जाके भी कर सकते हैं शानिया अभी हमें यहां से चलना चाहिए रात बहुत हो गई है।"नियती ने शानिया का हाथ पकड़ते हुए बोली।

    "हां चलों।" सब वहां से जाने लगते हैं....,सब आगे चल रहे थे और शानिया पीछे शानिया पीछे मुड़कर एक बार उस घने जंगल को देखती है और वो मन में बोलती है " मैंने कोई सपना नहीं देखा था सच मैं मैंने भेड़ियों को देखा है पर इन लोगों को बताउंगी तो यकीन नहीं करेगे।"  फिर वो आगे देखते हुए जल्दी से अपने दोस्तों के साथ वहां से चली जाती हैं।




    "क्या शानिया अपने दोस्तों को सच्च बाता देगी..., और कौन था वो भेड़िया जिसने शानिया को बचाया...! क्या कभी उस भेड़िये का सच्च सामने आएगा ये सब जाने के लिए पढ़ते रहिए मेरी ये कहानी "इश्क़ की एक दास्ता ( A story of wolf King) " 

    ............

    क्रमशः

    मुस्कान

    रेटिंग कमेंट लाइक plz सपोर्ट me 🙏🙏

  • 2. Reborn in love (A story of wolf king) - Chapter 2

    Words: 1239

    Estimated Reading Time: 8 min

    "नैनीताल का जंगल जो बहुत ही बड़ा और घना था...! अगर सुबह कोई देखे तो उसे इसे सुकून और सुन्दर जगहा कहीं और नहीं मिलेंगी पर वही कोई अंधेरी काली रात में इस जंगल में आ जाए तो उसके डर के कारण जान भी जा सकती हैं।"

    "आज फूल मून रात थी इसलिए चांद की चांदनी पूरे जंगल को चमका रही थी पर फिर भी घने जंगल की खौफ कम नहीं हुई थी...! बड़े घने पेड़...! जानवरों की अजीबो-गरीब आवाजे लोमड़ी की आवाज जो इस जंगल को और डरावना बना रहा था।"

    "वहीं उस घने जंगल के बीच में एक बड़ी सी पुरानी हवेली बनी थी जो कुछ 80 फिट में फैली हुई थी और उसके बाहर बोड पर बड़ा बड़ा लिखा था वेलकम माय हेल मेंशन वो हवेली उस जंगल में और भी डरावनी लग रही थी अशल मे वो डरावनी थी भी..., काली रंग से रंगी वो हवेली को कोई इस वक्त देख ले तो उसकी सांसें बाहर आ जाए...! हवेली के बाहर बहुत से गार्ड खड़े थे और कुछ गार्डन में भी इधर उधर घूम रहे थे...! हवेली में बहुत सन्नाटा था या ये कहें की अनहोनी से पहले की ये शान्ती थी।"

    "वहीं उस हवेली की कमरे की बालकनी में एक परछाईं दिखाई देती है पहले वो परछाई एक भेड़िये जैसी दिखती है पर कुछ देर बाद वही परछाई एक इंसान बन जाती है।"

    "उस आदमी की लंबाई 6.2 इंच..., हल्का सांवला रंग सवेंद और हल्के भूरे बाल..., आंखें Honey रंग की फेस पर जो लाइन..., कुल मिलाके पूरा लुक उसका किसी होलीबॉड के हीरो से कम नहीं था...! उसकी आंखों में एक अलग सी खौफ नज़र आ रही थी जितनी बड़ी और प्यारी आंखें थी उसकी उतनी ही डरावनी भी थी...! गुस्से से उसके आंखों से लाल लावा जैसे बाहर निकल रहा हो...! "

    "चांद की रोशनी में भी वो बहुत सुन्दर लग रहा था...! उसने चांद की तरफ जैसे देखा उसकी आंखें लाल हो जाती है गुस्से से उसकी आंखें लावा निकाल रही थी...! वहीं उसके दांत बड़े होने लगते हैं और बाहर आने लगते हैं...! उसके हाथ के नाखून लंबे और नुकीले बन जाते हैं...! वो आधा इंसान और आधा भेड़िया एक जोर दार खुखार मारता है जिससे पूरा जंगल खौफ के मारे हिल पड़ता है...! वहीं इस आवाज से हवेली भी पूरी हिल गई थी और उस इंसान की आवाज सुनकर उस कमरे के नीचे खड़ा इंसान उपर उस कमरे की तरफ देखते हुए धीरे से बोला : " लगता है आज किंग बहुत खुश हैं या बहुत गुस्से में है...! उनकी आवाज से कुछ समझ नहीं आ रहा है...! अब वहीं जाने की उनके दिल में क्या है...! ये बोलते हुए वो इंसान जल्दी से बोला : " दिल नहीं...! दिल नहीं उनके पास तो दिल ही नहीं है जो होगा वो दिमाग पर होगा।"

    ............................

    "सुबह की पहली किरण होते ही एक होस्टल के कमरे में एक 20,21 साल की लड़की सो रही थी...! उसके उपर सूरज की किरणें पड़ने से उसका चेहरा बहुत सुन्दर लग रहा था...! उसके चेहरे पर मासूमियत थी।" 

    "तभी वहां दुसरी लड़की आती है और वो उसे देखते हुए बोलती है...,: "‌ लो इनको देखो मैडम अभी तक सो रही है...! यार शानिया कब तक शो गी अब उठ भी जाओ।"

    "यार क्या है क्यों परेशान कर रही है वैसे भी मैं रात भर सो नहीं पाई थी मुझे सोने दो।" शानिया पिलो को अपने कान पर रख लेती है और दुसरी तरफ हों कर सो जाती है।

    वो लड़की उसके मुंह पर से पिलो हटाते हुए बोली: "क्यों रात भर क्या तू कुश्ती लड़ रही थी जो सो नहीं पाई।"

    "नहीं यार मुझे डर लग रहा था इसलिए रात भर नींद ही नहीं आई।"सानिया उठकर बैठी हुई बोली।

    " है आखिर कौन सी चीज है जो सानिया अग्रवाल को डरा दे जरा मैं भी तो सुनो।"वह सानिया के पास बैठे हुए बोली।

    "अरे वही भेड़िया यार" सानिया उसको देखते हुए बोली।

    " तू फिर चालू हो गई यार तुझे कितनी बार बोला है ये तेरा दिल का वहम है भेड़िया वहां नहीं था।"वह लड़की जिसका नाम तनु था वह बोली।

    "अच्छा चल मार लेती हूं कि भेड़िया वही था मगर तू ही बता अगर भेड़िया वहां होता तो क्या वह तेरी मम्मी का जमाई लगता था जो तुझे छोड़ देता अरे पागल वह तुझे कच्चा खा जाता समझी ।" तनु अपने दोनों हाथ हिलाते हुए बोली।



    "तनु के मुंह से जमी सुनते ही सानिया गाल गुलाबी होने लगते हैं करने लगती है।"



    सानिया को ब्लस करते देखा तनु हैरानी से बोलता है: "तू पागल हो गई है क्या जो ब्लस कर रही है, वो अपनी हल्की मुस्कान दबाते हुए सानिया कहती है नहीं अब मेरी मम्मी का जमाई मेरा हस्बैंड ही तो हुआ तो मैं क्या ब्लस नहीं करूंगी ।

    "मुझे तो लगता है तू जंगल में सर के बल गिर गई है जो एक भेड़िए के लिए ब्लश कर रही है और वहां से जाते हुए तनु बडबडाते  हुए कहती है खुद भी लेट होगी और मुझको भी लेट करेगी।"

    "यार तनु तू मेरी बात पर यकीन क्यों नहीं करती हो। सानिया परेशान होते हुए बोली।

    हां हां चल ठीक है अब जल्दी से तैयार हो जाओ तूं खुद भी देर करेगी और मुझे भी देर करवाएगी हमें जल्दी से दिल्ली के लिए निकलना है।

    "यह बोलकर तनु तैयार होने लगती है और सानिया मुंह बना लेती है।"

    इधर वेलकम माय हेल्प मेंशन में दो-तीन लोग अपने घुटनों पर बैठे डर से कांप रहे थे...! उनकी हालत बहुत खराब थी..., किसी के मुंह से खून निकल रहा था तो कोई खड़ा भी नहीं हो पा रहा थी।

    सर प्लीज इससे अच्छा है आप हमें मार दीजिए किंग के हाथों से नहीं मरना है।

    क्या मेरा बस चलता मैं तो तुझे खुशी-खुशी मार देता पर क्योंकि आर्डर है कि वह यह काम खुद अपने हाथों से करना चाहते हैं सामने खड़े लड़के ने उसे इंसान को घूरते हुए बोला।

    सर प्लीज हमसे गलती हो गई सर प्लीज वह लोग गिड़गिड़ाते हुए बोले।

    तभी वहां से कुछ दूर से दहाड़ने की आवाज आती है और सब समझ जाते हैं कि उनका वुल्फ किंग आ गया है वहां जमीन पर बैठे लोगों की रूह काप जाती है क्योंकि उनको पता चल गया था कि उनकी मौत नजदीक है उन लोगों को एक काली परछाई अपनी तरफ आते हुए दिखती है जो देखते-देखते एक भयंकर काले लिवाज वाले इंसान का रूप ले लेती है।

    वुल्फ किंग के पीछे दो और भेड़िया चल रहे थे...! वे भी एक भयंकर काले लिवाज पहने इंसान बन जाते हैं उन्हें देखकर लग रहा था कि एक रक्षक के पीछे दो राक्षस चल रहे हैं वहां बैठे लोगों में से एक ने उनको देखते ही वही उसकी मौत हो जाती है उसके बाकी साथी उस मरे हुए इंसान को देखकर हैरानी और डर से देखते और मन में सोचते हैं कि इसको कितनी आसान मौत मिल गई उन लोगों को भी उसके जैसी मौत चाहिए जो अब इन लोगों को नामुमकिन जैसा लग रहा था सबसे आगे चल रहा इंसान जल्दी से जाकर अपने सिंहासन पर जाकर बैठ जाता है...! वह सिंघासंन असली शेर की खाल से बना था उसे देखकर पता चल रहा था कि वह किसी खास के लिए ही बना है...!



    "किस खास के लिए बना है यह सिंघासन ये भेड़िया किसका इंतजार कर रहा है क्या वह आ गया है जो इंतजार 100 सालों से है क्या वह खत्म होने वाला है जानने के लिए पढ़ते रहिए "इश्क की एक दास्तान"



    .............................

    क्रमशः

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  • 3. Reborn in love (A story of wolf king) - Chapter 3

    Words: 1251

    Estimated Reading Time: 8 min

    सबसे आगे चल रहा इंसान जल्दी से आकर अपने सिंघासन पर जाकर बैठ जाता है वो सिंघासन असली शेर की खाल से बना था उसे देखकर पता चल रहा था कि वह किसी खास के लिए ही बना है ।




    सिर्फ इंसान की आंखें देख कर ही वहां खड़े हर इंसान की रू अंदर तक कांप जाती है उसकी आंखों में गुस्से के कारण खून सवार था।




    "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई उसको छूने की।" उसे इंसान की तेज आवाज पूरे हॉल में गूंज उठती है।

    सबसे आगे बैठा इंसान अपना सर झुकाए दर से बोल : "किंग हमें माफ कर दीजिए....,  किंग हमें नहीं पता हमें क्या हो गया था उसे वक्त हमें खुद पर कंट्रोल नहीं था और हमें खुद भी विश्वास नहीं हो रहा है  और आप जानते हैं कि हम लोग इंसान पर हमला नहीं करते हैं।"

    यह बात सुनकर किंग जोर-जोर से हंसने लगता है वह अपने सिंघासन से  उठ जाता है...! और धीरे-धीरे उन लोगों के पास जाता है सबसे पीछे बैठे इंसान की गर्दन को पकड़ता है और अपने नुकीले नाखूनों से उसका सर धड़ से अलग कर देता है।

    तभी हंसते हुए किंग बोलता है : " बहुत खूब तुम जैसे दो कौड़ी के भेड़िया मुझे किंग को घूरेंगे कब से यह भेड़िया मुझे घूरे जा रहा था अब तू घूरने के क्या देखने के भी लायक नहीं रहा।

    "आगे बैठे लोगो की डर से जान निकली जा रही थी अब उन लोगों को बचाने की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही थी जो किंग इतनी देर से हंसे जा रहा था वह चिल्लाते हुए बोला : " तुम लोगों की हिम्मत कैसे हुई मेरी जान को छूने की।" 

    "हमें माफ कर दीजिए किंग हमसे गलती हो गई हमें नहीं पता था कि आप उसको जानते हैं हमें माफ कर दीजिए कि हम पर तरस खाइए।"

    गलती तो की है ना अब सजा भी मिलेगी अब ऐसी सजा मिलेगी कि तुम्हारी आने वाली वीडियो की भी रुकावट जाएगी।

    किंग अपने पीछे खड़े लोगों की तरफ देखा है वह लोग किंग के आंखों का इशारा देख के समझ जाते हैं और अपना सर नीचे करके पीछे हो जाते हैं और अपने आदमियों की तरफ देखा है जो पूरी हवेली में पहले होते हैं और उनकी तरफ इशारा करता है उनमें से 10 लोग आते हैं और उनमें बच्चे तीन लोग पर टूट पड़ते हैं कुछ देर बाद उन लोगों की दर्द भारी चीखें पूरी हवेली में गूंजने लगती है कुछ देर तक ऐसे ही उन लोगों की दर्दनाक सीखे सुनाई देती हैं और अचानक से बंद हो जाते हैं वह 10 लोग उन लाश पर से दूर हटते हैं तो उनकी हालत देखकर किसी आम इंसान का  दिल दहल जाए एसी दर्दनाक दृश्य देखकर उसे इंसान की रूह शरीर से से निकल जाए पर वहां खड़े लोगों की आंखों में कोई भावना नहीं दिखती है ।




    वहां की हालत देखकर किंग एरोगेंट आवाज में बोलता है : " अब तमाशा क्या देख रहे हो तुम लोगों ने मुझे इतना बुरा समझ  कर रखा है कि मैं ऐसा दृश्य देखूंगा अब जाओ जल्दी से यह सब साफ कर दो मुझे खून देखकर डर लगता है।" वह अपनी आंखों पर चश्मा लगाते हुए बोला।

    फिर वह वहां से उठ जाता है और अपने कमरे में जाते हुए रुक जाता है और हल्का मुड़ते हुए धीरे से बोलता है : "एक कप ब्ल्ड जल्दी से मेरे कमरे में ले आओ।

    किंग के पीछे जो दो लोग खड़े थे उनमें से एक ब्लड लेने चला जाता है और एक कहता है : "हाय मेरे किंग कितने मासूम है खून देख कर डर जाते हैं पर खून पीने में मजा आता है।"

    …........................

    वहीं दूसरी तरफ दिल्ली की सुबह दिलदारों डीपीएस यूनिवर्सिटी (काल्पनिक नाम) उसे कॉलेज के चारो तरफ बहुत चहल-पहल थी कॉलेज बहुत बड़ा था कुछ बच्चे क्लास अटेंड कर रहे थे कुछ बच्चे गार्डन बैठे थे और कुछ बच्चे कैंटीन में थे उसी कॉलेज के एक क्लास में 5  लोगों के ग्रुप मैं से में से एक लड़की बोली : "यह सानिया अभी तक क्यों नहीं आई यह खुद भी लेट करती है और तनु को भी लेट कराती है।"

    तभी इस ग्रुप में से दूसरा लड़का बोलता है : " हां ज्यादा लंबी नींद तो लेगी तभी अपने सपने में उस भेड़िये को देख पाएगी।"

    यह बोलकर वह हंसने लगता है और उसको देखकर सब हंसने लगते हैं।

    तभी उसे लड़के को पीछे से एक लाख जोर से आगे पड़ती है वह अपने आप को संभाल नहीं पता है और मुंह के बाल गिर जाता है।

    वह अपना मुंह उठाकर गुस्से में अपने दोस्तों को देखा है जो उसके आगे खड़े थे और उसको गिरते हुए देखकर साइड होकर हंस रहे थे।

    जो लड़का जमीन पर गिरा था उसका नाम तरुण हैं वह एक ऐसा लड़का है जो मसत मोला इशान हैं उसकी एक आदत है की भले ही उसको कोई बात पता हो या ना हो पर फिर भी दांत फाड़ कर हंसने लगता है।

    वह जिन दो लड़कों को घर कर देख रहा था उनमें से एक लड़का अपने दांत दिखा देता है तरुण उठना है।

    वो अपने कपड़े साफ करते हुए उस लड़के को घूरते हुए बोलता है : "यह कोलगेट का ऐड कहीं और कर जाके।"

    तभी वह लड़का हंसते हुए बोलता है :" नहीं भाई मैं कोलगेट कहां पतंजलि दंत कांति यूज़ करता हूं।" 

    तरुण उसकी गर्दन में अपने हाथ डालते हुए दांत पीसते हुए बोला : "साले पहले गिरते हुए बचाता नहीं है और फिर गिरने के बाद उठाया भी नहीं और अब डांट फाड़ते हुए बता रहा है कि कोलगेट नहीं पतंजलि दंत कांति यूज़ करता हूं।" 

    तेरी यह दात ही तोड़ देता हूं ना...! यह बोलकर तरुण की गर्दन को टाइट पकड़ लेता है तभी वह लड़का उससे दूर होते हुए बोला : "भाई यार मेरा भाई हट गया था इसलिए मैं भी है गया...! तू जानता है ना कि जो मेरा भाई करता है वही मैं करता हूं।

    "तेरे भाई का तो समझ आता है क्योंकि उसको किसी का टच पसंद नहीं पर तू तो पूरा टाइम मेरे सर पर बैठा रहता है तब तुझे समझ नहीं आता कि तेरा भाई जब मेरे सर पर नहीं बैठता है तो तू क्यों बैठता है।" तरुण गुस्से में उसे घूरते हुए बोला।

    यह वीर है जो तरुण के उल्टे-पल्ट कामों में साथ देता है पर जब तरुण का साथ देना होता है तो पीछे हट जाता है इसे आप थाली का बैगन भी बोल सकते हैं।

    इससे उल्टा है इसका बड़ा भाई जय जिसका नेचर बिल्कुल शांत है वह बहुत काम बोलता है वैसे इस ग्रुप में इसका कोई काम नहीं है पर इसको इस ग्रुप में घसीट लिया गया है...! यह वीर से 5 मिनट बाद है तभी भी इसको बड़ा भाई मानता है।

    जय इस ग्रुप में रहना नहीं चाहता था पर जब से उसने तनु को देखा है तब से वह इस ग्रुप में रहने लगा है अब जब इतनी बातें हो ही गई है तो अब जरा यह देख ले की लात मारी किसने है जिसको जय उतनी देर से एक टक देखे जा रहा था यह तनु ही है जिसे जय तब से बिना पलके झपकाए देखे जा रहा है।"




    "क्या होगा जब तनु को पता चलेगी जय की फिलिंग्स और जब तरुण को पता चलेगा कि किसने मारी है लात तब क्या होगा और कौन है यह भेड़िया कब आएगी इसकी सच्चाई सामने और क्या रिश्ता है इसका सानिया से यह सब जानने के लिए पढ़ते रहिए "इश्क की एक दास्तान" सिर्फ और सिर्फ पॉकेट नवल पर।"




    .........................

    क्रमशः

    मुस्कान

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  • 4. Reborn in love (A story of wolf king) - Chapter 4

    Words: 1110

    Estimated Reading Time: 7 min

    वह लात किसी और ने नहीं बल्कि तनु ने मारी थी तरुण अपनी कमर पर हाथ रखते हुए बोला : आहहह क्या मारा है ऐसा लग रहा है की सारी शरीर की हड्डी टूट गई है वैसे किसकी हिम्मत हुई तरुण को मारने की।




    इतना ही बोल पाया था कि पीछे से आवाज आती है : मैंने मारा था क्या कर लेगा।




    जय तो पहले से तनु को ही देख रहा था वीर और तरुण भी उसकी तरफ देखने लगते हैं।




    तनु और सानिया उनके पीछे खड़ी थी तनु गुस्से से तरुण को घूर रही थी वहीं सानिया चुपचाप अपने दुपट्टे के किनारे को अपने हाथ की एक उंगली में घूमा रही थी।




    तनु तूने मुझे याद क्यों मेरी पागल हो क्या। तरुण गुस्से से लाल पीला होते हुए बोला।




    अच्छा मैं पागल हूं तो तू क्या है क्या बकवास कर रहा था सानिया के बारे में तू। तनु गुस्से से तरुण को घूरते हुए बोली।




    कु- कुछ भी तो नहीं यार मैं क्या बोलूगा सानिया के बारे में। तरुण हकलाते हुए बोला।




    गलत बात है किसी के पीठ पीछे उसका मजाक नहीं बनना चाहिए और सानिया हमारे दोस्त है तुम उसके बारे में ऐसा कैसे बोल सकते हो। तनु तरुण को अच्छे से सुनती है।













    वहीं सानिया की आंखों में आंसू थे सानिया बहुत सीधी-साधी लड़की थी वह जल्दी किसी के साथ बात नहीं कर पाती थी पर जब करती थी तो फिर रुकती नहीं थी सानिया एक अनाथ थी उसका अपना कहने के लिए बस उसके पास तनु थी सानिया इतनी सीधी थी कि अगर कोई उसे कुछ बोल देता है तो वह उसकी बात का जवाब नहीं देती है बस चुपचाप रो लेती है पर वही तनु सानिया से अलग है वह लड़ना जानती है और मारना भी जानती है।




    तनु की बात सुनकर तरुण को अपनी गलती का एहसास होता है और वह सानिया की तरफ देखते हुए बोला : मुझे माफ कर दो सानिया यार मैं तो बस मजाक कर रहा था मुझे नहीं पता था तुमको मेरी बात बुरी लग जाएगी सॉरी सानिया।




    कोई बात नहीं तरुण मैं तुमसे गुस्सा नहीं हूं सानिया मुस्कुराने की कोशिश करते हुए बोली।




    तभी कॉलेज के माइक पर अनाउंसमेंट होती है कि सभी फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को हाल में बुलाया है।




    अनाउंसमेंट सुनकर सब लोग हैरान और कंफ्यूज हो जाते हैं तभी वीर कुछ सोचते हुए बोलता है :  अब प्रिंसिपल को क्या हो गया है इनका क्या दिक्कत आ गई।




    अब यह तो जाकर पता चलेगा यार चलो चल कर देखते हैं कि क्या मैटर है। जय सब की तरफ देखते हुए बोला और वहां से जाने लगता है।




    सबने हमें सर हिला दिया और उसके पीछे-पीछे चलने लगते हैं।




    सब लोग हाल में आ जाते हैं और अपनी अपनी सीट पर बैठ जाते हैं कुछ देर बाद वहां पर कॉलेज के प्रिंसिपल ऑफ कुछ टीचर स्टेज पर आते हैं।




    प्रिंसिपल माइक लेते हुए बोले : हम जानते हैं कि आप सब यही सोच रहे हैं कि हमने आप लोगों को अचानक से यहां क्यों बुलाया है।




    डियर स्टूडेंट्स आप सब तो जानते हैं कि यह ईयर आप सबका इस कॉलेज में फाइनल ईयर है और कॉलेज के बाद कुछ बच्चे जॉब के लिए बहुत सी कंपनियों में अप्लाई करेंगे और इसी चीज में हम आप सबकी मदद करना चाहते हैं हम आप स्टूडेंट को बताना चाहते हैं कि एशिया की सबसे बड़ी कंपनी W.K. कंपनी की कुछ वैकेंसी आई है













