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Under the mafia moon

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Jahnavi Sharma

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युग राणा, जो एक क्रूएल हार्टेड माफिया है और अंडरवर्ल्ड की दुनिया में सब युग को डेविल के नाम से जानते है। युग का एक ही जुनून है, माफिया किंग बनना। उसके लिए उसे उन सात पड़ावों को पार करना होगा, जो एक माफिया किंग बनने के लिए जरूरी है। इन सात पड़ावों को...

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युग राणा

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Total Chapters (323)

Page 1 of 17

  • 1. Under the mafia moon - Chapter 1

    Words: 2161

    Estimated Reading Time: 13 min

    शाम के लगभग छह बज रहे थे। समंदर किनारे ठंडी हवाएं चल रही थी। वहां कुछ लड़के लड़कियां पार्टी कर रहे थे। वो सिडनी का फेमस बीच एरिया था। उस एरिया को किसी वीआईपी ने बुक किया था इस वजह से वहां उन्हीं के लोग मौजूद थे। सबने स्विम ड्रेसेज पहनी थी। इन सब के बीच वो सभी एक लड़की को घेर कर खड़े थे। वो बीच पार्टी उसी ने थ्रो की थी। उसने रेनबो लाइंस का स्विम सूट पहना था, जिसमे उसका परफेक्ट फिगर उभर कर आ रहा था। उसकी लाइट पेल स्किन थी और आंखों का रंग डार्क ग्रे था। वो दिखने में काफी हॉट थी। उसके हाथ में एक महंगी शैंपेन की बॉटल थी। “सारा... तुम्हारा कोई मुकाबला नहीं है। तुम सच में प्रिंसेस हो। इस तरह की पार्टी तुम्हारे अलावा और कोई थ्रो नहीं कर सकता। आई मीन तुमने पूरा बीच बुक कर लिया। इटस फैबुलस...” एक लड़का उसकी तारीफ करते हुए बोला। इसी के साथ सभी सारा के लिए चीयर करने लगे। उसकी तारीफ से खुश हो कर सारा मुस्कुराई। “चीयर्स...” चिल्लाते हुए सारा ने शेम्पेन की बोतल खोली और अपने फ्रेंड्स की तरफ की। “हैव फन गायज... आफ्टर ऑल सारा सिंघानिया की पार्टी है। यू ऑल आर लकीएस्ट वन, जो इस पार्टी में शामिल होने का मौका मिला।” उसके कंधे से लंबे सीधे बाल हवा में उड़ रहे थे। इसी के साथ वहां का म्यूजिक लाउड हो गया। वो सब बीयर पीते हुए डांस कर रहे थे। उनमें से कुछ स्विम कर रहे थे। हर कोई अपनी धुन में खोया था। वही उस भीड़ से थोड़ी दूर एक और लड़की खड़ी थी। उसके कपड़े बाकियों से अलग थे। उसने स्विम सूट पहनने के बजाय घुटनों तक की पिंक फ्लोरल बीच फ्रॉक पहनी थी। उसके बाल कमर तक के थे और हल्के घुंघराले थे। उसने बालों के एक साइड एक बड़ा सा आर्टिफिशियल येलो फ्लावर लगा रखा था। वो दिखने में काफी मासूम और खुबसूरत थी। वो बीच के पास खड़ी समुंद्र की लहरों को देख रही थी। तभी उसके सिर में दर्द उठा। उसने पार्टी की तरफ देखकर कहा, “बाई गॉड, अगर ये ऐसे ही लाउड म्यूजिक रखेंगे तो मेरे सर दर्द की दवाइयां खत्म हो जाएगी।” उसने अपने सिर को पकड़ा और फिर अपने पास मौजूद बैग से एक गोली निकाल कर खा ली। वो वापिस समुद्र की लहरों को देखने लगी तभी पार्टी से एक लड़का निकलकर उसके पास आने लगा। “हे कृशा... तुम यहां अकेले बैठ कर बोर क्यों हो रही हो? आई मीन लेट्स हैव सम पार्टी बेब।” उसने जबरदस्ती कृशा का हाथ पकड़ा और उसे पार्टी की तरफ खींच कर ले जाने लगा। कृशा उससे अपना हाथ छुड़ाने की नाकाम कोशिश करने लगी। वो चिल्ला कर बोली, “प्लीज स्टीव‌, लीव माय हैंड..मुझे नहीं करनी कोई पार्टी।” म्यूजिक लाउड होने की वजह से उसकी आवाज पर किसी का ध्यान नहीं गया लेकिन डांस करते हुए सारा ने स्टीव को कृशा के साथ बदतमीजी करते देख लिया। उसने इशारे से म्यूजिक रुकवाया। जैसे ही म्यूजिक रुका उनके कुछ दूरी पर खड़े सिक्योरिटी गार्ड्स ने अपनी गन उठा ली। वो कोई भी एक्शन लेते उससे पहले सारा ने उन्हें वही रुकने का इशारा किया। उसके बाद सारा तेज कदमों से चलकर उसके पास जाने लगी और उनके पास जाकर स्टीव का हाथ कृशा के हाथ से अलग किया। हर कोई उसके पीछे था। “जब ये कह रही है इसे पार्टी नहीं करनी है, तो तुम इसके साथ जबरदस्ती क्यों कर रहे हो?” सारा गुस्से में चिल्ला कर बोली। इसी के साथ वहां एक शांति छा गई। “कम ऑन बेब.. तुम इसकी वजह से मुझ पर गुस्सा कर रही हो? यू फॉरगेट कि मैं कौन हूं और ये कौन है। शी इज जस्ट योर सर्वेंट... और तुम इसे इतना भाव दे रही हो।” स्टीव ने कृशा की तरफ देखकर कहा, जो गुस्से में उसे घूर रही थी। “टेक योर वर्ड्स बैक स्टीव और अभी के अभी कृशा को सॉरी कहो।” सारा ने उसे सख्त शब्दों में कहा। सारा के गुस्से से सभी वाकिफ थे। तभी कोई बीच में नहीं आ रहा था। स्टीव का साथ देने के लिए उसकी गर्लफ्रेंड आगे आई, “अब जाने भी दो सारा। ठीक है स्टीव गलती हो गई होगी लेकिन वो कृशा से माफी क्यों मांगेगा। इस तरह की चीजें चलती रहती है। देखा जाए तो कृशा की इतनी औकात नही हैं कि यहां मौजूद कोई भी इंसान उससे बात तक करे। तुम्हारे साथ होने की वजह से हम उसे थोड़ी बहुत इंपॉर्टेंट दे देते हैं... इसका मतलब ये नहीं कि स्टीव उसके आगे झुकेगा।” “अगर तुमने अभी के अभी सारा से माफी नहीं मांगी तो अच्छा नहीं होगा।” सारा ने कोल्ड वॉयस में कहा। “मैं इसे सॉरी नहीं कहूंगा। भाड़ में जाओ तुम और तुम्हारी ये पार्टी।” स्टीव ने जोर से चिल्लाकर कहा। जैसे ही उसकी बात खत्म हुई, सारा ने उसके गाल पर कसकर तमाचा लगाया। “आगे से मेरे सामने तेज आवाज में बात मत करना। कृशा तो छोड़ो, यहां तुम में से किसी की औकात नहीं है जो मेरे सामने खड़ा भी हो सके। लगता है साथ पार्टी करते हुए भूल गए हो कि मैं कौन हूं।” सारा ने पूरे एटीट्यूट से कहा और कृशा का हाथ पकड़कर वहां से जाने लगी। जैसे ही वो दोनों वहां से थोड़ी आगे गई, उनके पीछे बहुत सारे सिक्योरिटी गार्ड आ गए। सारा कोई आम इंसान नहीं थी। वो एक माफिया प्रिंसेस थी, जो उस वक्त के रूलिंग माफिया की पोती थी। कुछ और भी बातें थी जो उन्हें उन सब से अलग बनाती थी। इसी वजह से एनीटाइम उसकी सिक्योरिटी हाई रहती थी। “आज तो तुमने कुछ ज्यादा ही गुस्सा कर दिया। काम डाउन... वरना यहां भी ब्लास्ट हो जाएगा।” कृशा ने उसे चीयर करने की कोशिश की। “अपना मुंह बंद रखो।” सारा ने जवाब दिया। वो वाकई काफी गुस्से में थी। जैसे ही वो आगे बढ़ी सिक्योरिटी गार्ड्स उन दोनो के पीछे थे। उन दोनों से थोड़ा ऊंचाई पर एक छोटा सा पक्षी उड़ रहा था। वो एक एडवांस ड्रोन था, जो उन पर नजर रखने के लिए किसी ने प्लांट किया था। जैसे ही उस इंसान में उन दोनों को अकेले देखा उसके फेस पर स्माइल थी। “बी रेडी फॉर एक्शन।” एक आदमी की कोल्ड वॉइस आई। उसकी आवाज सुनकर कही दूर हलचल होने लगी। जिस इंसान ने उन्हें ऑर्डर दिया, वो कही और मौजूद था। उसके हाथ में आईपैड था, जिससे वो उन दोनों पर नज़रें बनाए हुए था। उसकी हेजल ब्लू आईज एक पल के लिए भी स्क्रीन से इधर-उधर नहीं हुई थी। “जिसने स्विम सूट पहना है, उसे उठाना है। बाकी लोगो को मार देना।” उसने अपने कान में लगे ब्लूटूथ में कहा। “लेकिन अगर दूसरी लड़की को छोड़ा तो वो जाकर कोई भी क्लू दे सकती हैं। पिछले 5 महीने में पहली बार ये ज्यादा भीड़ से अलग है। गार्ड्स से हम निपट लेंगे क्योंकि वो अलग गाड़ी में होंगे.. पर ये लड़की सारा सिंघानिया के साथ ही रहेगी।” जवाब में एक आदमी की भारी आवाज आई। वो पायलट के पास था। “ओके देन फिर उसे डेस्टिनेशन पर लाकर मार देना।” कहकर उसने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया। वो एक बड़े से विला में बैठा था। उसके हाथ में वाइन का ग्लास था जिस पर उसकी अंगुलियाँ चल रही थी। “सारा सिंघानिया, अगले 24 घंटों के बाद तुम मेरे पास होगी। कहते हैं जब शेर बूढ़ा होता है तो उसे खुद ही जंगल छोड़कर चले जाना चाहिए वरना जवान शेर उसे मारकर खुद राजा बन जाता है। तुम्हारा दादा ये बात भूल गया है पर उसे ये याद दिलाने के लिए अंडरवर्ल्ड का डेविल अभी जिंदा है।” वो मुस्कुराते हुए बोला। वहां बैठा वो शख्स अंडरवर्ल्ड में डेविल के नाम से फेमस था। उम्र लगभग 27 साल 6 फुट 3 इंच लंबी हाइट और मस्कुलर बॉडी के साथ वो काफी हैंडसम था। सब उसे उसके असली नाम के बजाय डेविल के नाम से जानते थे। वो बिल्कुल किसी डेविल की तरह था जो सामने वाले की हर ख्वाहिश पूरी करने की हैसियत रखता था और बदले में बिल्कुल किसी डेविल की तरह उसे हर तरह से यूज करता था। ____________________________ वही दूसरी तरफ का सीन पूरी तरह अलग था। सारा और कृशा आगे गई तो एक के बाद एक सात गाड़ियां उसका इंतजार कर रही थी। सारा काफी इंपोर्टेंट थी इसलिए उसकी सुरक्षा में किसी तरह की कमी नहीं छोड़ी जाती थी। सारा बीच की एक गाड़ी में कृशा के साथ बैठी और इसी के साथ सभी गाड़ियां चल दी। “आगे से कभी खुद को छोटा मत समझना।” सारा ने कृशा की तरफ देख कर कहा, जिस पर कृशा ने हां में सिर हिलाया। दोनों आपस में बात कर रहे थे तभी अचानक कार को झटका लगा और कृशा सामने की तरफ नीचे गिरते गिरते बची। सारा को भी सामने की तरफ धक्का सा लगा। सभी कारे एक साथ रुक गई। आगे जंगल का रास्ता शुरू हो रहा था, जहां थोड़ी थोड़ी दूरी पर काफी सारे पेड़ थे। वहीं रास्ते के बीचोबीच एक ट्रक गिरा हुआ था, जिसका एक्सीडेंट हो गया था। सामने वाली कार से एक आदमी उतरा और वह‌ ट्रक को देखने के लिए चल पड़ा। वहां ट्रक का ड्राइवर नीचे गिरा हुआ था। वो थोड़ी ही दूर पहुंचा था कि अचानक ट्रक का ड्राइवर खड़ा हुआ और उसने अपने पास आने वाले गाड़ी के ड्राइवर पर गोली चला दी। जैसे ही उसने गोली चलाई आसपास के पेड़ों से कुछ आदमी कूदे। एक के बाद बहुत सारे काले कपड़े पहने आदमी बाहर आ रहे थे और दे दना दन सभी कारों पर गोलियों की बरसात कर दी। उनमें से कुछ में ग्रेनेड को कारों के इर्द-गिर्द फेंक दिया गया जिससे धुआं निकल रहा था। उन्होंने लाइट लेंस पहने हुए थे जिसकी वजह से उन पर धुंए का असर नहीं होने वाला था। सारा और कृशा की कार पर भी गोलियां चलने लगी। बुलेट प्रूफ कारें काफी देर तक गोलियों का सामना करती रही मगर इसके बाद उनके शीशे टूट गए। एक के बाद एक सभी आदमियों को मारा जाने लगा। सारा की कार का दरवाजा खुला और उसके सिक्योरिटी गार्ड ने दोनों को बाहर आने के लिए कहा। दोनों बाहर आए और सिक्योरिटी गार्ड उनको सेफ जगह की तरफ ले जाने लगे। तभी दूर एक को चॉपर आते हुए दिखाई दिया। चॉपर में मौजूद स्नाइपर मेन ने सारा की सिक्योरिटी करने वाले सभी गार्डस को ऊपर से ही मार दिया। सारा और कृशा नीचे बैठ गई। दोनो इन सबसे घबराई हुई थी। सारा ने कृशा को हग कर रखा था। देखते ही देखते सारा के सारे सिक्योरिटी गार्ड मारे गए थे और चॉपर नीचे उतर रहा था। ठीक 2 मिनट बाद चॉपर नीचे उतरा। कुछ देर के लिए सन्नाटा छाया रहा। एक दो आदमी जो जिंदा थे उन्हें भी इस सन्नाटे के बीच गोली चलाकर मार दिया गया। सारा चॉपर की तरफ देखने लगी। वहां से एक लगभग पैंतीस साल का आदमी बाहर निकला। उसके हाथ में गन थी। उसने अपने आदमियों को उन दोनों को अंदर लाने को कहा। सारा अपनी जगह से खड़ी हुई। “तुमने ये जो भी किया है तुम जानते हो इसका अंजाम क्या होगा। शायद तुम इस बात से अनजान हो कि तुमने किस पर अटैक किया है।” “या शायद मैं जानता हूं कि मैंने किस पर और क्यों अटैक किया है।” उस आदमी ने रहस्यमई तरीके से जवाब दिया। “ये तो पता चल ही जाएगा। चलो फिर तुम्हारी बॉस से भी मिल लिया जाए।” सारा ने कहा। सारा फिर भी इतनी डरी हुई नही थी, जितनी कृशा थी। लगभग 21 घंटे का लम्बा सफर तय करने के बाद चॉपर लंदन पहुंचा। उसमे एक बड़े से विला के पीछे बने हेलीपैड पर लैंड किया। वहां की सिक्योरिटी भी काफी टाइट थी। इस सबके बीच सारा और कृशा को अंदर ले जाया गया। कुछ ही देर में वो दोनों उस शख्स के सामने मौजूद थी जिसने ये करवाया था। उसे देखते ही सारा बोली, “ये तुम्हें बहुत महंगा पड़ने वाला है। पूरा माफिया एंपायर मिलकर तुम्हें ऐसी सजा देगी जो तुम्हारी आने वाली सात पुश्ते याद रखेगी।” उस लड़के ने शांत चेहरे के साथ सारा की बात सुनी। उसने अपना चश्मा उतारा और उन दोनो को गौर से देखा। वो चुपचाप खड़ा था। तभी सारा ने देखा कि उसके हेड सिक्योरिटी गार्ड को यहां लाया जा रहा था। उसके कंधे और घुटनों पर गोली लगी थी जिसकी वजह से वो दर्द से कराह रहा था। उस शख्स ने गन निकाली। वो सारा की सिक्योरिटी गार्ड के पास गया। उसे बालों से पकड़ा और सारा की तरफ देखते हुए गन उसके मुंह में डालकर दो गोली चला दी। इसके बाद दोबारा गोली चलाई और एक के बाद एक तीन फायर उसके मुंह में किए। कुछ ही सेकंड में गार्ड की लाश जमीन पर पड़ी थी। फिर वो खड़ा हुआ और सारा के पास आकर बोला, “तो क्या कह रही थी? कुछ महंगा पड़ेगा....? कितना महंगा...? इतना महंगा कि वो युग राणा को टक्कर दे सके...?” उसके अपना नाम लेते ही सारा वही फ्रीज हो गई। युग राणा उर्फ डेविल का अब तक उसने नाम सुना था और आज वो उसके सामने था। °°°°°°°°°°°°°°°° Hello friends, कहानी पढ़कर लाइक और कॉमेंट जरूर करना। आई होप आपको कहानी पसंद आए।

  • 2. Under the mafia moon - Chapter 2

    Words: 1893

    Estimated Reading Time: 12 min

    सारा सिंघानिया, जो कि एक माफिया प्रिंसेस थी। उसे युग राणा ने किडनैप कर लिया था। वो उसे किडनैप करके लंदन में अपने विला में ले आया था। विला के बाहर टाइट सिक्योरिटी के बीच सारा खड़ी थी तो वही युग ने जब अपना इंट्रोडक्शन दिया तो वो अपनी जगह पर फ्रिज हो गई। उसका उतरा हुआ चेहरा देखकर युग ने मुस्कुरा कर कहा, “लगता है तुम्हारे सिक्योरिटी गार्ड्स की तरह तुम्हारा कॉन्फिडेंस भी मर रहा है। वैसे तुम्हें क्या लगा इतनी टाइट सिक्योरिटी के बीच तुम्हें मेरे अलावा और कौन किडनैप करवा सकता है?” “तुमने ये ठीक नहीं किया। अंडरवर्ल्ड में ये बात फैल गई तो सब तुम्हारे खिलाफ हो जाएंगे। भले ही हम इलीगल काम करते है पर यहां के भी कुछ रूल्स एंड रेगुलेशंस होते हैं।” सारा ने गुस्से में कहा। सारा के गुस्से और बातों का युग पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। वो उसी एटीट्यूड के साथ बोला, “पर ये किसे पता है कि तुम्हें किडनैप करके मैं ही लेकर आया हूं? राणा और सिंघानिया फैमिली ने तो सालों पहले डील करके एक-दूसरे से दूर रहने का कॉन्ट्रैक्ट किया था।” “फिर भी तुमने मुझे उठा लिया? वैसे मुझे इस बात पर बिल्कुल भी हैरानी नहीं हो रही है कि तुमने मुझे किडनैप क्यों किया होगा। बट लेट मी क्लियर वन थिंग तुम अपने मकसद में कभी कामयाब नहीं हो पाओगे। वो लोग मुझे यहां से निकाल लेंगे।” सारा ने पूरे कॉन्फिडेंस के साथ कहा। उसके फेस पर हल्की स्माइल थी। युग चलकर उसके पास आया और कान के बिल्कुल करीब आकर कहा, “ये तो वक्त बताएगा बेबी।” “हां वक्त के साथ सब क्लियर हो जाएगा युग राणा।” सारा ने जवाब दिया। अब सारा के चेहरे पर डर का कोई भाव नहीं था। सारा से बात करते हुए युग की नजर पीछे गई, जहां पर कृशा खड़ी थी। वो डरी हुई थी और उसका चेहरा नीचे की तरफ था। “हमारी प्रिंसेस के रहने के खास इंतजाम कर दो... और हां, कोई कमी नहीं रहनी चाहिए।” युग ने तेज आवाज में कहा। उसके ऑर्डर देते ही दो लडकियां सारा के पास गई और उसे पकड़कर जबरदस्ती अंदर ले जाने लगी। “मुझे नहीं जाना... लीव मी... ये तुम्हें बहुत महंगा पड़ेगा युग राणा। आई वॉर्न यू।” सारा ने चिल्लाकर कहा। सारा अंदर ना जाने के लिए अपना पूरा जोर लगा रही थी। उसे तकलीफ में देखकर कृशा घबरा कर बोली, “सारा.. सारा। प्लीज उसे छोड़ दो। सारा को कुछ मत करना।” कृशा की आवाज सुनकर युग ने अपना हाथ ऊपर किया और इशारे से उन दोनों लड़कियों को वहीं रुकने को कहा। उन्होंने सारा को छोड़ दिया। सारा और कृशा दोनों ही हैरान थी। युग ने अब तक सारा के चिल्लाने की आवाज की तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दिया था जबकि कृशा के कहते ही उसने उसे तुरंत छोड़ दिया। कृशा ने युग की तरफ देखा तो उसका डर कुछ कम हो गया। उसके फेस पर हल्की स्माइल थी। “ये तो कही से भी गैंगस्टर नजर नहीं आ रहा। ये मुझे ऐसे क्यों देख रहा है? मैं इसे पसंद आ गई हूं क्या? नहीं गॉड... ऐसा मत होने देना प्लीज।” कृशा बड़बड़ाते हुए खुद से बात कर रही थी, तभी युग चल कर उसके पास आया। “प्लीज हमें जाने दो... हम किसी को कुछ नहीं बताएंगे। गॉड प्रॉमिस...” कृशा बोल रही थी तभी युग ने उसके बालों में लगा फूल निकाला और उसे अपने मुट्ठी में भरकर कुचल दिया। “आई हेट येलो कलर...” युग ने उस फूल नीचे गिराते हुए कहा ‌। “आपको येलो पसंद नहीं है, तो मैं आज के बाद मैं कभी येलो नहीं पहनूंगी। अब से आई हेट येलो टू। मैं तो मैंगो भी नहीं खाऊंगी वो येलो कलर का होता है। अब तो हमें जाने दीजिए।” कृशा मासूमियत से बोल रही थी तभी युग ने उसे देखकर चेहरा बिगाड़ा और तेज आवाज में कहा, “मुझे ज्यादा बोलने वाले लोग पसंद नही है।” फिर वो अपने आदमी की तरफ देखकर बोला, इसे यहां क्यों लेकर आए हो? मैंने कहा था ना रास्ते में ही मार देना।” जैसे ही कृशा ने खुद को मारने की बात सुनी उसने अपने होठों पर उंगली लगा ली। “कोई बात नहीं, जो काम तुम लोगों ने अधूरा छोड़ दिया, वो मैं पूरा कर देता हूं।” युग ने अपनी गन निकाली और उसे लोड करने लगा। उसने गन सामने की तरफ की तो उसे कृशा ने रोने वाला चेहरा बनाया। वो उसी टोन में बोली, “प्लीज मुझे जाने दीजिए। मेरे साथ सारा को भी जाने दीजिए। आई स्वेयर हम दोनो पुलिस को कुछ नही बताएंगे।” कृशा की बात सुनकर सारा ने सिर पकड़ लिया तो वही युग ने उसकी तरफ देखकर कहा, “पुलिस? कौन है ये लड़की? इसे ये नही पता हमारे काम में पुलिस जैसा शब्द कोई मायने नहीं रखता।” “कृशा क्या बोल रही हो। तुम इस इंसान से कोई बात नही करोगी।” सारा ने चिल्लाकर कहा। कुछ भी करने से पहले युग ने एक नजर सारा के चेहरे को गौर से देखा। उसने उसके फेस के एक्सप्रेशन को नोटिस किया। सारा के चेहरे पर डर था। फिर युग ने कृशा के तरफ देखा और आगे आकर कर उसके बालों को अपनी मुट्ठी में भर लिया। कृशा दर्द से चिल्लाई। युग ने उसे वैसे ही उसके फेस के बिल्कुल पास आकर कहा, “ये मासूम बनने का ड्रामा मेरे सामने मत करना। आगे से मुझे तुम्हारे मुंह से एक शब्द भी नही सुनाई देना चाहिए।” कृशा की आंखें नम होने लगी। युग ने उसे छोड़ दिया और उन लड़कियों से कहा, “इसे भी ले जाओ। क्या पता कौन सी चीज कब काम आ जाए। वेस्ट मैटेरियल्स भी कई बार काफी काम आ जाते है।” युग के मुंह से खुद के लिए वेस्ट मैटेरियल सुन कर कृशा नफरत से उसकी तरफ देख रही थी। वो दौड़कर सारा के पास गई और उसके गले लग गई। “एंड मेक श्योर, दोनो एक दूसरे के बिल्कुल भी कम्निकेट ना कर सके।” युग ने उन दोनो के तरफ बिना देखे कहा। वो दोनो लड़कियां सारा और कृशा को अंदर ले गई। उनके जाते ही युग ने उस आदमी की तरफ देखा जो उन दोनो को यहां लाया था। वो लगभग 35 साल का हट्टा कट्टा आदमी था, जिसके चेहरे पर गहरी दाढ़ी मूंछ थी। वो युग के पास आया और बोला, “अब तक इन दोनो के गायब होने की खबर फेल चुकी होगी।” “फैलने दो मलिक, तभी मजा आएगा। वक्त आ गया है, जब बरसो पुरानी दुश्मनी को और गहरा किया जाए।” युग ने बेफिक्री से कहा और अंदर चला गया। उसके जाते ही मलिक ने विला की सिक्योरिटी को और टाइट करा दिया। ____________________________ न्यूयॉर्क सिटी के आउटसाइड एरिया में एक बड़ा सा विला था। वो दिखने में बिल्कुल किसी महल की तरह था। वहां की सिक्योरिटी भी काफी टाइट थी और इन सबके बीच वहां भगदड़ मची हुई थी। एक लगभग 45 साल की औरत जिसने डिज़ाइनर ऑफिस सूट पहना था, वो परेशान हालत में इधर-उधर चक्कर लगा रही थी। “पता नहीं सर कहा रह गए... ऐसा तो हो नहीं सकता कि इतना कुछ होने के बाद उन्हें कुछ पता ना हो।” वो अपने पास खड़े आदमी पर चिल्ला रही थी। “जो भी है, उसने बहुत बड़ा हाथ मारा है अमृता मैम। आज तक किसी भी माफिया फैमिली में इतनी हिम्मत नहीं की, वो प्रिंसेस को किडनैप कर सके। हालांकि कोशिश हमेशा होती रही पर इस तरह कामयाबी किसी को नही मिली। उन्होंने हमारे हेड सिक्योरिटी गार्ड तक को किडनैप कर लिया और वहां उनके साथ मौजूद सभी गार्डों को मार डाला। ये जो भी है इसकी पहुंच काफी ऊपर तक है।” उस आदमी ने पूरी स्थिति अमृता को बताई। सब सुनने के बाद अमृता ने उसे घूर कर देखा और कहा, “मैं यहां उसकी तारीफ सुनने के लिए नहीं खड़ी हूं। जाकर कुछ करो और ये खबर बाहर लीक नहीं होनी चाहिए। विक्रम आई डोंट वांट कि किसी को पता चले सारा किडनैप हो गई है।” “उनके साथ कृशा भी थी।” विक्रम ने बताया। फिर वो थोड़ी हैरानी दिखाते हुए बोला, “आप सच में इस फैमिली के लिए कुछ ज्यादा ही डेडीकेटेड है। आपकी खुद की बेटी किडनैप हो गई, फिर भी आप सारा की फिक्र कर रही है।” “हां क्योंकि वो कृशा को कुछ नहीं करेगा। हमें अपनी लेगेसी बचाने की जरूरत है, ना कि इस वक्त इस बात पर बहस करने की कि मुझे किसके किडनैप होने पर कितना फर्क पड़ रहा है।” अमृता ने उसे डांटा। वो उसके साथ बहस कर रही थी तभी उस फ्लोर के लिफ्ट का दरवाजा खुला और लगभग 70 साल का आदमी बाहर आया। उनके हाथ में छड़ी थी जिसका हत्था गोल्ड और डायमंड से सजा हुआ था। कपड़े भी उन्होंने डिज़ाइनर पहन रखे थे। उनके सिर पर उस उम्र में भी ठीक ठाक बाल थे, जो आधे काले और आधे ग्रे कलर के थे। “अब चुप भी हो जाओ तुम दोनों।” उन्होंने सख्त आवाज में कहा। उनके चेहरे के भाव काफी गंभीर थे। वो सारा के दादाजी मिस्टर आदित्य सिंघानिया थे, जो इस वक्त सभी माफियाज में किंग की पोजीशन पर थे। “आई एम सो सॉरी सर। ये सब मेरी गलती है जो मैं सारा का ख्याल नहीं रख पाई।” अमृता ने सिर झुकाकर कहा। “चलो अच्छा हुआ तुमने अपनी गलती मान ली। अगर सारा को एक खरोच भी आई तो उसकी सजा भुगतने के लिए तैयार रहना।” उन्होंने सख्त लहजे में कहा। फिर वो कुछ सोच कर बोले, “सारा को बीच पार्टी की इजाजत किसने दी थी?” “मैंने ही उन्हें पार्टी करने की परमिशन दी थी।” अमृता ने सर झुका कर कहा, “वो बहुत जिद कर रही थी। फिर इतनी सारी सिक्योरिटी भी थी तो मैं...” अमृता अपनी तरफ से सफाई देने की कोशिश कर रही थी तभी आदित्य सिंघानिया ने उसकी बात बीच में काट कर कहा, “तो तुमने उसे जाने दिया बिना मुझसे पूछे। तुम उसकी केयरटेकर हो इसका मतलब ये नहीं कि तुम्हें उसकी मां होने का हक मिल जाता है। तुम्हें उसके लिए फैसले लेने का कोई हक नहीं है अमृता। एक बात याद रखना अगर मेरी सारा को एक खरोंच आई तो बचेगी तुम्हारी बेटी भी नहीं।” “अजीब फैमिली है। यहां बेटी को किडनैप कर लिया और उसकी जान के बजाय इन्हें उसके खरोच आने की फिक्र हो रही है। अरे जो मारेगा, वो ये थोड़ी ना सोचेगा कि कितनी चोट दे या कितनी नहीं...” विक्रम ने बड़बड़ा कर कहा। वो नया आया था और उसे अभी पूरी बातें ठीक से पता नही थी। आदित्य जी ने उसकी बात सुन ली। उन्होंने उसकी तरफ घूर कर देखा और कहा, “वो सारा सिंघानिया है। उसकी जिंदगी की एक कीमत है और उसी कीमत को वसूलने करने के लिए उस शख्स ने उसे किडनैप किया है। कोई बेवकूफ ही होगा जो सारा को मारेगा।” अपनी बात कह कर वो वहां से वापस चले गए। उन्हें इस बात की बिल्कुल भी फिक्र नहीं थी कि सारा को किसने किडनैप किया होगा। आदित्य जी के वहां से जाते ही अमृता ने उसकी तरफ गुस्से में देखा। वो उससे उसी लहजे में बोली, “तुमने नया नया ज्वाइन किया है इसलिए अपनी जबान पर काबू रखो। मत भूलो कि तुम किसके लिए काम कर रहे हो। अब जाओ और जाकर पता लगाओ कि इस वक्त पूरे वर्ल्ड में कौन-कौन सी माफिया फैमिलीज एक्टिव है और खुद को किंग की पोजीशन पर देखना चाहती है।” उस आदमी ने हां पर से हिलाया और वहां से चला गया। किंग की पोजीशन एक ऐसी पोजीशन थी, जिसे हर कोई पाना चाहता था और उसकी एक ही चाबी थी और वो थी सारा सिंघानिया। °°°°°°°°°°°°°°°° पार्ट पढ़कर कमेंट जरूर करिएगा।