    जो स्टूडेंट इंटरेस्टेड है इस कंपनी में अप्लाई करने के लिए वह हमें अपना नाम लिख कर और हमें यह बात बताने की जरूरत नहीं है कि  W.K कंपनी आप लोगों के लिए बेस्ट है कि नहीं यह सब जानते हैं कि एशिया की नंबर वन कंपनी W.K कंपनी सबसे बेस्ट कंपनी है हम कुछ देर में आपको फॉर्म दे देंगे जो बच्चे जिस पोस्ट पर अप्लाई करना चाहते हैं वह उसे फार्म पर टिक लगा दें हम कुछ दिनों में आप सभी के फॉर्म W. K कंपनी को दे देंगे।"




    इतना बोलकर प्रिंसिपल और टीचर वहां से चले जाते हैं प्रिंसिपल की बात सुनकर वहां खड़ा हर स्टूडेंट बहुत खुश हो जाता है क्योंकि उनको जॉब ढूंढने में मेहनत नहीं करनी पड़ेगी उनके पास खुद चलकर जॉब वैकेंसी आई है तो वह यह मौका क्यों छोड़ना चाहेंगे।




    यार मुझे कुछ गड़बड़ लग रही है‌। जय कुछ सोचते हुए बोला।













    तुझे तो हमेशा हर अच्छी चीज में गड़बड़ी लगती है अब इसमें क्या गड़बड़ हो सकती है तू बता हमें अगर जॉब वेकेंसी खुद आ रही है मिल रही है तो इसमें क्या गड़बड़ होगी यार यह तो हम लोग के लिए अच्छा है ना कि हमें ठोकर नहीं खानी पड़ेगी जॉब के लिए। तरुण जय को घूरते हुए बोला।




    हां यार मैं समझ रहा हूं तुम्हारी बात को पर तुम ही सोचो मतलब इतनी बड़ी कंपनी की वैकेंसी हम लोगों के लिए बिल्कुल ऐसे ही दे देंगे क्या कुछ तो बात है ना कुछ गड़बड़  इसलिए लग रही है...! क्योंकि मैंने सुना है कि इस कंपनी में जॉब बहुत मुश्किल से मिलती है बहुत रेयर लोगों को मिलती है...! जो बाहर से ग्रेजुएट होते हैं यह बड़ी बड़ी डिग्री लेकर आते हैं। जय अपने कंफ्यूजन को सबके सामने रखता है।




    "यार तू अपनी बकवास बंद कर अगर तुझे इतना ही इस कंपनी पर डाउट है तो तू फार्म मत भर पर मैं तो जरूर करूंगा क्योंकि मुझे इतनी अच्छी कंपनी में जॉब मिल रही है वह भी ठोकरे ना खाएं हुए……! मैं तो जरूर करूंगा तुझे नहीं भरना तो मत भर और तुम लोग बताओ यार तुम लोगों को भरना है कि नहीं भरना है।" तरुण जय की बात सुनकर इरिटेट होते हुए बोला।




    "तरुण की बात सुनकर सब लोग हां में सर हिला देते हैं...! जय को भी लगता है ठीक है भर देते हैं फॉर्म जॉब लगी तो अच्छी बात है नहीं लगी तो अपनी किस्मत का दोस होगा।"




    "कुछ देर बाद कॉलेज का स्टाफ कंपनी के फॉर्म लाता है और सबको डिस्ट्रीब्यूशन कर देता है।"




    फौम देखकर सब लोग कंफ्यूज होते हैं कि वह किस पोस्ट पर अप्लाई करें क्योंकि उसमें 10 पोस्ट दी गई थी...! तरुण फॉर्म देखते हुए बोला : यार दोस्तों मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं कौन से  पोस्ट पर अप्लाई करूं।




    तरुण की बात सुनकर सब लोग कंफ्यूज हो जाते हैं कि वह किस पोस्ट पर अप्लाई करें।













    "आखिर क्या है W.K कंपनी में यह कोई साजिश तो नहीं है क्या जय का शक सही है कि और कौन है W.K  कंपनी का मालिक…! क्या मिलेगी इन दोस्तों को उस कंपनी में जॉब या टूट जाएंगे सपने इनके और कौन सी पोस्ट पर यह लोग अप्लाई करेंगे जानने के लिए पढ़ते रहिए "इश्क की एक दस्ता (A story of wolf King)"
















    .......................

    क्रमशः

    मुस्कान 

  • 5. Reborn in love (A story of wolf king) - Chapter 5

    Words: 1166

    Estimated Reading Time: 7 min

    "इधर दुसरी तरफ दिल्ली की सबसे बड़ी एक बिल्डिंग के 25thफ्लोर पर एक आलीशान ऑफिस था जो इतना बड़ा था की अगर उसमें कोई पार्टी ऑर्गेनाइजर की जाए तो 10000 से ज्यादा लोग आराम से आ सकते हैं...! पूरी बिल्डिंग का स्ट्रक्चर एसा था की बाहर से सिर्फ आपको शीशे की खिड़की ही दिखेगी पर अन्दर बैठा या खड़ा इन्सान आपको अच्छे से देख पाएगा उस बिल्डिंग से पूरी दिल्ली दिखती थी।"

    "उसी ऑफिस में ब्लैक रंग का ऑफिस सूट पहने एक आदमी जिसकी उम्र कुछ 30 31 साल की लग रही थी...! वह खिड़की से बाहर दिल्ली शहर को अपनी सख्त आंखों से घर रहा था।"

    तभी वहां एक दूसरा आदमी ऑफिस के अंदर आता है वह उसे इंसान की पीठ को देखते हुए बोला : " ASS जैसा आपने कहा था हमने वही किया है  हमने उस कॉलेज में जॉब के लिए ऑफर भेज दिया है।"

    "वह इंसान जो खिड़की के सामने खड़ा था वह उसे आदमी की तरफ मुड़जाता है।'




    वह एरोगेंट आवाज मेंबोलता है :"गुड वैसे तुमको क्या लगता है कि वह आएगी।"




    "वैसे जो मैंने तुम्हें दूसरा काम दिया था वह तुमने पूरा किया।" वह आदमी अपनी डैक्स पर बैठते हुए बोला।"




    "जी ASS आपने जो कहां था वो भी हो गया।" वो इंसान जिसका नाम विक्की उर्फ वक्त रावत था वो उसे कोई फाइल देता है।"




    "नाम सानिया अग्रवाल मां बाप नहीं है एक अनाथ आश्रम में बड़ी हुई हैं...! उम्र 20,21 साल वो अपनी दोस्त तनू के साथ रहती है ASS और कुछ ज्यादा नहीं मिला इसके बारे में।"विक्की ASS  को देखता है इसका चेहरे से पता करना मुश्किल था की वो अभी क्या सोच रहा है।




    "हूं...! गुड...!अब तुम जा सकते हो।" वो आदमी कुछ सोचते हुए बोला।




    "ओके चीफ।" ये बोल कर विक्की वहां से चला गया।"




    "ये अधिकांश सिंह शेखावत उर्फ ASS WK company के सीइओ...! इनकी कम्पनी एशिया की नंबर वन कम्पनी में से एक है...! इनके बारे में ज्यादा किसी को कुछ नहीं पता हैं की कौन हैं इनके माता पिता कौन है और ये कहां से आए...! कुछ 20 साल पहले इन्होंने अपनी ये कम्पनी शुरू की थी रातो रात ये कम्पनी मार्केट में आ गई थी....! ये देख कर सब लोग हैरान हो गए थे की रातो रात ये कम्पनी मार्केट में कहां से आ गई थी।"

    अधिकांश कुछ सोचते हुए बोला : "तो तुम आखिर कार आ गई जान...! तुमने अपना वादा पूरा किया अब मेरी बारी है...! पिछली बार तो मुझसे गलती हो गई थी पर इस बार...! इस बार नहीं होगी।"







    ..........................




    "इधर सानिया को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे...! वो जॉब करे या ना करे।"




    "यही सब सोचते हुए वो अपने कमरे में इधर उधर घूम रही थी कि तभी वहां पर तनू आती है।" 




    "क्या हुआ ऐसे क्यों नाच रहीं हो इधर से उधर।" तनू उसे देखते हुए बोली।




    "यार तुमको तो पता है ना मैं एक एनजीओ शुरू करना चाहती हूं...! मैं अनाथ बच्चों की और बुढ़े लोगो की मदद करना चाहती हूं जिन्हे उनके ही परिवार वाले छोड़ देते हैं...! मेरे साथ जो हुआ मैं और किसी के साथ नहीं होने देना चाहती हूं...! मुझे कभी मां बाप का प्यार नहीं मिला...! यहां तक की जिस अनाथ आश्रम में बड़ी हुई वहां भी मुझे किसी ने प्यार नहीं दिया कोई ना दोस्त था ना कोई अपना।"




    ये सब बोलते हुए सानिया के आंखों में आसूं आ जाते हैं वो अपने आसूं बाहर नही लाती है वो वैसे ही बोली : "‌अगर मैंने जॉब की तो शायद मैं अपने सपने को पूरा नहीं कर पाऊंगी ।"




    सानिया की बाते सुनकर तनू उसके पास आती है और उसके आंसू पोंछते हुए बोली : " पागल हो क्या रो क्यों रही हो और जॉब करने से तुम अपने सपने को कैसे भूल जाओगी हां...! अरे पागल पता इस जॉब से तुम्हारा वो काम भी हो जाए।" 

    "कैसे।"सानिया बड़ी मासूमियत से बोली।

    "सानिया की बाते सुनकर तनू के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है उसे यकीन नहीं होता है कि कोई इतना मासूम और सीधा होगा।" 

    "तनू उसके कानों में कुछ बोलती जिसे सुनकर सानिया के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।" 




    .............….....




    रात के 11 बजे 




    इधर नैनिताल में वहीं जंगल में एक चमगादड़ उड़ रहा था...! वैसे ये जंगल हैं तो जयस सी बात है यहां चमगादड़ और भी जीव जंतु मिलेंगे पर ये चमगादड़ कुछ अलग था...! ये और चमगादड़ से बड़ा था और इसकी आंखों से लाल लावा जैसी आंखें थी।" 

    "उसके चैहरे पर एक शैतानी भाव दिख रहें थे...! वो चमगादड़ उड़ रहा था कि उसके पीछे कुछ और चमगादड़ आ जाते हैं...! वो भी उसी चमगादड़ की तरहा लग रहें थे।" 




    "उसको देख कर लग रहा था कि वो इन सबका लीडर हैं वो आगे उड़ रहा था और वो लोग उसके पीछे उड़ रहें थे।" 

    "वो सब वहीं जंगल में उड़ते हुए एक हवेली के सामने जाते हैं...! और कुछ दूर पर जमीन पर आ जाते हैं...! वहां ज्यादा अंधेरा होने के कारण कुछ भी साफ नहीं दिख रहा था कुछ देर बाद वहां कुछ इंसानों की परछाई दिखती है....! एक पैर घुटने के बल रखा हुआ होता है और एक हाथ जमीन से लगा होता उन सबका सर नीचे झुका होता है।"

    "उन चमगादड़ मे से आगे वाली एक लड़की बन जाती है और पीछे तीन लड़के बन जाते हैं....! काले रंग के कपड़े पहने वो लोग सामने हवेली को देख रहें थे।" 

    "लड़की ने काने रंग की हुडी और काले रंग की जिस पैर में ब्लैक बूट पहने थे...! उसने हुडी की कैप उपर डाल रखी थी जिससे उसका चेहरा नहीं दिख रहा था सिर्फ उसके लाल होंठ दिख रहे थे।"

    "वहीं उसी की तरहा पीछे खड़े लडको ने भी यही हुलिया बनाया था।"

    "वो सामने काले रंग की हवेली को देखे जा रहे थे जहा पर बहुत सारे गॉड बाहर और अन्दर पहेरा दे रहें थे।"

    "उस लड़की ने हवेली के बाहर लगी नेम प्लेट को देखा जिस पर बड़े बड़े अक्षरों में लिखा था।"




    "वेलकम माय हेल मेशन "

    "ये पढ़ते ही उस लड़की के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान आ जाती है।"

    वो धीरे से बोली : "हेल तो मैं कर दूंगी तुम्हारी जिंदगी किंग।"

    "ये बोल कर वो और उसके पीछे खड़े लोग जोर जोर से हंसने लगते हैं।"

    वो हंसते हुए रूकी और फिर दात पीसते हुए नफरत भरी आवाज में बोली : "मैं आ गई हूं किंग वापस 100 साल पहले जो हुआ था उसको मैं तुम्हें भूलने नहीं दूंगी और वो भी आ गई है...! जिसका तुम्हें 25 सालो से इंतजार था...! अब देखती हूं की तुम उसको कैसे पहचानते हों।" ये बोल कर वो सब फिर से जोर जोर से हंसने लगते हैं 




    "आखिर कौन है ये लड़की और ये किसकी बात कर रही है...! और क्या हुआ था 100 साल पहले और ये कौन है ये किंग...! क्या अधिकांस सानिया से मिल पाएगा और क्या सानिया जॉब करेगी और तनू ने क्या कहां था सानिया के कान में ये सब जाने के लिए पढ़ते रहिए "इश्क़ की एक दास्तां (A story of wolf King)

    ......................

    क्रमशः 

    मुस्कान 

  • 6. Reborn in love (A story of wolf king) - Chapter 6

    Words: 1147

    Estimated Reading Time: 7 min

    कुछ दिन बाद सानिया और उसके दोस्त W.K. कंपनी इंटरव्यू के लिए जाते हैं।

    तनू और सानिया बस स्टैंड पर खड़ी और लोगो का इतंजार कर रही थी।

    सानिया को तो बहुत डर लग रहा था जिस कारण वो अपने दुपट्टे को अपनी उंगली से घुमा रही थी वहीं उसको ऐसे परेशान देख कर तनू उससे बोली : क्या बात है सानिया क्यों इतना परेशान हो।

    पता नहीं मुझे अन्दर ही अन्दर डर सा लग रहा है...! तनू मैंने कभी इंटरव्यू नहीं दिया है मैं कैसे बोलूंगी यार।

    कुछ नहीं तुम डरो मत यार। तनू उसको समझाते हुए बोली।

    सानिया हां मे सर हिला देती है तनू कुछ और बोलती उससे पहले पीछे से आवाज़ आती हैं : यार सानिया तुम कितना डरती हो पता नहीं तुम्हारे मां ने तुमको क्या खा कर पैदा किया था तुम इतना डरती क्यों हो।

    तरूण पीछे खड़ा सानिया को घूरते हुए बोला।




    तरूण की बात सुनकर सानिया का चेहरा उतर जाता है वो नीचे देखने लगती 




    वहीं तनू को उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था वो उसको गुस्से में घूरे जा रही थी।




    तरूण इन सब बातो से अनजान बोले जा रहा था : यार सानिया इतना डरपोक होना भी ठीक नहीं है आग तुम जाओगी नहीं तो तुमको नौकरी कैसे मिलेगी कैसे तुम अपनी लाइफ में कुछ कर पाओगी।




    फिर तरूण सानिया के कन्धे पर अपनी बाजू लगाते हुए बोला : अच्छा ये बताओ जब तुम्हारा जन्म हुआ था तब तुम क्या सर पर से गिर गई थी।




    सानिया उसको रोती हुई सकल से देखते हुए ना में सर हिला देती है वहीं उसकी बकवास बातें सुनकर तनू को बहुत गुस्सा आ रहा था।




    वो गुस्सा करते हुए बोली : तरूण अपना गटर जैसा मुंह बन्द करता है या तुझे कुछ दू खाने को।




    तरूण तनू की बातों को बिना समझे अपने दात चमकाते हुए बोला : हैं...! क्या दो गी खाने को तनू वैसे भी बहुत तेज भूख लगी है।




    तरूण की बातें सुनकर तनू अपने सर पर हाथ मार लेती है वहीं सानिया के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।




    सानिया के चेहरे पर मुस्कान देख कर तरूण हंसते हुए बोला : अरे अरे ये मैं क्या देख रहा हूं...! सानिया तुम डरने के अलावा मुस्कुराती भी हों...! हैं भगवान मैंने तो आठवां अजूबा देख लिया। तरूण नौटंकी करते हुए बोला।




    सानिया हद से ज्यादा सीधी लड़की थी...! उसका इतना सीधा होना भी उसके लिए खतरा था ये बात उसके दोस्त जानते थे इसलिए वो कोशिश करते थे की सानिया ज्यादा कुछ नहीं कम से कम अपने डर को काबू करना सीख जाए।




    तरूण अपनी बातो से तनू और सानिया का सर खा ही रहा था कि वहा पर जय और वीर भी आ जाते हैं।




    वो उन तीनों को देखते हुए बोले : सॉरी देर हो गई।




    तनू मुंह बनाते हुए जय से बोली : कोई नई बात नहीं है जय तुमने तो कसम खाई है हमेशा देर करने की।




    जय उसकी बात का मतलब समझ रहा था तनू indirectly उसको सुना रही थी।




    तनू तुम कब तक मुझे उस बात पर सुनाओगी...! गलती हो गई...! अब बस भी करो। जय परेशान होते हुए बोला।




    गलती...! तुम्हारी एक गलती की वजहा से मैंने अपना बहुत कुछ खो दिया जय...! तुम्हारी गलती की वजहा से मैंने अपने जीवन की बहुत कीमती चीज खोई है क्या वो चीज तुम मुझे वापस ला कर दे सकते हो।तनू को कुछ पुरानी बातें याद आ जाती है जिस कारण उसके आंखों में आसूं भर जाते हैं।




    बात को बिगड़ते देखकर तरूण,वीर और सानिया जल्दी से बोलते हैं : यार तुम लोग भी ना क्या बात लेकर बैठ गए अब जो बीत गया उस पर मिट्टी डालो। तरूण तनू के कन्धों को पकड़ते हुए बोला।




    तनू तरूण का हाथ झटकते हुए बोली : वहीं मिट्टी को खोद कर उसी में दफ़न हो जा...! हूं बड़ा आया मिट्टी डालने वाला। ये बोल कर तनू बस में चढ़ जाती हैं वही तनू की बात सुनकर सब लोग तरूण पर जोर जोर से हंसने लगते हैं।




    तरूण चिड़ते हुए बोला : यार तनू मैं तो तुम्हारा मूड ठीक कर रहा था तुम तो मेरी ही बेजती करके चली गई।




    सब लोग हंसी मजाक करते हुए बस में बैठ जाते हैं।




    ..............*..............*.............* ........* ........*…........

    इधर अधिकांश अपनी कार में बैठे ऑफिस जा रहा था वो खिड़की से बाहर मौसम को ही देख रहा था कि तभी उसकी नज़र सामने बस में बैठी लड़की पर जाती है।




    उसको देखते हुए अधिकांश की आंखें बल्ब की तरहां चमक जाती है उसके कठोर चेहरे पर मुस्कान आ जाती है वो एक टक सामने बैठी लड़की को देख रहा था जो खिड़की से सर टिकाएं बाहर देख रही थी उसके बाल बार बार चेहरे पर आ रहे थे जिसे वो कभी पीछे करती तो कभी ऐसे ही उठने देती बालो के कारण अधिकांश को उसका चेहरा नहीं दिख रहा था उसका दिल कर रहा था कि वो जाए और सानिया के बालो को अपने हाथों से पीछे कर दे।




    जी आप लोगों ने सही समझा ये हमारी सानिया है जो वहीं रास्ते ऑफिस जा रही थी।




    बस कुछ और देर सानिया फिर मैं तुम्हारे सामने हुंगा और तुम्हे बहुत पास से देखूंगा बहुत वक्त लगा दिया तुमने आने में यार कितने सालों में तुम्हारा इंतज़ार कर रहा था।




    "कितना तड़पा हूं तुम्हारे लिए....! तुम्हारे प्यार के लिए....! तुम्हारे मुंह से अपने लिए वो शब्द जो तुम बोलती थी...! तुम्हारे लिए आ साना है।"




    मेरे बिना जीना क्योंकि तुम्हे तो कुछ याद ही नहीं है पर मेरे लिए......! मेरे लिए बहुत मुश्किल है क्योंकि मुझे तो सब कुछ याद है.....! तुम्हारी वो हंसी....! वो गुस्सा...! वो लड़ाई करना हर एक चीज...! तुम्हारे साथ जितना वक्त बिताया हर एक चीज मेरे आंखों के सामने अभी भी चलती है।




    तुम जितनी पहले मासूम थी ना उससे कई ज्यादा अब हों...! मैंने जब तुमको पहली बार जंगल में देखा था...! मुझे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ की तुम वापस आ गई....! तुमने अपना वादा पूरा किया...! हमारे प्यार की जीत हुई।" 




    अधिकांश सानिया को देखते हुए मन में ना जाने कितनी बातें बोले जा रहा था।




    तभी बस आगे चली जाती है अचानक से सानिया को दूर जाते देख अधिकांश ड्राइव से बोला : तेज चलाओ गाड़ी ड्राइवर देखो वो बस आगे निकल गई तेज चलाओ।




    तभी ड्राईवर बोला : सर मैं तेज ही चला रहा हूं पर मैं बस के बराबर नहीं चला सकता हूं गाड़ी की जितनी तेज चलना चाहिए उतनी तेज चल रही है।




    ड्राइवर की बात सुनकर अधिकांश का जैसे दिल टूट जाता है वो चुप चाप पीछे टेक लगा कर बैठ जाता है और आंखें बंद कर लेता।




    आखिर किस बारे में तनू बात कर रही थी...! आखिर वो क्यों जय से है ख़फ़ा क्या किया था जय ने ऐसा जिससे तनू का जीवन बर्बाद हो गया....! क्या कभी सानिया को अधिकांश के बारे में पता चलेगा क्या उसको कुछ याद आएगा...! जाने के लिए पढ़ते रही इश्क की एक दस्ता।







    ....................

    To be continue

    Muskan Gupta 

  • 7. Reborn in love (A story of wolf king) - Chapter 7

    Words: 1055

    Estimated Reading Time: 7 min

    दोस्तों प्लीज़ कहानी को कमेट और लाइक कर दिजिए बहुत मेहनत लगती है प्लीज़ सपोर्ट किजिए मेरा भी।




    अधिकांश आंखें बंद करके पीछे टेक लगा लेता है।




    100साल पहले




    "मैं ये शादी नहीं करूगा आप लोग अपने मतलब के लिए मुझे बलिका बकरा नहीं बना सकते हैं। अधिकांश अपने सामने खड़े अपने मां बाप से बोला।




    बलिका बकरा....! ये तुम कैसी बातें कर रहे हों अधिकांश हम तुम्हारे मां बाप है हम तुम्हें मुसीबत में कैसे डाल सकते हैं। अधिकांश की मां सुधा जी बोली।

    हां अधिकांश हम जो भी कर रहे हैं तुम्हारी भलाई के लिए कर रहे हैं। अधिकांश के पिता अधिवंश जी उसे देखते हुए बोले।




    एक भेड़िए की शादी एक इंसानी लड़की से कर रहे हैं इस मे मेरी क्या भलाई है बोलिए...! पिता जी आप मेरे साथ उस लड़की की भी जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं।

    हम जो कर है बहुत सोच समझ कर रहे हैं अधिकांश अगर तुमने उस इंसानी लड़की से शादी नहीं की तो हम तुम्हें अपने राज्य से और युवराज पद से हटा देंगे समझे। अधिवंश जी गुस्से में अधिकांश से बोले।




    पिताजी इससे पहले आप हमे राज्य से निकाले हम खुद ही ये मेहल और ये राज्य छोड़ कर चले जाते हैं पर आप भी सुन लीजिए हम उस इंसानी लड़की से शादी नहीं करेंगे । इतना बोल कर अधिकांश वहा से चला जाता है।




    अधिकांश हमारी बात तो सुनो अधिकांश सुनो तो। अधिकांश की मां सुधा पीछे से चिल्लाते हुए बोली।




    ये आपने क्या किया...! अधिकांश तो अभी बच्चा है उस नहीं पता की हम ये सब क्यों कर रहे हैं पर आपको तो समझदारी से काम लेना चाहिए था‌।




    अब बहुत मुश्किल है उसे मनाना। सुधा जी अधिवंश जी को देखते हुए परेशानी में बोली।




    सुधा जी....! आपको कुछ भी करके अधिकांश को उस लड़की से शादी करने के लिए मनाना होगा।




    अधिकांश की शादी उस लड़की से होना बहुत जरूरी है हमारे लिए अगर हमने उसकी शादी उस इंसानी लड़की से नहीं की तो बहुत बड़ा संकट आ जाएगा...!




    वैसे भी उन सब लोगों की वजहा से हम भेड़ियों का जीन मुश्किल हो रखा है।




    अधिवंश जी परेशान होते हुए सुधा जी से बोले और फिर वो वहां से चले जाते हैं।

    पता नहीं क्या लिखा है मेरे अधिकांश के जीवन में कैसे शादी के लिए उसको मनाऊं मैं। 

    अधिकांश को पुरानी बातें याद आ रही थी वो अपनी यादों में खोया था कि तभी उसकी कार अचानक से झटके से रूक जाती है।




    अचानक हुए हादसे से अधिकांश खुद को सम्हाल नहीं पता है और आगे सीट से उसका सर लड़ जाता है।

    वहीं आगे बैठा विक्की पीछे मुड़ते हुए बोला : किंग आप ठीक तो है ना।




    ड्राइवर तुमको अपनी जान नहीं प्यारी है क्या...! क्या तुम इन हाथों से पूरी जिंदगी डाइविंग नहीं करना चाहते हो...!हाआ।




    अधिकांश अपने सर हाथ रखते हुए गुस्से में बोला उसके चेहरे पर जहां कुछ देर पहले हल्की सी मुस्कान थी वहीं अब बहुत गुस्सा दिख रहा था।




    ड्राइवर डरते हुए बोला : सस सर...! मुझे माफ कर दिजिए...! पर इसमें मेरी गलती नहीं है कोई लड़का अपनी बुलेट लेकर सामने आ गई थी उसको बचाने के चक्कर में ये हो गया।




    कौन है जिसको अपनी जान प्यारी नही है....!जाओ ड्राइवर देख कर आओ। अधिकांश गुस्से में बोला।




    जी सर। ये बोल कर ड्राइवर बाहर जाता है।

    वो सामने देखता है तो एक लड़का हेलमेट लगाए...!जमीन पर गिरा पड़ा था...! लोगो की भीड़ लगी हुई थी...! उस लड़के को ज्यादा छोट नहीं आई थी और अपने कपड़े साफ करते हुए खड़ा हो जाता है।

    वो ड्राईवर की तरफ बढ़ता है जिसे देख कर ड्राइवर एक पल के लिए डर जाता है वो कार की तरफ भागता है और खिड़की से अधिकांश से बोलता है।




    सस सर। ड्राइवर डरते हुए बोला।




    अधिकांश और विक्की उस ड्राइवर की तरफ देखते हैं।




    सस सर वो।




    क्या सस सस लगा रखा है यार विक्की कैसा ड्राइवर ढूढा है तुमने आज ही बिना गार्ड्स के साथ आया था और ये सब हो गया। अधिकांश इरिटेट होते हुए बोला।

    रमेश क्या बात है बिना डरे बोलो‌ विक्की उसको रिलेक्स करते हुए बोला।




    सर वो लड़का मुझे मारने के लिए मेरी तरफ बढ़ रहा है। वो रोनी सी सूरत बनाते हुए बोला।




    किसकी इतनी हिम्मत हो गई हैं...! जो अधिकांश सिंह शेखावत के ड्राइवर पर हाथ उठाएगा। अधिकांश गुस्से से बाहर जाते हुए बोला।




    वो इंसान अपनी गाड़ी को आगे पीछे से देखे जा रहा था...! उसकी बुलेट की हेडलाइट पूरी तरहां से टूट गई थी...! वही अधिकांश की रॉयस रॉयल्स पर भी अच्छे खासे स्क्रैच आ गए थे उसकी भी एक हैडलाइट का भी सीसा टूट गया था।

    ये देख कर अधिकांश को बहुत गुस्सा आ रहा था ये उसकी मनपसंद गाडी में से एक थी।

    वो उस इंसान के हेलमेट पर एक मुक्का मार देता है जिससे उस इंसान का हेलमेट उसके सर से बाहर गिर जाता है।

    जैसे वो उस इंसान के चेहरे को देखता है उसकी आंखें फट जाती है....! अधिकांश जैसा हाल वहां खड़े हर एक इंसान का था....! 

    तुम...! तुम तो एक लड़की हों। अधिकांश के पीछे से ड्राइवर बोला।

    वहीं विक्की ने जब उस लड़की को देखा तो देखता ही रहे गया...! उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ जाती है वो धीरे से बोला : हाए कितनी मासूम है...! लगता है वक्त तेरी भगवान ने सुन ली आखिर कार 99 लड़कियों की चप्पल खाने के बाद तुझे तेरी हिरोइन मिल ही जाएगी। वक्त अपने मन में लड्डू फोड़ते हुए बोला

    अधिकांश अपने सामने एक 24,25 साल की लड़की खडी थी रंग सांवला....,5 फूट लम्बी हाइट...!भूरे बाल जो कन्धे तक आते थे.....! चेहरा नोर्मल था...! ब्लैक लेदर की जैकेट...! उसके अन्दर उसने ब्लैक रंग की टी-शर्ट पहनी थी उसके नीचे ब्लैक लेदर की जिंस और ब्लैक जूते पहने थे।




    अधिकांश उसको बस एक टक देखे जा रहा था वो इतनी सुन्दर नहीं थी फिर भी अधिकांश की नजरें उस पर से हट ही नहीं रही थी।

    उसका ध्यान तब टूटा जब वो लड़की अपनी उंगली से चुटकी बजाते हुए बोली।

    ओ हैलो मिस्टर कहां खो गए। उसकी आवाज सुनकर अधिकांश होश में आता है।




    कौन है ये लड़की क्या करेगा अधिकांश इस लड़की के साथ...! और किसे अधिकांश शादी नहीं करना चाहता था क्यो उसके माता-पिता उसकी शादी जबरदस्ती करा रहे थे ये सब जाने के लिए पढ़ते रहिए इश्क़ की एक दास्तां (A story of wolf king)




    ...............

    To be continue

    Muskan Gupta 

  • 8. Reborn in love (A story of wolf king) - Chapter 8

    Words: 1590

    Estimated Reading Time: 10 min

    अधिकांश उस लड़की को आंखें फाड़े देखे जा रहा था...! वो अपनी नजरें चाह कर भी उससे हटा नहीं पा रहा था...! उसके दिल में एक अलग सी फीलिंग जग रही थी...! 




    उसका दिल उसे कहे रहा था की जा अधिकांश उसे गले से लगा ले...! पर क्यों ये बात उसे समझ नहीं आ रही थी...! अलग सी बेचैनी हो रही थी उसको उस लड़की के पास खड़े होने से।

    उस लड़की की लंबाई अधिकांश से कम थी जिस कारण उसको उपर सर करके अधिकांश को देखना पड़ रहा था।"

    वो लड़की अधिकांश की तरफ उंगली बजाते हुए बोली : ओ...! हैलो मिस्टर...! आप क्या कॉम्प्लैन पीते हों।

    उस लड़की की बात सुनकर वहां खड़े सब लोग हैरानी से आंखें बड़ी करते हुए ...! उस लड़की को देख रहे थे...! विक्की के साथ वहां खड़े लोग मन ही मन उस लड़की की हिम्मत की दात दे रहे थे।




    जो अधिकांश सिंह शेखावत के सामने खड़ी होकर इतनी हिम्मत से बोल रही थी...! 




    अधिकांश के सामने अच्छे अच्छे लोगों के पसीना आ जाता था और ये लड़की।




    इसको तो बिल्कुल डर ही नहीं लगता है।




    वही अधिकांश उस लड़की की बात को समझ नहीं पाता है वो हैरानी से उसे घूरते हुए अपनी पॉकेट में हाथ डालते हुए बोला : क्या मतलब।




    अरे इतना सिम्पल सा question पूछा...! की आप  कॉम्प्लैन पीते हो क्या।




    नहीं। अधिकांश अकड़ते हुए बोला।




    तो इतने लम्बे क्यों हो...! और ये सब छोड़ो देखो...! आपकी गाड़ी ने मेरी चम्पा का क्या हाल कर दिया। वो लड़की अपनी बाइक की तरफ गई और रोनी सी सूरत बनाते हुए बोली।

    सब लोग उसके आगे पीछे देख रहे थे...! अधिकांश भी थोरा कंफ्यूज होते हुए बोला : कहां है तुम्हारी चम्पा।




    वो लड़की गुस्से से लाल पीली होती हुई जल्दी से अधिकांश के सामने आती हैं और उसके आंख के पास अपनी दो उंगलियां ले जाते हुए बोली : आंखें हैं या ट्यूब लाइट...! जो तुमको इतनी बड़ी मेरी चम्पा नहीं दिख रही है।




    अधिकांश सिंह शेखावत से ऐसे बात करते देख वक्त और ड्राइवर दोनों हैरानी से अपने मुंह पर हाथ रख लेते हैं ....! और हैरानी से आंखें बाहर कर देते हैं।




    वहीं अधिकांश अपने आंखों के पास उंगली आते देख अपने चेहरे को पीछे कर लेता है फिर वो उसकी बात सुनकर हैरानी और गुस्से से उसे देखने लगता है।




    ए लड़की तुमको पता है तुम किस से बात कर रही हो...! अधिकांश गुस्से में घूरते हुए बोला।




    वो घमंड में अकड़ते हुए आगे बोलता है : मैं एशिया का नंबर वन बिजनेसमैन और नंबर वन कम्पनी का मालिक अ...!




    हाए मेरी चम्पा...! अरे तुझे कितनी चोट आई है...! अरे इन लोगो ने तो मेरी चम्पा की आंख भी फोड़ दी ‌।वो लड़की अधिकांश को पूरा इग्नोर करते हुए अपनी गाड़ी के पास जा कर बोली।

    अपनी इतनी भयानक बेइज्जती होते देख अधिकांश झेप जाता है और इधर उधर देखने लगता है।




    वहीं अधिकांश सिंह शेखावत की वहां ना चलते हुए देख कर...!

    वो एक लड़की के सामने ये देख कर वहां खड़े सब लोग धीरे-धीरे हंस रहें थे।

    ऐ लड़की...! देखो गलती तुम्हारी हैं और अगर तुम्हारी इस गाड़ी। अधिकांश इतना ही बोला था।

    वो लड़की चिल्लाते हुए अधिकांश के सामने अपनी एक उंगली करते हुए बोली : ऐ मिस्टर...! गाड़ी किसको बोला चम्पा नाम है इसका।




    उस लड़की का गुस्सा और चिल्लाना सुनकर एक वक्त को तो अधिकांश भी अपना saliva अन्दर लेता है।

    वो अपनी घड़ी में वक्त देखता है फिर मन में बोला : कहां फस गया मैं...! सानिया इंटरव्यू के लिए आ गई होगी...! कितना फर्क है।




    सानिया में और इस लड़की मे ये महा बदतमीज...! बात करने की तमीज नहीं है और एक वो है प्यारी सीधी साधी...! मोम सी गुड़िया जैसी...! वो बिल्कुल वैसी ही है जैसे पहले थी। अधिकांश मन ही मन मुस्कुरा रहा था।

    ओ क्या है क्यो मुस्कुरा रहें हो...! सही कहां है किसी ने बड़ी बड़ी गाड़ी में बैठने से लोगो के छिछोरी हरकत कम नहीं होती है...! और देखो आज मैंने देख लिया।

    वक्त...! हमें यहां से चलना चाहिए हमारे पास वक्त नहीं है यहां बर्बाद करने का। अधिकांश उस लड़की को फूल इग्नोर करते हुए बोला।

    ये देख कर उस लड़की को गुस्सा आ गया उसने अधिकांश का कॉलर पकड़ लिया और उसके चेहरे के पास आपना चेहरा ले गई।




    कोई लड़की अधिकांश के इतना करीब कभी आ ही नहीं पाई थी किसी लड़की की इतनी हिम्मत ही नहीं हुई थी...!




    उस लड़की के इतना करीब होने से उसको फिर से बेचैनी होने लगती है...उस लड़की का छूना अधिकांश को एक अलग और अजीब सा एहसास करा रहा था।

    उसको गुस्सा और प्यार दोनों की मिली जुली फिलिंग आ रही थी।




    अपनी औकात में रहो लड़की...! मैं तमीज से बात कर रहा हूं तो तुम सर पर चढ़ रही हो।

    तो आप भी जरा अदब में रही है समझे...! जब मैं  किसी से कोई बात कर रही होती हूं और वो मेरी पूरी बात नहीं सुनते हैं तो मुझे गुस्सा आता है समझे।वो लड़की अधिकांश को घूरते हुए बोली।

    और अगर मैं तुम्हारी बात ना सुनू तो...! क्या कर लोगी हांआआ।

    मुझे ऐसे लोग बिलकुल पसंद नहीं है जिनको बात करने की और लोगो के साथ कैसा बर्ताव करा जाए ये ना पता हो। अधिकांश उसको खुद से दूर करते हुए बोला।




    वो लड़की अधिकांश के पास आती है और उसको देखते हुए धीरे से बोली : मुझे नहीं जानना की आपको कैसे लोग पसन्द है कैसे नहीं समझे...! मुझे कोई इंटरेस्ट नहीं है आपकी पसंद बनने में।




    और हां एक और बात सुन लीजिए आप कोई नहीं होते हैं मुझे बताने वाले की मैं लोगों के साथ कैसा बर्ताव करूं जो जिस लायक़ होता है ना अधीरा रघुवंशी  उसके साथ वैसा ही बर्ताव करती है।

    अधीरा अपना गुस्सा कम करते हुए बोली : खैर छोड़ो मेरा मूड़ तो खराब हो ही गया है...! अब पैसे दो जो भी तुमने मेरी चम्पा का नुक़सान किया है और यहा से चलते बनो समझे ।




    अधिकांश हैरानी से उसको देखते हुए बोला : पैसा...! कैसा पैसा...! एक मिनट मैं क्यों दूं गलती तुमने की हैं तुम ग़लत साईड से लेकर आ रही थी और ध्यान से देखो मेरी गाड़ी का भी नुक्सान हुआ है। 




    और मेरी बात पर यकीन नहीं हो रहा है तो यहां खड़े किसी भी इंसान से पूछ लो। अधिकांश ने वहां खड़े लोगो की तरफ एक सरसरी नजर डाली तो सब डरते हुए हां में सर हिला देते हैं।




    ये देख कर जहां अधिकांश के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।




    वहीं वो लड़की अधिकांश की गाड़ी को देखती है फिर कस कर आंखें बन्द करते हुए मन में बोली : अरे हां मैं ही तो ग़लत साईड से ला रहीं थीं...! और इनकी गाड़ी का भी अच्छा खासा नुकसान हुआ है...!अरे अधीरा जल्दी से कुछ सोचो।




    अब क्या हुआ...! अब क्यों मुंह बन्द हो गया है...! अब क्यों नहीं बोलती हो। अधिकांश एक हल्की हंसी हंसते हुए बोली।

    इन दोनों को लड़ते देख कर पीछे खड़ा विक्की मन में बोलता है : अच्छा हुआ बेटा वक्त इस लड़की से कौई बात नहीं की ये बस शक्ल से ही सीधी हैं...! बात करने मे तो बौम है...! कब फट जाए पता नहीं...!

    बच गया वक्त बेटा वरन 99 लड़कियों से तो तू चप्पल खा ही चुका था...! ये भी चप्पल मारती तो 100 मतलब सेंचुरी हो जाती...! वक्त बेटा तेरा वक्त अच्छा चल रहा है जो तू वक्त रहते बच गया। वक्त मन में सोचते हुए बोला।




    नहीं बाबा नहीं...! ये बौम A.S.S को ही मुबारक हो मेरे लिए भी भगवान ने कोई ना कोई लड़की वक्त रहते तो लिखी होगी ही ना। वक्त घबराते हुए मन में बोला।

    तो अब बोलो क्या करना है...! पैसे दोगी या सॉरी बोलोगी। अधिकांश अकड़ते हुए अपनी पॉकेट में हाथ डाल कर तन कर खड़ा हो जाता है।

    उसको ऐसा करते देख अधीरा को गुस्सा आ रहा था।

    वो गुस्से में दात पीसते हुए बोली : अधीरा रघुवंशी किसी से सॉरी नही बोलती है समझे।




    आज तक मुझसे ऐसे किसी ने बात नहीं की। अधीरा भी उसे देखते हुए बोली।

    तुमसे तो किसी ने बात नहीं की है...! मेरे सामने तो किसी की हिम्मत नहीं होती है...! मुंह खोलने की और तुम जैसी दो कौड़ी की लड़की ने...! मेरे कॉलर को पकड़ लिया।




    मैं चाहू ना...! तो तुम्हारा वो हाल कर सकता हूं इस गलती के लिए...! जिसके बारे में तुमने सपने में नहीं सोचा होगा...! वैसे मै तुमसे कोई बात नहीं करना चाहता हूं पैसे दो और जाओ यहां से मुझे तुम्हारी शक्ल नहीं देखनी है अब। अधिकांश चस्मा लगाते हुए बोला।

    उसकी ये सब बातें सुनकर अधीरा का दिमाग खराब हो रहा था वो जोर से चिल्लाती है।

    आआआआ ।

    अचानक से उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर सब लोग हैरानी से उसे देखने लगते हैं वहीं अधिकांश उस से एक कदम पीछे हो जाता है।

    और हैरानी से उसको देखने लगता है।

    मिस्टर मैं तुम्हें छोडूंगी नहीं बहुत हुआ अब तुम देखना...! अधीरा रघुवंशी क्या चीज़ है। ये बोल कर वो वहां से अपनी गाड़ी के पास जाती है।

    सब लोग बड़े दिलचस्पी ले कर उसे देख रहे थे...! वहां खड़े सभी लोगो को बड़ा मजा आ रहा था ये तमाशा देखते हुए कुछ लोग उन दोनों की लड़ाई देख कर हंस रहे थे वहीं कुछ लोग अधीरा की हिम्मत की दाता दे रहे थे।




    अब सबकी नजरें अधीरा पर थी की वो क्या करेगी।




    क्या करेंगी अधीरा अधिकांश के साथ...! और क्यों अधिकांश को अधीरा के पास से अलग सी फीलिंग हैं...! क्यों हो रही है उसको इतनी बेचैनी ये सब जाने के लिए पढ़ते रहिए इश्क़ की एक दास्तां (A story of wolf king)




    ..................

    To be continue

    Muskan Gupta 

  • 9. Reborn in love (A story of wolf king) - Chapter 9

    Words: 1085

    Estimated Reading Time: 7 min

    अधिकांश अधीरा को देख रहा था...! तभी अधीर अपनी गाड़ी से एक हॉकी स्टिक लेकर उसकी तरफ आ रही थी।




    अधीरा को खुद की तरफ आते देख अधिकांश हैरानी से अपनी आंखें बड़ी कर लेता है।




    वो कुछ समझता की अधीरा करने क्या वाली हैं तब तक अधीरा ने उसके पैर पर हॉकी मार दी।

    ये देख कर वहां खड़े सभी लोग हैरानी से अपने मुंह पर हाथ रख लेते हैं।

    वहीं अधिकांश अपने घुटनों के बल बैठा था उसकी मुट्ठी गुस्से के कारण बन्द हो गई थी।

    वो वैसे बैठा ही अधीरा को घूर रहा था।

    अधीरा उस हॉकी स्टिक को समीन में फेक देती है....! और अपने दोनों हाथ झाड़ते हुए....!

    एक शैतानी मुस्कान अधिकांश की तरफ देखते हुए अपने चेहरे पर लाती है।




    फिर वो उसके कोर्ट की पॉकेट से कुछ पैसे निकाल लेती है और उन पैसो को गिनते हुए बोली : मुझसे पंगा अधीरा रघुवंशी से पंगा लोगो बेटा।

    ऐसा कोई पैदा नहीं हुआ जो अधीरा रघुवंशी को परेशान करे और बिना मार खाए चला जाए।




    अधिकांश को इस वक्त बहुत दर्द हो रहा था...! वो गुस्से से अपनी लाल आंखों से अधीरा को घूरते हुए बोला : यू...! मैं तुम्हें छोड़ूंगा नहीं समझी...! जान से मार दूंगा तुझे मैं। अधिकांश उठने की कोशिश करता है पर पैर में दर्द होने के कारण वो फिर से बैठ जाता है।




    अधीरा बोली : अरे पहले पकड़ो तो...! खड़े तो हो नहीं पा रहें हों...! और मुझे छोड़ोगे नहीं बड़े आए...! अगर तुमने पहले मुझे चुप चाप पैसे दे दिए होते....! तो ये सब होता ही नहीं।




    अधिकांश अधीरा को बस घूरे जा रहा था वह इस वक्त कुछ नहीं कर सकता था।

    अधीरा उसके सामने बैठते हुए बोली : आज तो अपनी ये बेकार शक्ल तो दिखा दी...! आज के बाद मत दिखाना समझे।




    अधिकांश भी उसे घूरते हुए दर्द मे बोला : और तुम भी दुआ करना की तुम आज के बाद कभी मेरे सामने मत आना...!




    अगर आज के बाद मैंने तुम्हें कहीं भी देख लिया ना तो या तो तुम रहोगी या मैं....! और हां आज तो तुम बच गई मुझसे पर  हर बार नहीं बच पाओगी समझी। 




    अधीरा अधिकांश के चेहरे के बहुत पास थी जिस कारण उसे अधिकांश की आंखों का रंग बदलते हुए वो साफ देख पा रही थी।

    अधिकांश का चेहरा गुस्से की वजहा से सफेद हो रहा था और आंखें हनी रंग की हो रही थी...!!!!!