  • 3. Under the mafia moon - Chapter 3

    Words: 1544

    Estimated Reading Time: 10 min

    युग के ऑर्डर देने के बाद दो लडकियां सारा और कृशा को अंदर लेकर गई। अंदर आते ही सारा और कृशा नजरे घूमा कर विला को देखने लगी। हालांकि उन दोनों का ही विला को देखने का नजरिया पूरी तरह अलग था। कृशा ने अपनी आंखें बड़ी की और हैरानी दिखाते हुए कहा, “हावव... ये तो हमारे पैलेस जितना ही खूबसूरत है। इसका इंटीरियर कितना लेविश है ना सारा... ग्रे एंड व्हाइट थीम... मुझे तो ये घर बहुत अच्छा लगा।” उसके ऐसा कहने पर सारा ने उसकी तरफ घूर कर देखा और दबी आवाज में उसके कान के पास आकर कहा, “चुप करो कृशा। तुम यहां पार्टी करने नहीं आई हो। वो हमें किडनैप करके लाया हैं।” उसके कहते ही कृशा चुप हो गई तो वही सारा ने एक नजर फिर विला की तरफ देखा और फिर खुद से बड़बड़ा कर कहा, “यहां काम करने वाले स्टाफ और सिक्योरिटी गार्ड्स के अलावा और कोई नहीं है। इसका मतलब युग राणा यहां अकेला रहता है। चारों तरफ कैमरास लगे हुए हैं, देट मींस यहां कुछ इंपॉर्टेंट काम भी होते हैं जो माफिया वर्ल्ड से जुड़े हुए हैं। सिक्योरिटी का खास ख्याल रखा गया है तो इस जगह के बारे में इस इंसान के अलावा और कोई नहीं जानता होगा। और ये चाहता भी नही होगा... कोई यहां तक पहुंचे भी।” सारा ने एक ही नजर में विला के बारे में काफी कुछ अंदाजा लगा लिया था। वो वहां से निकलने के बारे में सोच रही थी। सारा अपनी नजरों से सब कुछ परख रही थी तभी उसके कानों में युग की आवाज पड़ी, “इतनी गौर से भी सब को मत देखो कि यहां मौजूद सिक्योरिटी गार्ड और केमराज को भी तुमसे प्यार हो जाए। डेविल्स लैंड में तुम्हारा स्वागत है प्रिंसेस।” बोलते हुए वो चलकर सारा पास गया। “सारा तो है ही इतनी ब्यूटीफुल कि उससे किसी को भी प्यार हो जाए।” कृशा ने मासूमियत से कहा। उसके कहते ही युग के चेहरे के भाव सर्द हो गए। उसने इशारे से उसके पास खड़ी लड़की को उसे वहां से ले जाने को कहा। “चलो यहां से...” कृशा के पास खड़ी लेडी गार्ड उसे खींचकर अंदर ले जाने लगी। “अरे छोड़ो मुझे... मेरा हाथ क्यों खींच रही हो। निकल कर बाहर आ गया तो मैं बिना हाथ की अच्छी नहीं लगूंगी।” कृशा ने अपना हाथ छुड़ाने की नाकाम कोशिश की। उसके बर्ताव में एक मासूमियत और बचपना था। उसकी बात सुनकर युग ने आंखें घुमाई। कृशा के वहां से जाते ही उसने दूसरी गार्ड को भी वहां से दूर भेज दिया। विला के बड़े से हॉल में युग और सारा के अलावा और कोई नहीं खड़ा था। “व्हाट डू यू वांट?” सारा ने सीधा-सीधा पूछा। “आई वांट यू...” युग ने सारा को पकड़कर अपने करीब कर लिया। सारा उसे खुद से अलग करने के लिए हाथ पैर चलाने लगी। युग ने उसे काफी टाइटली पकड़ रखा था। उसकी कोशिश नाकाम होते देख युग के फेस पर इविल स्माइल थी। “तुम्हें एक बात क्लियर कर देती हूं कि तुम जो चाहते हो वो तुम्हें कभी नहीं मिलेगा। अब तक तो मेरे किडनैप होने की खबर पूरे माफिया वर्ड में फैल गई होगी।” सारा बोल रही थी तभी युग ने बीच में कहा, “क्या सच में तुम्हें ऐसा लगता है? अपनी बेवकूफ दोस्त के साथ रहते रहते तुम भी बेवकूफ हो गई हो। आदित्य सिंघानिया इस न्यूज़ को कभी बाहर नहीं आने देंगे कि तुम किडनैप हो गई हो।” सारा कुछ पल के लिए चुप हो गई। फिर वो थोड़ा रुक कर बोली, “ठीक है तुम्हारी इस बात को मान लेती हूं पर तुमने जिस परपज से मुझे किडनैप किया है वो पूरा करने तो जरूर जाओगे ना। अब तक तो वहां की सिक्योरिटी और भी हाई हो गई होगी। तुम वहां जाओगे जरूर लेकिन वापस तुम्हारी लाश आएगी।” सारा के चेहरे पर एक कॉन्फिडेंस भरी मुस्कराहट थी। “तुम अभी युग राणा को समझी ही कहा हो। कोई बात नहीं ये मौका भी मिलेगा। अच्छे से समझो... आफ्टर ऑल हमें पूरी लाइफ साथ जो बितानी है।” युग ने एक झटके से सारा को छोड़ दिया। “तुम्हारे होने वाले ससुराल में तुम्हारा स्वागत है बेबी... डू व्हाट एवर यू वांट टू डू बट डोंट ट्राई टू ट्रबल मी।” अपनी बात पूरी करके युग वहां से जाने लगा। वही सारा वहां खड़ी हैरानी से उसे देख रही थी। वो गुस्से में जोर से चिल्लाकर बोली, “ऐसा कभी नहीं होने वाला। तुमने सोच भी कैसे लिया कि मैं तुमसे शादी करूंगी।” “युग राणा कभी सोचता नहीं करके दिखाता है। तुम्हें मुझे जानने के लिए ज्यादा से ज्यादा 10 दिन का टाइम है। उसके बाद हम पहले पड़ाव पर जाएंगे... अब वक्त आ गया है इस वर्ल्ड को एक नए किंग और क्वीन मिलने का।” युग ने उसकी तरफ बिना देखे कहा। उसके बाद युग वहां से सीधा लिफ्ट में गया। युग के जाते ही सिक्योरिटी गार्ड्स अलर्ट हो गए तो वही दो और लड़कियां सारा के पास आ गई। “मैम चलिए मैं आपको रूम में ले जाती हूं। आप थोड़ी देर रेस्ट कर लीजिए।” उनमें से एक लड़की ने नजरें झुका कर कहा। “मेरा कोई रूम नहीं है यहां पर और कृशा कहां है? कहां छोड़ा है तुमने उसे?” सारा ने गुस्से में पूछा। “कल सर आपको पूरा विला घुमा देंगे। आज आपका पहला दिन है। आप थक गई होगी। चलिए, वरना सर गुस्सा हो जाएंगे।” उनमें से दूसरी लड़की ने कहा। “हां तो मैं क्या करूं जो वो गुस्सा हो जाएगा? मुझे अभी के अभी कृशा से मिलना है।” सारा ने चिल्ला कर कहा। उसे किसी के ऑर्डर्स फॉलो की आदत नहीं थी। दोनों लड़कियों ने एक दूसरे की तरफ देखा। फिर उनमें से एक लाचारी से बोली, “प्लीज मैम अपने रूम में चली जाइए। आपको वो कुछ नहीं कहेंगे पर हमारी जान चली जाएगी।” सारा ने गहरी सांस लेकर छोड़ी। वो माफिया वर्ल्ड से जरूर थी लेकिन बेवजह किसी की जान लेने में भी यकीन नहीं करती थी। उसने उन दोनों के साथ जाने के लिए हामी भर दी थी। वो दोनों लड़कियां सारा को थर्ड फ्लोर पर लेकर गई। वहां लिफ्ट के आसपास सिक्योरिटी गार्ड खड़े थे। पूरे फ्लोर पर कैमरास लगाए गए थे। आगे कुछ दूर चलने पर सारा का कमरा था। उस फ्लोर पर लिफ्ट के अलावा और कहीं कोई गार्ड नहीं था। ये सब देखकर सारा को हैरानी हुई। “अजीब बात है, हर 20 मीटर के आगे एक गार्ड खड़ा है लेकिन ये पूरा फ्लोर बिना किसी सिक्योरिटी गार्ड के? युग राणा को बिल्कुल भी डर नहीं है क्या मैं यहां से भाग जाऊंगी।” सारा ने हैरानी दिखाते हुए कहा। “आप कोशिश करके देख लीजिएगा। इस विला से जाने का सिर्फ एक ही रास्ता है और वहां से निकलना नामुमकिन है।” उनमें से दूसरी लड़की ने जवाब दिया। वो आगे कुछ बोलती उससे पहले पहली लड़की ने उसे आंखें दिखाई, जिस के बाद वो चुप हो गई। उन्हें सारा से बात करने की ज्यादा इजाजत नहीं थी। सारा को अपने कमरे में छोड़ने के बाद वो दोनों वहां से चली गई। सारा आगे अपने कमरे में गई तो उसका कमरा अच्छी तरीके से तैयार था। वहां हर एक तरह की फैसिलिटी थी यहां तक कि एक एरिया में खाने-पीने तक का सारा सामान रखा हुआ था। सारा कमरे में घूमते हुए आगे गई तो वहां क्लोसेस्ट बना हुआ था, जिसमें उसके साइज के हर तरह के कपड़े रखे हुए थे। “लगता है ये काफी पहले से प्लानिंग कर रहा है।” सारा थककर बेड पर जाकर बैठ गई। पिछले डेढ़ दिन से उसने 1 मिनट के लिए भी आराम नहीं किया था और इस वजह से उसके चेहरे पर थकावट साफ दिखाई दे रही थी। “आई होप दादू आप मुझे ढूंढ ले।” सारा के चेहरे पर उदासी के भाव थे। वो बिस्तर पर लेट कर सीलिंग को देखने लगी। फिर उसे कृशा का ख्याल आया तो वो वापस उठ कर बैठ गई। “कृशा? पता नहीं उसने कृशा को कहा रखा होगा? यहां से निकलने से पहले मुझे अपने साथ-साथ कृशा सिक्योरिटी का भी ध्यान रखना होगा। कहीं वो उस मासूम को मार ना दे। मेरी वजह से बेचारी वो बड़ी मुसीबत में फंस गई है।” सारा उठकर युग राणा से बात करने को गई लेकिन सिक्योरिटी गार्ड ने उसे वहीं रोक दिया। उसे युग की इजाजत के बिना उस फ्लोर से कहीं भी जाने की इजाजत नहीं थी तो वो पैर पटकते हुए वापस कमरे में आ गई। सारा बिस्तर पर लेटकर वहां से निकलने के बारे में सोच रही थी कि इसी बीच उसकी आंखें लग गई। वही अपने रूम में बैठा युग सारा के हर एक मोमेंट पर नज़रें बनाए हुए था। जैसे ही उसने सारा को नींद में देखा वो स्क्रीन जूम करके उसके चेहरे को गौर से देखने लगा। “खूबसूरती इतने की कोई भी दीवाना हो जाए... पर तुम्हारी खूबसूरती से लेकर हर एक चीज पर सिर्फ एक इंसान का हक है और वो है युग राणा। मेरी भी हर चीज तुम्हारी होगी... प्यार भी होगा, हक भी होगा... तो हदें भी पार होगी...लेकिन गलती से भी धोखा देने के बारे में मत सोचना। वरना जो हदे प्यार में पार होने वाली है वो तुम्हें दर्द देने में होगी।” बोलते हुए युग के चेहरे के भाव सर्द हो गए। उसने आईपैड को बैडसाइड पर रखा और आंखें बंद करके सारा के बारे में सोचने लगा। सारा की खूबसूरती, एटीट्यूड और उसका कॉन्फिडेंस हर तरीके से युग का दिल जीत रहा था। °°°°°°°°°°°°°°°°

  • 4. Under the mafia moon - Chapter 4

    Words: 1919

    Estimated Reading Time: 12 min

    सारा को देखने के बाद युग को कृशा की याद आई। उसने तुरंत उसके रूम का कैमरा ऑन किया। कृशा को सेकंड फ्लोर पर रूम मिला था। उसका कमरा भी सारा के कमरे जितना ही अच्छा था पर वहां उसके लिए कोई सामान नहीं रखा हुआ था। सारा का कमरा पहले से ही उसके हिसाब से तैयार किया हुआ था। सारा को पूरी प्लानिंग के साथ वहां लाया गया था जबकि कृशा का वहां होना सिर्फ और सिर्फ एक इत्तेफाक था। इस वजह से उस कमरे में कोई एक्स्ट्रा सामान नहीं था। कमरे में आते ही कृशा सबसे पहले नहाने गई थी। वहां कपड़े नहीं होने की वजह से उसने एक बड़े से टॉवल में खुद को अच्छी तरह लपेट रखा था। युग ने उसे टॉवल में देखा तो उसकी आंखें छोटी हो गई। “अगर तुम्हारा दिल जीतने की मजबूरी नहीं होती तो इसे यहां आते ही मार देता।” युग ने बिना किसी भाव के कहा। उसकी नजरें स्क्रीन पर जमी हुई थी। वही कृशा कमरे में बोर हो रही थी। “क्या यार, कितनी बोरिंग जगह है। दिखने में जितनी खूबसूरत उतनी ही पकाऊ...” बोलते हुए उसने अपने पेट पर हाथ लगाया जो भूख की वजह से गुड़गुड़ कर रहा था। फिर कृशा ने अपनी नज़रें ऊपर की तो उसने एक तरफ कैमरा लगा हुआ पाया। वो कैमरे के पास गई और उसमें देखते हुए जोर से चिल्ला कर बोली, “कपड़े तो नहीं दिए, कम से कम खाना तो दे देते। पिछले दो दिनों से ठीक से कुछ नहीं खाया। कैसे होस्ट हो तुम... गेस्ट को घर पर बुलाकर उसे भूखा रखते हो। यहां तक कि कपड़े भी नहीं दिए।” उसकी बात सुनकर युग ने सिर हिला कर कहा, “तुम मेरी गेस्ट नहीं हो। जो मेरी गेस्ट है उसके पास सारी फैसिलिटी मौजूद है। अनवांटेड गेस्ट को रहने के लिए सेवन स्टार होटल जैसा रूम मिल गया, वही काफी है।” युग अपना कैमरा बंद करने को हुआ तभी उसे फिर से कृशा की आवाज सुनाई दी। वो वापिस चिल्ला कर बोली, “अगर तुमने मुझे खाना नहीं दिया तो... तो...” उसने अपनी बात अधूरी छोड़ दी और फिर कुछ सोचते हुए से आगे बोली, “तो तुम्हें पाप लगेगा।” युग ने अपने आईपैड को साइड में रखा और फिर टेलीकॉम उठाकर मलिक से कॉल पर कहा, “वो जो दूसरी लड़की आई है, उसे खाना भिजवा दो मलिक।” “इतनी रात को सर?” मलिक ने हैरानी से पूछा क्योंकि उस वक्त रात के एक बज रहे थे। “हां भिजवा दो वरना हमें पाप लगेगा।” कहकर युग ने कॉल कट कर दिया। वही युग ने जो भी कहा, उसे सुनकर मलिक थोड़ा हैरान था। उसने खुद से कहा, “ये आज सर को क्या हो गया है? ये कैसी बातें कर रहे है। खैर छोड़ो... उन्होंने जो कहा है वो भी तो फॉलो करना है।” मलिक उसी समय किचन में गया और वहां किसी फीमेल हाउसहेल्पर के साथ कृशा को खाना भेजा। खाना मिलते ही कृशा के चेहरे पर बड़ी सी स्माइल थी। वो प्लेट के साथ अंदर आई और उसे देखने लगी। उसमें उसके लिए हॉट इंस्टेंट नूडल्स और सूप था। “अरे वाह, मेरा आइडिया काम कर गया.. ये तो बहुत टेस्टी लग रहा है।” कृशा चम्मच उठाकर खाने को हुई तभी उसे कुछ सुझा। उसने कैमरे की तरफ देखकर कहा, “इसका मतलब वो मुझे देख रहा है।” सोचते हुए कृशा की आंखें बड़ी हो गई। उसने कपड़े नही पहने थे। वो दौड़कर बाथरूम में गई और उसका हर एक हिस्सा गौर से देखने लगी। बाथरूम में कोई कैमरा नहीं लगा था जिसे देखकर कृशा ने राहत की सांस ली तो वही युग ने उसकी हरकत से समझ लिया कि वो बाथरूम में दौड़कर क्यों गई होगी। “बेवकूफ लड़की... मैं बाथरूम में कैमरा क्यों लगवाऊंगा। गैंगस्टर हूं पर ठरकी नही।” युग ने बड़बड़ा कर कहा। “हां जानती हूं बाथरुम में कोई कैमरा नहीं लगवाता होगा पर रूम में भी कौन कैमरा लगवाता है? इसकी तो हर एक खिड़की भी इसी विला के अंदर खुलती है। कोई चाह कर भी नहीं भाग सकता। फिर कैमरा की क्या जरूरत है।” कृशा ने आंखें घूमा कर कहा। फिर वो खाना खाने लगी। खाना खत्म होने के बाद उसने अपने बैग से दवाई निकाल कर ली। कृशा अपने बैग को कभी भी खुद से अलग नहीं करती थी और उसमें उसकी जरूरत का लगभग सारा सामान मौजूद था। फिर उसने लाइट बंद की और बैग को अपने सीने से लगाकर सो गई। उसके सोने के बाद युग ने फिर से सारा को चेक किया। वो भी सोई हुई थी। उसने मलिक को कॉल करके सिक्योरिटी को एक्स्ट्रा अलर्ट रहने को कहा और फिर खुद भी सोने चला गया। ____________________________ न्यूयॉर्क सिटी में सिंघानिया विला में बिल्कुल शांति छाई हुई थी। आदित्य सिंघानिया अपने कमरे में गंभीर चेहरे के साथ बैठे थे। वहीं उनके सामने अमृता सिर झुका कर खड़ी थी। “कुछ पता चला सारा को किसने किडनैप किया होगा? मुझे नहीं लगता इस माफिया वर्ल्ड में किसी की इतनी हिम्मत होगी, जो हम से टकराने के बारे में सोचेगा।” आदित्य ने सख्त आवाज में कहा। “हां, बाकियों में तो नहीं है पर कोई ऐसा मौजूद है, जो बदला लेने की ताक में बैठा है। आज से नहीं बल्कि पिछले कई दशकों से।” अमृता ने धीमी आवाज में जवाब दिया। “कौन राणा फैमिली?” आदित्य ने हल्का हंसकर कहा, “नहीं, वो टांग अड़ाने की हिमाकत नहीं करेंगे। मुझे नहीं लगता दो बार मुंह की खाने के बाद अब उनमें हमसे टक्कर लेने की हिम्मत बची होगी।” “हार आपके अंदर बदले की आग को और भी भड़का देती है।” अमृता बोली। “अगर उन्होंने ऐसा किया है तो आने दो उन्हें। हर बार की तरह इस बार भी मुंह की खाकर जाएंगे। सभी पड़ावों की सिक्योरिटी इतनी टाइट करवा दो कि वहां कोई अंजान कदम भी रखे तो जिंदा बचकर न जा पाए। बाकी सारा को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता। मुझे उसकी रत्ती भर भी टेंशन नहीं है। ऐसे ही वो माफिया प्रिंसेस नही है।” आदित्य सिंघानिया ने लापरवाही से कहा। माफिया वर्ल्ड में काम करते हुए वो काफी सख्त मिजाज के हो गए थे और साथ ही कौन उन्हें कितना नुकसान पहुंचा सकता था, इस बात की खबर भी उन्हें बखूबी थी। अमृता कुछ पल रुकी और फिर धीमी आवाज में कहा, “और कृशा?” “सारा पर यकीन रखो। वो खुद के साथ-साथ कृशा को भी सेफ रखेगी। एक काम करो, मुझे राणा फैमिली की न्यू जनरेशन से जुड़े सभी लोगों की डिटेल्स भेजो। लास्ट टाइम हमने एक दूसरे से दूर रहने का कॉन्ट्रैक्ट किया था। उसके बाद से मुझे नहीं पता उनकी फैमिली में कौन कितना पावरफुल बन कर बाहर निकला है। वैसे भी दो देशों में अलग-अलग रहते हुए कभी गलती से भी टकराने का मौका नहीं मिला। मैं भी तो देखूं, कौन है जो मेरे खिलाफ सर उठाने की हिम्मत कर रहा है।” आदित्य ने कहा। “डेविल...” अमृता ने सिर उठा कर कहा। उसके मुंह से डेविल का नाम सुनकर आदित्य की आंखें बड़ी हो गई। “क्या वो लड़का राणा फैमिली से है? आजकल हर जगह उसी का नाम सुनने को मिल रहा है। मेरे अलावा मैंने इतने सालों में किसी इंसान का इतना दबदबा नहीं देखा, जितना उसके बारे में सुना है। आज तक वो मेरे रास्ते में नहीं आया तो मैंने कभी उसके बारे में जानने की कोशिश नहीं की। क्या उसने सारा को किडनैप किया है?” “हो सकता है, अभी श्योर नहीं है। मैं आपको राणा फैमिली की नई जनरेशन की डिटेल्स भेजती हूं।” अमृता ने जवाब दिया और वहां से चली गई। उसके जाने के बाद आदित्य सोच में पड़ गए। वो खुद से बड़बड़ा कर बोले, “हर्षवर्धन राणा... हमारी दोस्ती को तुमने दुश्मनी में बदला, जो कि पिछली तीन जेनरेशन से चली आ रही है। सोचा नहीं था तुम से फिर आमना सामना होगा। तुम अभी भी इस दुनिया में मौजूद हो तो उम्मीद है कि अपने पोते को अच्छे से समझा लोगे कि मुझसे और मेरी फैमिली से दूर रहो। वरना हर बार की तरह मुझे तुम्हारा फन कुचलना अच्छे से आता है।” आदित्य के चेहरे के भाव गंभीर थे। वो अपने चेयर पर लीन हो गए और सारा के बारे में सोचने लगे। ____________________________ अगली सुबह सारा उठी। रात को कब उसकी आंख लगी उसे पता नही चला। ऊपर से सुबह-सुबह चाय नहीं मिलने की वजह से उसके सिर में भंयकर दर्द था। “अजीब मुसीबत है... मुझे उसके पास जाकर सारी बातें क्लीयर करनी होगी। सबसे पहले तो कृशा के बारे में पूछना होगा। उसके बाद उसे समझाना होगा। आई होप वो मेरी बात समझे।” सारा ने खुद से कहा। वो उठकर बाथरूम की तरफ जाने लगी, तभी उसके रूम की डोर बेल बजी। “मेरा उसका फेस देखने का कोई मूड नहीं है।” सारा ने आंखें घूमा कहा। वो वहीं पर बैठी रही जबकि इतनी देर में तीन से चार बार डोरबेल बज चुकी थी। “प्लीज मैम, ओपन द डोर।” बाहर से एक लड़की की आवाज आई। वो वही थी जो रात को सारा को उसके कमरे में छोड़ कर गई थी। इस बार सारा ने उसके लिए दरवाजा खोल दिया। सारा के दरवाजा खोलते ही पहले उसने गुड मॉर्निंग विश किया और फिर कहा, “2 घंटे बाद आपकी सर के साथ ब्रेकफास्ट डेट हैं। उसके लिए तैयार हो जाइएगा। आपके साइज के सभी तरह के कपड़े क्लोसेट रूम में है।” “मैं उसकी सर्वेंट नहीं हूं जो उसके कहने पर हर चीज के लिए तैयार हो जाऊंगी। मैं इस कमरे से बाहर कदम भी नहीं रखूंगी। जाकर बोल दो उसे... और हां, ये भी कह देना कृशा को अगर एक छोटी सी भी चोट लगी तो उसके लिए अच्छा नहीं रहेगा।” सारा ने गुस्से में जवाब दिया। वो उसके मुंह पर दरवाजा बंद करने लगी लेकिन उस लड़की ने दरवाजा पकड़ लिया। “प्लीज मैम ऐसा मत कीजिए। आपकी हर ना और गुस्से की सजा हमें मिलेगी।” उस लड़की ने लाचारी के साथ कहा। उसकी बात का जवाब देने से पहले सारा ने उसकी शर्ट पर लगे नेम टैग को देखा और फिर उस पर लिखे नाम को पढ़कर कहा, “सो लिसन मिस हया... आई रियली डोंट केयर कि वो तुम्हें किस बात की क्या सजा देता है। मैं बार-बार इस तरह इमोशनल ब्लैकमेल नहीं होने वाली। उसे जाकर कह दो मुझे उसकी शक्ल भी नहीं देखनी... ब्रेकफास्ट डेट गई भाड़ में...” सिर में दर्द होने की वजह से सारा को और भी गुस्सा आ रहा था। उसने कमरे का दरवाजा हया के मुंह पर बंद किया और फिर किचन एरिया की तरफ गई। वहां थोड़ा बहुत खाने पीने का सामान रखा हुआ था। साइड में एक कॉफी मशीन भी थी। सारा ने अपने लिए एक स्ट्रॉन्ग ब्लैक कॉफी बनाई और खुद को शांत करने की कोशिश करने लगी। वही सारा के इनकार के बाद हया दबे कदमों से युग के पास गई और उसने जो भी कहा, उसने उसे ज्यों का त्यों बता दिया। “कृशा को चोट नहीं लगनी चाहिए वरना अच्छा नहीं होगा... रियली?” युग के चेहरे पर गुस्से के साथ ईविल स्माइल थी। “लगता है तुम भूल गई हो कि इस वक्त तुम डेविल के विला में हो ना कि अपने घर पर... मुझे ना सुनने की आदत नहीं है और इस ना की सजा वही भुगतेगी, जिसकी तुम इस वक्त कुछ ज्यादा ही परवाह कर रही हो। तुम्हारे दिल में सिर्फ और सिर्फ मेरी केयर होनी चाहिए सारा सिंघानिया, ना कि किसी सर्वेंट की... लगता है तुम्हें तुम्हारी लाइफ का पहला लेसन देने का टाइम आ गया है।” युग उस वक्त काफी गुस्से में था। वो उठकर वहां से बाहर जा रहा था। उसके दिमाग में क्या चल रहा था वो वही जानता था लेकिन एक बात साफ थी सारा को उसकी इस बदतमीजी की अच्छी खासी सजा मिलने वाली थी। °°°°°°°°°°°°°°°° प्लीज do like comment and follow.

  • 5. Under the mafia moon - Chapter 5

    Words: 2097

    Estimated Reading Time: 13 min

    सारा ने युग के साथ ब्रेकफास्ट डेट पर जाने से मना कर दिया था। साथ ही उसने हया के जरिए ये कहलवाया था कि युग गलती से भी कृशा को चोट पहुंचाने के बारे में ना सोचे। उसका इंकार और कृशा की परवाह करना युग को गुस्सा दिला रहा था। वो उसे सबक सिखाने के लिए तुरंत अपने फ्लोर से कृशा के फ्लोर पर पहुंचा। कृशा के कमरे का दरवाजा खुला था। युग अंदर गया। उसे वो वहां नही दिखी। वो कमरे में आगे जाकर बालकनी में गया तो कृशा वहां की ग्लास रेलिंग से लगकर बाहर गार्डन एरिया में देख रही थी। वहां आ रही हल्की धूप उसे सुकून दे रही थी। युग उसके पास गया और खींचकर अपनी तरफ किया, “पिकनिक मनाने आई हो यहां?” “छोड़ो... वो...” कृशा ने उसे खुद से थोड़ा दूर किया और अपना टॉवल सही करने लगी। कपड़े नहीं होने की वजह से उसने अभी तक टॉवल को ही ड्रेस के तौर पर बांध रखा था। उसे ऐसा करता देख युग उससे दो कदम पीछे हो गया। फिर उसने अपनी आंखें बंद की और गुस्सा शांत करने की कोशिश करने लगा। “मिली... मिली।” युग ने तेज आवाज में कहा। उसके आवाज लगाने पर एक फीमेल हाउस हेल्पर दौड़ कर आई। उसकी नजरें नीचे थी। उसे देखते ही युग ने कहा, “जाओ और जाकर अपने कुछ कपड़े लाकर इसे दे दो। एटलिस्ट ये इस तरह टॉवल में तो नहीं घूमेगी।” “लेकिन मैं इसके कपड़े क्यों पहनू? मैं किसी और के कपड़े नहीं पहनती हूं।” कृशा ने तुरंत कहा। फिर उसने देखा युग उसे गुस्से में देख रहा है तो उसने धीमी आवाज में कहा, “मुझे इसके कपड़े फिट नहीं आएंगे। ये मुझसे थोड़ी मोटी है।” “तो तुम क्या चाहती हो मैं तुम्हारे लिए यहां कोई स्पेशल डिजाइनर बुलाऊं, जो तुम्हारे हिसाब से कपड़े डिजाइन करके देगा। चुपचाप जो मिल रहा है वो पहनो। यहां रहना है तो एक मेड के कपड़े भी पहनने पड़ेंगे और उसका काम भी करना पड़ेगा। फ्री में कुछ भी नहीं मिलने वाला। गॉट इट।” युग ने चिल्लाकर कहा। फिर उसने मिली की तरफ देखा और बोला, “आज से ये लड़की तुम्हारे साथ काम करेगी। विला की सफाई करवाओ, बर्तन साफ करवाओ या फिर खाना बनवाओ... व्हाटएवर पर मुझे ये फ्री नहीं दिखनी चाहिए।” “लेकिन मुझे काम करना नहीं आता है।” कृशा ने नम आंखों से कहा। युग उससे कुछ कहता उससे पहले उसकी नजर सारा पर पड़ी, जो जैसे तैसे युग से बात करने के बहाने उस फ्लोर से निकल कर आई थी। उसके साथ हया भी थी, जो उसे कृशा के कमरे तक लेकर आई थी। युग को कृशा के साथ बदतमीजी करते देख सारा गुस्से में उसे देख रही थी। सारा कृशा के पास गई और उसे अपने एक हाथ से साइड हग करते हुए कहा, “डोंट यू डेयर... कृशा कोई तुम्हारी सर्वेंट नहीं है, जो यहां काम करेगी। ये मेरे साथ आई है। तुम इसके साथ बदतमीजी नहीं कर सकते।” सारा की आंखों में गुस्सा था और उसके शब्द सख्त थे। फिर उसने कृशा का हाथ पकड़ कर कहा, “तुम मेरे साथ मेरे रूम में चलो। मैं तुम्हें कुछ कपड़े दे देती हूं और हां, आज से तुम मेरे साथ ही रहोगी।” “लगता है तुम भूल गई हो सारा सिंघानिया, ये तुम्हारा घर नहीं है। तुम यहां किडनैप होकर आई हो। यहां सिर्फ एक ही इंसान ऑर्डर दे सकता है और वो है युग राणा...” युग ने गुस्से में कहा। “ये मेरा डिसीजन है और तुम इसे मना नहीं कर सकते। कृशा मेरे साथ ही रहेगी... वो भी मेरे रूम में।” सारा ने युग की आंखों में आंखें डाल कर देखा। इस वक्त दोनों का आई कांटेक्ट हो रहा था। “ठीक है लेकिन उसके लिए तुम्हें मेरी हर बात माननी पड़ेगी।” युग ने सारा के साथ ज्यादा बहस नहीं की और उसकी बात मान ली। “ये तो टाइम बताएगा कौन किसकी कितनी बातें मानता है।” सारा ने जवाब दिया और फिर वो कृशा का हाथ पकड़ कर उसे अपने रूम में ले जाने लगी। सारा को यहां आए हुए सिर्फ एक दिन हुआ था उसके बावजूद उसका बर्ताव ऐसा था जैसे वो उस विला की मालकिन हो। “एक घंटे के अंदर तुम मुझे थर्ड फ्लोर के डायनिंग एरिया में चाहिए... और हां, इस लड़की को अपने साथ ले ही जा रही हो तो इस बात का ध्यान रखना आगे से ये मेरी आंखों के सामने ना आए।” युग ने पीछे से तेज आवाज में कहा। “बोल तो ऐसे रहा है जैसे मुझे इसकी शक्ल देखने का शौक है।” कृशा ने बड़बड़ा कर कहा। थोड़ी देर पहले युग ने उसके साथ जो भी किया, उससे कृशा को उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था। वहां से निकलते हुए भी कृशा अपना बैग लेना नहीं भूली। वो दोनों कुछ देर में कृशा के कमरे में थी। सारा के कमरे में आते ही कृशा उस कमरे को गौर से देखने लगी और फिर वो बोली, “हावव... वो कितना बुरा है। उसने तुम्हारे लिए हर एक अरेंजमेंट अच्छे से कर रखे हैं जबकि मुझे... खैर छोड़ो। अच्छा क्या वो तुमसे प्यार करता है इसलिए उसने तुम्हें किडनैप किया है?” कृशा ने पूछा। “वो मुझे कोई प्यार नहीं करता है। तुम्हें इन बातों के बारे में नहीं पता है तो बेहतर होगा दूर रहो। और हां, उसके सामने मत जाना। तुम इसी कमरे में रहोगी। तुम्हे जो चाहिए, वो सब यहां है।” सारा ने उसे समझाते हुए कहा। कृशा की मॉम अमृता काफी सालों से सिंघानिया फैमिली के लिए काम कर रही थी। कृशा सारा से उम्र में थोड़ी ही छोटी थी। दोनों साथ में पली बढ़ी जरूर थी लेकिन कृशा को अंदर की बातों के बारे में जरा भी अंदाजा नहीं था। सारा के समझाने पर कृशा ने हां में सिर हिलाया। उसके हामी भरते ही सारा ने कहा, “उसने मेरी बात मानी है तो मुझे भी उसकी बात माननी होगी। वैसे भी मुझे उससे बात करनी थी। मैं तैयार होकर उसके साथ ब्रेकफास्ट करने जा रही हूं, तब तक तुम नहा कर रेडी हो जाना। मैं किसी को बोल दूंगी जो तुम्हारे लिए ब्रेकफास्ट ले आएगा।” सारी बात सुनने के बाद कृशा ने फिर हां में सिर हिलाया। कृशा के पास कपड़े नहीं होने की वजह से सारा ने पहले उसे नहाने भेज दिया। सारा और कृशा को लगभग एक ही साइज के कपड़े आते थे। कृशा क्लोसेट एरिया में गई और वहां से अपने लिए बैगी डेनिम पैंट और लॉन्ग स्लीव्स का क्रॉप टॉप निकाला। उसने अपने बालों में हाफ बन बना रखा था। सारा अंदर नहा रही थी तो बाहर से कृशा ने चिल्लाकर कहा, “सारा ये तुम्हारी पहली ऑफिशियल डेट है, तो तुम्हारे लिए कपड़े मैं सिलेक्ट करूंगी।” “ठीक है पर ज्यादा टाइम मत लगाना। उसने मुझे सिर्फ 1 घंटे का बोला था। तुम्हारे चक्कर में मैं ऑलरेडी लेट हो चुकी हूं।” सारा ने जवाब दिया। उसकी बात सुनकर कृशा मुस्कुराई। वो बाथरुम के पास आकर खड़ी हो गई। उसने तेज आवाज में कहा, “अच्छा सारा, तुम उसकी बातों को इतने अच्छे से फॉलो कर रही हो। तुम्हें वो पसंद आ गया क्या।” “बकवास बंद करो कृशा। मुझे वो पसंद नहीं आया है। यहां से निकलने के लिए कुछ तो दिमाग लगाना होगा ना। बस उसी वजह से ये सब करना पड़ रहा है।” सारा ने चिढ़ कर जवाब दिया। “लेकिन वो तो बहुत हैंडसम है। तुम उसे पटा लो, उसका कॉन्फिडेंस जीत लो उसके बाद हम यहां से आराम से निकल सकते हैं।” बोलते हुए कृशा क्लोसेट एरिया में चली गई और सारा के लिए ड्रेस सेलेक्ट करने लगी। वहां काफी सारे ब्रांडेड कपड़े रखे हुए थे। उनमें से उसने सारा के लिए रेड कलर की बॉडीकॉन शॉर्ट ड्रेस निकाली। वैसे भी रेड कलर सारा का फेवरेट था। “यहां तो मेकअप और एक्सेसरीज भी रखी हुई है।” कृशा ड्रेस लेकर दूसरी तरफ गई तो उसने सब सामान दिखा। कृशा ने अपने चेहरे पर भी हल्का-फुल्का मेकअप किया और फिर सारा के आने का इंतजार करने लगी। कुछ ही देर में सारा भी आ गई थी। कृशा ने उसे अपने तरीके से तैयार किया। “मुझे यहां की ठंड हमेशा से ज्यादा पसंद थी। अपनी न्यूयॉर्क में भी सर्दी होती है पर लंदन की सर्दी की तो बात ही अलग है।” कृशा सारा को तैयार करते हुए बातें कर रही थी। “हां लंदन अच्छी जगह है पर इस विला में तो बिल्कुल भी ठंड का एहसास नहीं होता। काफी अच्छा हीटिंग सिस्टम है।” सारा बोली। जब वो पूरी तरह तैयार हो गई तो कृशा को वहां छोड़कर वो युग से मिलने चली गई। ______________ युग थर्ड फ्लोर पर सारा के आने का वेट कर रहा था। वहां एक तरफ हॉल में डायनिंग एरिया बना हुआ था। डायनिंग एरिया बिल्कुल किसी लक्सिरियस होटल के वीआईपी डायनिंग एरिया जैसा था। युग ने उसे खास सारा के लिए तैयार करवाया था। जैसे ही सारा वहां आई, युग उसे गौर से देखने लगा। रेड ड्रेस में वो बहुत खूबसूरत लग रही थी। युग ने सिक्योरिटी गार्ड को इशारे से वहां से जाने को कहा और उसका हाथ पकड़ कर उसे अंदर लेकर आया। सारा ने चारों तरफ की हुई अरेंजमेंट देखते हुए कहा, “सिर्फ एक ब्रेकफास्ट के लिए इतनी मेहनत करवाने की क्या जरूरत थी युग राणा।” “तुम्हारे लिए ये सिर्फ एक ब्रेकफास्ट होगा लेकिन मेरे लिए ये हमारी पहली डेट है। प्यार की शुरुआत नफरत से ही होती है। नफरत तो पीढ़ियों से हमारे बीच चली आ रही है, तो चलो हम प्यार की शुरुआत करते हैं।” बोलते हुए युग अपने हाथों से सारा को खाना सर्व कर रहा था। वो उसके पास वाली चेयर पर बैठा था। युग ने व्हाइट सॉस पास्ता की प्लेट अपनी तरफ खिसकाई और उसमें से सारा को खिलाने लगा लेकिन सारा ने ना में सिर हिला दिया। “मेरा यहां आना अपनी जीत मत समझना युग राणा। मैं सिर्फ यहां तुमसे बात करने के लिए आई हूं। घुमा फिरा कर बात करने की मेरी आदत नहीं है तो सीधे-सीधे कहती हूं। चलो एक डील करते हैं। मैं तुम्हें पहले पड़ाव तक लेकर जाती हूं बदले में तुम हम दोनों को जाने देना।” सारा उससे काफी प्रोफेशनल तरीके से बात कर रही थी। जैसे ही उसकी बात खत्म हुई, युग खतरनाक तरीके से हंसा। “सात इंपॉर्टेंट पड़ावो में से तुम मुझे पहले पड़ाव पर लेकर जाओगी ताकि वो लोग मुझे देखते ही मार दे? वैसे इतनी हिम्मत किसी की नहीं कि वो डेविल का बाल भी बांका कर सके लेकिन प्लानिंग काफी अच्छे से की है। तुम इस फील्ड में अभी नई हो बेबी, तुम्हें बहुत कुछ सीखने की जरूरत है।” “खुद को डेविल कहते हो तो आगे के पड़ाव पर जाना खुद ही मैनेज कर लेना।” सारा ने चैलेंजिंग वॉइस में कहा। “वैसे तुम्हें बता दूं कि मुझे तुम्हारे उन सात पड़ावों से कोई लेना-देना नहीं है और ना ही कोई दिलचस्पी... इस वर्ल्ड का किंग बनने के लिए युग राणा को उन सभी वाहियात पड़ावों से भी होकर गुजरने की कोई जरूरत नहीं है। मुझे बस तुम चाहिए और मैं तुम्हें पाकर रहूंगा। माफिया किंग बनना मेरी हसरत है, तो तुम्हे पाना मेरी जिद।” “हद है यार। मैं कोई चीज हूं जो तुम्हें मैं चाहिए और तुम पाकर रहोगे।” सारा गुस्से में उस पर जोर से चिल्ला कर बोली। उसकी बात सुनकर युग की आंखें सर्द हो गई। उसने उसी भाव से कहा, “एक ही गलती के लिए मैं बार-बार माफ नहीं करता। आगे से मेरे सामने चिल्ला कर बात करने की हिम्मत मत करना।” “बोल तो ऐसे रहे हो जैसे मैं तुमसे डरती ही हूं।” सारा गुस्से में वहां से उठी और जाने लगी। युग ने वहां बैठे-बैठे ही उसके हाथ से पकड़ कर उसे खींचा और अपनी गोद में बैठा लिया। युग के हाथ सारा के पीछे थे और उसने उसके बालों को मुट्ठी में भर रखा था। दूसरे हाथ से उसने सारा को कसकर पकड़ रखा था। “जब तक प्यार से बात करता हूं तो मेरी रेस्पेक्ट करो। मुझे गुस्सा दिलाया है तो मुझे जो पाना है वो मैं प्यार ले बजाय जबरदस्ती करके भी पा सकता हूं। सारा सिंघानिया यहां से बाहर निकालने का ख्याल अपने दिल से निकाल दो। इस जगह पर आने का रास्ता है लेकिन यहां से जाने का नहीं... युग राणा की मर्जी के खिलाफ तो बिल्कुल भी नहीं।” युग ने सर्द लहजे में कहा। फिर उसने सारा को छोड़ दिया और उसे इशारे से पास की चेयर पर बैठने को कहा। सारा अपनी जिद में वहीं पर खड़ी थी तो युग गुस्से में जोर से चिल्लाकर बोला, “आई सेड सिट डाउन।” सारा जल्दी से चेयर पर बैठ गई। उसके बैठते ही युग ने कहा, “चुपचाप ब्रेकफास्ट करो।” सारा ने ना में सिर हिला दिया। वो बिना कुछ बोले वहां खोए हुए अंदाज में बैठी थी। उसकी आंखों में नमी थी। युग की बातों ने उसके दिल में डर पैदा कर दिया था। °°°°°°°°°°°°°°°°

  • 6. Under the mafia moon - Chapter 6

    Words: 1406

    Estimated Reading Time: 9 min

    युग ने सारा के लिए ब्रेकफास्ट डेट अरेंज की थी। वहां उन दोनों की छोटी सी बहस भी हो गई थी, जहां पहली बार सारा ने युग का गुस्सा देखा था। युग ने अपनी तरफ से अपने गुस्से पर पूरा काबू कर रखा था पर उसका हल्का सा गुस्सा भी सारा पर काफी असर कर गया। सारा बिना कुछ बोले डाइनिंग टेबल के सामने चुपचाप बैठी थी। उसके सामने काफी सारा खाना रखा हुआ था पर उसने एक बाइट भी नहीं खाया। “लिसन डोंट यू एंग्री मी... मैं तुमसे बहुत पेशेंसली बात कर रहा हूं इसका फायदा मत उठाओ और चुपचाप खाना खाओ।” युग ने सख्त लहजे में कहा। उसे गुस्सा ना आ जाए इसलिए वो डाइनिंग टेबल के नीचे अपने एक हाथ की मुट्ठी को बार-बार बंद करके खोल रहा था। सारा ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया। उसने युग के चेहरे की तरफ तक नहीं देखा। उसकी नजरें नीचे की तरफ थी। “अब बस बहुत हुआ।” युग ने तेज आवाज में कहा। उसने अपनी चेयर सारा के बिल्कुल पास खिसका ली और उसकी चिन पकड़ कर उसका चेहरा ऊपर किया। “आखिर प्रॉब्लम क्या है तुम्हारी? सब कुछ इतने प्यार से कर रहा हूं तो तुम्हें रास नहीं आ रहा। गुस्सा करूंगा तो फिर तुम मेरे बारे में उल्टा सीधा सोचने लग जाओगी। आई सेड खाना खाओ सारा।” सारा ने अब तक अपने इमोशंस को काबू कर रखा था। युग के ज्यादा गुस्सा करने पर उसकी आंखें नम होने लगी। मजबूरन युग को उसका चेहरा छोड़ना पड़ा। “उफ्फ ये प्रॉमिसेस और बाइंडिंग्स...” युग ने बड़बड़ा कर कहा और फिर वो वहां से उठकर बाहर चला गया। बाहर जाते हुए भी वो बड़बड़ा कर बातें कर रहा था। “आई स्वेयर अगर मैंने प्रॉमिस नहीं किया होता तो अभी इस लड़की को जान से मार देता और साथ में इसकी उस बेवकूफ दोस्त को भी। अजीब मुसीबत है... एक प्रॉमिस के चलते मुझे इसका दिल जीतना होगा। अरे नहीं अच्छी लग रही है मुझे, तो क्या जबरदस्ती है उसे इंप्रेस की।” युग वाकई काफी गुस्से में था। वो सारा के टेंट्रम्स की वजह से और इरिटेट हो रहा था। इस वक्त वो सारा के कमरे में जा रहा था, जहां कृशा मौजूद थी। उसे अपने कमरे में देखते ही कृशा तुरंत दूसरी तरफ पलट गई। “मेरे साथ चलो तुम।” युग ने तेज आवाज में कहा। “और वो क्यों? तुमने ही तो कहा था कि तुम मुझे दिखनी नही चाहिए। देख लो तभी तुम्हें देखकर तुरंत मैंने अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया।” कृशा ने जवाब दिया। युग का मूड काफी बिगड़ा हुआ था। वो कृशा से बहस करने के मूड में तो बिल्कुल नहीं था। उसने उसका हाथ पकड़ा और उसे खींचते हुए लिफ्ट में लेकर गया। “अरे छोड़ो, मुझे दर्द हो रहा है। यहां रहने वाले लोगो की प्रॉब्लम क्या है। जब देखो मुझे घसीटते रहते हैं।” कृशा को दर्द हो रहा था इसलिए वो चिल्ला कर बोली। युग ने अपनी आंखें बंद की और गहरी सांस लेकर छोड़ी। उस ने आंखें खोली तो गुस्से में उसकी आंखें लाल थी। उसने कृशा को लिफ्ट की दीवार पर लगाया और अपने दोनों हाथों से कृशा के कंधों को पकड़ लिया। “आगे से मेरे सामने चिल्ला कर बात मत करना। आई वॉर्न यू वरना उसी टाइम गोली मार दूंगा। जो कह रहा हूं वो बिना सवाल किया करो, तुम्हारे लिए यही सही रहेगा।” युग ने सर्द आवाज में कहा। इसी के साथ कृशा चुप हो गई। उसने बिना कुछ कहे हां में पलकें झपकाईं तो युग ने उसे छोड़ दिया। अगले ही मिनट में वो थर्ड फ्लोर पर थे, जहां डायनिंग एरिया में सारा अकेली बैठी थी। युग कृशा को वहां लेकर गया और कहा, “बैठो और हमारे साथ, ब्रेकफास्ट करो।” “क्या सच में?” कृशा ने एक्साइटेड होकर कहा। “ये लड़की भी कुछ ज्यादा ही अजीब है। थोड़ी देर पहले डर के मारे इसके मुंह से आवाज नहीं निकल रही थी और अब देखो... आई होप कि मैं सारा सिंघानिया से प्यार कर पाऊं और उसे भी मुझे इतना ही शिद्दत वाला प्यार हो... वरना कुछ और का पता नहीं इन दोनों लड़कियों को जान से मार दूंगा मैं।” युग ने अपने मन में कहा। उसने कृशा को बिना कुछ कहे बैठने का इशारा किया। कृशा के बैठते ही युग ने कहा, “अपनी फ्रेंड को भी बोलो ब्रेकफास्ट करें। कब से यहां मूर्ति बंद कर बैठी है।” “क्या हुआ सारा? इसने तुम्हें मारा तो नहीं?” कृशा ने अपनी चेयर सारा के पास खिसकाते हुए पूछा। “मैं इसे क्यों मारूंगा?” युग ने हैरानी से कहा। “क्योंकि तुम लोग गैंगस्टर हो। तुम्हारा यही तो काम होता है। जब कोई तुम्हारी बात नहीं मानता तो तुम उन्हें जान से मार देते हो। तुम सारा को जान से नहीं मार सकते तो तुमने इसे जरूर थप्पड़ लगाया होगा।” कृशा ने फ्लो फ्लो में कुछ ज्यादा ही बोल दिया था। “मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है।” युग ने जवाब दिया। “और मैं तुम्हारी बात क्यों मानूं? गैंगस्टर लोग झूठ भी बोलते हैं।” कृशा ने फिर कहा। “फ़ॉर गॉड सेक चुप हो जाओ। तुम्हें मैं यहां इसलिए लेकर आया था ताकि तुम इसे खाना खाने के लिए मना सको, ना कि तुम्हारी बकबक सुनने के लिए।” युग ने इस बार चिल्लाकर कहा। उसकी बात सुनकर कृशा ने गहरी सांस लेकर छोड़ी और फिर वहां डाइनिंग टेबल पर मौजूद खाने को देखा। डाइनिंग टेबल पर वाइट सॉस पास्ता, तीन अलग तरह के पिज्जा़ज, चीज सैंडविच और बर्गर रखे हुए थे। जंग फुड के अलावा वहां कुछ डिजर्ट्स भी थे, जो चॉकलेट और मिल्क के थे। “हाव्व, तुम्हें तो कुछ पता नहीं है। इतना अरेंजमेंट करने से पहले सोच तो लेते या मुझसे पूछ लेते। सारा वीगन है, वो डेयरी प्रोडक्ट्स नहीं खाती है।” कृशा ने सिर हिला कर कहा। उसके सब बताने पर युग ने सारा की तरफ देखा तो उसने हां में सिर हिलाया। फिर सारा ने कहा, “यहां दिल जीतने की बात हो रही है और किसी को ये तक नहीं पता कि मुझे खाने में क्या पसंद है।” युग ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया। उसने मलिक को मैसेज किया । उसे 15 मिनट के अंदर वीगन डाइट के हिसाब से ब्रेकफास्ट चाहिए था। “अगले 15 मिनट में तुम्हारा ब्रेकफास्ट आ जाएगा।” युग ने कहा, जिस पर सारा ने कंधे उचका दिए। फिर उसने कृशा की तरफ देखा, जो मजे से सब खा रही थी। कृशा ने महसूस किया युग और सारा उसे ही देख रहे हैं तो उसने खाते हुए कहा, “मैं थोड़ी ना वीगन हूं? मैं सब कुछ खा लेती हूं और ये सब तो मेरा फेवरेट फूड है।” “हां खाओ।” युग ने सिर हिलाकर कहा। जैसा कि उसने आर्डर दिया था अगले 15 मिनट के अंदर सारा के हिसाब से खाना वहां आ गया था। सारा ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप ब्रेकफास्ट करने लगी तो वही युग भी सारा की तरह वीगन डाइट ही फॉलो कर रहा था। “अब देख कर लग रहा है तुम इस का दिल जीत सकते हो... वरना इतना बोरिंग खाना कौन खाता है।” युग को वीगन फूड खाते देख कृशा ने हंसकर कहा। युग ने उसे कुछ नहीं कहा पर उसके चेहरे के एक्सप्रेशन सर्द हो गए थे, जिसे देखकर कृशा खुद ही चुप हो गई। ब्रेकफास्ट होने के बाद में सारा कृशा के साथ वहां से जाने लगी, तभी युग ने कहा, “रात को हम साथ में मूवी देखेंगे।” “हां हॉरर देखेंगे, उसमें ज्यादा मजा आएगा।” कृशा झट से बोली। “ये एक मूवी डेट होने वाली है सारा। आई होप तुम अकेली आओगी।” युग ने कृशा के बजाय सारा से कहा। “और कोई ऑप्शन है?” सारा ने कंधे उचकाकर कहा और फिर कृशा के साथ वहां से चली गई। उसके इस जवाब से युग के फेस पर छोटी सी स्माइल आ गई। उसने मलिक को कॉल करके विला में मौजूद थिएटर को रेडी करवाने के लिए कहा। “आई होप ये काम मेरे लिए मजबूरी ना बने। तुम ऐसे ही मेरी बात मानती रहो। देखना तुम जरूर मेरा दिल जीत लोगी सारा सिंघानिया और जिस दिन ऐसा होगा, प्रॉमिस यू सारा तुम्हें नुकसान पहुंचाना तो दूर कोई तुम्हे गलत नजर से देख तक नहीं पाएगा।” युग ने कहा और फिर वहां से चला गया। °°°°°°°°°°°°°°°° कोई आईडिया है युग किस मजबूरी के चलते सारा का दिल जीतने की कोशिश कर रहा है? सच में इन दोनों को प्यार हो जायेगा या मामला कुछ और ही होने वाला है। कहानी में अभी बहुत कुछ बाकी है। ये तो बस शुरुआत है। आगे के पार्ट्स के लिए बने रहिए और कमेंट जरूर करिएगा। होप सो आपको कहानी पसंद आ रही होगी।