    अधीरा को अब अधिकांश से डर लग रहा था...! उसे अधिकांश आम इंसान नहीं लग रहा था...! उसके बर्ताव से अब अधीरा को डर सा लग रहा था।

    वो अधिकांश से दूर होती है और उसको घूरते हुए बोली : तुम अजीब हों बहुत अजीब हों।

    ये बोल कर वो वहां से चली जाती है...! वहीं उसको ऐसे जाता देख कर अधिकांश के चेहरे पर शैतानी मुस्कान आ जाती है।




    वो धीरे से बोला : अजीब नहीं...! भेड़िया किंग हूं मैं...! एक बार किसी से नफ़रत करता हूं....! तो उसको जिंदगी भर नफ़रत करता हूं...! और तुम उस लिस्ट में सबसे उपर हों।




    वक्त जल्दी से उसके पास आता है और उसे उठाने की कोशिश करते हुए बोला : A.S.S‌ आप ठीक तो है ना।




    अधिकांश उसको घूरते हुए बोला : बहुत जल्दी तुझे मेरा ख्याल आया....! मैं मर जाता उस लड़की के हाथ से तब आता।




    वक्त दात दिखाते हुए बोला : A.S.S वो क्या हैं ना मुझे लगा आप उस लड़की से अकेले निपट लेगे पर मुझे क्या पता था....! की आप उस लड़की से ऐसे मुंह की बल खाएंगे।




    अधिकांश उसे घूरे जा रहा था...! उसका बस चलाता तो वो अभी वक्त का गला दबा देता।




    वक्त उसे गाड़ी में बैठा देता है और खुद आगे बैठ जाता है।




    अधिकांश वक्त से बोला : वक्त...! 




    जी....! A.S.S ।" वक्त पीछे देखते हुए बोला।




    इस लड़की के बारे में पता लगाओ मुझे यह लड़की कुछ ठीक नहीं लगती है इसके पास से मुझे एक अलग सी बेचैनी हो रही थी। अधिकांश कुछ सोचते हुए बोला।




    कैसी बेचैनी होती है ए एस एस। वक्त अधिकांश को देखते हुए बोला।




    पता नहीं पर उसके सामने होते ही मेरा दिल जोरो से धड़कने लगता है उसका चेहरा देखते ही मुझे गुस्सा आने लगा था दिल में एक बेचैनी मुझे दूर जाना चाहता है।




    पर ऐसा क्यों हो रहा था आपके साथ। वक्त अधिकांश को देखते हुए बोला।




    वक्त की बात सुनकर अधिकांश उसे घूरते हुए बोला।अगर मुझे यह बात पता होती तो मैं तुमको क्यों बताता।




    यह भी बात सही है अगर आपको यह बात पता होती तो आप ही बात मुझे क्यों बताएं। वक्त सोते हुए बोला।




    इधर ब्लू के कंपनी में सानिया उसकी दोस्त इंटरव्यू देने के लिए आ गए थे उनके साथ और भी लोग इंटरव्यू देने आए थे।




    W.K company के स्टाफ ने सबको एक एक फार्म देते हैं और बोलते हैं कि जल्दी से इसमें अपनी सारी डिटेल्स फील कर दीजिए।




    हर कोई उसे फॉर्म में अपनी डिटेल्स भरने लगता है।

    एक स्टाफ आपके उन सब से कहता है कि कुछ देर में ही आप लोगों के इंटरव्यू शुरू हो जाएंगे और यह कहकर वह उन सब से वह फॉर्म ले लेता है।




    कुछ देर बाद इंटरव्यू शुरू हो गया था धीरे-धीरे करके वहां बैठा हर एक इंसान इंटरव्यू देने जाता रहता है।

    कुछ देर बाद तनु को इंटरव्यू देने के लिए बुलाया जाता है सानिया उसको गले लगा कर धीरे से बोलता है।

    बेस्ट ऑफ़ लक अच्छे से इंटरव्यू देना।




    तनु मुस्कुराते हुए बोली। हां कोशिश करूंगी की अच्छे से दे पाऊं।

    यह बोलकर तन यू इंटरव्यू देने के लिए अंदर चली जाती है।

    कुछ देर बाद वह इंटरव्यू देखकर बाहर आती है तो सानिया जल्दी से उसके पास जाती है और उसके बाजू को पकड़ते हुए बोली।




    कैसा गया इंटरव्यू जो उन्होंने पूछा वह सब तूने बता दिया ना घबराई तो नहीं ना अच्छे से सब बोल दिया ना वह एक सांस में इतना सब बोल जाती है।

    तनु उसको रोकते हुए बोली। अरे अरे सांस तो ले लो एक बार में कितने सारे सवाल धीरे-धीरे पूछो सब का जवाब दूंगी।

    हां ठीक है तो बताओ क्या-क्या पूछा उन्होंने तुमसे। सानिया अपनी बड़ी-बड़ी आंखें टिमटिमाते हुए बोली।

    क्या जवाब देगी तनु सानिया के सवालों का...! कैसा गया होगा तनु का इंटरव्यू क्या वह सेलेक्ट हो जाएगी....! इस कंपनी में...! क्या अधीरा और अधिकांश की फिर से मुलाकात होगी क्या अधिकांश की नफरत कभी कम होगी...! कैसी बेचैनी की बात कर रहा था अधिकांश....! क्या वह अधीरा के बारे में जान पाएगा यह सब जानने के लिए पढ़ते रहिए इश्क़ की एक दास्तां (A story of wolf king)




    ...................

    To be continue 

  • 10. Reborn in love (A story of wolf king) - Chapter 10

    Words: 1141

    Estimated Reading Time: 7 min

    तनु मुस्कुराते हुए बोली : सानिया इतनी टेंशन मत लो...! मेरा इंटरव्यू अच्छा गया और तेरा भी इंटरव्यू अच्छा जाएगा ।




    सानिया थोड़ा उदास होते हुए बोली। पता नहीं यार मैं कर पाऊंगी या नहीं मुझे तो बहुत डर लग रहा है पता नहीं दिल की धड़कने बहुत तेज चल रही है।

    सब अच्छा होगा तू टेंशन मत लो पहले नेगेटिव सोच लेती है इसलिए तुझे और भी डर लगता है....!

    तू नेगेटिव मत सोच पॉजिटिव सोच अभी यह जॉब नहीं मिलेगी तो कोई और जॉब मिलेगी कहीं ना कहीं....!




    तो तू अच्छा करेगी ना ऐसा तो है नहीं की हर जगह तेरा इंटरव्यू खराब ही जाएगा....!




    पहली बार है तेरा मान सकते हैं तुझे डर लग रहा है पर प्लीज इतना भी मत डर इतना भी नर्वस मत हो। तनु सानिया को समझाते हुए बोली।




    तनु बिल्कुल सही कह रही है सानिया तू इतना मत डर जो होगा अच्छे के लिए होगा अगर यहां तुझे जब नहीं मिली तो कोई और मिलेगी तेरी किस्मत में इससे भी अच्छी जॉब होगी पर




    तू पहली हार मान जाती है इतना नर्वस होगी तो अच्छा खासा इंटरव्यू भी तेरा खराब हो जाएगा। जय सानिया को समझाते हुए बोला।




    ऑफिस के अंदर से स्टाफ बाहर आता है वह जय को देखते हुए बोला। अब आपकी बारी है सर आपका इंटरव्यू लेने के लिए आपको बुला रहे हैं। यह बोलकर वह स्टाफ ऑफिस में चला जाता है।

    अच्छा मेरे से तू भी जंग जीत के आना मुझे अपने शिष्य पर पूरा भरोसा है। तरुण जय के कंधे पर हाथ रखते हुए उसका मजाक उड़ाते हुए बोला।

    जय उसे घूमते हुए देखा हुए बोला। एक बात बताओ।

    तरुण अपने सारे दांत दिखाते हुए बोला। अरे यह भी कोई पूछने की बात है तू एक नहीं 10 बातें पूछ मेरे शेर।

    तुझे पैदा हुआ था तो क्या डॉक्टर के हाथ से तो गिर गया था या भगवान ने भेजा तो पर भेजे में भेजा नहीं भेजा उसमें। जय उसे घूमते हुए बोला।

    जय की बात सुनकर वहां खड़े सभी लोग जोर-जोर से हंसने लगते हैं सानिया और तनु भी तरुण चेहरा देखकर हंस रही थी।

    वही तरुण का चेहरा गुस्से से लाल हो रखा था वह अपनी आंखें छोटी करके जय को घूरे जा रहा था।

    वह सांड की तरह अपने नाक फुलते हुए बोला। तूने मेरा मजाक उड़ाया अरे मैं तो तुझे मोटिवेट कर रहा था और तू है की इन लड़कियों के सामने मेरी बेइज्जती करते मैं तुझे छोड़ूंगा नहीं रूक साले।




    यह बोलकर तरुण जय के पीछे भागने लगता है जय तरुण से बचने के लिए आगे भाग रहा था।

    वही यह सब देखकर सब लोग जोर-जोर से हंस रहे थे।

    सच बराबर सुनकर वह स्टार ऑफिस से बाहर आता है और उन सबको घूरते हुए चिल्लाकर बोला। यह सब क्या हो रहा है यहां।

    स्टाफ की आवाज सुनकर सब लोग वहां चुपचाप खड़े हो जाते हैं और उसे स्टाफ को देखने लगते हैं।

    जय तरुण से दूर हो जाता है और अपने कपड़े ठीक करने लगता है।

    वही रिश्ता जय और तरुण को घूरते हुए बोला। यह एशिया की नंबर वन कंपनी है कोई मछली बाजार नहीं है जहां आप ऐसी घटिया हरकतें कर रहे हैं।




    वह तो शुक्र मनाइए कि हमारे सर ने आप लोगों को ऐसे लड़ते झगड़ते हुए नहीं देखा...! वरना मुश्किल था की आपको किसी और भी कंपनी में जॉब मिलती।

    यह आप लोगों की पहेली और आखरी गलती है। हमारे सर को बदतमीज और अनमैयोर लोग बिल्कुल पसंद नहीं है आप यहां इंटरव्यू देने आए हैं शांति से इंटरव्यू दीजिए और चाहिए यहां से चिल्ला चौरचन मत मचाओ।

     यह बोल कर स्टाफ वहां से चला जाता है।

    जय तरुण को आंखें छोटी करके घूरते हुए बोला। यह सब तेरी वजह से हुआ किसने कहा था मेरे पीछे भागने को जहां भी जाता है भूकंप ला देता है।




    सानिया जय के पास जाकर बोली। जय यह कोई वक्त नहीं है लड़ाई करने का तुम्हें अंदर बुलाया जा रहा है जो अपना इंटरव्यू देखकर आओ जल्दी से ऑल द बेस्ट।

    सानिया मुस्कुराते हुए बोली। सानिया की बात सुनकर जय मुस्कुराते हुए उससे बोला। थैंक यू सानिया हां मैं जल्दी से इंटरव्यू देकर आता हूं।

    यह बोलकर जय अंदर चला जाता है। जय के जाने के बाद तनु तन्मय के पास आती है और उसे घूमते हुए बोलती है।

    हर जगह हर की तरह सिंह निकाल कर लड़ने मत लग जाया करो देख लिया करो की कहां किस जगहा पर खड़े हो।

    अगर उस स्टाफ की जगह कंपनी का मालिक होता तो क्या होता है तूने सोचा है....!




    तुझे तो यहां से धक्के के मारकर निकाल ही जाता ही...! साथ में हमे भी निकाल जाता....! और नौकरानी कहीं ना मिलती वो अलग से...! 




    इसलिए बोलता हूं अपना यह गोबर जैसा दिमाग हर जगह मत खोल कर गंदगी के सिवा कुछ नहीं फैलता है तू।

    तनु तन्मय को सुनाई जा रही थी वही तन में तनु की बात को चुपचाप सर झुकाए सुन रहा था।




    उसने एक बार भी तनु की बात का जवाब नहीं दिया था क्योंकि वह जानता था कि इस बार गलती उसकी भी है।

    ठीक है तनु बस करो अब उसको कितना सुनाओगी उसको क्या पता था।

    उसके मजाक से इतना बवाल हो जाएगा। सानिया तनु को समझाते हुए बोली।

    हां...! वहीं तो तुमने जय को कुछ नहीं कहां गलती उसकी भी तो थी ना यार...! सब लोग शासन पानी लेकर मुझ पर ही चढ़ जाते हों।




    तरूण मासूम सी सूरत बनाते हुए बोला और वही रखी कुर्सी पर बैठ गया।




    तनु मुंह बनाते हुए बोली : जय से कुछ बोलना बेकर है सानिया...! तुमको पता नहीं हैं...! वो कभी ग़लत नहीं होता है।




    उसके लिए सब गलती कर सकते हैं पर वो गलती नहीं कर सकता है....! वो प्लीज़ उस इंसान की बात मुझसे मत किया करो।

    तुम सबकी दोस्ती की वजहा से मैं उसे बर्दाश्त कर रही हूं...! वरना जो उसने मेरे साथ किया था...!

    उस वजहा से मैं उसकी कभी शक्ल नहीं देखती।

    आखिर तुम कब तक उस बात के लिए मुझे जिम्मेदार समझोगी तनु। जय की आवाज सुनकर सब लोग उसकी तरफ देखते हैं।




    वो इंटरव्यू देकर बाहर आ रहा था तब उसने तनु की बात सुन ली...! जय को देख कर सब समझ गए अब बवाल होने वाला है।

    कोई कुछ बोलता तब तक वहां पर वही स्टाफ आता है और सानिया की तरफ देखते हुए बोला : अब आपकी बारी है चलिए।

    सानिया स्टाफ की तरफ देखती है और फिर जय और तनु की तरफ देखती है।

    तनु सानिया को देखते हुए बोली : सानिया तुम जाओ हमारी लड़ाई की वजहा से अपना इंटरव्यू मत खराब करो।

    सानिया घबराते हुए हां में सर हिला देती है वो उस ऑफिस में जाने लगती है तो वो स्टाफ बोलता है।

    आपका इंटरव्यू यहां नहीं है।

    उसकी बात सुनकर सानिया और उसके दोस्त हैरानी से स्टाफ की तरफ देखने लगते हैं।




    आगे जाने के लिए पढ़ते रहिए इश्क़ की एक दास्तां 




    .................

    To be continue 

  • 11. Reborn in love (A story of wolf king) - Chapter 11

    Words: 1110

    Estimated Reading Time: 7 min

    उसे स्टाफ की बात सुनकर सब लोग हैरानी से उसे देखने लगते हैं।

    तनु गुस्से में बोलती है। यहां इंटरव्यू नहीं देगी तो और कहां देखी जाती है....! आप उसको कहां ले जा रहे हो इंटरव्यू देने के लिए।

    देखिए मैं मुझे जो आर्डर मिले हैं मैं वही फॉलो कर रहा हूं मुझसे कहा गया है मिस सानिया को यहां इंटरव्यू नहीं देना है मैं दूसरे ऑफिस में जाकर इंटरव्यू देना है कौन सा इंटरव्यू कोई और लगा।

    कौन लेगा उसका इंटरव्यू। तनु स्टाफ को देखते हुए बोले।

    सानिया को बहुत डर लग रहा था उसने तनु का हाथ कस कर पकड़ लिया।

    वह घबराते में बोली। तनु मुझे बहुत डर लग रहा है यह लोग मेरे साथ कुछ गलत तो नहीं करेंगे....!यह मेरा इंटरव्यू अकेले क्यों लेना चाहते हैं...!



    सबका इंटरव्यू यहां हुआ और मेरा इंटरव्यू अलग होगा ऐसा क्यों।

    तनु सानिया का हाथ कस कर पढ़ते हुए बोली। तुम डरो मत मैं तुम्हारे साथ हूं।

    फिर वह स्टाफ की तरफ अपनी छोटी आंखें करते हुए बोली। आप मुझे बताएंगे कि जब हम सबका इंटरव्यू यहां हुआ है तो सानिया अकेले दूसरे ऑफिस में इंटरव्यू देने क्यों जा रही है।

    देखिए मैं हमारे ऑफिस की कुछ पॉलिसीज हैं जिस कारण मैं आपकी बातें नहीं बता सकता हमें इजाजत नहीं दी गई है कि बाहर वाले को ऑफिस की खबरें बता सके। स्टाफ उसे समझाते हुए बोला।

    ठीक है तो हम भी सानिया को इंटरव्यू देने नहीं भेजेंगे हम जा रहे हैं नहीं देगी वह इंटरव्यू। तनु गुस्से में बोली।

    तनु की बात सुनकर सब लोग हैरानी से तनु को देखने लगते हैं।

    जय तनु की बात से सहमत होगी घूमता है। हां तनु सही कह रही है अगर आपको इंटरव्यू लेना है सानिया का तो यही लीजिए वह और कहीं नहीं जाएगी अगर आप उसका इंटरव्यू यहां नहीं ले सकते तो वह इंटरव्यू नहीं देगी और हम लोग जा रहे हैं।

    वही स्टाफ फिर से बोला। जाने से पहले सोच लीजिए कि अगर आप यहां से गए...! तो आपको कहीं और नौकरी नहीं मिलेगी...! हमारे बॉस आपको कहीं नौकरी नहीं करने देंगे इसलिए ध्यान से सोच लीजिए कि आपको क्या करना है।



    स्टॉप की बात सुनकर सानिया और उसके दोस्त परेशान हो जाते हैं उनको समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें उनके पूरे करियर का सवाल था।



    सानिया तनु और जय को समझते हुए बोली। तनु मुझे लगता है कि मुझे यह इंटरव्यू देना चाहिए तुम लोग मेरे लिए परेशान मत हो जो होगा मैं संभालूंगी मेरी वजह से तुम्हारा फ्यूचर नहीं खराब होना चाहिए।

    पर सानिया यह लोग धमका रहे हैं....! हम लोगों को यह तो गलत है ना कोई जबरदस्ती है क्या अगर हम नहीं करना चाहते हैं तो यह हम पर डिपेंड करता है। जय सानिया को देखते हुए बोला।

    सानिया जय को समझाते हुए बोली। जय प्लीज़ तुम लोग मेरी वजहा से ये मौका मत जाने दो...! मैं इंटरव्यू देने जाऊंगी।

    पर सानिया। तनु इतना ही बोल पाई थी कि सानिया उसका हाथ पकड़ते हुए बोली : तनु यार तुम मेरे लिए इतना परेशान मत हो मैं कर लूंगी।



    सानिया उस स्टाफ क साथ इंटरव्यू देने के लिए चली जाती है।



    वहीं इधर अधिकांश का दिमाग खराब हो चुका था...! वो लगड़ाते हुए अपने ऑफिस में आता है।



    वो कम्पनी में आता है तो सब एम्पलाईज उसे हैरानी से देख रहे थे...! उसकी थेड़ी मेडी चाल देख कर वहां आधे से ज्यादा लोगों धीरे धीरे हंस रहे थे।



    अधिकांश को ऐसे आता देख कर वहां काम कर रही लड़की बोली। यह सर आज ऐसे लंगड़ाते हुए क्यों आ रहे हैं क्या इनको चोट लग गई है।

    अच्छा ही हुआ चोट लग गई इस खडूस में हम लोग का जीना हराम करके रखा है जब से यहां जॉब पर आई हूं...! तब से यह करना है वह करना है पार्ट टाइम वर्क करना है नाइट वर्क करना है कितना काम करते हैं खोलूं का बैल बनाकर रखा है। दूसरी लड़की अधिकांश को देखते हुए बडबडाते हुए बोली ।



    पर यार कुछ भी को यह बंदा है बहुत हैंडसम कितना हैंडसम यार इसकी बॉडी इसकी लोक इसकी पर्सनालिटी उसका फेस है मैं तो अपना दिल हार जाऊं काम करता है....!


    तो कोई बात नहीं बट यार इसको रोज देखने के लिए मैं चाहे जितना कम मिले मैं कर सकती हूं....!

    खोलूं का बैल बनना पड़े तो बन जाऊंगी। उसे लड़की की बात सुनकर एक दूसरी लड़की अधिकांश को देख कर आहे भरते हुए बोली।

    विक्की यह जो तीन लड़कियां पीछे मेरी बुराइयां और मुझे देख-देख कर अपने दिल को ठंडक पहुंचा रही है इनको रात भर नाइट ड्यूटी यहां करनी है यह मेरा ऑर्डर है जो बता दो जाके। अधिकांश गुस्से में विक्की से बोला आज अधिकांश इतना गुस्से में था कि उसके सामने जो भी आ रहा था वह अपना गुस्सा उसी पर उतर रहा था और इसी गुस्से किसी कर बन गई वह तीन लड़कियां।

    ओके ए एस एस। विक्की उन तीन लड़कियों के पास चला जाता है।

    वहीं अधिकांश गुस्से में लाल पीला अपने ऑफिस में जाता है।

    मैं ऑफिस का गेट खोलना ही है कि उसकी नजर सामने जाती है।

    जैसे वह सामने देखा है उसका गुस्सा और भी बढ़ जाता है।

    वह चिल्लाते हुए विक्की को आवाज देता है।



    विक्की विक्की कहां हो।

    अधिकांश के चिल्लाने की आवाज सुनकर कंपनी में कर रहा हर एक इंसान डर से कांप उठता है  उसे इंसान के लिए बुरा लग रहा था जो ऑफिस में बैठा था।

    अधिकांश की आवाज सुनकर ऑफिस में बैठी वह लड़की घबराते हुए उठ जाती है।

    विक्की भी जल्दी भागते हुए और अधिकांश के ऑफिस में आता है वह देखता है कि अधिकांश अभी भी गेट पर खड़ा है।

    अधिकांश का गुस्से से भरा हुआ चेहरा देखकर विक्की एक नजर सामने देखा है जहां अधिकांश उसे लड़की को भूल रहा था।

    सामने एक 25 साल की लड़की फुल ऑन एटीट्यूड के साथ खड़ी थी....!



    चेहरे पर ढेर सारा मेकअप शॉर्ट मिडी जिसकी लेंथ उसके थाई तक थी हाई हील्स हाइलाइट हुए...!



    उसके बाल उसे पर इसकी तीखी नजरे घमंड से भरा हुआ चेहरा लिए वह अधिकांश को मुस्कुराते हुए देख रही थी।

    जहां वह लड़की अधिकांश को मुस्कुराते हुए देख रही थी वहीं अधिकांश उसे गुस्से में घूरे जा रहा था।

    वही विक्की समझ गया था कि आज उसकी बैंड बजाने वाली है।

    विक्की घबराते हुए मन ही मन बोला। वक्त बेटा तूने क्या वक्त देखकर आज सुबह अपना चेहरा देखा था।

    इस लड़की को भी आज का दिन ही मिला था अधिकांश से मिलने के लिए...!

    आज ना यह बचेगी और ना मैं बेचूंगा आज अधिकांश सिंह शेखावत के गुस्से से कोई इंसान नहीं बच सकता है।


    आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए इश्क की एक दास्तां (A story of wolf king)



    ................

    To be continued

  • 12. Reborn in love (A story of wolf king) - Chapter 12

    Words: 1318

    Estimated Reading Time: 8 min

    उस लड़की को देख कर अधिकांश का गुस्सा बढ़ रहा था....! 

    अधिकांश अन्दर आते हुए बोला : ये लड़की यहां क्या कर रही है।

    वही वो लड़की अधिकांश की बात सुनकर हैरानी से उसको देख रही थी। 

    विक्की मैं तुमसे कुछ पूछा है उसका जवाब दो। वही वक्त मन ही मन बड़बड़ाते हुए बोला। अरे मुझे कैसे पता होगा की लड़की यहां क्या कर रही है मैं भी तो इसके साथ ही आया हूं पर फिर भी इसको लगता है मैं अंतर्यामी हूं जो बता दूंगा कि यहां क्या कर रही है।

    विक्की मैं तुमसे कुछ पूछा। अधिकांश गुस्से में चिल्लाते हुए बोला।

    विक्की धीरे से बोल। A.S.R मुझे नहीं पता यह लड़की यहां क्या कर रही है।

    अधिकांश व्यक्ति की बात सुनकर वह लड़की थोड़ा घबरा जाती है उसके मेकअप भरे चेहरे पर घबराहट साफ-साफ दिख रही थी।

    यह लड़की अधिकांश के पापा के दोस्त की बेटी है....! ये भी एक खूंखार भेड़िया है पर अधिकांश के आगे ये बहुत कमजोर है....!