  • 7. Under the mafia moon - Chapter 7

    Words: 1479

    Estimated Reading Time: 9 min

    सारा और कृशा ब्रेकफास्ट के बाद अपने कमरे में वापिस आ गई। कृशा का बर्ताव नॉर्मल था जबकि सारा इस वक्त काफी ज्यादा गुस्से में थी। “मेरा मन कर रहा है मैं उस युग राणा का सिर फोड़ दूं।” अंदर आते ही सारा जोर से चिल्लाकर बोली। “शांत हो जाओ सारा... इतना गुस्सा भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है।” कृशा ने जवाब दिया। “तो क्या करूं? पता नही दादू इस बारे में कुछ कर भी रहे है या नहीं?” सारा ने सिर पकड़कर कहा। “सारा हम यहां से निकल पाएंगे ना? मुझे बहुत डर लगता है उससे।” कृशा ने मासूमियत से कहा। सारा उसके पास खिसकी और उसे गले लगा लिया। “चिंता मत करो। मेरे होते वो तुम्हे कुछ नही कर सकता। तुम बस उसके सामने ज्यादा मत बोला करो।” कृशा ने हां में सिर हिलाया। फिर वो कुछ सोचते हुए से बोली, “सारा, मुझे भी मूवी देखनी है। तुम अकेली गई तो मैं पीछे से बोर हो जाऊंगी।” “तुम्हें क्या लगता है मैं तुम्हें अकेले छोड़कर जाऊंगी?” सारा मुस्कुराते हुए बोली। “बिल्कुल नही....उसे बोलना हम होरर मूवी देखेंगे। मुझे घर की याद आ रही है। हम वहां कितना चिल करते थे। साथ में मूवी देखते थे... पॉपकॉर्न खाते थे और कितना मजा आता था।” घर की याद आते ही कृशा मायूस हो गई। “कृशा, ऐसे उदास मत हो। तुम ही मेरी रियल स्ट्रेंथ हो। तुम हो तभी मैं उस युग का सामना कर पाती हूं। अगर मैं यहां अकेली होती, तो मुझमें उसका सामना करने की हिम्मत कभी नही आ पाती।” सारा बोली। कृशा ने हां में सिर हिलाया और सारा को फिर से हग कर लिया। वही अपने कमरे में बैठा युग उन दोनो को अपनी आईपैड स्क्रीन में देख रहा था। उन दोनो को साथ देख युग के फेस पर तिरछी मुस्कुराहट थी। “मतलब इन दोनो को अभी भी लगता है ये यहां से निकल पाएगी। उफ्फ ये सारा का कॉन्फिडेंस.. और कृशा की मासूमियत। दोनो ही कुछ ज्यादा ही ओवर हैं।” युग ने इविल स्माइल करते हुए कहा। वो खुद से बातें कर रहा था, तभी उसके मोबाइल पर किसी का कॉल आया। स्क्रीन पर नाम देखकर युग के चेहरे के भाव सामान्या हो गए। “कैसे हो तुम?” सामने से एक रौबदार आवाज आई। वो युग के दादाजी मिस्टर हर्षवर्धन राणा थे। ये कृशा के दादा जी के हम उम्र थे। “ठीक हूं।” युग ने बिना किसी भाव के कहा। “जल्दी करो.... मुझसे अब और इंतजार नही होता। तुम्हें किसी को हेल्प चाहिए तो मैं शब्द....” हर्षवर्धन बोल रहे थे तभी युग ने उनकी बात बीच काटते हुए कहा, “मुझे कोई नही चाहिए।” “तुम्हारी मर्जी... पर याद रखना, गलती से भी उस लड़की से दिल मत लगा लेना। हमारा मकसद उसका दिल तोड़ना है... उससे दिल लगाना नही। हमें आदित्य सिंघानिया को चोट पहुंचाना है...” हर्षवर्धन की बात पूरी होती उससे पहले युग ने कॉल कट कर दिया। “बदतमीज लड़का....” उन्होंने स्क्रीन की तरफ घूरकर देखा। वही उनके पास खड़ी एक औरत उनकी बातें सुन रही थी। वो लगभग 42 साल की थी लेकिन देखने में अपनी उम्र से सात आठ साल छोटी ही नजर आ रही थी। उसने ब्लू जींस के ऊपर पिंक कुर्ती पहनी थी और उसके लंबे बाल खुले थे। “डैडी जी, आप युग को फोर्स मत कीजिए। मुझे अच्छा नही लग रहा।” वो उनके पास उन्हें समझाने लगी। “मैने तुम्हें पहले ही कहा था तुम बीच में इंटरफेयर नही करोगी हरलीन। मैंने युग को बहुत मुश्किल से मनाया था। शब्द से तो वैसे भी मुझे कोई उम्मीद नहीं है... युग मान गया है तो मुझे उसे अपने हिसाब से हैंडल करने दो।” हर्षवर्धन ने सख्त आवाज में कहा। हरलीन उनकी बेटी थी। वो राणा फैमिली के लीगल बिजनेस संभालती थी और अनमैरिड थी। हर्षवर्धन के डांटने पर उसने सिर हिलाया और वहां से जाने लगी। हर्षवर्धन ने उस के पीछे से कहा, “और खबरदार, जो तुमने युग को कॉल करके उसे कुछ भी करने से रोका है तो....” “यू कांट स्टॉप मी....” हरलीन ने बिना मुड़े जवाब दिया और वहां से चली गई। ____________ वही हर्षवर्धन जी बात करने के बाद युग का गुस्सा और भी भड़क गया। वो विला के जिम एरिया में था और ट्रेडमिल पर रनिंग कर रहा था। उसकी स्पीड नॉर्मल से ज्यादा थी। “पता नहीं किस मनहूस घड़ी में मैने दादू को उनके काम के लिए हां कही थी। किंग की पोजिशन मैं अपने दम पर अचीव कर सकता था। फिर ये सारा सिंघानिया से शादी करके उसका दिल तोड़ना बीच में कहां से आ गया।” युग ने हांफते हुए कहा। मलिक ने युग और सारा की मूवी डेट की सारी तैयारियां करवा दी थी। वो उसी बारे में बताने के लिए वहां आ रहा था। “सर तैयारियां हो गई है।” मलिक ने उसके पास आकर कहा। “हम्म्म.... कृशा को बीजी कर देना। वो हमारी डेट के बीच में नही आनी चाहिए। आई डोंट हैव मच टाइम।” युग ट्रेडमिल से उतरकर बोला। “कौन कृशा?” मलिक ने हैरानी से पूछा। “सारा की फ्रेंड... जो उसके साथ यहां है।” युग ने जवाब दिया। “आपको उस लड़की का नाम तक याद हो गया, अजीब बात है। इतने सालों में आज तक आपने मुझे मेरे नाम से नही बुलाया।” मलिक ने कड़वाहट के साथ कहा। “तो? तुम क्या चाहते हो मैं तुम्हें मलिक के बजाय गौरव कह कर बुलाऊं?” युग ने उसकी तरफ आंखें तरेरकर देखा। “क्या दिक्कत है?” गौरव मलिक ने कंधे उचकाकर कहा। “ज्यादा दिमाग मत लगाओ। जो कहा है, वो करो। यू आर नॉट माय गर्लफ्रेंड, जो जेलिस हो रहे है।” युग ने उसे डांटा और इशारे से उसे वहां से जाने को कहा। मलिक ने सिर हिलाया और जाने लगा। जाते हुए वो गुस्से में बड़बड़ा रहा था। “मतलब वो दो दिन पहले आई लडकी को उसके नाम से बुला रहे है और जो मैं पिछले आठ साल से इन्हें असिस्ट कर रहा हूं, वो कुछ नहीं।” मलिक वहां से चला गया और सारा को मूवी डेट का कहने के लिए उसके रूम के इंटरकॉम पर कॉल किया। सारा का वहां जाने का बिल्कुल मन नहीं था लेकिन कृशा के जिद करने पर उसे तैयार होना पड़ा। सारा ने पिंक वन पीस ड्रेस पहनी थी जबकि कृशा ने डेनिम शोर्ट्स के ऊपर लूज शर्ट पहना था। “तुम क्या उसे इंप्रेस करने जा रही हो? इतना अच्छा दिखने की क्या जरूरत है कृशा?” सारा ने उसकी तरफ घूर कर देखा। “मैं क्या करूं... मैंने कुछ नही किया। बस नॉर्मल कपड़े पहने हैं।” कृशा ने कंधे उचका कर जवाब दिया। उसकी बात सुनकर सारा मुस्कुराते हुए बोली, “यही तो बात है। तुम्हें अच्छा दिखने के लिए ज्यादा मेहनत नही करनी पड़ती। तुम नॉर्मल कपड़े पहनकर भी इतनी खूबसूरत लग रही हो। वैसे इस ड्रेस में काफी हॉट लग रही हो।” कृशा को हॉट बोलते हुए सारा ने आई विंक की, जिस पर कृशा ने उसके कंधे पर हल्के से मारा। “चलो अब चलते है।” कृशा बोली। सारा ने हां में सिर हिलाया। मलिक ने कॉल पर सारा को फ्लोर नंबर भी बताया था। सारा को उसने फिफ्थ फ्लोर पर आने के लिए कहा था। सारा और कृशा दोनों ऊपर 5th फ्लोर पर पहुंची, जिसके एक तरफ बड़ा सा मल्टीप्लेक्स थिएटर बनाया हुआ था। उसे देखते ही कृशा ने कहा, “ये हमारे वाले से ज्यादा अच्छा है ना?” “नहीं...” सारा ने मुंह बिगाड़ कर कहा। फिर उसे कुछ याद आया तो वो कृशा से बोली, “ऐसा करो, तुम अंदर पहुंचो। मैं आती हूं।” “नहीं सारा, मैं तुम्हारे बिना अकेले नहीं अंदर नहीं जाऊंगी। अंदर वो डेविल मौजूद है और मुझे देखकर तो वो काटने को दौड़ता है। मुझे उससे डर लगता है... मुझे नहीं जाना तुम्हारे बिना...” कृशा ने अकेले अंदर जाने से मना कर दिया। “डोंट वरी, मैं रेस्ट रूम ही होकर आ रही हूं। मुझे ज्यादा टाइम नहीं लगेगा। वो तुम्हें कुछ नहीं कहेगा।” सारा ने कृशा का कंधा सहलाकर कहा और फिर वहां से दूसरी तरफ वॉशरूम की तरफ चली गई। कृशा ने गहरी सांस लेकर छोड़ी और धीमी कदमों से अंदर गई। अंदर बिल्कुल अंधेरा था। सामने लगी बड़ी सी स्क्रीन की रोशनी के अलावा और वहां कोई लाइटिंग नहीं आ रही थीं। स्क्रीन की लाइट डार्क होने की वजह से वहां ठीक से कुछ नजर नहीं आ रहा था। कृशा धीमे कदमों से अंदर आ रही थी तभी उसे अपने आसपास किसी के हाथ महसूस हुए। वो युग था, जिसने पीछे से आकर उसे हग किया था। उसने उसे काफी टाइटली पकड़ा था। “तुम्हारी खुशबू कमाल की है। इट ड्राइविंग मी क्रेज़ी...” बोलते हुए उसने कृशा की गर्दन पर अपने होंठ रख दिए। युग ने पीछे से हाथ कृशा को कसकर हग कर रखा था और उसके गर्दन पर किस कर रहा था जबकि उसके ऐसा करने पर कृशा अपनी जगह पर फ्रिज हो गई। उसके दिल की धड़कनें बढ़ने लगी। युग ने जिसे सारा समझ करके किया था, वो कृशा थी। °°°°°°°°°°°°°°°° ये मिसअंडरस्टैंडिंग क्या रंग लायेगी? युग ने सारा को अकेले आने को कहा था। कृशा को वहां देखकर उसका क्या रिएक्शन रहेगा। बी रेडी फॉर नेक्स्ट पार्ट..! कमेंट जरुर करना।

  • 8. Under the mafia moon - Chapter 8

    Words: 1387

    Estimated Reading Time: 9 min

    युग ने सारा को मूवी डेट के लिए अपने विला के फिफ्थ फ्लोर पर बुलाया था। साथ ही उसने कृशा को अपने साथ लाने से साफ मना किया था। युग की बात को न मानते हुए सारा अपने साथ कृशा को भी ले गई थी। वो वॉशरूम गई थी इसलिए उसने पहले कृशा को अंदर जाने के लिए कहा। कृशा अकेली थिएटर के अंदर गई तो वहां अंधेरा था। अचानक युग उसके पीछे से आया और उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया। कृशा उसे कुछ कह पाती उससे पहले युग के होंठ कृशा की गर्दन पर थे। वो उसे काफी इंटेंसली किस कर रहा था। उसकी इस हरकत पर कृशा वहीं पर फ्रिज हो गई। किस करते हुए युग कृशा की गर्दन पर हल्के से बाइट भी कर रहा था। “यहां इतना अंधेरा क्यों कर रखा है? एटलीस्ट पहले तो लाइट ऑन कर सकते हो तुम...” पीछे से सारा की आवाज आई। इसी के साथ युग ने कृशा को छोड़ दिया। कृशा ने जल्दी से अपनी शर्ट सही की। उसके दिल की धड़कनें बढ़ीं हुई थी। युग ने अपने मोबाइल से थिएटर की लाइट ऑन की तो अपने पास सारा के बजाए कृशा को देखकर वो सर्द निगाहों से उसे देख रहा था। “मैंने इसे यहां लाने से मना किया था ना?” युग ने सारा की तरफ देखकर गुस्से में पूछा। “हां मना किया था तो क्या हुआ? मैं इसके बिना कहीं नहीं जाती। अगर तुम्हें इसके यहां होने से प्रॉब्लम हो रही है तो मैं भी वापस चली जाती हूं।” सारा ने कंधे उचका कर कहा। युग ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया। उसने उसे इशारे से आगे चलने को कहा। युग ने सारा की बात को मान लिया था। युग बिना किसी भाव के वहां खड़ा था। सारा पूरे एटीट्यूड से आगे जा रही थी जबकि कृशा अभी भी पीछे खड़ी थी। युग आगे जाते हुए उसके पास आया और दबी आवाज में कहा, “तुम बोल नहीं सकती थी कि तुम सारा नहीं हो।” “तुमने मौका ही कहा दिया।” कृशा उसकी तरफ गुस्से में देख रही थी। “सारा को इस बारे में पता नहीं चलना चाहिए था। यू नो वेरी वेल वो मैंने जानबूझकर नहीं किया।” युग ने सिर हिलाकर कहा और आगे चला गया। कृशा ने अपनी गर्दन पर हाथ रखा। युग के बाइट करने की वजह से उसे वहां दर्द हो रहा था। “आई हेट यू युग राणा...” कृशा की आंखों में गुस्सा था। वो आगे जाने के बजाय अभी भी वहीं पर खड़ी थी। सारा ने उसे आवाज लगाकर कहा, “क्या हुआ कृशा? आगे आओ ना, तुम वहीं पर क्यों खड़ी हो।” “सारा मेरा मूवी देखने का मूड नहीं है। मैं वापस जा रही हूं।” कृशा ने जवाब दिया। “थोड़ी देर पहले तो तुम इतनी एक्साइटेड हो रही थी और अब वापस जा रही हो?” सारा ने हैरानी से पूछा। फिर उसने युग की तरफ घूर कर देखा और कहा, “कहीं मेरी अब्सेंस में तुमने इसे डराया धमकाया तो नही ना?” “इसे डराने धमकाने के लिए तुम्हारा एब्सेंट होना जरूरी नहीं है। वो तो मैं अभी भी कर सकता हूं।” युग ने भौंहे उठाकर कहा। उसकी बात सुनकर सारा ने सिर हिला दिया। फिर उसने कृशा की तरफ देखकर कहा, “आ जाओ ना कृशा। चलो हम तुम्हारी फेवरेट मूवी देखेंगे।” “जब उसका मन नहीं है तो तुम उसे क्यों फोर्स कर रही हो?” युग ने बीच में कहा। “अगर वो यहां नहीं आई तो मैं भी उसके साथ वापस जा रही हूं। अब तुम पर डिपेंड करता है कि तुम्हें हमारे साथ मूवी देखनी है या नहीं?” सारा ने उसे एटीट्यूड से जवाब दिया। युग ने आईज रोल की और मन ही मन बड़बड़ा कर कहा, “काश सब कुछ मुझ पर डिपेंड करता तो तुम दोनों को यहां लाने से पहले ही उड़ा देता।” उसने अपने चेहरे के भावों को नॉर्मल किया और कृशा की तरफ देखकर कहा, “चलो, अब आ भी जाओ। ठीक है, तुम्हें हॉरर देखना था तो हॉरर मूवी प्ले कर देता हूं।” सारा ने भी कृशा को आगे आने का इशारा किया। कृशा ने उसकी बात पर हामी भरी और आगे आने लगी। वो सारा के पास बैठने को हुई, तभी युग बोला, “इसके पास मैं बैठूंगा। जाओ जाकर कहीं दूर का कोना पकड़ लो।” कृशा ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया। वो सारा के दूसरी तरफ बैठने को हुई लेकिन युग ने उसे सारा के दूसरी तरफ भी नहीं बैठने दिया। युग और सारा पास पास बैठे थे जबकि कृशा युग से एक चेयर दूर उसके पास बैठी थी। युग ने थोड़ी देर पहले जो भी किया था उसके बाद से कृशा का मूवी देखने का कोई मन नहीं था। सारा ने उसे उसकी प्रेफरेंस भी पूछी थी लेकिन कृशा ने कुछ नहीं कहा। “अचानक इसे क्या हो गया, जो ये कुछ बता नहीं रही।” सारा ने अपने मन में कहा। उसे कृशा का बर्ताव थोड़ा अजीब लग रहा था। युग ने उनके लिए कन्ज्यूरिंग मूवी सीरीज की सेकंड मूवी लगाई थी। सारा का इस मूवी डेट पर आने का कोई मन नहीं था। वो मूवी देखते हुए बीच में सो गई थी जबकि युग और कृशा दोनों उसे काफी गौर से देख रहे थे। थिएटर में अंधेरा होने की वजह से कृशा को डर लग रहा था। वो अपने चेयर से खिसककर युग के पास वाली चेयर पर आ गई। एक हॉरर सीन आने पर युग और कृशा दोनों साथ में चिल्लाए। एक साथ चिल्लाने के बाद उन्होंने एक दूसरे का चेहरा देखा। “तुम तो गैंगस्टर हो ना, फिर तुम्हें भूतों से डर क्यों लग रहा है?” कृशा ने अपनी आंखें छोटी करके कहा। “मैं? मैं कहा डरा था? वो तो तुम अचानक से चिल्लाई तो मुझे... मुझे डर नहीं लगता।” युग ने बात को टालते हुए कहा। “झूठा कहीं का...” कृशा ने उसकी तरफ देखकर बड़बड़ा कर कहा। युग ने ध्यान दिया सारा सो चुकी थी तो फिर उसने कृशा से दबी आवाज में कहा, “लिसन, थोड़ी देर पहले जो भी हुआ था उसका कोई गलत मतलब मत निकाल लेना। मुझे लगा वो सारा थी।” “तुम्हें सारा की परमिशन के बिना उसे भी किस नहीं करना चाहिए।” कृशा ने जवाब दिया। “हां ठीक है ज्यादा ज्ञान मत दो। वैसे भी मुझे सब कुछ जबरदस्ती करना होता तो अब तक सारा मेरी हो चुकी होती।” युग ने सिर हिलाकर कहा। वैसे तो कृशा को युग से डर लगता था लेकिन जब युग ने बातचीत की शुरुआत की तो कृशा खुलकर बात करने लगी। “तुम सारा को इसलिए पाना चाहते हो ना क्योंकि तुम्हें इस माफिया वर्ल्ड का किंग बनना है। इसके लिए तुम्हें सारा को कन्वेंस करना होगा ताकि वो तुम्हें उन सभी ट्रेजर्स वाले पड़ावों तक लेकर जाए। एक बार वो सातों पड़ाव तुमने पार कर लिए उसके बाद माफिया वर्ल्ड में किसी की भी हिम्मत नहीं होगी कि तुम्हें वहां का किंग बनने से रोक सके। बाकी तुम्हें सारा से प्यार नहीं है। तुम्हें बस पावर और पोजीशन चाहिए, जो फिलहाल सारा और उन सातों पड़ाव से जुड़ी है।” कृशा के दिल में जो भी था उसने बिना किसी डर के कह दिया। उसकी बात सुनकर युग को गुस्सा आ गया। कृशा उसके बिल्कुल पास बैठी थी इसलिए उसने कृशा के करीब आकर उसके बालों को पीछे से पकड़ा और उसकी आंखों में देखकर कहा, “अपनी औकात में रहो। मत भूलो कि तुम सिर्फ एक सर्वेंट हो। सारा तुम्हें इतनी इंपॉर्टेंस देती है लेकिन बाकी सब अच्छे से जानते हैं कि तुम कौन हो।” “छोड़ो, मुझे दर्द हो रहा है।” कृशा ने भर्राई आवाज में कहा। उसकी आंखों में आंसू आ गए थे। “आगे से मेरे सामने जुबान खोलने से पहले सौ बार सोच लेना। मैं बार-बार तुम्हारी बातों को इग्नोर नहीं करने वाला।” बोलते हुए युग ने कृशा के बालों को छोड़ दिया। युग के बाल खींचने की वजह से कृशा को पेन हो रहा था और उसकी आंखों में आंसू थे। उसने मूवी बीच में छोड़ी और वहां से दौड़कर अपने कमरे में चली गई। वही थोड़ी देर पहले जो भी हुआ उससे युग का मूड बुरी तरह बिगड़ चुका था। उसने सारा को वही थिएटर रूम में छोड़ा और वहां से चला गया। °°°°°°°°°°°°°°°° क्या लगता है आपको, युग ने कृशा के साथ जो भी किया वो उसे सारा को बताएगी या नहीं? पार्ट पढ़कर प्लीज कमेंट किया करे। एक मिनिट भी नही लगता, जबकि हम तो इतनी मेहनत करके, दिमाग लगाकर स्टोरी लिखते है। एक छोटा एप्रिसिएशन एक्सपेक्ट करते है, वहां भी आप कंजूसी दिखाते हो।

  • 9. Under the mafia moon - Chapter 9

    Words: 1340

    Estimated Reading Time: 9 min

    युग ने कृशा के साथ एक बार फिर बुरा बर्ताव किया था, जिसके बाद वो गुस्से में रोती हुई अपने फ्लोर पर आई। रोने की वजह से उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी तो वो बालकनी में जाकर गहरी गहरी सांसे लेने लगी। “आई मिस यू अमु... आई रियली मिस यू।” कृशा ने चिल्लाकर कहा। वो यहां अमृता के बारे में बात कर रही थी। सारा और कृशा दोनो को ही अमृता ने अपनी बेटियों को तरह पाला था। वो कभी उनकी मां बनकर तो कभी दोस्त बनकर हर सुख दुख साझा करती थी। इस वजह वो दोनो उसे मम्मा कहने के बजाय अमु कहकर बुलाती थी। “मुझे यहां नहीं रहना। वो... वो बहुत बुरा है। वो सारा से भी प्यार नही करता अमु... इससे पहले कि वो हम दोनो के साथ कुछ गलत करे... प्लीज हमें यहां से बाहर निकाल लो अमु।” कृशा रोते हुए बोली। जब उसे थोड़ा सही लगने लगा तो वो वापस अंदर आ गई और पिलों को हग करके सो गई। वही युग भी गुस्से में मूवी थिएटर से चला गया था। वो इस वक्त जिम एरिया में था और पंचिंग बैग पर लगातार पंच किया जा रहा था। “आई रियली हेट दिस... बात सिर्फ सारा सिंघानिया की होती तो मुझे कोई दिक्कत नहीं थी पर कृशा... इसके बीच में आने से सब गड़बड़ हो गया। हम इलीगल काम करते है, माफिया वर्ल्ड से जुड़े हुए हैं... तो हमारे लिए लोगों की जान की कोई कीमत नहीं होती लेकिन हमारी दुनिया हम तक ही लिमिटेड है। हम कभी इनोसेंट लोगों की दुनिया में इंटरफेयर नहीं करते और वो इनोसेंट है। पहली बार किसी के लिए बुरा लग रहा है... बिकॉज़ ऑफ यू दादू... आई हेट टू बी इमोशनल। मुझे कुछ फील नहीं करना... ना अच्छा और ना ही किसी के लिए बुरा। मुझे इस मामले में कुछ करना होगा वरना ये सॉफ्ट कॉर्नर फील होना मेरे लिए सही नहीं है।” युग ने हांफते हुए कहा। काफी देर तक पंचिंग बैग पर हिट करने के बाद युग काउच पर जाकर बैठ गया। वो खुद का गुस्सा शांत करने की कोशिश कर रहा था। कुछ ही देर में उसका गुस्सा शांत हुआ तो उसने उसी टाइम हरलीन को कॉल किया। जहां लंदन में रात के दो बज रहे थे वही इस वक्त इंडिया में सुबह के साढ़े सात के आस पास का टाइम था। हरलीन इस समय मॉर्निंग वॉक पर थी। युग का कॉल आया तो वो चलते हुए उससे बातें कर रहने लगी। “लंदन में इस टाइम रात का टाइम होगा ना? तुम जाग रहे हो। कुछ सीरियस है क्या?” हरलीन ने कॉल पिक करते ही पूछा। “आपको क्या लगता है बुआ, जब तक कुछ सीरियस नहीं होता मैं कॉल क्यों करूंगा?” युग ने सारकास्टिक वे में जवाब दिया। वो पहले से ही गुस्से में था। “देखो मैंने तुम्हें पहले ही समझाया था कि तुम डैड की बातों में मत आना। वो तुम्हारे आइडियल रहे हैं पर इसका मतलब ये नहीं कि तुम उनकी बात को आंख बंद करके मान लो।” हरलीन ने हल्का हांफते हुए कहा। “मैं नहीं मानता उनकी बात आंख बंद करके... मैं अपने हिसाब से चलता हूं लेकिन ये उनका बर्थडे था और मैंने उनसे गिफ्ट के बारे में पूछा तो उन्होंने प्रॉमिस ले लिया। यू नो वेरी वेल मैं अपने प्रोमिसेस नहीं तोड़ता। इतने सालों से वो मुझे इस काम के लिए मना रहे थे। मुझे क्या पता था अपने बर्थडे गिफ्ट के लिए वो मुझे ये सब करने के लिए कहेंगे।” युग ने इस काम के लिए हां क्यों कही थी, इस बारे में उसने हरलीन को बताया। “तो फिर प्रॉब्लम क्या है? जब तुमने हां कह ही दी है तो फिर उसे पूरा करो ना... वैसे भी तुम कोई काम अधूरा नहीं छोड़ते।” हरलीन ने टौंटिंग वे में कहा। “आप नहीं समझोगे। मुझे आपको कॉल करना ही नहीं चाहिए था।” कहकर युग कॉल कट करने को हुआ, तभी हरलीन जल्दी से बोली, “तुमने डैड से किसी भी तरह की हेल्प लेने से मना कर दिया था। क्या मैं तुम्हारे पास आऊं? हो सकता है मैं तुम्हारी हेल्प कर सकूं।” “रहने दीजिए बुआ... मैं आपकी हेल्प अच्छे से जानता हूं। आप लीगल वर्ड से जुड़ी हुई हैं और यहां आ गई तो फिर से दिन रात आपके लेक्चर शुरू हो जाएंगे। मुझे अकेले रहना है।” इस बार युग ने हरलीन के जवाब का इंतजार नहीं किया और कॉल कट कर दिया। युग के कॉल कट करते ही हरलीन ने खुद से कहा, “अजीब लड़का है। पता नहीं इसकी प्रॉब्लम क्या है? प्रॉब्लम में है तो सामने वाले को बताने से कौन सा छोटा हो जाएगा लेकिन नहीं... खुद को डेविल जो साबित करना है।” हरलीन को युग पर गुस्सा आ रहा था तभी सामने से एक लड़का वॉक करते हुए आया। वो युग की ही उम्र का था और दिखने में उन दोनों की फेशियल फीचर भी कुछ हद तक सेम थी... बस इसकी आंखों का रंग हल्का काला था। “क्या हुआ बुआ? आज आपके पॉजिटिव फेस पर इतनी नेगेटिविटी क्यों नजर आ रही है मुझे?” उस लड़के ने मुस्कुरा कर पूछा। उसके चेहरे पर भी एक पॉजिटिव वाइब थी। “अब नेगेटिव लोगों से बात करूंगी तो थोड़ी बहुत नेगेटिविटी तो आ ही जाएगी ना। किस बेवकूफ इंसान ने कहा था कि ट्विंस सेम होते हैं... कहां तुम और कहां तुम्हारा वो डेविल भाई...” बोलते हुए हरलीन के चेहरे पर गुस्सा था। फिर उसने उस लड़के की तरफ देखा और उसके गाल खींचते हुए कहा, “यू आर द एंजेल वन माय बेबी... काश युग राणा भी अपने जुड़वा भाई शब्द राणा की तरह होता।” वो शब्द राणा था। युग का जुड़वा भाई, जो उससे लगभग 5 मिनिट छोटा था। हरलीन के गाल खींचने पर शब्द ने उसकी तरफ आंखें छोटी करके देखा और फिर मुंह बनाकर कहा, “बुआ मैं इतना भी एंजेल नहीं हूं कि आप मेरे गाल खींचेंगी और मैं कुछ नहीं कहूंगा। आई एम नॉट ए किड। मैं डेविल नहीं हूं बट एंजेल कहना भी गलत होगा।” “हां एक माफिया फैमिली में एंजेल कैसे पैदा हो सकता है? तुम एक मिक्स कांबिनेशन हो, जिसमें डेविल 1 है और 99% एंजेल।” हरलीन ने सिर हिला कर कहा। “फिफ्टी फिफ्टी करती तो ज्यादा बेहतर रहता।” शब्द ने मुंह बनाकर जवाब दिया। वो दोनों चलते हुए बातें कर रहे थे। शब्द और हरलीन मिलकर उनकी फैमिली के लीगल बिजनेस को संभालते थे जबकि युग अपने दादा हर्षवर्धन राणा की तरह अंडरवर्ल्ड से जुड़ा हुआ था। उसकी फैमिली में बाकी लोग भी थे, जो अंडरवर्ल्ड से जुड़े इल्लीगल काम करते थे लेकिन शब्द और हरलीन अलग थे। “क्या हुआ उसे?” चलते हुए अचानक शब्द ने पूछा। उसके चेहरे के भाव गंभीर थे। “शायद उसे किसी के इमोशनल सपोर्ट की जरूरत है लेकिन बता नहीं रहा।” हरलीन ने जवाब दिया। “ऐसा कभी नही हुआ, जब वो इमोशनली वीक हुआ हो या उसे किसी के इमोशनल सपोर्ट की जरूरत पड़ी हो। इतने सालों में मैंने उसे कभी वीक होते नहीं देखा। मुझे कुछ यकीन सा नहीं हो रहा।” शब्द बोला। उसे हरलीन की बातों पर हैरानी हो रही थी। वो अच्छे से जानता था कि युग का अंडरवर्ल्ड में डेविल नाम ऐसे ही नहीं था। “हां वो कभी वीक नहीं पड़ा लेकिन इस बार उसकी आवाज में एक बेचैनी थी।” हरलीन ने जवाब दिया। वो बोलते हुए रुक गई। उसने शब्द के कंधे पर हाथ रख कर कहा, “क्या तुम मेरा एक काम करोगे?” “नहीं बुआ, मैं लंदन नहीं जा रहा। आप सोचिएगा भी मत कि मैं युग से मिलने वाला हूं। भले ही हम दोनों जुड़वा भाई है लेकिन हमारी बिल्कुल नहीं बनती... कभी से भी नहीं... हमने तो एक दूसरे से काफी टाइम से बात तक नहीं की है।” शब्द हरलीन के बिना बताए ही समझ गया कि वो क्या चाहती होगी। उसने सीधे-सीधे ना कहा और हरलीन को वहीं छोड़कर तेज कदमों से आगे बढ़ने लगा। “तुम दोनों की नहीं बनती होगी लेकिन दोनों बिना कहे एक दूसरे की बात समझ जाते हो। डोंट वरी मैं तुम्हें मना ही लूंगी।” हरलीन ने मुस्कुरा कर कहा और शब्द के पीछे-पीछे जाने लगी। °°°°°°°°°°°°°°°° शब्द का कैरेक्टर आपको कैसा लगा? और कहानी पढ़कर कॉमेंट किया कीजिए और साथ ही फॉलो भी।