    अधिकांश की शादी की बात इस लड़की से चल रही है...! पहले अधिकांश अपने पापा मम्मी के कारण करने को तैयार था पर अब उसका मन बदल गया है।

    वहीं ये लड़की अधिकांश को पसंद नहीं करती है पर wolf king की queen बनने के लिए कौन लड़की मना करेंगी।

    अधिकांश गुस्से में विक्की पर चिल्लाते हुए बोला। मिस्टर वक्त क्या तुम आज जिंदा घर वापस नहीं जाना चाहते हो या तुम्हारा वक्त पर वक्त बकवास करना जरूरी है।

    ए एस आर मैं समझा नहीं आपकी बात को।

    मैं पूछ रहा हूं यह मेरे कैदी में क्या कर रही है किसने इजाजत दी है इसको।

    अब उस लड़की से रहा नहीं जा रहा...! अधिकांश कब से उसी बेइज्जती पर बेइज्जती करे जा रहा था।

    वो लड़की जिसका नाम नैनिका था वो अधिकांश के पास जाके उसके सीने पर अपनी उंगली फिरते हुए बोली। अधिकांश बेबी तुम ऐसा क्यों कर रहे हो कम डाउन इतना गुस्सा किस बात पर आ रहा है।

    नैनिका का ऐसे टच करना अधिकांश को पसंद नहीं आता है। नैनिका का हाथ कसकर पकड़ लेता है और अपनी जलती हुई गुस्से से भरी आंखों से उसको देखते हुए उसके हाथ पर उसकी मुट्ठी काश जाती है।

    वह अपने दांत पीसते हुए बोला। Don't do this मुझे छूने की कोशिश मत करो मैं एक आग हूं....! मुझे छूने की कोशिश करोगी तो जल जाओगी।




    अधिकांश की ऐसी बहकी बहकी बातें सुनकर। नैनिका हैरान होते हुए बोली।




    अधिकांश तुम यह कैसी बातें कर रहे हो हम दोनों की शादी की बात चल रही है बहुत जल्द हम दोनों की शादी हो जाएगी।

    नैनिका की बात सुनकर।




    अधिकांश तिरछी स्माइल अपने चेहरे पर लाते हुए बोला। शादी वह भी तुमसे कौन से धोखे में जी रही हो नैनिका मनहोत्रा....!

    दुनिया में क्या लड़कियां मर गई है जो मैं तुमसे शादी करूंगा। फिर वो मन में बोलता है : दुनिया में कितनी भी लड़की क्यों ना हो पर मेरा जिस पर दिल अटका है वो आ गई है।




    100 साल पहले भी वहीं थी और अभी भी वहीं हैं।




    अधिकांश की बात सुनकर नैनिका बहुत गुस्सा आ रहा था....! वह हैरानी से अधिकांश को देखे जा रही थी।




    नैनिका अधिकांश की बात का कुछ जवाब देती तब तक अधिकांश विक्की से बोल। विक्की इस लड़की को मेरे केबिन से जल्द से जल्द निकालो।




    अधिकांश के चिल्लाने की आवाज पूरी कंपनी मैं गूंज उठती है।




    ओके ए एस आर। विक्की सर झुकाते हुए बोला।

    विक्की नानी का से कुछ कहता उससे पहले ही नैनिका ने विक्की के चेहरे के सामने अपना हाथ कर दिया....!

    जैसे वह कह रही हो कि कुछ बोलने की जरूरत नहीं है मैं जा रही हूं।

    नैनिका अपनी जलती हुई आंखों से अधिकांश को देखते हुए वहां से बाहर निकलने लगती है....!




    तभी उसके कदम रुक जाते हैं क्योंकि सामने सानिया और उसके साथ वही स्टाफ खड़ा था....! जो उन लोगों का इंटरव्यू ले कर आया था।

    सानिया ने अधिकांश के चिल्लाने की आवाज सुन ली थी जिस कारण वह अधिकांश से डर रही थी।

    नैनिका सानिया को बुरी तरह से घूर रही थी....!

    वह जल्दी से बाहर के लिए कदम बढ़ाती है और एक नजर सानिया को देखकर उसको टक्कर मार के बाहर निकल जाती है।

    नैनिका के टक्कर मारने के कारण सानिया अपने आप को संभाल नहीं पाती है और गिरने लगती है....!

    तभी वह स्टाफ सानिया को पकड़ लेता है।

    वहीं जब नैनिका बाहर आती है तो कंपनी के सभी लोग उसको देख रहे थे सबके चेहरे पर हंसी थी क्योंकि नैनिका अक्सर यहां आई थी और अधिकांश की मंगेतर होने का दावा करके सब पर हुकुम चलाते थे।

    आज जब अधिकांश ने नैनिका को बेइज्जत करके अपने केबिन से निकाल दिया तो सबको यकीन हो गया है की नई का झूठी है वह बस उन सबको नीचा दिखाती रहती थी।

    अधिकांश हुई बेज्जती और उसकी एम्पलाई से हुई यह इंसल्ट नैनिका से बर्दाश्त नहीं हो रही थी। वह सबको अपनी गुस्से से भरी आंखों से देखते हुए मन में बोली।

    अधिकांश सिंह शेखावत मैं इस बेज्जती को कभी नहीं भूलूंगी इसका बदला तो मैं जरूर लूंगी....!




    मैंने अगर तुम्हें बर्बाद ना कर दिया तो मेरा नाम भी नैनिका मल्होत्रा नहीं...!




    यहां जो भी मुझे देखकर हंस रहा है या मेरा मजाक बना रहा है...!

    उन सबको अपने इस बर्ताव के लिए पछताना होगा मैं भी एक भेड़िया हूं छोड़ूगी तो किसी को नहीं।

    विक्की ने सानिया को देख लिया था उसने जल्दी से अधिकांश से कहा। ए एस आर मिस सानिया आ गई है।

    विक्की के मुंह से सानिया का नाम सुनते ही अधिकांश का गुस्सा जैसे गायब हो जाता है.....!

    वह जल्दी से सानिया की तरफ मुड़ता है और उसे एक टक देखने लगता है।

    वहीं सानिया की नजरे झुकी हुई थी और वह डर के कारण काप रही थी....! अधिकांश को इतना गुस्से में देखकर वह अंदर ही अंदर डर रही थी उसे डर लग रहा था की अधिकांश गुस्सा उसे पर न उतर जाए।

    वही वही इस सबसे अनजान अधिकांश अपनी आंखों में चमक लिए बस सानिया को देखे जा रहा था....! सानिया का मासूम चेहरा देखकर अधिकांश के चेहरे पर बड़ी सी स्माइल आ जाती है।

    वह अपनी मुस्कान छुपाते हुए कड़क आवाज में बोला। अंदर आ जाओ....! अधिकांश की आवाज सुनकर दोनों अंदर आ जाते हैं।

    स्टाफ वह सानिया से बोलता है। मिस सानिया आपको हमारे बॉस ए एस आर को इंटरव्यू देना है ओके मैं चलता हूं बेस्ट ऑफ लक अच्छे से इंटरव्यू दीजिएगा।

    स्टाफ बाहर जाते हुए मन में बोला। हे भगवान इस मासूम सी लड़की को इस जल्लाद से बचाना पता नहीं इसका ही इंटरव्यू उसको अकेले क्यों लेना था।

    अधिकांश मदहोश सा बस सानिया को देखे जा रहा था उसको एहसास ही नहीं हो रहा था वह कहां बैठा है। विक्की ने जब अधिकांश को ऐसे सानिया को देखते हुए पाया तो वह अपना गला साफ करते हुए बोला है।




    उहूहू...!उहूहू...! ए एस आर मिस सानिया आपके सामने खड़ी है।

    विक्की की आवाज सुनकर अधिकांश होश में आता है और वह झेप जाता है वो इधर-उधर देखने लगता।

    वहीं सानिया अभी भी अधिकांश के सामने खड़ी थी...! और अन्दर ही अन्दर डर रहीं थीं।




    वो मन ही मन घबराते हुए बोली : यह कितने गुस्सैल है...! मुझे तो डर लग रहा है की इनका गुस्सा मुझ पर नहीं उतर जाए अगर इन्होंने मुझको गुस्सा किया मैं तो यही बेहोश हो जाऊंगी बेहोश होने की बात दूर मैं तो फूट फूट कर रोने लगूंगी।

    अधिकांश सानिया को इग्नोर करते हुए बोला। बैठ जाइए मिस सानिया।

    अधिकांश की आवाज सुनकर सानिया हां मे सर हिला देती है।

    अधिकांश विक्की की तरफ इशारों से कुछ कहता है। विक्की उसके आंखों का इशारा समझ जाता है और वहां से चला जाता है।

    सानिया अपने डॉक्यूमेंट अधिकांश के सामने रखती है वहीं अधिकांश सानिया से डॉक्यूमेंट ले लेता है और उसे फाइल को पढ़ने लगता है पर वो एक दो बार अपनी नजरें बचाते हुए सानिया को देख ही लेता है।

    आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए इश्क़ की एक दास्तां

    ............

    To be continued

  • 13. Reborn in love (A story of wolf king) - Chapter 13

    Words: 1260

    Estimated Reading Time: 8 min

    अधिकांश सानिया का इंटरव्यू ले रहा था पर इंटरव्यू कम वह उसको ज्यादा देख रहा था।

    अधिकांश सानिया से बोल। तो मिस सानिया आप अभी फाइनल ईयर में है.....!

    अधिकांश की बात सुनकर। सानिया की तरफ देखती है।

    अभी तक सानिया ने एक बार भी अधिकांश से अपनी नज़रें नहीं मिलाई थी उसको एक बार देखा भी नहीं था। 

    जैसे ही सानिया ने अधिकांश को देखा...! वह उसकी आंखों में खो गई.....! 

    अधिकांश की आंखों में सानिया खोती जा रही थी....! उसकी आंखों में मदहोशी जैसे छाई थी।




    सानिया ने आज तक किसी लड़के को इतनी देर तक बिना पलके झपकाएं नहीं देखा था....!




    वो चाहकर भी अधिकांश की उन हनी जैसी आंखों से अपनी नज़रें नहीं हटा पा रही थी।

    वहीं ऐसा कुछ हाल अधिकांश का भी था....!




    वह भी सानिया की नजरों में होश आ गया था बड़ी-बड़ी काली घनी पलकों वाली आंखें।

    सानिया ने जैसे अधिकांश को देखा और उनकी नज़रें एक दूसरे से टकराया वैसे ही अधिकांश के दिल जोर-जोर से धड़कने लगता है।

    उसका बस चलता तो वह सानिया को अभी अपने सीने से लगा लेता और पूछता की इतना वक्त क्यों लग गया।

    तुमको मेरे पास आने में क्या तुमको मुझ पर तरस नहीं आता तुमने तो कहा था कि तुम जल्दी आओ गी।

    तो इतना वक्त कैसे लग गया।

    जहां अधिकांश अपने मन मे यह सब सो कर ख्याली पुलाव पका रहा था।

    कि तभी जोरदार हवा चलती है जिस कारण ऑफिस में खुली खिड़की का दरवाजा बंद हो जाता है।

    आवाज के कारण दोनों अपने ख्यालों से बाहर आते हैं




    जहां सानिया अधिकांश से अब नजरे नहीं मिला पा रही थी उसको अब बहुत शर्म आ रही थी....!

    उसने शर्म से अपनी नज़रे नीचे कर ली....!

    अधिकांश को सानिया का यू शर्मा जाना देख कर उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ जाती है।

    मिस सानिया मैंने आपसे पूछा था कि आप फाइनल ईयर में हों।

    सानिया हैरानी से एक बार फिर अधिकांश को देखने लगती है।

    सानिया का ऐसे हैरानी से देखना अधिकांश को समझ नहीं आया।




    वो सानिया को देखते हुए बोला : क्या हुआ आप मुझे ऐसे क्यों देख रही है।

    सानिया फिर से अपनी नज़रें नीचे कर लेती है और धीरे से बोलती है।

    सर मुझे लगता है आपने मेरे certificate aur मेरे document को पढ़ लिया होगा




    मैंने अभी सिर्फ first year और second year के document दिए हैं

    जिससे आपको जान लेना चाहिए कि मैं अभी फाइनल ईयर में हूं।

    सानिया की बात सुनकर अधिकांश झेप जाता है....! उसे समझ आ गया था कि अगर इंसान सीधा हैं....! तो  उसको पागल नहीं समझना चाहिए।

    वहीं सानिया मुंह बनाते हुए मन में बोली। एक नंबर का गंधा है क्या अरे एक बात बार बार कौन पुछता है




    और क्या इसको मालूम नहीं होगा कि ये किसका इंटरव्यू ले रहा।

    सानिया द्वारा खुद को इतनी बुरी तरह से झाड़े जाने के बाद अधिकांश बोलता है।

    मिस सानिया आपको पता है आपको क्या करना है। अधिकांश बात बदलते हुए बोला।

    अधिकांश की इतनी बेवकूफों वाली बातें सुनकर इह बात सानिया को गुस्सा आ रहा था

    वो थोड़ा irritate होते हुए बोली: सर ये बात मैं कैसे जान सकती हूं कि मुझे क्या करना है।

    सानिया की बात सुनकर अधिकांश धीरे से बोला।

    हां....! ये बात भी सही है आप कैसे जान सकती है कि आपको क्या करना है।

    अधिकांश को सानिया के सामने भीगी बिल्ली बने देख कोई ये बोल सकता है....!

    कि ये वहीं अधिकांश सिंह शेखावत हैं....!जिसके आगे हर किसी की सांस रूक जाती है।

    अधिकांश के पास अब बात करने को कुछ था नहीं जब जब वो बात करने की कोशिश करता था।

    उसको मुंह की ही मिलती थी....! वो मन में सोचते हुए बोला।




    अधिकांश बेटा कुछ सोच कुछ तो बात कर....! जॉब तो इसको बिना इंटरव्यू को भी में दे देता।

    इंटरव्यू लेना तो एक बहाना था....! मुझे तो इसके साथ वक्त बिताना था।




    इसको जानना था...! इससे बात करनी थी। कितनी प्यारी है ये...! हाय....! पहले जैसी ही है।

    वहीं आंखें...! वहीं होंठ...! वहीं चेहरा....! बिल्कुल भी नहीं बदली है।

    जैसी पहली थी वैसी ही अब भी है...! कोई बोल सकता है कि इसका पुनर्जन्म हुआ है।

    पहले जितनी मासूम थी अब भी उतनी ही मासूम हैं।

    अधिकांश सानिया को देखते हुए मन ही मन बोल रहा था वही उसके चेहरे पर एक प्यारी सी बच्चों वाली मुस्कान थी।

    वहीं सानिया अब परेशान हो गई थी....!ये आदमी उसका इंटरव्यू तो ले नहीं रहा था बस उसको बेशर्मी की तरहां घूर रहा था।

    सानिया गुस्से में खड़ी हो जाती है और जोर से अपने दोनों हाथ study table पर मारते हुए चिल्लाकर बोलती है।

    मिस्टर शेखावत....! आप मेरा इंटरव्यू लेने के लिए मुझे यहां बैठारा है या मुझे घूरने के लिए।

    सानिया की चिल्लाने की आवाज सुनकर अधिकांश होश में आता है और इधर उधर देखते हुए सानिया को देखता है।




    जो उसे गुस्से में घूर रही थी....! वो भी जल्दी से खड़ा हो जाता है और धीरे से बोला।

    मिस सानिया कॉम डाउन इतना गुस्सा आपके इतने सुन्दर से चेहरे के लिए अच्छा नहीं होगा।

    देखो ना आप कितनी सुन्दर है...! आप पर तो प्यारी सी मुस्कान अच्छी लगती है।

    ये गुस्सा नहीं। अधिकांश उसको देखते हुए बोला।

    अधिकांश की बात सुनकर सानिया का गुस्सा कम नहीं हुआ बल्कि उसकी बकवास सुनकर बड़ा गया।

    मिस्टर शेखावत आप मुझसे फ्लैट कर रहे हैं...! आपको शर्म नहीं आती है क्या।




    किसी की सुन्दरता की तारीफ करने में कैसी शर्म। अधिकांश मासूम सा मुंह बनाते हुए बोला।

    अधिकांश का मासूम सा चेहरा देखकर सानिया के चेहरे पर भी मुस्कान आ जाती है।

    पर जैसे अधिकांश की नजर सानिया पर जाती है वो तब तक अपनी मुस्कान छुपा लेती है।

    अधिकांश को लगता है बात बनने के बजाए बिगड़ ना जाए इसलिए वो प्यार से बोला।

    मिस सानिया आप बैठ जाइए।

    सानिया के सामने अधिकांश का ये रूप देख कर कोई ये बोल सकता है कि ये ऐसिया का नंबर वन बिजनेसमैन मैन हैं।

    सानिया अधिकांश को घूरते हुए बैठ जाती है। अधिकांश भी बैठ जाता है।

    वो सानिया को देखता है और फिर अपने हाथ में पानी का गिलास ले कर सानिया के सामने करते हुए बोला।मिस सानिया लिजिए पानी पी लीजिए।

    फिर हम आगे की बात करेगे।

    सानिया ने अधिकांश को देखा और अपना गुस्सा कम करते हुए अधिकांश के हाथ से पानी लेने लगती है।

    अधिकांश को लगता है कि सानिया ने गिलास पकड़ लिया है

    जिस कारण वो अपना हाथ गिलास पर से हटा लेता है....! और सारा पानी सानिया पर गिर जाता है।

    मिस्टर शेखावत। सानिया चिल्लाते हुए उठ जाती है।

    ये सब देख कर अधिकांश भी जल्दी से उठ जाता है और सॉरी बोलना लगता है।

    मिस्टर शेखावत आपने मुझे मेरा इंटरव्यू लेने के लिए बुलाया था या मुझे परेशान करने के लिए।

    सॉरी मिस सानिया....! मैंने जान कर नहीं किया। अधिकांश उसके सामने आते हुए बोला।

    सानिया के कपड़े गीले हो गए थे....! पानी उसके सीने पर से नीचे गिरा था।

    जिस कारण सानिया के कपड़े उसके शरीर से चिपक गए थे।

    सानिया रोते हुए अपने दोनों हाथ अपने सीने पर रख लेती है और रोते हुए बोली : मुझे नहीं देना कोई इंटरव्यू आप बहुत गंदे हो।




    मुझे नहीं करनी कोई जॉब यहा ये बोल कर वो वहां से भाग जाती है।

    वहीं सानिया को ऐसे रोता देख कर अधिकांश को अच्छा नहीं लगता है....! वो अपने बाल पीछे करते हुए बोला।

    क्या किस्मत हैं मेरी....! पहले मैं इससे दूर भागता था और अब ये मुझसे दूर भागती है।

    अधिकांश तूने सब बर्बाद कर दिया।ये बोल कर वो भी सानिया के पीछे चला जाता है।

    आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए इश्क़ की एक दास्तां।




    .....................

    To be continued

  • 14. Reborn in love (A story of wolf king) - Chapter 14

    Words: 1524

    Estimated Reading Time: 10 min

    सानिया के वहां से जाने के बाद अधिकांश उसके पीछे जाता है सानिया रोते हुए कंपनी के बाहर भागते हुए जाती है।

    वही ऐसे किसी लड़की को अपने बॉस के केबिन से बाहर निकलते हुए देखकर कंपनी में काम कर रहे....! एम्पलाई हैरानी से एक दूसरे को देखने लगते हैं।

    वही फिर उस लड़की के पीछे अपने बॉस को जाते देखकर सारे एम्पलाई की आंखें हैरानी से मानो जैसे बाहर आने वाली हो।

    अभी उन्होंने जो देखा उस पर वह यकीन नहीं कर पा रहे थे....!

    कि एशिया का नंबर वन बिजनेसमैन अधिकांश सिंह शेखावत किसी लड़की के पीछे भागते हुए अपने ऑफिस से निकला।

    इस बात पर यकीन करना उन लोगों के लिए बहुत मुश्किल था क्योंकि ज्यादातर लोग जानते थे....!

    अधिकांश सिंह शेखावत के पीछे लड़कियां भागती हैं....! वह लड़कियों के पीछे भागने वाले में से नहीं है।

    वही वक्त भी यह सब देखकर हैरान था....! कि उसका जालिम दुष्ट खड़ूस बॉस एक मासूम सी लड़की के पीछे बिना....!

    अपने रेपुटेशन की परवाह किए और बिना सिक्योरिटी के बेपरवाह भागे जा रहा था।

    वहीं सानिया रोते हुए कंपनी के बाहर आ जाती है। वह इधर उधर देखते हैं....!

    तो उसे कुछ समझ नहीं आ रहा होता है की वो जाए तो जाए कहां क्योंकि वह आई तो थी तनु...., जय...., वीर और तरुण के साथ।

    उसको समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें क्योंकि वह कंपनी के अंदर भी नहीं जा सकती थी....!

    इस हालत में और उसका फोन भी तनु के पास था वह परेशान होते हुए रोने लगती है।

    सानिया अब तूं क्या करेगी तेरे कपड़े गीले हैं और तुझे कंपनी के अंदर भी तो नहीं जा सकती....!

    क्योंकि तुझे पता ही नहीं है की किस बिल्डिंग में तेरा इंटरव्यू हो रहा था....! और तुझे पता भी तो नहीं है कि किस बिल्डिंग में तनु....! जय....! वीर और तरुण होंगे।

    यही सब सोचते हुए सानिया की आंखें भर जाती हैं....! वह धीरे से बोली। सानिया तुझे अकेले ही अब जाना होगा।

    वो वैसे ही पैदल जाने लगती है। अधिकांश जब तक बाहर आता है तो देखता की सानिया वहां कहीं नहीं है।

    अधिकांश सानिया को इधर-उधर ढूंढने लगता है...!

    इधर सानिया अकेले रोड पर चले जा रही थी....! उसको बहुत डर लग रहा था क्योंकि रोड बहुत सुनसान थी और वहां बस एक या दो गाड़ियां ही आ जा रही थी।

    सानिया को बहुत घबराहट हो रही थी...! उसको अंदर ही अंदर एक अनहोनी का डर सता रहा था....!

    क्योंकि वह कभी अकेले तो कहीं आई गई नहीं है....! हमेशा उसके साथ तनु रहती थी.....!

    आज वह पहली बार ऐसे अकेले जा रही है...! उसके पास पैसे भी नहीं है जो वह टैक्सी कर सके।

    सानिया कुछ दूर चली ही थी की उसको प्यास लगती है वह इधर-उधर देखते हैं तो छोटा सा मंदिर होता है....!

    मंदिर के बाहर पानी की टंकी लगी होती है...! वह जल्दी से उसे मंदिर की तरफ जाती है और नल खोलकर पानी पीने लगते हैं....!

    वही मंदिर के सामने एक छोटी सी चाय की घूमती होती है जिस पर दो-तीन लफंगे लड़के बैठे होते हैं....!