  • 10. Under the mafia moon - Chapter 10

    Words: 1292

    Estimated Reading Time: 8 min

    हरलीन से बात करने के बाद युग सोने जा चुका था। अगली सुबह सारा की आंख खुली तो वो मूवी थिएटर में अकेली थी उसने आसपास देखा तो उसके अलावा वहां कोई नहीं था। युग की उसे कोई फिक्र नहीं थी पर कृशा को अपने पास न देखकर सारा घबरा गई। “कृशा कहा गई? कही मेरी एब्सेंस में युग ने उसे मार तो नही दिया?” सारा ने घबराई आवाज कहा और जल्दी से उठकर बाहर गई। बाहर सिक्योरिटी गार्ड्स हमेशा की तरह अलर्ट पोजिशन पर थे। उन्हें देखकर सारा ने सिर हिलाकर कहा, “ये तो इस तरह सिक्योरिटी में रहता है जैसे किसी देश का पीएम हो।” खुद से बात करते हुए सारा लिफ्ट की तरफ बढ़ी। सारा अपने रूम में पहुंची तो कृशा सोई हुई थी। उसे सही सलामत देखकर सारा ने राहत की सांस ली। सारा कृशा के पास गई और उसे कसकर हग कर लिया। “थैंक गॉड तुम ठीक हो वरना मैं अमु का सामना कभी नहीं कर पाती।” सारा की आवाज से कृशा की नींद टूटी। वो आंख बन्द किए हुए ही बोली, “मुझे भी अमु की बहुत याद आ रही है। हम यहां से नहीं निकल पाए तो क्या होगा सारा?” कृशा की बातों से सारा के चेहरे पर परेशानी के भाव थे। “तुम ओवरथिंकिंग कर रही हो कृशा... चलो उठो।” सारा उसको उठाने लगी। कृशा उठी तो सारा ने देखा उसकी आंखें लाल थी। सारा ने कृशा के दोनो कंधो को पकड़कर पूछा, “क्या हुआ? तुम रो रही थी?” “हां... क्योंकि मुझे घर जाना है सारा। मुझे डर लगता है उससे।” बोलते हुए कृशा सारा के गले लग गई। “फिर तुम ऐसा करना कि कमरे से बाहर मत निकलना। मैं सब देख लूंगी।” सारा ने उसे सहला कर कहा। कृशा ने उसकी बात पर हामी भर दी और उससे अलग हो गई। कुछ देर बाद सारा और कृशा दोनों ही नहा कर तैयार हो चुकी थी सारा ने उन दोनों का ब्रेकफास्ट रूम में ही मंगवाया था लेकिन मैन मेड सिर्फ कृशा के ब्रेकफास्ट के साथ ही पहुंची थी। “ मैंने तुमसे कहा था कि मुझे मेरा ब्रेकफास्ट भी रूम में हीं चाहिए।” सारा उसे अपनी ग्रे आइज से घूरते हुए बोली। उसकी बात सुनकर मेड ने नज़रे नीचे करके जवाब में कहा, “सर ने आपको नीचे बुलाया है।” सारा ने उसे इशारे से वहां से जाने को कहा। मेड के जाते ही वो कृशा से बोली, “मैं आती हूं।” सारा वहां से जाने को हुई तभी उसके पीछे से कृशा ने तेज आवाज में कहा, “संभालकर सारा, वो तुमसे प्यार नहीं करता... जानती हो ना उसे क्या चाहिए।” “और उसे जो चाहिए, वो उसे कभी नही मिलेगा।” सारा ने बिना मुड़े कहा और वहां से चली गई। कृशा ब्रेकफास्ट करने में बिजी थी तो वही सारा युग के साथ डाइनिंग एरिया में थी। दोनो चुपचाप ब्रेकफास्ट कर थे। युग को शांत देखकर सारा को भी हैरानी हो रही थी क्योंकि पिछले दो दिनों से वो उसे इंप्रेस करने के लिए कुछ ना कुछ किए जा रहा था जबकि अब उसका चेहरा बिल्कुल शांत था। उन दोनों के बीच एक अजीब चुप्पी छाई हुई थी। उस चुप्पी को तोड़ते हुए सारा ने पूछा “तो क्या सोचा है तुमने?” “किस बारे में?” युग ने सवालिया नजरों से उसकी तरफ देखकर पूछा। “उस चीज के बारे में जिसके लिए तुमने हम दोनों को किडनैप किया है। तुम्हें उन सातों पड़ावों को पार करना है। तुम कृशा को छोड़ दो तो शायद मैं तुम्हारी हेल्प कर सकती हूं। वो इनोसेंट है। उसको इन सब में ट्रेप मत करो।” सारा ने कहा। कृशा को डरा हुआ देखकर उसने ये डिसीजन लिया था। “हर चीज वक्त के साथ हो तभी अच्छी लगती है सारा सिंघानिया। मैंने कहा ना पहले मैं तुम्हें 10 दिन का टाइम दूंगा, जिसमें से 2 दिन बीत चुके हैं। बचे 8 दिन। इन आठ दिनों में खुद को मुझसे शादी करने के लिए तैयार कर लो। प्यार से करोगी तो अच्छी बात है वरना मैं जबर्दस्ती करने से भी पीछे नहीं हटूंगा।” युग ने सख्त आवाज में कहा। उसकी बात सुनकर सारा के चेहरे पर तंज भरी मुस्कराहट थी। उसने उसी लहजे में जवाब देते हुए कहा, “मुझे कोई हैरानी नहीं होगी अगर तुम ऐसा करोगे भी... तुमसे और कोई उम्मीद की भी नहीं जा सकती। पहले जबरदस्ती हमें यहां किडनैप करके ले आए और अब शादी की बात कर रहे हो।” “इतना मासूम मत बनो। जबरदस्ती जैसा शब्द तुम्हारे मुंह से अच्छा नहीं लगता। तुम कृशा नहीं हो सारा सिंघानिया, जो मासूम बनने का दिखावा कर रही हो... या इतनी इनोसेंट हो कि तुमने कभी अपनी जिंदगी में किसी का मर्डर होते तक नहीं देखा।” युग ने कहा। “चलो तुमने माना तो सही कृशा इनोसेंट है। उसे जाने दो युग।” सारा बोली। वो शांति से बात कर रही थी ताकि वो सारा को जाने दे। “ठीक है जाने दूंगा... प्रॉमिस करता हूं उसे कुछ नहीं करूंगा। माफिया वर्ल्ड से बिलॉन्ग करती हो तो डेविल के वादे के बारे में सुना ही होगा। मैं कितना भी बुरा हुं लेकिन कभी किसी को धोखा नहीं देता... और मेरा वादा वो पत्थर की लकीर होती है।” युग ने सख्त शब्दों में कहा। सारा ने उसकी बात पर हां में सिर हिलाया। वो दोनों पहली बार जरूर इस विला में मिले थे पर सारा पहले से उसके बारे में काफी कुछ जानती थी और उनमें से एक था, डेविल का वादा, जो वो कभी नहीं तोड़ता था। “ठीक है। फिर बताओ मुझे क्या करना होगा? मैं तैयार हूं।” सारा ने कहा। सारा के सब कुछ करने पर तैयार होने पर युग के चेहरे पर एविल स्माइल थी। कुछ भी कहने से पहले उसने सारा से एक बार फिर पूछा, “अच्छे से सोच लो सारा सिंघानिया। युग राणा धोखा देने वालों को माफ नहीं करता। तुमने कुछ करने का सोचा है तो तुम्हें वो करना होगा जो मैं कहूं। जैसे मैं कहूं।” उसे हां कहने से पहले सारा ने आंखें बंद करके एक बार फिर सोचा तो उसकी आंखों के सामने कृशा का मासूम चेहरा आ रहा था। फिर उसने अमृता के बारे में सोचा जिसने कभी उन दोनों में फर्क नहीं किया। उसे भी उतना ही प्यार किया जितना वो कृशा से करती थी। युग को हां कहना अंधेरे कुएं में कूदने जैसा था फिर भी सारा ने आंखें खोली और हां में सिर हिलाया। उसने अपना हाथ आगे बढ़ाकर कहा, “ठीक है मैं तुम्हारी हर बात मानने के लिए तैयार हूं। जैसे तुम कहो जिस हिसाब से तुम कहो... लेकिन तुम कृशा को सही सलामत सिंघानिया मेंशन पहुंचाओगे।” “ठीक है लेकिन एक हफ्ते बाद। मैं उसे कुछ नहीं करूंगा, ना ही कुछ कहूंगा। इन फैक्ट उसे प्रिंसेस वाला ट्रीटमेंट दूंगा... पर एक हफ्ते उसे यहां रहना ही होगा।” युग ने अपना हाथ सारा के हाथ पर रखकर वादा किया। “और इस एक हफ्ते रुकने का कारण?” सारा ने हैरानी से पूछा। “कहीं तुम मुझे धोखा तो नही देने का सोच रहे?” “नहीं। मुझे धोखे वाले शब्द से सख्त चिढ है। इसलिए मैं ऐसा नहीं करूंगा। रही बात एक हफ्ते रुकने की तो एक बात साफ है वो वापस जाकर वहां सब कुछ बताएगी। उसे भी पता चलना चाहिए युग राणा की होने वाली वाइफ सारा सिंघानिया को कितने अच्छे से यहां पर रखा गया है।” युग ने इविल स्माइल करते हुए कहा। सारा ने इस बारे में ज्यादा सोचा नहीं और उसने हां कह दी। उसे किसी और बात पर यकीन हो या ना हो लेकिन एक बात पर उसे पुरा विश्वास था युग कृशा को अब कुछ नहीं करेगा। °°°°°°°°°°°°°°°° क्या सच में युग ने कृशा को एक हफ्ता यही सोचकर रोका है या कुछ और बात है। अब डेविल है तो इतना सीधा साधा तो होने से रहा। पर हां वादा किया है तो कृशा को कुछ नहीं करेगा। कहानी कौन सा दिलचस्प मोड़ लेती है इसके लिए बने रहे मेरे साथ। मिलते हैं अगले पार्ट पर।

  • 11. Under the mafia moon - Chapter 11

    Words: 1592

    Estimated Reading Time: 10 min

    कृशा को युग के चंगुल से आजाद करवाने के लिए सारा ने युग की हर एक बात मानने के लिए हां कह दी थी। उसके प्रॉमिस करने पर युग भी कृशा को वापिस भेजने के लिए मान गया था लेकिन उसने कृशा को एक हफ्ते बाद घर भेजने की बात रखी। युग से कृशा को एक हफ्ते तक वहां रखने का रीजन जानने के बाद सारा ने कहा, “ठीक है, फिर एक हफ्ते तक कृशा मेरे साथ रह लेगी। वो कुछ भी कहे, कुछ भी करे, तुम उस पर गुस्सा नहीं करोगे।” युग ने हां में सिर हिलाया और आगे कहा, “कहा ना प्रॉमिस। एक हफ्ते तक वो यहां रह सकती है लेकिन तुम्हारे साथ नहीं... तुम्हारे कमरे में...” युग की बात सुनकर सारा ने उसकी तरफ सवालिया नजरों से देखा। वो कुछ पूछती उससे पहले युग ने कहा, “तुमने कहा ना तुम मेरी सारी बातें मानोगी तो उसमें पहली शर्त ये है कि आज से तुम मेरे साथ मेरे रूम में रहोगी।” युग की बात सुनकर सारा के चेहरे की हवाइयां उड़ गई थी। उसने हड़बड़ा कर कहा, “देखो ये... ये गलत है। तुम मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते। तुमने मेरा दिल जीतने की बात कही थी। फिर तुम शादी से पहले एक कमरे में... मैं तुम्हारे साथ कैसे रह सकती हूं?” “अरे अरे तुम तो अभी से घबरा गई। ये तो शुरुआत है सारा सिंघानिया। इतनी सी बात पर घबरा गई तो आगे कैसे चलेगा।मेरी लिस्ट काफी लंबी है... चलो अब कृशा को अच्छे से बाय बोल दो और मेरे रूम में आ जाओ। तुम्हारा सामान जैक शिफ्ट करवा देगा।” युग बोला। कृशा के लिए सारा ने युग की हर बात मानने के लिए हां कह तो दी थी लेकिन अब उसे पछतावा हो रहा था। उसने कुछ पल सोच कर कहा, “देखो मैं तुम्हारे साथ ज्यादा से ज्यादा टाइम बिताऊंगी लेकिन रात को मैं तुम्हारे साथ नहीं सो सकती। मुझे ऐसी नींद नहीं आती।” “डोंट वरी मेरे होते हुए तुम्हें किसी चीज की चिंता करने की जरूरत नहीं है। चलो फिर अपने कमरे में मिलते हैं।” युग ने कहा और वहां से उठकर जाने लगा। फिर वो कदम चलने के बाद रुका और सारा की तरफ मुड़कर बोला, “सारा तुम्हें सुलाने की जिम्मेदारी मेरी। सुना है ज्यादा थकने पर जल्दी और अच्छी नींद आती है।” युग ने इविल स्माइल के साथ आई विंक की ओर वहां से चला गया। उसकी बातें सारा के दिल में डर पैदा कर रही थी। युग के जाने के बाद भी सारा ब्रेकफास्ट टेबल पर बैठी रही। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो आगे की चीजें कैसे हैंडल करेगी। उसने अपने सिर पर हाथ रख कर कहा, “ये तो वही बात हो गई आप बैल मुझे मार... दादू आपको जल्द से जल्द कुछ करना होगा वरना यहां एक बार चीजें बिगड़ गई तो आप अच्छे से जानते हो कुछ भी ठीक नहीं होने वाला।” सारा अपनी जगह से उठी और कमरे में आई। कमरे में कृशा बोर हो रही थी इसलिए इधर-उधर वॉक करने लगी। सारा के आते ही कृशा ने कहा, “तुमने कुछ ज्यादा ही टाइम नहीं लगा दिया? 2 घंटे तक कौन ब्रेकफास्ट करता है।” “एक प्रॉब्लम हो गई है कृशा...” सारा ने कहा और बेड पर बैठ गई। फिर वो उसे युग और उसकी ब्रेकफास्ट टेबल पर जो भी बात हुई थी, उसके बारे में बताने लगी, “मैंने युग को कन्वेंस कर लिया था कि वो तुम्हें यहां से जाने दे... बदले में मैं उसकी सारी बातें बिना किसी ना नुकुर के मानूंगी।” “तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था सारा। मैं तुम्हें अकेले छोड़कर नहीं जाऊंगी।” कृशा बोली। “अगर तुम यहां से निकल गई तो मुझे पूरा यकीन है कि वहां जाकर दादू को सब समझा दोगी। यहां क्या है, कैसे हैं, क्यों है, फिर वो उसे हिसाब से प्लान करके मुझे यहां से निकाल लेंगे। इसके लिए तुम्हारा यहां से निकलना जरूरी है।” सारा ने उसे अच्छे से समझाया कि उसने युग की सारी बात मानने के लिए हां क्यों कही थी। “तो क्या वो मुझे वापस न्यूयॉर्क भेज देगा?” कृशा ने आंखें छोटी करके पूछा। “हां लेकिन अभी नहीं। उसे एक हफ्ते का टाइम चाहिए। मैं अच्छे से जानती हूं उसने ये एक हफ्ता क्यों लिया होगा। बाकी इस बात से अब फर्क नहीं पड़ता। उसने प्रॉमिस किया है वो तुम्हें कुछ नहीं करेगा तो मैं तुम्हारी तरफ से बेफिक्र हूं। उसकी पहली शर्त ये है कि मैं उसके साथ उसके कमरे में रहूं।” जैसे ही सारा ने बताया कृशा के चेहरे का रंग उड़ गया। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो सारा की बात का क्या जवाब दे। उसे चुप देखकर सारा बोली, “बस यही प्रॉब्लम आ रही है।” “तुम चिंता मत करो और सब मुझ पर छोड़ दो। मैं संभाल लूंगी। क्या उसने सच में प्रॉमिस किया है कि वो मुझे कुछ नहीं करेगा?” कृशा ने एक बार फिर कंफर्म किया, जिस पर सारा ने हां में सिर हिलाया। कृशा ने गहरी सांस लेकर छोड़ी और शांत लहजे में कहा, “ठीक है। मैं अच्छे से जानती हूं मुझे तुम तक कैसे पहुंचना है, बस तुम थोड़ा केयरफुल रहना। देखो सारा, मुझे इतनी नॉलेज नहीं है कि इस विला की सिक्योरिटी कैसी है या मैं दादू आपको अच्छे से बता पाऊंगी या नहीं... तो इन सब के बारे में तुम पता लगाओगी और जाने से पहले मुझे हर एक चीज अच्छे से समझाओगी।” “वो सब तुम मुझ पर छोड़ दो। मैं युग के पास जा रही हूं। मुझे उसके साथ रहना होगा।” सारा उठाते हुए बोली। उसने कृशा को गले लगाया और फिर वहां से जाने लगी। सारा जैसे ही दरवाजे के पास पहुंची, कृशा ने उसके पीछे से कहा, “सारा उसे अपने करीब मत आने देना।” “क्या तुम्हें लगता है मैं उसे ऐसा कुछ भी करने दूंगी?” सारा ने कृशा की तरफ देखकर जवाब दिया। उसके चेहरे पर स्माइल थी। उसके फेस पर स्माइल देखकर कृशा भी मुस्कुराई और अपने दोनों हाथ ऊपर करके थम्स अप करके कहा, “ऑल द वेरी बेस्ट सारा। कभी मत भूलना तुम कौन हो और क्या कर सकती हो।” “हां युग राणा को भी पता चलना चाहिए कि उसका पाला किसी से पड़ा है।” सारा ने जवाब दिया और वहां से चली गई। हाउस हेल्पर ने सारा को युग के फ्लोर तक पहुंचा दिया था। युग का फ्लोर अपने आप में ही एक घर जैसा था, जहां उसके रूम के अलावा ऑफिस और बाकी सारी चीज उसकी जरूरत के हिसाब से बनी हुई थी। उस फ्लोर की खास बात ये थी कि वहां सिर्फ लिविंग एरिया में ही कैमरास लगे थे और वहां उसके अलावा और कोई सिक्योरिटी नहीं थी। युग उस वक्त अपने फ्लोर पर मौजूद नहीं था तो सारा घूमते हुए उस फ्लोर को अच्छे से ऑब्जर्व करने लगी। ______________ सिंघानिया विला, न्यूयॉर्क सिटी। अमृता एक मीटिंग रूम जैसी जगह पर मौजूद थी। वहां टेबल के ठीक सामने आदित्य सिंघानिया बैठे थे तो उनके पास में विक्रम खड़ा था। सामने लगे बड़े से प्रोजेक्टर पर युग की फोटो थी। उसके सामने अमृता खड़ी थी। “लगता है ये सिर्फ नाम से ही डेविल है। शक्ल तो काफी अच्छी है इसकी... जरूर गलत लाइन में आ गया होगा।” विक्रम ने बड़बड़ा कर कहा। आदित्य ने उसकी बात सुन ली थी। उन्होंने उसकी बात को इग्नोर किया और फिर अमृता से कहा, “जब मैं माफिया किंग हूं तो इस लड़के के पास पावर कहां से आई? क्या कोई ऐसा है जो मेरे खिलाफ है और मुझे इस पोजीशन से हटाना चाहता है?” “सामने से तो कोई नहीं आ रहा लेकिन आप भी अच्छे से जानते हैं पीछे ही पीछे कौन आपका दुश्मन है... और रही बात डेविल की, तो वो इस वजह से पावरफुल है क्योंकि उसे रशियन और इटालियन माफिया का सपोर्ट है। आप अच्छे से जानते हो रशियन माफिया कितना पावरफुल है और इस लड़के की वहीं पर अच्छी खासी चलती है।” अमृता ने बताया। उसकी बात सुनकर आदित्य को भी हैरानी हुई। उन्होंने उसी लहजे में कहा, “अजीब बात है जिस रशियन माफिया को आज तक कोई कंट्रोल नहीं कर पाया उसे ये कल का आया लड़का कंट्रोल कर रहा है।” बोलते हुए आदित्य के चेहरे पर चिंता की लकीरें थी। उन्हें पहली बार अपनी कुर्सी खतरे में नजर आ रही थी। आदित्य अपनी चेयर से उठे और तेज आवाज में कहा, “मुझे अगले एक हफ्ते में सारा सिंघानिया अपने विला में चाहिए। गलती से भी ये लड़का सारा को किसी भी तरीके से इफेक्ट ना कर पाए।” अपनी बात बोलकर आदित्य वहां से चले गए। उनके जाने के बाद विक्रम ने कहा, “सारा इतनी खास है तो उससे जुड़ी जानकारी बाहर लीक नहीं करनी चाहिए थी।” “मैने तुमसे कहा ना अपना मुंह बंद रखना। तुम्हें पूरी बात पता नहीं है, तो कुछ भी मत बोलो। सारा सिंघानिया इस विला से बाहर भी नहीं निकली थी और आज तक किसी ने ठीक से उसकी शक्ल नहीं देखी है। फिर पता नहीं इसने यहां की सिक्योरिटी हैक करके सारा को कैसे उठा लिया।” अमृता ने गुस्से में जवाब दिया और वो भी वहां से चली गई। ये बात सच थी कि सारा खास थी इस वजह से उसके दुश्मन भी बहुत थे। सारा को पार्टी से लेकर एजुकेशन तक या कुछ भी चीज चाहिए होती थी तो वो सिंघानिया विला में ही आती थी। बहुत कम समय ऐसा होता था जब सारा ने घर से बाहर कदम भी रखा था। फिर ऐसे में सारा सिंघानिया के बारे में युग राणा को पता चलना सच में चौंकाने वाली बात थी। °°°°°°°°°°°°°°°° युग को सारा के बारे में किसके बताया होगा? क्या सारा सिंघानिया डेविल के चंगुल से निकल पाएगी या अब कृशा उसकी जान बचाएगी। आगे के भागों पर बने रहिए मेरे साथ। थैंक्स फॉर योर सपोर्ट।

  • 12. Under the mafia moon - Chapter 12

    Words: 1803

    Estimated Reading Time: 11 min

    कृशा से मिलकर आने के बाद सारा युग के कमरे में आ चुकी थी। वो उसके कमरे को अच्छी तरह ऑब्जर्व कर रही थी। उसके कमरे का इंटीरियर डार्क थीम में था तो वही दीवारों पर काफी डार्क और वाइल्ड मॉडर्न आर्ट पेंटिंग्स लगी हुई थी। “इसका तो रूम देखकर ही कोई बता देगा कि ये इंसान कितना वाइल्ड है। इन पेंटिंग को देखने के बाद ये तो कोई नहीं कहेगा कि ये एक आर्ट लवर है।” सारा ने सिर हिला कर कहा। उसका ध्यान सामने की तरफ था, तभी दरवाजे पर खड़े युग ने तेज आवाज में कहा, “किसी को भी मेरे या इस रूम के बारे में अपना ओपिनियन देने के लिए इस रूम में आना होगा और इसकी इजाजत किसी को नहीं है। यू आर द फर्स्ट वन जो मेरे अलावा इस रूम में आई हो।” युग की आवाज सुनकर सारा ने उसकी तरफ देखा। युग ने पूरे एटीट्यूड से उसे जवाब दिया था। सारा ने भी उसी के एटीट्यूड से ज़वाब में कहा, “ओह तो आई एम देट अनलकीएस्ट पर्सन।” सारा की बात सुनकर युग ने तिरछी मुस्कुराहट दी और फिर सारा के पास आकर हल्के सर्द लहजे में कहा, “नो... यू आर लकीएस्ट वन...” बोलते हुए युग ने सारा को कमर से पकड़ कर अपने करीब कर लिया। दोनो एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे। युग ने उसकी आंखों में देखते हुए कहा, “तुम्हारी ग्रे आईज तुम्हे और भी स्पेशल बनाती है।” “लेकिन मुझे तुम्हारी आंखों में देखकर डर लग रहा है युग राणा... तुम्हारी आंखों में कोई इमोशन नही दिखता है। ये हेजल ब्लू आइज किसी समुंदर की तरह गहरी है... और उसी की तरह अपने अंदर कई राज भी समेट रखे है।” युग की आंखों में देखते हुए सारा ने उसके बारे में काफी कुछ कह दिया था। सारा ने जो भी कहा था वो काफी हद तक सही था। उसे सुनने के बाद युग के चेहरे पर हल्की स्माइल थी। “इतने कम टाइम में ही काफी कुछ जान लिया है मेरे बारे में... लगता है दस दिन का टाइम मैंने तुम्हे ज्यादा दे दिया। तुम्हे तो उससे पहले ही मुझसे प्यार हो गया है।” युग का कॉन्फिडेंस देखकर सारा ने मुस्कुरा कर कहा, “शक्ल देखी तुमने आईने में अपनी...” युग ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया बल्कि उसे कमर से पकड़े पकड़े ही सामने लगे बड़े से आईने की तरफ कर दिया। युग सारा के कमर में हाथ डाले उसके पीछे खड़ा था। “तुम खुद ही देख लो और डिसाइड करो कि किसकी शक्ल कितनी अच्छी है।” युग बोला। पिछले कुछ दिनों में सारा के साथ काफी कुछ हो गया इस वजह से उसे खुद को मेंटेन करने का भी मौका नहीं मिला। वो चेहरे से थोड़ी थकी हुई लग रही थी और उसे वक्त ठीक से तैयार भी नहीं थी जबकि युग एज यूजुअल वेल मेंटेन था और काफी हैंडसम भी लग रहा था। “शक्ल अच्छी होने से कुछ नहीं होता, दिल भी देखा जाता है।” सारा ने जवाब दिया। “पर यहां तो बात शक्ल की हो रही है।” युग ने आईने में सारा की तरफ देखकर कहा। सारा ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया। वो आईने में एकटक युग को देख रही थी, जिसकी पर्सनेलिटी और लुक काफी इंप्रेसिव था। युग ने मुस्कुराते हुए सारा को छोड़ दिया। वो बाहर जाने लगा और जाते हुए गुनगुना रहा था। “ऐसे न मुझे तुम देखो... सीने से लगा लूंगा। तुमको मैं चुरा लूँगा तुमसे, दिल में छुपा लूंगा।” गुनगुनाते हुए युग बाहर चला गया। युग के जाते ही सारा के फेस पर हल्की स्माइल थी। एक पल के लिए वो उसमें खो गई थी। फिर उसने अपने सिर पर हल्के से मारा। इसी के साथ उसके चेहरे के भाव सख्त हो गए थे। “कम ऑन सारा सिंघानिया, ड्रामा करना है। ये रियलिटी नहीं है। वैसे भी ये मेरे टाइप का नहीं है। मुझे गुड बॉयज पसंद है।” सारा ने अपनी आईज रोल करके कहा और फिर अपना सामान मैनेज करने लगी। ____________________________ पूरे दिन युग अपने कमरे में नहीं आया था। सारा कमरे में अकेली थी। शाम के लगभग 6:00 बजे के करीब उसके पास इंटरकॉम पर कॉल आया, जिसमें युग ने उसे घर के गार्डन एरिया के पीछे के हिस्से में बुलाया था। “अब कौन सा नया सरप्राइज तैयार कर रखा है तुमने युग राणा।” खुद से बातें करते हुए सारा ने ओवरकोट पहना और बाहर जाने लगी। लिफ्ट के पास उसे हया मिली, जो कि उसका ध्यान रखने के लिए असाइन की गई थी। सारा उसके साथ गार्डन एरिया के पिछले हिस्से में पहुंची तो वहां अलग-अलग तरह के घोड़े थे। वो सब के सब रेयर स्पेसीज के थे। युग उनमें से एक व्हाइट घोड़े के पास खड़ा उसे सहला रहा था। उसने ब्राउन लेदर ओवरकोट पहना था। जैसे ही सारा ने उसे देखा हैरानी से उसकी आंखें बड़ी हो गई। वो दौड़कर युग के पास गई। सारा ने उसके पास जाकर हल्का हांफते हुए कहा, “क्या सच में ये सब तुम्हारा है? आई मीन इट्स सो लैविश।” “तुम तो ऐसे रिएक्ट कर रही हो जैसे ये सब पहली बार देख रही हो। तुम आदित्य सिंघानिया की ग्रैंड डॉटर हो। सीरियसली तुमने ये सब पहली बार देखा है?” युग ने हैरानी जताते हुए पूछा। “मैंने ये सब देखा है और हमारे पास में भी सब कुछ है पर हमें उन्हें इतना पास से देखने की इजाजत नहीं थी। तुम जानते हो ना मैं कितनी इंपॉर्टेंट हूं, इस वजह से दादू मेरी सिक्योरिटी का खास ध्यान रखते थे।” अपनी एक्साइटमेंट में सारा काफी कुछ बोल गई। फिर उसे एहसास हुआ तो उसने अपनी आंखें छोटी की और फिर युग से पूछा, “तुमने कभी बताया नहीं कि तुम मुझ तक कैसे पहुंचे? मुझे बहुत कम लोगों ने देखा है। यहां तक कि हमारे घर की सिक्योरिटी तक पहुंचना नामुमकिन है। तुमने हमारे हेड सिक्योरिटी गार्ड को किडनैप किया और मार दिया। ये सब कैसे किया तुमने?” “तुम भूल गई हो कि तुम किसके सामने खड़ी हो। युग राणा के लिए कोई भी चीज इंपॉसिबल नहीं है। आज तुमने पहली बार कुछ qपूछा है.. कभी टाइम मिलने पर आराम से सब बताऊंगा। अभी इसको एंजॉय करते हैं।” बोलते हुए युग ने अपना हाथ सारा की तरफ बढ़ाकर पूछा, “डू यू वॉन्ना राइड विथ मी।” सारा ने हां में सिर हिलाया। युग पहले खुद घोड़े पर बैठा फिर उसने सारा का हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच कर आगे बिठाया। वो दोनों वहां के एक लंबे से यार्ड पर हॉर्स राइडिंग कर रहे थे, जहां सारा एक्साइटेड होकर सब कुछ देख रही थी। पास में बैठे हुए दोनों एक दूसरे के काफी करीब थे। सारा को डर लग रहा था इसलिए उसने युग के हाथ को कसकर पकड़ रखा था। “बस अब बहुत हो गया। मैं थक गई हूं।” सारा ने कहा। वो दोनों लगभग आधे घंटे से भी ज्यादा समय से राइड कर रहे थे इसलिए सारा को थकान महसूस होने लगी थी। उसके कहते ही युग ने घोड़े को रोका और फिर खुद नीचे उतरकर सारा को नीचे उतारा। उसने सारा के चेहरे के तरफ गौर से देखा और फिर कहा, “तुम काफी थकी हुई लग रही हो। तुम्हें अब हमेशा के लिए यही रहना है। तुम्हें अपनी डील याद होगी तो अपनी जिद छोड़ो और खुद की केयर करो।” सारा ने उसकी बात पर हामी भरी। युग ने इशारे से दूर खड़ी हया को बुलाया और उसके साथ सारा को भेज दिया था। सारा के जाने के बाद वो भी किसी काम से बाहर की तरफ जा रहा था तभी उसे कृशा दिखाई दी, जो एक छोटे से पप्पी के साथ खेल रही थी। “इस गंदी सी जगह पर सिर्फ तुम एक ही क्यूट इंसान मिले हो। ऐसा करते हैं हम दोनों फ्रेंडशिप कर लेते हैं। दो क्यूट इंसान मिलकर इस डेविल की लैंड को अच्छा बनाने की कोशिश करते हैं।” कृशा पप्पी को सहलाते हुए उससे बातें कर रही थी। कृशा को वहां देखकर ना चाहते हुए भी युग के कदम उसकी तरफ बढ़ गए। युग को अपने सामने देखकर कृशा ने जल्दी से उसे पप्पी को नीचे छोड़ दिया। “अच्छा तो ये जगह गंदी सी है?” युग ने उसकी तरफ घूरकर देखा और पूछा। कृशा ने ना में सिर हिलाया और कहा, “मैं... मैं अपने रूम में जा रही हूं।” युग को टालने के लिए कृशा वहां से जाने लगी तभी युग ने तेज आवाज में कहा, “रुको...” युग की सख्त आवाज सुनकर कृशा वही रुक गई। युग धीमे कदमों से चलकर उसके सामने गया। कृशा ने ऑफ शोल्डर स्वेटर पहना था और बालों को बन के रूप में बांध रखा था। युग की नजर उसकी गर्दन पर थी। अचानक युग ने सर्द लहजे में कहा, “हाइड योर हिकी...” “क्या?” कृशा ने हैरानी से पूछा और फिर युग की नजरों को फॉलो करते हुए अपनी गर्दन पर देखा तो वहां एक लाल निशान था, जो कल रात युग के बाइट करने की वजह से बना था। कृशा कुछ कह पाती उससे पहले युग ने अपना हाथ बढ़ाकर कृशा के बालों को खोल दिया। फिर उसने कृशा के बालों को सेट करते हुए दोनों तरफ से आगे कर दिया। अब कृशा की गर्दन पर बना बाइट का निशान बालों से ढक चुका था। “इसे किसी भी तरह से हाइड कर लेना... ये सारा को दिखना नहीं चाहिए।” कहकर युग वहां से चला गया। कृशा अभी भी वहां पर खड़ी युग को जाते हुए देख रही थी। उसके दूर जाने पर कृशा ने बड़बड़ा कर कहा, “हां तो किसने कहा था कि आकर मुझे इतना जोर से पकड़ ले... और किस करते हुए बाइट कौन करता है? जंगली कही का...” कृशा की नजरों में युग के लिए गुस्सा था। युग के जाने के बाद कृशा भी वहां से चली गई। °°°°°°°°°°°°°°°° एक और कहानी का प्रोमो.. टाइटल "डेस्टिनी: अ टेल ऑफ लव" है, जो मेरे प्रोफाइल पर मिल जाएगी। अनुष्का सिंह ओबेरॉय, एक फेमस फिल्म स्टार, जिसकी एक्सीडेंटल मौत हो जाती है। उसकी जुड़वा बहन आयुष्का सिंह ओबेरॉय अपनी बहन की मौत का जिम्मेदार आरव खुराना को समझती है। क्योंकि मौत के आखिरी समय वो आरव के साथ थी। आरव खुराना, जो लोगो की नजरों में एक कैसोनोवा बिजनेस मैन है जबकि हकीकत इससे बिल्कुल परे है। आयुष्का की जिंदगी का एक ही मकसद है आरव खुराना को बर्बाद करना। आरव को बर्बाद करने के लिए आयुष्का हर तरीका अपनाती है। आरव को बिजनेस मैन समझने वाली आयुष्का को जब उसके माफिया से जुड़े होने की सच्चाई पता चलेगी, तो क्या नया मोड़ आएगा इनके रिश्ते में। वही औरतों से नफरत करने वाला आरव आयुष्का को अपना समझ पर प्यार में धोखा बर्दास्त कर पाएगा? आयुष्का के बदले से अनजान आरव जब सच में उसे दिल दे बैठेगा, तो सच पता चलने पर इनके रिश्ते में नया मोड़ आने वाला है। इनका ये नफरत भरा रिश्ता क्या मोड़ लेगा, जब किस्मत इन्हें एक दूसरे के सामने लाएगी। क्या किस्मत की डोर से बंधे ये दो दिल कभी मिल पाएंगे या दोनो के बीच की नफरत जीत जाएगी।

  • 13. Under the mafia moon - Chapter 13

    Words: 1495

    Estimated Reading Time: 9 min

    युग अपने काम से मलिक के साथ बाहर गया था। पीछे से सारी सिक्योरिटी की जिम्मेदारी युग के मैनेजर केविन और उसकी सेक्रेटरी जेनी की थी। वो दोनो विला के ऑफिस रूम में थे तभी केविन के पास सीसीटीवी कंट्रोल रूम से कॉल आया। कॉल जेनी ने अटेंड किया था। विला के सिक्योरिटी हेड ने कॉल पर जेनी से कहा, “हेलीपैड पर एक चॉपर लैंड होने वाला है। इस पर राणाज का नाम लिखा हुआ है।” “तो क्या बिग बॉस लंदन आए हैं? युग सर भी यहां पर नहीं है। तुम ऐसा करो लैंड करवाने के बाद वहां पूरी टीम को भेज दो। मैं केविन के साथ पहुंचती हूं।” कह कर जेनी ने कॉल कट कर दिया। वो लगभग 28 साल की लड़की थी, जो इंडो ब्रिटिश थी। उसने ब्लैक सूट पहना था और बालों को डच स्टाइल चोटी के रूप में बांध रखा था। इस लुक में वो काफी प्रोफेशनल लग रही थी। हेड सिक्योरिटी से बात करने के बाद जेनी ने केविन की तरफ देखा। उसने भी ब्लैक कलर का सूट पहना था। “युग सर को आने में लगभग 2 घंटे का टाइम लगेगा। आई होप ये बिग बॉस ही हो, ना कि उनका कोई और फैमिली मेंबर।” केविन बोला। “हां कोई और हुआ तो उनका मूड खराब हो जाएगा। तुम ऐसा करो यहां का संभालो। मैं देखती हूं कौन आया है।” जेनी ने जवाब दिया। केविन ने हां में सिर हिलाया और जेनी के कहे मुताबिक वहीं रुक गया। वहीं जैनी हेलीपैड के पास पहुंची। चाॅपर लैंड कर चुका था। जेनी ने जब डोर से शब्द राणा को बाहर निकलते देखा तो उस ने गहरी सांस लेकर छोड़ी। “ये बाॅस का भाई हैंडसम जरूर है लेकिन किसी काम का नहीं। चाॅपर में आया है इसका मतलब रुकेगा। ये जानता नहीं है क्या यहां ये एक अनवांटेड गेस्ट के अलावा और कुछ नहीं है। फिर भी मुंह उठाकर चला आता है।” जेनी ने बड़बड़ा कर कहा। फिर उसने शब्द की तरफ देखा जिसने उसे देखकर स्माइल पास की। जेनी ने जवाब में सिर हिला दिया। वो उसके पास जाकर बोली, “आपको पहले कॉल कर देना चाहिए था। बाॅस किसी मीटिंग की वजह से बाहर है। मुझे नहीं लगता कि आपके रुकने तक वो वापस लौट पाएंगे।” “आई नो जेनी, तुम ये सब मुझे यहां से भगाने के लिए बोल रही हो पर इस बार मैं कुछ घंटे के लिए नहीं आया हूं... और हां, इस बार मैं तुम्हारे बॉस से मिलने नही, उनके साथ रहने के इरादे से आया हूं।” शब्द ने आई विंक करके कहा और फिर अंदर की तरफ इशारा करके बोला, “मेरा लगेज मेरे रूम तक पहुंचा देना।” शब्द पूरे एटीट्यूट से अंदर की तरफ जा रहा था तो वही जेनी को उस पर गुस्सा आ रहा था‌। वो पैर पटकते हुए बोली, “मैं क्या इसकी सर्वेंट हूं जो इसका सामान इसके कमरे तक पहुंचा दूं।” जेनी ने पास खड़े गार्ड के जरिए शब्द का सामान निकलवाया और अंदर जाने लगी। जैसे ही शब्द अंदर पहुंचा, वहां उसकी नजर कृशा और सारा पर पडी़, जो दोनों विला के पोर्च एरिया में थी। शब्द ने एक नजर उन दोनों की तरफ गौर से देखा और फिर उनके पास गया। उसने सारा की तरफ हाथ बढ़ाकर कहा, “ओह तो तुम हो वो, जिसे यहां किडनैप करके लाया गया है। तुम्हारा तो समझ आता है लेकिन ये कौन है?” शब्द ने कृशा की तरफ इशारा करके पूछा। “मैं इसकी फ्रेंड हूं और गलती से यहां आ गई। कोई बात नहीं।‌यहां गलती से आई हूं तो वापस भी चली जाऊंगी।” कृशा ने जवाब दिया। उसके चेहरे पर शब्द को देखकर हल्की स्माइल की। उसकी बात सुनकर शब्द भी मुस्कुराया और जवाब में कहा, “लगता है तुम भूल गई हो कहां पर खड़ी हो। ये डेविल्स लैंड है। यहां पर आना और जाना दोनों डेविल की इजाजत से होता है।” “तुम भी तो आए ही हो ना? क्या डेविल के भाई को भी यहां आने के लिए उसकी परमिशन की जरूरत पड़ती है।” कृशा ने उसकी तरफ घूर कर देखा। वही शब्द और सारा दोनों ही उसकी तरफ हैरानी से देख रहे थे। “तुम्हें कैसे पता मैं उसका भाई हूं। तुम तो यहां पहली बार आई हो?” शब्द ने चौंकते हुए पूछा। “वो इसलिए क्योंकि तुम दोनों की फेशियल फीचर काफी हद तक मिलती है।” कृशा ने कंधे उचका कर जवाब दिया। “आई होप तुम यहां से निकल पाओ। युग अभी बाहर गया है। तुम दोनों चाहो तो हम बात कर सकते हैं।” शब्द ने कहा। युग की गैर मौजूदगी में वो उन दोनों से काफी कुछ जानना चाहता था। सारा या कृशा दोनों में से ही कोई जवाब देता उससे पहले पीछे से जेनी की तेज आवाज आई, “यहां मेल मिलाप करने की कोई जरूरत नहीं है। सर यहां पर नहीं है इसका मतलब ये नहीं कि तुम सब मिलकर यहां किटी पार्टी करो। “और तुम्हें क्यों जलन हो रही है हमारी किटी पार्टी से? तुम भी चाहो तो ज्वाइन कर सकती हो।” शब्द ने काफी फ्रेंडली वे में कहा। उसके चेहरे पर एक सॉफ्टनेस थी और बात करने का तरीका युग से बिल्कुल अलग था। उसे देखकर पॉजिटिव वाइब आ रही थी। “चलो कोई तो यहां समझदार इंसान मिला। इसे छोड़ो, चलो मिलकर साथ में डिनर करते हुए बात करते हैं।” बोलते हुए सारा ने शब्द का हाथ पकड़ा और उसे दूसरी तरफ ले जाने लगी। वहां से जाते हुए सारा ने बिना जेनी की तरफ देखें तेज आवाज में कहा, “और तुम यहां जासूसी करने के बजाय हमारे लिए डिनर का इंतजाम करवाओगी तो ज्यादा बैटर होगा।” सारा के इस तरह ऑर्डर देने पर जेनी ने गुस्से में पैर पटके और वहां से किचन एरिया की तरफ चली गई। कृशा अभी भी वहीं पर खड़ी थी। वो उन सबके बिहेवियर को गौर से ऑब्जर्व कर रही थी। “ये आदमी काम आ सकता है। क्या पता युग राणा मुझे मारने की कोशिश करें तो ये बचा लेगा। ऐसा करती हूं इसे पटाने की कोशिश करती हूं। शायद ये अपने साथ मुझे यहां से निकाल कर ले जाए।” कृशा ने अपने मन में सोचा और फिर तेज कदमों से चलती हुई सारा और शब्द के पीछे जाने लगी। कुछ ही देर में सारा शब्द और कृशा तीनों डायनिंग एरिया में बैठकर साथ में डिनर कर रहे थे। वो तीनों आपस में काफी घुल मिलकर बातें कर रहे थे। शब्द कुछ ही देर में उन दोनों के साथ फ्रेंडली हो गया था। “तुम्हें देखकर कोई नहीं कह सकता तुम उस डेविल के भाई हो। तुम सच में एक अच्छे इंसान हो। कहीं ऐसा तो नहीं कि उसे किसी मंदिर की सीढ़ियों से उठाया था?” कृशा ने खाते हुए कहा। उसकी बात सुनकर शब्द हंसने लगा तभी उसकी नजर सामने खड़े युग पर गई, जो सर्द चेहरे के साथ उन्हें देख रहा था। युग को देखते ही शब्द की स्माइल गायब हो गई। उसका बना हुआ मुंह देखकर कृशा ने कहा, “क्या हुआ? अचानक तुम्हारा मुंह क्यों बिगड़ गया... तुम तो ऐसे रिएक्ट कर रहे हो जैसे सामने वो शैतान आ गया हो। घबराओ मत, उसे आने में टाइम लगेगा।” बोलते हुए कृशा ने पीछे की तरफ देखा तो वहां युग खड़ा था। उसे देखते ही वो भी चुप हो गई। युग को वहां देखते ही सारा ने उन दोनों को धीरे से बड़बड़ा कर कहा, “चलो जल्दी से दोनों यहां से निकल जाओ। मैं संभाल लूंगी।” सारा की बात सुनकर कृशा और शब्द धीरे से उठे और वहां से जाने लगे। युग कुछ कहने को हुआ तभी सारा उसके पास आई और अपना एक हाथ उसके कंधे पर रख कर कहा, “कुछ ज्यादा ही टाइम नहीं लगा दिया तुमने आने में? चलो आओ साथ में डिनर करते हैं।” इस वक्त सारा युग से ऐसे बात कर रही थी जैसे उसकी वाइफ हो। युग ने उसकी बात पर हामी भरी और डाइनिंग टेबल पर आ गया। सारा उसे खाना सर्व कर रही थी जबकि युग उसके हर एक भाव को अच्छे से ऑब्जर्व कर रहा था। “डोंट ट्राई टू फेक विथ मी... ।” बोलते हुए युग ने सारा का हाथ पकड़ा, जो उसे खाना सर्व कर रही थी। युग ने उसके हाथ को जोर से दबाया। दर्द से सारा के मुंह से चीख निकल गई। “आखिर प्रॉब्लम क्या है तुम्हारी? तुमने ही कहा था कि यहीं पर रहना है तो एडजस्ट करना सीख लो।” युग ने अभी तक सारा का हाथ पकड़ रखा था इसलिए उसकी आवाज में दर्द था। “मैंने एडजस्ट करने का नहीं आदत डालने का कहा था बेबी और ये भी नहीं कहा था कि मेरे सामने ड्रामा करो। मैं कोई 2 साल का बच्चा नहीं हूं जो कुछ नहीं समझूंगा। चुपचाप निकलो यहां से। मुझे नफरत है तुम जैसे लोगों से...” युग ने चिल्लाकर कहा और सारा का हाथ छोड़ दिया। सारा ने उसे आगे कुछ नहीं कहा और वहां से उसके कमरे में चली गई। वहीं युग डिनर करने के बजाय डाइनिंग टेबल पर अपने हाथ बांधे कुछ सोच रहा था। °°°°°°°°°°°°°°°° क्या शब्द का आना कोई पॉजिटिव चेंज लेकर आएगा? अभी तो दोनो की मुलाकात भी नही हुई है। Pls guys support... Read karke part par comment jrur Kiya Karo.

  • 14. Under the mafia moon - Chapter 14

    Words: 1457

    Estimated Reading Time: 9 min

    कृशा ने अनजाने में युग और शब्द की बातें सुन ली थी और युग को इस बात का पता चल गया था। कृशा शब्द के रूम से निकल कर अपने कमरे में जा रही थी तभी युग ने उसे पकड़कर अपने पास खींचा और दीवार के लगा दिया। इस वक्त युग और कृशा एक दूसरे के बेहद करीब थे और युग का हाथ कृशा के मुंह पर था। उसे देखकर डर से कृशा की आंखें फैल गई तो वही युग के चेहरे पर इविल स्माइल थी। युग ने सर्द लहजे में कहा, “तुम पता है अगर कोई जान बूझकर या अनजाने में भी मेरी बातें सुन लेता है तो मैं उसे क्या सजा देता हूं?” कृशा ने ना में सिर हिलाया। युग का हाथ अभी भी उसके मुंह पर था। युग ने आगे कहा,“उसके कानों को इस लायक नही छोड़ता कि आगे वो कभी कुछ और सुन सके।” युग की बात सुनकर कृशा की आंखें नम होने लगी। उसकी आंखों में आंसू देख युग ने बिना किसी भाव के कहा, “डर लग रहा है?” कृशा ने हां में पलकें झपकाई। युग ने उसका मुंह छोड़ दिया और अपने दोनो हाथो से उसे पकड़ लिया। कृशा ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा, “प्लीज लेट मी गो... मेरा तुम दोनों की बातें सुनने का कोई इरादा नहीं था।” “इरादा नहीं था फिर भी सुन ली? तुम पर्दे के पीछे छुपी हुई थी। इससे मैं क्या समझूं?” युग ने भौंहे उठाकर पूछा। “मैं डर गई थी। मैं और शब्द बातें कर रहे थे और अचानक तुम आ गए और... और...” कृशा बोलते हुए रुक गई क्योंकि युग ने उसके ऊपर अपनी पकड़ को टाइट कर दिया था। “तुम? तुम मुझे तुम कह रही हो?” युग ने सर्द लहजे में कहा। उसकी आंखों में देखकर कृशा को डर लग रहा था। युग ने आगे कहा, “तुम्हारी इतनी औकात नहीं है कि तुम मुझे तुम कह कर बात कर सको। सारा की वजह से तुम्हें झेल रहा हूं।” “हां जानती हूं वरना तुम मुझे कब का मार चुके होते।” कृशा ने धीमी आवाज में कहा। बोलते हुए उसकी आंखों से आंसू का कतरा बह गया। “तो बताओ तुम्हें तुम्हारी इस गलती की क्या सजा दी जाए? अगर मैंने सारा से वादा नहीं किया होता तो इस वक्त यहां तुम्हारी लाश पड़ी होती लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि तुम्हें तुम्हारी गलती की कोई सजा नहीं मिलेगी।” युग ने सख्त आवाज में कहा। अभी भी उसके दिल में कृशा के लिए कोई दया का भाव नहीं था। “जब सजा देने का सोच लिया है तो सजा भी तुम ही डिसाइड कर लो ना?” कृशा ने गुस्से में जवाब दिया। उसकी बात सुनकर युग ने कुछ पल सोचा और फिर कृशा की तरफ देखा। विला के अंदर हीटिंग सिस्टम अच्छा होने की वजह से इतनी ठंड में भी कुछ पहनने की जरूरत नहीं पड़ती थी इसलिए कृशा ने नॉर्मल लोंग स्लीव की क्रॉप टी-शर्ट और नीचे शॉर्टस् डाल रखे थे। युग ने उसे छोड़ और फिर इविल स्माइल करते हुए कहा, “परफेक्ट।” युग के परफेक्ट कहने पर कृशा ने सवालिया नजरों से उसकी तरफ देखा। वो कुछ पूछ पाती उससे पहले युग ने खुद ही क्लियर करते हुए कहा, “मैं तुम्हें जो पनिशमेंट देने वाला हूं उसके लिए तुम्हारी ड्रेस बिल्कुल परफेक्ट है।” युग ने कृशा की बाजू पकड़ी और उसे खींचते हुए विला के बाहर ले आया। बाहर काफी ठंड थी और हवाएं भी चल रही थी। वहां आते ही कृशा का ठंड के मारे बुरा हाल होने लगा और कुछ मिनट में उसका चेहरा ठंड से लाल हो गया। “5 मिनट में ये हाल है तो सोचो पूरी रात तुम बाहर बिताओगी तो क्या होगा?” जैसे ही युग ने कहा कृशा रो पड़ी। “नहीं, प्लीज ये मत करो। मैंने जानबूझकर नहीं सुनी सारी बातें, तुम भी जानते हो।” कृशा उसके सामने गिड़गिड़ाने लगी पर युग का उस पर कोई असर नहीं पड़ रहा था। उसे वही छोड़ने से पहले युग ने गार्ड से कहा, “अगर ये ठंड से मर भी जाए तो भी सुबह होने से पहले इसे अंदर मत आने देना।” गार्ड ने उसकी बात पर हां में सिर हिलाया। जाने से पहले युग ने कृशा की तरफ देखकर कहा, “हैव फन बेबी...” युग स्माइल पास करते हुए वहां से चला गया जबकि कृशा अभी तक वहां पर खड़ी थी। उसकी निगरानी करने के लिए युग ने खास एक गार्ड को खड़ा किया था। कृशा वहां सिमट कर बैठ गई। उसके पैर उसके सीने से लगे हुए थे और वो हाथों से उन्हें सहला रही थी। नीचे शॉर्ट्स पहने होने की वजह से उसे पैरों को कुछ ज्यादा ही ठंड लग रही थी। गार्ड को उसे इस हालत में देखकर दया आने लगी तो उसने भी अपनी नज़रें फेर ली। कृशा रोते हुए बोली, “अब समझ आ रहा है कि लोग तुम्हें डेविल क्यों कहते हैं युग राणा। तुम सच के डेविल हो। तुम आज जो भी कर रहे हो देखना उसके लिए बहुत पछताओगे... लेकिन तब तुम्हारे पास पछताने के अलावा और कुछ नहीं होगा। आज तुमने जो भी किया है उसके लिए मैं तुम्हें कभी माफ नहीं करूंगी। तुम बहुत बुरे हो... सारा... प्लीज सेव मी।” कृशा हिचकियां लेते हुए रो रही थी। ____________________________ वही सारा इन सब से बेखबर अब युग के रूम में थी। उसे खुद के लिए डर लग रहा था कि युग ने उसे अपने कमरे में क्यों सेटल किया है। परेशानी में सारा कमरे में इधर से उधर चक्कर लगा रही थी। “डर के मारे नींद भी नहीं आ रही... पता नहीं वो क्या करेगा। सोने का दिखावा भी नहीं कर सकती क्योंकि उसका कोई भरोसा नहीं है मुझे... वो एक ऐसा इंसान है जो किसी को सोते हुए भी जगा दे। काश मैं अपने कमरे में होती तो इस वक्त कृशा की तरह उसके साथ आराम से सो रही होती।” कृशा का ख्याल आते की सारा के चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट आ गई। फिर उसने उसी लहजे में कहा, “कृशा ठीक है, मेरे लिए यही काफी है। बाकी मैं उस डेविल को अपने पास बिल्कुल नहीं आने दूंगी।” बोलते हुए सारा के चेहरे के भाव सर्द हो गए। वो बिस्तर पर लेटी और सोने की कोशिश करने लगी, तभी कमरे का दरवाजा खुला। युग अपने कमरे में आया था और अंदर आते ही उसने लाइट ऑन की। युग को वहां देखते ही सारा खड़ी हो गई। “तुम सोई नहीं अब तक?” युग ने उसे जगे हुए देखकर पूछा। “तुम्हारा ही वेट कर रही थी।” सारा ने जवाब दिया, जिसे सुनकर युग के चेहरे पर तंज भरी मुस्कराहट थी। “तुम फिर से झूठ बोल रही हो। तुमने सोने की पूरी कोशिश की लेकिन तुम्हें नींद नहीं आई। तुम परेशान हो रही हो ये सोचकर कि आज की रात तुम मेरे साथ कैसे एडजस्ट करोगी।” युग ने सारा के चेहरे के भावों को पढ़ते हुए कहा। उसकी बात सुनकर सारा इधर-उधर देखने लगी और फिर जवाब में कहा, “ऐसा कुछ नहीं है।” “ऐसा ही है।” बोलते हुए युग ने अपना ब्लेजर निकाल कर काउच पर फेंका और फिर वो अपनी शर्ट के बटन खोलते हुए सारा के पास आकर बैठ गया। उसके फेस पर एक सिडक्टिव स्माइल थी। “मुझे... मुझे पता है तुम कुछ नहीं करोगे।” सारा ने हड़बड़ाते हुए कहा। युग की करीबी उसे बैचेन कर रही थी। “लेकिन मेरा तो बहुत कुछ करने का मूड है।” युग ने अपना शर्ट निकाल कर भी फेंक दिया था। उसकी फिजिक कमाल की थी। इसके बाद सारा ने अपनी नज़रें घुमा ली। “देखो... तुमने कहा था कि तुम मेरा दिल जीतने की कोशिश करोगे। ऐसे किसी के साथ जबरदस्ती करके दिल नहीं जीता जाता है।” युग को अपने पास आने से रोकने के लिए सारा को जो भी समझ में आया, उसने कह दिया। “लेकिन मैं तो तुम्हें उठाकर ही जबरदस्ती लाया हूं। तुम मुझसे अच्छी चीज़ें एक्सपेक्ट मत करो। मैं डेविल हूं कोई एंजेल नहीं।” युग ने जवाब दिया। जिसे सुनकर सारा चुप हो गए। सारा के चेहरे पर लाचारी के भाव थे। कुछ ऐसे ही भाव उसने कुछ देर पहले कृशा के चेहरे पर देखे थे। अचानक युग के चेहरे के भाव सख्त हो गए और उसने उठ कर सर्द लहजे में कहा, “सो जाओ... फिलहाल मेरा कुछ भी करने का मूड नहीं है लेकिन ये मत सोचना कि मैं कुछ कर नहीं सकता।” अपनी बात कह कर युग चेंज करने के लिए बाथरुम में चला गया तो वही सारा हैरानी से उसकी तरफ देख रहे थी। अचानक उसके मूड का बदलना उसे हैरान कर रहा था। °°°°°°°°°°°°°°°° अब युग को कोई भी भला बुरा नहीं कहेगा। मैंने पहले ही कहा था वो डेविल है और माफिया से भी है तो इस तरह की सजा देना और किसी के प्रति दया का भावना ना रखना उसके नेचर में है।‌ देखते हैं कृशा वहां से निकल पाती है या सुबह तक उसकी हालत खराब हो जाएगी। पार्ट पढ़कर कमेंट जरुर करिएगा। मिलते हैं अगले भाग पर।