    उनकी नजर सामने पानी पी रही सानिया पर चली जाती है।वो एक दुसरे से कुछ इशारा करते हैं और मुस्कुराते हुए उसके तरफ चले जाते हैं

    वहीं सानिया इस सब से अंजान पानी पी रहीं थीं....! वो पानी पी रही थी तभी उसे किसी की आवाज सुनाई देती है।

    अरे जाने मन हमारी भी प्यास बुझा दो....! हम भी बहुत प्यासें है। सानिया पीछे मुड़कर देखती है तो वहीं लड़के उसे देख रहें थे।

    सानिया उनको देखते हुए वहां से हट जाती हैं और धीरे से बोली : जी....! आप लोग पानी पी लीजिए। सानिया की मासूमियत और उसकी बातें सुनकर।

    वो लोग एक दूसरे को देखने लगते हैं और फिर हंसते हुए उससे बोले : अरे मेरी जाने मन। 

    एक लड़का सानिया पास जाते हुए बोला। फिर वो सानिया के चेहरे को पकड़ कर हंसते हुए बोला : तूं हमारी बात को समझी नहीं....! अरे हमे इस पानी की प्यास नहीं हैं।

    वहीं सानिया उससे दूर होने लगती है....! वो खुद को उस इंसान से छुड़ाने की कोशिश करने लगती है।

    तभी दुसरा लड़का भी उसके पास आता है और सानिया के पीछे से उसके बालो की खुशबू लेते हुए बोला : हमे तो तुम्हारी प्यास है।

    सानिया उन सबकी आंखों में आपने लिए हावस साफ देख पा रही थी।

    सानिया किसी तरहां उन लोगो के चंगुल से छूट जाती है।

    वो अपनी पूरी ताकत से वहां से भागने लगती है पर कुछ ही दूर जाने पर ही वो लोग सानिया को फिर से पकड़ लेते हैं।

    सानिया रोते हुए बोली : प्लीज़ मुझे छोड़ दो....! मैंने क्या बिगाड़ा है आपका।

    छोड़ देगे...! छोड़ देगे...! पहली हमे हमारी प्यास बुझाने तो दो। उन तीनों मिलकर काम से एक लड़का हंसते हुए बोला।

    उसकी बात सुनकर उसके दोनों साथी भी हंसने लगते हैं। वहीं सानिया को बहुत डर लग रही था....! उसको समझ नहीं आता रहा था कि अब वो क्यों करे कैसे इस मुसीबत से निकले।

    सानिया मन ही मन डर से मरे जा रही थी....! वो उन लोगों से रिक्वेस्ट करती है की वो उसे छोड़ दे पर लोग सानिया को छोड़ ही नहीं रहे थे।

    उपर से वो रास्ता भी सुन सान था जिस कारण वहां ज्यादा लोग दिख नहीं रहे थे।

    सानिया अब तुझे ही हिम्मत करके खुद को बचाना है। सानिया मन में यही सोचती है और जिस लडके ने उसका हाथ पकड़ा था उसके हाथ पर काट लेती है।

    जिससे वो इंसान दर्द से चिल्लाते हुए सानिया को छोड़ देता....! इसी चीज का फायदा उठाते हुए सानिया वहां से भाग जाती है।

    वो भागे जा रही थी वो एक बार पीछे मूड़ कर देखती है तो वो लोग अभी भी उसके पीछे आ रहें थे।

    सानिया भागती चली जा रही थी इसी के साथ वो पीछे मुड़कर एक बार देखती जरूर थी....!

    इस बार जैसे ही उसने पीछे मूड़ कर आगे देखती है वैसे ही वो किसी इंसान से टकरा जाती है....! जैसे वो सामने देखती है वो हैरानी से एक दो कदम पीछे हो जाती है।

    वहीं इधर तनु सानिया का इंतजार कर रही थी...! उपर से वो इस बात से भी परेशान हो रही थी कि सानिया को अकेले में इंटरव्यू क्यूं देने को ले गए हैं।

    यार वीर। तरूण जो वीर के कन्धे पर अपना हाथ रखे आराम से बैठा तनु को इधर-उधर करते देख कर बोला।

    हां...! वीर उसकी बात का जवाब देता है।

    तेरी मम्मी भी कभी इतनी टेंशन लेती है क्या।वीर समझ रहा था कि तरूण बोल उससे रहा हैं पर निशाना उसका तनु पर हैं।

    वहीं तरूण की बात सुनकर जय का ध्यान भी उसकी तरफ चला जाता है।

    नहीं भाई...! मेरी मम्मी कभी भी इतनी टेंशन नहीं लेती है। वीर तरूण का पूरा साथ दे रहा था तनु को परेशान करने में।

    तब तो तुझे अपनी मम्मी को हमारी तनु से मिलवाना चाहिए यार। तरूण थोड़ी तेज आवाज में बोला।

    वहीं तनु इन दोनों की बात सुनकर भी अनसुना कर रही थी...! वो वैसे ही इधर उधर घूम रही थी।

    वहीं वीर तरूण की बात सुनकर बोला। क्यों भाई।

    क्योंकि...! यार वो मम्मी हो कर तेरी इतनी टेंशन नहीं लेती है...! जितनी तनु सानिया की दोस्त हो कर लेती है। ये बात बोल कर दोनों एक दूसरे से ताली मार कर हंसने लगते हैं

    तरूण की बात सुनकर तनु उसे गुस्से में घूरने लगती है। वो तरूण को घूरते हुए बोली।

    तूं दिन में चार पांच बार जब तक मेरी चप्पल से मार नहीं खाता है। तब तक तेरा दिमाग ठीक नहीं होता है ना।

    तनु की बात सुनकर तरूण उसे बोला। यार तनु मैंने क्या ग़लत बोला है बता।

    तूं सानिया का ऐसे ख्याल रखती है जैसे तूं उसकी मां हों। अरे यार वो कोई बच्ची नहीं है।

    बालिक है...! अरे भगवान ने उसको भी दिमाग दिया है...! तूं प्लीज़ उसकी मां बन के मत घूमा कर। तरूण इरिटेट होते हुए बोला।

    मैं उसकी मां नहीं बनती हूं...! तरूण। मैं बस उसका थोड़ा सा ख्याल रखती हूं। क्योंकि वो बहुत सीधी हैं। उसको दुनिया दारी के बारे में नहीं पता है बस इसलिए मैं उसके लिए परेशान रहती हूं। तनु तरूण से बोली।

    तनु की बात सुनकर जय भी तनु की बात पर हामी भरते हुए बोला : तनु बिल्कुल ठीक बोल रही है। सानिया बहुत सीधी हैं। इसलिए वो उसका ख्याल रखती है इसका ये मतलब नहीं की वो उसकी मां बन गई।

    जय का यूं बीच में बोलना तनु को अच्छा नहीं लगता है वो मुंह बनाते हुए बोली। जब जय महाराज नहीं बोलेंगे तब तक कोई बात पूरी कैसे हो सकती है।

    जय तनु से इस वक्त कोई बहस नहीं करना चाहता था इसलिए वो चुप रहा।

    वहीं बहुत देर इंतजार करने के बाद भी जब सानिया नहीं आई तो तनु वहीं स्टाफ से पूछती है।

    वो स्टाफ तनु के इतनी बार कहने के कारण दुसरी बिल्डिंग में जाके पता करके आता है।

    स्टाफ तनु से बोला। मैंने पता करवाया है...! मिस सानिया का इंटरव्यू हो गया है और वो वहां से चली भी गई है।

    स्टाफ की बात सुनकर सब लोग हैरान हो जाते हैं की सानिया उन सबको छोड़कर कैसे जा सकती है।

    आगे जान ने के लिए पढ़ते रहिए इश्क़ की एक दास्तां

    To be continue

  • 15. Reborn in love (A story of wolf king) - Chapter 15

    Words: 1155

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब तक आपने पढ़ा की सानिया के पीछे कुछ लडके पड़ जाते हैं....!

    वहीं तनु को पता चलता है कि सानिया कम्पनी से जा चुकी है जिसे जान कर वो उसके लिए परेशान होती है...!

    वहीं इधर सानिया उन लडको से बचने के लिए उनसे भागने लगती है जिस कारण वो किसी इंसान से टकरा जाती है।

    अब आगे।

    सानिया सीने से जा लगतीं हैं...! जिस कारण उसको उस इंसान की दिल की धड़कन साफ साफ सुनाई दे रही थी।

    वो मेहसूस कर पा रही थी कि इस इंसान की धड़कन बहुत तेज तेज चल रही थी।

    सानिया को जब होश आता हैं की वो किसी अनजान इंसान के सीने से लगी हैं तो वो उससे जल्दी से दूर हो जाती है।

    सानिया ने घबराहट या शर्म के कारण अपनी नज़रें नीचे कर रखीं थीं।

    वहीं वो लडके जब सानिया के पास किसी को खड़ा देखते हैं तो वो वहां से भागने में ही भलाई समझते हैं।

    सानिया घबराई हुई उसे इंसान से थोड़ा दूर हो जाती है और धीरे से बोलती है। सॉरी।

    आप ठीक है।वो इंसान सानिया को देखते हुए बोला।

    सानिया अपनी नज़रें उपर करके उस इंसान को देखती है...! उसके सामने एक हैंडसम नौजवान लड़का जिसकी उम्र 29 से 30 साल के आप पास का थी।

    छोटी काली आंखें....! पतले होंठ...! गोरा रंग...! हल्के lavender रंग के बाल...! लंबाई 6 फूट थी...! मस्क्यूलर बॉडी। 

    मैंने पूछा आप ठीक तो है ना मिस। वो लड़का सानिया को खूद को घूरते देख कर एक बार फिर बोला।

    उस लड़के की आवाज सुनकर सानिया होश में आती है वो जल्दी से अपना सर हां में हिला देती।

    वो लड़का सानिया को देखते हुए बोला। आप इस सुनसान जगह पर अकेले क्या कर रही है और आप ऐसे भाग क्यों रही थी।

    उस लड़के की बात सुनकर सानिया को याद आता है की उसके पीछे-पीछे कुछ लडके पडे थे वो डरते हुए बोली।वो मेरे पीछे।

    सानिया की बात सुनकर वो लड़का सामने रोड़ को देखता है जहां से वो अभी भागते हुए आ रही थी।

    वो हैरानी से सानिया से बोला।आपके पीछे क्या मिस।आपके पीछे तो कुछ नहीं है।

    उस लड़के की बात सुनकर सानिया जल्दी से पीछे मुड़कर देखती है तो पीछे कोई नहीं था।

    ये देख कर सानिया खुश हो जाती है...! और वो मुस्कुराते हुए बोली। हां...! मैं बच गई...! थैंक्यू आपने मुझे बचा लिया।

    सानिया की बात उस लड़के को समझ नहीं आ रही थी...! वो थोडा कर्फ्यू होते हुए बोला। मतलब।

    अरे कुछ नहीं...! हमारे पीछे कुछ लडके पड़ गए थे...! आप से टकडाने के कारण वो डर के भाग गए।

    क्या आप उनको जानती थी। वो लड़का सानिया को देखते हुए बोला।

    सानिया ने बड़ी मासूमियत से ना में सर हिला दिया।

    सानिया की मासूमियत को देखकर उस लड़के के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ जाती है।

    वो अपने बारे में बताते हुए बोला : वैसे मेरा नाम अगस्त्य बजाज हैं।

    उस लड़के का नाम सुनकर सानिया धीरे से बोलती। मेरा नाम सानिया अग्रवाल...!

    तो मिस अग्रवाल आपको मैं कही छोड़ दूं...! आपके घर।
    अगस्त्य सानिया से बोला।

    मिस सानिया।

    सानिया अगस्त्य के सवाल का जवाब देती तब तक उन दोनों को किसी की आवाज सुनाई देती है।

    जहां अगस्त्य सानिया के पीछे देखता है वहीं सानिया अपने पीछे मूड़ कर देखती है।

    सामने अधिकांश अपने पॉकेट में हाथ डाले बड़े attitude के साथ उन दोनों को देख रहा था।

    उसके चेहरे पर इस वक्त coldness दिक रही थी...! वो सानिया को नहीं बल्कि अगस्त को घूरे जा रहा था।

    वो लंबे लंबे क़दम रखते हुए जल्दी से उनके पास आता है।

    अधिकांश उन दोनों के पास आता है....! वो बुरी तरहां से अगस्त्य को घूरे जा रहा था।

    उसकी आंखों में अगस्त्य के लिए जलन और आग दोनों दिख रही थी।

    वहीं अगस्त्य उसको देख कर शैतानी मुस्कान...! मुस्कुरा रहा था।

    मिस्टर शेखावत आप यहां। सानिया धीरे से अधिकांश से बोली।

    सानिया की आवाज सुनकर अधिकांश अगस्त्य पर से अपनी नज़रे हटा कर सानिया को देखने लगता है।

    सानिया की रोने के कारण आंखें लाल हो गई थी। उसके चेहरे पर आंसू के निशान बन गए थे।

    अधिकांश उसको देखते हुए बोला।आप यहां क्या कर रही है और ऐसे अनजान लोगों से बात नहीं करना चाहिएं।

    अधिकांश की बात सुनकर सानिया सर झुका लेती है....! सानिया ऐसी लड़की थी हीं नहीं जो किसी को जवाब दे।

    अधिकांश का ऐसे सानिया से बात करना अगस्त्य को अच्छा नहीं लगता है वो अधिकांश को घूरते हुए बोला।

    मिस्टर अधिकांश सिंह शेखावत लगता है आपने लड़कियों से बात करने की तमीज अभी तक नहीं सीखी है।

    वैसे आप इसके कौन लगते हैं...! जो इतना सुना रहे हैं इसे।

    तुम होते कौन हो ये पूछने वाले....! मिस्टर अगस्त्य बजाज अपनी हद में रहिए। अधिकांश अपने दांत पीसते हुए बोला।

    अधिकांश की बात सुनकर अगस्त्य हंसते हुए बोला। जो खुद हद में नहीं रहे रहा है वो मुझे हद में रहेना सिखा रहा है।

    मिस्टर अधिकांश सिंह शेखावत....! ये मत सोचो की 100 सालों का इंतजार तुम्हारा खत्म हो गया है।

    इतनी आसानी से तुमको नहीं मिलेगी...! समझे तुम....! वो धरा थी और ये सानिया हैं....!

    शक्ल सूरत एक जैसी हो जाने से इंसान एक नहीं हो जाता है।अगस्त की बात सुनकर अधिकांश को गुस्सा आ रहा था।

    वहीं सानिया को कुछ समझ नहीं आ रहा था वो तो बस यही सोच रही थी...! उन गूंडो से बची तो यहां इन लोगो के बीच में फंस गई हूं।

    तनु यार कहां हो तुम। सानिया मन में रोते हुए बोली।

    अधिकांश अपने गुस्से को काबू नहीं कर पाता है और वो अगस्त्य का कॉलर पकड़ लेता है।

    वो दांत पीसते हुए बोला। अगर सानिया नहीं होती तो...! यहीं मैं तुम्हें जिंदा खा जाता है उसने ये बात बहुत धीरे बोली थी।

    जो बस अगस्त्य को सुनाई दी थी। उन दोनों को ऐसे लड़ते देख सानिया डर जाती है।

    वो डरते हुए अधिकांश से बोली। मिस्टर शेखावत प्लीज़ मिस्टर बजाज को छोड़ दीजिए ये आप क्या कर रहे हैं।

    सानिया की बात सुनकर अधिकांश होश में आता है और उसको एहसास होता है कि वो सानिया के सामने क्या कर रहा है।

    वो अगस्त्य को छोड़ देता वहीं अगस्त्य भी अधिकांश को घूरे जा रहा था।

    अधिकांश बिना अगस्त्य से कुछ बोले सानिया का हाथ पकड़ लेता है और उसको ले जाने लगता।

    वहीं अगस्त्य ये सब देख कर शैतानी मुस्कान चेहरे पर लाता है और उसको जाते हुए देखकर बोला।

    अधिकांश सिंह शेखावत....! तुझे नहीं पता तूं क्या कर रहा है। तूं जितना उसके पास जाएगा वो उतना तुझसे दूर जाएंगी।

    तुझे क्या लगता है....! अब उसको प्यार करने से उसका ख्याल रखने से उसके साथ जो ग़लत हुआ वो क्या भूल जाएंगी।

    बेटा तूं जिस रास्ते पर निकला है ना वहां तुझे दर्द ही मिलेगा। ये बोल कर अगस्त्य ने भी एक खुखार भेड़िए का रूप ले लेता है।

    कौन है अगस्त्य कैसे जानता है वो अधिकांश को...! क्या अधिकांश सानिया को सच्च बता पाएगा...! आखिर क्या मतलब था अगस्त्य का ये सब जाने के लिए पढ़ते रहिए इश्क़ की एक दास्तां।

  • 16. Reborn in love (A story of wolf king) - Chapter 16

    Words: 1280

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब तक आपने पढ़ा की अधिकांश अगस्त्य से सानिया से दूर रहने को बोल कर उसको अपने साथ ले जाता है।

    वहीं अगस्त्य भी अधिकांश से बर्बाद करने के लिए कुछ सोचता है।

    अब आगे

    रात के 7 बज रहें थे मौसम ने भी आज तहलका मचाने की कसम खाई थी....!

    आसमान मे काली चाए जैसे बादल हो रखे थे...! जोरो सोरों से हवान चल रही थी अरे मान के चलो की आंधी आ रही थी।

    जिस कारण रोड़ पर कुछ साफ दिख नहीं रहा था....! वहीं अधिकांश सानिया को अपनी कार से उसको घर छोड़ने जा रहा था।

    मौसम बिगड़ने के कारण सानिया को डर लग रहा था...! जैसे बिजली गर्जती थी।

    वो डर के मारे अपनी आंखें बंद कर लेती थी ये सब अधिकांश बहुत देर से देख रहा था।

    जब उसे रहा नहीं गया तो उसने सानिया से पूछ लिया।

    आपको बिजली से डर लगता है मिस सानिया।

    अधिकांश की बात सुनकर सानिया उसकी तरफ अपनी बड़ी बड़ी आंखों से घूरते हुए बोली।

    मिस्टर शेखावत आप मुझसे बात मत ही किजिए तो ज्यादा अच्छा होगा। आपके कारण मैं यहां फंसी हूं।

    मेरे कारण वो कैसे। अधिकांश सानिया की बात सुनकर हैरानी से बोला।

    ना आप मुझे इंटरव्यू के लिए अकेले बुलाते ना में अपने दोस्तों से अलग होती...! ना में अकेले ऑफिस से निकलती और ना ही मेरे पीछे वो गुंडे पढ़ते। सानिया की आखरी वाली बात सुनकर अधिकांश के कान खड़े हो जाते हैं।

    वो सानिया को एक नजर देखते हुए बोला। गुंडे कौन से गुड़ मिस सानिया।

    इस बार सानिया चुप हो जाती है वो अधिकांश की किसी भी बात का जवाब नहीं देना चाहती थी।

    अधिकांश थोडा गुस्से में बोला। मिस सानिया मैंने कुछ पूछा आपसे।

    अधिकांश की गुस्से वाली आवाज सुनकर सानिया डर जाती है और वो रोनी सी सूरत बनाते हुए बोली।

    मिस्टर शेखावत आप मुझ पर चिल्लायें मत वरना मे रोने लगूंगी।

    सानिया कि बच्चों सी बातें सुनकर अधिकांश के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है वो मुस्कुराते हुए बोला। ओके ठीक है सॉरी पर अब उन गुंडों के बारे में तो बताओ।

    सानिया उसको सबकुछ बता देती है जिसे सुनकर अधिकांश की मुट्ठी स्टेरिंग पर कश जाती है। उसकी आंखें लाल होने लगती है।

    अधिकांश से अपना गुस्सा काबू में नहीं किया जा रहा था जिस कारण उसके दांत बाहर आ रहें थे....! उसके नाखून बड़े हो रहें थे।

    सानिया उसकी तरफ देखती तब तक अधिकांश नोर्मल हो जाता है।

    मिस सानिया आपको ऐसे किसी अंजान से बात नहीं करना चाहिए। अधिकांश बात बदलते हुए बोला।

    उसकी बात सुनकर सानिया मुंह बनाते हुए बोली। आप बात करने की बात कर रहें हैं मैं तो किसी अंजान की कार में बैठीं हूं।

    सानिया की ये बात अधिकांश को बहुत बुरी लगती है....! वो आखिर सानिया को कैसे बताएं की वो कोई अंजान नहीं है।

    काश धरा मैं तुमको सब कुछ बता पाता की मैं कौन हूं....! अधिकांश अपने ख्याल खोया था।

    मौसम भी बिगड़ता जा रहा था...! अब बहुत जोरदार हवा चलने लगी थी....! और बारिश भी तेज हो गई थी।

    जिस कारण रास्ता साफ नहीं दिख रहा था...! अधिकांश अपने ख्याल मे खोया था।

    तभी अचानक से कार बन्द हो जाती है...! अधिकांश कार को चलाने की बहुत कोशिश करता है पर वो नहीं चलती है।

    अब इसे क्या हुआ। अधिकांश चलाने की कोशिश करते हुए बोला।

    मिस्टर शेखावत मुझे घर जाना है बहुत रात हो गई है....! मेरी दोस्त मेरा इंतजार कर रही होगी। सानिया परेशान होते हुए बोली।

    सानिया की बात सुनकर अधिकांश कार से बाहर आता है और कार के आगे वाला हिसा खोल कर देखने लगता है कि प्रोब्लम क्या है।

    बारिश के कारण अधिकांश भीग रहा था जो सानिया से देखा नहीं जा रहा था।

    इतनी तेज बारिश उपर से सुनसान रास्ता...! कोई गाड़ी भी नहीं दिख रही थी।

    अधिकांश अपने हाथ से अपने गीले बालो को पीछे करता है...! और एक नज़र अन्दर बैठीं सानिया पर जाती है।

    डरी सहमी सी वो एक खरगोश के बच्चे की तरहां बैठीं थी...! अधिकांश की नजरें उस पर ही जैसे रूक सी जाती है।

    वो भूल जाता है कि वो बाहर क्या करने आया था....! अधिकांश एक टक सानिया को देख ही रहा था कि तभी सानिया ने भी अपनी नज़रें उठा ली ‌।

    तभी उसकी नजरें जा के अधिकांश से जा मिली जिस कारण अधिकांश अपने होश में आतै हुए जल्दी से उधर से नजरें हटा कर नीचे गाड़ी ठीक करने लगता।

    अधिकांश को इतना भीगते देख कर सानिया बाहर आ जाती है और उसके सर को अपने दुपट्टे से धक देती है।

    अचानक से खुद के सार पर बारिश की बुंदे ना पड़ने से अधिकांश सर उठा कर उपर देखता है।

    तो उसके उपर दुपट्टा था वो फिर हैरानी से बग़ल में देखता है।

    जहां सानिया खुद बारिश में भीगते हुए भी अधिकांश को बारिश से बचा रहीं थीं।

    ये देख कर अधिकांश के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है...! वो सानिया के सामने खड़ा हो जाता है।

    और उसके चेहरे को देखने लगता है...! बारिश से उसके बाल चेहरे और गले पर चिपक गए थे।

    भीगे गुलाबी होंठ...! उसके लाल गोरे गालों पर बारिश की बुंदे मोतियों की तरहां चमक रही थी।

    बालो की लटें गाल से ऐसे चिपक गए थे जैसे...! वो कभी भी उसे अलग ना होना चाहते हो।

    ऐसा लग रहा था मौसम भी मदहोश हो रहा था...! ठंड की जगहा मोहल्ल रोमांचित और गर्म हो गया था ‌।

    अधिकांश की नजरें सानिया के गुलाबी पतले होंठों पर थी जिस बर बारिश की बुंदे मोतियों की तरहां अपनी जगहा बनाने बैठीं थी।

    वहीं सानिया अधिकांश के दिल के जज्बातों से अनजान बारिश को मजा ले रही थी...!