  • 15. Under the mafia moon - Chapter 15

    Words: 1392

    Estimated Reading Time: 9 min

    सारा भी युग के डर से वहां से भाग गई थी तो वही युग अब तक डाइनिंग टेबल पर बैठा था। शब्द को वहां देखने के बाद युग के चेहरे के भाव सर्द हो गए थे। ऊपर से सारा की हरकत से उसका गुस्सा और भी बढ़ गया था। “जरूर बुआ ने ही उसे यहां भेजने के लिए मनाया होगा। मैने उन्हें मना किया... और साथ ही ये भी बताया था कि मुझे किसी की जरूरत नही है। शब्द से डील करना मेरे लिए मुश्किल है। हम तो बात तक नहीं करते।” युग खुद से बातें कर रहा था। फिर युग अचानक उठा और अपने कदम बाहर की तरफ बढ़ाए। बाहर जाते हुए उसने अपने कान में लगा ब्लूटूथ ऑन किया और कॉल पर कहा, “जेनी शब्द कौनसे रूम में है?” “मैने उन्हें भेजने की पूरी कोशिश की थी पर...” जेनी अपनी तरफ से सफाई दे रही थी। वो अच्छे से जानती थी युग को शब्द का यहां आना बिल्कुल पसंद नहीं है। जेनी बोल रही थी तभी युग ने उसकी बात बीच में काटते हुए कहा, “नो एक्सक्यूजेस जेनी... यू नो वेल आई हेट दिस। जो पूछा है बस वही बताओ।” “जी सर...” जेनी ने धीमी आवाज में कहा, “वो शब्द सर ग्राउंड फ्लोर के गेस्ट रूम में है।” युग ने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया और कॉल कट कर दिया। युग लिफ्ट की तरफ बढ़ा और जेनी के बताए अनुसार ग्राउंड फ्लोर पर जाने लगा। शब्द वहां कृशा के साथ मौजूद था। जैसे ही उसे वहां के किसी के आने की आहट हुई, उसने कृशा से कहा, “शायद युग आ रहा है। तुम्हें यहां से चले जाना चाहिए।” “मुझे उससे डर लगता है। मैं उसके सामने गई तो वो फिर मुझे भी डांटेगा... और क्या पता मैंने उसके बारे में जो भी कहा उसके बाद वो मुझे गोली से उड़ा दे।” कृशा ने मूंह बनाकर कहा। उसकी बात सही भी थी। शब्द जानता था युग को काफी गुस्सा आता है। शब्द ने इधर-उधर देखा और फिर कृशा का हाथ पकड़ कर उसे दरवाजे के पास लगे पर्दे के पास लेकर गया। उसे पर्दे के पीछे छुपाते हुए शब्द ने कहा, “जैसे ही युग अंदर आए और उसका ध्यान मुझ पर हो, तुम बाहर निकल जाना।” कृशा ने हां में सिर हिलाया। शब्द ने उसे अच्छी तरह से कवर कर दिया था। उसने सही टाइम पर कृशा को छुपाया था क्योंकि अगले ही पल युग उनके कमरे में था। युग को अपने सामने देखकर शब्द ने स्माइल पास की और उसे गले लगने को हुआ तभी युग उससे कुछ कदम पीछे हो गया। “डॉन्ट...” युग ने ऊपर हाथ उठाकर कहा, “क्यों आए हो यहां पर? मेरी जासूसी करने के लिए... या ये देखने के लिए कि मैं अपना काम ठीक से कर रहा हूं या नहीं। दादू ने भेजा है या बुआ ने?” “मुझे यहां किसी ने नहीं भेजा है। मैं अपनी मर्जी से आया हूं।” शब्द ने जवाब दिया। वो घूमते हुए परदे के पास आया और कृशा को बाहर निकलने का इशारा करने वाला था कि तभी युग ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ किया। “डोंट एक्ट स्मार्ट विथ मी...” युग ने सर्द लहजे में कहा, “अपना लगेज पैक करो... और सुबह ही निकल जाना।” “कितना रूड है ये... ये तो सच का डेविल है। मुझे लगा था ये अपनी फैमिली के साथ तो अच्छे से पेश आता होगा... लेकिन देखो अपने भाई को कैसे डरा धमका रहा है।” कृशा ने मुंह बनाते हुए अपने मन में कहा। उसके दिमाग से ये ख्याल निकल गया था कि शब्द ने उसे बाहर जाने के लिए कहा था। वो उन दोनों की बातें सुन रही थी और परदे की खाली जगह से बाहर की तरफ झांक रही थी। “मैं कहीं नहीं जाने वाला। ना तो किसी के कहने से आया हूं और ना ही किसी के कहने पर जाऊंगा। दादू और तुम हमेशा से चाहते थे ना कि मैं भी इस फील्ड को जॉइन करूं तो ये समझ लो, ट्रेनिंग लेने आया हूं।” शब्द ने उसे अपने वहां रुकने की वजह बताई। शब्द की बात सुनकर युग ने हल्के से स्माइल दी और फिर कहा, “ओह रियली? पर मैंने तो तुम्हें कभी कुछ नहीं कहा? कभी तुम्हारी लाइफ में इंटरफेयर नहीं किया। तुम जो करना चाहते थे कर रहे हो।” “लेकिन मैने तो इंटरफेयर किया था ना भाई? तुम्हें रोकने की कोशिश की थी... ये सब करने से रोकने के लिए रिक्वेस्ट की थी... आज भी रोकने हीं आया हूं।” बोलते हुए शब्द इमोशनल हो रहा था वही युग पर उसकी बातों का कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। युग के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे। उसके बिना किसी भाव के जवाब में कहा, “तब भी तुम नाकाम हुए थे और अब भी होने वाले हो। बार-बार तुम्हारी उम्मीदें टूटते देखकर इंजॉय करूं, अब मैं इतना भी बुरा नहीं हूं। मेरी बात मानो और यहां से चले जाओ। मैंने जो काम हाथ में लिया है, उससे मैं पीछे नहीं हटूंगा।” “तुम्हे पीछे हटने का कोई नहीं कह रहा। बस तुम उसे जाने दो। शी इज इनोसेंट... यू नो व्हाट आई मीन।” शब्द यहां कृशा की बात कर रहा था। “अच्छा तो इतने कम टाइम में उस लड़की ने तुम्हें भी मैनिपुलेट कर लिया। उसकी मासूम शक्ल पर बिल्कुल मत जाना। सब तुम्हारी तरह साफ दिल के नही होते है। भले ही वो माफिया फैमिली से बिलॉन्ग नहीं करती लेकिन माफीयाज के बीच पली बढ़ी है। मुझे नहीं लगता वो इनोसेंट है बल्कि ड्रामा कर रही है और कुछ नहीं।” बोलते हुए युग के चेहरे पर गुस्से के भाव थे। उसने कृशा का नाम नहीं लिया था लेकिन शब्द और कृशा दोनों ही समझ गए थे कि वो किसकी बात कर रहा है। “हाववव ये कितना बड़ा जलकुक्कडु है।” उसकी बात सुनकर कृशा ने हैरानी से आंखें बड़ी की और कहा, “मैं ड्रामा कर रही हूं? इसे ना जलन हो रही है मुझसे... ये खुद तो शैतान है और दिखता भी शैतान ही है और अब मेरा इनोसेंट फेस देखकर इसे ये लग रहा है कि मैं दिखावा कर रही हूं।” “इतने टाइम से तुम ये काम कर रहे हो तो तुम्हें लोगों की मुझसे ज्यादा परख है। अपने दिल पर हाथ रख कर बताओ कि क्या सच में वो ड्रामा कर रही है?” बोलते हुए शब्द ने युग का हाथ पकड़ कर उसके दिल पर रख दिया। युग ने उसका हाथ झटका और गुस्से में कहा, “डोंट क्रॉस योर लिमिट्स। मैं यहां तुम्हारे सामने खड़े होकर ठीक से बात कर रहा हूं इट डजन मीन कि मुझे तुम्हारी बातों से कोई फर्क पड़ता है।” “अगर फर्क नहीं पड़ता तो मुझे यहां रहने से रोक क्यों रहे हो? रहने दो मुझे...” शब्द ने कंधे उचका कर कहा। शब्द ने युग को अपने बातों के जाल में फंसा लिया था। अगर वो शब्द को जाने का बोलना तो इसका मतलब ये होता कि उसे शब्द की बातों से फर्क पड़ता था। ना चाहते हुए भी युग को उसे वहां रुकने के लिए हां कहना ही पड़ा। “ठीक है तुम रुक सकते हो पर अपनी लिमिट्स में रहना। सबसे जरूरी बात, अपनी उस मासूम चिड़िया से तो दूर ही रहना। मैं नहीं चाहता कि वो तुम्हें अपनी मासूमियत के जाल में फंसाए।” “तुम्हें नहीं लगता कि आजकल तुम्हें मेरी कुछ ज्यादा ही केयर होने लगी है।” शब्द ने मुस्कुराते हुए अपने बालों में हाथ घुमा कर कहा, जिस पर युग ने जवाब में अपनी आइज रोल की। युग वहां से जाने को हुआ तो शब्द भी सीटी बजाते हुए बाथरूम में चला गया। युग जाते हुए दरवाजे के पास रूका और पर्दे को देखकर इविल स्माइल दी। युग के रुकने पर कृशा के दिल की धड़कने बढ़ गई। उसे लगा वो पकड़ी गई तभी युग वापिस बाहर चला गया। युग के जाते ही कृशा ने राहत की सांस ली। वो खुद को शांत करते हुए बोली, “बच गई। अगर वो पकड़ लेता तो भगवान जाने क्या करता मेरे साथ...” लगभग पांच मिनिट बाद कृशा बाहर निकली। उसने बाहर झांककर इधर उधर देखा तो कोई नही था। युग को आस पास ना देखकर कृशा बाहर निकली। कृशा रिलैक्स होकर आगे की तरफ जा रही थी तभी किसी ने उसने पीछे की तरफ खींचा और दीवार के लगा दिया। वो युग था, जिसका हाथ कृशा के मुंह पर था। °°°°°°°°°°°°°°°° हाए पकड़ी गई हमारी मासूम चिड़ियां.. क्या लगता है ये मिस्टर डेविल क्या करेगा इसके साथ? वैसे भी उसे मौका चाहिए कृशा को तंग करने का। थैंक्स फॉर योर कमेंट्स एंड सपोर्ट...

  • 16. Under the mafia moon - Chapter 16

    Words: 1203

    Estimated Reading Time: 8 min

    कृशा को पनिशमेंट देने के बाद युग अपने कमरे में आ गया था। वहां उसने सारा से थोड़ी देर बात की लेकिन कृशा का ख्याल आते ही उसका मूड अपसेट हो गया और वो बाथरूम में चला गया। चेंज करने के बाद युग आईने के सामने खड़ा था। उसके दोनों हाथ स्लैप पर टिके हुए थे और गर्दन झुकी हुई थी। “मैं क्यों उसके बारे में सोच रहा हूं? मैने उसे बहुत छोटी पनिशमेंट दी है। वो इससे बहुत ज्यादा डिजर्व करती है। एटलीस्ट मैंने उसे जिंदा छोड़ा... उस पर हाथ नहीं उठाया... उस पर किसी तरह का टॉर्चर नहीं किया। एक ऐसी पनिशमेंट दी है जिसमें उसे कोई फिजिकली हर्ट नहीं करेगा... शायद मैं कुछ ज्यादा ही सोच रहा हूं। मुझे इन सब से बाहर निकलना होगा वरना मैं दादू का काम कभी नहीं कर पाऊंगा।” बोलते हुए युग ने अपना चेहरा ऊपर किया तो गुस्से में उसकी आंखें लाल थी। युग 2 मिनट के लिए वहां पर खुद को देखता रहा और फिर बाहर आया। सारा अभी तक जाग रही थी। युग सारा के पास गया और उसे कमर से खींचकर बिल्कुल अपने पास कर दिया। “तुम... तुमने कहा था कि तुम कुछ नहीं करोगे? अब... अब ये क्या है?” सारा ने पूछा। उसकी आवाज में घबराहट झलक रही थी। “किस मी...” अचानक युग ने सर्द आवाज में कहा। सारा एक पल के लिए चौंक गई। “हां? क्या?” उसने हैरानी से पूछा। “आई सेड किस मी राइट अवे...” युग ने तेज आवाज में कहा। सारा ने ना में सिर हिला दिया। उसने युग की आंखों में देखा तो वो गुस्से से लाल थी। सारा ने युग से दूर जाने की कोशिश की लेकिन उसने उसे कसकर पकड़ लिया। “अगर तुम चाहती हो कि यहां आज रात सिर्फ एक किस के अलावा और कुछ ना हो तो चुपचाप अभी किस करो।” युग ने सारा के कान के पास आकर धीमी लेकिन खतरनाक आवाज में कहा। उसकी आवाज सुनकर सारा के दिल की धड़कनें बढ़ गई। घबराहट से उसने अपने होंठ युग की तरफ बढाए और उसे किस करने लगी। युग भी उसे पेशेंटली किस कर रहा था। सारा के करीब जाने का उसका कोई मन नहीं था लेकिन कृशा का ख्याल अपने दिमाग से निकलने के लिए युग को उस वक्त जो भी सही लगा वो कर रहा था। युग सारा को काफी डीपली किस कर रहा था इस वजह से थोड़ी ही देर में वो ब्रेथलेस होने लगी। सारा ने युग को खुद से करने की कोशिश की पर युग ने काफी टाइटली पकड़ रखा था। लगभग 15 मिनट बाद युग ने उसे छोड़ दिया। युग और सारा दोनों गहरी सांस ले रहे थे। सारा ने बेड पर बैठते हुए कहा, “ये बहुत बुरा था। बहुत ज्यादा बुरा युग राणा।” “ऑफकोर्स सारा सिंघानिया। मुझे तुम्हें किस करने का कोई शौक नहीं है। बस मैं मेंटली थोड़ा अपसेट था और मुझे अपना ध्यान हटाना था।” युग ने बताया। “ओह रियली? तुम्हारा मूड खराब होता है तो तुम किसी भी लड़की को पकड़ कर उसे किस करने लगते हो। ये तो तुम्हारा थोड़ा बहुत मूड खराब था। अगर ज्यादा मूड खराब होता होगा तो तुम बहुत कुछ कर लेते होंगे। अब तक कितनी लड़कियों के साथ क्या कुछ किया है तुमने...” बोलते हुए सारा ने युग की कॉलर पकड़ ली। वो गुस्से में काफी कुछ बोल गई थी। सारा के इतना कुछ बोलने और कॉलर पकड़ने की वजह से युग का गुस्सा बढ़ गया। उसने सारा को दूर धकेला, जिससे वो बेड पर जाकर जा गिरी। “आगे से मेरी परमिशन के बिना मुझे हाथ मत लगाना।” युग ने सर्द लहजे में कहा। “हां तुम सामने वाले की परमिशन के बिना उसे ब्लैकमेल करके किस कर सकते हो और कोई और तुम्हें हाथ भी ना लगाए। पता नहीं ये घटिया रूल क्यों बना रखे हैं तुमने।” सारा ने चिढ़ कर कहा। “मैंने कोई जबरदस्ती नहीं की।” युग कंधे उचकाकर बोला, “मैंने तो तुम्हें कुछ लाइंस कही थी उसके बाद तुमने खुद अपने लिप्स मेरी तरफ़ बढ़ाए थे। तुम चाहती तो मुझसे इस बात के लिए फाइट कर सकती थी। कमरे से बाहर चली जाती या कुछ भी करती पर तुम मेरी एक छोटी सी लाइन से ब्लैकमेल हो गई। कभी-कभी मुझे डाउट होता है कि तुम माफिया प्रिंसेस हो भी या नहीं।” युग के चेहरे पर तंज भरी मुस्कराहट थी। वही सारा भी उसे हैरानी से देख रही थी। उसने जो भी कहा था वो सच था। युग ने उसे ब्लैकमेल करने के लिए कुछ लाइन कही थी और वो उसकी बातों में आ भी गई थी। “वो... वो मैं तुम्हें किस नहीं करना चाहती थी पर मैं ये भी नहीं चाहती थी कि हम दोनों साथ में नाइट स्पेंड करें।” सारा अपनी तरफ से अटकते हुए सफाई देने की कोशिश कर रही थी। “पुअर गर्ल...” युग ने सिर हिलाकर कहा। “आई एम नॉट ए पुअर गर्ल...” सारा ने गुस्से में कहा। कहीं युग बात उस पर वापस ना पलट दे ये सोच कर सारा ने बात को बदलते हुए कहा, “तुमने बताया नहीं तुम अपना मूड खराब होने पर क्या इसी तरह लड़कियों को पकड़कर किस करते हो या कुछ और भी?” “ये डेविल कुछ भी हो सकता है लेकिन एक लूज़ करेक्टर इंसान बिल्कुल नहीं... मेरा दिमाग अपनी सही जगह पर है ना कि मेरी पेंट में... और हां, मैं अपना गुस्सा शांत करने के लिए लोगों की जान लेता हूं। ये सब उल्टे-सीधे काम नहीं करता।” युग ने सख्त लहजे में जवाब दिया। उसकी बात सुनकर सारा के चेहरे पर कड़वाहट भरी मुस्कराहट थी। उसने उसी लहजे में कहा, “मतलब ये सब काम तुम्हें उल्टे-सीधे लगते हैं, गलत लगते हैं और किसी की जान लेना सही?” “मैं ऐसा ही हूं सारा सिंघानिया और तुम भी ऐसी ही... सोचो सारा सिंघानिया कभी गलती से या जानबूझकर भी तुमने किसी को नहीं मारा... ऐसा तो हो नहीं सकता कि एक माफिया प्रिंसेस के हाथों कभी किसी की जान ना गई हो।” युग ने कहा। युग की बातें सारा पर गहरा असर डाल रही थी। उसकी बातें सुनकर सारा के दिमाग में कुछ सीन चल रहे थे, जहां उसके हाथ में चाकू था और सामने दो लाशें। सारा ने गहरी सांस लेकर छोड़ी और खुद को उसे मंजर से बाहर निकालने की कोशिश करने लगी। सारा के चेहरे का उड़ा हुआ रंग देखकर युग ने इविल स्माइल करके कहा, “लगता है मैने किसी कमजोर नस को दबा दिया है। कोई बात नहीं सारा सिंघानिया, आगे से मुझ पर सवाल उठने से पहले ये सोच लेना कि तुम कौन हो।” अपनी बात खत्म करके युग बिस्तर पर लेट गया और उसने अपने साइड की लाइट बंद कर दी। सारा कुछ देर तक वहीं पर खड़ी रही तो युग ने कहा, “अब क्या पूरी रात खड़े होकर बिताने का इरादा है? सोना तो तुम्हें मेरे ही पास में पड़ेगा।” सारा ने एक नजर बिस्तर की तरफ देखा। बेड काफी बड़ा था तो वो दूसरे कोने पर जाकर सो गई। उसे ऐसा करते देखा युग के फेस पर हल्की स्माइल थी। वो जिस मकसद से इस कमरे में आया था, वो पूरा हो गया था। वो कृशा को भूलना चाहता था और सारा से बात करने के बाद वो सच में कृशा के बारे में भूल चुका था। °°°°°°°°°°°°°°°° guys कमेंट करके सपोर्ट कीजिए। मिलते हैं अगले पार्ट पर। बाकी आज का पार्ट कैसा लगा, बता दीजिएगा।

  • 17. Under the mafia moon - Chapter 17

    Words: 1336

    Estimated Reading Time: 9 min

    कृशा पूरी रात विला के गार्डन एरिया में थी। सुबह होने तक उसकी हालत बदतर हो चुकी थी। ठंड के मारे वो बेहोश हो चुकी थी और उसकी बॉडी जम गई थी। वही सुबह-सुबह जगते ही शब्द फ्रेश एयर लेने के लिए गार्डन एरिया में आया तो उसने कृशा को वहां बेहोश देखा। कृशा को बेहोश देखकर शब्द घबरा गया। उसने पास खड़े गार्ड से पूछा, “ये यहां क्या कर रही है और इसकी हालत? ये किसने की है?” “बॉस का ऑर्डर था कि इन्हें सुबह होने से पहले अंदर ना जाने दिया जाए। उन्होंने इसे पनिशमेंट दी थी।” गार्ड ने सिर झुका कर जवाब दिया। “आर यू सीरियस? ये मर रही है और तुम्हें अपनी पनिशमेंट की पड़ी है। एक पल के लिए भी इसका ख्याल नहीं आया।” शब्द ने सिर हिला कर कहा। उसे बहुत गुस्सा आ रहा था। उसने कृशा को अपनी गोद में उठाया और वहां से ले जाने लगा। “प्लीज सर, अभी टाइम पूरा होने में 1 घंटे बचे हैं। आप इन्हें यहीं पर छोड़ दीजिए वरना हम दोनों के लिए मुसीबत हो सकती हैं।” गार्ड उसके पीछे जाते हुए बोला। गार्ड की बात सुनकर शब्द वहीं रुक गया। वो उसकी तरफ मुड़कर बोला, “मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसी की जान बचाने के बदले में मुझे कोई पनिशमेंट मिलती भी है। अब जाओ यहां से, कोई पूछे तो मेरा नाम ले लेना।” शब्द को युग पर बहुत गुस्सा आ रहा था। वो कृशा को अंदर अपने रूम में ले जाने लगा। जाते हुए वो खुद से बात कर रहा था, “डिस्गस्टिंग... मैने नहीं सोचा था कि तुम इतने हार्टलेस हो जाओगे। तुम्हारी नफरत ने तुम्हें क्या बना दिया है। तुम्हें किसी इनोसेंट इंसान के मरने और जीने तक से फर्क नहीं पड़ता।” कमरे में आते ही शब्द ने कृशा को बेड पर लेटा दिया। उसने उसका सिर छूकर चेक किया तो उसकी बॉडी ठंडी पड़ गई थी। शब्द ने उसकी पल्स चेक की तो वो काफी धीमी चल रही थी। “मुझे सारा और युग को इस बारे में बताना होगा।” बोलते हुए शब्द युग को कॉल करने लगा। युग उस वक्त तक उठ गया था। वो सारा के साथ बिस्तर में था। जहां युग अपने फोन में लगा था। सारा आंखे बंद किए कुछ सोच रही थी। युग के फोन पर शब्द का कॉल आया तो उसने कॉल पिक किया। सामने से शब्द की गुस्से भरी आवाज आई, “क्या तुम इंसानियत भूल गए हो? मैने तुम्हें पहले ही कहा था कि ये लड़की मासूम है, फिर भी तुमने इसे पनिशमेंट दी। एक बार आकर इसकी हालत देखो। ये लगभग मरने वाली है।” “लेकिन मरी तो नही ना? किसने कहा था हम दोनों की बातें सुनने के लिए?” युग ने बिना किसी भाव के कहा। उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कि कृशा किस हालत में है। “उसने ये सब जानबूझकर नहीं किया था। हम दोनों बातें कर रहे थे और अचानक तुम आ गए। तुमसे डर लगने की वजह से बेचारी बाहर निकल नहीं पाई और मैंने उसे पर्दे के पीछे छुपाया था। अब तुम आ रहे हो या मैं आकर सारा को सब बताऊं?” शब्द एक सांस में काफी कुछ बोल गया। उसकी बातें सुनकर भी युग पर कोई फर्क नहीं पड़ा। उसने आईज रोल की और लापरवाही से कहा, “ठीक है आ रहा हूं।” युग उठकर जाने को हुआ, तभी सारा ने पूछा, “वो कौन है जिसने तुम्हारी पर्सनल बातें सुन ली और तुमने उसे पनिशमेंट दी है?” “कृशा...” युग ने बिना किसी भाव के कहा। वही युग के मुंह से कृशा का नाम सुनकर सारा घबरा गई। “आर यू सीरियस? तुम इतनी लापरवाही से उसका नाम ले रहे हो। तुमने प्रॉमिस किया था मुझसे... तुम उसे कुछ नहीं करोगे। कहां है वह?” बोलते हुए सारा जल्दी से बिस्तर पर से उठी। “मैंने उसे हाथ तक नहीं लगाया है इसलिए ज्यादा हाईपर होने की जरूरत नहीं है। वही जा रहा हूं। आना है तो आ जाओ।” युग ने जवाब दिया और लिफ्ट की तरफ बढ़ने लगा। सारा भी दौड़कर युग के पीछे आई। वो दोनों कुछ ही देर में ग्राउंड फ्लोर पर थे। वहां आते ही युग शब्द के कमरे की तरफ जाने लगा। सारा भी उसके पीछे थी। अंदर जाकर उन्होंने देखा कृशा बेहोश थी और शब्द के बिस्तर पर पड़ी थी। उसका चेहरा मानो ठंड से जम गया हो। “क्या किया है तुमने इसके साथ?” बोलते हुए सारा युग की कॉलर पकड़ने के लिए बढ़ने लगी पर रात की बात याद आते ही उसने खुद को वही रोक लिया। युग उसके जेस्चर को समझ गया था तो उसने इविल स्माइल करते हुए कहा, “वेरी गुड, जो खुद ही समझ गई। मैने ज्यादा कुछ नहीं किया। बस एक रात के लिए इसे बाहर छोड़ा था। देखो बेचारी की क्या हालत हो गई। जो भी हो, ठीक होने के बाद ये मेरे खिलाफ जाने की कोशिश कभी नहीं करेगी।” “डिस्गस्टिंग युग...” शब्द गुस्से में युग पर चिल्लाया। “यस आई एम ए डिस्गस्टिंग पर्सन... अब मेरी तारीफें करने के बजाय इसे हॉस्पिटल लेकर चलोगे तो शायद ये बच सकती है।” युग बोला और बाहर की तरफ जाने लगा। युग के इस बर्ताव से सारा समझ गई थी कि उसके अंदर दिल नाम की कोई चीज नहीं है और लोग उसे डेविल क्यों कहते हैं। शब्द ने कृशा को अपनी गोद में उठाया और युग के साथ बाहर जाने लगा। वो लोग विला के बेसमेंट में जा रहे थे, जहां एक हॉस्पिटल बना हुआ था। सारा इस जगह पर पहली बार आई थी। हॉस्पिटल ज्यादा बड़ा नहीं था लेकिन वहां एक अच्छे खासे बड़े हॉस्पिटल जितनी सुविधाएं मौजूद थी। “इसने अपने घर में हॉस्पिटल बना रखा है। ऐसा कौन करता है।” सारा ने हैरानी से कहा। वो चारों तरफ देख रही थी। उसकी बात सुनकर युग ने जवाब में कहा, “हां तो तुम क्या चाहती हो हर बार मेरा कोई आदमी घायल हो तो मैं उन्हें हॉस्पिटल लेकर घूमूं?” आगे चलने पर उन्हें डॉक्टर मिल गया था। शब्द ने कृशा को बेड पर लेटा दिया। युग का इशारा पाते ही डॉक्टर कृशा को ट्रीट करने लगा जबकि सारा शब्द और युग के साथ रूम के बाहर थी। कृशा की हालत देखकर सारा की आंखों में आंसू थे। उसने खुद से बड़बड़ा कर कहा, “सॉरी अमु, मैं कृशा की हिफाजत नहीं कर पाई। जानती हूं अब तक आप सब यही सोच रहे होंगे कि मैं खुद के साथ-साथ इसे भी प्रोटेक्ट कर लूंगी लेकिन आज मैं फेल हो गई।” सारा की आंखों से आंसू बह रहे थे। शब्द ने उसकी तरफ नोटिस किया तो वो उसके पास चला गया। सारा ने रोते हुए अपना सिर शब्द के कंधे पर रखा। शब्द ने उसके बालों को सहलाते हुए कहा, “डोंट वरी... वो ठीक हो जाएगी। ये भले ही दिखने में छोटा हॉस्पिटल हो लेकिन यहां हर तरह की फैसिलिटी मौजूद है। डॉक्टर भी आम नहीं है। ही इज वन ऑफ द बेस्ट डॉक्टर।” “आई होप ऐसा ही हो वरना मैं फेल हो जाऊंगी। सबकी नजरों में गिर जाऊंगी।” सारा रोते हुए बोली। शब्द और सारा एक दूसरे में बिजी थे जबकि युग वहां लगी चेयर पर बैठकर आराम से मोबाइल में लगा था। अचानक उसका ध्यान मोबाइल स्क्रीन से हटकर सारा और शब्द पर गया तो उसके चेहरे पर हल्की स्माइल थी। “लगता है लिटिल ब्रदर बड़ा हो रहा है... मेरी हरकतों से नफरत करने वाला भूल रहा है कि उसने इस वक्त जिसे गले लगा रखा है, वो कौन है।” युग ने मुस्कुरा कर खुद से कहा और फिर वापस अपने फोन में लग गया। युग को शब्द और सारा के पास होने पर बिल्कुल भी जलन महसूस नहीं हो रही थी। सारा ने गले लगे हुए युग की तरफ देखा तो वो केअरलेसली अपने मोबाइल में लगा था, जिसे देखकर सारा ने अपना चेहरा घुमा लिया। °°°°°°°°°°°°°°°° हेलो जी बैक टू बैक, पार्ट आ रहे हैं तो आप भी अपना रीडर्स होने का धर्म निभाइए और पढ़कर समीक्षा कर दीजिएगा। बाकी आज का पार्ट कैसा लगा, जरूर बताइएगा। युग सच में हार्टलेस है और आगे आपको उसकी रुडनेस और भी देखने को मिलेगी। आई होप आप इस कहानी को एंजॉय कर रहे हो। मिलते हैं अगले पार्ट पर।