    वो अधिकांश के उपर दुपट्टा रख कर कभी आसमान को देखती तो कभी इधर उधर देखने लगती।

    सानिया की खुबसूरती अधिकांश को खुद पर से काबू हटा रही थी।

    वो अपने दिल को समझाने की कोशिश कर रहा था....! उसके अन्दर एक आग सी जल रही थी सानिया को गले लगाने की।

    सानिया उसकी तरफ देखती है...! वो अपनी बड़ी बड़ी आंखें करके बोली।

    क्या हुआ मिस्टर शेखावत आप मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो। अधिकांश को खुद को ऐसे घूरते देख कर वो बोली।

    सानिया की बाल की लट उसके चेहरे पर चिपकी थी...! अब अधिकांश से रहा नहीं जा रहा था...! उसने बिना सानिया की बात का जवाब दिए।

    वो धीरे धीरे अपने हाथ को सानिया की तरफ बड़ा रहा था...! सानिया नासमझी में कभी हाथ को देखती तो कभी उसके चेहरे को।

    जिसपर कोई भाव दिख ही नहीं रहे थे...! बस आंखों में मदहोशी दिख रही थी।

    अधिकांश सानिया के गाल तक पहुंचता तब तक एक जोर दार आवाज आती है।

    बिजली गर्जने की आवाज सुनकर सानिया डर के कारण अधिकांश के सीने से जा लगतीं हैं।

    वो उसको कश का गले लगा लेती है और अपनी आंखें बंद कर देती है।

    वहीं अधिकांश भूत बना आंखें फाड़े खड़ा था....! उसने भी धीरे से सानिया को अपनी बाहों में भर लिया और आंखें बंद कर ली।

    कितने सालों बाद तुम्हें गले लगाया है धरा....!जब से तुमको देखा था...! तब से दिल करता था तुम्हें गले लगा लू।

    पर पता नहीं कौन सी ताकत मुझे रोक लेती थी...! आज मुझे मेरे दिल को सुकून मिला है। अधिकांश आंखें बंद किए मन में बोलता है।

    वहीं इन दोनों को ऐसे गले लगे हुए कोई और भी पेड़ के पीछे खड़ा हुआ देख रहा था...! अंधेरा होने के कारण वो इंसान दिख नहीं रहा था...!

    जैसे बिजली गर्जने के कारण थोडी देर की रोशनी में वो इंसान दिखता है जिसने काले रंग की हुडी पहनी थी।

    ये वहीं था जो उस दिन अधिकांश की हवेली के बाहर खड़ा था...! वो हुडी पहने हुआ इंसान उन दोनों को घूरते हुए वहां से चला जाता है।

    आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए इश्क़ की एक दास्तां

  • 17. Reborn in love (A story of wolf king) - Chapter 17

    Words: 1453

    Estimated Reading Time: 9 min

    अब तक आपने पढ़ा अधिकांश सानिया को घर छोड़ने जा रहा था....! पर रास्ते में कार खराब हो जाती है....! अधिकांश गाड़ी ठीक करने के लिए बाहर आता है और उसके पीछे सानिया भी तभी जोर दार बिजली गर्जने के कारण सानिया अधिकांश के सीने से जा लगती है...! वहां उन दोनों को ऐसे कोई अनजान शख्स भी देख रहा था।



    अब आगे......


    सानिया अधिकांश के सीने से लगी हुई थी....! दोनों के दिल जोर से धड़क रहे थे।


    सानिया ने अधिकांश को इतनी कश कर पकड़ा था कि उसके नाखून अधिकांश को अपनी पीठ पर मेहसूस हो रहे थे।

    वहीं अधिकांश के हाथ अब सानिया की कमर तक पहुंच गए थे...! वो उसकी कमर को धीरे धीरे से सहला रहा था।

    सानिया ने पहली बार किसी आदमी को इतना करीब से महसूस किया था।

    उसको नहीं पता था की जब कोई आदमी छूता है तो कैसा लगता है।

    सानिया के शरीर में एक प्रकार की तरंगें उठने लगी थी...! उसका खुद पर से काबू हट रहा था।

    अधिकांश का यू उसके पास होना उसका उसको छूना उपर से इतना मदहोश कर देने वाला मौसम सानिया खुद को अधिकांश की बाहों में सुरक्षित महसूस कर रही थी।

    वहीं अधिकांश का भी कुछ यहीं हाल हो रहा था...! वो भी सानिया की खुश्बू मदहोश कर रही थी....!

    अधिकांश धीरे से सानिया को खुद से दूर करता है। अधिकांश देखता है कि सानिया ने आंखें बन्द कर रखी थी।

    वो मेहसूस करता है की उसकी सांसें चेज चल रही थी....! बारिश के कारण सानिया के कपड़े पूरी तरहां से उसके उपर चिपक गए थे।

    जिस कारण सानिया का गले से नीचे का हिसा साफ साफ दिख रहा था...! बारिश की बुंदे उसके चेहरे से होते हुए उसके होंठों तक जा रही थी।

    अधिकांश का अब गला सूख रहा था...! उसकी आंखें बस उसके होंठों पर जैसे रूक सी गई थी।

    सानिया धीरे से अपनी आंखें खोलती है...! वो भी अधिकांश का हैंडसम चेहरा देखकर कर उसमें खोती जा रही थी।

    अधिकांश की आंखें भी बहुत सुंदर थी....! उसके बाल माथे पर बेफिक्री से फैले हुए थे।

    अधिकांश की आंखों में एक अलग तरह की आग थी, जो बारिश की बूंदों से भी ज्यादा गर्म थी।


    वो आग उसके प्यार की गहराई को दर्शा रही थी, जो उसको सानिया के लिए था।

    उसकी आंखों में एक अलग तरह का नूर था, जो बारिश की धुंधली रात में भी चमक रहा था।

    सानिया उसकी आंखों में देखे जा रही थी। उसको उस वक्त उसकी आंखों में एक अलग तरह का जादू दिख रहा था। जो बारिश की बूंदों को भी मदहोश कर रहा था।

    बारिश की बूंदों के साथ, उनके दिलों में प्रेम की धड़कन तेज हो रही थी।

    वे एक दूसरे की आंखों में डूबते जा रहे थे, जैसे कि बारिश की बूंदें उनके प्यार को और गहरा बना रही थीं।

    उस पल में, समय थम सा गया था। केवल वे दोनों और बारिश की मधुर धुन थी।

    वहीं अधिकांश के चेहरे पर मुस्कान थी, और उसके आंखों में प्यार की चमक थी।

    अधिकांश सानिया को देखकर अपने प्यार को महसूस कर रहा था।

    उसको लग रहा था कि जैसे बारिश ने उनके दिलों को और करीब ला दिया था।

    वो चाहता था कि इस बारिश में उन दोनों के बीच की दूरी मिट जाए...! और वे एक दूसरे के साथ जुड़ से जाए ।

    बारिश की बूंदें उसके प्यार को और मजबूत बना रही थीं, जैसे कि वो दोनों एक ही सांस में जी रहे थे।

    उस पल की खूबसूरती और उसके प्यार की गहराई को शब्दों में बयां करना मुश्किल है,

    लेकिन यह जरूर था कि वे दोनों उस समय अपने प्यार के साथ एक अनोखे और अविस्मरणीय पल का अनुभव कर रहे थे।

    बारिश की बूंदें धीरे-धीरे गिर रही थीं, तभी अधिकांश धीरे-धीरे सानिया के पास आ रहा था।

    अधिकांश की आंखें सानिया की आंखों में गड़ी हुई थीं, पर अधिकांश के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे...!

    उसे देख कर उसके मन का हाल कोई नहीं बता सकता था।

    अधिकांश को अपने पास आते देख सानिया ने खुद अपनी आंखें बंद कर ली...!

    वह अधिकांश को अपने पास आने की आवाज सुन रही थी, और उसके दिल की धड़कनें तेज हो गई थी।

    तभी जोरदार बादल गरजने लगा, और एक तेज़ चमक ने आसमान को रोशन कर दिया। 

    अधिकांश और सानिया दोनों होश में आ गए, और अपनी आंखें खोल दीं।

    सानिया को जैसे होश आता है की वो क्या करने वाली थी वो खुद को अधिकांश से दूर करती है।

    बादल और जोर से गर्जने लगते हैं...! मौसम और भी ज्यादा बिगड़ रहा था...!

    ऐसा लग रहा था कि कुदरत भी उन दोनों को मिलन नहीं चाहती थी।


    अधिकांश ने सानिया को देखा, जो अब थोड़ा घबराई हुई लग रही थी। उसने अपनी बाहों में उसे जकड़ लिया, और कहा, "कुछ नहीं हुआ, मैं तुम्हारे साथ हूँ।"

    अधिकांश की बात सुनकर सानिया खुद को उस से दूर करते हुए बोली। इसी बात का तो डर हैं...! और प्लीज़ थोड़ा दूर रहिए...! आप अभी क्या करने वाले थे।

    सानिया गुस्से में थोड़ा बोली। सानिया की बात सुनकर अधिकांश सर झुकाते हुए बोला। सॉरी मुझे नहीं पता...! मुझे क्या हो रहा था।

    प्लीज़ मिस्टर शेखावत मुझसे दूर रहिए...! पहले ही मैं आपकी वजहा से यहां फंसी हुई हूं। सानिया अपने आंखों में आसूं और नाराजगी से बोली।

    तभी वहां पर गाड़ी की आवाज सुनाई देती है...! अधिकांश हाथ हिला कर गाड़ी को रोक लेता है।


    उस गाड़ी में एक बुजुर्ग आदमी बैठा था...! अधिकांश ने उसे लिफ्ट के लिए कहां तो वो मान गए।

    अधिकांश सानिया के साथ उनकी गाड़ी में बैठ जाता है...! वो बुजुर्ग आदमी अधिकांश से इधर उधर की बाते करते हैं।

    वहीं पूरे रास्ते सानिया अधिकांश की तरफ एक बार भी नहीं देखती है...! और ना ही बात करती है।

    सानिया का ऐसा बर्ताव अधिकांश को अच्छा तो नहीं लगता है पर वो उसे कुछ बोल भी तो नहीं सकता है ना।

    कुछ देर बाद गाड़ी सानिया के घर के पास खड़ी थी...! अधिकांश और सानिया बाहर आते हैं....!

    अधिकांश उस बुजुर्ग आदमी को धन्यवाद करता है...! वो आदमी अधिकांश को मुस्कुराते हुए देखता है और वहां से चला जाता है।

    गाड़ी के जाने के बाद...! अधिकांश सानिया की तरफ देखता है वो कुछ बोलने वाला था कि तभी सानिया बोलती है।

    कुछ बोलने की जरूरत नहीं है...! आपके कारण आज मेरा पूरा दिन बर्बाद हो गया...! पहली बार आप से मिले और कितना सब कुछ हो गया एक दिन में...!

    दुआ करते हैं की इसके बाद हम कभी एक दूसरे से ना मिले।ये बोल सानिया वहां से चली जाती है।

    अधिकांश और सानिया को एक साथ उपर खिड़की से तनु ने देख लिया था...! वो सानिया को अन्दर आते देख कर उसे मिलने के लिए नीचे जाती है।

    इधर सानिया की बाते सुनकर अधिकांश धीरे से बोलता है। मिलना तो हमें है ही मिस सानिया...! आप चाहें जितना खुद को रोक ले हमारी किस्मत एक दूसरे से बंधी हुई है।

    आप जितना दूर भागे आज जो कुछ हम दोनों के बीच में हुआ है इससे मुझे उम्मीद है कि आप वापस आओ गी जब इतने सालो से उम्मीद नहीं छोड़ी तो जब आप मेरे सामने हो तब कैसे छोड़ दूं।

    अधिकांश के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और वो भी वहां से बारिश में ही पैदल चला जाता है।

    इधर जिस गाड़ी ने अधिकांश और सानिया को लिफ्ट दी थी...! वो सानिया के घर से कुछ दूर जाके रूकती है।

    उसमे से वही बुजुर्ग आदमी निकलता है...! उसके चेहरे पर इस वक्त कोई भाव नहीं थे...!

    उसकी आंखें लाल हो रखी थी...! वो जल्दी से इधर उधर देखता है और फिर अपनी आंखें बंद कर लेता है।

    कुछ देर बाद वो बुजुर्ग आदमी...! एक जवान इंसान में बदल जाता है...! उसका चेहरा काली हुंडी से धका हुआ था...!

    वो सानिया के घर की तरफ देखते हुए बोला। तो मैडम अपने आशिक से मिल ही गई...! पर इतनी आसानी से तुम दोनों एक कैसे हो सकते हो।

    अभी तीन महीना है वो रात आने में...! उसे पहले ही इस लड़की का कुछ भी याद नहीं आना चाहिए वरना इतने साल से जो खेल चल रहा है सब बर्बाद हो जाएगा।

    ये बोल कर वो आदमी बारिश में ही अचानक से चमगादड़ बन जाता है और काले आसमान में उड़ जाता है।

    ........................

    कहानी अच्छी लग रही है तो प्लीज़ कमेंट कर दिया करो और प्लीज़ स्टीकर दे दिया करो मेरा रिचार्ज तो निकाल ही सकते हैं आप रात के 3 बजें कहानी लिख रही हूं...! नींद से भरी आंखे हैं पर अपनी पूरी कोशिश करती हूं कि आपको कहानी पसंद आए और आप लोग मुझे मोटिवेट करे पर मुझे लगता है मेरा यहा कुछ नहीं हो सकता क्योंकि आप लोग बड़े लेखको को ही सपोर्ट करते हैं दोस्तों हो सके तो फॉलो भी कर लेना आगे आपकी मर्जी।

  • 18. Reborn in love (A story of wolf king) - Chapter 18

    Words: 1042

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब तक आपने पढ़ा कि अधिकांश सानिया को छोड़ने उसके घर जाता है वहीं जिससे अधिकांश ने जिस बुजुर्ग आदमी से लिफ्ट ली थी वो कुछ दूर जाके चमगादड़ बन जाता है।



    अब आगे.....!


    बारिश अभी भी हो रही थी...! अधिकांश रोड़ के किनारे भीग रहा था।

    वो रोड़ की तरफ देख रहा था कि कोई कार उसको मिल जाए पर रात 1:30 बजे कोई गाड़ी आ जा नहीं रही थी।

    अधिकांश का फ़ोन भी कार में रहे गया था। इसलिए वो वक्त को कॉल भी नहीं कर सकता था।

    अधिकांश परेशान सा इधर उधर देखता है कि तभी उसको एक बाइक आती हुईं दिखाई देती है।

    वो हाथ देते हैं फिर भी बाइक आगे निकल जाती है...! अधिकांश को अब गुस्सा आ रहा था उसने अपने गीले बालों को पीछे किया।

    और रोड़ की तरफ मुड़ता है तो देखता है की वो बाइक थोड़ी दूर पर खड़ी थी।

    उसके चेहरे पर एक उम्मीद दिखती है वो उस तरफ़ जाता है।

    उस इंसान ने हेलमेट लगता था जिस कारण अधिकांश उसकी शक्ल नहीं देख पा रहा था।

    उसको बाइक भी जानी पहचानी लगी पर उसने ध्यान नहीं दिया उसने बाइक वाले से कहां।

    मुझे लिफ्ट चाहिए...! वो मेरी गाड़ी खराब हो गई है।

    अधिकांश की बात सुनकर उस इंसान ने अपना हेलमेट उतारा तो अधिकांश की आंखों हैरानी से बड़ी हो गई।

    वो इंसान कोई और नहीं बल्कि अधीरा थी।

    तुम। अधिकांश जल्दी से बोला।

    अधिकांश की आंखें आश्चर्य से फैल गईं जब उन्होंने देखा कि हेलमेट उतारने वाला व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि अधीरा थी।


    अधीरा ने अपने बालों को इधर-उधर किया, जो हेलमेट पहनने के कारण उसके चेहरे पर आ गए थे।

    उसके बाल, जो पहले हेलमेट के नीचे छिपे हुए थे, अब उसके चेहरे पर खुलकर आ गए थे, और उसकी सुंदरता और भी बढ़ गई थी।

    अधीरा की आंखें चमक रही थीं, और उसके चेहरे पर एक मुस्कान थी।

    वह अपने बालों को ठीक करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वह इतनी खूबसूरत लग रही थी कि अधिकांश की आंखें उसे देखकर ही ठहर गईं।

    अधिकांश अधीरा को देखे जा रहा था कि तभी अधीरा उसके चेहरे के सामने अपनी उंगली से चुटकी बजाते हुए बोली।

    औ हिरो....! तुम्हारा घूना हो गया है तो अब कुछ बोलोगे। अधीरा उसको घूरते हुए बोली।

    अधीरा की बात सुनकर अधिकांश होश में आता है और उसे आज सुबह की बाते याद आने लगती है जिससे उसकी आंखों में गुस्सा आ जाता है।

    अधिकांश को देख कर अधीरा मुस्कुराते हुए बोली। औ तो तुम फिर मुझे दिख गए।

    क्या यार मैंने कहां था कि अपनी ये शक्ल मुझे फिर मत दिखाना फिर भी तुम सामने आ गए क्यों।

    अधिकांश मुंह बनाते हुए बोला। जान के थोड़ी आया हूं...! मुझे खुद तुम जैसी बदतमीज लड़की की शक्ल नहीं देखनी है।

    Oo really...! तो ठीक है भीगते रहो बारिश में मैं तो चली।

    अधीरा की बात सुनकर अधिकांश गुस्से से लाल हो गया वो दांत पीसते हुए बोला।

    तुम्हारी अकड़ मुझे पसंद नहीं है!

    अधीरा भी उसे घूरते हुए बोली। तुम्हारी अकड़ मुझे और भी ज्यादा गुस्सा दिलाती है!

    अधीरा की बात पर अधिकांश उसके पास आते हुए उसकी आंखों में देखते हुए बोला : मैं तुम्हें अपनी ताकत से दबा दूँगा! समझी तुम।

    अधीरा भी उसे खा जाने वाली नज़रों से बोली। मैं तुम्हें अपनी चालाकी से हरा दूँगी!

    दोनों बहुत पास थे बारिश इतनी तेज हो रही थी जैसे इंद्र देव ने भी सोच लिया था की वो आज बाढ़ ले आएंगे।

    वैसे बाढ़ तो अधिकांश की जिंदगी में आता हुआ था इस वक्त...! दोनों बारिश में भीग रहें थे...!

    बारिश की बूंदें आसमान से गिर रही थीं, और अधिकांश और अधीरा दोनों भीग रहे थे।

    उनके बाल भीगकर चिपचिपे हो गए थे, और उनके कपड़े भी भीग गए थे। लेकिन दोनों का गुस्सा अभी भी शांत नहीं हुआ था।

    अधिकांश की आंखें अधीरा पर गुस्से से टिकी हुई थीं, जैसे कि वह उसे कुछ कह देना चाहता हो।

    उसके होंठ कसे हुए थे, और उसके दांत भींचे हुए थे।

    अधीरा भी अधिकांश को घूर रही थी, जैसे कि वह उसे चुनौती दे रही हो।

    उसकी आंखें भी गुस्से से भरी हुई थीं, और उसके होंठ भी कसे हुए थे।

    दोनों एक दूसरे को घूर रहे थे, जैसे कि वे एक दूसरे को निगल जाना चाहते हैं।

    बारिश की बूंदें उनके चेहरे पर गिर रही थीं, लेकिन वे दोनों अपने गुस्से में डूबे हुए थे।


    अधीरा की बात सुनकर अधिकांश हल्का मुस्कुराते हुए बोला। तुम मुझे हरा नहीं सकती, मैं तुमसे ज्यादा ताकतवर हूँ!

    अधीरा भी मुस्कुराते हुए बोली : तुम मुझे हरा नहीं सकते, मैं तुमसे ज्यादा चालाक हूँ!

    अधिकांश को अब गुस्सा आ रहा था क्योंकि इस लड़की के पास उसकी बातों के हर एक जवान था।

    वो दांत पीसते हुए बोला। मैं तुम्हें अपनी मुट्ठी में दबा दूँगा!

    अधीरा भी उसी तेवर में बोली। अधीरा शेखावत तुम्हें अपनी जुबान से काट देगी!

    दोनों एक दूसरे को मात देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन दोनों एक दूसरे से कम नहीं हैं!

    अधिकांश ने अधीरा से बहस करके वक्त बर्बाद करने से अच्छा सोचा कि वो किसी गाड़ी को रोक ले।

    लेकिन 5 मिनट बाद भी जब कोई गाड़ी नहीं रूकी, तो अधिकांश को समझ नहीं आ रहा था कि वो इस वक्त क्या करे।

    आंधी रात हो गई थी और बारिश भी इतनी तेज हो रही थी कि कोई गाड़ी आती भी थी तो रूकती नहीं थी।

    अधिकांश को लगता था कि वो यहाँ अकेला ही रह जाएगा।

    तभी अधीरा ने एक नज़र अधिकांश को देखा और वो अपना हेलमेट लगा लेती है।

    अधिकांश को लगता है कि अधीरा अब चली जाएगी, लेकिन अधीरा ने सोचा, "यार, अधीरा तुझे मदद करनी चाहिए।

    कुछ भी बात हो, पर ऐसे इतनी रात में उपर से बारिश भी हो रही है, किसी को बीच रास्ते में अकेला छोड़ना ठीक नहीं है।"

    अधीरा ने अपना हेलमेट लगाया और बाइक स्टार्ट कर दी और अधिकांश के पास रोते हुए।

    उसने कहा, "चलो मैं तुम्हें घर छोड़ देती हूँ। यहाँ अकेले खड़े रहना ठीक नहीं है।"

    अधिकांश को लगता है कि अधीरा सच में उसकी मदद करना चाहती है। वह अधीरा की बाइक पर पीछे बैठ जाता है...!

    अधीरा बाइक स्टार्ट करती है और दोनों बारिश में भीगते हुए वहां से चले जाते हैं।


    आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए इश्क़ की एक दास्तां।

  • 19. Reborn in love (A story of wolf king) - Chapter 19

    Words: 1788

    Estimated Reading Time: 11 min

    अब तक आपने पढ़ा की अधिकांश बारिश में भीग रहा था...! उसने एक बाइक वाले इंसान को रोक कर उससे लिफ्ट मागी जैसे ही उस इंसान ने अपना हेलमेट हटाया अधिकांश देख कर हैरान हो गया की वो अधीरा थी।

    अब आगे...!

    अधिकांश अधीरा की बाइक पर पीछे बैठा था, वो अपने आप पर संतुलित रखने की कोशिश कर रहा था।

    लेकिन बार-बार ब्रेकर आने से बाइक हिलोरे मार रही थी, और वह अधीरा की पीठ से लग रहा था।

    वह अपने हाथों को पीछे बाइक को पकड़ कर  संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन हर बार ब्रेकर के कारण वह अधीरा के करीब आ जाता था।

    अधीरा की पीठ उसके सीने से लग रही थी, और वह अपने चेहरे को दूसरी तरफ करने की कोशिश कर रहा था,

    ताकि वह अधीरा के करीब न आ जाए। लेकिन बार-बार ब्रेकर के कारण वह अधीरा की पीठ से लग जाता था, और वह अपने आप को दूर करने की कोशिश कर नहीं पाता।

    क्या क्या दिन देखने को पढ़ रहे हैं मुझे...! कहां मैं रॉयल रॉयल्स से चलता था और कहां मैं एक बाइक पर बैठा हूं।

    वो भी एक लड़की के पीछे।  अधिकांश मुंह बनाते हुए अपनी किस्मत को कोसते हुए मन में बोला।

    अधिकांश अपने ख्यालों में खोया हुआ था की तभी अचानक से ब्रेकर लगने के कारण वो अधीरा की पीठी से जा लगा।

    अधीरा बहुत तेज गाड़ी चला रही थी...! वहीं अधिकांश को अधीरा के पास से जानी पहचानी सी खुशबू आ रही थी।

    वो उस खुश्बू में खोता जा रहा था...! अधीरा के शरीर की खुशबू अधिकांश को मदहोश कर रही थी।

    अधिकांश ने अपनी आंखें बंद कर लेता है और वो अधीरा की खुशबू मेहसूस करते हुए मन में बोला।

    वहीं खुशबू...! वहीं मेहक...! जो कई सालों पहले धरा के पास से आती थी...! यही खुशबू सानिया के पास से भी आती है जो की मैंने मेहसूस किया था पर वहीं सेम खुशबू इस लड़की के पास से कैसे आ सकती है।

    अधिकांश खुशबू को और पास से मेहसूस करने के लिए अधीरा के और पास जाता है जिस कारण अधीरा को अधिकांश की नजदीकी मेहसूस होती है।

    अधीरा अधिकांश को अपने इतने पास आते मेहसूस करती है...! तो उसके चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान आ जाती है।

    वो मन में बोली। अब आएगा मजा।

    वहीं इधर सानिया जब अपने घर आती है तो तनु उसके सामने सवालों की लाइन लगा देती है।

    जिससे परेशान होकर सानिया तनु को चुप करा देती है।

    तनु सानिया को घूरते हुए बोली। वो कौन था जो तुमको छोड़ने आया था।

    सानिया अपने ख्यालों में खोई होती है वो धीरे से बोली। तेरा जीजा।

    तनु उसकी बात सुन नहीं पाती है वो सानिया को हिलाते हुए बोली। क्या बोल रहीं हैं मुझे सुनाई नहीं दिया। फिर से बोल।

    तनु के चिल्लाने के कारण वो होश में आती है...! सानिया इरिटेट होते हुए बोली। क्या है यार क्यों इतना परेशान हो रही है।

    तो तूं मुझे कुछ बता क्यों नहीं रही है...! और तूं कम्पनी से बिना बताए क्यों चली आई थी...! मैं और तेरी वो वानर सेना कितनी परेशान हो गई थी।

    तरूण और सबके लिए वानर सेना सुनकर सानिया हंस देती है।

    हंस मत यार बताओ ना वो कौन था। तनु परेशान होते हुए बोली।

    तनु की बात सुनकर सानिया फिर अधिकांश के ख्यालों में खो जाती है...! चाहे वो अधिकांश से उसके सामने अच्छे से बात ना कर रही हो पर कहीं ना कहीं वो अधिकांश को पसंद करती थी।

    और करे भी क्यों ना अधिकांश था ही बला का हैंडसम...! दिल्ली की कोई लड़की नहीं होगी जो अधिकांश सिंह शेखावत को अपने सपने में नहीं देखती हों।

    सानिया ने बस अधिकांश का नाम सुना था पर जब उसने उसको देखा तो देखती रह गई...! सानिया भी कम सुन्दर नहीं थी...! थी तो वो भी लड़की हर लड़की की तरहां उसका दिल भी अधिकांश पर आ गया था।

    लो फिर ये ख्यालों में खो गई...! सानिया यार होश में आओ। तनु अब सानिया के गालो को पकड़ते हुए बोली।

    हां-हां...! बोलो यार ये क्या कर रही हो मेरे गाल। सानिया दर्द से कराहते हुए बोली।

    सानिया देख तुझको मेरी क़सम है बता वो सांवली सूरत तीखे नैन-नक्श लंबा सा लड़का कौन था।

    तनु की बात सुनकर सानिया उसको अपनी एक आंख उपर करके देखते हुए बोली। बहुत तेज हैं तेरी नज़र...! 5,10 मिनट में पूरा स्कैन कर लिया।

    हां...! यार बहुत तेज है नज़र इसलिए पूछ रहीं हूं उसके बारे में।

    सानिया अपनी मुस्कान छुपाते हुए बोली। वो W.K company के CEO अधिकांश सिंह शेखावत हैं। और फिर वो सबकुछ तनु को बता देती है।


    सानिया की बात सुनकर तनु खड़े होते हुए अपनी आंखें बड़ी बड़ी कर लेती हैं और हैरान होते हुए बोली। क्या...! वो इतनी बड़ी कम्पनी का मालिक तुमको बारिश में छोड़ने आया था ।

    सानिया मुस्कुराते हुए हां में सर हिला देती है।

    तनु बेड पर धराम से गिर जाती है...! वो अपना हाथ अपने दिल के पास रखते हुए बोली। हाए...! काश कोई मेरे लिए भी इतना करता यार।

    सानिया और तूने उससे लड़ाई की पागल हो क्या तुम। तनु सानिया के सर पर मारते हुए बोली।

    यार मैं और क्या करती मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था...! उस वक्त मेरे मुंह में जो आया बोलती गई। सानिया मासूम सी सूरत बनाते हुए बोली।

    चल कोई नहीं...! अगर वो तुझे पसंद करता है तो वो खुद तेरे पास आएगा चल जल्दी से खाना खा के सो जाते हैं कल कॉलेज भी जाना है ना।

    तनु की बात सुनकर सानिया ने जल्दी से खाना खाया और फिर वो दोनों बेंड पर लेट जाती है।

    सानिया कुछ सोचते हुए बोली। यार तनु मैंने ज्यादा तो नहीं बोल दिया उसको। कहीं उसको बुरा लग गया और फिर वो मुझे परेशान करेगा तो।

    सानिया की बाते सुनकर तनु हंसते हुए बोली। क्यों वो क्या तेरा वो आशिक भेड़िया है जो वो तुझे परेशान करेगा।

    भेड़िए की बात सुनकर सानिया मुंह बनाते हुए बोली। क्या यार तनु तुने भी किस वक्त पर उस भेड़िए का नाम ले लिया अब मुझे सपने में पक्का वहीं दिखेगा।

    तनु हंसते हुए बोली। पता भेड़िए की जगहा वो तेरा हिरो अधिकांश सिंह शेखावत दिख गया तो। ये बोल कर तनु सानिया के पेट पर गुदगुदी करने लगती है कुछ देर तक हस्ती मजाक करने के बाद दोनों सो जाती है।


    वहीं इधर अधिकांश के इतना खुद के पास आने से अधीरा के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान आ जाती है।

    वो मन में बोली अब आएगा मजा। ये बोल कर अधीरा बाइक को रोक देती है बाइक रूकने के कारण अधिकांश होश में आता है।

    वो अधिरा को देखने लगता है। अधिरा बहुत शान्त स्वर में बोली। उतरो।

    क्यों अभी तो हम पहुंचे भी नहीं है। अधिकांश हैरानी से बोला।

    अधीरा फिर से बोली। उतरो तो।

    अधिकांश उतर जाता है। और अधिरा को घूरने लगता है ‌।

    अधीरा बाइक खड़ी करके अधिकांश के सामने खड़ी हो जाती है और हाथ बांधते हुए बोली। क्या कर रहे थे तुम।

    क्या कर रहा था मैं। अधिकांश अपने दोनों हाथों को आगे करते हुए अपने कन्धे उपर करते हुए बोला।

    अधिकांश की बात सुनकर अधीरा उसके पास जाती है और उसको घूरते हुए बोली। देखो मिस्टर...! जो भी तुम्हारा नाम है।

    अधिकांश सिंह शेखावत नाम है मेरा।

    हां वही। मिस्टर अधिकांश सिंह शेखावत...! ये गलती से मत सोचना की लड़की रात में अकेली है तो कुछ भी उसके साथ करोगे और वो कुछ कर भी नहीं पाएगी। अधीरा अपने हाथ को मोड़ते हुए अधिकांश से बोली।

    अधीरा की बात सुनकर अधिकांश अधीरा के आगे पीछे देखने लगता है..! और फिर इधर उधर देखने के बाद मुंह बनाते हुए बोला।

    कहां है लड़की...! मुझे तो कहीं नहीं दिख रही है। लड़की...! अधिकांश अधीरा का मज़ाक़ बनाते हुए बोला क्योंकि वो एक लड़के की तरहां रहती है।

    अधीरा को समझते देर नहीं लगी की अधिकांश उसके पेहनावे का मज़ाक़ बना रहा है।

    अधीरा को गुस्सा आ रहा था...! वो कुछ बोलती उससे पहले अधिकांश हंसते हुए बोला। पहले खुद की शक्ल देखो जाके लड़की कौन बोलेगा की तुम लड़की हो।

    ना कपड़े पहने का ढंग ना बात करने की तमीज...! और तुमको लगता है की मैं तुम्हारे साथ कुछ करूगा।

    मेरे इतने भी बुरे दिन नहीं आए हैं...! जो मैं तुम जैसी लड़की के साथ कुछ करू...! अधिकांश सिंह शेखावत के पास लड़कियों की कमी नहीं है।

    अधिकांश की बाते सुनकर अधीरा को बहुत गुस्सा आ रहा था...!

    वहीं मोसम भी ठीक होने का नाम नही ले रहा था...! बारिश और तेज हो गई थी। जिसमें अधिकांश और अधीरा भीग रहे थे।

    वो अधिकांश का कोलर पकड़ते हुए अपनी जलती हुई नजरों से उसे देखते हुए बोली।

    क्या बोला तुमने मैं लड़की नहीं हूं...! तुम्हारी इतनी हिम्मत तुमने मेरे अस्तित्व पर उंगली उठाई...! मैंने अगर लडके वाले कपड़े और बाइक क्या चला ली तो मैं लड़की नहीं रही।

    अधीरा चिल्लाते हुए अधिकांश को बोले जा रही थी...! अधिकांश को भी गुस्सा आ रहा था...! उसको भी पसंद नहीं था कि कोई उसके साथ ऐसे बर्ताव करे फिर तो इस लड़की ने एक दिन में दो बार उसकी बेइज्जती की है।

    कोलर छोडो मेरा। तुमको पता नहीं हैं तुम किस से पंगा ले रही हों। अधिकांश दांत पीसते हुए बोला।

    नहीं पता और मुझे जानना भी नहीं है...! सुबह ही बोला था मैंने फिर मुझे अपनी शक्ल मत दिखाना। लेकिन तुम नहीं माने ना। अधीरा उसको झिंझोड़ते हुए बोली।

    बस करो लड़की...! और सॉरी सॉरी...! मैं तो भूल गया तुम लड़की कहा हो तुम तो...! नहीं नहीं तुम ना लडके हो और ना लड़की फिर तुम क्या हो। ये बोल कर अधिकांश जोर जोर से हंसने लगता है।

    अधिकांश अधीरा को बस चिड़ा रहा था...! वो उसका मजाक ही बना सकता था इस वक्त..! क्योंकि छोटी सी लड़ाई के कारण वो किसी इंसान की जान नहीं ले सकता था भेड़ियों के भी कुछ उसूल थे जिन्हें उनको पूरा करना था।

    अधीरा से अधिकांश की हंसी बर्दाश्त नहीं हो पा रही थी...! वो उसको गुस्से में घूरती हैं।

    और फिर उसके पास आके उसको अपनी तरफ करती है...! अधीरा के ऐसे करने से अधिकांश हैरान हो जाता है...! उसकी हंसी भी अब गायब हो गई थी...! वो आंखें बड़ी बड़ी करके अधीरा को देख रहा था।

    अधीरा के चेहरे पर बारिश की बूंदें धीरे धीरे उसके होंठों तक जा रही थी।

    वो अपनी खा जाने वाली नज़रों से अधिकांश से बोली। अब तुमको पता चलेगा की मैं लड़का हूं की लड़की...! अधिकांश को उसकी बात समझ नहीं आई जब तक वो कुछ बोलता तब तक अधीरा ने अपने होंठ अधिकांश के होंठों पर रख दिए।

    जैसे ही इन दोनों के होठ एक दुसरे से जा मिले वैसे ही एक जोर दार बिजली गर्जती है दोनों अंधेरे में एक दुसरे को चूम रहे थे।

    इधर सानिया अचानक से चिल्लाते हुए उठ जाती है।

    आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए इश्क़ की एक दास्तां।

  • 20. Reborn in love (A story of wolf king) - Chapter 20

    Words: 1447

    Estimated Reading Time: 9 min

    बारिश धीरे धीरे बंद होने लगी थी...! मौसम साफ होने लगा था

    अधीरा और अधिकांश एक दूसरे में खोए हुए थे...! अधीरा बहुत उत्साहित होकर अधिकांश को किस कर रही थी...!

    अधिकांश उसे दूर होने की कोशिश करना चाहता था।

    पर पता नहीं कौन सी ऐसी ताकत थी जो उसको अधिरा के पास से उसे दूर होने नहीं दे रही थी।

    अधिकांश धीरे धीरे उसके होंठों को अपने होंठों में लेने लगता है...! उसके हाथ खुद बा खुद अधीरा की पतली कमर पर चल रहे थे।

    अधिकांश अधीरा की खुशबू में खो रहा था...! उसकी आंखें बंद हो जाती है।

    जैसे वो आंखें बंद करता है...! वैसे उसको कुछ अजीब सा दिखने लगता है...! सफेद चित्र में वो किसी लड़की की लाश को खोद मे लिए जोर से चिल्लता है।


    तभी उसको पीछे से आके कोई एक खंजर मार देता है और वो वहीं बेहोश हो जाता है...!

    जैसे ही उसने ये देखा वो झट से अपनी आंखें खोल देता है और अधीरा से दूर हो जाता है।

    ..............

    इधर सानिया जोर से चिल्लाते हुए उठ जाती है...! तनु भी उसके चिल्लाने से जल्दी से उठ जाती है।

    वो लाइट ओन करती है तो देखती है की सानिया तेज तेज सांसें ले रही है उसका पूरा चेहरा पसीने से लथपथ हैं।

    तनु उसके पास आती है और उसको पानी देती है।

    पानी पीने के बाद सानिया कुछ शान्त होती है...!

    क्या हुआ सानिया कोई बुरा सपना देखा क्या। तनु उसको देखते हुए बोली।

    हां...! तनु बहुत बुरा सपना था...! ऐसा सपना मैंने आज तक नहीं देखा।

    क्या देखा सपने में। तनु सानिया से बोली।

    मैंने देखा की मैं एक लडके के साथ फूलों के बगीचे में हूं...! हर जगहा फूल ही फूल...!

    सूरजमुखी के फूल खिले थे...! गुलाबे के फूलों की खुशबू पूरे बगीचे को महका रही थी।

    मैं उस लड़के की बाहों में बैठीं थी...! उसके शरीर से आती खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी...! वो मेरे बालो की लट से खेल रहा था कि।

    इतना बोलते ही सानिया रूक जाती है।

    फिर क्या हुआ सानिया। तनु बड़ी बेसब्री से पुछती है।

    फिर तनु मुझे एक तीर मेरे यहां आके लगता है...! सानिया अपने सीने पर उंगली करते हुए बोली।

    क्या।

    हां...! तनु वो तीर यहीं लगता है आके...! सानिया घबराते हुए बोली।

    फिर...! तनु उत्साहित होते हुए पुछती है।

    मैं उस लड़के के ही बाहो मे गिर जाती हूं...! मेरा सफेद सूट पूरा मेरे खून की वजह से लाल हो जाता है और मैं वही अपना दम तोड देती हूं।

    मुझे मरते देख कर वो लड़का मुझे अपनी बाहों में लेते हुए जोर से चिल्लाता है...! तभी पीछे से उसको भी कोई खंजर मार देता है।

    इतना बोल कर सानिया चुप हो जाती है।

    और फिर। तनु सानिया को देखते हुए बोली।

    तभी मैं चिल्ला कर उठ जाती हूं।

    बाप रे बाप कैसा भयानक सपना देखती हो तुम सानिया। इसलिए बोलती हूं की सोते वक्त भेड़िए के बारे में मत सोचो।

    सानिया इरिटेट होते हुए बोली। यार तुम घूम फिर के भेड़िए पर क्यूं आ जाती हों।

    इसलिए क्योंकि भेड़िए जैसा कुछ नहीं होता है समझी तुम।

    ठीक है यार...! मुझे नींद आ रही है। ये बोल कर सानिया फिर से सोने की कोशिश करती है।

    ............
    इधर अधिकांश गुस्से से अधिरा को देख रहा था वही अधिरा के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान थी।

    वो अधिकांश के पास आई और अपनी एक उंगली उसके चेहरे पर फेरते हुए बोली। अब तुमको पता चल गया होगा की मैं कौन हूं।

    अधिकांश को उस में कुछ गरबड़ लगने लगी थी...! वो उसको शक भरी नजरों से देख रहा था।

    अधिकांश उसके बालों को पीछे से कश कर पकड़ लेता है और उसके चेहरे को अपने चेहरे के पास लाकर बोला।

    तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे किस करने की...! ये तुमने अच्छा नहीं किया लड़की...! अभी तक मैं तुम्हें बच्ची समझ कर छोड़ रहा था पर अब नहीं। अधिकांश की आंखें लाल हो गई थी।

    उसकी आवाज भयानक हो गई थी...! उसके दांत बाहर आने लगे थे...!

    वहीं अधिरा के चेहरे पर दर्द साव दिख रहा था...! उसके चेहरे पर दर्द और डर से मिले जुले भाव थे।

    अधिकाश का भेड़िया वाला रूप बाहर आ रहा था...! जिसे देख कर अधिरा का चेहरा डर से पीला पड़ रहा था।

    वो अपनी लाल लावा जैसी आंखों से अधिरा के पास आ रहा था...! उसने अपने नुकीले दांत उसकी गर्दन पर रखा और उसकी गर्दन को काट लिया।

    वहीं दर्द से अधिरा के मुंह से जोर चीख निकली।

    तभी अधिकांश को होश आ जाता है..., वो देखता है कि अधिरा उसके सामने खड़ी अपने दोनों हाथों को उसके चेहरे के सामने किए बोल रही है।

    अधिकांश को एहसास होता है कि वो सपना देख रहा था।

    वो मन में बोला। क्या मैं सपना देख रहा था...! मतलब मैंने अभी तक इस लड़की को सबक नहीं सिखाया है।

    वो अपने ख्यालों में खोया था कि अधिरा ने उसके बाह पर चुटकी काटी और बोली। पागल हो क्या खुद ही मे बाते कर रहे हो।

    देखो मिस्टर...! मेरा तुमसे कोई मतलब नहीं है...! तुमने मुझे मजबूर किया था किस करने पर

    अब आज के बाद अपनी ये बंदर जैसी शक्ल मुझे मत दिखाना समझे। वरना आज तो तुम्हें किस किया है अगली बार कही कुछ और ना कर दू।

    ये बोल कर वो हंसते हुए अपनी बाइक पर बैठ जाती है...! बारिश बंद हो गई थी

    इसलिए उसने हेलमेट की जगहा अपनी ब्लैक रंग की जो हुडी पहनी थी उसकी केप वो लगा लेती है जिस कारण अब उसका चेहरा भी नहीं दिख रहा था।

    वो अपने दो उंगलि अपने माथे की तरफ ले जाके फिर उसको दूर करती है और वहां से चली जाती है।

    वहीं अधिकांश बेवकूफों की तरहां मुंह खोले उसको जाते हुए देख रहा था।

    फिर खुद के सर पर मारते हुए बोला। इस लड़की ने दुसरी बार तुझे मात दी है अधिकांश...! क्या हो जाता है तुझे जब ये सामने आती हैं।

    तूं क्यों इससे कुछ नहीं बोल पाता है...! तूं तो कभी किसी से नहीं हारता है तो इसके सामने आते ही तेरा मुंह क्यों बन्द हो जाता है।

    कुछ तो हैं इस लड़की में जो पता लगाना होगा तुझे। मेरी किस भी ले गई अभी तक मैंने सानिया को किस नहीं किया था।

    चुड़ैल कहीं की मुझे बंदर बोलती है किस एंगल से मैं इसको बंदर दिखता हूं।  अधिकांश बिचारा सा मुंह बनाते हुए बोला।

    अब बस बहुत हुआ मैं अब किसी से लिफ्ट नहीं मांगूंगा। मैं wolf king हूं...! अधिकांश सिंह शेखावत।

    अधिकांश इधर उधर देखता और फिर भेड़िए वाले रूप में आ जाता है।

    और वहां से चला जाता है।

    इधर जंगल के पास एक पूरानी खंडहर हवेली के अन्दर...! हजारों के चमगादड़ उपर छत से लटके हुए थे।

    पूरे हवेली में अंधेरा था...! जिस कारण बस उन चमगादड़ो की लाल आंखें दिख रही थी।

    तभी वहां पर उड़ते हुए बाहर से एक चमगादड़ आता है और देखते ही देखते वो एक इंसान बन जाता है।

    उसको इंसान बनाते देख कर और चमगादड़ भी जमीन पर आते हैं और इंसान बन जाते हैं।

    उस इंसान ने आज भी काले रंग की हुडी पहनी हुई थी और उसके पीछे खड़े लोग भी काले रंग की हुडी पहनी थी।





    वो चमगादड़ अपने लिडर जो अभी बाहर से आया था उसको ग्रीट करते हैं।

    वो जोर जोर से चिल्लाते हुए उस इंसान के सामने बोलते हैं जो अभी बाहर से आया था।

    अंधिकार की जय हो.....! अंधिकार की जय।

    वो लो चिल्लाते हुए बोले।

    तभी उसके लीडर ने अपना हाथ उपर किया जिससे वो लोग चुप हो जाते हैं।

    वो लोग कहां है। वो लीडर बोला।

    उसकी बात सुनकर कुछ लोग सामने आते हैं...! ये वही लोग थे जो उस दिन सानिया को परेशान कर रहे थे।

    वो लोग उस लीडर के सामने खड़े हो जाते हैं और सर झुकाते हुए बोले। अंधिकार की जय हो।

    वो इंसान हां में सर हिला देता है और फिर बोलता है। तुम लोगो ने आज बहुत अच्छा काम किया है...! हम बहुत खुश हैं तुम्हारे काम से।

    ऐसे ही हमारे मकसद मे हमारी मदद करो तो बहुत जल्द हम अपने मकसद में कामयाब हो जाएंगे।

    और फिर वो दिन दूर नहीं जब हम....! इतना बोलते ही वो जोर जोर से हंसने लगता है उसकी हंसी सुनकर वहां और लोग भी हंसने लगते हैं।

    बस तीन महीने बाद वो रात आने वाली है जिस रात का हमे 100 सालो से इंतजार था फिर से वहीं युद्ध शुरू होने वाला है।

    जिसे अधिकांश सिंह शेखावत ने अपने प्यार की बलि देकर चुकाया था।

    इतना बोल कर वो लोग जोर जोर से हंसने लगते हैं।


    आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए इश्क़ की एक दास्तां।

    दोस्तों प्लीज़ समीक्षा और रेटिंग दे दिया करो अगर बोलती नहीं हूं तो आप लोग समीक्षा भी नहीं करते प्लीज़ प्लीज़ कर दिया करो यार।