  • 18. Under the mafia moon - Chapter 18

    Words: 1481

    Estimated Reading Time: 9 min

    कृशा युग के विला के बेसमेंट में बने हॉस्पिटल में थी। पूरी रात बाहर रहने की वजह से कृशा की हालत काफी बिगड़ चुकी थी। उसके रूम के बाहर शब्द और सारा डॉक्टर के बाहर निकलने का वेट कर रहे थे। उनसे कुछ दूरी पर युग बैठा था और अपने मोबाइल में गेम खेल रहा था। डॉक्टर को अंदर गए काफी टाइम हो चुका था। लगभग डेढ़ घंटे बाद डॉक्टर बाहर आया। उसे बाहर देखकर सारा और शब्द कृशा की अपडेट लेने के लिए उसकी तरफ बढ़े लेकिन डॉक्टर उनके पास रुकने के बजाय युग के पास गया। डॉक्टर ने युग के पास जाकर कहा, “बॉडी टेंपेचर स्टेबल है। होश आने में टाइम लगेगा। फीवर रहेगा कुछ दिन... पर ठीक हो जाएगी।” उसने कम शब्दों में कृशा की पूरी हेल्थ रिपोर्ट दे दी। युग ने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया। उसने इशारे से डॉक्टर को जाने के लिए कहा। डॉक्टर के जाते ही युग सारा के पास जाकर बोला, “अब ठीक है वो।” “सुना मैने..” सारा ने गुस्से में जवाब दिया। “तुमने तो कोई कमी नहीं रखी थी उसे मारने में।” “पर किस्मत तो देखो... अब भी जिंदा है वो।” युग ने सारकास्टिक वे में कहा। “देखते है कब तक किस्मत साथ देती है।” बोलकर युग कृशा के रूम की तरफ बढ़ने को हुआ तभी सारा ने उसका हाथ पकड़ा और उसे रोक लिया। सारा उस वक्त काफी गुस्से में थी। उसने चिल्ला कर कहा, “डोंट टेस्ट माय पैशेंस युग राणा। आई वॉर्न यू तुम कृशा के करीब भी नही आओगे।” “तुम्हारी इस बदतमीजी की तुम्हे भी सजा मिल सकती है सो माइंड योर वर्ड्स सारा सिंघानिया।” युग ने सर्द लहजे में कहा। “हां इसके अलावा तुम्हें और आता ही क्या है। दूसरों को सजा देना, उन्हें तकलीफ पहुंचाना। बहुत मजा आता है ना तुम्हें ये सब करके। सोचो, जो तुम कर रहे हो कभी कोई उनकी सजा देने पर आ गया ना युग राणा तो छुपने की जगह नहीं मिलेगी।” कृशा की मरने वाली हालत देखकर सारा का टेंपर बहुत हाई था और उसने गुस्से में युग को काफी कुछ बोल दिया था। शब्द ने एक नजर युग की आंखों में देखा तो वो गुस्से से लाल थी। युग कुछ कहता उससे पहले शब्द बोल पड़ा, “तुम... तुम जाकर रेस्ट करो। हम यहां का देख लेंगे।” युग ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया और वहां से चला गया। उसके जाते ही शब्द ने सारा से कहा, “तुम्हें उससे सोच समझ कर बात करनी चाहिए।” “सीरियसली शब्द? तुम अभी भी उसका फेवर कर रहे हो। मुझे लगा था कि तुम उससे अलग हो लेकिन तुम्हारी बातों से लग रहा है कि तुम भी बिल्कुल उसी की तरह हो।” शब्द से बात करते हुए सारा की आंखें नम होने लगी थी। शब्द ने उसे समझाते हुए कहा, “मैं उसके जैसा नहीं हूं लेकिन उसे अच्छे से जानता हूं। तुम्हारी कहीं एक-एक बात उसके गुस्से को बढ़ा रही थी और इन फ्यूचर उसकी सजा तुम्हें या कृशा को भुगतनी पड़ती।” सारा ने उसकी बात पर हामी भरी। इतने दिनों में पहली बार वो खुद को अकेला और टूटा हुआ महसूस कर रही थी इसलिए उसने शब्द को हग कर लिया और भरी आवाज में कहा, “मुझे यहां से बाहर निकलना है शब्द। मैं सच में थक गई हूं इन सब से।” शब्द ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया या यूं कहें उसके पास कोई जवाब था ही नहीं। वो अच्छे से जानता था युग की कैद से निकल पाना इतना आसान नहीं था। वो चुपचाप सारा को सहला रहा था। वहीं दूसरी तरफ हॉस्पिटल में जो भी चल रहा था, उसे अपनी आईपैड स्क्रीन पर देख कर युग के फेस पर इविल स्माइल थी। “इतने में ही थक गई तुम सारा सिंघानिया। अभी तो मैंने शुरूआत तक नहीं की है। एक छोटी सी पनिशमेंट, जिसमें तुम्हारी उस सो कॉल्ड सिस्टर को किसी ने हाथ तक नहीं लगाया उसे देखकर तुम इतना डर गई हो तो सोचो जिस दिन ये डेविल अपनी पर आया तो तुम्हारा और उसका क्या हाल होगा।” युग ने मुस्कुराते हुए खुद से कहा। विला के बाथरूम को छोड़कर हर एक एरिया में कैमरा लगा हुआ था। युग ने फुटेज को हॉस्पिटल के वेटिंग एरिया से कृशा के रूम में स्किप किया तो उसने देखा कृशा के ऑक्सीजन मास्क लगा हुआ था। उसके चेहरे पर एक अजीब सी शांति थी और वो बेहोश थी। “तुम्हें समझाया था कि मुझसे दूर रहो। अभी भी वॉर्न कर रहा हूं अगर सही सलामत वापस अपने घर पहुंचना है तो गलती से भी मेरे सामने मत आना। वैसे तुम हो कौन? सारा सिंघानिया को खुद से ज्यादा तुम्हारी फिक्र है और तुम्हें इस हालत में देखकर आज पहली बार मैंने उसकी आंखों में बेबसी महसूस की।” बोलते हुए युग ने अपना आईपैड साइड में रख दिया। उसे भी हैरानी हो रही थी कि ऐसा कौन सा रिश्ता था, जिसकी वजह से सारा कृशा की वजह से युग से इस कदर बदतमीजी कर गई। कुछ पल सोचने के बाद युग ने मलिक को कॉल किया और कहा, “मुझे 15 मिनट के अंदर उस लड़की की पूरी डिटेल चाहिए, जो सारा सिंघानिया के साथ यहां आई है। मैं कॉफी के बाद तुम्हें मीटिंग रूम में मिलता हूं।” “ओके सर।” मलिक ने सधे हुए लहजे में जवाब दिया और युग के बताए काम पर लग गया। लगभग 15 मिनट बाद युग के कहें मुताबिक वो मलिक के साथ मीटिंग रूम में था। वहां आते ही युग चेयर पर बैठा और बैठते ही पूछा, “क्या पता चला है उसके बारे में?” “जैसा कि आपको पता है सारा सिंघानिया के पेरेंट्स की डेथ उसकी कम उम्र में ही हो गई थी। आदित्य सिंघानिया माफिया वर्ल्ड में बिजी थे तो सारा सिंघानिया का पालन पोषण उनके घर पर काम कर रही एक औरत ने किया। वो सारा सिंघानिया की मां की छोटी बहन है, तो उसने उसे अपनी बेटी की तरह ही पाला है। उसका नाम अमृता चौधरी है, अनमैरिड है लेकिन फिर भी उसके एक बेटी है और वही बेटी कृशा है।” मलिक ने 15 मिनट में ही कृशा के बारे में काफी कुछ जानकारी हासिल कर ली थी। पूरी बात सुनने के बाद युग कुछ पल चुप रहा और फिर कहा, “मतलब एक ऐसी लड़की जिसके बाप और खानदान का कोई पता नहीं है उसके लिए सारा सिंघानिया मुझसे लड़ रही है? बात इतनी मामूली तो नहीं हो सकती मलिक।” “आपको बताया ना अमृता इसकी वजह है। उन्होंने सारा को अपनी बेटी की तरह पाला है या यूं कहे अपनी बेटी से बढ़कर... आगे अगर कृशा की पूरी लाइफ की बात करूं तो सारा की तरह उसकी भी इनिशियल स्कूलिंग घर पर ही हुई है। उसके बाद दोनों ने आगे की एजुकेशन कहां कंप्लीट की इसके बारे में सब कुछ कॉन्फिडेंशियल है। कृशा सिंघानिया पैलेस में नही रहती थी, बस कभी कभार आना जाना था उसका। कभी कभार से मेरा मतलब बहुत कम... शायद साल में एक बार या वो भी नही।” मलिक को जितनी भी जानकारी मिली थी, वो एक फाइल में पढ़ कर बता रहा था। सब कुछ बताने के बाद उसने फाइल बंद किया और युग के सामने खड़ा हो गया। “आई होप बात सिर्फ इतनी ही हो, जो मैं सोच रहा हूं वो बस मेरे मन का एक वहम ही हो।” युग ने गहरी सांस लेकर कहा। “शायद आपके मन का वहम ही होगा। एक बार के लिए मुझे भी लगा था की वही माफिया प्रिंसेस है... लेकिन ऐसा नहीं है। सब जानते है कि सारा सिंघानिया आदित्य सिंघानिया और पब्लिक के सामने कम ही आई है लेकिन जितनी बार आई है उसे ही देखा गया है और ना कि उसकी दोस्त को... एक बात और है, जिसके वजह से मेरा डाउट डाउट ही रह जाता है। हाई क्लास पार्टीज और मीटिंग्स में, जहां सारा का जाना इंपॉर्टेंट होता है वहां कृशा कभी नहीं होती थी। अमृता ने अपनी बेटी को माफिया की दुनिया से अलग रखा। अगर वो असली माफिया प्रिंसेस होती, तो ये पॉसिबल नही था।” मलिक ने युग की बात तुरंत समझ ली कि वो क्या कहना चाहता है। उसी के बेसिस पर उसने अपनी राय रखी। “हां सही कहा। फिर तो वो उस अमृता की ही बेटी है। ठीक है फिर हमें उससे कोई खतरा नहीं है। उसके ठीक होते ही उसे यहां से भेजने की तैयारी करो और फिर हम मास्टर प्लान पर काम करेंगे।” कहकर युग वहां से चला गया। सारा के बर्ताव से युग को कहीं ना कहीं डाउट हो गया था कि कहीं कृशा तो रियल माफिया प्रिंसेस नहीं है लेकिन मालिक की रिपोर्ट्स लाने के बाद वो श्योर हो चुका था कि असली माफिया प्रिंसेस सारा सिंघानिया ही है और उसने कृशा को छोड़ने का फैसला ले लिया था। °°°°°°°°°°°°°°°° आखिर डेविल का दिमाग है हर तरफ सोचेगा। बाकी देखते हैं कृशा अगर यहां से चली गई तो क्या आदित्य सिंघानिया सारा को निकालने में कामयाब हो पाएंगे और युग का मास्टर प्लान क्या हो सकता है। ये आगे जाकर रिवील हो जाएगा। चलिए मिलते हैं अगले पार्ट पर।

  • 19. Under the mafia moon - Chapter 19

    Words: 1270

    Estimated Reading Time: 8 min

    कृशा को हॉस्पिटल में एडमिट हुए लगभग दो दिन बीत चुके थे। अब उसकी तबियत में काफी हद तक सुधार आ गया था और डॉक्टर ने उसे डिस्चार्ज दे दिया था। इन दो दिन दिनों में सारा और शब्द ने एक पल के लिए भी कृशा को अकेले नहीं छोड़ा। युग भी अपने कामों में बिजी होने के कारण पिछले दो दिनों में उन में से किसी से भी नही मिला था। हॉस्पिटल में डिस्चार्ज लेने से पहले डॉक्टर कृशा का फिर से चेकअप कर रहे थे। चेकअप के बाद वो बोले, “नाउ यू आर अब्सोल्यूटली फाइन कृशा... बस हल्का कोल्ड है, वो दो दिन तीन दिन और रह सकता है। प्रॉपर मेडिकेशन फॉलो करना एंड यू विल बी कम्प्लीटली फाइन। बस बाहर की हवा को फिलहाल के लिए इग्नोर करना।” “थैंक यू सो मच डॉक्टर।” सारा ने मुस्कुरा कर कहा। “कृशा की जो हालत है, उसके बाद लगा नही था कि वो इतनी जल्दी ठीक हो जाएगी।” “ये सब आपकी केयर की वजह से भी पॉसिबल हो पाया है। नाउ आई एम लीविंग.. कोई इश्यू हो तो आप वापस यहां आकर चेक करवा सकती है... एंड ट्राई टू बी हैप्पी।” कहकर डॉक्टर वहां से चला गया। उसे उनसे ज्यादा बात करने की इजाज़त नहीं थी। उसके जाते ही शब्द ने कृशा की तरफ देखकर पूछा, “आर यू फाइन नाउ?” “हम्म्म...” कृशा ने इतना ही जवाब दिया। युग ने उसके साथ जो भी किया उसके बाद से वो काफी चुप सी हो गई थी। “आई एम सॉरी कृशा.. मैं तेरा ध्यान नही रह पाई।” सारा ने उदास चेहरे के साथ कहा। “और कही ना कही मैं भी...” शब्द भी नजरें झुका कर बोला। “उस दिन सब मेरी ही बेवकूफी की वजह से हुआ था।” उस दिन के बाद से शब्द और सारा को कृशा से बात करने का मौका अभी मिला था तो दोनो उससे माफी मांग रहे थे। कृशा ने उनकी बात सुनने के बाद जवाब में कहा, “डोंट वरी मैं तुम दोनो से नाराज़ नहीं हूं... गलती तुम दोनो की थोड़ी थी। छोड़ो, इस बात को जाने देते हैं। इस हॉस्पिटल की स्मेल से मुझे काफी अजीब लग रहा है... और ज्यादा बीमार वाली फीलिंग आ रही है। मुझे बाहर जाना है।” सारा ने उसकी बात पर हामी भरी। शब्द और सारा कृशा को लेकर बाहर आए। वहां बाहर आने पर कृशा को बेहतर महसूस हो रहा था। बाहर की हल्की धूप उसे सुकून दे रही थी। “क्या मैं कुछ देर यहां रुक सकती हूं?” कृशा ने सारा की तरफ देखकर पूछा। “हां लेकिन अकेले नहीं... मैं तुम्हारे साथ रहूंगी।” सारा ने कहा। “और मैं भी...” उसके पीछे पीछे शब्द भी बोला। “लेकिन मुझे अकेले रहना है। प्लीज...” कृशा ने बच्चो की तरह जिद्द करते हुए कहा। सारा को ना कहने का मौका ही नही मिला क्योंकि कृशा प्लीज प्लीज की रट लगाने लगी। “ठीक है पर हमारे आसपास ही रहना।” सारा बोली। कृशा ने उस की बात पर हामी भरी और उनसे कुछ दूर जाकर वॉक करने लगी। शब्द और सारा भी उससे कुछ दूरी पर वही पर थे। दोनो आपस में बातें कर रहे थे। “कृशा कितनी चेंज हो गई है ना इन दो दिनों में... पहले कितनी भी हार्ड सिचुएशन क्यों ना हो, वो खुश रहने की कोशिश करती थी और अब देखो... दो ही दिनों से उसका चेहरा उतरा हुआ ही रहता है।” शब्द ने दूर से कृशा की तरफ देखकर कहा। “हम्म...” सारा ने उसकी बात पर हां में सिर हिलाकर कहा, “ये असर उस पर अभी कुछ दिन और रहेगा। वो काफी इमोशनल है। अगर कोई बात दिल पर ले लेती है तो जल्दी से उसका असर इस पर से हटता नहीं है।” सारा ने बताया। उसकी नज़रें भी कृशा पर ही थी। वही कृशा ने वॉक करते हुए उन दोनों को बात करते देखा तो उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आ गई। उसने खुद से बड़बड़ा कर कहा, “सारा और शब्द एक साथ कितने अच्छे लग रहे हैं।” उसने कुछ पल उन दोनों को एकटक देखा और फिर वापस वॉक करने लग गई। उन लोगों को वहां पर आए हुए लगभग आधे घंटे से भी ज्यादा का टाइम हो गया था, तब सारा ने कृशा के पास जाकर कहा, “कृशा तुम्हें डॉक्टर ने बाहर की हवा में रहने से मना किया है। चलो अब बहुत हो गया तुम्हारा... तुम्हारे रूम में चलते हैं। यू नीड रेस्ट।” “नहीं सारा, मुझे यहां अच्छा लग रहा है। प्लीज थोड़ी देर और रहने दो ना...” कृशा ने मासूमियत से कहा। उसके इस तरह जिद करने पर शब्द के चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट आ गई। उसकी जिद में उसे पहले वाली कृशा नजर आ रही थी। शब्द ने सारा से कहा, “अगर इसे अच्छा लग रहा है तो क्या दिक्कत है? वैसे भी डॉक्टर ने इसे खुश रहने के लिए कहा है। इसे यहां रहने से खुशी मिल रही है तो थोड़ी देर और रुकते हैं।” “देखो अब तो ये भी मान गया। तुम भी मान जाओ ना सारा। प्लीज...” कृशा सारा के सामने प्लीडिंग वे में बोली, जिस पर सारा ने हां में सिर हिला दिया। “अच्छा, तुम दोनों यहां रुक सकती हो पर मुझे जाना होगा। आई नीड टू टॉक माय फैमिली। काफी टाइम हो गया।” शब्द ने कहा और वहां से चला गया। उसके जाते ही सारा ने कृशा से कहा, “अच्छा तो इनकी भी फैमिली है। आई होप इसकी फैमिली इसकी तरह हो ना कि उस डेविल की तरह...” कृशा ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया। युग का जिक्र होते ही उसका चेहरा फिर से उतर गया था और उसे अजीब फीलिंग आने लगी। वही युग इस वक्त मीटिंग के लिए बाहर जा रहा था लेकिन जब उसने सारा और कृशा को वहां देखा तो वो बाहर जाने के बजाय उनकी तरफ बढ़ने लगा। पिछले दो दिनों से उसकी उन दोनों से बात नहीं हुई थी। उनके पास जाते हुए युग ने धीरे से बड़बड़ा कर कहा, “थैंक गॉड, ये लड़की ठीक हो गई वरना सारा तो मेरा जीना हराम कर देती।” जैसे ही युग उनके पास पहुंचा, कृशा ने उसे उनकी तरफ आते देख किया। उसने अपनी नजरे तुरंत सारा की तरफ करके कहा, “सारा मुझे अजीब लग रहा है। मैं यहां से जा रही हूं।” कृशा वहां से जाती उससे पहले सारा ने उसका हाथ पकड़कर उससे पूछा, “अगर तुम्हें ठीक नहीं लग रहा है तो मैं तुम्हारे साथ चलती हूं।” कृशा ने ना में सिर हिला दिया। उसने सारा को वहीं छोड़ा और वहां से जाने लगी। इस बीच उसने एक बार भी युग की तरफ नहीं देखा था। “सीरियसली? शी इज इगनोरिंग मी?” कृशा को इग्नोर करते देखा युग ने खुद से बड़बड़ा कर कहा। एक्चुअली वो कृशा को देखने ही उसके पास आ रहा था। कृशा के जाते ही सारा ने युग की तरफ देखा और रुखे तरीके से कहा, “बोलो क्या काम है?” “रियली सारा सिंघानिया? तुम्हें लगता है कि तुम मेरा कोई काम कर पाओगी?” कृशा के इग्नोर करने की वजह से युग गुस्सा था तो उसने अपना सारा गुस्सा सारा पर उतार दिया। सारा जवाब में उसे कुछ कह पाती उससे पहले युग वहां से चला गया तो वही सारा उसकी तरफ हैरानी से देख रही थी। “अब इसे क्या हुआ? अच्छा खासा बात करने के लिए आया था और अब मुंह बनाकर चला गया? कभी-कभी समझ नहीं आता कि मैं यहां सबके मूड स्विंग्स झेलने के लिए आई हूं क्या?” युग के गुस्सा करने पर सारा को भी बुरा लग रहा था। वो पैर पटकते हुए वहां से चली गई। °°°°°°°°°°°°°°°° पार्ट पढ़ने के बाद लाइक कमेंट जरुर कर दीजिएगा। अगर आपको कहानी पसंद आ रही है और आपके फ्रेंड्स या कोई जानने वाला स्टोरी पढ़ने करने में इंटरेस्टेड है तो प्लीज शेयर कर दीजिएगा। मिलते हैं अगले पार्ट पर।

  • 20. Under the mafia moon - Chapter 20

    Words: 1280

    Estimated Reading Time: 8 min

    कृशा के इग्नोर करने पर युग सारा पर गुस्सा होकर चला गया। वही सारा भी युग के बर्ताव से चिढ़ कर ऊपर कृशा के पास जाने लगी। सारा जाते हुए खुद से बड़बड़ा कर बात कर रही थी। “व्हॉट द हेल... समझता क्या है वो खुद को? वो डेविल है तो मैं भी कोई आम इंसान नही हूं। आने दो रात को मेरे पास... उसे भी तो पता चले सारा सिंघानिया से रूडली बात करने का क्या नतीजा होता है।” सारा का ध्यान अपने में ही था तभी वो सामने से आ रहे शब्द से टकरा गई। सारा का सिर शब्द की चेस्ट से टकरा गया। सारा ने अपना सिर रगड़ते हुए कहा, “दिखता नहीं...” सारा बोलते हुए रुक गई क्योंकि सामने शब्द था। “आई एम सो सॉरी... वो मेरा... तुम्हे लगी तो नही ना...” “नही, मैं ठीक हूं.. पर तुम ठीक नहीं लग रही।” शब्द ने मुस्कुरा कर कहा। उसके चेहरे की स्माइल देखकर सारा के फेस पर भी एक छोटी सी स्माइल आ गई। “मैं थोड़ा अपसेट थी और कुछ नही।” “युग की वजह से ना?” शब्द ने पूछा। “हां और कौन हो सकता है।” सारा ने आईज रोल करते हुए कहा। फिर उसने बात बदलते हुए कहा, “खैर उसके बारे में बात करके मूड खराब नही करते है। मैं कृशा के रूम में जा रही हूं। तुम चलोगे?” “मैं वही से आ रहा हूं। कृशा सो रही है।” शब्द ने बताया। कुछ पल के लिए सारा कुछ नहीं बोली। उसने इधर-उधर देखा तो वहां उन दोनों और सिक्योरिटी गार्ड्स के अलावा इर्द गिर्द कोई नजर नहीं आया। चारों तरफ बिल्कुल शांति छाई हुई थी। ये देखकर सारा का चेहरा उतर गया। शब्द ने अचानक सारा के चेहरे के बदले हुए एक्सप्रेशंस को देखा तो उससे पूछा, “क्या हुआ? इस 5 मिनट में ये तीसरी बार है जब तुम्हारे चेहरे के एक्सप्रेशंस बदले हैं। मैं टकराया था तब गुस्सा थी, मुझे देखकर मूड काम डाउन हो गया और अब अचानक उदास हो गई। चलो बताओ क्या हुआ है?” सारा ने गहरी सांस लेकर छोड़ी और उसकी बात का जवाब देते हुए कहा, “इतनी सिक्योरिटी हमारे मेंशन में भी रहती है पर वहां एक अजीब सी शांति नहीं रहती, जो यहां पर छाई हुई है। ये जगह मुझे लाइफ़लेस लगती है।” “वो इसलिए क्योंकि ये जगह है लाइफ़लेस। यहां युग के अलावा उसके आदमी होते हैं और तुम्हें पता है वो कैसे काम करते हैं। मैं ये तो नहीं कहूंगा कि तुम इसकी आदत डाल दो पर जब तक यहां हो मैं कोशिश करूंगा तुम्हारा मूड अपसेट ना हो।” शब्द ने काफी फ्रेंडली वे में कहा, जिससे सारा के उदास चेहरे पर हल्की स्माइल आ गई। सारा के फेस पर स्माइल देखकर शब्द उसे गौर से देख रहा था। सारा को मुस्कुराते देखकर उसने अपने मन में कहा, “जानता हूं तुम एक अलग दुनिया से आई हो। उस दुनिया से जिससे मैने हमेशा से नफरत की है पर न जाने क्यों तुम मुझे अपनी लगने लगी हो। तुम एक माफिया प्रिंसेस हो और युग तुम्हें जिस इरादे से लेकर आया है उसके बाद मैं चाहकर भी तुम्हारे करीब नहीं आ सकता पर तुम्हारे लिए मेरी फिलिंग्स को कोई नहीं रोक सकता।” शब्द को खोया हुआ देखकर सारा ने उसके सामने चुटकी बजाई और कहा, “कहां खो गए?” सारा के चुटकी बजाने पर शब्द का ध्यान टूटा। उसने ना में सिर हिलाया और कहा, “चलो वॉक करते हुए बातें करते हैं। इसी बहाने तुम्हारा टाइम पास भी हो जाएगा और थोड़ी एक्सरसाइज भी।” सारा ने उसकी बात पर हामी भरी। वो दोनों ऊपर के कॉरिडोर पर चलते हुए बातें कर रहे थे। शब्द को आए हुए ज्यादा टाइम नहीं हुआ था फिर भी उसकी सारा से अच्छी दोस्ती हो गई थी। इनफैक्ट कहीं ना कहीं उसे दिल ही दिल में वो अच्छी भी लगने लगी थी। तभी वो उसे अपसेट देखकर उसका मूड सही करने की कोशिश करने लगा। ____________________________ दूसरी तरफ युग अपने जिम एरिया में था और ट्रेडमिल पर दौड़ रहा था। उसके जेहन से वो सब नहीं निकल रहा था जब कृशा ने उसे इग्नोर किया और उसे देखते ही वहां से चली गई। “पता नहीं लोगों को खुद की गलतियां दिखाई देगी या नहीं... मैंने उसे बेवजह पनिशमेंट नहीं दी थी। उसने जो किया उसके बाद कोई भी सजा देता... इनफैक्ट आई एम सो कांइड हार्टेड जो उसे एक मामूली सी सजा दी... उसके लिए डॉक्टर और प्रॉपर ट्रीटमेंट अवेलेबल करवाया वो भी उसी टाइम पर... मुझे नहीं पता था दुनिया में इतने थैंकलेस लोग भी मौजूद है। उसकी हिम्मत कैसे हुई युग राणा को इग्नोर करने की? वो इस वक्त जिस जगह पर मौजूद है वो मेरी है और किसी को हक नहीं है मुझे इग्नोर करने का...” युग काफी गुस्से में था। फिर वो ट्रेडमिल से उतरा और कुछ देर रेस्ट करने के बाद उसने बाथ लिया। तैयार होने के बाद युग कृशा के फ्लोर पर पहुंचा। वहां जाकर युग ने उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया। अंदर से जवाब नहीं आया तो युग ने खुद से बड़बड़ा कर कहा, “कई बार समझ नहीं आता कि मैं इन जैसे लोगों पर दया दिखाता ही क्यों हूं और ये मैंनर्स... ये सब ये डिजर्व भी नहीं करती। मैं क्यों इसके कमरे का दरवाजा नॉक कर रहा हूं। मुझे तो इस डोर को तोड़कर डायरेक्ट अंदर चले जाना चाहिए।” फिर उसने घड़ी में टाइम देखा तो रात के दस बज रहे थे। “जरूर सो गई होगी इस वजह से दरवाजा नहीं खोल रही।” सोचते हुए युग वहां से जाने को हुआ लेकिन तभी कृशा ने दरवाजा खोल दिया। कृशा नींद से सोकर उठी थी इसलिए उसने नाइट सूट पहना हुआ था। उसकी आंखें थकी हुई थी और बाल बिखरे हुए थे। युग को देखते ही कृशा की आंखें बड़ी हो गई। वो वापस दरवाजा बंद करने को हुई लेकिन युग ने दरवाजा पकड़ लिया। “एक बार इग्नोर करके तुम गलती कर चुकी हो पर ये करके दूसरी गलती मत करो। मुझे गलतियां इग्नोर करने की आदत नहीं है और लगता है तुम्हें सजा झेलने की नहीं है।” बोलते हुए युग कमरे के अंदर आ गया। उसकी हेजल ब्लू आईज में गुस्सा था। कृशा ने युग की बात का कोई जवाब नहीं दिया। वो भी कमरे के अंदर आ गई। कृशा ने युग की तरफ देखे बिना धीमी आवाज में कहा, “कुछ काम है क्या?” “तुम दोनों को ये क्यों लगता है कि तुम दोनों युग राणा के किसी काम आ सकती हो? सारा सिंघानिया ये पूछे तो फिर भी समझ आता है पर तुम पर तो ये बिल्कुल सूट नहीं करता कृशा... कृशा चौधरी।” बोलते हुए युग के फेस पर हल्की इविल स्माइल थी। युग के मुंह से अपना पूरा नाम सुनकर कृशा समझ गई थी कि उसने उसके बारे में सारी डिटेल्स निकलवा ली है। “जब तुम्हें मुझसे कोई काम ही नहीं है तो फिर मेरी डिटेल्स निकलवाने का क्या मतलब हुआ युग राणा?” कृशा ने पूछा। पूरे टाइम में वो युग को इग्नोर कर रही थी और उसने उसके चेहरे की तरफ भी नहीं देखा था। ये सब चीजें युग के गुस्से को बढ़ा रही थी। उसने कृशा के दोनों कंधों को पकड़ा और उसे कसकर पकड़ते हुए दीवार से लगा दिया। “लुक इन टू माय आईज...” युग ने सर्द लहजे में कहा लेकिन कृशा की नजरे अभी भी दूसरी तरफ थी। उसके इस तरह इग्नोर करने पर युग ने कहा, “यू नो व्हाट यू ओनली डिजर्व माय पनिशमेंट और तुम जो कर रही हो उसकी सजा भुगतने के लिए अब तैयार रहना।” युग एक पल के लिए इस बात को भूल गया था कि पिछली बार उसने जो भी किया था, उससे कृशा की तबीयत अब तक नहीं सुधरी थी और वो उसे अगली सजा देने के लिए तैयार था। °°°°°°°°°°°°°°°° ओके तो क्या लगता है आपको युग कृशा को अगली सजा क्या देगा?